hindi novel e-book desh birana by suraj prakash

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देस बफयाना उऩमास यज काश सूयज काश की अम यचनाएॉ ऩं उनके रॉग कथाकाय - http://kathaakar.blogspot.com/ ऩय. (ऩीडीए ई-फुक यचनाकाय http://rachanakar.blogspot.com की तु. मह उऩमास ऑनराइन विकक सोसस ऩय बी उऩरध है . विकक सोसस ऩय ऑनराइन ऩने के लरए महाॉ जाएॉ ) (रेखकीम टटऩ णी - फेहद ऩठनीम औय सहज बाषा शैरी भं यचा गमा मह भालभसक उऩमास एक ऐसे अके रे रके की कथा रेकय चरता है जजसे ककहीॊ कायण के चरते लसप स चौदह सार की भास उ भं घय छोना ऩता है , रेककन आगे ऩने की ररक , छ कय टदखाने की तभना औय उसके भन भं फसा ह घय का आतॊक उसे फह त बटकाते हं। मह अऩने तयह का ऩहरा उऩमास है जो एक साथ जिॊदगी के कई से फायीकी से ज झता है। अके राऩन मा

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Page 1: Hindi Novel E-book Desh Birana by Suraj Prakash

देस बफयाना उऩन्मास सयूज प्रकाश

सूयज प्रकाश की अन्म यचनाएॉ ऩढं़े उनके ब्रॉग कथाकाय - http://kathaakar.blogspot.com/ ऩय.

(ऩीडीएफ़ ई-फुक – यचनाकाय http://rachanakar.blogspot.com की प्रस्तुतत . मह उऩन्मास ऑनराइन विकक सोसस ऩय बी उऩरब्ध है. विकक सोसस ऩय ऑनराइन ऩढ़ेने के लरए महाॉ जाएॉ)

(रेखकीम टटप्ऩ णी- फेहद ऩठनीम औय सहज बाषा शैरी भं यचा गमा मह भालभसक उऩन्मास एक ऐसे अकेरे रड़के की कथा रेकय चरता है जजसे ककन्हीॊ कायणं के चरते लसपस चौदह सार की भासूभ उम्र भं घय छोड़ना ऩड़ता है , रेककन आगे ऩढ़ेने की ररक , कुछ कय टदखाने की तभन्ना औय उसके भन भं फसा हुआ घय का आतॊक उसे फहुत बटकाते हं। मह अऩने तयह का ऩहरा उऩन्मास है जो एक

साथ जिॊदगी के कई प्रश्नों से फायीकी से जझूता है। अकेराऩन क्मा

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होता है, औय घय से फाहय यहने िारे के लरए घय क्मा भामने यखता है, फाहय की जिॊदगी औय घय की जिॊदगी औय आगे फढ़ेने की ररक आदभी को सपर तो फना देती है रेककन उसे ककन ककन भोचं ऩय क्मा क्मा खोना ऩड़ता है , इन सफ सिारं की मह उऩन्मास फहुत ही फायीकी से ऩड़तार कयता है। इसी उऩन्मास से हभं ऩता चरता है कक बायत से फाहय की चभकीरी दतुनमा दयअसर ककतनी पीकी औय फदयॊग है तथा रॊदन भं बायतीम सभुदाम की असलरमत क्मा है।)

24 लसतम्फय, 1992। कैरंडय एक फाय कपय िही भहीना औय िही तायीख दशास यहा है। लसतम्फय औय 24 तायीख। हय सार मही होता है। मह तायीख भुझे चचढ़ेाने, ऩयेशान कयने औय िो सफ माद टदराने के लरए भेये साभने ऩड़ जाती है जजसे भ ंबफरकुर बी माद नहीॊ कयना चाहता।

आज ऩूये चौदह फयस हो जामंगे भुझे घय छोडे़ हुए मा मूॊ कहूॊ कक इस फात को आज चौदह सार हो जामंगे जफ भुझे घय से तनकार टदमा गमा था। तनकारा ही तो गमा था। भ ंकहाॊ छोड़ना चाहता था घय। छूट गमा था भुझसे घय। भेये न चाहने के फािजूद। अगय दायजी आधे- अधूये कऩड़ं भं भुझे धक्के भाय कय घय से फाहय तनकार कय ऩीछे से दयिाजा फॊद न कय देते तो भ ंअऩनी भजॉ से घय थोडे़ ही छोड़ता। अगय दायजी चाहते तो गुस्सा ठॊडा होने ऩय कान ऩकड़ कय भुझे घय िावऩस बी तो रे जा सकते थे। भुझे तो घय से कोई नायािगी नहीॊ थी। आखखय गोर ूऔय बफल्र ूसाया सभम भेये आस-ऩास ही तो भॊडयाते यहे थे।

घय से नायािगी तो भेयी आज बी नहीॊ है। आज बी घय, भेया प्माया घय, भेये फचऩन का घय भेयी यगं भं फहता है। आज बी भेयी साॊस-साॊस भं उसी घय की खुशफू यची फसी यहती है। योि यात को सऩनं भं आता है भेया घय औय भुझे रुरा जाता है। कोई बी तो टदन ऐसा नहीॊ होता जफ भ ंघय को रेकय अऩनी गीरी आॊखं न ऩंछता होऊॊ । फेशक इन चौदह फयसं भं कबी घय नहीॊ जा ऩामा रेककन कबी बी ऐसा नहीॊ हुआ कक भनें खुद को घय से दयू ऩामा हो। घय भेये आसऩास हभेशा फना यहा है। अऩने ऩूयेऩन के साथ भेये बीतय लसताय के तायं की तयह फजता यहा है।

कैसा होगा अफ िह घय !! जो कबी भेया था। शामद अबी बी हो। जैसे भ ंघय िावऩस जाने के लरए हभेशा छटऩटाता यहा रेककन कबी जा नहीॊ ऩामा, हो सकता है घय बी भुझे फाय-फाय िावऩस फुराने के लरए इशाये कयता यहा हो। भेयी याह देखता यहा हो औय कपय तनयाश हो कय उसने भेये रौटने की उम्भीदं ही छोड़ दी हं।

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भेया घय. हभाया घय .. हभ सफ का घय... जहाॊ फेफे थी, गोर ूथा, बफल्र ूथा, एक छोटी-सी फहन थी - गुड्डी औय थे दायजी...। कैसी होगी फेफे .. .. ऩहरे से चौदह सार औय फूढ़ेी.. ..। औय दायजी.. .. ..। शामद अफ बी अऩने ठीमे ऩय फैठे-फैठे अऩने औजाय गोर ूऔय बफल्र ूऩय पंक कय भाय यहे हं औय सफको अऩनी धायदाय गालरमं से छरनी कय यहे हं..। गुड्डी कैसी होगी.. जफ घय छूटा था तो िो ऩाॊच फयस की यही होगी। अफ तो उसे एभए िगैयह भं होना चाटहमे। दायजी का कोई बयोसा नहीॊ। ऩता नहीॊ उसे इतना ऩढ़ेने बी टदमा होगा मा नहीॊ। दायजी ने ऩता नहीॊ कक गोर ूऔय बफल्र ूको बी नहीॊ ऩढ़ेने टदमा होगा मा नहीॊ मा अऩने साथ ही अऩने ठीमे ऩय बफठा टदमा होगा..। यब्फ कये घय भं सफ याजी खुशी हं..।

एक फाय घय जा कय देखना चाटहमे.. कैसे हंगे सफ.. क्मा भुझे स्िीकाय कय रंगे!! दायजी का तो ऩता नहीॊ रेककन फेफे तो अफ बी भुझे माद कय रेती होगी। जफ दायजी ने भुझे धक्के भाय कय दयिाजे के फाहय धकेर टदमा था तो फेफे ककतना-ककतना योती थी। फाय-फाय दायजी के आगे हाथ जोड़ती थी कक भेये दीऩ ूको जजतना भाय-ऩीट रो, कभ से कभ घय से तो भत तनकारो।

फेशक िो भाय, िो टीस औय िो घय से तनकारे जाने की ऩीड़ा अफ बी तकरीप दे यही है, आज के टदन कुछ ज्मादा ही, कपय बी सोचता हूॊ कक एक फाय तो घय हो ही आना चाटहमे। देखा जामेगा, दायजी जो बी कहंगे। मही होगा ना, एक फाय कपय घय से तनकार दंगे। मही सही। िैसे बी घय भेये टहस्से भं कहाॊ लरखा है..। फेघय से कपय फेघय ही तो हो जाऊॊ गा। कुछ बी तो नहीॊ बफगडे़गा भेया।

तम कय रेता हूॊ, एक फाय घय हो ही आना चाटहमे। िे बी तो देखं, जजस दीऩू को उन्हंने भाय-ऩीट कय आधे-अधूये कऩड़ं भं नॊगे ऩैय औय नॊगे लसय घय से तनकार टदमा था, आज कहाॊ से कहाॊ ऩहुॊच गमा है। अफ न उसके लसय भं ददस होता है औय न ही योिाना सुफह उसे फात बफना फात ऩय दायजी की भाय खानी ऩड़ती है।

ऩास फुक देखता हूॊ। कापी रुऩमे हं। फकं जा कय तीस हजाय रुऩमे तनकार रेता हूॊ। ऩाॊच-सात हिाय ऩास भं नकद हं। कापी हंगे। सफके लरए ढेय सायी शॉवऩ ॊग कयता हूॊ। फैग भं मे सायी चीजं रेकय भ ंघय की तयप चर टदमा हूॊ। हॉसी आती है। भेया घय.... घय... जो कबी भेया नहीॊ यहा.. लसपस घय के अहसास के सहाये भनें मे चौदह फयस काट टदमे हं। घय... जो हभेशा भेयी आॉखं के आगे खझरलभराता यहा रेककन कबी बी भुकम्भर तौय ऩय भेये साभने नहीॊ आमा।

माद कयने की कोलशश कयता हूॊ। इस फीच ककतने घयं भं यहा, हॉस्टरं भं बी यहा, अकेरे कभया रेकय बी यहता यहा रेककन कहीॊ बी अऩने घय का अहसास नहीॊ लभरा। हभेशा रगता यहा, महाॊ से रौट कय जाना है। घय रौटना है। घय तो िही होता है न, जहाॊ रौट कय जामा जा सके। जहाॊ जा कय भुसाकफ़यी खत्भ होती हो। ऩता नहीॊ भेयी भुसाकपयी कफ खत्भ होगी।

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फॊफई से देहयादनू की सत्रह सौ ककरोभीटय की मह दयूी ऩाय कयने भं भुझे चौदह फयस रग गमे हं, ऩता नहीॊ इस फाय बी घय लभर ऩाता है मा नहीॊ। देहयादनू फस अड्डे ऩय उतया हूॊ। महाॊ से भच्छी फाजाय एक - डेढ़े ककरोभीटय ऩड़ता है।

तम कयता हूॊ, ऩैदर ही घय जाऊॊ ..। हभेशा की तयह गाॊधी स्कूर का चक्कय रगाते हुए। साये फािाय को औय स्कूर को फदरे हुए रूऩ भं देखने का भौका बी लभरेगा। सब्जी भॊडी से होते हुए बी घय जामा जा सकता है, यास्ता छोटा बी ऩडे़गा रेककन फचऩन भं हभ भॊडी भं आिाया घूभते साॊडं की िजह से महाॊ से जाना टारते थे। आज बी टार जाता हूॊ।

गाॊधी स्कूर के आस ऩास का नक्शा बी ऩूयी तयह फदरा हुआ है। गाॊधी योड ऩय मे हभायी वप्रम जगह खुशीयाभ राइबे्रयी, जहाॊ हभ याजा बैमा, चॊदा भाभा औय ऩयाग िगैयह ऩढ़ेने आते थे औय इन ऩबत्रकाओॊ के लरए अऩनी फायी का इॊतिाय कयते यहते थे। ऩढ़ेने का सॊस्काय हभं इसी राइबे्रयी ने टदमा था।

आगे टहभारम आभसस की दकुान अऩनी जगह ऩय है रेककन उसके ठीक साभने दसूयी भॊजिर ऩय हभायी ऩाॊचिीॊ कऺा का कभया ऩूयी तयह उजाड़ निय आ यहा है। ऩूये स्कूर भं लसपस मही कभया सड़क से निय आता था। इस कभये भं ऩूया एक सार गुिाया है भनें। भेयी सीट एकदभ खखड़की के ऩास थी औय भ ंसाया सभम नीचे फािाय की तयप ही देखता यहता था। हभायी इस कऺा ऩय ही नहीॊ फजल्क ऩूये स्कूर ऩय ही ऩुयानेऩन की एक गाढ़ेी-सी ऩयत जभी हुई है। ऩता नहीॊ बीतय क्मा हार होगा। गेट हभेशा की तयह फॊद है। स्कूर के फाहय की ककताफं की सायी दकुानं मा तो फुयी तयह उदास निय आ यही हं, मा कपय उनकी जगह कुछ औय ही बफकता निय आ यहा है।

स्कूर के आगे से गुियते हुए फचऩन के साये ककस्से माद आते हं।

ऩूये फािाय भं सबी दकुानं का नकशा फदरा हुआ है। एक िक्त था जफ भ ंमहाॊ से अऩने घय तक आॉखं फॊद कयके बी जाता तो फता सकता था, फािाय भं दोनं तयप ककस-ककस चीि की दकुानं हं औय उन ऩय कौन-कौन फैठा कयते हं। रेककन अफ ऐसा नहीॊ हो सकता। एक बी ऩरयचचत चेहया नजय नहीॊ आ यहा है। आमे बी कैसे। सबी तो भेयी तयह उम्र के चौदह ऩड़ाि आगे तनकर चुके हं। अगय भ ंफदरा हूॊ तो औय रोग बी तो फदरे ही हंगे। िे बी भुझे कहाॊ ऩहचान ऩा यहे हंगे। मे नमी सब्जी भॊडी.. ककशन चाचा की दकुान.. उस ऩय ऩुयाना सा तारा रटक यहा है। मे लभशन स्कूर..। सायी दकुानं ऩरयचचत रेककन रोग फदरे हुए। लस ॊधी स्िीट शाऩ के तीन टहस्से हो चुके हं। तीनं ही टहस्सं भं अनजाने चेहये गल्रे ऩय फैठे हं।

अऩनी गरी भं घुसते ही भेये टदर की धड़कन तेज हो गमी है। ऩता नहीॊ इन चौदह फयसं भं क्मा कुछ फदर चुका होगा इस ढहते घय भं .. मा भकान भं ...। ऩता नहीॊ सफसे ऩहरे ककससे साभना हो....गरी के कोने भं सतनाभ चाचे की ऩयचून की दकुान हुआ कयती थी।

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िहाॊ अफ कोई जिान रड़का िीडडमो गेम्स की दकुान सजामे फैठा है। ऩता नहीॊ कौन यहा होगा। तफ ऩाॊच छ् सार का यहा होगा। इन्दय के दयिाजे से कोई जिान-सी औयत तनकर कय अजसन ऩॊसायी की दकुान की तयप जा यही है। अजसन चाचा खुद फैठा है। िैसा ही रग यहा है जैसे छोड़ कय गमा था।

उसने भेयी तयप देखा है रेककन ऩहचान नहीॊ ऩामा है। ठीक ही हुआ। फाद भं आ कय लभर रूॊगा। भेयी इच्छा है कक सफसे ऩहरे फेफे ही भुझे देखे, ऩहचाने। अऩनी गरी भं आ ऩहुॊचा हूॊ। ऩहरा घय भॊगायाभ चाचे का है। भेये खास दोस्त नॊद ूका। घय बफरकुर फदरा हुआ है औय दयिाजे ऩय ककसी भेहयचॊद की ऩुयानी सी नेभ प्रेट रगी हुई है। इसका भतरफ नॊद ूिगैयह महाॊ से जा चुके है। भॊगायाभ चाचा की तो कोतिारी के ऩास नहयिारी गरी के लसये ऩय छोरे बटूये की छोटी-सी दकुान हुआ कयती थी। उसके साभने िारा घय गाभे का है। हभायी गरी का ऩहरिान औय हभायी सायी नमी शयायतं का अगुआ। उससे अगरा घय प्रिेश औय फॊसी का। हभायी गरी का हीयो - प्रिेश। उससे कबी नजदीकी दोस्ती नहीॊ फन ऩामी थी। उनका घय-फाय तो िैसा ही रग यहा है। प्रिेश के घय के साभने खुशी बाई साहफ का घय। िे हभ सफ फच्चं के आदशस थे। अऩनी भेहनत के फरफूते ही ऩूयी ऩढ़ेाई की थी। साये फच्चे दौड़- दौड़ कय उनके काभ कयते थे। सफसे योभाॊचकायी काभ होता था, सफकी नियं से फचा कय उनके लरए लसगयेट राना। लसख होने के कायण भुझे इस काभ से छूट लभरी हुई थी।

अगरा घय फोनी औय फौफी का है। उनके ऩाऩा सयदाय याजा लस ॊह अॊकर। हभाये ऩूये भौहल्रे भं लसफ़स िहीॊ अॊकर थे। फाकी सफ चाचा थे। ऩूयी गरी भं स्कूटय बी लसपस उन्हीॊ के ऩास था। मे साभने ही है भेया घय......। भेया छूटा हुआ घय .. ..। हभाया घय.. बाई हयनाभ लसहाॊ का शहतूतं िारा घय....। गुस्से भं कुछ बी कय फैठने िारा सयदाय हयनाभा .... तयखाण .... हभाये घय का शहतूत...का ऩेड़..... हभाये घय.. .. हयनाभे के घय की ऩहचान ...। तीन गरी ऩहरे से मह ऩहचान शरुू हो जाती.. ..। हयनाभा तयखाण के घय जाना है? सीधे चरे जाओ .. आगे एक शहतूत.. का ऩेड़ आमेगा। िही घय है तयखाण का ....। 14 भच्छी फािाय, देहयादनू। घय को भोह से, आसडक्त से देखता हूॊ। घय के फाहय िारी दीिाय जैसे अऩनी उम्र ऩूयी कय चुकी है औय रगता है, फस, आज कर भं ही विदा हो जाने िारी है। टीन के ऩतये िारा दयिाजा िैसे ही है। फेफे तफ बी दायजी से कहा कयती थी - तयखाण के घय टीन के ऩतये के दयिाजे शोबा नहीॊ देते। कबी अऩने घय के लरए बी कुछ फना टदमा कयो।

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भ ंहौरे से साॊकर फजाता हूॊ। साॊकर की आिाज थोड़ी देय तक खारी आॊगन भं गूॊज कय भेये ऩास िावऩस रौट आमी है। दोफाया साॊकर फजाता हूॊ। भेयी धड़कन फहुत तेज हो चरी है। ऩता नहीॊ कौन दयिाजा खोरे.... ।

- कोण है.. । मे फेफे की ही आिाज हो सकती है। ऩहरे की तुरना भं ज्मादा करुणाभमी औय रम्फी तान सी रेते हुए....

- भ ं केमा कोण है इस िेल्रे....। भेये फोर नहीॊ पूटते। क्मा फोरूॊ औय कैसे फोरूॊ। फेफे दयिाजे के ऩास आ गमी है। खझयॊ भं से उसका फेहद कभिोय हो गमा चेहया निय आता है। आॊखं ऩय चश्भा बी है। दयिाजा खुरता है। फेफे भेये साभने है। एकदभ कभिोय कामा। भुझे चुॊचधमाती आॊखं से देखती है। भेये फैग की तयप देखती है। असभॊजस भं ऩूछती हं - त्िान ुकोण चाइदा ऐ फाऊजी.. ..?

भ ंएकदभ फुक्का पाड़ कय योते हुए उसके कदभं भं ढह गमा हूॊ, - फेफे.. फेफे.. भनंू भाप कय दे भेरयमे फेफे.... भ ं भ ं.. ।

भेया नाभ सुनने से ऩहरे ही िह दो कदभ ऩीछे हट गमी है.. हक्की-फक्की सी भेयी तयप देख यही है। भ ंउसके ऩैयं भं चगया रहक - रहक कय टहचककमाॊ बयते हुए यो यहा हूॊ - भ ंतेया फािया ऩुत्तय दीऩ ू.. ..दीऩू । भेये आॊसू िाय िाय फह यहे हं। चौदह फयसं से भेयी ऩरकं ऩय अटकेध आॊसुओॊ ने आज फाहय का यास्ता देख लरमा है। फेफे घुटनं के फर फैठ गमी है.. अबी बी अविश्वास से भेयी तयप देख यही है..। अचानक उसकी आॊखं भं ऩहचान उबयी है औय उसके गरे से िोय की चीख तनकरी है, - ओमे.. भेये ऩागर ऩुत्तया. तूॊ अऩणी अन्नी भाॊ नूॊ छड्ड के ककत्त्थे चरा गमा स.ं. हाम हो भेयेमा यब्फा। तैनूॊ असी उडीक उडीक के अऩखणमाॊ अक्खाॊ यवत्तमाॊ कय रइमाॊ। भेयेमा सोणेमा ऩुत्तयाॊ। यब्फ तैनूॊ भेयी िी उम्भय दे देिे। तूॊ जया िी यैभ नीॊ ककत्ता अऩणी फुड्डी भाॊ ते के ओ जीॊदी है के भय गमी ए...।

िह आॊसुओॊ से बये भेये चेहये को अऩने दोनं कभिोय हाथं भं बये भुझे स्नेह से चूभ यही है। भेये फारं भं हाथ पेय यही है औय भेयी फरामं रे यही है। उसका गरा रुॊ ध गमा है। अबी हभ भाॊ-फेटे का लभरन चर ही यहा है कक भौहल्रे की दो-तीन औयतं फेफे का योना - धोना सुन कय खुरे दयिाजे भं आ जुटी हं। हभं इस हारत भं देख कय िे सकऩका गमी हं।

फेफे से ऩूछ यही है - की होमा बजंी .. सफ खैय ताॊ है नाॊ....!!

