marriage time calculation

11
ववववव ववव वववववववव - ववववव ववव वववववववव वव वववव वववव वववव ववववववव ववव ववववव वव ववव वववव वववव वव. वववव वववव ववववव ववव, ववववववव व ववववव वव वववववव ववववव वववव वववववव वव वववववववव वववव वववव वव. वववव ववववववव ववव वव वव वववव वववव वव वववव वववव वववव वव वववववव वव ववववववव, वववव वव वववववव वव वववववव वव वव वववववव वव वववववव ववव ववव वववव वव. वव वववव ववववव ववव वववववव वव वववव वव ववव वववव वव. वववववव ववववव ववव, ववववववव व ववववव वव ववव वववववव वव वववववव ववववव वववव वव, वववव वव ववव वववव वव (Higher influence of the auspicious planets is good for marriage). ववव वववव वववववव वव वववववव व वववव वव ववववव वव ववव वव वववव वव वववव ववव वववव

Upload: veeram

Post on 11-Jul-2016

231 views

Category:

Documents


6 download

TRANSCRIPT

Page 1: Marriage Time Calculation

वि��ाह समय वि�र्धाारण -

वि��ाह समय वि�र्धाारण के लि�ये सबस ेपह�े कुण्ड�ी में वि��ाह के योग देखे जाते है. इसके लि�ये सप्तम भा�, सप्तमेश � शुक्र स ेसंबन्ध ब�ा�े �ा�े ग्रहों का वि�शे्लषण विकया जाता है. जन्म कुण्ड�ी में जो भी ग्रह अशुभ या पापी ग्रह होकर इ� ग्रहों स े द्ृवि., युवित या स्थि0वित के प्रभा� स ेइ� ग्रहों स ेसंबन्ध ब�ा रहा होता है. �ह ग्रह वि��ाह में वि��म्ब का कारण ब� रहा होता है.इसलि�ये सप्तम भा�, सप्तमेश � शुक्र पर शुभ ग्रहों का प्रभा� जि�त�ा अधिर्धाक हो, उत�ा ही शुभ रहता है (Higher influence of the auspicious planets is good for marriage). तथा अशुभ ग्रहों का प्रभा� � हो�ा भी वि��ाह का समय पर हो�े के लि�ये सही रहता है. क्योविक अशुभ/ पापी ग्रह �ब भी इ� ती�ों को या इ� ती�ों में से विकसी एक को प्रभावि�त करते है. वि��ाह की अ�धिर्धा में देरी होती ही है.

�न्म कुण्ड�ी में �ब योगों के आर्धाार पर वि��ाह की आयु वि�र्धाारिरत हो �ाये तो, उसके बाद वि��ाह के कारक ग्रह शुक्र (Venus is the Karak planet for marriage) � वि��ाह के मुख्य भा� � सहायक भा�ों की दशा- अन्तदशा में वि��ाह हो�े की संभा��ाए ं ब�ती है. आईये देखे की दशाए ं वि��ाह के समय वि�र्धाारण में विकस प्रकार सहयोग करती है:-

1. सप्तमेश की दशा- अन्तदशा में वि��ाह- (Marriage in the Mahadasha-Antardasha of Seventh Lord)�ब कुण्ड�ी के योग वि��ाह की संभा��ाए ंब�ा रहे हों, तथा व्यलि6 की ग्रह दशा में सप्तमेश का संबन्ध शुक्र से हो तों इस अ�धिर्धा में वि��ाह होता है. इसके अ�ा�ा �ब सप्तमेश �ब वि8तीयेश के साथ ग्रह दशा में संबन्ध ब�ा रहे हों उस स्थि:वित में भी वि��ाह हो�े के योग ब�ते है.

