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PRACTICAL GRAMMAR (APPLIED GRAMMAR) CORE COURSE B.A HINDI III SEMESTER (2011 Admission) UNIVERSITY OF CALICUT SCHOOL OF DISTANCE EDUCATION CALICUT UNIVERSITY P.O., MALAPPURAM, KERALA, INDIA - 673 635 174

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PRACTICAL GRAMMAR(APPLIED GRAMMAR)

CORE COURSE

BA HINDI

III SEMESTER

(2011 Admission)

UNIVERSITY OF CALICUTSCHOOL OF DISTANCE EDUCATION

CALICUT UNIVERSITY PO MALAPPURAM KERALA INDIA - 673 635

174

School of Distance Education

PRACTICAL GRAMMAR (APPLIED GRAMMAR) Page 2

UNIVERSITY OF CALICUT

SCHOOL OF DISTANCE EDUCATION

STUDY MATERIAL

BA HINDI (2011 Admission onwards)

III SEMESTER

CORE COURSE

PRACTICAL GRAMMAR (APPLIED GRAMMAR)

Prepared byDR J AMBIKA DEVIASSO PRO OF HINDI(RTD)lsquoPRASANTHIrsquoBILATHIKULAM ROADNADAKKAVU (PO)KOZHIKODE 673011

Scrutinised byDR PAVOOR SASHEENDRAN381294 APPU GHAREDAKKADCALICUT ndash 5

Layout amp SettingsCOMPUTER SECTION SDE

copyReserved

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PRACTICAL GRAMMAR (APPLIED GRAMMAR) Page 3

Module ndash 1

Unit - 1 -

Unit - 2 -Unit - 3 -Unit - 4 -Unit - 5 -

Module ndash 2Unit - 6 -Unit - 7 -Unit - 8 - समास

Module ndash 3Unit - 9 -Unit -10 -Unit -11 - िलगUnit -12 - वचनUnit -13 - कारकUnit -14 -Unit -15 -Unit -16 -Unit -17 - कालUnit -18 -Unit -19 -

Unit - 20 -Unit - 21 - -Unit - 22 - -बोधकUnit - 23 -Unit - 24 -

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PRACTICAL GRAMMAR (APPLIED GRAMMAR) Page 5

Module lUNIT - 1

भाषा औरभाषा वह साधन ह अपना स करता ह तथा क कोकरता ह भाषा lsquoभाषrsquo धात स बनी ह भाषा दो होती - किथत भाषा और भाषा भाषा

का कई होता ह कछ होतभाषा ह भाषा हमशा होता रहता ह जब भाषा बोलचाल भाषा रहती

ह तब उस बोली कहत बोली क िलए उतनी भाषा किलए होती ह जब भाषाबन जाती ह तब का पालन करना पडता ह क क आधार परभाषा का होता ह न अपन को कहा हक को एक िनयम बाधा ह भाषा का अनगामी ह भाषा औरक बीच होता ह भाषा क क िलए क को करनाबोलचाल भाषा सहायता स भाषा बन जाती ह भाषा को

एव िच दता हभाषा अपनी का पर ह नसरलतर अपनाया ह यह ह जस करत वस िलखत

क िलए िभना सकत ह और एक सकत कवल एक का करता हभाषा पर होता ह मल स बनता ह स बनता ह स

बनता ह और स एक भाषा बनती ह भाषा दो होती ह किथत भाषा और भाषाकिथत भाषा पर ह भाषा क िलए एक होता ह उस कहत एक सअिधक स बनत और एक स अिधक स बनत इसी आधार पर क तीन भागहोत - 1) 2) 3)

- का भाग ह उस कहत क भद आकार औरसयोग या सिध स हए उनक पर होता ह

ndash का वह ह क भद पर होता ह - क उस को कहत स बनान का िनयम ndash खड

भद का जाता ह

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UNIT - 2

उस मल क को कहत न हो उदा ndash अ इ उ ए

राम ndash र+आ+म+अ चार होत इन को कहतभाषा होनवाल क समदाय को कहत हर भाषा क िलए अपन अपन होत

कल 44 होतअआ इ ई उ ऊ ऋ ए ऐओऔक ख ग घ ङच छ ज झ ञट ठ ड ढ णत थ द ध नप फ ब भ मय र ल व ष श स ह तीन और भी होत य ह का हो

सकता हजस ndash ndash क+ष+अ

ndash त+र+अndash ज+ञ+अ

िगनती हो सकतीक दो भद होत ndash 1) 2)

कल 11 और 33 कल िमलाकर 44 होतndash सहायता स होता ह कहत क सहायक

होत11 ह

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अ आ इ ई उ ऊ ऋ ए ऐ ओ औndash सहायता स कर सकता ह उस कहत

क lsquoकrsquo स lsquoहrsquo तक कल िमलाकर 33 इसक अलावा अननािसक और नामक तीन ह

अननािसक ndash इसका नाक और मह स होता ह इसका ह उदा ndash हसना गावndash करत समय नाक स िनकलती ह इसका ह उदा ndash कठ हस

ndash जब अथवा क बाद lsquoहrsquo लग तब उस कहत उदा ndash अतः

पनःइसका इस ह ndash अतहा पनहा

UNIT - 3

क भदक आधार पर क दो भद होत ndash 1) मल 2)

मल - मल व दसर स होती भी कहत उदा ndash अ

इ उ ऋ- व जो मल क मल स बनत उदा ndash आ ई ऊ ए ओ औ क दो उपभद ndash 1) 2)

ndash दो मल क मल स जो होता ह उस कहत उदा ndash अ+अ = आ इ+इ =

ई- क मल स जो बनता ह उस कहत उदा ndash अ उ ओ अ ओ

मल(अइउऋ)

(आईऊ) (एऐओऔ)

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क आधार पर क भदक काल ndashमान को रखकर क दो भद जात - लघ और

ndash मल क समय लगता ह उसक को कहतलघ ndash क एक का समय लगता ह उस लघ कहत

उदा - अ इ उ ऋ (मल )

- क दो का समय लगता ह उस या कहतउदा ndash आ ई ऊ ए ऐ ओ औ (सब )

स क भद और भी जात य ndash साननािसक और िनरननािसक ndash रण स का एक और भद भी जाता ह ndash ह

पकारन क अवसर पर का अितम लबा करक बोला जाता ह और उसकतीन का समय लगता ह उस कहत उदा ndash अर माधो हाय र

भी इसका करतसाननािसक और िनरननािसक ndash

जब का मख और नािसका स होता ह उस साननािसक कहत उदा ndash मा (आ)जब का कवल मख स होता ह उस िनरननािसक कहत उदा ndash अ इ उ

UNIT - 4

सहायता स का कर सकत कहततीन क होत ndash 1) 2) 3)

- 25 होत lsquoकrsquo स लकर lsquoमrsquo तक पाच-पाचक ख ग घ ङ ndash कच छ ज झ ञट ठ ड ढ णत थ द ध नप फ ब भ म

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इनक जीभ मह क न भाग का करती ह- इनका करत समय जीभ मह क भाग का करती हस इनका और क बीच ह का ह ndash lsquoबीच rsquo उदा ndash य

र ल व ndash य- इनक मख स रगड रवाकर िनकलती ह उदा ndash श ष स ह ndash

UNIT - 5

दो क पास पास होन क कारण उनक मल जान स जो होता ह उस सिध कहतउदा ndash राम + अवतार = रामावतार (अ+ अ= आ)

तीन होती ह ndash 1) 2) 3)

- दो क मल स जो होता ह उस कहत उदा ndash + =

(इ+ इ = ई)

क पाच भद होत ndash 1) 2) गण 3) 4) यण 5)

1) ndash दो र पास पास तो क बदल एक बन जाता ह उसकहत

उदा ndash + आलय =

+ =

+ उपदश =

2) गण ndash lsquoअrsquo या lsquoआrsquo क आग lsquoइrsquo या lsquoईrsquo लगा तो िमलकर lsquoएrsquo lsquoउrsquo या lsquoऊrsquo हो तोिमलकर lsquoओrsquo और lsquoऋrsquo हो तो िमलकर lsquoअरrsquo हो जातउदा ndash दव + = (अ + इ = ए)

सर + ईश = सरश (अ + ई = ए)

वीर + उिचत = वीरोिचत (अ + उ = ओ)

राज + = (अ + ऋ = अर)

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3) - lsquoअrsquo या lsquoआrsquo क आग lsquoएrsquo या lsquoऐrsquo हो तो िमलकर lsquoऐrsquo और lsquoओrsquo या lsquoऔrsquo हो तो िमलकरlsquoऔrsquo हो जात

उदा ndash एक + एक = एकक (अ+ ए = ऐ)

वन + औषिध = वनौषिध (अ+औ = औ)

4) यण - इ ई उ ऊ या ऋ क आग कोई तो इ ई क lsquoयrsquo उ ऊ कlsquoवrsquo और ऋ क lsquoरrsquo हो जाता ह

उदा ndash + = (इ+अ = य)

स + आगत = (उ+आ = व)

मात + = ndash (ऋ+आ = र)

5) - ए ओऐ औ स पर कोई हो तो lsquoएrsquo को lsquoअयrsquo lsquoओrsquo को lsquoअवrsquo lsquoऐrsquo को lsquoआयrsquo तथाlsquoऔrsquo को lsquoआवrsquo हो जाता ह

उदा ndash न + अन = नयन (ए को अय)

न + अक = नायक (ऐ को आय)

भो + अन = भवन( ओ को अव)

भौ + उक = भावक (औ को आव)

- जब एक दसर या स िमलता ह और उसक मल स जो होताह उस कहत

उदा ndash सत + उपयोग = सदपयोगिनयम

1) क च और प क आग कोई या का तीसरा चौथा अथवा य र ल व ह स कोईहो तो क - ग होता ह च - ज होता ह ndash होता ह और प ndash ब होता ह

उदा ndash वाक + ईश = वागीशअच + =

+ आनन = षडानन2) क पहल स पर कोई अननािसक हो तो पहला उसी का अननािसक हो

जाता हउदा ndash वाक + मय = (क का ङ अननािसक)

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3) lsquoतrsquo क साथ कोई ग घ द ध ब भ अथवा य र ल व कोई हो तो lsquoतrsquo का lsquo rsquo होजाता हउदा ndash जगत + ईश =

उत + गम =

तत + =

4) lsquoतrsquo क साथ lsquoचrsquo हो तो िमलकर lsquoचrsquo और lsquo rsquo क साथ lsquoछrsquo हो तो िमलकर lsquoजrsquo या lsquoझrsquo होजाता ह lsquoतrsquo क साथ lsquo rsquo lsquoड़rsquo या lsquoढ़rsquo होन पर िमलकर lsquo rsquo होता ह और lsquoतrsquo क साथ lsquoलrsquo हो तोिमलकर lsquoलrsquo हो जाता हउदा ndash उत + चारण = (त + च = )

सत + जन = (त + ज = )

बहत + = (त + ट = )

उत + डयन = (त + ड = )

तत + लीन = (त + ल = )

5) lsquoतrsquo lsquo rsquo क साथ lsquoहrsquo हो तो lsquoतrsquo lsquo rsquo होता ह और lsquo rsquo lsquoधrsquo हो जाता हउदा ndash तत + = ( त + ह - -ध)

lsquoछrsquo क कोई हो तो lsquoछrsquo lsquo rsquo बन जाता हउदा ndash आ + छादन =

+ छद =

6) lsquoमrsquo क साथ lsquoकrsquo स lsquoमrsquo तक का कोई हो तो lsquoमrsquo बन जाता हउदा ndash सम + =

सम + तोष = सतोष7) lsquoमrsquo क साथ य श ह तो lsquoमrsquo बन जाता ह

उदा ndash सम + हार = सहारसम + शय = सशयसम + योग = सयोग

8) ऋ र या ष क बाद lsquoनrsquo हो तो वह ण हो जाता हउदा ndash भष + अण = भषण (ष + न = ण)

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ऋ + न = ऋण (ऋ + न = ण)

9) अआ को छोडकर कोई क lsquoसrsquo क आ जाय तो lsquoसrsquo lsquoषrsquo बन जाता हउदा ndash अिभ + सक = अिभषक (इ+स = ष)

+ सम = (इ+स = ष)

10) र क साथ र हो तो पहला र का लोप होता ह और उसस पहल का होता हउदा ndash िनर + रस = नीरस

- और क साथ क मल स जो होता ह उस कहतउदा ndash मनः+ रथ = मनोरथ

दः+ उपयोग =

िनयम1) स अ हो और का तीसरा चौथा पाचवा अथवा यरलव आ जाय तो पहला lsquoअrsquo

और lsquo rsquo क पर lsquoओrsquo होता हउदा ndash यशः+ गान = यशोगान (श अ ओ)

मनः+ = (न अ ओ)

रजः+ गण = रजोगणसरः+ ज = सरोज

2) क बाद शषयस हो तो बाद क क समान बन जाता हउदा ndash दः+ शासन = ( भी श होता ह)

िनः+ = ( स बन जाता ह)

3) क इ या उ हो और उसक साथ कख या प फ स कोई हो तो lsquoषrsquo हो जाता हउदा ndash दः+ कर =

िनः+ पाप =

4) क lsquoअrsquo हो और उसक साथ lsquoअrsquo स कोई हो तो का लोप होता हउदा ndash अतः+ एव = अतएव

5) क अआ क और कोई हो अथवा उसक साथ का तीसरा चौथा पाचवाहो अथवा य र ल व ह स कोई हो तो र हो जाता ह

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उदा ndash िनः+ आशा = िनराशािनः+ =

िनः+ झर =

6) क अ और उसक साथ अ या का तीसरा चौथा पाचवा अथवा यरलवहस कोई हो तो अ क ओ होता ह

उदा ndash मनः+ अिभराम = मनोिभरामअधः+ गित = अधोगितमनः+ हर = मनोहर

इसक अलावा कछ अिनयिमत होती उदा ndash पराः+ कार =

नमः+ कार =

ितरः+ कार =

Module ll

UNIT - 6

एक स अिधक स बनी हई को कहत कोकरनवाल समह को कहत

उदा ndash लड़का कलमकछ होती जब व दसर क साथ जाती तब होती ऐसी

को कहतउदा ndash (lsquoकrsquo ह इसका कोई क साथ lsquoकrsquo लगन पर इसका होता ह)

दधवाला ndash(lsquoवालाrsquo का दध क साथ लगन पर वह होता ह)

क1 क आधार पर तीन क ndash 1) 2) यौिगक 3)

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ndash अपनी हो उनक क करन स कछ होता ऐसको कहत

उदा ndash धन घोडायौिगक ndash जो दो या दो स अिधक क योग स बनत यौिगक कहत

उदा ndash राज + महल = राजमहल+ =

ndash जो दो या दो स अिधक क मल स बनत हो को िछपाकरका बोध करात हो कहत

उदा - पकज = पक + ज (पकज का ह स इसका ह कमल)दशमख = दस + मख (दशमख का ह दस इसका ह रावण)

2 स क तीन भद - 1) वाचक 2) 3) या साकितकवाचक ndash जब उसी बोला या िलखा जाय और िलए बना ह तब उस वाचक कहत

उदा ndash गधा एक जानवर ह ( lsquoगधाrsquo वाचक ह)ndash जब कोई उसका न बतलाकर अपन या गण का बोध करानवाल कोकहत

राम एक गधा ह (यहा गधा का ह lsquo rsquo इस का होता ह ndash राम एक ह)

ndash जो स क करता ह और गढ़ स दसरा सिचतउदा - हो गया ( ह इसका होता ह lsquo समयrsquo)

3 स क भद ndash

क आधार पर क चार भद - 1) 2) 3) दशज 4)

ndash क जो करक का होत उसकहत उदा ndash वाय

ndash व जो स पर कछ करक करतउदा ndash -

- आसरा- आग- आस- सच

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दशज ndash य स बन क अनसार य क क

स बनउदा ndash पट

ndash य भारतीय भाषाओ क कई भाषाओ जस अरबी फारसी सकरत

उदा - स ndash िसनमा

अरबी स - मौलवी अदालत दिनया अमीरफारसी स ndash बाग आदमी चाक कारखाना

स - दारोग काब लाश तोपस - सरग दाम

UNIT - 7

कछ ऐसी होती जो होती जब व दसर क साथ जाती तब वहो जाती इस तरह को (Affix) कहत

उदा ndash कछ िनर वालादो क होत - 1) 2)

ndash जो क आरभ लगाकर उसक अ लाकर कर उसकहत

उदा ndash अप + यश = अपयश ( )

उप + वन = उपवन(बगीचा)+ योग = ( )

अन + पढ़ = अनपढ़ ( पढ़ करक)

क + = (बरा )

ndash जो या क लगाकर उनक को बदल कहतउदा - बढ़ा + पा = बढ़ापा (बढ़ापा )

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+ = ( स )

िलखा + आवट = िलखावटबरा + ई = बराईदध + वाला = दधवालाबच + पन = बचपन

UNIT - 8

समासरखनवाला दो या दो स अिधक या पद िमलाकर जब एक या पद बनत

इस मल को समास कहत िमल को पद अथवा सामािसक पद कहतउदा - घोड का सवार ndash घडसवार

सा मख ndash

धन का पद - धनपदकाठ पतली ndash कठपतली

समास होन पर बीच तथा का लोप होता हउदा - धन का पद - धनपद ( lsquoकाrsquo का लोप होता ह)

समास1 समास दो का योग होता ह2 दो क मल स एक पद बनता ह3 दो क बीच का लोप होता ह4 दो कभी पहला पद होता ह और कभी दसरा पद होता ह5 समास जडत तो क का होता ह

उदा ndash का = + =

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समास औरसमास दो का योग होता ह दो का योग होता ह क

होत होन पर दो क सयोग स पद भी िमल जात समासवाल औरसमास हो सकता हउदा ndash पीता र दो पद ह ndash lsquoपीतrsquo और lsquo rsquo करन पर इस तरह होता ह ndash पीत +

= समास करन पर lsquoपीत ह जो rsquo =

कवल होती ह समास होता ह क तोडनको द कहत समास क तोडन को कहत

ndash क को अलग अलग अपनी क रखकर उनक आपस क कोकरन को कहत

उदा ndash रातndash - इसका ह रात औरसमास क भद

समास क छः भद होत 1) 2) 3) 4) 5) 6)

1 समास ndash समास पहला हो उस समास कहत इसकापहला पद या पद होता ह

उदा ndash ( क अनसार)

आजीवन ( जीवन )

यथासमय (समय क अनसार)

2 समास ndash समास पद हो और समास करन पर पहली का लोपहो उस समास कहत

उदा ndash राजसभा (राज सभा)( को )

समास क दो भद ह ndash

1) 2) समानािधकरणi ndash पद का करन पर पहला और दसर

लगायी जाती हउदा ndash राज-सभा (राजा सभा)

पहल सबध कारक ह और दसर कारक ह

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क छः भद -

इस समास क पद कारक का लोप होता ह उसी कारक क अनसार इस समास कानाम होता ह ndash

१ ndash होती हउदा ndash ( को ndash को कारक ह)

२ करण - lsquoसrsquo हउदा ndash (अकाल स )

मनमाना (मन स माना हआ)

३ ndash lsquoक िलएrsquoउदा ndash रसोईघर (रसोई क िलए घर)

(हवन क िलए )

४ अपादान ndash lsquoसrsquo हउदा ndash ( स िगरा हआ)

(पद स )

(ऋण स )

५ सबध ndash lsquoकाrsquo lsquoकrsquo lsquo rsquo हउदा ndash सनापित (सना का पित)

राजमाता (राजा माता)( दश का )

६ अिधकरण ndash lsquo rsquo lsquoपरrsquo हउदा ndash वनवास (वन वास)

आपबीती (अपन आप पर बीती)( )

कभी कभी समास पद का लोप होता ह उस अलक कहतउदा ndash ( रहनवाला lsquo rsquo का लोप)

सरिसज (सर होनवाला lsquo rsquo का लोप)

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नञ ndash अभाव या िनषध का सिचत ककरनवाला lsquoअrsquo या lsquoअनrsquo लगान स बननवाल को lsquoनञrsquo

कहतउदा ndash ( जो न हो)

अनपढ़ ( न पढ़ा हआ)

अछता ( न छआ हआ)

उप पद ndash समास कोई उप पद न हो तथा बाद पद हो उस lsquoउप पद rsquo कहतउदा ndash जलज (जल ) ndash कलम

मनोज ndash (मन जात) - कामदवii समानािधकरण - समास क क बाद एक कारक

आती ह उस समानािधकरण अथवा कहत इस समास क पद उपमान- उपमय अथवाndash हउदा ndash नील कमल - नीला कमल

यहा नीला और कमल हम ndash घन (बादल) (काला) उपमान और उपमय

कभी कभी सबध बतानवाल बीच क पद का लोप भी होता ह lsquo rsquo समासपहल का दसर स सबध बतानवाल बीच क पद का लोप होता ह उस समास कहत

iii समास ndash समास क होता ह और समदाय का बोधहोता ह उस समास कहत

उदा ndash (तीन का समाहार)

चौमासा (चार का समह)

iv समास ndash समास होत और करन पर और या अथवा योजकलगत उस समास कहत

उदा ndash ndash औरndash पाप और

तन-मन ndash तन और मनसमास क का िलग साधारणतया म क अनसार होता ह कभी कभी

हो तो उसी क अनसार िलग हो जाता हउदा ndash राजा-रानी आय

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समास एक स अिधक जडतउदा ndash माता ndash आय राम- आत थ

कभी कभी बहवचन - सचक क साथ भी पाया जाता हउदा ndash आपक लडक-

v ब समास ndash इस समास स कोई पद होता पर समास पद पदका होता ह इस समास कहत

उदा ndash र (पीत ह )

अनग ( ह अग - कामदव)

समास पद का पहला दसर क होता ह समासपद अपन स का होत ह कई पद भद स क

समास हउदा ndash मगलोचन - 1) मग क लोचन ndash

2) मग क समान लोचनवाला ndash समास- 1) पीला कपडा ndash

2) पीला ह अबर (कपडा) वह ( ndash समास)

Module lll

UNIT - 9

क िलग वचन कारक अथवा काल क अनसार होता ह

कहत औरया - क िलग वचन कारक अथवा काल क अनसार कोई

होता व ह सचक व ह सचक या ह

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PRACTICAL GRAMMAR (APPLIED GRAMMAR) Page 21

UNIT - 10

(NOUN)वह ह या भाव को सिचत करता ह राम ( )

( ) ( ) क तीन ndash

a) (Proper Noun)

b) जाितवाचक (Common Noun)

c) भाववाचक ( Abstract Noun)

A ndash उस कहत एक का बोध होता हउदा ndash राम गगा

B जाितवाचक ndash जाितवाचक स एक जाित क सब का बोध होता हउदा - नगर सभा जल

स सभी जाित का बोध होता ह का य जाित क आधार पर होत

स सजातीय क समह को करत उस समहवाचक कहत उदा ndash सनास का बोध का बोध होता ह उस कहत

उदा - सोना पानी लोहाC भाववाचक ndash भाववाचक व क गण दोष कासचना होती ह

उदा - गण दोष ndash िमठास कटता नीचता- लडकपन यौवन दासता

भाव ndash शोक भयD जब गण को करत तब व जाितवाचक बनत

उदा ndash ह तम बनोइस स ह ndash पर रहनवाला यह जाितवाचक हकभी कभी जाितवाचक होती

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PRACTICAL GRAMMAR (APPLIED GRAMMAR) Page 22

उदा ndash गािधजी कल यहा यहा गािधजी हE भाववाचक कभी कभी जाितवाचक क समान होती

उदा ndash हाथी और घोड बडा ह यहा चाल जाितवाचक हभाववाचक चार स बनती

a) जाितवाचक स ndash लडका ndash लडकपनndash

b) स ndash अह ndash अहकारअपना ndash अपनापन

c) स ndash चतर ndash चतराईमीठा ndash िमठास

d) स ndash चढ़ना ndash चढ़ाईसजाना ndash सजावटघबराना ndash घबराहट

F क समान होन वालउदा ndash का आधर गणी- ह यहा क समान होत उदा ndash का कहना

मानो lsquoबडाrsquo ह यह क पर होता हका

एक स अिधक स बनत क एक दसर क िमलन स का होता हक क होता ह इस कहत का िलग वचनऔर कारक क कारण होता ह

उदा ndash लड़का पठता ह ndash पठती ह ( िलग क कारण)

लड़का दौडता ह - लड़क दौडत (वचन क कारण)

लाओ ndash मज़ पर ह ( कारक क कारण)

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PRACTICAL GRAMMAR (APPLIED GRAMMAR) Page 23

UNIT - 11

िलगक जाित का बोध होता ह उस िलग कहत दो िलग ndash और

a ndash जाित का बोध करानवाल को िलग कहत उदा ndash सीताb - जाित का बोध करानवाल को कहत उदा ndash लड़का नर राम

बदगी ह उदा ndash पड नगर ह उदा ndash लता

जो ह व ह उदा ndash भाई बलकई स क नर और मादा का बोध होता ह पर उनका एक िनयम

िलग स होता हndash कौआ चीता ndash कोयल चील मना

जाितभद करन किलए इनक साथ नर या मादा लगाना उदा ndash नर कौआ मादाकौआ नर चीता मादा चीता

क अत आ पा आव और पन हो होतउदा ndash बढ़ापा चढ़ाव लडकपन

क अत आई वट हट और ता हो व होतउदा ndash चढ़ाई सजावच सरलता

स बनान का िनयमक क अ को आ करन स ndash उदा ndash ndash बाल ndash बाला सत ndash सता तनज ndash

तनजा ख क अ को ई करन स ndash उदा ndash दव ndash दवी ndash कबतर ndash मग ndash

मगीग कछ क आ को ई करन स ndash उदा ndash रसा ndash रसी लडक़ा ndash

घ क आ को इया करन स ndash उदा ndash ndash बढ़ा ndash चहा ndash

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PRACTICAL GRAMMAR (APPLIED GRAMMAR) Page 24

ङ या क क इन लगान स ndash उदा ndash सनार ndash

धोबी ndash कहार ndash

च कछ क नी या आनी लगान स ndash उदा ndash िसह ndash िसहनी महतर ndash महतरानी मोर ndash

मोरनीछ उपनामवाचक क क पर आइन लगान स ndash उदा ndash बाब ndash बबआइन

ठाकर ndash ठकराइन पाड ndash पाडाइन ज कछ क ndash उदा ndash ndashमाता ndashऔरत वर- वध मा ndash

बाप ndashभाई

स बनान का िनयमa कछ lsquoओईrsquo lsquoआवrsquo और lsquoऔराrsquo लगान स ndash

उदा ndash बहन ndash बहनाई ननद ndash ननदोई ndash िसल ndash िसलौरा b कछ क lsquoईrsquo को lsquoआrsquo करन स ndash

उदा ndash जीजी ndash जीजा झोली ndash झोला c कछ क lsquoईrsquo को lsquoअrsquo करन स ndash

उदा ndash ndash d क अत lsquoआrsquo लगान स ndash

उदा ndash

UNIT ndash 12

वचन (Number)स और क स स यह त हो वह एक क िलए होता ह या अिधक

क िलए इस वचन कहत वचन दो क होत ndash

1) एकवचन (Singular)

2) बहवचन (Plural)

1) एकवचनःस क स स एक का बोध करान वाला एकवचन हउदाः पढ़ती ह ( ndash एकवचन ह)

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2) बहवचनःस क स स एक स अिधक का बोध हो उस बहवचन कहतउदाः पढ़ती ( ndash बहवचन ह)

कभी कभी आदर क िलए एकवचन बहवचन क होतउदाः अब )बहवचन(

बहवचन बनान का िनयमः-)क ( क lsquoआrsquo क पर lsquoएrsquo लगा दन स एकवचन का बहवचन बन जाता ह

उदा ndash लड़का ndash लडक कपड़ा ndash कपड़ बटा ndash बट lsquo rsquo क सभी क (

) एक समान रहतक बहवचन बनान का िनयम

lsquo rsquo तथा lsquo rsquo क lsquoअrsquo lsquoआrsquo क पर lsquoएrsquo का करन स बहवचनबनाया जाता ह

उदाः ndash गाय ndash ndash रात ndash lsquo rsquo तथा lsquo rsquo क lsquoयाrsquo जोड़न स बहवचन िमलता ह इस lsquoईrsquo क

पर lsquoइrsquo होता हउदाः ndash ndash ndash

स क lsquoयाrsquo हो उनक lsquoयाrsquo क ऊपर कवल लगान पर-

उदाः ndash -

क बाद lsquoएrsquo या lsquo rsquo जोड़न स शष का बहवचन िमलता हउदाः लता ndash लताए -

)ग( िनयम -

)1( )बहवचन( सिचत करन क िलए कभी कभी क एकवचन क साथ गण लोग

जोडतउदा ndash पाठकगण बाब लोग

(2) कछ हमशा बहवचन बोल जातउदा ndash लोग होश

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3) जाितवाचक स ऐ हमशा बहवचन होती ह जब और भाववाचक काजब जाितवाचक क समान होता ह तब व बहवचन होता ह

उदा ndash भारत रावण कमी (यहा रावण जाितवाचक ह)

(4) जब जाितवाचक क समान होता ह तब व बहवचन क होतउदा ndash और क ह (जल बहवचन एव जाितवाचक ह)

UNIT - 13

कारक (Case)या क स उसका क क साथ होता ह उस

कारक कहतउदा ndash राम न रावण को माराइस lsquoनrsquo और lsquoकोrsquo इन क उसका सिचत होता हउदा ndash मारा - राम lsquoनrsquo

मारा ndash रावण lsquoकोrsquo इसिलए य कारककारक क आठ भद होत ndash

कारक - नकारक - को

करण कारक - सकारक - को

अपादान कारक - सकारक - का क

अिधकरण कारक - पर

सबोधन कारक - ह अर अपी अहो क कारक ndash (Nominative)

या क स करनवाला या का बोध होता ह उस कारक कहतlsquoनrsquo ह

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उदा ndash राम गयामोहन न खाया

lsquoरामrsquo और lsquoमोहनrsquo कारक ह न हक को सिचत करन क िलए कोई जाती ह

उदा ndash राम न िलखी ख कारक (Accusative)

या पर क का फल पडता ह उस कारक कहत उदा - राम न रावण को मारा

रावण मारा गया ह यहा lsquoरावणrsquo कारक ह lsquoकोrsquo हकभी कभी lsquoकोrsquo का लोप होता ह

उदा ndash राम न िलखायहा lsquoकोrsquo का लोप होता ह ऐसा भी होता ह - राम न को िलखा

ग करण कारक ( Instrumental)

क साधन का बोध करानवाल क को करण कारक कहत lsquoसrsquo ह उदा ndash

कलम स िलखतिलखन का साधन कलम ह कलम क िलखन होती ह

घ कारक ( Dative)

कारक का वह ह जो उस का बोध कराता ह िलए कोई कामlsquoकोrsquo lsquoक िलएrsquo ह

उदा ndash मोहन न राम को पाच मोहन न राम क िलए पाच

ङ अपादान कारक (Ablative)

का वह ह क स पथक होन का बोध हो उस अपादान कारककहत lsquoसrsquo ह

उदा ndash स िगरतयहा स का सिचत होता ह कारक और अपादान कारक lsquoसrsquo ह

करण कारक lsquoसrsquo साधन सिचत होता ह अपादान कारक lsquoसrsquo सिचत होता ह

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कलम स िलखता ह - करण कारकस आ रहा ह - अपादान कारक

च कारक (Genitive)

क स उसका स होता ह उस कारक कहतlsquoकाrsquo lsquoकrsquo lsquo rsquo

उदा ndash राम का घोडा राम क घोड राम बहन छ अिधकरण कारक (Locative)

क स क आधार का बोध होता ह उस अिधकरण कारक कहत lsquo rsquo

और lsquoपरrsquo उदा ndash शर जगल रहता ह

मज़ पर ह अिधकरण तीन क होत ndash

क कालािधकरण ndash का काल होता ह उस कालािधकरण कहत उदा ndash राम दोपहरस आयगा

ख भावािधकरण ndash क भाव क भावािधकरण होता ह उदा ndash शर को दखकरभय होता ह

ग ndash पर होती ह उस कहत उदा ndash मज़ पर ह कालवाचक और क सात कभी कभी लगती उदा ndash कल रात मसलधार हई ( कल रात मसलधार हई ndash lsquo rsquo का लोप)

ज सबोधन (Vocative)

क स को पकारना सिचत होता ह उस सबोधन कारक कहत हउदा ndash ह राम वहा मत आना

सबोधन कारक कोई ह उसको करन क िलए lsquoहrsquo lsquoअरrsquo कोलगाय जात

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UNIT - 14

( Pronoun)क उसक को करन क िलए का जाता ह

कहत उदा ndash राम जाता ह वह अपनी जाता हउसन कहा ndash लाना भल गया वह अपनी राम जगह हए ह

इसिलए ह को हटान क िलए का जाता हयोग क अनसार क पाच भद होत

1) - त यह वह (एव) हम तम य व आप (बव)

2) ndash यह वह (एव) य व (बव)

3) ndash कोई कछ (एव - बव)

4) ndash जो सो (एव - बव)

5) ndash कौन (एव - बव)

क ndash या लखक बोलत या िलखत समय या तो अपन कछ कहता ह या सननवालऔर पढ़नवाल क अथवा अपन और सननवाल को छोडकर क

कहत स बोलनवाल सननवाल और क कछ कहा जाए उस कोकहत

तीन क होत ndash औरndash बोलनवाला या िलखनवाला अपनिलए का करता ह उस

कहत (एव) हम (बव)ndash सननवाल या पढ़नवाल क िलए का होता ह उस कहत

जस ndashत तम और आप ndash क कछ कहा या िलखा जाए उसक िलए होन वाल को

कहत जस ndash यह वह (एव) य व (बव)और हम ह एकवचन ह हम बहवचन ह का हम

क बहवचन स ह यहा हम क पर होता ह हम का एकवचनऔर बहवचन होत

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त और तम क आदर क िलए आपका करत जस ndash तमयहा आओ इसी क पर आप यहा ए कभी कभी यह और वह क भी आप का

होता ह जस ndash आप मर कभी कभी आदर क िलए आप का करत बहवचन सिचत करन क िलए आप क साथ lsquoलोगrsquo

जोडा जाता ह जस ndash आप लोग यहािनजवाचक आप और चक आप भद होता ह िनजवाचक आप समान स एक वचन

और बहवचन आता ह जस ndash आप पढ़गा हम आपवह कवल बहवचन करत िनचवाचक आप तीन स

होत आप कवल और करतlsquoआपrsquo अकला जाता ह िनजवाचक आप तथा क साथ आता ह जस ndash त

आप कामकभी (2) आप भल अकला आ सकता ह जस ndash आप भला तो जग भला वह अपन आप समझ गया

व ऒर सकत जाता हसकतवाचक और िनदशवाचक भी कहत जस ndash यह वह य व

हम तम आप यह य व इन या क साथ अिधकताकरन क िलए lsquo rsquo lsquoईrsquo य जोडत झस ndash त आप

स या क बात का बोध न हो उसकहत जस ndash कोई कछ

a lsquoकोईrsquo का क िलए होता ह जस ndash बाहर स कोई आ रहा ह b जब का पता न होन पर ndash जस ndash अर कोई कमर ह

c क lsquoकोईrsquo लग तो उसका लगभग होता ह जस - कॉलज स कोई पाच सौभाग

d lsquoकोईrsquo जब दोहराया जाता ह तब को सिचत करता ह जस कोई कोई पर को रोकतe कोई क साथ एक लग जान पर सिचत करता ह जस ndash तम स कोई एक गा सकगा

कछ का अनिगनत क िलए होता ह जस ndash कछ हक िलए होता ह जस ndash पानी कछ ह

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कोई का क िलए होता ह और कछ का क िलए होता हघ वाचक

स दो और क बीच क का बोध हो उस वाचक कहतजो सो जस ndash आपन जो कहा सो हो गया

कभी कभी जो या सो स एक रहता ह जस जो गाता ह बात हङ ndash करन क िलए का होता ह कहत

उदा ndash आप सोचत आज कौन आएगाकौन का क िलए होता ह का क िलए होता ह जस ndash कौन

बोलगा थली हकभी कभी कौन का क िलए होता हजस - बाधा डालनवाल तम कौन होिभ किलए lsquoकौनrsquo को दोहरा भी जाता ह जस ndash कौन कौन लाएग

क कौन का होता ह जस - इसन कौन अपराधक िलए को दोहरा दता ह जस ndash राम न

का क भी होता ह जस ndash तम मझस लडोगका

वचन और कारक क कारण भी होत िलग क कारण होताका और एक स होता ह

सबोधन होतास क पर होता ह उसी क अनसार उस क िलग वचन भी होता ह

काकारक एकवचन बहवचन

हममझको मझ हमको

करण मझस हमसमझको मरिलएमझ हमको हमार िलए

अपादान मझस हमसमरामर हमारा हमार

अिधकरण मझपर हमपर

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तकरक एकवचन बहवचन

तन तम तमनतझको तझ तमको

करण तझस तमसतरातर

अिधकरण तझपर तमपर

वहकरक एकवचन बहवचन

वहउसन व

उसको उस उनकोकरण उसस उनस

उसक िलए उस उनक िलए

अपादान उसस उनसउसका उसक उनका उनक

अिधकरण उस पर उनपर

UNIT - 15

(Adjective)स या सिचत कर उस कहत जस ndash रशमी

कपडा लाल कमलबतलाई जाए उस कहत जस ndash लड़का

ह लड़का हजो क पहल आता ह उस कहत जस ndash फल

ह फल ह इसिलए यह ह

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जो क बाद आता ह उस कहत जस ndash वह लड़का बड़ा होिशयार ह लडका ह होिशयार ह क बाद आन क कारण यह ह

जो क साथ उसको करन क िलए होता ह उस समानािधकरण कहत जस ndash रामनाथ कहता ह

रामनाथ क साथ समानािधकरण ह चार क ndash

क गणवाचक (Adjectives of Quality)

ख (Adjectives of number)

ग (Adjective)

घ या (Demonstrative Adjective)

१ गणवाचकजो क गण रग आकार को बतलानवाल को गणवाचक कहत

जस ndash लबा सशील काला गोल गणवाचक क बदल बहधा क क भी आतजस ndash राजा ( का राजा )

जापानी कपड़ा (जापान का कपड़ा)गणवाचचक का होता ह तब उनका क समान होता ह

जस ndash न सच कहा ह२ - क गणना का बोध हो उस

कहत जस ndash एक दो पहला दसरा दगनाक तीन भद होत ndash

1) 2) 3) बोधक या बोधकndash इसस का बोध होता ह जस ndash चार आठ सात

क चार भद ndash

a गणनावाचक ndash गणनावाचक षण स गणना का बोध होता ह जस ndash एक चार फल सात

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गणनावाचक क साथ एक लगान स लगभग का होता ह जस ndash एक आदमी ndash

लगभग आदमी b ndash स क गणना का होता ह जस ndash पहला

दसरा चौथाc ndash गणनावाचक क lsquoगनाrsquo लगान स बनत जस

ndash दगना ितगना ३ - स माप- तोल या का पता होता ह उस

कहत जस ndash दो सर चावल चार गज कपडा

क दो भद होत ndash

1) और 2)

ण - स का पता लगता हजौस - दो सर चावल

- स का पता नलगता ह जौस ndash बहत दध

४ या - स ऒर या सकत जाता ह उसकहत lsquoयहrsquo lsquoवहrsquo स जाता ह इसिलए इसकहत

जस ndash यह वह जब क हो तब वह बन जाता ह

जस ndash वह घर राम का ह कई ऐस मल जसा रहता ह

जस ndash वह यह क

भी िलग वचन और कारक क अनसार होता ह क िलग और कारक ककारण कछ होता ह

जस ndash काला कपड़ा - काला कपड़काला धोती - काला धोितया

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क साथ ई हो जातजस - काली धोती

क होता ह जो क होन परहोता ह जस ndash वह घोड़ा व घोड़

पथकता अथवा अिधकता क िलए को दहराता ह ndash

जस ndash छोट छोट फल लालका भी होता ह जस ndash बडा लड़का

गणवाचक और जब करत तब वह बन जात

जस ndash थोड़ा खा गया चावल बहत ह क साथ जब आता और व बन जात तब उनक साथ

भी लगती जस ndash को दान दो

UNIT - 16

(Verb)

काम क करन या होन का बोध हो उस कहतजस पढ़ना खाना दौडना पहनना

धात ndash क मल को धात कहत उदा- पढ़ना खलना खानाय सब मल धात lsquoपढ़rsquo lsquoखलrsquo lsquoखाrsquo ह मल धात lsquoनाrsquo जोडकर का िमलताह

i क आधार पर क दो भद होत - 1) 2)

1) (Transitive Verb) ndash क का फल को छोड पर पडता हउस कहत

उदा ndash राम पढ़ता ह

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राम ह ह और का पर पडता ह2) (Intransitive Verb) - क का फल पर पडता ह उस

कहत का अभाव हउदा ndash मोहन सोता ह

कभी कभी एक होता ह और कभी कभी दो भी होत एक होन वालको एक lsquo rsquo कहत

उदा ndash राम न खाना खायाखाना ह कवल एक होता ह दो होन वाली को

कहतउदा ndash मा न को दध

दो होत ndash lsquo rsquo और lsquoदधrsquo दो होत एक lsquo rsquo और दसराlsquoगौणrsquo

उदा ndash मा न को दधइस lsquoगौणrsquo ह दध lsquo rsquo ह lsquoगौणrsquo कभी कभी होता हउदा ndash न कथा सनाई

ii क भद1 - व होती ह आशय अथवा स परा होताको परा करन क िलए दसर होती ह ऐसी को कहतयह दो क होती ह१ ndash का अभाव हउदा ndash वह ह यहा क को परा करन क िलए जोडा गया ह२ ndash होन पर भी का भाव परा न हो उस को

कहतउदा ndash सीता न पढ़ाया

यहा परा सीता न lsquo rsquo पढ़ाया lsquo rsquo पढ़ाया यह परा इसिलए यहह यहा होन पर भी का भाव परा होता

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३ परक - को परा करन क िलए या पडती ह

परक कहत क परक lsquo परकrsquo तथा क परक lsquo परकrsquo

होतउदा ndash उस होिशयार समझता ह ( परक)

राम बलवान ह ( परक)

iii यौिगक धात ndashक स धातओ क दो भद होत 1) मल धात 2) यौिगक धात

मल धात - मल धात व जो दसर स न बन जस ndash कर बठ पढ़ यौिगक धात ndash यौिगक धात व जो दसर स बनाय जात उदा ndash खाना स नाम धात ndash जो या क आधार पर बनती ह उस नाम धात कहत

उदा ndash हाथ स हिथयानास

अपना स अपनानाiv - स यह जान पडता ह को न करक दसर को

करन दता ह उस (casual verbs) कहतउदा ndash राम न मोहन स िलखवाया यहा राम न िलखकर मोहन स िलखवाता ह इसिलए यह ह

करनवाल को और जाती ह उस कहतराम न मोहन स िलखवाया राम ह और मोहन हमल जो होती ह उनस और बन सकती हस और बन सकती उदा ndash दध पीता ह

पीना ह इसस बनती ह ndash मा को दध हस बना सकती ह उदा - मा नौकर स को दध ह

बनान का िनयममल धात क आ जोडन स और वा जोडन स या

बनती ह

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उदा ndash उठना ndash उठाना - उठवानाचलना ndash चलाना - चलवानापढ़ना ndash पढाना - पढ़वाना

दो क धातओ ए और औ को छोडकर पहला हो जाता हउदा ndash जागना ndash जगाना ndash जगवाना

भलना ndash भलाना - भलवानाछोडना ndash छडाना ndash छडवाना

धातओ क ला और लवा लगात तब हो जाता हउदा ndash पीना ndash ndash

सोना ndash सलाना ndash सलवानाखाना ndash -

v नाम धात - को छोडकर जोडन स जो धात बनती ह अथवा जो नाम (

या ) धात क समान होत नामधात कहत जो नामधात लगान सबनत आ ओऔर ला लगात पहला हो जाता ह

उदा ndash लाज ndash ndash लजानाहाथ ndash हिथया ndash हिथयानाझठ ndash झठला ndash झठलाना

UNIT - 17

काल (Tense)क स क होन का समय और अथवा का बोध हो उस काल

कहत काल क तीन भद होत1) भतकाल2) काल3) काल

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भतकालस का बोध हो उस भतकाल कहत

उदा ndash राम न िलखी भतकाल क छः भद - भत भत भत भत भत हत-हतमत भत

भत ndash क स भतकाल क समय का बोध न हो उस भत कहतउदा ndash मोहन न खत िलखायहा का बोध होता जो भतकाल हई ह भतकाल ndash क स का का समय अभी अभी हआ ह इसका बोध

होता ह उस भतकाल कहत उदा ndash राम न ह

इसस पहल अभी अभी हई हभत ndash क स यह होता ह क को हए बहत समय हो चका ह उसभत कहत

उदा ndash न दध थास हो क साथ lsquoथाrsquo lsquoथrsquo lsquoथीrsquo लगान स भतकािलक

िमलता हभत - क उस को भत कहत यह हो भतकाल हो थी पर

का पता न लग उस भतकाल कहतउदा - वह पढ़ रहा था वह सोता था

कब समा हआ इसका पता क साथ lsquoता थाrsquo lsquoत थrsquo lsquoरहा थाrsquo lsquoरह थrsquo लगानाभत काल ndash क स भतकाल सचना िमलती ह उसक होन कछ हो उसभत कहतउदा ndash वह आया होगा

उसन खाया होगा भतकाल हो थी ह क साथ lsquoहगाrsquo lsquoहगीrsquo lsquoहोगाrsquo lsquoहोगीrsquo

lsquo rsquo जोडन स भतकाल िमलता हहत-हतमत भतकाल ndash क स यह पाया जाय भतकाल होना सभव थाकारण स न हो सका उस हत-हतमत भतकाल कहत

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(Present Tense)

क को काल कहत रहती ह

होती उस काल कहतउदा ndash राम पढ़ता ह

सीता गीत गा हकाल तीन क होत ndash 1) काल 2) काल 3)

काल - वह ह स का काल होना पाया जाय

उस कहतउदा ndash मोहन पढ़ता ह

रमा गाती ह क साथ lsquoताrsquo lsquoतrsquo lsquoतीrsquo जोडन स बनत

- वह ह काल क होन पायाजायउदा ndash वह खाता होगा

सीता जाती होगी क साथ lsquoता होगाrsquo lsquoती होगीrsquo lsquoत rsquo lsquoती rsquo लगान स िमलत

ndash का वह ह यह होता ह का अभी ह

होता उस कहत उदा ndash वह खा रहा ह

चल हक साथ lsquoरहाrsquo lsquo rsquo lsquoरहrsquo जोडन स िमलती ह

काल ( Future Tense)

होनवाली को काल कहत काल क दो भद ndash 1)

काल 2) कालकाल ndash का वह ह स क आग होन सचना िमल उसकाल कहत

उदा ndash वह आयगा

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राम आज बबई जायगासीता कल घर आयगी

क साथ lsquoयगाrsquo lsquoयगीrsquo lsquoयगrsquo जोडन स िमलतकाल ndash क होन सभावना हो उस काल कहत

उदा ndash सभव ह आज हो स lsquoगाrsquo lsquoगrsquo lsquoगीrsquo पथक कर दन स काल िमलगा

UNIT ndash 18

(Voice)उस कहत यह जाना जाय का ह

ह या कवल भाव ह उस कहतउदा ndash राम न रावण को मारा

तीन क ndash 1) 2) 3) भाव- ह हमशा क िलग वचन और क अनसार होता ह

उस कहतउदा ndash लडका पढ़ता ह

लड़का ह और ग ह इसिलए भी होना हसीता िलखती ह इसम सीता ह इसिलए ह का सीधा स होताह

ndash क िलग वचन क अनसार हो उस कहतह का होता ह

उदा ndash राम िलखता हह इसिलए यह ह धानता होती ह और का

स होता ह क िलग वचन क अनसार बदलती ह हमशाहोता ह का होना ह

उदा ndash राम न रावण को मारा -

राम स रावण मारा गया -

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रावण ह ह क का ह गौण का रहता ह

उदा ndash मा न को दध मा स को दध गया

दो होत ndash और दध ndash भाव होती ह यह हमशा स बनता ह हमशा

एकवचन और होती ह इसका होता ह उदा ndash यहा बठा जाता

मझस पढ़ा जाता स या बनान

को भत क करना उसक साथ काल वचन और िलग कअनसार जाना क जोडन ऐसा करन स स औरक स भा बनती ह

उदा ndash 1) राम न रावण को मारा -

राम स रावण मारा गया -

2) राम रावण को मारगा -

राम स रावण मारा जायगा -

3) राम रावण को मारता ह -

राम स रावण मारा जाता -

पहल lsquoमाराrsquo भतकािलक ह इसिलए lsquoमाराrsquo क साथ lsquoजानाrsquo का भतकािलकजोडना

दसर lsquoमारगाrsquo काल ह इसिलए lsquoमाराrsquo भतकािलक बदलकरlsquoजानाrsquo का काल lsquoजायगाrsquo जोडना

तीसर काल ह को भतकािलक बदलकर (मारा) उसक साथजाना का (जाता) जोडना

स बन सकता हउदा ndash मोहन उठता ( )

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मोहन स उठा जाता - ( )

वीणा चलती ( )

वीणा स चला जाता - ( )

UNIT ndash 19

याअभी तक हमन क बार पढ़ िलया ह उनक िलग वचन और कारक क अनसार

आता ह इसिलए कहत का ह अब हम क दसरया क बार

चार क होत ndash 1) 2) बोधक 3) बोधक 4)

बोधक

UNIT ndash 20

ndash Adverbउस कहत होती ह

उदा - रमश चलता हइस lsquoचलनाrsquo ह ndash ह lsquo rsquo इसिलए lsquo rsquo ह

स क तीन भद ह - 1) साधारण 2) सयोजक 3) साधारण - साधारण वह ह होता ह साधारण या

कहत जस ndash खब पढ़ो दौडो सयोजक ndash का स या स होता ह सयोजक

कहत जस ndash जहा तक हम चल सक वहा तक ह

योजना का सयोजक स होता ह- का क

भद क साथ होता ह कहत

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जस ndash गह खाओग

कह तो लो होता ह व कवल गह खात और कछ खायगा इन

ह हो जान स का बदल जाता ह जस ndash वह काम करगा इसका यह ह जो काम उस ह कवल वह करगा और कछ

क आधार पर क चार भद होत ndash 1) कालवाचक 2) 3)

4)

कालवाचक ndash स समय अविध तथा काल का बोध होता ह कालवाचककहतजस ndash काम को अभी पढ़ना

आजकल रोज़ होती ह कभी कभी भी रात क समान लगता ह मोहन पढ़ाई सदा ह

अभी आजकल कभी कभी सदा कालवाचक ह ndash स क का बोध होता ह

कहत उदा ndash जहा तक जा सक वहा तक जाओ

जाओ और वहा लटो घर क सामन एक ह बाहर रोशनी भीतर अधरा

हाथ स मारत जहा वहा सामन बाहर भीतर ndash स अिधकता- का बोध होता ह

कहत जस ndash उतना पढ़ो हो

चावल थोडा खाओ खब खाना

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अपना थोडा खब

व क होन का ढ़ग का पता िमलता ह जस ndash राहल धीर धीर चलता ह

सीता मधरतम गाती ह यथा हम तथा िमलत

धीर धीर मधरतम यथा-तथा

UNIT - 21

बोधकबोधक ह जो या क साथ आकर उनका क

क साथ बनात उदा ndash धन क कोई काम न चलता

घर क नीच एक तालाब ह क पास एक भी ह

नीच पास बोधक ह क अनसार बोधक क दो भद होत ndash 1) 2)

क ndash य या क बाद आतउदा - घर क भीतर घर क पीछ घर ऒर

कारक भी आती ह जस का क कभी कभी अपादान कारक या भी आती ह

उदा ndash इनस पहल आया राम का मकान मोहन क घर स पर

lsquoसrsquo lsquoपरrsquo अपादान कारक क ndash यह स क क साथ आत

जस ndash दो तक राम रहगा

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घड भर पानी क िलए पाच दन ग lsquoतकrsquo lsquoभरrsquo सचक

UNIT - 22

( Conjunctions)योजक या व जो या न बतला कर एक या का

दसर या स जोडत बोधक कहतजस ndash सीता और गीता अपन घर गयी

सीता और गीता को िमलानवाला योजक lsquoऔरrsquo ह क तीन भद ndash 1) सयोजक 2) 3) भदबोधक

1) सयोजक ndash कई का सयोग करनवाल को सयोजक कहत इसक दो याका मल होता ह

उदा ndash और राम कल बबई और वहा उनक साथ मोहन भी lsquoऔरrsquo lsquoभीrsquo सयोजक ह

2) ndash जो का बोध कराए कहत जस ndash चाह दश सवा करनी या अथवा मानवीय को पहचानना

lsquoयाrsquo lsquoअथवाrsquo lsquoवाrsquo lsquoचाहrsquo को करनवाल ह 3) भदबोधक ndash दो स एक स भद बतलानवाल को भदबोधक कहत य कई क होत

क ndash दो म स पहल का िनषध या सिचत करत जस ndash

पर मगर वरन उदा ndash मझ वहा जाना था क कारण जा न सका

ख - कारणवाचक और उपदशमलक ndashइसिलए सो अतः इसिलए

इस क ह जस ndash राम समय पर आ न सका इसिलए जा न सका

ग सकतबोधक ndash ndash तो जो ndash तो प सकतबोधक ह जस ndash तम कहत तो जाता

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घ ndash इन पहली बात का और होता ह यान मानो यहा तक इस क ह

जस ndash कोई भी समय पर पहचा यहा तक भी 10 बज तक न आय क और दो भद होत ndash 1) समानािधकरण 2)

समानािधकरण ndash समान पद क या को जोडत जो एक क हो वसमानािधकरण धक कहत जस ndash क मा-बाप का अजीब ह समानािधकरण क चार उपभद होत ndash

1) सयोजक ndash और तथा भी एव 2) क ndash या वा अथवा चाह 3) ndash पर मगर 4) ndash इसिलए अतः

ndash को स जोडनवाल कोकहत

जस ndash आज नौकरानी आयगी वह बीमार ह क चार उपभद होत ndash

१ ndash यान मानो २ करणवाचक ndash जो इसिलए ३ उपदशवाचक - जो ४ सकतवाचक ndash - तो जो-तो -

4) ndash ndash स क शोक घणाको करनवाल को -बोधक कहत

जस ndash हाय अब अर आप कहा जा रह

ह राम करो को सिचत करन क िलए - लात

बोधक क सात भद ndash

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1) बोधक ndash वाह ndashवाह - आहा शबाश

2) शोक बोधक ndash आह ऊह हा-हा ndash

3) बोधक ndash अहो ऒह

4) अनमोदन बोधक ndash हा-हा वाह शबाश

5) बोधक ndash िछ हट अर िधक

6) ndash बहत हा जी हा7) सबोधन बोधक ndash अर र अपी अहो

कभी कभी भी हो जातजस ndash भगवान लो चप कभी कभी या भी होत जस ndash न हो बहत हो गया

जब क समान होत तब वह होता तब वमनोभाव को करात

जस ndash हाय हाय मचा रखी ह

सब लोग - पकार उठहाय ndash हाय - क समान ह इसिलए यह बोधक ह

UNIT - 23

क भद क स बनान का िनयम

क पर जायगास बनता ह एक या अिधक स बनता ह एक स अिधक स बनता

ह कहन या िलखनवाल का परा भाव हो जाय तो उस कहतजस ndash मोहन पढ़ता ह

राम िलखता ह इन स लखक का परा भाव होता ह

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ndash कछ ऐस होत और क रहन पर भी कहन या िलखनवाल का परा आशयहोता क समह को और क रहन पर भी जो कछ सनन

बनी रह कहत दो क होत ndash 1) 2)

क अधीन होतउदा ndash राम न कहा था वह कल पाठशाला जायगा

इस राम न कहा था - ह और कल पाठशाला जायगा तह इस और भी कहत

रखनवाल को कछ थोडा सा भाव करनवाल को कहतएक भावना होती ह

जस ndash तरह पढ़ना चलना

इन होता ह क म दो भाग होत 1) और 2)

ndash ( ) कछ होता ह उस कहतndash ( ) क जो कछ होता ह उस कहत

जस ndash मरा स भरा हआ ह मरा ह और स भरा हआ ह ह मरा ndash ह और मरा

उस का ह इसिलए ( ) और मरा का कहत हआ हह शष उसका ह

इस चार भाग हए ndash 1) ( ) 2) का 3) ( ) 4)

काचार भद ndash

क ndash राम गया ख ndash वह कह चका ग ndash फल

क भदक अनसार क आठ भद होत ndash

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1 ndash इस स बात का होना सिचत होता ह जस ndash भारत राजधानी ह

2 िनषधवाचक ndash का अभाव होता ह जस ndash क कछ भी पा सकत

3 ndash इस स सचना होती हजस - तम कल कालज

4 ndash इसस और उपदश का बोध होता ह जस ndash तरह पढ़ो

का भजन करो 5 ndash इसस का भाव सिचत होता ह जस ndash हाय राम को एक

लाख िमल 6 ndash इसस या सचना होती ह

जस ndash अक पा

7 ndash या सभावना सचना होती ह जस ndash आज होगी

8 - सकत सचना होती ह जस ndash हो तो

राम काम करगा रचना क आधार पर

रचना क आधार पर क तीन भद होत - 1) सरल या साधारण 2) और3)

१ सरल ndash एक और एक होता ह उस सरल कहतजस ndash मोहन िलखता ह ( मोहन और िलखता ह धय ह)

राम मज़ पर रखी ह ( ह और रखी ह ह)

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lsquoराम rsquo और lsquoमज़ परrsquo कवल और का ह २ - उस कहत एक हो और उसक एक या

अिधक हो उस कहतजस ndash जो करगा उस सफलता िमलगी जो करगा ndash ह उस सफलता िमलगी - ह

तीन क ndash 1) 2) 3)

1) ndash का क पर होता ह उसकहतजस ndash मरा ह तमन को मारा यह सच ह इस तमन को मारा ndash ह क पर आया ह इसिलए यह

ह 2) ndash जब कोई को क का काम दता ह तब उस

कहत जस ndash य उसी छा को जायगा जो रहगा

उसी स डरत जो खब मारता ह उसी जो ह

3) ndash जो क का काम दता ह उस कहत

जस ndash करता ह उतना फल िमलता ह जब तम कहोग सब कछ

जब ह ३ ndash दो या दो स अिधक योजक जड हो न

हो उस कहतजस ndash वह तरह पढ़ता था तो पास होता

दो या दो स अिधक सरल अथवा एक दसर पर न होता ह इसिलए यह

जस - कर चका (सरल )

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हम कर चक तो व आए ( )

और मरा मन ठड हो गया ( )

चार क होत ndash सयोजक सचक 1) सयोजक - एक दसर क साथ सयोजक जडा रहता ह

जस ndash वह आया और उसक साथ गया स िमलता ह और स होता ह

2) ndash का एक दसर स भद या का रहता ह जस ndash स बढ़ता ह स भरता ह वह खब खाता पर बडा होता

3) सचक ndash दो स एक को करना जस ndash मझ या राम को

4) अथवा हतसचक ndash एक दसर का होता हजस ndash तम आग पढ़ो पसा दगा मझ पसा िमला इसिलए

कभी कभी बीच योजक आत जस ndash मझ न बलाया आप आता ह जब को का या एक होता ह तो एक बार िलखा या कहा

जाता ह ऐस को सकिचत कहत जस ndash का और मन को भी दता ह

जो आसानी स समझकर छोड दत ऐस को कहत जस ndash आजकल सना ह बरसात क मौसम बखार सब फलाता ह

कहत रोज़ बढ़त रह पहल हमन होना था पर ह दसर लोग स होना पर होता ह

एक का दसर क बदल जा सकता ह मलकर सकत

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क सरल स ndash

उदा ndash सरल - राम न मोहन का - राम न उस को जो मोहन का था

ख स सरलndash उसन कहा पापी ह

सरल ndash उसन को पापी बताया ग सरल स

सरल ndash होन पर लोग खत जान लग - हआ और खत जान लग

घ स िनषध वाचक तथाndash मोहन सोहन स बडा ह

िनषध वाचक - मोहन सोहन स बडा ndash मोहन सोहन स बडा ह

UNIT ndash 24

और महावरव जो का अपना न बता कर कछ करत महावरा

कहत बोलचाल बहत आनवाला ऐसा बधा कोई अनभव बात और अलकतभाषा गई हो या कहावत कहाता ह जस ndash मर पट चह कद रह

जब स उनका लड़का मरा ह कमर टट गई ह वह इतना चालाक ह अपन मािलक को पर नचाता ह

इन lsquoपट चह कद रह rsquo lsquoकमर टट गई हrsquo lsquo पर नचाता हrsquo इन काउनक स ह यहा lsquoपट चह कदनrsquo का ह भख लगना lsquoकमर टटनrsquo का ह या

का न रहना तथा lsquo पर नचानrsquo का ह अपन वश रखना अतः य महावरकहलात

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इसी जब कोई आदमी काम करना न जानता हो परत अपन को िछपान क िलए बहान बनावतब कहा जाता ह ndash नाच न जान आगन टढ़ा

जब कोई आदमी अनक खाकर भी अपनी आदत न छोड़ तब कहा जाता ह दम सौतक नली रखो तो भी य बध हए और अनभव तथा अलकत भाषा कह गय अतः य

और क स भाषा तथा आती ह महावरदार भाषाबहत पसद जाती ह और कथन बड़ा होता ह

महावरअग-अग - बहत होनाअगठा - चीज़ को दन स क साथ करनाअध - सहाराअधरा घर का उजाला - एकलौता बटा

क घोड़ दौड़ाना - सोचनापर पड़ना - समझ न पाना

अपना सीधा करना ndash करनाआख उठाना - नीयत स दखनाआख खलाना - होश आना

चार होना - आख स आख िमलानानीची होना - होनापीली करना - नाराज़ होना

आकाश पाताल का ndash बहत भदआग घी डालना - बढ़ानाआसमान िसर पर उठाना - बहत कोलाहल करना

स बजाना - करनाईद का चाद होना - िचरकाल पीछ दनाउगली पर नचाना - वश रखना

गगा बहाना - बात करना

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कमर टट जाना - िनराश हो जानाकान भरना - चगली करना

मौत मरना - बहत तरह स मरनाखाक उड़ाना खाक िमलाना - बरबाद होनागड़ गोबर कर दना - काम दनाघर गगा - दौड़-धप कघाट घाट का पानी पीना - जहा तहा का अनभव करनाचाद पर थकना - करना और फलतः होनाचार चादनी - थोड़ का सख

का दध याद आना - सब सख भल जाना सकट आ पड़नाजमीन पर पर न पड़ना - बहत अिभमान होनाजल भन कर कोयला होना - पागल हो जानाटस स मस न होना - भी नटाग अड़ाना - बाधा डालनाटोपी उछालना - िनरादर करनाितनका पकड़ना - मागनाितन का ताड़ करना - बात बढ़ानाथक कर चाटना - वचन दकर जाना

तल उगली दबाना - करनादम तोडना - मर जाना

दना रात चौगना होना - खब होनाधप बाल सफद करना - अनभव आय दनानमक लगाना - बात को बढ़ा कर कहनानाक कटना - बदनामी होनानाक चढ़ाना - घणा करनानीला पीला होना - आना

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नौ-दो होना - भाग जानाउछालना - करना

- बातपरदा डालना - िछपानापहाड टट पड़ना - आनापट चह कदना - खब भख लगना

तल स ज़मीन िनकल जाना - होश उड़ जानाफक-फक कर कदम रखना - सोच-समझ कर काम करनाबगला भगत -

उछलना - खब खश होनाबाज़ार पर होना - काम पर होनाबात का धनी - वायद काबाल खाल उतारना - करनाबाल पकना - बढ़ा होजाना अनभव करनाबाल बाल बचना - हािन पहचन जरा- सी कसर रह जानाबगार टालना - लगाकर काम न करनाबोली मारना - क कहनाभनक पड़ना - खबर द जानाभाड़ - समय गवाना

मारना - बकारचस - बहत कजसपर मारना - का नकल करना

मगज चाटना - तग करनामाथा ठनकना - आशका होनामारा मारा - होनामह-तोड़ जवाब दना - परा-परा जवाब दना

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मह फक हो जाना - चहर का रग उतर जानामह पानी भर आना - खान को ललचानामह लगाना - अिधक द दना

गरम करना - दनाराई का पहाड़ बनाना - बात को बढ़ाकर कहनारात- - हमशालका काड होना - खब मारपीट होनालबी-चौ हाकना - करना

होना - होनालह क घट पीना - करनालह पसीना एक करना - बहत करनालोह क चना चबाना - काम करनाशतान क कान कतरना - बहत चालाक होना

करना - करनाबाग - बहकाना

समझ पर पड़ना - होनाबठना - जमाना

िसतारा चमकना - उदय होनािसर पर खन सवार होना - जान लन पर होनािसर पर हाथ धरना - सहायता करनासौ बात एक बात - िनचोड़

करना - फक डालनाहसी उड़ाना - करनाहाथ मल -

हाथ पर हाथ धर बठना - बठनाहाथ पसारना - मागना

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हाथ-पर मारना - करनाहाथ साफ करना - बईमानी स ठगना

पानी करना - करनाहोश उड़ना - भय या आशका स दखी होना

अत गता सो मता - वहकान राजा - थोड़ा पढ़ िलख का मान होता ह

आख क गाठ क पर - पर धनवानआप मर जग परल - ह तो ससार ह

चोर कोतवाल को डाट - अपराध करक को डाटनाऊची दकान पकवान - काम करनाएक अनार सौ बीमार - जब एक चीज़ क बहत स तब कहा जाता हएक पथ दो काज - एक काम करन स दो का लाभ होनाकाला बराबर -

घर का लका ढ़ाह - फट स घर नाश होता हिचराग तल अधरा - पास घटना क होन पर भी उसका न होना या

ऐस पर बराई का होना जहा उसक रोकन का होचोर ितनका - पापी डर जाता हजाग सो पाव सोव तो खोव - सावधान रहन स लाभ होता ह

- बलवान का दबदबा रहता हजसा दश वसा भस - दश रह वसी करनीजसी करनी वसी भरनी - फल िमलता हतन को कपड़ा न पट को - बहतथोथा चना बाज घना - काम न करनवाला बकवास बहत करता हदाम बनाय काम - पस स सब काम हो जात

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धोबी का घर का न घाट का - जो एक पर जमकर काम न कर कभी एक लग और कभीदसर और सफल न हो उस कहा जाता ह

रहना मगर स बर - अधीन होकर रह और उसी स बर कर तो गज़ारा चलता हन रहगा बास न बाजगी - नकसान हो उसका नाश कर दना हनाच न जान आगन टढ़ा - काम करन न होन पर दसर को दोष दना नीम जान का खतरा - अधरा हािनकारक होता हनौ नगद न तरह उधार - उधार सौदा दनामान न मान तरा महमान - गल पड़नािमया जती िमया क िसर - स उसी हािन करनासौ सयान एक मत - सभी अथवा एक सलाह होती हहाथ कगन को आरसी - क िलए और हाथी क दात खान क और क और - कहना कछ और करना कछ औरहोनहार क होत चीकन पात - होनहार क पहल स जात

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UNIVERSITY OF CALICUT

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STUDY MATERIAL

BA HINDI (2011 Admission onwards)

III SEMESTER

CORE COURSE

PRACTICAL GRAMMAR (APPLIED GRAMMAR)

Prepared byDR J AMBIKA DEVIASSO PRO OF HINDI(RTD)lsquoPRASANTHIrsquoBILATHIKULAM ROADNADAKKAVU (PO)KOZHIKODE 673011

Scrutinised byDR PAVOOR SASHEENDRAN381294 APPU GHAREDAKKADCALICUT ndash 5

Layout amp SettingsCOMPUTER SECTION SDE

copyReserved

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Module ndash 1

Unit - 1 -

Unit - 2 -Unit - 3 -Unit - 4 -Unit - 5 -

Module ndash 2Unit - 6 -Unit - 7 -Unit - 8 - समास

Module ndash 3Unit - 9 -Unit -10 -Unit -11 - िलगUnit -12 - वचनUnit -13 - कारकUnit -14 -Unit -15 -Unit -16 -Unit -17 - कालUnit -18 -Unit -19 -

Unit - 20 -Unit - 21 - -Unit - 22 - -बोधकUnit - 23 -Unit - 24 -

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Module lUNIT - 1

भाषा औरभाषा वह साधन ह अपना स करता ह तथा क कोकरता ह भाषा lsquoभाषrsquo धात स बनी ह भाषा दो होती - किथत भाषा और भाषा भाषा

का कई होता ह कछ होतभाषा ह भाषा हमशा होता रहता ह जब भाषा बोलचाल भाषा रहती

ह तब उस बोली कहत बोली क िलए उतनी भाषा किलए होती ह जब भाषाबन जाती ह तब का पालन करना पडता ह क क आधार परभाषा का होता ह न अपन को कहा हक को एक िनयम बाधा ह भाषा का अनगामी ह भाषा औरक बीच होता ह भाषा क क िलए क को करनाबोलचाल भाषा सहायता स भाषा बन जाती ह भाषा को

एव िच दता हभाषा अपनी का पर ह नसरलतर अपनाया ह यह ह जस करत वस िलखत

क िलए िभना सकत ह और एक सकत कवल एक का करता हभाषा पर होता ह मल स बनता ह स बनता ह स

बनता ह और स एक भाषा बनती ह भाषा दो होती ह किथत भाषा और भाषाकिथत भाषा पर ह भाषा क िलए एक होता ह उस कहत एक सअिधक स बनत और एक स अिधक स बनत इसी आधार पर क तीन भागहोत - 1) 2) 3)

- का भाग ह उस कहत क भद आकार औरसयोग या सिध स हए उनक पर होता ह

ndash का वह ह क भद पर होता ह - क उस को कहत स बनान का िनयम ndash खड

भद का जाता ह

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UNIT - 2

उस मल क को कहत न हो उदा ndash अ इ उ ए

राम ndash र+आ+म+अ चार होत इन को कहतभाषा होनवाल क समदाय को कहत हर भाषा क िलए अपन अपन होत

कल 44 होतअआ इ ई उ ऊ ऋ ए ऐओऔक ख ग घ ङच छ ज झ ञट ठ ड ढ णत थ द ध नप फ ब भ मय र ल व ष श स ह तीन और भी होत य ह का हो

सकता हजस ndash ndash क+ष+अ

ndash त+र+अndash ज+ञ+अ

िगनती हो सकतीक दो भद होत ndash 1) 2)

कल 11 और 33 कल िमलाकर 44 होतndash सहायता स होता ह कहत क सहायक

होत11 ह

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अ आ इ ई उ ऊ ऋ ए ऐ ओ औndash सहायता स कर सकता ह उस कहत

क lsquoकrsquo स lsquoहrsquo तक कल िमलाकर 33 इसक अलावा अननािसक और नामक तीन ह

अननािसक ndash इसका नाक और मह स होता ह इसका ह उदा ndash हसना गावndash करत समय नाक स िनकलती ह इसका ह उदा ndash कठ हस

ndash जब अथवा क बाद lsquoहrsquo लग तब उस कहत उदा ndash अतः

पनःइसका इस ह ndash अतहा पनहा

UNIT - 3

क भदक आधार पर क दो भद होत ndash 1) मल 2)

मल - मल व दसर स होती भी कहत उदा ndash अ

इ उ ऋ- व जो मल क मल स बनत उदा ndash आ ई ऊ ए ओ औ क दो उपभद ndash 1) 2)

ndash दो मल क मल स जो होता ह उस कहत उदा ndash अ+अ = आ इ+इ =

ई- क मल स जो बनता ह उस कहत उदा ndash अ उ ओ अ ओ

मल(अइउऋ)

(आईऊ) (एऐओऔ)

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क आधार पर क भदक काल ndashमान को रखकर क दो भद जात - लघ और

ndash मल क समय लगता ह उसक को कहतलघ ndash क एक का समय लगता ह उस लघ कहत

उदा - अ इ उ ऋ (मल )

- क दो का समय लगता ह उस या कहतउदा ndash आ ई ऊ ए ऐ ओ औ (सब )

स क भद और भी जात य ndash साननािसक और िनरननािसक ndash रण स का एक और भद भी जाता ह ndash ह

पकारन क अवसर पर का अितम लबा करक बोला जाता ह और उसकतीन का समय लगता ह उस कहत उदा ndash अर माधो हाय र

भी इसका करतसाननािसक और िनरननािसक ndash

जब का मख और नािसका स होता ह उस साननािसक कहत उदा ndash मा (आ)जब का कवल मख स होता ह उस िनरननािसक कहत उदा ndash अ इ उ

UNIT - 4

सहायता स का कर सकत कहततीन क होत ndash 1) 2) 3)

- 25 होत lsquoकrsquo स लकर lsquoमrsquo तक पाच-पाचक ख ग घ ङ ndash कच छ ज झ ञट ठ ड ढ णत थ द ध नप फ ब भ म

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इनक जीभ मह क न भाग का करती ह- इनका करत समय जीभ मह क भाग का करती हस इनका और क बीच ह का ह ndash lsquoबीच rsquo उदा ndash य

र ल व ndash य- इनक मख स रगड रवाकर िनकलती ह उदा ndash श ष स ह ndash

UNIT - 5

दो क पास पास होन क कारण उनक मल जान स जो होता ह उस सिध कहतउदा ndash राम + अवतार = रामावतार (अ+ अ= आ)

तीन होती ह ndash 1) 2) 3)

- दो क मल स जो होता ह उस कहत उदा ndash + =

(इ+ इ = ई)

क पाच भद होत ndash 1) 2) गण 3) 4) यण 5)

1) ndash दो र पास पास तो क बदल एक बन जाता ह उसकहत

उदा ndash + आलय =

+ =

+ उपदश =

2) गण ndash lsquoअrsquo या lsquoआrsquo क आग lsquoइrsquo या lsquoईrsquo लगा तो िमलकर lsquoएrsquo lsquoउrsquo या lsquoऊrsquo हो तोिमलकर lsquoओrsquo और lsquoऋrsquo हो तो िमलकर lsquoअरrsquo हो जातउदा ndash दव + = (अ + इ = ए)

सर + ईश = सरश (अ + ई = ए)

वीर + उिचत = वीरोिचत (अ + उ = ओ)

राज + = (अ + ऋ = अर)

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3) - lsquoअrsquo या lsquoआrsquo क आग lsquoएrsquo या lsquoऐrsquo हो तो िमलकर lsquoऐrsquo और lsquoओrsquo या lsquoऔrsquo हो तो िमलकरlsquoऔrsquo हो जात

उदा ndash एक + एक = एकक (अ+ ए = ऐ)

वन + औषिध = वनौषिध (अ+औ = औ)

4) यण - इ ई उ ऊ या ऋ क आग कोई तो इ ई क lsquoयrsquo उ ऊ कlsquoवrsquo और ऋ क lsquoरrsquo हो जाता ह

उदा ndash + = (इ+अ = य)

स + आगत = (उ+आ = व)

मात + = ndash (ऋ+आ = र)

5) - ए ओऐ औ स पर कोई हो तो lsquoएrsquo को lsquoअयrsquo lsquoओrsquo को lsquoअवrsquo lsquoऐrsquo को lsquoआयrsquo तथाlsquoऔrsquo को lsquoआवrsquo हो जाता ह

उदा ndash न + अन = नयन (ए को अय)

न + अक = नायक (ऐ को आय)

भो + अन = भवन( ओ को अव)

भौ + उक = भावक (औ को आव)

- जब एक दसर या स िमलता ह और उसक मल स जो होताह उस कहत

उदा ndash सत + उपयोग = सदपयोगिनयम

1) क च और प क आग कोई या का तीसरा चौथा अथवा य र ल व ह स कोईहो तो क - ग होता ह च - ज होता ह ndash होता ह और प ndash ब होता ह

उदा ndash वाक + ईश = वागीशअच + =

+ आनन = षडानन2) क पहल स पर कोई अननािसक हो तो पहला उसी का अननािसक हो

जाता हउदा ndash वाक + मय = (क का ङ अननािसक)

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3) lsquoतrsquo क साथ कोई ग घ द ध ब भ अथवा य र ल व कोई हो तो lsquoतrsquo का lsquo rsquo होजाता हउदा ndash जगत + ईश =

उत + गम =

तत + =

4) lsquoतrsquo क साथ lsquoचrsquo हो तो िमलकर lsquoचrsquo और lsquo rsquo क साथ lsquoछrsquo हो तो िमलकर lsquoजrsquo या lsquoझrsquo होजाता ह lsquoतrsquo क साथ lsquo rsquo lsquoड़rsquo या lsquoढ़rsquo होन पर िमलकर lsquo rsquo होता ह और lsquoतrsquo क साथ lsquoलrsquo हो तोिमलकर lsquoलrsquo हो जाता हउदा ndash उत + चारण = (त + च = )

सत + जन = (त + ज = )

बहत + = (त + ट = )

उत + डयन = (त + ड = )

तत + लीन = (त + ल = )

5) lsquoतrsquo lsquo rsquo क साथ lsquoहrsquo हो तो lsquoतrsquo lsquo rsquo होता ह और lsquo rsquo lsquoधrsquo हो जाता हउदा ndash तत + = ( त + ह - -ध)

lsquoछrsquo क कोई हो तो lsquoछrsquo lsquo rsquo बन जाता हउदा ndash आ + छादन =

+ छद =

6) lsquoमrsquo क साथ lsquoकrsquo स lsquoमrsquo तक का कोई हो तो lsquoमrsquo बन जाता हउदा ndash सम + =

सम + तोष = सतोष7) lsquoमrsquo क साथ य श ह तो lsquoमrsquo बन जाता ह

उदा ndash सम + हार = सहारसम + शय = सशयसम + योग = सयोग

8) ऋ र या ष क बाद lsquoनrsquo हो तो वह ण हो जाता हउदा ndash भष + अण = भषण (ष + न = ण)

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ऋ + न = ऋण (ऋ + न = ण)

9) अआ को छोडकर कोई क lsquoसrsquo क आ जाय तो lsquoसrsquo lsquoषrsquo बन जाता हउदा ndash अिभ + सक = अिभषक (इ+स = ष)

+ सम = (इ+स = ष)

10) र क साथ र हो तो पहला र का लोप होता ह और उसस पहल का होता हउदा ndash िनर + रस = नीरस

- और क साथ क मल स जो होता ह उस कहतउदा ndash मनः+ रथ = मनोरथ

दः+ उपयोग =

िनयम1) स अ हो और का तीसरा चौथा पाचवा अथवा यरलव आ जाय तो पहला lsquoअrsquo

और lsquo rsquo क पर lsquoओrsquo होता हउदा ndash यशः+ गान = यशोगान (श अ ओ)

मनः+ = (न अ ओ)

रजः+ गण = रजोगणसरः+ ज = सरोज

2) क बाद शषयस हो तो बाद क क समान बन जाता हउदा ndash दः+ शासन = ( भी श होता ह)

िनः+ = ( स बन जाता ह)

3) क इ या उ हो और उसक साथ कख या प फ स कोई हो तो lsquoषrsquo हो जाता हउदा ndash दः+ कर =

िनः+ पाप =

4) क lsquoअrsquo हो और उसक साथ lsquoअrsquo स कोई हो तो का लोप होता हउदा ndash अतः+ एव = अतएव

5) क अआ क और कोई हो अथवा उसक साथ का तीसरा चौथा पाचवाहो अथवा य र ल व ह स कोई हो तो र हो जाता ह

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उदा ndash िनः+ आशा = िनराशािनः+ =

िनः+ झर =

6) क अ और उसक साथ अ या का तीसरा चौथा पाचवा अथवा यरलवहस कोई हो तो अ क ओ होता ह

उदा ndash मनः+ अिभराम = मनोिभरामअधः+ गित = अधोगितमनः+ हर = मनोहर

इसक अलावा कछ अिनयिमत होती उदा ndash पराः+ कार =

नमः+ कार =

ितरः+ कार =

Module ll

UNIT - 6

एक स अिधक स बनी हई को कहत कोकरनवाल समह को कहत

उदा ndash लड़का कलमकछ होती जब व दसर क साथ जाती तब होती ऐसी

को कहतउदा ndash (lsquoकrsquo ह इसका कोई क साथ lsquoकrsquo लगन पर इसका होता ह)

दधवाला ndash(lsquoवालाrsquo का दध क साथ लगन पर वह होता ह)

क1 क आधार पर तीन क ndash 1) 2) यौिगक 3)

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ndash अपनी हो उनक क करन स कछ होता ऐसको कहत

उदा ndash धन घोडायौिगक ndash जो दो या दो स अिधक क योग स बनत यौिगक कहत

उदा ndash राज + महल = राजमहल+ =

ndash जो दो या दो स अिधक क मल स बनत हो को िछपाकरका बोध करात हो कहत

उदा - पकज = पक + ज (पकज का ह स इसका ह कमल)दशमख = दस + मख (दशमख का ह दस इसका ह रावण)

2 स क तीन भद - 1) वाचक 2) 3) या साकितकवाचक ndash जब उसी बोला या िलखा जाय और िलए बना ह तब उस वाचक कहत

उदा ndash गधा एक जानवर ह ( lsquoगधाrsquo वाचक ह)ndash जब कोई उसका न बतलाकर अपन या गण का बोध करानवाल कोकहत

राम एक गधा ह (यहा गधा का ह lsquo rsquo इस का होता ह ndash राम एक ह)

ndash जो स क करता ह और गढ़ स दसरा सिचतउदा - हो गया ( ह इसका होता ह lsquo समयrsquo)

3 स क भद ndash

क आधार पर क चार भद - 1) 2) 3) दशज 4)

ndash क जो करक का होत उसकहत उदा ndash वाय

ndash व जो स पर कछ करक करतउदा ndash -

- आसरा- आग- आस- सच

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दशज ndash य स बन क अनसार य क क

स बनउदा ndash पट

ndash य भारतीय भाषाओ क कई भाषाओ जस अरबी फारसी सकरत

उदा - स ndash िसनमा

अरबी स - मौलवी अदालत दिनया अमीरफारसी स ndash बाग आदमी चाक कारखाना

स - दारोग काब लाश तोपस - सरग दाम

UNIT - 7

कछ ऐसी होती जो होती जब व दसर क साथ जाती तब वहो जाती इस तरह को (Affix) कहत

उदा ndash कछ िनर वालादो क होत - 1) 2)

ndash जो क आरभ लगाकर उसक अ लाकर कर उसकहत

उदा ndash अप + यश = अपयश ( )

उप + वन = उपवन(बगीचा)+ योग = ( )

अन + पढ़ = अनपढ़ ( पढ़ करक)

क + = (बरा )

ndash जो या क लगाकर उनक को बदल कहतउदा - बढ़ा + पा = बढ़ापा (बढ़ापा )

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+ = ( स )

िलखा + आवट = िलखावटबरा + ई = बराईदध + वाला = दधवालाबच + पन = बचपन

UNIT - 8

समासरखनवाला दो या दो स अिधक या पद िमलाकर जब एक या पद बनत

इस मल को समास कहत िमल को पद अथवा सामािसक पद कहतउदा - घोड का सवार ndash घडसवार

सा मख ndash

धन का पद - धनपदकाठ पतली ndash कठपतली

समास होन पर बीच तथा का लोप होता हउदा - धन का पद - धनपद ( lsquoकाrsquo का लोप होता ह)

समास1 समास दो का योग होता ह2 दो क मल स एक पद बनता ह3 दो क बीच का लोप होता ह4 दो कभी पहला पद होता ह और कभी दसरा पद होता ह5 समास जडत तो क का होता ह

उदा ndash का = + =

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समास औरसमास दो का योग होता ह दो का योग होता ह क

होत होन पर दो क सयोग स पद भी िमल जात समासवाल औरसमास हो सकता हउदा ndash पीता र दो पद ह ndash lsquoपीतrsquo और lsquo rsquo करन पर इस तरह होता ह ndash पीत +

= समास करन पर lsquoपीत ह जो rsquo =

कवल होती ह समास होता ह क तोडनको द कहत समास क तोडन को कहत

ndash क को अलग अलग अपनी क रखकर उनक आपस क कोकरन को कहत

उदा ndash रातndash - इसका ह रात औरसमास क भद

समास क छः भद होत 1) 2) 3) 4) 5) 6)

1 समास ndash समास पहला हो उस समास कहत इसकापहला पद या पद होता ह

उदा ndash ( क अनसार)

आजीवन ( जीवन )

यथासमय (समय क अनसार)

2 समास ndash समास पद हो और समास करन पर पहली का लोपहो उस समास कहत

उदा ndash राजसभा (राज सभा)( को )

समास क दो भद ह ndash

1) 2) समानािधकरणi ndash पद का करन पर पहला और दसर

लगायी जाती हउदा ndash राज-सभा (राजा सभा)

पहल सबध कारक ह और दसर कारक ह

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क छः भद -

इस समास क पद कारक का लोप होता ह उसी कारक क अनसार इस समास कानाम होता ह ndash

१ ndash होती हउदा ndash ( को ndash को कारक ह)

२ करण - lsquoसrsquo हउदा ndash (अकाल स )

मनमाना (मन स माना हआ)

३ ndash lsquoक िलएrsquoउदा ndash रसोईघर (रसोई क िलए घर)

(हवन क िलए )

४ अपादान ndash lsquoसrsquo हउदा ndash ( स िगरा हआ)

(पद स )

(ऋण स )

५ सबध ndash lsquoकाrsquo lsquoकrsquo lsquo rsquo हउदा ndash सनापित (सना का पित)

राजमाता (राजा माता)( दश का )

६ अिधकरण ndash lsquo rsquo lsquoपरrsquo हउदा ndash वनवास (वन वास)

आपबीती (अपन आप पर बीती)( )

कभी कभी समास पद का लोप होता ह उस अलक कहतउदा ndash ( रहनवाला lsquo rsquo का लोप)

सरिसज (सर होनवाला lsquo rsquo का लोप)

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नञ ndash अभाव या िनषध का सिचत ककरनवाला lsquoअrsquo या lsquoअनrsquo लगान स बननवाल को lsquoनञrsquo

कहतउदा ndash ( जो न हो)

अनपढ़ ( न पढ़ा हआ)

अछता ( न छआ हआ)

उप पद ndash समास कोई उप पद न हो तथा बाद पद हो उस lsquoउप पद rsquo कहतउदा ndash जलज (जल ) ndash कलम

मनोज ndash (मन जात) - कामदवii समानािधकरण - समास क क बाद एक कारक

आती ह उस समानािधकरण अथवा कहत इस समास क पद उपमान- उपमय अथवाndash हउदा ndash नील कमल - नीला कमल

यहा नीला और कमल हम ndash घन (बादल) (काला) उपमान और उपमय

कभी कभी सबध बतानवाल बीच क पद का लोप भी होता ह lsquo rsquo समासपहल का दसर स सबध बतानवाल बीच क पद का लोप होता ह उस समास कहत

iii समास ndash समास क होता ह और समदाय का बोधहोता ह उस समास कहत

उदा ndash (तीन का समाहार)

चौमासा (चार का समह)

iv समास ndash समास होत और करन पर और या अथवा योजकलगत उस समास कहत

उदा ndash ndash औरndash पाप और

तन-मन ndash तन और मनसमास क का िलग साधारणतया म क अनसार होता ह कभी कभी

हो तो उसी क अनसार िलग हो जाता हउदा ndash राजा-रानी आय

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समास एक स अिधक जडतउदा ndash माता ndash आय राम- आत थ

कभी कभी बहवचन - सचक क साथ भी पाया जाता हउदा ndash आपक लडक-

v ब समास ndash इस समास स कोई पद होता पर समास पद पदका होता ह इस समास कहत

उदा ndash र (पीत ह )

अनग ( ह अग - कामदव)

समास पद का पहला दसर क होता ह समासपद अपन स का होत ह कई पद भद स क

समास हउदा ndash मगलोचन - 1) मग क लोचन ndash

2) मग क समान लोचनवाला ndash समास- 1) पीला कपडा ndash

2) पीला ह अबर (कपडा) वह ( ndash समास)

Module lll

UNIT - 9

क िलग वचन कारक अथवा काल क अनसार होता ह

कहत औरया - क िलग वचन कारक अथवा काल क अनसार कोई

होता व ह सचक व ह सचक या ह

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UNIT - 10

(NOUN)वह ह या भाव को सिचत करता ह राम ( )

( ) ( ) क तीन ndash

a) (Proper Noun)

b) जाितवाचक (Common Noun)

c) भाववाचक ( Abstract Noun)

A ndash उस कहत एक का बोध होता हउदा ndash राम गगा

B जाितवाचक ndash जाितवाचक स एक जाित क सब का बोध होता हउदा - नगर सभा जल

स सभी जाित का बोध होता ह का य जाित क आधार पर होत

स सजातीय क समह को करत उस समहवाचक कहत उदा ndash सनास का बोध का बोध होता ह उस कहत

उदा - सोना पानी लोहाC भाववाचक ndash भाववाचक व क गण दोष कासचना होती ह

उदा - गण दोष ndash िमठास कटता नीचता- लडकपन यौवन दासता

भाव ndash शोक भयD जब गण को करत तब व जाितवाचक बनत

उदा ndash ह तम बनोइस स ह ndash पर रहनवाला यह जाितवाचक हकभी कभी जाितवाचक होती

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उदा ndash गािधजी कल यहा यहा गािधजी हE भाववाचक कभी कभी जाितवाचक क समान होती

उदा ndash हाथी और घोड बडा ह यहा चाल जाितवाचक हभाववाचक चार स बनती

a) जाितवाचक स ndash लडका ndash लडकपनndash

b) स ndash अह ndash अहकारअपना ndash अपनापन

c) स ndash चतर ndash चतराईमीठा ndash िमठास

d) स ndash चढ़ना ndash चढ़ाईसजाना ndash सजावटघबराना ndash घबराहट

F क समान होन वालउदा ndash का आधर गणी- ह यहा क समान होत उदा ndash का कहना

मानो lsquoबडाrsquo ह यह क पर होता हका

एक स अिधक स बनत क एक दसर क िमलन स का होता हक क होता ह इस कहत का िलग वचनऔर कारक क कारण होता ह

उदा ndash लड़का पठता ह ndash पठती ह ( िलग क कारण)

लड़का दौडता ह - लड़क दौडत (वचन क कारण)

लाओ ndash मज़ पर ह ( कारक क कारण)

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UNIT - 11

िलगक जाित का बोध होता ह उस िलग कहत दो िलग ndash और

a ndash जाित का बोध करानवाल को िलग कहत उदा ndash सीताb - जाित का बोध करानवाल को कहत उदा ndash लड़का नर राम

बदगी ह उदा ndash पड नगर ह उदा ndash लता

जो ह व ह उदा ndash भाई बलकई स क नर और मादा का बोध होता ह पर उनका एक िनयम

िलग स होता हndash कौआ चीता ndash कोयल चील मना

जाितभद करन किलए इनक साथ नर या मादा लगाना उदा ndash नर कौआ मादाकौआ नर चीता मादा चीता

क अत आ पा आव और पन हो होतउदा ndash बढ़ापा चढ़ाव लडकपन

क अत आई वट हट और ता हो व होतउदा ndash चढ़ाई सजावच सरलता

स बनान का िनयमक क अ को आ करन स ndash उदा ndash ndash बाल ndash बाला सत ndash सता तनज ndash

तनजा ख क अ को ई करन स ndash उदा ndash दव ndash दवी ndash कबतर ndash मग ndash

मगीग कछ क आ को ई करन स ndash उदा ndash रसा ndash रसी लडक़ा ndash

घ क आ को इया करन स ndash उदा ndash ndash बढ़ा ndash चहा ndash

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ङ या क क इन लगान स ndash उदा ndash सनार ndash

धोबी ndash कहार ndash

च कछ क नी या आनी लगान स ndash उदा ndash िसह ndash िसहनी महतर ndash महतरानी मोर ndash

मोरनीछ उपनामवाचक क क पर आइन लगान स ndash उदा ndash बाब ndash बबआइन

ठाकर ndash ठकराइन पाड ndash पाडाइन ज कछ क ndash उदा ndash ndashमाता ndashऔरत वर- वध मा ndash

बाप ndashभाई

स बनान का िनयमa कछ lsquoओईrsquo lsquoआवrsquo और lsquoऔराrsquo लगान स ndash

उदा ndash बहन ndash बहनाई ननद ndash ननदोई ndash िसल ndash िसलौरा b कछ क lsquoईrsquo को lsquoआrsquo करन स ndash

उदा ndash जीजी ndash जीजा झोली ndash झोला c कछ क lsquoईrsquo को lsquoअrsquo करन स ndash

उदा ndash ndash d क अत lsquoआrsquo लगान स ndash

उदा ndash

UNIT ndash 12

वचन (Number)स और क स स यह त हो वह एक क िलए होता ह या अिधक

क िलए इस वचन कहत वचन दो क होत ndash

1) एकवचन (Singular)

2) बहवचन (Plural)

1) एकवचनःस क स स एक का बोध करान वाला एकवचन हउदाः पढ़ती ह ( ndash एकवचन ह)

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2) बहवचनःस क स स एक स अिधक का बोध हो उस बहवचन कहतउदाः पढ़ती ( ndash बहवचन ह)

कभी कभी आदर क िलए एकवचन बहवचन क होतउदाः अब )बहवचन(

बहवचन बनान का िनयमः-)क ( क lsquoआrsquo क पर lsquoएrsquo लगा दन स एकवचन का बहवचन बन जाता ह

उदा ndash लड़का ndash लडक कपड़ा ndash कपड़ बटा ndash बट lsquo rsquo क सभी क (

) एक समान रहतक बहवचन बनान का िनयम

lsquo rsquo तथा lsquo rsquo क lsquoअrsquo lsquoआrsquo क पर lsquoएrsquo का करन स बहवचनबनाया जाता ह

उदाः ndash गाय ndash ndash रात ndash lsquo rsquo तथा lsquo rsquo क lsquoयाrsquo जोड़न स बहवचन िमलता ह इस lsquoईrsquo क

पर lsquoइrsquo होता हउदाः ndash ndash ndash

स क lsquoयाrsquo हो उनक lsquoयाrsquo क ऊपर कवल लगान पर-

उदाः ndash -

क बाद lsquoएrsquo या lsquo rsquo जोड़न स शष का बहवचन िमलता हउदाः लता ndash लताए -

)ग( िनयम -

)1( )बहवचन( सिचत करन क िलए कभी कभी क एकवचन क साथ गण लोग

जोडतउदा ndash पाठकगण बाब लोग

(2) कछ हमशा बहवचन बोल जातउदा ndash लोग होश

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3) जाितवाचक स ऐ हमशा बहवचन होती ह जब और भाववाचक काजब जाितवाचक क समान होता ह तब व बहवचन होता ह

उदा ndash भारत रावण कमी (यहा रावण जाितवाचक ह)

(4) जब जाितवाचक क समान होता ह तब व बहवचन क होतउदा ndash और क ह (जल बहवचन एव जाितवाचक ह)

UNIT - 13

कारक (Case)या क स उसका क क साथ होता ह उस

कारक कहतउदा ndash राम न रावण को माराइस lsquoनrsquo और lsquoकोrsquo इन क उसका सिचत होता हउदा ndash मारा - राम lsquoनrsquo

मारा ndash रावण lsquoकोrsquo इसिलए य कारककारक क आठ भद होत ndash

कारक - नकारक - को

करण कारक - सकारक - को

अपादान कारक - सकारक - का क

अिधकरण कारक - पर

सबोधन कारक - ह अर अपी अहो क कारक ndash (Nominative)

या क स करनवाला या का बोध होता ह उस कारक कहतlsquoनrsquo ह

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उदा ndash राम गयामोहन न खाया

lsquoरामrsquo और lsquoमोहनrsquo कारक ह न हक को सिचत करन क िलए कोई जाती ह

उदा ndash राम न िलखी ख कारक (Accusative)

या पर क का फल पडता ह उस कारक कहत उदा - राम न रावण को मारा

रावण मारा गया ह यहा lsquoरावणrsquo कारक ह lsquoकोrsquo हकभी कभी lsquoकोrsquo का लोप होता ह

उदा ndash राम न िलखायहा lsquoकोrsquo का लोप होता ह ऐसा भी होता ह - राम न को िलखा

ग करण कारक ( Instrumental)

क साधन का बोध करानवाल क को करण कारक कहत lsquoसrsquo ह उदा ndash

कलम स िलखतिलखन का साधन कलम ह कलम क िलखन होती ह

घ कारक ( Dative)

कारक का वह ह जो उस का बोध कराता ह िलए कोई कामlsquoकोrsquo lsquoक िलएrsquo ह

उदा ndash मोहन न राम को पाच मोहन न राम क िलए पाच

ङ अपादान कारक (Ablative)

का वह ह क स पथक होन का बोध हो उस अपादान कारककहत lsquoसrsquo ह

उदा ndash स िगरतयहा स का सिचत होता ह कारक और अपादान कारक lsquoसrsquo ह

करण कारक lsquoसrsquo साधन सिचत होता ह अपादान कारक lsquoसrsquo सिचत होता ह

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कलम स िलखता ह - करण कारकस आ रहा ह - अपादान कारक

च कारक (Genitive)

क स उसका स होता ह उस कारक कहतlsquoकाrsquo lsquoकrsquo lsquo rsquo

उदा ndash राम का घोडा राम क घोड राम बहन छ अिधकरण कारक (Locative)

क स क आधार का बोध होता ह उस अिधकरण कारक कहत lsquo rsquo

और lsquoपरrsquo उदा ndash शर जगल रहता ह

मज़ पर ह अिधकरण तीन क होत ndash

क कालािधकरण ndash का काल होता ह उस कालािधकरण कहत उदा ndash राम दोपहरस आयगा

ख भावािधकरण ndash क भाव क भावािधकरण होता ह उदा ndash शर को दखकरभय होता ह

ग ndash पर होती ह उस कहत उदा ndash मज़ पर ह कालवाचक और क सात कभी कभी लगती उदा ndash कल रात मसलधार हई ( कल रात मसलधार हई ndash lsquo rsquo का लोप)

ज सबोधन (Vocative)

क स को पकारना सिचत होता ह उस सबोधन कारक कहत हउदा ndash ह राम वहा मत आना

सबोधन कारक कोई ह उसको करन क िलए lsquoहrsquo lsquoअरrsquo कोलगाय जात

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UNIT - 14

( Pronoun)क उसक को करन क िलए का जाता ह

कहत उदा ndash राम जाता ह वह अपनी जाता हउसन कहा ndash लाना भल गया वह अपनी राम जगह हए ह

इसिलए ह को हटान क िलए का जाता हयोग क अनसार क पाच भद होत

1) - त यह वह (एव) हम तम य व आप (बव)

2) ndash यह वह (एव) य व (बव)

3) ndash कोई कछ (एव - बव)

4) ndash जो सो (एव - बव)

5) ndash कौन (एव - बव)

क ndash या लखक बोलत या िलखत समय या तो अपन कछ कहता ह या सननवालऔर पढ़नवाल क अथवा अपन और सननवाल को छोडकर क

कहत स बोलनवाल सननवाल और क कछ कहा जाए उस कोकहत

तीन क होत ndash औरndash बोलनवाला या िलखनवाला अपनिलए का करता ह उस

कहत (एव) हम (बव)ndash सननवाल या पढ़नवाल क िलए का होता ह उस कहत

जस ndashत तम और आप ndash क कछ कहा या िलखा जाए उसक िलए होन वाल को

कहत जस ndash यह वह (एव) य व (बव)और हम ह एकवचन ह हम बहवचन ह का हम

क बहवचन स ह यहा हम क पर होता ह हम का एकवचनऔर बहवचन होत

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PRACTICAL GRAMMAR (APPLIED GRAMMAR) Page 30

त और तम क आदर क िलए आपका करत जस ndash तमयहा आओ इसी क पर आप यहा ए कभी कभी यह और वह क भी आप का

होता ह जस ndash आप मर कभी कभी आदर क िलए आप का करत बहवचन सिचत करन क िलए आप क साथ lsquoलोगrsquo

जोडा जाता ह जस ndash आप लोग यहािनजवाचक आप और चक आप भद होता ह िनजवाचक आप समान स एक वचन

और बहवचन आता ह जस ndash आप पढ़गा हम आपवह कवल बहवचन करत िनचवाचक आप तीन स

होत आप कवल और करतlsquoआपrsquo अकला जाता ह िनजवाचक आप तथा क साथ आता ह जस ndash त

आप कामकभी (2) आप भल अकला आ सकता ह जस ndash आप भला तो जग भला वह अपन आप समझ गया

व ऒर सकत जाता हसकतवाचक और िनदशवाचक भी कहत जस ndash यह वह य व

हम तम आप यह य व इन या क साथ अिधकताकरन क िलए lsquo rsquo lsquoईrsquo य जोडत झस ndash त आप

स या क बात का बोध न हो उसकहत जस ndash कोई कछ

a lsquoकोईrsquo का क िलए होता ह जस ndash बाहर स कोई आ रहा ह b जब का पता न होन पर ndash जस ndash अर कोई कमर ह

c क lsquoकोईrsquo लग तो उसका लगभग होता ह जस - कॉलज स कोई पाच सौभाग

d lsquoकोईrsquo जब दोहराया जाता ह तब को सिचत करता ह जस कोई कोई पर को रोकतe कोई क साथ एक लग जान पर सिचत करता ह जस ndash तम स कोई एक गा सकगा

कछ का अनिगनत क िलए होता ह जस ndash कछ हक िलए होता ह जस ndash पानी कछ ह

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कोई का क िलए होता ह और कछ का क िलए होता हघ वाचक

स दो और क बीच क का बोध हो उस वाचक कहतजो सो जस ndash आपन जो कहा सो हो गया

कभी कभी जो या सो स एक रहता ह जस जो गाता ह बात हङ ndash करन क िलए का होता ह कहत

उदा ndash आप सोचत आज कौन आएगाकौन का क िलए होता ह का क िलए होता ह जस ndash कौन

बोलगा थली हकभी कभी कौन का क िलए होता हजस - बाधा डालनवाल तम कौन होिभ किलए lsquoकौनrsquo को दोहरा भी जाता ह जस ndash कौन कौन लाएग

क कौन का होता ह जस - इसन कौन अपराधक िलए को दोहरा दता ह जस ndash राम न

का क भी होता ह जस ndash तम मझस लडोगका

वचन और कारक क कारण भी होत िलग क कारण होताका और एक स होता ह

सबोधन होतास क पर होता ह उसी क अनसार उस क िलग वचन भी होता ह

काकारक एकवचन बहवचन

हममझको मझ हमको

करण मझस हमसमझको मरिलएमझ हमको हमार िलए

अपादान मझस हमसमरामर हमारा हमार

अिधकरण मझपर हमपर

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PRACTICAL GRAMMAR (APPLIED GRAMMAR) Page 32

तकरक एकवचन बहवचन

तन तम तमनतझको तझ तमको

करण तझस तमसतरातर

अिधकरण तझपर तमपर

वहकरक एकवचन बहवचन

वहउसन व

उसको उस उनकोकरण उसस उनस

उसक िलए उस उनक िलए

अपादान उसस उनसउसका उसक उनका उनक

अिधकरण उस पर उनपर

UNIT - 15

(Adjective)स या सिचत कर उस कहत जस ndash रशमी

कपडा लाल कमलबतलाई जाए उस कहत जस ndash लड़का

ह लड़का हजो क पहल आता ह उस कहत जस ndash फल

ह फल ह इसिलए यह ह

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PRACTICAL GRAMMAR (APPLIED GRAMMAR) Page 33

जो क बाद आता ह उस कहत जस ndash वह लड़का बड़ा होिशयार ह लडका ह होिशयार ह क बाद आन क कारण यह ह

जो क साथ उसको करन क िलए होता ह उस समानािधकरण कहत जस ndash रामनाथ कहता ह

रामनाथ क साथ समानािधकरण ह चार क ndash

क गणवाचक (Adjectives of Quality)

ख (Adjectives of number)

ग (Adjective)

घ या (Demonstrative Adjective)

१ गणवाचकजो क गण रग आकार को बतलानवाल को गणवाचक कहत

जस ndash लबा सशील काला गोल गणवाचक क बदल बहधा क क भी आतजस ndash राजा ( का राजा )

जापानी कपड़ा (जापान का कपड़ा)गणवाचचक का होता ह तब उनका क समान होता ह

जस ndash न सच कहा ह२ - क गणना का बोध हो उस

कहत जस ndash एक दो पहला दसरा दगनाक तीन भद होत ndash

1) 2) 3) बोधक या बोधकndash इसस का बोध होता ह जस ndash चार आठ सात

क चार भद ndash

a गणनावाचक ndash गणनावाचक षण स गणना का बोध होता ह जस ndash एक चार फल सात

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PRACTICAL GRAMMAR (APPLIED GRAMMAR) Page 34

गणनावाचक क साथ एक लगान स लगभग का होता ह जस ndash एक आदमी ndash

लगभग आदमी b ndash स क गणना का होता ह जस ndash पहला

दसरा चौथाc ndash गणनावाचक क lsquoगनाrsquo लगान स बनत जस

ndash दगना ितगना ३ - स माप- तोल या का पता होता ह उस

कहत जस ndash दो सर चावल चार गज कपडा

क दो भद होत ndash

1) और 2)

ण - स का पता लगता हजौस - दो सर चावल

- स का पता नलगता ह जौस ndash बहत दध

४ या - स ऒर या सकत जाता ह उसकहत lsquoयहrsquo lsquoवहrsquo स जाता ह इसिलए इसकहत

जस ndash यह वह जब क हो तब वह बन जाता ह

जस ndash वह घर राम का ह कई ऐस मल जसा रहता ह

जस ndash वह यह क

भी िलग वचन और कारक क अनसार होता ह क िलग और कारक ककारण कछ होता ह

जस ndash काला कपड़ा - काला कपड़काला धोती - काला धोितया

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क साथ ई हो जातजस - काली धोती

क होता ह जो क होन परहोता ह जस ndash वह घोड़ा व घोड़

पथकता अथवा अिधकता क िलए को दहराता ह ndash

जस ndash छोट छोट फल लालका भी होता ह जस ndash बडा लड़का

गणवाचक और जब करत तब वह बन जात

जस ndash थोड़ा खा गया चावल बहत ह क साथ जब आता और व बन जात तब उनक साथ

भी लगती जस ndash को दान दो

UNIT - 16

(Verb)

काम क करन या होन का बोध हो उस कहतजस पढ़ना खाना दौडना पहनना

धात ndash क मल को धात कहत उदा- पढ़ना खलना खानाय सब मल धात lsquoपढ़rsquo lsquoखलrsquo lsquoखाrsquo ह मल धात lsquoनाrsquo जोडकर का िमलताह

i क आधार पर क दो भद होत - 1) 2)

1) (Transitive Verb) ndash क का फल को छोड पर पडता हउस कहत

उदा ndash राम पढ़ता ह

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राम ह ह और का पर पडता ह2) (Intransitive Verb) - क का फल पर पडता ह उस

कहत का अभाव हउदा ndash मोहन सोता ह

कभी कभी एक होता ह और कभी कभी दो भी होत एक होन वालको एक lsquo rsquo कहत

उदा ndash राम न खाना खायाखाना ह कवल एक होता ह दो होन वाली को

कहतउदा ndash मा न को दध

दो होत ndash lsquo rsquo और lsquoदधrsquo दो होत एक lsquo rsquo और दसराlsquoगौणrsquo

उदा ndash मा न को दधइस lsquoगौणrsquo ह दध lsquo rsquo ह lsquoगौणrsquo कभी कभी होता हउदा ndash न कथा सनाई

ii क भद1 - व होती ह आशय अथवा स परा होताको परा करन क िलए दसर होती ह ऐसी को कहतयह दो क होती ह१ ndash का अभाव हउदा ndash वह ह यहा क को परा करन क िलए जोडा गया ह२ ndash होन पर भी का भाव परा न हो उस को

कहतउदा ndash सीता न पढ़ाया

यहा परा सीता न lsquo rsquo पढ़ाया lsquo rsquo पढ़ाया यह परा इसिलए यहह यहा होन पर भी का भाव परा होता

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३ परक - को परा करन क िलए या पडती ह

परक कहत क परक lsquo परकrsquo तथा क परक lsquo परकrsquo

होतउदा ndash उस होिशयार समझता ह ( परक)

राम बलवान ह ( परक)

iii यौिगक धात ndashक स धातओ क दो भद होत 1) मल धात 2) यौिगक धात

मल धात - मल धात व जो दसर स न बन जस ndash कर बठ पढ़ यौिगक धात ndash यौिगक धात व जो दसर स बनाय जात उदा ndash खाना स नाम धात ndash जो या क आधार पर बनती ह उस नाम धात कहत

उदा ndash हाथ स हिथयानास

अपना स अपनानाiv - स यह जान पडता ह को न करक दसर को

करन दता ह उस (casual verbs) कहतउदा ndash राम न मोहन स िलखवाया यहा राम न िलखकर मोहन स िलखवाता ह इसिलए यह ह

करनवाल को और जाती ह उस कहतराम न मोहन स िलखवाया राम ह और मोहन हमल जो होती ह उनस और बन सकती हस और बन सकती उदा ndash दध पीता ह

पीना ह इसस बनती ह ndash मा को दध हस बना सकती ह उदा - मा नौकर स को दध ह

बनान का िनयममल धात क आ जोडन स और वा जोडन स या

बनती ह

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उदा ndash उठना ndash उठाना - उठवानाचलना ndash चलाना - चलवानापढ़ना ndash पढाना - पढ़वाना

दो क धातओ ए और औ को छोडकर पहला हो जाता हउदा ndash जागना ndash जगाना ndash जगवाना

भलना ndash भलाना - भलवानाछोडना ndash छडाना ndash छडवाना

धातओ क ला और लवा लगात तब हो जाता हउदा ndash पीना ndash ndash

सोना ndash सलाना ndash सलवानाखाना ndash -

v नाम धात - को छोडकर जोडन स जो धात बनती ह अथवा जो नाम (

या ) धात क समान होत नामधात कहत जो नामधात लगान सबनत आ ओऔर ला लगात पहला हो जाता ह

उदा ndash लाज ndash ndash लजानाहाथ ndash हिथया ndash हिथयानाझठ ndash झठला ndash झठलाना

UNIT - 17

काल (Tense)क स क होन का समय और अथवा का बोध हो उस काल

कहत काल क तीन भद होत1) भतकाल2) काल3) काल

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भतकालस का बोध हो उस भतकाल कहत

उदा ndash राम न िलखी भतकाल क छः भद - भत भत भत भत भत हत-हतमत भत

भत ndash क स भतकाल क समय का बोध न हो उस भत कहतउदा ndash मोहन न खत िलखायहा का बोध होता जो भतकाल हई ह भतकाल ndash क स का का समय अभी अभी हआ ह इसका बोध

होता ह उस भतकाल कहत उदा ndash राम न ह

इसस पहल अभी अभी हई हभत ndash क स यह होता ह क को हए बहत समय हो चका ह उसभत कहत

उदा ndash न दध थास हो क साथ lsquoथाrsquo lsquoथrsquo lsquoथीrsquo लगान स भतकािलक

िमलता हभत - क उस को भत कहत यह हो भतकाल हो थी पर

का पता न लग उस भतकाल कहतउदा - वह पढ़ रहा था वह सोता था

कब समा हआ इसका पता क साथ lsquoता थाrsquo lsquoत थrsquo lsquoरहा थाrsquo lsquoरह थrsquo लगानाभत काल ndash क स भतकाल सचना िमलती ह उसक होन कछ हो उसभत कहतउदा ndash वह आया होगा

उसन खाया होगा भतकाल हो थी ह क साथ lsquoहगाrsquo lsquoहगीrsquo lsquoहोगाrsquo lsquoहोगीrsquo

lsquo rsquo जोडन स भतकाल िमलता हहत-हतमत भतकाल ndash क स यह पाया जाय भतकाल होना सभव थाकारण स न हो सका उस हत-हतमत भतकाल कहत

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(Present Tense)

क को काल कहत रहती ह

होती उस काल कहतउदा ndash राम पढ़ता ह

सीता गीत गा हकाल तीन क होत ndash 1) काल 2) काल 3)

काल - वह ह स का काल होना पाया जाय

उस कहतउदा ndash मोहन पढ़ता ह

रमा गाती ह क साथ lsquoताrsquo lsquoतrsquo lsquoतीrsquo जोडन स बनत

- वह ह काल क होन पायाजायउदा ndash वह खाता होगा

सीता जाती होगी क साथ lsquoता होगाrsquo lsquoती होगीrsquo lsquoत rsquo lsquoती rsquo लगान स िमलत

ndash का वह ह यह होता ह का अभी ह

होता उस कहत उदा ndash वह खा रहा ह

चल हक साथ lsquoरहाrsquo lsquo rsquo lsquoरहrsquo जोडन स िमलती ह

काल ( Future Tense)

होनवाली को काल कहत काल क दो भद ndash 1)

काल 2) कालकाल ndash का वह ह स क आग होन सचना िमल उसकाल कहत

उदा ndash वह आयगा

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राम आज बबई जायगासीता कल घर आयगी

क साथ lsquoयगाrsquo lsquoयगीrsquo lsquoयगrsquo जोडन स िमलतकाल ndash क होन सभावना हो उस काल कहत

उदा ndash सभव ह आज हो स lsquoगाrsquo lsquoगrsquo lsquoगीrsquo पथक कर दन स काल िमलगा

UNIT ndash 18

(Voice)उस कहत यह जाना जाय का ह

ह या कवल भाव ह उस कहतउदा ndash राम न रावण को मारा

तीन क ndash 1) 2) 3) भाव- ह हमशा क िलग वचन और क अनसार होता ह

उस कहतउदा ndash लडका पढ़ता ह

लड़का ह और ग ह इसिलए भी होना हसीता िलखती ह इसम सीता ह इसिलए ह का सीधा स होताह

ndash क िलग वचन क अनसार हो उस कहतह का होता ह

उदा ndash राम िलखता हह इसिलए यह ह धानता होती ह और का

स होता ह क िलग वचन क अनसार बदलती ह हमशाहोता ह का होना ह

उदा ndash राम न रावण को मारा -

राम स रावण मारा गया -

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रावण ह ह क का ह गौण का रहता ह

उदा ndash मा न को दध मा स को दध गया

दो होत ndash और दध ndash भाव होती ह यह हमशा स बनता ह हमशा

एकवचन और होती ह इसका होता ह उदा ndash यहा बठा जाता

मझस पढ़ा जाता स या बनान

को भत क करना उसक साथ काल वचन और िलग कअनसार जाना क जोडन ऐसा करन स स औरक स भा बनती ह

उदा ndash 1) राम न रावण को मारा -

राम स रावण मारा गया -

2) राम रावण को मारगा -

राम स रावण मारा जायगा -

3) राम रावण को मारता ह -

राम स रावण मारा जाता -

पहल lsquoमाराrsquo भतकािलक ह इसिलए lsquoमाराrsquo क साथ lsquoजानाrsquo का भतकािलकजोडना

दसर lsquoमारगाrsquo काल ह इसिलए lsquoमाराrsquo भतकािलक बदलकरlsquoजानाrsquo का काल lsquoजायगाrsquo जोडना

तीसर काल ह को भतकािलक बदलकर (मारा) उसक साथजाना का (जाता) जोडना

स बन सकता हउदा ndash मोहन उठता ( )

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मोहन स उठा जाता - ( )

वीणा चलती ( )

वीणा स चला जाता - ( )

UNIT ndash 19

याअभी तक हमन क बार पढ़ िलया ह उनक िलग वचन और कारक क अनसार

आता ह इसिलए कहत का ह अब हम क दसरया क बार

चार क होत ndash 1) 2) बोधक 3) बोधक 4)

बोधक

UNIT ndash 20

ndash Adverbउस कहत होती ह

उदा - रमश चलता हइस lsquoचलनाrsquo ह ndash ह lsquo rsquo इसिलए lsquo rsquo ह

स क तीन भद ह - 1) साधारण 2) सयोजक 3) साधारण - साधारण वह ह होता ह साधारण या

कहत जस ndash खब पढ़ो दौडो सयोजक ndash का स या स होता ह सयोजक

कहत जस ndash जहा तक हम चल सक वहा तक ह

योजना का सयोजक स होता ह- का क

भद क साथ होता ह कहत

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जस ndash गह खाओग

कह तो लो होता ह व कवल गह खात और कछ खायगा इन

ह हो जान स का बदल जाता ह जस ndash वह काम करगा इसका यह ह जो काम उस ह कवल वह करगा और कछ

क आधार पर क चार भद होत ndash 1) कालवाचक 2) 3)

4)

कालवाचक ndash स समय अविध तथा काल का बोध होता ह कालवाचककहतजस ndash काम को अभी पढ़ना

आजकल रोज़ होती ह कभी कभी भी रात क समान लगता ह मोहन पढ़ाई सदा ह

अभी आजकल कभी कभी सदा कालवाचक ह ndash स क का बोध होता ह

कहत उदा ndash जहा तक जा सक वहा तक जाओ

जाओ और वहा लटो घर क सामन एक ह बाहर रोशनी भीतर अधरा

हाथ स मारत जहा वहा सामन बाहर भीतर ndash स अिधकता- का बोध होता ह

कहत जस ndash उतना पढ़ो हो

चावल थोडा खाओ खब खाना

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अपना थोडा खब

व क होन का ढ़ग का पता िमलता ह जस ndash राहल धीर धीर चलता ह

सीता मधरतम गाती ह यथा हम तथा िमलत

धीर धीर मधरतम यथा-तथा

UNIT - 21

बोधकबोधक ह जो या क साथ आकर उनका क

क साथ बनात उदा ndash धन क कोई काम न चलता

घर क नीच एक तालाब ह क पास एक भी ह

नीच पास बोधक ह क अनसार बोधक क दो भद होत ndash 1) 2)

क ndash य या क बाद आतउदा - घर क भीतर घर क पीछ घर ऒर

कारक भी आती ह जस का क कभी कभी अपादान कारक या भी आती ह

उदा ndash इनस पहल आया राम का मकान मोहन क घर स पर

lsquoसrsquo lsquoपरrsquo अपादान कारक क ndash यह स क क साथ आत

जस ndash दो तक राम रहगा

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घड भर पानी क िलए पाच दन ग lsquoतकrsquo lsquoभरrsquo सचक

UNIT - 22

( Conjunctions)योजक या व जो या न बतला कर एक या का

दसर या स जोडत बोधक कहतजस ndash सीता और गीता अपन घर गयी

सीता और गीता को िमलानवाला योजक lsquoऔरrsquo ह क तीन भद ndash 1) सयोजक 2) 3) भदबोधक

1) सयोजक ndash कई का सयोग करनवाल को सयोजक कहत इसक दो याका मल होता ह

उदा ndash और राम कल बबई और वहा उनक साथ मोहन भी lsquoऔरrsquo lsquoभीrsquo सयोजक ह

2) ndash जो का बोध कराए कहत जस ndash चाह दश सवा करनी या अथवा मानवीय को पहचानना

lsquoयाrsquo lsquoअथवाrsquo lsquoवाrsquo lsquoचाहrsquo को करनवाल ह 3) भदबोधक ndash दो स एक स भद बतलानवाल को भदबोधक कहत य कई क होत

क ndash दो म स पहल का िनषध या सिचत करत जस ndash

पर मगर वरन उदा ndash मझ वहा जाना था क कारण जा न सका

ख - कारणवाचक और उपदशमलक ndashइसिलए सो अतः इसिलए

इस क ह जस ndash राम समय पर आ न सका इसिलए जा न सका

ग सकतबोधक ndash ndash तो जो ndash तो प सकतबोधक ह जस ndash तम कहत तो जाता

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घ ndash इन पहली बात का और होता ह यान मानो यहा तक इस क ह

जस ndash कोई भी समय पर पहचा यहा तक भी 10 बज तक न आय क और दो भद होत ndash 1) समानािधकरण 2)

समानािधकरण ndash समान पद क या को जोडत जो एक क हो वसमानािधकरण धक कहत जस ndash क मा-बाप का अजीब ह समानािधकरण क चार उपभद होत ndash

1) सयोजक ndash और तथा भी एव 2) क ndash या वा अथवा चाह 3) ndash पर मगर 4) ndash इसिलए अतः

ndash को स जोडनवाल कोकहत

जस ndash आज नौकरानी आयगी वह बीमार ह क चार उपभद होत ndash

१ ndash यान मानो २ करणवाचक ndash जो इसिलए ३ उपदशवाचक - जो ४ सकतवाचक ndash - तो जो-तो -

4) ndash ndash स क शोक घणाको करनवाल को -बोधक कहत

जस ndash हाय अब अर आप कहा जा रह

ह राम करो को सिचत करन क िलए - लात

बोधक क सात भद ndash

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1) बोधक ndash वाह ndashवाह - आहा शबाश

2) शोक बोधक ndash आह ऊह हा-हा ndash

3) बोधक ndash अहो ऒह

4) अनमोदन बोधक ndash हा-हा वाह शबाश

5) बोधक ndash िछ हट अर िधक

6) ndash बहत हा जी हा7) सबोधन बोधक ndash अर र अपी अहो

कभी कभी भी हो जातजस ndash भगवान लो चप कभी कभी या भी होत जस ndash न हो बहत हो गया

जब क समान होत तब वह होता तब वमनोभाव को करात

जस ndash हाय हाय मचा रखी ह

सब लोग - पकार उठहाय ndash हाय - क समान ह इसिलए यह बोधक ह

UNIT - 23

क भद क स बनान का िनयम

क पर जायगास बनता ह एक या अिधक स बनता ह एक स अिधक स बनता

ह कहन या िलखनवाल का परा भाव हो जाय तो उस कहतजस ndash मोहन पढ़ता ह

राम िलखता ह इन स लखक का परा भाव होता ह

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ndash कछ ऐस होत और क रहन पर भी कहन या िलखनवाल का परा आशयहोता क समह को और क रहन पर भी जो कछ सनन

बनी रह कहत दो क होत ndash 1) 2)

क अधीन होतउदा ndash राम न कहा था वह कल पाठशाला जायगा

इस राम न कहा था - ह और कल पाठशाला जायगा तह इस और भी कहत

रखनवाल को कछ थोडा सा भाव करनवाल को कहतएक भावना होती ह

जस ndash तरह पढ़ना चलना

इन होता ह क म दो भाग होत 1) और 2)

ndash ( ) कछ होता ह उस कहतndash ( ) क जो कछ होता ह उस कहत

जस ndash मरा स भरा हआ ह मरा ह और स भरा हआ ह ह मरा ndash ह और मरा

उस का ह इसिलए ( ) और मरा का कहत हआ हह शष उसका ह

इस चार भाग हए ndash 1) ( ) 2) का 3) ( ) 4)

काचार भद ndash

क ndash राम गया ख ndash वह कह चका ग ndash फल

क भदक अनसार क आठ भद होत ndash

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1 ndash इस स बात का होना सिचत होता ह जस ndash भारत राजधानी ह

2 िनषधवाचक ndash का अभाव होता ह जस ndash क कछ भी पा सकत

3 ndash इस स सचना होती हजस - तम कल कालज

4 ndash इसस और उपदश का बोध होता ह जस ndash तरह पढ़ो

का भजन करो 5 ndash इसस का भाव सिचत होता ह जस ndash हाय राम को एक

लाख िमल 6 ndash इसस या सचना होती ह

जस ndash अक पा

7 ndash या सभावना सचना होती ह जस ndash आज होगी

8 - सकत सचना होती ह जस ndash हो तो

राम काम करगा रचना क आधार पर

रचना क आधार पर क तीन भद होत - 1) सरल या साधारण 2) और3)

१ सरल ndash एक और एक होता ह उस सरल कहतजस ndash मोहन िलखता ह ( मोहन और िलखता ह धय ह)

राम मज़ पर रखी ह ( ह और रखी ह ह)

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lsquoराम rsquo और lsquoमज़ परrsquo कवल और का ह २ - उस कहत एक हो और उसक एक या

अिधक हो उस कहतजस ndash जो करगा उस सफलता िमलगी जो करगा ndash ह उस सफलता िमलगी - ह

तीन क ndash 1) 2) 3)

1) ndash का क पर होता ह उसकहतजस ndash मरा ह तमन को मारा यह सच ह इस तमन को मारा ndash ह क पर आया ह इसिलए यह

ह 2) ndash जब कोई को क का काम दता ह तब उस

कहत जस ndash य उसी छा को जायगा जो रहगा

उसी स डरत जो खब मारता ह उसी जो ह

3) ndash जो क का काम दता ह उस कहत

जस ndash करता ह उतना फल िमलता ह जब तम कहोग सब कछ

जब ह ३ ndash दो या दो स अिधक योजक जड हो न

हो उस कहतजस ndash वह तरह पढ़ता था तो पास होता

दो या दो स अिधक सरल अथवा एक दसर पर न होता ह इसिलए यह

जस - कर चका (सरल )

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हम कर चक तो व आए ( )

और मरा मन ठड हो गया ( )

चार क होत ndash सयोजक सचक 1) सयोजक - एक दसर क साथ सयोजक जडा रहता ह

जस ndash वह आया और उसक साथ गया स िमलता ह और स होता ह

2) ndash का एक दसर स भद या का रहता ह जस ndash स बढ़ता ह स भरता ह वह खब खाता पर बडा होता

3) सचक ndash दो स एक को करना जस ndash मझ या राम को

4) अथवा हतसचक ndash एक दसर का होता हजस ndash तम आग पढ़ो पसा दगा मझ पसा िमला इसिलए

कभी कभी बीच योजक आत जस ndash मझ न बलाया आप आता ह जब को का या एक होता ह तो एक बार िलखा या कहा

जाता ह ऐस को सकिचत कहत जस ndash का और मन को भी दता ह

जो आसानी स समझकर छोड दत ऐस को कहत जस ndash आजकल सना ह बरसात क मौसम बखार सब फलाता ह

कहत रोज़ बढ़त रह पहल हमन होना था पर ह दसर लोग स होना पर होता ह

एक का दसर क बदल जा सकता ह मलकर सकत

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क सरल स ndash

उदा ndash सरल - राम न मोहन का - राम न उस को जो मोहन का था

ख स सरलndash उसन कहा पापी ह

सरल ndash उसन को पापी बताया ग सरल स

सरल ndash होन पर लोग खत जान लग - हआ और खत जान लग

घ स िनषध वाचक तथाndash मोहन सोहन स बडा ह

िनषध वाचक - मोहन सोहन स बडा ndash मोहन सोहन स बडा ह

UNIT ndash 24

और महावरव जो का अपना न बता कर कछ करत महावरा

कहत बोलचाल बहत आनवाला ऐसा बधा कोई अनभव बात और अलकतभाषा गई हो या कहावत कहाता ह जस ndash मर पट चह कद रह

जब स उनका लड़का मरा ह कमर टट गई ह वह इतना चालाक ह अपन मािलक को पर नचाता ह

इन lsquoपट चह कद रह rsquo lsquoकमर टट गई हrsquo lsquo पर नचाता हrsquo इन काउनक स ह यहा lsquoपट चह कदनrsquo का ह भख लगना lsquoकमर टटनrsquo का ह या

का न रहना तथा lsquo पर नचानrsquo का ह अपन वश रखना अतः य महावरकहलात

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इसी जब कोई आदमी काम करना न जानता हो परत अपन को िछपान क िलए बहान बनावतब कहा जाता ह ndash नाच न जान आगन टढ़ा

जब कोई आदमी अनक खाकर भी अपनी आदत न छोड़ तब कहा जाता ह दम सौतक नली रखो तो भी य बध हए और अनभव तथा अलकत भाषा कह गय अतः य

और क स भाषा तथा आती ह महावरदार भाषाबहत पसद जाती ह और कथन बड़ा होता ह

महावरअग-अग - बहत होनाअगठा - चीज़ को दन स क साथ करनाअध - सहाराअधरा घर का उजाला - एकलौता बटा

क घोड़ दौड़ाना - सोचनापर पड़ना - समझ न पाना

अपना सीधा करना ndash करनाआख उठाना - नीयत स दखनाआख खलाना - होश आना

चार होना - आख स आख िमलानानीची होना - होनापीली करना - नाराज़ होना

आकाश पाताल का ndash बहत भदआग घी डालना - बढ़ानाआसमान िसर पर उठाना - बहत कोलाहल करना

स बजाना - करनाईद का चाद होना - िचरकाल पीछ दनाउगली पर नचाना - वश रखना

गगा बहाना - बात करना

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कमर टट जाना - िनराश हो जानाकान भरना - चगली करना

मौत मरना - बहत तरह स मरनाखाक उड़ाना खाक िमलाना - बरबाद होनागड़ गोबर कर दना - काम दनाघर गगा - दौड़-धप कघाट घाट का पानी पीना - जहा तहा का अनभव करनाचाद पर थकना - करना और फलतः होनाचार चादनी - थोड़ का सख

का दध याद आना - सब सख भल जाना सकट आ पड़नाजमीन पर पर न पड़ना - बहत अिभमान होनाजल भन कर कोयला होना - पागल हो जानाटस स मस न होना - भी नटाग अड़ाना - बाधा डालनाटोपी उछालना - िनरादर करनाितनका पकड़ना - मागनाितन का ताड़ करना - बात बढ़ानाथक कर चाटना - वचन दकर जाना

तल उगली दबाना - करनादम तोडना - मर जाना

दना रात चौगना होना - खब होनाधप बाल सफद करना - अनभव आय दनानमक लगाना - बात को बढ़ा कर कहनानाक कटना - बदनामी होनानाक चढ़ाना - घणा करनानीला पीला होना - आना

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नौ-दो होना - भाग जानाउछालना - करना

- बातपरदा डालना - िछपानापहाड टट पड़ना - आनापट चह कदना - खब भख लगना

तल स ज़मीन िनकल जाना - होश उड़ जानाफक-फक कर कदम रखना - सोच-समझ कर काम करनाबगला भगत -

उछलना - खब खश होनाबाज़ार पर होना - काम पर होनाबात का धनी - वायद काबाल खाल उतारना - करनाबाल पकना - बढ़ा होजाना अनभव करनाबाल बाल बचना - हािन पहचन जरा- सी कसर रह जानाबगार टालना - लगाकर काम न करनाबोली मारना - क कहनाभनक पड़ना - खबर द जानाभाड़ - समय गवाना

मारना - बकारचस - बहत कजसपर मारना - का नकल करना

मगज चाटना - तग करनामाथा ठनकना - आशका होनामारा मारा - होनामह-तोड़ जवाब दना - परा-परा जवाब दना

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मह फक हो जाना - चहर का रग उतर जानामह पानी भर आना - खान को ललचानामह लगाना - अिधक द दना

गरम करना - दनाराई का पहाड़ बनाना - बात को बढ़ाकर कहनारात- - हमशालका काड होना - खब मारपीट होनालबी-चौ हाकना - करना

होना - होनालह क घट पीना - करनालह पसीना एक करना - बहत करनालोह क चना चबाना - काम करनाशतान क कान कतरना - बहत चालाक होना

करना - करनाबाग - बहकाना

समझ पर पड़ना - होनाबठना - जमाना

िसतारा चमकना - उदय होनािसर पर खन सवार होना - जान लन पर होनािसर पर हाथ धरना - सहायता करनासौ बात एक बात - िनचोड़

करना - फक डालनाहसी उड़ाना - करनाहाथ मल -

हाथ पर हाथ धर बठना - बठनाहाथ पसारना - मागना

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हाथ-पर मारना - करनाहाथ साफ करना - बईमानी स ठगना

पानी करना - करनाहोश उड़ना - भय या आशका स दखी होना

अत गता सो मता - वहकान राजा - थोड़ा पढ़ िलख का मान होता ह

आख क गाठ क पर - पर धनवानआप मर जग परल - ह तो ससार ह

चोर कोतवाल को डाट - अपराध करक को डाटनाऊची दकान पकवान - काम करनाएक अनार सौ बीमार - जब एक चीज़ क बहत स तब कहा जाता हएक पथ दो काज - एक काम करन स दो का लाभ होनाकाला बराबर -

घर का लका ढ़ाह - फट स घर नाश होता हिचराग तल अधरा - पास घटना क होन पर भी उसका न होना या

ऐस पर बराई का होना जहा उसक रोकन का होचोर ितनका - पापी डर जाता हजाग सो पाव सोव तो खोव - सावधान रहन स लाभ होता ह

- बलवान का दबदबा रहता हजसा दश वसा भस - दश रह वसी करनीजसी करनी वसी भरनी - फल िमलता हतन को कपड़ा न पट को - बहतथोथा चना बाज घना - काम न करनवाला बकवास बहत करता हदाम बनाय काम - पस स सब काम हो जात

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धोबी का घर का न घाट का - जो एक पर जमकर काम न कर कभी एक लग और कभीदसर और सफल न हो उस कहा जाता ह

रहना मगर स बर - अधीन होकर रह और उसी स बर कर तो गज़ारा चलता हन रहगा बास न बाजगी - नकसान हो उसका नाश कर दना हनाच न जान आगन टढ़ा - काम करन न होन पर दसर को दोष दना नीम जान का खतरा - अधरा हािनकारक होता हनौ नगद न तरह उधार - उधार सौदा दनामान न मान तरा महमान - गल पड़नािमया जती िमया क िसर - स उसी हािन करनासौ सयान एक मत - सभी अथवा एक सलाह होती हहाथ कगन को आरसी - क िलए और हाथी क दात खान क और क और - कहना कछ और करना कछ औरहोनहार क होत चीकन पात - होनहार क पहल स जात

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Module ndash 1

Unit - 1 -

Unit - 2 -Unit - 3 -Unit - 4 -Unit - 5 -

Module ndash 2Unit - 6 -Unit - 7 -Unit - 8 - समास

Module ndash 3Unit - 9 -Unit -10 -Unit -11 - िलगUnit -12 - वचनUnit -13 - कारकUnit -14 -Unit -15 -Unit -16 -Unit -17 - कालUnit -18 -Unit -19 -

Unit - 20 -Unit - 21 - -Unit - 22 - -बोधकUnit - 23 -Unit - 24 -

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Module lUNIT - 1

भाषा औरभाषा वह साधन ह अपना स करता ह तथा क कोकरता ह भाषा lsquoभाषrsquo धात स बनी ह भाषा दो होती - किथत भाषा और भाषा भाषा

का कई होता ह कछ होतभाषा ह भाषा हमशा होता रहता ह जब भाषा बोलचाल भाषा रहती

ह तब उस बोली कहत बोली क िलए उतनी भाषा किलए होती ह जब भाषाबन जाती ह तब का पालन करना पडता ह क क आधार परभाषा का होता ह न अपन को कहा हक को एक िनयम बाधा ह भाषा का अनगामी ह भाषा औरक बीच होता ह भाषा क क िलए क को करनाबोलचाल भाषा सहायता स भाषा बन जाती ह भाषा को

एव िच दता हभाषा अपनी का पर ह नसरलतर अपनाया ह यह ह जस करत वस िलखत

क िलए िभना सकत ह और एक सकत कवल एक का करता हभाषा पर होता ह मल स बनता ह स बनता ह स

बनता ह और स एक भाषा बनती ह भाषा दो होती ह किथत भाषा और भाषाकिथत भाषा पर ह भाषा क िलए एक होता ह उस कहत एक सअिधक स बनत और एक स अिधक स बनत इसी आधार पर क तीन भागहोत - 1) 2) 3)

- का भाग ह उस कहत क भद आकार औरसयोग या सिध स हए उनक पर होता ह

ndash का वह ह क भद पर होता ह - क उस को कहत स बनान का िनयम ndash खड

भद का जाता ह

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UNIT - 2

उस मल क को कहत न हो उदा ndash अ इ उ ए

राम ndash र+आ+म+अ चार होत इन को कहतभाषा होनवाल क समदाय को कहत हर भाषा क िलए अपन अपन होत

कल 44 होतअआ इ ई उ ऊ ऋ ए ऐओऔक ख ग घ ङच छ ज झ ञट ठ ड ढ णत थ द ध नप फ ब भ मय र ल व ष श स ह तीन और भी होत य ह का हो

सकता हजस ndash ndash क+ष+अ

ndash त+र+अndash ज+ञ+अ

िगनती हो सकतीक दो भद होत ndash 1) 2)

कल 11 और 33 कल िमलाकर 44 होतndash सहायता स होता ह कहत क सहायक

होत11 ह

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अ आ इ ई उ ऊ ऋ ए ऐ ओ औndash सहायता स कर सकता ह उस कहत

क lsquoकrsquo स lsquoहrsquo तक कल िमलाकर 33 इसक अलावा अननािसक और नामक तीन ह

अननािसक ndash इसका नाक और मह स होता ह इसका ह उदा ndash हसना गावndash करत समय नाक स िनकलती ह इसका ह उदा ndash कठ हस

ndash जब अथवा क बाद lsquoहrsquo लग तब उस कहत उदा ndash अतः

पनःइसका इस ह ndash अतहा पनहा

UNIT - 3

क भदक आधार पर क दो भद होत ndash 1) मल 2)

मल - मल व दसर स होती भी कहत उदा ndash अ

इ उ ऋ- व जो मल क मल स बनत उदा ndash आ ई ऊ ए ओ औ क दो उपभद ndash 1) 2)

ndash दो मल क मल स जो होता ह उस कहत उदा ndash अ+अ = आ इ+इ =

ई- क मल स जो बनता ह उस कहत उदा ndash अ उ ओ अ ओ

मल(अइउऋ)

(आईऊ) (एऐओऔ)

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क आधार पर क भदक काल ndashमान को रखकर क दो भद जात - लघ और

ndash मल क समय लगता ह उसक को कहतलघ ndash क एक का समय लगता ह उस लघ कहत

उदा - अ इ उ ऋ (मल )

- क दो का समय लगता ह उस या कहतउदा ndash आ ई ऊ ए ऐ ओ औ (सब )

स क भद और भी जात य ndash साननािसक और िनरननािसक ndash रण स का एक और भद भी जाता ह ndash ह

पकारन क अवसर पर का अितम लबा करक बोला जाता ह और उसकतीन का समय लगता ह उस कहत उदा ndash अर माधो हाय र

भी इसका करतसाननािसक और िनरननािसक ndash

जब का मख और नािसका स होता ह उस साननािसक कहत उदा ndash मा (आ)जब का कवल मख स होता ह उस िनरननािसक कहत उदा ndash अ इ उ

UNIT - 4

सहायता स का कर सकत कहततीन क होत ndash 1) 2) 3)

- 25 होत lsquoकrsquo स लकर lsquoमrsquo तक पाच-पाचक ख ग घ ङ ndash कच छ ज झ ञट ठ ड ढ णत थ द ध नप फ ब भ म

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इनक जीभ मह क न भाग का करती ह- इनका करत समय जीभ मह क भाग का करती हस इनका और क बीच ह का ह ndash lsquoबीच rsquo उदा ndash य

र ल व ndash य- इनक मख स रगड रवाकर िनकलती ह उदा ndash श ष स ह ndash

UNIT - 5

दो क पास पास होन क कारण उनक मल जान स जो होता ह उस सिध कहतउदा ndash राम + अवतार = रामावतार (अ+ अ= आ)

तीन होती ह ndash 1) 2) 3)

- दो क मल स जो होता ह उस कहत उदा ndash + =

(इ+ इ = ई)

क पाच भद होत ndash 1) 2) गण 3) 4) यण 5)

1) ndash दो र पास पास तो क बदल एक बन जाता ह उसकहत

उदा ndash + आलय =

+ =

+ उपदश =

2) गण ndash lsquoअrsquo या lsquoआrsquo क आग lsquoइrsquo या lsquoईrsquo लगा तो िमलकर lsquoएrsquo lsquoउrsquo या lsquoऊrsquo हो तोिमलकर lsquoओrsquo और lsquoऋrsquo हो तो िमलकर lsquoअरrsquo हो जातउदा ndash दव + = (अ + इ = ए)

सर + ईश = सरश (अ + ई = ए)

वीर + उिचत = वीरोिचत (अ + उ = ओ)

राज + = (अ + ऋ = अर)

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3) - lsquoअrsquo या lsquoआrsquo क आग lsquoएrsquo या lsquoऐrsquo हो तो िमलकर lsquoऐrsquo और lsquoओrsquo या lsquoऔrsquo हो तो िमलकरlsquoऔrsquo हो जात

उदा ndash एक + एक = एकक (अ+ ए = ऐ)

वन + औषिध = वनौषिध (अ+औ = औ)

4) यण - इ ई उ ऊ या ऋ क आग कोई तो इ ई क lsquoयrsquo उ ऊ कlsquoवrsquo और ऋ क lsquoरrsquo हो जाता ह

उदा ndash + = (इ+अ = य)

स + आगत = (उ+आ = व)

मात + = ndash (ऋ+आ = र)

5) - ए ओऐ औ स पर कोई हो तो lsquoएrsquo को lsquoअयrsquo lsquoओrsquo को lsquoअवrsquo lsquoऐrsquo को lsquoआयrsquo तथाlsquoऔrsquo को lsquoआवrsquo हो जाता ह

उदा ndash न + अन = नयन (ए को अय)

न + अक = नायक (ऐ को आय)

भो + अन = भवन( ओ को अव)

भौ + उक = भावक (औ को आव)

- जब एक दसर या स िमलता ह और उसक मल स जो होताह उस कहत

उदा ndash सत + उपयोग = सदपयोगिनयम

1) क च और प क आग कोई या का तीसरा चौथा अथवा य र ल व ह स कोईहो तो क - ग होता ह च - ज होता ह ndash होता ह और प ndash ब होता ह

उदा ndash वाक + ईश = वागीशअच + =

+ आनन = षडानन2) क पहल स पर कोई अननािसक हो तो पहला उसी का अननािसक हो

जाता हउदा ndash वाक + मय = (क का ङ अननािसक)

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3) lsquoतrsquo क साथ कोई ग घ द ध ब भ अथवा य र ल व कोई हो तो lsquoतrsquo का lsquo rsquo होजाता हउदा ndash जगत + ईश =

उत + गम =

तत + =

4) lsquoतrsquo क साथ lsquoचrsquo हो तो िमलकर lsquoचrsquo और lsquo rsquo क साथ lsquoछrsquo हो तो िमलकर lsquoजrsquo या lsquoझrsquo होजाता ह lsquoतrsquo क साथ lsquo rsquo lsquoड़rsquo या lsquoढ़rsquo होन पर िमलकर lsquo rsquo होता ह और lsquoतrsquo क साथ lsquoलrsquo हो तोिमलकर lsquoलrsquo हो जाता हउदा ndash उत + चारण = (त + च = )

सत + जन = (त + ज = )

बहत + = (त + ट = )

उत + डयन = (त + ड = )

तत + लीन = (त + ल = )

5) lsquoतrsquo lsquo rsquo क साथ lsquoहrsquo हो तो lsquoतrsquo lsquo rsquo होता ह और lsquo rsquo lsquoधrsquo हो जाता हउदा ndash तत + = ( त + ह - -ध)

lsquoछrsquo क कोई हो तो lsquoछrsquo lsquo rsquo बन जाता हउदा ndash आ + छादन =

+ छद =

6) lsquoमrsquo क साथ lsquoकrsquo स lsquoमrsquo तक का कोई हो तो lsquoमrsquo बन जाता हउदा ndash सम + =

सम + तोष = सतोष7) lsquoमrsquo क साथ य श ह तो lsquoमrsquo बन जाता ह

उदा ndash सम + हार = सहारसम + शय = सशयसम + योग = सयोग

8) ऋ र या ष क बाद lsquoनrsquo हो तो वह ण हो जाता हउदा ndash भष + अण = भषण (ष + न = ण)

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ऋ + न = ऋण (ऋ + न = ण)

9) अआ को छोडकर कोई क lsquoसrsquo क आ जाय तो lsquoसrsquo lsquoषrsquo बन जाता हउदा ndash अिभ + सक = अिभषक (इ+स = ष)

+ सम = (इ+स = ष)

10) र क साथ र हो तो पहला र का लोप होता ह और उसस पहल का होता हउदा ndash िनर + रस = नीरस

- और क साथ क मल स जो होता ह उस कहतउदा ndash मनः+ रथ = मनोरथ

दः+ उपयोग =

िनयम1) स अ हो और का तीसरा चौथा पाचवा अथवा यरलव आ जाय तो पहला lsquoअrsquo

और lsquo rsquo क पर lsquoओrsquo होता हउदा ndash यशः+ गान = यशोगान (श अ ओ)

मनः+ = (न अ ओ)

रजः+ गण = रजोगणसरः+ ज = सरोज

2) क बाद शषयस हो तो बाद क क समान बन जाता हउदा ndash दः+ शासन = ( भी श होता ह)

िनः+ = ( स बन जाता ह)

3) क इ या उ हो और उसक साथ कख या प फ स कोई हो तो lsquoषrsquo हो जाता हउदा ndash दः+ कर =

िनः+ पाप =

4) क lsquoअrsquo हो और उसक साथ lsquoअrsquo स कोई हो तो का लोप होता हउदा ndash अतः+ एव = अतएव

5) क अआ क और कोई हो अथवा उसक साथ का तीसरा चौथा पाचवाहो अथवा य र ल व ह स कोई हो तो र हो जाता ह

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उदा ndash िनः+ आशा = िनराशािनः+ =

िनः+ झर =

6) क अ और उसक साथ अ या का तीसरा चौथा पाचवा अथवा यरलवहस कोई हो तो अ क ओ होता ह

उदा ndash मनः+ अिभराम = मनोिभरामअधः+ गित = अधोगितमनः+ हर = मनोहर

इसक अलावा कछ अिनयिमत होती उदा ndash पराः+ कार =

नमः+ कार =

ितरः+ कार =

Module ll

UNIT - 6

एक स अिधक स बनी हई को कहत कोकरनवाल समह को कहत

उदा ndash लड़का कलमकछ होती जब व दसर क साथ जाती तब होती ऐसी

को कहतउदा ndash (lsquoकrsquo ह इसका कोई क साथ lsquoकrsquo लगन पर इसका होता ह)

दधवाला ndash(lsquoवालाrsquo का दध क साथ लगन पर वह होता ह)

क1 क आधार पर तीन क ndash 1) 2) यौिगक 3)

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ndash अपनी हो उनक क करन स कछ होता ऐसको कहत

उदा ndash धन घोडायौिगक ndash जो दो या दो स अिधक क योग स बनत यौिगक कहत

उदा ndash राज + महल = राजमहल+ =

ndash जो दो या दो स अिधक क मल स बनत हो को िछपाकरका बोध करात हो कहत

उदा - पकज = पक + ज (पकज का ह स इसका ह कमल)दशमख = दस + मख (दशमख का ह दस इसका ह रावण)

2 स क तीन भद - 1) वाचक 2) 3) या साकितकवाचक ndash जब उसी बोला या िलखा जाय और िलए बना ह तब उस वाचक कहत

उदा ndash गधा एक जानवर ह ( lsquoगधाrsquo वाचक ह)ndash जब कोई उसका न बतलाकर अपन या गण का बोध करानवाल कोकहत

राम एक गधा ह (यहा गधा का ह lsquo rsquo इस का होता ह ndash राम एक ह)

ndash जो स क करता ह और गढ़ स दसरा सिचतउदा - हो गया ( ह इसका होता ह lsquo समयrsquo)

3 स क भद ndash

क आधार पर क चार भद - 1) 2) 3) दशज 4)

ndash क जो करक का होत उसकहत उदा ndash वाय

ndash व जो स पर कछ करक करतउदा ndash -

- आसरा- आग- आस- सच

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दशज ndash य स बन क अनसार य क क

स बनउदा ndash पट

ndash य भारतीय भाषाओ क कई भाषाओ जस अरबी फारसी सकरत

उदा - स ndash िसनमा

अरबी स - मौलवी अदालत दिनया अमीरफारसी स ndash बाग आदमी चाक कारखाना

स - दारोग काब लाश तोपस - सरग दाम

UNIT - 7

कछ ऐसी होती जो होती जब व दसर क साथ जाती तब वहो जाती इस तरह को (Affix) कहत

उदा ndash कछ िनर वालादो क होत - 1) 2)

ndash जो क आरभ लगाकर उसक अ लाकर कर उसकहत

उदा ndash अप + यश = अपयश ( )

उप + वन = उपवन(बगीचा)+ योग = ( )

अन + पढ़ = अनपढ़ ( पढ़ करक)

क + = (बरा )

ndash जो या क लगाकर उनक को बदल कहतउदा - बढ़ा + पा = बढ़ापा (बढ़ापा )

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+ = ( स )

िलखा + आवट = िलखावटबरा + ई = बराईदध + वाला = दधवालाबच + पन = बचपन

UNIT - 8

समासरखनवाला दो या दो स अिधक या पद िमलाकर जब एक या पद बनत

इस मल को समास कहत िमल को पद अथवा सामािसक पद कहतउदा - घोड का सवार ndash घडसवार

सा मख ndash

धन का पद - धनपदकाठ पतली ndash कठपतली

समास होन पर बीच तथा का लोप होता हउदा - धन का पद - धनपद ( lsquoकाrsquo का लोप होता ह)

समास1 समास दो का योग होता ह2 दो क मल स एक पद बनता ह3 दो क बीच का लोप होता ह4 दो कभी पहला पद होता ह और कभी दसरा पद होता ह5 समास जडत तो क का होता ह

उदा ndash का = + =

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समास औरसमास दो का योग होता ह दो का योग होता ह क

होत होन पर दो क सयोग स पद भी िमल जात समासवाल औरसमास हो सकता हउदा ndash पीता र दो पद ह ndash lsquoपीतrsquo और lsquo rsquo करन पर इस तरह होता ह ndash पीत +

= समास करन पर lsquoपीत ह जो rsquo =

कवल होती ह समास होता ह क तोडनको द कहत समास क तोडन को कहत

ndash क को अलग अलग अपनी क रखकर उनक आपस क कोकरन को कहत

उदा ndash रातndash - इसका ह रात औरसमास क भद

समास क छः भद होत 1) 2) 3) 4) 5) 6)

1 समास ndash समास पहला हो उस समास कहत इसकापहला पद या पद होता ह

उदा ndash ( क अनसार)

आजीवन ( जीवन )

यथासमय (समय क अनसार)

2 समास ndash समास पद हो और समास करन पर पहली का लोपहो उस समास कहत

उदा ndash राजसभा (राज सभा)( को )

समास क दो भद ह ndash

1) 2) समानािधकरणi ndash पद का करन पर पहला और दसर

लगायी जाती हउदा ndash राज-सभा (राजा सभा)

पहल सबध कारक ह और दसर कारक ह

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क छः भद -

इस समास क पद कारक का लोप होता ह उसी कारक क अनसार इस समास कानाम होता ह ndash

१ ndash होती हउदा ndash ( को ndash को कारक ह)

२ करण - lsquoसrsquo हउदा ndash (अकाल स )

मनमाना (मन स माना हआ)

३ ndash lsquoक िलएrsquoउदा ndash रसोईघर (रसोई क िलए घर)

(हवन क िलए )

४ अपादान ndash lsquoसrsquo हउदा ndash ( स िगरा हआ)

(पद स )

(ऋण स )

५ सबध ndash lsquoकाrsquo lsquoकrsquo lsquo rsquo हउदा ndash सनापित (सना का पित)

राजमाता (राजा माता)( दश का )

६ अिधकरण ndash lsquo rsquo lsquoपरrsquo हउदा ndash वनवास (वन वास)

आपबीती (अपन आप पर बीती)( )

कभी कभी समास पद का लोप होता ह उस अलक कहतउदा ndash ( रहनवाला lsquo rsquo का लोप)

सरिसज (सर होनवाला lsquo rsquo का लोप)

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नञ ndash अभाव या िनषध का सिचत ककरनवाला lsquoअrsquo या lsquoअनrsquo लगान स बननवाल को lsquoनञrsquo

कहतउदा ndash ( जो न हो)

अनपढ़ ( न पढ़ा हआ)

अछता ( न छआ हआ)

उप पद ndash समास कोई उप पद न हो तथा बाद पद हो उस lsquoउप पद rsquo कहतउदा ndash जलज (जल ) ndash कलम

मनोज ndash (मन जात) - कामदवii समानािधकरण - समास क क बाद एक कारक

आती ह उस समानािधकरण अथवा कहत इस समास क पद उपमान- उपमय अथवाndash हउदा ndash नील कमल - नीला कमल

यहा नीला और कमल हम ndash घन (बादल) (काला) उपमान और उपमय

कभी कभी सबध बतानवाल बीच क पद का लोप भी होता ह lsquo rsquo समासपहल का दसर स सबध बतानवाल बीच क पद का लोप होता ह उस समास कहत

iii समास ndash समास क होता ह और समदाय का बोधहोता ह उस समास कहत

उदा ndash (तीन का समाहार)

चौमासा (चार का समह)

iv समास ndash समास होत और करन पर और या अथवा योजकलगत उस समास कहत

उदा ndash ndash औरndash पाप और

तन-मन ndash तन और मनसमास क का िलग साधारणतया म क अनसार होता ह कभी कभी

हो तो उसी क अनसार िलग हो जाता हउदा ndash राजा-रानी आय

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समास एक स अिधक जडतउदा ndash माता ndash आय राम- आत थ

कभी कभी बहवचन - सचक क साथ भी पाया जाता हउदा ndash आपक लडक-

v ब समास ndash इस समास स कोई पद होता पर समास पद पदका होता ह इस समास कहत

उदा ndash र (पीत ह )

अनग ( ह अग - कामदव)

समास पद का पहला दसर क होता ह समासपद अपन स का होत ह कई पद भद स क

समास हउदा ndash मगलोचन - 1) मग क लोचन ndash

2) मग क समान लोचनवाला ndash समास- 1) पीला कपडा ndash

2) पीला ह अबर (कपडा) वह ( ndash समास)

Module lll

UNIT - 9

क िलग वचन कारक अथवा काल क अनसार होता ह

कहत औरया - क िलग वचन कारक अथवा काल क अनसार कोई

होता व ह सचक व ह सचक या ह

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PRACTICAL GRAMMAR (APPLIED GRAMMAR) Page 21

UNIT - 10

(NOUN)वह ह या भाव को सिचत करता ह राम ( )

( ) ( ) क तीन ndash

a) (Proper Noun)

b) जाितवाचक (Common Noun)

c) भाववाचक ( Abstract Noun)

A ndash उस कहत एक का बोध होता हउदा ndash राम गगा

B जाितवाचक ndash जाितवाचक स एक जाित क सब का बोध होता हउदा - नगर सभा जल

स सभी जाित का बोध होता ह का य जाित क आधार पर होत

स सजातीय क समह को करत उस समहवाचक कहत उदा ndash सनास का बोध का बोध होता ह उस कहत

उदा - सोना पानी लोहाC भाववाचक ndash भाववाचक व क गण दोष कासचना होती ह

उदा - गण दोष ndash िमठास कटता नीचता- लडकपन यौवन दासता

भाव ndash शोक भयD जब गण को करत तब व जाितवाचक बनत

उदा ndash ह तम बनोइस स ह ndash पर रहनवाला यह जाितवाचक हकभी कभी जाितवाचक होती

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PRACTICAL GRAMMAR (APPLIED GRAMMAR) Page 22

उदा ndash गािधजी कल यहा यहा गािधजी हE भाववाचक कभी कभी जाितवाचक क समान होती

उदा ndash हाथी और घोड बडा ह यहा चाल जाितवाचक हभाववाचक चार स बनती

a) जाितवाचक स ndash लडका ndash लडकपनndash

b) स ndash अह ndash अहकारअपना ndash अपनापन

c) स ndash चतर ndash चतराईमीठा ndash िमठास

d) स ndash चढ़ना ndash चढ़ाईसजाना ndash सजावटघबराना ndash घबराहट

F क समान होन वालउदा ndash का आधर गणी- ह यहा क समान होत उदा ndash का कहना

मानो lsquoबडाrsquo ह यह क पर होता हका

एक स अिधक स बनत क एक दसर क िमलन स का होता हक क होता ह इस कहत का िलग वचनऔर कारक क कारण होता ह

उदा ndash लड़का पठता ह ndash पठती ह ( िलग क कारण)

लड़का दौडता ह - लड़क दौडत (वचन क कारण)

लाओ ndash मज़ पर ह ( कारक क कारण)

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PRACTICAL GRAMMAR (APPLIED GRAMMAR) Page 23

UNIT - 11

िलगक जाित का बोध होता ह उस िलग कहत दो िलग ndash और

a ndash जाित का बोध करानवाल को िलग कहत उदा ndash सीताb - जाित का बोध करानवाल को कहत उदा ndash लड़का नर राम

बदगी ह उदा ndash पड नगर ह उदा ndash लता

जो ह व ह उदा ndash भाई बलकई स क नर और मादा का बोध होता ह पर उनका एक िनयम

िलग स होता हndash कौआ चीता ndash कोयल चील मना

जाितभद करन किलए इनक साथ नर या मादा लगाना उदा ndash नर कौआ मादाकौआ नर चीता मादा चीता

क अत आ पा आव और पन हो होतउदा ndash बढ़ापा चढ़ाव लडकपन

क अत आई वट हट और ता हो व होतउदा ndash चढ़ाई सजावच सरलता

स बनान का िनयमक क अ को आ करन स ndash उदा ndash ndash बाल ndash बाला सत ndash सता तनज ndash

तनजा ख क अ को ई करन स ndash उदा ndash दव ndash दवी ndash कबतर ndash मग ndash

मगीग कछ क आ को ई करन स ndash उदा ndash रसा ndash रसी लडक़ा ndash

घ क आ को इया करन स ndash उदा ndash ndash बढ़ा ndash चहा ndash

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ङ या क क इन लगान स ndash उदा ndash सनार ndash

धोबी ndash कहार ndash

च कछ क नी या आनी लगान स ndash उदा ndash िसह ndash िसहनी महतर ndash महतरानी मोर ndash

मोरनीछ उपनामवाचक क क पर आइन लगान स ndash उदा ndash बाब ndash बबआइन

ठाकर ndash ठकराइन पाड ndash पाडाइन ज कछ क ndash उदा ndash ndashमाता ndashऔरत वर- वध मा ndash

बाप ndashभाई

स बनान का िनयमa कछ lsquoओईrsquo lsquoआवrsquo और lsquoऔराrsquo लगान स ndash

उदा ndash बहन ndash बहनाई ननद ndash ननदोई ndash िसल ndash िसलौरा b कछ क lsquoईrsquo को lsquoआrsquo करन स ndash

उदा ndash जीजी ndash जीजा झोली ndash झोला c कछ क lsquoईrsquo को lsquoअrsquo करन स ndash

उदा ndash ndash d क अत lsquoआrsquo लगान स ndash

उदा ndash

UNIT ndash 12

वचन (Number)स और क स स यह त हो वह एक क िलए होता ह या अिधक

क िलए इस वचन कहत वचन दो क होत ndash

1) एकवचन (Singular)

2) बहवचन (Plural)

1) एकवचनःस क स स एक का बोध करान वाला एकवचन हउदाः पढ़ती ह ( ndash एकवचन ह)

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2) बहवचनःस क स स एक स अिधक का बोध हो उस बहवचन कहतउदाः पढ़ती ( ndash बहवचन ह)

कभी कभी आदर क िलए एकवचन बहवचन क होतउदाः अब )बहवचन(

बहवचन बनान का िनयमः-)क ( क lsquoआrsquo क पर lsquoएrsquo लगा दन स एकवचन का बहवचन बन जाता ह

उदा ndash लड़का ndash लडक कपड़ा ndash कपड़ बटा ndash बट lsquo rsquo क सभी क (

) एक समान रहतक बहवचन बनान का िनयम

lsquo rsquo तथा lsquo rsquo क lsquoअrsquo lsquoआrsquo क पर lsquoएrsquo का करन स बहवचनबनाया जाता ह

उदाः ndash गाय ndash ndash रात ndash lsquo rsquo तथा lsquo rsquo क lsquoयाrsquo जोड़न स बहवचन िमलता ह इस lsquoईrsquo क

पर lsquoइrsquo होता हउदाः ndash ndash ndash

स क lsquoयाrsquo हो उनक lsquoयाrsquo क ऊपर कवल लगान पर-

उदाः ndash -

क बाद lsquoएrsquo या lsquo rsquo जोड़न स शष का बहवचन िमलता हउदाः लता ndash लताए -

)ग( िनयम -

)1( )बहवचन( सिचत करन क िलए कभी कभी क एकवचन क साथ गण लोग

जोडतउदा ndash पाठकगण बाब लोग

(2) कछ हमशा बहवचन बोल जातउदा ndash लोग होश

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3) जाितवाचक स ऐ हमशा बहवचन होती ह जब और भाववाचक काजब जाितवाचक क समान होता ह तब व बहवचन होता ह

उदा ndash भारत रावण कमी (यहा रावण जाितवाचक ह)

(4) जब जाितवाचक क समान होता ह तब व बहवचन क होतउदा ndash और क ह (जल बहवचन एव जाितवाचक ह)

UNIT - 13

कारक (Case)या क स उसका क क साथ होता ह उस

कारक कहतउदा ndash राम न रावण को माराइस lsquoनrsquo और lsquoकोrsquo इन क उसका सिचत होता हउदा ndash मारा - राम lsquoनrsquo

मारा ndash रावण lsquoकोrsquo इसिलए य कारककारक क आठ भद होत ndash

कारक - नकारक - को

करण कारक - सकारक - को

अपादान कारक - सकारक - का क

अिधकरण कारक - पर

सबोधन कारक - ह अर अपी अहो क कारक ndash (Nominative)

या क स करनवाला या का बोध होता ह उस कारक कहतlsquoनrsquo ह

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उदा ndash राम गयामोहन न खाया

lsquoरामrsquo और lsquoमोहनrsquo कारक ह न हक को सिचत करन क िलए कोई जाती ह

उदा ndash राम न िलखी ख कारक (Accusative)

या पर क का फल पडता ह उस कारक कहत उदा - राम न रावण को मारा

रावण मारा गया ह यहा lsquoरावणrsquo कारक ह lsquoकोrsquo हकभी कभी lsquoकोrsquo का लोप होता ह

उदा ndash राम न िलखायहा lsquoकोrsquo का लोप होता ह ऐसा भी होता ह - राम न को िलखा

ग करण कारक ( Instrumental)

क साधन का बोध करानवाल क को करण कारक कहत lsquoसrsquo ह उदा ndash

कलम स िलखतिलखन का साधन कलम ह कलम क िलखन होती ह

घ कारक ( Dative)

कारक का वह ह जो उस का बोध कराता ह िलए कोई कामlsquoकोrsquo lsquoक िलएrsquo ह

उदा ndash मोहन न राम को पाच मोहन न राम क िलए पाच

ङ अपादान कारक (Ablative)

का वह ह क स पथक होन का बोध हो उस अपादान कारककहत lsquoसrsquo ह

उदा ndash स िगरतयहा स का सिचत होता ह कारक और अपादान कारक lsquoसrsquo ह

करण कारक lsquoसrsquo साधन सिचत होता ह अपादान कारक lsquoसrsquo सिचत होता ह

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कलम स िलखता ह - करण कारकस आ रहा ह - अपादान कारक

च कारक (Genitive)

क स उसका स होता ह उस कारक कहतlsquoकाrsquo lsquoकrsquo lsquo rsquo

उदा ndash राम का घोडा राम क घोड राम बहन छ अिधकरण कारक (Locative)

क स क आधार का बोध होता ह उस अिधकरण कारक कहत lsquo rsquo

और lsquoपरrsquo उदा ndash शर जगल रहता ह

मज़ पर ह अिधकरण तीन क होत ndash

क कालािधकरण ndash का काल होता ह उस कालािधकरण कहत उदा ndash राम दोपहरस आयगा

ख भावािधकरण ndash क भाव क भावािधकरण होता ह उदा ndash शर को दखकरभय होता ह

ग ndash पर होती ह उस कहत उदा ndash मज़ पर ह कालवाचक और क सात कभी कभी लगती उदा ndash कल रात मसलधार हई ( कल रात मसलधार हई ndash lsquo rsquo का लोप)

ज सबोधन (Vocative)

क स को पकारना सिचत होता ह उस सबोधन कारक कहत हउदा ndash ह राम वहा मत आना

सबोधन कारक कोई ह उसको करन क िलए lsquoहrsquo lsquoअरrsquo कोलगाय जात

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UNIT - 14

( Pronoun)क उसक को करन क िलए का जाता ह

कहत उदा ndash राम जाता ह वह अपनी जाता हउसन कहा ndash लाना भल गया वह अपनी राम जगह हए ह

इसिलए ह को हटान क िलए का जाता हयोग क अनसार क पाच भद होत

1) - त यह वह (एव) हम तम य व आप (बव)

2) ndash यह वह (एव) य व (बव)

3) ndash कोई कछ (एव - बव)

4) ndash जो सो (एव - बव)

5) ndash कौन (एव - बव)

क ndash या लखक बोलत या िलखत समय या तो अपन कछ कहता ह या सननवालऔर पढ़नवाल क अथवा अपन और सननवाल को छोडकर क

कहत स बोलनवाल सननवाल और क कछ कहा जाए उस कोकहत

तीन क होत ndash औरndash बोलनवाला या िलखनवाला अपनिलए का करता ह उस

कहत (एव) हम (बव)ndash सननवाल या पढ़नवाल क िलए का होता ह उस कहत

जस ndashत तम और आप ndash क कछ कहा या िलखा जाए उसक िलए होन वाल को

कहत जस ndash यह वह (एव) य व (बव)और हम ह एकवचन ह हम बहवचन ह का हम

क बहवचन स ह यहा हम क पर होता ह हम का एकवचनऔर बहवचन होत

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त और तम क आदर क िलए आपका करत जस ndash तमयहा आओ इसी क पर आप यहा ए कभी कभी यह और वह क भी आप का

होता ह जस ndash आप मर कभी कभी आदर क िलए आप का करत बहवचन सिचत करन क िलए आप क साथ lsquoलोगrsquo

जोडा जाता ह जस ndash आप लोग यहािनजवाचक आप और चक आप भद होता ह िनजवाचक आप समान स एक वचन

और बहवचन आता ह जस ndash आप पढ़गा हम आपवह कवल बहवचन करत िनचवाचक आप तीन स

होत आप कवल और करतlsquoआपrsquo अकला जाता ह िनजवाचक आप तथा क साथ आता ह जस ndash त

आप कामकभी (2) आप भल अकला आ सकता ह जस ndash आप भला तो जग भला वह अपन आप समझ गया

व ऒर सकत जाता हसकतवाचक और िनदशवाचक भी कहत जस ndash यह वह य व

हम तम आप यह य व इन या क साथ अिधकताकरन क िलए lsquo rsquo lsquoईrsquo य जोडत झस ndash त आप

स या क बात का बोध न हो उसकहत जस ndash कोई कछ

a lsquoकोईrsquo का क िलए होता ह जस ndash बाहर स कोई आ रहा ह b जब का पता न होन पर ndash जस ndash अर कोई कमर ह

c क lsquoकोईrsquo लग तो उसका लगभग होता ह जस - कॉलज स कोई पाच सौभाग

d lsquoकोईrsquo जब दोहराया जाता ह तब को सिचत करता ह जस कोई कोई पर को रोकतe कोई क साथ एक लग जान पर सिचत करता ह जस ndash तम स कोई एक गा सकगा

कछ का अनिगनत क िलए होता ह जस ndash कछ हक िलए होता ह जस ndash पानी कछ ह

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कोई का क िलए होता ह और कछ का क िलए होता हघ वाचक

स दो और क बीच क का बोध हो उस वाचक कहतजो सो जस ndash आपन जो कहा सो हो गया

कभी कभी जो या सो स एक रहता ह जस जो गाता ह बात हङ ndash करन क िलए का होता ह कहत

उदा ndash आप सोचत आज कौन आएगाकौन का क िलए होता ह का क िलए होता ह जस ndash कौन

बोलगा थली हकभी कभी कौन का क िलए होता हजस - बाधा डालनवाल तम कौन होिभ किलए lsquoकौनrsquo को दोहरा भी जाता ह जस ndash कौन कौन लाएग

क कौन का होता ह जस - इसन कौन अपराधक िलए को दोहरा दता ह जस ndash राम न

का क भी होता ह जस ndash तम मझस लडोगका

वचन और कारक क कारण भी होत िलग क कारण होताका और एक स होता ह

सबोधन होतास क पर होता ह उसी क अनसार उस क िलग वचन भी होता ह

काकारक एकवचन बहवचन

हममझको मझ हमको

करण मझस हमसमझको मरिलएमझ हमको हमार िलए

अपादान मझस हमसमरामर हमारा हमार

अिधकरण मझपर हमपर

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तकरक एकवचन बहवचन

तन तम तमनतझको तझ तमको

करण तझस तमसतरातर

अिधकरण तझपर तमपर

वहकरक एकवचन बहवचन

वहउसन व

उसको उस उनकोकरण उसस उनस

उसक िलए उस उनक िलए

अपादान उसस उनसउसका उसक उनका उनक

अिधकरण उस पर उनपर

UNIT - 15

(Adjective)स या सिचत कर उस कहत जस ndash रशमी

कपडा लाल कमलबतलाई जाए उस कहत जस ndash लड़का

ह लड़का हजो क पहल आता ह उस कहत जस ndash फल

ह फल ह इसिलए यह ह

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जो क बाद आता ह उस कहत जस ndash वह लड़का बड़ा होिशयार ह लडका ह होिशयार ह क बाद आन क कारण यह ह

जो क साथ उसको करन क िलए होता ह उस समानािधकरण कहत जस ndash रामनाथ कहता ह

रामनाथ क साथ समानािधकरण ह चार क ndash

क गणवाचक (Adjectives of Quality)

ख (Adjectives of number)

ग (Adjective)

घ या (Demonstrative Adjective)

१ गणवाचकजो क गण रग आकार को बतलानवाल को गणवाचक कहत

जस ndash लबा सशील काला गोल गणवाचक क बदल बहधा क क भी आतजस ndash राजा ( का राजा )

जापानी कपड़ा (जापान का कपड़ा)गणवाचचक का होता ह तब उनका क समान होता ह

जस ndash न सच कहा ह२ - क गणना का बोध हो उस

कहत जस ndash एक दो पहला दसरा दगनाक तीन भद होत ndash

1) 2) 3) बोधक या बोधकndash इसस का बोध होता ह जस ndash चार आठ सात

क चार भद ndash

a गणनावाचक ndash गणनावाचक षण स गणना का बोध होता ह जस ndash एक चार फल सात

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गणनावाचक क साथ एक लगान स लगभग का होता ह जस ndash एक आदमी ndash

लगभग आदमी b ndash स क गणना का होता ह जस ndash पहला

दसरा चौथाc ndash गणनावाचक क lsquoगनाrsquo लगान स बनत जस

ndash दगना ितगना ३ - स माप- तोल या का पता होता ह उस

कहत जस ndash दो सर चावल चार गज कपडा

क दो भद होत ndash

1) और 2)

ण - स का पता लगता हजौस - दो सर चावल

- स का पता नलगता ह जौस ndash बहत दध

४ या - स ऒर या सकत जाता ह उसकहत lsquoयहrsquo lsquoवहrsquo स जाता ह इसिलए इसकहत

जस ndash यह वह जब क हो तब वह बन जाता ह

जस ndash वह घर राम का ह कई ऐस मल जसा रहता ह

जस ndash वह यह क

भी िलग वचन और कारक क अनसार होता ह क िलग और कारक ककारण कछ होता ह

जस ndash काला कपड़ा - काला कपड़काला धोती - काला धोितया

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क साथ ई हो जातजस - काली धोती

क होता ह जो क होन परहोता ह जस ndash वह घोड़ा व घोड़

पथकता अथवा अिधकता क िलए को दहराता ह ndash

जस ndash छोट छोट फल लालका भी होता ह जस ndash बडा लड़का

गणवाचक और जब करत तब वह बन जात

जस ndash थोड़ा खा गया चावल बहत ह क साथ जब आता और व बन जात तब उनक साथ

भी लगती जस ndash को दान दो

UNIT - 16

(Verb)

काम क करन या होन का बोध हो उस कहतजस पढ़ना खाना दौडना पहनना

धात ndash क मल को धात कहत उदा- पढ़ना खलना खानाय सब मल धात lsquoपढ़rsquo lsquoखलrsquo lsquoखाrsquo ह मल धात lsquoनाrsquo जोडकर का िमलताह

i क आधार पर क दो भद होत - 1) 2)

1) (Transitive Verb) ndash क का फल को छोड पर पडता हउस कहत

उदा ndash राम पढ़ता ह

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राम ह ह और का पर पडता ह2) (Intransitive Verb) - क का फल पर पडता ह उस

कहत का अभाव हउदा ndash मोहन सोता ह

कभी कभी एक होता ह और कभी कभी दो भी होत एक होन वालको एक lsquo rsquo कहत

उदा ndash राम न खाना खायाखाना ह कवल एक होता ह दो होन वाली को

कहतउदा ndash मा न को दध

दो होत ndash lsquo rsquo और lsquoदधrsquo दो होत एक lsquo rsquo और दसराlsquoगौणrsquo

उदा ndash मा न को दधइस lsquoगौणrsquo ह दध lsquo rsquo ह lsquoगौणrsquo कभी कभी होता हउदा ndash न कथा सनाई

ii क भद1 - व होती ह आशय अथवा स परा होताको परा करन क िलए दसर होती ह ऐसी को कहतयह दो क होती ह१ ndash का अभाव हउदा ndash वह ह यहा क को परा करन क िलए जोडा गया ह२ ndash होन पर भी का भाव परा न हो उस को

कहतउदा ndash सीता न पढ़ाया

यहा परा सीता न lsquo rsquo पढ़ाया lsquo rsquo पढ़ाया यह परा इसिलए यहह यहा होन पर भी का भाव परा होता

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३ परक - को परा करन क िलए या पडती ह

परक कहत क परक lsquo परकrsquo तथा क परक lsquo परकrsquo

होतउदा ndash उस होिशयार समझता ह ( परक)

राम बलवान ह ( परक)

iii यौिगक धात ndashक स धातओ क दो भद होत 1) मल धात 2) यौिगक धात

मल धात - मल धात व जो दसर स न बन जस ndash कर बठ पढ़ यौिगक धात ndash यौिगक धात व जो दसर स बनाय जात उदा ndash खाना स नाम धात ndash जो या क आधार पर बनती ह उस नाम धात कहत

उदा ndash हाथ स हिथयानास

अपना स अपनानाiv - स यह जान पडता ह को न करक दसर को

करन दता ह उस (casual verbs) कहतउदा ndash राम न मोहन स िलखवाया यहा राम न िलखकर मोहन स िलखवाता ह इसिलए यह ह

करनवाल को और जाती ह उस कहतराम न मोहन स िलखवाया राम ह और मोहन हमल जो होती ह उनस और बन सकती हस और बन सकती उदा ndash दध पीता ह

पीना ह इसस बनती ह ndash मा को दध हस बना सकती ह उदा - मा नौकर स को दध ह

बनान का िनयममल धात क आ जोडन स और वा जोडन स या

बनती ह

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उदा ndash उठना ndash उठाना - उठवानाचलना ndash चलाना - चलवानापढ़ना ndash पढाना - पढ़वाना

दो क धातओ ए और औ को छोडकर पहला हो जाता हउदा ndash जागना ndash जगाना ndash जगवाना

भलना ndash भलाना - भलवानाछोडना ndash छडाना ndash छडवाना

धातओ क ला और लवा लगात तब हो जाता हउदा ndash पीना ndash ndash

सोना ndash सलाना ndash सलवानाखाना ndash -

v नाम धात - को छोडकर जोडन स जो धात बनती ह अथवा जो नाम (

या ) धात क समान होत नामधात कहत जो नामधात लगान सबनत आ ओऔर ला लगात पहला हो जाता ह

उदा ndash लाज ndash ndash लजानाहाथ ndash हिथया ndash हिथयानाझठ ndash झठला ndash झठलाना

UNIT - 17

काल (Tense)क स क होन का समय और अथवा का बोध हो उस काल

कहत काल क तीन भद होत1) भतकाल2) काल3) काल

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भतकालस का बोध हो उस भतकाल कहत

उदा ndash राम न िलखी भतकाल क छः भद - भत भत भत भत भत हत-हतमत भत

भत ndash क स भतकाल क समय का बोध न हो उस भत कहतउदा ndash मोहन न खत िलखायहा का बोध होता जो भतकाल हई ह भतकाल ndash क स का का समय अभी अभी हआ ह इसका बोध

होता ह उस भतकाल कहत उदा ndash राम न ह

इसस पहल अभी अभी हई हभत ndash क स यह होता ह क को हए बहत समय हो चका ह उसभत कहत

उदा ndash न दध थास हो क साथ lsquoथाrsquo lsquoथrsquo lsquoथीrsquo लगान स भतकािलक

िमलता हभत - क उस को भत कहत यह हो भतकाल हो थी पर

का पता न लग उस भतकाल कहतउदा - वह पढ़ रहा था वह सोता था

कब समा हआ इसका पता क साथ lsquoता थाrsquo lsquoत थrsquo lsquoरहा थाrsquo lsquoरह थrsquo लगानाभत काल ndash क स भतकाल सचना िमलती ह उसक होन कछ हो उसभत कहतउदा ndash वह आया होगा

उसन खाया होगा भतकाल हो थी ह क साथ lsquoहगाrsquo lsquoहगीrsquo lsquoहोगाrsquo lsquoहोगीrsquo

lsquo rsquo जोडन स भतकाल िमलता हहत-हतमत भतकाल ndash क स यह पाया जाय भतकाल होना सभव थाकारण स न हो सका उस हत-हतमत भतकाल कहत

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(Present Tense)

क को काल कहत रहती ह

होती उस काल कहतउदा ndash राम पढ़ता ह

सीता गीत गा हकाल तीन क होत ndash 1) काल 2) काल 3)

काल - वह ह स का काल होना पाया जाय

उस कहतउदा ndash मोहन पढ़ता ह

रमा गाती ह क साथ lsquoताrsquo lsquoतrsquo lsquoतीrsquo जोडन स बनत

- वह ह काल क होन पायाजायउदा ndash वह खाता होगा

सीता जाती होगी क साथ lsquoता होगाrsquo lsquoती होगीrsquo lsquoत rsquo lsquoती rsquo लगान स िमलत

ndash का वह ह यह होता ह का अभी ह

होता उस कहत उदा ndash वह खा रहा ह

चल हक साथ lsquoरहाrsquo lsquo rsquo lsquoरहrsquo जोडन स िमलती ह

काल ( Future Tense)

होनवाली को काल कहत काल क दो भद ndash 1)

काल 2) कालकाल ndash का वह ह स क आग होन सचना िमल उसकाल कहत

उदा ndash वह आयगा

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राम आज बबई जायगासीता कल घर आयगी

क साथ lsquoयगाrsquo lsquoयगीrsquo lsquoयगrsquo जोडन स िमलतकाल ndash क होन सभावना हो उस काल कहत

उदा ndash सभव ह आज हो स lsquoगाrsquo lsquoगrsquo lsquoगीrsquo पथक कर दन स काल िमलगा

UNIT ndash 18

(Voice)उस कहत यह जाना जाय का ह

ह या कवल भाव ह उस कहतउदा ndash राम न रावण को मारा

तीन क ndash 1) 2) 3) भाव- ह हमशा क िलग वचन और क अनसार होता ह

उस कहतउदा ndash लडका पढ़ता ह

लड़का ह और ग ह इसिलए भी होना हसीता िलखती ह इसम सीता ह इसिलए ह का सीधा स होताह

ndash क िलग वचन क अनसार हो उस कहतह का होता ह

उदा ndash राम िलखता हह इसिलए यह ह धानता होती ह और का

स होता ह क िलग वचन क अनसार बदलती ह हमशाहोता ह का होना ह

उदा ndash राम न रावण को मारा -

राम स रावण मारा गया -

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रावण ह ह क का ह गौण का रहता ह

उदा ndash मा न को दध मा स को दध गया

दो होत ndash और दध ndash भाव होती ह यह हमशा स बनता ह हमशा

एकवचन और होती ह इसका होता ह उदा ndash यहा बठा जाता

मझस पढ़ा जाता स या बनान

को भत क करना उसक साथ काल वचन और िलग कअनसार जाना क जोडन ऐसा करन स स औरक स भा बनती ह

उदा ndash 1) राम न रावण को मारा -

राम स रावण मारा गया -

2) राम रावण को मारगा -

राम स रावण मारा जायगा -

3) राम रावण को मारता ह -

राम स रावण मारा जाता -

पहल lsquoमाराrsquo भतकािलक ह इसिलए lsquoमाराrsquo क साथ lsquoजानाrsquo का भतकािलकजोडना

दसर lsquoमारगाrsquo काल ह इसिलए lsquoमाराrsquo भतकािलक बदलकरlsquoजानाrsquo का काल lsquoजायगाrsquo जोडना

तीसर काल ह को भतकािलक बदलकर (मारा) उसक साथजाना का (जाता) जोडना

स बन सकता हउदा ndash मोहन उठता ( )

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मोहन स उठा जाता - ( )

वीणा चलती ( )

वीणा स चला जाता - ( )

UNIT ndash 19

याअभी तक हमन क बार पढ़ िलया ह उनक िलग वचन और कारक क अनसार

आता ह इसिलए कहत का ह अब हम क दसरया क बार

चार क होत ndash 1) 2) बोधक 3) बोधक 4)

बोधक

UNIT ndash 20

ndash Adverbउस कहत होती ह

उदा - रमश चलता हइस lsquoचलनाrsquo ह ndash ह lsquo rsquo इसिलए lsquo rsquo ह

स क तीन भद ह - 1) साधारण 2) सयोजक 3) साधारण - साधारण वह ह होता ह साधारण या

कहत जस ndash खब पढ़ो दौडो सयोजक ndash का स या स होता ह सयोजक

कहत जस ndash जहा तक हम चल सक वहा तक ह

योजना का सयोजक स होता ह- का क

भद क साथ होता ह कहत

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जस ndash गह खाओग

कह तो लो होता ह व कवल गह खात और कछ खायगा इन

ह हो जान स का बदल जाता ह जस ndash वह काम करगा इसका यह ह जो काम उस ह कवल वह करगा और कछ

क आधार पर क चार भद होत ndash 1) कालवाचक 2) 3)

4)

कालवाचक ndash स समय अविध तथा काल का बोध होता ह कालवाचककहतजस ndash काम को अभी पढ़ना

आजकल रोज़ होती ह कभी कभी भी रात क समान लगता ह मोहन पढ़ाई सदा ह

अभी आजकल कभी कभी सदा कालवाचक ह ndash स क का बोध होता ह

कहत उदा ndash जहा तक जा सक वहा तक जाओ

जाओ और वहा लटो घर क सामन एक ह बाहर रोशनी भीतर अधरा

हाथ स मारत जहा वहा सामन बाहर भीतर ndash स अिधकता- का बोध होता ह

कहत जस ndash उतना पढ़ो हो

चावल थोडा खाओ खब खाना

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अपना थोडा खब

व क होन का ढ़ग का पता िमलता ह जस ndash राहल धीर धीर चलता ह

सीता मधरतम गाती ह यथा हम तथा िमलत

धीर धीर मधरतम यथा-तथा

UNIT - 21

बोधकबोधक ह जो या क साथ आकर उनका क

क साथ बनात उदा ndash धन क कोई काम न चलता

घर क नीच एक तालाब ह क पास एक भी ह

नीच पास बोधक ह क अनसार बोधक क दो भद होत ndash 1) 2)

क ndash य या क बाद आतउदा - घर क भीतर घर क पीछ घर ऒर

कारक भी आती ह जस का क कभी कभी अपादान कारक या भी आती ह

उदा ndash इनस पहल आया राम का मकान मोहन क घर स पर

lsquoसrsquo lsquoपरrsquo अपादान कारक क ndash यह स क क साथ आत

जस ndash दो तक राम रहगा

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घड भर पानी क िलए पाच दन ग lsquoतकrsquo lsquoभरrsquo सचक

UNIT - 22

( Conjunctions)योजक या व जो या न बतला कर एक या का

दसर या स जोडत बोधक कहतजस ndash सीता और गीता अपन घर गयी

सीता और गीता को िमलानवाला योजक lsquoऔरrsquo ह क तीन भद ndash 1) सयोजक 2) 3) भदबोधक

1) सयोजक ndash कई का सयोग करनवाल को सयोजक कहत इसक दो याका मल होता ह

उदा ndash और राम कल बबई और वहा उनक साथ मोहन भी lsquoऔरrsquo lsquoभीrsquo सयोजक ह

2) ndash जो का बोध कराए कहत जस ndash चाह दश सवा करनी या अथवा मानवीय को पहचानना

lsquoयाrsquo lsquoअथवाrsquo lsquoवाrsquo lsquoचाहrsquo को करनवाल ह 3) भदबोधक ndash दो स एक स भद बतलानवाल को भदबोधक कहत य कई क होत

क ndash दो म स पहल का िनषध या सिचत करत जस ndash

पर मगर वरन उदा ndash मझ वहा जाना था क कारण जा न सका

ख - कारणवाचक और उपदशमलक ndashइसिलए सो अतः इसिलए

इस क ह जस ndash राम समय पर आ न सका इसिलए जा न सका

ग सकतबोधक ndash ndash तो जो ndash तो प सकतबोधक ह जस ndash तम कहत तो जाता

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घ ndash इन पहली बात का और होता ह यान मानो यहा तक इस क ह

जस ndash कोई भी समय पर पहचा यहा तक भी 10 बज तक न आय क और दो भद होत ndash 1) समानािधकरण 2)

समानािधकरण ndash समान पद क या को जोडत जो एक क हो वसमानािधकरण धक कहत जस ndash क मा-बाप का अजीब ह समानािधकरण क चार उपभद होत ndash

1) सयोजक ndash और तथा भी एव 2) क ndash या वा अथवा चाह 3) ndash पर मगर 4) ndash इसिलए अतः

ndash को स जोडनवाल कोकहत

जस ndash आज नौकरानी आयगी वह बीमार ह क चार उपभद होत ndash

१ ndash यान मानो २ करणवाचक ndash जो इसिलए ३ उपदशवाचक - जो ४ सकतवाचक ndash - तो जो-तो -

4) ndash ndash स क शोक घणाको करनवाल को -बोधक कहत

जस ndash हाय अब अर आप कहा जा रह

ह राम करो को सिचत करन क िलए - लात

बोधक क सात भद ndash

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1) बोधक ndash वाह ndashवाह - आहा शबाश

2) शोक बोधक ndash आह ऊह हा-हा ndash

3) बोधक ndash अहो ऒह

4) अनमोदन बोधक ndash हा-हा वाह शबाश

5) बोधक ndash िछ हट अर िधक

6) ndash बहत हा जी हा7) सबोधन बोधक ndash अर र अपी अहो

कभी कभी भी हो जातजस ndash भगवान लो चप कभी कभी या भी होत जस ndash न हो बहत हो गया

जब क समान होत तब वह होता तब वमनोभाव को करात

जस ndash हाय हाय मचा रखी ह

सब लोग - पकार उठहाय ndash हाय - क समान ह इसिलए यह बोधक ह

UNIT - 23

क भद क स बनान का िनयम

क पर जायगास बनता ह एक या अिधक स बनता ह एक स अिधक स बनता

ह कहन या िलखनवाल का परा भाव हो जाय तो उस कहतजस ndash मोहन पढ़ता ह

राम िलखता ह इन स लखक का परा भाव होता ह

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ndash कछ ऐस होत और क रहन पर भी कहन या िलखनवाल का परा आशयहोता क समह को और क रहन पर भी जो कछ सनन

बनी रह कहत दो क होत ndash 1) 2)

क अधीन होतउदा ndash राम न कहा था वह कल पाठशाला जायगा

इस राम न कहा था - ह और कल पाठशाला जायगा तह इस और भी कहत

रखनवाल को कछ थोडा सा भाव करनवाल को कहतएक भावना होती ह

जस ndash तरह पढ़ना चलना

इन होता ह क म दो भाग होत 1) और 2)

ndash ( ) कछ होता ह उस कहतndash ( ) क जो कछ होता ह उस कहत

जस ndash मरा स भरा हआ ह मरा ह और स भरा हआ ह ह मरा ndash ह और मरा

उस का ह इसिलए ( ) और मरा का कहत हआ हह शष उसका ह

इस चार भाग हए ndash 1) ( ) 2) का 3) ( ) 4)

काचार भद ndash

क ndash राम गया ख ndash वह कह चका ग ndash फल

क भदक अनसार क आठ भद होत ndash

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1 ndash इस स बात का होना सिचत होता ह जस ndash भारत राजधानी ह

2 िनषधवाचक ndash का अभाव होता ह जस ndash क कछ भी पा सकत

3 ndash इस स सचना होती हजस - तम कल कालज

4 ndash इसस और उपदश का बोध होता ह जस ndash तरह पढ़ो

का भजन करो 5 ndash इसस का भाव सिचत होता ह जस ndash हाय राम को एक

लाख िमल 6 ndash इसस या सचना होती ह

जस ndash अक पा

7 ndash या सभावना सचना होती ह जस ndash आज होगी

8 - सकत सचना होती ह जस ndash हो तो

राम काम करगा रचना क आधार पर

रचना क आधार पर क तीन भद होत - 1) सरल या साधारण 2) और3)

१ सरल ndash एक और एक होता ह उस सरल कहतजस ndash मोहन िलखता ह ( मोहन और िलखता ह धय ह)

राम मज़ पर रखी ह ( ह और रखी ह ह)

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lsquoराम rsquo और lsquoमज़ परrsquo कवल और का ह २ - उस कहत एक हो और उसक एक या

अिधक हो उस कहतजस ndash जो करगा उस सफलता िमलगी जो करगा ndash ह उस सफलता िमलगी - ह

तीन क ndash 1) 2) 3)

1) ndash का क पर होता ह उसकहतजस ndash मरा ह तमन को मारा यह सच ह इस तमन को मारा ndash ह क पर आया ह इसिलए यह

ह 2) ndash जब कोई को क का काम दता ह तब उस

कहत जस ndash य उसी छा को जायगा जो रहगा

उसी स डरत जो खब मारता ह उसी जो ह

3) ndash जो क का काम दता ह उस कहत

जस ndash करता ह उतना फल िमलता ह जब तम कहोग सब कछ

जब ह ३ ndash दो या दो स अिधक योजक जड हो न

हो उस कहतजस ndash वह तरह पढ़ता था तो पास होता

दो या दो स अिधक सरल अथवा एक दसर पर न होता ह इसिलए यह

जस - कर चका (सरल )

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हम कर चक तो व आए ( )

और मरा मन ठड हो गया ( )

चार क होत ndash सयोजक सचक 1) सयोजक - एक दसर क साथ सयोजक जडा रहता ह

जस ndash वह आया और उसक साथ गया स िमलता ह और स होता ह

2) ndash का एक दसर स भद या का रहता ह जस ndash स बढ़ता ह स भरता ह वह खब खाता पर बडा होता

3) सचक ndash दो स एक को करना जस ndash मझ या राम को

4) अथवा हतसचक ndash एक दसर का होता हजस ndash तम आग पढ़ो पसा दगा मझ पसा िमला इसिलए

कभी कभी बीच योजक आत जस ndash मझ न बलाया आप आता ह जब को का या एक होता ह तो एक बार िलखा या कहा

जाता ह ऐस को सकिचत कहत जस ndash का और मन को भी दता ह

जो आसानी स समझकर छोड दत ऐस को कहत जस ndash आजकल सना ह बरसात क मौसम बखार सब फलाता ह

कहत रोज़ बढ़त रह पहल हमन होना था पर ह दसर लोग स होना पर होता ह

एक का दसर क बदल जा सकता ह मलकर सकत

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क सरल स ndash

उदा ndash सरल - राम न मोहन का - राम न उस को जो मोहन का था

ख स सरलndash उसन कहा पापी ह

सरल ndash उसन को पापी बताया ग सरल स

सरल ndash होन पर लोग खत जान लग - हआ और खत जान लग

घ स िनषध वाचक तथाndash मोहन सोहन स बडा ह

िनषध वाचक - मोहन सोहन स बडा ndash मोहन सोहन स बडा ह

UNIT ndash 24

और महावरव जो का अपना न बता कर कछ करत महावरा

कहत बोलचाल बहत आनवाला ऐसा बधा कोई अनभव बात और अलकतभाषा गई हो या कहावत कहाता ह जस ndash मर पट चह कद रह

जब स उनका लड़का मरा ह कमर टट गई ह वह इतना चालाक ह अपन मािलक को पर नचाता ह

इन lsquoपट चह कद रह rsquo lsquoकमर टट गई हrsquo lsquo पर नचाता हrsquo इन काउनक स ह यहा lsquoपट चह कदनrsquo का ह भख लगना lsquoकमर टटनrsquo का ह या

का न रहना तथा lsquo पर नचानrsquo का ह अपन वश रखना अतः य महावरकहलात

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इसी जब कोई आदमी काम करना न जानता हो परत अपन को िछपान क िलए बहान बनावतब कहा जाता ह ndash नाच न जान आगन टढ़ा

जब कोई आदमी अनक खाकर भी अपनी आदत न छोड़ तब कहा जाता ह दम सौतक नली रखो तो भी य बध हए और अनभव तथा अलकत भाषा कह गय अतः य

और क स भाषा तथा आती ह महावरदार भाषाबहत पसद जाती ह और कथन बड़ा होता ह

महावरअग-अग - बहत होनाअगठा - चीज़ को दन स क साथ करनाअध - सहाराअधरा घर का उजाला - एकलौता बटा

क घोड़ दौड़ाना - सोचनापर पड़ना - समझ न पाना

अपना सीधा करना ndash करनाआख उठाना - नीयत स दखनाआख खलाना - होश आना

चार होना - आख स आख िमलानानीची होना - होनापीली करना - नाराज़ होना

आकाश पाताल का ndash बहत भदआग घी डालना - बढ़ानाआसमान िसर पर उठाना - बहत कोलाहल करना

स बजाना - करनाईद का चाद होना - िचरकाल पीछ दनाउगली पर नचाना - वश रखना

गगा बहाना - बात करना

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कमर टट जाना - िनराश हो जानाकान भरना - चगली करना

मौत मरना - बहत तरह स मरनाखाक उड़ाना खाक िमलाना - बरबाद होनागड़ गोबर कर दना - काम दनाघर गगा - दौड़-धप कघाट घाट का पानी पीना - जहा तहा का अनभव करनाचाद पर थकना - करना और फलतः होनाचार चादनी - थोड़ का सख

का दध याद आना - सब सख भल जाना सकट आ पड़नाजमीन पर पर न पड़ना - बहत अिभमान होनाजल भन कर कोयला होना - पागल हो जानाटस स मस न होना - भी नटाग अड़ाना - बाधा डालनाटोपी उछालना - िनरादर करनाितनका पकड़ना - मागनाितन का ताड़ करना - बात बढ़ानाथक कर चाटना - वचन दकर जाना

तल उगली दबाना - करनादम तोडना - मर जाना

दना रात चौगना होना - खब होनाधप बाल सफद करना - अनभव आय दनानमक लगाना - बात को बढ़ा कर कहनानाक कटना - बदनामी होनानाक चढ़ाना - घणा करनानीला पीला होना - आना

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नौ-दो होना - भाग जानाउछालना - करना

- बातपरदा डालना - िछपानापहाड टट पड़ना - आनापट चह कदना - खब भख लगना

तल स ज़मीन िनकल जाना - होश उड़ जानाफक-फक कर कदम रखना - सोच-समझ कर काम करनाबगला भगत -

उछलना - खब खश होनाबाज़ार पर होना - काम पर होनाबात का धनी - वायद काबाल खाल उतारना - करनाबाल पकना - बढ़ा होजाना अनभव करनाबाल बाल बचना - हािन पहचन जरा- सी कसर रह जानाबगार टालना - लगाकर काम न करनाबोली मारना - क कहनाभनक पड़ना - खबर द जानाभाड़ - समय गवाना

मारना - बकारचस - बहत कजसपर मारना - का नकल करना

मगज चाटना - तग करनामाथा ठनकना - आशका होनामारा मारा - होनामह-तोड़ जवाब दना - परा-परा जवाब दना

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मह फक हो जाना - चहर का रग उतर जानामह पानी भर आना - खान को ललचानामह लगाना - अिधक द दना

गरम करना - दनाराई का पहाड़ बनाना - बात को बढ़ाकर कहनारात- - हमशालका काड होना - खब मारपीट होनालबी-चौ हाकना - करना

होना - होनालह क घट पीना - करनालह पसीना एक करना - बहत करनालोह क चना चबाना - काम करनाशतान क कान कतरना - बहत चालाक होना

करना - करनाबाग - बहकाना

समझ पर पड़ना - होनाबठना - जमाना

िसतारा चमकना - उदय होनािसर पर खन सवार होना - जान लन पर होनािसर पर हाथ धरना - सहायता करनासौ बात एक बात - िनचोड़

करना - फक डालनाहसी उड़ाना - करनाहाथ मल -

हाथ पर हाथ धर बठना - बठनाहाथ पसारना - मागना

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हाथ-पर मारना - करनाहाथ साफ करना - बईमानी स ठगना

पानी करना - करनाहोश उड़ना - भय या आशका स दखी होना

अत गता सो मता - वहकान राजा - थोड़ा पढ़ िलख का मान होता ह

आख क गाठ क पर - पर धनवानआप मर जग परल - ह तो ससार ह

चोर कोतवाल को डाट - अपराध करक को डाटनाऊची दकान पकवान - काम करनाएक अनार सौ बीमार - जब एक चीज़ क बहत स तब कहा जाता हएक पथ दो काज - एक काम करन स दो का लाभ होनाकाला बराबर -

घर का लका ढ़ाह - फट स घर नाश होता हिचराग तल अधरा - पास घटना क होन पर भी उसका न होना या

ऐस पर बराई का होना जहा उसक रोकन का होचोर ितनका - पापी डर जाता हजाग सो पाव सोव तो खोव - सावधान रहन स लाभ होता ह

- बलवान का दबदबा रहता हजसा दश वसा भस - दश रह वसी करनीजसी करनी वसी भरनी - फल िमलता हतन को कपड़ा न पट को - बहतथोथा चना बाज घना - काम न करनवाला बकवास बहत करता हदाम बनाय काम - पस स सब काम हो जात

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धोबी का घर का न घाट का - जो एक पर जमकर काम न कर कभी एक लग और कभीदसर और सफल न हो उस कहा जाता ह

रहना मगर स बर - अधीन होकर रह और उसी स बर कर तो गज़ारा चलता हन रहगा बास न बाजगी - नकसान हो उसका नाश कर दना हनाच न जान आगन टढ़ा - काम करन न होन पर दसर को दोष दना नीम जान का खतरा - अधरा हािनकारक होता हनौ नगद न तरह उधार - उधार सौदा दनामान न मान तरा महमान - गल पड़नािमया जती िमया क िसर - स उसी हािन करनासौ सयान एक मत - सभी अथवा एक सलाह होती हहाथ कगन को आरसी - क िलए और हाथी क दात खान क और क और - कहना कछ और करना कछ औरहोनहार क होत चीकन पात - होनहार क पहल स जात

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Module lUNIT - 1

भाषा औरभाषा वह साधन ह अपना स करता ह तथा क कोकरता ह भाषा lsquoभाषrsquo धात स बनी ह भाषा दो होती - किथत भाषा और भाषा भाषा

का कई होता ह कछ होतभाषा ह भाषा हमशा होता रहता ह जब भाषा बोलचाल भाषा रहती

ह तब उस बोली कहत बोली क िलए उतनी भाषा किलए होती ह जब भाषाबन जाती ह तब का पालन करना पडता ह क क आधार परभाषा का होता ह न अपन को कहा हक को एक िनयम बाधा ह भाषा का अनगामी ह भाषा औरक बीच होता ह भाषा क क िलए क को करनाबोलचाल भाषा सहायता स भाषा बन जाती ह भाषा को

एव िच दता हभाषा अपनी का पर ह नसरलतर अपनाया ह यह ह जस करत वस िलखत

क िलए िभना सकत ह और एक सकत कवल एक का करता हभाषा पर होता ह मल स बनता ह स बनता ह स

बनता ह और स एक भाषा बनती ह भाषा दो होती ह किथत भाषा और भाषाकिथत भाषा पर ह भाषा क िलए एक होता ह उस कहत एक सअिधक स बनत और एक स अिधक स बनत इसी आधार पर क तीन भागहोत - 1) 2) 3)

- का भाग ह उस कहत क भद आकार औरसयोग या सिध स हए उनक पर होता ह

ndash का वह ह क भद पर होता ह - क उस को कहत स बनान का िनयम ndash खड

भद का जाता ह

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UNIT - 2

उस मल क को कहत न हो उदा ndash अ इ उ ए

राम ndash र+आ+म+अ चार होत इन को कहतभाषा होनवाल क समदाय को कहत हर भाषा क िलए अपन अपन होत

कल 44 होतअआ इ ई उ ऊ ऋ ए ऐओऔक ख ग घ ङच छ ज झ ञट ठ ड ढ णत थ द ध नप फ ब भ मय र ल व ष श स ह तीन और भी होत य ह का हो

सकता हजस ndash ndash क+ष+अ

ndash त+र+अndash ज+ञ+अ

िगनती हो सकतीक दो भद होत ndash 1) 2)

कल 11 और 33 कल िमलाकर 44 होतndash सहायता स होता ह कहत क सहायक

होत11 ह

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अ आ इ ई उ ऊ ऋ ए ऐ ओ औndash सहायता स कर सकता ह उस कहत

क lsquoकrsquo स lsquoहrsquo तक कल िमलाकर 33 इसक अलावा अननािसक और नामक तीन ह

अननािसक ndash इसका नाक और मह स होता ह इसका ह उदा ndash हसना गावndash करत समय नाक स िनकलती ह इसका ह उदा ndash कठ हस

ndash जब अथवा क बाद lsquoहrsquo लग तब उस कहत उदा ndash अतः

पनःइसका इस ह ndash अतहा पनहा

UNIT - 3

क भदक आधार पर क दो भद होत ndash 1) मल 2)

मल - मल व दसर स होती भी कहत उदा ndash अ

इ उ ऋ- व जो मल क मल स बनत उदा ndash आ ई ऊ ए ओ औ क दो उपभद ndash 1) 2)

ndash दो मल क मल स जो होता ह उस कहत उदा ndash अ+अ = आ इ+इ =

ई- क मल स जो बनता ह उस कहत उदा ndash अ उ ओ अ ओ

मल(अइउऋ)

(आईऊ) (एऐओऔ)

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क आधार पर क भदक काल ndashमान को रखकर क दो भद जात - लघ और

ndash मल क समय लगता ह उसक को कहतलघ ndash क एक का समय लगता ह उस लघ कहत

उदा - अ इ उ ऋ (मल )

- क दो का समय लगता ह उस या कहतउदा ndash आ ई ऊ ए ऐ ओ औ (सब )

स क भद और भी जात य ndash साननािसक और िनरननािसक ndash रण स का एक और भद भी जाता ह ndash ह

पकारन क अवसर पर का अितम लबा करक बोला जाता ह और उसकतीन का समय लगता ह उस कहत उदा ndash अर माधो हाय र

भी इसका करतसाननािसक और िनरननािसक ndash

जब का मख और नािसका स होता ह उस साननािसक कहत उदा ndash मा (आ)जब का कवल मख स होता ह उस िनरननािसक कहत उदा ndash अ इ उ

UNIT - 4

सहायता स का कर सकत कहततीन क होत ndash 1) 2) 3)

- 25 होत lsquoकrsquo स लकर lsquoमrsquo तक पाच-पाचक ख ग घ ङ ndash कच छ ज झ ञट ठ ड ढ णत थ द ध नप फ ब भ म

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इनक जीभ मह क न भाग का करती ह- इनका करत समय जीभ मह क भाग का करती हस इनका और क बीच ह का ह ndash lsquoबीच rsquo उदा ndash य

र ल व ndash य- इनक मख स रगड रवाकर िनकलती ह उदा ndash श ष स ह ndash

UNIT - 5

दो क पास पास होन क कारण उनक मल जान स जो होता ह उस सिध कहतउदा ndash राम + अवतार = रामावतार (अ+ अ= आ)

तीन होती ह ndash 1) 2) 3)

- दो क मल स जो होता ह उस कहत उदा ndash + =

(इ+ इ = ई)

क पाच भद होत ndash 1) 2) गण 3) 4) यण 5)

1) ndash दो र पास पास तो क बदल एक बन जाता ह उसकहत

उदा ndash + आलय =

+ =

+ उपदश =

2) गण ndash lsquoअrsquo या lsquoआrsquo क आग lsquoइrsquo या lsquoईrsquo लगा तो िमलकर lsquoएrsquo lsquoउrsquo या lsquoऊrsquo हो तोिमलकर lsquoओrsquo और lsquoऋrsquo हो तो िमलकर lsquoअरrsquo हो जातउदा ndash दव + = (अ + इ = ए)

सर + ईश = सरश (अ + ई = ए)

वीर + उिचत = वीरोिचत (अ + उ = ओ)

राज + = (अ + ऋ = अर)

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3) - lsquoअrsquo या lsquoआrsquo क आग lsquoएrsquo या lsquoऐrsquo हो तो िमलकर lsquoऐrsquo और lsquoओrsquo या lsquoऔrsquo हो तो िमलकरlsquoऔrsquo हो जात

उदा ndash एक + एक = एकक (अ+ ए = ऐ)

वन + औषिध = वनौषिध (अ+औ = औ)

4) यण - इ ई उ ऊ या ऋ क आग कोई तो इ ई क lsquoयrsquo उ ऊ कlsquoवrsquo और ऋ क lsquoरrsquo हो जाता ह

उदा ndash + = (इ+अ = य)

स + आगत = (उ+आ = व)

मात + = ndash (ऋ+आ = र)

5) - ए ओऐ औ स पर कोई हो तो lsquoएrsquo को lsquoअयrsquo lsquoओrsquo को lsquoअवrsquo lsquoऐrsquo को lsquoआयrsquo तथाlsquoऔrsquo को lsquoआवrsquo हो जाता ह

उदा ndash न + अन = नयन (ए को अय)

न + अक = नायक (ऐ को आय)

भो + अन = भवन( ओ को अव)

भौ + उक = भावक (औ को आव)

- जब एक दसर या स िमलता ह और उसक मल स जो होताह उस कहत

उदा ndash सत + उपयोग = सदपयोगिनयम

1) क च और प क आग कोई या का तीसरा चौथा अथवा य र ल व ह स कोईहो तो क - ग होता ह च - ज होता ह ndash होता ह और प ndash ब होता ह

उदा ndash वाक + ईश = वागीशअच + =

+ आनन = षडानन2) क पहल स पर कोई अननािसक हो तो पहला उसी का अननािसक हो

जाता हउदा ndash वाक + मय = (क का ङ अननािसक)

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3) lsquoतrsquo क साथ कोई ग घ द ध ब भ अथवा य र ल व कोई हो तो lsquoतrsquo का lsquo rsquo होजाता हउदा ndash जगत + ईश =

उत + गम =

तत + =

4) lsquoतrsquo क साथ lsquoचrsquo हो तो िमलकर lsquoचrsquo और lsquo rsquo क साथ lsquoछrsquo हो तो िमलकर lsquoजrsquo या lsquoझrsquo होजाता ह lsquoतrsquo क साथ lsquo rsquo lsquoड़rsquo या lsquoढ़rsquo होन पर िमलकर lsquo rsquo होता ह और lsquoतrsquo क साथ lsquoलrsquo हो तोिमलकर lsquoलrsquo हो जाता हउदा ndash उत + चारण = (त + च = )

सत + जन = (त + ज = )

बहत + = (त + ट = )

उत + डयन = (त + ड = )

तत + लीन = (त + ल = )

5) lsquoतrsquo lsquo rsquo क साथ lsquoहrsquo हो तो lsquoतrsquo lsquo rsquo होता ह और lsquo rsquo lsquoधrsquo हो जाता हउदा ndash तत + = ( त + ह - -ध)

lsquoछrsquo क कोई हो तो lsquoछrsquo lsquo rsquo बन जाता हउदा ndash आ + छादन =

+ छद =

6) lsquoमrsquo क साथ lsquoकrsquo स lsquoमrsquo तक का कोई हो तो lsquoमrsquo बन जाता हउदा ndash सम + =

सम + तोष = सतोष7) lsquoमrsquo क साथ य श ह तो lsquoमrsquo बन जाता ह

उदा ndash सम + हार = सहारसम + शय = सशयसम + योग = सयोग

8) ऋ र या ष क बाद lsquoनrsquo हो तो वह ण हो जाता हउदा ndash भष + अण = भषण (ष + न = ण)

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ऋ + न = ऋण (ऋ + न = ण)

9) अआ को छोडकर कोई क lsquoसrsquo क आ जाय तो lsquoसrsquo lsquoषrsquo बन जाता हउदा ndash अिभ + सक = अिभषक (इ+स = ष)

+ सम = (इ+स = ष)

10) र क साथ र हो तो पहला र का लोप होता ह और उसस पहल का होता हउदा ndash िनर + रस = नीरस

- और क साथ क मल स जो होता ह उस कहतउदा ndash मनः+ रथ = मनोरथ

दः+ उपयोग =

िनयम1) स अ हो और का तीसरा चौथा पाचवा अथवा यरलव आ जाय तो पहला lsquoअrsquo

और lsquo rsquo क पर lsquoओrsquo होता हउदा ndash यशः+ गान = यशोगान (श अ ओ)

मनः+ = (न अ ओ)

रजः+ गण = रजोगणसरः+ ज = सरोज

2) क बाद शषयस हो तो बाद क क समान बन जाता हउदा ndash दः+ शासन = ( भी श होता ह)

िनः+ = ( स बन जाता ह)

3) क इ या उ हो और उसक साथ कख या प फ स कोई हो तो lsquoषrsquo हो जाता हउदा ndash दः+ कर =

िनः+ पाप =

4) क lsquoअrsquo हो और उसक साथ lsquoअrsquo स कोई हो तो का लोप होता हउदा ndash अतः+ एव = अतएव

5) क अआ क और कोई हो अथवा उसक साथ का तीसरा चौथा पाचवाहो अथवा य र ल व ह स कोई हो तो र हो जाता ह

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उदा ndash िनः+ आशा = िनराशािनः+ =

िनः+ झर =

6) क अ और उसक साथ अ या का तीसरा चौथा पाचवा अथवा यरलवहस कोई हो तो अ क ओ होता ह

उदा ndash मनः+ अिभराम = मनोिभरामअधः+ गित = अधोगितमनः+ हर = मनोहर

इसक अलावा कछ अिनयिमत होती उदा ndash पराः+ कार =

नमः+ कार =

ितरः+ कार =

Module ll

UNIT - 6

एक स अिधक स बनी हई को कहत कोकरनवाल समह को कहत

उदा ndash लड़का कलमकछ होती जब व दसर क साथ जाती तब होती ऐसी

को कहतउदा ndash (lsquoकrsquo ह इसका कोई क साथ lsquoकrsquo लगन पर इसका होता ह)

दधवाला ndash(lsquoवालाrsquo का दध क साथ लगन पर वह होता ह)

क1 क आधार पर तीन क ndash 1) 2) यौिगक 3)

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ndash अपनी हो उनक क करन स कछ होता ऐसको कहत

उदा ndash धन घोडायौिगक ndash जो दो या दो स अिधक क योग स बनत यौिगक कहत

उदा ndash राज + महल = राजमहल+ =

ndash जो दो या दो स अिधक क मल स बनत हो को िछपाकरका बोध करात हो कहत

उदा - पकज = पक + ज (पकज का ह स इसका ह कमल)दशमख = दस + मख (दशमख का ह दस इसका ह रावण)

2 स क तीन भद - 1) वाचक 2) 3) या साकितकवाचक ndash जब उसी बोला या िलखा जाय और िलए बना ह तब उस वाचक कहत

उदा ndash गधा एक जानवर ह ( lsquoगधाrsquo वाचक ह)ndash जब कोई उसका न बतलाकर अपन या गण का बोध करानवाल कोकहत

राम एक गधा ह (यहा गधा का ह lsquo rsquo इस का होता ह ndash राम एक ह)

ndash जो स क करता ह और गढ़ स दसरा सिचतउदा - हो गया ( ह इसका होता ह lsquo समयrsquo)

3 स क भद ndash

क आधार पर क चार भद - 1) 2) 3) दशज 4)

ndash क जो करक का होत उसकहत उदा ndash वाय

ndash व जो स पर कछ करक करतउदा ndash -

- आसरा- आग- आस- सच

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दशज ndash य स बन क अनसार य क क

स बनउदा ndash पट

ndash य भारतीय भाषाओ क कई भाषाओ जस अरबी फारसी सकरत

उदा - स ndash िसनमा

अरबी स - मौलवी अदालत दिनया अमीरफारसी स ndash बाग आदमी चाक कारखाना

स - दारोग काब लाश तोपस - सरग दाम

UNIT - 7

कछ ऐसी होती जो होती जब व दसर क साथ जाती तब वहो जाती इस तरह को (Affix) कहत

उदा ndash कछ िनर वालादो क होत - 1) 2)

ndash जो क आरभ लगाकर उसक अ लाकर कर उसकहत

उदा ndash अप + यश = अपयश ( )

उप + वन = उपवन(बगीचा)+ योग = ( )

अन + पढ़ = अनपढ़ ( पढ़ करक)

क + = (बरा )

ndash जो या क लगाकर उनक को बदल कहतउदा - बढ़ा + पा = बढ़ापा (बढ़ापा )

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+ = ( स )

िलखा + आवट = िलखावटबरा + ई = बराईदध + वाला = दधवालाबच + पन = बचपन

UNIT - 8

समासरखनवाला दो या दो स अिधक या पद िमलाकर जब एक या पद बनत

इस मल को समास कहत िमल को पद अथवा सामािसक पद कहतउदा - घोड का सवार ndash घडसवार

सा मख ndash

धन का पद - धनपदकाठ पतली ndash कठपतली

समास होन पर बीच तथा का लोप होता हउदा - धन का पद - धनपद ( lsquoकाrsquo का लोप होता ह)

समास1 समास दो का योग होता ह2 दो क मल स एक पद बनता ह3 दो क बीच का लोप होता ह4 दो कभी पहला पद होता ह और कभी दसरा पद होता ह5 समास जडत तो क का होता ह

उदा ndash का = + =

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समास औरसमास दो का योग होता ह दो का योग होता ह क

होत होन पर दो क सयोग स पद भी िमल जात समासवाल औरसमास हो सकता हउदा ndash पीता र दो पद ह ndash lsquoपीतrsquo और lsquo rsquo करन पर इस तरह होता ह ndash पीत +

= समास करन पर lsquoपीत ह जो rsquo =

कवल होती ह समास होता ह क तोडनको द कहत समास क तोडन को कहत

ndash क को अलग अलग अपनी क रखकर उनक आपस क कोकरन को कहत

उदा ndash रातndash - इसका ह रात औरसमास क भद

समास क छः भद होत 1) 2) 3) 4) 5) 6)

1 समास ndash समास पहला हो उस समास कहत इसकापहला पद या पद होता ह

उदा ndash ( क अनसार)

आजीवन ( जीवन )

यथासमय (समय क अनसार)

2 समास ndash समास पद हो और समास करन पर पहली का लोपहो उस समास कहत

उदा ndash राजसभा (राज सभा)( को )

समास क दो भद ह ndash

1) 2) समानािधकरणi ndash पद का करन पर पहला और दसर

लगायी जाती हउदा ndash राज-सभा (राजा सभा)

पहल सबध कारक ह और दसर कारक ह

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क छः भद -

इस समास क पद कारक का लोप होता ह उसी कारक क अनसार इस समास कानाम होता ह ndash

१ ndash होती हउदा ndash ( को ndash को कारक ह)

२ करण - lsquoसrsquo हउदा ndash (अकाल स )

मनमाना (मन स माना हआ)

३ ndash lsquoक िलएrsquoउदा ndash रसोईघर (रसोई क िलए घर)

(हवन क िलए )

४ अपादान ndash lsquoसrsquo हउदा ndash ( स िगरा हआ)

(पद स )

(ऋण स )

५ सबध ndash lsquoकाrsquo lsquoकrsquo lsquo rsquo हउदा ndash सनापित (सना का पित)

राजमाता (राजा माता)( दश का )

६ अिधकरण ndash lsquo rsquo lsquoपरrsquo हउदा ndash वनवास (वन वास)

आपबीती (अपन आप पर बीती)( )

कभी कभी समास पद का लोप होता ह उस अलक कहतउदा ndash ( रहनवाला lsquo rsquo का लोप)

सरिसज (सर होनवाला lsquo rsquo का लोप)

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नञ ndash अभाव या िनषध का सिचत ककरनवाला lsquoअrsquo या lsquoअनrsquo लगान स बननवाल को lsquoनञrsquo

कहतउदा ndash ( जो न हो)

अनपढ़ ( न पढ़ा हआ)

अछता ( न छआ हआ)

उप पद ndash समास कोई उप पद न हो तथा बाद पद हो उस lsquoउप पद rsquo कहतउदा ndash जलज (जल ) ndash कलम

मनोज ndash (मन जात) - कामदवii समानािधकरण - समास क क बाद एक कारक

आती ह उस समानािधकरण अथवा कहत इस समास क पद उपमान- उपमय अथवाndash हउदा ndash नील कमल - नीला कमल

यहा नीला और कमल हम ndash घन (बादल) (काला) उपमान और उपमय

कभी कभी सबध बतानवाल बीच क पद का लोप भी होता ह lsquo rsquo समासपहल का दसर स सबध बतानवाल बीच क पद का लोप होता ह उस समास कहत

iii समास ndash समास क होता ह और समदाय का बोधहोता ह उस समास कहत

उदा ndash (तीन का समाहार)

चौमासा (चार का समह)

iv समास ndash समास होत और करन पर और या अथवा योजकलगत उस समास कहत

उदा ndash ndash औरndash पाप और

तन-मन ndash तन और मनसमास क का िलग साधारणतया म क अनसार होता ह कभी कभी

हो तो उसी क अनसार िलग हो जाता हउदा ndash राजा-रानी आय

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समास एक स अिधक जडतउदा ndash माता ndash आय राम- आत थ

कभी कभी बहवचन - सचक क साथ भी पाया जाता हउदा ndash आपक लडक-

v ब समास ndash इस समास स कोई पद होता पर समास पद पदका होता ह इस समास कहत

उदा ndash र (पीत ह )

अनग ( ह अग - कामदव)

समास पद का पहला दसर क होता ह समासपद अपन स का होत ह कई पद भद स क

समास हउदा ndash मगलोचन - 1) मग क लोचन ndash

2) मग क समान लोचनवाला ndash समास- 1) पीला कपडा ndash

2) पीला ह अबर (कपडा) वह ( ndash समास)

Module lll

UNIT - 9

क िलग वचन कारक अथवा काल क अनसार होता ह

कहत औरया - क िलग वचन कारक अथवा काल क अनसार कोई

होता व ह सचक व ह सचक या ह

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UNIT - 10

(NOUN)वह ह या भाव को सिचत करता ह राम ( )

( ) ( ) क तीन ndash

a) (Proper Noun)

b) जाितवाचक (Common Noun)

c) भाववाचक ( Abstract Noun)

A ndash उस कहत एक का बोध होता हउदा ndash राम गगा

B जाितवाचक ndash जाितवाचक स एक जाित क सब का बोध होता हउदा - नगर सभा जल

स सभी जाित का बोध होता ह का य जाित क आधार पर होत

स सजातीय क समह को करत उस समहवाचक कहत उदा ndash सनास का बोध का बोध होता ह उस कहत

उदा - सोना पानी लोहाC भाववाचक ndash भाववाचक व क गण दोष कासचना होती ह

उदा - गण दोष ndash िमठास कटता नीचता- लडकपन यौवन दासता

भाव ndash शोक भयD जब गण को करत तब व जाितवाचक बनत

उदा ndash ह तम बनोइस स ह ndash पर रहनवाला यह जाितवाचक हकभी कभी जाितवाचक होती

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उदा ndash गािधजी कल यहा यहा गािधजी हE भाववाचक कभी कभी जाितवाचक क समान होती

उदा ndash हाथी और घोड बडा ह यहा चाल जाितवाचक हभाववाचक चार स बनती

a) जाितवाचक स ndash लडका ndash लडकपनndash

b) स ndash अह ndash अहकारअपना ndash अपनापन

c) स ndash चतर ndash चतराईमीठा ndash िमठास

d) स ndash चढ़ना ndash चढ़ाईसजाना ndash सजावटघबराना ndash घबराहट

F क समान होन वालउदा ndash का आधर गणी- ह यहा क समान होत उदा ndash का कहना

मानो lsquoबडाrsquo ह यह क पर होता हका

एक स अिधक स बनत क एक दसर क िमलन स का होता हक क होता ह इस कहत का िलग वचनऔर कारक क कारण होता ह

उदा ndash लड़का पठता ह ndash पठती ह ( िलग क कारण)

लड़का दौडता ह - लड़क दौडत (वचन क कारण)

लाओ ndash मज़ पर ह ( कारक क कारण)

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UNIT - 11

िलगक जाित का बोध होता ह उस िलग कहत दो िलग ndash और

a ndash जाित का बोध करानवाल को िलग कहत उदा ndash सीताb - जाित का बोध करानवाल को कहत उदा ndash लड़का नर राम

बदगी ह उदा ndash पड नगर ह उदा ndash लता

जो ह व ह उदा ndash भाई बलकई स क नर और मादा का बोध होता ह पर उनका एक िनयम

िलग स होता हndash कौआ चीता ndash कोयल चील मना

जाितभद करन किलए इनक साथ नर या मादा लगाना उदा ndash नर कौआ मादाकौआ नर चीता मादा चीता

क अत आ पा आव और पन हो होतउदा ndash बढ़ापा चढ़ाव लडकपन

क अत आई वट हट और ता हो व होतउदा ndash चढ़ाई सजावच सरलता

स बनान का िनयमक क अ को आ करन स ndash उदा ndash ndash बाल ndash बाला सत ndash सता तनज ndash

तनजा ख क अ को ई करन स ndash उदा ndash दव ndash दवी ndash कबतर ndash मग ndash

मगीग कछ क आ को ई करन स ndash उदा ndash रसा ndash रसी लडक़ा ndash

घ क आ को इया करन स ndash उदा ndash ndash बढ़ा ndash चहा ndash

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ङ या क क इन लगान स ndash उदा ndash सनार ndash

धोबी ndash कहार ndash

च कछ क नी या आनी लगान स ndash उदा ndash िसह ndash िसहनी महतर ndash महतरानी मोर ndash

मोरनीछ उपनामवाचक क क पर आइन लगान स ndash उदा ndash बाब ndash बबआइन

ठाकर ndash ठकराइन पाड ndash पाडाइन ज कछ क ndash उदा ndash ndashमाता ndashऔरत वर- वध मा ndash

बाप ndashभाई

स बनान का िनयमa कछ lsquoओईrsquo lsquoआवrsquo और lsquoऔराrsquo लगान स ndash

उदा ndash बहन ndash बहनाई ननद ndash ननदोई ndash िसल ndash िसलौरा b कछ क lsquoईrsquo को lsquoआrsquo करन स ndash

उदा ndash जीजी ndash जीजा झोली ndash झोला c कछ क lsquoईrsquo को lsquoअrsquo करन स ndash

उदा ndash ndash d क अत lsquoआrsquo लगान स ndash

उदा ndash

UNIT ndash 12

वचन (Number)स और क स स यह त हो वह एक क िलए होता ह या अिधक

क िलए इस वचन कहत वचन दो क होत ndash

1) एकवचन (Singular)

2) बहवचन (Plural)

1) एकवचनःस क स स एक का बोध करान वाला एकवचन हउदाः पढ़ती ह ( ndash एकवचन ह)

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2) बहवचनःस क स स एक स अिधक का बोध हो उस बहवचन कहतउदाः पढ़ती ( ndash बहवचन ह)

कभी कभी आदर क िलए एकवचन बहवचन क होतउदाः अब )बहवचन(

बहवचन बनान का िनयमः-)क ( क lsquoआrsquo क पर lsquoएrsquo लगा दन स एकवचन का बहवचन बन जाता ह

उदा ndash लड़का ndash लडक कपड़ा ndash कपड़ बटा ndash बट lsquo rsquo क सभी क (

) एक समान रहतक बहवचन बनान का िनयम

lsquo rsquo तथा lsquo rsquo क lsquoअrsquo lsquoआrsquo क पर lsquoएrsquo का करन स बहवचनबनाया जाता ह

उदाः ndash गाय ndash ndash रात ndash lsquo rsquo तथा lsquo rsquo क lsquoयाrsquo जोड़न स बहवचन िमलता ह इस lsquoईrsquo क

पर lsquoइrsquo होता हउदाः ndash ndash ndash

स क lsquoयाrsquo हो उनक lsquoयाrsquo क ऊपर कवल लगान पर-

उदाः ndash -

क बाद lsquoएrsquo या lsquo rsquo जोड़न स शष का बहवचन िमलता हउदाः लता ndash लताए -

)ग( िनयम -

)1( )बहवचन( सिचत करन क िलए कभी कभी क एकवचन क साथ गण लोग

जोडतउदा ndash पाठकगण बाब लोग

(2) कछ हमशा बहवचन बोल जातउदा ndash लोग होश

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3) जाितवाचक स ऐ हमशा बहवचन होती ह जब और भाववाचक काजब जाितवाचक क समान होता ह तब व बहवचन होता ह

उदा ndash भारत रावण कमी (यहा रावण जाितवाचक ह)

(4) जब जाितवाचक क समान होता ह तब व बहवचन क होतउदा ndash और क ह (जल बहवचन एव जाितवाचक ह)

UNIT - 13

कारक (Case)या क स उसका क क साथ होता ह उस

कारक कहतउदा ndash राम न रावण को माराइस lsquoनrsquo और lsquoकोrsquo इन क उसका सिचत होता हउदा ndash मारा - राम lsquoनrsquo

मारा ndash रावण lsquoकोrsquo इसिलए य कारककारक क आठ भद होत ndash

कारक - नकारक - को

करण कारक - सकारक - को

अपादान कारक - सकारक - का क

अिधकरण कारक - पर

सबोधन कारक - ह अर अपी अहो क कारक ndash (Nominative)

या क स करनवाला या का बोध होता ह उस कारक कहतlsquoनrsquo ह

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उदा ndash राम गयामोहन न खाया

lsquoरामrsquo और lsquoमोहनrsquo कारक ह न हक को सिचत करन क िलए कोई जाती ह

उदा ndash राम न िलखी ख कारक (Accusative)

या पर क का फल पडता ह उस कारक कहत उदा - राम न रावण को मारा

रावण मारा गया ह यहा lsquoरावणrsquo कारक ह lsquoकोrsquo हकभी कभी lsquoकोrsquo का लोप होता ह

उदा ndash राम न िलखायहा lsquoकोrsquo का लोप होता ह ऐसा भी होता ह - राम न को िलखा

ग करण कारक ( Instrumental)

क साधन का बोध करानवाल क को करण कारक कहत lsquoसrsquo ह उदा ndash

कलम स िलखतिलखन का साधन कलम ह कलम क िलखन होती ह

घ कारक ( Dative)

कारक का वह ह जो उस का बोध कराता ह िलए कोई कामlsquoकोrsquo lsquoक िलएrsquo ह

उदा ndash मोहन न राम को पाच मोहन न राम क िलए पाच

ङ अपादान कारक (Ablative)

का वह ह क स पथक होन का बोध हो उस अपादान कारककहत lsquoसrsquo ह

उदा ndash स िगरतयहा स का सिचत होता ह कारक और अपादान कारक lsquoसrsquo ह

करण कारक lsquoसrsquo साधन सिचत होता ह अपादान कारक lsquoसrsquo सिचत होता ह

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कलम स िलखता ह - करण कारकस आ रहा ह - अपादान कारक

च कारक (Genitive)

क स उसका स होता ह उस कारक कहतlsquoकाrsquo lsquoकrsquo lsquo rsquo

उदा ndash राम का घोडा राम क घोड राम बहन छ अिधकरण कारक (Locative)

क स क आधार का बोध होता ह उस अिधकरण कारक कहत lsquo rsquo

और lsquoपरrsquo उदा ndash शर जगल रहता ह

मज़ पर ह अिधकरण तीन क होत ndash

क कालािधकरण ndash का काल होता ह उस कालािधकरण कहत उदा ndash राम दोपहरस आयगा

ख भावािधकरण ndash क भाव क भावािधकरण होता ह उदा ndash शर को दखकरभय होता ह

ग ndash पर होती ह उस कहत उदा ndash मज़ पर ह कालवाचक और क सात कभी कभी लगती उदा ndash कल रात मसलधार हई ( कल रात मसलधार हई ndash lsquo rsquo का लोप)

ज सबोधन (Vocative)

क स को पकारना सिचत होता ह उस सबोधन कारक कहत हउदा ndash ह राम वहा मत आना

सबोधन कारक कोई ह उसको करन क िलए lsquoहrsquo lsquoअरrsquo कोलगाय जात

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UNIT - 14

( Pronoun)क उसक को करन क िलए का जाता ह

कहत उदा ndash राम जाता ह वह अपनी जाता हउसन कहा ndash लाना भल गया वह अपनी राम जगह हए ह

इसिलए ह को हटान क िलए का जाता हयोग क अनसार क पाच भद होत

1) - त यह वह (एव) हम तम य व आप (बव)

2) ndash यह वह (एव) य व (बव)

3) ndash कोई कछ (एव - बव)

4) ndash जो सो (एव - बव)

5) ndash कौन (एव - बव)

क ndash या लखक बोलत या िलखत समय या तो अपन कछ कहता ह या सननवालऔर पढ़नवाल क अथवा अपन और सननवाल को छोडकर क

कहत स बोलनवाल सननवाल और क कछ कहा जाए उस कोकहत

तीन क होत ndash औरndash बोलनवाला या िलखनवाला अपनिलए का करता ह उस

कहत (एव) हम (बव)ndash सननवाल या पढ़नवाल क िलए का होता ह उस कहत

जस ndashत तम और आप ndash क कछ कहा या िलखा जाए उसक िलए होन वाल को

कहत जस ndash यह वह (एव) य व (बव)और हम ह एकवचन ह हम बहवचन ह का हम

क बहवचन स ह यहा हम क पर होता ह हम का एकवचनऔर बहवचन होत

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PRACTICAL GRAMMAR (APPLIED GRAMMAR) Page 30

त और तम क आदर क िलए आपका करत जस ndash तमयहा आओ इसी क पर आप यहा ए कभी कभी यह और वह क भी आप का

होता ह जस ndash आप मर कभी कभी आदर क िलए आप का करत बहवचन सिचत करन क िलए आप क साथ lsquoलोगrsquo

जोडा जाता ह जस ndash आप लोग यहािनजवाचक आप और चक आप भद होता ह िनजवाचक आप समान स एक वचन

और बहवचन आता ह जस ndash आप पढ़गा हम आपवह कवल बहवचन करत िनचवाचक आप तीन स

होत आप कवल और करतlsquoआपrsquo अकला जाता ह िनजवाचक आप तथा क साथ आता ह जस ndash त

आप कामकभी (2) आप भल अकला आ सकता ह जस ndash आप भला तो जग भला वह अपन आप समझ गया

व ऒर सकत जाता हसकतवाचक और िनदशवाचक भी कहत जस ndash यह वह य व

हम तम आप यह य व इन या क साथ अिधकताकरन क िलए lsquo rsquo lsquoईrsquo य जोडत झस ndash त आप

स या क बात का बोध न हो उसकहत जस ndash कोई कछ

a lsquoकोईrsquo का क िलए होता ह जस ndash बाहर स कोई आ रहा ह b जब का पता न होन पर ndash जस ndash अर कोई कमर ह

c क lsquoकोईrsquo लग तो उसका लगभग होता ह जस - कॉलज स कोई पाच सौभाग

d lsquoकोईrsquo जब दोहराया जाता ह तब को सिचत करता ह जस कोई कोई पर को रोकतe कोई क साथ एक लग जान पर सिचत करता ह जस ndash तम स कोई एक गा सकगा

कछ का अनिगनत क िलए होता ह जस ndash कछ हक िलए होता ह जस ndash पानी कछ ह

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कोई का क िलए होता ह और कछ का क िलए होता हघ वाचक

स दो और क बीच क का बोध हो उस वाचक कहतजो सो जस ndash आपन जो कहा सो हो गया

कभी कभी जो या सो स एक रहता ह जस जो गाता ह बात हङ ndash करन क िलए का होता ह कहत

उदा ndash आप सोचत आज कौन आएगाकौन का क िलए होता ह का क िलए होता ह जस ndash कौन

बोलगा थली हकभी कभी कौन का क िलए होता हजस - बाधा डालनवाल तम कौन होिभ किलए lsquoकौनrsquo को दोहरा भी जाता ह जस ndash कौन कौन लाएग

क कौन का होता ह जस - इसन कौन अपराधक िलए को दोहरा दता ह जस ndash राम न

का क भी होता ह जस ndash तम मझस लडोगका

वचन और कारक क कारण भी होत िलग क कारण होताका और एक स होता ह

सबोधन होतास क पर होता ह उसी क अनसार उस क िलग वचन भी होता ह

काकारक एकवचन बहवचन

हममझको मझ हमको

करण मझस हमसमझको मरिलएमझ हमको हमार िलए

अपादान मझस हमसमरामर हमारा हमार

अिधकरण मझपर हमपर

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PRACTICAL GRAMMAR (APPLIED GRAMMAR) Page 32

तकरक एकवचन बहवचन

तन तम तमनतझको तझ तमको

करण तझस तमसतरातर

अिधकरण तझपर तमपर

वहकरक एकवचन बहवचन

वहउसन व

उसको उस उनकोकरण उसस उनस

उसक िलए उस उनक िलए

अपादान उसस उनसउसका उसक उनका उनक

अिधकरण उस पर उनपर

UNIT - 15

(Adjective)स या सिचत कर उस कहत जस ndash रशमी

कपडा लाल कमलबतलाई जाए उस कहत जस ndash लड़का

ह लड़का हजो क पहल आता ह उस कहत जस ndash फल

ह फल ह इसिलए यह ह

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PRACTICAL GRAMMAR (APPLIED GRAMMAR) Page 33

जो क बाद आता ह उस कहत जस ndash वह लड़का बड़ा होिशयार ह लडका ह होिशयार ह क बाद आन क कारण यह ह

जो क साथ उसको करन क िलए होता ह उस समानािधकरण कहत जस ndash रामनाथ कहता ह

रामनाथ क साथ समानािधकरण ह चार क ndash

क गणवाचक (Adjectives of Quality)

ख (Adjectives of number)

ग (Adjective)

घ या (Demonstrative Adjective)

१ गणवाचकजो क गण रग आकार को बतलानवाल को गणवाचक कहत

जस ndash लबा सशील काला गोल गणवाचक क बदल बहधा क क भी आतजस ndash राजा ( का राजा )

जापानी कपड़ा (जापान का कपड़ा)गणवाचचक का होता ह तब उनका क समान होता ह

जस ndash न सच कहा ह२ - क गणना का बोध हो उस

कहत जस ndash एक दो पहला दसरा दगनाक तीन भद होत ndash

1) 2) 3) बोधक या बोधकndash इसस का बोध होता ह जस ndash चार आठ सात

क चार भद ndash

a गणनावाचक ndash गणनावाचक षण स गणना का बोध होता ह जस ndash एक चार फल सात

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PRACTICAL GRAMMAR (APPLIED GRAMMAR) Page 34

गणनावाचक क साथ एक लगान स लगभग का होता ह जस ndash एक आदमी ndash

लगभग आदमी b ndash स क गणना का होता ह जस ndash पहला

दसरा चौथाc ndash गणनावाचक क lsquoगनाrsquo लगान स बनत जस

ndash दगना ितगना ३ - स माप- तोल या का पता होता ह उस

कहत जस ndash दो सर चावल चार गज कपडा

क दो भद होत ndash

1) और 2)

ण - स का पता लगता हजौस - दो सर चावल

- स का पता नलगता ह जौस ndash बहत दध

४ या - स ऒर या सकत जाता ह उसकहत lsquoयहrsquo lsquoवहrsquo स जाता ह इसिलए इसकहत

जस ndash यह वह जब क हो तब वह बन जाता ह

जस ndash वह घर राम का ह कई ऐस मल जसा रहता ह

जस ndash वह यह क

भी िलग वचन और कारक क अनसार होता ह क िलग और कारक ककारण कछ होता ह

जस ndash काला कपड़ा - काला कपड़काला धोती - काला धोितया

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क साथ ई हो जातजस - काली धोती

क होता ह जो क होन परहोता ह जस ndash वह घोड़ा व घोड़

पथकता अथवा अिधकता क िलए को दहराता ह ndash

जस ndash छोट छोट फल लालका भी होता ह जस ndash बडा लड़का

गणवाचक और जब करत तब वह बन जात

जस ndash थोड़ा खा गया चावल बहत ह क साथ जब आता और व बन जात तब उनक साथ

भी लगती जस ndash को दान दो

UNIT - 16

(Verb)

काम क करन या होन का बोध हो उस कहतजस पढ़ना खाना दौडना पहनना

धात ndash क मल को धात कहत उदा- पढ़ना खलना खानाय सब मल धात lsquoपढ़rsquo lsquoखलrsquo lsquoखाrsquo ह मल धात lsquoनाrsquo जोडकर का िमलताह

i क आधार पर क दो भद होत - 1) 2)

1) (Transitive Verb) ndash क का फल को छोड पर पडता हउस कहत

उदा ndash राम पढ़ता ह

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राम ह ह और का पर पडता ह2) (Intransitive Verb) - क का फल पर पडता ह उस

कहत का अभाव हउदा ndash मोहन सोता ह

कभी कभी एक होता ह और कभी कभी दो भी होत एक होन वालको एक lsquo rsquo कहत

उदा ndash राम न खाना खायाखाना ह कवल एक होता ह दो होन वाली को

कहतउदा ndash मा न को दध

दो होत ndash lsquo rsquo और lsquoदधrsquo दो होत एक lsquo rsquo और दसराlsquoगौणrsquo

उदा ndash मा न को दधइस lsquoगौणrsquo ह दध lsquo rsquo ह lsquoगौणrsquo कभी कभी होता हउदा ndash न कथा सनाई

ii क भद1 - व होती ह आशय अथवा स परा होताको परा करन क िलए दसर होती ह ऐसी को कहतयह दो क होती ह१ ndash का अभाव हउदा ndash वह ह यहा क को परा करन क िलए जोडा गया ह२ ndash होन पर भी का भाव परा न हो उस को

कहतउदा ndash सीता न पढ़ाया

यहा परा सीता न lsquo rsquo पढ़ाया lsquo rsquo पढ़ाया यह परा इसिलए यहह यहा होन पर भी का भाव परा होता

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३ परक - को परा करन क िलए या पडती ह

परक कहत क परक lsquo परकrsquo तथा क परक lsquo परकrsquo

होतउदा ndash उस होिशयार समझता ह ( परक)

राम बलवान ह ( परक)

iii यौिगक धात ndashक स धातओ क दो भद होत 1) मल धात 2) यौिगक धात

मल धात - मल धात व जो दसर स न बन जस ndash कर बठ पढ़ यौिगक धात ndash यौिगक धात व जो दसर स बनाय जात उदा ndash खाना स नाम धात ndash जो या क आधार पर बनती ह उस नाम धात कहत

उदा ndash हाथ स हिथयानास

अपना स अपनानाiv - स यह जान पडता ह को न करक दसर को

करन दता ह उस (casual verbs) कहतउदा ndash राम न मोहन स िलखवाया यहा राम न िलखकर मोहन स िलखवाता ह इसिलए यह ह

करनवाल को और जाती ह उस कहतराम न मोहन स िलखवाया राम ह और मोहन हमल जो होती ह उनस और बन सकती हस और बन सकती उदा ndash दध पीता ह

पीना ह इसस बनती ह ndash मा को दध हस बना सकती ह उदा - मा नौकर स को दध ह

बनान का िनयममल धात क आ जोडन स और वा जोडन स या

बनती ह

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उदा ndash उठना ndash उठाना - उठवानाचलना ndash चलाना - चलवानापढ़ना ndash पढाना - पढ़वाना

दो क धातओ ए और औ को छोडकर पहला हो जाता हउदा ndash जागना ndash जगाना ndash जगवाना

भलना ndash भलाना - भलवानाछोडना ndash छडाना ndash छडवाना

धातओ क ला और लवा लगात तब हो जाता हउदा ndash पीना ndash ndash

सोना ndash सलाना ndash सलवानाखाना ndash -

v नाम धात - को छोडकर जोडन स जो धात बनती ह अथवा जो नाम (

या ) धात क समान होत नामधात कहत जो नामधात लगान सबनत आ ओऔर ला लगात पहला हो जाता ह

उदा ndash लाज ndash ndash लजानाहाथ ndash हिथया ndash हिथयानाझठ ndash झठला ndash झठलाना

UNIT - 17

काल (Tense)क स क होन का समय और अथवा का बोध हो उस काल

कहत काल क तीन भद होत1) भतकाल2) काल3) काल

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भतकालस का बोध हो उस भतकाल कहत

उदा ndash राम न िलखी भतकाल क छः भद - भत भत भत भत भत हत-हतमत भत

भत ndash क स भतकाल क समय का बोध न हो उस भत कहतउदा ndash मोहन न खत िलखायहा का बोध होता जो भतकाल हई ह भतकाल ndash क स का का समय अभी अभी हआ ह इसका बोध

होता ह उस भतकाल कहत उदा ndash राम न ह

इसस पहल अभी अभी हई हभत ndash क स यह होता ह क को हए बहत समय हो चका ह उसभत कहत

उदा ndash न दध थास हो क साथ lsquoथाrsquo lsquoथrsquo lsquoथीrsquo लगान स भतकािलक

िमलता हभत - क उस को भत कहत यह हो भतकाल हो थी पर

का पता न लग उस भतकाल कहतउदा - वह पढ़ रहा था वह सोता था

कब समा हआ इसका पता क साथ lsquoता थाrsquo lsquoत थrsquo lsquoरहा थाrsquo lsquoरह थrsquo लगानाभत काल ndash क स भतकाल सचना िमलती ह उसक होन कछ हो उसभत कहतउदा ndash वह आया होगा

उसन खाया होगा भतकाल हो थी ह क साथ lsquoहगाrsquo lsquoहगीrsquo lsquoहोगाrsquo lsquoहोगीrsquo

lsquo rsquo जोडन स भतकाल िमलता हहत-हतमत भतकाल ndash क स यह पाया जाय भतकाल होना सभव थाकारण स न हो सका उस हत-हतमत भतकाल कहत

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(Present Tense)

क को काल कहत रहती ह

होती उस काल कहतउदा ndash राम पढ़ता ह

सीता गीत गा हकाल तीन क होत ndash 1) काल 2) काल 3)

काल - वह ह स का काल होना पाया जाय

उस कहतउदा ndash मोहन पढ़ता ह

रमा गाती ह क साथ lsquoताrsquo lsquoतrsquo lsquoतीrsquo जोडन स बनत

- वह ह काल क होन पायाजायउदा ndash वह खाता होगा

सीता जाती होगी क साथ lsquoता होगाrsquo lsquoती होगीrsquo lsquoत rsquo lsquoती rsquo लगान स िमलत

ndash का वह ह यह होता ह का अभी ह

होता उस कहत उदा ndash वह खा रहा ह

चल हक साथ lsquoरहाrsquo lsquo rsquo lsquoरहrsquo जोडन स िमलती ह

काल ( Future Tense)

होनवाली को काल कहत काल क दो भद ndash 1)

काल 2) कालकाल ndash का वह ह स क आग होन सचना िमल उसकाल कहत

उदा ndash वह आयगा

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राम आज बबई जायगासीता कल घर आयगी

क साथ lsquoयगाrsquo lsquoयगीrsquo lsquoयगrsquo जोडन स िमलतकाल ndash क होन सभावना हो उस काल कहत

उदा ndash सभव ह आज हो स lsquoगाrsquo lsquoगrsquo lsquoगीrsquo पथक कर दन स काल िमलगा

UNIT ndash 18

(Voice)उस कहत यह जाना जाय का ह

ह या कवल भाव ह उस कहतउदा ndash राम न रावण को मारा

तीन क ndash 1) 2) 3) भाव- ह हमशा क िलग वचन और क अनसार होता ह

उस कहतउदा ndash लडका पढ़ता ह

लड़का ह और ग ह इसिलए भी होना हसीता िलखती ह इसम सीता ह इसिलए ह का सीधा स होताह

ndash क िलग वचन क अनसार हो उस कहतह का होता ह

उदा ndash राम िलखता हह इसिलए यह ह धानता होती ह और का

स होता ह क िलग वचन क अनसार बदलती ह हमशाहोता ह का होना ह

उदा ndash राम न रावण को मारा -

राम स रावण मारा गया -

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रावण ह ह क का ह गौण का रहता ह

उदा ndash मा न को दध मा स को दध गया

दो होत ndash और दध ndash भाव होती ह यह हमशा स बनता ह हमशा

एकवचन और होती ह इसका होता ह उदा ndash यहा बठा जाता

मझस पढ़ा जाता स या बनान

को भत क करना उसक साथ काल वचन और िलग कअनसार जाना क जोडन ऐसा करन स स औरक स भा बनती ह

उदा ndash 1) राम न रावण को मारा -

राम स रावण मारा गया -

2) राम रावण को मारगा -

राम स रावण मारा जायगा -

3) राम रावण को मारता ह -

राम स रावण मारा जाता -

पहल lsquoमाराrsquo भतकािलक ह इसिलए lsquoमाराrsquo क साथ lsquoजानाrsquo का भतकािलकजोडना

दसर lsquoमारगाrsquo काल ह इसिलए lsquoमाराrsquo भतकािलक बदलकरlsquoजानाrsquo का काल lsquoजायगाrsquo जोडना

तीसर काल ह को भतकािलक बदलकर (मारा) उसक साथजाना का (जाता) जोडना

स बन सकता हउदा ndash मोहन उठता ( )

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मोहन स उठा जाता - ( )

वीणा चलती ( )

वीणा स चला जाता - ( )

UNIT ndash 19

याअभी तक हमन क बार पढ़ िलया ह उनक िलग वचन और कारक क अनसार

आता ह इसिलए कहत का ह अब हम क दसरया क बार

चार क होत ndash 1) 2) बोधक 3) बोधक 4)

बोधक

UNIT ndash 20

ndash Adverbउस कहत होती ह

उदा - रमश चलता हइस lsquoचलनाrsquo ह ndash ह lsquo rsquo इसिलए lsquo rsquo ह

स क तीन भद ह - 1) साधारण 2) सयोजक 3) साधारण - साधारण वह ह होता ह साधारण या

कहत जस ndash खब पढ़ो दौडो सयोजक ndash का स या स होता ह सयोजक

कहत जस ndash जहा तक हम चल सक वहा तक ह

योजना का सयोजक स होता ह- का क

भद क साथ होता ह कहत

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जस ndash गह खाओग

कह तो लो होता ह व कवल गह खात और कछ खायगा इन

ह हो जान स का बदल जाता ह जस ndash वह काम करगा इसका यह ह जो काम उस ह कवल वह करगा और कछ

क आधार पर क चार भद होत ndash 1) कालवाचक 2) 3)

4)

कालवाचक ndash स समय अविध तथा काल का बोध होता ह कालवाचककहतजस ndash काम को अभी पढ़ना

आजकल रोज़ होती ह कभी कभी भी रात क समान लगता ह मोहन पढ़ाई सदा ह

अभी आजकल कभी कभी सदा कालवाचक ह ndash स क का बोध होता ह

कहत उदा ndash जहा तक जा सक वहा तक जाओ

जाओ और वहा लटो घर क सामन एक ह बाहर रोशनी भीतर अधरा

हाथ स मारत जहा वहा सामन बाहर भीतर ndash स अिधकता- का बोध होता ह

कहत जस ndash उतना पढ़ो हो

चावल थोडा खाओ खब खाना

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अपना थोडा खब

व क होन का ढ़ग का पता िमलता ह जस ndash राहल धीर धीर चलता ह

सीता मधरतम गाती ह यथा हम तथा िमलत

धीर धीर मधरतम यथा-तथा

UNIT - 21

बोधकबोधक ह जो या क साथ आकर उनका क

क साथ बनात उदा ndash धन क कोई काम न चलता

घर क नीच एक तालाब ह क पास एक भी ह

नीच पास बोधक ह क अनसार बोधक क दो भद होत ndash 1) 2)

क ndash य या क बाद आतउदा - घर क भीतर घर क पीछ घर ऒर

कारक भी आती ह जस का क कभी कभी अपादान कारक या भी आती ह

उदा ndash इनस पहल आया राम का मकान मोहन क घर स पर

lsquoसrsquo lsquoपरrsquo अपादान कारक क ndash यह स क क साथ आत

जस ndash दो तक राम रहगा

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घड भर पानी क िलए पाच दन ग lsquoतकrsquo lsquoभरrsquo सचक

UNIT - 22

( Conjunctions)योजक या व जो या न बतला कर एक या का

दसर या स जोडत बोधक कहतजस ndash सीता और गीता अपन घर गयी

सीता और गीता को िमलानवाला योजक lsquoऔरrsquo ह क तीन भद ndash 1) सयोजक 2) 3) भदबोधक

1) सयोजक ndash कई का सयोग करनवाल को सयोजक कहत इसक दो याका मल होता ह

उदा ndash और राम कल बबई और वहा उनक साथ मोहन भी lsquoऔरrsquo lsquoभीrsquo सयोजक ह

2) ndash जो का बोध कराए कहत जस ndash चाह दश सवा करनी या अथवा मानवीय को पहचानना

lsquoयाrsquo lsquoअथवाrsquo lsquoवाrsquo lsquoचाहrsquo को करनवाल ह 3) भदबोधक ndash दो स एक स भद बतलानवाल को भदबोधक कहत य कई क होत

क ndash दो म स पहल का िनषध या सिचत करत जस ndash

पर मगर वरन उदा ndash मझ वहा जाना था क कारण जा न सका

ख - कारणवाचक और उपदशमलक ndashइसिलए सो अतः इसिलए

इस क ह जस ndash राम समय पर आ न सका इसिलए जा न सका

ग सकतबोधक ndash ndash तो जो ndash तो प सकतबोधक ह जस ndash तम कहत तो जाता

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घ ndash इन पहली बात का और होता ह यान मानो यहा तक इस क ह

जस ndash कोई भी समय पर पहचा यहा तक भी 10 बज तक न आय क और दो भद होत ndash 1) समानािधकरण 2)

समानािधकरण ndash समान पद क या को जोडत जो एक क हो वसमानािधकरण धक कहत जस ndash क मा-बाप का अजीब ह समानािधकरण क चार उपभद होत ndash

1) सयोजक ndash और तथा भी एव 2) क ndash या वा अथवा चाह 3) ndash पर मगर 4) ndash इसिलए अतः

ndash को स जोडनवाल कोकहत

जस ndash आज नौकरानी आयगी वह बीमार ह क चार उपभद होत ndash

१ ndash यान मानो २ करणवाचक ndash जो इसिलए ३ उपदशवाचक - जो ४ सकतवाचक ndash - तो जो-तो -

4) ndash ndash स क शोक घणाको करनवाल को -बोधक कहत

जस ndash हाय अब अर आप कहा जा रह

ह राम करो को सिचत करन क िलए - लात

बोधक क सात भद ndash

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1) बोधक ndash वाह ndashवाह - आहा शबाश