- तूॊ खैय ऩुछ यई हं विभलरमे ..अज ताॊ यब्फ साडे उते्त ककन्ना भेहयफान हो गमा नीॊ। िेखो िे बलरमे रोको, भेया दीऩ ू ककन्ने चचय फाद अज घय भुड़ के आमा ए। भेया ऩुत्त इस घयं यंदा करप्दा गमा सी ते अज ककन्ने चचय फाद िल्र के आमा ए। हाम कोई छेत्ती जाके ते इदे दायजी नूॊ ते खफय कय देिो। ओ कोई जल्दी जा के खण्ड दी डब्फी र ैआिे। भ ंसायेमाॊ दा भूॊ लभट्ठा कया देिाॊ। ... आजा िे भेये ऩुत्त भ ं तेयी नजय उताय दिाॊ .। ऩता नीॊ ककस बैडे़ दी नज्जय रग गई सी।

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7 देस बफयाना ™½¬¸ £¸›¸¸¹•¸

हभ दोनं का यो-यो कय फुया हार है। भेये भुॊह से एक बी शब्द नहीॊ पूट यहा है। इतने फयसं के फाद भाॊ के आॊचर भं जी बय के योने को जी चाह यहा है। भ ं योमे जा यहा हूॊ औय भोहल्रे की सायी औयतं भुॊह भं दऩुटे्ट दफामे हैयानी से भाॊ फेटे का मह अद्भतु लभरन देख यही हं। ककसी ने भेयी तयप ऩानी का चगरास फढ़ेा टदमा है। भनें टहचककमं के फीच ऩानी खत्भ ककमा है।

खफय ऩूये भोहल्रे भं बफजरी की तेजी से पैर गमी है। ियाॊडे भं ऩचासं रोग जभा हो गमे हं। फेफे ने भेये लरए चायऩाई बफछा दी है औय भेये ऩास फैठ गमी है। एक के फाद एक सिार ऩूछ यही है। अचानक ही घय भं व्मस्तता फढ़े गमी है। सफ के सफ भेये खाने ऩीने के इॊतजाभ भं जुट गमे हं। कबी कोई चाम थभा जाता है तो कोई भेये हाथ भं गुड़ का मा लभठाई का टुकड़ा धय जाता है। भेये आसऩास अच्छी खासी बीड़ जुट आमी है औय भेयी तयप अजीफ - सी तनगाहं से देख यही है। कुछेक फुजुगस बी आ गमे हं। फेफे भुझे उनके फाये भं फता यही है। भ ंककसी - ककसी को ही ऩहचान ऩा यहा हूॊ। ककसी का चेहया ऩहचाना हुआ रग यहा है तो ककसी का नाभ माद - सा आ यहा है।

भोहल्रे बय के चाचा, ताए, भाभे, भालभमाॊ ियाॊडे भं आ जुटे हं औय भुझसे तयह -तयह के सिार ऩूछ यहे हं। भुझे सूझ नहीॊ यहा कक ककस फात का क्मा जिाफ टदमा जामे। भ ंफाय-फाय ककसी न ककसी फुजुगस के ऩैयं भं भत्था टेक यहा हूॊ। सफ के सफ भुझे अधफीच भं ही गरे से रगा रेते हं। भुझे नहीॊ भारूभ था भ ंअबी बी अऩने घय ऩरयिाय के लरए इतने भामने यखता हूॊ।

तबी फेफे भुझे उफायती है - िे बरे रोको, भेया ऩुत्त ककन्ना रम्फा सपय कय के आमा ए। उन्नू थोड़ी चचय अयाभ कयन देओ। सारयमाॊ गल्राॊ हुणी ता ना ऩुच्छो !! िेखो ताॊ विचाये दा ककन्ना जेमाॊ भूॊ तनकर आमा ए..।

फेफे ने ककसी तयह सफको विदा कय टदमा है रेककन रोग हं कक भानते ही नहीॊ। कोई ना कोई कुण्डी खड़का ही देता है औय भेये आगे कुछ न कुछ खाने की चीज यख देता है। हय कोई भुझे अऩने गरे से रगाना चाहता है, अऩने हाथं से कुछ न कुछ खखराना ही चाहता है। कपय ऊऩय से उनके सिारं की फयसात। भेये लरए अड़ोस-ऩड़ोस की चाचचमाॊ ताइमाॊ दलसमं कऩ चाम दे गमी है औय भनें कुछ घूॊट चाम ऩी बी है कपय बी फेफे ने भेये लरए अरग से गयभ -गयभ चाम फनामी है। भराई डार के। फेफे को माद यहा, भुझे भराई िारी चाम अच्छी रगती थी। फचऩन भं हभ तीनं बाइमं भं चाम भं भराई डरिाने के लरए होड़ रगती थी। दधू भं इतनी भराई उतयती नहीॊ थी कक दोनं टाइभ तीनं की चाम भं डारी जा सकेध। फेफे चाम भं भराई के लरए हभायी फायी फाॊधती थी। फेफे ऩूछ यही है, भ ंकहाॊ से आ यहा हूॊ औय क्मा कयता हूॊ। फहुत अजीफ-सा रग यहा है मे सफ फताना रेककन भ ंजानता हूॊ कक जफ तक महाॊ यहूॊगा, भुझे फाय फाय इन्हीॊ सिारं से जूझना होगा। फेफे को थोड़ा-फहुत फताता हूॊ कक इस फीच क्मा क्मा घटा। भनें अऩनी फात

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8 देस बफयाना ™½¬¸ £¸›¸¸¹•¸

ऩूयी नहीॊ की है कक फेफे खुद फताने रगी है - गोर ूताॊ फायिीॊ कयके ते ऩक्की नौकयी दी तराश कय येमा ए। कदी कदी छोटी भोटी नौकयी लभर िी जाॊदी ए ओनूॊ। अज कर चकयाता योड ते इक येडडभेड कऩडे़माॊ दी हट्टी ते फदंा ए ते ऩन्दया सोराॊ सौ यऩइमे रै आॊदा ए। अते बफल्र ू ने ताॊ दसिीॊ िीॊ ऩूयी नीॊ ककत्ती। कंदा सी - भेये तं नीॊ हंदी ए ककताफी ऩढ़ेाई.. अजकर इस सऩेय ऩाटस दी दकुान ते फदंा ऐ। उन्नू िी हजाय फाया सं यऩइमे लभर जाॊदे हन। तेये दायजी िी टढल्रे यंदे ने। फेशक तनंू गुस्से विच भाय वऩट के ते घयं कड टदत्ता सी ऩय तैनूॊ भ ंकी दस्साॊ, फाद विच फोत यंदे सी। कंदे सी...। अचानक फेफे चुऩ हो गमी है। उसे सूझा नहीॊ कक आगे क्मा कहे। उसने भेयी तयप देखा है औय फात फदर दी है। भ ंसभझ गमा हूॊ कक िह दायजी की तयपदायी कयना चाह यही थी रेककन भेये आगे उससे झूठ नहीॊ फोरा गमा। रेककन भ ंजानफूझ कय बी चुऩ यहता हूॊ। फेफे आगे फता यही है - तनंू असीॊ ककन्ना ढूॊढेमा, तेये वऩच्छे ककत्थे ककत्थे नीॊ गमे, ऩय तूॊ ताॊ इन्नी जई गर ते साडे कोर नयाज हो के कदी भुढ़े के िी नीॊ आमा कक तेयी फुड्डी भाॊ जीॊदी ए की भय गई ए। भ ंताॊ यब्फ दे अग्गे अठ अठ हॊजू यंदी सी कक इक िायी भनं ूभेये ऩुत्त नार लभरा दे। भ ंफेफे की फात ध्मान से सुन यहा हूॊ। अचानक ऩूछ फैठता हूॊ - सच दसीॊ फेफे, दायजी िाकई भेये िास्ते योमे सी? िेख झूठ ना फोरीॊ। तैनूॊ भेयी सं।

फेफे अचानक तघय गमी है। भेयी आॊखं भं आॊखं डार कय देखती है। उसकी कातय तनगाहं देख कय भुझे ऩछतािा होने रगता है - मे भ ंक्मा ऩूछ फैठा !! अबी तो आमे भुझे घॊटा बय बी नहीॊ हुआ, रेककन फेफे ने भुझे उफाय लरमा है औय दायजी का सच बफना राग रऩेट के फमान कय टदमा है। मह सच उस सच से बफरकुर अरग है जो अबी अबी फेफे फमान कय यही थी। शामद िह इतने अयसे फाद आमे अऩने फेटे के साभने कोई बी झूठ नहीॊ फोरना चाहती। िैसे बी िह झूठ नहीॊ फोरती कबी। शामद इसीलरए उससे मे झूठ बी नहीॊ फोरा गमा है मा मूॊ कहूॊ कक सच छुऩामा नहीॊ गमा है।

फेफे अबी दायजी के फाये भं फता ही यही है कक भनें फात फदर दी है औय गुड्डी के फाये भं ऩूछने रगता हूॊ। िह खुश हो कय फताती है - गुड्डी दा फीए दा ऩैरा सार है। विच्चं बफभाय ऩै गई सी। विचायी दा इक सार भायेमा गमा। कंदी ए - भ ंसारयमाॊ दी कसय कल्रे ई ऩूयी कयाॊ गी। फड़ी सोणी ते स्माणी हो गई ए तेयी बैण। ऩूया घय कल्रे सॊबार रदंी ए। ऩैरे ताॊ तैनूॊ फोत ऩुछदी सी..पेय होरी होरी बुर गमी..। फस कारेजं आॊदी ही होिेगी।

भुझे तसल्री होती है कक चरो कोई तो ऩढ़े लरख गमा। खासकय गुड्डी को दायजी ऩढ़ेा यहे हं, मही फहुत फड़ी फात है। अबी हभ गुड्डी की फात कय ही यहे हं कक िोय से दयिाजा खुरने की आिाज आती है। भ ंभुड़ कय देखता हूॊ। सपेद सरिाय कभीज भं एक रड़की दयिाजे भं खड़ी है। साॊस पूरी हुई। हाथ भं ढेय सायी ककताफं औय आॊखं भं फेइन्तहाॊ हैयानी। िह आॊखं फड़ी फड़ी कयके भेयी तयप देख यही है। भ ंउसे देखते ही उठ खड़ा होता हूॊ - गुड्डी ..! भ ंिोय से कहता हूॊ औय अऩनी फाहं प ठरा देता हूॊ।

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9 देस बफयाना ™½¬¸ £¸›¸¸¹•¸

िह रऩक कय भेयी फाहं भं आ गमी है। उसकी साॊस धंकनी की तयह तेज चर यही है। फहुत जोय से योने रगी है िह। फड़ी भुजश्कर से योते योते - िीय.. . जी.... िीय जी.. ..! ही कह ऩा यही है। भ ंउसके कॊ धे थऩथऩा कय चुऩ कयाता हूॊ। भेये लरए खुद की रुराई योक ऩाना भुजश्कर हो यहा है। फेफे बी योने रगी है।

फड़ी भुजश्कर से हभ तीनं अऩनी रुराई ऩय काफू ऩाते हं। तबी अचानक गुड्डी बाग कय यसोई भं चरी गमी है। फाहय आते सभम उसके हाथ भं थारी है। थारी भं भैरी, चािर औय टीके का साभान है। िह भेये भाथे ऩय टीका रगाती है औय भेयी फाॊह ऩय भौरी फाॊधती है। उसकी स्नेह बािना भुझे बीतय तक लबगो गमी है। फेफे भुग्ध बाि से मे सफ देखे जा यही है। गुड्डी जो बी कहती जा यही है, भ ंिैसे ही कयता जा यहा हूॊ। जफ उसने अऩने सबी अयभान ऩूये कय लरमे हं तो उसने झुक कय ऩूये आदय के साथ भेये ऩैय छूए हं।

भ ंउसके लसय ऩय चऩत रगा कय आशीषं देता हूॊ औय बीतय से फैग राने के लरए कहता हूॊ। िह बायी फैग उठा कय राती है। उसके लरए रामे साभान से उसकी झोरी बय देता हूॊ। िह हैयानी से साया साभान देखती यह जाती है - मे सफ आऩ भेये लरए रामे हं।

- तुझे विश्वास नहीॊ है?

- विश्वास तो है रेककन इतना खयचा कयने की क्मा जरूयत थी? उसने िाकॎ भैन के ईमय पोन तुॊत ही कानं से रगा लरमे हं।

- ओमे फड़ी आमी खयचे की चाची, अच्छा एक फात फता - तू योि ही इस तयह बाग कय कॉरेज से आती है?

- अगय योज योज भेये िीयजी आमं तो भ ंयोि ही कॉरेज से बाग कय आऊॊ ।

िह गिस से फताती है - अबी भ ंसड़क ऩय ही थी कक ककसी ने फतामा - ओमे घय जा कुडड़मे, घय से बागा हुआ तेया बाई िावऩस आ गमा है। फहुत फड़ा अपसय फन के। एकदभ गफरू जिान टदखता है। जा िो तेयी याह देख यहा होगा। ऩहरे तो भुझे विश्वास ही नहीॊ हुआ कक हभाया िीय बी कबी इस तयह से िावऩस आ सकता है। भनें सोचा कक हभ बी तो देखं कक कौन गफरू जिान हभाये िीयजी फन कय आमे हं जजनकी तायीप ऩूया भौहल्रा कय यहा है। िया हभ बी देखं िे कैसे टदखते हं। कपय हभने सोचा, आखखय बाई ककसके हं। स्भाटस तो हंगे ही। भनें ठीक ही सोचा है ना िीय जी....!

- फातं तो तू खूफ फना रेती है। कुछ ऩढ़ेाई बी कयती है मा नहीॊ?

जिाफ फेफे देती है - साया टदन कताफाॊ विच लसय खऩाॊदी यंदी ए। ककन्नी िायी केमा ए इन्नू - इन्ना ना ऩढे़ेमा कय। तूॊ केड़ी करकटयी कयणी ए, ऩय ऐ साडी गर सुण रिे ताॊ गुड्डी नाॊ ककसदा?

अबी फेफे उसके फाये भं मह फात फता ही यही है कक िह भुझे एक डामयी राकय टदखाती है। अऩनी कविताओॊ की डामयी।

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10 देस बफयाना ™½¬¸ £¸›¸¸¹•¸

भ ंहैयान होता हूॊ - हभायी गुड्डी कविताएॊ बी लरखती है औय िो बी इस तयह के भाहौर भं।

ऩूछता हूॊ भ ं- कफ से लरख यही है?

- तीन चाय सार से। कपय उसने एक औय पाइर टदखामी है। उसभं स्थानीम अखफायं औय कॉरेज भैगजीनं की कतयनं हं। उसकी छऩी कविताओॊ की। गुड्डी की तयक्की देख कय सुकून हुआ है। फेफे ने बफल्र ूऔय गोर ूकी जो तस्िीय खीॊची है उससे उन दोनं की तो कोई खास इभेज नहीॊ फनती।

गुड्डी भेये फाये भं ढेय साये सिार ऩूछ यही है, अऩनी छोटी छोटी फातं फता यही है। फहुत खुश है िह भेये आने से। भ ंफैग से अऩनी डामयी तनकार कय देखता हूॊ। उसभं दो एक एॊट्रीज ही हं।

डामयी गुड्डी को देता हूॊ - रे गुड्डी, अफ तू अऩनी कविताएॊ इसी डामयी भं लरखा कय।

इतनी खूफसूयत डामयी ऩा कय िह फहुत खुश हो गमी है। तबी िह डामयी ऩय भेये नाभ के नीचे लरखी डडचिमाॊ देख कय चंक जाती है,

- िीयजी, आऩने ऩीएच डी की है?

- हाॊ गुड्डी, खारी फैठा था, सोचा, कुछ ऩढ़े लरख ही रं।

- हभं फनाइमे भत, कोई खारी फैठे यहने से ऩीएच डी थोडे़ ही कय रेता है। आऩके ऩास तो कबी फु़ससत यही बी होगी मा नहीॊ, हभं शक है। सच फताइमे ना, कहाॊ से की थी?

- अफ तू जिद कय यही है तो फता देता हूॊ। एभटैक भं मुतनिलससटी भं टॉऩ कयने के फाद भेये साभने दो ऑपय थे - एक फहुत फड़ी विदेशी कम्ऩनी भं फटढ़ेमा जॉफ मा अभेरयका भं एक मुतनिलससटी भं ऩीएच डी के लरए स्कॉरयलशऩ। भनें सोचा, नौकयी तो जिॊदगी बय कयनी ही है। रगे हाथं ऩीएच डी कय रं तो िावऩस टहन्दसु्तान आने का बी फहाना फना यहेगा। नौकयी कयने गमे तो ऩता नहीॊ कफ रौटं। आखखय तुझे मे डामयी, मे िॉक भैन औय मे साया साभान देने तो आना ही था ना...। भनें उसे सॊऺेऩ भं फतामा है।

- जफ अभेरयका गमे हंगे तो खूफ घूभे बी हंगे? ऩूछती है गुड्डी। अभेरयका का नाभ सुन कय फेफे बी ऩास सयक आमी है।

- कहाॊ घूभना हुआ। फस, हॉस्टर का कभया, गाइड का कभया, क्रास रूभ, राइबे्रयी औय कंटीन। आखखय भं जफ सफ रोग घूभने तनकरे थे तबी दो चाय जगहं देखी थीॊ।

हॉसते हुए कहती है िह - िहाॊ कोई गोयी ऩसॊद नहीॊ आमी थी?

भ ंहॉसता हूॊ - ओमे ऩगलरमे। मे फाहय की रड़ककमाॊ तो फस एÿिेई होती हं। हभ रोगं के रामक थोडे़ ही होती हं। तू खुद फता अगय भ ंिहा से कोई भेभ शेभ रे आता तो मे फेफ भुझे घय भं घुसने देती?

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11 देस बफयाना ™½¬¸ £¸›¸¸¹•¸

मह सुन कय फेफे ने तसल्री बयी ठॊडी साॊस री है। कभ से कभ उसे एक फात का तो विश्वास हो गमा है कक भ ंअबी कुॊ िाया हूॊ।

गुड्डी आिह कयती है - िीयजी कुछ लरखो बी तो सही इस ऩय.. भ ंअऩनी सायी सहेलरमं को टदखाऊॊ गी।

- ठीक है, गुड्डी, तेये लरए भ ंलरख बी देता हूॊ।

भ ंडामयी भं लरखता हूॊ - अऩनी छोटी, भोटी, दरुायी औय प्मायी फहन गुड्डी को जो एक भेरे के चक्कय भं भुझसे बफछु़ड़ गमी थी। 'दीऩ'

डामयी रे कय िह तुॊत ही उसभं ऩता नहीॊ क्मा लरखने रग गमी है। भ ंऩूछता हूॊ तो टदखाने से बी भना कय देती है। आॊगन भं चायऩाई ऩय रेटे रेटे गुड्डी से फातं कयते-कयते ऩता नहीॊ कफ आॊख रग गमी होगी। अचानक शोय-शयाफे से आॊख खुरी तो देखा, दायजी भेये लसयहाने फैठे हं। ऩहरे की तुरना भं फेहद कभिोय औय टूटे हुए आदभी रगे िे भुझे। भ ंतुॊत उठ कय उनके ऩैयं ऩय चगय गमा हूॊ। भ ंएक फाय कपय यो यहा हूॊ। भ ंदेख यहा हूॊ, दायजी भेये लसय ऩय हाथ पेयते हुए अऩनी आॊखं ऩंछ यहे हं। उन्हं शामद फेफे ने भेयी याभ कहानी सुना दी होगी इसलरए उन्हंने कुछ बी नहीॊ ऩूछा। लसपस एक ही िाक्म कहा है - तेये टहस्से विच घयं फाय जा के ई आदभी फनण लरखेमा सी। शामद यब्फ नूॊ ऐही भॊिूय सी।

भनें लसय झुका लरमा है। क्मा कहूॊ। फेफे भुझे अबी फता ही चुकी है घय से भेये जाने के फाद का दायजी का व्मिहाय। भुझे फेफे की फात ऩय विश्वास कयना ही ऩडे़गा। दायजी भेये लरए कुछ बी कय सकते हं। मे फूढ़ेा जजद्दी आदभी, जजसने अऩने गुस्से के आगे ककसी को बी कुछ नहीॊ सभझा। फेफे फता यही थी - जद तैनूॊ अद्धे अधूये कऩडेमाॊ विच घयं कडेमा सी ताॊ दायजी कई टदनाॊ तक इस गल्र नूॊ भनण रई त्माय ई नईं सन कक इस विच उन्नादी कोई गरती सी। ओ ते सायेमाॊ नूॊ सुणा-सुणा के ए ही कंदे यमे - भेयी तयपं दीऩ ूकर भयदा ए, ताॊ अज भय जािे। सायेमाॊ ने एन्ना नूॊ सभझामा सी - छोटा फच्चा ए। विचाया ककत्थे भायेमा भायेमा कपयदा होिेगा। रेकन तेये दायजी नईं भन्ने सी। ओ ताॊ ऩुरस विच यऩोट कयाण िी नईं गए सन। भ ंई हत्थ जोड़ जोड़ के तेये भाभे नूॊ अगे बेजमा सी रेकन ओ िी उत्थं खारी हत्थ िाऩस आ गमा सी। ऩुरस ने जदं तेयी पोटो भॊग्गी ताॊ तेया भाभा उत्थे ई यो ऩेमा सी - थानेदायजी, उसदी इक अध पोटो ताॊ है, रम्भे केशाॊ िारी जूडे़ दे नार, रेकन उस नार ककदाॊ ऩता चरेगा दीऩ ू दा ..। ओ ते केस कटिा के आमा सी इसे रई ताॊ गयभागयभी विच घय छड्ड के नठ गमा ए..।

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12 देस बफयाना ™½¬¸ £¸›¸¸¹•¸

भुझे जफ फेफे मे फात फता यही थी तो जैसे भेयी ऩीठ ऩय फचऩन भं दायजी की भाय के साये के साये जख्भ टीस भायने रगे थे। अफ बी दायजी के साभने फैठे हुए भ ंसोच यहा हूॊ - अगय भ ंतफ बी घय से न बागा होता तो भेयी जिॊदगी ने क्मा रुख लरमा होता। मे तो तम है, न भेये टहस्से भं इतनी ऩढ़ेाई लरखी होती औय न इतना सुकून। तफ भ ंबी गोरू बफल्र ूकी तयह ककसी दकुान ऩय सेल्सभैनी कय यहा होता।

भ ंदायजी के साथ ही खाना खाता हूॊ।

खाना जजद कयके गुड्डी ने ही फनामा है।

फेफे ने उसे छेड़ा है - भ ंरख किाॊ, कदी ते दो पुरके सेक टदत्ता कय। ऩयामे घय जािंगी ताॊ की कयंगी रेकन कदी यसोई दे नेडे़ नईं आिेगी। अज िीय दे बाग जग गमे हन कक साडी गुड्डी योटी ऩका यई ए।

फेफे बी अजीफ है। जफ तक गुड्डी नहीॊ आमी थी उसकी खूफ तायीपं कय यही थी कक ऩूया घय अकेरे सॊबार रेती है औय अफ ...।

खाना खा कय दायजी गोरू औय बफल्र ूको खफय कयने चरे गमे हं।

भ ंघय के बीतय आता हूॊ। साया घय देखता हूॊ।

घय का साभान देखते हुए धीये-धीये बूरी बफसयी फातं माद आने रगी हं। माद कयता हूॊ कक तफ घय भं क्मा क्मा हुआ कयता था। कुर लभरा कय घय भं ऩुयानाऩन है। जैसे अयसे से ककसी ने उसे जस का तस छोड़ यखा हो। फेशक इस फीच यॊग योगन बी हुआ ही होगा रेककन कपय बी एक स्थामी ककस्भ का ऩुयानाऩन होता है चीजं भं, भाहौर भं औय कऩड़ं तक भं, जजसे झाड़ ऩंछ कय दयू नहीॊ ककमा जा सकता।

हाॊ, एक फात जरूय रग यही है कक ऩूये घय भं गुड्डी का स्ऩशस है। हरका-सा मुिा स्त्राú स्ऩशस। उसने जजस चीज को बी झाड़ा ऩंछा होगा, अऩनी ऩसॊद औय चमन की नैसचगसक भहक उसभं छोड़ती चरी गमी होगी। मह भेये लरए नमा ही अनुबि है। फडे़ कभये भं एक ऩैनासोतनक के ऩुयाने से स्टीरयमो ने बी इस फीच अऩनी जगह फना री है। एक ऩुयाना ब्रैक एॊड व्हाइट टीिी बी एक कोने भं वियाजभान है। जफ गमा था तो टीिी तफ शहय भं ऩूयी तयह आमे ही नहीॊ थे। टीिी चरा कय देखता हूॊ। खयाफ है।

फॊद कय देता हूॊ। सोचता हूॊ, जाते सभम एक करय टीिी महाॊ के लरए खयीद दूॊगा। अफ तो घय-घय भं करय टीिी हं।

