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TaittirÁya-ÓraÉyaka, Page 1 of 245 - 25.11.2005 - www.sanskritweb.net/yajurveda TaittirÁya-ÓraÉyaka Edited by Subramania Sarma, Chennai Proofread Version of November 2005 Chapter 1 [[1-0-0]] भि कण॑िभः णयाम॑ दवाः। ॒ं भि प॑यमा॒िभयज॑ऽाः। िरैरै ̎वा स॑निभ॑ ॒ू श॑म दविह॑त यदाय॑ ि इो॑ वौ॑वाः। ि न॑ पषा िवव॑दाः। िना॒ अिर॑निमः। ि नो॒ बहित॑दधात। ृ॒ शाि॒ शाि॒ शाि॑॥ [[1-1-1]] भि कण॑िभः णयाम॑ दवाः। ॒ं भि प॑यमा॒िभयज॑ऽाः। िरैरै ̎ वा स॑निभ॑ ॒ू श॑म दविह॑त यदाय॑ ि इो॑ वौ॑वाः। ि न॑ पषा िवव॑दाः। िना॒ अिर॑निमः। ि नो॒ बहित॑दधात। ृ॒ आप॑मापामपः सवा ̎। अादािदतोऽमत॑ १॥

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TaittirÁya-ÓraÉyaka Edited by Subramania Sarma, Chennai

Proofread Version of November 2005

Chapter 1 [[1-0-0]]

भि कणिभः णयाम दवाः। भि पयमािभयजऽाः। िरर वा सनिभ । शम दविहत यदाय । ि न इो वौवाः। ि न पषा िववदाः। िना अिरनिमः। ि नो बहितदधात। ॐ शाि शाि शाि॥ [[1-1-1]]

ॐ भि कणिभः णयाम दवाः। भि पयमािभयजऽाः। िरर वा सनिभ । शम दविहत यदाय । ि न इो वौवाः। ि न पषा िववदाः। िना अिरनिमः। ि नो बहितदधात। आपमापामपः सवा । अादािदतोऽमत ॥ १॥

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[[1-1-2]]

अि वाय सय। सह सचरिया। वाा रिमपतयः। मरीाानो अिहः। दवीभवनसवरीः। पऽवाय म सत। महानाीमहामानाः। महसो महस । दवीः पजसवरीः। पऽवाय म सत॥ २॥ [[1-1-3]]

अपा िमपा र । अपािमपारघम । अपायामप चावित म। अपदवीिरतो िहत। वळ दवीरजीता । भवन दवसवरीः। आिदानिदित दवीम। योिननोमदीषत। िशवानशमा भव। िदा आप ओषधयः। समडीका सरती। मा त ोम सिश॥ ३॥ अमत सतौषधयो च॥ १॥ [[1-2-1]]

ित मित म। अनमानतयम। एतरािदमदलम।

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सवरव िवा त। सय मरीिचमाद। सवा वनादिध। ताः पाकिवशषण। त कालिवश षणम। नदीव भवाािचत। अा त यथा॥ ४॥ [[1-2-2]]

ताोऽिभसमायि। सोती न िनवतत। एवानासमानाः। कालावर िौताः। अणश महश। सव समवयितम। सत वमािवः। ऊ िनवतत। अिधसवर िवात। तदव लण॥ ५॥ [[1-2-3]]

अणिभ महि। समाढः यत। सवरः ण। नािधसः यत। पटरो िविलधः िपः। एतणलणम। यऽतपयत। सहॐ तऽ नीयत। एकिह िशरो नाना मख।

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क ततलणम॥ ६॥ [[1-2-4]]

उभयतियािण। जित व िदत। शलक सवर। दिणवामयोः पायोः। तषा भवित। शब त अजत त अत। िवषप अहनी ौिरवािस। िवा िह माया अविस धावः। भिा त पषिह राितरिित। नाऽ भवनम। न पषा। न पशव । नािदवर एव ण ियतम िवात। एत सवर ियतम पम। योऽ महानथ उमानो भवित। इद पय कित। तमाहरण दात॥ ७॥ यथा लण ऋतलण भवन स च॥ २॥ [[1-3-1]]

साकजाना सथमारकजम। षडमा ऋषयो दवजा इित। तषािमािन िविहतािन धामशः। ाऽ रज िवकतािन पशः। को न मया अिमिथतः। सखा सखायमवीत। जहाको अदीषत।

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यिाज सिखिवद सखायाम। न त वािप भागो अि। यदी णोलक णोित॥ ८॥ [[1-3-2]]

न िह वद सकत पािमित। ऋततना नमानः। िवननादािभधावः। षि िऽशका वाः। शलकौ च षा िकौ। सारागवजरदः। वसो वसिभह। सवर सिवतः। षकथमः तः। अमनादयतान॥ ९॥ [[1-3-3]]

अम पिररतः। एता वाचः यय। यऽतपयत। एतदव िवजानीयात। माण का लपयय। िवशषण त वामः। ऋतना तिबोधत। शलवासा िगणः। मीणाऽऽवतत सह। िनजहिथवी सवाम॥ १०॥ [[1-3-4]]

योितषाऽितन सः। िवपािण वासा िस।

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आिदाना िनबोधत। सवरीण कमफलम। वषा िभददता सह। अःखो ःखचिरव। ता पीत इव यत। शीतना थयिव। द इव यत। ादयत लतव। शाता चषी। या व जा य। सवराा य। या ितिति। सवर ताः ितिति। वषा इथः॥ ११॥ णोावामव ष॥ ३॥ [[1-4-1]]

अिखोितव। िवस कनीिनक। आ चाण नाि। ऋभणा तिबोधत। कनकाभािन वासा िस। अहतािन िनबोधत। अमीत मीत। अह वो जीवनदः। एता वाचः यय। शरऽोपयत॥ १२॥ [[1-4-2]]

अिभधोऽिभ इव।

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वातवो मणाः। अमतो जतिमषमखिमव। साह दश ह। अपविवणिरव। िविशखास कपिदनः। अब योमा न। बव लोिहनी। हमतषी िवात। अयो िपणोिरव॥ १३॥ [[1-4-3]]