2) शोक बोधक ndash आह ऊह हा-हा ndash

3) बोधक ndash अहो ऒह

4) अनमोदन बोधक ndash हा-हा वाह शबाश

5) बोधक ndash िछ हट अर िधक

6) ndash बहत हा जी हा7) सबोधन बोधक ndash अर र अपी अहो

कभी कभी भी हो जातजस ndash भगवान लो चप कभी कभी या भी होत जस ndash न हो बहत हो गया

जब क समान होत तब वह होता तब वमनोभाव को करात

जस ndash हाय हाय मचा रखी ह

सब लोग - पकार उठहाय ndash हाय - क समान ह इसिलए यह बोधक ह

UNIT - 23

क भद क स बनान का िनयम

क पर जायगास बनता ह एक या अिधक स बनता ह एक स अिधक स बनता

ह कहन या िलखनवाल का परा भाव हो जाय तो उस कहतजस ndash मोहन पढ़ता ह

राम िलखता ह इन स लखक का परा भाव होता ह

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ndash कछ ऐस होत और क रहन पर भी कहन या िलखनवाल का परा आशयहोता क समह को और क रहन पर भी जो कछ सनन

बनी रह कहत दो क होत ndash 1) 2)

क अधीन होतउदा ndash राम न कहा था वह कल पाठशाला जायगा

इस राम न कहा था - ह और कल पाठशाला जायगा तह इस और भी कहत

रखनवाल को कछ थोडा सा भाव करनवाल को कहतएक भावना होती ह

जस ndash तरह पढ़ना चलना

इन होता ह क म दो भाग होत 1) और 2)

ndash ( ) कछ होता ह उस कहतndash ( ) क जो कछ होता ह उस कहत

जस ndash मरा स भरा हआ ह मरा ह और स भरा हआ ह ह मरा ndash ह और मरा

उस का ह इसिलए ( ) और मरा का कहत हआ हह शष उसका ह

इस चार भाग हए ndash 1) ( ) 2) का 3) ( ) 4)

काचार भद ndash

क ndash राम गया ख ndash वह कह चका ग ndash फल

क भदक अनसार क आठ भद होत ndash

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1 ndash इस स बात का होना सिचत होता ह जस ndash भारत राजधानी ह

2 िनषधवाचक ndash का अभाव होता ह जस ndash क कछ भी पा सकत

3 ndash इस स सचना होती हजस - तम कल कालज

4 ndash इसस और उपदश का बोध होता ह जस ndash तरह पढ़ो

का भजन करो 5 ndash इसस का भाव सिचत होता ह जस ndash हाय राम को एक

लाख िमल 6 ndash इसस या सचना होती ह

जस ndash अक पा

7 ndash या सभावना सचना होती ह जस ndash आज होगी

8 - सकत सचना होती ह जस ndash हो तो

राम काम करगा रचना क आधार पर

रचना क आधार पर क तीन भद होत - 1) सरल या साधारण 2) और3)

१ सरल ndash एक और एक होता ह उस सरल कहतजस ndash मोहन िलखता ह ( मोहन और िलखता ह धय ह)

राम मज़ पर रखी ह ( ह और रखी ह ह)

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lsquoराम rsquo और lsquoमज़ परrsquo कवल और का ह २ - उस कहत एक हो और उसक एक या

अिधक हो उस कहतजस ndash जो करगा उस सफलता िमलगी जो करगा ndash ह उस सफलता िमलगी - ह

तीन क ndash 1) 2) 3)

1) ndash का क पर होता ह उसकहतजस ndash मरा ह तमन को मारा यह सच ह इस तमन को मारा ndash ह क पर आया ह इसिलए यह

ह 2) ndash जब कोई को क का काम दता ह तब उस

कहत जस ndash य उसी छा को जायगा जो रहगा

उसी स डरत जो खब मारता ह उसी जो ह

3) ndash जो क का काम दता ह उस कहत

जस ndash करता ह उतना फल िमलता ह जब तम कहोग सब कछ

जब ह ३ ndash दो या दो स अिधक योजक जड हो न

हो उस कहतजस ndash वह तरह पढ़ता था तो पास होता

दो या दो स अिधक सरल अथवा एक दसर पर न होता ह इसिलए यह

जस - कर चका (सरल )

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हम कर चक तो व आए ( )

और मरा मन ठड हो गया ( )

चार क होत ndash सयोजक सचक 1) सयोजक - एक दसर क साथ सयोजक जडा रहता ह

जस ndash वह आया और उसक साथ गया स िमलता ह और स होता ह

2) ndash का एक दसर स भद या का रहता ह जस ndash स बढ़ता ह स भरता ह वह खब खाता पर बडा होता

3) सचक ndash दो स एक को करना जस ndash मझ या राम को

4) अथवा हतसचक ndash एक दसर का होता हजस ndash तम आग पढ़ो पसा दगा मझ पसा िमला इसिलए

कभी कभी बीच योजक आत जस ndash मझ न बलाया आप आता ह जब को का या एक होता ह तो एक बार िलखा या कहा

जाता ह ऐस को सकिचत कहत जस ndash का और मन को भी दता ह

जो आसानी स समझकर छोड दत ऐस को कहत जस ndash आजकल सना ह बरसात क मौसम बखार सब फलाता ह

कहत रोज़ बढ़त रह पहल हमन होना था पर ह दसर लोग स होना पर होता ह

एक का दसर क बदल जा सकता ह मलकर सकत

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क सरल स ndash

उदा ndash सरल - राम न मोहन का - राम न उस को जो मोहन का था

ख स सरलndash उसन कहा पापी ह

सरल ndash उसन को पापी बताया ग सरल स

सरल ndash होन पर लोग खत जान लग - हआ और खत जान लग

घ स िनषध वाचक तथाndash मोहन सोहन स बडा ह

िनषध वाचक - मोहन सोहन स बडा ndash मोहन सोहन स बडा ह

UNIT ndash 24

और महावरव जो का अपना न बता कर कछ करत महावरा

कहत बोलचाल बहत आनवाला ऐसा बधा कोई अनभव बात और अलकतभाषा गई हो या कहावत कहाता ह जस ndash मर पट चह कद रह

जब स उनका लड़का मरा ह कमर टट गई ह वह इतना चालाक ह अपन मािलक को पर नचाता ह

इन lsquoपट चह कद रह rsquo lsquoकमर टट गई हrsquo lsquo पर नचाता हrsquo इन काउनक स ह यहा lsquoपट चह कदनrsquo का ह भख लगना lsquoकमर टटनrsquo का ह या

का न रहना तथा lsquo पर नचानrsquo का ह अपन वश रखना अतः य महावरकहलात

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इसी जब कोई आदमी काम करना न जानता हो परत अपन को िछपान क िलए बहान बनावतब कहा जाता ह ndash नाच न जान आगन टढ़ा

जब कोई आदमी अनक खाकर भी अपनी आदत न छोड़ तब कहा जाता ह दम सौतक नली रखो तो भी य बध हए और अनभव तथा अलकत भाषा कह गय अतः य

और क स भाषा तथा आती ह महावरदार भाषाबहत पसद जाती ह और कथन बड़ा होता ह

महावरअग-अग - बहत होनाअगठा - चीज़ को दन स क साथ करनाअध - सहाराअधरा घर का उजाला - एकलौता बटा

क घोड़ दौड़ाना - सोचनापर पड़ना - समझ न पाना

अपना सीधा करना ndash करनाआख उठाना - नीयत स दखनाआख खलाना - होश आना

चार होना - आख स आख िमलानानीची होना - होनापीली करना - नाराज़ होना

आकाश पाताल का ndash बहत भदआग घी डालना - बढ़ानाआसमान िसर पर उठाना - बहत कोलाहल करना

स बजाना - करनाईद का चाद होना - िचरकाल पीछ दनाउगली पर नचाना - वश रखना

गगा बहाना - बात करना

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कमर टट जाना - िनराश हो जानाकान भरना - चगली करना

मौत मरना - बहत तरह स मरनाखाक उड़ाना खाक िमलाना - बरबाद होनागड़ गोबर कर दना - काम दनाघर गगा - दौड़-धप कघाट घाट का पानी पीना - जहा तहा का अनभव करनाचाद पर थकना - करना और फलतः होनाचार चादनी - थोड़ का सख

का दध याद आना - सब सख भल जाना सकट आ पड़नाजमीन पर पर न पड़ना - बहत अिभमान होनाजल भन कर कोयला होना - पागल हो जानाटस स मस न होना - भी नटाग अड़ाना - बाधा डालनाटोपी उछालना - िनरादर करनाितनका पकड़ना - मागनाितन का ताड़ करना - बात बढ़ानाथक कर चाटना - वचन दकर जाना

तल उगली दबाना - करनादम तोडना - मर जाना

दना रात चौगना होना - खब होनाधप बाल सफद करना - अनभव आय दनानमक लगाना - बात को बढ़ा कर कहनानाक कटना - बदनामी होनानाक चढ़ाना - घणा करनानीला पीला होना - आना

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नौ-दो होना - भाग जानाउछालना - करना

- बातपरदा डालना - िछपानापहाड टट पड़ना - आनापट चह कदना - खब भख लगना

तल स ज़मीन िनकल जाना - होश उड़ जानाफक-फक कर कदम रखना - सोच-समझ कर काम करनाबगला भगत -

उछलना - खब खश होनाबाज़ार पर होना - काम पर होनाबात का धनी - वायद काबाल खाल उतारना - करनाबाल पकना - बढ़ा होजाना अनभव करनाबाल बाल बचना - हािन पहचन जरा- सी कसर रह जानाबगार टालना - लगाकर काम न करनाबोली मारना - क कहनाभनक पड़ना - खबर द जानाभाड़ - समय गवाना

मारना - बकारचस - बहत कजसपर मारना - का नकल करना

मगज चाटना - तग करनामाथा ठनकना - आशका होनामारा मारा - होनामह-तोड़ जवाब दना - परा-परा जवाब दना

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मह फक हो जाना - चहर का रग उतर जानामह पानी भर आना - खान को ललचानामह लगाना - अिधक द दना

गरम करना - दनाराई का पहाड़ बनाना - बात को बढ़ाकर कहनारात- - हमशालका काड होना - खब मारपीट होनालबी-चौ हाकना - करना

होना - होनालह क घट पीना - करनालह पसीना एक करना - बहत करनालोह क चना चबाना - काम करनाशतान क कान कतरना - बहत चालाक होना

करना - करनाबाग - बहकाना

समझ पर पड़ना - होनाबठना - जमाना

िसतारा चमकना - उदय होनािसर पर खन सवार होना - जान लन पर होनािसर पर हाथ धरना - सहायता करनासौ बात एक बात - िनचोड़

करना - फक डालनाहसी उड़ाना - करनाहाथ मल -

हाथ पर हाथ धर बठना - बठनाहाथ पसारना - मागना

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हाथ-पर मारना - करनाहाथ साफ करना - बईमानी स ठगना

पानी करना - करनाहोश उड़ना - भय या आशका स दखी होना

अत गता सो मता - वहकान राजा - थोड़ा पढ़ िलख का मान होता ह

आख क गाठ क पर - पर धनवानआप मर जग परल - ह तो ससार ह

चोर कोतवाल को डाट - अपराध करक को डाटनाऊची दकान पकवान - काम करनाएक अनार सौ बीमार - जब एक चीज़ क बहत स तब कहा जाता हएक पथ दो काज - एक काम करन स दो का लाभ होनाकाला बराबर -

घर का लका ढ़ाह - फट स घर नाश होता हिचराग तल अधरा - पास घटना क होन पर भी उसका न होना या

ऐस पर बराई का होना जहा उसक रोकन का होचोर ितनका - पापी डर जाता हजाग सो पाव सोव तो खोव - सावधान रहन स लाभ होता ह

- बलवान का दबदबा रहता हजसा दश वसा भस - दश रह वसी करनीजसी करनी वसी भरनी - फल िमलता हतन को कपड़ा न पट को - बहतथोथा चना बाज घना - काम न करनवाला बकवास बहत करता हदाम बनाय काम - पस स सब काम हो जात

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धोबी का घर का न घाट का - जो एक पर जमकर काम न कर कभी एक लग और कभीदसर और सफल न हो उस कहा जाता ह

रहना मगर स बर - अधीन होकर रह और उसी स बर कर तो गज़ारा चलता हन रहगा बास न बाजगी - नकसान हो उसका नाश कर दना हनाच न जान आगन टढ़ा - काम करन न होन पर दसर को दोष दना नीम जान का खतरा - अधरा हािनकारक होता हनौ नगद न तरह उधार - उधार सौदा दनामान न मान तरा महमान - गल पड़नािमया जती िमया क िसर - स उसी हािन करनासौ सयान एक मत - सभी अथवा एक सलाह होती हहाथ कगन को आरसी - क िलए और हाथी क दात खान क और क और - कहना कछ और करना कछ औरहोनहार क होत चीकन पात - होनहार क पहल स जात

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Module lUNIT - 1

भाषा औरभाषा वह साधन ह अपना स करता ह तथा क कोकरता ह भाषा lsquoभाषrsquo धात स बनी ह भाषा दो होती - किथत भाषा और भाषा भाषा

का कई होता ह कछ होतभाषा ह भाषा हमशा होता रहता ह जब भाषा बोलचाल भाषा रहती

ह तब उस बोली कहत बोली क िलए उतनी भाषा किलए होती ह जब भाषाबन जाती ह तब का पालन करना पडता ह क क आधार परभाषा का होता ह न अपन को कहा हक को एक िनयम बाधा ह भाषा का अनगामी ह भाषा औरक बीच होता ह भाषा क क िलए क को करनाबोलचाल भाषा सहायता स भाषा बन जाती ह भाषा को

एव िच दता हभाषा अपनी का पर ह नसरलतर अपनाया ह यह ह जस करत वस िलखत

क िलए िभना सकत ह और एक सकत कवल एक का करता हभाषा पर होता ह मल स बनता ह स बनता ह स

बनता ह और स एक भाषा बनती ह भाषा दो होती ह किथत भाषा और भाषाकिथत भाषा पर ह भाषा क िलए एक होता ह उस कहत एक सअिधक स बनत और एक स अिधक स बनत इसी आधार पर क तीन भागहोत - 1) 2) 3)

- का भाग ह उस कहत क भद आकार औरसयोग या सिध स हए उनक पर होता ह

ndash का वह ह क भद पर होता ह - क उस को कहत स बनान का िनयम ndash खड

भद का जाता ह

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UNIT - 2

उस मल क को कहत न हो उदा ndash अ इ उ ए

राम ndash र+आ+म+अ चार होत इन को कहतभाषा होनवाल क समदाय को कहत हर भाषा क िलए अपन अपन होत

कल 44 होतअआ इ ई उ ऊ ऋ ए ऐओऔक ख ग घ ङच छ ज झ ञट ठ ड ढ णत थ द ध नप फ ब भ मय र ल व ष श स ह तीन और भी होत य ह का हो

सकता हजस ndash ndash क+ष+अ

ndash त+र+अndash ज+ञ+अ

िगनती हो सकतीक दो भद होत ndash 1) 2)

कल 11 और 33 कल िमलाकर 44 होतndash सहायता स होता ह कहत क सहायक

होत11 ह

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अ आ इ ई उ ऊ ऋ ए ऐ ओ औndash सहायता स कर सकता ह उस कहत

क lsquoकrsquo स lsquoहrsquo तक कल िमलाकर 33 इसक अलावा अननािसक और नामक तीन ह

अननािसक ndash इसका नाक और मह स होता ह इसका ह उदा ndash हसना गावndash करत समय नाक स िनकलती ह इसका ह उदा ndash कठ हस

ndash जब अथवा क बाद lsquoहrsquo लग तब उस कहत उदा ndash अतः

पनःइसका इस ह ndash अतहा पनहा

UNIT - 3

क भदक आधार पर क दो भद होत ndash 1) मल 2)

मल - मल व दसर स होती भी कहत उदा ndash अ

इ उ ऋ- व जो मल क मल स बनत उदा ndash आ ई ऊ ए ओ औ क दो उपभद ndash 1) 2)

ndash दो मल क मल स जो होता ह उस कहत उदा ndash अ+अ = आ इ+इ =

ई- क मल स जो बनता ह उस कहत उदा ndash अ उ ओ अ ओ

मल(अइउऋ)

(आईऊ) (एऐओऔ)

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क आधार पर क भदक काल ndashमान को रखकर क दो भद जात - लघ और

ndash मल क समय लगता ह उसक को कहतलघ ndash क एक का समय लगता ह उस लघ कहत

उदा - अ इ उ ऋ (मल )

- क दो का समय लगता ह उस या कहतउदा ndash आ ई ऊ ए ऐ ओ औ (सब )

स क भद और भी जात य ndash साननािसक और िनरननािसक ndash रण स का एक और भद भी जाता ह ndash ह

पकारन क अवसर पर का अितम लबा करक बोला जाता ह और उसकतीन का समय लगता ह उस कहत उदा ndash अर माधो हाय र

भी इसका करतसाननािसक और िनरननािसक ndash

जब का मख और नािसका स होता ह उस साननािसक कहत उदा ndash मा (आ)जब का कवल मख स होता ह उस िनरननािसक कहत उदा ndash अ इ उ

UNIT - 4

सहायता स का कर सकत कहततीन क होत ndash 1) 2) 3)

- 25 होत lsquoकrsquo स लकर lsquoमrsquo तक पाच-पाचक ख ग घ ङ ndash कच छ ज झ ञट ठ ड ढ णत थ द ध नप फ ब भ म

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इनक जीभ मह क न भाग का करती ह- इनका करत समय जीभ मह क भाग का करती हस इनका और क बीच ह का ह ndash lsquoबीच rsquo उदा ndash य

र ल व ndash य- इनक मख स रगड रवाकर िनकलती ह उदा ndash श ष स ह ndash

UNIT - 5

दो क पास पास होन क कारण उनक मल जान स जो होता ह उस सिध कहतउदा ndash राम + अवतार = रामावतार (अ+ अ= आ)

तीन होती ह ndash 1) 2) 3)

- दो क मल स जो होता ह उस कहत उदा ndash + =

(इ+ इ = ई)

क पाच भद होत ndash 1) 2) गण 3) 4) यण 5)

1) ndash दो र पास पास तो क बदल एक बन जाता ह उसकहत

उदा ndash + आलय =

+ =

+ उपदश =

2) गण ndash lsquoअrsquo या lsquoआrsquo क आग lsquoइrsquo या lsquoईrsquo लगा तो िमलकर lsquoएrsquo lsquoउrsquo या lsquoऊrsquo हो तोिमलकर lsquoओrsquo और lsquoऋrsquo हो तो िमलकर lsquoअरrsquo हो जातउदा ndash दव + = (अ + इ = ए)

सर + ईश = सरश (अ + ई = ए)

वीर + उिचत = वीरोिचत (अ + उ = ओ)

राज + = (अ + ऋ = अर)

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3) - lsquoअrsquo या lsquoआrsquo क आग lsquoएrsquo या lsquoऐrsquo हो तो िमलकर lsquoऐrsquo और lsquoओrsquo या lsquoऔrsquo हो तो िमलकरlsquoऔrsquo हो जात

उदा ndash एक + एक = एकक (अ+ ए = ऐ)

वन + औषिध = वनौषिध (अ+औ = औ)

4) यण - इ ई उ ऊ या ऋ क आग कोई तो इ ई क lsquoयrsquo उ ऊ कlsquoवrsquo और ऋ क lsquoरrsquo हो जाता ह

उदा ndash + = (इ+अ = य)

स + आगत = (उ+आ = व)

मात + = ndash (ऋ+आ = र)

5) - ए ओऐ औ स पर कोई हो तो lsquoएrsquo को lsquoअयrsquo lsquoओrsquo को lsquoअवrsquo lsquoऐrsquo को lsquoआयrsquo तथाlsquoऔrsquo को lsquoआवrsquo हो जाता ह

उदा ndash न + अन = नयन (ए को अय)

न + अक = नायक (ऐ को आय)

भो + अन = भवन( ओ को अव)

भौ + उक = भावक (औ को आव)

- जब एक दसर या स िमलता ह और उसक मल स जो होताह उस कहत

उदा ndash सत + उपयोग = सदपयोगिनयम

1) क च और प क आग कोई या का तीसरा चौथा अथवा य र ल व ह स कोईहो तो क - ग होता ह च - ज होता ह ndash होता ह और प ndash ब होता ह

उदा ndash वाक + ईश = वागीशअच + =

+ आनन = षडानन2) क पहल स पर कोई अननािसक हो तो पहला उसी का अननािसक हो

जाता हउदा ndash वाक + मय = (क का ङ अननािसक)

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3) lsquoतrsquo क साथ कोई ग घ द ध ब भ अथवा य र ल व कोई हो तो lsquoतrsquo का lsquo rsquo होजाता हउदा ndash जगत + ईश =

उत + गम =

तत + =

4) lsquoतrsquo क साथ lsquoचrsquo हो तो िमलकर lsquoचrsquo और lsquo rsquo क साथ lsquoछrsquo हो तो िमलकर lsquoजrsquo या lsquoझrsquo होजाता ह lsquoतrsquo क साथ lsquo rsquo lsquoड़rsquo या lsquoढ़rsquo होन पर िमलकर lsquo rsquo होता ह और lsquoतrsquo क साथ lsquoलrsquo हो तोिमलकर lsquoलrsquo हो जाता हउदा ndash उत + चारण = (त + च = )

सत + जन = (त + ज = )

बहत + = (त + ट = )

उत + डयन = (त + ड = )

तत + लीन = (त + ल = )

5) lsquoतrsquo lsquo rsquo क साथ lsquoहrsquo हो तो lsquoतrsquo lsquo rsquo होता ह और lsquo rsquo lsquoधrsquo हो जाता हउदा ndash तत + = ( त + ह - -ध)

lsquoछrsquo क कोई हो तो lsquoछrsquo lsquo rsquo बन जाता हउदा ndash आ + छादन =

+ छद =

6) lsquoमrsquo क साथ lsquoकrsquo स lsquoमrsquo तक का कोई हो तो lsquoमrsquo बन जाता हउदा ndash सम + =

सम + तोष = सतोष7) lsquoमrsquo क साथ य श ह तो lsquoमrsquo बन जाता ह

उदा ndash सम + हार = सहारसम + शय = सशयसम + योग = सयोग

8) ऋ र या ष क बाद lsquoनrsquo हो तो वह ण हो जाता हउदा ndash भष + अण = भषण (ष + न = ण)

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ऋ + न = ऋण (ऋ + न = ण)

9) अआ को छोडकर कोई क lsquoसrsquo क आ जाय तो lsquoसrsquo lsquoषrsquo बन जाता हउदा ndash अिभ + सक = अिभषक (इ+स = ष)

+ सम = (इ+स = ष)

10) र क साथ र हो तो पहला र का लोप होता ह और उसस पहल का होता हउदा ndash िनर + रस = नीरस

- और क साथ क मल स जो होता ह उस कहतउदा ndash मनः+ रथ = मनोरथ

दः+ उपयोग =

िनयम1) स अ हो और का तीसरा चौथा पाचवा अथवा यरलव आ जाय तो पहला lsquoअrsquo

और lsquo rsquo क पर lsquoओrsquo होता हउदा ndash यशः+ गान = यशोगान (श अ ओ)

मनः+ = (न अ ओ)

रजः+ गण = रजोगणसरः+ ज = सरोज

2) क बाद शषयस हो तो बाद क क समान बन जाता हउदा ndash दः+ शासन = ( भी श होता ह)

िनः+ = ( स बन जाता ह)

3) क इ या उ हो और उसक साथ कख या प फ स कोई हो तो lsquoषrsquo हो जाता हउदा ndash दः+ कर =

िनः+ पाप =

4) क lsquoअrsquo हो और उसक साथ lsquoअrsquo स कोई हो तो का लोप होता हउदा ndash अतः+ एव = अतएव

5) क अआ क और कोई हो अथवा उसक साथ का तीसरा चौथा पाचवाहो अथवा य र ल व ह स कोई हो तो र हो जाता ह

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उदा ndash िनः+ आशा = िनराशािनः+ =

िनः+ झर =

6) क अ और उसक साथ अ या का तीसरा चौथा पाचवा अथवा यरलवहस कोई हो तो अ क ओ होता ह

उदा ndash मनः+ अिभराम = मनोिभरामअधः+ गित = अधोगितमनः+ हर = मनोहर

इसक अलावा कछ अिनयिमत होती उदा ndash पराः+ कार =

नमः+ कार =

ितरः+ कार =

Module ll

UNIT - 6

एक स अिधक स बनी हई को कहत कोकरनवाल समह को कहत

उदा ndash लड़का कलमकछ होती जब व दसर क साथ जाती तब होती ऐसी

को कहतउदा ndash (lsquoकrsquo ह इसका कोई क साथ lsquoकrsquo लगन पर इसका होता ह)

दधवाला ndash(lsquoवालाrsquo का दध क साथ लगन पर वह होता ह)

क1 क आधार पर तीन क ndash 1) 2) यौिगक 3)

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ndash अपनी हो उनक क करन स कछ होता ऐसको कहत

उदा ndash धन घोडायौिगक ndash जो दो या दो स अिधक क योग स बनत यौिगक कहत

उदा ndash राज + महल = राजमहल+ =

ndash जो दो या दो स अिधक क मल स बनत हो को िछपाकरका बोध करात हो कहत

उदा - पकज = पक + ज (पकज का ह स इसका ह कमल)दशमख = दस + मख (दशमख का ह दस इसका ह रावण)

2 स क तीन भद - 1) वाचक 2) 3) या साकितकवाचक ndash जब उसी बोला या िलखा जाय और िलए बना ह तब उस वाचक कहत

उदा ndash गधा एक जानवर ह ( lsquoगधाrsquo वाचक ह)ndash जब कोई उसका न बतलाकर अपन या गण का बोध करानवाल कोकहत

राम एक गधा ह (यहा गधा का ह lsquo rsquo इस का होता ह ndash राम एक ह)

ndash जो स क करता ह और गढ़ स दसरा सिचतउदा - हो गया ( ह इसका होता ह lsquo समयrsquo)

3 स क भद ndash

क आधार पर क चार भद - 1) 2) 3) दशज 4)

ndash क जो करक का होत उसकहत उदा ndash वाय

ndash व जो स पर कछ करक करतउदा ndash -

- आसरा- आग- आस- सच

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दशज ndash य स बन क अनसार य क क

स बनउदा ndash पट

ndash य भारतीय भाषाओ क कई भाषाओ जस अरबी फारसी सकरत

उदा - स ndash िसनमा

अरबी स - मौलवी अदालत दिनया अमीरफारसी स ndash बाग आदमी चाक कारखाना

स - दारोग काब लाश तोपस - सरग दाम

UNIT - 7

कछ ऐसी होती जो होती जब व दसर क साथ जाती तब वहो जाती इस तरह को (Affix) कहत

उदा ndash कछ िनर वालादो क होत - 1) 2)

ndash जो क आरभ लगाकर उसक अ लाकर कर उसकहत

उदा ndash अप + यश = अपयश ( )

उप + वन = उपवन(बगीचा)+ योग = ( )

अन + पढ़ = अनपढ़ ( पढ़ करक)

क + = (बरा )

ndash जो या क लगाकर उनक को बदल कहतउदा - बढ़ा + पा = बढ़ापा (बढ़ापा )

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+ = ( स )

िलखा + आवट = िलखावटबरा + ई = बराईदध + वाला = दधवालाबच + पन = बचपन

UNIT - 8

समासरखनवाला दो या दो स अिधक या पद िमलाकर जब एक या पद बनत

इस मल को समास कहत िमल को पद अथवा सामािसक पद कहतउदा - घोड का सवार ndash घडसवार

सा मख ndash

धन का पद - धनपदकाठ पतली ndash कठपतली

समास होन पर बीच तथा का लोप होता हउदा - धन का पद - धनपद ( lsquoकाrsquo का लोप होता ह)

समास1 समास दो का योग होता ह2 दो क मल स एक पद बनता ह3 दो क बीच का लोप होता ह4 दो कभी पहला पद होता ह और कभी दसरा पद होता ह5 समास जडत तो क का होता ह

उदा ndash का = + =

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समास औरसमास दो का योग होता ह दो का योग होता ह क

होत होन पर दो क सयोग स पद भी िमल जात समासवाल औरसमास हो सकता हउदा ndash पीता र दो पद ह ndash lsquoपीतrsquo और lsquo rsquo करन पर इस तरह होता ह ndash पीत +

= समास करन पर lsquoपीत ह जो rsquo =

कवल होती ह समास होता ह क तोडनको द कहत समास क तोडन को कहत

ndash क को अलग अलग अपनी क रखकर उनक आपस क कोकरन को कहत

उदा ndash रातndash - इसका ह रात औरसमास क भद

समास क छः भद होत 1) 2) 3) 4) 5) 6)

1 समास ndash समास पहला हो उस समास कहत इसकापहला पद या पद होता ह

उदा ndash ( क अनसार)

आजीवन ( जीवन )

यथासमय (समय क अनसार)

2 समास ndash समास पद हो और समास करन पर पहली का लोपहो उस समास कहत

उदा ndash राजसभा (राज सभा)( को )

समास क दो भद ह ndash

1) 2) समानािधकरणi ndash पद का करन पर पहला और दसर

लगायी जाती हउदा ndash राज-सभा (राजा सभा)

पहल सबध कारक ह और दसर कारक ह

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क छः भद -

इस समास क पद कारक का लोप होता ह उसी कारक क अनसार इस समास कानाम होता ह ndash

१ ndash होती हउदा ndash ( को ndash को कारक ह)

२ करण - lsquoसrsquo हउदा ndash (अकाल स )

मनमाना (मन स माना हआ)

३ ndash lsquoक िलएrsquoउदा ndash रसोईघर (रसोई क िलए घर)

(हवन क िलए )

४ अपादान ndash lsquoसrsquo हउदा ndash ( स िगरा हआ)

(पद स )

(ऋण स )

५ सबध ndash lsquoकाrsquo lsquoकrsquo lsquo rsquo हउदा ndash सनापित (सना का पित)

राजमाता (राजा माता)( दश का )

६ अिधकरण ndash lsquo rsquo lsquoपरrsquo हउदा ndash वनवास (वन वास)

आपबीती (अपन आप पर बीती)( )

कभी कभी समास पद का लोप होता ह उस अलक कहतउदा ndash ( रहनवाला lsquo rsquo का लोप)

सरिसज (सर होनवाला lsquo rsquo का लोप)

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नञ ndash अभाव या िनषध का सिचत ककरनवाला lsquoअrsquo या lsquoअनrsquo लगान स बननवाल को lsquoनञrsquo

कहतउदा ndash ( जो न हो)

अनपढ़ ( न पढ़ा हआ)

अछता ( न छआ हआ)

उप पद ndash समास कोई उप पद न हो तथा बाद पद हो उस lsquoउप पद rsquo कहतउदा ndash जलज (जल ) ndash कलम

मनोज ndash (मन जात) - कामदवii समानािधकरण - समास क क बाद एक कारक

आती ह उस समानािधकरण अथवा कहत इस समास क पद उपमान- उपमय अथवाndash हउदा ndash नील कमल - नीला कमल

यहा नीला और कमल हम ndash घन (बादल) (काला) उपमान और उपमय

कभी कभी सबध बतानवाल बीच क पद का लोप भी होता ह lsquo rsquo समासपहल का दसर स सबध बतानवाल बीच क पद का लोप होता ह उस समास कहत

iii समास ndash समास क होता ह और समदाय का बोधहोता ह उस समास कहत

उदा ndash (तीन का समाहार)

चौमासा (चार का समह)

iv समास ndash समास होत और करन पर और या अथवा योजकलगत उस समास कहत

उदा ndash ndash औरndash पाप और

तन-मन ndash तन और मनसमास क का िलग साधारणतया म क अनसार होता ह कभी कभी

हो तो उसी क अनसार िलग हो जाता हउदा ndash राजा-रानी आय

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समास एक स अिधक जडतउदा ndash माता ndash आय राम- आत थ

कभी कभी बहवचन - सचक क साथ भी पाया जाता हउदा ndash आपक लडक-

v ब समास ndash इस समास स कोई पद होता पर समास पद पदका होता ह इस समास कहत

उदा ndash र (पीत ह )

अनग ( ह अग - कामदव)

समास पद का पहला दसर क होता ह समासपद अपन स का होत ह कई पद भद स क

समास हउदा ndash मगलोचन - 1) मग क लोचन ndash

2) मग क समान लोचनवाला ndash समास- 1) पीला कपडा ndash

2) पीला ह अबर (कपडा) वह ( ndash समास)

Module lll

UNIT - 9

क िलग वचन कारक अथवा काल क अनसार होता ह

कहत औरया - क िलग वचन कारक अथवा काल क अनसार कोई

होता व ह सचक व ह सचक या ह

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PRACTICAL GRAMMAR (APPLIED GRAMMAR) Page 21

UNIT - 10

(NOUN)वह ह या भाव को सिचत करता ह राम ( )

( ) ( ) क तीन ndash

a) (Proper Noun)

b) जाितवाचक (Common Noun)

c) भाववाचक ( Abstract Noun)

A ndash उस कहत एक का बोध होता हउदा ndash राम गगा

B जाितवाचक ndash जाितवाचक स एक जाित क सब का बोध होता हउदा - नगर सभा जल

स सभी जाित का बोध होता ह का य जाित क आधार पर होत

स सजातीय क समह को करत उस समहवाचक कहत उदा ndash सनास का बोध का बोध होता ह उस कहत

उदा - सोना पानी लोहाC भाववाचक ndash भाववाचक व क गण दोष कासचना होती ह

उदा - गण दोष ndash िमठास कटता नीचता- लडकपन यौवन दासता

भाव ndash शोक भयD जब गण को करत तब व जाितवाचक बनत

उदा ndash ह तम बनोइस स ह ndash पर रहनवाला यह जाितवाचक हकभी कभी जाितवाचक होती

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PRACTICAL GRAMMAR (APPLIED GRAMMAR) Page 22

उदा ndash गािधजी कल यहा यहा गािधजी हE भाववाचक कभी कभी जाितवाचक क समान होती

उदा ndash हाथी और घोड बडा ह यहा चाल जाितवाचक हभाववाचक चार स बनती

a) जाितवाचक स ndash लडका ndash लडकपनndash

b) स ndash अह ndash अहकारअपना ndash अपनापन

c) स ndash चतर ndash चतराईमीठा ndash िमठास

d) स ndash चढ़ना ndash चढ़ाईसजाना ndash सजावटघबराना ndash घबराहट

F क समान होन वालउदा ndash का आधर गणी- ह यहा क समान होत उदा ndash का कहना

मानो lsquoबडाrsquo ह यह क पर होता हका

एक स अिधक स बनत क एक दसर क िमलन स का होता हक क होता ह इस कहत का िलग वचनऔर कारक क कारण होता ह

उदा ndash लड़का पठता ह ndash पठती ह ( िलग क कारण)

लड़का दौडता ह - लड़क दौडत (वचन क कारण)

लाओ ndash मज़ पर ह ( कारक क कारण)

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PRACTICAL GRAMMAR (APPLIED GRAMMAR) Page 23

UNIT - 11

िलगक जाित का बोध होता ह उस िलग कहत दो िलग ndash और

a ndash जाित का बोध करानवाल को िलग कहत उदा ndash सीताb - जाित का बोध करानवाल को कहत उदा ndash लड़का नर राम

बदगी ह उदा ndash पड नगर ह उदा ndash लता

जो ह व ह उदा ndash भाई बलकई स क नर और मादा का बोध होता ह पर उनका एक िनयम

िलग स होता हndash कौआ चीता ndash कोयल चील मना

जाितभद करन किलए इनक साथ नर या मादा लगाना उदा ndash नर कौआ मादाकौआ नर चीता मादा चीता

क अत आ पा आव और पन हो होतउदा ndash बढ़ापा चढ़ाव लडकपन

क अत आई वट हट और ता हो व होतउदा ndash चढ़ाई सजावच सरलता

स बनान का िनयमक क अ को आ करन स ndash उदा ndash ndash बाल ndash बाला सत ndash सता तनज ndash

तनजा ख क अ को ई करन स ndash उदा ndash दव ndash दवी ndash कबतर ndash मग ndash

मगीग कछ क आ को ई करन स ndash उदा ndash रसा ndash रसी लडक़ा ndash

घ क आ को इया करन स ndash उदा ndash ndash बढ़ा ndash चहा ndash

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ङ या क क इन लगान स ndash उदा ndash सनार ndash

धोबी ndash कहार ndash

च कछ क नी या आनी लगान स ndash उदा ndash िसह ndash िसहनी महतर ndash महतरानी मोर ndash

मोरनीछ उपनामवाचक क क पर आइन लगान स ndash उदा ndash बाब ndash बबआइन

ठाकर ndash ठकराइन पाड ndash पाडाइन ज कछ क ndash उदा ndash ndashमाता ndashऔरत वर- वध मा ndash

बाप ndashभाई

स बनान का िनयमa कछ lsquoओईrsquo lsquoआवrsquo और lsquoऔराrsquo लगान स ndash

उदा ndash बहन ndash बहनाई ननद ndash ननदोई ndash िसल ndash िसलौरा b कछ क lsquoईrsquo को lsquoआrsquo करन स ndash

उदा ndash जीजी ndash जीजा झोली ndash झोला c कछ क lsquoईrsquo को lsquoअrsquo करन स ndash

उदा ndash ndash d क अत lsquoआrsquo लगान स ndash

उदा ndash

UNIT ndash 12

वचन (Number)स और क स स यह त हो वह एक क िलए होता ह या अिधक

क िलए इस वचन कहत वचन दो क होत ndash

1) एकवचन (Singular)

2) बहवचन (Plural)

1) एकवचनःस क स स एक का बोध करान वाला एकवचन हउदाः पढ़ती ह ( ndash एकवचन ह)

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2) बहवचनःस क स स एक स अिधक का बोध हो उस बहवचन कहतउदाः पढ़ती ( ndash बहवचन ह)

कभी कभी आदर क िलए एकवचन बहवचन क होतउदाः अब )बहवचन(

बहवचन बनान का िनयमः-)क ( क lsquoआrsquo क पर lsquoएrsquo लगा दन स एकवचन का बहवचन बन जाता ह

उदा ndash लड़का ndash लडक कपड़ा ndash कपड़ बटा ndash बट lsquo rsquo क सभी क (

) एक समान रहतक बहवचन बनान का िनयम

lsquo rsquo तथा lsquo rsquo क lsquoअrsquo lsquoआrsquo क पर lsquoएrsquo का करन स बहवचनबनाया जाता ह

उदाः ndash गाय ndash ndash रात ndash lsquo rsquo तथा lsquo rsquo क lsquoयाrsquo जोड़न स बहवचन िमलता ह इस lsquoईrsquo क

पर lsquoइrsquo होता हउदाः ndash ndash ndash

स क lsquoयाrsquo हो उनक lsquoयाrsquo क ऊपर कवल लगान पर-

उदाः ndash -

क बाद lsquoएrsquo या lsquo rsquo जोड़न स शष का बहवचन िमलता हउदाः लता ndash लताए -

)ग( िनयम -

)1( )बहवचन( सिचत करन क िलए कभी कभी क एकवचन क साथ गण लोग

जोडतउदा ndash पाठकगण बाब लोग

(2) कछ हमशा बहवचन बोल जातउदा ndash लोग होश

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3) जाितवाचक स ऐ हमशा बहवचन होती ह जब और भाववाचक काजब जाितवाचक क समान होता ह तब व बहवचन होता ह

उदा ndash भारत रावण कमी (यहा रावण जाितवाचक ह)

(4) जब जाितवाचक क समान होता ह तब व बहवचन क होतउदा ndash और क ह (जल बहवचन एव जाितवाचक ह)

UNIT - 13

कारक (Case)या क स उसका क क साथ होता ह उस

कारक कहतउदा ndash राम न रावण को माराइस lsquoनrsquo और lsquoकोrsquo इन क उसका सिचत होता हउदा ndash मारा - राम lsquoनrsquo

मारा ndash रावण lsquoकोrsquo इसिलए य कारककारक क आठ भद होत ndash

कारक - नकारक - को

करण कारक - सकारक - को

अपादान कारक - सकारक - का क

अिधकरण कारक - पर

सबोधन कारक - ह अर अपी अहो क कारक ndash (Nominative)

या क स करनवाला या का बोध होता ह उस कारक कहतlsquoनrsquo ह

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उदा ndash राम गयामोहन न खाया

lsquoरामrsquo और lsquoमोहनrsquo कारक ह न हक को सिचत करन क िलए कोई जाती ह

उदा ndash राम न िलखी ख कारक (Accusative)

या पर क का फल पडता ह उस कारक कहत उदा - राम न रावण को मारा

रावण मारा गया ह यहा lsquoरावणrsquo कारक ह lsquoकोrsquo हकभी कभी lsquoकोrsquo का लोप होता ह

उदा ndash राम न िलखायहा lsquoकोrsquo का लोप होता ह ऐसा भी होता ह - राम न को िलखा

ग करण कारक ( Instrumental)

क साधन का बोध करानवाल क को करण कारक कहत lsquoसrsquo ह उदा ndash

कलम स िलखतिलखन का साधन कलम ह कलम क िलखन होती ह

घ कारक ( Dative)

कारक का वह ह जो उस का बोध कराता ह िलए कोई कामlsquoकोrsquo lsquoक िलएrsquo ह

उदा ndash मोहन न राम को पाच मोहन न राम क िलए पाच

ङ अपादान कारक (Ablative)

का वह ह क स पथक होन का बोध हो उस अपादान कारककहत lsquoसrsquo ह

उदा ndash स िगरतयहा स का सिचत होता ह कारक और अपादान कारक lsquoसrsquo ह

करण कारक lsquoसrsquo साधन सिचत होता ह अपादान कारक lsquoसrsquo सिचत होता ह

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कलम स िलखता ह - करण कारकस आ रहा ह - अपादान कारक

च कारक (Genitive)

क स उसका स होता ह उस कारक कहतlsquoकाrsquo lsquoकrsquo lsquo rsquo

उदा ndash राम का घोडा राम क घोड राम बहन छ अिधकरण कारक (Locative)

क स क आधार का बोध होता ह उस अिधकरण कारक कहत lsquo rsquo

और lsquoपरrsquo उदा ndash शर जगल रहता ह

मज़ पर ह अिधकरण तीन क होत ndash

क कालािधकरण ndash का काल होता ह उस कालािधकरण कहत उदा ndash राम दोपहरस आयगा

ख भावािधकरण ndash क भाव क भावािधकरण होता ह उदा ndash शर को दखकरभय होता ह

ग ndash पर होती ह उस कहत उदा ndash मज़ पर ह कालवाचक और क सात कभी कभी लगती उदा ndash कल रात मसलधार हई ( कल रात मसलधार हई ndash lsquo rsquo का लोप)

ज सबोधन (Vocative)

क स को पकारना सिचत होता ह उस सबोधन कारक कहत हउदा ndash ह राम वहा मत आना

सबोधन कारक कोई ह उसको करन क िलए lsquoहrsquo lsquoअरrsquo कोलगाय जात

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UNIT - 14

( Pronoun)क उसक को करन क िलए का जाता ह

कहत उदा ndash राम जाता ह वह अपनी जाता हउसन कहा ndash लाना भल गया वह अपनी राम जगह हए ह

इसिलए ह को हटान क िलए का जाता हयोग क अनसार क पाच भद होत

1) - त यह वह (एव) हम तम य व आप (बव)

2) ndash यह वह (एव) य व (बव)

3) ndash कोई कछ (एव - बव)

4) ndash जो सो (एव - बव)

5) ndash कौन (एव - बव)

क ndash या लखक बोलत या िलखत समय या तो अपन कछ कहता ह या सननवालऔर पढ़नवाल क अथवा अपन और सननवाल को छोडकर क

कहत स बोलनवाल सननवाल और क कछ कहा जाए उस कोकहत

तीन क होत ndash औरndash बोलनवाला या िलखनवाला अपनिलए का करता ह उस

कहत (एव) हम (बव)ndash सननवाल या पढ़नवाल क िलए का होता ह उस कहत

जस ndashत तम और आप ndash क कछ कहा या िलखा जाए उसक िलए होन वाल को

कहत जस ndash यह वह (एव) य व (बव)और हम ह एकवचन ह हम बहवचन ह का हम

क बहवचन स ह यहा हम क पर होता ह हम का एकवचनऔर बहवचन होत

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त और तम क आदर क िलए आपका करत जस ndash तमयहा आओ इसी क पर आप यहा ए कभी कभी यह और वह क भी आप का

होता ह जस ndash आप मर कभी कभी आदर क िलए आप का करत बहवचन सिचत करन क िलए आप क साथ lsquoलोगrsquo

जोडा जाता ह जस ndash आप लोग यहािनजवाचक आप और चक आप भद होता ह िनजवाचक आप समान स एक वचन

और बहवचन आता ह जस ndash आप पढ़गा हम आपवह कवल बहवचन करत िनचवाचक आप तीन स

होत आप कवल और करतlsquoआपrsquo अकला जाता ह िनजवाचक आप तथा क साथ आता ह जस ndash त

आप कामकभी (2) आप भल अकला आ सकता ह जस ndash आप भला तो जग भला वह अपन आप समझ गया

व ऒर सकत जाता हसकतवाचक और िनदशवाचक भी कहत जस ndash यह वह य व

हम तम आप यह य व इन या क साथ अिधकताकरन क िलए lsquo rsquo lsquoईrsquo य जोडत झस ndash त आप

स या क बात का बोध न हो उसकहत जस ndash कोई कछ

a lsquoकोईrsquo का क िलए होता ह जस ndash बाहर स कोई आ रहा ह b जब का पता न होन पर ndash जस ndash अर कोई कमर ह

c क lsquoकोईrsquo लग तो उसका लगभग होता ह जस - कॉलज स कोई पाच सौभाग

d lsquoकोईrsquo जब दोहराया जाता ह तब को सिचत करता ह जस कोई कोई पर को रोकतe कोई क साथ एक लग जान पर सिचत करता ह जस ndash तम स कोई एक गा सकगा

कछ का अनिगनत क िलए होता ह जस ndash कछ हक िलए होता ह जस ndash पानी कछ ह

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कोई का क िलए होता ह और कछ का क िलए होता हघ वाचक

स दो और क बीच क का बोध हो उस वाचक कहतजो सो जस ndash आपन जो कहा सो हो गया

कभी कभी जो या सो स एक रहता ह जस जो गाता ह बात हङ ndash करन क िलए का होता ह कहत

उदा ndash आप सोचत आज कौन आएगाकौन का क िलए होता ह का क िलए होता ह जस ndash कौन

बोलगा थली हकभी कभी कौन का क िलए होता हजस - बाधा डालनवाल तम कौन होिभ किलए lsquoकौनrsquo को दोहरा भी जाता ह जस ndash कौन कौन लाएग

क कौन का होता ह जस - इसन कौन अपराधक िलए को दोहरा दता ह जस ndash राम न

का क भी होता ह जस ndash तम मझस लडोगका

वचन और कारक क कारण भी होत िलग क कारण होताका और एक स होता ह

सबोधन होतास क पर होता ह उसी क अनसार उस क िलग वचन भी होता ह

काकारक एकवचन बहवचन

हममझको मझ हमको

करण मझस हमसमझको मरिलएमझ हमको हमार िलए

अपादान मझस हमसमरामर हमारा हमार

अिधकरण मझपर हमपर

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तकरक एकवचन बहवचन

तन तम तमनतझको तझ तमको

करण तझस तमसतरातर

अिधकरण तझपर तमपर

वहकरक एकवचन बहवचन

वहउसन व

उसको उस उनकोकरण उसस उनस

उसक िलए उस उनक िलए

अपादान उसस उनसउसका उसक उनका उनक

अिधकरण उस पर उनपर

UNIT - 15

(Adjective)स या सिचत कर उस कहत जस ndash रशमी

कपडा लाल कमलबतलाई जाए उस कहत जस ndash लड़का

ह लड़का हजो क पहल आता ह उस कहत जस ndash फल

ह फल ह इसिलए यह ह

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जो क बाद आता ह उस कहत जस ndash वह लड़का बड़ा होिशयार ह लडका ह होिशयार ह क बाद आन क कारण यह ह

जो क साथ उसको करन क िलए होता ह उस समानािधकरण कहत जस ndash रामनाथ कहता ह

रामनाथ क साथ समानािधकरण ह चार क ndash

क गणवाचक (Adjectives of Quality)

ख (Adjectives of number)

ग (Adjective)

घ या (Demonstrative Adjective)

१ गणवाचकजो क गण रग आकार को बतलानवाल को गणवाचक कहत

जस ndash लबा सशील काला गोल गणवाचक क बदल बहधा क क भी आतजस ndash राजा ( का राजा )

जापानी कपड़ा (जापान का कपड़ा)गणवाचचक का होता ह तब उनका क समान होता ह

जस ndash न सच कहा ह२ - क गणना का बोध हो उस

कहत जस ndash एक दो पहला दसरा दगनाक तीन भद होत ndash

1) 2) 3) बोधक या बोधकndash इसस का बोध होता ह जस ndash चार आठ सात

क चार भद ndash

a गणनावाचक ndash गणनावाचक षण स गणना का बोध होता ह जस ndash एक चार फल सात

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गणनावाचक क साथ एक लगान स लगभग का होता ह जस ndash एक आदमी ndash

लगभग आदमी b ndash स क गणना का होता ह जस ndash पहला

दसरा चौथाc ndash गणनावाचक क lsquoगनाrsquo लगान स बनत जस

ndash दगना ितगना ३ - स माप- तोल या का पता होता ह उस

कहत जस ndash दो सर चावल चार गज कपडा

क दो भद होत ndash

1) और 2)

ण - स का पता लगता हजौस - दो सर चावल

- स का पता नलगता ह जौस ndash बहत दध

४ या - स ऒर या सकत जाता ह उसकहत lsquoयहrsquo lsquoवहrsquo स जाता ह इसिलए इसकहत

जस ndash यह वह जब क हो तब वह बन जाता ह

जस ndash वह घर राम का ह कई ऐस मल जसा रहता ह

जस ndash वह यह क

भी िलग वचन और कारक क अनसार होता ह क िलग और कारक ककारण कछ होता ह

जस ndash काला कपड़ा - काला कपड़काला धोती - काला धोितया

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क साथ ई हो जातजस - काली धोती

क होता ह जो क होन परहोता ह जस ndash वह घोड़ा व घोड़

पथकता अथवा अिधकता क िलए को दहराता ह ndash

जस ndash छोट छोट फल लालका भी होता ह जस ndash बडा लड़का

गणवाचक और जब करत तब वह बन जात

जस ndash थोड़ा खा गया चावल बहत ह क साथ जब आता और व बन जात तब उनक साथ

भी लगती जस ndash को दान दो

UNIT - 16

(Verb)

काम क करन या होन का बोध हो उस कहतजस पढ़ना खाना दौडना पहनना

धात ndash क मल को धात कहत उदा- पढ़ना खलना खानाय सब मल धात lsquoपढ़rsquo lsquoखलrsquo lsquoखाrsquo ह मल धात lsquoनाrsquo जोडकर का िमलताह

i क आधार पर क दो भद होत - 1) 2)

1) (Transitive Verb) ndash क का फल को छोड पर पडता हउस कहत

उदा ndash राम पढ़ता ह

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राम ह ह और का पर पडता ह2) (Intransitive Verb) - क का फल पर पडता ह उस

कहत का अभाव हउदा ndash मोहन सोता ह

कभी कभी एक होता ह और कभी कभी दो भी होत एक होन वालको एक lsquo rsquo कहत

उदा ndash राम न खाना खायाखाना ह कवल एक होता ह दो होन वाली को

कहतउदा ndash मा न को दध

दो होत ndash lsquo rsquo और lsquoदधrsquo दो होत एक lsquo rsquo और दसराlsquoगौणrsquo

उदा ndash मा न को दधइस lsquoगौणrsquo ह दध lsquo rsquo ह lsquoगौणrsquo कभी कभी होता हउदा ndash न कथा सनाई

ii क भद1 - व होती ह आशय अथवा स परा होताको परा करन क िलए दसर होती ह ऐसी को कहतयह दो क होती ह१ ndash का अभाव हउदा ndash वह ह यहा क को परा करन क िलए जोडा गया ह२ ndash होन पर भी का भाव परा न हो उस को

कहतउदा ndash सीता न पढ़ाया

यहा परा सीता न lsquo rsquo पढ़ाया lsquo rsquo पढ़ाया यह परा इसिलए यहह यहा होन पर भी का भाव परा होता

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३ परक - को परा करन क िलए या पडती ह

परक कहत क परक lsquo परकrsquo तथा क परक lsquo परकrsquo

होतउदा ndash उस होिशयार समझता ह ( परक)

राम बलवान ह ( परक)

iii यौिगक धात ndashक स धातओ क दो भद होत 1) मल धात 2) यौिगक धात

मल धात - मल धात व जो दसर स न बन जस ndash कर बठ पढ़ यौिगक धात ndash यौिगक धात व जो दसर स बनाय जात उदा ndash खाना स नाम धात ndash जो या क आधार पर बनती ह उस नाम धात कहत

उदा ndash हाथ स हिथयानास

अपना स अपनानाiv - स यह जान पडता ह को न करक दसर को

करन दता ह उस (casual verbs) कहतउदा ndash राम न मोहन स िलखवाया यहा राम न िलखकर मोहन स िलखवाता ह इसिलए यह ह

करनवाल को और जाती ह उस कहतराम न मोहन स िलखवाया राम ह और मोहन हमल जो होती ह उनस और बन सकती हस और बन सकती उदा ndash दध पीता ह

पीना ह इसस बनती ह ndash मा को दध हस बना सकती ह उदा - मा नौकर स को दध ह

बनान का िनयममल धात क आ जोडन स और वा जोडन स या

बनती ह

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उदा ndash उठना ndash उठाना - उठवानाचलना ndash चलाना - चलवानापढ़ना ndash पढाना - पढ़वाना

दो क धातओ ए और औ को छोडकर पहला हो जाता हउदा ndash जागना ndash जगाना ndash जगवाना

भलना ndash भलाना - भलवानाछोडना ndash छडाना ndash छडवाना

धातओ क ला और लवा लगात तब हो जाता हउदा ndash पीना ndash ndash

सोना ndash सलाना ndash सलवानाखाना ndash -

v नाम धात - को छोडकर जोडन स जो धात बनती ह अथवा जो नाम (

या ) धात क समान होत नामधात कहत जो नामधात लगान सबनत आ ओऔर ला लगात पहला हो जाता ह

उदा ndash लाज ndash ndash लजानाहाथ ndash हिथया ndash हिथयानाझठ ndash झठला ndash झठलाना

UNIT - 17

काल (Tense)क स क होन का समय और अथवा का बोध हो उस काल

कहत काल क तीन भद होत1) भतकाल2) काल3) काल

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भतकालस का बोध हो उस भतकाल कहत

उदा ndash राम न िलखी भतकाल क छः भद - भत भत भत भत भत हत-हतमत भत

भत ndash क स भतकाल क समय का बोध न हो उस भत कहतउदा ndash मोहन न खत िलखायहा का बोध होता जो भतकाल हई ह भतकाल ndash क स का का समय अभी अभी हआ ह इसका बोध

होता ह उस भतकाल कहत उदा ndash राम न ह

इसस पहल अभी अभी हई हभत ndash क स यह होता ह क को हए बहत समय हो चका ह उसभत कहत

उदा ndash न दध थास हो क साथ lsquoथाrsquo lsquoथrsquo lsquoथीrsquo लगान स भतकािलक

िमलता हभत - क उस को भत कहत यह हो भतकाल हो थी पर

का पता न लग उस भतकाल कहतउदा - वह पढ़ रहा था वह सोता था

कब समा हआ इसका पता क साथ lsquoता थाrsquo lsquoत थrsquo lsquoरहा थाrsquo lsquoरह थrsquo लगानाभत काल ndash क स भतकाल सचना िमलती ह उसक होन कछ हो उसभत कहतउदा ndash वह आया होगा

उसन खाया होगा भतकाल हो थी ह क साथ lsquoहगाrsquo lsquoहगीrsquo lsquoहोगाrsquo lsquoहोगीrsquo

lsquo rsquo जोडन स भतकाल िमलता हहत-हतमत भतकाल ndash क स यह पाया जाय भतकाल होना सभव थाकारण स न हो सका उस हत-हतमत भतकाल कहत

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(Present Tense)

क को काल कहत रहती ह

होती उस काल कहतउदा ndash राम पढ़ता ह

सीता गीत गा हकाल तीन क होत ndash 1) काल 2) काल 3)

काल - वह ह स का काल होना पाया जाय

उस कहतउदा ndash मोहन पढ़ता ह

रमा गाती ह क साथ lsquoताrsquo lsquoतrsquo lsquoतीrsquo जोडन स बनत

- वह ह काल क होन पायाजायउदा ndash वह खाता होगा

सीता जाती होगी क साथ lsquoता होगाrsquo lsquoती होगीrsquo lsquoत rsquo lsquoती rsquo लगान स िमलत

ndash का वह ह यह होता ह का अभी ह

होता उस कहत उदा ndash वह खा रहा ह

चल हक साथ lsquoरहाrsquo lsquo rsquo lsquoरहrsquo जोडन स िमलती ह

काल ( Future Tense)

होनवाली को काल कहत काल क दो भद ndash 1)

काल 2) कालकाल ndash का वह ह स क आग होन सचना िमल उसकाल कहत

उदा ndash वह आयगा

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राम आज बबई जायगासीता कल घर आयगी

क साथ lsquoयगाrsquo lsquoयगीrsquo lsquoयगrsquo जोडन स िमलतकाल ndash क होन सभावना हो उस काल कहत

उदा ndash सभव ह आज हो स lsquoगाrsquo lsquoगrsquo lsquoगीrsquo पथक कर दन स काल िमलगा

UNIT ndash 18

(Voice)उस कहत यह जाना जाय का ह

ह या कवल भाव ह उस कहतउदा ndash राम न रावण को मारा

तीन क ndash 1) 2) 3) भाव- ह हमशा क िलग वचन और क अनसार होता ह

उस कहतउदा ndash लडका पढ़ता ह

लड़का ह और ग ह इसिलए भी होना हसीता िलखती ह इसम सीता ह इसिलए ह का सीधा स होताह

ndash क िलग वचन क अनसार हो उस कहतह का होता ह

उदा ndash राम िलखता हह इसिलए यह ह धानता होती ह और का

स होता ह क िलग वचन क अनसार बदलती ह हमशाहोता ह का होना ह

उदा ndash राम न रावण को मारा -

राम स रावण मारा गया -

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रावण ह ह क का ह गौण का रहता ह

उदा ndash मा न को दध मा स को दध गया

दो होत ndash और दध ndash भाव होती ह यह हमशा स बनता ह हमशा

एकवचन और होती ह इसका होता ह उदा ndash यहा बठा जाता

मझस पढ़ा जाता स या बनान

को भत क करना उसक साथ काल वचन और िलग कअनसार जाना क जोडन ऐसा करन स स औरक स भा बनती ह

उदा ndash 1) राम न रावण को मारा -

राम स रावण मारा गया -

2) राम रावण को मारगा -

राम स रावण मारा जायगा -

3) राम रावण को मारता ह -

राम स रावण मारा जाता -

पहल lsquoमाराrsquo भतकािलक ह इसिलए lsquoमाराrsquo क साथ lsquoजानाrsquo का भतकािलकजोडना

दसर lsquoमारगाrsquo काल ह इसिलए lsquoमाराrsquo भतकािलक बदलकरlsquoजानाrsquo का काल lsquoजायगाrsquo जोडना

तीसर काल ह को भतकािलक बदलकर (मारा) उसक साथजाना का (जाता) जोडना

स बन सकता हउदा ndash मोहन उठता ( )

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मोहन स उठा जाता - ( )

वीणा चलती ( )

वीणा स चला जाता - ( )

UNIT ndash 19

याअभी तक हमन क बार पढ़ िलया ह उनक िलग वचन और कारक क अनसार

आता ह इसिलए कहत का ह अब हम क दसरया क बार

चार क होत ndash 1) 2) बोधक 3) बोधक 4)

बोधक

UNIT ndash 20

ndash Adverbउस कहत होती ह

उदा - रमश चलता हइस lsquoचलनाrsquo ह ndash ह lsquo rsquo इसिलए lsquo rsquo ह

स क तीन भद ह - 1) साधारण 2) सयोजक 3) साधारण - साधारण वह ह होता ह साधारण या

कहत जस ndash खब पढ़ो दौडो सयोजक ndash का स या स होता ह सयोजक

कहत जस ndash जहा तक हम चल सक वहा तक ह

योजना का सयोजक स होता ह- का क

भद क साथ होता ह कहत

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जस ndash गह खाओग

कह तो लो होता ह व कवल गह खात और कछ खायगा इन

ह हो जान स का बदल जाता ह जस ndash वह काम करगा इसका यह ह जो काम उस ह कवल वह करगा और कछ

क आधार पर क चार भद होत ndash 1) कालवाचक 2) 3)

4)

कालवाचक ndash स समय अविध तथा काल का बोध होता ह कालवाचककहतजस ndash काम को अभी पढ़ना

आजकल रोज़ होती ह कभी कभी भी रात क समान लगता ह मोहन पढ़ाई सदा ह

अभी आजकल कभी कभी सदा कालवाचक ह ndash स क का बोध होता ह

कहत उदा ndash जहा तक जा सक वहा तक जाओ

जाओ और वहा लटो घर क सामन एक ह बाहर रोशनी भीतर अधरा

हाथ स मारत जहा वहा सामन बाहर भीतर ndash स अिधकता- का बोध होता ह

कहत जस ndash उतना पढ़ो हो

चावल थोडा खाओ खब खाना

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अपना थोडा खब

व क होन का ढ़ग का पता िमलता ह जस ndash राहल धीर धीर चलता ह

सीता मधरतम गाती ह यथा हम तथा िमलत

धीर धीर मधरतम यथा-तथा

UNIT - 21

बोधकबोधक ह जो या क साथ आकर उनका क

क साथ बनात उदा ndash धन क कोई काम न चलता

घर क नीच एक तालाब ह क पास एक भी ह

नीच पास बोधक ह क अनसार बोधक क दो भद होत ndash 1) 2)

क ndash य या क बाद आतउदा - घर क भीतर घर क पीछ घर ऒर

कारक भी आती ह जस का क कभी कभी अपादान कारक या भी आती ह

उदा ndash इनस पहल आया राम का मकान मोहन क घर स पर

lsquoसrsquo lsquoपरrsquo अपादान कारक क ndash यह स क क साथ आत

जस ndash दो तक राम रहगा

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PRACTICAL GRAMMAR (APPLIED GRAMMAR) Page 46

घड भर पानी क िलए पाच दन ग lsquoतकrsquo lsquoभरrsquo सचक

UNIT - 22

( Conjunctions)योजक या व जो या न बतला कर एक या का

दसर या स जोडत बोधक कहतजस ndash सीता और गीता अपन घर गयी

सीता और गीता को िमलानवाला योजक lsquoऔरrsquo ह क तीन भद ndash 1) सयोजक 2) 3) भदबोधक

1) सयोजक ndash कई का सयोग करनवाल को सयोजक कहत इसक दो याका मल होता ह

उदा ndash और राम कल बबई और वहा उनक साथ मोहन भी lsquoऔरrsquo lsquoभीrsquo सयोजक ह

2) ndash जो का बोध कराए कहत जस ndash चाह दश सवा करनी या अथवा मानवीय को पहचानना

lsquoयाrsquo lsquoअथवाrsquo lsquoवाrsquo lsquoचाहrsquo को करनवाल ह 3) भदबोधक ndash दो स एक स भद बतलानवाल को भदबोधक कहत य कई क होत

क ndash दो म स पहल का िनषध या सिचत करत जस ndash

पर मगर वरन उदा ndash मझ वहा जाना था क कारण जा न सका

ख - कारणवाचक और उपदशमलक ndashइसिलए सो अतः इसिलए

इस क ह जस ndash राम समय पर आ न सका इसिलए जा न सका

ग सकतबोधक ndash ndash तो जो ndash तो प सकतबोधक ह जस ndash तम कहत तो जाता

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घ ndash इन पहली बात का और होता ह यान मानो यहा तक इस क ह

जस ndash कोई भी समय पर पहचा यहा तक भी 10 बज तक न आय क और दो भद होत ndash 1) समानािधकरण 2)

समानािधकरण ndash समान पद क या को जोडत जो एक क हो वसमानािधकरण धक कहत जस ndash क मा-बाप का अजीब ह समानािधकरण क चार उपभद होत ndash

1) सयोजक ndash और तथा भी एव 2) क ndash या वा अथवा चाह 3) ndash पर मगर 4) ndash इसिलए अतः

ndash को स जोडनवाल कोकहत

जस ndash आज नौकरानी आयगी वह बीमार ह क चार उपभद होत ndash

१ ndash यान मानो २ करणवाचक ndash जो इसिलए ३ उपदशवाचक - जो ४ सकतवाचक ndash - तो जो-तो -

4) ndash ndash स क शोक घणाको करनवाल को -बोधक कहत

जस ndash हाय अब अर आप कहा जा रह

ह राम करो को सिचत करन क िलए - लात

बोधक क सात भद ndash

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1) बोधक ndash वाह ndashवाह - आहा शबाश

2) शोक बोधक ndash आह ऊह हा-हा ndash

3) बोधक ndash अहो ऒह

4) अनमोदन बोधक ndash हा-हा वाह शबाश

5) बोधक ndash िछ हट अर िधक

6) ndash बहत हा जी हा7) सबोधन बोधक ndash अर र अपी अहो

कभी कभी भी हो जातजस ndash भगवान लो चप कभी कभी या भी होत जस ndash न हो बहत हो गया

जब क समान होत तब वह होता तब वमनोभाव को करात

जस ndash हाय हाय मचा रखी ह

सब लोग - पकार उठहाय ndash हाय - क समान ह इसिलए यह बोधक ह

UNIT - 23

क भद क स बनान का िनयम

क पर जायगास बनता ह एक या अिधक स बनता ह एक स अिधक स बनता

ह कहन या िलखनवाल का परा भाव हो जाय तो उस कहतजस ndash मोहन पढ़ता ह

राम िलखता ह इन स लखक का परा भाव होता ह

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ndash कछ ऐस होत और क रहन पर भी कहन या िलखनवाल का परा आशयहोता क समह को और क रहन पर भी जो कछ सनन

बनी रह कहत दो क होत ndash 1) 2)

क अधीन होतउदा ndash राम न कहा था वह कल पाठशाला जायगा

इस राम न कहा था - ह और कल पाठशाला जायगा तह इस और भी कहत

रखनवाल को कछ थोडा सा भाव करनवाल को कहतएक भावना होती ह

जस ndash तरह पढ़ना चलना

इन होता ह क म दो भाग होत 1) और 2)

ndash ( ) कछ होता ह उस कहतndash ( ) क जो कछ होता ह उस कहत

जस ndash मरा स भरा हआ ह मरा ह और स भरा हआ ह ह मरा ndash ह और मरा

उस का ह इसिलए ( ) और मरा का कहत हआ हह शष उसका ह

इस चार भाग हए ndash 1) ( ) 2) का 3) ( ) 4)

काचार भद ndash

क ndash राम गया ख ndash वह कह चका ग ndash फल

क भदक अनसार क आठ भद होत ndash

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1 ndash इस स बात का होना सिचत होता ह जस ndash भारत राजधानी ह

2 िनषधवाचक ndash का अभाव होता ह जस ndash क कछ भी पा सकत

3 ndash इस स सचना होती हजस - तम कल कालज

4 ndash इसस और उपदश का बोध होता ह जस ndash तरह पढ़ो

का भजन करो 5 ndash इसस का भाव सिचत होता ह जस ndash हाय राम को एक

लाख िमल 6 ndash इसस या सचना होती ह

जस ndash अक पा

7 ndash या सभावना सचना होती ह जस ndash आज होगी

8 - सकत सचना होती ह जस ndash हो तो

राम काम करगा रचना क आधार पर

रचना क आधार पर क तीन भद होत - 1) सरल या साधारण 2) और3)

१ सरल ndash एक और एक होता ह उस सरल कहतजस ndash मोहन िलखता ह ( मोहन और िलखता ह धय ह)

राम मज़ पर रखी ह ( ह और रखी ह ह)

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lsquoराम rsquo और lsquoमज़ परrsquo कवल और का ह २ - उस कहत एक हो और उसक एक या

अिधक हो उस कहतजस ndash जो करगा उस सफलता िमलगी जो करगा ndash ह उस सफलता िमलगी - ह

तीन क ndash 1) 2) 3)

1) ndash का क पर होता ह उसकहतजस ndash मरा ह तमन को मारा यह सच ह इस तमन को मारा ndash ह क पर आया ह इसिलए यह

ह 2) ndash जब कोई को क का काम दता ह तब उस

कहत जस ndash य उसी छा को जायगा जो रहगा

उसी स डरत जो खब मारता ह उसी जो ह

3) ndash जो क का काम दता ह उस कहत

जस ndash करता ह उतना फल िमलता ह जब तम कहोग सब कछ

जब ह ३ ndash दो या दो स अिधक योजक जड हो न

हो उस कहतजस ndash वह तरह पढ़ता था तो पास होता

दो या दो स अिधक सरल अथवा एक दसर पर न होता ह इसिलए यह

जस - कर चका (सरल )

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हम कर चक तो व आए ( )

और मरा मन ठड हो गया ( )

चार क होत ndash सयोजक सचक 1) सयोजक - एक दसर क साथ सयोजक जडा रहता ह

जस ndash वह आया और उसक साथ गया स िमलता ह और स होता ह

2) ndash का एक दसर स भद या का रहता ह जस ndash स बढ़ता ह स भरता ह वह खब खाता पर बडा होता

3) सचक ndash दो स एक को करना जस ndash मझ या राम को

4) अथवा हतसचक ndash एक दसर का होता हजस ndash तम आग पढ़ो पसा दगा मझ पसा िमला इसिलए

कभी कभी बीच योजक आत जस ndash मझ न बलाया आप आता ह जब को का या एक होता ह तो एक बार िलखा या कहा

जाता ह ऐस को सकिचत कहत जस ndash का और मन को भी दता ह

जो आसानी स समझकर छोड दत ऐस को कहत जस ndash आजकल सना ह बरसात क मौसम बखार सब फलाता ह

कहत रोज़ बढ़त रह पहल हमन होना था पर ह दसर लोग स होना पर होता ह

एक का दसर क बदल जा सकता ह मलकर सकत

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क सरल स ndash

उदा ndash सरल - राम न मोहन का - राम न उस को जो मोहन का था

ख स सरलndash उसन कहा पापी ह

सरल ndash उसन को पापी बताया ग सरल स

सरल ndash होन पर लोग खत जान लग - हआ और खत जान लग

घ स िनषध वाचक तथाndash मोहन सोहन स बडा ह

िनषध वाचक - मोहन सोहन स बडा ndash मोहन सोहन स बडा ह

UNIT ndash 24

और महावरव जो का अपना न बता कर कछ करत महावरा

कहत बोलचाल बहत आनवाला ऐसा बधा कोई अनभव बात और अलकतभाषा गई हो या कहावत कहाता ह जस ndash मर पट चह कद रह

जब स उनका लड़का मरा ह कमर टट गई ह वह इतना चालाक ह अपन मािलक को पर नचाता ह

इन lsquoपट चह कद रह rsquo lsquoकमर टट गई हrsquo lsquo पर नचाता हrsquo इन काउनक स ह यहा lsquoपट चह कदनrsquo का ह भख लगना lsquoकमर टटनrsquo का ह या

का न रहना तथा lsquo पर नचानrsquo का ह अपन वश रखना अतः य महावरकहलात

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इसी जब कोई आदमी काम करना न जानता हो परत अपन को िछपान क िलए बहान बनावतब कहा जाता ह ndash नाच न जान आगन टढ़ा

जब कोई आदमी अनक खाकर भी अपनी आदत न छोड़ तब कहा जाता ह दम सौतक नली रखो तो भी य बध हए और अनभव तथा अलकत भाषा कह गय अतः य

और क स भाषा तथा आती ह महावरदार भाषाबहत पसद जाती ह और कथन बड़ा होता ह

महावरअग-अग - बहत होनाअगठा - चीज़ को दन स क साथ करनाअध - सहाराअधरा घर का उजाला - एकलौता बटा

क घोड़ दौड़ाना - सोचनापर पड़ना - समझ न पाना

अपना सीधा करना ndash करनाआख उठाना - नीयत स दखनाआख खलाना - होश आना

चार होना - आख स आख िमलानानीची होना - होनापीली करना - नाराज़ होना

आकाश पाताल का ndash बहत भदआग घी डालना - बढ़ानाआसमान िसर पर उठाना - बहत कोलाहल करना

स बजाना - करनाईद का चाद होना - िचरकाल पीछ दनाउगली पर नचाना - वश रखना

गगा बहाना - बात करना

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कमर टट जाना - िनराश हो जानाकान भरना - चगली करना

मौत मरना - बहत तरह स मरनाखाक उड़ाना खाक िमलाना - बरबाद होनागड़ गोबर कर दना - काम दनाघर गगा - दौड़-धप कघाट घाट का पानी पीना - जहा तहा का अनभव करनाचाद पर थकना - करना और फलतः होनाचार चादनी - थोड़ का सख

का दध याद आना - सब सख भल जाना सकट आ पड़नाजमीन पर पर न पड़ना - बहत अिभमान होनाजल भन कर कोयला होना - पागल हो जानाटस स मस न होना - भी नटाग अड़ाना - बाधा डालनाटोपी उछालना - िनरादर करनाितनका पकड़ना - मागनाितन का ताड़ करना - बात बढ़ानाथक कर चाटना - वचन दकर जाना

तल उगली दबाना - करनादम तोडना - मर जाना

दना रात चौगना होना - खब होनाधप बाल सफद करना - अनभव आय दनानमक लगाना - बात को बढ़ा कर कहनानाक कटना - बदनामी होनानाक चढ़ाना - घणा करनानीला पीला होना - आना

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नौ-दो होना - भाग जानाउछालना - करना

- बातपरदा डालना - िछपानापहाड टट पड़ना - आनापट चह कदना - खब भख लगना

तल स ज़मीन िनकल जाना - होश उड़ जानाफक-फक कर कदम रखना - सोच-समझ कर काम करनाबगला भगत -

उछलना - खब खश होनाबाज़ार पर होना - काम पर होनाबात का धनी - वायद काबाल खाल उतारना - करनाबाल पकना - बढ़ा होजाना अनभव करनाबाल बाल बचना - हािन पहचन जरा- सी कसर रह जानाबगार टालना - लगाकर काम न करनाबोली मारना - क कहनाभनक पड़ना - खबर द जानाभाड़ - समय गवाना

मारना - बकारचस - बहत कजसपर मारना - का नकल करना

मगज चाटना - तग करनामाथा ठनकना - आशका होनामारा मारा - होनामह-तोड़ जवाब दना - परा-परा जवाब दना

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मह फक हो जाना - चहर का रग उतर जानामह पानी भर आना - खान को ललचानामह लगाना - अिधक द दना

गरम करना - दनाराई का पहाड़ बनाना - बात को बढ़ाकर कहनारात- - हमशालका काड होना - खब मारपीट होनालबी-चौ हाकना - करना

होना - होनालह क घट पीना - करनालह पसीना एक करना - बहत करनालोह क चना चबाना - काम करनाशतान क कान कतरना - बहत चालाक होना

करना - करनाबाग - बहकाना

समझ पर पड़ना - होनाबठना - जमाना

िसतारा चमकना - उदय होनािसर पर खन सवार होना - जान लन पर होनािसर पर हाथ धरना - सहायता करनासौ बात एक बात - िनचोड़

करना - फक डालनाहसी उड़ाना - करनाहाथ मल -

हाथ पर हाथ धर बठना - बठनाहाथ पसारना - मागना

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हाथ-पर मारना - करनाहाथ साफ करना - बईमानी स ठगना

पानी करना - करनाहोश उड़ना - भय या आशका स दखी होना

अत गता सो मता - वहकान राजा - थोड़ा पढ़ िलख का मान होता ह

आख क गाठ क पर - पर धनवानआप मर जग परल - ह तो ससार ह

चोर कोतवाल को डाट - अपराध करक को डाटनाऊची दकान पकवान - काम करनाएक अनार सौ बीमार - जब एक चीज़ क बहत स तब कहा जाता हएक पथ दो काज - एक काम करन स दो का लाभ होनाकाला बराबर -

घर का लका ढ़ाह - फट स घर नाश होता हिचराग तल अधरा - पास घटना क होन पर भी उसका न होना या

ऐस पर बराई का होना जहा उसक रोकन का होचोर ितनका - पापी डर जाता हजाग सो पाव सोव तो खोव - सावधान रहन स लाभ होता ह

- बलवान का दबदबा रहता हजसा दश वसा भस - दश रह वसी करनीजसी करनी वसी भरनी - फल िमलता हतन को कपड़ा न पट को - बहतथोथा चना बाज घना - काम न करनवाला बकवास बहत करता हदाम बनाय काम - पस स सब काम हो जात

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धोबी का घर का न घाट का - जो एक पर जमकर काम न कर कभी एक लग और कभीदसर और सफल न हो उस कहा जाता ह

रहना मगर स बर - अधीन होकर रह और उसी स बर कर तो गज़ारा चलता हन रहगा बास न बाजगी - नकसान हो उसका नाश कर दना हनाच न जान आगन टढ़ा - काम करन न होन पर दसर को दोष दना नीम जान का खतरा - अधरा हािनकारक होता हनौ नगद न तरह उधार - उधार सौदा दनामान न मान तरा महमान - गल पड़नािमया जती िमया क िसर - स उसी हािन करनासौ सयान एक मत - सभी अथवा एक सलाह होती हहाथ कगन को आरसी - क िलए और हाथी क दात खान क और क और - कहना कछ और करना कछ औरहोनहार क होत चीकन पात - होनहार क पहल स जात

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UNIT - 2

उस मल क को कहत न हो उदा ndash अ इ उ ए

राम ndash र+आ+म+अ चार होत इन को कहतभाषा होनवाल क समदाय को कहत हर भाषा क िलए अपन अपन होत

कल 44 होतअआ इ ई उ ऊ ऋ ए ऐओऔक ख ग घ ङच छ ज झ ञट ठ ड ढ णत थ द ध नप फ ब भ मय र ल व ष श स ह तीन और भी होत य ह का हो

सकता हजस ndash ndash क+ष+अ

ndash त+र+अndash ज+ञ+अ

िगनती हो सकतीक दो भद होत ndash 1) 2)

कल 11 और 33 कल िमलाकर 44 होतndash सहायता स होता ह कहत क सहायक

होत11 ह

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अ आ इ ई उ ऊ ऋ ए ऐ ओ औndash सहायता स कर सकता ह उस कहत

क lsquoकrsquo स lsquoहrsquo तक कल िमलाकर 33 इसक अलावा अननािसक और नामक तीन ह

अननािसक ndash इसका नाक और मह स होता ह इसका ह उदा ndash हसना गावndash करत समय नाक स िनकलती ह इसका ह उदा ndash कठ हस

ndash जब अथवा क बाद lsquoहrsquo लग तब उस कहत उदा ndash अतः

पनःइसका इस ह ndash अतहा पनहा

UNIT - 3

क भदक आधार पर क दो भद होत ndash 1) मल 2)

मल - मल व दसर स होती भी कहत उदा ndash अ

इ उ ऋ- व जो मल क मल स बनत उदा ndash आ ई ऊ ए ओ औ क दो उपभद ndash 1) 2)

ndash दो मल क मल स जो होता ह उस कहत उदा ndash अ+अ = आ इ+इ =

ई- क मल स जो बनता ह उस कहत उदा ndash अ उ ओ अ ओ

मल(अइउऋ)

(आईऊ) (एऐओऔ)

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क आधार पर क भदक काल ndashमान को रखकर क दो भद जात - लघ और

ndash मल क समय लगता ह उसक को कहतलघ ndash क एक का समय लगता ह उस लघ कहत

उदा - अ इ उ ऋ (मल )

- क दो का समय लगता ह उस या कहतउदा ndash आ ई ऊ ए ऐ ओ औ (सब )

स क भद और भी जात य ndash साननािसक और िनरननािसक ndash रण स का एक और भद भी जाता ह ndash ह

पकारन क अवसर पर का अितम लबा करक बोला जाता ह और उसकतीन का समय लगता ह उस कहत उदा ndash अर माधो हाय र

भी इसका करतसाननािसक और िनरननािसक ndash

जब का मख और नािसका स होता ह उस साननािसक कहत उदा ndash मा (आ)जब का कवल मख स होता ह उस िनरननािसक कहत उदा ndash अ इ उ

UNIT - 4

सहायता स का कर सकत कहततीन क होत ndash 1) 2) 3)

- 25 होत lsquoकrsquo स लकर lsquoमrsquo तक पाच-पाचक ख ग घ ङ ndash कच छ ज झ ञट ठ ड ढ णत थ द ध नप फ ब भ म

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इनक जीभ मह क न भाग का करती ह- इनका करत समय जीभ मह क भाग का करती हस इनका और क बीच ह का ह ndash lsquoबीच rsquo उदा ndash य

र ल व ndash य- इनक मख स रगड रवाकर िनकलती ह उदा ndash श ष स ह ndash

UNIT - 5

दो क पास पास होन क कारण उनक मल जान स जो होता ह उस सिध कहतउदा ndash राम + अवतार = रामावतार (अ+ अ= आ)

तीन होती ह ndash 1) 2) 3)

- दो क मल स जो होता ह उस कहत उदा ndash + =

(इ+ इ = ई)

क पाच भद होत ndash 1) 2) गण 3) 4) यण 5)

1) ndash दो र पास पास तो क बदल एक बन जाता ह उसकहत

उदा ndash + आलय =

+ =

+ उपदश =

2) गण ndash lsquoअrsquo या lsquoआrsquo क आग lsquoइrsquo या lsquoईrsquo लगा तो िमलकर lsquoएrsquo lsquoउrsquo या lsquoऊrsquo हो तोिमलकर lsquoओrsquo और lsquoऋrsquo हो तो िमलकर lsquoअरrsquo हो जातउदा ndash दव + = (अ + इ = ए)

सर + ईश = सरश (अ + ई = ए)

वीर + उिचत = वीरोिचत (अ + उ = ओ)

राज + = (अ + ऋ = अर)

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3) - lsquoअrsquo या lsquoआrsquo क आग lsquoएrsquo या lsquoऐrsquo हो तो िमलकर lsquoऐrsquo और lsquoओrsquo या lsquoऔrsquo हो तो िमलकरlsquoऔrsquo हो जात

उदा ndash एक + एक = एकक (अ+ ए = ऐ)

वन + औषिध = वनौषिध (अ+औ = औ)

4) यण - इ ई उ ऊ या ऋ क आग कोई तो इ ई क lsquoयrsquo उ ऊ कlsquoवrsquo और ऋ क lsquoरrsquo हो जाता ह

उदा ndash + = (इ+अ = य)

स + आगत = (उ+आ = व)

मात + = ndash (ऋ+आ = र)

5) - ए ओऐ औ स पर कोई हो तो lsquoएrsquo को lsquoअयrsquo lsquoओrsquo को lsquoअवrsquo lsquoऐrsquo को lsquoआयrsquo तथाlsquoऔrsquo को lsquoआवrsquo हो जाता ह

उदा ndash न + अन = नयन (ए को अय)

न + अक = नायक (ऐ को आय)

भो + अन = भवन( ओ को अव)

भौ + उक = भावक (औ को आव)

- जब एक दसर या स िमलता ह और उसक मल स जो होताह उस कहत

उदा ndash सत + उपयोग = सदपयोगिनयम

1) क च और प क आग कोई या का तीसरा चौथा अथवा य र ल व ह स कोईहो तो क - ग होता ह च - ज होता ह ndash होता ह और प ndash ब होता ह

उदा ndash वाक + ईश = वागीशअच + =

+ आनन = षडानन2) क पहल स पर कोई अननािसक हो तो पहला उसी का अननािसक हो

जाता हउदा ndash वाक + मय = (क का ङ अननािसक)

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3) lsquoतrsquo क साथ कोई ग घ द ध ब भ अथवा य र ल व कोई हो तो lsquoतrsquo का lsquo rsquo होजाता हउदा ndash जगत + ईश =

उत + गम =

तत + =

4) lsquoतrsquo क साथ lsquoचrsquo हो तो िमलकर lsquoचrsquo और lsquo rsquo क साथ lsquoछrsquo हो तो िमलकर lsquoजrsquo या lsquoझrsquo होजाता ह lsquoतrsquo क साथ lsquo rsquo lsquoड़rsquo या lsquoढ़rsquo होन पर िमलकर lsquo rsquo होता ह और lsquoतrsquo क साथ lsquoलrsquo हो तोिमलकर lsquoलrsquo हो जाता हउदा ndash उत + चारण = (त + च = )

सत + जन = (त + ज = )

बहत + = (त + ट = )

उत + डयन = (त + ड = )

तत + लीन = (त + ल = )

5) lsquoतrsquo lsquo rsquo क साथ lsquoहrsquo हो तो lsquoतrsquo lsquo rsquo होता ह और lsquo rsquo lsquoधrsquo हो जाता हउदा ndash तत + = ( त + ह - -ध)

lsquoछrsquo क कोई हो तो lsquoछrsquo lsquo rsquo बन जाता हउदा ndash आ + छादन =

+ छद =

6) lsquoमrsquo क साथ lsquoकrsquo स lsquoमrsquo तक का कोई हो तो lsquoमrsquo बन जाता हउदा ndash सम + =

सम + तोष = सतोष7) lsquoमrsquo क साथ य श ह तो lsquoमrsquo बन जाता ह

उदा ndash सम + हार = सहारसम + शय = सशयसम + योग = सयोग

8) ऋ र या ष क बाद lsquoनrsquo हो तो वह ण हो जाता हउदा ndash भष + अण = भषण (ष + न = ण)

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ऋ + न = ऋण (ऋ + न = ण)

9) अआ को छोडकर कोई क lsquoसrsquo क आ जाय तो lsquoसrsquo lsquoषrsquo बन जाता हउदा ndash अिभ + सक = अिभषक (इ+स = ष)

+ सम = (इ+स = ष)

10) र क साथ र हो तो पहला र का लोप होता ह और उसस पहल का होता हउदा ndash िनर + रस = नीरस

- और क साथ क मल स जो होता ह उस कहतउदा ndash मनः+ रथ = मनोरथ

दः+ उपयोग =

िनयम1) स अ हो और का तीसरा चौथा पाचवा अथवा यरलव आ जाय तो पहला lsquoअrsquo

और lsquo rsquo क पर lsquoओrsquo होता हउदा ndash यशः+ गान = यशोगान (श अ ओ)

मनः+ = (न अ ओ)

रजः+ गण = रजोगणसरः+ ज = सरोज

2) क बाद शषयस हो तो बाद क क समान बन जाता हउदा ndash दः+ शासन = ( भी श होता ह)

िनः+ = ( स बन जाता ह)

3) क इ या उ हो और उसक साथ कख या प फ स कोई हो तो lsquoषrsquo हो जाता हउदा ndash दः+ कर =

िनः+ पाप =

4) क lsquoअrsquo हो और उसक साथ lsquoअrsquo स कोई हो तो का लोप होता हउदा ndash अतः+ एव = अतएव

5) क अआ क और कोई हो अथवा उसक साथ का तीसरा चौथा पाचवाहो अथवा य र ल व ह स कोई हो तो र हो जाता ह

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उदा ndash िनः+ आशा = िनराशािनः+ =

िनः+ झर =

6) क अ और उसक साथ अ या का तीसरा चौथा पाचवा अथवा यरलवहस कोई हो तो अ क ओ होता ह

उदा ndash मनः+ अिभराम = मनोिभरामअधः+ गित = अधोगितमनः+ हर = मनोहर

इसक अलावा कछ अिनयिमत होती उदा ndash पराः+ कार =

नमः+ कार =

ितरः+ कार =

Module ll

UNIT - 6

एक स अिधक स बनी हई को कहत कोकरनवाल समह को कहत

उदा ndash लड़का कलमकछ होती जब व दसर क साथ जाती तब होती ऐसी

को कहतउदा ndash (lsquoकrsquo ह इसका कोई क साथ lsquoकrsquo लगन पर इसका होता ह)

दधवाला ndash(lsquoवालाrsquo का दध क साथ लगन पर वह होता ह)

क1 क आधार पर तीन क ndash 1) 2) यौिगक 3)

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ndash अपनी हो उनक क करन स कछ होता ऐसको कहत

उदा ndash धन घोडायौिगक ndash जो दो या दो स अिधक क योग स बनत यौिगक कहत

उदा ndash राज + महल = राजमहल+ =

ndash जो दो या दो स अिधक क मल स बनत हो को िछपाकरका बोध करात हो कहत

उदा - पकज = पक + ज (पकज का ह स इसका ह कमल)दशमख = दस + मख (दशमख का ह दस इसका ह रावण)

2 स क तीन भद - 1) वाचक 2) 3) या साकितकवाचक ndash जब उसी बोला या िलखा जाय और िलए बना ह तब उस वाचक कहत

उदा ndash गधा एक जानवर ह ( lsquoगधाrsquo वाचक ह)ndash जब कोई उसका न बतलाकर अपन या गण का बोध करानवाल कोकहत

राम एक गधा ह (यहा गधा का ह lsquo rsquo इस का होता ह ndash राम एक ह)

ndash जो स क करता ह और गढ़ स दसरा सिचतउदा - हो गया ( ह इसका होता ह lsquo समयrsquo)

3 स क भद ndash

क आधार पर क चार भद - 1) 2) 3) दशज 4)

ndash क जो करक का होत उसकहत उदा ndash वाय

ndash व जो स पर कछ करक करतउदा ndash -

- आसरा- आग- आस- सच

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दशज ndash य स बन क अनसार य क क

स बनउदा ndash पट

ndash य भारतीय भाषाओ क कई भाषाओ जस अरबी फारसी सकरत

उदा - स ndash िसनमा

अरबी स - मौलवी अदालत दिनया अमीरफारसी स ndash बाग आदमी चाक कारखाना

स - दारोग काब लाश तोपस - सरग दाम

UNIT - 7

कछ ऐसी होती जो होती जब व दसर क साथ जाती तब वहो जाती इस तरह को (Affix) कहत

उदा ndash कछ िनर वालादो क होत - 1) 2)

ndash जो क आरभ लगाकर उसक अ लाकर कर उसकहत

उदा ndash अप + यश = अपयश ( )

उप + वन = उपवन(बगीचा)+ योग = ( )

अन + पढ़ = अनपढ़ ( पढ़ करक)

क + = (बरा )

ndash जो या क लगाकर उनक को बदल कहतउदा - बढ़ा + पा = बढ़ापा (बढ़ापा )

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+ = ( स )

िलखा + आवट = िलखावटबरा + ई = बराईदध + वाला = दधवालाबच + पन = बचपन

UNIT - 8

समासरखनवाला दो या दो स अिधक या पद िमलाकर जब एक या पद बनत

इस मल को समास कहत िमल को पद अथवा सामािसक पद कहतउदा - घोड का सवार ndash घडसवार

सा मख ndash

धन का पद - धनपदकाठ पतली ndash कठपतली

समास होन पर बीच तथा का लोप होता हउदा - धन का पद - धनपद ( lsquoकाrsquo का लोप होता ह)

समास1 समास दो का योग होता ह2 दो क मल स एक पद बनता ह3 दो क बीच का लोप होता ह4 दो कभी पहला पद होता ह और कभी दसरा पद होता ह5 समास जडत तो क का होता ह

उदा ndash का = + =

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समास औरसमास दो का योग होता ह दो का योग होता ह क

होत होन पर दो क सयोग स पद भी िमल जात समासवाल औरसमास हो सकता हउदा ndash पीता र दो पद ह ndash lsquoपीतrsquo और lsquo rsquo करन पर इस तरह होता ह ndash पीत +

= समास करन पर lsquoपीत ह जो rsquo =

कवल होती ह समास होता ह क तोडनको द कहत समास क तोडन को कहत

ndash क को अलग अलग अपनी क रखकर उनक आपस क कोकरन को कहत

उदा ndash रातndash - इसका ह रात औरसमास क भद

समास क छः भद होत 1) 2) 3) 4) 5) 6)

1 समास ndash समास पहला हो उस समास कहत इसकापहला पद या पद होता ह

उदा ndash ( क अनसार)

आजीवन ( जीवन )

यथासमय (समय क अनसार)

2 समास ndash समास पद हो और समास करन पर पहली का लोपहो उस समास कहत

उदा ndash राजसभा (राज सभा)( को )

समास क दो भद ह ndash

1) 2) समानािधकरणi ndash पद का करन पर पहला और दसर

लगायी जाती हउदा ndash राज-सभा (राजा सभा)

पहल सबध कारक ह और दसर कारक ह

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क छः भद -

इस समास क पद कारक का लोप होता ह उसी कारक क अनसार इस समास कानाम होता ह ndash

१ ndash होती हउदा ndash ( को ndash को कारक ह)

२ करण - lsquoसrsquo हउदा ndash (अकाल स )

मनमाना (मन स माना हआ)

३ ndash lsquoक िलएrsquoउदा ndash रसोईघर (रसोई क िलए घर)

(हवन क िलए )

४ अपादान ndash lsquoसrsquo हउदा ndash ( स िगरा हआ)

(पद स )

(ऋण स )

५ सबध ndash lsquoकाrsquo lsquoकrsquo lsquo rsquo हउदा ndash सनापित (सना का पित)

राजमाता (राजा माता)( दश का )

६ अिधकरण ndash lsquo rsquo lsquoपरrsquo हउदा ndash वनवास (वन वास)

आपबीती (अपन आप पर बीती)( )

कभी कभी समास पद का लोप होता ह उस अलक कहतउदा ndash ( रहनवाला lsquo rsquo का लोप)

सरिसज (सर होनवाला lsquo rsquo का लोप)

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नञ ndash अभाव या िनषध का सिचत ककरनवाला lsquoअrsquo या lsquoअनrsquo लगान स बननवाल को lsquoनञrsquo

कहतउदा ndash ( जो न हो)

अनपढ़ ( न पढ़ा हआ)

अछता ( न छआ हआ)

उप पद ndash समास कोई उप पद न हो तथा बाद पद हो उस lsquoउप पद rsquo कहतउदा ndash जलज (जल ) ndash कलम

मनोज ndash (मन जात) - कामदवii समानािधकरण - समास क क बाद एक कारक

आती ह उस समानािधकरण अथवा कहत इस समास क पद उपमान- उपमय अथवाndash हउदा ndash नील कमल - नीला कमल

यहा नीला और कमल हम ndash घन (बादल) (काला) उपमान और उपमय

कभी कभी सबध बतानवाल बीच क पद का लोप भी होता ह lsquo rsquo समासपहल का दसर स सबध बतानवाल बीच क पद का लोप होता ह उस समास कहत

iii समास ndash समास क होता ह और समदाय का बोधहोता ह उस समास कहत

उदा ndash (तीन का समाहार)

चौमासा (चार का समह)

iv समास ndash समास होत और करन पर और या अथवा योजकलगत उस समास कहत

उदा ndash ndash औरndash पाप और

तन-मन ndash तन और मनसमास क का िलग साधारणतया म क अनसार होता ह कभी कभी

हो तो उसी क अनसार िलग हो जाता हउदा ndash राजा-रानी आय

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समास एक स अिधक जडतउदा ndash माता ndash आय राम- आत थ

कभी कभी बहवचन - सचक क साथ भी पाया जाता हउदा ndash आपक लडक-

v ब समास ndash इस समास स कोई पद होता पर समास पद पदका होता ह इस समास कहत

उदा ndash र (पीत ह )

अनग ( ह अग - कामदव)

समास पद का पहला दसर क होता ह समासपद अपन स का होत ह कई पद भद स क

समास हउदा ndash मगलोचन - 1) मग क लोचन ndash

2) मग क समान लोचनवाला ndash समास- 1) पीला कपडा ndash

2) पीला ह अबर (कपडा) वह ( ndash समास)

Module lll

UNIT - 9

क िलग वचन कारक अथवा काल क अनसार होता ह

कहत औरया - क िलग वचन कारक अथवा काल क अनसार कोई

होता व ह सचक व ह सचक या ह

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UNIT - 10

(NOUN)वह ह या भाव को सिचत करता ह राम ( )

( ) ( ) क तीन ndash

a) (Proper Noun)

b) जाितवाचक (Common Noun)

c) भाववाचक ( Abstract Noun)

A ndash उस कहत एक का बोध होता हउदा ndash राम गगा

B जाितवाचक ndash जाितवाचक स एक जाित क सब का बोध होता हउदा - नगर सभा जल

स सभी जाित का बोध होता ह का य जाित क आधार पर होत

स सजातीय क समह को करत उस समहवाचक कहत उदा ndash सनास का बोध का बोध होता ह उस कहत

उदा - सोना पानी लोहाC भाववाचक ndash भाववाचक व क गण दोष कासचना होती ह

उदा - गण दोष ndash िमठास कटता नीचता- लडकपन यौवन दासता

भाव ndash शोक भयD जब गण को करत तब व जाितवाचक बनत

उदा ndash ह तम बनोइस स ह ndash पर रहनवाला यह जाितवाचक हकभी कभी जाितवाचक होती

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उदा ndash गािधजी कल यहा यहा गािधजी हE भाववाचक कभी कभी जाितवाचक क समान होती

उदा ndash हाथी और घोड बडा ह यहा चाल जाितवाचक हभाववाचक चार स बनती

a) जाितवाचक स ndash लडका ndash लडकपनndash

b) स ndash अह ndash अहकारअपना ndash अपनापन

c) स ndash चतर ndash चतराईमीठा ndash िमठास

d) स ndash चढ़ना ndash चढ़ाईसजाना ndash सजावटघबराना ndash घबराहट

F क समान होन वालउदा ndash का आधर गणी- ह यहा क समान होत उदा ndash का कहना

मानो lsquoबडाrsquo ह यह क पर होता हका

एक स अिधक स बनत क एक दसर क िमलन स का होता हक क होता ह इस कहत का िलग वचनऔर कारक क कारण होता ह

उदा ndash लड़का पठता ह ndash पठती ह ( िलग क कारण)

लड़का दौडता ह - लड़क दौडत (वचन क कारण)

लाओ ndash मज़ पर ह ( कारक क कारण)

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UNIT - 11

िलगक जाित का बोध होता ह उस िलग कहत दो िलग ndash और

a ndash जाित का बोध करानवाल को िलग कहत उदा ndash सीताb - जाित का बोध करानवाल को कहत उदा ndash लड़का नर राम

बदगी ह उदा ndash पड नगर ह उदा ndash लता

जो ह व ह उदा ndash भाई बलकई स क नर और मादा का बोध होता ह पर उनका एक िनयम

िलग स होता हndash कौआ चीता ndash कोयल चील मना

जाितभद करन किलए इनक साथ नर या मादा लगाना उदा ndash नर कौआ मादाकौआ नर चीता मादा चीता

क अत आ पा आव और पन हो होतउदा ndash बढ़ापा चढ़ाव लडकपन

क अत आई वट हट और ता हो व होतउदा ndash चढ़ाई सजावच सरलता

स बनान का िनयमक क अ को आ करन स ndash उदा ndash ndash बाल ndash बाला सत ndash सता तनज ndash

तनजा ख क अ को ई करन स ndash उदा ndash दव ndash दवी ndash कबतर ndash मग ndash

मगीग कछ क आ को ई करन स ndash उदा ndash रसा ndash रसी लडक़ा ndash

घ क आ को इया करन स ndash उदा ndash ndash बढ़ा ndash चहा ndash

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ङ या क क इन लगान स ndash उदा ndash सनार ndash

धोबी ndash कहार ndash

च कछ क नी या आनी लगान स ndash उदा ndash िसह ndash िसहनी महतर ndash महतरानी मोर ndash

मोरनीछ उपनामवाचक क क पर आइन लगान स ndash उदा ndash बाब ndash बबआइन

ठाकर ndash ठकराइन पाड ndash पाडाइन ज कछ क ndash उदा ndash ndashमाता ndashऔरत वर- वध मा ndash

बाप ndashभाई

स बनान का िनयमa कछ lsquoओईrsquo lsquoआवrsquo और lsquoऔराrsquo लगान स ndash

उदा ndash बहन ndash बहनाई ननद ndash ननदोई ndash िसल ndash िसलौरा b कछ क lsquoईrsquo को lsquoआrsquo करन स ndash

उदा ndash जीजी ndash जीजा झोली ndash झोला c कछ क lsquoईrsquo को lsquoअrsquo करन स ndash

उदा ndash ndash d क अत lsquoआrsquo लगान स ndash

उदा ndash

UNIT ndash 12

वचन (Number)स और क स स यह त हो वह एक क िलए होता ह या अिधक

क िलए इस वचन कहत वचन दो क होत ndash

1) एकवचन (Singular)

2) बहवचन (Plural)

1) एकवचनःस क स स एक का बोध करान वाला एकवचन हउदाः पढ़ती ह ( ndash एकवचन ह)

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2) बहवचनःस क स स एक स अिधक का बोध हो उस बहवचन कहतउदाः पढ़ती ( ndash बहवचन ह)

कभी कभी आदर क िलए एकवचन बहवचन क होतउदाः अब )बहवचन(

बहवचन बनान का िनयमः-)क ( क lsquoआrsquo क पर lsquoएrsquo लगा दन स एकवचन का बहवचन बन जाता ह

उदा ndash लड़का ndash लडक कपड़ा ndash कपड़ बटा ndash बट lsquo rsquo क सभी क (

) एक समान रहतक बहवचन बनान का िनयम

lsquo rsquo तथा lsquo rsquo क lsquoअrsquo lsquoआrsquo क पर lsquoएrsquo का करन स बहवचनबनाया जाता ह

उदाः ndash गाय ndash ndash रात ndash lsquo rsquo तथा lsquo rsquo क lsquoयाrsquo जोड़न स बहवचन िमलता ह इस lsquoईrsquo क

पर lsquoइrsquo होता हउदाः ndash ndash ndash

स क lsquoयाrsquo हो उनक lsquoयाrsquo क ऊपर कवल लगान पर-

उदाः ndash -

क बाद lsquoएrsquo या lsquo rsquo जोड़न स शष का बहवचन िमलता हउदाः लता ndash लताए -

)ग( िनयम -

)1( )बहवचन( सिचत करन क िलए कभी कभी क एकवचन क साथ गण लोग

जोडतउदा ndash पाठकगण बाब लोग

(2) कछ हमशा बहवचन बोल जातउदा ndash लोग होश

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3) जाितवाचक स ऐ हमशा बहवचन होती ह जब और भाववाचक काजब जाितवाचक क समान होता ह तब व बहवचन होता ह

उदा ndash भारत रावण कमी (यहा रावण जाितवाचक ह)

(4) जब जाितवाचक क समान होता ह तब व बहवचन क होतउदा ndash और क ह (जल बहवचन एव जाितवाचक ह)

UNIT - 13

कारक (Case)या क स उसका क क साथ होता ह उस

कारक कहतउदा ndash राम न रावण को माराइस lsquoनrsquo और lsquoकोrsquo इन क उसका सिचत होता हउदा ndash मारा - राम lsquoनrsquo

मारा ndash रावण lsquoकोrsquo इसिलए य कारककारक क आठ भद होत ndash

कारक - नकारक - को

करण कारक - सकारक - को

अपादान कारक - सकारक - का क

अिधकरण कारक - पर

सबोधन कारक - ह अर अपी अहो क कारक ndash (Nominative)

या क स करनवाला या का बोध होता ह उस कारक कहतlsquoनrsquo ह

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उदा ndash राम गयामोहन न खाया

lsquoरामrsquo और lsquoमोहनrsquo कारक ह न हक को सिचत करन क िलए कोई जाती ह

उदा ndash राम न िलखी ख कारक (Accusative)

या पर क का फल पडता ह उस कारक कहत उदा - राम न रावण को मारा

रावण मारा गया ह यहा lsquoरावणrsquo कारक ह lsquoकोrsquo हकभी कभी lsquoकोrsquo का लोप होता ह

उदा ndash राम न िलखायहा lsquoकोrsquo का लोप होता ह ऐसा भी होता ह - राम न को िलखा

ग करण कारक ( Instrumental)

क साधन का बोध करानवाल क को करण कारक कहत lsquoसrsquo ह उदा ndash

कलम स िलखतिलखन का साधन कलम ह कलम क िलखन होती ह

घ कारक ( Dative)

कारक का वह ह जो उस का बोध कराता ह िलए कोई कामlsquoकोrsquo lsquoक िलएrsquo ह

उदा ndash मोहन न राम को पाच मोहन न राम क िलए पाच

ङ अपादान कारक (Ablative)

का वह ह क स पथक होन का बोध हो उस अपादान कारककहत lsquoसrsquo ह

उदा ndash स िगरतयहा स का सिचत होता ह कारक और अपादान कारक lsquoसrsquo ह

करण कारक lsquoसrsquo साधन सिचत होता ह अपादान कारक lsquoसrsquo सिचत होता ह

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कलम स िलखता ह - करण कारकस आ रहा ह - अपादान कारक

च कारक (Genitive)

क स उसका स होता ह उस कारक कहतlsquoकाrsquo lsquoकrsquo lsquo rsquo

उदा ndash राम का घोडा राम क घोड राम बहन छ अिधकरण कारक (Locative)

क स क आधार का बोध होता ह उस अिधकरण कारक कहत lsquo rsquo

और lsquoपरrsquo उदा ndash शर जगल रहता ह

मज़ पर ह अिधकरण तीन क होत ndash

क कालािधकरण ndash का काल होता ह उस कालािधकरण कहत उदा ndash राम दोपहरस आयगा

ख भावािधकरण ndash क भाव क भावािधकरण होता ह उदा ndash शर को दखकरभय होता ह

ग ndash पर होती ह उस कहत उदा ndash मज़ पर ह कालवाचक और क सात कभी कभी लगती उदा ndash कल रात मसलधार हई ( कल रात मसलधार हई ndash lsquo rsquo का लोप)

ज सबोधन (Vocative)

क स को पकारना सिचत होता ह उस सबोधन कारक कहत हउदा ndash ह राम वहा मत आना

सबोधन कारक कोई ह उसको करन क िलए lsquoहrsquo lsquoअरrsquo कोलगाय जात

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UNIT - 14

( Pronoun)क उसक को करन क िलए का जाता ह

कहत उदा ndash राम जाता ह वह अपनी जाता हउसन कहा ndash लाना भल गया वह अपनी राम जगह हए ह

इसिलए ह को हटान क िलए का जाता हयोग क अनसार क पाच भद होत

1) - त यह वह (एव) हम तम य व आप (बव)

2) ndash यह वह (एव) य व (बव)

3) ndash कोई कछ (एव - बव)

4) ndash जो सो (एव - बव)

5) ndash कौन (एव - बव)

क ndash या लखक बोलत या िलखत समय या तो अपन कछ कहता ह या सननवालऔर पढ़नवाल क अथवा अपन और सननवाल को छोडकर क

कहत स बोलनवाल सननवाल और क कछ कहा जाए उस कोकहत

तीन क होत ndash औरndash बोलनवाला या िलखनवाला अपनिलए का करता ह उस

कहत (एव) हम (बव)ndash सननवाल या पढ़नवाल क िलए का होता ह उस कहत

जस ndashत तम और आप ndash क कछ कहा या िलखा जाए उसक िलए होन वाल को

कहत जस ndash यह वह (एव) य व (बव)और हम ह एकवचन ह हम बहवचन ह का हम

क बहवचन स ह यहा हम क पर होता ह हम का एकवचनऔर बहवचन होत

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त और तम क आदर क िलए आपका करत जस ndash तमयहा आओ इसी क पर आप यहा ए कभी कभी यह और वह क भी आप का

होता ह जस ndash आप मर कभी कभी आदर क िलए आप का करत बहवचन सिचत करन क िलए आप क साथ lsquoलोगrsquo

जोडा जाता ह जस ndash आप लोग यहािनजवाचक आप और चक आप भद होता ह िनजवाचक आप समान स एक वचन

और बहवचन आता ह जस ndash आप पढ़गा हम आपवह कवल बहवचन करत िनचवाचक आप तीन स

होत आप कवल और करतlsquoआपrsquo अकला जाता ह िनजवाचक आप तथा क साथ आता ह जस ndash त

आप कामकभी (2) आप भल अकला आ सकता ह जस ndash आप भला तो जग भला वह अपन आप समझ गया

व ऒर सकत जाता हसकतवाचक और िनदशवाचक भी कहत जस ndash यह वह य व

हम तम आप यह य व इन या क साथ अिधकताकरन क िलए lsquo rsquo lsquoईrsquo य जोडत झस ndash त आप

स या क बात का बोध न हो उसकहत जस ndash कोई कछ

a lsquoकोईrsquo का क िलए होता ह जस ndash बाहर स कोई आ रहा ह b जब का पता न होन पर ndash जस ndash अर कोई कमर ह

c क lsquoकोईrsquo लग तो उसका लगभग होता ह जस - कॉलज स कोई पाच सौभाग

d lsquoकोईrsquo जब दोहराया जाता ह तब को सिचत करता ह जस कोई कोई पर को रोकतe कोई क साथ एक लग जान पर सिचत करता ह जस ndash तम स कोई एक गा सकगा

कछ का अनिगनत क िलए होता ह जस ndash कछ हक िलए होता ह जस ndash पानी कछ ह

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कोई का क िलए होता ह और कछ का क िलए होता हघ वाचक

स दो और क बीच क का बोध हो उस वाचक कहतजो सो जस ndash आपन जो कहा सो हो गया

कभी कभी जो या सो स एक रहता ह जस जो गाता ह बात हङ ndash करन क िलए का होता ह कहत

उदा ndash आप सोचत आज कौन आएगाकौन का क िलए होता ह का क िलए होता ह जस ndash कौन

बोलगा थली हकभी कभी कौन का क िलए होता हजस - बाधा डालनवाल तम कौन होिभ किलए lsquoकौनrsquo को दोहरा भी जाता ह जस ndash कौन कौन लाएग

क कौन का होता ह जस - इसन कौन अपराधक िलए को दोहरा दता ह जस ndash राम न

का क भी होता ह जस ndash तम मझस लडोगका

वचन और कारक क कारण भी होत िलग क कारण होताका और एक स होता ह

सबोधन होतास क पर होता ह उसी क अनसार उस क िलग वचन भी होता ह

काकारक एकवचन बहवचन

हममझको मझ हमको

करण मझस हमसमझको मरिलएमझ हमको हमार िलए

अपादान मझस हमसमरामर हमारा हमार

अिधकरण मझपर हमपर

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तकरक एकवचन बहवचन

तन तम तमनतझको तझ तमको

करण तझस तमसतरातर

अिधकरण तझपर तमपर

वहकरक एकवचन बहवचन

वहउसन व

उसको उस उनकोकरण उसस उनस

उसक िलए उस उनक िलए

अपादान उसस उनसउसका उसक उनका उनक

अिधकरण उस पर उनपर

UNIT - 15

(Adjective)स या सिचत कर उस कहत जस ndash रशमी

कपडा लाल कमलबतलाई जाए उस कहत जस ndash लड़का

ह लड़का हजो क पहल आता ह उस कहत जस ndash फल

ह फल ह इसिलए यह ह

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जो क बाद आता ह उस कहत जस ndash वह लड़का बड़ा होिशयार ह लडका ह होिशयार ह क बाद आन क कारण यह ह

जो क साथ उसको करन क िलए होता ह उस समानािधकरण कहत जस ndash रामनाथ कहता ह

रामनाथ क साथ समानािधकरण ह चार क ndash

क गणवाचक (Adjectives of Quality)

ख (Adjectives of number)

ग (Adjective)

घ या (Demonstrative Adjective)

१ गणवाचकजो क गण रग आकार को बतलानवाल को गणवाचक कहत

जस ndash लबा सशील काला गोल गणवाचक क बदल बहधा क क भी आतजस ndash राजा ( का राजा )

जापानी कपड़ा (जापान का कपड़ा)गणवाचचक का होता ह तब उनका क समान होता ह

जस ndash न सच कहा ह२ - क गणना का बोध हो उस

कहत जस ndash एक दो पहला दसरा दगनाक तीन भद होत ndash

1) 2) 3) बोधक या बोधकndash इसस का बोध होता ह जस ndash चार आठ सात

क चार भद ndash

a गणनावाचक ndash गणनावाचक षण स गणना का बोध होता ह जस ndash एक चार फल सात

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गणनावाचक क साथ एक लगान स लगभग का होता ह जस ndash एक आदमी ndash

लगभग आदमी b ndash स क गणना का होता ह जस ndash पहला

दसरा चौथाc ndash गणनावाचक क lsquoगनाrsquo लगान स बनत जस

ndash दगना ितगना ३ - स माप- तोल या का पता होता ह उस

कहत जस ndash दो सर चावल चार गज कपडा

क दो भद होत ndash

1) और 2)

ण - स का पता लगता हजौस - दो सर चावल

- स का पता नलगता ह जौस ndash बहत दध

४ या - स ऒर या सकत जाता ह उसकहत lsquoयहrsquo lsquoवहrsquo स जाता ह इसिलए इसकहत

जस ndash यह वह जब क हो तब वह बन जाता ह

जस ndash वह घर राम का ह कई ऐस मल जसा रहता ह

जस ndash वह यह क

भी िलग वचन और कारक क अनसार होता ह क िलग और कारक ककारण कछ होता ह

जस ndash काला कपड़ा - काला कपड़काला धोती - काला धोितया

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क साथ ई हो जातजस - काली धोती

क होता ह जो क होन परहोता ह जस ndash वह घोड़ा व घोड़

पथकता अथवा अिधकता क िलए को दहराता ह ndash

जस ndash छोट छोट फल लालका भी होता ह जस ndash बडा लड़का

गणवाचक और जब करत तब वह बन जात

जस ndash थोड़ा खा गया चावल बहत ह क साथ जब आता और व बन जात तब उनक साथ

भी लगती जस ndash को दान दो

UNIT - 16

(Verb)

काम क करन या होन का बोध हो उस कहतजस पढ़ना खाना दौडना पहनना

धात ndash क मल को धात कहत उदा- पढ़ना खलना खानाय सब मल धात lsquoपढ़rsquo lsquoखलrsquo lsquoखाrsquo ह मल धात lsquoनाrsquo जोडकर का िमलताह

i क आधार पर क दो भद होत - 1) 2)

1) (Transitive Verb) ndash क का फल को छोड पर पडता हउस कहत

उदा ndash राम पढ़ता ह

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राम ह ह और का पर पडता ह2) (Intransitive Verb) - क का फल पर पडता ह उस

कहत का अभाव हउदा ndash मोहन सोता ह

कभी कभी एक होता ह और कभी कभी दो भी होत एक होन वालको एक lsquo rsquo कहत

उदा ndash राम न खाना खायाखाना ह कवल एक होता ह दो होन वाली को

कहतउदा ndash मा न को दध

दो होत ndash lsquo rsquo और lsquoदधrsquo दो होत एक lsquo rsquo और दसराlsquoगौणrsquo

उदा ndash मा न को दधइस lsquoगौणrsquo ह दध lsquo rsquo ह lsquoगौणrsquo कभी कभी होता हउदा ndash न कथा सनाई

ii क भद1 - व होती ह आशय अथवा स परा होताको परा करन क िलए दसर होती ह ऐसी को कहतयह दो क होती ह१ ndash का अभाव हउदा ndash वह ह यहा क को परा करन क िलए जोडा गया ह२ ndash होन पर भी का भाव परा न हो उस को

कहतउदा ndash सीता न पढ़ाया

यहा परा सीता न lsquo rsquo पढ़ाया lsquo rsquo पढ़ाया यह परा इसिलए यहह यहा होन पर भी का भाव परा होता

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३ परक - को परा करन क िलए या पडती ह

परक कहत क परक lsquo परकrsquo तथा क परक lsquo परकrsquo

होतउदा ndash उस होिशयार समझता ह ( परक)

राम बलवान ह ( परक)

iii यौिगक धात ndashक स धातओ क दो भद होत 1) मल धात 2) यौिगक धात

मल धात - मल धात व जो दसर स न बन जस ndash कर बठ पढ़ यौिगक धात ndash यौिगक धात व जो दसर स बनाय जात उदा ndash खाना स नाम धात ndash जो या क आधार पर बनती ह उस नाम धात कहत

उदा ndash हाथ स हिथयानास

अपना स अपनानाiv - स यह जान पडता ह को न करक दसर को

करन दता ह उस (casual verbs) कहतउदा ndash राम न मोहन स िलखवाया यहा राम न िलखकर मोहन स िलखवाता ह इसिलए यह ह

करनवाल को और जाती ह उस कहतराम न मोहन स िलखवाया राम ह और मोहन हमल जो होती ह उनस और बन सकती हस और बन सकती उदा ndash दध पीता ह

पीना ह इसस बनती ह ndash मा को दध हस बना सकती ह उदा - मा नौकर स को दध ह

बनान का िनयममल धात क आ जोडन स और वा जोडन स या

बनती ह

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उदा ndash उठना ndash उठाना - उठवानाचलना ndash चलाना - चलवानापढ़ना ndash पढाना - पढ़वाना

दो क धातओ ए और औ को छोडकर पहला हो जाता हउदा ndash जागना ndash जगाना ndash जगवाना

भलना ndash भलाना - भलवानाछोडना ndash छडाना ndash छडवाना

धातओ क ला और लवा लगात तब हो जाता हउदा ndash पीना ndash ndash

सोना ndash सलाना ndash सलवानाखाना ndash -

v नाम धात - को छोडकर जोडन स जो धात बनती ह अथवा जो नाम (

या ) धात क समान होत नामधात कहत जो नामधात लगान सबनत आ ओऔर ला लगात पहला हो जाता ह

उदा ndash लाज ndash ndash लजानाहाथ ndash हिथया ndash हिथयानाझठ ndash झठला ndash झठलाना

UNIT - 17

काल (Tense)क स क होन का समय और अथवा का बोध हो उस काल

कहत काल क तीन भद होत1) भतकाल2) काल3) काल

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भतकालस का बोध हो उस भतकाल कहत

उदा ndash राम न िलखी भतकाल क छः भद - भत भत भत भत भत हत-हतमत भत

भत ndash क स भतकाल क समय का बोध न हो उस भत कहतउदा ndash मोहन न खत िलखायहा का बोध होता जो भतकाल हई ह भतकाल ndash क स का का समय अभी अभी हआ ह इसका बोध

होता ह उस भतकाल कहत उदा ndash राम न ह

इसस पहल अभी अभी हई हभत ndash क स यह होता ह क को हए बहत समय हो चका ह उसभत कहत

उदा ndash न दध थास हो क साथ lsquoथाrsquo lsquoथrsquo lsquoथीrsquo लगान स भतकािलक

िमलता हभत - क उस को भत कहत यह हो भतकाल हो थी पर

का पता न लग उस भतकाल कहतउदा - वह पढ़ रहा था वह सोता था

कब समा हआ इसका पता क साथ lsquoता थाrsquo lsquoत थrsquo lsquoरहा थाrsquo lsquoरह थrsquo लगानाभत काल ndash क स भतकाल सचना िमलती ह उसक होन कछ हो उसभत कहतउदा ndash वह आया होगा

उसन खाया होगा भतकाल हो थी ह क साथ lsquoहगाrsquo lsquoहगीrsquo lsquoहोगाrsquo lsquoहोगीrsquo

lsquo rsquo जोडन स भतकाल िमलता हहत-हतमत भतकाल ndash क स यह पाया जाय भतकाल होना सभव थाकारण स न हो सका उस हत-हतमत भतकाल कहत

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(Present Tense)

क को काल कहत रहती ह

होती उस काल कहतउदा ndash राम पढ़ता ह

सीता गीत गा हकाल तीन क होत ndash 1) काल 2) काल 3)

काल - वह ह स का काल होना पाया जाय

उस कहतउदा ndash मोहन पढ़ता ह

रमा गाती ह क साथ lsquoताrsquo lsquoतrsquo lsquoतीrsquo जोडन स बनत

- वह ह काल क होन पायाजायउदा ndash वह खाता होगा

सीता जाती होगी क साथ lsquoता होगाrsquo lsquoती होगीrsquo lsquoत rsquo lsquoती rsquo लगान स िमलत

ndash का वह ह यह होता ह का अभी ह

होता उस कहत उदा ndash वह खा रहा ह

चल हक साथ lsquoरहाrsquo lsquo rsquo lsquoरहrsquo जोडन स िमलती ह

काल ( Future Tense)

होनवाली को काल कहत काल क दो भद ndash 1)

काल 2) कालकाल ndash का वह ह स क आग होन सचना िमल उसकाल कहत

उदा ndash वह आयगा

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राम आज बबई जायगासीता कल घर आयगी

क साथ lsquoयगाrsquo lsquoयगीrsquo lsquoयगrsquo जोडन स िमलतकाल ndash क होन सभावना हो उस काल कहत

उदा ndash सभव ह आज हो स lsquoगाrsquo lsquoगrsquo lsquoगीrsquo पथक कर दन स काल िमलगा

UNIT ndash 18

(Voice)उस कहत यह जाना जाय का ह

ह या कवल भाव ह उस कहतउदा ndash राम न रावण को मारा

तीन क ndash 1) 2) 3) भाव- ह हमशा क िलग वचन और क अनसार होता ह

उस कहतउदा ndash लडका पढ़ता ह

लड़का ह और ग ह इसिलए भी होना हसीता िलखती ह इसम सीता ह इसिलए ह का सीधा स होताह

ndash क िलग वचन क अनसार हो उस कहतह का होता ह

उदा ndash राम िलखता हह इसिलए यह ह धानता होती ह और का

स होता ह क िलग वचन क अनसार बदलती ह हमशाहोता ह का होना ह

उदा ndash राम न रावण को मारा -

राम स रावण मारा गया -

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रावण ह ह क का ह गौण का रहता ह

उदा ndash मा न को दध मा स को दध गया

दो होत ndash और दध ndash भाव होती ह यह हमशा स बनता ह हमशा

एकवचन और होती ह इसका होता ह उदा ndash यहा बठा जाता

मझस पढ़ा जाता स या बनान

को भत क करना उसक साथ काल वचन और िलग कअनसार जाना क जोडन ऐसा करन स स औरक स भा बनती ह

उदा ndash 1) राम न रावण को मारा -

राम स रावण मारा गया -

2) राम रावण को मारगा -

राम स रावण मारा जायगा -

3) राम रावण को मारता ह -

राम स रावण मारा जाता -

पहल lsquoमाराrsquo भतकािलक ह इसिलए lsquoमाराrsquo क साथ lsquoजानाrsquo का भतकािलकजोडना

दसर lsquoमारगाrsquo काल ह इसिलए lsquoमाराrsquo भतकािलक बदलकरlsquoजानाrsquo का काल lsquoजायगाrsquo जोडना

तीसर काल ह को भतकािलक बदलकर (मारा) उसक साथजाना का (जाता) जोडना

स बन सकता हउदा ndash मोहन उठता ( )

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मोहन स उठा जाता - ( )

वीणा चलती ( )

वीणा स चला जाता - ( )

UNIT ndash 19

याअभी तक हमन क बार पढ़ िलया ह उनक िलग वचन और कारक क अनसार

आता ह इसिलए कहत का ह अब हम क दसरया क बार

चार क होत ndash 1) 2) बोधक 3) बोधक 4)

बोधक

UNIT ndash 20

ndash Adverbउस कहत होती ह

उदा - रमश चलता हइस lsquoचलनाrsquo ह ndash ह lsquo rsquo इसिलए lsquo rsquo ह

स क तीन भद ह - 1) साधारण 2) सयोजक 3) साधारण - साधारण वह ह होता ह साधारण या

कहत जस ndash खब पढ़ो दौडो सयोजक ndash का स या स होता ह सयोजक

कहत जस ndash जहा तक हम चल सक वहा तक ह

योजना का सयोजक स होता ह- का क

भद क साथ होता ह कहत

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जस ndash गह खाओग

कह तो लो होता ह व कवल गह खात और कछ खायगा इन

ह हो जान स का बदल जाता ह जस ndash वह काम करगा इसका यह ह जो काम उस ह कवल वह करगा और कछ

क आधार पर क चार भद होत ndash 1) कालवाचक 2) 3)

4)

कालवाचक ndash स समय अविध तथा काल का बोध होता ह कालवाचककहतजस ndash काम को अभी पढ़ना

आजकल रोज़ होती ह कभी कभी भी रात क समान लगता ह मोहन पढ़ाई सदा ह

अभी आजकल कभी कभी सदा कालवाचक ह ndash स क का बोध होता ह

कहत उदा ndash जहा तक जा सक वहा तक जाओ

जाओ और वहा लटो घर क सामन एक ह बाहर रोशनी भीतर अधरा

हाथ स मारत जहा वहा सामन बाहर भीतर ndash स अिधकता- का बोध होता ह

कहत जस ndash उतना पढ़ो हो

चावल थोडा खाओ खब खाना

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अपना थोडा खब

व क होन का ढ़ग का पता िमलता ह जस ndash राहल धीर धीर चलता ह

सीता मधरतम गाती ह यथा हम तथा िमलत

धीर धीर मधरतम यथा-तथा

UNIT - 21

बोधकबोधक ह जो या क साथ आकर उनका क

क साथ बनात उदा ndash धन क कोई काम न चलता

घर क नीच एक तालाब ह क पास एक भी ह

नीच पास बोधक ह क अनसार बोधक क दो भद होत ndash 1) 2)

क ndash य या क बाद आतउदा - घर क भीतर घर क पीछ घर ऒर

कारक भी आती ह जस का क कभी कभी अपादान कारक या भी आती ह

उदा ndash इनस पहल आया राम का मकान मोहन क घर स पर

lsquoसrsquo lsquoपरrsquo अपादान कारक क ndash यह स क क साथ आत

जस ndash दो तक राम रहगा

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घड भर पानी क िलए पाच दन ग lsquoतकrsquo lsquoभरrsquo सचक

UNIT - 22

( Conjunctions)योजक या व जो या न बतला कर एक या का

दसर या स जोडत बोधक कहतजस ndash सीता और गीता अपन घर गयी

सीता और गीता को िमलानवाला योजक lsquoऔरrsquo ह क तीन भद ndash 1) सयोजक 2) 3) भदबोधक

1) सयोजक ndash कई का सयोग करनवाल को सयोजक कहत इसक दो याका मल होता ह

उदा ndash और राम कल बबई और वहा उनक साथ मोहन भी lsquoऔरrsquo lsquoभीrsquo सयोजक ह

2) ndash जो का बोध कराए कहत जस ndash चाह दश सवा करनी या अथवा मानवीय को पहचानना

lsquoयाrsquo lsquoअथवाrsquo lsquoवाrsquo lsquoचाहrsquo को करनवाल ह 3) भदबोधक ndash दो स एक स भद बतलानवाल को भदबोधक कहत य कई क होत

क ndash दो म स पहल का िनषध या सिचत करत जस ndash

पर मगर वरन उदा ndash मझ वहा जाना था क कारण जा न सका

ख - कारणवाचक और उपदशमलक ndashइसिलए सो अतः इसिलए

इस क ह जस ndash राम समय पर आ न सका इसिलए जा न सका

ग सकतबोधक ndash ndash तो जो ndash तो प सकतबोधक ह जस ndash तम कहत तो जाता

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घ ndash इन पहली बात का और होता ह यान मानो यहा तक इस क ह

जस ndash कोई भी समय पर पहचा यहा तक भी 10 बज तक न आय क और दो भद होत ndash 1) समानािधकरण 2)

समानािधकरण ndash समान पद क या को जोडत जो एक क हो वसमानािधकरण धक कहत जस ndash क मा-बाप का अजीब ह समानािधकरण क चार उपभद होत ndash

1) सयोजक ndash और तथा भी एव 2) क ndash या वा अथवा चाह 3) ndash पर मगर 4) ndash इसिलए अतः

ndash को स जोडनवाल कोकहत

जस ndash आज नौकरानी आयगी वह बीमार ह क चार उपभद होत ndash

१ ndash यान मानो २ करणवाचक ndash जो इसिलए ३ उपदशवाचक - जो ४ सकतवाचक ndash - तो जो-तो -

4) ndash ndash स क शोक घणाको करनवाल को -बोधक कहत

जस ndash हाय अब अर आप कहा जा रह

ह राम करो को सिचत करन क िलए - लात

बोधक क सात भद ndash

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1) बोधक ndash वाह ndashवाह - आहा शबाश

2) शोक बोधक ndash आह ऊह हा-हा ndash

3) बोधक ndash अहो ऒह

4) अनमोदन बोधक ndash हा-हा वाह शबाश

5) बोधक ndash िछ हट अर िधक

6) ndash बहत हा जी हा7) सबोधन बोधक ndash अर र अपी अहो

कभी कभी भी हो जातजस ndash भगवान लो चप कभी कभी या भी होत जस ndash न हो बहत हो गया

जब क समान होत तब वह होता तब वमनोभाव को करात

जस ndash हाय हाय मचा रखी ह

सब लोग - पकार उठहाय ndash हाय - क समान ह इसिलए यह बोधक ह

UNIT - 23

क भद क स बनान का िनयम

क पर जायगास बनता ह एक या अिधक स बनता ह एक स अिधक स बनता

ह कहन या िलखनवाल का परा भाव हो जाय तो उस कहतजस ndash मोहन पढ़ता ह

राम िलखता ह इन स लखक का परा भाव होता ह

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ndash कछ ऐस होत और क रहन पर भी कहन या िलखनवाल का परा आशयहोता क समह को और क रहन पर भी जो कछ सनन

बनी रह कहत दो क होत ndash 1) 2)

क अधीन होतउदा ndash राम न कहा था वह कल पाठशाला जायगा

इस राम न कहा था - ह और कल पाठशाला जायगा तह इस और भी कहत

रखनवाल को कछ थोडा सा भाव करनवाल को कहतएक भावना होती ह

जस ndash तरह पढ़ना चलना

इन होता ह क म दो भाग होत 1) और 2)

ndash ( ) कछ होता ह उस कहतndash ( ) क जो कछ होता ह उस कहत

जस ndash मरा स भरा हआ ह मरा ह और स भरा हआ ह ह मरा ndash ह और मरा

उस का ह इसिलए ( ) और मरा का कहत हआ हह शष उसका ह

इस चार भाग हए ndash 1) ( ) 2) का 3) ( ) 4)

काचार भद ndash

क ndash राम गया ख ndash वह कह चका ग ndash फल

क भदक अनसार क आठ भद होत ndash

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1 ndash इस स बात का होना सिचत होता ह जस ndash भारत राजधानी ह

2 िनषधवाचक ndash का अभाव होता ह जस ndash क कछ भी पा सकत

3 ndash इस स सचना होती हजस - तम कल कालज

4 ndash इसस और उपदश का बोध होता ह जस ndash तरह पढ़ो

का भजन करो 5 ndash इसस का भाव सिचत होता ह जस ndash हाय राम को एक

लाख िमल 6 ndash इसस या सचना होती ह

जस ndash अक पा

7 ndash या सभावना सचना होती ह जस ndash आज होगी

8 - सकत सचना होती ह जस ndash हो तो

राम काम करगा रचना क आधार पर

रचना क आधार पर क तीन भद होत - 1) सरल या साधारण 2) और3)

१ सरल ndash एक और एक होता ह उस सरल कहतजस ndash मोहन िलखता ह ( मोहन और िलखता ह धय ह)

राम मज़ पर रखी ह ( ह और रखी ह ह)

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lsquoराम rsquo और lsquoमज़ परrsquo कवल और का ह २ - उस कहत एक हो और उसक एक या

अिधक हो उस कहतजस ndash जो करगा उस सफलता िमलगी जो करगा ndash ह उस सफलता िमलगी - ह

तीन क ndash 1) 2) 3)

1) ndash का क पर होता ह उसकहतजस ndash मरा ह तमन को मारा यह सच ह इस तमन को मारा ndash ह क पर आया ह इसिलए यह

ह 2) ndash जब कोई को क का काम दता ह तब उस

कहत जस ndash य उसी छा को जायगा जो रहगा

उसी स डरत जो खब मारता ह उसी जो ह

3) ndash जो क का काम दता ह उस कहत

जस ndash करता ह उतना फल िमलता ह जब तम कहोग सब कछ

जब ह ३ ndash दो या दो स अिधक योजक जड हो न

हो उस कहतजस ndash वह तरह पढ़ता था तो पास होता

दो या दो स अिधक सरल अथवा एक दसर पर न होता ह इसिलए यह

जस - कर चका (सरल )

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हम कर चक तो व आए ( )

और मरा मन ठड हो गया ( )

चार क होत ndash सयोजक सचक 1) सयोजक - एक दसर क साथ सयोजक जडा रहता ह

जस ndash वह आया और उसक साथ गया स िमलता ह और स होता ह

2) ndash का एक दसर स भद या का रहता ह जस ndash स बढ़ता ह स भरता ह वह खब खाता पर बडा होता

3) सचक ndash दो स एक को करना जस ndash मझ या राम को

4) अथवा हतसचक ndash एक दसर का होता हजस ndash तम आग पढ़ो पसा दगा मझ पसा िमला इसिलए

कभी कभी बीच योजक आत जस ndash मझ न बलाया आप आता ह जब को का या एक होता ह तो एक बार िलखा या कहा

जाता ह ऐस को सकिचत कहत जस ndash का और मन को भी दता ह

जो आसानी स समझकर छोड दत ऐस को कहत जस ndash आजकल सना ह बरसात क मौसम बखार सब फलाता ह

कहत रोज़ बढ़त रह पहल हमन होना था पर ह दसर लोग स होना पर होता ह

एक का दसर क बदल जा सकता ह मलकर सकत

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क सरल स ndash

उदा ndash सरल - राम न मोहन का - राम न उस को जो मोहन का था

ख स सरलndash उसन कहा पापी ह

सरल ndash उसन को पापी बताया ग सरल स

सरल ndash होन पर लोग खत जान लग - हआ और खत जान लग

घ स िनषध वाचक तथाndash मोहन सोहन स बडा ह

िनषध वाचक - मोहन सोहन स बडा ndash मोहन सोहन स बडा ह

UNIT ndash 24

और महावरव जो का अपना न बता कर कछ करत महावरा

कहत बोलचाल बहत आनवाला ऐसा बधा कोई अनभव बात और अलकतभाषा गई हो या कहावत कहाता ह जस ndash मर पट चह कद रह

जब स उनका लड़का मरा ह कमर टट गई ह वह इतना चालाक ह अपन मािलक को पर नचाता ह

इन lsquoपट चह कद रह rsquo lsquoकमर टट गई हrsquo lsquo पर नचाता हrsquo इन काउनक स ह यहा lsquoपट चह कदनrsquo का ह भख लगना lsquoकमर टटनrsquo का ह या

का न रहना तथा lsquo पर नचानrsquo का ह अपन वश रखना अतः य महावरकहलात

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इसी जब कोई आदमी काम करना न जानता हो परत अपन को िछपान क िलए बहान बनावतब कहा जाता ह ndash नाच न जान आगन टढ़ा

जब कोई आदमी अनक खाकर भी अपनी आदत न छोड़ तब कहा जाता ह दम सौतक नली रखो तो भी य बध हए और अनभव तथा अलकत भाषा कह गय अतः य

और क स भाषा तथा आती ह महावरदार भाषाबहत पसद जाती ह और कथन बड़ा होता ह

महावरअग-अग - बहत होनाअगठा - चीज़ को दन स क साथ करनाअध - सहाराअधरा घर का उजाला - एकलौता बटा

क घोड़ दौड़ाना - सोचनापर पड़ना - समझ न पाना

अपना सीधा करना ndash करनाआख उठाना - नीयत स दखनाआख खलाना - होश आना

चार होना - आख स आख िमलानानीची होना - होनापीली करना - नाराज़ होना

आकाश पाताल का ndash बहत भदआग घी डालना - बढ़ानाआसमान िसर पर उठाना - बहत कोलाहल करना

स बजाना - करनाईद का चाद होना - िचरकाल पीछ दनाउगली पर नचाना - वश रखना

गगा बहाना - बात करना

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कमर टट जाना - िनराश हो जानाकान भरना - चगली करना

मौत मरना - बहत तरह स मरनाखाक उड़ाना खाक िमलाना - बरबाद होनागड़ गोबर कर दना - काम दनाघर गगा - दौड़-धप कघाट घाट का पानी पीना - जहा तहा का अनभव करनाचाद पर थकना - करना और फलतः होनाचार चादनी - थोड़ का सख

का दध याद आना - सब सख भल जाना सकट आ पड़नाजमीन पर पर न पड़ना - बहत अिभमान होनाजल भन कर कोयला होना - पागल हो जानाटस स मस न होना - भी नटाग अड़ाना - बाधा डालनाटोपी उछालना - िनरादर करनाितनका पकड़ना - मागनाितन का ताड़ करना - बात बढ़ानाथक कर चाटना - वचन दकर जाना

तल उगली दबाना - करनादम तोडना - मर जाना

दना रात चौगना होना - खब होनाधप बाल सफद करना - अनभव आय दनानमक लगाना - बात को बढ़ा कर कहनानाक कटना - बदनामी होनानाक चढ़ाना - घणा करनानीला पीला होना - आना

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नौ-दो होना - भाग जानाउछालना - करना

- बातपरदा डालना - िछपानापहाड टट पड़ना - आनापट चह कदना - खब भख लगना

तल स ज़मीन िनकल जाना - होश उड़ जानाफक-फक कर कदम रखना - सोच-समझ कर काम करनाबगला भगत -

उछलना - खब खश होनाबाज़ार पर होना - काम पर होनाबात का धनी - वायद काबाल खाल उतारना - करनाबाल पकना - बढ़ा होजाना अनभव करनाबाल बाल बचना - हािन पहचन जरा- सी कसर रह जानाबगार टालना - लगाकर काम न करनाबोली मारना - क कहनाभनक पड़ना - खबर द जानाभाड़ - समय गवाना

मारना - बकारचस - बहत कजसपर मारना - का नकल करना

मगज चाटना - तग करनामाथा ठनकना - आशका होनामारा मारा - होनामह-तोड़ जवाब दना - परा-परा जवाब दना

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मह फक हो जाना - चहर का रग उतर जानामह पानी भर आना - खान को ललचानामह लगाना - अिधक द दना

गरम करना - दनाराई का पहाड़ बनाना - बात को बढ़ाकर कहनारात- - हमशालका काड होना - खब मारपीट होनालबी-चौ हाकना - करना

होना - होनालह क घट पीना - करनालह पसीना एक करना - बहत करनालोह क चना चबाना - काम करनाशतान क कान कतरना - बहत चालाक होना

करना - करनाबाग - बहकाना

समझ पर पड़ना - होनाबठना - जमाना

िसतारा चमकना - उदय होनािसर पर खन सवार होना - जान लन पर होनािसर पर हाथ धरना - सहायता करनासौ बात एक बात - िनचोड़

करना - फक डालनाहसी उड़ाना - करनाहाथ मल -

हाथ पर हाथ धर बठना - बठनाहाथ पसारना - मागना

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हाथ-पर मारना - करनाहाथ साफ करना - बईमानी स ठगना

पानी करना - करनाहोश उड़ना - भय या आशका स दखी होना

अत गता सो मता - वहकान राजा - थोड़ा पढ़ िलख का मान होता ह

आख क गाठ क पर - पर धनवानआप मर जग परल - ह तो ससार ह

चोर कोतवाल को डाट - अपराध करक को डाटनाऊची दकान पकवान - काम करनाएक अनार सौ बीमार - जब एक चीज़ क बहत स तब कहा जाता हएक पथ दो काज - एक काम करन स दो का लाभ होनाकाला बराबर -

घर का लका ढ़ाह - फट स घर नाश होता हिचराग तल अधरा - पास घटना क होन पर भी उसका न होना या

ऐस पर बराई का होना जहा उसक रोकन का होचोर ितनका - पापी डर जाता हजाग सो पाव सोव तो खोव - सावधान रहन स लाभ होता ह

- बलवान का दबदबा रहता हजसा दश वसा भस - दश रह वसी करनीजसी करनी वसी भरनी - फल िमलता हतन को कपड़ा न पट को - बहतथोथा चना बाज घना - काम न करनवाला बकवास बहत करता हदाम बनाय काम - पस स सब काम हो जात

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धोबी का घर का न घाट का - जो एक पर जमकर काम न कर कभी एक लग और कभीदसर और सफल न हो उस कहा जाता ह

रहना मगर स बर - अधीन होकर रह और उसी स बर कर तो गज़ारा चलता हन रहगा बास न बाजगी - नकसान हो उसका नाश कर दना हनाच न जान आगन टढ़ा - काम करन न होन पर दसर को दोष दना नीम जान का खतरा - अधरा हािनकारक होता हनौ नगद न तरह उधार - उधार सौदा दनामान न मान तरा महमान - गल पड़नािमया जती िमया क िसर - स उसी हािन करनासौ सयान एक मत - सभी अथवा एक सलाह होती हहाथ कगन को आरसी - क िलए और हाथी क दात खान क और क और - कहना कछ और करना कछ औरहोनहार क होत चीकन पात - होनहार क पहल स जात

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अ आ इ ई उ ऊ ऋ ए ऐ ओ औndash सहायता स कर सकता ह उस कहत

क lsquoकrsquo स lsquoहrsquo तक कल िमलाकर 33 इसक अलावा अननािसक और नामक तीन ह

अननािसक ndash इसका नाक और मह स होता ह इसका ह उदा ndash हसना गावndash करत समय नाक स िनकलती ह इसका ह उदा ndash कठ हस

ndash जब अथवा क बाद lsquoहrsquo लग तब उस कहत उदा ndash अतः

पनःइसका इस ह ndash अतहा पनहा

UNIT - 3

क भदक आधार पर क दो भद होत ndash 1) मल 2)

मल - मल व दसर स होती भी कहत उदा ndash अ

इ उ ऋ- व जो मल क मल स बनत उदा ndash आ ई ऊ ए ओ औ क दो उपभद ndash 1) 2)

ndash दो मल क मल स जो होता ह उस कहत उदा ndash अ+अ = आ इ+इ =

ई- क मल स जो बनता ह उस कहत उदा ndash अ उ ओ अ ओ

मल(अइउऋ)

(आईऊ) (एऐओऔ)

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क आधार पर क भदक काल ndashमान को रखकर क दो भद जात - लघ और

ndash मल क समय लगता ह उसक को कहतलघ ndash क एक का समय लगता ह उस लघ कहत

उदा - अ इ उ ऋ (मल )

- क दो का समय लगता ह उस या कहतउदा ndash आ ई ऊ ए ऐ ओ औ (सब )

स क भद और भी जात य ndash साननािसक और िनरननािसक ndash रण स का एक और भद भी जाता ह ndash ह

पकारन क अवसर पर का अितम लबा करक बोला जाता ह और उसकतीन का समय लगता ह उस कहत उदा ndash अर माधो हाय र

भी इसका करतसाननािसक और िनरननािसक ndash

जब का मख और नािसका स होता ह उस साननािसक कहत उदा ndash मा (आ)जब का कवल मख स होता ह उस िनरननािसक कहत उदा ndash अ इ उ

UNIT - 4

सहायता स का कर सकत कहततीन क होत ndash 1) 2) 3)

- 25 होत lsquoकrsquo स लकर lsquoमrsquo तक पाच-पाचक ख ग घ ङ ndash कच छ ज झ ञट ठ ड ढ णत थ द ध नप फ ब भ म

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इनक जीभ मह क न भाग का करती ह- इनका करत समय जीभ मह क भाग का करती हस इनका और क बीच ह का ह ndash lsquoबीच rsquo उदा ndash य

र ल व ndash य- इनक मख स रगड रवाकर िनकलती ह उदा ndash श ष स ह ndash

UNIT - 5

दो क पास पास होन क कारण उनक मल जान स जो होता ह उस सिध कहतउदा ndash राम + अवतार = रामावतार (अ+ अ= आ)

तीन होती ह ndash 1) 2) 3)

- दो क मल स जो होता ह उस कहत उदा ndash + =

(इ+ इ = ई)

क पाच भद होत ndash 1) 2) गण 3) 4) यण 5)

1) ndash दो र पास पास तो क बदल एक बन जाता ह उसकहत

उदा ndash + आलय =

+ =

+ उपदश =

2) गण ndash lsquoअrsquo या lsquoआrsquo क आग lsquoइrsquo या lsquoईrsquo लगा तो िमलकर lsquoएrsquo lsquoउrsquo या lsquoऊrsquo हो तोिमलकर lsquoओrsquo और lsquoऋrsquo हो तो िमलकर lsquoअरrsquo हो जातउदा ndash दव + = (अ + इ = ए)

सर + ईश = सरश (अ + ई = ए)

वीर + उिचत = वीरोिचत (अ + उ = ओ)

राज + = (अ + ऋ = अर)

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3) - lsquoअrsquo या lsquoआrsquo क आग lsquoएrsquo या lsquoऐrsquo हो तो िमलकर lsquoऐrsquo और lsquoओrsquo या lsquoऔrsquo हो तो िमलकरlsquoऔrsquo हो जात

उदा ndash एक + एक = एकक (अ+ ए = ऐ)

वन + औषिध = वनौषिध (अ+औ = औ)

4) यण - इ ई उ ऊ या ऋ क आग कोई तो इ ई क lsquoयrsquo उ ऊ कlsquoवrsquo और ऋ क lsquoरrsquo हो जाता ह

उदा ndash + = (इ+अ = य)

स + आगत = (उ+आ = व)

मात + = ndash (ऋ+आ = र)

5) - ए ओऐ औ स पर कोई हो तो lsquoएrsquo को lsquoअयrsquo lsquoओrsquo को lsquoअवrsquo lsquoऐrsquo को lsquoआयrsquo तथाlsquoऔrsquo को lsquoआवrsquo हो जाता ह

उदा ndash न + अन = नयन (ए को अय)

न + अक = नायक (ऐ को आय)

भो + अन = भवन( ओ को अव)

भौ + उक = भावक (औ को आव)

- जब एक दसर या स िमलता ह और उसक मल स जो होताह उस कहत

उदा ndash सत + उपयोग = सदपयोगिनयम

1) क च और प क आग कोई या का तीसरा चौथा अथवा य र ल व ह स कोईहो तो क - ग होता ह च - ज होता ह ndash होता ह और प ndash ब होता ह

उदा ndash वाक + ईश = वागीशअच + =

+ आनन = षडानन2) क पहल स पर कोई अननािसक हो तो पहला उसी का अननािसक हो

जाता हउदा ndash वाक + मय = (क का ङ अननािसक)

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3) lsquoतrsquo क साथ कोई ग घ द ध ब भ अथवा य र ल व कोई हो तो lsquoतrsquo का lsquo rsquo होजाता हउदा ndash जगत + ईश =

उत + गम =

तत + =

4) lsquoतrsquo क साथ lsquoचrsquo हो तो िमलकर lsquoचrsquo और lsquo rsquo क साथ lsquoछrsquo हो तो िमलकर lsquoजrsquo या lsquoझrsquo होजाता ह lsquoतrsquo क साथ lsquo rsquo lsquoड़rsquo या lsquoढ़rsquo होन पर िमलकर lsquo rsquo होता ह और lsquoतrsquo क साथ lsquoलrsquo हो तोिमलकर lsquoलrsquo हो जाता हउदा ndash उत + चारण = (त + च = )

सत + जन = (त + ज = )

बहत + = (त + ट = )

उत + डयन = (त + ड = )

तत + लीन = (त + ल = )

5) lsquoतrsquo lsquo rsquo क साथ lsquoहrsquo हो तो lsquoतrsquo lsquo rsquo होता ह और lsquo rsquo lsquoधrsquo हो जाता हउदा ndash तत + = ( त + ह - -ध)

lsquoछrsquo क कोई हो तो lsquoछrsquo lsquo rsquo बन जाता हउदा ndash आ + छादन =

+ छद =

6) lsquoमrsquo क साथ lsquoकrsquo स lsquoमrsquo तक का कोई हो तो lsquoमrsquo बन जाता हउदा ndash सम + =

सम + तोष = सतोष7) lsquoमrsquo क साथ य श ह तो lsquoमrsquo बन जाता ह

उदा ndash सम + हार = सहारसम + शय = सशयसम + योग = सयोग

8) ऋ र या ष क बाद lsquoनrsquo हो तो वह ण हो जाता हउदा ndash भष + अण = भषण (ष + न = ण)

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ऋ + न = ऋण (ऋ + न = ण)

9) अआ को छोडकर कोई क lsquoसrsquo क आ जाय तो lsquoसrsquo lsquoषrsquo बन जाता हउदा ndash अिभ + सक = अिभषक (इ+स = ष)

+ सम = (इ+स = ष)

10) र क साथ र हो तो पहला र का लोप होता ह और उसस पहल का होता हउदा ndash िनर + रस = नीरस

- और क साथ क मल स जो होता ह उस कहतउदा ndash मनः+ रथ = मनोरथ

दः+ उपयोग =

िनयम1) स अ हो और का तीसरा चौथा पाचवा अथवा यरलव आ जाय तो पहला lsquoअrsquo

और lsquo rsquo क पर lsquoओrsquo होता हउदा ndash यशः+ गान = यशोगान (श अ ओ)

मनः+ = (न अ ओ)

रजः+ गण = रजोगणसरः+ ज = सरोज

2) क बाद शषयस हो तो बाद क क समान बन जाता हउदा ndash दः+ शासन = ( भी श होता ह)

िनः+ = ( स बन जाता ह)

3) क इ या उ हो और उसक साथ कख या प फ स कोई हो तो lsquoषrsquo हो जाता हउदा ndash दः+ कर =

िनः+ पाप =

4) क lsquoअrsquo हो और उसक साथ lsquoअrsquo स कोई हो तो का लोप होता हउदा ndash अतः+ एव = अतएव

5) क अआ क और कोई हो अथवा उसक साथ का तीसरा चौथा पाचवाहो अथवा य र ल व ह स कोई हो तो र हो जाता ह

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उदा ndash िनः+ आशा = िनराशािनः+ =

िनः+ झर =

6) क अ और उसक साथ अ या का तीसरा चौथा पाचवा अथवा यरलवहस कोई हो तो अ क ओ होता ह

उदा ndash मनः+ अिभराम = मनोिभरामअधः+ गित = अधोगितमनः+ हर = मनोहर

इसक अलावा कछ अिनयिमत होती उदा ndash पराः+ कार =

नमः+ कार =

ितरः+ कार =

Module ll

UNIT - 6

एक स अिधक स बनी हई को कहत कोकरनवाल समह को कहत

उदा ndash लड़का कलमकछ होती जब व दसर क साथ जाती तब होती ऐसी

को कहतउदा ndash (lsquoकrsquo ह इसका कोई क साथ lsquoकrsquo लगन पर इसका होता ह)

दधवाला ndash(lsquoवालाrsquo का दध क साथ लगन पर वह होता ह)

क1 क आधार पर तीन क ndash 1) 2) यौिगक 3)

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ndash अपनी हो उनक क करन स कछ होता ऐसको कहत

उदा ndash धन घोडायौिगक ndash जो दो या दो स अिधक क योग स बनत यौिगक कहत

उदा ndash राज + महल = राजमहल+ =

ndash जो दो या दो स अिधक क मल स बनत हो को िछपाकरका बोध करात हो कहत

उदा - पकज = पक + ज (पकज का ह स इसका ह कमल)दशमख = दस + मख (दशमख का ह दस इसका ह रावण)

2 स क तीन भद - 1) वाचक 2) 3) या साकितकवाचक ndash जब उसी बोला या िलखा जाय और िलए बना ह तब उस वाचक कहत

उदा ndash गधा एक जानवर ह ( lsquoगधाrsquo वाचक ह)ndash जब कोई उसका न बतलाकर अपन या गण का बोध करानवाल कोकहत

राम एक गधा ह (यहा गधा का ह lsquo rsquo इस का होता ह ndash राम एक ह)

ndash जो स क करता ह और गढ़ स दसरा सिचतउदा - हो गया ( ह इसका होता ह lsquo समयrsquo)

3 स क भद ndash

क आधार पर क चार भद - 1) 2) 3) दशज 4)

ndash क जो करक का होत उसकहत उदा ndash वाय

ndash व जो स पर कछ करक करतउदा ndash -

- आसरा- आग- आस- सच

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दशज ndash य स बन क अनसार य क क

स बनउदा ndash पट

ndash य भारतीय भाषाओ क कई भाषाओ जस अरबी फारसी सकरत

उदा - स ndash िसनमा

अरबी स - मौलवी अदालत दिनया अमीरफारसी स ndash बाग आदमी चाक कारखाना

स - दारोग काब लाश तोपस - सरग दाम

UNIT - 7

कछ ऐसी होती जो होती जब व दसर क साथ जाती तब वहो जाती इस तरह को (Affix) कहत

उदा ndash कछ िनर वालादो क होत - 1) 2)

ndash जो क आरभ लगाकर उसक अ लाकर कर उसकहत

उदा ndash अप + यश = अपयश ( )

उप + वन = उपवन(बगीचा)+ योग = ( )

अन + पढ़ = अनपढ़ ( पढ़ करक)

क + = (बरा )

ndash जो या क लगाकर उनक को बदल कहतउदा - बढ़ा + पा = बढ़ापा (बढ़ापा )

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+ = ( स )

िलखा + आवट = िलखावटबरा + ई = बराईदध + वाला = दधवालाबच + पन = बचपन

UNIT - 8

समासरखनवाला दो या दो स अिधक या पद िमलाकर जब एक या पद बनत

इस मल को समास कहत िमल को पद अथवा सामािसक पद कहतउदा - घोड का सवार ndash घडसवार

सा मख ndash

धन का पद - धनपदकाठ पतली ndash कठपतली

समास होन पर बीच तथा का लोप होता हउदा - धन का पद - धनपद ( lsquoकाrsquo का लोप होता ह)

समास1 समास दो का योग होता ह2 दो क मल स एक पद बनता ह3 दो क बीच का लोप होता ह4 दो कभी पहला पद होता ह और कभी दसरा पद होता ह5 समास जडत तो क का होता ह

उदा ndash का = + =

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समास औरसमास दो का योग होता ह दो का योग होता ह क

होत होन पर दो क सयोग स पद भी िमल जात समासवाल औरसमास हो सकता हउदा ndash पीता र दो पद ह ndash lsquoपीतrsquo और lsquo rsquo करन पर इस तरह होता ह ndash पीत +

= समास करन पर lsquoपीत ह जो rsquo =

कवल होती ह समास होता ह क तोडनको द कहत समास क तोडन को कहत

ndash क को अलग अलग अपनी क रखकर उनक आपस क कोकरन को कहत

उदा ndash रातndash - इसका ह रात औरसमास क भद

समास क छः भद होत 1) 2) 3) 4) 5) 6)

1 समास ndash समास पहला हो उस समास कहत इसकापहला पद या पद होता ह

उदा ndash ( क अनसार)

आजीवन ( जीवन )

यथासमय (समय क अनसार)

2 समास ndash समास पद हो और समास करन पर पहली का लोपहो उस समास कहत

उदा ndash राजसभा (राज सभा)( को )

समास क दो भद ह ndash

1) 2) समानािधकरणi ndash पद का करन पर पहला और दसर

लगायी जाती हउदा ndash राज-सभा (राजा सभा)

पहल सबध कारक ह और दसर कारक ह

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क छः भद -

इस समास क पद कारक का लोप होता ह उसी कारक क अनसार इस समास कानाम होता ह ndash

१ ndash होती हउदा ndash ( को ndash को कारक ह)

२ करण - lsquoसrsquo हउदा ndash (अकाल स )

मनमाना (मन स माना हआ)

३ ndash lsquoक िलएrsquoउदा ndash रसोईघर (रसोई क िलए घर)

(हवन क िलए )

४ अपादान ndash lsquoसrsquo हउदा ndash ( स िगरा हआ)

(पद स )

(ऋण स )

५ सबध ndash lsquoकाrsquo lsquoकrsquo lsquo rsquo हउदा ndash सनापित (सना का पित)

राजमाता (राजा माता)( दश का )

६ अिधकरण ndash lsquo rsquo lsquoपरrsquo हउदा ndash वनवास (वन वास)

आपबीती (अपन आप पर बीती)( )

कभी कभी समास पद का लोप होता ह उस अलक कहतउदा ndash ( रहनवाला lsquo rsquo का लोप)

सरिसज (सर होनवाला lsquo rsquo का लोप)

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नञ ndash अभाव या िनषध का सिचत ककरनवाला lsquoअrsquo या lsquoअनrsquo लगान स बननवाल को lsquoनञrsquo

कहतउदा ndash ( जो न हो)

अनपढ़ ( न पढ़ा हआ)

अछता ( न छआ हआ)

उप पद ndash समास कोई उप पद न हो तथा बाद पद हो उस lsquoउप पद rsquo कहतउदा ndash जलज (जल ) ndash कलम

मनोज ndash (मन जात) - कामदवii समानािधकरण - समास क क बाद एक कारक

आती ह उस समानािधकरण अथवा कहत इस समास क पद उपमान- उपमय अथवाndash हउदा ndash नील कमल - नीला कमल

यहा नीला और कमल हम ndash घन (बादल) (काला) उपमान और उपमय

कभी कभी सबध बतानवाल बीच क पद का लोप भी होता ह lsquo rsquo समासपहल का दसर स सबध बतानवाल बीच क पद का लोप होता ह उस समास कहत

iii समास ndash समास क होता ह और समदाय का बोधहोता ह उस समास कहत

उदा ndash (तीन का समाहार)

चौमासा (चार का समह)

iv समास ndash समास होत और करन पर और या अथवा योजकलगत उस समास कहत

उदा ndash ndash औरndash पाप और

तन-मन ndash तन और मनसमास क का िलग साधारणतया म क अनसार होता ह कभी कभी

हो तो उसी क अनसार िलग हो जाता हउदा ndash राजा-रानी आय

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समास एक स अिधक जडतउदा ndash माता ndash आय राम- आत थ

कभी कभी बहवचन - सचक क साथ भी पाया जाता हउदा ndash आपक लडक-

v ब समास ndash इस समास स कोई पद होता पर समास पद पदका होता ह इस समास कहत

उदा ndash र (पीत ह )

अनग ( ह अग - कामदव)

समास पद का पहला दसर क होता ह समासपद अपन स का होत ह कई पद भद स क

समास हउदा ndash मगलोचन - 1) मग क लोचन ndash

2) मग क समान लोचनवाला ndash समास- 1) पीला कपडा ndash

2) पीला ह अबर (कपडा) वह ( ndash समास)

Module lll

UNIT - 9

क िलग वचन कारक अथवा काल क अनसार होता ह

कहत औरया - क िलग वचन कारक अथवा काल क अनसार कोई

होता व ह सचक व ह सचक या ह

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UNIT - 10

(NOUN)वह ह या भाव को सिचत करता ह राम ( )

( ) ( ) क तीन ndash

a) (Proper Noun)

b) जाितवाचक (Common Noun)

c) भाववाचक ( Abstract Noun)

A ndash उस कहत एक का बोध होता हउदा ndash राम गगा

B जाितवाचक ndash जाितवाचक स एक जाित क सब का बोध होता हउदा - नगर सभा जल

स सभी जाित का बोध होता ह का य जाित क आधार पर होत

स सजातीय क समह को करत उस समहवाचक कहत उदा ndash सनास का बोध का बोध होता ह उस कहत

उदा - सोना पानी लोहाC भाववाचक ndash भाववाचक व क गण दोष कासचना होती ह

उदा - गण दोष ndash िमठास कटता नीचता- लडकपन यौवन दासता

भाव ndash शोक भयD जब गण को करत तब व जाितवाचक बनत

उदा ndash ह तम बनोइस स ह ndash पर रहनवाला यह जाितवाचक हकभी कभी जाितवाचक होती

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उदा ndash गािधजी कल यहा यहा गािधजी हE भाववाचक कभी कभी जाितवाचक क समान होती

उदा ndash हाथी और घोड बडा ह यहा चाल जाितवाचक हभाववाचक चार स बनती

a) जाितवाचक स ndash लडका ndash लडकपनndash

b) स ndash अह ndash अहकारअपना ndash अपनापन

c) स ndash चतर ndash चतराईमीठा ndash िमठास

d) स ndash चढ़ना ndash चढ़ाईसजाना ndash सजावटघबराना ndash घबराहट

F क समान होन वालउदा ndash का आधर गणी- ह यहा क समान होत उदा ndash का कहना

मानो lsquoबडाrsquo ह यह क पर होता हका

एक स अिधक स बनत क एक दसर क िमलन स का होता हक क होता ह इस कहत का िलग वचनऔर कारक क कारण होता ह

उदा ndash लड़का पठता ह ndash पठती ह ( िलग क कारण)

लड़का दौडता ह - लड़क दौडत (वचन क कारण)

लाओ ndash मज़ पर ह ( कारक क कारण)

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UNIT - 11

िलगक जाित का बोध होता ह उस िलग कहत दो िलग ndash और

a ndash जाित का बोध करानवाल को िलग कहत उदा ndash सीताb - जाित का बोध करानवाल को कहत उदा ndash लड़का नर राम

बदगी ह उदा ndash पड नगर ह उदा ndash लता

जो ह व ह उदा ndash भाई बलकई स क नर और मादा का बोध होता ह पर उनका एक िनयम

िलग स होता हndash कौआ चीता ndash कोयल चील मना

जाितभद करन किलए इनक साथ नर या मादा लगाना उदा ndash नर कौआ मादाकौआ नर चीता मादा चीता

क अत आ पा आव और पन हो होतउदा ndash बढ़ापा चढ़ाव लडकपन

क अत आई वट हट और ता हो व होतउदा ndash चढ़ाई सजावच सरलता

स बनान का िनयमक क अ को आ करन स ndash उदा ndash ndash बाल ndash बाला सत ndash सता तनज ndash

तनजा ख क अ को ई करन स ndash उदा ndash दव ndash दवी ndash कबतर ndash मग ndash

मगीग कछ क आ को ई करन स ndash उदा ndash रसा ndash रसी लडक़ा ndash

घ क आ को इया करन स ndash उदा ndash ndash बढ़ा ndash चहा ndash

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ङ या क क इन लगान स ndash उदा ndash सनार ndash

धोबी ndash कहार ndash

च कछ क नी या आनी लगान स ndash उदा ndash िसह ndash िसहनी महतर ndash महतरानी मोर ndash

मोरनीछ उपनामवाचक क क पर आइन लगान स ndash उदा ndash बाब ndash बबआइन

ठाकर ndash ठकराइन पाड ndash पाडाइन ज कछ क ndash उदा ndash ndashमाता ndashऔरत वर- वध मा ndash

बाप ndashभाई

स बनान का िनयमa कछ lsquoओईrsquo lsquoआवrsquo और lsquoऔराrsquo लगान स ndash

उदा ndash बहन ndash बहनाई ननद ndash ननदोई ndash िसल ndash िसलौरा b कछ क lsquoईrsquo को lsquoआrsquo करन स ndash

उदा ndash जीजी ndash जीजा झोली ndash झोला c कछ क lsquoईrsquo को lsquoअrsquo करन स ndash

उदा ndash ndash d क अत lsquoआrsquo लगान स ndash

उदा ndash

UNIT ndash 12

वचन (Number)स और क स स यह त हो वह एक क िलए होता ह या अिधक

क िलए इस वचन कहत वचन दो क होत ndash

1) एकवचन (Singular)

2) बहवचन (Plural)

1) एकवचनःस क स स एक का बोध करान वाला एकवचन हउदाः पढ़ती ह ( ndash एकवचन ह)

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PRACTICAL GRAMMAR (APPLIED GRAMMAR) Page 25

2) बहवचनःस क स स एक स अिधक का बोध हो उस बहवचन कहतउदाः पढ़ती ( ndash बहवचन ह)

कभी कभी आदर क िलए एकवचन बहवचन क होतउदाः अब )बहवचन(

बहवचन बनान का िनयमः-)क ( क lsquoआrsquo क पर lsquoएrsquo लगा दन स एकवचन का बहवचन बन जाता ह

उदा ndash लड़का ndash लडक कपड़ा ndash कपड़ बटा ndash बट lsquo rsquo क सभी क (

) एक समान रहतक बहवचन बनान का िनयम

lsquo rsquo तथा lsquo rsquo क lsquoअrsquo lsquoआrsquo क पर lsquoएrsquo का करन स बहवचनबनाया जाता ह

उदाः ndash गाय ndash ndash रात ndash lsquo rsquo तथा lsquo rsquo क lsquoयाrsquo जोड़न स बहवचन िमलता ह इस lsquoईrsquo क

पर lsquoइrsquo होता हउदाः ndash ndash ndash

स क lsquoयाrsquo हो उनक lsquoयाrsquo क ऊपर कवल लगान पर-

उदाः ndash -

क बाद lsquoएrsquo या lsquo rsquo जोड़न स शष का बहवचन िमलता हउदाः लता ndash लताए -

)ग( िनयम -

)1( )बहवचन( सिचत करन क िलए कभी कभी क एकवचन क साथ गण लोग

जोडतउदा ndash पाठकगण बाब लोग

(2) कछ हमशा बहवचन बोल जातउदा ndash लोग होश

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3) जाितवाचक स ऐ हमशा बहवचन होती ह जब और भाववाचक काजब जाितवाचक क समान होता ह तब व बहवचन होता ह

उदा ndash भारत रावण कमी (यहा रावण जाितवाचक ह)

(4) जब जाितवाचक क समान होता ह तब व बहवचन क होतउदा ndash और क ह (जल बहवचन एव जाितवाचक ह)

UNIT - 13

कारक (Case)या क स उसका क क साथ होता ह उस

कारक कहतउदा ndash राम न रावण को माराइस lsquoनrsquo और lsquoकोrsquo इन क उसका सिचत होता हउदा ndash मारा - राम lsquoनrsquo

मारा ndash रावण lsquoकोrsquo इसिलए य कारककारक क आठ भद होत ndash

कारक - नकारक - को

करण कारक - सकारक - को

अपादान कारक - सकारक - का क

अिधकरण कारक - पर

सबोधन कारक - ह अर अपी अहो क कारक ndash (Nominative)

या क स करनवाला या का बोध होता ह उस कारक कहतlsquoनrsquo ह

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PRACTICAL GRAMMAR (APPLIED GRAMMAR) Page 27

उदा ndash राम गयामोहन न खाया

lsquoरामrsquo और lsquoमोहनrsquo कारक ह न हक को सिचत करन क िलए कोई जाती ह

उदा ndash राम न िलखी ख कारक (Accusative)

या पर क का फल पडता ह उस कारक कहत उदा - राम न रावण को मारा

रावण मारा गया ह यहा lsquoरावणrsquo कारक ह lsquoकोrsquo हकभी कभी lsquoकोrsquo का लोप होता ह

उदा ndash राम न िलखायहा lsquoकोrsquo का लोप होता ह ऐसा भी होता ह - राम न को िलखा

ग करण कारक ( Instrumental)

क साधन का बोध करानवाल क को करण कारक कहत lsquoसrsquo ह उदा ndash

कलम स िलखतिलखन का साधन कलम ह कलम क िलखन होती ह

घ कारक ( Dative)

कारक का वह ह जो उस का बोध कराता ह िलए कोई कामlsquoकोrsquo lsquoक िलएrsquo ह

उदा ndash मोहन न राम को पाच मोहन न राम क िलए पाच

ङ अपादान कारक (Ablative)

का वह ह क स पथक होन का बोध हो उस अपादान कारककहत lsquoसrsquo ह

उदा ndash स िगरतयहा स का सिचत होता ह कारक और अपादान कारक lsquoसrsquo ह

करण कारक lsquoसrsquo साधन सिचत होता ह अपादान कारक lsquoसrsquo सिचत होता ह

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कलम स िलखता ह - करण कारकस आ रहा ह - अपादान कारक

च कारक (Genitive)

क स उसका स होता ह उस कारक कहतlsquoकाrsquo lsquoकrsquo lsquo rsquo

उदा ndash राम का घोडा राम क घोड राम बहन छ अिधकरण कारक (Locative)

क स क आधार का बोध होता ह उस अिधकरण कारक कहत lsquo rsquo

और lsquoपरrsquo उदा ndash शर जगल रहता ह

मज़ पर ह अिधकरण तीन क होत ndash

क कालािधकरण ndash का काल होता ह उस कालािधकरण कहत उदा ndash राम दोपहरस आयगा

ख भावािधकरण ndash क भाव क भावािधकरण होता ह उदा ndash शर को दखकरभय होता ह

ग ndash पर होती ह उस कहत उदा ndash मज़ पर ह कालवाचक और क सात कभी कभी लगती उदा ndash कल रात मसलधार हई ( कल रात मसलधार हई ndash lsquo rsquo का लोप)

ज सबोधन (Vocative)

क स को पकारना सिचत होता ह उस सबोधन कारक कहत हउदा ndash ह राम वहा मत आना

सबोधन कारक कोई ह उसको करन क िलए lsquoहrsquo lsquoअरrsquo कोलगाय जात

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UNIT - 14

( Pronoun)क उसक को करन क िलए का जाता ह

कहत उदा ndash राम जाता ह वह अपनी जाता हउसन कहा ndash लाना भल गया वह अपनी राम जगह हए ह

इसिलए ह को हटान क िलए का जाता हयोग क अनसार क पाच भद होत

1) - त यह वह (एव) हम तम य व आप (बव)

2) ndash यह वह (एव) य व (बव)

3) ndash कोई कछ (एव - बव)

4) ndash जो सो (एव - बव)

5) ndash कौन (एव - बव)

क ndash या लखक बोलत या िलखत समय या तो अपन कछ कहता ह या सननवालऔर पढ़नवाल क अथवा अपन और सननवाल को छोडकर क

कहत स बोलनवाल सननवाल और क कछ कहा जाए उस कोकहत

तीन क होत ndash औरndash बोलनवाला या िलखनवाला अपनिलए का करता ह उस

कहत (एव) हम (बव)ndash सननवाल या पढ़नवाल क िलए का होता ह उस कहत

जस ndashत तम और आप ndash क कछ कहा या िलखा जाए उसक िलए होन वाल को

कहत जस ndash यह वह (एव) य व (बव)और हम ह एकवचन ह हम बहवचन ह का हम

क बहवचन स ह यहा हम क पर होता ह हम का एकवचनऔर बहवचन होत

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त और तम क आदर क िलए आपका करत जस ndash तमयहा आओ इसी क पर आप यहा ए कभी कभी यह और वह क भी आप का

होता ह जस ndash आप मर कभी कभी आदर क िलए आप का करत बहवचन सिचत करन क िलए आप क साथ lsquoलोगrsquo

जोडा जाता ह जस ndash आप लोग यहािनजवाचक आप और चक आप भद होता ह िनजवाचक आप समान स एक वचन

और बहवचन आता ह जस ndash आप पढ़गा हम आपवह कवल बहवचन करत िनचवाचक आप तीन स

होत आप कवल और करतlsquoआपrsquo अकला जाता ह िनजवाचक आप तथा क साथ आता ह जस ndash त

आप कामकभी (2) आप भल अकला आ सकता ह जस ndash आप भला तो जग भला वह अपन आप समझ गया

व ऒर सकत जाता हसकतवाचक और िनदशवाचक भी कहत जस ndash यह वह य व

हम तम आप यह य व इन या क साथ अिधकताकरन क िलए lsquo rsquo lsquoईrsquo य जोडत झस ndash त आप

स या क बात का बोध न हो उसकहत जस ndash कोई कछ

a lsquoकोईrsquo का क िलए होता ह जस ndash बाहर स कोई आ रहा ह b जब का पता न होन पर ndash जस ndash अर कोई कमर ह

c क lsquoकोईrsquo लग तो उसका लगभग होता ह जस - कॉलज स कोई पाच सौभाग

d lsquoकोईrsquo जब दोहराया जाता ह तब को सिचत करता ह जस कोई कोई पर को रोकतe कोई क साथ एक लग जान पर सिचत करता ह जस ndash तम स कोई एक गा सकगा

कछ का अनिगनत क िलए होता ह जस ndash कछ हक िलए होता ह जस ndash पानी कछ ह

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कोई का क िलए होता ह और कछ का क िलए होता हघ वाचक

स दो और क बीच क का बोध हो उस वाचक कहतजो सो जस ndash आपन जो कहा सो हो गया

कभी कभी जो या सो स एक रहता ह जस जो गाता ह बात हङ ndash करन क िलए का होता ह कहत

उदा ndash आप सोचत आज कौन आएगाकौन का क िलए होता ह का क िलए होता ह जस ndash कौन

बोलगा थली हकभी कभी कौन का क िलए होता हजस - बाधा डालनवाल तम कौन होिभ किलए lsquoकौनrsquo को दोहरा भी जाता ह जस ndash कौन कौन लाएग

क कौन का होता ह जस - इसन कौन अपराधक िलए को दोहरा दता ह जस ndash राम न

का क भी होता ह जस ndash तम मझस लडोगका

वचन और कारक क कारण भी होत िलग क कारण होताका और एक स होता ह

सबोधन होतास क पर होता ह उसी क अनसार उस क िलग वचन भी होता ह

काकारक एकवचन बहवचन

हममझको मझ हमको

करण मझस हमसमझको मरिलएमझ हमको हमार िलए

अपादान मझस हमसमरामर हमारा हमार

अिधकरण मझपर हमपर

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तकरक एकवचन बहवचन

तन तम तमनतझको तझ तमको

करण तझस तमसतरातर

अिधकरण तझपर तमपर

वहकरक एकवचन बहवचन

वहउसन व

उसको उस उनकोकरण उसस उनस

उसक िलए उस उनक िलए

अपादान उसस उनसउसका उसक उनका उनक

अिधकरण उस पर उनपर

UNIT - 15

(Adjective)स या सिचत कर उस कहत जस ndash रशमी

कपडा लाल कमलबतलाई जाए उस कहत जस ndash लड़का

ह लड़का हजो क पहल आता ह उस कहत जस ndash फल

ह फल ह इसिलए यह ह

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जो क बाद आता ह उस कहत जस ndash वह लड़का बड़ा होिशयार ह लडका ह होिशयार ह क बाद आन क कारण यह ह

जो क साथ उसको करन क िलए होता ह उस समानािधकरण कहत जस ndash रामनाथ कहता ह

रामनाथ क साथ समानािधकरण ह चार क ndash

क गणवाचक (Adjectives of Quality)

ख (Adjectives of number)

ग (Adjective)

घ या (Demonstrative Adjective)

१ गणवाचकजो क गण रग आकार को बतलानवाल को गणवाचक कहत

जस ndash लबा सशील काला गोल गणवाचक क बदल बहधा क क भी आतजस ndash राजा ( का राजा )

जापानी कपड़ा (जापान का कपड़ा)गणवाचचक का होता ह तब उनका क समान होता ह

जस ndash न सच कहा ह२ - क गणना का बोध हो उस

कहत जस ndash एक दो पहला दसरा दगनाक तीन भद होत ndash

1) 2) 3) बोधक या बोधकndash इसस का बोध होता ह जस ndash चार आठ सात

क चार भद ndash

a गणनावाचक ndash गणनावाचक षण स गणना का बोध होता ह जस ndash एक चार फल सात

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गणनावाचक क साथ एक लगान स लगभग का होता ह जस ndash एक आदमी ndash

लगभग आदमी b ndash स क गणना का होता ह जस ndash पहला

दसरा चौथाc ndash गणनावाचक क lsquoगनाrsquo लगान स बनत जस

ndash दगना ितगना ३ - स माप- तोल या का पता होता ह उस

कहत जस ndash दो सर चावल चार गज कपडा

क दो भद होत ndash

1) और 2)

ण - स का पता लगता हजौस - दो सर चावल

- स का पता नलगता ह जौस ndash बहत दध

४ या - स ऒर या सकत जाता ह उसकहत lsquoयहrsquo lsquoवहrsquo स जाता ह इसिलए इसकहत

जस ndash यह वह जब क हो तब वह बन जाता ह

जस ndash वह घर राम का ह कई ऐस मल जसा रहता ह

जस ndash वह यह क

भी िलग वचन और कारक क अनसार होता ह क िलग और कारक ककारण कछ होता ह

जस ndash काला कपड़ा - काला कपड़काला धोती - काला धोितया

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क साथ ई हो जातजस - काली धोती

क होता ह जो क होन परहोता ह जस ndash वह घोड़ा व घोड़

पथकता अथवा अिधकता क िलए को दहराता ह ndash

जस ndash छोट छोट फल लालका भी होता ह जस ndash बडा लड़का

गणवाचक और जब करत तब वह बन जात

जस ndash थोड़ा खा गया चावल बहत ह क साथ जब आता और व बन जात तब उनक साथ

भी लगती जस ndash को दान दो

UNIT - 16

(Verb)

काम क करन या होन का बोध हो उस कहतजस पढ़ना खाना दौडना पहनना

धात ndash क मल को धात कहत उदा- पढ़ना खलना खानाय सब मल धात lsquoपढ़rsquo lsquoखलrsquo lsquoखाrsquo ह मल धात lsquoनाrsquo जोडकर का िमलताह

i क आधार पर क दो भद होत - 1) 2)

1) (Transitive Verb) ndash क का फल को छोड पर पडता हउस कहत

उदा ndash राम पढ़ता ह

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राम ह ह और का पर पडता ह2) (Intransitive Verb) - क का फल पर पडता ह उस

कहत का अभाव हउदा ndash मोहन सोता ह

कभी कभी एक होता ह और कभी कभी दो भी होत एक होन वालको एक lsquo rsquo कहत

उदा ndash राम न खाना खायाखाना ह कवल एक होता ह दो होन वाली को

कहतउदा ndash मा न को दध

दो होत ndash lsquo rsquo और lsquoदधrsquo दो होत एक lsquo rsquo और दसराlsquoगौणrsquo

उदा ndash मा न को दधइस lsquoगौणrsquo ह दध lsquo rsquo ह lsquoगौणrsquo कभी कभी होता हउदा ndash न कथा सनाई

ii क भद1 - व होती ह आशय अथवा स परा होताको परा करन क िलए दसर होती ह ऐसी को कहतयह दो क होती ह१ ndash का अभाव हउदा ndash वह ह यहा क को परा करन क िलए जोडा गया ह२ ndash होन पर भी का भाव परा न हो उस को

कहतउदा ndash सीता न पढ़ाया

यहा परा सीता न lsquo rsquo पढ़ाया lsquo rsquo पढ़ाया यह परा इसिलए यहह यहा होन पर भी का भाव परा होता

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३ परक - को परा करन क िलए या पडती ह

परक कहत क परक lsquo परकrsquo तथा क परक lsquo परकrsquo

होतउदा ndash उस होिशयार समझता ह ( परक)

राम बलवान ह ( परक)

iii यौिगक धात ndashक स धातओ क दो भद होत 1) मल धात 2) यौिगक धात

मल धात - मल धात व जो दसर स न बन जस ndash कर बठ पढ़ यौिगक धात ndash यौिगक धात व जो दसर स बनाय जात उदा ndash खाना स नाम धात ndash जो या क आधार पर बनती ह उस नाम धात कहत

उदा ndash हाथ स हिथयानास

अपना स अपनानाiv - स यह जान पडता ह को न करक दसर को

करन दता ह उस (casual verbs) कहतउदा ndash राम न मोहन स िलखवाया यहा राम न िलखकर मोहन स िलखवाता ह इसिलए यह ह

करनवाल को और जाती ह उस कहतराम न मोहन स िलखवाया राम ह और मोहन हमल जो होती ह उनस और बन सकती हस और बन सकती उदा ndash दध पीता ह

पीना ह इसस बनती ह ndash मा को दध हस बना सकती ह उदा - मा नौकर स को दध ह

बनान का िनयममल धात क आ जोडन स और वा जोडन स या

बनती ह

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उदा ndash उठना ndash उठाना - उठवानाचलना ndash चलाना - चलवानापढ़ना ndash पढाना - पढ़वाना

दो क धातओ ए और औ को छोडकर पहला हो जाता हउदा ndash जागना ndash जगाना ndash जगवाना

भलना ndash भलाना - भलवानाछोडना ndash छडाना ndash छडवाना

धातओ क ला और लवा लगात तब हो जाता हउदा ndash पीना ndash ndash

सोना ndash सलाना ndash सलवानाखाना ndash -

v नाम धात - को छोडकर जोडन स जो धात बनती ह अथवा जो नाम (

या ) धात क समान होत नामधात कहत जो नामधात लगान सबनत आ ओऔर ला लगात पहला हो जाता ह

उदा ndash लाज ndash ndash लजानाहाथ ndash हिथया ndash हिथयानाझठ ndash झठला ndash झठलाना

UNIT - 17

काल (Tense)क स क होन का समय और अथवा का बोध हो उस काल

कहत काल क तीन भद होत1) भतकाल2) काल3) काल

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भतकालस का बोध हो उस भतकाल कहत

उदा ndash राम न िलखी भतकाल क छः भद - भत भत भत भत भत हत-हतमत भत

भत ndash क स भतकाल क समय का बोध न हो उस भत कहतउदा ndash मोहन न खत िलखायहा का बोध होता जो भतकाल हई ह भतकाल ndash क स का का समय अभी अभी हआ ह इसका बोध

होता ह उस भतकाल कहत उदा ndash राम न ह

इसस पहल अभी अभी हई हभत ndash क स यह होता ह क को हए बहत समय हो चका ह उसभत कहत

उदा ndash न दध थास हो क साथ lsquoथाrsquo lsquoथrsquo lsquoथीrsquo लगान स भतकािलक

िमलता हभत - क उस को भत कहत यह हो भतकाल हो थी पर

का पता न लग उस भतकाल कहतउदा - वह पढ़ रहा था वह सोता था

कब समा हआ इसका पता क साथ lsquoता थाrsquo lsquoत थrsquo lsquoरहा थाrsquo lsquoरह थrsquo लगानाभत काल ndash क स भतकाल सचना िमलती ह उसक होन कछ हो उसभत कहतउदा ndash वह आया होगा

उसन खाया होगा भतकाल हो थी ह क साथ lsquoहगाrsquo lsquoहगीrsquo lsquoहोगाrsquo lsquoहोगीrsquo

lsquo rsquo जोडन स भतकाल िमलता हहत-हतमत भतकाल ndash क स यह पाया जाय भतकाल होना सभव थाकारण स न हो सका उस हत-हतमत भतकाल कहत

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(Present Tense)

क को काल कहत रहती ह

होती उस काल कहतउदा ndash राम पढ़ता ह

सीता गीत गा हकाल तीन क होत ndash 1) काल 2) काल 3)

काल - वह ह स का काल होना पाया जाय

उस कहतउदा ndash मोहन पढ़ता ह

रमा गाती ह क साथ lsquoताrsquo lsquoतrsquo lsquoतीrsquo जोडन स बनत

- वह ह काल क होन पायाजायउदा ndash वह खाता होगा

सीता जाती होगी क साथ lsquoता होगाrsquo lsquoती होगीrsquo lsquoत rsquo lsquoती rsquo लगान स िमलत

ndash का वह ह यह होता ह का अभी ह

होता उस कहत उदा ndash वह खा रहा ह

चल हक साथ lsquoरहाrsquo lsquo rsquo lsquoरहrsquo जोडन स िमलती ह

काल ( Future Tense)

होनवाली को काल कहत काल क दो भद ndash 1)

काल 2) कालकाल ndash का वह ह स क आग होन सचना िमल उसकाल कहत

उदा ndash वह आयगा

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राम आज बबई जायगासीता कल घर आयगी

क साथ lsquoयगाrsquo lsquoयगीrsquo lsquoयगrsquo जोडन स िमलतकाल ndash क होन सभावना हो उस काल कहत

उदा ndash सभव ह आज हो स lsquoगाrsquo lsquoगrsquo lsquoगीrsquo पथक कर दन स काल िमलगा

UNIT ndash 18

(Voice)उस कहत यह जाना जाय का ह

ह या कवल भाव ह उस कहतउदा ndash राम न रावण को मारा

तीन क ndash 1) 2) 3) भाव- ह हमशा क िलग वचन और क अनसार होता ह

उस कहतउदा ndash लडका पढ़ता ह

लड़का ह और ग ह इसिलए भी होना हसीता िलखती ह इसम सीता ह इसिलए ह का सीधा स होताह

ndash क िलग वचन क अनसार हो उस कहतह का होता ह

उदा ndash राम िलखता हह इसिलए यह ह धानता होती ह और का

स होता ह क िलग वचन क अनसार बदलती ह हमशाहोता ह का होना ह

उदा ndash राम न रावण को मारा -

राम स रावण मारा गया -

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रावण ह ह क का ह गौण का रहता ह

उदा ndash मा न को दध मा स को दध गया

दो होत ndash और दध ndash भाव होती ह यह हमशा स बनता ह हमशा

एकवचन और होती ह इसका होता ह उदा ndash यहा बठा जाता

मझस पढ़ा जाता स या बनान

को भत क करना उसक साथ काल वचन और िलग कअनसार जाना क जोडन ऐसा करन स स औरक स भा बनती ह

उदा ndash 1) राम न रावण को मारा -

राम स रावण मारा गया -

2) राम रावण को मारगा -

राम स रावण मारा जायगा -

3) राम रावण को मारता ह -

राम स रावण मारा जाता -

पहल lsquoमाराrsquo भतकािलक ह इसिलए lsquoमाराrsquo क साथ lsquoजानाrsquo का भतकािलकजोडना

दसर lsquoमारगाrsquo काल ह इसिलए lsquoमाराrsquo भतकािलक बदलकरlsquoजानाrsquo का काल lsquoजायगाrsquo जोडना

तीसर काल ह को भतकािलक बदलकर (मारा) उसक साथजाना का (जाता) जोडना

स बन सकता हउदा ndash मोहन उठता ( )

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मोहन स उठा जाता - ( )

वीणा चलती ( )

वीणा स चला जाता - ( )

UNIT ndash 19

याअभी तक हमन क बार पढ़ िलया ह उनक िलग वचन और कारक क अनसार

आता ह इसिलए कहत का ह अब हम क दसरया क बार

चार क होत ndash 1) 2) बोधक 3) बोधक 4)

बोधक

UNIT ndash 20

ndash Adverbउस कहत होती ह

उदा - रमश चलता हइस lsquoचलनाrsquo ह ndash ह lsquo rsquo इसिलए lsquo rsquo ह

स क तीन भद ह - 1) साधारण 2) सयोजक 3) साधारण - साधारण वह ह होता ह साधारण या

कहत जस ndash खब पढ़ो दौडो सयोजक ndash का स या स होता ह सयोजक

कहत जस ndash जहा तक हम चल सक वहा तक ह

योजना का सयोजक स होता ह- का क

भद क साथ होता ह कहत

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जस ndash गह खाओग

कह तो लो होता ह व कवल गह खात और कछ खायगा इन

ह हो जान स का बदल जाता ह जस ndash वह काम करगा इसका यह ह जो काम उस ह कवल वह करगा और कछ

क आधार पर क चार भद होत ndash 1) कालवाचक 2) 3)

4)

कालवाचक ndash स समय अविध तथा काल का बोध होता ह कालवाचककहतजस ndash काम को अभी पढ़ना

आजकल रोज़ होती ह कभी कभी भी रात क समान लगता ह मोहन पढ़ाई सदा ह

अभी आजकल कभी कभी सदा कालवाचक ह ndash स क का बोध होता ह

कहत उदा ndash जहा तक जा सक वहा तक जाओ

जाओ और वहा लटो घर क सामन एक ह बाहर रोशनी भीतर अधरा

हाथ स मारत जहा वहा सामन बाहर भीतर ndash स अिधकता- का बोध होता ह

कहत जस ndash उतना पढ़ो हो

चावल थोडा खाओ खब खाना

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अपना थोडा खब

व क होन का ढ़ग का पता िमलता ह जस ndash राहल धीर धीर चलता ह

सीता मधरतम गाती ह यथा हम तथा िमलत

धीर धीर मधरतम यथा-तथा

UNIT - 21

बोधकबोधक ह जो या क साथ आकर उनका क

क साथ बनात उदा ndash धन क कोई काम न चलता

घर क नीच एक तालाब ह क पास एक भी ह

नीच पास बोधक ह क अनसार बोधक क दो भद होत ndash 1) 2)

क ndash य या क बाद आतउदा - घर क भीतर घर क पीछ घर ऒर

कारक भी आती ह जस का क कभी कभी अपादान कारक या भी आती ह

उदा ndash इनस पहल आया राम का मकान मोहन क घर स पर

lsquoसrsquo lsquoपरrsquo अपादान कारक क ndash यह स क क साथ आत

जस ndash दो तक राम रहगा

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घड भर पानी क िलए पाच दन ग lsquoतकrsquo lsquoभरrsquo सचक

UNIT - 22

( Conjunctions)योजक या व जो या न बतला कर एक या का

दसर या स जोडत बोधक कहतजस ndash सीता और गीता अपन घर गयी

सीता और गीता को िमलानवाला योजक lsquoऔरrsquo ह क तीन भद ndash 1) सयोजक 2) 3) भदबोधक

1) सयोजक ndash कई का सयोग करनवाल को सयोजक कहत इसक दो याका मल होता ह

उदा ndash और राम कल बबई और वहा उनक साथ मोहन भी lsquoऔरrsquo lsquoभीrsquo सयोजक ह

2) ndash जो का बोध कराए कहत जस ndash चाह दश सवा करनी या अथवा मानवीय को पहचानना

lsquoयाrsquo lsquoअथवाrsquo lsquoवाrsquo lsquoचाहrsquo को करनवाल ह 3) भदबोधक ndash दो स एक स भद बतलानवाल को भदबोधक कहत य कई क होत

क ndash दो म स पहल का िनषध या सिचत करत जस ndash

पर मगर वरन उदा ndash मझ वहा जाना था क कारण जा न सका

ख - कारणवाचक और उपदशमलक ndashइसिलए सो अतः इसिलए

इस क ह जस ndash राम समय पर आ न सका इसिलए जा न सका

ग सकतबोधक ndash ndash तो जो ndash तो प सकतबोधक ह जस ndash तम कहत तो जाता

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घ ndash इन पहली बात का और होता ह यान मानो यहा तक इस क ह

जस ndash कोई भी समय पर पहचा यहा तक भी 10 बज तक न आय क और दो भद होत ndash 1) समानािधकरण 2)

समानािधकरण ndash समान पद क या को जोडत जो एक क हो वसमानािधकरण धक कहत जस ndash क मा-बाप का अजीब ह समानािधकरण क चार उपभद होत ndash

1) सयोजक ndash और तथा भी एव 2) क ndash या वा अथवा चाह 3) ndash पर मगर 4) ndash इसिलए अतः

ndash को स जोडनवाल कोकहत

जस ndash आज नौकरानी आयगी वह बीमार ह क चार उपभद होत ndash

१ ndash यान मानो २ करणवाचक ndash जो इसिलए ३ उपदशवाचक - जो ४ सकतवाचक ndash - तो जो-तो -

4) ndash ndash स क शोक घणाको करनवाल को -बोधक कहत

जस ndash हाय अब अर आप कहा जा रह

ह राम करो को सिचत करन क िलए - लात

बोधक क सात भद ndash

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1) बोधक ndash वाह ndashवाह - आहा शबाश

2) शोक बोधक ndash आह ऊह हा-हा ndash

3) बोधक ndash अहो ऒह

4) अनमोदन बोधक ndash हा-हा वाह शबाश

5) बोधक ndash िछ हट अर िधक

6) ndash बहत हा जी हा7) सबोधन बोधक ndash अर र अपी अहो

कभी कभी भी हो जातजस ndash भगवान लो चप कभी कभी या भी होत जस ndash न हो बहत हो गया

जब क समान होत तब वह होता तब वमनोभाव को करात

जस ndash हाय हाय मचा रखी ह

सब लोग - पकार उठहाय ndash हाय - क समान ह इसिलए यह बोधक ह

UNIT - 23

क भद क स बनान का िनयम

क पर जायगास बनता ह एक या अिधक स बनता ह एक स अिधक स बनता

ह कहन या िलखनवाल का परा भाव हो जाय तो उस कहतजस ndash मोहन पढ़ता ह

राम िलखता ह इन स लखक का परा भाव होता ह

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ndash कछ ऐस होत और क रहन पर भी कहन या िलखनवाल का परा आशयहोता क समह को और क रहन पर भी जो कछ सनन

बनी रह कहत दो क होत ndash 1) 2)

क अधीन होतउदा ndash राम न कहा था वह कल पाठशाला जायगा

इस राम न कहा था - ह और कल पाठशाला जायगा तह इस और भी कहत

रखनवाल को कछ थोडा सा भाव करनवाल को कहतएक भावना होती ह

जस ndash तरह पढ़ना चलना

इन होता ह क म दो भाग होत 1) और 2)

ndash ( ) कछ होता ह उस कहतndash ( ) क जो कछ होता ह उस कहत

जस ndash मरा स भरा हआ ह मरा ह और स भरा हआ ह ह मरा ndash ह और मरा

उस का ह इसिलए ( ) और मरा का कहत हआ हह शष उसका ह

इस चार भाग हए ndash 1) ( ) 2) का 3) ( ) 4)

काचार भद ndash

क ndash राम गया ख ndash वह कह चका ग ndash फल

क भदक अनसार क आठ भद होत ndash

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1 ndash इस स बात का होना सिचत होता ह जस ndash भारत राजधानी ह

2 िनषधवाचक ndash का अभाव होता ह जस ndash क कछ भी पा सकत

3 ndash इस स सचना होती हजस - तम कल कालज

4 ndash इसस और उपदश का बोध होता ह जस ndash तरह पढ़ो

का भजन करो 5 ndash इसस का भाव सिचत होता ह जस ndash हाय राम को एक

लाख िमल 6 ndash इसस या सचना होती ह

जस ndash अक पा

7 ndash या सभावना सचना होती ह जस ndash आज होगी

8 - सकत सचना होती ह जस ndash हो तो

राम काम करगा रचना क आधार पर

रचना क आधार पर क तीन भद होत - 1) सरल या साधारण 2) और3)

१ सरल ndash एक और एक होता ह उस सरल कहतजस ndash मोहन िलखता ह ( मोहन और िलखता ह धय ह)

राम मज़ पर रखी ह ( ह और रखी ह ह)

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lsquoराम rsquo और lsquoमज़ परrsquo कवल और का ह २ - उस कहत एक हो और उसक एक या

अिधक हो उस कहतजस ndash जो करगा उस सफलता िमलगी जो करगा ndash ह उस सफलता िमलगी - ह

तीन क ndash 1) 2) 3)

1) ndash का क पर होता ह उसकहतजस ndash मरा ह तमन को मारा यह सच ह इस तमन को मारा ndash ह क पर आया ह इसिलए यह

ह 2) ndash जब कोई को क का काम दता ह तब उस

कहत जस ndash य उसी छा को जायगा जो रहगा

उसी स डरत जो खब मारता ह उसी जो ह

3) ndash जो क का काम दता ह उस कहत

जस ndash करता ह उतना फल िमलता ह जब तम कहोग सब कछ

जब ह ३ ndash दो या दो स अिधक योजक जड हो न

हो उस कहतजस ndash वह तरह पढ़ता था तो पास होता

दो या दो स अिधक सरल अथवा एक दसर पर न होता ह इसिलए यह

जस - कर चका (सरल )

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हम कर चक तो व आए ( )

और मरा मन ठड हो गया ( )

चार क होत ndash सयोजक सचक 1) सयोजक - एक दसर क साथ सयोजक जडा रहता ह

जस ndash वह आया और उसक साथ गया स िमलता ह और स होता ह

2) ndash का एक दसर स भद या का रहता ह जस ndash स बढ़ता ह स भरता ह वह खब खाता पर बडा होता

3) सचक ndash दो स एक को करना जस ndash मझ या राम को

4) अथवा हतसचक ndash एक दसर का होता हजस ndash तम आग पढ़ो पसा दगा मझ पसा िमला इसिलए

कभी कभी बीच योजक आत जस ndash मझ न बलाया आप आता ह जब को का या एक होता ह तो एक बार िलखा या कहा

जाता ह ऐस को सकिचत कहत जस ndash का और मन को भी दता ह

जो आसानी स समझकर छोड दत ऐस को कहत जस ndash आजकल सना ह बरसात क मौसम बखार सब फलाता ह

कहत रोज़ बढ़त रह पहल हमन होना था पर ह दसर लोग स होना पर होता ह

एक का दसर क बदल जा सकता ह मलकर सकत

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क सरल स ndash

उदा ndash सरल - राम न मोहन का - राम न उस को जो मोहन का था

ख स सरलndash उसन कहा पापी ह

सरल ndash उसन को पापी बताया ग सरल स

सरल ndash होन पर लोग खत जान लग - हआ और खत जान लग

घ स िनषध वाचक तथाndash मोहन सोहन स बडा ह

िनषध वाचक - मोहन सोहन स बडा ndash मोहन सोहन स बडा ह

UNIT ndash 24

और महावरव जो का अपना न बता कर कछ करत महावरा

कहत बोलचाल बहत आनवाला ऐसा बधा कोई अनभव बात और अलकतभाषा गई हो या कहावत कहाता ह जस ndash मर पट चह कद रह

जब स उनका लड़का मरा ह कमर टट गई ह वह इतना चालाक ह अपन मािलक को पर नचाता ह

इन lsquoपट चह कद रह rsquo lsquoकमर टट गई हrsquo lsquo पर नचाता हrsquo इन काउनक स ह यहा lsquoपट चह कदनrsquo का ह भख लगना lsquoकमर टटनrsquo का ह या

का न रहना तथा lsquo पर नचानrsquo का ह अपन वश रखना अतः य महावरकहलात

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इसी जब कोई आदमी काम करना न जानता हो परत अपन को िछपान क िलए बहान बनावतब कहा जाता ह ndash नाच न जान आगन टढ़ा

जब कोई आदमी अनक खाकर भी अपनी आदत न छोड़ तब कहा जाता ह दम सौतक नली रखो तो भी य बध हए और अनभव तथा अलकत भाषा कह गय अतः य

और क स भाषा तथा आती ह महावरदार भाषाबहत पसद जाती ह और कथन बड़ा होता ह

महावरअग-अग - बहत होनाअगठा - चीज़ को दन स क साथ करनाअध - सहाराअधरा घर का उजाला - एकलौता बटा

क घोड़ दौड़ाना - सोचनापर पड़ना - समझ न पाना

अपना सीधा करना ndash करनाआख उठाना - नीयत स दखनाआख खलाना - होश आना

चार होना - आख स आख िमलानानीची होना - होनापीली करना - नाराज़ होना

आकाश पाताल का ndash बहत भदआग घी डालना - बढ़ानाआसमान िसर पर उठाना - बहत कोलाहल करना

स बजाना - करनाईद का चाद होना - िचरकाल पीछ दनाउगली पर नचाना - वश रखना

गगा बहाना - बात करना

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कमर टट जाना - िनराश हो जानाकान भरना - चगली करना

मौत मरना - बहत तरह स मरनाखाक उड़ाना खाक िमलाना - बरबाद होनागड़ गोबर कर दना - काम दनाघर गगा - दौड़-धप कघाट घाट का पानी पीना - जहा तहा का अनभव करनाचाद पर थकना - करना और फलतः होनाचार चादनी - थोड़ का सख

का दध याद आना - सब सख भल जाना सकट आ पड़नाजमीन पर पर न पड़ना - बहत अिभमान होनाजल भन कर कोयला होना - पागल हो जानाटस स मस न होना - भी नटाग अड़ाना - बाधा डालनाटोपी उछालना - िनरादर करनाितनका पकड़ना - मागनाितन का ताड़ करना - बात बढ़ानाथक कर चाटना - वचन दकर जाना

तल उगली दबाना - करनादम तोडना - मर जाना

दना रात चौगना होना - खब होनाधप बाल सफद करना - अनभव आय दनानमक लगाना - बात को बढ़ा कर कहनानाक कटना - बदनामी होनानाक चढ़ाना - घणा करनानीला पीला होना - आना

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नौ-दो होना - भाग जानाउछालना - करना

- बातपरदा डालना - िछपानापहाड टट पड़ना - आनापट चह कदना - खब भख लगना

तल स ज़मीन िनकल जाना - होश उड़ जानाफक-फक कर कदम रखना - सोच-समझ कर काम करनाबगला भगत -

उछलना - खब खश होनाबाज़ार पर होना - काम पर होनाबात का धनी - वायद काबाल खाल उतारना - करनाबाल पकना - बढ़ा होजाना अनभव करनाबाल बाल बचना - हािन पहचन जरा- सी कसर रह जानाबगार टालना - लगाकर काम न करनाबोली मारना - क कहनाभनक पड़ना - खबर द जानाभाड़ - समय गवाना

मारना - बकारचस - बहत कजसपर मारना - का नकल करना

मगज चाटना - तग करनामाथा ठनकना - आशका होनामारा मारा - होनामह-तोड़ जवाब दना - परा-परा जवाब दना

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मह फक हो जाना - चहर का रग उतर जानामह पानी भर आना - खान को ललचानामह लगाना - अिधक द दना

गरम करना - दनाराई का पहाड़ बनाना - बात को बढ़ाकर कहनारात- - हमशालका काड होना - खब मारपीट होनालबी-चौ हाकना - करना

होना - होनालह क घट पीना - करनालह पसीना एक करना - बहत करनालोह क चना चबाना - काम करनाशतान क कान कतरना - बहत चालाक होना

करना - करनाबाग - बहकाना

समझ पर पड़ना - होनाबठना - जमाना

िसतारा चमकना - उदय होनािसर पर खन सवार होना - जान लन पर होनािसर पर हाथ धरना - सहायता करनासौ बात एक बात - िनचोड़

करना - फक डालनाहसी उड़ाना - करनाहाथ मल -

हाथ पर हाथ धर बठना - बठनाहाथ पसारना - मागना

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हाथ-पर मारना - करनाहाथ साफ करना - बईमानी स ठगना

पानी करना - करनाहोश उड़ना - भय या आशका स दखी होना

अत गता सो मता - वहकान राजा - थोड़ा पढ़ िलख का मान होता ह

आख क गाठ क पर - पर धनवानआप मर जग परल - ह तो ससार ह

चोर कोतवाल को डाट - अपराध करक को डाटनाऊची दकान पकवान - काम करनाएक अनार सौ बीमार - जब एक चीज़ क बहत स तब कहा जाता हएक पथ दो काज - एक काम करन स दो का लाभ होनाकाला बराबर -

घर का लका ढ़ाह - फट स घर नाश होता हिचराग तल अधरा - पास घटना क होन पर भी उसका न होना या

ऐस पर बराई का होना जहा उसक रोकन का होचोर ितनका - पापी डर जाता हजाग सो पाव सोव तो खोव - सावधान रहन स लाभ होता ह

- बलवान का दबदबा रहता हजसा दश वसा भस - दश रह वसी करनीजसी करनी वसी भरनी - फल िमलता हतन को कपड़ा न पट को - बहतथोथा चना बाज घना - काम न करनवाला बकवास बहत करता हदाम बनाय काम - पस स सब काम हो जात

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धोबी का घर का न घाट का - जो एक पर जमकर काम न कर कभी एक लग और कभीदसर और सफल न हो उस कहा जाता ह

रहना मगर स बर - अधीन होकर रह और उसी स बर कर तो गज़ारा चलता हन रहगा बास न बाजगी - नकसान हो उसका नाश कर दना हनाच न जान आगन टढ़ा - काम करन न होन पर दसर को दोष दना नीम जान का खतरा - अधरा हािनकारक होता हनौ नगद न तरह उधार - उधार सौदा दनामान न मान तरा महमान - गल पड़नािमया जती िमया क िसर - स उसी हािन करनासौ सयान एक मत - सभी अथवा एक सलाह होती हहाथ कगन को आरसी - क िलए और हाथी क दात खान क और क और - कहना कछ और करना कछ औरहोनहार क होत चीकन पात - होनहार क पहल स जात

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क आधार पर क भदक काल ndashमान को रखकर क दो भद जात - लघ और

ndash मल क समय लगता ह उसक को कहतलघ ndash क एक का समय लगता ह उस लघ कहत

उदा - अ इ उ ऋ (मल )

- क दो का समय लगता ह उस या कहतउदा ndash आ ई ऊ ए ऐ ओ औ (सब )

स क भद और भी जात य ndash साननािसक और िनरननािसक ndash रण स का एक और भद भी जाता ह ndash ह

पकारन क अवसर पर का अितम लबा करक बोला जाता ह और उसकतीन का समय लगता ह उस कहत उदा ndash अर माधो हाय र

भी इसका करतसाननािसक और िनरननािसक ndash

जब का मख और नािसका स होता ह उस साननािसक कहत उदा ndash मा (आ)जब का कवल मख स होता ह उस िनरननािसक कहत उदा ndash अ इ उ

UNIT - 4

सहायता स का कर सकत कहततीन क होत ndash 1) 2) 3)

- 25 होत lsquoकrsquo स लकर lsquoमrsquo तक पाच-पाचक ख ग घ ङ ndash कच छ ज झ ञट ठ ड ढ णत थ द ध नप फ ब भ म

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इनक जीभ मह क न भाग का करती ह- इनका करत समय जीभ मह क भाग का करती हस इनका और क बीच ह का ह ndash lsquoबीच rsquo उदा ndash य

र ल व ndash य- इनक मख स रगड रवाकर िनकलती ह उदा ndash श ष स ह ndash

UNIT - 5

दो क पास पास होन क कारण उनक मल जान स जो होता ह उस सिध कहतउदा ndash राम + अवतार = रामावतार (अ+ अ= आ)

तीन होती ह ndash 1) 2) 3)

- दो क मल स जो होता ह उस कहत उदा ndash + =

(इ+ इ = ई)

क पाच भद होत ndash 1) 2) गण 3) 4) यण 5)

1) ndash दो र पास पास तो क बदल एक बन जाता ह उसकहत

उदा ndash + आलय =

+ =

+ उपदश =

2) गण ndash lsquoअrsquo या lsquoआrsquo क आग lsquoइrsquo या lsquoईrsquo लगा तो िमलकर lsquoएrsquo lsquoउrsquo या lsquoऊrsquo हो तोिमलकर lsquoओrsquo और lsquoऋrsquo हो तो िमलकर lsquoअरrsquo हो जातउदा ndash दव + = (अ + इ = ए)

सर + ईश = सरश (अ + ई = ए)

वीर + उिचत = वीरोिचत (अ + उ = ओ)

राज + = (अ + ऋ = अर)

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3) - lsquoअrsquo या lsquoआrsquo क आग lsquoएrsquo या lsquoऐrsquo हो तो िमलकर lsquoऐrsquo और lsquoओrsquo या lsquoऔrsquo हो तो िमलकरlsquoऔrsquo हो जात

उदा ndash एक + एक = एकक (अ+ ए = ऐ)

वन + औषिध = वनौषिध (अ+औ = औ)

4) यण - इ ई उ ऊ या ऋ क आग कोई तो इ ई क lsquoयrsquo उ ऊ कlsquoवrsquo और ऋ क lsquoरrsquo हो जाता ह

उदा ndash + = (इ+अ = य)

स + आगत = (उ+आ = व)

मात + = ndash (ऋ+आ = र)

5) - ए ओऐ औ स पर कोई हो तो lsquoएrsquo को lsquoअयrsquo lsquoओrsquo को lsquoअवrsquo lsquoऐrsquo को lsquoआयrsquo तथाlsquoऔrsquo को lsquoआवrsquo हो जाता ह

उदा ndash न + अन = नयन (ए को अय)

न + अक = नायक (ऐ को आय)

भो + अन = भवन( ओ को अव)

भौ + उक = भावक (औ को आव)

- जब एक दसर या स िमलता ह और उसक मल स जो होताह उस कहत

उदा ndash सत + उपयोग = सदपयोगिनयम

1) क च और प क आग कोई या का तीसरा चौथा अथवा य र ल व ह स कोईहो तो क - ग होता ह च - ज होता ह ndash होता ह और प ndash ब होता ह

उदा ndash वाक + ईश = वागीशअच + =

+ आनन = षडानन2) क पहल स पर कोई अननािसक हो तो पहला उसी का अननािसक हो

जाता हउदा ndash वाक + मय = (क का ङ अननािसक)

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3) lsquoतrsquo क साथ कोई ग घ द ध ब भ अथवा य र ल व कोई हो तो lsquoतrsquo का lsquo rsquo होजाता हउदा ndash जगत + ईश =

उत + गम =

तत + =

4) lsquoतrsquo क साथ lsquoचrsquo हो तो िमलकर lsquoचrsquo और lsquo rsquo क साथ lsquoछrsquo हो तो िमलकर lsquoजrsquo या lsquoझrsquo होजाता ह lsquoतrsquo क साथ lsquo rsquo lsquoड़rsquo या lsquoढ़rsquo होन पर िमलकर lsquo rsquo होता ह और lsquoतrsquo क साथ lsquoलrsquo हो तोिमलकर lsquoलrsquo हो जाता हउदा ndash उत + चारण = (त + च = )

सत + जन = (त + ज = )

बहत + = (त + ट = )

उत + डयन = (त + ड = )

तत + लीन = (त + ल = )

5) lsquoतrsquo lsquo rsquo क साथ lsquoहrsquo हो तो lsquoतrsquo lsquo rsquo होता ह और lsquo rsquo lsquoधrsquo हो जाता हउदा ndash तत + = ( त + ह - -ध)

lsquoछrsquo क कोई हो तो lsquoछrsquo lsquo rsquo बन जाता हउदा ndash आ + छादन =

+ छद =

6) lsquoमrsquo क साथ lsquoकrsquo स lsquoमrsquo तक का कोई हो तो lsquoमrsquo बन जाता हउदा ndash सम + =

सम + तोष = सतोष7) lsquoमrsquo क साथ य श ह तो lsquoमrsquo बन जाता ह

उदा ndash सम + हार = सहारसम + शय = सशयसम + योग = सयोग

8) ऋ र या ष क बाद lsquoनrsquo हो तो वह ण हो जाता हउदा ndash भष + अण = भषण (ष + न = ण)

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ऋ + न = ऋण (ऋ + न = ण)

9) अआ को छोडकर कोई क lsquoसrsquo क आ जाय तो lsquoसrsquo lsquoषrsquo बन जाता हउदा ndash अिभ + सक = अिभषक (इ+स = ष)

+ सम = (इ+स = ष)

10) र क साथ र हो तो पहला र का लोप होता ह और उसस पहल का होता हउदा ndash िनर + रस = नीरस

- और क साथ क मल स जो होता ह उस कहतउदा ndash मनः+ रथ = मनोरथ

दः+ उपयोग =

िनयम1) स अ हो और का तीसरा चौथा पाचवा अथवा यरलव आ जाय तो पहला lsquoअrsquo

और lsquo rsquo क पर lsquoओrsquo होता हउदा ndash यशः+ गान = यशोगान (श अ ओ)

मनः+ = (न अ ओ)

रजः+ गण = रजोगणसरः+ ज = सरोज

2) क बाद शषयस हो तो बाद क क समान बन जाता हउदा ndash दः+ शासन = ( भी श होता ह)

िनः+ = ( स बन जाता ह)

3) क इ या उ हो और उसक साथ कख या प फ स कोई हो तो lsquoषrsquo हो जाता हउदा ndash दः+ कर =

िनः+ पाप =

4) क lsquoअrsquo हो और उसक साथ lsquoअrsquo स कोई हो तो का लोप होता हउदा ndash अतः+ एव = अतएव

5) क अआ क और कोई हो अथवा उसक साथ का तीसरा चौथा पाचवाहो अथवा य र ल व ह स कोई हो तो र हो जाता ह

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उदा ndash िनः+ आशा = िनराशािनः+ =

िनः+ झर =

6) क अ और उसक साथ अ या का तीसरा चौथा पाचवा अथवा यरलवहस कोई हो तो अ क ओ होता ह

उदा ndash मनः+ अिभराम = मनोिभरामअधः+ गित = अधोगितमनः+ हर = मनोहर

इसक अलावा कछ अिनयिमत होती उदा ndash पराः+ कार =

नमः+ कार =

ितरः+ कार =

Module ll

UNIT - 6

एक स अिधक स बनी हई को कहत कोकरनवाल समह को कहत

उदा ndash लड़का कलमकछ होती जब व दसर क साथ जाती तब होती ऐसी

को कहतउदा ndash (lsquoकrsquo ह इसका कोई क साथ lsquoकrsquo लगन पर इसका होता ह)

दधवाला ndash(lsquoवालाrsquo का दध क साथ लगन पर वह होता ह)

क1 क आधार पर तीन क ndash 1) 2) यौिगक 3)

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ndash अपनी हो उनक क करन स कछ होता ऐसको कहत

उदा ndash धन घोडायौिगक ndash जो दो या दो स अिधक क योग स बनत यौिगक कहत

उदा ndash राज + महल = राजमहल+ =

ndash जो दो या दो स अिधक क मल स बनत हो को िछपाकरका बोध करात हो कहत

उदा - पकज = पक + ज (पकज का ह स इसका ह कमल)दशमख = दस + मख (दशमख का ह दस इसका ह रावण)

2 स क तीन भद - 1) वाचक 2) 3) या साकितकवाचक ndash जब उसी बोला या िलखा जाय और िलए बना ह तब उस वाचक कहत

उदा ndash गधा एक जानवर ह ( lsquoगधाrsquo वाचक ह)ndash जब कोई उसका न बतलाकर अपन या गण का बोध करानवाल कोकहत

राम एक गधा ह (यहा गधा का ह lsquo rsquo इस का होता ह ndash राम एक ह)

ndash जो स क करता ह और गढ़ स दसरा सिचतउदा - हो गया ( ह इसका होता ह lsquo समयrsquo)

3 स क भद ndash

क आधार पर क चार भद - 1) 2) 3) दशज 4)

ndash क जो करक का होत उसकहत उदा ndash वाय

ndash व जो स पर कछ करक करतउदा ndash -

- आसरा- आग- आस- सच

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दशज ndash य स बन क अनसार य क क

स बनउदा ndash पट

ndash य भारतीय भाषाओ क कई भाषाओ जस अरबी फारसी सकरत

उदा - स ndash िसनमा

अरबी स - मौलवी अदालत दिनया अमीरफारसी स ndash बाग आदमी चाक कारखाना

स - दारोग काब लाश तोपस - सरग दाम

UNIT - 7

कछ ऐसी होती जो होती जब व दसर क साथ जाती तब वहो जाती इस तरह को (Affix) कहत

उदा ndash कछ िनर वालादो क होत - 1) 2)

ndash जो क आरभ लगाकर उसक अ लाकर कर उसकहत

उदा ndash अप + यश = अपयश ( )

उप + वन = उपवन(बगीचा)+ योग = ( )

अन + पढ़ = अनपढ़ ( पढ़ करक)

क + = (बरा )

ndash जो या क लगाकर उनक को बदल कहतउदा - बढ़ा + पा = बढ़ापा (बढ़ापा )

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+ = ( स )

िलखा + आवट = िलखावटबरा + ई = बराईदध + वाला = दधवालाबच + पन = बचपन

UNIT - 8

समासरखनवाला दो या दो स अिधक या पद िमलाकर जब एक या पद बनत

इस मल को समास कहत िमल को पद अथवा सामािसक पद कहतउदा - घोड का सवार ndash घडसवार

सा मख ndash

धन का पद - धनपदकाठ पतली ndash कठपतली

समास होन पर बीच तथा का लोप होता हउदा - धन का पद - धनपद ( lsquoकाrsquo का लोप होता ह)

समास1 समास दो का योग होता ह2 दो क मल स एक पद बनता ह3 दो क बीच का लोप होता ह4 दो कभी पहला पद होता ह और कभी दसरा पद होता ह5 समास जडत तो क का होता ह

उदा ndash का = + =

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समास औरसमास दो का योग होता ह दो का योग होता ह क

होत होन पर दो क सयोग स पद भी िमल जात समासवाल औरसमास हो सकता हउदा ndash पीता र दो पद ह ndash lsquoपीतrsquo और lsquo rsquo करन पर इस तरह होता ह ndash पीत +

= समास करन पर lsquoपीत ह जो rsquo =

कवल होती ह समास होता ह क तोडनको द कहत समास क तोडन को कहत

ndash क को अलग अलग अपनी क रखकर उनक आपस क कोकरन को कहत

उदा ndash रातndash - इसका ह रात औरसमास क भद

समास क छः भद होत 1) 2) 3) 4) 5) 6)

1 समास ndash समास पहला हो उस समास कहत इसकापहला पद या पद होता ह

उदा ndash ( क अनसार)

आजीवन ( जीवन )

यथासमय (समय क अनसार)

2 समास ndash समास पद हो और समास करन पर पहली का लोपहो उस समास कहत

उदा ndash राजसभा (राज सभा)( को )

समास क दो भद ह ndash

1) 2) समानािधकरणi ndash पद का करन पर पहला और दसर

लगायी जाती हउदा ndash राज-सभा (राजा सभा)

पहल सबध कारक ह और दसर कारक ह

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क छः भद -

इस समास क पद कारक का लोप होता ह उसी कारक क अनसार इस समास कानाम होता ह ndash

१ ndash होती हउदा ndash ( को ndash को कारक ह)

२ करण - lsquoसrsquo हउदा ndash (अकाल स )

मनमाना (मन स माना हआ)

३ ndash lsquoक िलएrsquoउदा ndash रसोईघर (रसोई क िलए घर)

(हवन क िलए )

४ अपादान ndash lsquoसrsquo हउदा ndash ( स िगरा हआ)

(पद स )

(ऋण स )

५ सबध ndash lsquoकाrsquo lsquoकrsquo lsquo rsquo हउदा ndash सनापित (सना का पित)

राजमाता (राजा माता)( दश का )

६ अिधकरण ndash lsquo rsquo lsquoपरrsquo हउदा ndash वनवास (वन वास)

आपबीती (अपन आप पर बीती)( )

कभी कभी समास पद का लोप होता ह उस अलक कहतउदा ndash ( रहनवाला lsquo rsquo का लोप)

सरिसज (सर होनवाला lsquo rsquo का लोप)

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नञ ndash अभाव या िनषध का सिचत ककरनवाला lsquoअrsquo या lsquoअनrsquo लगान स बननवाल को lsquoनञrsquo

कहतउदा ndash ( जो न हो)

अनपढ़ ( न पढ़ा हआ)

अछता ( न छआ हआ)

उप पद ndash समास कोई उप पद न हो तथा बाद पद हो उस lsquoउप पद rsquo कहतउदा ndash जलज (जल ) ndash कलम

मनोज ndash (मन जात) - कामदवii समानािधकरण - समास क क बाद एक कारक

आती ह उस समानािधकरण अथवा कहत इस समास क पद उपमान- उपमय अथवाndash हउदा ndash नील कमल - नीला कमल

यहा नीला और कमल हम ndash घन (बादल) (काला) उपमान और उपमय

कभी कभी सबध बतानवाल बीच क पद का लोप भी होता ह lsquo rsquo समासपहल का दसर स सबध बतानवाल बीच क पद का लोप होता ह उस समास कहत

iii समास ndash समास क होता ह और समदाय का बोधहोता ह उस समास कहत

उदा ndash (तीन का समाहार)

चौमासा (चार का समह)

iv समास ndash समास होत और करन पर और या अथवा योजकलगत उस समास कहत

उदा ndash ndash औरndash पाप और

तन-मन ndash तन और मनसमास क का िलग साधारणतया म क अनसार होता ह कभी कभी

हो तो उसी क अनसार िलग हो जाता हउदा ndash राजा-रानी आय

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समास एक स अिधक जडतउदा ndash माता ndash आय राम- आत थ

कभी कभी बहवचन - सचक क साथ भी पाया जाता हउदा ndash आपक लडक-

v ब समास ndash इस समास स कोई पद होता पर समास पद पदका होता ह इस समास कहत

उदा ndash र (पीत ह )

अनग ( ह अग - कामदव)

समास पद का पहला दसर क होता ह समासपद अपन स का होत ह कई पद भद स क

समास हउदा ndash मगलोचन - 1) मग क लोचन ndash

2) मग क समान लोचनवाला ndash समास- 1) पीला कपडा ndash

2) पीला ह अबर (कपडा) वह ( ndash समास)

Module lll

UNIT - 9

क िलग वचन कारक अथवा काल क अनसार होता ह

कहत औरया - क िलग वचन कारक अथवा काल क अनसार कोई

होता व ह सचक व ह सचक या ह

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UNIT - 10

(NOUN)वह ह या भाव को सिचत करता ह राम ( )

( ) ( ) क तीन ndash

a) (Proper Noun)

b) जाितवाचक (Common Noun)

c) भाववाचक ( Abstract Noun)

A ndash उस कहत एक का बोध होता हउदा ndash राम गगा

B जाितवाचक ndash जाितवाचक स एक जाित क सब का बोध होता हउदा - नगर सभा जल

स सभी जाित का बोध होता ह का य जाित क आधार पर होत

स सजातीय क समह को करत उस समहवाचक कहत उदा ndash सनास का बोध का बोध होता ह उस कहत

उदा - सोना पानी लोहाC भाववाचक ndash भाववाचक व क गण दोष कासचना होती ह

उदा - गण दोष ndash िमठास कटता नीचता- लडकपन यौवन दासता

भाव ndash शोक भयD जब गण को करत तब व जाितवाचक बनत

उदा ndash ह तम बनोइस स ह ndash पर रहनवाला यह जाितवाचक हकभी कभी जाितवाचक होती

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उदा ndash गािधजी कल यहा यहा गािधजी हE भाववाचक कभी कभी जाितवाचक क समान होती

उदा ndash हाथी और घोड बडा ह यहा चाल जाितवाचक हभाववाचक चार स बनती

a) जाितवाचक स ndash लडका ndash लडकपनndash

b) स ndash अह ndash अहकारअपना ndash अपनापन

c) स ndash चतर ndash चतराईमीठा ndash िमठास

d) स ndash चढ़ना ndash चढ़ाईसजाना ndash सजावटघबराना ndash घबराहट

F क समान होन वालउदा ndash का आधर गणी- ह यहा क समान होत उदा ndash का कहना

मानो lsquoबडाrsquo ह यह क पर होता हका

एक स अिधक स बनत क एक दसर क िमलन स का होता हक क होता ह इस कहत का िलग वचनऔर कारक क कारण होता ह

उदा ndash लड़का पठता ह ndash पठती ह ( िलग क कारण)

लड़का दौडता ह - लड़क दौडत (वचन क कारण)

लाओ ndash मज़ पर ह ( कारक क कारण)

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UNIT - 11

िलगक जाित का बोध होता ह उस िलग कहत दो िलग ndash और

a ndash जाित का बोध करानवाल को िलग कहत उदा ndash सीताb - जाित का बोध करानवाल को कहत उदा ndash लड़का नर राम

बदगी ह उदा ndash पड नगर ह उदा ndash लता

जो ह व ह उदा ndash भाई बलकई स क नर और मादा का बोध होता ह पर उनका एक िनयम

िलग स होता हndash कौआ चीता ndash कोयल चील मना

जाितभद करन किलए इनक साथ नर या मादा लगाना उदा ndash नर कौआ मादाकौआ नर चीता मादा चीता

क अत आ पा आव और पन हो होतउदा ndash बढ़ापा चढ़ाव लडकपन

क अत आई वट हट और ता हो व होतउदा ndash चढ़ाई सजावच सरलता

स बनान का िनयमक क अ को आ करन स ndash उदा ndash ndash बाल ndash बाला सत ndash सता तनज ndash

तनजा ख क अ को ई करन स ndash उदा ndash दव ndash दवी ndash कबतर ndash मग ndash

मगीग कछ क आ को ई करन स ndash उदा ndash रसा ndash रसी लडक़ा ndash

घ क आ को इया करन स ndash उदा ndash ndash बढ़ा ndash चहा ndash

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ङ या क क इन लगान स ndash उदा ndash सनार ndash

धोबी ndash कहार ndash

च कछ क नी या आनी लगान स ndash उदा ndash िसह ndash िसहनी महतर ndash महतरानी मोर ndash

मोरनीछ उपनामवाचक क क पर आइन लगान स ndash उदा ndash बाब ndash बबआइन

ठाकर ndash ठकराइन पाड ndash पाडाइन ज कछ क ndash उदा ndash ndashमाता ndashऔरत वर- वध मा ndash

बाप ndashभाई

स बनान का िनयमa कछ lsquoओईrsquo lsquoआवrsquo और lsquoऔराrsquo लगान स ndash

उदा ndash बहन ndash बहनाई ननद ndash ननदोई ndash िसल ndash िसलौरा b कछ क lsquoईrsquo को lsquoआrsquo करन स ndash

उदा ndash जीजी ndash जीजा झोली ndash झोला c कछ क lsquoईrsquo को lsquoअrsquo करन स ndash

उदा ndash ndash d क अत lsquoआrsquo लगान स ndash

उदा ndash

UNIT ndash 12

वचन (Number)स और क स स यह त हो वह एक क िलए होता ह या अिधक

क िलए इस वचन कहत वचन दो क होत ndash

1) एकवचन (Singular)

2) बहवचन (Plural)

1) एकवचनःस क स स एक का बोध करान वाला एकवचन हउदाः पढ़ती ह ( ndash एकवचन ह)

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2) बहवचनःस क स स एक स अिधक का बोध हो उस बहवचन कहतउदाः पढ़ती ( ndash बहवचन ह)

कभी कभी आदर क िलए एकवचन बहवचन क होतउदाः अब )बहवचन(

बहवचन बनान का िनयमः-)क ( क lsquoआrsquo क पर lsquoएrsquo लगा दन स एकवचन का बहवचन बन जाता ह

उदा ndash लड़का ndash लडक कपड़ा ndash कपड़ बटा ndash बट lsquo rsquo क सभी क (

) एक समान रहतक बहवचन बनान का िनयम

lsquo rsquo तथा lsquo rsquo क lsquoअrsquo lsquoआrsquo क पर lsquoएrsquo का करन स बहवचनबनाया जाता ह

उदाः ndash गाय ndash ndash रात ndash lsquo rsquo तथा lsquo rsquo क lsquoयाrsquo जोड़न स बहवचन िमलता ह इस lsquoईrsquo क

पर lsquoइrsquo होता हउदाः ndash ndash ndash

स क lsquoयाrsquo हो उनक lsquoयाrsquo क ऊपर कवल लगान पर-

उदाः ndash -

क बाद lsquoएrsquo या lsquo rsquo जोड़न स शष का बहवचन िमलता हउदाः लता ndash लताए -

)ग( िनयम -

)1( )बहवचन( सिचत करन क िलए कभी कभी क एकवचन क साथ गण लोग

जोडतउदा ndash पाठकगण बाब लोग

(2) कछ हमशा बहवचन बोल जातउदा ndash लोग होश

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3) जाितवाचक स ऐ हमशा बहवचन होती ह जब और भाववाचक काजब जाितवाचक क समान होता ह तब व बहवचन होता ह

उदा ndash भारत रावण कमी (यहा रावण जाितवाचक ह)

(4) जब जाितवाचक क समान होता ह तब व बहवचन क होतउदा ndash और क ह (जल बहवचन एव जाितवाचक ह)

UNIT - 13

कारक (Case)या क स उसका क क साथ होता ह उस

कारक कहतउदा ndash राम न रावण को माराइस lsquoनrsquo और lsquoकोrsquo इन क उसका सिचत होता हउदा ndash मारा - राम lsquoनrsquo

मारा ndash रावण lsquoकोrsquo इसिलए य कारककारक क आठ भद होत ndash

कारक - नकारक - को

करण कारक - सकारक - को

अपादान कारक - सकारक - का क

अिधकरण कारक - पर

सबोधन कारक - ह अर अपी अहो क कारक ndash (Nominative)

या क स करनवाला या का बोध होता ह उस कारक कहतlsquoनrsquo ह

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उदा ndash राम गयामोहन न खाया

lsquoरामrsquo और lsquoमोहनrsquo कारक ह न हक को सिचत करन क िलए कोई जाती ह

उदा ndash राम न िलखी ख कारक (Accusative)

या पर क का फल पडता ह उस कारक कहत उदा - राम न रावण को मारा

रावण मारा गया ह यहा lsquoरावणrsquo कारक ह lsquoकोrsquo हकभी कभी lsquoकोrsquo का लोप होता ह

उदा ndash राम न िलखायहा lsquoकोrsquo का लोप होता ह ऐसा भी होता ह - राम न को िलखा

ग करण कारक ( Instrumental)

क साधन का बोध करानवाल क को करण कारक कहत lsquoसrsquo ह उदा ndash

कलम स िलखतिलखन का साधन कलम ह कलम क िलखन होती ह

घ कारक ( Dative)

कारक का वह ह जो उस का बोध कराता ह िलए कोई कामlsquoकोrsquo lsquoक िलएrsquo ह

उदा ndash मोहन न राम को पाच मोहन न राम क िलए पाच

ङ अपादान कारक (Ablative)

का वह ह क स पथक होन का बोध हो उस अपादान कारककहत lsquoसrsquo ह

उदा ndash स िगरतयहा स का सिचत होता ह कारक और अपादान कारक lsquoसrsquo ह

करण कारक lsquoसrsquo साधन सिचत होता ह अपादान कारक lsquoसrsquo सिचत होता ह

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कलम स िलखता ह - करण कारकस आ रहा ह - अपादान कारक

च कारक (Genitive)

क स उसका स होता ह उस कारक कहतlsquoकाrsquo lsquoकrsquo lsquo rsquo

उदा ndash राम का घोडा राम क घोड राम बहन छ अिधकरण कारक (Locative)

क स क आधार का बोध होता ह उस अिधकरण कारक कहत lsquo rsquo

और lsquoपरrsquo उदा ndash शर जगल रहता ह

मज़ पर ह अिधकरण तीन क होत ndash

क कालािधकरण ndash का काल होता ह उस कालािधकरण कहत उदा ndash राम दोपहरस आयगा

ख भावािधकरण ndash क भाव क भावािधकरण होता ह उदा ndash शर को दखकरभय होता ह

ग ndash पर होती ह उस कहत उदा ndash मज़ पर ह कालवाचक और क सात कभी कभी लगती उदा ndash कल रात मसलधार हई ( कल रात मसलधार हई ndash lsquo rsquo का लोप)

ज सबोधन (Vocative)

क स को पकारना सिचत होता ह उस सबोधन कारक कहत हउदा ndash ह राम वहा मत आना

सबोधन कारक कोई ह उसको करन क िलए lsquoहrsquo lsquoअरrsquo कोलगाय जात

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UNIT - 14

( Pronoun)क उसक को करन क िलए का जाता ह

कहत उदा ndash राम जाता ह वह अपनी जाता हउसन कहा ndash लाना भल गया वह अपनी राम जगह हए ह

इसिलए ह को हटान क िलए का जाता हयोग क अनसार क पाच भद होत

1) - त यह वह (एव) हम तम य व आप (बव)

2) ndash यह वह (एव) य व (बव)

3) ndash कोई कछ (एव - बव)

4) ndash जो सो (एव - बव)

5) ndash कौन (एव - बव)

क ndash या लखक बोलत या िलखत समय या तो अपन कछ कहता ह या सननवालऔर पढ़नवाल क अथवा अपन और सननवाल को छोडकर क

कहत स बोलनवाल सननवाल और क कछ कहा जाए उस कोकहत

तीन क होत ndash औरndash बोलनवाला या िलखनवाला अपनिलए का करता ह उस

कहत (एव) हम (बव)ndash सननवाल या पढ़नवाल क िलए का होता ह उस कहत

जस ndashत तम और आप ndash क कछ कहा या िलखा जाए उसक िलए होन वाल को

कहत जस ndash यह वह (एव) य व (बव)और हम ह एकवचन ह हम बहवचन ह का हम

क बहवचन स ह यहा हम क पर होता ह हम का एकवचनऔर बहवचन होत

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त और तम क आदर क िलए आपका करत जस ndash तमयहा आओ इसी क पर आप यहा ए कभी कभी यह और वह क भी आप का

होता ह जस ndash आप मर कभी कभी आदर क िलए आप का करत बहवचन सिचत करन क िलए आप क साथ lsquoलोगrsquo

जोडा जाता ह जस ndash आप लोग यहािनजवाचक आप और चक आप भद होता ह िनजवाचक आप समान स एक वचन

और बहवचन आता ह जस ndash आप पढ़गा हम आपवह कवल बहवचन करत िनचवाचक आप तीन स

होत आप कवल और करतlsquoआपrsquo अकला जाता ह िनजवाचक आप तथा क साथ आता ह जस ndash त

आप कामकभी (2) आप भल अकला आ सकता ह जस ndash आप भला तो जग भला वह अपन आप समझ गया

व ऒर सकत जाता हसकतवाचक और िनदशवाचक भी कहत जस ndash यह वह य व

हम तम आप यह य व इन या क साथ अिधकताकरन क िलए lsquo rsquo lsquoईrsquo य जोडत झस ndash त आप

स या क बात का बोध न हो उसकहत जस ndash कोई कछ

a lsquoकोईrsquo का क िलए होता ह जस ndash बाहर स कोई आ रहा ह b जब का पता न होन पर ndash जस ndash अर कोई कमर ह

c क lsquoकोईrsquo लग तो उसका लगभग होता ह जस - कॉलज स कोई पाच सौभाग

d lsquoकोईrsquo जब दोहराया जाता ह तब को सिचत करता ह जस कोई कोई पर को रोकतe कोई क साथ एक लग जान पर सिचत करता ह जस ndash तम स कोई एक गा सकगा

कछ का अनिगनत क िलए होता ह जस ndash कछ हक िलए होता ह जस ndash पानी कछ ह

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कोई का क िलए होता ह और कछ का क िलए होता हघ वाचक

स दो और क बीच क का बोध हो उस वाचक कहतजो सो जस ndash आपन जो कहा सो हो गया

कभी कभी जो या सो स एक रहता ह जस जो गाता ह बात हङ ndash करन क िलए का होता ह कहत

उदा ndash आप सोचत आज कौन आएगाकौन का क िलए होता ह का क िलए होता ह जस ndash कौन

बोलगा थली हकभी कभी कौन का क िलए होता हजस - बाधा डालनवाल तम कौन होिभ किलए lsquoकौनrsquo को दोहरा भी जाता ह जस ndash कौन कौन लाएग

क कौन का होता ह जस - इसन कौन अपराधक िलए को दोहरा दता ह जस ndash राम न

का क भी होता ह जस ndash तम मझस लडोगका

वचन और कारक क कारण भी होत िलग क कारण होताका और एक स होता ह

सबोधन होतास क पर होता ह उसी क अनसार उस क िलग वचन भी होता ह

काकारक एकवचन बहवचन

हममझको मझ हमको

करण मझस हमसमझको मरिलएमझ हमको हमार िलए

अपादान मझस हमसमरामर हमारा हमार

अिधकरण मझपर हमपर

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तकरक एकवचन बहवचन

तन तम तमनतझको तझ तमको

करण तझस तमसतरातर

अिधकरण तझपर तमपर

वहकरक एकवचन बहवचन

वहउसन व

उसको उस उनकोकरण उसस उनस

उसक िलए उस उनक िलए

अपादान उसस उनसउसका उसक उनका उनक

अिधकरण उस पर उनपर

UNIT - 15

(Adjective)स या सिचत कर उस कहत जस ndash रशमी

कपडा लाल कमलबतलाई जाए उस कहत जस ndash लड़का

ह लड़का हजो क पहल आता ह उस कहत जस ndash फल

ह फल ह इसिलए यह ह

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जो क बाद आता ह उस कहत जस ndash वह लड़का बड़ा होिशयार ह लडका ह होिशयार ह क बाद आन क कारण यह ह

जो क साथ उसको करन क िलए होता ह उस समानािधकरण कहत जस ndash रामनाथ कहता ह

रामनाथ क साथ समानािधकरण ह चार क ndash

क गणवाचक (Adjectives of Quality)

ख (Adjectives of number)

ग (Adjective)

घ या (Demonstrative Adjective)

१ गणवाचकजो क गण रग आकार को बतलानवाल को गणवाचक कहत

जस ndash लबा सशील काला गोल गणवाचक क बदल बहधा क क भी आतजस ndash राजा ( का राजा )

जापानी कपड़ा (जापान का कपड़ा)गणवाचचक का होता ह तब उनका क समान होता ह

जस ndash न सच कहा ह२ - क गणना का बोध हो उस

कहत जस ndash एक दो पहला दसरा दगनाक तीन भद होत ndash

1) 2) 3) बोधक या बोधकndash इसस का बोध होता ह जस ndash चार आठ सात

क चार भद ndash

a गणनावाचक ndash गणनावाचक षण स गणना का बोध होता ह जस ndash एक चार फल सात

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गणनावाचक क साथ एक लगान स लगभग का होता ह जस ndash एक आदमी ndash

लगभग आदमी b ndash स क गणना का होता ह जस ndash पहला

दसरा चौथाc ndash गणनावाचक क lsquoगनाrsquo लगान स बनत जस

ndash दगना ितगना ३ - स माप- तोल या का पता होता ह उस

कहत जस ndash दो सर चावल चार गज कपडा

क दो भद होत ndash

1) और 2)

ण - स का पता लगता हजौस - दो सर चावल

- स का पता नलगता ह जौस ndash बहत दध

४ या - स ऒर या सकत जाता ह उसकहत lsquoयहrsquo lsquoवहrsquo स जाता ह इसिलए इसकहत

जस ndash यह वह जब क हो तब वह बन जाता ह

जस ndash वह घर राम का ह कई ऐस मल जसा रहता ह

जस ndash वह यह क

भी िलग वचन और कारक क अनसार होता ह क िलग और कारक ककारण कछ होता ह

जस ndash काला कपड़ा - काला कपड़काला धोती - काला धोितया

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क साथ ई हो जातजस - काली धोती

क होता ह जो क होन परहोता ह जस ndash वह घोड़ा व घोड़

पथकता अथवा अिधकता क िलए को दहराता ह ndash

जस ndash छोट छोट फल लालका भी होता ह जस ndash बडा लड़का

गणवाचक और जब करत तब वह बन जात

जस ndash थोड़ा खा गया चावल बहत ह क साथ जब आता और व बन जात तब उनक साथ

भी लगती जस ndash को दान दो

UNIT - 16

(Verb)

काम क करन या होन का बोध हो उस कहतजस पढ़ना खाना दौडना पहनना

धात ndash क मल को धात कहत उदा- पढ़ना खलना खानाय सब मल धात lsquoपढ़rsquo lsquoखलrsquo lsquoखाrsquo ह मल धात lsquoनाrsquo जोडकर का िमलताह

i क आधार पर क दो भद होत - 1) 2)

1) (Transitive Verb) ndash क का फल को छोड पर पडता हउस कहत

उदा ndash राम पढ़ता ह

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राम ह ह और का पर पडता ह2) (Intransitive Verb) - क का फल पर पडता ह उस

कहत का अभाव हउदा ndash मोहन सोता ह

कभी कभी एक होता ह और कभी कभी दो भी होत एक होन वालको एक lsquo rsquo कहत

उदा ndash राम न खाना खायाखाना ह कवल एक होता ह दो होन वाली को

कहतउदा ndash मा न को दध

दो होत ndash lsquo rsquo और lsquoदधrsquo दो होत एक lsquo rsquo और दसराlsquoगौणrsquo

उदा ndash मा न को दधइस lsquoगौणrsquo ह दध lsquo rsquo ह lsquoगौणrsquo कभी कभी होता हउदा ndash न कथा सनाई

ii क भद1 - व होती ह आशय अथवा स परा होताको परा करन क िलए दसर होती ह ऐसी को कहतयह दो क होती ह१ ndash का अभाव हउदा ndash वह ह यहा क को परा करन क िलए जोडा गया ह२ ndash होन पर भी का भाव परा न हो उस को

कहतउदा ndash सीता न पढ़ाया

यहा परा सीता न lsquo rsquo पढ़ाया lsquo rsquo पढ़ाया यह परा इसिलए यहह यहा होन पर भी का भाव परा होता

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३ परक - को परा करन क िलए या पडती ह

परक कहत क परक lsquo परकrsquo तथा क परक lsquo परकrsquo

होतउदा ndash उस होिशयार समझता ह ( परक)

राम बलवान ह ( परक)

iii यौिगक धात ndashक स धातओ क दो भद होत 1) मल धात 2) यौिगक धात

मल धात - मल धात व जो दसर स न बन जस ndash कर बठ पढ़ यौिगक धात ndash यौिगक धात व जो दसर स बनाय जात उदा ndash खाना स नाम धात ndash जो या क आधार पर बनती ह उस नाम धात कहत

उदा ndash हाथ स हिथयानास

अपना स अपनानाiv - स यह जान पडता ह को न करक दसर को

करन दता ह उस (casual verbs) कहतउदा ndash राम न मोहन स िलखवाया यहा राम न िलखकर मोहन स िलखवाता ह इसिलए यह ह

करनवाल को और जाती ह उस कहतराम न मोहन स िलखवाया राम ह और मोहन हमल जो होती ह उनस और बन सकती हस और बन सकती उदा ndash दध पीता ह

पीना ह इसस बनती ह ndash मा को दध हस बना सकती ह उदा - मा नौकर स को दध ह

बनान का िनयममल धात क आ जोडन स और वा जोडन स या

बनती ह

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उदा ndash उठना ndash उठाना - उठवानाचलना ndash चलाना - चलवानापढ़ना ndash पढाना - पढ़वाना

दो क धातओ ए और औ को छोडकर पहला हो जाता हउदा ndash जागना ndash जगाना ndash जगवाना

भलना ndash भलाना - भलवानाछोडना ndash छडाना ndash छडवाना

धातओ क ला और लवा लगात तब हो जाता हउदा ndash पीना ndash ndash

सोना ndash सलाना ndash सलवानाखाना ndash -

v नाम धात - को छोडकर जोडन स जो धात बनती ह अथवा जो नाम (

या ) धात क समान होत नामधात कहत जो नामधात लगान सबनत आ ओऔर ला लगात पहला हो जाता ह

उदा ndash लाज ndash ndash लजानाहाथ ndash हिथया ndash हिथयानाझठ ndash झठला ndash झठलाना

UNIT - 17

काल (Tense)क स क होन का समय और अथवा का बोध हो उस काल

कहत काल क तीन भद होत1) भतकाल2) काल3) काल

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भतकालस का बोध हो उस भतकाल कहत

उदा ndash राम न िलखी भतकाल क छः भद - भत भत भत भत भत हत-हतमत भत

भत ndash क स भतकाल क समय का बोध न हो उस भत कहतउदा ndash मोहन न खत िलखायहा का बोध होता जो भतकाल हई ह भतकाल ndash क स का का समय अभी अभी हआ ह इसका बोध

होता ह उस भतकाल कहत उदा ndash राम न ह

इसस पहल अभी अभी हई हभत ndash क स यह होता ह क को हए बहत समय हो चका ह उसभत कहत

उदा ndash न दध थास हो क साथ lsquoथाrsquo lsquoथrsquo lsquoथीrsquo लगान स भतकािलक

िमलता हभत - क उस को भत कहत यह हो भतकाल हो थी पर

का पता न लग उस भतकाल कहतउदा - वह पढ़ रहा था वह सोता था

कब समा हआ इसका पता क साथ lsquoता थाrsquo lsquoत थrsquo lsquoरहा थाrsquo lsquoरह थrsquo लगानाभत काल ndash क स भतकाल सचना िमलती ह उसक होन कछ हो उसभत कहतउदा ndash वह आया होगा

उसन खाया होगा भतकाल हो थी ह क साथ lsquoहगाrsquo lsquoहगीrsquo lsquoहोगाrsquo lsquoहोगीrsquo

lsquo rsquo जोडन स भतकाल िमलता हहत-हतमत भतकाल ndash क स यह पाया जाय भतकाल होना सभव थाकारण स न हो सका उस हत-हतमत भतकाल कहत

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(Present Tense)

क को काल कहत रहती ह

होती उस काल कहतउदा ndash राम पढ़ता ह

सीता गीत गा हकाल तीन क होत ndash 1) काल 2) काल 3)

काल - वह ह स का काल होना पाया जाय

उस कहतउदा ndash मोहन पढ़ता ह

रमा गाती ह क साथ lsquoताrsquo lsquoतrsquo lsquoतीrsquo जोडन स बनत

- वह ह काल क होन पायाजायउदा ndash वह खाता होगा

सीता जाती होगी क साथ lsquoता होगाrsquo lsquoती होगीrsquo lsquoत rsquo lsquoती rsquo लगान स िमलत

ndash का वह ह यह होता ह का अभी ह

होता उस कहत उदा ndash वह खा रहा ह

चल हक साथ lsquoरहाrsquo lsquo rsquo lsquoरहrsquo जोडन स िमलती ह

काल ( Future Tense)

होनवाली को काल कहत काल क दो भद ndash 1)

काल 2) कालकाल ndash का वह ह स क आग होन सचना िमल उसकाल कहत

उदा ndash वह आयगा

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राम आज बबई जायगासीता कल घर आयगी

क साथ lsquoयगाrsquo lsquoयगीrsquo lsquoयगrsquo जोडन स िमलतकाल ndash क होन सभावना हो उस काल कहत

उदा ndash सभव ह आज हो स lsquoगाrsquo lsquoगrsquo lsquoगीrsquo पथक कर दन स काल िमलगा

UNIT ndash 18

(Voice)उस कहत यह जाना जाय का ह

ह या कवल भाव ह उस कहतउदा ndash राम न रावण को मारा

तीन क ndash 1) 2) 3) भाव- ह हमशा क िलग वचन और क अनसार होता ह

उस कहतउदा ndash लडका पढ़ता ह

लड़का ह और ग ह इसिलए भी होना हसीता िलखती ह इसम सीता ह इसिलए ह का सीधा स होताह

ndash क िलग वचन क अनसार हो उस कहतह का होता ह

उदा ndash राम िलखता हह इसिलए यह ह धानता होती ह और का

स होता ह क िलग वचन क अनसार बदलती ह हमशाहोता ह का होना ह

उदा ndash राम न रावण को मारा -

राम स रावण मारा गया -

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रावण ह ह क का ह गौण का रहता ह

उदा ndash मा न को दध मा स को दध गया

दो होत ndash और दध ndash भाव होती ह यह हमशा स बनता ह हमशा

एकवचन और होती ह इसका होता ह उदा ndash यहा बठा जाता

मझस पढ़ा जाता स या बनान

को भत क करना उसक साथ काल वचन और िलग कअनसार जाना क जोडन ऐसा करन स स औरक स भा बनती ह

उदा ndash 1) राम न रावण को मारा -

राम स रावण मारा गया -

2) राम रावण को मारगा -

राम स रावण मारा जायगा -

3) राम रावण को मारता ह -

राम स रावण मारा जाता -

पहल lsquoमाराrsquo भतकािलक ह इसिलए lsquoमाराrsquo क साथ lsquoजानाrsquo का भतकािलकजोडना

दसर lsquoमारगाrsquo काल ह इसिलए lsquoमाराrsquo भतकािलक बदलकरlsquoजानाrsquo का काल lsquoजायगाrsquo जोडना

तीसर काल ह को भतकािलक बदलकर (मारा) उसक साथजाना का (जाता) जोडना

स बन सकता हउदा ndash मोहन उठता ( )

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मोहन स उठा जाता - ( )

वीणा चलती ( )

वीणा स चला जाता - ( )

UNIT ndash 19

याअभी तक हमन क बार पढ़ िलया ह उनक िलग वचन और कारक क अनसार

आता ह इसिलए कहत का ह अब हम क दसरया क बार

चार क होत ndash 1) 2) बोधक 3) बोधक 4)

बोधक

UNIT ndash 20

ndash Adverbउस कहत होती ह

उदा - रमश चलता हइस lsquoचलनाrsquo ह ndash ह lsquo rsquo इसिलए lsquo rsquo ह

स क तीन भद ह - 1) साधारण 2) सयोजक 3) साधारण - साधारण वह ह होता ह साधारण या

कहत जस ndash खब पढ़ो दौडो सयोजक ndash का स या स होता ह सयोजक

कहत जस ndash जहा तक हम चल सक वहा तक ह

योजना का सयोजक स होता ह- का क

भद क साथ होता ह कहत

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जस ndash गह खाओग

कह तो लो होता ह व कवल गह खात और कछ खायगा इन

ह हो जान स का बदल जाता ह जस ndash वह काम करगा इसका यह ह जो काम उस ह कवल वह करगा और कछ

क आधार पर क चार भद होत ndash 1) कालवाचक 2) 3)

4)

कालवाचक ndash स समय अविध तथा काल का बोध होता ह कालवाचककहतजस ndash काम को अभी पढ़ना

आजकल रोज़ होती ह कभी कभी भी रात क समान लगता ह मोहन पढ़ाई सदा ह

अभी आजकल कभी कभी सदा कालवाचक ह ndash स क का बोध होता ह

कहत उदा ndash जहा तक जा सक वहा तक जाओ

जाओ और वहा लटो घर क सामन एक ह बाहर रोशनी भीतर अधरा

हाथ स मारत जहा वहा सामन बाहर भीतर ndash स अिधकता- का बोध होता ह

कहत जस ndash उतना पढ़ो हो

चावल थोडा खाओ खब खाना

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अपना थोडा खब

व क होन का ढ़ग का पता िमलता ह जस ndash राहल धीर धीर चलता ह

सीता मधरतम गाती ह यथा हम तथा िमलत

धीर धीर मधरतम यथा-तथा

UNIT - 21

बोधकबोधक ह जो या क साथ आकर उनका क

क साथ बनात उदा ndash धन क कोई काम न चलता

घर क नीच एक तालाब ह क पास एक भी ह

नीच पास बोधक ह क अनसार बोधक क दो भद होत ndash 1) 2)

क ndash य या क बाद आतउदा - घर क भीतर घर क पीछ घर ऒर

कारक भी आती ह जस का क कभी कभी अपादान कारक या भी आती ह

उदा ndash इनस पहल आया राम का मकान मोहन क घर स पर

lsquoसrsquo lsquoपरrsquo अपादान कारक क ndash यह स क क साथ आत

जस ndash दो तक राम रहगा

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घड भर पानी क िलए पाच दन ग lsquoतकrsquo lsquoभरrsquo सचक

UNIT - 22

( Conjunctions)योजक या व जो या न बतला कर एक या का

दसर या स जोडत बोधक कहतजस ndash सीता और गीता अपन घर गयी

सीता और गीता को िमलानवाला योजक lsquoऔरrsquo ह क तीन भद ndash 1) सयोजक 2) 3) भदबोधक

1) सयोजक ndash कई का सयोग करनवाल को सयोजक कहत इसक दो याका मल होता ह

उदा ndash और राम कल बबई और वहा उनक साथ मोहन भी lsquoऔरrsquo lsquoभीrsquo सयोजक ह

2) ndash जो का बोध कराए कहत जस ndash चाह दश सवा करनी या अथवा मानवीय को पहचानना

lsquoयाrsquo lsquoअथवाrsquo lsquoवाrsquo lsquoचाहrsquo को करनवाल ह 3) भदबोधक ndash दो स एक स भद बतलानवाल को भदबोधक कहत य कई क होत

क ndash दो म स पहल का िनषध या सिचत करत जस ndash

पर मगर वरन उदा ndash मझ वहा जाना था क कारण जा न सका

ख - कारणवाचक और उपदशमलक ndashइसिलए सो अतः इसिलए

इस क ह जस ndash राम समय पर आ न सका इसिलए जा न सका

ग सकतबोधक ndash ndash तो जो ndash तो प सकतबोधक ह जस ndash तम कहत तो जाता

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घ ndash इन पहली बात का और होता ह यान मानो यहा तक इस क ह

जस ndash कोई भी समय पर पहचा यहा तक भी 10 बज तक न आय क और दो भद होत ndash 1) समानािधकरण 2)

समानािधकरण ndash समान पद क या को जोडत जो एक क हो वसमानािधकरण धक कहत जस ndash क मा-बाप का अजीब ह समानािधकरण क चार उपभद होत ndash

1) सयोजक ndash और तथा भी एव 2) क ndash या वा अथवा चाह 3) ndash पर मगर 4) ndash इसिलए अतः

ndash को स जोडनवाल कोकहत

जस ndash आज नौकरानी आयगी वह बीमार ह क चार उपभद होत ndash

१ ndash यान मानो २ करणवाचक ndash जो इसिलए ३ उपदशवाचक - जो ४ सकतवाचक ndash - तो जो-तो -