छोटे कभये भं जाता हूॊ। हभ रोगं के ऩढ़ेने लरखने के पारतू साभान यखने का कभया मही होता था। हभ बाइमं औय दोस्तं के साये सीके्रट अलबमान महीॊ ऩूये ककमे जाते थे क्मंकक दायजी इस कभये भं फहुत कभ आते थे। इसी कभये भं हभ कॊ चे छुऩाते थे, रूटी हुई ऩतॊगं को दायजी के डय से अरभायी के ऩीछे छुऩा कय यखते थे। गुल्री डॊडा तो खैय दायजी ने हभं कबी फना कय टदमे हं, माद नहीॊ आता। भुझे ऩता है, अल्भायी के ऩीछे िहाॊ अफ कुछ नहीॊ

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13 देस बफयाना ™½¬¸ £¸›¸¸¹•¸

होगा कपय बी अल्भायी के ऩीछे झाॊक कय देखता हूॊ। नहीॊ, िहाॊ कोई ऩतॊग नहीॊ है। जफ गमा था तफ िहाॊ भेयी तीन चाय ऩतॊगं यखी थीॊ। एक आध चयखी भाॊझे की बी थी।

यात को हभ सफ इकटे्ठ फैठे हं। जैसे फचऩन भं फैठा कयते थे। फडे़ िारे कभये भं। सफ के सफ अऩनी अऩनी चायऩाई ऩय जभे हुए। तफ इस तयह फैठना लसपस सटदसमं भं ही होता था। फेफे खाना फनाने के फाद कोमरे िारी अॊगीठी बी बीतय रे आती थी औय हभ चायं बाई फहन दायजी औय फेफे उसके चायं तयप फैठ कय हाथ बी संकते यहते औय भूॊगपरी मा येिड़ी िगैयह खाते यहते। यात का मही िक्त होता था जफ हभ बाई फहनं भं कोई झगड़ा नहीॊ होता था।

अफ घय भं गैस आ जाने के कायण कोमरे िारी अॊगीठी नहीॊ यही है। िैसे सदॊ अबी दयू है रेककन सफ के सफ अऩनी अऩनी चायऩाई ऩय खेस ओढे़े आयाभ से फैठे हं। भुझे फेफे ने अऩने खेस भं जगह दे दी है। ऩता नहीॊ भेयी अनुऩजस्थतत भं बी मे जभािडे़ चरते यहते थे मा नहीॊ।सफकी उत्सुकता भेयी चौदह फयस की मात्रा के फाये भं विस्ताय से सुनने की है जफकक भ ंमहाॊ के हार चार जानना चाहता हूॊ।

पैसरा मही हुआ है कक आज भ ंमहाॊ के हार चार सुनूॊगा औय कर अऩने हार फताऊॊ गा। िैसे बी टदन बय ककस्तं भं भ ंसफको अऩनी कहानी सुना ही चुका हूॊ। मे फात अरग है कक मे फात लसफ़स भ ंही जानता हूॊ कक इस कहानी भं ककतना सच है औय ककतना झूठ।

शरुूआत फेफे ने की है। बफयादयी से..। इस फीच कौन-कौन ऩूया हो गमा, ककस-ककस के ककतने-ककतने फच्चे हुए, शाटदमाॊ, दो-चाय तराक, दहेज की िजह से एकाध फहू को जराने की खफय, ककसने नमा घय फनामा औय कौन-कौन भोहल्रा छोड़ कय चरे गमे औय गरी भं कौन-कौन नमे फसने आमे। ककस के घय भं फहू की शक्र भं डामन आ गमी है जजसने आते ही अऩने भयद को अऩने फस भं कय लरमा है औय भाॊ-फाऩ से अरग कय टदमा है, मे औय ऐसी ढेयं खफयं फेफे की वऩटायी भं से तनकर यही हं औय हभ सफ भिे रे यहे हं।

अबी फेफे ने कोई फात ऩूयी नहीॊ की होती कक ककसी औय को उसी से जुड़ी औय कोई फात माद आ जाती है तो फातं का लसरलसरा उसी तयप भुड़ जाता है।

भ ंगोर ूसे कहता हूॊ - तू फायी फायी से फचऩन के सफ साचथमं के फाये भं फताता चर।

िह फता यहा है - प्रिेश ने फीए कयने के फाद एक होटर भं नौकयी कय री है। अॊिेजी तो िह तबी से फोरने रगा था। आजकर याजऩुय योड ऩय होटर भीडो भं फड़ी ऩोस्ट ऩय है। शादी कयके अफ अरग यहने रगा है। ऊऩय जाखन की तयप घय फनामा है उसने।

- फॊसी इसी घय भं है। हार ही भं शादी हुई है उसकी। भाॊ-फाऩ दोनं भय गमे हं उनके।

- औय गाभा?

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14 देस बफयाना ™½¬¸ £¸›¸¸¹•¸

भुझे गाभे की अगुिाई भं की गमी कई शयायतं माद आ यही हं। दसूयं के फगीचं भं अभरूद, रीची औय आभ तोड़ने के लरए हभाये िुऩ के साये रड़के उसी के साथ जाते थे।

बफल्र ूफता यहा है - गाभा फेचाया ग्मायहिीॊ तक ऩढ़ेने के फाद आजकर सब्जी भॊडी के ऩास गयभ भसारे फेचता है। िहीॊ ऩय ऩक्की दकुान फना री है औय खूफ कभा यहा है।

- दायजी, मे नॊद ूिारे घय के आगे भनें ककसी भेहयचॊद की नेभ प्रेट देखी थी। िे रोग बी घय छोड़ गमे हं क्मा? भ ंऩूछता हूॊ।

- भॊगायाभ बफचाया भय गमा है। फहुत फुयी हारत भं भया था। इराज के लरए ऩैसे ही नहीॊ थे। भजफूयन घय फेचना ऩड़ा। उसके भयने के फाद नॊद ूकी ऩढ़ेाई बी छूट गमी। रेककन भानना ऩडे़गा नॊद ूको बी। उसने ऩढ़ेाई छोड़ कय फाऩ की जगह कई सार तक ठेरा रगामा, फाऩ का काभ आगे फढ़ेामा औय अफ उसी ठेरे की फदौरत नहयिारी गरी के लसये ऩय ही उसका शानदाय होटर है। विजम नगय की तयप अऩना घय-फाय है औय चाय आदलभमं भं इज्जत है।

- भ ंआऩको एक भजेदाय फात फताती हूॊ िीय जी।

मे गुड्डी है। हभेशा सभझदायी बयी फातं कयती है।

- चर तू ही फोर दे ऩहरे। जफ तक भन की फात न कह दे, तेये ही डकाय ज्मादा अटके यहते हं। बफल्र ूने उसे छेड़ा है।

- यहने दे फड़ा आमा भेये डकायं की चचॊता कयने िारा। औय तू जो भेयी सहेलरमं के फाये भं खोद खोद के ऩूछता यहता है िो...। गुड्डी ने फदरा रे लरमा है।

बफल्र ूने रऩक कय गुड्डी की चुटटमा ऩकड़ री है - भेयी झूठी चुगरी खाती है। अफ आना भेये ऩास ऩॊज यऩइमे भाॊगने।

गुड्डी चचल्रामी है - देखो ना िीयजी, एक तो ऩॊज यऩइमे का रारच दे के ना भेयी सहेलरमं ....। बफल्र ूशयभा गमा है औय उसने गुड्डी के भुॊह ऩय हाथ यख टदमा है - देख गुड्डी, खफयदाय जो एक बी शब्द आगे फोरा तो।

सफ भजे रे यहे हं। शामद मे उन दोनं के फीच का योज का ककस्सा है।

- तूॊ िी इन्नाॊ ऩागराॊ दे चक्कय विच ऩै गेमा एॊ। ऐ ते इन्ना दोिाॊ दा योज दा योणा ऐ। फेफे इतनी देय फाद फोरी है।

- असी ते सोइमे हुण। गोरू ने अऩने लसय के ऊऩय चादय खीॊच री है। गप्ऩफाजी का लसरलसरा महीॊ टूट गमा है।

फाकी सफ बी उफालसमाॊ रेने रगे हं। तबी बफल्र ूने टोका है - रेककन िीया, आऩके ककस्से तो यह ही गमे ।

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- अफ कर सुनना ककस्से। अफ भुझे बी नीॊद आ यही है। कहते हुए भ ंबी फेफे की चायऩाई ऩय ही भुड़ी-तु़ड़ी हो कय ऩसय गमा हूॊ। फेफे भेये फारं भं उॊगलरमाॊ कपया यही है। चौदह फयस फाद फेफे के भभताबये आॊचर भं आॊखं फॊद कयते ही भुझे तुॊत नीॊद आ गमी है। ककतने फयस फाद सुकून की नीॊद सो यहा हूॊ। देख यहा हूॊ इस फीच फहुत कुछ फदर गमा है। फहुत कुछ ऐसा बी रग यहा है जजस ऩय सभम के कू्रय ऩॊजं की खयंच तक नहीॊ रगी है। सफ कुछ जस का तस यह गमा है। घय भं बी औय फाहय बी.. । दायजी फहुत दफुरे हो गमे हं। अफ उतना काभ बी नहीॊ कय ऩाते, रेककन उनके गुस्से भं कोई कभी नहीॊ आमी है। कर फेफे फता यही थी - फच्चे जिान हो गमे हं, शादी के रामक होने को आमे रेककन अबी बी उन्हं जरीर कयने से फाज नहीॊ आते। उनके इसी गुस्से की िजह से अफ तो कोई भोमा िाहक ही नहीॊ आता।

गोर ूऔय बफल्र ूअऩने अऩने धॊधे भं बफजी है। फेफे ने फतामा तो नहीॊ रेककन फातं ही फातं भं कर ही भुझे अॊदाजा रग गमा था कक गोर ू के लरए कहीॊ फात चर यही है। अफ भेये आने से फात आगे फढे़ेगी मा ठहय जामेगी, कहा नहीॊ जा सकता। अफ फेफे औय दायजी उसके फजामे कहीॊ भेये लरए .. .. नहीॊ मह तो गरत होगा। फेफे को सभझाना ऩडे़गा।

मे गोर ूऔय बफल्र ूबी अजीफ हं। कर ऩहरे तो तऩाक से लभरे, थोड़ी देय योमे-धोमे। जफ भनें उन्हं उनके उऩहाय दे टदमे तो फहुत खुश बी हुए रेककन जफ फाद भं फातचीत चरी तो भेये हारचार जानने के फजामे अऩने दखुडे़ सुनाने रगे। दायजी औय फेफे की चुगलरमाॊ खाने रगे। भ ंथोड़ी देय तक तो सुनता यहा रेककन जफ मे ककस्से फढ़ेने रगे तो भनें फयज टदमा - भ ंमे सफ सुनने के लरए महाॊ नहीॊ आमा हूॊ। तुम्हायी जजससे बी जो बी लशकामतं हं, सीधे ही तनऩटा रो तो फेहतय। इतना सुनने के फाद दोनं ही उठ कय चर टदमे थे। यात को फेशक थोड़ा-फहुत हॊसी भिाक कय यहे थे, रेककन सिेये-सिेये ही तैमाय हो कय - अच्छा िीयजी, तनकरते हं, कहते हुए दोनं एक साथ ही दयिाजे से फाहय हो गमे हं। गुड्डी के बी कॉरेज का टाइभ हो यहा है, औय कपय उसने सफ सहेलरमं को बी तो फताना है कक उसका सफसे प्माया िीय िावऩस आ गमा है।

हॉसती है िह - िीयजी, शाभ को भेयी सायी सहेलरमाॊ आऩसे लभरने आमंगी। उनसे अच्छी तयह से फात कयना।

भ ंउसकी चुटटमा ऩकड़ कय खीॊच देता हूॊ - ऩगलरमे, भनें तेयी सायी सहेलरमं से क्मा बफमाह यचाना है जो अच्छी तयह से फात करूॊ । रे मे दो सौ रुऩमे। अऩनी सायी सखखमं को भेयी तयप से आइसक्रीभ खखरा देना। िह खुशी-खुशी कॉरेज चरी गमी है। छत ऩय खडे़ हो कय चायं तयप देखता हूॊ। हभाये घय से सटे फतछत्तय चाचे का घय। भेये हय िक्त के जोड़दाय जोगी, जोचगन्दय लस ॊह का घय। उनके के टूटे-पूटे भकान की जगह दभुॊजजरा

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आरीशान भकान खड़ा है। फाकी साये भकान कभोफेश उन्हीॊ ऩुयानी दीिायं के कॊ धं ऩय खडे़ हं। कहीॊ-कहीॊ छत ऩय एकाध कभया फना टदमा गमा है मा टटन के शेड डार टदमे गमे हं।

नीचे उतय कय फेफे से कहता हूॊ - जया फाजाय का एक चक्कय रगा कय आ यहा हूॊ। िाऩसी ऩय नॊद ूकी दकूान से होता हुआ आऊॊ गा।

भ ंगलरमाॊ गलरमं ही ततरक योड की तयप तनकर जाता हूॊ औय िहाॊ से बफ ॊदार की तयप से होता हुआ चकयाता योड भुड़ जाता हूॊ। कनाट प्रेस के फदरे हुए रूऩ को देखता हुआ चकयाता योड औय िहाॊ से घूभता-घाभता घॊटाघय औय कपय िहाॊ से ऩरटन फािाय की तयप तनकर आमा हूॊ। मूॊ ही दोनं तयफ़ की दकुानं के फोडस देखते हुए टहर यहा हूॊ।

लभशन स्कूर के ठीक आगे से गुियते हुए फचऩन की एक घटना माद आ यही है। तफ भ ंएक ऩऩीते िारे से महीॊ ऩय वऩटते-वऩटते फचा था। हभायी कऺा के प्रदीऩ अयोड़ा ने नई साइककर खयीदी थी। भेया अच्छा दोस्त था प्रदीऩ। याजऩुय योड ऩय यहता था िो। घय दयू होने के कायण िह खाने की आधी छुट्टी भं खाना खाने घय नहीॊ जाता था फजल्क स्कूर के आस-ऩास ही दोस्तं के साथ चक्कय काटता यहता था। भ ंखाना खाने घय आता था रेककन आने-जाने के चक्कय भं अकसय िावऩस आने भं देय हो ही जाती थी। इसलरए कई फाय प्रदीऩ अऩनी साइककर भुझे दे देता। इस तयह भेये दस- ऩद्रह लभनट फच जाते तो हभ मे सभम बी एक साथ गुिाय ऩाते थे। साइककर चरानी तफ सीखी ही थी। एक टदन इसी तयह भ ंखाना खा कय िावऩस जा यहा था कक लभशन स्कूर के ऩास बीड़ के कायण फैरंस बफगड़ गमा। इससे ऩहरे कक भ ंसाइककर से नीचे उतय ऩाता, भेया एक हाथ ऩऩीतं से बये एक हथठेरे के हत्थे ऩय ऩड़ गमा। भेया ऩूया िजन हत्थे ऩय ऩड़ा औय भेये चगयने के साथ ही ठेरा खड़ा होता चरा गमा। साये ऩऩीते ठेरे ऩय से सड़क ऩय रुढ़ेकते आ चगये। ऩऩीते िारा फूढ़ेा भुसरभान िहीॊ ककसी िाहक से फात कय यहा था। अऩने ऩऩीतं का मे हार देखते ही िह गुस्से से काॊऩने रगा। भेयी तो जान ही तनकर गमी। साइककर के नीचे चगये-चगये ही भ ंडय के भाये योने रगा। वऩटने का डय जो था सो था, उससे ज्मादा डय प्रदीऩ की साइककर तछन जाने का था। िहाॊ एक दभ बीड़ जभा हो गमी थी। इससे ऩहरे कक ऩऩीते िारा भुसरभान भेयी साइककर छीन कय भुझ ऩय हाथ उठा ऩाता, ककसी को भेयी हारत ऩय तयस आ गमा औय उसने भुझे तेजी से खड़ा ककमा, साइककर भुझे थभामी औय तुॊत बाग जाने का इशाया ककमा। भ ंसाइककर हाथ भं लरमे लरमे ही बागा था।

उस टदन के फाद कई टदन तक भ ं लभशन स्कूर िारी सड़क से ही नहीॊ गुजया था। भुझे ऩता है, ऩऩीते के ठेरे िारा िह फूढ़ेा भुसरभान इतने फयस फाद इस सभम महाॊ नहीॊ होगा रेककन कपय बी परं के सबी ठेरे िारं की तयप एक फाय देख रेता हूॊ। आगे कोतिारी के ऩास ही नॊद ूका होटर है।

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17 देस बफयाना ™½¬¸ £¸›¸¸¹•¸

चरो, एक शयायत ही सही। अच्छी चाम की तरफ बी रगी हुई है। नॊद ूके हेटर भं ही चाम ऩी जामे। एक िाहक के रूऩ भं। ऩरयचम उसे फाद भं दूॊगा। िैसे बी िह भुझे इस तयह से ऩहचानने से यहा।

नॊद ूकाउॊ टय ऩय ही फैठा है। चेहये ऩय यौनक है औय सॊतुष्ट जीिन का बाि बी। भेयी ही उम्र का है रेककन जैसे फयसं से इसी तयह धॊधे कयने िारे रोगं के चेहये ऩय एक तयह का तघसी हुई यकभ िारा बाि आ जाता है, उसके चेहये ऩय बी िही बाि है। फहुत ही अच्छा फनामा है होटर नॊद ू ने। फेशक छोटा-सा है रेककन उसभं ऩूयी भेहनत औय करात्भक अलबरुचच का ऩता चर यहा है। दकुान के फाहय ही फोडस रगा हुआ है - आउटडोय कैटेरयडग अॊडय टेकन।

िेटय ऩानी यख गमा है। भ ंचाम का आडसय देता हूॊ। चाम का ऩेभंट कयने के फाद भ ंिेटय से कहता हूॊ कक िया अऩने साहफ को फुरा रामे। एक आउटडोय कैटरयडग का आडसय देना है।

नॊद ूबीतय आमा है। हाथ भं भीन ूकाडस औय आडसय फुक है - कटहमे साहफ, कैसी ऩाटॊ देनी है आऩको? उसने फहुत ही आदय से ऩूछा है।

- फैठो। भनें उसे आदेश टदमा है।

उसके चेहये का यॊग फदरा है औय िह सॊकोच कयते हुए फैठ गमा है।

भ ंअऩने को बयसक नाभसर फनामे यखते हुए उससे ऩूछता हूॊ

- आऩके महाॊ ककस ककस्भ की ऩाटॊ का इॊतजाभ हो सकता है?

िह आयाभ से फैठ गमा है - देखखमे साहफ, हभ हय तयह की आउटडोय कैटेरयॊग के आडसय रेते हं। आऩ लसपस हभं मे फता दीजजमे कक ऩाटॊ कफ, कहाॊ औय ककतने रोगं के लरए होनी है। फाकी आऩ हभ ऩय छोड़ दीजजमे। भीन ूआऩ तम कयंगे मा..

िह अफ ऩूयी तयह दकुानदाय हो गमा है - आऩ को बफरकुर बी लशकामत का भौका नहीॊ लभरेगा। िेज, नॉन-िेज औय आऩ जैसे खास रोगं के लरए हभ डि ॊक्स ऩाटॊ का बी इॊतजाभ कयते हं।

तबी उसे ख्मार आता है - आऩ कॉपी रंगे मा ठॊडा?

- थकं्स। भनें अबी ही चाम ऩी है।

- तो क्मा हुआ? एक कॉपी हभाये साथ बी रीजजमे। िह िेटय को दो कॉपी राने के लरए कहता है औय कपय भुझसे ऩूछता है

- फस, आऩ हभं अऩनी िरूयत फता दीजजमे। कफ है ऩाटॊ ?

- ऐसा है खुयाना जी कक ऩाटॊ तो भ ं दे यहा हूॊ रेककन सायी चीजं, भीन,ू जगह, तायीख भेहभान आऩ ऩय छोड़ता हूॊ। सफ कुछ आऩ ही तम कयंगे। भ ंआऩको भेहभानं की

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लरस्ट दे दूॊगा। उनभं से ककतने रोग शहय भं हं, मे बी आऩ ही देखंगे औय उन्हं आऩ ही फुरामंगे औय ....।

- फड़ी अजीफ ऩाटॊ है, खैय, आऩ कपक्र न कयं। आऩ शामद फाहय से आमे हं। हभ आऩको तनयाश नहीॊ कयंगे। तो हभ भीन ूतम कय रं ..?

- उसकी कोई िरूयत नहीॊ है, आऩ फाद भं अऩने आऩ देख रेना।

भ ंफड़ी भुजश्कर से अऩनी हॉसी योक ऩा यहा हूॊ। नॊद ूको फेिकूप फनाने भं भुझे फहुत भिा आ यहा है। उसे सभझ भं नही आ यहा है कक मे ऩाटॊ कयेगा कैसे...।

कॉपी आ गमी है।

आखखय िह कहता है - आऩ कॉपी रीजजमे औय भेहभानं के नाभ ऩते तो फताइमे ताकक भ ंउन्हं आऩकी तयप से इन्िाइट कय सकूॊ ,.. मा आऩ खुद इन्िाइट कयंगे? िह साप-साप ऩयेशान निय आ यहा है।

- ऐसा है कक कपरहार तो भ ंअऩने एक खास भेहभान का ही नाभ फता सकता हूॊ। आऩ उससे लभर रीजजमे, िही आऩको सफके नाभ औय ऩते फता देगा। भ ंउसकी ऩयेशानी फढ़ेाते हुए कहता हूॊ।

- ठीक है िही दे दीजजमे। उसने सयॊडय कय टदमा है।

- उसका नाभ है नॊद रार खुयाना, कऺा 7 डी, योर नम्फय 27, गाॊधी स्कूर।

मह सुनते ही िह कागज ऩैन छोड़ कय उठ खड़ा हुआ है औय हैयानी से भेये दोनं कॊ धे ऩकड़ कय ऩूछ यहा है - आऩ .. आऩ कौन हं ? भ ंइतनी देय से रगाताय कोलशश कय यहा हूॊ कक इस तयह की तनयारी ऩाटॊ के नाभ ऩय आऩ िरूय भुझसे शयायत कय यहे हं। कौन हं आऩ, िरूय भेये फचऩन के औय सातिीॊ क्रास के ही दोस्त यहे हंगे..!

भ ंभुस्कुया यहा हूॊ - ऩहचानो खुद !

िह भेये चेहये-भोहये को अच्छी तयह देख यहा है। अऩने लसय ऩय हाथ भाय यहा है रेककन उसे सभझ नहीॊ आ यहा, भ ंकौन हो सकता हूॊ।

िह माद कयते हुए दो-तीन नाभ रेता है उस िक्त की हभायी क्रास के फच्चं के। भ ंइनकाय भं लसय टहराता यहता हूॊ। उसकी ऩयेशानी फढ़ेती जा यही है।

अचानक उसके गरे से चीख तनकरी है - आऩ .. आऩ गगनदीऩ, दीऩ.. दीऩ.ू.!

िह रऩक कय साभने की कुसॉ से उठ कय भेयी तयप आ गमा है औय िोय-िोय से योते हुए तऩाक से भेये गरे से रग गमा है। िह योमे जा यहा है। फोरे जा यहा है - आऩ कहाॊ चरे गमे थे। हभं छोड़ कय गमे औय एक फाय बी भुड़ कय नहीॊ देखा आऩने। सच भातनमे, आऩके आने से भेये भन ऩय यखा ककतना फड़ा फोझ उतय गमा है। हभ तो भान फैठे थे कक इस जनभ भं तो आऩसे लभरना हो बी ऩामेगा मा नहीॊ।

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भ ंबी उसके साथ सुफक यहा हूॊ। यो यहा हूॊ। अऩने भन का फोझ हरका कय यहा हूॊ।

योते योते ऩूछता हूॊ - क्मं फे क्मा फोझ था तेये भन ऩय। औय मे क्मा दीऩ जी दीऩ जी रगा यखा है ?