िभ दवलोकष। मननामदक गह। एता वाचः वदीः। वतो याि शिशरीः। ता अिः पवमाना अ त। इह जीिवकामपिरपयन। तषा भवित। इहह वतपसः। मतयचः। शम सथा आवण॥ १४॥ यत इवाऽऽवण॥ ४॥ [[1-5-1]]

अितताािण वासािस। अिविळशति च। िव दवा िवहरि। अििजा असत। नव दवो न मः। न राजा वणो िवभः।

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नािनो न पवमानः। मातन िवत। िदका धनरािः। पिथामपरा िौता॥ १५॥ [[1-5-2]]

तो विपण। धनयामिनयम। तिदधनिरयम। अवणष चत। एतदव शयोबाह । एतिि धनः। ि व धनरािः। िशर उिपष। स वयऽभवत। तावयण यन यजत। ि स िशर ितदधाित। नन ि आको भवित। य एव वद॥ १६॥ िौता यजत ऽीिण च॥ ५॥ [[1-6-1]]

अाोऽितरात। िशिशरः यत। नव प न वासा िस। न च ितयत। अो त न िह ॐातः। सतवलणम। लोिहतोऽि शारशीिः। सयोदयन ित।

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करोिषिलकाम। करोिष िनजा नकाम॥ १७॥ [[1-6-2]]

िनजानका म िलका। अमी वाचमपासतािमित। त सव ऋतवो नम। मयादाकरापरोधाम। ाण आोित। य एव वद। स ख सवर एतनानीिभह। इाय सवामानिभवहित। स िः। तषा भवित॥ १८॥ [[1-6-3]]

अविो अ शमतीमितत। इयानः को दशिभ सहॐ । आवतिम शा धमम। उपिह त नमणामथिािमित। एतयवः सलावा सह। असरािरवित। पिथशमती। तामवितः सवरो िदव च। नविवषा ऽऽचाया वािसनौ। अो िाताम। यो िित। यत गाोकात। इतमडलािन। सयमडला ााियकाः।

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अत ऊ सिनवचनाः॥ १९॥ िन जानका भवित िाता पच च॥ ६॥ [[1-7-1]]

आरोगो ाजः पटर पतः। णरो योितिषमा न िवभासः। त अ सव िदवमातपि। ऊज हाना अनपर इित। कयपोऽमः। स महाम न जहाित। तषा भवित। य िश कयप रोचनावत। इियावल िचऽभान। यिया अिपता साकम॥ २०॥ [[1-7-2]]

तिाजानमिधिवौयमिमित। त अ सव कयपाोितलभ। ताोमः कयपादिधिनमित। ाकमकिदववम। ाणो जीवानीियजीवािन। स शीषयाः ाणाः। सया इाचायाः। अपयमहमत स यािनित। पचकण वाायनः। सकण ािः॥ २१॥ [[1-7-3]]

आनौिवक एव नौ कयप इित। उभौ वदियत। न िह शकिमव महाम गम।

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अपयमहमतयमडल पिरवतमानम। गायः ाणऽातः। ग महामम। एक चाजहतम। ाजपटरपता िनहन। ितातपि। तािदह तितपाः॥ २२॥ [[1-7-4]]

अमऽतर। तािदहातितपाः। तषामषा भवित। स सया िदवमनिवाः। तानित पिथिभदिणावा न । त अ सव घतमातपि। ऊज हाना अनपर इित । सिजया इाचायाः। तषामषा भवित। स िदशो नानासयाः॥ २३॥ [[1-7-5]]

स होतार ऋिज । दवा आिदा य स। तिभः सोमाभीरण इित। तदाायः। िदाज ऋतन करोित। एतयवावता सहॐसयताया इित वशपायनः। तषा भवित। याव इ त शत शत भमी । उत ः।

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ना विळहॐ सया ॥ २४॥ [[1-7-6]]

अननजातम रोदसी इित। नानािलातना नानासयम। अौ त विसता इित। सयमडलाात ऊम। तषामषा भवित। िचऽ दवानामदगादनीकम। चिमऽ वणाः। आा ावापिथवी अिरम। सय आा जगतषित॥ २५॥ साक ािितपा नानासया सया नव च॥ ७॥ [[1-8-1]]

वदमििवशत। वाय सवरो िमथः। वाहः वयव राऽी। व मासा ऋतव िौताः। अधमासा मताः। िनमषािटिभह। वमा आपो िनिवश। यदीतो याि सित। काला अ िनिवश। आपय समािहताः॥ २६॥ [[1-8-2]]

अायपः प। िवय समािहता। अनवण इम भमी। इय चासौ च रोदिस।

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िकिदऽारा भतम। यनम िवधत उभ। िवना िवधत भमी। इित व वदना। इरावती धनमती िह भतम। सयविसनी मनष दश ॥ २७॥ [[1-8-3]]

ािोदसी िववत। दाधथ पिथवीमिभतो मयख । िकिोबलमाः। का दीि िक परायणम। एको यारयवः। रजती रोदसी उभ। वातािोबलमाः। अरा ीित। िऽपदाारयवः। यिोरकममम॥ २८॥ [[1-8-4]]

अयो वायवव। एतद परायणम। पािम ा पर मम। अवम ममचतम। लोकच पयपापानाम। एतािम सित। अममाः पर मम। पवमान त ममम। अिरवावमो मः। चमा तत॥ २९॥

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[[1-8-5]]

अनाभोगाः पर मम। पापायि सवदा। आभोगाव सयि। यऽ पयकतो जनाः। ततो मममायि। चतमि च सित। पािम ा पापकतः। यऽ यातयत यमः। नन िह। यिद व ासतो ग हान॥ ३०॥ [[1-8-6]]

कयपािदतायाः। पापािि सवदा। रोदोरदशष। तऽ वासवः। तऽशरीराः प। यथाऽपय कमणः। अपायपादकशासः। तऽ तऽयोिनजा जनाः। मा पनममाप। अमानाकमिभः॥ ३१॥ [[1-8-7]]

आशाितकाः िबमय इव। ततः पय वासवः। अपत म जयित। य एव वद। स खविवाणः।

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दीघौमो भवित। कयपाितिथिगमनिागमनः। तषा भवित। आ यिनस वासवाः । रोहि पा ह ॥ ३२॥ [[1-8-8]]

