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PRACTICAL GRAMMAR (APPLIED GRAMMAR) CORE COURSE B.A HINDI III SEMESTER (2011 Admission) UNIVERSITY OF CALICUT SCHOOL OF DISTANCE EDUCATION CALICUT UNIVERSITY P.O., MALAPPURAM, KERALA, INDIA - 673 635 174

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  • PRACTICAL GRAMMAR(APPLIED GRAMMAR)

    CORE COURSE

    B.A HINDI

    III SEMESTER

    (2011 Admission)

    UNIVERSITY OF CALICUTSCHOOL OF DISTANCE EDUCATION

    CALICUT UNIVERSITY P.O., MALAPPURAM, KERALA, INDIA - 673 635

    174

  • School of Distance Education

    PRACTICAL GRAMMAR (APPLIED GRAMMAR) Page 2

    UNIVERSITY OF CALICUT

    SCHOOL OF DISTANCE EDUCATION

    STUDY MATERIAL

    B.A HINDI (2011 Admission onwards)

    III SEMESTER

    CORE COURSE

    PRACTICAL GRAMMAR (APPLIED GRAMMAR)

    Prepared byDR. J. AMBIKA DEVIASSO: PRO. OF HINDI(RTD)‘PRASANTHI’BILATHIKULAM ROADNADAKKAVU (P.O)KOZHIKODE. 673011

    Scrutinised byDR. PAVOOR SASHEENDRAN38/1294, APPU GHAREDAKKADCALICUT – 5

    Layout & SettingsCOMPUTER SECTION, SDE

    ©Reserved

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    PRACTICAL GRAMMAR (APPLIED GRAMMAR) Page 3

    Module – 1

    Unit - 1 -Unit - 2 -Unit - 3 -Unit - 4 -Unit - 5 -

    Module – 2Unit - 6 -Unit - 7 -Unit - 8 - समास

    Module – 3Unit - 9 -Unit -10 -Unit -11 - िलंगUnit -12 - वचनUnit -13 - कारकUnit -14 -Unit -15 -Unit -16 -Unit -17 - कालUnit -18 -Unit -19 -

    Unit - 20 -Unit - 21 - -Unit - 22 - -बोधकUnit - 23 -Unit - 24 -

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    PRACTICAL GRAMMAR (APPLIED GRAMMAR) Page 4

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    PRACTICAL GRAMMAR (APPLIED GRAMMAR) Page 5

    Module lUNIT - 1

    भाषा औरभाषा वह साधन है अपना से करता है तथा के कोकरता है। भाषा ‘भाष’ धातु से बनी है। भाषा दो होती - किथत भाषा और भाषा। भाषा

    का कई होता है, कुछ होतेभाषा है। भाषा हमेशा होता रहता है। जब भाषा बोलचाल भाषा रहती

    है तब उसे बोली कहते बोली के िलए उतनी भाषा केिलए होती है। जब भाषाबन जाती है तब का पालन करना पडता है। के के आधार परभाषा का होता है। ने अपने को कहा है।के को एक िनयम बाँधा है। भाषा का अनगुामी है। भाषा औरके बीच होता है। भाषा के के िलए के को करनाबोलचाल भाषा सहायता से भाषा बन जाती है। भाषा को

    एवं िच देता है।भाषा अपनी का पर है। नेसरलतर अपनाया है। यह है। जैसे करते वैसे िलखते

    के िलए िभना संकेत है और एक संकेत केवल एक का करता है।भाषा पर होता है। मूल से बनता है, से बनता है, से

    बनता है और से एक भाषा बनती है। भाषा दो होती है। किथत भाषा और भाषा।किथत भाषा पर है। भाषा के िलए एक होता है। उसे कहते एक सेअिधक से बनते और एक से अिधक से बनते इसी आधार पर के तीन भागहोते - 1) 2) 3)

    - का भाग है। उसे कहते के भेद, आकार, औरसंयोग या संिध से हुए उनके पर होता है।

    – का वह है के भेद, , पर होता है ।- के उस को कहते से बनाने का िनयम, – खंड,

    भेद का जाता है ।

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    PRACTICAL GRAMMAR (APPLIED GRAMMAR) Page 6

    UNIT - 2

    उस मूल के को कहते , न हो ।उदा – अ, इ, उ, ए

    राम – र+्आ+म+्अ । चार होते इन को कहतेभाषा होनेवाले के समुदाय को कहते हर भाषा के िलए अपने अपने होते

    कुल 44 होतेअ,आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ,ओ,औ।क, ख, ग, घ, ङच, छ, ज, झ, ञट, ठ, ड, ढ, णत, थ, द, ध, नप, फ, ब, भ, मय, र, ल, व, ष, श, स, ह ।तीन और भी होते , , ये है। का हो

    सकता है।जैसे – – क्+ष+्अ

    – त+्र+्अ– ज+्ञ+्अ

    िगनती हो सकती।के दो भेद होते – 1) 2)

    कुल 11 और 33 । कुल िमलाकर 44 होते– सहायता से होता है कहते के सहायक

    होते11 है।

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    PRACTICAL GRAMMAR (APPLIED GRAMMAR) Page 7

    अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ।– सहायता से कर सकता है उसे कहते

    के ‘क’ से ‘ह’ तक । कुल िमलाकर 33 ।इसके अलावा अनुनािसक, और नामक तीन है।

    अनुनािसक – इसका नाक और मँूह से होता है। इसका है। उदा – हँसना, गाँव– करते समय नाक से िनकलती है। इसका है। उदा – कंठ, हंस

    – जब अथवा के बाद ‘ह’ लगे तब उसे कहते उदा – अतः, ,पुनः।इसका इस है – अतहा, , पुनहा।

    UNIT - 3

    के भेदके आधार पर के दो भेद होते – 1) मूल 2)

    मूल - मूल वे , दसूरे से होती। भी कहते उदा – अ,इ, उ, ऋ।

    - वे जो मूल के मेल से बनते उदा – आ, ई, ऊ, ए, ओ, औ ।के दो उपभेद – 1) 2)

    – दो मूल के मेल से जो होता है उसे कहते उदा – अ+अ = आ, इ+इ =ई।

    - के मेल से जो बनता है उसे कहते उदा – अ, उ, ओ, अ, ओ,औ ।

    मूल(अ,इ,उ,ऋ)

    (आ,ई,ऊ) (ए,ऐ,ओ,औ)

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    PRACTICAL GRAMMAR (APPLIED GRAMMAR) Page 8

    के आधार पर के भेदके काल –मान को रखकर के दो भेद जाते - लघु और

    – मूल के समय लगता है उसके को कहतेलघु – के एक का समय लगता है उसे लघु कहते

    उदा - अ, इ, उ, ऋ (मूल )- के दो का समय लगता है उसे या कहते

    उदा – आ, ई, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ (सब )से के भेद और भी जाते ये – , सानुनािसक और िनरनुनािसक ।

    – रण से का एक और भेद भी जाता है – हैपुकारने के अवसर पर का अंितम लंबा करके बोला जाता है और उसके

    तीन का समय लगता है, उसे कहते उदा – अरे माधो..., हाय रे...।भी इसका करते

    सानुनािसक और िनरनुनािसक –जब का मुख और नािसका से होता है उसे सानुनािसक कहते उदा – माँ (आँ)जब का केवल मुख से होता है उसे िनरननुािसक कहते उदा – अ, इ, उ

    UNIT - 4

    सहायता से का कर सकते कहतेतीन के होते – 1) 2) 3)

    - 25 होते ‘क’ से लेकर ‘म’ तक । पाँच-पाँचक, ख, ग, घ, ङ – कच, छ, ज, झ, ञट, ठ, ड, ढ, णत, थ, द, ध, नप, फ, ब, भ, म

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    PRACTICAL GRAMMAR (APPLIED GRAMMAR) Page 9

    इनके जीभ मँूह के न भाग का करती है।- इनका करते समय जीभ मँूह के भाग का करती है।से इनका और के बीच है। का है – ‘बीच ’। उदा – य,

    र, ल, व – ये- इनके मुख से रगड रवाकर िनकलती है। उदा – श, ष, स, ह –

    है।

    UNIT - 5

    दो के पास पास होने के कारण उनके मेल जाने से जो होता है, उसे संिध कहतेउदा – राम + अवतार = रामावतार (अ+ अ= आ)