- सच कह यहा हूॊ जफ आऩ गमे थे, तुभ .. ..तू गमा था तो हभ सफ के सफ तेये चायं तयप बीड़ रगा कय खडे़ थे। तुझे योते-योते सुफह से दोऩहय हो गमी थी। हभ सफ फीच-फीच भं घय जा कय खाना बी खा आमे थे रेककन तुझे खाने को ककसी ने बी नहीॊ ऩूछा था। तेये घय से तो खाना क्मा ही आता। तेये बाई बी तो िहीॊ खडे़ थे। लसपस भ ंही था जो बफना ककसी को फतामे तेये लरए खाने का इॊतिाभ कय सकता था। तेये लरए अऩने फाऊ की हट्टी से एक प्रेट छोरे बटूये ही रा देता। रेककन हभ सफ फच्चं को जैसे रकिा भाय गमा था। हभ फच्चे तेये जाने के फाद फहुत योमे थे। तुझे फहुत टदनं तक ढूॊढते यहे थे। फहुत टदनं तक तो हभ खेरने के लरए फाहय ही नहीॊ तनकरे थे। एक अजीफ सा डय हभाये टदरं भं फैठ गमा था।

हभ दोनं फैठ गमे हं। नॊद ूअबी बी फोरे जा यहा है - भुझे फाद भं रगता यहा कक भाय खाना तेये लरए कोई नई फात नहीॊ थी। तेये केस कटाने की ििह बी भ ंसभझ सकता था रेककन भुझे रगता यहा कक साया टदन बूखे यहने औय घय िारं के साथ-साथ साये दोस्तं की तयप से बी ऩयिाह न ककमे जाने के कायण ही तू घय छोड़ कय गमा था। अगय हभने तेये खाने का इॊतिाभ कय टदमा होता औय ककसी तयह यात हो जाती तो तू िरूय रुक जाता। हो सकता है हभायी देखा-देखी कोई फड़ा आदभी ही फीच फचाि कयके तुझे घय रे जाता। रेककन आज तुझे इस तयह देख कय भ ंफता नहीॊ सकता, भ ंककतना खुश हूॊ। िैसे रगता तो नहीॊ, तूने कोई तकरीप बोगी होगी। जजस तयह की तेयी ऩससनैलरटी तनकर आमी है, भाशा अल्राह, तेये आगे जजतेन्दय-वऩतेन्दय ऩानी बयं।

उसने कपय से भेये दोनं हाथ ऩकड़ लरमे हं - भ ंआऩको फता नहीॊ सकता, आऩको कपय से देख कय भ ंककतना खुश हूॊ। िैसे कहाॊ यहे इतने सार औय हभ गयीफं की माद इतने फयसं फाद कैसे आ गमी?

- क्मा फताऊॊ । फहुत रम्फी औय फोय कहानी है। न सुनने रामक, न सुनाने रामक। कपरहार इतना ही कक अबी तो फॊफई से आमा हूॊ। दो टदन ऩहरे ही आमा हूॊ। कर औय ऩयसं के ऩूये टदन तो घय िारं के साथ योने-धोने भं तनकर गमे। दायजी तेये फाये भं फता यहे थे कक तू महीॊ है। सफसे ऩहरे तेये ही ऩास आमा हूॊ कक तेये िरयमे सफसे भुराकात हो जामेगी। फता कौन-कौन है महाॊ ?

- अफ तो उस्ताद जी, सफसे आऩकी भुराकात मे नॊद रार खुयाना, कऺा 7 डी, योर नम्फय 27, गाॊधी स्कूर ही कयाएगा औय एक फटढ़ेमा ऩाटॊ भं ही कयामेगा।

िह िोय से हॉसा है - अफ आऩ देखखमे, नॊद रार खुयाना की कैटरयडग का कभार। चर, फीमय ऩीते हं औय तेये आने की सेलरबे्रशन की शरुूआत कयते हं।

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20 देस बफयाना ™½¬¸ £¸›¸¸¹•¸

- भ ंफीमय िगैयह नहीॊ ऩीता।

- कभार है। हभाया माय फीमय नहीॊ ऩीता। तो क्मा ऩीता है बाई?

- अबी अबी तो चाम औय कॉपी ऩी हं।

- सारे, शभस तो आमी नहीॊ कक चाम का बफर ऩहरे चुकामा औय भुझे फाद भं फुरिामा।

- भ ंदेखना चाहता था कक तू भुझे ऩहचान ऩाता है मा नहीॊ। िैसे फता तो सही, महाॊ कौन-कौन हं। महाॊ ककस-ककस से भुराकात हो सकती है?

- भुराकात तो फॉस, ऩाटॊ भं ही होगी। फोर कफ यखनी है?

- जफ भजॉ हो यख रे, रेककन भेयी दो शतं हं।

- तू फोर तो सही।

- ऩहरी फात मे कक ऩाटॊ भेयी तयप से होगी औय दसूयी फात मह कक सफको ऩहरे से फता देना कक भेये इन चौदह फयसं के फाये भं भुझसे कोई बी ककसी बी ककस्भ का सिार नहीॊ ऩूछेगा। सफके लरए इतना ही कापी है कक भ ंिावऩस आ गमा हूॊ, ठीक-ठाक हूॊ औय कपरहार ककसी बी तयह की तकरीफ़ भं नहीॊ हूॊ।

- दसूयी शतस तेयी भॊिूय रेककन ऩाटॊ तो भेयी ही तयप से औय भेये ही घय ऩय होगी। ऩयसं ठीक यहेगी?

- चरेगी। अफ चरता हूॊ। सुफह से तनकरा हूॊ। फेफे याह देखती होगी।

- खाना खा कय जाना।

- कपय आऊॊ गा। अबी नहीॊ। फेफे के ऩास फैठा हूॊ। भेये लरए खास तौय ऩय फेफे ने तॊदयू तऩामा है औय भेयी ऩसॊद की प्माज िारी तॊदयूी ऩयंटठमा संक यही है। भ ंिहीॊ फैठा ऩयंटठमं के लरए आटे के ऩेडे़ फनाने के चक्कय भं अऩने हाथ खयाफ कय यहा हूॊ।

तबी फेफे ने कहना शरुू ककमा है - िेख ऩुत्तया, हुण तूॊ ऩुयाखणमाॊ गल्रा बुरा के ते इक कभ कय। फेफे रुकी है औय भेयी तयप देखने रगी है। तॊदयू की आग की रौ से उसका चेहया एकदभ रार हो गमा है।

भ ंगयभागयभ ऩयंठे का टुकड़ा भुॊह भं डारते हुए ऩूछता हूॊ - भनं ुदस ते सई फेफे, की कयना है। हरका सा डय बी है भन भं, ऩता नहीॊ फेफे क्मा कह दे।

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21 देस बफयाना ™½¬¸ £¸›¸¸¹•¸

- तेये दायजी कै यमे सी कक हुण ताॊ तैनूॊ कोई तकरीप नईं होिेगी अगय तूॊ गुरूद्वाये विच जा के ते अभरयत चख रै। यब्फ भेय कये, साडी िी तसल्री हो जािेगी अते बफयादयी िी तनंू कपय तं ...। फेफे ने िाक्म अधूया ही छोड़ टदमा है।

भ ंहॊसता हूॊ - िेख फेफे, तेयी गल्र ठीक है कक भ ंअभरयत चख के ते इक िाय कपय लसखी धयभ विच िाऩस आ जािाॊ। त्िाडी िी तसल्री हो जािेगी ते बफयादयी िी खुश हो जामेगी। अच्छा भनं ुइक गल्र दस फेफे, इस अभरयत चक्खण दे फाद भनंू की कयना होिेगा।

फेफे की आॊखं भं चभक आ गमी है। उसे विश्वास नहीॊ हो यहा कक भ ंइतनी आसानी से अभरयत चखने के लरए भान जाऊॊ गा - अभरयत चखन दे फाद फॊदा इक िायी कपय सुच्चा लसख फण जाॊदा ए। इस िास्ते केस, ककयऩाण, कछेहया, कॊ घा अते ककयऩाण धायण कयने ऩदें ने ते इसदे फाद कोई िी फॊदा केसाॊ दा अऩभान नीॊ कय सकता, भुसरभानाॊ ते हत्थ का कटेमा भाॊस नीॊ खा सकता , दजेू दी िोटी दे नार..

- यैण दे फेफे। भ ंतनंू दस देिाॊ कक अभरयत चक्खण दे फाद कीॊ हंदा है। भ ंतनंू ऩैरी िायी दस यंमा हाॊ कक भ ंइन्ना सारयमाॊ चीजाॊ नूॊ जजतना भनदाॊ हाॊ ते जाणदा हाॊ, उतना ते इत्थे दे गुरुद्वाये दे बाईजी िी नीॊ जाणदे होणगे।

- भ ंसभझी नीॊ ऩुत्त। फेफे हैयानी से भेयी तयप देख यही है।

- हुण गल्र तनकरी ई है ताॊ सुण रै। भ ंए साये सार भखणकणस ते अभरयतसय दे गुरूद्वायेमाॊ विच यै के कटे हन। तूॊ कंिे ते भ ंतैनूॊ ऩूया दा ऩूया गुरु िॊथ साटहफ जफानी सुणा देिाॊ। भ ंनाभकयण, आनॊद कायज, अभरयत चक्खण टदमाॊ सारयमाॊ विचधमाॊ कयदा येमा हाॊ। फेशक भ ंकदी िी ऩूये केस नीॊ यखे ऩय हभेशा पटका फन्न के येमा हाॊ। गुरूिॊथ साटहफ दा ऩाठ कयदा येमा हाॊ। जजत्थे तक अभरयत चख के ते बफयादयी नूॊ खुश कयण दी गल्र है, भ ंइसदी जरूयत नीॊ सभझदा। फाकी भ ंतनं ूविश्वास टदरा दिाॊ कक भ ंकेसाॊ िगैया दा िादा ते नीॊ कय सकता ऩय ऐ भेये तं लरख के रै रै कक भ ंकदी िी भीट नीॊ खािाॊगा, कदी खा के िी नीॊ िेखमा, दजेू दी िोटी नूॊ अऩणी बैण भन्नाॊगा, लसगयेट, शयाफ नूॊ कदी हत्थ नीॊ रािाॊगा। होय कुज..?

फेफे हैयानी से भेयी तयप देखती यह गमी है। उसे कत्तई उम्भीद नहीॊ थी कक सच्चाई का मह रूऩ उसे देखने का लभरेगा। िह कुछ कह ही नही ऩामी है।

- रेकन ऩतृ्तय, तेये दायजी..बफयादयी..

- बफयादयी दी गल्र यैण दे फेफे, भ ंदो चाय टदन्नाॊ फाद चरे जाणा ए। बफयादयी हुण भेये वऩच्छे वऩच्छे फॊफई ते नीॊ ना आिेगी। चर भ ंतेयी इन्नीॊ गल्र भन्न रैनाॊ कक घय विच ई अस्सी अखण्ड ऩाठ यख रनें हाॊ। सायेमाॊ दी तसल्री हो जामेगी।

थोड़ी हीर हुज्जत के फाद फेफे अखण्ड ऩाठ के लरए भान गमी है, रेककन उसने अऩनी मह फात बी भनिा री है कक ऩाठ के फाद रॊगय बी होगा औय सायी बफयादयी को फुरिामा जामेगा।

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22 देस बफयाना ™½¬¸ £¸›¸¸¹•¸

भनें इसके लरए हाॊ कय दी है। फेफे की खुशी के लरए इतना ही सही। दायजी का भनाने का जजम्भा फेफे ने रे लरमा है। िैसे उसे खुद बी विश्वास नहीॊ है कक दायजी को भना ऩामेगी मा नहीॊ।

आज अखण्ड ऩाठ का आखखयी टदन है।

वऩछरे तीन टदन से ऩूये घय भं गहभागहभी है। ऩाठी फायी-फायी से आकय ऩाठ कय यहे हं। फीच फीच भं फेफे औय दायजी की तसल्री के लरए भ ंबी ऩाठ कयने फैठ जाता हूॊ। फेशक कई सार हो गमे हं दयफायजी के साभने फैठै, रेककन एक फाय फैठते ही सफ कुछ माद आने रगा है। दायजी भेये इस रूऩ को देख कय हैयान बी हं औय खुश बी।

फेफे ने आस-ऩास के साये रयश्तेदायं औय जान-ऩहचान िारं को न्मोता बेजा है। िैसे बी अफ तक साये शहय को ही खफय हो ही चुकी है। रॊगय का इॊतजाभ कय लरमा गमा है। फेफे सफ त्मोहायं की बयऩाई एक साथ ही कय देना चाहती है। भनें फेफे को फीस हजाय रुऩमे थभा टदमे हं ताकक िह अऩनी साध ऩूयी कय सके। आखखय इस साये इॊतजाभ भं खयचा तो हो ही यहा है। उसकी खुशी भं ही भेयी खुशी है। ऩहरे तो फेफे इन ऩैसं को हाथ ही रगाने के लरए तैमाय न हो रेककन जफ भनें फहुत िोय टदमा कक तू मे सफ भेये लरए ही तो कय यही है तफ उसने रे जाकय साये ऩैसे दायजी को थभा टदमे हं। दायजी ने जफ नोट चगने तो उनकी आॊखं पटी यह गमी हं। िैसे तो उन्हंने भेये कऩड़ं, साभान औय उन रोगं के लरए रामे साभान से अॊदाजा रगा ही लरमा होगा कक भ ंअफ अच्छी खासी जगह ऩय ऩहुॊच चुका हूॊ। फेफे से दायजी ने जया नायािगी बये रहजे भं कहा है - र ैतूॊ ई यख अऩणे ऩुत्त दी ऩैरी कभाई। भ ंकी कयणा इन्ने ऩैसंमा दा।

भुझे खयाफ रगा है। एक तयप तो िे भान यहे हं कक उनके लरए मे भेयी ऩहरी कभाई है औय दसूयी तयप उसकी तयप ऐसी फेरुखी। फेफे फता यही थी कक आजकर दायजी का काभ भॊदा है। गोर ूऔय बफल्र ूलभर कय तीन चाय हजाय बी नहीॊ राते औय उसभं से बी आधे तो अऩने ऩास ही यख रेते हं।

अयदास हो गमी है औय कड़ाह ऩयसाद के फाद अफ रोग रॊगय के लरए फैठने रगे हं। भुझे हय दसूये लभनट ककसी न ककसी फुजुगस का ऩैयी ऩौना कयने के लरए कहा जा यहा है। कोई दयू का पूपा रगता है तो कोई दयू का भाभा तामा.... कोई फेफे को सुनाते हुए कह यहा है - नीॊ गुयनाभ कोये, हुण तेया भुॊडा दोफाया ना जा सके इहदा इॊतजाभ कय रै। कोई चॊगी जई कुड़ी िेख के इन्नू योकण दा ऩक्का इॊतजाभ कय रै, तो कोई जा के दायजी को चोक दे यहा है - ओमे हयनाभेमा... इक कम्भ ताॊ तू ऐ कय कक इन्नू अज ही अज इन्नू इत्थे ई योकण दा इॊतजाभ कय रै।

दायजी को भ ंऩहरी फाय हॊसते हुए देख यहा हूॊ - कपकय ना कयो फादशाहो ... दीऩ ूनूॊ योकण दा अज ही अज ऩक्का इॊतजाभ है।

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23 देस बफयाना ™½¬¸ £¸›¸¸¹•¸

भुझे सभझ भं नहीॊ आ यहा कक मे सफ हो क्मा यहा है। भुझे योकने िारी फात सभझ भं नहीॊ आ यही।

भुझे रग यहा है कक इस अखण्ड ऩाठ के िरयमे कोई औय ही खखचड़ी ऩक यही है। तबी फेफे एक फुजुगस सयदायजी को रेकय भेये ऩास आमी है औय फहुत ही खुश हो कय फता यही है - सत श्री अकार कय इन्ना नूॊ ऩुत्तय। अज दा टदन साडे रई ककन्ना चॊगा ऐ कक घय फैठे दीऩू रई इन्ना सोणा रयश्ता आमा ए..। भ ंते कैनी आॊ बया जी, तुसी इक अध टदन इच दीऩे नूॊ िी कुड़ी विखाण दा इॊतजाभ कय ई देओ।

- जो हुकभ बैणजी, तुसी जदो कओ, असी त्माय हाॊ। फाकी साडा दीऩू िर के आ गमा ए, इस्तं िड्डी खुशी साडे रई होय की हो सकदी है।

- मे भ ंक्मा सुन यहा हूॊ। मे कुड़ी टदखाने का क्मा चक्कय है बई। फेफे मा दायजी इस सभम सातिं आसभान ऩय हं, उन्हं िहाॊ से न तो उतायना सॊबि है औय न उचचत ही। ऩता तो चरे, कौन हं मे फुजुगस औय कौन है इसकी रड़की । .... कभार है .. ..भुझसे ऩूछा न बारा, भेयी सगाई की तैमारयमाॊ बी कय रीॊ। अबी तो भुझे महाॊ आमे चौथा टदन ही हुआ है औय इन्हंने अबी से भुझे नकेर डारनी शरुू की दी। कभ से कभ भुझसे ऩूछ तो रेते कक भेयी बी क्मा भजॉ है। कुछ न कुछ कयना होगा.. जल्दी ही, ताकक िक्त यहते फात आगे फढ़ेने से ऩहरे ही सॊबारी जा सके।

इस िक्त भेया साया ध्मान उस कयताय लसहाॊ की तयप है जो अऩनी रड़की भेये ऩल्रे फाॊधने की ऩूयी मोजना फना कय आमा हुआ है। अच्छा ही है कक आज भ ंनॊद ूके साथ फाहय तनकर जाऊॊ गा, नहीॊ तो िो भुझे अऩने सिारं से कुयेद - कुयेद कय छरनी कय देगा। कैसे शाततयाना अॊदाज ऩूछ यहा था - फॊफई विच तुसीॊ ककत्थे यंदे हो औय घय फाय दा की इॊतजाभ ककत्ता होमा ए तुसी..? जैसे भ ंफॊफई से उसकी दसिीॊ मा नंिी ऩास रड़की से रयश्ता तम कयने के लरए महाॊ आमा हूॊ न फात न चीत, तनकार के ऩाॊच सौ एक रुऩमे भेयी तयप फढ़ेा टदमे - ऐ यख रओ तुसी..।

क्मं यख रे बई, कोई िजह बी तो हो ऩैसे यख रेने की। भेया टदभाग फुयी तयह बन्ना यहा है। हभायी फेफे बी जया बी नहीॊ फदरी.. उसका काभ कयने का िही ऩुयाना तयीका है। अऩने आऩ ही सफ कुछ तम ककमे जाती है। रेककन इस भाभरे भं तो दोनं की लभरी बगत ही रग यही है भुझे..!

भै दायजी को न तफ सभझ ऩामा था औय न अफ सभझ ऩा यहा हूॊ। हाराॊकक जफ से आमा हूॊ उनका गुस्सा तो देखने भं नहीॊ आमा है रेककन जैसे फहुत खुश बी नहीॊ निय आते। अऩना काभ कयते यहते हं मा इधय उधय तनकर जाते हं औय घॊटं फाद िावऩस आते हं। भुझसे बी जो कुछ कहना होता है फेफे के जरयमे ही कहते हं - दायजी ए कै यमे सन मा दायजी ऩुछ यमे सन....।

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24 देस बफयाना ™½¬¸ £¸›¸¸¹•¸

टहसाफ रगाता हूॊ दायजी अफ ऩचऩन-छप्ऩन के तो हो ही गमे हंगे। अफ उभय बी तो हो गमी है। आदभी आखखय सायी जिॊदगी अऩनी जजद रेकय रड़ता झगड़ता तो नहीॊ यह सकता.. आदभी भेहनती हं औय ऩूये घय का खचस चरा ही यहे हं। गुड्डी की ऩढ़ेाई है। गोर,ू बफल्र ूने बी अबी ढॊग से कभाना श्जारू नहीॊ ककमा है। ऐसा तो नहीॊ हो सकता कक भेये आने से दायजी को खुशी न हुई हो। रगता तो नहीॊ है, रेककन िे जाटहय ही नहीॊ होने देते कक उनके भन भं क्मा है। जफ बी उनके ऩास फैठता हूॊ, एकाध छोटी भोटी फात ही ऩूछते यहे हं - फॊफई भं सुना है, भकान फहुत भुजश्कर से लभरते हं। खाने-िाने की बी तकरीपं हंगी। क्मा इस तयप ट्राॊसपय नहीॊ हो सकता....। औय इसी तयह की दसूयी फातं।

कुछ न कुछ तो कयना ही ऩडे़गा.... ककसकी भदद री जामे....कोई बी तो महाॊ भेया यािदाय नहीॊ है। सबी कटे-कटे से यहते है। गोरू बफल्र ूबी भुझे ऐसे देखते हं भानो भ ंउनका फड़ा बाई न होकय दशु्भन सयीखा होऊॊ । जैसे भ ंउनका कोई हक छीनने आ गमा होऊॊ । ऩहरे ही टदन तो गरे लभर लभर कय योमे थे औय दो-चाय फातं की थीॊ, उनभं बी अऩनी ऩयेशातनमाॊ ज्मादा फता यहे थे। उसके फाद तो भेये साथ फैठ कय फातं कयते ही नहीॊ हं।

जफ से भ ंआमा हूॊ, गुड्डी ही सफसे ज्मादा स्नेह फयसा यही है भुझ ऩय। जफ बी फाहय से आती है, उसके साथ एक न एक सहेरी िरूय ही होती है जजससे िह भुझसे लभरिाना चाहती है।

उसी को घेयता हूॊ।

उसने भेया रामा नमा सूट ऩहना हुआ है। रेककन चप्ऩर उसके ऩास ऩुयाने ही हं। मही तयीका है उसे घय से फाहय रे जाने का औय ऩूयी फात ऩूछने का।

उसे फुराता हूॊ - गुड्डी, जया फाजाय तक चर, भुझे एक फहुत िरूयी चीि रेनी है। जया तू ऩसॊद कया दे।

- क्मा रेना है िीय जी, िह फड़ी-फड़ी आॊखं से भेयी तयफ़ देखती है।

- तू चर जो सही। फस दो लभनट का ही काभ है।

- अबी आमी िीय जी, जया फेफे को फता हूॊ आऩके साथ जा यही हूॊ।

यास्ते भं ऩहरे तो भ ं उससे इधय-उधय की फातं कय यहा हूॊ। उसकी ऩढ़ेाई की, उसकी सहेलरमं की औय उसकी ऩसॊद की। फेचायी फहुत बोरी है। साया टदन कपयकी की तयप घय भं घूभती यहती है। स्िबाि की फहुत ही शाॊत है। आजकर भेये लरए स्िेटय फुन यही है। अऩने खुद के ऩैसं से ऊन रामी है..। भेयी सेिा तो इतने जतन से कय यही है कक जैसे इन साये फयसं की सायी कसय एक साथ ऩूयी कयना चाहती हो। जूतं की दकुान भं भ ंसेल्सभैन को उसके लरए कोई अच्छे से सडंडर टदखाने के लरए कहता हूॊ।

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25 देस बफयाना ™½¬¸ £¸›¸¸¹•¸

गुड्डी बफगड़ती है - मे क्मा िीय जी, आऩ तो कह यहे थे कक आऩ को अऩने लरए कुछ चाटहमे औय महाॊ ... भेये ऩास हं ना..