4) ndash ndash स क शोक घणाको करनवाल को -बोधक कहत

जस ndash हाय अब अर आप कहा जा रह

ह राम करो को सिचत करन क िलए - लात

बोधक क सात भद ndash

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1) बोधक ndash वाह ndashवाह - आहा शबाश

2) शोक बोधक ndash आह ऊह हा-हा ndash

3) बोधक ndash अहो ऒह

4) अनमोदन बोधक ndash हा-हा वाह शबाश

5) बोधक ndash िछ हट अर िधक

6) ndash बहत हा जी हा7) सबोधन बोधक ndash अर र अपी अहो

कभी कभी भी हो जातजस ndash भगवान लो चप कभी कभी या भी होत जस ndash न हो बहत हो गया

जब क समान होत तब वह होता तब वमनोभाव को करात

जस ndash हाय हाय मचा रखी ह

सब लोग - पकार उठहाय ndash हाय - क समान ह इसिलए यह बोधक ह

UNIT - 23

क भद क स बनान का िनयम

क पर जायगास बनता ह एक या अिधक स बनता ह एक स अिधक स बनता

ह कहन या िलखनवाल का परा भाव हो जाय तो उस कहतजस ndash मोहन पढ़ता ह

राम िलखता ह इन स लखक का परा भाव होता ह

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ndash कछ ऐस होत और क रहन पर भी कहन या िलखनवाल का परा आशयहोता क समह को और क रहन पर भी जो कछ सनन

बनी रह कहत दो क होत ndash 1) 2)

क अधीन होतउदा ndash राम न कहा था वह कल पाठशाला जायगा

इस राम न कहा था - ह और कल पाठशाला जायगा तह इस और भी कहत

रखनवाल को कछ थोडा सा भाव करनवाल को कहतएक भावना होती ह

जस ndash तरह पढ़ना चलना

इन होता ह क म दो भाग होत 1) और 2)

ndash ( ) कछ होता ह उस कहतndash ( ) क जो कछ होता ह उस कहत

जस ndash मरा स भरा हआ ह मरा ह और स भरा हआ ह ह मरा ndash ह और मरा

उस का ह इसिलए ( ) और मरा का कहत हआ हह शष उसका ह

इस चार भाग हए ndash 1) ( ) 2) का 3) ( ) 4)

काचार भद ndash

क ndash राम गया ख ndash वह कह चका ग ndash फल

क भदक अनसार क आठ भद होत ndash

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1 ndash इस स बात का होना सिचत होता ह जस ndash भारत राजधानी ह

2 िनषधवाचक ndash का अभाव होता ह जस ndash क कछ भी पा सकत

3 ndash इस स सचना होती हजस - तम कल कालज

4 ndash इसस और उपदश का बोध होता ह जस ndash तरह पढ़ो

का भजन करो 5 ndash इसस का भाव सिचत होता ह जस ndash हाय राम को एक

लाख िमल 6 ndash इसस या सचना होती ह

जस ndash अक पा

7 ndash या सभावना सचना होती ह जस ndash आज होगी

8 - सकत सचना होती ह जस ndash हो तो

राम काम करगा रचना क आधार पर

रचना क आधार पर क तीन भद होत - 1) सरल या साधारण 2) और3)

१ सरल ndash एक और एक होता ह उस सरल कहतजस ndash मोहन िलखता ह ( मोहन और िलखता ह धय ह)

राम मज़ पर रखी ह ( ह और रखी ह ह)

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lsquoराम rsquo और lsquoमज़ परrsquo कवल और का ह २ - उस कहत एक हो और उसक एक या

अिधक हो उस कहतजस ndash जो करगा उस सफलता िमलगी जो करगा ndash ह उस सफलता िमलगी - ह

तीन क ndash 1) 2) 3)

1) ndash का क पर होता ह उसकहतजस ndash मरा ह तमन को मारा यह सच ह इस तमन को मारा ndash ह क पर आया ह इसिलए यह

ह 2) ndash जब कोई को क का काम दता ह तब उस

कहत जस ndash य उसी छा को जायगा जो रहगा

उसी स डरत जो खब मारता ह उसी जो ह

3) ndash जो क का काम दता ह उस कहत

जस ndash करता ह उतना फल िमलता ह जब तम कहोग सब कछ

जब ह ३ ndash दो या दो स अिधक योजक जड हो न

हो उस कहतजस ndash वह तरह पढ़ता था तो पास होता

दो या दो स अिधक सरल अथवा एक दसर पर न होता ह इसिलए यह

जस - कर चका (सरल )

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हम कर चक तो व आए ( )

और मरा मन ठड हो गया ( )

चार क होत ndash सयोजक सचक 1) सयोजक - एक दसर क साथ सयोजक जडा रहता ह

जस ndash वह आया और उसक साथ गया स िमलता ह और स होता ह

2) ndash का एक दसर स भद या का रहता ह जस ndash स बढ़ता ह स भरता ह वह खब खाता पर बडा होता

3) सचक ndash दो स एक को करना जस ndash मझ या राम को

4) अथवा हतसचक ndash एक दसर का होता हजस ndash तम आग पढ़ो पसा दगा मझ पसा िमला इसिलए

कभी कभी बीच योजक आत जस ndash मझ न बलाया आप आता ह जब को का या एक होता ह तो एक बार िलखा या कहा

जाता ह ऐस को सकिचत कहत जस ndash का और मन को भी दता ह

जो आसानी स समझकर छोड दत ऐस को कहत जस ndash आजकल सना ह बरसात क मौसम बखार सब फलाता ह

कहत रोज़ बढ़त रह पहल हमन होना था पर ह दसर लोग स होना पर होता ह

एक का दसर क बदल जा सकता ह मलकर सकत

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क सरल स ndash

उदा ndash सरल - राम न मोहन का - राम न उस को जो मोहन का था

ख स सरलndash उसन कहा पापी ह

सरल ndash उसन को पापी बताया ग सरल स

सरल ndash होन पर लोग खत जान लग - हआ और खत जान लग

घ स िनषध वाचक तथाndash मोहन सोहन स बडा ह

िनषध वाचक - मोहन सोहन स बडा ndash मोहन सोहन स बडा ह

UNIT ndash 24

और महावरव जो का अपना न बता कर कछ करत महावरा

कहत बोलचाल बहत आनवाला ऐसा बधा कोई अनभव बात और अलकतभाषा गई हो या कहावत कहाता ह जस ndash मर पट चह कद रह

जब स उनका लड़का मरा ह कमर टट गई ह वह इतना चालाक ह अपन मािलक को पर नचाता ह

इन lsquoपट चह कद रह rsquo lsquoकमर टट गई हrsquo lsquo पर नचाता हrsquo इन काउनक स ह यहा lsquoपट चह कदनrsquo का ह भख लगना lsquoकमर टटनrsquo का ह या

का न रहना तथा lsquo पर नचानrsquo का ह अपन वश रखना अतः य महावरकहलात

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इसी जब कोई आदमी काम करना न जानता हो परत अपन को िछपान क िलए बहान बनावतब कहा जाता ह ndash नाच न जान आगन टढ़ा

जब कोई आदमी अनक खाकर भी अपनी आदत न छोड़ तब कहा जाता ह दम सौतक नली रखो तो भी य बध हए और अनभव तथा अलकत भाषा कह गय अतः य

और क स भाषा तथा आती ह महावरदार भाषाबहत पसद जाती ह और कथन बड़ा होता ह

महावरअग-अग - बहत होनाअगठा - चीज़ को दन स क साथ करनाअध - सहाराअधरा घर का उजाला - एकलौता बटा

क घोड़ दौड़ाना - सोचनापर पड़ना - समझ न पाना

अपना सीधा करना ndash करनाआख उठाना - नीयत स दखनाआख खलाना - होश आना

चार होना - आख स आख िमलानानीची होना - होनापीली करना - नाराज़ होना

आकाश पाताल का ndash बहत भदआग घी डालना - बढ़ानाआसमान िसर पर उठाना - बहत कोलाहल करना

स बजाना - करनाईद का चाद होना - िचरकाल पीछ दनाउगली पर नचाना - वश रखना

गगा बहाना - बात करना

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कमर टट जाना - िनराश हो जानाकान भरना - चगली करना

मौत मरना - बहत तरह स मरनाखाक उड़ाना खाक िमलाना - बरबाद होनागड़ गोबर कर दना - काम दनाघर गगा - दौड़-धप कघाट घाट का पानी पीना - जहा तहा का अनभव करनाचाद पर थकना - करना और फलतः होनाचार चादनी - थोड़ का सख

का दध याद आना - सब सख भल जाना सकट आ पड़नाजमीन पर पर न पड़ना - बहत अिभमान होनाजल भन कर कोयला होना - पागल हो जानाटस स मस न होना - भी नटाग अड़ाना - बाधा डालनाटोपी उछालना - िनरादर करनाितनका पकड़ना - मागनाितन का ताड़ करना - बात बढ़ानाथक कर चाटना - वचन दकर जाना

तल उगली दबाना - करनादम तोडना - मर जाना

दना रात चौगना होना - खब होनाधप बाल सफद करना - अनभव आय दनानमक लगाना - बात को बढ़ा कर कहनानाक कटना - बदनामी होनानाक चढ़ाना - घणा करनानीला पीला होना - आना

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नौ-दो होना - भाग जानाउछालना - करना

- बातपरदा डालना - िछपानापहाड टट पड़ना - आनापट चह कदना - खब भख लगना

तल स ज़मीन िनकल जाना - होश उड़ जानाफक-फक कर कदम रखना - सोच-समझ कर काम करनाबगला भगत -

उछलना - खब खश होनाबाज़ार पर होना - काम पर होनाबात का धनी - वायद काबाल खाल उतारना - करनाबाल पकना - बढ़ा होजाना अनभव करनाबाल बाल बचना - हािन पहचन जरा- सी कसर रह जानाबगार टालना - लगाकर काम न करनाबोली मारना - क कहनाभनक पड़ना - खबर द जानाभाड़ - समय गवाना

मारना - बकारचस - बहत कजसपर मारना - का नकल करना

मगज चाटना - तग करनामाथा ठनकना - आशका होनामारा मारा - होनामह-तोड़ जवाब दना - परा-परा जवाब दना

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मह फक हो जाना - चहर का रग उतर जानामह पानी भर आना - खान को ललचानामह लगाना - अिधक द दना

गरम करना - दनाराई का पहाड़ बनाना - बात को बढ़ाकर कहनारात- - हमशालका काड होना - खब मारपीट होनालबी-चौ हाकना - करना

होना - होनालह क घट पीना - करनालह पसीना एक करना - बहत करनालोह क चना चबाना - काम करनाशतान क कान कतरना - बहत चालाक होना

करना - करनाबाग - बहकाना

समझ पर पड़ना - होनाबठना - जमाना

िसतारा चमकना - उदय होनािसर पर खन सवार होना - जान लन पर होनािसर पर हाथ धरना - सहायता करनासौ बात एक बात - िनचोड़

करना - फक डालनाहसी उड़ाना - करनाहाथ मल -

हाथ पर हाथ धर बठना - बठनाहाथ पसारना - मागना

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हाथ-पर मारना - करनाहाथ साफ करना - बईमानी स ठगना

पानी करना - करनाहोश उड़ना - भय या आशका स दखी होना

अत गता सो मता - वहकान राजा - थोड़ा पढ़ िलख का मान होता ह

आख क गाठ क पर - पर धनवानआप मर जग परल - ह तो ससार ह

चोर कोतवाल को डाट - अपराध करक को डाटनाऊची दकान पकवान - काम करनाएक अनार सौ बीमार - जब एक चीज़ क बहत स तब कहा जाता हएक पथ दो काज - एक काम करन स दो का लाभ होनाकाला बराबर -

घर का लका ढ़ाह - फट स घर नाश होता हिचराग तल अधरा - पास घटना क होन पर भी उसका न होना या

ऐस पर बराई का होना जहा उसक रोकन का होचोर ितनका - पापी डर जाता हजाग सो पाव सोव तो खोव - सावधान रहन स लाभ होता ह

- बलवान का दबदबा रहता हजसा दश वसा भस - दश रह वसी करनीजसी करनी वसी भरनी - फल िमलता हतन को कपड़ा न पट को - बहतथोथा चना बाज घना - काम न करनवाला बकवास बहत करता हदाम बनाय काम - पस स सब काम हो जात

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धोबी का घर का न घाट का - जो एक पर जमकर काम न कर कभी एक लग और कभीदसर और सफल न हो उस कहा जाता ह

रहना मगर स बर - अधीन होकर रह और उसी स बर कर तो गज़ारा चलता हन रहगा बास न बाजगी - नकसान हो उसका नाश कर दना हनाच न जान आगन टढ़ा - काम करन न होन पर दसर को दोष दना नीम जान का खतरा - अधरा हािनकारक होता हनौ नगद न तरह उधार - उधार सौदा दनामान न मान तरा महमान - गल पड़नािमया जती िमया क िसर - स उसी हािन करनासौ सयान एक मत - सभी अथवा एक सलाह होती हहाथ कगन को आरसी - क िलए और हाथी क दात खान क और क और - कहना कछ और करना कछ औरहोनहार क होत चीकन पात - होनहार क पहल स जात

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इनक जीभ मह क न भाग का करती ह- इनका करत समय जीभ मह क भाग का करती हस इनका और क बीच ह का ह ndash lsquoबीच rsquo उदा ndash य

र ल व ndash य- इनक मख स रगड रवाकर िनकलती ह उदा ndash श ष स ह ndash

UNIT - 5

दो क पास पास होन क कारण उनक मल जान स जो होता ह उस सिध कहतउदा ndash राम + अवतार = रामावतार (अ+ अ= आ)

तीन होती ह ndash 1) 2) 3)

- दो क मल स जो होता ह उस कहत उदा ndash + =

(इ+ इ = ई)

क पाच भद होत ndash 1) 2) गण 3) 4) यण 5)

1) ndash दो र पास पास तो क बदल एक बन जाता ह उसकहत

उदा ndash + आलय =

+ =

+ उपदश =

2) गण ndash lsquoअrsquo या lsquoआrsquo क आग lsquoइrsquo या lsquoईrsquo लगा तो िमलकर lsquoएrsquo lsquoउrsquo या lsquoऊrsquo हो तोिमलकर lsquoओrsquo और lsquoऋrsquo हो तो िमलकर lsquoअरrsquo हो जातउदा ndash दव + = (अ + इ = ए)

सर + ईश = सरश (अ + ई = ए)

वीर + उिचत = वीरोिचत (अ + उ = ओ)

राज + = (अ + ऋ = अर)

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3) - lsquoअrsquo या lsquoआrsquo क आग lsquoएrsquo या lsquoऐrsquo हो तो िमलकर lsquoऐrsquo और lsquoओrsquo या lsquoऔrsquo हो तो िमलकरlsquoऔrsquo हो जात

उदा ndash एक + एक = एकक (अ+ ए = ऐ)

वन + औषिध = वनौषिध (अ+औ = औ)

4) यण - इ ई उ ऊ या ऋ क आग कोई तो इ ई क lsquoयrsquo उ ऊ कlsquoवrsquo और ऋ क lsquoरrsquo हो जाता ह

उदा ndash + = (इ+अ = य)

स + आगत = (उ+आ = व)

मात + = ndash (ऋ+आ = र)

5) - ए ओऐ औ स पर कोई हो तो lsquoएrsquo को lsquoअयrsquo lsquoओrsquo को lsquoअवrsquo lsquoऐrsquo को lsquoआयrsquo तथाlsquoऔrsquo को lsquoआवrsquo हो जाता ह

उदा ndash न + अन = नयन (ए को अय)

न + अक = नायक (ऐ को आय)

भो + अन = भवन( ओ को अव)

भौ + उक = भावक (औ को आव)

- जब एक दसर या स िमलता ह और उसक मल स जो होताह उस कहत

उदा ndash सत + उपयोग = सदपयोगिनयम

1) क च और प क आग कोई या का तीसरा चौथा अथवा य र ल व ह स कोईहो तो क - ग होता ह च - ज होता ह ndash होता ह और प ndash ब होता ह

उदा ndash वाक + ईश = वागीशअच + =

+ आनन = षडानन2) क पहल स पर कोई अननािसक हो तो पहला उसी का अननािसक हो

जाता हउदा ndash वाक + मय = (क का ङ अननािसक)

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3) lsquoतrsquo क साथ कोई ग घ द ध ब भ अथवा य र ल व कोई हो तो lsquoतrsquo का lsquo rsquo होजाता हउदा ndash जगत + ईश =

उत + गम =

तत + =

4) lsquoतrsquo क साथ lsquoचrsquo हो तो िमलकर lsquoचrsquo और lsquo rsquo क साथ lsquoछrsquo हो तो िमलकर lsquoजrsquo या lsquoझrsquo होजाता ह lsquoतrsquo क साथ lsquo rsquo lsquoड़rsquo या lsquoढ़rsquo होन पर िमलकर lsquo rsquo होता ह और lsquoतrsquo क साथ lsquoलrsquo हो तोिमलकर lsquoलrsquo हो जाता हउदा ndash उत + चारण = (त + च = )

सत + जन = (त + ज = )

बहत + = (त + ट = )

उत + डयन = (त + ड = )

तत + लीन = (त + ल = )

5) lsquoतrsquo lsquo rsquo क साथ lsquoहrsquo हो तो lsquoतrsquo lsquo rsquo होता ह और lsquo rsquo lsquoधrsquo हो जाता हउदा ndash तत + = ( त + ह - -ध)

lsquoछrsquo क कोई हो तो lsquoछrsquo lsquo rsquo बन जाता हउदा ndash आ + छादन =

+ छद =

6) lsquoमrsquo क साथ lsquoकrsquo स lsquoमrsquo तक का कोई हो तो lsquoमrsquo बन जाता हउदा ndash सम + =

सम + तोष = सतोष7) lsquoमrsquo क साथ य श ह तो lsquoमrsquo बन जाता ह

उदा ndash सम + हार = सहारसम + शय = सशयसम + योग = सयोग

8) ऋ र या ष क बाद lsquoनrsquo हो तो वह ण हो जाता हउदा ndash भष + अण = भषण (ष + न = ण)

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ऋ + न = ऋण (ऋ + न = ण)

9) अआ को छोडकर कोई क lsquoसrsquo क आ जाय तो lsquoसrsquo lsquoषrsquo बन जाता हउदा ndash अिभ + सक = अिभषक (इ+स = ष)

+ सम = (इ+स = ष)

10) र क साथ र हो तो पहला र का लोप होता ह और उसस पहल का होता हउदा ndash िनर + रस = नीरस

- और क साथ क मल स जो होता ह उस कहतउदा ndash मनः+ रथ = मनोरथ

दः+ उपयोग =

िनयम1) स अ हो और का तीसरा चौथा पाचवा अथवा यरलव आ जाय तो पहला lsquoअrsquo

और lsquo rsquo क पर lsquoओrsquo होता हउदा ndash यशः+ गान = यशोगान (श अ ओ)

मनः+ = (न अ ओ)

रजः+ गण = रजोगणसरः+ ज = सरोज

2) क बाद शषयस हो तो बाद क क समान बन जाता हउदा ndash दः+ शासन = ( भी श होता ह)

िनः+ = ( स बन जाता ह)

3) क इ या उ हो और उसक साथ कख या प फ स कोई हो तो lsquoषrsquo हो जाता हउदा ndash दः+ कर =

िनः+ पाप =

4) क lsquoअrsquo हो और उसक साथ lsquoअrsquo स कोई हो तो का लोप होता हउदा ndash अतः+ एव = अतएव

5) क अआ क और कोई हो अथवा उसक साथ का तीसरा चौथा पाचवाहो अथवा य र ल व ह स कोई हो तो र हो जाता ह

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उदा ndash िनः+ आशा = िनराशािनः+ =

िनः+ झर =

6) क अ और उसक साथ अ या का तीसरा चौथा पाचवा अथवा यरलवहस कोई हो तो अ क ओ होता ह

उदा ndash मनः+ अिभराम = मनोिभरामअधः+ गित = अधोगितमनः+ हर = मनोहर

इसक अलावा कछ अिनयिमत होती उदा ndash पराः+ कार =

नमः+ कार =

ितरः+ कार =

Module ll

UNIT - 6

एक स अिधक स बनी हई को कहत कोकरनवाल समह को कहत

उदा ndash लड़का कलमकछ होती जब व दसर क साथ जाती तब होती ऐसी

को कहतउदा ndash (lsquoकrsquo ह इसका कोई क साथ lsquoकrsquo लगन पर इसका होता ह)

दधवाला ndash(lsquoवालाrsquo का दध क साथ लगन पर वह होता ह)

क1 क आधार पर तीन क ndash 1) 2) यौिगक 3)

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ndash अपनी हो उनक क करन स कछ होता ऐसको कहत

उदा ndash धन घोडायौिगक ndash जो दो या दो स अिधक क योग स बनत यौिगक कहत

उदा ndash राज + महल = राजमहल+ =

ndash जो दो या दो स अिधक क मल स बनत हो को िछपाकरका बोध करात हो कहत

उदा - पकज = पक + ज (पकज का ह स इसका ह कमल)दशमख = दस + मख (दशमख का ह दस इसका ह रावण)

2 स क तीन भद - 1) वाचक 2) 3) या साकितकवाचक ndash जब उसी बोला या िलखा जाय और िलए बना ह तब उस वाचक कहत

उदा ndash गधा एक जानवर ह ( lsquoगधाrsquo वाचक ह)ndash जब कोई उसका न बतलाकर अपन या गण का बोध करानवाल कोकहत

राम एक गधा ह (यहा गधा का ह lsquo rsquo इस का होता ह ndash राम एक ह)

ndash जो स क करता ह और गढ़ स दसरा सिचतउदा - हो गया ( ह इसका होता ह lsquo समयrsquo)

3 स क भद ndash

क आधार पर क चार भद - 1) 2) 3) दशज 4)

ndash क जो करक का होत उसकहत उदा ndash वाय

ndash व जो स पर कछ करक करतउदा ndash -

- आसरा- आग- आस- सच

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दशज ndash य स बन क अनसार य क क

स बनउदा ndash पट

ndash य भारतीय भाषाओ क कई भाषाओ जस अरबी फारसी सकरत

उदा - स ndash िसनमा

अरबी स - मौलवी अदालत दिनया अमीरफारसी स ndash बाग आदमी चाक कारखाना

स - दारोग काब लाश तोपस - सरग दाम

UNIT - 7

कछ ऐसी होती जो होती जब व दसर क साथ जाती तब वहो जाती इस तरह को (Affix) कहत

उदा ndash कछ िनर वालादो क होत - 1) 2)

ndash जो क आरभ लगाकर उसक अ लाकर कर उसकहत

उदा ndash अप + यश = अपयश ( )

उप + वन = उपवन(बगीचा)+ योग = ( )

अन + पढ़ = अनपढ़ ( पढ़ करक)

क + = (बरा )

ndash जो या क लगाकर उनक को बदल कहतउदा - बढ़ा + पा = बढ़ापा (बढ़ापा )

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+ = ( स )

िलखा + आवट = िलखावटबरा + ई = बराईदध + वाला = दधवालाबच + पन = बचपन

UNIT - 8

समासरखनवाला दो या दो स अिधक या पद िमलाकर जब एक या पद बनत

इस मल को समास कहत िमल को पद अथवा सामािसक पद कहतउदा - घोड का सवार ndash घडसवार

सा मख ndash

धन का पद - धनपदकाठ पतली ndash कठपतली

समास होन पर बीच तथा का लोप होता हउदा - धन का पद - धनपद ( lsquoकाrsquo का लोप होता ह)

समास1 समास दो का योग होता ह2 दो क मल स एक पद बनता ह3 दो क बीच का लोप होता ह4 दो कभी पहला पद होता ह और कभी दसरा पद होता ह5 समास जडत तो क का होता ह

उदा ndash का = + =

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समास औरसमास दो का योग होता ह दो का योग होता ह क

होत होन पर दो क सयोग स पद भी िमल जात समासवाल औरसमास हो सकता हउदा ndash पीता र दो पद ह ndash lsquoपीतrsquo और lsquo rsquo करन पर इस तरह होता ह ndash पीत +

= समास करन पर lsquoपीत ह जो rsquo =

कवल होती ह समास होता ह क तोडनको द कहत समास क तोडन को कहत

ndash क को अलग अलग अपनी क रखकर उनक आपस क कोकरन को कहत

उदा ndash रातndash - इसका ह रात औरसमास क भद

समास क छः भद होत 1) 2) 3) 4) 5) 6)

1 समास ndash समास पहला हो उस समास कहत इसकापहला पद या पद होता ह

उदा ndash ( क अनसार)

आजीवन ( जीवन )

यथासमय (समय क अनसार)

2 समास ndash समास पद हो और समास करन पर पहली का लोपहो उस समास कहत

उदा ndash राजसभा (राज सभा)( को )

समास क दो भद ह ndash

1) 2) समानािधकरणi ndash पद का करन पर पहला और दसर

लगायी जाती हउदा ndash राज-सभा (राजा सभा)

पहल सबध कारक ह और दसर कारक ह

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क छः भद -

इस समास क पद कारक का लोप होता ह उसी कारक क अनसार इस समास कानाम होता ह ndash

१ ndash होती हउदा ndash ( को ndash को कारक ह)

२ करण - lsquoसrsquo हउदा ndash (अकाल स )

मनमाना (मन स माना हआ)

३ ndash lsquoक िलएrsquoउदा ndash रसोईघर (रसोई क िलए घर)

(हवन क िलए )

४ अपादान ndash lsquoसrsquo हउदा ndash ( स िगरा हआ)

(पद स )

(ऋण स )

५ सबध ndash lsquoकाrsquo lsquoकrsquo lsquo rsquo हउदा ndash सनापित (सना का पित)

राजमाता (राजा माता)( दश का )

६ अिधकरण ndash lsquo rsquo lsquoपरrsquo हउदा ndash वनवास (वन वास)

आपबीती (अपन आप पर बीती)( )

कभी कभी समास पद का लोप होता ह उस अलक कहतउदा ndash ( रहनवाला lsquo rsquo का लोप)

सरिसज (सर होनवाला lsquo rsquo का लोप)

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नञ ndash अभाव या िनषध का सिचत ककरनवाला lsquoअrsquo या lsquoअनrsquo लगान स बननवाल को lsquoनञrsquo

कहतउदा ndash ( जो न हो)

अनपढ़ ( न पढ़ा हआ)

अछता ( न छआ हआ)

उप पद ndash समास कोई उप पद न हो तथा बाद पद हो उस lsquoउप पद rsquo कहतउदा ndash जलज (जल ) ndash कलम

मनोज ndash (मन जात) - कामदवii समानािधकरण - समास क क बाद एक कारक

आती ह उस समानािधकरण अथवा कहत इस समास क पद उपमान- उपमय अथवाndash हउदा ndash नील कमल - नीला कमल

यहा नीला और कमल हम ndash घन (बादल) (काला) उपमान और उपमय

कभी कभी सबध बतानवाल बीच क पद का लोप भी होता ह lsquo rsquo समासपहल का दसर स सबध बतानवाल बीच क पद का लोप होता ह उस समास कहत

iii समास ndash समास क होता ह और समदाय का बोधहोता ह उस समास कहत

उदा ndash (तीन का समाहार)

चौमासा (चार का समह)

iv समास ndash समास होत और करन पर और या अथवा योजकलगत उस समास कहत

उदा ndash ndash औरndash पाप और

तन-मन ndash तन और मनसमास क का िलग साधारणतया म क अनसार होता ह कभी कभी

हो तो उसी क अनसार िलग हो जाता हउदा ndash राजा-रानी आय

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समास एक स अिधक जडतउदा ndash माता ndash आय राम- आत थ

कभी कभी बहवचन - सचक क साथ भी पाया जाता हउदा ndash आपक लडक-

v ब समास ndash इस समास स कोई पद होता पर समास पद पदका होता ह इस समास कहत

उदा ndash र (पीत ह )

अनग ( ह अग - कामदव)

समास पद का पहला दसर क होता ह समासपद अपन स का होत ह कई पद भद स क

समास हउदा ndash मगलोचन - 1) मग क लोचन ndash

2) मग क समान लोचनवाला ndash समास- 1) पीला कपडा ndash

2) पीला ह अबर (कपडा) वह ( ndash समास)

Module lll

UNIT - 9

क िलग वचन कारक अथवा काल क अनसार होता ह

कहत औरया - क िलग वचन कारक अथवा काल क अनसार कोई

होता व ह सचक व ह सचक या ह

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UNIT - 10

(NOUN)वह ह या भाव को सिचत करता ह राम ( )

( ) ( ) क तीन ndash

a) (Proper Noun)

b) जाितवाचक (Common Noun)

c) भाववाचक ( Abstract Noun)

A ndash उस कहत एक का बोध होता हउदा ndash राम गगा

B जाितवाचक ndash जाितवाचक स एक जाित क सब का बोध होता हउदा - नगर सभा जल

स सभी जाित का बोध होता ह का य जाित क आधार पर होत

स सजातीय क समह को करत उस समहवाचक कहत उदा ndash सनास का बोध का बोध होता ह उस कहत

उदा - सोना पानी लोहाC भाववाचक ndash भाववाचक व क गण दोष कासचना होती ह

उदा - गण दोष ndash िमठास कटता नीचता- लडकपन यौवन दासता

भाव ndash शोक भयD जब गण को करत तब व जाितवाचक बनत

उदा ndash ह तम बनोइस स ह ndash पर रहनवाला यह जाितवाचक हकभी कभी जाितवाचक होती

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उदा ndash गािधजी कल यहा यहा गािधजी हE भाववाचक कभी कभी जाितवाचक क समान होती

उदा ndash हाथी और घोड बडा ह यहा चाल जाितवाचक हभाववाचक चार स बनती

a) जाितवाचक स ndash लडका ndash लडकपनndash

b) स ndash अह ndash अहकारअपना ndash अपनापन

c) स ndash चतर ndash चतराईमीठा ndash िमठास

d) स ndash चढ़ना ndash चढ़ाईसजाना ndash सजावटघबराना ndash घबराहट

F क समान होन वालउदा ndash का आधर गणी- ह यहा क समान होत उदा ndash का कहना

मानो lsquoबडाrsquo ह यह क पर होता हका

एक स अिधक स बनत क एक दसर क िमलन स का होता हक क होता ह इस कहत का िलग वचनऔर कारक क कारण होता ह

उदा ndash लड़का पठता ह ndash पठती ह ( िलग क कारण)

लड़का दौडता ह - लड़क दौडत (वचन क कारण)

लाओ ndash मज़ पर ह ( कारक क कारण)

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UNIT - 11

िलगक जाित का बोध होता ह उस िलग कहत दो िलग ndash और

a ndash जाित का बोध करानवाल को िलग कहत उदा ndash सीताb - जाित का बोध करानवाल को कहत उदा ndash लड़का नर राम

बदगी ह उदा ndash पड नगर ह उदा ndash लता

जो ह व ह उदा ndash भाई बलकई स क नर और मादा का बोध होता ह पर उनका एक िनयम

िलग स होता हndash कौआ चीता ndash कोयल चील मना

जाितभद करन किलए इनक साथ नर या मादा लगाना उदा ndash नर कौआ मादाकौआ नर चीता मादा चीता

क अत आ पा आव और पन हो होतउदा ndash बढ़ापा चढ़ाव लडकपन

क अत आई वट हट और ता हो व होतउदा ndash चढ़ाई सजावच सरलता

स बनान का िनयमक क अ को आ करन स ndash उदा ndash ndash बाल ndash बाला सत ndash सता तनज ndash

तनजा ख क अ को ई करन स ndash उदा ndash दव ndash दवी ndash कबतर ndash मग ndash

मगीग कछ क आ को ई करन स ndash उदा ndash रसा ndash रसी लडक़ा ndash

घ क आ को इया करन स ndash उदा ndash ndash बढ़ा ndash चहा ndash

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ङ या क क इन लगान स ndash उदा ndash सनार ndash

धोबी ndash कहार ndash

च कछ क नी या आनी लगान स ndash उदा ndash िसह ndash िसहनी महतर ndash महतरानी मोर ndash

मोरनीछ उपनामवाचक क क पर आइन लगान स ndash उदा ndash बाब ndash बबआइन

ठाकर ndash ठकराइन पाड ndash पाडाइन ज कछ क ndash उदा ndash ndashमाता ndashऔरत वर- वध मा ndash

बाप ndashभाई

स बनान का िनयमa कछ lsquoओईrsquo lsquoआवrsquo और lsquoऔराrsquo लगान स ndash

उदा ndash बहन ndash बहनाई ननद ndash ननदोई ndash िसल ndash िसलौरा b कछ क lsquoईrsquo को lsquoआrsquo करन स ndash

उदा ndash जीजी ndash जीजा झोली ndash झोला c कछ क lsquoईrsquo को lsquoअrsquo करन स ndash

उदा ndash ndash d क अत lsquoआrsquo लगान स ndash

उदा ndash

UNIT ndash 12

वचन (Number)स और क स स यह त हो वह एक क िलए होता ह या अिधक

क िलए इस वचन कहत वचन दो क होत ndash

1) एकवचन (Singular)

2) बहवचन (Plural)

1) एकवचनःस क स स एक का बोध करान वाला एकवचन हउदाः पढ़ती ह ( ndash एकवचन ह)

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2) बहवचनःस क स स एक स अिधक का बोध हो उस बहवचन कहतउदाः पढ़ती ( ndash बहवचन ह)

कभी कभी आदर क िलए एकवचन बहवचन क होतउदाः अब )बहवचन(

बहवचन बनान का िनयमः-)क ( क lsquoआrsquo क पर lsquoएrsquo लगा दन स एकवचन का बहवचन बन जाता ह

उदा ndash लड़का ndash लडक कपड़ा ndash कपड़ बटा ndash बट lsquo rsquo क सभी क (

) एक समान रहतक बहवचन बनान का िनयम

lsquo rsquo तथा lsquo rsquo क lsquoअrsquo lsquoआrsquo क पर lsquoएrsquo का करन स बहवचनबनाया जाता ह

उदाः ndash गाय ndash ndash रात ndash lsquo rsquo तथा lsquo rsquo क lsquoयाrsquo जोड़न स बहवचन िमलता ह इस lsquoईrsquo क

पर lsquoइrsquo होता हउदाः ndash ndash ndash

स क lsquoयाrsquo हो उनक lsquoयाrsquo क ऊपर कवल लगान पर-

उदाः ndash -

क बाद lsquoएrsquo या lsquo rsquo जोड़न स शष का बहवचन िमलता हउदाः लता ndash लताए -

)ग( िनयम -

)1( )बहवचन( सिचत करन क िलए कभी कभी क एकवचन क साथ गण लोग

जोडतउदा ndash पाठकगण बाब लोग

(2) कछ हमशा बहवचन बोल जातउदा ndash लोग होश

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3) जाितवाचक स ऐ हमशा बहवचन होती ह जब और भाववाचक काजब जाितवाचक क समान होता ह तब व बहवचन होता ह

उदा ndash भारत रावण कमी (यहा रावण जाितवाचक ह)

(4) जब जाितवाचक क समान होता ह तब व बहवचन क होतउदा ndash और क ह (जल बहवचन एव जाितवाचक ह)

UNIT - 13

कारक (Case)या क स उसका क क साथ होता ह उस

कारक कहतउदा ndash राम न रावण को माराइस lsquoनrsquo और lsquoकोrsquo इन क उसका सिचत होता हउदा ndash मारा - राम lsquoनrsquo

मारा ndash रावण lsquoकोrsquo इसिलए य कारककारक क आठ भद होत ndash

कारक - नकारक - को

करण कारक - सकारक - को

अपादान कारक - सकारक - का क

अिधकरण कारक - पर

सबोधन कारक - ह अर अपी अहो क कारक ndash (Nominative)

या क स करनवाला या का बोध होता ह उस कारक कहतlsquoनrsquo ह

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उदा ndash राम गयामोहन न खाया

lsquoरामrsquo और lsquoमोहनrsquo कारक ह न हक को सिचत करन क िलए कोई जाती ह

उदा ndash राम न िलखी ख कारक (Accusative)

या पर क का फल पडता ह उस कारक कहत उदा - राम न रावण को मारा

रावण मारा गया ह यहा lsquoरावणrsquo कारक ह lsquoकोrsquo हकभी कभी lsquoकोrsquo का लोप होता ह

उदा ndash राम न िलखायहा lsquoकोrsquo का लोप होता ह ऐसा भी होता ह - राम न को िलखा

ग करण कारक ( Instrumental)

क साधन का बोध करानवाल क को करण कारक कहत lsquoसrsquo ह उदा ndash

कलम स िलखतिलखन का साधन कलम ह कलम क िलखन होती ह

घ कारक ( Dative)

कारक का वह ह जो उस का बोध कराता ह िलए कोई कामlsquoकोrsquo lsquoक िलएrsquo ह

उदा ndash मोहन न राम को पाच मोहन न राम क िलए पाच

ङ अपादान कारक (Ablative)

का वह ह क स पथक होन का बोध हो उस अपादान कारककहत lsquoसrsquo ह

उदा ndash स िगरतयहा स का सिचत होता ह कारक और अपादान कारक lsquoसrsquo ह

करण कारक lsquoसrsquo साधन सिचत होता ह अपादान कारक lsquoसrsquo सिचत होता ह

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कलम स िलखता ह - करण कारकस आ रहा ह - अपादान कारक

च कारक (Genitive)

क स उसका स होता ह उस कारक कहतlsquoकाrsquo lsquoकrsquo lsquo rsquo

उदा ndash राम का घोडा राम क घोड राम बहन छ अिधकरण कारक (Locative)

क स क आधार का बोध होता ह उस अिधकरण कारक कहत lsquo rsquo

और lsquoपरrsquo उदा ndash शर जगल रहता ह

मज़ पर ह अिधकरण तीन क होत ndash

क कालािधकरण ndash का काल होता ह उस कालािधकरण कहत उदा ndash राम दोपहरस आयगा

ख भावािधकरण ndash क भाव क भावािधकरण होता ह उदा ndash शर को दखकरभय होता ह

ग ndash पर होती ह उस कहत उदा ndash मज़ पर ह कालवाचक और क सात कभी कभी लगती उदा ndash कल रात मसलधार हई ( कल रात मसलधार हई ndash lsquo rsquo का लोप)

ज सबोधन (Vocative)

क स को पकारना सिचत होता ह उस सबोधन कारक कहत हउदा ndash ह राम वहा मत आना

सबोधन कारक कोई ह उसको करन क िलए lsquoहrsquo lsquoअरrsquo कोलगाय जात

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UNIT - 14

( Pronoun)क उसक को करन क िलए का जाता ह

कहत उदा ndash राम जाता ह वह अपनी जाता हउसन कहा ndash लाना भल गया वह अपनी राम जगह हए ह

इसिलए ह को हटान क िलए का जाता हयोग क अनसार क पाच भद होत

1) - त यह वह (एव) हम तम य व आप (बव)

2) ndash यह वह (एव) य व (बव)

3) ndash कोई कछ (एव - बव)

4) ndash जो सो (एव - बव)

5) ndash कौन (एव - बव)

क ndash या लखक बोलत या िलखत समय या तो अपन कछ कहता ह या सननवालऔर पढ़नवाल क अथवा अपन और सननवाल को छोडकर क

कहत स बोलनवाल सननवाल और क कछ कहा जाए उस कोकहत

तीन क होत ndash औरndash बोलनवाला या िलखनवाला अपनिलए का करता ह उस

कहत (एव) हम (बव)ndash सननवाल या पढ़नवाल क िलए का होता ह उस कहत

जस ndashत तम और आप ndash क कछ कहा या िलखा जाए उसक िलए होन वाल को

कहत जस ndash यह वह (एव) य व (बव)और हम ह एकवचन ह हम बहवचन ह का हम

क बहवचन स ह यहा हम क पर होता ह हम का एकवचनऔर बहवचन होत

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त और तम क आदर क िलए आपका करत जस ndash तमयहा आओ इसी क पर आप यहा ए कभी कभी यह और वह क भी आप का

होता ह जस ndash आप मर कभी कभी आदर क िलए आप का करत बहवचन सिचत करन क िलए आप क साथ lsquoलोगrsquo

जोडा जाता ह जस ndash आप लोग यहािनजवाचक आप और चक आप भद होता ह िनजवाचक आप समान स एक वचन

और बहवचन आता ह जस ndash आप पढ़गा हम आपवह कवल बहवचन करत िनचवाचक आप तीन स

होत आप कवल और करतlsquoआपrsquo अकला जाता ह िनजवाचक आप तथा क साथ आता ह जस ndash त

आप कामकभी (2) आप भल अकला आ सकता ह जस ndash आप भला तो जग भला वह अपन आप समझ गया

व ऒर सकत जाता हसकतवाचक और िनदशवाचक भी कहत जस ndash यह वह य व

हम तम आप यह य व इन या क साथ अिधकताकरन क िलए lsquo rsquo lsquoईrsquo य जोडत झस ndash त आप

स या क बात का बोध न हो उसकहत जस ndash कोई कछ

a lsquoकोईrsquo का क िलए होता ह जस ndash बाहर स कोई आ रहा ह b जब का पता न होन पर ndash जस ndash अर कोई कमर ह

c क lsquoकोईrsquo लग तो उसका लगभग होता ह जस - कॉलज स कोई पाच सौभाग

d lsquoकोईrsquo जब दोहराया जाता ह तब को सिचत करता ह जस कोई कोई पर को रोकतe कोई क साथ एक लग जान पर सिचत करता ह जस ndash तम स कोई एक गा सकगा

कछ का अनिगनत क िलए होता ह जस ndash कछ हक िलए होता ह जस ndash पानी कछ ह

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कोई का क िलए होता ह और कछ का क िलए होता हघ वाचक

स दो और क बीच क का बोध हो उस वाचक कहतजो सो जस ndash आपन जो कहा सो हो गया

कभी कभी जो या सो स एक रहता ह जस जो गाता ह बात हङ ndash करन क िलए का होता ह कहत

उदा ndash आप सोचत आज कौन आएगाकौन का क िलए होता ह का क िलए होता ह जस ndash कौन

बोलगा थली हकभी कभी कौन का क िलए होता हजस - बाधा डालनवाल तम कौन होिभ किलए lsquoकौनrsquo को दोहरा भी जाता ह जस ndash कौन कौन लाएग

क कौन का होता ह जस - इसन कौन अपराधक िलए को दोहरा दता ह जस ndash राम न

का क भी होता ह जस ndash तम मझस लडोगका

वचन और कारक क कारण भी होत िलग क कारण होताका और एक स होता ह

सबोधन होतास क पर होता ह उसी क अनसार उस क िलग वचन भी होता ह

काकारक एकवचन बहवचन

हममझको मझ हमको

करण मझस हमसमझको मरिलएमझ हमको हमार िलए

अपादान मझस हमसमरामर हमारा हमार

अिधकरण मझपर हमपर

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तकरक एकवचन बहवचन

तन तम तमनतझको तझ तमको

करण तझस तमसतरातर

अिधकरण तझपर तमपर

वहकरक एकवचन बहवचन

वहउसन व

उसको उस उनकोकरण उसस उनस

उसक िलए उस उनक िलए

अपादान उसस उनसउसका उसक उनका उनक

अिधकरण उस पर उनपर

UNIT - 15

(Adjective)स या सिचत कर उस कहत जस ndash रशमी

कपडा लाल कमलबतलाई जाए उस कहत जस ndash लड़का

ह लड़का हजो क पहल आता ह उस कहत जस ndash फल

ह फल ह इसिलए यह ह

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जो क बाद आता ह उस कहत जस ndash वह लड़का बड़ा होिशयार ह लडका ह होिशयार ह क बाद आन क कारण यह ह

जो क साथ उसको करन क िलए होता ह उस समानािधकरण कहत जस ndash रामनाथ कहता ह

रामनाथ क साथ समानािधकरण ह चार क ndash

क गणवाचक (Adjectives of Quality)

ख (Adjectives of number)

ग (Adjective)

घ या (Demonstrative Adjective)

१ गणवाचकजो क गण रग आकार को बतलानवाल को गणवाचक कहत

जस ndash लबा सशील काला गोल गणवाचक क बदल बहधा क क भी आतजस ndash राजा ( का राजा )

जापानी कपड़ा (जापान का कपड़ा)गणवाचचक का होता ह तब उनका क समान होता ह

जस ndash न सच कहा ह२ - क गणना का बोध हो उस

कहत जस ndash एक दो पहला दसरा दगनाक तीन भद होत ndash

1) 2) 3) बोधक या बोधकndash इसस का बोध होता ह जस ndash चार आठ सात

क चार भद ndash

a गणनावाचक ndash गणनावाचक षण स गणना का बोध होता ह जस ndash एक चार फल सात

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गणनावाचक क साथ एक लगान स लगभग का होता ह जस ndash एक आदमी ndash

लगभग आदमी b ndash स क गणना का होता ह जस ndash पहला

दसरा चौथाc ndash गणनावाचक क lsquoगनाrsquo लगान स बनत जस

ndash दगना ितगना ३ - स माप- तोल या का पता होता ह उस

कहत जस ndash दो सर चावल चार गज कपडा

क दो भद होत ndash

1) और 2)

ण - स का पता लगता हजौस - दो सर चावल

- स का पता नलगता ह जौस ndash बहत दध

४ या - स ऒर या सकत जाता ह उसकहत lsquoयहrsquo lsquoवहrsquo स जाता ह इसिलए इसकहत

जस ndash यह वह जब क हो तब वह बन जाता ह

जस ndash वह घर राम का ह कई ऐस मल जसा रहता ह

जस ndash वह यह क

भी िलग वचन और कारक क अनसार होता ह क िलग और कारक ककारण कछ होता ह

जस ndash काला कपड़ा - काला कपड़काला धोती - काला धोितया

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क साथ ई हो जातजस - काली धोती

क होता ह जो क होन परहोता ह जस ndash वह घोड़ा व घोड़

पथकता अथवा अिधकता क िलए को दहराता ह ndash

जस ndash छोट छोट फल लालका भी होता ह जस ndash बडा लड़का

गणवाचक और जब करत तब वह बन जात

जस ndash थोड़ा खा गया चावल बहत ह क साथ जब आता और व बन जात तब उनक साथ

भी लगती जस ndash को दान दो

UNIT - 16

(Verb)

काम क करन या होन का बोध हो उस कहतजस पढ़ना खाना दौडना पहनना

धात ndash क मल को धात कहत उदा- पढ़ना खलना खानाय सब मल धात lsquoपढ़rsquo lsquoखलrsquo lsquoखाrsquo ह मल धात lsquoनाrsquo जोडकर का िमलताह

i क आधार पर क दो भद होत - 1) 2)

1) (Transitive Verb) ndash क का फल को छोड पर पडता हउस कहत

उदा ndash राम पढ़ता ह

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राम ह ह और का पर पडता ह2) (Intransitive Verb) - क का फल पर पडता ह उस

कहत का अभाव हउदा ndash मोहन सोता ह

कभी कभी एक होता ह और कभी कभी दो भी होत एक होन वालको एक lsquo rsquo कहत

उदा ndash राम न खाना खायाखाना ह कवल एक होता ह दो होन वाली को

कहतउदा ndash मा न को दध

दो होत ndash lsquo rsquo और lsquoदधrsquo दो होत एक lsquo rsquo और दसराlsquoगौणrsquo

उदा ndash मा न को दधइस lsquoगौणrsquo ह दध lsquo rsquo ह lsquoगौणrsquo कभी कभी होता हउदा ndash न कथा सनाई

ii क भद1 - व होती ह आशय अथवा स परा होताको परा करन क िलए दसर होती ह ऐसी को कहतयह दो क होती ह१ ndash का अभाव हउदा ndash वह ह यहा क को परा करन क िलए जोडा गया ह२ ndash होन पर भी का भाव परा न हो उस को

कहतउदा ndash सीता न पढ़ाया

यहा परा सीता न lsquo rsquo पढ़ाया lsquo rsquo पढ़ाया यह परा इसिलए यहह यहा होन पर भी का भाव परा होता

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३ परक - को परा करन क िलए या पडती ह

परक कहत क परक lsquo परकrsquo तथा क परक lsquo परकrsquo

होतउदा ndash उस होिशयार समझता ह ( परक)

राम बलवान ह ( परक)

iii यौिगक धात ndashक स धातओ क दो भद होत 1) मल धात 2) यौिगक धात

मल धात - मल धात व जो दसर स न बन जस ndash कर बठ पढ़ यौिगक धात ndash यौिगक धात व जो दसर स बनाय जात उदा ndash खाना स नाम धात ndash जो या क आधार पर बनती ह उस नाम धात कहत

उदा ndash हाथ स हिथयानास

अपना स अपनानाiv - स यह जान पडता ह को न करक दसर को

करन दता ह उस (casual verbs) कहतउदा ndash राम न मोहन स िलखवाया यहा राम न िलखकर मोहन स िलखवाता ह इसिलए यह ह

करनवाल को और जाती ह उस कहतराम न मोहन स िलखवाया राम ह और मोहन हमल जो होती ह उनस और बन सकती हस और बन सकती उदा ndash दध पीता ह

पीना ह इसस बनती ह ndash मा को दध हस बना सकती ह उदा - मा नौकर स को दध ह

बनान का िनयममल धात क आ जोडन स और वा जोडन स या

बनती ह

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उदा ndash उठना ndash उठाना - उठवानाचलना ndash चलाना - चलवानापढ़ना ndash पढाना - पढ़वाना

दो क धातओ ए और औ को छोडकर पहला हो जाता हउदा ndash जागना ndash जगाना ndash जगवाना

भलना ndash भलाना - भलवानाछोडना ndash छडाना ndash छडवाना

धातओ क ला और लवा लगात तब हो जाता हउदा ndash पीना ndash ndash

सोना ndash सलाना ndash सलवानाखाना ndash -

v नाम धात - को छोडकर जोडन स जो धात बनती ह अथवा जो नाम (

या ) धात क समान होत नामधात कहत जो नामधात लगान सबनत आ ओऔर ला लगात पहला हो जाता ह

उदा ndash लाज ndash ndash लजानाहाथ ndash हिथया ndash हिथयानाझठ ndash झठला ndash झठलाना

UNIT - 17

काल (Tense)क स क होन का समय और अथवा का बोध हो उस काल

कहत काल क तीन भद होत1) भतकाल2) काल3) काल

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भतकालस का बोध हो उस भतकाल कहत

उदा ndash राम न िलखी भतकाल क छः भद - भत भत भत भत भत हत-हतमत भत

भत ndash क स भतकाल क समय का बोध न हो उस भत कहतउदा ndash मोहन न खत िलखायहा का बोध होता जो भतकाल हई ह भतकाल ndash क स का का समय अभी अभी हआ ह इसका बोध

होता ह उस भतकाल कहत उदा ndash राम न ह

इसस पहल अभी अभी हई हभत ndash क स यह होता ह क को हए बहत समय हो चका ह उसभत कहत

उदा ndash न दध थास हो क साथ lsquoथाrsquo lsquoथrsquo lsquoथीrsquo लगान स भतकािलक

िमलता हभत - क उस को भत कहत यह हो भतकाल हो थी पर

का पता न लग उस भतकाल कहतउदा - वह पढ़ रहा था वह सोता था

कब समा हआ इसका पता क साथ lsquoता थाrsquo lsquoत थrsquo lsquoरहा थाrsquo lsquoरह थrsquo लगानाभत काल ndash क स भतकाल सचना िमलती ह उसक होन कछ हो उसभत कहतउदा ndash वह आया होगा

उसन खाया होगा भतकाल हो थी ह क साथ lsquoहगाrsquo lsquoहगीrsquo lsquoहोगाrsquo lsquoहोगीrsquo

lsquo rsquo जोडन स भतकाल िमलता हहत-हतमत भतकाल ndash क स यह पाया जाय भतकाल होना सभव थाकारण स न हो सका उस हत-हतमत भतकाल कहत

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(Present Tense)

क को काल कहत रहती ह

होती उस काल कहतउदा ndash राम पढ़ता ह

सीता गीत गा हकाल तीन क होत ndash 1) काल 2) काल 3)

काल - वह ह स का काल होना पाया जाय

उस कहतउदा ndash मोहन पढ़ता ह

रमा गाती ह क साथ lsquoताrsquo lsquoतrsquo lsquoतीrsquo जोडन स बनत

- वह ह काल क होन पायाजायउदा ndash वह खाता होगा

सीता जाती होगी क साथ lsquoता होगाrsquo lsquoती होगीrsquo lsquoत rsquo lsquoती rsquo लगान स िमलत

ndash का वह ह यह होता ह का अभी ह

होता उस कहत उदा ndash वह खा रहा ह

चल हक साथ lsquoरहाrsquo lsquo rsquo lsquoरहrsquo जोडन स िमलती ह

काल ( Future Tense)

होनवाली को काल कहत काल क दो भद ndash 1)

काल 2) कालकाल ndash का वह ह स क आग होन सचना िमल उसकाल कहत

उदा ndash वह आयगा

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राम आज बबई जायगासीता कल घर आयगी

क साथ lsquoयगाrsquo lsquoयगीrsquo lsquoयगrsquo जोडन स िमलतकाल ndash क होन सभावना हो उस काल कहत

उदा ndash सभव ह आज हो स lsquoगाrsquo lsquoगrsquo lsquoगीrsquo पथक कर दन स काल िमलगा

UNIT ndash 18

(Voice)उस कहत यह जाना जाय का ह

ह या कवल भाव ह उस कहतउदा ndash राम न रावण को मारा

तीन क ndash 1) 2) 3) भाव- ह हमशा क िलग वचन और क अनसार होता ह

उस कहतउदा ndash लडका पढ़ता ह

लड़का ह और ग ह इसिलए भी होना हसीता िलखती ह इसम सीता ह इसिलए ह का सीधा स होताह

ndash क िलग वचन क अनसार हो उस कहतह का होता ह

उदा ndash राम िलखता हह इसिलए यह ह धानता होती ह और का

स होता ह क िलग वचन क अनसार बदलती ह हमशाहोता ह का होना ह

उदा ndash राम न रावण को मारा -

राम स रावण मारा गया -

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रावण ह ह क का ह गौण का रहता ह

उदा ndash मा न को दध मा स को दध गया

दो होत ndash और दध ndash भाव होती ह यह हमशा स बनता ह हमशा

एकवचन और होती ह इसका होता ह उदा ndash यहा बठा जाता

मझस पढ़ा जाता स या बनान

को भत क करना उसक साथ काल वचन और िलग कअनसार जाना क जोडन ऐसा करन स स औरक स भा बनती ह

उदा ndash 1) राम न रावण को मारा -

राम स रावण मारा गया -

2) राम रावण को मारगा -

राम स रावण मारा जायगा -

3) राम रावण को मारता ह -

राम स रावण मारा जाता -

पहल lsquoमाराrsquo भतकािलक ह इसिलए lsquoमाराrsquo क साथ lsquoजानाrsquo का भतकािलकजोडना

दसर lsquoमारगाrsquo काल ह इसिलए lsquoमाराrsquo भतकािलक बदलकरlsquoजानाrsquo का काल lsquoजायगाrsquo जोडना

तीसर काल ह को भतकािलक बदलकर (मारा) उसक साथजाना का (जाता) जोडना

स बन सकता हउदा ndash मोहन उठता ( )

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मोहन स उठा जाता - ( )

वीणा चलती ( )

वीणा स चला जाता - ( )

UNIT ndash 19

याअभी तक हमन क बार पढ़ िलया ह उनक िलग वचन और कारक क अनसार

आता ह इसिलए कहत का ह अब हम क दसरया क बार

चार क होत ndash 1) 2) बोधक 3) बोधक 4)

बोधक

UNIT ndash 20

ndash Adverbउस कहत होती ह

उदा - रमश चलता हइस lsquoचलनाrsquo ह ndash ह lsquo rsquo इसिलए lsquo rsquo ह

स क तीन भद ह - 1) साधारण 2) सयोजक 3) साधारण - साधारण वह ह होता ह साधारण या

कहत जस ndash खब पढ़ो दौडो सयोजक ndash का स या स होता ह सयोजक

कहत जस ndash जहा तक हम चल सक वहा तक ह

योजना का सयोजक स होता ह- का क

भद क साथ होता ह कहत

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जस ndash गह खाओग

कह तो लो होता ह व कवल गह खात और कछ खायगा इन

ह हो जान स का बदल जाता ह जस ndash वह काम करगा इसका यह ह जो काम उस ह कवल वह करगा और कछ

क आधार पर क चार भद होत ndash 1) कालवाचक 2) 3)

4)

कालवाचक ndash स समय अविध तथा काल का बोध होता ह कालवाचककहतजस ndash काम को अभी पढ़ना

आजकल रोज़ होती ह कभी कभी भी रात क समान लगता ह मोहन पढ़ाई सदा ह

अभी आजकल कभी कभी सदा कालवाचक ह ndash स क का बोध होता ह

कहत उदा ndash जहा तक जा सक वहा तक जाओ

जाओ और वहा लटो घर क सामन एक ह बाहर रोशनी भीतर अधरा

हाथ स मारत जहा वहा सामन बाहर भीतर ndash स अिधकता- का बोध होता ह

कहत जस ndash उतना पढ़ो हो

चावल थोडा खाओ खब खाना

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अपना थोडा खब

व क होन का ढ़ग का पता िमलता ह जस ndash राहल धीर धीर चलता ह

सीता मधरतम गाती ह यथा हम तथा िमलत

धीर धीर मधरतम यथा-तथा

UNIT - 21

बोधकबोधक ह जो या क साथ आकर उनका क

क साथ बनात उदा ndash धन क कोई काम न चलता

घर क नीच एक तालाब ह क पास एक भी ह

नीच पास बोधक ह क अनसार बोधक क दो भद होत ndash 1) 2)

क ndash य या क बाद आतउदा - घर क भीतर घर क पीछ घर ऒर

कारक भी आती ह जस का क कभी कभी अपादान कारक या भी आती ह

उदा ndash इनस पहल आया राम का मकान मोहन क घर स पर

lsquoसrsquo lsquoपरrsquo अपादान कारक क ndash यह स क क साथ आत

जस ndash दो तक राम रहगा

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घड भर पानी क िलए पाच दन ग lsquoतकrsquo lsquoभरrsquo सचक

UNIT - 22

( Conjunctions)योजक या व जो या न बतला कर एक या का

दसर या स जोडत बोधक कहतजस ndash सीता और गीता अपन घर गयी

सीता और गीता को िमलानवाला योजक lsquoऔरrsquo ह क तीन भद ndash 1) सयोजक 2) 3) भदबोधक

1) सयोजक ndash कई का सयोग करनवाल को सयोजक कहत इसक दो याका मल होता ह

उदा ndash और राम कल बबई और वहा उनक साथ मोहन भी lsquoऔरrsquo lsquoभीrsquo सयोजक ह

2) ndash जो का बोध कराए कहत जस ndash चाह दश सवा करनी या अथवा मानवीय को पहचानना

lsquoयाrsquo lsquoअथवाrsquo lsquoवाrsquo lsquoचाहrsquo को करनवाल ह 3) भदबोधक ndash दो स एक स भद बतलानवाल को भदबोधक कहत य कई क होत

क ndash दो म स पहल का िनषध या सिचत करत जस ndash

पर मगर वरन उदा ndash मझ वहा जाना था क कारण जा न सका

ख - कारणवाचक और उपदशमलक ndashइसिलए सो अतः इसिलए

इस क ह जस ndash राम समय पर आ न सका इसिलए जा न सका

ग सकतबोधक ndash ndash तो जो ndash तो प सकतबोधक ह जस ndash तम कहत तो जाता

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घ ndash इन पहली बात का और होता ह यान मानो यहा तक इस क ह

जस ndash कोई भी समय पर पहचा यहा तक भी 10 बज तक न आय क और दो भद होत ndash 1) समानािधकरण 2)

समानािधकरण ndash समान पद क या को जोडत जो एक क हो वसमानािधकरण धक कहत जस ndash क मा-बाप का अजीब ह समानािधकरण क चार उपभद होत ndash

1) सयोजक ndash और तथा भी एव 2) क ndash या वा अथवा चाह 3) ndash पर मगर 4) ndash इसिलए अतः

ndash को स जोडनवाल कोकहत

जस ndash आज नौकरानी आयगी वह बीमार ह क चार उपभद होत ndash

१ ndash यान मानो २ करणवाचक ndash जो इसिलए ३ उपदशवाचक - जो ४ सकतवाचक ndash - तो जो-तो -

4) ndash ndash स क शोक घणाको करनवाल को -बोधक कहत

जस ndash हाय अब अर आप कहा जा रह

ह राम करो को सिचत करन क िलए - लात

बोधक क सात भद ndash

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1) बोधक ndash वाह ndashवाह - आहा शबाश

2) शोक बोधक ndash आह ऊह हा-हा ndash

3) बोधक ndash अहो ऒह

4) अनमोदन बोधक ndash हा-हा वाह शबाश

5) बोधक ndash िछ हट अर िधक

6) ndash बहत हा जी हा7) सबोधन बोधक ndash अर र अपी अहो

कभी कभी भी हो जातजस ndash भगवान लो चप कभी कभी या भी होत जस ndash न हो बहत हो गया

जब क समान होत तब वह होता तब वमनोभाव को करात

जस ndash हाय हाय मचा रखी ह

सब लोग - पकार उठहाय ndash हाय - क समान ह इसिलए यह बोधक ह

UNIT - 23

क भद क स बनान का िनयम

क पर जायगास बनता ह एक या अिधक स बनता ह एक स अिधक स बनता

ह कहन या िलखनवाल का परा भाव हो जाय तो उस कहतजस ndash मोहन पढ़ता ह

राम िलखता ह इन स लखक का परा भाव होता ह

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ndash कछ ऐस होत और क रहन पर भी कहन या िलखनवाल का परा आशयहोता क समह को और क रहन पर भी जो कछ सनन

बनी रह कहत दो क होत ndash 1) 2)

क अधीन होतउदा ndash राम न कहा था वह कल पाठशाला जायगा

इस राम न कहा था - ह और कल पाठशाला जायगा तह इस और भी कहत

रखनवाल को कछ थोडा सा भाव करनवाल को कहतएक भावना होती ह

जस ndash तरह पढ़ना चलना

इन होता ह क म दो भाग होत 1) और 2)

ndash ( ) कछ होता ह उस कहतndash ( ) क जो कछ होता ह उस कहत

जस ndash मरा स भरा हआ ह मरा ह और स भरा हआ ह ह मरा ndash ह और मरा

उस का ह इसिलए ( ) और मरा का कहत हआ हह शष उसका ह

इस चार भाग हए ndash 1) ( ) 2) का 3) ( ) 4)

काचार भद ndash

क ndash राम गया ख ndash वह कह चका ग ndash फल

क भदक अनसार क आठ भद होत ndash

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1 ndash इस स बात का होना सिचत होता ह जस ndash भारत राजधानी ह

2 िनषधवाचक ndash का अभाव होता ह जस ndash क कछ भी पा सकत

3 ndash इस स सचना होती हजस - तम कल कालज

4 ndash इसस और उपदश का बोध होता ह जस ndash तरह पढ़ो

का भजन करो 5 ndash इसस का भाव सिचत होता ह जस ndash हाय राम को एक

लाख िमल 6 ndash इसस या सचना होती ह

जस ndash अक पा

7 ndash या सभावना सचना होती ह जस ndash आज होगी

8 - सकत सचना होती ह जस ndash हो तो

राम काम करगा रचना क आधार पर

रचना क आधार पर क तीन भद होत - 1) सरल या साधारण 2) और3)

१ सरल ndash एक और एक होता ह उस सरल कहतजस ndash मोहन िलखता ह ( मोहन और िलखता ह धय ह)

राम मज़ पर रखी ह ( ह और रखी ह ह)

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lsquoराम rsquo और lsquoमज़ परrsquo कवल और का ह २ - उस कहत एक हो और उसक एक या

अिधक हो उस कहतजस ndash जो करगा उस सफलता िमलगी जो करगा ndash ह उस सफलता िमलगी - ह

तीन क ndash 1) 2) 3)

1) ndash का क पर होता ह उसकहतजस ndash मरा ह तमन को मारा यह सच ह इस तमन को मारा ndash ह क पर आया ह इसिलए यह

ह 2) ndash जब कोई को क का काम दता ह तब उस

कहत जस ndash य उसी छा को जायगा जो रहगा

उसी स डरत जो खब मारता ह उसी जो ह

3) ndash जो क का काम दता ह उस कहत

जस ndash करता ह उतना फल िमलता ह जब तम कहोग सब कछ

जब ह ३ ndash दो या दो स अिधक योजक जड हो न

हो उस कहतजस ndash वह तरह पढ़ता था तो पास होता

दो या दो स अिधक सरल अथवा एक दसर पर न होता ह इसिलए यह

जस - कर चका (सरल )

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हम कर चक तो व आए ( )

और मरा मन ठड हो गया ( )

चार क होत ndash सयोजक सचक 1) सयोजक - एक दसर क साथ सयोजक जडा रहता ह

जस ndash वह आया और उसक साथ गया स िमलता ह और स होता ह

2) ndash का एक दसर स भद या का रहता ह जस ndash स बढ़ता ह स भरता ह वह खब खाता पर बडा होता

3) सचक ndash दो स एक को करना जस ndash मझ या राम को

4) अथवा हतसचक ndash एक दसर का होता हजस ndash तम आग पढ़ो पसा दगा मझ पसा िमला इसिलए

कभी कभी बीच योजक आत जस ndash मझ न बलाया आप आता ह जब को का या एक होता ह तो एक बार िलखा या कहा

जाता ह ऐस को सकिचत कहत जस ndash का और मन को भी दता ह

जो आसानी स समझकर छोड दत ऐस को कहत जस ndash आजकल सना ह बरसात क मौसम बखार सब फलाता ह

कहत रोज़ बढ़त रह पहल हमन होना था पर ह दसर लोग स होना पर होता ह

एक का दसर क बदल जा सकता ह मलकर सकत

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क सरल स ndash

उदा ndash सरल - राम न मोहन का - राम न उस को जो मोहन का था

ख स सरलndash उसन कहा पापी ह

सरल ndash उसन को पापी बताया ग सरल स

सरल ndash होन पर लोग खत जान लग - हआ और खत जान लग

घ स िनषध वाचक तथाndash मोहन सोहन स बडा ह

िनषध वाचक - मोहन सोहन स बडा ndash मोहन सोहन स बडा ह

UNIT ndash 24

और महावरव जो का अपना न बता कर कछ करत महावरा

कहत बोलचाल बहत आनवाला ऐसा बधा कोई अनभव बात और अलकतभाषा गई हो या कहावत कहाता ह जस ndash मर पट चह कद रह

जब स उनका लड़का मरा ह कमर टट गई ह वह इतना चालाक ह अपन मािलक को पर नचाता ह

इन lsquoपट चह कद रह rsquo lsquoकमर टट गई हrsquo lsquo पर नचाता हrsquo इन काउनक स ह यहा lsquoपट चह कदनrsquo का ह भख लगना lsquoकमर टटनrsquo का ह या

का न रहना तथा lsquo पर नचानrsquo का ह अपन वश रखना अतः य महावरकहलात

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इसी जब कोई आदमी काम करना न जानता हो परत अपन को िछपान क िलए बहान बनावतब कहा जाता ह ndash नाच न जान आगन टढ़ा

जब कोई आदमी अनक खाकर भी अपनी आदत न छोड़ तब कहा जाता ह दम सौतक नली रखो तो भी य बध हए और अनभव तथा अलकत भाषा कह गय अतः य

और क स भाषा तथा आती ह महावरदार भाषाबहत पसद जाती ह और कथन बड़ा होता ह

महावरअग-अग - बहत होनाअगठा - चीज़ को दन स क साथ करनाअध - सहाराअधरा घर का उजाला - एकलौता बटा

क घोड़ दौड़ाना - सोचनापर पड़ना - समझ न पाना

अपना सीधा करना ndash करनाआख उठाना - नीयत स दखनाआख खलाना - होश आना

चार होना - आख स आख िमलानानीची होना - होनापीली करना - नाराज़ होना

आकाश पाताल का ndash बहत भदआग घी डालना - बढ़ानाआसमान िसर पर उठाना - बहत कोलाहल करना

स बजाना - करनाईद का चाद होना - िचरकाल पीछ दनाउगली पर नचाना - वश रखना

गगा बहाना - बात करना

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कमर टट जाना - िनराश हो जानाकान भरना - चगली करना

मौत मरना - बहत तरह स मरनाखाक उड़ाना खाक िमलाना - बरबाद होनागड़ गोबर कर दना - काम दनाघर गगा - दौड़-धप कघाट घाट का पानी पीना - जहा तहा का अनभव करनाचाद पर थकना - करना और फलतः होनाचार चादनी - थोड़ का सख

का दध याद आना - सब सख भल जाना सकट आ पड़नाजमीन पर पर न पड़ना - बहत अिभमान होनाजल भन कर कोयला होना - पागल हो जानाटस स मस न होना - भी नटाग अड़ाना - बाधा डालनाटोपी उछालना - िनरादर करनाितनका पकड़ना - मागनाितन का ताड़ करना - बात बढ़ानाथक कर चाटना - वचन दकर जाना

तल उगली दबाना - करनादम तोडना - मर जाना

दना रात चौगना होना - खब होनाधप बाल सफद करना - अनभव आय दनानमक लगाना - बात को बढ़ा कर कहनानाक कटना - बदनामी होनानाक चढ़ाना - घणा करनानीला पीला होना - आना

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नौ-दो होना - भाग जानाउछालना - करना

- बातपरदा डालना - िछपानापहाड टट पड़ना - आनापट चह कदना - खब भख लगना

तल स ज़मीन िनकल जाना - होश उड़ जानाफक-फक कर कदम रखना - सोच-समझ कर काम करनाबगला भगत -

उछलना - खब खश होनाबाज़ार पर होना - काम पर होनाबात का धनी - वायद काबाल खाल उतारना - करनाबाल पकना - बढ़ा होजाना अनभव करनाबाल बाल बचना - हािन पहचन जरा- सी कसर रह जानाबगार टालना - लगाकर काम न करनाबोली मारना - क कहनाभनक पड़ना - खबर द जानाभाड़ - समय गवाना

मारना - बकारचस - बहत कजसपर मारना - का नकल करना

मगज चाटना - तग करनामाथा ठनकना - आशका होनामारा मारा - होनामह-तोड़ जवाब दना - परा-परा जवाब दना

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मह फक हो जाना - चहर का रग उतर जानामह पानी भर आना - खान को ललचानामह लगाना - अिधक द दना

गरम करना - दनाराई का पहाड़ बनाना - बात को बढ़ाकर कहनारात- - हमशालका काड होना - खब मारपीट होनालबी-चौ हाकना - करना

होना - होनालह क घट पीना - करनालह पसीना एक करना - बहत करनालोह क चना चबाना - काम करनाशतान क कान कतरना - बहत चालाक होना

करना - करनाबाग - बहकाना

समझ पर पड़ना - होनाबठना - जमाना

िसतारा चमकना - उदय होनािसर पर खन सवार होना - जान लन पर होनािसर पर हाथ धरना - सहायता करनासौ बात एक बात - िनचोड़

करना - फक डालनाहसी उड़ाना - करनाहाथ मल -

हाथ पर हाथ धर बठना - बठनाहाथ पसारना - मागना

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हाथ-पर मारना - करनाहाथ साफ करना - बईमानी स ठगना

पानी करना - करनाहोश उड़ना - भय या आशका स दखी होना

अत गता सो मता - वहकान राजा - थोड़ा पढ़ िलख का मान होता ह

आख क गाठ क पर - पर धनवानआप मर जग परल - ह तो ससार ह

चोर कोतवाल को डाट - अपराध करक को डाटनाऊची दकान पकवान - काम करनाएक अनार सौ बीमार - जब एक चीज़ क बहत स तब कहा जाता हएक पथ दो काज - एक काम करन स दो का लाभ होनाकाला बराबर -

घर का लका ढ़ाह - फट स घर नाश होता हिचराग तल अधरा - पास घटना क होन पर भी उसका न होना या

ऐस पर बराई का होना जहा उसक रोकन का होचोर ितनका - पापी डर जाता हजाग सो पाव सोव तो खोव - सावधान रहन स लाभ होता ह

- बलवान का दबदबा रहता हजसा दश वसा भस - दश रह वसी करनीजसी करनी वसी भरनी - फल िमलता हतन को कपड़ा न पट को - बहतथोथा चना बाज घना - काम न करनवाला बकवास बहत करता हदाम बनाय काम - पस स सब काम हो जात

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धोबी का घर का न घाट का - जो एक पर जमकर काम न कर कभी एक लग और कभीदसर और सफल न हो उस कहा जाता ह

रहना मगर स बर - अधीन होकर रह और उसी स बर कर तो गज़ारा चलता हन रहगा बास न बाजगी - नकसान हो उसका नाश कर दना हनाच न जान आगन टढ़ा - काम करन न होन पर दसर को दोष दना नीम जान का खतरा - अधरा हािनकारक होता हनौ नगद न तरह उधार - उधार सौदा दनामान न मान तरा महमान - गल पड़नािमया जती िमया क िसर - स उसी हािन करनासौ सयान एक मत - सभी अथवा एक सलाह होती हहाथ कगन को आरसी - क िलए और हाथी क दात खान क और क और - कहना कछ और करना कछ औरहोनहार क होत चीकन पात - होनहार क पहल स जात

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3) - lsquoअrsquo या lsquoआrsquo क आग lsquoएrsquo या lsquoऐrsquo हो तो िमलकर lsquoऐrsquo और lsquoओrsquo या lsquoऔrsquo हो तो िमलकरlsquoऔrsquo हो जात

उदा ndash एक + एक = एकक (अ+ ए = ऐ)

वन + औषिध = वनौषिध (अ+औ = औ)

4) यण - इ ई उ ऊ या ऋ क आग कोई तो इ ई क lsquoयrsquo उ ऊ कlsquoवrsquo और ऋ क lsquoरrsquo हो जाता ह

उदा ndash + = (इ+अ = य)

स + आगत = (उ+आ = व)

मात + = ndash (ऋ+आ = र)

5) - ए ओऐ औ स पर कोई हो तो lsquoएrsquo को lsquoअयrsquo lsquoओrsquo को lsquoअवrsquo lsquoऐrsquo को lsquoआयrsquo तथाlsquoऔrsquo को lsquoआवrsquo हो जाता ह

उदा ndash न + अन = नयन (ए को अय)

न + अक = नायक (ऐ को आय)

भो + अन = भवन( ओ को अव)

भौ + उक = भावक (औ को आव)

- जब एक दसर या स िमलता ह और उसक मल स जो होताह उस कहत

उदा ndash सत + उपयोग = सदपयोगिनयम

1) क च और प क आग कोई या का तीसरा चौथा अथवा य र ल व ह स कोईहो तो क - ग होता ह च - ज होता ह ndash होता ह और प ndash ब होता ह

उदा ndash वाक + ईश = वागीशअच + =

+ आनन = षडानन2) क पहल स पर कोई अननािसक हो तो पहला उसी का अननािसक हो

जाता हउदा ndash वाक + मय = (क का ङ अननािसक)

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3) lsquoतrsquo क साथ कोई ग घ द ध ब भ अथवा य र ल व कोई हो तो lsquoतrsquo का lsquo rsquo होजाता हउदा ndash जगत + ईश =

उत + गम =

तत + =

4) lsquoतrsquo क साथ lsquoचrsquo हो तो िमलकर lsquoचrsquo और lsquo rsquo क साथ lsquoछrsquo हो तो िमलकर lsquoजrsquo या lsquoझrsquo होजाता ह lsquoतrsquo क साथ lsquo rsquo lsquoड़rsquo या lsquoढ़rsquo होन पर िमलकर lsquo rsquo होता ह और lsquoतrsquo क साथ lsquoलrsquo हो तोिमलकर lsquoलrsquo हो जाता हउदा ndash उत + चारण = (त + च = )

सत + जन = (त + ज = )

बहत + = (त + ट = )

उत + डयन = (त + ड = )

तत + लीन = (त + ल = )

5) lsquoतrsquo lsquo rsquo क साथ lsquoहrsquo हो तो lsquoतrsquo lsquo rsquo होता ह और lsquo rsquo lsquoधrsquo हो जाता हउदा ndash तत + = ( त + ह - -ध)

lsquoछrsquo क कोई हो तो lsquoछrsquo lsquo rsquo बन जाता हउदा ndash आ + छादन =

+ छद =

6) lsquoमrsquo क साथ lsquoकrsquo स lsquoमrsquo तक का कोई हो तो lsquoमrsquo बन जाता हउदा ndash सम + =

सम + तोष = सतोष7) lsquoमrsquo क साथ य श ह तो lsquoमrsquo बन जाता ह

उदा ndash सम + हार = सहारसम + शय = सशयसम + योग = सयोग

8) ऋ र या ष क बाद lsquoनrsquo हो तो वह ण हो जाता हउदा ndash भष + अण = भषण (ष + न = ण)

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ऋ + न = ऋण (ऋ + न = ण)

9) अआ को छोडकर कोई क lsquoसrsquo क आ जाय तो lsquoसrsquo lsquoषrsquo बन जाता हउदा ndash अिभ + सक = अिभषक (इ+स = ष)

+ सम = (इ+स = ष)

10) र क साथ र हो तो पहला र का लोप होता ह और उसस पहल का होता हउदा ndash िनर + रस = नीरस

- और क साथ क मल स जो होता ह उस कहतउदा ndash मनः+ रथ = मनोरथ

दः+ उपयोग =

िनयम1) स अ हो और का तीसरा चौथा पाचवा अथवा यरलव आ जाय तो पहला lsquoअrsquo

और lsquo rsquo क पर lsquoओrsquo होता हउदा ndash यशः+ गान = यशोगान (श अ ओ)

मनः+ = (न अ ओ)

रजः+ गण = रजोगणसरः+ ज = सरोज

2) क बाद शषयस हो तो बाद क क समान बन जाता हउदा ndash दः+ शासन = ( भी श होता ह)

िनः+ = ( स बन जाता ह)

3) क इ या उ हो और उसक साथ कख या प फ स कोई हो तो lsquoषrsquo हो जाता हउदा ndash दः+ कर =

िनः+ पाप =

4) क lsquoअrsquo हो और उसक साथ lsquoअrsquo स कोई हो तो का लोप होता हउदा ndash अतः+ एव = अतएव

5) क अआ क और कोई हो अथवा उसक साथ का तीसरा चौथा पाचवाहो अथवा य र ल व ह स कोई हो तो र हो जाता ह

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उदा ndash िनः+ आशा = िनराशािनः+ =

िनः+ झर =

6) क अ और उसक साथ अ या का तीसरा चौथा पाचवा अथवा यरलवहस कोई हो तो अ क ओ होता ह

उदा ndash मनः+ अिभराम = मनोिभरामअधः+ गित = अधोगितमनः+ हर = मनोहर

इसक अलावा कछ अिनयिमत होती उदा ndash पराः+ कार =

नमः+ कार =

ितरः+ कार =

Module ll

UNIT - 6

एक स अिधक स बनी हई को कहत कोकरनवाल समह को कहत

उदा ndash लड़का कलमकछ होती जब व दसर क साथ जाती तब होती ऐसी

को कहतउदा ndash (lsquoकrsquo ह इसका कोई क साथ lsquoकrsquo लगन पर इसका होता ह)

दधवाला ndash(lsquoवालाrsquo का दध क साथ लगन पर वह होता ह)

क1 क आधार पर तीन क ndash 1) 2) यौिगक 3)

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ndash अपनी हो उनक क करन स कछ होता ऐसको कहत

उदा ndash धन घोडायौिगक ndash जो दो या दो स अिधक क योग स बनत यौिगक कहत

उदा ndash राज + महल = राजमहल+ =

ndash जो दो या दो स अिधक क मल स बनत हो को िछपाकरका बोध करात हो कहत

उदा - पकज = पक + ज (पकज का ह स इसका ह कमल)दशमख = दस + मख (दशमख का ह दस इसका ह रावण)

2 स क तीन भद - 1) वाचक 2) 3) या साकितकवाचक ndash जब उसी बोला या िलखा जाय और िलए बना ह तब उस वाचक कहत

उदा ndash गधा एक जानवर ह ( lsquoगधाrsquo वाचक ह)ndash जब कोई उसका न बतलाकर अपन या गण का बोध करानवाल कोकहत

राम एक गधा ह (यहा गधा का ह lsquo rsquo इस का होता ह ndash राम एक ह)

ndash जो स क करता ह और गढ़ स दसरा सिचतउदा - हो गया ( ह इसका होता ह lsquo समयrsquo)

3 स क भद ndash

क आधार पर क चार भद - 1) 2) 3) दशज 4)

ndash क जो करक का होत उसकहत उदा ndash वाय

ndash व जो स पर कछ करक करतउदा ndash -

- आसरा- आग- आस- सच

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दशज ndash य स बन क अनसार य क क

स बनउदा ndash पट

ndash य भारतीय भाषाओ क कई भाषाओ जस अरबी फारसी सकरत

उदा - स ndash िसनमा

अरबी स - मौलवी अदालत दिनया अमीरफारसी स ndash बाग आदमी चाक कारखाना

स - दारोग काब लाश तोपस - सरग दाम

UNIT - 7

कछ ऐसी होती जो होती जब व दसर क साथ जाती तब वहो जाती इस तरह को (Affix) कहत

उदा ndash कछ िनर वालादो क होत - 1) 2)

ndash जो क आरभ लगाकर उसक अ लाकर कर उसकहत

उदा ndash अप + यश = अपयश ( )

उप + वन = उपवन(बगीचा)+ योग = ( )

अन + पढ़ = अनपढ़ ( पढ़ करक)

क + = (बरा )

ndash जो या क लगाकर उनक को बदल कहतउदा - बढ़ा + पा = बढ़ापा (बढ़ापा )

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+ = ( स )

िलखा + आवट = िलखावटबरा + ई = बराईदध + वाला = दधवालाबच + पन = बचपन

UNIT - 8

समासरखनवाला दो या दो स अिधक या पद िमलाकर जब एक या पद बनत

इस मल को समास कहत िमल को पद अथवा सामािसक पद कहतउदा - घोड का सवार ndash घडसवार

सा मख ndash

धन का पद - धनपदकाठ पतली ndash कठपतली

समास होन पर बीच तथा का लोप होता हउदा - धन का पद - धनपद ( lsquoकाrsquo का लोप होता ह)

समास1 समास दो का योग होता ह2 दो क मल स एक पद बनता ह3 दो क बीच का लोप होता ह4 दो कभी पहला पद होता ह और कभी दसरा पद होता ह5 समास जडत तो क का होता ह

उदा ndash का = + =

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समास औरसमास दो का योग होता ह दो का योग होता ह क

होत होन पर दो क सयोग स पद भी िमल जात समासवाल औरसमास हो सकता हउदा ndash पीता र दो पद ह ndash lsquoपीतrsquo और lsquo rsquo करन पर इस तरह होता ह ndash पीत +

= समास करन पर lsquoपीत ह जो rsquo =

कवल होती ह समास होता ह क तोडनको द कहत समास क तोडन को कहत

ndash क को अलग अलग अपनी क रखकर उनक आपस क कोकरन को कहत

उदा ndash रातndash - इसका ह रात औरसमास क भद

समास क छः भद होत 1) 2) 3) 4) 5) 6)

1 समास ndash समास पहला हो उस समास कहत इसकापहला पद या पद होता ह

उदा ndash ( क अनसार)

आजीवन ( जीवन )

यथासमय (समय क अनसार)

2 समास ndash समास पद हो और समास करन पर पहली का लोपहो उस समास कहत

उदा ndash राजसभा (राज सभा)( को )

समास क दो भद ह ndash

1) 2) समानािधकरणi ndash पद का करन पर पहला और दसर

लगायी जाती हउदा ndash राज-सभा (राजा सभा)

पहल सबध कारक ह और दसर कारक ह

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क छः भद -

इस समास क पद कारक का लोप होता ह उसी कारक क अनसार इस समास कानाम होता ह ndash

१ ndash होती हउदा ndash ( को ndash को कारक ह)

२ करण - lsquoसrsquo हउदा ndash (अकाल स )

मनमाना (मन स माना हआ)

३ ndash lsquoक िलएrsquoउदा ndash रसोईघर (रसोई क िलए घर)

(हवन क िलए )

४ अपादान ndash lsquoसrsquo हउदा ndash ( स िगरा हआ)

(पद स )

(ऋण स )

५ सबध ndash lsquoकाrsquo lsquoकrsquo lsquo rsquo हउदा ndash सनापित (सना का पित)

राजमाता (राजा माता)( दश का )

६ अिधकरण ndash lsquo rsquo lsquoपरrsquo हउदा ndash वनवास (वन वास)

आपबीती (अपन आप पर बीती)( )

कभी कभी समास पद का लोप होता ह उस अलक कहतउदा ndash ( रहनवाला lsquo rsquo का लोप)

सरिसज (सर होनवाला lsquo rsquo का लोप)

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नञ ndash अभाव या िनषध का सिचत ककरनवाला lsquoअrsquo या lsquoअनrsquo लगान स बननवाल को lsquoनञrsquo

कहतउदा ndash ( जो न हो)

अनपढ़ ( न पढ़ा हआ)

अछता ( न छआ हआ)

उप पद ndash समास कोई उप पद न हो तथा बाद पद हो उस lsquoउप पद rsquo कहतउदा ndash जलज (जल ) ndash कलम

मनोज ndash (मन जात) - कामदवii समानािधकरण - समास क क बाद एक कारक

आती ह उस समानािधकरण अथवा कहत इस समास क पद उपमान- उपमय अथवाndash हउदा ndash नील कमल - नीला कमल

यहा नीला और कमल हम ndash घन (बादल) (काला) उपमान और उपमय

कभी कभी सबध बतानवाल बीच क पद का लोप भी होता ह lsquo rsquo समासपहल का दसर स सबध बतानवाल बीच क पद का लोप होता ह उस समास कहत

iii समास ndash समास क होता ह और समदाय का बोधहोता ह उस समास कहत

उदा ndash (तीन का समाहार)

चौमासा (चार का समह)

iv समास ndash समास होत और करन पर और या अथवा योजकलगत उस समास कहत

उदा ndash ndash औरndash पाप और

तन-मन ndash तन और मनसमास क का िलग साधारणतया म क अनसार होता ह कभी कभी

हो तो उसी क अनसार िलग हो जाता हउदा ndash राजा-रानी आय

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समास एक स अिधक जडतउदा ndash माता ndash आय राम- आत थ

कभी कभी बहवचन - सचक क साथ भी पाया जाता हउदा ndash आपक लडक-

v ब समास ndash इस समास स कोई पद होता पर समास पद पदका होता ह इस समास कहत

उदा ndash र (पीत ह )

अनग ( ह अग - कामदव)

समास पद का पहला दसर क होता ह समासपद अपन स का होत ह कई पद भद स क

समास हउदा ndash मगलोचन - 1) मग क लोचन ndash

2) मग क समान लोचनवाला ndash समास- 1) पीला कपडा ndash

2) पीला ह अबर (कपडा) वह ( ndash समास)

Module lll

UNIT - 9

क िलग वचन कारक अथवा काल क अनसार होता ह

कहत औरया - क िलग वचन कारक अथवा काल क अनसार कोई

होता व ह सचक व ह सचक या ह

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UNIT - 10

(NOUN)वह ह या भाव को सिचत करता ह राम ( )

( ) ( ) क तीन ndash

a) (Proper Noun)

b) जाितवाचक (Common Noun)

c) भाववाचक ( Abstract Noun)

A ndash उस कहत एक का बोध होता हउदा ndash राम गगा

B जाितवाचक ndash जाितवाचक स एक जाित क सब का बोध होता हउदा - नगर सभा जल

स सभी जाित का बोध होता ह का य जाित क आधार पर होत

स सजातीय क समह को करत उस समहवाचक कहत उदा ndash सनास का बोध का बोध होता ह उस कहत

उदा - सोना पानी लोहाC भाववाचक ndash भाववाचक व क गण दोष कासचना होती ह

उदा - गण दोष ndash िमठास कटता नीचता- लडकपन यौवन दासता

भाव ndash शोक भयD जब गण को करत तब व जाितवाचक बनत

उदा ndash ह तम बनोइस स ह ndash पर रहनवाला यह जाितवाचक हकभी कभी जाितवाचक होती

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उदा ndash गािधजी कल यहा यहा गािधजी हE भाववाचक कभी कभी जाितवाचक क समान होती

उदा ndash हाथी और घोड बडा ह यहा चाल जाितवाचक हभाववाचक चार स बनती

a) जाितवाचक स ndash लडका ndash लडकपनndash

b) स ndash अह ndash अहकारअपना ndash अपनापन

c) स ndash चतर ndash चतराईमीठा ndash िमठास

d) स ndash चढ़ना ndash चढ़ाईसजाना ndash सजावटघबराना ndash घबराहट

F क समान होन वालउदा ndash का आधर गणी- ह यहा क समान होत उदा ndash का कहना

मानो lsquoबडाrsquo ह यह क पर होता हका

एक स अिधक स बनत क एक दसर क िमलन स का होता हक क होता ह इस कहत का िलग वचनऔर कारक क कारण होता ह

उदा ndash लड़का पठता ह ndash पठती ह ( िलग क कारण)

लड़का दौडता ह - लड़क दौडत (वचन क कारण)

लाओ ndash मज़ पर ह ( कारक क कारण)

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UNIT - 11

िलगक जाित का बोध होता ह उस िलग कहत दो िलग ndash और

a ndash जाित का बोध करानवाल को िलग कहत उदा ndash सीताb - जाित का बोध करानवाल को कहत उदा ndash लड़का नर राम

बदगी ह उदा ndash पड नगर ह उदा ndash लता

जो ह व ह उदा ndash भाई बलकई स क नर और मादा का बोध होता ह पर उनका एक िनयम

िलग स होता हndash कौआ चीता ndash कोयल चील मना

जाितभद करन किलए इनक साथ नर या मादा लगाना उदा ndash नर कौआ मादाकौआ नर चीता मादा चीता

क अत आ पा आव और पन हो होतउदा ndash बढ़ापा चढ़ाव लडकपन

क अत आई वट हट और ता हो व होतउदा ndash चढ़ाई सजावच सरलता

स बनान का िनयमक क अ को आ करन स ndash उदा ndash ndash बाल ndash बाला सत ndash सता तनज ndash

तनजा ख क अ को ई करन स ndash उदा ndash दव ndash दवी ndash कबतर ndash मग ndash

मगीग कछ क आ को ई करन स ndash उदा ndash रसा ndash रसी लडक़ा ndash

घ क आ को इया करन स ndash उदा ndash ndash बढ़ा ndash चहा ndash

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ङ या क क इन लगान स ndash उदा ndash सनार ndash

धोबी ndash कहार ndash

च कछ क नी या आनी लगान स ndash उदा ndash िसह ndash िसहनी महतर ndash महतरानी मोर ndash

मोरनीछ उपनामवाचक क क पर आइन लगान स ndash उदा ndash बाब ndash बबआइन

ठाकर ndash ठकराइन पाड ndash पाडाइन ज कछ क ndash उदा ndash ndashमाता ndashऔरत वर- वध मा ndash

बाप ndashभाई

स बनान का िनयमa कछ lsquoओईrsquo lsquoआवrsquo और lsquoऔराrsquo लगान स ndash

उदा ndash बहन ndash बहनाई ननद ndash ननदोई ndash िसल ndash िसलौरा b कछ क lsquoईrsquo को lsquoआrsquo करन स ndash

उदा ndash जीजी ndash जीजा झोली ndash झोला c कछ क lsquoईrsquo को lsquoअrsquo करन स ndash

उदा ndash ndash d क अत lsquoआrsquo लगान स ndash

उदा ndash

UNIT ndash 12

वचन (Number)स और क स स यह त हो वह एक क िलए होता ह या अिधक

क िलए इस वचन कहत वचन दो क होत ndash

1) एकवचन (Singular)

2) बहवचन (Plural)

1) एकवचनःस क स स एक का बोध करान वाला एकवचन हउदाः पढ़ती ह ( ndash एकवचन ह)

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2) बहवचनःस क स स एक स अिधक का बोध हो उस बहवचन कहतउदाः पढ़ती ( ndash बहवचन ह)

कभी कभी आदर क िलए एकवचन बहवचन क होतउदाः अब )बहवचन(

बहवचन बनान का िनयमः-)क ( क lsquoआrsquo क पर lsquoएrsquo लगा दन स एकवचन का बहवचन बन जाता ह

उदा ndash लड़का ndash लडक कपड़ा ndash कपड़ बटा ndash बट lsquo rsquo क सभी क (

) एक समान रहतक बहवचन बनान का िनयम

lsquo rsquo तथा lsquo rsquo क lsquoअrsquo lsquoआrsquo क पर lsquoएrsquo का करन स बहवचनबनाया जाता ह

उदाः ndash गाय ndash ndash रात ndash lsquo rsquo तथा lsquo rsquo क lsquoयाrsquo जोड़न स बहवचन िमलता ह इस lsquoईrsquo क

पर lsquoइrsquo होता हउदाः ndash ndash ndash

स क lsquoयाrsquo हो उनक lsquoयाrsquo क ऊपर कवल लगान पर-

उदाः ndash -

क बाद lsquoएrsquo या lsquo rsquo जोड़न स शष का बहवचन िमलता हउदाः लता ndash लताए -

)ग( िनयम -

)1( )बहवचन( सिचत करन क िलए कभी कभी क एकवचन क साथ गण लोग

जोडतउदा ndash पाठकगण बाब लोग

(2) कछ हमशा बहवचन बोल जातउदा ndash लोग होश

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3) जाितवाचक स ऐ हमशा बहवचन होती ह जब और भाववाचक काजब जाितवाचक क समान होता ह तब व बहवचन होता ह

उदा ndash भारत रावण कमी (यहा रावण जाितवाचक ह)

(4) जब जाितवाचक क समान होता ह तब व बहवचन क होतउदा ndash और क ह (जल बहवचन एव जाितवाचक ह)

UNIT - 13

कारक (Case)या क स उसका क क साथ होता ह उस

कारक कहतउदा ndash राम न रावण को माराइस lsquoनrsquo और lsquoकोrsquo इन क उसका सिचत होता हउदा ndash मारा - राम lsquoनrsquo

मारा ndash रावण lsquoकोrsquo इसिलए य कारककारक क आठ भद होत ndash

कारक - नकारक - को

करण कारक - सकारक - को

अपादान कारक - सकारक - का क

अिधकरण कारक - पर

सबोधन कारक - ह अर अपी अहो क कारक ndash (Nominative)

या क स करनवाला या का बोध होता ह उस कारक कहतlsquoनrsquo ह

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उदा ndash राम गयामोहन न खाया

lsquoरामrsquo और lsquoमोहनrsquo कारक ह न हक को सिचत करन क िलए कोई जाती ह

उदा ndash राम न िलखी ख कारक (Accusative)

या पर क का फल पडता ह उस कारक कहत उदा - राम न रावण को मारा

रावण मारा गया ह यहा lsquoरावणrsquo कारक ह lsquoकोrsquo हकभी कभी lsquoकोrsquo का लोप होता ह

उदा ndash राम न िलखायहा lsquoकोrsquo का लोप होता ह ऐसा भी होता ह - राम न को िलखा

ग करण कारक ( Instrumental)

क साधन का बोध करानवाल क को करण कारक कहत lsquoसrsquo ह उदा ndash

कलम स िलखतिलखन का साधन कलम ह कलम क िलखन होती ह

घ कारक ( Dative)

कारक का वह ह जो उस का बोध कराता ह िलए कोई कामlsquoकोrsquo lsquoक िलएrsquo ह

उदा ndash मोहन न राम को पाच मोहन न राम क िलए पाच

ङ अपादान कारक (Ablative)

का वह ह क स पथक होन का बोध हो उस अपादान कारककहत lsquoसrsquo ह

उदा ndash स िगरतयहा स का सिचत होता ह कारक और अपादान कारक lsquoसrsquo ह

करण कारक lsquoसrsquo साधन सिचत होता ह अपादान कारक lsquoसrsquo सिचत होता ह

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कलम स िलखता ह - करण कारकस आ रहा ह - अपादान कारक

च कारक (Genitive)

क स उसका स होता ह उस कारक कहतlsquoकाrsquo lsquoकrsquo lsquo rsquo

उदा ndash राम का घोडा राम क घोड राम बहन छ अिधकरण कारक (Locative)

क स क आधार का बोध होता ह उस अिधकरण कारक कहत lsquo rsquo

और lsquoपरrsquo उदा ndash शर जगल रहता ह

मज़ पर ह अिधकरण तीन क होत ndash

क कालािधकरण ndash का काल होता ह उस कालािधकरण कहत उदा ndash राम दोपहरस आयगा

ख भावािधकरण ndash क भाव क भावािधकरण होता ह उदा ndash शर को दखकरभय होता ह

ग ndash पर होती ह उस कहत उदा ndash मज़ पर ह कालवाचक और क सात कभी कभी लगती उदा ndash कल रात मसलधार हई ( कल रात मसलधार हई ndash lsquo rsquo का लोप)

ज सबोधन (Vocative)

क स को पकारना सिचत होता ह उस सबोधन कारक कहत हउदा ndash ह राम वहा मत आना

सबोधन कारक कोई ह उसको करन क िलए lsquoहrsquo lsquoअरrsquo कोलगाय जात

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UNIT - 14

( Pronoun)क उसक को करन क िलए का जाता ह

कहत उदा ndash राम जाता ह वह अपनी जाता हउसन कहा ndash लाना भल गया वह अपनी राम जगह हए ह

इसिलए ह को हटान क िलए का जाता हयोग क अनसार क पाच भद होत

1) - त यह वह (एव) हम तम य व आप (बव)

2) ndash यह वह (एव) य व (बव)

3) ndash कोई कछ (एव - बव)

4) ndash जो सो (एव - बव)

5) ndash कौन (एव - बव)

क ndash या लखक बोलत या िलखत समय या तो अपन कछ कहता ह या सननवालऔर पढ़नवाल क अथवा अपन और सननवाल को छोडकर क

कहत स बोलनवाल सननवाल और क कछ कहा जाए उस कोकहत

तीन क होत ndash औरndash बोलनवाला या िलखनवाला अपनिलए का करता ह उस

कहत (एव) हम (बव)ndash सननवाल या पढ़नवाल क िलए का होता ह उस कहत

जस ndashत तम और आप ndash क कछ कहा या िलखा जाए उसक िलए होन वाल को

कहत जस ndash यह वह (एव) य व (बव)और हम ह एकवचन ह हम बहवचन ह का हम

क बहवचन स ह यहा हम क पर होता ह हम का एकवचनऔर बहवचन होत

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त और तम क आदर क िलए आपका करत जस ndash तमयहा आओ इसी क पर आप यहा ए कभी कभी यह और वह क भी आप का

होता ह जस ndash आप मर कभी कभी आदर क िलए आप का करत बहवचन सिचत करन क िलए आप क साथ lsquoलोगrsquo

जोडा जाता ह जस ndash आप लोग यहािनजवाचक आप और चक आप भद होता ह िनजवाचक आप समान स एक वचन

और बहवचन आता ह जस ndash आप पढ़गा हम आपवह कवल बहवचन करत िनचवाचक आप तीन स

होत आप कवल और करतlsquoआपrsquo अकला जाता ह िनजवाचक आप तथा क साथ आता ह जस ndash त

आप कामकभी (2) आप भल अकला आ सकता ह जस ndash आप भला तो जग भला वह अपन आप समझ गया

व ऒर सकत जाता हसकतवाचक और िनदशवाचक भी कहत जस ndash यह वह य व

हम तम आप यह य व इन या क साथ अिधकताकरन क िलए lsquo rsquo lsquoईrsquo य जोडत झस ndash त आप

स या क बात का बोध न हो उसकहत जस ndash कोई कछ

a lsquoकोईrsquo का क िलए होता ह जस ndash बाहर स कोई आ रहा ह b जब का पता न होन पर ndash जस ndash अर कोई कमर ह

c क lsquoकोईrsquo लग तो उसका लगभग होता ह जस - कॉलज स कोई पाच सौभाग

d lsquoकोईrsquo जब दोहराया जाता ह तब को सिचत करता ह जस कोई कोई पर को रोकतe कोई क साथ एक लग जान पर सिचत करता ह जस ndash तम स कोई एक गा सकगा

कछ का अनिगनत क िलए होता ह जस ndash कछ हक िलए होता ह जस ndash पानी कछ ह

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कोई का क िलए होता ह और कछ का क िलए होता हघ वाचक

स दो और क बीच क का बोध हो उस वाचक कहतजो सो जस ndash आपन जो कहा सो हो गया

कभी कभी जो या सो स एक रहता ह जस जो गाता ह बात हङ ndash करन क िलए का होता ह कहत

उदा ndash आप सोचत आज कौन आएगाकौन का क िलए होता ह का क िलए होता ह जस ndash कौन

बोलगा थली हकभी कभी कौन का क िलए होता हजस - बाधा डालनवाल तम कौन होिभ किलए lsquoकौनrsquo को दोहरा भी जाता ह जस ndash कौन कौन लाएग

क कौन का होता ह जस - इसन कौन अपराधक िलए को दोहरा दता ह जस ndash राम न

का क भी होता ह जस ndash तम मझस लडोगका

वचन और कारक क कारण भी होत िलग क कारण होताका और एक स होता ह

सबोधन होतास क पर होता ह उसी क अनसार उस क िलग वचन भी होता ह

काकारक एकवचन बहवचन

हममझको मझ हमको

करण मझस हमसमझको मरिलएमझ हमको हमार िलए

अपादान मझस हमसमरामर हमारा हमार

अिधकरण मझपर हमपर

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तकरक एकवचन बहवचन

तन तम तमनतझको तझ तमको

करण तझस तमसतरातर

अिधकरण तझपर तमपर

वहकरक एकवचन बहवचन

वहउसन व

उसको उस उनकोकरण उसस उनस

उसक िलए उस उनक िलए

अपादान उसस उनसउसका उसक उनका उनक

अिधकरण उस पर उनपर

UNIT - 15

(Adjective)स या सिचत कर उस कहत जस ndash रशमी

कपडा लाल कमलबतलाई जाए उस कहत जस ndash लड़का

ह लड़का हजो क पहल आता ह उस कहत जस ndash फल

ह फल ह इसिलए यह ह

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जो क बाद आता ह उस कहत जस ndash वह लड़का बड़ा होिशयार ह लडका ह होिशयार ह क बाद आन क कारण यह ह

जो क साथ उसको करन क िलए होता ह उस समानािधकरण कहत जस ndash रामनाथ कहता ह

रामनाथ क साथ समानािधकरण ह चार क ndash

क गणवाचक (Adjectives of Quality)

ख (Adjectives of number)

ग (Adjective)

घ या (Demonstrative Adjective)

१ गणवाचकजो क गण रग आकार को बतलानवाल को गणवाचक कहत

जस ndash लबा सशील काला गोल गणवाचक क बदल बहधा क क भी आतजस ndash राजा ( का राजा )

जापानी कपड़ा (जापान का कपड़ा)गणवाचचक का होता ह तब उनका क समान होता ह

जस ndash न सच कहा ह२ - क गणना का बोध हो उस

कहत जस ndash एक दो पहला दसरा दगनाक तीन भद होत ndash

1) 2) 3) बोधक या बोधकndash इसस का बोध होता ह जस ndash चार आठ सात

क चार भद ndash

a गणनावाचक ndash गणनावाचक षण स गणना का बोध होता ह जस ndash एक चार फल सात

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गणनावाचक क साथ एक लगान स लगभग का होता ह जस ndash एक आदमी ndash

लगभग आदमी b ndash स क गणना का होता ह जस ndash पहला

दसरा चौथाc ndash गणनावाचक क lsquoगनाrsquo लगान स बनत जस

ndash दगना ितगना ३ - स माप- तोल या का पता होता ह उस

कहत जस ndash दो सर चावल चार गज कपडा

क दो भद होत ndash

1) और 2)

ण - स का पता लगता हजौस - दो सर चावल

- स का पता नलगता ह जौस ndash बहत दध

४ या - स ऒर या सकत जाता ह उसकहत lsquoयहrsquo lsquoवहrsquo स जाता ह इसिलए इसकहत

जस ndash यह वह जब क हो तब वह बन जाता ह

जस ndash वह घर राम का ह कई ऐस मल जसा रहता ह

जस ndash वह यह क

भी िलग वचन और कारक क अनसार होता ह क िलग और कारक ककारण कछ होता ह

जस ndash काला कपड़ा - काला कपड़काला धोती - काला धोितया

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क साथ ई हो जातजस - काली धोती

क होता ह जो क होन परहोता ह जस ndash वह घोड़ा व घोड़

पथकता अथवा अिधकता क िलए को दहराता ह ndash

जस ndash छोट छोट फल लालका भी होता ह जस ndash बडा लड़का

गणवाचक और जब करत तब वह बन जात

जस ndash थोड़ा खा गया चावल बहत ह क साथ जब आता और व बन जात तब उनक साथ

भी लगती जस ndash को दान दो

UNIT - 16

(Verb)

काम क करन या होन का बोध हो उस कहतजस पढ़ना खाना दौडना पहनना

धात ndash क मल को धात कहत उदा- पढ़ना खलना खानाय सब मल धात lsquoपढ़rsquo lsquoखलrsquo lsquoखाrsquo ह मल धात lsquoनाrsquo जोडकर का िमलताह

i क आधार पर क दो भद होत - 1) 2)

1) (Transitive Verb) ndash क का फल को छोड पर पडता हउस कहत

उदा ndash राम पढ़ता ह

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राम ह ह और का पर पडता ह2) (Intransitive Verb) - क का फल पर पडता ह उस

कहत का अभाव हउदा ndash मोहन सोता ह

कभी कभी एक होता ह और कभी कभी दो भी होत एक होन वालको एक lsquo rsquo कहत

उदा ndash राम न खाना खायाखाना ह कवल एक होता ह दो होन वाली को

कहतउदा ndash मा न को दध

दो होत ndash lsquo rsquo और lsquoदधrsquo दो होत एक lsquo rsquo और दसराlsquoगौणrsquo

उदा ndash मा न को दधइस lsquoगौणrsquo ह दध lsquo rsquo ह lsquoगौणrsquo कभी कभी होता हउदा ndash न कथा सनाई

ii क भद1 - व होती ह आशय अथवा स परा होताको परा करन क िलए दसर होती ह ऐसी को कहतयह दो क होती ह१ ndash का अभाव हउदा ndash वह ह यहा क को परा करन क िलए जोडा गया ह२ ndash होन पर भी का भाव परा न हो उस को

कहतउदा ndash सीता न पढ़ाया

यहा परा सीता न lsquo rsquo पढ़ाया lsquo rsquo पढ़ाया यह परा इसिलए यहह यहा होन पर भी का भाव परा होता

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३ परक - को परा करन क िलए या पडती ह

परक कहत क परक lsquo परकrsquo तथा क परक lsquo परकrsquo

होतउदा ndash उस होिशयार समझता ह ( परक)

राम बलवान ह ( परक)

iii यौिगक धात ndashक स धातओ क दो भद होत 1) मल धात 2) यौिगक धात

मल धात - मल धात व जो दसर स न बन जस ndash कर बठ पढ़ यौिगक धात ndash यौिगक धात व जो दसर स बनाय जात उदा ndash खाना स नाम धात ndash जो या क आधार पर बनती ह उस नाम धात कहत

उदा ndash हाथ स हिथयानास

अपना स अपनानाiv - स यह जान पडता ह को न करक दसर को

करन दता ह उस (casual verbs) कहतउदा ndash राम न मोहन स िलखवाया यहा राम न िलखकर मोहन स िलखवाता ह इसिलए यह ह

करनवाल को और जाती ह उस कहतराम न मोहन स िलखवाया राम ह और मोहन हमल जो होती ह उनस और बन सकती हस और बन सकती उदा ndash दध पीता ह

पीना ह इसस बनती ह ndash मा को दध हस बना सकती ह उदा - मा नौकर स को दध ह

बनान का िनयममल धात क आ जोडन स और वा जोडन स या

बनती ह

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उदा ndash उठना ndash उठाना - उठवानाचलना ndash चलाना - चलवानापढ़ना ndash पढाना - पढ़वाना

दो क धातओ ए और औ को छोडकर पहला हो जाता हउदा ndash जागना ndash जगाना ndash जगवाना

भलना ndash भलाना - भलवानाछोडना ndash छडाना ndash छडवाना

धातओ क ला और लवा लगात तब हो जाता हउदा ndash पीना ndash ndash

सोना ndash सलाना ndash सलवानाखाना ndash -

v नाम धात - को छोडकर जोडन स जो धात बनती ह अथवा जो नाम (

या ) धात क समान होत नामधात कहत जो नामधात लगान सबनत आ ओऔर ला लगात पहला हो जाता ह

उदा ndash लाज ndash ndash लजानाहाथ ndash हिथया ndash हिथयानाझठ ndash झठला ndash झठलाना

UNIT - 17

काल (Tense)क स क होन का समय और अथवा का बोध हो उस काल

कहत काल क तीन भद होत1) भतकाल2) काल3) काल

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भतकालस का बोध हो उस भतकाल कहत

उदा ndash राम न िलखी भतकाल क छः भद - भत भत भत भत भत हत-हतमत भत

भत ndash क स भतकाल क समय का बोध न हो उस भत कहतउदा ndash मोहन न खत िलखायहा का बोध होता जो भतकाल हई ह भतकाल ndash क स का का समय अभी अभी हआ ह इसका बोध

होता ह उस भतकाल कहत उदा ndash राम न ह

इसस पहल अभी अभी हई हभत ndash क स यह होता ह क को हए बहत समय हो चका ह उसभत कहत

उदा ndash न दध थास हो क साथ lsquoथाrsquo lsquoथrsquo lsquoथीrsquo लगान स भतकािलक

िमलता हभत - क उस को भत कहत यह हो भतकाल हो थी पर

का पता न लग उस भतकाल कहतउदा - वह पढ़ रहा था वह सोता था

कब समा हआ इसका पता क साथ lsquoता थाrsquo lsquoत थrsquo lsquoरहा थाrsquo lsquoरह थrsquo लगानाभत काल ndash क स भतकाल सचना िमलती ह उसक होन कछ हो उसभत कहतउदा ndash वह आया होगा

उसन खाया होगा भतकाल हो थी ह क साथ lsquoहगाrsquo lsquoहगीrsquo lsquoहोगाrsquo lsquoहोगीrsquo

lsquo rsquo जोडन स भतकाल िमलता हहत-हतमत भतकाल ndash क स यह पाया जाय भतकाल होना सभव थाकारण स न हो सका उस हत-हतमत भतकाल कहत

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(Present Tense)

क को काल कहत रहती ह

होती उस काल कहतउदा ndash राम पढ़ता ह

सीता गीत गा हकाल तीन क होत ndash 1) काल 2) काल 3)

काल - वह ह स का काल होना पाया जाय

उस कहतउदा ndash मोहन पढ़ता ह

रमा गाती ह क साथ lsquoताrsquo lsquoतrsquo lsquoतीrsquo जोडन स बनत

- वह ह काल क होन पायाजायउदा ndash वह खाता होगा

सीता जाती होगी क साथ lsquoता होगाrsquo lsquoती होगीrsquo lsquoत rsquo lsquoती rsquo लगान स िमलत

ndash का वह ह यह होता ह का अभी ह

होता उस कहत उदा ndash वह खा रहा ह

चल हक साथ lsquoरहाrsquo lsquo rsquo lsquoरहrsquo जोडन स िमलती ह

काल ( Future Tense)

होनवाली को काल कहत काल क दो भद ndash 1)

काल 2) कालकाल ndash का वह ह स क आग होन सचना िमल उसकाल कहत

उदा ndash वह आयगा

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राम आज बबई जायगासीता कल घर आयगी

क साथ lsquoयगाrsquo lsquoयगीrsquo lsquoयगrsquo जोडन स िमलतकाल ndash क होन सभावना हो उस काल कहत

उदा ndash सभव ह आज हो स lsquoगाrsquo lsquoगrsquo lsquoगीrsquo पथक कर दन स काल िमलगा

UNIT ndash 18

(Voice)उस कहत यह जाना जाय का ह

ह या कवल भाव ह उस कहतउदा ndash राम न रावण को मारा

तीन क ndash 1) 2) 3) भाव- ह हमशा क िलग वचन और क अनसार होता ह

उस कहतउदा ndash लडका पढ़ता ह

लड़का ह और ग ह इसिलए भी होना हसीता िलखती ह इसम सीता ह इसिलए ह का सीधा स होताह

ndash क िलग वचन क अनसार हो उस कहतह का होता ह

उदा ndash राम िलखता हह इसिलए यह ह धानता होती ह और का

स होता ह क िलग वचन क अनसार बदलती ह हमशाहोता ह का होना ह

उदा ndash राम न रावण को मारा -

राम स रावण मारा गया -

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रावण ह ह क का ह गौण का रहता ह

उदा ndash मा न को दध मा स को दध गया

दो होत ndash और दध ndash भाव होती ह यह हमशा स बनता ह हमशा

एकवचन और होती ह इसका होता ह उदा ndash यहा बठा जाता

मझस पढ़ा जाता स या बनान

को भत क करना उसक साथ काल वचन और िलग कअनसार जाना क जोडन ऐसा करन स स औरक स भा बनती ह

उदा ndash 1) राम न रावण को मारा -

राम स रावण मारा गया -

2) राम रावण को मारगा -

राम स रावण मारा जायगा -

3) राम रावण को मारता ह -

राम स रावण मारा जाता -

पहल lsquoमाराrsquo भतकािलक ह इसिलए lsquoमाराrsquo क साथ lsquoजानाrsquo का भतकािलकजोडना

दसर lsquoमारगाrsquo काल ह इसिलए lsquoमाराrsquo भतकािलक बदलकरlsquoजानाrsquo का काल lsquoजायगाrsquo जोडना

तीसर काल ह को भतकािलक बदलकर (मारा) उसक साथजाना का (जाता) जोडना

स बन सकता हउदा ndash मोहन उठता ( )

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मोहन स उठा जाता - ( )

वीणा चलती ( )

वीणा स चला जाता - ( )

UNIT ndash 19

याअभी तक हमन क बार पढ़ िलया ह उनक िलग वचन और कारक क अनसार

आता ह इसिलए कहत का ह अब हम क दसरया क बार

चार क होत ndash 1) 2) बोधक 3) बोधक 4)

बोधक

UNIT ndash 20

ndash Adverbउस कहत होती ह

उदा - रमश चलता हइस lsquoचलनाrsquo ह ndash ह lsquo rsquo इसिलए lsquo rsquo ह

स क तीन भद ह - 1) साधारण 2) सयोजक 3) साधारण - साधारण वह ह होता ह साधारण या

कहत जस ndash खब पढ़ो दौडो सयोजक ndash का स या स होता ह सयोजक

कहत जस ndash जहा तक हम चल सक वहा तक ह

योजना का सयोजक स होता ह- का क

भद क साथ होता ह कहत

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जस ndash गह खाओग

कह तो लो होता ह व कवल गह खात और कछ खायगा इन

ह हो जान स का बदल जाता ह जस ndash वह काम करगा इसका यह ह जो काम उस ह कवल वह करगा और कछ

क आधार पर क चार भद होत ndash 1) कालवाचक 2) 3)

4)

कालवाचक ndash स समय अविध तथा काल का बोध होता ह कालवाचककहतजस ndash काम को अभी पढ़ना

आजकल रोज़ होती ह कभी कभी भी रात क समान लगता ह मोहन पढ़ाई सदा ह

अभी आजकल कभी कभी सदा कालवाचक ह ndash स क का बोध होता ह

कहत उदा ndash जहा तक जा सक वहा तक जाओ

जाओ और वहा लटो घर क सामन एक ह बाहर रोशनी भीतर अधरा

हाथ स मारत जहा वहा सामन बाहर भीतर ndash स अिधकता- का बोध होता ह

कहत जस ndash उतना पढ़ो हो

चावल थोडा खाओ खब खाना

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अपना थोडा खब

व क होन का ढ़ग का पता िमलता ह जस ndash राहल धीर धीर चलता ह

सीता मधरतम गाती ह यथा हम तथा िमलत

धीर धीर मधरतम यथा-तथा

UNIT - 21

बोधकबोधक ह जो या क साथ आकर उनका क

क साथ बनात उदा ndash धन क कोई काम न चलता

घर क नीच एक तालाब ह क पास एक भी ह

नीच पास बोधक ह क अनसार बोधक क दो भद होत ndash 1) 2)

क ndash य या क बाद आतउदा - घर क भीतर घर क पीछ घर ऒर

कारक भी आती ह जस का क कभी कभी अपादान कारक या भी आती ह

उदा ndash इनस पहल आया राम का मकान मोहन क घर स पर

lsquoसrsquo lsquoपरrsquo अपादान कारक क ndash यह स क क साथ आत

जस ndash दो तक राम रहगा

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घड भर पानी क िलए पाच दन ग lsquoतकrsquo lsquoभरrsquo सचक

UNIT - 22

( Conjunctions)योजक या व जो या न बतला कर एक या का

दसर या स जोडत बोधक कहतजस ndash सीता और गीता अपन घर गयी

सीता और गीता को िमलानवाला योजक lsquoऔरrsquo ह क तीन भद ndash 1) सयोजक 2) 3) भदबोधक

1) सयोजक ndash कई का सयोग करनवाल को सयोजक कहत इसक दो याका मल होता ह

उदा ndash और राम कल बबई और वहा उनक साथ मोहन भी lsquoऔरrsquo lsquoभीrsquo सयोजक ह

2) ndash जो का बोध कराए कहत जस ndash चाह दश सवा करनी या अथवा मानवीय को पहचानना

lsquoयाrsquo lsquoअथवाrsquo lsquoवाrsquo lsquoचाहrsquo को करनवाल ह 3) भदबोधक ndash दो स एक स भद बतलानवाल को भदबोधक कहत य कई क होत

क ndash दो म स पहल का िनषध या सिचत करत जस ndash

पर मगर वरन उदा ndash मझ वहा जाना था क कारण जा न सका

ख - कारणवाचक और उपदशमलक ndashइसिलए सो अतः इसिलए

इस क ह जस ndash राम समय पर आ न सका इसिलए जा न सका

ग सकतबोधक ndash ndash तो जो ndash तो प सकतबोधक ह जस ndash तम कहत तो जाता

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घ ndash इन पहली बात का और होता ह यान मानो यहा तक इस क ह

जस ndash कोई भी समय पर पहचा यहा तक भी 10 बज तक न आय क और दो भद होत ndash 1) समानािधकरण 2)

समानािधकरण ndash समान पद क या को जोडत जो एक क हो वसमानािधकरण धक कहत जस ndash क मा-बाप का अजीब ह समानािधकरण क चार उपभद होत ndash

1) सयोजक ndash और तथा भी एव 2) क ndash या वा अथवा चाह 3) ndash पर मगर 4) ndash इसिलए अतः

ndash को स जोडनवाल कोकहत

जस ndash आज नौकरानी आयगी वह बीमार ह क चार उपभद होत ndash

१ ndash यान मानो २ करणवाचक ndash जो इसिलए ३ उपदशवाचक - जो ४ सकतवाचक ndash - तो जो-तो -

4) ndash ndash स क शोक घणाको करनवाल को -बोधक कहत

जस ndash हाय अब अर आप कहा जा रह

ह राम करो को सिचत करन क िलए - लात

बोधक क सात भद ndash

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1) बोधक ndash वाह ndashवाह - आहा शबाश

2) शोक बोधक ndash आह ऊह हा-हा ndash

3) बोधक ndash अहो ऒह

4) अनमोदन बोधक ndash हा-हा वाह शबाश

5) बोधक ndash िछ हट अर िधक

6) ndash बहत हा जी हा7) सबोधन बोधक ndash अर र अपी अहो

कभी कभी भी हो जातजस ndash भगवान लो चप कभी कभी या भी होत जस ndash न हो बहत हो गया

जब क समान होत तब वह होता तब वमनोभाव को करात

जस ndash हाय हाय मचा रखी ह

सब लोग - पकार उठहाय ndash हाय - क समान ह इसिलए यह बोधक ह

UNIT - 23

क भद क स बनान का िनयम

क पर जायगास बनता ह एक या अिधक स बनता ह एक स अिधक स बनता

ह कहन या िलखनवाल का परा भाव हो जाय तो उस कहतजस ndash मोहन पढ़ता ह

राम िलखता ह इन स लखक का परा भाव होता ह

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ndash कछ ऐस होत और क रहन पर भी कहन या िलखनवाल का परा आशयहोता क समह को और क रहन पर भी जो कछ सनन

बनी रह कहत दो क होत ndash 1) 2)

क अधीन होतउदा ndash राम न कहा था वह कल पाठशाला जायगा

इस राम न कहा था - ह और कल पाठशाला जायगा तह इस और भी कहत

रखनवाल को कछ थोडा सा भाव करनवाल को कहतएक भावना होती ह

जस ndash तरह पढ़ना चलना

इन होता ह क म दो भाग होत 1) और 2)

ndash ( ) कछ होता ह उस कहतndash ( ) क जो कछ होता ह उस कहत

जस ndash मरा स भरा हआ ह मरा ह और स भरा हआ ह ह मरा ndash ह और मरा

उस का ह इसिलए ( ) और मरा का कहत हआ हह शष उसका ह

इस चार भाग हए ndash 1) ( ) 2) का 3) ( ) 4)

काचार भद ndash

क ndash राम गया ख ndash वह कह चका ग ndash फल

क भदक अनसार क आठ भद होत ndash

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1 ndash इस स बात का होना सिचत होता ह जस ndash भारत राजधानी ह

2 िनषधवाचक ndash का अभाव होता ह जस ndash क कछ भी पा सकत

3 ndash इस स सचना होती हजस - तम कल कालज

4 ndash इसस और उपदश का बोध होता ह जस ndash तरह पढ़ो

का भजन करो 5 ndash इसस का भाव सिचत होता ह जस ndash हाय राम को एक

लाख िमल 6 ndash इसस या सचना होती ह

जस ndash अक पा

7 ndash या सभावना सचना होती ह जस ndash आज होगी

8 - सकत सचना होती ह जस ndash हो तो

राम काम करगा रचना क आधार पर

रचना क आधार पर क तीन भद होत - 1) सरल या साधारण 2) और3)

१ सरल ndash एक और एक होता ह उस सरल कहतजस ndash मोहन िलखता ह ( मोहन और िलखता ह धय ह)

राम मज़ पर रखी ह ( ह और रखी ह ह)

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lsquoराम rsquo और lsquoमज़ परrsquo कवल और का ह २ - उस कहत एक हो और उसक एक या

अिधक हो उस कहतजस ndash जो करगा उस सफलता िमलगी जो करगा ndash ह उस सफलता िमलगी - ह

तीन क ndash 1) 2) 3)

1) ndash का क पर होता ह उसकहतजस ndash मरा ह तमन को मारा यह सच ह इस तमन को मारा ndash ह क पर आया ह इसिलए यह

ह 2) ndash जब कोई को क का काम दता ह तब उस

कहत जस ndash य उसी छा को जायगा जो रहगा

उसी स डरत जो खब मारता ह उसी जो ह

3) ndash जो क का काम दता ह उस कहत

जस ndash करता ह उतना फल िमलता ह जब तम कहोग सब कछ

जब ह ३ ndash दो या दो स अिधक योजक जड हो न

हो उस कहतजस ndash वह तरह पढ़ता था तो पास होता

दो या दो स अिधक सरल अथवा एक दसर पर न होता ह इसिलए यह

जस - कर चका (सरल )

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हम कर चक तो व आए ( )

और मरा मन ठड हो गया ( )

चार क होत ndash सयोजक सचक 1) सयोजक - एक दसर क साथ सयोजक जडा रहता ह

जस ndash वह आया और उसक साथ गया स िमलता ह और स होता ह

2) ndash का एक दसर स भद या का रहता ह जस ndash स बढ़ता ह स भरता ह वह खब खाता पर बडा होता

3) सचक ndash दो स एक को करना जस ndash मझ या राम को

4) अथवा हतसचक ndash एक दसर का होता हजस ndash तम आग पढ़ो पसा दगा मझ पसा िमला इसिलए

कभी कभी बीच योजक आत जस ndash मझ न बलाया आप आता ह जब को का या एक होता ह तो एक बार िलखा या कहा

जाता ह ऐस को सकिचत कहत जस ndash का और मन को भी दता ह

जो आसानी स समझकर छोड दत ऐस को कहत जस ndash आजकल सना ह बरसात क मौसम बखार सब फलाता ह

कहत रोज़ बढ़त रह पहल हमन होना था पर ह दसर लोग स होना पर होता ह

एक का दसर क बदल जा सकता ह मलकर सकत

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क सरल स ndash

उदा ndash सरल - राम न मोहन का - राम न उस को जो मोहन का था

ख स सरलndash उसन कहा पापी ह

सरल ndash उसन को पापी बताया ग सरल स

सरल ndash होन पर लोग खत जान लग - हआ और खत जान लग

घ स िनषध वाचक तथाndash मोहन सोहन स बडा ह

िनषध वाचक - मोहन सोहन स बडा ndash मोहन सोहन स बडा ह

UNIT ndash 24

और महावरव जो का अपना न बता कर कछ करत महावरा

कहत बोलचाल बहत आनवाला ऐसा बधा कोई अनभव बात और अलकतभाषा गई हो या कहावत कहाता ह जस ndash मर पट चह कद रह

जब स उनका लड़का मरा ह कमर टट गई ह वह इतना चालाक ह अपन मािलक को पर नचाता ह

इन lsquoपट चह कद रह rsquo lsquoकमर टट गई हrsquo lsquo पर नचाता हrsquo इन काउनक स ह यहा lsquoपट चह कदनrsquo का ह भख लगना lsquoकमर टटनrsquo का ह या

का न रहना तथा lsquo पर नचानrsquo का ह अपन वश रखना अतः य महावरकहलात

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इसी जब कोई आदमी काम करना न जानता हो परत अपन को िछपान क िलए बहान बनावतब कहा जाता ह ndash नाच न जान आगन टढ़ा

जब कोई आदमी अनक खाकर भी अपनी आदत न छोड़ तब कहा जाता ह दम सौतक नली रखो तो भी य बध हए और अनभव तथा अलकत भाषा कह गय अतः य

और क स भाषा तथा आती ह महावरदार भाषाबहत पसद जाती ह और कथन बड़ा होता ह

महावरअग-अग - बहत होनाअगठा - चीज़ को दन स क साथ करनाअध - सहाराअधरा घर का उजाला - एकलौता बटा

क घोड़ दौड़ाना - सोचनापर पड़ना - समझ न पाना

अपना सीधा करना ndash करनाआख उठाना - नीयत स दखनाआख खलाना - होश आना

चार होना - आख स आख िमलानानीची होना - होनापीली करना - नाराज़ होना

आकाश पाताल का ndash बहत भदआग घी डालना - बढ़ानाआसमान िसर पर उठाना - बहत कोलाहल करना

स बजाना - करनाईद का चाद होना - िचरकाल पीछ दनाउगली पर नचाना - वश रखना

गगा बहाना - बात करना

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कमर टट जाना - िनराश हो जानाकान भरना - चगली करना

मौत मरना - बहत तरह स मरनाखाक उड़ाना खाक िमलाना - बरबाद होनागड़ गोबर कर दना - काम दनाघर गगा - दौड़-धप कघाट घाट का पानी पीना - जहा तहा का अनभव करनाचाद पर थकना - करना और फलतः होनाचार चादनी - थोड़ का सख

का दध याद आना - सब सख भल जाना सकट आ पड़नाजमीन पर पर न पड़ना - बहत अिभमान होनाजल भन कर कोयला होना - पागल हो जानाटस स मस न होना - भी नटाग अड़ाना - बाधा डालनाटोपी उछालना - िनरादर करनाितनका पकड़ना - मागनाितन का ताड़ करना - बात बढ़ानाथक कर चाटना - वचन दकर जाना

तल उगली दबाना - करनादम तोडना - मर जाना

दना रात चौगना होना - खब होनाधप बाल सफद करना - अनभव आय दनानमक लगाना - बात को बढ़ा कर कहनानाक कटना - बदनामी होनानाक चढ़ाना - घणा करनानीला पीला होना - आना

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नौ-दो होना - भाग जानाउछालना - करना

- बातपरदा डालना - िछपानापहाड टट पड़ना - आनापट चह कदना - खब भख लगना

तल स ज़मीन िनकल जाना - होश उड़ जानाफक-फक कर कदम रखना - सोच-समझ कर काम करनाबगला भगत -

उछलना - खब खश होनाबाज़ार पर होना - काम पर होनाबात का धनी - वायद काबाल खाल उतारना - करनाबाल पकना - बढ़ा होजाना अनभव करनाबाल बाल बचना - हािन पहचन जरा- सी कसर रह जानाबगार टालना - लगाकर काम न करनाबोली मारना - क कहनाभनक पड़ना - खबर द जानाभाड़ - समय गवाना

मारना - बकारचस - बहत कजसपर मारना - का नकल करना

मगज चाटना - तग करनामाथा ठनकना - आशका होनामारा मारा - होनामह-तोड़ जवाब दना - परा-परा जवाब दना

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मह फक हो जाना - चहर का रग उतर जानामह पानी भर आना - खान को ललचानामह लगाना - अिधक द दना

गरम करना - दनाराई का पहाड़ बनाना - बात को बढ़ाकर कहनारात- - हमशालका काड होना - खब मारपीट होनालबी-चौ हाकना - करना

होना - होनालह क घट पीना - करनालह पसीना एक करना - बहत करनालोह क चना चबाना - काम करनाशतान क कान कतरना - बहत चालाक होना

करना - करनाबाग - बहकाना

समझ पर पड़ना - होनाबठना - जमाना

िसतारा चमकना - उदय होनािसर पर खन सवार होना - जान लन पर होनािसर पर हाथ धरना - सहायता करनासौ बात एक बात - िनचोड़

करना - फक डालनाहसी उड़ाना - करनाहाथ मल -

हाथ पर हाथ धर बठना - बठनाहाथ पसारना - मागना

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हाथ-पर मारना - करनाहाथ साफ करना - बईमानी स ठगना

पानी करना - करनाहोश उड़ना - भय या आशका स दखी होना

अत गता सो मता - वहकान राजा - थोड़ा पढ़ िलख का मान होता ह

आख क गाठ क पर - पर धनवानआप मर जग परल - ह तो ससार ह

चोर कोतवाल को डाट - अपराध करक को डाटनाऊची दकान पकवान - काम करनाएक अनार सौ बीमार - जब एक चीज़ क बहत स तब कहा जाता हएक पथ दो काज - एक काम करन स दो का लाभ होनाकाला बराबर -

घर का लका ढ़ाह - फट स घर नाश होता हिचराग तल अधरा - पास घटना क होन पर भी उसका न होना या

ऐस पर बराई का होना जहा उसक रोकन का होचोर ितनका - पापी डर जाता हजाग सो पाव सोव तो खोव - सावधान रहन स लाभ होता ह

- बलवान का दबदबा रहता हजसा दश वसा भस - दश रह वसी करनीजसी करनी वसी भरनी - फल िमलता हतन को कपड़ा न पट को - बहतथोथा चना बाज घना - काम न करनवाला बकवास बहत करता हदाम बनाय काम - पस स सब काम हो जात

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धोबी का घर का न घाट का - जो एक पर जमकर काम न कर कभी एक लग और कभीदसर और सफल न हो उस कहा जाता ह

रहना मगर स बर - अधीन होकर रह और उसी स बर कर तो गज़ारा चलता हन रहगा बास न बाजगी - नकसान हो उसका नाश कर दना हनाच न जान आगन टढ़ा - काम करन न होन पर दसर को दोष दना नीम जान का खतरा - अधरा हािनकारक होता हनौ नगद न तरह उधार - उधार सौदा दनामान न मान तरा महमान - गल पड़नािमया जती िमया क िसर - स उसी हािन करनासौ सयान एक मत - सभी अथवा एक सलाह होती हहाथ कगन को आरसी - क िलए और हाथी क दात खान क और क और - कहना कछ और करना कछ औरहोनहार क होत चीकन पात - होनहार क पहल स जात

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3) lsquoतrsquo क साथ कोई ग घ द ध ब भ अथवा य र ल व कोई हो तो lsquoतrsquo का lsquo rsquo होजाता हउदा ndash जगत + ईश =

उत + गम =

तत + =

4) lsquoतrsquo क साथ lsquoचrsquo हो तो िमलकर lsquoचrsquo और lsquo rsquo क साथ lsquoछrsquo हो तो िमलकर lsquoजrsquo या lsquoझrsquo होजाता ह lsquoतrsquo क साथ lsquo rsquo lsquoड़rsquo या lsquoढ़rsquo होन पर िमलकर lsquo rsquo होता ह और lsquoतrsquo क साथ lsquoलrsquo हो तोिमलकर lsquoलrsquo हो जाता हउदा ndash उत + चारण = (त + च = )

सत + जन = (त + ज = )

बहत + = (त + ट = )

उत + डयन = (त + ड = )

तत + लीन = (त + ल = )

5) lsquoतrsquo lsquo rsquo क साथ lsquoहrsquo हो तो lsquoतrsquo lsquo rsquo होता ह और lsquo rsquo lsquoधrsquo हो जाता हउदा ndash तत + = ( त + ह - -ध)

lsquoछrsquo क कोई हो तो lsquoछrsquo lsquo rsquo बन जाता हउदा ndash आ + छादन =

+ छद =

6) lsquoमrsquo क साथ lsquoकrsquo स lsquoमrsquo तक का कोई हो तो lsquoमrsquo बन जाता हउदा ndash सम + =

सम + तोष = सतोष7) lsquoमrsquo क साथ य श ह तो lsquoमrsquo बन जाता ह

उदा ndash सम + हार = सहारसम + शय = सशयसम + योग = सयोग

8) ऋ र या ष क बाद lsquoनrsquo हो तो वह ण हो जाता हउदा ndash भष + अण = भषण (ष + न = ण)

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ऋ + न = ऋण (ऋ + न = ण)

9) अआ को छोडकर कोई क lsquoसrsquo क आ जाय तो lsquoसrsquo lsquoषrsquo बन जाता हउदा ndash अिभ + सक = अिभषक (इ+स = ष)

+ सम = (इ+स = ष)

10) र क साथ र हो तो पहला र का लोप होता ह और उसस पहल का होता हउदा ndash िनर + रस = नीरस

- और क साथ क मल स जो होता ह उस कहतउदा ndash मनः+ रथ = मनोरथ

दः+ उपयोग =

िनयम1) स अ हो और का तीसरा चौथा पाचवा अथवा यरलव आ जाय तो पहला lsquoअrsquo

और lsquo rsquo क पर lsquoओrsquo होता हउदा ndash यशः+ गान = यशोगान (श अ ओ)

मनः+ = (न अ ओ)

रजः+ गण = रजोगणसरः+ ज = सरोज

2) क बाद शषयस हो तो बाद क क समान बन जाता हउदा ndash दः+ शासन = ( भी श होता ह)

िनः+ = ( स बन जाता ह)

3) क इ या उ हो और उसक साथ कख या प फ स कोई हो तो lsquoषrsquo हो जाता हउदा ndash दः+ कर =

िनः+ पाप =

4) क lsquoअrsquo हो और उसक साथ lsquoअrsquo स कोई हो तो का लोप होता हउदा ndash अतः+ एव = अतएव

5) क अआ क और कोई हो अथवा उसक साथ का तीसरा चौथा पाचवाहो अथवा य र ल व ह स कोई हो तो र हो जाता ह

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उदा ndash िनः+ आशा = िनराशािनः+ =

िनः+ झर =

6) क अ और उसक साथ अ या का तीसरा चौथा पाचवा अथवा यरलवहस कोई हो तो अ क ओ होता ह

उदा ndash मनः+ अिभराम = मनोिभरामअधः+ गित = अधोगितमनः+ हर = मनोहर

इसक अलावा कछ अिनयिमत होती उदा ndash पराः+ कार =

नमः+ कार =

ितरः+ कार =

Module ll

UNIT - 6

एक स अिधक स बनी हई को कहत कोकरनवाल समह को कहत

उदा ndash लड़का कलमकछ होती जब व दसर क साथ जाती तब होती ऐसी

को कहतउदा ndash (lsquoकrsquo ह इसका कोई क साथ lsquoकrsquo लगन पर इसका होता ह)

दधवाला ndash(lsquoवालाrsquo का दध क साथ लगन पर वह होता ह)

क1 क आधार पर तीन क ndash 1) 2) यौिगक 3)

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ndash अपनी हो उनक क करन स कछ होता ऐसको कहत

उदा ndash धन घोडायौिगक ndash जो दो या दो स अिधक क योग स बनत यौिगक कहत

उदा ndash राज + महल = राजमहल+ =

ndash जो दो या दो स अिधक क मल स बनत हो को िछपाकरका बोध करात हो कहत

उदा - पकज = पक + ज (पकज का ह स इसका ह कमल)दशमख = दस + मख (दशमख का ह दस इसका ह रावण)

2 स क तीन भद - 1) वाचक 2) 3) या साकितकवाचक ndash जब उसी बोला या िलखा जाय और िलए बना ह तब उस वाचक कहत

उदा ndash गधा एक जानवर ह ( lsquoगधाrsquo वाचक ह)ndash जब कोई उसका न बतलाकर अपन या गण का बोध करानवाल कोकहत

राम एक गधा ह (यहा गधा का ह lsquo rsquo इस का होता ह ndash राम एक ह)

ndash जो स क करता ह और गढ़ स दसरा सिचतउदा - हो गया ( ह इसका होता ह lsquo समयrsquo)

3 स क भद ndash

क आधार पर क चार भद - 1) 2) 3) दशज 4)

ndash क जो करक का होत उसकहत उदा ndash वाय

ndash व जो स पर कछ करक करतउदा ndash -

- आसरा- आग- आस- सच

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दशज ndash य स बन क अनसार य क क

स बनउदा ndash पट

ndash य भारतीय भाषाओ क कई भाषाओ जस अरबी फारसी सकरत

उदा - स ndash िसनमा

अरबी स - मौलवी अदालत दिनया अमीरफारसी स ndash बाग आदमी चाक कारखाना

स - दारोग काब लाश तोपस - सरग दाम

UNIT - 7

कछ ऐसी होती जो होती जब व दसर क साथ जाती तब वहो जाती इस तरह को (Affix) कहत

उदा ndash कछ िनर वालादो क होत - 1) 2)

ndash जो क आरभ लगाकर उसक अ लाकर कर उसकहत

उदा ndash अप + यश = अपयश ( )

उप + वन = उपवन(बगीचा)+ योग = ( )

अन + पढ़ = अनपढ़ ( पढ़ करक)

क + = (बरा )

ndash जो या क लगाकर उनक को बदल कहतउदा - बढ़ा + पा = बढ़ापा (बढ़ापा )

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+ = ( स )

िलखा + आवट = िलखावटबरा + ई = बराईदध + वाला = दधवालाबच + पन = बचपन

UNIT - 8

समासरखनवाला दो या दो स अिधक या पद िमलाकर जब एक या पद बनत

इस मल को समास कहत िमल को पद अथवा सामािसक पद कहतउदा - घोड का सवार ndash घडसवार

सा मख ndash

धन का पद - धनपदकाठ पतली ndash कठपतली

समास होन पर बीच तथा का लोप होता हउदा - धन का पद - धनपद ( lsquoकाrsquo का लोप होता ह)

समास1 समास दो का योग होता ह2 दो क मल स एक पद बनता ह3 दो क बीच का लोप होता ह4 दो कभी पहला पद होता ह और कभी दसरा पद होता ह5 समास जडत तो क का होता ह

उदा ndash का = + =

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समास औरसमास दो का योग होता ह दो का योग होता ह क

होत होन पर दो क सयोग स पद भी िमल जात समासवाल औरसमास हो सकता हउदा ndash पीता र दो पद ह ndash lsquoपीतrsquo और lsquo rsquo करन पर इस तरह होता ह ndash पीत +

= समास करन पर lsquoपीत ह जो rsquo =

कवल होती ह समास होता ह क तोडनको द कहत समास क तोडन को कहत

ndash क को अलग अलग अपनी क रखकर उनक आपस क कोकरन को कहत

उदा ndash रातndash - इसका ह रात औरसमास क भद

समास क छः भद होत 1) 2) 3) 4) 5) 6)

1 समास ndash समास पहला हो उस समास कहत इसकापहला पद या पद होता ह

उदा ndash ( क अनसार)

आजीवन ( जीवन )

यथासमय (समय क अनसार)

2 समास ndash समास पद हो और समास करन पर पहली का लोपहो उस समास कहत

उदा ndash राजसभा (राज सभा)( को )

समास क दो भद ह ndash

1) 2) समानािधकरणi ndash पद का करन पर पहला और दसर

लगायी जाती हउदा ndash राज-सभा (राजा सभा)

पहल सबध कारक ह और दसर कारक ह

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क छः भद -

इस समास क पद कारक का लोप होता ह उसी कारक क अनसार इस समास कानाम होता ह ndash

१ ndash होती हउदा ndash ( को ndash को कारक ह)

२ करण - lsquoसrsquo हउदा ndash (अकाल स )

मनमाना (मन स माना हआ)

३ ndash lsquoक िलएrsquoउदा ndash रसोईघर (रसोई क िलए घर)

(हवन क िलए )

४ अपादान ndash lsquoसrsquo हउदा ndash ( स िगरा हआ)

(पद स )

(ऋण स )

५ सबध ndash lsquoकाrsquo lsquoकrsquo lsquo rsquo हउदा ndash सनापित (सना का पित)

राजमाता (राजा माता)( दश का )

६ अिधकरण ndash lsquo rsquo lsquoपरrsquo हउदा ndash वनवास (वन वास)

आपबीती (अपन आप पर बीती)( )

कभी कभी समास पद का लोप होता ह उस अलक कहतउदा ndash ( रहनवाला lsquo rsquo का लोप)

सरिसज (सर होनवाला lsquo rsquo का लोप)

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नञ ndash अभाव या िनषध का सिचत ककरनवाला lsquoअrsquo या lsquoअनrsquo लगान स बननवाल को lsquoनञrsquo

कहतउदा ndash ( जो न हो)

अनपढ़ ( न पढ़ा हआ)

अछता ( न छआ हआ)

उप पद ndash समास कोई उप पद न हो तथा बाद पद हो उस lsquoउप पद rsquo कहतउदा ndash जलज (जल ) ndash कलम

मनोज ndash (मन जात) - कामदवii समानािधकरण - समास क क बाद एक कारक

आती ह उस समानािधकरण अथवा कहत इस समास क पद उपमान- उपमय अथवाndash हउदा ndash नील कमल - नीला कमल

यहा नीला और कमल हम ndash घन (बादल) (काला) उपमान और उपमय

कभी कभी सबध बतानवाल बीच क पद का लोप भी होता ह lsquo rsquo समासपहल का दसर स सबध बतानवाल बीच क पद का लोप होता ह उस समास कहत

iii समास ndash समास क होता ह और समदाय का बोधहोता ह उस समास कहत

उदा ndash (तीन का समाहार)

चौमासा (चार का समह)

iv समास ndash समास होत और करन पर और या अथवा योजकलगत उस समास कहत

उदा ndash ndash औरndash पाप और

तन-मन ndash तन और मनसमास क का िलग साधारणतया म क अनसार होता ह कभी कभी

हो तो उसी क अनसार िलग हो जाता हउदा ndash राजा-रानी आय

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PRACTICAL GRAMMAR (APPLIED GRAMMAR) Page 20

समास एक स अिधक जडतउदा ndash माता ndash आय राम- आत थ

कभी कभी बहवचन - सचक क साथ भी पाया जाता हउदा ndash आपक लडक-

v ब समास ndash इस समास स कोई पद होता पर समास पद पदका होता ह इस समास कहत

उदा ndash र (पीत ह )

अनग ( ह अग - कामदव)

समास पद का पहला दसर क होता ह समासपद अपन स का होत ह कई पद भद स क

समास हउदा ndash मगलोचन - 1) मग क लोचन ndash

2) मग क समान लोचनवाला ndash समास- 1) पीला कपडा ndash

2) पीला ह अबर (कपडा) वह ( ndash समास)

Module lll

UNIT - 9

क िलग वचन कारक अथवा काल क अनसार होता ह

कहत औरया - क िलग वचन कारक अथवा काल क अनसार कोई

होता व ह सचक व ह सचक या ह

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PRACTICAL GRAMMAR (APPLIED GRAMMAR) Page 21

UNIT - 10

(NOUN)वह ह या भाव को सिचत करता ह राम ( )

( ) ( ) क तीन ndash

a) (Proper Noun)

b) जाितवाचक (Common Noun)

c) भाववाचक ( Abstract Noun)

A ndash उस कहत एक का बोध होता हउदा ndash राम गगा

B जाितवाचक ndash जाितवाचक स एक जाित क सब का बोध होता हउदा - नगर सभा जल

स सभी जाित का बोध होता ह का य जाित क आधार पर होत

स सजातीय क समह को करत उस समहवाचक कहत उदा ndash सनास का बोध का बोध होता ह उस कहत

उदा - सोना पानी लोहाC भाववाचक ndash भाववाचक व क गण दोष कासचना होती ह

उदा - गण दोष ndash िमठास कटता नीचता- लडकपन यौवन दासता

भाव ndash शोक भयD जब गण को करत तब व जाितवाचक बनत

उदा ndash ह तम बनोइस स ह ndash पर रहनवाला यह जाितवाचक हकभी कभी जाितवाचक होती

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उदा ndash गािधजी कल यहा यहा गािधजी हE भाववाचक कभी कभी जाितवाचक क समान होती

उदा ndash हाथी और घोड बडा ह यहा चाल जाितवाचक हभाववाचक चार स बनती

a) जाितवाचक स ndash लडका ndash लडकपनndash

b) स ndash अह ndash अहकारअपना ndash अपनापन

c) स ndash चतर ndash चतराईमीठा ndash िमठास

d) स ndash चढ़ना ndash चढ़ाईसजाना ndash सजावटघबराना ndash घबराहट

F क समान होन वालउदा ndash का आधर गणी- ह यहा क समान होत उदा ndash का कहना

मानो lsquoबडाrsquo ह यह क पर होता हका

एक स अिधक स बनत क एक दसर क िमलन स का होता हक क होता ह इस कहत का िलग वचनऔर कारक क कारण होता ह

उदा ndash लड़का पठता ह ndash पठती ह ( िलग क कारण)

लड़का दौडता ह - लड़क दौडत (वचन क कारण)

लाओ ndash मज़ पर ह ( कारक क कारण)

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UNIT - 11

िलगक जाित का बोध होता ह उस िलग कहत दो िलग ndash और

a ndash जाित का बोध करानवाल को िलग कहत उदा ndash सीताb - जाित का बोध करानवाल को कहत उदा ndash लड़का नर राम

बदगी ह उदा ndash पड नगर ह उदा ndash लता

जो ह व ह उदा ndash भाई बलकई स क नर और मादा का बोध होता ह पर उनका एक िनयम

िलग स होता हndash कौआ चीता ndash कोयल चील मना

जाितभद करन किलए इनक साथ नर या मादा लगाना उदा ndash नर कौआ मादाकौआ नर चीता मादा चीता

क अत आ पा आव और पन हो होतउदा ndash बढ़ापा चढ़ाव लडकपन

क अत आई वट हट और ता हो व होतउदा ndash चढ़ाई सजावच सरलता

स बनान का िनयमक क अ को आ करन स ndash उदा ndash ndash बाल ndash बाला सत ndash सता तनज ndash

तनजा ख क अ को ई करन स ndash उदा ndash दव ndash दवी ndash कबतर ndash मग ndash

मगीग कछ क आ को ई करन स ndash उदा ndash रसा ndash रसी लडक़ा ndash

घ क आ को इया करन स ndash उदा ndash ndash बढ़ा ndash चहा ndash

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ङ या क क इन लगान स ndash उदा ndash सनार ndash

धोबी ndash कहार ndash

च कछ क नी या आनी लगान स ndash उदा ndash िसह ndash िसहनी महतर ndash महतरानी मोर ndash

मोरनीछ उपनामवाचक क क पर आइन लगान स ndash उदा ndash बाब ndash बबआइन

ठाकर ndash ठकराइन पाड ndash पाडाइन ज कछ क ndash उदा ndash ndashमाता ndashऔरत वर- वध मा ndash

बाप ndashभाई

स बनान का िनयमa कछ lsquoओईrsquo lsquoआवrsquo और lsquoऔराrsquo लगान स ndash

उदा ndash बहन ndash बहनाई ननद ndash ननदोई ndash िसल ndash िसलौरा b कछ क lsquoईrsquo को lsquoआrsquo करन स ndash

उदा ndash जीजी ndash जीजा झोली ndash झोला c कछ क lsquoईrsquo को lsquoअrsquo करन स ndash

उदा ndash ndash d क अत lsquoआrsquo लगान स ndash

उदा ndash

UNIT ndash 12

वचन (Number)स और क स स यह त हो वह एक क िलए होता ह या अिधक

क िलए इस वचन कहत वचन दो क होत ndash

1) एकवचन (Singular)

2) बहवचन (Plural)

1) एकवचनःस क स स एक का बोध करान वाला एकवचन हउदाः पढ़ती ह ( ndash एकवचन ह)

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2) बहवचनःस क स स एक स अिधक का बोध हो उस बहवचन कहतउदाः पढ़ती ( ndash बहवचन ह)

कभी कभी आदर क िलए एकवचन बहवचन क होतउदाः अब )बहवचन(

बहवचन बनान का िनयमः-)क ( क lsquoआrsquo क पर lsquoएrsquo लगा दन स एकवचन का बहवचन बन जाता ह

उदा ndash लड़का ndash लडक कपड़ा ndash कपड़ बटा ndash बट lsquo rsquo क सभी क (

) एक समान रहतक बहवचन बनान का िनयम

lsquo rsquo तथा lsquo rsquo क lsquoअrsquo lsquoआrsquo क पर lsquoएrsquo का करन स बहवचनबनाया जाता ह

उदाः ndash गाय ndash ndash रात ndash lsquo rsquo तथा lsquo rsquo क lsquoयाrsquo जोड़न स बहवचन िमलता ह इस lsquoईrsquo क

पर lsquoइrsquo होता हउदाः ndash ndash ndash

स क lsquoयाrsquo हो उनक lsquoयाrsquo क ऊपर कवल लगान पर-

उदाः ndash -

क बाद lsquoएrsquo या lsquo rsquo जोड़न स शष का बहवचन िमलता हउदाः लता ndash लताए -

)ग( िनयम -

)1( )बहवचन( सिचत करन क िलए कभी कभी क एकवचन क साथ गण लोग

जोडतउदा ndash पाठकगण बाब लोग

(2) कछ हमशा बहवचन बोल जातउदा ndash लोग होश

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3) जाितवाचक स ऐ हमशा बहवचन होती ह जब और भाववाचक काजब जाितवाचक क समान होता ह तब व बहवचन होता ह

उदा ndash भारत रावण कमी (यहा रावण जाितवाचक ह)

(4) जब जाितवाचक क समान होता ह तब व बहवचन क होतउदा ndash और क ह (जल बहवचन एव जाितवाचक ह)

UNIT - 13

कारक (Case)या क स उसका क क साथ होता ह उस

कारक कहतउदा ndash राम न रावण को माराइस lsquoनrsquo और lsquoकोrsquo इन क उसका सिचत होता हउदा ndash मारा - राम lsquoनrsquo

मारा ndash रावण lsquoकोrsquo इसिलए य कारककारक क आठ भद होत ndash

कारक - नकारक - को

करण कारक - सकारक - को

अपादान कारक - सकारक - का क

अिधकरण कारक - पर

सबोधन कारक - ह अर अपी अहो क कारक ndash (Nominative)

या क स करनवाला या का बोध होता ह उस कारक कहतlsquoनrsquo ह

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उदा ndash राम गयामोहन न खाया

lsquoरामrsquo और lsquoमोहनrsquo कारक ह न हक को सिचत करन क िलए कोई जाती ह

उदा ndash राम न िलखी ख कारक (Accusative)

या पर क का फल पडता ह उस कारक कहत उदा - राम न रावण को मारा

रावण मारा गया ह यहा lsquoरावणrsquo कारक ह lsquoकोrsquo हकभी कभी lsquoकोrsquo का लोप होता ह

उदा ndash राम न िलखायहा lsquoकोrsquo का लोप होता ह ऐसा भी होता ह - राम न को िलखा

ग करण कारक ( Instrumental)

क साधन का बोध करानवाल क को करण कारक कहत lsquoसrsquo ह उदा ndash

कलम स िलखतिलखन का साधन कलम ह कलम क िलखन होती ह

घ कारक ( Dative)

कारक का वह ह जो उस का बोध कराता ह िलए कोई कामlsquoकोrsquo lsquoक िलएrsquo ह

उदा ndash मोहन न राम को पाच मोहन न राम क िलए पाच

ङ अपादान कारक (Ablative)

का वह ह क स पथक होन का बोध हो उस अपादान कारककहत lsquoसrsquo ह

उदा ndash स िगरतयहा स का सिचत होता ह कारक और अपादान कारक lsquoसrsquo ह

करण कारक lsquoसrsquo साधन सिचत होता ह अपादान कारक lsquoसrsquo सिचत होता ह

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कलम स िलखता ह - करण कारकस आ रहा ह - अपादान कारक

च कारक (Genitive)

क स उसका स होता ह उस कारक कहतlsquoकाrsquo lsquoकrsquo lsquo rsquo

उदा ndash राम का घोडा राम क घोड राम बहन छ अिधकरण कारक (Locative)

क स क आधार का बोध होता ह उस अिधकरण कारक कहत lsquo rsquo

और lsquoपरrsquo उदा ndash शर जगल रहता ह

मज़ पर ह अिधकरण तीन क होत ndash

क कालािधकरण ndash का काल होता ह उस कालािधकरण कहत उदा ndash राम दोपहरस आयगा

ख भावािधकरण ndash क भाव क भावािधकरण होता ह उदा ndash शर को दखकरभय होता ह

ग ndash पर होती ह उस कहत उदा ndash मज़ पर ह कालवाचक और क सात कभी कभी लगती उदा ndash कल रात मसलधार हई ( कल रात मसलधार हई ndash lsquo rsquo का लोप)

ज सबोधन (Vocative)

क स को पकारना सिचत होता ह उस सबोधन कारक कहत हउदा ndash ह राम वहा मत आना

सबोधन कारक कोई ह उसको करन क िलए lsquoहrsquo lsquoअरrsquo कोलगाय जात

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UNIT - 14

( Pronoun)क उसक को करन क िलए का जाता ह

कहत उदा ndash राम जाता ह वह अपनी जाता हउसन कहा ndash लाना भल गया वह अपनी राम जगह हए ह

इसिलए ह को हटान क िलए का जाता हयोग क अनसार क पाच भद होत

1) - त यह वह (एव) हम तम य व आप (बव)

2) ndash यह वह (एव) य व (बव)

3) ndash कोई कछ (एव - बव)

4) ndash जो सो (एव - बव)

5) ndash कौन (एव - बव)

क ndash या लखक बोलत या िलखत समय या तो अपन कछ कहता ह या सननवालऔर पढ़नवाल क अथवा अपन और सननवाल को छोडकर क

कहत स बोलनवाल सननवाल और क कछ कहा जाए उस कोकहत

तीन क होत ndash औरndash बोलनवाला या िलखनवाला अपनिलए का करता ह उस

कहत (एव) हम (बव)ndash सननवाल या पढ़नवाल क िलए का होता ह उस कहत

जस ndashत तम और आप ndash क कछ कहा या िलखा जाए उसक िलए होन वाल को

कहत जस ndash यह वह (एव) य व (बव)और हम ह एकवचन ह हम बहवचन ह का हम

क बहवचन स ह यहा हम क पर होता ह हम का एकवचनऔर बहवचन होत

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त और तम क आदर क िलए आपका करत जस ndash तमयहा आओ इसी क पर आप यहा ए कभी कभी यह और वह क भी आप का

होता ह जस ndash आप मर कभी कभी आदर क िलए आप का करत बहवचन सिचत करन क िलए आप क साथ lsquoलोगrsquo

जोडा जाता ह जस ndash आप लोग यहािनजवाचक आप और चक आप भद होता ह िनजवाचक आप समान स एक वचन

और बहवचन आता ह जस ndash आप पढ़गा हम आपवह कवल बहवचन करत िनचवाचक आप तीन स

होत आप कवल और करतlsquoआपrsquo अकला जाता ह िनजवाचक आप तथा क साथ आता ह जस ndash त

आप कामकभी (2) आप भल अकला आ सकता ह जस ndash आप भला तो जग भला वह अपन आप समझ गया

व ऒर सकत जाता हसकतवाचक और िनदशवाचक भी कहत जस ndash यह वह य व

हम तम आप यह य व इन या क साथ अिधकताकरन क िलए lsquo rsquo lsquoईrsquo य जोडत झस ndash त आप

स या क बात का बोध न हो उसकहत जस ndash कोई कछ

a lsquoकोईrsquo का क िलए होता ह जस ndash बाहर स कोई आ रहा ह b जब का पता न होन पर ndash जस ndash अर कोई कमर ह

c क lsquoकोईrsquo लग तो उसका लगभग होता ह जस - कॉलज स कोई पाच सौभाग

d lsquoकोईrsquo जब दोहराया जाता ह तब को सिचत करता ह जस कोई कोई पर को रोकतe कोई क साथ एक लग जान पर सिचत करता ह जस ndash तम स कोई एक गा सकगा

कछ का अनिगनत क िलए होता ह जस ndash कछ हक िलए होता ह जस ndash पानी कछ ह

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कोई का क िलए होता ह और कछ का क िलए होता हघ वाचक

स दो और क बीच क का बोध हो उस वाचक कहतजो सो जस ndash आपन जो कहा सो हो गया

कभी कभी जो या सो स एक रहता ह जस जो गाता ह बात हङ ndash करन क िलए का होता ह कहत

उदा ndash आप सोचत आज कौन आएगाकौन का क िलए होता ह का क िलए होता ह जस ndash कौन

बोलगा थली हकभी कभी कौन का क िलए होता हजस - बाधा डालनवाल तम कौन होिभ किलए lsquoकौनrsquo को दोहरा भी जाता ह जस ndash कौन कौन लाएग

क कौन का होता ह जस - इसन कौन अपराधक िलए को दोहरा दता ह जस ndash राम न

का क भी होता ह जस ndash तम मझस लडोगका

वचन और कारक क कारण भी होत िलग क कारण होताका और एक स होता ह

सबोधन होतास क पर होता ह उसी क अनसार उस क िलग वचन भी होता ह

काकारक एकवचन बहवचन

हममझको मझ हमको

करण मझस हमसमझको मरिलएमझ हमको हमार िलए

अपादान मझस हमसमरामर हमारा हमार

अिधकरण मझपर हमपर

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तकरक एकवचन बहवचन

तन तम तमनतझको तझ तमको

करण तझस तमसतरातर

अिधकरण तझपर तमपर

वहकरक एकवचन बहवचन

वहउसन व

उसको उस उनकोकरण उसस उनस

उसक िलए उस उनक िलए

अपादान उसस उनसउसका उसक उनका उनक

अिधकरण उस पर उनपर

UNIT - 15

(Adjective)स या सिचत कर उस कहत जस ndash रशमी

कपडा लाल कमलबतलाई जाए उस कहत जस ndash लड़का

ह लड़का हजो क पहल आता ह उस कहत जस ndash फल

ह फल ह इसिलए यह ह

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जो क बाद आता ह उस कहत जस ndash वह लड़का बड़ा होिशयार ह लडका ह होिशयार ह क बाद आन क कारण यह ह

जो क साथ उसको करन क िलए होता ह उस समानािधकरण कहत जस ndash रामनाथ कहता ह

रामनाथ क साथ समानािधकरण ह चार क ndash

क गणवाचक (Adjectives of Quality)

ख (Adjectives of number)

ग (Adjective)

घ या (Demonstrative Adjective)

१ गणवाचकजो क गण रग आकार को बतलानवाल को गणवाचक कहत

जस ndash लबा सशील काला गोल गणवाचक क बदल बहधा क क भी आतजस ndash राजा ( का राजा )

जापानी कपड़ा (जापान का कपड़ा)गणवाचचक का होता ह तब उनका क समान होता ह

जस ndash न सच कहा ह२ - क गणना का बोध हो उस

कहत जस ndash एक दो पहला दसरा दगनाक तीन भद होत ndash

1) 2) 3) बोधक या बोधकndash इसस का बोध होता ह जस ndash चार आठ सात

क चार भद ndash

a गणनावाचक ndash गणनावाचक षण स गणना का बोध होता ह जस ndash एक चार फल सात

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गणनावाचक क साथ एक लगान स लगभग का होता ह जस ndash एक आदमी ndash

लगभग आदमी b ndash स क गणना का होता ह जस ndash पहला

दसरा चौथाc ndash गणनावाचक क lsquoगनाrsquo लगान स बनत जस

ndash दगना ितगना ३ - स माप- तोल या का पता होता ह उस

कहत जस ndash दो सर चावल चार गज कपडा

क दो भद होत ndash

1) और 2)

ण - स का पता लगता हजौस - दो सर चावल

- स का पता नलगता ह जौस ndash बहत दध

४ या - स ऒर या सकत जाता ह उसकहत lsquoयहrsquo lsquoवहrsquo स जाता ह इसिलए इसकहत

जस ndash यह वह जब क हो तब वह बन जाता ह

जस ndash वह घर राम का ह कई ऐस मल जसा रहता ह

जस ndash वह यह क

भी िलग वचन और कारक क अनसार होता ह क िलग और कारक ककारण कछ होता ह

जस ndash काला कपड़ा - काला कपड़काला धोती - काला धोितया

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क साथ ई हो जातजस - काली धोती

क होता ह जो क होन परहोता ह जस ndash वह घोड़ा व घोड़

पथकता अथवा अिधकता क िलए को दहराता ह ndash

जस ndash छोट छोट फल लालका भी होता ह जस ndash बडा लड़का

गणवाचक और जब करत तब वह बन जात

जस ndash थोड़ा खा गया चावल बहत ह क साथ जब आता और व बन जात तब उनक साथ

भी लगती जस ndash को दान दो

UNIT - 16

(Verb)

काम क करन या होन का बोध हो उस कहतजस पढ़ना खाना दौडना पहनना

धात ndash क मल को धात कहत उदा- पढ़ना खलना खानाय सब मल धात lsquoपढ़rsquo lsquoखलrsquo lsquoखाrsquo ह मल धात lsquoनाrsquo जोडकर का िमलताह

i क आधार पर क दो भद होत - 1) 2)

1) (Transitive Verb) ndash क का फल को छोड पर पडता हउस कहत

उदा ndash राम पढ़ता ह

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राम ह ह और का पर पडता ह2) (Intransitive Verb) - क का फल पर पडता ह उस

कहत का अभाव हउदा ndash मोहन सोता ह

कभी कभी एक होता ह और कभी कभी दो भी होत एक होन वालको एक lsquo rsquo कहत

उदा ndash राम न खाना खायाखाना ह कवल एक होता ह दो होन वाली को

कहतउदा ndash मा न को दध

दो होत ndash lsquo rsquo और lsquoदधrsquo दो होत एक lsquo rsquo और दसराlsquoगौणrsquo

उदा ndash मा न को दधइस lsquoगौणrsquo ह दध lsquo rsquo ह lsquoगौणrsquo कभी कभी होता हउदा ndash न कथा सनाई

ii क भद1 - व होती ह आशय अथवा स परा होताको परा करन क िलए दसर होती ह ऐसी को कहतयह दो क होती ह१ ndash का अभाव हउदा ndash वह ह यहा क को परा करन क िलए जोडा गया ह२ ndash होन पर भी का भाव परा न हो उस को

कहतउदा ndash सीता न पढ़ाया

यहा परा सीता न lsquo rsquo पढ़ाया lsquo rsquo पढ़ाया यह परा इसिलए यहह यहा होन पर भी का भाव परा होता

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३ परक - को परा करन क िलए या पडती ह

परक कहत क परक lsquo परकrsquo तथा क परक lsquo परकrsquo

होतउदा ndash उस होिशयार समझता ह ( परक)

राम बलवान ह ( परक)

iii यौिगक धात ndashक स धातओ क दो भद होत 1) मल धात 2) यौिगक धात

मल धात - मल धात व जो दसर स न बन जस ndash कर बठ पढ़ यौिगक धात ndash यौिगक धात व जो दसर स बनाय जात उदा ndash खाना स नाम धात ndash जो या क आधार पर बनती ह उस नाम धात कहत

उदा ndash हाथ स हिथयानास

अपना स अपनानाiv - स यह जान पडता ह को न करक दसर को

करन दता ह उस (casual verbs) कहतउदा ndash राम न मोहन स िलखवाया यहा राम न िलखकर मोहन स िलखवाता ह इसिलए यह ह

करनवाल को और जाती ह उस कहतराम न मोहन स िलखवाया राम ह और मोहन हमल जो होती ह उनस और बन सकती हस और बन सकती उदा ndash दध पीता ह

पीना ह इसस बनती ह ndash मा को दध हस बना सकती ह उदा - मा नौकर स को दध ह

बनान का िनयममल धात क आ जोडन स और वा जोडन स या

बनती ह

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उदा ndash उठना ndash उठाना - उठवानाचलना ndash चलाना - चलवानापढ़ना ndash पढाना - पढ़वाना

दो क धातओ ए और औ को छोडकर पहला हो जाता हउदा ndash जागना ndash जगाना ndash जगवाना

भलना ndash भलाना - भलवानाछोडना ndash छडाना ndash छडवाना

धातओ क ला और लवा लगात तब हो जाता हउदा ndash पीना ndash ndash

सोना ndash सलाना ndash सलवानाखाना ndash -

v नाम धात - को छोडकर जोडन स जो धात बनती ह अथवा जो नाम (

या ) धात क समान होत नामधात कहत जो नामधात लगान सबनत आ ओऔर ला लगात पहला हो जाता ह

उदा ndash लाज ndash ndash लजानाहाथ ndash हिथया ndash हिथयानाझठ ndash झठला ndash झठलाना

UNIT - 17

काल (Tense)क स क होन का समय और अथवा का बोध हो उस काल

कहत काल क तीन भद होत1) भतकाल2) काल3) काल

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भतकालस का बोध हो उस भतकाल कहत

उदा ndash राम न िलखी भतकाल क छः भद - भत भत भत भत भत हत-हतमत भत

भत ndash क स भतकाल क समय का बोध न हो उस भत कहतउदा ndash मोहन न खत िलखायहा का बोध होता जो भतकाल हई ह भतकाल ndash क स का का समय अभी अभी हआ ह इसका बोध

होता ह उस भतकाल कहत उदा ndash राम न ह

इसस पहल अभी अभी हई हभत ndash क स यह होता ह क को हए बहत समय हो चका ह उसभत कहत

उदा ndash न दध थास हो क साथ lsquoथाrsquo lsquoथrsquo lsquoथीrsquo लगान स भतकािलक

िमलता हभत - क उस को भत कहत यह हो भतकाल हो थी पर

का पता न लग उस भतकाल कहतउदा - वह पढ़ रहा था वह सोता था

कब समा हआ इसका पता क साथ lsquoता थाrsquo lsquoत थrsquo lsquoरहा थाrsquo lsquoरह थrsquo लगानाभत काल ndash क स भतकाल सचना िमलती ह उसक होन कछ हो उसभत कहतउदा ndash वह आया होगा

उसन खाया होगा भतकाल हो थी ह क साथ lsquoहगाrsquo lsquoहगीrsquo lsquoहोगाrsquo lsquoहोगीrsquo

lsquo rsquo जोडन स भतकाल िमलता हहत-हतमत भतकाल ndash क स यह पाया जाय भतकाल होना सभव थाकारण स न हो सका उस हत-हतमत भतकाल कहत

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(Present Tense)

क को काल कहत रहती ह

होती उस काल कहतउदा ndash राम पढ़ता ह

सीता गीत गा हकाल तीन क होत ndash 1) काल 2) काल 3)

काल - वह ह स का काल होना पाया जाय

उस कहतउदा ndash मोहन पढ़ता ह

रमा गाती ह क साथ lsquoताrsquo lsquoतrsquo lsquoतीrsquo जोडन स बनत

- वह ह काल क होन पायाजायउदा ndash वह खाता होगा

सीता जाती होगी क साथ lsquoता होगाrsquo lsquoती होगीrsquo lsquoत rsquo lsquoती rsquo लगान स िमलत

ndash का वह ह यह होता ह का अभी ह

होता उस कहत उदा ndash वह खा रहा ह

चल हक साथ lsquoरहाrsquo lsquo rsquo lsquoरहrsquo जोडन स िमलती ह

काल ( Future Tense)

होनवाली को काल कहत काल क दो भद ndash 1)

काल 2) कालकाल ndash का वह ह स क आग होन सचना िमल उसकाल कहत

उदा ndash वह आयगा

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राम आज बबई जायगासीता कल घर आयगी

क साथ lsquoयगाrsquo lsquoयगीrsquo lsquoयगrsquo जोडन स िमलतकाल ndash क होन सभावना हो उस काल कहत

उदा ndash सभव ह आज हो स lsquoगाrsquo lsquoगrsquo lsquoगीrsquo पथक कर दन स काल िमलगा

UNIT ndash 18

(Voice)उस कहत यह जाना जाय का ह

ह या कवल भाव ह उस कहतउदा ndash राम न रावण को मारा

तीन क ndash 1) 2) 3) भाव- ह हमशा क िलग वचन और क अनसार होता ह

उस कहतउदा ndash लडका पढ़ता ह

लड़का ह और ग ह इसिलए भी होना हसीता िलखती ह इसम सीता ह इसिलए ह का सीधा स होताह

ndash क िलग वचन क अनसार हो उस कहतह का होता ह

उदा ndash राम िलखता हह इसिलए यह ह धानता होती ह और का

स होता ह क िलग वचन क अनसार बदलती ह हमशाहोता ह का होना ह

उदा ndash राम न रावण को मारा -

राम स रावण मारा गया -

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रावण ह ह क का ह गौण का रहता ह

उदा ndash मा न को दध मा स को दध गया

दो होत ndash और दध ndash भाव होती ह यह हमशा स बनता ह हमशा

एकवचन और होती ह इसका होता ह उदा ndash यहा बठा जाता

मझस पढ़ा जाता स या बनान

को भत क करना उसक साथ काल वचन और िलग कअनसार जाना क जोडन ऐसा करन स स औरक स भा बनती ह

उदा ndash 1) राम न रावण को मारा -

राम स रावण मारा गया -

2) राम रावण को मारगा -

राम स रावण मारा जायगा -

3) राम रावण को मारता ह -

राम स रावण मारा जाता -

पहल lsquoमाराrsquo भतकािलक ह इसिलए lsquoमाराrsquo क साथ lsquoजानाrsquo का भतकािलकजोडना

दसर lsquoमारगाrsquo काल ह इसिलए lsquoमाराrsquo भतकािलक बदलकरlsquoजानाrsquo का काल lsquoजायगाrsquo जोडना

तीसर काल ह को भतकािलक बदलकर (मारा) उसक साथजाना का (जाता) जोडना

स बन सकता हउदा ndash मोहन उठता ( )

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मोहन स उठा जाता - ( )

वीणा चलती ( )

वीणा स चला जाता - ( )

UNIT ndash 19

याअभी तक हमन क बार पढ़ िलया ह उनक िलग वचन और कारक क अनसार

आता ह इसिलए कहत का ह अब हम क दसरया क बार

चार क होत ndash 1) 2) बोधक 3) बोधक 4)

बोधक

UNIT ndash 20

ndash Adverbउस कहत होती ह

उदा - रमश चलता हइस lsquoचलनाrsquo ह ndash ह lsquo rsquo इसिलए lsquo rsquo ह

स क तीन भद ह - 1) साधारण 2) सयोजक 3) साधारण - साधारण वह ह होता ह साधारण या

कहत जस ndash खब पढ़ो दौडो सयोजक ndash का स या स होता ह सयोजक

कहत जस ndash जहा तक हम चल सक वहा तक ह

योजना का सयोजक स होता ह- का क

भद क साथ होता ह कहत

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जस ndash गह खाओग

कह तो लो होता ह व कवल गह खात और कछ खायगा इन

ह हो जान स का बदल जाता ह जस ndash वह काम करगा इसका यह ह जो काम उस ह कवल वह करगा और कछ

क आधार पर क चार भद होत ndash 1) कालवाचक 2) 3)

4)

कालवाचक ndash स समय अविध तथा काल का बोध होता ह कालवाचककहतजस ndash काम को अभी पढ़ना

आजकल रोज़ होती ह कभी कभी भी रात क समान लगता ह मोहन पढ़ाई सदा ह

अभी आजकल कभी कभी सदा कालवाचक ह ndash स क का बोध होता ह

कहत उदा ndash जहा तक जा सक वहा तक जाओ

जाओ और वहा लटो घर क सामन एक ह बाहर रोशनी भीतर अधरा

हाथ स मारत जहा वहा सामन बाहर भीतर ndash स अिधकता- का बोध होता ह

कहत जस ndash उतना पढ़ो हो

चावल थोडा खाओ खब खाना

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अपना थोडा खब

व क होन का ढ़ग का पता िमलता ह जस ndash राहल धीर धीर चलता ह

सीता मधरतम गाती ह यथा हम तथा िमलत

धीर धीर मधरतम यथा-तथा

UNIT - 21

बोधकबोधक ह जो या क साथ आकर उनका क

क साथ बनात उदा ndash धन क कोई काम न चलता

घर क नीच एक तालाब ह क पास एक भी ह

नीच पास बोधक ह क अनसार बोधक क दो भद होत ndash 1) 2)

क ndash य या क बाद आतउदा - घर क भीतर घर क पीछ घर ऒर

कारक भी आती ह जस का क कभी कभी अपादान कारक या भी आती ह

उदा ndash इनस पहल आया राम का मकान मोहन क घर स पर

lsquoसrsquo lsquoपरrsquo अपादान कारक क ndash यह स क क साथ आत

जस ndash दो तक राम रहगा

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PRACTICAL GRAMMAR (APPLIED GRAMMAR) Page 46

घड भर पानी क िलए पाच दन ग lsquoतकrsquo lsquoभरrsquo सचक

UNIT - 22

( Conjunctions)योजक या व जो या न बतला कर एक या का

दसर या स जोडत बोधक कहतजस ndash सीता और गीता अपन घर गयी

सीता और गीता को िमलानवाला योजक lsquoऔरrsquo ह क तीन भद ndash 1) सयोजक 2) 3) भदबोधक

1) सयोजक ndash कई का सयोग करनवाल को सयोजक कहत इसक दो याका मल होता ह

उदा ndash और राम कल बबई और वहा उनक साथ मोहन भी lsquoऔरrsquo lsquoभीrsquo सयोजक ह

2) ndash जो का बोध कराए कहत जस ndash चाह दश सवा करनी या अथवा मानवीय को पहचानना

lsquoयाrsquo lsquoअथवाrsquo lsquoवाrsquo lsquoचाहrsquo को करनवाल ह 3) भदबोधक ndash दो स एक स भद बतलानवाल को भदबोधक कहत य कई क होत

क ndash दो म स पहल का िनषध या सिचत करत जस ndash

पर मगर वरन उदा ndash मझ वहा जाना था क कारण जा न सका

ख - कारणवाचक और उपदशमलक ndashइसिलए सो अतः इसिलए

इस क ह जस ndash राम समय पर आ न सका इसिलए जा न सका

ग सकतबोधक ndash ndash तो जो ndash तो प सकतबोधक ह जस ndash तम कहत तो जाता

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घ ndash इन पहली बात का और होता ह यान मानो यहा तक इस क ह

जस ndash कोई भी समय पर पहचा यहा तक भी 10 बज तक न आय क और दो भद होत ndash 1) समानािधकरण 2)

समानािधकरण ndash समान पद क या को जोडत जो एक क हो वसमानािधकरण धक कहत जस ndash क मा-बाप का अजीब ह समानािधकरण क चार उपभद होत ndash

1) सयोजक ndash और तथा भी एव 2) क ndash या वा अथवा चाह 3) ndash पर मगर 4) ndash इसिलए अतः

ndash को स जोडनवाल कोकहत

जस ndash आज नौकरानी आयगी वह बीमार ह क चार उपभद होत ndash

१ ndash यान मानो २ करणवाचक ndash जो इसिलए ३ उपदशवाचक - जो ४ सकतवाचक ndash - तो जो-तो -

4) ndash ndash स क शोक घणाको करनवाल को -बोधक कहत

जस ndash हाय अब अर आप कहा जा रह

ह राम करो को सिचत करन क िलए - लात

बोधक क सात भद ndash

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1) बोधक ndash वाह ndashवाह - आहा शबाश

2) शोक बोधक ndash आह ऊह हा-हा ndash

3) बोधक ndash अहो ऒह

4) अनमोदन बोधक ndash हा-हा वाह शबाश

5) बोधक ndash िछ हट अर िधक

6) ndash बहत हा जी हा7) सबोधन बोधक ndash अर र अपी अहो

कभी कभी भी हो जातजस ndash भगवान लो चप कभी कभी या भी होत जस ndash न हो बहत हो गया

जब क समान होत तब वह होता तब वमनोभाव को करात

जस ndash हाय हाय मचा रखी ह

सब लोग - पकार उठहाय ndash हाय - क समान ह इसिलए यह बोधक ह

UNIT - 23

क भद क स बनान का िनयम

क पर जायगास बनता ह एक या अिधक स बनता ह एक स अिधक स बनता

ह कहन या िलखनवाल का परा भाव हो जाय तो उस कहतजस ndash मोहन पढ़ता ह

राम िलखता ह इन स लखक का परा भाव होता ह

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ndash कछ ऐस होत और क रहन पर भी कहन या िलखनवाल का परा आशयहोता क समह को और क रहन पर भी जो कछ सनन

बनी रह कहत दो क होत ndash 1) 2)

क अधीन होतउदा ndash राम न कहा था वह कल पाठशाला जायगा

इस राम न कहा था - ह और कल पाठशाला जायगा तह इस और भी कहत

रखनवाल को कछ थोडा सा भाव करनवाल को कहतएक भावना होती ह

जस ndash तरह पढ़ना चलना

इन होता ह क म दो भाग होत 1) और 2)

ndash ( ) कछ होता ह उस कहतndash ( ) क जो कछ होता ह उस कहत

जस ndash मरा स भरा हआ ह मरा ह और स भरा हआ ह ह मरा ndash ह और मरा

उस का ह इसिलए ( ) और मरा का कहत हआ हह शष उसका ह

इस चार भाग हए ndash 1) ( ) 2) का 3) ( ) 4)

काचार भद ndash

क ndash राम गया ख ndash वह कह चका ग ndash फल

क भदक अनसार क आठ भद होत ndash

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1 ndash इस स बात का होना सिचत होता ह जस ndash भारत राजधानी ह

2 िनषधवाचक ndash का अभाव होता ह जस ndash क कछ भी पा सकत

3 ndash इस स सचना होती हजस - तम कल कालज

4 ndash इसस और उपदश का बोध होता ह जस ndash तरह पढ़ो

का भजन करो 5 ndash इसस का भाव सिचत होता ह जस ndash हाय राम को एक

लाख िमल 6 ndash इसस या सचना होती ह

जस ndash अक पा

7 ndash या सभावना सचना होती ह जस ndash आज होगी

8 - सकत सचना होती ह जस ndash हो तो

राम काम करगा रचना क आधार पर

रचना क आधार पर क तीन भद होत - 1) सरल या साधारण 2) और3)

१ सरल ndash एक और एक होता ह उस सरल कहतजस ndash मोहन िलखता ह ( मोहन और िलखता ह धय ह)

राम मज़ पर रखी ह ( ह और रखी ह ह)

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lsquoराम rsquo और lsquoमज़ परrsquo कवल और का ह २ - उस कहत एक हो और उसक एक या

अिधक हो उस कहतजस ndash जो करगा उस सफलता िमलगी जो करगा ndash ह उस सफलता िमलगी - ह

तीन क ndash 1) 2) 3)

1) ndash का क पर होता ह उसकहतजस ndash मरा ह तमन को मारा यह सच ह इस तमन को मारा ndash ह क पर आया ह इसिलए यह

ह 2) ndash जब कोई को क का काम दता ह तब उस

कहत जस ndash य उसी छा को जायगा जो रहगा

उसी स डरत जो खब मारता ह उसी जो ह

3) ndash जो क का काम दता ह उस कहत

जस ndash करता ह उतना फल िमलता ह जब तम कहोग सब कछ

जब ह ३ ndash दो या दो स अिधक योजक जड हो न

हो उस कहतजस ndash वह तरह पढ़ता था तो पास होता

दो या दो स अिधक सरल अथवा एक दसर पर न होता ह इसिलए यह

जस - कर चका (सरल )

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हम कर चक तो व आए ( )

और मरा मन ठड हो गया ( )

चार क होत ndash सयोजक सचक 1) सयोजक - एक दसर क साथ सयोजक जडा रहता ह

जस ndash वह आया और उसक साथ गया स िमलता ह और स होता ह

2) ndash का एक दसर स भद या का रहता ह जस ndash स बढ़ता ह स भरता ह वह खब खाता पर बडा होता

3) सचक ndash दो स एक को करना जस ndash मझ या राम को

4) अथवा हतसचक ndash एक दसर का होता हजस ndash तम आग पढ़ो पसा दगा मझ पसा िमला इसिलए

कभी कभी बीच योजक आत जस ndash मझ न बलाया आप आता ह जब को का या एक होता ह तो एक बार िलखा या कहा

जाता ह ऐस को सकिचत कहत जस ndash का और मन को भी दता ह

जो आसानी स समझकर छोड दत ऐस को कहत जस ndash आजकल सना ह बरसात क मौसम बखार सब फलाता ह

कहत रोज़ बढ़त रह पहल हमन होना था पर ह दसर लोग स होना पर होता ह

एक का दसर क बदल जा सकता ह मलकर सकत

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क सरल स ndash

उदा ndash सरल - राम न मोहन का - राम न उस को जो मोहन का था

ख स सरलndash उसन कहा पापी ह

सरल ndash उसन को पापी बताया ग सरल स

सरल ndash होन पर लोग खत जान लग - हआ और खत जान लग

घ स िनषध वाचक तथाndash मोहन सोहन स बडा ह

िनषध वाचक - मोहन सोहन स बडा ndash मोहन सोहन स बडा ह

UNIT ndash 24

और महावरव जो का अपना न बता कर कछ करत महावरा

कहत बोलचाल बहत आनवाला ऐसा बधा कोई अनभव बात और अलकतभाषा गई हो या कहावत कहाता ह जस ndash मर पट चह कद रह

जब स उनका लड़का मरा ह कमर टट गई ह वह इतना चालाक ह अपन मािलक को पर नचाता ह

इन lsquoपट चह कद रह rsquo lsquoकमर टट गई हrsquo lsquo पर नचाता हrsquo इन काउनक स ह यहा lsquoपट चह कदनrsquo का ह भख लगना lsquoकमर टटनrsquo का ह या

का न रहना तथा lsquo पर नचानrsquo का ह अपन वश रखना अतः य महावरकहलात

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इसी जब कोई आदमी काम करना न जानता हो परत अपन को िछपान क िलए बहान बनावतब कहा जाता ह ndash नाच न जान आगन टढ़ा

जब कोई आदमी अनक खाकर भी अपनी आदत न छोड़ तब कहा जाता ह दम सौतक नली रखो तो भी य बध हए और अनभव तथा अलकत भाषा कह गय अतः य

और क स भाषा तथा आती ह महावरदार भाषाबहत पसद जाती ह और कथन बड़ा होता ह

महावरअग-अग - बहत होनाअगठा - चीज़ को दन स क साथ करनाअध - सहाराअधरा घर का उजाला - एकलौता बटा

क घोड़ दौड़ाना - सोचनापर पड़ना - समझ न पाना

अपना सीधा करना ndash करनाआख उठाना - नीयत स दखनाआख खलाना - होश आना

चार होना - आख स आख िमलानानीची होना - होनापीली करना - नाराज़ होना

आकाश पाताल का ndash बहत भदआग घी डालना - बढ़ानाआसमान िसर पर उठाना - बहत कोलाहल करना

स बजाना - करनाईद का चाद होना - िचरकाल पीछ दनाउगली पर नचाना - वश रखना

गगा बहाना - बात करना

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कमर टट जाना - िनराश हो जानाकान भरना - चगली करना

मौत मरना - बहत तरह स मरनाखाक उड़ाना खाक िमलाना - बरबाद होनागड़ गोबर कर दना - काम दनाघर गगा - दौड़-धप कघाट घाट का पानी पीना - जहा तहा का अनभव करनाचाद पर थकना - करना और फलतः होनाचार चादनी - थोड़ का सख

का दध याद आना - सब सख भल जाना सकट आ पड़नाजमीन पर पर न पड़ना - बहत अिभमान होनाजल भन कर कोयला होना - पागल हो जानाटस स मस न होना - भी नटाग अड़ाना - बाधा डालनाटोपी उछालना - िनरादर करनाितनका पकड़ना - मागनाितन का ताड़ करना - बात बढ़ानाथक कर चाटना - वचन दकर जाना

तल उगली दबाना - करनादम तोडना - मर जाना

दना रात चौगना होना - खब होनाधप बाल सफद करना - अनभव आय दनानमक लगाना - बात को बढ़ा कर कहनानाक कटना - बदनामी होनानाक चढ़ाना - घणा करनानीला पीला होना - आना

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नौ-दो होना - भाग जानाउछालना - करना

- बातपरदा डालना - िछपानापहाड टट पड़ना - आनापट चह कदना - खब भख लगना

तल स ज़मीन िनकल जाना - होश उड़ जानाफक-फक कर कदम रखना - सोच-समझ कर काम करनाबगला भगत -

उछलना - खब खश होनाबाज़ार पर होना - काम पर होनाबात का धनी - वायद काबाल खाल उतारना - करनाबाल पकना - बढ़ा होजाना अनभव करनाबाल बाल बचना - हािन पहचन जरा- सी कसर रह जानाबगार टालना - लगाकर काम न करनाबोली मारना - क कहनाभनक पड़ना - खबर द जानाभाड़ - समय गवाना

मारना - बकारचस - बहत कजसपर मारना - का नकल करना

मगज चाटना - तग करनामाथा ठनकना - आशका होनामारा मारा - होनामह-तोड़ जवाब दना - परा-परा जवाब दना

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मह फक हो जाना - चहर का रग उतर जानामह पानी भर आना - खान को ललचानामह लगाना - अिधक द दना

गरम करना - दनाराई का पहाड़ बनाना - बात को बढ़ाकर कहनारात- - हमशालका काड होना - खब मारपीट होनालबी-चौ हाकना - करना

होना - होनालह क घट पीना - करनालह पसीना एक करना - बहत करनालोह क चना चबाना - काम करनाशतान क कान कतरना - बहत चालाक होना

करना - करनाबाग - बहकाना

समझ पर पड़ना - होनाबठना - जमाना

िसतारा चमकना - उदय होनािसर पर खन सवार होना - जान लन पर होनािसर पर हाथ धरना - सहायता करनासौ बात एक बात - िनचोड़

करना - फक डालनाहसी उड़ाना - करनाहाथ मल -

हाथ पर हाथ धर बठना - बठनाहाथ पसारना - मागना

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हाथ-पर मारना - करनाहाथ साफ करना - बईमानी स ठगना

पानी करना - करनाहोश उड़ना - भय या आशका स दखी होना

अत गता सो मता - वहकान राजा - थोड़ा पढ़ िलख का मान होता ह

आख क गाठ क पर - पर धनवानआप मर जग परल - ह तो ससार ह

चोर कोतवाल को डाट - अपराध करक को डाटनाऊची दकान पकवान - काम करनाएक अनार सौ बीमार - जब एक चीज़ क बहत स तब कहा जाता हएक पथ दो काज - एक काम करन स दो का लाभ होनाकाला बराबर -

घर का लका ढ़ाह - फट स घर नाश होता हिचराग तल अधरा - पास घटना क होन पर भी उसका न होना या

ऐस पर बराई का होना जहा उसक रोकन का होचोर ितनका - पापी डर जाता हजाग सो पाव सोव तो खोव - सावधान रहन स लाभ होता ह

- बलवान का दबदबा रहता हजसा दश वसा भस - दश रह वसी करनीजसी करनी वसी भरनी - फल िमलता हतन को कपड़ा न पट को - बहतथोथा चना बाज घना - काम न करनवाला बकवास बहत करता हदाम बनाय काम - पस स सब काम हो जात

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धोबी का घर का न घाट का - जो एक पर जमकर काम न कर कभी एक लग और कभीदसर और सफल न हो उस कहा जाता ह

रहना मगर स बर - अधीन होकर रह और उसी स बर कर तो गज़ारा चलता हन रहगा बास न बाजगी - नकसान हो उसका नाश कर दना हनाच न जान आगन टढ़ा - काम करन न होन पर दसर को दोष दना नीम जान का खतरा - अधरा हािनकारक होता हनौ नगद न तरह उधार - उधार सौदा दनामान न मान तरा महमान - गल पड़नािमया जती िमया क िसर - स उसी हािन करनासौ सयान एक मत - सभी अथवा एक सलाह होती हहाथ कगन को आरसी - क िलए और हाथी क दात खान क और क और - कहना कछ और करना कछ औरहोनहार क होत चीकन पात - होनहार क पहल स जात

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ऋ + न = ऋण (ऋ + न = ण)

9) अआ को छोडकर कोई क lsquoसrsquo क आ जाय तो lsquoसrsquo lsquoषrsquo बन जाता हउदा ndash अिभ + सक = अिभषक (इ+स = ष)

+ सम = (इ+स = ष)

10) र क साथ र हो तो पहला र का लोप होता ह और उसस पहल का होता हउदा ndash िनर + रस = नीरस

- और क साथ क मल स जो होता ह उस कहतउदा ndash मनः+ रथ = मनोरथ

दः+ उपयोग =

िनयम1) स अ हो और का तीसरा चौथा पाचवा अथवा यरलव आ जाय तो पहला lsquoअrsquo

और lsquo rsquo क पर lsquoओrsquo होता हउदा ndash यशः+ गान = यशोगान (श अ ओ)

मनः+ = (न अ ओ)

रजः+ गण = रजोगणसरः+ ज = सरोज

2) क बाद शषयस हो तो बाद क क समान बन जाता हउदा ndash दः+ शासन = ( भी श होता ह)

िनः+ = ( स बन जाता ह)

3) क इ या उ हो और उसक साथ कख या प फ स कोई हो तो lsquoषrsquo हो जाता हउदा ndash दः+ कर =

िनः+ पाप =

4) क lsquoअrsquo हो और उसक साथ lsquoअrsquo स कोई हो तो का लोप होता हउदा ndash अतः+ एव = अतएव

5) क अआ क और कोई हो अथवा उसक साथ का तीसरा चौथा पाचवाहो अथवा य र ल व ह स कोई हो तो र हो जाता ह

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उदा ndash िनः+ आशा = िनराशािनः+ =

िनः+ झर =

6) क अ और उसक साथ अ या का तीसरा चौथा पाचवा अथवा यरलवहस कोई हो तो अ क ओ होता ह

उदा ndash मनः+ अिभराम = मनोिभरामअधः+ गित = अधोगितमनः+ हर = मनोहर

इसक अलावा कछ अिनयिमत होती उदा ndash पराः+ कार =

नमः+ कार =

ितरः+ कार =

Module ll

UNIT - 6

एक स अिधक स बनी हई को कहत कोकरनवाल समह को कहत

उदा ndash लड़का कलमकछ होती जब व दसर क साथ जाती तब होती ऐसी

को कहतउदा ndash (lsquoकrsquo ह इसका कोई क साथ lsquoकrsquo लगन पर इसका होता ह)

दधवाला ndash(lsquoवालाrsquo का दध क साथ लगन पर वह होता ह)

क1 क आधार पर तीन क ndash 1) 2) यौिगक 3)

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ndash अपनी हो उनक क करन स कछ होता ऐसको कहत

उदा ndash धन घोडायौिगक ndash जो दो या दो स अिधक क योग स बनत यौिगक कहत

उदा ndash राज + महल = राजमहल+ =

ndash जो दो या दो स अिधक क मल स बनत हो को िछपाकरका बोध करात हो कहत

उदा - पकज = पक + ज (पकज का ह स इसका ह कमल)दशमख = दस + मख (दशमख का ह दस इसका ह रावण)

2 स क तीन भद - 1) वाचक 2) 3) या साकितकवाचक ndash जब उसी बोला या िलखा जाय और िलए बना ह तब उस वाचक कहत

उदा ndash गधा एक जानवर ह ( lsquoगधाrsquo वाचक ह)ndash जब कोई उसका न बतलाकर अपन या गण का बोध करानवाल कोकहत

राम एक गधा ह (यहा गधा का ह lsquo rsquo इस का होता ह ndash राम एक ह)

ndash जो स क करता ह और गढ़ स दसरा सिचतउदा - हो गया ( ह इसका होता ह lsquo समयrsquo)

3 स क भद ndash

क आधार पर क चार भद - 1) 2) 3) दशज 4)

ndash क जो करक का होत उसकहत उदा ndash वाय

ndash व जो स पर कछ करक करतउदा ndash -

- आसरा- आग- आस- सच

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दशज ndash य स बन क अनसार य क क

स बनउदा ndash पट

ndash य भारतीय भाषाओ क कई भाषाओ जस अरबी फारसी सकरत

उदा - स ndash िसनमा

अरबी स - मौलवी अदालत दिनया अमीरफारसी स ndash बाग आदमी चाक कारखाना

स - दारोग काब लाश तोपस - सरग दाम

UNIT - 7

कछ ऐसी होती जो होती जब व दसर क साथ जाती तब वहो जाती इस तरह को (Affix) कहत

उदा ndash कछ िनर वालादो क होत - 1) 2)

ndash जो क आरभ लगाकर उसक अ लाकर कर उसकहत

उदा ndash अप + यश = अपयश ( )

उप + वन = उपवन(बगीचा)+ योग = ( )

अन + पढ़ = अनपढ़ ( पढ़ करक)

क + = (बरा )

ndash जो या क लगाकर उनक को बदल कहतउदा - बढ़ा + पा = बढ़ापा (बढ़ापा )

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+ = ( स )

िलखा + आवट = िलखावटबरा + ई = बराईदध + वाला = दधवालाबच + पन = बचपन

UNIT - 8

समासरखनवाला दो या दो स अिधक या पद िमलाकर जब एक या पद बनत

इस मल को समास कहत िमल को पद अथवा सामािसक पद कहतउदा - घोड का सवार ndash घडसवार

सा मख ndash

धन का पद - धनपदकाठ पतली ndash कठपतली

समास होन पर बीच तथा का लोप होता हउदा - धन का पद - धनपद ( lsquoकाrsquo का लोप होता ह)

समास1 समास दो का योग होता ह2 दो क मल स एक पद बनता ह3 दो क बीच का लोप होता ह4 दो कभी पहला पद होता ह और कभी दसरा पद होता ह5 समास जडत तो क का होता ह

उदा ndash का = + =

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समास औरसमास दो का योग होता ह दो का योग होता ह क

होत होन पर दो क सयोग स पद भी िमल जात समासवाल औरसमास हो सकता हउदा ndash पीता र दो पद ह ndash lsquoपीतrsquo और lsquo rsquo करन पर इस तरह होता ह ndash पीत +

= समास करन पर lsquoपीत ह जो rsquo =

कवल होती ह समास होता ह क तोडनको द कहत समास क तोडन को कहत

ndash क को अलग अलग अपनी क रखकर उनक आपस क कोकरन को कहत

उदा ndash रातndash - इसका ह रात औरसमास क भद

समास क छः भद होत 1) 2) 3) 4) 5) 6)

1 समास ndash समास पहला हो उस समास कहत इसकापहला पद या पद होता ह

उदा ndash ( क अनसार)

आजीवन ( जीवन )

यथासमय (समय क अनसार)

2 समास ndash समास पद हो और समास करन पर पहली का लोपहो उस समास कहत

उदा ndash राजसभा (राज सभा)( को )

समास क दो भद ह ndash

1) 2) समानािधकरणi ndash पद का करन पर पहला और दसर

लगायी जाती हउदा ndash राज-सभा (राजा सभा)

पहल सबध कारक ह और दसर कारक ह

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क छः भद -

इस समास क पद कारक का लोप होता ह उसी कारक क अनसार इस समास कानाम होता ह ndash

१ ndash होती हउदा ndash ( को ndash को कारक ह)

२ करण - lsquoसrsquo हउदा ndash (अकाल स )

मनमाना (मन स माना हआ)

३ ndash lsquoक िलएrsquoउदा ndash रसोईघर (रसोई क िलए घर)

(हवन क िलए )

४ अपादान ndash lsquoसrsquo हउदा ndash ( स िगरा हआ)

(पद स )

(ऋण स )

५ सबध ndash lsquoकाrsquo lsquoकrsquo lsquo rsquo हउदा ndash सनापित (सना का पित)

राजमाता (राजा माता)( दश का )

६ अिधकरण ndash lsquo rsquo lsquoपरrsquo हउदा ndash वनवास (वन वास)

आपबीती (अपन आप पर बीती)( )

कभी कभी समास पद का लोप होता ह उस अलक कहतउदा ndash ( रहनवाला lsquo rsquo का लोप)

सरिसज (सर होनवाला lsquo rsquo का लोप)

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नञ ndash अभाव या िनषध का सिचत ककरनवाला lsquoअrsquo या lsquoअनrsquo लगान स बननवाल को lsquoनञrsquo

कहतउदा ndash ( जो न हो)

अनपढ़ ( न पढ़ा हआ)

अछता ( न छआ हआ)

उप पद ndash समास कोई उप पद न हो तथा बाद पद हो उस lsquoउप पद rsquo कहतउदा ndash जलज (जल ) ndash कलम

मनोज ndash (मन जात) - कामदवii समानािधकरण - समास क क बाद एक कारक

आती ह उस समानािधकरण अथवा कहत इस समास क पद उपमान- उपमय अथवाndash हउदा ndash नील कमल - नीला कमल

यहा नीला और कमल हम ndash घन (बादल) (काला) उपमान और उपमय

कभी कभी सबध बतानवाल बीच क पद का लोप भी होता ह lsquo rsquo समासपहल का दसर स सबध बतानवाल बीच क पद का लोप होता ह उस समास कहत

iii समास ndash समास क होता ह और समदाय का बोधहोता ह उस समास कहत

उदा ndash (तीन का समाहार)

चौमासा (चार का समह)

iv समास ndash समास होत और करन पर और या अथवा योजकलगत उस समास कहत

उदा ndash ndash औरndash पाप और

तन-मन ndash तन और मनसमास क का िलग साधारणतया म क अनसार होता ह कभी कभी

हो तो उसी क अनसार िलग हो जाता हउदा ndash राजा-रानी आय

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समास एक स अिधक जडतउदा ndash माता ndash आय राम- आत थ

कभी कभी बहवचन - सचक क साथ भी पाया जाता हउदा ndash आपक लडक-

v ब समास ndash इस समास स कोई पद होता पर समास पद पदका होता ह इस समास कहत

उदा ndash र (पीत ह )

अनग ( ह अग - कामदव)

समास पद का पहला दसर क होता ह समासपद अपन स का होत ह कई पद भद स क

समास हउदा ndash मगलोचन - 1) मग क लोचन ndash

2) मग क समान लोचनवाला ndash समास- 1) पीला कपडा ndash

2) पीला ह अबर (कपडा) वह ( ndash समास)

Module lll

UNIT - 9

क िलग वचन कारक अथवा काल क अनसार होता ह

कहत औरया - क िलग वचन कारक अथवा काल क अनसार कोई

होता व ह सचक व ह सचक या ह

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UNIT - 10

(NOUN)वह ह या भाव को सिचत करता ह राम ( )

( ) ( ) क तीन ndash

a) (Proper Noun)

b) जाितवाचक (Common Noun)

c) भाववाचक ( Abstract Noun)

A ndash उस कहत एक का बोध होता हउदा ndash राम गगा

B जाितवाचक ndash जाितवाचक स एक जाित क सब का बोध होता हउदा - नगर सभा जल

स सभी जाित का बोध होता ह का य जाित क आधार पर होत

स सजातीय क समह को करत उस समहवाचक कहत उदा ndash सनास का बोध का बोध होता ह उस कहत

उदा - सोना पानी लोहाC भाववाचक ndash भाववाचक व क गण दोष कासचना होती ह

उदा - गण दोष ndash िमठास कटता नीचता- लडकपन यौवन दासता

भाव ndash शोक भयD जब गण को करत तब व जाितवाचक बनत

उदा ndash ह तम बनोइस स ह ndash पर रहनवाला यह जाितवाचक हकभी कभी जाितवाचक होती

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उदा ndash गािधजी कल यहा यहा गािधजी हE भाववाचक कभी कभी जाितवाचक क समान होती

उदा ndash हाथी और घोड बडा ह यहा चाल जाितवाचक हभाववाचक चार स बनती

a) जाितवाचक स ndash लडका ndash लडकपनndash

b) स ndash अह ndash अहकारअपना ndash अपनापन

c) स ndash चतर ndash चतराईमीठा ndash िमठास

d) स ndash चढ़ना ndash चढ़ाईसजाना ndash सजावटघबराना ndash घबराहट

F क समान होन वालउदा ndash का आधर गणी- ह यहा क समान होत उदा ndash का कहना

मानो lsquoबडाrsquo ह यह क पर होता हका

एक स अिधक स बनत क एक दसर क िमलन स का होता हक क होता ह इस कहत का िलग वचनऔर कारक क कारण होता ह

उदा ndash लड़का पठता ह ndash पठती ह ( िलग क कारण)

लड़का दौडता ह - लड़क दौडत (वचन क कारण)

लाओ ndash मज़ पर ह ( कारक क कारण)

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UNIT - 11

िलगक जाित का बोध होता ह उस िलग कहत दो िलग ndash और

a ndash जाित का बोध करानवाल को िलग कहत उदा ndash सीताb - जाित का बोध करानवाल को कहत उदा ndash लड़का नर राम

बदगी ह उदा ndash पड नगर ह उदा ndash लता

जो ह व ह उदा ndash भाई बलकई स क नर और मादा का बोध होता ह पर उनका एक िनयम

िलग स होता हndash कौआ चीता ndash कोयल चील मना

जाितभद करन किलए इनक साथ नर या मादा लगाना उदा ndash नर कौआ मादाकौआ नर चीता मादा चीता

क अत आ पा आव और पन हो होतउदा ndash बढ़ापा चढ़ाव लडकपन

क अत आई वट हट और ता हो व होतउदा ndash चढ़ाई सजावच सरलता

स बनान का िनयमक क अ को आ करन स ndash उदा ndash ndash बाल ndash बाला सत ndash सता तनज ndash

तनजा ख क अ को ई करन स ndash उदा ndash दव ndash दवी ndash कबतर ndash मग ndash

मगीग कछ क आ को ई करन स ndash उदा ndash रसा ndash रसी लडक़ा ndash

घ क आ को इया करन स ndash उदा ndash ndash बढ़ा ndash चहा ndash

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ङ या क क इन लगान स ndash उदा ndash सनार ndash

धोबी ndash कहार ndash

च कछ क नी या आनी लगान स ndash उदा ndash िसह ndash िसहनी महतर ndash महतरानी मोर ndash

मोरनीछ उपनामवाचक क क पर आइन लगान स ndash उदा ndash बाब ndash बबआइन

ठाकर ndash ठकराइन पाड ndash पाडाइन ज कछ क ndash उदा ndash ndashमाता ndashऔरत वर- वध मा ndash

बाप ndashभाई

स बनान का िनयमa कछ lsquoओईrsquo lsquoआवrsquo और lsquoऔराrsquo लगान स ndash

उदा ndash बहन ndash बहनाई ननद ndash ननदोई ndash िसल ndash िसलौरा b कछ क lsquoईrsquo को lsquoआrsquo करन स ndash

उदा ndash जीजी ndash जीजा झोली ndash झोला c कछ क lsquoईrsquo को lsquoअrsquo करन स ndash

उदा ndash ndash d क अत lsquoआrsquo लगान स ndash

उदा ndash

UNIT ndash 12

वचन (Number)स और क स स यह त हो वह एक क िलए होता ह या अिधक

क िलए इस वचन कहत वचन दो क होत ndash

1) एकवचन (Singular)

2) बहवचन (Plural)

1) एकवचनःस क स स एक का बोध करान वाला एकवचन हउदाः पढ़ती ह ( ndash एकवचन ह)

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2) बहवचनःस क स स एक स अिधक का बोध हो उस बहवचन कहतउदाः पढ़ती ( ndash बहवचन ह)

कभी कभी आदर क िलए एकवचन बहवचन क होतउदाः अब )बहवचन(

बहवचन बनान का िनयमः-)क ( क lsquoआrsquo क पर lsquoएrsquo लगा दन स एकवचन का बहवचन बन जाता ह

उदा ndash लड़का ndash लडक कपड़ा ndash कपड़ बटा ndash बट lsquo rsquo क सभी क (

) एक समान रहतक बहवचन बनान का िनयम

lsquo rsquo तथा lsquo rsquo क lsquoअrsquo lsquoआrsquo क पर lsquoएrsquo का करन स बहवचनबनाया जाता ह

उदाः ndash गाय ndash ndash रात ndash lsquo rsquo तथा lsquo rsquo क lsquoयाrsquo जोड़न स बहवचन िमलता ह इस lsquoईrsquo क

पर lsquoइrsquo होता हउदाः ndash ndash ndash

स क lsquoयाrsquo हो उनक lsquoयाrsquo क ऊपर कवल लगान पर-

उदाः ndash -

क बाद lsquoएrsquo या lsquo rsquo जोड़न स शष का बहवचन िमलता हउदाः लता ndash लताए -

)ग( िनयम -

)1( )बहवचन( सिचत करन क िलए कभी कभी क एकवचन क साथ गण लोग

जोडतउदा ndash पाठकगण बाब लोग

(2) कछ हमशा बहवचन बोल जातउदा ndash लोग होश

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3) जाितवाचक स ऐ हमशा बहवचन होती ह जब और भाववाचक काजब जाितवाचक क समान होता ह तब व बहवचन होता ह

उदा ndash भारत रावण कमी (यहा रावण जाितवाचक ह)

(4) जब जाितवाचक क समान होता ह तब व बहवचन क होतउदा ndash और क ह (जल बहवचन एव जाितवाचक ह)

UNIT - 13

कारक (Case)या क स उसका क क साथ होता ह उस

कारक कहतउदा ndash राम न रावण को माराइस lsquoनrsquo और lsquoकोrsquo इन क उसका सिचत होता हउदा ndash मारा - राम lsquoनrsquo

मारा ndash रावण lsquoकोrsquo इसिलए य कारककारक क आठ भद होत ndash

कारक - नकारक - को

करण कारक - सकारक - को

अपादान कारक - सकारक - का क

अिधकरण कारक - पर

सबोधन कारक - ह अर अपी अहो क कारक ndash (Nominative)

या क स करनवाला या का बोध होता ह उस कारक कहतlsquoनrsquo ह

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उदा ndash राम गयामोहन न खाया

lsquoरामrsquo और lsquoमोहनrsquo कारक ह न हक को सिचत करन क िलए कोई जाती ह

उदा ndash राम न िलखी ख कारक (Accusative)

या पर क का फल पडता ह उस कारक कहत उदा - राम न रावण को मारा

रावण मारा गया ह यहा lsquoरावणrsquo कारक ह lsquoकोrsquo हकभी कभी lsquoकोrsquo का लोप होता ह

उदा ndash राम न िलखायहा lsquoकोrsquo का लोप होता ह ऐसा भी होता ह - राम न को िलखा

ग करण कारक ( Instrumental)

क साधन का बोध करानवाल क को करण कारक कहत lsquoसrsquo ह उदा ndash

कलम स िलखतिलखन का साधन कलम ह कलम क िलखन होती ह

घ कारक ( Dative)

कारक का वह ह जो उस का बोध कराता ह िलए कोई कामlsquoकोrsquo lsquoक िलएrsquo ह

उदा ndash मोहन न राम को पाच मोहन न राम क िलए पाच

ङ अपादान कारक (Ablative)

का वह ह क स पथक होन का बोध हो उस अपादान कारककहत lsquoसrsquo ह

उदा ndash स िगरतयहा स का सिचत होता ह कारक और अपादान कारक lsquoसrsquo ह

करण कारक lsquoसrsquo साधन सिचत होता ह अपादान कारक lsquoसrsquo सिचत होता ह

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कलम स िलखता ह - करण कारकस आ रहा ह - अपादान कारक

च कारक (Genitive)

क स उसका स होता ह उस कारक कहतlsquoकाrsquo lsquoकrsquo lsquo rsquo

उदा ndash राम का घोडा राम क घोड राम बहन छ अिधकरण कारक (Locative)

क स क आधार का बोध होता ह उस अिधकरण कारक कहत lsquo rsquo

और lsquoपरrsquo उदा ndash शर जगल रहता ह

मज़ पर ह अिधकरण तीन क होत ndash

क कालािधकरण ndash का काल होता ह उस कालािधकरण कहत उदा ndash राम दोपहरस आयगा

ख भावािधकरण ndash क भाव क भावािधकरण होता ह उदा ndash शर को दखकरभय होता ह

ग ndash पर होती ह उस कहत उदा ndash मज़ पर ह कालवाचक और क सात कभी कभी लगती उदा ndash कल रात मसलधार हई ( कल रात मसलधार हई ndash lsquo rsquo का लोप)

ज सबोधन (Vocative)

क स को पकारना सिचत होता ह उस सबोधन कारक कहत हउदा ndash ह राम वहा मत आना

सबोधन कारक कोई ह उसको करन क िलए lsquoहrsquo lsquoअरrsquo कोलगाय जात

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UNIT - 14

( Pronoun)क उसक को करन क िलए का जाता ह

कहत उदा ndash राम जाता ह वह अपनी जाता हउसन कहा ndash लाना भल गया वह अपनी राम जगह हए ह

इसिलए ह को हटान क िलए का जाता हयोग क अनसार क पाच भद होत

1) - त यह वह (एव) हम तम य व आप (बव)

2) ndash यह वह (एव) य व (बव)

3) ndash कोई कछ (एव - बव)

4) ndash जो सो (एव - बव)

5) ndash कौन (एव - बव)

क ndash या लखक बोलत या िलखत समय या तो अपन कछ कहता ह या सननवालऔर पढ़नवाल क अथवा अपन और सननवाल को छोडकर क

कहत स बोलनवाल सननवाल और क कछ कहा जाए उस कोकहत

तीन क होत ndash औरndash बोलनवाला या िलखनवाला अपनिलए का करता ह उस

कहत (एव) हम (बव)ndash सननवाल या पढ़नवाल क िलए का होता ह उस कहत

जस ndashत तम और आप ndash क कछ कहा या िलखा जाए उसक िलए होन वाल को

कहत जस ndash यह वह (एव) य व (बव)और हम ह एकवचन ह हम बहवचन ह का हम

क बहवचन स ह यहा हम क पर होता ह हम का एकवचनऔर बहवचन होत

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त और तम क आदर क िलए आपका करत जस ndash तमयहा आओ इसी क पर आप यहा ए कभी कभी यह और वह क भी आप का

होता ह जस ndash आप मर कभी कभी आदर क िलए आप का करत बहवचन सिचत करन क िलए आप क साथ lsquoलोगrsquo

जोडा जाता ह जस ndash आप लोग यहािनजवाचक आप और चक आप भद होता ह िनजवाचक आप समान स एक वचन

और बहवचन आता ह जस ndash आप पढ़गा हम आपवह कवल बहवचन करत िनचवाचक आप तीन स

होत आप कवल और करतlsquoआपrsquo अकला जाता ह िनजवाचक आप तथा क साथ आता ह जस ndash त

आप कामकभी (2) आप भल अकला आ सकता ह जस ndash आप भला तो जग भला वह अपन आप समझ गया

व ऒर सकत जाता हसकतवाचक और िनदशवाचक भी कहत जस ndash यह वह य व

हम तम आप यह य व इन या क साथ अिधकताकरन क िलए lsquo rsquo lsquoईrsquo य जोडत झस ndash त आप

स या क बात का बोध न हो उसकहत जस ndash कोई कछ

a lsquoकोईrsquo का क िलए होता ह जस ndash बाहर स कोई आ रहा ह b जब का पता न होन पर ndash जस ndash अर कोई कमर ह

c क lsquoकोईrsquo लग तो उसका लगभग होता ह जस - कॉलज स कोई पाच सौभाग

d lsquoकोईrsquo जब दोहराया जाता ह तब को सिचत करता ह जस कोई कोई पर को रोकतe कोई क साथ एक लग जान पर सिचत करता ह जस ndash तम स कोई एक गा सकगा

कछ का अनिगनत क िलए होता ह जस ndash कछ हक िलए होता ह जस ndash पानी कछ ह

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कोई का क िलए होता ह और कछ का क िलए होता हघ वाचक

स दो और क बीच क का बोध हो उस वाचक कहतजो सो जस ndash आपन जो कहा सो हो गया

कभी कभी जो या सो स एक रहता ह जस जो गाता ह बात हङ ndash करन क िलए का होता ह कहत

उदा ndash आप सोचत आज कौन आएगाकौन का क िलए होता ह का क िलए होता ह जस ndash कौन

बोलगा थली हकभी कभी कौन का क िलए होता हजस - बाधा डालनवाल तम कौन होिभ किलए lsquoकौनrsquo को दोहरा भी जाता ह जस ndash कौन कौन लाएग

क कौन का होता ह जस - इसन कौन अपराधक िलए को दोहरा दता ह जस ndash राम न

का क भी होता ह जस ndash तम मझस लडोगका

वचन और कारक क कारण भी होत िलग क कारण होताका और एक स होता ह

सबोधन होतास क पर होता ह उसी क अनसार उस क िलग वचन भी होता ह

काकारक एकवचन बहवचन

हममझको मझ हमको

करण मझस हमसमझको मरिलएमझ हमको हमार िलए

अपादान मझस हमसमरामर हमारा हमार

अिधकरण मझपर हमपर

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तकरक एकवचन बहवचन

तन तम तमनतझको तझ तमको

करण तझस तमसतरातर

अिधकरण तझपर तमपर

वहकरक एकवचन बहवचन

वहउसन व

उसको उस उनकोकरण उसस उनस

उसक िलए उस उनक िलए

अपादान उसस उनसउसका उसक उनका उनक

अिधकरण उस पर उनपर

UNIT - 15

(Adjective)स या सिचत कर उस कहत जस ndash रशमी

कपडा लाल कमलबतलाई जाए उस कहत जस ndash लड़का

ह लड़का हजो क पहल आता ह उस कहत जस ndash फल

ह फल ह इसिलए यह ह

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जो क बाद आता ह उस कहत जस ndash वह लड़का बड़ा होिशयार ह लडका ह होिशयार ह क बाद आन क कारण यह ह

जो क साथ उसको करन क िलए होता ह उस समानािधकरण कहत जस ndash रामनाथ कहता ह

रामनाथ क साथ समानािधकरण ह चार क ndash

क गणवाचक (Adjectives of Quality)

ख (Adjectives of number)

ग (Adjective)

घ या (Demonstrative Adjective)

१ गणवाचकजो क गण रग आकार को बतलानवाल को गणवाचक कहत

जस ndash लबा सशील काला गोल गणवाचक क बदल बहधा क क भी आतजस ndash राजा ( का राजा )

जापानी कपड़ा (जापान का कपड़ा)गणवाचचक का होता ह तब उनका क समान होता ह

जस ndash न सच कहा ह२ - क गणना का बोध हो उस

कहत जस ndash एक दो पहला दसरा दगनाक तीन भद होत ndash

1) 2) 3) बोधक या बोधकndash इसस का बोध होता ह जस ndash चार आठ सात

क चार भद ndash

a गणनावाचक ndash गणनावाचक षण स गणना का बोध होता ह जस ndash एक चार फल सात

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गणनावाचक क साथ एक लगान स लगभग का होता ह जस ndash एक आदमी ndash

लगभग आदमी b ndash स क गणना का होता ह जस ndash पहला

दसरा चौथाc ndash गणनावाचक क lsquoगनाrsquo लगान स बनत जस

ndash दगना ितगना ३ - स माप- तोल या का पता होता ह उस

कहत जस ndash दो सर चावल चार गज कपडा

क दो भद होत ndash

1) और 2)

ण - स का पता लगता हजौस - दो सर चावल

- स का पता नलगता ह जौस ndash बहत दध

४ या - स ऒर या सकत जाता ह उसकहत lsquoयहrsquo lsquoवहrsquo स जाता ह इसिलए इसकहत

जस ndash यह वह जब क हो तब वह बन जाता ह

जस ndash वह घर राम का ह कई ऐस मल जसा रहता ह

जस ndash वह यह क

भी िलग वचन और कारक क अनसार होता ह क िलग और कारक ककारण कछ होता ह

जस ndash काला कपड़ा - काला कपड़काला धोती - काला धोितया

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क साथ ई हो जातजस - काली धोती

क होता ह जो क होन परहोता ह जस ndash वह घोड़ा व घोड़

पथकता अथवा अिधकता क िलए को दहराता ह ndash

जस ndash छोट छोट फल लालका भी होता ह जस ndash बडा लड़का

गणवाचक और जब करत तब वह बन जात

जस ndash थोड़ा खा गया चावल बहत ह क साथ जब आता और व बन जात तब उनक साथ

भी लगती जस ndash को दान दो

UNIT - 16

(Verb)

काम क करन या होन का बोध हो उस कहतजस पढ़ना खाना दौडना पहनना

धात ndash क मल को धात कहत उदा- पढ़ना खलना खानाय सब मल धात lsquoपढ़rsquo lsquoखलrsquo lsquoखाrsquo ह मल धात lsquoनाrsquo जोडकर का िमलताह

i क आधार पर क दो भद होत - 1) 2)

1) (Transitive Verb) ndash क का फल को छोड पर पडता हउस कहत

उदा ndash राम पढ़ता ह

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राम ह ह और का पर पडता ह2) (Intransitive Verb) - क का फल पर पडता ह उस

कहत का अभाव हउदा ndash मोहन सोता ह

कभी कभी एक होता ह और कभी कभी दो भी होत एक होन वालको एक lsquo rsquo कहत

उदा ndash राम न खाना खायाखाना ह कवल एक होता ह दो होन वाली को

कहतउदा ndash मा न को दध

दो होत ndash lsquo rsquo और lsquoदधrsquo दो होत एक lsquo rsquo और दसराlsquoगौणrsquo

उदा ndash मा न को दधइस lsquoगौणrsquo ह दध lsquo rsquo ह lsquoगौणrsquo कभी कभी होता हउदा ndash न कथा सनाई

ii क भद1 - व होती ह आशय अथवा स परा होताको परा करन क िलए दसर होती ह ऐसी को कहतयह दो क होती ह१ ndash का अभाव हउदा ndash वह ह यहा क को परा करन क िलए जोडा गया ह२ ndash होन पर भी का भाव परा न हो उस को

कहतउदा ndash सीता न पढ़ाया

यहा परा सीता न lsquo rsquo पढ़ाया lsquo rsquo पढ़ाया यह परा इसिलए यहह यहा होन पर भी का भाव परा होता

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३ परक - को परा करन क िलए या पडती ह

परक कहत क परक lsquo परकrsquo तथा क परक lsquo परकrsquo

होतउदा ndash उस होिशयार समझता ह ( परक)

राम बलवान ह ( परक)

iii यौिगक धात ndashक स धातओ क दो भद होत 1) मल धात 2) यौिगक धात

मल धात - मल धात व जो दसर स न बन जस ndash कर बठ पढ़ यौिगक धात ndash यौिगक धात व जो दसर स बनाय जात उदा ndash खाना स नाम धात ndash जो या क आधार पर बनती ह उस नाम धात कहत

उदा ndash हाथ स हिथयानास

अपना स अपनानाiv - स यह जान पडता ह को न करक दसर को

करन दता ह उस (casual verbs) कहतउदा ndash राम न मोहन स िलखवाया यहा राम न िलखकर मोहन स िलखवाता ह इसिलए यह ह

करनवाल को और जाती ह उस कहतराम न मोहन स िलखवाया राम ह और मोहन हमल जो होती ह उनस और बन सकती हस और बन सकती उदा ndash दध पीता ह

पीना ह इसस बनती ह ndash मा को दध हस बना सकती ह उदा - मा नौकर स को दध ह

बनान का िनयममल धात क आ जोडन स और वा जोडन स या

बनती ह

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उदा ndash उठना ndash उठाना - उठवानाचलना ndash चलाना - चलवानापढ़ना ndash पढाना - पढ़वाना

दो क धातओ ए और औ को छोडकर पहला हो जाता हउदा ndash जागना ndash जगाना ndash जगवाना

भलना ndash भलाना - भलवानाछोडना ndash छडाना ndash छडवाना

धातओ क ला और लवा लगात तब हो जाता हउदा ndash पीना ndash ndash

सोना ndash सलाना ndash सलवानाखाना ndash -

v नाम धात - को छोडकर जोडन स जो धात बनती ह अथवा जो नाम (

या ) धात क समान होत नामधात कहत जो नामधात लगान सबनत आ ओऔर ला लगात पहला हो जाता ह

उदा ndash लाज ndash ndash लजानाहाथ ndash हिथया ndash हिथयानाझठ ndash झठला ndash झठलाना

UNIT - 17

काल (Tense)क स क होन का समय और अथवा का बोध हो उस काल

कहत काल क तीन भद होत1) भतकाल2) काल3) काल

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भतकालस का बोध हो उस भतकाल कहत

उदा ndash राम न िलखी भतकाल क छः भद - भत भत भत भत भत हत-हतमत भत

भत ndash क स भतकाल क समय का बोध न हो उस भत कहतउदा ndash मोहन न खत िलखायहा का बोध होता जो भतकाल हई ह भतकाल ndash क स का का समय अभी अभी हआ ह इसका बोध

होता ह उस भतकाल कहत उदा ndash राम न ह

इसस पहल अभी अभी हई हभत ndash क स यह होता ह क को हए बहत समय हो चका ह उसभत कहत

उदा ndash न दध थास हो क साथ lsquoथाrsquo lsquoथrsquo lsquoथीrsquo लगान स भतकािलक

िमलता हभत - क उस को भत कहत यह हो भतकाल हो थी पर

का पता न लग उस भतकाल कहतउदा - वह पढ़ रहा था वह सोता था

कब समा हआ इसका पता क साथ lsquoता थाrsquo lsquoत थrsquo lsquoरहा थाrsquo lsquoरह थrsquo लगानाभत काल ndash क स भतकाल सचना िमलती ह उसक होन कछ हो उसभत कहतउदा ndash वह आया होगा

उसन खाया होगा भतकाल हो थी ह क साथ lsquoहगाrsquo lsquoहगीrsquo lsquoहोगाrsquo lsquoहोगीrsquo

lsquo rsquo जोडन स भतकाल िमलता हहत-हतमत भतकाल ndash क स यह पाया जाय भतकाल होना सभव थाकारण स न हो सका उस हत-हतमत भतकाल कहत

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(Present Tense)

क को काल कहत रहती ह

होती उस काल कहतउदा ndash राम पढ़ता ह

सीता गीत गा हकाल तीन क होत ndash 1) काल 2) काल 3)

काल - वह ह स का काल होना पाया जाय

उस कहतउदा ndash मोहन पढ़ता ह

रमा गाती ह क साथ lsquoताrsquo lsquoतrsquo lsquoतीrsquo जोडन स बनत

- वह ह काल क होन पायाजायउदा ndash वह खाता होगा

सीता जाती होगी क साथ lsquoता होगाrsquo lsquoती होगीrsquo lsquoत rsquo lsquoती rsquo लगान स िमलत

ndash का वह ह यह होता ह का अभी ह

होता उस कहत उदा ndash वह खा रहा ह

चल हक साथ lsquoरहाrsquo lsquo rsquo lsquoरहrsquo जोडन स िमलती ह

काल ( Future Tense)

होनवाली को काल कहत काल क दो भद ndash 1)

काल 2) कालकाल ndash का वह ह स क आग होन सचना िमल उसकाल कहत

उदा ndash वह आयगा

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राम आज बबई जायगासीता कल घर आयगी

क साथ lsquoयगाrsquo lsquoयगीrsquo lsquoयगrsquo जोडन स िमलतकाल ndash क होन सभावना हो उस काल कहत

उदा ndash सभव ह आज हो स lsquoगाrsquo lsquoगrsquo lsquoगीrsquo पथक कर दन स काल िमलगा

UNIT ndash 18

(Voice)उस कहत यह जाना जाय का ह

ह या कवल भाव ह उस कहतउदा ndash राम न रावण को मारा

तीन क ndash 1) 2) 3) भाव- ह हमशा क िलग वचन और क अनसार होता ह

उस कहतउदा ndash लडका पढ़ता ह

लड़का ह और ग ह इसिलए भी होना हसीता िलखती ह इसम सीता ह इसिलए ह का सीधा स होताह

ndash क िलग वचन क अनसार हो उस कहतह का होता ह

उदा ndash राम िलखता हह इसिलए यह ह धानता होती ह और का

स होता ह क िलग वचन क अनसार बदलती ह हमशाहोता ह का होना ह

उदा ndash राम न रावण को मारा -

राम स रावण मारा गया -

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रावण ह ह क का ह गौण का रहता ह

उदा ndash मा न को दध मा स को दध गया

दो होत ndash और दध ndash भाव होती ह यह हमशा स बनता ह हमशा

एकवचन और होती ह इसका होता ह उदा ndash यहा बठा जाता

मझस पढ़ा जाता स या बनान

को भत क करना उसक साथ काल वचन और िलग कअनसार जाना क जोडन ऐसा करन स स औरक स भा बनती ह

उदा ndash 1) राम न रावण को मारा -

राम स रावण मारा गया -

2) राम रावण को मारगा -

राम स रावण मारा जायगा -

3) राम रावण को मारता ह -

राम स रावण मारा जाता -

पहल lsquoमाराrsquo भतकािलक ह इसिलए lsquoमाराrsquo क साथ lsquoजानाrsquo का भतकािलकजोडना

दसर lsquoमारगाrsquo काल ह इसिलए lsquoमाराrsquo भतकािलक बदलकरlsquoजानाrsquo का काल lsquoजायगाrsquo जोडना

तीसर काल ह को भतकािलक बदलकर (मारा) उसक साथजाना का (जाता) जोडना

स बन सकता हउदा ndash मोहन उठता ( )

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मोहन स उठा जाता - ( )

वीणा चलती ( )

वीणा स चला जाता - ( )

UNIT ndash 19

याअभी तक हमन क बार पढ़ िलया ह उनक िलग वचन और कारक क अनसार

आता ह इसिलए कहत का ह अब हम क दसरया क बार

चार क होत ndash 1) 2) बोधक 3) बोधक 4)

बोधक

UNIT ndash 20

ndash Adverbउस कहत होती ह

उदा - रमश चलता हइस lsquoचलनाrsquo ह ndash ह lsquo rsquo इसिलए lsquo rsquo ह

स क तीन भद ह - 1) साधारण 2) सयोजक 3) साधारण - साधारण वह ह होता ह साधारण या

कहत जस ndash खब पढ़ो दौडो सयोजक ndash का स या स होता ह सयोजक

कहत जस ndash जहा तक हम चल सक वहा तक ह

योजना का सयोजक स होता ह- का क

भद क साथ होता ह कहत

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जस ndash गह खाओग

कह तो लो होता ह व कवल गह खात और कछ खायगा इन

ह हो जान स का बदल जाता ह जस ndash वह काम करगा इसका यह ह जो काम उस ह कवल वह करगा और कछ

क आधार पर क चार भद होत ndash 1) कालवाचक 2) 3)

4)

कालवाचक ndash स समय अविध तथा काल का बोध होता ह कालवाचककहतजस ndash काम को अभी पढ़ना

आजकल रोज़ होती ह कभी कभी भी रात क समान लगता ह मोहन पढ़ाई सदा ह

अभी आजकल कभी कभी सदा कालवाचक ह ndash स क का बोध होता ह

कहत उदा ndash जहा तक जा सक वहा तक जाओ

जाओ और वहा लटो घर क सामन एक ह बाहर रोशनी भीतर अधरा

हाथ स मारत जहा वहा सामन बाहर भीतर ndash स अिधकता- का बोध होता ह

कहत जस ndash उतना पढ़ो हो

चावल थोडा खाओ खब खाना

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अपना थोडा खब

व क होन का ढ़ग का पता िमलता ह जस ndash राहल धीर धीर चलता ह

सीता मधरतम गाती ह यथा हम तथा िमलत

धीर धीर मधरतम यथा-तथा

UNIT - 21

बोधकबोधक ह जो या क साथ आकर उनका क

क साथ बनात उदा ndash धन क कोई काम न चलता

घर क नीच एक तालाब ह क पास एक भी ह

नीच पास बोधक ह क अनसार बोधक क दो भद होत ndash 1) 2)

क ndash य या क बाद आतउदा - घर क भीतर घर क पीछ घर ऒर

कारक भी आती ह जस का क कभी कभी अपादान कारक या भी आती ह

उदा ndash इनस पहल आया राम का मकान मोहन क घर स पर

lsquoसrsquo lsquoपरrsquo अपादान कारक क ndash यह स क क साथ आत

जस ndash दो तक राम रहगा

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घड भर पानी क िलए पाच दन ग lsquoतकrsquo lsquoभरrsquo सचक

UNIT - 22

( Conjunctions)योजक या व जो या न बतला कर एक या का

दसर या स जोडत बोधक कहतजस ndash सीता और गीता अपन घर गयी

सीता और गीता को िमलानवाला योजक lsquoऔरrsquo ह क तीन भद ndash 1) सयोजक 2) 3) भदबोधक

1) सयोजक ndash कई का सयोग करनवाल को सयोजक कहत इसक दो याका मल होता ह

उदा ndash और राम कल बबई और वहा उनक साथ मोहन भी lsquoऔरrsquo lsquoभीrsquo सयोजक ह

2) ndash जो का बोध कराए कहत जस ndash चाह दश सवा करनी या अथवा मानवीय को पहचानना

lsquoयाrsquo lsquoअथवाrsquo lsquoवाrsquo lsquoचाहrsquo को करनवाल ह 3) भदबोधक ndash दो स एक स भद बतलानवाल को भदबोधक कहत य कई क होत

क ndash दो म स पहल का िनषध या सिचत करत जस ndash

पर मगर वरन उदा ndash मझ वहा जाना था क कारण जा न सका

ख - कारणवाचक और उपदशमलक ndashइसिलए सो अतः इसिलए

इस क ह जस ndash राम समय पर आ न सका इसिलए जा न सका

ग सकतबोधक ndash ndash तो जो ndash तो प सकतबोधक ह जस ndash तम कहत तो जाता

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घ ndash इन पहली बात का और होता ह यान मानो यहा तक इस क ह

जस ndash कोई भी समय पर पहचा यहा तक भी 10 बज तक न आय क और दो भद होत ndash 1) समानािधकरण 2)

समानािधकरण ndash समान पद क या को जोडत जो एक क हो वसमानािधकरण धक कहत जस ndash क मा-बाप का अजीब ह समानािधकरण क चार उपभद होत ndash

1) सयोजक ndash और तथा भी एव 2) क ndash या वा अथवा चाह 3) ndash पर मगर 4) ndash इसिलए अतः

ndash को स जोडनवाल कोकहत

जस ndash आज नौकरानी आयगी वह बीमार ह क चार उपभद होत ndash

१ ndash यान मानो २ करणवाचक ndash जो इसिलए ३ उपदशवाचक - जो ४ सकतवाचक ndash - तो जो-तो -

4) ndash ndash स क शोक घणाको करनवाल को -बोधक कहत

जस ndash हाय अब अर आप कहा जा रह

ह राम करो को सिचत करन क िलए - लात

बोधक क सात भद ndash

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1) बोधक ndash वाह ndashवाह - आहा शबाश

2) शोक बोधक ndash आह ऊह हा-हा ndash

3) बोधक ndash अहो ऒह

4) अनमोदन बोधक ndash हा-हा वाह शबाश

5) बोधक ndash िछ हट अर िधक

6) ndash बहत हा जी हा7) सबोधन बोधक ndash अर र अपी अहो

कभी कभी भी हो जातजस ndash भगवान लो चप कभी कभी या भी होत जस ndash न हो बहत हो गया

जब क समान होत तब वह होता तब वमनोभाव को करात

जस ndash हाय हाय मचा रखी ह

सब लोग - पकार उठहाय ndash हाय - क समान ह इसिलए यह बोधक ह

UNIT - 23

क भद क स बनान का िनयम

क पर जायगास बनता ह एक या अिधक स बनता ह एक स अिधक स बनता

ह कहन या िलखनवाल का परा भाव हो जाय तो उस कहतजस ndash मोहन पढ़ता ह

राम िलखता ह इन स लखक का परा भाव होता ह

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ndash कछ ऐस होत और क रहन पर भी कहन या िलखनवाल का परा आशयहोता क समह को और क रहन पर भी जो कछ सनन

बनी रह कहत दो क होत ndash 1) 2)

क अधीन होतउदा ndash राम न कहा था वह कल पाठशाला जायगा

इस राम न कहा था - ह और कल पाठशाला जायगा तह इस और भी कहत

रखनवाल को कछ थोडा सा भाव करनवाल को कहतएक भावना होती ह

जस ndash तरह पढ़ना चलना

इन होता ह क म दो भाग होत 1) और 2)

ndash ( ) कछ होता ह उस कहतndash ( ) क जो कछ होता ह उस कहत

जस ndash मरा स भरा हआ ह मरा ह और स भरा हआ ह ह मरा ndash ह और मरा

उस का ह इसिलए ( ) और मरा का कहत हआ हह शष उसका ह

इस चार भाग हए ndash 1) ( ) 2) का 3) ( ) 4)

काचार भद ndash

क ndash राम गया ख ndash वह कह चका ग ndash फल

क भदक अनसार क आठ भद होत ndash

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1 ndash इस स बात का होना सिचत होता ह जस ndash भारत राजधानी ह

2 िनषधवाचक ndash का अभाव होता ह जस ndash क कछ भी पा सकत

3 ndash इस स सचना होती हजस - तम कल कालज

4 ndash इसस और उपदश का बोध होता ह जस ndash तरह पढ़ो

का भजन करो 5 ndash इसस का भाव सिचत होता ह जस ndash हाय राम को एक

लाख िमल 6 ndash इसस या सचना होती ह

जस ndash अक पा

7 ndash या सभावना सचना होती ह जस ndash आज होगी

8 - सकत सचना होती ह जस ndash हो तो

राम काम करगा रचना क आधार पर

रचना क आधार पर क तीन भद होत - 1) सरल या साधारण 2) और3)

१ सरल ndash एक और एक होता ह उस सरल कहतजस ndash मोहन िलखता ह ( मोहन और िलखता ह धय ह)

राम मज़ पर रखी ह ( ह और रखी ह ह)

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lsquoराम rsquo और lsquoमज़ परrsquo कवल और का ह २ - उस कहत एक हो और उसक एक या

अिधक हो उस कहतजस ndash जो करगा उस सफलता िमलगी जो करगा ndash ह उस सफलता िमलगी - ह

तीन क ndash 1) 2) 3)

1) ndash का क पर होता ह उसकहतजस ndash मरा ह तमन को मारा यह सच ह इस तमन को मारा ndash ह क पर आया ह इसिलए यह

ह 2) ndash जब कोई को क का काम दता ह तब उस

कहत जस ndash य उसी छा को जायगा जो रहगा

उसी स डरत जो खब मारता ह उसी जो ह

3) ndash जो क का काम दता ह उस कहत

जस ndash करता ह उतना फल िमलता ह जब तम कहोग सब कछ

जब ह ३ ndash दो या दो स अिधक योजक जड हो न

हो उस कहतजस ndash वह तरह पढ़ता था तो पास होता

दो या दो स अिधक सरल अथवा एक दसर पर न होता ह इसिलए यह

जस - कर चका (सरल )

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हम कर चक तो व आए ( )

और मरा मन ठड हो गया ( )

चार क होत ndash सयोजक सचक 1) सयोजक - एक दसर क साथ सयोजक जडा रहता ह

जस ndash वह आया और उसक साथ गया स िमलता ह और स होता ह

2) ndash का एक दसर स भद या का रहता ह जस ndash स बढ़ता ह स भरता ह वह खब खाता पर बडा होता

3) सचक ndash दो स एक को करना जस ndash मझ या राम को

4) अथवा हतसचक ndash एक दसर का होता हजस ndash तम आग पढ़ो पसा दगा मझ पसा िमला इसिलए

कभी कभी बीच योजक आत जस ndash मझ न बलाया आप आता ह जब को का या एक होता ह तो एक बार िलखा या कहा

जाता ह ऐस को सकिचत कहत जस ndash का और मन को भी दता ह

जो आसानी स समझकर छोड दत ऐस को कहत जस ndash आजकल सना ह बरसात क मौसम बखार सब फलाता ह

कहत रोज़ बढ़त रह पहल हमन होना था पर ह दसर लोग स होना पर होता ह

एक का दसर क बदल जा सकता ह मलकर सकत

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क सरल स ndash

उदा ndash सरल - राम न मोहन का - राम न उस को जो मोहन का था

ख स सरलndash उसन कहा पापी ह

सरल ndash उसन को पापी बताया ग सरल स

सरल ndash होन पर लोग खत जान लग - हआ और खत जान लग

घ स िनषध वाचक तथाndash मोहन सोहन स बडा ह

िनषध वाचक - मोहन सोहन स बडा ndash मोहन सोहन स बडा ह

UNIT ndash 24

और महावरव जो का अपना न बता कर कछ करत महावरा

कहत बोलचाल बहत आनवाला ऐसा बधा कोई अनभव बात और अलकतभाषा गई हो या कहावत कहाता ह जस ndash मर पट चह कद रह

जब स उनका लड़का मरा ह कमर टट गई ह वह इतना चालाक ह अपन मािलक को पर नचाता ह

इन lsquoपट चह कद रह rsquo lsquoकमर टट गई हrsquo lsquo पर नचाता हrsquo इन काउनक स ह यहा lsquoपट चह कदनrsquo का ह भख लगना lsquoकमर टटनrsquo का ह या

का न रहना तथा lsquo पर नचानrsquo का ह अपन वश रखना अतः य महावरकहलात

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इसी जब कोई आदमी काम करना न जानता हो परत अपन को िछपान क िलए बहान बनावतब कहा जाता ह ndash नाच न जान आगन टढ़ा

जब कोई आदमी अनक खाकर भी अपनी आदत न छोड़ तब कहा जाता ह दम सौतक नली रखो तो भी य बध हए और अनभव तथा अलकत भाषा कह गय अतः य

और क स भाषा तथा आती ह महावरदार भाषाबहत पसद जाती ह और कथन बड़ा होता ह

महावरअग-अग - बहत होनाअगठा - चीज़ को दन स क साथ करनाअध - सहाराअधरा घर का उजाला - एकलौता बटा

क घोड़ दौड़ाना - सोचनापर पड़ना - समझ न पाना

अपना सीधा करना ndash करनाआख उठाना - नीयत स दखनाआख खलाना - होश आना

चार होना - आख स आख िमलानानीची होना - होनापीली करना - नाराज़ होना

आकाश पाताल का ndash बहत भदआग घी डालना - बढ़ानाआसमान िसर पर उठाना - बहत कोलाहल करना

स बजाना - करनाईद का चाद होना - िचरकाल पीछ दनाउगली पर नचाना - वश रखना

गगा बहाना - बात करना

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कमर टट जाना - िनराश हो जानाकान भरना - चगली करना

मौत मरना - बहत तरह स मरनाखाक उड़ाना खाक िमलाना - बरबाद होनागड़ गोबर कर दना - काम दनाघर गगा - दौड़-धप कघाट घाट का पानी पीना - जहा तहा का अनभव करनाचाद पर थकना - करना और फलतः होनाचार चादनी - थोड़ का सख

का दध याद आना - सब सख भल जाना सकट आ पड़नाजमीन पर पर न पड़ना - बहत अिभमान होनाजल भन कर कोयला होना - पागल हो जानाटस स मस न होना - भी नटाग अड़ाना - बाधा डालनाटोपी उछालना - िनरादर करनाितनका पकड़ना - मागनाितन का ताड़ करना - बात बढ़ानाथक कर चाटना - वचन दकर जाना

तल उगली दबाना - करनादम तोडना - मर जाना

दना रात चौगना होना - खब होनाधप बाल सफद करना - अनभव आय दनानमक लगाना - बात को बढ़ा कर कहनानाक कटना - बदनामी होनानाक चढ़ाना - घणा करनानीला पीला होना - आना

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नौ-दो होना - भाग जानाउछालना - करना

- बातपरदा डालना - िछपानापहाड टट पड़ना - आनापट चह कदना - खब भख लगना

तल स ज़मीन िनकल जाना - होश उड़ जानाफक-फक कर कदम रखना - सोच-समझ कर काम करनाबगला भगत -

उछलना - खब खश होनाबाज़ार पर होना - काम पर होनाबात का धनी - वायद काबाल खाल उतारना - करनाबाल पकना - बढ़ा होजाना अनभव करनाबाल बाल बचना - हािन पहचन जरा- सी कसर रह जानाबगार टालना - लगाकर काम न करनाबोली मारना - क कहनाभनक पड़ना - खबर द जानाभाड़ - समय गवाना

मारना - बकारचस - बहत कजसपर मारना - का नकल करना

मगज चाटना - तग करनामाथा ठनकना - आशका होनामारा मारा - होनामह-तोड़ जवाब दना - परा-परा जवाब दना

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मह फक हो जाना - चहर का रग उतर जानामह पानी भर आना - खान को ललचानामह लगाना - अिधक द दना

गरम करना - दनाराई का पहाड़ बनाना - बात को बढ़ाकर कहनारात- - हमशालका काड होना - खब मारपीट होनालबी-चौ हाकना - करना

होना - होनालह क घट पीना - करनालह पसीना एक करना - बहत करनालोह क चना चबाना - काम करनाशतान क कान कतरना - बहत चालाक होना

करना - करनाबाग - बहकाना

समझ पर पड़ना - होनाबठना - जमाना

िसतारा चमकना - उदय होनािसर पर खन सवार होना - जान लन पर होनािसर पर हाथ धरना - सहायता करनासौ बात एक बात - िनचोड़

करना - फक डालनाहसी उड़ाना - करनाहाथ मल -

हाथ पर हाथ धर बठना - बठनाहाथ पसारना - मागना

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हाथ-पर मारना - करनाहाथ साफ करना - बईमानी स ठगना

पानी करना - करनाहोश उड़ना - भय या आशका स दखी होना

अत गता सो मता - वहकान राजा - थोड़ा पढ़ िलख का मान होता ह

आख क गाठ क पर - पर धनवानआप मर जग परल - ह तो ससार ह

चोर कोतवाल को डाट - अपराध करक को डाटनाऊची दकान पकवान - काम करनाएक अनार सौ बीमार - जब एक चीज़ क बहत स तब कहा जाता हएक पथ दो काज - एक काम करन स दो का लाभ होनाकाला बराबर -

घर का लका ढ़ाह - फट स घर नाश होता हिचराग तल अधरा - पास घटना क होन पर भी उसका न होना या

ऐस पर बराई का होना जहा उसक रोकन का होचोर ितनका - पापी डर जाता हजाग सो पाव सोव तो खोव - सावधान रहन स लाभ होता ह

- बलवान का दबदबा रहता हजसा दश वसा भस - दश रह वसी करनीजसी करनी वसी भरनी - फल िमलता हतन को कपड़ा न पट को - बहतथोथा चना बाज घना - काम न करनवाला बकवास बहत करता हदाम बनाय काम - पस स सब काम हो जात

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धोबी का घर का न घाट का - जो एक पर जमकर काम न कर कभी एक लग और कभीदसर और सफल न हो उस कहा जाता ह

रहना मगर स बर - अधीन होकर रह और उसी स बर कर तो गज़ारा चलता हन रहगा बास न बाजगी - नकसान हो उसका नाश कर दना हनाच न जान आगन टढ़ा - काम करन न होन पर दसर को दोष दना नीम जान का खतरा - अधरा हािनकारक होता हनौ नगद न तरह उधार - उधार सौदा दनामान न मान तरा महमान - गल पड़नािमया जती िमया क िसर - स उसी हािन करनासौ सयान एक मत - सभी अथवा एक सलाह होती हहाथ कगन को आरसी - क िलए और हाथी क दात खान क और क और - कहना कछ और करना कछ औरहोनहार क होत चीकन पात - होनहार क पहल स जात

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उदा ndash िनः+ आशा = िनराशािनः+ =

िनः+ झर =

6) क अ और उसक साथ अ या का तीसरा चौथा पाचवा अथवा यरलवहस कोई हो तो अ क ओ होता ह

उदा ndash मनः+ अिभराम = मनोिभरामअधः+ गित = अधोगितमनः+ हर = मनोहर

इसक अलावा कछ अिनयिमत होती उदा ndash पराः+ कार =

नमः+ कार =

ितरः+ कार =

Module ll

UNIT - 6

एक स अिधक स बनी हई को कहत कोकरनवाल समह को कहत

उदा ndash लड़का कलमकछ होती जब व दसर क साथ जाती तब होती ऐसी

को कहतउदा ndash (lsquoकrsquo ह इसका कोई क साथ lsquoकrsquo लगन पर इसका होता ह)

दधवाला ndash(lsquoवालाrsquo का दध क साथ लगन पर वह होता ह)

क1 क आधार पर तीन क ndash 1) 2) यौिगक 3)

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ndash अपनी हो उनक क करन स कछ होता ऐसको कहत

उदा ndash धन घोडायौिगक ndash जो दो या दो स अिधक क योग स बनत यौिगक कहत

उदा ndash राज + महल = राजमहल+ =

ndash जो दो या दो स अिधक क मल स बनत हो को िछपाकरका बोध करात हो कहत

उदा - पकज = पक + ज (पकज का ह स इसका ह कमल)दशमख = दस + मख (दशमख का ह दस इसका ह रावण)

2 स क तीन भद - 1) वाचक 2) 3) या साकितकवाचक ndash जब उसी बोला या िलखा जाय और िलए बना ह तब उस वाचक कहत

उदा ndash गधा एक जानवर ह ( lsquoगधाrsquo वाचक ह)ndash जब कोई उसका न बतलाकर अपन या गण का बोध करानवाल कोकहत

राम एक गधा ह (यहा गधा का ह lsquo rsquo इस का होता ह ndash राम एक ह)

ndash जो स क करता ह और गढ़ स दसरा सिचतउदा - हो गया ( ह इसका होता ह lsquo समयrsquo)

3 स क भद ndash

क आधार पर क चार भद - 1) 2) 3) दशज 4)

ndash क जो करक का होत उसकहत उदा ndash वाय

ndash व जो स पर कछ करक करतउदा ndash -

- आसरा- आग- आस- सच

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दशज ndash य स बन क अनसार य क क

स बनउदा ndash पट

ndash य भारतीय भाषाओ क कई भाषाओ जस अरबी फारसी सकरत

उदा - स ndash िसनमा

अरबी स - मौलवी अदालत दिनया अमीरफारसी स ndash बाग आदमी चाक कारखाना

स - दारोग काब लाश तोपस - सरग दाम

UNIT - 7

कछ ऐसी होती जो होती जब व दसर क साथ जाती तब वहो जाती इस तरह को (Affix) कहत

उदा ndash कछ िनर वालादो क होत - 1) 2)

ndash जो क आरभ लगाकर उसक अ लाकर कर उसकहत

उदा ndash अप + यश = अपयश ( )

उप + वन = उपवन(बगीचा)+ योग = ( )

अन + पढ़ = अनपढ़ ( पढ़ करक)

क + = (बरा )

ndash जो या क लगाकर उनक को बदल कहतउदा - बढ़ा + पा = बढ़ापा (बढ़ापा )

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+ = ( स )

िलखा + आवट = िलखावटबरा + ई = बराईदध + वाला = दधवालाबच + पन = बचपन

UNIT - 8

समासरखनवाला दो या दो स अिधक या पद िमलाकर जब एक या पद बनत

इस मल को समास कहत िमल को पद अथवा सामािसक पद कहतउदा - घोड का सवार ndash घडसवार

सा मख ndash

धन का पद - धनपदकाठ पतली ndash कठपतली

समास होन पर बीच तथा का लोप होता हउदा - धन का पद - धनपद ( lsquoकाrsquo का लोप होता ह)

समास1 समास दो का योग होता ह2 दो क मल स एक पद बनता ह3 दो क बीच का लोप होता ह4 दो कभी पहला पद होता ह और कभी दसरा पद होता ह5 समास जडत तो क का होता ह

उदा ndash का = + =

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समास औरसमास दो का योग होता ह दो का योग होता ह क

होत होन पर दो क सयोग स पद भी िमल जात समासवाल औरसमास हो सकता हउदा ndash पीता र दो पद ह ndash lsquoपीतrsquo और lsquo rsquo करन पर इस तरह होता ह ndash पीत +

= समास करन पर lsquoपीत ह जो rsquo =

कवल होती ह समास होता ह क तोडनको द कहत समास क तोडन को कहत

ndash क को अलग अलग अपनी क रखकर उनक आपस क कोकरन को कहत

उदा ndash रातndash - इसका ह रात औरसमास क भद

समास क छः भद होत 1) 2) 3) 4) 5) 6)

1 समास ndash समास पहला हो उस समास कहत इसकापहला पद या पद होता ह

उदा ndash ( क अनसार)

आजीवन ( जीवन )

यथासमय (समय क अनसार)

2 समास ndash समास पद हो और समास करन पर पहली का लोपहो उस समास कहत

उदा ndash राजसभा (राज सभा)( को )

समास क दो भद ह ndash

1) 2) समानािधकरणi ndash पद का करन पर पहला और दसर

लगायी जाती हउदा ndash राज-सभा (राजा सभा)

पहल सबध कारक ह और दसर कारक ह

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क छः भद -

इस समास क पद कारक का लोप होता ह उसी कारक क अनसार इस समास कानाम होता ह ndash

१ ndash होती हउदा ndash ( को ndash को कारक ह)

२ करण - lsquoसrsquo हउदा ndash (अकाल स )

मनमाना (मन स माना हआ)

३ ndash lsquoक िलएrsquoउदा ndash रसोईघर (रसोई क िलए घर)

(हवन क िलए )

४ अपादान ndash lsquoसrsquo हउदा ndash ( स िगरा हआ)

(पद स )

(ऋण स )

५ सबध ndash lsquoकाrsquo lsquoकrsquo lsquo rsquo हउदा ndash सनापित (सना का पित)

राजमाता (राजा माता)( दश का )

६ अिधकरण ndash lsquo rsquo lsquoपरrsquo हउदा ndash वनवास (वन वास)

आपबीती (अपन आप पर बीती)( )

कभी कभी समास पद का लोप होता ह उस अलक कहतउदा ndash ( रहनवाला lsquo rsquo का लोप)

सरिसज (सर होनवाला lsquo rsquo का लोप)

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नञ ndash अभाव या िनषध का सिचत ककरनवाला lsquoअrsquo या lsquoअनrsquo लगान स बननवाल को lsquoनञrsquo

कहतउदा ndash ( जो न हो)

अनपढ़ ( न पढ़ा हआ)

अछता ( न छआ हआ)

उप पद ndash समास कोई उप पद न हो तथा बाद पद हो उस lsquoउप पद rsquo कहतउदा ndash जलज (जल ) ndash कलम

मनोज ndash (मन जात) - कामदवii समानािधकरण - समास क क बाद एक कारक

आती ह उस समानािधकरण अथवा कहत इस समास क पद उपमान- उपमय अथवाndash हउदा ndash नील कमल - नीला कमल