ऋिषह दीघौमः। इ घम अितिथिरित। कयपः पयको भवित। यव पिरपयतीित सौात। अथारपष। तषा भवित। अ नय सपथा राय अान। िवािन दव वयनािन िवान। ययोजराणमन । भिया नम उित िवधमित॥ ३३॥ समािहता दश उममत गहाकमिभः पा ह इित॥ ८॥ [[1-9-1]]

अि जातवदा। सहोजा अिजराभः। वानरो नयापा। पिराधा समः। िवसपवाऽमोऽीनाम। एतऽौ वसवः िता इित। यथवारिचवणिवशषाः। नीलािच पीतका िचित। अथ वायोरकादशपषकादशीक। ाजमाना वदाताः॥ ३४॥

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[[1-9-2]]

या वासिकवताः। रजताः पषाः यामाः। किपला अितलोिहताः। ऊा अवपता। वत इकादश। नन वतो िहनि। य एव वद। स होवाच ासः पाराशयः। िवधमवाह मम िमित। न काम हि॥ ३५॥ [[1-9-3]]

य एव वद। अथ गवगणाः। ानाट। अघािरबािरः। हहः। कशानिवावसः। मधानस यवचाः। कितिरकादश गवगणाः। दवा महादवाः। रमय दवा गरिगरः॥ ३६॥ [[1-9-4]]

नन गरो िहनि। य एव वद। गौरीिममाय सिललािन तती। एकपदी िपदी सा चतदी। अापदी नवपदी बभवषी ।

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सहॐारा परम ोमिित। वाचो िवशषणम। अथ िनगदााताः। ताननबिमामः। वराहवतपसः॥ ३७॥ [[1-9-5]]

िवहसो धपयः। ापयो गहमधा त। य चमऽिशिमिविषः। पजा पिथवीमिभवषि। वििभिरित। एतयव िवभितिवपरीताः। सिभवातदीिरताः। अमोकानिभवषि। तषामषा भवित।। समानमतदकम॥ ३८॥ [[1-9-6]]

उवचाहिभः। भिम पजा िजि। िदव िजय इित। यदर भतकतम। िव दवा उपासत। महिषम गोार म। जमदिमकवत। जमदिराायत। छोिभतरः। राोम तास ॥ ३९॥ [[1-9-7]]

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णा वीयावता। िशवा न िदशो िदश । तयोरावणीमह। गात य ाय। गात यपतय। दवीिर नः। िमानषः। ऊ िजगात भषजम। शो अ िपद । श चतद। सोमपा३ असोमपा३ इित िनगदााताः॥ ४०॥ वदाता हि गरिगरतपस उदक तासतद एक च॥ ९॥ [[1-10-1]]

सहॐविदय भिमः। पर ोम सहॐवत। अिना भय नासा। िव जगतती। जाया भिमः पितम। िमथना अतयथः। पऽो बहती िः। सरमा इित ीपमम। शब वामजत वामत। िवषप अहनी ौिरव ः॥ ४१॥ [[1-10-2]]

िवा िह माया अवथः धावौ। भिा वा पषणािवह राितर। वासाौ िचऽौ जगतो िनधानौ । ावाभमी चरथ स सखायौ।

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ताविना रासभा ा हव म। शभती आगत सयया सह। मोह भयमिनोदमघ। रिय किमवा २ अवाहाः। तमहथनिभरा तीिभः। अिरिभरपोदकािभः॥ ४२॥ [[1-10-3]]

ितॐः पिरहाऽितोजिः। नासा भयमहथः पतः। समि धाि पार। िऽभीरथ शतपि षडः। सिवतार िवतम। अनबाित शारः। आपपषरव। सिवताऽरपसो भवत। सत िविदव। बसोम िगर वशी॥ ४३॥ [[1-10-4]]

अित तमो विबयाम। आयसयानसोमतष। स समाममो ोऽोतः। वाचो गाः िपपाित तत। स तोिभःाऽ। रसाऽनिता य। अित पिरवाः। एवमतौ ो अिना। त एत पिथोः। अहरहगभधाथ॥ ४४॥

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[[1-10-5]]

तयोरतौ वसावहोराऽ। पिथा अह । िदवो रािऽ । ता अिवसौ। दती एव भवतः। तयोरतौ वसौ। अिािद। राऽवसः। त आिदः। अोऽिः॥ ४५॥ [[1-10-6]]

ताो अणः। ता अिवसौ। दती एव भवतः। तयोरतौ वसौ। वऽ वत। अ वऽः। वत आिद। ता अिवसौ। दती एव भवतः। तयोरतौ वसौ॥ ४६॥ [[1-10-7]]

उा च नीहार। वऽोा। वत नीहारः। तौ तावव ितपत। सय राऽी गिभणी पऽण सवसित।

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ता वा एतण म। यिाऽौ रमय । यथा गोगिभया उण म। एवमता उण म। जियः जया च पशिभ भवित। य एव वद। एतममिपय चित। आिदः पय वसः। अथ पिवऽािरसः॥ ४७॥ ोऽपोदकािभवशी दधाथ अियोरतौ वसौ भवित चािर च॥ १०॥ [[1-11-1]]

पिवऽव पिरवाजमासत। िपतषा ो अिभरित ोतम। महमि वणिरोदध। धीरा इकधणारभ म। पिवऽ त िवतत णत । भगाऽािण पयिष िवत । अततनन तदामो अत। तास इहमाशत। ा दवाना म। असत ततः॥ ४८॥ [[1-11-2]]

ऋषयािऽ यत। सवऽऽयो अग। नऽ शकतोऽवसन। अथ सिवत यावाावितकाम। अमी य ऋा िनिह तास उा। नत दौ कहिचिवयः।

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अदािन वण ोतािन। िवचाकशमा नऽमित। तिवतवर यम। भग दव धीमिह॥ ४९॥ [[1-11-3]]

िधयो यो न चोदयात। तिवतवणीमह। वयव भोजनम। ौसवधातमम। तर भग धीमिह। अपागहत सिवता तभी न । सवा िवो असः। नताभवश। अा सभिवामः। नाम नामव नाम म ॥ ५०॥ [[1-11-4]]