- तू चुऩ चाऩ अऩने लरए जो बी ऩसॊद कयना है कय, ज्मादा फातं भत फना।

- सच्ची, िीयजी, जफ से आऩ आमे हं, हभ रोगं ऩय ककतना खचस कय यहे हं ..

- मे सफ सोचना तेया काभ नहीॊ है।

गुड्डी की शावऩ ॊग तो कया दी है रेककन भ ंतम नहीॊ कय ऩय यहा हूॊ कक जो सिार उससे ऩूछना चाहता हूॊ, कैसे ऩूछूॊ ।

हभ िावऩस बी चर ऩडे़ हं। अबी दो लभनट भं ही अऩनी गरी भं हंगे औय भेया सिार कपय यह जामेगा।

उससे कहता हूॊ - गुड्डी, फता महाॊ गोरगप्ऩे कहाॊ अच्छे लभरते हं, िहाॊ तो आदभी इन चीजं के लरए तयस जाता है।

िह झाॊसे भं आ गमी है।

आऩको इतने शानदाय गोरगप्ऩे खखराऊॊ गी कक माद यखंगे। हभाया ऩैट गोरगप्ऩे िारा है कैराश.।

- कहाॊ है तुम्हाये कैराश का गोरगप्ऩा ऩिसत..?

- फस, ऩास ही है।

- िैसे गुड्डी फीए के फाद तेया क्मा कयने का इयादा है। भ ंबूलभका फाॊधता हूॊ।

- भ ंतो िीयजी, एभफीए कयना चाहती हूॊ। रेककन एभफीए के लरए ककसी फडे़ शहय भं हॉस्टर भं यहना, कहाॊ भानंगे भेयी फात मे रोग? आऩको तो ऩता ही है दायजी फीए के लरए बी ककतनी भुजश्कर से याजी हुए थे।

- चर तेयी मे जजम्भेिायी भेयी। तू फीए भं अच्छे भाक्सस रे आ तो एभफीए तुझे फॊफई से ही कया दूॊगा। भेया बी टदर रगा यहेगा। भेया खाना बी फना टदमा कयना।

- सच िीय जी, आऩ ककतने अच्छे हं, आज आऩ ककतनी अच्छी अच्छी खफयं सुना यहे है। चलरमे, गोरगप्ऩे भेयी तयप से। रेककन भ ंआऩका खाना क्मं फनाने रगी। आमेगी ना हभायी बाबी....।

अफ सही भौका है .. भ ंऩूछ ही रेता हूॊ - अच्छा गुड्डी, फताना, मे जो कयताय लसहॊ िगैयह आमे थे सिेये, क्मा चक्कय है इनका, भ ंतो ऩयेशान हो यहा हूॊ।

- कोई चक्कय नहीॊ है िीय जी, हभाये लरए बाबी राने का इॊतजाभ हो यहा है।

- रेककन गुड्डी, ऐसे कैसे हो सकता है?

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26 देस बफयाना ™½¬¸ £¸›¸¸¹•¸

- तू खुद सोच, भ ंअऩनी ऩढ़ेाई-लरखाई को थोड़ी देय के लरए एक तयप यख बी दूॊ, अऩनी अपसयी को बी बूर जाऊॊ , रेककन मे तो देखना ही चाटहमे ना कक कौन रोग हं, क्मा कयते हं, रड़की क्मा कयती है, भेये साथ देस ऩयदेस भं उसकी तनब ऩामेगी मा नहीॊ, कई फातं सोचनी ऩड़ती हं, भ ंअकेरे यहते यहते थक गमा था गुड्डी, इसलरए घय िावऩस आ गमा हूॊ रेककन इतना िक्त तो रेना ही चाटहमे कक ऩहरे भेये घय िारे ही भुझे अच्छी तयह से सभझ रं।

- आऩकी फात ठीक है िीय जी, रेककन फेफे औय दायजी का कुछ औय ही सोचना है। अबी ऩयसं की फात है, आऩ कहीॊ फाहय गमे हुए थे। भ ंदायजी के लरए योटी फना यही थी। फेफे बी िहीॊ ऩास ही फैठी थी। तबी आऩकी फात चर ऩड़ी। िैसे तो जफ से आऩ आमे हं, घय भं आऩके अरािा औय कोई फात होती ही नहीॊ, तो दायजी फेफे से कह यहे थे - कुछ ऐसा इॊतजाभ ककमा जामे कक अफ से दीऩू का घय भं आना जाना छूटे नहीॊ। कहीॊ ऐसा न हो कक आज आमा है कपय अयसे तक आमे ही नहीॊ।

- तो ?

- फेफे फोरी कपय - इसका तो एक ही इराज है कक कोई चॊगी सी कुड़ी िेख के दीऩे की सगाई कय देते हं। शादी फेशक सार छ् भहीने फाद बी कय सकते हं, रेककन महीॊ सगाई हो जाने से उसके घय से फॊधे यहने का एक लसरलसरा फन जामेगा।

- तो दायजी ने क्मा कहा..?

- दायजी ने कहा - रेककन इतनी जल्दी रड़की लभरेगी कहाॊ से..?

- तो फेफे फोरी - उसकी चचॊता भुझ ऩे छोड़ दो। भेये दीऩ ूके लरए अऩनी ही बफयादयी भं एक से एक शानदाय रयश्ते लभर जामंगे। जफ से दीऩू आमा है, अच्छे अच्छे घयं के कई रयश्ते आ चुके हं। भ ंही चुऩ थी कक फच्चा कई साराॊ फाद आमा है, कुछ टदन आयाभ कय रे। कई रोग तो हाथं हाथ दीऩू को सय आॊखं ऩय बफठाने िारे खडे़ हं।

- अच्छा तो मे फात है। सायी प्रैतन ॊग भुझे घेयने के लरए फनामी जा यही है। भेयी आिाज भं तीखाऩन आ गमा है।

- नहीॊ िीयजी मह फात नहीॊ है .. रेककन .. गुड्डी घफया गमी है। उसे अॊदाजा नहीॊ था कक उसकी फतामी फात से भाभरा इस तयह से बफगड़ जामेगा।

- अच्छा एक फात फता। उसका भूड ठीक कयने कयने के लरहाज से भ ंऩूछता हूॉ - मे कयताय जी कयते क्मा हं औय इनकी कुड़ी क्मा कयती है। जानती है तू उसे?

- फहुत अच्छी तयह से तो नहीॊ जानती, मे रोग धभस ऩुय भं यहते हं। शामद दसिीॊ कयके लसराई कढ़ेाई का कोसस ककमा था उसने।

- तू लभरी है उससे कबी?

- ऩक्के तौय तो नहीॊ कह सकती कक िही रड़की है।

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27 देस बफयाना ™½¬¸ £¸›¸¸¹•¸

- खैय जाने दे, मे फता मे सयदायजी क्मा कयते हं..?

- उनकी ऩरटन फाजाय भं फजाजी की दकुान है..।

- कहीॊ मे खारसा क्रॉथ शाऩ िारे कयताय तो नहीॊ? भुझे माद आ गमा था कक इन्हं भनें फचऩन भं ककस दकुान ऩय फैठे देखा था। भ ंतफ से ऩयेशान हो यहा था कक इस सयदाय को कहीॊ देखा है रेककन माद नहीॊ कय ऩा यहा था।

गुड्डी के माद टदराने से कन्पभस हो गमा है।

भ ंगुड्डी का कॊ धा थऩथऩाता रृॊ ।

- रेककन िीयजी, आऩको एक प्रॉलभस कयना ऩडे़गा, आऩ ककसी को फतामंगे नहीॊ कक भनें आऩको मे सायी फातं फतामी हं।

- गाड प्रॉलभस, धयभ दी सं फस। भुझे फचऩन का दोस्तं के फीच हय फात ऩय कसभ खाना माद आ गमा है - िैसे एक फात फता, तू चाहती है कक भेया रयश्ता इस कयताय लस ॊह की लसराई-कढ़ेाई कयने औय तककमे के चगराप काढ़ेने िारी अनजान रड़की से हो जामे। देख, ईभानदायी से फतामेगी तो आइसक्रीभ बी खखराऊॊ गा।

हॊसी है गुड्डी - रयश्वत देना तो कोई आऩसे सीखे िीयजी, जया सी फात का ऩता रगाने के लरए आऩ इतनी सायी चीजं तो ऩहरे ही टदरिा चुके है। भेयी फात ऩूछो तो भुझे मे रयश्ता कत्तई ऩसॊद नहीॊ है। हाराॊकक भनें अऩनी होने िारी बाबी को नहीॊ देखा है, रेककन मे भैच जभेगा नहीॊ। ऩता नहीॊ क्मं भेया भन नहीॊ भान यहा है रेककन आऩ तो जानत ेही हं, दायजी औय फेफे को।

- ओमे ऩगलरमे, अबी तुझे तेयी होने िारी बाबी से लभरिाता हूॊ।

उसके भन का फोझ दयू हो गमा है रेककन भेयी चचॊता फढ़े गमी है। अफ इस भोचे ऩय बी अऩनी सायी शडक्त रगा देनी ऩडे़गी। ऩता नहीॊ दायजी औय फेफे को सभझाने के लरए क्मा कयना ऩडे़गा।

हभ घय की तयप रौट यहे हं तबी गुड्डी ऩूछती है - िीयजी, कबी हभं बी फॊफई फुरामंगे ना.. भेया फड़ा भन होता है ऐक्टयं औय हीयोइनं को नजदीक से देखने का। सुना है िहाॊ मे रोग िैसे ही घूभते यहते हं..औय अऩनी सायी शॉवऩ ॊग खुद ही कयते हं। िह रगाताय फोरे चरी जा यही है - आऩने कबी ककसी ऐक्धटय को देखा है।

भ ंझल्रा कय ऩूछता हूॊ - ऩूये हो गमे तेये सिार मा कोई फाकी है?

- िीयजी, आऩ तो फुया भान गमे। कोई फॊफई आमे औय अऩनी ऩसॊद के हीयो से न लभरे तो इत्ती दयू जाने का भतरफ ही क्मा....?

- तो सुन रे भेयी बी फात .. तुझे अगय जो भेये ऩास आना है तो

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28 देस बफयाना ™½¬¸ £¸›¸¸¹•¸

तू अबी चरी चर भेये साथ। भ ंबी तेये साथ ही फॊफई देख रूॊगा। औय जहाॊ तक तेये एक्टयं का सिार है, िो भेये फस का नहीॊ। भुझे िहाॊ अऩनी तो खफय यहती नहीॊ, उनकी खोज खफय कहाॊ से यखूॊ...। रौट यहा हूॊ िावऩस। एक फाय कपय घय छूट यहा है..। अगय भुझे िया-सा बी आइडडमा होता कक भेये महाॊ आने के ऩाॊच-सात टदन के बीतय ही ऐसे हारात ऩैदा कय टदमे जामंगे कक भ ंन इधय का यहूॊ औय न उधय का तो भ ंआता ही नहीॊ।

महाॊ तो अजीफ तभाशा खड़ा कय टदमा है दायजी ने। कभ से कभ इतना तो देख रेते कक भ ंइतने फयसं के फाद घय िावऩस आमा हूॊ। भेयी बी कुछ आधी-अधूयी इच्छामं यही हंगी, भ ंघय नाभ की जगह से जुड़ाि भहसूस कयना चाहता होऊॊ गा। चौदह फयसं भं आदभी की सोच भं िभीन-आसभान का फ़कस आ जाता है औय कपय भ ंकहीॊ बागा तो नहीॊ जा यहा था। दायजी तो फस, अड़ गमे - तुझे शादी तो महीॊ कयताये की रड़की से ही कयनी ऩडे़गी। भ ंकौर दे चुका हूॊ। दायजी का कौर सफ कुछ औय भेयी जिॊदगी कुछ बी नहीॊ। अजीफ धंस है। उन्हं ऩता है, भ ंउनके आगे कुछ बी नहीॊ कह ऩाऊॊ गा तो भेयी इसी शयाफ़त का पामदा उठाते हुए मु़झे हुक्भ सुना टदमा - शाभ को कहीॊ नहीॊ जाना, हभ कयताये के घय रड़की देखने जा यहे हं। भनें जफ फेफे के आगे वियोध कयना चाहा, तो दायजी फीच भं आ गमे - फेफे को फीच भं राने की िरूयत नहीॊ है फयखुयदाय, मह भदं की फात है। हभ सफ कुछ तम कय चुके हं। लसपस तुझे रड़की टदखानी है ताकक तू मे न कहे, देखने-बारने का भौका ही नहीॊ टदमा। िैसे उनका घय-फाय हभाया देखा बारा है..। वऩछरी तीन ऩीटढ़ेमं से एक-दसूये को जानत ेहं। सॊतोष को बी तेयी फेफे ने देखा हुआ है।

मह हुक्भनाभा सुना कय दायजी तो साथ जाने िारे फाकी रयश्तेदायं को खफय कयने चर टदमे औय भ ंबीतय-फाहय हो यहा हूॊ। फेफे भेयी हारत देख यही है। जानती बी है कक भ ंइस तयह से तो शादी नहीॊ ही कय ऩाऊॊ गा। ऩयसं यात बी भनें फेफे को सभझाने की कोलशश की थी कक अबी भ ंइस तयह की टदभागी हारत भं नहीॊ हूॊ कक शादी के फाये भं सोच सकूॊ औय कपय फॊफई भं भेये ऩास अऩने ही यहने का टठकाना नहीॊ है, आने िारी को कहाॊ ठहयाउॊगा, तो फेफे अऩने योने सुनाने रगी - तूॊ इन्ने चचयाॊ फाद आमा हं। सान्न ूइन्नी साध ताॊ ऩूयी कय रणें दे कक अऩणे हंदेमाॊ तेयी िोटी नूॊ िेख रइमे।

भनें सभझामा - िेख फेफे, तेनू नूॊ दा इन्ना ई शौक है ताॊ बफल्र ूते गोरू दंिाॊ दा िमा कय दे। तेरयमाॊ दो दो नूॊआ तेयी सेिा कयन गी।

- ऩागर हो गमा हं िे ऩुत्तय, िड्डा बया फैठा होिे ते छोटेमाॊ दे फाये विच सोचेमा िी नीॊ जा सकदा ऩुत्तय। तू कुड़ी ताॊ िेख रै। अस्सी सगन रै रिाॊ गे। शादी फाद विच हंदी यऐगी। ऩय तूॊ हाॊ ताॊ कय दे। जजद नीॊ कयीॊदी। भन जा ऩुत्त।

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29 देस बफयाना ™½¬¸ £¸›¸¸¹•¸

भ ंनहीॊ सभझा ऩा यहा फेफे को। जफ फेफे के आगे भेयी नहीॊ चरती तो दायजी के आगे कैसे चरेगी।

ठॊ डे टदभाग से कुछ सोचना चाहता हूॊ।

भ ंफेफे से कहता हूॊ - िया घॊटाघय तक जा यहा हूॊ, कुछ काभ है, अबी आ जाऊॊ गा, तो फेफे आिाज रगाती है - छेत्ती आ जाईं ऩुत्तया।

भ ं तनकरने को हूॊ कक गुड्डी की आिाज आती है - िीयजी, भ ंबी कॉरेज जा यही हूॊ। ऩरटन फािाय तक भ ंबी आऩके साथ चरती हूॊ।

- चर तू बी। कहता हूॊ उससे।

- फहुत ऩयेशान हं, िीयजी ?

- कभार है, महाॊ भेयी जान ऩय फन यही है औय तू ऩूछ यही है ऩयेशान हूॊ। तू ही फता, क्मा सही है दायजी औय फेफे का मे पैसरा....।

- िीय जी, फात लसपस आऩकी जान की नहीॊ है, ककसी औय को बी फरी का फकया फनामा जा यहा है। उसकी तो ककसी को ऩयिाह ही नहीॊ है।

- क्मा भतरफ? औय ककस को फलर का फकया फनामा जा यहा है?

िह रुआॊसी हो गमी है।

- तू फोर तो सही, भाभरा क्मा है ?

- महीॊ याह चरते फताऊॊ क्मा ?

- अच्छा, मह फात है, फोर कहाॊ चरना है। रग यहा है भाभरा कुछ ज्मादा ही सीरयमस है।

- इस शहय की मही तो भुसीफत है कक कहीॊ फैठने की ढॊग की जगह बी नहीॊ है।

- चर, नॊद ूके येस्तयाॊ भं चरते हं। िहाॊ पैलभरी केबफन है। िहाॊ कोई डडस्टफस बी नहीॊ कयेगा।

नॊद ू कहीॊ काभ से गमा हुआ है, रेककन उसका स्टाप भुझे ऩहचानने रगा है..। सफ नभस्काय कयते हं। भ ंफताता हूॊ - मे भेयी छोटी फहन है। हभ फात कय यहे हं। कोई डडस्टफस न कये!

- हाॊ अफ फता, क्मा भाभरा है, औय तेयी मे आॊखं क्मं बयी हुई हं, ऩहरे आॊसू ऩंछ रे, नहीॊ तो चाम नभकीन रगेगी।

- महाॊ ककसी की जान जा यही है औय आऩ को भिाक सूझ यहा है िीय जी।

- तू फात बी फतामेगी मा ऩहेलरमाॊ ही फुझाती यहेगी, फोर क्मा फात है...।

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30 देस बफयाना ™½¬¸ £¸›¸¸¹•¸

- कर यात जफ आऩ नॊद ूिीयजी के घय गमे हुए थे तो फेफे औय दायजी फात कय यहे थे। उन्हंने सभझा, भ ंसो गमी हूॊ, रेककन भुझे नीॊद नहीॊ आ यही थी। तबी दायजी ने फेफे को फतामा - कयताये ने इशाया ककमा है कक िो सगाई ऩय ऩचास हजाय नकद, साये रयश्तेदायं को सगन औय हभं गयभ कऩडे़ िगैयह देगा औय शादी के भौके ऩय दीऩ ू के लरए भारूतत काय औय चाय राख नकद देगा।

- अच्छा तो मह फात है।

- टोको नहीॊ फीच भं। ऩूयी फात सुनो।

- सॉयी, तो फेफे ने क्मा कहा?

- फेफे ने कहा कक हभायी ककस्भत चॊगी है जो दीऩू इन्ने चॊगे भौके ऩय आ गमा है। हभाये तो बाग खुर गमे।

- तो दायजी कहने रगे - दीऩ ूकी शादी के लरए तो हभं कुछ खास कयना नहीॊ ऩडे़गा। उसके ऩास फहुत ऩैसा है। आखखय अऩनी शादी ऩय खयच नहीॊ कयेगा तो कफ कयेगा। मे ऩचास हजाय ऊऩय एक कभया फनाने के काभ आ जामंगे। फाकी कयताया शादी के िक्त तो जो ऩैसे देगा, िो ऩैसे गुड्डी के काभ आ जामंगे। सार छ् भहीने भं उसके बी हाथ ऩीरे कय देने हं। उसके लरए बी एक दो रड़के हं भेयी तनगाह भं.. ।

मह कहते हुए गुड्डी योने रगी है - भेयी ऩढ़ेाई का क्मा होगा िीयजी, भुझे फचा रो िीय जी, भ ंफहुत ऩढ़ेना चाहती हूॊ। आऩ तो कपय बी अऩनी फात भनिा रंगे। भेयी तो घय भं कोई सुनता ही नहीॊ।

- भुझे नहीॊ भारूभ था गुड्डी, भाभरा इतना टेढ़ेा है। कुछ न कुछ तो कयना ही होगा।

- जो कुछ बी कयना है, आज ही कयना होगा, कहीॊ शाभ को सफ रोग ऩहुॊच गमे रड़की देखने तो फात रौटानी भुजश्कर हो जामेगी।

- क्मा कयं कपय..?

- आऩ क्मा सोचते हं ?

- देख गुड्डी, तेयी ऩढ़ेाई तो ऩूयी होनी ही चाटहमे। तेयी ऩढ़ेाई औय शादी की जजम्भेिायी भ ंरेता हूॊ। तुझे हय भहीने तेयी िरूयत के ऩैसे बेज टदमा करूॊ गा। तेयी शादी का साया खचास भ ंउठाऊॊ गा। तू फेकपकय हो कय कॉरेज जा। ऩढ़ेाई भं भन रगा। फाकी भ ंदेखता हूॊ। दायजी औय फेफे को सभझाता हूॊ।

भ ंजेफ से ऩसस तनकारता हूॊ - रे कपरहार हिाय रुऩमे यख। फॊफई से औय बेज दूॊगा, औय मे यख भेया काडस। काभ आमेगा..।

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31 देस बफयाना ™½¬¸ £¸›¸¸¹•¸

गुड्डी कपय योने रगी है - क्मा भतरफ िीयजी, आऩ.... आऩ.. मे सफ क्मा कह यहे हं औय मे ऩैसे क्मं दे यहे हं। आऩके टदमे ककतने साये ऩैसे भेये ऩास हं।

- देख, अगय दायजी औय फेफे न भाने तो भेये ऩास मही उऩाम फचता है कक भ ंशाभ होने से ऩहरे ही फॊफई रौट जाऊॊ । इस सगाई को योकने का औय कोई तयीका नहीॊ है। जजस तयह भेये आने के दसूये टदन से ही मे षडमॊत्र शरुू हो गमे हं, भ ंइनसे नहीॊ रड़ सकता। भ ंमहाॊ अऩने घय िावऩस आमा था कक अकेरे यहते-यहते थक गमा था औय महाॊ तो मे औय ही भॊसूफे फाॊध यहे हं।

गुड्डी भेयी तयप देखे जा यही है।

- देख गुड्डी, भेये आने से एक ही अच्छा काभ हुआ है कक तू भुझे लभर गमी है। फाकी सफ कुछ िैसा ही है जैसा भ ंछोड़ गमा था। न दायजी फदरे हं औय न फेफे। देख, तू घफयाना नहीॊ। भ ंखुद अऩने आॊसू योक नहीॊ ऩा यहा हूॊ रेककन उसे चुऩ कया यहा हूॊ - हो सकता है शाभ को तू जफ कॉरेज से िावऩस आमे तो भ ंलभरूॊ ही नहीॊ तुझे।

गुड्डी योमे जा यही है। टहचककमाॊ रे रे कय। उसके लरए औय ऩानी भॊगाता हूॊ, कपय सभझाता हूॊ - तू इस तयह से कभिोय ऩड़ जामेगी तो अऩनी रड़ाई ककस तयह से रडे़गी ऩगरी, चर भुॊह ऩंछ रे औय दआु कय कक फेफे औय दायजी को अक्कर आमे औय िे हभायी सौदेफाजी फॊद कय दं।

- आऩ सचभुच चरे जामंगे िीयजी ...?

- महाॊ यहा तो भ ंन ख्दा को फचा ऩाऊॊ गा न तुझे। तू ही फता क्मा करूॊ ....?