    तीन होती है – 1) 2) 3)- दो के मेल से जो होता है उसे कहते उदा – + =

    (इ+ इ = ई)के पाँच भेद होते – 1) 2) गुण 3) 4) यण ्5)

    1) – दो र पास पास तो के बदले एक बन जाता है, उसेकहते

    उदा – + आलय =+ =

    + उपदेश =2) गुण – ‘अ’ या ‘आ’ के आगे ‘इ’ या ‘ई’ लगा तो िमलकर ‘ए’, ‘उ’ या ‘ऊ’ हो तो

    िमलकर ‘ओ’ और ‘ऋ’ हो तो िमलकर ‘अर’् हो जातेउदा – देव + = (अ + इ = ए)

    सुर + ईश = सुरेश (अ + ई = ए)वीर + उिचत = वीरोिचत (अ + उ = ओ)राज + = (अ + ऋ = अर)्

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    PRACTICAL GRAMMAR (APPLIED GRAMMAR) Page 10

    3) - ‘अ’ या ‘आ’ के आगे ‘ए’ या ‘ऐ’ हो तो िमलकर ‘ऐ’ और ‘ओ’ या ‘औ’ हो तो िमलकर‘औ’ हो जाते

    उदा – एक + एक = एकैक (अ+ ए = ऐ)वन + औषिध = वनौषिध (अ+औ = औ)

    4) यण - इ, ई, उ, ऊ या ऋ के आगे कोई तो इ, ई के ‘य’्, उ, ऊ के‘व’् और ऋ के ‘र’् हो जाता है।

    उदा – + = (इ+अ = य)्सु + आगत = (उ+आ = व)्मातृ + = – (ऋ+आ = र)्

    5) - ए, ओ,ऐ, औ से परे कोई हो तो ‘ए’ को ‘अय’्, ‘ओ’ को ‘अव’्, ‘ऐ’ को ‘आय’् तथा‘औ’ को ‘आव’् हो जाता है।

    उदा – ने + अन = नयन (ए को अय)्ने + अक = नायक (ऐ को आय)्भो + अन = भवन( ओ को अव)्भौ + उक = भावुक (औ को आव)्

    - जब एक दसूरे या से िमलता है और उसके मेल से जो होताहै, उसे कहते

    उदा – सत ्+ उपयोग = सदपुयोगिनयम

    1) क्, च,् और प ् के आगे कोई या का तीसरा चौथा अथवा य,् र,् ल,् व,् ह से कोईहो तो क् - ग ्होता है, च ् - ज ्होता है, – होता है और प ्– ब ् होता है।

    उदा – वाक + ईश = वागीशअच + =

    + आनन = षडानन2) के पहले से परे कोई अनुनािसक हो तो पहला उसी का अनुनािसक हो

    जाता है।उदा – वाक + मय = (क का ङ अनुनािसक)

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    PRACTICAL GRAMMAR (APPLIED GRAMMAR) Page 11

    3) ‘त’् के साथ कोई , ग, घ, द, ध, ब, भ अथवा य, र, ल, व कोई हो तो ‘त’् का ‘ ’ होजाता है।उदा – जगत ्+ ईश =

    उत ्+ गम =तत ्+ =

    4) ‘त’् के साथ ‘च’् हो तो िमलकर ‘च’् और ‘ ’ के साथ ‘छ’ हो तो िमलकर ‘ज’् या ‘झ’ होजाता है। ‘त’् के साथ ‘ ’, ‘ड़’, या ‘ढ़’ होने पर िमलकर ‘ ’ होता है और ‘त’् के साथ ‘ल’ हो तोिमलकर ‘ल’् हो जाता है।उदा – उत + चारण = (त ्+ च = )

    सत ्+ जन = (त ्+ ज = )बहृत + = (त ्+ ट = )उत ्+ डयन = (त ्+ ड = )तत ्+ लीन = (त ्+ ल = )

    5) ‘त’्, ‘ ’ के साथ ‘ह’ हो तो ‘त’्, ‘ ’ होता है और ‘ ’ ‘ध’ हो जाता है।उदा – तत ्+ = ( त ्+ ह - -ध)‘छ’ के कोई हो तो ‘छ’ ‘ ’ बन जाता है।उदा – आ + छादन =

    + छेद =6) ‘म’ के साथ ‘क्’ से ‘म’ तक का कोई हो तो ‘म’् बन जाता है।

    उदा – सम ्+ =सम ्+ तोष = संतोष

    7) ‘म’् के साथ य, श, ह तो ‘म’् बन जाता है।उदा – सम + हार = संहार

    सम + शय = संशयसम + योग = संयोग

    8) ऋ, र ् या ष ् के बाद ‘न’् हो तो वह ण हो जाता है।उदा – भूष + अण = भूषण (ष ्+ न ्= ण)

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    PRACTICAL GRAMMAR (APPLIED GRAMMAR) Page 12

    ऋ + न ्= ऋण (ऋ + न ्= ण)9) अ,आ को छोडकर कोई के ‘स’् के आ जाय तो ‘स’् ‘ष’ बन जाता है।

    उदा – अिभ + सेक = अिभषेक (इ+स ्= ष)+ सम = (इ+स ्= ष)

    10) र ् के साथ र ् हो तो पहला र ् का लोप होता है और उससे पहले का होता है।उदा – िनर ् + रस = नीरस

    - और के साथ के मेल से जो होता है, उसे कहतेउदा – मनः+ रथ = मनोरथ

    दःु+ उपयोग =िनयम

    1) से अ हो और का तीसरा, चौथा, पाँचवाँ अथवा य,र,ल,व आ जाय तो पहला ‘अ’और ‘ ’ के पर ‘ओ’ होता है।उदा – यशः+ गान = यशोगान (श ्अ ओ)

    मनः+ = (न ्अ ओ)रजः+ गुण = रजोगुणसरः+ ज = सरोज

    2) के बाद श,्ष,्य,स हो तो बाद के के समान बन जाता है।उदा – दःु+ शासन = ( भी श होता है)

    िनः+ = ( स बन जाता है)3) के इ या उ हो और उसके साथ क्,ख या प,् फ से कोई हो तो ‘ष’् हो जाता है।

    उदा – दःु+ कर =िनः+ पाप =

    4) के ‘अ’ हो और उसके साथ ‘अ’ से कोई हो तो का लोप होता है।उदा – अतः+ एव = अतएव

    5) के अ,आ के और कोई हो अथवा उसके साथ का तीसरा, चौथा, पाँचवाँहो अथवा य, र, ल, व, ह से कोई हो तो र ् हो जाता है।

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    PRACTICAL GRAMMAR (APPLIED GRAMMAR) Page 13

    उदा – िनः+ आशा = िनराशािनः+ =िनः+ झर =

    6) के अ और उसके साथ अ या का तीसरा, चौथा, पाँचवाँ अथवा य,र,ल,व,हसे कोई हो तो अ के ओ होता है।

    उदा – मनः+ अिभराम = मनोिभरामअधः+ गित = अधोगितमनः+ हर = मनोहर

    इसके अलावा कुछ अिनयिमत होती ।उदा – पुराः+ कार =

    नमः+ कार =ितरः+ कार =

    Module ll

    UNIT - 6

    एक से अिधक से बनी हुई को कहते कोकरनेवाले समूह को कहते

    उदा – लड़का, , कलम।कुछ होती । जब वे दसूरे के साथ जाती , तब होती । ऐसी

    को कहतेउदा – (‘कु’ है। इसका कोई के साथ ‘कु’ लगने पर इसका होता है।)

    दधूवाला –(‘वाला’ का दधू के साथ लगने पर वह होता है।)के

    1. के आधार पर तीन के – 1) 2) यौिगक 3)

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    PRACTICAL GRAMMAR (APPLIED GRAMMAR) Page 14

    : – अपनी हो, उनके के करने से कुछ होता। ऐसेको कहते

    उदा – धन, घोडा,यौिगक : – जो दो या दो से अिधक के योग से बनते , यौिगक कहते

    उदा – राज + महल = राजमहल+ =

    : – जो दो या दो से अिधक के मेल से बनते हो, को िछपाकरका बोध कराते हो, कहते

    उदा - पंकज = पंक + ज (पंकज का है से इसका है कमल।)दशमुख = दस + मुख (दशमुख का है दस इसका है रावण)