नपसक पमा ि। ावरोऽथ जमः। यजऽयि याह च। मया भतायत। पशवो मम भतािन। अनबोऽह िवभः। ियतीः। ता उ म प स आः। पयदवािवचतदः। किवयः पऽ इमा िचकत॥ ५१॥ [[1-11-5]]

या िवजानासिवतः िपता सत।

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अो मिणमिवत। तमनिल रावयत। अमीवः मचत। तमिजा असत। ऊमलमवाछाखम। व यो वद सित। न स जात जन ौात। ममा मारयािदितः। हिसत िदतीतम॥ ५२॥ [[1-11-6]]

वीणापणवलािसतम। मतीव च यििचत। अािन व िवि तत। अत ायत। अाजाता म िमथ चर न । पऽो िना वदहः। अचता य चतनः। स त मिणमिवत। सोऽनिलरावयत। सोऽमीवः मचत॥ ५३॥ [[1-11-7]]

सोऽिजो असत। नतमिष िविदा नगर िवशत। यिद िवशत। िमथौ चिरा िवशत। तसव ोतम। आतम रथि। एकामकयोजनम।

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एकचबमकधरम। वातीािजगित िवभो। न िरित न थत॥ ५४॥ [[1-11-8]]

नााो यात सजित। यता ोिहतााः। रथ याऽिधितित। एकया च दशिभ भत। ाािमय िव शा च। ितसिभ वहस िऽ शता च। िनयिवायिविहता िवमच॥ ५५॥ ततधीमिह नाम म िचकत गीत मचथत स च॥ ११॥ [[1-12-1]]

आतन तन । उमाऽऽधम सम। आिद चवणानाम। गभमाधिह यः पमा न । इतित सयगतम। चमस रसकिध। वारादनयामऽिम। य एको ि उत। असाताहॐािण। यत न च यत॥ ५६॥ [[1-12-2]]

एवमति बोधत। आमिर हिरिभः। यािह मयररोमिभः। मा ा किचियमिर पािशनः।

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दधव ता इिह। मा मिर हिरिभः। यािम मयररोमिभः। मा मा किचमिर पािशनः। िनधव ता २ इिम। अणिभ महि॥ ५७॥ [[1-12-3]]

िनघरसमायतः। कालहिरमापः। इायािह सहॐयक। अििवािवसनः। वायतिसकिकः। सवसरो िवषवण । िनाऽनचराव। सयो सयो सयोम। इाग हिरव आग मधाित थः। मष वषण मन॥ ५८॥ [[1-12-4]]

गौराविहाय जार। कौिशकाण गौतमवाण। अणाा इहागताः। वसवः पिथिवित । अौ िदवाससोऽय । अि जातवदा त। तााारथाः। तावणा थाऽिसताः। ददहा खाददतः। इतो िा पराताः॥ ५९॥

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[[1-12-5]]

उत ान माणच पर इत। बहित सिवता च। िवपिरहागताम। रथनोदकवना। अषा इित तयोः। उतो वषो वासा िस च। कालावयवानािमत तीा। वासाा इिनोः। कोऽिर शकरोतीित। वािसो रौिहणो मीमासाचब। तषा भवित। वाौव िविदित। ण उदरणमिस। ण उदीरणमिस। ण आरणमिस। ण उपरणमिस॥ ६०॥ त च मन पराताब षट च॥ १२॥ ( अपबामत गिभय ) ) [[1-13-1]]

अयोनीमपऽाम। अपीिममा मही म। अह वद न म मः। नचामरघाऽहरत। अयो पम। अपिददमिरम। अह वद न म मः।

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नचामरघाऽहरत। अयोनीम पऽाम। अपीममिव म॥ ६१॥ [[1-13-2]]

अह वद न म मः। नचामरघाऽऽहरत। सऽामाण महीमष। अिदितरिदितरिरम। अिदितमाता स िपता स पऽः। िव दवा अिदित पचजना । अिदितजातमिदितजिन म। अौ पऽासो अिदतः। य जाता पिर। दवा २ उपिभ ॥ ६२॥ [[1-13-3]]

परा माताडमात। सिभ पऽरिदितः। उप यग म। जाय मव तत। परा माताडमाभरिदित। ताननबिमामः । िमऽ वण। धाता चायमा च। अश भग। इ िववात। िहरयगभ ह सशिचषत। जान तिददिमित। गभः ाजापः।

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अथ पषः सपषः॥ ६३॥ अमिव सिभरत चािर च॥ १३॥ ( यथा ान गिभय ) ) [[1-14-1]]

योऽसौ तपदित। स सवषा भताना ाणानादायोदित। मा म जया मा पशनाम। मा मम ाणानादायोदगाः। असौ यो ऽमित। स सवषा भताना ाणानादायामित। मा म जया मा पशनाम । मा मम ाणानादायाऽाः। असौ य आपयित। स सवषा भताना ाणरापयित॥ ६४॥ [[1-14-2]]

मा म जया मा पशनाम। मा मम ाणरापिराः। असौ योऽपीयित। स सवषा भताना ाणरपीयित। मा म जया मा पश नाम। मा मम ाणरपाः। अमिन नऽािण। सवषा भताना ाणरपसपि चोसपि च। मा म जया मा पशनाम। मा मम ाणरपसपत मोसपत॥ ६५॥ [[1-14-3]]

इम मासा ाधमासा।

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सवषा भताना ाणरपसपि चोसपि च। मा म जया मा पशनाम। मा मम ाणरपसपत मोसपत। इम ऋतव । सवषा भताना ाणरपसपि चोसपि च। मा म जया मा पशनाम। मा मम ाणरपसपत मोसपत। अय सवसरः। सवषा भताना ाणरपसपित चोसपित च॥ ६६॥ [[1-14-4]]