- आऩके आने से भ ंककतना अच्छा भहसूस कय यही थी। आऩने भुझे जिॊदगी के नमे भानी सभझामे। अफ मे नयक कपय भुझे अकेरे झ्टारना ऩडे़गा। ऐनी िे, गुड्डी ने अचानक अॊाासू ऩंछ लरमे हं औय अऩना हाथ आगे फढ़ेा टदमा है - आर द फेस्ट िीयजी, आऩ काभमाफ हं। गुड रक.. ..। उसने फात अधूयी ही छोड़ दी है औय िह तेजी से केबफन से तनकर कय चरी गमी है। भ ंकेबफन के दयिाजे से उसे जाता देख यहा हूॊ .. एक फहादयु रड़की की चार से िह चरी जा यही है। उसे जाता देख यहा हूॊ, औय फुदफुदाता हूॊ - फेस्ट विशेज की तो तुझे िरूयत थी ऩगरी, तू भुझे दे गमी ......।

भुझे नहीॊ ऩता, अफ गुड्डी से कपय कफ भुराकात होगी!! ऩता नहीॊ होगी बी मा नहीॊ उससे भुराकात !! घय ऩहुॊचा तो दायजी िावऩस आ चुके हं। अफ तो उन्हं देखते ही भुझे तकरीफ़ होने रगी है। कोई बी भाॊ-फाऩ अऩने फच्चे के इतने दशु्भन कैसे हो जाते हं कक अऩने स्िाथस के लरए उनकी ऩूयी जिॊदगी उजाड़ कय यख देते हं। इनकी िया-सी जजद के कायण भ ंकफ से फेघय-फाय सा बटक यहा हूॊ औय जफ भ ंअऩना भन भाय कय ककसी तयह घय िावऩस रौटा तो

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32 देस बफयाना ™½¬¸ £¸›¸¸¹•¸

कपय ऐसे हारात ऩैदा कय यहे हं कक ऩता नहीॊ अगरे आधे घॊटे फाद कपय से मे घय भेया यहता है मा नहीॊ, कहा नहीॊ जा सकता।

इनको अच्छी तयह से ऩता है कक गुड्डी ऩढ़ेना चाहती है, रेककन उस फेचायी के गरे भं अबी से घॊटी फाॊधने की तैमायी चर यही है औय इॊतिाभ बी क्मा फटढ़ेमा सोचा है कक एक फेटे की शादी भं दहेज रो औय अऩनी रड़की की शादी भं िही दहेज देकय दसूये का घय बय दो। भुझे कुछ नहीॊ सूझ यहा कक चीिं ककस तयह से भोड़ रंगी औय क्मा फनेगा इस घय का।

भ ंमही सोचता अॊदय-फाहय हो यहा हूॊ कक दायजी टोक देते हं

- क्मा फात है फयखुयदाय, फहुत ऩयेशान निय आ यहे हो? भाभरा क्मा है ?

- भाभरा तो आऩ ही का फनामा बफगाड़ा हुआ है दायजी। कभ से कभ भुझसे ऩूछ तो लरमा होता कक भ ंक्मा चाहता हूॊ। भुझे अबी आमे चाय टदन बी नहीॊ हुए औय.. .. भेयी नायािगी आखखय हौरे-हौरे फाहय आ ही गमी है।

- देख बई दीऩेमा, हभ जो कुछ बी कय यहे हं तेये औय इस घय के बरे के लरए ही कय यहे हं। हभ तो चाहते हं कक तेया घय-फाय फस जामे तो हभ फाकी फच्चं की बी कपकय कयं। अफ इतना अच्छा रयश्ता.....!

- दायजी, मे रयश्ता तो न हुआ। मे तो सौदेफाजी हुई। भ ं ककसी तयह टहम्भत जुटा कय कहता हूॊ।

- कैसी सौदे फाजी ओमे....?

- क्मा आऩ इस रयश्ते भं नकद ऩैसे नहीॊ रे यहे ?

- तो क्मा हुआ, दायजी ने गयभ होना शरुू कय टदमा है।

- तुझे ऩता नहीॊ है, आजकर ऩढ़ेा लरखा रड़का ककसी को मूॊ ही नहीॊ लभर जाता। सभझे.. औय तेये जैसा रड़का तो उन्हं दस राख भं बी न लभरता। हभ तो शयापत से उतना ही रे यहे हं जजतना िे खुशी से अऩनी रड़की को दे यहे हं। हभने कोई डडभाॊड तो नहीॊ यखी है।

- मे भेयी सौदेफाजी नहीॊ है तो क्मा है दायजी...?

- ओमे चुऩ कय फड़ा आमा सौदेफाजी िारा ... दायजी अफ अऩने ऩुयाने रूऩ भं आने रगे हं औय भेये लसय ऩय आ खडे़ हुए हं - तू एक फात फता। कर को गुड्डी के बी हाथ ऩीरे कयने हं कक नहीॊ। तफ कौन से धयभ खाते से ऩैसे तनकार कय रड़के िारं के भुॊह ऩय भारूॊ गा। फता जया...?

- गुड्डी की जजम्भेिायी भेयी। अबी िो ऩढ़ेना चाहती है।

- तो उसने आते ही तेये कान बय टदमे हं। कोई िरूयत नहीॊ है उसे आगे ऩढ़ेाने की। ठीक है सॊबार रेना उसकी जजम्भेिायी। आखखय तेयी छोटी फहन है। तेया फ़यज फनता है।

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33 देस बफयाना ™½¬¸ £¸›¸¸¹•¸

फाकी महाॊ तो हभ कौर दे चुके हं। शादी फेशक सार दो सार फाद कयं। भुझे तो सफका देखना है। उधय गोरू बफल्र ूएकदभ तैमाय फैठे हं औय उन्हंने अऩनी तयप से ऩहरे ही अल्टीभेटभ दे टदमा है।

उन्हंने अऩना आखखयी पैसरा सुना टदमा है - तू शाभ को घय ऩय ही यहना। इधय-उधय भत हो जाना। सायी रयश्तेदायी आ यही है। चाहे तो नॊद ूको साथ रे रेना।

इसका भतरफ मे रोग अऩनी तयप से भेये औय कुछ हद तक गुड्डी के बाग्म का पैसरा कय ही चुके हं। भ ंबी देखता हूॊ, कैसे सगाई कयते हं सॊतोष कौय से भेयी...।

उन्हं नहीॊ ऩता कक जो फच्चा एक फाय घय छोड़ कय जा सकता है, दोफाया बी जा सकता है। भ ंअऩने साथ दो-चाय जोड़ी कऩडे़ ही रेकय आमा था। महाॊ छूट बी जामं तो बी कोई फात नहीॊ। गोर ूबफल्र ूऩहन रंगे। फैग बी उनके काभ आ जामेगा। यास्ते भं येडीभेड कऩडे़ औय दसूया साभान खयीद रूॊगा। ऩहरी फाय खारी ऩेट घय छूटा था, अफ फेफे से कहता हूॊ - फेफे, जया छेती नार दो पुरके ताॊ सेक दे। फजाय जा के इक अध निाॊ जोड़ा ताॊ र ैआिाॊ। फेफे को तसल्री हुई है कक शामद भाभरा सुरट गमा है। भ ंफेफे के ऩास यसोई भं ही फैठ कय योटी खाता हूॊ। बूख न होने ऩय बी दो-एक योटी ज्मादा ही खा रेता हूॊ। ऩता नहीॊ कपय कफ फेफे के हाथ की योटी नसीफ हो। उठते सभम फेफे के घुटने को छूता हूॊ। ऩता नहीॊ, कपय कफ फेफे का आशीिासद लभरे। ऩूये घय का एक चक्कय रगाता हूॊ। यॊगीन टीिी तो यह ही गमा। नॊद ूके घय की ऩाटॊ बी यह गमी। हाराॊकक इस फीच कई माय दोस्त आ कय लभर गमे हं रेतन सफसे एक साथ लभरना हो जाता।

घय से फाहय तनकरते सभम भ ंएक फाय कपय फेफे को देखता हूॊ। िह अफ दायजी के लरए पुरके सेक यही है। दायजी अऩनी खटऩट भं रगे हं। दोनं को भन ही भन प्रणाभ कयता हूॊ - भाफ़ कय देना भुझे फेफे औय दायजी, भ ंआऩकी शतं ऩय अऩनी जिॊदगी का मह सौदा नहीॊ कय सकता। अऩने लरए फेशक कय बी रेता, रेककन आऩने इसके साथ गुड्डी की ककस्भत को बी नत्थी कय टदमा है। भ ंइस दोहये ऩाऩ का बागी नहीॊ फन सकता भेयी फेफे। भ ंएक फाय कपय से बफना फतामे घय छोड़ कय जा यहा हूॊ। आगे भेयी ककस्भत।

औय भ ंएक फाय कपय खारी हाथ घय छोड़ कय चर टदमा हूॊ। इस फाय भेयी आॊखं भं आॊसू हं तो लसपस गुड्डी के लरए... िो अऩनी रड़ाई नहीॊ रड़ ऩामेगी। भ ंबी तो अऩनी रड़ाई का भैदान छोड़ कय बफना रडे़ ही हाय भान कय जा यहा हूॊ। एक ही भैदान से दसूयी फाय ऩीठ टदखा कय बाग यहा हूॊ । तो ... अफ ... हो गमा घय बी..। जजतना यीता गमा था, उससे कहीॊ ज्मादा खारीऩन लरमे रौटा हूॊ। तौफा कयता हूॊ ऐसे रयश्तं ऩय। ककतना अच्छा हुआ, होश सॊबारने से ऩहरे ही घय

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34 देस बफयाना ™½¬¸ £¸›¸¸¹•¸

से फेघय हो गमा था। अगय तफ घय न छूटा होता तो शामद कबी न छूटता.. उम्र के इस दौय भं आ कय तो कबी बी नहीॊ। फस, मही तसल्री है कक सफसे लभर लरमा, फचऩन की खट्टी-भीठी मादं तािा कय रीॊ औय घय के भोह से भुक्त बी हो गमा। जजसके लरए जजतना फन ऩड़ा, थोड़ा-फहुत कय बी लरमा। फेफे औय गुड्डी के िरूय अफ़सोस हो यहा है कक उन्हं इन तकरीफ़ं से तनकारने का भेये ऩास कोई उऩाम नहीॊ है।

गुड्डी फेचायी ऩढ़ेना चाहती है रेककन रगता नहीॊ, उसे दायजी ऩढ़ेने दंगे। चाहे एभफीए कये मा कोई औय कोसस, उसे देहयादनू तो छोड़ना ही ऩडे़गा। उसके लरए दायजी ऩयलभशन देने से यहे। फस, ककसी तयह िह फीए ऩूया कय रे तो उसके लरए महीॊ कुछ कयने की सोचूॊगा। एक फाय भेये ऩास आ जामे तो फाकी सफ सॊबारा जा सकता है। कपरहार तो सफसे फड़ा काभ मही होगा कक उसे दायजी ककसी तयह फीए कयने तक डडस्टफस न कयं औय िह ठीक - ठाक नम्फय रा सके।

आते ही कपय से उन्हीॊ चक्कयं भं खुद को उरझा लरमा है। ऩता नहीॊ अफ कफ तक इसी तयह की जिॊदगी को ठेरते जाना होगा। बफना ककसी ख़ास भकसद के....। आज गुड्डी का ऩाससर लभरा है। उसने फहुत ही खूफसूयत स्िेटय फुन कय बेजा है। सपेद यॊग का। एकदभ नन्हं-से खयगोश की तयह नयभ। इसभं गुड्डी की भेहनत औय स्नेह की असीभ गयभाहट पॊ दे-पॊ दे भं फुनी हुई है। साथ भं उसका रम्फा खत है।

लरखा है उसने

- िीयजी,

सत श्री अकार

उस टदन आऩके अचानक चरे जाने के फाद घय भं फहुत हॊगाभा भचा। िैसे भ ंजानती थी कक भेये िावऩस आने तक आऩ जा चुके हंगे। औय कुछ हो बी नहीॊ सकता था। आऩ फािाय से शाभ तक बी िावऩस नहीॊ आमे तो चायं तयप आऩकी खोज-फीन शरुू हुई। िहाॊ जाने िारे सबी रोग आ चुके थे। रे जाने के लरए लभठाई िगैयह खयीदी जा चुकी थी। रेककन आऩ जफ कहीॊ निय नहीॊ आमे तो फेफे को रगा - एक फाय कपय िही इततहास दोहयामा जा चुका है। भ ंचाय फजे कॉरेज से आ गमी थी तफ तक दायजी का गुस्सा सातिं आसभान ऩय ऩहुॊच चुका था। उन्हं भुझ ऩय शक हुआ कक जरूय भुझे तो ऩता ही होगा कक िीयजी बफना फतामे कहाॊ चरे गमे हं। तफ गुस्से भं आ कय दायजी ने भुझे फारं से ऩकड़ कय खीॊचा औय गालरमाॊ दीॊ। भ ंजानती थी, ऐसा ही होगा। सफकी तनगाहं भं भ ंही आऩकी सफसे सगी फनी कपय यही थी। रेककन भाय खा कय बी भ ंमही कहती यही कक भुझे नहीॊ भारूभ। फेफे ने बी फहुत हाम-तौफा भचाई औय बफल्र ूऔय गोर ूने बी। आखखय ऩयेशान हो कय िहाॊ झूठा सॊदेसा लबजिा टदमा गमा कक आऩको अचानक ऑकपस से तुॊत फॊफई ऩहुॊचने

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35 देस बफयाना ™½¬¸ £¸›¸¸¹•¸

के लरए फुरािा आ गमा था, इसलरए हभ रोग नहीॊ आ ऩा यहे हं। फाद की कोई तायीख देख कय कपय फतामंगे।

फाद भं दायजी तो कई टदन तक बफपये शेय की तयह आॊगन खूॊदते यहे औय फात फे फात ऩय आऩको गालरमाॊ फकते यहे।

कयताय लस ॊह िारा भाभरा कपरहार ठप्ऩ ऩड़ गमा है रेककन जजस को बी ऩता चरता है कक इस फाय बी आऩ दायजी की जजद के कायण घय छोड़ कय गमे हं, िही दायजी को रानतं बेज यहा है कक अऩनी रारच के कायण तूने हीये जैसा फेटा दसूयी फाय गॊिा टदमा है।

फाकी आऩ भुझभं आत्भ-विश्वास का जो फीज फो गमे हं, उससे भ,ं जहाॊ तक हो सका, अऩनी रड़ाई अऩने अकेरे के फरफूते ऩय रड़ती यहूॊगी। आऩ ही भेये आदशस हं। काश, भ ंबी आऩकी तयह अऩने फै़सरे खुद रे सकती। अऩनी खास सहेरी तनशा का ऩता दे यही हूॊ। ऩत्र उसी के ऩते ऩय बेजं। भेयी जया बी चचॊता न कयं औय अऩना ख्मार यखं।

सादय,

आऩकी फहन,

गुड्डी। ऩगरी है गुड्डी बी!! ऐसे कभिोय बाई को अऩना आदशस फना यही है जो ककसी बी भुजश्कर जस्थतत का साभना नहीॊ कय सकता औय दो फाय ऩरामन कयके घय से बाग चुका है।

उसे रम्फा खत लरखता हूॊ।

- गुड्डी,

प्माय,

तेया ऩत्र लभरा। सभाचाय बी। अफ तू बी भानेगी कक इस तयह से चरे आने का भेया पैसरा गरत नहीॊ यहा। सच फताऊॊ गुड्डी, भुझे बी दोफाया चोयं की तयह घय से बागते िक्त फहुत खयाफ रग यहा था, रेककन भ ंक्मा कयता। जफ भनें ऩहरी फाय छोड़ा था तो चौदह सार का था। सभझ बी नहीॊ थी कक क्मं बाग यहा हूॊ औय बाग कय कहाॊ जाउॊ€गा, रेककन जफ दायजी ने घय से धक्के दे कय फाहय कय ही टदमा तो भेये साभने कोई उऩाम नहीॊ था। अगय दायजी मा फेफे ने उस िक्त भेये कान ऩकड़ कय घय के अॊदय िावऩस फुरा लरमा होता, जफयदस्ती एक-आध योटी खखरा दी होती तो शामद भ ंबागा ही न होता, फजल्क िहीॊ फना यहता, फेशक भेयी जिॊदगी ने जो बी रुख लरमा होता, फजल्क इस फाय बी उन्हंने भुझसे कहा होता कक देख दीऩे, हभ हो गमे हं अफ फुड्ढे औय हभं चाटहमे घय के लरए एक देखी-बारी शयीप फहू तो, सच भान गुड्डी, भ ंिहीॊ खडे़-खडे़ उनकी ऩसॊद की रड़की से शादी बी कय रेता औय अऩनी फीिी को उनकी सेिा के लरए बी छोड़ आता, रेककन दोनं फाय सायी चीजं शरुू से ही भेये खखराप कय दी गमी थीॊ। इस फाय बी भुझे बफरकुर सोचने का भौका ही

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नहीॊ लभरा औय एक फाय कपय भ ंघय के फाहय था। एक तयह से ऩहरी फाय का बागना बी भेये लरए अच्छा ही यहा कक दसूयी फाय बी भ ंउनके अन्माम को भानने के फजामे चुऩचाऩ चरा आमा। तुभ इसे भेया ऩरामन बी कह सकती हो, रेककन तुम्हीॊ फताओ, अगय भ ंन बागता तो क्मा कयता। िहाॊ तो भुझे औय भेये साथ तुम्हं बी पॊ दे भं कसने की ऩूयी तैमायी हो चुकी थी। भेये बाग आने से कभ से कभ तुम्हाये लसय ऩय से तो कपरहार भुसीफत टर ही गमी है। अफ फाकी रड़ाई तुम्हं अकेरे ही रड़नी होगी। रड़ सकोगी क्मा?

महाॊ आने के फाद एक फाय कपय िही जिॊदगी है भेये साभने। फस एक ही फ़कस है कक महाॊ से जजस ऊफ से बाग कय गमा था, घय के जजस भोह से फॊधा बागा था, उससे ऩूयी तयह भुक्त हो गमा हूॊ। फेशक भेयी ऊफ औय फढ़े गमी है। ऩहरे तो घय को रेकय लसपस उरझे हुए ख्मार थे, बफम्फ थे औय रयश्तं को रेकय बी कोई भुकम्भर तस्िीय नहीॊ फनती थी, रेककन घय से आने के फाद घय के फाये भं भेयी सायी इभेज फुयी तयह से तहस-नहस हो गमी हं। फाय-फाय अफ़सोस हो यहा है कक भ ंिहाॊ गमा ही क्मं था। न गमा होता तो फेहतय था, रेककन कपय ख्मार आता है कक इस ऩूयी मात्रा की एक भात्र मही उऩरजब्ध मही है कक सफसे लभर लरमा, तुझे देख लरमा औय तुझे एक टदशा दे सका, तेये लरए कुछ कय ऩामा औय घय के भोह से हभेशा के लरए भुक्त हो गमा। अफ कभ से कभ योि योि घय के लरए तड़ऩा नहीॊ करूॊ गा। फेशक तेयी औय फेफे की चचॊता रगी ही यहेगी।

महाॊ आने के फाद टदनचमास भं कोई ख़ास फ़कस नहीॊ ऩड़ा है। लसपस मही हुआ है कक अॊधेयी भं जजस गेस्ट हाउस भं यह यहा था, िह छोड़ टदमा है औय इस फाय फाॊद्रा िेस्ट भं एक नमे घय भं ऩेइॊग गेस्ट फन गमा हूॊ। ऩता दे यहा हूॊ। ऑकपस से आते सभम कोलशश मही यहती है कक खाना खा कय एक ही फाय कभये भं आऊॊ । तुझे हैयानी होगी जान कय कक फॊफई भं ऩेइॊग गेस्ट को सुफह लसपस एक कऩ चाम ही दी जाती है। फाकी इॊतिाभ फाहय ही कयना ऩड़ता है। िैसे कई जगह खाने के साथ बी यहने की जगह लभर जाती है।

अगय छुट्टी का टदन हो मा कभये ऩय ही होऊॊ तो भ ंलसपस खाना खाने ही फाहय तनकरता हूॊ। अऩने कभये भं फॊद ऩड़ा यहता हूॊ। शामद मही िजह है कक भ ंकबी बी फोय नहीॊ होता।

कर एक अच्छी फात हुई कक साभने िारे घय भं यहने िारे लभस्टय औय लभसेज बसीन से हैरो हुई। सीटढ़ेमाॊ चढ़ेते सभम िे भेये साथ-साथ ही आ यहे थे। उन्हंने ही ऩहरे हैरो की औय ऩूछा - क्मा नमा आमा हूॊ साभने िारे घय भं। उन्हंने भेया नाभ िगैयह ऩूछा औय कबी बी घय आने का न्मौता टदमा।

कबी जाऊॊ गा। आभ तौय ऩय भ ंककसी के घय भं बी जाने भं फहुत सॊकोच भहसूस कयता हूॊ।

दायजी, फेफे औय गोरू, बफल्र ूठीक हंगे। तेयी सहेरी तनशा ठीक होगी औय तेये साथ खूफ गोरगप्ऩे उड़ा यही होगी। दोफाया जा बी नहीॊ ऩामे तेये कैराश गोरगप्ऩा ऩिसत भं। तेये लरए हिाय रुऩमे का िाफ्ट बेज यहा हूॊ। खूफ शॉवऩ ॊग कयना।

जिाफ देना।

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तेया ही

िीय... आज दीऩािरी का त्मोहाय है। चायं तयप त्मोहाय की गहभा-गहभी है। रेककन भेये ऩायसी भकान भालरक इस हॊगाभे से ऩूयी तयह फाहय हं। हय छुट्टी के टदन की तयह साया टदन कभये भं ही यहा। दोऩहय को खाना खा कय कभये भं िावऩस आ यहा था कक नीचे ही लभस्टय औय लभसेज बसीन लभर गमे हं। दीऩािरी की शबुकाभनाओॊ का आदान-प्रदान हुआ तो िे ऩूछने रगे - क्मा फात है घय नहीॊ गमे? क्मा छुट्टी नहीॊ लभरी मा घय फहुत दयू है?