    2. से के तीन भेद - 1) वाचक 2) 3) या सांकेितक।वाचक – जब उसी बोला या िलखा जाये और िलए बना है तब उसे वाचक कहते

    उदा – गधा एक जानवर है। ( ‘गधा’ वाचक है।)– जब कोई उसका न बतलाकर अपने या गुण का बोध करानेवाले कोकहते

    राम एक गधा है। (यहाँ गधा का है ‘ ’। इस का होता है – राम एक है।)– जो से क करता है और गूढ़ से दसूरा सूिचतउदा - हो गया। ( है। इसका होता है ‘ समय’)

    3. से के भेद –के आधार पर के चार भेद - 1) 2) 3) देशज 4)

    – के जो करके का होते उसेकहते उदा – वायु, , ,

    – वे जो से पर कुछ करके करतेउदा – -

    - आसरा- आग- आँसू- सच

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    PRACTICAL GRAMMAR (APPLIED GRAMMAR) Page 15

    देशज – ये से बने के अनुसार य के , के ,से बने

    उदा – , पेट,– ये भारतीय भाषाओ के कई भाषाओं जैसे अरबी, फारसी, से

    करतेउदा - से – , िसनेमा, , ,

    अरबी से - मौलवी, अदालत, दिुनया, अमीर।फारसी से – , बाग, आदमी, चाकू, कारखाना।

    से - दारोग, काबू, लाश, तोप।से - सुरंग, दाम

    UNIT - 7

    कुछ ऐसी होती , जो होती। जब वे दसूरे के साथ जाती तब वेहो जाती । इस तरह को (Affix) कहते

    उदा – कुछ, िनर, वाला।दो के होते - 1) 2)

    – जो के आरंभ लगाकर उसके अ लाकर कर उसेकहते

    उदा – अप + यश = अपयश ( )उप + वन = उपवन(बगीचा)

    + योग = ( )अन + पढ़ = अनपढ़ ( पढ़ करके)कु + = (बुरा )

    – जो या के लगाकर उनके को बदल , कहतेउदा - बुढ़ा + पा = बुढ़ापा (बुढ़ापा )

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    PRACTICAL GRAMMAR (APPLIED GRAMMAR) Page 16

    + = ( से )िलखा + आवट = िलखावटबुरा + ई = बुराईदधू + वाला = दधूवालाबच + पन = बचपन

    UNIT - 8

    समासरखनेवाला दो या दो से अिधक या पद िमलाकर जब एक या पद बनते

    , इस मेल को समास कहते िमले को पद अथवा सामािसक पद कहतेउदा - घोडे का सवार – घुडसवार

    सा मुख –धन का पद - धनपदकाठ पुतली – कठपुतली

    समास होने पर बीच , तथा का लोप होता है।उदा - धन का पद - धनपद ( ‘का’ का लोप होता है।)

    समास1. समास दो का योग होता है।2. दो के मेल से एक पद बनता है3. दो के बीच का लोप होता है।4. दो कभी पहला पद होता है और कभी दसूरा पद होता है5. समास जुडते तो के का होता है।

    उदा – का = + =

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    PRACTICAL GRAMMAR (APPLIED GRAMMAR) Page 17

    समास औरसमास दो का योग होता है। दो का योग होता है। के

    होते होने पर दो के संयोग से पद भी िमल जाते समासवाले औरसमास हो सकता है।उदा – पीता र । दो पद है – ‘पीत’ और ‘ ’। करने पर इस तरह होता है – पीत +

    = समास करने पर ‘पीत है जो ’ =केवल होती है। समास होता है। के तोडने

    को द कहते समास के तोडने को कहते– के को अलग अलग अपनी के रखकर उनके आपस के को

    करने को कहतेउदा – रात– - इसका है रात और

    समास के भेदसमास के छः भेद होते 1) 2) 3) 4) 5) 6)

    1. समास – समास पहला हो उसे समास कहते इसकापहला पद या पद होता है।

    उदा – ( के अनुसार)आजीवन ( जीवन )यथासमय (समय के अनसुार)

    2. समास – समास पद हो और समास करने पर पहली का लोपहो उसे समास कहते

    उदा – राजसभा (राज सभा)( को )

    समास के दो भेद है –1) 2) समानािधकरण

    i. – पद का करने पर पहला और दसूरेलगायी जाती है।

    उदा – राज-सभा (राजा सभा)पहले संबंध कारक है और दसूरे कारक है।

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    PRACTICAL GRAMMAR (APPLIED GRAMMAR) Page 18

    के छः भेद -इस समास के पद कारक का लोप होता है उसी कारक के अनुसार इस समास का

    नाम होता है –१. – होती है।

    उदा – ( को – को कारक है)२. करण - ‘से’ है।

    उदा – (अकाल से )मनमाना (मन से माना हुआ)

    ३. – ‘के िलए’।उदा – रसोईघर (रसोई के िलए घर)

    (हवन के िलए )४. अपादान – ‘से’ है।

    उदा – ( से िगरा हुआ)(पद से )(ऋण से )

    ५. संबंध – ‘का’, ‘के’, ‘ ’ है।उदा – सेनापित (सेना का पित)

    राजमाता (राजा माता)( देश का )

    ६. अिधकरण – ‘ ’, ‘पर’ है।उदा – वनवास (वन वास)

    आपबीती (अपने आप पर बीती)( )

    कभी कभी समास पद का लोप होता है। उसे अलुक् कहतेउदा – ( रहनेवाला। ‘ ’ का लोप)

    सरिसज (सर होनेवाला। ‘ ’ का लोप)

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    PRACTICAL GRAMMAR (APPLIED GRAMMAR) Page 19

    नञ – अभाव या िनषेध का सूिचत ककरनेवाला ‘अ’ या ‘अन’ लगाने से बननेवाले को ‘नञ’कहते

    उदा – ( जो न हो)अनपढ़ ( न पढ़ा हुआ)अछूता ( न छुआ हुआ)

    उप पद – समास कोई उप पद न हो तथा बाद पद हो, उसे ‘उप पद ’ कहतेउदा – जलज (जल ) – कलम

    मनोज – (मन जात) - कामदेवii. समानािधकरण - समास के के बाद एक कारक

    आती है उसे समानािधकरण अथवा कहते इस समास के पद उपमान- उपमेय अथवा– है।उदा – नील कमल - नीला कमल

    यहाँ नीला और कमल है।म – घन (बादल) (काला) उपमान और उपमेय

    कभी कभी संबध बतानेवाले बीच के पद का लोप भी होता है। ‘ ’ समासपहले का दसूरे से संबध बतानेवाले बीच के पद का लोप होता है उसे समास कहते

    iii. समास – समास के होता है और समुदाय का बोधहोता है उसे समास कहते

    उदा – (तीन का समाहार)चौमासा (चार का समूह)

    iv. समास – समास होते और करने पर और, या, अथवा योजकलगते उसे समास कहते

    उदा – – और– पाप और

    तन-मन – तन और मनसमास के का िलंग साधारणतया म के अनुसार होता है। कभी कभी

    हो तो उसी के अनुसार िलंग हो जाता है।उदा – राजा-रानी आये।

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    PRACTICAL GRAMMAR (APPLIED GRAMMAR) Page 20

    समास एक से अिधक जुडतेउदा – माता – आये, राम- आते थे।

    कभी कभी बहुवचन - सूचक के साथ भी पाया जाता है।उदा – आपके लडके-

    v. ब समास – इस समास से कोई पद होता। पर समास पद पदका होता है। इसे समास कहते

    उदा – र (पीत है )अनंग ( है अंग - कामदेव)समास पद का पहला दसूरे क होता है । समास

    पद अपने से का होत है। कई पद भेद से केसमास है।

    उदा – मगृलोचन - 1) मगृ के लोचन –2) मगृ के समान लोचनवाला – समास

    - 1) पीला कपडा –2) पीला है अंबर (कपडा) वह ( – समास)

    Module lll

    UNIT - 9

    के िलंग, वचन, कारक अथवा काल के अनुसार होता है,कहते , , और

    या - के िलंग, वचन, कारक अथवा काल के अनुसार कोईहोता, वे है। , सूचक, वे है।

    , सूचक, , या है।

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    PRACTICAL GRAMMAR (APPLIED GRAMMAR) Page 21