मा म जया मा पशनाम। मा मम ाणरपसप मोसप। इदमह । सवषा भताना ाणरपसपित चोसपित च। मा म जया मा पशनाम। मा मम ाणरपसप मोसप। इयरािऽ। सवषा भताना ाणरपसपित चोसपित च। मा म जया मा पशनाम। मा मम ाणरपसप मोसप। ओ भभव । एतो िमथन मानो िमथन रीम॥ ६७॥ ाणारापयित मोसपत चोसपित च मोस प च॥ १४॥ योऽसौ षोडशामिन ादशायचतदश॥ उदयमापयपीयमिन नऽाणीम मासा इम ऋतवोऽय सवसर इदमहिरय रािऽदश॥ [[1-15-1]]

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अथािदापष। वसनामािदाना ान तजसा भािन। िाणामािदाना ान तजसा भािन। आिदानामािदाना ान तजसा भािन। सतासानाम। आिदाना ान तजसा भािन। अिभधतामिभताम। वातवता मताम। आिदाना ान तजसा भािन। ऋभणामािदाना ान तजसा भा िन। िवषा वानाम। आिदाना ान तजसा भािन। सवसर सिवतः। आिद ान तजसा भािन। ओ भभव । रमयो वो िमथन मा नो िमथन रीम॥ ६८॥ ऋभणामािदाना ान तजसा भािन षट च॥ १५॥ [[1-16-1]]

आरोग ान तजसा भािन। ाज ान तजसा भािन। पटर ान तजसा भािन। पत ान तजसा भािन। णर ान तजसा भािन। योितषीमत ान तजसा भािन। िवभास ान तजसा भािन। कयप ान तजसा भािन । ओ भभव । आपो वो िमथन मा नो िमथन रीम॥ ६९॥ आरोग दश॥ १६॥

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[[1-17-1]]

अथ वायोरकादशपषकादशीक। ाजमानाना िाणा ान तजसा भािन। वदाताना िाणा ान तजसा भािन। वासिकवताना िाणा ान तजसा भािन। रजताना िाणा ान तजसा भािन। पषाणा िाणा ान तजसा भािन। यामाना िाणा ान तजसा भािन। किपलाना िाणा ान तजसा भािन। अितलोिहताना िाणा ान तजसा भािन। ऊाना िाणा ान तजसा भािन॥ ७०॥ [[1-17-2]]

अवपताना िाणा ान तजसा भािन। वताना िाणा ान तजसा भािन। ाजमानीना िाणीना ान तजसा भािन। वदातीना िाणीना ान तजसा भािन। वासिकवती ना िाणीना ान तजसा भािन। रजताना िाणीना ान तजसा भािन। पषाणा िाणीना ान तजसा भािन। यामाना िाणीना ान तजसा भािन। किपलाना िाणीना ान तजसा भािन। अितलोिहतीना िाणीना ान त जसा भािन। ऊाना िाणीना ान तजसा भािन। अवपतीना िाणीना ान तजसा भािन। वतीना िाणीना ान तजसा भािन। ओ भभव । पािण वो िमथन मा नो िमथन रीम॥ ७१॥ ऊाना िाणा ान तज सा भाितलोिहतीना िाणीना ान तजसा भािन

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पच च॥ १७॥ [[1-18-1]]

अथारपष। अः पविदय ान तजसा भािन। जातवदस उपिदय ान तजसा भािन। सहोजसो दिणिदय ान तजसा भािन। अिजराभव उपिदय ान तजसा भािन। वानरापरिदय ान तजसा भािन। नयापस उपिदय ान तजसा भािन। पिराधस उदिदय ान तजसा भािन। िवसिपण उपिदय ान तजसा भािन। ओ भभव । िदशो वो िमथन मा नो िमथ न रीम॥ ७२॥ रकच॥ १८॥ एतिमय आपो पािण िदशः पच॥ [[1-19-1]]

दिणपवाििश िवसपी नरकः। ताः पिरपािह। दिणाऽपराियिवसपी नरकः। ताः पिरपािह। उरपवाििश िवषादी नरकः। ताः पिरपािह। उरपराियिवषादी नरकः। ताः पिरपािह। आयिनस वासवा इियािण शतबतिवत॥ ७३॥ दिणपवा नव॥ १९॥ [[1-20-1]]

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इघोषा वो वसिभः परापदधताम। मनोजवसो वः िपतिभदिणत उपदधताम। चता वो िः पापदधताम। िवकमा व आिदरत उपदधताम। ा वो पपिरापदधताम। सान वः पािदित। आिदवऽिः पिथाम। वायरिर। सय िदिव। चमा िद। नऽािण लोक। एवा व। एवा । एवा िह वायो। एवा ही । एवा िह पषन। एवा िह दवाः॥ ७४॥ िद स च॥ २०॥ [[1-21-1]]

आपमापामपः सवा । अादािदतोऽमत । अिवाय सय। सह सचरिया। वाा रिमपतयः। मरीाानो अिहः। दवीभवनसवरीः। पऽवाय म सत। महानाीमहामानाः। महसो महस ॥ ७५॥

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[[1-21-2]]

दवीः पजसवरीः। पऽवाय म सत। अपाऽिमपार । अपाऽिमपारघम । अपायामपचाऽवित म। अपदवीिरतो िहत। वळवीरजीता । भवनवसवरीः। आिदानिदितवीम। योिननोमदीषत॥ ७६॥ [[1-21-3]]

भि कणिभः णयाम दवाः। भि पयमािभयजऽाः। िरर वा सनिभ । शम दविहत यदाय । ि न इो वौवाः। ि न पषा िववदाः। िना अिरनिमः। ि नो बहितदधात। कतवो अणास। ऋषयो वातरशनाः। िता शतधा िह। समािहतासो सहॐधायसम। िशवा नशमा भव। िदा आप ओषधयः। समडीका सरित। मा त ोम सिश॥ ७७॥

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दीषत वातरशनाः ष॥ २१॥ [[1-22-1]]

योऽपा प वद। पवाजावा शमावित। चमा वा अपा प म। पवाजावा शमावित। य एव वद। योऽपामायतन वद। आयतनवावित। अिवा अपामायतनम। आयतनवावित। योऽरायतन वद॥ ७८॥ [[1-22-2]]

आयतनवावित। आपो वा अरायतनम। आयतनवावित। य एव वद। योऽपामायतन वद। आयतनवावित। वायवा अपामायतनम। आयत नवावित। यो वायोरायतन वद। आयतनवावित॥ ७९॥ [[1-22-3]]