2. सप्तमेश में ��मेश की दशा- अन्तद्शा में वि��ाह (Marriage in the Mahadasha-Antardasha of Ninth Lord in Seventh Lord)ग्रह दशा का संबन्ध �ब सप्तमेश � ��मेश का आ रहा हों तथा ये दो�ों �न्म कुण्ड�ी में पंचमेश से भी संबन्ध ब�ाते हों तो इस ग्रह दशा में प्रेम वि��ाह हो�े की संभा��ाए ं ब�ती है. 

3. सप्तम भा� में स्थि0त ग्रहों की दशा में वि��ाह (Marriage in the Dasha of the planets in the seventh house)सप्तम भा� में �ो ग्रह स्थि:त हो या उ�से पूण दृधि> संबन्ध ब�ा रहे हों, उ� सभी

Page 2: Marriage Time Calculation

ग्रहों की दशा - अन्तदशा में वि��ाह हो सकता है.  इसके अ�ा�ा वि�म्� योगों में वि��ाह हो�े की संभा��ाए ंब�ती है:- क)  सप्तम भा� में स्थि:त ग्रह, सप्तमेश �ब शुभ ग्रह होकर शुभ भा� में हों तो व्यलि6 का वि��ाह संबन्धिन्धत ग्रह दशा की आरम्भ की अ�धिर्धा में वि��ाह हो�े की संभा��ाए ंब�ाती है. या ख) शुक्र, सप्तम भा� में स्थि:त ग्रह या सप्तमेश �ब शुभ ग्रह होकर अशुभ भा� या अशुभ ग्रह की रालिश में स्थि:त हो�े पर अप�ी दशा- अन्तदशा के मध्य भाग में वि��ाह की संभा��ाए ंब�ाता है. ग) इसके अवितरिर6 �ब अशुभ ग्रह ब�ी होकर सप्तम भा� में स्थि:त हों या स्�यं सप्तमेश हों तो इस ग्रह की दशा के  अन्तिन्तम भाग में वि��ाह संभावि�त होता है.4. शुक्र का ग्रह दशा स ेसंबन्ध हो�े पर वि��ाह (Marriage in the dasha related to Venus)�ब वि��ाह कारक ग्रह शुक्र �ैसर्गिगFक रुप से शुभ हों, शुभ रालिश, शुभ ग्रह से यु6, द्र>् हों तो गोचर में शवि�, गुरु से संबन्ध ब�ा�े पर अप�ी दशा- अन्तदशा में वि��ाह हो�े का संकेत करता है.

5. सप्तमेश के मिमत्रों की ग्रह दशा में वि��ाह (Marriage in the dasha of friendly planets of the seventh lord)�ब विकसी व्यलि6 विक वि��ाह योग्य आयु हों तथा महादशा का स्�ामी सप्तमेश का धिमत्र हों, शुभ ग्रह हों � साथ ही साथ सप्तमेश या शुक्र से सप्तम भा� में स्थि:त हों, तो इस महादश्ा में व्यलि6 के वि��ाह हो�े के योग ब�ते है. 

6. सप्तम � सप्तमेश स े द्ृ. ग्रहों की दशा में वि��ाह (Marriage in the dasha of planets aspected by the seventh house and lord)सप्तम भा� को क्योविक वि��ाह का भा� कहा गया है. सप्तमेश इस भा� का स्�ामी होता है. इसलि�ये �ो ग्रह ब�ी होकर इ� सप्तम भा� , सप्तमेश से द्ृधि> संबन्ध ब�ाते है, उ� ग्रहों की दशा अ�धिर्धा में वि��ाह की संभा��ाए ंब�ती है

7.  �ग्�ेश � सप्तमेश की दशा में वि��ाह (Marriage in the dasha of the ascendant lord or the seventh lord)�ग्�ेश की दशा में सप्तमेश की अन्तदशा में भी वि��ाह हो�े की संभा��ाए ंब�ती है.