    UNIT - 10

    (NOUN)वह है, , , या भाव को सूिचत करता है। राम ( ),

    ( ), ( ) ।के तीन –

    a) (Proper Noun)

    b) जाितवाचक (Common Noun)c) भाववाचक ( Abstract Noun)

    A. – उसे कहते एक , का बोध होता है।उदा – राम, गगंा,

    B. जाितवाचक – जाितवाचक से एक जाित के सब का बोध होता है।उदा - , नगर, सभा,, जल

    से सभी जाित का बोध होता है। का ये जाित के आधार पर होते

    से सजातीय के समूह को करते उसे समूहवाचक कहते उदा – सेना।से का बोध का बोध होता है उसे कहते

    उदा - सोना, , पानी, लोहा।C. भाववाचक – भाववाचक वे के , गुण, दोष, , कासूचना होती है।

    उदा - , गणु, दोष – िमठास, कटुता, नीचता...।- लडकपन, यौवन, दासता, ...।

    भाव – , शोक, भय...।D. जब गुण को करते तब वे जाितवाचक बनते

    उदा – हे , तुम बनो।इस से है – पर रहनेवाला। यह जाितवाचक है।कभी कभी जाितवाचक होती ।

  • School of Distance Education

    PRACTICAL GRAMMAR (APPLIED GRAMMAR) Page 22

    उदा – गाँिधजी कल यहाँ यहाँ गाँिधजी है।E. भाववाचक कभी कभी जाितवाचक के समान होती ।

    उदा – हाथी और घोडे बडा है। यहाँ चाल जाितवाचक है।भाववाचक चार से बनती

    a) जाितवाचक से – लडका – लडकपन–

    b) से – अहं – अहंकारअपना – अपनापन

    c) से – चतुर – चतुराईमीठा – िमठास

    d) से – चढ़ना – चढ़ाईसजाना – सजावटघबराना – घबराहट

    F. के समान होने वालेउदा – का आधर गुणी- है। यहाँ के समान होते उदा – का कहना

    मानो। ‘बडा’ है। यह के पर होता है।का

    एक से अिधक से बनते के एक दसूरे के िमलन से का होता है।के के होता है इसे कहते का िलंग, वचनऔर कारक के कारण होता है।

    उदा – लड़का पठता है – पठती है ( िलंग के कारण)लड़का दौडता है - लड़के दौडते (वचन के कारण)

    लाओ – मेज़ पर है ( कारक के कारण)

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    PRACTICAL GRAMMAR (APPLIED GRAMMAR) Page 23

    UNIT - 11

    िलंगके जाित का बोध होता है उसे िलंग कहते दो िलंग – और

    a. – जाित का बोध करानेवाले को िलंग कहते उदा – , , सीता...।b. - जाित का बोध करानेवाले को कहते उदा – लड़का, नर, राम...।

    , , बेदंगी है। उदा – पेड, नगर, ...।, है। उदा – लता,

    जो है वे है। उदा – , भाई, बैल...।कई से के नर और मादा का बोध होता है पर उनका एक िनयम

    िलंग से होता है।– , कौआ, , चीता ।– कोयल, चील, मैना।

    जाितभेद करने केिलए इनके साथ नर या मादा लगाना उदा – नर कौआ, मादाकौआ, नर चीता, मादा चीता ।

    के अंत आ, पा, आव और पन हो होतेउदा – बुढ़ापा, चढ़ाव, लडकपन

    के अंत आई, वट, हट और ता हो वे होतेउदा – चढ़ाई, सजावच, , सरलता ।

    से बनाने का िनयमक के अ को आ करने से – उदा – – , बाल – बाला, सुत – सुता, तनुज –

    तनुजा ।ख के अ को ई करने से – उदा – देव – देवी, – , कबूतर – , मगृ –

    मगृी।ग कुछ के आ को ई करने से – उदा – रसा – रसी, लडक़ा –घ के आ को इया करने से – उदा – – , बूढ़ा – ,चूहा –

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    PRACTICAL GRAMMAR (APPLIED GRAMMAR) Page 24

    ङ या के के इन लगाने से – उदा – सुनार – ,धोबी – , कहार –

    च कुछ के नी या आनी लगाने से – उदा – िसंह – िसंहनी, मेहतर – मेहतरानी, मोर –मोरनी।

    छ उपनामवाचक के के पर आइन लगाने से – उदा – बाबू – बबुआइन,ठाकुर – ठकुराइन, पांडे – पाडाइन ।

    ज कुछ के – उदा – –माता, –औरत, वर- वधू, माँ –बाप, –भाई।

    से बनाने का िनयमa. कुछ ‘ओई’, ‘आव’ और ‘औरा’ लगाने से –

    उदा – बहन – बहनाई, ननद – ननदोई, – , िसल – िसलौरा ।b. कुछ के ‘ई’ को ‘आ’ करने से –

    उदा – जीजी – जीजा, झोली – झोला ।c. कुछ के ‘ई’ को ‘अ’ करने से –

    उदा – – ।d. के अंत ‘आ’ लगाने से –

    उदा – ।

    UNIT – 12

    वचन (Number)सं और के स से यह त हो वह एक के िलए होता है या अिधक

    के िलए, इसे वचन कहते । वचन दो के होते –1) एकवचन (Singular)2) बहुवचन (Plural)1) एकवचनः

    सं के स से एक का बोध कराने वाला एकवचन है।उदाः पढ़ती है। ( – एकवचन है)

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    PRACTICAL GRAMMAR (APPLIED GRAMMAR) Page 25

    2) बहुवचनःसं के स से एक से अिधक का बोध हो उसे बहुवचन कहतेउदाः पढ़ती ( – बहुवचन है)

    कभी कभी आदर के िलए एकवचन बहुवचन के होतेउदाः अब )बहुवचन(

    बहुवचन बनाने का िनयमः-)क ( के ‘आ’ के पर ‘ए’ लगा देने से एकवचन का बहुवचन बन जाता है।

    उदा – लड़का – लडके, कपड़ा – कपड़े, बेटा – बेटे ।‘ ’ के सभी के ( , , ,

    ) एक समान रहतेके बहुवचन बनाने का िनयम

    ‘ ’ तथा ‘ ’ के ‘अ’, ‘आ’ के पर ‘एँ’ का करने से बहुवचनबनाया जाता है।

    उदाः – , गाय – , – , रात – ।‘ ’ तथा ‘ ’ के ‘याँ’ जोड़ने से बहुवचन िमलता है। इस ‘ई’ के

    पर ‘इ’ होता है।उदाः – , – , –

    सं के ‘या’ हो उनके ‘या’ के ऊपर केवल लगाने पर-उदाः – , -

    के बाद ‘एँ’ या ‘ ’ जोड़ने से शेष का बहुवचन िमलता है।उदाः लता – लताएँ, - ,

    )ग( िनयम -)1( )बहुवचन( सूिचत करने के िलए कभी कभी के एकवचन के साथ गण, , लोग,

    जोडतेउदा – पाठकगण, , बाबू लोग।

    (2) कुछ हमेशा बहुवचन बोले जातेउदा – , , लोग, होश

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    PRACTICAL GRAMMAR (APPLIED GRAMMAR) Page 26

    3) जाितवाचक सं ऐं हमेशा बहुवचन होती है । जब और भाववाचक काजब जाितवाचक के समान होता है तब वे बहुवचन होता है।

    उदा – भारत रावण कमी (यहाँ रावण जाितवाचक है।)(4) जब जाितवाचक के समान होता है तब वे बहुवचन के होते

    उदा – और के है। (जल बहुवचन एवं जाितवाचक है।)

    UNIT - 13

    कारक (Case)या के से उसका के के साथ होता है उसे

    कारक कहतेउदा – राम ने रावण को मारा।इस ‘ने’ और ‘को’ इन के उसका सूिचत होता है।उदा – मारा? - राम ‘ने’