आपो व वायोरायतनम। आयतनवावित। य एव वद। योऽपामायतन वद।

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आयतनवावित। असौ व तपपामायतनम। आयतनवावित। योऽम तपत आयतन वद। आयतनवावित। आपो वा अम तपत आयतनम॥ ८०॥ [[1-22-4]]

आयतनवावित। य एव वद। योऽपामायतन वद। आयतनवावित। चमा वा अपामायतनम। आयतनवावित। यमस आयतन वद। आयतनवावित। आपो व चमस आयतनम। आयतनवावित॥ ८१॥ [[1-22-5]]

य एव वद। योऽपामायतन वद। आयतनवावित। नऽािण वा अपामायतनम। आयतनवावित। यो नऽाणामायतन वद। आयतनवावित। आपो व नऽाणामायतनम। आयतनवावित। य एव वद॥ ८२॥

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[[1-22-6]]

योऽपामायतन वद। आयतनवाव ित। पजो वा अपामायतनम। आयतनवावित। यः पजाऽऽयतन वद। आयतनवावित। आपो व पजाऽऽयतनम। आयतनवावित। य एव वद। योऽपामायतन वद॥ ८३॥ [[1-22-7]]

आयतनवावित। सवसरो वा अपामायतनम। आयतनवावित । यवसरायतन वद। आयतनवावित। आपो व सवसराऽऽयतनम। आयतनवावित। य एव वद। योऽ नाव ितिता वद। व ितित॥ ८४॥ [[1-22-8]]

इम व लोका अ ितिताः। तदषाऽन ता। अपा रसमदय सन। सय शब समाभतम। अपा रस यो रस ।

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त वो गामिमित। इम व लोका अपा रस। तऽमिािद समाभताः। जानदीमरवदीखाा। अपा परिया गदम॥ ८५॥ [[1-22-9]]

परपणः परदडः प र सीय। तििहायस। अि णीयोपसमाधाय। वािदनो वदि। काणीतऽयमिीयत । साणीतऽयम यचीयत । असौ भवनऽनािहतािरताः। तमिभत एता अबीका उपदधाित। अिहोऽ दशपण मासयो। पशब चातमाष॥ ८६॥ [[1-22-10]]

अथो आः। सवष यबतिित। एत वा आशिडलाः। कमििचनत। सिऽयमििचानः। सवसर ण। कमििचनत। सािवऽमििचानः। अम मािद ण। कमििचनत॥ ८७॥ [[1-22-11]]

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नािचकतमििचानः। ाणाण। कमििचनत। चातहोिऽयमििचानः। ण। कमििचनत। वसजमििचानः। शरीर ण। कमििचनत। उपानवामाशमििचानः॥ ८८॥ [[1-22-12]]

इमाोकाण। कमििचनत। इममाणकतकमििचानः इित। य एवासौ। इतामताऽतीपाती। तिमित। योऽिमथया वद। िमथनवावित । आपो वा अिमथयाः। िमथनवावित। य एव वद॥ ८९॥ वद भवायतनमायतनवावित वद य एव वद वद ितित गद चातमाममािद ण कमििचनत उपानवामाशमििचानो िमथया िमथनवा वकच॥ २२॥ पमिवायरसौ व तपचमा नऽािण पजवरिित सिऽय सवसर सािवऽममािचकत ाणा ातहिऽय वसज शरीरमपानवामाशिममाोकािनममानकतक य एवासौ॥

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[[1-23-1]]

आपो वा इदमासनसिललमव। स जापितरक परपण समभवत। तामनिस काममवतत। इद सजयिमित। ताषो मनसाऽिभगित। ताचा वदित। तमणा करोित। तदषाऽन ता। कामदम समवत तािध। मनसो रत थम यदासी त॥ ९०॥ [[1-23-2]]

सतो बमसित िनरिवन। िद तीा कवयो मनीषित। उपनपनमित। यामो भवित। य एव वद। स तपोऽतत। स तपा। शरीरमधनत। त या समासीत। ततोऽणाः कतवो वातरशना ऋषय उदितन॥ ९१॥ [[1-23-3]]

य नखा । त वखानसाः। य वाला । त वालिखाः। यो रस। सोऽपाम।

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अरतः कम भत सपम। तमवीत। मम वमा सा। समभत॥ ९२॥ [[1-23-4]]

नवीत। पवमवाहिमहासिमित। तष पषम। स सहॐशीषा पषः। सहॐाहॐपात। भोदितत। तमवीत। व पव समभः। िमद पव कित। स इत आदायाप ॥ ९३॥ [[1-23-5]]

अिलना परापादधात। एवावित। तत आिद उ दितत। सा ाची िदक। अथाणः कतदिणत उपादधात। एवा इित। ततो वा अिदितत। सा दिणा िदक। अथाणः कतः पापादधात। एवािह वायो इित॥ ९४॥ [[1-23-6]]

ततो वायदितत।

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सा तीची िदक। अथाणः क तरत उपादधात। एवाहीित। ततो वा इ उदितत। सोदीची िदक। अथाणः कतम उपादधात। एवािह पषिित। ततो व पषोदितत। सयिक॥ ९५॥ [[1-23-7]]

अथाणः कतपिरापादधात। एवािह दवा इित। ततो दवमनाः िपतर । गवारसोदितन। सोा िदक। या िवषो िवपरापतन। ताोऽसरा रा िस िपशाचाोदितन। ता पराभवन। िवो िह त समभवन। तदषाऽन ता॥ ९६॥ [[1-23-8]]

आपो ह यहतीगभामाय न । दधाना जनयीयभम। तत इमऽसय सगा । अो वा इद समभत। तािदद सव यिित। तािदद सव िशिथलिमवाविमवाभवत। जापितवाव तत।

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आनाान िवधाय। तदवानािवशत । तदषाऽन ता॥ ९७॥ [[1-23-9]]

िवधाय लोकािधाय भतािन। िवधाय सवा िदशो िदश। जापितः थमजा ऋत। आनाानमिभसिववशित। सवमवदमाा। सवमव। तदवानिवशित। य एव वद॥ ९८॥ आसीदितभदपो वायो इित सयिगन ताऽनताऽौ च॥ २३॥ [[1-24-1]]