यहा नीला और कमल हम ndash घन (बादल) (काला) उपमान और उपमय

कभी कभी सबध बतानवाल बीच क पद का लोप भी होता ह lsquo rsquo समासपहल का दसर स सबध बतानवाल बीच क पद का लोप होता ह उस समास कहत

iii समास ndash समास क होता ह और समदाय का बोधहोता ह उस समास कहत

उदा ndash (तीन का समाहार)

चौमासा (चार का समह)

iv समास ndash समास होत और करन पर और या अथवा योजकलगत उस समास कहत

उदा ndash ndash औरndash पाप और

तन-मन ndash तन और मनसमास क का िलग साधारणतया म क अनसार होता ह कभी कभी

हो तो उसी क अनसार िलग हो जाता हउदा ndash राजा-रानी आय

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समास एक स अिधक जडतउदा ndash माता ndash आय राम- आत थ

कभी कभी बहवचन - सचक क साथ भी पाया जाता हउदा ndash आपक लडक-

v ब समास ndash इस समास स कोई पद होता पर समास पद पदका होता ह इस समास कहत

उदा ndash र (पीत ह )

अनग ( ह अग - कामदव)

समास पद का पहला दसर क होता ह समासपद अपन स का होत ह कई पद भद स क

समास हउदा ndash मगलोचन - 1) मग क लोचन ndash

2) मग क समान लोचनवाला ndash समास- 1) पीला कपडा ndash

2) पीला ह अबर (कपडा) वह ( ndash समास)

Module lll

UNIT - 9

क िलग वचन कारक अथवा काल क अनसार होता ह

कहत औरया - क िलग वचन कारक अथवा काल क अनसार कोई

होता व ह सचक व ह सचक या ह

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UNIT - 10

(NOUN)वह ह या भाव को सिचत करता ह राम ( )

( ) ( ) क तीन ndash

a) (Proper Noun)

b) जाितवाचक (Common Noun)

c) भाववाचक ( Abstract Noun)

A ndash उस कहत एक का बोध होता हउदा ndash राम गगा

B जाितवाचक ndash जाितवाचक स एक जाित क सब का बोध होता हउदा - नगर सभा जल

स सभी जाित का बोध होता ह का य जाित क आधार पर होत

स सजातीय क समह को करत उस समहवाचक कहत उदा ndash सनास का बोध का बोध होता ह उस कहत

उदा - सोना पानी लोहाC भाववाचक ndash भाववाचक व क गण दोष कासचना होती ह

उदा - गण दोष ndash िमठास कटता नीचता- लडकपन यौवन दासता

भाव ndash शोक भयD जब गण को करत तब व जाितवाचक बनत

उदा ndash ह तम बनोइस स ह ndash पर रहनवाला यह जाितवाचक हकभी कभी जाितवाचक होती

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उदा ndash गािधजी कल यहा यहा गािधजी हE भाववाचक कभी कभी जाितवाचक क समान होती

उदा ndash हाथी और घोड बडा ह यहा चाल जाितवाचक हभाववाचक चार स बनती

a) जाितवाचक स ndash लडका ndash लडकपनndash

b) स ndash अह ndash अहकारअपना ndash अपनापन

c) स ndash चतर ndash चतराईमीठा ndash िमठास

d) स ndash चढ़ना ndash चढ़ाईसजाना ndash सजावटघबराना ndash घबराहट

F क समान होन वालउदा ndash का आधर गणी- ह यहा क समान होत उदा ndash का कहना

मानो lsquoबडाrsquo ह यह क पर होता हका

एक स अिधक स बनत क एक दसर क िमलन स का होता हक क होता ह इस कहत का िलग वचनऔर कारक क कारण होता ह

उदा ndash लड़का पठता ह ndash पठती ह ( िलग क कारण)

लड़का दौडता ह - लड़क दौडत (वचन क कारण)

लाओ ndash मज़ पर ह ( कारक क कारण)

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UNIT - 11

िलगक जाित का बोध होता ह उस िलग कहत दो िलग ndash और

a ndash जाित का बोध करानवाल को िलग कहत उदा ndash सीताb - जाित का बोध करानवाल को कहत उदा ndash लड़का नर राम

बदगी ह उदा ndash पड नगर ह उदा ndash लता

जो ह व ह उदा ndash भाई बलकई स क नर और मादा का बोध होता ह पर उनका एक िनयम

िलग स होता हndash कौआ चीता ndash कोयल चील मना

जाितभद करन किलए इनक साथ नर या मादा लगाना उदा ndash नर कौआ मादाकौआ नर चीता मादा चीता

क अत आ पा आव और पन हो होतउदा ndash बढ़ापा चढ़ाव लडकपन

क अत आई वट हट और ता हो व होतउदा ndash चढ़ाई सजावच सरलता

स बनान का िनयमक क अ को आ करन स ndash उदा ndash ndash बाल ndash बाला सत ndash सता तनज ndash

तनजा ख क अ को ई करन स ndash उदा ndash दव ndash दवी ndash कबतर ndash मग ndash

मगीग कछ क आ को ई करन स ndash उदा ndash रसा ndash रसी लडक़ा ndash

घ क आ को इया करन स ndash उदा ndash ndash बढ़ा ndash चहा ndash

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ङ या क क इन लगान स ndash उदा ndash सनार ndash

धोबी ndash कहार ndash

च कछ क नी या आनी लगान स ndash उदा ndash िसह ndash िसहनी महतर ndash महतरानी मोर ndash

मोरनीछ उपनामवाचक क क पर आइन लगान स ndash उदा ndash बाब ndash बबआइन

ठाकर ndash ठकराइन पाड ndash पाडाइन ज कछ क ndash उदा ndash ndashमाता ndashऔरत वर- वध मा ndash

बाप ndashभाई

स बनान का िनयमa कछ lsquoओईrsquo lsquoआवrsquo और lsquoऔराrsquo लगान स ndash

उदा ndash बहन ndash बहनाई ननद ndash ननदोई ndash िसल ndash िसलौरा b कछ क lsquoईrsquo को lsquoआrsquo करन स ndash

उदा ndash जीजी ndash जीजा झोली ndash झोला c कछ क lsquoईrsquo को lsquoअrsquo करन स ndash

उदा ndash ndash d क अत lsquoआrsquo लगान स ndash

उदा ndash

UNIT ndash 12

वचन (Number)स और क स स यह त हो वह एक क िलए होता ह या अिधक

क िलए इस वचन कहत वचन दो क होत ndash

1) एकवचन (Singular)

2) बहवचन (Plural)

1) एकवचनःस क स स एक का बोध करान वाला एकवचन हउदाः पढ़ती ह ( ndash एकवचन ह)

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2) बहवचनःस क स स एक स अिधक का बोध हो उस बहवचन कहतउदाः पढ़ती ( ndash बहवचन ह)

कभी कभी आदर क िलए एकवचन बहवचन क होतउदाः अब )बहवचन(

बहवचन बनान का िनयमः-)क ( क lsquoआrsquo क पर lsquoएrsquo लगा दन स एकवचन का बहवचन बन जाता ह

उदा ndash लड़का ndash लडक कपड़ा ndash कपड़ बटा ndash बट lsquo rsquo क सभी क (

) एक समान रहतक बहवचन बनान का िनयम

lsquo rsquo तथा lsquo rsquo क lsquoअrsquo lsquoआrsquo क पर lsquoएrsquo का करन स बहवचनबनाया जाता ह

उदाः ndash गाय ndash ndash रात ndash lsquo rsquo तथा lsquo rsquo क lsquoयाrsquo जोड़न स बहवचन िमलता ह इस lsquoईrsquo क

पर lsquoइrsquo होता हउदाः ndash ndash ndash

स क lsquoयाrsquo हो उनक lsquoयाrsquo क ऊपर कवल लगान पर-

उदाः ndash -

क बाद lsquoएrsquo या lsquo rsquo जोड़न स शष का बहवचन िमलता हउदाः लता ndash लताए -

)ग( िनयम -

)1( )बहवचन( सिचत करन क िलए कभी कभी क एकवचन क साथ गण लोग

जोडतउदा ndash पाठकगण बाब लोग

(2) कछ हमशा बहवचन बोल जातउदा ndash लोग होश

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3) जाितवाचक स ऐ हमशा बहवचन होती ह जब और भाववाचक काजब जाितवाचक क समान होता ह तब व बहवचन होता ह

उदा ndash भारत रावण कमी (यहा रावण जाितवाचक ह)

(4) जब जाितवाचक क समान होता ह तब व बहवचन क होतउदा ndash और क ह (जल बहवचन एव जाितवाचक ह)

UNIT - 13

कारक (Case)या क स उसका क क साथ होता ह उस

कारक कहतउदा ndash राम न रावण को माराइस lsquoनrsquo और lsquoकोrsquo इन क उसका सिचत होता हउदा ndash मारा - राम lsquoनrsquo

मारा ndash रावण lsquoकोrsquo इसिलए य कारककारक क आठ भद होत ndash

कारक - नकारक - को

करण कारक - सकारक - को

अपादान कारक - सकारक - का क

अिधकरण कारक - पर

सबोधन कारक - ह अर अपी अहो क कारक ndash (Nominative)

या क स करनवाला या का बोध होता ह उस कारक कहतlsquoनrsquo ह

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उदा ndash राम गयामोहन न खाया

lsquoरामrsquo और lsquoमोहनrsquo कारक ह न हक को सिचत करन क िलए कोई जाती ह

उदा ndash राम न िलखी ख कारक (Accusative)

या पर क का फल पडता ह उस कारक कहत उदा - राम न रावण को मारा

रावण मारा गया ह यहा lsquoरावणrsquo कारक ह lsquoकोrsquo हकभी कभी lsquoकोrsquo का लोप होता ह

उदा ndash राम न िलखायहा lsquoकोrsquo का लोप होता ह ऐसा भी होता ह - राम न को िलखा

ग करण कारक ( Instrumental)

क साधन का बोध करानवाल क को करण कारक कहत lsquoसrsquo ह उदा ndash

कलम स िलखतिलखन का साधन कलम ह कलम क िलखन होती ह

घ कारक ( Dative)

कारक का वह ह जो उस का बोध कराता ह िलए कोई कामlsquoकोrsquo lsquoक िलएrsquo ह

उदा ndash मोहन न राम को पाच मोहन न राम क िलए पाच

ङ अपादान कारक (Ablative)

का वह ह क स पथक होन का बोध हो उस अपादान कारककहत lsquoसrsquo ह

उदा ndash स िगरतयहा स का सिचत होता ह कारक और अपादान कारक lsquoसrsquo ह

करण कारक lsquoसrsquo साधन सिचत होता ह अपादान कारक lsquoसrsquo सिचत होता ह

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कलम स िलखता ह - करण कारकस आ रहा ह - अपादान कारक

च कारक (Genitive)

क स उसका स होता ह उस कारक कहतlsquoकाrsquo lsquoकrsquo lsquo rsquo

उदा ndash राम का घोडा राम क घोड राम बहन छ अिधकरण कारक (Locative)

क स क आधार का बोध होता ह उस अिधकरण कारक कहत lsquo rsquo

और lsquoपरrsquo उदा ndash शर जगल रहता ह

मज़ पर ह अिधकरण तीन क होत ndash

क कालािधकरण ndash का काल होता ह उस कालािधकरण कहत उदा ndash राम दोपहरस आयगा

ख भावािधकरण ndash क भाव क भावािधकरण होता ह उदा ndash शर को दखकरभय होता ह

ग ndash पर होती ह उस कहत उदा ndash मज़ पर ह कालवाचक और क सात कभी कभी लगती उदा ndash कल रात मसलधार हई ( कल रात मसलधार हई ndash lsquo rsquo का लोप)

ज सबोधन (Vocative)

क स को पकारना सिचत होता ह उस सबोधन कारक कहत हउदा ndash ह राम वहा मत आना

सबोधन कारक कोई ह उसको करन क िलए lsquoहrsquo lsquoअरrsquo कोलगाय जात

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UNIT - 14

( Pronoun)क उसक को करन क िलए का जाता ह

कहत उदा ndash राम जाता ह वह अपनी जाता हउसन कहा ndash लाना भल गया वह अपनी राम जगह हए ह

इसिलए ह को हटान क िलए का जाता हयोग क अनसार क पाच भद होत

1) - त यह वह (एव) हम तम य व आप (बव)

2) ndash यह वह (एव) य व (बव)

3) ndash कोई कछ (एव - बव)

4) ndash जो सो (एव - बव)

5) ndash कौन (एव - बव)

क ndash या लखक बोलत या िलखत समय या तो अपन कछ कहता ह या सननवालऔर पढ़नवाल क अथवा अपन और सननवाल को छोडकर क

कहत स बोलनवाल सननवाल और क कछ कहा जाए उस कोकहत

तीन क होत ndash औरndash बोलनवाला या िलखनवाला अपनिलए का करता ह उस

कहत (एव) हम (बव)ndash सननवाल या पढ़नवाल क िलए का होता ह उस कहत

जस ndashत तम और आप ndash क कछ कहा या िलखा जाए उसक िलए होन वाल को

कहत जस ndash यह वह (एव) य व (बव)और हम ह एकवचन ह हम बहवचन ह का हम

क बहवचन स ह यहा हम क पर होता ह हम का एकवचनऔर बहवचन होत

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त और तम क आदर क िलए आपका करत जस ndash तमयहा आओ इसी क पर आप यहा ए कभी कभी यह और वह क भी आप का

होता ह जस ndash आप मर कभी कभी आदर क िलए आप का करत बहवचन सिचत करन क िलए आप क साथ lsquoलोगrsquo

जोडा जाता ह जस ndash आप लोग यहािनजवाचक आप और चक आप भद होता ह िनजवाचक आप समान स एक वचन

और बहवचन आता ह जस ndash आप पढ़गा हम आपवह कवल बहवचन करत िनचवाचक आप तीन स

होत आप कवल और करतlsquoआपrsquo अकला जाता ह िनजवाचक आप तथा क साथ आता ह जस ndash त

आप कामकभी (2) आप भल अकला आ सकता ह जस ndash आप भला तो जग भला वह अपन आप समझ गया

व ऒर सकत जाता हसकतवाचक और िनदशवाचक भी कहत जस ndash यह वह य व

हम तम आप यह य व इन या क साथ अिधकताकरन क िलए lsquo rsquo lsquoईrsquo य जोडत झस ndash त आप

स या क बात का बोध न हो उसकहत जस ndash कोई कछ

a lsquoकोईrsquo का क िलए होता ह जस ndash बाहर स कोई आ रहा ह b जब का पता न होन पर ndash जस ndash अर कोई कमर ह

c क lsquoकोईrsquo लग तो उसका लगभग होता ह जस - कॉलज स कोई पाच सौभाग

d lsquoकोईrsquo जब दोहराया जाता ह तब को सिचत करता ह जस कोई कोई पर को रोकतe कोई क साथ एक लग जान पर सिचत करता ह जस ndash तम स कोई एक गा सकगा

कछ का अनिगनत क िलए होता ह जस ndash कछ हक िलए होता ह जस ndash पानी कछ ह

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कोई का क िलए होता ह और कछ का क िलए होता हघ वाचक

स दो और क बीच क का बोध हो उस वाचक कहतजो सो जस ndash आपन जो कहा सो हो गया

कभी कभी जो या सो स एक रहता ह जस जो गाता ह बात हङ ndash करन क िलए का होता ह कहत

उदा ndash आप सोचत आज कौन आएगाकौन का क िलए होता ह का क िलए होता ह जस ndash कौन

बोलगा थली हकभी कभी कौन का क िलए होता हजस - बाधा डालनवाल तम कौन होिभ किलए lsquoकौनrsquo को दोहरा भी जाता ह जस ndash कौन कौन लाएग

क कौन का होता ह जस - इसन कौन अपराधक िलए को दोहरा दता ह जस ndash राम न

का क भी होता ह जस ndash तम मझस लडोगका

वचन और कारक क कारण भी होत िलग क कारण होताका और एक स होता ह

सबोधन होतास क पर होता ह उसी क अनसार उस क िलग वचन भी होता ह

काकारक एकवचन बहवचन

हममझको मझ हमको

करण मझस हमसमझको मरिलएमझ हमको हमार िलए

अपादान मझस हमसमरामर हमारा हमार

अिधकरण मझपर हमपर

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तकरक एकवचन बहवचन

तन तम तमनतझको तझ तमको

करण तझस तमसतरातर

अिधकरण तझपर तमपर

वहकरक एकवचन बहवचन

वहउसन व

उसको उस उनकोकरण उसस उनस

उसक िलए उस उनक िलए

अपादान उसस उनसउसका उसक उनका उनक

अिधकरण उस पर उनपर

UNIT - 15

(Adjective)स या सिचत कर उस कहत जस ndash रशमी

कपडा लाल कमलबतलाई जाए उस कहत जस ndash लड़का

ह लड़का हजो क पहल आता ह उस कहत जस ndash फल

ह फल ह इसिलए यह ह

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जो क बाद आता ह उस कहत जस ndash वह लड़का बड़ा होिशयार ह लडका ह होिशयार ह क बाद आन क कारण यह ह

जो क साथ उसको करन क िलए होता ह उस समानािधकरण कहत जस ndash रामनाथ कहता ह

रामनाथ क साथ समानािधकरण ह चार क ndash

क गणवाचक (Adjectives of Quality)

ख (Adjectives of number)

ग (Adjective)

घ या (Demonstrative Adjective)

१ गणवाचकजो क गण रग आकार को बतलानवाल को गणवाचक कहत

जस ndash लबा सशील काला गोल गणवाचक क बदल बहधा क क भी आतजस ndash राजा ( का राजा )

जापानी कपड़ा (जापान का कपड़ा)गणवाचचक का होता ह तब उनका क समान होता ह

जस ndash न सच कहा ह२ - क गणना का बोध हो उस

कहत जस ndash एक दो पहला दसरा दगनाक तीन भद होत ndash

1) 2) 3) बोधक या बोधकndash इसस का बोध होता ह जस ndash चार आठ सात

क चार भद ndash

a गणनावाचक ndash गणनावाचक षण स गणना का बोध होता ह जस ndash एक चार फल सात

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गणनावाचक क साथ एक लगान स लगभग का होता ह जस ndash एक आदमी ndash

लगभग आदमी b ndash स क गणना का होता ह जस ndash पहला

दसरा चौथाc ndash गणनावाचक क lsquoगनाrsquo लगान स बनत जस

ndash दगना ितगना ३ - स माप- तोल या का पता होता ह उस

कहत जस ndash दो सर चावल चार गज कपडा

क दो भद होत ndash

1) और 2)

ण - स का पता लगता हजौस - दो सर चावल

- स का पता नलगता ह जौस ndash बहत दध

४ या - स ऒर या सकत जाता ह उसकहत lsquoयहrsquo lsquoवहrsquo स जाता ह इसिलए इसकहत

जस ndash यह वह जब क हो तब वह बन जाता ह

जस ndash वह घर राम का ह कई ऐस मल जसा रहता ह

जस ndash वह यह क

भी िलग वचन और कारक क अनसार होता ह क िलग और कारक ककारण कछ होता ह

जस ndash काला कपड़ा - काला कपड़काला धोती - काला धोितया

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क साथ ई हो जातजस - काली धोती

क होता ह जो क होन परहोता ह जस ndash वह घोड़ा व घोड़

पथकता अथवा अिधकता क िलए को दहराता ह ndash

जस ndash छोट छोट फल लालका भी होता ह जस ndash बडा लड़का

गणवाचक और जब करत तब वह बन जात

जस ndash थोड़ा खा गया चावल बहत ह क साथ जब आता और व बन जात तब उनक साथ

भी लगती जस ndash को दान दो

UNIT - 16

(Verb)

काम क करन या होन का बोध हो उस कहतजस पढ़ना खाना दौडना पहनना

धात ndash क मल को धात कहत उदा- पढ़ना खलना खानाय सब मल धात lsquoपढ़rsquo lsquoखलrsquo lsquoखाrsquo ह मल धात lsquoनाrsquo जोडकर का िमलताह

i क आधार पर क दो भद होत - 1) 2)

1) (Transitive Verb) ndash क का फल को छोड पर पडता हउस कहत

उदा ndash राम पढ़ता ह

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राम ह ह और का पर पडता ह2) (Intransitive Verb) - क का फल पर पडता ह उस

कहत का अभाव हउदा ndash मोहन सोता ह

कभी कभी एक होता ह और कभी कभी दो भी होत एक होन वालको एक lsquo rsquo कहत

उदा ndash राम न खाना खायाखाना ह कवल एक होता ह दो होन वाली को

कहतउदा ndash मा न को दध

दो होत ndash lsquo rsquo और lsquoदधrsquo दो होत एक lsquo rsquo और दसराlsquoगौणrsquo

उदा ndash मा न को दधइस lsquoगौणrsquo ह दध lsquo rsquo ह lsquoगौणrsquo कभी कभी होता हउदा ndash न कथा सनाई

ii क भद1 - व होती ह आशय अथवा स परा होताको परा करन क िलए दसर होती ह ऐसी को कहतयह दो क होती ह१ ndash का अभाव हउदा ndash वह ह यहा क को परा करन क िलए जोडा गया ह२ ndash होन पर भी का भाव परा न हो उस को

कहतउदा ndash सीता न पढ़ाया

यहा परा सीता न lsquo rsquo पढ़ाया lsquo rsquo पढ़ाया यह परा इसिलए यहह यहा होन पर भी का भाव परा होता

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३ परक - को परा करन क िलए या पडती ह

परक कहत क परक lsquo परकrsquo तथा क परक lsquo परकrsquo

होतउदा ndash उस होिशयार समझता ह ( परक)

राम बलवान ह ( परक)

iii यौिगक धात ndashक स धातओ क दो भद होत 1) मल धात 2) यौिगक धात

मल धात - मल धात व जो दसर स न बन जस ndash कर बठ पढ़ यौिगक धात ndash यौिगक धात व जो दसर स बनाय जात उदा ndash खाना स नाम धात ndash जो या क आधार पर बनती ह उस नाम धात कहत

उदा ndash हाथ स हिथयानास

अपना स अपनानाiv - स यह जान पडता ह को न करक दसर को

करन दता ह उस (casual verbs) कहतउदा ndash राम न मोहन स िलखवाया यहा राम न िलखकर मोहन स िलखवाता ह इसिलए यह ह

करनवाल को और जाती ह उस कहतराम न मोहन स िलखवाया राम ह और मोहन हमल जो होती ह उनस और बन सकती हस और बन सकती उदा ndash दध पीता ह

पीना ह इसस बनती ह ndash मा को दध हस बना सकती ह उदा - मा नौकर स को दध ह

बनान का िनयममल धात क आ जोडन स और वा जोडन स या

बनती ह

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उदा ndash उठना ndash उठाना - उठवानाचलना ndash चलाना - चलवानापढ़ना ndash पढाना - पढ़वाना

दो क धातओ ए और औ को छोडकर पहला हो जाता हउदा ndash जागना ndash जगाना ndash जगवाना

भलना ndash भलाना - भलवानाछोडना ndash छडाना ndash छडवाना

धातओ क ला और लवा लगात तब हो जाता हउदा ndash पीना ndash ndash

सोना ndash सलाना ndash सलवानाखाना ndash -

v नाम धात - को छोडकर जोडन स जो धात बनती ह अथवा जो नाम (

या ) धात क समान होत नामधात कहत जो नामधात लगान सबनत आ ओऔर ला लगात पहला हो जाता ह

उदा ndash लाज ndash ndash लजानाहाथ ndash हिथया ndash हिथयानाझठ ndash झठला ndash झठलाना

UNIT - 17

काल (Tense)क स क होन का समय और अथवा का बोध हो उस काल

कहत काल क तीन भद होत1) भतकाल2) काल3) काल

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भतकालस का बोध हो उस भतकाल कहत

उदा ndash राम न िलखी भतकाल क छः भद - भत भत भत भत भत हत-हतमत भत

भत ndash क स भतकाल क समय का बोध न हो उस भत कहतउदा ndash मोहन न खत िलखायहा का बोध होता जो भतकाल हई ह भतकाल ndash क स का का समय अभी अभी हआ ह इसका बोध

होता ह उस भतकाल कहत उदा ndash राम न ह

इसस पहल अभी अभी हई हभत ndash क स यह होता ह क को हए बहत समय हो चका ह उसभत कहत

उदा ndash न दध थास हो क साथ lsquoथाrsquo lsquoथrsquo lsquoथीrsquo लगान स भतकािलक

िमलता हभत - क उस को भत कहत यह हो भतकाल हो थी पर

का पता न लग उस भतकाल कहतउदा - वह पढ़ रहा था वह सोता था

कब समा हआ इसका पता क साथ lsquoता थाrsquo lsquoत थrsquo lsquoरहा थाrsquo lsquoरह थrsquo लगानाभत काल ndash क स भतकाल सचना िमलती ह उसक होन कछ हो उसभत कहतउदा ndash वह आया होगा

उसन खाया होगा भतकाल हो थी ह क साथ lsquoहगाrsquo lsquoहगीrsquo lsquoहोगाrsquo lsquoहोगीrsquo

lsquo rsquo जोडन स भतकाल िमलता हहत-हतमत भतकाल ndash क स यह पाया जाय भतकाल होना सभव थाकारण स न हो सका उस हत-हतमत भतकाल कहत

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(Present Tense)

क को काल कहत रहती ह

होती उस काल कहतउदा ndash राम पढ़ता ह

सीता गीत गा हकाल तीन क होत ndash 1) काल 2) काल 3)

काल - वह ह स का काल होना पाया जाय

उस कहतउदा ndash मोहन पढ़ता ह

रमा गाती ह क साथ lsquoताrsquo lsquoतrsquo lsquoतीrsquo जोडन स बनत

- वह ह काल क होन पायाजायउदा ndash वह खाता होगा

सीता जाती होगी क साथ lsquoता होगाrsquo lsquoती होगीrsquo lsquoत rsquo lsquoती rsquo लगान स िमलत

ndash का वह ह यह होता ह का अभी ह

होता उस कहत उदा ndash वह खा रहा ह

चल हक साथ lsquoरहाrsquo lsquo rsquo lsquoरहrsquo जोडन स िमलती ह

काल ( Future Tense)

होनवाली को काल कहत काल क दो भद ndash 1)

काल 2) कालकाल ndash का वह ह स क आग होन सचना िमल उसकाल कहत

उदा ndash वह आयगा

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राम आज बबई जायगासीता कल घर आयगी

क साथ lsquoयगाrsquo lsquoयगीrsquo lsquoयगrsquo जोडन स िमलतकाल ndash क होन सभावना हो उस काल कहत

उदा ndash सभव ह आज हो स lsquoगाrsquo lsquoगrsquo lsquoगीrsquo पथक कर दन स काल िमलगा

UNIT ndash 18

(Voice)उस कहत यह जाना जाय का ह

ह या कवल भाव ह उस कहतउदा ndash राम न रावण को मारा

तीन क ndash 1) 2) 3) भाव- ह हमशा क िलग वचन और क अनसार होता ह

उस कहतउदा ndash लडका पढ़ता ह

लड़का ह और ग ह इसिलए भी होना हसीता िलखती ह इसम सीता ह इसिलए ह का सीधा स होताह

ndash क िलग वचन क अनसार हो उस कहतह का होता ह

उदा ndash राम िलखता हह इसिलए यह ह धानता होती ह और का

स होता ह क िलग वचन क अनसार बदलती ह हमशाहोता ह का होना ह

उदा ndash राम न रावण को मारा -

राम स रावण मारा गया -

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रावण ह ह क का ह गौण का रहता ह

उदा ndash मा न को दध मा स को दध गया

दो होत ndash और दध ndash भाव होती ह यह हमशा स बनता ह हमशा

एकवचन और होती ह इसका होता ह उदा ndash यहा बठा जाता

मझस पढ़ा जाता स या बनान

को भत क करना उसक साथ काल वचन और िलग कअनसार जाना क जोडन ऐसा करन स स औरक स भा बनती ह

उदा ndash 1) राम न रावण को मारा -

राम स रावण मारा गया -

2) राम रावण को मारगा -

राम स रावण मारा जायगा -

3) राम रावण को मारता ह -

राम स रावण मारा जाता -

पहल lsquoमाराrsquo भतकािलक ह इसिलए lsquoमाराrsquo क साथ lsquoजानाrsquo का भतकािलकजोडना

दसर lsquoमारगाrsquo काल ह इसिलए lsquoमाराrsquo भतकािलक बदलकरlsquoजानाrsquo का काल lsquoजायगाrsquo जोडना

तीसर काल ह को भतकािलक बदलकर (मारा) उसक साथजाना का (जाता) जोडना

स बन सकता हउदा ndash मोहन उठता ( )

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मोहन स उठा जाता - ( )

वीणा चलती ( )

वीणा स चला जाता - ( )

UNIT ndash 19

याअभी तक हमन क बार पढ़ िलया ह उनक िलग वचन और कारक क अनसार

आता ह इसिलए कहत का ह अब हम क दसरया क बार

चार क होत ndash 1) 2) बोधक 3) बोधक 4)

बोधक

UNIT ndash 20

ndash Adverbउस कहत होती ह

उदा - रमश चलता हइस lsquoचलनाrsquo ह ndash ह lsquo rsquo इसिलए lsquo rsquo ह

स क तीन भद ह - 1) साधारण 2) सयोजक 3) साधारण - साधारण वह ह होता ह साधारण या

कहत जस ndash खब पढ़ो दौडो सयोजक ndash का स या स होता ह सयोजक

कहत जस ndash जहा तक हम चल सक वहा तक ह

योजना का सयोजक स होता ह- का क

भद क साथ होता ह कहत

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जस ndash गह खाओग

कह तो लो होता ह व कवल गह खात और कछ खायगा इन

ह हो जान स का बदल जाता ह जस ndash वह काम करगा इसका यह ह जो काम उस ह कवल वह करगा और कछ

क आधार पर क चार भद होत ndash 1) कालवाचक 2) 3)

4)

कालवाचक ndash स समय अविध तथा काल का बोध होता ह कालवाचककहतजस ndash काम को अभी पढ़ना

आजकल रोज़ होती ह कभी कभी भी रात क समान लगता ह मोहन पढ़ाई सदा ह

अभी आजकल कभी कभी सदा कालवाचक ह ndash स क का बोध होता ह

कहत उदा ndash जहा तक जा सक वहा तक जाओ

जाओ और वहा लटो घर क सामन एक ह बाहर रोशनी भीतर अधरा

हाथ स मारत जहा वहा सामन बाहर भीतर ndash स अिधकता- का बोध होता ह

कहत जस ndash उतना पढ़ो हो

चावल थोडा खाओ खब खाना

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अपना थोडा खब

व क होन का ढ़ग का पता िमलता ह जस ndash राहल धीर धीर चलता ह

सीता मधरतम गाती ह यथा हम तथा िमलत

धीर धीर मधरतम यथा-तथा

UNIT - 21

बोधकबोधक ह जो या क साथ आकर उनका क

क साथ बनात उदा ndash धन क कोई काम न चलता

घर क नीच एक तालाब ह क पास एक भी ह

नीच पास बोधक ह क अनसार बोधक क दो भद होत ndash 1) 2)

क ndash य या क बाद आतउदा - घर क भीतर घर क पीछ घर ऒर

कारक भी आती ह जस का क कभी कभी अपादान कारक या भी आती ह

उदा ndash इनस पहल आया राम का मकान मोहन क घर स पर

lsquoसrsquo lsquoपरrsquo अपादान कारक क ndash यह स क क साथ आत

जस ndash दो तक राम रहगा

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घड भर पानी क िलए पाच दन ग lsquoतकrsquo lsquoभरrsquo सचक

UNIT - 22

( Conjunctions)योजक या व जो या न बतला कर एक या का

दसर या स जोडत बोधक कहतजस ndash सीता और गीता अपन घर गयी

सीता और गीता को िमलानवाला योजक lsquoऔरrsquo ह क तीन भद ndash 1) सयोजक 2) 3) भदबोधक

1) सयोजक ndash कई का सयोग करनवाल को सयोजक कहत इसक दो याका मल होता ह

उदा ndash और राम कल बबई और वहा उनक साथ मोहन भी lsquoऔरrsquo lsquoभीrsquo सयोजक ह

2) ndash जो का बोध कराए कहत जस ndash चाह दश सवा करनी या अथवा मानवीय को पहचानना

lsquoयाrsquo lsquoअथवाrsquo lsquoवाrsquo lsquoचाहrsquo को करनवाल ह 3) भदबोधक ndash दो स एक स भद बतलानवाल को भदबोधक कहत य कई क होत

क ndash दो म स पहल का िनषध या सिचत करत जस ndash

पर मगर वरन उदा ndash मझ वहा जाना था क कारण जा न सका

ख - कारणवाचक और उपदशमलक ndashइसिलए सो अतः इसिलए

इस क ह जस ndash राम समय पर आ न सका इसिलए जा न सका

ग सकतबोधक ndash ndash तो जो ndash तो प सकतबोधक ह जस ndash तम कहत तो जाता

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घ ndash इन पहली बात का और होता ह यान मानो यहा तक इस क ह

जस ndash कोई भी समय पर पहचा यहा तक भी 10 बज तक न आय क और दो भद होत ndash 1) समानािधकरण 2)

समानािधकरण ndash समान पद क या को जोडत जो एक क हो वसमानािधकरण धक कहत जस ndash क मा-बाप का अजीब ह समानािधकरण क चार उपभद होत ndash

1) सयोजक ndash और तथा भी एव 2) क ndash या वा अथवा चाह 3) ndash पर मगर 4) ndash इसिलए अतः

ndash को स जोडनवाल कोकहत

जस ndash आज नौकरानी आयगी वह बीमार ह क चार उपभद होत ndash

१ ndash यान मानो २ करणवाचक ndash जो इसिलए ३ उपदशवाचक - जो ४ सकतवाचक ndash - तो जो-तो -

4) ndash ndash स क शोक घणाको करनवाल को -बोधक कहत

जस ndash हाय अब अर आप कहा जा रह

ह राम करो को सिचत करन क िलए - लात

बोधक क सात भद ndash

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1) बोधक ndash वाह ndashवाह - आहा शबाश

2) शोक बोधक ndash आह ऊह हा-हा ndash

3) बोधक ndash अहो ऒह

4) अनमोदन बोधक ndash हा-हा वाह शबाश

5) बोधक ndash िछ हट अर िधक

6) ndash बहत हा जी हा7) सबोधन बोधक ndash अर र अपी अहो

कभी कभी भी हो जातजस ndash भगवान लो चप कभी कभी या भी होत जस ndash न हो बहत हो गया

जब क समान होत तब वह होता तब वमनोभाव को करात

जस ndash हाय हाय मचा रखी ह

सब लोग - पकार उठहाय ndash हाय - क समान ह इसिलए यह बोधक ह

UNIT - 23

क भद क स बनान का िनयम

क पर जायगास बनता ह एक या अिधक स बनता ह एक स अिधक स बनता

ह कहन या िलखनवाल का परा भाव हो जाय तो उस कहतजस ndash मोहन पढ़ता ह

राम िलखता ह इन स लखक का परा भाव होता ह

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ndash कछ ऐस होत और क रहन पर भी कहन या िलखनवाल का परा आशयहोता क समह को और क रहन पर भी जो कछ सनन

बनी रह कहत दो क होत ndash 1) 2)

क अधीन होतउदा ndash राम न कहा था वह कल पाठशाला जायगा

इस राम न कहा था - ह और कल पाठशाला जायगा तह इस और भी कहत

रखनवाल को कछ थोडा सा भाव करनवाल को कहतएक भावना होती ह

जस ndash तरह पढ़ना चलना

इन होता ह क म दो भाग होत 1) और 2)

ndash ( ) कछ होता ह उस कहतndash ( ) क जो कछ होता ह उस कहत

जस ndash मरा स भरा हआ ह मरा ह और स भरा हआ ह ह मरा ndash ह और मरा

उस का ह इसिलए ( ) और मरा का कहत हआ हह शष उसका ह

इस चार भाग हए ndash 1) ( ) 2) का 3) ( ) 4)

काचार भद ndash

क ndash राम गया ख ndash वह कह चका ग ndash फल

क भदक अनसार क आठ भद होत ndash

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1 ndash इस स बात का होना सिचत होता ह जस ndash भारत राजधानी ह

2 िनषधवाचक ndash का अभाव होता ह जस ndash क कछ भी पा सकत

3 ndash इस स सचना होती हजस - तम कल कालज

4 ndash इसस और उपदश का बोध होता ह जस ndash तरह पढ़ो

का भजन करो 5 ndash इसस का भाव सिचत होता ह जस ndash हाय राम को एक

लाख िमल 6 ndash इसस या सचना होती ह

जस ndash अक पा

7 ndash या सभावना सचना होती ह जस ndash आज होगी

8 - सकत सचना होती ह जस ndash हो तो

राम काम करगा रचना क आधार पर

रचना क आधार पर क तीन भद होत - 1) सरल या साधारण 2) और3)

१ सरल ndash एक और एक होता ह उस सरल कहतजस ndash मोहन िलखता ह ( मोहन और िलखता ह धय ह)

राम मज़ पर रखी ह ( ह और रखी ह ह)

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lsquoराम rsquo और lsquoमज़ परrsquo कवल और का ह २ - उस कहत एक हो और उसक एक या

अिधक हो उस कहतजस ndash जो करगा उस सफलता िमलगी जो करगा ndash ह उस सफलता िमलगी - ह

तीन क ndash 1) 2) 3)

1) ndash का क पर होता ह उसकहतजस ndash मरा ह तमन को मारा यह सच ह इस तमन को मारा ndash ह क पर आया ह इसिलए यह

ह 2) ndash जब कोई को क का काम दता ह तब उस

कहत जस ndash य उसी छा को जायगा जो रहगा

उसी स डरत जो खब मारता ह उसी जो ह

3) ndash जो क का काम दता ह उस कहत

जस ndash करता ह उतना फल िमलता ह जब तम कहोग सब कछ

जब ह ३ ndash दो या दो स अिधक योजक जड हो न

हो उस कहतजस ndash वह तरह पढ़ता था तो पास होता

दो या दो स अिधक सरल अथवा एक दसर पर न होता ह इसिलए यह

जस - कर चका (सरल )

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हम कर चक तो व आए ( )

और मरा मन ठड हो गया ( )

चार क होत ndash सयोजक सचक 1) सयोजक - एक दसर क साथ सयोजक जडा रहता ह

जस ndash वह आया और उसक साथ गया स िमलता ह और स होता ह

2) ndash का एक दसर स भद या का रहता ह जस ndash स बढ़ता ह स भरता ह वह खब खाता पर बडा होता

3) सचक ndash दो स एक को करना जस ndash मझ या राम को

4) अथवा हतसचक ndash एक दसर का होता हजस ndash तम आग पढ़ो पसा दगा मझ पसा िमला इसिलए

कभी कभी बीच योजक आत जस ndash मझ न बलाया आप आता ह जब को का या एक होता ह तो एक बार िलखा या कहा

जाता ह ऐस को सकिचत कहत जस ndash का और मन को भी दता ह

जो आसानी स समझकर छोड दत ऐस को कहत जस ndash आजकल सना ह बरसात क मौसम बखार सब फलाता ह

कहत रोज़ बढ़त रह पहल हमन होना था पर ह दसर लोग स होना पर होता ह

एक का दसर क बदल जा सकता ह मलकर सकत

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क सरल स ndash

उदा ndash सरल - राम न मोहन का - राम न उस को जो मोहन का था

ख स सरलndash उसन कहा पापी ह

सरल ndash उसन को पापी बताया ग सरल स

सरल ndash होन पर लोग खत जान लग - हआ और खत जान लग

घ स िनषध वाचक तथाndash मोहन सोहन स बडा ह

िनषध वाचक - मोहन सोहन स बडा ndash मोहन सोहन स बडा ह

UNIT ndash 24

और महावरव जो का अपना न बता कर कछ करत महावरा

कहत बोलचाल बहत आनवाला ऐसा बधा कोई अनभव बात और अलकतभाषा गई हो या कहावत कहाता ह जस ndash मर पट चह कद रह

जब स उनका लड़का मरा ह कमर टट गई ह वह इतना चालाक ह अपन मािलक को पर नचाता ह

इन lsquoपट चह कद रह rsquo lsquoकमर टट गई हrsquo lsquo पर नचाता हrsquo इन काउनक स ह यहा lsquoपट चह कदनrsquo का ह भख लगना lsquoकमर टटनrsquo का ह या

का न रहना तथा lsquo पर नचानrsquo का ह अपन वश रखना अतः य महावरकहलात

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इसी जब कोई आदमी काम करना न जानता हो परत अपन को िछपान क िलए बहान बनावतब कहा जाता ह ndash नाच न जान आगन टढ़ा

जब कोई आदमी अनक खाकर भी अपनी आदत न छोड़ तब कहा जाता ह दम सौतक नली रखो तो भी य बध हए और अनभव तथा अलकत भाषा कह गय अतः य

और क स भाषा तथा आती ह महावरदार भाषाबहत पसद जाती ह और कथन बड़ा होता ह

महावरअग-अग - बहत होनाअगठा - चीज़ को दन स क साथ करनाअध - सहाराअधरा घर का उजाला - एकलौता बटा

क घोड़ दौड़ाना - सोचनापर पड़ना - समझ न पाना

अपना सीधा करना ndash करनाआख उठाना - नीयत स दखनाआख खलाना - होश आना

चार होना - आख स आख िमलानानीची होना - होनापीली करना - नाराज़ होना

आकाश पाताल का ndash बहत भदआग घी डालना - बढ़ानाआसमान िसर पर उठाना - बहत कोलाहल करना

स बजाना - करनाईद का चाद होना - िचरकाल पीछ दनाउगली पर नचाना - वश रखना

गगा बहाना - बात करना

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कमर टट जाना - िनराश हो जानाकान भरना - चगली करना

मौत मरना - बहत तरह स मरनाखाक उड़ाना खाक िमलाना - बरबाद होनागड़ गोबर कर दना - काम दनाघर गगा - दौड़-धप कघाट घाट का पानी पीना - जहा तहा का अनभव करनाचाद पर थकना - करना और फलतः होनाचार चादनी - थोड़ का सख

का दध याद आना - सब सख भल जाना सकट आ पड़नाजमीन पर पर न पड़ना - बहत अिभमान होनाजल भन कर कोयला होना - पागल हो जानाटस स मस न होना - भी नटाग अड़ाना - बाधा डालनाटोपी उछालना - िनरादर करनाितनका पकड़ना - मागनाितन का ताड़ करना - बात बढ़ानाथक कर चाटना - वचन दकर जाना

तल उगली दबाना - करनादम तोडना - मर जाना

दना रात चौगना होना - खब होनाधप बाल सफद करना - अनभव आय दनानमक लगाना - बात को बढ़ा कर कहनानाक कटना - बदनामी होनानाक चढ़ाना - घणा करनानीला पीला होना - आना

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नौ-दो होना - भाग जानाउछालना - करना

- बातपरदा डालना - िछपानापहाड टट पड़ना - आनापट चह कदना - खब भख लगना

तल स ज़मीन िनकल जाना - होश उड़ जानाफक-फक कर कदम रखना - सोच-समझ कर काम करनाबगला भगत -

उछलना - खब खश होनाबाज़ार पर होना - काम पर होनाबात का धनी - वायद काबाल खाल उतारना - करनाबाल पकना - बढ़ा होजाना अनभव करनाबाल बाल बचना - हािन पहचन जरा- सी कसर रह जानाबगार टालना - लगाकर काम न करनाबोली मारना - क कहनाभनक पड़ना - खबर द जानाभाड़ - समय गवाना

मारना - बकारचस - बहत कजसपर मारना - का नकल करना

मगज चाटना - तग करनामाथा ठनकना - आशका होनामारा मारा - होनामह-तोड़ जवाब दना - परा-परा जवाब दना

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मह फक हो जाना - चहर का रग उतर जानामह पानी भर आना - खान को ललचानामह लगाना - अिधक द दना

गरम करना - दनाराई का पहाड़ बनाना - बात को बढ़ाकर कहनारात- - हमशालका काड होना - खब मारपीट होनालबी-चौ हाकना - करना

होना - होनालह क घट पीना - करनालह पसीना एक करना - बहत करनालोह क चना चबाना - काम करनाशतान क कान कतरना - बहत चालाक होना

करना - करनाबाग - बहकाना

समझ पर पड़ना - होनाबठना - जमाना

िसतारा चमकना - उदय होनािसर पर खन सवार होना - जान लन पर होनािसर पर हाथ धरना - सहायता करनासौ बात एक बात - िनचोड़

करना - फक डालनाहसी उड़ाना - करनाहाथ मल -

हाथ पर हाथ धर बठना - बठनाहाथ पसारना - मागना

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हाथ-पर मारना - करनाहाथ साफ करना - बईमानी स ठगना

पानी करना - करनाहोश उड़ना - भय या आशका स दखी होना

अत गता सो मता - वहकान राजा - थोड़ा पढ़ िलख का मान होता ह

आख क गाठ क पर - पर धनवानआप मर जग परल - ह तो ससार ह

चोर कोतवाल को डाट - अपराध करक को डाटनाऊची दकान पकवान - काम करनाएक अनार सौ बीमार - जब एक चीज़ क बहत स तब कहा जाता हएक पथ दो काज - एक काम करन स दो का लाभ होनाकाला बराबर -

घर का लका ढ़ाह - फट स घर नाश होता हिचराग तल अधरा - पास घटना क होन पर भी उसका न होना या

ऐस पर बराई का होना जहा उसक रोकन का होचोर ितनका - पापी डर जाता हजाग सो पाव सोव तो खोव - सावधान रहन स लाभ होता ह

- बलवान का दबदबा रहता हजसा दश वसा भस - दश रह वसी करनीजसी करनी वसी भरनी - फल िमलता हतन को कपड़ा न पट को - बहतथोथा चना बाज घना - काम न करनवाला बकवास बहत करता हदाम बनाय काम - पस स सब काम हो जात

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धोबी का घर का न घाट का - जो एक पर जमकर काम न कर कभी एक लग और कभीदसर और सफल न हो उस कहा जाता ह

रहना मगर स बर - अधीन होकर रह और उसी स बर कर तो गज़ारा चलता हन रहगा बास न बाजगी - नकसान हो उसका नाश कर दना हनाच न जान आगन टढ़ा - काम करन न होन पर दसर को दोष दना नीम जान का खतरा - अधरा हािनकारक होता हनौ नगद न तरह उधार - उधार सौदा दनामान न मान तरा महमान - गल पड़नािमया जती िमया क िसर - स उसी हािन करनासौ सयान एक मत - सभी अथवा एक सलाह होती हहाथ कगन को आरसी - क िलए और हाथी क दात खान क और क और - कहना कछ और करना कछ औरहोनहार क होत चीकन पात - होनहार क पहल स जात

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ndash अपनी हो उनक क करन स कछ होता ऐसको कहत

उदा ndash धन घोडायौिगक ndash जो दो या दो स अिधक क योग स बनत यौिगक कहत

उदा ndash राज + महल = राजमहल+ =

ndash जो दो या दो स अिधक क मल स बनत हो को िछपाकरका बोध करात हो कहत

उदा - पकज = पक + ज (पकज का ह स इसका ह कमल)दशमख = दस + मख (दशमख का ह दस इसका ह रावण)

2 स क तीन भद - 1) वाचक 2) 3) या साकितकवाचक ndash जब उसी बोला या िलखा जाय और िलए बना ह तब उस वाचक कहत

उदा ndash गधा एक जानवर ह ( lsquoगधाrsquo वाचक ह)ndash जब कोई उसका न बतलाकर अपन या गण का बोध करानवाल कोकहत

राम एक गधा ह (यहा गधा का ह lsquo rsquo इस का होता ह ndash राम एक ह)

ndash जो स क करता ह और गढ़ स दसरा सिचतउदा - हो गया ( ह इसका होता ह lsquo समयrsquo)

3 स क भद ndash

क आधार पर क चार भद - 1) 2) 3) दशज 4)

ndash क जो करक का होत उसकहत उदा ndash वाय

ndash व जो स पर कछ करक करतउदा ndash -

- आसरा- आग- आस- सच

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दशज ndash य स बन क अनसार य क क

स बनउदा ndash पट

ndash य भारतीय भाषाओ क कई भाषाओ जस अरबी फारसी सकरत

उदा - स ndash िसनमा

अरबी स - मौलवी अदालत दिनया अमीरफारसी स ndash बाग आदमी चाक कारखाना

स - दारोग काब लाश तोपस - सरग दाम

UNIT - 7

कछ ऐसी होती जो होती जब व दसर क साथ जाती तब वहो जाती इस तरह को (Affix) कहत

उदा ndash कछ िनर वालादो क होत - 1) 2)

ndash जो क आरभ लगाकर उसक अ लाकर कर उसकहत

उदा ndash अप + यश = अपयश ( )

उप + वन = उपवन(बगीचा)+ योग = ( )

अन + पढ़ = अनपढ़ ( पढ़ करक)

क + = (बरा )

ndash जो या क लगाकर उनक को बदल कहतउदा - बढ़ा + पा = बढ़ापा (बढ़ापा )

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+ = ( स )

िलखा + आवट = िलखावटबरा + ई = बराईदध + वाला = दधवालाबच + पन = बचपन

UNIT - 8

समासरखनवाला दो या दो स अिधक या पद िमलाकर जब एक या पद बनत

इस मल को समास कहत िमल को पद अथवा सामािसक पद कहतउदा - घोड का सवार ndash घडसवार

सा मख ndash

धन का पद - धनपदकाठ पतली ndash कठपतली

समास होन पर बीच तथा का लोप होता हउदा - धन का पद - धनपद ( lsquoकाrsquo का लोप होता ह)

समास1 समास दो का योग होता ह2 दो क मल स एक पद बनता ह3 दो क बीच का लोप होता ह4 दो कभी पहला पद होता ह और कभी दसरा पद होता ह5 समास जडत तो क का होता ह

उदा ndash का = + =

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समास औरसमास दो का योग होता ह दो का योग होता ह क

होत होन पर दो क सयोग स पद भी िमल जात समासवाल औरसमास हो सकता हउदा ndash पीता र दो पद ह ndash lsquoपीतrsquo और lsquo rsquo करन पर इस तरह होता ह ndash पीत +

= समास करन पर lsquoपीत ह जो rsquo =

कवल होती ह समास होता ह क तोडनको द कहत समास क तोडन को कहत

ndash क को अलग अलग अपनी क रखकर उनक आपस क कोकरन को कहत

उदा ndash रातndash - इसका ह रात औरसमास क भद

समास क छः भद होत 1) 2) 3) 4) 5) 6)

1 समास ndash समास पहला हो उस समास कहत इसकापहला पद या पद होता ह

उदा ndash ( क अनसार)

आजीवन ( जीवन )

यथासमय (समय क अनसार)

2 समास ndash समास पद हो और समास करन पर पहली का लोपहो उस समास कहत

उदा ndash राजसभा (राज सभा)( को )

समास क दो भद ह ndash

1) 2) समानािधकरणi ndash पद का करन पर पहला और दसर

लगायी जाती हउदा ndash राज-सभा (राजा सभा)

पहल सबध कारक ह और दसर कारक ह

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क छः भद -

इस समास क पद कारक का लोप होता ह उसी कारक क अनसार इस समास कानाम होता ह ndash

१ ndash होती हउदा ndash ( को ndash को कारक ह)

२ करण - lsquoसrsquo हउदा ndash (अकाल स )

मनमाना (मन स माना हआ)

३ ndash lsquoक िलएrsquoउदा ndash रसोईघर (रसोई क िलए घर)

(हवन क िलए )

४ अपादान ndash lsquoसrsquo हउदा ndash ( स िगरा हआ)

(पद स )

(ऋण स )

५ सबध ndash lsquoकाrsquo lsquoकrsquo lsquo rsquo हउदा ndash सनापित (सना का पित)

राजमाता (राजा माता)( दश का )

६ अिधकरण ndash lsquo rsquo lsquoपरrsquo हउदा ndash वनवास (वन वास)

आपबीती (अपन आप पर बीती)( )

कभी कभी समास पद का लोप होता ह उस अलक कहतउदा ndash ( रहनवाला lsquo rsquo का लोप)

सरिसज (सर होनवाला lsquo rsquo का लोप)

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नञ ndash अभाव या िनषध का सिचत ककरनवाला lsquoअrsquo या lsquoअनrsquo लगान स बननवाल को lsquoनञrsquo

कहतउदा ndash ( जो न हो)

अनपढ़ ( न पढ़ा हआ)

अछता ( न छआ हआ)

उप पद ndash समास कोई उप पद न हो तथा बाद पद हो उस lsquoउप पद rsquo कहतउदा ndash जलज (जल ) ndash कलम

मनोज ndash (मन जात) - कामदवii समानािधकरण - समास क क बाद एक कारक

आती ह उस समानािधकरण अथवा कहत इस समास क पद उपमान- उपमय अथवाndash हउदा ndash नील कमल - नीला कमल

यहा नीला और कमल हम ndash घन (बादल) (काला) उपमान और उपमय

कभी कभी सबध बतानवाल बीच क पद का लोप भी होता ह lsquo rsquo समासपहल का दसर स सबध बतानवाल बीच क पद का लोप होता ह उस समास कहत

iii समास ndash समास क होता ह और समदाय का बोधहोता ह उस समास कहत

उदा ndash (तीन का समाहार)

चौमासा (चार का समह)

iv समास ndash समास होत और करन पर और या अथवा योजकलगत उस समास कहत

उदा ndash ndash औरndash पाप और

तन-मन ndash तन और मनसमास क का िलग साधारणतया म क अनसार होता ह कभी कभी

हो तो उसी क अनसार िलग हो जाता हउदा ndash राजा-रानी आय

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समास एक स अिधक जडतउदा ndash माता ndash आय राम- आत थ

कभी कभी बहवचन - सचक क साथ भी पाया जाता हउदा ndash आपक लडक-

v ब समास ndash इस समास स कोई पद होता पर समास पद पदका होता ह इस समास कहत

उदा ndash र (पीत ह )

अनग ( ह अग - कामदव)

समास पद का पहला दसर क होता ह समासपद अपन स का होत ह कई पद भद स क

समास हउदा ndash मगलोचन - 1) मग क लोचन ndash

2) मग क समान लोचनवाला ndash समास- 1) पीला कपडा ndash

2) पीला ह अबर (कपडा) वह ( ndash समास)

Module lll

UNIT - 9

क िलग वचन कारक अथवा काल क अनसार होता ह

कहत औरया - क िलग वचन कारक अथवा काल क अनसार कोई

होता व ह सचक व ह सचक या ह

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UNIT - 10

(NOUN)वह ह या भाव को सिचत करता ह राम ( )

( ) ( ) क तीन ndash

a) (Proper Noun)

b) जाितवाचक (Common Noun)

c) भाववाचक ( Abstract Noun)

A ndash उस कहत एक का बोध होता हउदा ndash राम गगा

B जाितवाचक ndash जाितवाचक स एक जाित क सब का बोध होता हउदा - नगर सभा जल

स सभी जाित का बोध होता ह का य जाित क आधार पर होत

स सजातीय क समह को करत उस समहवाचक कहत उदा ndash सनास का बोध का बोध होता ह उस कहत

उदा - सोना पानी लोहाC भाववाचक ndash भाववाचक व क गण दोष कासचना होती ह

उदा - गण दोष ndash िमठास कटता नीचता- लडकपन यौवन दासता

भाव ndash शोक भयD जब गण को करत तब व जाितवाचक बनत

उदा ndash ह तम बनोइस स ह ndash पर रहनवाला यह जाितवाचक हकभी कभी जाितवाचक होती

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उदा ndash गािधजी कल यहा यहा गािधजी हE भाववाचक कभी कभी जाितवाचक क समान होती

उदा ndash हाथी और घोड बडा ह यहा चाल जाितवाचक हभाववाचक चार स बनती

a) जाितवाचक स ndash लडका ndash लडकपनndash

b) स ndash अह ndash अहकारअपना ndash अपनापन

c) स ndash चतर ndash चतराईमीठा ndash िमठास

d) स ndash चढ़ना ndash चढ़ाईसजाना ndash सजावटघबराना ndash घबराहट

F क समान होन वालउदा ndash का आधर गणी- ह यहा क समान होत उदा ndash का कहना

मानो lsquoबडाrsquo ह यह क पर होता हका

एक स अिधक स बनत क एक दसर क िमलन स का होता हक क होता ह इस कहत का िलग वचनऔर कारक क कारण होता ह

उदा ndash लड़का पठता ह ndash पठती ह ( िलग क कारण)

लड़का दौडता ह - लड़क दौडत (वचन क कारण)

लाओ ndash मज़ पर ह ( कारक क कारण)

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UNIT - 11

िलगक जाित का बोध होता ह उस िलग कहत दो िलग ndash और

a ndash जाित का बोध करानवाल को िलग कहत उदा ndash सीताb - जाित का बोध करानवाल को कहत उदा ndash लड़का नर राम

बदगी ह उदा ndash पड नगर ह उदा ndash लता

जो ह व ह उदा ndash भाई बलकई स क नर और मादा का बोध होता ह पर उनका एक िनयम

िलग स होता हndash कौआ चीता ndash कोयल चील मना

जाितभद करन किलए इनक साथ नर या मादा लगाना उदा ndash नर कौआ मादाकौआ नर चीता मादा चीता

क अत आ पा आव और पन हो होतउदा ndash बढ़ापा चढ़ाव लडकपन

क अत आई वट हट और ता हो व होतउदा ndash चढ़ाई सजावच सरलता

स बनान का िनयमक क अ को आ करन स ndash उदा ndash ndash बाल ndash बाला सत ndash सता तनज ndash

तनजा ख क अ को ई करन स ndash उदा ndash दव ndash दवी ndash कबतर ndash मग ndash

मगीग कछ क आ को ई करन स ndash उदा ndash रसा ndash रसी लडक़ा ndash

घ क आ को इया करन स ndash उदा ndash ndash बढ़ा ndash चहा ndash

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ङ या क क इन लगान स ndash उदा ndash सनार ndash

धोबी ndash कहार ndash

च कछ क नी या आनी लगान स ndash उदा ndash िसह ndash िसहनी महतर ndash महतरानी मोर ndash

मोरनीछ उपनामवाचक क क पर आइन लगान स ndash उदा ndash बाब ndash बबआइन

ठाकर ndash ठकराइन पाड ndash पाडाइन ज कछ क ndash उदा ndash ndashमाता ndashऔरत वर- वध मा ndash

बाप ndashभाई

स बनान का िनयमa कछ lsquoओईrsquo lsquoआवrsquo और lsquoऔराrsquo लगान स ndash

उदा ndash बहन ndash बहनाई ननद ndash ननदोई ndash िसल ndash िसलौरा b कछ क lsquoईrsquo को lsquoआrsquo करन स ndash

उदा ndash जीजी ndash जीजा झोली ndash झोला c कछ क lsquoईrsquo को lsquoअrsquo करन स ndash

उदा ndash ndash d क अत lsquoआrsquo लगान स ndash

उदा ndash

UNIT ndash 12

वचन (Number)स और क स स यह त हो वह एक क िलए होता ह या अिधक

क िलए इस वचन कहत वचन दो क होत ndash

1) एकवचन (Singular)

2) बहवचन (Plural)

1) एकवचनःस क स स एक का बोध करान वाला एकवचन हउदाः पढ़ती ह ( ndash एकवचन ह)

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2) बहवचनःस क स स एक स अिधक का बोध हो उस बहवचन कहतउदाः पढ़ती ( ndash बहवचन ह)

कभी कभी आदर क िलए एकवचन बहवचन क होतउदाः अब )बहवचन(

बहवचन बनान का िनयमः-)क ( क lsquoआrsquo क पर lsquoएrsquo लगा दन स एकवचन का बहवचन बन जाता ह

उदा ndash लड़का ndash लडक कपड़ा ndash कपड़ बटा ndash बट lsquo rsquo क सभी क (

) एक समान रहतक बहवचन बनान का िनयम

lsquo rsquo तथा lsquo rsquo क lsquoअrsquo lsquoआrsquo क पर lsquoएrsquo का करन स बहवचनबनाया जाता ह

उदाः ndash गाय ndash ndash रात ndash lsquo rsquo तथा lsquo rsquo क lsquoयाrsquo जोड़न स बहवचन िमलता ह इस lsquoईrsquo क

पर lsquoइrsquo होता हउदाः ndash ndash ndash

स क lsquoयाrsquo हो उनक lsquoयाrsquo क ऊपर कवल लगान पर-

उदाः ndash -

क बाद lsquoएrsquo या lsquo rsquo जोड़न स शष का बहवचन िमलता हउदाः लता ndash लताए -

)ग( िनयम -

)1( )बहवचन( सिचत करन क िलए कभी कभी क एकवचन क साथ गण लोग

जोडतउदा ndash पाठकगण बाब लोग

(2) कछ हमशा बहवचन बोल जातउदा ndash लोग होश

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3) जाितवाचक स ऐ हमशा बहवचन होती ह जब और भाववाचक काजब जाितवाचक क समान होता ह तब व बहवचन होता ह

उदा ndash भारत रावण कमी (यहा रावण जाितवाचक ह)

(4) जब जाितवाचक क समान होता ह तब व बहवचन क होतउदा ndash और क ह (जल बहवचन एव जाितवाचक ह)

UNIT - 13

कारक (Case)या क स उसका क क साथ होता ह उस

कारक कहतउदा ndash राम न रावण को माराइस lsquoनrsquo और lsquoकोrsquo इन क उसका सिचत होता हउदा ndash मारा - राम lsquoनrsquo

मारा ndash रावण lsquoकोrsquo इसिलए य कारककारक क आठ भद होत ndash

कारक - नकारक - को

करण कारक - सकारक - को

अपादान कारक - सकारक - का क

अिधकरण कारक - पर

सबोधन कारक - ह अर अपी अहो क कारक ndash (Nominative)

या क स करनवाला या का बोध होता ह उस कारक कहतlsquoनrsquo ह

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उदा ndash राम गयामोहन न खाया

lsquoरामrsquo और lsquoमोहनrsquo कारक ह न हक को सिचत करन क िलए कोई जाती ह

उदा ndash राम न िलखी ख कारक (Accusative)

या पर क का फल पडता ह उस कारक कहत उदा - राम न रावण को मारा

रावण मारा गया ह यहा lsquoरावणrsquo कारक ह lsquoकोrsquo हकभी कभी lsquoकोrsquo का लोप होता ह

उदा ndash राम न िलखायहा lsquoकोrsquo का लोप होता ह ऐसा भी होता ह - राम न को िलखा

ग करण कारक ( Instrumental)

क साधन का बोध करानवाल क को करण कारक कहत lsquoसrsquo ह उदा ndash

कलम स िलखतिलखन का साधन कलम ह कलम क िलखन होती ह

घ कारक ( Dative)

कारक का वह ह जो उस का बोध कराता ह िलए कोई कामlsquoकोrsquo lsquoक िलएrsquo ह

उदा ndash मोहन न राम को पाच मोहन न राम क िलए पाच

ङ अपादान कारक (Ablative)

का वह ह क स पथक होन का बोध हो उस अपादान कारककहत lsquoसrsquo ह

उदा ndash स िगरतयहा स का सिचत होता ह कारक और अपादान कारक lsquoसrsquo ह

करण कारक lsquoसrsquo साधन सिचत होता ह अपादान कारक lsquoसrsquo सिचत होता ह

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कलम स िलखता ह - करण कारकस आ रहा ह - अपादान कारक

च कारक (Genitive)

क स उसका स होता ह उस कारक कहतlsquoकाrsquo lsquoकrsquo lsquo rsquo

उदा ndash राम का घोडा राम क घोड राम बहन छ अिधकरण कारक (Locative)

क स क आधार का बोध होता ह उस अिधकरण कारक कहत lsquo rsquo

और lsquoपरrsquo उदा ndash शर जगल रहता ह

मज़ पर ह अिधकरण तीन क होत ndash

क कालािधकरण ndash का काल होता ह उस कालािधकरण कहत उदा ndash राम दोपहरस आयगा

ख भावािधकरण ndash क भाव क भावािधकरण होता ह उदा ndash शर को दखकरभय होता ह

ग ndash पर होती ह उस कहत उदा ndash मज़ पर ह कालवाचक और क सात कभी कभी लगती उदा ndash कल रात मसलधार हई ( कल रात मसलधार हई ndash lsquo rsquo का लोप)

ज सबोधन (Vocative)

क स को पकारना सिचत होता ह उस सबोधन कारक कहत हउदा ndash ह राम वहा मत आना

सबोधन कारक कोई ह उसको करन क िलए lsquoहrsquo lsquoअरrsquo कोलगाय जात

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UNIT - 14

( Pronoun)क उसक को करन क िलए का जाता ह

कहत उदा ndash राम जाता ह वह अपनी जाता हउसन कहा ndash लाना भल गया वह अपनी राम जगह हए ह

इसिलए ह को हटान क िलए का जाता हयोग क अनसार क पाच भद होत

1) - त यह वह (एव) हम तम य व आप (बव)

2) ndash यह वह (एव) य व (बव)

3) ndash कोई कछ (एव - बव)

4) ndash जो सो (एव - बव)

5) ndash कौन (एव - बव)

क ndash या लखक बोलत या िलखत समय या तो अपन कछ कहता ह या सननवालऔर पढ़नवाल क अथवा अपन और सननवाल को छोडकर क

कहत स बोलनवाल सननवाल और क कछ कहा जाए उस कोकहत

तीन क होत ndash औरndash बोलनवाला या िलखनवाला अपनिलए का करता ह उस

कहत (एव) हम (बव)ndash सननवाल या पढ़नवाल क िलए का होता ह उस कहत

जस ndashत तम और आप ndash क कछ कहा या िलखा जाए उसक िलए होन वाल को

कहत जस ndash यह वह (एव) य व (बव)और हम ह एकवचन ह हम बहवचन ह का हम

क बहवचन स ह यहा हम क पर होता ह हम का एकवचनऔर बहवचन होत

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त और तम क आदर क िलए आपका करत जस ndash तमयहा आओ इसी क पर आप यहा ए कभी कभी यह और वह क भी आप का

होता ह जस ndash आप मर कभी कभी आदर क िलए आप का करत बहवचन सिचत करन क िलए आप क साथ lsquoलोगrsquo

जोडा जाता ह जस ndash आप लोग यहािनजवाचक आप और चक आप भद होता ह िनजवाचक आप समान स एक वचन

और बहवचन आता ह जस ndash आप पढ़गा हम आपवह कवल बहवचन करत िनचवाचक आप तीन स

होत आप कवल और करतlsquoआपrsquo अकला जाता ह िनजवाचक आप तथा क साथ आता ह जस ndash त

आप कामकभी (2) आप भल अकला आ सकता ह जस ndash आप भला तो जग भला वह अपन आप समझ गया

व ऒर सकत जाता हसकतवाचक और िनदशवाचक भी कहत जस ndash यह वह य व

हम तम आप यह य व इन या क साथ अिधकताकरन क िलए lsquo rsquo lsquoईrsquo य जोडत झस ndash त आप

स या क बात का बोध न हो उसकहत जस ndash कोई कछ

a lsquoकोईrsquo का क िलए होता ह जस ndash बाहर स कोई आ रहा ह b जब का पता न होन पर ndash जस ndash अर कोई कमर ह

c क lsquoकोईrsquo लग तो उसका लगभग होता ह जस - कॉलज स कोई पाच सौभाग

d lsquoकोईrsquo जब दोहराया जाता ह तब को सिचत करता ह जस कोई कोई पर को रोकतe कोई क साथ एक लग जान पर सिचत करता ह जस ndash तम स कोई एक गा सकगा

कछ का अनिगनत क िलए होता ह जस ndash कछ हक िलए होता ह जस ndash पानी कछ ह

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कोई का क िलए होता ह और कछ का क िलए होता हघ वाचक

स दो और क बीच क का बोध हो उस वाचक कहतजो सो जस ndash आपन जो कहा सो हो गया

कभी कभी जो या सो स एक रहता ह जस जो गाता ह बात हङ ndash करन क िलए का होता ह कहत

उदा ndash आप सोचत आज कौन आएगाकौन का क िलए होता ह का क िलए होता ह जस ndash कौन

बोलगा थली हकभी कभी कौन का क िलए होता हजस - बाधा डालनवाल तम कौन होिभ किलए lsquoकौनrsquo को दोहरा भी जाता ह जस ndash कौन कौन लाएग

क कौन का होता ह जस - इसन कौन अपराधक िलए को दोहरा दता ह जस ndash राम न

का क भी होता ह जस ndash तम मझस लडोगका

वचन और कारक क कारण भी होत िलग क कारण होताका और एक स होता ह

सबोधन होतास क पर होता ह उसी क अनसार उस क िलग वचन भी होता ह

काकारक एकवचन बहवचन

हममझको मझ हमको

करण मझस हमसमझको मरिलएमझ हमको हमार िलए

अपादान मझस हमसमरामर हमारा हमार

अिधकरण मझपर हमपर

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तकरक एकवचन बहवचन

तन तम तमनतझको तझ तमको

करण तझस तमसतरातर

अिधकरण तझपर तमपर

वहकरक एकवचन बहवचन

वहउसन व

उसको उस उनकोकरण उसस उनस

उसक िलए उस उनक िलए

अपादान उसस उनसउसका उसक उनका उनक

अिधकरण उस पर उनपर

UNIT - 15

(Adjective)स या सिचत कर उस कहत जस ndash रशमी

कपडा लाल कमलबतलाई जाए उस कहत जस ndash लड़का

ह लड़का हजो क पहल आता ह उस कहत जस ndash फल

ह फल ह इसिलए यह ह

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जो क बाद आता ह उस कहत जस ndash वह लड़का बड़ा होिशयार ह लडका ह होिशयार ह क बाद आन क कारण यह ह

जो क साथ उसको करन क िलए होता ह उस समानािधकरण कहत जस ndash रामनाथ कहता ह

रामनाथ क साथ समानािधकरण ह चार क ndash

क गणवाचक (Adjectives of Quality)

ख (Adjectives of number)

ग (Adjective)

घ या (Demonstrative Adjective)

१ गणवाचकजो क गण रग आकार को बतलानवाल को गणवाचक कहत

जस ndash लबा सशील काला गोल गणवाचक क बदल बहधा क क भी आतजस ndash राजा ( का राजा )

जापानी कपड़ा (जापान का कपड़ा)गणवाचचक का होता ह तब उनका क समान होता ह

जस ndash न सच कहा ह२ - क गणना का बोध हो उस

कहत जस ndash एक दो पहला दसरा दगनाक तीन भद होत ndash

1) 2) 3) बोधक या बोधकndash इसस का बोध होता ह जस ndash चार आठ सात

क चार भद ndash

a गणनावाचक ndash गणनावाचक षण स गणना का बोध होता ह जस ndash एक चार फल सात

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गणनावाचक क साथ एक लगान स लगभग का होता ह जस ndash एक आदमी ndash

लगभग आदमी b ndash स क गणना का होता ह जस ndash पहला

दसरा चौथाc ndash गणनावाचक क lsquoगनाrsquo लगान स बनत जस

ndash दगना ितगना ३ - स माप- तोल या का पता होता ह उस

कहत जस ndash दो सर चावल चार गज कपडा

क दो भद होत ndash

1) और 2)

ण - स का पता लगता हजौस - दो सर चावल

- स का पता नलगता ह जौस ndash बहत दध

४ या - स ऒर या सकत जाता ह उसकहत lsquoयहrsquo lsquoवहrsquo स जाता ह इसिलए इसकहत

जस ndash यह वह जब क हो तब वह बन जाता ह

जस ndash वह घर राम का ह कई ऐस मल जसा रहता ह

जस ndash वह यह क

भी िलग वचन और कारक क अनसार होता ह क िलग और कारक ककारण कछ होता ह

जस ndash काला कपड़ा - काला कपड़काला धोती - काला धोितया

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क साथ ई हो जातजस - काली धोती

क होता ह जो क होन परहोता ह जस ndash वह घोड़ा व घोड़

पथकता अथवा अिधकता क िलए को दहराता ह ndash

जस ndash छोट छोट फल लालका भी होता ह जस ndash बडा लड़का

गणवाचक और जब करत तब वह बन जात

जस ndash थोड़ा खा गया चावल बहत ह क साथ जब आता और व बन जात तब उनक साथ

भी लगती जस ndash को दान दो

UNIT - 16

(Verb)

काम क करन या होन का बोध हो उस कहतजस पढ़ना खाना दौडना पहनना

धात ndash क मल को धात कहत उदा- पढ़ना खलना खानाय सब मल धात lsquoपढ़rsquo lsquoखलrsquo lsquoखाrsquo ह मल धात lsquoनाrsquo जोडकर का िमलताह

i क आधार पर क दो भद होत - 1) 2)

1) (Transitive Verb) ndash क का फल को छोड पर पडता हउस कहत

उदा ndash राम पढ़ता ह

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राम ह ह और का पर पडता ह2) (Intransitive Verb) - क का फल पर पडता ह उस

कहत का अभाव हउदा ndash मोहन सोता ह

कभी कभी एक होता ह और कभी कभी दो भी होत एक होन वालको एक lsquo rsquo कहत

उदा ndash राम न खाना खायाखाना ह कवल एक होता ह दो होन वाली को

कहतउदा ndash मा न को दध

दो होत ndash lsquo rsquo और lsquoदधrsquo दो होत एक lsquo rsquo और दसराlsquoगौणrsquo

उदा ndash मा न को दधइस lsquoगौणrsquo ह दध lsquo rsquo ह lsquoगौणrsquo कभी कभी होता हउदा ndash न कथा सनाई

ii क भद1 - व होती ह आशय अथवा स परा होताको परा करन क िलए दसर होती ह ऐसी को कहतयह दो क होती ह१ ndash का अभाव हउदा ndash वह ह यहा क को परा करन क िलए जोडा गया ह२ ndash होन पर भी का भाव परा न हो उस को

कहतउदा ndash सीता न पढ़ाया

यहा परा सीता न lsquo rsquo पढ़ाया lsquo rsquo पढ़ाया यह परा इसिलए यहह यहा होन पर भी का भाव परा होता

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३ परक - को परा करन क िलए या पडती ह

परक कहत क परक lsquo परकrsquo तथा क परक lsquo परकrsquo

होतउदा ndash उस होिशयार समझता ह ( परक)

राम बलवान ह ( परक)

iii यौिगक धात ndashक स धातओ क दो भद होत 1) मल धात 2) यौिगक धात

मल धात - मल धात व जो दसर स न बन जस ndash कर बठ पढ़ यौिगक धात ndash यौिगक धात व जो दसर स बनाय जात उदा ndash खाना स नाम धात ndash जो या क आधार पर बनती ह उस नाम धात कहत

उदा ndash हाथ स हिथयानास

अपना स अपनानाiv - स यह जान पडता ह को न करक दसर को

करन दता ह उस (casual verbs) कहतउदा ndash राम न मोहन स िलखवाया यहा राम न िलखकर मोहन स िलखवाता ह इसिलए यह ह

करनवाल को और जाती ह उस कहतराम न मोहन स िलखवाया राम ह और मोहन हमल जो होती ह उनस और बन सकती हस और बन सकती उदा ndash दध पीता ह

पीना ह इसस बनती ह ndash मा को दध हस बना सकती ह उदा - मा नौकर स को दध ह

बनान का िनयममल धात क आ जोडन स और वा जोडन स या

बनती ह

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उदा ndash उठना ndash उठाना - उठवानाचलना ndash चलाना - चलवानापढ़ना ndash पढाना - पढ़वाना

दो क धातओ ए और औ को छोडकर पहला हो जाता हउदा ndash जागना ndash जगाना ndash जगवाना

भलना ndash भलाना - भलवानाछोडना ndash छडाना ndash छडवाना

धातओ क ला और लवा लगात तब हो जाता हउदा ndash पीना ndash ndash

सोना ndash सलाना ndash सलवानाखाना ndash -

v नाम धात - को छोडकर जोडन स जो धात बनती ह अथवा जो नाम (

या ) धात क समान होत नामधात कहत जो नामधात लगान सबनत आ ओऔर ला लगात पहला हो जाता ह

उदा ndash लाज ndash ndash लजानाहाथ ndash हिथया ndash हिथयानाझठ ndash झठला ndash झठलाना

UNIT - 17

काल (Tense)क स क होन का समय और अथवा का बोध हो उस काल

कहत काल क तीन भद होत1) भतकाल2) काल3) काल

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भतकालस का बोध हो उस भतकाल कहत

उदा ndash राम न िलखी भतकाल क छः भद - भत भत भत भत भत हत-हतमत भत

भत ndash क स भतकाल क समय का बोध न हो उस भत कहतउदा ndash मोहन न खत िलखायहा का बोध होता जो भतकाल हई ह भतकाल ndash क स का का समय अभी अभी हआ ह इसका बोध

होता ह उस भतकाल कहत उदा ndash राम न ह

इसस पहल अभी अभी हई हभत ndash क स यह होता ह क को हए बहत समय हो चका ह उसभत कहत

उदा ndash न दध थास हो क साथ lsquoथाrsquo lsquoथrsquo lsquoथीrsquo लगान स भतकािलक

िमलता हभत - क उस को भत कहत यह हो भतकाल हो थी पर

का पता न लग उस भतकाल कहतउदा - वह पढ़ रहा था वह सोता था

कब समा हआ इसका पता क साथ lsquoता थाrsquo lsquoत थrsquo lsquoरहा थाrsquo lsquoरह थrsquo लगानाभत काल ndash क स भतकाल सचना िमलती ह उसक होन कछ हो उसभत कहतउदा ndash वह आया होगा

उसन खाया होगा भतकाल हो थी ह क साथ lsquoहगाrsquo lsquoहगीrsquo lsquoहोगाrsquo lsquoहोगीrsquo

lsquo rsquo जोडन स भतकाल िमलता हहत-हतमत भतकाल ndash क स यह पाया जाय भतकाल होना सभव थाकारण स न हो सका उस हत-हतमत भतकाल कहत

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(Present Tense)

क को काल कहत रहती ह

होती उस काल कहतउदा ndash राम पढ़ता ह

सीता गीत गा हकाल तीन क होत ndash 1) काल 2) काल 3)

काल - वह ह स का काल होना पाया जाय

उस कहतउदा ndash मोहन पढ़ता ह

रमा गाती ह क साथ lsquoताrsquo lsquoतrsquo lsquoतीrsquo जोडन स बनत

- वह ह काल क होन पायाजायउदा ndash वह खाता होगा

सीता जाती होगी क साथ lsquoता होगाrsquo lsquoती होगीrsquo lsquoत rsquo lsquoती rsquo लगान स िमलत

ndash का वह ह यह होता ह का अभी ह

होता उस कहत उदा ndash वह खा रहा ह

चल हक साथ lsquoरहाrsquo lsquo rsquo lsquoरहrsquo जोडन स िमलती ह

काल ( Future Tense)

होनवाली को काल कहत काल क दो भद ndash 1)

काल 2) कालकाल ndash का वह ह स क आग होन सचना िमल उसकाल कहत

उदा ndash वह आयगा

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राम आज बबई जायगासीता कल घर आयगी

क साथ lsquoयगाrsquo lsquoयगीrsquo lsquoयगrsquo जोडन स िमलतकाल ndash क होन सभावना हो उस काल कहत

उदा ndash सभव ह आज हो स lsquoगाrsquo lsquoगrsquo lsquoगीrsquo पथक कर दन स काल िमलगा

UNIT ndash 18

(Voice)उस कहत यह जाना जाय का ह

ह या कवल भाव ह उस कहतउदा ndash राम न रावण को मारा

तीन क ndash 1) 2) 3) भाव- ह हमशा क िलग वचन और क अनसार होता ह

उस कहतउदा ndash लडका पढ़ता ह

लड़का ह और ग ह इसिलए भी होना हसीता िलखती ह इसम सीता ह इसिलए ह का सीधा स होताह

ndash क िलग वचन क अनसार हो उस कहतह का होता ह

उदा ndash राम िलखता हह इसिलए यह ह धानता होती ह और का

स होता ह क िलग वचन क अनसार बदलती ह हमशाहोता ह का होना ह

उदा ndash राम न रावण को मारा -

राम स रावण मारा गया -

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रावण ह ह क का ह गौण का रहता ह

उदा ndash मा न को दध मा स को दध गया

दो होत ndash और दध ndash भाव होती ह यह हमशा स बनता ह हमशा

एकवचन और होती ह इसका होता ह उदा ndash यहा बठा जाता

मझस पढ़ा जाता स या बनान

को भत क करना उसक साथ काल वचन और िलग कअनसार जाना क जोडन ऐसा करन स स औरक स भा बनती ह

उदा ndash 1) राम न रावण को मारा -

राम स रावण मारा गया -

2) राम रावण को मारगा -

राम स रावण मारा जायगा -

3) राम रावण को मारता ह -

राम स रावण मारा जाता -

पहल lsquoमाराrsquo भतकािलक ह इसिलए lsquoमाराrsquo क साथ lsquoजानाrsquo का भतकािलकजोडना

दसर lsquoमारगाrsquo काल ह इसिलए lsquoमाराrsquo भतकािलक बदलकरlsquoजानाrsquo का काल lsquoजायगाrsquo जोडना

तीसर काल ह को भतकािलक बदलकर (मारा) उसक साथजाना का (जाता) जोडना

स बन सकता हउदा ndash मोहन उठता ( )

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मोहन स उठा जाता - ( )

वीणा चलती ( )

वीणा स चला जाता - ( )

UNIT ndash 19

याअभी तक हमन क बार पढ़ िलया ह उनक िलग वचन और कारक क अनसार

आता ह इसिलए कहत का ह अब हम क दसरया क बार

चार क होत ndash 1) 2) बोधक 3) बोधक 4)

बोधक

UNIT ndash 20

ndash Adverbउस कहत होती ह

उदा - रमश चलता हइस lsquoचलनाrsquo ह ndash ह lsquo rsquo इसिलए lsquo rsquo ह

स क तीन भद ह - 1) साधारण 2) सयोजक 3) साधारण - साधारण वह ह होता ह साधारण या

कहत जस ndash खब पढ़ो दौडो सयोजक ndash का स या स होता ह सयोजक

कहत जस ndash जहा तक हम चल सक वहा तक ह

योजना का सयोजक स होता ह- का क

भद क साथ होता ह कहत

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जस ndash गह खाओग

कह तो लो होता ह व कवल गह खात और कछ खायगा इन

ह हो जान स का बदल जाता ह जस ndash वह काम करगा इसका यह ह जो काम उस ह कवल वह करगा और कछ

क आधार पर क चार भद होत ndash 1) कालवाचक 2) 3)

4)

कालवाचक ndash स समय अविध तथा काल का बोध होता ह कालवाचककहतजस ndash काम को अभी पढ़ना

आजकल रोज़ होती ह कभी कभी भी रात क समान लगता ह मोहन पढ़ाई सदा ह

अभी आजकल कभी कभी सदा कालवाचक ह ndash स क का बोध होता ह

कहत उदा ndash जहा तक जा सक वहा तक जाओ

जाओ और वहा लटो घर क सामन एक ह बाहर रोशनी भीतर अधरा

हाथ स मारत जहा वहा सामन बाहर भीतर ndash स अिधकता- का बोध होता ह

कहत जस ndash उतना पढ़ो हो

चावल थोडा खाओ खब खाना

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अपना थोडा खब

व क होन का ढ़ग का पता िमलता ह जस ndash राहल धीर धीर चलता ह

सीता मधरतम गाती ह यथा हम तथा िमलत

धीर धीर मधरतम यथा-तथा

UNIT - 21

बोधकबोधक ह जो या क साथ आकर उनका क

क साथ बनात उदा ndash धन क कोई काम न चलता

घर क नीच एक तालाब ह क पास एक भी ह

नीच पास बोधक ह क अनसार बोधक क दो भद होत ndash 1) 2)

क ndash य या क बाद आतउदा - घर क भीतर घर क पीछ घर ऒर

कारक भी आती ह जस का क कभी कभी अपादान कारक या भी आती ह

उदा ndash इनस पहल आया राम का मकान मोहन क घर स पर

lsquoसrsquo lsquoपरrsquo अपादान कारक क ndash यह स क क साथ आत

जस ndash दो तक राम रहगा

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घड भर पानी क िलए पाच दन ग lsquoतकrsquo lsquoभरrsquo सचक

UNIT - 22

( Conjunctions)योजक या व जो या न बतला कर एक या का

दसर या स जोडत बोधक कहतजस ndash सीता और गीता अपन घर गयी

सीता और गीता को िमलानवाला योजक lsquoऔरrsquo ह क तीन भद ndash 1) सयोजक 2) 3) भदबोधक

1) सयोजक ndash कई का सयोग करनवाल को सयोजक कहत इसक दो याका मल होता ह

उदा ndash और राम कल बबई और वहा उनक साथ मोहन भी lsquoऔरrsquo lsquoभीrsquo सयोजक ह

2) ndash जो का बोध कराए कहत जस ndash चाह दश सवा करनी या अथवा मानवीय को पहचानना

lsquoयाrsquo lsquoअथवाrsquo lsquoवाrsquo lsquoचाहrsquo को करनवाल ह 3) भदबोधक ndash दो स एक स भद बतलानवाल को भदबोधक कहत य कई क होत

क ndash दो म स पहल का िनषध या सिचत करत जस ndash

पर मगर वरन उदा ndash मझ वहा जाना था क कारण जा न सका

ख - कारणवाचक और उपदशमलक ndashइसिलए सो अतः इसिलए

इस क ह जस ndash राम समय पर आ न सका इसिलए जा न सका

ग सकतबोधक ndash ndash तो जो ndash तो प सकतबोधक ह जस ndash तम कहत तो जाता

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घ ndash इन पहली बात का और होता ह यान मानो यहा तक इस क ह

जस ndash कोई भी समय पर पहचा यहा तक भी 10 बज तक न आय क और दो भद होत ndash 1) समानािधकरण 2)

समानािधकरण ndash समान पद क या को जोडत जो एक क हो वसमानािधकरण धक कहत जस ndash क मा-बाप का अजीब ह समानािधकरण क चार उपभद होत ndash

1) सयोजक ndash और तथा भी एव 2) क ndash या वा अथवा चाह 3) ndash पर मगर 4) ndash इसिलए अतः

ndash को स जोडनवाल कोकहत

जस ndash आज नौकरानी आयगी वह बीमार ह क चार उपभद होत ndash

१ ndash यान मानो २ करणवाचक ndash जो इसिलए ३ उपदशवाचक - जो ४ सकतवाचक ndash - तो जो-तो -

4) ndash ndash स क शोक घणाको करनवाल को -बोधक कहत

जस ndash हाय अब अर आप कहा जा रह

ह राम करो को सिचत करन क िलए - लात

बोधक क सात भद ndash

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1) बोधक ndash वाह ndashवाह - आहा शबाश

2) शोक बोधक ndash आह ऊह हा-हा ndash

3) बोधक ndash अहो ऒह

4) अनमोदन बोधक ndash हा-हा वाह शबाश

5) बोधक ndash िछ हट अर िधक

6) ndash बहत हा जी हा7) सबोधन बोधक ndash अर र अपी अहो

कभी कभी भी हो जातजस ndash भगवान लो चप कभी कभी या भी होत जस ndash न हो बहत हो गया

जब क समान होत तब वह होता तब वमनोभाव को करात

जस ndash हाय हाय मचा रखी ह

सब लोग - पकार उठहाय ndash हाय - क समान ह इसिलए यह बोधक ह

UNIT - 23

क भद क स बनान का िनयम

क पर जायगास बनता ह एक या अिधक स बनता ह एक स अिधक स बनता

ह कहन या िलखनवाल का परा भाव हो जाय तो उस कहतजस ndash मोहन पढ़ता ह

राम िलखता ह इन स लखक का परा भाव होता ह

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ndash कछ ऐस होत और क रहन पर भी कहन या िलखनवाल का परा आशयहोता क समह को और क रहन पर भी जो कछ सनन

बनी रह कहत दो क होत ndash 1) 2)

क अधीन होतउदा ndash राम न कहा था वह कल पाठशाला जायगा

इस राम न कहा था - ह और कल पाठशाला जायगा तह इस और भी कहत

रखनवाल को कछ थोडा सा भाव करनवाल को कहतएक भावना होती ह

जस ndash तरह पढ़ना चलना

इन होता ह क म दो भाग होत 1) और 2)

ndash ( ) कछ होता ह उस कहतndash ( ) क जो कछ होता ह उस कहत

जस ndash मरा स भरा हआ ह मरा ह और स भरा हआ ह ह मरा ndash ह और मरा

उस का ह इसिलए ( ) और मरा का कहत हआ हह शष उसका ह

इस चार भाग हए ndash 1) ( ) 2) का 3) ( ) 4)

काचार भद ndash

क ndash राम गया ख ndash वह कह चका ग ndash फल

क भदक अनसार क आठ भद होत ndash

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1 ndash इस स बात का होना सिचत होता ह जस ndash भारत राजधानी ह

2 िनषधवाचक ndash का अभाव होता ह जस ndash क कछ भी पा सकत

3 ndash इस स सचना होती हजस - तम कल कालज

4 ndash इसस और उपदश का बोध होता ह जस ndash तरह पढ़ो

का भजन करो 5 ndash इसस का भाव सिचत होता ह जस ndash हाय राम को एक

लाख िमल 6 ndash इसस या सचना होती ह

जस ndash अक पा

7 ndash या सभावना सचना होती ह जस ndash आज होगी

8 - सकत सचना होती ह जस ndash हो तो

राम काम करगा रचना क आधार पर

रचना क आधार पर क तीन भद होत - 1) सरल या साधारण 2) और3)

१ सरल ndash एक और एक होता ह उस सरल कहतजस ndash मोहन िलखता ह ( मोहन और िलखता ह धय ह)

राम मज़ पर रखी ह ( ह और रखी ह ह)

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lsquoराम rsquo और lsquoमज़ परrsquo कवल और का ह २ - उस कहत एक हो और उसक एक या

अिधक हो उस कहतजस ndash जो करगा उस सफलता िमलगी जो करगा ndash ह उस सफलता िमलगी - ह

तीन क ndash 1) 2) 3)

1) ndash का क पर होता ह उसकहतजस ndash मरा ह तमन को मारा यह सच ह इस तमन को मारा ndash ह क पर आया ह इसिलए यह

ह 2) ndash जब कोई को क का काम दता ह तब उस

कहत जस ndash य उसी छा को जायगा जो रहगा

उसी स डरत जो खब मारता ह उसी जो ह

3) ndash जो क का काम दता ह उस कहत

जस ndash करता ह उतना फल िमलता ह जब तम कहोग सब कछ

जब ह ३ ndash दो या दो स अिधक योजक जड हो न

हो उस कहतजस ndash वह तरह पढ़ता था तो पास होता

दो या दो स अिधक सरल अथवा एक दसर पर न होता ह इसिलए यह

जस - कर चका (सरल )

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हम कर चक तो व आए ( )

और मरा मन ठड हो गया ( )

चार क होत ndash सयोजक सचक 1) सयोजक - एक दसर क साथ सयोजक जडा रहता ह

जस ndash वह आया और उसक साथ गया स िमलता ह और स होता ह

2) ndash का एक दसर स भद या का रहता ह जस ndash स बढ़ता ह स भरता ह वह खब खाता पर बडा होता

3) सचक ndash दो स एक को करना जस ndash मझ या राम को

4) अथवा हतसचक ndash एक दसर का होता हजस ndash तम आग पढ़ो पसा दगा मझ पसा िमला इसिलए

कभी कभी बीच योजक आत जस ndash मझ न बलाया आप आता ह जब को का या एक होता ह तो एक बार िलखा या कहा

जाता ह ऐस को सकिचत कहत जस ndash का और मन को भी दता ह

जो आसानी स समझकर छोड दत ऐस को कहत जस ndash आजकल सना ह बरसात क मौसम बखार सब फलाता ह

कहत रोज़ बढ़त रह पहल हमन होना था पर ह दसर लोग स होना पर होता ह

एक का दसर क बदल जा सकता ह मलकर सकत

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क सरल स ndash

उदा ndash सरल - राम न मोहन का - राम न उस को जो मोहन का था

ख स सरलndash उसन कहा पापी ह

सरल ndash उसन को पापी बताया ग सरल स

सरल ndash होन पर लोग खत जान लग - हआ और खत जान लग

घ स िनषध वाचक तथाndash मोहन सोहन स बडा ह

िनषध वाचक - मोहन सोहन स बडा ndash मोहन सोहन स बडा ह

UNIT ndash 24

और महावरव जो का अपना न बता कर कछ करत महावरा

कहत बोलचाल बहत आनवाला ऐसा बधा कोई अनभव बात और अलकतभाषा गई हो या कहावत कहाता ह जस ndash मर पट चह कद रह

जब स उनका लड़का मरा ह कमर टट गई ह वह इतना चालाक ह अपन मािलक को पर नचाता ह

इन lsquoपट चह कद रह rsquo lsquoकमर टट गई हrsquo lsquo पर नचाता हrsquo इन काउनक स ह यहा lsquoपट चह कदनrsquo का ह भख लगना lsquoकमर टटनrsquo का ह या

का न रहना तथा lsquo पर नचानrsquo का ह अपन वश रखना अतः य महावरकहलात

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इसी जब कोई आदमी काम करना न जानता हो परत अपन को िछपान क िलए बहान बनावतब कहा जाता ह ndash नाच न जान आगन टढ़ा

जब कोई आदमी अनक खाकर भी अपनी आदत न छोड़ तब कहा जाता ह दम सौतक नली रखो तो भी य बध हए और अनभव तथा अलकत भाषा कह गय अतः य

और क स भाषा तथा आती ह महावरदार भाषाबहत पसद जाती ह और कथन बड़ा होता ह

महावरअग-अग - बहत होनाअगठा - चीज़ को दन स क साथ करनाअध - सहाराअधरा घर का उजाला - एकलौता बटा

क घोड़ दौड़ाना - सोचनापर पड़ना - समझ न पाना

अपना सीधा करना ndash करनाआख उठाना - नीयत स दखनाआख खलाना - होश आना

चार होना - आख स आख िमलानानीची होना - होनापीली करना - नाराज़ होना

आकाश पाताल का ndash बहत भदआग घी डालना - बढ़ानाआसमान िसर पर उठाना - बहत कोलाहल करना

स बजाना - करनाईद का चाद होना - िचरकाल पीछ दनाउगली पर नचाना - वश रखना

गगा बहाना - बात करना

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कमर टट जाना - िनराश हो जानाकान भरना - चगली करना

मौत मरना - बहत तरह स मरनाखाक उड़ाना खाक िमलाना - बरबाद होनागड़ गोबर कर दना - काम दनाघर गगा - दौड़-धप कघाट घाट का पानी पीना - जहा तहा का अनभव करनाचाद पर थकना - करना और फलतः होनाचार चादनी - थोड़ का सख

का दध याद आना - सब सख भल जाना सकट आ पड़नाजमीन पर पर न पड़ना - बहत अिभमान होनाजल भन कर कोयला होना - पागल हो जानाटस स मस न होना - भी नटाग अड़ाना - बाधा डालनाटोपी उछालना - िनरादर करनाितनका पकड़ना - मागनाितन का ताड़ करना - बात बढ़ानाथक कर चाटना - वचन दकर जाना

तल उगली दबाना - करनादम तोडना - मर जाना

दना रात चौगना होना - खब होनाधप बाल सफद करना - अनभव आय दनानमक लगाना - बात को बढ़ा कर कहनानाक कटना - बदनामी होनानाक चढ़ाना - घणा करनानीला पीला होना - आना

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नौ-दो होना - भाग जानाउछालना - करना

- बातपरदा डालना - िछपानापहाड टट पड़ना - आनापट चह कदना - खब भख लगना

तल स ज़मीन िनकल जाना - होश उड़ जानाफक-फक कर कदम रखना - सोच-समझ कर काम करनाबगला भगत -

उछलना - खब खश होनाबाज़ार पर होना - काम पर होनाबात का धनी - वायद काबाल खाल उतारना - करनाबाल पकना - बढ़ा होजाना अनभव करनाबाल बाल बचना - हािन पहचन जरा- सी कसर रह जानाबगार टालना - लगाकर काम न करनाबोली मारना - क कहनाभनक पड़ना - खबर द जानाभाड़ - समय गवाना

मारना - बकारचस - बहत कजसपर मारना - का नकल करना

मगज चाटना - तग करनामाथा ठनकना - आशका होनामारा मारा - होनामह-तोड़ जवाब दना - परा-परा जवाब दना

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मह फक हो जाना - चहर का रग उतर जानामह पानी भर आना - खान को ललचानामह लगाना - अिधक द दना

गरम करना - दनाराई का पहाड़ बनाना - बात को बढ़ाकर कहनारात- - हमशालका काड होना - खब मारपीट होनालबी-चौ हाकना - करना

होना - होनालह क घट पीना - करनालह पसीना एक करना - बहत करनालोह क चना चबाना - काम करनाशतान क कान कतरना - बहत चालाक होना

करना - करनाबाग - बहकाना

समझ पर पड़ना - होनाबठना - जमाना

िसतारा चमकना - उदय होनािसर पर खन सवार होना - जान लन पर होनािसर पर हाथ धरना - सहायता करनासौ बात एक बात - िनचोड़

करना - फक डालनाहसी उड़ाना - करनाहाथ मल -

हाथ पर हाथ धर बठना - बठनाहाथ पसारना - मागना

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हाथ-पर मारना - करनाहाथ साफ करना - बईमानी स ठगना

पानी करना - करनाहोश उड़ना - भय या आशका स दखी होना

अत गता सो मता - वहकान राजा - थोड़ा पढ़ िलख का मान होता ह

आख क गाठ क पर - पर धनवानआप मर जग परल - ह तो ससार ह

चोर कोतवाल को डाट - अपराध करक को डाटनाऊची दकान पकवान - काम करनाएक अनार सौ बीमार - जब एक चीज़ क बहत स तब कहा जाता हएक पथ दो काज - एक काम करन स दो का लाभ होनाकाला बराबर -

घर का लका ढ़ाह - फट स घर नाश होता हिचराग तल अधरा - पास घटना क होन पर भी उसका न होना या

ऐस पर बराई का होना जहा उसक रोकन का होचोर ितनका - पापी डर जाता हजाग सो पाव सोव तो खोव - सावधान रहन स लाभ होता ह

- बलवान का दबदबा रहता हजसा दश वसा भस - दश रह वसी करनीजसी करनी वसी भरनी - फल िमलता हतन को कपड़ा न पट को - बहतथोथा चना बाज घना - काम न करनवाला बकवास बहत करता हदाम बनाय काम - पस स सब काम हो जात

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धोबी का घर का न घाट का - जो एक पर जमकर काम न कर कभी एक लग और कभीदसर और सफल न हो उस कहा जाता ह

रहना मगर स बर - अधीन होकर रह और उसी स बर कर तो गज़ारा चलता हन रहगा बास न बाजगी - नकसान हो उसका नाश कर दना हनाच न जान आगन टढ़ा - काम करन न होन पर दसर को दोष दना नीम जान का खतरा - अधरा हािनकारक होता हनौ नगद न तरह उधार - उधार सौदा दनामान न मान तरा महमान - गल पड़नािमया जती िमया क िसर - स उसी हािन करनासौ सयान एक मत - सभी अथवा एक सलाह होती हहाथ कगन को आरसी - क िलए और हाथी क दात खान क और क और - कहना कछ और करना कछ औरहोनहार क होत चीकन पात - होनहार क पहल स जात

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दशज ndash य स बन क अनसार य क क

स बनउदा ndash पट

ndash य भारतीय भाषाओ क कई भाषाओ जस अरबी फारसी सकरत

उदा - स ndash िसनमा

अरबी स - मौलवी अदालत दिनया अमीरफारसी स ndash बाग आदमी चाक कारखाना

स - दारोग काब लाश तोपस - सरग दाम

UNIT - 7

कछ ऐसी होती जो होती जब व दसर क साथ जाती तब वहो जाती इस तरह को (Affix) कहत

उदा ndash कछ िनर वालादो क होत - 1) 2)

ndash जो क आरभ लगाकर उसक अ लाकर कर उसकहत

उदा ndash अप + यश = अपयश ( )

उप + वन = उपवन(बगीचा)+ योग = ( )

अन + पढ़ = अनपढ़ ( पढ़ करक)

क + = (बरा )

ndash जो या क लगाकर उनक को बदल कहतउदा - बढ़ा + पा = बढ़ापा (बढ़ापा )

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+ = ( स )

िलखा + आवट = िलखावटबरा + ई = बराईदध + वाला = दधवालाबच + पन = बचपन

UNIT - 8

समासरखनवाला दो या दो स अिधक या पद िमलाकर जब एक या पद बनत

इस मल को समास कहत िमल को पद अथवा सामािसक पद कहतउदा - घोड का सवार ndash घडसवार

सा मख ndash

धन का पद - धनपदकाठ पतली ndash कठपतली

समास होन पर बीच तथा का लोप होता हउदा - धन का पद - धनपद ( lsquoकाrsquo का लोप होता ह)

समास1 समास दो का योग होता ह2 दो क मल स एक पद बनता ह3 दो क बीच का लोप होता ह4 दो कभी पहला पद होता ह और कभी दसरा पद होता ह5 समास जडत तो क का होता ह

उदा ndash का = + =

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समास औरसमास दो का योग होता ह दो का योग होता ह क

होत होन पर दो क सयोग स पद भी िमल जात समासवाल औरसमास हो सकता हउदा ndash पीता र दो पद ह ndash lsquoपीतrsquo और lsquo rsquo करन पर इस तरह होता ह ndash पीत +

= समास करन पर lsquoपीत ह जो rsquo =

कवल होती ह समास होता ह क तोडनको द कहत समास क तोडन को कहत

ndash क को अलग अलग अपनी क रखकर उनक आपस क कोकरन को कहत

उदा ndash रातndash - इसका ह रात औरसमास क भद

समास क छः भद होत 1) 2) 3) 4) 5) 6)

1 समास ndash समास पहला हो उस समास कहत इसकापहला पद या पद होता ह

उदा ndash ( क अनसार)

आजीवन ( जीवन )

यथासमय (समय क अनसार)

2 समास ndash समास पद हो और समास करन पर पहली का लोपहो उस समास कहत

उदा ndash राजसभा (राज सभा)( को )

समास क दो भद ह ndash

1) 2) समानािधकरणi ndash पद का करन पर पहला और दसर

लगायी जाती हउदा ndash राज-सभा (राजा सभा)

पहल सबध कारक ह और दसर कारक ह

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क छः भद -

इस समास क पद कारक का लोप होता ह उसी कारक क अनसार इस समास कानाम होता ह ndash

१ ndash होती हउदा ndash ( को ndash को कारक ह)

२ करण - lsquoसrsquo हउदा ndash (अकाल स )

मनमाना (मन स माना हआ)

३ ndash lsquoक िलएrsquoउदा ndash रसोईघर (रसोई क िलए घर)

(हवन क िलए )

४ अपादान ndash lsquoसrsquo हउदा ndash ( स िगरा हआ)

(पद स )

(ऋण स )

५ सबध ndash lsquoकाrsquo lsquoकrsquo lsquo rsquo हउदा ndash सनापित (सना का पित)

राजमाता (राजा माता)( दश का )

६ अिधकरण ndash lsquo rsquo lsquoपरrsquo हउदा ndash वनवास (वन वास)

आपबीती (अपन आप पर बीती)( )

कभी कभी समास पद का लोप होता ह उस अलक कहतउदा ndash ( रहनवाला lsquo rsquo का लोप)

सरिसज (सर होनवाला lsquo rsquo का लोप)

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नञ ndash अभाव या िनषध का सिचत ककरनवाला lsquoअrsquo या lsquoअनrsquo लगान स बननवाल को lsquoनञrsquo

कहतउदा ndash ( जो न हो)

अनपढ़ ( न पढ़ा हआ)

अछता ( न छआ हआ)

उप पद ndash समास कोई उप पद न हो तथा बाद पद हो उस lsquoउप पद rsquo कहतउदा ndash जलज (जल ) ndash कलम

मनोज ndash (मन जात) - कामदवii समानािधकरण - समास क क बाद एक कारक

आती ह उस समानािधकरण अथवा कहत इस समास क पद उपमान- उपमय अथवाndash हउदा ndash नील कमल - नीला कमल

यहा नीला और कमल हम ndash घन (बादल) (काला) उपमान और उपमय

कभी कभी सबध बतानवाल बीच क पद का लोप भी होता ह lsquo rsquo समासपहल का दसर स सबध बतानवाल बीच क पद का लोप होता ह उस समास कहत

iii समास ndash समास क होता ह और समदाय का बोधहोता ह उस समास कहत

उदा ndash (तीन का समाहार)

चौमासा (चार का समह)

iv समास ndash समास होत और करन पर और या अथवा योजकलगत उस समास कहत

उदा ndash ndash औरndash पाप और

तन-मन ndash तन और मनसमास क का िलग साधारणतया म क अनसार होता ह कभी कभी

हो तो उसी क अनसार िलग हो जाता हउदा ndash राजा-रानी आय

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समास एक स अिधक जडतउदा ndash माता ndash आय राम- आत थ

कभी कभी बहवचन - सचक क साथ भी पाया जाता हउदा ndash आपक लडक-

v ब समास ndash इस समास स कोई पद होता पर समास पद पदका होता ह इस समास कहत

उदा ndash र (पीत ह )

अनग ( ह अग - कामदव)

समास पद का पहला दसर क होता ह समासपद अपन स का होत ह कई पद भद स क

समास हउदा ndash मगलोचन - 1) मग क लोचन ndash

2) मग क समान लोचनवाला ndash समास- 1) पीला कपडा ndash

2) पीला ह अबर (कपडा) वह ( ndash समास)

Module lll

UNIT - 9

क िलग वचन कारक अथवा काल क अनसार होता ह

कहत औरया - क िलग वचन कारक अथवा काल क अनसार कोई

होता व ह सचक व ह सचक या ह

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UNIT - 10

(NOUN)वह ह या भाव को सिचत करता ह राम ( )

( ) ( ) क तीन ndash

a) (Proper Noun)

b) जाितवाचक (Common Noun)

c) भाववाचक ( Abstract Noun)

A ndash उस कहत एक का बोध होता हउदा ndash राम गगा

B जाितवाचक ndash जाितवाचक स एक जाित क सब का बोध होता हउदा - नगर सभा जल

स सभी जाित का बोध होता ह का य जाित क आधार पर होत

स सजातीय क समह को करत उस समहवाचक कहत उदा ndash सनास का बोध का बोध होता ह उस कहत

उदा - सोना पानी लोहाC भाववाचक ndash भाववाचक व क गण दोष कासचना होती ह

उदा - गण दोष ndash िमठास कटता नीचता- लडकपन यौवन दासता

भाव ndash शोक भयD जब गण को करत तब व जाितवाचक बनत

उदा ndash ह तम बनोइस स ह ndash पर रहनवाला यह जाितवाचक हकभी कभी जाितवाचक होती

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उदा ndash गािधजी कल यहा यहा गािधजी हE भाववाचक कभी कभी जाितवाचक क समान होती

उदा ndash हाथी और घोड बडा ह यहा चाल जाितवाचक हभाववाचक चार स बनती

a) जाितवाचक स ndash लडका ndash लडकपनndash

b) स ndash अह ndash अहकारअपना ndash अपनापन

c) स ndash चतर ndash चतराईमीठा ndash िमठास

d) स ndash चढ़ना ndash चढ़ाईसजाना ndash सजावटघबराना ndash घबराहट

F क समान होन वालउदा ndash का आधर गणी- ह यहा क समान होत उदा ndash का कहना

मानो lsquoबडाrsquo ह यह क पर होता हका

एक स अिधक स बनत क एक दसर क िमलन स का होता हक क होता ह इस कहत का िलग वचनऔर कारक क कारण होता ह

उदा ndash लड़का पठता ह ndash पठती ह ( िलग क कारण)

लड़का दौडता ह - लड़क दौडत (वचन क कारण)

लाओ ndash मज़ पर ह ( कारक क कारण)

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UNIT - 11

िलगक जाित का बोध होता ह उस िलग कहत दो िलग ndash और

a ndash जाित का बोध करानवाल को िलग कहत उदा ndash सीताb - जाित का बोध करानवाल को कहत उदा ndash लड़का नर राम

बदगी ह उदा ndash पड नगर ह उदा ndash लता

जो ह व ह उदा ndash भाई बलकई स क नर और मादा का बोध होता ह पर उनका एक िनयम

िलग स होता हndash कौआ चीता ndash कोयल चील मना

जाितभद करन किलए इनक साथ नर या मादा लगाना उदा ndash नर कौआ मादाकौआ नर चीता मादा चीता

क अत आ पा आव और पन हो होतउदा ndash बढ़ापा चढ़ाव लडकपन

क अत आई वट हट और ता हो व होतउदा ndash चढ़ाई सजावच सरलता

स बनान का िनयमक क अ को आ करन स ndash उदा ndash ndash बाल ndash बाला सत ndash सता तनज ndash

तनजा ख क अ को ई करन स ndash उदा ndash दव ndash दवी ndash कबतर ndash मग ndash

मगीग कछ क आ को ई करन स ndash उदा ndash रसा ndash रसी लडक़ा ndash

घ क आ को इया करन स ndash उदा ndash ndash बढ़ा ndash चहा ndash

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ङ या क क इन लगान स ndash उदा ndash सनार ndash

धोबी ndash कहार ndash

च कछ क नी या आनी लगान स ndash उदा ndash िसह ndash िसहनी महतर ndash महतरानी मोर ndash

मोरनीछ उपनामवाचक क क पर आइन लगान स ndash उदा ndash बाब ndash बबआइन

ठाकर ndash ठकराइन पाड ndash पाडाइन ज कछ क ndash उदा ndash ndashमाता ndashऔरत वर- वध मा ndash

बाप ndashभाई

स बनान का िनयमa कछ lsquoओईrsquo lsquoआवrsquo और lsquoऔराrsquo लगान स ndash

उदा ndash बहन ndash बहनाई ननद ndash ननदोई ndash िसल ndash िसलौरा b कछ क lsquoईrsquo को lsquoआrsquo करन स ndash

उदा ndash जीजी ndash जीजा झोली ndash झोला c कछ क lsquoईrsquo को lsquoअrsquo करन स ndash

उदा ndash ndash d क अत lsquoआrsquo लगान स ndash

उदा ndash

UNIT ndash 12

वचन (Number)स और क स स यह त हो वह एक क िलए होता ह या अिधक

क िलए इस वचन कहत वचन दो क होत ndash

1) एकवचन (Singular)

2) बहवचन (Plural)

1) एकवचनःस क स स एक का बोध करान वाला एकवचन हउदाः पढ़ती ह ( ndash एकवचन ह)

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2) बहवचनःस क स स एक स अिधक का बोध हो उस बहवचन कहतउदाः पढ़ती ( ndash बहवचन ह)

कभी कभी आदर क िलए एकवचन बहवचन क होतउदाः अब )बहवचन(

बहवचन बनान का िनयमः-)क ( क lsquoआrsquo क पर lsquoएrsquo लगा दन स एकवचन का बहवचन बन जाता ह

उदा ndash लड़का ndash लडक कपड़ा ndash कपड़ बटा ndash बट lsquo rsquo क सभी क (

) एक समान रहतक बहवचन बनान का िनयम

lsquo rsquo तथा lsquo rsquo क lsquoअrsquo lsquoआrsquo क पर lsquoएrsquo का करन स बहवचनबनाया जाता ह

उदाः ndash गाय ndash ndash रात ndash lsquo rsquo तथा lsquo rsquo क lsquoयाrsquo जोड़न स बहवचन िमलता ह इस lsquoईrsquo क

पर lsquoइrsquo होता हउदाः ndash ndash ndash

स क lsquoयाrsquo हो उनक lsquoयाrsquo क ऊपर कवल लगान पर-

उदाः ndash -

क बाद lsquoएrsquo या lsquo rsquo जोड़न स शष का बहवचन िमलता हउदाः लता ndash लताए -

)ग( िनयम -

)1( )बहवचन( सिचत करन क िलए कभी कभी क एकवचन क साथ गण लोग

जोडतउदा ndash पाठकगण बाब लोग

(2) कछ हमशा बहवचन बोल जातउदा ndash लोग होश

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3) जाितवाचक स ऐ हमशा बहवचन होती ह जब और भाववाचक काजब जाितवाचक क समान होता ह तब व बहवचन होता ह

उदा ndash भारत रावण कमी (यहा रावण जाितवाचक ह)

(4) जब जाितवाचक क समान होता ह तब व बहवचन क होतउदा ndash और क ह (जल बहवचन एव जाितवाचक ह)

UNIT - 13

कारक (Case)या क स उसका क क साथ होता ह उस

कारक कहतउदा ndash राम न रावण को माराइस lsquoनrsquo और lsquoकोrsquo इन क उसका सिचत होता हउदा ndash मारा - राम lsquoनrsquo

मारा ndash रावण lsquoकोrsquo इसिलए य कारककारक क आठ भद होत ndash

कारक - नकारक - को

करण कारक - सकारक - को

अपादान कारक - सकारक - का क

अिधकरण कारक - पर

सबोधन कारक - ह अर अपी अहो क कारक ndash (Nominative)

या क स करनवाला या का बोध होता ह उस कारक कहतlsquoनrsquo ह

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उदा ndash राम गयामोहन न खाया

lsquoरामrsquo और lsquoमोहनrsquo कारक ह न हक को सिचत करन क िलए कोई जाती ह

उदा ndash राम न िलखी ख कारक (Accusative)

या पर क का फल पडता ह उस कारक कहत उदा - राम न रावण को मारा

रावण मारा गया ह यहा lsquoरावणrsquo कारक ह lsquoकोrsquo हकभी कभी lsquoकोrsquo का लोप होता ह

उदा ndash राम न िलखायहा lsquoकोrsquo का लोप होता ह ऐसा भी होता ह - राम न को िलखा

ग करण कारक ( Instrumental)

क साधन का बोध करानवाल क को करण कारक कहत lsquoसrsquo ह उदा ndash

कलम स िलखतिलखन का साधन कलम ह कलम क िलखन होती ह

घ कारक ( Dative)

कारक का वह ह जो उस का बोध कराता ह िलए कोई कामlsquoकोrsquo lsquoक िलएrsquo ह

उदा ndash मोहन न राम को पाच मोहन न राम क िलए पाच

ङ अपादान कारक (Ablative)

का वह ह क स पथक होन का बोध हो उस अपादान कारककहत lsquoसrsquo ह

उदा ndash स िगरतयहा स का सिचत होता ह कारक और अपादान कारक lsquoसrsquo ह

करण कारक lsquoसrsquo साधन सिचत होता ह अपादान कारक lsquoसrsquo सिचत होता ह

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कलम स िलखता ह - करण कारकस आ रहा ह - अपादान कारक

च कारक (Genitive)

क स उसका स होता ह उस कारक कहतlsquoकाrsquo lsquoकrsquo lsquo rsquo

उदा ndash राम का घोडा राम क घोड राम बहन छ अिधकरण कारक (Locative)

क स क आधार का बोध होता ह उस अिधकरण कारक कहत lsquo rsquo

और lsquoपरrsquo उदा ndash शर जगल रहता ह

मज़ पर ह अिधकरण तीन क होत ndash

क कालािधकरण ndash का काल होता ह उस कालािधकरण कहत उदा ndash राम दोपहरस आयगा

ख भावािधकरण ndash क भाव क भावािधकरण होता ह उदा ndash शर को दखकरभय होता ह

ग ndash पर होती ह उस कहत उदा ndash मज़ पर ह कालवाचक और क सात कभी कभी लगती उदा ndash कल रात मसलधार हई ( कल रात मसलधार हई ndash lsquo rsquo का लोप)

ज सबोधन (Vocative)

क स को पकारना सिचत होता ह उस सबोधन कारक कहत हउदा ndash ह राम वहा मत आना

सबोधन कारक कोई ह उसको करन क िलए lsquoहrsquo lsquoअरrsquo कोलगाय जात

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UNIT - 14

( Pronoun)क उसक को करन क िलए का जाता ह

कहत उदा ndash राम जाता ह वह अपनी जाता हउसन कहा ndash लाना भल गया वह अपनी राम जगह हए ह

इसिलए ह को हटान क िलए का जाता हयोग क अनसार क पाच भद होत

1) - त यह वह (एव) हम तम य व आप (बव)

2) ndash यह वह (एव) य व (बव)

3) ndash कोई कछ (एव - बव)

4) ndash जो सो (एव - बव)

5) ndash कौन (एव - बव)

क ndash या लखक बोलत या िलखत समय या तो अपन कछ कहता ह या सननवालऔर पढ़नवाल क अथवा अपन और सननवाल को छोडकर क

कहत स बोलनवाल सननवाल और क कछ कहा जाए उस कोकहत

तीन क होत ndash औरndash बोलनवाला या िलखनवाला अपनिलए का करता ह उस

कहत (एव) हम (बव)ndash सननवाल या पढ़नवाल क िलए का होता ह उस कहत

जस ndashत तम और आप ndash क कछ कहा या िलखा जाए उसक िलए होन वाल को

कहत जस ndash यह वह (एव) य व (बव)और हम ह एकवचन ह हम बहवचन ह का हम

क बहवचन स ह यहा हम क पर होता ह हम का एकवचनऔर बहवचन होत

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त और तम क आदर क िलए आपका करत जस ndash तमयहा आओ इसी क पर आप यहा ए कभी कभी यह और वह क भी आप का

होता ह जस ndash आप मर कभी कभी आदर क िलए आप का करत बहवचन सिचत करन क िलए आप क साथ lsquoलोगrsquo

जोडा जाता ह जस ndash आप लोग यहािनजवाचक आप और चक आप भद होता ह िनजवाचक आप समान स एक वचन

और बहवचन आता ह जस ndash आप पढ़गा हम आपवह कवल बहवचन करत िनचवाचक आप तीन स

होत आप कवल और करतlsquoआपrsquo अकला जाता ह िनजवाचक आप तथा क साथ आता ह जस ndash त

आप कामकभी (2) आप भल अकला आ सकता ह जस ndash आप भला तो जग भला वह अपन आप समझ गया

व ऒर सकत जाता हसकतवाचक और िनदशवाचक भी कहत जस ndash यह वह य व

हम तम आप यह य व इन या क साथ अिधकताकरन क िलए lsquo rsquo lsquoईrsquo य जोडत झस ndash त आप

स या क बात का बोध न हो उसकहत जस ndash कोई कछ

a lsquoकोईrsquo का क िलए होता ह जस ndash बाहर स कोई आ रहा ह b जब का पता न होन पर ndash जस ndash अर कोई कमर ह

c क lsquoकोईrsquo लग तो उसका लगभग होता ह जस - कॉलज स कोई पाच सौभाग

d lsquoकोईrsquo जब दोहराया जाता ह तब को सिचत करता ह जस कोई कोई पर को रोकतe कोई क साथ एक लग जान पर सिचत करता ह जस ndash तम स कोई एक गा सकगा

कछ का अनिगनत क िलए होता ह जस ndash कछ हक िलए होता ह जस ndash पानी कछ ह

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कोई का क िलए होता ह और कछ का क िलए होता हघ वाचक

स दो और क बीच क का बोध हो उस वाचक कहतजो सो जस ndash आपन जो कहा सो हो गया

कभी कभी जो या सो स एक रहता ह जस जो गाता ह बात हङ ndash करन क िलए का होता ह कहत

उदा ndash आप सोचत आज कौन आएगाकौन का क िलए होता ह का क िलए होता ह जस ndash कौन

बोलगा थली हकभी कभी कौन का क िलए होता हजस - बाधा डालनवाल तम कौन होिभ किलए lsquoकौनrsquo को दोहरा भी जाता ह जस ndash कौन कौन लाएग

क कौन का होता ह जस - इसन कौन अपराधक िलए को दोहरा दता ह जस ndash राम न

का क भी होता ह जस ndash तम मझस लडोगका

वचन और कारक क कारण भी होत िलग क कारण होताका और एक स होता ह

सबोधन होतास क पर होता ह उसी क अनसार उस क िलग वचन भी होता ह

काकारक एकवचन बहवचन

हममझको मझ हमको

करण मझस हमसमझको मरिलएमझ हमको हमार िलए

अपादान मझस हमसमरामर हमारा हमार

अिधकरण मझपर हमपर

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तकरक एकवचन बहवचन

तन तम तमनतझको तझ तमको

करण तझस तमसतरातर

अिधकरण तझपर तमपर

वहकरक एकवचन बहवचन

वहउसन व

उसको उस उनकोकरण उसस उनस

उसक िलए उस उनक िलए

अपादान उसस उनसउसका उसक उनका उनक

अिधकरण उस पर उनपर

UNIT - 15

(Adjective)स या सिचत कर उस कहत जस ndash रशमी

कपडा लाल कमलबतलाई जाए उस कहत जस ndash लड़का

ह लड़का हजो क पहल आता ह उस कहत जस ndash फल

ह फल ह इसिलए यह ह

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जो क बाद आता ह उस कहत जस ndash वह लड़का बड़ा होिशयार ह लडका ह होिशयार ह क बाद आन क कारण यह ह

जो क साथ उसको करन क िलए होता ह उस समानािधकरण कहत जस ndash रामनाथ कहता ह

रामनाथ क साथ समानािधकरण ह चार क ndash

क गणवाचक (Adjectives of Quality)

ख (Adjectives of number)

ग (Adjective)

घ या (Demonstrative Adjective)

१ गणवाचकजो क गण रग आकार को बतलानवाल को गणवाचक कहत

जस ndash लबा सशील काला गोल गणवाचक क बदल बहधा क क भी आतजस ndash राजा ( का राजा )

जापानी कपड़ा (जापान का कपड़ा)गणवाचचक का होता ह तब उनका क समान होता ह

जस ndash न सच कहा ह२ - क गणना का बोध हो उस

कहत जस ndash एक दो पहला दसरा दगनाक तीन भद होत ndash

1) 2) 3) बोधक या बोधकndash इसस का बोध होता ह जस ndash चार आठ सात

क चार भद ndash

a गणनावाचक ndash गणनावाचक षण स गणना का बोध होता ह जस ndash एक चार फल सात

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गणनावाचक क साथ एक लगान स लगभग का होता ह जस ndash एक आदमी ndash

लगभग आदमी b ndash स क गणना का होता ह जस ndash पहला

दसरा चौथाc ndash गणनावाचक क lsquoगनाrsquo लगान स बनत जस

ndash दगना ितगना ३ - स माप- तोल या का पता होता ह उस

कहत जस ndash दो सर चावल चार गज कपडा

क दो भद होत ndash

1) और 2)

ण - स का पता लगता हजौस - दो सर चावल

- स का पता नलगता ह जौस ndash बहत दध

४ या - स ऒर या सकत जाता ह उसकहत lsquoयहrsquo lsquoवहrsquo स जाता ह इसिलए इसकहत

जस ndash यह वह जब क हो तब वह बन जाता ह

जस ndash वह घर राम का ह कई ऐस मल जसा रहता ह

जस ndash वह यह क

भी िलग वचन और कारक क अनसार होता ह क िलग और कारक ककारण कछ होता ह

जस ndash काला कपड़ा - काला कपड़काला धोती - काला धोितया

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क साथ ई हो जातजस - काली धोती

क होता ह जो क होन परहोता ह जस ndash वह घोड़ा व घोड़

पथकता अथवा अिधकता क िलए को दहराता ह ndash

जस ndash छोट छोट फल लालका भी होता ह जस ndash बडा लड़का

गणवाचक और जब करत तब वह बन जात

जस ndash थोड़ा खा गया चावल बहत ह क साथ जब आता और व बन जात तब उनक साथ

भी लगती जस ndash को दान दो

UNIT - 16

(Verb)

काम क करन या होन का बोध हो उस कहतजस पढ़ना खाना दौडना पहनना

धात ndash क मल को धात कहत उदा- पढ़ना खलना खानाय सब मल धात lsquoपढ़rsquo lsquoखलrsquo lsquoखाrsquo ह मल धात lsquoनाrsquo जोडकर का िमलताह

i क आधार पर क दो भद होत - 1) 2)

1) (Transitive Verb) ndash क का फल को छोड पर पडता हउस कहत

उदा ndash राम पढ़ता ह

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राम ह ह और का पर पडता ह2) (Intransitive Verb) - क का फल पर पडता ह उस

कहत का अभाव हउदा ndash मोहन सोता ह

कभी कभी एक होता ह और कभी कभी दो भी होत एक होन वालको एक lsquo rsquo कहत

उदा ndash राम न खाना खायाखाना ह कवल एक होता ह दो होन वाली को

कहतउदा ndash मा न को दध

दो होत ndash lsquo rsquo और lsquoदधrsquo दो होत एक lsquo rsquo और दसराlsquoगौणrsquo

उदा ndash मा न को दधइस lsquoगौणrsquo ह दध lsquo rsquo ह lsquoगौणrsquo कभी कभी होता हउदा ndash न कथा सनाई

ii क भद1 - व होती ह आशय अथवा स परा होताको परा करन क िलए दसर होती ह ऐसी को कहतयह दो क होती ह१ ndash का अभाव हउदा ndash वह ह यहा क को परा करन क िलए जोडा गया ह२ ndash होन पर भी का भाव परा न हो उस को

कहतउदा ndash सीता न पढ़ाया

यहा परा सीता न lsquo rsquo पढ़ाया lsquo rsquo पढ़ाया यह परा इसिलए यहह यहा होन पर भी का भाव परा होता

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३ परक - को परा करन क िलए या पडती ह

परक कहत क परक lsquo परकrsquo तथा क परक lsquo परकrsquo

होतउदा ndash उस होिशयार समझता ह ( परक)

राम बलवान ह ( परक)

iii यौिगक धात ndashक स धातओ क दो भद होत 1) मल धात 2) यौिगक धात

मल धात - मल धात व जो दसर स न बन जस ndash कर बठ पढ़ यौिगक धात ndash यौिगक धात व जो दसर स बनाय जात उदा ndash खाना स नाम धात ndash जो या क आधार पर बनती ह उस नाम धात कहत

उदा ndash हाथ स हिथयानास

अपना स अपनानाiv - स यह जान पडता ह को न करक दसर को

करन दता ह उस (casual verbs) कहतउदा ndash राम न मोहन स िलखवाया यहा राम न िलखकर मोहन स िलखवाता ह इसिलए यह ह

करनवाल को और जाती ह उस कहतराम न मोहन स िलखवाया राम ह और मोहन हमल जो होती ह उनस और बन सकती हस और बन सकती उदा ndash दध पीता ह

पीना ह इसस बनती ह ndash मा को दध हस बना सकती ह उदा - मा नौकर स को दध ह

बनान का िनयममल धात क आ जोडन स और वा जोडन स या

बनती ह

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उदा ndash उठना ndash उठाना - उठवानाचलना ndash चलाना - चलवानापढ़ना ndash पढाना - पढ़वाना

दो क धातओ ए और औ को छोडकर पहला हो जाता हउदा ndash जागना ndash जगाना ndash जगवाना

भलना ndash भलाना - भलवानाछोडना ndash छडाना ndash छडवाना

धातओ क ला और लवा लगात तब हो जाता हउदा ndash पीना ndash ndash

सोना ndash सलाना ndash सलवानाखाना ndash -

v नाम धात - को छोडकर जोडन स जो धात बनती ह अथवा जो नाम (

या ) धात क समान होत नामधात कहत जो नामधात लगान सबनत आ ओऔर ला लगात पहला हो जाता ह

उदा ndash लाज ndash ndash लजानाहाथ ndash हिथया ndash हिथयानाझठ ndash झठला ndash झठलाना

UNIT - 17

काल (Tense)क स क होन का समय और अथवा का बोध हो उस काल

कहत काल क तीन भद होत1) भतकाल2) काल3) काल

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भतकालस का बोध हो उस भतकाल कहत

उदा ndash राम न िलखी भतकाल क छः भद - भत भत भत भत भत हत-हतमत भत

भत ndash क स भतकाल क समय का बोध न हो उस भत कहतउदा ndash मोहन न खत िलखायहा का बोध होता जो भतकाल हई ह भतकाल ndash क स का का समय अभी अभी हआ ह इसका बोध

होता ह उस भतकाल कहत उदा ndash राम न ह

इसस पहल अभी अभी हई हभत ndash क स यह होता ह क को हए बहत समय हो चका ह उसभत कहत

उदा ndash न दध थास हो क साथ lsquoथाrsquo lsquoथrsquo lsquoथीrsquo लगान स भतकािलक

िमलता हभत - क उस को भत कहत यह हो भतकाल हो थी पर

का पता न लग उस भतकाल कहतउदा - वह पढ़ रहा था वह सोता था

कब समा हआ इसका पता क साथ lsquoता थाrsquo lsquoत थrsquo lsquoरहा थाrsquo lsquoरह थrsquo लगानाभत काल ndash क स भतकाल सचना िमलती ह उसक होन कछ हो उसभत कहतउदा ndash वह आया होगा

उसन खाया होगा भतकाल हो थी ह क साथ lsquoहगाrsquo lsquoहगीrsquo lsquoहोगाrsquo lsquoहोगीrsquo

lsquo rsquo जोडन स भतकाल िमलता हहत-हतमत भतकाल ndash क स यह पाया जाय भतकाल होना सभव थाकारण स न हो सका उस हत-हतमत भतकाल कहत

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(Present Tense)

क को काल कहत रहती ह

होती उस काल कहतउदा ndash राम पढ़ता ह

सीता गीत गा हकाल तीन क होत ndash 1) काल 2) काल 3)

काल - वह ह स का काल होना पाया जाय

उस कहतउदा ndash मोहन पढ़ता ह

रमा गाती ह क साथ lsquoताrsquo lsquoतrsquo lsquoतीrsquo जोडन स बनत

- वह ह काल क होन पायाजायउदा ndash वह खाता होगा

सीता जाती होगी क साथ lsquoता होगाrsquo lsquoती होगीrsquo lsquoत rsquo lsquoती rsquo लगान स िमलत

ndash का वह ह यह होता ह का अभी ह

होता उस कहत उदा ndash वह खा रहा ह

चल हक साथ lsquoरहाrsquo lsquo rsquo lsquoरहrsquo जोडन स िमलती ह

काल ( Future Tense)

होनवाली को काल कहत काल क दो भद ndash 1)

काल 2) कालकाल ndash का वह ह स क आग होन सचना िमल उसकाल कहत

उदा ndash वह आयगा

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राम आज बबई जायगासीता कल घर आयगी

क साथ lsquoयगाrsquo lsquoयगीrsquo lsquoयगrsquo जोडन स िमलतकाल ndash क होन सभावना हो उस काल कहत

उदा ndash सभव ह आज हो स lsquoगाrsquo lsquoगrsquo lsquoगीrsquo पथक कर दन स काल िमलगा

UNIT ndash 18

(Voice)उस कहत यह जाना जाय का ह

ह या कवल भाव ह उस कहतउदा ndash राम न रावण को मारा

तीन क ndash 1) 2) 3) भाव- ह हमशा क िलग वचन और क अनसार होता ह

उस कहतउदा ndash लडका पढ़ता ह

लड़का ह और ग ह इसिलए भी होना हसीता िलखती ह इसम सीता ह इसिलए ह का सीधा स होताह

ndash क िलग वचन क अनसार हो उस कहतह का होता ह

उदा ndash राम िलखता हह इसिलए यह ह धानता होती ह और का

स होता ह क िलग वचन क अनसार बदलती ह हमशाहोता ह का होना ह

उदा ndash राम न रावण को मारा -

राम स रावण मारा गया -

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रावण ह ह क का ह गौण का रहता ह

उदा ndash मा न को दध मा स को दध गया

दो होत ndash और दध ndash भाव होती ह यह हमशा स बनता ह हमशा

एकवचन और होती ह इसका होता ह उदा ndash यहा बठा जाता

मझस पढ़ा जाता स या बनान

को भत क करना उसक साथ काल वचन और िलग कअनसार जाना क जोडन ऐसा करन स स औरक स भा बनती ह

उदा ndash 1) राम न रावण को मारा -

राम स रावण मारा गया -

2) राम रावण को मारगा -

राम स रावण मारा जायगा -

3) राम रावण को मारता ह -

राम स रावण मारा जाता -

पहल lsquoमाराrsquo भतकािलक ह इसिलए lsquoमाराrsquo क साथ lsquoजानाrsquo का भतकािलकजोडना

दसर lsquoमारगाrsquo काल ह इसिलए lsquoमाराrsquo भतकािलक बदलकरlsquoजानाrsquo का काल lsquoजायगाrsquo जोडना

तीसर काल ह को भतकािलक बदलकर (मारा) उसक साथजाना का (जाता) जोडना

स बन सकता हउदा ndash मोहन उठता ( )

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मोहन स उठा जाता - ( )

वीणा चलती ( )

वीणा स चला जाता - ( )

UNIT ndash 19

याअभी तक हमन क बार पढ़ िलया ह उनक िलग वचन और कारक क अनसार

आता ह इसिलए कहत का ह अब हम क दसरया क बार

चार क होत ndash 1) 2) बोधक 3) बोधक 4)

बोधक

UNIT ndash 20

ndash Adverbउस कहत होती ह

उदा - रमश चलता हइस lsquoचलनाrsquo ह ndash ह lsquo rsquo इसिलए lsquo rsquo ह

स क तीन भद ह - 1) साधारण 2) सयोजक 3) साधारण - साधारण वह ह होता ह साधारण या

कहत जस ndash खब पढ़ो दौडो सयोजक ndash का स या स होता ह सयोजक

कहत जस ndash जहा तक हम चल सक वहा तक ह

योजना का सयोजक स होता ह- का क

भद क साथ होता ह कहत

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जस ndash गह खाओग

कह तो लो होता ह व कवल गह खात और कछ खायगा इन

ह हो जान स का बदल जाता ह जस ndash वह काम करगा इसका यह ह जो काम उस ह कवल वह करगा और कछ

क आधार पर क चार भद होत ndash 1) कालवाचक 2) 3)

4)

कालवाचक ndash स समय अविध तथा काल का बोध होता ह कालवाचककहतजस ndash काम को अभी पढ़ना

आजकल रोज़ होती ह कभी कभी भी रात क समान लगता ह मोहन पढ़ाई सदा ह

अभी आजकल कभी कभी सदा कालवाचक ह ndash स क का बोध होता ह

कहत उदा ndash जहा तक जा सक वहा तक जाओ

जाओ और वहा लटो घर क सामन एक ह बाहर रोशनी भीतर अधरा

हाथ स मारत जहा वहा सामन बाहर भीतर ndash स अिधकता- का बोध होता ह

कहत जस ndash उतना पढ़ो हो

चावल थोडा खाओ खब खाना

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अपना थोडा खब

व क होन का ढ़ग का पता िमलता ह जस ndash राहल धीर धीर चलता ह

सीता मधरतम गाती ह यथा हम तथा िमलत

धीर धीर मधरतम यथा-तथा

UNIT - 21

बोधकबोधक ह जो या क साथ आकर उनका क

क साथ बनात उदा ndash धन क कोई काम न चलता

घर क नीच एक तालाब ह क पास एक भी ह

नीच पास बोधक ह क अनसार बोधक क दो भद होत ndash 1) 2)

क ndash य या क बाद आतउदा - घर क भीतर घर क पीछ घर ऒर

कारक भी आती ह जस का क कभी कभी अपादान कारक या भी आती ह

उदा ndash इनस पहल आया राम का मकान मोहन क घर स पर

lsquoसrsquo lsquoपरrsquo अपादान कारक क ndash यह स क क साथ आत

जस ndash दो तक राम रहगा

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घड भर पानी क िलए पाच दन ग lsquoतकrsquo lsquoभरrsquo सचक

UNIT - 22

( Conjunctions)योजक या व जो या न बतला कर एक या का

दसर या स जोडत बोधक कहतजस ndash सीता और गीता अपन घर गयी

सीता और गीता को िमलानवाला योजक lsquoऔरrsquo ह क तीन भद ndash 1) सयोजक 2) 3) भदबोधक

1) सयोजक ndash कई का सयोग करनवाल को सयोजक कहत इसक दो याका मल होता ह

उदा ndash और राम कल बबई और वहा उनक साथ मोहन भी lsquoऔरrsquo lsquoभीrsquo सयोजक ह

2) ndash जो का बोध कराए कहत जस ndash चाह दश सवा करनी या अथवा मानवीय को पहचानना

lsquoयाrsquo lsquoअथवाrsquo lsquoवाrsquo lsquoचाहrsquo को करनवाल ह 3) भदबोधक ndash दो स एक स भद बतलानवाल को भदबोधक कहत य कई क होत

क ndash दो म स पहल का िनषध या सिचत करत जस ndash

पर मगर वरन उदा ndash मझ वहा जाना था क कारण जा न सका

ख - कारणवाचक और उपदशमलक ndashइसिलए सो अतः इसिलए

इस क ह जस ndash राम समय पर आ न सका इसिलए जा न सका

ग सकतबोधक ndash ndash तो जो ndash तो प सकतबोधक ह जस ndash तम कहत तो जाता

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घ ndash इन पहली बात का और होता ह यान मानो यहा तक इस क ह

जस ndash कोई भी समय पर पहचा यहा तक भी 10 बज तक न आय क और दो भद होत ndash 1) समानािधकरण 2)

समानािधकरण ndash समान पद क या को जोडत जो एक क हो वसमानािधकरण धक कहत जस ndash क मा-बाप का अजीब ह समानािधकरण क चार उपभद होत ndash

1) सयोजक ndash और तथा भी एव 2) क ndash या वा अथवा चाह 3) ndash पर मगर 4) ndash इसिलए अतः

ndash को स जोडनवाल कोकहत

जस ndash आज नौकरानी आयगी वह बीमार ह क चार उपभद होत ndash

१ ndash यान मानो २ करणवाचक ndash जो इसिलए ३ उपदशवाचक - जो ४ सकतवाचक ndash - तो जो-तो -

4) ndash ndash स क शोक घणाको करनवाल को -बोधक कहत

जस ndash हाय अब अर आप कहा जा रह

ह राम करो को सिचत करन क िलए - लात

बोधक क सात भद ndash

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1) बोधक ndash वाह ndashवाह - आहा शबाश

2) शोक बोधक ndash आह ऊह हा-हा ndash

3) बोधक ndash अहो ऒह

4) अनमोदन बोधक ndash हा-हा वाह शबाश

5) बोधक ndash िछ हट अर िधक

6) ndash बहत हा जी हा7) सबोधन बोधक ndash अर र अपी अहो

कभी कभी भी हो जातजस ndash भगवान लो चप कभी कभी या भी होत जस ndash न हो बहत हो गया

जब क समान होत तब वह होता तब वमनोभाव को करात

जस ndash हाय हाय मचा रखी ह

सब लोग - पकार उठहाय ndash हाय - क समान ह इसिलए यह बोधक ह

UNIT - 23

क भद क स बनान का िनयम

क पर जायगास बनता ह एक या अिधक स बनता ह एक स अिधक स बनता

ह कहन या िलखनवाल का परा भाव हो जाय तो उस कहतजस ndash मोहन पढ़ता ह

राम िलखता ह इन स लखक का परा भाव होता ह

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ndash कछ ऐस होत और क रहन पर भी कहन या िलखनवाल का परा आशयहोता क समह को और क रहन पर भी जो कछ सनन

बनी रह कहत दो क होत ndash 1) 2)

क अधीन होतउदा ndash राम न कहा था वह कल पाठशाला जायगा

इस राम न कहा था - ह और कल पाठशाला जायगा तह इस और भी कहत

रखनवाल को कछ थोडा सा भाव करनवाल को कहतएक भावना होती ह

जस ndash तरह पढ़ना चलना

इन होता ह क म दो भाग होत 1) और 2)

ndash ( ) कछ होता ह उस कहतndash ( ) क जो कछ होता ह उस कहत

जस ndash मरा स भरा हआ ह मरा ह और स भरा हआ ह ह मरा ndash ह और मरा

उस का ह इसिलए ( ) और मरा का कहत हआ हह शष उसका ह

इस चार भाग हए ndash 1) ( ) 2) का 3) ( ) 4)

काचार भद ndash

क ndash राम गया ख ndash वह कह चका ग ndash फल

क भदक अनसार क आठ भद होत ndash

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1 ndash इस स बात का होना सिचत होता ह जस ndash भारत राजधानी ह

2 िनषधवाचक ndash का अभाव होता ह जस ndash क कछ भी पा सकत

3 ndash इस स सचना होती हजस - तम कल कालज

4 ndash इसस और उपदश का बोध होता ह जस ndash तरह पढ़ो

का भजन करो 5 ndash इसस का भाव सिचत होता ह जस ndash हाय राम को एक

लाख िमल 6 ndash इसस या सचना होती ह

जस ndash अक पा

7 ndash या सभावना सचना होती ह जस ndash आज होगी

8 - सकत सचना होती ह जस ndash हो तो

राम काम करगा रचना क आधार पर

रचना क आधार पर क तीन भद होत - 1) सरल या साधारण 2) और3)

१ सरल ndash एक और एक होता ह उस सरल कहतजस ndash मोहन िलखता ह ( मोहन और िलखता ह धय ह)

राम मज़ पर रखी ह ( ह और रखी ह ह)

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lsquoराम rsquo और lsquoमज़ परrsquo कवल और का ह २ - उस कहत एक हो और उसक एक या

अिधक हो उस कहतजस ndash जो करगा उस सफलता िमलगी जो करगा ndash ह उस सफलता िमलगी - ह

तीन क ndash 1) 2) 3)

1) ndash का क पर होता ह उसकहतजस ndash मरा ह तमन को मारा यह सच ह इस तमन को मारा ndash ह क पर आया ह इसिलए यह

ह 2) ndash जब कोई को क का काम दता ह तब उस

कहत जस ndash य उसी छा को जायगा जो रहगा

उसी स डरत जो खब मारता ह उसी जो ह

3) ndash जो क का काम दता ह उस कहत

जस ndash करता ह उतना फल िमलता ह जब तम कहोग सब कछ

जब ह ३ ndash दो या दो स अिधक योजक जड हो न

हो उस कहतजस ndash वह तरह पढ़ता था तो पास होता

दो या दो स अिधक सरल अथवा एक दसर पर न होता ह इसिलए यह

जस - कर चका (सरल )

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हम कर चक तो व आए ( )

और मरा मन ठड हो गया ( )

चार क होत ndash सयोजक सचक 1) सयोजक - एक दसर क साथ सयोजक जडा रहता ह

जस ndash वह आया और उसक साथ गया स िमलता ह और स होता ह

2) ndash का एक दसर स भद या का रहता ह जस ndash स बढ़ता ह स भरता ह वह खब खाता पर बडा होता

3) सचक ndash दो स एक को करना जस ndash मझ या राम को

4) अथवा हतसचक ndash एक दसर का होता हजस ndash तम आग पढ़ो पसा दगा मझ पसा िमला इसिलए

कभी कभी बीच योजक आत जस ndash मझ न बलाया आप आता ह जब को का या एक होता ह तो एक बार िलखा या कहा

जाता ह ऐस को सकिचत कहत जस ndash का और मन को भी दता ह

जो आसानी स समझकर छोड दत ऐस को कहत जस ndash आजकल सना ह बरसात क मौसम बखार सब फलाता ह

कहत रोज़ बढ़त रह पहल हमन होना था पर ह दसर लोग स होना पर होता ह

एक का दसर क बदल जा सकता ह मलकर सकत

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क सरल स ndash

उदा ndash सरल - राम न मोहन का - राम न उस को जो मोहन का था

ख स सरलndash उसन कहा पापी ह

सरल ndash उसन को पापी बताया ग सरल स

सरल ndash होन पर लोग खत जान लग - हआ और खत जान लग

घ स िनषध वाचक तथाndash मोहन सोहन स बडा ह

िनषध वाचक - मोहन सोहन स बडा ndash मोहन सोहन स बडा ह

UNIT ndash 24

और महावरव जो का अपना न बता कर कछ करत महावरा

कहत बोलचाल बहत आनवाला ऐसा बधा कोई अनभव बात और अलकतभाषा गई हो या कहावत कहाता ह जस ndash मर पट चह कद रह

जब स उनका लड़का मरा ह कमर टट गई ह वह इतना चालाक ह अपन मािलक को पर नचाता ह

इन lsquoपट चह कद रह rsquo lsquoकमर टट गई हrsquo lsquo पर नचाता हrsquo इन काउनक स ह यहा lsquoपट चह कदनrsquo का ह भख लगना lsquoकमर टटनrsquo का ह या

का न रहना तथा lsquo पर नचानrsquo का ह अपन वश रखना अतः य महावरकहलात

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इसी जब कोई आदमी काम करना न जानता हो परत अपन को िछपान क िलए बहान बनावतब कहा जाता ह ndash नाच न जान आगन टढ़ा

जब कोई आदमी अनक खाकर भी अपनी आदत न छोड़ तब कहा जाता ह दम सौतक नली रखो तो भी य बध हए और अनभव तथा अलकत भाषा कह गय अतः य

और क स भाषा तथा आती ह महावरदार भाषाबहत पसद जाती ह और कथन बड़ा होता ह

महावरअग-अग - बहत होनाअगठा - चीज़ को दन स क साथ करनाअध - सहाराअधरा घर का उजाला - एकलौता बटा

क घोड़ दौड़ाना - सोचनापर पड़ना - समझ न पाना

अपना सीधा करना ndash करनाआख उठाना - नीयत स दखनाआख खलाना - होश आना

चार होना - आख स आख िमलानानीची होना - होनापीली करना - नाराज़ होना

आकाश पाताल का ndash बहत भदआग घी डालना - बढ़ानाआसमान िसर पर उठाना - बहत कोलाहल करना

स बजाना - करनाईद का चाद होना - िचरकाल पीछ दनाउगली पर नचाना - वश रखना

गगा बहाना - बात करना

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कमर टट जाना - िनराश हो जानाकान भरना - चगली करना

मौत मरना - बहत तरह स मरनाखाक उड़ाना खाक िमलाना - बरबाद होनागड़ गोबर कर दना - काम दनाघर गगा - दौड़-धप कघाट घाट का पानी पीना - जहा तहा का अनभव करनाचाद पर थकना - करना और फलतः होनाचार चादनी - थोड़ का सख

का दध याद आना - सब सख भल जाना सकट आ पड़नाजमीन पर पर न पड़ना - बहत अिभमान होनाजल भन कर कोयला होना - पागल हो जानाटस स मस न होना - भी नटाग अड़ाना - बाधा डालनाटोपी उछालना - िनरादर करनाितनका पकड़ना - मागनाितन का ताड़ करना - बात बढ़ानाथक कर चाटना - वचन दकर जाना

तल उगली दबाना - करनादम तोडना - मर जाना

दना रात चौगना होना - खब होनाधप बाल सफद करना - अनभव आय दनानमक लगाना - बात को बढ़ा कर कहनानाक कटना - बदनामी होनानाक चढ़ाना - घणा करनानीला पीला होना - आना

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नौ-दो होना - भाग जानाउछालना - करना

- बातपरदा डालना - िछपानापहाड टट पड़ना - आनापट चह कदना - खब भख लगना

तल स ज़मीन िनकल जाना - होश उड़ जानाफक-फक कर कदम रखना - सोच-समझ कर काम करनाबगला भगत -

उछलना - खब खश होनाबाज़ार पर होना - काम पर होनाबात का धनी - वायद काबाल खाल उतारना - करनाबाल पकना - बढ़ा होजाना अनभव करनाबाल बाल बचना - हािन पहचन जरा- सी कसर रह जानाबगार टालना - लगाकर काम न करनाबोली मारना - क कहनाभनक पड़ना - खबर द जानाभाड़ - समय गवाना

मारना - बकारचस - बहत कजसपर मारना - का नकल करना

मगज चाटना - तग करनामाथा ठनकना - आशका होनामारा मारा - होनामह-तोड़ जवाब दना - परा-परा जवाब दना

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मह फक हो जाना - चहर का रग उतर जानामह पानी भर आना - खान को ललचानामह लगाना - अिधक द दना

गरम करना - दनाराई का पहाड़ बनाना - बात को बढ़ाकर कहनारात- - हमशालका काड होना - खब मारपीट होनालबी-चौ हाकना - करना

होना - होनालह क घट पीना - करनालह पसीना एक करना - बहत करनालोह क चना चबाना - काम करनाशतान क कान कतरना - बहत चालाक होना

करना - करनाबाग - बहकाना

समझ पर पड़ना - होनाबठना - जमाना

िसतारा चमकना - उदय होनािसर पर खन सवार होना - जान लन पर होनािसर पर हाथ धरना - सहायता करनासौ बात एक बात - िनचोड़

करना - फक डालनाहसी उड़ाना - करनाहाथ मल -

हाथ पर हाथ धर बठना - बठनाहाथ पसारना - मागना

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हाथ-पर मारना - करनाहाथ साफ करना - बईमानी स ठगना

पानी करना - करनाहोश उड़ना - भय या आशका स दखी होना

अत गता सो मता - वहकान राजा - थोड़ा पढ़ िलख का मान होता ह

आख क गाठ क पर - पर धनवानआप मर जग परल - ह तो ससार ह

चोर कोतवाल को डाट - अपराध करक को डाटनाऊची दकान पकवान - काम करनाएक अनार सौ बीमार - जब एक चीज़ क बहत स तब कहा जाता हएक पथ दो काज - एक काम करन स दो का लाभ होनाकाला बराबर -

घर का लका ढ़ाह - फट स घर नाश होता हिचराग तल अधरा - पास घटना क होन पर भी उसका न होना या

ऐस पर बराई का होना जहा उसक रोकन का होचोर ितनका - पापी डर जाता हजाग सो पाव सोव तो खोव - सावधान रहन स लाभ होता ह

- बलवान का दबदबा रहता हजसा दश वसा भस - दश रह वसी करनीजसी करनी वसी भरनी - फल िमलता हतन को कपड़ा न पट को - बहतथोथा चना बाज घना - काम न करनवाला बकवास बहत करता हदाम बनाय काम - पस स सब काम हो जात

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धोबी का घर का न घाट का - जो एक पर जमकर काम न कर कभी एक लग और कभीदसर और सफल न हो उस कहा जाता ह

रहना मगर स बर - अधीन होकर रह और उसी स बर कर तो गज़ारा चलता हन रहगा बास न बाजगी - नकसान हो उसका नाश कर दना हनाच न जान आगन टढ़ा - काम करन न होन पर दसर को दोष दना नीम जान का खतरा - अधरा हािनकारक होता हनौ नगद न तरह उधार - उधार सौदा दनामान न मान तरा महमान - गल पड़नािमया जती िमया क िसर - स उसी हािन करनासौ सयान एक मत - सभी अथवा एक सलाह होती हहाथ कगन को आरसी - क िलए और हाथी क दात खान क और क और - कहना कछ और करना कछ औरहोनहार क होत चीकन पात - होनहार क पहल स जात

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+ = ( स )

िलखा + आवट = िलखावटबरा + ई = बराईदध + वाला = दधवालाबच + पन = बचपन

UNIT - 8

समासरखनवाला दो या दो स अिधक या पद िमलाकर जब एक या पद बनत

इस मल को समास कहत िमल को पद अथवा सामािसक पद कहतउदा - घोड का सवार ndash घडसवार

सा मख ndash

धन का पद - धनपदकाठ पतली ndash कठपतली

समास होन पर बीच तथा का लोप होता हउदा - धन का पद - धनपद ( lsquoकाrsquo का लोप होता ह)

समास1 समास दो का योग होता ह2 दो क मल स एक पद बनता ह3 दो क बीच का लोप होता ह4 दो कभी पहला पद होता ह और कभी दसरा पद होता ह5 समास जडत तो क का होता ह

उदा ndash का = + =

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समास औरसमास दो का योग होता ह दो का योग होता ह क

होत होन पर दो क सयोग स पद भी िमल जात समासवाल औरसमास हो सकता हउदा ndash पीता र दो पद ह ndash lsquoपीतrsquo और lsquo rsquo करन पर इस तरह होता ह ndash पीत +

= समास करन पर lsquoपीत ह जो rsquo =

कवल होती ह समास होता ह क तोडनको द कहत समास क तोडन को कहत

ndash क को अलग अलग अपनी क रखकर उनक आपस क कोकरन को कहत

उदा ndash रातndash - इसका ह रात औरसमास क भद

समास क छः भद होत 1) 2) 3) 4) 5) 6)

1 समास ndash समास पहला हो उस समास कहत इसकापहला पद या पद होता ह

उदा ndash ( क अनसार)

आजीवन ( जीवन )

यथासमय (समय क अनसार)

2 समास ndash समास पद हो और समास करन पर पहली का लोपहो उस समास कहत

उदा ndash राजसभा (राज सभा)( को )

समास क दो भद ह ndash

1) 2) समानािधकरणi ndash पद का करन पर पहला और दसर

लगायी जाती हउदा ndash राज-सभा (राजा सभा)

पहल सबध कारक ह और दसर कारक ह

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क छः भद -

इस समास क पद कारक का लोप होता ह उसी कारक क अनसार इस समास कानाम होता ह ndash

१ ndash होती हउदा ndash ( को ndash को कारक ह)

२ करण - lsquoसrsquo हउदा ndash (अकाल स )

मनमाना (मन स माना हआ)

३ ndash lsquoक िलएrsquoउदा ndash रसोईघर (रसोई क िलए घर)

(हवन क िलए )

४ अपादान ndash lsquoसrsquo हउदा ndash ( स िगरा हआ)

(पद स )

(ऋण स )

५ सबध ndash lsquoकाrsquo lsquoकrsquo lsquo rsquo हउदा ndash सनापित (सना का पित)

राजमाता (राजा माता)( दश का )

६ अिधकरण ndash lsquo rsquo lsquoपरrsquo हउदा ndash वनवास (वन वास)

आपबीती (अपन आप पर बीती)( )

कभी कभी समास पद का लोप होता ह उस अलक कहतउदा ndash ( रहनवाला lsquo rsquo का लोप)

सरिसज (सर होनवाला lsquo rsquo का लोप)

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नञ ndash अभाव या िनषध का सिचत ककरनवाला lsquoअrsquo या lsquoअनrsquo लगान स बननवाल को lsquoनञrsquo

कहतउदा ndash ( जो न हो)

अनपढ़ ( न पढ़ा हआ)

अछता ( न छआ हआ)

उप पद ndash समास कोई उप पद न हो तथा बाद पद हो उस lsquoउप पद rsquo कहतउदा ndash जलज (जल ) ndash कलम

मनोज ndash (मन जात) - कामदवii समानािधकरण - समास क क बाद एक कारक

आती ह उस समानािधकरण अथवा कहत इस समास क पद उपमान- उपमय अथवाndash हउदा ndash नील कमल - नीला कमल

यहा नीला और कमल हम ndash घन (बादल) (काला) उपमान और उपमय

कभी कभी सबध बतानवाल बीच क पद का लोप भी होता ह lsquo rsquo समासपहल का दसर स सबध बतानवाल बीच क पद का लोप होता ह उस समास कहत

iii समास ndash समास क होता ह और समदाय का बोधहोता ह उस समास कहत

उदा ndash (तीन का समाहार)

चौमासा (चार का समह)

iv समास ndash समास होत और करन पर और या अथवा योजकलगत उस समास कहत

उदा ndash ndash औरndash पाप और

तन-मन ndash तन और मनसमास क का िलग साधारणतया म क अनसार होता ह कभी कभी

हो तो उसी क अनसार िलग हो जाता हउदा ndash राजा-रानी आय

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समास एक स अिधक जडतउदा ndash माता ndash आय राम- आत थ

कभी कभी बहवचन - सचक क साथ भी पाया जाता हउदा ndash आपक लडक-

v ब समास ndash इस समास स कोई पद होता पर समास पद पदका होता ह इस समास कहत

उदा ndash र (पीत ह )

अनग ( ह अग - कामदव)

समास पद का पहला दसर क होता ह समासपद अपन स का होत ह कई पद भद स क

समास हउदा ndash मगलोचन - 1) मग क लोचन ndash

2) मग क समान लोचनवाला ndash समास- 1) पीला कपडा ndash

2) पीला ह अबर (कपडा) वह ( ndash समास)

Module lll

UNIT - 9

क िलग वचन कारक अथवा काल क अनसार होता ह

कहत औरया - क िलग वचन कारक अथवा काल क अनसार कोई

होता व ह सचक व ह सचक या ह

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UNIT - 10

(NOUN)वह ह या भाव को सिचत करता ह राम ( )

( ) ( ) क तीन ndash

a) (Proper Noun)

b) जाितवाचक (Common Noun)

c) भाववाचक ( Abstract Noun)

A ndash उस कहत एक का बोध होता हउदा ndash राम गगा

B जाितवाचक ndash जाितवाचक स एक जाित क सब का बोध होता हउदा - नगर सभा जल

स सभी जाित का बोध होता ह का य जाित क आधार पर होत

स सजातीय क समह को करत उस समहवाचक कहत उदा ndash सनास का बोध का बोध होता ह उस कहत

उदा - सोना पानी लोहाC भाववाचक ndash भाववाचक व क गण दोष कासचना होती ह

उदा - गण दोष ndash िमठास कटता नीचता- लडकपन यौवन दासता

भाव ndash शोक भयD जब गण को करत तब व जाितवाचक बनत

उदा ndash ह तम बनोइस स ह ndash पर रहनवाला यह जाितवाचक हकभी कभी जाितवाचक होती

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उदा ndash गािधजी कल यहा यहा गािधजी हE भाववाचक कभी कभी जाितवाचक क समान होती

उदा ndash हाथी और घोड बडा ह यहा चाल जाितवाचक हभाववाचक चार स बनती

a) जाितवाचक स ndash लडका ndash लडकपनndash

b) स ndash अह ndash अहकारअपना ndash अपनापन

c) स ndash चतर ndash चतराईमीठा ndash िमठास

d) स ndash चढ़ना ndash चढ़ाईसजाना ndash सजावटघबराना ndash घबराहट

F क समान होन वालउदा ndash का आधर गणी- ह यहा क समान होत उदा ndash का कहना

मानो lsquoबडाrsquo ह यह क पर होता हका

एक स अिधक स बनत क एक दसर क िमलन स का होता हक क होता ह इस कहत का िलग वचनऔर कारक क कारण होता ह

उदा ndash लड़का पठता ह ndash पठती ह ( िलग क कारण)

लड़का दौडता ह - लड़क दौडत (वचन क कारण)

लाओ ndash मज़ पर ह ( कारक क कारण)

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UNIT - 11

िलगक जाित का बोध होता ह उस िलग कहत दो िलग ndash और

a ndash जाित का बोध करानवाल को िलग कहत उदा ndash सीताb - जाित का बोध करानवाल को कहत उदा ndash लड़का नर राम

बदगी ह उदा ndash पड नगर ह उदा ndash लता

जो ह व ह उदा ndash भाई बलकई स क नर और मादा का बोध होता ह पर उनका एक िनयम

िलग स होता हndash कौआ चीता ndash कोयल चील मना

जाितभद करन किलए इनक साथ नर या मादा लगाना उदा ndash नर कौआ मादाकौआ नर चीता मादा चीता

क अत आ पा आव और पन हो होतउदा ndash बढ़ापा चढ़ाव लडकपन

क अत आई वट हट और ता हो व होतउदा ndash चढ़ाई सजावच सरलता

स बनान का िनयमक क अ को आ करन स ndash उदा ndash ndash बाल ndash बाला सत ndash सता तनज ndash

तनजा ख क अ को ई करन स ndash उदा ndash दव ndash दवी ndash कबतर ndash मग ndash

मगीग कछ क आ को ई करन स ndash उदा ndash रसा ndash रसी लडक़ा ndash

घ क आ को इया करन स ndash उदा ndash ndash बढ़ा ndash चहा ndash

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ङ या क क इन लगान स ndash उदा ndash सनार ndash

धोबी ndash कहार ndash

च कछ क नी या आनी लगान स ndash उदा ndash िसह ndash िसहनी महतर ndash महतरानी मोर ndash

मोरनीछ उपनामवाचक क क पर आइन लगान स ndash उदा ndash बाब ndash बबआइन

ठाकर ndash ठकराइन पाड ndash पाडाइन ज कछ क ndash उदा ndash ndashमाता ndashऔरत वर- वध मा ndash

बाप ndashभाई

स बनान का िनयमa कछ lsquoओईrsquo lsquoआवrsquo और lsquoऔराrsquo लगान स ndash

उदा ndash बहन ndash बहनाई ननद ndash ननदोई ndash िसल ndash िसलौरा b कछ क lsquoईrsquo को lsquoआrsquo करन स ndash

उदा ndash जीजी ndash जीजा झोली ndash झोला c कछ क lsquoईrsquo को lsquoअrsquo करन स ndash

उदा ndash ndash d क अत lsquoआrsquo लगान स ndash

उदा ndash

UNIT ndash 12

वचन (Number)स और क स स यह त हो वह एक क िलए होता ह या अिधक

क िलए इस वचन कहत वचन दो क होत ndash

1) एकवचन (Singular)

2) बहवचन (Plural)

1) एकवचनःस क स स एक का बोध करान वाला एकवचन हउदाः पढ़ती ह ( ndash एकवचन ह)

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2) बहवचनःस क स स एक स अिधक का बोध हो उस बहवचन कहतउदाः पढ़ती ( ndash बहवचन ह)

कभी कभी आदर क िलए एकवचन बहवचन क होतउदाः अब )बहवचन(

बहवचन बनान का िनयमः-)क ( क lsquoआrsquo क पर lsquoएrsquo लगा दन स एकवचन का बहवचन बन जाता ह

उदा ndash लड़का ndash लडक कपड़ा ndash कपड़ बटा ndash बट lsquo rsquo क सभी क (

) एक समान रहतक बहवचन बनान का िनयम

lsquo rsquo तथा lsquo rsquo क lsquoअrsquo lsquoआrsquo क पर lsquoएrsquo का करन स बहवचनबनाया जाता ह

उदाः ndash गाय ndash ndash रात ndash lsquo rsquo तथा lsquo rsquo क lsquoयाrsquo जोड़न स बहवचन िमलता ह इस lsquoईrsquo क

पर lsquoइrsquo होता हउदाः ndash ndash ndash

स क lsquoयाrsquo हो उनक lsquoयाrsquo क ऊपर कवल लगान पर-

उदाः ndash -

क बाद lsquoएrsquo या lsquo rsquo जोड़न स शष का बहवचन िमलता हउदाः लता ndash लताए -

)ग( िनयम -

)1( )बहवचन( सिचत करन क िलए कभी कभी क एकवचन क साथ गण लोग

जोडतउदा ndash पाठकगण बाब लोग

(2) कछ हमशा बहवचन बोल जातउदा ndash लोग होश

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3) जाितवाचक स ऐ हमशा बहवचन होती ह जब और भाववाचक काजब जाितवाचक क समान होता ह तब व बहवचन होता ह

उदा ndash भारत रावण कमी (यहा रावण जाितवाचक ह)

(4) जब जाितवाचक क समान होता ह तब व बहवचन क होतउदा ndash और क ह (जल बहवचन एव जाितवाचक ह)

UNIT - 13

कारक (Case)या क स उसका क क साथ होता ह उस

कारक कहतउदा ndash राम न रावण को माराइस lsquoनrsquo और lsquoकोrsquo इन क उसका सिचत होता हउदा ndash मारा - राम lsquoनrsquo

मारा ndash रावण lsquoकोrsquo इसिलए य कारककारक क आठ भद होत ndash

कारक - नकारक - को

करण कारक - सकारक - को

अपादान कारक - सकारक - का क

अिधकरण कारक - पर

सबोधन कारक - ह अर अपी अहो क कारक ndash (Nominative)

या क स करनवाला या का बोध होता ह उस कारक कहतlsquoनrsquo ह

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उदा ndash राम गयामोहन न खाया

lsquoरामrsquo और lsquoमोहनrsquo कारक ह न हक को सिचत करन क िलए कोई जाती ह

उदा ndash राम न िलखी ख कारक (Accusative)

या पर क का फल पडता ह उस कारक कहत उदा - राम न रावण को मारा

रावण मारा गया ह यहा lsquoरावणrsquo कारक ह lsquoकोrsquo हकभी कभी lsquoकोrsquo का लोप होता ह

उदा ndash राम न िलखायहा lsquoकोrsquo का लोप होता ह ऐसा भी होता ह - राम न को िलखा

ग करण कारक ( Instrumental)

क साधन का बोध करानवाल क को करण कारक कहत lsquoसrsquo ह उदा ndash

कलम स िलखतिलखन का साधन कलम ह कलम क िलखन होती ह

घ कारक ( Dative)

कारक का वह ह जो उस का बोध कराता ह िलए कोई कामlsquoकोrsquo lsquoक िलएrsquo ह

उदा ndash मोहन न राम को पाच मोहन न राम क िलए पाच

ङ अपादान कारक (Ablative)

का वह ह क स पथक होन का बोध हो उस अपादान कारककहत lsquoसrsquo ह

उदा ndash स िगरतयहा स का सिचत होता ह कारक और अपादान कारक lsquoसrsquo ह

करण कारक lsquoसrsquo साधन सिचत होता ह अपादान कारक lsquoसrsquo सिचत होता ह

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कलम स िलखता ह - करण कारकस आ रहा ह - अपादान कारक

च कारक (Genitive)

क स उसका स होता ह उस कारक कहतlsquoकाrsquo lsquoकrsquo lsquo rsquo

उदा ndash राम का घोडा राम क घोड राम बहन छ अिधकरण कारक (Locative)

क स क आधार का बोध होता ह उस अिधकरण कारक कहत lsquo rsquo

और lsquoपरrsquo उदा ndash शर जगल रहता ह

मज़ पर ह अिधकरण तीन क होत ndash

क कालािधकरण ndash का काल होता ह उस कालािधकरण कहत उदा ndash राम दोपहरस आयगा

ख भावािधकरण ndash क भाव क भावािधकरण होता ह उदा ndash शर को दखकरभय होता ह

ग ndash पर होती ह उस कहत उदा ndash मज़ पर ह कालवाचक और क सात कभी कभी लगती उदा ndash कल रात मसलधार हई ( कल रात मसलधार हई ndash lsquo rsquo का लोप)

ज सबोधन (Vocative)

क स को पकारना सिचत होता ह उस सबोधन कारक कहत हउदा ndash ह राम वहा मत आना

सबोधन कारक कोई ह उसको करन क िलए lsquoहrsquo lsquoअरrsquo कोलगाय जात

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UNIT - 14

( Pronoun)क उसक को करन क िलए का जाता ह

कहत उदा ndash राम जाता ह वह अपनी जाता हउसन कहा ndash लाना भल गया वह अपनी राम जगह हए ह

इसिलए ह को हटान क िलए का जाता हयोग क अनसार क पाच भद होत

1) - त यह वह (एव) हम तम य व आप (बव)

2) ndash यह वह (एव) य व (बव)

3) ndash कोई कछ (एव - बव)

4) ndash जो सो (एव - बव)

5) ndash कौन (एव - बव)

क ndash या लखक बोलत या िलखत समय या तो अपन कछ कहता ह या सननवालऔर पढ़नवाल क अथवा अपन और सननवाल को छोडकर क

कहत स बोलनवाल सननवाल और क कछ कहा जाए उस कोकहत

तीन क होत ndash औरndash बोलनवाला या िलखनवाला अपनिलए का करता ह उस

कहत (एव) हम (बव)ndash सननवाल या पढ़नवाल क िलए का होता ह उस कहत

जस ndashत तम और आप ndash क कछ कहा या िलखा जाए उसक िलए होन वाल को

कहत जस ndash यह वह (एव) य व (बव)और हम ह एकवचन ह हम बहवचन ह का हम

क बहवचन स ह यहा हम क पर होता ह हम का एकवचनऔर बहवचन होत

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त और तम क आदर क िलए आपका करत जस ndash तमयहा आओ इसी क पर आप यहा ए कभी कभी यह और वह क भी आप का

होता ह जस ndash आप मर कभी कभी आदर क िलए आप का करत बहवचन सिचत करन क िलए आप क साथ lsquoलोगrsquo

जोडा जाता ह जस ndash आप लोग यहािनजवाचक आप और चक आप भद होता ह िनजवाचक आप समान स एक वचन

और बहवचन आता ह जस ndash आप पढ़गा हम आपवह कवल बहवचन करत िनचवाचक आप तीन स

होत आप कवल और करतlsquoआपrsquo अकला जाता ह िनजवाचक आप तथा क साथ आता ह जस ndash त

आप कामकभी (2) आप भल अकला आ सकता ह जस ndash आप भला तो जग भला वह अपन आप समझ गया

व ऒर सकत जाता हसकतवाचक और िनदशवाचक भी कहत जस ndash यह वह य व

हम तम आप यह य व इन या क साथ अिधकताकरन क िलए lsquo rsquo lsquoईrsquo य जोडत झस ndash त आप

स या क बात का बोध न हो उसकहत जस ndash कोई कछ

a lsquoकोईrsquo का क िलए होता ह जस ndash बाहर स कोई आ रहा ह b जब का पता न होन पर ndash जस ndash अर कोई कमर ह

c क lsquoकोईrsquo लग तो उसका लगभग होता ह जस - कॉलज स कोई पाच सौभाग

d lsquoकोईrsquo जब दोहराया जाता ह तब को सिचत करता ह जस कोई कोई पर को रोकतe कोई क साथ एक लग जान पर सिचत करता ह जस ndash तम स कोई एक गा सकगा

कछ का अनिगनत क िलए होता ह जस ndash कछ हक िलए होता ह जस ndash पानी कछ ह

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कोई का क िलए होता ह और कछ का क िलए होता हघ वाचक

स दो और क बीच क का बोध हो उस वाचक कहतजो सो जस ndash आपन जो कहा सो हो गया

कभी कभी जो या सो स एक रहता ह जस जो गाता ह बात हङ ndash करन क िलए का होता ह कहत

उदा ndash आप सोचत आज कौन आएगाकौन का क िलए होता ह का क िलए होता ह जस ndash कौन

बोलगा थली हकभी कभी कौन का क िलए होता हजस - बाधा डालनवाल तम कौन होिभ किलए lsquoकौनrsquo को दोहरा भी जाता ह जस ndash कौन कौन लाएग

क कौन का होता ह जस - इसन कौन अपराधक िलए को दोहरा दता ह जस ndash राम न

का क भी होता ह जस ndash तम मझस लडोगका

वचन और कारक क कारण भी होत िलग क कारण होताका और एक स होता ह

सबोधन होतास क पर होता ह उसी क अनसार उस क िलग वचन भी होता ह

काकारक एकवचन बहवचन

हममझको मझ हमको

करण मझस हमसमझको मरिलएमझ हमको हमार िलए

अपादान मझस हमसमरामर हमारा हमार

अिधकरण मझपर हमपर

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तकरक एकवचन बहवचन

तन तम तमनतझको तझ तमको

करण तझस तमसतरातर

अिधकरण तझपर तमपर

वहकरक एकवचन बहवचन

वहउसन व

उसको उस उनकोकरण उसस उनस

उसक िलए उस उनक िलए

अपादान उसस उनसउसका उसक उनका उनक

अिधकरण उस पर उनपर

UNIT - 15

(Adjective)स या सिचत कर उस कहत जस ndash रशमी

कपडा लाल कमलबतलाई जाए उस कहत जस ndash लड़का

ह लड़का हजो क पहल आता ह उस कहत जस ndash फल

ह फल ह इसिलए यह ह

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जो क बाद आता ह उस कहत जस ndash वह लड़का बड़ा होिशयार ह लडका ह होिशयार ह क बाद आन क कारण यह ह

जो क साथ उसको करन क िलए होता ह उस समानािधकरण कहत जस ndash रामनाथ कहता ह

रामनाथ क साथ समानािधकरण ह चार क ndash

क गणवाचक (Adjectives of Quality)

ख (Adjectives of number)

ग (Adjective)

घ या (Demonstrative Adjective)

१ गणवाचकजो क गण रग आकार को बतलानवाल को गणवाचक कहत

जस ndash लबा सशील काला गोल गणवाचक क बदल बहधा क क भी आतजस ndash राजा ( का राजा )

जापानी कपड़ा (जापान का कपड़ा)गणवाचचक का होता ह तब उनका क समान होता ह

जस ndash न सच कहा ह२ - क गणना का बोध हो उस

कहत जस ndash एक दो पहला दसरा दगनाक तीन भद होत ndash

1) 2) 3) बोधक या बोधकndash इसस का बोध होता ह जस ndash चार आठ सात

क चार भद ndash

a गणनावाचक ndash गणनावाचक षण स गणना का बोध होता ह जस ndash एक चार फल सात

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गणनावाचक क साथ एक लगान स लगभग का होता ह जस ndash एक आदमी ndash

लगभग आदमी b ndash स क गणना का होता ह जस ndash पहला

दसरा चौथाc ndash गणनावाचक क lsquoगनाrsquo लगान स बनत जस

ndash दगना ितगना ३ - स माप- तोल या का पता होता ह उस

कहत जस ndash दो सर चावल चार गज कपडा

क दो भद होत ndash

1) और 2)

ण - स का पता लगता हजौस - दो सर चावल

- स का पता नलगता ह जौस ndash बहत दध

४ या - स ऒर या सकत जाता ह उसकहत lsquoयहrsquo lsquoवहrsquo स जाता ह इसिलए इसकहत

जस ndash यह वह जब क हो तब वह बन जाता ह

जस ndash वह घर राम का ह कई ऐस मल जसा रहता ह

जस ndash वह यह क

भी िलग वचन और कारक क अनसार होता ह क िलग और कारक ककारण कछ होता ह

जस ndash काला कपड़ा - काला कपड़काला धोती - काला धोितया

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क साथ ई हो जातजस - काली धोती

क होता ह जो क होन परहोता ह जस ndash वह घोड़ा व घोड़

पथकता अथवा अिधकता क िलए को दहराता ह ndash

जस ndash छोट छोट फल लालका भी होता ह जस ndash बडा लड़का

गणवाचक और जब करत तब वह बन जात

जस ndash थोड़ा खा गया चावल बहत ह क साथ जब आता और व बन जात तब उनक साथ

भी लगती जस ndash को दान दो

UNIT - 16

(Verb)

काम क करन या होन का बोध हो उस कहतजस पढ़ना खाना दौडना पहनना

धात ndash क मल को धात कहत उदा- पढ़ना खलना खानाय सब मल धात lsquoपढ़rsquo lsquoखलrsquo lsquoखाrsquo ह मल धात lsquoनाrsquo जोडकर का िमलताह

i क आधार पर क दो भद होत - 1) 2)

1) (Transitive Verb) ndash क का फल को छोड पर पडता हउस कहत

उदा ndash राम पढ़ता ह

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राम ह ह और का पर पडता ह2) (Intransitive Verb) - क का फल पर पडता ह उस

कहत का अभाव हउदा ndash मोहन सोता ह

कभी कभी एक होता ह और कभी कभी दो भी होत एक होन वालको एक lsquo rsquo कहत

उदा ndash राम न खाना खायाखाना ह कवल एक होता ह दो होन वाली को

कहतउदा ndash मा न को दध

दो होत ndash lsquo rsquo और lsquoदधrsquo दो होत एक lsquo rsquo और दसराlsquoगौणrsquo

उदा ndash मा न को दधइस lsquoगौणrsquo ह दध lsquo rsquo ह lsquoगौणrsquo कभी कभी होता हउदा ndash न कथा सनाई

ii क भद1 - व होती ह आशय अथवा स परा होताको परा करन क िलए दसर होती ह ऐसी को कहतयह दो क होती ह१ ndash का अभाव हउदा ndash वह ह यहा क को परा करन क िलए जोडा गया ह२ ndash होन पर भी का भाव परा न हो उस को

कहतउदा ndash सीता न पढ़ाया

यहा परा सीता न lsquo rsquo पढ़ाया lsquo rsquo पढ़ाया यह परा इसिलए यहह यहा होन पर भी का भाव परा होता

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३ परक - को परा करन क िलए या पडती ह

परक कहत क परक lsquo परकrsquo तथा क परक lsquo परकrsquo

होतउदा ndash उस होिशयार समझता ह ( परक)

राम बलवान ह ( परक)

iii यौिगक धात ndashक स धातओ क दो भद होत 1) मल धात 2) यौिगक धात

मल धात - मल धात व जो दसर स न बन जस ndash कर बठ पढ़ यौिगक धात ndash यौिगक धात व जो दसर स बनाय जात उदा ndash खाना स नाम धात ndash जो या क आधार पर बनती ह उस नाम धात कहत

उदा ndash हाथ स हिथयानास

अपना स अपनानाiv - स यह जान पडता ह को न करक दसर को

करन दता ह उस (casual verbs) कहतउदा ndash राम न मोहन स िलखवाया यहा राम न िलखकर मोहन स िलखवाता ह इसिलए यह ह

करनवाल को और जाती ह उस कहतराम न मोहन स िलखवाया राम ह और मोहन हमल जो होती ह उनस और बन सकती हस और बन सकती उदा ndash दध पीता ह

पीना ह इसस बनती ह ndash मा को दध हस बना सकती ह उदा - मा नौकर स को दध ह

बनान का िनयममल धात क आ जोडन स और वा जोडन स या

बनती ह

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उदा ndash उठना ndash उठाना - उठवानाचलना ndash चलाना - चलवानापढ़ना ndash पढाना - पढ़वाना

दो क धातओ ए और औ को छोडकर पहला हो जाता हउदा ndash जागना ndash जगाना ndash जगवाना

भलना ndash भलाना - भलवानाछोडना ndash छडाना ndash छडवाना

धातओ क ला और लवा लगात तब हो जाता हउदा ndash पीना ndash ndash

सोना ndash सलाना ndash सलवानाखाना ndash -

v नाम धात - को छोडकर जोडन स जो धात बनती ह अथवा जो नाम (

या ) धात क समान होत नामधात कहत जो नामधात लगान सबनत आ ओऔर ला लगात पहला हो जाता ह

उदा ndash लाज ndash ndash लजानाहाथ ndash हिथया ndash हिथयानाझठ ndash झठला ndash झठलाना

UNIT - 17

काल (Tense)क स क होन का समय और अथवा का बोध हो उस काल

कहत काल क तीन भद होत1) भतकाल2) काल3) काल

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भतकालस का बोध हो उस भतकाल कहत

उदा ndash राम न िलखी भतकाल क छः भद - भत भत भत भत भत हत-हतमत भत

भत ndash क स भतकाल क समय का बोध न हो उस भत कहतउदा ndash मोहन न खत िलखायहा का बोध होता जो भतकाल हई ह भतकाल ndash क स का का समय अभी अभी हआ ह इसका बोध

होता ह उस भतकाल कहत उदा ndash राम न ह

इसस पहल अभी अभी हई हभत ndash क स यह होता ह क को हए बहत समय हो चका ह उसभत कहत

उदा ndash न दध थास हो क साथ lsquoथाrsquo lsquoथrsquo lsquoथीrsquo लगान स भतकािलक

िमलता हभत - क उस को भत कहत यह हो भतकाल हो थी पर

का पता न लग उस भतकाल कहतउदा - वह पढ़ रहा था वह सोता था

कब समा हआ इसका पता क साथ lsquoता थाrsquo lsquoत थrsquo lsquoरहा थाrsquo lsquoरह थrsquo लगानाभत काल ndash क स भतकाल सचना िमलती ह उसक होन कछ हो उसभत कहतउदा ndash वह आया होगा

उसन खाया होगा भतकाल हो थी ह क साथ lsquoहगाrsquo lsquoहगीrsquo lsquoहोगाrsquo lsquoहोगीrsquo

lsquo rsquo जोडन स भतकाल िमलता हहत-हतमत भतकाल ndash क स यह पाया जाय भतकाल होना सभव थाकारण स न हो सका उस हत-हतमत भतकाल कहत

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(Present Tense)

क को काल कहत रहती ह

होती उस काल कहतउदा ndash राम पढ़ता ह

सीता गीत गा हकाल तीन क होत ndash 1) काल 2) काल 3)

काल - वह ह स का काल होना पाया जाय

उस कहतउदा ndash मोहन पढ़ता ह

रमा गाती ह क साथ lsquoताrsquo lsquoतrsquo lsquoतीrsquo जोडन स बनत

- वह ह काल क होन पायाजायउदा ndash वह खाता होगा

सीता जाती होगी क साथ lsquoता होगाrsquo lsquoती होगीrsquo lsquoत rsquo lsquoती rsquo लगान स िमलत

ndash का वह ह यह होता ह का अभी ह

होता उस कहत उदा ndash वह खा रहा ह

चल हक साथ lsquoरहाrsquo lsquo rsquo lsquoरहrsquo जोडन स िमलती ह

काल ( Future Tense)

होनवाली को काल कहत काल क दो भद ndash 1)

काल 2) कालकाल ndash का वह ह स क आग होन सचना िमल उसकाल कहत

उदा ndash वह आयगा

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राम आज बबई जायगासीता कल घर आयगी

क साथ lsquoयगाrsquo lsquoयगीrsquo lsquoयगrsquo जोडन स िमलतकाल ndash क होन सभावना हो उस काल कहत

उदा ndash सभव ह आज हो स lsquoगाrsquo lsquoगrsquo lsquoगीrsquo पथक कर दन स काल िमलगा

UNIT ndash 18

(Voice)उस कहत यह जाना जाय का ह

ह या कवल भाव ह उस कहतउदा ndash राम न रावण को मारा

तीन क ndash 1) 2) 3) भाव- ह हमशा क िलग वचन और क अनसार होता ह

उस कहतउदा ndash लडका पढ़ता ह

लड़का ह और ग ह इसिलए भी होना हसीता िलखती ह इसम सीता ह इसिलए ह का सीधा स होताह

ndash क िलग वचन क अनसार हो उस कहतह का होता ह

उदा ndash राम िलखता हह इसिलए यह ह धानता होती ह और का

स होता ह क िलग वचन क अनसार बदलती ह हमशाहोता ह का होना ह

उदा ndash राम न रावण को मारा -

राम स रावण मारा गया -

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रावण ह ह क का ह गौण का रहता ह

उदा ndash मा न को दध मा स को दध गया

दो होत ndash और दध ndash भाव होती ह यह हमशा स बनता ह हमशा

एकवचन और होती ह इसका होता ह उदा ndash यहा बठा जाता

मझस पढ़ा जाता स या बनान

को भत क करना उसक साथ काल वचन और िलग कअनसार जाना क जोडन ऐसा करन स स औरक स भा बनती ह

उदा ndash 1) राम न रावण को मारा -

राम स रावण मारा गया -

2) राम रावण को मारगा -

राम स रावण मारा जायगा -

3) राम रावण को मारता ह -

राम स रावण मारा जाता -

पहल lsquoमाराrsquo भतकािलक ह इसिलए lsquoमाराrsquo क साथ lsquoजानाrsquo का भतकािलकजोडना

दसर lsquoमारगाrsquo काल ह इसिलए lsquoमाराrsquo भतकािलक बदलकरlsquoजानाrsquo का काल lsquoजायगाrsquo जोडना

तीसर काल ह को भतकािलक बदलकर (मारा) उसक साथजाना का (जाता) जोडना

स बन सकता हउदा ndash मोहन उठता ( )

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मोहन स उठा जाता - ( )

वीणा चलती ( )

वीणा स चला जाता - ( )

UNIT ndash 19

याअभी तक हमन क बार पढ़ िलया ह उनक िलग वचन और कारक क अनसार

आता ह इसिलए कहत का ह अब हम क दसरया क बार

चार क होत ndash 1) 2) बोधक 3) बोधक 4)

बोधक

UNIT ndash 20

ndash Adverbउस कहत होती ह

उदा - रमश चलता हइस lsquoचलनाrsquo ह ndash ह lsquo rsquo इसिलए lsquo rsquo ह

स क तीन भद ह - 1) साधारण 2) सयोजक 3) साधारण - साधारण वह ह होता ह साधारण या

कहत जस ndash खब पढ़ो दौडो सयोजक ndash का स या स होता ह सयोजक

कहत जस ndash जहा तक हम चल सक वहा तक ह

योजना का सयोजक स होता ह- का क

भद क साथ होता ह कहत

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जस ndash गह खाओग

कह तो लो होता ह व कवल गह खात और कछ खायगा इन

ह हो जान स का बदल जाता ह जस ndash वह काम करगा इसका यह ह जो काम उस ह कवल वह करगा और कछ

क आधार पर क चार भद होत ndash 1) कालवाचक 2) 3)

4)

कालवाचक ndash स समय अविध तथा काल का बोध होता ह कालवाचककहतजस ndash काम को अभी पढ़ना

आजकल रोज़ होती ह कभी कभी भी रात क समान लगता ह मोहन पढ़ाई सदा ह

अभी आजकल कभी कभी सदा कालवाचक ह ndash स क का बोध होता ह

कहत उदा ndash जहा तक जा सक वहा तक जाओ

जाओ और वहा लटो घर क सामन एक ह बाहर रोशनी भीतर अधरा

हाथ स मारत जहा वहा सामन बाहर भीतर ndash स अिधकता- का बोध होता ह

कहत जस ndash उतना पढ़ो हो

चावल थोडा खाओ खब खाना

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अपना थोडा खब

व क होन का ढ़ग का पता िमलता ह जस ndash राहल धीर धीर चलता ह

सीता मधरतम गाती ह यथा हम तथा िमलत

धीर धीर मधरतम यथा-तथा

UNIT - 21

बोधकबोधक ह जो या क साथ आकर उनका क

क साथ बनात उदा ndash धन क कोई काम न चलता

घर क नीच एक तालाब ह क पास एक भी ह

नीच पास बोधक ह क अनसार बोधक क दो भद होत ndash 1) 2)

क ndash य या क बाद आतउदा - घर क भीतर घर क पीछ घर ऒर

कारक भी आती ह जस का क कभी कभी अपादान कारक या भी आती ह

उदा ndash इनस पहल आया राम का मकान मोहन क घर स पर

lsquoसrsquo lsquoपरrsquo अपादान कारक क ndash यह स क क साथ आत

जस ndash दो तक राम रहगा

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घड भर पानी क िलए पाच दन ग lsquoतकrsquo lsquoभरrsquo सचक

UNIT - 22

( Conjunctions)योजक या व जो या न बतला कर एक या का

दसर या स जोडत बोधक कहतजस ndash सीता और गीता अपन घर गयी

सीता और गीता को िमलानवाला योजक lsquoऔरrsquo ह क तीन भद ndash 1) सयोजक 2) 3) भदबोधक

1) सयोजक ndash कई का सयोग करनवाल को सयोजक कहत इसक दो याका मल होता ह

उदा ndash और राम कल बबई और वहा उनक साथ मोहन भी lsquoऔरrsquo lsquoभीrsquo सयोजक ह

2) ndash जो का बोध कराए कहत जस ndash चाह दश सवा करनी या अथवा मानवीय को पहचानना

lsquoयाrsquo lsquoअथवाrsquo lsquoवाrsquo lsquoचाहrsquo को करनवाल ह 3) भदबोधक ndash दो स एक स भद बतलानवाल को भदबोधक कहत य कई क होत

क ndash दो म स पहल का िनषध या सिचत करत जस ndash

पर मगर वरन उदा ndash मझ वहा जाना था क कारण जा न सका

ख - कारणवाचक और उपदशमलक ndashइसिलए सो अतः इसिलए

इस क ह जस ndash राम समय पर आ न सका इसिलए जा न सका

ग सकतबोधक ndash ndash तो जो ndash तो प सकतबोधक ह जस ndash तम कहत तो जाता

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घ ndash इन पहली बात का और होता ह यान मानो यहा तक इस क ह

जस ndash कोई भी समय पर पहचा यहा तक भी 10 बज तक न आय क और दो भद होत ndash 1) समानािधकरण 2)

समानािधकरण ndash समान पद क या को जोडत जो एक क हो वसमानािधकरण धक कहत जस ndash क मा-बाप का अजीब ह समानािधकरण क चार उपभद होत ndash

1) सयोजक ndash और तथा भी एव 2) क ndash या वा अथवा चाह 3) ndash पर मगर 4) ndash इसिलए अतः

ndash को स जोडनवाल कोकहत

जस ndash आज नौकरानी आयगी वह बीमार ह क चार उपभद होत ndash

१ ndash यान मानो २ करणवाचक ndash जो इसिलए ३ उपदशवाचक - जो ४ सकतवाचक ndash - तो जो-तो -

4) ndash ndash स क शोक घणाको करनवाल को -बोधक कहत

जस ndash हाय अब अर आप कहा जा रह

ह राम करो को सिचत करन क िलए - लात

बोधक क सात भद ndash

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1) बोधक ndash वाह ndashवाह - आहा शबाश

2) शोक बोधक ndash आह ऊह हा-हा ndash

3) बोधक ndash अहो ऒह

4) अनमोदन बोधक ndash हा-हा वाह शबाश

5) बोधक ndash िछ हट अर िधक

6) ndash बहत हा जी हा7) सबोधन बोधक ndash अर र अपी अहो

कभी कभी भी हो जातजस ndash भगवान लो चप कभी कभी या भी होत जस ndash न हो बहत हो गया

जब क समान होत तब वह होता तब वमनोभाव को करात

जस ndash हाय हाय मचा रखी ह

सब लोग - पकार उठहाय ndash हाय - क समान ह इसिलए यह बोधक ह

UNIT - 23

क भद क स बनान का िनयम

क पर जायगास बनता ह एक या अिधक स बनता ह एक स अिधक स बनता

ह कहन या िलखनवाल का परा भाव हो जाय तो उस कहतजस ndash मोहन पढ़ता ह

राम िलखता ह इन स लखक का परा भाव होता ह

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ndash कछ ऐस होत और क रहन पर भी कहन या िलखनवाल का परा आशयहोता क समह को और क रहन पर भी जो कछ सनन

बनी रह कहत दो क होत ndash 1) 2)

क अधीन होतउदा ndash राम न कहा था वह कल पाठशाला जायगा

इस राम न कहा था - ह और कल पाठशाला जायगा तह इस और भी कहत

रखनवाल को कछ थोडा सा भाव करनवाल को कहतएक भावना होती ह

जस ndash तरह पढ़ना चलना

इन होता ह क म दो भाग होत 1) और 2)

ndash ( ) कछ होता ह उस कहतndash ( ) क जो कछ होता ह उस कहत

जस ndash मरा स भरा हआ ह मरा ह और स भरा हआ ह ह मरा ndash ह और मरा

उस का ह इसिलए ( ) और मरा का कहत हआ हह शष उसका ह

इस चार भाग हए ndash 1) ( ) 2) का 3) ( ) 4)

काचार भद ndash

क ndash राम गया ख ndash वह कह चका ग ndash फल

क भदक अनसार क आठ भद होत ndash

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1 ndash इस स बात का होना सिचत होता ह जस ndash भारत राजधानी ह

2 िनषधवाचक ndash का अभाव होता ह जस ndash क कछ भी पा सकत

3 ndash इस स सचना होती हजस - तम कल कालज

4 ndash इसस और उपदश का बोध होता ह जस ndash तरह पढ़ो

का भजन करो 5 ndash इसस का भाव सिचत होता ह जस ndash हाय राम को एक

लाख िमल 6 ndash इसस या सचना होती ह

जस ndash अक पा

7 ndash या सभावना सचना होती ह जस ndash आज होगी

8 - सकत सचना होती ह जस ndash हो तो

राम काम करगा रचना क आधार पर

रचना क आधार पर क तीन भद होत - 1) सरल या साधारण 2) और3)

१ सरल ndash एक और एक होता ह उस सरल कहतजस ndash मोहन िलखता ह ( मोहन और िलखता ह धय ह)

राम मज़ पर रखी ह ( ह और रखी ह ह)

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lsquoराम rsquo और lsquoमज़ परrsquo कवल और का ह २ - उस कहत एक हो और उसक एक या

अिधक हो उस कहतजस ndash जो करगा उस सफलता िमलगी जो करगा ndash ह उस सफलता िमलगी - ह

तीन क ndash 1) 2) 3)

1) ndash का क पर होता ह उसकहतजस ndash मरा ह तमन को मारा यह सच ह इस तमन को मारा ndash ह क पर आया ह इसिलए यह

ह 2) ndash जब कोई को क का काम दता ह तब उस

कहत जस ndash य उसी छा को जायगा जो रहगा

उसी स डरत जो खब मारता ह उसी जो ह

3) ndash जो क का काम दता ह उस कहत

जस ndash करता ह उतना फल िमलता ह जब तम कहोग सब कछ

जब ह ३ ndash दो या दो स अिधक योजक जड हो न

हो उस कहतजस ndash वह तरह पढ़ता था तो पास होता

दो या दो स अिधक सरल अथवा एक दसर पर न होता ह इसिलए यह

जस - कर चका (सरल )

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हम कर चक तो व आए ( )

और मरा मन ठड हो गया ( )

चार क होत ndash सयोजक सचक 1) सयोजक - एक दसर क साथ सयोजक जडा रहता ह

जस ndash वह आया और उसक साथ गया स िमलता ह और स होता ह

2) ndash का एक दसर स भद या का रहता ह जस ndash स बढ़ता ह स भरता ह वह खब खाता पर बडा होता

3) सचक ndash दो स एक को करना जस ndash मझ या राम को

4) अथवा हतसचक ndash एक दसर का होता हजस ndash तम आग पढ़ो पसा दगा मझ पसा िमला इसिलए

कभी कभी बीच योजक आत जस ndash मझ न बलाया आप आता ह जब को का या एक होता ह तो एक बार िलखा या कहा

जाता ह ऐस को सकिचत कहत जस ndash का और मन को भी दता ह

जो आसानी स समझकर छोड दत ऐस को कहत जस ndash आजकल सना ह बरसात क मौसम बखार सब फलाता ह

कहत रोज़ बढ़त रह पहल हमन होना था पर ह दसर लोग स होना पर होता ह

एक का दसर क बदल जा सकता ह मलकर सकत

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क सरल स ndash

उदा ndash सरल - राम न मोहन का - राम न उस को जो मोहन का था

ख स सरलndash उसन कहा पापी ह

सरल ndash उसन को पापी बताया ग सरल स

सरल ndash होन पर लोग खत जान लग - हआ और खत जान लग

घ स िनषध वाचक तथाndash मोहन सोहन स बडा ह

िनषध वाचक - मोहन सोहन स बडा ndash मोहन सोहन स बडा ह

UNIT ndash 24

और महावरव जो का अपना न बता कर कछ करत महावरा

कहत बोलचाल बहत आनवाला ऐसा बधा कोई अनभव बात और अलकतभाषा गई हो या कहावत कहाता ह जस ndash मर पट चह कद रह

जब स उनका लड़का मरा ह कमर टट गई ह वह इतना चालाक ह अपन मािलक को पर नचाता ह

इन lsquoपट चह कद रह rsquo lsquoकमर टट गई हrsquo lsquo पर नचाता हrsquo इन काउनक स ह यहा lsquoपट चह कदनrsquo का ह भख लगना lsquoकमर टटनrsquo का ह या

का न रहना तथा lsquo पर नचानrsquo का ह अपन वश रखना अतः य महावरकहलात

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इसी जब कोई आदमी काम करना न जानता हो परत अपन को िछपान क िलए बहान बनावतब कहा जाता ह ndash नाच न जान आगन टढ़ा

जब कोई आदमी अनक खाकर भी अपनी आदत न छोड़ तब कहा जाता ह दम सौतक नली रखो तो भी य बध हए और अनभव तथा अलकत भाषा कह गय अतः य

और क स भाषा तथा आती ह महावरदार भाषाबहत पसद जाती ह और कथन बड़ा होता ह

महावरअग-अग - बहत होनाअगठा - चीज़ को दन स क साथ करनाअध - सहाराअधरा घर का उजाला - एकलौता बटा

क घोड़ दौड़ाना - सोचनापर पड़ना - समझ न पाना

अपना सीधा करना ndash करनाआख उठाना - नीयत स दखनाआख खलाना - होश आना

चार होना - आख स आख िमलानानीची होना - होनापीली करना - नाराज़ होना

आकाश पाताल का ndash बहत भदआग घी डालना - बढ़ानाआसमान िसर पर उठाना - बहत कोलाहल करना

स बजाना - करनाईद का चाद होना - िचरकाल पीछ दनाउगली पर नचाना - वश रखना

गगा बहाना - बात करना

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कमर टट जाना - िनराश हो जानाकान भरना - चगली करना

मौत मरना - बहत तरह स मरनाखाक उड़ाना खाक िमलाना - बरबाद होनागड़ गोबर कर दना - काम दनाघर गगा - दौड़-धप कघाट घाट का पानी पीना - जहा तहा का अनभव करनाचाद पर थकना - करना और फलतः होनाचार चादनी - थोड़ का सख

का दध याद आना - सब सख भल जाना सकट आ पड़नाजमीन पर पर न पड़ना - बहत अिभमान होनाजल भन कर कोयला होना - पागल हो जानाटस स मस न होना - भी नटाग अड़ाना - बाधा डालनाटोपी उछालना - िनरादर करनाितनका पकड़ना - मागनाितन का ताड़ करना - बात बढ़ानाथक कर चाटना - वचन दकर जाना

तल उगली दबाना - करनादम तोडना - मर जाना

दना रात चौगना होना - खब होनाधप बाल सफद करना - अनभव आय दनानमक लगाना - बात को बढ़ा कर कहनानाक कटना - बदनामी होनानाक चढ़ाना - घणा करनानीला पीला होना - आना

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नौ-दो होना - भाग जानाउछालना - करना

- बातपरदा डालना - िछपानापहाड टट पड़ना - आनापट चह कदना - खब भख लगना

तल स ज़मीन िनकल जाना - होश उड़ जानाफक-फक कर कदम रखना - सोच-समझ कर काम करनाबगला भगत -

उछलना - खब खश होनाबाज़ार पर होना - काम पर होनाबात का धनी - वायद काबाल खाल उतारना - करनाबाल पकना - बढ़ा होजाना अनभव करनाबाल बाल बचना - हािन पहचन जरा- सी कसर रह जानाबगार टालना - लगाकर काम न करनाबोली मारना - क कहनाभनक पड़ना - खबर द जानाभाड़ - समय गवाना

मारना - बकारचस - बहत कजसपर मारना - का नकल करना

मगज चाटना - तग करनामाथा ठनकना - आशका होनामारा मारा - होनामह-तोड़ जवाब दना - परा-परा जवाब दना

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मह फक हो जाना - चहर का रग उतर जानामह पानी भर आना - खान को ललचानामह लगाना - अिधक द दना

गरम करना - दनाराई का पहाड़ बनाना - बात को बढ़ाकर कहनारात- - हमशालका काड होना - खब मारपीट होनालबी-चौ हाकना - करना

होना - होनालह क घट पीना - करनालह पसीना एक करना - बहत करनालोह क चना चबाना - काम करनाशतान क कान कतरना - बहत चालाक होना

करना - करनाबाग - बहकाना

समझ पर पड़ना - होनाबठना - जमाना

िसतारा चमकना - उदय होनािसर पर खन सवार होना - जान लन पर होनािसर पर हाथ धरना - सहायता करनासौ बात एक बात - िनचोड़

करना - फक डालनाहसी उड़ाना - करनाहाथ मल -

हाथ पर हाथ धर बठना - बठनाहाथ पसारना - मागना

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हाथ-पर मारना - करनाहाथ साफ करना - बईमानी स ठगना

पानी करना - करनाहोश उड़ना - भय या आशका स दखी होना

अत गता सो मता - वहकान राजा - थोड़ा पढ़ िलख का मान होता ह

आख क गाठ क पर - पर धनवानआप मर जग परल - ह तो ससार ह

चोर कोतवाल को डाट - अपराध करक को डाटनाऊची दकान पकवान - काम करनाएक अनार सौ बीमार - जब एक चीज़ क बहत स तब कहा जाता हएक पथ दो काज - एक काम करन स दो का लाभ होनाकाला बराबर -

घर का लका ढ़ाह - फट स घर नाश होता हिचराग तल अधरा - पास घटना क होन पर भी उसका न होना या

ऐस पर बराई का होना जहा उसक रोकन का होचोर ितनका - पापी डर जाता हजाग सो पाव सोव तो खोव - सावधान रहन स लाभ होता ह

- बलवान का दबदबा रहता हजसा दश वसा भस - दश रह वसी करनीजसी करनी वसी भरनी - फल िमलता हतन को कपड़ा न पट को - बहतथोथा चना बाज घना - काम न करनवाला बकवास बहत करता हदाम बनाय काम - पस स सब काम हो जात

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धोबी का घर का न घाट का - जो एक पर जमकर काम न कर कभी एक लग और कभीदसर और सफल न हो उस कहा जाता ह

रहना मगर स बर - अधीन होकर रह और उसी स बर कर तो गज़ारा चलता हन रहगा बास न बाजगी - नकसान हो उसका नाश कर दना हनाच न जान आगन टढ़ा - काम करन न होन पर दसर को दोष दना नीम जान का खतरा - अधरा हािनकारक होता हनौ नगद न तरह उधार - उधार सौदा दनामान न मान तरा महमान - गल पड़नािमया जती िमया क िसर - स उसी हािन करनासौ सयान एक मत - सभी अथवा एक सलाह होती हहाथ कगन को आरसी - क िलए और हाथी क दात खान क और क और - कहना कछ और करना कछ औरहोनहार क होत चीकन पात - होनहार क पहल स जात

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समास औरसमास दो का योग होता ह दो का योग होता ह क

होत होन पर दो क सयोग स पद भी िमल जात समासवाल औरसमास हो सकता हउदा ndash पीता र दो पद ह ndash lsquoपीतrsquo और lsquo rsquo करन पर इस तरह होता ह ndash पीत +

= समास करन पर lsquoपीत ह जो rsquo =

कवल होती ह समास होता ह क तोडनको द कहत समास क तोडन को कहत

ndash क को अलग अलग अपनी क रखकर उनक आपस क कोकरन को कहत

उदा ndash रातndash - इसका ह रात औरसमास क भद

समास क छः भद होत 1) 2) 3) 4) 5) 6)

1 समास ndash समास पहला हो उस समास कहत इसकापहला पद या पद होता ह

उदा ndash ( क अनसार)

आजीवन ( जीवन )

यथासमय (समय क अनसार)

2 समास ndash समास पद हो और समास करन पर पहली का लोपहो उस समास कहत

उदा ndash राजसभा (राज सभा)( को )

समास क दो भद ह ndash

1) 2) समानािधकरणi ndash पद का करन पर पहला और दसर

लगायी जाती हउदा ndash राज-सभा (राजा सभा)

पहल सबध कारक ह और दसर कारक ह

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क छः भद -

इस समास क पद कारक का लोप होता ह उसी कारक क अनसार इस समास कानाम होता ह ndash

१ ndash होती हउदा ndash ( को ndash को कारक ह)

२ करण - lsquoसrsquo हउदा ndash (अकाल स )

मनमाना (मन स माना हआ)

३ ndash lsquoक िलएrsquoउदा ndash रसोईघर (रसोई क िलए घर)

(हवन क िलए )

४ अपादान ndash lsquoसrsquo हउदा ndash ( स िगरा हआ)

(पद स )

(ऋण स )

५ सबध ndash lsquoकाrsquo lsquoकrsquo lsquo rsquo हउदा ndash सनापित (सना का पित)

राजमाता (राजा माता)( दश का )

६ अिधकरण ndash lsquo rsquo lsquoपरrsquo हउदा ndash वनवास (वन वास)

आपबीती (अपन आप पर बीती)( )

कभी कभी समास पद का लोप होता ह उस अलक कहतउदा ndash ( रहनवाला lsquo rsquo का लोप)

सरिसज (सर होनवाला lsquo rsquo का लोप)

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नञ ndash अभाव या िनषध का सिचत ककरनवाला lsquoअrsquo या lsquoअनrsquo लगान स बननवाल को lsquoनञrsquo

कहतउदा ndash ( जो न हो)

अनपढ़ ( न पढ़ा हआ)

अछता ( न छआ हआ)

उप पद ndash समास कोई उप पद न हो तथा बाद पद हो उस lsquoउप पद rsquo कहतउदा ndash जलज (जल ) ndash कलम

मनोज ndash (मन जात) - कामदवii समानािधकरण - समास क क बाद एक कारक

आती ह उस समानािधकरण अथवा कहत इस समास क पद उपमान- उपमय अथवाndash हउदा ndash नील कमल - नीला कमल

यहा नीला और कमल हम ndash घन (बादल) (काला) उपमान और उपमय

कभी कभी सबध बतानवाल बीच क पद का लोप भी होता ह lsquo rsquo समासपहल का दसर स सबध बतानवाल बीच क पद का लोप होता ह उस समास कहत

iii समास ndash समास क होता ह और समदाय का बोधहोता ह उस समास कहत

उदा ndash (तीन का समाहार)

चौमासा (चार का समह)

iv समास ndash समास होत और करन पर और या अथवा योजकलगत उस समास कहत

उदा ndash ndash औरndash पाप और

तन-मन ndash तन और मनसमास क का िलग साधारणतया म क अनसार होता ह कभी कभी

हो तो उसी क अनसार िलग हो जाता हउदा ndash राजा-रानी आय

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समास एक स अिधक जडतउदा ndash माता ndash आय राम- आत थ

कभी कभी बहवचन - सचक क साथ भी पाया जाता हउदा ndash आपक लडक-

v ब समास ndash इस समास स कोई पद होता पर समास पद पदका होता ह इस समास कहत

उदा ndash र (पीत ह )

अनग ( ह अग - कामदव)

समास पद का पहला दसर क होता ह समासपद अपन स का होत ह कई पद भद स क

समास हउदा ndash मगलोचन - 1) मग क लोचन ndash

2) मग क समान लोचनवाला ndash समास- 1) पीला कपडा ndash

2) पीला ह अबर (कपडा) वह ( ndash समास)

Module lll

UNIT - 9

क िलग वचन कारक अथवा काल क अनसार होता ह

कहत औरया - क िलग वचन कारक अथवा काल क अनसार कोई

होता व ह सचक व ह सचक या ह

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UNIT - 10

(NOUN)वह ह या भाव को सिचत करता ह राम ( )

( ) ( ) क तीन ndash

a) (Proper Noun)

b) जाितवाचक (Common Noun)

c) भाववाचक ( Abstract Noun)

A ndash उस कहत एक का बोध होता हउदा ndash राम गगा

B जाितवाचक ndash जाितवाचक स एक जाित क सब का बोध होता हउदा - नगर सभा जल

स सभी जाित का बोध होता ह का य जाित क आधार पर होत

स सजातीय क समह को करत उस समहवाचक कहत उदा ndash सनास का बोध का बोध होता ह उस कहत

उदा - सोना पानी लोहाC भाववाचक ndash भाववाचक व क गण दोष कासचना होती ह

उदा - गण दोष ndash िमठास कटता नीचता- लडकपन यौवन दासता

भाव ndash शोक भयD जब गण को करत तब व जाितवाचक बनत

उदा ndash ह तम बनोइस स ह ndash पर रहनवाला यह जाितवाचक हकभी कभी जाितवाचक होती

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उदा ndash गािधजी कल यहा यहा गािधजी हE भाववाचक कभी कभी जाितवाचक क समान होती

उदा ndash हाथी और घोड बडा ह यहा चाल जाितवाचक हभाववाचक चार स बनती

a) जाितवाचक स ndash लडका ndash लडकपनndash

b) स ndash अह ndash अहकारअपना ndash अपनापन

c) स ndash चतर ndash चतराईमीठा ndash िमठास

d) स ndash चढ़ना ndash चढ़ाईसजाना ndash सजावटघबराना ndash घबराहट

F क समान होन वालउदा ndash का आधर गणी- ह यहा क समान होत उदा ndash का कहना

मानो lsquoबडाrsquo ह यह क पर होता हका

एक स अिधक स बनत क एक दसर क िमलन स का होता हक क होता ह इस कहत का िलग वचनऔर कारक क कारण होता ह

उदा ndash लड़का पठता ह ndash पठती ह ( िलग क कारण)

लड़का दौडता ह - लड़क दौडत (वचन क कारण)

लाओ ndash मज़ पर ह ( कारक क कारण)

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UNIT - 11

िलगक जाित का बोध होता ह उस िलग कहत दो िलग ndash और

a ndash जाित का बोध करानवाल को िलग कहत उदा ndash सीताb - जाित का बोध करानवाल को कहत उदा ndash लड़का नर राम

बदगी ह उदा ndash पड नगर ह उदा ndash लता

जो ह व ह उदा ndash भाई बलकई स क नर और मादा का बोध होता ह पर उनका एक िनयम

िलग स होता हndash कौआ चीता ndash कोयल चील मना

जाितभद करन किलए इनक साथ नर या मादा लगाना उदा ndash नर कौआ मादाकौआ नर चीता मादा चीता

क अत आ पा आव और पन हो होतउदा ndash बढ़ापा चढ़ाव लडकपन

क अत आई वट हट और ता हो व होतउदा ndash चढ़ाई सजावच सरलता

स बनान का िनयमक क अ को आ करन स ndash उदा ndash ndash बाल ndash बाला सत ndash सता तनज ndash

तनजा ख क अ को ई करन स ndash उदा ndash दव ndash दवी ndash कबतर ndash मग ndash

मगीग कछ क आ को ई करन स ndash उदा ndash रसा ndash रसी लडक़ा ndash

घ क आ को इया करन स ndash उदा ndash ndash बढ़ा ndash चहा ndash

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ङ या क क इन लगान स ndash उदा ndash सनार ndash

धोबी ndash कहार ndash

च कछ क नी या आनी लगान स ndash उदा ndash िसह ndash िसहनी महतर ndash महतरानी मोर ndash

मोरनीछ उपनामवाचक क क पर आइन लगान स ndash उदा ndash बाब ndash बबआइन

ठाकर ndash ठकराइन पाड ndash पाडाइन ज कछ क ndash उदा ndash ndashमाता ndashऔरत वर- वध मा ndash

बाप ndashभाई

स बनान का िनयमa कछ lsquoओईrsquo lsquoआवrsquo और lsquoऔराrsquo लगान स ndash

उदा ndash बहन ndash बहनाई ननद ndash ननदोई ndash िसल ndash िसलौरा b कछ क lsquoईrsquo को lsquoआrsquo करन स ndash

उदा ndash जीजी ndash जीजा झोली ndash झोला c कछ क lsquoईrsquo को lsquoअrsquo करन स ndash

उदा ndash ndash d क अत lsquoआrsquo लगान स ndash

उदा ndash

UNIT ndash 12

वचन (Number)स और क स स यह त हो वह एक क िलए होता ह या अिधक

क िलए इस वचन कहत वचन दो क होत ndash

1) एकवचन (Singular)

2) बहवचन (Plural)

1) एकवचनःस क स स एक का बोध करान वाला एकवचन हउदाः पढ़ती ह ( ndash एकवचन ह)

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2) बहवचनःस क स स एक स अिधक का बोध हो उस बहवचन कहतउदाः पढ़ती ( ndash बहवचन ह)

कभी कभी आदर क िलए एकवचन बहवचन क होतउदाः अब )बहवचन(

बहवचन बनान का िनयमः-)क ( क lsquoआrsquo क पर lsquoएrsquo लगा दन स एकवचन का बहवचन बन जाता ह

उदा ndash लड़का ndash लडक कपड़ा ndash कपड़ बटा ndash बट lsquo rsquo क सभी क (

) एक समान रहतक बहवचन बनान का िनयम

lsquo rsquo तथा lsquo rsquo क lsquoअrsquo lsquoआrsquo क पर lsquoएrsquo का करन स बहवचनबनाया जाता ह

उदाः ndash गाय ndash ndash रात ndash lsquo rsquo तथा lsquo rsquo क lsquoयाrsquo जोड़न स बहवचन िमलता ह इस lsquoईrsquo क

पर lsquoइrsquo होता हउदाः ndash ndash ndash

स क lsquoयाrsquo हो उनक lsquoयाrsquo क ऊपर कवल लगान पर-

उदाः ndash -

क बाद lsquoएrsquo या lsquo rsquo जोड़न स शष का बहवचन िमलता हउदाः लता ndash लताए -

)ग( िनयम -

)1( )बहवचन( सिचत करन क िलए कभी कभी क एकवचन क साथ गण लोग

जोडतउदा ndash पाठकगण बाब लोग

(2) कछ हमशा बहवचन बोल जातउदा ndash लोग होश

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3) जाितवाचक स ऐ हमशा बहवचन होती ह जब और भाववाचक काजब जाितवाचक क समान होता ह तब व बहवचन होता ह

उदा ndash भारत रावण कमी (यहा रावण जाितवाचक ह)

(4) जब जाितवाचक क समान होता ह तब व बहवचन क होतउदा ndash और क ह (जल बहवचन एव जाितवाचक ह)

UNIT - 13

कारक (Case)या क स उसका क क साथ होता ह उस

कारक कहतउदा ndash राम न रावण को माराइस lsquoनrsquo और lsquoकोrsquo इन क उसका सिचत होता हउदा ndash मारा - राम lsquoनrsquo

मारा ndash रावण lsquoकोrsquo इसिलए य कारककारक क आठ भद होत ndash

कारक - नकारक - को

करण कारक - सकारक - को

अपादान कारक - सकारक - का क

अिधकरण कारक - पर

सबोधन कारक - ह अर अपी अहो क कारक ndash (Nominative)

या क स करनवाला या का बोध होता ह उस कारक कहतlsquoनrsquo ह

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उदा ndash राम गयामोहन न खाया

lsquoरामrsquo और lsquoमोहनrsquo कारक ह न हक को सिचत करन क िलए कोई जाती ह

उदा ndash राम न िलखी ख कारक (Accusative)

या पर क का फल पडता ह उस कारक कहत उदा - राम न रावण को मारा

रावण मारा गया ह यहा lsquoरावणrsquo कारक ह lsquoकोrsquo हकभी कभी lsquoकोrsquo का लोप होता ह

उदा ndash राम न िलखायहा lsquoकोrsquo का लोप होता ह ऐसा भी होता ह - राम न को िलखा

ग करण कारक ( Instrumental)

क साधन का बोध करानवाल क को करण कारक कहत lsquoसrsquo ह उदा ndash

कलम स िलखतिलखन का साधन कलम ह कलम क िलखन होती ह

घ कारक ( Dative)

कारक का वह ह जो उस का बोध कराता ह िलए कोई कामlsquoकोrsquo lsquoक िलएrsquo ह

उदा ndash मोहन न राम को पाच मोहन न राम क िलए पाच

ङ अपादान कारक (Ablative)

का वह ह क स पथक होन का बोध हो उस अपादान कारककहत lsquoसrsquo ह

उदा ndash स िगरतयहा स का सिचत होता ह कारक और अपादान कारक lsquoसrsquo ह

करण कारक lsquoसrsquo साधन सिचत होता ह अपादान कारक lsquoसrsquo सिचत होता ह

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कलम स िलखता ह - करण कारकस आ रहा ह - अपादान कारक

च कारक (Genitive)

क स उसका स होता ह उस कारक कहतlsquoकाrsquo lsquoकrsquo lsquo rsquo

उदा ndash राम का घोडा राम क घोड राम बहन छ अिधकरण कारक (Locative)

क स क आधार का बोध होता ह उस अिधकरण कारक कहत lsquo rsquo

और lsquoपरrsquo उदा ndash शर जगल रहता ह

मज़ पर ह अिधकरण तीन क होत ndash

क कालािधकरण ndash का काल होता ह उस कालािधकरण कहत उदा ndash राम दोपहरस आयगा

ख भावािधकरण ndash क भाव क भावािधकरण होता ह उदा ndash शर को दखकरभय होता ह

ग ndash पर होती ह उस कहत उदा ndash मज़ पर ह कालवाचक और क सात कभी कभी लगती उदा ndash कल रात मसलधार हई ( कल रात मसलधार हई ndash lsquo rsquo का लोप)

ज सबोधन (Vocative)

क स को पकारना सिचत होता ह उस सबोधन कारक कहत हउदा ndash ह राम वहा मत आना

सबोधन कारक कोई ह उसको करन क िलए lsquoहrsquo lsquoअरrsquo कोलगाय जात

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UNIT - 14

( Pronoun)क उसक को करन क िलए का जाता ह

कहत उदा ndash राम जाता ह वह अपनी जाता हउसन कहा ndash लाना भल गया वह अपनी राम जगह हए ह

इसिलए ह को हटान क िलए का जाता हयोग क अनसार क पाच भद होत

1) - त यह वह (एव) हम तम य व आप (बव)

2) ndash यह वह (एव) य व (बव)

3) ndash कोई कछ (एव - बव)

4) ndash जो सो (एव - बव)

5) ndash कौन (एव - बव)

क ndash या लखक बोलत या िलखत समय या तो अपन कछ कहता ह या सननवालऔर पढ़नवाल क अथवा अपन और सननवाल को छोडकर क

कहत स बोलनवाल सननवाल और क कछ कहा जाए उस कोकहत

तीन क होत ndash औरndash बोलनवाला या िलखनवाला अपनिलए का करता ह उस

कहत (एव) हम (बव)ndash सननवाल या पढ़नवाल क िलए का होता ह उस कहत

जस ndashत तम और आप ndash क कछ कहा या िलखा जाए उसक िलए होन वाल को

कहत जस ndash यह वह (एव) य व (बव)और हम ह एकवचन ह हम बहवचन ह का हम

क बहवचन स ह यहा हम क पर होता ह हम का एकवचनऔर बहवचन होत

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त और तम क आदर क िलए आपका करत जस ndash तमयहा आओ इसी क पर आप यहा ए कभी कभी यह और वह क भी आप का

होता ह जस ndash आप मर कभी कभी आदर क िलए आप का करत बहवचन सिचत करन क िलए आप क साथ lsquoलोगrsquo

जोडा जाता ह जस ndash आप लोग यहािनजवाचक आप और चक आप भद होता ह िनजवाचक आप समान स एक वचन

और बहवचन आता ह जस ndash आप पढ़गा हम आपवह कवल बहवचन करत िनचवाचक आप तीन स

होत आप कवल और करतlsquoआपrsquo अकला जाता ह िनजवाचक आप तथा क साथ आता ह जस ndash त

आप कामकभी (2) आप भल अकला आ सकता ह जस ndash आप भला तो जग भला वह अपन आप समझ गया

व ऒर सकत जाता हसकतवाचक और िनदशवाचक भी कहत जस ndash यह वह य व

हम तम आप यह य व इन या क साथ अिधकताकरन क िलए lsquo rsquo lsquoईrsquo य जोडत झस ndash त आप

स या क बात का बोध न हो उसकहत जस ndash कोई कछ

a lsquoकोईrsquo का क िलए होता ह जस ndash बाहर स कोई आ रहा ह b जब का पता न होन पर ndash जस ndash अर कोई कमर ह

c क lsquoकोईrsquo लग तो उसका लगभग होता ह जस - कॉलज स कोई पाच सौभाग

d lsquoकोईrsquo जब दोहराया जाता ह तब को सिचत करता ह जस कोई कोई पर को रोकतe कोई क साथ एक लग जान पर सिचत करता ह जस ndash तम स कोई एक गा सकगा

कछ का अनिगनत क िलए होता ह जस ndash कछ हक िलए होता ह जस ndash पानी कछ ह

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कोई का क िलए होता ह और कछ का क िलए होता हघ वाचक

स दो और क बीच क का बोध हो उस वाचक कहतजो सो जस ndash आपन जो कहा सो हो गया

कभी कभी जो या सो स एक रहता ह जस जो गाता ह बात हङ ndash करन क िलए का होता ह कहत

उदा ndash आप सोचत आज कौन आएगाकौन का क िलए होता ह का क िलए होता ह जस ndash कौन

बोलगा थली हकभी कभी कौन का क िलए होता हजस - बाधा डालनवाल तम कौन होिभ किलए lsquoकौनrsquo को दोहरा भी जाता ह जस ndash कौन कौन लाएग

क कौन का होता ह जस - इसन कौन अपराधक िलए को दोहरा दता ह जस ndash राम न

का क भी होता ह जस ndash तम मझस लडोगका

वचन और कारक क कारण भी होत िलग क कारण होताका और एक स होता ह

सबोधन होतास क पर होता ह उसी क अनसार उस क िलग वचन भी होता ह

काकारक एकवचन बहवचन

हममझको मझ हमको

करण मझस हमसमझको मरिलएमझ हमको हमार िलए

अपादान मझस हमसमरामर हमारा हमार

अिधकरण मझपर हमपर

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तकरक एकवचन बहवचन

तन तम तमनतझको तझ तमको

करण तझस तमसतरातर

अिधकरण तझपर तमपर

वहकरक एकवचन बहवचन

वहउसन व

उसको उस उनकोकरण उसस उनस

उसक िलए उस उनक िलए

अपादान उसस उनसउसका उसक उनका उनक

अिधकरण उस पर उनपर

UNIT - 15

(Adjective)स या सिचत कर उस कहत जस ndash रशमी

कपडा लाल कमलबतलाई जाए उस कहत जस ndash लड़का

ह लड़का हजो क पहल आता ह उस कहत जस ndash फल

ह फल ह इसिलए यह ह

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जो क बाद आता ह उस कहत जस ndash वह लड़का बड़ा होिशयार ह लडका ह होिशयार ह क बाद आन क कारण यह ह

जो क साथ उसको करन क िलए होता ह उस समानािधकरण कहत जस ndash रामनाथ कहता ह

रामनाथ क साथ समानािधकरण ह चार क ndash

क गणवाचक (Adjectives of Quality)

ख (Adjectives of number)

ग (Adjective)

घ या (Demonstrative Adjective)

१ गणवाचकजो क गण रग आकार को बतलानवाल को गणवाचक कहत

जस ndash लबा सशील काला गोल गणवाचक क बदल बहधा क क भी आतजस ndash राजा ( का राजा )

जापानी कपड़ा (जापान का कपड़ा)गणवाचचक का होता ह तब उनका क समान होता ह

जस ndash न सच कहा ह२ - क गणना का बोध हो उस

कहत जस ndash एक दो पहला दसरा दगनाक तीन भद होत ndash

1) 2) 3) बोधक या बोधकndash इसस का बोध होता ह जस ndash चार आठ सात

क चार भद ndash

a गणनावाचक ndash गणनावाचक षण स गणना का बोध होता ह जस ndash एक चार फल सात

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गणनावाचक क साथ एक लगान स लगभग का होता ह जस ndash एक आदमी ndash

लगभग आदमी b ndash स क गणना का होता ह जस ndash पहला

दसरा चौथाc ndash गणनावाचक क lsquoगनाrsquo लगान स बनत जस

ndash दगना ितगना ३ - स माप- तोल या का पता होता ह उस

कहत जस ndash दो सर चावल चार गज कपडा

क दो भद होत ndash

1) और 2)

ण - स का पता लगता हजौस - दो सर चावल

- स का पता नलगता ह जौस ndash बहत दध

४ या - स ऒर या सकत जाता ह उसकहत lsquoयहrsquo lsquoवहrsquo स जाता ह इसिलए इसकहत

जस ndash यह वह जब क हो तब वह बन जाता ह

जस ndash वह घर राम का ह कई ऐस मल जसा रहता ह

जस ndash वह यह क

भी िलग वचन और कारक क अनसार होता ह क िलग और कारक ककारण कछ होता ह

जस ndash काला कपड़ा - काला कपड़काला धोती - काला धोितया

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क साथ ई हो जातजस - काली धोती

क होता ह जो क होन परहोता ह जस ndash वह घोड़ा व घोड़

पथकता अथवा अिधकता क िलए को दहराता ह ndash

जस ndash छोट छोट फल लालका भी होता ह जस ndash बडा लड़का

गणवाचक और जब करत तब वह बन जात

जस ndash थोड़ा खा गया चावल बहत ह क साथ जब आता और व बन जात तब उनक साथ

भी लगती जस ndash को दान दो

UNIT - 16

(Verb)

काम क करन या होन का बोध हो उस कहतजस पढ़ना खाना दौडना पहनना

धात ndash क मल को धात कहत उदा- पढ़ना खलना खानाय सब मल धात lsquoपढ़rsquo lsquoखलrsquo lsquoखाrsquo ह मल धात lsquoनाrsquo जोडकर का िमलताह

i क आधार पर क दो भद होत - 1) 2)

1) (Transitive Verb) ndash क का फल को छोड पर पडता हउस कहत

उदा ndash राम पढ़ता ह

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राम ह ह और का पर पडता ह2) (Intransitive Verb) - क का फल पर पडता ह उस

कहत का अभाव हउदा ndash मोहन सोता ह

कभी कभी एक होता ह और कभी कभी दो भी होत एक होन वालको एक lsquo rsquo कहत

उदा ndash राम न खाना खायाखाना ह कवल एक होता ह दो होन वाली को

कहतउदा ndash मा न को दध

दो होत ndash lsquo rsquo और lsquoदधrsquo दो होत एक lsquo rsquo और दसराlsquoगौणrsquo

उदा ndash मा न को दधइस lsquoगौणrsquo ह दध lsquo rsquo ह lsquoगौणrsquo कभी कभी होता हउदा ndash न कथा सनाई

ii क भद1 - व होती ह आशय अथवा स परा होताको परा करन क िलए दसर होती ह ऐसी को कहतयह दो क होती ह१ ndash का अभाव हउदा ndash वह ह यहा क को परा करन क िलए जोडा गया ह२ ndash होन पर भी का भाव परा न हो उस को

कहतउदा ndash सीता न पढ़ाया

यहा परा सीता न lsquo rsquo पढ़ाया lsquo rsquo पढ़ाया यह परा इसिलए यहह यहा होन पर भी का भाव परा होता

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३ परक - को परा करन क िलए या पडती ह

परक कहत क परक lsquo परकrsquo तथा क परक lsquo परकrsquo

होतउदा ndash उस होिशयार समझता ह ( परक)

राम बलवान ह ( परक)

iii यौिगक धात ndashक स धातओ क दो भद होत 1) मल धात 2) यौिगक धात

मल धात - मल धात व जो दसर स न बन जस ndash कर बठ पढ़ यौिगक धात ndash यौिगक धात व जो दसर स बनाय जात उदा ndash खाना स नाम धात ndash जो या क आधार पर बनती ह उस नाम धात कहत

उदा ndash हाथ स हिथयानास

अपना स अपनानाiv - स यह जान पडता ह को न करक दसर को

करन दता ह उस (casual verbs) कहतउदा ndash राम न मोहन स िलखवाया यहा राम न िलखकर मोहन स िलखवाता ह इसिलए यह ह

करनवाल को और जाती ह उस कहतराम न मोहन स िलखवाया राम ह और मोहन हमल जो होती ह उनस और बन सकती हस और बन सकती उदा ndash दध पीता ह

पीना ह इसस बनती ह ndash मा को दध हस बना सकती ह उदा - मा नौकर स को दध ह

बनान का िनयममल धात क आ जोडन स और वा जोडन स या

बनती ह

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उदा ndash उठना ndash उठाना - उठवानाचलना ndash चलाना - चलवानापढ़ना ndash पढाना - पढ़वाना

दो क धातओ ए और औ को छोडकर पहला हो जाता हउदा ndash जागना ndash जगाना ndash जगवाना

भलना ndash भलाना - भलवानाछोडना ndash छडाना ndash छडवाना

धातओ क ला और लवा लगात तब हो जाता हउदा ndash पीना ndash ndash

सोना ndash सलाना ndash सलवानाखाना ndash -

v नाम धात - को छोडकर जोडन स जो धात बनती ह अथवा जो नाम (

या ) धात क समान होत नामधात कहत जो नामधात लगान सबनत आ ओऔर ला लगात पहला हो जाता ह

उदा ndash लाज ndash ndash लजानाहाथ ndash हिथया ndash हिथयानाझठ ndash झठला ndash झठलाना

UNIT - 17

काल (Tense)क स क होन का समय और अथवा का बोध हो उस काल

कहत काल क तीन भद होत1) भतकाल2) काल3) काल

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भतकालस का बोध हो उस भतकाल कहत

उदा ndash राम न िलखी भतकाल क छः भद - भत भत भत भत भत हत-हतमत भत

भत ndash क स भतकाल क समय का बोध न हो उस भत कहतउदा ndash मोहन न खत िलखायहा का बोध होता जो भतकाल हई ह भतकाल ndash क स का का समय अभी अभी हआ ह इसका बोध

होता ह उस भतकाल कहत उदा ndash राम न ह

इसस पहल अभी अभी हई हभत ndash क स यह होता ह क को हए बहत समय हो चका ह उसभत कहत

उदा ndash न दध थास हो क साथ lsquoथाrsquo lsquoथrsquo lsquoथीrsquo लगान स भतकािलक

िमलता हभत - क उस को भत कहत यह हो भतकाल हो थी पर

का पता न लग उस भतकाल कहतउदा - वह पढ़ रहा था वह सोता था

कब समा हआ इसका पता क साथ lsquoता थाrsquo lsquoत थrsquo lsquoरहा थाrsquo lsquoरह थrsquo लगानाभत काल ndash क स भतकाल सचना िमलती ह उसक होन कछ हो उसभत कहतउदा ndash वह आया होगा

उसन खाया होगा भतकाल हो थी ह क साथ lsquoहगाrsquo lsquoहगीrsquo lsquoहोगाrsquo lsquoहोगीrsquo

lsquo rsquo जोडन स भतकाल िमलता हहत-हतमत भतकाल ndash क स यह पाया जाय भतकाल होना सभव थाकारण स न हो सका उस हत-हतमत भतकाल कहत

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(Present Tense)

क को काल कहत रहती ह

होती उस काल कहतउदा ndash राम पढ़ता ह

सीता गीत गा हकाल तीन क होत ndash 1) काल 2) काल 3)

काल - वह ह स का काल होना पाया जाय

उस कहतउदा ndash मोहन पढ़ता ह

रमा गाती ह क साथ lsquoताrsquo lsquoतrsquo lsquoतीrsquo जोडन स बनत

- वह ह काल क होन पायाजायउदा ndash वह खाता होगा

सीता जाती होगी क साथ lsquoता होगाrsquo lsquoती होगीrsquo lsquoत rsquo lsquoती rsquo लगान स िमलत

ndash का वह ह यह होता ह का अभी ह

होता उस कहत उदा ndash वह खा रहा ह

चल हक साथ lsquoरहाrsquo lsquo rsquo lsquoरहrsquo जोडन स िमलती ह

काल ( Future Tense)

होनवाली को काल कहत काल क दो भद ndash 1)

काल 2) कालकाल ndash का वह ह स क आग होन सचना िमल उसकाल कहत

उदा ndash वह आयगा

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राम आज बबई जायगासीता कल घर आयगी

क साथ lsquoयगाrsquo lsquoयगीrsquo lsquoयगrsquo जोडन स िमलतकाल ndash क होन सभावना हो उस काल कहत

उदा ndash सभव ह आज हो स lsquoगाrsquo lsquoगrsquo lsquoगीrsquo पथक कर दन स काल िमलगा

UNIT ndash 18

(Voice)उस कहत यह जाना जाय का ह

ह या कवल भाव ह उस कहतउदा ndash राम न रावण को मारा

तीन क ndash 1) 2) 3) भाव- ह हमशा क िलग वचन और क अनसार होता ह

उस कहतउदा ndash लडका पढ़ता ह

लड़का ह और ग ह इसिलए भी होना हसीता िलखती ह इसम सीता ह इसिलए ह का सीधा स होताह

ndash क िलग वचन क अनसार हो उस कहतह का होता ह

उदा ndash राम िलखता हह इसिलए यह ह धानता होती ह और का

स होता ह क िलग वचन क अनसार बदलती ह हमशाहोता ह का होना ह

उदा ndash राम न रावण को मारा -

राम स रावण मारा गया -

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रावण ह ह क का ह गौण का रहता ह

उदा ndash मा न को दध मा स को दध गया

दो होत ndash और दध ndash भाव होती ह यह हमशा स बनता ह हमशा

एकवचन और होती ह इसका होता ह उदा ndash यहा बठा जाता

मझस पढ़ा जाता स या बनान

को भत क करना उसक साथ काल वचन और िलग कअनसार जाना क जोडन ऐसा करन स स औरक स भा बनती ह

उदा ndash 1) राम न रावण को मारा -

राम स रावण मारा गया -

2) राम रावण को मारगा -

राम स रावण मारा जायगा -

3) राम रावण को मारता ह -

राम स रावण मारा जाता -

पहल lsquoमाराrsquo भतकािलक ह इसिलए lsquoमाराrsquo क साथ lsquoजानाrsquo का भतकािलकजोडना

दसर lsquoमारगाrsquo काल ह इसिलए lsquoमाराrsquo भतकािलक बदलकरlsquoजानाrsquo का काल lsquoजायगाrsquo जोडना

तीसर काल ह को भतकािलक बदलकर (मारा) उसक साथजाना का (जाता) जोडना

स बन सकता हउदा ndash मोहन उठता ( )

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मोहन स उठा जाता - ( )

वीणा चलती ( )

वीणा स चला जाता - ( )

UNIT ndash 19

याअभी तक हमन क बार पढ़ िलया ह उनक िलग वचन और कारक क अनसार

आता ह इसिलए कहत का ह अब हम क दसरया क बार

चार क होत ndash 1) 2) बोधक 3) बोधक 4)

बोधक

UNIT ndash 20

ndash Adverbउस कहत होती ह

उदा - रमश चलता हइस lsquoचलनाrsquo ह ndash ह lsquo rsquo इसिलए lsquo rsquo ह

स क तीन भद ह - 1) साधारण 2) सयोजक 3) साधारण - साधारण वह ह होता ह साधारण या

कहत जस ndash खब पढ़ो दौडो सयोजक ndash का स या स होता ह सयोजक

कहत जस ndash जहा तक हम चल सक वहा तक ह

योजना का सयोजक स होता ह- का क

भद क साथ होता ह कहत

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जस ndash गह खाओग

कह तो लो होता ह व कवल गह खात और कछ खायगा इन

ह हो जान स का बदल जाता ह जस ndash वह काम करगा इसका यह ह जो काम उस ह कवल वह करगा और कछ

क आधार पर क चार भद होत ndash 1) कालवाचक 2) 3)

4)

कालवाचक ndash स समय अविध तथा काल का बोध होता ह कालवाचककहतजस ndash काम को अभी पढ़ना

आजकल रोज़ होती ह कभी कभी भी रात क समान लगता ह मोहन पढ़ाई सदा ह

अभी आजकल कभी कभी सदा कालवाचक ह ndash स क का बोध होता ह

कहत उदा ndash जहा तक जा सक वहा तक जाओ

जाओ और वहा लटो घर क सामन एक ह बाहर रोशनी भीतर अधरा

हाथ स मारत जहा वहा सामन बाहर भीतर ndash स अिधकता- का बोध होता ह

कहत जस ndash उतना पढ़ो हो

चावल थोडा खाओ खब खाना

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अपना थोडा खब

व क होन का ढ़ग का पता िमलता ह जस ndash राहल धीर धीर चलता ह

सीता मधरतम गाती ह यथा हम तथा िमलत

धीर धीर मधरतम यथा-तथा

UNIT - 21

बोधकबोधक ह जो या क साथ आकर उनका क

क साथ बनात उदा ndash धन क कोई काम न चलता

घर क नीच एक तालाब ह क पास एक भी ह

नीच पास बोधक ह क अनसार बोधक क दो भद होत ndash 1) 2)

क ndash य या क बाद आतउदा - घर क भीतर घर क पीछ घर ऒर

कारक भी आती ह जस का क कभी कभी अपादान कारक या भी आती ह

उदा ndash इनस पहल आया राम का मकान मोहन क घर स पर

lsquoसrsquo lsquoपरrsquo अपादान कारक क ndash यह स क क साथ आत

जस ndash दो तक राम रहगा

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घड भर पानी क िलए पाच दन ग lsquoतकrsquo lsquoभरrsquo सचक

UNIT - 22

( Conjunctions)योजक या व जो या न बतला कर एक या का

दसर या स जोडत बोधक कहतजस ndash सीता और गीता अपन घर गयी

सीता और गीता को िमलानवाला योजक lsquoऔरrsquo ह क तीन भद ndash 1) सयोजक 2) 3) भदबोधक

1) सयोजक ndash कई का सयोग करनवाल को सयोजक कहत इसक दो याका मल होता ह

उदा ndash और राम कल बबई और वहा उनक साथ मोहन भी lsquoऔरrsquo lsquoभीrsquo सयोजक ह

2) ndash जो का बोध कराए कहत जस ndash चाह दश सवा करनी या अथवा मानवीय को पहचानना

lsquoयाrsquo lsquoअथवाrsquo lsquoवाrsquo lsquoचाहrsquo को करनवाल ह 3) भदबोधक ndash दो स एक स भद बतलानवाल को भदबोधक कहत य कई क होत

क ndash दो म स पहल का िनषध या सिचत करत जस ndash

पर मगर वरन उदा ndash मझ वहा जाना था क कारण जा न सका

ख - कारणवाचक और उपदशमलक ndashइसिलए सो अतः इसिलए

इस क ह जस ndash राम समय पर आ न सका इसिलए जा न सका

ग सकतबोधक ndash ndash तो जो ndash तो प सकतबोधक ह जस ndash तम कहत तो जाता

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घ ndash इन पहली बात का और होता ह यान मानो यहा तक इस क ह

जस ndash कोई भी समय पर पहचा यहा तक भी 10 बज तक न आय क और दो भद होत ndash 1) समानािधकरण 2)

समानािधकरण ndash समान पद क या को जोडत जो एक क हो वसमानािधकरण धक कहत जस ndash क मा-बाप का अजीब ह समानािधकरण क चार उपभद होत ndash

1) सयोजक ndash और तथा भी एव 2) क ndash या वा अथवा चाह 3) ndash पर मगर 4) ndash इसिलए अतः

ndash को स जोडनवाल कोकहत

जस ndash आज नौकरानी आयगी वह बीमार ह क चार उपभद होत ndash

१ ndash यान मानो २ करणवाचक ndash जो इसिलए ३ उपदशवाचक - जो ४ सकतवाचक ndash - तो जो-तो -

4) ndash ndash स क शोक घणाको करनवाल को -बोधक कहत

जस ndash हाय अब अर आप कहा जा रह

ह राम करो को सिचत करन क िलए - लात

बोधक क सात भद ndash

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1) बोधक ndash वाह ndashवाह - आहा शबाश

2) शोक बोधक ndash आह ऊह हा-हा ndash

3) बोधक ndash अहो ऒह

4) अनमोदन बोधक ndash हा-हा वाह शबाश

5) बोधक ndash िछ हट अर िधक

6) ndash बहत हा जी हा7) सबोधन बोधक ndash अर र अपी अहो

कभी कभी भी हो जातजस ndash भगवान लो चप कभी कभी या भी होत जस ndash न हो बहत हो गया

जब क समान होत तब वह होता तब वमनोभाव को करात

जस ndash हाय हाय मचा रखी ह

सब लोग - पकार उठहाय ndash हाय - क समान ह इसिलए यह बोधक ह

UNIT - 23

क भद क स बनान का िनयम

क पर जायगास बनता ह एक या अिधक स बनता ह एक स अिधक स बनता

ह कहन या िलखनवाल का परा भाव हो जाय तो उस कहतजस ndash मोहन पढ़ता ह

राम िलखता ह इन स लखक का परा भाव होता ह

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ndash कछ ऐस होत और क रहन पर भी कहन या िलखनवाल का परा आशयहोता क समह को और क रहन पर भी जो कछ सनन

बनी रह कहत दो क होत ndash 1) 2)

क अधीन होतउदा ndash राम न कहा था वह कल पाठशाला जायगा

इस राम न कहा था - ह और कल पाठशाला जायगा तह इस और भी कहत

रखनवाल को कछ थोडा सा भाव करनवाल को कहतएक भावना होती ह

जस ndash तरह पढ़ना चलना

इन होता ह क म दो भाग होत 1) और 2)

ndash ( ) कछ होता ह उस कहतndash ( ) क जो कछ होता ह उस कहत

जस ndash मरा स भरा हआ ह मरा ह और स भरा हआ ह ह मरा ndash ह और मरा

उस का ह इसिलए ( ) और मरा का कहत हआ हह शष उसका ह

इस चार भाग हए ndash 1) ( ) 2) का 3) ( ) 4)

काचार भद ndash

क ndash राम गया ख ndash वह कह चका ग ndash फल

क भदक अनसार क आठ भद होत ndash

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1 ndash इस स बात का होना सिचत होता ह जस ndash भारत राजधानी ह

2 िनषधवाचक ndash का अभाव होता ह जस ndash क कछ भी पा सकत

3 ndash इस स सचना होती हजस - तम कल कालज

4 ndash इसस और उपदश का बोध होता ह जस ndash तरह पढ़ो

का भजन करो 5 ndash इसस का भाव सिचत होता ह जस ndash हाय राम को एक

लाख िमल 6 ndash इसस या सचना होती ह

जस ndash अक पा

7 ndash या सभावना सचना होती ह जस ndash आज होगी

8 - सकत सचना होती ह जस ndash हो तो

राम काम करगा रचना क आधार पर

रचना क आधार पर क तीन भद होत - 1) सरल या साधारण 2) और3)

१ सरल ndash एक और एक होता ह उस सरल कहतजस ndash मोहन िलखता ह ( मोहन और िलखता ह धय ह)

राम मज़ पर रखी ह ( ह और रखी ह ह)

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lsquoराम rsquo और lsquoमज़ परrsquo कवल और का ह २ - उस कहत एक हो और उसक एक या

अिधक हो उस कहतजस ndash जो करगा उस सफलता िमलगी जो करगा ndash ह उस सफलता िमलगी - ह

तीन क ndash 1) 2) 3)

1) ndash का क पर होता ह उसकहतजस ndash मरा ह तमन को मारा यह सच ह इस तमन को मारा ndash ह क पर आया ह इसिलए यह

ह 2) ndash जब कोई को क का काम दता ह तब उस

कहत जस ndash य उसी छा को जायगा जो रहगा

उसी स डरत जो खब मारता ह उसी जो ह

3) ndash जो क का काम दता ह उस कहत

जस ndash करता ह उतना फल िमलता ह जब तम कहोग सब कछ

जब ह ३ ndash दो या दो स अिधक योजक जड हो न

हो उस कहतजस ndash वह तरह पढ़ता था तो पास होता

दो या दो स अिधक सरल अथवा एक दसर पर न होता ह इसिलए यह

जस - कर चका (सरल )

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हम कर चक तो व आए ( )

और मरा मन ठड हो गया ( )

चार क होत ndash सयोजक सचक 1) सयोजक - एक दसर क साथ सयोजक जडा रहता ह

जस ndash वह आया और उसक साथ गया स िमलता ह और स होता ह

2) ndash का एक दसर स भद या का रहता ह जस ndash स बढ़ता ह स भरता ह वह खब खाता पर बडा होता

3) सचक ndash दो स एक को करना जस ndash मझ या राम को

4) अथवा हतसचक ndash एक दसर का होता हजस ndash तम आग पढ़ो पसा दगा मझ पसा िमला इसिलए

कभी कभी बीच योजक आत जस ndash मझ न बलाया आप आता ह जब को का या एक होता ह तो एक बार िलखा या कहा

जाता ह ऐस को सकिचत कहत जस ndash का और मन को भी दता ह

जो आसानी स समझकर छोड दत ऐस को कहत जस ndash आजकल सना ह बरसात क मौसम बखार सब फलाता ह

कहत रोज़ बढ़त रह पहल हमन होना था पर ह दसर लोग स होना पर होता ह

एक का दसर क बदल जा सकता ह मलकर सकत

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क सरल स ndash

उदा ndash सरल - राम न मोहन का - राम न उस को जो मोहन का था

ख स सरलndash उसन कहा पापी ह

सरल ndash उसन को पापी बताया ग सरल स

सरल ndash होन पर लोग खत जान लग - हआ और खत जान लग

घ स िनषध वाचक तथाndash मोहन सोहन स बडा ह

िनषध वाचक - मोहन सोहन स बडा ndash मोहन सोहन स बडा ह

UNIT ndash 24

और महावरव जो का अपना न बता कर कछ करत महावरा

कहत बोलचाल बहत आनवाला ऐसा बधा कोई अनभव बात और अलकतभाषा गई हो या कहावत कहाता ह जस ndash मर पट चह कद रह

जब स उनका लड़का मरा ह कमर टट गई ह वह इतना चालाक ह अपन मािलक को पर नचाता ह

इन lsquoपट चह कद रह rsquo lsquoकमर टट गई हrsquo lsquo पर नचाता हrsquo इन काउनक स ह यहा lsquoपट चह कदनrsquo का ह भख लगना lsquoकमर टटनrsquo का ह या

का न रहना तथा lsquo पर नचानrsquo का ह अपन वश रखना अतः य महावरकहलात

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इसी जब कोई आदमी काम करना न जानता हो परत अपन को िछपान क िलए बहान बनावतब कहा जाता ह ndash नाच न जान आगन टढ़ा

जब कोई आदमी अनक खाकर भी अपनी आदत न छोड़ तब कहा जाता ह दम सौतक नली रखो तो भी य बध हए और अनभव तथा अलकत भाषा कह गय अतः य

और क स भाषा तथा आती ह महावरदार भाषाबहत पसद जाती ह और कथन बड़ा होता ह

महावरअग-अग - बहत होनाअगठा - चीज़ को दन स क साथ करनाअध - सहाराअधरा घर का उजाला - एकलौता बटा

क घोड़ दौड़ाना - सोचनापर पड़ना - समझ न पाना

अपना सीधा करना ndash करनाआख उठाना - नीयत स दखनाआख खलाना - होश आना

चार होना - आख स आख िमलानानीची होना - होनापीली करना - नाराज़ होना

आकाश पाताल का ndash बहत भदआग घी डालना - बढ़ानाआसमान िसर पर उठाना - बहत कोलाहल करना

स बजाना - करनाईद का चाद होना - िचरकाल पीछ दनाउगली पर नचाना - वश रखना

गगा बहाना - बात करना

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कमर टट जाना - िनराश हो जानाकान भरना - चगली करना

मौत मरना - बहत तरह स मरनाखाक उड़ाना खाक िमलाना - बरबाद होनागड़ गोबर कर दना - काम दनाघर गगा - दौड़-धप कघाट घाट का पानी पीना - जहा तहा का अनभव करनाचाद पर थकना - करना और फलतः होनाचार चादनी - थोड़ का सख

का दध याद आना - सब सख भल जाना सकट आ पड़नाजमीन पर पर न पड़ना - बहत अिभमान होनाजल भन कर कोयला होना - पागल हो जानाटस स मस न होना - भी नटाग अड़ाना - बाधा डालनाटोपी उछालना - िनरादर करनाितनका पकड़ना - मागनाितन का ताड़ करना - बात बढ़ानाथक कर चाटना - वचन दकर जाना

तल उगली दबाना - करनादम तोडना - मर जाना

दना रात चौगना होना - खब होनाधप बाल सफद करना - अनभव आय दनानमक लगाना - बात को बढ़ा कर कहनानाक कटना - बदनामी होनानाक चढ़ाना - घणा करनानीला पीला होना - आना

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नौ-दो होना - भाग जानाउछालना - करना

- बातपरदा डालना - िछपानापहाड टट पड़ना - आनापट चह कदना - खब भख लगना

तल स ज़मीन िनकल जाना - होश उड़ जानाफक-फक कर कदम रखना - सोच-समझ कर काम करनाबगला भगत -

उछलना - खब खश होनाबाज़ार पर होना - काम पर होनाबात का धनी - वायद काबाल खाल उतारना - करनाबाल पकना - बढ़ा होजाना अनभव करनाबाल बाल बचना - हािन पहचन जरा- सी कसर रह जानाबगार टालना - लगाकर काम न करनाबोली मारना - क कहनाभनक पड़ना - खबर द जानाभाड़ - समय गवाना

मारना - बकारचस - बहत कजसपर मारना - का नकल करना

मगज चाटना - तग करनामाथा ठनकना - आशका होनामारा मारा - होनामह-तोड़ जवाब दना - परा-परा जवाब दना

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मह फक हो जाना - चहर का रग उतर जानामह पानी भर आना - खान को ललचानामह लगाना - अिधक द दना

गरम करना - दनाराई का पहाड़ बनाना - बात को बढ़ाकर कहनारात- - हमशालका काड होना - खब मारपीट होनालबी-चौ हाकना - करना

होना - होनालह क घट पीना - करनालह पसीना एक करना - बहत करनालोह क चना चबाना - काम करनाशतान क कान कतरना - बहत चालाक होना

करना - करनाबाग - बहकाना

समझ पर पड़ना - होनाबठना - जमाना

िसतारा चमकना - उदय होनािसर पर खन सवार होना - जान लन पर होनािसर पर हाथ धरना - सहायता करनासौ बात एक बात - िनचोड़

करना - फक डालनाहसी उड़ाना - करनाहाथ मल -

हाथ पर हाथ धर बठना - बठनाहाथ पसारना - मागना

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हाथ-पर मारना - करनाहाथ साफ करना - बईमानी स ठगना

पानी करना - करनाहोश उड़ना - भय या आशका स दखी होना

अत गता सो मता - वहकान राजा - थोड़ा पढ़ िलख का मान होता ह

आख क गाठ क पर - पर धनवानआप मर जग परल - ह तो ससार ह

चोर कोतवाल को डाट - अपराध करक को डाटनाऊची दकान पकवान - काम करनाएक अनार सौ बीमार - जब एक चीज़ क बहत स तब कहा जाता हएक पथ दो काज - एक काम करन स दो का लाभ होनाकाला बराबर -

घर का लका ढ़ाह - फट स घर नाश होता हिचराग तल अधरा - पास घटना क होन पर भी उसका न होना या

ऐस पर बराई का होना जहा उसक रोकन का होचोर ितनका - पापी डर जाता हजाग सो पाव सोव तो खोव - सावधान रहन स लाभ होता ह

- बलवान का दबदबा रहता हजसा दश वसा भस - दश रह वसी करनीजसी करनी वसी भरनी - फल िमलता हतन को कपड़ा न पट को - बहतथोथा चना बाज घना - काम न करनवाला बकवास बहत करता हदाम बनाय काम - पस स सब काम हो जात

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धोबी का घर का न घाट का - जो एक पर जमकर काम न कर कभी एक लग और कभीदसर और सफल न हो उस कहा जाता ह

रहना मगर स बर - अधीन होकर रह और उसी स बर कर तो गज़ारा चलता हन रहगा बास न बाजगी - नकसान हो उसका नाश कर दना हनाच न जान आगन टढ़ा - काम करन न होन पर दसर को दोष दना नीम जान का खतरा - अधरा हािनकारक होता हनौ नगद न तरह उधार - उधार सौदा दनामान न मान तरा महमान - गल पड़नािमया जती िमया क िसर - स उसी हािन करनासौ सयान एक मत - सभी अथवा एक सलाह होती हहाथ कगन को आरसी - क िलए और हाथी क दात खान क और क और - कहना कछ और करना कछ औरहोनहार क होत चीकन पात - होनहार क पहल स जात

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क छः भद -

इस समास क पद कारक का लोप होता ह उसी कारक क अनसार इस समास कानाम होता ह ndash

१ ndash होती हउदा ndash ( को ndash को कारक ह)

२ करण - lsquoसrsquo हउदा ndash (अकाल स )

मनमाना (मन स माना हआ)

३ ndash lsquoक िलएrsquoउदा ndash रसोईघर (रसोई क िलए घर)

(हवन क िलए )

४ अपादान ndash lsquoसrsquo हउदा ndash ( स िगरा हआ)

(पद स )

(ऋण स )

५ सबध ndash lsquoकाrsquo lsquoकrsquo lsquo rsquo हउदा ndash सनापित (सना का पित)

राजमाता (राजा माता)( दश का )

६ अिधकरण ndash lsquo rsquo lsquoपरrsquo हउदा ndash वनवास (वन वास)

आपबीती (अपन आप पर बीती)( )

कभी कभी समास पद का लोप होता ह उस अलक कहतउदा ndash ( रहनवाला lsquo rsquo का लोप)

सरिसज (सर होनवाला lsquo rsquo का लोप)

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नञ ndash अभाव या िनषध का सिचत ककरनवाला lsquoअrsquo या lsquoअनrsquo लगान स बननवाल को lsquoनञrsquo

कहतउदा ndash ( जो न हो)

अनपढ़ ( न पढ़ा हआ)