    मारा? – रावण ‘को’ । इसिलए ये कारककारक के आठ भेद होते –

    कारक - नेकारक - को

    करण कारक - सेकारक - को

    अपादान कारक - सेकारक - का, के,

    अिधकरण कारक - पर,संबोधन कारक - हे, अरे, अपी, अहो ।

    क कारक – (Nominative)या के से करनेवाला या का बोध होता है उसे कारक कहते‘ने’ है।

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    PRACTICAL GRAMMAR (APPLIED GRAMMAR) Page 27

    उदा – राम गया।मोहन ने खाया।

    ‘राम’ और ‘मोहन’ कारक है। ने है।के को सूिचत करने के िलए कोई जाती है।

    उदा – राम ने िलखी ।ख कारक (Accusative)

    या पर के का फल पडता है उसे कारक कहते ।उदा - राम ने रावण को मारा।

    रावण मारा गया है। यहाँ ‘रावण’ कारक है। ‘को’ है।कभी कभी ‘को’ का लोप होता है।

    उदा – रामू ने िलखा।यहाँ ‘को’ का लोप होता है। ऐसा भी होता है - रामू ने को िलखा।

    ग करण कारक ( Instrumental)के साधन का बोध करानेवाले के को करण कारक कहते ‘से’ है। उदा –

    कलम से िलखतेिलखने का साधन कलम है । कलम के िलखने होती है।

    घ कारक ( Dative)कारक का वह है, जो उस का बोध कराता है िलए कोई काम

    ‘को’, ‘के िलए’ हैउदा – मोहन ने राम को पाँच ।

    मोहन ने राम के िलए पाँच ।ङ अपादान कारक (Ablative)

    का वह है के से पथृक होने का बोध हो उसे अपादान कारककहते ‘से’ है ।

    उदा – से िगरतेयहाँ से का सूिचत होता है। कारक और अपादान कारक ‘से’ है ।

    करण कारक ‘से’ साधन सूिचत होता है। अपादान कारक ‘से’ सूिचत होता है ।

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    PRACTICAL GRAMMAR (APPLIED GRAMMAR) Page 28

    कलम से िलखता है - करण कारकसे आ रहा है - अपादान कारक

    च कारक (Genitive)के से उसका से होता है उसे कारक कहते

    ‘का’, ‘के’, ‘ ’ ।उदा – राम का घोडा, राम के घोडे, राम बहन ।

    छ अिधकरण कारक (Locative)के से के आधार का बोध होता है उसे अिधकरण कारक कहते ‘ ’,

    और ‘पर’ ।उदा – शेर जंगल रहता है ।

    मेज़ पर है ।अिधकरण तीन के होते –

    क. कालािधकरण – का काल होता है उसे कालािधकरण कहते उदा – रामू दोपहरसे आयेगा ।

    ख. भावािधकरण – के भाव के भावािधकरण होता है । उदा – शेर को देखकरभय होता है?

    ग. – पर होती है उसे कहते । उदा – मेज़ पर है ।कालवाचक और के सात कभी कभी लगती ।उदा – कल रात मूसलधार हुई ।( कल रात मूसलधार हुई – ‘ ’ का लोप)

    ज संबोधन (Vocative)के से को पुकारना सूिचत होता है उसे संबोधन कारक कहते है।

    उदा – हे राम! वहाँ मत आना।संबोधन कारक कोई है । उसको करने के िलए ‘हे’, ‘अरे’ कोलगाये जाते

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    PRACTICAL GRAMMAR (APPLIED GRAMMAR) Page 29

    UNIT - 14

    ( Pronoun)के उसके को करने के िलए का जाता है

    कहते उदा – राम जाता है। वह अपनी जाता है।उसने कहा – लाना भूल गया। वह, अपनी, राम जगह हुए है।

    इसिलए है। को हटाने के िलए का जाता है।योग के अनुसार के पाँच भेद होते

    1) - , त,ू यह, वह (ए.व) हम, तुम, ये, वे, आप (ब.व)2) – यह, वह (ए.व), ये, वे (ब.व)3) – कोई, कुछ (ए.व - ब.व)4) – जो, सो (ए.व - ब.व)5) – कौन, (ए.व - ब.व)

    क. – या लेखक बोलते या िलखते समय या तो अपने कुछ कहता है, या सुननेवालेऔर पढ़नेवाले के अथवा अपने और सुननेवाले को छोडकर के ,कहते से बोलनेवाले, सुननेवाले और के कुछ कहा जाए उस को

    कहतेतीन के होते – , और

    – बोलनेवाला या िलखनेवाला अपनेिलए का करता है उसेकहते (ए.व), हम (ब.व)।

    – सुननेवाले या पढ़नेवाले के िलए का होता है उसे कहतेजैसे –तू , तुम और आप ।

    – के कुछ कहा या िलखा जाए उसके िलए होने वाले कोकहते जैसे – यह, वह (ए.व), ये, वे (ब.व)।

    और हम है । एकवचन है। हम बहुवचन है। का हमके बहुवचन से है। यहाँ हम के पर होता है। हम का एकवचन

    और बहुवचन होते

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    PRACTICAL GRAMMAR (APPLIED GRAMMAR) Page 30

    तू और तुम के आदर के िलए आपका करते जैसे – तुमयहाँ आओ। इसी के पर आप यहाँ ए। कभी कभी यह और वह के भी आप का

    होता है। जैसे – आप मेरे ।कभी कभी आदर के िलए आप का करते बहुवचन सूिचत करने के िलए आप के साथ ‘लोग’

    जोडा जाता है। जैसे – आप लोग यहाँिनजवाचक आप और चक आप भेद होता है। िनजवाचक आप समान से एक वचन

    और बहुवचन आता है। जैसे – आप पढ़ँूगा। हम आपवह केवल बहुवचन करते िनचवाचक आप तीन से

    होते आप केवल और करते‘आप’ अकेला जाता है। िनजवाचक आप तथा के साथ आता है। जैसे – तू

    आप कामकभी (2) आप भले अकेला आ सकता है. जैसे – आप भला तो जग भला । वह अपने आप समझ गया।

    ख.वे ऒर संकेत जाता है।

    संकेतवाचक और िनदेशवाचक भी कहते जैसे – यह, वह, ये, वे।, हम, तुम, आप, यह, ये, वे इन या के साथ अिधकता

    करने के िलए ‘ ’, ‘ई’, य जोडते । झैसे – , तू , , आप ।ग.

    से या के बात का बोध न हो उसेकहते जैसे – कोई, कुछ ।

    a. ‘कोई’ का के िलए होता है। जैसे – बाहर से कोई आ रहा है ।b. जब का पता न होने पर – जैसे – अरे! कोई कमरे है?c. के ‘कोई’ लगे तो उसका लगभग होता है। जैसे - कॉलेज से कोई पाँच सौ

    भागd. ‘कोई’ जब दोहराया जाता है तब को सूिचत करता है। जैसे कोई कोई पर को रोकतेe. कोई के साथ एक लग जाने पर सूिचत करता है। जैसे – तुम से कोई एक गा सकेगा।

    कुछ का अनिगनत के िलए होता है। जैसे – कुछ है।के िलए होता है। जैसे – पानी कुछ है।

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    PRACTICAL GRAMMAR (APPLIED GRAMMAR) Page 31

    कोई का के िलए होता है और कुछ का के िलए होता है।घ. वाचक

    से दो और के बीच के का बोध हो उसे वाचक कहतेजो, सो जैसे – आपने जो कहा सो हो गया।

    कभी कभी जो या सो से एक रहता है। जैसे जो गाता है बात है।ङ. – करने के िलए का होता है कहते

    उदा – आप सोचते ?, आज कौन आएगा?कौन का के िलए होता है। का के िलए होता है। जैसे – कौन

    बोलेगा , थैली हैकभी कभी कौन का के िलए होता है।जैसे - बाधा डालनेवाले तुम कौन हो।िभ केिलए ‘कौन’ को दोहरा भी जाता है। जैसे – कौन कौन लाएंगे।

    के कौन का होता है। जैसे - इसने कौन अपराधके िलए को दोहरा देता है। जैसे – राम ने

    का के भी होता है। जैसे – तुम मुझसे लडोगे।का

    वचन और कारक के कारण भी होते िलंग के कारण होता।का और एक से होता है।

    संबोधन होता।से के पर होता है उसी के अनुसार उस के िलंग, वचन भी होता है।

    काकारक एकवचन बहुवचन

    , हममुझको, मुझे हमको,

    करण मुझसे हमसेमुझको, मेरेिलए,मुझे हमको, हमारे िलए,

    अपादान मुझसे हमसेमेरा,मेरे, हमारा, हमारे,

    अिधकरण , मुझपर , हमपर

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    PRACTICAL GRAMMAR (APPLIED GRAMMAR) Page 32