चत आपो गाित। चािर वा अपा पािण। मघो िवत। नियविः। तावाव। आतपित वा गाित। ताः परापदधाित। एता व वचा आप । मखत एव वचसमव। ताखतो वचिसतरः॥ ९९॥ [[1-24-2]]

का गाित। ता दिणत उपदधाित। एता व तजिनीराप ।

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तज एवा दिणतो दधाित। तािणोऽधजितरः। ावरा गाित। ताः पापदधाित। ितिता व ावराः। पादव ितितित। वहीगाित॥ १००॥ [[1-24-3]]

ता उरत उपदधाित। ओजसा वा एता वहीिरवोतीिरव आकजतीिरव धावीः। ओज एवाो रतो दधाित। तारोऽध ओजितरः। सभाया गाित। ता म उपदधाित। इय व सभायाः। अामव ितितित। पा गाित। ता उपिरापादधाित॥ १०१॥ [[1-24-4]]

असौ व पाः। अमामव ितितित। िदपदधाित। िद वा आप । अ वा आप। अो चा अायत। यदवोऽायत। तदव। त वा एतमणाः कतवो वातरशना ऋषयोऽिचन।

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तादाणकतक ॥ १०२॥ [[1-24-5]]

तदषाऽन ता। कतवो अणास। ऋषयो वातरशनाः। िता शतधािह। समािहतासो सहॐधायसिमित। शतशव सहॐश ितितित। य एतमििचनत। य उचनमव वद॥ १०३॥ वचिसतरो वहीगाित ता उपिरापादधााणकतकोऽौ च॥ २४॥ [[1-25-1]]

जानदीमरवदीखाा। अपा परय ित। आप सवाय। परपण म पषिमपदधाित। तपो व परपणम। स मः। अमत पषः। एतावावा ि। यावदतत। यावदवाि॥ १०४॥ [[1-25-2]]

तदव। कममपदधाित। अपामव मधमव। अथो ग लोक सम। आपमापामपवा ।

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अादािदतोऽमत । अिवाय सय। सहसचरिया इित। वाा रिमपतयः। लोक पणिि पण॥ १०५॥ [[1-25-3]]

यािॐः परमजाः। इघोषा वो वसिभरवाव ित। पचिचतय उपदधाित। पाोऽिः। यावनवािः। तिचनत। लोकपणया ितीयामपदधाित। पचपदा व िवराट। ता वा इय पाद । अिर पाद । ौः पाद। िदश पाद। परोरजा पाद। िवरायव ितितित। य एतमििच नत। य उ चनमव वद॥ १०६॥ अि पणािर पाद ष॥ २५॥ [[1-26-1]]

अि णीयोपसमाधाय। तमिभत एता अबीका उपदधाित। अिहोऽ दशपणमासयो । पशब चातमाष।

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अथो आः। सवष यबतिित। अथ हाहाणायभव । सािवऽवऽििरननष मामह। नाना वा एतषा वीयािण। कमििचनत॥ १०७॥ [[1-26-2]]

सिऽयमििचानः। कमििचनत। सािवऽमििचानः। कमििचनत। नािचकतमििच ानः। कमििचनत। चातहिऽयमििचानः। कमििचनत। वसजमििचानः। कमिञ िचनत॥ १०८॥ [[1-26-3]]

उपानवामाशमििचानः। कमििचनत। इममाणकतकमििचान इित। वषा वा अ िः। वषाणो स ालयत। हता यः। ताानषय । सोरविदष बतष िचीत। उरवा िीयत । जाकामिीत॥ १०९॥

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[[1-26-4]]

ाजापो वा एषो ऽिः। ाजापाः जाः। जावा वित। य एव वद। पशकामिीत। सान वा एतशनाम। यदाप। पशनामव सानऽििचनत। पशमावित। य एव वद॥ ११०॥ [[1-26-5]]

विकामिीत। आपो व वि । पजो वषको भवित। य एव वद। आमयावी िचीत। आपो व भषजम। भषजमवा करोित। सवमायरित। अिभचर िीत। वळो व आप॥ १११॥ [[1-26-6]]

वळमव ात हरित। णत एनम। तजामो यशामः। वचसकामगकामिीत। एतावा वा ि।

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यावदतत। यावदवाि। तदव। तततम। वषित न धावत॥ ११२॥ [[1-26-7]]

अमत वा आप । अमतानिर। ना मऽपरीषकयात। न िनीवत। न िववसनःायात। गो वा एषो ऽिः। एतारनितदाहाय। न परपणािन िहरय वाऽिधित त। एतारनारोहाय। न कमाीयात। नोदकाघातकानमोदकािन भवि। अघातका आप । य एतमििचनत। य उचनमव वद॥ ११३॥ िचनत िचनत जाकामिीत य एव वदापो धावदीया ािर च॥ २६॥ [[1-27-1]]

इमानक भवना सीषधम। इ िव च दवाः। यच नच जाच। आिदिरह सीषधात। आिदिरगणो मि । अाक भिवता तनना म।

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आव व। आडी भ व ज मा मः। सखादी खिनधनाम। ितमच ा परम॥ ११४॥ [[1-27-2]]

मरीचयायभवाः। य शरीरायकयन। त त दहकय। मा च त ा तीिरषत। उित मा । अििम भारताः। राोम ता स। सयण सयजोषसः। यवा सवासा । अाचबा नवारा॥ ११५॥ [[1-27-3]]

दवाना परयोा। ता िहरमयः कोशः। ग लोको योितषाऽऽवतः। यो व ता णो वद। अमतनाऽऽवता परीम। त च ा च। आयः कीित जाः। िवाजमाना हिरणीम। यशसा सपरीवताम। पर िहरमय ा॥ ११६॥ [[1-27-4]]

िववशाऽपरािजता।

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पराङयामयी। पराङनाशकी। इह चामऽ चाित। िवावासरानभयान। यमारी मयत। यो षितोता । अिर यिच िबयत । अिदनवधित। अतासतास॥ ११७॥ [[1-27-5]]