- दोनं ही फातं नहीॊ हं, दयअसर एक प्रोजेक्ट भं बफजी हूॊ, इसलरए जाना नहीॊ हो ऩामा। िैसे अबी हार ही भं घय हो कय आमा था। भ ंककसी तयह फात सॊबारता हूॊ।

मह सुनते ही कहने रगे - तो आऩ शाभ हभाये साथ ही गुिारयमे। खाना बी आऩ हभाये साथ ही खामंगे। भनें फहुत टारना चाहा तो िे फहुत जजद कयने रगे। लभसेज बसीन फोरने भं इतनी अच्छी हं कक भुझसे भना ही नहीॊ ककमा जा सका। इनकाय कयने की गुॊजाइश ही नहीॊ छोड़ी है उन्हंने।

हाॊ कय दी है - आऊॊ गा।

आभ तौय ऩय ककसी के घय आता जाता नहीॊ, इसलरए कोई खास िोय दे कय फुराता बी नहीॊ है। रेककन टदिारी के टदन िैसे बी अकेरे फैठे फोय होने के फजामे सोचा, चरो ककसी बये ऩूये ऩरयिाय भं ही फैठ लरमा जामे।

दयिाजा लभसेज बसीन ने खोरा है। भ ं उन्हं टदिारी की फधाई देता हूॊ - हैप्ऩी टदिारी लभसेज बसीन। भ ंफहुत ज्मादा सॊकोच भहसूस कय यहा हूॊ। िैसे बी मुिा भटहराओॊ की उऩजस्थतत भं भ ंजल्दी ही असहज हो जाता हूॊ।

िे हॉसते हुए जिाफ देती हं - भेया नाभ अरका है औय भुझे जानने िारे भुझे इसी नाभ से ऩुकायते हं।

िे भुझे बीतय लरिा रे गमी हं औय फहुत ही आदय से बफठामा है।

भ ंफहुत ही सॊकोच के साथ कहता हूॊ - दयअसर भुझे सभझ भं नहीॊ आ यहा कक भ ं ... टदिारी के टदन ककसी के घय जाना.. ..।

िे भुझे आश्वस्त कयती हं - आऩ बफरकुर बी औऩचारयकता भहसूस न कयं औय बफरकुर सहज हो कय इसे अऩना ही घय सभझं।

मह सुन कय कुछ हद तक भेया सॊकोच दयू हुआ है।

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कहता हूॊ भ ं- भ ंबी आऩके दयिाजे ऩय नेभ प्रेट देखता था तो योि ही सोचता था, कबी फात करूॊ गा। बसीन सयनेभ तो ऩॊजाबफमं का ही होता है। भ ंदयअसर भोना लसख हूॊ। कई फाय अऩनी िुफान फोरने के लरए बी आदभी.. ..। भ ंझंऩी सी हॉसी हॉसता हूॊ।

फात अरका ने ही आगे फढ़ेाई है।

ऩूछ यही हं - कहाॊ है आऩका घय-फाय औय कौन-कौन है घय भं आऩके।

इतना सुनते ही भ ंकपय से सॊकोच भं ऩड़ गमा हूॊ।

अबी भ ंअऩना ऩरयचम दे ही यहा हूॊ कक लभस्टय बसीन आ गमे हं । उठ कय उन्हं नभस्काय कयता हूॊ। िे फहुत ही स्नेह से भेये हाथ दफा कय भुझे टदिारी की शबु काभना देते हं।

घय से आने के फाद इतने टदनं भं मह ऩहरी फाय हो यहा है कक घय के भाहौर भं फैठ कय फातं कय यहा हूॊ औय भन ऩय कोई दफाि नहीॊ है। फहुत अच्छा रगा है उनके घय ऩय फैठना, उनसे फात कयना।

भ ंदेय तक उनके घय फैठा यहा औय हभ तीनं इधय-उधय की फातं कयते यहे। इस फीच भ ंकापी सहज हो गमा हूॊ औय उनसे ककसी ऩुयाने ऩरयचचत की तयह फातं कयने रगा हूॊ।

अरका ने भुझे खाना खाने के लरए जफयदस्ती योक लरमा है। भ ंबी उनके साथ ऩूजा भं फैठा हूॊ। ऩूयी शाभ उनके घय गुिाय कय जफ भ ंिावऩस रौटने रगा तो अरका औय लभस्टय बसीन दोनं ने एक साथ ही आिह ककमा है कक भ ंउनके घय को अऩना ही घय सभझूॊ औय जफ बी भुझे उसे घय की माद आमे मा ऩारयिारयक भाहौर भं कुछ िक्त गुिायने की इच्छा हो, तनसॊकोच चरा आमा करूॊ ।

भ ंअचानक उदास हो गमा हूॊ। बयासई हुई आिाज भं कहता हूॊ - आऩ रोग फहुत अच्छे हं। भुझे नहीॊ ऩता था रोग अनजान आदभी से बी इतनी अच्छी तयह से ऩेश आते हं। भ ंकपय आऊॊ गा। थकं्स। कह कय भ ंतेजी से तनकर कय चरा आमा हूॊ। फाद भं बाई दजू िारे टदन अरका ने कपय फुरिा लरमा था। तफ भ ंउनके घय ढेय सायी लभठाई िगैयह रे आमा था। चाम ऩीते सभम अरका ने फहुत सॊकोच के साथ भुझे फतामा था - भेया कोई बाई नहीॊ है, क्मा तुम्हं भुझे बइमा कह कय फुरा सकती हूॊ।

मह कहते सभम अरका की आॊखं भं आॊस ूबय आमे थे औय िह योने-योने को थी।

उसका भूड हरका कयने के लरए भ ंहॊसा था - भेयी बी कोई फड़ी फहन नहीॊ है। क्मा भ ंआऩको दीदी कह कय ऩुकाय सकता हूॊ। तफ हभ तीनं खूफ हॊसे थे। अरका ने न केिर भुझे बाई फना लरमा है फजल्क बाई दजू का टीका बी ककमा। औय इस तयह भ ंउनके बी ऩरयिाय का एक सदस्म फन गमा हूॊ। भ ंअफ कबी बी उनके घय चरा जाता हूॊ औय कापी देय तक फैठा यहता हूॊ।

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हाराॊकक उनके घय आते जाते भुझे एक डेढ़े भहीना हो गमा है औय भ ंअरका औय देिेद्र बसीन के फहुत कयीफ आ गमा हूॊ औय उनसे भेये फहुत ही सहज सॊफॊध हो गमे हं रेककन कपय बी उन्हंने भुझसे कोई व्मडक्तगत प्रश्नो नहीॊ ही ऩूछे हं। आज इतिाय है। दाऩहय की झऩकी रे कय उठा ही हूॊ कक देिेद्र जी का फुरािा आमा है। अरका भामके गमी हुई है। तम है, िे खाना मा तो खुद फनाएॊगे मा होटर से भॊगिामंगे तो भ ंही प्रस्ताि यखता हूॊ - आज का डडनय भेयी तयप से। शाभ की चाम ऩी कय हभ दोनं टहरते हुए लर ॊककॊग योड की तयप तनकर गमे हं।

खाना खाने कक लरए हभ लभचस भसारा होटर भं गमे हं। िेटय ऩहरे डि ॊक्स के भीनू यख गमा है। भीनू देखते ही देिेद्र हंसे हं - क्मं बई, ऩीते-िीते हो मा सूपी सम्प्रदाम से ताल्रुक यखते हो। देखो अगय जो ऩीते हो तो हभ इतनी फुयी कम्ऩनी नहीॊ हं औय अगय अबी तक ऩीनी शरुू नहीॊ की है तो उससे अच्छी कोई फात ही नहीॊ है।

- आऩको क्मा रगता है?

- कहना भुजश्कर है। िैसे तो तुभ तीन सार अभेरयका गुिाय कय आमे हो, औय महाॊ बी अयसे से अकेरे ही यह यहे हो, इसलरए कहना भुजश्कर है कक तुम्हाये हाथं अफ तक ककतनी औय ककतनी तयह की फोतरं का सीरबॊग हो चुका होगा। िे हॉसे हं।

- आऩको जान कय हैयानी होगी कक भनें अबी तक कबी फीमय बी नहीॊ ऩी है। कबी िरूयत ही भहसूस नहीॊ हुई। िहाॊ अभेरयका के ठॊ डे भौसभ भं बी, जहाॊ खाने का एक एक कौय नीचे उतायने के लरए रोग चगरास ऩय चगरास खारी कयते हं, भ ंिहाॊ बी इससे दयू ही यहा। िैसे न ऩीने के कई कायण यहे। आचथसक बी यहे। कपय उस ककस्भ की कम्ऩनी बी नहीॊ यही। मह बी यहा कक कबी इन चीिं के लरए भुझे पुससत ही नहीॊ लभरी। अफ जफ फु़ससत है, ऩैसे बी हं औये अकेराऩन बी है तो अफ िरूयत ही नहीॊ भहसूस होती। िैसे आऩ तो ऩीते ही हंगे, आऩ िरूय भॊगामं। भ ंतो आऩसे फहुत छोटा हूॊ, ऩता नहीॊ भेयी कम्ऩनी भं आऩको ऩीना अच्छा रगे मा नहीॊ.... िैसे भुझे अच्छा रगेगा। भ ंकोल्ड डि ॊक रे रूॊगा।

िे भुझे आश्वस्त कयते हं - मह फहुत अच्छी फात है कक तुभ अफ तक इन खयाबफमं से फचे हुए हो। भ ंबी कोई येगुरय डि ॊकय नहीॊ हूॊ। फस, कबी-कबाय ही िारा भाभरा है,

- आऩ अगय भेयी सूपी कम्ऩनी का फुया न भानं तो आऩके लरए कुछ भॊगिामा जामे। फेचाया िेटय कफ से हभाये आडसय का इॊतिाय कय यहा है। भ ंकहता हूॊ।

- तुम्हायी कम्ऩनी का भान यखने के लरए भ ंआज फीमय ही रूॊगा।

भनें उनके लरए फीमय का ही आडसय टदमा है।

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40 देस बफयाना ™½¬¸ £¸›¸¸¹•¸

हभने ऩूयी शाभ कई घॊटे एक साथ गुिाये हं औय ढेय सायी फातं की हं। फातचीत के दौयान जफ भ ंउन्हं िीयजी कह कय फुरा यहा हूॊ तो उन्हंने टोका है - तुभ ककस औऩचारयकता भं ऩडे़ हो, चाहो तो भुझे नाभ से बी फुरा सकते हो।

- दयअसर भ ंकबी ऩरयिाय भं नहीॊ यहा हूॊ। रयश्ते-नाते कैसे तनबामे जाते हं, नहीॊ जानता। तेयह -चौदह सार की उम्र थी जफ घय छूट गमा। तफ से एक शहय से दसूये शहय बटक यहा हूॊ।

- क्मा भतरफ ? घय छूट गमा था का भतरफ? तो मे सफ ऩढ़ेाई औय एभटैक औय ऩीएचडी तक की डडिी?

- दयअसर एक रम्फी कहानी है। भनें आज तक कबी बी ककसी के बी साभने अऩने फाये भं फातं नहीॊ की हं। आऩको भ ंएक यहस्म की फात मह फताऊॊ कक दतुनमा भं भेये ऩरयचचतं भं कोई बी भेये फाये भं ऩूये सच नहीॊ जानता। महाॊ तक कक, भेये भाॊ-फाऩ बी भेये फाये भं कुछ खास नहीॊ जानते। भनें कबी ककसी को यािदाय फनामा ही नहीॊ है। महाॊ तक कक भ ंअबी चौदह सार के फाद घय गमा था तो िहाॊ बी ककसी को अऩने सच का एक टुकड़ा टदखामा तो ककसी को दसूया। अऩनी छोटी फहन जजसे लभर कय भ ंफेहद खुश हुआ हूॊ, उसे बी भनें अऩनी सायी तकरीपं का यािदाय नहीॊ फनामा है। उसे बी भनें साये सच नहीॊ फतामे क्मंकक भनें कबी नहीॊ चाहा कक कोई भुझ ऩय तयस खामे। भेये लरए अफ़सोस कये। भुझे अगय ककसी शब्द से चचढ़े है तो िह शब्द है - फेचाया।

- मह तो फहुत ही अच्छी फात है कक हभ क्मं ककसी के साभने अऩने जख्भ टदखाते कपयं। भ ंतुम्हं बफरकुर बी भजफूय नहीॊ करूॊ गा कक अऩने भन ऩय फोझ डारते हुए कोई बी काभ कयो। भ ंतुम्हायी बािनाएॊ सभझ सकता हूॊ। सैल्प भेड आदभी की मही खालसमत होती है कक िह अऩने ही फाये भं फात कयने से फचना चाहता है।

- नहीॊ, िह फात नहीॊ है। दयअसर भेये ऩास फताने के लरए ऐसा कुछ बी नहीॊ है जजसे शेमय कयने भं भ ंगिस का अनुबि करूॊ । अऩनी तकरीफ़ं की फात कयके भ ंआऩकी शाभ खयाफ नहीॊ कयना चाहता।

- जैसी तुम्हायी भजॉ। विश्वास यखो, भ ंतुभसे कबी बी कोई बी ऩससनर सिार नहीॊ ऩूछूॊगा। इसके लरए तुम्हं कबी वििश नहीॊ करूॊ गा।

ऩहरे घय छोड़ने से रेकय दोफाया घय छोड़ने तक के अऩने थोडे़-फहुत सच फमान कय टदमे हं उनकी भोटी-भोटी जानकायी के लरए।

फताता हूॊ उन्हं - अफ वऩछरे तीन-चाय सार से महाॊ जॉफ कय यहा हूॊ तो आस-ऩास दतुनमा को देखने की कोलशश कय यहा हूॊ। भ ंकई फाय मे देख कय हैयान हो जाता हूॊ कक भ ंककतने फयसं से बफना खखड़ककमं िारे ककसी कभये भं फॊद था औय दतुनमा कहाॊ की कहाॊ ऩहुॊच गमी है। जैसे भै कहीॊ ठहया हुआ था मा ककसी औय ही यफ्ताय से चर यहा था। खैय, ऩता नहीॊ आज अचानक आऩके साभने भ ंइतनी सायी फातं कैसे कय गमा हूॊ।

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41 देस बफयाना ™½¬¸ £¸›¸¸¹•¸

- सच भानो, भ ंसोच बी नहीॊ सकता था कक तुभ, जो हभेशा इतने सहज औय चुप्ऩे फने यहते हो, कबी फात कयते हो औय कबी फॊद ककताफ की तयह हो जाते हो, अऩनी इस छोटी-सी जिॊदगी भं ककतने ककतने तूपान झेर चुके हो।

खाना खा कय रौटते हुए फायह फज गमे हं। भुझे रग यहा है कक भ ंएक ऩरयचचत के साथ खाना खाने गमा था औय फडे़ बाई के साथ िावऩस रौट यहा हूॊ। देिेद्र जी के साथ दस टदन की फातचीत के कुछ टदन फाद ही अरका दीदी ने घेय लरमा है। उनके साथ फैठा चाम ऩी यहा हूॊ तो ऩूछा है उन्हंने - ऑकपस से आते ही अऩने कभये भं फॊद हो जाते हो। खयाफ नहीॊ रगता?

- रगता तो है, रेककन आदत ऩड़ गमी है।

- कोई दोस्त नहीॊ है क्मा?

- नहीॊ। कबी भेये दोस्त यहे ही नहीॊ। आऩ रोग अगय भुझसे फात कयने की शरुूआत न कयते तो भ ंअऩनी तयप से कबी फात ही न कय ऩाता।

- कोई गरस फं्रैड बी नहीॊ है क्मा? अरका ने छेड़ा है - तेये जैसे स्भाटस रड़के को रड़ककमं की क्मा कभी!

क्मा जिाफ दूॊ। भ ंचुऩ ही यह गमा हूॊ रेककन अरका ने भेयी उदासी ताड़ री है। भेये कॊ धे ऩय हाथ यख कय ऩूछती है - ऐसी बी क्मा फेरूखी जिॊदगी से कक न कोई ऩुरुष दोस्त हो औय न ही कोई रड़की लभत्र ही। सच फताओ क्मा फात है। िह भेयी अॊााखं भं आॊखं डार कय ऩूछती है।

- सच भानो दीदी, कोई ख़ास फात नहीॊ है। कबी दोस्ती हुई ही नहीॊ ककसी से, िैसे बी भुझे रड़ककमं से फात नहीॊ कयनी ही नहीॊ आती।

- क्मं, क्मा िहाॊ आइआइटी भं मा अभेरयका भं रड़ककमाॊ नहीॊ थीॊ ?

- हंगी, उनके फाये भं भुझे ज्मादा नहीॊ ऩता, क्मंकक तफ भ ंउनकी तयफ़ देखता ही नहीॊ था कक कहीॊ भेयी तऩस्मा न बॊग हो जामे। जजस िक्त साये रड़के हॉस्टर के आसऩास देय यात तक हा हा हू हू कयते यहते, भ ं ककताफं भे लसय खऩाता यहता। आऩ ही फताओ दीदी, प्माय-व्माय के लरए िक्त ही कहाॊ था भेये ऩास?

- तो अफ तो है िक्त औय जॉफ बी है औय ऩैसे बी हं। िैसे तो उस िक्त बी एक-आध रड़की तो तुम्हायी तनगाह भं यही ही होगी।

- िैसे तो थी एक।

- रड़की का नाभ क्मा था?

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42 देस बफयाना ™½¬¸ £¸›¸¸¹•¸

- रड़की जजतनी सुॊदय थी, उसका नाभ बी उतना ही सुॊदय था - ऋतुऩणास। घय का उसका नाभ तनक्की था।

- उस तक अऩनी फात नहीॊ ऩहुॊचामी थी? उसके नाभ की ही तायीप कय देते, फात फन जाती।

- कहने की टहम्भत ही कहाॊ थी। आज बी नहीॊ है।

- ककसी औय से कहरिा टदमा होता।

- कहरिामा था।

- तो क्मा जिाफ लभरा था?

- रेककन जिॊदगी के इसी इजम्तहान भं भ ंपेर हो गमा था।

- क्मा फात हो गमी थी ?

- िह उस सभम एभफीफीएस कय यही थी। हभाये ही एक प्रोपेसय की छोटी फहन थी। कैम्ऩस भं ही यहते थे िे रोग। कबी उनके घय जाता तो थे़ड़ी फहुत फात हो ऩाती थी। एकाध फाय राइबे्रयी िगैयह भं बी फात हुई थी। िैसे िह फहुत कभ फातं कयती थी रेककन अऩने प्रतत उसकी बािनाओॊ को भ ंउसके बफना फोरे बी सभझ सकता था। भ ंतो खैय, अऩनी फात कहने की टहम्भत ही नहीॊ जुटा सकता था। भेया पाइनर ईमय था। जो कुछ कहना कयना था, उसका आखखयी भौका था। भ ंन रड़की से कह ऩा यहा था औय उसके बाई के ऩास जाने की टहम्भत ही थी। उन्हीॊ टदनं हभाये सीतनमय फैच की एक रड़की हभाये डडऩाटसभंट भं रेक्चयय फन कय आमी थी। उसी को विश्वास भं लरमा था औय उसके िरयमे रड़की के बाई से कहरिामा था।

- क्मा जिाफ लभरा था?

- रड़की तक तो फात ही नहीॊ ऩहुॊची थी रेककन उसके बाई ने ही टका-सा जिाफ दे टदमा था कक हभ खानदानी रोग हं। ककसी खानदान भं ही रयश्ता कयंगे। भ ंठहया भेहनत-भिदयूी कयके ऩढ़ेने िारा। उनकी तनगाह भं कैसे टटकता।

- फहुत फदतभीज था िो प्रोपेसय, सैल्प - भेड आदभी का बी बरा कोई विकल्ऩ होता है। हभ तुम्हायी तकरीफ़ सभझ सकते हं। अकेराऩन आदभी को ककतना तोड़ देता है। देिेद्र फता यहे थे कक तुभने तो अऩनी तयप से घय िारं से ऩैच-अऩ कयने की बी कोलशश की रेककन इतना ऩैसा खचस कयने के फाद बी तुम्हं खारी हाथ रौटना ऩड़ा है।

- छोड़ो दीदी, भेये हाथ भं घय की रकीयं ही नहीॊ हं। भुझे बी अच्छा रगता अगय भेया घय होता, आऩ दोनं के घय की तयह।

- क्मं, क्मा ख़ास फात है हभाये घय भं? देिेद्र जी ने आते-आते आधी फात सुनी है।

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43 देस बफयाना ™½¬¸ £¸›¸¸¹•¸

- जफ बी आऩ दोनं को इतने प्माय से यहते देखता हूॊ तो भुझे फहुत अच्छा रगता है। काश, भ ंबी ऐसा ही घय फसा ऩाता।

- अच्छा एक फात फताओ, अरका दीदी ने छेड़ा है - घय कैसा होना चाटहमे?

- क्मं, साप सुथये, कयीने से रगे घय ही तो सफको अच्छे रगत ेहं । िैसे भ ंकहीॊ आता-जाता नहीॊ रेककन इस तयह के घयं भं जाना भुझे फहुत अच्छा रगता है।

- रेककन अऩने घय को रेकय तुम्हाये भन भं क्मा इभेज है?

भ ंसकऩका गमा हूॊ। सूझा ही नहीॊ कक क्मा जिाफ दूॊ। फहुत उधेड़फुन के फाद कहा है - भेये भन भं फचऩन के अऩने घय औय फाद भं फाफा जी के घय को रेकय जो आतॊक फैठा हुआ है, उससे भ ंआज तक भुक्त नहीॊ हो ऩामा हूॊ। भ ंअऩने फचऩन भं मा तो वऩटते हुए फड़ा हुआ मा कपय रगाताय लसयददस की िजह से छटऩटाता यहा। घय से बाग कय जो घय लभरा, िहाॊ फाफाजी ने घय की भेयी इभेज को औय दवूषत ककमा। फाद भं फेशक अरग-अरग घयं भं यहा रेककन िहाॊ भ ंन कबी खुर कय हॉस ही ऩाता था औय न कबी ऩैय पैरा कय फैठ ही सकता था। कायण भ ंनहीॊ जानता। कपय ज्मादातय िक्त हॉस्टरं भं कटा, जहाॊ घय के प्रतत भेया भोह तो हभेशा फना यहा रेककन कोई भुकम्भर तस्िीय नहीॊ फनती थी कक घय कैसा होना चाटहमे, फस, जहाॊ बी फच्चं की ककरकारयमाॊ सुनता मा हसफडं िाइप को प्माय से फात कयते देखता, एक दसूये की केमय कयते देखता, रगता शामद घय मही होता है।

- घय को रेकय तुम्हायी जो इभेज है, दयअसर तुम्हाये अनुबिं की विविधता की िजह से औय घय को दयू से देखने के कायण फनी है, देिेद्र जी फता यहे हं - तुभ हभेशा मा तो ऐसे घयं भं यहे जहाॊ भाहौर सही नहीॊ था मा ऐसे घयं भं यहे जो तुम्हाये अऩने घय नहीॊ थे। िैसे देखा जामे तो हय आदभी के लरए घय के भामने अरग होते हं। भाना जामे तो ककसी के लरए पुटऩाथ मा उस ऩय फना टीन टप्ऩय का भाभूरी सा झोऩड़ा बी घय की भहक से बया हुआ हो सकता है औय ऐसा बी हो सकता है कक ककसी के लरए भहर बी घय की ऩरयबाषा भं न आता हो औय िहाॊ यहने िारा घय की चाहत भं इधय-उधय बटक यहा हो। फेशक तुम्हं अऩने वऩता का घय छोड़ कय बागना ऩड़ा था क्मंकक िह घय अफ तुम्हाये लरए घय ही नहीॊ यहा था रेककन तुम्हायी भाॊ मा बाइमं के लरए तफ बी िह घय फना ही यहा था क्मंकक उनके लरए न तो िहाॊ से भुडक्त थी औय न भुडक्त की चाह ही। हो सकता है तुम्हाये साभने घय छोड़ने का सिार न आता तो अफ बी िह घय तुम्हाया फना ही यहता। उस वऩटाई के फािजूद उस घय भं बी कुछ तो ऐसा यहा ही होगा जो तुम्हं आज तक हाॉट कयता है। वऩता की वऩटाई के ऩीछे बी तुम्हायी फेहतयी की नीमत छुऩी यही होगी जजसे फेशक तुम्हाये वऩता अऩने गुस्से की िजह से कबी व्मक्त नहीॊ कय ऩामे हंगे। इसभं कोई शक नहीॊ कक आऩसी पे्रभ औय संस ऑप केमय से घय की नीॊिं भिफूत होती हं, रेककन हभ दोनं बी आऩस भं छोटी-छोटी चीिं को रे कय रड़ते-झगड़ते हं। एक दसूये से रूठते हं औय एक-दसूये को कोसते बी हं। इसके फाििूद हभ दोनं एक ही फने यहते हं क्मंकक हभं एक दसूये ऩय विश्वास है औय हभ एक दसूये की बािना की कद्र बी कयते हं। हभ आऩस भं ककतना