    तूकरक एकवचन बहुवचन

    तूने तुम, तुमनेतुझको, तुझे तुमको,

    करण तुझसे तुमसेतेरा,तेरे, , ,

    अिधकरण , तुझपर , तुमपर

    वहकरक एकवचन बहुवचन

    वह,उसने वे,उसको, उसे उनको,

    करण उससे उनसेउसके िलए, उसे उनके िलए,

    अपादान उससे उनसेउसका, उसके, उनका, उनके,

    अिधकरण उस पर, उनपर,

    UNIT - 15

    (Adjective)से या सूिचत करे, उसे कहते जैसे – रेशमी

    कपडा, लाल कमल।बतलाई जाए उसे कहते जैसे – लड़का।

    है, लड़का है।जो के पहले आता है उसे कहते जैसे – फूल।

    है, फूल है । इसिलए यह है ।

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    PRACTICAL GRAMMAR (APPLIED GRAMMAR) Page 33

    जो के बाद आता है उसे कहते जैसे – वह लड़का बड़ा होिशयार है ।लडका है, होिशयार है । के बाद आने के कारण यह है ।

    जो के साथ उसको करने के िलए होता है उसे समानािधकरण कहते। जैसे – रामनाथ कहता हँू ।

    रामनाथ के साथ समानािधकरण है ।चार के –

    क . गणुवाचक (Adjectives of Quality)ख . (Adjectives of number)ग . (Adjective)घ . या (Demonstrative Adjective)१. गुणवाचक

    जो के गुण, रंग, आकार, को बतलानेवाले को गुणवाचक कहते

    जैसे – लंबा, सुशील, काला, गोल, ।गुणवाचक के बदले बहुधा के के भी आतेजैसे – राजा ( का राजा )

    जापानी कपड़ा (जापान का कपड़ा)गुणवाचचक का होता है । तब उनका के समान होता है।

    जैसे – ने सच कहा है।२. - के गणना, का बोध हो, उसे

    कहते । जैसे – एक, दो, पहला, दसूरा, दगुुना...।के तीन भेद होते –

    1) 2) 3) बोधक या बोधक– इससे का बोध होता है । जैसे – चार, आठ, सात ।

    के चार भेद –a. गणनावाचक – गणनावाचक षण से गणना का बोध होता है । जैसे – एक , चार फूल, सात

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    PRACTICAL GRAMMAR (APPLIED GRAMMAR) Page 34

    गणनावाचक के साथ एक लगाने से लगभग का होता है । जैसे – एक आदमी –लगभग आदमी ।

    b. – से के , गणना का होता है । जैसे – पहला,दसूरा, चौथा...।

    c. – गणनावाचक के ‘गुना’ लगाने से बनते । जैसे– दगुुना, ितगनुा ।

    ३. - से माप- तोल या का पता होता है उसेकहते ।

    जैसे – दो सेर चावल, चार गज कपडा ।के दो भेद होते –

    1) और 2)ण - से का पता लगता है।

    जौसे - दो सेर चावल ।- से का पता न

    लगता है। जौसे – बहुत दधू ।४. या - से ऒर या संकेत जाता है उसे

    कहते । ‘यह’, ‘वह’ से जाता है । इसिलए इसेकहते ।

    जैसे – यह , वह ।जब के हो तब वह बन जाता है ।

    जैसे – वह घर राम का है ।कई ऐसे मूल जैसा रहता है ।

    जैसे – वह, यह ।के

    भी िलंग, वचन और कारक के अनुसार होता है । के िलंग और कारक केकारण कुछ होता है।

    जैसे – काला कपड़ा - काला कपड़ेकाला धोती - काला धोितयाँ

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    PRACTICAL GRAMMAR (APPLIED GRAMMAR) Page 35

    के साथ ई हो जातेजैसे - काली धोती

    के होता है जो के होने परहोता है ।जैसे – वह घोड़ा, वे घोड़े

    पथृकता अथवा अिधकता के िलए को दहुराता है –जैसे – छोटे छोटे फल, लाल

    का भी होता है । जैसे – बडा लड़का ।गुणवाचक और जब करते तब वह बन जाते

    जैसे – थोड़ा खा गया, चावल बहुत है ।के साथ जब आता और वे बन जाते । तब उनके साथ

    भी लगती ।जैसे – को दान दो ।

    UNIT - 16

    (Verb)

    काम के करने या होने का बोध हो उसे कहतेजैसे : पढ़ना, खाना, दौडना, पहनना।

    धातु – के मूल को धातु कहते उदा- पढ़ना, खेलना, खानाये सब मूल धातु ‘पढ़’, ‘खेल’, ‘खा’ है। मूल धातु ‘ना’ जोडकर का िमलताहै।

    i. के आधार पर के दो भेद होते - 1) 2)1) (Transitive Verb) – के का फल को छोड पर पडता है

    उसे कहतेउदा – राम पढ़ता है।

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    PRACTICAL GRAMMAR (APPLIED GRAMMAR) Page 36

    राम है। है। और का पर पडता है।2) (Intransitive Verb) - के का फल पर पडता है उसे

    कहते का अभाव है।उदा – मोहन सोता है।

    कभी कभी एक होता है और कभी कभी दो भी होते एक होने वालेको एक ‘ ’ कहते

    उदा – राम ने खाना खाया।खाना है। केवल एक होता है। दो होने वाली को

    कहतेउदा – माँ ने को दधू

    दो होते – ‘ ’ और ‘दधू’। दो होते एक ‘ ’ और दसूरा‘गौण’

    उदा – माँ ने को दधूइस ‘गौण’ है दधू ‘ ’ है। ‘गौण’ कभी कभी होता है।उदा – ने कथा सुनाई।

    ii. के भेद1. - वे होती है, आशय अथवा से पूरा होता,को पूरा करने के िलए दसूरे होती है। ऐसी को कहतेयह दो के होती है।१. – का अभाव है।उदा – वह है। यहाँ के को पूरा करने के िलए जोडा गया है।२. – होने पर भी का भाव पूरा न हो, उस को

    कहतेउदा – सीता ने पढ़ाया।

    यहाँ पूरा सीता ने ‘ ’ पढ़ाया, ‘ ’ पढ़ाया, यह पूरा इसिलए यहहै। यहाँ होने पर भी का भाव पूरा होता।

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    PRACTICAL GRAMMAR (APPLIED GRAMMAR) Page 37

    ३. पूरक - को पूरा करने के िलए या पडती है,पूरक कहते के पूरक ‘ पूरक’ तथा के पूरक ‘ पूरक’होते

    उदा – उसे होिशयार समझता हँू। ( पूरक)राम बलवान है ( पूरक)

    iii. यौिगक धातु –के से धातओुं के दो भेद होते । 1) मूल धातु 2) यौिगक धातु ।

    मूल धातु - मूल धातु वे , जो दसूरे से न बने जैसे – कर, बैठ, पढ़ ।यौिगक धातु – यौिगक धातु वे जो दसूरे से बनाये जाते । उदा – खाना से , ।नाम धातु – जो , या के आधार पर बनती है उसे नाम धातु कहते ।

    उदा – हाथ से हिथयानासे

    अपना से अपनानाiv. - से यह जान पडता है को न करके दसूरे को

    करने देता है उसे (casual verbs) कहतेउदा – राम ने मोहन से िलखवाया ।यहाँ राम न िलखकर मोहन से िलखवाता है । इसिलए यह है ।

    करनेवाले को और जाती है उसे कहतेराम ने मोहन से िलखवाया । राम है और मोहन है।मूल जो होती है उनसे और बन सकती है।से और बन सकती ।उदा – दधू पीता है ।

    पीना है । इससे बनती है – माँ को दधू है।से बना सकती है। उदा - माँ नौकर से को दधू है ।

    बनाने का िनयममूल धातु के आ जोडने से और वा जोडने से या

    बनती है।

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    PRACTICAL GRAMMAR (APPLIED GRAMMAR) Page 38