अछता ( न छआ हआ)

उप पद ndash समास कोई उप पद न हो तथा बाद पद हो उस lsquoउप पद rsquo कहतउदा ndash जलज (जल ) ndash कलम

मनोज ndash (मन जात) - कामदवii समानािधकरण - समास क क बाद एक कारक

आती ह उस समानािधकरण अथवा कहत इस समास क पद उपमान- उपमय अथवाndash हउदा ndash नील कमल - नीला कमल

यहा नीला और कमल हम ndash घन (बादल) (काला) उपमान और उपमय

कभी कभी सबध बतानवाल बीच क पद का लोप भी होता ह lsquo rsquo समासपहल का दसर स सबध बतानवाल बीच क पद का लोप होता ह उस समास कहत

iii समास ndash समास क होता ह और समदाय का बोधहोता ह उस समास कहत

उदा ndash (तीन का समाहार)

चौमासा (चार का समह)

iv समास ndash समास होत और करन पर और या अथवा योजकलगत उस समास कहत

उदा ndash ndash औरndash पाप और

तन-मन ndash तन और मनसमास क का िलग साधारणतया म क अनसार होता ह कभी कभी

हो तो उसी क अनसार िलग हो जाता हउदा ndash राजा-रानी आय

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समास एक स अिधक जडतउदा ndash माता ndash आय राम- आत थ

कभी कभी बहवचन - सचक क साथ भी पाया जाता हउदा ndash आपक लडक-

v ब समास ndash इस समास स कोई पद होता पर समास पद पदका होता ह इस समास कहत

उदा ndash र (पीत ह )

अनग ( ह अग - कामदव)

समास पद का पहला दसर क होता ह समासपद अपन स का होत ह कई पद भद स क

समास हउदा ndash मगलोचन - 1) मग क लोचन ndash

2) मग क समान लोचनवाला ndash समास- 1) पीला कपडा ndash

2) पीला ह अबर (कपडा) वह ( ndash समास)

Module lll

UNIT - 9

क िलग वचन कारक अथवा काल क अनसार होता ह

कहत औरया - क िलग वचन कारक अथवा काल क अनसार कोई

होता व ह सचक व ह सचक या ह

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UNIT - 10

(NOUN)वह ह या भाव को सिचत करता ह राम ( )

( ) ( ) क तीन ndash

a) (Proper Noun)

b) जाितवाचक (Common Noun)

c) भाववाचक ( Abstract Noun)

A ndash उस कहत एक का बोध होता हउदा ndash राम गगा

B जाितवाचक ndash जाितवाचक स एक जाित क सब का बोध होता हउदा - नगर सभा जल

स सभी जाित का बोध होता ह का य जाित क आधार पर होत

स सजातीय क समह को करत उस समहवाचक कहत उदा ndash सनास का बोध का बोध होता ह उस कहत

उदा - सोना पानी लोहाC भाववाचक ndash भाववाचक व क गण दोष कासचना होती ह

उदा - गण दोष ndash िमठास कटता नीचता- लडकपन यौवन दासता

भाव ndash शोक भयD जब गण को करत तब व जाितवाचक बनत

उदा ndash ह तम बनोइस स ह ndash पर रहनवाला यह जाितवाचक हकभी कभी जाितवाचक होती

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उदा ndash गािधजी कल यहा यहा गािधजी हE भाववाचक कभी कभी जाितवाचक क समान होती

उदा ndash हाथी और घोड बडा ह यहा चाल जाितवाचक हभाववाचक चार स बनती

a) जाितवाचक स ndash लडका ndash लडकपनndash

b) स ndash अह ndash अहकारअपना ndash अपनापन

c) स ndash चतर ndash चतराईमीठा ndash िमठास

d) स ndash चढ़ना ndash चढ़ाईसजाना ndash सजावटघबराना ndash घबराहट

F क समान होन वालउदा ndash का आधर गणी- ह यहा क समान होत उदा ndash का कहना

मानो lsquoबडाrsquo ह यह क पर होता हका

एक स अिधक स बनत क एक दसर क िमलन स का होता हक क होता ह इस कहत का िलग वचनऔर कारक क कारण होता ह

उदा ndash लड़का पठता ह ndash पठती ह ( िलग क कारण)

लड़का दौडता ह - लड़क दौडत (वचन क कारण)

लाओ ndash मज़ पर ह ( कारक क कारण)

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UNIT - 11

िलगक जाित का बोध होता ह उस िलग कहत दो िलग ndash और

a ndash जाित का बोध करानवाल को िलग कहत उदा ndash सीताb - जाित का बोध करानवाल को कहत उदा ndash लड़का नर राम

बदगी ह उदा ndash पड नगर ह उदा ndash लता

जो ह व ह उदा ndash भाई बलकई स क नर और मादा का बोध होता ह पर उनका एक िनयम

िलग स होता हndash कौआ चीता ndash कोयल चील मना

जाितभद करन किलए इनक साथ नर या मादा लगाना उदा ndash नर कौआ मादाकौआ नर चीता मादा चीता

क अत आ पा आव और पन हो होतउदा ndash बढ़ापा चढ़ाव लडकपन

क अत आई वट हट और ता हो व होतउदा ndash चढ़ाई सजावच सरलता

स बनान का िनयमक क अ को आ करन स ndash उदा ndash ndash बाल ndash बाला सत ndash सता तनज ndash

तनजा ख क अ को ई करन स ndash उदा ndash दव ndash दवी ndash कबतर ndash मग ndash

मगीग कछ क आ को ई करन स ndash उदा ndash रसा ndash रसी लडक़ा ndash

घ क आ को इया करन स ndash उदा ndash ndash बढ़ा ndash चहा ndash

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PRACTICAL GRAMMAR (APPLIED GRAMMAR) Page 24

ङ या क क इन लगान स ndash उदा ndash सनार ndash

धोबी ndash कहार ndash

च कछ क नी या आनी लगान स ndash उदा ndash िसह ndash िसहनी महतर ndash महतरानी मोर ndash

मोरनीछ उपनामवाचक क क पर आइन लगान स ndash उदा ndash बाब ndash बबआइन

ठाकर ndash ठकराइन पाड ndash पाडाइन ज कछ क ndash उदा ndash ndashमाता ndashऔरत वर- वध मा ndash

बाप ndashभाई

स बनान का िनयमa कछ lsquoओईrsquo lsquoआवrsquo और lsquoऔराrsquo लगान स ndash

उदा ndash बहन ndash बहनाई ननद ndash ननदोई ndash िसल ndash िसलौरा b कछ क lsquoईrsquo को lsquoआrsquo करन स ndash

उदा ndash जीजी ndash जीजा झोली ndash झोला c कछ क lsquoईrsquo को lsquoअrsquo करन स ndash

उदा ndash ndash d क अत lsquoआrsquo लगान स ndash

उदा ndash

UNIT ndash 12

वचन (Number)स और क स स यह त हो वह एक क िलए होता ह या अिधक

क िलए इस वचन कहत वचन दो क होत ndash

1) एकवचन (Singular)

2) बहवचन (Plural)

1) एकवचनःस क स स एक का बोध करान वाला एकवचन हउदाः पढ़ती ह ( ndash एकवचन ह)

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2) बहवचनःस क स स एक स अिधक का बोध हो उस बहवचन कहतउदाः पढ़ती ( ndash बहवचन ह)

कभी कभी आदर क िलए एकवचन बहवचन क होतउदाः अब )बहवचन(

बहवचन बनान का िनयमः-)क ( क lsquoआrsquo क पर lsquoएrsquo लगा दन स एकवचन का बहवचन बन जाता ह

उदा ndash लड़का ndash लडक कपड़ा ndash कपड़ बटा ndash बट lsquo rsquo क सभी क (

) एक समान रहतक बहवचन बनान का िनयम

lsquo rsquo तथा lsquo rsquo क lsquoअrsquo lsquoआrsquo क पर lsquoएrsquo का करन स बहवचनबनाया जाता ह

उदाः ndash गाय ndash ndash रात ndash lsquo rsquo तथा lsquo rsquo क lsquoयाrsquo जोड़न स बहवचन िमलता ह इस lsquoईrsquo क

पर lsquoइrsquo होता हउदाः ndash ndash ndash

स क lsquoयाrsquo हो उनक lsquoयाrsquo क ऊपर कवल लगान पर-

उदाः ndash -

क बाद lsquoएrsquo या lsquo rsquo जोड़न स शष का बहवचन िमलता हउदाः लता ndash लताए -

)ग( िनयम -

)1( )बहवचन( सिचत करन क िलए कभी कभी क एकवचन क साथ गण लोग

जोडतउदा ndash पाठकगण बाब लोग

(2) कछ हमशा बहवचन बोल जातउदा ndash लोग होश

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3) जाितवाचक स ऐ हमशा बहवचन होती ह जब और भाववाचक काजब जाितवाचक क समान होता ह तब व बहवचन होता ह

उदा ndash भारत रावण कमी (यहा रावण जाितवाचक ह)

(4) जब जाितवाचक क समान होता ह तब व बहवचन क होतउदा ndash और क ह (जल बहवचन एव जाितवाचक ह)

UNIT - 13

कारक (Case)या क स उसका क क साथ होता ह उस

कारक कहतउदा ndash राम न रावण को माराइस lsquoनrsquo और lsquoकोrsquo इन क उसका सिचत होता हउदा ndash मारा - राम lsquoनrsquo

मारा ndash रावण lsquoकोrsquo इसिलए य कारककारक क आठ भद होत ndash

कारक - नकारक - को

करण कारक - सकारक - को

अपादान कारक - सकारक - का क

अिधकरण कारक - पर

सबोधन कारक - ह अर अपी अहो क कारक ndash (Nominative)

या क स करनवाला या का बोध होता ह उस कारक कहतlsquoनrsquo ह

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उदा ndash राम गयामोहन न खाया

lsquoरामrsquo और lsquoमोहनrsquo कारक ह न हक को सिचत करन क िलए कोई जाती ह

उदा ndash राम न िलखी ख कारक (Accusative)

या पर क का फल पडता ह उस कारक कहत उदा - राम न रावण को मारा

रावण मारा गया ह यहा lsquoरावणrsquo कारक ह lsquoकोrsquo हकभी कभी lsquoकोrsquo का लोप होता ह

उदा ndash राम न िलखायहा lsquoकोrsquo का लोप होता ह ऐसा भी होता ह - राम न को िलखा

ग करण कारक ( Instrumental)

क साधन का बोध करानवाल क को करण कारक कहत lsquoसrsquo ह उदा ndash

कलम स िलखतिलखन का साधन कलम ह कलम क िलखन होती ह

घ कारक ( Dative)

कारक का वह ह जो उस का बोध कराता ह िलए कोई कामlsquoकोrsquo lsquoक िलएrsquo ह

उदा ndash मोहन न राम को पाच मोहन न राम क िलए पाच

ङ अपादान कारक (Ablative)

का वह ह क स पथक होन का बोध हो उस अपादान कारककहत lsquoसrsquo ह

उदा ndash स िगरतयहा स का सिचत होता ह कारक और अपादान कारक lsquoसrsquo ह

करण कारक lsquoसrsquo साधन सिचत होता ह अपादान कारक lsquoसrsquo सिचत होता ह

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कलम स िलखता ह - करण कारकस आ रहा ह - अपादान कारक

च कारक (Genitive)

क स उसका स होता ह उस कारक कहतlsquoकाrsquo lsquoकrsquo lsquo rsquo

उदा ndash राम का घोडा राम क घोड राम बहन छ अिधकरण कारक (Locative)

क स क आधार का बोध होता ह उस अिधकरण कारक कहत lsquo rsquo

और lsquoपरrsquo उदा ndash शर जगल रहता ह

मज़ पर ह अिधकरण तीन क होत ndash

क कालािधकरण ndash का काल होता ह उस कालािधकरण कहत उदा ndash राम दोपहरस आयगा

ख भावािधकरण ndash क भाव क भावािधकरण होता ह उदा ndash शर को दखकरभय होता ह

ग ndash पर होती ह उस कहत उदा ndash मज़ पर ह कालवाचक और क सात कभी कभी लगती उदा ndash कल रात मसलधार हई ( कल रात मसलधार हई ndash lsquo rsquo का लोप)

ज सबोधन (Vocative)

क स को पकारना सिचत होता ह उस सबोधन कारक कहत हउदा ndash ह राम वहा मत आना

सबोधन कारक कोई ह उसको करन क िलए lsquoहrsquo lsquoअरrsquo कोलगाय जात

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UNIT - 14

( Pronoun)क उसक को करन क िलए का जाता ह

कहत उदा ndash राम जाता ह वह अपनी जाता हउसन कहा ndash लाना भल गया वह अपनी राम जगह हए ह

इसिलए ह को हटान क िलए का जाता हयोग क अनसार क पाच भद होत

1) - त यह वह (एव) हम तम य व आप (बव)

2) ndash यह वह (एव) य व (बव)

3) ndash कोई कछ (एव - बव)

4) ndash जो सो (एव - बव)

5) ndash कौन (एव - बव)

क ndash या लखक बोलत या िलखत समय या तो अपन कछ कहता ह या सननवालऔर पढ़नवाल क अथवा अपन और सननवाल को छोडकर क

कहत स बोलनवाल सननवाल और क कछ कहा जाए उस कोकहत

तीन क होत ndash औरndash बोलनवाला या िलखनवाला अपनिलए का करता ह उस

कहत (एव) हम (बव)ndash सननवाल या पढ़नवाल क िलए का होता ह उस कहत

जस ndashत तम और आप ndash क कछ कहा या िलखा जाए उसक िलए होन वाल को

कहत जस ndash यह वह (एव) य व (बव)और हम ह एकवचन ह हम बहवचन ह का हम

क बहवचन स ह यहा हम क पर होता ह हम का एकवचनऔर बहवचन होत

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त और तम क आदर क िलए आपका करत जस ndash तमयहा आओ इसी क पर आप यहा ए कभी कभी यह और वह क भी आप का

होता ह जस ndash आप मर कभी कभी आदर क िलए आप का करत बहवचन सिचत करन क िलए आप क साथ lsquoलोगrsquo

जोडा जाता ह जस ndash आप लोग यहािनजवाचक आप और चक आप भद होता ह िनजवाचक आप समान स एक वचन

और बहवचन आता ह जस ndash आप पढ़गा हम आपवह कवल बहवचन करत िनचवाचक आप तीन स

होत आप कवल और करतlsquoआपrsquo अकला जाता ह िनजवाचक आप तथा क साथ आता ह जस ndash त

आप कामकभी (2) आप भल अकला आ सकता ह जस ndash आप भला तो जग भला वह अपन आप समझ गया

व ऒर सकत जाता हसकतवाचक और िनदशवाचक भी कहत जस ndash यह वह य व

हम तम आप यह य व इन या क साथ अिधकताकरन क िलए lsquo rsquo lsquoईrsquo य जोडत झस ndash त आप

स या क बात का बोध न हो उसकहत जस ndash कोई कछ

a lsquoकोईrsquo का क िलए होता ह जस ndash बाहर स कोई आ रहा ह b जब का पता न होन पर ndash जस ndash अर कोई कमर ह

c क lsquoकोईrsquo लग तो उसका लगभग होता ह जस - कॉलज स कोई पाच सौभाग

d lsquoकोईrsquo जब दोहराया जाता ह तब को सिचत करता ह जस कोई कोई पर को रोकतe कोई क साथ एक लग जान पर सिचत करता ह जस ndash तम स कोई एक गा सकगा

कछ का अनिगनत क िलए होता ह जस ndash कछ हक िलए होता ह जस ndash पानी कछ ह

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कोई का क िलए होता ह और कछ का क िलए होता हघ वाचक

स दो और क बीच क का बोध हो उस वाचक कहतजो सो जस ndash आपन जो कहा सो हो गया

कभी कभी जो या सो स एक रहता ह जस जो गाता ह बात हङ ndash करन क िलए का होता ह कहत

उदा ndash आप सोचत आज कौन आएगाकौन का क िलए होता ह का क िलए होता ह जस ndash कौन

बोलगा थली हकभी कभी कौन का क िलए होता हजस - बाधा डालनवाल तम कौन होिभ किलए lsquoकौनrsquo को दोहरा भी जाता ह जस ndash कौन कौन लाएग

क कौन का होता ह जस - इसन कौन अपराधक िलए को दोहरा दता ह जस ndash राम न

का क भी होता ह जस ndash तम मझस लडोगका

वचन और कारक क कारण भी होत िलग क कारण होताका और एक स होता ह

सबोधन होतास क पर होता ह उसी क अनसार उस क िलग वचन भी होता ह

काकारक एकवचन बहवचन

हममझको मझ हमको

करण मझस हमसमझको मरिलएमझ हमको हमार िलए

अपादान मझस हमसमरामर हमारा हमार

अिधकरण मझपर हमपर

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तकरक एकवचन बहवचन

तन तम तमनतझको तझ तमको

करण तझस तमसतरातर

अिधकरण तझपर तमपर

वहकरक एकवचन बहवचन

वहउसन व

उसको उस उनकोकरण उसस उनस

उसक िलए उस उनक िलए

अपादान उसस उनसउसका उसक उनका उनक

अिधकरण उस पर उनपर

UNIT - 15

(Adjective)स या सिचत कर उस कहत जस ndash रशमी

कपडा लाल कमलबतलाई जाए उस कहत जस ndash लड़का

ह लड़का हजो क पहल आता ह उस कहत जस ndash फल

ह फल ह इसिलए यह ह

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जो क बाद आता ह उस कहत जस ndash वह लड़का बड़ा होिशयार ह लडका ह होिशयार ह क बाद आन क कारण यह ह

जो क साथ उसको करन क िलए होता ह उस समानािधकरण कहत जस ndash रामनाथ कहता ह

रामनाथ क साथ समानािधकरण ह चार क ndash

क गणवाचक (Adjectives of Quality)

ख (Adjectives of number)

ग (Adjective)

घ या (Demonstrative Adjective)

१ गणवाचकजो क गण रग आकार को बतलानवाल को गणवाचक कहत

जस ndash लबा सशील काला गोल गणवाचक क बदल बहधा क क भी आतजस ndash राजा ( का राजा )

जापानी कपड़ा (जापान का कपड़ा)गणवाचचक का होता ह तब उनका क समान होता ह

जस ndash न सच कहा ह२ - क गणना का बोध हो उस

कहत जस ndash एक दो पहला दसरा दगनाक तीन भद होत ndash

1) 2) 3) बोधक या बोधकndash इसस का बोध होता ह जस ndash चार आठ सात

क चार भद ndash

a गणनावाचक ndash गणनावाचक षण स गणना का बोध होता ह जस ndash एक चार फल सात

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गणनावाचक क साथ एक लगान स लगभग का होता ह जस ndash एक आदमी ndash

लगभग आदमी b ndash स क गणना का होता ह जस ndash पहला

दसरा चौथाc ndash गणनावाचक क lsquoगनाrsquo लगान स बनत जस

ndash दगना ितगना ३ - स माप- तोल या का पता होता ह उस

कहत जस ndash दो सर चावल चार गज कपडा

क दो भद होत ndash

1) और 2)

ण - स का पता लगता हजौस - दो सर चावल

- स का पता नलगता ह जौस ndash बहत दध

४ या - स ऒर या सकत जाता ह उसकहत lsquoयहrsquo lsquoवहrsquo स जाता ह इसिलए इसकहत

जस ndash यह वह जब क हो तब वह बन जाता ह

जस ndash वह घर राम का ह कई ऐस मल जसा रहता ह

जस ndash वह यह क

भी िलग वचन और कारक क अनसार होता ह क िलग और कारक ककारण कछ होता ह

जस ndash काला कपड़ा - काला कपड़काला धोती - काला धोितया

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क साथ ई हो जातजस - काली धोती

क होता ह जो क होन परहोता ह जस ndash वह घोड़ा व घोड़

पथकता अथवा अिधकता क िलए को दहराता ह ndash

जस ndash छोट छोट फल लालका भी होता ह जस ndash बडा लड़का

गणवाचक और जब करत तब वह बन जात

जस ndash थोड़ा खा गया चावल बहत ह क साथ जब आता और व बन जात तब उनक साथ

भी लगती जस ndash को दान दो

UNIT - 16

(Verb)

काम क करन या होन का बोध हो उस कहतजस पढ़ना खाना दौडना पहनना

धात ndash क मल को धात कहत उदा- पढ़ना खलना खानाय सब मल धात lsquoपढ़rsquo lsquoखलrsquo lsquoखाrsquo ह मल धात lsquoनाrsquo जोडकर का िमलताह

i क आधार पर क दो भद होत - 1) 2)

1) (Transitive Verb) ndash क का फल को छोड पर पडता हउस कहत

उदा ndash राम पढ़ता ह

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राम ह ह और का पर पडता ह2) (Intransitive Verb) - क का फल पर पडता ह उस

कहत का अभाव हउदा ndash मोहन सोता ह

कभी कभी एक होता ह और कभी कभी दो भी होत एक होन वालको एक lsquo rsquo कहत

उदा ndash राम न खाना खायाखाना ह कवल एक होता ह दो होन वाली को

कहतउदा ndash मा न को दध

दो होत ndash lsquo rsquo और lsquoदधrsquo दो होत एक lsquo rsquo और दसराlsquoगौणrsquo

उदा ndash मा न को दधइस lsquoगौणrsquo ह दध lsquo rsquo ह lsquoगौणrsquo कभी कभी होता हउदा ndash न कथा सनाई

ii क भद1 - व होती ह आशय अथवा स परा होताको परा करन क िलए दसर होती ह ऐसी को कहतयह दो क होती ह१ ndash का अभाव हउदा ndash वह ह यहा क को परा करन क िलए जोडा गया ह२ ndash होन पर भी का भाव परा न हो उस को

कहतउदा ndash सीता न पढ़ाया

यहा परा सीता न lsquo rsquo पढ़ाया lsquo rsquo पढ़ाया यह परा इसिलए यहह यहा होन पर भी का भाव परा होता

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३ परक - को परा करन क िलए या पडती ह

परक कहत क परक lsquo परकrsquo तथा क परक lsquo परकrsquo

होतउदा ndash उस होिशयार समझता ह ( परक)

राम बलवान ह ( परक)

iii यौिगक धात ndashक स धातओ क दो भद होत 1) मल धात 2) यौिगक धात

मल धात - मल धात व जो दसर स न बन जस ndash कर बठ पढ़ यौिगक धात ndash यौिगक धात व जो दसर स बनाय जात उदा ndash खाना स नाम धात ndash जो या क आधार पर बनती ह उस नाम धात कहत

उदा ndash हाथ स हिथयानास

अपना स अपनानाiv - स यह जान पडता ह को न करक दसर को

करन दता ह उस (casual verbs) कहतउदा ndash राम न मोहन स िलखवाया यहा राम न िलखकर मोहन स िलखवाता ह इसिलए यह ह

करनवाल को और जाती ह उस कहतराम न मोहन स िलखवाया राम ह और मोहन हमल जो होती ह उनस और बन सकती हस और बन सकती उदा ndash दध पीता ह

पीना ह इसस बनती ह ndash मा को दध हस बना सकती ह उदा - मा नौकर स को दध ह

बनान का िनयममल धात क आ जोडन स और वा जोडन स या

बनती ह

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उदा ndash उठना ndash उठाना - उठवानाचलना ndash चलाना - चलवानापढ़ना ndash पढाना - पढ़वाना

दो क धातओ ए और औ को छोडकर पहला हो जाता हउदा ndash जागना ndash जगाना ndash जगवाना

भलना ndash भलाना - भलवानाछोडना ndash छडाना ndash छडवाना

धातओ क ला और लवा लगात तब हो जाता हउदा ndash पीना ndash ndash

सोना ndash सलाना ndash सलवानाखाना ndash -

v नाम धात - को छोडकर जोडन स जो धात बनती ह अथवा जो नाम (

या ) धात क समान होत नामधात कहत जो नामधात लगान सबनत आ ओऔर ला लगात पहला हो जाता ह

उदा ndash लाज ndash ndash लजानाहाथ ndash हिथया ndash हिथयानाझठ ndash झठला ndash झठलाना

UNIT - 17

काल (Tense)क स क होन का समय और अथवा का बोध हो उस काल

कहत काल क तीन भद होत1) भतकाल2) काल3) काल

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भतकालस का बोध हो उस भतकाल कहत

उदा ndash राम न िलखी भतकाल क छः भद - भत भत भत भत भत हत-हतमत भत

भत ndash क स भतकाल क समय का बोध न हो उस भत कहतउदा ndash मोहन न खत िलखायहा का बोध होता जो भतकाल हई ह भतकाल ndash क स का का समय अभी अभी हआ ह इसका बोध

होता ह उस भतकाल कहत उदा ndash राम न ह

इसस पहल अभी अभी हई हभत ndash क स यह होता ह क को हए बहत समय हो चका ह उसभत कहत

उदा ndash न दध थास हो क साथ lsquoथाrsquo lsquoथrsquo lsquoथीrsquo लगान स भतकािलक

िमलता हभत - क उस को भत कहत यह हो भतकाल हो थी पर

का पता न लग उस भतकाल कहतउदा - वह पढ़ रहा था वह सोता था

कब समा हआ इसका पता क साथ lsquoता थाrsquo lsquoत थrsquo lsquoरहा थाrsquo lsquoरह थrsquo लगानाभत काल ndash क स भतकाल सचना िमलती ह उसक होन कछ हो उसभत कहतउदा ndash वह आया होगा

उसन खाया होगा भतकाल हो थी ह क साथ lsquoहगाrsquo lsquoहगीrsquo lsquoहोगाrsquo lsquoहोगीrsquo

lsquo rsquo जोडन स भतकाल िमलता हहत-हतमत भतकाल ndash क स यह पाया जाय भतकाल होना सभव थाकारण स न हो सका उस हत-हतमत भतकाल कहत

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(Present Tense)

क को काल कहत रहती ह

होती उस काल कहतउदा ndash राम पढ़ता ह

सीता गीत गा हकाल तीन क होत ndash 1) काल 2) काल 3)

काल - वह ह स का काल होना पाया जाय

उस कहतउदा ndash मोहन पढ़ता ह

रमा गाती ह क साथ lsquoताrsquo lsquoतrsquo lsquoतीrsquo जोडन स बनत

- वह ह काल क होन पायाजायउदा ndash वह खाता होगा

सीता जाती होगी क साथ lsquoता होगाrsquo lsquoती होगीrsquo lsquoत rsquo lsquoती rsquo लगान स िमलत

ndash का वह ह यह होता ह का अभी ह

होता उस कहत उदा ndash वह खा रहा ह

चल हक साथ lsquoरहाrsquo lsquo rsquo lsquoरहrsquo जोडन स िमलती ह

काल ( Future Tense)

होनवाली को काल कहत काल क दो भद ndash 1)

काल 2) कालकाल ndash का वह ह स क आग होन सचना िमल उसकाल कहत

उदा ndash वह आयगा

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राम आज बबई जायगासीता कल घर आयगी

क साथ lsquoयगाrsquo lsquoयगीrsquo lsquoयगrsquo जोडन स िमलतकाल ndash क होन सभावना हो उस काल कहत

उदा ndash सभव ह आज हो स lsquoगाrsquo lsquoगrsquo lsquoगीrsquo पथक कर दन स काल िमलगा

UNIT ndash 18

(Voice)उस कहत यह जाना जाय का ह

ह या कवल भाव ह उस कहतउदा ndash राम न रावण को मारा

तीन क ndash 1) 2) 3) भाव- ह हमशा क िलग वचन और क अनसार होता ह

उस कहतउदा ndash लडका पढ़ता ह

लड़का ह और ग ह इसिलए भी होना हसीता िलखती ह इसम सीता ह इसिलए ह का सीधा स होताह

ndash क िलग वचन क अनसार हो उस कहतह का होता ह

उदा ndash राम िलखता हह इसिलए यह ह धानता होती ह और का

स होता ह क िलग वचन क अनसार बदलती ह हमशाहोता ह का होना ह

उदा ndash राम न रावण को मारा -

राम स रावण मारा गया -

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रावण ह ह क का ह गौण का रहता ह

उदा ndash मा न को दध मा स को दध गया

दो होत ndash और दध ndash भाव होती ह यह हमशा स बनता ह हमशा

एकवचन और होती ह इसका होता ह उदा ndash यहा बठा जाता

मझस पढ़ा जाता स या बनान

को भत क करना उसक साथ काल वचन और िलग कअनसार जाना क जोडन ऐसा करन स स औरक स भा बनती ह

उदा ndash 1) राम न रावण को मारा -

राम स रावण मारा गया -

2) राम रावण को मारगा -

राम स रावण मारा जायगा -

3) राम रावण को मारता ह -

राम स रावण मारा जाता -

पहल lsquoमाराrsquo भतकािलक ह इसिलए lsquoमाराrsquo क साथ lsquoजानाrsquo का भतकािलकजोडना

दसर lsquoमारगाrsquo काल ह इसिलए lsquoमाराrsquo भतकािलक बदलकरlsquoजानाrsquo का काल lsquoजायगाrsquo जोडना

तीसर काल ह को भतकािलक बदलकर (मारा) उसक साथजाना का (जाता) जोडना

स बन सकता हउदा ndash मोहन उठता ( )

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मोहन स उठा जाता - ( )

वीणा चलती ( )

वीणा स चला जाता - ( )

UNIT ndash 19

याअभी तक हमन क बार पढ़ िलया ह उनक िलग वचन और कारक क अनसार

आता ह इसिलए कहत का ह अब हम क दसरया क बार

चार क होत ndash 1) 2) बोधक 3) बोधक 4)

बोधक

UNIT ndash 20

ndash Adverbउस कहत होती ह

उदा - रमश चलता हइस lsquoचलनाrsquo ह ndash ह lsquo rsquo इसिलए lsquo rsquo ह

स क तीन भद ह - 1) साधारण 2) सयोजक 3) साधारण - साधारण वह ह होता ह साधारण या

कहत जस ndash खब पढ़ो दौडो सयोजक ndash का स या स होता ह सयोजक

कहत जस ndash जहा तक हम चल सक वहा तक ह

योजना का सयोजक स होता ह- का क

भद क साथ होता ह कहत

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जस ndash गह खाओग

कह तो लो होता ह व कवल गह खात और कछ खायगा इन

ह हो जान स का बदल जाता ह जस ndash वह काम करगा इसका यह ह जो काम उस ह कवल वह करगा और कछ

क आधार पर क चार भद होत ndash 1) कालवाचक 2) 3)

4)

कालवाचक ndash स समय अविध तथा काल का बोध होता ह कालवाचककहतजस ndash काम को अभी पढ़ना

आजकल रोज़ होती ह कभी कभी भी रात क समान लगता ह मोहन पढ़ाई सदा ह

अभी आजकल कभी कभी सदा कालवाचक ह ndash स क का बोध होता ह

कहत उदा ndash जहा तक जा सक वहा तक जाओ

जाओ और वहा लटो घर क सामन एक ह बाहर रोशनी भीतर अधरा

हाथ स मारत जहा वहा सामन बाहर भीतर ndash स अिधकता- का बोध होता ह

कहत जस ndash उतना पढ़ो हो

चावल थोडा खाओ खब खाना

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अपना थोडा खब

व क होन का ढ़ग का पता िमलता ह जस ndash राहल धीर धीर चलता ह

सीता मधरतम गाती ह यथा हम तथा िमलत

धीर धीर मधरतम यथा-तथा

UNIT - 21

बोधकबोधक ह जो या क साथ आकर उनका क

क साथ बनात उदा ndash धन क कोई काम न चलता

घर क नीच एक तालाब ह क पास एक भी ह

नीच पास बोधक ह क अनसार बोधक क दो भद होत ndash 1) 2)

क ndash य या क बाद आतउदा - घर क भीतर घर क पीछ घर ऒर

कारक भी आती ह जस का क कभी कभी अपादान कारक या भी आती ह

उदा ndash इनस पहल आया राम का मकान मोहन क घर स पर

lsquoसrsquo lsquoपरrsquo अपादान कारक क ndash यह स क क साथ आत

जस ndash दो तक राम रहगा

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घड भर पानी क िलए पाच दन ग lsquoतकrsquo lsquoभरrsquo सचक

UNIT - 22

( Conjunctions)योजक या व जो या न बतला कर एक या का

दसर या स जोडत बोधक कहतजस ndash सीता और गीता अपन घर गयी

सीता और गीता को िमलानवाला योजक lsquoऔरrsquo ह क तीन भद ndash 1) सयोजक 2) 3) भदबोधक

1) सयोजक ndash कई का सयोग करनवाल को सयोजक कहत इसक दो याका मल होता ह

उदा ndash और राम कल बबई और वहा उनक साथ मोहन भी lsquoऔरrsquo lsquoभीrsquo सयोजक ह

2) ndash जो का बोध कराए कहत जस ndash चाह दश सवा करनी या अथवा मानवीय को पहचानना

lsquoयाrsquo lsquoअथवाrsquo lsquoवाrsquo lsquoचाहrsquo को करनवाल ह 3) भदबोधक ndash दो स एक स भद बतलानवाल को भदबोधक कहत य कई क होत

क ndash दो म स पहल का िनषध या सिचत करत जस ndash

पर मगर वरन उदा ndash मझ वहा जाना था क कारण जा न सका

ख - कारणवाचक और उपदशमलक ndashइसिलए सो अतः इसिलए

इस क ह जस ndash राम समय पर आ न सका इसिलए जा न सका

ग सकतबोधक ndash ndash तो जो ndash तो प सकतबोधक ह जस ndash तम कहत तो जाता

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घ ndash इन पहली बात का और होता ह यान मानो यहा तक इस क ह

जस ndash कोई भी समय पर पहचा यहा तक भी 10 बज तक न आय क और दो भद होत ndash 1) समानािधकरण 2)

समानािधकरण ndash समान पद क या को जोडत जो एक क हो वसमानािधकरण धक कहत जस ndash क मा-बाप का अजीब ह समानािधकरण क चार उपभद होत ndash

1) सयोजक ndash और तथा भी एव 2) क ndash या वा अथवा चाह 3) ndash पर मगर 4) ndash इसिलए अतः

ndash को स जोडनवाल कोकहत

जस ndash आज नौकरानी आयगी वह बीमार ह क चार उपभद होत ndash

१ ndash यान मानो २ करणवाचक ndash जो इसिलए ३ उपदशवाचक - जो ४ सकतवाचक ndash - तो जो-तो -

4) ndash ndash स क शोक घणाको करनवाल को -बोधक कहत

जस ndash हाय अब अर आप कहा जा रह

ह राम करो को सिचत करन क िलए - लात

बोधक क सात भद ndash

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1) बोधक ndash वाह ndashवाह - आहा शबाश

2) शोक बोधक ndash आह ऊह हा-हा ndash

3) बोधक ndash अहो ऒह

4) अनमोदन बोधक ndash हा-हा वाह शबाश

5) बोधक ndash िछ हट अर िधक

6) ndash बहत हा जी हा7) सबोधन बोधक ndash अर र अपी अहो

कभी कभी भी हो जातजस ndash भगवान लो चप कभी कभी या भी होत जस ndash न हो बहत हो गया

जब क समान होत तब वह होता तब वमनोभाव को करात

जस ndash हाय हाय मचा रखी ह

सब लोग - पकार उठहाय ndash हाय - क समान ह इसिलए यह बोधक ह

UNIT - 23

क भद क स बनान का िनयम

क पर जायगास बनता ह एक या अिधक स बनता ह एक स अिधक स बनता

ह कहन या िलखनवाल का परा भाव हो जाय तो उस कहतजस ndash मोहन पढ़ता ह

राम िलखता ह इन स लखक का परा भाव होता ह

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ndash कछ ऐस होत और क रहन पर भी कहन या िलखनवाल का परा आशयहोता क समह को और क रहन पर भी जो कछ सनन

बनी रह कहत दो क होत ndash 1) 2)

क अधीन होतउदा ndash राम न कहा था वह कल पाठशाला जायगा

इस राम न कहा था - ह और कल पाठशाला जायगा तह इस और भी कहत

रखनवाल को कछ थोडा सा भाव करनवाल को कहतएक भावना होती ह

जस ndash तरह पढ़ना चलना

इन होता ह क म दो भाग होत 1) और 2)

ndash ( ) कछ होता ह उस कहतndash ( ) क जो कछ होता ह उस कहत

जस ndash मरा स भरा हआ ह मरा ह और स भरा हआ ह ह मरा ndash ह और मरा

उस का ह इसिलए ( ) और मरा का कहत हआ हह शष उसका ह

इस चार भाग हए ndash 1) ( ) 2) का 3) ( ) 4)

काचार भद ndash

क ndash राम गया ख ndash वह कह चका ग ndash फल

क भदक अनसार क आठ भद होत ndash

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1 ndash इस स बात का होना सिचत होता ह जस ndash भारत राजधानी ह

2 िनषधवाचक ndash का अभाव होता ह जस ndash क कछ भी पा सकत

3 ndash इस स सचना होती हजस - तम कल कालज

4 ndash इसस और उपदश का बोध होता ह जस ndash तरह पढ़ो

का भजन करो 5 ndash इसस का भाव सिचत होता ह जस ndash हाय राम को एक

लाख िमल 6 ndash इसस या सचना होती ह

जस ndash अक पा

7 ndash या सभावना सचना होती ह जस ndash आज होगी

8 - सकत सचना होती ह जस ndash हो तो

राम काम करगा रचना क आधार पर

रचना क आधार पर क तीन भद होत - 1) सरल या साधारण 2) और3)

१ सरल ndash एक और एक होता ह उस सरल कहतजस ndash मोहन िलखता ह ( मोहन और िलखता ह धय ह)

राम मज़ पर रखी ह ( ह और रखी ह ह)

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lsquoराम rsquo और lsquoमज़ परrsquo कवल और का ह २ - उस कहत एक हो और उसक एक या

अिधक हो उस कहतजस ndash जो करगा उस सफलता िमलगी जो करगा ndash ह उस सफलता िमलगी - ह

तीन क ndash 1) 2) 3)

1) ndash का क पर होता ह उसकहतजस ndash मरा ह तमन को मारा यह सच ह इस तमन को मारा ndash ह क पर आया ह इसिलए यह

ह 2) ndash जब कोई को क का काम दता ह तब उस

कहत जस ndash य उसी छा को जायगा जो रहगा

उसी स डरत जो खब मारता ह उसी जो ह

3) ndash जो क का काम दता ह उस कहत

जस ndash करता ह उतना फल िमलता ह जब तम कहोग सब कछ

जब ह ३ ndash दो या दो स अिधक योजक जड हो न

हो उस कहतजस ndash वह तरह पढ़ता था तो पास होता

दो या दो स अिधक सरल अथवा एक दसर पर न होता ह इसिलए यह

जस - कर चका (सरल )

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हम कर चक तो व आए ( )

और मरा मन ठड हो गया ( )

चार क होत ndash सयोजक सचक 1) सयोजक - एक दसर क साथ सयोजक जडा रहता ह

जस ndash वह आया और उसक साथ गया स िमलता ह और स होता ह

2) ndash का एक दसर स भद या का रहता ह जस ndash स बढ़ता ह स भरता ह वह खब खाता पर बडा होता

3) सचक ndash दो स एक को करना जस ndash मझ या राम को

4) अथवा हतसचक ndash एक दसर का होता हजस ndash तम आग पढ़ो पसा दगा मझ पसा िमला इसिलए

कभी कभी बीच योजक आत जस ndash मझ न बलाया आप आता ह जब को का या एक होता ह तो एक बार िलखा या कहा

जाता ह ऐस को सकिचत कहत जस ndash का और मन को भी दता ह

जो आसानी स समझकर छोड दत ऐस को कहत जस ndash आजकल सना ह बरसात क मौसम बखार सब फलाता ह

कहत रोज़ बढ़त रह पहल हमन होना था पर ह दसर लोग स होना पर होता ह

एक का दसर क बदल जा सकता ह मलकर सकत

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क सरल स ndash

उदा ndash सरल - राम न मोहन का - राम न उस को जो मोहन का था

ख स सरलndash उसन कहा पापी ह

सरल ndash उसन को पापी बताया ग सरल स

सरल ndash होन पर लोग खत जान लग - हआ और खत जान लग

घ स िनषध वाचक तथाndash मोहन सोहन स बडा ह

िनषध वाचक - मोहन सोहन स बडा ndash मोहन सोहन स बडा ह

UNIT ndash 24

और महावरव जो का अपना न बता कर कछ करत महावरा

कहत बोलचाल बहत आनवाला ऐसा बधा कोई अनभव बात और अलकतभाषा गई हो या कहावत कहाता ह जस ndash मर पट चह कद रह

जब स उनका लड़का मरा ह कमर टट गई ह वह इतना चालाक ह अपन मािलक को पर नचाता ह

इन lsquoपट चह कद रह rsquo lsquoकमर टट गई हrsquo lsquo पर नचाता हrsquo इन काउनक स ह यहा lsquoपट चह कदनrsquo का ह भख लगना lsquoकमर टटनrsquo का ह या

का न रहना तथा lsquo पर नचानrsquo का ह अपन वश रखना अतः य महावरकहलात

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इसी जब कोई आदमी काम करना न जानता हो परत अपन को िछपान क िलए बहान बनावतब कहा जाता ह ndash नाच न जान आगन टढ़ा

जब कोई आदमी अनक खाकर भी अपनी आदत न छोड़ तब कहा जाता ह दम सौतक नली रखो तो भी य बध हए और अनभव तथा अलकत भाषा कह गय अतः य

और क स भाषा तथा आती ह महावरदार भाषाबहत पसद जाती ह और कथन बड़ा होता ह

महावरअग-अग - बहत होनाअगठा - चीज़ को दन स क साथ करनाअध - सहाराअधरा घर का उजाला - एकलौता बटा

क घोड़ दौड़ाना - सोचनापर पड़ना - समझ न पाना

अपना सीधा करना ndash करनाआख उठाना - नीयत स दखनाआख खलाना - होश आना

चार होना - आख स आख िमलानानीची होना - होनापीली करना - नाराज़ होना

आकाश पाताल का ndash बहत भदआग घी डालना - बढ़ानाआसमान िसर पर उठाना - बहत कोलाहल करना

स बजाना - करनाईद का चाद होना - िचरकाल पीछ दनाउगली पर नचाना - वश रखना

गगा बहाना - बात करना

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कमर टट जाना - िनराश हो जानाकान भरना - चगली करना

मौत मरना - बहत तरह स मरनाखाक उड़ाना खाक िमलाना - बरबाद होनागड़ गोबर कर दना - काम दनाघर गगा - दौड़-धप कघाट घाट का पानी पीना - जहा तहा का अनभव करनाचाद पर थकना - करना और फलतः होनाचार चादनी - थोड़ का सख

का दध याद आना - सब सख भल जाना सकट आ पड़नाजमीन पर पर न पड़ना - बहत अिभमान होनाजल भन कर कोयला होना - पागल हो जानाटस स मस न होना - भी नटाग अड़ाना - बाधा डालनाटोपी उछालना - िनरादर करनाितनका पकड़ना - मागनाितन का ताड़ करना - बात बढ़ानाथक कर चाटना - वचन दकर जाना

तल उगली दबाना - करनादम तोडना - मर जाना

दना रात चौगना होना - खब होनाधप बाल सफद करना - अनभव आय दनानमक लगाना - बात को बढ़ा कर कहनानाक कटना - बदनामी होनानाक चढ़ाना - घणा करनानीला पीला होना - आना

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नौ-दो होना - भाग जानाउछालना - करना

- बातपरदा डालना - िछपानापहाड टट पड़ना - आनापट चह कदना - खब भख लगना

तल स ज़मीन िनकल जाना - होश उड़ जानाफक-फक कर कदम रखना - सोच-समझ कर काम करनाबगला भगत -

उछलना - खब खश होनाबाज़ार पर होना - काम पर होनाबात का धनी - वायद काबाल खाल उतारना - करनाबाल पकना - बढ़ा होजाना अनभव करनाबाल बाल बचना - हािन पहचन जरा- सी कसर रह जानाबगार टालना - लगाकर काम न करनाबोली मारना - क कहनाभनक पड़ना - खबर द जानाभाड़ - समय गवाना

मारना - बकारचस - बहत कजसपर मारना - का नकल करना

मगज चाटना - तग करनामाथा ठनकना - आशका होनामारा मारा - होनामह-तोड़ जवाब दना - परा-परा जवाब दना

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मह फक हो जाना - चहर का रग उतर जानामह पानी भर आना - खान को ललचानामह लगाना - अिधक द दना

गरम करना - दनाराई का पहाड़ बनाना - बात को बढ़ाकर कहनारात- - हमशालका काड होना - खब मारपीट होनालबी-चौ हाकना - करना

होना - होनालह क घट पीना - करनालह पसीना एक करना - बहत करनालोह क चना चबाना - काम करनाशतान क कान कतरना - बहत चालाक होना

करना - करनाबाग - बहकाना

समझ पर पड़ना - होनाबठना - जमाना

िसतारा चमकना - उदय होनािसर पर खन सवार होना - जान लन पर होनािसर पर हाथ धरना - सहायता करनासौ बात एक बात - िनचोड़

करना - फक डालनाहसी उड़ाना - करनाहाथ मल -

हाथ पर हाथ धर बठना - बठनाहाथ पसारना - मागना

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हाथ-पर मारना - करनाहाथ साफ करना - बईमानी स ठगना

पानी करना - करनाहोश उड़ना - भय या आशका स दखी होना

अत गता सो मता - वहकान राजा - थोड़ा पढ़ िलख का मान होता ह

आख क गाठ क पर - पर धनवानआप मर जग परल - ह तो ससार ह

चोर कोतवाल को डाट - अपराध करक को डाटनाऊची दकान पकवान - काम करनाएक अनार सौ बीमार - जब एक चीज़ क बहत स तब कहा जाता हएक पथ दो काज - एक काम करन स दो का लाभ होनाकाला बराबर -

घर का लका ढ़ाह - फट स घर नाश होता हिचराग तल अधरा - पास घटना क होन पर भी उसका न होना या

ऐस पर बराई का होना जहा उसक रोकन का होचोर ितनका - पापी डर जाता हजाग सो पाव सोव तो खोव - सावधान रहन स लाभ होता ह

- बलवान का दबदबा रहता हजसा दश वसा भस - दश रह वसी करनीजसी करनी वसी भरनी - फल िमलता हतन को कपड़ा न पट को - बहतथोथा चना बाज घना - काम न करनवाला बकवास बहत करता हदाम बनाय काम - पस स सब काम हो जात

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धोबी का घर का न घाट का - जो एक पर जमकर काम न कर कभी एक लग और कभीदसर और सफल न हो उस कहा जाता ह

रहना मगर स बर - अधीन होकर रह और उसी स बर कर तो गज़ारा चलता हन रहगा बास न बाजगी - नकसान हो उसका नाश कर दना हनाच न जान आगन टढ़ा - काम करन न होन पर दसर को दोष दना नीम जान का खतरा - अधरा हािनकारक होता हनौ नगद न तरह उधार - उधार सौदा दनामान न मान तरा महमान - गल पड़नािमया जती िमया क िसर - स उसी हािन करनासौ सयान एक मत - सभी अथवा एक सलाह होती हहाथ कगन को आरसी - क िलए और हाथी क दात खान क और क और - कहना कछ और करना कछ औरहोनहार क होत चीकन पात - होनहार क पहल स जात

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नञ ndash अभाव या िनषध का सिचत ककरनवाला lsquoअrsquo या lsquoअनrsquo लगान स बननवाल को lsquoनञrsquo

कहतउदा ndash ( जो न हो)

अनपढ़ ( न पढ़ा हआ)

अछता ( न छआ हआ)

उप पद ndash समास कोई उप पद न हो तथा बाद पद हो उस lsquoउप पद rsquo कहतउदा ndash जलज (जल ) ndash कलम

मनोज ndash (मन जात) - कामदवii समानािधकरण - समास क क बाद एक कारक

आती ह उस समानािधकरण अथवा कहत इस समास क पद उपमान- उपमय अथवाndash हउदा ndash नील कमल - नीला कमल

यहा नीला और कमल हम ndash घन (बादल) (काला) उपमान और उपमय

कभी कभी सबध बतानवाल बीच क पद का लोप भी होता ह lsquo rsquo समासपहल का दसर स सबध बतानवाल बीच क पद का लोप होता ह उस समास कहत

iii समास ndash समास क होता ह और समदाय का बोधहोता ह उस समास कहत

उदा ndash (तीन का समाहार)

चौमासा (चार का समह)

iv समास ndash समास होत और करन पर और या अथवा योजकलगत उस समास कहत

उदा ndash ndash औरndash पाप और

तन-मन ndash तन और मनसमास क का िलग साधारणतया म क अनसार होता ह कभी कभी

हो तो उसी क अनसार िलग हो जाता हउदा ndash राजा-रानी आय

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समास एक स अिधक जडतउदा ndash माता ndash आय राम- आत थ

कभी कभी बहवचन - सचक क साथ भी पाया जाता हउदा ndash आपक लडक-

v ब समास ndash इस समास स कोई पद होता पर समास पद पदका होता ह इस समास कहत

उदा ndash र (पीत ह )

अनग ( ह अग - कामदव)

समास पद का पहला दसर क होता ह समासपद अपन स का होत ह कई पद भद स क

समास हउदा ndash मगलोचन - 1) मग क लोचन ndash

2) मग क समान लोचनवाला ndash समास- 1) पीला कपडा ndash

2) पीला ह अबर (कपडा) वह ( ndash समास)

Module lll

UNIT - 9

क िलग वचन कारक अथवा काल क अनसार होता ह

कहत औरया - क िलग वचन कारक अथवा काल क अनसार कोई

होता व ह सचक व ह सचक या ह

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UNIT - 10

(NOUN)वह ह या भाव को सिचत करता ह राम ( )

( ) ( ) क तीन ndash

a) (Proper Noun)

b) जाितवाचक (Common Noun)

c) भाववाचक ( Abstract Noun)

A ndash उस कहत एक का बोध होता हउदा ndash राम गगा

B जाितवाचक ndash जाितवाचक स एक जाित क सब का बोध होता हउदा - नगर सभा जल

स सभी जाित का बोध होता ह का य जाित क आधार पर होत

स सजातीय क समह को करत उस समहवाचक कहत उदा ndash सनास का बोध का बोध होता ह उस कहत

उदा - सोना पानी लोहाC भाववाचक ndash भाववाचक व क गण दोष कासचना होती ह

उदा - गण दोष ndash िमठास कटता नीचता- लडकपन यौवन दासता

भाव ndash शोक भयD जब गण को करत तब व जाितवाचक बनत

उदा ndash ह तम बनोइस स ह ndash पर रहनवाला यह जाितवाचक हकभी कभी जाितवाचक होती

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उदा ndash गािधजी कल यहा यहा गािधजी हE भाववाचक कभी कभी जाितवाचक क समान होती

उदा ndash हाथी और घोड बडा ह यहा चाल जाितवाचक हभाववाचक चार स बनती

a) जाितवाचक स ndash लडका ndash लडकपनndash

b) स ndash अह ndash अहकारअपना ndash अपनापन

c) स ndash चतर ndash चतराईमीठा ndash िमठास

d) स ndash चढ़ना ndash चढ़ाईसजाना ndash सजावटघबराना ndash घबराहट

F क समान होन वालउदा ndash का आधर गणी- ह यहा क समान होत उदा ndash का कहना

मानो lsquoबडाrsquo ह यह क पर होता हका

एक स अिधक स बनत क एक दसर क िमलन स का होता हक क होता ह इस कहत का िलग वचनऔर कारक क कारण होता ह

उदा ndash लड़का पठता ह ndash पठती ह ( िलग क कारण)

लड़का दौडता ह - लड़क दौडत (वचन क कारण)

लाओ ndash मज़ पर ह ( कारक क कारण)

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UNIT - 11

िलगक जाित का बोध होता ह उस िलग कहत दो िलग ndash और

a ndash जाित का बोध करानवाल को िलग कहत उदा ndash सीताb - जाित का बोध करानवाल को कहत उदा ndash लड़का नर राम

बदगी ह उदा ndash पड नगर ह उदा ndash लता

जो ह व ह उदा ndash भाई बलकई स क नर और मादा का बोध होता ह पर उनका एक िनयम

िलग स होता हndash कौआ चीता ndash कोयल चील मना

जाितभद करन किलए इनक साथ नर या मादा लगाना उदा ndash नर कौआ मादाकौआ नर चीता मादा चीता

क अत आ पा आव और पन हो होतउदा ndash बढ़ापा चढ़ाव लडकपन

क अत आई वट हट और ता हो व होतउदा ndash चढ़ाई सजावच सरलता

स बनान का िनयमक क अ को आ करन स ndash उदा ndash ndash बाल ndash बाला सत ndash सता तनज ndash

तनजा ख क अ को ई करन स ndash उदा ndash दव ndash दवी ndash कबतर ndash मग ndash

मगीग कछ क आ को ई करन स ndash उदा ndash रसा ndash रसी लडक़ा ndash

घ क आ को इया करन स ndash उदा ndash ndash बढ़ा ndash चहा ndash

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ङ या क क इन लगान स ndash उदा ndash सनार ndash

धोबी ndash कहार ndash

च कछ क नी या आनी लगान स ndash उदा ndash िसह ndash िसहनी महतर ndash महतरानी मोर ndash

मोरनीछ उपनामवाचक क क पर आइन लगान स ndash उदा ndash बाब ndash बबआइन

ठाकर ndash ठकराइन पाड ndash पाडाइन ज कछ क ndash उदा ndash ndashमाता ndashऔरत वर- वध मा ndash

बाप ndashभाई

स बनान का िनयमa कछ lsquoओईrsquo lsquoआवrsquo और lsquoऔराrsquo लगान स ndash

उदा ndash बहन ndash बहनाई ननद ndash ननदोई ndash िसल ndash िसलौरा b कछ क lsquoईrsquo को lsquoआrsquo करन स ndash

उदा ndash जीजी ndash जीजा झोली ndash झोला c कछ क lsquoईrsquo को lsquoअrsquo करन स ndash

उदा ndash ndash d क अत lsquoआrsquo लगान स ndash

उदा ndash

UNIT ndash 12

वचन (Number)स और क स स यह त हो वह एक क िलए होता ह या अिधक

क िलए इस वचन कहत वचन दो क होत ndash

1) एकवचन (Singular)

2) बहवचन (Plural)

1) एकवचनःस क स स एक का बोध करान वाला एकवचन हउदाः पढ़ती ह ( ndash एकवचन ह)

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2) बहवचनःस क स स एक स अिधक का बोध हो उस बहवचन कहतउदाः पढ़ती ( ndash बहवचन ह)

कभी कभी आदर क िलए एकवचन बहवचन क होतउदाः अब )बहवचन(

बहवचन बनान का िनयमः-)क ( क lsquoआrsquo क पर lsquoएrsquo लगा दन स एकवचन का बहवचन बन जाता ह

उदा ndash लड़का ndash लडक कपड़ा ndash कपड़ बटा ndash बट lsquo rsquo क सभी क (

) एक समान रहतक बहवचन बनान का िनयम

lsquo rsquo तथा lsquo rsquo क lsquoअrsquo lsquoआrsquo क पर lsquoएrsquo का करन स बहवचनबनाया जाता ह

उदाः ndash गाय ndash ndash रात ndash lsquo rsquo तथा lsquo rsquo क lsquoयाrsquo जोड़न स बहवचन िमलता ह इस lsquoईrsquo क

पर lsquoइrsquo होता हउदाः ndash ndash ndash

स क lsquoयाrsquo हो उनक lsquoयाrsquo क ऊपर कवल लगान पर-

उदाः ndash -

क बाद lsquoएrsquo या lsquo rsquo जोड़न स शष का बहवचन िमलता हउदाः लता ndash लताए -

)ग( िनयम -

)1( )बहवचन( सिचत करन क िलए कभी कभी क एकवचन क साथ गण लोग

जोडतउदा ndash पाठकगण बाब लोग

(2) कछ हमशा बहवचन बोल जातउदा ndash लोग होश

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3) जाितवाचक स ऐ हमशा बहवचन होती ह जब और भाववाचक काजब जाितवाचक क समान होता ह तब व बहवचन होता ह

उदा ndash भारत रावण कमी (यहा रावण जाितवाचक ह)

(4) जब जाितवाचक क समान होता ह तब व बहवचन क होतउदा ndash और क ह (जल बहवचन एव जाितवाचक ह)

UNIT - 13

कारक (Case)या क स उसका क क साथ होता ह उस

कारक कहतउदा ndash राम न रावण को माराइस lsquoनrsquo और lsquoकोrsquo इन क उसका सिचत होता हउदा ndash मारा - राम lsquoनrsquo

मारा ndash रावण lsquoकोrsquo इसिलए य कारककारक क आठ भद होत ndash

कारक - नकारक - को

करण कारक - सकारक - को

अपादान कारक - सकारक - का क

अिधकरण कारक - पर

सबोधन कारक - ह अर अपी अहो क कारक ndash (Nominative)

या क स करनवाला या का बोध होता ह उस कारक कहतlsquoनrsquo ह

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उदा ndash राम गयामोहन न खाया

lsquoरामrsquo और lsquoमोहनrsquo कारक ह न हक को सिचत करन क िलए कोई जाती ह

उदा ndash राम न िलखी ख कारक (Accusative)

या पर क का फल पडता ह उस कारक कहत उदा - राम न रावण को मारा

रावण मारा गया ह यहा lsquoरावणrsquo कारक ह lsquoकोrsquo हकभी कभी lsquoकोrsquo का लोप होता ह

उदा ndash राम न िलखायहा lsquoकोrsquo का लोप होता ह ऐसा भी होता ह - राम न को िलखा

ग करण कारक ( Instrumental)

क साधन का बोध करानवाल क को करण कारक कहत lsquoसrsquo ह उदा ndash

कलम स िलखतिलखन का साधन कलम ह कलम क िलखन होती ह

घ कारक ( Dative)

कारक का वह ह जो उस का बोध कराता ह िलए कोई कामlsquoकोrsquo lsquoक िलएrsquo ह

उदा ndash मोहन न राम को पाच मोहन न राम क िलए पाच

ङ अपादान कारक (Ablative)

का वह ह क स पथक होन का बोध हो उस अपादान कारककहत lsquoसrsquo ह

उदा ndash स िगरतयहा स का सिचत होता ह कारक और अपादान कारक lsquoसrsquo ह

करण कारक lsquoसrsquo साधन सिचत होता ह अपादान कारक lsquoसrsquo सिचत होता ह

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कलम स िलखता ह - करण कारकस आ रहा ह - अपादान कारक

च कारक (Genitive)

क स उसका स होता ह उस कारक कहतlsquoकाrsquo lsquoकrsquo lsquo rsquo

उदा ndash राम का घोडा राम क घोड राम बहन छ अिधकरण कारक (Locative)

क स क आधार का बोध होता ह उस अिधकरण कारक कहत lsquo rsquo

और lsquoपरrsquo उदा ndash शर जगल रहता ह

मज़ पर ह अिधकरण तीन क होत ndash

क कालािधकरण ndash का काल होता ह उस कालािधकरण कहत उदा ndash राम दोपहरस आयगा

ख भावािधकरण ndash क भाव क भावािधकरण होता ह उदा ndash शर को दखकरभय होता ह

ग ndash पर होती ह उस कहत उदा ndash मज़ पर ह कालवाचक और क सात कभी कभी लगती उदा ndash कल रात मसलधार हई ( कल रात मसलधार हई ndash lsquo rsquo का लोप)

ज सबोधन (Vocative)

क स को पकारना सिचत होता ह उस सबोधन कारक कहत हउदा ndash ह राम वहा मत आना

सबोधन कारक कोई ह उसको करन क िलए lsquoहrsquo lsquoअरrsquo कोलगाय जात

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UNIT - 14

( Pronoun)क उसक को करन क िलए का जाता ह

कहत उदा ndash राम जाता ह वह अपनी जाता हउसन कहा ndash लाना भल गया वह अपनी राम जगह हए ह

इसिलए ह को हटान क िलए का जाता हयोग क अनसार क पाच भद होत

1) - त यह वह (एव) हम तम य व आप (बव)

2) ndash यह वह (एव) य व (बव)

3) ndash कोई कछ (एव - बव)

4) ndash जो सो (एव - बव)

5) ndash कौन (एव - बव)

क ndash या लखक बोलत या िलखत समय या तो अपन कछ कहता ह या सननवालऔर पढ़नवाल क अथवा अपन और सननवाल को छोडकर क

कहत स बोलनवाल सननवाल और क कछ कहा जाए उस कोकहत

तीन क होत ndash औरndash बोलनवाला या िलखनवाला अपनिलए का करता ह उस

कहत (एव) हम (बव)ndash सननवाल या पढ़नवाल क िलए का होता ह उस कहत

जस ndashत तम और आप ndash क कछ कहा या िलखा जाए उसक िलए होन वाल को

कहत जस ndash यह वह (एव) य व (बव)और हम ह एकवचन ह हम बहवचन ह का हम

क बहवचन स ह यहा हम क पर होता ह हम का एकवचनऔर बहवचन होत

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त और तम क आदर क िलए आपका करत जस ndash तमयहा आओ इसी क पर आप यहा ए कभी कभी यह और वह क भी आप का

होता ह जस ndash आप मर कभी कभी आदर क िलए आप का करत बहवचन सिचत करन क िलए आप क साथ lsquoलोगrsquo

जोडा जाता ह जस ndash आप लोग यहािनजवाचक आप और चक आप भद होता ह िनजवाचक आप समान स एक वचन

और बहवचन आता ह जस ndash आप पढ़गा हम आपवह कवल बहवचन करत िनचवाचक आप तीन स

होत आप कवल और करतlsquoआपrsquo अकला जाता ह िनजवाचक आप तथा क साथ आता ह जस ndash त

आप कामकभी (2) आप भल अकला आ सकता ह जस ndash आप भला तो जग भला वह अपन आप समझ गया

व ऒर सकत जाता हसकतवाचक और िनदशवाचक भी कहत जस ndash यह वह य व

हम तम आप यह य व इन या क साथ अिधकताकरन क िलए lsquo rsquo lsquoईrsquo य जोडत झस ndash त आप

स या क बात का बोध न हो उसकहत जस ndash कोई कछ

a lsquoकोईrsquo का क िलए होता ह जस ndash बाहर स कोई आ रहा ह b जब का पता न होन पर ndash जस ndash अर कोई कमर ह

c क lsquoकोईrsquo लग तो उसका लगभग होता ह जस - कॉलज स कोई पाच सौभाग

d lsquoकोईrsquo जब दोहराया जाता ह तब को सिचत करता ह जस कोई कोई पर को रोकतe कोई क साथ एक लग जान पर सिचत करता ह जस ndash तम स कोई एक गा सकगा

कछ का अनिगनत क िलए होता ह जस ndash कछ हक िलए होता ह जस ndash पानी कछ ह

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कोई का क िलए होता ह और कछ का क िलए होता हघ वाचक

स दो और क बीच क का बोध हो उस वाचक कहतजो सो जस ndash आपन जो कहा सो हो गया

कभी कभी जो या सो स एक रहता ह जस जो गाता ह बात हङ ndash करन क िलए का होता ह कहत

उदा ndash आप सोचत आज कौन आएगाकौन का क िलए होता ह का क िलए होता ह जस ndash कौन

बोलगा थली हकभी कभी कौन का क िलए होता हजस - बाधा डालनवाल तम कौन होिभ किलए lsquoकौनrsquo को दोहरा भी जाता ह जस ndash कौन कौन लाएग

क कौन का होता ह जस - इसन कौन अपराधक िलए को दोहरा दता ह जस ndash राम न

का क भी होता ह जस ndash तम मझस लडोगका

वचन और कारक क कारण भी होत िलग क कारण होताका और एक स होता ह

सबोधन होतास क पर होता ह उसी क अनसार उस क िलग वचन भी होता ह

काकारक एकवचन बहवचन

हममझको मझ हमको

करण मझस हमसमझको मरिलएमझ हमको हमार िलए

अपादान मझस हमसमरामर हमारा हमार

अिधकरण मझपर हमपर

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तकरक एकवचन बहवचन

तन तम तमनतझको तझ तमको

करण तझस तमसतरातर

अिधकरण तझपर तमपर

वहकरक एकवचन बहवचन

वहउसन व

उसको उस उनकोकरण उसस उनस

उसक िलए उस उनक िलए

अपादान उसस उनसउसका उसक उनका उनक

अिधकरण उस पर उनपर

UNIT - 15

(Adjective)स या सिचत कर उस कहत जस ndash रशमी

कपडा लाल कमलबतलाई जाए उस कहत जस ndash लड़का

ह लड़का हजो क पहल आता ह उस कहत जस ndash फल

ह फल ह इसिलए यह ह

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जो क बाद आता ह उस कहत जस ndash वह लड़का बड़ा होिशयार ह लडका ह होिशयार ह क बाद आन क कारण यह ह

जो क साथ उसको करन क िलए होता ह उस समानािधकरण कहत जस ndash रामनाथ कहता ह

रामनाथ क साथ समानािधकरण ह चार क ndash

क गणवाचक (Adjectives of Quality)

ख (Adjectives of number)

ग (Adjective)

घ या (Demonstrative Adjective)

१ गणवाचकजो क गण रग आकार को बतलानवाल को गणवाचक कहत

जस ndash लबा सशील काला गोल गणवाचक क बदल बहधा क क भी आतजस ndash राजा ( का राजा )

जापानी कपड़ा (जापान का कपड़ा)गणवाचचक का होता ह तब उनका क समान होता ह

जस ndash न सच कहा ह२ - क गणना का बोध हो उस

कहत जस ndash एक दो पहला दसरा दगनाक तीन भद होत ndash

1) 2) 3) बोधक या बोधकndash इसस का बोध होता ह जस ndash चार आठ सात

क चार भद ndash

a गणनावाचक ndash गणनावाचक षण स गणना का बोध होता ह जस ndash एक चार फल सात

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गणनावाचक क साथ एक लगान स लगभग का होता ह जस ndash एक आदमी ndash

लगभग आदमी b ndash स क गणना का होता ह जस ndash पहला

दसरा चौथाc ndash गणनावाचक क lsquoगनाrsquo लगान स बनत जस

ndash दगना ितगना ३ - स माप- तोल या का पता होता ह उस

कहत जस ndash दो सर चावल चार गज कपडा

क दो भद होत ndash

1) और 2)

ण - स का पता लगता हजौस - दो सर चावल

- स का पता नलगता ह जौस ndash बहत दध

४ या - स ऒर या सकत जाता ह उसकहत lsquoयहrsquo lsquoवहrsquo स जाता ह इसिलए इसकहत

जस ndash यह वह जब क हो तब वह बन जाता ह

जस ndash वह घर राम का ह कई ऐस मल जसा रहता ह

जस ndash वह यह क

भी िलग वचन और कारक क अनसार होता ह क िलग और कारक ककारण कछ होता ह

जस ndash काला कपड़ा - काला कपड़काला धोती - काला धोितया

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क साथ ई हो जातजस - काली धोती

क होता ह जो क होन परहोता ह जस ndash वह घोड़ा व घोड़

पथकता अथवा अिधकता क िलए को दहराता ह ndash

जस ndash छोट छोट फल लालका भी होता ह जस ndash बडा लड़का

गणवाचक और जब करत तब वह बन जात

जस ndash थोड़ा खा गया चावल बहत ह क साथ जब आता और व बन जात तब उनक साथ

भी लगती जस ndash को दान दो

UNIT - 16

(Verb)

काम क करन या होन का बोध हो उस कहतजस पढ़ना खाना दौडना पहनना

धात ndash क मल को धात कहत उदा- पढ़ना खलना खानाय सब मल धात lsquoपढ़rsquo lsquoखलrsquo lsquoखाrsquo ह मल धात lsquoनाrsquo जोडकर का िमलताह

i क आधार पर क दो भद होत - 1) 2)

1) (Transitive Verb) ndash क का फल को छोड पर पडता हउस कहत

उदा ndash राम पढ़ता ह

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राम ह ह और का पर पडता ह2) (Intransitive Verb) - क का फल पर पडता ह उस

कहत का अभाव हउदा ndash मोहन सोता ह

कभी कभी एक होता ह और कभी कभी दो भी होत एक होन वालको एक lsquo rsquo कहत

उदा ndash राम न खाना खायाखाना ह कवल एक होता ह दो होन वाली को

कहतउदा ndash मा न को दध

दो होत ndash lsquo rsquo और lsquoदधrsquo दो होत एक lsquo rsquo और दसराlsquoगौणrsquo

उदा ndash मा न को दधइस lsquoगौणrsquo ह दध lsquo rsquo ह lsquoगौणrsquo कभी कभी होता हउदा ndash न कथा सनाई

ii क भद1 - व होती ह आशय अथवा स परा होताको परा करन क िलए दसर होती ह ऐसी को कहतयह दो क होती ह१ ndash का अभाव हउदा ndash वह ह यहा क को परा करन क िलए जोडा गया ह२ ndash होन पर भी का भाव परा न हो उस को

कहतउदा ndash सीता न पढ़ाया

यहा परा सीता न lsquo rsquo पढ़ाया lsquo rsquo पढ़ाया यह परा इसिलए यहह यहा होन पर भी का भाव परा होता

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३ परक - को परा करन क िलए या पडती ह

परक कहत क परक lsquo परकrsquo तथा क परक lsquo परकrsquo

होतउदा ndash उस होिशयार समझता ह ( परक)

राम बलवान ह ( परक)

iii यौिगक धात ndashक स धातओ क दो भद होत 1) मल धात 2) यौिगक धात

मल धात - मल धात व जो दसर स न बन जस ndash कर बठ पढ़ यौिगक धात ndash यौिगक धात व जो दसर स बनाय जात उदा ndash खाना स नाम धात ndash जो या क आधार पर बनती ह उस नाम धात कहत

उदा ndash हाथ स हिथयानास

अपना स अपनानाiv - स यह जान पडता ह को न करक दसर को

करन दता ह उस (casual verbs) कहतउदा ndash राम न मोहन स िलखवाया यहा राम न िलखकर मोहन स िलखवाता ह इसिलए यह ह

करनवाल को और जाती ह उस कहतराम न मोहन स िलखवाया राम ह और मोहन हमल जो होती ह उनस और बन सकती हस और बन सकती उदा ndash दध पीता ह

पीना ह इसस बनती ह ndash मा को दध हस बना सकती ह उदा - मा नौकर स को दध ह

बनान का िनयममल धात क आ जोडन स और वा जोडन स या

बनती ह

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उदा ndash उठना ndash उठाना - उठवानाचलना ndash चलाना - चलवानापढ़ना ndash पढाना - पढ़वाना

दो क धातओ ए और औ को छोडकर पहला हो जाता हउदा ndash जागना ndash जगाना ndash जगवाना

भलना ndash भलाना - भलवानाछोडना ndash छडाना ndash छडवाना

धातओ क ला और लवा लगात तब हो जाता हउदा ndash पीना ndash ndash

सोना ndash सलाना ndash सलवानाखाना ndash -

v नाम धात - को छोडकर जोडन स जो धात बनती ह अथवा जो नाम (

या ) धात क समान होत नामधात कहत जो नामधात लगान सबनत आ ओऔर ला लगात पहला हो जाता ह

उदा ndash लाज ndash ndash लजानाहाथ ndash हिथया ndash हिथयानाझठ ndash झठला ndash झठलाना

UNIT - 17

काल (Tense)क स क होन का समय और अथवा का बोध हो उस काल

कहत काल क तीन भद होत1) भतकाल2) काल3) काल

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भतकालस का बोध हो उस भतकाल कहत

उदा ndash राम न िलखी भतकाल क छः भद - भत भत भत भत भत हत-हतमत भत

भत ndash क स भतकाल क समय का बोध न हो उस भत कहतउदा ndash मोहन न खत िलखायहा का बोध होता जो भतकाल हई ह भतकाल ndash क स का का समय अभी अभी हआ ह इसका बोध

होता ह उस भतकाल कहत उदा ndash राम न ह

इसस पहल अभी अभी हई हभत ndash क स यह होता ह क को हए बहत समय हो चका ह उसभत कहत

उदा ndash न दध थास हो क साथ lsquoथाrsquo lsquoथrsquo lsquoथीrsquo लगान स भतकािलक

िमलता हभत - क उस को भत कहत यह हो भतकाल हो थी पर

का पता न लग उस भतकाल कहतउदा - वह पढ़ रहा था वह सोता था

कब समा हआ इसका पता क साथ lsquoता थाrsquo lsquoत थrsquo lsquoरहा थाrsquo lsquoरह थrsquo लगानाभत काल ndash क स भतकाल सचना िमलती ह उसक होन कछ हो उसभत कहतउदा ndash वह आया होगा

उसन खाया होगा भतकाल हो थी ह क साथ lsquoहगाrsquo lsquoहगीrsquo lsquoहोगाrsquo lsquoहोगीrsquo

lsquo rsquo जोडन स भतकाल िमलता हहत-हतमत भतकाल ndash क स यह पाया जाय भतकाल होना सभव थाकारण स न हो सका उस हत-हतमत भतकाल कहत

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(Present Tense)

क को काल कहत रहती ह

होती उस काल कहतउदा ndash राम पढ़ता ह

सीता गीत गा हकाल तीन क होत ndash 1) काल 2) काल 3)

काल - वह ह स का काल होना पाया जाय

उस कहतउदा ndash मोहन पढ़ता ह

रमा गाती ह क साथ lsquoताrsquo lsquoतrsquo lsquoतीrsquo जोडन स बनत

- वह ह काल क होन पायाजायउदा ndash वह खाता होगा

सीता जाती होगी क साथ lsquoता होगाrsquo lsquoती होगीrsquo lsquoत rsquo lsquoती rsquo लगान स िमलत

ndash का वह ह यह होता ह का अभी ह

होता उस कहत उदा ndash वह खा रहा ह

चल हक साथ lsquoरहाrsquo lsquo rsquo lsquoरहrsquo जोडन स िमलती ह

काल ( Future Tense)

होनवाली को काल कहत काल क दो भद ndash 1)

काल 2) कालकाल ndash का वह ह स क आग होन सचना िमल उसकाल कहत

उदा ndash वह आयगा

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राम आज बबई जायगासीता कल घर आयगी

क साथ lsquoयगाrsquo lsquoयगीrsquo lsquoयगrsquo जोडन स िमलतकाल ndash क होन सभावना हो उस काल कहत

उदा ndash सभव ह आज हो स lsquoगाrsquo lsquoगrsquo lsquoगीrsquo पथक कर दन स काल िमलगा

UNIT ndash 18

(Voice)उस कहत यह जाना जाय का ह

ह या कवल भाव ह उस कहतउदा ndash राम न रावण को मारा

तीन क ndash 1) 2) 3) भाव- ह हमशा क िलग वचन और क अनसार होता ह

उस कहतउदा ndash लडका पढ़ता ह

लड़का ह और ग ह इसिलए भी होना हसीता िलखती ह इसम सीता ह इसिलए ह का सीधा स होताह

ndash क िलग वचन क अनसार हो उस कहतह का होता ह

उदा ndash राम िलखता हह इसिलए यह ह धानता होती ह और का

स होता ह क िलग वचन क अनसार बदलती ह हमशाहोता ह का होना ह

उदा ndash राम न रावण को मारा -

राम स रावण मारा गया -

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रावण ह ह क का ह गौण का रहता ह

उदा ndash मा न को दध मा स को दध गया

दो होत ndash और दध ndash भाव होती ह यह हमशा स बनता ह हमशा

एकवचन और होती ह इसका होता ह उदा ndash यहा बठा जाता

मझस पढ़ा जाता स या बनान

को भत क करना उसक साथ काल वचन और िलग कअनसार जाना क जोडन ऐसा करन स स औरक स भा बनती ह

उदा ndash 1) राम न रावण को मारा -

राम स रावण मारा गया -

2) राम रावण को मारगा -

राम स रावण मारा जायगा -

3) राम रावण को मारता ह -

राम स रावण मारा जाता -

पहल lsquoमाराrsquo भतकािलक ह इसिलए lsquoमाराrsquo क साथ lsquoजानाrsquo का भतकािलकजोडना

दसर lsquoमारगाrsquo काल ह इसिलए lsquoमाराrsquo भतकािलक बदलकरlsquoजानाrsquo का काल lsquoजायगाrsquo जोडना

तीसर काल ह को भतकािलक बदलकर (मारा) उसक साथजाना का (जाता) जोडना

स बन सकता हउदा ndash मोहन उठता ( )

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मोहन स उठा जाता - ( )

वीणा चलती ( )

वीणा स चला जाता - ( )

UNIT ndash 19

याअभी तक हमन क बार पढ़ िलया ह उनक िलग वचन और कारक क अनसार

आता ह इसिलए कहत का ह अब हम क दसरया क बार

चार क होत ndash 1) 2) बोधक 3) बोधक 4)

बोधक

UNIT ndash 20

ndash Adverbउस कहत होती ह

उदा - रमश चलता हइस lsquoचलनाrsquo ह ndash ह lsquo rsquo इसिलए lsquo rsquo ह

स क तीन भद ह - 1) साधारण 2) सयोजक 3) साधारण - साधारण वह ह होता ह साधारण या

कहत जस ndash खब पढ़ो दौडो सयोजक ndash का स या स होता ह सयोजक

कहत जस ndash जहा तक हम चल सक वहा तक ह

योजना का सयोजक स होता ह- का क

भद क साथ होता ह कहत

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जस ndash गह खाओग

कह तो लो होता ह व कवल गह खात और कछ खायगा इन

ह हो जान स का बदल जाता ह जस ndash वह काम करगा इसका यह ह जो काम उस ह कवल वह करगा और कछ

क आधार पर क चार भद होत ndash 1) कालवाचक 2) 3)

4)

कालवाचक ndash स समय अविध तथा काल का बोध होता ह कालवाचककहतजस ndash काम को अभी पढ़ना

आजकल रोज़ होती ह कभी कभी भी रात क समान लगता ह मोहन पढ़ाई सदा ह

अभी आजकल कभी कभी सदा कालवाचक ह ndash स क का बोध होता ह

कहत उदा ndash जहा तक जा सक वहा तक जाओ

जाओ और वहा लटो घर क सामन एक ह बाहर रोशनी भीतर अधरा

हाथ स मारत जहा वहा सामन बाहर भीतर ndash स अिधकता- का बोध होता ह

कहत जस ndash उतना पढ़ो हो

चावल थोडा खाओ खब खाना

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अपना थोडा खब

व क होन का ढ़ग का पता िमलता ह जस ndash राहल धीर धीर चलता ह

सीता मधरतम गाती ह यथा हम तथा िमलत

धीर धीर मधरतम यथा-तथा

UNIT - 21

बोधकबोधक ह जो या क साथ आकर उनका क

क साथ बनात उदा ndash धन क कोई काम न चलता

घर क नीच एक तालाब ह क पास एक भी ह

नीच पास बोधक ह क अनसार बोधक क दो भद होत ndash 1) 2)

क ndash य या क बाद आतउदा - घर क भीतर घर क पीछ घर ऒर

कारक भी आती ह जस का क कभी कभी अपादान कारक या भी आती ह

उदा ndash इनस पहल आया राम का मकान मोहन क घर स पर

lsquoसrsquo lsquoपरrsquo अपादान कारक क ndash यह स क क साथ आत

जस ndash दो तक राम रहगा

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घड भर पानी क िलए पाच दन ग lsquoतकrsquo lsquoभरrsquo सचक

UNIT - 22

( Conjunctions)योजक या व जो या न बतला कर एक या का

दसर या स जोडत बोधक कहतजस ndash सीता और गीता अपन घर गयी

सीता और गीता को िमलानवाला योजक lsquoऔरrsquo ह क तीन भद ndash 1) सयोजक 2) 3) भदबोधक

1) सयोजक ndash कई का सयोग करनवाल को सयोजक कहत इसक दो याका मल होता ह

उदा ndash और राम कल बबई और वहा उनक साथ मोहन भी lsquoऔरrsquo lsquoभीrsquo सयोजक ह

2) ndash जो का बोध कराए कहत जस ndash चाह दश सवा करनी या अथवा मानवीय को पहचानना

lsquoयाrsquo lsquoअथवाrsquo lsquoवाrsquo lsquoचाहrsquo को करनवाल ह 3) भदबोधक ndash दो स एक स भद बतलानवाल को भदबोधक कहत य कई क होत

क ndash दो म स पहल का िनषध या सिचत करत जस ndash

पर मगर वरन उदा ndash मझ वहा जाना था क कारण जा न सका

ख - कारणवाचक और उपदशमलक ndashइसिलए सो अतः इसिलए

इस क ह जस ndash राम समय पर आ न सका इसिलए जा न सका

ग सकतबोधक ndash ndash तो जो ndash तो प सकतबोधक ह जस ndash तम कहत तो जाता

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घ ndash इन पहली बात का और होता ह यान मानो यहा तक इस क ह

जस ndash कोई भी समय पर पहचा यहा तक भी 10 बज तक न आय क और दो भद होत ndash 1) समानािधकरण 2)

समानािधकरण ndash समान पद क या को जोडत जो एक क हो वसमानािधकरण धक कहत जस ndash क मा-बाप का अजीब ह समानािधकरण क चार उपभद होत ndash

1) सयोजक ndash और तथा भी एव 2) क ndash या वा अथवा चाह 3) ndash पर मगर 4) ndash इसिलए अतः

ndash को स जोडनवाल कोकहत

जस ndash आज नौकरानी आयगी वह बीमार ह क चार उपभद होत ndash

१ ndash यान मानो २ करणवाचक ndash जो इसिलए ३ उपदशवाचक - जो ४ सकतवाचक ndash - तो जो-तो -

4) ndash ndash स क शोक घणाको करनवाल को -बोधक कहत

जस ndash हाय अब अर आप कहा जा रह

ह राम करो को सिचत करन क िलए - लात

बोधक क सात भद ndash

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1) बोधक ndash वाह ndashवाह - आहा शबाश

2) शोक बोधक ndash आह ऊह हा-हा ndash

3) बोधक ndash अहो ऒह

4) अनमोदन बोधक ndash हा-हा वाह शबाश

5) बोधक ndash िछ हट अर िधक

6) ndash बहत हा जी हा7) सबोधन बोधक ndash अर र अपी अहो

कभी कभी भी हो जातजस ndash भगवान लो चप कभी कभी या भी होत जस ndash न हो बहत हो गया

जब क समान होत तब वह होता तब वमनोभाव को करात

जस ndash हाय हाय मचा रखी ह

सब लोग - पकार उठहाय ndash हाय - क समान ह इसिलए यह बोधक ह

UNIT - 23

क भद क स बनान का िनयम

क पर जायगास बनता ह एक या अिधक स बनता ह एक स अिधक स बनता

ह कहन या िलखनवाल का परा भाव हो जाय तो उस कहतजस ndash मोहन पढ़ता ह

राम िलखता ह इन स लखक का परा भाव होता ह

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ndash कछ ऐस होत और क रहन पर भी कहन या िलखनवाल का परा आशयहोता क समह को और क रहन पर भी जो कछ सनन

बनी रह कहत दो क होत ndash 1) 2)

क अधीन होतउदा ndash राम न कहा था वह कल पाठशाला जायगा

इस राम न कहा था - ह और कल पाठशाला जायगा तह इस और भी कहत

रखनवाल को कछ थोडा सा भाव करनवाल को कहतएक भावना होती ह

जस ndash तरह पढ़ना चलना

इन होता ह क म दो भाग होत 1) और 2)

ndash ( ) कछ होता ह उस कहतndash ( ) क जो कछ होता ह उस कहत

जस ndash मरा स भरा हआ ह मरा ह और स भरा हआ ह ह मरा ndash ह और मरा

उस का ह इसिलए ( ) और मरा का कहत हआ हह शष उसका ह

इस चार भाग हए ndash 1) ( ) 2) का 3) ( ) 4)

काचार भद ndash

क ndash राम गया ख ndash वह कह चका ग ndash फल

क भदक अनसार क आठ भद होत ndash

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1 ndash इस स बात का होना सिचत होता ह जस ndash भारत राजधानी ह

2 िनषधवाचक ndash का अभाव होता ह जस ndash क कछ भी पा सकत

3 ndash इस स सचना होती हजस - तम कल कालज

4 ndash इसस और उपदश का बोध होता ह जस ndash तरह पढ़ो

का भजन करो 5 ndash इसस का भाव सिचत होता ह जस ndash हाय राम को एक

लाख िमल 6 ndash इसस या सचना होती ह

जस ndash अक पा

7 ndash या सभावना सचना होती ह जस ndash आज होगी

8 - सकत सचना होती ह जस ndash हो तो

राम काम करगा रचना क आधार पर

रचना क आधार पर क तीन भद होत - 1) सरल या साधारण 2) और3)

१ सरल ndash एक और एक होता ह उस सरल कहतजस ndash मोहन िलखता ह ( मोहन और िलखता ह धय ह)

राम मज़ पर रखी ह ( ह और रखी ह ह)

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lsquoराम rsquo और lsquoमज़ परrsquo कवल और का ह २ - उस कहत एक हो और उसक एक या

अिधक हो उस कहतजस ndash जो करगा उस सफलता िमलगी जो करगा ndash ह उस सफलता िमलगी - ह

तीन क ndash 1) 2) 3)

1) ndash का क पर होता ह उसकहतजस ndash मरा ह तमन को मारा यह सच ह इस तमन को मारा ndash ह क पर आया ह इसिलए यह

ह 2) ndash जब कोई को क का काम दता ह तब उस

कहत जस ndash य उसी छा को जायगा जो रहगा

उसी स डरत जो खब मारता ह उसी जो ह

3) ndash जो क का काम दता ह उस कहत

जस ndash करता ह उतना फल िमलता ह जब तम कहोग सब कछ

जब ह ३ ndash दो या दो स अिधक योजक जड हो न

हो उस कहतजस ndash वह तरह पढ़ता था तो पास होता

दो या दो स अिधक सरल अथवा एक दसर पर न होता ह इसिलए यह

जस - कर चका (सरल )

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हम कर चक तो व आए ( )

और मरा मन ठड हो गया ( )

चार क होत ndash सयोजक सचक 1) सयोजक - एक दसर क साथ सयोजक जडा रहता ह

जस ndash वह आया और उसक साथ गया स िमलता ह और स होता ह

2) ndash का एक दसर स भद या का रहता ह जस ndash स बढ़ता ह स भरता ह वह खब खाता पर बडा होता

3) सचक ndash दो स एक को करना जस ndash मझ या राम को

4) अथवा हतसचक ndash एक दसर का होता हजस ndash तम आग पढ़ो पसा दगा मझ पसा िमला इसिलए

कभी कभी बीच योजक आत जस ndash मझ न बलाया आप आता ह जब को का या एक होता ह तो एक बार िलखा या कहा

जाता ह ऐस को सकिचत कहत जस ndash का और मन को भी दता ह

जो आसानी स समझकर छोड दत ऐस को कहत जस ndash आजकल सना ह बरसात क मौसम बखार सब फलाता ह

कहत रोज़ बढ़त रह पहल हमन होना था पर ह दसर लोग स होना पर होता ह

एक का दसर क बदल जा सकता ह मलकर सकत

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क सरल स ndash

उदा ndash सरल - राम न मोहन का - राम न उस को जो मोहन का था

ख स सरलndash उसन कहा पापी ह

सरल ndash उसन को पापी बताया ग सरल स

सरल ndash होन पर लोग खत जान लग - हआ और खत जान लग

घ स िनषध वाचक तथाndash मोहन सोहन स बडा ह

िनषध वाचक - मोहन सोहन स बडा ndash मोहन सोहन स बडा ह

UNIT ndash 24

और महावरव जो का अपना न बता कर कछ करत महावरा

कहत बोलचाल बहत आनवाला ऐसा बधा कोई अनभव बात और अलकतभाषा गई हो या कहावत कहाता ह जस ndash मर पट चह कद रह

जब स उनका लड़का मरा ह कमर टट गई ह वह इतना चालाक ह अपन मािलक को पर नचाता ह

इन lsquoपट चह कद रह rsquo lsquoकमर टट गई हrsquo lsquo पर नचाता हrsquo इन काउनक स ह यहा lsquoपट चह कदनrsquo का ह भख लगना lsquoकमर टटनrsquo का ह या

का न रहना तथा lsquo पर नचानrsquo का ह अपन वश रखना अतः य महावरकहलात

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इसी जब कोई आदमी काम करना न जानता हो परत अपन को िछपान क िलए बहान बनावतब कहा जाता ह ndash नाच न जान आगन टढ़ा

जब कोई आदमी अनक खाकर भी अपनी आदत न छोड़ तब कहा जाता ह दम सौतक नली रखो तो भी य बध हए और अनभव तथा अलकत भाषा कह गय अतः य

और क स भाषा तथा आती ह महावरदार भाषाबहत पसद जाती ह और कथन बड़ा होता ह

महावरअग-अग - बहत होनाअगठा - चीज़ को दन स क साथ करनाअध - सहाराअधरा घर का उजाला - एकलौता बटा

क घोड़ दौड़ाना - सोचनापर पड़ना - समझ न पाना

अपना सीधा करना ndash करनाआख उठाना - नीयत स दखनाआख खलाना - होश आना

चार होना - आख स आख िमलानानीची होना - होनापीली करना - नाराज़ होना

आकाश पाताल का ndash बहत भदआग घी डालना - बढ़ानाआसमान िसर पर उठाना - बहत कोलाहल करना

स बजाना - करनाईद का चाद होना - िचरकाल पीछ दनाउगली पर नचाना - वश रखना

गगा बहाना - बात करना

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कमर टट जाना - िनराश हो जानाकान भरना - चगली करना

मौत मरना - बहत तरह स मरनाखाक उड़ाना खाक िमलाना - बरबाद होनागड़ गोबर कर दना - काम दनाघर गगा - दौड़-धप कघाट घाट का पानी पीना - जहा तहा का अनभव करनाचाद पर थकना - करना और फलतः होनाचार चादनी - थोड़ का सख

का दध याद आना - सब सख भल जाना सकट आ पड़नाजमीन पर पर न पड़ना - बहत अिभमान होनाजल भन कर कोयला होना - पागल हो जानाटस स मस न होना - भी नटाग अड़ाना - बाधा डालनाटोपी उछालना - िनरादर करनाितनका पकड़ना - मागनाितन का ताड़ करना - बात बढ़ानाथक कर चाटना - वचन दकर जाना

तल उगली दबाना - करनादम तोडना - मर जाना

दना रात चौगना होना - खब होनाधप बाल सफद करना - अनभव आय दनानमक लगाना - बात को बढ़ा कर कहनानाक कटना - बदनामी होनानाक चढ़ाना - घणा करनानीला पीला होना - आना

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नौ-दो होना - भाग जानाउछालना - करना

- बातपरदा डालना - िछपानापहाड टट पड़ना - आनापट चह कदना - खब भख लगना

तल स ज़मीन िनकल जाना - होश उड़ जानाफक-फक कर कदम रखना - सोच-समझ कर काम करनाबगला भगत -

उछलना - खब खश होनाबाज़ार पर होना - काम पर होनाबात का धनी - वायद काबाल खाल उतारना - करनाबाल पकना - बढ़ा होजाना अनभव करनाबाल बाल बचना - हािन पहचन जरा- सी कसर रह जानाबगार टालना - लगाकर काम न करनाबोली मारना - क कहनाभनक पड़ना - खबर द जानाभाड़ - समय गवाना

मारना - बकारचस - बहत कजसपर मारना - का नकल करना

मगज चाटना - तग करनामाथा ठनकना - आशका होनामारा मारा - होनामह-तोड़ जवाब दना - परा-परा जवाब दना

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मह फक हो जाना - चहर का रग उतर जानामह पानी भर आना - खान को ललचानामह लगाना - अिधक द दना

गरम करना - दनाराई का पहाड़ बनाना - बात को बढ़ाकर कहनारात- - हमशालका काड होना - खब मारपीट होनालबी-चौ हाकना - करना

होना - होनालह क घट पीना - करनालह पसीना एक करना - बहत करनालोह क चना चबाना - काम करनाशतान क कान कतरना - बहत चालाक होना

करना - करनाबाग - बहकाना

समझ पर पड़ना - होनाबठना - जमाना

िसतारा चमकना - उदय होनािसर पर खन सवार होना - जान लन पर होनािसर पर हाथ धरना - सहायता करनासौ बात एक बात - िनचोड़

करना - फक डालनाहसी उड़ाना - करनाहाथ मल -

हाथ पर हाथ धर बठना - बठनाहाथ पसारना - मागना

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हाथ-पर मारना - करनाहाथ साफ करना - बईमानी स ठगना

पानी करना - करनाहोश उड़ना - भय या आशका स दखी होना

अत गता सो मता - वहकान राजा - थोड़ा पढ़ िलख का मान होता ह

आख क गाठ क पर - पर धनवानआप मर जग परल - ह तो ससार ह

चोर कोतवाल को डाट - अपराध करक को डाटनाऊची दकान पकवान - काम करनाएक अनार सौ बीमार - जब एक चीज़ क बहत स तब कहा जाता हएक पथ दो काज - एक काम करन स दो का लाभ होनाकाला बराबर -

घर का लका ढ़ाह - फट स घर नाश होता हिचराग तल अधरा - पास घटना क होन पर भी उसका न होना या

ऐस पर बराई का होना जहा उसक रोकन का होचोर ितनका - पापी डर जाता हजाग सो पाव सोव तो खोव - सावधान रहन स लाभ होता ह

- बलवान का दबदबा रहता हजसा दश वसा भस - दश रह वसी करनीजसी करनी वसी भरनी - फल िमलता हतन को कपड़ा न पट को - बहतथोथा चना बाज घना - काम न करनवाला बकवास बहत करता हदाम बनाय काम - पस स सब काम हो जात

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धोबी का घर का न घाट का - जो एक पर जमकर काम न कर कभी एक लग और कभीदसर और सफल न हो उस कहा जाता ह

रहना मगर स बर - अधीन होकर रह और उसी स बर कर तो गज़ारा चलता हन रहगा बास न बाजगी - नकसान हो उसका नाश कर दना हनाच न जान आगन टढ़ा - काम करन न होन पर दसर को दोष दना नीम जान का खतरा - अधरा हािनकारक होता हनौ नगद न तरह उधार - उधार सौदा दनामान न मान तरा महमान - गल पड़नािमया जती िमया क िसर - स उसी हािन करनासौ सयान एक मत - सभी अथवा एक सलाह होती हहाथ कगन को आरसी - क िलए और हाथी क दात खान क और क और - कहना कछ और करना कछ औरहोनहार क होत चीकन पात - होनहार क पहल स जात

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समास एक स अिधक जडतउदा ndash माता ndash आय राम- आत थ

कभी कभी बहवचन - सचक क साथ भी पाया जाता हउदा ndash आपक लडक-

v ब समास ndash इस समास स कोई पद होता पर समास पद पदका होता ह इस समास कहत

उदा ndash र (पीत ह )

अनग ( ह अग - कामदव)

समास पद का पहला दसर क होता ह समासपद अपन स का होत ह कई पद भद स क

समास हउदा ndash मगलोचन - 1) मग क लोचन ndash

2) मग क समान लोचनवाला ndash समास- 1) पीला कपडा ndash

2) पीला ह अबर (कपडा) वह ( ndash समास)

Module lll

UNIT - 9

क िलग वचन कारक अथवा काल क अनसार होता ह

कहत औरया - क िलग वचन कारक अथवा काल क अनसार कोई

होता व ह सचक व ह सचक या ह

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UNIT - 10

(NOUN)वह ह या भाव को सिचत करता ह राम ( )

( ) ( ) क तीन ndash

a) (Proper Noun)

b) जाितवाचक (Common Noun)

c) भाववाचक ( Abstract Noun)

A ndash उस कहत एक का बोध होता हउदा ndash राम गगा

B जाितवाचक ndash जाितवाचक स एक जाित क सब का बोध होता हउदा - नगर सभा जल

स सभी जाित का बोध होता ह का य जाित क आधार पर होत

स सजातीय क समह को करत उस समहवाचक कहत उदा ndash सनास का बोध का बोध होता ह उस कहत

उदा - सोना पानी लोहाC भाववाचक ndash भाववाचक व क गण दोष कासचना होती ह

उदा - गण दोष ndash िमठास कटता नीचता- लडकपन यौवन दासता

भाव ndash शोक भयD जब गण को करत तब व जाितवाचक बनत

उदा ndash ह तम बनोइस स ह ndash पर रहनवाला यह जाितवाचक हकभी कभी जाितवाचक होती

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उदा ndash गािधजी कल यहा यहा गािधजी हE भाववाचक कभी कभी जाितवाचक क समान होती

उदा ndash हाथी और घोड बडा ह यहा चाल जाितवाचक हभाववाचक चार स बनती

a) जाितवाचक स ndash लडका ndash लडकपनndash

b) स ndash अह ndash अहकारअपना ndash अपनापन

c) स ndash चतर ndash चतराईमीठा ndash िमठास

d) स ndash चढ़ना ndash चढ़ाईसजाना ndash सजावटघबराना ndash घबराहट

F क समान होन वालउदा ndash का आधर गणी- ह यहा क समान होत उदा ndash का कहना

मानो lsquoबडाrsquo ह यह क पर होता हका

एक स अिधक स बनत क एक दसर क िमलन स का होता हक क होता ह इस कहत का िलग वचनऔर कारक क कारण होता ह

उदा ndash लड़का पठता ह ndash पठती ह ( िलग क कारण)

लड़का दौडता ह - लड़क दौडत (वचन क कारण)

लाओ ndash मज़ पर ह ( कारक क कारण)

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UNIT - 11

िलगक जाित का बोध होता ह उस िलग कहत दो िलग ndash और

a ndash जाित का बोध करानवाल को िलग कहत उदा ndash सीताb - जाित का बोध करानवाल को कहत उदा ndash लड़का नर राम

बदगी ह उदा ndash पड नगर ह उदा ndash लता

जो ह व ह उदा ndash भाई बलकई स क नर और मादा का बोध होता ह पर उनका एक िनयम

िलग स होता हndash कौआ चीता ndash कोयल चील मना

जाितभद करन किलए इनक साथ नर या मादा लगाना उदा ndash नर कौआ मादाकौआ नर चीता मादा चीता

क अत आ पा आव और पन हो होतउदा ndash बढ़ापा चढ़ाव लडकपन

क अत आई वट हट और ता हो व होतउदा ndash चढ़ाई सजावच सरलता

स बनान का िनयमक क अ को आ करन स ndash उदा ndash ndash बाल ndash बाला सत ndash सता तनज ndash

तनजा ख क अ को ई करन स ndash उदा ndash दव ndash दवी ndash कबतर ndash मग ndash

मगीग कछ क आ को ई करन स ndash उदा ndash रसा ndash रसी लडक़ा ndash

घ क आ को इया करन स ndash उदा ndash ndash बढ़ा ndash चहा ndash

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ङ या क क इन लगान स ndash उदा ndash सनार ndash

धोबी ndash कहार ndash

च कछ क नी या आनी लगान स ndash उदा ndash िसह ndash िसहनी महतर ndash महतरानी मोर ndash

मोरनीछ उपनामवाचक क क पर आइन लगान स ndash उदा ndash बाब ndash बबआइन

ठाकर ndash ठकराइन पाड ndash पाडाइन ज कछ क ndash उदा ndash ndashमाता ndashऔरत वर- वध मा ndash

बाप ndashभाई

स बनान का िनयमa कछ lsquoओईrsquo lsquoआवrsquo और lsquoऔराrsquo लगान स ndash

उदा ndash बहन ndash बहनाई ननद ndash ननदोई ndash िसल ndash िसलौरा b कछ क lsquoईrsquo को lsquoआrsquo करन स ndash

उदा ndash जीजी ndash जीजा झोली ndash झोला c कछ क lsquoईrsquo को lsquoअrsquo करन स ndash

उदा ndash ndash d क अत lsquoआrsquo लगान स ndash

उदा ndash

UNIT ndash 12

वचन (Number)स और क स स यह त हो वह एक क िलए होता ह या अिधक

क िलए इस वचन कहत वचन दो क होत ndash

1) एकवचन (Singular)

2) बहवचन (Plural)

1) एकवचनःस क स स एक का बोध करान वाला एकवचन हउदाः पढ़ती ह ( ndash एकवचन ह)

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2) बहवचनःस क स स एक स अिधक का बोध हो उस बहवचन कहतउदाः पढ़ती ( ndash बहवचन ह)

कभी कभी आदर क िलए एकवचन बहवचन क होतउदाः अब )बहवचन(

बहवचन बनान का िनयमः-)क ( क lsquoआrsquo क पर lsquoएrsquo लगा दन स एकवचन का बहवचन बन जाता ह

उदा ndash लड़का ndash लडक कपड़ा ndash कपड़ बटा ndash बट lsquo rsquo क सभी क (

) एक समान रहतक बहवचन बनान का िनयम

lsquo rsquo तथा lsquo rsquo क lsquoअrsquo lsquoआrsquo क पर lsquoएrsquo का करन स बहवचनबनाया जाता ह

उदाः ndash गाय ndash ndash रात ndash lsquo rsquo तथा lsquo rsquo क lsquoयाrsquo जोड़न स बहवचन िमलता ह इस lsquoईrsquo क

पर lsquoइrsquo होता हउदाः ndash ndash ndash

स क lsquoयाrsquo हो उनक lsquoयाrsquo क ऊपर कवल लगान पर-

उदाः ndash -

क बाद lsquoएrsquo या lsquo rsquo जोड़न स शष का बहवचन िमलता हउदाः लता ndash लताए -

)ग( िनयम -

)1( )बहवचन( सिचत करन क िलए कभी कभी क एकवचन क साथ गण लोग

जोडतउदा ndash पाठकगण बाब लोग

(2) कछ हमशा बहवचन बोल जातउदा ndash लोग होश

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3) जाितवाचक स ऐ हमशा बहवचन होती ह जब और भाववाचक काजब जाितवाचक क समान होता ह तब व बहवचन होता ह

उदा ndash भारत रावण कमी (यहा रावण जाितवाचक ह)

(4) जब जाितवाचक क समान होता ह तब व बहवचन क होतउदा ndash और क ह (जल बहवचन एव जाितवाचक ह)

UNIT - 13

कारक (Case)या क स उसका क क साथ होता ह उस

कारक कहतउदा ndash राम न रावण को माराइस lsquoनrsquo और lsquoकोrsquo इन क उसका सिचत होता हउदा ndash मारा - राम lsquoनrsquo

मारा ndash रावण lsquoकोrsquo इसिलए य कारककारक क आठ भद होत ndash

कारक - नकारक - को

करण कारक - सकारक - को

अपादान कारक - सकारक - का क

अिधकरण कारक - पर

सबोधन कारक - ह अर अपी अहो क कारक ndash (Nominative)

या क स करनवाला या का बोध होता ह उस कारक कहतlsquoनrsquo ह

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उदा ndash राम गयामोहन न खाया

lsquoरामrsquo और lsquoमोहनrsquo कारक ह न हक को सिचत करन क िलए कोई जाती ह

उदा ndash राम न िलखी ख कारक (Accusative)

या पर क का फल पडता ह उस कारक कहत उदा - राम न रावण को मारा

रावण मारा गया ह यहा lsquoरावणrsquo कारक ह lsquoकोrsquo हकभी कभी lsquoकोrsquo का लोप होता ह

उदा ndash राम न िलखायहा lsquoकोrsquo का लोप होता ह ऐसा भी होता ह - राम न को िलखा

ग करण कारक ( Instrumental)

क साधन का बोध करानवाल क को करण कारक कहत lsquoसrsquo ह उदा ndash

कलम स िलखतिलखन का साधन कलम ह कलम क िलखन होती ह

घ कारक ( Dative)

कारक का वह ह जो उस का बोध कराता ह िलए कोई कामlsquoकोrsquo lsquoक िलएrsquo ह

उदा ndash मोहन न राम को पाच मोहन न राम क िलए पाच

ङ अपादान कारक (Ablative)

का वह ह क स पथक होन का बोध हो उस अपादान कारककहत lsquoसrsquo ह

उदा ndash स िगरतयहा स का सिचत होता ह कारक और अपादान कारक lsquoसrsquo ह

करण कारक lsquoसrsquo साधन सिचत होता ह अपादान कारक lsquoसrsquo सिचत होता ह

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कलम स िलखता ह - करण कारकस आ रहा ह - अपादान कारक

च कारक (Genitive)

क स उसका स होता ह उस कारक कहतlsquoकाrsquo lsquoकrsquo lsquo rsquo

उदा ndash राम का घोडा राम क घोड राम बहन छ अिधकरण कारक (Locative)

क स क आधार का बोध होता ह उस अिधकरण कारक कहत lsquo rsquo

और lsquoपरrsquo उदा ndash शर जगल रहता ह

मज़ पर ह अिधकरण तीन क होत ndash

क कालािधकरण ndash का काल होता ह उस कालािधकरण कहत उदा ndash राम दोपहरस आयगा

ख भावािधकरण ndash क भाव क भावािधकरण होता ह उदा ndash शर को दखकरभय होता ह

ग ndash पर होती ह उस कहत उदा ndash मज़ पर ह कालवाचक और क सात कभी कभी लगती उदा ndash कल रात मसलधार हई ( कल रात मसलधार हई ndash lsquo rsquo का लोप)

ज सबोधन (Vocative)

क स को पकारना सिचत होता ह उस सबोधन कारक कहत हउदा ndash ह राम वहा मत आना

सबोधन कारक कोई ह उसको करन क िलए lsquoहrsquo lsquoअरrsquo कोलगाय जात

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UNIT - 14

( Pronoun)क उसक को करन क िलए का जाता ह

कहत उदा ndash राम जाता ह वह अपनी जाता हउसन कहा ndash लाना भल गया वह अपनी राम जगह हए ह

इसिलए ह को हटान क िलए का जाता हयोग क अनसार क पाच भद होत

1) - त यह वह (एव) हम तम य व आप (बव)

2) ndash यह वह (एव) य व (बव)

3) ndash कोई कछ (एव - बव)

4) ndash जो सो (एव - बव)

5) ndash कौन (एव - बव)

क ndash या लखक बोलत या िलखत समय या तो अपन कछ कहता ह या सननवालऔर पढ़नवाल क अथवा अपन और सननवाल को छोडकर क

कहत स बोलनवाल सननवाल और क कछ कहा जाए उस कोकहत

तीन क होत ndash औरndash बोलनवाला या िलखनवाला अपनिलए का करता ह उस

कहत (एव) हम (बव)ndash सननवाल या पढ़नवाल क िलए का होता ह उस कहत

जस ndashत तम और आप ndash क कछ कहा या िलखा जाए उसक िलए होन वाल को

कहत जस ndash यह वह (एव) य व (बव)और हम ह एकवचन ह हम बहवचन ह का हम

क बहवचन स ह यहा हम क पर होता ह हम का एकवचनऔर बहवचन होत

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त और तम क आदर क िलए आपका करत जस ndash तमयहा आओ इसी क पर आप यहा ए कभी कभी यह और वह क भी आप का

होता ह जस ndash आप मर कभी कभी आदर क िलए आप का करत बहवचन सिचत करन क िलए आप क साथ lsquoलोगrsquo

जोडा जाता ह जस ndash आप लोग यहािनजवाचक आप और चक आप भद होता ह िनजवाचक आप समान स एक वचन

और बहवचन आता ह जस ndash आप पढ़गा हम आपवह कवल बहवचन करत िनचवाचक आप तीन स

होत आप कवल और करतlsquoआपrsquo अकला जाता ह िनजवाचक आप तथा क साथ आता ह जस ndash त

आप कामकभी (2) आप भल अकला आ सकता ह जस ndash आप भला तो जग भला वह अपन आप समझ गया

व ऒर सकत जाता हसकतवाचक और िनदशवाचक भी कहत जस ndash यह वह य व

हम तम आप यह य व इन या क साथ अिधकताकरन क िलए lsquo rsquo lsquoईrsquo य जोडत झस ndash त आप

स या क बात का बोध न हो उसकहत जस ndash कोई कछ

a lsquoकोईrsquo का क िलए होता ह जस ndash बाहर स कोई आ रहा ह b जब का पता न होन पर ndash जस ndash अर कोई कमर ह

c क lsquoकोईrsquo लग तो उसका लगभग होता ह जस - कॉलज स कोई पाच सौभाग

d lsquoकोईrsquo जब दोहराया जाता ह तब को सिचत करता ह जस कोई कोई पर को रोकतe कोई क साथ एक लग जान पर सिचत करता ह जस ndash तम स कोई एक गा सकगा

कछ का अनिगनत क िलए होता ह जस ndash कछ हक िलए होता ह जस ndash पानी कछ ह

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कोई का क िलए होता ह और कछ का क िलए होता हघ वाचक

स दो और क बीच क का बोध हो उस वाचक कहतजो सो जस ndash आपन जो कहा सो हो गया

कभी कभी जो या सो स एक रहता ह जस जो गाता ह बात हङ ndash करन क िलए का होता ह कहत

उदा ndash आप सोचत आज कौन आएगाकौन का क िलए होता ह का क िलए होता ह जस ndash कौन

बोलगा थली हकभी कभी कौन का क िलए होता हजस - बाधा डालनवाल तम कौन होिभ किलए lsquoकौनrsquo को दोहरा भी जाता ह जस ndash कौन कौन लाएग

क कौन का होता ह जस - इसन कौन अपराधक िलए को दोहरा दता ह जस ndash राम न

का क भी होता ह जस ndash तम मझस लडोगका

वचन और कारक क कारण भी होत िलग क कारण होताका और एक स होता ह

सबोधन होतास क पर होता ह उसी क अनसार उस क िलग वचन भी होता ह

काकारक एकवचन बहवचन

हममझको मझ हमको

करण मझस हमसमझको मरिलएमझ हमको हमार िलए

अपादान मझस हमसमरामर हमारा हमार

अिधकरण मझपर हमपर

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तकरक एकवचन बहवचन

तन तम तमनतझको तझ तमको

करण तझस तमसतरातर

अिधकरण तझपर तमपर

वहकरक एकवचन बहवचन

वहउसन व

उसको उस उनकोकरण उसस उनस

उसक िलए उस उनक िलए

अपादान उसस उनसउसका उसक उनका उनक

अिधकरण उस पर उनपर

UNIT - 15

(Adjective)स या सिचत कर उस कहत जस ndash रशमी

कपडा लाल कमलबतलाई जाए उस कहत जस ndash लड़का

ह लड़का हजो क पहल आता ह उस कहत जस ndash फल

ह फल ह इसिलए यह ह

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जो क बाद आता ह उस कहत जस ndash वह लड़का बड़ा होिशयार ह लडका ह होिशयार ह क बाद आन क कारण यह ह

जो क साथ उसको करन क िलए होता ह उस समानािधकरण कहत जस ndash रामनाथ कहता ह

रामनाथ क साथ समानािधकरण ह चार क ndash

क गणवाचक (Adjectives of Quality)

ख (Adjectives of number)

ग (Adjective)

घ या (Demonstrative Adjective)

१ गणवाचकजो क गण रग आकार को बतलानवाल को गणवाचक कहत

जस ndash लबा सशील काला गोल गणवाचक क बदल बहधा क क भी आतजस ndash राजा ( का राजा )

जापानी कपड़ा (जापान का कपड़ा)गणवाचचक का होता ह तब उनका क समान होता ह

जस ndash न सच कहा ह२ - क गणना का बोध हो उस

कहत जस ndash एक दो पहला दसरा दगनाक तीन भद होत ndash

1) 2) 3) बोधक या बोधकndash इसस का बोध होता ह जस ndash चार आठ सात

क चार भद ndash

a गणनावाचक ndash गणनावाचक षण स गणना का बोध होता ह जस ndash एक चार फल सात

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गणनावाचक क साथ एक लगान स लगभग का होता ह जस ndash एक आदमी ndash

लगभग आदमी b ndash स क गणना का होता ह जस ndash पहला

दसरा चौथाc ndash गणनावाचक क lsquoगनाrsquo लगान स बनत जस

ndash दगना ितगना ३ - स माप- तोल या का पता होता ह उस

कहत जस ndash दो सर चावल चार गज कपडा

क दो भद होत ndash

1) और 2)

ण - स का पता लगता हजौस - दो सर चावल

- स का पता नलगता ह जौस ndash बहत दध

४ या - स ऒर या सकत जाता ह उसकहत lsquoयहrsquo lsquoवहrsquo स जाता ह इसिलए इसकहत

जस ndash यह वह जब क हो तब वह बन जाता ह

जस ndash वह घर राम का ह कई ऐस मल जसा रहता ह

जस ndash वह यह क

भी िलग वचन और कारक क अनसार होता ह क िलग और कारक ककारण कछ होता ह

जस ndash काला कपड़ा - काला कपड़काला धोती - काला धोितया

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क साथ ई हो जातजस - काली धोती

क होता ह जो क होन परहोता ह जस ndash वह घोड़ा व घोड़

पथकता अथवा अिधकता क िलए को दहराता ह ndash

जस ndash छोट छोट फल लालका भी होता ह जस ndash बडा लड़का

गणवाचक और जब करत तब वह बन जात

जस ndash थोड़ा खा गया चावल बहत ह क साथ जब आता और व बन जात तब उनक साथ

भी लगती जस ndash को दान दो

UNIT - 16

(Verb)

काम क करन या होन का बोध हो उस कहतजस पढ़ना खाना दौडना पहनना

धात ndash क मल को धात कहत उदा- पढ़ना खलना खानाय सब मल धात lsquoपढ़rsquo lsquoखलrsquo lsquoखाrsquo ह मल धात lsquoनाrsquo जोडकर का िमलताह

i क आधार पर क दो भद होत - 1) 2)

1) (Transitive Verb) ndash क का फल को छोड पर पडता हउस कहत

उदा ndash राम पढ़ता ह

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राम ह ह और का पर पडता ह2) (Intransitive Verb) - क का फल पर पडता ह उस

कहत का अभाव हउदा ndash मोहन सोता ह

कभी कभी एक होता ह और कभी कभी दो भी होत एक होन वालको एक lsquo rsquo कहत

उदा ndash राम न खाना खायाखाना ह कवल एक होता ह दो होन वाली को

कहतउदा ndash मा न को दध

दो होत ndash lsquo rsquo और lsquoदधrsquo दो होत एक lsquo rsquo और दसराlsquoगौणrsquo

उदा ndash मा न को दधइस lsquoगौणrsquo ह दध lsquo rsquo ह lsquoगौणrsquo कभी कभी होता हउदा ndash न कथा सनाई

ii क भद1 - व होती ह आशय अथवा स परा होताको परा करन क िलए दसर होती ह ऐसी को कहतयह दो क होती ह१ ndash का अभाव हउदा ndash वह ह यहा क को परा करन क िलए जोडा गया ह२ ndash होन पर भी का भाव परा न हो उस को

कहतउदा ndash सीता न पढ़ाया

यहा परा सीता न lsquo rsquo पढ़ाया lsquo rsquo पढ़ाया यह परा इसिलए यहह यहा होन पर भी का भाव परा होता

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३ परक - को परा करन क िलए या पडती ह

परक कहत क परक lsquo परकrsquo तथा क परक lsquo परकrsquo

होतउदा ndash उस होिशयार समझता ह ( परक)

राम बलवान ह ( परक)

iii यौिगक धात ndashक स धातओ क दो भद होत 1) मल धात 2) यौिगक धात

मल धात - मल धात व जो दसर स न बन जस ndash कर बठ पढ़ यौिगक धात ndash यौिगक धात व जो दसर स बनाय जात उदा ndash खाना स नाम धात ndash जो या क आधार पर बनती ह उस नाम धात कहत

उदा ndash हाथ स हिथयानास

अपना स अपनानाiv - स यह जान पडता ह को न करक दसर को

करन दता ह उस (casual verbs) कहतउदा ndash राम न मोहन स िलखवाया यहा राम न िलखकर मोहन स िलखवाता ह इसिलए यह ह

करनवाल को और जाती ह उस कहतराम न मोहन स िलखवाया राम ह और मोहन हमल जो होती ह उनस और बन सकती हस और बन सकती उदा ndash दध पीता ह

पीना ह इसस बनती ह ndash मा को दध हस बना सकती ह उदा - मा नौकर स को दध ह

बनान का िनयममल धात क आ जोडन स और वा जोडन स या

बनती ह

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उदा ndash उठना ndash उठाना - उठवानाचलना ndash चलाना - चलवानापढ़ना ndash पढाना - पढ़वाना

दो क धातओ ए और औ को छोडकर पहला हो जाता हउदा ndash जागना ndash जगाना ndash जगवाना

भलना ndash भलाना - भलवानाछोडना ndash छडाना ndash छडवाना

धातओ क ला और लवा लगात तब हो जाता हउदा ndash पीना ndash ndash

सोना ndash सलाना ndash सलवानाखाना ndash -

v नाम धात - को छोडकर जोडन स जो धात बनती ह अथवा जो नाम (

या ) धात क समान होत नामधात कहत जो नामधात लगान सबनत आ ओऔर ला लगात पहला हो जाता ह

उदा ndash लाज ndash ndash लजानाहाथ ndash हिथया ndash हिथयानाझठ ndash झठला ndash झठलाना

UNIT - 17

काल (Tense)क स क होन का समय और अथवा का बोध हो उस काल

कहत काल क तीन भद होत1) भतकाल2) काल3) काल

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भतकालस का बोध हो उस भतकाल कहत

उदा ndash राम न िलखी भतकाल क छः भद - भत भत भत भत भत हत-हतमत भत

भत ndash क स भतकाल क समय का बोध न हो उस भत कहतउदा ndash मोहन न खत िलखायहा का बोध होता जो भतकाल हई ह भतकाल ndash क स का का समय अभी अभी हआ ह इसका बोध

होता ह उस भतकाल कहत उदा ndash राम न ह

इसस पहल अभी अभी हई हभत ndash क स यह होता ह क को हए बहत समय हो चका ह उसभत कहत

उदा ndash न दध थास हो क साथ lsquoथाrsquo lsquoथrsquo lsquoथीrsquo लगान स भतकािलक

िमलता हभत - क उस को भत कहत यह हो भतकाल हो थी पर

का पता न लग उस भतकाल कहतउदा - वह पढ़ रहा था वह सोता था

कब समा हआ इसका पता क साथ lsquoता थाrsquo lsquoत थrsquo lsquoरहा थाrsquo lsquoरह थrsquo लगानाभत काल ndash क स भतकाल सचना िमलती ह उसक होन कछ हो उसभत कहतउदा ndash वह आया होगा

उसन खाया होगा भतकाल हो थी ह क साथ lsquoहगाrsquo lsquoहगीrsquo lsquoहोगाrsquo lsquoहोगीrsquo

lsquo rsquo जोडन स भतकाल िमलता हहत-हतमत भतकाल ndash क स यह पाया जाय भतकाल होना सभव थाकारण स न हो सका उस हत-हतमत भतकाल कहत

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(Present Tense)

क को काल कहत रहती ह

होती उस काल कहतउदा ndash राम पढ़ता ह

सीता गीत गा हकाल तीन क होत ndash 1) काल 2) काल 3)

काल - वह ह स का काल होना पाया जाय

उस कहतउदा ndash मोहन पढ़ता ह

रमा गाती ह क साथ lsquoताrsquo lsquoतrsquo lsquoतीrsquo जोडन स बनत

- वह ह काल क होन पायाजायउदा ndash वह खाता होगा

सीता जाती होगी क साथ lsquoता होगाrsquo lsquoती होगीrsquo lsquoत rsquo lsquoती rsquo लगान स िमलत

ndash का वह ह यह होता ह का अभी ह

होता उस कहत उदा ndash वह खा रहा ह

चल हक साथ lsquoरहाrsquo lsquo rsquo lsquoरहrsquo जोडन स िमलती ह

काल ( Future Tense)

होनवाली को काल कहत काल क दो भद ndash 1)

काल 2) कालकाल ndash का वह ह स क आग होन सचना िमल उसकाल कहत

उदा ndash वह आयगा

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राम आज बबई जायगासीता कल घर आयगी

क साथ lsquoयगाrsquo lsquoयगीrsquo lsquoयगrsquo जोडन स िमलतकाल ndash क होन सभावना हो उस काल कहत

उदा ndash सभव ह आज हो स lsquoगाrsquo lsquoगrsquo lsquoगीrsquo पथक कर दन स काल िमलगा

UNIT ndash 18

(Voice)उस कहत यह जाना जाय का ह

ह या कवल भाव ह उस कहतउदा ndash राम न रावण को मारा

तीन क ndash 1) 2) 3) भाव- ह हमशा क िलग वचन और क अनसार होता ह

उस कहतउदा ndash लडका पढ़ता ह

लड़का ह और ग ह इसिलए भी होना हसीता िलखती ह इसम सीता ह इसिलए ह का सीधा स होताह

ndash क िलग वचन क अनसार हो उस कहतह का होता ह

उदा ndash राम िलखता हह इसिलए यह ह धानता होती ह और का

स होता ह क िलग वचन क अनसार बदलती ह हमशाहोता ह का होना ह

उदा ndash राम न रावण को मारा -

राम स रावण मारा गया -

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रावण ह ह क का ह गौण का रहता ह

उदा ndash मा न को दध मा स को दध गया

दो होत ndash और दध ndash भाव होती ह यह हमशा स बनता ह हमशा

एकवचन और होती ह इसका होता ह उदा ndash यहा बठा जाता

मझस पढ़ा जाता स या बनान

को भत क करना उसक साथ काल वचन और िलग कअनसार जाना क जोडन ऐसा करन स स औरक स भा बनती ह

उदा ndash 1) राम न रावण को मारा -

राम स रावण मारा गया -

2) राम रावण को मारगा -

राम स रावण मारा जायगा -

3) राम रावण को मारता ह -

राम स रावण मारा जाता -

पहल lsquoमाराrsquo भतकािलक ह इसिलए lsquoमाराrsquo क साथ lsquoजानाrsquo का भतकािलकजोडना

दसर lsquoमारगाrsquo काल ह इसिलए lsquoमाराrsquo भतकािलक बदलकरlsquoजानाrsquo का काल lsquoजायगाrsquo जोडना

तीसर काल ह को भतकािलक बदलकर (मारा) उसक साथजाना का (जाता) जोडना

स बन सकता हउदा ndash मोहन उठता ( )

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मोहन स उठा जाता - ( )

वीणा चलती ( )

वीणा स चला जाता - ( )

UNIT ndash 19

याअभी तक हमन क बार पढ़ िलया ह उनक िलग वचन और कारक क अनसार

आता ह इसिलए कहत का ह अब हम क दसरया क बार

चार क होत ndash 1) 2) बोधक 3) बोधक 4)

बोधक

UNIT ndash 20

ndash Adverbउस कहत होती ह

उदा - रमश चलता हइस lsquoचलनाrsquo ह ndash ह lsquo rsquo इसिलए lsquo rsquo ह

स क तीन भद ह - 1) साधारण 2) सयोजक 3) साधारण - साधारण वह ह होता ह साधारण या

कहत जस ndash खब पढ़ो दौडो सयोजक ndash का स या स होता ह सयोजक

कहत जस ndash जहा तक हम चल सक वहा तक ह

योजना का सयोजक स होता ह- का क

भद क साथ होता ह कहत

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जस ndash गह खाओग

कह तो लो होता ह व कवल गह खात और कछ खायगा इन

ह हो जान स का बदल जाता ह जस ndash वह काम करगा इसका यह ह जो काम उस ह कवल वह करगा और कछ

क आधार पर क चार भद होत ndash 1) कालवाचक 2) 3)

4)

कालवाचक ndash स समय अविध तथा काल का बोध होता ह कालवाचककहतजस ndash काम को अभी पढ़ना

आजकल रोज़ होती ह कभी कभी भी रात क समान लगता ह मोहन पढ़ाई सदा ह

अभी आजकल कभी कभी सदा कालवाचक ह ndash स क का बोध होता ह

कहत उदा ndash जहा तक जा सक वहा तक जाओ

जाओ और वहा लटो घर क सामन एक ह बाहर रोशनी भीतर अधरा

हाथ स मारत जहा वहा सामन बाहर भीतर ndash स अिधकता- का बोध होता ह

कहत जस ndash उतना पढ़ो हो

चावल थोडा खाओ खब खाना

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अपना थोडा खब

व क होन का ढ़ग का पता िमलता ह जस ndash राहल धीर धीर चलता ह

सीता मधरतम गाती ह यथा हम तथा िमलत

धीर धीर मधरतम यथा-तथा

UNIT - 21

बोधकबोधक ह जो या क साथ आकर उनका क

क साथ बनात उदा ndash धन क कोई काम न चलता

घर क नीच एक तालाब ह क पास एक भी ह

नीच पास बोधक ह क अनसार बोधक क दो भद होत ndash 1) 2)

क ndash य या क बाद आतउदा - घर क भीतर घर क पीछ घर ऒर

कारक भी आती ह जस का क कभी कभी अपादान कारक या भी आती ह

उदा ndash इनस पहल आया राम का मकान मोहन क घर स पर

lsquoसrsquo lsquoपरrsquo अपादान कारक क ndash यह स क क साथ आत

जस ndash दो तक राम रहगा

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घड भर पानी क िलए पाच दन ग lsquoतकrsquo lsquoभरrsquo सचक

UNIT - 22

( Conjunctions)योजक या व जो या न बतला कर एक या का

दसर या स जोडत बोधक कहतजस ndash सीता और गीता अपन घर गयी

सीता और गीता को िमलानवाला योजक lsquoऔरrsquo ह क तीन भद ndash 1) सयोजक 2) 3) भदबोधक

1) सयोजक ndash कई का सयोग करनवाल को सयोजक कहत इसक दो याका मल होता ह

उदा ndash और राम कल बबई और वहा उनक साथ मोहन भी lsquoऔरrsquo lsquoभीrsquo सयोजक ह

2) ndash जो का बोध कराए कहत जस ndash चाह दश सवा करनी या अथवा मानवीय को पहचानना

lsquoयाrsquo lsquoअथवाrsquo lsquoवाrsquo lsquoचाहrsquo को करनवाल ह 3) भदबोधक ndash दो स एक स भद बतलानवाल को भदबोधक कहत य कई क होत

क ndash दो म स पहल का िनषध या सिचत करत जस ndash

पर मगर वरन उदा ndash मझ वहा जाना था क कारण जा न सका

ख - कारणवाचक और उपदशमलक ndashइसिलए सो अतः इसिलए

इस क ह जस ndash राम समय पर आ न सका इसिलए जा न सका

ग सकतबोधक ndash ndash तो जो ndash तो प सकतबोधक ह जस ndash तम कहत तो जाता

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घ ndash इन पहली बात का और होता ह यान मानो यहा तक इस क ह

जस ndash कोई भी समय पर पहचा यहा तक भी 10 बज तक न आय क और दो भद होत ndash 1) समानािधकरण 2)

समानािधकरण ndash समान पद क या को जोडत जो एक क हो वसमानािधकरण धक कहत जस ndash क मा-बाप का अजीब ह समानािधकरण क चार उपभद होत ndash

1) सयोजक ndash और तथा भी एव 2) क ndash या वा अथवा चाह 3) ndash पर मगर 4) ndash इसिलए अतः

ndash को स जोडनवाल कोकहत

जस ndash आज नौकरानी आयगी वह बीमार ह क चार उपभद होत ndash

१ ndash यान मानो २ करणवाचक ndash जो इसिलए ३ उपदशवाचक - जो ४ सकतवाचक ndash - तो जो-तो -

4) ndash ndash स क शोक घणाको करनवाल को -बोधक कहत

जस ndash हाय अब अर आप कहा जा रह

ह राम करो को सिचत करन क िलए - लात

बोधक क सात भद ndash

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1) बोधक ndash वाह ndashवाह - आहा शबाश

2) शोक बोधक ndash आह ऊह हा-हा ndash

3) बोधक ndash अहो ऒह

4) अनमोदन बोधक ndash हा-हा वाह शबाश

5) बोधक ndash िछ हट अर िधक

6) ndash बहत हा जी हा7) सबोधन बोधक ndash अर र अपी अहो

कभी कभी भी हो जातजस ndash भगवान लो चप कभी कभी या भी होत जस ndash न हो बहत हो गया

जब क समान होत तब वह होता तब वमनोभाव को करात

जस ndash हाय हाय मचा रखी ह

सब लोग - पकार उठहाय ndash हाय - क समान ह इसिलए यह बोधक ह

UNIT - 23

क भद क स बनान का िनयम

क पर जायगास बनता ह एक या अिधक स बनता ह एक स अिधक स बनता

ह कहन या िलखनवाल का परा भाव हो जाय तो उस कहतजस ndash मोहन पढ़ता ह

राम िलखता ह इन स लखक का परा भाव होता ह

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ndash कछ ऐस होत और क रहन पर भी कहन या िलखनवाल का परा आशयहोता क समह को और क रहन पर भी जो कछ सनन

बनी रह कहत दो क होत ndash 1) 2)

क अधीन होतउदा ndash राम न कहा था वह कल पाठशाला जायगा

इस राम न कहा था - ह और कल पाठशाला जायगा तह इस और भी कहत

रखनवाल को कछ थोडा सा भाव करनवाल को कहतएक भावना होती ह

जस ndash तरह पढ़ना चलना

इन होता ह क म दो भाग होत 1) और 2)

ndash ( ) कछ होता ह उस कहतndash ( ) क जो कछ होता ह उस कहत

जस ndash मरा स भरा हआ ह मरा ह और स भरा हआ ह ह मरा ndash ह और मरा

उस का ह इसिलए ( ) और मरा का कहत हआ हह शष उसका ह

इस चार भाग हए ndash 1) ( ) 2) का 3) ( ) 4)

काचार भद ndash

क ndash राम गया ख ndash वह कह चका ग ndash फल

क भदक अनसार क आठ भद होत ndash

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1 ndash इस स बात का होना सिचत होता ह जस ndash भारत राजधानी ह

2 िनषधवाचक ndash का अभाव होता ह जस ndash क कछ भी पा सकत

3 ndash इस स सचना होती हजस - तम कल कालज

4 ndash इसस और उपदश का बोध होता ह जस ndash तरह पढ़ो

का भजन करो 5 ndash इसस का भाव सिचत होता ह जस ndash हाय राम को एक

लाख िमल 6 ndash इसस या सचना होती ह

जस ndash अक पा

7 ndash या सभावना सचना होती ह जस ndash आज होगी

8 - सकत सचना होती ह जस ndash हो तो

राम काम करगा रचना क आधार पर

रचना क आधार पर क तीन भद होत - 1) सरल या साधारण 2) और3)

१ सरल ndash एक और एक होता ह उस सरल कहतजस ndash मोहन िलखता ह ( मोहन और िलखता ह धय ह)

राम मज़ पर रखी ह ( ह और रखी ह ह)

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lsquoराम rsquo और lsquoमज़ परrsquo कवल और का ह २ - उस कहत एक हो और उसक एक या

अिधक हो उस कहतजस ndash जो करगा उस सफलता िमलगी जो करगा ndash ह उस सफलता िमलगी - ह

तीन क ndash 1) 2) 3)

1) ndash का क पर होता ह उसकहतजस ndash मरा ह तमन को मारा यह सच ह इस तमन को मारा ndash ह क पर आया ह इसिलए यह

ह 2) ndash जब कोई को क का काम दता ह तब उस

कहत जस ndash य उसी छा को जायगा जो रहगा

उसी स डरत जो खब मारता ह उसी जो ह

3) ndash जो क का काम दता ह उस कहत

जस ndash करता ह उतना फल िमलता ह जब तम कहोग सब कछ

जब ह ३ ndash दो या दो स अिधक योजक जड हो न

हो उस कहतजस ndash वह तरह पढ़ता था तो पास होता

दो या दो स अिधक सरल अथवा एक दसर पर न होता ह इसिलए यह

जस - कर चका (सरल )

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हम कर चक तो व आए ( )

और मरा मन ठड हो गया ( )

चार क होत ndash सयोजक सचक 1) सयोजक - एक दसर क साथ सयोजक जडा रहता ह

जस ndash वह आया और उसक साथ गया स िमलता ह और स होता ह

2) ndash का एक दसर स भद या का रहता ह जस ndash स बढ़ता ह स भरता ह वह खब खाता पर बडा होता

3) सचक ndash दो स एक को करना जस ndash मझ या राम को

4) अथवा हतसचक ndash एक दसर का होता हजस ndash तम आग पढ़ो पसा दगा मझ पसा िमला इसिलए

कभी कभी बीच योजक आत जस ndash मझ न बलाया आप आता ह जब को का या एक होता ह तो एक बार िलखा या कहा

जाता ह ऐस को सकिचत कहत जस ndash का और मन को भी दता ह

जो आसानी स समझकर छोड दत ऐस को कहत जस ndash आजकल सना ह बरसात क मौसम बखार सब फलाता ह

कहत रोज़ बढ़त रह पहल हमन होना था पर ह दसर लोग स होना पर होता ह

एक का दसर क बदल जा सकता ह मलकर सकत

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क सरल स ndash

उदा ndash सरल - राम न मोहन का - राम न उस को जो मोहन का था

ख स सरलndash उसन कहा पापी ह

सरल ndash उसन को पापी बताया ग सरल स

सरल ndash होन पर लोग खत जान लग - हआ और खत जान लग

घ स िनषध वाचक तथाndash मोहन सोहन स बडा ह

िनषध वाचक - मोहन सोहन स बडा ndash मोहन सोहन स बडा ह

UNIT ndash 24

और महावरव जो का अपना न बता कर कछ करत महावरा

कहत बोलचाल बहत आनवाला ऐसा बधा कोई अनभव बात और अलकतभाषा गई हो या कहावत कहाता ह जस ndash मर पट चह कद रह

जब स उनका लड़का मरा ह कमर टट गई ह वह इतना चालाक ह अपन मािलक को पर नचाता ह

इन lsquoपट चह कद रह rsquo lsquoकमर टट गई हrsquo lsquo पर नचाता हrsquo इन काउनक स ह यहा lsquoपट चह कदनrsquo का ह भख लगना lsquoकमर टटनrsquo का ह या

का न रहना तथा lsquo पर नचानrsquo का ह अपन वश रखना अतः य महावरकहलात

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इसी जब कोई आदमी काम करना न जानता हो परत अपन को िछपान क िलए बहान बनावतब कहा जाता ह ndash नाच न जान आगन टढ़ा

जब कोई आदमी अनक खाकर भी अपनी आदत न छोड़ तब कहा जाता ह दम सौतक नली रखो तो भी य बध हए और अनभव तथा अलकत भाषा कह गय अतः य

और क स भाषा तथा आती ह महावरदार भाषाबहत पसद जाती ह और कथन बड़ा होता ह

महावरअग-अग - बहत होनाअगठा - चीज़ को दन स क साथ करनाअध - सहाराअधरा घर का उजाला - एकलौता बटा

क घोड़ दौड़ाना - सोचनापर पड़ना - समझ न पाना

अपना सीधा करना ndash करनाआख उठाना - नीयत स दखनाआख खलाना - होश आना

चार होना - आख स आख िमलानानीची होना - होनापीली करना - नाराज़ होना

आकाश पाताल का ndash बहत भदआग घी डालना - बढ़ानाआसमान िसर पर उठाना - बहत कोलाहल करना

स बजाना - करनाईद का चाद होना - िचरकाल पीछ दनाउगली पर नचाना - वश रखना

गगा बहाना - बात करना

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कमर टट जाना - िनराश हो जानाकान भरना - चगली करना

मौत मरना - बहत तरह स मरनाखाक उड़ाना खाक िमलाना - बरबाद होनागड़ गोबर कर दना - काम दनाघर गगा - दौड़-धप कघाट घाट का पानी पीना - जहा तहा का अनभव करनाचाद पर थकना - करना और फलतः होनाचार चादनी - थोड़ का सख

का दध याद आना - सब सख भल जाना सकट आ पड़नाजमीन पर पर न पड़ना - बहत अिभमान होनाजल भन कर कोयला होना - पागल हो जानाटस स मस न होना - भी नटाग अड़ाना - बाधा डालनाटोपी उछालना - िनरादर करनाितनका पकड़ना - मागनाितन का ताड़ करना - बात बढ़ानाथक कर चाटना - वचन दकर जाना

तल उगली दबाना - करनादम तोडना - मर जाना

दना रात चौगना होना - खब होनाधप बाल सफद करना - अनभव आय दनानमक लगाना - बात को बढ़ा कर कहनानाक कटना - बदनामी होनानाक चढ़ाना - घणा करनानीला पीला होना - आना

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नौ-दो होना - भाग जानाउछालना - करना

- बातपरदा डालना - िछपानापहाड टट पड़ना - आनापट चह कदना - खब भख लगना

तल स ज़मीन िनकल जाना - होश उड़ जानाफक-फक कर कदम रखना - सोच-समझ कर काम करनाबगला भगत -

उछलना - खब खश होनाबाज़ार पर होना - काम पर होनाबात का धनी - वायद काबाल खाल उतारना - करनाबाल पकना - बढ़ा होजाना अनभव करनाबाल बाल बचना - हािन पहचन जरा- सी कसर रह जानाबगार टालना - लगाकर काम न करनाबोली मारना - क कहनाभनक पड़ना - खबर द जानाभाड़ - समय गवाना

मारना - बकारचस - बहत कजसपर मारना - का नकल करना

मगज चाटना - तग करनामाथा ठनकना - आशका होनामारा मारा - होनामह-तोड़ जवाब दना - परा-परा जवाब दना

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मह फक हो जाना - चहर का रग उतर जानामह पानी भर आना - खान को ललचानामह लगाना - अिधक द दना

गरम करना - दनाराई का पहाड़ बनाना - बात को बढ़ाकर कहनारात- - हमशालका काड होना - खब मारपीट होनालबी-चौ हाकना - करना

होना - होनालह क घट पीना - करनालह पसीना एक करना - बहत करनालोह क चना चबाना - काम करनाशतान क कान कतरना - बहत चालाक होना

करना - करनाबाग - बहकाना

समझ पर पड़ना - होनाबठना - जमाना

िसतारा चमकना - उदय होनािसर पर खन सवार होना - जान लन पर होनािसर पर हाथ धरना - सहायता करनासौ बात एक बात - िनचोड़

करना - फक डालनाहसी उड़ाना - करनाहाथ मल -

हाथ पर हाथ धर बठना - बठनाहाथ पसारना - मागना

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हाथ-पर मारना - करनाहाथ साफ करना - बईमानी स ठगना

पानी करना - करनाहोश उड़ना - भय या आशका स दखी होना

अत गता सो मता - वहकान राजा - थोड़ा पढ़ िलख का मान होता ह

आख क गाठ क पर - पर धनवानआप मर जग परल - ह तो ससार ह

चोर कोतवाल को डाट - अपराध करक को डाटनाऊची दकान पकवान - काम करनाएक अनार सौ बीमार - जब एक चीज़ क बहत स तब कहा जाता हएक पथ दो काज - एक काम करन स दो का लाभ होनाकाला बराबर -

घर का लका ढ़ाह - फट स घर नाश होता हिचराग तल अधरा - पास घटना क होन पर भी उसका न होना या

ऐस पर बराई का होना जहा उसक रोकन का होचोर ितनका - पापी डर जाता हजाग सो पाव सोव तो खोव - सावधान रहन स लाभ होता ह

- बलवान का दबदबा रहता हजसा दश वसा भस - दश रह वसी करनीजसी करनी वसी भरनी - फल िमलता हतन को कपड़ा न पट को - बहतथोथा चना बाज घना - काम न करनवाला बकवास बहत करता हदाम बनाय काम - पस स सब काम हो जात

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धोबी का घर का न घाट का - जो एक पर जमकर काम न कर कभी एक लग और कभीदसर और सफल न हो उस कहा जाता ह

रहना मगर स बर - अधीन होकर रह और उसी स बर कर तो गज़ारा चलता हन रहगा बास न बाजगी - नकसान हो उसका नाश कर दना हनाच न जान आगन टढ़ा - काम करन न होन पर दसर को दोष दना नीम जान का खतरा - अधरा हािनकारक होता हनौ नगद न तरह उधार - उधार सौदा दनामान न मान तरा महमान - गल पड़नािमया जती िमया क िसर - स उसी हािन करनासौ सयान एक मत - सभी अथवा एक सलाह होती हहाथ कगन को आरसी - क िलए और हाथी क दात खान क और क और - कहना कछ और करना कछ औरहोनहार क होत चीकन पात - होनहार क पहल स जात

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UNIT - 10

(NOUN)वह ह या भाव को सिचत करता ह राम ( )

( ) ( ) क तीन ndash

a) (Proper Noun)

b) जाितवाचक (Common Noun)

c) भाववाचक ( Abstract Noun)

A ndash उस कहत एक का बोध होता हउदा ndash राम गगा

B जाितवाचक ndash जाितवाचक स एक जाित क सब का बोध होता हउदा - नगर सभा जल

स सभी जाित का बोध होता ह का य जाित क आधार पर होत

स सजातीय क समह को करत उस समहवाचक कहत उदा ndash सनास का बोध का बोध होता ह उस कहत

उदा - सोना पानी लोहाC भाववाचक ndash भाववाचक व क गण दोष कासचना होती ह

उदा - गण दोष ndash िमठास कटता नीचता- लडकपन यौवन दासता

भाव ndash शोक भयD जब गण को करत तब व जाितवाचक बनत

उदा ndash ह तम बनोइस स ह ndash पर रहनवाला यह जाितवाचक हकभी कभी जाितवाचक होती

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उदा ndash गािधजी कल यहा यहा गािधजी हE भाववाचक कभी कभी जाितवाचक क समान होती

उदा ndash हाथी और घोड बडा ह यहा चाल जाितवाचक हभाववाचक चार स बनती

a) जाितवाचक स ndash लडका ndash लडकपनndash

b) स ndash अह ndash अहकारअपना ndash अपनापन

c) स ndash चतर ndash चतराईमीठा ndash िमठास

d) स ndash चढ़ना ndash चढ़ाईसजाना ndash सजावटघबराना ndash घबराहट

F क समान होन वालउदा ndash का आधर गणी- ह यहा क समान होत उदा ndash का कहना

मानो lsquoबडाrsquo ह यह क पर होता हका

एक स अिधक स बनत क एक दसर क िमलन स का होता हक क होता ह इस कहत का िलग वचनऔर कारक क कारण होता ह

उदा ndash लड़का पठता ह ndash पठती ह ( िलग क कारण)

लड़का दौडता ह - लड़क दौडत (वचन क कारण)

लाओ ndash मज़ पर ह ( कारक क कारण)

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UNIT - 11

िलगक जाित का बोध होता ह उस िलग कहत दो िलग ndash और

a ndash जाित का बोध करानवाल को िलग कहत उदा ndash सीताb - जाित का बोध करानवाल को कहत उदा ndash लड़का नर राम

बदगी ह उदा ndash पड नगर ह उदा ndash लता

जो ह व ह उदा ndash भाई बलकई स क नर और मादा का बोध होता ह पर उनका एक िनयम

िलग स होता हndash कौआ चीता ndash कोयल चील मना

जाितभद करन किलए इनक साथ नर या मादा लगाना उदा ndash नर कौआ मादाकौआ नर चीता मादा चीता

क अत आ पा आव और पन हो होतउदा ndash बढ़ापा चढ़ाव लडकपन

क अत आई वट हट और ता हो व होतउदा ndash चढ़ाई सजावच सरलता

स बनान का िनयमक क अ को आ करन स ndash उदा ndash ndash बाल ndash बाला सत ndash सता तनज ndash

तनजा ख क अ को ई करन स ndash उदा ndash दव ndash दवी ndash कबतर ndash मग ndash

मगीग कछ क आ को ई करन स ndash उदा ndash रसा ndash रसी लडक़ा ndash

घ क आ को इया करन स ndash उदा ndash ndash बढ़ा ndash चहा ndash

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ङ या क क इन लगान स ndash उदा ndash सनार ndash

धोबी ndash कहार ndash

च कछ क नी या आनी लगान स ndash उदा ndash िसह ndash िसहनी महतर ndash महतरानी मोर ndash

मोरनीछ उपनामवाचक क क पर आइन लगान स ndash उदा ndash बाब ndash बबआइन

ठाकर ndash ठकराइन पाड ndash पाडाइन ज कछ क ndash उदा ndash ndashमाता ndashऔरत वर- वध मा ndash

बाप ndashभाई

स बनान का िनयमa कछ lsquoओईrsquo lsquoआवrsquo और lsquoऔराrsquo लगान स ndash

उदा ndash बहन ndash बहनाई ननद ndash ननदोई ndash िसल ndash िसलौरा b कछ क lsquoईrsquo को lsquoआrsquo करन स ndash

उदा ndash जीजी ndash जीजा झोली ndash झोला c कछ क lsquoईrsquo को lsquoअrsquo करन स ndash

उदा ndash ndash d क अत lsquoआrsquo लगान स ndash

उदा ndash

UNIT ndash 12

वचन (Number)स और क स स यह त हो वह एक क िलए होता ह या अिधक

क िलए इस वचन कहत वचन दो क होत ndash

1) एकवचन (Singular)

2) बहवचन (Plural)

1) एकवचनःस क स स एक का बोध करान वाला एकवचन हउदाः पढ़ती ह ( ndash एकवचन ह)

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2) बहवचनःस क स स एक स अिधक का बोध हो उस बहवचन कहतउदाः पढ़ती ( ndash बहवचन ह)

कभी कभी आदर क िलए एकवचन बहवचन क होतउदाः अब )बहवचन(

बहवचन बनान का िनयमः-)क ( क lsquoआrsquo क पर lsquoएrsquo लगा दन स एकवचन का बहवचन बन जाता ह

उदा ndash लड़का ndash लडक कपड़ा ndash कपड़ बटा ndash बट lsquo rsquo क सभी क (

) एक समान रहतक बहवचन बनान का िनयम

lsquo rsquo तथा lsquo rsquo क lsquoअrsquo lsquoआrsquo क पर lsquoएrsquo का करन स बहवचनबनाया जाता ह

उदाः ndash गाय ndash ndash रात ndash lsquo rsquo तथा lsquo rsquo क lsquoयाrsquo जोड़न स बहवचन िमलता ह इस lsquoईrsquo क

पर lsquoइrsquo होता हउदाः ndash ndash ndash

स क lsquoयाrsquo हो उनक lsquoयाrsquo क ऊपर कवल लगान पर-

उदाः ndash -

क बाद lsquoएrsquo या lsquo rsquo जोड़न स शष का बहवचन िमलता हउदाः लता ndash लताए -

)ग( िनयम -

)1( )बहवचन( सिचत करन क िलए कभी कभी क एकवचन क साथ गण लोग

जोडतउदा ndash पाठकगण बाब लोग

(2) कछ हमशा बहवचन बोल जातउदा ndash लोग होश

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3) जाितवाचक स ऐ हमशा बहवचन होती ह जब और भाववाचक काजब जाितवाचक क समान होता ह तब व बहवचन होता ह

उदा ndash भारत रावण कमी (यहा रावण जाितवाचक ह)

(4) जब जाितवाचक क समान होता ह तब व बहवचन क होतउदा ndash और क ह (जल बहवचन एव जाितवाचक ह)

UNIT - 13

कारक (Case)या क स उसका क क साथ होता ह उस

कारक कहतउदा ndash राम न रावण को माराइस lsquoनrsquo और lsquoकोrsquo इन क उसका सिचत होता हउदा ndash मारा - राम lsquoनrsquo

मारा ndash रावण lsquoकोrsquo इसिलए य कारककारक क आठ भद होत ndash

कारक - नकारक - को

करण कारक - सकारक - को

अपादान कारक - सकारक - का क

अिधकरण कारक - पर

सबोधन कारक - ह अर अपी अहो क कारक ndash (Nominative)

या क स करनवाला या का बोध होता ह उस कारक कहतlsquoनrsquo ह

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उदा ndash राम गयामोहन न खाया

lsquoरामrsquo और lsquoमोहनrsquo कारक ह न हक को सिचत करन क िलए कोई जाती ह

उदा ndash राम न िलखी ख कारक (Accusative)

या पर क का फल पडता ह उस कारक कहत उदा - राम न रावण को मारा

रावण मारा गया ह यहा lsquoरावणrsquo कारक ह lsquoकोrsquo हकभी कभी lsquoकोrsquo का लोप होता ह

उदा ndash राम न िलखायहा lsquoकोrsquo का लोप होता ह ऐसा भी होता ह - राम न को िलखा

ग करण कारक ( Instrumental)

क साधन का बोध करानवाल क को करण कारक कहत lsquoसrsquo ह उदा ndash

कलम स िलखतिलखन का साधन कलम ह कलम क िलखन होती ह

घ कारक ( Dative)

कारक का वह ह जो उस का बोध कराता ह िलए कोई कामlsquoकोrsquo lsquoक िलएrsquo ह

उदा ndash मोहन न राम को पाच मोहन न राम क िलए पाच

ङ अपादान कारक (Ablative)

का वह ह क स पथक होन का बोध हो उस अपादान कारककहत lsquoसrsquo ह

उदा ndash स िगरतयहा स का सिचत होता ह कारक और अपादान कारक lsquoसrsquo ह

करण कारक lsquoसrsquo साधन सिचत होता ह अपादान कारक lsquoसrsquo सिचत होता ह

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कलम स िलखता ह - करण कारकस आ रहा ह - अपादान कारक

च कारक (Genitive)

क स उसका स होता ह उस कारक कहतlsquoकाrsquo lsquoकrsquo lsquo rsquo

उदा ndash राम का घोडा राम क घोड राम बहन छ अिधकरण कारक (Locative)

क स क आधार का बोध होता ह उस अिधकरण कारक कहत lsquo rsquo

और lsquoपरrsquo उदा ndash शर जगल रहता ह

मज़ पर ह अिधकरण तीन क होत ndash

क कालािधकरण ndash का काल होता ह उस कालािधकरण कहत उदा ndash राम दोपहरस आयगा

ख भावािधकरण ndash क भाव क भावािधकरण होता ह उदा ndash शर को दखकरभय होता ह

ग ndash पर होती ह उस कहत उदा ndash मज़ पर ह कालवाचक और क सात कभी कभी लगती उदा ndash कल रात मसलधार हई ( कल रात मसलधार हई ndash lsquo rsquo का लोप)

ज सबोधन (Vocative)

क स को पकारना सिचत होता ह उस सबोधन कारक कहत हउदा ndash ह राम वहा मत आना

सबोधन कारक कोई ह उसको करन क िलए lsquoहrsquo lsquoअरrsquo कोलगाय जात

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UNIT - 14

( Pronoun)क उसक को करन क िलए का जाता ह

कहत उदा ndash राम जाता ह वह अपनी जाता हउसन कहा ndash लाना भल गया वह अपनी राम जगह हए ह

इसिलए ह को हटान क िलए का जाता हयोग क अनसार क पाच भद होत

1) - त यह वह (एव) हम तम य व आप (बव)

2) ndash यह वह (एव) य व (बव)

3) ndash कोई कछ (एव - बव)

4) ndash जो सो (एव - बव)

5) ndash कौन (एव - बव)

क ndash या लखक बोलत या िलखत समय या तो अपन कछ कहता ह या सननवालऔर पढ़नवाल क अथवा अपन और सननवाल को छोडकर क

कहत स बोलनवाल सननवाल और क कछ कहा जाए उस कोकहत

तीन क होत ndash औरndash बोलनवाला या िलखनवाला अपनिलए का करता ह उस

कहत (एव) हम (बव)ndash सननवाल या पढ़नवाल क िलए का होता ह उस कहत

जस ndashत तम और आप ndash क कछ कहा या िलखा जाए उसक िलए होन वाल को

कहत जस ndash यह वह (एव) य व (बव)और हम ह एकवचन ह हम बहवचन ह का हम

क बहवचन स ह यहा हम क पर होता ह हम का एकवचनऔर बहवचन होत

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त और तम क आदर क िलए आपका करत जस ndash तमयहा आओ इसी क पर आप यहा ए कभी कभी यह और वह क भी आप का

होता ह जस ndash आप मर कभी कभी आदर क िलए आप का करत बहवचन सिचत करन क िलए आप क साथ lsquoलोगrsquo

जोडा जाता ह जस ndash आप लोग यहािनजवाचक आप और चक आप भद होता ह िनजवाचक आप समान स एक वचन

और बहवचन आता ह जस ndash आप पढ़गा हम आपवह कवल बहवचन करत िनचवाचक आप तीन स

होत आप कवल और करतlsquoआपrsquo अकला जाता ह िनजवाचक आप तथा क साथ आता ह जस ndash त

आप कामकभी (2) आप भल अकला आ सकता ह जस ndash आप भला तो जग भला वह अपन आप समझ गया

व ऒर सकत जाता हसकतवाचक और िनदशवाचक भी कहत जस ndash यह वह य व

हम तम आप यह य व इन या क साथ अिधकताकरन क िलए lsquo rsquo lsquoईrsquo य जोडत झस ndash त आप

स या क बात का बोध न हो उसकहत जस ndash कोई कछ

a lsquoकोईrsquo का क िलए होता ह जस ndash बाहर स कोई आ रहा ह b जब का पता न होन पर ndash जस ndash अर कोई कमर ह

c क lsquoकोईrsquo लग तो उसका लगभग होता ह जस - कॉलज स कोई पाच सौभाग

d lsquoकोईrsquo जब दोहराया जाता ह तब को सिचत करता ह जस कोई कोई पर को रोकतe कोई क साथ एक लग जान पर सिचत करता ह जस ndash तम स कोई एक गा सकगा

कछ का अनिगनत क िलए होता ह जस ndash कछ हक िलए होता ह जस ndash पानी कछ ह

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कोई का क िलए होता ह और कछ का क िलए होता हघ वाचक

स दो और क बीच क का बोध हो उस वाचक कहतजो सो जस ndash आपन जो कहा सो हो गया

कभी कभी जो या सो स एक रहता ह जस जो गाता ह बात हङ ndash करन क िलए का होता ह कहत

उदा ndash आप सोचत आज कौन आएगाकौन का क िलए होता ह का क िलए होता ह जस ndash कौन

बोलगा थली हकभी कभी कौन का क िलए होता हजस - बाधा डालनवाल तम कौन होिभ किलए lsquoकौनrsquo को दोहरा भी जाता ह जस ndash कौन कौन लाएग

क कौन का होता ह जस - इसन कौन अपराधक िलए को दोहरा दता ह जस ndash राम न

का क भी होता ह जस ndash तम मझस लडोगका

वचन और कारक क कारण भी होत िलग क कारण होताका और एक स होता ह

सबोधन होतास क पर होता ह उसी क अनसार उस क िलग वचन भी होता ह

काकारक एकवचन बहवचन

हममझको मझ हमको

करण मझस हमसमझको मरिलएमझ हमको हमार िलए

अपादान मझस हमसमरामर हमारा हमार

अिधकरण मझपर हमपर

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तकरक एकवचन बहवचन

तन तम तमनतझको तझ तमको

करण तझस तमसतरातर

अिधकरण तझपर तमपर

वहकरक एकवचन बहवचन

वहउसन व

उसको उस उनकोकरण उसस उनस

उसक िलए उस उनक िलए

अपादान उसस उनसउसका उसक उनका उनक

अिधकरण उस पर उनपर

UNIT - 15

(Adjective)स या सिचत कर उस कहत जस ndash रशमी

कपडा लाल कमलबतलाई जाए उस कहत जस ndash लड़का

ह लड़का हजो क पहल आता ह उस कहत जस ndash फल

ह फल ह इसिलए यह ह

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जो क बाद आता ह उस कहत जस ndash वह लड़का बड़ा होिशयार ह लडका ह होिशयार ह क बाद आन क कारण यह ह

जो क साथ उसको करन क िलए होता ह उस समानािधकरण कहत जस ndash रामनाथ कहता ह

रामनाथ क साथ समानािधकरण ह चार क ndash

क गणवाचक (Adjectives of Quality)

ख (Adjectives of number)

ग (Adjective)

घ या (Demonstrative Adjective)

१ गणवाचकजो क गण रग आकार को बतलानवाल को गणवाचक कहत

जस ndash लबा सशील काला गोल गणवाचक क बदल बहधा क क भी आतजस ndash राजा ( का राजा )

जापानी कपड़ा (जापान का कपड़ा)गणवाचचक का होता ह तब उनका क समान होता ह

जस ndash न सच कहा ह२ - क गणना का बोध हो उस

कहत जस ndash एक दो पहला दसरा दगनाक तीन भद होत ndash

1) 2) 3) बोधक या बोधकndash इसस का बोध होता ह जस ndash चार आठ सात

क चार भद ndash

a गणनावाचक ndash गणनावाचक षण स गणना का बोध होता ह जस ndash एक चार फल सात

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गणनावाचक क साथ एक लगान स लगभग का होता ह जस ndash एक आदमी ndash

लगभग आदमी b ndash स क गणना का होता ह जस ndash पहला

दसरा चौथाc ndash गणनावाचक क lsquoगनाrsquo लगान स बनत जस

ndash दगना ितगना ३ - स माप- तोल या का पता होता ह उस

कहत जस ndash दो सर चावल चार गज कपडा

क दो भद होत ndash

1) और 2)

ण - स का पता लगता हजौस - दो सर चावल

- स का पता नलगता ह जौस ndash बहत दध

४ या - स ऒर या सकत जाता ह उसकहत lsquoयहrsquo lsquoवहrsquo स जाता ह इसिलए इसकहत

जस ndash यह वह जब क हो तब वह बन जाता ह

जस ndash वह घर राम का ह कई ऐस मल जसा रहता ह

जस ndash वह यह क

भी िलग वचन और कारक क अनसार होता ह क िलग और कारक ककारण कछ होता ह

जस ndash काला कपड़ा - काला कपड़काला धोती - काला धोितया

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क साथ ई हो जातजस - काली धोती

क होता ह जो क होन परहोता ह जस ndash वह घोड़ा व घोड़

पथकता अथवा अिधकता क िलए को दहराता ह ndash

जस ndash छोट छोट फल लालका भी होता ह जस ndash बडा लड़का

गणवाचक और जब करत तब वह बन जात

जस ndash थोड़ा खा गया चावल बहत ह क साथ जब आता और व बन जात तब उनक साथ

भी लगती जस ndash को दान दो

UNIT - 16

(Verb)

काम क करन या होन का बोध हो उस कहतजस पढ़ना खाना दौडना पहनना

धात ndash क मल को धात कहत उदा- पढ़ना खलना खानाय सब मल धात lsquoपढ़rsquo lsquoखलrsquo lsquoखाrsquo ह मल धात lsquoनाrsquo जोडकर का िमलताह

i क आधार पर क दो भद होत - 1) 2)

1) (Transitive Verb) ndash क का फल को छोड पर पडता हउस कहत

उदा ndash राम पढ़ता ह

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राम ह ह और का पर पडता ह2) (Intransitive Verb) - क का फल पर पडता ह उस

कहत का अभाव हउदा ndash मोहन सोता ह

कभी कभी एक होता ह और कभी कभी दो भी होत एक होन वालको एक lsquo rsquo कहत

उदा ndash राम न खाना खायाखाना ह कवल एक होता ह दो होन वाली को

कहतउदा ndash मा न को दध

दो होत ndash lsquo rsquo और lsquoदधrsquo दो होत एक lsquo rsquo और दसराlsquoगौणrsquo

उदा ndash मा न को दधइस lsquoगौणrsquo ह दध lsquo rsquo ह lsquoगौणrsquo कभी कभी होता हउदा ndash न कथा सनाई

ii क भद1 - व होती ह आशय अथवा स परा होताको परा करन क िलए दसर होती ह ऐसी को कहतयह दो क होती ह१ ndash का अभाव हउदा ndash वह ह यहा क को परा करन क िलए जोडा गया ह२ ndash होन पर भी का भाव परा न हो उस को

कहतउदा ndash सीता न पढ़ाया

यहा परा सीता न lsquo rsquo पढ़ाया lsquo rsquo पढ़ाया यह परा इसिलए यहह यहा होन पर भी का भाव परा होता

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३ परक - को परा करन क िलए या पडती ह

परक कहत क परक lsquo परकrsquo तथा क परक lsquo परकrsquo

होतउदा ndash उस होिशयार समझता ह ( परक)

राम बलवान ह ( परक)

iii यौिगक धात ndashक स धातओ क दो भद होत 1) मल धात 2) यौिगक धात

मल धात - मल धात व जो दसर स न बन जस ndash कर बठ पढ़ यौिगक धात ndash यौिगक धात व जो दसर स बनाय जात उदा ndash खाना स नाम धात ndash जो या क आधार पर बनती ह उस नाम धात कहत

उदा ndash हाथ स हिथयानास

अपना स अपनानाiv - स यह जान पडता ह को न करक दसर को

करन दता ह उस (casual verbs) कहतउदा ndash राम न मोहन स िलखवाया यहा राम न िलखकर मोहन स िलखवाता ह इसिलए यह ह

करनवाल को और जाती ह उस कहतराम न मोहन स िलखवाया राम ह और मोहन हमल जो होती ह उनस और बन सकती हस और बन सकती उदा ndash दध पीता ह

पीना ह इसस बनती ह ndash मा को दध हस बना सकती ह उदा - मा नौकर स को दध ह

बनान का िनयममल धात क आ जोडन स और वा जोडन स या

बनती ह

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PRACTICAL GRAMMAR (APPLIED GRAMMAR) Page 38

उदा ndash उठना ndash उठाना - उठवानाचलना ndash चलाना - चलवानापढ़ना ndash पढाना - पढ़वाना

दो क धातओ ए और औ को छोडकर पहला हो जाता हउदा ndash जागना ndash जगाना ndash जगवाना

भलना ndash भलाना - भलवानाछोडना ndash छडाना ndash छडवाना

धातओ क ला और लवा लगात तब हो जाता हउदा ndash पीना ndash ndash

सोना ndash सलाना ndash सलवानाखाना ndash -

v नाम धात - को छोडकर जोडन स जो धात बनती ह अथवा जो नाम (

या ) धात क समान होत नामधात कहत जो नामधात लगान सबनत आ ओऔर ला लगात पहला हो जाता ह

उदा ndash लाज ndash ndash लजानाहाथ ndash हिथया ndash हिथयानाझठ ndash झठला ndash झठलाना

UNIT - 17

काल (Tense)क स क होन का समय और अथवा का बोध हो उस काल

कहत काल क तीन भद होत1) भतकाल2) काल3) काल

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भतकालस का बोध हो उस भतकाल कहत

उदा ndash राम न िलखी भतकाल क छः भद - भत भत भत भत भत हत-हतमत भत

भत ndash क स भतकाल क समय का बोध न हो उस भत कहतउदा ndash मोहन न खत िलखायहा का बोध होता जो भतकाल हई ह भतकाल ndash क स का का समय अभी अभी हआ ह इसका बोध

होता ह उस भतकाल कहत उदा ndash राम न ह

इसस पहल अभी अभी हई हभत ndash क स यह होता ह क को हए बहत समय हो चका ह उसभत कहत

उदा ndash न दध थास हो क साथ lsquoथाrsquo lsquoथrsquo lsquoथीrsquo लगान स भतकािलक

िमलता हभत - क उस को भत कहत यह हो भतकाल हो थी पर

का पता न लग उस भतकाल कहतउदा - वह पढ़ रहा था वह सोता था

कब समा हआ इसका पता क साथ lsquoता थाrsquo lsquoत थrsquo lsquoरहा थाrsquo lsquoरह थrsquo लगानाभत काल ndash क स भतकाल सचना िमलती ह उसक होन कछ हो उसभत कहतउदा ndash वह आया होगा

उसन खाया होगा भतकाल हो थी ह क साथ lsquoहगाrsquo lsquoहगीrsquo lsquoहोगाrsquo lsquoहोगीrsquo

lsquo rsquo जोडन स भतकाल िमलता हहत-हतमत भतकाल ndash क स यह पाया जाय भतकाल होना सभव थाकारण स न हो सका उस हत-हतमत भतकाल कहत

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(Present Tense)

क को काल कहत रहती ह

होती उस काल कहतउदा ndash राम पढ़ता ह

सीता गीत गा हकाल तीन क होत ndash 1) काल 2) काल 3)

काल - वह ह स का काल होना पाया जाय

उस कहतउदा ndash मोहन पढ़ता ह

रमा गाती ह क साथ lsquoताrsquo lsquoतrsquo lsquoतीrsquo जोडन स बनत

- वह ह काल क होन पायाजायउदा ndash वह खाता होगा

सीता जाती होगी क साथ lsquoता होगाrsquo lsquoती होगीrsquo lsquoत rsquo lsquoती rsquo लगान स िमलत

ndash का वह ह यह होता ह का अभी ह

होता उस कहत उदा ndash वह खा रहा ह

चल हक साथ lsquoरहाrsquo lsquo rsquo lsquoरहrsquo जोडन स िमलती ह

काल ( Future Tense)

होनवाली को काल कहत काल क दो भद ndash 1)

काल 2) कालकाल ndash का वह ह स क आग होन सचना िमल उसकाल कहत

उदा ndash वह आयगा

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राम आज बबई जायगासीता कल घर आयगी

क साथ lsquoयगाrsquo lsquoयगीrsquo lsquoयगrsquo जोडन स िमलतकाल ndash क होन सभावना हो उस काल कहत

उदा ndash सभव ह आज हो स lsquoगाrsquo lsquoगrsquo lsquoगीrsquo पथक कर दन स काल िमलगा

UNIT ndash 18

(Voice)उस कहत यह जाना जाय का ह

ह या कवल भाव ह उस कहतउदा ndash राम न रावण को मारा

तीन क ndash 1) 2) 3) भाव- ह हमशा क िलग वचन और क अनसार होता ह

उस कहतउदा ndash लडका पढ़ता ह

लड़का ह और ग ह इसिलए भी होना हसीता िलखती ह इसम सीता ह इसिलए ह का सीधा स होताह

ndash क िलग वचन क अनसार हो उस कहतह का होता ह

उदा ndash राम िलखता हह इसिलए यह ह धानता होती ह और का

स होता ह क िलग वचन क अनसार बदलती ह हमशाहोता ह का होना ह

उदा ndash राम न रावण को मारा -

राम स रावण मारा गया -

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रावण ह ह क का ह गौण का रहता ह

उदा ndash मा न को दध मा स को दध गया

दो होत ndash और दध ndash भाव होती ह यह हमशा स बनता ह हमशा

एकवचन और होती ह इसका होता ह उदा ndash यहा बठा जाता

मझस पढ़ा जाता स या बनान

को भत क करना उसक साथ काल वचन और िलग कअनसार जाना क जोडन ऐसा करन स स औरक स भा बनती ह

उदा ndash 1) राम न रावण को मारा -

राम स रावण मारा गया -

2) राम रावण को मारगा -

राम स रावण मारा जायगा -

3) राम रावण को मारता ह -

राम स रावण मारा जाता -

पहल lsquoमाराrsquo भतकािलक ह इसिलए lsquoमाराrsquo क साथ lsquoजानाrsquo का भतकािलकजोडना

दसर lsquoमारगाrsquo काल ह इसिलए lsquoमाराrsquo भतकािलक बदलकरlsquoजानाrsquo का काल lsquoजायगाrsquo जोडना

तीसर काल ह को भतकािलक बदलकर (मारा) उसक साथजाना का (जाता) जोडना

स बन सकता हउदा ndash मोहन उठता ( )

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मोहन स उठा जाता - ( )

वीणा चलती ( )

वीणा स चला जाता - ( )

UNIT ndash 19

याअभी तक हमन क बार पढ़ िलया ह उनक िलग वचन और कारक क अनसार

आता ह इसिलए कहत का ह अब हम क दसरया क बार

चार क होत ndash 1) 2) बोधक 3) बोधक 4)

बोधक

UNIT ndash 20

ndash Adverbउस कहत होती ह

उदा - रमश चलता हइस lsquoचलनाrsquo ह ndash ह lsquo rsquo इसिलए lsquo rsquo ह

स क तीन भद ह - 1) साधारण 2) सयोजक 3) साधारण - साधारण वह ह होता ह साधारण या

कहत जस ndash खब पढ़ो दौडो सयोजक ndash का स या स होता ह सयोजक

कहत जस ndash जहा तक हम चल सक वहा तक ह

योजना का सयोजक स होता ह- का क

भद क साथ होता ह कहत

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जस ndash गह खाओग

कह तो लो होता ह व कवल गह खात और कछ खायगा इन

ह हो जान स का बदल जाता ह जस ndash वह काम करगा इसका यह ह जो काम उस ह कवल वह करगा और कछ

क आधार पर क चार भद होत ndash 1) कालवाचक 2) 3)

4)

कालवाचक ndash स समय अविध तथा काल का बोध होता ह कालवाचककहतजस ndash काम को अभी पढ़ना

आजकल रोज़ होती ह कभी कभी भी रात क समान लगता ह मोहन पढ़ाई सदा ह

अभी आजकल कभी कभी सदा कालवाचक ह ndash स क का बोध होता ह

कहत उदा ndash जहा तक जा सक वहा तक जाओ

जाओ और वहा लटो घर क सामन एक ह बाहर रोशनी भीतर अधरा

हाथ स मारत जहा वहा सामन बाहर भीतर ndash स अिधकता- का बोध होता ह

कहत जस ndash उतना पढ़ो हो

चावल थोडा खाओ खब खाना

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अपना थोडा खब

व क होन का ढ़ग का पता िमलता ह जस ndash राहल धीर धीर चलता ह

सीता मधरतम गाती ह यथा हम तथा िमलत

धीर धीर मधरतम यथा-तथा

UNIT - 21

बोधकबोधक ह जो या क साथ आकर उनका क

क साथ बनात उदा ndash धन क कोई काम न चलता

घर क नीच एक तालाब ह क पास एक भी ह

नीच पास बोधक ह क अनसार बोधक क दो भद होत ndash 1) 2)

क ndash य या क बाद आतउदा - घर क भीतर घर क पीछ घर ऒर

कारक भी आती ह जस का क कभी कभी अपादान कारक या भी आती ह

उदा ndash इनस पहल आया राम का मकान मोहन क घर स पर

lsquoसrsquo lsquoपरrsquo अपादान कारक क ndash यह स क क साथ आत

जस ndash दो तक राम रहगा

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घड भर पानी क िलए पाच दन ग lsquoतकrsquo lsquoभरrsquo सचक

UNIT - 22

( Conjunctions)योजक या व जो या न बतला कर एक या का

दसर या स जोडत बोधक कहतजस ndash सीता और गीता अपन घर गयी

सीता और गीता को िमलानवाला योजक lsquoऔरrsquo ह क तीन भद ndash 1) सयोजक 2) 3) भदबोधक

1) सयोजक ndash कई का सयोग करनवाल को सयोजक कहत इसक दो याका मल होता ह

उदा ndash और राम कल बबई और वहा उनक साथ मोहन भी lsquoऔरrsquo lsquoभीrsquo सयोजक ह

2) ndash जो का बोध कराए कहत जस ndash चाह दश सवा करनी या अथवा मानवीय को पहचानना

lsquoयाrsquo lsquoअथवाrsquo lsquoवाrsquo lsquoचाहrsquo को करनवाल ह 3) भदबोधक ndash दो स एक स भद बतलानवाल को भदबोधक कहत य कई क होत

क ndash दो म स पहल का िनषध या सिचत करत जस ndash

पर मगर वरन उदा ndash मझ वहा जाना था क कारण जा न सका

ख - कारणवाचक और उपदशमलक ndashइसिलए सो अतः इसिलए

इस क ह जस ndash राम समय पर आ न सका इसिलए जा न सका

ग सकतबोधक ndash ndash तो जो ndash तो प सकतबोधक ह जस ndash तम कहत तो जाता

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घ ndash इन पहली बात का और होता ह यान मानो यहा तक इस क ह

जस ndash कोई भी समय पर पहचा यहा तक भी 10 बज तक न आय क और दो भद होत ndash 1) समानािधकरण 2)

समानािधकरण ndash समान पद क या को जोडत जो एक क हो वसमानािधकरण धक कहत जस ndash क मा-बाप का अजीब ह समानािधकरण क चार उपभद होत ndash

1) सयोजक ndash और तथा भी एव 2) क ndash या वा अथवा चाह 3) ndash पर मगर 4) ndash इसिलए अतः

ndash को स जोडनवाल कोकहत

जस ndash आज नौकरानी आयगी वह बीमार ह क चार उपभद होत ndash

१ ndash यान मानो २ करणवाचक ndash जो इसिलए ३ उपदशवाचक - जो ४ सकतवाचक ndash - तो जो-तो -

4) ndash ndash स क शोक घणाको करनवाल को -बोधक कहत

जस ndash हाय अब अर आप कहा जा रह

ह राम करो को सिचत करन क िलए - लात

बोधक क सात भद ndash

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1) बोधक ndash वाह ndashवाह - आहा शबाश

2) शोक बोधक ndash आह ऊह हा-हा ndash

3) बोधक ndash अहो ऒह

4) अनमोदन बोधक ndash हा-हा वाह शबाश

5) बोधक ndash िछ हट अर िधक

6) ndash बहत हा जी हा7) सबोधन बोधक ndash अर र अपी अहो

कभी कभी भी हो जातजस ndash भगवान लो चप कभी कभी या भी होत जस ndash न हो बहत हो गया

जब क समान होत तब वह होता तब वमनोभाव को करात

जस ndash हाय हाय मचा रखी ह

सब लोग - पकार उठहाय ndash हाय - क समान ह इसिलए यह बोधक ह

UNIT - 23

क भद क स बनान का िनयम

क पर जायगास बनता ह एक या अिधक स बनता ह एक स अिधक स बनता

ह कहन या िलखनवाल का परा भाव हो जाय तो उस कहतजस ndash मोहन पढ़ता ह

राम िलखता ह इन स लखक का परा भाव होता ह

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ndash कछ ऐस होत और क रहन पर भी कहन या िलखनवाल का परा आशयहोता क समह को और क रहन पर भी जो कछ सनन

बनी रह कहत दो क होत ndash 1) 2)

क अधीन होतउदा ndash राम न कहा था वह कल पाठशाला जायगा

इस राम न कहा था - ह और कल पाठशाला जायगा तह इस और भी कहत

रखनवाल को कछ थोडा सा भाव करनवाल को कहतएक भावना होती ह

जस ndash तरह पढ़ना चलना

इन होता ह क म दो भाग होत 1) और 2)

ndash ( ) कछ होता ह उस कहतndash ( ) क जो कछ होता ह उस कहत

जस ndash मरा स भरा हआ ह मरा ह और स भरा हआ ह ह मरा ndash ह और मरा

उस का ह इसिलए ( ) और मरा का कहत हआ हह शष उसका ह

इस चार भाग हए ndash 1) ( ) 2) का 3) ( ) 4)

काचार भद ndash

क ndash राम गया ख ndash वह कह चका ग ndash फल

क भदक अनसार क आठ भद होत ndash

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1 ndash इस स बात का होना सिचत होता ह जस ndash भारत राजधानी ह

2 िनषधवाचक ndash का अभाव होता ह जस ndash क कछ भी पा सकत

3 ndash इस स सचना होती हजस - तम कल कालज

4 ndash इसस और उपदश का बोध होता ह जस ndash तरह पढ़ो

का भजन करो 5 ndash इसस का भाव सिचत होता ह जस ndash हाय राम को एक

लाख िमल 6 ndash इसस या सचना होती ह

जस ndash अक पा

7 ndash या सभावना सचना होती ह जस ndash आज होगी

8 - सकत सचना होती ह जस ndash हो तो

राम काम करगा रचना क आधार पर

रचना क आधार पर क तीन भद होत - 1) सरल या साधारण 2) और3)

१ सरल ndash एक और एक होता ह उस सरल कहतजस ndash मोहन िलखता ह ( मोहन और िलखता ह धय ह)

राम मज़ पर रखी ह ( ह और रखी ह ह)

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lsquoराम rsquo और lsquoमज़ परrsquo कवल और का ह २ - उस कहत एक हो और उसक एक या

अिधक हो उस कहतजस ndash जो करगा उस सफलता िमलगी जो करगा ndash ह उस सफलता िमलगी - ह

तीन क ndash 1) 2) 3)

1) ndash का क पर होता ह उसकहतजस ndash मरा ह तमन को मारा यह सच ह इस तमन को मारा ndash ह क पर आया ह इसिलए यह

ह 2) ndash जब कोई को क का काम दता ह तब उस

कहत जस ndash य उसी छा को जायगा जो रहगा

उसी स डरत जो खब मारता ह उसी जो ह

3) ndash जो क का काम दता ह उस कहत

जस ndash करता ह उतना फल िमलता ह जब तम कहोग सब कछ

जब ह ३ ndash दो या दो स अिधक योजक जड हो न

हो उस कहतजस ndash वह तरह पढ़ता था तो पास होता

दो या दो स अिधक सरल अथवा एक दसर पर न होता ह इसिलए यह

जस - कर चका (सरल )

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हम कर चक तो व आए ( )

और मरा मन ठड हो गया ( )

चार क होत ndash सयोजक सचक 1) सयोजक - एक दसर क साथ सयोजक जडा रहता ह

जस ndash वह आया और उसक साथ गया स िमलता ह और स होता ह

2) ndash का एक दसर स भद या का रहता ह जस ndash स बढ़ता ह स भरता ह वह खब खाता पर बडा होता

3) सचक ndash दो स एक को करना जस ndash मझ या राम को

4) अथवा हतसचक ndash एक दसर का होता हजस ndash तम आग पढ़ो पसा दगा मझ पसा िमला इसिलए

कभी कभी बीच योजक आत जस ndash मझ न बलाया आप आता ह जब को का या एक होता ह तो एक बार िलखा या कहा

जाता ह ऐस को सकिचत कहत जस ndash का और मन को भी दता ह

जो आसानी स समझकर छोड दत ऐस को कहत जस ndash आजकल सना ह बरसात क मौसम बखार सब फलाता ह

कहत रोज़ बढ़त रह पहल हमन होना था पर ह दसर लोग स होना पर होता ह

एक का दसर क बदल जा सकता ह मलकर सकत

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क सरल स ndash

उदा ndash सरल - राम न मोहन का - राम न उस को जो मोहन का था

ख स सरलndash उसन कहा पापी ह

सरल ndash उसन को पापी बताया ग सरल स

सरल ndash होन पर लोग खत जान लग - हआ और खत जान लग

घ स िनषध वाचक तथाndash मोहन सोहन स बडा ह

िनषध वाचक - मोहन सोहन स बडा ndash मोहन सोहन स बडा ह

UNIT ndash 24

और महावरव जो का अपना न बता कर कछ करत महावरा

कहत बोलचाल बहत आनवाला ऐसा बधा कोई अनभव बात और अलकतभाषा गई हो या कहावत कहाता ह जस ndash मर पट चह कद रह

जब स उनका लड़का मरा ह कमर टट गई ह वह इतना चालाक ह अपन मािलक को पर नचाता ह

इन lsquoपट चह कद रह rsquo lsquoकमर टट गई हrsquo lsquo पर नचाता हrsquo इन काउनक स ह यहा lsquoपट चह कदनrsquo का ह भख लगना lsquoकमर टटनrsquo का ह या

का न रहना तथा lsquo पर नचानrsquo का ह अपन वश रखना अतः य महावरकहलात

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इसी जब कोई आदमी काम करना न जानता हो परत अपन को िछपान क िलए बहान बनावतब कहा जाता ह ndash नाच न जान आगन टढ़ा

जब कोई आदमी अनक खाकर भी अपनी आदत न छोड़ तब कहा जाता ह दम सौतक नली रखो तो भी य बध हए और अनभव तथा अलकत भाषा कह गय अतः य

और क स भाषा तथा आती ह महावरदार भाषाबहत पसद जाती ह और कथन बड़ा होता ह

महावरअग-अग - बहत होनाअगठा - चीज़ को दन स क साथ करनाअध - सहाराअधरा घर का उजाला - एकलौता बटा

क घोड़ दौड़ाना - सोचनापर पड़ना - समझ न पाना

अपना सीधा करना ndash करनाआख उठाना - नीयत स दखनाआख खलाना - होश आना

चार होना - आख स आख िमलानानीची होना - होनापीली करना - नाराज़ होना

आकाश पाताल का ndash बहत भदआग घी डालना - बढ़ानाआसमान िसर पर उठाना - बहत कोलाहल करना

स बजाना - करनाईद का चाद होना - िचरकाल पीछ दनाउगली पर नचाना - वश रखना

गगा बहाना - बात करना

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कमर टट जाना - िनराश हो जानाकान भरना - चगली करना

मौत मरना - बहत तरह स मरनाखाक उड़ाना खाक िमलाना - बरबाद होनागड़ गोबर कर दना - काम दनाघर गगा - दौड़-धप कघाट घाट का पानी पीना - जहा तहा का अनभव करनाचाद पर थकना - करना और फलतः होनाचार चादनी - थोड़ का सख

का दध याद आना - सब सख भल जाना सकट आ पड़नाजमीन पर पर न पड़ना - बहत अिभमान होनाजल भन कर कोयला होना - पागल हो जानाटस स मस न होना - भी नटाग अड़ाना - बाधा डालनाटोपी उछालना - िनरादर करनाितनका पकड़ना - मागनाितन का ताड़ करना - बात बढ़ानाथक कर चाटना - वचन दकर जाना

तल उगली दबाना - करनादम तोडना - मर जाना

दना रात चौगना होना - खब होनाधप बाल सफद करना - अनभव आय दनानमक लगाना - बात को बढ़ा कर कहनानाक कटना - बदनामी होनानाक चढ़ाना - घणा करनानीला पीला होना - आना

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नौ-दो होना - भाग जानाउछालना - करना

- बातपरदा डालना - िछपानापहाड टट पड़ना - आनापट चह कदना - खब भख लगना

तल स ज़मीन िनकल जाना - होश उड़ जानाफक-फक कर कदम रखना - सोच-समझ कर काम करनाबगला भगत -

उछलना - खब खश होनाबाज़ार पर होना - काम पर होनाबात का धनी - वायद काबाल खाल उतारना - करनाबाल पकना - बढ़ा होजाना अनभव करनाबाल बाल बचना - हािन पहचन जरा- सी कसर रह जानाबगार टालना - लगाकर काम न करनाबोली मारना - क कहनाभनक पड़ना - खबर द जानाभाड़ - समय गवाना

मारना - बकारचस - बहत कजसपर मारना - का नकल करना

मगज चाटना - तग करनामाथा ठनकना - आशका होनामारा मारा - होनामह-तोड़ जवाब दना - परा-परा जवाब दना

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मह फक हो जाना - चहर का रग उतर जानामह पानी भर आना - खान को ललचानामह लगाना - अिधक द दना

गरम करना - दनाराई का पहाड़ बनाना - बात को बढ़ाकर कहनारात- - हमशालका काड होना - खब मारपीट होनालबी-चौ हाकना - करना

होना - होनालह क घट पीना - करनालह पसीना एक करना - बहत करनालोह क चना चबाना - काम करनाशतान क कान कतरना - बहत चालाक होना

करना - करनाबाग - बहकाना

समझ पर पड़ना - होनाबठना - जमाना

िसतारा चमकना - उदय होनािसर पर खन सवार होना - जान लन पर होनािसर पर हाथ धरना - सहायता करनासौ बात एक बात - िनचोड़

करना - फक डालनाहसी उड़ाना - करनाहाथ मल -

हाथ पर हाथ धर बठना - बठनाहाथ पसारना - मागना

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हाथ-पर मारना - करनाहाथ साफ करना - बईमानी स ठगना

पानी करना - करनाहोश उड़ना - भय या आशका स दखी होना

अत गता सो मता - वहकान राजा - थोड़ा पढ़ िलख का मान होता ह

आख क गाठ क पर - पर धनवानआप मर जग परल - ह तो ससार ह

चोर कोतवाल को डाट - अपराध करक को डाटनाऊची दकान पकवान - काम करनाएक अनार सौ बीमार - जब एक चीज़ क बहत स तब कहा जाता हएक पथ दो काज - एक काम करन स दो का लाभ होनाकाला बराबर -

घर का लका ढ़ाह - फट स घर नाश होता हिचराग तल अधरा - पास घटना क होन पर भी उसका न होना या

ऐस पर बराई का होना जहा उसक रोकन का होचोर ितनका - पापी डर जाता हजाग सो पाव सोव तो खोव - सावधान रहन स लाभ होता ह

- बलवान का दबदबा रहता हजसा दश वसा भस - दश रह वसी करनीजसी करनी वसी भरनी - फल िमलता हतन को कपड़ा न पट को - बहतथोथा चना बाज घना - काम न करनवाला बकवास बहत करता हदाम बनाय काम - पस स सब काम हो जात

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धोबी का घर का न घाट का - जो एक पर जमकर काम न कर कभी एक लग और कभीदसर और सफल न हो उस कहा जाता ह

रहना मगर स बर - अधीन होकर रह और उसी स बर कर तो गज़ारा चलता हन रहगा बास न बाजगी - नकसान हो उसका नाश कर दना हनाच न जान आगन टढ़ा - काम करन न होन पर दसर को दोष दना नीम जान का खतरा - अधरा हािनकारक होता हनौ नगद न तरह उधार - उधार सौदा दनामान न मान तरा महमान - गल पड़नािमया जती िमया क िसर - स उसी हािन करनासौ सयान एक मत - सभी अथवा एक सलाह होती हहाथ कगन को आरसी - क िलए और हाथी क दात खान क और क और - कहना कछ और करना कछ औरहोनहार क होत चीकन पात - होनहार क पहल स जात

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उदा ndash गािधजी कल यहा यहा गािधजी हE भाववाचक कभी कभी जाितवाचक क समान होती

उदा ndash हाथी और घोड बडा ह यहा चाल जाितवाचक हभाववाचक चार स बनती

a) जाितवाचक स ndash लडका ndash लडकपनndash

b) स ndash अह ndash अहकारअपना ndash अपनापन

c) स ndash चतर ndash चतराईमीठा ndash िमठास

d) स ndash चढ़ना ndash चढ़ाईसजाना ndash सजावटघबराना ndash घबराहट

F क समान होन वालउदा ndash का आधर गणी- ह यहा क समान होत उदा ndash का कहना

मानो lsquoबडाrsquo ह यह क पर होता हका

एक स अिधक स बनत क एक दसर क िमलन स का होता हक क होता ह इस कहत का िलग वचनऔर कारक क कारण होता ह

उदा ndash लड़का पठता ह ndash पठती ह ( िलग क कारण)

लड़का दौडता ह - लड़क दौडत (वचन क कारण)

लाओ ndash मज़ पर ह ( कारक क कारण)

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UNIT - 11

िलगक जाित का बोध होता ह उस िलग कहत दो िलग ndash और

a ndash जाित का बोध करानवाल को िलग कहत उदा ndash सीताb - जाित का बोध करानवाल को कहत उदा ndash लड़का नर राम

बदगी ह उदा ndash पड नगर ह उदा ndash लता

जो ह व ह उदा ndash भाई बलकई स क नर और मादा का बोध होता ह पर उनका एक िनयम

िलग स होता हndash कौआ चीता ndash कोयल चील मना

जाितभद करन किलए इनक साथ नर या मादा लगाना उदा ndash नर कौआ मादाकौआ नर चीता मादा चीता

क अत आ पा आव और पन हो होतउदा ndash बढ़ापा चढ़ाव लडकपन

क अत आई वट हट और ता हो व होतउदा ndash चढ़ाई सजावच सरलता

स बनान का िनयमक क अ को आ करन स ndash उदा ndash ndash बाल ndash बाला सत ndash सता तनज ndash

तनजा ख क अ को ई करन स ndash उदा ndash दव ndash दवी ndash कबतर ndash मग ndash

मगीग कछ क आ को ई करन स ndash उदा ndash रसा ndash रसी लडक़ा ndash

घ क आ को इया करन स ndash उदा ndash ndash बढ़ा ndash चहा ndash

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ङ या क क इन लगान स ndash उदा ndash सनार ndash

धोबी ndash कहार ndash

च कछ क नी या आनी लगान स ndash उदा ndash िसह ndash िसहनी महतर ndash महतरानी मोर ndash

मोरनीछ उपनामवाचक क क पर आइन लगान स ndash उदा ndash बाब ndash बबआइन

ठाकर ndash ठकराइन पाड ndash पाडाइन ज कछ क ndash उदा ndash ndashमाता ndashऔरत वर- वध मा ndash

बाप ndashभाई

स बनान का िनयमa कछ lsquoओईrsquo lsquoआवrsquo और lsquoऔराrsquo लगान स ndash

उदा ndash बहन ndash बहनाई ननद ndash ननदोई ndash िसल ndash िसलौरा b कछ क lsquoईrsquo को lsquoआrsquo करन स ndash

उदा ndash जीजी ndash जीजा झोली ndash झोला c कछ क lsquoईrsquo को lsquoअrsquo करन स ndash

उदा ndash ndash d क अत lsquoआrsquo लगान स ndash

उदा ndash

UNIT ndash 12

वचन (Number)स और क स स यह त हो वह एक क िलए होता ह या अिधक

क िलए इस वचन कहत वचन दो क होत ndash

1) एकवचन (Singular)

2) बहवचन (Plural)

1) एकवचनःस क स स एक का बोध करान वाला एकवचन हउदाः पढ़ती ह ( ndash एकवचन ह)

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2) बहवचनःस क स स एक स अिधक का बोध हो उस बहवचन कहतउदाः पढ़ती ( ndash बहवचन ह)

कभी कभी आदर क िलए एकवचन बहवचन क होतउदाः अब )बहवचन(

बहवचन बनान का िनयमः-)क ( क lsquoआrsquo क पर lsquoएrsquo लगा दन स एकवचन का बहवचन बन जाता ह

उदा ndash लड़का ndash लडक कपड़ा ndash कपड़ बटा ndash बट lsquo rsquo क सभी क (

) एक समान रहतक बहवचन बनान का िनयम

lsquo rsquo तथा lsquo rsquo क lsquoअrsquo lsquoआrsquo क पर lsquoएrsquo का करन स बहवचनबनाया जाता ह

उदाः ndash गाय ndash ndash रात ndash lsquo rsquo तथा lsquo rsquo क lsquoयाrsquo जोड़न स बहवचन िमलता ह इस lsquoईrsquo क

पर lsquoइrsquo होता हउदाः ndash ndash ndash

स क lsquoयाrsquo हो उनक lsquoयाrsquo क ऊपर कवल लगान पर-

उदाः ndash -

क बाद lsquoएrsquo या lsquo rsquo जोड़न स शष का बहवचन िमलता हउदाः लता ndash लताए -

)ग( िनयम -

)1( )बहवचन( सिचत करन क िलए कभी कभी क एकवचन क साथ गण लोग

जोडतउदा ndash पाठकगण बाब लोग

(2) कछ हमशा बहवचन बोल जातउदा ndash लोग होश

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3) जाितवाचक स ऐ हमशा बहवचन होती ह जब और भाववाचक काजब जाितवाचक क समान होता ह तब व बहवचन होता ह

उदा ndash भारत रावण कमी (यहा रावण जाितवाचक ह)

(4) जब जाितवाचक क समान होता ह तब व बहवचन क होतउदा ndash और क ह (जल बहवचन एव जाितवाचक ह)

UNIT - 13

कारक (Case)या क स उसका क क साथ होता ह उस

कारक कहतउदा ndash राम न रावण को माराइस lsquoनrsquo और lsquoकोrsquo इन क उसका सिचत होता हउदा ndash मारा - राम lsquoनrsquo

मारा ndash रावण lsquoकोrsquo इसिलए य कारककारक क आठ भद होत ndash

कारक - नकारक - को

करण कारक - सकारक - को

अपादान कारक - सकारक - का क

अिधकरण कारक - पर

सबोधन कारक - ह अर अपी अहो क कारक ndash (Nominative)

या क स करनवाला या का बोध होता ह उस कारक कहतlsquoनrsquo ह

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उदा ndash राम गयामोहन न खाया

lsquoरामrsquo और lsquoमोहनrsquo कारक ह न हक को सिचत करन क िलए कोई जाती ह

उदा ndash राम न िलखी ख कारक (Accusative)

या पर क का फल पडता ह उस कारक कहत उदा - राम न रावण को मारा

रावण मारा गया ह यहा lsquoरावणrsquo कारक ह lsquoकोrsquo हकभी कभी lsquoकोrsquo का लोप होता ह

उदा ndash राम न िलखायहा lsquoकोrsquo का लोप होता ह ऐसा भी होता ह - राम न को िलखा

ग करण कारक ( Instrumental)

क साधन का बोध करानवाल क को करण कारक कहत lsquoसrsquo ह उदा ndash

कलम स िलखतिलखन का साधन कलम ह कलम क िलखन होती ह

घ कारक ( Dative)

कारक का वह ह जो उस का बोध कराता ह िलए कोई कामlsquoकोrsquo lsquoक िलएrsquo ह

उदा ndash मोहन न राम को पाच मोहन न राम क िलए पाच

ङ अपादान कारक (Ablative)

का वह ह क स पथक होन का बोध हो उस अपादान कारककहत lsquoसrsquo ह

उदा ndash स िगरतयहा स का सिचत होता ह कारक और अपादान कारक lsquoसrsquo ह

करण कारक lsquoसrsquo साधन सिचत होता ह अपादान कारक lsquoसrsquo सिचत होता ह

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कलम स िलखता ह - करण कारकस आ रहा ह - अपादान कारक

च कारक (Genitive)

क स उसका स होता ह उस कारक कहतlsquoकाrsquo lsquoकrsquo lsquo rsquo

उदा ndash राम का घोडा राम क घोड राम बहन छ अिधकरण कारक (Locative)

क स क आधार का बोध होता ह उस अिधकरण कारक कहत lsquo rsquo

और lsquoपरrsquo उदा ndash शर जगल रहता ह

मज़ पर ह अिधकरण तीन क होत ndash

क कालािधकरण ndash का काल होता ह उस कालािधकरण कहत उदा ndash राम दोपहरस आयगा

ख भावािधकरण ndash क भाव क भावािधकरण होता ह उदा ndash शर को दखकरभय होता ह

ग ndash पर होती ह उस कहत उदा ndash मज़ पर ह कालवाचक और क सात कभी कभी लगती उदा ndash कल रात मसलधार हई ( कल रात मसलधार हई ndash lsquo rsquo का लोप)

ज सबोधन (Vocative)

क स को पकारना सिचत होता ह उस सबोधन कारक कहत हउदा ndash ह राम वहा मत आना

सबोधन कारक कोई ह उसको करन क िलए lsquoहrsquo lsquoअरrsquo कोलगाय जात

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UNIT - 14

( Pronoun)क उसक को करन क िलए का जाता ह

कहत उदा ndash राम जाता ह वह अपनी जाता हउसन कहा ndash लाना भल गया वह अपनी राम जगह हए ह

इसिलए ह को हटान क िलए का जाता हयोग क अनसार क पाच भद होत

1) - त यह वह (एव) हम तम य व आप (बव)

2) ndash यह वह (एव) य व (बव)

3) ndash कोई कछ (एव - बव)

4) ndash जो सो (एव - बव)

5) ndash कौन (एव - बव)

क ndash या लखक बोलत या िलखत समय या तो अपन कछ कहता ह या सननवालऔर पढ़नवाल क अथवा अपन और सननवाल को छोडकर क

कहत स बोलनवाल सननवाल और क कछ कहा जाए उस कोकहत

तीन क होत ndash औरndash बोलनवाला या िलखनवाला अपनिलए का करता ह उस

कहत (एव) हम (बव)ndash सननवाल या पढ़नवाल क िलए का होता ह उस कहत

जस ndashत तम और आप ndash क कछ कहा या िलखा जाए उसक िलए होन वाल को

कहत जस ndash यह वह (एव) य व (बव)और हम ह एकवचन ह हम बहवचन ह का हम

क बहवचन स ह यहा हम क पर होता ह हम का एकवचनऔर बहवचन होत

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त और तम क आदर क िलए आपका करत जस ndash तमयहा आओ इसी क पर आप यहा ए कभी कभी यह और वह क भी आप का

होता ह जस ndash आप मर कभी कभी आदर क िलए आप का करत बहवचन सिचत करन क िलए आप क साथ lsquoलोगrsquo

जोडा जाता ह जस ndash आप लोग यहािनजवाचक आप और चक आप भद होता ह िनजवाचक आप समान स एक वचन

और बहवचन आता ह जस ndash आप पढ़गा हम आपवह कवल बहवचन करत िनचवाचक आप तीन स

होत आप कवल और करतlsquoआपrsquo अकला जाता ह िनजवाचक आप तथा क साथ आता ह जस ndash त

आप कामकभी (2) आप भल अकला आ सकता ह जस ndash आप भला तो जग भला वह अपन आप समझ गया

व ऒर सकत जाता हसकतवाचक और िनदशवाचक भी कहत जस ndash यह वह य व

हम तम आप यह य व इन या क साथ अिधकताकरन क िलए lsquo rsquo lsquoईrsquo य जोडत झस ndash त आप

स या क बात का बोध न हो उसकहत जस ndash कोई कछ

a lsquoकोईrsquo का क िलए होता ह जस ndash बाहर स कोई आ रहा ह b जब का पता न होन पर ndash जस ndash अर कोई कमर ह

c क lsquoकोईrsquo लग तो उसका लगभग होता ह जस - कॉलज स कोई पाच सौभाग

d lsquoकोईrsquo जब दोहराया जाता ह तब को सिचत करता ह जस कोई कोई पर को रोकतe कोई क साथ एक लग जान पर सिचत करता ह जस ndash तम स कोई एक गा सकगा

कछ का अनिगनत क िलए होता ह जस ndash कछ हक िलए होता ह जस ndash पानी कछ ह

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कोई का क िलए होता ह और कछ का क िलए होता हघ वाचक

स दो और क बीच क का बोध हो उस वाचक कहतजो सो जस ndash आपन जो कहा सो हो गया

कभी कभी जो या सो स एक रहता ह जस जो गाता ह बात हङ ndash करन क िलए का होता ह कहत

उदा ndash आप सोचत आज कौन आएगाकौन का क िलए होता ह का क िलए होता ह जस ndash कौन

बोलगा थली हकभी कभी कौन का क िलए होता हजस - बाधा डालनवाल तम कौन होिभ किलए lsquoकौनrsquo को दोहरा भी जाता ह जस ndash कौन कौन लाएग

क कौन का होता ह जस - इसन कौन अपराधक िलए को दोहरा दता ह जस ndash राम न

का क भी होता ह जस ndash तम मझस लडोगका

वचन और कारक क कारण भी होत िलग क कारण होताका और एक स होता ह

सबोधन होतास क पर होता ह उसी क अनसार उस क िलग वचन भी होता ह

काकारक एकवचन बहवचन

हममझको मझ हमको

करण मझस हमसमझको मरिलएमझ हमको हमार िलए

अपादान मझस हमसमरामर हमारा हमार

अिधकरण मझपर हमपर

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तकरक एकवचन बहवचन

तन तम तमनतझको तझ तमको

करण तझस तमसतरातर

अिधकरण तझपर तमपर

वहकरक एकवचन बहवचन

वहउसन व

उसको उस उनकोकरण उसस उनस

उसक िलए उस उनक िलए

अपादान उसस उनसउसका उसक उनका उनक

अिधकरण उस पर उनपर

UNIT - 15

(Adjective)स या सिचत कर उस कहत जस ndash रशमी

कपडा लाल कमलबतलाई जाए उस कहत जस ndash लड़का

ह लड़का हजो क पहल आता ह उस कहत जस ndash फल

ह फल ह इसिलए यह ह

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जो क बाद आता ह उस कहत जस ndash वह लड़का बड़ा होिशयार ह लडका ह होिशयार ह क बाद आन क कारण यह ह

जो क साथ उसको करन क िलए होता ह उस समानािधकरण कहत जस ndash रामनाथ कहता ह

रामनाथ क साथ समानािधकरण ह चार क ndash

क गणवाचक (Adjectives of Quality)

ख (Adjectives of number)

ग (Adjective)

घ या (Demonstrative Adjective)

१ गणवाचकजो क गण रग आकार को बतलानवाल को गणवाचक कहत

जस ndash लबा सशील काला गोल गणवाचक क बदल बहधा क क भी आतजस ndash राजा ( का राजा )

जापानी कपड़ा (जापान का कपड़ा)गणवाचचक का होता ह तब उनका क समान होता ह

जस ndash न सच कहा ह२ - क गणना का बोध हो उस

कहत जस ndash एक दो पहला दसरा दगनाक तीन भद होत ndash

1) 2) 3) बोधक या बोधकndash इसस का बोध होता ह जस ndash चार आठ सात

क चार भद ndash

a गणनावाचक ndash गणनावाचक षण स गणना का बोध होता ह जस ndash एक चार फल सात

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गणनावाचक क साथ एक लगान स लगभग का होता ह जस ndash एक आदमी ndash

लगभग आदमी b ndash स क गणना का होता ह जस ndash पहला

दसरा चौथाc ndash गणनावाचक क lsquoगनाrsquo लगान स बनत जस

ndash दगना ितगना ३ - स माप- तोल या का पता होता ह उस

कहत जस ndash दो सर चावल चार गज कपडा

क दो भद होत ndash

1) और 2)

ण - स का पता लगता हजौस - दो सर चावल

- स का पता नलगता ह जौस ndash बहत दध

४ या - स ऒर या सकत जाता ह उसकहत lsquoयहrsquo lsquoवहrsquo स जाता ह इसिलए इसकहत

जस ndash यह वह जब क हो तब वह बन जाता ह

जस ndash वह घर राम का ह कई ऐस मल जसा रहता ह

जस ndash वह यह क

भी िलग वचन और कारक क अनसार होता ह क िलग और कारक ककारण कछ होता ह

जस ndash काला कपड़ा - काला कपड़काला धोती - काला धोितया

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क साथ ई हो जातजस - काली धोती

क होता ह जो क होन परहोता ह जस ndash वह घोड़ा व घोड़

पथकता अथवा अिधकता क िलए को दहराता ह ndash

जस ndash छोट छोट फल लालका भी होता ह जस ndash बडा लड़का

गणवाचक और जब करत तब वह बन जात

जस ndash थोड़ा खा गया चावल बहत ह क साथ जब आता और व बन जात तब उनक साथ

भी लगती जस ndash को दान दो

UNIT - 16

(Verb)

काम क करन या होन का बोध हो उस कहतजस पढ़ना खाना दौडना पहनना

धात ndash क मल को धात कहत उदा- पढ़ना खलना खानाय सब मल धात lsquoपढ़rsquo lsquoखलrsquo lsquoखाrsquo ह मल धात lsquoनाrsquo जोडकर का िमलताह

i क आधार पर क दो भद होत - 1) 2)

1) (Transitive Verb) ndash क का फल को छोड पर पडता हउस कहत

उदा ndash राम पढ़ता ह

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राम ह ह और का पर पडता ह2) (Intransitive Verb) - क का फल पर पडता ह उस

कहत का अभाव हउदा ndash मोहन सोता ह

कभी कभी एक होता ह और कभी कभी दो भी होत एक होन वालको एक lsquo rsquo कहत

उदा ndash राम न खाना खायाखाना ह कवल एक होता ह दो होन वाली को

कहतउदा ndash मा न को दध

दो होत ndash lsquo rsquo और lsquoदधrsquo दो होत एक lsquo rsquo और दसराlsquoगौणrsquo

उदा ndash मा न को दधइस lsquoगौणrsquo ह दध lsquo rsquo ह lsquoगौणrsquo कभी कभी होता हउदा ndash न कथा सनाई

ii क भद1 - व होती ह आशय अथवा स परा होताको परा करन क िलए दसर होती ह ऐसी को कहतयह दो क होती ह१ ndash का अभाव हउदा ndash वह ह यहा क को परा करन क िलए जोडा गया ह२ ndash होन पर भी का भाव परा न हो उस को

कहतउदा ndash सीता न पढ़ाया

यहा परा सीता न lsquo rsquo पढ़ाया lsquo rsquo पढ़ाया यह परा इसिलए यहह यहा होन पर भी का भाव परा होता

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३ परक - को परा करन क िलए या पडती ह

परक कहत क परक lsquo परकrsquo तथा क परक lsquo परकrsquo

होतउदा ndash उस होिशयार समझता ह ( परक)

राम बलवान ह ( परक)

iii यौिगक धात ndashक स धातओ क दो भद होत 1) मल धात 2) यौिगक धात

मल धात - मल धात व जो दसर स न बन जस ndash कर बठ पढ़ यौिगक धात ndash यौिगक धात व जो दसर स बनाय जात उदा ndash खाना स नाम धात ndash जो या क आधार पर बनती ह उस नाम धात कहत

उदा ndash हाथ स हिथयानास

अपना स अपनानाiv - स यह जान पडता ह को न करक दसर को

करन दता ह उस (casual verbs) कहतउदा ndash राम न मोहन स िलखवाया यहा राम न िलखकर मोहन स िलखवाता ह इसिलए यह ह

करनवाल को और जाती ह उस कहतराम न मोहन स िलखवाया राम ह और मोहन हमल जो होती ह उनस और बन सकती हस और बन सकती उदा ndash दध पीता ह

पीना ह इसस बनती ह ndash मा को दध हस बना सकती ह उदा - मा नौकर स को दध ह

बनान का िनयममल धात क आ जोडन स और वा जोडन स या

बनती ह

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उदा ndash उठना ndash उठाना - उठवानाचलना ndash चलाना - चलवानापढ़ना ndash पढाना - पढ़वाना

दो क धातओ ए और औ को छोडकर पहला हो जाता हउदा ndash जागना ndash जगाना ndash जगवाना

भलना ndash भलाना - भलवानाछोडना ndash छडाना ndash छडवाना

धातओ क ला और लवा लगात तब हो जाता हउदा ndash पीना ndash ndash

सोना ndash सलाना ndash सलवानाखाना ndash -

v नाम धात - को छोडकर जोडन स जो धात बनती ह अथवा जो नाम (

या ) धात क समान होत नामधात कहत जो नामधात लगान सबनत आ ओऔर ला लगात पहला हो जाता ह

उदा ndash लाज ndash ndash लजानाहाथ ndash हिथया ndash हिथयानाझठ ndash झठला ndash झठलाना

UNIT - 17

काल (Tense)क स क होन का समय और अथवा का बोध हो उस काल

कहत काल क तीन भद होत1) भतकाल2) काल3) काल

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भतकालस का बोध हो उस भतकाल कहत

उदा ndash राम न िलखी भतकाल क छः भद - भत भत भत भत भत हत-हतमत भत

भत ndash क स भतकाल क समय का बोध न हो उस भत कहतउदा ndash मोहन न खत िलखायहा का बोध होता जो भतकाल हई ह भतकाल ndash क स का का समय अभी अभी हआ ह इसका बोध

होता ह उस भतकाल कहत उदा ndash राम न ह

इसस पहल अभी अभी हई हभत ndash क स यह होता ह क को हए बहत समय हो चका ह उसभत कहत

उदा ndash न दध थास हो क साथ lsquoथाrsquo lsquoथrsquo lsquoथीrsquo लगान स भतकािलक

िमलता हभत - क उस को भत कहत यह हो भतकाल हो थी पर

का पता न लग उस भतकाल कहतउदा - वह पढ़ रहा था वह सोता था

कब समा हआ इसका पता क साथ lsquoता थाrsquo lsquoत थrsquo lsquoरहा थाrsquo lsquoरह थrsquo लगानाभत काल ndash क स भतकाल सचना िमलती ह उसक होन कछ हो उसभत कहतउदा ndash वह आया होगा

उसन खाया होगा भतकाल हो थी ह क साथ lsquoहगाrsquo lsquoहगीrsquo lsquoहोगाrsquo lsquoहोगीrsquo

lsquo rsquo जोडन स भतकाल िमलता हहत-हतमत भतकाल ndash क स यह पाया जाय भतकाल होना सभव थाकारण स न हो सका उस हत-हतमत भतकाल कहत

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(Present Tense)

क को काल कहत रहती ह

होती उस काल कहतउदा ndash राम पढ़ता ह

सीता गीत गा हकाल तीन क होत ndash 1) काल 2) काल 3)

काल - वह ह स का काल होना पाया जाय

उस कहतउदा ndash मोहन पढ़ता ह

रमा गाती ह क साथ lsquoताrsquo lsquoतrsquo lsquoतीrsquo जोडन स बनत

- वह ह काल क होन पायाजायउदा ndash वह खाता होगा

सीता जाती होगी क साथ lsquoता होगाrsquo lsquoती होगीrsquo lsquoत rsquo lsquoती rsquo लगान स िमलत

ndash का वह ह यह होता ह का अभी ह

होता उस कहत उदा ndash वह खा रहा ह

चल हक साथ lsquoरहाrsquo lsquo rsquo lsquoरहrsquo जोडन स िमलती ह

काल ( Future Tense)

होनवाली को काल कहत काल क दो भद ndash 1)

काल 2) कालकाल ndash का वह ह स क आग होन सचना िमल उसकाल कहत

उदा ndash वह आयगा

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राम आज बबई जायगासीता कल घर आयगी

क साथ lsquoयगाrsquo lsquoयगीrsquo lsquoयगrsquo जोडन स िमलतकाल ndash क होन सभावना हो उस काल कहत

उदा ndash सभव ह आज हो स lsquoगाrsquo lsquoगrsquo lsquoगीrsquo पथक कर दन स काल िमलगा

UNIT ndash 18

(Voice)उस कहत यह जाना जाय का ह

ह या कवल भाव ह उस कहतउदा ndash राम न रावण को मारा

तीन क ndash 1) 2) 3) भाव- ह हमशा क िलग वचन और क अनसार होता ह

उस कहतउदा ndash लडका पढ़ता ह

लड़का ह और ग ह इसिलए भी होना हसीता िलखती ह इसम सीता ह इसिलए ह का सीधा स होताह

ndash क िलग वचन क अनसार हो उस कहतह का होता ह

उदा ndash राम िलखता हह इसिलए यह ह धानता होती ह और का

स होता ह क िलग वचन क अनसार बदलती ह हमशाहोता ह का होना ह

उदा ndash राम न रावण को मारा -

राम स रावण मारा गया -

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रावण ह ह क का ह गौण का रहता ह

उदा ndash मा न को दध मा स को दध गया

दो होत ndash और दध ndash भाव होती ह यह हमशा स बनता ह हमशा

एकवचन और होती ह इसका होता ह उदा ndash यहा बठा जाता

मझस पढ़ा जाता स या बनान

को भत क करना उसक साथ काल वचन और िलग कअनसार जाना क जोडन ऐसा करन स स औरक स भा बनती ह

उदा ndash 1) राम न रावण को मारा -

राम स रावण मारा गया -

2) राम रावण को मारगा -

राम स रावण मारा जायगा -

3) राम रावण को मारता ह -

राम स रावण मारा जाता -

पहल lsquoमाराrsquo भतकािलक ह इसिलए lsquoमाराrsquo क साथ lsquoजानाrsquo का भतकािलकजोडना

दसर lsquoमारगाrsquo काल ह इसिलए lsquoमाराrsquo भतकािलक बदलकरlsquoजानाrsquo का काल lsquoजायगाrsquo जोडना

तीसर काल ह को भतकािलक बदलकर (मारा) उसक साथजाना का (जाता) जोडना

स बन सकता हउदा ndash मोहन उठता ( )

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मोहन स उठा जाता - ( )

वीणा चलती ( )

वीणा स चला जाता - ( )

UNIT ndash 19

याअभी तक हमन क बार पढ़ िलया ह उनक िलग वचन और कारक क अनसार

आता ह इसिलए कहत का ह अब हम क दसरया क बार

चार क होत ndash 1) 2) बोधक 3) बोधक 4)

बोधक

UNIT ndash 20

ndash Adverbउस कहत होती ह

उदा - रमश चलता हइस lsquoचलनाrsquo ह ndash ह lsquo rsquo इसिलए lsquo rsquo ह

स क तीन भद ह - 1) साधारण 2) सयोजक 3) साधारण - साधारण वह ह होता ह साधारण या

कहत जस ndash खब पढ़ो दौडो सयोजक ndash का स या स होता ह सयोजक

कहत जस ndash जहा तक हम चल सक वहा तक ह

योजना का सयोजक स होता ह- का क

भद क साथ होता ह कहत

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जस ndash गह खाओग

कह तो लो होता ह व कवल गह खात और कछ खायगा इन

ह हो जान स का बदल जाता ह जस ndash वह काम करगा इसका यह ह जो काम उस ह कवल वह करगा और कछ

क आधार पर क चार भद होत ndash 1) कालवाचक 2) 3)

4)

कालवाचक ndash स समय अविध तथा काल का बोध होता ह कालवाचककहतजस ndash काम को अभी पढ़ना

आजकल रोज़ होती ह कभी कभी भी रात क समान लगता ह मोहन पढ़ाई सदा ह

अभी आजकल कभी कभी सदा कालवाचक ह ndash स क का बोध होता ह

कहत उदा ndash जहा तक जा सक वहा तक जाओ

जाओ और वहा लटो घर क सामन एक ह बाहर रोशनी भीतर अधरा

हाथ स मारत जहा वहा सामन बाहर भीतर ndash स अिधकता- का बोध होता ह

कहत जस ndash उतना पढ़ो हो

चावल थोडा खाओ खब खाना

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अपना थोडा खब

व क होन का ढ़ग का पता िमलता ह जस ndash राहल धीर धीर चलता ह

सीता मधरतम गाती ह यथा हम तथा िमलत

धीर धीर मधरतम यथा-तथा

UNIT - 21

बोधकबोधक ह जो या क साथ आकर उनका क

क साथ बनात उदा ndash धन क कोई काम न चलता

घर क नीच एक तालाब ह क पास एक भी ह

नीच पास बोधक ह क अनसार बोधक क दो भद होत ndash 1) 2)

क ndash य या क बाद आतउदा - घर क भीतर घर क पीछ घर ऒर

कारक भी आती ह जस का क कभी कभी अपादान कारक या भी आती ह

उदा ndash इनस पहल आया राम का मकान मोहन क घर स पर

lsquoसrsquo lsquoपरrsquo अपादान कारक क ndash यह स क क साथ आत

जस ndash दो तक राम रहगा

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घड भर पानी क िलए पाच दन ग lsquoतकrsquo lsquoभरrsquo सचक

UNIT - 22

( Conjunctions)योजक या व जो या न बतला कर एक या का

दसर या स जोडत बोधक कहतजस ndash सीता और गीता अपन घर गयी

सीता और गीता को िमलानवाला योजक lsquoऔरrsquo ह क तीन भद ndash 1) सयोजक 2) 3) भदबोधक

1) सयोजक ndash कई का सयोग करनवाल को सयोजक कहत इसक दो याका मल होता ह

उदा ndash और राम कल बबई और वहा उनक साथ मोहन भी lsquoऔरrsquo lsquoभीrsquo सयोजक ह

2) ndash जो का बोध कराए कहत जस ndash चाह दश सवा करनी या अथवा मानवीय को पहचानना

lsquoयाrsquo lsquoअथवाrsquo lsquoवाrsquo lsquoचाहrsquo को करनवाल ह 3) भदबोधक ndash दो स एक स भद बतलानवाल को भदबोधक कहत य कई क होत

क ndash दो म स पहल का िनषध या सिचत करत जस ndash

पर मगर वरन उदा ndash मझ वहा जाना था क कारण जा न सका

ख - कारणवाचक और उपदशमलक ndashइसिलए सो अतः इसिलए

इस क ह जस ndash राम समय पर आ न सका इसिलए जा न सका

ग सकतबोधक ndash ndash तो जो ndash तो प सकतबोधक ह जस ndash तम कहत तो जाता

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घ ndash इन पहली बात का और होता ह यान मानो यहा तक इस क ह

जस ndash कोई भी समय पर पहचा यहा तक भी 10 बज तक न आय क और दो भद होत ndash 1) समानािधकरण 2)

समानािधकरण ndash समान पद क या को जोडत जो एक क हो वसमानािधकरण धक कहत जस ndash क मा-बाप का अजीब ह समानािधकरण क चार उपभद होत ndash

1) सयोजक ndash और तथा भी एव 2) क ndash या वा अथवा चाह 3) ndash पर मगर 4) ndash इसिलए अतः

ndash को स जोडनवाल कोकहत

जस ndash आज नौकरानी आयगी वह बीमार ह क चार उपभद होत ndash

१ ndash यान मानो २ करणवाचक ndash जो इसिलए ३ उपदशवाचक - जो ४ सकतवाचक ndash - तो जो-तो -

4) ndash ndash स क शोक घणाको करनवाल को -बोधक कहत

जस ndash हाय अब अर आप कहा जा रह

ह राम करो को सिचत करन क िलए - लात

बोधक क सात भद ndash

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1) बोधक ndash वाह ndashवाह - आहा शबाश

2) शोक बोधक ndash आह ऊह हा-हा ndash

3) बोधक ndash अहो ऒह

4) अनमोदन बोधक ndash हा-हा वाह शबाश

5) बोधक ndash िछ हट अर िधक

6) ndash बहत हा जी हा7) सबोधन बोधक ndash अर र अपी अहो

कभी कभी भी हो जातजस ndash भगवान लो चप कभी कभी या भी होत जस ndash न हो बहत हो गया

जब क समान होत तब वह होता तब वमनोभाव को करात

जस ndash हाय हाय मचा रखी ह

सब लोग - पकार उठहाय ndash हाय - क समान ह इसिलए यह बोधक ह

UNIT - 23

क भद क स बनान का िनयम

क पर जायगास बनता ह एक या अिधक स बनता ह एक स अिधक स बनता

ह कहन या िलखनवाल का परा भाव हो जाय तो उस कहतजस ndash मोहन पढ़ता ह

राम िलखता ह इन स लखक का परा भाव होता ह

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ndash कछ ऐस होत और क रहन पर भी कहन या िलखनवाल का परा आशयहोता क समह को और क रहन पर भी जो कछ सनन

बनी रह कहत दो क होत ndash 1) 2)

क अधीन होतउदा ndash राम न कहा था वह कल पाठशाला जायगा

इस राम न कहा था - ह और कल पाठशाला जायगा तह इस और भी कहत

रखनवाल को कछ थोडा सा भाव करनवाल को कहतएक भावना होती ह

जस ndash तरह पढ़ना चलना

इन होता ह क म दो भाग होत 1) और 2)

ndash ( ) कछ होता ह उस कहतndash ( ) क जो कछ होता ह उस कहत

जस ndash मरा स भरा हआ ह मरा ह और स भरा हआ ह ह मरा ndash ह और मरा

उस का ह इसिलए ( ) और मरा का कहत हआ हह शष उसका ह

इस चार भाग हए ndash 1) ( ) 2) का 3) ( ) 4)

काचार भद ndash

क ndash राम गया ख ndash वह कह चका ग ndash फल

क भदक अनसार क आठ भद होत ndash

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1 ndash इस स बात का होना सिचत होता ह जस ndash भारत राजधानी ह

2 िनषधवाचक ndash का अभाव होता ह जस ndash क कछ भी पा सकत

3 ndash इस स सचना होती हजस - तम कल कालज

4 ndash इसस और उपदश का बोध होता ह जस ndash तरह पढ़ो

का भजन करो 5 ndash इसस का भाव सिचत होता ह जस ndash हाय राम को एक

लाख िमल 6 ndash इसस या सचना होती ह

जस ndash अक पा

7 ndash या सभावना सचना होती ह जस ndash आज होगी

8 - सकत सचना होती ह जस ndash हो तो

राम काम करगा रचना क आधार पर

रचना क आधार पर क तीन भद होत - 1) सरल या साधारण 2) और3)

१ सरल ndash एक और एक होता ह उस सरल कहतजस ndash मोहन िलखता ह ( मोहन और िलखता ह धय ह)

राम मज़ पर रखी ह ( ह और रखी ह ह)

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lsquoराम rsquo और lsquoमज़ परrsquo कवल और का ह २ - उस कहत एक हो और उसक एक या

अिधक हो उस कहतजस ndash जो करगा उस सफलता िमलगी जो करगा ndash ह उस सफलता िमलगी - ह

तीन क ndash 1) 2) 3)

1) ndash का क पर होता ह उसकहतजस ndash मरा ह तमन को मारा यह सच ह इस तमन को मारा ndash ह क पर आया ह इसिलए यह

ह 2) ndash जब कोई को क का काम दता ह तब उस

कहत जस ndash य उसी छा को जायगा जो रहगा

उसी स डरत जो खब मारता ह उसी जो ह

3) ndash जो क का काम दता ह उस कहत

जस ndash करता ह उतना फल िमलता ह जब तम कहोग सब कछ

जब ह ३ ndash दो या दो स अिधक योजक जड हो न

हो उस कहतजस ndash वह तरह पढ़ता था तो पास होता

दो या दो स अिधक सरल अथवा एक दसर पर न होता ह इसिलए यह

जस - कर चका (सरल )

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हम कर चक तो व आए ( )

और मरा मन ठड हो गया ( )

चार क होत ndash सयोजक सचक 1) सयोजक - एक दसर क साथ सयोजक जडा रहता ह

जस ndash वह आया और उसक साथ गया स िमलता ह और स होता ह

2) ndash का एक दसर स भद या का रहता ह जस ndash स बढ़ता ह स भरता ह वह खब खाता पर बडा होता

3) सचक ndash दो स एक को करना जस ndash मझ या राम को

4) अथवा हतसचक ndash एक दसर का होता हजस ndash तम आग पढ़ो पसा दगा मझ पसा िमला इसिलए

कभी कभी बीच योजक आत जस ndash मझ न बलाया आप आता ह जब को का या एक होता ह तो एक बार िलखा या कहा

जाता ह ऐस को सकिचत कहत जस ndash का और मन को भी दता ह

जो आसानी स समझकर छोड दत ऐस को कहत जस ndash आजकल सना ह बरसात क मौसम बखार सब फलाता ह

कहत रोज़ बढ़त रह पहल हमन होना था पर ह दसर लोग स होना पर होता ह

एक का दसर क बदल जा सकता ह मलकर सकत

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क सरल स ndash

उदा ndash सरल - राम न मोहन का - राम न उस को जो मोहन का था

ख स सरलndash उसन कहा पापी ह

सरल ndash उसन को पापी बताया ग सरल स

सरल ndash होन पर लोग खत जान लग - हआ और खत जान लग

घ स िनषध वाचक तथाndash मोहन सोहन स बडा ह

िनषध वाचक - मोहन सोहन स बडा ndash मोहन सोहन स बडा ह

UNIT ndash 24

और महावरव जो का अपना न बता कर कछ करत महावरा

कहत बोलचाल बहत आनवाला ऐसा बधा कोई अनभव बात और अलकतभाषा गई हो या कहावत कहाता ह जस ndash मर पट चह कद रह

जब स उनका लड़का मरा ह कमर टट गई ह वह इतना चालाक ह अपन मािलक को पर नचाता ह

इन lsquoपट चह कद रह rsquo lsquoकमर टट गई हrsquo lsquo पर नचाता हrsquo इन काउनक स ह यहा lsquoपट चह कदनrsquo का ह भख लगना lsquoकमर टटनrsquo का ह या

का न रहना तथा lsquo पर नचानrsquo का ह अपन वश रखना अतः य महावरकहलात

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इसी जब कोई आदमी काम करना न जानता हो परत अपन को िछपान क िलए बहान बनावतब कहा जाता ह ndash नाच न जान आगन टढ़ा

जब कोई आदमी अनक खाकर भी अपनी आदत न छोड़ तब कहा जाता ह दम सौतक नली रखो तो भी य बध हए और अनभव तथा अलकत भाषा कह गय अतः य

और क स भाषा तथा आती ह महावरदार भाषाबहत पसद जाती ह और कथन बड़ा होता ह

महावरअग-अग - बहत होनाअगठा - चीज़ को दन स क साथ करनाअध - सहाराअधरा घर का उजाला - एकलौता बटा

क घोड़ दौड़ाना - सोचनापर पड़ना - समझ न पाना

अपना सीधा करना ndash करनाआख उठाना - नीयत स दखनाआख खलाना - होश आना

चार होना - आख स आख िमलानानीची होना - होनापीली करना - नाराज़ होना

आकाश पाताल का ndash बहत भदआग घी डालना - बढ़ानाआसमान िसर पर उठाना - बहत कोलाहल करना

स बजाना - करनाईद का चाद होना - िचरकाल पीछ दनाउगली पर नचाना - वश रखना

गगा बहाना - बात करना

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कमर टट जाना - िनराश हो जानाकान भरना - चगली करना

मौत मरना - बहत तरह स मरनाखाक उड़ाना खाक िमलाना - बरबाद होनागड़ गोबर कर दना - काम दनाघर गगा - दौड़-धप कघाट घाट का पानी पीना - जहा तहा का अनभव करनाचाद पर थकना - करना और फलतः होनाचार चादनी - थोड़ का सख

का दध याद आना - सब सख भल जाना सकट आ पड़नाजमीन पर पर न पड़ना - बहत अिभमान होनाजल भन कर कोयला होना - पागल हो जानाटस स मस न होना - भी नटाग अड़ाना - बाधा डालनाटोपी उछालना - िनरादर करनाितनका पकड़ना - मागनाितन का ताड़ करना - बात बढ़ानाथक कर चाटना - वचन दकर जाना

तल उगली दबाना - करनादम तोडना - मर जाना

दना रात चौगना होना - खब होनाधप बाल सफद करना - अनभव आय दनानमक लगाना - बात को बढ़ा कर कहनानाक कटना - बदनामी होनानाक चढ़ाना - घणा करनानीला पीला होना - आना

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नौ-दो होना - भाग जानाउछालना - करना

- बातपरदा डालना - िछपानापहाड टट पड़ना - आनापट चह कदना - खब भख लगना

तल स ज़मीन िनकल जाना - होश उड़ जानाफक-फक कर कदम रखना - सोच-समझ कर काम करनाबगला भगत -

उछलना - खब खश होनाबाज़ार पर होना - काम पर होनाबात का धनी - वायद काबाल खाल उतारना - करनाबाल पकना - बढ़ा होजाना अनभव करनाबाल बाल बचना - हािन पहचन जरा- सी कसर रह जानाबगार टालना - लगाकर काम न करनाबोली मारना - क कहनाभनक पड़ना - खबर द जानाभाड़ - समय गवाना

मारना - बकारचस - बहत कजसपर मारना - का नकल करना

मगज चाटना - तग करनामाथा ठनकना - आशका होनामारा मारा - होनामह-तोड़ जवाब दना - परा-परा जवाब दना

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मह फक हो जाना - चहर का रग उतर जानामह पानी भर आना - खान को ललचानामह लगाना - अिधक द दना

गरम करना - दनाराई का पहाड़ बनाना - बात को बढ़ाकर कहनारात- - हमशालका काड होना - खब मारपीट होनालबी-चौ हाकना - करना

होना - होनालह क घट पीना - करनालह पसीना एक करना - बहत करनालोह क चना चबाना - काम करनाशतान क कान कतरना - बहत चालाक होना

करना - करनाबाग - बहकाना

समझ पर पड़ना - होनाबठना - जमाना

िसतारा चमकना - उदय होनािसर पर खन सवार होना - जान लन पर होनािसर पर हाथ धरना - सहायता करनासौ बात एक बात - िनचोड़

करना - फक डालनाहसी उड़ाना - करनाहाथ मल -

हाथ पर हाथ धर बठना - बठनाहाथ पसारना - मागना

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हाथ-पर मारना - करनाहाथ साफ करना - बईमानी स ठगना

पानी करना - करनाहोश उड़ना - भय या आशका स दखी होना

अत गता सो मता - वहकान राजा - थोड़ा पढ़ िलख का मान होता ह

आख क गाठ क पर - पर धनवानआप मर जग परल - ह तो ससार ह

चोर कोतवाल को डाट - अपराध करक को डाटनाऊची दकान पकवान - काम करनाएक अनार सौ बीमार - जब एक चीज़ क बहत स तब कहा जाता हएक पथ दो काज - एक काम करन स दो का लाभ होनाकाला बराबर -

घर का लका ढ़ाह - फट स घर नाश होता हिचराग तल अधरा - पास घटना क होन पर भी उसका न होना या

ऐस पर बराई का होना जहा उसक रोकन का होचोर ितनका - पापी डर जाता हजाग सो पाव सोव तो खोव - सावधान रहन स लाभ होता ह

- बलवान का दबदबा रहता हजसा दश वसा भस - दश रह वसी करनीजसी करनी वसी भरनी - फल िमलता हतन को कपड़ा न पट को - बहतथोथा चना बाज घना - काम न करनवाला बकवास बहत करता हदाम बनाय काम - पस स सब काम हो जात

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धोबी का घर का न घाट का - जो एक पर जमकर काम न कर कभी एक लग और कभीदसर और सफल न हो उस कहा जाता ह

रहना मगर स बर - अधीन होकर रह और उसी स बर कर तो गज़ारा चलता हन रहगा बास न बाजगी - नकसान हो उसका नाश कर दना हनाच न जान आगन टढ़ा - काम करन न होन पर दसर को दोष दना नीम जान का खतरा - अधरा हािनकारक होता हनौ नगद न तरह उधार - उधार सौदा दनामान न मान तरा महमान - गल पड़नािमया जती िमया क िसर - स उसी हािन करनासौ सयान एक मत - सभी अथवा एक सलाह होती हहाथ कगन को आरसी - क िलए और हाथी क दात खान क और क और - कहना कछ और करना कछ औरहोनहार क होत चीकन पात - होनहार क पहल स जात

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UNIT - 11

िलगक जाित का बोध होता ह उस िलग कहत दो िलग ndash और

a ndash जाित का बोध करानवाल को िलग कहत उदा ndash सीताb - जाित का बोध करानवाल को कहत उदा ndash लड़का नर राम

बदगी ह उदा ndash पड नगर ह उदा ndash लता

जो ह व ह उदा ndash भाई बलकई स क नर और मादा का बोध होता ह पर उनका एक िनयम

िलग स होता हndash कौआ चीता ndash कोयल चील मना

जाितभद करन किलए इनक साथ नर या मादा लगाना उदा ndash नर कौआ मादाकौआ नर चीता मादा चीता

क अत आ पा आव और पन हो होतउदा ndash बढ़ापा चढ़ाव लडकपन

क अत आई वट हट और ता हो व होतउदा ndash चढ़ाई सजावच सरलता

स बनान का िनयमक क अ को आ करन स ndash उदा ndash ndash बाल ndash बाला सत ndash सता तनज ndash

तनजा ख क अ को ई करन स ndash उदा ndash दव ndash दवी ndash कबतर ndash मग ndash

मगीग कछ क आ को ई करन स ndash उदा ndash रसा ndash रसी लडक़ा ndash

घ क आ को इया करन स ndash उदा ndash ndash बढ़ा ndash चहा ndash

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ङ या क क इन लगान स ndash उदा ndash सनार ndash

धोबी ndash कहार ndash

च कछ क नी या आनी लगान स ndash उदा ndash िसह ndash िसहनी महतर ndash महतरानी मोर ndash

मोरनीछ उपनामवाचक क क पर आइन लगान स ndash उदा ndash बाब ndash बबआइन

ठाकर ndash ठकराइन पाड ndash पाडाइन ज कछ क ndash उदा ndash ndashमाता ndashऔरत वर- वध मा ndash

बाप ndashभाई

स बनान का िनयमa कछ lsquoओईrsquo lsquoआवrsquo और lsquoऔराrsquo लगान स ndash

उदा ndash बहन ndash बहनाई ननद ndash ननदोई ndash िसल ndash िसलौरा b कछ क lsquoईrsquo को lsquoआrsquo करन स ndash

उदा ndash जीजी ndash जीजा झोली ndash झोला c कछ क lsquoईrsquo को lsquoअrsquo करन स ndash

उदा ndash ndash d क अत lsquoआrsquo लगान स ndash

उदा ndash

UNIT ndash 12

वचन (Number)स और क स स यह त हो वह एक क िलए होता ह या अिधक

क िलए इस वचन कहत वचन दो क होत ndash

1) एकवचन (Singular)

2) बहवचन (Plural)

1) एकवचनःस क स स एक का बोध करान वाला एकवचन हउदाः पढ़ती ह ( ndash एकवचन ह)

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2) बहवचनःस क स स एक स अिधक का बोध हो उस बहवचन कहतउदाः पढ़ती ( ndash बहवचन ह)

कभी कभी आदर क िलए एकवचन बहवचन क होतउदाः अब )बहवचन(

बहवचन बनान का िनयमः-)क ( क lsquoआrsquo क पर lsquoएrsquo लगा दन स एकवचन का बहवचन बन जाता ह

उदा ndash लड़का ndash लडक कपड़ा ndash कपड़ बटा ndash बट lsquo rsquo क सभी क (

) एक समान रहतक बहवचन बनान का िनयम

lsquo rsquo तथा lsquo rsquo क lsquoअrsquo lsquoआrsquo क पर lsquoएrsquo का करन स बहवचनबनाया जाता ह

उदाः ndash गाय ndash ndash रात ndash lsquo rsquo तथा lsquo rsquo क lsquoयाrsquo जोड़न स बहवचन िमलता ह इस lsquoईrsquo क

पर lsquoइrsquo होता हउदाः ndash ndash ndash

स क lsquoयाrsquo हो उनक lsquoयाrsquo क ऊपर कवल लगान पर-

उदाः ndash -

क बाद lsquoएrsquo या lsquo rsquo जोड़न स शष का बहवचन िमलता हउदाः लता ndash लताए -

)ग( िनयम -

)1( )बहवचन( सिचत करन क िलए कभी कभी क एकवचन क साथ गण लोग

जोडतउदा ndash पाठकगण बाब लोग

(2) कछ हमशा बहवचन बोल जातउदा ndash लोग होश

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3) जाितवाचक स ऐ हमशा बहवचन होती ह जब और भाववाचक काजब जाितवाचक क समान होता ह तब व बहवचन होता ह

उदा ndash भारत रावण कमी (यहा रावण जाितवाचक ह)

(4) जब जाितवाचक क समान होता ह तब व बहवचन क होतउदा ndash और क ह (जल बहवचन एव जाितवाचक ह)

UNIT - 13

कारक (Case)या क स उसका क क साथ होता ह उस

कारक कहतउदा ndash राम न रावण को माराइस lsquoनrsquo और lsquoकोrsquo इन क उसका सिचत होता हउदा ndash मारा - राम lsquoनrsquo

मारा ndash रावण lsquoकोrsquo इसिलए य कारककारक क आठ भद होत ndash

कारक - नकारक - को

करण कारक - सकारक - को

अपादान कारक - सकारक - का क

अिधकरण कारक - पर

सबोधन कारक - ह अर अपी अहो क कारक ndash (Nominative)

या क स करनवाला या का बोध होता ह उस कारक कहतlsquoनrsquo ह

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उदा ndash राम गयामोहन न खाया

lsquoरामrsquo और lsquoमोहनrsquo कारक ह न हक को सिचत करन क िलए कोई जाती ह

उदा ndash राम न िलखी ख कारक (Accusative)

या पर क का फल पडता ह उस कारक कहत उदा - राम न रावण को मारा

रावण मारा गया ह यहा lsquoरावणrsquo कारक ह lsquoकोrsquo हकभी कभी lsquoकोrsquo का लोप होता ह

उदा ndash राम न िलखायहा lsquoकोrsquo का लोप होता ह ऐसा भी होता ह - राम न को िलखा

ग करण कारक ( Instrumental)

क साधन का बोध करानवाल क को करण कारक कहत lsquoसrsquo ह उदा ndash

कलम स िलखतिलखन का साधन कलम ह कलम क िलखन होती ह

घ कारक ( Dative)

कारक का वह ह जो उस का बोध कराता ह िलए कोई कामlsquoकोrsquo lsquoक िलएrsquo ह

उदा ndash मोहन न राम को पाच मोहन न राम क िलए पाच

ङ अपादान कारक (Ablative)

का वह ह क स पथक होन का बोध हो उस अपादान कारककहत lsquoसrsquo ह

उदा ndash स िगरतयहा स का सिचत होता ह कारक और अपादान कारक lsquoसrsquo ह

करण कारक lsquoसrsquo साधन सिचत होता ह अपादान कारक lsquoसrsquo सिचत होता ह

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कलम स िलखता ह - करण कारकस आ रहा ह - अपादान कारक

च कारक (Genitive)

क स उसका स होता ह उस कारक कहतlsquoकाrsquo lsquoकrsquo lsquo rsquo

उदा ndash राम का घोडा राम क घोड राम बहन छ अिधकरण कारक (Locative)

क स क आधार का बोध होता ह उस अिधकरण कारक कहत lsquo rsquo

और lsquoपरrsquo उदा ndash शर जगल रहता ह

मज़ पर ह अिधकरण तीन क होत ndash

क कालािधकरण ndash का काल होता ह उस कालािधकरण कहत उदा ndash राम दोपहरस आयगा

ख भावािधकरण ndash क भाव क भावािधकरण होता ह उदा ndash शर को दखकरभय होता ह

ग ndash पर होती ह उस कहत उदा ndash मज़ पर ह कालवाचक और क सात कभी कभी लगती उदा ndash कल रात मसलधार हई ( कल रात मसलधार हई ndash lsquo rsquo का लोप)

ज सबोधन (Vocative)

क स को पकारना सिचत होता ह उस सबोधन कारक कहत हउदा ndash ह राम वहा मत आना

सबोधन कारक कोई ह उसको करन क िलए lsquoहrsquo lsquoअरrsquo कोलगाय जात

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UNIT - 14

( Pronoun)क उसक को करन क िलए का जाता ह

कहत उदा ndash राम जाता ह वह अपनी जाता हउसन कहा ndash लाना भल गया वह अपनी राम जगह हए ह

इसिलए ह को हटान क िलए का जाता हयोग क अनसार क पाच भद होत

1) - त यह वह (एव) हम तम य व आप (बव)

2) ndash यह वह (एव) य व (बव)

3) ndash कोई कछ (एव - बव)

4) ndash जो सो (एव - बव)

5) ndash कौन (एव - बव)

क ndash या लखक बोलत या िलखत समय या तो अपन कछ कहता ह या सननवालऔर पढ़नवाल क अथवा अपन और सननवाल को छोडकर क

कहत स बोलनवाल सननवाल और क कछ कहा जाए उस कोकहत

तीन क होत ndash औरndash बोलनवाला या िलखनवाला अपनिलए का करता ह उस

कहत (एव) हम (बव)ndash सननवाल या पढ़नवाल क िलए का होता ह उस कहत

जस ndashत तम और आप ndash क कछ कहा या िलखा जाए उसक िलए होन वाल को

कहत जस ndash यह वह (एव) य व (बव)और हम ह एकवचन ह हम बहवचन ह का हम

क बहवचन स ह यहा हम क पर होता ह हम का एकवचनऔर बहवचन होत

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त और तम क आदर क िलए आपका करत जस ndash तमयहा आओ इसी क पर आप यहा ए कभी कभी यह और वह क भी आप का

होता ह जस ndash आप मर कभी कभी आदर क िलए आप का करत बहवचन सिचत करन क िलए आप क साथ lsquoलोगrsquo

जोडा जाता ह जस ndash आप लोग यहािनजवाचक आप और चक आप भद होता ह िनजवाचक आप समान स एक वचन

और बहवचन आता ह जस ndash आप पढ़गा हम आपवह कवल बहवचन करत िनचवाचक आप तीन स

होत आप कवल और करतlsquoआपrsquo अकला जाता ह िनजवाचक आप तथा क साथ आता ह जस ndash त

आप कामकभी (2) आप भल अकला आ सकता ह जस ndash आप भला तो जग भला वह अपन आप समझ गया

व ऒर सकत जाता हसकतवाचक और िनदशवाचक भी कहत जस ndash यह वह य व

हम तम आप यह य व इन या क साथ अिधकताकरन क िलए lsquo rsquo lsquoईrsquo य जोडत झस ndash त आप

स या क बात का बोध न हो उसकहत जस ndash कोई कछ

a lsquoकोईrsquo का क िलए होता ह जस ndash बाहर स कोई आ रहा ह b जब का पता न होन पर ndash जस ndash अर कोई कमर ह

c क lsquoकोईrsquo लग तो उसका लगभग होता ह जस - कॉलज स कोई पाच सौभाग

d lsquoकोईrsquo जब दोहराया जाता ह तब को सिचत करता ह जस कोई कोई पर को रोकतe कोई क साथ एक लग जान पर सिचत करता ह जस ndash तम स कोई एक गा सकगा

कछ का अनिगनत क िलए होता ह जस ndash कछ हक िलए होता ह जस ndash पानी कछ ह

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कोई का क िलए होता ह और कछ का क िलए होता हघ वाचक

स दो और क बीच क का बोध हो उस वाचक कहतजो सो जस ndash आपन जो कहा सो हो गया

कभी कभी जो या सो स एक रहता ह जस जो गाता ह बात हङ ndash करन क िलए का होता ह कहत

उदा ndash आप सोचत आज कौन आएगाकौन का क िलए होता ह का क िलए होता ह जस ndash कौन

बोलगा थली हकभी कभी कौन का क िलए होता हजस - बाधा डालनवाल तम कौन होिभ किलए lsquoकौनrsquo को दोहरा भी जाता ह जस ndash कौन कौन लाएग

क कौन का होता ह जस - इसन कौन अपराधक िलए को दोहरा दता ह जस ndash राम न

का क भी होता ह जस ndash तम मझस लडोगका

वचन और कारक क कारण भी होत िलग क कारण होताका और एक स होता ह

सबोधन होतास क पर होता ह उसी क अनसार उस क िलग वचन भी होता ह

काकारक एकवचन बहवचन

हममझको मझ हमको

करण मझस हमसमझको मरिलएमझ हमको हमार िलए

अपादान मझस हमसमरामर हमारा हमार

अिधकरण मझपर हमपर

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तकरक एकवचन बहवचन

तन तम तमनतझको तझ तमको

करण तझस तमसतरातर

अिधकरण तझपर तमपर

वहकरक एकवचन बहवचन

वहउसन व

उसको उस उनकोकरण उसस उनस

उसक िलए उस उनक िलए

अपादान उसस उनसउसका उसक उनका उनक

अिधकरण उस पर उनपर

UNIT - 15

(Adjective)स या सिचत कर उस कहत जस ndash रशमी

कपडा लाल कमलबतलाई जाए उस कहत जस ndash लड़का

ह लड़का हजो क पहल आता ह उस कहत जस ndash फल

ह फल ह इसिलए यह ह

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जो क बाद आता ह उस कहत जस ndash वह लड़का बड़ा होिशयार ह लडका ह होिशयार ह क बाद आन क कारण यह ह

जो क साथ उसको करन क िलए होता ह उस समानािधकरण कहत जस ndash रामनाथ कहता ह

रामनाथ क साथ समानािधकरण ह चार क ndash

क गणवाचक (Adjectives of Quality)

ख (Adjectives of number)

ग (Adjective)

घ या (Demonstrative Adjective)

१ गणवाचकजो क गण रग आकार को बतलानवाल को गणवाचक कहत

जस ndash लबा सशील काला गोल गणवाचक क बदल बहधा क क भी आतजस ndash राजा ( का राजा )

जापानी कपड़ा (जापान का कपड़ा)गणवाचचक का होता ह तब उनका क समान होता ह

जस ndash न सच कहा ह२ - क गणना का बोध हो उस

कहत जस ndash एक दो पहला दसरा दगनाक तीन भद होत ndash

1) 2) 3) बोधक या बोधकndash इसस का बोध होता ह जस ndash चार आठ सात

क चार भद ndash

a गणनावाचक ndash गणनावाचक षण स गणना का बोध होता ह जस ndash एक चार फल सात

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गणनावाचक क साथ एक लगान स लगभग का होता ह जस ndash एक आदमी ndash

लगभग आदमी b ndash स क गणना का होता ह जस ndash पहला

दसरा चौथाc ndash गणनावाचक क lsquoगनाrsquo लगान स बनत जस

ndash दगना ितगना ३ - स माप- तोल या का पता होता ह उस

कहत जस ndash दो सर चावल चार गज कपडा

क दो भद होत ndash

1) और 2)

ण - स का पता लगता हजौस - दो सर चावल

- स का पता नलगता ह जौस ndash बहत दध

४ या - स ऒर या सकत जाता ह उसकहत lsquoयहrsquo lsquoवहrsquo स जाता ह इसिलए इसकहत

जस ndash यह वह जब क हो तब वह बन जाता ह

जस ndash वह घर राम का ह कई ऐस मल जसा रहता ह

जस ndash वह यह क

भी िलग वचन और कारक क अनसार होता ह क िलग और कारक ककारण कछ होता ह

जस ndash काला कपड़ा - काला कपड़काला धोती - काला धोितया

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क साथ ई हो जातजस - काली धोती

क होता ह जो क होन परहोता ह जस ndash वह घोड़ा व घोड़

पथकता अथवा अिधकता क िलए को दहराता ह ndash

जस ndash छोट छोट फल लालका भी होता ह जस ndash बडा लड़का

गणवाचक और जब करत तब वह बन जात

जस ndash थोड़ा खा गया चावल बहत ह क साथ जब आता और व बन जात तब उनक साथ

भी लगती जस ndash को दान दो

UNIT - 16

(Verb)

काम क करन या होन का बोध हो उस कहतजस पढ़ना खाना दौडना पहनना

धात ndash क मल को धात कहत उदा- पढ़ना खलना खानाय सब मल धात lsquoपढ़rsquo lsquoखलrsquo lsquoखाrsquo ह मल धात lsquoनाrsquo जोडकर का िमलताह

i क आधार पर क दो भद होत - 1) 2)

1) (Transitive Verb) ndash क का फल को छोड पर पडता हउस कहत

उदा ndash राम पढ़ता ह

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राम ह ह और का पर पडता ह2) (Intransitive Verb) - क का फल पर पडता ह उस

कहत का अभाव हउदा ndash मोहन सोता ह

कभी कभी एक होता ह और कभी कभी दो भी होत एक होन वालको एक lsquo rsquo कहत

उदा ndash राम न खाना खायाखाना ह कवल एक होता ह दो होन वाली को

कहतउदा ndash मा न को दध

दो होत ndash lsquo rsquo और lsquoदधrsquo दो होत एक lsquo rsquo और दसराlsquoगौणrsquo

उदा ndash मा न को दधइस lsquoगौणrsquo ह दध lsquo rsquo ह lsquoगौणrsquo कभी कभी होता हउदा ndash न कथा सनाई

ii क भद1 - व होती ह आशय अथवा स परा होताको परा करन क िलए दसर होती ह ऐसी को कहतयह दो क होती ह१ ndash का अभाव हउदा ndash वह ह यहा क को परा करन क िलए जोडा गया ह२ ndash होन पर भी का भाव परा न हो उस को

कहतउदा ndash सीता न पढ़ाया

यहा परा सीता न lsquo rsquo पढ़ाया lsquo rsquo पढ़ाया यह परा इसिलए यहह यहा होन पर भी का भाव परा होता

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३ परक - को परा करन क िलए या पडती ह

परक कहत क परक lsquo परकrsquo तथा क परक lsquo परकrsquo

होतउदा ndash उस होिशयार समझता ह ( परक)

राम बलवान ह ( परक)

iii यौिगक धात ndashक स धातओ क दो भद होत 1) मल धात 2) यौिगक धात

मल धात - मल धात व जो दसर स न बन जस ndash कर बठ पढ़ यौिगक धात ndash यौिगक धात व जो दसर स बनाय जात उदा ndash खाना स नाम धात ndash जो या क आधार पर बनती ह उस नाम धात कहत

उदा ndash हाथ स हिथयानास

अपना स अपनानाiv - स यह जान पडता ह को न करक दसर को

करन दता ह उस (casual verbs) कहतउदा ndash राम न मोहन स िलखवाया यहा राम न िलखकर मोहन स िलखवाता ह इसिलए यह ह

करनवाल को और जाती ह उस कहतराम न मोहन स िलखवाया राम ह और मोहन हमल जो होती ह उनस और बन सकती हस और बन सकती उदा ndash दध पीता ह

पीना ह इसस बनती ह ndash मा को दध हस बना सकती ह उदा - मा नौकर स को दध ह

बनान का िनयममल धात क आ जोडन स और वा जोडन स या

बनती ह

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उदा ndash उठना ndash उठाना - उठवानाचलना ndash चलाना - चलवानापढ़ना ndash पढाना - पढ़वाना

दो क धातओ ए और औ को छोडकर पहला हो जाता हउदा ndash जागना ndash जगाना ndash जगवाना

भलना ndash भलाना - भलवानाछोडना ndash छडाना ndash छडवाना

धातओ क ला और लवा लगात तब हो जाता हउदा ndash पीना ndash ndash

सोना ndash सलाना ndash सलवानाखाना ndash -

v नाम धात - को छोडकर जोडन स जो धात बनती ह अथवा जो नाम (

या ) धात क समान होत नामधात कहत जो नामधात लगान सबनत आ ओऔर ला लगात पहला हो जाता ह

उदा ndash लाज ndash ndash लजानाहाथ ndash हिथया ndash हिथयानाझठ ndash झठला ndash झठलाना

UNIT - 17

काल (Tense)क स क होन का समय और अथवा का बोध हो उस काल

कहत काल क तीन भद होत1) भतकाल2) काल3) काल

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भतकालस का बोध हो उस भतकाल कहत

उदा ndash राम न िलखी भतकाल क छः भद - भत भत भत भत भत हत-हतमत भत

भत ndash क स भतकाल क समय का बोध न हो उस भत कहतउदा ndash मोहन न खत िलखायहा का बोध होता जो भतकाल हई ह भतकाल ndash क स का का समय अभी अभी हआ ह इसका बोध

होता ह उस भतकाल कहत उदा ndash राम न ह

इसस पहल अभी अभी हई हभत ndash क स यह होता ह क को हए बहत समय हो चका ह उसभत कहत

उदा ndash न दध थास हो क साथ lsquoथाrsquo lsquoथrsquo lsquoथीrsquo लगान स भतकािलक

िमलता हभत - क उस को भत कहत यह हो भतकाल हो थी पर

का पता न लग उस भतकाल कहतउदा - वह पढ़ रहा था वह सोता था

कब समा हआ इसका पता क साथ lsquoता थाrsquo lsquoत थrsquo lsquoरहा थाrsquo lsquoरह थrsquo लगानाभत काल ndash क स भतकाल सचना िमलती ह उसक होन कछ हो उसभत कहतउदा ndash वह आया होगा

उसन खाया होगा भतकाल हो थी ह क साथ lsquoहगाrsquo lsquoहगीrsquo lsquoहोगाrsquo lsquoहोगीrsquo

lsquo rsquo जोडन स भतकाल िमलता हहत-हतमत भतकाल ndash क स यह पाया जाय भतकाल होना सभव थाकारण स न हो सका उस हत-हतमत भतकाल कहत

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(Present Tense)

क को काल कहत रहती ह

होती उस काल कहतउदा ndash राम पढ़ता ह

सीता गीत गा हकाल तीन क होत ndash 1) काल 2) काल 3)

काल - वह ह स का काल होना पाया जाय

उस कहतउदा ndash मोहन पढ़ता ह

रमा गाती ह क साथ lsquoताrsquo lsquoतrsquo lsquoतीrsquo जोडन स बनत

- वह ह काल क होन पायाजायउदा ndash वह खाता होगा

सीता जाती होगी क साथ lsquoता होगाrsquo lsquoती होगीrsquo lsquoत rsquo lsquoती rsquo लगान स िमलत

ndash का वह ह यह होता ह का अभी ह

होता उस कहत उदा ndash वह खा रहा ह

चल हक साथ lsquoरहाrsquo lsquo rsquo lsquoरहrsquo जोडन स िमलती ह

काल ( Future Tense)

होनवाली को काल कहत काल क दो भद ndash 1)

काल 2) कालकाल ndash का वह ह स क आग होन सचना िमल उसकाल कहत

उदा ndash वह आयगा

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राम आज बबई जायगासीता कल घर आयगी

क साथ lsquoयगाrsquo lsquoयगीrsquo lsquoयगrsquo जोडन स िमलतकाल ndash क होन सभावना हो उस काल कहत

उदा ndash सभव ह आज हो स lsquoगाrsquo lsquoगrsquo lsquoगीrsquo पथक कर दन स काल िमलगा

