THE INDIAN COMMUNITY SCHOOL (KHAITAN) KUWAITicsk-kw.com/pdf/pqp/2017-18/111220171.pdf · शासन का क्या ूप होगा i ... * अथण एवं महत्त्व
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1 THE INDIAN COMMUNITY SCHOOL (KHAITAN) KUWAIT हदी-“ब” का -X (final exam sample paper) अधिकतम अंक : 80 धििाारित समय : 3 घंटे कुल पृ: 05 इस न प के चार खड - 'क', 'ख','ग' और 'घ'। चार खड के न के उतर देना अननवाय ै। थासभव ेक खड के उतर मानुसार दीजिए। क ृ पा िाच कर ल कक इस न-प म क ु ल 17 न । खड - ‘क’ (अपहित बोध) .1. नननललखखत गदाश को ानपूवयक पढ़कर हदए गए न के उतर ललखखए:- 9. वतंता आंदोलन के समय से ही भारत के कणधार ने ववचार करना आरंभ कर ददया था कक वाधीनता के पचात ् भारतीय शासन का या ऱप होगा I वतंता ातत के बाद भारत का संववधान तैयार ककया गया, जो 26जनवरी,1950 को लागू कर ददया गया I इस संववधान की ववशेषता यह है कक इसम सभी देश म चललत वैधाननक ननयम से भारत के ललए उपयोगी उमोम ननयम छाटकर रखे गए ह और इसे सवणेठ बनाने की पूरी चेटा की गई है I भारतीय संववधान म 395 अनुछेद ह , जो 22 भाग म ववभत ह I इसम ववधान सबधी येक ववषय की पट, सरल एवं ववत ृ त याया की गई है I राय की नीनतय के मुख आधार, नागररक के मौललक अधधकार था जनता को सुखी और सपन बनाने के लसंधात का पट उलेख इस संववधान की ववशेषता है Iजनता वारा, जनता के ललए, जनता का राय इस संववधान का मूल उदेय है I जनता वारा चुने ह ु ए नतननधधय वारा एक कायणकाररी बनाई जाती है , जो नतननधधय के नत उरदायी होती है था जसका मुख धानमंी होता है I भारतीय संववधान की सवणमुख ववशेषता यह कक इसम मौललक अधधकार का पट वणन ककया गया है I संववधान म भारत को एक धमणननरपे राय घोवषत ककया गया है अथाणत ् भारत का कोई भी नागररक अपनी इछा से ककसी भी धमण को अपना सकता है I नागररक को धमणचार की पूरी छू ट है , यदद उस चार से सामाजक शांनत यतगत जीवन खतरे म न हो I सभी नागररक को सामाजक, आधथणक और राजनैनतक याय ातत करने था ववचार और वववास को कट करने की वतंता है , ककतु रार की एकता भंग करने या रारोह के ववचार की वाधीनता नहीं है भारतीय संववधान अपने नागररक को सभी राजनीनतक ववचार को मानने की छू ट देता ह I संववधान म वयक यतय को मतदान का अधधकार ातत है , जसकी सहायता से वे शासन के संचालन म भाग ले सकते ह I येक ी-पुरष को समान अधधकार ददए गए ह I लश-संथा से लेकर सरकारी नौकरी तक म धमण , जानत, वगण या रंग-भेद के आधार पर ककसी यत म कोई अंतर नहीं समझा जाता है I भारतीय संववधान ललखखत होते ह ु ए भी संशोधन करने योय है I संसद के दो-नतहाई सदय के बह ु मत से या सामाय ननयम की तरह संसद के साधार बह ु मत से क ु छ साधार संशोधन कराए जा सकते ह , ककतु महवपूण संशोधन के ललए आधे राय की पुट भी आवयक होती है I [क] भारती सववधान का मूल उदे ा ै ? 2 [ख] भारती सववधान की ववशेषताए ा ? 2 [ग] सववधान म नागररक को ा अधधकार हदए गए ? 2