    उदा – उठना – उठाना - उठवाना।चलना – चलाना - चलवानापढ़ना – पढाना - पढ़वाना

    दो के धातओुं ए और औ को छोडकर पहला हो जाता है।उदा – जागना – जगाना – जगवाना

    भूलना – भुलाना - भुलवानाछोडना – छुडाना – छुडवाना

    धातओुं के ला और लवा लगाते । तब हो जाता है।उदा – पीना – –

    सोना – सुलाना – सुलवानाखाना – -

    v. नामु धातु - को छोडकर जोडने से जो धातु बनती है अथवा जो नाम (या ) धातु के समान होते नामधातु कहते जो नामधातु लगाने से

    बनते आ, ओ,और ला लगाते पहला हो जाता है।उदा – लाज – – लजाना

    हाथ – हिथया – हिथयानाझूठ – झुठला – झुठलाना

    UNIT - 17

    काल (Tense)के से के होने का समय और अथवा का बोध हो उसे काल

    कहते । काल के तीन भेद होते1) भूतकाल2) काल3) काल

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    PRACTICAL GRAMMAR (APPLIED GRAMMAR) Page 39

    भूतकालसे का बोध हो उसे भूतकाल कहते ।

    उदा – राम ने िलखी ।भूतकाल के छेः भेद - भूत, भूत, भूत, भूत, भूत, हेत-ुहेतुमत भूत।

    भूत – के से भूतकाल के समय का बोध न हो उसे भूत कहतेउदा – मोहन ने खत िलखा।यहाँ का बोध होता, जो भूतकाल हुई है ।भतकाल – के से का का समय अभी अभी हुआ है, इसका बोध

    होता है उसे भूतकाल कहते ।उदा – राम ने है।

    इससे पहले अभी अभी हुई है।भूत – के से यह होता है के को हुए बहुत समय हो चुका है, उसेभूत कहते

    उदा – ने दधू था।से हो के साथ ‘था’, ‘थे’, ‘थी’ लगाने से भूतकािलक

    िमलता है।भूत - के उस को भूत कहते यह हो भूतकाल हो थी। पर

    का पता न लगे, उसे भूतकाल कहतेउदा - वह पढ़ रहा था। वह सोता था ।

    कब समा हुआ इसका पता के साथ ‘ता था’, ‘ते थे’, ‘रहा था’, ‘रहे थे’ लगानाभूत काल – के से भूतकाल सूचना िमलती है उसके होने कुछ हो उसेभूत कहतेउदा – वह आया होगा।

    उसने खाया होगा ।भूतकाल हो थी । है । के साथ ‘हँूगा’, ‘हँूगी’, ‘होगा’, ‘होगी’,

    ‘ ’ जोडने से भूतकाल िमलता है।हेत-ुहेतुमत भूतकाल – के से यह पाया जाये भूतकाल होना संभव थाकारण से न हो सका उसे हेत-ुहेतुमत भूतकाल कहते

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    PRACTICAL GRAMMAR (APPLIED GRAMMAR) Page 40

    (Present Tense)

    के को काल कहते रहती है,होती। उसे काल कहते

    उदा – रामू पढ़ता है।सीता गीत गा है।

    काल तीन के होते – 1) काल 2) काल 3)काल - वह है से का काल होना पाया जाये,

    उसे कहतेउदा – मोहन पढ़ता है ।

    रमा गाती है ।के साथ ‘ता’, ‘ते’, ‘ती’ जोडने से बनते

    - वह है काल के होने पायाजाये।उदा – वह खाता होगा ।

    सीता जाती होगी ।के साथ ‘ता होगा’, ‘ती होगी’, ‘ते ’, ‘ती ’ लगाने से िमलते

    – का वह है यह होता है का अभी है,होता, उसे कहते ।

    उदा – वह खा रहा है।चल है।

    के साथ ‘रहा’, ‘ ’, ‘रहे’ जोडने से िमलती है।काल ( Future Tense)

    होनेवाली को काल कहते काल के दो भेद – 1)काल, 2) काल

    काल – का वह है से के आगे होने सूचना िमले उसेकाल कहते

    उदा – वह आयेगा।

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    PRACTICAL GRAMMAR (APPLIED GRAMMAR) Page 41

    राम आज बंबई जायेगा।सीता कल घर आयेगी।

    के साथ ‘येगा’, ‘येगी’, ‘येगे’ जोडने से िमलतेकाल – के होने संभावना हो उसे काल कहते

    उदा – संभव है, आज हो ।से ‘गा’, ‘गे’, ‘गी’ पथृक कर देने से काल िमलेगा।

    UNIT – 18

    (Voice)उसे कहते यह जाना जाये का है,

    है या केवल भाव है, उसे कहतेउदा – राम ने रावण को मारा।

    तीन के – 1) 2) 3) भाव- है । हमेशा के िलंग, वचन और के अनुसार होता है,

    उसे कहतेउदा – लडका पढ़ता है।

    लड़का है और ग है इसिलए भी होना है।सीता िलखती है। इसमं सीता है इसिलए है। का सीधा से होताहै.

    – के िलंग, वचन के अनुसार हो, उसे कहतेहै । का होता है।

    उदा – राम िलखता है।है। इसिलए यह है। धानता होती है और का

    से होता है। के िलंग, वचन के अनुसार बदलती है । हमेशाहोता है। का होना है।

    उदा – राम ने रावण को मारा । -राम से रावण मारा गया। -

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    रावण है। है ।के का है । गौण का रहता है।

    उदा – माँ ने को दधू ।माँ से को दधू गया ।

    दो होते – और दधू ।– भाव होती है । यह हमेशा से बनता है। हमेशा

    एकवचन और होती है। इसका होता है ।उदा – यहाँ बैठा जाता ।

    मुझसे पढ़ा जाता ।से या बनाने

    को भूत के करना । उसके साथ काल, , वचन और िलंग केअनुसार जाना के जोडने । ऐसा करने से से औरक से भा बनती है ।

    उदा – 1) राम ने रावण को मारा । -राम से रावण मारा गया। -

    2) राम रावण को मारेगा । -राम से रावण मारा जायेगा । -

    3) राम रावण को मारता है । -राम से रावण मारा जाता । -

    पहले ‘मारा’ भूतकािलक है । इसिलए ‘मारा’ के साथ ‘जाना’ का भूतकािलकजोडना ।

    दसूरे ‘मारेगा’ काल है । इसिलए ‘मारा’ भूतकािलक बदलकर‘जाना’ का काल ‘जायेगा’ जोडना ।

    तीसरे काल है । को भूतकािलक बदलकर (मारा) उसके साथजाना का (जाता) जोडना ।

    से बन सकता है।उदा – मोहन उठता ( )

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    मोहन से उठा जाता । - ( )वीणा चलती । ( )वीणा से चला जाता । - ( )

    UNIT – 19

    याअभी तक हमने के बारे पढ़ िलया है । उनके िलंग, वचन, और कारक के अनुसार

    आता है। इसिलए कहते का है अब हम के दसूरेया के बारे

    चार के होते – 1) 2) बोधक 3) बोधक 4)बोधक ।

    UNIT – 20

    – Adverbउसे कहते होती है ।

    उदा - रमेश चलता है।इस ‘चलना’ है – है ‘ ’ । इसिलए ‘ ’ है ।

    से के तीन भेद है - 1) साधारण 2) संयोजक 3) ।साधारण - साधारण वह है होता है साधारण या

    कहते ।जैसे – खूब पढ़ो , दौडो ।संयोजक – का से या से होता है संयोजक

    कहते ।जैसे – जहाँ तक हम चल सके वहाँ तक है ।

    योजना का संयोजक से होता है।- का के , , ,

    भेद के साथ होता है कहते ।

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    जैसे – गेहँू खाओगे ....कह तो लो ।

    होता है वे केवल गेहँू खाते और कुछ खायेगा । इनहै हो जाने से का बदल जाता है ।

    जैसे – वह काम करेगा ।इसका यह है जो काम उसे है केवल वह करेगा और कुछ ।

    के आधार पर के चार भेद होते – 1) कालवाचक 2) 3)4)

    कालवाचक – से समय, अविध तथा काल का बोध होता है कालवाचककहतेजैसे – काम को अभी पढ़ना ।