UNIT ndash 18

(Voice)उस कहत यह जाना जाय का ह

ह या कवल भाव ह उस कहतउदा ndash राम न रावण को मारा

तीन क ndash 1) 2) 3) भाव- ह हमशा क िलग वचन और क अनसार होता ह

उस कहतउदा ndash लडका पढ़ता ह

लड़का ह और ग ह इसिलए भी होना हसीता िलखती ह इसम सीता ह इसिलए ह का सीधा स होताह

ndash क िलग वचन क अनसार हो उस कहतह का होता ह

उदा ndash राम िलखता हह इसिलए यह ह धानता होती ह और का

स होता ह क िलग वचन क अनसार बदलती ह हमशाहोता ह का होना ह

उदा ndash राम न रावण को मारा -

राम स रावण मारा गया -

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रावण ह ह क का ह गौण का रहता ह

उदा ndash मा न को दध मा स को दध गया

दो होत ndash और दध ndash भाव होती ह यह हमशा स बनता ह हमशा

एकवचन और होती ह इसका होता ह उदा ndash यहा बठा जाता

मझस पढ़ा जाता स या बनान

को भत क करना उसक साथ काल वचन और िलग कअनसार जाना क जोडन ऐसा करन स स औरक स भा बनती ह

उदा ndash 1) राम न रावण को मारा -

राम स रावण मारा गया -

2) राम रावण को मारगा -

राम स रावण मारा जायगा -

3) राम रावण को मारता ह -

राम स रावण मारा जाता -

पहल lsquoमाराrsquo भतकािलक ह इसिलए lsquoमाराrsquo क साथ lsquoजानाrsquo का भतकािलकजोडना

दसर lsquoमारगाrsquo काल ह इसिलए lsquoमाराrsquo भतकािलक बदलकरlsquoजानाrsquo का काल lsquoजायगाrsquo जोडना

तीसर काल ह को भतकािलक बदलकर (मारा) उसक साथजाना का (जाता) जोडना

स बन सकता हउदा ndash मोहन उठता ( )

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मोहन स उठा जाता - ( )

वीणा चलती ( )

वीणा स चला जाता - ( )

UNIT ndash 19

याअभी तक हमन क बार पढ़ िलया ह उनक िलग वचन और कारक क अनसार

आता ह इसिलए कहत का ह अब हम क दसरया क बार

चार क होत ndash 1) 2) बोधक 3) बोधक 4)

बोधक

UNIT ndash 20

ndash Adverbउस कहत होती ह

उदा - रमश चलता हइस lsquoचलनाrsquo ह ndash ह lsquo rsquo इसिलए lsquo rsquo ह

स क तीन भद ह - 1) साधारण 2) सयोजक 3) साधारण - साधारण वह ह होता ह साधारण या

कहत जस ndash खब पढ़ो दौडो सयोजक ndash का स या स होता ह सयोजक

कहत जस ndash जहा तक हम चल सक वहा तक ह

योजना का सयोजक स होता ह- का क

भद क साथ होता ह कहत

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जस ndash गह खाओग

कह तो लो होता ह व कवल गह खात और कछ खायगा इन

ह हो जान स का बदल जाता ह जस ndash वह काम करगा इसका यह ह जो काम उस ह कवल वह करगा और कछ

क आधार पर क चार भद होत ndash 1) कालवाचक 2) 3)

4)

कालवाचक ndash स समय अविध तथा काल का बोध होता ह कालवाचककहतजस ndash काम को अभी पढ़ना

आजकल रोज़ होती ह कभी कभी भी रात क समान लगता ह मोहन पढ़ाई सदा ह

अभी आजकल कभी कभी सदा कालवाचक ह ndash स क का बोध होता ह

कहत उदा ndash जहा तक जा सक वहा तक जाओ

जाओ और वहा लटो घर क सामन एक ह बाहर रोशनी भीतर अधरा

हाथ स मारत जहा वहा सामन बाहर भीतर ndash स अिधकता- का बोध होता ह

कहत जस ndash उतना पढ़ो हो

चावल थोडा खाओ खब खाना

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अपना थोडा खब

व क होन का ढ़ग का पता िमलता ह जस ndash राहल धीर धीर चलता ह

सीता मधरतम गाती ह यथा हम तथा िमलत

धीर धीर मधरतम यथा-तथा

UNIT - 21

बोधकबोधक ह जो या क साथ आकर उनका क

क साथ बनात उदा ndash धन क कोई काम न चलता

घर क नीच एक तालाब ह क पास एक भी ह

नीच पास बोधक ह क अनसार बोधक क दो भद होत ndash 1) 2)

क ndash य या क बाद आतउदा - घर क भीतर घर क पीछ घर ऒर

कारक भी आती ह जस का क कभी कभी अपादान कारक या भी आती ह

उदा ndash इनस पहल आया राम का मकान मोहन क घर स पर

lsquoसrsquo lsquoपरrsquo अपादान कारक क ndash यह स क क साथ आत

जस ndash दो तक राम रहगा

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घड भर पानी क िलए पाच दन ग lsquoतकrsquo lsquoभरrsquo सचक

UNIT - 22

( Conjunctions)योजक या व जो या न बतला कर एक या का

दसर या स जोडत बोधक कहतजस ndash सीता और गीता अपन घर गयी

सीता और गीता को िमलानवाला योजक lsquoऔरrsquo ह क तीन भद ndash 1) सयोजक 2) 3) भदबोधक

1) सयोजक ndash कई का सयोग करनवाल को सयोजक कहत इसक दो याका मल होता ह

उदा ndash और राम कल बबई और वहा उनक साथ मोहन भी lsquoऔरrsquo lsquoभीrsquo सयोजक ह

2) ndash जो का बोध कराए कहत जस ndash चाह दश सवा करनी या अथवा मानवीय को पहचानना

lsquoयाrsquo lsquoअथवाrsquo lsquoवाrsquo lsquoचाहrsquo को करनवाल ह 3) भदबोधक ndash दो स एक स भद बतलानवाल को भदबोधक कहत य कई क होत

क ndash दो म स पहल का िनषध या सिचत करत जस ndash

पर मगर वरन उदा ndash मझ वहा जाना था क कारण जा न सका

ख - कारणवाचक और उपदशमलक ndashइसिलए सो अतः इसिलए

इस क ह जस ndash राम समय पर आ न सका इसिलए जा न सका

ग सकतबोधक ndash ndash तो जो ndash तो प सकतबोधक ह जस ndash तम कहत तो जाता

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घ ndash इन पहली बात का और होता ह यान मानो यहा तक इस क ह

जस ndash कोई भी समय पर पहचा यहा तक भी 10 बज तक न आय क और दो भद होत ndash 1) समानािधकरण 2)

समानािधकरण ndash समान पद क या को जोडत जो एक क हो वसमानािधकरण धक कहत जस ndash क मा-बाप का अजीब ह समानािधकरण क चार उपभद होत ndash

1) सयोजक ndash और तथा भी एव 2) क ndash या वा अथवा चाह 3) ndash पर मगर 4) ndash इसिलए अतः

ndash को स जोडनवाल कोकहत

जस ndash आज नौकरानी आयगी वह बीमार ह क चार उपभद होत ndash

१ ndash यान मानो २ करणवाचक ndash जो इसिलए ३ उपदशवाचक - जो ४ सकतवाचक ndash - तो जो-तो -

4) ndash ndash स क शोक घणाको करनवाल को -बोधक कहत

जस ndash हाय अब अर आप कहा जा रह

ह राम करो को सिचत करन क िलए - लात

बोधक क सात भद ndash

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1) बोधक ndash वाह ndashवाह - आहा शबाश

2) शोक बोधक ndash आह ऊह हा-हा ndash

3) बोधक ndash अहो ऒह

4) अनमोदन बोधक ndash हा-हा वाह शबाश

5) बोधक ndash िछ हट अर िधक

6) ndash बहत हा जी हा7) सबोधन बोधक ndash अर र अपी अहो

कभी कभी भी हो जातजस ndash भगवान लो चप कभी कभी या भी होत जस ndash न हो बहत हो गया

जब क समान होत तब वह होता तब वमनोभाव को करात

जस ndash हाय हाय मचा रखी ह

सब लोग - पकार उठहाय ndash हाय - क समान ह इसिलए यह बोधक ह

UNIT - 23

क भद क स बनान का िनयम

क पर जायगास बनता ह एक या अिधक स बनता ह एक स अिधक स बनता

ह कहन या िलखनवाल का परा भाव हो जाय तो उस कहतजस ndash मोहन पढ़ता ह

राम िलखता ह इन स लखक का परा भाव होता ह

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ndash कछ ऐस होत और क रहन पर भी कहन या िलखनवाल का परा आशयहोता क समह को और क रहन पर भी जो कछ सनन

बनी रह कहत दो क होत ndash 1) 2)

क अधीन होतउदा ndash राम न कहा था वह कल पाठशाला जायगा

इस राम न कहा था - ह और कल पाठशाला जायगा तह इस और भी कहत

रखनवाल को कछ थोडा सा भाव करनवाल को कहतएक भावना होती ह

जस ndash तरह पढ़ना चलना

इन होता ह क म दो भाग होत 1) और 2)

ndash ( ) कछ होता ह उस कहतndash ( ) क जो कछ होता ह उस कहत

जस ndash मरा स भरा हआ ह मरा ह और स भरा हआ ह ह मरा ndash ह और मरा

उस का ह इसिलए ( ) और मरा का कहत हआ हह शष उसका ह

इस चार भाग हए ndash 1) ( ) 2) का 3) ( ) 4)

काचार भद ndash

क ndash राम गया ख ndash वह कह चका ग ndash फल

क भदक अनसार क आठ भद होत ndash

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1 ndash इस स बात का होना सिचत होता ह जस ndash भारत राजधानी ह

2 िनषधवाचक ndash का अभाव होता ह जस ndash क कछ भी पा सकत

3 ndash इस स सचना होती हजस - तम कल कालज

4 ndash इसस और उपदश का बोध होता ह जस ndash तरह पढ़ो

का भजन करो 5 ndash इसस का भाव सिचत होता ह जस ndash हाय राम को एक

लाख िमल 6 ndash इसस या सचना होती ह

जस ndash अक पा

7 ndash या सभावना सचना होती ह जस ndash आज होगी

8 - सकत सचना होती ह जस ndash हो तो

राम काम करगा रचना क आधार पर

रचना क आधार पर क तीन भद होत - 1) सरल या साधारण 2) और3)

१ सरल ndash एक और एक होता ह उस सरल कहतजस ndash मोहन िलखता ह ( मोहन और िलखता ह धय ह)

राम मज़ पर रखी ह ( ह और रखी ह ह)

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lsquoराम rsquo और lsquoमज़ परrsquo कवल और का ह २ - उस कहत एक हो और उसक एक या

अिधक हो उस कहतजस ndash जो करगा उस सफलता िमलगी जो करगा ndash ह उस सफलता िमलगी - ह

तीन क ndash 1) 2) 3)

1) ndash का क पर होता ह उसकहतजस ndash मरा ह तमन को मारा यह सच ह इस तमन को मारा ndash ह क पर आया ह इसिलए यह

ह 2) ndash जब कोई को क का काम दता ह तब उस

कहत जस ndash य उसी छा को जायगा जो रहगा

उसी स डरत जो खब मारता ह उसी जो ह

3) ndash जो क का काम दता ह उस कहत

जस ndash करता ह उतना फल िमलता ह जब तम कहोग सब कछ

जब ह ३ ndash दो या दो स अिधक योजक जड हो न

हो उस कहतजस ndash वह तरह पढ़ता था तो पास होता

दो या दो स अिधक सरल अथवा एक दसर पर न होता ह इसिलए यह

जस - कर चका (सरल )

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हम कर चक तो व आए ( )

और मरा मन ठड हो गया ( )

चार क होत ndash सयोजक सचक 1) सयोजक - एक दसर क साथ सयोजक जडा रहता ह

जस ndash वह आया और उसक साथ गया स िमलता ह और स होता ह

2) ndash का एक दसर स भद या का रहता ह जस ndash स बढ़ता ह स भरता ह वह खब खाता पर बडा होता

3) सचक ndash दो स एक को करना जस ndash मझ या राम को

4) अथवा हतसचक ndash एक दसर का होता हजस ndash तम आग पढ़ो पसा दगा मझ पसा िमला इसिलए

कभी कभी बीच योजक आत जस ndash मझ न बलाया आप आता ह जब को का या एक होता ह तो एक बार िलखा या कहा

जाता ह ऐस को सकिचत कहत जस ndash का और मन को भी दता ह

जो आसानी स समझकर छोड दत ऐस को कहत जस ndash आजकल सना ह बरसात क मौसम बखार सब फलाता ह

कहत रोज़ बढ़त रह पहल हमन होना था पर ह दसर लोग स होना पर होता ह

एक का दसर क बदल जा सकता ह मलकर सकत

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क सरल स ndash

उदा ndash सरल - राम न मोहन का - राम न उस को जो मोहन का था

ख स सरलndash उसन कहा पापी ह

सरल ndash उसन को पापी बताया ग सरल स

सरल ndash होन पर लोग खत जान लग - हआ और खत जान लग

घ स िनषध वाचक तथाndash मोहन सोहन स बडा ह

िनषध वाचक - मोहन सोहन स बडा ndash मोहन सोहन स बडा ह

UNIT ndash 24

और महावरव जो का अपना न बता कर कछ करत महावरा

कहत बोलचाल बहत आनवाला ऐसा बधा कोई अनभव बात और अलकतभाषा गई हो या कहावत कहाता ह जस ndash मर पट चह कद रह

जब स उनका लड़का मरा ह कमर टट गई ह वह इतना चालाक ह अपन मािलक को पर नचाता ह

इन lsquoपट चह कद रह rsquo lsquoकमर टट गई हrsquo lsquo पर नचाता हrsquo इन काउनक स ह यहा lsquoपट चह कदनrsquo का ह भख लगना lsquoकमर टटनrsquo का ह या

का न रहना तथा lsquo पर नचानrsquo का ह अपन वश रखना अतः य महावरकहलात

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इसी जब कोई आदमी काम करना न जानता हो परत अपन को िछपान क िलए बहान बनावतब कहा जाता ह ndash नाच न जान आगन टढ़ा

जब कोई आदमी अनक खाकर भी अपनी आदत न छोड़ तब कहा जाता ह दम सौतक नली रखो तो भी य बध हए और अनभव तथा अलकत भाषा कह गय अतः य

और क स भाषा तथा आती ह महावरदार भाषाबहत पसद जाती ह और कथन बड़ा होता ह

महावरअग-अग - बहत होनाअगठा - चीज़ को दन स क साथ करनाअध - सहाराअधरा घर का उजाला - एकलौता बटा

क घोड़ दौड़ाना - सोचनापर पड़ना - समझ न पाना

अपना सीधा करना ndash करनाआख उठाना - नीयत स दखनाआख खलाना - होश आना

चार होना - आख स आख िमलानानीची होना - होनापीली करना - नाराज़ होना

आकाश पाताल का ndash बहत भदआग घी डालना - बढ़ानाआसमान िसर पर उठाना - बहत कोलाहल करना

स बजाना - करनाईद का चाद होना - िचरकाल पीछ दनाउगली पर नचाना - वश रखना

गगा बहाना - बात करना

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कमर टट जाना - िनराश हो जानाकान भरना - चगली करना

मौत मरना - बहत तरह स मरनाखाक उड़ाना खाक िमलाना - बरबाद होनागड़ गोबर कर दना - काम दनाघर गगा - दौड़-धप कघाट घाट का पानी पीना - जहा तहा का अनभव करनाचाद पर थकना - करना और फलतः होनाचार चादनी - थोड़ का सख

का दध याद आना - सब सख भल जाना सकट आ पड़नाजमीन पर पर न पड़ना - बहत अिभमान होनाजल भन कर कोयला होना - पागल हो जानाटस स मस न होना - भी नटाग अड़ाना - बाधा डालनाटोपी उछालना - िनरादर करनाितनका पकड़ना - मागनाितन का ताड़ करना - बात बढ़ानाथक कर चाटना - वचन दकर जाना

तल उगली दबाना - करनादम तोडना - मर जाना

दना रात चौगना होना - खब होनाधप बाल सफद करना - अनभव आय दनानमक लगाना - बात को बढ़ा कर कहनानाक कटना - बदनामी होनानाक चढ़ाना - घणा करनानीला पीला होना - आना

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नौ-दो होना - भाग जानाउछालना - करना

- बातपरदा डालना - िछपानापहाड टट पड़ना - आनापट चह कदना - खब भख लगना

तल स ज़मीन िनकल जाना - होश उड़ जानाफक-फक कर कदम रखना - सोच-समझ कर काम करनाबगला भगत -

उछलना - खब खश होनाबाज़ार पर होना - काम पर होनाबात का धनी - वायद काबाल खाल उतारना - करनाबाल पकना - बढ़ा होजाना अनभव करनाबाल बाल बचना - हािन पहचन जरा- सी कसर रह जानाबगार टालना - लगाकर काम न करनाबोली मारना - क कहनाभनक पड़ना - खबर द जानाभाड़ - समय गवाना

मारना - बकारचस - बहत कजसपर मारना - का नकल करना

मगज चाटना - तग करनामाथा ठनकना - आशका होनामारा मारा - होनामह-तोड़ जवाब दना - परा-परा जवाब दना

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मह फक हो जाना - चहर का रग उतर जानामह पानी भर आना - खान को ललचानामह लगाना - अिधक द दना

गरम करना - दनाराई का पहाड़ बनाना - बात को बढ़ाकर कहनारात- - हमशालका काड होना - खब मारपीट होनालबी-चौ हाकना - करना

होना - होनालह क घट पीना - करनालह पसीना एक करना - बहत करनालोह क चना चबाना - काम करनाशतान क कान कतरना - बहत चालाक होना

करना - करनाबाग - बहकाना

समझ पर पड़ना - होनाबठना - जमाना

िसतारा चमकना - उदय होनािसर पर खन सवार होना - जान लन पर होनािसर पर हाथ धरना - सहायता करनासौ बात एक बात - िनचोड़

करना - फक डालनाहसी उड़ाना - करनाहाथ मल -

हाथ पर हाथ धर बठना - बठनाहाथ पसारना - मागना

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हाथ-पर मारना - करनाहाथ साफ करना - बईमानी स ठगना

पानी करना - करनाहोश उड़ना - भय या आशका स दखी होना

अत गता सो मता - वहकान राजा - थोड़ा पढ़ िलख का मान होता ह

आख क गाठ क पर - पर धनवानआप मर जग परल - ह तो ससार ह

चोर कोतवाल को डाट - अपराध करक को डाटनाऊची दकान पकवान - काम करनाएक अनार सौ बीमार - जब एक चीज़ क बहत स तब कहा जाता हएक पथ दो काज - एक काम करन स दो का लाभ होनाकाला बराबर -

घर का लका ढ़ाह - फट स घर नाश होता हिचराग तल अधरा - पास घटना क होन पर भी उसका न होना या

ऐस पर बराई का होना जहा उसक रोकन का होचोर ितनका - पापी डर जाता हजाग सो पाव सोव तो खोव - सावधान रहन स लाभ होता ह

- बलवान का दबदबा रहता हजसा दश वसा भस - दश रह वसी करनीजसी करनी वसी भरनी - फल िमलता हतन को कपड़ा न पट को - बहतथोथा चना बाज घना - काम न करनवाला बकवास बहत करता हदाम बनाय काम - पस स सब काम हो जात

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धोबी का घर का न घाट का - जो एक पर जमकर काम न कर कभी एक लग और कभीदसर और सफल न हो उस कहा जाता ह

रहना मगर स बर - अधीन होकर रह और उसी स बर कर तो गज़ारा चलता हन रहगा बास न बाजगी - नकसान हो उसका नाश कर दना हनाच न जान आगन टढ़ा - काम करन न होन पर दसर को दोष दना नीम जान का खतरा - अधरा हािनकारक होता हनौ नगद न तरह उधार - उधार सौदा दनामान न मान तरा महमान - गल पड़नािमया जती िमया क िसर - स उसी हािन करनासौ सयान एक मत - सभी अथवा एक सलाह होती हहाथ कगन को आरसी - क िलए और हाथी क दात खान क और क और - कहना कछ और करना कछ औरहोनहार क होत चीकन पात - होनहार क पहल स जात

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ङ या क क इन लगान स ndash उदा ndash सनार ndash

धोबी ndash कहार ndash

च कछ क नी या आनी लगान स ndash उदा ndash िसह ndash िसहनी महतर ndash महतरानी मोर ndash

मोरनीछ उपनामवाचक क क पर आइन लगान स ndash उदा ndash बाब ndash बबआइन

ठाकर ndash ठकराइन पाड ndash पाडाइन ज कछ क ndash उदा ndash ndashमाता ndashऔरत वर- वध मा ndash

बाप ndashभाई

स बनान का िनयमa कछ lsquoओईrsquo lsquoआवrsquo और lsquoऔराrsquo लगान स ndash

उदा ndash बहन ndash बहनाई ननद ndash ननदोई ndash िसल ndash िसलौरा b कछ क lsquoईrsquo को lsquoआrsquo करन स ndash

उदा ndash जीजी ndash जीजा झोली ndash झोला c कछ क lsquoईrsquo को lsquoअrsquo करन स ndash

उदा ndash ndash d क अत lsquoआrsquo लगान स ndash

उदा ndash

UNIT ndash 12

वचन (Number)स और क स स यह त हो वह एक क िलए होता ह या अिधक

क िलए इस वचन कहत वचन दो क होत ndash

1) एकवचन (Singular)

2) बहवचन (Plural)

1) एकवचनःस क स स एक का बोध करान वाला एकवचन हउदाः पढ़ती ह ( ndash एकवचन ह)

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2) बहवचनःस क स स एक स अिधक का बोध हो उस बहवचन कहतउदाः पढ़ती ( ndash बहवचन ह)

कभी कभी आदर क िलए एकवचन बहवचन क होतउदाः अब )बहवचन(

बहवचन बनान का िनयमः-)क ( क lsquoआrsquo क पर lsquoएrsquo लगा दन स एकवचन का बहवचन बन जाता ह

उदा ndash लड़का ndash लडक कपड़ा ndash कपड़ बटा ndash बट lsquo rsquo क सभी क (

) एक समान रहतक बहवचन बनान का िनयम

lsquo rsquo तथा lsquo rsquo क lsquoअrsquo lsquoआrsquo क पर lsquoएrsquo का करन स बहवचनबनाया जाता ह

उदाः ndash गाय ndash ndash रात ndash lsquo rsquo तथा lsquo rsquo क lsquoयाrsquo जोड़न स बहवचन िमलता ह इस lsquoईrsquo क

पर lsquoइrsquo होता हउदाः ndash ndash ndash

स क lsquoयाrsquo हो उनक lsquoयाrsquo क ऊपर कवल लगान पर-

उदाः ndash -

क बाद lsquoएrsquo या lsquo rsquo जोड़न स शष का बहवचन िमलता हउदाः लता ndash लताए -

)ग( िनयम -

)1( )बहवचन( सिचत करन क िलए कभी कभी क एकवचन क साथ गण लोग

जोडतउदा ndash पाठकगण बाब लोग

(2) कछ हमशा बहवचन बोल जातउदा ndash लोग होश

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3) जाितवाचक स ऐ हमशा बहवचन होती ह जब और भाववाचक काजब जाितवाचक क समान होता ह तब व बहवचन होता ह

उदा ndash भारत रावण कमी (यहा रावण जाितवाचक ह)

(4) जब जाितवाचक क समान होता ह तब व बहवचन क होतउदा ndash और क ह (जल बहवचन एव जाितवाचक ह)

UNIT - 13

कारक (Case)या क स उसका क क साथ होता ह उस

कारक कहतउदा ndash राम न रावण को माराइस lsquoनrsquo और lsquoकोrsquo इन क उसका सिचत होता हउदा ndash मारा - राम lsquoनrsquo

मारा ndash रावण lsquoकोrsquo इसिलए य कारककारक क आठ भद होत ndash

कारक - नकारक - को

करण कारक - सकारक - को

अपादान कारक - सकारक - का क

अिधकरण कारक - पर

सबोधन कारक - ह अर अपी अहो क कारक ndash (Nominative)

या क स करनवाला या का बोध होता ह उस कारक कहतlsquoनrsquo ह

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उदा ndash राम गयामोहन न खाया

lsquoरामrsquo और lsquoमोहनrsquo कारक ह न हक को सिचत करन क िलए कोई जाती ह

उदा ndash राम न िलखी ख कारक (Accusative)

या पर क का फल पडता ह उस कारक कहत उदा - राम न रावण को मारा

रावण मारा गया ह यहा lsquoरावणrsquo कारक ह lsquoकोrsquo हकभी कभी lsquoकोrsquo का लोप होता ह

उदा ndash राम न िलखायहा lsquoकोrsquo का लोप होता ह ऐसा भी होता ह - राम न को िलखा

ग करण कारक ( Instrumental)

क साधन का बोध करानवाल क को करण कारक कहत lsquoसrsquo ह उदा ndash

कलम स िलखतिलखन का साधन कलम ह कलम क िलखन होती ह

घ कारक ( Dative)

कारक का वह ह जो उस का बोध कराता ह िलए कोई कामlsquoकोrsquo lsquoक िलएrsquo ह

उदा ndash मोहन न राम को पाच मोहन न राम क िलए पाच

ङ अपादान कारक (Ablative)

का वह ह क स पथक होन का बोध हो उस अपादान कारककहत lsquoसrsquo ह

उदा ndash स िगरतयहा स का सिचत होता ह कारक और अपादान कारक lsquoसrsquo ह

करण कारक lsquoसrsquo साधन सिचत होता ह अपादान कारक lsquoसrsquo सिचत होता ह

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कलम स िलखता ह - करण कारकस आ रहा ह - अपादान कारक

च कारक (Genitive)

क स उसका स होता ह उस कारक कहतlsquoकाrsquo lsquoकrsquo lsquo rsquo

उदा ndash राम का घोडा राम क घोड राम बहन छ अिधकरण कारक (Locative)

क स क आधार का बोध होता ह उस अिधकरण कारक कहत lsquo rsquo

और lsquoपरrsquo उदा ndash शर जगल रहता ह

मज़ पर ह अिधकरण तीन क होत ndash

क कालािधकरण ndash का काल होता ह उस कालािधकरण कहत उदा ndash राम दोपहरस आयगा

ख भावािधकरण ndash क भाव क भावािधकरण होता ह उदा ndash शर को दखकरभय होता ह

ग ndash पर होती ह उस कहत उदा ndash मज़ पर ह कालवाचक और क सात कभी कभी लगती उदा ndash कल रात मसलधार हई ( कल रात मसलधार हई ndash lsquo rsquo का लोप)

ज सबोधन (Vocative)

क स को पकारना सिचत होता ह उस सबोधन कारक कहत हउदा ndash ह राम वहा मत आना

सबोधन कारक कोई ह उसको करन क िलए lsquoहrsquo lsquoअरrsquo कोलगाय जात

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UNIT - 14

( Pronoun)क उसक को करन क िलए का जाता ह

कहत उदा ndash राम जाता ह वह अपनी जाता हउसन कहा ndash लाना भल गया वह अपनी राम जगह हए ह

इसिलए ह को हटान क िलए का जाता हयोग क अनसार क पाच भद होत

1) - त यह वह (एव) हम तम य व आप (बव)

2) ndash यह वह (एव) य व (बव)

3) ndash कोई कछ (एव - बव)

4) ndash जो सो (एव - बव)

5) ndash कौन (एव - बव)

क ndash या लखक बोलत या िलखत समय या तो अपन कछ कहता ह या सननवालऔर पढ़नवाल क अथवा अपन और सननवाल को छोडकर क

कहत स बोलनवाल सननवाल और क कछ कहा जाए उस कोकहत

तीन क होत ndash औरndash बोलनवाला या िलखनवाला अपनिलए का करता ह उस

कहत (एव) हम (बव)ndash सननवाल या पढ़नवाल क िलए का होता ह उस कहत

जस ndashत तम और आप ndash क कछ कहा या िलखा जाए उसक िलए होन वाल को

कहत जस ndash यह वह (एव) य व (बव)और हम ह एकवचन ह हम बहवचन ह का हम

क बहवचन स ह यहा हम क पर होता ह हम का एकवचनऔर बहवचन होत

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त और तम क आदर क िलए आपका करत जस ndash तमयहा आओ इसी क पर आप यहा ए कभी कभी यह और वह क भी आप का

होता ह जस ndash आप मर कभी कभी आदर क िलए आप का करत बहवचन सिचत करन क िलए आप क साथ lsquoलोगrsquo

जोडा जाता ह जस ndash आप लोग यहािनजवाचक आप और चक आप भद होता ह िनजवाचक आप समान स एक वचन

और बहवचन आता ह जस ndash आप पढ़गा हम आपवह कवल बहवचन करत िनचवाचक आप तीन स

होत आप कवल और करतlsquoआपrsquo अकला जाता ह िनजवाचक आप तथा क साथ आता ह जस ndash त

आप कामकभी (2) आप भल अकला आ सकता ह जस ndash आप भला तो जग भला वह अपन आप समझ गया

व ऒर सकत जाता हसकतवाचक और िनदशवाचक भी कहत जस ndash यह वह य व

हम तम आप यह य व इन या क साथ अिधकताकरन क िलए lsquo rsquo lsquoईrsquo य जोडत झस ndash त आप

स या क बात का बोध न हो उसकहत जस ndash कोई कछ

a lsquoकोईrsquo का क िलए होता ह जस ndash बाहर स कोई आ रहा ह b जब का पता न होन पर ndash जस ndash अर कोई कमर ह

c क lsquoकोईrsquo लग तो उसका लगभग होता ह जस - कॉलज स कोई पाच सौभाग

d lsquoकोईrsquo जब दोहराया जाता ह तब को सिचत करता ह जस कोई कोई पर को रोकतe कोई क साथ एक लग जान पर सिचत करता ह जस ndash तम स कोई एक गा सकगा

कछ का अनिगनत क िलए होता ह जस ndash कछ हक िलए होता ह जस ndash पानी कछ ह

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कोई का क िलए होता ह और कछ का क िलए होता हघ वाचक

स दो और क बीच क का बोध हो उस वाचक कहतजो सो जस ndash आपन जो कहा सो हो गया

कभी कभी जो या सो स एक रहता ह जस जो गाता ह बात हङ ndash करन क िलए का होता ह कहत

उदा ndash आप सोचत आज कौन आएगाकौन का क िलए होता ह का क िलए होता ह जस ndash कौन

बोलगा थली हकभी कभी कौन का क िलए होता हजस - बाधा डालनवाल तम कौन होिभ किलए lsquoकौनrsquo को दोहरा भी जाता ह जस ndash कौन कौन लाएग

क कौन का होता ह जस - इसन कौन अपराधक िलए को दोहरा दता ह जस ndash राम न

का क भी होता ह जस ndash तम मझस लडोगका

वचन और कारक क कारण भी होत िलग क कारण होताका और एक स होता ह

सबोधन होतास क पर होता ह उसी क अनसार उस क िलग वचन भी होता ह

काकारक एकवचन बहवचन

हममझको मझ हमको

करण मझस हमसमझको मरिलएमझ हमको हमार िलए

अपादान मझस हमसमरामर हमारा हमार

अिधकरण मझपर हमपर

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तकरक एकवचन बहवचन

तन तम तमनतझको तझ तमको

करण तझस तमसतरातर

अिधकरण तझपर तमपर

वहकरक एकवचन बहवचन

वहउसन व

उसको उस उनकोकरण उसस उनस

उसक िलए उस उनक िलए

अपादान उसस उनसउसका उसक उनका उनक

अिधकरण उस पर उनपर

UNIT - 15

(Adjective)स या सिचत कर उस कहत जस ndash रशमी

कपडा लाल कमलबतलाई जाए उस कहत जस ndash लड़का

ह लड़का हजो क पहल आता ह उस कहत जस ndash फल

ह फल ह इसिलए यह ह

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जो क बाद आता ह उस कहत जस ndash वह लड़का बड़ा होिशयार ह लडका ह होिशयार ह क बाद आन क कारण यह ह

जो क साथ उसको करन क िलए होता ह उस समानािधकरण कहत जस ndash रामनाथ कहता ह

रामनाथ क साथ समानािधकरण ह चार क ndash

क गणवाचक (Adjectives of Quality)

ख (Adjectives of number)

ग (Adjective)

घ या (Demonstrative Adjective)

१ गणवाचकजो क गण रग आकार को बतलानवाल को गणवाचक कहत

जस ndash लबा सशील काला गोल गणवाचक क बदल बहधा क क भी आतजस ndash राजा ( का राजा )

जापानी कपड़ा (जापान का कपड़ा)गणवाचचक का होता ह तब उनका क समान होता ह

जस ndash न सच कहा ह२ - क गणना का बोध हो उस

कहत जस ndash एक दो पहला दसरा दगनाक तीन भद होत ndash

1) 2) 3) बोधक या बोधकndash इसस का बोध होता ह जस ndash चार आठ सात

क चार भद ndash

a गणनावाचक ndash गणनावाचक षण स गणना का बोध होता ह जस ndash एक चार फल सात

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गणनावाचक क साथ एक लगान स लगभग का होता ह जस ndash एक आदमी ndash

लगभग आदमी b ndash स क गणना का होता ह जस ndash पहला

दसरा चौथाc ndash गणनावाचक क lsquoगनाrsquo लगान स बनत जस

ndash दगना ितगना ३ - स माप- तोल या का पता होता ह उस

कहत जस ndash दो सर चावल चार गज कपडा

क दो भद होत ndash

1) और 2)

ण - स का पता लगता हजौस - दो सर चावल

- स का पता नलगता ह जौस ndash बहत दध

४ या - स ऒर या सकत जाता ह उसकहत lsquoयहrsquo lsquoवहrsquo स जाता ह इसिलए इसकहत

जस ndash यह वह जब क हो तब वह बन जाता ह

जस ndash वह घर राम का ह कई ऐस मल जसा रहता ह

जस ndash वह यह क

भी िलग वचन और कारक क अनसार होता ह क िलग और कारक ककारण कछ होता ह

जस ndash काला कपड़ा - काला कपड़काला धोती - काला धोितया

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क साथ ई हो जातजस - काली धोती

क होता ह जो क होन परहोता ह जस ndash वह घोड़ा व घोड़

पथकता अथवा अिधकता क िलए को दहराता ह ndash

जस ndash छोट छोट फल लालका भी होता ह जस ndash बडा लड़का

गणवाचक और जब करत तब वह बन जात

जस ndash थोड़ा खा गया चावल बहत ह क साथ जब आता और व बन जात तब उनक साथ

भी लगती जस ndash को दान दो

UNIT - 16

(Verb)

काम क करन या होन का बोध हो उस कहतजस पढ़ना खाना दौडना पहनना

धात ndash क मल को धात कहत उदा- पढ़ना खलना खानाय सब मल धात lsquoपढ़rsquo lsquoखलrsquo lsquoखाrsquo ह मल धात lsquoनाrsquo जोडकर का िमलताह

i क आधार पर क दो भद होत - 1) 2)

1) (Transitive Verb) ndash क का फल को छोड पर पडता हउस कहत

उदा ndash राम पढ़ता ह

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राम ह ह और का पर पडता ह2) (Intransitive Verb) - क का फल पर पडता ह उस

कहत का अभाव हउदा ndash मोहन सोता ह

कभी कभी एक होता ह और कभी कभी दो भी होत एक होन वालको एक lsquo rsquo कहत

उदा ndash राम न खाना खायाखाना ह कवल एक होता ह दो होन वाली को

कहतउदा ndash मा न को दध

दो होत ndash lsquo rsquo और lsquoदधrsquo दो होत एक lsquo rsquo और दसराlsquoगौणrsquo

उदा ndash मा न को दधइस lsquoगौणrsquo ह दध lsquo rsquo ह lsquoगौणrsquo कभी कभी होता हउदा ndash न कथा सनाई

ii क भद1 - व होती ह आशय अथवा स परा होताको परा करन क िलए दसर होती ह ऐसी को कहतयह दो क होती ह१ ndash का अभाव हउदा ndash वह ह यहा क को परा करन क िलए जोडा गया ह२ ndash होन पर भी का भाव परा न हो उस को

कहतउदा ndash सीता न पढ़ाया

यहा परा सीता न lsquo rsquo पढ़ाया lsquo rsquo पढ़ाया यह परा इसिलए यहह यहा होन पर भी का भाव परा होता

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३ परक - को परा करन क िलए या पडती ह

परक कहत क परक lsquo परकrsquo तथा क परक lsquo परकrsquo

होतउदा ndash उस होिशयार समझता ह ( परक)

राम बलवान ह ( परक)

iii यौिगक धात ndashक स धातओ क दो भद होत 1) मल धात 2) यौिगक धात

मल धात - मल धात व जो दसर स न बन जस ndash कर बठ पढ़ यौिगक धात ndash यौिगक धात व जो दसर स बनाय जात उदा ndash खाना स नाम धात ndash जो या क आधार पर बनती ह उस नाम धात कहत

उदा ndash हाथ स हिथयानास

अपना स अपनानाiv - स यह जान पडता ह को न करक दसर को

करन दता ह उस (casual verbs) कहतउदा ndash राम न मोहन स िलखवाया यहा राम न िलखकर मोहन स िलखवाता ह इसिलए यह ह

करनवाल को और जाती ह उस कहतराम न मोहन स िलखवाया राम ह और मोहन हमल जो होती ह उनस और बन सकती हस और बन सकती उदा ndash दध पीता ह

पीना ह इसस बनती ह ndash मा को दध हस बना सकती ह उदा - मा नौकर स को दध ह

बनान का िनयममल धात क आ जोडन स और वा जोडन स या

बनती ह

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उदा ndash उठना ndash उठाना - उठवानाचलना ndash चलाना - चलवानापढ़ना ndash पढाना - पढ़वाना

दो क धातओ ए और औ को छोडकर पहला हो जाता हउदा ndash जागना ndash जगाना ndash जगवाना

भलना ndash भलाना - भलवानाछोडना ndash छडाना ndash छडवाना

धातओ क ला और लवा लगात तब हो जाता हउदा ndash पीना ndash ndash

सोना ndash सलाना ndash सलवानाखाना ndash -

v नाम धात - को छोडकर जोडन स जो धात बनती ह अथवा जो नाम (

या ) धात क समान होत नामधात कहत जो नामधात लगान सबनत आ ओऔर ला लगात पहला हो जाता ह

उदा ndash लाज ndash ndash लजानाहाथ ndash हिथया ndash हिथयानाझठ ndash झठला ndash झठलाना

UNIT - 17

काल (Tense)क स क होन का समय और अथवा का बोध हो उस काल

कहत काल क तीन भद होत1) भतकाल2) काल3) काल

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भतकालस का बोध हो उस भतकाल कहत

उदा ndash राम न िलखी भतकाल क छः भद - भत भत भत भत भत हत-हतमत भत

भत ndash क स भतकाल क समय का बोध न हो उस भत कहतउदा ndash मोहन न खत िलखायहा का बोध होता जो भतकाल हई ह भतकाल ndash क स का का समय अभी अभी हआ ह इसका बोध

होता ह उस भतकाल कहत उदा ndash राम न ह

इसस पहल अभी अभी हई हभत ndash क स यह होता ह क को हए बहत समय हो चका ह उसभत कहत

उदा ndash न दध थास हो क साथ lsquoथाrsquo lsquoथrsquo lsquoथीrsquo लगान स भतकािलक

िमलता हभत - क उस को भत कहत यह हो भतकाल हो थी पर

का पता न लग उस भतकाल कहतउदा - वह पढ़ रहा था वह सोता था

कब समा हआ इसका पता क साथ lsquoता थाrsquo lsquoत थrsquo lsquoरहा थाrsquo lsquoरह थrsquo लगानाभत काल ndash क स भतकाल सचना िमलती ह उसक होन कछ हो उसभत कहतउदा ndash वह आया होगा

उसन खाया होगा भतकाल हो थी ह क साथ lsquoहगाrsquo lsquoहगीrsquo lsquoहोगाrsquo lsquoहोगीrsquo

lsquo rsquo जोडन स भतकाल िमलता हहत-हतमत भतकाल ndash क स यह पाया जाय भतकाल होना सभव थाकारण स न हो सका उस हत-हतमत भतकाल कहत

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(Present Tense)

क को काल कहत रहती ह

होती उस काल कहतउदा ndash राम पढ़ता ह

सीता गीत गा हकाल तीन क होत ndash 1) काल 2) काल 3)

काल - वह ह स का काल होना पाया जाय

उस कहतउदा ndash मोहन पढ़ता ह

रमा गाती ह क साथ lsquoताrsquo lsquoतrsquo lsquoतीrsquo जोडन स बनत

- वह ह काल क होन पायाजायउदा ndash वह खाता होगा

सीता जाती होगी क साथ lsquoता होगाrsquo lsquoती होगीrsquo lsquoत rsquo lsquoती rsquo लगान स िमलत

ndash का वह ह यह होता ह का अभी ह

होता उस कहत उदा ndash वह खा रहा ह

चल हक साथ lsquoरहाrsquo lsquo rsquo lsquoरहrsquo जोडन स िमलती ह

काल ( Future Tense)

होनवाली को काल कहत काल क दो भद ndash 1)

काल 2) कालकाल ndash का वह ह स क आग होन सचना िमल उसकाल कहत

उदा ndash वह आयगा

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राम आज बबई जायगासीता कल घर आयगी

क साथ lsquoयगाrsquo lsquoयगीrsquo lsquoयगrsquo जोडन स िमलतकाल ndash क होन सभावना हो उस काल कहत

उदा ndash सभव ह आज हो स lsquoगाrsquo lsquoगrsquo lsquoगीrsquo पथक कर दन स काल िमलगा

UNIT ndash 18

(Voice)उस कहत यह जाना जाय का ह

ह या कवल भाव ह उस कहतउदा ndash राम न रावण को मारा

तीन क ndash 1) 2) 3) भाव- ह हमशा क िलग वचन और क अनसार होता ह

उस कहतउदा ndash लडका पढ़ता ह

लड़का ह और ग ह इसिलए भी होना हसीता िलखती ह इसम सीता ह इसिलए ह का सीधा स होताह

ndash क िलग वचन क अनसार हो उस कहतह का होता ह

उदा ndash राम िलखता हह इसिलए यह ह धानता होती ह और का

स होता ह क िलग वचन क अनसार बदलती ह हमशाहोता ह का होना ह

उदा ndash राम न रावण को मारा -

राम स रावण मारा गया -

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रावण ह ह क का ह गौण का रहता ह

उदा ndash मा न को दध मा स को दध गया

दो होत ndash और दध ndash भाव होती ह यह हमशा स बनता ह हमशा

एकवचन और होती ह इसका होता ह उदा ndash यहा बठा जाता

मझस पढ़ा जाता स या बनान

को भत क करना उसक साथ काल वचन और िलग कअनसार जाना क जोडन ऐसा करन स स औरक स भा बनती ह

उदा ndash 1) राम न रावण को मारा -

राम स रावण मारा गया -

2) राम रावण को मारगा -

राम स रावण मारा जायगा -

3) राम रावण को मारता ह -

राम स रावण मारा जाता -

पहल lsquoमाराrsquo भतकािलक ह इसिलए lsquoमाराrsquo क साथ lsquoजानाrsquo का भतकािलकजोडना

दसर lsquoमारगाrsquo काल ह इसिलए lsquoमाराrsquo भतकािलक बदलकरlsquoजानाrsquo का काल lsquoजायगाrsquo जोडना

तीसर काल ह को भतकािलक बदलकर (मारा) उसक साथजाना का (जाता) जोडना

स बन सकता हउदा ndash मोहन उठता ( )

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मोहन स उठा जाता - ( )

वीणा चलती ( )

वीणा स चला जाता - ( )

UNIT ndash 19

याअभी तक हमन क बार पढ़ िलया ह उनक िलग वचन और कारक क अनसार

आता ह इसिलए कहत का ह अब हम क दसरया क बार

चार क होत ndash 1) 2) बोधक 3) बोधक 4)

बोधक

UNIT ndash 20

ndash Adverbउस कहत होती ह

उदा - रमश चलता हइस lsquoचलनाrsquo ह ndash ह lsquo rsquo इसिलए lsquo rsquo ह

स क तीन भद ह - 1) साधारण 2) सयोजक 3) साधारण - साधारण वह ह होता ह साधारण या

कहत जस ndash खब पढ़ो दौडो सयोजक ndash का स या स होता ह सयोजक

कहत जस ndash जहा तक हम चल सक वहा तक ह

योजना का सयोजक स होता ह- का क

भद क साथ होता ह कहत

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जस ndash गह खाओग

कह तो लो होता ह व कवल गह खात और कछ खायगा इन

ह हो जान स का बदल जाता ह जस ndash वह काम करगा इसका यह ह जो काम उस ह कवल वह करगा और कछ

क आधार पर क चार भद होत ndash 1) कालवाचक 2) 3)

4)

कालवाचक ndash स समय अविध तथा काल का बोध होता ह कालवाचककहतजस ndash काम को अभी पढ़ना

आजकल रोज़ होती ह कभी कभी भी रात क समान लगता ह मोहन पढ़ाई सदा ह

अभी आजकल कभी कभी सदा कालवाचक ह ndash स क का बोध होता ह

कहत उदा ndash जहा तक जा सक वहा तक जाओ

जाओ और वहा लटो घर क सामन एक ह बाहर रोशनी भीतर अधरा

हाथ स मारत जहा वहा सामन बाहर भीतर ndash स अिधकता- का बोध होता ह

कहत जस ndash उतना पढ़ो हो

चावल थोडा खाओ खब खाना

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अपना थोडा खब

व क होन का ढ़ग का पता िमलता ह जस ndash राहल धीर धीर चलता ह

सीता मधरतम गाती ह यथा हम तथा िमलत

धीर धीर मधरतम यथा-तथा

UNIT - 21

बोधकबोधक ह जो या क साथ आकर उनका क

क साथ बनात उदा ndash धन क कोई काम न चलता

घर क नीच एक तालाब ह क पास एक भी ह

नीच पास बोधक ह क अनसार बोधक क दो भद होत ndash 1) 2)

क ndash य या क बाद आतउदा - घर क भीतर घर क पीछ घर ऒर

कारक भी आती ह जस का क कभी कभी अपादान कारक या भी आती ह

उदा ndash इनस पहल आया राम का मकान मोहन क घर स पर

lsquoसrsquo lsquoपरrsquo अपादान कारक क ndash यह स क क साथ आत

जस ndash दो तक राम रहगा

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घड भर पानी क िलए पाच दन ग lsquoतकrsquo lsquoभरrsquo सचक

UNIT - 22

( Conjunctions)योजक या व जो या न बतला कर एक या का

दसर या स जोडत बोधक कहतजस ndash सीता और गीता अपन घर गयी

सीता और गीता को िमलानवाला योजक lsquoऔरrsquo ह क तीन भद ndash 1) सयोजक 2) 3) भदबोधक

1) सयोजक ndash कई का सयोग करनवाल को सयोजक कहत इसक दो याका मल होता ह

उदा ndash और राम कल बबई और वहा उनक साथ मोहन भी lsquoऔरrsquo lsquoभीrsquo सयोजक ह

2) ndash जो का बोध कराए कहत जस ndash चाह दश सवा करनी या अथवा मानवीय को पहचानना

lsquoयाrsquo lsquoअथवाrsquo lsquoवाrsquo lsquoचाहrsquo को करनवाल ह 3) भदबोधक ndash दो स एक स भद बतलानवाल को भदबोधक कहत य कई क होत

क ndash दो म स पहल का िनषध या सिचत करत जस ndash

पर मगर वरन उदा ndash मझ वहा जाना था क कारण जा न सका

ख - कारणवाचक और उपदशमलक ndashइसिलए सो अतः इसिलए

इस क ह जस ndash राम समय पर आ न सका इसिलए जा न सका

ग सकतबोधक ndash ndash तो जो ndash तो प सकतबोधक ह जस ndash तम कहत तो जाता

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घ ndash इन पहली बात का और होता ह यान मानो यहा तक इस क ह

जस ndash कोई भी समय पर पहचा यहा तक भी 10 बज तक न आय क और दो भद होत ndash 1) समानािधकरण 2)

समानािधकरण ndash समान पद क या को जोडत जो एक क हो वसमानािधकरण धक कहत जस ndash क मा-बाप का अजीब ह समानािधकरण क चार उपभद होत ndash

1) सयोजक ndash और तथा भी एव 2) क ndash या वा अथवा चाह 3) ndash पर मगर 4) ndash इसिलए अतः

ndash को स जोडनवाल कोकहत

जस ndash आज नौकरानी आयगी वह बीमार ह क चार उपभद होत ndash

१ ndash यान मानो २ करणवाचक ndash जो इसिलए ३ उपदशवाचक - जो ४ सकतवाचक ndash - तो जो-तो -

4) ndash ndash स क शोक घणाको करनवाल को -बोधक कहत

जस ndash हाय अब अर आप कहा जा रह

ह राम करो को सिचत करन क िलए - लात

बोधक क सात भद ndash

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1) बोधक ndash वाह ndashवाह - आहा शबाश

2) शोक बोधक ndash आह ऊह हा-हा ndash

3) बोधक ndash अहो ऒह

4) अनमोदन बोधक ndash हा-हा वाह शबाश

5) बोधक ndash िछ हट अर िधक

6) ndash बहत हा जी हा7) सबोधन बोधक ndash अर र अपी अहो

कभी कभी भी हो जातजस ndash भगवान लो चप कभी कभी या भी होत जस ndash न हो बहत हो गया

जब क समान होत तब वह होता तब वमनोभाव को करात

जस ndash हाय हाय मचा रखी ह

सब लोग - पकार उठहाय ndash हाय - क समान ह इसिलए यह बोधक ह

UNIT - 23

क भद क स बनान का िनयम

क पर जायगास बनता ह एक या अिधक स बनता ह एक स अिधक स बनता

ह कहन या िलखनवाल का परा भाव हो जाय तो उस कहतजस ndash मोहन पढ़ता ह

राम िलखता ह इन स लखक का परा भाव होता ह

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ndash कछ ऐस होत और क रहन पर भी कहन या िलखनवाल का परा आशयहोता क समह को और क रहन पर भी जो कछ सनन

बनी रह कहत दो क होत ndash 1) 2)

क अधीन होतउदा ndash राम न कहा था वह कल पाठशाला जायगा

इस राम न कहा था - ह और कल पाठशाला जायगा तह इस और भी कहत

रखनवाल को कछ थोडा सा भाव करनवाल को कहतएक भावना होती ह

जस ndash तरह पढ़ना चलना

इन होता ह क म दो भाग होत 1) और 2)

ndash ( ) कछ होता ह उस कहतndash ( ) क जो कछ होता ह उस कहत

जस ndash मरा स भरा हआ ह मरा ह और स भरा हआ ह ह मरा ndash ह और मरा

उस का ह इसिलए ( ) और मरा का कहत हआ हह शष उसका ह

इस चार भाग हए ndash 1) ( ) 2) का 3) ( ) 4)

काचार भद ndash

क ndash राम गया ख ndash वह कह चका ग ndash फल

क भदक अनसार क आठ भद होत ndash

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1 ndash इस स बात का होना सिचत होता ह जस ndash भारत राजधानी ह

2 िनषधवाचक ndash का अभाव होता ह जस ndash क कछ भी पा सकत

3 ndash इस स सचना होती हजस - तम कल कालज

4 ndash इसस और उपदश का बोध होता ह जस ndash तरह पढ़ो

का भजन करो 5 ndash इसस का भाव सिचत होता ह जस ndash हाय राम को एक

लाख िमल 6 ndash इसस या सचना होती ह

जस ndash अक पा

7 ndash या सभावना सचना होती ह जस ndash आज होगी

8 - सकत सचना होती ह जस ndash हो तो

राम काम करगा रचना क आधार पर

रचना क आधार पर क तीन भद होत - 1) सरल या साधारण 2) और3)

१ सरल ndash एक और एक होता ह उस सरल कहतजस ndash मोहन िलखता ह ( मोहन और िलखता ह धय ह)

राम मज़ पर रखी ह ( ह और रखी ह ह)

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lsquoराम rsquo और lsquoमज़ परrsquo कवल और का ह २ - उस कहत एक हो और उसक एक या

अिधक हो उस कहतजस ndash जो करगा उस सफलता िमलगी जो करगा ndash ह उस सफलता िमलगी - ह

तीन क ndash 1) 2) 3)

1) ndash का क पर होता ह उसकहतजस ndash मरा ह तमन को मारा यह सच ह इस तमन को मारा ndash ह क पर आया ह इसिलए यह

ह 2) ndash जब कोई को क का काम दता ह तब उस

कहत जस ndash य उसी छा को जायगा जो रहगा

उसी स डरत जो खब मारता ह उसी जो ह

3) ndash जो क का काम दता ह उस कहत

जस ndash करता ह उतना फल िमलता ह जब तम कहोग सब कछ

जब ह ३ ndash दो या दो स अिधक योजक जड हो न

हो उस कहतजस ndash वह तरह पढ़ता था तो पास होता

दो या दो स अिधक सरल अथवा एक दसर पर न होता ह इसिलए यह

जस - कर चका (सरल )

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हम कर चक तो व आए ( )

और मरा मन ठड हो गया ( )

चार क होत ndash सयोजक सचक 1) सयोजक - एक दसर क साथ सयोजक जडा रहता ह

जस ndash वह आया और उसक साथ गया स िमलता ह और स होता ह

2) ndash का एक दसर स भद या का रहता ह जस ndash स बढ़ता ह स भरता ह वह खब खाता पर बडा होता

3) सचक ndash दो स एक को करना जस ndash मझ या राम को

4) अथवा हतसचक ndash एक दसर का होता हजस ndash तम आग पढ़ो पसा दगा मझ पसा िमला इसिलए

कभी कभी बीच योजक आत जस ndash मझ न बलाया आप आता ह जब को का या एक होता ह तो एक बार िलखा या कहा

जाता ह ऐस को सकिचत कहत जस ndash का और मन को भी दता ह

जो आसानी स समझकर छोड दत ऐस को कहत जस ndash आजकल सना ह बरसात क मौसम बखार सब फलाता ह

कहत रोज़ बढ़त रह पहल हमन होना था पर ह दसर लोग स होना पर होता ह

एक का दसर क बदल जा सकता ह मलकर सकत

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क सरल स ndash

उदा ndash सरल - राम न मोहन का - राम न उस को जो मोहन का था

ख स सरलndash उसन कहा पापी ह

सरल ndash उसन को पापी बताया ग सरल स

सरल ndash होन पर लोग खत जान लग - हआ और खत जान लग

घ स िनषध वाचक तथाndash मोहन सोहन स बडा ह

िनषध वाचक - मोहन सोहन स बडा ndash मोहन सोहन स बडा ह

UNIT ndash 24

और महावरव जो का अपना न बता कर कछ करत महावरा

कहत बोलचाल बहत आनवाला ऐसा बधा कोई अनभव बात और अलकतभाषा गई हो या कहावत कहाता ह जस ndash मर पट चह कद रह

जब स उनका लड़का मरा ह कमर टट गई ह वह इतना चालाक ह अपन मािलक को पर नचाता ह

इन lsquoपट चह कद रह rsquo lsquoकमर टट गई हrsquo lsquo पर नचाता हrsquo इन काउनक स ह यहा lsquoपट चह कदनrsquo का ह भख लगना lsquoकमर टटनrsquo का ह या

का न रहना तथा lsquo पर नचानrsquo का ह अपन वश रखना अतः य महावरकहलात

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इसी जब कोई आदमी काम करना न जानता हो परत अपन को िछपान क िलए बहान बनावतब कहा जाता ह ndash नाच न जान आगन टढ़ा

जब कोई आदमी अनक खाकर भी अपनी आदत न छोड़ तब कहा जाता ह दम सौतक नली रखो तो भी य बध हए और अनभव तथा अलकत भाषा कह गय अतः य

और क स भाषा तथा आती ह महावरदार भाषाबहत पसद जाती ह और कथन बड़ा होता ह

महावरअग-अग - बहत होनाअगठा - चीज़ को दन स क साथ करनाअध - सहाराअधरा घर का उजाला - एकलौता बटा

क घोड़ दौड़ाना - सोचनापर पड़ना - समझ न पाना

अपना सीधा करना ndash करनाआख उठाना - नीयत स दखनाआख खलाना - होश आना

चार होना - आख स आख िमलानानीची होना - होनापीली करना - नाराज़ होना

आकाश पाताल का ndash बहत भदआग घी डालना - बढ़ानाआसमान िसर पर उठाना - बहत कोलाहल करना

स बजाना - करनाईद का चाद होना - िचरकाल पीछ दनाउगली पर नचाना - वश रखना

गगा बहाना - बात करना

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कमर टट जाना - िनराश हो जानाकान भरना - चगली करना

मौत मरना - बहत तरह स मरनाखाक उड़ाना खाक िमलाना - बरबाद होनागड़ गोबर कर दना - काम दनाघर गगा - दौड़-धप कघाट घाट का पानी पीना - जहा तहा का अनभव करनाचाद पर थकना - करना और फलतः होनाचार चादनी - थोड़ का सख

का दध याद आना - सब सख भल जाना सकट आ पड़नाजमीन पर पर न पड़ना - बहत अिभमान होनाजल भन कर कोयला होना - पागल हो जानाटस स मस न होना - भी नटाग अड़ाना - बाधा डालनाटोपी उछालना - िनरादर करनाितनका पकड़ना - मागनाितन का ताड़ करना - बात बढ़ानाथक कर चाटना - वचन दकर जाना

तल उगली दबाना - करनादम तोडना - मर जाना

दना रात चौगना होना - खब होनाधप बाल सफद करना - अनभव आय दनानमक लगाना - बात को बढ़ा कर कहनानाक कटना - बदनामी होनानाक चढ़ाना - घणा करनानीला पीला होना - आना

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नौ-दो होना - भाग जानाउछालना - करना

- बातपरदा डालना - िछपानापहाड टट पड़ना - आनापट चह कदना - खब भख लगना

तल स ज़मीन िनकल जाना - होश उड़ जानाफक-फक कर कदम रखना - सोच-समझ कर काम करनाबगला भगत -

उछलना - खब खश होनाबाज़ार पर होना - काम पर होनाबात का धनी - वायद काबाल खाल उतारना - करनाबाल पकना - बढ़ा होजाना अनभव करनाबाल बाल बचना - हािन पहचन जरा- सी कसर रह जानाबगार टालना - लगाकर काम न करनाबोली मारना - क कहनाभनक पड़ना - खबर द जानाभाड़ - समय गवाना

मारना - बकारचस - बहत कजसपर मारना - का नकल करना

मगज चाटना - तग करनामाथा ठनकना - आशका होनामारा मारा - होनामह-तोड़ जवाब दना - परा-परा जवाब दना

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मह फक हो जाना - चहर का रग उतर जानामह पानी भर आना - खान को ललचानामह लगाना - अिधक द दना

गरम करना - दनाराई का पहाड़ बनाना - बात को बढ़ाकर कहनारात- - हमशालका काड होना - खब मारपीट होनालबी-चौ हाकना - करना

होना - होनालह क घट पीना - करनालह पसीना एक करना - बहत करनालोह क चना चबाना - काम करनाशतान क कान कतरना - बहत चालाक होना

करना - करनाबाग - बहकाना

समझ पर पड़ना - होनाबठना - जमाना

िसतारा चमकना - उदय होनािसर पर खन सवार होना - जान लन पर होनािसर पर हाथ धरना - सहायता करनासौ बात एक बात - िनचोड़

करना - फक डालनाहसी उड़ाना - करनाहाथ मल -

हाथ पर हाथ धर बठना - बठनाहाथ पसारना - मागना

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हाथ-पर मारना - करनाहाथ साफ करना - बईमानी स ठगना

पानी करना - करनाहोश उड़ना - भय या आशका स दखी होना

अत गता सो मता - वहकान राजा - थोड़ा पढ़ िलख का मान होता ह

आख क गाठ क पर - पर धनवानआप मर जग परल - ह तो ससार ह

चोर कोतवाल को डाट - अपराध करक को डाटनाऊची दकान पकवान - काम करनाएक अनार सौ बीमार - जब एक चीज़ क बहत स तब कहा जाता हएक पथ दो काज - एक काम करन स दो का लाभ होनाकाला बराबर -

घर का लका ढ़ाह - फट स घर नाश होता हिचराग तल अधरा - पास घटना क होन पर भी उसका न होना या

ऐस पर बराई का होना जहा उसक रोकन का होचोर ितनका - पापी डर जाता हजाग सो पाव सोव तो खोव - सावधान रहन स लाभ होता ह

- बलवान का दबदबा रहता हजसा दश वसा भस - दश रह वसी करनीजसी करनी वसी भरनी - फल िमलता हतन को कपड़ा न पट को - बहतथोथा चना बाज घना - काम न करनवाला बकवास बहत करता हदाम बनाय काम - पस स सब काम हो जात

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धोबी का घर का न घाट का - जो एक पर जमकर काम न कर कभी एक लग और कभीदसर और सफल न हो उस कहा जाता ह

रहना मगर स बर - अधीन होकर रह और उसी स बर कर तो गज़ारा चलता हन रहगा बास न बाजगी - नकसान हो उसका नाश कर दना हनाच न जान आगन टढ़ा - काम करन न होन पर दसर को दोष दना नीम जान का खतरा - अधरा हािनकारक होता हनौ नगद न तरह उधार - उधार सौदा दनामान न मान तरा महमान - गल पड़नािमया जती िमया क िसर - स उसी हािन करनासौ सयान एक मत - सभी अथवा एक सलाह होती हहाथ कगन को आरसी - क िलए और हाथी क दात खान क और क और - कहना कछ और करना कछ औरहोनहार क होत चीकन पात - होनहार क पहल स जात

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2) बहवचनःस क स स एक स अिधक का बोध हो उस बहवचन कहतउदाः पढ़ती ( ndash बहवचन ह)

कभी कभी आदर क िलए एकवचन बहवचन क होतउदाः अब )बहवचन(

बहवचन बनान का िनयमः-)क ( क lsquoआrsquo क पर lsquoएrsquo लगा दन स एकवचन का बहवचन बन जाता ह

उदा ndash लड़का ndash लडक कपड़ा ndash कपड़ बटा ndash बट lsquo rsquo क सभी क (

) एक समान रहतक बहवचन बनान का िनयम

lsquo rsquo तथा lsquo rsquo क lsquoअrsquo lsquoआrsquo क पर lsquoएrsquo का करन स बहवचनबनाया जाता ह

उदाः ndash गाय ndash ndash रात ndash lsquo rsquo तथा lsquo rsquo क lsquoयाrsquo जोड़न स बहवचन िमलता ह इस lsquoईrsquo क

पर lsquoइrsquo होता हउदाः ndash ndash ndash

स क lsquoयाrsquo हो उनक lsquoयाrsquo क ऊपर कवल लगान पर-

उदाः ndash -

क बाद lsquoएrsquo या lsquo rsquo जोड़न स शष का बहवचन िमलता हउदाः लता ndash लताए -

)ग( िनयम -

)1( )बहवचन( सिचत करन क िलए कभी कभी क एकवचन क साथ गण लोग

जोडतउदा ndash पाठकगण बाब लोग

(2) कछ हमशा बहवचन बोल जातउदा ndash लोग होश

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3) जाितवाचक स ऐ हमशा बहवचन होती ह जब और भाववाचक काजब जाितवाचक क समान होता ह तब व बहवचन होता ह

उदा ndash भारत रावण कमी (यहा रावण जाितवाचक ह)

(4) जब जाितवाचक क समान होता ह तब व बहवचन क होतउदा ndash और क ह (जल बहवचन एव जाितवाचक ह)

UNIT - 13

कारक (Case)या क स उसका क क साथ होता ह उस

कारक कहतउदा ndash राम न रावण को माराइस lsquoनrsquo और lsquoकोrsquo इन क उसका सिचत होता हउदा ndash मारा - राम lsquoनrsquo

मारा ndash रावण lsquoकोrsquo इसिलए य कारककारक क आठ भद होत ndash

कारक - नकारक - को

करण कारक - सकारक - को

अपादान कारक - सकारक - का क

अिधकरण कारक - पर

सबोधन कारक - ह अर अपी अहो क कारक ndash (Nominative)

या क स करनवाला या का बोध होता ह उस कारक कहतlsquoनrsquo ह

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उदा ndash राम गयामोहन न खाया

lsquoरामrsquo और lsquoमोहनrsquo कारक ह न हक को सिचत करन क िलए कोई जाती ह

उदा ndash राम न िलखी ख कारक (Accusative)

या पर क का फल पडता ह उस कारक कहत उदा - राम न रावण को मारा

रावण मारा गया ह यहा lsquoरावणrsquo कारक ह lsquoकोrsquo हकभी कभी lsquoकोrsquo का लोप होता ह

उदा ndash राम न िलखायहा lsquoकोrsquo का लोप होता ह ऐसा भी होता ह - राम न को िलखा

ग करण कारक ( Instrumental)

क साधन का बोध करानवाल क को करण कारक कहत lsquoसrsquo ह उदा ndash

कलम स िलखतिलखन का साधन कलम ह कलम क िलखन होती ह

घ कारक ( Dative)

कारक का वह ह जो उस का बोध कराता ह िलए कोई कामlsquoकोrsquo lsquoक िलएrsquo ह

उदा ndash मोहन न राम को पाच मोहन न राम क िलए पाच

ङ अपादान कारक (Ablative)

का वह ह क स पथक होन का बोध हो उस अपादान कारककहत lsquoसrsquo ह

उदा ndash स िगरतयहा स का सिचत होता ह कारक और अपादान कारक lsquoसrsquo ह

करण कारक lsquoसrsquo साधन सिचत होता ह अपादान कारक lsquoसrsquo सिचत होता ह

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कलम स िलखता ह - करण कारकस आ रहा ह - अपादान कारक

च कारक (Genitive)

क स उसका स होता ह उस कारक कहतlsquoकाrsquo lsquoकrsquo lsquo rsquo

उदा ndash राम का घोडा राम क घोड राम बहन छ अिधकरण कारक (Locative)

क स क आधार का बोध होता ह उस अिधकरण कारक कहत lsquo rsquo

और lsquoपरrsquo उदा ndash शर जगल रहता ह

मज़ पर ह अिधकरण तीन क होत ndash

क कालािधकरण ndash का काल होता ह उस कालािधकरण कहत उदा ndash राम दोपहरस आयगा

ख भावािधकरण ndash क भाव क भावािधकरण होता ह उदा ndash शर को दखकरभय होता ह

ग ndash पर होती ह उस कहत उदा ndash मज़ पर ह कालवाचक और क सात कभी कभी लगती उदा ndash कल रात मसलधार हई ( कल रात मसलधार हई ndash lsquo rsquo का लोप)

ज सबोधन (Vocative)

क स को पकारना सिचत होता ह उस सबोधन कारक कहत हउदा ndash ह राम वहा मत आना

सबोधन कारक कोई ह उसको करन क िलए lsquoहrsquo lsquoअरrsquo कोलगाय जात

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UNIT - 14

( Pronoun)क उसक को करन क िलए का जाता ह

कहत उदा ndash राम जाता ह वह अपनी जाता हउसन कहा ndash लाना भल गया वह अपनी राम जगह हए ह

इसिलए ह को हटान क िलए का जाता हयोग क अनसार क पाच भद होत

1) - त यह वह (एव) हम तम य व आप (बव)

2) ndash यह वह (एव) य व (बव)

3) ndash कोई कछ (एव - बव)

4) ndash जो सो (एव - बव)

5) ndash कौन (एव - बव)

क ndash या लखक बोलत या िलखत समय या तो अपन कछ कहता ह या सननवालऔर पढ़नवाल क अथवा अपन और सननवाल को छोडकर क

कहत स बोलनवाल सननवाल और क कछ कहा जाए उस कोकहत

तीन क होत ndash औरndash बोलनवाला या िलखनवाला अपनिलए का करता ह उस

कहत (एव) हम (बव)ndash सननवाल या पढ़नवाल क िलए का होता ह उस कहत

जस ndashत तम और आप ndash क कछ कहा या िलखा जाए उसक िलए होन वाल को

कहत जस ndash यह वह (एव) य व (बव)और हम ह एकवचन ह हम बहवचन ह का हम

क बहवचन स ह यहा हम क पर होता ह हम का एकवचनऔर बहवचन होत

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त और तम क आदर क िलए आपका करत जस ndash तमयहा आओ इसी क पर आप यहा ए कभी कभी यह और वह क भी आप का

होता ह जस ndash आप मर कभी कभी आदर क िलए आप का करत बहवचन सिचत करन क िलए आप क साथ lsquoलोगrsquo

जोडा जाता ह जस ndash आप लोग यहािनजवाचक आप और चक आप भद होता ह िनजवाचक आप समान स एक वचन

और बहवचन आता ह जस ndash आप पढ़गा हम आपवह कवल बहवचन करत िनचवाचक आप तीन स

होत आप कवल और करतlsquoआपrsquo अकला जाता ह िनजवाचक आप तथा क साथ आता ह जस ndash त

आप कामकभी (2) आप भल अकला आ सकता ह जस ndash आप भला तो जग भला वह अपन आप समझ गया

व ऒर सकत जाता हसकतवाचक और िनदशवाचक भी कहत जस ndash यह वह य व

हम तम आप यह य व इन या क साथ अिधकताकरन क िलए lsquo rsquo lsquoईrsquo य जोडत झस ndash त आप

स या क बात का बोध न हो उसकहत जस ndash कोई कछ

a lsquoकोईrsquo का क िलए होता ह जस ndash बाहर स कोई आ रहा ह b जब का पता न होन पर ndash जस ndash अर कोई कमर ह

c क lsquoकोईrsquo लग तो उसका लगभग होता ह जस - कॉलज स कोई पाच सौभाग

d lsquoकोईrsquo जब दोहराया जाता ह तब को सिचत करता ह जस कोई कोई पर को रोकतe कोई क साथ एक लग जान पर सिचत करता ह जस ndash तम स कोई एक गा सकगा

कछ का अनिगनत क िलए होता ह जस ndash कछ हक िलए होता ह जस ndash पानी कछ ह

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कोई का क िलए होता ह और कछ का क िलए होता हघ वाचक

स दो और क बीच क का बोध हो उस वाचक कहतजो सो जस ndash आपन जो कहा सो हो गया

कभी कभी जो या सो स एक रहता ह जस जो गाता ह बात हङ ndash करन क िलए का होता ह कहत

उदा ndash आप सोचत आज कौन आएगाकौन का क िलए होता ह का क िलए होता ह जस ndash कौन

बोलगा थली हकभी कभी कौन का क िलए होता हजस - बाधा डालनवाल तम कौन होिभ किलए lsquoकौनrsquo को दोहरा भी जाता ह जस ndash कौन कौन लाएग

क कौन का होता ह जस - इसन कौन अपराधक िलए को दोहरा दता ह जस ndash राम न

का क भी होता ह जस ndash तम मझस लडोगका

वचन और कारक क कारण भी होत िलग क कारण होताका और एक स होता ह

सबोधन होतास क पर होता ह उसी क अनसार उस क िलग वचन भी होता ह

काकारक एकवचन बहवचन

हममझको मझ हमको

करण मझस हमसमझको मरिलएमझ हमको हमार िलए

अपादान मझस हमसमरामर हमारा हमार

अिधकरण मझपर हमपर

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तकरक एकवचन बहवचन

तन तम तमनतझको तझ तमको

करण तझस तमसतरातर

अिधकरण तझपर तमपर

वहकरक एकवचन बहवचन

वहउसन व

उसको उस उनकोकरण उसस उनस

उसक िलए उस उनक िलए

अपादान उसस उनसउसका उसक उनका उनक

अिधकरण उस पर उनपर

UNIT - 15

(Adjective)स या सिचत कर उस कहत जस ndash रशमी

कपडा लाल कमलबतलाई जाए उस कहत जस ndash लड़का

ह लड़का हजो क पहल आता ह उस कहत जस ndash फल

ह फल ह इसिलए यह ह

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जो क बाद आता ह उस कहत जस ndash वह लड़का बड़ा होिशयार ह लडका ह होिशयार ह क बाद आन क कारण यह ह

जो क साथ उसको करन क िलए होता ह उस समानािधकरण कहत जस ndash रामनाथ कहता ह

रामनाथ क साथ समानािधकरण ह चार क ndash

क गणवाचक (Adjectives of Quality)

ख (Adjectives of number)

ग (Adjective)

घ या (Demonstrative Adjective)

१ गणवाचकजो क गण रग आकार को बतलानवाल को गणवाचक कहत

जस ndash लबा सशील काला गोल गणवाचक क बदल बहधा क क भी आतजस ndash राजा ( का राजा )

जापानी कपड़ा (जापान का कपड़ा)गणवाचचक का होता ह तब उनका क समान होता ह

जस ndash न सच कहा ह२ - क गणना का बोध हो उस

कहत जस ndash एक दो पहला दसरा दगनाक तीन भद होत ndash

1) 2) 3) बोधक या बोधकndash इसस का बोध होता ह जस ndash चार आठ सात

क चार भद ndash

a गणनावाचक ndash गणनावाचक षण स गणना का बोध होता ह जस ndash एक चार फल सात

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गणनावाचक क साथ एक लगान स लगभग का होता ह जस ndash एक आदमी ndash

लगभग आदमी b ndash स क गणना का होता ह जस ndash पहला

दसरा चौथाc ndash गणनावाचक क lsquoगनाrsquo लगान स बनत जस

ndash दगना ितगना ३ - स माप- तोल या का पता होता ह उस

कहत जस ndash दो सर चावल चार गज कपडा

क दो भद होत ndash

1) और 2)

ण - स का पता लगता हजौस - दो सर चावल

- स का पता नलगता ह जौस ndash बहत दध

४ या - स ऒर या सकत जाता ह उसकहत lsquoयहrsquo lsquoवहrsquo स जाता ह इसिलए इसकहत

जस ndash यह वह जब क हो तब वह बन जाता ह

जस ndash वह घर राम का ह कई ऐस मल जसा रहता ह

जस ndash वह यह क

भी िलग वचन और कारक क अनसार होता ह क िलग और कारक ककारण कछ होता ह

जस ndash काला कपड़ा - काला कपड़काला धोती - काला धोितया

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क साथ ई हो जातजस - काली धोती

क होता ह जो क होन परहोता ह जस ndash वह घोड़ा व घोड़

पथकता अथवा अिधकता क िलए को दहराता ह ndash

जस ndash छोट छोट फल लालका भी होता ह जस ndash बडा लड़का

गणवाचक और जब करत तब वह बन जात

जस ndash थोड़ा खा गया चावल बहत ह क साथ जब आता और व बन जात तब उनक साथ

भी लगती जस ndash को दान दो

UNIT - 16

(Verb)

काम क करन या होन का बोध हो उस कहतजस पढ़ना खाना दौडना पहनना

धात ndash क मल को धात कहत उदा- पढ़ना खलना खानाय सब मल धात lsquoपढ़rsquo lsquoखलrsquo lsquoखाrsquo ह मल धात lsquoनाrsquo जोडकर का िमलताह

i क आधार पर क दो भद होत - 1) 2)

1) (Transitive Verb) ndash क का फल को छोड पर पडता हउस कहत

उदा ndash राम पढ़ता ह

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राम ह ह और का पर पडता ह2) (Intransitive Verb) - क का फल पर पडता ह उस

कहत का अभाव हउदा ndash मोहन सोता ह

कभी कभी एक होता ह और कभी कभी दो भी होत एक होन वालको एक lsquo rsquo कहत

उदा ndash राम न खाना खायाखाना ह कवल एक होता ह दो होन वाली को

कहतउदा ndash मा न को दध

दो होत ndash lsquo rsquo और lsquoदधrsquo दो होत एक lsquo rsquo और दसराlsquoगौणrsquo

उदा ndash मा न को दधइस lsquoगौणrsquo ह दध lsquo rsquo ह lsquoगौणrsquo कभी कभी होता हउदा ndash न कथा सनाई

ii क भद1 - व होती ह आशय अथवा स परा होताको परा करन क िलए दसर होती ह ऐसी को कहतयह दो क होती ह१ ndash का अभाव हउदा ndash वह ह यहा क को परा करन क िलए जोडा गया ह२ ndash होन पर भी का भाव परा न हो उस को

कहतउदा ndash सीता न पढ़ाया

यहा परा सीता न lsquo rsquo पढ़ाया lsquo rsquo पढ़ाया यह परा इसिलए यहह यहा होन पर भी का भाव परा होता

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३ परक - को परा करन क िलए या पडती ह

परक कहत क परक lsquo परकrsquo तथा क परक lsquo परकrsquo

होतउदा ndash उस होिशयार समझता ह ( परक)

राम बलवान ह ( परक)

iii यौिगक धात ndashक स धातओ क दो भद होत 1) मल धात 2) यौिगक धात

मल धात - मल धात व जो दसर स न बन जस ndash कर बठ पढ़ यौिगक धात ndash यौिगक धात व जो दसर स बनाय जात उदा ndash खाना स नाम धात ndash जो या क आधार पर बनती ह उस नाम धात कहत

उदा ndash हाथ स हिथयानास

अपना स अपनानाiv - स यह जान पडता ह को न करक दसर को

करन दता ह उस (casual verbs) कहतउदा ndash राम न मोहन स िलखवाया यहा राम न िलखकर मोहन स िलखवाता ह इसिलए यह ह

करनवाल को और जाती ह उस कहतराम न मोहन स िलखवाया राम ह और मोहन हमल जो होती ह उनस और बन सकती हस और बन सकती उदा ndash दध पीता ह

पीना ह इसस बनती ह ndash मा को दध हस बना सकती ह उदा - मा नौकर स को दध ह

बनान का िनयममल धात क आ जोडन स और वा जोडन स या

बनती ह

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उदा ndash उठना ndash उठाना - उठवानाचलना ndash चलाना - चलवानापढ़ना ndash पढाना - पढ़वाना

दो क धातओ ए और औ को छोडकर पहला हो जाता हउदा ndash जागना ndash जगाना ndash जगवाना

भलना ndash भलाना - भलवानाछोडना ndash छडाना ndash छडवाना

धातओ क ला और लवा लगात तब हो जाता हउदा ndash पीना ndash ndash

सोना ndash सलाना ndash सलवानाखाना ndash -

v नाम धात - को छोडकर जोडन स जो धात बनती ह अथवा जो नाम (

या ) धात क समान होत नामधात कहत जो नामधात लगान सबनत आ ओऔर ला लगात पहला हो जाता ह

उदा ndash लाज ndash ndash लजानाहाथ ndash हिथया ndash हिथयानाझठ ndash झठला ndash झठलाना

UNIT - 17

काल (Tense)क स क होन का समय और अथवा का बोध हो उस काल

कहत काल क तीन भद होत1) भतकाल2) काल3) काल

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भतकालस का बोध हो उस भतकाल कहत

उदा ndash राम न िलखी भतकाल क छः भद - भत भत भत भत भत हत-हतमत भत

भत ndash क स भतकाल क समय का बोध न हो उस भत कहतउदा ndash मोहन न खत िलखायहा का बोध होता जो भतकाल हई ह भतकाल ndash क स का का समय अभी अभी हआ ह इसका बोध

होता ह उस भतकाल कहत उदा ndash राम न ह

इसस पहल अभी अभी हई हभत ndash क स यह होता ह क को हए बहत समय हो चका ह उसभत कहत

उदा ndash न दध थास हो क साथ lsquoथाrsquo lsquoथrsquo lsquoथीrsquo लगान स भतकािलक

िमलता हभत - क उस को भत कहत यह हो भतकाल हो थी पर

का पता न लग उस भतकाल कहतउदा - वह पढ़ रहा था वह सोता था

कब समा हआ इसका पता क साथ lsquoता थाrsquo lsquoत थrsquo lsquoरहा थाrsquo lsquoरह थrsquo लगानाभत काल ndash क स भतकाल सचना िमलती ह उसक होन कछ हो उसभत कहतउदा ndash वह आया होगा

उसन खाया होगा भतकाल हो थी ह क साथ lsquoहगाrsquo lsquoहगीrsquo lsquoहोगाrsquo lsquoहोगीrsquo

lsquo rsquo जोडन स भतकाल िमलता हहत-हतमत भतकाल ndash क स यह पाया जाय भतकाल होना सभव थाकारण स न हो सका उस हत-हतमत भतकाल कहत

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(Present Tense)

क को काल कहत रहती ह

होती उस काल कहतउदा ndash राम पढ़ता ह

सीता गीत गा हकाल तीन क होत ndash 1) काल 2) काल 3)

काल - वह ह स का काल होना पाया जाय

उस कहतउदा ndash मोहन पढ़ता ह

रमा गाती ह क साथ lsquoताrsquo lsquoतrsquo lsquoतीrsquo जोडन स बनत

- वह ह काल क होन पायाजायउदा ndash वह खाता होगा

सीता जाती होगी क साथ lsquoता होगाrsquo lsquoती होगीrsquo lsquoत rsquo lsquoती rsquo लगान स िमलत

ndash का वह ह यह होता ह का अभी ह

होता उस कहत उदा ndash वह खा रहा ह

चल हक साथ lsquoरहाrsquo lsquo rsquo lsquoरहrsquo जोडन स िमलती ह

काल ( Future Tense)

होनवाली को काल कहत काल क दो भद ndash 1)

काल 2) कालकाल ndash का वह ह स क आग होन सचना िमल उसकाल कहत

उदा ndash वह आयगा

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राम आज बबई जायगासीता कल घर आयगी

क साथ lsquoयगाrsquo lsquoयगीrsquo lsquoयगrsquo जोडन स िमलतकाल ndash क होन सभावना हो उस काल कहत

उदा ndash सभव ह आज हो स lsquoगाrsquo lsquoगrsquo lsquoगीrsquo पथक कर दन स काल िमलगा

UNIT ndash 18

(Voice)उस कहत यह जाना जाय का ह

ह या कवल भाव ह उस कहतउदा ndash राम न रावण को मारा

तीन क ndash 1) 2) 3) भाव- ह हमशा क िलग वचन और क अनसार होता ह

उस कहतउदा ndash लडका पढ़ता ह

लड़का ह और ग ह इसिलए भी होना हसीता िलखती ह इसम सीता ह इसिलए ह का सीधा स होताह

ndash क िलग वचन क अनसार हो उस कहतह का होता ह

उदा ndash राम िलखता हह इसिलए यह ह धानता होती ह और का

स होता ह क िलग वचन क अनसार बदलती ह हमशाहोता ह का होना ह

उदा ndash राम न रावण को मारा -

राम स रावण मारा गया -

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रावण ह ह क का ह गौण का रहता ह

उदा ndash मा न को दध मा स को दध गया

दो होत ndash और दध ndash भाव होती ह यह हमशा स बनता ह हमशा

एकवचन और होती ह इसका होता ह उदा ndash यहा बठा जाता

मझस पढ़ा जाता स या बनान

को भत क करना उसक साथ काल वचन और िलग कअनसार जाना क जोडन ऐसा करन स स औरक स भा बनती ह

उदा ndash 1) राम न रावण को मारा -

राम स रावण मारा गया -

2) राम रावण को मारगा -

राम स रावण मारा जायगा -

3) राम रावण को मारता ह -

राम स रावण मारा जाता -

पहल lsquoमाराrsquo भतकािलक ह इसिलए lsquoमाराrsquo क साथ lsquoजानाrsquo का भतकािलकजोडना

दसर lsquoमारगाrsquo काल ह इसिलए lsquoमाराrsquo भतकािलक बदलकरlsquoजानाrsquo का काल lsquoजायगाrsquo जोडना

तीसर काल ह को भतकािलक बदलकर (मारा) उसक साथजाना का (जाता) जोडना

स बन सकता हउदा ndash मोहन उठता ( )

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मोहन स उठा जाता - ( )

वीणा चलती ( )

वीणा स चला जाता - ( )

UNIT ndash 19

याअभी तक हमन क बार पढ़ िलया ह उनक िलग वचन और कारक क अनसार

आता ह इसिलए कहत का ह अब हम क दसरया क बार

चार क होत ndash 1) 2) बोधक 3) बोधक 4)

बोधक

UNIT ndash 20

ndash Adverbउस कहत होती ह

उदा - रमश चलता हइस lsquoचलनाrsquo ह ndash ह lsquo rsquo इसिलए lsquo rsquo ह

स क तीन भद ह - 1) साधारण 2) सयोजक 3) साधारण - साधारण वह ह होता ह साधारण या

कहत जस ndash खब पढ़ो दौडो सयोजक ndash का स या स होता ह सयोजक

कहत जस ndash जहा तक हम चल सक वहा तक ह

योजना का सयोजक स होता ह- का क

भद क साथ होता ह कहत

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जस ndash गह खाओग

कह तो लो होता ह व कवल गह खात और कछ खायगा इन

ह हो जान स का बदल जाता ह जस ndash वह काम करगा इसका यह ह जो काम उस ह कवल वह करगा और कछ

क आधार पर क चार भद होत ndash 1) कालवाचक 2) 3)

4)

कालवाचक ndash स समय अविध तथा काल का बोध होता ह कालवाचककहतजस ndash काम को अभी पढ़ना

आजकल रोज़ होती ह कभी कभी भी रात क समान लगता ह मोहन पढ़ाई सदा ह

अभी आजकल कभी कभी सदा कालवाचक ह ndash स क का बोध होता ह

कहत उदा ndash जहा तक जा सक वहा तक जाओ

जाओ और वहा लटो घर क सामन एक ह बाहर रोशनी भीतर अधरा

हाथ स मारत जहा वहा सामन बाहर भीतर ndash स अिधकता- का बोध होता ह

कहत जस ndash उतना पढ़ो हो

चावल थोडा खाओ खब खाना

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अपना थोडा खब

व क होन का ढ़ग का पता िमलता ह जस ndash राहल धीर धीर चलता ह

सीता मधरतम गाती ह यथा हम तथा िमलत

धीर धीर मधरतम यथा-तथा

UNIT - 21

बोधकबोधक ह जो या क साथ आकर उनका क

क साथ बनात उदा ndash धन क कोई काम न चलता

घर क नीच एक तालाब ह क पास एक भी ह

नीच पास बोधक ह क अनसार बोधक क दो भद होत ndash 1) 2)

क ndash य या क बाद आतउदा - घर क भीतर घर क पीछ घर ऒर

कारक भी आती ह जस का क कभी कभी अपादान कारक या भी आती ह

उदा ndash इनस पहल आया राम का मकान मोहन क घर स पर

lsquoसrsquo lsquoपरrsquo अपादान कारक क ndash यह स क क साथ आत

जस ndash दो तक राम रहगा

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घड भर पानी क िलए पाच दन ग lsquoतकrsquo lsquoभरrsquo सचक

UNIT - 22

( Conjunctions)योजक या व जो या न बतला कर एक या का

दसर या स जोडत बोधक कहतजस ndash सीता और गीता अपन घर गयी

सीता और गीता को िमलानवाला योजक lsquoऔरrsquo ह क तीन भद ndash 1) सयोजक 2) 3) भदबोधक

1) सयोजक ndash कई का सयोग करनवाल को सयोजक कहत इसक दो याका मल होता ह

उदा ndash और राम कल बबई और वहा उनक साथ मोहन भी lsquoऔरrsquo lsquoभीrsquo सयोजक ह

2) ndash जो का बोध कराए कहत जस ndash चाह दश सवा करनी या अथवा मानवीय को पहचानना

lsquoयाrsquo lsquoअथवाrsquo lsquoवाrsquo lsquoचाहrsquo को करनवाल ह 3) भदबोधक ndash दो स एक स भद बतलानवाल को भदबोधक कहत य कई क होत

क ndash दो म स पहल का िनषध या सिचत करत जस ndash

पर मगर वरन उदा ndash मझ वहा जाना था क कारण जा न सका

ख - कारणवाचक और उपदशमलक ndashइसिलए सो अतः इसिलए

इस क ह जस ndash राम समय पर आ न सका इसिलए जा न सका

ग सकतबोधक ndash ndash तो जो ndash तो प सकतबोधक ह जस ndash तम कहत तो जाता

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घ ndash इन पहली बात का और होता ह यान मानो यहा तक इस क ह

जस ndash कोई भी समय पर पहचा यहा तक भी 10 बज तक न आय क और दो भद होत ndash 1) समानािधकरण 2)

समानािधकरण ndash समान पद क या को जोडत जो एक क हो वसमानािधकरण धक कहत जस ndash क मा-बाप का अजीब ह समानािधकरण क चार उपभद होत ndash

1) सयोजक ndash और तथा भी एव 2) क ndash या वा अथवा चाह 3) ndash पर मगर 4) ndash इसिलए अतः

ndash को स जोडनवाल कोकहत

जस ndash आज नौकरानी आयगी वह बीमार ह क चार उपभद होत ndash

१ ndash यान मानो २ करणवाचक ndash जो इसिलए ३ उपदशवाचक - जो ४ सकतवाचक ndash - तो जो-तो -

4) ndash ndash स क शोक घणाको करनवाल को -बोधक कहत

जस ndash हाय अब अर आप कहा जा रह

ह राम करो को सिचत करन क िलए - लात

बोधक क सात भद ndash

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1) बोधक ndash वाह ndashवाह - आहा शबाश

2) शोक बोधक ndash आह ऊह हा-हा ndash

3) बोधक ndash अहो ऒह

4) अनमोदन बोधक ndash हा-हा वाह शबाश

5) बोधक ndash िछ हट अर िधक

6) ndash बहत हा जी हा7) सबोधन बोधक ndash अर र अपी अहो

कभी कभी भी हो जातजस ndash भगवान लो चप कभी कभी या भी होत जस ndash न हो बहत हो गया

जब क समान होत तब वह होता तब वमनोभाव को करात

जस ndash हाय हाय मचा रखी ह

सब लोग - पकार उठहाय ndash हाय - क समान ह इसिलए यह बोधक ह

UNIT - 23

क भद क स बनान का िनयम

क पर जायगास बनता ह एक या अिधक स बनता ह एक स अिधक स बनता

ह कहन या िलखनवाल का परा भाव हो जाय तो उस कहतजस ndash मोहन पढ़ता ह

राम िलखता ह इन स लखक का परा भाव होता ह

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ndash कछ ऐस होत और क रहन पर भी कहन या िलखनवाल का परा आशयहोता क समह को और क रहन पर भी जो कछ सनन

बनी रह कहत दो क होत ndash 1) 2)

क अधीन होतउदा ndash राम न कहा था वह कल पाठशाला जायगा

इस राम न कहा था - ह और कल पाठशाला जायगा तह इस और भी कहत

रखनवाल को कछ थोडा सा भाव करनवाल को कहतएक भावना होती ह

जस ndash तरह पढ़ना चलना

इन होता ह क म दो भाग होत 1) और 2)

ndash ( ) कछ होता ह उस कहतndash ( ) क जो कछ होता ह उस कहत

जस ndash मरा स भरा हआ ह मरा ह और स भरा हआ ह ह मरा ndash ह और मरा

उस का ह इसिलए ( ) और मरा का कहत हआ हह शष उसका ह

इस चार भाग हए ndash 1) ( ) 2) का 3) ( ) 4)

काचार भद ndash

क ndash राम गया ख ndash वह कह चका ग ndash फल

क भदक अनसार क आठ भद होत ndash

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1 ndash इस स बात का होना सिचत होता ह जस ndash भारत राजधानी ह

2 िनषधवाचक ndash का अभाव होता ह जस ndash क कछ भी पा सकत

3 ndash इस स सचना होती हजस - तम कल कालज

4 ndash इसस और उपदश का बोध होता ह जस ndash तरह पढ़ो

का भजन करो 5 ndash इसस का भाव सिचत होता ह जस ndash हाय राम को एक

लाख िमल 6 ndash इसस या सचना होती ह

जस ndash अक पा

7 ndash या सभावना सचना होती ह जस ndash आज होगी

8 - सकत सचना होती ह जस ndash हो तो

राम काम करगा रचना क आधार पर

रचना क आधार पर क तीन भद होत - 1) सरल या साधारण 2) और3)

१ सरल ndash एक और एक होता ह उस सरल कहतजस ndash मोहन िलखता ह ( मोहन और िलखता ह धय ह)

राम मज़ पर रखी ह ( ह और रखी ह ह)

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lsquoराम rsquo और lsquoमज़ परrsquo कवल और का ह २ - उस कहत एक हो और उसक एक या

अिधक हो उस कहतजस ndash जो करगा उस सफलता िमलगी जो करगा ndash ह उस सफलता िमलगी - ह

तीन क ndash 1) 2) 3)

1) ndash का क पर होता ह उसकहतजस ndash मरा ह तमन को मारा यह सच ह इस तमन को मारा ndash ह क पर आया ह इसिलए यह

ह 2) ndash जब कोई को क का काम दता ह तब उस

कहत जस ndash य उसी छा को जायगा जो रहगा

उसी स डरत जो खब मारता ह उसी जो ह

3) ndash जो क का काम दता ह उस कहत

जस ndash करता ह उतना फल िमलता ह जब तम कहोग सब कछ

जब ह ३ ndash दो या दो स अिधक योजक जड हो न

हो उस कहतजस ndash वह तरह पढ़ता था तो पास होता

दो या दो स अिधक सरल अथवा एक दसर पर न होता ह इसिलए यह

जस - कर चका (सरल )

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हम कर चक तो व आए ( )

और मरा मन ठड हो गया ( )

चार क होत ndash सयोजक सचक 1) सयोजक - एक दसर क साथ सयोजक जडा रहता ह

जस ndash वह आया और उसक साथ गया स िमलता ह और स होता ह

2) ndash का एक दसर स भद या का रहता ह जस ndash स बढ़ता ह स भरता ह वह खब खाता पर बडा होता

3) सचक ndash दो स एक को करना जस ndash मझ या राम को

4) अथवा हतसचक ndash एक दसर का होता हजस ndash तम आग पढ़ो पसा दगा मझ पसा िमला इसिलए

कभी कभी बीच योजक आत जस ndash मझ न बलाया आप आता ह जब को का या एक होता ह तो एक बार िलखा या कहा

जाता ह ऐस को सकिचत कहत जस ndash का और मन को भी दता ह

जो आसानी स समझकर छोड दत ऐस को कहत जस ndash आजकल सना ह बरसात क मौसम बखार सब फलाता ह

कहत रोज़ बढ़त रह पहल हमन होना था पर ह दसर लोग स होना पर होता ह

एक का दसर क बदल जा सकता ह मलकर सकत

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क सरल स ndash

उदा ndash सरल - राम न मोहन का - राम न उस को जो मोहन का था

ख स सरलndash उसन कहा पापी ह

सरल ndash उसन को पापी बताया ग सरल स

सरल ndash होन पर लोग खत जान लग - हआ और खत जान लग

घ स िनषध वाचक तथाndash मोहन सोहन स बडा ह

िनषध वाचक - मोहन सोहन स बडा ndash मोहन सोहन स बडा ह

UNIT ndash 24

और महावरव जो का अपना न बता कर कछ करत महावरा

कहत बोलचाल बहत आनवाला ऐसा बधा कोई अनभव बात और अलकतभाषा गई हो या कहावत कहाता ह जस ndash मर पट चह कद रह

जब स उनका लड़का मरा ह कमर टट गई ह वह इतना चालाक ह अपन मािलक को पर नचाता ह

इन lsquoपट चह कद रह rsquo lsquoकमर टट गई हrsquo lsquo पर नचाता हrsquo इन काउनक स ह यहा lsquoपट चह कदनrsquo का ह भख लगना lsquoकमर टटनrsquo का ह या

का न रहना तथा lsquo पर नचानrsquo का ह अपन वश रखना अतः य महावरकहलात

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इसी जब कोई आदमी काम करना न जानता हो परत अपन को िछपान क िलए बहान बनावतब कहा जाता ह ndash नाच न जान आगन टढ़ा

जब कोई आदमी अनक खाकर भी अपनी आदत न छोड़ तब कहा जाता ह दम सौतक नली रखो तो भी य बध हए और अनभव तथा अलकत भाषा कह गय अतः य

और क स भाषा तथा आती ह महावरदार भाषाबहत पसद जाती ह और कथन बड़ा होता ह

महावरअग-अग - बहत होनाअगठा - चीज़ को दन स क साथ करनाअध - सहाराअधरा घर का उजाला - एकलौता बटा

क घोड़ दौड़ाना - सोचनापर पड़ना - समझ न पाना

अपना सीधा करना ndash करनाआख उठाना - नीयत स दखनाआख खलाना - होश आना

चार होना - आख स आख िमलानानीची होना - होनापीली करना - नाराज़ होना

आकाश पाताल का ndash बहत भदआग घी डालना - बढ़ानाआसमान िसर पर उठाना - बहत कोलाहल करना

स बजाना - करनाईद का चाद होना - िचरकाल पीछ दनाउगली पर नचाना - वश रखना

गगा बहाना - बात करना

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कमर टट जाना - िनराश हो जानाकान भरना - चगली करना

मौत मरना - बहत तरह स मरनाखाक उड़ाना खाक िमलाना - बरबाद होनागड़ गोबर कर दना - काम दनाघर गगा - दौड़-धप कघाट घाट का पानी पीना - जहा तहा का अनभव करनाचाद पर थकना - करना और फलतः होनाचार चादनी - थोड़ का सख

का दध याद आना - सब सख भल जाना सकट आ पड़नाजमीन पर पर न पड़ना - बहत अिभमान होनाजल भन कर कोयला होना - पागल हो जानाटस स मस न होना - भी नटाग अड़ाना - बाधा डालनाटोपी उछालना - िनरादर करनाितनका पकड़ना - मागनाितन का ताड़ करना - बात बढ़ानाथक कर चाटना - वचन दकर जाना

तल उगली दबाना - करनादम तोडना - मर जाना

दना रात चौगना होना - खब होनाधप बाल सफद करना - अनभव आय दनानमक लगाना - बात को बढ़ा कर कहनानाक कटना - बदनामी होनानाक चढ़ाना - घणा करनानीला पीला होना - आना

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नौ-दो होना - भाग जानाउछालना - करना

- बातपरदा डालना - िछपानापहाड टट पड़ना - आनापट चह कदना - खब भख लगना

तल स ज़मीन िनकल जाना - होश उड़ जानाफक-फक कर कदम रखना - सोच-समझ कर काम करनाबगला भगत -

उछलना - खब खश होनाबाज़ार पर होना - काम पर होनाबात का धनी - वायद काबाल खाल उतारना - करनाबाल पकना - बढ़ा होजाना अनभव करनाबाल बाल बचना - हािन पहचन जरा- सी कसर रह जानाबगार टालना - लगाकर काम न करनाबोली मारना - क कहनाभनक पड़ना - खबर द जानाभाड़ - समय गवाना

मारना - बकारचस - बहत कजसपर मारना - का नकल करना

मगज चाटना - तग करनामाथा ठनकना - आशका होनामारा मारा - होनामह-तोड़ जवाब दना - परा-परा जवाब दना

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मह फक हो जाना - चहर का रग उतर जानामह पानी भर आना - खान को ललचानामह लगाना - अिधक द दना

गरम करना - दनाराई का पहाड़ बनाना - बात को बढ़ाकर कहनारात- - हमशालका काड होना - खब मारपीट होनालबी-चौ हाकना - करना

होना - होनालह क घट पीना - करनालह पसीना एक करना - बहत करनालोह क चना चबाना - काम करनाशतान क कान कतरना - बहत चालाक होना

करना - करनाबाग - बहकाना

समझ पर पड़ना - होनाबठना - जमाना

िसतारा चमकना - उदय होनािसर पर खन सवार होना - जान लन पर होनािसर पर हाथ धरना - सहायता करनासौ बात एक बात - िनचोड़

करना - फक डालनाहसी उड़ाना - करनाहाथ मल -

हाथ पर हाथ धर बठना - बठनाहाथ पसारना - मागना

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हाथ-पर मारना - करनाहाथ साफ करना - बईमानी स ठगना

पानी करना - करनाहोश उड़ना - भय या आशका स दखी होना

अत गता सो मता - वहकान राजा - थोड़ा पढ़ िलख का मान होता ह

आख क गाठ क पर - पर धनवानआप मर जग परल - ह तो ससार ह

चोर कोतवाल को डाट - अपराध करक को डाटनाऊची दकान पकवान - काम करनाएक अनार सौ बीमार - जब एक चीज़ क बहत स तब कहा जाता हएक पथ दो काज - एक काम करन स दो का लाभ होनाकाला बराबर -

घर का लका ढ़ाह - फट स घर नाश होता हिचराग तल अधरा - पास घटना क होन पर भी उसका न होना या

ऐस पर बराई का होना जहा उसक रोकन का होचोर ितनका - पापी डर जाता हजाग सो पाव सोव तो खोव - सावधान रहन स लाभ होता ह

- बलवान का दबदबा रहता हजसा दश वसा भस - दश रह वसी करनीजसी करनी वसी भरनी - फल िमलता हतन को कपड़ा न पट को - बहतथोथा चना बाज घना - काम न करनवाला बकवास बहत करता हदाम बनाय काम - पस स सब काम हो जात

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धोबी का घर का न घाट का - जो एक पर जमकर काम न कर कभी एक लग और कभीदसर और सफल न हो उस कहा जाता ह

रहना मगर स बर - अधीन होकर रह और उसी स बर कर तो गज़ारा चलता हन रहगा बास न बाजगी - नकसान हो उसका नाश कर दना हनाच न जान आगन टढ़ा - काम करन न होन पर दसर को दोष दना नीम जान का खतरा - अधरा हािनकारक होता हनौ नगद न तरह उधार - उधार सौदा दनामान न मान तरा महमान - गल पड़नािमया जती िमया क िसर - स उसी हािन करनासौ सयान एक मत - सभी अथवा एक सलाह होती हहाथ कगन को आरसी - क िलए और हाथी क दात खान क और क और - कहना कछ और करना कछ औरहोनहार क होत चीकन पात - होनहार क पहल स जात

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3) जाितवाचक स ऐ हमशा बहवचन होती ह जब और भाववाचक काजब जाितवाचक क समान होता ह तब व बहवचन होता ह

उदा ndash भारत रावण कमी (यहा रावण जाितवाचक ह)

(4) जब जाितवाचक क समान होता ह तब व बहवचन क होतउदा ndash और क ह (जल बहवचन एव जाितवाचक ह)

UNIT - 13

कारक (Case)या क स उसका क क साथ होता ह उस

कारक कहतउदा ndash राम न रावण को माराइस lsquoनrsquo और lsquoकोrsquo इन क उसका सिचत होता हउदा ndash मारा - राम lsquoनrsquo

मारा ndash रावण lsquoकोrsquo इसिलए य कारककारक क आठ भद होत ndash

कारक - नकारक - को

करण कारक - सकारक - को

अपादान कारक - सकारक - का क

अिधकरण कारक - पर

सबोधन कारक - ह अर अपी अहो क कारक ndash (Nominative)

या क स करनवाला या का बोध होता ह उस कारक कहतlsquoनrsquo ह

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उदा ndash राम गयामोहन न खाया

lsquoरामrsquo और lsquoमोहनrsquo कारक ह न हक को सिचत करन क िलए कोई जाती ह

उदा ndash राम न िलखी ख कारक (Accusative)

या पर क का फल पडता ह उस कारक कहत उदा - राम न रावण को मारा

रावण मारा गया ह यहा lsquoरावणrsquo कारक ह lsquoकोrsquo हकभी कभी lsquoकोrsquo का लोप होता ह

उदा ndash राम न िलखायहा lsquoकोrsquo का लोप होता ह ऐसा भी होता ह - राम न को िलखा

ग करण कारक ( Instrumental)

क साधन का बोध करानवाल क को करण कारक कहत lsquoसrsquo ह उदा ndash

कलम स िलखतिलखन का साधन कलम ह कलम क िलखन होती ह

घ कारक ( Dative)

कारक का वह ह जो उस का बोध कराता ह िलए कोई कामlsquoकोrsquo lsquoक िलएrsquo ह

उदा ndash मोहन न राम को पाच मोहन न राम क िलए पाच

ङ अपादान कारक (Ablative)

का वह ह क स पथक होन का बोध हो उस अपादान कारककहत lsquoसrsquo ह

उदा ndash स िगरतयहा स का सिचत होता ह कारक और अपादान कारक lsquoसrsquo ह

करण कारक lsquoसrsquo साधन सिचत होता ह अपादान कारक lsquoसrsquo सिचत होता ह

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कलम स िलखता ह - करण कारकस आ रहा ह - अपादान कारक

च कारक (Genitive)

क स उसका स होता ह उस कारक कहतlsquoकाrsquo lsquoकrsquo lsquo rsquo

उदा ndash राम का घोडा राम क घोड राम बहन छ अिधकरण कारक (Locative)

क स क आधार का बोध होता ह उस अिधकरण कारक कहत lsquo rsquo

और lsquoपरrsquo उदा ndash शर जगल रहता ह

मज़ पर ह अिधकरण तीन क होत ndash

क कालािधकरण ndash का काल होता ह उस कालािधकरण कहत उदा ndash राम दोपहरस आयगा

ख भावािधकरण ndash क भाव क भावािधकरण होता ह उदा ndash शर को दखकरभय होता ह

ग ndash पर होती ह उस कहत उदा ndash मज़ पर ह कालवाचक और क सात कभी कभी लगती उदा ndash कल रात मसलधार हई ( कल रात मसलधार हई ndash lsquo rsquo का लोप)

ज सबोधन (Vocative)

क स को पकारना सिचत होता ह उस सबोधन कारक कहत हउदा ndash ह राम वहा मत आना

सबोधन कारक कोई ह उसको करन क िलए lsquoहrsquo lsquoअरrsquo कोलगाय जात

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UNIT - 14

( Pronoun)क उसक को करन क िलए का जाता ह

कहत उदा ndash राम जाता ह वह अपनी जाता हउसन कहा ndash लाना भल गया वह अपनी राम जगह हए ह

इसिलए ह को हटान क िलए का जाता हयोग क अनसार क पाच भद होत

1) - त यह वह (एव) हम तम य व आप (बव)

2) ndash यह वह (एव) य व (बव)

3) ndash कोई कछ (एव - बव)

4) ndash जो सो (एव - बव)

5) ndash कौन (एव - बव)

क ndash या लखक बोलत या िलखत समय या तो अपन कछ कहता ह या सननवालऔर पढ़नवाल क अथवा अपन और सननवाल को छोडकर क

कहत स बोलनवाल सननवाल और क कछ कहा जाए उस कोकहत

तीन क होत ndash औरndash बोलनवाला या िलखनवाला अपनिलए का करता ह उस

कहत (एव) हम (बव)ndash सननवाल या पढ़नवाल क िलए का होता ह उस कहत

जस ndashत तम और आप ndash क कछ कहा या िलखा जाए उसक िलए होन वाल को

कहत जस ndash यह वह (एव) य व (बव)और हम ह एकवचन ह हम बहवचन ह का हम

क बहवचन स ह यहा हम क पर होता ह हम का एकवचनऔर बहवचन होत

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त और तम क आदर क िलए आपका करत जस ndash तमयहा आओ इसी क पर आप यहा ए कभी कभी यह और वह क भी आप का

होता ह जस ndash आप मर कभी कभी आदर क िलए आप का करत बहवचन सिचत करन क िलए आप क साथ lsquoलोगrsquo

जोडा जाता ह जस ndash आप लोग यहािनजवाचक आप और चक आप भद होता ह िनजवाचक आप समान स एक वचन

और बहवचन आता ह जस ndash आप पढ़गा हम आपवह कवल बहवचन करत िनचवाचक आप तीन स

होत आप कवल और करतlsquoआपrsquo अकला जाता ह िनजवाचक आप तथा क साथ आता ह जस ndash त

आप कामकभी (2) आप भल अकला आ सकता ह जस ndash आप भला तो जग भला वह अपन आप समझ गया

व ऒर सकत जाता हसकतवाचक और िनदशवाचक भी कहत जस ndash यह वह य व

हम तम आप यह य व इन या क साथ अिधकताकरन क िलए lsquo rsquo lsquoईrsquo य जोडत झस ndash त आप

स या क बात का बोध न हो उसकहत जस ndash कोई कछ

a lsquoकोईrsquo का क िलए होता ह जस ndash बाहर स कोई आ रहा ह b जब का पता न होन पर ndash जस ndash अर कोई कमर ह

c क lsquoकोईrsquo लग तो उसका लगभग होता ह जस - कॉलज स कोई पाच सौभाग

d lsquoकोईrsquo जब दोहराया जाता ह तब को सिचत करता ह जस कोई कोई पर को रोकतe कोई क साथ एक लग जान पर सिचत करता ह जस ndash तम स कोई एक गा सकगा

कछ का अनिगनत क िलए होता ह जस ndash कछ हक िलए होता ह जस ndash पानी कछ ह

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कोई का क िलए होता ह और कछ का क िलए होता हघ वाचक

स दो और क बीच क का बोध हो उस वाचक कहतजो सो जस ndash आपन जो कहा सो हो गया

कभी कभी जो या सो स एक रहता ह जस जो गाता ह बात हङ ndash करन क िलए का होता ह कहत

उदा ndash आप सोचत आज कौन आएगाकौन का क िलए होता ह का क िलए होता ह जस ndash कौन

बोलगा थली हकभी कभी कौन का क िलए होता हजस - बाधा डालनवाल तम कौन होिभ किलए lsquoकौनrsquo को दोहरा भी जाता ह जस ndash कौन कौन लाएग

क कौन का होता ह जस - इसन कौन अपराधक िलए को दोहरा दता ह जस ndash राम न

का क भी होता ह जस ndash तम मझस लडोगका

वचन और कारक क कारण भी होत िलग क कारण होताका और एक स होता ह

सबोधन होतास क पर होता ह उसी क अनसार उस क िलग वचन भी होता ह

काकारक एकवचन बहवचन

हममझको मझ हमको

करण मझस हमसमझको मरिलएमझ हमको हमार िलए

अपादान मझस हमसमरामर हमारा हमार

अिधकरण मझपर हमपर

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तकरक एकवचन बहवचन

तन तम तमनतझको तझ तमको

करण तझस तमसतरातर

अिधकरण तझपर तमपर

वहकरक एकवचन बहवचन

वहउसन व

उसको उस उनकोकरण उसस उनस

उसक िलए उस उनक िलए

अपादान उसस उनसउसका उसक उनका उनक

अिधकरण उस पर उनपर

UNIT - 15

(Adjective)स या सिचत कर उस कहत जस ndash रशमी

कपडा लाल कमलबतलाई जाए उस कहत जस ndash लड़का

ह लड़का हजो क पहल आता ह उस कहत जस ndash फल

ह फल ह इसिलए यह ह

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जो क बाद आता ह उस कहत जस ndash वह लड़का बड़ा होिशयार ह लडका ह होिशयार ह क बाद आन क कारण यह ह

जो क साथ उसको करन क िलए होता ह उस समानािधकरण कहत जस ndash रामनाथ कहता ह

रामनाथ क साथ समानािधकरण ह चार क ndash

क गणवाचक (Adjectives of Quality)

ख (Adjectives of number)

ग (Adjective)

घ या (Demonstrative Adjective)

१ गणवाचकजो क गण रग आकार को बतलानवाल को गणवाचक कहत

जस ndash लबा सशील काला गोल गणवाचक क बदल बहधा क क भी आतजस ndash राजा ( का राजा )

जापानी कपड़ा (जापान का कपड़ा)गणवाचचक का होता ह तब उनका क समान होता ह

जस ndash न सच कहा ह२ - क गणना का बोध हो उस

कहत जस ndash एक दो पहला दसरा दगनाक तीन भद होत ndash

1) 2) 3) बोधक या बोधकndash इसस का बोध होता ह जस ndash चार आठ सात

क चार भद ndash

a गणनावाचक ndash गणनावाचक षण स गणना का बोध होता ह जस ndash एक चार फल सात

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गणनावाचक क साथ एक लगान स लगभग का होता ह जस ndash एक आदमी ndash

लगभग आदमी b ndash स क गणना का होता ह जस ndash पहला

दसरा चौथाc ndash गणनावाचक क lsquoगनाrsquo लगान स बनत जस

ndash दगना ितगना ३ - स माप- तोल या का पता होता ह उस

कहत जस ndash दो सर चावल चार गज कपडा

क दो भद होत ndash

1) और 2)

ण - स का पता लगता हजौस - दो सर चावल

- स का पता नलगता ह जौस ndash बहत दध

४ या - स ऒर या सकत जाता ह उसकहत lsquoयहrsquo lsquoवहrsquo स जाता ह इसिलए इसकहत

जस ndash यह वह जब क हो तब वह बन जाता ह

जस ndash वह घर राम का ह कई ऐस मल जसा रहता ह

जस ndash वह यह क

भी िलग वचन और कारक क अनसार होता ह क िलग और कारक ककारण कछ होता ह

जस ndash काला कपड़ा - काला कपड़काला धोती - काला धोितया

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क साथ ई हो जातजस - काली धोती

क होता ह जो क होन परहोता ह जस ndash वह घोड़ा व घोड़

पथकता अथवा अिधकता क िलए को दहराता ह ndash

जस ndash छोट छोट फल लालका भी होता ह जस ndash बडा लड़का

गणवाचक और जब करत तब वह बन जात

जस ndash थोड़ा खा गया चावल बहत ह क साथ जब आता और व बन जात तब उनक साथ

भी लगती जस ndash को दान दो

UNIT - 16

(Verb)

काम क करन या होन का बोध हो उस कहतजस पढ़ना खाना दौडना पहनना

धात ndash क मल को धात कहत उदा- पढ़ना खलना खानाय सब मल धात lsquoपढ़rsquo lsquoखलrsquo lsquoखाrsquo ह मल धात lsquoनाrsquo जोडकर का िमलताह

i क आधार पर क दो भद होत - 1) 2)

1) (Transitive Verb) ndash क का फल को छोड पर पडता हउस कहत

उदा ndash राम पढ़ता ह

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राम ह ह और का पर पडता ह2) (Intransitive Verb) - क का फल पर पडता ह उस

कहत का अभाव हउदा ndash मोहन सोता ह

कभी कभी एक होता ह और कभी कभी दो भी होत एक होन वालको एक lsquo rsquo कहत

उदा ndash राम न खाना खायाखाना ह कवल एक होता ह दो होन वाली को

कहतउदा ndash मा न को दध

दो होत ndash lsquo rsquo और lsquoदधrsquo दो होत एक lsquo rsquo और दसराlsquoगौणrsquo

उदा ndash मा न को दधइस lsquoगौणrsquo ह दध lsquo rsquo ह lsquoगौणrsquo कभी कभी होता हउदा ndash न कथा सनाई

ii क भद1 - व होती ह आशय अथवा स परा होताको परा करन क िलए दसर होती ह ऐसी को कहतयह दो क होती ह१ ndash का अभाव हउदा ndash वह ह यहा क को परा करन क िलए जोडा गया ह२ ndash होन पर भी का भाव परा न हो उस को

कहतउदा ndash सीता न पढ़ाया

यहा परा सीता न lsquo rsquo पढ़ाया lsquo rsquo पढ़ाया यह परा इसिलए यहह यहा होन पर भी का भाव परा होता

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३ परक - को परा करन क िलए या पडती ह

परक कहत क परक lsquo परकrsquo तथा क परक lsquo परकrsquo

होतउदा ndash उस होिशयार समझता ह ( परक)

राम बलवान ह ( परक)

iii यौिगक धात ndashक स धातओ क दो भद होत 1) मल धात 2) यौिगक धात

मल धात - मल धात व जो दसर स न बन जस ndash कर बठ पढ़ यौिगक धात ndash यौिगक धात व जो दसर स बनाय जात उदा ndash खाना स नाम धात ndash जो या क आधार पर बनती ह उस नाम धात कहत

उदा ndash हाथ स हिथयानास

अपना स अपनानाiv - स यह जान पडता ह को न करक दसर को

करन दता ह उस (casual verbs) कहतउदा ndash राम न मोहन स िलखवाया यहा राम न िलखकर मोहन स िलखवाता ह इसिलए यह ह

करनवाल को और जाती ह उस कहतराम न मोहन स िलखवाया राम ह और मोहन हमल जो होती ह उनस और बन सकती हस और बन सकती उदा ndash दध पीता ह

पीना ह इसस बनती ह ndash मा को दध हस बना सकती ह उदा - मा नौकर स को दध ह

बनान का िनयममल धात क आ जोडन स और वा जोडन स या

बनती ह

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उदा ndash उठना ndash उठाना - उठवानाचलना ndash चलाना - चलवानापढ़ना ndash पढाना - पढ़वाना

दो क धातओ ए और औ को छोडकर पहला हो जाता हउदा ndash जागना ndash जगाना ndash जगवाना

भलना ndash भलाना - भलवानाछोडना ndash छडाना ndash छडवाना

धातओ क ला और लवा लगात तब हो जाता हउदा ndash पीना ndash ndash

सोना ndash सलाना ndash सलवानाखाना ndash -

v नाम धात - को छोडकर जोडन स जो धात बनती ह अथवा जो नाम (

या ) धात क समान होत नामधात कहत जो नामधात लगान सबनत आ ओऔर ला लगात पहला हो जाता ह

उदा ndash लाज ndash ndash लजानाहाथ ndash हिथया ndash हिथयानाझठ ndash झठला ndash झठलाना

UNIT - 17

काल (Tense)क स क होन का समय और अथवा का बोध हो उस काल

कहत काल क तीन भद होत1) भतकाल2) काल3) काल

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भतकालस का बोध हो उस भतकाल कहत

उदा ndash राम न िलखी भतकाल क छः भद - भत भत भत भत भत हत-हतमत भत

भत ndash क स भतकाल क समय का बोध न हो उस भत कहतउदा ndash मोहन न खत िलखायहा का बोध होता जो भतकाल हई ह भतकाल ndash क स का का समय अभी अभी हआ ह इसका बोध

होता ह उस भतकाल कहत उदा ndash राम न ह

इसस पहल अभी अभी हई हभत ndash क स यह होता ह क को हए बहत समय हो चका ह उसभत कहत

उदा ndash न दध थास हो क साथ lsquoथाrsquo lsquoथrsquo lsquoथीrsquo लगान स भतकािलक

िमलता हभत - क उस को भत कहत यह हो भतकाल हो थी पर

का पता न लग उस भतकाल कहतउदा - वह पढ़ रहा था वह सोता था

कब समा हआ इसका पता क साथ lsquoता थाrsquo lsquoत थrsquo lsquoरहा थाrsquo lsquoरह थrsquo लगानाभत काल ndash क स भतकाल सचना िमलती ह उसक होन कछ हो उसभत कहतउदा ndash वह आया होगा

उसन खाया होगा भतकाल हो थी ह क साथ lsquoहगाrsquo lsquoहगीrsquo lsquoहोगाrsquo lsquoहोगीrsquo

lsquo rsquo जोडन स भतकाल िमलता हहत-हतमत भतकाल ndash क स यह पाया जाय भतकाल होना सभव थाकारण स न हो सका उस हत-हतमत भतकाल कहत

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(Present Tense)

क को काल कहत रहती ह

होती उस काल कहतउदा ndash राम पढ़ता ह

सीता गीत गा हकाल तीन क होत ndash 1) काल 2) काल 3)

काल - वह ह स का काल होना पाया जाय

उस कहतउदा ndash मोहन पढ़ता ह

रमा गाती ह क साथ lsquoताrsquo lsquoतrsquo lsquoतीrsquo जोडन स बनत

- वह ह काल क होन पायाजायउदा ndash वह खाता होगा

सीता जाती होगी क साथ lsquoता होगाrsquo lsquoती होगीrsquo lsquoत rsquo lsquoती rsquo लगान स िमलत

ndash का वह ह यह होता ह का अभी ह

होता उस कहत उदा ndash वह खा रहा ह

चल हक साथ lsquoरहाrsquo lsquo rsquo lsquoरहrsquo जोडन स िमलती ह

काल ( Future Tense)

होनवाली को काल कहत काल क दो भद ndash 1)

काल 2) कालकाल ndash का वह ह स क आग होन सचना िमल उसकाल कहत

उदा ndash वह आयगा

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राम आज बबई जायगासीता कल घर आयगी

क साथ lsquoयगाrsquo lsquoयगीrsquo lsquoयगrsquo जोडन स िमलतकाल ndash क होन सभावना हो उस काल कहत

उदा ndash सभव ह आज हो स lsquoगाrsquo lsquoगrsquo lsquoगीrsquo पथक कर दन स काल िमलगा

UNIT ndash 18

(Voice)उस कहत यह जाना जाय का ह

ह या कवल भाव ह उस कहतउदा ndash राम न रावण को मारा

तीन क ndash 1) 2) 3) भाव- ह हमशा क िलग वचन और क अनसार होता ह

उस कहतउदा ndash लडका पढ़ता ह

लड़का ह और ग ह इसिलए भी होना हसीता िलखती ह इसम सीता ह इसिलए ह का सीधा स होताह

ndash क िलग वचन क अनसार हो उस कहतह का होता ह

उदा ndash राम िलखता हह इसिलए यह ह धानता होती ह और का

स होता ह क िलग वचन क अनसार बदलती ह हमशाहोता ह का होना ह

उदा ndash राम न रावण को मारा -

राम स रावण मारा गया -

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रावण ह ह क का ह गौण का रहता ह

उदा ndash मा न को दध मा स को दध गया

दो होत ndash और दध ndash भाव होती ह यह हमशा स बनता ह हमशा

एकवचन और होती ह इसका होता ह उदा ndash यहा बठा जाता

मझस पढ़ा जाता स या बनान

को भत क करना उसक साथ काल वचन और िलग कअनसार जाना क जोडन ऐसा करन स स औरक स भा बनती ह

उदा ndash 1) राम न रावण को मारा -

राम स रावण मारा गया -

2) राम रावण को मारगा -

राम स रावण मारा जायगा -

3) राम रावण को मारता ह -

राम स रावण मारा जाता -

पहल lsquoमाराrsquo भतकािलक ह इसिलए lsquoमाराrsquo क साथ lsquoजानाrsquo का भतकािलकजोडना

दसर lsquoमारगाrsquo काल ह इसिलए lsquoमाराrsquo भतकािलक बदलकरlsquoजानाrsquo का काल lsquoजायगाrsquo जोडना

तीसर काल ह को भतकािलक बदलकर (मारा) उसक साथजाना का (जाता) जोडना

स बन सकता हउदा ndash मोहन उठता ( )

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मोहन स उठा जाता - ( )

वीणा चलती ( )

वीणा स चला जाता - ( )

UNIT ndash 19

याअभी तक हमन क बार पढ़ िलया ह उनक िलग वचन और कारक क अनसार

आता ह इसिलए कहत का ह अब हम क दसरया क बार

चार क होत ndash 1) 2) बोधक 3) बोधक 4)

बोधक

UNIT ndash 20

ndash Adverbउस कहत होती ह

उदा - रमश चलता हइस lsquoचलनाrsquo ह ndash ह lsquo rsquo इसिलए lsquo rsquo ह

स क तीन भद ह - 1) साधारण 2) सयोजक 3) साधारण - साधारण वह ह होता ह साधारण या

कहत जस ndash खब पढ़ो दौडो सयोजक ndash का स या स होता ह सयोजक

कहत जस ndash जहा तक हम चल सक वहा तक ह

योजना का सयोजक स होता ह- का क

भद क साथ होता ह कहत

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जस ndash गह खाओग

कह तो लो होता ह व कवल गह खात और कछ खायगा इन

ह हो जान स का बदल जाता ह जस ndash वह काम करगा इसका यह ह जो काम उस ह कवल वह करगा और कछ

क आधार पर क चार भद होत ndash 1) कालवाचक 2) 3)

4)

कालवाचक ndash स समय अविध तथा काल का बोध होता ह कालवाचककहतजस ndash काम को अभी पढ़ना

आजकल रोज़ होती ह कभी कभी भी रात क समान लगता ह मोहन पढ़ाई सदा ह

अभी आजकल कभी कभी सदा कालवाचक ह ndash स क का बोध होता ह

कहत उदा ndash जहा तक जा सक वहा तक जाओ

जाओ और वहा लटो घर क सामन एक ह बाहर रोशनी भीतर अधरा

हाथ स मारत जहा वहा सामन बाहर भीतर ndash स अिधकता- का बोध होता ह

कहत जस ndash उतना पढ़ो हो

चावल थोडा खाओ खब खाना

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अपना थोडा खब

व क होन का ढ़ग का पता िमलता ह जस ndash राहल धीर धीर चलता ह

सीता मधरतम गाती ह यथा हम तथा िमलत

धीर धीर मधरतम यथा-तथा

UNIT - 21

बोधकबोधक ह जो या क साथ आकर उनका क

क साथ बनात उदा ndash धन क कोई काम न चलता

घर क नीच एक तालाब ह क पास एक भी ह

नीच पास बोधक ह क अनसार बोधक क दो भद होत ndash 1) 2)

क ndash य या क बाद आतउदा - घर क भीतर घर क पीछ घर ऒर

कारक भी आती ह जस का क कभी कभी अपादान कारक या भी आती ह

उदा ndash इनस पहल आया राम का मकान मोहन क घर स पर

lsquoसrsquo lsquoपरrsquo अपादान कारक क ndash यह स क क साथ आत

जस ndash दो तक राम रहगा

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घड भर पानी क िलए पाच दन ग lsquoतकrsquo lsquoभरrsquo सचक

UNIT - 22

( Conjunctions)योजक या व जो या न बतला कर एक या का

दसर या स जोडत बोधक कहतजस ndash सीता और गीता अपन घर गयी

सीता और गीता को िमलानवाला योजक lsquoऔरrsquo ह क तीन भद ndash 1) सयोजक 2) 3) भदबोधक

1) सयोजक ndash कई का सयोग करनवाल को सयोजक कहत इसक दो याका मल होता ह

उदा ndash और राम कल बबई और वहा उनक साथ मोहन भी lsquoऔरrsquo lsquoभीrsquo सयोजक ह

2) ndash जो का बोध कराए कहत जस ndash चाह दश सवा करनी या अथवा मानवीय को पहचानना

lsquoयाrsquo lsquoअथवाrsquo lsquoवाrsquo lsquoचाहrsquo को करनवाल ह 3) भदबोधक ndash दो स एक स भद बतलानवाल को भदबोधक कहत य कई क होत

क ndash दो म स पहल का िनषध या सिचत करत जस ndash

पर मगर वरन उदा ndash मझ वहा जाना था क कारण जा न सका

ख - कारणवाचक और उपदशमलक ndashइसिलए सो अतः इसिलए

इस क ह जस ndash राम समय पर आ न सका इसिलए जा न सका

ग सकतबोधक ndash ndash तो जो ndash तो प सकतबोधक ह जस ndash तम कहत तो जाता

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घ ndash इन पहली बात का और होता ह यान मानो यहा तक इस क ह

जस ndash कोई भी समय पर पहचा यहा तक भी 10 बज तक न आय क और दो भद होत ndash 1) समानािधकरण 2)

समानािधकरण ndash समान पद क या को जोडत जो एक क हो वसमानािधकरण धक कहत जस ndash क मा-बाप का अजीब ह समानािधकरण क चार उपभद होत ndash

1) सयोजक ndash और तथा भी एव 2) क ndash या वा अथवा चाह 3) ndash पर मगर 4) ndash इसिलए अतः

ndash को स जोडनवाल कोकहत

जस ndash आज नौकरानी आयगी वह बीमार ह क चार उपभद होत ndash

१ ndash यान मानो २ करणवाचक ndash जो इसिलए ३ उपदशवाचक - जो ४ सकतवाचक ndash - तो जो-तो -

4) ndash ndash स क शोक घणाको करनवाल को -बोधक कहत

जस ndash हाय अब अर आप कहा जा रह

ह राम करो को सिचत करन क िलए - लात

बोधक क सात भद ndash

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1) बोधक ndash वाह ndashवाह - आहा शबाश

2) शोक बोधक ndash आह ऊह हा-हा ndash

3) बोधक ndash अहो ऒह

4) अनमोदन बोधक ndash हा-हा वाह शबाश

5) बोधक ndash िछ हट अर िधक

6) ndash बहत हा जी हा7) सबोधन बोधक ndash अर र अपी अहो

कभी कभी भी हो जातजस ndash भगवान लो चप कभी कभी या भी होत जस ndash न हो बहत हो गया

जब क समान होत तब वह होता तब वमनोभाव को करात

जस ndash हाय हाय मचा रखी ह

सब लोग - पकार उठहाय ndash हाय - क समान ह इसिलए यह बोधक ह

UNIT - 23

क भद क स बनान का िनयम

क पर जायगास बनता ह एक या अिधक स बनता ह एक स अिधक स बनता

ह कहन या िलखनवाल का परा भाव हो जाय तो उस कहतजस ndash मोहन पढ़ता ह

राम िलखता ह इन स लखक का परा भाव होता ह

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ndash कछ ऐस होत और क रहन पर भी कहन या िलखनवाल का परा आशयहोता क समह को और क रहन पर भी जो कछ सनन

बनी रह कहत दो क होत ndash 1) 2)

क अधीन होतउदा ndash राम न कहा था वह कल पाठशाला जायगा

इस राम न कहा था - ह और कल पाठशाला जायगा तह इस और भी कहत

रखनवाल को कछ थोडा सा भाव करनवाल को कहतएक भावना होती ह

जस ndash तरह पढ़ना चलना

इन होता ह क म दो भाग होत 1) और 2)

ndash ( ) कछ होता ह उस कहतndash ( ) क जो कछ होता ह उस कहत

जस ndash मरा स भरा हआ ह मरा ह और स भरा हआ ह ह मरा ndash ह और मरा

उस का ह इसिलए ( ) और मरा का कहत हआ हह शष उसका ह

इस चार भाग हए ndash 1) ( ) 2) का 3) ( ) 4)

काचार भद ndash

क ndash राम गया ख ndash वह कह चका ग ndash फल

क भदक अनसार क आठ भद होत ndash

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1 ndash इस स बात का होना सिचत होता ह जस ndash भारत राजधानी ह

2 िनषधवाचक ndash का अभाव होता ह जस ndash क कछ भी पा सकत

3 ndash इस स सचना होती हजस - तम कल कालज

4 ndash इसस और उपदश का बोध होता ह जस ndash तरह पढ़ो

का भजन करो 5 ndash इसस का भाव सिचत होता ह जस ndash हाय राम को एक

लाख िमल 6 ndash इसस या सचना होती ह

जस ndash अक पा

7 ndash या सभावना सचना होती ह जस ndash आज होगी

8 - सकत सचना होती ह जस ndash हो तो

राम काम करगा रचना क आधार पर

रचना क आधार पर क तीन भद होत - 1) सरल या साधारण 2) और3)

१ सरल ndash एक और एक होता ह उस सरल कहतजस ndash मोहन िलखता ह ( मोहन और िलखता ह धय ह)

राम मज़ पर रखी ह ( ह और रखी ह ह)

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lsquoराम rsquo और lsquoमज़ परrsquo कवल और का ह २ - उस कहत एक हो और उसक एक या

अिधक हो उस कहतजस ndash जो करगा उस सफलता िमलगी जो करगा ndash ह उस सफलता िमलगी - ह

तीन क ndash 1) 2) 3)

1) ndash का क पर होता ह उसकहतजस ndash मरा ह तमन को मारा यह सच ह इस तमन को मारा ndash ह क पर आया ह इसिलए यह

ह 2) ndash जब कोई को क का काम दता ह तब उस

कहत जस ndash य उसी छा को जायगा जो रहगा

उसी स डरत जो खब मारता ह उसी जो ह

3) ndash जो क का काम दता ह उस कहत

जस ndash करता ह उतना फल िमलता ह जब तम कहोग सब कछ

जब ह ३ ndash दो या दो स अिधक योजक जड हो न

हो उस कहतजस ndash वह तरह पढ़ता था तो पास होता

दो या दो स अिधक सरल अथवा एक दसर पर न होता ह इसिलए यह

जस - कर चका (सरल )

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हम कर चक तो व आए ( )

और मरा मन ठड हो गया ( )

चार क होत ndash सयोजक सचक 1) सयोजक - एक दसर क साथ सयोजक जडा रहता ह

जस ndash वह आया और उसक साथ गया स िमलता ह और स होता ह

2) ndash का एक दसर स भद या का रहता ह जस ndash स बढ़ता ह स भरता ह वह खब खाता पर बडा होता

3) सचक ndash दो स एक को करना जस ndash मझ या राम को

4) अथवा हतसचक ndash एक दसर का होता हजस ndash तम आग पढ़ो पसा दगा मझ पसा िमला इसिलए

कभी कभी बीच योजक आत जस ndash मझ न बलाया आप आता ह जब को का या एक होता ह तो एक बार िलखा या कहा

जाता ह ऐस को सकिचत कहत जस ndash का और मन को भी दता ह

जो आसानी स समझकर छोड दत ऐस को कहत जस ndash आजकल सना ह बरसात क मौसम बखार सब फलाता ह

कहत रोज़ बढ़त रह पहल हमन होना था पर ह दसर लोग स होना पर होता ह

एक का दसर क बदल जा सकता ह मलकर सकत

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क सरल स ndash

उदा ndash सरल - राम न मोहन का - राम न उस को जो मोहन का था

ख स सरलndash उसन कहा पापी ह

सरल ndash उसन को पापी बताया ग सरल स

सरल ndash होन पर लोग खत जान लग - हआ और खत जान लग

घ स िनषध वाचक तथाndash मोहन सोहन स बडा ह

िनषध वाचक - मोहन सोहन स बडा ndash मोहन सोहन स बडा ह

UNIT ndash 24

और महावरव जो का अपना न बता कर कछ करत महावरा

कहत बोलचाल बहत आनवाला ऐसा बधा कोई अनभव बात और अलकतभाषा गई हो या कहावत कहाता ह जस ndash मर पट चह कद रह

जब स उनका लड़का मरा ह कमर टट गई ह वह इतना चालाक ह अपन मािलक को पर नचाता ह

इन lsquoपट चह कद रह rsquo lsquoकमर टट गई हrsquo lsquo पर नचाता हrsquo इन काउनक स ह यहा lsquoपट चह कदनrsquo का ह भख लगना lsquoकमर टटनrsquo का ह या

का न रहना तथा lsquo पर नचानrsquo का ह अपन वश रखना अतः य महावरकहलात

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इसी जब कोई आदमी काम करना न जानता हो परत अपन को िछपान क िलए बहान बनावतब कहा जाता ह ndash नाच न जान आगन टढ़ा

जब कोई आदमी अनक खाकर भी अपनी आदत न छोड़ तब कहा जाता ह दम सौतक नली रखो तो भी य बध हए और अनभव तथा अलकत भाषा कह गय अतः य

और क स भाषा तथा आती ह महावरदार भाषाबहत पसद जाती ह और कथन बड़ा होता ह

महावरअग-अग - बहत होनाअगठा - चीज़ को दन स क साथ करनाअध - सहाराअधरा घर का उजाला - एकलौता बटा

क घोड़ दौड़ाना - सोचनापर पड़ना - समझ न पाना

अपना सीधा करना ndash करनाआख उठाना - नीयत स दखनाआख खलाना - होश आना

चार होना - आख स आख िमलानानीची होना - होनापीली करना - नाराज़ होना

आकाश पाताल का ndash बहत भदआग घी डालना - बढ़ानाआसमान िसर पर उठाना - बहत कोलाहल करना

स बजाना - करनाईद का चाद होना - िचरकाल पीछ दनाउगली पर नचाना - वश रखना

गगा बहाना - बात करना

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कमर टट जाना - िनराश हो जानाकान भरना - चगली करना

मौत मरना - बहत तरह स मरनाखाक उड़ाना खाक िमलाना - बरबाद होनागड़ गोबर कर दना - काम दनाघर गगा - दौड़-धप कघाट घाट का पानी पीना - जहा तहा का अनभव करनाचाद पर थकना - करना और फलतः होनाचार चादनी - थोड़ का सख

का दध याद आना - सब सख भल जाना सकट आ पड़नाजमीन पर पर न पड़ना - बहत अिभमान होनाजल भन कर कोयला होना - पागल हो जानाटस स मस न होना - भी नटाग अड़ाना - बाधा डालनाटोपी उछालना - िनरादर करनाितनका पकड़ना - मागनाितन का ताड़ करना - बात बढ़ानाथक कर चाटना - वचन दकर जाना

तल उगली दबाना - करनादम तोडना - मर जाना

दना रात चौगना होना - खब होनाधप बाल सफद करना - अनभव आय दनानमक लगाना - बात को बढ़ा कर कहनानाक कटना - बदनामी होनानाक चढ़ाना - घणा करनानीला पीला होना - आना

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नौ-दो होना - भाग जानाउछालना - करना

- बातपरदा डालना - िछपानापहाड टट पड़ना - आनापट चह कदना - खब भख लगना

तल स ज़मीन िनकल जाना - होश उड़ जानाफक-फक कर कदम रखना - सोच-समझ कर काम करनाबगला भगत -

उछलना - खब खश होनाबाज़ार पर होना - काम पर होनाबात का धनी - वायद काबाल खाल उतारना - करनाबाल पकना - बढ़ा होजाना अनभव करनाबाल बाल बचना - हािन पहचन जरा- सी कसर रह जानाबगार टालना - लगाकर काम न करनाबोली मारना - क कहनाभनक पड़ना - खबर द जानाभाड़ - समय गवाना

मारना - बकारचस - बहत कजसपर मारना - का नकल करना

मगज चाटना - तग करनामाथा ठनकना - आशका होनामारा मारा - होनामह-तोड़ जवाब दना - परा-परा जवाब दना

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मह फक हो जाना - चहर का रग उतर जानामह पानी भर आना - खान को ललचानामह लगाना - अिधक द दना

गरम करना - दनाराई का पहाड़ बनाना - बात को बढ़ाकर कहनारात- - हमशालका काड होना - खब मारपीट होनालबी-चौ हाकना - करना

होना - होनालह क घट पीना - करनालह पसीना एक करना - बहत करनालोह क चना चबाना - काम करनाशतान क कान कतरना - बहत चालाक होना

करना - करनाबाग - बहकाना

समझ पर पड़ना - होनाबठना - जमाना

िसतारा चमकना - उदय होनािसर पर खन सवार होना - जान लन पर होनािसर पर हाथ धरना - सहायता करनासौ बात एक बात - िनचोड़

करना - फक डालनाहसी उड़ाना - करनाहाथ मल -

हाथ पर हाथ धर बठना - बठनाहाथ पसारना - मागना

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हाथ-पर मारना - करनाहाथ साफ करना - बईमानी स ठगना

पानी करना - करनाहोश उड़ना - भय या आशका स दखी होना

अत गता सो मता - वहकान राजा - थोड़ा पढ़ िलख का मान होता ह

आख क गाठ क पर - पर धनवानआप मर जग परल - ह तो ससार ह

चोर कोतवाल को डाट - अपराध करक को डाटनाऊची दकान पकवान - काम करनाएक अनार सौ बीमार - जब एक चीज़ क बहत स तब कहा जाता हएक पथ दो काज - एक काम करन स दो का लाभ होनाकाला बराबर -

घर का लका ढ़ाह - फट स घर नाश होता हिचराग तल अधरा - पास घटना क होन पर भी उसका न होना या

ऐस पर बराई का होना जहा उसक रोकन का होचोर ितनका - पापी डर जाता हजाग सो पाव सोव तो खोव - सावधान रहन स लाभ होता ह

- बलवान का दबदबा रहता हजसा दश वसा भस - दश रह वसी करनीजसी करनी वसी भरनी - फल िमलता हतन को कपड़ा न पट को - बहतथोथा चना बाज घना - काम न करनवाला बकवास बहत करता हदाम बनाय काम - पस स सब काम हो जात

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धोबी का घर का न घाट का - जो एक पर जमकर काम न कर कभी एक लग और कभीदसर और सफल न हो उस कहा जाता ह

रहना मगर स बर - अधीन होकर रह और उसी स बर कर तो गज़ारा चलता हन रहगा बास न बाजगी - नकसान हो उसका नाश कर दना हनाच न जान आगन टढ़ा - काम करन न होन पर दसर को दोष दना नीम जान का खतरा - अधरा हािनकारक होता हनौ नगद न तरह उधार - उधार सौदा दनामान न मान तरा महमान - गल पड़नािमया जती िमया क िसर - स उसी हािन करनासौ सयान एक मत - सभी अथवा एक सलाह होती हहाथ कगन को आरसी - क िलए और हाथी क दात खान क और क और - कहना कछ और करना कछ औरहोनहार क होत चीकन पात - होनहार क पहल स जात

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उदा ndash राम गयामोहन न खाया

lsquoरामrsquo और lsquoमोहनrsquo कारक ह न हक को सिचत करन क िलए कोई जाती ह

उदा ndash राम न िलखी ख कारक (Accusative)

या पर क का फल पडता ह उस कारक कहत उदा - राम न रावण को मारा

रावण मारा गया ह यहा lsquoरावणrsquo कारक ह lsquoकोrsquo हकभी कभी lsquoकोrsquo का लोप होता ह

उदा ndash राम न िलखायहा lsquoकोrsquo का लोप होता ह ऐसा भी होता ह - राम न को िलखा

ग करण कारक ( Instrumental)

क साधन का बोध करानवाल क को करण कारक कहत lsquoसrsquo ह उदा ndash

कलम स िलखतिलखन का साधन कलम ह कलम क िलखन होती ह

घ कारक ( Dative)

कारक का वह ह जो उस का बोध कराता ह िलए कोई कामlsquoकोrsquo lsquoक िलएrsquo ह

उदा ndash मोहन न राम को पाच मोहन न राम क िलए पाच

ङ अपादान कारक (Ablative)

का वह ह क स पथक होन का बोध हो उस अपादान कारककहत lsquoसrsquo ह

उदा ndash स िगरतयहा स का सिचत होता ह कारक और अपादान कारक lsquoसrsquo ह

करण कारक lsquoसrsquo साधन सिचत होता ह अपादान कारक lsquoसrsquo सिचत होता ह

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कलम स िलखता ह - करण कारकस आ रहा ह - अपादान कारक

च कारक (Genitive)

क स उसका स होता ह उस कारक कहतlsquoकाrsquo lsquoकrsquo lsquo rsquo

उदा ndash राम का घोडा राम क घोड राम बहन छ अिधकरण कारक (Locative)

क स क आधार का बोध होता ह उस अिधकरण कारक कहत lsquo rsquo

और lsquoपरrsquo उदा ndash शर जगल रहता ह

मज़ पर ह अिधकरण तीन क होत ndash

क कालािधकरण ndash का काल होता ह उस कालािधकरण कहत उदा ndash राम दोपहरस आयगा

ख भावािधकरण ndash क भाव क भावािधकरण होता ह उदा ndash शर को दखकरभय होता ह

ग ndash पर होती ह उस कहत उदा ndash मज़ पर ह कालवाचक और क सात कभी कभी लगती उदा ndash कल रात मसलधार हई ( कल रात मसलधार हई ndash lsquo rsquo का लोप)

ज सबोधन (Vocative)

क स को पकारना सिचत होता ह उस सबोधन कारक कहत हउदा ndash ह राम वहा मत आना

सबोधन कारक कोई ह उसको करन क िलए lsquoहrsquo lsquoअरrsquo कोलगाय जात

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UNIT - 14

( Pronoun)क उसक को करन क िलए का जाता ह

कहत उदा ndash राम जाता ह वह अपनी जाता हउसन कहा ndash लाना भल गया वह अपनी राम जगह हए ह

इसिलए ह को हटान क िलए का जाता हयोग क अनसार क पाच भद होत

1) - त यह वह (एव) हम तम य व आप (बव)

2) ndash यह वह (एव) य व (बव)

3) ndash कोई कछ (एव - बव)

4) ndash जो सो (एव - बव)

5) ndash कौन (एव - बव)

क ndash या लखक बोलत या िलखत समय या तो अपन कछ कहता ह या सननवालऔर पढ़नवाल क अथवा अपन और सननवाल को छोडकर क

कहत स बोलनवाल सननवाल और क कछ कहा जाए उस कोकहत

तीन क होत ndash औरndash बोलनवाला या िलखनवाला अपनिलए का करता ह उस

कहत (एव) हम (बव)ndash सननवाल या पढ़नवाल क िलए का होता ह उस कहत

जस ndashत तम और आप ndash क कछ कहा या िलखा जाए उसक िलए होन वाल को

कहत जस ndash यह वह (एव) य व (बव)और हम ह एकवचन ह हम बहवचन ह का हम

क बहवचन स ह यहा हम क पर होता ह हम का एकवचनऔर बहवचन होत

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त और तम क आदर क िलए आपका करत जस ndash तमयहा आओ इसी क पर आप यहा ए कभी कभी यह और वह क भी आप का

होता ह जस ndash आप मर कभी कभी आदर क िलए आप का करत बहवचन सिचत करन क िलए आप क साथ lsquoलोगrsquo

जोडा जाता ह जस ndash आप लोग यहािनजवाचक आप और चक आप भद होता ह िनजवाचक आप समान स एक वचन

और बहवचन आता ह जस ndash आप पढ़गा हम आपवह कवल बहवचन करत िनचवाचक आप तीन स

होत आप कवल और करतlsquoआपrsquo अकला जाता ह िनजवाचक आप तथा क साथ आता ह जस ndash त

आप कामकभी (2) आप भल अकला आ सकता ह जस ndash आप भला तो जग भला वह अपन आप समझ गया

व ऒर सकत जाता हसकतवाचक और िनदशवाचक भी कहत जस ndash यह वह य व

हम तम आप यह य व इन या क साथ अिधकताकरन क िलए lsquo rsquo lsquoईrsquo य जोडत झस ndash त आप

स या क बात का बोध न हो उसकहत जस ndash कोई कछ

a lsquoकोईrsquo का क िलए होता ह जस ndash बाहर स कोई आ रहा ह b जब का पता न होन पर ndash जस ndash अर कोई कमर ह

c क lsquoकोईrsquo लग तो उसका लगभग होता ह जस - कॉलज स कोई पाच सौभाग

d lsquoकोईrsquo जब दोहराया जाता ह तब को सिचत करता ह जस कोई कोई पर को रोकतe कोई क साथ एक लग जान पर सिचत करता ह जस ndash तम स कोई एक गा सकगा

कछ का अनिगनत क िलए होता ह जस ndash कछ हक िलए होता ह जस ndash पानी कछ ह

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कोई का क िलए होता ह और कछ का क िलए होता हघ वाचक

स दो और क बीच क का बोध हो उस वाचक कहतजो सो जस ndash आपन जो कहा सो हो गया

कभी कभी जो या सो स एक रहता ह जस जो गाता ह बात हङ ndash करन क िलए का होता ह कहत

उदा ndash आप सोचत आज कौन आएगाकौन का क िलए होता ह का क िलए होता ह जस ndash कौन

बोलगा थली हकभी कभी कौन का क िलए होता हजस - बाधा डालनवाल तम कौन होिभ किलए lsquoकौनrsquo को दोहरा भी जाता ह जस ndash कौन कौन लाएग

क कौन का होता ह जस - इसन कौन अपराधक िलए को दोहरा दता ह जस ndash राम न

का क भी होता ह जस ndash तम मझस लडोगका

वचन और कारक क कारण भी होत िलग क कारण होताका और एक स होता ह

सबोधन होतास क पर होता ह उसी क अनसार उस क िलग वचन भी होता ह

काकारक एकवचन बहवचन

हममझको मझ हमको

करण मझस हमसमझको मरिलएमझ हमको हमार िलए

अपादान मझस हमसमरामर हमारा हमार

अिधकरण मझपर हमपर

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तकरक एकवचन बहवचन

तन तम तमनतझको तझ तमको

करण तझस तमसतरातर

अिधकरण तझपर तमपर

वहकरक एकवचन बहवचन

वहउसन व

उसको उस उनकोकरण उसस उनस

उसक िलए उस उनक िलए

अपादान उसस उनसउसका उसक उनका उनक

अिधकरण उस पर उनपर

UNIT - 15

(Adjective)स या सिचत कर उस कहत जस ndash रशमी

कपडा लाल कमलबतलाई जाए उस कहत जस ndash लड़का

ह लड़का हजो क पहल आता ह उस कहत जस ndash फल

ह फल ह इसिलए यह ह

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जो क बाद आता ह उस कहत जस ndash वह लड़का बड़ा होिशयार ह लडका ह होिशयार ह क बाद आन क कारण यह ह

जो क साथ उसको करन क िलए होता ह उस समानािधकरण कहत जस ndash रामनाथ कहता ह

रामनाथ क साथ समानािधकरण ह चार क ndash

क गणवाचक (Adjectives of Quality)

ख (Adjectives of number)

ग (Adjective)

घ या (Demonstrative Adjective)

१ गणवाचकजो क गण रग आकार को बतलानवाल को गणवाचक कहत

जस ndash लबा सशील काला गोल गणवाचक क बदल बहधा क क भी आतजस ndash राजा ( का राजा )

जापानी कपड़ा (जापान का कपड़ा)गणवाचचक का होता ह तब उनका क समान होता ह

जस ndash न सच कहा ह२ - क गणना का बोध हो उस

कहत जस ndash एक दो पहला दसरा दगनाक तीन भद होत ndash

1) 2) 3) बोधक या बोधकndash इसस का बोध होता ह जस ndash चार आठ सात

क चार भद ndash

a गणनावाचक ndash गणनावाचक षण स गणना का बोध होता ह जस ndash एक चार फल सात

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गणनावाचक क साथ एक लगान स लगभग का होता ह जस ndash एक आदमी ndash

लगभग आदमी b ndash स क गणना का होता ह जस ndash पहला

दसरा चौथाc ndash गणनावाचक क lsquoगनाrsquo लगान स बनत जस

ndash दगना ितगना ३ - स माप- तोल या का पता होता ह उस

कहत जस ndash दो सर चावल चार गज कपडा

क दो भद होत ndash

1) और 2)

ण - स का पता लगता हजौस - दो सर चावल

- स का पता नलगता ह जौस ndash बहत दध

४ या - स ऒर या सकत जाता ह उसकहत lsquoयहrsquo lsquoवहrsquo स जाता ह इसिलए इसकहत

जस ndash यह वह जब क हो तब वह बन जाता ह

जस ndash वह घर राम का ह कई ऐस मल जसा रहता ह

जस ndash वह यह क

भी िलग वचन और कारक क अनसार होता ह क िलग और कारक ककारण कछ होता ह

जस ndash काला कपड़ा - काला कपड़काला धोती - काला धोितया

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क साथ ई हो जातजस - काली धोती

क होता ह जो क होन परहोता ह जस ndash वह घोड़ा व घोड़

पथकता अथवा अिधकता क िलए को दहराता ह ndash

जस ndash छोट छोट फल लालका भी होता ह जस ndash बडा लड़का

गणवाचक और जब करत तब वह बन जात

जस ndash थोड़ा खा गया चावल बहत ह क साथ जब आता और व बन जात तब उनक साथ

भी लगती जस ndash को दान दो

UNIT - 16

(Verb)

काम क करन या होन का बोध हो उस कहतजस पढ़ना खाना दौडना पहनना

धात ndash क मल को धात कहत उदा- पढ़ना खलना खानाय सब मल धात lsquoपढ़rsquo lsquoखलrsquo lsquoखाrsquo ह मल धात lsquoनाrsquo जोडकर का िमलताह

i क आधार पर क दो भद होत - 1) 2)

1) (Transitive Verb) ndash क का फल को छोड पर पडता हउस कहत

उदा ndash राम पढ़ता ह

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राम ह ह और का पर पडता ह2) (Intransitive Verb) - क का फल पर पडता ह उस

कहत का अभाव हउदा ndash मोहन सोता ह

कभी कभी एक होता ह और कभी कभी दो भी होत एक होन वालको एक lsquo rsquo कहत

उदा ndash राम न खाना खायाखाना ह कवल एक होता ह दो होन वाली को

कहतउदा ndash मा न को दध

दो होत ndash lsquo rsquo और lsquoदधrsquo दो होत एक lsquo rsquo और दसराlsquoगौणrsquo

उदा ndash मा न को दधइस lsquoगौणrsquo ह दध lsquo rsquo ह lsquoगौणrsquo कभी कभी होता हउदा ndash न कथा सनाई

ii क भद1 - व होती ह आशय अथवा स परा होताको परा करन क िलए दसर होती ह ऐसी को कहतयह दो क होती ह१ ndash का अभाव हउदा ndash वह ह यहा क को परा करन क िलए जोडा गया ह२ ndash होन पर भी का भाव परा न हो उस को

कहतउदा ndash सीता न पढ़ाया

यहा परा सीता न lsquo rsquo पढ़ाया lsquo rsquo पढ़ाया यह परा इसिलए यहह यहा होन पर भी का भाव परा होता

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३ परक - को परा करन क िलए या पडती ह

परक कहत क परक lsquo परकrsquo तथा क परक lsquo परकrsquo

होतउदा ndash उस होिशयार समझता ह ( परक)

राम बलवान ह ( परक)

iii यौिगक धात ndashक स धातओ क दो भद होत 1) मल धात 2) यौिगक धात

मल धात - मल धात व जो दसर स न बन जस ndash कर बठ पढ़ यौिगक धात ndash यौिगक धात व जो दसर स बनाय जात उदा ndash खाना स नाम धात ndash जो या क आधार पर बनती ह उस नाम धात कहत

उदा ndash हाथ स हिथयानास

अपना स अपनानाiv - स यह जान पडता ह को न करक दसर को

करन दता ह उस (casual verbs) कहतउदा ndash राम न मोहन स िलखवाया यहा राम न िलखकर मोहन स िलखवाता ह इसिलए यह ह

करनवाल को और जाती ह उस कहतराम न मोहन स िलखवाया राम ह और मोहन हमल जो होती ह उनस और बन सकती हस और बन सकती उदा ndash दध पीता ह

पीना ह इसस बनती ह ndash मा को दध हस बना सकती ह उदा - मा नौकर स को दध ह

बनान का िनयममल धात क आ जोडन स और वा जोडन स या

बनती ह

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उदा ndash उठना ndash उठाना - उठवानाचलना ndash चलाना - चलवानापढ़ना ndash पढाना - पढ़वाना

दो क धातओ ए और औ को छोडकर पहला हो जाता हउदा ndash जागना ndash जगाना ndash जगवाना

भलना ndash भलाना - भलवानाछोडना ndash छडाना ndash छडवाना

धातओ क ला और लवा लगात तब हो जाता हउदा ndash पीना ndash ndash

सोना ndash सलाना ndash सलवानाखाना ndash -

v नाम धात - को छोडकर जोडन स जो धात बनती ह अथवा जो नाम (

या ) धात क समान होत नामधात कहत जो नामधात लगान सबनत आ ओऔर ला लगात पहला हो जाता ह

उदा ndash लाज ndash ndash लजानाहाथ ndash हिथया ndash हिथयानाझठ ndash झठला ndash झठलाना

UNIT - 17

काल (Tense)क स क होन का समय और अथवा का बोध हो उस काल

कहत काल क तीन भद होत1) भतकाल2) काल3) काल

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भतकालस का बोध हो उस भतकाल कहत

उदा ndash राम न िलखी भतकाल क छः भद - भत भत भत भत भत हत-हतमत भत

भत ndash क स भतकाल क समय का बोध न हो उस भत कहतउदा ndash मोहन न खत िलखायहा का बोध होता जो भतकाल हई ह भतकाल ndash क स का का समय अभी अभी हआ ह इसका बोध

होता ह उस भतकाल कहत उदा ndash राम न ह

इसस पहल अभी अभी हई हभत ndash क स यह होता ह क को हए बहत समय हो चका ह उसभत कहत

उदा ndash न दध थास हो क साथ lsquoथाrsquo lsquoथrsquo lsquoथीrsquo लगान स भतकािलक

िमलता हभत - क उस को भत कहत यह हो भतकाल हो थी पर

का पता न लग उस भतकाल कहतउदा - वह पढ़ रहा था वह सोता था

कब समा हआ इसका पता क साथ lsquoता थाrsquo lsquoत थrsquo lsquoरहा थाrsquo lsquoरह थrsquo लगानाभत काल ndash क स भतकाल सचना िमलती ह उसक होन कछ हो उसभत कहतउदा ndash वह आया होगा

उसन खाया होगा भतकाल हो थी ह क साथ lsquoहगाrsquo lsquoहगीrsquo lsquoहोगाrsquo lsquoहोगीrsquo

lsquo rsquo जोडन स भतकाल िमलता हहत-हतमत भतकाल ndash क स यह पाया जाय भतकाल होना सभव थाकारण स न हो सका उस हत-हतमत भतकाल कहत

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(Present Tense)

क को काल कहत रहती ह

होती उस काल कहतउदा ndash राम पढ़ता ह

सीता गीत गा हकाल तीन क होत ndash 1) काल 2) काल 3)

काल - वह ह स का काल होना पाया जाय

उस कहतउदा ndash मोहन पढ़ता ह

रमा गाती ह क साथ lsquoताrsquo lsquoतrsquo lsquoतीrsquo जोडन स बनत

- वह ह काल क होन पायाजायउदा ndash वह खाता होगा

सीता जाती होगी क साथ lsquoता होगाrsquo lsquoती होगीrsquo lsquoत rsquo lsquoती rsquo लगान स िमलत

ndash का वह ह यह होता ह का अभी ह

होता उस कहत उदा ndash वह खा रहा ह

चल हक साथ lsquoरहाrsquo lsquo rsquo lsquoरहrsquo जोडन स िमलती ह

काल ( Future Tense)

होनवाली को काल कहत काल क दो भद ndash 1)

काल 2) कालकाल ndash का वह ह स क आग होन सचना िमल उसकाल कहत

उदा ndash वह आयगा

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राम आज बबई जायगासीता कल घर आयगी

क साथ lsquoयगाrsquo lsquoयगीrsquo lsquoयगrsquo जोडन स िमलतकाल ndash क होन सभावना हो उस काल कहत

उदा ndash सभव ह आज हो स lsquoगाrsquo lsquoगrsquo lsquoगीrsquo पथक कर दन स काल िमलगा

UNIT ndash 18

(Voice)उस कहत यह जाना जाय का ह

ह या कवल भाव ह उस कहतउदा ndash राम न रावण को मारा

तीन क ndash 1) 2) 3) भाव- ह हमशा क िलग वचन और क अनसार होता ह

उस कहतउदा ndash लडका पढ़ता ह

लड़का ह और ग ह इसिलए भी होना हसीता िलखती ह इसम सीता ह इसिलए ह का सीधा स होताह

ndash क िलग वचन क अनसार हो उस कहतह का होता ह

उदा ndash राम िलखता हह इसिलए यह ह धानता होती ह और का

स होता ह क िलग वचन क अनसार बदलती ह हमशाहोता ह का होना ह

उदा ndash राम न रावण को मारा -

राम स रावण मारा गया -

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रावण ह ह क का ह गौण का रहता ह

उदा ndash मा न को दध मा स को दध गया

दो होत ndash और दध ndash भाव होती ह यह हमशा स बनता ह हमशा

एकवचन और होती ह इसका होता ह उदा ndash यहा बठा जाता

मझस पढ़ा जाता स या बनान

को भत क करना उसक साथ काल वचन और िलग कअनसार जाना क जोडन ऐसा करन स स औरक स भा बनती ह

उदा ndash 1) राम न रावण को मारा -

राम स रावण मारा गया -

2) राम रावण को मारगा -

राम स रावण मारा जायगा -

3) राम रावण को मारता ह -

राम स रावण मारा जाता -

पहल lsquoमाराrsquo भतकािलक ह इसिलए lsquoमाराrsquo क साथ lsquoजानाrsquo का भतकािलकजोडना

दसर lsquoमारगाrsquo काल ह इसिलए lsquoमाराrsquo भतकािलक बदलकरlsquoजानाrsquo का काल lsquoजायगाrsquo जोडना

तीसर काल ह को भतकािलक बदलकर (मारा) उसक साथजाना का (जाता) जोडना

स बन सकता हउदा ndash मोहन उठता ( )

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मोहन स उठा जाता - ( )

वीणा चलती ( )

वीणा स चला जाता - ( )

UNIT ndash 19

याअभी तक हमन क बार पढ़ िलया ह उनक िलग वचन और कारक क अनसार

आता ह इसिलए कहत का ह अब हम क दसरया क बार

चार क होत ndash 1) 2) बोधक 3) बोधक 4)

बोधक

UNIT ndash 20

ndash Adverbउस कहत होती ह

उदा - रमश चलता हइस lsquoचलनाrsquo ह ndash ह lsquo rsquo इसिलए lsquo rsquo ह

स क तीन भद ह - 1) साधारण 2) सयोजक 3) साधारण - साधारण वह ह होता ह साधारण या

कहत जस ndash खब पढ़ो दौडो सयोजक ndash का स या स होता ह सयोजक

कहत जस ndash जहा तक हम चल सक वहा तक ह

योजना का सयोजक स होता ह- का क

भद क साथ होता ह कहत

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जस ndash गह खाओग

कह तो लो होता ह व कवल गह खात और कछ खायगा इन

ह हो जान स का बदल जाता ह जस ndash वह काम करगा इसका यह ह जो काम उस ह कवल वह करगा और कछ

क आधार पर क चार भद होत ndash 1) कालवाचक 2) 3)

4)

कालवाचक ndash स समय अविध तथा काल का बोध होता ह कालवाचककहतजस ndash काम को अभी पढ़ना

आजकल रोज़ होती ह कभी कभी भी रात क समान लगता ह मोहन पढ़ाई सदा ह

अभी आजकल कभी कभी सदा कालवाचक ह ndash स क का बोध होता ह

कहत उदा ndash जहा तक जा सक वहा तक जाओ

जाओ और वहा लटो घर क सामन एक ह बाहर रोशनी भीतर अधरा

हाथ स मारत जहा वहा सामन बाहर भीतर ndash स अिधकता- का बोध होता ह

कहत जस ndash उतना पढ़ो हो

चावल थोडा खाओ खब खाना

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अपना थोडा खब

व क होन का ढ़ग का पता िमलता ह जस ndash राहल धीर धीर चलता ह

सीता मधरतम गाती ह यथा हम तथा िमलत

धीर धीर मधरतम यथा-तथा

UNIT - 21

बोधकबोधक ह जो या क साथ आकर उनका क

क साथ बनात उदा ndash धन क कोई काम न चलता

घर क नीच एक तालाब ह क पास एक भी ह

नीच पास बोधक ह क अनसार बोधक क दो भद होत ndash 1) 2)

क ndash य या क बाद आतउदा - घर क भीतर घर क पीछ घर ऒर

कारक भी आती ह जस का क कभी कभी अपादान कारक या भी आती ह

उदा ndash इनस पहल आया राम का मकान मोहन क घर स पर

lsquoसrsquo lsquoपरrsquo अपादान कारक क ndash यह स क क साथ आत

जस ndash दो तक राम रहगा

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घड भर पानी क िलए पाच दन ग lsquoतकrsquo lsquoभरrsquo सचक

UNIT - 22

( Conjunctions)योजक या व जो या न बतला कर एक या का

दसर या स जोडत बोधक कहतजस ndash सीता और गीता अपन घर गयी

सीता और गीता को िमलानवाला योजक lsquoऔरrsquo ह क तीन भद ndash 1) सयोजक 2) 3) भदबोधक

1) सयोजक ndash कई का सयोग करनवाल को सयोजक कहत इसक दो याका मल होता ह

उदा ndash और राम कल बबई और वहा उनक साथ मोहन भी lsquoऔरrsquo lsquoभीrsquo सयोजक ह

2) ndash जो का बोध कराए कहत जस ndash चाह दश सवा करनी या अथवा मानवीय को पहचानना

lsquoयाrsquo lsquoअथवाrsquo lsquoवाrsquo lsquoचाहrsquo को करनवाल ह 3) भदबोधक ndash दो स एक स भद बतलानवाल को भदबोधक कहत य कई क होत

क ndash दो म स पहल का िनषध या सिचत करत जस ndash

पर मगर वरन उदा ndash मझ वहा जाना था क कारण जा न सका

ख - कारणवाचक और उपदशमलक ndashइसिलए सो अतः इसिलए

इस क ह जस ndash राम समय पर आ न सका इसिलए जा न सका

ग सकतबोधक ndash ndash तो जो ndash तो प सकतबोधक ह जस ndash तम कहत तो जाता

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घ ndash इन पहली बात का और होता ह यान मानो यहा तक इस क ह

जस ndash कोई भी समय पर पहचा यहा तक भी 10 बज तक न आय क और दो भद होत ndash 1) समानािधकरण 2)

समानािधकरण ndash समान पद क या को जोडत जो एक क हो वसमानािधकरण धक कहत जस ndash क मा-बाप का अजीब ह समानािधकरण क चार उपभद होत ndash

1) सयोजक ndash और तथा भी एव 2) क ndash या वा अथवा चाह 3) ndash पर मगर 4) ndash इसिलए अतः

ndash को स जोडनवाल कोकहत

जस ndash आज नौकरानी आयगी वह बीमार ह क चार उपभद होत ndash

१ ndash यान मानो २ करणवाचक ndash जो इसिलए ३ उपदशवाचक - जो ४ सकतवाचक ndash - तो जो-तो -

4) ndash ndash स क शोक घणाको करनवाल को -बोधक कहत

जस ndash हाय अब अर आप कहा जा रह

ह राम करो को सिचत करन क िलए - लात

बोधक क सात भद ndash

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1) बोधक ndash वाह ndashवाह - आहा शबाश

2) शोक बोधक ndash आह ऊह हा-हा ndash

3) बोधक ndash अहो ऒह

4) अनमोदन बोधक ndash हा-हा वाह शबाश

5) बोधक ndash िछ हट अर िधक

6) ndash बहत हा जी हा7) सबोधन बोधक ndash अर र अपी अहो

कभी कभी भी हो जातजस ndash भगवान लो चप कभी कभी या भी होत जस ndash न हो बहत हो गया

जब क समान होत तब वह होता तब वमनोभाव को करात

जस ndash हाय हाय मचा रखी ह

सब लोग - पकार उठहाय ndash हाय - क समान ह इसिलए यह बोधक ह

UNIT - 23

क भद क स बनान का िनयम

क पर जायगास बनता ह एक या अिधक स बनता ह एक स अिधक स बनता

ह कहन या िलखनवाल का परा भाव हो जाय तो उस कहतजस ndash मोहन पढ़ता ह

राम िलखता ह इन स लखक का परा भाव होता ह

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ndash कछ ऐस होत और क रहन पर भी कहन या िलखनवाल का परा आशयहोता क समह को और क रहन पर भी जो कछ सनन

बनी रह कहत दो क होत ndash 1) 2)

क अधीन होतउदा ndash राम न कहा था वह कल पाठशाला जायगा

इस राम न कहा था - ह और कल पाठशाला जायगा तह इस और भी कहत

रखनवाल को कछ थोडा सा भाव करनवाल को कहतएक भावना होती ह

जस ndash तरह पढ़ना चलना

इन होता ह क म दो भाग होत 1) और 2)

ndash ( ) कछ होता ह उस कहतndash ( ) क जो कछ होता ह उस कहत

जस ndash मरा स भरा हआ ह मरा ह और स भरा हआ ह ह मरा ndash ह और मरा

उस का ह इसिलए ( ) और मरा का कहत हआ हह शष उसका ह

इस चार भाग हए ndash 1) ( ) 2) का 3) ( ) 4)

काचार भद ndash

क ndash राम गया ख ndash वह कह चका ग ndash फल

क भदक अनसार क आठ भद होत ndash

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1 ndash इस स बात का होना सिचत होता ह जस ndash भारत राजधानी ह

2 िनषधवाचक ndash का अभाव होता ह जस ndash क कछ भी पा सकत

3 ndash इस स सचना होती हजस - तम कल कालज

4 ndash इसस और उपदश का बोध होता ह जस ndash तरह पढ़ो

का भजन करो 5 ndash इसस का भाव सिचत होता ह जस ndash हाय राम को एक

लाख िमल 6 ndash इसस या सचना होती ह

जस ndash अक पा

7 ndash या सभावना सचना होती ह जस ndash आज होगी

8 - सकत सचना होती ह जस ndash हो तो

राम काम करगा रचना क आधार पर

रचना क आधार पर क तीन भद होत - 1) सरल या साधारण 2) और3)

१ सरल ndash एक और एक होता ह उस सरल कहतजस ndash मोहन िलखता ह ( मोहन और िलखता ह धय ह)

राम मज़ पर रखी ह ( ह और रखी ह ह)

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lsquoराम rsquo और lsquoमज़ परrsquo कवल और का ह २ - उस कहत एक हो और उसक एक या

अिधक हो उस कहतजस ndash जो करगा उस सफलता िमलगी जो करगा ndash ह उस सफलता िमलगी - ह

तीन क ndash 1) 2) 3)

1) ndash का क पर होता ह उसकहतजस ndash मरा ह तमन को मारा यह सच ह इस तमन को मारा ndash ह क पर आया ह इसिलए यह

ह 2) ndash जब कोई को क का काम दता ह तब उस

कहत जस ndash य उसी छा को जायगा जो रहगा

उसी स डरत जो खब मारता ह उसी जो ह

3) ndash जो क का काम दता ह उस कहत

जस ndash करता ह उतना फल िमलता ह जब तम कहोग सब कछ

जब ह ३ ndash दो या दो स अिधक योजक जड हो न

हो उस कहतजस ndash वह तरह पढ़ता था तो पास होता

दो या दो स अिधक सरल अथवा एक दसर पर न होता ह इसिलए यह

जस - कर चका (सरल )

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हम कर चक तो व आए ( )

और मरा मन ठड हो गया ( )

चार क होत ndash सयोजक सचक 1) सयोजक - एक दसर क साथ सयोजक जडा रहता ह

जस ndash वह आया और उसक साथ गया स िमलता ह और स होता ह

2) ndash का एक दसर स भद या का रहता ह जस ndash स बढ़ता ह स भरता ह वह खब खाता पर बडा होता

3) सचक ndash दो स एक को करना जस ndash मझ या राम को

4) अथवा हतसचक ndash एक दसर का होता हजस ndash तम आग पढ़ो पसा दगा मझ पसा िमला इसिलए

कभी कभी बीच योजक आत जस ndash मझ न बलाया आप आता ह जब को का या एक होता ह तो एक बार िलखा या कहा

जाता ह ऐस को सकिचत कहत जस ndash का और मन को भी दता ह

जो आसानी स समझकर छोड दत ऐस को कहत जस ndash आजकल सना ह बरसात क मौसम बखार सब फलाता ह

कहत रोज़ बढ़त रह पहल हमन होना था पर ह दसर लोग स होना पर होता ह

एक का दसर क बदल जा सकता ह मलकर सकत

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क सरल स ndash

उदा ndash सरल - राम न मोहन का - राम न उस को जो मोहन का था

ख स सरलndash उसन कहा पापी ह

सरल ndash उसन को पापी बताया ग सरल स

सरल ndash होन पर लोग खत जान लग - हआ और खत जान लग

घ स िनषध वाचक तथाndash मोहन सोहन स बडा ह

िनषध वाचक - मोहन सोहन स बडा ndash मोहन सोहन स बडा ह

UNIT ndash 24

और महावरव जो का अपना न बता कर कछ करत महावरा

कहत बोलचाल बहत आनवाला ऐसा बधा कोई अनभव बात और अलकतभाषा गई हो या कहावत कहाता ह जस ndash मर पट चह कद रह

जब स उनका लड़का मरा ह कमर टट गई ह वह इतना चालाक ह अपन मािलक को पर नचाता ह

इन lsquoपट चह कद रह rsquo lsquoकमर टट गई हrsquo lsquo पर नचाता हrsquo इन काउनक स ह यहा lsquoपट चह कदनrsquo का ह भख लगना lsquoकमर टटनrsquo का ह या

का न रहना तथा lsquo पर नचानrsquo का ह अपन वश रखना अतः य महावरकहलात

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इसी जब कोई आदमी काम करना न जानता हो परत अपन को िछपान क िलए बहान बनावतब कहा जाता ह ndash नाच न जान आगन टढ़ा

जब कोई आदमी अनक खाकर भी अपनी आदत न छोड़ तब कहा जाता ह दम सौतक नली रखो तो भी य बध हए और अनभव तथा अलकत भाषा कह गय अतः य

और क स भाषा तथा आती ह महावरदार भाषाबहत पसद जाती ह और कथन बड़ा होता ह

महावरअग-अग - बहत होनाअगठा - चीज़ को दन स क साथ करनाअध - सहाराअधरा घर का उजाला - एकलौता बटा

क घोड़ दौड़ाना - सोचनापर पड़ना - समझ न पाना

अपना सीधा करना ndash करनाआख उठाना - नीयत स दखनाआख खलाना - होश आना

चार होना - आख स आख िमलानानीची होना - होनापीली करना - नाराज़ होना

आकाश पाताल का ndash बहत भदआग घी डालना - बढ़ानाआसमान िसर पर उठाना - बहत कोलाहल करना

स बजाना - करनाईद का चाद होना - िचरकाल पीछ दनाउगली पर नचाना - वश रखना

गगा बहाना - बात करना

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कमर टट जाना - िनराश हो जानाकान भरना - चगली करना

मौत मरना - बहत तरह स मरनाखाक उड़ाना खाक िमलाना - बरबाद होनागड़ गोबर कर दना - काम दनाघर गगा - दौड़-धप कघाट घाट का पानी पीना - जहा तहा का अनभव करनाचाद पर थकना - करना और फलतः होनाचार चादनी - थोड़ का सख

का दध याद आना - सब सख भल जाना सकट आ पड़नाजमीन पर पर न पड़ना - बहत अिभमान होनाजल भन कर कोयला होना - पागल हो जानाटस स मस न होना - भी नटाग अड़ाना - बाधा डालनाटोपी उछालना - िनरादर करनाितनका पकड़ना - मागनाितन का ताड़ करना - बात बढ़ानाथक कर चाटना - वचन दकर जाना

तल उगली दबाना - करनादम तोडना - मर जाना

दना रात चौगना होना - खब होनाधप बाल सफद करना - अनभव आय दनानमक लगाना - बात को बढ़ा कर कहनानाक कटना - बदनामी होनानाक चढ़ाना - घणा करनानीला पीला होना - आना

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नौ-दो होना - भाग जानाउछालना - करना

- बातपरदा डालना - िछपानापहाड टट पड़ना - आनापट चह कदना - खब भख लगना

तल स ज़मीन िनकल जाना - होश उड़ जानाफक-फक कर कदम रखना - सोच-समझ कर काम करनाबगला भगत -

उछलना - खब खश होनाबाज़ार पर होना - काम पर होनाबात का धनी - वायद काबाल खाल उतारना - करनाबाल पकना - बढ़ा होजाना अनभव करनाबाल बाल बचना - हािन पहचन जरा- सी कसर रह जानाबगार टालना - लगाकर काम न करनाबोली मारना - क कहनाभनक पड़ना - खबर द जानाभाड़ - समय गवाना

मारना - बकारचस - बहत कजसपर मारना - का नकल करना

मगज चाटना - तग करनामाथा ठनकना - आशका होनामारा मारा - होनामह-तोड़ जवाब दना - परा-परा जवाब दना

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मह फक हो जाना - चहर का रग उतर जानामह पानी भर आना - खान को ललचानामह लगाना - अिधक द दना

गरम करना - दनाराई का पहाड़ बनाना - बात को बढ़ाकर कहनारात- - हमशालका काड होना - खब मारपीट होनालबी-चौ हाकना - करना

होना - होनालह क घट पीना - करनालह पसीना एक करना - बहत करनालोह क चना चबाना - काम करनाशतान क कान कतरना - बहत चालाक होना

करना - करनाबाग - बहकाना

समझ पर पड़ना - होनाबठना - जमाना

िसतारा चमकना - उदय होनािसर पर खन सवार होना - जान लन पर होनािसर पर हाथ धरना - सहायता करनासौ बात एक बात - िनचोड़

करना - फक डालनाहसी उड़ाना - करनाहाथ मल -

हाथ पर हाथ धर बठना - बठनाहाथ पसारना - मागना

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हाथ-पर मारना - करनाहाथ साफ करना - बईमानी स ठगना

पानी करना - करनाहोश उड़ना - भय या आशका स दखी होना

अत गता सो मता - वहकान राजा - थोड़ा पढ़ िलख का मान होता ह

आख क गाठ क पर - पर धनवानआप मर जग परल - ह तो ससार ह

चोर कोतवाल को डाट - अपराध करक को डाटनाऊची दकान पकवान - काम करनाएक अनार सौ बीमार - जब एक चीज़ क बहत स तब कहा जाता हएक पथ दो काज - एक काम करन स दो का लाभ होनाकाला बराबर -

घर का लका ढ़ाह - फट स घर नाश होता हिचराग तल अधरा - पास घटना क होन पर भी उसका न होना या

ऐस पर बराई का होना जहा उसक रोकन का होचोर ितनका - पापी डर जाता हजाग सो पाव सोव तो खोव - सावधान रहन स लाभ होता ह

- बलवान का दबदबा रहता हजसा दश वसा भस - दश रह वसी करनीजसी करनी वसी भरनी - फल िमलता हतन को कपड़ा न पट को - बहतथोथा चना बाज घना - काम न करनवाला बकवास बहत करता हदाम बनाय काम - पस स सब काम हो जात

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धोबी का घर का न घाट का - जो एक पर जमकर काम न कर कभी एक लग और कभीदसर और सफल न हो उस कहा जाता ह

रहना मगर स बर - अधीन होकर रह और उसी स बर कर तो गज़ारा चलता हन रहगा बास न बाजगी - नकसान हो उसका नाश कर दना हनाच न जान आगन टढ़ा - काम करन न होन पर दसर को दोष दना नीम जान का खतरा - अधरा हािनकारक होता हनौ नगद न तरह उधार - उधार सौदा दनामान न मान तरा महमान - गल पड़नािमया जती िमया क िसर - स उसी हािन करनासौ सयान एक मत - सभी अथवा एक सलाह होती हहाथ कगन को आरसी - क िलए और हाथी क दात खान क और क और - कहना कछ और करना कछ औरहोनहार क होत चीकन पात - होनहार क पहल स जात

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कलम स िलखता ह - करण कारकस आ रहा ह - अपादान कारक

च कारक (Genitive)

क स उसका स होता ह उस कारक कहतlsquoकाrsquo lsquoकrsquo lsquo rsquo

उदा ndash राम का घोडा राम क घोड राम बहन छ अिधकरण कारक (Locative)

क स क आधार का बोध होता ह उस अिधकरण कारक कहत lsquo rsquo

और lsquoपरrsquo उदा ndash शर जगल रहता ह

मज़ पर ह अिधकरण तीन क होत ndash

क कालािधकरण ndash का काल होता ह उस कालािधकरण कहत उदा ndash राम दोपहरस आयगा

ख भावािधकरण ndash क भाव क भावािधकरण होता ह उदा ndash शर को दखकरभय होता ह

ग ndash पर होती ह उस कहत उदा ndash मज़ पर ह कालवाचक और क सात कभी कभी लगती उदा ndash कल रात मसलधार हई ( कल रात मसलधार हई ndash lsquo rsquo का लोप)

ज सबोधन (Vocative)

क स को पकारना सिचत होता ह उस सबोधन कारक कहत हउदा ndash ह राम वहा मत आना

सबोधन कारक कोई ह उसको करन क िलए lsquoहrsquo lsquoअरrsquo कोलगाय जात

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UNIT - 14

( Pronoun)क उसक को करन क िलए का जाता ह

कहत उदा ndash राम जाता ह वह अपनी जाता हउसन कहा ndash लाना भल गया वह अपनी राम जगह हए ह

इसिलए ह को हटान क िलए का जाता हयोग क अनसार क पाच भद होत

1) - त यह वह (एव) हम तम य व आप (बव)

2) ndash यह वह (एव) य व (बव)

3) ndash कोई कछ (एव - बव)

4) ndash जो सो (एव - बव)

5) ndash कौन (एव - बव)

क ndash या लखक बोलत या िलखत समय या तो अपन कछ कहता ह या सननवालऔर पढ़नवाल क अथवा अपन और सननवाल को छोडकर क

कहत स बोलनवाल सननवाल और क कछ कहा जाए उस कोकहत

तीन क होत ndash औरndash बोलनवाला या िलखनवाला अपनिलए का करता ह उस

कहत (एव) हम (बव)ndash सननवाल या पढ़नवाल क िलए का होता ह उस कहत

जस ndashत तम और आप ndash क कछ कहा या िलखा जाए उसक िलए होन वाल को

कहत जस ndash यह वह (एव) य व (बव)और हम ह एकवचन ह हम बहवचन ह का हम

क बहवचन स ह यहा हम क पर होता ह हम का एकवचनऔर बहवचन होत

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त और तम क आदर क िलए आपका करत जस ndash तमयहा आओ इसी क पर आप यहा ए कभी कभी यह और वह क भी आप का

होता ह जस ndash आप मर कभी कभी आदर क िलए आप का करत बहवचन सिचत करन क िलए आप क साथ lsquoलोगrsquo

जोडा जाता ह जस ndash आप लोग यहािनजवाचक आप और चक आप भद होता ह िनजवाचक आप समान स एक वचन

और बहवचन आता ह जस ndash आप पढ़गा हम आपवह कवल बहवचन करत िनचवाचक आप तीन स

होत आप कवल और करतlsquoआपrsquo अकला जाता ह िनजवाचक आप तथा क साथ आता ह जस ndash त

आप कामकभी (2) आप भल अकला आ सकता ह जस ndash आप भला तो जग भला वह अपन आप समझ गया

व ऒर सकत जाता हसकतवाचक और िनदशवाचक भी कहत जस ndash यह वह य व

हम तम आप यह य व इन या क साथ अिधकताकरन क िलए lsquo rsquo lsquoईrsquo य जोडत झस ndash त आप

स या क बात का बोध न हो उसकहत जस ndash कोई कछ

a lsquoकोईrsquo का क िलए होता ह जस ndash बाहर स कोई आ रहा ह b जब का पता न होन पर ndash जस ndash अर कोई कमर ह

c क lsquoकोईrsquo लग तो उसका लगभग होता ह जस - कॉलज स कोई पाच सौभाग

d lsquoकोईrsquo जब दोहराया जाता ह तब को सिचत करता ह जस कोई कोई पर को रोकतe कोई क साथ एक लग जान पर सिचत करता ह जस ndash तम स कोई एक गा सकगा

कछ का अनिगनत क िलए होता ह जस ndash कछ हक िलए होता ह जस ndash पानी कछ ह

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कोई का क िलए होता ह और कछ का क िलए होता हघ वाचक

स दो और क बीच क का बोध हो उस वाचक कहतजो सो जस ndash आपन जो कहा सो हो गया

कभी कभी जो या सो स एक रहता ह जस जो गाता ह बात हङ ndash करन क िलए का होता ह कहत

उदा ndash आप सोचत आज कौन आएगाकौन का क िलए होता ह का क िलए होता ह जस ndash कौन

बोलगा थली हकभी कभी कौन का क िलए होता हजस - बाधा डालनवाल तम कौन होिभ किलए lsquoकौनrsquo को दोहरा भी जाता ह जस ndash कौन कौन लाएग

क कौन का होता ह जस - इसन कौन अपराधक िलए को दोहरा दता ह जस ndash राम न

का क भी होता ह जस ndash तम मझस लडोगका

वचन और कारक क कारण भी होत िलग क कारण होताका और एक स होता ह

सबोधन होतास क पर होता ह उसी क अनसार उस क िलग वचन भी होता ह

काकारक एकवचन बहवचन

हममझको मझ हमको

करण मझस हमसमझको मरिलएमझ हमको हमार िलए

अपादान मझस हमसमरामर हमारा हमार

अिधकरण मझपर हमपर

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तकरक एकवचन बहवचन

तन तम तमनतझको तझ तमको

करण तझस तमसतरातर

अिधकरण तझपर तमपर

वहकरक एकवचन बहवचन

वहउसन व

उसको उस उनकोकरण उसस उनस

उसक िलए उस उनक िलए

अपादान उसस उनसउसका उसक उनका उनक

अिधकरण उस पर उनपर

UNIT - 15

(Adjective)स या सिचत कर उस कहत जस ndash रशमी

कपडा लाल कमलबतलाई जाए उस कहत जस ndash लड़का

ह लड़का हजो क पहल आता ह उस कहत जस ndash फल

ह फल ह इसिलए यह ह

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जो क बाद आता ह उस कहत जस ndash वह लड़का बड़ा होिशयार ह लडका ह होिशयार ह क बाद आन क कारण यह ह

जो क साथ उसको करन क िलए होता ह उस समानािधकरण कहत जस ndash रामनाथ कहता ह

रामनाथ क साथ समानािधकरण ह चार क ndash

क गणवाचक (Adjectives of Quality)

ख (Adjectives of number)

ग (Adjective)

घ या (Demonstrative Adjective)

१ गणवाचकजो क गण रग आकार को बतलानवाल को गणवाचक कहत

जस ndash लबा सशील काला गोल गणवाचक क बदल बहधा क क भी आतजस ndash राजा ( का राजा )

जापानी कपड़ा (जापान का कपड़ा)गणवाचचक का होता ह तब उनका क समान होता ह

जस ndash न सच कहा ह२ - क गणना का बोध हो उस

कहत जस ndash एक दो पहला दसरा दगनाक तीन भद होत ndash

1) 2) 3) बोधक या बोधकndash इसस का बोध होता ह जस ndash चार आठ सात

क चार भद ndash

a गणनावाचक ndash गणनावाचक षण स गणना का बोध होता ह जस ndash एक चार फल सात

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गणनावाचक क साथ एक लगान स लगभग का होता ह जस ndash एक आदमी ndash

लगभग आदमी b ndash स क गणना का होता ह जस ndash पहला

दसरा चौथाc ndash गणनावाचक क lsquoगनाrsquo लगान स बनत जस

ndash दगना ितगना ३ - स माप- तोल या का पता होता ह उस

कहत जस ndash दो सर चावल चार गज कपडा

क दो भद होत ndash

1) और 2)

ण - स का पता लगता हजौस - दो सर चावल

- स का पता नलगता ह जौस ndash बहत दध

४ या - स ऒर या सकत जाता ह उसकहत lsquoयहrsquo lsquoवहrsquo स जाता ह इसिलए इसकहत

जस ndash यह वह जब क हो तब वह बन जाता ह

जस ndash वह घर राम का ह कई ऐस मल जसा रहता ह

जस ndash वह यह क

भी िलग वचन और कारक क अनसार होता ह क िलग और कारक ककारण कछ होता ह

जस ndash काला कपड़ा - काला कपड़काला धोती - काला धोितया

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क साथ ई हो जातजस - काली धोती

क होता ह जो क होन परहोता ह जस ndash वह घोड़ा व घोड़

पथकता अथवा अिधकता क िलए को दहराता ह ndash

जस ndash छोट छोट फल लालका भी होता ह जस ndash बडा लड़का

गणवाचक और जब करत तब वह बन जात

जस ndash थोड़ा खा गया चावल बहत ह क साथ जब आता और व बन जात तब उनक साथ

भी लगती जस ndash को दान दो

UNIT - 16

(Verb)

काम क करन या होन का बोध हो उस कहतजस पढ़ना खाना दौडना पहनना

धात ndash क मल को धात कहत उदा- पढ़ना खलना खानाय सब मल धात lsquoपढ़rsquo lsquoखलrsquo lsquoखाrsquo ह मल धात lsquoनाrsquo जोडकर का िमलताह

i क आधार पर क दो भद होत - 1) 2)

1) (Transitive Verb) ndash क का फल को छोड पर पडता हउस कहत

उदा ndash राम पढ़ता ह

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राम ह ह और का पर पडता ह2) (Intransitive Verb) - क का फल पर पडता ह उस

कहत का अभाव हउदा ndash मोहन सोता ह

कभी कभी एक होता ह और कभी कभी दो भी होत एक होन वालको एक lsquo rsquo कहत

उदा ndash राम न खाना खायाखाना ह कवल एक होता ह दो होन वाली को

कहतउदा ndash मा न को दध

दो होत ndash lsquo rsquo और lsquoदधrsquo दो होत एक lsquo rsquo और दसराlsquoगौणrsquo

उदा ndash मा न को दधइस lsquoगौणrsquo ह दध lsquo rsquo ह lsquoगौणrsquo कभी कभी होता हउदा ndash न कथा सनाई

ii क भद1 - व होती ह आशय अथवा स परा होताको परा करन क िलए दसर होती ह ऐसी को कहतयह दो क होती ह१ ndash का अभाव हउदा ndash वह ह यहा क को परा करन क िलए जोडा गया ह२ ndash होन पर भी का भाव परा न हो उस को

कहतउदा ndash सीता न पढ़ाया

यहा परा सीता न lsquo rsquo पढ़ाया lsquo rsquo पढ़ाया यह परा इसिलए यहह यहा होन पर भी का भाव परा होता

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३ परक - को परा करन क िलए या पडती ह

परक कहत क परक lsquo परकrsquo तथा क परक lsquo परकrsquo

होतउदा ndash उस होिशयार समझता ह ( परक)

राम बलवान ह ( परक)

iii यौिगक धात ndashक स धातओ क दो भद होत 1) मल धात 2) यौिगक धात

मल धात - मल धात व जो दसर स न बन जस ndash कर बठ पढ़ यौिगक धात ndash यौिगक धात व जो दसर स बनाय जात उदा ndash खाना स नाम धात ndash जो या क आधार पर बनती ह उस नाम धात कहत

उदा ndash हाथ स हिथयानास

अपना स अपनानाiv - स यह जान पडता ह को न करक दसर को

करन दता ह उस (casual verbs) कहतउदा ndash राम न मोहन स िलखवाया यहा राम न िलखकर मोहन स िलखवाता ह इसिलए यह ह

करनवाल को और जाती ह उस कहतराम न मोहन स िलखवाया राम ह और मोहन हमल जो होती ह उनस और बन सकती हस और बन सकती उदा ndash दध पीता ह

पीना ह इसस बनती ह ndash मा को दध हस बना सकती ह उदा - मा नौकर स को दध ह

बनान का िनयममल धात क आ जोडन स और वा जोडन स या

बनती ह

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उदा ndash उठना ndash उठाना - उठवानाचलना ndash चलाना - चलवानापढ़ना ndash पढाना - पढ़वाना

दो क धातओ ए और औ को छोडकर पहला हो जाता हउदा ndash जागना ndash जगाना ndash जगवाना

भलना ndash भलाना - भलवानाछोडना ndash छडाना ndash छडवाना

धातओ क ला और लवा लगात तब हो जाता हउदा ndash पीना ndash ndash

सोना ndash सलाना ndash सलवानाखाना ndash -

v नाम धात - को छोडकर जोडन स जो धात बनती ह अथवा जो नाम (

या ) धात क समान होत नामधात कहत जो नामधात लगान सबनत आ ओऔर ला लगात पहला हो जाता ह

उदा ndash लाज ndash ndash लजानाहाथ ndash हिथया ndash हिथयानाझठ ndash झठला ndash झठलाना

UNIT - 17

काल (Tense)क स क होन का समय और अथवा का बोध हो उस काल

कहत काल क तीन भद होत1) भतकाल2) काल3) काल

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भतकालस का बोध हो उस भतकाल कहत

उदा ndash राम न िलखी भतकाल क छः भद - भत भत भत भत भत हत-हतमत भत

भत ndash क स भतकाल क समय का बोध न हो उस भत कहतउदा ndash मोहन न खत िलखायहा का बोध होता जो भतकाल हई ह भतकाल ndash क स का का समय अभी अभी हआ ह इसका बोध

होता ह उस भतकाल कहत उदा ndash राम न ह

इसस पहल अभी अभी हई हभत ndash क स यह होता ह क को हए बहत समय हो चका ह उसभत कहत

उदा ndash न दध थास हो क साथ lsquoथाrsquo lsquoथrsquo lsquoथीrsquo लगान स भतकािलक

िमलता हभत - क उस को भत कहत यह हो भतकाल हो थी पर

का पता न लग उस भतकाल कहतउदा - वह पढ़ रहा था वह सोता था

कब समा हआ इसका पता क साथ lsquoता थाrsquo lsquoत थrsquo lsquoरहा थाrsquo lsquoरह थrsquo लगानाभत काल ndash क स भतकाल सचना िमलती ह उसक होन कछ हो उसभत कहतउदा ndash वह आया होगा

उसन खाया होगा भतकाल हो थी ह क साथ lsquoहगाrsquo lsquoहगीrsquo lsquoहोगाrsquo lsquoहोगीrsquo

lsquo rsquo जोडन स भतकाल िमलता हहत-हतमत भतकाल ndash क स यह पाया जाय भतकाल होना सभव थाकारण स न हो सका उस हत-हतमत भतकाल कहत

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(Present Tense)

क को काल कहत रहती ह

होती उस काल कहतउदा ndash राम पढ़ता ह

सीता गीत गा हकाल तीन क होत ndash 1) काल 2) काल 3)

काल - वह ह स का काल होना पाया जाय

उस कहतउदा ndash मोहन पढ़ता ह

रमा गाती ह क साथ lsquoताrsquo lsquoतrsquo lsquoतीrsquo जोडन स बनत

- वह ह काल क होन पायाजायउदा ndash वह खाता होगा

सीता जाती होगी क साथ lsquoता होगाrsquo lsquoती होगीrsquo lsquoत rsquo lsquoती rsquo लगान स िमलत

ndash का वह ह यह होता ह का अभी ह

होता उस कहत उदा ndash वह खा रहा ह

चल हक साथ lsquoरहाrsquo lsquo rsquo lsquoरहrsquo जोडन स िमलती ह

काल ( Future Tense)

होनवाली को काल कहत काल क दो भद ndash 1)

काल 2) कालकाल ndash का वह ह स क आग होन सचना िमल उसकाल कहत

उदा ndash वह आयगा

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राम आज बबई जायगासीता कल घर आयगी

क साथ lsquoयगाrsquo lsquoयगीrsquo lsquoयगrsquo जोडन स िमलतकाल ndash क होन सभावना हो उस काल कहत

उदा ndash सभव ह आज हो स lsquoगाrsquo lsquoगrsquo lsquoगीrsquo पथक कर दन स काल िमलगा

UNIT ndash 18

(Voice)उस कहत यह जाना जाय का ह

ह या कवल भाव ह उस कहतउदा ndash राम न रावण को मारा

तीन क ndash 1) 2) 3) भाव- ह हमशा क िलग वचन और क अनसार होता ह

उस कहतउदा ndash लडका पढ़ता ह

लड़का ह और ग ह इसिलए भी होना हसीता िलखती ह इसम सीता ह इसिलए ह का सीधा स होताह

ndash क िलग वचन क अनसार हो उस कहतह का होता ह

उदा ndash राम िलखता हह इसिलए यह ह धानता होती ह और का

स होता ह क िलग वचन क अनसार बदलती ह हमशाहोता ह का होना ह

उदा ndash राम न रावण को मारा -

राम स रावण मारा गया -

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रावण ह ह क का ह गौण का रहता ह

उदा ndash मा न को दध मा स को दध गया

दो होत ndash और दध ndash भाव होती ह यह हमशा स बनता ह हमशा

एकवचन और होती ह इसका होता ह उदा ndash यहा बठा जाता

मझस पढ़ा जाता स या बनान

को भत क करना उसक साथ काल वचन और िलग कअनसार जाना क जोडन ऐसा करन स स औरक स भा बनती ह

उदा ndash 1) राम न रावण को मारा -

राम स रावण मारा गया -

2) राम रावण को मारगा -

राम स रावण मारा जायगा -

3) राम रावण को मारता ह -

राम स रावण मारा जाता -

पहल lsquoमाराrsquo भतकािलक ह इसिलए lsquoमाराrsquo क साथ lsquoजानाrsquo का भतकािलकजोडना

दसर lsquoमारगाrsquo काल ह इसिलए lsquoमाराrsquo भतकािलक बदलकरlsquoजानाrsquo का काल lsquoजायगाrsquo जोडना

तीसर काल ह को भतकािलक बदलकर (मारा) उसक साथजाना का (जाता) जोडना

स बन सकता हउदा ndash मोहन उठता ( )

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मोहन स उठा जाता - ( )

वीणा चलती ( )

वीणा स चला जाता - ( )

UNIT ndash 19

याअभी तक हमन क बार पढ़ िलया ह उनक िलग वचन और कारक क अनसार

आता ह इसिलए कहत का ह अब हम क दसरया क बार

चार क होत ndash 1) 2) बोधक 3) बोधक 4)

बोधक

UNIT ndash 20

ndash Adverbउस कहत होती ह

उदा - रमश चलता हइस lsquoचलनाrsquo ह ndash ह lsquo rsquo इसिलए lsquo rsquo ह

स क तीन भद ह - 1) साधारण 2) सयोजक 3) साधारण - साधारण वह ह होता ह साधारण या

कहत जस ndash खब पढ़ो दौडो सयोजक ndash का स या स होता ह सयोजक

कहत जस ndash जहा तक हम चल सक वहा तक ह

योजना का सयोजक स होता ह- का क

भद क साथ होता ह कहत

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जस ndash गह खाओग

कह तो लो होता ह व कवल गह खात और कछ खायगा इन

ह हो जान स का बदल जाता ह जस ndash वह काम करगा इसका यह ह जो काम उस ह कवल वह करगा और कछ

क आधार पर क चार भद होत ndash 1) कालवाचक 2) 3)

4)

कालवाचक ndash स समय अविध तथा काल का बोध होता ह कालवाचककहतजस ndash काम को अभी पढ़ना

आजकल रोज़ होती ह कभी कभी भी रात क समान लगता ह मोहन पढ़ाई सदा ह

अभी आजकल कभी कभी सदा कालवाचक ह ndash स क का बोध होता ह

कहत उदा ndash जहा तक जा सक वहा तक जाओ

जाओ और वहा लटो घर क सामन एक ह बाहर रोशनी भीतर अधरा

हाथ स मारत जहा वहा सामन बाहर भीतर ndash स अिधकता- का बोध होता ह

कहत जस ndash उतना पढ़ो हो

चावल थोडा खाओ खब खाना

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अपना थोडा खब

व क होन का ढ़ग का पता िमलता ह जस ndash राहल धीर धीर चलता ह

सीता मधरतम गाती ह यथा हम तथा िमलत

धीर धीर मधरतम यथा-तथा

UNIT - 21

बोधकबोधक ह जो या क साथ आकर उनका क

क साथ बनात उदा ndash धन क कोई काम न चलता

घर क नीच एक तालाब ह क पास एक भी ह

नीच पास बोधक ह क अनसार बोधक क दो भद होत ndash 1) 2)

क ndash य या क बाद आतउदा - घर क भीतर घर क पीछ घर ऒर

कारक भी आती ह जस का क कभी कभी अपादान कारक या भी आती ह

उदा ndash इनस पहल आया राम का मकान मोहन क घर स पर

lsquoसrsquo lsquoपरrsquo अपादान कारक क ndash यह स क क साथ आत

जस ndash दो तक राम रहगा

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घड भर पानी क िलए पाच दन ग lsquoतकrsquo lsquoभरrsquo सचक

UNIT - 22

( Conjunctions)योजक या व जो या न बतला कर एक या का

दसर या स जोडत बोधक कहतजस ndash सीता और गीता अपन घर गयी

सीता और गीता को िमलानवाला योजक lsquoऔरrsquo ह क तीन भद ndash 1) सयोजक 2) 3) भदबोधक

1) सयोजक ndash कई का सयोग करनवाल को सयोजक कहत इसक दो याका मल होता ह

उदा ndash और राम कल बबई और वहा उनक साथ मोहन भी lsquoऔरrsquo lsquoभीrsquo सयोजक ह

2) ndash जो का बोध कराए कहत जस ndash चाह दश सवा करनी या अथवा मानवीय को पहचानना

lsquoयाrsquo lsquoअथवाrsquo lsquoवाrsquo lsquoचाहrsquo को करनवाल ह 3) भदबोधक ndash दो स एक स भद बतलानवाल को भदबोधक कहत य कई क होत

क ndash दो म स पहल का िनषध या सिचत करत जस ndash

पर मगर वरन उदा ndash मझ वहा जाना था क कारण जा न सका

ख - कारणवाचक और उपदशमलक ndashइसिलए सो अतः इसिलए

इस क ह जस ndash राम समय पर आ न सका इसिलए जा न सका

ग सकतबोधक ndash ndash तो जो ndash तो प सकतबोधक ह जस ndash तम कहत तो जाता

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घ ndash इन पहली बात का और होता ह यान मानो यहा तक इस क ह

जस ndash कोई भी समय पर पहचा यहा तक भी 10 बज तक न आय क और दो भद होत ndash 1) समानािधकरण 2)

समानािधकरण ndash समान पद क या को जोडत जो एक क हो वसमानािधकरण धक कहत जस ndash क मा-बाप का अजीब ह समानािधकरण क चार उपभद होत ndash

1) सयोजक ndash और तथा भी एव 2) क ndash या वा अथवा चाह 3) ndash पर मगर 4) ndash इसिलए अतः

ndash को स जोडनवाल कोकहत

जस ndash आज नौकरानी आयगी वह बीमार ह क चार उपभद होत ndash

१ ndash यान मानो २ करणवाचक ndash जो इसिलए ३ उपदशवाचक - जो ४ सकतवाचक ndash - तो जो-तो -

4) ndash ndash स क शोक घणाको करनवाल को -बोधक कहत

जस ndash हाय अब अर आप कहा जा रह

ह राम करो को सिचत करन क िलए - लात

बोधक क सात भद ndash

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1) बोधक ndash वाह ndashवाह - आहा शबाश

2) शोक बोधक ndash आह ऊह हा-हा ndash

3) बोधक ndash अहो ऒह

4) अनमोदन बोधक ndash हा-हा वाह शबाश

5) बोधक ndash िछ हट अर िधक

6) ndash बहत हा जी हा7) सबोधन बोधक ndash अर र अपी अहो

कभी कभी भी हो जातजस ndash भगवान लो चप कभी कभी या भी होत जस ndash न हो बहत हो गया

जब क समान होत तब वह होता तब वमनोभाव को करात

जस ndash हाय हाय मचा रखी ह

सब लोग - पकार उठहाय ndash हाय - क समान ह इसिलए यह बोधक ह

UNIT - 23

क भद क स बनान का िनयम

क पर जायगास बनता ह एक या अिधक स बनता ह एक स अिधक स बनता

ह कहन या िलखनवाल का परा भाव हो जाय तो उस कहतजस ndash मोहन पढ़ता ह

राम िलखता ह इन स लखक का परा भाव होता ह

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ndash कछ ऐस होत और क रहन पर भी कहन या िलखनवाल का परा आशयहोता क समह को और क रहन पर भी जो कछ सनन

बनी रह कहत दो क होत ndash 1) 2)

क अधीन होतउदा ndash राम न कहा था वह कल पाठशाला जायगा

इस राम न कहा था - ह और कल पाठशाला जायगा तह इस और भी कहत

रखनवाल को कछ थोडा सा भाव करनवाल को कहतएक भावना होती ह

जस ndash तरह पढ़ना चलना

इन होता ह क म दो भाग होत 1) और 2)

ndash ( ) कछ होता ह उस कहतndash ( ) क जो कछ होता ह उस कहत

जस ndash मरा स भरा हआ ह मरा ह और स भरा हआ ह ह मरा ndash ह और मरा

उस का ह इसिलए ( ) और मरा का कहत हआ हह शष उसका ह

इस चार भाग हए ndash 1) ( ) 2) का 3) ( ) 4)

काचार भद ndash

क ndash राम गया ख ndash वह कह चका ग ndash फल

क भदक अनसार क आठ भद होत ndash

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1 ndash इस स बात का होना सिचत होता ह जस ndash भारत राजधानी ह

2 िनषधवाचक ndash का अभाव होता ह जस ndash क कछ भी पा सकत

3 ndash इस स सचना होती हजस - तम कल कालज

4 ndash इसस और उपदश का बोध होता ह जस ndash तरह पढ़ो

का भजन करो 5 ndash इसस का भाव सिचत होता ह जस ndash हाय राम को एक

लाख िमल 6 ndash इसस या सचना होती ह

जस ndash अक पा

7 ndash या सभावना सचना होती ह जस ndash आज होगी

8 - सकत सचना होती ह जस ndash हो तो

राम काम करगा रचना क आधार पर

रचना क आधार पर क तीन भद होत - 1) सरल या साधारण 2) और3)

१ सरल ndash एक और एक होता ह उस सरल कहतजस ndash मोहन िलखता ह ( मोहन और िलखता ह धय ह)

राम मज़ पर रखी ह ( ह और रखी ह ह)

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lsquoराम rsquo और lsquoमज़ परrsquo कवल और का ह २ - उस कहत एक हो और उसक एक या

अिधक हो उस कहतजस ndash जो करगा उस सफलता िमलगी जो करगा ndash ह उस सफलता िमलगी - ह

तीन क ndash 1) 2) 3)

1) ndash का क पर होता ह उसकहतजस ndash मरा ह तमन को मारा यह सच ह इस तमन को मारा ndash ह क पर आया ह इसिलए यह

ह 2) ndash जब कोई को क का काम दता ह तब उस

कहत जस ndash य उसी छा को जायगा जो रहगा

उसी स डरत जो खब मारता ह उसी जो ह

3) ndash जो क का काम दता ह उस कहत

जस ndash करता ह उतना फल िमलता ह जब तम कहोग सब कछ

जब ह ३ ndash दो या दो स अिधक योजक जड हो न

हो उस कहतजस ndash वह तरह पढ़ता था तो पास होता

दो या दो स अिधक सरल अथवा एक दसर पर न होता ह इसिलए यह

जस - कर चका (सरल )

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हम कर चक तो व आए ( )

और मरा मन ठड हो गया ( )

चार क होत ndash सयोजक सचक 1) सयोजक - एक दसर क साथ सयोजक जडा रहता ह

जस ndash वह आया और उसक साथ गया स िमलता ह और स होता ह

2) ndash का एक दसर स भद या का रहता ह जस ndash स बढ़ता ह स भरता ह वह खब खाता पर बडा होता

3) सचक ndash दो स एक को करना जस ndash मझ या राम को

4) अथवा हतसचक ndash एक दसर का होता हजस ndash तम आग पढ़ो पसा दगा मझ पसा िमला इसिलए

कभी कभी बीच योजक आत जस ndash मझ न बलाया आप आता ह जब को का या एक होता ह तो एक बार िलखा या कहा

जाता ह ऐस को सकिचत कहत जस ndash का और मन को भी दता ह

जो आसानी स समझकर छोड दत ऐस को कहत जस ndash आजकल सना ह बरसात क मौसम बखार सब फलाता ह

कहत रोज़ बढ़त रह पहल हमन होना था पर ह दसर लोग स होना पर होता ह

एक का दसर क बदल जा सकता ह मलकर सकत

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क सरल स ndash

उदा ndash सरल - राम न मोहन का - राम न उस को जो मोहन का था

ख स सरलndash उसन कहा पापी ह

सरल ndash उसन को पापी बताया ग सरल स

सरल ndash होन पर लोग खत जान लग - हआ और खत जान लग

घ स िनषध वाचक तथाndash मोहन सोहन स बडा ह

िनषध वाचक - मोहन सोहन स बडा ndash मोहन सोहन स बडा ह

UNIT ndash 24

और महावरव जो का अपना न बता कर कछ करत महावरा

कहत बोलचाल बहत आनवाला ऐसा बधा कोई अनभव बात और अलकतभाषा गई हो या कहावत कहाता ह जस ndash मर पट चह कद रह

जब स उनका लड़का मरा ह कमर टट गई ह वह इतना चालाक ह अपन मािलक को पर नचाता ह

इन lsquoपट चह कद रह rsquo lsquoकमर टट गई हrsquo lsquo पर नचाता हrsquo इन काउनक स ह यहा lsquoपट चह कदनrsquo का ह भख लगना lsquoकमर टटनrsquo का ह या

का न रहना तथा lsquo पर नचानrsquo का ह अपन वश रखना अतः य महावरकहलात

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इसी जब कोई आदमी काम करना न जानता हो परत अपन को िछपान क िलए बहान बनावतब कहा जाता ह ndash नाच न जान आगन टढ़ा

जब कोई आदमी अनक खाकर भी अपनी आदत न छोड़ तब कहा जाता ह दम सौतक नली रखो तो भी य बध हए और अनभव तथा अलकत भाषा कह गय अतः य

और क स भाषा तथा आती ह महावरदार भाषाबहत पसद जाती ह और कथन बड़ा होता ह

महावरअग-अग - बहत होनाअगठा - चीज़ को दन स क साथ करनाअध - सहाराअधरा घर का उजाला - एकलौता बटा

क घोड़ दौड़ाना - सोचनापर पड़ना - समझ न पाना

अपना सीधा करना ndash करनाआख उठाना - नीयत स दखनाआख खलाना - होश आना

चार होना - आख स आख िमलानानीची होना - होनापीली करना - नाराज़ होना

आकाश पाताल का ndash बहत भदआग घी डालना - बढ़ानाआसमान िसर पर उठाना - बहत कोलाहल करना

स बजाना - करनाईद का चाद होना - िचरकाल पीछ दनाउगली पर नचाना - वश रखना

गगा बहाना - बात करना

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कमर टट जाना - िनराश हो जानाकान भरना - चगली करना

मौत मरना - बहत तरह स मरनाखाक उड़ाना खाक िमलाना - बरबाद होनागड़ गोबर कर दना - काम दनाघर गगा - दौड़-धप कघाट घाट का पानी पीना - जहा तहा का अनभव करनाचाद पर थकना - करना और फलतः होनाचार चादनी - थोड़ का सख

का दध याद आना - सब सख भल जाना सकट आ पड़नाजमीन पर पर न पड़ना - बहत अिभमान होनाजल भन कर कोयला होना - पागल हो जानाटस स मस न होना - भी नटाग अड़ाना - बाधा डालनाटोपी उछालना - िनरादर करनाितनका पकड़ना - मागनाितन का ताड़ करना - बात बढ़ानाथक कर चाटना - वचन दकर जाना

तल उगली दबाना - करनादम तोडना - मर जाना

दना रात चौगना होना - खब होनाधप बाल सफद करना - अनभव आय दनानमक लगाना - बात को बढ़ा कर कहनानाक कटना - बदनामी होनानाक चढ़ाना - घणा करनानीला पीला होना - आना

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नौ-दो होना - भाग जानाउछालना - करना

- बातपरदा डालना - िछपानापहाड टट पड़ना - आनापट चह कदना - खब भख लगना

तल स ज़मीन िनकल जाना - होश उड़ जानाफक-फक कर कदम रखना - सोच-समझ कर काम करनाबगला भगत -

उछलना - खब खश होनाबाज़ार पर होना - काम पर होनाबात का धनी - वायद काबाल खाल उतारना - करनाबाल पकना - बढ़ा होजाना अनभव करनाबाल बाल बचना - हािन पहचन जरा- सी कसर रह जानाबगार टालना - लगाकर काम न करनाबोली मारना - क कहनाभनक पड़ना - खबर द जानाभाड़ - समय गवाना

मारना - बकारचस - बहत कजसपर मारना - का नकल करना

मगज चाटना - तग करनामाथा ठनकना - आशका होनामारा मारा - होनामह-तोड़ जवाब दना - परा-परा जवाब दना

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मह फक हो जाना - चहर का रग उतर जानामह पानी भर आना - खान को ललचानामह लगाना - अिधक द दना

गरम करना - दनाराई का पहाड़ बनाना - बात को बढ़ाकर कहनारात- - हमशालका काड होना - खब मारपीट होनालबी-चौ हाकना - करना

होना - होनालह क घट पीना - करनालह पसीना एक करना - बहत करनालोह क चना चबाना - काम करनाशतान क कान कतरना - बहत चालाक होना

करना - करनाबाग - बहकाना

समझ पर पड़ना - होनाबठना - जमाना

िसतारा चमकना - उदय होनािसर पर खन सवार होना - जान लन पर होनािसर पर हाथ धरना - सहायता करनासौ बात एक बात - िनचोड़

करना - फक डालनाहसी उड़ाना - करनाहाथ मल -

हाथ पर हाथ धर बठना - बठनाहाथ पसारना - मागना

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हाथ-पर मारना - करनाहाथ साफ करना - बईमानी स ठगना

पानी करना - करनाहोश उड़ना - भय या आशका स दखी होना

अत गता सो मता - वहकान राजा - थोड़ा पढ़ िलख का मान होता ह

आख क गाठ क पर - पर धनवानआप मर जग परल - ह तो ससार ह

चोर कोतवाल को डाट - अपराध करक को डाटनाऊची दकान पकवान - काम करनाएक अनार सौ बीमार - जब एक चीज़ क बहत स तब कहा जाता हएक पथ दो काज - एक काम करन स दो का लाभ होनाकाला बराबर -

घर का लका ढ़ाह - फट स घर नाश होता हिचराग तल अधरा - पास घटना क होन पर भी उसका न होना या

ऐस पर बराई का होना जहा उसक रोकन का होचोर ितनका - पापी डर जाता हजाग सो पाव सोव तो खोव - सावधान रहन स लाभ होता ह

- बलवान का दबदबा रहता हजसा दश वसा भस - दश रह वसी करनीजसी करनी वसी भरनी - फल िमलता हतन को कपड़ा न पट को - बहतथोथा चना बाज घना - काम न करनवाला बकवास बहत करता हदाम बनाय काम - पस स सब काम हो जात

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धोबी का घर का न घाट का - जो एक पर जमकर काम न कर कभी एक लग और कभीदसर और सफल न हो उस कहा जाता ह

रहना मगर स बर - अधीन होकर रह और उसी स बर कर तो गज़ारा चलता हन रहगा बास न बाजगी - नकसान हो उसका नाश कर दना हनाच न जान आगन टढ़ा - काम करन न होन पर दसर को दोष दना नीम जान का खतरा - अधरा हािनकारक होता हनौ नगद न तरह उधार - उधार सौदा दनामान न मान तरा महमान - गल पड़नािमया जती िमया क िसर - स उसी हािन करनासौ सयान एक मत - सभी अथवा एक सलाह होती हहाथ कगन को आरसी - क िलए और हाथी क दात खान क और क और - कहना कछ और करना कछ औरहोनहार क होत चीकन पात - होनहार क पहल स जात

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UNIT - 14

( Pronoun)क उसक को करन क िलए का जाता ह

कहत उदा ndash राम जाता ह वह अपनी जाता हउसन कहा ndash लाना भल गया वह अपनी राम जगह हए ह

इसिलए ह को हटान क िलए का जाता हयोग क अनसार क पाच भद होत

1) - त यह वह (एव) हम तम य व आप (बव)

2) ndash यह वह (एव) य व (बव)

3) ndash कोई कछ (एव - बव)

4) ndash जो सो (एव - बव)

5) ndash कौन (एव - बव)

क ndash या लखक बोलत या िलखत समय या तो अपन कछ कहता ह या सननवालऔर पढ़नवाल क अथवा अपन और सननवाल को छोडकर क

कहत स बोलनवाल सननवाल और क कछ कहा जाए उस कोकहत

तीन क होत ndash औरndash बोलनवाला या िलखनवाला अपनिलए का करता ह उस

कहत (एव) हम (बव)ndash सननवाल या पढ़नवाल क िलए का होता ह उस कहत

जस ndashत तम और आप ndash क कछ कहा या िलखा जाए उसक िलए होन वाल को

कहत जस ndash यह वह (एव) य व (बव)और हम ह एकवचन ह हम बहवचन ह का हम

क बहवचन स ह यहा हम क पर होता ह हम का एकवचनऔर बहवचन होत

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त और तम क आदर क िलए आपका करत जस ndash तमयहा आओ इसी क पर आप यहा ए कभी कभी यह और वह क भी आप का

होता ह जस ndash आप मर कभी कभी आदर क िलए आप का करत बहवचन सिचत करन क िलए आप क साथ lsquoलोगrsquo

जोडा जाता ह जस ndash आप लोग यहािनजवाचक आप और चक आप भद होता ह िनजवाचक आप समान स एक वचन

और बहवचन आता ह जस ndash आप पढ़गा हम आपवह कवल बहवचन करत िनचवाचक आप तीन स

होत आप कवल और करतlsquoआपrsquo अकला जाता ह िनजवाचक आप तथा क साथ आता ह जस ndash त

आप कामकभी (2) आप भल अकला आ सकता ह जस ndash आप भला तो जग भला वह अपन आप समझ गया

व ऒर सकत जाता हसकतवाचक और िनदशवाचक भी कहत जस ndash यह वह य व

हम तम आप यह य व इन या क साथ अिधकताकरन क िलए lsquo rsquo lsquoईrsquo य जोडत झस ndash त आप

स या क बात का बोध न हो उसकहत जस ndash कोई कछ

a lsquoकोईrsquo का क िलए होता ह जस ndash बाहर स कोई आ रहा ह b जब का पता न होन पर ndash जस ndash अर कोई कमर ह

c क lsquoकोईrsquo लग तो उसका लगभग होता ह जस - कॉलज स कोई पाच सौभाग

d lsquoकोईrsquo जब दोहराया जाता ह तब को सिचत करता ह जस कोई कोई पर को रोकतe कोई क साथ एक लग जान पर सिचत करता ह जस ndash तम स कोई एक गा सकगा

कछ का अनिगनत क िलए होता ह जस ndash कछ हक िलए होता ह जस ndash पानी कछ ह

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कोई का क िलए होता ह और कछ का क िलए होता हघ वाचक

स दो और क बीच क का बोध हो उस वाचक कहतजो सो जस ndash आपन जो कहा सो हो गया

कभी कभी जो या सो स एक रहता ह जस जो गाता ह बात हङ ndash करन क िलए का होता ह कहत

उदा ndash आप सोचत आज कौन आएगाकौन का क िलए होता ह का क िलए होता ह जस ndash कौन

बोलगा थली हकभी कभी कौन का क िलए होता हजस - बाधा डालनवाल तम कौन होिभ किलए lsquoकौनrsquo को दोहरा भी जाता ह जस ndash कौन कौन लाएग

क कौन का होता ह जस - इसन कौन अपराधक िलए को दोहरा दता ह जस ndash राम न

का क भी होता ह जस ndash तम मझस लडोगका

वचन और कारक क कारण भी होत िलग क कारण होताका और एक स होता ह

सबोधन होतास क पर होता ह उसी क अनसार उस क िलग वचन भी होता ह

काकारक एकवचन बहवचन

हममझको मझ हमको

करण मझस हमसमझको मरिलएमझ हमको हमार िलए

अपादान मझस हमसमरामर हमारा हमार

अिधकरण मझपर हमपर

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तकरक एकवचन बहवचन

तन तम तमनतझको तझ तमको

करण तझस तमसतरातर

अिधकरण तझपर तमपर

वहकरक एकवचन बहवचन

वहउसन व

उसको उस उनकोकरण उसस उनस

उसक िलए उस उनक िलए

अपादान उसस उनसउसका उसक उनका उनक

अिधकरण उस पर उनपर

UNIT - 15

(Adjective)स या सिचत कर उस कहत जस ndash रशमी

कपडा लाल कमलबतलाई जाए उस कहत जस ndash लड़का

ह लड़का हजो क पहल आता ह उस कहत जस ndash फल

ह फल ह इसिलए यह ह

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जो क बाद आता ह उस कहत जस ndash वह लड़का बड़ा होिशयार ह लडका ह होिशयार ह क बाद आन क कारण यह ह

जो क साथ उसको करन क िलए होता ह उस समानािधकरण कहत जस ndash रामनाथ कहता ह

रामनाथ क साथ समानािधकरण ह चार क ndash

क गणवाचक (Adjectives of Quality)

ख (Adjectives of number)

ग (Adjective)

घ या (Demonstrative Adjective)

१ गणवाचकजो क गण रग आकार को बतलानवाल को गणवाचक कहत

जस ndash लबा सशील काला गोल गणवाचक क बदल बहधा क क भी आतजस ndash राजा ( का राजा )

जापानी कपड़ा (जापान का कपड़ा)गणवाचचक का होता ह तब उनका क समान होता ह

जस ndash न सच कहा ह२ - क गणना का बोध हो उस

कहत जस ndash एक दो पहला दसरा दगनाक तीन भद होत ndash

1) 2) 3) बोधक या बोधकndash इसस का बोध होता ह जस ndash चार आठ सात

क चार भद ndash

a गणनावाचक ndash गणनावाचक षण स गणना का बोध होता ह जस ndash एक चार फल सात

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गणनावाचक क साथ एक लगान स लगभग का होता ह जस ndash एक आदमी ndash

लगभग आदमी b ndash स क गणना का होता ह जस ndash पहला

दसरा चौथाc ndash गणनावाचक क lsquoगनाrsquo लगान स बनत जस

ndash दगना ितगना ३ - स माप- तोल या का पता होता ह उस

कहत जस ndash दो सर चावल चार गज कपडा

क दो भद होत ndash

1) और 2)

ण - स का पता लगता हजौस - दो सर चावल

- स का पता नलगता ह जौस ndash बहत दध

४ या - स ऒर या सकत जाता ह उसकहत lsquoयहrsquo lsquoवहrsquo स जाता ह इसिलए इसकहत

जस ndash यह वह जब क हो तब वह बन जाता ह

जस ndash वह घर राम का ह कई ऐस मल जसा रहता ह

जस ndash वह यह क

भी िलग वचन और कारक क अनसार होता ह क िलग और कारक ककारण कछ होता ह

जस ndash काला कपड़ा - काला कपड़काला धोती - काला धोितया

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क साथ ई हो जातजस - काली धोती

क होता ह जो क होन परहोता ह जस ndash वह घोड़ा व घोड़

पथकता अथवा अिधकता क िलए को दहराता ह ndash

जस ndash छोट छोट फल लालका भी होता ह जस ndash बडा लड़का

गणवाचक और जब करत तब वह बन जात

जस ndash थोड़ा खा गया चावल बहत ह क साथ जब आता और व बन जात तब उनक साथ

भी लगती जस ndash को दान दो

UNIT - 16

(Verb)

काम क करन या होन का बोध हो उस कहतजस पढ़ना खाना दौडना पहनना

धात ndash क मल को धात कहत उदा- पढ़ना खलना खानाय सब मल धात lsquoपढ़rsquo lsquoखलrsquo lsquoखाrsquo ह मल धात lsquoनाrsquo जोडकर का िमलताह

i क आधार पर क दो भद होत - 1) 2)

1) (Transitive Verb) ndash क का फल को छोड पर पडता हउस कहत

उदा ndash राम पढ़ता ह

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राम ह ह और का पर पडता ह2) (Intransitive Verb) - क का फल पर पडता ह उस

कहत का अभाव हउदा ndash मोहन सोता ह

कभी कभी एक होता ह और कभी कभी दो भी होत एक होन वालको एक lsquo rsquo कहत

उदा ndash राम न खाना खायाखाना ह कवल एक होता ह दो होन वाली को

कहतउदा ndash मा न को दध

दो होत ndash lsquo rsquo और lsquoदधrsquo दो होत एक lsquo rsquo और दसराlsquoगौणrsquo

उदा ndash मा न को दधइस lsquoगौणrsquo ह दध lsquo rsquo ह lsquoगौणrsquo कभी कभी होता हउदा ndash न कथा सनाई

ii क भद1 - व होती ह आशय अथवा स परा होताको परा करन क िलए दसर होती ह ऐसी को कहतयह दो क होती ह१ ndash का अभाव हउदा ndash वह ह यहा क को परा करन क िलए जोडा गया ह२ ndash होन पर भी का भाव परा न हो उस को

कहतउदा ndash सीता न पढ़ाया

यहा परा सीता न lsquo rsquo पढ़ाया lsquo rsquo पढ़ाया यह परा इसिलए यहह यहा होन पर भी का भाव परा होता

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३ परक - को परा करन क िलए या पडती ह

परक कहत क परक lsquo परकrsquo तथा क परक lsquo परकrsquo

होतउदा ndash उस होिशयार समझता ह ( परक)

राम बलवान ह ( परक)

iii यौिगक धात ndashक स धातओ क दो भद होत 1) मल धात 2) यौिगक धात

मल धात - मल धात व जो दसर स न बन जस ndash कर बठ पढ़ यौिगक धात ndash यौिगक धात व जो दसर स बनाय जात उदा ndash खाना स नाम धात ndash जो या क आधार पर बनती ह उस नाम धात कहत

उदा ndash हाथ स हिथयानास

अपना स अपनानाiv - स यह जान पडता ह को न करक दसर को

करन दता ह उस (casual verbs) कहतउदा ndash राम न मोहन स िलखवाया यहा राम न िलखकर मोहन स िलखवाता ह इसिलए यह ह

करनवाल को और जाती ह उस कहतराम न मोहन स िलखवाया राम ह और मोहन हमल जो होती ह उनस और बन सकती हस और बन सकती उदा ndash दध पीता ह

पीना ह इसस बनती ह ndash मा को दध हस बना सकती ह उदा - मा नौकर स को दध ह

बनान का िनयममल धात क आ जोडन स और वा जोडन स या

बनती ह

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उदा ndash उठना ndash उठाना - उठवानाचलना ndash चलाना - चलवानापढ़ना ndash पढाना - पढ़वाना

दो क धातओ ए और औ को छोडकर पहला हो जाता हउदा ndash जागना ndash जगाना ndash जगवाना

भलना ndash भलाना - भलवानाछोडना ndash छडाना ndash छडवाना

धातओ क ला और लवा लगात तब हो जाता हउदा ndash पीना ndash ndash

सोना ndash सलाना ndash सलवानाखाना ndash -

v नाम धात - को छोडकर जोडन स जो धात बनती ह अथवा जो नाम (

या ) धात क समान होत नामधात कहत जो नामधात लगान सबनत आ ओऔर ला लगात पहला हो जाता ह

उदा ndash लाज ndash ndash लजानाहाथ ndash हिथया ndash हिथयानाझठ ndash झठला ndash झठलाना

UNIT - 17

काल (Tense)क स क होन का समय और अथवा का बोध हो उस काल

कहत काल क तीन भद होत1) भतकाल2) काल3) काल

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भतकालस का बोध हो उस भतकाल कहत

उदा ndash राम न िलखी भतकाल क छः भद - भत भत भत भत भत हत-हतमत भत

भत ndash क स भतकाल क समय का बोध न हो उस भत कहतउदा ndash मोहन न खत िलखायहा का बोध होता जो भतकाल हई ह भतकाल ndash क स का का समय अभी अभी हआ ह इसका बोध

होता ह उस भतकाल कहत उदा ndash राम न ह

इसस पहल अभी अभी हई हभत ndash क स यह होता ह क को हए बहत समय हो चका ह उसभत कहत

उदा ndash न दध थास हो क साथ lsquoथाrsquo lsquoथrsquo lsquoथीrsquo लगान स भतकािलक

िमलता हभत - क उस को भत कहत यह हो भतकाल हो थी पर

का पता न लग उस भतकाल कहतउदा - वह पढ़ रहा था वह सोता था

कब समा हआ इसका पता क साथ lsquoता थाrsquo lsquoत थrsquo lsquoरहा थाrsquo lsquoरह थrsquo लगानाभत काल ndash क स भतकाल सचना िमलती ह उसक होन कछ हो उसभत कहतउदा ndash वह आया होगा

उसन खाया होगा भतकाल हो थी ह क साथ lsquoहगाrsquo lsquoहगीrsquo lsquoहोगाrsquo lsquoहोगीrsquo

lsquo rsquo जोडन स भतकाल िमलता हहत-हतमत भतकाल ndash क स यह पाया जाय भतकाल होना सभव थाकारण स न हो सका उस हत-हतमत भतकाल कहत

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(Present Tense)

क को काल कहत रहती ह

होती उस काल कहतउदा ndash राम पढ़ता ह

सीता गीत गा हकाल तीन क होत ndash 1) काल 2) काल 3)

काल - वह ह स का काल होना पाया जाय

उस कहतउदा ndash मोहन पढ़ता ह

रमा गाती ह क साथ lsquoताrsquo lsquoतrsquo lsquoतीrsquo जोडन स बनत

- वह ह काल क होन पायाजायउदा ndash वह खाता होगा

सीता जाती होगी क साथ lsquoता होगाrsquo lsquoती होगीrsquo lsquoत rsquo lsquoती rsquo लगान स िमलत

ndash का वह ह यह होता ह का अभी ह

होता उस कहत उदा ndash वह खा रहा ह

चल हक साथ lsquoरहाrsquo lsquo rsquo lsquoरहrsquo जोडन स िमलती ह

काल ( Future Tense)

होनवाली को काल कहत काल क दो भद ndash 1)

काल 2) कालकाल ndash का वह ह स क आग होन सचना िमल उसकाल कहत

उदा ndash वह आयगा

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राम आज बबई जायगासीता कल घर आयगी

क साथ lsquoयगाrsquo lsquoयगीrsquo lsquoयगrsquo जोडन स िमलतकाल ndash क होन सभावना हो उस काल कहत

उदा ndash सभव ह आज हो स lsquoगाrsquo lsquoगrsquo lsquoगीrsquo पथक कर दन स काल िमलगा

UNIT ndash 18

(Voice)उस कहत यह जाना जाय का ह

ह या कवल भाव ह उस कहतउदा ndash राम न रावण को मारा

तीन क ndash 1) 2) 3) भाव- ह हमशा क िलग वचन और क अनसार होता ह

उस कहतउदा ndash लडका पढ़ता ह

लड़का ह और ग ह इसिलए भी होना हसीता िलखती ह इसम सीता ह इसिलए ह का सीधा स होताह

ndash क िलग वचन क अनसार हो उस कहतह का होता ह

उदा ndash राम िलखता हह इसिलए यह ह धानता होती ह और का

स होता ह क िलग वचन क अनसार बदलती ह हमशाहोता ह का होना ह

उदा ndash राम न रावण को मारा -

राम स रावण मारा गया -

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रावण ह ह क का ह गौण का रहता ह

उदा ndash मा न को दध मा स को दध गया

दो होत ndash और दध ndash भाव होती ह यह हमशा स बनता ह हमशा

एकवचन और होती ह इसका होता ह उदा ndash यहा बठा जाता

मझस पढ़ा जाता स या बनान

को भत क करना उसक साथ काल वचन और िलग कअनसार जाना क जोडन ऐसा करन स स औरक स भा बनती ह

उदा ndash 1) राम न रावण को मारा -

राम स रावण मारा गया -

2) राम रावण को मारगा -

राम स रावण मारा जायगा -

3) राम रावण को मारता ह -

राम स रावण मारा जाता -

पहल lsquoमाराrsquo भतकािलक ह इसिलए lsquoमाराrsquo क साथ lsquoजानाrsquo का भतकािलकजोडना

दसर lsquoमारगाrsquo काल ह इसिलए lsquoमाराrsquo भतकािलक बदलकरlsquoजानाrsquo का काल lsquoजायगाrsquo जोडना

तीसर काल ह को भतकािलक बदलकर (मारा) उसक साथजाना का (जाता) जोडना

स बन सकता हउदा ndash मोहन उठता ( )

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मोहन स उठा जाता - ( )

वीणा चलती ( )

वीणा स चला जाता - ( )

UNIT ndash 19

याअभी तक हमन क बार पढ़ िलया ह उनक िलग वचन और कारक क अनसार

आता ह इसिलए कहत का ह अब हम क दसरया क बार

चार क होत ndash 1) 2) बोधक 3) बोधक 4)

बोधक

UNIT ndash 20

ndash Adverbउस कहत होती ह

उदा - रमश चलता हइस lsquoचलनाrsquo ह ndash ह lsquo rsquo इसिलए lsquo rsquo ह

स क तीन भद ह - 1) साधारण 2) सयोजक 3) साधारण - साधारण वह ह होता ह साधारण या

कहत जस ndash खब पढ़ो दौडो सयोजक ndash का स या स होता ह सयोजक

कहत जस ndash जहा तक हम चल सक वहा तक ह

योजना का सयोजक स होता ह- का क

भद क साथ होता ह कहत

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जस ndash गह खाओग

कह तो लो होता ह व कवल गह खात और कछ खायगा इन

ह हो जान स का बदल जाता ह जस ndash वह काम करगा इसका यह ह जो काम उस ह कवल वह करगा और कछ

क आधार पर क चार भद होत ndash 1) कालवाचक 2) 3)

4)

कालवाचक ndash स समय अविध तथा काल का बोध होता ह कालवाचककहतजस ndash काम को अभी पढ़ना

आजकल रोज़ होती ह कभी कभी भी रात क समान लगता ह मोहन पढ़ाई सदा ह

अभी आजकल कभी कभी सदा कालवाचक ह ndash स क का बोध होता ह

कहत उदा ndash जहा तक जा सक वहा तक जाओ

जाओ और वहा लटो घर क सामन एक ह बाहर रोशनी भीतर अधरा

हाथ स मारत जहा वहा सामन बाहर भीतर ndash स अिधकता- का बोध होता ह

कहत जस ndash उतना पढ़ो हो

चावल थोडा खाओ खब खाना

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अपना थोडा खब

व क होन का ढ़ग का पता िमलता ह जस ndash राहल धीर धीर चलता ह

सीता मधरतम गाती ह यथा हम तथा िमलत

धीर धीर मधरतम यथा-तथा

UNIT - 21

बोधकबोधक ह जो या क साथ आकर उनका क

क साथ बनात उदा ndash धन क कोई काम न चलता

घर क नीच एक तालाब ह क पास एक भी ह

नीच पास बोधक ह क अनसार बोधक क दो भद होत ndash 1) 2)

क ndash य या क बाद आतउदा - घर क भीतर घर क पीछ घर ऒर

कारक भी आती ह जस का क कभी कभी अपादान कारक या भी आती ह

उदा ndash इनस पहल आया राम का मकान मोहन क घर स पर

lsquoसrsquo lsquoपरrsquo अपादान कारक क ndash यह स क क साथ आत

जस ndash दो तक राम रहगा

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घड भर पानी क िलए पाच दन ग lsquoतकrsquo lsquoभरrsquo सचक

UNIT - 22

( Conjunctions)योजक या व जो या न बतला कर एक या का

दसर या स जोडत बोधक कहतजस ndash सीता और गीता अपन घर गयी

सीता और गीता को िमलानवाला योजक lsquoऔरrsquo ह क तीन भद ndash 1) सयोजक 2) 3) भदबोधक

1) सयोजक ndash कई का सयोग करनवाल को सयोजक कहत इसक दो याका मल होता ह

उदा ndash और राम कल बबई और वहा उनक साथ मोहन भी lsquoऔरrsquo lsquoभीrsquo सयोजक ह

2) ndash जो का बोध कराए कहत जस ndash चाह दश सवा करनी या अथवा मानवीय को पहचानना

lsquoयाrsquo lsquoअथवाrsquo lsquoवाrsquo lsquoचाहrsquo को करनवाल ह 3) भदबोधक ndash दो स एक स भद बतलानवाल को भदबोधक कहत य कई क होत

क ndash दो म स पहल का िनषध या सिचत करत जस ndash

पर मगर वरन उदा ndash मझ वहा जाना था क कारण जा न सका

ख - कारणवाचक और उपदशमलक ndashइसिलए सो अतः इसिलए

इस क ह जस ndash राम समय पर आ न सका इसिलए जा न सका

ग सकतबोधक ndash ndash तो जो ndash तो प सकतबोधक ह जस ndash तम कहत तो जाता

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घ ndash इन पहली बात का और होता ह यान मानो यहा तक इस क ह

जस ndash कोई भी समय पर पहचा यहा तक भी 10 बज तक न आय क और दो भद होत ndash 1) समानािधकरण 2)

समानािधकरण ndash समान पद क या को जोडत जो एक क हो वसमानािधकरण धक कहत जस ndash क मा-बाप का अजीब ह समानािधकरण क चार उपभद होत ndash

1) सयोजक ndash और तथा भी एव 2) क ndash या वा अथवा चाह 3) ndash पर मगर 4) ndash इसिलए अतः

ndash को स जोडनवाल कोकहत

जस ndash आज नौकरानी आयगी वह बीमार ह क चार उपभद होत ndash

१ ndash यान मानो २ करणवाचक ndash जो इसिलए ३ उपदशवाचक - जो ४ सकतवाचक ndash - तो जो-तो -

4) ndash ndash स क शोक घणाको करनवाल को -बोधक कहत

जस ndash हाय अब अर आप कहा जा रह

ह राम करो को सिचत करन क िलए - लात

बोधक क सात भद ndash

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1) बोधक ndash वाह ndashवाह - आहा शबाश

2) शोक बोधक ndash आह ऊह हा-हा ndash

3) बोधक ndash अहो ऒह

4) अनमोदन बोधक ndash हा-हा वाह शबाश

5) बोधक ndash िछ हट अर िधक

6) ndash बहत हा जी हा7) सबोधन बोधक ndash अर र अपी अहो

कभी कभी भी हो जातजस ndash भगवान लो चप कभी कभी या भी होत जस ndash न हो बहत हो गया

जब क समान होत तब वह होता तब वमनोभाव को करात

जस ndash हाय हाय मचा रखी ह

सब लोग - पकार उठहाय ndash हाय - क समान ह इसिलए यह बोधक ह

UNIT - 23

क भद क स बनान का िनयम

क पर जायगास बनता ह एक या अिधक स बनता ह एक स अिधक स बनता

ह कहन या िलखनवाल का परा भाव हो जाय तो उस कहतजस ndash मोहन पढ़ता ह

राम िलखता ह इन स लखक का परा भाव होता ह

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ndash कछ ऐस होत और क रहन पर भी कहन या िलखनवाल का परा आशयहोता क समह को और क रहन पर भी जो कछ सनन

बनी रह कहत दो क होत ndash 1) 2)

क अधीन होतउदा ndash राम न कहा था वह कल पाठशाला जायगा

इस राम न कहा था - ह और कल पाठशाला जायगा तह इस और भी कहत

रखनवाल को कछ थोडा सा भाव करनवाल को कहतएक भावना होती ह

जस ndash तरह पढ़ना चलना

इन होता ह क म दो भाग होत 1) और 2)

ndash ( ) कछ होता ह उस कहतndash ( ) क जो कछ होता ह उस कहत

जस ndash मरा स भरा हआ ह मरा ह और स भरा हआ ह ह मरा ndash ह और मरा

उस का ह इसिलए ( ) और मरा का कहत हआ हह शष उसका ह

इस चार भाग हए ndash 1) ( ) 2) का 3) ( ) 4)

काचार भद ndash

क ndash राम गया ख ndash वह कह चका ग ndash फल

क भदक अनसार क आठ भद होत ndash

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1 ndash इस स बात का होना सिचत होता ह जस ndash भारत राजधानी ह

2 िनषधवाचक ndash का अभाव होता ह जस ndash क कछ भी पा सकत

3 ndash इस स सचना होती हजस - तम कल कालज

4 ndash इसस और उपदश का बोध होता ह जस ndash तरह पढ़ो

का भजन करो 5 ndash इसस का भाव सिचत होता ह जस ndash हाय राम को एक

लाख िमल 6 ndash इसस या सचना होती ह

जस ndash अक पा

7 ndash या सभावना सचना होती ह जस ndash आज होगी

8 - सकत सचना होती ह जस ndash हो तो

राम काम करगा रचना क आधार पर

रचना क आधार पर क तीन भद होत - 1) सरल या साधारण 2) और3)

१ सरल ndash एक और एक होता ह उस सरल कहतजस ndash मोहन िलखता ह ( मोहन और िलखता ह धय ह)

राम मज़ पर रखी ह ( ह और रखी ह ह)

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lsquoराम rsquo और lsquoमज़ परrsquo कवल और का ह २ - उस कहत एक हो और उसक एक या

अिधक हो उस कहतजस ndash जो करगा उस सफलता िमलगी जो करगा ndash ह उस सफलता िमलगी - ह

तीन क ndash 1) 2) 3)

1) ndash का क पर होता ह उसकहतजस ndash मरा ह तमन को मारा यह सच ह इस तमन को मारा ndash ह क पर आया ह इसिलए यह

ह 2) ndash जब कोई को क का काम दता ह तब उस

कहत जस ndash य उसी छा को जायगा जो रहगा

उसी स डरत जो खब मारता ह उसी जो ह

3) ndash जो क का काम दता ह उस कहत

जस ndash करता ह उतना फल िमलता ह जब तम कहोग सब कछ

जब ह ३ ndash दो या दो स अिधक योजक जड हो न

हो उस कहतजस ndash वह तरह पढ़ता था तो पास होता

दो या दो स अिधक सरल अथवा एक दसर पर न होता ह इसिलए यह

जस - कर चका (सरल )

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हम कर चक तो व आए ( )

और मरा मन ठड हो गया ( )

चार क होत ndash सयोजक सचक 1) सयोजक - एक दसर क साथ सयोजक जडा रहता ह

जस ndash वह आया और उसक साथ गया स िमलता ह और स होता ह

2) ndash का एक दसर स भद या का रहता ह जस ndash स बढ़ता ह स भरता ह वह खब खाता पर बडा होता

3) सचक ndash दो स एक को करना जस ndash मझ या राम को

4) अथवा हतसचक ndash एक दसर का होता हजस ndash तम आग पढ़ो पसा दगा मझ पसा िमला इसिलए

कभी कभी बीच योजक आत जस ndash मझ न बलाया आप आता ह जब को का या एक होता ह तो एक बार िलखा या कहा

जाता ह ऐस को सकिचत कहत जस ndash का और मन को भी दता ह

जो आसानी स समझकर छोड दत ऐस को कहत जस ndash आजकल सना ह बरसात क मौसम बखार सब फलाता ह

कहत रोज़ बढ़त रह पहल हमन होना था पर ह दसर लोग स होना पर होता ह

एक का दसर क बदल जा सकता ह मलकर सकत

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क सरल स ndash

उदा ndash सरल - राम न मोहन का - राम न उस को जो मोहन का था

ख स सरलndash उसन कहा पापी ह

सरल ndash उसन को पापी बताया ग सरल स

सरल ndash होन पर लोग खत जान लग - हआ और खत जान लग

घ स िनषध वाचक तथाndash मोहन सोहन स बडा ह

िनषध वाचक - मोहन सोहन स बडा ndash मोहन सोहन स बडा ह

UNIT ndash 24

और महावरव जो का अपना न बता कर कछ करत महावरा

कहत बोलचाल बहत आनवाला ऐसा बधा कोई अनभव बात और अलकतभाषा गई हो या कहावत कहाता ह जस ndash मर पट चह कद रह

जब स उनका लड़का मरा ह कमर टट गई ह वह इतना चालाक ह अपन मािलक को पर नचाता ह

इन lsquoपट चह कद रह rsquo lsquoकमर टट गई हrsquo lsquo पर नचाता हrsquo इन काउनक स ह यहा lsquoपट चह कदनrsquo का ह भख लगना lsquoकमर टटनrsquo का ह या

का न रहना तथा lsquo पर नचानrsquo का ह अपन वश रखना अतः य महावरकहलात

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इसी जब कोई आदमी काम करना न जानता हो परत अपन को िछपान क िलए बहान बनावतब कहा जाता ह ndash नाच न जान आगन टढ़ा

जब कोई आदमी अनक खाकर भी अपनी आदत न छोड़ तब कहा जाता ह दम सौतक नली रखो तो भी य बध हए और अनभव तथा अलकत भाषा कह गय अतः य

और क स भाषा तथा आती ह महावरदार भाषाबहत पसद जाती ह और कथन बड़ा होता ह

महावरअग-अग - बहत होनाअगठा - चीज़ को दन स क साथ करनाअध - सहाराअधरा घर का उजाला - एकलौता बटा

क घोड़ दौड़ाना - सोचनापर पड़ना - समझ न पाना

अपना सीधा करना ndash करनाआख उठाना - नीयत स दखनाआख खलाना - होश आना

चार होना - आख स आख िमलानानीची होना - होनापीली करना - नाराज़ होना

आकाश पाताल का ndash बहत भदआग घी डालना - बढ़ानाआसमान िसर पर उठाना - बहत कोलाहल करना

स बजाना - करनाईद का चाद होना - िचरकाल पीछ दनाउगली पर नचाना - वश रखना

गगा बहाना - बात करना

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कमर टट जाना - िनराश हो जानाकान भरना - चगली करना

मौत मरना - बहत तरह स मरनाखाक उड़ाना खाक िमलाना - बरबाद होनागड़ गोबर कर दना - काम दनाघर गगा - दौड़-धप कघाट घाट का पानी पीना - जहा तहा का अनभव करनाचाद पर थकना - करना और फलतः होनाचार चादनी - थोड़ का सख

का दध याद आना - सब सख भल जाना सकट आ पड़नाजमीन पर पर न पड़ना - बहत अिभमान होनाजल भन कर कोयला होना - पागल हो जानाटस स मस न होना - भी नटाग अड़ाना - बाधा डालनाटोपी उछालना - िनरादर करनाितनका पकड़ना - मागनाितन का ताड़ करना - बात बढ़ानाथक कर चाटना - वचन दकर जाना

तल उगली दबाना - करनादम तोडना - मर जाना

दना रात चौगना होना - खब होनाधप बाल सफद करना - अनभव आय दनानमक लगाना - बात को बढ़ा कर कहनानाक कटना - बदनामी होनानाक चढ़ाना - घणा करनानीला पीला होना - आना

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नौ-दो होना - भाग जानाउछालना - करना

- बातपरदा डालना - िछपानापहाड टट पड़ना - आनापट चह कदना - खब भख लगना

तल स ज़मीन िनकल जाना - होश उड़ जानाफक-फक कर कदम रखना - सोच-समझ कर काम करनाबगला भगत -

उछलना - खब खश होनाबाज़ार पर होना - काम पर होनाबात का धनी - वायद काबाल खाल उतारना - करनाबाल पकना - बढ़ा होजाना अनभव करनाबाल बाल बचना - हािन पहचन जरा- सी कसर रह जानाबगार टालना - लगाकर काम न करनाबोली मारना - क कहनाभनक पड़ना - खबर द जानाभाड़ - समय गवाना

मारना - बकारचस - बहत कजसपर मारना - का नकल करना

मगज चाटना - तग करनामाथा ठनकना - आशका होनामारा मारा - होनामह-तोड़ जवाब दना - परा-परा जवाब दना

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मह फक हो जाना - चहर का रग उतर जानामह पानी भर आना - खान को ललचानामह लगाना - अिधक द दना

गरम करना - दनाराई का पहाड़ बनाना - बात को बढ़ाकर कहनारात- - हमशालका काड होना - खब मारपीट होनालबी-चौ हाकना - करना

होना - होनालह क घट पीना - करनालह पसीना एक करना - बहत करनालोह क चना चबाना - काम करनाशतान क कान कतरना - बहत चालाक होना

करना - करनाबाग - बहकाना

समझ पर पड़ना - होनाबठना - जमाना

िसतारा चमकना - उदय होनािसर पर खन सवार होना - जान लन पर होनािसर पर हाथ धरना - सहायता करनासौ बात एक बात - िनचोड़

करना - फक डालनाहसी उड़ाना - करनाहाथ मल -

हाथ पर हाथ धर बठना - बठनाहाथ पसारना - मागना

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हाथ-पर मारना - करनाहाथ साफ करना - बईमानी स ठगना

पानी करना - करनाहोश उड़ना - भय या आशका स दखी होना

अत गता सो मता - वहकान राजा - थोड़ा पढ़ िलख का मान होता ह

आख क गाठ क पर - पर धनवानआप मर जग परल - ह तो ससार ह

चोर कोतवाल को डाट - अपराध करक को डाटनाऊची दकान पकवान - काम करनाएक अनार सौ बीमार - जब एक चीज़ क बहत स तब कहा जाता हएक पथ दो काज - एक काम करन स दो का लाभ होनाकाला बराबर -

घर का लका ढ़ाह - फट स घर नाश होता हिचराग तल अधरा - पास घटना क होन पर भी उसका न होना या

ऐस पर बराई का होना जहा उसक रोकन का होचोर ितनका - पापी डर जाता हजाग सो पाव सोव तो खोव - सावधान रहन स लाभ होता ह

- बलवान का दबदबा रहता हजसा दश वसा भस - दश रह वसी करनीजसी करनी वसी भरनी - फल िमलता हतन को कपड़ा न पट को - बहतथोथा चना बाज घना - काम न करनवाला बकवास बहत करता हदाम बनाय काम - पस स सब काम हो जात

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धोबी का घर का न घाट का - जो एक पर जमकर काम न कर कभी एक लग और कभीदसर और सफल न हो उस कहा जाता ह

रहना मगर स बर - अधीन होकर रह और उसी स बर कर तो गज़ारा चलता हन रहगा बास न बाजगी - नकसान हो उसका नाश कर दना हनाच न जान आगन टढ़ा - काम करन न होन पर दसर को दोष दना नीम जान का खतरा - अधरा हािनकारक होता हनौ नगद न तरह उधार - उधार सौदा दनामान न मान तरा महमान - गल पड़नािमया जती िमया क िसर - स उसी हािन करनासौ सयान एक मत - सभी अथवा एक सलाह होती हहाथ कगन को आरसी - क िलए और हाथी क दात खान क और क और - कहना कछ और करना कछ औरहोनहार क होत चीकन पात - होनहार क पहल स जात

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त और तम क आदर क िलए आपका करत जस ndash तमयहा आओ इसी क पर आप यहा ए कभी कभी यह और वह क भी आप का

होता ह जस ndash आप मर कभी कभी आदर क िलए आप का करत बहवचन सिचत करन क िलए आप क साथ lsquoलोगrsquo

जोडा जाता ह जस ndash आप लोग यहािनजवाचक आप और चक आप भद होता ह िनजवाचक आप समान स एक वचन

और बहवचन आता ह जस ndash आप पढ़गा हम आपवह कवल बहवचन करत िनचवाचक आप तीन स

होत आप कवल और करतlsquoआपrsquo अकला जाता ह िनजवाचक आप तथा क साथ आता ह जस ndash त

आप कामकभी (2) आप भल अकला आ सकता ह जस ndash आप भला तो जग भला वह अपन आप समझ गया

व ऒर सकत जाता हसकतवाचक और िनदशवाचक भी कहत जस ndash यह वह य व

हम तम आप यह य व इन या क साथ अिधकताकरन क िलए lsquo rsquo lsquoईrsquo य जोडत झस ndash त आप

स या क बात का बोध न हो उसकहत जस ndash कोई कछ

a lsquoकोईrsquo का क िलए होता ह जस ndash बाहर स कोई आ रहा ह b जब का पता न होन पर ndash जस ndash अर कोई कमर ह

c क lsquoकोईrsquo लग तो उसका लगभग होता ह जस - कॉलज स कोई पाच सौभाग

d lsquoकोईrsquo जब दोहराया जाता ह तब को सिचत करता ह जस कोई कोई पर को रोकतe कोई क साथ एक लग जान पर सिचत करता ह जस ndash तम स कोई एक गा सकगा

कछ का अनिगनत क िलए होता ह जस ndash कछ हक िलए होता ह जस ndash पानी कछ ह

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कोई का क िलए होता ह और कछ का क िलए होता हघ वाचक

स दो और क बीच क का बोध हो उस वाचक कहतजो सो जस ndash आपन जो कहा सो हो गया

कभी कभी जो या सो स एक रहता ह जस जो गाता ह बात हङ ndash करन क िलए का होता ह कहत

उदा ndash आप सोचत आज कौन आएगाकौन का क िलए होता ह का क िलए होता ह जस ndash कौन

बोलगा थली हकभी कभी कौन का क िलए होता हजस - बाधा डालनवाल तम कौन होिभ किलए lsquoकौनrsquo को दोहरा भी जाता ह जस ndash कौन कौन लाएग

क कौन का होता ह जस - इसन कौन अपराधक िलए को दोहरा दता ह जस ndash राम न

का क भी होता ह जस ndash तम मझस लडोगका

वचन और कारक क कारण भी होत िलग क कारण होताका और एक स होता ह

सबोधन होतास क पर होता ह उसी क अनसार उस क िलग वचन भी होता ह

काकारक एकवचन बहवचन

हममझको मझ हमको

करण मझस हमसमझको मरिलएमझ हमको हमार िलए

अपादान मझस हमसमरामर हमारा हमार

अिधकरण मझपर हमपर

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तकरक एकवचन बहवचन

तन तम तमनतझको तझ तमको

करण तझस तमसतरातर

अिधकरण तझपर तमपर

वहकरक एकवचन बहवचन

वहउसन व

उसको उस उनकोकरण उसस उनस

उसक िलए उस उनक िलए

अपादान उसस उनसउसका उसक उनका उनक

अिधकरण उस पर उनपर

UNIT - 15

(Adjective)स या सिचत कर उस कहत जस ndash रशमी

कपडा लाल कमलबतलाई जाए उस कहत जस ndash लड़का

ह लड़का हजो क पहल आता ह उस कहत जस ndash फल

ह फल ह इसिलए यह ह

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जो क बाद आता ह उस कहत जस ndash वह लड़का बड़ा होिशयार ह लडका ह होिशयार ह क बाद आन क कारण यह ह