8. शुक्र की शुभ स्थि0वित (Auspicious position of Venus in Marriage astrology)

Page 3: Marriage Time Calculation

विकसी व्यलि6 की कुण्ड�ी में �ब शुक्र शुभ ग्रह की रालिश तथा शुभ भा� (केन्द्र, वित्रकोण) में स्थि:त हों, तो शुक्र का संबन्ध अन्तदशा या प्रत्यन्तर दशा से आ�े पर वि��ाह हो सकता है. कुण्ड�ी में शुक्र पर जि�त�ा कम पाप प्रभा� कम होता है. �ै�ाविहक �ी�� के सुख में उत�ी ही अधिर्धाक �ृ्जिN होती है 

9. शुक्र स े युवित कर�े �ा�े ग्रहों की दशा में वि��ाह (Marriage in the Dasha of planets in conjunction with Venus)शुक्र से युवित कर�े �ा�े सभी ग्रह, सप्तमेश का धिमत्र, अथ�ा प्रत्येक �ह ग्रह �ो ब�ी हों, तथा इ�में से विकसी के साथ द्रधि> संबन्ध ब�ा रहा हों, उ� सभी ग्रहों की दशा- अन्तदशा में वि��ाह हो�े की संभा��ाए ं ब�ती है.

10. शुक्र का �क्षत्रपवित की दशा में वि��ाह (Marriage in the dasha of the Nakshatra lord of Venus)�न्म कुण्ड�ी में शुक्र जि�स ग्रह के �क्षत्र में स्थि:त हों, उस ग्रह की दशा अ�धिर्धा में वि��ाह हो�े की संभा��ाए ंब�ती है.

वि��ाह में हो�े �ा�े वि��म्ब के ज्योवितषीय कारण ज्योवितष में प्रश्न कुण्ड�ी से या �न्मकंुड�ी से वि��ाह का वि�चार सप्तम भा� से विकया �ाता है | यदिद सप्तम भा� का स्�ामी शुभ ग्रह ब��ा� हो तो सप्तम भा� के लि�ए बहुत ही अच्छा होता है | १-�न्मांग में सप्तम :ा� में शवि� हो या उसका प्रभा� हो  तो वि�श्चिXत ही वि��ाह में वि��म्ब होता है |२- प्रथम,वि8तीय,चतुथ,पंचम,सप्तम,या दशम में से विकसी भी :ा� में शवि� का प्रभा� हो या विZर शवि� ही �हां स्�यं बैठा हो |३-�न्म कुण्ड�ी में ब��ा� मंग� का प्रभा� ( १,४,७,८,१२,) हो ४-�ग्� या सप्तम में शवि�-शुक्र का एक साथ हो�ा |५- �ग्� या सप्तम में राहु या केतु का प्रभा� हो |६- सूय शवि� से प्रभावि�त होकर सप्तम को देख रहा हो |७-सप्तम के स्�ामी के साथ शवि� बैठा हो � उसे पूण दृधि> से देखता हो |८- चन्द्र से भी सप्तम भा� के स्�ामी के साथ या सप्तम भा� के साथ शवि� ,राहु,केतु का पूण प्रभा� हो और उस समय राहु या गुरु की दशा-अन्तदशा च� रही हो |९-सप्तम भा� का स्�ामी �क्री,अस्त हो |१०- सप्तम भा� का स्�ामी छठे-अ>म भा� में हो |११-सप्तम भा� का स्�ामी पंचम भा� में हो |१२- छठे -अ>म या 8ादश भा� का स्�ामी सप्तम में हो या सप्तम के साथ बैठा हो

Page 4: Marriage Time Calculation

|१३-पुरुष की कुण्ड�ी में शुक्र और मंग� कहीं भी एक साथ बैठे हों|१४-शुक्र-शवि� का १-७ का सम्बन्ध हो इ� सभी स्थि:वितयों  में वि��ाह में वि��म्ब होता है | �ब सप्तम का स्�ामी ब��ा� होता है विकसी शुभग्रह के साथ होता है तब यह प्रभा� कम होता है | आप इ� सभी योगों को अप�ी कुण्ड�ी में परख सकते हैं |