    आजकल रोज़ होती है ।कभी कभी भी रात के समान लगता है ।मोहन पढ़ाई सदा है ।

    अभी, आजकल, कभी कभी, सदा, कालवाचक है ।– से के , का बोध होता है

    कहते ।उदा – जहाँ तक जा सके वहाँ तक जाओ ।

    जाओ और वहाँ लेटो ।घर के सामने एक है ।बाहर रोशनी भीतर अंधेरा ।

    हाथ से मारते ।जहाँ, वहाँ, , सामने, बाहर, भीतर, ।– से अिधकता- का बोध होता है

    कहते ।जैसे – उतना पढ़ो हो ।

    चावल थोडा खाओ ।खूब खाना ।

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    अपना, , थोडा, खूब ।

    वे के होने का ढ़ंग, का पता िमलता है ।जैसे – राहुल धीरे धीरे चलता है।

    सीता मधुरतम गाती है ।यथा हम तथा िमलते ।

    धीरे धीरे, मधुरतम, यथा-तथा

    UNIT - 21

    बोधकबोधक है जो या के साथ आकर उनका के

    के साथ बनाते ।उदा – धन के कोई काम न चलता ।

    घर के नीचे एक तालाब है ।के पास एक भी है ।

    , नीचे, पास बोधक है ।के अनुसार बोधक के दो भेद होते – 1) 2)

    क. – ये या के बाद आतेउदा - घर के भीतर, घर के पीछे, घर ऒर

    कारक भी आती है । जैसे का, के, ।कभी कभी अपादान कारक याँ भी आती है ।

    उदा – इनसे पहले आया ।राम का मकान मोहन के घर से परे ।

    ‘से’, ‘परे’ अपादान कारक ।क. – यह सं के के साथ आते ।

    जैसे – दो तक राम रहेगा ।

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    घडे भर पानी के िलए पाँच देने गे ।‘तक’, ‘भर’ सूचक ।

    UNIT - 22

    ( Conjunctions)योजक या वे जो या न बतला कर एक या का

    दसूरे या से जोडते , बोधक कहतेजैसे – सीता और गीता अपने घर गयी ।

    सीता और गीता को िमलानेवाला योजक ‘और’ है ।के तीन भेद – 1) संयोजक 2) 3) भेदबोधक

    1) संयोजक – कई का संयोग करनेवाले को संयोजक कहते । इसके दो याका मेल होता है ।

    उदा – और राम कल बंबई और वहाँ उनके साथ मोहन भी ।‘और’, ‘भी’ संयोजक है।

    2) – जो का बोध कराएँ कहते ।जैसे – चाहे देश सेवा करनी या अथवा मानवीय को पहचानना।

    ‘या’, ‘अथवा’, ‘वा’, ‘चाहे’ को करनेवाले है ।3) भेदबोधक – दो से एक से भेद बतलानेवाले को भेदबोधक कहते । ये कई के होते

    ।क. – दो मं से पहले का िनषेध या सूिचत करते । जैसे –

    पर, , ,, मगर, वरन,् ।उदा – मुझे वहाँ जाना था, के कारण जा न सका ।

    ख. - , कारणवाचक और उपदेशमूलक –इसिलए, सो, अतः, , इसिलए ,इस के है ।

    जैसे – राम समय पर आ न सका इसिलए जा न सका ।ग. संकेतबोधक – – तो, जो – तो, , , प संकेतबोधक है ।

    जैसे – तुम कहते तो, जाता ।

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    घ. – इन पहली बात का और होता है । , याने, मानो, यहाँ तक, इस के है।

    जैसे – कोई भी समय पर पहँूचा यहाँ तक भी 10 बजे तक न आये ।के और दो भेद होते – 1) समानािधकरण 2) ।

    समानािधकरण – समान पद के या को जोडते जो एक के हो, वेसमानािधकरण धक कहते ।जैसे – के माँ-बाप का अजीब है ।समानािधकरण के चार उपभेद होते –

    1) संयोजक – और, तथा, भी, एवं ।2) क – या, वा, अथवा, चाहे ।3) – पर, , , मगर ।4) – इसिलए, अतः ।

    – को से जोडनेवाले कोकहते ।

    जैसे – आज नौकरानी आयेगी वह बीमार है ।के चार उपभेद होते –

    १. – , याने, मानो ।२. करणवाचक – , जो , इसिलए ।३. उपदेशवाचक - , जो, ।४. संकेतवाचक – - तो, जो-तो, - ।

    4) – – से के , शोक, , , , घणृाको करनेवाले को -बोधक कहते ।

    जैसे – हाय! अब ।अरे! आप कहाँ जा रहे?हे राम! करो ।

    को सूिचत करने के िलए - लाते ।बोधक के सात भेद –

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    1) बोधक – वाह –वाह!, - !, आहा!, शबाश!2) शोक बोधक – आह!, ऊह!, हा-हा!, –3) बोधक – अहो!, ऒह!, !4) अनुमोदन बोधक – !, हाँ-हाँ!, !, वाह!, शबाश!5) बोधक – िछ!, हट!, अरे!, िधक्!6) – !, !, बहुत !, हाँ!, जी हाँ!7) संबोधन बोधक – अरे!, रे!, अपी!, अहो!

    कभी कभी , , , भी हो जातेजैसे – भगवान, , लो, चुप, ।कभी कभी या भी होते । जैसे – न हो !, बहुत !, हो गया !जब के समान होते तब वह होता । तब वे

    मनोभाव को कराते ।जैसे – हाय हाय मचा रखी है ?

    सब लोग - पुकार उठे।हाय – हाय, - के समान है । इसिलए यह बोधक है।

    UNIT - 23

    , के भेद, के , से बनाने का िनयम,के पर जायेगा।

    से बनता है, एक या अिधक से बनता है । एक से अिधक से बनताहै । कहने या िलखनेवाले का पूरा भाव हो जाय तो उसे कहतेजैसे – मोहन पढ़ता है ।

    राम िलखता है ।इन से लेखक का पूरा भाव होता है ।

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    – कुछ ऐसे होते और के रहने पर भी कहने या िलखनेवाले का पूरा आशयहोता । के समूह को और के रहने पर भी जो कुछ सुनने

    बनी रहे कहते ।दो के होते – 1) 2)

    के अधीन होतेउदा – राम ने कहा था वह कल पाठशाला जायेगा ।

    इस राम ने कहा था - है और कल पाठशाला जायेगा तहै। इसे और भी कहते

    रखनेवाले को कुछ थोडा सा भाव करनेवाले को कहतेएक भावना होती है ।

    जैसे – तरह पढ़ना ।चलना ।

    इन होता है ।के मु दो भाग होते । 1) और 2)– ( ) कुछ होता है उसे कहते– ( ) के जो कुछ होता है उसे कहते ।

    जैसे – मेरा से भरा हुआ है ।मेरा है और से भरा हुआ है है । मेरा – है और मेरा

    उस का है । इसिलए ( ) और मेरा का कहते । हुआ हैहै, शेष उसका है ।

    इस चार भाग हुए – 1) ( ) 2) का 3) ( ) 4)का

    चार भेद –क. – राम गया ।ख. – वह कह चुका ।ग. – फूल

    के भेदके अनुसार के आठ भेद होते –

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    1. – इस से बात का होना सूिचत होता है ।जैसे – भारत राजधानी है ।

    2. िनषेधवाचक – का अभाव होता है ।जैसे – के कुछ भी पा सकते ।

    3. – इस से सूचना होती है।जैसे - तुम कल कालेज

    4. – इससे , और उपदेश का बोध होता है ।जैसे – तरह पढ़ो ।

    का भजन करो ।5. – इससे , का भाव सूिचत होता है । जैसे – हाय राम को एक

    लाख िमले ।6. – इससे या सूचना होती है ।

    जैसे – ।अंक पा ।

    7. – या संभावना सूचना होती है ।जैसे – आज होगी ।

    8. - सकेत सूचना होती है ।जैसे – हो तो ...

    राम काम करेगा ।रचना के आधार पर

    रचना के आधार पर के तीन भेद होते - 1) सरल या साधारण , 2) और3) ।

    १. सरल – एक और एक होता है उसे सरल कहतेजैसे – मोहन िलखता है । ( म