जो क साथ उसको करन क िलए होता ह उस समानािधकरण कहत जस ndash रामनाथ कहता ह

रामनाथ क साथ समानािधकरण ह चार क ndash

क गणवाचक (Adjectives of Quality)

ख (Adjectives of number)

ग (Adjective)

घ या (Demonstrative Adjective)

१ गणवाचकजो क गण रग आकार को बतलानवाल को गणवाचक कहत

जस ndash लबा सशील काला गोल गणवाचक क बदल बहधा क क भी आतजस ndash राजा ( का राजा )

जापानी कपड़ा (जापान का कपड़ा)गणवाचचक का होता ह तब उनका क समान होता ह

जस ndash न सच कहा ह२ - क गणना का बोध हो उस

कहत जस ndash एक दो पहला दसरा दगनाक तीन भद होत ndash

1) 2) 3) बोधक या बोधकndash इसस का बोध होता ह जस ndash चार आठ सात

क चार भद ndash

a गणनावाचक ndash गणनावाचक षण स गणना का बोध होता ह जस ndash एक चार फल सात

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गणनावाचक क साथ एक लगान स लगभग का होता ह जस ndash एक आदमी ndash

लगभग आदमी b ndash स क गणना का होता ह जस ndash पहला

दसरा चौथाc ndash गणनावाचक क lsquoगनाrsquo लगान स बनत जस

ndash दगना ितगना ३ - स माप- तोल या का पता होता ह उस

कहत जस ndash दो सर चावल चार गज कपडा

क दो भद होत ndash

1) और 2)

ण - स का पता लगता हजौस - दो सर चावल

- स का पता नलगता ह जौस ndash बहत दध

४ या - स ऒर या सकत जाता ह उसकहत lsquoयहrsquo lsquoवहrsquo स जाता ह इसिलए इसकहत

जस ndash यह वह जब क हो तब वह बन जाता ह

जस ndash वह घर राम का ह कई ऐस मल जसा रहता ह

जस ndash वह यह क

भी िलग वचन और कारक क अनसार होता ह क िलग और कारक ककारण कछ होता ह

जस ndash काला कपड़ा - काला कपड़काला धोती - काला धोितया

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क साथ ई हो जातजस - काली धोती

क होता ह जो क होन परहोता ह जस ndash वह घोड़ा व घोड़

पथकता अथवा अिधकता क िलए को दहराता ह ndash

जस ndash छोट छोट फल लालका भी होता ह जस ndash बडा लड़का

गणवाचक और जब करत तब वह बन जात

जस ndash थोड़ा खा गया चावल बहत ह क साथ जब आता और व बन जात तब उनक साथ

भी लगती जस ndash को दान दो

UNIT - 16

(Verb)

काम क करन या होन का बोध हो उस कहतजस पढ़ना खाना दौडना पहनना

धात ndash क मल को धात कहत उदा- पढ़ना खलना खानाय सब मल धात lsquoपढ़rsquo lsquoखलrsquo lsquoखाrsquo ह मल धात lsquoनाrsquo जोडकर का िमलताह

i क आधार पर क दो भद होत - 1) 2)

1) (Transitive Verb) ndash क का फल को छोड पर पडता हउस कहत

उदा ndash राम पढ़ता ह

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राम ह ह और का पर पडता ह2) (Intransitive Verb) - क का फल पर पडता ह उस

कहत का अभाव हउदा ndash मोहन सोता ह

कभी कभी एक होता ह और कभी कभी दो भी होत एक होन वालको एक lsquo rsquo कहत

उदा ndash राम न खाना खायाखाना ह कवल एक होता ह दो होन वाली को

कहतउदा ndash मा न को दध

दो होत ndash lsquo rsquo और lsquoदधrsquo दो होत एक lsquo rsquo और दसराlsquoगौणrsquo

उदा ndash मा न को दधइस lsquoगौणrsquo ह दध lsquo rsquo ह lsquoगौणrsquo कभी कभी होता हउदा ndash न कथा सनाई

ii क भद1 - व होती ह आशय अथवा स परा होताको परा करन क िलए दसर होती ह ऐसी को कहतयह दो क होती ह१ ndash का अभाव हउदा ndash वह ह यहा क को परा करन क िलए जोडा गया ह२ ndash होन पर भी का भाव परा न हो उस को

कहतउदा ndash सीता न पढ़ाया

यहा परा सीता न lsquo rsquo पढ़ाया lsquo rsquo पढ़ाया यह परा इसिलए यहह यहा होन पर भी का भाव परा होता

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३ परक - को परा करन क िलए या पडती ह

परक कहत क परक lsquo परकrsquo तथा क परक lsquo परकrsquo

होतउदा ndash उस होिशयार समझता ह ( परक)

राम बलवान ह ( परक)

iii यौिगक धात ndashक स धातओ क दो भद होत 1) मल धात 2) यौिगक धात

मल धात - मल धात व जो दसर स न बन जस ndash कर बठ पढ़ यौिगक धात ndash यौिगक धात व जो दसर स बनाय जात उदा ndash खाना स नाम धात ndash जो या क आधार पर बनती ह उस नाम धात कहत

उदा ndash हाथ स हिथयानास

अपना स अपनानाiv - स यह जान पडता ह को न करक दसर को

करन दता ह उस (casual verbs) कहतउदा ndash राम न मोहन स िलखवाया यहा राम न िलखकर मोहन स िलखवाता ह इसिलए यह ह

करनवाल को और जाती ह उस कहतराम न मोहन स िलखवाया राम ह और मोहन हमल जो होती ह उनस और बन सकती हस और बन सकती उदा ndash दध पीता ह

पीना ह इसस बनती ह ndash मा को दध हस बना सकती ह उदा - मा नौकर स को दध ह

बनान का िनयममल धात क आ जोडन स और वा जोडन स या

बनती ह

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उदा ndash उठना ndash उठाना - उठवानाचलना ndash चलाना - चलवानापढ़ना ndash पढाना - पढ़वाना

दो क धातओ ए और औ को छोडकर पहला हो जाता हउदा ndash जागना ndash जगाना ndash जगवाना

भलना ndash भलाना - भलवानाछोडना ndash छडाना ndash छडवाना

धातओ क ला और लवा लगात तब हो जाता हउदा ndash पीना ndash ndash

सोना ndash सलाना ndash सलवानाखाना ndash -

v नाम धात - को छोडकर जोडन स जो धात बनती ह अथवा जो नाम (

या ) धात क समान होत नामधात कहत जो नामधात लगान सबनत आ ओऔर ला लगात पहला हो जाता ह

उदा ndash लाज ndash ndash लजानाहाथ ndash हिथया ndash हिथयानाझठ ndash झठला ndash झठलाना

UNIT - 17

काल (Tense)क स क होन का समय और अथवा का बोध हो उस काल

कहत काल क तीन भद होत1) भतकाल2) काल3) काल

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भतकालस का बोध हो उस भतकाल कहत

उदा ndash राम न िलखी भतकाल क छः भद - भत भत भत भत भत हत-हतमत भत

भत ndash क स भतकाल क समय का बोध न हो उस भत कहतउदा ndash मोहन न खत िलखायहा का बोध होता जो भतकाल हई ह भतकाल ndash क स का का समय अभी अभी हआ ह इसका बोध

होता ह उस भतकाल कहत उदा ndash राम न ह

इसस पहल अभी अभी हई हभत ndash क स यह होता ह क को हए बहत समय हो चका ह उसभत कहत

उदा ndash न दध थास हो क साथ lsquoथाrsquo lsquoथrsquo lsquoथीrsquo लगान स भतकािलक

िमलता हभत - क उस को भत कहत यह हो भतकाल हो थी पर

का पता न लग उस भतकाल कहतउदा - वह पढ़ रहा था वह सोता था

कब समा हआ इसका पता क साथ lsquoता थाrsquo lsquoत थrsquo lsquoरहा थाrsquo lsquoरह थrsquo लगानाभत काल ndash क स भतकाल सचना िमलती ह उसक होन कछ हो उसभत कहतउदा ndash वह आया होगा

उसन खाया होगा भतकाल हो थी ह क साथ lsquoहगाrsquo lsquoहगीrsquo lsquoहोगाrsquo lsquoहोगीrsquo

lsquo rsquo जोडन स भतकाल िमलता हहत-हतमत भतकाल ndash क स यह पाया जाय भतकाल होना सभव थाकारण स न हो सका उस हत-हतमत भतकाल कहत

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(Present Tense)

क को काल कहत रहती ह

होती उस काल कहतउदा ndash राम पढ़ता ह

सीता गीत गा हकाल तीन क होत ndash 1) काल 2) काल 3)

काल - वह ह स का काल होना पाया जाय

उस कहतउदा ndash मोहन पढ़ता ह

रमा गाती ह क साथ lsquoताrsquo lsquoतrsquo lsquoतीrsquo जोडन स बनत

- वह ह काल क होन पायाजायउदा ndash वह खाता होगा

सीता जाती होगी क साथ lsquoता होगाrsquo lsquoती होगीrsquo lsquoत rsquo lsquoती rsquo लगान स िमलत

ndash का वह ह यह होता ह का अभी ह

होता उस कहत उदा ndash वह खा रहा ह

चल हक साथ lsquoरहाrsquo lsquo rsquo lsquoरहrsquo जोडन स िमलती ह

काल ( Future Tense)

होनवाली को काल कहत काल क दो भद ndash 1)

काल 2) कालकाल ndash का वह ह स क आग होन सचना िमल उसकाल कहत

उदा ndash वह आयगा

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राम आज बबई जायगासीता कल घर आयगी

क साथ lsquoयगाrsquo lsquoयगीrsquo lsquoयगrsquo जोडन स िमलतकाल ndash क होन सभावना हो उस काल कहत

उदा ndash सभव ह आज हो स lsquoगाrsquo lsquoगrsquo lsquoगीrsquo पथक कर दन स काल िमलगा

UNIT ndash 18

(Voice)उस कहत यह जाना जाय का ह

ह या कवल भाव ह उस कहतउदा ndash राम न रावण को मारा

तीन क ndash 1) 2) 3) भाव- ह हमशा क िलग वचन और क अनसार होता ह

उस कहतउदा ndash लडका पढ़ता ह

लड़का ह और ग ह इसिलए भी होना हसीता िलखती ह इसम सीता ह इसिलए ह का सीधा स होताह

ndash क िलग वचन क अनसार हो उस कहतह का होता ह

उदा ndash राम िलखता हह इसिलए यह ह धानता होती ह और का

स होता ह क िलग वचन क अनसार बदलती ह हमशाहोता ह का होना ह

उदा ndash राम न रावण को मारा -

राम स रावण मारा गया -

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रावण ह ह क का ह गौण का रहता ह

उदा ndash मा न को दध मा स को दध गया

दो होत ndash और दध ndash भाव होती ह यह हमशा स बनता ह हमशा

एकवचन और होती ह इसका होता ह उदा ndash यहा बठा जाता

मझस पढ़ा जाता स या बनान

को भत क करना उसक साथ काल वचन और िलग कअनसार जाना क जोडन ऐसा करन स स औरक स भा बनती ह

उदा ndash 1) राम न रावण को मारा -

राम स रावण मारा गया -

2) राम रावण को मारगा -

राम स रावण मारा जायगा -

3) राम रावण को मारता ह -

राम स रावण मारा जाता -

पहल lsquoमाराrsquo भतकािलक ह इसिलए lsquoमाराrsquo क साथ lsquoजानाrsquo का भतकािलकजोडना

दसर lsquoमारगाrsquo काल ह इसिलए lsquoमाराrsquo भतकािलक बदलकरlsquoजानाrsquo का काल lsquoजायगाrsquo जोडना

तीसर काल ह को भतकािलक बदलकर (मारा) उसक साथजाना का (जाता) जोडना

स बन सकता हउदा ndash मोहन उठता ( )

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मोहन स उठा जाता - ( )

वीणा चलती ( )

वीणा स चला जाता - ( )

UNIT ndash 19

याअभी तक हमन क बार पढ़ िलया ह उनक िलग वचन और कारक क अनसार

आता ह इसिलए कहत का ह अब हम क दसरया क बार

चार क होत ndash 1) 2) बोधक 3) बोधक 4)

बोधक

UNIT ndash 20

ndash Adverbउस कहत होती ह

उदा - रमश चलता हइस lsquoचलनाrsquo ह ndash ह lsquo rsquo इसिलए lsquo rsquo ह

स क तीन भद ह - 1) साधारण 2) सयोजक 3) साधारण - साधारण वह ह होता ह साधारण या

कहत जस ndash खब पढ़ो दौडो सयोजक ndash का स या स होता ह सयोजक

कहत जस ndash जहा तक हम चल सक वहा तक ह

योजना का सयोजक स होता ह- का क

भद क साथ होता ह कहत

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जस ndash गह खाओग

कह तो लो होता ह व कवल गह खात और कछ खायगा इन

ह हो जान स का बदल जाता ह जस ndash वह काम करगा इसका यह ह जो काम उस ह कवल वह करगा और कछ

क आधार पर क चार भद होत ndash 1) कालवाचक 2) 3)

4)

कालवाचक ndash स समय अविध तथा काल का बोध होता ह कालवाचककहतजस ndash काम को अभी पढ़ना

आजकल रोज़ होती ह कभी कभी भी रात क समान लगता ह मोहन पढ़ाई सदा ह

अभी आजकल कभी कभी सदा कालवाचक ह ndash स क का बोध होता ह

कहत उदा ndash जहा तक जा सक वहा तक जाओ

जाओ और वहा लटो घर क सामन एक ह बाहर रोशनी भीतर अधरा

हाथ स मारत जहा वहा सामन बाहर भीतर ndash स अिधकता- का बोध होता ह

कहत जस ndash उतना पढ़ो हो

चावल थोडा खाओ खब खाना

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अपना थोडा खब

व क होन का ढ़ग का पता िमलता ह जस ndash राहल धीर धीर चलता ह

सीता मधरतम गाती ह यथा हम तथा िमलत

धीर धीर मधरतम यथा-तथा

UNIT - 21

बोधकबोधक ह जो या क साथ आकर उनका क

क साथ बनात उदा ndash धन क कोई काम न चलता

घर क नीच एक तालाब ह क पास एक भी ह

नीच पास बोधक ह क अनसार बोधक क दो भद होत ndash 1) 2)

क ndash य या क बाद आतउदा - घर क भीतर घर क पीछ घर ऒर

कारक भी आती ह जस का क कभी कभी अपादान कारक या भी आती ह

उदा ndash इनस पहल आया राम का मकान मोहन क घर स पर

lsquoसrsquo lsquoपरrsquo अपादान कारक क ndash यह स क क साथ आत

जस ndash दो तक राम रहगा

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घड भर पानी क िलए पाच दन ग lsquoतकrsquo lsquoभरrsquo सचक

UNIT - 22

( Conjunctions)योजक या व जो या न बतला कर एक या का

दसर या स जोडत बोधक कहतजस ndash सीता और गीता अपन घर गयी

सीता और गीता को िमलानवाला योजक lsquoऔरrsquo ह क तीन भद ndash 1) सयोजक 2) 3) भदबोधक

1) सयोजक ndash कई का सयोग करनवाल को सयोजक कहत इसक दो याका मल होता ह

उदा ndash और राम कल बबई और वहा उनक साथ मोहन भी lsquoऔरrsquo lsquoभीrsquo सयोजक ह

2) ndash जो का बोध कराए कहत जस ndash चाह दश सवा करनी या अथवा मानवीय को पहचानना

lsquoयाrsquo lsquoअथवाrsquo lsquoवाrsquo lsquoचाहrsquo को करनवाल ह 3) भदबोधक ndash दो स एक स भद बतलानवाल को भदबोधक कहत य कई क होत

क ndash दो म स पहल का िनषध या सिचत करत जस ndash

पर मगर वरन उदा ndash मझ वहा जाना था क कारण जा न सका

ख - कारणवाचक और उपदशमलक ndashइसिलए सो अतः इसिलए

इस क ह जस ndash राम समय पर आ न सका इसिलए जा न सका

ग सकतबोधक ndash ndash तो जो ndash तो प सकतबोधक ह जस ndash तम कहत तो जाता

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घ ndash इन पहली बात का और होता ह यान मानो यहा तक इस क ह

जस ndash कोई भी समय पर पहचा यहा तक भी 10 बज तक न आय क और दो भद होत ndash 1) समानािधकरण 2)

समानािधकरण ndash समान पद क या को जोडत जो एक क हो वसमानािधकरण धक कहत जस ndash क मा-बाप का अजीब ह समानािधकरण क चार उपभद होत ndash

1) सयोजक ndash और तथा भी एव 2) क ndash या वा अथवा चाह 3) ndash पर मगर 4) ndash इसिलए अतः

ndash को स जोडनवाल कोकहत

जस ndash आज नौकरानी आयगी वह बीमार ह क चार उपभद होत ndash

१ ndash यान मानो २ करणवाचक ndash जो इसिलए ३ उपदशवाचक - जो ४ सकतवाचक ndash - तो जो-तो -

4) ndash ndash स क शोक घणाको करनवाल को -बोधक कहत

जस ndash हाय अब अर आप कहा जा रह

ह राम करो को सिचत करन क िलए - लात

बोधक क सात भद ndash

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1) बोधक ndash वाह ndashवाह - आहा शबाश

2) शोक बोधक ndash आह ऊह हा-हा ndash

3) बोधक ndash अहो ऒह

4) अनमोदन बोधक ndash हा-हा वाह शबाश

5) बोधक ndash िछ हट अर िधक

6) ndash बहत हा जी हा7) सबोधन बोधक ndash अर र अपी अहो

कभी कभी भी हो जातजस ndash भगवान लो चप कभी कभी या भी होत जस ndash न हो बहत हो गया

जब क समान होत तब वह होता तब वमनोभाव को करात

जस ndash हाय हाय मचा रखी ह

सब लोग - पकार उठहाय ndash हाय - क समान ह इसिलए यह बोधक ह

UNIT - 23

क भद क स बनान का िनयम

क पर जायगास बनता ह एक या अिधक स बनता ह एक स अिधक स बनता

ह कहन या िलखनवाल का परा भाव हो जाय तो उस कहतजस ndash मोहन पढ़ता ह

राम िलखता ह इन स लखक का परा भाव होता ह

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ndash कछ ऐस होत और क रहन पर भी कहन या िलखनवाल का परा आशयहोता क समह को और क रहन पर भी जो कछ सनन

बनी रह कहत दो क होत ndash 1) 2)

क अधीन होतउदा ndash राम न कहा था वह कल पाठशाला जायगा

इस राम न कहा था - ह और कल पाठशाला जायगा तह इस और भी कहत

रखनवाल को कछ थोडा सा भाव करनवाल को कहतएक भावना होती ह

जस ndash तरह पढ़ना चलना

इन होता ह क म दो भाग होत 1) और 2)

ndash ( ) कछ होता ह उस कहतndash ( ) क जो कछ होता ह उस कहत

जस ndash मरा स भरा हआ ह मरा ह और स भरा हआ ह ह मरा ndash ह और मरा

उस का ह इसिलए ( ) और मरा का कहत हआ हह शष उसका ह

इस चार भाग हए ndash 1) ( ) 2) का 3) ( ) 4)

काचार भद ndash

क ndash राम गया ख ndash वह कह चका ग ndash फल

क भदक अनसार क आठ भद होत ndash

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1 ndash इस स बात का होना सिचत होता ह जस ndash भारत राजधानी ह

2 िनषधवाचक ndash का अभाव होता ह जस ndash क कछ भी पा सकत

3 ndash इस स सचना होती हजस - तम कल कालज

4 ndash इसस और उपदश का बोध होता ह जस ndash तरह पढ़ो

का भजन करो 5 ndash इसस का भाव सिचत होता ह जस ndash हाय राम को एक

लाख िमल 6 ndash इसस या सचना होती ह

जस ndash अक पा

7 ndash या सभावना सचना होती ह जस ndash आज होगी

8 - सकत सचना होती ह जस ndash हो तो

राम काम करगा रचना क आधार पर

रचना क आधार पर क तीन भद होत - 1) सरल या साधारण 2) और3)

१ सरल ndash एक और एक होता ह उस सरल कहतजस ndash मोहन िलखता ह ( मोहन और िलखता ह धय ह)

राम मज़ पर रखी ह ( ह और रखी ह ह)

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lsquoराम rsquo और lsquoमज़ परrsquo कवल और का ह २ - उस कहत एक हो और उसक एक या

अिधक हो उस कहतजस ndash जो करगा उस सफलता िमलगी जो करगा ndash ह उस सफलता िमलगी - ह

तीन क ndash 1) 2) 3)

1) ndash का क पर होता ह उसकहतजस ndash मरा ह तमन को मारा यह सच ह इस तमन को मारा ndash ह क पर आया ह इसिलए यह

ह 2) ndash जब कोई को क का काम दता ह तब उस

कहत जस ndash य उसी छा को जायगा जो रहगा

उसी स डरत जो खब मारता ह उसी जो ह

3) ndash जो क का काम दता ह उस कहत

जस ndash करता ह उतना फल िमलता ह जब तम कहोग सब कछ

जब ह ३ ndash दो या दो स अिधक योजक जड हो न

हो उस कहतजस ndash वह तरह पढ़ता था तो पास होता

दो या दो स अिधक सरल अथवा एक दसर पर न होता ह इसिलए यह

जस - कर चका (सरल )

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हम कर चक तो व आए ( )

और मरा मन ठड हो गया ( )

चार क होत ndash सयोजक सचक 1) सयोजक - एक दसर क साथ सयोजक जडा रहता ह

जस ndash वह आया और उसक साथ गया स िमलता ह और स होता ह

2) ndash का एक दसर स भद या का रहता ह जस ndash स बढ़ता ह स भरता ह वह खब खाता पर बडा होता

3) सचक ndash दो स एक को करना जस ndash मझ या राम को

4) अथवा हतसचक ndash एक दसर का होता हजस ndash तम आग पढ़ो पसा दगा मझ पसा िमला इसिलए

कभी कभी बीच योजक आत जस ndash मझ न बलाया आप आता ह जब को का या एक होता ह तो एक बार िलखा या कहा

जाता ह ऐस को सकिचत कहत जस ndash का और मन को भी दता ह

जो आसानी स समझकर छोड दत ऐस को कहत जस ndash आजकल सना ह बरसात क मौसम बखार सब फलाता ह

कहत रोज़ बढ़त रह पहल हमन होना था पर ह दसर लोग स होना पर होता ह

एक का दसर क बदल जा सकता ह मलकर सकत

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क सरल स ndash

उदा ndash सरल - राम न मोहन का - राम न उस को जो मोहन का था

ख स सरलndash उसन कहा पापी ह

सरल ndash उसन को पापी बताया ग सरल स

सरल ndash होन पर लोग खत जान लग - हआ और खत जान लग

घ स िनषध वाचक तथाndash मोहन सोहन स बडा ह

िनषध वाचक - मोहन सोहन स बडा ndash मोहन सोहन स बडा ह

UNIT ndash 24

और महावरव जो का अपना न बता कर कछ करत महावरा

कहत बोलचाल बहत आनवाला ऐसा बधा कोई अनभव बात और अलकतभाषा गई हो या कहावत कहाता ह जस ndash मर पट चह कद रह

जब स उनका लड़का मरा ह कमर टट गई ह वह इतना चालाक ह अपन मािलक को पर नचाता ह

इन lsquoपट चह कद रह rsquo lsquoकमर टट गई हrsquo lsquo पर नचाता हrsquo इन काउनक स ह यहा lsquoपट चह कदनrsquo का ह भख लगना lsquoकमर टटनrsquo का ह या

का न रहना तथा lsquo पर नचानrsquo का ह अपन वश रखना अतः य महावरकहलात

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इसी जब कोई आदमी काम करना न जानता हो परत अपन को िछपान क िलए बहान बनावतब कहा जाता ह ndash नाच न जान आगन टढ़ा

जब कोई आदमी अनक खाकर भी अपनी आदत न छोड़ तब कहा जाता ह दम सौतक नली रखो तो भी य बध हए और अनभव तथा अलकत भाषा कह गय अतः य

और क स भाषा तथा आती ह महावरदार भाषाबहत पसद जाती ह और कथन बड़ा होता ह

महावरअग-अग - बहत होनाअगठा - चीज़ को दन स क साथ करनाअध - सहाराअधरा घर का उजाला - एकलौता बटा

क घोड़ दौड़ाना - सोचनापर पड़ना - समझ न पाना

अपना सीधा करना ndash करनाआख उठाना - नीयत स दखनाआख खलाना - होश आना

चार होना - आख स आख िमलानानीची होना - होनापीली करना - नाराज़ होना

आकाश पाताल का ndash बहत भदआग घी डालना - बढ़ानाआसमान िसर पर उठाना - बहत कोलाहल करना

स बजाना - करनाईद का चाद होना - िचरकाल पीछ दनाउगली पर नचाना - वश रखना

गगा बहाना - बात करना

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कमर टट जाना - िनराश हो जानाकान भरना - चगली करना

मौत मरना - बहत तरह स मरनाखाक उड़ाना खाक िमलाना - बरबाद होनागड़ गोबर कर दना - काम दनाघर गगा - दौड़-धप कघाट घाट का पानी पीना - जहा तहा का अनभव करनाचाद पर थकना - करना और फलतः होनाचार चादनी - थोड़ का सख

का दध याद आना - सब सख भल जाना सकट आ पड़नाजमीन पर पर न पड़ना - बहत अिभमान होनाजल भन कर कोयला होना - पागल हो जानाटस स मस न होना - भी नटाग अड़ाना - बाधा डालनाटोपी उछालना - िनरादर करनाितनका पकड़ना - मागनाितन का ताड़ करना - बात बढ़ानाथक कर चाटना - वचन दकर जाना

तल उगली दबाना - करनादम तोडना - मर जाना

दना रात चौगना होना - खब होनाधप बाल सफद करना - अनभव आय दनानमक लगाना - बात को बढ़ा कर कहनानाक कटना - बदनामी होनानाक चढ़ाना - घणा करनानीला पीला होना - आना

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नौ-दो होना - भाग जानाउछालना - करना

- बातपरदा डालना - िछपानापहाड टट पड़ना - आनापट चह कदना - खब भख लगना

तल स ज़मीन िनकल जाना - होश उड़ जानाफक-फक कर कदम रखना - सोच-समझ कर काम करनाबगला भगत -

उछलना - खब खश होनाबाज़ार पर होना - काम पर होनाबात का धनी - वायद काबाल खाल उतारना - करनाबाल पकना - बढ़ा होजाना अनभव करनाबाल बाल बचना - हािन पहचन जरा- सी कसर रह जानाबगार टालना - लगाकर काम न करनाबोली मारना - क कहनाभनक पड़ना - खबर द जानाभाड़ - समय गवाना

मारना - बकारचस - बहत कजसपर मारना - का नकल करना

मगज चाटना - तग करनामाथा ठनकना - आशका होनामारा मारा - होनामह-तोड़ जवाब दना - परा-परा जवाब दना

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मह फक हो जाना - चहर का रग उतर जानामह पानी भर आना - खान को ललचानामह लगाना - अिधक द दना

गरम करना - दनाराई का पहाड़ बनाना - बात को बढ़ाकर कहनारात- - हमशालका काड होना - खब मारपीट होनालबी-चौ हाकना - करना

होना - होनालह क घट पीना - करनालह पसीना एक करना - बहत करनालोह क चना चबाना - काम करनाशतान क कान कतरना - बहत चालाक होना

करना - करनाबाग - बहकाना

समझ पर पड़ना - होनाबठना - जमाना

िसतारा चमकना - उदय होनािसर पर खन सवार होना - जान लन पर होनािसर पर हाथ धरना - सहायता करनासौ बात एक बात - िनचोड़

करना - फक डालनाहसी उड़ाना - करनाहाथ मल -

हाथ पर हाथ धर बठना - बठनाहाथ पसारना - मागना

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हाथ-पर मारना - करनाहाथ साफ करना - बईमानी स ठगना

पानी करना - करनाहोश उड़ना - भय या आशका स दखी होना

अत गता सो मता - वहकान राजा - थोड़ा पढ़ िलख का मान होता ह

आख क गाठ क पर - पर धनवानआप मर जग परल - ह तो ससार ह

चोर कोतवाल को डाट - अपराध करक को डाटनाऊची दकान पकवान - काम करनाएक अनार सौ बीमार - जब एक चीज़ क बहत स तब कहा जाता हएक पथ दो काज - एक काम करन स दो का लाभ होनाकाला बराबर -

घर का लका ढ़ाह - फट स घर नाश होता हिचराग तल अधरा - पास घटना क होन पर भी उसका न होना या

ऐस पर बराई का होना जहा उसक रोकन का होचोर ितनका - पापी डर जाता हजाग सो पाव सोव तो खोव - सावधान रहन स लाभ होता ह

- बलवान का दबदबा रहता हजसा दश वसा भस - दश रह वसी करनीजसी करनी वसी भरनी - फल िमलता हतन को कपड़ा न पट को - बहतथोथा चना बाज घना - काम न करनवाला बकवास बहत करता हदाम बनाय काम - पस स सब काम हो जात

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धोबी का घर का न घाट का - जो एक पर जमकर काम न कर कभी एक लग और कभीदसर और सफल न हो उस कहा जाता ह

रहना मगर स बर - अधीन होकर रह और उसी स बर कर तो गज़ारा चलता हन रहगा बास न बाजगी - नकसान हो उसका नाश कर दना हनाच न जान आगन टढ़ा - काम करन न होन पर दसर को दोष दना नीम जान का खतरा - अधरा हािनकारक होता हनौ नगद न तरह उधार - उधार सौदा दनामान न मान तरा महमान - गल पड़नािमया जती िमया क िसर - स उसी हािन करनासौ सयान एक मत - सभी अथवा एक सलाह होती हहाथ कगन को आरसी - क िलए और हाथी क दात खान क और क और - कहना कछ और करना कछ औरहोनहार क होत चीकन पात - होनहार क पहल स जात

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कोई का क िलए होता ह और कछ का क िलए होता हघ वाचक

स दो और क बीच क का बोध हो उस वाचक कहतजो सो जस ndash आपन जो कहा सो हो गया

कभी कभी जो या सो स एक रहता ह जस जो गाता ह बात हङ ndash करन क िलए का होता ह कहत

उदा ndash आप सोचत आज कौन आएगाकौन का क िलए होता ह का क िलए होता ह जस ndash कौन

बोलगा थली हकभी कभी कौन का क िलए होता हजस - बाधा डालनवाल तम कौन होिभ किलए lsquoकौनrsquo को दोहरा भी जाता ह जस ndash कौन कौन लाएग

क कौन का होता ह जस - इसन कौन अपराधक िलए को दोहरा दता ह जस ndash राम न

का क भी होता ह जस ndash तम मझस लडोगका

वचन और कारक क कारण भी होत िलग क कारण होताका और एक स होता ह

सबोधन होतास क पर होता ह उसी क अनसार उस क िलग वचन भी होता ह

काकारक एकवचन बहवचन

हममझको मझ हमको

करण मझस हमसमझको मरिलएमझ हमको हमार िलए

अपादान मझस हमसमरामर हमारा हमार

अिधकरण मझपर हमपर

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तकरक एकवचन बहवचन

तन तम तमनतझको तझ तमको

करण तझस तमसतरातर

अिधकरण तझपर तमपर

वहकरक एकवचन बहवचन

वहउसन व

उसको उस उनकोकरण उसस उनस

उसक िलए उस उनक िलए

अपादान उसस उनसउसका उसक उनका उनक

अिधकरण उस पर उनपर

UNIT - 15

(Adjective)स या सिचत कर उस कहत जस ndash रशमी

कपडा लाल कमलबतलाई जाए उस कहत जस ndash लड़का

ह लड़का हजो क पहल आता ह उस कहत जस ndash फल

ह फल ह इसिलए यह ह

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जो क बाद आता ह उस कहत जस ndash वह लड़का बड़ा होिशयार ह लडका ह होिशयार ह क बाद आन क कारण यह ह

जो क साथ उसको करन क िलए होता ह उस समानािधकरण कहत जस ndash रामनाथ कहता ह

रामनाथ क साथ समानािधकरण ह चार क ndash

क गणवाचक (Adjectives of Quality)

ख (Adjectives of number)

ग (Adjective)

घ या (Demonstrative Adjective)

१ गणवाचकजो क गण रग आकार को बतलानवाल को गणवाचक कहत

जस ndash लबा सशील काला गोल गणवाचक क बदल बहधा क क भी आतजस ndash राजा ( का राजा )

जापानी कपड़ा (जापान का कपड़ा)गणवाचचक का होता ह तब उनका क समान होता ह

जस ndash न सच कहा ह२ - क गणना का बोध हो उस

कहत जस ndash एक दो पहला दसरा दगनाक तीन भद होत ndash

1) 2) 3) बोधक या बोधकndash इसस का बोध होता ह जस ndash चार आठ सात

क चार भद ndash

a गणनावाचक ndash गणनावाचक षण स गणना का बोध होता ह जस ndash एक चार फल सात

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गणनावाचक क साथ एक लगान स लगभग का होता ह जस ndash एक आदमी ndash

लगभग आदमी b ndash स क गणना का होता ह जस ndash पहला

दसरा चौथाc ndash गणनावाचक क lsquoगनाrsquo लगान स बनत जस

ndash दगना ितगना ३ - स माप- तोल या का पता होता ह उस

कहत जस ndash दो सर चावल चार गज कपडा

क दो भद होत ndash

1) और 2)

ण - स का पता लगता हजौस - दो सर चावल

- स का पता नलगता ह जौस ndash बहत दध

४ या - स ऒर या सकत जाता ह उसकहत lsquoयहrsquo lsquoवहrsquo स जाता ह इसिलए इसकहत

जस ndash यह वह जब क हो तब वह बन जाता ह

जस ndash वह घर राम का ह कई ऐस मल जसा रहता ह

जस ndash वह यह क

भी िलग वचन और कारक क अनसार होता ह क िलग और कारक ककारण कछ होता ह

जस ndash काला कपड़ा - काला कपड़काला धोती - काला धोितया

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क साथ ई हो जातजस - काली धोती

क होता ह जो क होन परहोता ह जस ndash वह घोड़ा व घोड़

पथकता अथवा अिधकता क िलए को दहराता ह ndash

जस ndash छोट छोट फल लालका भी होता ह जस ndash बडा लड़का

गणवाचक और जब करत तब वह बन जात

जस ndash थोड़ा खा गया चावल बहत ह क साथ जब आता और व बन जात तब उनक साथ

भी लगती जस ndash को दान दो

UNIT - 16

(Verb)

काम क करन या होन का बोध हो उस कहतजस पढ़ना खाना दौडना पहनना

धात ndash क मल को धात कहत उदा- पढ़ना खलना खानाय सब मल धात lsquoपढ़rsquo lsquoखलrsquo lsquoखाrsquo ह मल धात lsquoनाrsquo जोडकर का िमलताह

i क आधार पर क दो भद होत - 1) 2)

1) (Transitive Verb) ndash क का फल को छोड पर पडता हउस कहत

उदा ndash राम पढ़ता ह

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राम ह ह और का पर पडता ह2) (Intransitive Verb) - क का फल पर पडता ह उस

कहत का अभाव हउदा ndash मोहन सोता ह

कभी कभी एक होता ह और कभी कभी दो भी होत एक होन वालको एक lsquo rsquo कहत

उदा ndash राम न खाना खायाखाना ह कवल एक होता ह दो होन वाली को

कहतउदा ndash मा न को दध

दो होत ndash lsquo rsquo और lsquoदधrsquo दो होत एक lsquo rsquo और दसराlsquoगौणrsquo

उदा ndash मा न को दधइस lsquoगौणrsquo ह दध lsquo rsquo ह lsquoगौणrsquo कभी कभी होता हउदा ndash न कथा सनाई

ii क भद1 - व होती ह आशय अथवा स परा होताको परा करन क िलए दसर होती ह ऐसी को कहतयह दो क होती ह१ ndash का अभाव हउदा ndash वह ह यहा क को परा करन क िलए जोडा गया ह२ ndash होन पर भी का भाव परा न हो उस को

कहतउदा ndash सीता न पढ़ाया

यहा परा सीता न lsquo rsquo पढ़ाया lsquo rsquo पढ़ाया यह परा इसिलए यहह यहा होन पर भी का भाव परा होता

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३ परक - को परा करन क िलए या पडती ह

परक कहत क परक lsquo परकrsquo तथा क परक lsquo परकrsquo

होतउदा ndash उस होिशयार समझता ह ( परक)

राम बलवान ह ( परक)

iii यौिगक धात ndashक स धातओ क दो भद होत 1) मल धात 2) यौिगक धात

मल धात - मल धात व जो दसर स न बन जस ndash कर बठ पढ़ यौिगक धात ndash यौिगक धात व जो दसर स बनाय जात उदा ndash खाना स नाम धात ndash जो या क आधार पर बनती ह उस नाम धात कहत

उदा ndash हाथ स हिथयानास

अपना स अपनानाiv - स यह जान पडता ह को न करक दसर को

करन दता ह उस (casual verbs) कहतउदा ndash राम न मोहन स िलखवाया यहा राम न िलखकर मोहन स िलखवाता ह इसिलए यह ह

करनवाल को और जाती ह उस कहतराम न मोहन स िलखवाया राम ह और मोहन हमल जो होती ह उनस और बन सकती हस और बन सकती उदा ndash दध पीता ह

पीना ह इसस बनती ह ndash मा को दध हस बना सकती ह उदा - मा नौकर स को दध ह

बनान का िनयममल धात क आ जोडन स और वा जोडन स या

बनती ह

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उदा ndash उठना ndash उठाना - उठवानाचलना ndash चलाना - चलवानापढ़ना ndash पढाना - पढ़वाना

दो क धातओ ए और औ को छोडकर पहला हो जाता हउदा ndash जागना ndash जगाना ndash जगवाना

भलना ndash भलाना - भलवानाछोडना ndash छडाना ndash छडवाना

धातओ क ला और लवा लगात तब हो जाता हउदा ndash पीना ndash ndash

सोना ndash सलाना ndash सलवानाखाना ndash -

v नाम धात - को छोडकर जोडन स जो धात बनती ह अथवा जो नाम (

या ) धात क समान होत नामधात कहत जो नामधात लगान सबनत आ ओऔर ला लगात पहला हो जाता ह

उदा ndash लाज ndash ndash लजानाहाथ ndash हिथया ndash हिथयानाझठ ndash झठला ndash झठलाना

UNIT - 17

काल (Tense)क स क होन का समय और अथवा का बोध हो उस काल

कहत काल क तीन भद होत1) भतकाल2) काल3) काल

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भतकालस का बोध हो उस भतकाल कहत

उदा ndash राम न िलखी भतकाल क छः भद - भत भत भत भत भत हत-हतमत भत

भत ndash क स भतकाल क समय का बोध न हो उस भत कहतउदा ndash मोहन न खत िलखायहा का बोध होता जो भतकाल हई ह भतकाल ndash क स का का समय अभी अभी हआ ह इसका बोध

होता ह उस भतकाल कहत उदा ndash राम न ह

इसस पहल अभी अभी हई हभत ndash क स यह होता ह क को हए बहत समय हो चका ह उसभत कहत

उदा ndash न दध थास हो क साथ lsquoथाrsquo lsquoथrsquo lsquoथीrsquo लगान स भतकािलक

िमलता हभत - क उस को भत कहत यह हो भतकाल हो थी पर

का पता न लग उस भतकाल कहतउदा - वह पढ़ रहा था वह सोता था

कब समा हआ इसका पता क साथ lsquoता थाrsquo lsquoत थrsquo lsquoरहा थाrsquo lsquoरह थrsquo लगानाभत काल ndash क स भतकाल सचना िमलती ह उसक होन कछ हो उसभत कहतउदा ndash वह आया होगा

उसन खाया होगा भतकाल हो थी ह क साथ lsquoहगाrsquo lsquoहगीrsquo lsquoहोगाrsquo lsquoहोगीrsquo

lsquo rsquo जोडन स भतकाल िमलता हहत-हतमत भतकाल ndash क स यह पाया जाय भतकाल होना सभव थाकारण स न हो सका उस हत-हतमत भतकाल कहत

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(Present Tense)

क को काल कहत रहती ह

होती उस काल कहतउदा ndash राम पढ़ता ह

सीता गीत गा हकाल तीन क होत ndash 1) काल 2) काल 3)

काल - वह ह स का काल होना पाया जाय

उस कहतउदा ndash मोहन पढ़ता ह

रमा गाती ह क साथ lsquoताrsquo lsquoतrsquo lsquoतीrsquo जोडन स बनत

- वह ह काल क होन पायाजायउदा ndash वह खाता होगा

सीता जाती होगी क साथ lsquoता होगाrsquo lsquoती होगीrsquo lsquoत rsquo lsquoती rsquo लगान स िमलत

ndash का वह ह यह होता ह का अभी ह

होता उस कहत उदा ndash वह खा रहा ह

चल हक साथ lsquoरहाrsquo lsquo rsquo lsquoरहrsquo जोडन स िमलती ह

काल ( Future Tense)

होनवाली को काल कहत काल क दो भद ndash 1)

काल 2) कालकाल ndash का वह ह स क आग होन सचना िमल उसकाल कहत

उदा ndash वह आयगा

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राम आज बबई जायगासीता कल घर आयगी

क साथ lsquoयगाrsquo lsquoयगीrsquo lsquoयगrsquo जोडन स िमलतकाल ndash क होन सभावना हो उस काल कहत

उदा ndash सभव ह आज हो स lsquoगाrsquo lsquoगrsquo lsquoगीrsquo पथक कर दन स काल िमलगा

UNIT ndash 18

(Voice)उस कहत यह जाना जाय का ह

ह या कवल भाव ह उस कहतउदा ndash राम न रावण को मारा

तीन क ndash 1) 2) 3) भाव- ह हमशा क िलग वचन और क अनसार होता ह

उस कहतउदा ndash लडका पढ़ता ह

लड़का ह और ग ह इसिलए भी होना हसीता िलखती ह इसम सीता ह इसिलए ह का सीधा स होताह

ndash क िलग वचन क अनसार हो उस कहतह का होता ह

उदा ndash राम िलखता हह इसिलए यह ह धानता होती ह और का

स होता ह क िलग वचन क अनसार बदलती ह हमशाहोता ह का होना ह

उदा ndash राम न रावण को मारा -

राम स रावण मारा गया -

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रावण ह ह क का ह गौण का रहता ह

उदा ndash मा न को दध मा स को दध गया

दो होत ndash और दध ndash भाव होती ह यह हमशा स बनता ह हमशा

एकवचन और होती ह इसका होता ह उदा ndash यहा बठा जाता

मझस पढ़ा जाता स या बनान

को भत क करना उसक साथ काल वचन और िलग कअनसार जाना क जोडन ऐसा करन स स औरक स भा बनती ह

उदा ndash 1) राम न रावण को मारा -

राम स रावण मारा गया -

2) राम रावण को मारगा -

राम स रावण मारा जायगा -

3) राम रावण को मारता ह -

राम स रावण मारा जाता -

पहल lsquoमाराrsquo भतकािलक ह इसिलए lsquoमाराrsquo क साथ lsquoजानाrsquo का भतकािलकजोडना

दसर lsquoमारगाrsquo काल ह इसिलए lsquoमाराrsquo भतकािलक बदलकरlsquoजानाrsquo का काल lsquoजायगाrsquo जोडना

तीसर काल ह को भतकािलक बदलकर (मारा) उसक साथजाना का (जाता) जोडना

स बन सकता हउदा ndash मोहन उठता ( )

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मोहन स उठा जाता - ( )

वीणा चलती ( )

वीणा स चला जाता - ( )

UNIT ndash 19

याअभी तक हमन क बार पढ़ िलया ह उनक िलग वचन और कारक क अनसार

आता ह इसिलए कहत का ह अब हम क दसरया क बार

चार क होत ndash 1) 2) बोधक 3) बोधक 4)

बोधक

UNIT ndash 20

ndash Adverbउस कहत होती ह

उदा - रमश चलता हइस lsquoचलनाrsquo ह ndash ह lsquo rsquo इसिलए lsquo rsquo ह

स क तीन भद ह - 1) साधारण 2) सयोजक 3) साधारण - साधारण वह ह होता ह साधारण या

कहत जस ndash खब पढ़ो दौडो सयोजक ndash का स या स होता ह सयोजक

कहत जस ndash जहा तक हम चल सक वहा तक ह

योजना का सयोजक स होता ह- का क

भद क साथ होता ह कहत

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जस ndash गह खाओग

कह तो लो होता ह व कवल गह खात और कछ खायगा इन

ह हो जान स का बदल जाता ह जस ndash वह काम करगा इसका यह ह जो काम उस ह कवल वह करगा और कछ

क आधार पर क चार भद होत ndash 1) कालवाचक 2) 3)

4)

कालवाचक ndash स समय अविध तथा काल का बोध होता ह कालवाचककहतजस ndash काम को अभी पढ़ना

आजकल रोज़ होती ह कभी कभी भी रात क समान लगता ह मोहन पढ़ाई सदा ह

अभी आजकल कभी कभी सदा कालवाचक ह ndash स क का बोध होता ह

कहत उदा ndash जहा तक जा सक वहा तक जाओ

जाओ और वहा लटो घर क सामन एक ह बाहर रोशनी भीतर अधरा

हाथ स मारत जहा वहा सामन बाहर भीतर ndash स अिधकता- का बोध होता ह

कहत जस ndash उतना पढ़ो हो

चावल थोडा खाओ खब खाना

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अपना थोडा खब

व क होन का ढ़ग का पता िमलता ह जस ndash राहल धीर धीर चलता ह

सीता मधरतम गाती ह यथा हम तथा िमलत

धीर धीर मधरतम यथा-तथा

UNIT - 21

बोधकबोधक ह जो या क साथ आकर उनका क

क साथ बनात उदा ndash धन क कोई काम न चलता

घर क नीच एक तालाब ह क पास एक भी ह

नीच पास बोधक ह क अनसार बोधक क दो भद होत ndash 1) 2)

क ndash य या क बाद आतउदा - घर क भीतर घर क पीछ घर ऒर

कारक भी आती ह जस का क कभी कभी अपादान कारक या भी आती ह

उदा ndash इनस पहल आया राम का मकान मोहन क घर स पर

lsquoसrsquo lsquoपरrsquo अपादान कारक क ndash यह स क क साथ आत

जस ndash दो तक राम रहगा

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घड भर पानी क िलए पाच दन ग lsquoतकrsquo lsquoभरrsquo सचक

UNIT - 22

( Conjunctions)योजक या व जो या न बतला कर एक या का

दसर या स जोडत बोधक कहतजस ndash सीता और गीता अपन घर गयी

सीता और गीता को िमलानवाला योजक lsquoऔरrsquo ह क तीन भद ndash 1) सयोजक 2) 3) भदबोधक

1) सयोजक ndash कई का सयोग करनवाल को सयोजक कहत इसक दो याका मल होता ह

उदा ndash और राम कल बबई और वहा उनक साथ मोहन भी lsquoऔरrsquo lsquoभीrsquo सयोजक ह

2) ndash जो का बोध कराए कहत जस ndash चाह दश सवा करनी या अथवा मानवीय को पहचानना

lsquoयाrsquo lsquoअथवाrsquo lsquoवाrsquo lsquoचाहrsquo को करनवाल ह 3) भदबोधक ndash दो स एक स भद बतलानवाल को भदबोधक कहत य कई क होत

क ndash दो म स पहल का िनषध या सिचत करत जस ndash

पर मगर वरन उदा ndash मझ वहा जाना था क कारण जा न सका

ख - कारणवाचक और उपदशमलक ndashइसिलए सो अतः इसिलए

इस क ह जस ndash राम समय पर आ न सका इसिलए जा न सका

ग सकतबोधक ndash ndash तो जो ndash तो प सकतबोधक ह जस ndash तम कहत तो जाता

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घ ndash इन पहली बात का और होता ह यान मानो यहा तक इस क ह

जस ndash कोई भी समय पर पहचा यहा तक भी 10 बज तक न आय क और दो भद होत ndash 1) समानािधकरण 2)

समानािधकरण ndash समान पद क या को जोडत जो एक क हो वसमानािधकरण धक कहत जस ndash क मा-बाप का अजीब ह समानािधकरण क चार उपभद होत ndash

1) सयोजक ndash और तथा भी एव 2) क ndash या वा अथवा चाह 3) ndash पर मगर 4) ndash इसिलए अतः

ndash को स जोडनवाल कोकहत

जस ndash आज नौकरानी आयगी वह बीमार ह क चार उपभद होत ndash

१ ndash यान मानो २ करणवाचक ndash जो इसिलए ३ उपदशवाचक - जो ४ सकतवाचक ndash - तो जो-तो -

4) ndash ndash स क शोक घणाको करनवाल को -बोधक कहत

जस ndash हाय अब अर आप कहा जा रह

ह राम करो को सिचत करन क िलए - लात

बोधक क सात भद ndash

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1) बोधक ndash वाह ndashवाह - आहा शबाश

2) शोक बोधक ndash आह ऊह हा-हा ndash

3) बोधक ndash अहो ऒह

4) अनमोदन बोधक ndash हा-हा वाह शबाश

5) बोधक ndash िछ हट अर िधक

6) ndash बहत हा जी हा7) सबोधन बोधक ndash अर र अपी अहो

कभी कभी भी हो जातजस ndash भगवान लो चप कभी कभी या भी होत जस ndash न हो बहत हो गया

जब क समान होत तब वह होता तब वमनोभाव को करात

जस ndash हाय हाय मचा रखी ह

सब लोग - पकार उठहाय ndash हाय - क समान ह इसिलए यह बोधक ह

UNIT - 23

क भद क स बनान का िनयम

क पर जायगास बनता ह एक या अिधक स बनता ह एक स अिधक स बनता

ह कहन या िलखनवाल का परा भाव हो जाय तो उस कहतजस ndash मोहन पढ़ता ह

राम िलखता ह इन स लखक का परा भाव होता ह

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ndash कछ ऐस होत और क रहन पर भी कहन या िलखनवाल का परा आशयहोता क समह को और क रहन पर भी जो कछ सनन

बनी रह कहत दो क होत ndash 1) 2)

क अधीन होतउदा ndash राम न कहा था वह कल पाठशाला जायगा

इस राम न कहा था - ह और कल पाठशाला जायगा तह इस और भी कहत

रखनवाल को कछ थोडा सा भाव करनवाल को कहतएक भावना होती ह

जस ndash तरह पढ़ना चलना

इन होता ह क म दो भाग होत 1) और 2)

ndash ( ) कछ होता ह उस कहतndash ( ) क जो कछ होता ह उस कहत

जस ndash मरा स भरा हआ ह मरा ह और स भरा हआ ह ह मरा ndash ह और मरा

उस का ह इसिलए ( ) और मरा का कहत हआ हह शष उसका ह

इस चार भाग हए ndash 1) ( ) 2) का 3) ( ) 4)

काचार भद ndash

क ndash राम गया ख ndash वह कह चका ग ndash फल

क भदक अनसार क आठ भद होत ndash

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1 ndash इस स बात का होना सिचत होता ह जस ndash भारत राजधानी ह

2 िनषधवाचक ndash का अभाव होता ह जस ndash क कछ भी पा सकत

3 ndash इस स सचना होती हजस - तम कल कालज

4 ndash इसस और उपदश का बोध होता ह जस ndash तरह पढ़ो

का भजन करो 5 ndash इसस का भाव सिचत होता ह जस ndash हाय राम को एक

लाख िमल 6 ndash इसस या सचना होती ह

जस ndash अक पा

7 ndash या सभावना सचना होती ह जस ndash आज होगी

8 - सकत सचना होती ह जस ndash हो तो

राम काम करगा रचना क आधार पर

रचना क आधार पर क तीन भद होत - 1) सरल या साधारण 2) और3)

१ सरल ndash एक और एक होता ह उस सरल कहतजस ndash मोहन िलखता ह ( मोहन और िलखता ह धय ह)

राम मज़ पर रखी ह ( ह और रखी ह ह)

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lsquoराम rsquo और lsquoमज़ परrsquo कवल और का ह २ - उस कहत एक हो और उसक एक या

अिधक हो उस कहतजस ndash जो करगा उस सफलता िमलगी जो करगा ndash ह उस सफलता िमलगी - ह

तीन क ndash 1) 2) 3)

1) ndash का क पर होता ह उसकहतजस ndash मरा ह तमन को मारा यह सच ह इस तमन को मारा ndash ह क पर आया ह इसिलए यह

ह 2) ndash जब कोई को क का काम दता ह तब उस

कहत जस ndash य उसी छा को जायगा जो रहगा

उसी स डरत जो खब मारता ह उसी जो ह

3) ndash जो क का काम दता ह उस कहत

जस ndash करता ह उतना फल िमलता ह जब तम कहोग सब कछ

जब ह ३ ndash दो या दो स अिधक योजक जड हो न

हो उस कहतजस ndash वह तरह पढ़ता था तो पास होता

दो या दो स अिधक सरल अथवा एक दसर पर न होता ह इसिलए यह

जस - कर चका (सरल )

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हम कर चक तो व आए ( )

और मरा मन ठड हो गया ( )

चार क होत ndash सयोजक सचक 1) सयोजक - एक दसर क साथ सयोजक जडा रहता ह

जस ndash वह आया और उसक साथ गया स िमलता ह और स होता ह

2) ndash का एक दसर स भद या का रहता ह जस ndash स बढ़ता ह स भरता ह वह खब खाता पर बडा होता

3) सचक ndash दो स एक को करना जस ndash मझ या राम को

4) अथवा हतसचक ndash एक दसर का होता हजस ndash तम आग पढ़ो पसा दगा मझ पसा िमला इसिलए

कभी कभी बीच योजक आत जस ndash मझ न बलाया आप आता ह जब को का या एक होता ह तो एक बार िलखा या कहा

जाता ह ऐस को सकिचत कहत जस ndash का और मन को भी दता ह

जो आसानी स समझकर छोड दत ऐस को कहत जस ndash आजकल सना ह बरसात क मौसम बखार सब फलाता ह

कहत रोज़ बढ़त रह पहल हमन होना था पर ह दसर लोग स होना पर होता ह

एक का दसर क बदल जा सकता ह मलकर सकत

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क सरल स ndash

उदा ndash सरल - राम न मोहन का - राम न उस को जो मोहन का था

ख स सरलndash उसन कहा पापी ह

सरल ndash उसन को पापी बताया ग सरल स

सरल ndash होन पर लोग खत जान लग - हआ और खत जान लग

घ स िनषध वाचक तथाndash मोहन सोहन स बडा ह

िनषध वाचक - मोहन सोहन स बडा ndash मोहन सोहन स बडा ह

UNIT ndash 24

और महावरव जो का अपना न बता कर कछ करत महावरा

कहत बोलचाल बहत आनवाला ऐसा बधा कोई अनभव बात और अलकतभाषा गई हो या कहावत कहाता ह जस ndash मर पट चह कद रह

जब स उनका लड़का मरा ह कमर टट गई ह वह इतना चालाक ह अपन मािलक को पर नचाता ह

इन lsquoपट चह कद रह rsquo lsquoकमर टट गई हrsquo lsquo पर नचाता हrsquo इन काउनक स ह यहा lsquoपट चह कदनrsquo का ह भख लगना lsquoकमर टटनrsquo का ह या

का न रहना तथा lsquo पर नचानrsquo का ह अपन वश रखना अतः य महावरकहलात

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इसी जब कोई आदमी काम करना न जानता हो परत अपन को िछपान क िलए बहान बनावतब कहा जाता ह ndash नाच न जान आगन टढ़ा

जब कोई आदमी अनक खाकर भी अपनी आदत न छोड़ तब कहा जाता ह दम सौतक नली रखो तो भी य बध हए और अनभव तथा अलकत भाषा कह गय अतः य

और क स भाषा तथा आती ह महावरदार भाषाबहत पसद जाती ह और कथन बड़ा होता ह

महावरअग-अग - बहत होनाअगठा - चीज़ को दन स क साथ करनाअध - सहाराअधरा घर का उजाला - एकलौता बटा

क घोड़ दौड़ाना - सोचनापर पड़ना - समझ न पाना

अपना सीधा करना ndash करनाआख उठाना - नीयत स दखनाआख खलाना - होश आना

चार होना - आख स आख िमलानानीची होना - होनापीली करना - नाराज़ होना

आकाश पाताल का ndash बहत भदआग घी डालना - बढ़ानाआसमान िसर पर उठाना - बहत कोलाहल करना

स बजाना - करनाईद का चाद होना - िचरकाल पीछ दनाउगली पर नचाना - वश रखना

गगा बहाना - बात करना

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कमर टट जाना - िनराश हो जानाकान भरना - चगली करना

मौत मरना - बहत तरह स मरनाखाक उड़ाना खाक िमलाना - बरबाद होनागड़ गोबर कर दना - काम दनाघर गगा - दौड़-धप कघाट घाट का पानी पीना - जहा तहा का अनभव करनाचाद पर थकना - करना और फलतः होनाचार चादनी - थोड़ का सख

का दध याद आना - सब सख भल जाना सकट आ पड़नाजमीन पर पर न पड़ना - बहत अिभमान होनाजल भन कर कोयला होना - पागल हो जानाटस स मस न होना - भी नटाग अड़ाना - बाधा डालनाटोपी उछालना - िनरादर करनाितनका पकड़ना - मागनाितन का ताड़ करना - बात बढ़ानाथक कर चाटना - वचन दकर जाना

तल उगली दबाना - करनादम तोडना - मर जाना

दना रात चौगना होना - खब होनाधप बाल सफद करना - अनभव आय दनानमक लगाना - बात को बढ़ा कर कहनानाक कटना - बदनामी होनानाक चढ़ाना - घणा करनानीला पीला होना - आना

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नौ-दो होना - भाग जानाउछालना - करना

- बातपरदा डालना - िछपानापहाड टट पड़ना - आनापट चह कदना - खब भख लगना

तल स ज़मीन िनकल जाना - होश उड़ जानाफक-फक कर कदम रखना - सोच-समझ कर काम करनाबगला भगत -

उछलना - खब खश होनाबाज़ार पर होना - काम पर होनाबात का धनी - वायद काबाल खाल उतारना - करनाबाल पकना - बढ़ा होजाना अनभव करनाबाल बाल बचना - हािन पहचन जरा- सी कसर रह जानाबगार टालना - लगाकर काम न करनाबोली मारना - क कहनाभनक पड़ना - खबर द जानाभाड़ - समय गवाना

मारना - बकारचस - बहत कजसपर मारना - का नकल करना

मगज चाटना - तग करनामाथा ठनकना - आशका होनामारा मारा - होनामह-तोड़ जवाब दना - परा-परा जवाब दना

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मह फक हो जाना - चहर का रग उतर जानामह पानी भर आना - खान को ललचानामह लगाना - अिधक द दना

गरम करना - दनाराई का पहाड़ बनाना - बात को बढ़ाकर कहनारात- - हमशालका काड होना - खब मारपीट होनालबी-चौ हाकना - करना

होना - होनालह क घट पीना - करनालह पसीना एक करना - बहत करनालोह क चना चबाना - काम करनाशतान क कान कतरना - बहत चालाक होना

करना - करनाबाग - बहकाना

समझ पर पड़ना - होनाबठना - जमाना

िसतारा चमकना - उदय होनािसर पर खन सवार होना - जान लन पर होनािसर पर हाथ धरना - सहायता करनासौ बात एक बात - िनचोड़

करना - फक डालनाहसी उड़ाना - करनाहाथ मल -

हाथ पर हाथ धर बठना - बठनाहाथ पसारना - मागना

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हाथ-पर मारना - करनाहाथ साफ करना - बईमानी स ठगना

पानी करना - करनाहोश उड़ना - भय या आशका स दखी होना

अत गता सो मता - वहकान राजा - थोड़ा पढ़ िलख का मान होता ह

आख क गाठ क पर - पर धनवानआप मर जग परल - ह तो ससार ह

चोर कोतवाल को डाट - अपराध करक को डाटनाऊची दकान पकवान - काम करनाएक अनार सौ बीमार - जब एक चीज़ क बहत स तब कहा जाता हएक पथ दो काज - एक काम करन स दो का लाभ होनाकाला बराबर -

घर का लका ढ़ाह - फट स घर नाश होता हिचराग तल अधरा - पास घटना क होन पर भी उसका न होना या

ऐस पर बराई का होना जहा उसक रोकन का होचोर ितनका - पापी डर जाता हजाग सो पाव सोव तो खोव - सावधान रहन स लाभ होता ह

- बलवान का दबदबा रहता हजसा दश वसा भस - दश रह वसी करनीजसी करनी वसी भरनी - फल िमलता हतन को कपड़ा न पट को - बहतथोथा चना बाज घना - काम न करनवाला बकवास बहत करता हदाम बनाय काम - पस स सब काम हो जात

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धोबी का घर का न घाट का - जो एक पर जमकर काम न कर कभी एक लग और कभीदसर और सफल न हो उस कहा जाता ह

रहना मगर स बर - अधीन होकर रह और उसी स बर कर तो गज़ारा चलता हन रहगा बास न बाजगी - नकसान हो उसका नाश कर दना हनाच न जान आगन टढ़ा - काम करन न होन पर दसर को दोष दना नीम जान का खतरा - अधरा हािनकारक होता हनौ नगद न तरह उधार - उधार सौदा दनामान न मान तरा महमान - गल पड़नािमया जती िमया क िसर - स उसी हािन करनासौ सयान एक मत - सभी अथवा एक सलाह होती हहाथ कगन को आरसी - क िलए और हाथी क दात खान क और क और - कहना कछ और करना कछ औरहोनहार क होत चीकन पात - होनहार क पहल स जात

Page 32: PRACTICAL GRAMMAR (APPLIED GRAMMAR)14.139.185.6/website/SDE/Practical_Grammar_BA_hindi_on29... · 2019. 4. 20. · practical grammar (applied grammar) page 2 university of calicut

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तकरक एकवचन बहवचन

तन तम तमनतझको तझ तमको

करण तझस तमसतरातर

अिधकरण तझपर तमपर

वहकरक एकवचन बहवचन

वहउसन व

उसको उस उनकोकरण उसस उनस

उसक िलए उस उनक िलए

अपादान उसस उनसउसका उसक उनका उनक

अिधकरण उस पर उनपर

UNIT - 15

(Adjective)स या सिचत कर उस कहत जस ndash रशमी

कपडा लाल कमलबतलाई जाए उस कहत जस ndash लड़का

ह लड़का हजो क पहल आता ह उस कहत जस ndash फल

ह फल ह इसिलए यह ह

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जो क बाद आता ह उस कहत जस ndash वह लड़का बड़ा होिशयार ह लडका ह होिशयार ह क बाद आन क कारण यह ह

जो क साथ उसको करन क िलए होता ह उस समानािधकरण कहत जस ndash रामनाथ कहता ह

रामनाथ क साथ समानािधकरण ह चार क ndash

क गणवाचक (Adjectives of Quality)

ख (Adjectives of number)

ग (Adjective)

घ या (Demonstrative Adjective)

१ गणवाचकजो क गण रग आकार को बतलानवाल को गणवाचक कहत

जस ndash लबा सशील काला गोल गणवाचक क बदल बहधा क क भी आतजस ndash राजा ( का राजा )

जापानी कपड़ा (जापान का कपड़ा)गणवाचचक का होता ह तब उनका क समान होता ह

जस ndash न सच कहा ह२ - क गणना का बोध हो उस

कहत जस ndash एक दो पहला दसरा दगनाक तीन भद होत ndash

1) 2) 3) बोधक या बोधकndash इसस का बोध होता ह जस ndash चार आठ सात

क चार भद ndash

a गणनावाचक ndash गणनावाचक षण स गणना का बोध होता ह जस ndash एक चार फल सात

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गणनावाचक क साथ एक लगान स लगभग का होता ह जस ndash एक आदमी ndash

लगभग आदमी b ndash स क गणना का होता ह जस ndash पहला

दसरा चौथाc ndash गणनावाचक क lsquoगनाrsquo लगान स बनत जस

ndash दगना ितगना ३ - स माप- तोल या का पता होता ह उस

कहत जस ndash दो सर चावल चार गज कपडा

क दो भद होत ndash

1) और 2)

ण - स का पता लगता हजौस - दो सर चावल

- स का पता नलगता ह जौस ndash बहत दध

४ या - स ऒर या सकत जाता ह उसकहत lsquoयहrsquo lsquoवहrsquo स जाता ह इसिलए इसकहत

जस ndash यह वह जब क हो तब वह बन जाता ह

जस ndash वह घर राम का ह कई ऐस मल जसा रहता ह

जस ndash वह यह क

भी िलग वचन और कारक क अनसार होता ह क िलग और कारक ककारण कछ होता ह

जस ndash काला कपड़ा - काला कपड़काला धोती - काला धोितया

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क साथ ई हो जातजस - काली धोती

क होता ह जो क होन परहोता ह जस ndash वह घोड़ा व घोड़

पथकता अथवा अिधकता क िलए को दहराता ह ndash

जस ndash छोट छोट फल लालका भी होता ह जस ndash बडा लड़का

गणवाचक और जब करत तब वह बन जात

जस ndash थोड़ा खा गया चावल बहत ह क साथ जब आता और व बन जात तब उनक साथ

भी लगती जस ndash को दान दो

UNIT - 16

(Verb)

काम क करन या होन का बोध हो उस कहतजस पढ़ना खाना दौडना पहनना

धात ndash क मल को धात कहत उदा- पढ़ना खलना खानाय सब मल धात lsquoपढ़rsquo lsquoखलrsquo lsquoखाrsquo ह मल धात lsquoनाrsquo जोडकर का िमलताह

i क आधार पर क दो भद होत - 1) 2)

1) (Transitive Verb) ndash क का फल को छोड पर पडता हउस कहत

उदा ndash राम पढ़ता ह

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राम ह ह और का पर पडता ह2) (Intransitive Verb) - क का फल पर पडता ह उस

कहत का अभाव हउदा ndash मोहन सोता ह

कभी कभी एक होता ह और कभी कभी दो भी होत एक होन वालको एक lsquo rsquo कहत

उदा ndash राम न खाना खायाखाना ह कवल एक होता ह दो होन वाली को

कहतउदा ndash मा न को दध

दो होत ndash lsquo rsquo और lsquoदधrsquo दो होत एक lsquo rsquo और दसराlsquoगौणrsquo

उदा ndash मा न को दधइस lsquoगौणrsquo ह दध lsquo rsquo ह lsquoगौणrsquo कभी कभी होता हउदा ndash न कथा सनाई

ii क भद1 - व होती ह आशय अथवा स परा होताको परा करन क िलए दसर होती ह ऐसी को कहतयह दो क होती ह१ ndash का अभाव हउदा ndash वह ह यहा क को परा करन क िलए जोडा गया ह२ ndash होन पर भी का भाव परा न हो उस को

कहतउदा ndash सीता न पढ़ाया

यहा परा सीता न lsquo rsquo पढ़ाया lsquo rsquo पढ़ाया यह परा इसिलए यहह यहा होन पर भी का भाव परा होता

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३ परक - को परा करन क िलए या पडती ह

परक कहत क परक lsquo परकrsquo तथा क परक lsquo परकrsquo

होतउदा ndash उस होिशयार समझता ह ( परक)

राम बलवान ह ( परक)

iii यौिगक धात ndashक स धातओ क दो भद होत 1) मल धात 2) यौिगक धात

मल धात - मल धात व जो दसर स न बन जस ndash कर बठ पढ़ यौिगक धात ndash यौिगक धात व जो दसर स बनाय जात उदा ndash खाना स नाम धात ndash जो या क आधार पर बनती ह उस नाम धात कहत

उदा ndash हाथ स हिथयानास

अपना स अपनानाiv - स यह जान पडता ह को न करक दसर को

करन दता ह उस (casual verbs) कहतउदा ndash राम न मोहन स िलखवाया यहा राम न िलखकर मोहन स िलखवाता ह इसिलए यह ह

करनवाल को और जाती ह उस कहतराम न मोहन स िलखवाया राम ह और मोहन हमल जो होती ह उनस और बन सकती हस और बन सकती उदा ndash दध पीता ह

पीना ह इसस बनती ह ndash मा को दध हस बना सकती ह उदा - मा नौकर स को दध ह

बनान का िनयममल धात क आ जोडन स और वा जोडन स या

बनती ह

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उदा ndash उठना ndash उठाना - उठवानाचलना ndash चलाना - चलवानापढ़ना ndash पढाना - पढ़वाना

दो क धातओ ए और औ को छोडकर पहला हो जाता हउदा ndash जागना ndash जगाना ndash जगवाना

भलना ndash भलाना - भलवानाछोडना ndash छडाना ndash छडवाना

धातओ क ला और लवा लगात तब हो जाता हउदा ndash पीना ndash ndash

सोना ndash सलाना ndash सलवानाखाना ndash -

v नाम धात - को छोडकर जोडन स जो धात बनती ह अथवा जो नाम (

या ) धात क समान होत नामधात कहत जो नामधात लगान सबनत आ ओऔर ला लगात पहला हो जाता ह

उदा ndash लाज ndash ndash लजानाहाथ ndash हिथया ndash हिथयानाझठ ndash झठला ndash झठलाना

UNIT - 17

काल (Tense)क स क होन का समय और अथवा का बोध हो उस काल

कहत काल क तीन भद होत1) भतकाल2) काल3) काल

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भतकालस का बोध हो उस भतकाल कहत

उदा ndash राम न िलखी भतकाल क छः भद - भत भत भत भत भत हत-हतमत भत

भत ndash क स भतकाल क समय का बोध न हो उस भत कहतउदा ndash मोहन न खत िलखायहा का बोध होता जो भतकाल हई ह भतकाल ndash क स का का समय अभी अभी हआ ह इसका बोध

होता ह उस भतकाल कहत उदा ndash राम न ह

इसस पहल अभी अभी हई हभत ndash क स यह होता ह क को हए बहत समय हो चका ह उसभत कहत

उदा ndash न दध थास हो क साथ lsquoथाrsquo lsquoथrsquo lsquoथीrsquo लगान स भतकािलक

िमलता हभत - क उस को भत कहत यह हो भतकाल हो थी पर

का पता न लग उस भतकाल कहतउदा - वह पढ़ रहा था वह सोता था

कब समा हआ इसका पता क साथ lsquoता थाrsquo lsquoत थrsquo lsquoरहा थाrsquo lsquoरह थrsquo लगानाभत काल ndash क स भतकाल सचना िमलती ह उसक होन कछ हो उसभत कहतउदा ndash वह आया होगा

उसन खाया होगा भतकाल हो थी ह क साथ lsquoहगाrsquo lsquoहगीrsquo lsquoहोगाrsquo lsquoहोगीrsquo

lsquo rsquo जोडन स भतकाल िमलता हहत-हतमत भतकाल ndash क स यह पाया जाय भतकाल होना सभव थाकारण स न हो सका उस हत-हतमत भतकाल कहत

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(Present Tense)

क को काल कहत रहती ह

होती उस काल कहतउदा ndash राम पढ़ता ह

सीता गीत गा हकाल तीन क होत ndash 1) काल 2) काल 3)

काल - वह ह स का काल होना पाया जाय

उस कहतउदा ndash मोहन पढ़ता ह

रमा गाती ह क साथ lsquoताrsquo lsquoतrsquo lsquoतीrsquo जोडन स बनत

- वह ह काल क होन पायाजायउदा ndash वह खाता होगा

सीता जाती होगी क साथ lsquoता होगाrsquo lsquoती होगीrsquo lsquoत rsquo lsquoती rsquo लगान स िमलत

ndash का वह ह यह होता ह का अभी ह

होता उस कहत उदा ndash वह खा रहा ह

चल हक साथ lsquoरहाrsquo lsquo rsquo lsquoरहrsquo जोडन स िमलती ह

काल ( Future Tense)

होनवाली को काल कहत काल क दो भद ndash 1)

काल 2) कालकाल ndash का वह ह स क आग होन सचना िमल उसकाल कहत

उदा ndash वह आयगा

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राम आज बबई जायगासीता कल घर आयगी

क साथ lsquoयगाrsquo lsquoयगीrsquo lsquoयगrsquo जोडन स िमलतकाल ndash क होन सभावना हो उस काल कहत

उदा ndash सभव ह आज हो स lsquoगाrsquo lsquoगrsquo lsquoगीrsquo पथक कर दन स काल िमलगा

UNIT ndash 18

(Voice)उस कहत यह जाना जाय का ह

ह या कवल भाव ह उस कहतउदा ndash राम न रावण को मारा

तीन क ndash 1) 2) 3) भाव- ह हमशा क िलग वचन और क अनसार होता ह

उस कहतउदा ndash लडका पढ़ता ह

लड़का ह और ग ह इसिलए भी होना हसीता िलखती ह इसम सीता ह इसिलए ह का सीधा स होताह

ndash क िलग वचन क अनसार हो उस कहतह का होता ह

उदा ndash राम िलखता हह इसिलए यह ह धानता होती ह और का

स होता ह क िलग वचन क अनसार बदलती ह हमशाहोता ह का होना ह

उदा ndash राम न रावण को मारा -

राम स रावण मारा गया -

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रावण ह ह क का ह गौण का रहता ह

उदा ndash मा न को दध मा स को दध गया

दो होत ndash और दध ndash भाव होती ह यह हमशा स बनता ह हमशा

एकवचन और होती ह इसका होता ह उदा ndash यहा बठा जाता

मझस पढ़ा जाता स या बनान

को भत क करना उसक साथ काल वचन और िलग कअनसार जाना क जोडन ऐसा करन स स औरक स भा बनती ह

उदा ndash 1) राम न रावण को मारा -

राम स रावण मारा गया -

2) राम रावण को मारगा -

राम स रावण मारा जायगा -

3) राम रावण को मारता ह -

राम स रावण मारा जाता -

पहल lsquoमाराrsquo भतकािलक ह इसिलए lsquoमाराrsquo क साथ lsquoजानाrsquo का भतकािलकजोडना

दसर lsquoमारगाrsquo काल ह इसिलए lsquoमाराrsquo भतकािलक बदलकरlsquoजानाrsquo का काल lsquoजायगाrsquo जोडना

तीसर काल ह को भतकािलक बदलकर (मारा) उसक साथजाना का (जाता) जोडना

स बन सकता हउदा ndash मोहन उठता ( )

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मोहन स उठा जाता - ( )

वीणा चलती ( )

वीणा स चला जाता - ( )

UNIT ndash 19

याअभी तक हमन क बार पढ़ िलया ह उनक िलग वचन और कारक क अनसार

आता ह इसिलए कहत का ह अब हम क दसरया क बार

चार क होत ndash 1) 2) बोधक 3) बोधक 4)

बोधक

UNIT ndash 20

ndash Adverbउस कहत होती ह

उदा - रमश चलता हइस lsquoचलनाrsquo ह ndash ह lsquo rsquo इसिलए lsquo rsquo ह

स क तीन भद ह - 1) साधारण 2) सयोजक 3) साधारण - साधारण वह ह होता ह साधारण या

कहत जस ndash खब पढ़ो दौडो सयोजक ndash का स या स होता ह सयोजक

कहत जस ndash जहा तक हम चल सक वहा तक ह

योजना का सयोजक स होता ह- का क

भद क साथ होता ह कहत

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जस ndash गह खाओग

कह तो लो होता ह व कवल गह खात और कछ खायगा इन

ह हो जान स का बदल जाता ह जस ndash वह काम करगा इसका यह ह जो काम उस ह कवल वह करगा और कछ

क आधार पर क चार भद होत ndash 1) कालवाचक 2) 3)

4)

कालवाचक ndash स समय अविध तथा काल का बोध होता ह कालवाचककहतजस ndash काम को अभी पढ़ना

आजकल रोज़ होती ह कभी कभी भी रात क समान लगता ह मोहन पढ़ाई सदा ह

अभी आजकल कभी कभी सदा कालवाचक ह ndash स क का बोध होता ह

कहत उदा ndash जहा तक जा सक वहा तक जाओ

जाओ और वहा लटो घर क सामन एक ह बाहर रोशनी भीतर अधरा

हाथ स मारत जहा वहा सामन बाहर भीतर ndash स अिधकता- का बोध होता ह

कहत जस ndash उतना पढ़ो हो

चावल थोडा खाओ खब खाना

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अपना थोडा खब

व क होन का ढ़ग का पता िमलता ह जस ndash राहल धीर धीर चलता ह

सीता मधरतम गाती ह यथा हम तथा िमलत

धीर धीर मधरतम यथा-तथा

UNIT - 21

बोधकबोधक ह जो या क साथ आकर उनका क

क साथ बनात उदा ndash धन क कोई काम न चलता

घर क नीच एक तालाब ह क पास एक भी ह

नीच पास बोधक ह क अनसार बोधक क दो भद होत ndash 1) 2)

क ndash य या क बाद आतउदा - घर क भीतर घर क पीछ घर ऒर

कारक भी आती ह जस का क कभी कभी अपादान कारक या भी आती ह

उदा ndash इनस पहल आया राम का मकान मोहन क घर स पर

lsquoसrsquo lsquoपरrsquo अपादान कारक क ndash यह स क क साथ आत

जस ndash दो तक राम रहगा

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घड भर पानी क िलए पाच दन ग lsquoतकrsquo lsquoभरrsquo सचक

UNIT - 22

( Conjunctions)योजक या व जो या न बतला कर एक या का

दसर या स जोडत बोधक कहतजस ndash सीता और गीता अपन घर गयी

सीता और गीता को िमलानवाला योजक lsquoऔरrsquo ह क तीन भद ndash 1) सयोजक 2) 3) भदबोधक

1) सयोजक ndash कई का सयोग करनवाल को सयोजक कहत इसक दो याका मल होता ह

उदा ndash और राम कल बबई और वहा उनक साथ मोहन भी lsquoऔरrsquo lsquoभीrsquo सयोजक ह

2) ndash जो का बोध कराए कहत जस ndash चाह दश सवा करनी या अथवा मानवीय को पहचानना

lsquoयाrsquo lsquoअथवाrsquo lsquoवाrsquo lsquoचाहrsquo को करनवाल ह 3) भदबोधक ndash दो स एक स भद बतलानवाल को भदबोधक कहत य कई क होत

क ndash दो म स पहल का िनषध या सिचत करत जस ndash

पर मगर वरन उदा ndash मझ वहा जाना था क कारण जा न सका

ख - कारणवाचक और उपदशमलक ndashइसिलए सो अतः इसिलए

इस क ह जस ndash राम समय पर आ न सका इसिलए जा न सका

ग सकतबोधक ndash ndash तो जो ndash तो प सकतबोधक ह जस ndash तम कहत तो जाता

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घ ndash इन पहली बात का और होता ह यान मानो यहा तक इस क ह

जस ndash कोई भी समय पर पहचा यहा तक भी 10 बज तक न आय क और दो भद होत ndash 1) समानािधकरण 2)

समानािधकरण ndash समान पद क या को जोडत जो एक क हो वसमानािधकरण धक कहत जस ndash क मा-बाप का अजीब ह समानािधकरण क चार उपभद होत ndash

1) सयोजक ndash और तथा भी एव 2) क ndash या वा अथवा चाह 3) ndash पर मगर 4) ndash इसिलए अतः

ndash को स जोडनवाल कोकहत

जस ndash आज नौकरानी आयगी वह बीमार ह क चार उपभद होत ndash

१ ndash यान मानो २ करणवाचक ndash जो इसिलए ३ उपदशवाचक - जो ४ सकतवाचक ndash - तो जो-तो -

4) ndash ndash स क शोक घणाको करनवाल को -बोधक कहत

जस ndash हाय अब अर आप कहा जा रह

ह राम करो को सिचत करन क िलए - लात

बोधक क सात भद ndash

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1) बोधक ndash वाह ndashवाह - आहा शबाश

2) शोक बोधक ndash आह ऊह हा-हा ndash

3) बोधक ndash अहो ऒह

4) अनमोदन बोधक ndash हा-हा वाह शबाश

5) बोधक ndash िछ हट अर िधक

6) ndash बहत हा जी हा7) सबोधन बोधक ndash अर र अपी अहो

कभी कभी भी हो जातजस ndash भगवान लो चप कभी कभी या भी होत जस ndash न हो बहत हो गया

जब क समान होत तब वह होता तब वमनोभाव को करात

जस ndash हाय हाय मचा रखी ह

सब लोग - पकार उठहाय ndash हाय - क समान ह इसिलए यह बोधक ह

UNIT - 23

क भद क स बनान का िनयम

क पर जायगास बनता ह एक या अिधक स बनता ह एक स अिधक स बनता

ह कहन या िलखनवाल का परा भाव हो जाय तो उस कहतजस ndash मोहन पढ़ता ह

राम िलखता ह इन स लखक का परा भाव होता ह

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ndash कछ ऐस होत और क रहन पर भी कहन या िलखनवाल का परा आशयहोता क समह को और क रहन पर भी जो कछ सनन

बनी रह कहत दो क होत ndash 1) 2)

क अधीन होतउदा ndash राम न कहा था वह कल पाठशाला जायगा

इस राम न कहा था - ह और कल पाठशाला जायगा तह इस और भी कहत

रखनवाल को कछ थोडा सा भाव करनवाल को कहतएक भावना होती ह

जस ndash तरह पढ़ना चलना

इन होता ह क म दो भाग होत 1) और 2)

ndash ( ) कछ होता ह उस कहतndash ( ) क जो कछ होता ह उस कहत

जस ndash मरा स भरा हआ ह मरा ह और स भरा हआ ह ह मरा ndash ह और मरा

उस का ह इसिलए ( ) और मरा का कहत हआ हह शष उसका ह

इस चार भाग हए ndash 1) ( ) 2) का 3) ( ) 4)

काचार भद ndash

क ndash राम गया ख ndash वह कह चका ग ndash फल

क भदक अनसार क आठ भद होत ndash

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1 ndash इस स बात का होना सिचत होता ह जस ndash भारत राजधानी ह

2 िनषधवाचक ndash का अभाव होता ह जस ndash क कछ भी पा सकत

3 ndash इस स सचना होती हजस - तम कल कालज

4 ndash इसस और उपदश का बोध होता ह जस ndash तरह पढ़ो

का भजन करो 5 ndash इसस का भाव सिचत होता ह जस ndash हाय राम को एक

लाख िमल 6 ndash इसस या सचना होती ह

जस ndash अक पा

7 ndash या सभावना सचना होती ह जस ndash आज होगी

8 - सकत सचना होती ह जस ndash हो तो

राम काम करगा रचना क आधार पर

रचना क आधार पर क तीन भद होत - 1) सरल या साधारण 2) और3)

१ सरल ndash एक और एक होता ह उस सरल कहतजस ndash मोहन िलखता ह ( मोहन और िलखता ह धय ह)

राम मज़ पर रखी ह ( ह और रखी ह ह)

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lsquoराम rsquo और lsquoमज़ परrsquo कवल और का ह २ - उस कहत एक हो और उसक एक या

अिधक हो उस कहतजस ndash जो करगा उस सफलता िमलगी जो करगा ndash ह उस सफलता िमलगी - ह

तीन क ndash 1) 2) 3)

1) ndash का क पर होता ह उसकहतजस ndash मरा ह तमन को मारा यह सच ह इस तमन को मारा ndash ह क पर आया ह इसिलए यह

ह 2) ndash जब कोई को क का काम दता ह तब उस

कहत जस ndash य उसी छा को जायगा जो रहगा

उसी स डरत जो खब मारता ह उसी जो ह

3) ndash जो क का काम दता ह उस कहत

जस ndash करता ह उतना फल िमलता ह जब तम कहोग सब कछ

जब ह ३ ndash दो या दो स अिधक योजक जड हो न

हो उस कहतजस ndash वह तरह पढ़ता था तो पास होता

दो या दो स अिधक सरल अथवा एक दसर पर न होता ह इसिलए यह

जस - कर चका (सरल )

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हम कर चक तो व आए ( )

और मरा मन ठड हो गया ( )

चार क होत ndash सयोजक सचक 1) सयोजक - एक दसर क साथ सयोजक जडा रहता ह

जस ndash वह आया और उसक साथ गया स िमलता ह और स होता ह

2) ndash का एक दसर स भद या का रहता ह जस ndash स बढ़ता ह स भरता ह वह खब खाता पर बडा होता

3) सचक ndash दो स एक को करना जस ndash मझ या राम को

4) अथवा हतसचक ndash एक दसर का होता हजस ndash तम आग पढ़ो पसा दगा मझ पसा िमला इसिलए

कभी कभी बीच योजक आत जस ndash मझ न बलाया आप आता ह जब को का या एक होता ह तो एक बार िलखा या कहा

जाता ह ऐस को सकिचत कहत जस ndash का और मन को भी दता ह

जो आसानी स समझकर छोड दत ऐस को कहत जस ndash आजकल सना ह बरसात क मौसम बखार सब फलाता ह

कहत रोज़ बढ़त रह पहल हमन होना था पर ह दसर लोग स होना पर होता ह

एक का दसर क बदल जा सकता ह मलकर सकत

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क सरल स ndash

उदा ndash सरल - राम न मोहन का - राम न उस को जो मोहन का था

ख स सरलndash उसन कहा पापी ह

सरल ndash उसन को पापी बताया ग सरल स

सरल ndash होन पर लोग खत जान लग - हआ और खत जान लग

घ स िनषध वाचक तथाndash मोहन सोहन स बडा ह

िनषध वाचक - मोहन सोहन स बडा ndash मोहन सोहन स बडा ह

UNIT ndash 24

और महावरव जो का अपना न बता कर कछ करत महावरा

कहत बोलचाल बहत आनवाला ऐसा बधा कोई अनभव बात और अलकतभाषा गई हो या कहावत कहाता ह जस ndash मर पट चह कद रह

जब स उनका लड़का मरा ह कमर टट गई ह वह इतना चालाक ह अपन मािलक को पर नचाता ह

इन lsquoपट चह कद रह rsquo lsquoकमर टट गई हrsquo lsquo पर नचाता हrsquo इन काउनक स ह यहा lsquoपट चह कदनrsquo का ह भख लगना lsquoकमर टटनrsquo का ह या

का न रहना तथा lsquo पर नचानrsquo का ह अपन वश रखना अतः य महावरकहलात

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इसी जब कोई आदमी काम करना न जानता हो परत अपन को िछपान क िलए बहान बनावतब कहा जाता ह ndash नाच न जान आगन टढ़ा

जब कोई आदमी अनक खाकर भी अपनी आदत न छोड़ तब कहा जाता ह दम सौतक नली रखो तो भी य बध हए और अनभव तथा अलकत भाषा कह गय अतः य

और क स भाषा तथा आती ह महावरदार भाषाबहत पसद जाती ह और कथन बड़ा होता ह

महावरअग-अग - बहत होनाअगठा - चीज़ को दन स क साथ करनाअध - सहाराअधरा घर का उजाला - एकलौता बटा

क घोड़ दौड़ाना - सोचनापर पड़ना - समझ न पाना

अपना सीधा करना ndash करनाआख उठाना - नीयत स दखनाआख खलाना - होश आना

चार होना - आख स आख िमलानानीची होना - होनापीली करना - नाराज़ होना

आकाश पाताल का ndash बहत भदआग घी डालना - बढ़ानाआसमान िसर पर उठाना - बहत कोलाहल करना

स बजाना - करनाईद का चाद होना - िचरकाल पीछ दनाउगली पर नचाना - वश रखना

गगा बहाना - बात करना

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कमर टट जाना - िनराश हो जानाकान भरना - चगली करना

मौत मरना - बहत तरह स मरनाखाक उड़ाना खाक िमलाना - बरबाद होनागड़ गोबर कर दना - काम दनाघर गगा - दौड़-धप कघाट घाट का पानी पीना - जहा तहा का अनभव करनाचाद पर थकना - करना और फलतः होनाचार चादनी - थोड़ का सख

का दध याद आना - सब सख भल जाना सकट आ पड़नाजमीन पर पर न पड़ना - बहत अिभमान होनाजल भन कर कोयला होना - पागल हो जानाटस स मस न होना - भी नटाग अड़ाना - बाधा डालनाटोपी उछालना - िनरादर करनाितनका पकड़ना - मागनाितन का ताड़ करना - बात बढ़ानाथक कर चाटना - वचन दकर जाना

तल उगली दबाना - करनादम तोडना - मर जाना

दना रात चौगना होना - खब होनाधप बाल सफद करना - अनभव आय दनानमक लगाना - बात को बढ़ा कर कहनानाक कटना - बदनामी होनानाक चढ़ाना - घणा करनानीला पीला होना - आना

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नौ-दो होना - भाग जानाउछालना - करना

- बातपरदा डालना - िछपानापहाड टट पड़ना - आनापट चह कदना - खब भख लगना

तल स ज़मीन िनकल जाना - होश उड़ जानाफक-फक कर कदम रखना - सोच-समझ कर काम करनाबगला भगत -

उछलना - खब खश होनाबाज़ार पर होना - काम पर होनाबात का धनी - वायद काबाल खाल उतारना - करनाबाल पकना - बढ़ा होजाना अनभव करनाबाल बाल बचना - हािन पहचन जरा- सी कसर रह जानाबगार टालना - लगाकर काम न करनाबोली मारना - क कहनाभनक पड़ना - खबर द जानाभाड़ - समय गवाना

मारना - बकारचस - बहत कजसपर मारना - का नकल करना

मगज चाटना - तग करनामाथा ठनकना - आशका होनामारा मारा - होनामह-तोड़ जवाब दना - परा-परा जवाब दना

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मह फक हो जाना - चहर का रग उतर जानामह पानी भर आना - खान को ललचानामह लगाना - अिधक द दना

गरम करना - दनाराई का पहाड़ बनाना - बात को बढ़ाकर कहनारात- - हमशालका काड होना - खब मारपीट होनालबी-चौ हाकना - करना

होना - होनालह क घट पीना - करनालह पसीना एक करना - बहत करनालोह क चना चबाना - काम करनाशतान क कान कतरना - बहत चालाक होना

करना - करनाबाग - बहकाना

समझ पर पड़ना - होनाबठना - जमाना

िसतारा चमकना - उदय होनािसर पर खन सवार होना - जान लन पर होनािसर पर हाथ धरना - सहायता करनासौ बात एक बात - िनचोड़

करना - फक डालनाहसी उड़ाना - करनाहाथ मल -

हाथ पर हाथ धर बठना - बठनाहाथ पसारना - मागना

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हाथ-पर मारना - करनाहाथ साफ करना - बईमानी स ठगना

पानी करना - करनाहोश उड़ना - भय या आशका स दखी होना

अत गता सो मता - वहकान राजा - थोड़ा पढ़ िलख का मान होता ह

आख क गाठ क पर - पर धनवानआप मर जग परल - ह तो ससार ह

चोर कोतवाल को डाट - अपराध करक को डाटनाऊची दकान पकवान - काम करनाएक अनार सौ बीमार - जब एक चीज़ क बहत स तब कहा जाता हएक पथ दो काज - एक काम करन स दो का लाभ होनाकाला बराबर -

घर का लका ढ़ाह - फट स घर नाश होता हिचराग तल अधरा - पास घटना क होन पर भी उसका न होना या

ऐस पर बराई का होना जहा उसक रोकन का होचोर ितनका - पापी डर जाता हजाग सो पाव सोव तो खोव - सावधान रहन स लाभ होता ह

- बलवान का दबदबा रहता हजसा दश वसा भस - दश रह वसी करनीजसी करनी वसी भरनी - फल िमलता हतन को कपड़ा न पट को - बहतथोथा चना बाज घना - काम न करनवाला बकवास बहत करता हदाम बनाय काम - पस स सब काम हो जात

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धोबी का घर का न घाट का - जो एक पर जमकर काम न कर कभी एक लग और कभीदसर और सफल न हो उस कहा जाता ह

रहना मगर स बर - अधीन होकर रह और उसी स बर कर तो गज़ारा चलता हन रहगा बास न बाजगी - नकसान हो उसका नाश कर दना हनाच न जान आगन टढ़ा - काम करन न होन पर दसर को दोष दना नीम जान का खतरा - अधरा हािनकारक होता हनौ नगद न तरह उधार - उधार सौदा दनामान न मान तरा महमान - गल पड़नािमया जती िमया क िसर - स उसी हािन करनासौ सयान एक मत - सभी अथवा एक सलाह होती हहाथ कगन को आरसी - क िलए और हाथी क दात खान क और क और - कहना कछ और करना कछ औरहोनहार क होत चीकन पात - होनहार क पहल स जात

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जो क बाद आता ह उस कहत जस ndash वह लड़का बड़ा होिशयार ह लडका ह होिशयार ह क बाद आन क कारण यह ह

जो क साथ उसको करन क िलए होता ह उस समानािधकरण कहत जस ndash रामनाथ कहता ह

रामनाथ क साथ समानािधकरण ह चार क ndash

क गणवाचक (Adjectives of Quality)

ख (Adjectives of number)

ग (Adjective)

घ या (Demonstrative Adjective)

१ गणवाचकजो क गण रग आकार को बतलानवाल को गणवाचक कहत

जस ndash लबा सशील काला गोल गणवाचक क बदल बहधा क क भी आतजस ndash राजा ( का राजा )

जापानी कपड़ा (जापान का कपड़ा)गणवाचचक का होता ह तब उनका क समान होता ह

जस ndash न सच कहा ह२ - क गणना का बोध हो उस

कहत जस ndash एक दो पहला दसरा दगनाक तीन भद होत ndash

1) 2) 3) बोधक या बोधकndash इसस का बोध होता ह जस ndash चार आठ सात

क चार भद ndash

a गणनावाचक ndash गणनावाचक षण स गणना का बोध होता ह जस ndash एक चार फल सात

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गणनावाचक क साथ एक लगान स लगभग का होता ह जस ndash एक आदमी ndash

लगभग आदमी b ndash स क गणना का होता ह जस ndash पहला

दसरा चौथाc ndash गणनावाचक क lsquoगनाrsquo लगान स बनत जस

ndash दगना ितगना ३ - स माप- तोल या का पता होता ह उस

कहत जस ndash दो सर चावल चार गज कपडा

क दो भद होत ndash

1) और 2)

ण - स का पता लगता हजौस - दो सर चावल

- स का पता नलगता ह जौस ndash बहत दध

४ या - स ऒर या सकत जाता ह उसकहत lsquoयहrsquo lsquoवहrsquo स जाता ह इसिलए इसकहत

जस ndash यह वह जब क हो तब वह बन जाता ह

जस ndash वह घर राम का ह कई ऐस मल जसा रहता ह

जस ndash वह यह क

भी िलग वचन और कारक क अनसार होता ह क िलग और कारक ककारण कछ होता ह

जस ndash काला कपड़ा - काला कपड़काला धोती - काला धोितया

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क साथ ई हो जातजस - काली धोती

क होता ह जो क होन परहोता ह जस ndash वह घोड़ा व घोड़

पथकता अथवा अिधकता क िलए को दहराता ह ndash

जस ndash छोट छोट फल लालका भी होता ह जस ndash बडा लड़का

गणवाचक और जब करत तब वह बन जात

जस ndash थोड़ा खा गया चावल बहत ह क साथ जब आता और व बन जात तब उनक साथ

भी लगती जस ndash को दान दो

UNIT - 16

(Verb)

काम क करन या होन का बोध हो उस कहतजस पढ़ना खाना दौडना पहनना

धात ndash क मल को धात कहत उदा- पढ़ना खलना खानाय सब मल धात lsquoपढ़rsquo lsquoखलrsquo lsquoखाrsquo ह मल धात lsquoनाrsquo जोडकर का िमलताह

i क आधार पर क दो भद होत - 1) 2)

1) (Transitive Verb) ndash क का फल को छोड पर पडता हउस कहत

उदा ndash राम पढ़ता ह

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राम ह ह और का पर पडता ह2) (Intransitive Verb) - क का फल पर पडता ह उस

कहत का अभाव हउदा ndash मोहन सोता ह

कभी कभी एक होता ह और कभी कभी दो भी होत एक होन वालको एक lsquo rsquo कहत

उदा ndash राम न खाना खायाखाना ह कवल एक होता ह दो होन वाली को

कहतउदा ndash मा न को दध

दो होत ndash lsquo rsquo और lsquoदधrsquo दो होत एक lsquo rsquo और दसराlsquoगौणrsquo

उदा ndash मा न को दधइस lsquoगौणrsquo ह दध lsquo rsquo ह lsquoगौणrsquo कभी कभी होता हउदा ndash न कथा सनाई

ii क भद1 - व होती ह आशय अथवा स परा होताको परा करन क िलए दसर होती ह ऐसी को कहतयह दो क होती ह१ ndash का अभाव हउदा ndash वह ह यहा क को परा करन क िलए जोडा गया ह२ ndash होन पर भी का भाव परा न हो उस को

कहतउदा ndash सीता न पढ़ाया

यहा परा सीता न lsquo rsquo पढ़ाया lsquo rsquo पढ़ाया यह परा इसिलए यहह यहा होन पर भी का भाव परा होता

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३ परक - को परा करन क िलए या पडती ह

परक कहत क परक lsquo परकrsquo तथा क परक lsquo परकrsquo

होतउदा ndash उस होिशयार समझता ह ( परक)

राम बलवान ह ( परक)

iii यौिगक धात ndashक स धातओ क दो भद होत 1) मल धात 2) यौिगक धात

मल धात - मल धात व जो दसर स न बन जस ndash कर बठ पढ़ यौिगक धात ndash यौिगक धात व जो दसर स बनाय जात उदा ndash खाना स नाम धात ndash जो या क आधार पर बनती ह उस नाम धात कहत

उदा ndash हाथ स हिथयानास

अपना स अपनानाiv - स यह जान पडता ह को न करक दसर को

करन दता ह उस (casual verbs) कहतउदा ndash राम न मोहन स िलखवाया यहा राम न िलखकर मोहन स िलखवाता ह इसिलए यह ह

करनवाल को और जाती ह उस कहतराम न मोहन स िलखवाया राम ह और मोहन हमल जो होती ह उनस और बन सकती हस और बन सकती उदा ndash दध पीता ह

पीना ह इसस बनती ह ndash मा को दध हस बना सकती ह उदा - मा नौकर स को दध ह

बनान का िनयममल धात क आ जोडन स और वा जोडन स या

बनती ह

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उदा ndash उठना ndash उठाना - उठवानाचलना ndash चलाना - चलवानापढ़ना ndash पढाना - पढ़वाना

दो क धातओ ए और औ को छोडकर पहला हो जाता हउदा ndash जागना ndash जगाना ndash जगवाना

भलना ndash भलाना - भलवानाछोडना ndash छडाना ndash छडवाना

धातओ क ला और लवा लगात तब हो जाता हउदा ndash पीना ndash ndash

सोना ndash सलाना ndash सलवानाखाना ndash -

v नाम धात - को छोडकर जोडन स जो धात बनती ह अथवा जो नाम (

या ) धात क समान होत नामधात कहत जो नामधात लगान सबनत आ ओऔर ला लगात पहला हो जाता ह

उदा ndash लाज ndash ndash लजानाहाथ ndash हिथया ndash हिथयानाझठ ndash झठला ndash झठलाना

UNIT - 17

काल (Tense)क स क होन का समय और अथवा का बोध हो उस काल

कहत काल क तीन भद होत1) भतकाल2) काल3) काल

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भतकालस का बोध हो उस भतकाल कहत

उदा ndash राम न िलखी भतकाल क छः भद - भत भत भत भत भत हत-हतमत भत

भत ndash क स भतकाल क समय का बोध न हो उस भत कहतउदा ndash मोहन न खत िलखायहा का बोध होता जो भतकाल हई ह भतकाल ndash क स का का समय अभी अभी हआ ह इसका बोध

होता ह उस भतकाल कहत उदा ndash राम न ह

इसस पहल अभी अभी हई हभत ndash क स यह होता ह क को हए बहत समय हो चका ह उसभत कहत

उदा ndash न दध थास हो क साथ lsquoथाrsquo lsquoथrsquo lsquoथीrsquo लगान स भतकािलक

िमलता हभत - क उस को भत कहत यह हो भतकाल हो थी पर

का पता न लग उस भतकाल कहतउदा - वह पढ़ रहा था वह सोता था

कब समा हआ इसका पता क साथ lsquoता थाrsquo lsquoत थrsquo lsquoरहा थाrsquo lsquoरह थrsquo लगानाभत काल ndash क स भतकाल सचना िमलती ह उसक होन कछ हो उसभत कहतउदा ndash वह आया होगा

उसन खाया होगा भतकाल हो थी ह क साथ lsquoहगाrsquo lsquoहगीrsquo lsquoहोगाrsquo lsquoहोगीrsquo

lsquo rsquo जोडन स भतकाल िमलता हहत-हतमत भतकाल ndash क स यह पाया जाय भतकाल होना सभव थाकारण स न हो सका उस हत-हतमत भतकाल कहत

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(Present Tense)

क को काल कहत रहती ह

होती उस काल कहतउदा ndash राम पढ़ता ह

सीता गीत गा हकाल तीन क होत ndash 1) काल 2) काल 3)

काल - वह ह स का काल होना पाया जाय

उस कहतउदा ndash मोहन पढ़ता ह

रमा गाती ह क साथ lsquoताrsquo lsquoतrsquo lsquoतीrsquo जोडन स बनत

- वह ह काल क होन पायाजायउदा ndash वह खाता होगा

सीता जाती होगी क साथ lsquoता होगाrsquo lsquoती होगीrsquo lsquoत rsquo lsquoती rsquo लगान स िमलत

ndash का वह ह यह होता ह का अभी ह

होता उस कहत उदा ndash वह खा रहा ह

चल हक साथ lsquoरहाrsquo lsquo rsquo lsquoरहrsquo जोडन स िमलती ह

काल ( Future Tense)

होनवाली को काल कहत काल क दो भद ndash 1)

काल 2) कालकाल ndash का वह ह स क आग होन सचना िमल उसकाल कहत

उदा ndash वह आयगा

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राम आज बबई जायगासीता कल घर आयगी

क साथ lsquoयगाrsquo lsquoयगीrsquo lsquoयगrsquo जोडन स िमलतकाल ndash क होन सभावना हो उस काल कहत

उदा ndash सभव ह आज हो स lsquoगाrsquo lsquoगrsquo lsquoगीrsquo पथक कर दन स काल िमलगा

UNIT ndash 18

(Voice)उस कहत यह जाना जाय का ह

ह या कवल भाव ह उस कहतउदा ndash राम न रावण को मारा

तीन क ndash 1) 2) 3) भाव- ह हमशा क िलग वचन और क अनसार होता ह

उस कहतउदा ndash लडका पढ़ता ह

लड़का ह और ग ह इसिलए भी होना हसीता िलखती ह इसम सीता ह इसिलए ह का सीधा स होताह

ndash क िलग वचन क अनसार हो उस कहतह का होता ह

उदा ndash राम िलखता हह इसिलए यह ह धानता होती ह और का

स होता ह क िलग वचन क अनसार बदलती ह हमशाहोता ह का होना ह

उदा ndash राम न रावण को मारा -

राम स रावण मारा गया -

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रावण ह ह क का ह गौण का रहता ह

उदा ndash मा न को दध मा स को दध गया

दो होत ndash और दध ndash भाव होती ह यह हमशा स बनता ह हमशा

एकवचन और होती ह इसका होता ह उदा ndash यहा बठा जाता

मझस पढ़ा जाता स या बनान

को भत क करना उसक साथ काल वचन और िलग कअनसार जाना क जोडन ऐसा करन स स औरक स भा बनती ह

उदा ndash 1) राम न रावण को मारा -

राम स रावण मारा गया -

2) राम रावण को मारगा -

राम स रावण मारा जायगा -

3) राम रावण को मारता ह -

राम स रावण मारा जाता -

पहल lsquoमाराrsquo भतकािलक ह इसिलए lsquoमाराrsquo क साथ lsquoजानाrsquo का भतकािलकजोडना

दसर lsquoमारगाrsquo काल ह इसिलए lsquoमाराrsquo भतकािलक बदलकरlsquoजानाrsquo का काल lsquoजायगाrsquo जोडना

तीसर काल ह को भतकािलक बदलकर (मारा) उसक साथजाना का (जाता) जोडना

स बन सकता हउदा ndash मोहन उठता ( )

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मोहन स उठा जाता - ( )

वीणा चलती ( )

वीणा स चला जाता - ( )

UNIT ndash 19

याअभी तक हमन क बार पढ़ िलया ह उनक िलग वचन और कारक क अनसार

आता ह इसिलए कहत का ह अब हम क दसरया क बार

चार क होत ndash 1) 2) बोधक 3) बोधक 4)

बोधक

UNIT ndash 20

ndash Adverbउस कहत होती ह

उदा - रमश चलता हइस lsquoचलनाrsquo ह ndash ह lsquo rsquo इसिलए lsquo rsquo ह

स क तीन भद ह - 1) साधारण 2) सयोजक 3) साधारण - साधारण वह ह होता ह साधारण या

कहत जस ndash खब पढ़ो दौडो सयोजक ndash का स या स होता ह सयोजक

कहत जस ndash जहा तक हम चल सक वहा तक ह

योजना का सयोजक स होता ह- का क

भद क साथ होता ह कहत

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जस ndash गह खाओग

कह तो लो होता ह व कवल गह खात और कछ खायगा इन

ह हो जान स का बदल जाता ह जस ndash वह काम करगा इसका यह ह जो काम उस ह कवल वह करगा और कछ

क आधार पर क चार भद होत ndash 1) कालवाचक 2) 3)

4)

कालवाचक ndash स समय अविध तथा काल का बोध होता ह कालवाचककहतजस ndash काम को अभी पढ़ना

आजकल रोज़ होती ह कभी कभी भी रात क समान लगता ह मोहन पढ़ाई सदा ह

अभी आजकल कभी कभी सदा कालवाचक ह ndash स क का बोध होता ह

कहत उदा ndash जहा तक जा सक वहा तक जाओ

जाओ और वहा लटो घर क सामन एक ह बाहर रोशनी भीतर अधरा

हाथ स मारत जहा वहा सामन बाहर भीतर ndash स अिधकता- का बोध होता ह

कहत जस ndash उतना पढ़ो हो

चावल थोडा खाओ खब खाना

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अपना थोडा खब

व क होन का ढ़ग का पता िमलता ह जस ndash राहल धीर धीर चलता ह

सीता मधरतम गाती ह यथा हम तथा िमलत

धीर धीर मधरतम यथा-तथा

UNIT - 21

बोधकबोधक ह जो या क साथ आकर उनका क

क साथ बनात उदा ndash धन क कोई काम न चलता

घर क नीच एक तालाब ह क पास एक भी ह

नीच पास बोधक ह क अनसार बोधक क दो भद होत ndash 1) 2)

क ndash य या क बाद आतउदा - घर क भीतर घर क पीछ घर ऒर

कारक भी आती ह जस का क कभी कभी अपादान कारक या भी आती ह

उदा ndash इनस पहल आया राम का मकान मोहन क घर स पर

lsquoसrsquo lsquoपरrsquo अपादान कारक क ndash यह स क क साथ आत

जस ndash दो तक राम रहगा

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घड भर पानी क िलए पाच दन ग lsquoतकrsquo lsquoभरrsquo सचक

UNIT - 22

( Conjunctions)योजक या व जो या न बतला कर एक या का

दसर या स जोडत बोधक कहतजस ndash सीता और गीता अपन घर गयी

सीता और गीता को िमलानवाला योजक lsquoऔरrsquo ह क तीन भद ndash 1) सयोजक 2) 3) भदबोधक

1) सयोजक ndash कई का सयोग करनवाल को सयोजक कहत इसक दो याका मल होता ह

उदा ndash और राम कल बबई और वहा उनक साथ मोहन भी lsquoऔरrsquo lsquoभीrsquo सयोजक ह

2) ndash जो का बोध कराए कहत जस ndash चाह दश सवा करनी या अथवा मानवीय को पहचानना

lsquoयाrsquo lsquoअथवाrsquo lsquoवाrsquo lsquoचाहrsquo को करनवाल ह 3) भदबोधक ndash दो स एक स भद बतलानवाल को भदबोधक कहत य कई क होत

क ndash दो म स पहल का िनषध या सिचत करत जस ndash

पर मगर वरन उदा ndash मझ वहा जाना था क कारण जा न सका

ख - कारणवाचक और उपदशमलक ndashइसिलए सो अतः इसिलए

इस क ह जस ndash राम समय पर आ न सका इसिलए जा न सका

ग सकतबोधक ndash ndash तो जो ndash तो प सकतबोधक ह जस ndash तम कहत तो जाता

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घ ndash इन पहली बात का और होता ह यान मानो यहा तक इस क ह

जस ndash कोई भी समय पर पहचा यहा तक भी 10 बज तक न आय क और दो भद होत ndash 1) समानािधकरण 2)

समानािधकरण ndash समान पद क या को जोडत जो एक क हो वसमानािधकरण धक कहत जस ndash क मा-बाप का अजीब ह समानािधकरण क चार उपभद होत ndash

1) सयोजक ndash और तथा भी एव 2) क ndash या वा अथवा चाह 3) ndash पर मगर 4) ndash इसिलए अतः

ndash को स जोडनवाल कोकहत

जस ndash आज नौकरानी आयगी वह बीमार ह क चार उपभद होत ndash

१ ndash यान मानो २ करणवाचक ndash जो इसिलए ३ उपदशवाचक - जो ४ सकतवाचक ndash - तो जो-तो -

4) ndash ndash स क शोक घणाको करनवाल को -बोधक कहत

जस ndash हाय अब अर आप कहा जा रह

ह राम करो को सिचत करन क िलए - लात

बोधक क सात भद ndash

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1) बोधक ndash वाह ndashवाह - आहा शबाश

2) शोक बोधक ndash आह ऊह हा-हा ndash

3) बोधक ndash अहो ऒह

4) अनमोदन बोधक ndash हा-हा वाह शबाश

5) बोधक ndash िछ हट अर िधक

6) ndash बहत हा जी हा7) सबोधन बोधक ndash अर र अपी अहो

कभी कभी भी हो जातजस ndash भगवान लो चप कभी कभी या भी होत जस ndash न हो बहत हो गया

जब क समान होत तब वह होता तब वमनोभाव को करात

जस ndash हाय हाय मचा रखी ह

सब लोग - पकार उठहाय ndash हाय - क समान ह इसिलए यह बोधक ह

UNIT - 23

क भद क स बनान का िनयम

क पर जायगास बनता ह एक या अिधक स बनता ह एक स अिधक स बनता

ह कहन या िलखनवाल का परा भाव हो जाय तो उस कहतजस ndash मोहन पढ़ता ह

राम िलखता ह इन स लखक का परा भाव होता ह

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ndash कछ ऐस होत और क रहन पर भी कहन या िलखनवाल का परा आशयहोता क समह को और क रहन पर भी जो कछ सनन

बनी रह कहत दो क होत ndash 1) 2)

क अधीन होतउदा ndash राम न कहा था वह कल पाठशाला जायगा

इस राम न कहा था - ह और कल पाठशाला जायगा तह इस और भी कहत

रखनवाल को कछ थोडा सा भाव करनवाल को कहतएक भावना होती ह

जस ndash तरह पढ़ना चलना

इन होता ह क म दो भाग होत 1) और 2)

ndash ( ) कछ होता ह उस कहतndash ( ) क जो कछ होता ह उस कहत

जस ndash मरा स भरा हआ ह मरा ह और स भरा हआ ह ह मरा ndash ह और मरा

उस का ह इसिलए ( ) और मरा का कहत हआ हह शष उसका ह

इस चार भाग हए ndash 1) ( ) 2) का 3) ( ) 4)

काचार भद ndash

क ndash राम गया ख ndash वह कह चका ग ndash फल

क भदक अनसार क आठ भद होत ndash

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1 ndash इस स बात का होना सिचत होता ह जस ndash भारत राजधानी ह

2 िनषधवाचक ndash का अभाव होता ह जस ndash क कछ भी पा सकत

3 ndash इस स सचना होती हजस - तम कल कालज

4 ndash इसस और उपदश का बोध होता ह जस ndash तरह पढ़ो

का भजन करो 5 ndash इसस का भाव सिचत होता ह जस ndash हाय राम को एक

लाख िमल 6 ndash इसस या सचना होती ह

जस ndash अक पा

7 ndash या सभावना सचना होती ह जस ndash आज होगी

8 - सकत सचना होती ह जस ndash हो तो

राम काम करगा रचना क आधार पर

रचना क आधार पर क तीन भद होत - 1) सरल या साधारण 2) और3)

१ सरल ndash एक और एक होता ह उस सरल कहतजस ndash मोहन िलखता ह ( मोहन और िलखता ह धय ह)

राम मज़ पर रखी ह ( ह और रखी ह ह)

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lsquoराम rsquo और lsquoमज़ परrsquo कवल और का ह २ - उस कहत एक हो और उसक एक या

अिधक हो उस कहतजस ndash जो करगा उस सफलता िमलगी जो करगा ndash ह उस सफलता िमलगी - ह

तीन क ndash 1) 2) 3)

1) ndash का क पर होता ह उसकहतजस ndash मरा ह तमन को मारा यह सच ह इस तमन को मारा ndash ह क पर आया ह इसिलए यह

ह 2) ndash जब कोई को क का काम दता ह तब उस

कहत जस ndash य उसी छा को जायगा जो रहगा

उसी स डरत जो खब मारता ह उसी जो ह

3) ndash जो क का काम दता ह उस कहत

जस ndash करता ह उतना फल िमलता ह जब तम कहोग सब कछ

जब ह ३ ndash दो या दो स अिधक योजक जड हो न

हो उस कहतजस ndash वह तरह पढ़ता था तो पास होता

दो या दो स अिधक सरल अथवा एक दसर पर न होता ह इसिलए यह

जस - कर चका (सरल )

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हम कर चक तो व आए ( )

और मरा मन ठड हो गया ( )

चार क होत ndash सयोजक सचक 1) सयोजक - एक दसर क साथ सयोजक जडा रहता ह

जस ndash वह आया और उसक साथ गया स िमलता ह और स होता ह

2) ndash का एक दसर स भद या का रहता ह जस ndash स बढ़ता ह स भरता ह वह खब खाता पर बडा होता

3) सचक ndash दो स एक को करना जस ndash मझ या राम को

4) अथवा हतसचक ndash एक दसर का होता हजस ndash तम आग पढ़ो पसा दगा मझ पसा िमला इसिलए

कभी कभी बीच योजक आत जस ndash मझ न बलाया आप आता ह जब को का या एक होता ह तो एक बार िलखा या कहा

जाता ह ऐस को सकिचत कहत जस ndash का और मन को भी दता ह

जो आसानी स समझकर छोड दत ऐस को कहत जस ndash आजकल सना ह बरसात क मौसम बखार सब फलाता ह

कहत रोज़ बढ़त रह पहल हमन होना था पर ह दसर लोग स होना पर होता ह

एक का दसर क बदल जा सकता ह मलकर सकत

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क सरल स ndash

उदा ndash सरल - राम न मोहन का - राम न उस को जो मोहन का था

ख स सरलndash उसन कहा पापी ह

सरल ndash उसन को पापी बताया ग सरल स

सरल ndash होन पर लोग खत जान लग - हआ और खत जान लग

घ स िनषध वाचक तथाndash मोहन सोहन स बडा ह

िनषध वाचक - मोहन सोहन स बडा ndash मोहन सोहन स बडा ह

UNIT ndash 24

और महावरव जो का अपना न बता कर कछ करत महावरा

कहत बोलचाल बहत आनवाला ऐसा बधा कोई अनभव बात और अलकतभाषा गई हो या कहावत कहाता ह जस ndash मर पट चह कद रह

जब स उनका लड़का मरा ह कमर टट गई ह वह इतना चालाक ह अपन मािलक को पर नचाता ह

इन lsquoपट चह कद रह rsquo lsquoकमर टट गई हrsquo lsquo पर नचाता हrsquo इन काउनक स ह यहा lsquoपट चह कदनrsquo का ह भख लगना lsquoकमर टटनrsquo का ह या

का न रहना तथा lsquo पर नचानrsquo का ह अपन वश रखना अतः य महावरकहलात

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इसी जब कोई आदमी काम करना न जानता हो परत अपन को िछपान क िलए बहान बनावतब कहा जाता ह ndash नाच न जान आगन टढ़ा

जब कोई आदमी अनक खाकर भी अपनी आदत न छोड़ तब कहा जाता ह दम सौतक नली रखो तो भी य बध हए और अनभव तथा अलकत भाषा कह गय अतः य

और क स भाषा तथा आती ह महावरदार भाषाबहत पसद जाती ह और कथन बड़ा होता ह

महावरअग-अग - बहत होनाअगठा - चीज़ को दन स क साथ करनाअध - सहाराअधरा घर का उजाला - एकलौता बटा

क घोड़ दौड़ाना - सोचनापर पड़ना - समझ न पाना

अपना सीधा करना ndash करनाआख उठाना - नीयत स दखनाआख खलाना - होश आना

चार होना - आख स आख िमलानानीची होना - होनापीली करना - नाराज़ होना

आकाश पाताल का ndash बहत भदआग घी डालना - बढ़ानाआसमान िसर पर उठाना - बहत कोलाहल करना

स बजाना - करनाईद का चाद होना - िचरकाल पीछ दनाउगली पर नचाना - वश रखना

गगा बहाना - बात करना

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कमर टट जाना - िनराश हो जानाकान भरना - चगली करना

मौत मरना - बहत तरह स मरनाखाक उड़ाना खाक िमलाना - बरबाद होनागड़ गोबर कर दना - काम दनाघर गगा - दौड़-धप कघाट घाट का पानी पीना - जहा तहा का अनभव करनाचाद पर थकना - करना और फलतः होनाचार चादनी - थोड़ का सख

का दध याद आना - सब सख भल जाना सकट आ पड़नाजमीन पर पर न पड़ना - बहत अिभमान होनाजल भन कर कोयला होना - पागल हो जानाटस स मस न होना - भी नटाग अड़ाना - बाधा डालनाटोपी उछालना - िनरादर करनाितनका पकड़ना - मागनाितन का ताड़ करना - बात बढ़ानाथक कर चाटना - वचन दकर जाना

तल उगली दबाना - करनादम तोडना - मर जाना

दना रात चौगना होना - खब होनाधप बाल सफद करना - अनभव आय दनानमक लगाना - बात को बढ़ा कर कहनानाक कटना - बदनामी होनानाक चढ़ाना - घणा करनानीला पीला होना - आना

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नौ-दो होना - भाग जानाउछालना - करना

- बातपरदा डालना - िछपानापहाड टट पड़ना - आनापट चह कदना - खब भख लगना

तल स ज़मीन िनकल जाना - होश उड़ जानाफक-फक कर कदम रखना - सोच-समझ कर काम करनाबगला भगत -

उछलना - खब खश होनाबाज़ार पर होना - काम पर होनाबात का धनी - वायद काबाल खाल उतारना - करनाबाल पकना - बढ़ा होजाना अनभव करनाबाल बाल बचना - हािन पहचन जरा- सी कसर रह जानाबगार टालना - लगाकर काम न करनाबोली मारना - क कहनाभनक पड़ना - खबर द जानाभाड़ - समय गवाना

मारना - बकारचस - बहत कजसपर मारना - का नकल करना

मगज चाटना - तग करनामाथा ठनकना - आशका होनामारा मारा - होनामह-तोड़ जवाब दना - परा-परा जवाब दना

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मह फक हो जाना - चहर का रग उतर जानामह पानी भर आना - खान को ललचानामह लगाना - अिधक द दना

गरम करना - दनाराई का पहाड़ बनाना - बात को बढ़ाकर कहनारात- - हमशालका काड होना - खब मारपीट होनालबी-चौ हाकना - करना

होना - होनालह क घट पीना - करनालह पसीना एक करना - बहत करनालोह क चना चबाना - काम करनाशतान क कान कतरना - बहत चालाक होना

करना - करनाबाग - बहकाना

समझ पर पड़ना - होनाबठना - जमाना

िसतारा चमकना - उदय होनािसर पर खन सवार होना - जान लन पर होनािसर पर हाथ धरना - सहायता करनासौ बात एक बात - िनचोड़

करना - फक डालनाहसी उड़ाना - करनाहाथ मल -

हाथ पर हाथ धर बठना - बठनाहाथ पसारना - मागना

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हाथ-पर मारना - करनाहाथ साफ करना - बईमानी स ठगना

पानी करना - करनाहोश उड़ना - भय या आशका स दखी होना

अत गता सो मता - वहकान राजा - थोड़ा पढ़ िलख का मान होता ह

आख क गाठ क पर - पर धनवानआप मर जग परल - ह तो ससार ह

चोर कोतवाल को डाट - अपराध करक को डाटनाऊची दकान पकवान - काम करनाएक अनार सौ बीमार - जब एक चीज़ क बहत स तब कहा जाता हएक पथ दो काज - एक काम करन स दो का लाभ होनाकाला बराबर -

घर का लका ढ़ाह - फट स घर नाश होता हिचराग तल अधरा - पास घटना क होन पर भी उसका न होना या

ऐस पर बराई का होना जहा उसक रोकन का होचोर ितनका - पापी डर जाता हजाग सो पाव सोव तो खोव - सावधान रहन स लाभ होता ह

- बलवान का दबदबा रहता हजसा दश वसा भस - दश रह वसी करनीजसी करनी वसी भरनी - फल िमलता हतन को कपड़ा न पट को - बहतथोथा चना बाज घना - काम न करनवाला बकवास बहत करता हदाम बनाय काम - पस स सब काम हो जात

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धोबी का घर का न घाट का - जो एक पर जमकर काम न कर कभी एक लग और कभीदसर और सफल न हो उस कहा जाता ह

रहना मगर स बर - अधीन होकर रह और उसी स बर कर तो गज़ारा चलता हन रहगा बास न बाजगी - नकसान हो उसका नाश कर दना हनाच न जान आगन टढ़ा - काम करन न होन पर दसर को दोष दना नीम जान का खतरा - अधरा हािनकारक होता हनौ नगद न तरह उधार - उधार सौदा दनामान न मान तरा महमान - गल पड़नािमया जती िमया क िसर - स उसी हािन करनासौ सयान एक मत - सभी अथवा एक सलाह होती हहाथ कगन को आरसी - क िलए और हाथी क दात खान क और क और - कहना कछ और करना कछ औरहोनहार क होत चीकन पात - होनहार क पहल स जात

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गणनावाचक क साथ एक लगान स लगभग का होता ह जस ndash एक आदमी ndash

लगभग आदमी b ndash स क गणना का होता ह जस ndash पहला

दसरा चौथाc ndash गणनावाचक क lsquoगनाrsquo लगान स बनत जस

ndash दगना ितगना ३ - स माप- तोल या का पता होता ह उस

कहत जस ndash दो सर चावल चार गज कपडा

क दो भद होत ndash

1) और 2)

ण - स का पता लगता हजौस - दो सर चावल

- स का पता नलगता ह जौस ndash बहत दध

४ या - स ऒर या सकत जाता ह उसकहत lsquoयहrsquo lsquoवहrsquo स जाता ह इसिलए इसकहत

जस ndash यह वह जब क हो तब वह बन जाता ह

जस ndash वह घर राम का ह कई ऐस मल जसा रहता ह

जस ndash वह यह क

भी िलग वचन और कारक क अनसार होता ह क िलग और कारक ककारण कछ होता ह

जस ndash काला कपड़ा - काला कपड़काला धोती - काला धोितया

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क साथ ई हो जातजस - काली धोती

क होता ह जो क होन परहोता ह जस ndash वह घोड़ा व घोड़

पथकता अथवा अिधकता क िलए को दहराता ह ndash

जस ndash छोट छोट फल लालका भी होता ह जस ndash बडा लड़का

गणवाचक और जब करत तब वह बन जात

जस ndash थोड़ा खा गया चावल बहत ह क साथ जब आता और व बन जात तब उनक साथ

भी लगती जस ndash को दान दो

UNIT - 16

(Verb)

काम क करन या होन का बोध हो उस कहतजस पढ़ना खाना दौडना पहनना

धात ndash क मल को धात कहत उदा- पढ़ना खलना खानाय सब मल धात lsquoपढ़rsquo lsquoखलrsquo lsquoखाrsquo ह मल धात lsquoनाrsquo जोडकर का िमलताह

i क आधार पर क दो भद होत - 1) 2)

1) (Transitive Verb) ndash क का फल को छोड पर पडता हउस कहत

उदा ndash राम पढ़ता ह

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राम ह ह और का पर पडता ह2) (Intransitive Verb) - क का फल पर पडता ह उस

कहत का अभाव हउदा ndash मोहन सोता ह

कभी कभी एक होता ह और कभी कभी दो भी होत एक होन वालको एक lsquo rsquo कहत

उदा ndash राम न खाना खायाखाना ह कवल एक होता ह दो होन वाली को

कहतउदा ndash मा न को दध

दो होत ndash lsquo rsquo और lsquoदधrsquo दो होत एक lsquo rsquo और दसराlsquoगौणrsquo

उदा ndash मा न को दधइस lsquoगौणrsquo ह दध lsquo rsquo ह lsquoगौणrsquo कभी कभी होता हउदा ndash न कथा सनाई

ii क भद1 - व होती ह आशय अथवा स परा होताको परा करन क िलए दसर होती ह ऐसी को कहतयह दो क होती ह१ ndash का अभाव हउदा ndash वह ह यहा क को परा करन क िलए जोडा गया ह२ ndash होन पर भी का भाव परा न हो उस को

कहतउदा ndash सीता न पढ़ाया

यहा परा सीता न lsquo rsquo पढ़ाया lsquo rsquo पढ़ाया यह परा इसिलए यहह यहा होन पर भी का भाव परा होता

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३ परक - को परा करन क िलए या पडती ह

परक कहत क परक lsquo परकrsquo तथा क परक lsquo परकrsquo

होतउदा ndash उस होिशयार समझता ह ( परक)

राम बलवान ह ( परक)

iii यौिगक धात ndashक स धातओ क दो भद होत 1) मल धात 2) यौिगक धात

मल धात - मल धात व जो दसर स न बन जस ndash कर बठ पढ़ यौिगक धात ndash यौिगक धात व जो दसर स बनाय जात उदा ndash खाना स नाम धात ndash जो या क आधार पर बनती ह उस नाम धात कहत

उदा ndash हाथ स हिथयानास

अपना स अपनानाiv - स यह जान पडता ह को न करक दसर को

करन दता ह उस (casual verbs) कहतउदा ndash राम न मोहन स िलखवाया यहा राम न िलखकर मोहन स िलखवाता ह इसिलए यह ह

करनवाल को और जाती ह उस कहतराम न मोहन स िलखवाया राम ह और मोहन हमल जो होती ह उनस और बन सकती हस और बन सकती उदा ndash दध पीता ह

पीना ह इसस बनती ह ndash मा को दध हस बना सकती ह उदा - मा नौकर स को दध ह

बनान का िनयममल धात क आ जोडन स और वा जोडन स या

बनती ह

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उदा ndash उठना ndash उठाना - उठवानाचलना ndash चलाना - चलवानापढ़ना ndash पढाना - पढ़वाना

दो क धातओ ए और औ को छोडकर पहला हो जाता हउदा ndash जागना ndash जगाना ndash जगवाना

भलना ndash भलाना - भलवानाछोडना ndash छडाना ndash छडवाना

धातओ क ला और लवा लगात तब हो जाता हउदा ndash पीना ndash ndash

सोना ndash सलाना ndash सलवानाखाना ndash -

v नाम धात - को छोडकर जोडन स जो धात बनती ह अथवा जो नाम (

या ) धात क समान होत नामधात कहत जो नामधात लगान सबनत आ ओऔर ला लगात पहला हो जाता ह

उदा ndash लाज ndash ndash लजानाहाथ ndash हिथया ndash हिथयानाझठ ndash झठला ndash झठलाना

UNIT - 17

काल (Tense)क स क होन का समय और अथवा का बोध हो उस काल

कहत काल क तीन भद होत1) भतकाल2) काल3) काल

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भतकालस का बोध हो उस भतकाल कहत

उदा ndash राम न िलखी भतकाल क छः भद - भत भत भत भत भत हत-हतमत भत

भत ndash क स भतकाल क समय का बोध न हो उस भत कहतउदा ndash मोहन न खत िलखायहा का बोध होता जो भतकाल हई ह भतकाल ndash क स का का समय अभी अभी हआ ह इसका बोध

होता ह उस भतकाल कहत उदा ndash राम न ह

इसस पहल अभी अभी हई हभत ndash क स यह होता ह क को हए बहत समय हो चका ह उसभत कहत

उदा ndash न दध थास हो क साथ lsquoथाrsquo lsquoथrsquo lsquoथीrsquo लगान स भतकािलक

िमलता हभत - क उस को भत कहत यह हो भतकाल हो थी पर

का पता न लग उस भतकाल कहतउदा - वह पढ़ रहा था वह सोता था

कब समा हआ इसका पता क साथ lsquoता थाrsquo lsquoत थrsquo lsquoरहा थाrsquo lsquoरह थrsquo लगानाभत काल ndash क स भतकाल सचना िमलती ह उसक होन कछ हो उसभत कहतउदा ndash वह आया होगा

उसन खाया होगा भतकाल हो थी ह क साथ lsquoहगाrsquo lsquoहगीrsquo lsquoहोगाrsquo lsquoहोगीrsquo

lsquo rsquo जोडन स भतकाल िमलता हहत-हतमत भतकाल ndash क स यह पाया जाय भतकाल होना सभव थाकारण स न हो सका उस हत-हतमत भतकाल कहत

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(Present Tense)

क को काल कहत रहती ह

होती उस काल कहतउदा ndash राम पढ़ता ह

सीता गीत गा हकाल तीन क होत ndash 1) काल 2) काल 3)

काल - वह ह स का काल होना पाया जाय

उस कहतउदा ndash मोहन पढ़ता ह

रमा गाती ह क साथ lsquoताrsquo lsquoतrsquo lsquoतीrsquo जोडन स बनत

- वह ह काल क होन पायाजायउदा ndash वह खाता होगा

सीता जाती होगी क साथ lsquoता होगाrsquo lsquoती होगीrsquo lsquoत rsquo lsquoती rsquo लगान स िमलत

ndash का वह ह यह होता ह का अभी ह

होता उस कहत उदा ndash वह खा रहा ह

चल हक साथ lsquoरहाrsquo lsquo rsquo lsquoरहrsquo जोडन स िमलती ह

काल ( Future Tense)

होनवाली को काल कहत काल क दो भद ndash 1)

काल 2) कालकाल ndash का वह ह स क आग होन सचना िमल उसकाल कहत

उदा ndash वह आयगा

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राम आज बबई जायगासीता कल घर आयगी

क साथ lsquoयगाrsquo lsquoयगीrsquo lsquoयगrsquo जोडन स िमलतकाल ndash क होन सभावना हो उस काल कहत

उदा ndash सभव ह आज हो स lsquoगाrsquo lsquoगrsquo lsquoगीrsquo पथक कर दन स काल िमलगा

UNIT ndash 18

(Voice)उस कहत यह जाना जाय का ह

ह या कवल भाव ह उस कहतउदा ndash राम न रावण को मारा

तीन क ndash 1) 2) 3) भाव- ह हमशा क िलग वचन और क अनसार होता ह

उस कहतउदा ndash लडका पढ़ता ह

लड़का ह और ग ह इसिलए भी होना हसीता िलखती ह इसम सीता ह इसिलए ह का सीधा स होताह

ndash क िलग वचन क अनसार हो उस कहतह का होता ह

उदा ndash राम िलखता हह इसिलए यह ह धानता होती ह और का

स होता ह क िलग वचन क अनसार बदलती ह हमशाहोता ह का होना ह

उदा ndash राम न रावण को मारा -

राम स रावण मारा गया -

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रावण ह ह क का ह गौण का रहता ह

उदा ndash मा न को दध मा स को दध गया

दो होत ndash और दध ndash भाव होती ह यह हमशा स बनता ह हमशा

एकवचन और होती ह इसका होता ह उदा ndash यहा बठा जाता

मझस पढ़ा जाता स या बनान

को भत क करना उसक साथ काल वचन और िलग कअनसार जाना क जोडन ऐसा करन स स औरक स भा बनती ह

उदा ndash 1) राम न रावण को मारा -

राम स रावण मारा गया -

2) राम रावण को मारगा -

राम स रावण मारा जायगा -

3) राम रावण को मारता ह -

राम स रावण मारा जाता -

पहल lsquoमाराrsquo भतकािलक ह इसिलए lsquoमाराrsquo क साथ lsquoजानाrsquo का भतकािलकजोडना

दसर lsquoमारगाrsquo काल ह इसिलए lsquoमाराrsquo भतकािलक बदलकरlsquoजानाrsquo का काल lsquoजायगाrsquo जोडना

तीसर काल ह को भतकािलक बदलकर (मारा) उसक साथजाना का (जाता) जोडना

स बन सकता हउदा ndash मोहन उठता ( )

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मोहन स उठा जाता - ( )

वीणा चलती ( )

वीणा स चला जाता - ( )

UNIT ndash 19

याअभी तक हमन क बार पढ़ िलया ह उनक िलग वचन और कारक क अनसार

आता ह इसिलए कहत का ह अब हम क दसरया क बार

चार क होत ndash 1) 2) बोधक 3) बोधक 4)

बोधक

UNIT ndash 20

ndash Adverbउस कहत होती ह

उदा - रमश चलता हइस lsquoचलनाrsquo ह ndash ह lsquo rsquo इसिलए lsquo rsquo ह

स क तीन भद ह - 1) साधारण 2) सयोजक 3) साधारण - साधारण वह ह होता ह साधारण या

कहत जस ndash खब पढ़ो दौडो सयोजक ndash का स या स होता ह सयोजक

कहत जस ndash जहा तक हम चल सक वहा तक ह

योजना का सयोजक स होता ह- का क

भद क साथ होता ह कहत

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जस ndash गह खाओग

कह तो लो होता ह व कवल गह खात और कछ खायगा इन

ह हो जान स का बदल जाता ह जस ndash वह काम करगा इसका यह ह जो काम उस ह कवल वह करगा और कछ

क आधार पर क चार भद होत ndash 1) कालवाचक 2) 3)

4)

कालवाचक ndash स समय अविध तथा काल का बोध होता ह कालवाचककहतजस ndash काम को अभी पढ़ना

आजकल रोज़ होती ह कभी कभी भी रात क समान लगता ह मोहन पढ़ाई सदा ह

अभी आजकल कभी कभी सदा कालवाचक ह ndash स क का बोध होता ह

कहत उदा ndash जहा तक जा सक वहा तक जाओ

जाओ और वहा लटो घर क सामन एक ह बाहर रोशनी भीतर अधरा

हाथ स मारत जहा वहा सामन बाहर भीतर ndash स अिधकता- का बोध होता ह

कहत जस ndash उतना पढ़ो हो

चावल थोडा खाओ खब खाना

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अपना थोडा खब

व क होन का ढ़ग का पता िमलता ह जस ndash राहल धीर धीर चलता ह

सीता मधरतम गाती ह यथा हम तथा िमलत

धीर धीर मधरतम यथा-तथा

UNIT - 21

बोधकबोधक ह जो या क साथ आकर उनका क

क साथ बनात उदा ndash धन क कोई काम न चलता

घर क नीच एक तालाब ह क पास एक भी ह

नीच पास बोधक ह क अनसार बोधक क दो भद होत ndash 1) 2)

क ndash य या क बाद आतउदा - घर क भीतर घर क पीछ घर ऒर

कारक भी आती ह जस का क कभी कभी अपादान कारक या भी आती ह

उदा ndash इनस पहल आया राम का मकान मोहन क घर स पर

lsquoसrsquo lsquoपरrsquo अपादान कारक क ndash यह स क क साथ आत

जस ndash दो तक राम रहगा

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घड भर पानी क िलए पाच दन ग lsquoतकrsquo lsquoभरrsquo सचक

UNIT - 22

( Conjunctions)योजक या व जो या न बतला कर एक या का

दसर या स जोडत बोधक कहतजस ndash सीता और गीता अपन घर गयी

सीता और गीता को िमलानवाला योजक lsquoऔरrsquo ह क तीन भद ndash 1) सयोजक 2) 3) भदबोधक

1) सयोजक ndash कई का सयोग करनवाल को सयोजक कहत इसक दो याका मल होता ह

उदा ndash और राम कल बबई और वहा उनक साथ मोहन भी lsquoऔरrsquo lsquoभीrsquo सयोजक ह

2) ndash जो का बोध कराए कहत जस ndash चाह दश सवा करनी या अथवा मानवीय को पहचानना

lsquoयाrsquo lsquoअथवाrsquo lsquoवाrsquo lsquoचाहrsquo को करनवाल ह 3) भदबोधक ndash दो स एक स भद बतलानवाल को भदबोधक कहत य कई क होत

क ndash दो म स पहल का िनषध या सिचत करत जस ndash

पर मगर वरन उदा ndash मझ वहा जाना था क कारण जा न सका

ख - कारणवाचक और उपदशमलक ndashइसिलए सो अतः इसिलए

इस क ह जस ndash राम समय पर आ न सका इसिलए जा न सका

ग सकतबोधक ndash ndash तो जो ndash तो प सकतबोधक ह जस ndash तम कहत तो जाता

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घ ndash इन पहली बात का और होता ह यान मानो यहा तक इस क ह

जस ndash कोई भी समय पर पहचा यहा तक भी 10 बज तक न आय क और दो भद होत ndash 1) समानािधकरण 2)

समानािधकरण ndash समान पद क या को जोडत जो एक क हो वसमानािधकरण धक कहत जस ndash क मा-बाप का अजीब ह समानािधकरण क चार उपभद होत ndash

1) सयोजक ndash और तथा भी एव 2) क ndash या वा अथवा चाह 3) ndash पर मगर 4) ndash इसिलए अतः

ndash को स जोडनवाल कोकहत

जस ndash आज नौकरानी आयगी वह बीमार ह क चार उपभद होत ndash

१ ndash यान मानो २ करणवाचक ndash जो इसिलए ३ उपदशवाचक - जो ४ सकतवाचक ndash - तो जो-तो -

4) ndash ndash स क शोक घणाको करनवाल को -बोधक कहत

जस ndash हाय अब अर आप कहा जा रह

ह राम करो को सिचत करन क िलए - लात

बोधक क सात भद ndash

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1) बोधक ndash वाह ndashवाह - आहा शबाश

2) शोक बोधक ndash आह ऊह हा-हा ndash

3) बोधक ndash अहो ऒह

4) अनमोदन बोधक ndash हा-हा वाह शबाश

5) बोधक ndash िछ हट अर िधक

6) ndash बहत हा जी हा7) सबोधन बोधक ndash अर र अपी अहो

कभी कभी भी हो जातजस ndash भगवान लो चप कभी कभी या भी होत जस ndash न हो बहत हो गया

जब क समान होत तब वह होता तब वमनोभाव को करात

जस ndash हाय हाय मचा रखी ह

सब लोग - पकार उठहाय ndash हाय - क समान ह इसिलए यह बोधक ह

UNIT - 23

क भद क स बनान का िनयम

क पर जायगास बनता ह एक या अिधक स बनता ह एक स अिधक स बनता

ह कहन या िलखनवाल का परा भाव हो जाय तो उस कहतजस ndash मोहन पढ़ता ह

राम िलखता ह इन स लखक का परा भाव होता ह

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ndash कछ ऐस होत और क रहन पर भी कहन या िलखनवाल का परा आशयहोता क समह को और क रहन पर भी जो कछ सनन

बनी रह कहत दो क होत ndash 1) 2)

क अधीन होतउदा ndash राम न कहा था वह कल पाठशाला जायगा

इस राम न कहा था - ह और कल पाठशाला जायगा तह इस और भी कहत

रखनवाल को कछ थोडा सा भाव करनवाल को कहतएक भावना होती ह

जस ndash तरह पढ़ना चलना

इन होता ह क म दो भाग होत 1) और 2)

ndash ( ) कछ होता ह उस कहतndash ( ) क जो कछ होता ह उस कहत

जस ndash मरा स भरा हआ ह मरा ह और स भरा हआ ह ह मरा ndash ह और मरा

उस का ह इसिलए ( ) और मरा का कहत हआ हह शष उसका ह

इस चार भाग हए ndash 1) ( ) 2) का 3) ( ) 4)

काचार भद ndash

क ndash राम गया ख ndash वह कह चका ग ndash फल

क भदक अनसार क आठ भद होत ndash

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1 ndash इस स बात का होना सिचत होता ह जस ndash भारत राजधानी ह

2 िनषधवाचक ndash का अभाव होता ह जस ndash क कछ भी पा सकत

3 ndash इस स सचना होती हजस - तम कल कालज

4 ndash इसस और उपदश का बोध होता ह जस ndash तरह पढ़ो

का भजन करो 5 ndash इसस का भाव सिचत होता ह जस ndash हाय राम को एक

लाख िमल 6 ndash इसस या सचना होती ह

जस ndash अक पा

7 ndash या सभावना सचना होती ह जस ndash आज होगी

8 - सकत सचना होती ह जस ndash हो तो

राम काम करगा रचना क आधार पर

रचना क आधार पर क तीन भद होत - 1) सरल या साधारण 2) और3)

१ सरल ndash एक और एक होता ह उस सरल कहतजस ndash मोहन िलखता ह ( मोहन और िलखता ह धय ह)

राम मज़ पर रखी ह ( ह और रखी ह ह)

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lsquoराम rsquo और lsquoमज़ परrsquo कवल और का ह २ - उस कहत एक हो और उसक एक या

अिधक हो उस कहतजस ndash जो करगा उस सफलता िमलगी जो करगा ndash ह उस सफलता िमलगी - ह

तीन क ndash 1) 2) 3)

1) ndash का क पर होता ह उसकहतजस ndash मरा ह तमन को मारा यह सच ह इस तमन को मारा ndash ह क पर आया ह इसिलए यह

ह 2) ndash जब कोई को क का काम दता ह तब उस

कहत जस ndash य उसी छा को जायगा जो रहगा

उसी स डरत जो खब मारता ह उसी जो ह

3) ndash जो क का काम दता ह उस कहत

जस ndash करता ह उतना फल िमलता ह जब तम कहोग सब कछ

जब ह ३ ndash दो या दो स अिधक योजक जड हो न

हो उस कहतजस ndash वह तरह पढ़ता था तो पास होता

दो या दो स अिधक सरल अथवा एक दसर पर न होता ह इसिलए यह

जस - कर चका (सरल )

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हम कर चक तो व आए ( )

और मरा मन ठड हो गया ( )

चार क होत ndash सयोजक सचक 1) सयोजक - एक दसर क साथ सयोजक जडा रहता ह

जस ndash वह आया और उसक साथ गया स िमलता ह और स होता ह

2) ndash का एक दसर स भद या का रहता ह जस ndash स बढ़ता ह स भरता ह वह खब खाता पर बडा होता

3) सचक ndash दो स एक को करना जस ndash मझ या राम को

4) अथवा हतसचक ndash एक दसर का होता हजस ndash तम आग पढ़ो पसा दगा मझ पसा िमला इसिलए

कभी कभी बीच योजक आत जस ndash मझ न बलाया आप आता ह जब को का या एक होता ह तो एक बार िलखा या कहा

जाता ह ऐस को सकिचत कहत जस ndash का और मन को भी दता ह

जो आसानी स समझकर छोड दत ऐस को कहत जस ndash आजकल सना ह बरसात क मौसम बखार सब फलाता ह

कहत रोज़ बढ़त रह पहल हमन होना था पर ह दसर लोग स होना पर होता ह

एक का दसर क बदल जा सकता ह मलकर सकत

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क सरल स ndash

उदा ndash सरल - राम न मोहन का - राम न उस को जो मोहन का था

ख स सरलndash उसन कहा पापी ह

सरल ndash उसन को पापी बताया ग सरल स

सरल ndash होन पर लोग खत जान लग - हआ और खत जान लग

घ स िनषध वाचक तथाndash मोहन सोहन स बडा ह

िनषध वाचक - मोहन सोहन स बडा ndash मोहन सोहन स बडा ह

UNIT ndash 24

और महावरव जो का अपना न बता कर कछ करत महावरा

कहत बोलचाल बहत आनवाला ऐसा बधा कोई अनभव बात और अलकतभाषा गई हो या कहावत कहाता ह जस ndash मर पट चह कद रह

जब स उनका लड़का मरा ह कमर टट गई ह वह इतना चालाक ह अपन मािलक को पर नचाता ह

इन lsquoपट चह कद रह rsquo lsquoकमर टट गई हrsquo lsquo पर नचाता हrsquo इन काउनक स ह यहा lsquoपट चह कदनrsquo का ह भख लगना lsquoकमर टटनrsquo का ह या

का न रहना तथा lsquo पर नचानrsquo का ह अपन वश रखना अतः य महावरकहलात

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इसी जब कोई आदमी काम करना न जानता हो परत अपन को िछपान क िलए बहान बनावतब कहा जाता ह ndash नाच न जान आगन टढ़ा

जब कोई आदमी अनक खाकर भी अपनी आदत न छोड़ तब कहा जाता ह दम सौतक नली रखो तो भी य बध हए और अनभव तथा अलकत भाषा कह गय अतः य

और क स भाषा तथा आती ह महावरदार भाषाबहत पसद जाती ह और कथन बड़ा होता ह

महावरअग-अग - बहत होनाअगठा - चीज़ को दन स क साथ करनाअध - सहाराअधरा घर का उजाला - एकलौता बटा

क घोड़ दौड़ाना - सोचनापर पड़ना - समझ न पाना

अपना सीधा करना ndash करनाआख उठाना - नीयत स दखनाआख खलाना - होश आना

चार होना - आख स आख िमलानानीची होना - होनापीली करना - नाराज़ होना

आकाश पाताल का ndash बहत भदआग घी डालना - बढ़ानाआसमान िसर पर उठाना - बहत कोलाहल करना

स बजाना - करनाईद का चाद होना - िचरकाल पीछ दनाउगली पर नचाना - वश रखना

गगा बहाना - बात करना

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कमर टट जाना - िनराश हो जानाकान भरना - चगली करना

मौत मरना - बहत तरह स मरनाखाक उड़ाना खाक िमलाना - बरबाद होनागड़ गोबर कर दना - काम दनाघर गगा - दौड़-धप कघाट घाट का पानी पीना - जहा तहा का अनभव करनाचाद पर थकना - करना और फलतः होनाचार चादनी - थोड़ का सख

का दध याद आना - सब सख भल जाना सकट आ पड़नाजमीन पर पर न पड़ना - बहत अिभमान होनाजल भन कर कोयला होना - पागल हो जानाटस स मस न होना - भी नटाग अड़ाना - बाधा डालनाटोपी उछालना - िनरादर करनाितनका पकड़ना - मागनाितन का ताड़ करना - बात बढ़ानाथक कर चाटना - वचन दकर जाना

तल उगली दबाना - करनादम तोडना - मर जाना

दना रात चौगना होना - खब होनाधप बाल सफद करना - अनभव आय दनानमक लगाना - बात को बढ़ा कर कहनानाक कटना - बदनामी होनानाक चढ़ाना - घणा करनानीला पीला होना - आना

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नौ-दो होना - भाग जानाउछालना - करना

- बातपरदा डालना - िछपानापहाड टट पड़ना - आनापट चह कदना - खब भख लगना

तल स ज़मीन िनकल जाना - होश उड़ जानाफक-फक कर कदम रखना - सोच-समझ कर काम करनाबगला भगत -

उछलना - खब खश होनाबाज़ार पर होना - काम पर होनाबात का धनी - वायद काबाल खाल उतारना - करनाबाल पकना - बढ़ा होजाना अनभव करनाबाल बाल बचना - हािन पहचन जरा- सी कसर रह जानाबगार टालना - लगाकर काम न करनाबोली मारना - क कहनाभनक पड़ना - खबर द जानाभाड़ - समय गवाना

मारना - बकारचस - बहत कजसपर मारना - का नकल करना

मगज चाटना - तग करनामाथा ठनकना - आशका होनामारा मारा - होनामह-तोड़ जवाब दना - परा-परा जवाब दना

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मह फक हो जाना - चहर का रग उतर जानामह पानी भर आना - खान को ललचानामह लगाना - अिधक द दना

गरम करना - दनाराई का पहाड़ बनाना - बात को बढ़ाकर कहनारात- - हमशालका काड होना - खब मारपीट होनालबी-चौ हाकना - करना

होना - होनालह क घट पीना - करनालह पसीना एक करना - बहत करनालोह क चना चबाना - काम करनाशतान क कान कतरना - बहत चालाक होना

करना - करनाबाग - बहकाना

समझ पर पड़ना - होनाबठना - जमाना

िसतारा चमकना - उदय होनािसर पर खन सवार होना - जान लन पर होनािसर पर हाथ धरना - सहायता करनासौ बात एक बात - िनचोड़

करना - फक डालनाहसी उड़ाना - करनाहाथ मल -

हाथ पर हाथ धर बठना - बठनाहाथ पसारना - मागना

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हाथ-पर मारना - करनाहाथ साफ करना - बईमानी स ठगना

पानी करना - करनाहोश उड़ना - भय या आशका स दखी होना

अत गता सो मता - वहकान राजा - थोड़ा पढ़ िलख का मान होता ह

आख क गाठ क पर - पर धनवानआप मर जग परल - ह तो ससार ह

चोर कोतवाल को डाट - अपराध करक को डाटनाऊची दकान पकवान - काम करनाएक अनार सौ बीमार - जब एक चीज़ क बहत स तब कहा जाता हएक पथ दो काज - एक काम करन स दो का लाभ होनाकाला बराबर -

घर का लका ढ़ाह - फट स घर नाश होता हिचराग तल अधरा - पास घटना क होन पर भी उसका न होना या

ऐस पर बराई का होना जहा उसक रोकन का होचोर ितनका - पापी डर जाता हजाग सो पाव सोव तो खोव - सावधान रहन स लाभ होता ह

- बलवान का दबदबा रहता हजसा दश वसा भस - दश रह वसी करनीजसी करनी वसी भरनी - फल िमलता हतन को कपड़ा न पट को - बहतथोथा चना बाज घना - काम न करनवाला बकवास बहत करता हदाम बनाय काम - पस स सब काम हो जात

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धोबी का घर का न घाट का - जो एक पर जमकर काम न कर कभी एक लग और कभीदसर और सफल न हो उस कहा जाता ह

रहना मगर स बर - अधीन होकर रह और उसी स बर कर तो गज़ारा चलता हन रहगा बास न बाजगी - नकसान हो उसका नाश कर दना हनाच न जान आगन टढ़ा - काम करन न होन पर दसर को दोष दना नीम जान का खतरा - अधरा हािनकारक होता हनौ नगद न तरह उधार - उधार सौदा दनामान न मान तरा महमान - गल पड़नािमया जती िमया क िसर - स उसी हािन करनासौ सयान एक मत - सभी अथवा एक सलाह होती हहाथ कगन को आरसी - क िलए और हाथी क दात खान क और क और - कहना कछ और करना कछ औरहोनहार क होत चीकन पात - होनहार क पहल स जात

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क साथ ई हो जातजस - काली धोती

क होता ह जो क होन परहोता ह जस ndash वह घोड़ा व घोड़

पथकता अथवा अिधकता क िलए को दहराता ह ndash

जस ndash छोट छोट फल लालका भी होता ह जस ndash बडा लड़का

गणवाचक और जब करत तब वह बन जात

जस ndash थोड़ा खा गया चावल बहत ह क साथ जब आता और व बन जात तब उनक साथ

भी लगती जस ndash को दान दो

UNIT - 16

(Verb)

काम क करन या होन का बोध हो उस कहतजस पढ़ना खाना दौडना पहनना

धात ndash क मल को धात कहत उदा- पढ़ना खलना खानाय सब मल धात lsquoपढ़rsquo lsquoखलrsquo lsquoखाrsquo ह मल धात lsquoनाrsquo जोडकर का िमलताह

i क आधार पर क दो भद होत - 1) 2)

1) (Transitive Verb) ndash क का फल को छोड पर पडता हउस कहत

उदा ndash राम पढ़ता ह

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राम ह ह और का पर पडता ह2) (Intransitive Verb) - क का फल पर पडता ह उस

कहत का अभाव हउदा ndash मोहन सोता ह

कभी कभी एक होता ह और कभी कभी दो भी होत एक होन वालको एक lsquo rsquo कहत

उदा ndash राम न खाना खायाखाना ह कवल एक होता ह दो होन वाली को

कहतउदा ndash मा न को दध

दो होत ndash lsquo rsquo और lsquoदधrsquo दो होत एक lsquo rsquo और दसराlsquoगौणrsquo

उदा ndash मा न को दधइस lsquoगौणrsquo ह दध lsquo rsquo ह lsquoगौणrsquo कभी कभी होता हउदा ndash न कथा सनाई

ii क भद1 - व होती ह आशय अथवा स परा होताको परा करन क िलए दसर होती ह ऐसी को कहतयह दो क होती ह१ ndash का अभाव हउदा ndash वह ह यहा क को परा करन क िलए जोडा गया ह२ ndash होन पर भी का भाव परा न हो उस को

कहतउदा ndash सीता न पढ़ाया

यहा परा सीता न lsquo rsquo पढ़ाया lsquo rsquo पढ़ाया यह परा इसिलए यहह यहा होन पर भी का भाव परा होता

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३ परक - को परा करन क िलए या पडती ह

परक कहत क परक lsquo परकrsquo तथा क परक lsquo परकrsquo

होतउदा ndash उस होिशयार समझता ह ( परक)

राम बलवान ह ( परक)

iii यौिगक धात ndashक स धातओ क दो भद होत 1) मल धात 2) यौिगक धात

मल धात - मल धात व जो दसर स न बन जस ndash कर बठ पढ़ यौिगक धात ndash यौिगक धात व जो दसर स बनाय जात उदा ndash खाना स नाम धात ndash जो या क आधार पर बनती ह उस नाम धात कहत

उदा ndash हाथ स हिथयानास

अपना स अपनानाiv - स यह जान पडता ह को न करक दसर को

करन दता ह उस (casual verbs) कहतउदा ndash राम न मोहन स िलखवाया यहा राम न िलखकर मोहन स िलखवाता ह इसिलए यह ह

करनवाल को और जाती ह उस कहतराम न मोहन स िलखवाया राम ह और मोहन हमल जो होती ह उनस और बन सकती हस और बन सकती उदा ndash दध पीता ह

पीना ह इसस बनती ह ndash मा को दध हस बना सकती ह उदा - मा नौकर स को दध ह

बनान का िनयममल धात क आ जोडन स और वा जोडन स या

बनती ह

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उदा ndash उठना ndash उठाना - उठवानाचलना ndash चलाना - चलवानापढ़ना ndash पढाना - पढ़वाना

दो क धातओ ए और औ को छोडकर पहला हो जाता हउदा ndash जागना ndash जगाना ndash जगवाना

भलना ndash भलाना - भलवानाछोडना ndash छडाना ndash छडवाना

धातओ क ला और लवा लगात तब हो जाता हउदा ndash पीना ndash ndash

सोना ndash सलाना ndash सलवानाखाना ndash -

v नाम धात - को छोडकर जोडन स जो धात बनती ह अथवा जो नाम (

या ) धात क समान होत नामधात कहत जो नामधात लगान सबनत आ ओऔर ला लगात पहला हो जाता ह

उदा ndash लाज ndash ndash लजानाहाथ ndash हिथया ndash हिथयानाझठ ndash झठला ndash झठलाना

UNIT - 17

काल (Tense)क स क होन का समय और अथवा का बोध हो उस काल

कहत काल क तीन भद होत1) भतकाल2) काल3) काल

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भतकालस का बोध हो उस भतकाल कहत

उदा ndash राम न िलखी भतकाल क छः भद - भत भत भत भत भत हत-हतमत भत

भत ndash क स भतकाल क समय का बोध न हो उस भत कहतउदा ndash मोहन न खत िलखायहा का बोध होता जो भतकाल हई ह भतकाल ndash क स का का समय अभी अभी हआ ह इसका बोध

होता ह उस भतकाल कहत उदा ndash राम न ह

इसस पहल अभी अभी हई हभत ndash क स यह होता ह क को हए बहत समय हो चका ह उसभत कहत

उदा ndash न दध थास हो क साथ lsquoथाrsquo lsquoथrsquo lsquoथीrsquo लगान स भतकािलक

िमलता हभत - क उस को भत कहत यह हो भतकाल हो थी पर

का पता न लग उस भतकाल कहतउदा - वह पढ़ रहा था वह सोता था

कब समा हआ इसका पता क साथ lsquoता थाrsquo lsquoत थrsquo lsquoरहा थाrsquo lsquoरह थrsquo लगानाभत काल ndash क स भतकाल सचना िमलती ह उसक होन कछ हो उसभत कहतउदा ndash वह आया होगा

उसन खाया होगा भतकाल हो थी ह क साथ lsquoहगाrsquo lsquoहगीrsquo lsquoहोगाrsquo lsquoहोगीrsquo

lsquo rsquo जोडन स भतकाल िमलता हहत-हतमत भतकाल ndash क स यह पाया जाय भतकाल होना सभव थाकारण स न हो सका उस हत-हतमत भतकाल कहत

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(Present Tense)

क को काल कहत रहती ह

होती उस काल कहतउदा ndash राम पढ़ता ह

सीता गीत गा हकाल तीन क होत ndash 1) काल 2) काल 3)

काल - वह ह स का काल होना पाया जाय

उस कहतउदा ndash मोहन पढ़ता ह

रमा गाती ह क साथ lsquoताrsquo lsquoतrsquo lsquoतीrsquo जोडन स बनत

- वह ह काल क होन पायाजायउदा ndash वह खाता होगा

सीता जाती होगी क साथ lsquoता होगाrsquo lsquoती होगीrsquo lsquoत rsquo lsquoती rsquo लगान स िमलत

ndash का वह ह यह होता ह का अभी ह

होता उस कहत उदा ndash वह खा रहा ह

चल हक साथ lsquoरहाrsquo lsquo rsquo lsquoरहrsquo जोडन स िमलती ह

काल ( Future Tense)

होनवाली को काल कहत काल क दो भद ndash 1)

काल 2) कालकाल ndash का वह ह स क आग होन सचना िमल उसकाल कहत

उदा ndash वह आयगा

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राम आज बबई जायगासीता कल घर आयगी

क साथ lsquoयगाrsquo lsquoयगीrsquo lsquoयगrsquo जोडन स िमलतकाल ndash क होन सभावना हो उस काल कहत

उदा ndash सभव ह आज हो स lsquoगाrsquo lsquoगrsquo lsquoगीrsquo पथक कर दन स काल िमलगा

UNIT ndash 18

(Voice)उस कहत यह जाना जाय का ह

ह या कवल भाव ह उस कहतउदा ndash राम न रावण को मारा

तीन क ndash 1) 2) 3) भाव- ह हमशा क िलग वचन और क अनसार होता ह

उस कहतउदा ndash लडका पढ़ता ह

लड़का ह और ग ह इसिलए भी होना हसीता िलखती ह इसम सीता ह इसिलए ह का सीधा स होताह

ndash क िलग वचन क अनसार हो उस कहतह का होता ह

उदा ndash राम िलखता हह इसिलए यह ह धानता होती ह और का

स होता ह क िलग वचन क अनसार बदलती ह हमशाहोता ह का होना ह

उदा ndash राम न रावण को मारा -

राम स रावण मारा गया -

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रावण ह ह क का ह गौण का रहता ह

उदा ndash मा न को दध मा स को दध गया

दो होत ndash और दध ndash भाव होती ह यह हमशा स बनता ह हमशा

एकवचन और होती ह इसका होता ह उदा ndash यहा बठा जाता

मझस पढ़ा जाता स या बनान

को भत क करना उसक साथ काल वचन और िलग कअनसार जाना क जोडन ऐसा करन स स औरक स भा बनती ह

उदा ndash 1) राम न रावण को मारा -

राम स रावण मारा गया -

2) राम रावण को मारगा -

राम स रावण मारा जायगा -

3) राम रावण को मारता ह -

राम स रावण मारा जाता -

पहल lsquoमाराrsquo भतकािलक ह इसिलए lsquoमाराrsquo क साथ lsquoजानाrsquo का भतकािलकजोडना

दसर lsquoमारगाrsquo काल ह इसिलए lsquoमाराrsquo भतकािलक बदलकरlsquoजानाrsquo का काल lsquoजायगाrsquo जोडना

तीसर काल ह को भतकािलक बदलकर (मारा) उसक साथजाना का (जाता) जोडना

स बन सकता हउदा ndash मोहन उठता ( )

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मोहन स उठा जाता - ( )

वीणा चलती ( )

वीणा स चला जाता - ( )

UNIT ndash 19

याअभी तक हमन क बार पढ़ िलया ह उनक िलग वचन और कारक क अनसार

आता ह इसिलए कहत का ह अब हम क दसरया क बार

चार क होत ndash 1) 2) बोधक 3) बोधक 4)

बोधक

UNIT ndash 20

ndash Adverbउस कहत होती ह

उदा - रमश चलता हइस lsquoचलनाrsquo ह ndash ह lsquo rsquo इसिलए lsquo rsquo ह

स क तीन भद ह - 1) साधारण 2) सयोजक 3) साधारण - साधारण वह ह होता ह साधारण या

कहत जस ndash खब पढ़ो दौडो सयोजक ndash का स या स होता ह सयोजक

कहत जस ndash जहा तक हम चल सक वहा तक ह

योजना का सयोजक स होता ह- का क

भद क साथ होता ह कहत

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जस ndash गह खाओग

कह तो लो होता ह व कवल गह खात और कछ खायगा इन

ह हो जान स का बदल जाता ह जस ndash वह काम करगा इसका यह ह जो काम उस ह कवल वह करगा और कछ

क आधार पर क चार भद होत ndash 1) कालवाचक 2) 3)

4)

कालवाचक ndash स समय अविध तथा काल का बोध होता ह कालवाचककहतजस ndash काम को अभी पढ़ना

आजकल रोज़ होती ह कभी कभी भी रात क समान लगता ह मोहन पढ़ाई सदा ह

अभी आजकल कभी कभी सदा कालवाचक ह ndash स क का बोध होता ह

कहत उदा ndash जहा तक जा सक वहा तक जाओ

जाओ और वहा लटो घर क सामन एक ह बाहर रोशनी भीतर अधरा

हाथ स मारत जहा वहा सामन बाहर भीतर ndash स अिधकता- का बोध होता ह

कहत जस ndash उतना पढ़ो हो

चावल थोडा खाओ खब खाना

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अपना थोडा खब

व क होन का ढ़ग का पता िमलता ह जस ndash राहल धीर धीर चलता ह

सीता मधरतम गाती ह यथा हम तथा िमलत

धीर धीर मधरतम यथा-तथा

UNIT - 21

बोधकबोधक ह जो या क साथ आकर उनका क

क साथ बनात उदा ndash धन क कोई काम न चलता

घर क नीच एक तालाब ह क पास एक भी ह

नीच पास बोधक ह क अनसार बोधक क दो भद होत ndash 1) 2)

क ndash य या क बाद आतउदा - घर क भीतर घर क पीछ घर ऒर

कारक भी आती ह जस का क कभी कभी अपादान कारक या भी आती ह

उदा ndash इनस पहल आया राम का मकान मोहन क घर स पर

lsquoसrsquo lsquoपरrsquo अपादान कारक क ndash यह स क क साथ आत

जस ndash दो तक राम रहगा

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घड भर पानी क िलए पाच दन ग lsquoतकrsquo lsquoभरrsquo सचक

UNIT - 22

( Conjunctions)योजक या व जो या न बतला कर एक या का

दसर या स जोडत बोधक कहतजस ndash सीता और गीता अपन घर गयी

सीता और गीता को िमलानवाला योजक lsquoऔरrsquo ह क तीन भद ndash 1) सयोजक 2) 3) भदबोधक

1) सयोजक ndash कई का सयोग करनवाल को सयोजक कहत इसक दो याका मल होता ह

उदा ndash और राम कल बबई और वहा उनक साथ मोहन भी lsquoऔरrsquo lsquoभीrsquo सयोजक ह

2) ndash जो का बोध कराए कहत जस ndash चाह दश सवा करनी या अथवा मानवीय को पहचानना

lsquoयाrsquo lsquoअथवाrsquo lsquoवाrsquo lsquoचाहrsquo को करनवाल ह 3) भदबोधक ndash दो स एक स भद बतलानवाल को भदबोधक कहत य कई क होत

क ndash दो म स पहल का िनषध या सिचत करत जस ndash

पर मगर वरन उदा ndash मझ वहा जाना था क कारण जा न सका

ख - कारणवाचक और उपदशमलक ndashइसिलए सो अतः इसिलए

इस क ह जस ndash राम समय पर आ न सका इसिलए जा न सका

ग सकतबोधक ndash ndash तो जो ndash तो प सकतबोधक ह जस ndash तम कहत तो जाता

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घ ndash इन पहली बात का और होता ह यान मानो यहा तक इस क ह

जस ndash कोई भी समय पर पहचा यहा तक भी 10 बज तक न आय क और दो भद होत ndash 1) समानािधकरण 2)

समानािधकरण ndash समान पद क या को जोडत जो एक क हो वसमानािधकरण धक कहत जस ndash क मा-बाप का अजीब ह समानािधकरण क चार उपभद होत ndash

1) सयोजक ndash और तथा भी एव 2) क ndash या वा अथवा चाह 3) ndash पर मगर 4) ndash इसिलए अतः

ndash को स जोडनवाल कोकहत

जस ndash आज नौकरानी आयगी वह बीमार ह क चार उपभद होत ndash

१ ndash यान मानो २ करणवाचक ndash जो इसिलए ३ उपदशवाचक - जो ४ सकतवाचक ndash - तो जो-तो -

4) ndash ndash स क शोक घणाको करनवाल को -बोधक कहत

जस ndash हाय अब अर आप कहा जा रह

ह राम करो को सिचत करन क िलए - लात

बोधक क सात भद ndash

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1) बोधक ndash वाह ndashवाह - आहा शबाश

2) शोक बोधक ndash आह ऊह हा-हा ndash

3) बोधक ndash अहो ऒह

4) अनमोदन बोधक ndash हा-हा वाह शबाश

5) बोधक ndash िछ हट अर िधक

6) ndash बहत हा जी हा7) सबोधन बोधक ndash अर र अपी अहो

कभी कभी भी हो जातजस ndash भगवान लो चप कभी कभी या भी होत जस ndash न हो बहत हो गया

जब क समान होत तब वह होता तब वमनोभाव को करात

जस ndash हाय हाय मचा रखी ह

सब लोग - पकार उठहाय ndash हाय - क समान ह इसिलए यह बोधक ह

UNIT - 23

क भद क स बनान का िनयम

क पर जायगास बनता ह एक या अिधक स बनता ह एक स अिधक स बनता

ह कहन या िलखनवाल का परा भाव हो जाय तो उस कहतजस ndash मोहन पढ़ता ह

राम िलखता ह इन स लखक का परा भाव होता ह

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ndash कछ ऐस होत और क रहन पर भी कहन या िलखनवाल का परा आशयहोता क समह को और क रहन पर भी जो कछ सनन

बनी रह कहत दो क होत ndash 1) 2)

क अधीन होतउदा ndash राम न कहा था वह कल पाठशाला जायगा

इस राम न कहा था - ह और कल पाठशाला जायगा तह इस और भी कहत

रखनवाल को कछ थोडा सा भाव करनवाल को कहतएक भावना होती ह

जस ndash तरह पढ़ना चलना

इन होता ह क म दो भाग होत 1) और 2)

ndash ( ) कछ होता ह उस कहतndash ( ) क जो कछ होता ह उस कहत

जस ndash मरा स भरा हआ ह मरा ह और स भरा हआ ह ह मरा ndash ह और मरा

उस का ह इसिलए ( ) और मरा का कहत हआ हह शष उसका ह

इस चार भाग हए ndash 1) ( ) 2) का 3) ( ) 4)

काचार भद ndash

क ndash राम गया ख ndash वह कह चका ग ndash फल

क भदक अनसार क आठ भद होत ndash

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1 ndash इस स बात का होना सिचत होता ह जस ndash भारत राजधानी ह

2 िनषधवाचक ndash का अभाव होता ह जस ndash क कछ भी पा सकत

3 ndash इस स सचना होती हजस - तम कल कालज

4 ndash इसस और उपदश का बोध होता ह जस ndash तरह पढ़ो

का भजन करो 5 ndash इसस का भाव सिचत होता ह जस ndash हाय राम को एक

लाख िमल 6 ndash इसस या सचना होती ह

जस ndash अक पा

7 ndash या सभावना सचना होती ह जस ndash आज होगी

8 - सकत सचना होती ह जस ndash हो तो

राम काम करगा रचना क आधार पर

रचना क आधार पर क तीन भद होत - 1) सरल या साधारण 2) और3)

१ सरल ndash एक और एक होता ह उस सरल कहतजस ndash मोहन िलखता ह ( मोहन और िलखता ह धय ह)

राम मज़ पर रखी ह ( ह और रखी ह ह)

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lsquoराम rsquo और lsquoमज़ परrsquo कवल और का ह २ - उस कहत एक हो और उसक एक या

अिधक हो उस कहतजस ndash जो करगा उस सफलता िमलगी जो करगा ndash ह उस सफलता िमलगी - ह

तीन क ndash 1) 2) 3)

1) ndash का क पर होता ह उसकहतजस ndash मरा ह तमन को मारा यह सच ह इस तमन को मारा ndash ह क पर आया ह इसिलए यह

ह 2) ndash जब कोई को क का काम दता ह तब उस

कहत जस ndash य उसी छा को जायगा जो रहगा

उसी स डरत जो खब मारता ह उसी जो ह

3) ndash जो क का काम दता ह उस कहत

जस ndash करता ह उतना फल िमलता ह जब तम कहोग सब कछ

जब ह ३ ndash दो या दो स अिधक योजक जड हो न

हो उस कहतजस ndash वह तरह पढ़ता था तो पास होता

दो या दो स अिधक सरल अथवा एक दसर पर न होता ह इसिलए यह

जस - कर चका (सरल )

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हम कर चक तो व आए ( )

और मरा मन ठड हो गया ( )

चार क होत ndash सयोजक सचक 1) सयोजक - एक दसर क साथ सयोजक जडा रहता ह

जस ndash वह आया और उसक साथ गया स िमलता ह और स होता ह

2) ndash का एक दसर स भद या का रहता ह जस ndash स बढ़ता ह स भरता ह वह खब खाता पर बडा होता

3) सचक ndash दो स एक को करना जस ndash मझ या राम को

4) अथवा हतसचक ndash एक दसर का होता हजस ndash तम आग पढ़ो पसा दगा मझ पसा िमला इसिलए

कभी कभी बीच योजक आत जस ndash मझ न बलाया आप आता ह जब को का या एक होता ह तो एक बार िलखा या कहा

जाता ह ऐस को सकिचत कहत जस ndash का और मन को भी दता ह

जो आसानी स समझकर छोड दत ऐस को कहत जस ndash आजकल सना ह बरसात क मौसम बखार सब फलाता ह

कहत रोज़ बढ़त रह पहल हमन होना था पर ह दसर लोग स होना पर होता ह

एक का दसर क बदल जा सकता ह मलकर सकत

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क सरल स ndash

उदा ndash सरल - राम न मोहन का - राम न उस को जो मोहन का था

ख स सरलndash उसन कहा पापी ह

सरल ndash उसन को पापी बताया ग सरल स

सरल ndash होन पर लोग खत जान लग - हआ और खत जान लग

घ स िनषध वाचक तथाndash मोहन सोहन स बडा ह

िनषध वाचक - मोहन सोहन स बडा ndash मोहन सोहन स बडा ह

UNIT ndash 24

और महावरव जो का अपना न बता कर कछ करत महावरा

कहत बोलचाल बहत आनवाला ऐसा बधा कोई अनभव बात और अलकतभाषा गई हो या कहावत कहाता ह जस ndash मर पट चह कद रह

जब स उनका लड़का मरा ह कमर टट गई ह वह इतना चालाक ह अपन मािलक को पर नचाता ह

इन lsquoपट चह कद रह rsquo lsquoकमर टट गई हrsquo lsquo पर नचाता हrsquo इन काउनक स ह यहा lsquoपट चह कदनrsquo का ह भख लगना lsquoकमर टटनrsquo का ह या

का न रहना तथा lsquo पर नचानrsquo का ह अपन वश रखना अतः य महावरकहलात

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इसी जब कोई आदमी काम करना न जानता हो परत अपन को िछपान क िलए बहान बनावतब कहा जाता ह ndash नाच न जान आगन टढ़ा

जब कोई आदमी अनक खाकर भी अपनी आदत न छोड़ तब कहा जाता ह दम सौतक नली रखो तो भी य बध हए और अनभव तथा अलकत भाषा कह गय अतः य

और क स भाषा तथा आती ह महावरदार भाषाबहत पसद जाती ह और कथन बड़ा होता ह

महावरअग-अग - बहत होनाअगठा - चीज़ को दन स क साथ करनाअध - सहाराअधरा घर का उजाला - एकलौता बटा

क घोड़ दौड़ाना - सोचनापर पड़ना - समझ न पाना

अपना सीधा करना ndash करनाआख उठाना - नीयत स दखनाआख खलाना - होश आना

चार होना - आख स आख िमलानानीची होना - होनापीली करना - नाराज़ होना

आकाश पाताल का ndash बहत भदआग घी डालना - बढ़ानाआसमान िसर पर उठाना - बहत कोलाहल करना

स बजाना - करनाईद का चाद होना - िचरकाल पीछ दनाउगली पर नचाना - वश रखना

गगा बहाना - बात करना

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कमर टट जाना - िनराश हो जानाकान भरना - चगली करना

मौत मरना - बहत तरह स मरनाखाक उड़ाना खाक िमलाना - बरबाद होनागड़ गोबर कर दना - काम दनाघर गगा - दौड़-धप कघाट घाट का पानी पीना - जहा तहा का अनभव करनाचाद पर थकना - करना और फलतः होनाचार चादनी - थोड़ का सख

का दध याद आना - सब सख भल जाना सकट आ पड़नाजमीन पर पर न पड़ना - बहत अिभमान होनाजल भन कर कोयला होना - पागल हो जानाटस स मस न होना - भी नटाग अड़ाना - बाधा डालनाटोपी उछालना - िनरादर करनाितनका पकड़ना - मागनाितन का ताड़ करना - बात बढ़ानाथक कर चाटना - वचन दकर जाना

तल उगली दबाना - करनादम तोडना - मर जाना

दना रात चौगना होना - खब होनाधप बाल सफद करना - अनभव आय दनानमक लगाना - बात को बढ़ा कर कहनानाक कटना - बदनामी होनानाक चढ़ाना - घणा करनानीला पीला होना - आना

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नौ-दो होना - भाग जानाउछालना - करना

- बातपरदा डालना - िछपानापहाड टट पड़ना - आनापट चह कदना - खब भख लगना

तल स ज़मीन िनकल जाना - होश उड़ जानाफक-फक कर कदम रखना - सोच-समझ कर काम करनाबगला भगत -

उछलना - खब खश होनाबाज़ार पर होना - काम पर होनाबात का धनी - वायद काबाल खाल उतारना - करनाबाल पकना - बढ़ा होजाना अनभव करनाबाल बाल बचना - हािन पहचन जरा- सी कसर रह जानाबगार टालना - लगाकर काम न करनाबोली मारना - क कहनाभनक पड़ना - खबर द जानाभाड़ - समय गवाना

मारना - बकारचस - बहत कजसपर मारना - का नकल करना

मगज चाटना - तग करनामाथा ठनकना - आशका होनामारा मारा - होनामह-तोड़ जवाब दना - परा-परा जवाब दना

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मह फक हो जाना - चहर का रग उतर जानामह पानी भर आना - खान को ललचानामह लगाना - अिधक द दना

गरम करना - दनाराई का पहाड़ बनाना - बात को बढ़ाकर कहनारात- - हमशालका काड होना - खब मारपीट होनालबी-चौ हाकना - करना

होना - होनालह क घट पीना - करनालह पसीना एक करना - बहत करनालोह क चना चबाना - काम करनाशतान क कान कतरना - बहत चालाक होना

करना - करनाबाग - बहकाना

समझ पर पड़ना - होनाबठना - जमाना

िसतारा चमकना - उदय होनािसर पर खन सवार होना - जान लन पर होनािसर पर हाथ धरना - सहायता करनासौ बात एक बात - िनचोड़

करना - फक डालनाहसी उड़ाना - करनाहाथ मल -

हाथ पर हाथ धर बठना - बठनाहाथ पसारना - मागना

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हाथ-पर मारना - करनाहाथ साफ करना - बईमानी स ठगना

पानी करना - करनाहोश उड़ना - भय या आशका स दखी होना

अत गता सो मता - वहकान राजा - थोड़ा पढ़ िलख का मान होता ह

आख क गाठ क पर - पर धनवानआप मर जग परल - ह तो ससार ह

चोर कोतवाल को डाट - अपराध करक को डाटनाऊची दकान पकवान - काम करनाएक अनार सौ बीमार - जब एक चीज़ क बहत स तब कहा जाता हएक पथ दो काज - एक काम करन स दो का लाभ होनाकाला बराबर -

घर का लका ढ़ाह - फट स घर नाश होता हिचराग तल अधरा - पास घटना क होन पर भी उसका न होना या

ऐस पर बराई का होना जहा उसक रोकन का होचोर ितनका - पापी डर जाता हजाग सो पाव सोव तो खोव - सावधान रहन स लाभ होता ह

- बलवान का दबदबा रहता हजसा दश वसा भस - दश रह वसी करनीजसी करनी वसी भरनी - फल िमलता हतन को कपड़ा न पट को - बहतथोथा चना बाज घना - काम न करनवाला बकवास बहत करता हदाम बनाय काम - पस स सब काम हो जात

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धोबी का घर का न घाट का - जो एक पर जमकर काम न कर कभी एक लग और कभीदसर और सफल न हो उस कहा जाता ह

रहना मगर स बर - अधीन होकर रह और उसी स बर कर तो गज़ारा चलता हन रहगा बास न बाजगी - नकसान हो उसका नाश कर दना हनाच न जान आगन टढ़ा - काम करन न होन पर दसर को दोष दना नीम जान का खतरा - अधरा हािनकारक होता हनौ नगद न तरह उधार - उधार सौदा दनामान न मान तरा महमान - गल पड़नािमया जती िमया क िसर - स उसी हािन करनासौ सयान एक मत - सभी अथवा एक सलाह होती हहाथ कगन को आरसी - क िलए और हाथी क दात खान क और क और - कहना कछ और करना कछ औरहोनहार क होत चीकन पात - होनहार क पहल स जात

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राम ह ह और का पर पडता ह2) (Intransitive Verb) - क का फल पर पडता ह उस

कहत का अभाव हउदा ndash मोहन सोता ह

कभी कभी एक होता ह और कभी कभी दो भी होत एक होन वालको एक lsquo rsquo कहत

उदा ndash राम न खाना खायाखाना ह कवल एक होता ह दो होन वाली को

कहतउदा ndash मा न को दध

दो होत ndash lsquo rsquo और lsquoदधrsquo दो होत एक lsquo rsquo और दसराlsquoगौणrsquo

उदा ndash मा न को दधइस lsquoगौणrsquo ह दध lsquo rsquo ह lsquoगौणrsquo कभी कभी होता हउदा ndash न कथा सनाई

ii क भद1 - व होती ह आशय अथवा स परा होताको परा करन क िलए दसर होती ह ऐसी को कहतयह दो क होती ह१ ndash का अभाव हउदा ndash वह ह यहा क को परा करन क िलए जोडा गया ह२ ndash होन पर भी का भाव परा न हो उस को

कहतउदा ndash सीता न पढ़ाया

यहा परा सीता न lsquo rsquo पढ़ाया lsquo rsquo पढ़ाया यह परा इसिलए यहह यहा होन पर भी का भाव परा होता

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३ परक - को परा करन क िलए या पडती ह

परक कहत क परक lsquo परकrsquo तथा क परक lsquo परकrsquo

होतउदा ndash उस होिशयार समझता ह ( परक)

राम बलवान ह ( परक)

iii यौिगक धात ndashक स धातओ क दो भद होत 1) मल धात 2) यौिगक धात

मल धात - मल धात व जो दसर स न बन जस ndash कर बठ पढ़ यौिगक धात ndash यौिगक धात व जो दसर स बनाय जात उदा ndash खाना स नाम धात ndash जो या क आधार पर बनती ह उस नाम धात कहत

उदा ndash हाथ स हिथयानास

अपना स अपनानाiv - स यह जान पडता ह को न करक दसर को

करन दता ह उस (casual verbs) कहतउदा ndash राम न मोहन स िलखवाया यहा राम न िलखकर मोहन स िलखवाता ह इसिलए यह ह

करनवाल को और जाती ह उस कहतराम न मोहन स िलखवाया राम ह और मोहन हमल जो होती ह उनस और बन सकती हस और बन सकती उदा ndash दध पीता ह

पीना ह इसस बनती ह ndash मा को दध हस बना सकती ह उदा - मा नौकर स को दध ह

बनान का िनयममल धात क आ जोडन स और वा जोडन स या

बनती ह

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उदा ndash उठना ndash उठाना - उठवानाचलना ndash चलाना - चलवानापढ़ना ndash पढाना - पढ़वाना

दो क धातओ ए और औ को छोडकर पहला हो जाता हउदा ndash जागना ndash जगाना ndash जगवाना

भलना ndash भलाना - भलवानाछोडना ndash छडाना ndash छडवाना

धातओ क ला और लवा लगात तब हो जाता हउदा ndash पीना ndash ndash

सोना ndash सलाना ndash सलवानाखाना ndash -

v नाम धात - को छोडकर जोडन स जो धात बनती ह अथवा जो नाम (

या ) धात क समान होत नामधात कहत जो नामधात लगान सबनत आ ओऔर ला लगात पहला हो जाता ह

उदा ndash लाज ndash ndash लजानाहाथ ndash हिथया ndash हिथयानाझठ ndash झठला ndash झठलाना

UNIT - 17

काल (Tense)क स क होन का समय और अथवा का बोध हो उस काल

कहत काल क तीन भद होत1) भतकाल2) काल3) काल

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भतकालस का बोध हो उस भतकाल कहत

उदा ndash राम न िलखी भतकाल क छः भद - भत भत भत भत भत हत-हतमत भत

भत ndash क स भतकाल क समय का बोध न हो उस भत कहतउदा ndash मोहन न खत िलखायहा का बोध होता जो भतकाल हई ह भतकाल ndash क स का का समय अभी अभी हआ ह इसका बोध

होता ह उस भतकाल कहत उदा ndash राम न ह

इसस पहल अभी अभी हई हभत ndash क स यह होता ह क को हए बहत समय हो चका ह उसभत कहत

उदा ndash न दध थास हो क साथ lsquoथाrsquo lsquoथrsquo lsquoथीrsquo लगान स भतकािलक

िमलता हभत - क उस को भत कहत यह हो भतकाल हो थी पर

का पता न लग उस भतकाल कहतउदा - वह पढ़ रहा था वह सोता था

कब समा हआ इसका पता क साथ lsquoता थाrsquo lsquoत थrsquo lsquoरहा थाrsquo lsquoरह थrsquo लगानाभत काल ndash क स भतकाल सचना िमलती ह उसक होन कछ हो उसभत कहतउदा ndash वह आया होगा

उसन खाया होगा भतकाल हो थी ह क साथ lsquoहगाrsquo lsquoहगीrsquo lsquoहोगाrsquo lsquoहोगीrsquo

lsquo rsquo जोडन स भतकाल िमलता हहत-हतमत भतकाल ndash क स यह पाया जाय भतकाल होना सभव थाकारण स न हो सका उस हत-हतमत भतकाल कहत

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(Present Tense)

क को काल कहत रहती ह

होती उस काल कहतउदा ndash राम पढ़ता ह

सीता गीत गा हकाल तीन क होत ndash 1) काल 2) काल 3)

काल - वह ह स का काल होना पाया जाय

उस कहतउदा ndash मोहन पढ़ता ह

रमा गाती ह क साथ lsquoताrsquo lsquoतrsquo lsquoतीrsquo जोडन स बनत

- वह ह काल क होन पायाजायउदा ndash वह खाता होगा

सीता जाती होगी क साथ lsquoता होगाrsquo lsquoती होगीrsquo lsquoत rsquo lsquoती rsquo लगान स िमलत

ndash का वह ह यह होता ह का अभी ह

होता उस कहत उदा ndash वह खा रहा ह

चल हक साथ lsquoरहाrsquo lsquo rsquo lsquoरहrsquo जोडन स िमलती ह

काल ( Future Tense)

होनवाली को काल कहत काल क दो भद ndash 1)

काल 2) कालकाल ndash का वह ह स क आग होन सचना िमल उसकाल कहत

उदा ndash वह आयगा

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राम आज बबई जायगासीता कल घर आयगी

क साथ lsquoयगाrsquo lsquoयगीrsquo lsquoयगrsquo जोडन स िमलतकाल ndash क होन सभावना हो उस काल कहत

उदा ndash सभव ह आज हो स lsquoगाrsquo lsquoगrsquo lsquoगीrsquo पथक कर दन स काल िमलगा

UNIT ndash 18

(Voice)उस कहत यह जाना जाय का ह

ह या कवल भाव ह उस कहतउदा ndash राम न रावण को मारा

तीन क ndash 1) 2) 3) भाव- ह हमशा क िलग वचन और क अनसार होता ह

उस कहतउदा ndash लडका पढ़ता ह

लड़का ह और ग ह इसिलए भी होना हसीता िलखती ह इसम सीता ह इसिलए ह का सीधा स होताह

ndash क िलग वचन क अनसार हो उस कहतह का होता ह

उदा ndash राम िलखता हह इसिलए यह ह धानता होती ह और का

स होता ह क िलग वचन क अनसार बदलती ह हमशाहोता ह का होना ह

उदा ndash राम न रावण को मारा -

राम स रावण मारा गया -

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रावण ह ह क का ह गौण का रहता ह

उदा ndash मा न को दध मा स को दध गया

दो होत ndash और दध ndash भाव होती ह यह हमशा स बनता ह हमशा

एकवचन और होती ह इसका होता ह उदा ndash यहा बठा जाता

मझस पढ़ा जाता स या बनान

को भत क करना उसक साथ काल वचन और िलग कअनसार जाना क जोडन ऐसा करन स स औरक स भा बनती ह

उदा ndash 1) राम न रावण को मारा -

राम स रावण मारा गया -

2) राम रावण को मारगा -

राम स रावण मारा जायगा -

3) राम रावण को मारता ह -

राम स रावण मारा जाता -

पहल lsquoमाराrsquo भतकािलक ह इसिलए lsquoमाराrsquo क साथ lsquoजानाrsquo का भतकािलकजोडना

दसर lsquoमारगाrsquo काल ह इसिलए lsquoमाराrsquo भतकािलक बदलकरlsquoजानाrsquo का काल lsquoजायगाrsquo जोडना

तीसर काल ह को भतकािलक बदलकर (मारा) उसक साथजाना का (जाता) जोडना

स बन सकता हउदा ndash मोहन उठता ( )

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मोहन स उठा जाता - ( )

वीणा चलती ( )

वीणा स चला जाता - ( )

UNIT ndash 19

याअभी तक हमन क बार पढ़ िलया ह उनक िलग वचन और कारक क अनसार

आता ह इसिलए कहत का ह अब हम क दसरया क बार

चार क होत ndash 1) 2) बोधक 3) बोधक 4)

बोधक

UNIT ndash 20

ndash Adverbउस कहत होती ह

उदा - रमश चलता हइस lsquoचलनाrsquo ह ndash ह lsquo rsquo इसिलए lsquo rsquo ह

स क तीन भद ह - 1) साधारण 2) सयोजक 3) साधारण - साधारण वह ह होता ह साधारण या

कहत जस ndash खब पढ़ो दौडो सयोजक ndash का स या स होता ह सयोजक

कहत जस ndash जहा तक हम चल सक वहा तक ह

योजना का सयोजक स होता ह- का क

भद क साथ होता ह कहत

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जस ndash गह खाओग

कह तो लो होता ह व कवल गह खात और कछ खायगा इन

ह हो जान स का बदल जाता ह जस ndash वह काम करगा इसका यह ह जो काम उस ह कवल वह करगा और कछ

क आधार पर क चार भद होत ndash 1) कालवाचक 2) 3)

4)

कालवाचक ndash स समय अविध तथा काल का बोध होता ह कालवाचककहतजस ndash काम को अभी पढ़ना

आजकल रोज़ होती ह कभी कभी भी रात क समान लगता ह मोहन पढ़ाई सदा ह

अभी आजकल कभी कभी सदा कालवाचक ह ndash स क का बोध होता ह

कहत उदा ndash जहा तक जा सक वहा तक जाओ

जाओ और वहा लटो घर क सामन एक ह बाहर रोशनी भीतर अधरा

हाथ स मारत जहा वहा सामन बाहर भीतर ndash स अिधकता- का बोध होता ह

कहत जस ndash उतना पढ़ो हो

चावल थोडा खाओ खब खाना

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अपना थोडा खब

व क होन का ढ़ग का पता िमलता ह जस ndash राहल धीर धीर चलता ह

सीता मधरतम गाती ह यथा हम तथा िमलत

धीर धीर मधरतम यथा-तथा

UNIT - 21

बोधकबोधक ह जो या क साथ आकर उनका क

क साथ बनात उदा ndash धन क कोई काम न चलता

घर क नीच एक तालाब ह क पास एक भी ह

नीच पास बोधक ह क अनसार बोधक क दो भद होत ndash 1) 2)

क ndash य या क बाद आतउदा - घर क भीतर घर क पीछ घर ऒर

कारक भी आती ह जस का क कभी कभी अपादान कारक या भी आती ह

उदा ndash इनस पहल आया राम का मकान मोहन क घर स पर

lsquoसrsquo lsquoपरrsquo अपादान कारक क ndash यह स क क साथ आत

जस ndash दो तक राम रहगा

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घड भर पानी क िलए पाच दन ग lsquoतकrsquo lsquoभरrsquo सचक

UNIT - 22

( Conjunctions)योजक या व जो या न बतला कर एक या का

दसर या स जोडत बोधक कहतजस ndash सीता और गीता अपन घर गयी

सीता और गीता को िमलानवाला योजक lsquoऔरrsquo ह क तीन भद ndash 1) सयोजक 2) 3) भदबोधक

1) सयोजक ndash कई का सयोग करनवाल को सयोजक कहत इसक दो याका मल होता ह

उदा ndash और राम कल बबई और वहा उनक साथ मोहन भी lsquoऔरrsquo lsquoभीrsquo सयोजक ह

2) ndash जो का बोध कराए कहत जस ndash चाह दश सवा करनी या अथवा मानवीय को पहचानना

lsquoयाrsquo lsquoअथवाrsquo lsquoवाrsquo lsquoचाहrsquo को करनवाल ह 3) भदबोधक ndash दो स एक स भद बतलानवाल को भदबोधक कहत य कई क होत

क ndash दो म स पहल का िनषध या सिचत करत जस ndash

पर मगर वरन उदा ndash मझ वहा जाना था क कारण जा न सका

ख - कारणवाचक और उपदशमलक ndashइसिलए सो अतः इसिलए

इस क ह जस ndash राम समय पर आ न सका इसिलए जा न सका

ग सकतबोधक ndash ndash तो जो ndash तो प सकतबोधक ह जस ndash तम कहत तो जाता

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घ ndash इन पहली बात का और होता ह यान मानो यहा तक इस क ह

जस ndash कोई भी समय पर पहचा यहा तक भी 10 बज तक न आय क और दो भद होत ndash 1) समानािधकरण 2)

समानािधकरण ndash समान पद क या को जोडत जो एक क हो वसमानािधकरण धक कहत जस ndash क मा-बाप का अजीब ह समानािधकरण क चार उपभद होत ndash

1) सयोजक ndash और तथा भी एव 2) क ndash या वा अथवा चाह 3) ndash पर मगर 4) ndash इसिलए अतः

ndash को स जोडनवाल कोकहत

जस ndash आज नौकरानी आयगी वह बीमार ह क चार उपभद होत ndash

१ ndash यान मानो २ करणवाचक ndash जो इसिलए ३ उपदशवाचक - जो ४ सकतवाचक ndash - तो जो-तो -

4) ndash ndash स क शोक घणाको करनवाल को -बोधक कहत

जस ndash हाय अब अर आप कहा जा रह

ह राम करो को सिचत करन क िलए - लात

बोधक क सात भद ndash

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1) बोधक ndash वाह ndashवाह - आहा शबाश

2) शोक बोधक ndash आह ऊह हा-हा ndash

3) बोधक ndash अहो ऒह

4) अनमोदन बोधक ndash हा-हा वाह शबाश

5) बोधक ndash िछ हट अर िधक

6) ndash बहत हा जी हा7) सबोधन बोधक ndash अर र अपी अहो

कभी कभी भी हो जातजस ndash भगवान लो चप कभी कभी या भी होत जस ndash न हो बहत हो गया

जब क समान होत तब वह होता तब वमनोभाव को करात

जस ndash हाय हाय मचा रखी ह

सब लोग - पकार उठहाय ndash हाय - क समान ह इसिलए यह बोधक ह

UNIT - 23

क भद क स बनान का िनयम

क पर जायगास बनता ह एक या अिधक स बनता ह एक स अिधक स बनता

ह कहन या िलखनवाल का परा भाव हो जाय तो उस कहतजस ndash मोहन पढ़ता ह

राम िलखता ह इन स लखक का परा भाव होता ह

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ndash कछ ऐस होत और क रहन पर भी कहन या िलखनवाल का परा आशयहोता क समह को और क रहन पर भी जो कछ सनन

बनी रह कहत दो क होत ndash 1) 2)

क अधीन होतउदा ndash राम न कहा था वह कल पाठशाला जायगा

इस राम न कहा था - ह और कल पाठशाला जायगा तह इस और भी कहत

रखनवाल को कछ थोडा सा भाव करनवाल को कहतएक भावना होती ह

जस ndash तरह पढ़ना चलना

इन होता ह क म दो भाग होत 1) और 2)

ndash ( ) कछ होता ह उस कहतndash ( ) क जो कछ होता ह उस कहत

जस ndash मरा स भरा हआ ह मरा ह और स भरा हआ ह ह मरा ndash ह और मरा

उस का ह इसिलए ( ) और मरा का कहत हआ हह शष उसका ह

इस चार भाग हए ndash 1) ( ) 2) का 3) ( ) 4)

काचार भद ndash

क ndash राम गया ख ndash वह कह चका ग ndash फल

क भदक अनसार क आठ भद होत ndash

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1 ndash इस स बात का होना सिचत होता ह जस ndash भारत राजधानी ह

2 िनषधवाचक ndash का अभाव होता ह जस ndash क कछ भी पा सकत

3 ndash इस स सचना होती हजस - तम कल कालज

4 ndash इसस और उपदश का बोध होता ह जस ndash तरह पढ़ो

का भजन करो 5 ndash इसस का भाव सिचत होता ह जस ndash हाय राम को एक

लाख िमल 6 ndash इसस या सचना होती ह

जस ndash अक पा

7 ndash या सभावना सचना होती ह जस ndash आज होगी

8 - सकत सचना होती ह जस ndash हो तो

राम काम करगा रचना क आधार पर

रचना क आधार पर क तीन भद होत - 1) सरल या साधारण 2) और3)

१ सरल ndash एक और एक होता ह उस सरल कहतजस ndash मोहन िलखता ह ( मोहन और िलखता ह धय ह)

राम मज़ पर रखी ह ( ह और रखी ह ह)

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lsquoराम rsquo और lsquoमज़ परrsquo कवल और का ह २ - उस कहत एक हो और उसक एक या

अिधक हो उस कहतजस ndash जो करगा उस सफलता िमलगी जो करगा ndash ह उस सफलता िमलगी - ह

तीन क ndash 1) 2) 3)

1) ndash का क पर होता ह उसकहतजस ndash मरा ह तमन को मारा यह सच ह इस तमन को मारा ndash ह क पर आया ह इसिलए यह

ह 2) ndash जब कोई को क का काम दता ह तब उस

कहत जस ndash य उसी छा को जायगा जो रहगा

उसी स डरत जो खब मारता ह उसी जो ह

3) ndash जो क का काम दता ह उस कहत

जस ndash करता ह उतना फल िमलता ह जब तम कहोग सब कछ

जब ह ३ ndash दो या दो स अिधक योजक जड हो न

हो उस कहतजस ndash वह तरह पढ़ता था तो पास होता

दो या दो स अिधक सरल अथवा एक दसर पर न होता ह इसिलए यह

जस - कर चका (सरल )

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हम कर चक तो व आए ( )

और मरा मन ठड हो गया ( )

चार क होत ndash सयोजक सचक 1) सयोजक - एक दसर क साथ सयोजक जडा रहता ह

जस ndash वह आया और उसक साथ गया स िमलता ह और स होता ह

2) ndash का एक दसर स भद या का रहता ह जस ndash स बढ़ता ह स भरता ह वह खब खाता पर बडा होता

3) सचक ndash दो स एक को करना जस ndash मझ या राम को

4) अथवा हतसचक ndash एक दसर का होता हजस ndash तम आग पढ़ो पसा दगा मझ पसा िमला इसिलए

कभी कभी बीच योजक आत जस ndash मझ न बलाया आप आता ह जब को का या एक होता ह तो एक बार िलखा या कहा

जाता ह ऐस को सकिचत कहत जस ndash का और मन को भी दता ह

जो आसानी स समझकर छोड दत ऐस को कहत जस ndash आजकल सना ह बरसात क मौसम बखार सब फलाता ह

कहत रोज़ बढ़त रह पहल हमन होना था पर ह दसर लोग स होना पर होता ह

एक का दसर क बदल जा सकता ह मलकर सकत

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क सरल स ndash

उदा ndash सरल - राम न मोहन का - राम न उस को जो मोहन का था

ख स सरलndash उसन कहा पापी ह

सरल ndash उसन को पापी बताया ग सरल स

सरल ndash होन पर लोग खत जान लग - हआ और खत जान लग

घ स िनषध वाचक तथाndash मोहन सोहन स बडा ह

िनषध वाचक - मोहन सोहन स बडा ndash मोहन सोहन स बडा ह

UNIT ndash 24

और महावरव जो का अपना न बता कर कछ करत महावरा

कहत बोलचाल बहत आनवाला ऐसा बधा कोई अनभव बात और अलकतभाषा गई हो या कहावत कहाता ह जस ndash मर पट चह कद रह

जब स उनका लड़का मरा ह कमर टट गई ह वह इतना चालाक ह अपन मािलक को पर नचाता ह

इन lsquoपट चह कद रह rsquo lsquoकमर टट गई हrsquo lsquo पर नचाता हrsquo इन काउनक स ह यहा lsquoपट चह कदनrsquo का ह भख लगना lsquoकमर टटनrsquo का ह या

का न रहना तथा lsquo पर नचानrsquo का ह अपन वश रखना अतः य महावरकहलात

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इसी जब कोई आदमी काम करना न जानता हो परत अपन को िछपान क िलए बहान बनावतब कहा जाता ह ndash नाच न जान आगन टढ़ा

जब कोई आदमी अनक खाकर भी अपनी आदत न छोड़ तब कहा जाता ह दम सौतक नली रखो तो भी य बध हए और अनभव तथा अलकत भाषा कह गय अतः य

और क स भाषा तथा आती ह महावरदार भाषाबहत पसद जाती ह और कथन बड़ा होता ह

महावरअग-अग - बहत होनाअगठा - चीज़ को दन स क साथ करनाअध - सहाराअधरा घर का उजाला - एकलौता बटा

क घोड़ दौड़ाना - सोचनापर पड़ना - समझ न पाना

अपना सीधा करना ndash करनाआख उठाना - नीयत स दखनाआख खलाना - होश आना

चार होना - आख स आख िमलानानीची होना - होनापीली करना - नाराज़ होना

आकाश पाताल का ndash बहत भदआग घी डालना - बढ़ानाआसमान िसर पर उठाना - बहत कोलाहल करना

स बजाना - करनाईद का चाद होना - िचरकाल पीछ दनाउगली पर नचाना - वश रखना

गगा बहाना - बात करना

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कमर टट जाना - िनराश हो जानाकान भरना - चगली करना

मौत मरना - बहत तरह स मरनाखाक उड़ाना खाक िमलाना - बरबाद होनागड़ गोबर कर दना - काम दनाघर गगा - दौड़-धप कघाट घाट का पानी पीना - जहा तहा का अनभव करनाचाद पर थकना - करना और फलतः होनाचार चादनी - थोड़ का सख

का दध याद आना - सब सख भल जाना सकट आ पड़नाजमीन पर पर न पड़ना - बहत अिभमान होनाजल भन कर कोयला होना - पागल हो जानाटस स मस न होना - भी नटाग अड़ाना - बाधा डालनाटोपी उछालना - िनरादर करनाितनका पकड़ना - मागनाितन का ताड़ करना - बात बढ़ानाथक कर चाटना - वचन दकर जाना

तल उगली दबाना - करनादम तोडना - मर जाना

दना रात चौगना होना - खब होनाधप बाल सफद करना - अनभव आय दनानमक लगाना - बात को बढ़ा कर कहनानाक कटना - बदनामी होनानाक चढ़ाना - घणा करनानीला पीला होना - आना

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नौ-दो होना - भाग जानाउछालना - करना

- बातपरदा डालना - िछपानापहाड टट पड़ना - आनापट चह कदना - खब भख लगना

तल स ज़मीन िनकल जाना - होश उड़ जानाफक-फक कर कदम रखना - सोच-समझ कर काम करनाबगला भगत -

उछलना - खब खश होनाबाज़ार पर होना - काम पर होनाबात का धनी - वायद काबाल खाल उतारना - करनाबाल पकना - बढ़ा होजाना अनभव करनाबाल बाल बचना - हािन पहचन जरा- सी कसर रह जानाबगार टालना - लगाकर काम न करनाबोली मारना - क कहनाभनक पड़ना - खबर द जानाभाड़ - समय गवाना

मारना - बकारचस - बहत कजसपर मारना - का नकल करना

मगज चाटना - तग करनामाथा ठनकना - आशका होनामारा मारा - होनामह-तोड़ जवाब दना - परा-परा जवाब दना

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मह फक हो जाना - चहर का रग उतर जानामह पानी भर आना - खान को ललचानामह लगाना - अिधक द दना

गरम करना - दनाराई का पहाड़ बनाना - बात को बढ़ाकर कहनारात- - हमशालका काड होना - खब मारपीट होनालबी-चौ हाकना - करना

होना - होनालह क घट पीना - करनालह पसीना एक करना - बहत करनालोह क चना चबाना - काम करनाशतान क कान कतरना - बहत चालाक होना

करना - करनाबाग - बहकाना

समझ पर पड़ना - होनाबठना - जमाना

िसतारा चमकना - उदय होनािसर पर खन सवार होना - जान लन पर होनािसर पर हाथ धरना - सहायता करनासौ बात एक बात - िनचोड़

करना - फक डालनाहसी उड़ाना - करनाहाथ मल -

हाथ पर हाथ धर बठना - बठनाहाथ पसारना - मागना

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हाथ-पर मारना - करनाहाथ साफ करना - बईमानी स ठगना

पानी करना - करनाहोश उड़ना - भय या आशका स दखी होना

अत गता सो मता - वहकान राजा - थोड़ा पढ़ िलख का मान होता ह

आख क गाठ क पर - पर धनवानआप मर जग परल - ह तो ससार ह

चोर कोतवाल को डाट - अपराध करक को डाटनाऊची दकान पकवान - काम करनाएक अनार सौ बीमार - जब एक चीज़ क बहत स तब कहा जाता हएक पथ दो काज - एक काम करन स दो का लाभ होनाकाला बराबर -

घर का लका ढ़ाह - फट स घर नाश होता हिचराग तल अधरा - पास घटना क होन पर भी उसका न होना या

ऐस पर बराई का होना जहा उसक रोकन का होचोर ितनका - पापी डर जाता हजाग सो पाव सोव तो खोव - सावधान रहन स लाभ होता ह

- बलवान का दबदबा रहता हजसा दश वसा भस - दश रह वसी करनीजसी करनी वसी भरनी - फल िमलता हतन को कपड़ा न पट को - बहतथोथा चना बाज घना - काम न करनवाला बकवास बहत करता हदाम बनाय काम - पस स सब काम हो जात

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धोबी का घर का न घाट का - जो एक पर जमकर काम न कर कभी एक लग और कभीदसर और सफल न हो उस कहा जाता ह

रहना मगर स बर - अधीन होकर रह और उसी स बर कर तो गज़ारा चलता हन रहगा बास न बाजगी - नकसान हो उसका नाश कर दना हनाच न जान आगन टढ़ा - काम करन न होन पर दसर को दोष दना नीम जान का खतरा - अधरा हािनकारक होता हनौ नगद न तरह उधार - उधार सौदा दनामान न मान तरा महमान - गल पड़नािमया जती िमया क िसर - स उसी हािन करनासौ सयान एक मत - सभी अथवा एक सलाह होती हहाथ कगन को आरसी - क िलए और हाथी क दात खान क और क और - कहना कछ और करना कछ औरहोनहार क होत चीकन पात - होनहार क पहल स जात

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३ परक - को परा करन क िलए या पडती ह

परक कहत क परक lsquo परकrsquo तथा क परक lsquo परकrsquo

होतउदा ndash उस होिशयार समझता ह ( परक)

राम बलवान ह ( परक)

iii यौिगक धात ndashक स धातओ क दो भद होत 1) मल धात 2) यौिगक धात

मल धात - मल धात व जो दसर स न बन जस ndash कर बठ पढ़ यौिगक धात ndash यौिगक धात व जो दसर स बनाय जात उदा ndash खाना स नाम धात ndash जो या क आधार पर बनती ह उस नाम धात कहत

उदा ndash हाथ स हिथयानास

अपना स अपनानाiv - स यह जान पडता ह को न करक दसर को

करन दता ह उस (casual verbs) कहतउदा ndash राम न मोहन स िलखवाया यहा राम न िलखकर मोहन स िलखवाता ह इसिलए यह ह

करनवाल को और जाती ह उस कहतराम न मोहन स िलखवाया राम ह और मोहन हमल जो होती ह उनस और बन सकती हस और बन सकती उदा ndash दध पीता ह

पीना ह इसस बनती ह ndash मा को दध हस बना सकती ह उदा - मा नौकर स को दध ह

बनान का िनयममल धात क आ जोडन स और वा जोडन स या

बनती ह

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उदा ndash उठना ndash उठाना - उठवानाचलना ndash चलाना - चलवानापढ़ना ndash पढाना - पढ़वाना

दो क धातओ ए और औ को छोडकर पहला हो जाता हउदा ndash जागना ndash जगाना ndash जगवाना

भलना ndash भलाना - भलवानाछोडना ndash छडाना ndash छडवाना

धातओ क ला और लवा लगात तब हो जाता हउदा ndash पीना ndash ndash

सोना ndash सलाना ndash सलवानाखाना ndash -

v नाम धात - को छोडकर जोडन स जो धात बनती ह अथवा जो नाम (

या ) धात क समान होत नामधात कहत जो नामधात लगान सबनत आ ओऔर ला लगात पहला हो जाता ह

उदा ndash लाज ndash ndash लजानाहाथ ndash हिथया ndash हिथयानाझठ ndash झठला ndash झठलाना

UNIT - 17

काल (Tense)क स क होन का समय और अथवा का बोध हो उस काल

कहत काल क तीन भद होत1) भतकाल2) काल3) काल

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भतकालस का बोध हो उस भतकाल कहत

उदा ndash राम न िलखी भतकाल क छः भद - भत भत भत भत भत हत-हतमत भत

भत ndash क स भतकाल क समय का बोध न हो उस भत कहतउदा ndash मोहन न खत िलखायहा का बोध होता जो भतकाल हई ह भतकाल ndash क स का का समय अभी अभी हआ ह इसका बोध

होता ह उस भतकाल कहत उदा ndash राम न ह

इसस पहल अभी अभी हई हभत ndash क स यह होता ह क को हए बहत समय हो चका ह उसभत कहत

उदा ndash न दध थास हो क साथ lsquoथाrsquo lsquoथrsquo lsquoथीrsquo लगान स भतकािलक

िमलता हभत - क उस को भत कहत यह हो भतकाल हो थी पर

का पता न लग उस भतकाल कहतउदा - वह पढ़ रहा था वह सोता था

कब समा हआ इसका पता क साथ lsquoता थाrsquo lsquoत थrsquo lsquoरहा थाrsquo lsquoरह थrsquo लगानाभत काल ndash क स भतकाल सचना िमलती ह उसक होन कछ हो उसभत कहतउदा ndash वह आया होगा

उसन खाया होगा भतकाल हो थी ह क साथ lsquoहगाrsquo lsquoहगीrsquo lsquoहोगाrsquo lsquoहोगीrsquo

lsquo rsquo जोडन स भतकाल िमलता हहत-हतमत भतकाल ndash क स यह पाया जाय भतकाल होना सभव थाकारण स न हो सका उस हत-हतमत भतकाल कहत

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(Present Tense)

क को काल कहत रहती ह

होती उस काल कहतउदा ndash राम पढ़ता ह

सीता गीत गा हकाल तीन क होत ndash 1) काल 2) काल 3)

काल - वह ह स का काल होना पाया जाय

उस कहतउदा ndash मोहन पढ़ता ह

रमा गाती ह क साथ lsquoताrsquo lsquoतrsquo lsquoतीrsquo जोडन स बनत

- वह ह काल क होन पायाजायउदा ndash वह खाता होगा

सीता जाती होगी क साथ lsquoता होगाrsquo lsquoती होगीrsquo lsquoत rsquo lsquoती rsquo लगान स िमलत

ndash का वह ह यह होता ह का अभी ह

होता उस कहत उदा ndash वह खा रहा ह

चल हक साथ lsquoरहाrsquo lsquo rsquo lsquoरहrsquo जोडन स िमलती ह

काल ( Future Tense)

होनवाली को काल कहत काल क दो भद ndash 1)

काल 2) कालकाल ndash का वह ह स क आग होन सचना िमल उसकाल कहत

उदा ndash वह आयगा

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राम आज बबई जायगासीता कल घर आयगी

क साथ lsquoयगाrsquo lsquoयगीrsquo lsquoयगrsquo जोडन स िमलतकाल ndash क होन सभावना हो उस काल कहत

उदा ndash सभव ह आज हो स lsquoगाrsquo lsquoगrsquo lsquoगीrsquo पथक कर दन स काल िमलगा

UNIT ndash 18

(Voice)उस कहत यह जाना जाय का ह

ह या कवल भाव ह उस कहतउदा ndash राम न रावण को मारा

तीन क ndash 1) 2) 3) भाव- ह हमशा क िलग वचन और क अनसार होता ह

उस कहतउदा ndash लडका पढ़ता ह

लड़का ह और ग ह इसिलए भी होना हसीता िलखती ह इसम सीता ह इसिलए ह का सीधा स होताह

ndash क िलग वचन क अनसार हो उस कहतह का होता ह

उदा ndash राम िलखता हह इसिलए यह ह धानता होती ह और का

स होता ह क िलग वचन क अनसार बदलती ह हमशाहोता ह का होना ह

उदा ndash राम न रावण को मारा -

राम स रावण मारा गया -

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रावण ह ह क का ह गौण का रहता ह

उदा ndash मा न को दध मा स को दध गया

दो होत ndash और दध ndash भाव होती ह यह हमशा स बनता ह हमशा

एकवचन और होती ह इसका होता ह उदा ndash यहा बठा जाता

मझस पढ़ा जाता स या बनान

को भत क करना उसक साथ काल वचन और िलग कअनसार जाना क जोडन ऐसा करन स स औरक स भा बनती ह

उदा ndash 1) राम न रावण को मारा -

राम स रावण मारा गया -

2) राम रावण को मारगा -

राम स रावण मारा जायगा -

3) राम रावण को मारता ह -

राम स रावण मारा जाता -

पहल lsquoमाराrsquo भतकािलक ह इसिलए lsquoमाराrsquo क साथ lsquoजानाrsquo का भतकािलकजोडना

दसर lsquoमारगाrsquo काल ह इसिलए lsquoमाराrsquo भतकािलक बदलकरlsquoजानाrsquo का काल lsquoजायगाrsquo जोडना

तीसर काल ह को भतकािलक बदलकर (मारा) उसक साथजाना का (जाता) जोडना

स बन सकता हउदा ndash मोहन उठता ( )

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मोहन स उठा जाता - ( )

वीणा चलती ( )

वीणा स चला जाता - ( )

UNIT ndash 19

याअभी तक हमन क बार पढ़ िलया ह उनक िलग वचन और कारक क अनसार

आता ह इसिलए कहत का ह अब हम क दसरया क बार

चार क होत ndash 1) 2) बोधक 3) बोधक 4)

बोधक

UNIT ndash 20

ndash Adverbउस कहत होती ह

उदा - रमश चलता हइस lsquoचलनाrsquo ह ndash ह lsquo rsquo इसिलए lsquo rsquo ह

स क तीन भद ह - 1) साधारण 2) सयोजक 3) साधारण - साधारण वह ह होता ह साधारण या

कहत जस ndash खब पढ़ो दौडो सयोजक ndash का स या स होता ह सयोजक

कहत जस ndash जहा तक हम चल सक वहा तक ह

योजना का सयोजक स होता ह- का क

भद क साथ होता ह कहत

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जस ndash गह खाओग

कह तो लो होता ह व कवल गह खात और कछ खायगा इन

ह हो जान स का बदल जाता ह जस ndash वह काम करगा इसका यह ह जो काम उस ह कवल वह करगा और कछ

क आधार पर क चार भद होत ndash 1) कालवाचक 2) 3)

4)

कालवाचक ndash स समय अविध तथा काल का बोध होता ह कालवाचककहतजस ndash काम को अभी पढ़ना

आजकल रोज़ होती ह कभी कभी भी रात क समान लगता ह मोहन पढ़ाई सदा ह

अभी आजकल कभी कभी सदा कालवाचक ह ndash स क का बोध होता ह

कहत उदा ndash जहा तक जा सक वहा तक जाओ

जाओ और वहा लटो घर क सामन एक ह बाहर रोशनी भीतर अधरा

हाथ स मारत जहा वहा सामन बाहर भीतर ndash स अिधकता- का बोध होता ह

कहत जस ndash उतना पढ़ो हो

चावल थोडा खाओ खब खाना

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अपना थोडा खब

व क होन का ढ़ग का पता िमलता ह जस ndash राहल धीर धीर चलता ह

सीता मधरतम गाती ह यथा हम तथा िमलत

धीर धीर मधरतम यथा-तथा

UNIT - 21

बोधकबोधक ह जो या क साथ आकर उनका क

क साथ बनात उदा ndash धन क कोई काम न चलता

घर क नीच एक तालाब ह क पास एक भी ह

नीच पास बोधक ह क अनसार बोधक क दो भद होत ndash 1) 2)

क ndash य या क बाद आतउदा - घर क भीतर घर क पीछ घर ऒर

कारक भी आती ह जस का क कभी कभी अपादान कारक या भी आती ह

उदा ndash इनस पहल आया राम का मकान मोहन क घर स पर

lsquoसrsquo lsquoपरrsquo अपादान कारक क ndash यह स क क साथ आत

जस ndash दो तक राम रहगा

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घड भर पानी क िलए पाच दन ग lsquoतकrsquo lsquoभरrsquo सचक

UNIT - 22

( Conjunctions)योजक या व जो या न बतला कर एक या का

दसर या स जोडत बोधक कहतजस ndash सीता और गीता अपन घर गयी

सीता और गीता को िमलानवाला योजक lsquoऔरrsquo ह क तीन भद ndash 1) सयोजक 2) 3) भदबोधक

1) सयोजक ndash कई का सयोग करनवाल को सयोजक कहत इसक दो याका मल होता ह

उदा ndash और राम कल बबई और वहा उनक साथ मोहन भी lsquoऔरrsquo lsquoभीrsquo सयोजक ह

2) ndash जो का बोध कराए कहत जस ndash चाह दश सवा करनी या अथवा मानवीय को पहचानना

lsquoयाrsquo lsquoअथवाrsquo lsquoवाrsquo lsquoचाहrsquo को करनवाल ह 3) भदबोधक ndash दो स एक स भद बतलानवाल को भदबोधक कहत य कई क होत

क ndash दो म स पहल का िनषध या सिचत करत जस ndash

पर मगर वरन उदा ndash मझ वहा जाना था क कारण जा न सका

ख - कारणवाचक और उपदशमलक ndashइसिलए सो अतः इसिलए

इस क ह जस ndash राम समय पर आ न सका इसिलए जा न सका

ग सकतबोधक ndash ndash तो जो ndash तो प सकतबोधक ह जस ndash तम कहत तो जाता

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घ ndash इन पहली बात का और होता ह यान मानो यहा तक इस क ह

जस ndash कोई भी समय पर पहचा यहा तक भी 10 बज तक न आय क और दो भद होत ndash 1) समानािधकरण 2)

समानािधकरण ndash समान पद क या को जोडत जो एक क हो वसमानािधकरण धक कहत जस ndash क मा-बाप का अजीब ह समानािधकरण क चार उपभद होत ndash

1) सयोजक ndash और तथा भी एव 2) क ndash या वा अथवा चाह 3) ndash पर मगर 4) ndash इसिलए अतः

ndash को स जोडनवाल कोकहत

जस ndash आज नौकरानी आयगी वह बीमार ह क चार उपभद होत ndash

१ ndash यान मानो २ करणवाचक ndash जो इसिलए ३ उपदशवाचक - जो ४ सकतवाचक ndash - तो जो-तो -

4) ndash ndash स क शोक घणाको करनवाल को -बोधक कहत

जस ndash हाय अब अर आप कहा जा रह

ह राम करो को सिचत करन क िलए - लात

बोधक क सात भद ndash

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1) बोधक ndash वाह ndashवाह - आहा शबाश

2) शोक बोधक ndash आह ऊह हा-हा ndash

3) बोधक ndash अहो ऒह

4) अनमोदन बोधक ndash हा-हा वाह शबाश

5) बोधक ndash िछ हट अर िधक

6) ndash बहत हा जी हा7) सबोधन बोधक ndash अर र अपी अहो

कभी कभी भी हो जातजस ndash भगवान लो चप कभी कभी या भी होत जस ndash न हो बहत हो गया

जब क समान होत तब वह होता तब वमनोभाव को करात

जस ndash हाय हाय मचा रखी ह

सब लोग - पकार उठहाय ndash हाय - क समान ह इसिलए यह बोधक ह

UNIT - 23

क भद क स बनान का िनयम

क पर जायगास बनता ह एक या अिधक स बनता ह एक स अिधक स बनता

ह कहन या िलखनवाल का परा भाव हो जाय तो उस कहतजस ndash मोहन पढ़ता ह

राम िलखता ह इन स लखक का परा भाव होता ह

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ndash कछ ऐस होत और क रहन पर भी कहन या िलखनवाल का परा आशयहोता क समह को और क रहन पर भी जो कछ सनन

बनी रह कहत दो क होत ndash 1) 2)

क अधीन होतउदा ndash राम न कहा था वह कल पाठशाला जायगा

इस राम न कहा था - ह और कल पाठशाला जायगा तह इस और भी कहत

रखनवाल को कछ थोडा सा भाव करनवाल को कहतएक भावना होती ह

जस ndash तरह पढ़ना चलना

इन होता ह क म दो भाग होत 1) और 2)

ndash ( ) कछ होता ह उस कहतndash ( ) क जो कछ होता ह उस कहत

जस ndash मरा स भरा हआ ह मरा ह और स भरा हआ ह ह मरा ndash ह और मरा

उस का ह इसिलए ( ) और मरा का कहत हआ हह शष उसका ह

इस चार भाग हए ndash 1) ( ) 2) का 3) ( ) 4)

काचार भद ndash

क ndash राम गया ख ndash वह कह चका ग ndash फल

क भदक अनसार क आठ भद होत ndash

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1 ndash इस स बात का होना सिचत होता ह जस ndash भारत राजधानी ह

2 िनषधवाचक ndash का अभाव होता ह जस ndash क कछ भी पा सकत

3 ndash इस स सचना होती हजस - तम कल कालज

4 ndash इसस और उपदश का बोध होता ह जस ndash तरह पढ़ो

का भजन करो 5 ndash इसस का भाव सिचत होता ह जस ndash हाय राम को एक

लाख िमल 6 ndash इसस या सचना होती ह

जस ndash अक पा

7 ndash या सभावना सचना होती ह जस ndash आज होगी

8 - सकत सचना होती ह जस ndash हो तो

राम काम करगा रचना क आधार पर

रचना क आधार पर क तीन भद होत - 1) सरल या साधारण 2) और3)

१ सरल ndash एक और एक होता ह उस सरल कहतजस ndash मोहन िलखता ह ( मोहन और िलखता ह धय ह)

राम मज़ पर रखी ह ( ह और रखी ह ह)

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lsquoराम rsquo और lsquoमज़ परrsquo कवल और का ह २ - उस कहत एक हो और उसक एक या

अिधक हो उस कहतजस ndash जो करगा उस सफलता िमलगी जो करगा ndash ह उस सफलता िमलगी - ह

तीन क ndash 1) 2) 3)

1) ndash का क पर होता ह उसकहतजस ndash मरा ह तमन को मारा यह सच ह इस तमन को मारा ndash ह क पर आया ह इसिलए यह

ह 2) ndash जब कोई को क का काम दता ह तब उस

कहत जस ndash य उसी छा को जायगा जो रहगा

उसी स डरत जो खब मारता ह उसी जो ह

3) ndash जो क का काम दता ह उस कहत

जस ndash करता ह उतना फल िमलता ह जब तम कहोग सब कछ

जब ह ३ ndash दो या दो स अिधक योजक जड हो न

हो उस कहतजस ndash वह तरह पढ़ता था तो पास होता

दो या दो स अिधक सरल अथवा एक दसर पर न होता ह इसिलए यह

जस - कर चका (सरल )

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हम कर चक तो व आए ( )

और मरा मन ठड हो गया ( )

चार क होत ndash सयोजक सचक 1) सयोजक - एक दसर क साथ सयोजक जडा रहता ह

जस ndash वह आया और उसक साथ गया स िमलता ह और स होता ह

2) ndash का एक दसर स भद या का रहता ह जस ndash स बढ़ता ह स भरता ह वह खब खाता पर बडा होता

3) सचक ndash दो स एक को करना जस ndash मझ या राम को

4) अथवा हतसचक ndash एक दसर का होता हजस ndash तम आग पढ़ो पसा दगा मझ पसा िमला इसिलए

कभी कभी बीच योजक आत जस ndash मझ न बलाया आप आता ह जब को का या एक होता ह तो एक बार िलखा या कहा

जाता ह ऐस को सकिचत कहत जस ndash का और मन को भी दता ह

जो आसानी स समझकर छोड दत ऐस को कहत जस ndash आजकल सना ह बरसात क मौसम बखार सब फलाता ह

कहत रोज़ बढ़त रह पहल हमन होना था पर ह दसर लोग स होना पर होता ह

एक का दसर क बदल जा सकता ह मलकर सकत

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क सरल स ndash

उदा ndash सरल - राम न मोहन का - राम न उस को जो मोहन का था

ख स सरलndash उसन कहा पापी ह

सरल ndash उसन को पापी बताया ग सरल स

सरल ndash होन पर लोग खत जान लग - हआ और खत जान लग

घ स िनषध वाचक तथाndash मोहन सोहन स बडा ह

िनषध वाचक - मोहन सोहन स बडा ndash मोहन सोहन स बडा ह

UNIT ndash 24

और महावरव जो का अपना न बता कर कछ करत महावरा

कहत बोलचाल बहत आनवाला ऐसा बधा कोई अनभव बात और अलकतभाषा गई हो या कहावत कहाता ह जस ndash मर पट चह कद रह

जब स उनका लड़का मरा ह कमर टट गई ह वह इतना चालाक ह अपन मािलक को पर नचाता ह

इन lsquoपट चह कद रह rsquo lsquoकमर टट गई हrsquo lsquo पर नचाता हrsquo इन काउनक स ह यहा lsquoपट चह कदनrsquo का ह भख लगना lsquoकमर टटनrsquo का ह या

का न रहना तथा lsquo पर नचानrsquo का ह अपन वश रखना अतः य महावरकहलात

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इसी जब कोई आदमी काम करना न जानता हो परत अपन को िछपान क िलए बहान बनावतब कहा जाता ह ndash नाच न जान आगन टढ़ा

जब कोई आदमी अनक खाकर भी अपनी आदत न छोड़ तब कहा जाता ह दम सौतक नली रखो तो भी य बध हए और अनभव तथा अलकत भाषा कह गय अतः य

और क स भाषा तथा आती ह महावरदार भाषाबहत पसद जाती ह और कथन बड़ा होता ह

महावरअग-अग - बहत होनाअगठा - चीज़ को दन स क साथ करनाअध - सहाराअधरा घर का उजाला - एकलौता बटा

क घोड़ दौड़ाना - सोचनापर पड़ना - समझ न पाना

अपना सीधा करना ndash करनाआख उठाना - नीयत स दखनाआख खलाना - होश आना

चार होना - आख स आख िमलानानीची होना - होनापीली करना - नाराज़ होना

आकाश पाताल का ndash बहत भदआग घी डालना - बढ़ानाआसमान िसर पर उठाना - बहत कोलाहल करना

स बजाना - करनाईद का चाद होना - िचरकाल पीछ दनाउगली पर नचाना - वश रखना

गगा बहाना - बात करना

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कमर टट जाना - िनराश हो जानाकान भरना - चगली करना

मौत मरना - बहत तरह स मरनाखाक उड़ाना खाक िमलाना - बरबाद होनागड़ गोबर कर दना - काम दनाघर गगा - दौड़-धप कघाट घाट का पानी पीना - जहा तहा का अनभव करनाचाद पर थकना - करना और फलतः होनाचार चादनी - थोड़ का सख

का दध याद आना - सब सख भल जाना सकट आ पड़नाजमीन पर पर न पड़ना - बहत अिभमान होनाजल भन कर कोयला होना - पागल हो जानाटस स मस न होना - भी नटाग अड़ाना - बाधा डालनाटोपी उछालना - िनरादर करनाितनका पकड़ना - मागनाितन का ताड़ करना - बात बढ़ानाथक कर चाटना - वचन दकर जाना

तल उगली दबाना - करनादम तोडना - मर जाना

दना रात चौगना होना - खब होनाधप बाल सफद करना - अनभव आय दनानमक लगाना - बात को बढ़ा कर कहनानाक कटना - बदनामी होनानाक चढ़ाना - घणा करनानीला पीला होना - आना

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नौ-दो होना - भाग जानाउछालना - करना

- बातपरदा डालना - िछपानापहाड टट पड़ना - आनापट चह कदना - खब भख लगना

तल स ज़मीन िनकल जाना - होश उड़ जानाफक-फक कर कदम रखना - सोच-समझ कर काम करनाबगला भगत -

उछलना - खब खश होनाबाज़ार पर होना - काम पर होनाबात का धनी - वायद काबाल खाल उतारना - करनाबाल पकना - बढ़ा होजाना अनभव करनाबाल बाल बचना - हािन पहचन जरा- सी कसर रह जानाबगार टालना - लगाकर काम न करनाबोली मारना - क कहनाभनक पड़ना - खबर द जानाभाड़ - समय गवाना

मारना - बकारचस - बहत कजसपर मारना - का नकल करना

मगज चाटना - तग करनामाथा ठनकना - आशका होनामारा मारा - होनामह-तोड़ जवाब दना - परा-परा जवाब दना

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मह फक हो जाना - चहर का रग उतर जानामह पानी भर आना - खान को ललचानामह लगाना - अिधक द दना

गरम करना - दनाराई का पहाड़ बनाना - बात को बढ़ाकर कहनारात- - हमशालका काड होना - खब मारपीट होनालबी-चौ हाकना - करना

होना - होनालह क घट पीना - करनालह पसीना एक करना - बहत करनालोह क चना चबाना - काम करनाशतान क कान कतरना - बहत चालाक होना

करना - करनाबाग - बहकाना

समझ पर पड़ना - होनाबठना - जमाना

िसतारा चमकना - उदय होनािसर पर खन सवार होना - जान लन पर होनािसर पर हाथ धरना - सहायता करनासौ बात एक बात - िनचोड़

करना - फक डालनाहसी उड़ाना - करनाहाथ मल -

हाथ पर हाथ धर बठना - बठनाहाथ पसारना - मागना

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हाथ-पर मारना - करनाहाथ साफ करना - बईमानी स ठगना

पानी करना - करनाहोश उड़ना - भय या आशका स दखी होना

अत गता सो मता - वहकान राजा - थोड़ा पढ़ िलख का मान होता ह

आख क गाठ क पर - पर धनवानआप मर जग परल - ह तो ससार ह

चोर कोतवाल को डाट - अपराध करक को डाटनाऊची दकान पकवान - काम करनाएक अनार सौ बीमार - जब एक चीज़ क बहत स तब कहा जाता हएक पथ दो काज - एक काम करन स दो का लाभ होनाकाला बराबर -

घर का लका ढ़ाह - फट स घर नाश होता हिचराग तल अधरा - पास घटना क होन पर भी उसका न होना या

ऐस पर बराई का होना जहा उसक रोकन का होचोर ितनका - पापी डर जाता हजाग सो पाव सोव तो खोव - सावधान रहन स लाभ होता ह

- बलवान का दबदबा रहता हजसा दश वसा भस - दश रह वसी करनीजसी करनी वसी भरनी - फल िमलता हतन को कपड़ा न पट को - बहतथोथा चना बाज घना - काम न करनवाला बकवास बहत करता हदाम बनाय काम - पस स सब काम हो जात

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धोबी का घर का न घाट का - जो एक पर जमकर काम न कर कभी एक लग और कभीदसर और सफल न हो उस कहा जाता ह

रहना मगर स बर - अधीन होकर रह और उसी स बर कर तो गज़ारा चलता हन रहगा बास न बाजगी - नकसान हो उसका नाश कर दना हनाच न जान आगन टढ़ा - काम करन न होन पर दसर को दोष दना नीम जान का खतरा - अधरा हािनकारक होता हनौ नगद न तरह उधार - उधार सौदा दनामान न मान तरा महमान - गल पड़नािमया जती िमया क िसर - स उसी हािन करनासौ सयान एक मत - सभी अथवा एक सलाह होती हहाथ कगन को आरसी - क िलए और हाथी क दात खान क और क और - कहना कछ और करना कछ औरहोनहार क होत चीकन पात - होनहार क पहल स जात

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उदा ndash उठना ndash उठाना - उठवानाचलना ndash चलाना - चलवानापढ़ना ndash पढाना - पढ़वाना

दो क धातओ ए और औ को छोडकर पहला हो जाता हउदा ndash जागना ndash जगाना ndash जगवाना

भलना ndash भलाना - भलवानाछोडना ndash छडाना ndash छडवाना

धातओ क ला और लवा लगात तब हो जाता हउदा ndash पीना ndash ndash

सोना ndash सलाना ndash सलवानाखाना ndash -

v नाम धात - को छोडकर जोडन स जो धात बनती ह अथवा जो नाम (

या ) धात क समान होत नामधात कहत जो नामधात लगान सबनत आ ओऔर ला लगात पहला हो जाता ह

उदा ndash लाज ndash ndash लजानाहाथ ndash हिथया ndash हिथयानाझठ ndash झठला ndash झठलाना

UNIT - 17

काल (Tense)क स क होन का समय और अथवा का बोध हो उस काल

कहत काल क तीन भद होत1) भतकाल2) काल3) काल

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भतकालस का बोध हो उस भतकाल कहत

उदा ndash राम न िलखी भतकाल क छः भद - भत भत भत भत भत हत-हतमत भत

भत ndash क स भतकाल क समय का बोध न हो उस भत कहतउदा ndash मोहन न खत िलखायहा का बोध होता जो भतकाल हई ह भतकाल ndash क स का का समय अभी अभी हआ ह इसका बोध

होता ह उस भतकाल कहत उदा ndash राम न ह

इसस पहल अभी अभी हई हभत ndash क स यह होता ह क को हए बहत समय हो चका ह उसभत कहत

उदा ndash न दध थास हो क साथ lsquoथाrsquo lsquoथrsquo lsquoथीrsquo लगान स भतकािलक

िमलता हभत - क उस को भत कहत यह हो भतकाल हो थी पर

का पता न लग उस भतकाल कहतउदा - वह पढ़ रहा था वह सोता था

कब समा हआ इसका पता क साथ lsquoता थाrsquo lsquoत थrsquo lsquoरहा थाrsquo lsquoरह थrsquo लगानाभत काल ndash क स भतकाल सचना िमलती ह उसक होन कछ हो उसभत कहतउदा ndash वह आया होगा

उसन खाया होगा भतकाल हो थी ह क साथ lsquoहगाrsquo lsquoहगीrsquo lsquoहोगाrsquo lsquoहोगीrsquo

lsquo rsquo जोडन स भतकाल िमलता हहत-हतमत भतकाल ndash क स यह पाया जाय भतकाल होना सभव थाकारण स न हो सका उस हत-हतमत भतकाल कहत

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(Present Tense)

क को काल कहत रहती ह

होती उस काल कहतउदा ndash राम पढ़ता ह

सीता गीत गा हकाल तीन क होत ndash 1) काल 2) काल 3)

काल - वह ह स का काल होना पाया जाय

उस कहतउदा ndash मोहन पढ़ता ह

रमा गाती ह क साथ lsquoताrsquo lsquoतrsquo lsquoतीrsquo जोडन स बनत

- वह ह काल क होन पायाजायउदा ndash वह खाता होगा

सीता जाती होगी क साथ lsquoता होगाrsquo lsquoती होगीrsquo lsquoत rsquo lsquoती rsquo लगान स िमलत

ndash का वह ह यह होता ह का अभी ह

होता उस कहत उदा ndash वह खा रहा ह

चल हक साथ lsquoरहाrsquo lsquo rsquo lsquoरहrsquo जोडन स िमलती ह

काल ( Future Tense)

होनवाली को काल कहत काल क दो भद ndash 1)

काल 2) कालकाल ndash का वह ह स क आग होन सचना िमल उसकाल कहत

उदा ndash वह आयगा

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राम आज बबई जायगासीता कल घर आयगी

क साथ lsquoयगाrsquo lsquoयगीrsquo lsquoयगrsquo जोडन स िमलतकाल ndash क होन सभावना हो उस काल कहत

उदा ndash सभव ह आज हो स lsquoगाrsquo lsquoगrsquo lsquoगीrsquo पथक कर दन स काल िमलगा

UNIT ndash 18

(Voice)उस कहत यह जाना जाय का ह

ह या कवल भाव ह उस कहतउदा ndash राम न रावण को मारा

तीन क ndash 1) 2) 3) भाव- ह हमशा क िलग वचन और क अनसार होता ह

उस कहतउदा ndash लडका पढ़ता ह

लड़का ह और ग ह इसिलए भी होना हसीता िलखती ह इसम सीता ह इसिलए ह का सीधा स होताह

ndash क िलग वचन क अनसार हो उस कहतह का होता ह

उदा ndash राम िलखता हह इसिलए यह ह धानता होती ह और का

स होता ह क िलग वचन क अनसार बदलती ह हमशाहोता ह का होना ह

उदा ndash राम न रावण को मारा -

राम स रावण मारा गया -

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रावण ह ह क का ह गौण का रहता ह

उदा ndash मा न को दध मा स को दध गया

दो होत ndash और दध ndash भाव होती ह यह हमशा स बनता ह हमशा

एकवचन और होती ह इसका होता ह उदा ndash यहा बठा जाता

मझस पढ़ा जाता स या बनान

को भत क करना उसक साथ काल वचन और िलग कअनसार जाना क जोडन ऐसा करन स स औरक स भा बनती ह

उदा ndash 1) राम न रावण को मारा -

राम स रावण मारा गया -

2) राम रावण को मारगा -

राम स रावण मारा जायगा -

3) राम रावण को मारता ह -

राम स रावण मारा जाता -

पहल lsquoमाराrsquo भतकािलक ह इसिलए lsquoमाराrsquo क साथ lsquoजानाrsquo का भतकािलकजोडना

दसर lsquoमारगाrsquo काल ह इसिलए lsquoमाराrsquo भतकािलक बदलकरlsquoजानाrsquo का काल lsquoजायगाrsquo जोडना

तीसर काल ह को भतकािलक बदलकर (मारा) उसक साथजाना का (जाता) जोडना

स बन सकता हउदा ndash मोहन उठता ( )

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मोहन स उठा जाता - ( )

वीणा चलती ( )

वीणा स चला जाता - ( )

UNIT ndash 19

याअभी तक हमन क बार पढ़ िलया ह उनक िलग वचन और कारक क अनसार

आता ह इसिलए कहत का ह अब हम क दसरया क बार

चार क होत ndash 1) 2) बोधक 3) बोधक 4)

बोधक

UNIT ndash 20

ndash Adverbउस कहत होती ह

उदा - रमश चलता हइस lsquoचलनाrsquo ह ndash ह lsquo rsquo इसिलए lsquo rsquo ह

स क तीन भद ह - 1) साधारण 2) सयोजक 3) साधारण - साधारण वह ह होता ह साधारण या

कहत जस ndash खब पढ़ो दौडो सयोजक ndash का स या स होता ह सयोजक

कहत जस ndash जहा तक हम चल सक वहा तक ह

योजना का सयोजक स होता ह- का क

भद क साथ होता ह कहत

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जस ndash गह खाओग

कह तो लो होता ह व कवल गह खात और कछ खायगा इन

ह हो जान स का बदल जाता ह जस ndash वह काम करगा इसका यह ह जो काम उस ह कवल वह करगा और कछ

क आधार पर क चार भद होत ndash 1) कालवाचक 2) 3)

4)

कालवाचक ndash स समय अविध तथा काल का बोध होता ह कालवाचककहतजस ndash काम को अभी पढ़ना

आजकल रोज़ होती ह कभी कभी भी रात क समान लगता ह मोहन पढ़ाई सदा ह

अभी आजकल कभी कभी सदा कालवाचक ह ndash स क का बोध होता ह

कहत उदा ndash जहा तक जा सक वहा तक जाओ

जाओ और वहा लटो घर क सामन एक ह बाहर रोशनी भीतर अधरा

हाथ स मारत जहा वहा सामन बाहर भीतर ndash स अिधकता- का बोध होता ह

कहत जस ndash उतना पढ़ो हो

चावल थोडा खाओ खब खाना

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अपना थोडा खब

व क होन का ढ़ग का पता िमलता ह जस ndash राहल धीर धीर चलता ह

सीता मधरतम गाती ह यथा हम तथा िमलत

धीर धीर मधरतम यथा-तथा

UNIT - 21

बोधकबोधक ह जो या क साथ आकर उनका क

क साथ बनात उदा ndash धन क कोई काम न चलता

घर क नीच एक तालाब ह क पास एक भी ह

नीच पास बोधक ह क अनसार बोधक क दो भद होत ndash 1) 2)

क ndash य या क बाद आतउदा - घर क भीतर घर क पीछ घर ऒर

कारक भी आती ह जस का क कभी कभी अपादान कारक या भी आती ह

उदा ndash इनस पहल आया राम का मकान मोहन क घर स पर

lsquoसrsquo lsquoपरrsquo अपादान कारक क ndash यह स क क साथ आत

जस ndash दो तक राम रहगा

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घड भर पानी क िलए पाच दन ग lsquoतकrsquo lsquoभरrsquo सचक

UNIT - 22

( Conjunctions)योजक या व जो या न बतला कर एक या का

दसर या स जोडत बोधक कहतजस ndash सीता और गीता अपन घर गयी

सीता और गीता को िमलानवाला योजक lsquoऔरrsquo ह क तीन भद ndash 1) सयोजक 2) 3) भदबोधक

1) सयोजक ndash कई का सयोग करनवाल को सयोजक कहत इसक दो याका मल होता ह

उदा ndash और राम कल बबई और वहा उनक साथ मोहन भी lsquoऔरrsquo lsquoभीrsquo सयोजक ह

2) ndash जो का बोध कराए कहत जस ndash चाह दश सवा करनी या अथवा मानवीय को पहचानना

lsquoयाrsquo lsquoअथवाrsquo lsquoवाrsquo lsquoचाहrsquo को करनवाल ह 3) भदबोधक ndash दो स एक स भद बतलानवाल को भदबोधक कहत य कई क होत

क ndash दो म स पहल का िनषध या सिचत करत जस ndash

पर मगर वरन उदा ndash मझ वहा जाना था क कारण जा न सका

ख - कारणवाचक और उपदशमलक ndashइसिलए सो अतः इसिलए

इस क ह जस ndash राम समय पर आ न सका इसिलए जा न सका

ग सकतबोधक ndash ndash तो जो ndash तो प सकतबोधक ह जस ndash तम कहत तो जाता

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घ ndash इन पहली बात का और होता ह यान मानो यहा तक इस क ह

जस ndash कोई भी समय पर पहचा यहा तक भी 10 बज तक न आय क और दो भद होत ndash 1) समानािधकरण 2)

समानािधकरण ndash समान पद क या को जोडत जो एक क हो वसमानािधकरण धक कहत जस ndash क मा-बाप का अजीब ह समानािधकरण क चार उपभद होत ndash

1) सयोजक ndash और तथा भी एव 2) क ndash या वा अथवा चाह 3) ndash पर मगर 4) ndash इसिलए अतः

ndash को स जोडनवाल कोकहत

जस ndash आज नौकरानी आयगी वह बीमार ह क चार उपभद होत ndash

१ ndash यान मानो २ करणवाचक ndash जो इसिलए ३ उपदशवाचक - जो ४ सकतवाचक ndash - तो जो-तो -

4) ndash ndash स क शोक घणाको करनवाल को -बोधक कहत

जस ndash हाय अब अर आप कहा जा रह

ह राम करो को सिचत करन क िलए - लात

बोधक क सात भद ndash

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1) बोधक ndash वाह ndashवाह - आहा शबाश

2) शोक बोधक ndash आह ऊह हा-हा ndash

3) बोधक ndash अहो ऒह

4) अनमोदन बोधक ndash हा-हा वाह शबाश

5) बोधक ndash िछ हट अर िधक

6) ndash बहत हा जी हा7) सबोधन बोधक ndash अर र अपी अहो

कभी कभी भी हो जातजस ndash भगवान लो चप कभी कभी या भी होत जस ndash न हो बहत हो गया

जब क समान होत तब वह होता तब वमनोभाव को करात

जस ndash हाय हाय मचा रखी ह

सब लोग - पकार उठहाय ndash हाय - क समान ह इसिलए यह बोधक ह

UNIT - 23

क भद क स बनान का िनयम

क पर जायगास बनता ह एक या अिधक स बनता ह एक स अिधक स बनता

ह कहन या िलखनवाल का परा भाव हो जाय तो उस कहतजस ndash मोहन पढ़ता ह

राम िलखता ह इन स लखक का परा भाव होता ह

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ndash कछ ऐस होत और क रहन पर भी कहन या िलखनवाल का परा आशयहोता क समह को और क रहन पर भी जो कछ सनन

बनी रह कहत दो क होत ndash 1) 2)

क अधीन होतउदा ndash राम न कहा था वह कल पाठशाला जायगा

इस राम न कहा था - ह और कल पाठशाला जायगा तह इस और भी कहत

रखनवाल को कछ थोडा सा भाव करनवाल को कहतएक भावना होती ह

जस ndash तरह पढ़ना चलना

इन होता ह क म दो भाग होत 1) और 2)

ndash ( ) कछ होता ह उस कहतndash ( ) क जो कछ होता ह उस कहत

जस ndash मरा स भरा हआ ह मरा ह और स भरा हआ ह ह मरा ndash ह और मरा

उस का ह इसिलए ( ) और मरा का कहत हआ हह शष उसका ह

इस चार भाग हए ndash 1) ( ) 2) का 3) ( ) 4)

काचार भद ndash

क ndash राम गया ख ndash वह कह चका ग ndash फल

क भदक अनसार क आठ भद होत ndash

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1 ndash इस स बात का होना सिचत होता ह जस ndash भारत राजधानी ह

2 िनषधवाचक ndash का अभाव होता ह जस ndash क कछ भी पा सकत

3 ndash इस स सचना होती हजस - तम कल कालज

4 ndash इसस और उपदश का बोध होता ह जस ndash तरह पढ़ो

का भजन करो 5 ndash इसस का भाव सिचत होता ह जस ndash हाय राम को एक

लाख िमल 6 ndash इसस या सचना होती ह

जस ndash अक पा

7 ndash या सभावना सचना होती ह जस ndash आज होगी

8 - सकत सचना होती ह जस ndash हो तो

राम काम करगा रचना क आधार पर

रचना क आधार पर क तीन भद होत - 1) सरल या साधारण 2) और3)

१ सरल ndash एक और एक होता ह उस सरल कहतजस ndash मोहन िलखता ह ( मोहन और िलखता ह धय ह)

राम मज़ पर रखी ह ( ह और रखी ह ह)

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lsquoराम rsquo और lsquoमज़ परrsquo कवल और का ह २ - उस कहत एक हो और उसक एक या

अिधक हो उस कहतजस ndash जो करगा उस सफलता िमलगी जो करगा ndash ह उस सफलता िमलगी - ह

तीन क ndash 1) 2) 3)

1) ndash का क पर होता ह उसकहतजस ndash मरा ह तमन को मारा यह सच ह इस तमन को मारा ndash ह क पर आया ह इसिलए यह

ह 2) ndash जब कोई को क का काम दता ह तब उस

कहत जस ndash य उसी छा को जायगा जो रहगा

उसी स डरत जो खब मारता ह उसी जो ह

3) ndash जो क का काम दता ह उस कहत

जस ndash करता ह उतना फल िमलता ह जब तम कहोग सब कछ

जब ह ३ ndash दो या दो स अिधक योजक जड हो न

हो उस कहतजस ndash वह तरह पढ़ता था तो पास होता

दो या दो स अिधक सरल अथवा एक दसर पर न होता ह इसिलए यह

जस - कर चका (सरल )

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हम कर चक तो व आए ( )

और मरा मन ठड हो गया ( )

चार क होत ndash सयोजक सचक 1) सयोजक - एक दसर क साथ सयोजक जडा रहता ह

जस ndash वह आया और उसक साथ गया स िमलता ह और स होता ह

2) ndash का एक दसर स भद या का रहता ह जस ndash स बढ़ता ह स भरता ह वह खब खाता पर बडा होता

3) सचक ndash दो स एक को करना जस ndash मझ या राम को

4) अथवा हतसचक ndash एक दसर का होता हजस ndash तम आग पढ़ो पसा दगा मझ पसा िमला इसिलए

कभी कभी बीच योजक आत जस ndash मझ न बलाया आप आता ह जब को का या एक होता ह तो एक बार िलखा या कहा

जाता ह ऐस को सकिचत कहत जस ndash का और मन को भी दता ह

जो आसानी स समझकर छोड दत ऐस को कहत जस ndash आजकल सना ह बरसात क मौसम बखार सब फलाता ह

कहत रोज़ बढ़त रह पहल हमन होना था पर ह दसर लोग स होना पर होता ह

एक का दसर क बदल जा सकता ह मलकर सकत

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क सरल स ndash

उदा ndash सरल - राम न मोहन का - राम न उस को जो मोहन का था

ख स सरलndash उसन कहा पापी ह

सरल ndash उसन को पापी बताया ग सरल स

सरल ndash होन पर लोग खत जान लग - हआ और खत जान लग

घ स िनषध वाचक तथाndash मोहन सोहन स बडा ह

िनषध वाचक - मोहन सोहन स बडा ndash मोहन सोहन स बडा ह

UNIT ndash 24

और महावरव जो का अपना न बता कर कछ करत महावरा

कहत बोलचाल बहत आनवाला ऐसा बधा कोई अनभव बात और अलकतभाषा गई हो या कहावत कहाता ह जस ndash मर पट चह कद रह

जब स उनका लड़का मरा ह कमर टट गई ह वह इतना चालाक ह अपन मािलक को पर नचाता ह

इन lsquoपट चह कद रह rsquo lsquoकमर टट गई हrsquo lsquo पर नचाता हrsquo इन काउनक स ह यहा lsquoपट चह कदनrsquo का ह भख लगना lsquoकमर टटनrsquo का ह या

का न रहना तथा lsquo पर नचानrsquo का ह अपन वश रखना अतः य महावरकहलात

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इसी जब कोई आदमी काम करना न जानता हो परत अपन को िछपान क िलए बहान बनावतब कहा जाता ह ndash नाच न जान आगन टढ़ा

जब कोई आदमी अनक खाकर भी अपनी आदत न छोड़ तब कहा जाता ह दम सौतक नली रखो तो भी य बध हए और अनभव तथा अलकत भाषा कह गय अतः य

और क स भाषा तथा आती ह महावरदार भाषाबहत पसद जाती ह और कथन बड़ा होता ह

महावरअग-अग - बहत होनाअगठा - चीज़ को दन स क साथ करनाअध - सहाराअधरा घर का उजाला - एकलौता बटा

क घोड़ दौड़ाना - सोचनापर पड़ना - समझ न पाना

अपना सीधा करना ndash करनाआख उठाना - नीयत स दखनाआख खलाना - होश आना

चार होना - आख स आख िमलानानीची होना - होनापीली करना - नाराज़ होना

आकाश पाताल का ndash बहत भदआग घी डालना - बढ़ानाआसमान िसर पर उठाना - बहत कोलाहल करना

स बजाना - करनाईद का चाद होना - िचरकाल पीछ दनाउगली पर नचाना - वश रखना

गगा बहाना - बात करना

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कमर टट जाना - िनराश हो जानाकान भरना - चगली करना

मौत मरना - बहत तरह स मरनाखाक उड़ाना खाक िमलाना - बरबाद होनागड़ गोबर कर दना - काम दनाघर गगा - दौड़-धप कघाट घाट का पानी पीना - जहा तहा का अनभव करनाचाद पर थकना - करना और फलतः होनाचार चादनी - थोड़ का सख

का दध याद आना - सब सख भल जाना सकट आ पड़नाजमीन पर पर न पड़ना - बहत अिभमान होनाजल भन कर कोयला होना - पागल हो जानाटस स मस न होना - भी नटाग अड़ाना - बाधा डालनाटोपी उछालना - िनरादर करनाितनका पकड़ना - मागनाितन का ताड़ करना - बात बढ़ानाथक कर चाटना - वचन दकर जाना

तल उगली दबाना - करनादम तोडना - मर जाना

दना रात चौगना होना - खब होनाधप बाल सफद करना - अनभव आय दनानमक लगाना - बात को बढ़ा कर कहनानाक कटना - बदनामी होनानाक चढ़ाना - घणा करनानीला पीला होना - आना

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नौ-दो होना - भाग जानाउछालना - करना

- बातपरदा डालना - िछपानापहाड टट पड़ना - आनापट चह कदना - खब भख लगना

तल स ज़मीन िनकल जाना - होश उड़ जानाफक-फक कर कदम रखना - सोच-समझ कर काम करनाबगला भगत -

उछलना - खब खश होनाबाज़ार पर होना - काम पर होनाबात का धनी - वायद काबाल खाल उतारना - करनाबाल पकना - बढ़ा होजाना अनभव करनाबाल बाल बचना - हािन पहचन जरा- सी कसर रह जानाबगार टालना - लगाकर काम न करनाबोली मारना - क कहनाभनक पड़ना - खबर द जानाभाड़ - समय गवाना