यानो यऽयन । यो नाप । इमिच य िवः। िसकता इव सयि। रिमिभमदीिरताः। अाोकाद मा। ऋिषिभरदाििभ। अपत वीत िव च सपतात । यऽऽ पराणा य च नतनाः। अहोिभरिरतिभतम॥ ११८॥ [[1-27-6]]

यमो ददावसानम। न मण न पाय । अका य च कजाः। कमारीष कनीनीष। जािरणीष च य िहताः। रतपीता आडपीताः। अारष च य ताः।

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उभया ऽपौऽकान। यवऽह यमराजगान। शतिम शरद ॥ ११९॥ [[1-27-7]]

अदो य िवलबम। िपतणाच यम च। वणािनोरः। मता च िवहायसाम। कामयवण म अ। स वाि सनातनः। इित नाको िौवो रायो धनम। पऽानापो दवीिरहािहता॥ १२०॥ परवारा ा च त शरदोऽौ च॥ २७॥ [[1-28-1]]

िवशी गीशीीच। अपतो िनित हथः। पिरबाध तकम। िनजघ शबलोदरम। स तााायया सह। अ नाशय सश । ईासय बभाम। म काच दीिधर। रथन िक शकावता। अ नाशय सश ॥ १२१॥ िवशी दश॥ २८॥ [[1-29-1]]

पजाय गायत। िदवऽा य मीढष ।

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स नो यवसिमत। इद वच पजाय राज । दो अरयोत। मयोभवातो िवकय। सिपला ओषधीदवगोपाः। यो गभमोषधीनाम। गवाकणोवताम। पज पषीणा म॥ १२२॥ िवशीीजाय दशदश॥ २९॥ [[1-30-1]]

पनमामिियम। पनराय पनभग । पनाणमत मा। पनििवणमत मा। यऽ रत पिथवीमा न । यदोषधीरसरदाप । इदनरादद। दीघायाय वचस। य रत िसत। य आजायत पन । तन माममतक। तन सजसक॥ १२३॥ पन च॥ ३०॥ [[1-31-1]]

अिरोधाऽजायत। तव वौवणदा। ितरोधिह सपा । य अपोऽि कचन।

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ा माया व ौवणः। रथ सहॐवर म। पब सहॐाम। आायायािह नो बिलम। य भतािन बिलमावहि। धनावो हििहरयमा न ॥ १२४॥ [[1-31-2]]

असाम समतौ यिय। िौय िबितऽमख िवराज म। सदशन च बोच च। मनाग च महािगरौ। सताटारगमा। सहायगर तव। इित मा। कोऽत ऊम। यिद बिल हरत। िहरयनाभय िवतदय कौबरायाय बिलः॥ १२५॥ [[1-31-3]]

सवभतिधपतय नम इित। अथ बिल ोपितत। व ौवणः। ाणा वयः। नम अ मा मा िह सीः। अािवयामीित। अथ तमिमादधीत। यितम यीत। ितरोधा भः। ितरोधा भव ॥ १२६॥

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[[1-31-4]]

ितरोधा । ितरोधा भभव । सवषा लोकानामािधप सीदित। अथ तमििमीत। यितम यीत। ितरोधा भाहा । ितरोधा भवाहा । ितरोधा ाहा । ितरोधा भभवाहा । यिम काल सवा आतीता भवयः॥ १२७॥ [[1-31-5]]

अिप ाणमखीनाः। तिः काल यी त। परजनािप। मा मामाापयत। सवाथा िस। य एव वद। िदमजानताम। सवाथा न िस। य िवघातको ाता। ममादय िौतः॥ १२८॥ [[1-31-6]]

ता इमममिपडहोिम। समऽथाा िववधीत। मिय ाहा । राजािधराजाय ससािहन । नमो वय व ौवणाय कमह।

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स म कामाामकामाय म म। कामरो व ौवणो ददात। कबराय वौवणाय। महाराजाय नम । कतवो अणास। ऋषयो वातरशनाः। ित ा शतधा िह। समािहतासो सहॐधायसम। िशवा नशमा भव। िदा आप ओषधयः। समडीका सरित। मा त ोम सिश॥ १२९॥ अािलभवो भवयिौत स च॥ ३१॥ [[1-32-1]]

सवरमततचरत। ौ वा मासौ। िनयममासन। तिियमिवशषाः। िऽषवणमदकोपशी। चतथकालपानभतात। अहरहवा भमीयात। औरीिभः सिमिरि पिरचरत। पनमा मिियिमतनाऽनवाकन। उतपिरपतािभरिः कायकवीत॥ १३०॥ [[1-32-2]]

असच यवान। अय वायव सयाय। ण जापतय।

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चमस नऽः। ऋतवसराय। वणायाणायित ोतहोमाः। वयवदादशः। अणाः काडऋषयः। अरयऽधीयीरन। भि कणिभिरित जिपा॥ १३१॥ [[1-32-3]]

महानाीिभदक सय। तमाचाय दात। िशवा नशमोषधीरालभत। समडीकित भिमम। एवमपवग। धनदिणा। कस वास ौमम। अाशलम। यथाशित वा। एव ाायधमण। अरयऽधीयीत। तपी पयो भवित तपी पयो भवित॥ १३२॥ कवीत जिपा ाायधमण च॥ ३२॥ भि िताकानामिततााया आरोगः वदमि सहॐविवऽव आतनायोन योऽसावथािदारोगाथ वायोरथादिणापवािमघो षा व आपमापा योऽपामापो व चतो जानदीमि णीयमा नक िवशी पजाय पनरः सवसर ािऽ शत॥ ३२॥ भि योितषा तिाजानकयपा सहॐविदयप सकमयोनीमवपतानामायतनवावित सतो ब ता उरतो विकामो िवशी ीमसचयवाािऽ शरशतम॥ १३२॥

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भि तपी पयो भवित तपी पयो भवित॥ [[1-0-0]]

भि कणिभः णयाम दवाः। भि पयमािभयजऽाः। िरर वा सनिभ । शम दविहत यदाय । ि न इो वौवाः। ि न पषा िववदाः। िना अिरनिमः। ि नो बहितदधात। ॐ शाि शाि शाि॥