मारना - बकारचस - बहत कजसपर मारना - का नकल करना

मगज चाटना - तग करनामाथा ठनकना - आशका होनामारा मारा - होनामह-तोड़ जवाब दना - परा-परा जवाब दना

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मह फक हो जाना - चहर का रग उतर जानामह पानी भर आना - खान को ललचानामह लगाना - अिधक द दना

गरम करना - दनाराई का पहाड़ बनाना - बात को बढ़ाकर कहनारात- - हमशालका काड होना - खब मारपीट होनालबी-चौ हाकना - करना

होना - होनालह क घट पीना - करनालह पसीना एक करना - बहत करनालोह क चना चबाना - काम करनाशतान क कान कतरना - बहत चालाक होना

करना - करनाबाग - बहकाना

समझ पर पड़ना - होनाबठना - जमाना

िसतारा चमकना - उदय होनािसर पर खन सवार होना - जान लन पर होनािसर पर हाथ धरना - सहायता करनासौ बात एक बात - िनचोड़

करना - फक डालनाहसी उड़ाना - करनाहाथ मल -

हाथ पर हाथ धर बठना - बठनाहाथ पसारना - मागना

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हाथ-पर मारना - करनाहाथ साफ करना - बईमानी स ठगना

पानी करना - करनाहोश उड़ना - भय या आशका स दखी होना

अत गता सो मता - वहकान राजा - थोड़ा पढ़ िलख का मान होता ह

आख क गाठ क पर - पर धनवानआप मर जग परल - ह तो ससार ह

चोर कोतवाल को डाट - अपराध करक को डाटनाऊची दकान पकवान - काम करनाएक अनार सौ बीमार - जब एक चीज़ क बहत स तब कहा जाता हएक पथ दो काज - एक काम करन स दो का लाभ होनाकाला बराबर -

घर का लका ढ़ाह - फट स घर नाश होता हिचराग तल अधरा - पास घटना क होन पर भी उसका न होना या

ऐस पर बराई का होना जहा उसक रोकन का होचोर ितनका - पापी डर जाता हजाग सो पाव सोव तो खोव - सावधान रहन स लाभ होता ह

- बलवान का दबदबा रहता हजसा दश वसा भस - दश रह वसी करनीजसी करनी वसी भरनी - फल िमलता हतन को कपड़ा न पट को - बहतथोथा चना बाज घना - काम न करनवाला बकवास बहत करता हदाम बनाय काम - पस स सब काम हो जात

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धोबी का घर का न घाट का - जो एक पर जमकर काम न कर कभी एक लग और कभीदसर और सफल न हो उस कहा जाता ह

रहना मगर स बर - अधीन होकर रह और उसी स बर कर तो गज़ारा चलता हन रहगा बास न बाजगी - नकसान हो उसका नाश कर दना हनाच न जान आगन टढ़ा - काम करन न होन पर दसर को दोष दना नीम जान का खतरा - अधरा हािनकारक होता हनौ नगद न तरह उधार - उधार सौदा दनामान न मान तरा महमान - गल पड़नािमया जती िमया क िसर - स उसी हािन करनासौ सयान एक मत - सभी अथवा एक सलाह होती हहाथ कगन को आरसी - क िलए और हाथी क दात खान क और क और - कहना कछ और करना कछ औरहोनहार क होत चीकन पात - होनहार क पहल स जात

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भतकालस का बोध हो उस भतकाल कहत

उदा ndash राम न िलखी भतकाल क छः भद - भत भत भत भत भत हत-हतमत भत

भत ndash क स भतकाल क समय का बोध न हो उस भत कहतउदा ndash मोहन न खत िलखायहा का बोध होता जो भतकाल हई ह भतकाल ndash क स का का समय अभी अभी हआ ह इसका बोध

होता ह उस भतकाल कहत उदा ndash राम न ह

इसस पहल अभी अभी हई हभत ndash क स यह होता ह क को हए बहत समय हो चका ह उसभत कहत

उदा ndash न दध थास हो क साथ lsquoथाrsquo lsquoथrsquo lsquoथीrsquo लगान स भतकािलक

िमलता हभत - क उस को भत कहत यह हो भतकाल हो थी पर

का पता न लग उस भतकाल कहतउदा - वह पढ़ रहा था वह सोता था

कब समा हआ इसका पता क साथ lsquoता थाrsquo lsquoत थrsquo lsquoरहा थाrsquo lsquoरह थrsquo लगानाभत काल ndash क स भतकाल सचना िमलती ह उसक होन कछ हो उसभत कहतउदा ndash वह आया होगा

उसन खाया होगा भतकाल हो थी ह क साथ lsquoहगाrsquo lsquoहगीrsquo lsquoहोगाrsquo lsquoहोगीrsquo

lsquo rsquo जोडन स भतकाल िमलता हहत-हतमत भतकाल ndash क स यह पाया जाय भतकाल होना सभव थाकारण स न हो सका उस हत-हतमत भतकाल कहत

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(Present Tense)

क को काल कहत रहती ह

होती उस काल कहतउदा ndash राम पढ़ता ह

सीता गीत गा हकाल तीन क होत ndash 1) काल 2) काल 3)

काल - वह ह स का काल होना पाया जाय

उस कहतउदा ndash मोहन पढ़ता ह

रमा गाती ह क साथ lsquoताrsquo lsquoतrsquo lsquoतीrsquo जोडन स बनत

- वह ह काल क होन पायाजायउदा ndash वह खाता होगा

सीता जाती होगी क साथ lsquoता होगाrsquo lsquoती होगीrsquo lsquoत rsquo lsquoती rsquo लगान स िमलत

ndash का वह ह यह होता ह का अभी ह

होता उस कहत उदा ndash वह खा रहा ह

चल हक साथ lsquoरहाrsquo lsquo rsquo lsquoरहrsquo जोडन स िमलती ह

काल ( Future Tense)

होनवाली को काल कहत काल क दो भद ndash 1)

काल 2) कालकाल ndash का वह ह स क आग होन सचना िमल उसकाल कहत

उदा ndash वह आयगा

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राम आज बबई जायगासीता कल घर आयगी

क साथ lsquoयगाrsquo lsquoयगीrsquo lsquoयगrsquo जोडन स िमलतकाल ndash क होन सभावना हो उस काल कहत

उदा ndash सभव ह आज हो स lsquoगाrsquo lsquoगrsquo lsquoगीrsquo पथक कर दन स काल िमलगा

UNIT ndash 18

(Voice)उस कहत यह जाना जाय का ह

ह या कवल भाव ह उस कहतउदा ndash राम न रावण को मारा

तीन क ndash 1) 2) 3) भाव- ह हमशा क िलग वचन और क अनसार होता ह

उस कहतउदा ndash लडका पढ़ता ह

लड़का ह और ग ह इसिलए भी होना हसीता िलखती ह इसम सीता ह इसिलए ह का सीधा स होताह

ndash क िलग वचन क अनसार हो उस कहतह का होता ह

उदा ndash राम िलखता हह इसिलए यह ह धानता होती ह और का

स होता ह क िलग वचन क अनसार बदलती ह हमशाहोता ह का होना ह

उदा ndash राम न रावण को मारा -

राम स रावण मारा गया -

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रावण ह ह क का ह गौण का रहता ह

उदा ndash मा न को दध मा स को दध गया

दो होत ndash और दध ndash भाव होती ह यह हमशा स बनता ह हमशा

एकवचन और होती ह इसका होता ह उदा ndash यहा बठा जाता

मझस पढ़ा जाता स या बनान

को भत क करना उसक साथ काल वचन और िलग कअनसार जाना क जोडन ऐसा करन स स औरक स भा बनती ह

उदा ndash 1) राम न रावण को मारा -

राम स रावण मारा गया -

2) राम रावण को मारगा -

राम स रावण मारा जायगा -

3) राम रावण को मारता ह -

राम स रावण मारा जाता -

पहल lsquoमाराrsquo भतकािलक ह इसिलए lsquoमाराrsquo क साथ lsquoजानाrsquo का भतकािलकजोडना

दसर lsquoमारगाrsquo काल ह इसिलए lsquoमाराrsquo भतकािलक बदलकरlsquoजानाrsquo का काल lsquoजायगाrsquo जोडना

तीसर काल ह को भतकािलक बदलकर (मारा) उसक साथजाना का (जाता) जोडना

स बन सकता हउदा ndash मोहन उठता ( )

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मोहन स उठा जाता - ( )

वीणा चलती ( )

वीणा स चला जाता - ( )

UNIT ndash 19

याअभी तक हमन क बार पढ़ िलया ह उनक िलग वचन और कारक क अनसार

आता ह इसिलए कहत का ह अब हम क दसरया क बार

चार क होत ndash 1) 2) बोधक 3) बोधक 4)

बोधक

UNIT ndash 20

ndash Adverbउस कहत होती ह

उदा - रमश चलता हइस lsquoचलनाrsquo ह ndash ह lsquo rsquo इसिलए lsquo rsquo ह

स क तीन भद ह - 1) साधारण 2) सयोजक 3) साधारण - साधारण वह ह होता ह साधारण या

कहत जस ndash खब पढ़ो दौडो सयोजक ndash का स या स होता ह सयोजक

कहत जस ndash जहा तक हम चल सक वहा तक ह

योजना का सयोजक स होता ह- का क

भद क साथ होता ह कहत

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जस ndash गह खाओग

कह तो लो होता ह व कवल गह खात और कछ खायगा इन

ह हो जान स का बदल जाता ह जस ndash वह काम करगा इसका यह ह जो काम उस ह कवल वह करगा और कछ

क आधार पर क चार भद होत ndash 1) कालवाचक 2) 3)

4)

कालवाचक ndash स समय अविध तथा काल का बोध होता ह कालवाचककहतजस ndash काम को अभी पढ़ना

आजकल रोज़ होती ह कभी कभी भी रात क समान लगता ह मोहन पढ़ाई सदा ह

अभी आजकल कभी कभी सदा कालवाचक ह ndash स क का बोध होता ह

कहत उदा ndash जहा तक जा सक वहा तक जाओ

जाओ और वहा लटो घर क सामन एक ह बाहर रोशनी भीतर अधरा

हाथ स मारत जहा वहा सामन बाहर भीतर ndash स अिधकता- का बोध होता ह

कहत जस ndash उतना पढ़ो हो

चावल थोडा खाओ खब खाना

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अपना थोडा खब

व क होन का ढ़ग का पता िमलता ह जस ndash राहल धीर धीर चलता ह

सीता मधरतम गाती ह यथा हम तथा िमलत

धीर धीर मधरतम यथा-तथा

UNIT - 21

बोधकबोधक ह जो या क साथ आकर उनका क

क साथ बनात उदा ndash धन क कोई काम न चलता

घर क नीच एक तालाब ह क पास एक भी ह

नीच पास बोधक ह क अनसार बोधक क दो भद होत ndash 1) 2)

क ndash य या क बाद आतउदा - घर क भीतर घर क पीछ घर ऒर

कारक भी आती ह जस का क कभी कभी अपादान कारक या भी आती ह

उदा ndash इनस पहल आया राम का मकान मोहन क घर स पर

lsquoसrsquo lsquoपरrsquo अपादान कारक क ndash यह स क क साथ आत

जस ndash दो तक राम रहगा

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घड भर पानी क िलए पाच दन ग lsquoतकrsquo lsquoभरrsquo सचक

UNIT - 22

( Conjunctions)योजक या व जो या न बतला कर एक या का

दसर या स जोडत बोधक कहतजस ndash सीता और गीता अपन घर गयी

सीता और गीता को िमलानवाला योजक lsquoऔरrsquo ह क तीन भद ndash 1) सयोजक 2) 3) भदबोधक

1) सयोजक ndash कई का सयोग करनवाल को सयोजक कहत इसक दो याका मल होता ह

उदा ndash और राम कल बबई और वहा उनक साथ मोहन भी lsquoऔरrsquo lsquoभीrsquo सयोजक ह

2) ndash जो का बोध कराए कहत जस ndash चाह दश सवा करनी या अथवा मानवीय को पहचानना

lsquoयाrsquo lsquoअथवाrsquo lsquoवाrsquo lsquoचाहrsquo को करनवाल ह 3) भदबोधक ndash दो स एक स भद बतलानवाल को भदबोधक कहत य कई क होत

क ndash दो म स पहल का िनषध या सिचत करत जस ndash

पर मगर वरन उदा ndash मझ वहा जाना था क कारण जा न सका

ख - कारणवाचक और उपदशमलक ndashइसिलए सो अतः इसिलए

इस क ह जस ndash राम समय पर आ न सका इसिलए जा न सका

ग सकतबोधक ndash ndash तो जो ndash तो प सकतबोधक ह जस ndash तम कहत तो जाता

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घ ndash इन पहली बात का और होता ह यान मानो यहा तक इस क ह

जस ndash कोई भी समय पर पहचा यहा तक भी 10 बज तक न आय क और दो भद होत ndash 1) समानािधकरण 2)

समानािधकरण ndash समान पद क या को जोडत जो एक क हो वसमानािधकरण धक कहत जस ndash क मा-बाप का अजीब ह समानािधकरण क चार उपभद होत ndash

1) सयोजक ndash और तथा भी एव 2) क ndash या वा अथवा चाह 3) ndash पर मगर 4) ndash इसिलए अतः

ndash को स जोडनवाल कोकहत

जस ndash आज नौकरानी आयगी वह बीमार ह क चार उपभद होत ndash

१ ndash यान मानो २ करणवाचक ndash जो इसिलए ३ उपदशवाचक - जो ४ सकतवाचक ndash - तो जो-तो -

4) ndash ndash स क शोक घणाको करनवाल को -बोधक कहत

जस ndash हाय अब अर आप कहा जा रह

ह राम करो को सिचत करन क िलए - लात

बोधक क सात भद ndash

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1) बोधक ndash वाह ndashवाह - आहा शबाश

2) शोक बोधक ndash आह ऊह हा-हा ndash

3) बोधक ndash अहो ऒह

4) अनमोदन बोधक ndash हा-हा वाह शबाश

5) बोधक ndash िछ हट अर िधक

6) ndash बहत हा जी हा7) सबोधन बोधक ndash अर र अपी अहो

कभी कभी भी हो जातजस ndash भगवान लो चप कभी कभी या भी होत जस ndash न हो बहत हो गया

जब क समान होत तब वह होता तब वमनोभाव को करात

जस ndash हाय हाय मचा रखी ह

सब लोग - पकार उठहाय ndash हाय - क समान ह इसिलए यह बोधक ह

UNIT - 23

क भद क स बनान का िनयम

क पर जायगास बनता ह एक या अिधक स बनता ह एक स अिधक स बनता

ह कहन या िलखनवाल का परा भाव हो जाय तो उस कहतजस ndash मोहन पढ़ता ह

राम िलखता ह इन स लखक का परा भाव होता ह

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ndash कछ ऐस होत और क रहन पर भी कहन या िलखनवाल का परा आशयहोता क समह को और क रहन पर भी जो कछ सनन

बनी रह कहत दो क होत ndash 1) 2)

क अधीन होतउदा ndash राम न कहा था वह कल पाठशाला जायगा

इस राम न कहा था - ह और कल पाठशाला जायगा तह इस और भी कहत

रखनवाल को कछ थोडा सा भाव करनवाल को कहतएक भावना होती ह

जस ndash तरह पढ़ना चलना

इन होता ह क म दो भाग होत 1) और 2)

ndash ( ) कछ होता ह उस कहतndash ( ) क जो कछ होता ह उस कहत

जस ndash मरा स भरा हआ ह मरा ह और स भरा हआ ह ह मरा ndash ह और मरा

उस का ह इसिलए ( ) और मरा का कहत हआ हह शष उसका ह

इस चार भाग हए ndash 1) ( ) 2) का 3) ( ) 4)

काचार भद ndash

क ndash राम गया ख ndash वह कह चका ग ndash फल

क भदक अनसार क आठ भद होत ndash

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1 ndash इस स बात का होना सिचत होता ह जस ndash भारत राजधानी ह

2 िनषधवाचक ndash का अभाव होता ह जस ndash क कछ भी पा सकत

3 ndash इस स सचना होती हजस - तम कल कालज

4 ndash इसस और उपदश का बोध होता ह जस ndash तरह पढ़ो

का भजन करो 5 ndash इसस का भाव सिचत होता ह जस ndash हाय राम को एक

लाख िमल 6 ndash इसस या सचना होती ह

जस ndash अक पा

7 ndash या सभावना सचना होती ह जस ndash आज होगी

8 - सकत सचना होती ह जस ndash हो तो

राम काम करगा रचना क आधार पर

रचना क आधार पर क तीन भद होत - 1) सरल या साधारण 2) और3)

१ सरल ndash एक और एक होता ह उस सरल कहतजस ndash मोहन िलखता ह ( मोहन और िलखता ह धय ह)

राम मज़ पर रखी ह ( ह और रखी ह ह)

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lsquoराम rsquo और lsquoमज़ परrsquo कवल और का ह २ - उस कहत एक हो और उसक एक या

अिधक हो उस कहतजस ndash जो करगा उस सफलता िमलगी जो करगा ndash ह उस सफलता िमलगी - ह

तीन क ndash 1) 2) 3)

1) ndash का क पर होता ह उसकहतजस ndash मरा ह तमन को मारा यह सच ह इस तमन को मारा ndash ह क पर आया ह इसिलए यह

ह 2) ndash जब कोई को क का काम दता ह तब उस

कहत जस ndash य उसी छा को जायगा जो रहगा

उसी स डरत जो खब मारता ह उसी जो ह

3) ndash जो क का काम दता ह उस कहत

जस ndash करता ह उतना फल िमलता ह जब तम कहोग सब कछ

जब ह ३ ndash दो या दो स अिधक योजक जड हो न

हो उस कहतजस ndash वह तरह पढ़ता था तो पास होता

दो या दो स अिधक सरल अथवा एक दसर पर न होता ह इसिलए यह

जस - कर चका (सरल )

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हम कर चक तो व आए ( )

और मरा मन ठड हो गया ( )

चार क होत ndash सयोजक सचक 1) सयोजक - एक दसर क साथ सयोजक जडा रहता ह

जस ndash वह आया और उसक साथ गया स िमलता ह और स होता ह

2) ndash का एक दसर स भद या का रहता ह जस ndash स बढ़ता ह स भरता ह वह खब खाता पर बडा होता

3) सचक ndash दो स एक को करना जस ndash मझ या राम को

4) अथवा हतसचक ndash एक दसर का होता हजस ndash तम आग पढ़ो पसा दगा मझ पसा िमला इसिलए

कभी कभी बीच योजक आत जस ndash मझ न बलाया आप आता ह जब को का या एक होता ह तो एक बार िलखा या कहा

जाता ह ऐस को सकिचत कहत जस ndash का और मन को भी दता ह

जो आसानी स समझकर छोड दत ऐस को कहत जस ndash आजकल सना ह बरसात क मौसम बखार सब फलाता ह

कहत रोज़ बढ़त रह पहल हमन होना था पर ह दसर लोग स होना पर होता ह

एक का दसर क बदल जा सकता ह मलकर सकत

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क सरल स ndash

उदा ndash सरल - राम न मोहन का - राम न उस को जो मोहन का था

ख स सरलndash उसन कहा पापी ह

सरल ndash उसन को पापी बताया ग सरल स

सरल ndash होन पर लोग खत जान लग - हआ और खत जान लग

घ स िनषध वाचक तथाndash मोहन सोहन स बडा ह

िनषध वाचक - मोहन सोहन स बडा ndash मोहन सोहन स बडा ह

UNIT ndash 24

और महावरव जो का अपना न बता कर कछ करत महावरा

कहत बोलचाल बहत आनवाला ऐसा बधा कोई अनभव बात और अलकतभाषा गई हो या कहावत कहाता ह जस ndash मर पट चह कद रह

जब स उनका लड़का मरा ह कमर टट गई ह वह इतना चालाक ह अपन मािलक को पर नचाता ह

इन lsquoपट चह कद रह rsquo lsquoकमर टट गई हrsquo lsquo पर नचाता हrsquo इन काउनक स ह यहा lsquoपट चह कदनrsquo का ह भख लगना lsquoकमर टटनrsquo का ह या

का न रहना तथा lsquo पर नचानrsquo का ह अपन वश रखना अतः य महावरकहलात

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इसी जब कोई आदमी काम करना न जानता हो परत अपन को िछपान क िलए बहान बनावतब कहा जाता ह ndash नाच न जान आगन टढ़ा

जब कोई आदमी अनक खाकर भी अपनी आदत न छोड़ तब कहा जाता ह दम सौतक नली रखो तो भी य बध हए और अनभव तथा अलकत भाषा कह गय अतः य

और क स भाषा तथा आती ह महावरदार भाषाबहत पसद जाती ह और कथन बड़ा होता ह

महावरअग-अग - बहत होनाअगठा - चीज़ को दन स क साथ करनाअध - सहाराअधरा घर का उजाला - एकलौता बटा

क घोड़ दौड़ाना - सोचनापर पड़ना - समझ न पाना

अपना सीधा करना ndash करनाआख उठाना - नीयत स दखनाआख खलाना - होश आना

चार होना - आख स आख िमलानानीची होना - होनापीली करना - नाराज़ होना

आकाश पाताल का ndash बहत भदआग घी डालना - बढ़ानाआसमान िसर पर उठाना - बहत कोलाहल करना

स बजाना - करनाईद का चाद होना - िचरकाल पीछ दनाउगली पर नचाना - वश रखना

गगा बहाना - बात करना

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कमर टट जाना - िनराश हो जानाकान भरना - चगली करना

मौत मरना - बहत तरह स मरनाखाक उड़ाना खाक िमलाना - बरबाद होनागड़ गोबर कर दना - काम दनाघर गगा - दौड़-धप कघाट घाट का पानी पीना - जहा तहा का अनभव करनाचाद पर थकना - करना और फलतः होनाचार चादनी - थोड़ का सख

का दध याद आना - सब सख भल जाना सकट आ पड़नाजमीन पर पर न पड़ना - बहत अिभमान होनाजल भन कर कोयला होना - पागल हो जानाटस स मस न होना - भी नटाग अड़ाना - बाधा डालनाटोपी उछालना - िनरादर करनाितनका पकड़ना - मागनाितन का ताड़ करना - बात बढ़ानाथक कर चाटना - वचन दकर जाना

तल उगली दबाना - करनादम तोडना - मर जाना

दना रात चौगना होना - खब होनाधप बाल सफद करना - अनभव आय दनानमक लगाना - बात को बढ़ा कर कहनानाक कटना - बदनामी होनानाक चढ़ाना - घणा करनानीला पीला होना - आना

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नौ-दो होना - भाग जानाउछालना - करना

- बातपरदा डालना - िछपानापहाड टट पड़ना - आनापट चह कदना - खब भख लगना

तल स ज़मीन िनकल जाना - होश उड़ जानाफक-फक कर कदम रखना - सोच-समझ कर काम करनाबगला भगत -

उछलना - खब खश होनाबाज़ार पर होना - काम पर होनाबात का धनी - वायद काबाल खाल उतारना - करनाबाल पकना - बढ़ा होजाना अनभव करनाबाल बाल बचना - हािन पहचन जरा- सी कसर रह जानाबगार टालना - लगाकर काम न करनाबोली मारना - क कहनाभनक पड़ना - खबर द जानाभाड़ - समय गवाना

मारना - बकारचस - बहत कजसपर मारना - का नकल करना

मगज चाटना - तग करनामाथा ठनकना - आशका होनामारा मारा - होनामह-तोड़ जवाब दना - परा-परा जवाब दना

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मह फक हो जाना - चहर का रग उतर जानामह पानी भर आना - खान को ललचानामह लगाना - अिधक द दना

गरम करना - दनाराई का पहाड़ बनाना - बात को बढ़ाकर कहनारात- - हमशालका काड होना - खब मारपीट होनालबी-चौ हाकना - करना

होना - होनालह क घट पीना - करनालह पसीना एक करना - बहत करनालोह क चना चबाना - काम करनाशतान क कान कतरना - बहत चालाक होना

करना - करनाबाग - बहकाना

समझ पर पड़ना - होनाबठना - जमाना

िसतारा चमकना - उदय होनािसर पर खन सवार होना - जान लन पर होनािसर पर हाथ धरना - सहायता करनासौ बात एक बात - िनचोड़

करना - फक डालनाहसी उड़ाना - करनाहाथ मल -

हाथ पर हाथ धर बठना - बठनाहाथ पसारना - मागना

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हाथ-पर मारना - करनाहाथ साफ करना - बईमानी स ठगना

पानी करना - करनाहोश उड़ना - भय या आशका स दखी होना

अत गता सो मता - वहकान राजा - थोड़ा पढ़ िलख का मान होता ह

आख क गाठ क पर - पर धनवानआप मर जग परल - ह तो ससार ह

चोर कोतवाल को डाट - अपराध करक को डाटनाऊची दकान पकवान - काम करनाएक अनार सौ बीमार - जब एक चीज़ क बहत स तब कहा जाता हएक पथ दो काज - एक काम करन स दो का लाभ होनाकाला बराबर -

घर का लका ढ़ाह - फट स घर नाश होता हिचराग तल अधरा - पास घटना क होन पर भी उसका न होना या

ऐस पर बराई का होना जहा उसक रोकन का होचोर ितनका - पापी डर जाता हजाग सो पाव सोव तो खोव - सावधान रहन स लाभ होता ह

- बलवान का दबदबा रहता हजसा दश वसा भस - दश रह वसी करनीजसी करनी वसी भरनी - फल िमलता हतन को कपड़ा न पट को - बहतथोथा चना बाज घना - काम न करनवाला बकवास बहत करता हदाम बनाय काम - पस स सब काम हो जात

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धोबी का घर का न घाट का - जो एक पर जमकर काम न कर कभी एक लग और कभीदसर और सफल न हो उस कहा जाता ह

रहना मगर स बर - अधीन होकर रह और उसी स बर कर तो गज़ारा चलता हन रहगा बास न बाजगी - नकसान हो उसका नाश कर दना हनाच न जान आगन टढ़ा - काम करन न होन पर दसर को दोष दना नीम जान का खतरा - अधरा हािनकारक होता हनौ नगद न तरह उधार - उधार सौदा दनामान न मान तरा महमान - गल पड़नािमया जती िमया क िसर - स उसी हािन करनासौ सयान एक मत - सभी अथवा एक सलाह होती हहाथ कगन को आरसी - क िलए और हाथी क दात खान क और क और - कहना कछ और करना कछ औरहोनहार क होत चीकन पात - होनहार क पहल स जात

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(Present Tense)

क को काल कहत रहती ह

होती उस काल कहतउदा ndash राम पढ़ता ह

सीता गीत गा हकाल तीन क होत ndash 1) काल 2) काल 3)

काल - वह ह स का काल होना पाया जाय

उस कहतउदा ndash मोहन पढ़ता ह

रमा गाती ह क साथ lsquoताrsquo lsquoतrsquo lsquoतीrsquo जोडन स बनत

- वह ह काल क होन पायाजायउदा ndash वह खाता होगा

सीता जाती होगी क साथ lsquoता होगाrsquo lsquoती होगीrsquo lsquoत rsquo lsquoती rsquo लगान स िमलत

ndash का वह ह यह होता ह का अभी ह

होता उस कहत उदा ndash वह खा रहा ह

चल हक साथ lsquoरहाrsquo lsquo rsquo lsquoरहrsquo जोडन स िमलती ह

काल ( Future Tense)

होनवाली को काल कहत काल क दो भद ndash 1)

काल 2) कालकाल ndash का वह ह स क आग होन सचना िमल उसकाल कहत

उदा ndash वह आयगा

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राम आज बबई जायगासीता कल घर आयगी

क साथ lsquoयगाrsquo lsquoयगीrsquo lsquoयगrsquo जोडन स िमलतकाल ndash क होन सभावना हो उस काल कहत

उदा ndash सभव ह आज हो स lsquoगाrsquo lsquoगrsquo lsquoगीrsquo पथक कर दन स काल िमलगा

UNIT ndash 18

(Voice)उस कहत यह जाना जाय का ह

ह या कवल भाव ह उस कहतउदा ndash राम न रावण को मारा

तीन क ndash 1) 2) 3) भाव- ह हमशा क िलग वचन और क अनसार होता ह

उस कहतउदा ndash लडका पढ़ता ह

लड़का ह और ग ह इसिलए भी होना हसीता िलखती ह इसम सीता ह इसिलए ह का सीधा स होताह

ndash क िलग वचन क अनसार हो उस कहतह का होता ह

उदा ndash राम िलखता हह इसिलए यह ह धानता होती ह और का

स होता ह क िलग वचन क अनसार बदलती ह हमशाहोता ह का होना ह

उदा ndash राम न रावण को मारा -

राम स रावण मारा गया -

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रावण ह ह क का ह गौण का रहता ह

उदा ndash मा न को दध मा स को दध गया

दो होत ndash और दध ndash भाव होती ह यह हमशा स बनता ह हमशा

एकवचन और होती ह इसका होता ह उदा ndash यहा बठा जाता

मझस पढ़ा जाता स या बनान

को भत क करना उसक साथ काल वचन और िलग कअनसार जाना क जोडन ऐसा करन स स औरक स भा बनती ह

उदा ndash 1) राम न रावण को मारा -

राम स रावण मारा गया -

2) राम रावण को मारगा -

राम स रावण मारा जायगा -

3) राम रावण को मारता ह -

राम स रावण मारा जाता -

पहल lsquoमाराrsquo भतकािलक ह इसिलए lsquoमाराrsquo क साथ lsquoजानाrsquo का भतकािलकजोडना

दसर lsquoमारगाrsquo काल ह इसिलए lsquoमाराrsquo भतकािलक बदलकरlsquoजानाrsquo का काल lsquoजायगाrsquo जोडना

तीसर काल ह को भतकािलक बदलकर (मारा) उसक साथजाना का (जाता) जोडना

स बन सकता हउदा ndash मोहन उठता ( )

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मोहन स उठा जाता - ( )

वीणा चलती ( )

वीणा स चला जाता - ( )

UNIT ndash 19

याअभी तक हमन क बार पढ़ िलया ह उनक िलग वचन और कारक क अनसार

आता ह इसिलए कहत का ह अब हम क दसरया क बार

चार क होत ndash 1) 2) बोधक 3) बोधक 4)

बोधक

UNIT ndash 20

ndash Adverbउस कहत होती ह

उदा - रमश चलता हइस lsquoचलनाrsquo ह ndash ह lsquo rsquo इसिलए lsquo rsquo ह

स क तीन भद ह - 1) साधारण 2) सयोजक 3) साधारण - साधारण वह ह होता ह साधारण या

कहत जस ndash खब पढ़ो दौडो सयोजक ndash का स या स होता ह सयोजक

कहत जस ndash जहा तक हम चल सक वहा तक ह

योजना का सयोजक स होता ह- का क

भद क साथ होता ह कहत

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जस ndash गह खाओग

कह तो लो होता ह व कवल गह खात और कछ खायगा इन

ह हो जान स का बदल जाता ह जस ndash वह काम करगा इसका यह ह जो काम उस ह कवल वह करगा और कछ

क आधार पर क चार भद होत ndash 1) कालवाचक 2) 3)

4)

कालवाचक ndash स समय अविध तथा काल का बोध होता ह कालवाचककहतजस ndash काम को अभी पढ़ना

आजकल रोज़ होती ह कभी कभी भी रात क समान लगता ह मोहन पढ़ाई सदा ह

अभी आजकल कभी कभी सदा कालवाचक ह ndash स क का बोध होता ह

कहत उदा ndash जहा तक जा सक वहा तक जाओ

जाओ और वहा लटो घर क सामन एक ह बाहर रोशनी भीतर अधरा

हाथ स मारत जहा वहा सामन बाहर भीतर ndash स अिधकता- का बोध होता ह

कहत जस ndash उतना पढ़ो हो

चावल थोडा खाओ खब खाना

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अपना थोडा खब

व क होन का ढ़ग का पता िमलता ह जस ndash राहल धीर धीर चलता ह

सीता मधरतम गाती ह यथा हम तथा िमलत

धीर धीर मधरतम यथा-तथा

UNIT - 21

बोधकबोधक ह जो या क साथ आकर उनका क

क साथ बनात उदा ndash धन क कोई काम न चलता

घर क नीच एक तालाब ह क पास एक भी ह

नीच पास बोधक ह क अनसार बोधक क दो भद होत ndash 1) 2)

क ndash य या क बाद आतउदा - घर क भीतर घर क पीछ घर ऒर

कारक भी आती ह जस का क कभी कभी अपादान कारक या भी आती ह

उदा ndash इनस पहल आया राम का मकान मोहन क घर स पर

lsquoसrsquo lsquoपरrsquo अपादान कारक क ndash यह स क क साथ आत

जस ndash दो तक राम रहगा

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घड भर पानी क िलए पाच दन ग lsquoतकrsquo lsquoभरrsquo सचक

UNIT - 22

( Conjunctions)योजक या व जो या न बतला कर एक या का

दसर या स जोडत बोधक कहतजस ndash सीता और गीता अपन घर गयी

सीता और गीता को िमलानवाला योजक lsquoऔरrsquo ह क तीन भद ndash 1) सयोजक 2) 3) भदबोधक

1) सयोजक ndash कई का सयोग करनवाल को सयोजक कहत इसक दो याका मल होता ह

उदा ndash और राम कल बबई और वहा उनक साथ मोहन भी lsquoऔरrsquo lsquoभीrsquo सयोजक ह

2) ndash जो का बोध कराए कहत जस ndash चाह दश सवा करनी या अथवा मानवीय को पहचानना

lsquoयाrsquo lsquoअथवाrsquo lsquoवाrsquo lsquoचाहrsquo को करनवाल ह 3) भदबोधक ndash दो स एक स भद बतलानवाल को भदबोधक कहत य कई क होत

क ndash दो म स पहल का िनषध या सिचत करत जस ndash

पर मगर वरन उदा ndash मझ वहा जाना था क कारण जा न सका

ख - कारणवाचक और उपदशमलक ndashइसिलए सो अतः इसिलए

इस क ह जस ndash राम समय पर आ न सका इसिलए जा न सका

ग सकतबोधक ndash ndash तो जो ndash तो प सकतबोधक ह जस ndash तम कहत तो जाता

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घ ndash इन पहली बात का और होता ह यान मानो यहा तक इस क ह

जस ndash कोई भी समय पर पहचा यहा तक भी 10 बज तक न आय क और दो भद होत ndash 1) समानािधकरण 2)

समानािधकरण ndash समान पद क या को जोडत जो एक क हो वसमानािधकरण धक कहत जस ndash क मा-बाप का अजीब ह समानािधकरण क चार उपभद होत ndash

1) सयोजक ndash और तथा भी एव 2) क ndash या वा अथवा चाह 3) ndash पर मगर 4) ndash इसिलए अतः

ndash को स जोडनवाल कोकहत

जस ndash आज नौकरानी आयगी वह बीमार ह क चार उपभद होत ndash

१ ndash यान मानो २ करणवाचक ndash जो इसिलए ३ उपदशवाचक - जो ४ सकतवाचक ndash - तो जो-तो -

4) ndash ndash स क शोक घणाको करनवाल को -बोधक कहत

जस ndash हाय अब अर आप कहा जा रह

ह राम करो को सिचत करन क िलए - लात

बोधक क सात भद ndash

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1) बोधक ndash वाह ndashवाह - आहा शबाश

2) शोक बोधक ndash आह ऊह हा-हा ndash

3) बोधक ndash अहो ऒह

4) अनमोदन बोधक ndash हा-हा वाह शबाश

5) बोधक ndash िछ हट अर िधक

6) ndash बहत हा जी हा7) सबोधन बोधक ndash अर र अपी अहो

कभी कभी भी हो जातजस ndash भगवान लो चप कभी कभी या भी होत जस ndash न हो बहत हो गया

जब क समान होत तब वह होता तब वमनोभाव को करात

जस ndash हाय हाय मचा रखी ह

सब लोग - पकार उठहाय ndash हाय - क समान ह इसिलए यह बोधक ह

UNIT - 23

क भद क स बनान का िनयम

क पर जायगास बनता ह एक या अिधक स बनता ह एक स अिधक स बनता

ह कहन या िलखनवाल का परा भाव हो जाय तो उस कहतजस ndash मोहन पढ़ता ह

राम िलखता ह इन स लखक का परा भाव होता ह

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ndash कछ ऐस होत और क रहन पर भी कहन या िलखनवाल का परा आशयहोता क समह को और क रहन पर भी जो कछ सनन

बनी रह कहत दो क होत ndash 1) 2)

क अधीन होतउदा ndash राम न कहा था वह कल पाठशाला जायगा

इस राम न कहा था - ह और कल पाठशाला जायगा तह इस और भी कहत

रखनवाल को कछ थोडा सा भाव करनवाल को कहतएक भावना होती ह

जस ndash तरह पढ़ना चलना

इन होता ह क म दो भाग होत 1) और 2)

ndash ( ) कछ होता ह उस कहतndash ( ) क जो कछ होता ह उस कहत

जस ndash मरा स भरा हआ ह मरा ह और स भरा हआ ह ह मरा ndash ह और मरा

उस का ह इसिलए ( ) और मरा का कहत हआ हह शष उसका ह

इस चार भाग हए ndash 1) ( ) 2) का 3) ( ) 4)

काचार भद ndash

क ndash राम गया ख ndash वह कह चका ग ndash फल

क भदक अनसार क आठ भद होत ndash

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1 ndash इस स बात का होना सिचत होता ह जस ndash भारत राजधानी ह

2 िनषधवाचक ndash का अभाव होता ह जस ndash क कछ भी पा सकत

3 ndash इस स सचना होती हजस - तम कल कालज

4 ndash इसस और उपदश का बोध होता ह जस ndash तरह पढ़ो

का भजन करो 5 ndash इसस का भाव सिचत होता ह जस ndash हाय राम को एक

लाख िमल 6 ndash इसस या सचना होती ह

जस ndash अक पा

7 ndash या सभावना सचना होती ह जस ndash आज होगी

8 - सकत सचना होती ह जस ndash हो तो

राम काम करगा रचना क आधार पर

रचना क आधार पर क तीन भद होत - 1) सरल या साधारण 2) और3)

१ सरल ndash एक और एक होता ह उस सरल कहतजस ndash मोहन िलखता ह ( मोहन और िलखता ह धय ह)

राम मज़ पर रखी ह ( ह और रखी ह ह)

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lsquoराम rsquo और lsquoमज़ परrsquo कवल और का ह २ - उस कहत एक हो और उसक एक या

अिधक हो उस कहतजस ndash जो करगा उस सफलता िमलगी जो करगा ndash ह उस सफलता िमलगी - ह

तीन क ndash 1) 2) 3)

1) ndash का क पर होता ह उसकहतजस ndash मरा ह तमन को मारा यह सच ह इस तमन को मारा ndash ह क पर आया ह इसिलए यह

ह 2) ndash जब कोई को क का काम दता ह तब उस

कहत जस ndash य उसी छा को जायगा जो रहगा

उसी स डरत जो खब मारता ह उसी जो ह

3) ndash जो क का काम दता ह उस कहत

जस ndash करता ह उतना फल िमलता ह जब तम कहोग सब कछ

जब ह ३ ndash दो या दो स अिधक योजक जड हो न

हो उस कहतजस ndash वह तरह पढ़ता था तो पास होता

दो या दो स अिधक सरल अथवा एक दसर पर न होता ह इसिलए यह

जस - कर चका (सरल )

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हम कर चक तो व आए ( )

और मरा मन ठड हो गया ( )

चार क होत ndash सयोजक सचक 1) सयोजक - एक दसर क साथ सयोजक जडा रहता ह

जस ndash वह आया और उसक साथ गया स िमलता ह और स होता ह

2) ndash का एक दसर स भद या का रहता ह जस ndash स बढ़ता ह स भरता ह वह खब खाता पर बडा होता

3) सचक ndash दो स एक को करना जस ndash मझ या राम को

4) अथवा हतसचक ndash एक दसर का होता हजस ndash तम आग पढ़ो पसा दगा मझ पसा िमला इसिलए

कभी कभी बीच योजक आत जस ndash मझ न बलाया आप आता ह जब को का या एक होता ह तो एक बार िलखा या कहा

जाता ह ऐस को सकिचत कहत जस ndash का और मन को भी दता ह

जो आसानी स समझकर छोड दत ऐस को कहत जस ndash आजकल सना ह बरसात क मौसम बखार सब फलाता ह

कहत रोज़ बढ़त रह पहल हमन होना था पर ह दसर लोग स होना पर होता ह

एक का दसर क बदल जा सकता ह मलकर सकत

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क सरल स ndash

उदा ndash सरल - राम न मोहन का - राम न उस को जो मोहन का था

ख स सरलndash उसन कहा पापी ह

सरल ndash उसन को पापी बताया ग सरल स

सरल ndash होन पर लोग खत जान लग - हआ और खत जान लग

घ स िनषध वाचक तथाndash मोहन सोहन स बडा ह

िनषध वाचक - मोहन सोहन स बडा ndash मोहन सोहन स बडा ह

UNIT ndash 24

और महावरव जो का अपना न बता कर कछ करत महावरा

कहत बोलचाल बहत आनवाला ऐसा बधा कोई अनभव बात और अलकतभाषा गई हो या कहावत कहाता ह जस ndash मर पट चह कद रह

जब स उनका लड़का मरा ह कमर टट गई ह वह इतना चालाक ह अपन मािलक को पर नचाता ह

इन lsquoपट चह कद रह rsquo lsquoकमर टट गई हrsquo lsquo पर नचाता हrsquo इन काउनक स ह यहा lsquoपट चह कदनrsquo का ह भख लगना lsquoकमर टटनrsquo का ह या

का न रहना तथा lsquo पर नचानrsquo का ह अपन वश रखना अतः य महावरकहलात

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इसी जब कोई आदमी काम करना न जानता हो परत अपन को िछपान क िलए बहान बनावतब कहा जाता ह ndash नाच न जान आगन टढ़ा

जब कोई आदमी अनक खाकर भी अपनी आदत न छोड़ तब कहा जाता ह दम सौतक नली रखो तो भी य बध हए और अनभव तथा अलकत भाषा कह गय अतः य

और क स भाषा तथा आती ह महावरदार भाषाबहत पसद जाती ह और कथन बड़ा होता ह

महावरअग-अग - बहत होनाअगठा - चीज़ को दन स क साथ करनाअध - सहाराअधरा घर का उजाला - एकलौता बटा

क घोड़ दौड़ाना - सोचनापर पड़ना - समझ न पाना

अपना सीधा करना ndash करनाआख उठाना - नीयत स दखनाआख खलाना - होश आना

चार होना - आख स आख िमलानानीची होना - होनापीली करना - नाराज़ होना

आकाश पाताल का ndash बहत भदआग घी डालना - बढ़ानाआसमान िसर पर उठाना - बहत कोलाहल करना

स बजाना - करनाईद का चाद होना - िचरकाल पीछ दनाउगली पर नचाना - वश रखना

गगा बहाना - बात करना

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कमर टट जाना - िनराश हो जानाकान भरना - चगली करना

मौत मरना - बहत तरह स मरनाखाक उड़ाना खाक िमलाना - बरबाद होनागड़ गोबर कर दना - काम दनाघर गगा - दौड़-धप कघाट घाट का पानी पीना - जहा तहा का अनभव करनाचाद पर थकना - करना और फलतः होनाचार चादनी - थोड़ का सख

का दध याद आना - सब सख भल जाना सकट आ पड़नाजमीन पर पर न पड़ना - बहत अिभमान होनाजल भन कर कोयला होना - पागल हो जानाटस स मस न होना - भी नटाग अड़ाना - बाधा डालनाटोपी उछालना - िनरादर करनाितनका पकड़ना - मागनाितन का ताड़ करना - बात बढ़ानाथक कर चाटना - वचन दकर जाना

तल उगली दबाना - करनादम तोडना - मर जाना

दना रात चौगना होना - खब होनाधप बाल सफद करना - अनभव आय दनानमक लगाना - बात को बढ़ा कर कहनानाक कटना - बदनामी होनानाक चढ़ाना - घणा करनानीला पीला होना - आना

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नौ-दो होना - भाग जानाउछालना - करना

- बातपरदा डालना - िछपानापहाड टट पड़ना - आनापट चह कदना - खब भख लगना

तल स ज़मीन िनकल जाना - होश उड़ जानाफक-फक कर कदम रखना - सोच-समझ कर काम करनाबगला भगत -

उछलना - खब खश होनाबाज़ार पर होना - काम पर होनाबात का धनी - वायद काबाल खाल उतारना - करनाबाल पकना - बढ़ा होजाना अनभव करनाबाल बाल बचना - हािन पहचन जरा- सी कसर रह जानाबगार टालना - लगाकर काम न करनाबोली मारना - क कहनाभनक पड़ना - खबर द जानाभाड़ - समय गवाना

मारना - बकारचस - बहत कजसपर मारना - का नकल करना

मगज चाटना - तग करनामाथा ठनकना - आशका होनामारा मारा - होनामह-तोड़ जवाब दना - परा-परा जवाब दना

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मह फक हो जाना - चहर का रग उतर जानामह पानी भर आना - खान को ललचानामह लगाना - अिधक द दना

गरम करना - दनाराई का पहाड़ बनाना - बात को बढ़ाकर कहनारात- - हमशालका काड होना - खब मारपीट होनालबी-चौ हाकना - करना

होना - होनालह क घट पीना - करनालह पसीना एक करना - बहत करनालोह क चना चबाना - काम करनाशतान क कान कतरना - बहत चालाक होना

करना - करनाबाग - बहकाना

समझ पर पड़ना - होनाबठना - जमाना

िसतारा चमकना - उदय होनािसर पर खन सवार होना - जान लन पर होनािसर पर हाथ धरना - सहायता करनासौ बात एक बात - िनचोड़

करना - फक डालनाहसी उड़ाना - करनाहाथ मल -

हाथ पर हाथ धर बठना - बठनाहाथ पसारना - मागना

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हाथ-पर मारना - करनाहाथ साफ करना - बईमानी स ठगना

पानी करना - करनाहोश उड़ना - भय या आशका स दखी होना

अत गता सो मता - वहकान राजा - थोड़ा पढ़ िलख का मान होता ह

आख क गाठ क पर - पर धनवानआप मर जग परल - ह तो ससार ह

चोर कोतवाल को डाट - अपराध करक को डाटनाऊची दकान पकवान - काम करनाएक अनार सौ बीमार - जब एक चीज़ क बहत स तब कहा जाता हएक पथ दो काज - एक काम करन स दो का लाभ होनाकाला बराबर -

घर का लका ढ़ाह - फट स घर नाश होता हिचराग तल अधरा - पास घटना क होन पर भी उसका न होना या

ऐस पर बराई का होना जहा उसक रोकन का होचोर ितनका - पापी डर जाता हजाग सो पाव सोव तो खोव - सावधान रहन स लाभ होता ह

- बलवान का दबदबा रहता हजसा दश वसा भस - दश रह वसी करनीजसी करनी वसी भरनी - फल िमलता हतन को कपड़ा न पट को - बहतथोथा चना बाज घना - काम न करनवाला बकवास बहत करता हदाम बनाय काम - पस स सब काम हो जात

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धोबी का घर का न घाट का - जो एक पर जमकर काम न कर कभी एक लग और कभीदसर और सफल न हो उस कहा जाता ह

रहना मगर स बर - अधीन होकर रह और उसी स बर कर तो गज़ारा चलता हन रहगा बास न बाजगी - नकसान हो उसका नाश कर दना हनाच न जान आगन टढ़ा - काम करन न होन पर दसर को दोष दना नीम जान का खतरा - अधरा हािनकारक होता हनौ नगद न तरह उधार - उधार सौदा दनामान न मान तरा महमान - गल पड़नािमया जती िमया क िसर - स उसी हािन करनासौ सयान एक मत - सभी अथवा एक सलाह होती हहाथ कगन को आरसी - क िलए और हाथी क दात खान क और क और - कहना कछ और करना कछ औरहोनहार क होत चीकन पात - होनहार क पहल स जात

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राम आज बबई जायगासीता कल घर आयगी

क साथ lsquoयगाrsquo lsquoयगीrsquo lsquoयगrsquo जोडन स िमलतकाल ndash क होन सभावना हो उस काल कहत

उदा ndash सभव ह आज हो स lsquoगाrsquo lsquoगrsquo lsquoगीrsquo पथक कर दन स काल िमलगा

UNIT ndash 18

(Voice)उस कहत यह जाना जाय का ह

ह या कवल भाव ह उस कहतउदा ndash राम न रावण को मारा

तीन क ndash 1) 2) 3) भाव- ह हमशा क िलग वचन और क अनसार होता ह

उस कहतउदा ndash लडका पढ़ता ह

लड़का ह और ग ह इसिलए भी होना हसीता िलखती ह इसम सीता ह इसिलए ह का सीधा स होताह

ndash क िलग वचन क अनसार हो उस कहतह का होता ह

उदा ndash राम िलखता हह इसिलए यह ह धानता होती ह और का

स होता ह क िलग वचन क अनसार बदलती ह हमशाहोता ह का होना ह

उदा ndash राम न रावण को मारा -

राम स रावण मारा गया -

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रावण ह ह क का ह गौण का रहता ह

उदा ndash मा न को दध मा स को दध गया

दो होत ndash और दध ndash भाव होती ह यह हमशा स बनता ह हमशा

एकवचन और होती ह इसका होता ह उदा ndash यहा बठा जाता

मझस पढ़ा जाता स या बनान

को भत क करना उसक साथ काल वचन और िलग कअनसार जाना क जोडन ऐसा करन स स औरक स भा बनती ह

उदा ndash 1) राम न रावण को मारा -

राम स रावण मारा गया -

2) राम रावण को मारगा -

राम स रावण मारा जायगा -

3) राम रावण को मारता ह -

राम स रावण मारा जाता -

पहल lsquoमाराrsquo भतकािलक ह इसिलए lsquoमाराrsquo क साथ lsquoजानाrsquo का भतकािलकजोडना

दसर lsquoमारगाrsquo काल ह इसिलए lsquoमाराrsquo भतकािलक बदलकरlsquoजानाrsquo का काल lsquoजायगाrsquo जोडना

तीसर काल ह को भतकािलक बदलकर (मारा) उसक साथजाना का (जाता) जोडना

स बन सकता हउदा ndash मोहन उठता ( )

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PRACTICAL GRAMMAR (APPLIED GRAMMAR) Page 43

मोहन स उठा जाता - ( )

वीणा चलती ( )

वीणा स चला जाता - ( )

UNIT ndash 19

याअभी तक हमन क बार पढ़ िलया ह उनक िलग वचन और कारक क अनसार

आता ह इसिलए कहत का ह अब हम क दसरया क बार

चार क होत ndash 1) 2) बोधक 3) बोधक 4)

बोधक

UNIT ndash 20

ndash Adverbउस कहत होती ह

उदा - रमश चलता हइस lsquoचलनाrsquo ह ndash ह lsquo rsquo इसिलए lsquo rsquo ह

स क तीन भद ह - 1) साधारण 2) सयोजक 3) साधारण - साधारण वह ह होता ह साधारण या

कहत जस ndash खब पढ़ो दौडो सयोजक ndash का स या स होता ह सयोजक

कहत जस ndash जहा तक हम चल सक वहा तक ह

योजना का सयोजक स होता ह- का क

भद क साथ होता ह कहत

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जस ndash गह खाओग

कह तो लो होता ह व कवल गह खात और कछ खायगा इन

ह हो जान स का बदल जाता ह जस ndash वह काम करगा इसका यह ह जो काम उस ह कवल वह करगा और कछ

क आधार पर क चार भद होत ndash 1) कालवाचक 2) 3)

4)

कालवाचक ndash स समय अविध तथा काल का बोध होता ह कालवाचककहतजस ndash काम को अभी पढ़ना

आजकल रोज़ होती ह कभी कभी भी रात क समान लगता ह मोहन पढ़ाई सदा ह

अभी आजकल कभी कभी सदा कालवाचक ह ndash स क का बोध होता ह

कहत उदा ndash जहा तक जा सक वहा तक जाओ

जाओ और वहा लटो घर क सामन एक ह बाहर रोशनी भीतर अधरा

हाथ स मारत जहा वहा सामन बाहर भीतर ndash स अिधकता- का बोध होता ह

कहत जस ndash उतना पढ़ो हो

चावल थोडा खाओ खब खाना

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अपना थोडा खब

व क होन का ढ़ग का पता िमलता ह जस ndash राहल धीर धीर चलता ह

सीता मधरतम गाती ह यथा हम तथा िमलत

धीर धीर मधरतम यथा-तथा

UNIT - 21

बोधकबोधक ह जो या क साथ आकर उनका क

क साथ बनात उदा ndash धन क कोई काम न चलता

घर क नीच एक तालाब ह क पास एक भी ह

नीच पास बोधक ह क अनसार बोधक क दो भद होत ndash 1) 2)

क ndash य या क बाद आतउदा - घर क भीतर घर क पीछ घर ऒर

कारक भी आती ह जस का क कभी कभी अपादान कारक या भी आती ह

उदा ndash इनस पहल आया राम का मकान मोहन क घर स पर

lsquoसrsquo lsquoपरrsquo अपादान कारक क ndash यह स क क साथ आत

जस ndash दो तक राम रहगा

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घड भर पानी क िलए पाच दन ग lsquoतकrsquo lsquoभरrsquo सचक

UNIT - 22

( Conjunctions)योजक या व जो या न बतला कर एक या का

दसर या स जोडत बोधक कहतजस ndash सीता और गीता अपन घर गयी

सीता और गीता को िमलानवाला योजक lsquoऔरrsquo ह क तीन भद ndash 1) सयोजक 2) 3) भदबोधक

1) सयोजक ndash कई का सयोग करनवाल को सयोजक कहत इसक दो याका मल होता ह

उदा ndash और राम कल बबई और वहा उनक साथ मोहन भी lsquoऔरrsquo lsquoभीrsquo सयोजक ह

2) ndash जो का बोध कराए कहत जस ndash चाह दश सवा करनी या अथवा मानवीय को पहचानना

lsquoयाrsquo lsquoअथवाrsquo lsquoवाrsquo lsquoचाहrsquo को करनवाल ह 3) भदबोधक ndash दो स एक स भद बतलानवाल को भदबोधक कहत य कई क होत

क ndash दो म स पहल का िनषध या सिचत करत जस ndash

पर मगर वरन उदा ndash मझ वहा जाना था क कारण जा न सका

ख - कारणवाचक और उपदशमलक ndashइसिलए सो अतः इसिलए

इस क ह जस ndash राम समय पर आ न सका इसिलए जा न सका

ग सकतबोधक ndash ndash तो जो ndash तो प सकतबोधक ह जस ndash तम कहत तो जाता

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घ ndash इन पहली बात का और होता ह यान मानो यहा तक इस क ह

जस ndash कोई भी समय पर पहचा यहा तक भी 10 बज तक न आय क और दो भद होत ndash 1) समानािधकरण 2)

समानािधकरण ndash समान पद क या को जोडत जो एक क हो वसमानािधकरण धक कहत जस ndash क मा-बाप का अजीब ह समानािधकरण क चार उपभद होत ndash

1) सयोजक ndash और तथा भी एव 2) क ndash या वा अथवा चाह 3) ndash पर मगर 4) ndash इसिलए अतः

ndash को स जोडनवाल कोकहत

जस ndash आज नौकरानी आयगी वह बीमार ह क चार उपभद होत ndash

१ ndash यान मानो २ करणवाचक ndash जो इसिलए ३ उपदशवाचक - जो ४ सकतवाचक ndash - तो जो-तो -

4) ndash ndash स क शोक घणाको करनवाल को -बोधक कहत

जस ndash हाय अब अर आप कहा जा रह

ह राम करो को सिचत करन क िलए - लात

बोधक क सात भद ndash

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1) बोधक ndash वाह ndashवाह - आहा शबाश

2) शोक बोधक ndash आह ऊह हा-हा ndash

3) बोधक ndash अहो ऒह

4) अनमोदन बोधक ndash हा-हा वाह शबाश

5) बोधक ndash िछ हट अर िधक

6) ndash बहत हा जी हा7) सबोधन बोधक ndash अर र अपी अहो

कभी कभी भी हो जातजस ndash भगवान लो चप कभी कभी या भी होत जस ndash न हो बहत हो गया

जब क समान होत तब वह होता तब वमनोभाव को करात

जस ndash हाय हाय मचा रखी ह

सब लोग - पकार उठहाय ndash हाय - क समान ह इसिलए यह बोधक ह

UNIT - 23

क भद क स बनान का िनयम

क पर जायगास बनता ह एक या अिधक स बनता ह एक स अिधक स बनता

ह कहन या िलखनवाल का परा भाव हो जाय तो उस कहतजस ndash मोहन पढ़ता ह

राम िलखता ह इन स लखक का परा भाव होता ह

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ndash कछ ऐस होत और क रहन पर भी कहन या िलखनवाल का परा आशयहोता क समह को और क रहन पर भी जो कछ सनन

बनी रह कहत दो क होत ndash 1) 2)

क अधीन होतउदा ndash राम न कहा था वह कल पाठशाला जायगा

इस राम न कहा था - ह और कल पाठशाला जायगा तह इस और भी कहत

रखनवाल को कछ थोडा सा भाव करनवाल को कहतएक भावना होती ह

जस ndash तरह पढ़ना चलना

इन होता ह क म दो भाग होत 1) और 2)

ndash ( ) कछ होता ह उस कहतndash ( ) क जो कछ होता ह उस कहत

जस ndash मरा स भरा हआ ह मरा ह और स भरा हआ ह ह मरा ndash ह और मरा

उस का ह इसिलए ( ) और मरा का कहत हआ हह शष उसका ह

इस चार भाग हए ndash 1) ( ) 2) का 3) ( ) 4)

काचार भद ndash

क ndash राम गया ख ndash वह कह चका ग ndash फल

क भदक अनसार क आठ भद होत ndash

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1 ndash इस स बात का होना सिचत होता ह जस ndash भारत राजधानी ह

2 िनषधवाचक ndash का अभाव होता ह जस ndash क कछ भी पा सकत

3 ndash इस स सचना होती हजस - तम कल कालज

4 ndash इसस और उपदश का बोध होता ह जस ndash तरह पढ़ो

का भजन करो 5 ndash इसस का भाव सिचत होता ह जस ndash हाय राम को एक

लाख िमल 6 ndash इसस या सचना होती ह

जस ndash अक पा

7 ndash या सभावना सचना होती ह जस ndash आज होगी

8 - सकत सचना होती ह जस ndash हो तो

राम काम करगा रचना क आधार पर

रचना क आधार पर क तीन भद होत - 1) सरल या साधारण 2) और3)

१ सरल ndash एक और एक होता ह उस सरल कहतजस ndash मोहन िलखता ह ( मोहन और िलखता ह धय ह)

राम मज़ पर रखी ह ( ह और रखी ह ह)

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lsquoराम rsquo और lsquoमज़ परrsquo कवल और का ह २ - उस कहत एक हो और उसक एक या

अिधक हो उस कहतजस ndash जो करगा उस सफलता िमलगी जो करगा ndash ह उस सफलता िमलगी - ह

तीन क ndash 1) 2) 3)

1) ndash का क पर होता ह उसकहतजस ndash मरा ह तमन को मारा यह सच ह इस तमन को मारा ndash ह क पर आया ह इसिलए यह

ह 2) ndash जब कोई को क का काम दता ह तब उस

कहत जस ndash य उसी छा को जायगा जो रहगा

उसी स डरत जो खब मारता ह उसी जो ह

3) ndash जो क का काम दता ह उस कहत

जस ndash करता ह उतना फल िमलता ह जब तम कहोग सब कछ

जब ह ३ ndash दो या दो स अिधक योजक जड हो न

हो उस कहतजस ndash वह तरह पढ़ता था तो पास होता

दो या दो स अिधक सरल अथवा एक दसर पर न होता ह इसिलए यह

जस - कर चका (सरल )

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हम कर चक तो व आए ( )

और मरा मन ठड हो गया ( )

चार क होत ndash सयोजक सचक 1) सयोजक - एक दसर क साथ सयोजक जडा रहता ह

जस ndash वह आया और उसक साथ गया स िमलता ह और स होता ह

2) ndash का एक दसर स भद या का रहता ह जस ndash स बढ़ता ह स भरता ह वह खब खाता पर बडा होता

3) सचक ndash दो स एक को करना जस ndash मझ या राम को

4) अथवा हतसचक ndash एक दसर का होता हजस ndash तम आग पढ़ो पसा दगा मझ पसा िमला इसिलए

कभी कभी बीच योजक आत जस ndash मझ न बलाया आप आता ह जब को का या एक होता ह तो एक बार िलखा या कहा

जाता ह ऐस को सकिचत कहत जस ndash का और मन को भी दता ह

जो आसानी स समझकर छोड दत ऐस को कहत जस ndash आजकल सना ह बरसात क मौसम बखार सब फलाता ह

कहत रोज़ बढ़त रह पहल हमन होना था पर ह दसर लोग स होना पर होता ह

एक का दसर क बदल जा सकता ह मलकर सकत

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क सरल स ndash

उदा ndash सरल - राम न मोहन का - राम न उस को जो मोहन का था

ख स सरलndash उसन कहा पापी ह

सरल ndash उसन को पापी बताया ग सरल स

सरल ndash होन पर लोग खत जान लग - हआ और खत जान लग

घ स िनषध वाचक तथाndash मोहन सोहन स बडा ह

िनषध वाचक - मोहन सोहन स बडा ndash मोहन सोहन स बडा ह

UNIT ndash 24

और महावरव जो का अपना न बता कर कछ करत महावरा

कहत बोलचाल बहत आनवाला ऐसा बधा कोई अनभव बात और अलकतभाषा गई हो या कहावत कहाता ह जस ndash मर पट चह कद रह

जब स उनका लड़का मरा ह कमर टट गई ह वह इतना चालाक ह अपन मािलक को पर नचाता ह

इन lsquoपट चह कद रह rsquo lsquoकमर टट गई हrsquo lsquo पर नचाता हrsquo इन काउनक स ह यहा lsquoपट चह कदनrsquo का ह भख लगना lsquoकमर टटनrsquo का ह या

का न रहना तथा lsquo पर नचानrsquo का ह अपन वश रखना अतः य महावरकहलात

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इसी जब कोई आदमी काम करना न जानता हो परत अपन को िछपान क िलए बहान बनावतब कहा जाता ह ndash नाच न जान आगन टढ़ा

जब कोई आदमी अनक खाकर भी अपनी आदत न छोड़ तब कहा जाता ह दम सौतक नली रखो तो भी य बध हए और अनभव तथा अलकत भाषा कह गय अतः य

और क स भाषा तथा आती ह महावरदार भाषाबहत पसद जाती ह और कथन बड़ा होता ह

महावरअग-अग - बहत होनाअगठा - चीज़ को दन स क साथ करनाअध - सहाराअधरा घर का उजाला - एकलौता बटा

क घोड़ दौड़ाना - सोचनापर पड़ना - समझ न पाना

अपना सीधा करना ndash करनाआख उठाना - नीयत स दखनाआख खलाना - होश आना

चार होना - आख स आख िमलानानीची होना - होनापीली करना - नाराज़ होना

आकाश पाताल का ndash बहत भदआग घी डालना - बढ़ानाआसमान िसर पर उठाना - बहत कोलाहल करना

स बजाना - करनाईद का चाद होना - िचरकाल पीछ दनाउगली पर नचाना - वश रखना

गगा बहाना - बात करना

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कमर टट जाना - िनराश हो जानाकान भरना - चगली करना

मौत मरना - बहत तरह स मरनाखाक उड़ाना खाक िमलाना - बरबाद होनागड़ गोबर कर दना - काम दनाघर गगा - दौड़-धप कघाट घाट का पानी पीना - जहा तहा का अनभव करनाचाद पर थकना - करना और फलतः होनाचार चादनी - थोड़ का सख

का दध याद आना - सब सख भल जाना सकट आ पड़नाजमीन पर पर न पड़ना - बहत अिभमान होनाजल भन कर कोयला होना - पागल हो जानाटस स मस न होना - भी नटाग अड़ाना - बाधा डालनाटोपी उछालना - िनरादर करनाितनका पकड़ना - मागनाितन का ताड़ करना - बात बढ़ानाथक कर चाटना - वचन दकर जाना

तल उगली दबाना - करनादम तोडना - मर जाना

दना रात चौगना होना - खब होनाधप बाल सफद करना - अनभव आय दनानमक लगाना - बात को बढ़ा कर कहनानाक कटना - बदनामी होनानाक चढ़ाना - घणा करनानीला पीला होना - आना

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नौ-दो होना - भाग जानाउछालना - करना

- बातपरदा डालना - िछपानापहाड टट पड़ना - आनापट चह कदना - खब भख लगना

तल स ज़मीन िनकल जाना - होश उड़ जानाफक-फक कर कदम रखना - सोच-समझ कर काम करनाबगला भगत -

उछलना - खब खश होनाबाज़ार पर होना - काम पर होनाबात का धनी - वायद काबाल खाल उतारना - करनाबाल पकना - बढ़ा होजाना अनभव करनाबाल बाल बचना - हािन पहचन जरा- सी कसर रह जानाबगार टालना - लगाकर काम न करनाबोली मारना - क कहनाभनक पड़ना - खबर द जानाभाड़ - समय गवाना

मारना - बकारचस - बहत कजसपर मारना - का नकल करना

मगज चाटना - तग करनामाथा ठनकना - आशका होनामारा मारा - होनामह-तोड़ जवाब दना - परा-परा जवाब दना

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मह फक हो जाना - चहर का रग उतर जानामह पानी भर आना - खान को ललचानामह लगाना - अिधक द दना

गरम करना - दनाराई का पहाड़ बनाना - बात को बढ़ाकर कहनारात- - हमशालका काड होना - खब मारपीट होनालबी-चौ हाकना - करना

होना - होनालह क घट पीना - करनालह पसीना एक करना - बहत करनालोह क चना चबाना - काम करनाशतान क कान कतरना - बहत चालाक होना

करना - करनाबाग - बहकाना

समझ पर पड़ना - होनाबठना - जमाना

िसतारा चमकना - उदय होनािसर पर खन सवार होना - जान लन पर होनािसर पर हाथ धरना - सहायता करनासौ बात एक बात - िनचोड़

करना - फक डालनाहसी उड़ाना - करनाहाथ मल -

हाथ पर हाथ धर बठना - बठनाहाथ पसारना - मागना

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हाथ-पर मारना - करनाहाथ साफ करना - बईमानी स ठगना

पानी करना - करनाहोश उड़ना - भय या आशका स दखी होना

अत गता सो मता - वहकान राजा - थोड़ा पढ़ िलख का मान होता ह

आख क गाठ क पर - पर धनवानआप मर जग परल - ह तो ससार ह

चोर कोतवाल को डाट - अपराध करक को डाटनाऊची दकान पकवान - काम करनाएक अनार सौ बीमार - जब एक चीज़ क बहत स तब कहा जाता हएक पथ दो काज - एक काम करन स दो का लाभ होनाकाला बराबर -

घर का लका ढ़ाह - फट स घर नाश होता हिचराग तल अधरा - पास घटना क होन पर भी उसका न होना या

ऐस पर बराई का होना जहा उसक रोकन का होचोर ितनका - पापी डर जाता हजाग सो पाव सोव तो खोव - सावधान रहन स लाभ होता ह

- बलवान का दबदबा रहता हजसा दश वसा भस - दश रह वसी करनीजसी करनी वसी भरनी - फल िमलता हतन को कपड़ा न पट को - बहतथोथा चना बाज घना - काम न करनवाला बकवास बहत करता हदाम बनाय काम - पस स सब काम हो जात

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धोबी का घर का न घाट का - जो एक पर जमकर काम न कर कभी एक लग और कभीदसर और सफल न हो उस कहा जाता ह

रहना मगर स बर - अधीन होकर रह और उसी स बर कर तो गज़ारा चलता हन रहगा बास न बाजगी - नकसान हो उसका नाश कर दना हनाच न जान आगन टढ़ा - काम करन न होन पर दसर को दोष दना नीम जान का खतरा - अधरा हािनकारक होता हनौ नगद न तरह उधार - उधार सौदा दनामान न मान तरा महमान - गल पड़नािमया जती िमया क िसर - स उसी हािन करनासौ सयान एक मत - सभी अथवा एक सलाह होती हहाथ कगन को आरसी - क िलए और हाथी क दात खान क और क और - कहना कछ और करना कछ औरहोनहार क होत चीकन पात - होनहार क पहल स जात

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रावण ह ह क का ह गौण का रहता ह

उदा ndash मा न को दध मा स को दध गया

दो होत ndash और दध ndash भाव होती ह यह हमशा स बनता ह हमशा

एकवचन और होती ह इसका होता ह उदा ndash यहा बठा जाता

मझस पढ़ा जाता स या बनान

को भत क करना उसक साथ काल वचन और िलग कअनसार जाना क जोडन ऐसा करन स स औरक स भा बनती ह

उदा ndash 1) राम न रावण को मारा -

राम स रावण मारा गया -

2) राम रावण को मारगा -

राम स रावण मारा जायगा -

3) राम रावण को मारता ह -

राम स रावण मारा जाता -

पहल lsquoमाराrsquo भतकािलक ह इसिलए lsquoमाराrsquo क साथ lsquoजानाrsquo का भतकािलकजोडना

दसर lsquoमारगाrsquo काल ह इसिलए lsquoमाराrsquo भतकािलक बदलकरlsquoजानाrsquo का काल lsquoजायगाrsquo जोडना

तीसर काल ह को भतकािलक बदलकर (मारा) उसक साथजाना का (जाता) जोडना

स बन सकता हउदा ndash मोहन उठता ( )

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मोहन स उठा जाता - ( )

वीणा चलती ( )

वीणा स चला जाता - ( )

UNIT ndash 19

याअभी तक हमन क बार पढ़ िलया ह उनक िलग वचन और कारक क अनसार

आता ह इसिलए कहत का ह अब हम क दसरया क बार

चार क होत ndash 1) 2) बोधक 3) बोधक 4)

बोधक

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ndash Adverbउस कहत होती ह

उदा - रमश चलता हइस lsquoचलनाrsquo ह ndash ह lsquo rsquo इसिलए lsquo rsquo ह

स क तीन भद ह - 1) साधारण 2) सयोजक 3) साधारण - साधारण वह ह होता ह साधारण या

कहत जस ndash खब पढ़ो दौडो सयोजक ndash का स या स होता ह सयोजक

कहत जस ndash जहा तक हम चल सक वहा तक ह

योजना का सयोजक स होता ह- का क

भद क साथ होता ह कहत

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जस ndash गह खाओग

कह तो लो होता ह व कवल गह खात और कछ खायगा इन

ह हो जान स का बदल जाता ह जस ndash वह काम करगा इसका यह ह जो काम उस ह कवल वह करगा और कछ

क आधार पर क चार भद होत ndash 1) कालवाचक 2) 3)

4)

कालवाचक ndash स समय अविध तथा काल का बोध होता ह कालवाचककहतजस ndash काम को अभी पढ़ना

आजकल रोज़ होती ह कभी कभी भी रात क समान लगता ह मोहन पढ़ाई सदा ह

अभी आजकल कभी कभी सदा कालवाचक ह ndash स क का बोध होता ह

कहत उदा ndash जहा तक जा सक वहा तक जाओ

जाओ और वहा लटो घर क सामन एक ह बाहर रोशनी भीतर अधरा

हाथ स मारत जहा वहा सामन बाहर भीतर ndash स अिधकता- का बोध होता ह

कहत जस ndash उतना पढ़ो हो

चावल थोडा खाओ खब खाना

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अपना थोडा खब

व क होन का ढ़ग का पता िमलता ह जस ndash राहल धीर धीर चलता ह

सीता मधरतम गाती ह यथा हम तथा िमलत

धीर धीर मधरतम यथा-तथा

UNIT - 21

बोधकबोधक ह जो या क साथ आकर उनका क

क साथ बनात उदा ndash धन क कोई काम न चलता

घर क नीच एक तालाब ह क पास एक भी ह

नीच पास बोधक ह क अनसार बोधक क दो भद होत ndash 1) 2)

क ndash य या क बाद आतउदा - घर क भीतर घर क पीछ घर ऒर

कारक भी आती ह जस का क कभी कभी अपादान कारक या भी आती ह

उदा ndash इनस पहल आया राम का मकान मोहन क घर स पर

lsquoसrsquo lsquoपरrsquo अपादान कारक क ndash यह स क क साथ आत

जस ndash दो तक राम रहगा

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घड भर पानी क िलए पाच दन ग lsquoतकrsquo lsquoभरrsquo सचक

UNIT - 22

( Conjunctions)योजक या व जो या न बतला कर एक या का

दसर या स जोडत बोधक कहतजस ndash सीता और गीता अपन घर गयी

सीता और गीता को िमलानवाला योजक lsquoऔरrsquo ह क तीन भद ndash 1) सयोजक 2) 3) भदबोधक

1) सयोजक ndash कई का सयोग करनवाल को सयोजक कहत इसक दो याका मल होता ह

उदा ndash और राम कल बबई और वहा उनक साथ मोहन भी lsquoऔरrsquo lsquoभीrsquo सयोजक ह

2) ndash जो का बोध कराए कहत जस ndash चाह दश सवा करनी या अथवा मानवीय को पहचानना

lsquoयाrsquo lsquoअथवाrsquo lsquoवाrsquo lsquoचाहrsquo को करनवाल ह 3) भदबोधक ndash दो स एक स भद बतलानवाल को भदबोधक कहत य कई क होत

क ndash दो म स पहल का िनषध या सिचत करत जस ndash

पर मगर वरन उदा ndash मझ वहा जाना था क कारण जा न सका

ख - कारणवाचक और उपदशमलक ndashइसिलए सो अतः इसिलए

इस क ह जस ndash राम समय पर आ न सका इसिलए जा न सका

ग सकतबोधक ndash ndash तो जो ndash तो प सकतबोधक ह जस ndash तम कहत तो जाता

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घ ndash इन पहली बात का और होता ह यान मानो यहा तक इस क ह

जस ndash कोई भी समय पर पहचा यहा तक भी 10 बज तक न आय क और दो भद होत ndash 1) समानािधकरण 2)

समानािधकरण ndash समान पद क या को जोडत जो एक क हो वसमानािधकरण धक कहत जस ndash क मा-बाप का अजीब ह समानािधकरण क चार उपभद होत ndash

1) सयोजक ndash और तथा भी एव 2) क ndash या वा अथवा चाह 3) ndash पर मगर 4) ndash इसिलए अतः

ndash को स जोडनवाल कोकहत

जस ndash आज नौकरानी आयगी वह बीमार ह क चार उपभद होत ndash

१ ndash यान मानो २ करणवाचक ndash जो इसिलए ३ उपदशवाचक - जो ४ सकतवाचक ndash - तो जो-तो -

4) ndash ndash स क शोक घणाको करनवाल को -बोधक कहत

जस ndash हाय अब अर आप कहा जा रह

ह राम करो को सिचत करन क िलए - लात

बोधक क सात भद ndash

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1) बोधक ndash वाह ndashवाह - आहा शबाश

2) शोक बोधक ndash आह ऊह हा-हा ndash

3) बोधक ndash अहो ऒह

4) अनमोदन बोधक ndash हा-हा वाह शबाश

5) बोधक ndash िछ हट अर िधक

6) ndash बहत हा जी हा7) सबोधन बोधक ndash अर र अपी अहो

कभी कभी भी हो जातजस ndash भगवान लो चप कभी कभी या भी होत जस ndash न हो बहत हो गया

जब क समान होत तब वह होता तब वमनोभाव को करात

जस ndash हाय हाय मचा रखी ह

सब लोग - पकार उठहाय ndash हाय - क समान ह इसिलए यह बोधक ह

UNIT - 23

क भद क स बनान का िनयम

क पर जायगास बनता ह एक या अिधक स बनता ह एक स अिधक स बनता

ह कहन या िलखनवाल का परा भाव हो जाय तो उस कहतजस ndash मोहन पढ़ता ह

राम िलखता ह इन स लखक का परा भाव होता ह

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ndash कछ ऐस होत और क रहन पर भी कहन या िलखनवाल का परा आशयहोता क समह को और क रहन पर भी जो कछ सनन

बनी रह कहत दो क होत ndash 1) 2)

क अधीन होतउदा ndash राम न कहा था वह कल पाठशाला जायगा

इस राम न कहा था - ह और कल पाठशाला जायगा तह इस और भी कहत

रखनवाल को कछ थोडा सा भाव करनवाल को कहतएक भावना होती ह

जस ndash तरह पढ़ना चलना

इन होता ह क म दो भाग होत 1) और 2)

ndash ( ) कछ होता ह उस कहतndash ( ) क जो कछ होता ह उस कहत

जस ndash मरा स भरा हआ ह मरा ह और स भरा हआ ह ह मरा ndash ह और मरा

उस का ह इसिलए ( ) और मरा का कहत हआ हह शष उसका ह

इस चार भाग हए ndash 1) ( ) 2) का 3) ( ) 4)

काचार भद ndash

क ndash राम गया ख ndash वह कह चका ग ndash फल

क भदक अनसार क आठ भद होत ndash

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1 ndash इस स बात का होना सिचत होता ह जस ndash भारत राजधानी ह

2 िनषधवाचक ndash का अभाव होता ह जस ndash क कछ भी पा सकत

3 ndash इस स सचना होती हजस - तम कल कालज

4 ndash इसस और उपदश का बोध होता ह जस ndash तरह पढ़ो

का भजन करो 5 ndash इसस का भाव सिचत होता ह जस ndash हाय राम को एक

लाख िमल 6 ndash इसस या सचना होती ह

जस ndash अक पा

7 ndash या सभावना सचना होती ह जस ndash आज होगी

8 - सकत सचना होती ह जस ndash हो तो

राम काम करगा रचना क आधार पर

रचना क आधार पर क तीन भद होत - 1) सरल या साधारण 2) और3)

१ सरल ndash एक और एक होता ह उस सरल कहतजस ndash मोहन िलखता ह ( मोहन और िलखता ह धय ह)

राम मज़ पर रखी ह ( ह और रखी ह ह)

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lsquoराम rsquo और lsquoमज़ परrsquo कवल और का ह २ - उस कहत एक हो और उसक एक या

अिधक हो उस कहतजस ndash जो करगा उस सफलता िमलगी जो करगा ndash ह उस सफलता िमलगी - ह

तीन क ndash 1) 2) 3)

1) ndash का क पर होता ह उसकहतजस ndash मरा ह तमन को मारा यह सच ह इस तमन को मारा ndash ह क पर आया ह इसिलए यह

ह 2) ndash जब कोई को क का काम दता ह तब उस

कहत जस ndash य उसी छा को जायगा जो रहगा

उसी स डरत जो खब मारता ह उसी जो ह

3) ndash जो क का काम दता ह उस कहत

जस ndash करता ह उतना फल िमलता ह जब तम कहोग सब कछ

जब ह ३ ndash दो या दो स अिधक योजक जड हो न

हो उस कहतजस ndash वह तरह पढ़ता था तो पास होता

दो या दो स अिधक सरल अथवा एक दसर पर न होता ह इसिलए यह

जस - कर चका (सरल )

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हम कर चक तो व आए ( )

और मरा मन ठड हो गया ( )

चार क होत ndash सयोजक सचक 1) सयोजक - एक दसर क साथ सयोजक जडा रहता ह

जस ndash वह आया और उसक साथ गया स िमलता ह और स होता ह

2) ndash का एक दसर स भद या का रहता ह जस ndash स बढ़ता ह स भरता ह वह खब खाता पर बडा होता

3) सचक ndash दो स एक को करना जस ndash मझ या राम को

4) अथवा हतसचक ndash एक दसर का होता हजस ndash तम आग पढ़ो पसा दगा मझ पसा िमला इसिलए

कभी कभी बीच योजक आत जस ndash मझ न बलाया आप आता ह जब को का या एक होता ह तो एक बार िलखा या कहा

जाता ह ऐस को सकिचत कहत जस ndash का और मन को भी दता ह

जो आसानी स समझकर छोड दत ऐस को कहत जस ndash आजकल सना ह बरसात क मौसम बखार सब फलाता ह

कहत रोज़ बढ़त रह पहल हमन होना था पर ह दसर लोग स होना पर होता ह

एक का दसर क बदल जा सकता ह मलकर सकत

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क सरल स ndash

उदा ndash सरल - राम न मोहन का - राम न उस को जो मोहन का था

ख स सरलndash उसन कहा पापी ह

सरल ndash उसन को पापी बताया ग सरल स

सरल ndash होन पर लोग खत जान लग - हआ और खत जान लग

घ स िनषध वाचक तथाndash मोहन सोहन स बडा ह

िनषध वाचक - मोहन सोहन स बडा ndash मोहन सोहन स बडा ह

UNIT ndash 24

और महावरव जो का अपना न बता कर कछ करत महावरा

कहत बोलचाल बहत आनवाला ऐसा बधा कोई अनभव बात और अलकतभाषा गई हो या कहावत कहाता ह जस ndash मर पट चह कद रह

जब स उनका लड़का मरा ह कमर टट गई ह वह इतना चालाक ह अपन मािलक को पर नचाता ह

इन lsquoपट चह कद रह rsquo lsquoकमर टट गई हrsquo lsquo पर नचाता हrsquo इन काउनक स ह यहा lsquoपट चह कदनrsquo का ह भख लगना lsquoकमर टटनrsquo का ह या

का न रहना तथा lsquo पर नचानrsquo का ह अपन वश रखना अतः य महावरकहलात

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इसी जब कोई आदमी काम करना न जानता हो परत अपन को िछपान क िलए बहान बनावतब कहा जाता ह ndash नाच न जान आगन टढ़ा

जब कोई आदमी अनक खाकर भी अपनी आदत न छोड़ तब कहा जाता ह दम सौतक नली रखो तो भी य बध हए और अनभव तथा अलकत भाषा कह गय अतः य

और क स भाषा तथा आती ह महावरदार भाषाबहत पसद जाती ह और कथन बड़ा होता ह

महावरअग-अग - बहत होनाअगठा - चीज़ को दन स क साथ करनाअध - सहाराअधरा घर का उजाला - एकलौता बटा

क घोड़ दौड़ाना - सोचनापर पड़ना - समझ न पाना

अपना सीधा करना ndash करनाआख उठाना - नीयत स दखनाआख खलाना - होश आना

चार होना - आख स आख िमलानानीची होना - होनापीली करना - नाराज़ होना

आकाश पाताल का ndash बहत भदआग घी डालना - बढ़ानाआसमान िसर पर उठाना - बहत कोलाहल करना

स बजाना - करनाईद का चाद होना - िचरकाल पीछ दनाउगली पर नचाना - वश रखना

गगा बहाना - बात करना

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कमर टट जाना - िनराश हो जानाकान भरना - चगली करना

मौत मरना - बहत तरह स मरनाखाक उड़ाना खाक िमलाना - बरबाद होनागड़ गोबर कर दना - काम दनाघर गगा - दौड़-धप कघाट घाट का पानी पीना - जहा तहा का अनभव करनाचाद पर थकना - करना और फलतः होनाचार चादनी - थोड़ का सख

का दध याद आना - सब सख भल जाना सकट आ पड़नाजमीन पर पर न पड़ना - बहत अिभमान होनाजल भन कर कोयला होना - पागल हो जानाटस स मस न होना - भी नटाग अड़ाना - बाधा डालनाटोपी उछालना - िनरादर करनाितनका पकड़ना - मागनाितन का ताड़ करना - बात बढ़ानाथक कर चाटना - वचन दकर जाना

तल उगली दबाना - करनादम तोडना - मर जाना

दना रात चौगना होना - खब होनाधप बाल सफद करना - अनभव आय दनानमक लगाना - बात को बढ़ा कर कहनानाक कटना - बदनामी होनानाक चढ़ाना - घणा करनानीला पीला होना - आना

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नौ-दो होना - भाग जानाउछालना - करना

- बातपरदा डालना - िछपानापहाड टट पड़ना - आनापट चह कदना - खब भख लगना

तल स ज़मीन िनकल जाना - होश उड़ जानाफक-फक कर कदम रखना - सोच-समझ कर काम करनाबगला भगत -

उछलना - खब खश होनाबाज़ार पर होना - काम पर होनाबात का धनी - वायद काबाल खाल उतारना - करनाबाल पकना - बढ़ा होजाना अनभव करनाबाल बाल बचना - हािन पहचन जरा- सी कसर रह जानाबगार टालना - लगाकर काम न करनाबोली मारना - क कहनाभनक पड़ना - खबर द जानाभाड़ - समय गवाना

मारना - बकारचस - बहत कजसपर मारना - का नकल करना

मगज चाटना - तग करनामाथा ठनकना - आशका होनामारा मारा - होनामह-तोड़ जवाब दना - परा-परा जवाब दना

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मह फक हो जाना - चहर का रग उतर जानामह पानी भर आना - खान को ललचानामह लगाना - अिधक द दना

गरम करना - दनाराई का पहाड़ बनाना - बात को बढ़ाकर कहनारात- - हमशालका काड होना - खब मारपीट होनालबी-चौ हाकना - करना

होना - होनालह क घट पीना - करनालह पसीना एक करना - बहत करनालोह क चना चबाना - काम करनाशतान क कान कतरना - बहत चालाक होना

करना - करनाबाग - बहकाना

समझ पर पड़ना - होनाबठना - जमाना

िसतारा चमकना - उदय होनािसर पर खन सवार होना - जान लन पर होनािसर पर हाथ धरना - सहायता करनासौ बात एक बात - िनचोड़

करना - फक डालनाहसी उड़ाना - करनाहाथ मल -

हाथ पर हाथ धर बठना - बठनाहाथ पसारना - मागना

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हाथ-पर मारना - करनाहाथ साफ करना - बईमानी स ठगना

पानी करना - करनाहोश उड़ना - भय या आशका स दखी होना

अत गता सो मता - वहकान राजा - थोड़ा पढ़ िलख का मान होता ह

आख क गाठ क पर - पर धनवानआप मर जग परल - ह तो ससार ह

चोर कोतवाल को डाट - अपराध करक को डाटनाऊची दकान पकवान - काम करनाएक अनार सौ बीमार - जब एक चीज़ क बहत स तब कहा जाता हएक पथ दो काज - एक काम करन स दो का लाभ होनाकाला बराबर -

घर का लका ढ़ाह - फट स घर नाश होता हिचराग तल अधरा - पास घटना क होन पर भी उसका न होना या

ऐस पर बराई का होना जहा उसक रोकन का होचोर ितनका - पापी डर जाता हजाग सो पाव सोव तो खोव - सावधान रहन स लाभ होता ह

- बलवान का दबदबा रहता हजसा दश वसा भस - दश रह वसी करनीजसी करनी वसी भरनी - फल िमलता हतन को कपड़ा न पट को - बहतथोथा चना बाज घना - काम न करनवाला बकवास बहत करता हदाम बनाय काम - पस स सब काम हो जात

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धोबी का घर का न घाट का - जो एक पर जमकर काम न कर कभी एक लग और कभीदसर और सफल न हो उस कहा जाता ह

रहना मगर स बर - अधीन होकर रह और उसी स बर कर तो गज़ारा चलता हन रहगा बास न बाजगी - नकसान हो उसका नाश कर दना हनाच न जान आगन टढ़ा - काम करन न होन पर दसर को दोष दना नीम जान का खतरा - अधरा हािनकारक होता हनौ नगद न तरह उधार - उधार सौदा दनामान न मान तरा महमान - गल पड़नािमया जती िमया क िसर - स उसी हािन करनासौ सयान एक मत - सभी अथवा एक सलाह होती हहाथ कगन को आरसी - क िलए और हाथी क दात खान क और क और - कहना कछ और करना कछ औरहोनहार क होत चीकन पात - होनहार क पहल स जात

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मोहन स उठा जाता - ( )

वीणा चलती ( )

वीणा स चला जाता - ( )

UNIT ndash 19

याअभी तक हमन क बार पढ़ िलया ह उनक िलग वचन और कारक क अनसार

आता ह इसिलए कहत का ह अब हम क दसरया क बार

चार क होत ndash 1) 2) बोधक 3) बोधक 4)

बोधक

UNIT ndash 20

ndash Adverbउस कहत होती ह

उदा - रमश चलता हइस lsquoचलनाrsquo ह ndash ह lsquo rsquo इसिलए lsquo rsquo ह

स क तीन भद ह - 1) साधारण 2) सयोजक 3) साधारण - साधारण वह ह होता ह साधारण या

कहत जस ndash खब पढ़ो दौडो सयोजक ndash का स या स होता ह सयोजक

कहत जस ndash जहा तक हम चल सक वहा तक ह

योजना का सयोजक स होता ह- का क

भद क साथ होता ह कहत

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जस ndash गह खाओग

कह तो लो होता ह व कवल गह खात और कछ खायगा इन

ह हो जान स का बदल जाता ह जस ndash वह काम करगा इसका यह ह जो काम उस ह कवल वह करगा और कछ

क आधार पर क चार भद होत ndash 1) कालवाचक 2) 3)

4)

कालवाचक ndash स समय अविध तथा काल का बोध होता ह कालवाचककहतजस ndash काम को अभी पढ़ना

आजकल रोज़ होती ह कभी कभी भी रात क समान लगता ह मोहन पढ़ाई सदा ह

अभी आजकल कभी कभी सदा कालवाचक ह ndash स क का बोध होता ह

कहत उदा ndash जहा तक जा सक वहा तक जाओ

जाओ और वहा लटो घर क सामन एक ह बाहर रोशनी भीतर अधरा

हाथ स मारत जहा वहा सामन बाहर भीतर ndash स अिधकता- का बोध होता ह

कहत जस ndash उतना पढ़ो हो

चावल थोडा खाओ खब खाना

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अपना थोडा खब

व क होन का ढ़ग का पता िमलता ह जस ndash राहल धीर धीर चलता ह

सीता मधरतम गाती ह यथा हम तथा िमलत

धीर धीर मधरतम यथा-तथा

UNIT - 21

बोधकबोधक ह जो या क साथ आकर उनका क

क साथ बनात उदा ndash धन क कोई काम न चलता

घर क नीच एक तालाब ह क पास एक भी ह

नीच पास बोधक ह क अनसार बोधक क दो भद होत ndash 1) 2)

क ndash य या क बाद आतउदा - घर क भीतर घर क पीछ घर ऒर

कारक भी आती ह जस का क कभी कभी अपादान कारक या भी आती ह

उदा ndash इनस पहल आया राम का मकान मोहन क घर स पर

lsquoसrsquo lsquoपरrsquo अपादान कारक क ndash यह स क क साथ आत

जस ndash दो तक राम रहगा

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घड भर पानी क िलए पाच दन ग lsquoतकrsquo lsquoभरrsquo सचक

UNIT - 22

( Conjunctions)योजक या व जो या न बतला कर एक या का

दसर या स जोडत बोधक कहतजस ndash सीता और गीता अपन घर गयी

सीता और गीता को िमलानवाला योजक lsquoऔरrsquo ह क तीन भद ndash 1) सयोजक 2) 3) भदबोधक

1) सयोजक ndash कई का सयोग करनवाल को सयोजक कहत इसक दो याका मल होता ह

उदा ndash और राम कल बबई और वहा उनक साथ मोहन भी lsquoऔरrsquo lsquoभीrsquo सयोजक ह

2) ndash जो का बोध कराए कहत जस ndash चाह दश सवा करनी या अथवा मानवीय को पहचानना

lsquoयाrsquo lsquoअथवाrsquo lsquoवाrsquo lsquoचाहrsquo को करनवाल ह 3) भदबोधक ndash दो स एक स भद बतलानवाल को भदबोधक कहत य कई क होत

क ndash दो म स पहल का िनषध या सिचत करत जस ndash

पर मगर वरन उदा ndash मझ वहा जाना था क कारण जा न सका

ख - कारणवाचक और उपदशमलक ndashइसिलए सो अतः इसिलए

इस क ह जस ndash राम समय पर आ न सका इसिलए जा न सका

ग सकतबोधक ndash ndash तो जो ndash तो प सकतबोधक ह जस ndash तम कहत तो जाता

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घ ndash इन पहली बात का और होता ह यान मानो यहा तक इस क ह

जस ndash कोई भी समय पर पहचा यहा तक भी 10 बज तक न आय क और दो भद होत ndash 1) समानािधकरण 2)

समानािधकरण ndash समान पद क या को जोडत जो एक क हो वसमानािधकरण धक कहत जस ndash क मा-बाप का अजीब ह समानािधकरण क चार उपभद होत ndash

1) सयोजक ndash और तथा भी एव 2) क ndash या वा अथवा चाह 3) ndash पर मगर 4) ndash इसिलए अतः

ndash को स जोडनवाल कोकहत

जस ndash आज नौकरानी आयगी वह बीमार ह क चार उपभद होत ndash

१ ndash यान मानो २ करणवाचक ndash जो इसिलए ३ उपदशवाचक - जो ४ सकतवाचक ndash - तो जो-तो -

4) ndash ndash स क शोक घणाको करनवाल को -बोधक कहत

जस ndash हाय अब अर आप कहा जा रह

ह राम करो को सिचत करन क िलए - लात

बोधक क सात भद ndash

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1) बोधक ndash वाह ndashवाह - आहा शबाश

2) शोक बोधक ndash आह ऊह हा-हा ndash

3) बोधक ndash अहो ऒह

4) अनमोदन बोधक ndash हा-हा वाह शबाश

5) बोधक ndash िछ हट अर िधक

6) ndash बहत हा जी हा7) सबोधन बोधक ndash अर र अपी अहो

कभी कभी भी हो जातजस ndash भगवान लो चप कभी कभी या भी होत जस ndash न हो बहत हो गया

जब क समान होत तब वह होता तब वमनोभाव को करात

जस ndash हाय हाय मचा रखी ह

सब लोग - पकार उठहाय ndash हाय - क समान ह इसिलए यह बोधक ह

UNIT - 23

क भद क स बनान का िनयम

क पर जायगास बनता ह एक या अिधक स बनता ह एक स अिधक स बनता

ह कहन या िलखनवाल का परा भाव हो जाय तो उस कहतजस ndash मोहन पढ़ता ह

राम िलखता ह इन स लखक का परा भाव होता ह

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ndash कछ ऐस होत और क रहन पर भी कहन या िलखनवाल का परा आशयहोता क समह को और क रहन पर भी जो कछ सनन

बनी रह कहत दो क होत ndash 1) 2)

क अधीन होतउदा ndash राम न कहा था वह कल पाठशाला जायगा

इस राम न कहा था - ह और कल पाठशाला जायगा तह इस और भी कहत

रखनवाल को कछ थोडा सा भाव करनवाल को कहतएक भावना होती ह

जस ndash तरह पढ़ना चलना

इन होता ह क म दो भाग होत 1) और 2)

ndash ( ) कछ होता ह उस कहतndash ( ) क जो कछ होता ह उस कहत

जस ndash मरा स भरा हआ ह मरा ह और स भरा हआ ह ह मरा ndash ह और मरा

उस का ह इसिलए ( ) और मरा का कहत हआ हह शष उसका ह

इस चार भाग हए ndash 1) ( ) 2) का 3) ( ) 4)

काचार भद ndash

क ndash राम गया ख ndash वह कह चका ग ndash फल

क भदक अनसार क आठ भद होत ndash

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1 ndash इस स बात का होना सिचत होता ह जस ndash भारत राजधानी ह

2 िनषधवाचक ndash का अभाव होता ह जस ndash क कछ भी पा सकत

3 ndash इस स सचना होती हजस - तम कल कालज

4 ndash इसस और उपदश का बोध होता ह जस ndash तरह पढ़ो

का भजन करो 5 ndash इसस का भाव सिचत होता ह जस ndash हाय राम को एक

लाख िमल 6 ndash इसस या सचना होती ह

जस ndash अक पा

7 ndash या सभावना सचना होती ह जस ndash आज होगी

8 - सकत सचना होती ह जस ndash हो तो

राम काम करगा रचना क आधार पर

रचना क आधार पर क तीन भद होत - 1) सरल या साधारण 2) और3)

१ सरल ndash एक और एक होता ह उस सरल कहतजस ndash मोहन िलखता ह ( मोहन और िलखता ह धय ह)

राम मज़ पर रखी ह ( ह और रखी ह ह)

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lsquoराम rsquo और lsquoमज़ परrsquo कवल और का ह २ - उस कहत एक हो और उसक एक या

अिधक हो उस कहतजस ndash जो करगा उस सफलता िमलगी जो करगा ndash ह उस सफलता िमलगी - ह

तीन क ndash 1) 2) 3)

1) ndash का क पर होता ह उसकहतजस ndash मरा ह तमन को मारा यह सच ह इस तमन को मारा ndash ह क पर आया ह इसिलए यह

ह 2) ndash जब कोई को क का काम दता ह तब उस

कहत जस ndash य उसी छा को जायगा जो रहगा

उसी स डरत जो खब मारता ह उसी जो ह

3) ndash जो क का काम दता ह उस कहत

जस ndash करता ह उतना फल िमलता ह जब तम कहोग सब कछ

जब ह ३ ndash दो या दो स अिधक योजक जड हो न

हो उस कहतजस ndash वह तरह पढ़ता था तो पास होता

दो या दो स अिधक सरल अथवा एक दसर पर न होता ह इसिलए यह

जस - कर चका (सरल )

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हम कर चक तो व आए ( )

और मरा मन ठड हो गया ( )

चार क होत ndash सयोजक सचक 1) सयोजक - एक दसर क साथ सयोजक जडा रहता ह

जस ndash वह आया और उसक साथ गया स िमलता ह और स होता ह

2) ndash का एक दसर स भद या का रहता ह जस ndash स बढ़ता ह स भरता ह वह खब खाता पर बडा होता

3) सचक ndash दो स एक को करना जस ndash मझ या राम को

4) अथवा हतसचक ndash एक दसर का होता हजस ndash तम आग पढ़ो पसा दगा मझ पसा िमला इसिलए

कभी कभी बीच योजक आत जस ndash मझ न बलाया आप आता ह जब को का या एक होता ह तो एक बार िलखा या कहा

जाता ह ऐस को सकिचत कहत जस ndash का और मन को भी दता ह

जो आसानी स समझकर छोड दत ऐस को कहत जस ndash आजकल सना ह बरसात क मौसम बखार सब फलाता ह

कहत रोज़ बढ़त रह पहल हमन होना था पर ह दसर लोग स होना पर होता ह

एक का दसर क बदल जा सकता ह मलकर सकत

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क सरल स ndash

उदा ndash सरल - राम न मोहन का - राम न उस को जो मोहन का था

ख स सरलndash उसन कहा पापी ह

सरल ndash उसन को पापी बताया ग सरल स

सरल ndash होन पर लोग खत जान लग - हआ और खत जान लग

घ स िनषध वाचक तथाndash मोहन सोहन स बडा ह

िनषध वाचक - मोहन सोहन स बडा ndash मोहन सोहन स बडा ह

UNIT ndash 24

और महावरव जो का अपना न बता कर कछ करत महावरा

कहत बोलचाल बहत आनवाला ऐसा बधा कोई अनभव बात और अलकतभाषा गई हो या कहावत कहाता ह जस ndash मर पट चह कद रह

जब स उनका लड़का मरा ह कमर टट गई ह वह इतना चालाक ह अपन मािलक को पर नचाता ह

इन lsquoपट चह कद रह rsquo lsquoकमर टट गई हrsquo lsquo पर नचाता हrsquo इन काउनक स ह यहा lsquoपट चह कदनrsquo का ह भख लगना lsquoकमर टटनrsquo का ह या

का न रहना तथा lsquo पर नचानrsquo का ह अपन वश रखना अतः य महावरकहलात

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इसी जब कोई आदमी काम करना न जानता हो परत अपन को िछपान क िलए बहान बनावतब कहा जाता ह ndash नाच न जान आगन टढ़ा

जब कोई आदमी अनक खाकर भी अपनी आदत न छोड़ तब कहा जाता ह दम सौतक नली रखो तो भी य बध हए और अनभव तथा अलकत भाषा कह गय अतः य

और क स भाषा तथा आती ह महावरदार भाषाबहत पसद जाती ह और कथन बड़ा होता ह

महावरअग-अग - बहत होनाअगठा - चीज़ को दन स क साथ करनाअध - सहाराअधरा घर का उजाला - एकलौता बटा

क घोड़ दौड़ाना - सोचनापर पड़ना - समझ न पाना

अपना सीधा करना ndash करनाआख उठाना - नीयत स दखनाआख खलाना - होश आना

चार होना - आख स आख िमलानानीची होना - होनापीली करना - नाराज़ होना

आकाश पाताल का ndash बहत भदआग घी डालना - बढ़ानाआसमान िसर पर उठाना - बहत कोलाहल करना

स बजाना - करनाईद का चाद होना - िचरकाल पीछ दनाउगली पर नचाना - वश रखना

गगा बहाना - बात करना

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कमर टट जाना - िनराश हो जानाकान भरना - चगली करना

मौत मरना - बहत तरह स मरनाखाक उड़ाना खाक िमलाना - बरबाद होनागड़ गोबर कर दना - काम दनाघर गगा - दौड़-धप कघाट घाट का पानी पीना - जहा तहा का अनभव करनाचाद पर थकना - करना और फलतः होनाचार चादनी - थोड़ का सख

का दध याद आना - सब सख भल जाना सकट आ पड़नाजमीन पर पर न पड़ना - बहत अिभमान होनाजल भन कर कोयला होना - पागल हो जानाटस स मस न होना - भी नटाग अड़ाना - बाधा डालनाटोपी उछालना - िनरादर करनाितनका पकड़ना - मागनाितन का ताड़ करना - बात बढ़ानाथक कर चाटना - वचन दकर जाना

तल उगली दबाना - करनादम तोडना - मर जाना

दना रात चौगना होना - खब होनाधप बाल सफद करना - अनभव आय दनानमक लगाना - बात को बढ़ा कर कहनानाक कटना - बदनामी होनानाक चढ़ाना - घणा करनानीला पीला होना - आना

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नौ-दो होना - भाग जानाउछालना - करना

- बातपरदा डालना - िछपानापहाड टट पड़ना - आनापट चह कदना - खब भख लगना

तल स ज़मीन िनकल जाना - होश उड़ जानाफक-फक कर कदम रखना - सोच-समझ कर काम करनाबगला भगत -

उछलना - खब खश होनाबाज़ार पर होना - काम पर होनाबात का धनी - वायद काबाल खाल उतारना - करनाबाल पकना - बढ़ा होजाना अनभव करनाबाल बाल बचना - हािन पहचन जरा- सी कसर रह जानाबगार टालना - लगाकर काम न करनाबोली मारना - क कहनाभनक पड़ना - खबर द जानाभाड़ - समय गवाना

मारना - बकारचस - बहत कजसपर मारना - का नकल करना

मगज चाटना - तग करनामाथा ठनकना - आशका होनामारा मारा - होनामह-तोड़ जवाब दना - परा-परा जवाब दना

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मह फक हो जाना - चहर का रग उतर जानामह पानी भर आना - खान को ललचानामह लगाना - अिधक द दना

गरम करना - दनाराई का पहाड़ बनाना - बात को बढ़ाकर कहनारात- - हमशालका काड होना - खब मारपीट होनालबी-चौ हाकना - करना

होना - होनालह क घट पीना - करनालह पसीना एक करना - बहत करनालोह क चना चबाना - काम करनाशतान क कान कतरना - बहत चालाक होना

करना - करनाबाग - बहकाना

समझ पर पड़ना - होनाबठना - जमाना

िसतारा चमकना - उदय होनािसर पर खन सवार होना - जान लन पर होनािसर पर हाथ धरना - सहायता करनासौ बात एक बात - िनचोड़

करना - फक डालनाहसी उड़ाना - करनाहाथ मल -

हाथ पर हाथ धर बठना - बठनाहाथ पसारना - मागना

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हाथ-पर मारना - करनाहाथ साफ करना - बईमानी स ठगना

पानी करना - करनाहोश उड़ना - भय या आशका स दखी होना

अत गता सो मता - वहकान राजा - थोड़ा पढ़ िलख का मान होता ह

आख क गाठ क पर - पर धनवानआप मर जग परल - ह तो ससार ह

चोर कोतवाल को डाट - अपराध करक को डाटनाऊची दकान पकवान - काम करनाएक अनार सौ बीमार - जब एक चीज़ क बहत स तब कहा जाता हएक पथ दो काज - एक काम करन स दो का लाभ होनाकाला बराबर -

घर का लका ढ़ाह - फट स घर नाश होता हिचराग तल अधरा - पास घटना क होन पर भी उसका न होना या

ऐस पर बराई का होना जहा उसक रोकन का होचोर ितनका - पापी डर जाता हजाग सो पाव सोव तो खोव - सावधान रहन स लाभ होता ह

- बलवान का दबदबा रहता हजसा दश वसा भस - दश रह वसी करनीजसी करनी वसी भरनी - फल िमलता हतन को कपड़ा न पट को - बहतथोथा चना बाज घना - काम न करनवाला बकवास बहत करता हदाम बनाय काम - पस स सब काम हो जात

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धोबी का घर का न घाट का - जो एक पर जमकर काम न कर कभी एक लग और कभीदसर और सफल न हो उस कहा जाता ह

रहना मगर स बर - अधीन होकर रह और उसी स बर कर तो गज़ारा चलता हन रहगा बास न बाजगी - नकसान हो उसका नाश कर दना हनाच न जान आगन टढ़ा - काम करन न होन पर दसर को दोष दना नीम जान का खतरा - अधरा हािनकारक होता हनौ नगद न तरह उधार - उधार सौदा दनामान न मान तरा महमान - गल पड़नािमया जती िमया क िसर - स उसी हािन करनासौ सयान एक मत - सभी अथवा एक सलाह होती हहाथ कगन को आरसी - क िलए और हाथी क दात खान क और क और - कहना कछ और करना कछ औरहोनहार क होत चीकन पात - होनहार क पहल स जात

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जस ndash गह खाओग

कह तो लो होता ह व कवल गह खात और कछ खायगा इन

ह हो जान स का बदल जाता ह जस ndash वह काम करगा इसका यह ह जो काम उस ह कवल वह करगा और कछ

क आधार पर क चार भद होत ndash 1) कालवाचक 2) 3)

4)

कालवाचक ndash स समय अविध तथा काल का बोध होता ह कालवाचककहतजस ndash काम को अभी पढ़ना

आजकल रोज़ होती ह कभी कभी भी रात क समान लगता ह मोहन पढ़ाई सदा ह

अभी आजकल कभी कभी सदा कालवाचक ह ndash स क का बोध होता ह

कहत उदा ndash जहा तक जा सक वहा तक जाओ

जाओ और वहा लटो घर क सामन एक ह बाहर रोशनी भीतर अधरा

हाथ स मारत जहा वहा सामन बाहर भीतर ndash स अिधकता- का बोध होता ह

कहत जस ndash उतना पढ़ो हो

चावल थोडा खाओ खब खाना

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अपना थोडा खब

व क होन का ढ़ग का पता िमलता ह जस ndash राहल धीर धीर चलता ह

सीता मधरतम गाती ह यथा हम तथा िमलत

धीर धीर मधरतम यथा-तथा

UNIT - 21

बोधकबोधक ह जो या क साथ आकर उनका क

क साथ बनात उदा ndash धन क कोई काम न चलता

घर क नीच एक तालाब ह क पास एक भी ह

नीच पास बोधक ह क अनसार बोधक क दो भद होत ndash 1) 2)

क ndash य या क बाद आतउदा - घर क भीतर घर क पीछ घर ऒर

कारक भी आती ह जस का क कभी कभी अपादान कारक या भी आती ह

उदा ndash इनस पहल आया राम का मकान मोहन क घर स पर

lsquoसrsquo lsquoपरrsquo अपादान कारक क ndash यह स क क साथ आत

जस ndash दो तक राम रहगा

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घड भर पानी क िलए पाच दन ग lsquoतकrsquo lsquoभरrsquo सचक

UNIT - 22

( Conjunctions)योजक या व जो या न बतला कर एक या का

दसर या स जोडत बोधक कहतजस ndash सीता और गीता अपन घर गयी

सीता और गीता को िमलानवाला योजक lsquoऔरrsquo ह क तीन भद ndash 1) सयोजक 2) 3) भदबोधक

1) सयोजक ndash कई का सयोग करनवाल को सयोजक कहत इसक दो याका मल होता ह

उदा ndash और राम कल बबई और वहा उनक साथ मोहन भी lsquoऔरrsquo lsquoभीrsquo सयोजक ह

2) ndash जो का बोध कराए कहत जस ndash चाह दश सवा करनी या अथवा मानवीय को पहचानना

lsquoयाrsquo lsquoअथवाrsquo lsquoवाrsquo lsquoचाहrsquo को करनवाल ह 3) भदबोधक ndash दो स एक स भद बतलानवाल को भदबोधक कहत य कई क होत

क ndash दो म स पहल का िनषध या सिचत करत जस ndash

पर मगर वरन उदा ndash मझ वहा जाना था क कारण जा न सका

ख - कारणवाचक और उपदशमलक ndashइसिलए सो अतः इसिलए

इस क ह जस ndash राम समय पर आ न सका इसिलए जा न सका

ग सकतबोधक ndash ndash तो जो ndash तो प सकतबोधक ह जस ndash तम कहत तो जाता

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घ ndash इन पहली बात का और होता ह यान मानो यहा तक इस क ह

जस ndash कोई भी समय पर पहचा यहा तक भी 10 बज तक न आय क और दो भद होत ndash 1) समानािधकरण 2)

समानािधकरण ndash समान पद क या को जोडत जो एक क हो वसमानािधकरण धक कहत जस ndash क मा-बाप का अजीब ह समानािधकरण क चार उपभद होत ndash

1) सयोजक ndash और तथा भी एव 2) क ndash या वा अथवा चाह 3) ndash पर मगर 4) ndash इसिलए अतः

ndash को स जोडनवाल कोकहत

जस ndash आज नौकरानी आयगी वह बीमार ह क चार उपभद होत ndash

१ ndash यान मानो २ करणवाचक ndash जो इसिलए ३ उपदशवाचक - जो ४ सकतवाचक ndash - तो जो-तो -

4) ndash ndash स क शोक घणाको करनवाल को -बोधक कहत

जस ndash हाय अब अर आप कहा जा रह

ह राम करो को सिचत करन क िलए - लात

बोधक क सात भद ndash

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1) बोधक ndash वाह ndashवाह - आहा शबाश

2) शोक बोधक ndash आह ऊह हा-हा ndash

3) बोधक ndash अहो ऒह

4) अनमोदन बोधक ndash हा-हा वाह शबाश

5) बोधक ndash िछ हट अर िधक

6) ndash बहत हा जी हा7) सबोधन बोधक ndash अर र अपी अहो

कभी कभी भी हो जातजस ndash भगवान लो चप कभी कभी या भी होत जस ndash न हो बहत हो गया

जब क समान होत तब वह होता तब वमनोभाव को करात

जस ndash हाय हाय मचा रखी ह

सब लोग - पकार उठहाय ndash हाय - क समान ह इसिलए यह बोधक ह

UNIT - 23

क भद क स बनान का िनयम

क पर जायगास बनता ह एक या अिधक स बनता ह एक स अिधक स बनता

ह कहन या िलखनवाल का परा भाव हो जाय तो उस कहतजस ndash मोहन पढ़ता ह

राम िलखता ह इन स लखक का परा भाव होता ह

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ndash कछ ऐस होत और क रहन पर भी कहन या िलखनवाल का परा आशयहोता क समह को और क रहन पर भी जो कछ सनन

बनी रह कहत दो क होत ndash 1) 2)

क अधीन होतउदा ndash राम न कहा था वह कल पाठशाला जायगा

इस राम न कहा था - ह और कल पाठशाला जायगा तह इस और भी कहत

रखनवाल को कछ थोडा सा भाव करनवाल को कहतएक भावना होती ह

जस ndash तरह पढ़ना चलना

इन होता ह क म दो भाग होत 1) और 2)

ndash ( ) कछ होता ह उस कहतndash ( ) क जो कछ होता ह उस कहत

जस ndash मरा स भरा हआ ह मरा ह और स भरा हआ ह ह मरा ndash ह और मरा

उस का ह इसिलए ( ) और मरा का कहत हआ हह शष उसका ह

इस चार भाग हए ndash 1) ( ) 2) का 3) ( ) 4)

काचार भद ndash

क ndash राम गया ख ndash वह कह चका ग ndash फल

क भदक अनसार क आठ भद होत ndash

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1 ndash इस स बात का होना सिचत होता ह जस ndash भारत राजधानी ह

2 िनषधवाचक ndash का अभाव होता ह जस ndash क कछ भी पा सकत

3 ndash इस स सचना होती हजस - तम कल कालज

4 ndash इसस और उपदश का बोध होता ह जस ndash तरह पढ़ो

का भजन करो 5 ndash इसस का भाव सिचत होता ह जस ndash हाय राम को एक

लाख िमल 6 ndash इसस या सचना होती ह

जस ndash अक पा

7 ndash या सभावना सचना होती ह जस ndash आज होगी

8 - सकत सचना होती ह जस ndash हो तो

राम काम करगा रचना क आधार पर

रचना क आधार पर क तीन भद होत - 1) सरल या साधारण 2) और3)

१ सरल ndash एक और एक होता ह उस सरल कहतजस ndash मोहन िलखता ह ( मोहन और िलखता ह धय ह)

राम मज़ पर रखी ह ( ह और रखी ह ह)

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lsquoराम rsquo और lsquoमज़ परrsquo कवल और का ह २ - उस कहत एक हो और उसक एक या

अिधक हो उस कहतजस ndash जो करगा उस सफलता िमलगी जो करगा ndash ह उस सफलता िमलगी - ह

तीन क ndash 1) 2) 3)

1) ndash का क पर होता ह उसकहतजस ndash मरा ह तमन को मारा यह सच ह इस तमन को मारा ndash ह क पर आया ह इसिलए यह

ह 2) ndash जब कोई को क का काम दता ह तब उस

कहत जस ndash य उसी छा को जायगा जो रहगा

उसी स डरत जो खब मारता ह उसी जो ह

3) ndash जो क का काम दता ह उस कहत

जस ndash करता ह उतना फल िमलता ह जब तम कहोग सब कछ

जब ह ३ ndash दो या दो स अिधक योजक जड हो न

हो उस कहतजस ndash वह तरह पढ़ता था तो पास होता

दो या दो स अिधक सरल अथवा एक दसर पर न होता ह इसिलए यह

जस - कर चका (सरल )

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हम कर चक तो व आए ( )

और मरा मन ठड हो गया ( )

चार क होत ndash सयोजक सचक 1) सयोजक - एक दसर क साथ सयोजक जडा रहता ह

जस ndash वह आया और उसक साथ गया स िमलता ह और स होता ह

2) ndash का एक दसर स भद या का रहता ह जस ndash स बढ़ता ह स भरता ह वह खब खाता पर बडा होता

3) सचक ndash दो स एक को करना जस ndash मझ या राम को

4) अथवा हतसचक ndash एक दसर का होता हजस ndash तम आग पढ़ो पसा दगा मझ पसा िमला इसिलए

कभी कभी बीच योजक आत जस ndash मझ न बलाया आप आता ह जब को का या एक होता ह तो एक बार िलखा या कहा

जाता ह ऐस को सकिचत कहत जस ndash का और मन को भी दता ह

जो आसानी स समझकर छोड दत ऐस को कहत जस ndash आजकल सना ह बरसात क मौसम बखार सब फलाता ह

कहत रोज़ बढ़त रह पहल हमन होना था पर ह दसर लोग स होना पर होता ह

एक का दसर क बदल जा सकता ह मलकर सकत

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क सरल स ndash

उदा ndash सरल - राम न मोहन का - राम न उस को जो मोहन का था

ख स सरलndash उसन कहा पापी ह

सरल ndash उसन को पापी बताया ग सरल स

सरल ndash होन पर लोग खत जान लग - हआ और खत जान लग

घ स िनषध वाचक तथाndash मोहन सोहन स बडा ह

िनषध वाचक - मोहन सोहन स बडा ndash मोहन सोहन स बडा ह

UNIT ndash 24

और महावरव जो का अपना न बता कर कछ करत महावरा

कहत बोलचाल बहत आनवाला ऐसा बधा कोई अनभव बात और अलकतभाषा गई हो या कहावत कहाता ह जस ndash मर पट चह कद रह

जब स उनका लड़का मरा ह कमर टट गई ह वह इतना चालाक ह अपन मािलक को पर नचाता ह

इन lsquoपट चह कद रह rsquo lsquoकमर टट गई हrsquo lsquo पर नचाता हrsquo इन काउनक स ह यहा lsquoपट चह कदनrsquo का ह भख लगना lsquoकमर टटनrsquo का ह या

का न रहना तथा lsquo पर नचानrsquo का ह अपन वश रखना अतः य महावरकहलात

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इसी जब कोई आदमी काम करना न जानता हो परत अपन को िछपान क िलए बहान बनावतब कहा जाता ह ndash नाच न जान आगन टढ़ा

जब कोई आदमी अनक खाकर भी अपनी आदत न छोड़ तब कहा जाता ह दम सौतक नली रखो तो भी य बध हए और अनभव तथा अलकत भाषा कह गय अतः य

और क स भाषा तथा आती ह महावरदार भाषाबहत पसद जाती ह और कथन बड़ा होता ह

महावरअग-अग - बहत होनाअगठा - चीज़ को दन स क साथ करनाअध - सहाराअधरा घर का उजाला - एकलौता बटा

क घोड़ दौड़ाना - सोचनापर पड़ना - समझ न पाना

अपना सीधा करना ndash करनाआख उठाना - नीयत स दखनाआख खलाना - होश आना

चार होना - आख स आख िमलानानीची होना - होनापीली करना - नाराज़ होना

आकाश पाताल का ndash बहत भदआग घी डालना - बढ़ानाआसमान िसर पर उठाना - बहत कोलाहल करना

स बजाना - करनाईद का चाद होना - िचरकाल पीछ दनाउगली पर नचाना - वश रखना

गगा बहाना - बात करना

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कमर टट जाना - िनराश हो जानाकान भरना - चगली करना

मौत मरना - बहत तरह स मरनाखाक उड़ाना खाक िमलाना - बरबाद होनागड़ गोबर कर दना - काम दनाघर गगा - दौड़-धप कघाट घाट का पानी पीना - जहा तहा का अनभव करनाचाद पर थकना - करना और फलतः होनाचार चादनी - थोड़ का सख

का दध याद आना - सब सख भल जाना सकट आ पड़नाजमीन पर पर न पड़ना - बहत अिभमान होनाजल भन कर कोयला होना - पागल हो जानाटस स मस न होना - भी नटाग अड़ाना - बाधा डालनाटोपी उछालना - िनरादर करनाितनका पकड़ना - मागनाितन का ताड़ करना - बात बढ़ानाथक कर चाटना - वचन दकर जाना

तल उगली दबाना - करनादम तोडना - मर जाना

दना रात चौगना होना - खब होनाधप बाल सफद करना - अनभव आय दनानमक लगाना - बात को बढ़ा कर कहनानाक कटना - बदनामी होनानाक चढ़ाना - घणा करनानीला पीला होना - आना

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नौ-दो होना - भाग जानाउछालना - करना

- बातपरदा डालना - िछपानापहाड टट पड़ना - आनापट चह कदना - खब भख लगना

तल स ज़मीन िनकल जाना - होश उड़ जानाफक-फक कर कदम रखना - सोच-समझ कर काम करनाबगला भगत -

उछलना - खब खश होनाबाज़ार पर होना - काम पर होनाबात का धनी - वायद काबाल खाल उतारना - करनाबाल पकना - बढ़ा होजाना अनभव करनाबाल बाल बचना - हािन पहचन जरा- सी कसर रह जानाबगार टालना - लगाकर काम न करनाबोली मारना - क कहनाभनक पड़ना - खबर द जानाभाड़ - समय गवाना

मारना - बकारचस - बहत कजसपर मारना - का नकल करना

मगज चाटना - तग करनामाथा ठनकना - आशका होनामारा मारा - होनामह-तोड़ जवाब दना - परा-परा जवाब दना

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मह फक हो जाना - चहर का रग उतर जानामह पानी भर आना - खान को ललचानामह लगाना - अिधक द दना

गरम करना - दनाराई का पहाड़ बनाना - बात को बढ़ाकर कहनारात- - हमशालका काड होना - खब मारपीट होनालबी-चौ हाकना - करना

होना - होनालह क घट पीना - करनालह पसीना एक करना - बहत करनालोह क चना चबाना - काम करनाशतान क कान कतरना - बहत चालाक होना

करना - करनाबाग - बहकाना

समझ पर पड़ना - होनाबठना - जमाना

िसतारा चमकना - उदय होनािसर पर खन सवार होना - जान लन पर होनािसर पर हाथ धरना - सहायता करनासौ बात एक बात - िनचोड़

करना - फक डालनाहसी उड़ाना - करनाहाथ मल -

हाथ पर हाथ धर बठना - बठनाहाथ पसारना - मागना

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हाथ-पर मारना - करनाहाथ साफ करना - बईमानी स ठगना

पानी करना - करनाहोश उड़ना - भय या आशका स दखी होना

अत गता सो मता - वहकान राजा - थोड़ा पढ़ िलख का मान होता ह

आख क गाठ क पर - पर धनवानआप मर जग परल - ह तो ससार ह

चोर कोतवाल को डाट - अपराध करक को डाटनाऊची दकान पकवान - काम करनाएक अनार सौ बीमार - जब एक चीज़ क बहत स तब कहा जाता हएक पथ दो काज - एक काम करन स दो का लाभ होनाकाला बराबर -

घर का लका ढ़ाह - फट स घर नाश होता हिचराग तल अधरा - पास घटना क होन पर भी उसका न होना या

ऐस पर बराई का होना जहा उसक रोकन का होचोर ितनका - पापी डर जाता हजाग सो पाव सोव तो खोव - सावधान रहन स लाभ होता ह

- बलवान का दबदबा रहता हजसा दश वसा भस - दश रह वसी करनीजसी करनी वसी भरनी - फल िमलता हतन को कपड़ा न पट को - बहतथोथा चना बाज घना - काम न करनवाला बकवास बहत करता हदाम बनाय काम - पस स सब काम हो जात

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धोबी का घर का न घाट का - जो एक पर जमकर काम न कर कभी एक लग और कभीदसर और सफल न हो उस कहा जाता ह

रहना मगर स बर - अधीन होकर रह और उसी स बर कर तो गज़ारा चलता हन रहगा बास न बाजगी - नकसान हो उसका नाश कर दना हनाच न जान आगन टढ़ा - काम करन न होन पर दसर को दोष दना नीम जान का खतरा - अधरा हािनकारक होता हनौ नगद न तरह उधार - उधार सौदा दनामान न मान तरा महमान - गल पड़नािमया जती िमया क िसर - स उसी हािन करनासौ सयान एक मत - सभी अथवा एक सलाह होती हहाथ कगन को आरसी - क िलए और हाथी क दात खान क और क और - कहना कछ और करना कछ औरहोनहार क होत चीकन पात - होनहार क पहल स जात

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अपना थोडा खब

व क होन का ढ़ग का पता िमलता ह जस ndash राहल धीर धीर चलता ह

सीता मधरतम गाती ह यथा हम तथा िमलत

धीर धीर मधरतम यथा-तथा

UNIT - 21

बोधकबोधक ह जो या क साथ आकर उनका क

क साथ बनात उदा ndash धन क कोई काम न चलता

घर क नीच एक तालाब ह क पास एक भी ह

नीच पास बोधक ह क अनसार बोधक क दो भद होत ndash 1) 2)

क ndash य या क बाद आतउदा - घर क भीतर घर क पीछ घर ऒर

कारक भी आती ह जस का क कभी कभी अपादान कारक या भी आती ह

उदा ndash इनस पहल आया राम का मकान मोहन क घर स पर

lsquoसrsquo lsquoपरrsquo अपादान कारक क ndash यह स क क साथ आत

जस ndash दो तक राम रहगा

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घड भर पानी क िलए पाच दन ग lsquoतकrsquo lsquoभरrsquo सचक

UNIT - 22

( Conjunctions)योजक या व जो या न बतला कर एक या का

दसर या स जोडत बोधक कहतजस ndash सीता और गीता अपन घर गयी

सीता और गीता को िमलानवाला योजक lsquoऔरrsquo ह क तीन भद ndash 1) सयोजक 2) 3) भदबोधक

1) सयोजक ndash कई का सयोग करनवाल को सयोजक कहत इसक दो याका मल होता ह

उदा ndash और राम कल बबई और वहा उनक साथ मोहन भी lsquoऔरrsquo lsquoभीrsquo सयोजक ह

2) ndash जो का बोध कराए कहत जस ndash चाह दश सवा करनी या अथवा मानवीय को पहचानना

lsquoयाrsquo lsquoअथवाrsquo lsquoवाrsquo lsquoचाहrsquo को करनवाल ह 3) भदबोधक ndash दो स एक स भद बतलानवाल को भदबोधक कहत य कई क होत

क ndash दो म स पहल का िनषध या सिचत करत जस ndash

पर मगर वरन उदा ndash मझ वहा जाना था क कारण जा न सका

ख - कारणवाचक और उपदशमलक ndashइसिलए सो अतः इसिलए

इस क ह जस ndash राम समय पर आ न सका इसिलए जा न सका

ग सकतबोधक ndash ndash तो जो ndash तो प सकतबोधक ह जस ndash तम कहत तो जाता

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घ ndash इन पहली बात का और होता ह यान मानो यहा तक इस क ह

जस ndash कोई भी समय पर पहचा यहा तक भी 10 बज तक न आय क और दो भद होत ndash 1) समानािधकरण 2)

समानािधकरण ndash समान पद क या को जोडत जो एक क हो वसमानािधकरण धक कहत जस ndash क मा-बाप का अजीब ह समानािधकरण क चार उपभद होत ndash

1) सयोजक ndash और तथा भी एव 2) क ndash या वा अथवा चाह 3) ndash पर मगर 4) ndash इसिलए अतः

ndash को स जोडनवाल कोकहत

जस ndash आज नौकरानी आयगी वह बीमार ह क चार उपभद होत ndash

१ ndash यान मानो २ करणवाचक ndash जो इसिलए ३ उपदशवाचक - जो ४ सकतवाचक ndash - तो जो-तो -

4) ndash ndash स क शोक घणाको करनवाल को -बोधक कहत

जस ndash हाय अब अर आप कहा जा रह

ह राम करो को सिचत करन क िलए - लात

बोधक क सात भद ndash

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1) बोधक ndash वाह ndashवाह - आहा शबाश

2) शोक बोधक ndash आह ऊह हा-हा ndash

3) बोधक ndash अहो ऒह

4) अनमोदन बोधक ndash हा-हा वाह शबाश

5) बोधक ndash िछ हट अर िधक

6) ndash बहत हा जी हा7) सबोधन बोधक ndash अर र अपी अहो

कभी कभी भी हो जातजस ndash भगवान लो चप कभी कभी या भी होत जस ndash न हो बहत हो गया

जब क समान होत तब वह होता तब वमनोभाव को करात

जस ndash हाय हाय मचा रखी ह

सब लोग - पकार उठहाय ndash हाय - क समान ह इसिलए यह बोधक ह

UNIT - 23

क भद क स बनान का िनयम

क पर जायगास बनता ह एक या अिधक स बनता ह एक स अिधक स बनता

ह कहन या िलखनवाल का परा भाव हो जाय तो उस कहतजस ndash मोहन पढ़ता ह

राम िलखता ह इन स लखक का परा भाव होता ह

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ndash कछ ऐस होत और क रहन पर भी कहन या िलखनवाल का परा आशयहोता क समह को और क रहन पर भी जो कछ सनन

बनी रह कहत दो क होत ndash 1) 2)

क अधीन होतउदा ndash राम न कहा था वह कल पाठशाला जायगा

इस राम न कहा था - ह और कल पाठशाला जायगा तह इस और भी कहत

रखनवाल को कछ थोडा सा भाव करनवाल को कहतएक भावना होती ह

जस ndash तरह पढ़ना चलना

इन होता ह क म दो भाग होत 1) और 2)

ndash ( ) कछ होता ह उस कहतndash ( ) क जो कछ होता ह उस कहत

जस ndash मरा स भरा हआ ह मरा ह और स भरा हआ ह ह मरा ndash ह और मरा

उस का ह इसिलए ( ) और मरा का कहत हआ हह शष उसका ह

इस चार भाग हए ndash 1) ( ) 2) का 3) ( ) 4)

काचार भद ndash

क ndash राम गया ख ndash वह कह चका ग ndash फल

क भदक अनसार क आठ भद होत ndash

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1 ndash इस स बात का होना सिचत होता ह जस ndash भारत राजधानी ह

2 िनषधवाचक ndash का अभाव होता ह जस ndash क कछ भी पा सकत

3 ndash इस स सचना होती हजस - तम कल कालज

4 ndash इसस और उपदश का बोध होता ह जस ndash तरह पढ़ो

का भजन करो 5 ndash इसस का भाव सिचत होता ह जस ndash हाय राम को एक

लाख िमल 6 ndash इसस या सचना होती ह

जस ndash अक पा

7 ndash या सभावना सचना होती ह जस ndash आज होगी

8 - सकत सचना होती ह जस ndash हो तो

राम काम करगा रचना क आधार पर

रचना क आधार पर क तीन भद होत - 1) सरल या साधारण 2) और3)

१ सरल ndash एक और एक होता ह उस सरल कहतजस ndash मोहन िलखता ह ( मोहन और िलखता ह धय ह)

राम मज़ पर रखी ह ( ह और रखी ह ह)

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lsquoराम rsquo और lsquoमज़ परrsquo कवल और का ह २ - उस कहत एक हो और उसक एक या

अिधक हो उस कहतजस ndash जो करगा उस सफलता िमलगी जो करगा ndash ह उस सफलता िमलगी - ह

तीन क ndash 1) 2) 3)

1) ndash का क पर होता ह उसकहतजस ndash मरा ह तमन को मारा यह सच ह इस तमन को मारा ndash ह क पर आया ह इसिलए यह

ह 2) ndash जब कोई को क का काम दता ह तब उस

कहत जस ndash य उसी छा को जायगा जो रहगा

उसी स डरत जो खब मारता ह उसी जो ह

3) ndash जो क का काम दता ह उस कहत

जस ndash करता ह उतना फल िमलता ह जब तम कहोग सब कछ

जब ह ३ ndash दो या दो स अिधक योजक जड हो न

हो उस कहतजस ndash वह तरह पढ़ता था तो पास होता

दो या दो स अिधक सरल अथवा एक दसर पर न होता ह इसिलए यह

जस - कर चका (सरल )

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हम कर चक तो व आए ( )

और मरा मन ठड हो गया ( )

चार क होत ndash सयोजक सचक 1) सयोजक - एक दसर क साथ सयोजक जडा रहता ह

जस ndash वह आया और उसक साथ गया स िमलता ह और स होता ह

2) ndash का एक दसर स भद या का रहता ह जस ndash स बढ़ता ह स भरता ह वह खब खाता पर बडा होता

3) सचक ndash दो स एक को करना जस ndash मझ या राम को

4) अथवा हतसचक ndash एक दसर का होता हजस ndash तम आग पढ़ो पसा दगा मझ पसा िमला इसिलए

कभी कभी बीच योजक आत जस ndash मझ न बलाया आप आता ह जब को का या एक होता ह तो एक बार िलखा या कहा

जाता ह ऐस को सकिचत कहत जस ndash का और मन को भी दता ह

जो आसानी स समझकर छोड दत ऐस को कहत जस ndash आजकल सना ह बरसात क मौसम बखार सब फलाता ह

कहत रोज़ बढ़त रह पहल हमन होना था पर ह दसर लोग स होना पर होता ह

एक का दसर क बदल जा सकता ह मलकर सकत

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क सरल स ndash

उदा ndash सरल - राम न मोहन का - राम न उस को जो मोहन का था

ख स सरलndash उसन कहा पापी ह

सरल ndash उसन को पापी बताया ग सरल स

सरल ndash होन पर लोग खत जान लग - हआ और खत जान लग

घ स िनषध वाचक तथाndash मोहन सोहन स बडा ह

िनषध वाचक - मोहन सोहन स बडा ndash मोहन सोहन स बडा ह

UNIT ndash 24

और महावरव जो का अपना न बता कर कछ करत महावरा

कहत बोलचाल बहत आनवाला ऐसा बधा कोई अनभव बात और अलकतभाषा गई हो या कहावत कहाता ह जस ndash मर पट चह कद रह

जब स उनका लड़का मरा ह कमर टट गई ह वह इतना चालाक ह अपन मािलक को पर नचाता ह

इन lsquoपट चह कद रह rsquo lsquoकमर टट गई हrsquo lsquo पर नचाता हrsquo इन काउनक स ह यहा lsquoपट चह कदनrsquo का ह भख लगना lsquoकमर टटनrsquo का ह या

का न रहना तथा lsquo पर नचानrsquo का ह अपन वश रखना अतः य महावरकहलात

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इसी जब कोई आदमी काम करना न जानता हो परत अपन को िछपान क िलए बहान बनावतब कहा जाता ह ndash नाच न जान आगन टढ़ा

जब कोई आदमी अनक खाकर भी अपनी आदत न छोड़ तब कहा जाता ह दम सौतक नली रखो तो भी य बध हए और अनभव तथा अलकत भाषा कह गय अतः य

और क स भाषा तथा आती ह महावरदार भाषाबहत पसद जाती ह और कथन बड़ा होता ह

महावरअग-अग - बहत होनाअगठा - चीज़ को दन स क साथ करनाअध - सहाराअधरा घर का उजाला - एकलौता बटा

क घोड़ दौड़ाना - सोचनापर पड़ना - समझ न पाना

अपना सीधा करना ndash करनाआख उठाना - नीयत स दखनाआख खलाना - होश आना

चार होना - आख स आख िमलानानीची होना - होनापीली करना - नाराज़ होना

आकाश पाताल का ndash बहत भदआग घी डालना - बढ़ानाआसमान िसर पर उठाना - बहत कोलाहल करना

स बजाना - करनाईद का चाद होना - िचरकाल पीछ दनाउगली पर नचाना - वश रखना

गगा बहाना - बात करना

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कमर टट जाना - िनराश हो जानाकान भरना - चगली करना

मौत मरना - बहत तरह स मरनाखाक उड़ाना खाक िमलाना - बरबाद होनागड़ गोबर कर दना - काम दनाघर गगा - दौड़-धप कघाट घाट का पानी पीना - जहा तहा का अनभव करनाचाद पर थकना - करना और फलतः होनाचार चादनी - थोड़ का सख

का दध याद आना - सब सख भल जाना सकट आ पड़नाजमीन पर पर न पड़ना - बहत अिभमान होनाजल भन कर कोयला होना - पागल हो जानाटस स मस न होना - भी नटाग अड़ाना - बाधा डालनाटोपी उछालना - िनरादर करनाितनका पकड़ना - मागनाितन का ताड़ करना - बात बढ़ानाथक कर चाटना - वचन दकर जाना

तल उगली दबाना - करनादम तोडना - मर जाना

दना रात चौगना होना - खब होनाधप बाल सफद करना - अनभव आय दनानमक लगाना - बात को बढ़ा कर कहनानाक कटना - बदनामी होनानाक चढ़ाना - घणा करनानीला पीला होना - आना

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नौ-दो होना - भाग जानाउछालना - करना

- बातपरदा डालना - िछपानापहाड टट पड़ना - आनापट चह कदना - खब भख लगना

तल स ज़मीन िनकल जाना - होश उड़ जानाफक-फक कर कदम रखना - सोच-समझ कर काम करनाबगला भगत -

उछलना - खब खश होनाबाज़ार पर होना - काम पर होनाबात का धनी - वायद काबाल खाल उतारना - करनाबाल पकना - बढ़ा होजाना अनभव करनाबाल बाल बचना - हािन पहचन जरा- सी कसर रह जानाबगार टालना - लगाकर काम न करनाबोली मारना - क कहनाभनक पड़ना - खबर द जानाभाड़ - समय गवाना

मारना - बकारचस - बहत कजसपर मारना - का नकल करना

मगज चाटना - तग करनामाथा ठनकना - आशका होनामारा मारा - होनामह-तोड़ जवाब दना - परा-परा जवाब दना

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मह फक हो जाना - चहर का रग उतर जानामह पानी भर आना - खान को ललचानामह लगाना - अिधक द दना

गरम करना - दनाराई का पहाड़ बनाना - बात को बढ़ाकर कहनारात- - हमशालका काड होना - खब मारपीट होनालबी-चौ हाकना - करना

होना - होनालह क घट पीना - करनालह पसीना एक करना - बहत करनालोह क चना चबाना - काम करनाशतान क कान कतरना - बहत चालाक होना

करना - करनाबाग - बहकाना

समझ पर पड़ना - होनाबठना - जमाना

िसतारा चमकना - उदय होनािसर पर खन सवार होना - जान लन पर होनािसर पर हाथ धरना - सहायता करनासौ बात एक बात - िनचोड़

करना - फक डालनाहसी उड़ाना - करनाहाथ मल -

हाथ पर हाथ धर बठना - बठनाहाथ पसारना - मागना

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हाथ-पर मारना - करनाहाथ साफ करना - बईमानी स ठगना

पानी करना - करनाहोश उड़ना - भय या आशका स दखी होना

अत गता सो मता - वहकान राजा - थोड़ा पढ़ िलख का मान होता ह

आख क गाठ क पर - पर धनवानआप मर जग परल - ह तो ससार ह

चोर कोतवाल को डाट - अपराध करक को डाटनाऊची दकान पकवान - काम करनाएक अनार सौ बीमार - जब एक चीज़ क बहत स तब कहा जाता हएक पथ दो काज - एक काम करन स दो का लाभ होनाकाला बराबर -

घर का लका ढ़ाह - फट स घर नाश होता हिचराग तल अधरा - पास घटना क होन पर भी उसका न होना या

ऐस पर बराई का होना जहा उसक रोकन का होचोर ितनका - पापी डर जाता हजाग सो पाव सोव तो खोव - सावधान रहन स लाभ होता ह

- बलवान का दबदबा रहता हजसा दश वसा भस - दश रह वसी करनीजसी करनी वसी भरनी - फल िमलता हतन को कपड़ा न पट को - बहतथोथा चना बाज घना - काम न करनवाला बकवास बहत करता हदाम बनाय काम - पस स सब काम हो जात

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धोबी का घर का न घाट का - जो एक पर जमकर काम न कर कभी एक लग और कभीदसर और सफल न हो उस कहा जाता ह

रहना मगर स बर - अधीन होकर रह और उसी स बर कर तो गज़ारा चलता हन रहगा बास न बाजगी - नकसान हो उसका नाश कर दना हनाच न जान आगन टढ़ा - काम करन न होन पर दसर को दोष दना नीम जान का खतरा - अधरा हािनकारक होता हनौ नगद न तरह उधार - उधार सौदा दनामान न मान तरा महमान - गल पड़नािमया जती िमया क िसर - स उसी हािन करनासौ सयान एक मत - सभी अथवा एक सलाह होती हहाथ कगन को आरसी - क िलए और हाथी क दात खान क और क और - कहना कछ और करना कछ औरहोनहार क होत चीकन पात - होनहार क पहल स जात

Page 46: PRACTICAL GRAMMAR (APPLIED GRAMMAR)14.139.185.6/website/SDE/Practical_Grammar_BA_hindi_on29... · 2019. 4. 20. · practical grammar (applied grammar) page 2 university of calicut

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घड भर पानी क िलए पाच दन ग lsquoतकrsquo lsquoभरrsquo सचक

UNIT - 22

( Conjunctions)योजक या व जो या न बतला कर एक या का

दसर या स जोडत बोधक कहतजस ndash सीता और गीता अपन घर गयी

सीता और गीता को िमलानवाला योजक lsquoऔरrsquo ह क तीन भद ndash 1) सयोजक 2) 3) भदबोधक

1) सयोजक ndash कई का सयोग करनवाल को सयोजक कहत इसक दो याका मल होता ह

उदा ndash और राम कल बबई और वहा उनक साथ मोहन भी lsquoऔरrsquo lsquoभीrsquo सयोजक ह

2) ndash जो का बोध कराए कहत जस ndash चाह दश सवा करनी या अथवा मानवीय को पहचानना

lsquoयाrsquo lsquoअथवाrsquo lsquoवाrsquo lsquoचाहrsquo को करनवाल ह 3) भदबोधक ndash दो स एक स भद बतलानवाल को भदबोधक कहत य कई क होत

क ndash दो म स पहल का िनषध या सिचत करत जस ndash

पर मगर वरन उदा ndash मझ वहा जाना था क कारण जा न सका

ख - कारणवाचक और उपदशमलक ndashइसिलए सो अतः इसिलए

इस क ह जस ndash राम समय पर आ न सका इसिलए जा न सका

ग सकतबोधक ndash ndash तो जो ndash तो प सकतबोधक ह जस ndash तम कहत तो जाता

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घ ndash इन पहली बात का और होता ह यान मानो यहा तक इस क ह

जस ndash कोई भी समय पर पहचा यहा तक भी 10 बज तक न आय क और दो भद होत ndash 1) समानािधकरण 2)

समानािधकरण ndash समान पद क या को जोडत जो एक क हो वसमानािधकरण धक कहत जस ndash क मा-बाप का अजीब ह समानािधकरण क चार उपभद होत ndash

1) सयोजक ndash और तथा भी एव 2) क ndash या वा अथवा चाह 3) ndash पर मगर 4) ndash इसिलए अतः

ndash को स जोडनवाल कोकहत

जस ndash आज नौकरानी आयगी वह बीमार ह क चार उपभद होत ndash

१ ndash यान मानो २ करणवाचक ndash जो इसिलए ३ उपदशवाचक - जो ४ सकतवाचक ndash - तो जो-तो -

4) ndash ndash स क शोक घणाको करनवाल को -बोधक कहत

जस ndash हाय अब अर आप कहा जा रह

ह राम करो को सिचत करन क िलए - लात

बोधक क सात भद ndash

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1) बोधक ndash वाह ndashवाह - आहा शबाश

2) शोक बोधक ndash आह ऊह हा-हा ndash

3) बोधक ndash अहो ऒह

4) अनमोदन बोधक ndash हा-हा वाह शबाश

5) बोधक ndash िछ हट अर िधक

6) ndash बहत हा जी हा7) सबोधन बोधक ndash अर र अपी अहो

कभी कभी भी हो जातजस ndash भगवान लो चप कभी कभी या भी होत जस ndash न हो बहत हो गया

जब क समान होत तब वह होता तब वमनोभाव को करात

जस ndash हाय हाय मचा रखी ह

सब लोग - पकार उठहाय ndash हाय - क समान ह इसिलए यह बोधक ह

UNIT - 23

क भद क स बनान का िनयम

क पर जायगास बनता ह एक या अिधक स बनता ह एक स अिधक स बनता

ह कहन या िलखनवाल का परा भाव हो जाय तो उस कहतजस ndash मोहन पढ़ता ह

राम िलखता ह इन स लखक का परा भाव होता ह

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ndash कछ ऐस होत और क रहन पर भी कहन या िलखनवाल का परा आशयहोता क समह को और क रहन पर भी जो कछ सनन

बनी रह कहत दो क होत ndash 1) 2)

क अधीन होतउदा ndash राम न कहा था वह कल पाठशाला जायगा

इस राम न कहा था - ह और कल पाठशाला जायगा तह इस और भी कहत

रखनवाल को कछ थोडा सा भाव करनवाल को कहतएक भावना होती ह

जस ndash तरह पढ़ना चलना

इन होता ह क म दो भाग होत 1) और 2)

ndash ( ) कछ होता ह उस कहतndash ( ) क जो कछ होता ह उस कहत

जस ndash मरा स भरा हआ ह मरा ह और स भरा हआ ह ह मरा ndash ह और मरा

उस का ह इसिलए ( ) और मरा का कहत हआ हह शष उसका ह

इस चार भाग हए ndash 1) ( ) 2) का 3) ( ) 4)

काचार भद ndash

क ndash राम गया ख ndash वह कह चका ग ndash फल

क भदक अनसार क आठ भद होत ndash

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1 ndash इस स बात का होना सिचत होता ह जस ndash भारत राजधानी ह

2 िनषधवाचक ndash का अभाव होता ह जस ndash क कछ भी पा सकत

3 ndash इस स सचना होती हजस - तम कल कालज

4 ndash इसस और उपदश का बोध होता ह जस ndash तरह पढ़ो

का भजन करो 5 ndash इसस का भाव सिचत होता ह जस ndash हाय राम को एक

लाख िमल 6 ndash इसस या सचना होती ह

जस ndash अक पा

7 ndash या सभावना सचना होती ह जस ndash आज होगी

8 - सकत सचना होती ह जस ndash हो तो

राम काम करगा रचना क आधार पर

रचना क आधार पर क तीन भद होत - 1) सरल या साधारण 2) और3)

१ सरल ndash एक और एक होता ह उस सरल कहतजस ndash मोहन िलखता ह ( मोहन और िलखता ह धय ह)

राम मज़ पर रखी ह ( ह और रखी ह ह)

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lsquoराम rsquo और lsquoमज़ परrsquo कवल और का ह २ - उस कहत एक हो और उसक एक या

अिधक हो उस कहतजस ndash जो करगा उस सफलता िमलगी जो करगा ndash ह उस सफलता िमलगी - ह

तीन क ndash 1) 2) 3)

1) ndash का क पर होता ह उसकहतजस ndash मरा ह तमन को मारा यह सच ह इस तमन को मारा ndash ह क पर आया ह इसिलए यह

ह 2) ndash जब कोई को क का काम दता ह तब उस

कहत जस ndash य उसी छा को जायगा जो रहगा

उसी स डरत जो खब मारता ह उसी जो ह

3) ndash जो क का काम दता ह उस कहत

जस ndash करता ह उतना फल िमलता ह जब तम कहोग सब कछ

जब ह ३ ndash दो या दो स अिधक योजक जड हो न

हो उस कहतजस ndash वह तरह पढ़ता था तो पास होता

दो या दो स अिधक सरल अथवा एक दसर पर न होता ह इसिलए यह

जस - कर चका (सरल )

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हम कर चक तो व आए ( )

और मरा मन ठड हो गया ( )

चार क होत ndash सयोजक सचक 1) सयोजक - एक दसर क साथ सयोजक जडा रहता ह

जस ndash वह आया और उसक साथ गया स िमलता ह और स होता ह

2) ndash का एक दसर स भद या का रहता ह जस ndash स बढ़ता ह स भरता ह वह खब खाता पर बडा होता

3) सचक ndash दो स एक को करना जस ndash मझ या राम को

4) अथवा हतसचक ndash एक दसर का होता हजस ndash तम आग पढ़ो पसा दगा मझ पसा िमला इसिलए

कभी कभी बीच योजक आत जस ndash मझ न बलाया आप आता ह जब को का या एक होता ह तो एक बार िलखा या कहा

जाता ह ऐस को सकिचत कहत जस ndash का और मन को भी दता ह

जो आसानी स समझकर छोड दत ऐस को कहत जस ndash आजकल सना ह बरसात क मौसम बखार सब फलाता ह

कहत रोज़ बढ़त रह पहल हमन होना था पर ह दसर लोग स होना पर होता ह

एक का दसर क बदल जा सकता ह मलकर सकत

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क सरल स ndash

उदा ndash सरल - राम न मोहन का - राम न उस को जो मोहन का था

ख स सरलndash उसन कहा पापी ह

सरल ndash उसन को पापी बताया ग सरल स

सरल ndash होन पर लोग खत जान लग - हआ और खत जान लग

घ स िनषध वाचक तथाndash मोहन सोहन स बडा ह

िनषध वाचक - मोहन सोहन स बडा ndash मोहन सोहन स बडा ह

UNIT ndash 24

और महावरव जो का अपना न बता कर कछ करत महावरा

कहत बोलचाल बहत आनवाला ऐसा बधा कोई अनभव बात और अलकतभाषा गई हो या कहावत कहाता ह जस ndash मर पट चह कद रह

जब स उनका लड़का मरा ह कमर टट गई ह वह इतना चालाक ह अपन मािलक को पर नचाता ह

इन lsquoपट चह कद रह rsquo lsquoकमर टट गई हrsquo lsquo पर नचाता हrsquo इन काउनक स ह यहा lsquoपट चह कदनrsquo का ह भख लगना lsquoकमर टटनrsquo का ह या

का न रहना तथा lsquo पर नचानrsquo का ह अपन वश रखना अतः य महावरकहलात

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इसी जब कोई आदमी काम करना न जानता हो परत अपन को िछपान क िलए बहान बनावतब कहा जाता ह ndash नाच न जान आगन टढ़ा

जब कोई आदमी अनक खाकर भी अपनी आदत न छोड़ तब कहा जाता ह दम सौतक नली रखो तो भी य बध हए और अनभव तथा अलकत भाषा कह गय अतः य

और क स भाषा तथा आती ह महावरदार भाषाबहत पसद जाती ह और कथन बड़ा होता ह

महावरअग-अग - बहत होनाअगठा - चीज़ को दन स क साथ करनाअध - सहाराअधरा घर का उजाला - एकलौता बटा

क घोड़ दौड़ाना - सोचनापर पड़ना - समझ न पाना

अपना सीधा करना ndash करनाआख उठाना - नीयत स दखनाआख खलाना - होश आना

चार होना - आख स आख िमलानानीची होना - होनापीली करना - नाराज़ होना

आकाश पाताल का ndash बहत भदआग घी डालना - बढ़ानाआसमान िसर पर उठाना - बहत कोलाहल करना

स बजाना - करनाईद का चाद होना - िचरकाल पीछ दनाउगली पर नचाना - वश रखना

गगा बहाना - बात करना

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कमर टट जाना - िनराश हो जानाकान भरना - चगली करना

मौत मरना - बहत तरह स मरनाखाक उड़ाना खाक िमलाना - बरबाद होनागड़ गोबर कर दना - काम दनाघर गगा - दौड़-धप कघाट घाट का पानी पीना - जहा तहा का अनभव करनाचाद पर थकना - करना और फलतः होनाचार चादनी - थोड़ का सख

का दध याद आना - सब सख भल जाना सकट आ पड़नाजमीन पर पर न पड़ना - बहत अिभमान होनाजल भन कर कोयला होना - पागल हो जानाटस स मस न होना - भी नटाग अड़ाना - बाधा डालनाटोपी उछालना - िनरादर करनाितनका पकड़ना - मागनाितन का ताड़ करना - बात बढ़ानाथक कर चाटना - वचन दकर जाना

तल उगली दबाना - करनादम तोडना - मर जाना

दना रात चौगना होना - खब होनाधप बाल सफद करना - अनभव आय दनानमक लगाना - बात को बढ़ा कर कहनानाक कटना - बदनामी होनानाक चढ़ाना - घणा करनानीला पीला होना - आना

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नौ-दो होना - भाग जानाउछालना - करना

- बातपरदा डालना - िछपानापहाड टट पड़ना - आनापट चह कदना - खब भख लगना

तल स ज़मीन िनकल जाना - होश उड़ जानाफक-फक कर कदम रखना - सोच-समझ कर काम करनाबगला भगत -

उछलना - खब खश होनाबाज़ार पर होना - काम पर होनाबात का धनी - वायद काबाल खाल उतारना - करनाबाल पकना - बढ़ा होजाना अनभव करनाबाल बाल बचना - हािन पहचन जरा- सी कसर रह जानाबगार टालना - लगाकर काम न करनाबोली मारना - क कहनाभनक पड़ना - खबर द जानाभाड़ - समय गवाना

मारना - बकारचस - बहत कजसपर मारना - का नकल करना

मगज चाटना - तग करनामाथा ठनकना - आशका होनामारा मारा - होनामह-तोड़ जवाब दना - परा-परा जवाब दना

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PRACTICAL GRAMMAR (APPLIED GRAMMAR) Page 57

मह फक हो जाना - चहर का रग उतर जानामह पानी भर आना - खान को ललचानामह लगाना - अिधक द दना

गरम करना - दनाराई का पहाड़ बनाना - बात को बढ़ाकर कहनारात- - हमशालका काड होना - खब मारपीट होनालबी-चौ हाकना - करना

होना - होनालह क घट पीना - करनालह पसीना एक करना - बहत करनालोह क चना चबाना - काम करनाशतान क कान कतरना - बहत चालाक होना

करना - करनाबाग - बहकाना

समझ पर पड़ना - होनाबठना - जमाना

िसतारा चमकना - उदय होनािसर पर खन सवार होना - जान लन पर होनािसर पर हाथ धरना - सहायता करनासौ बात एक बात - िनचोड़

करना - फक डालनाहसी उड़ाना - करनाहाथ मल -

हाथ पर हाथ धर बठना - बठनाहाथ पसारना - मागना

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हाथ-पर मारना - करनाहाथ साफ करना - बईमानी स ठगना

पानी करना - करनाहोश उड़ना - भय या आशका स दखी होना

अत गता सो मता - वहकान राजा - थोड़ा पढ़ िलख का मान होता ह

आख क गाठ क पर - पर धनवानआप मर जग परल - ह तो ससार ह

चोर कोतवाल को डाट - अपराध करक को डाटनाऊची दकान पकवान - काम करनाएक अनार सौ बीमार - जब एक चीज़ क बहत स तब कहा जाता हएक पथ दो काज - एक काम करन स दो का लाभ होनाकाला बराबर -

घर का लका ढ़ाह - फट स घर नाश होता हिचराग तल अधरा - पास घटना क होन पर भी उसका न होना या

ऐस पर बराई का होना जहा उसक रोकन का होचोर ितनका - पापी डर जाता हजाग सो पाव सोव तो खोव - सावधान रहन स लाभ होता ह

- बलवान का दबदबा रहता हजसा दश वसा भस - दश रह वसी करनीजसी करनी वसी भरनी - फल िमलता हतन को कपड़ा न पट को - बहतथोथा चना बाज घना - काम न करनवाला बकवास बहत करता हदाम बनाय काम - पस स सब काम हो जात

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धोबी का घर का न घाट का - जो एक पर जमकर काम न कर कभी एक लग और कभीदसर और सफल न हो उस कहा जाता ह

रहना मगर स बर - अधीन होकर रह और उसी स बर कर तो गज़ारा चलता हन रहगा बास न बाजगी - नकसान हो उसका नाश कर दना हनाच न जान आगन टढ़ा - काम करन न होन पर दसर को दोष दना नीम जान का खतरा - अधरा हािनकारक होता हनौ नगद न तरह उधार - उधार सौदा दनामान न मान तरा महमान - गल पड़नािमया जती िमया क िसर - स उसी हािन करनासौ सयान एक मत - सभी अथवा एक सलाह होती हहाथ कगन को आरसी - क िलए और हाथी क दात खान क और क और - कहना कछ और करना कछ औरहोनहार क होत चीकन पात - होनहार क पहल स जात

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घ ndash इन पहली बात का और होता ह यान मानो यहा तक इस क ह

जस ndash कोई भी समय पर पहचा यहा तक भी 10 बज तक न आय क और दो भद होत ndash 1) समानािधकरण 2)

समानािधकरण ndash समान पद क या को जोडत जो एक क हो वसमानािधकरण धक कहत जस ndash क मा-बाप का अजीब ह समानािधकरण क चार उपभद होत ndash

1) सयोजक ndash और तथा भी एव 2) क ndash या वा अथवा चाह 3) ndash पर मगर 4) ndash इसिलए अतः

ndash को स जोडनवाल कोकहत

जस ndash आज नौकरानी आयगी वह बीमार ह क चार उपभद होत ndash

१ ndash यान मानो २ करणवाचक ndash जो इसिलए ३ उपदशवाचक - जो ४ सकतवाचक ndash - तो जो-तो -

4) ndash ndash स क शोक घणाको करनवाल को -बोधक कहत

जस ndash हाय अब अर आप कहा जा रह

ह राम करो को सिचत करन क िलए - लात

बोधक क सात भद ndash

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1) बोधक ndash वाह ndashवाह - आहा शबाश

2) शोक बोधक ndash आह ऊह हा-हा ndash

3) बोधक ndash अहो ऒह

4) अनमोदन बोधक ndash हा-हा वाह शबाश

5) बोधक ndash िछ हट अर िधक

6) ndash बहत हा जी हा7) सबोधन बोधक ndash अर र अपी अहो

कभी कभी भी हो जातजस ndash भगवान लो चप कभी कभी या भी होत जस ndash न हो बहत हो गया

जब क समान होत तब वह होता तब वमनोभाव को करात

जस ndash हाय हाय मचा रखी ह

सब लोग - पकार उठहाय ndash हाय - क समान ह इसिलए यह बोधक ह

UNIT - 23

क भद क स बनान का िनयम

क पर जायगास बनता ह एक या अिधक स बनता ह एक स अिधक स बनता

ह कहन या िलखनवाल का परा भाव हो जाय तो उस कहतजस ndash मोहन पढ़ता ह

राम िलखता ह इन स लखक का परा भाव होता ह

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ndash कछ ऐस होत और क रहन पर भी कहन या िलखनवाल का परा आशयहोता क समह को और क रहन पर भी जो कछ सनन

बनी रह कहत दो क होत ndash 1) 2)

क अधीन होतउदा ndash राम न कहा था वह कल पाठशाला जायगा

इस राम न कहा था - ह और कल पाठशाला जायगा तह इस और भी कहत

रखनवाल को कछ थोडा सा भाव करनवाल को कहतएक भावना होती ह

जस ndash तरह पढ़ना चलना

इन होता ह क म दो भाग होत 1) और 2)

ndash ( ) कछ होता ह उस कहतndash ( ) क जो कछ होता ह उस कहत

जस ndash मरा स भरा हआ ह मरा ह और स भरा हआ ह ह मरा ndash ह और मरा

उस का ह इसिलए ( ) और मरा का कहत हआ हह शष उसका ह

इस चार भाग हए ndash 1) ( ) 2) का 3) ( ) 4)

काचार भद ndash

क ndash राम गया ख ndash वह कह चका ग ndash फल

क भदक अनसार क आठ भद होत ndash

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1 ndash इस स बात का होना सिचत होता ह जस ndash भारत राजधानी ह

2 िनषधवाचक ndash का अभाव होता ह जस ndash क कछ भी पा सकत

3 ndash इस स सचना होती हजस - तम कल कालज

4 ndash इसस और उपदश का बोध होता ह जस ndash तरह पढ़ो

का भजन करो 5 ndash इसस का भाव सिचत होता ह जस ndash हाय राम को एक

लाख िमल 6 ndash इसस या सचना होती ह

जस ndash अक पा

7 ndash या सभावना सचना होती ह जस ndash आज होगी

8 - सकत सचना होती ह जस ndash हो तो

राम काम करगा रचना क आधार पर

रचना क आधार पर क तीन भद होत - 1) सरल या साधारण 2) और3)

१ सरल ndash एक और एक होता ह उस सरल कहतजस ndash मोहन िलखता ह ( मोहन और िलखता ह धय ह)

राम मज़ पर रखी ह ( ह और रखी ह ह)

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PRACTICAL GRAMMAR (APPLIED GRAMMAR) Page 51

lsquoराम rsquo और lsquoमज़ परrsquo कवल और का ह २ - उस कहत एक हो और उसक एक या

अिधक हो उस कहतजस ndash जो करगा उस सफलता िमलगी जो करगा ndash ह उस सफलता िमलगी - ह

तीन क ndash 1) 2) 3)

1) ndash का क पर होता ह उसकहतजस ndash मरा ह तमन को मारा यह सच ह इस तमन को मारा ndash ह क पर आया ह इसिलए यह

ह 2) ndash जब कोई को क का काम दता ह तब उस

कहत जस ndash य उसी छा को जायगा जो रहगा

उसी स डरत जो खब मारता ह उसी जो ह

3) ndash जो क का काम दता ह उस कहत

जस ndash करता ह उतना फल िमलता ह जब तम कहोग सब कछ

जब ह ३ ndash दो या दो स अिधक योजक जड हो न

हो उस कहतजस ndash वह तरह पढ़ता था तो पास होता

दो या दो स अिधक सरल अथवा एक दसर पर न होता ह इसिलए यह

जस - कर चका (सरल )

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हम कर चक तो व आए ( )

और मरा मन ठड हो गया ( )

चार क होत ndash सयोजक सचक 1) सयोजक - एक दसर क साथ सयोजक जडा रहता ह

जस ndash वह आया और उसक साथ गया स िमलता ह और स होता ह

2) ndash का एक दसर स भद या का रहता ह जस ndash स बढ़ता ह स भरता ह वह खब खाता पर बडा होता

3) सचक ndash दो स एक को करना जस ndash मझ या राम को

4) अथवा हतसचक ndash एक दसर का होता हजस ndash तम आग पढ़ो पसा दगा मझ पसा िमला इसिलए

कभी कभी बीच योजक आत जस ndash मझ न बलाया आप आता ह जब को का या एक होता ह तो एक बार िलखा या कहा

जाता ह ऐस को सकिचत कहत जस ndash का और मन को भी दता ह

जो आसानी स समझकर छोड दत ऐस को कहत जस ndash आजकल सना ह बरसात क मौसम बखार सब फलाता ह

कहत रोज़ बढ़त रह पहल हमन होना था पर ह दसर लोग स होना पर होता ह

एक का दसर क बदल जा सकता ह मलकर सकत

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क सरल स ndash

उदा ndash सरल - राम न मोहन का - राम न उस को जो मोहन का था

ख स सरलndash उसन कहा पापी ह

सरल ndash उसन को पापी बताया ग सरल स

सरल ndash होन पर लोग खत जान लग - हआ और खत जान लग

घ स िनषध वाचक तथाndash मोहन सोहन स बडा ह

िनषध वाचक - मोहन सोहन स बडा ndash मोहन सोहन स बडा ह

UNIT ndash 24

और महावरव जो का अपना न बता कर कछ करत महावरा

कहत बोलचाल बहत आनवाला ऐसा बधा कोई अनभव बात और अलकतभाषा गई हो या कहावत कहाता ह जस ndash मर पट चह कद रह

जब स उनका लड़का मरा ह कमर टट गई ह वह इतना चालाक ह अपन मािलक को पर नचाता ह

इन lsquoपट चह कद रह rsquo lsquoकमर टट गई हrsquo lsquo पर नचाता हrsquo इन काउनक स ह यहा lsquoपट चह कदनrsquo का ह भख लगना lsquoकमर टटनrsquo का ह या

का न रहना तथा lsquo पर नचानrsquo का ह अपन वश रखना अतः य महावरकहलात

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इसी जब कोई आदमी काम करना न जानता हो परत अपन को िछपान क िलए बहान बनावतब कहा जाता ह ndash नाच न जान आगन टढ़ा

जब कोई आदमी अनक खाकर भी अपनी आदत न छोड़ तब कहा जाता ह दम सौतक नली रखो तो भी य बध हए और अनभव तथा अलकत भाषा कह गय अतः य

और क स भाषा तथा आती ह महावरदार भाषाबहत पसद जाती ह और कथन बड़ा होता ह

महावरअग-अग - बहत होनाअगठा - चीज़ को दन स क साथ करनाअध - सहाराअधरा घर का उजाला - एकलौता बटा

क घोड़ दौड़ाना - सोचनापर पड़ना - समझ न पाना

अपना सीधा करना ndash करनाआख उठाना - नीयत स दखनाआख खलाना - होश आना

चार होना - आख स आख िमलानानीची होना - होनापीली करना - नाराज़ होना

आकाश पाताल का ndash बहत भदआग घी डालना - बढ़ानाआसमान िसर पर उठाना - बहत कोलाहल करना

स बजाना - करनाईद का चाद होना - िचरकाल पीछ दनाउगली पर नचाना - वश रखना

गगा बहाना - बात करना

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कमर टट जाना - िनराश हो जानाकान भरना - चगली करना

मौत मरना - बहत तरह स मरनाखाक उड़ाना खाक िमलाना - बरबाद होनागड़ गोबर कर दना - काम दनाघर गगा - दौड़-धप कघाट घाट का पानी पीना - जहा तहा का अनभव करनाचाद पर थकना - करना और फलतः होनाचार चादनी - थोड़ का सख

का दध याद आना - सब सख भल जाना सकट आ पड़नाजमीन पर पर न पड़ना - बहत अिभमान होनाजल भन कर कोयला होना - पागल हो जानाटस स मस न होना - भी नटाग अड़ाना - बाधा डालनाटोपी उछालना - िनरादर करनाितनका पकड़ना - मागनाितन का ताड़ करना - बात बढ़ानाथक कर चाटना - वचन दकर जाना

तल उगली दबाना - करनादम तोडना - मर जाना

दना रात चौगना होना - खब होनाधप बाल सफद करना - अनभव आय दनानमक लगाना - बात को बढ़ा कर कहनानाक कटना - बदनामी होनानाक चढ़ाना - घणा करनानीला पीला होना - आना

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नौ-दो होना - भाग जानाउछालना - करना

- बातपरदा डालना - िछपानापहाड टट पड़ना - आनापट चह कदना - खब भख लगना

तल स ज़मीन िनकल जाना - होश उड़ जानाफक-फक कर कदम रखना - सोच-समझ कर काम करनाबगला भगत -

उछलना - खब खश होनाबाज़ार पर होना - काम पर होनाबात का धनी - वायद काबाल खाल उतारना - करनाबाल पकना - बढ़ा होजाना अनभव करनाबाल बाल बचना - हािन पहचन जरा- सी कसर रह जानाबगार टालना - लगाकर काम न करनाबोली मारना - क कहनाभनक पड़ना - खबर द जानाभाड़ - समय गवाना

मारना - बकारचस - बहत कजसपर मारना - का नकल करना

मगज चाटना - तग करनामाथा ठनकना - आशका होनामारा मारा - होनामह-तोड़ जवाब दना - परा-परा जवाब दना

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मह फक हो जाना - चहर का रग उतर जानामह पानी भर आना - खान को ललचानामह लगाना - अिधक द दना

गरम करना - दनाराई का पहाड़ बनाना - बात को बढ़ाकर कहनारात- - हमशालका काड होना - खब मारपीट होनालबी-चौ हाकना - करना

होना - होनालह क घट पीना - करनालह पसीना एक करना - बहत करनालोह क चना चबाना - काम करनाशतान क कान कतरना - बहत चालाक होना

करना - करनाबाग - बहकाना

समझ पर पड़ना - होनाबठना - जमाना

िसतारा चमकना - उदय होनािसर पर खन सवार होना - जान लन पर होनािसर पर हाथ धरना - सहायता करनासौ बात एक बात - िनचोड़

करना - फक डालनाहसी उड़ाना - करनाहाथ मल -

हाथ पर हाथ धर बठना - बठनाहाथ पसारना - मागना

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हाथ-पर मारना - करनाहाथ साफ करना - बईमानी स ठगना

पानी करना - करनाहोश उड़ना - भय या आशका स दखी होना

अत गता सो मता - वहकान राजा - थोड़ा पढ़ िलख का मान होता ह

आख क गाठ क पर - पर धनवानआप मर जग परल - ह तो ससार ह

चोर कोतवाल को डाट - अपराध करक को डाटनाऊची दकान पकवान - काम करनाएक अनार सौ बीमार - जब एक चीज़ क बहत स तब कहा जाता हएक पथ दो काज - एक काम करन स दो का लाभ होनाकाला बराबर -

घर का लका ढ़ाह - फट स घर नाश होता हिचराग तल अधरा - पास घटना क होन पर भी उसका न होना या

ऐस पर बराई का होना जहा उसक रोकन का होचोर ितनका - पापी डर जाता हजाग सो पाव सोव तो खोव - सावधान रहन स लाभ होता ह

- बलवान का दबदबा रहता हजसा दश वसा भस - दश रह वसी करनीजसी करनी वसी भरनी - फल िमलता हतन को कपड़ा न पट को - बहतथोथा चना बाज घना - काम न करनवाला बकवास बहत करता हदाम बनाय काम - पस स सब काम हो जात

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धोबी का घर का न घाट का - जो एक पर जमकर काम न कर कभी एक लग और कभीदसर और सफल न हो उस कहा जाता ह

रहना मगर स बर - अधीन होकर रह और उसी स बर कर तो गज़ारा चलता हन रहगा बास न बाजगी - नकसान हो उसका नाश कर दना हनाच न जान आगन टढ़ा - काम करन न होन पर दसर को दोष दना नीम जान का खतरा - अधरा हािनकारक होता हनौ नगद न तरह उधार - उधार सौदा दनामान न मान तरा महमान - गल पड़नािमया जती िमया क िसर - स उसी हािन करनासौ सयान एक मत - सभी अथवा एक सलाह होती हहाथ कगन को आरसी - क िलए और हाथी क दात खान क और क और - कहना कछ और करना कछ औरहोनहार क होत चीकन पात - होनहार क पहल स जात

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1) बोधक ndash वाह ndashवाह - आहा शबाश

2) शोक बोधक ndash आह ऊह हा-हा ndash

3) बोधक ndash अहो ऒह

4) अनमोदन बोधक ndash हा-हा वाह शबाश

5) बोधक ndash िछ हट अर िधक

6) ndash बहत हा जी हा7) सबोधन बोधक ndash अर र अपी अहो

कभी कभी भी हो जातजस ndash भगवान लो चप कभी कभी या भी होत जस ndash न हो बहत हो गया

जब क समान होत तब वह होता तब वमनोभाव को करात

जस ndash हाय हाय मचा रखी ह

सब लोग - पकार उठहाय ndash हाय - क समान ह इसिलए यह बोधक ह

UNIT - 23

क भद क स बनान का िनयम

क पर जायगास बनता ह एक या अिधक स बनता ह एक स अिधक स बनता

ह कहन या िलखनवाल का परा भाव हो जाय तो उस कहतजस ndash मोहन पढ़ता ह

राम िलखता ह इन स लखक का परा भाव होता ह

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ndash कछ ऐस होत और क रहन पर भी कहन या िलखनवाल का परा आशयहोता क समह को और क रहन पर भी जो कछ सनन

बनी रह कहत दो क होत ndash 1) 2)

क अधीन होतउदा ndash राम न कहा था वह कल पाठशाला जायगा

इस राम न कहा था - ह और कल पाठशाला जायगा तह इस और भी कहत

रखनवाल को कछ थोडा सा भाव करनवाल को कहतएक भावना होती ह

जस ndash तरह पढ़ना चलना

इन होता ह क म दो भाग होत 1) और 2)

ndash ( ) कछ होता ह उस कहतndash ( ) क जो कछ होता ह उस कहत

जस ndash मरा स भरा हआ ह मरा ह और स भरा हआ ह ह मरा ndash ह और मरा

उस का ह इसिलए ( ) और मरा का कहत हआ हह शष उसका ह

इस चार भाग हए ndash 1) ( ) 2) का 3) ( ) 4)

काचार भद ndash

क ndash राम गया ख ndash वह कह चका ग ndash फल

क भदक अनसार क आठ भद होत ndash

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1 ndash इस स बात का होना सिचत होता ह जस ndash भारत राजधानी ह

2 िनषधवाचक ndash का अभाव होता ह जस ndash क कछ भी पा सकत

3 ndash इस स सचना होती हजस - तम कल कालज

4 ndash इसस और उपदश का बोध होता ह जस ndash तरह पढ़ो

का भजन करो 5 ndash इसस का भाव सिचत होता ह जस ndash हाय राम को एक

लाख िमल 6 ndash इसस या सचना होती ह

जस ndash अक पा

7 ndash या सभावना सचना होती ह जस ndash आज होगी

8 - सकत सचना होती ह जस ndash हो तो

राम काम करगा रचना क आधार पर

रचना क आधार पर क तीन भद होत - 1) सरल या साधारण 2) और3)

१ सरल ndash एक और एक होता ह उस सरल कहतजस ndash मोहन िलखता ह ( मोहन और िलखता ह धय ह)

राम मज़ पर रखी ह ( ह और रखी ह ह)

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lsquoराम rsquo और lsquoमज़ परrsquo कवल और का ह २ - उस कहत एक हो और उसक एक या

अिधक हो उस कहतजस ndash जो करगा उस सफलता िमलगी जो करगा ndash ह उस सफलता िमलगी - ह

तीन क ndash 1) 2) 3)

1) ndash का क पर होता ह उसकहतजस ndash मरा ह तमन को मारा यह सच ह इस तमन को मारा ndash ह क पर आया ह इसिलए यह

ह 2) ndash जब कोई को क का काम दता ह तब उस

कहत जस ndash य उसी छा को जायगा जो रहगा

उसी स डरत जो खब मारता ह उसी जो ह

3) ndash जो क का काम दता ह उस कहत

जस ndash करता ह उतना फल िमलता ह जब तम कहोग सब कछ

जब ह ३ ndash दो या दो स अिधक योजक जड हो न

हो उस कहतजस ndash वह तरह पढ़ता था तो पास होता

दो या दो स अिधक सरल अथवा एक दसर पर न होता ह इसिलए यह

जस - कर चका (सरल )

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हम कर चक तो व आए ( )

और मरा मन ठड हो गया ( )

चार क होत ndash सयोजक सचक 1) सयोजक - एक दसर क साथ सयोजक जडा रहता ह

जस ndash वह आया और उसक साथ गया स िमलता ह और स होता ह

2) ndash का एक दसर स भद या का रहता ह जस ndash स बढ़ता ह स भरता ह वह खब खाता पर बडा होता

3) सचक ndash दो स एक को करना जस ndash मझ या राम को

4) अथवा हतसचक ndash एक दसर का होता हजस ndash तम आग पढ़ो पसा दगा मझ पसा िमला इसिलए

कभी कभी बीच योजक आत जस ndash मझ न बलाया आप आता ह जब को का या एक होता ह तो एक बार िलखा या कहा

जाता ह ऐस को सकिचत कहत जस ndash का और मन को भी दता ह

जो आसानी स समझकर छोड दत ऐस को कहत जस ndash आजकल सना ह बरसात क मौसम बखार सब फलाता ह

कहत रोज़ बढ़त रह पहल हमन होना था पर ह दसर लोग स होना पर होता ह

एक का दसर क बदल जा सकता ह मलकर सकत

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क सरल स ndash

उदा ndash सरल - राम न मोहन का - राम न उस को जो मोहन का था

ख स सरलndash उसन कहा पापी ह

सरल ndash उसन को पापी बताया ग सरल स

सरल ndash होन पर लोग खत जान लग - हआ और खत जान लग

घ स िनषध वाचक तथाndash मोहन सोहन स बडा ह

िनषध वाचक - मोहन सोहन स बडा ndash मोहन सोहन स बडा ह

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और महावरव जो का अपना न बता कर कछ करत महावरा

कहत बोलचाल बहत आनवाला ऐसा बधा कोई अनभव बात और अलकतभाषा गई हो या कहावत कहाता ह जस ndash मर पट चह कद रह

जब स उनका लड़का मरा ह कमर टट गई ह वह इतना चालाक ह अपन मािलक को पर नचाता ह

इन lsquoपट चह कद रह rsquo lsquoकमर टट गई हrsquo lsquo पर नचाता हrsquo इन काउनक स ह यहा lsquoपट चह कदनrsquo का ह भख लगना lsquoकमर टटनrsquo का ह या

का न रहना तथा lsquo पर नचानrsquo का ह अपन वश रखना अतः य महावरकहलात

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इसी जब कोई आदमी काम करना न जानता हो परत अपन को िछपान क िलए बहान बनावतब कहा जाता ह ndash नाच न जान आगन टढ़ा

जब कोई आदमी अनक खाकर भी अपनी आदत न छोड़ तब कहा जाता ह दम सौतक नली रखो तो भी य बध हए और अनभव तथा अलकत भाषा कह गय अतः य

और क स भाषा तथा आती ह महावरदार भाषाबहत पसद जाती ह और कथन बड़ा होता ह

महावरअग-अग - बहत होनाअगठा - चीज़ को दन स क साथ करनाअध - सहाराअधरा घर का उजाला - एकलौता बटा

क घोड़ दौड़ाना - सोचनापर पड़ना - समझ न पाना

अपना सीधा करना ndash करनाआख उठाना - नीयत स दखनाआख खलाना - होश आना

चार होना - आख स आख िमलानानीची होना - होनापीली करना - नाराज़ होना

आकाश पाताल का ndash बहत भदआग घी डालना - बढ़ानाआसमान िसर पर उठाना - बहत कोलाहल करना

स बजाना - करनाईद का चाद होना - िचरकाल पीछ दनाउगली पर नचाना - वश रखना

गगा बहाना - बात करना

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कमर टट जाना - िनराश हो जानाकान भरना - चगली करना

मौत मरना - बहत तरह स मरनाखाक उड़ाना खाक िमलाना - बरबाद होनागड़ गोबर कर दना - काम दनाघर गगा - दौड़-धप कघाट घाट का पानी पीना - जहा तहा का अनभव करनाचाद पर थकना - करना और फलतः होनाचार चादनी - थोड़ का सख

का दध याद आना - सब सख भल जाना सकट आ पड़नाजमीन पर पर न पड़ना - बहत अिभमान होनाजल भन कर कोयला होना - पागल हो जानाटस स मस न होना - भी नटाग अड़ाना - बाधा डालनाटोपी उछालना - िनरादर करनाितनका पकड़ना - मागनाितन का ताड़ करना - बात बढ़ानाथक कर चाटना - वचन दकर जाना

तल उगली दबाना - करनादम तोडना - मर जाना

दना रात चौगना होना - खब होनाधप बाल सफद करना - अनभव आय दनानमक लगाना - बात को बढ़ा कर कहनानाक कटना - बदनामी होनानाक चढ़ाना - घणा करनानीला पीला होना - आना

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PRACTICAL GRAMMAR (APPLIED GRAMMAR) Page 56

नौ-दो होना - भाग जानाउछालना - करना

- बातपरदा डालना - िछपानापहाड टट पड़ना - आनापट चह कदना - खब भख लगना

तल स ज़मीन िनकल जाना - होश उड़ जानाफक-फक कर कदम रखना - सोच-समझ कर काम करनाबगला भगत -

उछलना - खब खश होनाबाज़ार पर होना - काम पर होनाबात का धनी - वायद काबाल खाल उतारना - करनाबाल पकना - बढ़ा होजाना अनभव करनाबाल बाल बचना - हािन पहचन जरा- सी कसर रह जानाबगार टालना - लगाकर काम न करनाबोली मारना - क कहनाभनक पड़ना - खबर द जानाभाड़ - समय गवाना

मारना - बकारचस - बहत कजसपर मारना - का नकल करना

मगज चाटना - तग करनामाथा ठनकना - आशका होनामारा मारा - होनामह-तोड़ जवाब दना - परा-परा जवाब दना

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PRACTICAL GRAMMAR (APPLIED GRAMMAR) Page 57

मह फक हो जाना - चहर का रग उतर जानामह पानी भर आना - खान को ललचानामह लगाना - अिधक द दना

गरम करना - दनाराई का पहाड़ बनाना - बात को बढ़ाकर कहनारात- - हमशालका काड होना - खब मारपीट होनालबी-चौ हाकना - करना

होना - होनालह क घट पीना - करनालह पसीना एक करना - बहत करनालोह क चना चबाना - काम करनाशतान क कान कतरना - बहत चालाक होना

करना - करनाबाग - बहकाना

समझ पर पड़ना - होनाबठना - जमाना

िसतारा चमकना - उदय होनािसर पर खन सवार होना - जान लन पर होनािसर पर हाथ धरना - सहायता करनासौ बात एक बात - िनचोड़

करना - फक डालनाहसी उड़ाना - करनाहाथ मल -

हाथ पर हाथ धर बठना - बठनाहाथ पसारना - मागना

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PRACTICAL GRAMMAR (APPLIED GRAMMAR) Page 58

हाथ-पर मारना - करनाहाथ साफ करना - बईमानी स ठगना

पानी करना - करनाहोश उड़ना - भय या आशका स दखी होना

अत गता सो मता - वहकान राजा - थोड़ा पढ़ िलख का मान होता ह

आख क गाठ क पर - पर धनवानआप मर जग परल - ह तो ससार ह

चोर कोतवाल को डाट - अपराध करक को डाटनाऊची दकान पकवान - काम करनाएक अनार सौ बीमार - जब एक चीज़ क बहत स तब कहा जाता हएक पथ दो काज - एक काम करन स दो का लाभ होनाकाला बराबर -

घर का लका ढ़ाह - फट स घर नाश होता हिचराग तल अधरा - पास घटना क होन पर भी उसका न होना या

ऐस पर बराई का होना जहा उसक रोकन का होचोर ितनका - पापी डर जाता हजाग सो पाव सोव तो खोव - सावधान रहन स लाभ होता ह

- बलवान का दबदबा रहता हजसा दश वसा भस - दश रह वसी करनीजसी करनी वसी भरनी - फल िमलता हतन को कपड़ा न पट को - बहतथोथा चना बाज घना - काम न करनवाला बकवास बहत करता हदाम बनाय काम - पस स सब काम हो जात

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PRACTICAL GRAMMAR (APPLIED GRAMMAR) Page 59

धोबी का घर का न घाट का - जो एक पर जमकर काम न कर कभी एक लग और कभीदसर और सफल न हो उस कहा जाता ह

रहना मगर स बर - अधीन होकर रह और उसी स बर कर तो गज़ारा चलता हन रहगा बास न बाजगी - नकसान हो उसका नाश कर दना हनाच न जान आगन टढ़ा - काम करन न होन पर दसर को दोष दना नीम जान का खतरा - अधरा हािनकारक होता हनौ नगद न तरह उधार - उधार सौदा दनामान न मान तरा महमान - गल पड़नािमया जती िमया क िसर - स उसी हािन करनासौ सयान एक मत - सभी अथवा एक सलाह होती हहाथ कगन को आरसी - क िलए और हाथी क दात खान क और क और - कहना कछ और करना कछ औरहोनहार क होत चीकन पात - होनहार क पहल स जात

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PRACTICAL GRAMMAR (APPLIED GRAMMAR) Page 49

ndash कछ ऐस होत और क रहन पर भी कहन या िलखनवाल का परा आशयहोता क समह को और क रहन पर भी जो कछ सनन

बनी रह कहत दो क होत ndash 1) 2)

क अधीन होतउदा ndash राम न कहा था वह कल पाठशाला जायगा

इस राम न कहा था - ह और कल पाठशाला जायगा तह इस और भी कहत

रखनवाल को कछ थोडा सा भाव करनवाल को कहतएक भावना होती ह

जस ndash तरह पढ़ना चलना

इन होता ह क म दो भाग होत 1) और 2)

ndash ( ) कछ होता ह उस कहतndash ( ) क जो कछ होता ह उस कहत

जस ndash मरा स भरा हआ ह मरा ह और स भरा हआ ह ह मरा ndash ह और मरा

उस का ह इसिलए ( ) और मरा का कहत हआ हह शष उसका ह

इस चार भाग हए ndash 1) ( ) 2) का 3) ( ) 4)

काचार भद ndash

क ndash राम गया ख ndash वह कह चका ग ndash फल

क भदक अनसार क आठ भद होत ndash

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PRACTICAL GRAMMAR (APPLIED GRAMMAR) Page 50

1 ndash इस स बात का होना सिचत होता ह जस ndash भारत राजधानी ह

2 िनषधवाचक ndash का अभाव होता ह जस ndash क कछ भी पा सकत

3 ndash इस स सचना होती हजस - तम कल कालज

4 ndash इसस और उपदश का बोध होता ह जस ndash तरह पढ़ो

का भजन करो 5 ndash इसस का भाव सिचत होता ह जस ndash हाय राम को एक

लाख िमल 6 ndash इसस या सचना होती ह

जस ndash अक पा

7 ndash या सभावना सचना होती ह जस ndash आज होगी

8 - सकत सचना होती ह जस ndash हो तो

राम काम करगा रचना क आधार पर

रचना क आधार पर क तीन भद होत - 1) सरल या साधारण 2) और3)

१ सरल ndash एक और एक होता ह उस सरल कहतजस ndash मोहन िलखता ह ( मोहन और िलखता ह धय ह)

राम मज़ पर रखी ह ( ह और रखी ह ह)

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PRACTICAL GRAMMAR (APPLIED GRAMMAR) Page 51

lsquoराम rsquo और lsquoमज़ परrsquo कवल और का ह २ - उस कहत एक हो और उसक एक या

अिधक हो उस कहतजस ndash जो करगा उस सफलता िमलगी जो करगा ndash ह उस सफलता िमलगी - ह

तीन क ndash 1) 2) 3)

1) ndash का क पर होता ह उसकहतजस ndash मरा ह तमन को मारा यह सच ह इस तमन को मारा ndash ह क पर आया ह इसिलए यह

ह 2) ndash जब कोई को क का काम दता ह तब उस

कहत जस ndash य उसी छा को जायगा जो रहगा

उसी स डरत जो खब मारता ह उसी जो ह

3) ndash जो क का काम दता ह उस कहत

जस ndash करता ह उतना फल िमलता ह जब तम कहोग सब कछ

जब ह ३ ndash दो या दो स अिधक योजक जड हो न

हो उस कहतजस ndash वह तरह पढ़ता था तो पास होता

दो या दो स अिधक सरल अथवा एक दसर पर न होता ह इसिलए यह

जस - कर चका (सरल )

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PRACTICAL GRAMMAR (APPLIED GRAMMAR) Page 52

हम कर चक तो व आए ( )

और मरा मन ठड हो गया ( )

चार क होत ndash सयोजक सचक 1) सयोजक - एक दसर क साथ सयोजक जडा रहता ह

जस ndash वह आया और उसक साथ गया स िमलता ह और स होता ह

2) ndash का एक दसर स भद या का रहता ह जस ndash स बढ़ता ह स भरता ह वह खब खाता पर बडा होता

3) सचक ndash दो स एक को करना जस ndash मझ या राम को

4) अथवा हतसचक ndash एक दसर का होता हजस ndash तम आग पढ़ो पसा दगा मझ पसा िमला इसिलए

कभी कभी बीच योजक आत जस ndash मझ न बलाया आप आता ह जब को का या एक होता ह तो एक बार िलखा या कहा

जाता ह ऐस को सकिचत कहत जस ndash का और मन को भी दता ह

जो आसानी स समझकर छोड दत ऐस को कहत जस ndash आजकल सना ह बरसात क मौसम बखार सब फलाता ह

कहत रोज़ बढ़त रह पहल हमन होना था पर ह दसर लोग स होना पर होता ह

एक का दसर क बदल जा सकता ह मलकर सकत

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PRACTICAL GRAMMAR (APPLIED GRAMMAR) Page 53

क सरल स ndash

उदा ndash सरल - राम न मोहन का - राम न उस को जो मोहन का था

ख स सरलndash उसन कहा पापी ह

सरल ndash उसन को पापी बताया ग सरल स

सरल ndash होन पर लोग खत जान लग - हआ और खत जान लग

घ स िनषध वाचक तथाndash मोहन सोहन स बडा ह

िनषध वाचक - मोहन सोहन स बडा ndash मोहन सोहन स बडा ह

UNIT ndash 24

और महावरव जो का अपना न बता कर कछ करत महावरा

कहत बोलचाल बहत आनवाला ऐसा बधा कोई अनभव बात और अलकतभाषा गई हो या कहावत कहाता ह जस ndash मर पट चह कद रह

जब स उनका लड़का मरा ह कमर टट गई ह वह इतना चालाक ह अपन मािलक को पर नचाता ह

इन lsquoपट चह कद रह rsquo lsquoकमर टट गई हrsquo lsquo पर नचाता हrsquo इन काउनक स ह यहा lsquoपट चह कदनrsquo का ह भख लगना lsquoकमर टटनrsquo का ह या

का न रहना तथा lsquo पर नचानrsquo का ह अपन वश रखना अतः य महावरकहलात

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PRACTICAL GRAMMAR (APPLIED GRAMMAR) Page 54

इसी जब कोई आदमी काम करना न जानता हो परत अपन को िछपान क िलए बहान बनावतब कहा जाता ह ndash नाच न जान आगन टढ़ा

जब कोई आदमी अनक खाकर भी अपनी आदत न छोड़ तब कहा जाता ह दम सौतक नली रखो तो भी य बध हए और अनभव तथा अलकत भाषा कह गय अतः य

और क स भाषा तथा आती ह महावरदार भाषाबहत पसद जाती ह और कथन बड़ा होता ह

महावरअग-अग - बहत होनाअगठा - चीज़ को दन स क साथ करनाअध - सहाराअधरा घर का उजाला - एकलौता बटा

क घोड़ दौड़ाना - सोचनापर पड़ना - समझ न पाना

अपना सीधा करना ndash करनाआख उठाना - नीयत स दखनाआख खलाना - होश आना

चार होना - आख स आख िमलानानीची होना - होनापीली करना - नाराज़ होना

आकाश पाताल का ndash बहत भदआग घी डालना - बढ़ानाआसमान िसर पर उठाना - बहत कोलाहल करना

स बजाना - करनाईद का चाद होना - िचरकाल पीछ दनाउगली पर नचाना - वश रखना

गगा बहाना - बात करना

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कमर टट जाना - िनराश हो जानाकान भरना - चगली करना

मौत मरना - बहत तरह स मरनाखाक उड़ाना खाक िमलाना - बरबाद होनागड़ गोबर कर दना - काम दनाघर गगा - दौड़-धप कघाट घाट का पानी पीना - जहा तहा का अनभव करनाचाद पर थकना - करना और फलतः होनाचार चादनी - थोड़ का सख

का दध याद आना - सब सख भल जाना सकट आ पड़नाजमीन पर पर न पड़ना - बहत अिभमान होनाजल भन कर कोयला होना - पागल हो जानाटस स मस न होना - भी नटाग अड़ाना - बाधा डालनाटोपी उछालना - िनरादर करनाितनका पकड़ना - मागनाितन का ताड़ करना - बात बढ़ानाथक कर चाटना - वचन दकर जाना

तल उगली दबाना - करनादम तोडना - मर जाना

दना रात चौगना होना - खब होनाधप बाल सफद करना - अनभव आय दनानमक लगाना - बात को बढ़ा कर कहनानाक कटना - बदनामी होनानाक चढ़ाना - घणा करनानीला पीला होना - आना

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नौ-दो होना - भाग जानाउछालना - करना

- बातपरदा डालना - िछपानापहाड टट पड़ना - आनापट चह कदना - खब भख लगना

तल स ज़मीन िनकल जाना - होश उड़ जानाफक-फक कर कदम रखना - सोच-समझ कर काम करनाबगला भगत -

उछलना - खब खश होनाबाज़ार पर होना - काम पर होनाबात का धनी - वायद काबाल खाल उतारना - करनाबाल पकना - बढ़ा होजाना अनभव करनाबाल बाल बचना - हािन पहचन जरा- सी कसर रह जानाबगार टालना - लगाकर काम न करनाबोली मारना - क कहनाभनक पड़ना - खबर द जानाभाड़ - समय गवाना

मारना - बकारचस - बहत कजसपर मारना - का नकल करना

मगज चाटना - तग करनामाथा ठनकना - आशका होनामारा मारा - होनामह-तोड़ जवाब दना - परा-परा जवाब दना

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मह फक हो जाना - चहर का रग उतर जानामह पानी भर आना - खान को ललचानामह लगाना - अिधक द दना

गरम करना - दनाराई का पहाड़ बनाना - बात को बढ़ाकर कहनारात- - हमशालका काड होना - खब मारपीट होनालबी-चौ हाकना - करना

होना - होनालह क घट पीना - करनालह पसीना एक करना - बहत करनालोह क चना चबाना - काम करनाशतान क कान कतरना - बहत चालाक होना

करना - करनाबाग - बहकाना

समझ पर पड़ना - होनाबठना - जमाना

िसतारा चमकना - उदय होनािसर पर खन सवार होना - जान लन पर होनािसर पर हाथ धरना - सहायता करनासौ बात एक बात - िनचोड़

करना - फक डालनाहसी उड़ाना - करनाहाथ मल -

हाथ पर हाथ धर बठना - बठनाहाथ पसारना - मागना

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हाथ-पर मारना - करनाहाथ साफ करना - बईमानी स ठगना

पानी करना - करनाहोश उड़ना - भय या आशका स दखी होना

अत गता सो मता - वहकान राजा - थोड़ा पढ़ िलख का मान होता ह

आख क गाठ क पर - पर धनवानआप मर जग परल - ह तो ससार ह

चोर कोतवाल को डाट - अपराध करक को डाटनाऊची दकान पकवान - काम करनाएक अनार सौ बीमार - जब एक चीज़ क बहत स तब कहा जाता हएक पथ दो काज - एक काम करन स दो का लाभ होनाकाला बराबर -

घर का लका ढ़ाह - फट स घर नाश होता हिचराग तल अधरा - पास घटना क होन पर भी उसका न होना या

ऐस पर बराई का होना जहा उसक रोकन का होचोर ितनका - पापी डर जाता हजाग सो पाव सोव तो खोव - सावधान रहन स लाभ होता ह

- बलवान का दबदबा रहता हजसा दश वसा भस - दश रह वसी करनीजसी करनी वसी भरनी - फल िमलता हतन को कपड़ा न पट को - बहतथोथा चना बाज घना - काम न करनवाला बकवास बहत करता हदाम बनाय काम - पस स सब काम हो जात

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धोबी का घर का न घाट का - जो एक पर जमकर काम न कर कभी एक लग और कभीदसर और सफल न हो उस कहा जाता ह

रहना मगर स बर - अधीन होकर रह और उसी स बर कर तो गज़ारा चलता हन रहगा बास न बाजगी - नकसान हो उसका नाश कर दना हनाच न जान आगन टढ़ा - काम करन न होन पर दसर को दोष दना नीम जान का खतरा - अधरा हािनकारक होता हनौ नगद न तरह उधार - उधार सौदा दनामान न मान तरा महमान - गल पड़नािमया जती िमया क िसर - स उसी हािन करनासौ सयान एक मत - सभी अथवा एक सलाह होती हहाथ कगन को आरसी - क िलए और हाथी क दात खान क और क और - कहना कछ और करना कछ औरहोनहार क होत चीकन पात - होनहार क पहल स जात

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1 ndash इस स बात का होना सिचत होता ह जस ndash भारत राजधानी ह

2 िनषधवाचक ndash का अभाव होता ह जस ndash क कछ भी पा सकत

3 ndash इस स सचना होती हजस - तम कल कालज

4 ndash इसस और उपदश का बोध होता ह जस ndash तरह पढ़ो

का भजन करो 5 ndash इसस का भाव सिचत होता ह जस ndash हाय राम को एक

लाख िमल 6 ndash इसस या सचना होती ह

जस ndash अक पा

7 ndash या सभावना सचना होती ह जस ndash आज होगी

8 - सकत सचना होती ह जस ndash हो तो

राम काम करगा रचना क आधार पर

रचना क आधार पर क तीन भद होत - 1) सरल या साधारण 2) और3)

१ सरल ndash एक और एक होता ह उस सरल कहतजस ndash मोहन िलखता ह ( मोहन और िलखता ह धय ह)

राम मज़ पर रखी ह ( ह और रखी ह ह)

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lsquoराम rsquo और lsquoमज़ परrsquo कवल और का ह २ - उस कहत एक हो और उसक एक या

अिधक हो उस कहतजस ndash जो करगा उस सफलता िमलगी जो करगा ndash ह उस सफलता िमलगी - ह

तीन क ndash 1) 2) 3)

1) ndash का क पर होता ह उसकहतजस ndash मरा ह तमन को मारा यह सच ह इस तमन को मारा ndash ह क पर आया ह इसिलए यह

ह 2) ndash जब कोई को क का काम दता ह तब उस

कहत जस ndash य उसी छा को जायगा जो रहगा

उसी स डरत जो खब मारता ह उसी जो ह

3) ndash जो क का काम दता ह उस कहत

जस ndash करता ह उतना फल िमलता ह जब तम कहोग सब कछ

जब ह ३ ndash दो या दो स अिधक योजक जड हो न

हो उस कहतजस ndash वह तरह पढ़ता था तो पास होता

दो या दो स अिधक सरल अथवा एक दसर पर न होता ह इसिलए यह

जस - कर चका (सरल )

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हम कर चक तो व आए ( )

और मरा मन ठड हो गया ( )

चार क होत ndash सयोजक सचक 1) सयोजक - एक दसर क साथ सयोजक जडा रहता ह

जस ndash वह आया और उसक साथ गया स िमलता ह और स होता ह

2) ndash का एक दसर स भद या का रहता ह जस ndash स बढ़ता ह स भरता ह वह खब खाता पर बडा होता

3) सचक ndash दो स एक को करना जस ndash मझ या राम को

4) अथवा हतसचक ndash एक दसर का होता हजस ndash तम आग पढ़ो पसा दगा मझ पसा िमला इसिलए

कभी कभी बीच योजक आत जस ndash मझ न बलाया आप आता ह जब को का या एक होता ह तो एक बार िलखा या कहा

जाता ह ऐस को सकिचत कहत जस ndash का और मन को भी दता ह

जो आसानी स समझकर छोड दत ऐस को कहत जस ndash आजकल सना ह बरसात क मौसम बखार सब फलाता ह

कहत रोज़ बढ़त रह पहल हमन होना था पर ह दसर लोग स होना पर होता ह

एक का दसर क बदल जा सकता ह मलकर सकत

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क सरल स ndash

उदा ndash सरल - राम न मोहन का - राम न उस को जो मोहन का था

ख स सरलndash उसन कहा पापी ह

सरल ndash उसन को पापी बताया ग सरल स

सरल ndash होन पर लोग खत जान लग - हआ और खत जान लग

घ स िनषध वाचक तथाndash मोहन सोहन स बडा ह

िनषध वाचक - मोहन सोहन स बडा ndash मोहन सोहन स बडा ह

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और महावरव जो का अपना न बता कर कछ करत महावरा

कहत बोलचाल बहत आनवाला ऐसा बधा कोई अनभव बात और अलकतभाषा गई हो या कहावत कहाता ह जस ndash मर पट चह कद रह

जब स उनका लड़का मरा ह कमर टट गई ह वह इतना चालाक ह अपन मािलक को पर नचाता ह

इन lsquoपट चह कद रह rsquo lsquoकमर टट गई हrsquo lsquo पर नचाता हrsquo इन काउनक स ह यहा lsquoपट चह कदनrsquo का ह भख लगना lsquoकमर टटनrsquo का ह या

का न रहना तथा lsquo पर नचानrsquo का ह अपन वश रखना अतः य महावरकहलात

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इसी जब कोई आदमी काम करना न जानता हो परत अपन को िछपान क िलए बहान बनावतब कहा जाता ह ndash नाच न जान आगन टढ़ा

जब कोई आदमी अनक खाकर भी अपनी आदत न छोड़ तब कहा जाता ह दम सौतक नली रखो तो भी य बध हए और अनभव तथा अलकत भाषा कह गय अतः य

और क स भाषा तथा आती ह महावरदार भाषाबहत पसद जाती ह और कथन बड़ा होता ह

महावरअग-अग - बहत होनाअगठा - चीज़ को दन स क साथ करनाअध - सहाराअधरा घर का उजाला - एकलौता बटा

क घोड़ दौड़ाना - सोचनापर पड़ना - समझ न पाना

अपना सीधा करना ndash करनाआख उठाना - नीयत स दखनाआख खलाना - होश आना

चार होना - आख स आख िमलानानीची होना - होनापीली करना - नाराज़ होना

आकाश पाताल का ndash बहत भदआग घी डालना - बढ़ानाआसमान िसर पर उठाना - बहत कोलाहल करना

स बजाना - करनाईद का चाद होना - िचरकाल पीछ दनाउगली पर नचाना - वश रखना

गगा बहाना - बात करना

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कमर टट जाना - िनराश हो जानाकान भरना - चगली करना

मौत मरना - बहत तरह स मरनाखाक उड़ाना खाक िमलाना - बरबाद होनागड़ गोबर कर दना - काम दनाघर गगा - दौड़-धप कघाट घाट का पानी पीना - जहा तहा का अनभव करनाचाद पर थकना - करना और फलतः होनाचार चादनी - थोड़ का सख

का दध याद आना - सब सख भल जाना सकट आ पड़नाजमीन पर पर न पड़ना - बहत अिभमान होनाजल भन कर कोयला होना - पागल हो जानाटस स मस न होना - भी नटाग अड़ाना - बाधा डालनाटोपी उछालना - िनरादर करनाितनका पकड़ना - मागनाितन का ताड़ करना - बात बढ़ानाथक कर चाटना - वचन दकर जाना

तल उगली दबाना - करनादम तोडना - मर जाना

दना रात चौगना होना - खब होनाधप बाल सफद करना - अनभव आय दनानमक लगाना - बात को बढ़ा कर कहनानाक कटना - बदनामी होनानाक चढ़ाना - घणा करनानीला पीला होना - आना

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नौ-दो होना - भाग जानाउछालना - करना

- बातपरदा डालना - िछपानापहाड टट पड़ना - आनापट चह कदना - खब भख लगना

तल स ज़मीन िनकल जाना - होश उड़ जानाफक-फक कर कदम रखना - सोच-समझ कर काम करनाबगला भगत -

उछलना - खब खश होनाबाज़ार पर होना - काम पर होनाबात का धनी - वायद काबाल खाल उतारना - करनाबाल पकना - बढ़ा होजाना अनभव करनाबाल बाल बचना - हािन पहचन जरा- सी कसर रह जानाबगार टालना - लगाकर काम न करनाबोली मारना - क कहनाभनक पड़ना - खबर द जानाभाड़ - समय गवाना

मारना - बकारचस - बहत कजसपर मारना - का नकल करना

मगज चाटना - तग करनामाथा ठनकना - आशका होनामारा मारा - होनामह-तोड़ जवाब दना - परा-परा जवाब दना

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मह फक हो जाना - चहर का रग उतर जानामह पानी भर आना - खान को ललचानामह लगाना - अिधक द दना

गरम करना - दनाराई का पहाड़ बनाना - बात को बढ़ाकर कहनारात- - हमशालका काड होना - खब मारपीट होनालबी-चौ हाकना - करना

होना - होनालह क घट पीना - करनालह पसीना एक करना - बहत करनालोह क चना चबाना - काम करनाशतान क कान कतरना - बहत चालाक होना

करना - करनाबाग - बहकाना

समझ पर पड़ना - होनाबठना - जमाना

िसतारा चमकना - उदय होनािसर पर खन सवार होना - जान लन पर होनािसर पर हाथ धरना - सहायता करनासौ बात एक बात - िनचोड़

करना - फक डालनाहसी उड़ाना - करनाहाथ मल -

हाथ पर हाथ धर बठना - बठनाहाथ पसारना - मागना

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हाथ-पर मारना - करनाहाथ साफ करना - बईमानी स ठगना

पानी करना - करनाहोश उड़ना - भय या आशका स दखी होना

अत गता सो मता - वहकान राजा - थोड़ा पढ़ िलख का मान होता ह

आख क गाठ क पर - पर धनवानआप मर जग परल - ह तो ससार ह

चोर कोतवाल को डाट - अपराध करक को डाटनाऊची दकान पकवान - काम करनाएक अनार सौ बीमार - जब एक चीज़ क बहत स तब कहा जाता हएक पथ दो काज - एक काम करन स दो का लाभ होनाकाला बराबर -

घर का लका ढ़ाह - फट स घर नाश होता हिचराग तल अधरा - पास घटना क होन पर भी उसका न होना या

ऐस पर बराई का होना जहा उसक रोकन का होचोर ितनका - पापी डर जाता हजाग सो पाव सोव तो खोव - सावधान रहन स लाभ होता ह

- बलवान का दबदबा रहता हजसा दश वसा भस - दश रह वसी करनीजसी करनी वसी भरनी - फल िमलता हतन को कपड़ा न पट को - बहतथोथा चना बाज घना - काम न करनवाला बकवास बहत करता हदाम बनाय काम - पस स सब काम हो जात

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PRACTICAL GRAMMAR (APPLIED GRAMMAR) Page 59

धोबी का घर का न घाट का - जो एक पर जमकर काम न कर कभी एक लग और कभीदसर और सफल न हो उस कहा जाता ह

रहना मगर स बर - अधीन होकर रह और उसी स बर कर तो गज़ारा चलता हन रहगा बास न बाजगी - नकसान हो उसका नाश कर दना हनाच न जान आगन टढ़ा - काम करन न होन पर दसर को दोष दना नीम जान का खतरा - अधरा हािनकारक होता हनौ नगद न तरह उधार - उधार सौदा दनामान न मान तरा महमान - गल पड़नािमया जती िमया क िसर - स उसी हािन करनासौ सयान एक मत - सभी अथवा एक सलाह होती हहाथ कगन को आरसी - क िलए और हाथी क दात खान क और क और - कहना कछ और करना कछ औरहोनहार क होत चीकन पात - होनहार क पहल स जात

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lsquoराम rsquo और lsquoमज़ परrsquo कवल और का ह २ - उस कहत एक हो और उसक एक या

अिधक हो उस कहतजस ndash जो करगा उस सफलता िमलगी जो करगा ndash ह उस सफलता िमलगी - ह

तीन क ndash 1) 2) 3)

1) ndash का क पर होता ह उसकहतजस ndash मरा ह तमन को मारा यह सच ह इस तमन को मारा ndash ह क पर आया ह इसिलए यह

ह 2) ndash जब कोई को क का काम दता ह तब उस

कहत जस ndash य उसी छा को जायगा जो रहगा

उसी स डरत जो खब मारता ह उसी जो ह

3) ndash जो क का काम दता ह उस कहत

जस ndash करता ह उतना फल िमलता ह जब तम कहोग सब कछ

जब ह ३ ndash दो या दो स अिधक योजक जड हो न

हो उस कहतजस ndash वह तरह पढ़ता था तो पास होता

दो या दो स अिधक सरल अथवा एक दसर पर न होता ह इसिलए यह

जस - कर चका (सरल )

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हम कर चक तो व आए ( )

और मरा मन ठड हो गया ( )

चार क होत ndash सयोजक सचक 1) सयोजक - एक दसर क साथ सयोजक जडा रहता ह

जस ndash वह आया और उसक साथ गया स िमलता ह और स होता ह

2) ndash का एक दसर स भद या का रहता ह जस ndash स बढ़ता ह स भरता ह वह खब खाता पर बडा होता

3) सचक ndash दो स एक को करना जस ndash मझ या राम को

4) अथवा हतसचक ndash एक दसर का होता हजस ndash तम आग पढ़ो पसा दगा मझ पसा िमला इसिलए

कभी कभी बीच योजक आत जस ndash मझ न बलाया आप आता ह जब को का या एक होता ह तो एक बार िलखा या कहा

जाता ह ऐस को सकिचत कहत जस ndash का और मन को भी दता ह

जो आसानी स समझकर छोड दत ऐस को कहत जस ndash आजकल सना ह बरसात क मौसम बखार सब फलाता ह

कहत रोज़ बढ़त रह पहल हमन होना था पर ह दसर लोग स होना पर होता ह

एक का दसर क बदल जा सकता ह मलकर सकत

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PRACTICAL GRAMMAR (APPLIED GRAMMAR) Page 53

क सरल स ndash

उदा ndash सरल - राम न मोहन का - राम न उस को जो मोहन का था

ख स सरलndash उसन कहा पापी ह

सरल ndash उसन को पापी बताया ग सरल स

सरल ndash होन पर लोग खत जान लग - हआ और खत जान लग

घ स िनषध वाचक तथाndash मोहन सोहन स बडा ह

िनषध वाचक - मोहन सोहन स बडा ndash मोहन सोहन स बडा ह

UNIT ndash 24

और महावरव जो का अपना न बता कर कछ करत महावरा

कहत बोलचाल बहत आनवाला ऐसा बधा कोई अनभव बात और अलकतभाषा गई हो या कहावत कहाता ह जस ndash मर पट चह कद रह

जब स उनका लड़का मरा ह कमर टट गई ह वह इतना चालाक ह अपन मािलक को पर नचाता ह

इन lsquoपट चह कद रह rsquo lsquoकमर टट गई हrsquo lsquo पर नचाता हrsquo इन काउनक स ह यहा lsquoपट चह कदनrsquo का ह भख लगना lsquoकमर टटनrsquo का ह या

का न रहना तथा lsquo पर नचानrsquo का ह अपन वश रखना अतः य महावरकहलात

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PRACTICAL GRAMMAR (APPLIED GRAMMAR) Page 54

इसी जब कोई आदमी काम करना न जानता हो परत अपन को िछपान क िलए बहान बनावतब कहा जाता ह ndash नाच न जान आगन टढ़ा

जब कोई आदमी अनक खाकर भी अपनी आदत न छोड़ तब कहा जाता ह दम सौतक नली रखो तो भी य बध हए और अनभव तथा अलकत भाषा कह गय अतः य

और क स भाषा तथा आती ह महावरदार भाषाबहत पसद जाती ह और कथन बड़ा होता ह

महावरअग-अग - बहत होनाअगठा - चीज़ को दन स क साथ करनाअध - सहाराअधरा घर का उजाला - एकलौता बटा

क घोड़ दौड़ाना - सोचनापर पड़ना - समझ न पाना

अपना सीधा करना ndash करनाआख उठाना - नीयत स दखनाआख खलाना - होश आना

चार होना - आख स आख िमलानानीची होना - होनापीली करना - नाराज़ होना

आकाश पाताल का ndash बहत भदआग घी डालना - बढ़ानाआसमान िसर पर उठाना - बहत कोलाहल करना

स बजाना - करनाईद का चाद होना - िचरकाल पीछ दनाउगली पर नचाना - वश रखना

गगा बहाना - बात करना

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PRACTICAL GRAMMAR (APPLIED GRAMMAR) Page 55

कमर टट जाना - िनराश हो जानाकान भरना - चगली करना

मौत मरना - बहत तरह स मरनाखाक उड़ाना खाक िमलाना - बरबाद होनागड़ गोबर कर दना - काम दनाघर गगा - दौड़-धप कघाट घाट का पानी पीना - जहा तहा का अनभव करनाचाद पर थकना - करना और फलतः होनाचार चादनी - थोड़ का सख

का दध याद आना - सब सख भल जाना सकट आ पड़नाजमीन पर पर न पड़ना - बहत अिभमान होनाजल भन कर कोयला होना - पागल हो जानाटस स मस न होना - भी नटाग अड़ाना - बाधा डालनाटोपी उछालना - िनरादर करनाितनका पकड़ना - मागनाितन का ताड़ करना - बात बढ़ानाथक कर चाटना - वचन दकर जाना

तल उगली दबाना - करनादम तोडना - मर जाना

दना रात चौगना होना - खब होनाधप बाल सफद करना - अनभव आय दनानमक लगाना - बात को बढ़ा कर कहनानाक कटना - बदनामी होनानाक चढ़ाना - घणा करनानीला पीला होना - आना

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नौ-दो होना - भाग जानाउछालना - करना

- बातपरदा डालना - िछपानापहाड टट पड़ना - आनापट चह कदना - खब भख लगना

तल स ज़मीन िनकल जाना - होश उड़ जानाफक-फक कर कदम रखना - सोच-समझ कर काम करनाबगला भगत -

उछलना - खब खश होनाबाज़ार पर होना - काम पर होनाबात का धनी - वायद काबाल खाल उतारना - करनाबाल पकना - बढ़ा होजाना अनभव करनाबाल बाल बचना - हािन पहचन जरा- सी कसर रह जानाबगार टालना - लगाकर काम न करनाबोली मारना - क कहनाभनक पड़ना - खबर द जानाभाड़ - समय गवाना

मारना - बकारचस - बहत कजसपर मारना - का नकल करना

मगज चाटना - तग करनामाथा ठनकना - आशका होनामारा मारा - होनामह-तोड़ जवाब दना - परा-परा जवाब दना

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मह फक हो जाना - चहर का रग उतर जानामह पानी भर आना - खान को ललचानामह लगाना - अिधक द दना

गरम करना - दनाराई का पहाड़ बनाना - बात को बढ़ाकर कहनारात- - हमशालका काड होना - खब मारपीट होनालबी-चौ हाकना - करना

होना - होनालह क घट पीना - करनालह पसीना एक करना - बहत करनालोह क चना चबाना - काम करनाशतान क कान कतरना - बहत चालाक होना

करना - करनाबाग - बहकाना

समझ पर पड़ना - होनाबठना - जमाना

िसतारा चमकना - उदय होनािसर पर खन सवार होना - जान लन पर होनािसर पर हाथ धरना - सहायता करनासौ बात एक बात - िनचोड़

करना - फक डालनाहसी उड़ाना - करनाहाथ मल -

हाथ पर हाथ धर बठना - बठनाहाथ पसारना - मागना

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हाथ-पर मारना - करनाहाथ साफ करना - बईमानी स ठगना

पानी करना - करनाहोश उड़ना - भय या आशका स दखी होना

अत गता सो मता - वहकान राजा - थोड़ा पढ़ िलख का मान होता ह

आख क गाठ क पर - पर धनवानआप मर जग परल - ह तो ससार ह

चोर कोतवाल को डाट - अपराध करक को डाटनाऊची दकान पकवान - काम करनाएक अनार सौ बीमार - जब एक चीज़ क बहत स तब कहा जाता हएक पथ दो काज - एक काम करन स दो का लाभ होनाकाला बराबर -

घर का लका ढ़ाह - फट स घर नाश होता हिचराग तल अधरा - पास घटना क होन पर भी उसका न होना या

ऐस पर बराई का होना जहा उसक रोकन का होचोर ितनका - पापी डर जाता हजाग सो पाव सोव तो खोव - सावधान रहन स लाभ होता ह

- बलवान का दबदबा रहता हजसा दश वसा भस - दश रह वसी करनीजसी करनी वसी भरनी - फल िमलता हतन को कपड़ा न पट को - बहतथोथा चना बाज घना - काम न करनवाला बकवास बहत करता हदाम बनाय काम - पस स सब काम हो जात

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धोबी का घर का न घाट का - जो एक पर जमकर काम न कर कभी एक लग और कभीदसर और सफल न हो उस कहा जाता ह

रहना मगर स बर - अधीन होकर रह और उसी स बर कर तो गज़ारा चलता हन रहगा बास न बाजगी - नकसान हो उसका नाश कर दना हनाच न जान आगन टढ़ा - काम करन न होन पर दसर को दोष दना नीम जान का खतरा - अधरा हािनकारक होता हनौ नगद न तरह उधार - उधार सौदा दनामान न मान तरा महमान - गल पड़नािमया जती िमया क िसर - स उसी हािन करनासौ सयान एक मत - सभी अथवा एक सलाह होती हहाथ कगन को आरसी - क िलए और हाथी क दात खान क और क और - कहना कछ और करना कछ औरहोनहार क होत चीकन पात - होनहार क पहल स जात

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हम कर चक तो व आए ( )

और मरा मन ठड हो गया ( )

चार क होत ndash सयोजक सचक 1) सयोजक - एक दसर क साथ सयोजक जडा रहता ह

जस ndash वह आया और उसक साथ गया स िमलता ह और स होता ह

2) ndash का एक दसर स भद या का रहता ह जस ndash स बढ़ता ह स भरता ह वह खब खाता पर बडा होता

3) सचक ndash दो स एक को करना जस ndash मझ या राम को

4) अथवा हतसचक ndash एक दसर का होता हजस ndash तम आग पढ़ो पसा दगा मझ पसा िमला इसिलए

कभी कभी बीच योजक आत जस ndash मझ न बलाया आप आता ह जब को का या एक होता ह तो एक बार िलखा या कहा

जाता ह ऐस को सकिचत कहत जस ndash का और मन को भी दता ह

जो आसानी स समझकर छोड दत ऐस को कहत जस ndash आजकल सना ह बरसात क मौसम बखार सब फलाता ह

कहत रोज़ बढ़त रह पहल हमन होना था पर ह दसर लोग स होना पर होता ह

एक का दसर क बदल जा सकता ह मलकर सकत

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क सरल स ndash

उदा ndash सरल - राम न मोहन का - राम न उस को जो मोहन का था

ख स सरलndash उसन कहा पापी ह

सरल ndash उसन को पापी बताया ग सरल स

सरल ndash होन पर लोग खत जान लग - हआ और खत जान लग

घ स िनषध वाचक तथाndash मोहन सोहन स बडा ह

िनषध वाचक - मोहन सोहन स बडा ndash मोहन सोहन स बडा ह

UNIT ndash 24

और महावरव जो का अपना न बता कर कछ करत महावरा

कहत बोलचाल बहत आनवाला ऐसा बधा कोई अनभव बात और अलकतभाषा गई हो या कहावत कहाता ह जस ndash मर पट चह कद रह

जब स उनका लड़का मरा ह कमर टट गई ह वह इतना चालाक ह अपन मािलक को पर नचाता ह

इन lsquoपट चह कद रह rsquo lsquoकमर टट गई हrsquo lsquo पर नचाता हrsquo इन काउनक स ह यहा lsquoपट चह कदनrsquo का ह भख लगना lsquoकमर टटनrsquo का ह या

का न रहना तथा lsquo पर नचानrsquo का ह अपन वश रखना अतः य महावरकहलात

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इसी जब कोई आदमी काम करना न जानता हो परत अपन को िछपान क िलए बहान बनावतब कहा जाता ह ndash नाच न जान आगन टढ़ा

जब कोई आदमी अनक खाकर भी अपनी आदत न छोड़ तब कहा जाता ह दम सौतक नली रखो तो भी य बध हए और अनभव तथा अलकत भाषा कह गय अतः य

और क स भाषा तथा आती ह महावरदार भाषाबहत पसद जाती ह और कथन बड़ा होता ह

महावरअग-अग - बहत होनाअगठा - चीज़ को दन स क साथ करनाअध - सहाराअधरा घर का उजाला - एकलौता बटा

क घोड़ दौड़ाना - सोचनापर पड़ना - समझ न पाना

अपना सीधा करना ndash करनाआख उठाना - नीयत स दखनाआख खलाना - होश आना

चार होना - आख स आख िमलानानीची होना - होनापीली करना - नाराज़ होना

आकाश पाताल का ndash बहत भदआग घी डालना - बढ़ानाआसमान िसर पर उठाना - बहत कोलाहल करना

स बजाना - करनाईद का चाद होना - िचरकाल पीछ दनाउगली पर नचाना - वश रखना

गगा बहाना - बात करना

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कमर टट जाना - िनराश हो जानाकान भरना - चगली करना

मौत मरना - बहत तरह स मरनाखाक उड़ाना खाक िमलाना - बरबाद होनागड़ गोबर कर दना - काम दनाघर गगा - दौड़-धप कघाट घाट का पानी पीना - जहा तहा का अनभव करनाचाद पर थकना - करना और फलतः होनाचार चादनी - थोड़ का सख

का दध याद आना - सब सख भल जाना सकट आ पड़नाजमीन पर पर न पड़ना - बहत अिभमान होनाजल भन कर कोयला होना - पागल हो जानाटस स मस न होना - भी नटाग अड़ाना - बाधा डालनाटोपी उछालना - िनरादर करनाितनका पकड़ना - मागनाितन का ताड़ करना - बात बढ़ानाथक कर चाटना - वचन दकर जाना

तल उगली दबाना - करनादम तोडना - मर जाना

दना रात चौगना होना - खब होनाधप बाल सफद करना - अनभव आय दनानमक लगाना - बात को बढ़ा कर कहनानाक कटना - बदनामी होनानाक चढ़ाना - घणा करनानीला पीला होना - आना

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नौ-दो होना - भाग जानाउछालना - करना

- बातपरदा डालना - िछपानापहाड टट पड़ना - आनापट चह कदना - खब भख लगना

तल स ज़मीन िनकल जाना - होश उड़ जानाफक-फक कर कदम रखना - सोच-समझ कर काम करनाबगला भगत -

उछलना - खब खश होनाबाज़ार पर होना - काम पर होनाबात का धनी - वायद काबाल खाल उतारना - करनाबाल पकना - बढ़ा होजाना अनभव करनाबाल बाल बचना - हािन पहचन जरा- सी कसर रह जानाबगार टालना - लगाकर काम न करनाबोली मारना - क कहनाभनक पड़ना - खबर द जानाभाड़ - समय गवाना

मारना - बकारचस - बहत कजसपर मारना - का नकल करना

मगज चाटना - तग करनामाथा ठनकना - आशका होनामारा मारा - होनामह-तोड़ जवाब दना - परा-परा जवाब दना

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मह फक हो जाना - चहर का रग उतर जानामह पानी भर आना - खान को ललचानामह लगाना - अिधक द दना

गरम करना - दनाराई का पहाड़ बनाना - बात को बढ़ाकर कहनारात- - हमशालका काड होना - खब मारपीट होनालबी-चौ हाकना - करना

होना - होनालह क घट पीना - करनालह पसीना एक करना - बहत करनालोह क चना चबाना - काम करनाशतान क कान कतरना - बहत चालाक होना

करना - करनाबाग - बहकाना

समझ पर पड़ना - होनाबठना - जमाना

िसतारा चमकना - उदय होनािसर पर खन सवार होना - जान लन पर होनािसर पर हाथ धरना - सहायता करनासौ बात एक बात - िनचोड़

करना - फक डालनाहसी उड़ाना - करनाहाथ मल -

हाथ पर हाथ धर बठना - बठनाहाथ पसारना - मागना

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हाथ-पर मारना - करनाहाथ साफ करना - बईमानी स ठगना

पानी करना - करनाहोश उड़ना - भय या आशका स दखी होना

अत गता सो मता - वहकान राजा - थोड़ा पढ़ िलख का मान होता ह

आख क गाठ क पर - पर धनवानआप मर जग परल - ह तो ससार ह

चोर कोतवाल को डाट - अपराध करक को डाटनाऊची दकान पकवान - काम करनाएक अनार सौ बीमार - जब एक चीज़ क बहत स तब कहा जाता हएक पथ दो काज - एक काम करन स दो का लाभ होनाकाला बराबर -

घर का लका ढ़ाह - फट स घर नाश होता हिचराग तल अधरा - पास घटना क होन पर भी उसका न होना या

ऐस पर बराई का होना जहा उसक रोकन का होचोर ितनका - पापी डर जाता हजाग सो पाव सोव तो खोव - सावधान रहन स लाभ होता ह

- बलवान का दबदबा रहता हजसा दश वसा भस - दश रह वसी करनीजसी करनी वसी भरनी - फल िमलता हतन को कपड़ा न पट को - बहतथोथा चना बाज घना - काम न करनवाला बकवास बहत करता हदाम बनाय काम - पस स सब काम हो जात

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धोबी का घर का न घाट का - जो एक पर जमकर काम न कर कभी एक लग और कभीदसर और सफल न हो उस कहा जाता ह

रहना मगर स बर - अधीन होकर रह और उसी स बर कर तो गज़ारा चलता हन रहगा बास न बाजगी - नकसान हो उसका नाश कर दना हनाच न जान आगन टढ़ा - काम करन न होन पर दसर को दोष दना नीम जान का खतरा - अधरा हािनकारक होता हनौ नगद न तरह उधार - उधार सौदा दनामान न मान तरा महमान - गल पड़नािमया जती िमया क िसर - स उसी हािन करनासौ सयान एक मत - सभी अथवा एक सलाह होती हहाथ कगन को आरसी - क िलए और हाथी क दात खान क और क और - कहना कछ और करना कछ औरहोनहार क होत चीकन पात - होनहार क पहल स जात

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क सरल स ndash

उदा ndash सरल - राम न मोहन का - राम न उस को जो मोहन का था

ख स सरलndash उसन कहा पापी ह

सरल ndash उसन को पापी बताया ग सरल स

सरल ndash होन पर लोग खत जान लग - हआ और खत जान लग

घ स िनषध वाचक तथाndash मोहन सोहन स बडा ह

िनषध वाचक - मोहन सोहन स बडा ndash मोहन सोहन स बडा ह

UNIT ndash 24

और महावरव जो का अपना न बता कर कछ करत महावरा

कहत बोलचाल बहत आनवाला ऐसा बधा कोई अनभव बात और अलकतभाषा गई हो या कहावत कहाता ह जस ndash मर पट चह कद रह

जब स उनका लड़का मरा ह कमर टट गई ह वह इतना चालाक ह अपन मािलक को पर नचाता ह

इन lsquoपट चह कद रह rsquo lsquoकमर टट गई हrsquo lsquo पर नचाता हrsquo इन काउनक स ह यहा lsquoपट चह कदनrsquo का ह भख लगना lsquoकमर टटनrsquo का ह या

का न रहना तथा lsquo पर नचानrsquo का ह अपन वश रखना अतः य महावरकहलात

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इसी जब कोई आदमी काम करना न जानता हो परत अपन को िछपान क िलए बहान बनावतब कहा जाता ह ndash नाच न जान आगन टढ़ा

जब कोई आदमी अनक खाकर भी अपनी आदत न छोड़ तब कहा जाता ह दम सौतक नली रखो तो भी य बध हए और अनभव तथा अलकत भाषा कह गय अतः य

और क स भाषा तथा आती ह महावरदार भाषाबहत पसद जाती ह और कथन बड़ा होता ह

महावरअग-अग - बहत होनाअगठा - चीज़ को दन स क साथ करनाअध - सहाराअधरा घर का उजाला - एकलौता बटा

क घोड़ दौड़ाना - सोचनापर पड़ना - समझ न पाना

अपना सीधा करना ndash करनाआख उठाना - नीयत स दखनाआख खलाना - होश आना

चार होना - आख स आख िमलानानीची होना - होनापीली करना - नाराज़ होना

आकाश पाताल का ndash बहत भदआग घी डालना - बढ़ानाआसमान िसर पर उठाना - बहत कोलाहल करना

स बजाना - करनाईद का चाद होना - िचरकाल पीछ दनाउगली पर नचाना - वश रखना

गगा बहाना - बात करना

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कमर टट जाना - िनराश हो जानाकान भरना - चगली करना

मौत मरना - बहत तरह स मरनाखाक उड़ाना खाक िमलाना - बरबाद होनागड़ गोबर कर दना - काम दनाघर गगा - दौड़-धप कघाट घाट का पानी पीना - जहा तहा का अनभव करनाचाद पर थकना - करना और फलतः होनाचार चादनी - थोड़ का सख

का दध याद आना - सब सख भल जाना सकट आ पड़नाजमीन पर पर न पड़ना - बहत अिभमान होनाजल भन कर कोयला होना - पागल हो जानाटस स मस न होना - भी नटाग अड़ाना - बाधा डालनाटोपी उछालना - िनरादर करनाितनका पकड़ना - मागनाितन का ताड़ करना - बात बढ़ानाथक कर चाटना - वचन दकर जाना

तल उगली दबाना - करनादम तोडना - मर जाना

दना रात चौगना होना - खब होनाधप बाल सफद करना - अनभव आय दनानमक लगाना - बात को बढ़ा कर कहनानाक कटना - बदनामी होनानाक चढ़ाना - घणा करनानीला पीला होना - आना

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नौ-दो होना - भाग जानाउछालना - करना

- बातपरदा डालना - िछपानापहाड टट पड़ना - आनापट चह कदना - खब भख लगना

तल स ज़मीन िनकल जाना - होश उड़ जानाफक-फक कर कदम रखना - सोच-समझ कर काम करनाबगला भगत -

उछलना - खब खश होनाबाज़ार पर होना - काम पर होनाबात का धनी - वायद काबाल खाल उतारना - करनाबाल पकना - बढ़ा होजाना अनभव करनाबाल बाल बचना - हािन पहचन जरा- सी कसर रह जानाबगार टालना - लगाकर काम न करनाबोली मारना - क कहनाभनक पड़ना - खबर द जानाभाड़ - समय गवाना

मारना - बकारचस - बहत कजसपर मारना - का नकल करना

मगज चाटना - तग करनामाथा ठनकना - आशका होनामारा मारा - होनामह-तोड़ जवाब दना - परा-परा जवाब दना

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मह फक हो जाना - चहर का रग उतर जानामह पानी भर आना - खान को ललचानामह लगाना - अिधक द दना

गरम करना - दनाराई का पहाड़ बनाना - बात को बढ़ाकर कहनारात- - हमशालका काड होना - खब मारपीट होनालबी-चौ हाकना - करना

होना - होनालह क घट पीना - करनालह पसीना एक करना - बहत करनालोह क चना चबाना - काम करनाशतान क कान कतरना - बहत चालाक होना

करना - करनाबाग - बहकाना

समझ पर पड़ना - होनाबठना - जमाना

िसतारा चमकना - उदय होनािसर पर खन सवार होना - जान लन पर होनािसर पर हाथ धरना - सहायता करनासौ बात एक बात - िनचोड़

करना - फक डालनाहसी उड़ाना - करनाहाथ मल -

हाथ पर हाथ धर बठना - बठनाहाथ पसारना - मागना

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PRACTICAL GRAMMAR (APPLIED GRAMMAR) Page 58

हाथ-पर मारना - करनाहाथ साफ करना - बईमानी स ठगना

पानी करना - करनाहोश उड़ना - भय या आशका स दखी होना

अत गता सो मता - वहकान राजा - थोड़ा पढ़ िलख का मान होता ह

आख क गाठ क पर - पर धनवानआप मर जग परल - ह तो ससार ह

चोर कोतवाल को डाट - अपराध करक को डाटनाऊची दकान पकवान - काम करनाएक अनार सौ बीमार - जब एक चीज़ क बहत स तब कहा जाता हएक पथ दो काज - एक काम करन स दो का लाभ होनाकाला बराबर -

घर का लका ढ़ाह - फट स घर नाश होता हिचराग तल अधरा - पास घटना क होन पर भी उसका न होना या

ऐस पर बराई का होना जहा उसक रोकन का होचोर ितनका - पापी डर जाता हजाग सो पाव सोव तो खोव - सावधान रहन स लाभ होता ह

- बलवान का दबदबा रहता हजसा दश वसा भस - दश रह वसी करनीजसी करनी वसी भरनी - फल िमलता हतन को कपड़ा न पट को - बहतथोथा चना बाज घना - काम न करनवाला बकवास बहत करता हदाम बनाय काम - पस स सब काम हो जात

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PRACTICAL GRAMMAR (APPLIED GRAMMAR) Page 59

धोबी का घर का न घाट का - जो एक पर जमकर काम न कर कभी एक लग और कभीदसर और सफल न हो उस कहा जाता ह

रहना मगर स बर - अधीन होकर रह और उसी स बर कर तो गज़ारा चलता हन रहगा बास न बाजगी - नकसान हो उसका नाश कर दना हनाच न जान आगन टढ़ा - काम करन न होन पर दसर को दोष दना नीम जान का खतरा - अधरा हािनकारक होता हनौ नगद न तरह उधार - उधार सौदा दनामान न मान तरा महमान - गल पड़नािमया जती िमया क िसर - स उसी हािन करनासौ सयान एक मत - सभी अथवा एक सलाह होती हहाथ कगन को आरसी - क िलए और हाथी क दात खान क और क और - कहना कछ और करना कछ औरहोनहार क होत चीकन पात - होनहार क पहल स जात

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इसी जब कोई आदमी काम करना न जानता हो परत अपन को िछपान क िलए बहान बनावतब कहा जाता ह ndash नाच न जान आगन टढ़ा

जब कोई आदमी अनक खाकर भी अपनी आदत न छोड़ तब कहा जाता ह दम सौतक नली रखो तो भी य बध हए और अनभव तथा अलकत भाषा कह गय अतः य

और क स भाषा तथा आती ह महावरदार भाषाबहत पसद जाती ह और कथन बड़ा होता ह

महावरअग-अग - बहत होनाअगठा - चीज़ को दन स क साथ करनाअध - सहाराअधरा घर का उजाला - एकलौता बटा

क घोड़ दौड़ाना - सोचनापर पड़ना - समझ न पाना

अपना सीधा करना ndash करनाआख उठाना - नीयत स दखनाआख खलाना - होश आना

चार होना - आख स आख िमलानानीची होना - होनापीली करना - नाराज़ होना

आकाश पाताल का ndash बहत भदआग घी डालना - बढ़ानाआसमान िसर पर उठाना - बहत कोलाहल करना

स बजाना - करनाईद का चाद होना - िचरकाल पीछ दनाउगली पर नचाना - वश रखना

गगा बहाना - बात करना

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कमर टट जाना - िनराश हो जानाकान भरना - चगली करना

मौत मरना - बहत तरह स मरनाखाक उड़ाना खाक िमलाना - बरबाद होनागड़ गोबर कर दना - काम दनाघर गगा - दौड़-धप कघाट घाट का पानी पीना - जहा तहा का अनभव करनाचाद पर थकना - करना और फलतः होनाचार चादनी - थोड़ का सख

का दध याद आना - सब सख भल जाना सकट आ पड़नाजमीन पर पर न पड़ना - बहत अिभमान होनाजल भन कर कोयला होना - पागल हो जानाटस स मस न होना - भी नटाग अड़ाना - बाधा डालनाटोपी उछालना - िनरादर करनाितनका पकड़ना - मागनाितन का ताड़ करना - बात बढ़ानाथक कर चाटना - वचन दकर जाना

तल उगली दबाना - करनादम तोडना - मर जाना

दना रात चौगना होना - खब होनाधप बाल सफद करना - अनभव आय दनानमक लगाना - बात को बढ़ा कर कहनानाक कटना - बदनामी होनानाक चढ़ाना - घणा करनानीला पीला होना - आना

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PRACTICAL GRAMMAR (APPLIED GRAMMAR) Page 56

नौ-दो होना - भाग जानाउछालना - करना

- बातपरदा डालना - िछपानापहाड टट पड़ना - आनापट चह कदना - खब भख लगना

तल स ज़मीन िनकल जाना - होश उड़ जानाफक-फक कर कदम रखना - सोच-समझ कर काम करनाबगला भगत -

उछलना - खब खश होनाबाज़ार पर होना - काम पर होनाबात का धनी - वायद काबाल खाल उतारना - करनाबाल पकना - बढ़ा होजाना अनभव करनाबाल बाल बचना - हािन पहचन जरा- सी कसर रह जानाबगार टालना - लगाकर काम न करनाबोली मारना - क कहनाभनक पड़ना - खबर द जानाभाड़ - समय गवाना

मारना - बकारचस - बहत कजसपर मारना - का नकल करना

मगज चाटना - तग करनामाथा ठनकना - आशका होनामारा मारा - होनामह-तोड़ जवाब दना - परा-परा जवाब दना

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PRACTICAL GRAMMAR (APPLIED GRAMMAR) Page 57

मह फक हो जाना - चहर का रग उतर जानामह पानी भर आना - खान को ललचानामह लगाना - अिधक द दना

गरम करना - दनाराई का पहाड़ बनाना - बात को बढ़ाकर कहनारात- - हमशालका काड होना - खब मारपीट होनालबी-चौ हाकना - करना

होना - होनालह क घट पीना - करनालह पसीना एक करना - बहत करनालोह क चना चबाना - काम करनाशतान क कान कतरना - बहत चालाक होना

करना - करनाबाग - बहकाना

समझ पर पड़ना - होनाबठना - जमाना

िसतारा चमकना - उदय होनािसर पर खन सवार होना - जान लन पर होनािसर पर हाथ धरना - सहायता करनासौ बात एक बात - िनचोड़

करना - फक डालनाहसी उड़ाना - करनाहाथ मल -

हाथ पर हाथ धर बठना - बठनाहाथ पसारना - मागना

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हाथ-पर मारना - करनाहाथ साफ करना - बईमानी स ठगना

पानी करना - करनाहोश उड़ना - भय या आशका स दखी होना

अत गता सो मता - वहकान राजा - थोड़ा पढ़ िलख का मान होता ह

आख क गाठ क पर - पर धनवानआप मर जग परल - ह तो ससार ह

चोर कोतवाल को डाट - अपराध करक को डाटनाऊची दकान पकवान - काम करनाएक अनार सौ बीमार - जब एक चीज़ क बहत स तब कहा जाता हएक पथ दो काज - एक काम करन स दो का लाभ होनाकाला बराबर -

घर का लका ढ़ाह - फट स घर नाश होता हिचराग तल अधरा - पास घटना क होन पर भी उसका न होना या

ऐस पर बराई का होना जहा उसक रोकन का होचोर ितनका - पापी डर जाता हजाग सो पाव सोव तो खोव - सावधान रहन स लाभ होता ह

- बलवान का दबदबा रहता हजसा दश वसा भस - दश रह वसी करनीजसी करनी वसी भरनी - फल िमलता हतन को कपड़ा न पट को - बहतथोथा चना बाज घना - काम न करनवाला बकवास बहत करता हदाम बनाय काम - पस स सब काम हो जात

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धोबी का घर का न घाट का - जो एक पर जमकर काम न कर कभी एक लग और कभीदसर और सफल न हो उस कहा जाता ह

रहना मगर स बर - अधीन होकर रह और उसी स बर कर तो गज़ारा चलता हन रहगा बास न बाजगी - नकसान हो उसका नाश कर दना हनाच न जान आगन टढ़ा - काम करन न होन पर दसर को दोष दना नीम जान का खतरा - अधरा हािनकारक होता हनौ नगद न तरह उधार - उधार सौदा दनामान न मान तरा महमान - गल पड़नािमया जती िमया क िसर - स उसी हािन करनासौ सयान एक मत - सभी अथवा एक सलाह होती हहाथ कगन को आरसी - क िलए और हाथी क दात खान क और क और - कहना कछ और करना कछ औरहोनहार क होत चीकन पात - होनहार क पहल स जात

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कमर टट जाना - िनराश हो जानाकान भरना - चगली करना

मौत मरना - बहत तरह स मरनाखाक उड़ाना खाक िमलाना - बरबाद होनागड़ गोबर कर दना - काम दनाघर गगा - दौड़-धप कघाट घाट का पानी पीना - जहा तहा का अनभव करनाचाद पर थकना - करना और फलतः होनाचार चादनी - थोड़ का सख

का दध याद आना - सब सख भल जाना सकट आ पड़नाजमीन पर पर न पड़ना - बहत अिभमान होनाजल भन कर कोयला होना - पागल हो जानाटस स मस न होना - भी नटाग अड़ाना - बाधा डालनाटोपी उछालना - िनरादर करनाितनका पकड़ना - मागनाितन का ताड़ करना - बात बढ़ानाथक कर चाटना - वचन दकर जाना

तल उगली दबाना - करनादम तोडना - मर जाना

दना रात चौगना होना - खब होनाधप बाल सफद करना - अनभव आय दनानमक लगाना - बात को बढ़ा कर कहनानाक कटना - बदनामी होनानाक चढ़ाना - घणा करनानीला पीला होना - आना

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नौ-दो होना - भाग जानाउछालना - करना

- बातपरदा डालना - िछपानापहाड टट पड़ना - आनापट चह कदना - खब भख लगना

तल स ज़मीन िनकल जाना - होश उड़ जानाफक-फक कर कदम रखना - सोच-समझ कर काम करनाबगला भगत -

उछलना - खब खश होनाबाज़ार पर होना - काम पर होनाबात का धनी - वायद काबाल खाल उतारना - करनाबाल पकना - बढ़ा होजाना अनभव करनाबाल बाल बचना - हािन पहचन जरा- सी कसर रह जानाबगार टालना - लगाकर काम न करनाबोली मारना - क कहनाभनक पड़ना - खबर द जानाभाड़ - समय गवाना

मारना - बकारचस - बहत कजसपर मारना - का नकल करना

मगज चाटना - तग करनामाथा ठनकना - आशका होनामारा मारा - होनामह-तोड़ जवाब दना - परा-परा जवाब दना

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मह फक हो जाना - चहर का रग उतर जानामह पानी भर आना - खान को ललचानामह लगाना - अिधक द दना

गरम करना - दनाराई का पहाड़ बनाना - बात को बढ़ाकर कहनारात- - हमशालका काड होना - खब मारपीट होनालबी-चौ हाकना - करना

होना - होनालह क घट पीना - करनालह पसीना एक करना - बहत करनालोह क चना चबाना - काम करनाशतान क कान कतरना - बहत चालाक होना

करना - करनाबाग - बहकाना

समझ पर पड़ना - होनाबठना - जमाना

िसतारा चमकना - उदय होनािसर पर खन सवार होना - जान लन पर होनािसर पर हाथ धरना - सहायता करनासौ बात एक बात - िनचोड़

करना - फक डालनाहसी उड़ाना - करनाहाथ मल -

हाथ पर हाथ धर बठना - बठनाहाथ पसारना - मागना

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हाथ-पर मारना - करनाहाथ साफ करना - बईमानी स ठगना

पानी करना - करनाहोश उड़ना - भय या आशका स दखी होना

अत गता सो मता - वहकान राजा - थोड़ा पढ़ िलख का मान होता ह

आख क गाठ क पर - पर धनवानआप मर जग परल - ह तो ससार ह

चोर कोतवाल को डाट - अपराध करक को डाटनाऊची दकान पकवान - काम करनाएक अनार सौ बीमार - जब एक चीज़ क बहत स तब कहा जाता हएक पथ दो काज - एक काम करन स दो का लाभ होनाकाला बराबर -

घर का लका ढ़ाह - फट स घर नाश होता हिचराग तल अधरा - पास घटना क होन पर भी उसका न होना या

ऐस पर बराई का होना जहा उसक रोकन का होचोर ितनका - पापी डर जाता हजाग सो पाव सोव तो खोव - सावधान रहन स लाभ होता ह

- बलवान का दबदबा रहता हजसा दश वसा भस - दश रह वसी करनीजसी करनी वसी भरनी - फल िमलता हतन को कपड़ा न पट को - बहतथोथा चना बाज घना - काम न करनवाला बकवास बहत करता हदाम बनाय काम - पस स सब काम हो जात

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धोबी का घर का न घाट का - जो एक पर जमकर काम न कर कभी एक लग और कभीदसर और सफल न हो उस कहा जाता ह

रहना मगर स बर - अधीन होकर रह और उसी स बर कर तो गज़ारा चलता हन रहगा बास न बाजगी - नकसान हो उसका नाश कर दना हनाच न जान आगन टढ़ा - काम करन न होन पर दसर को दोष दना नीम जान का खतरा - अधरा हािनकारक होता हनौ नगद न तरह उधार - उधार सौदा दनामान न मान तरा महमान - गल पड़नािमया जती िमया क िसर - स उसी हािन करनासौ सयान एक मत - सभी अथवा एक सलाह होती हहाथ कगन को आरसी - क िलए और हाथी क दात खान क और क और - कहना कछ और करना कछ औरहोनहार क होत चीकन पात - होनहार क पहल स जात

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नौ-दो होना - भाग जानाउछालना - करना

- बातपरदा डालना - िछपानापहाड टट पड़ना - आनापट चह कदना - खब भख लगना

तल स ज़मीन िनकल जाना - होश उड़ जानाफक-फक कर कदम रखना - सोच-समझ कर काम करनाबगला भगत -

उछलना - खब खश होनाबाज़ार पर होना - काम पर होनाबात का धनी - वायद काबाल खाल उतारना - करनाबाल पकना - बढ़ा होजाना अनभव करनाबाल बाल बचना - हािन पहचन जरा- सी कसर रह जानाबगार टालना - लगाकर काम न करनाबोली मारना - क कहनाभनक पड़ना - खबर द जानाभाड़ - समय गवाना

मारना - बकारचस - बहत कजसपर मारना - का नकल करना

मगज चाटना - तग करनामाथा ठनकना - आशका होनामारा मारा - होनामह-तोड़ जवाब दना - परा-परा जवाब दना

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मह फक हो जाना - चहर का रग उतर जानामह पानी भर आना - खान को ललचानामह लगाना - अिधक द दना

गरम करना - दनाराई का पहाड़ बनाना - बात को बढ़ाकर कहनारात- - हमशालका काड होना - खब मारपीट होनालबी-चौ हाकना - करना

होना - होनालह क घट पीना - करनालह पसीना एक करना - बहत करनालोह क चना चबाना - काम करनाशतान क कान कतरना - बहत चालाक होना

करना - करनाबाग - बहकाना

समझ पर पड़ना - होनाबठना - जमाना

िसतारा चमकना - उदय होनािसर पर खन सवार होना - जान लन पर होनािसर पर हाथ धरना - सहायता करनासौ बात एक बात - िनचोड़

करना - फक डालनाहसी उड़ाना - करनाहाथ मल -

हाथ पर हाथ धर बठना - बठनाहाथ पसारना - मागना

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हाथ-पर मारना - करनाहाथ साफ करना - बईमानी स ठगना

पानी करना - करनाहोश उड़ना - भय या आशका स दखी होना

अत गता सो मता - वहकान राजा - थोड़ा पढ़ िलख का मान होता ह

आख क गाठ क पर - पर धनवानआप मर जग परल - ह तो ससार ह

चोर कोतवाल को डाट - अपराध करक को डाटनाऊची दकान पकवान - काम करनाएक अनार सौ बीमार - जब एक चीज़ क बहत स तब कहा जाता हएक पथ दो काज - एक काम करन स दो का लाभ होनाकाला बराबर -

घर का लका ढ़ाह - फट स घर नाश होता हिचराग तल अधरा - पास घटना क होन पर भी उसका न होना या

ऐस पर बराई का होना जहा उसक रोकन का होचोर ितनका - पापी डर जाता हजाग सो पाव सोव तो खोव - सावधान रहन स लाभ होता ह

- बलवान का दबदबा रहता हजसा दश वसा भस - दश रह वसी करनीजसी करनी वसी भरनी - फल िमलता हतन को कपड़ा न पट को - बहतथोथा चना बाज घना - काम न करनवाला बकवास बहत करता हदाम बनाय काम - पस स सब काम हो जात

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धोबी का घर का न घाट का - जो एक पर जमकर काम न कर कभी एक लग और कभीदसर और सफल न हो उस कहा जाता ह

रहना मगर स बर - अधीन होकर रह और उसी स बर कर तो गज़ारा चलता हन रहगा बास न बाजगी - नकसान हो उसका नाश कर दना हनाच न जान आगन टढ़ा - काम करन न होन पर दसर को दोष दना नीम जान का खतरा - अधरा हािनकारक होता हनौ नगद न तरह उधार - उधार सौदा दनामान न मान तरा महमान - गल पड़नािमया जती िमया क िसर - स उसी हािन करनासौ सयान एक मत - सभी अथवा एक सलाह होती हहाथ कगन को आरसी - क िलए और हाथी क दात खान क और क और - कहना कछ और करना कछ औरहोनहार क होत चीकन पात - होनहार क पहल स जात

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मह फक हो जाना - चहर का रग उतर जानामह पानी भर आना - खान को ललचानामह लगाना - अिधक द दना

गरम करना - दनाराई का पहाड़ बनाना - बात को बढ़ाकर कहनारात- - हमशालका काड होना - खब मारपीट होनालबी-चौ हाकना - करना

होना - होनालह क घट पीना - करनालह पसीना एक करना - बहत करनालोह क चना चबाना - काम करनाशतान क कान कतरना - बहत चालाक होना

करना - करनाबाग - बहकाना

समझ पर पड़ना - होनाबठना - जमाना

िसतारा चमकना - उदय होनािसर पर खन सवार होना - जान लन पर होनािसर पर हाथ धरना - सहायता करनासौ बात एक बात - िनचोड़

करना - फक डालनाहसी उड़ाना - करनाहाथ मल -

हाथ पर हाथ धर बठना - बठनाहाथ पसारना - मागना

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हाथ-पर मारना - करनाहाथ साफ करना - बईमानी स ठगना

पानी करना - करनाहोश उड़ना - भय या आशका स दखी होना

अत गता सो मता - वहकान राजा - थोड़ा पढ़ िलख का मान होता ह

आख क गाठ क पर - पर धनवानआप मर जग परल - ह तो ससार ह

चोर कोतवाल को डाट - अपराध करक को डाटनाऊची दकान पकवान - काम करनाएक अनार सौ बीमार - जब एक चीज़ क बहत स तब कहा जाता हएक पथ दो काज - एक काम करन स दो का लाभ होनाकाला बराबर -

घर का लका ढ़ाह - फट स घर नाश होता हिचराग तल अधरा - पास घटना क होन पर भी उसका न होना या

ऐस पर बराई का होना जहा उसक रोकन का होचोर ितनका - पापी डर जाता हजाग सो पाव सोव तो खोव - सावधान रहन स लाभ होता ह

- बलवान का दबदबा रहता हजसा दश वसा भस - दश रह वसी करनीजसी करनी वसी भरनी - फल िमलता हतन को कपड़ा न पट को - बहतथोथा चना बाज घना - काम न करनवाला बकवास बहत करता हदाम बनाय काम - पस स सब काम हो जात

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धोबी का घर का न घाट का - जो एक पर जमकर काम न कर कभी एक लग और कभीदसर और सफल न हो उस कहा जाता ह

रहना मगर स बर - अधीन होकर रह और उसी स बर कर तो गज़ारा चलता हन रहगा बास न बाजगी - नकसान हो उसका नाश कर दना हनाच न जान आगन टढ़ा - काम करन न होन पर दसर को दोष दना नीम जान का खतरा - अधरा हािनकारक होता हनौ नगद न तरह उधार - उधार सौदा दनामान न मान तरा महमान - गल पड़नािमया जती िमया क िसर - स उसी हािन करनासौ सयान एक मत - सभी अथवा एक सलाह होती हहाथ कगन को आरसी - क िलए और हाथी क दात खान क और क और - कहना कछ और करना कछ औरहोनहार क होत चीकन पात - होनहार क पहल स जात

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हाथ-पर मारना - करनाहाथ साफ करना - बईमानी स ठगना

पानी करना - करनाहोश उड़ना - भय या आशका स दखी होना

अत गता सो मता - वहकान राजा - थोड़ा पढ़ िलख का मान होता ह

आख क गाठ क पर - पर धनवानआप मर जग परल - ह तो ससार ह

चोर कोतवाल को डाट - अपराध करक को डाटनाऊची दकान पकवान - काम करनाएक अनार सौ बीमार - जब एक चीज़ क बहत स तब कहा जाता हएक पथ दो काज - एक काम करन स दो का लाभ होनाकाला बराबर -

घर का लका ढ़ाह - फट स घर नाश होता हिचराग तल अधरा - पास घटना क होन पर भी उसका न होना या

ऐस पर बराई का होना जहा उसक रोकन का होचोर ितनका - पापी डर जाता हजाग सो पाव सोव तो खोव - सावधान रहन स लाभ होता ह

- बलवान का दबदबा रहता हजसा दश वसा भस - दश रह वसी करनीजसी करनी वसी भरनी - फल िमलता हतन को कपड़ा न पट को - बहतथोथा चना बाज घना - काम न करनवाला बकवास बहत करता हदाम बनाय काम - पस स सब काम हो जात

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धोबी का घर का न घाट का - जो एक पर जमकर काम न कर कभी एक लग और कभीदसर और सफल न हो उस कहा जाता ह

रहना मगर स बर - अधीन होकर रह और उसी स बर कर तो गज़ारा चलता हन रहगा बास न बाजगी - नकसान हो उसका नाश कर दना हनाच न जान आगन टढ़ा - काम करन न होन पर दसर को दोष दना नीम जान का खतरा - अधरा हािनकारक होता हनौ नगद न तरह उधार - उधार सौदा दनामान न मान तरा महमान - गल पड़नािमया जती िमया क िसर - स उसी हािन करनासौ सयान एक मत - सभी अथवा एक सलाह होती हहाथ कगन को आरसी - क िलए और हाथी क दात खान क और क और - कहना कछ और करना कछ औरहोनहार क होत चीकन पात - होनहार क पहल स जात

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धोबी का घर का न घाट का - जो एक पर जमकर काम न कर कभी एक लग और कभीदसर और सफल न हो उस कहा जाता ह

रहना मगर स बर - अधीन होकर रह और उसी स बर कर तो गज़ारा चलता हन रहगा बास न बाजगी - नकसान हो उसका नाश कर दना हनाच न जान आगन टढ़ा - काम करन न होन पर दसर को दोष दना नीम जान का खतरा - अधरा हािनकारक होता हनौ नगद न तरह उधार - उधार सौदा दनामान न मान तरा महमान - गल पड़नािमया जती िमया क िसर - स उसी हािन करनासौ सयान एक मत - सभी अथवा एक सलाह होती हहाथ कगन को आरसी - क िलए और हाथी क दात खान क और क और - कहना कछ और करना कछ औरहोनहार क होत चीकन पात - होनहार क पहल स जात