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44 देस बफयाना ™½¬¸ £¸›¸¸¹•¸

बी रड़ रं, कबी फाहय िारं को हिा बी नहीॊ रगने देते औय न एक दसूये की फुयाई ही कयते हं। शामद इसी बािना से घय फनता है। हाॊ, जहाॊ तक साप-सुथये घय को रेकय तुम्हायी जो इभेज है, अगय तुभ फच्चं की ककरकारयमाॊ बी चाहो औय होटर के कभये की तयह सपाई बी, तो शामइ मह वियोधाबास होगा। घय घय जैसा ही होना औय रगना चाटहमे। घय िो होता है जहाॊ शाभ को रौटना अच्छा रगे न कक भजफूयी। जहाॊ आऩसी रयश्तं की भहक हभेशा भाहौर को जीिॊत फनामे यखे, िही घय होता है। तुम्हं शामद देखने का भौका न लभरा हो, महाॊ फॊफई भं जजतने बी फीमय फाय हं मा शयाफ के अड्डे हं िहाॊ तुम्हं हिायं आदभी ऐसे लभर जामंगे जजन्हं घय काटने को दौड़ता है। ििह कोई बी हो सकती है रेककन ऐसे रोग होशो-हिास भं घय जाने से फचना चाहते हं। िे चाहं तो अऩने घय को फेहतय बी फना सकते हं जहाॊ रौटने का उनका टदर कये रेककन हो नहीॊ ऩाता। आदभी जफ घय से दयू होता है तबी उसे घय की भहत्ता ऩता चरती है। िह ककसी बी तयीके से घय नाभ की जगह से जुड़ना चाहता है। घय चाहे अऩना हो मा ककसी औय का, घय का ही अहसास देता है। तो फॊधुिय, हभ तो मही दआु कयते हं कक तुम्हं भनचाहा घय जल्दी लभरे।

- बफरीि भी, िीय जी, आऩने तो घय की इतनी फायीक व्माख्मा कय दी।

- चचॊता भत कयो, तुम्हं बी अऩना घय जरूय लभरेगा औय तुम्हायी ही शतं ऩय लभरेगा।

- भ ंघय को रेकय फहुत संलसटटि यहा हूॊ रेककन अफ घय से रौटने के फाद से तो भ ंफुयी तयह डय गमा हूॊ कक क्मा कोई ऐसी जगह कबी होगी बी जजसे भ ंघय कह सकूॊ । भ ंअऩनी तयह के घय को ऩाने के लरए कुछ बी कय सकता था रेककन.. अफ तो....।

- घफयाओ नहीॊ, ऊऩय िारे ने तमृ्हाये नाभ बी एक खूफसूयत फीिी औय तनहामत ही सुकून बया घय लरखा होगा। घय औय फीफी दोनं ही तुभ तक चर कय आमंगे।

- ऩता नहीॊ घय की मह तराश कफ खत्भ होगी।

- जल्दी ही खतभ होगी बाई, अरका ने भेये फार बफखेयते हुए कहा है - अगय हभायी ऩसॊद ऩय बयोसा हो तो हभ दोनं आज ही से इस भुटहभ ऩय जुट जाते हं।

भ ंझंऩी हॉसी हॉसता हूॊ - क्मं ककसी भासूभ की जजॊदगी ख़याफ कयती हं इस पारतू आदभी के चक्कय भं।

- मह हभ तम कयंगे कक हीया आदभी कौन है औय पारतू आदभी कौन? गुड्डी की चचट्ठी आमी है। सभाचाय सुखद नहीॊ हं ।

- िीयजी,

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45 देस बफयाना ™½¬¸ £¸›¸¸¹•¸

आऩकी चचट्ठी लभर गमी थी। फेफे फीभाय है। आजकर घय का साया काभ भेये जजम्भे आ गमा है। फेफे के इराज के लरए भुझे अऩनी फचत के कापी ऩैसे खचस कयने ऩडे़ जजससे दायजी औय फेफे को फताना ऩड़ा कक भुझे आऩसे कापी ऩैसे लभरे हं।

िीयजी, मह गरत हो गमा है कक सफको ऩता चर गमा है कक आऩ भुझे ऩैसे बेजते यहते हं। अफ फीभाय फेफे के एक्सये औय दसूये टैस्ट कयाने थे औय घय भं उतने ऩैसे नहीॊ थे, भ ंकैसे चुऩ यहती। अऩनी सायी फचत तनकार कय दायजी के हाथ ऩय यख दी थी। िैसे बी मे ऩैसे भेये ऩास पारतू ही तो यखे हुए थे।

आऩ महाॊ की चचॊता न कयं। भ ंसफ सॊबारे हुए हूॊ। अऩने सभाचाय दं। अऩना कॉटैक्ट नॊफय लरख दीजजमेगा।

आऩकी

गुड्डी

भ ंतुॊत ही ऩाॊच हजाय रुऩमे का िाफ्ट गुड्डी के नाभ कूरयमय से बेजता हूॊ औय लरखता हूॊ कक भुझे पोन कयके तुॊत फतामे कक अफ फेफे की तफीमत कैसी है। एक ऩत्र भ ंनॊद ूको लरखता हूॊ। उसे फताता हूॊ कक ककन हारात के चरते भुझे दसूयी फाय भुझे फेघय होना ऩड़ा औय भ ं आते सभम ककसी से बी लभर कय नहीॊ आ सका। एक तयह से खारी हाथ औय बये भन से ही घय से चरा था। फेफे फीभाय है। िया घय जा कय देख आमे कक उसकी तफीमत अफ कैसी है। गुड्डी को ऩैसे बेजे हं। औय ऩैसं की जरूयत हो तो तुॊत फतामे।

सोचता हूॊ, जाऊॊ क्मा फेफे को देखने? रेककन कहीॊ कपय घेय लरमा भुझे ककसी कयताये मा ओभकाये की रड़की के चक्कय भं तो भुसीफत हो जामेगी। कपय इस फाय तो फेफे की फीभायी का बी िास्ता टदमा जामेगा औय भ ंककसी बी तयह से फच नहीॊ ऩाऊॊ गा। गुड्डी की चचट्ठी आ जामे कपय देखता हूॊ।

नॊद ूका पोन आ गमा है।

फता यहा है - आऩ ककसी ककस्भ की कपकय भत कयो। फेफे अफ ठीक है। घय ऩय ही है औय डॉक्टयं ने कुछ टदन का आयाभ फतामा है। िैसे चचॊता की कोई फात नहीॊ है।

ऩूछता हूॊ भ ं- रेककन उसे हुआ क्मा था ?

- कुछ खास नहीॊ, फस, ब्रड पे्रशय डाउन हो गमा था। दिाइमाॊ चरती यहंगी। फाकी भुझे गुड्डी से सायी फात का ऩता चर गमा है। आऩ भन ऩय कोई फोझ न यखं। भ ंगुड्डी का बी ख्मार यख्गाॊ औय फेफे का बी। ओके, औय कुछ !!

- जया अऩने पोन नम्फय दे दे।

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- रो नोट कयो जी। घय का बी औय येस्तयाॊ का बी। औय कुछ?

- भ ंअऩने ऩड़ोसी लभस्टय बसीन का नम्फय दे यहा हूॊ। एभजंसी के लरए। नोट कय रो औय गुड्डी को बी दे देना।

पोन नम्फय नोट कयता हूॊ औय उसे थकं्स कय पोन यखता हूॊ..।

तसल्री हो गमी है कक फेफे अफ ठीक है औय मह बी अच्छी फात हो गमी कक अफ नॊद ूके जरयमे कभ से कभ तुॊत सभाचाय तो लभर जामा कयंगे। इस फीच दायजी चचट्ठी आमी है। गुयभुखी भं है। हाराॊकक उनकी हैण्ड याइटटॊग फहुत ही खयाफ है रेककन भतरफ तनकार ऩा यहा हूॊ ।

मह एक वऩता का ऩुत्र के नाभ ऩहरा ऩत्र है।

लरखा है

- फयखुयदाय,

नॊद ूसे तेया ऩता रेकय खत लरख यहा हूॊ। एक फाऩ के लरए इससे औय ज्मादा शयभ का फात क्मा होगी कक उसे अऩने फेटे के ऩते के िास्ते उसके दोस्तं के घयं के चक्कय काटने ऩडं़। फाकी तूने जो कुछ हभाये साथ ककमा औय दसूयी फाय फीच चौयाहे उते्त भेयी ऩगड़ी उछारी, उससे भ ंबफयादयी भं कहीॊ भुॊह टदखाने केध काबफर नहीॊ यहा हूॊ..। सफ रोग भुझ ऩय ही थू थू कय यहे हं। कोई मह नहीॊ देखता कक तू ककस तयह इस फाय बी बफना फतामे चोयं की तयह तनकर गमा। तेयी फेफे तेया इॊतजाय कयती यही औय जनाफ टे्रन भं फैठ कय तनकर गमे। फाकी आदभी भं इतनी गैयत औय लरमाकत तो होनी ही चाटहमे कक िह आभने-साभने फैठ कय फात कय सके। तेयी फेफे इस फात का सदभा फयदाश्त नहीॊ कय ऩामी औय तफ से फीभाय ऩड़ी है। तुझसे तो इतना बी न हुआ कक उसे देखने आ सके। फाकी तूने अऩनी फेफे को हभेशा ही दखु टदमा है औय कबी बी इस घय के सुख-दखु भं शालभर नहीॊ हुआ है। छोटी-भोटी फातं ऩय घय छोड़ देना शयीप घयं के रड़कं को शोबा नहीॊ देता। तुम्हायी इतनी ऩढ़ेाई-लरखाई का क्मा पामदा जजससे भाॊ-फाऩ को दखु के अरािा कुछ बी न लभरे।

फाकी भेये सभझाने-फुझाने के फाद कयताय लस ॊह तेयी मह ज्मादती बुराने के लरए अबी बी तैमाय है। तू जल्द से जल्द आ जा ताकक घय भं सुख शाॊतत आ सके। इस फहाने अऩनी फीभाय फेफे को बी देख रेगा। िो तेये लरए फहुत करऩती है। िैसे बी उसकी आधी फीभायी तुझे देखते ही ठीक हो जामेगी। तू जजतनी बी ज्मादती कये हभाये साथ, उसके प्राण तो तुझभं ही फसते हं।

तुम्हाया,

दायजी

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47 देस बफयाना ™½¬¸ £¸›¸¸¹•¸

जिॊदगी भं एक फाऩ ऩहरी फाय अऩने फेटे को चचट्टी लरख यहा है औय उसभं सौदेफाजी िारी मह बाषा!! दायजी जो बाषा फोरते हं िही बाषा लरखी है। न फोरने भं लरहाज कयते हं न लरखने भं ककमा है।

अफ ऐसे ख़त का क्मा जिाफ टदमा जा सकता है। िे मह नहीॊ सभझते कक इस तयह से िे भेयी ऩयेशातनमाॊ ही फढ़ेा यहे हं।

अगरे ही टदन की डाक भं गुड्डी का एक औय खत आमा है।

लरखा है उसने

- िीयजी, ऩत्र लरखने भं देय हो गमी है। जफ नॊद ू िीयजी ने फतामा कक उन्हंने आऩको फेफे की तफीमत के फाये भं पोन ऩय फता टदमा है इसलरए बी लरखना टर गमा। फेफे अफ ठीक हं रेककन कभिोयी है औय ज्मादा देय तक काभ नहीॊ कय ऩाती। िैसे कुछ सदभा तो उन्हं आऩके जाने का ही रगा है औय आजकर उनभं औय दायजी भं इसी फात को रेकय अक्सय कहा-सुनी हो जाती है।

फेफे की फीभायी के कायण कई टदन तक कॉरेज न जा सकी औय घय ऩय ही ऩढ़ेती यही। िैसे तनशा आ कय नोट्स दे गमी थी।

दायजी ने भुझसे आऩका ऩता भाॊगा था। भनें भना कय टदमा कक जजस लरपापे भं िाफ्ट आमा था उस ऩय ऩता था ही नहीॊ। ऩता न देने की ििह मही है कक वऩछरे टदनं कयताय लस ॊह ने सॊदेसा लबजिामा था कक अफ हभ औय इॊतजाय नहीॊ कय सकते। अगय दीऩू मह रयश्ता नहीॊ चाहता मा जिाफ नहीॊ देता तो िे औय कोई घय देखंगे। उन ऩय बी बफयादयी की तयप से दफाि है।

ऩता है िीयजी, दायजी ने कयताय लस ॊह के ऩास इस सॊदेस के जिाफ भं क्मा सॊदेसा लबजिामा था - तू सॊतोष का ब्माह बफल्र ूमा गोर ूसे कय दे., दहेज फेशक आधा कय दे। कयताय लस ॊह ने दायजी को जिाफ टदमा कक फोरने से ऩहरे कुछ तो सोच बी लरमा कय। तू फेशक व्माऩायी न सही, भ ंव्माऩायी आदभी हूॊ औय कुछ सोच कय ही तेये दीऩू का हाथ भाॊग यहा था। दायजी का भुॊह इतना सा यह गमा।

दायजी नॊद ूसे आऩका ऩता रेने गमे थे। िे शामद आऩको लरखं, मा लरख बी टदमा हो .. आऩ उनके पॊ दे भं भत पॊ सना िीयजी।

आऩके बेजे ऩाॊच हिाय के िाफ्ट के लरए दायजी ने भेया खाता खुरिा टदमा है, रेककन मह खाता उन्हंने अऩने साथ ज्िाइॊट खुरिामा है।

नॊद ूिीयजी अकसय फेफे का हारचार ऩूछने आ जाते है। आऩकी चचट्ठी का ऩूछ यहे थे। िे आऩकी फहुत इज्जत कयते हं।

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48 देस बफयाना ™½¬¸ £¸›¸¸¹•¸

ऩत्र दंगे।

आऩकी फहना,

गुड्डी सभझ भं नहीॊ आ यहा, ककन झभेरं भं पॊ स गमा हूॊ। जफ तक घय नहीॊ गमा था, िे सफ भेयी दतुनमा भं कहीॊ थे ही नहीॊ, रेककन एक फाय साभने आ जाने के फाद भेये लरए मह फहुत ही भुजश्कर हो गमा है कक उन्हं अऩनी स्भतृतमं से ऩूयी तयह से तनकार पंकूॊ । हो ही नहीॊ ऩाता मे सफ। िहाॊ भुझे हफ्ता बय बी चैन से नहीॊ यहने टदमा औय जफ िहाॊ से बाग कय महाॊ आ गमा हूॊ तो बी भुडक्त नहीॊ है भेयी।

अरका दीदी भेयी ऩयेशातनमाॊ सभझती हं रेककन जफ भेये ही ऩास इनका कोई हर नहीॊ है तो उस फेचायी के ऩास कहाॊ से होगा। भुझे उदास औय डडस्टफस देख कय िह बी भामूस हो जाती है, इसलरए कई फाय उनके घय जाना बी टारता हूॊ। रेककन दो टदन हुए नहीॊ होते कक खुद फुराने आ जाती हं। भजफूयन भुझे उनके घय जाना ही ऩड़ता है।

डडप्रैशन के बीषण दौय से गुिय यहा हूॊ। जी चाहता है कहीॊ दयू बाग जाऊॊ । फाहय कहीॊ नौकयी कय रूॊ जहाॊ ककसी को भेयी खफय ही न हो कक भ ंकहाॊ चरा गमा हूॊ। एक तो जिॊदगी भं ऩसया दलसमं फयसं का मह अकेराऩन औय उस ऩय से घय से आने िारी इस तयह की चचटट्ठमाॊ। खुद की नादानी ऩय अफ़सोस हो यहा है कक फेशक गुड्डी को ही सही, ऩता दे कय ही क्मं आमा..। भ ंअऩने हार फना यहता औय उन्हं उनके ही हार ऩय छोड़ आता। रेककन फेफे औय गुड्डी .. महीॊ आ कय भ ंऩस्त हो जाता हूॊ।

अफ भ ंइस टदशा भं ज्मादा सोचने रगा हूॊ कक महाॊ से कहीॊ फाहय ही तनकर जाऊॊ । फेशक कहीॊ बी खुद को एडजस्ट कयने भं, जभाने भं िक्त रगेगा रेककन महाॊ ही कौन सी जभी-जभामी गहृस्थी है जो उखाड़नी ऩडे़गी। सफ जगह हभेशा खारी हाथ ही यहा हूॊ। जजतनी फाय बी शहय छोडे़ हं मा जगहं फदरी हं, खारी हाथ ही यहा हूॊ, महाॊ से बी कबी बी िैसे ही चर दूॊगा। ककसी बी कीभत ऩय इॊगरैण्ड मा अभेरयका की तयप तनकर जाना है।

ऑकपस से रौटा ही हूॊ कक अरका दीदी का फुरािा आ गमा है। वऩछरे ककतने टदनं से उनके घय गमा ही नहीॊ हूॊ।

फे्रैश हो कय उनके घय ऩहुॊचा तो दीदी ने भुस्कुयाते हुए दयिाजा खोरा है। बीतय आता हूॊ। साभने ही एक रम्फी-सी रड़की फैठी है। दीदी ऩरयचम कयाती हं - मे गोल्डी है। सीएभसी भं सविसस इॊजीतनमय है। उसे भेये फाये भं फताती है। भ ंहैरो कयता हूॊ। हभ फैठते हं। दीदी चाम फनाने चरी गमी है।

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49 देस बफयाना ™½¬¸ £¸›¸¸¹•¸

ककसी बी अकेरी रड़की की भौजूदगी भं भ ंअसहज भहसूस कयने रगता हूॊ। सभझ ही नहीॊ आता, क्मा फात करूॊ औय कैसे शरुूआत करूॊ । िह बी थोड़ी देय तक चुऩ फैठी यहती है कपय उठ कय दीदी के ऩीछे यसोई भं ही चरी गमी है। चरो, अच्छा है। उसकी भौजूदगी से जो तनाि भहसूस हो यहा था, कभ से कभ िो तो नहीॊ होगा। रेककन दीदी बी अजीफ हं। उसे कपय से ऩकड़ कय िाइॊग रूभ भं रे आमी है - फहुत अजीफ हो तुभ दोनं? क्मा भ ंइसीलरए तुभ दोनं का ऩरयचम कया के गमी थी कक एक दसूये का भुॊह देखते यहो औय जफ दोनं थक जाओ तो एक उठ कय यसोई भं चरा आमे।

भ ंझंऩ कय कहता हूॊ - नहीॊ दीदी, ऐसी फात नहीॊ है दयअसर .. भ ं..

- हाॊ, भुझे सफ ऩता है कक तुभ रड़ककमं से फात कयने भं फहुत शयभाते हो औय कक तुम्हाया भूड आजकर फहुत खयाफ चर यहा है औय भुझे मह बी ऩता है कक मे रड़की तुझे खा नहीॊ जामेगी। फेशक कामस्थ है रेककन िैजजटेरयमन है। दीदी ने भुझे कठघये भं खड़ा कय टदमा है। कहने को कुछ फचा ही नहीॊ है।

भ ंफात शरुू कयने से टहसाफ से ऩूछता हूॊ उससे - कहाॊ से री थी कम्प्मूटसस भं डडिी?

- इॊदौय से। िह बी सॊकोच भहसूस कय यही है कक उठ, कय यसोई भं क्मं चरी गमी थी।

- फॊफई ऩहरी फाय आमी हं?

- जॉफ के टहसाफ तो ऩहरी ही फाय ही आमी हूॊ, रेककन ऩहरे बी कॉरेज िुऩ के साथ फॊफई घूभ चुकी हूॊ।

- चरो, गगनदीऩ के लरए अच्छा हुआ कक उसे गोल्डी को फॊफई नहीॊ घुभाना ऩडे़गा।

- आऩ तो भेये ऩीछे ही ऩड़ गमी हं दीदी, भनें ऐसा कफ कहा...

- हाॊ, अफ हुई न फात। तो अफ ऩूयी फात सुन। गोल्डी एक हफ्ता ऩहरे ही फॊफई आमी है। बफचायी को आते ही यहने की सभस्मा से जूझना ऩड़ा। कर ही विनामक क्रॉस योड ऩय यहने िारी हभायी विधिा चाची की ऩेइॊग गेस्ट फन कय आमी है। इसे कुछ शॉवऩ ॊग कयनी है। तू िया इसके साथ जा कय इसे शॉवऩ ॊग कया दे।

- ठीक है दीदी, कया देता हूॊ। दीदी की फात टारने की भेयी टहम्भत नहीॊ है।

- जा गोल्डी। िैसे तुझे फता दूॊ कक मे फहुत ही शयीप रड़का है। ऩता नहीॊ यास्ते भं तुझसे फात कये मा नहीॊ मा तुझे चाट िगैयह बी खखरामे मा नहीॊ, तू ही इसे कुछ खखरा देना।

- दीदी, इतनी तो खखॊचाई भत कयो। अफ भ ंइतना बी गमा गुजया नहीॊ हूॊ कक ....।

- भ ंमही सुनना चाहती थी। दीदी ने हॉसते हुए हभं विदा ककमा है।

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50 देस बफयाना ™½¬¸ £¸›¸¸¹•¸

हभ दोनं एक साथ नीचे उतयते हं।

सीटढ़ेमं भं ही उससे ऩूछता हूॊ - आऩको ककस ककस्भ की शॉवऩ ॊग कयनी है? भेया भतरफ उसी तयह के फािाय की तयप जामं।

- अफ अगय महीॊ यहना है तो सुई से रेकय आइयन, फाल्टी, इरैजक्ट्रक कैटर सफ कुछ ही तो रेना ऩडे़गा। ऩहरे मही चीजं रे रं - ऑटो रे रं? फाॊद्रा स्टेशन तक तो जाना ऩडे़गा। दो तीन घॊटे भं ही उसने कापी शॉवऩ ॊग कय री है। फहुत अच्छी तयह से शॉवऩ ॊग की है उसने। उसने साभान बी फहुत फटढ़ेमा क्िालरटी का खयीदा है। ज्मादातय साभान ऩहरी निय भं ही ऩसॊद ककमा गमा है। दीदी की फात बूरा नहीॊ हूॊ। गोल्डी को आिह ऩूिसक शेये ऩॊजाफ येस्तयाॊ भं खाना खखरामा है। इस फीच उससे कापी फात हुई है। गोल्डी कयाटे भं ब्रू फैल्ट है। ऩुयाने सॊगीत की यलसमा है औय अच्छे खाने की शौकीन है। उसे कपल्भं बफरकुर अच्छी नहीॊ रगती।

उसने भेये फाये भं बी फहुत कुछ जानना चाहा है। सॊकट भं डार टदमा है उसने भुझे भेयी डेट ऑप फथस ऩूछ कय। कबी सोचा बी नहीॊ था, इधय-उधय के पाभं भं लरखने के अरािा जन्भ की तायीख का इस तयह बी कोई भहत्ि होता है। एक तयह से अच्छा बी रगा है। आज तक मह तायीख भहज एक सॊख्मा थी। आज एक सुखद अहसास भं फदर गमी है।

भ ंबी उससे उसकी डेट ऑप फथस ऩूछता हूॊ। फताती है - फीस जुराई लसक्सटी नाइन।

भ ंहॉसता हूॊ - भुझसे छ् सार छोटी हं।

िह जिाफ देती है - दतुनमा भं हय कोई ककसी न ककसी से छोटा होता है तो ककसी दसूये से फड़ा। अगय सफ फयाफय होने रगे तो चर चुकी दतुनमा की साइककर....।

कापी इॊटेलरजंट है औय संस ऑप ह्यूभय बी खूफ है। आज से ठीक फीस टदन जनभ टदन है गोल्डी का। देखं, तफ महाॊ होती बी है मा नहीॊ....!

- आऩका ऑकपस तो फाॊद्रा कुरास कॉम्ऩरैक्स भं है। सुना है फहुत ही शानदाय बफजल्डॊग है।

- हाॊ बफजल्डॊग तो अच्छी है। कबी रे जाऊॊ गी आऩको। अबी तो नमी हूॊ इसलरए हैड क्िाटससस टदमा है। भ ंतो पील्ड स्टाप हूॊ। अऩने काभ के लसरलसरे भं साया टदन एक जगह से दसूयी जगह जाना ऩडे़गा।

- फॊफई से फाहय बी?

- हाॊ, फाहय बी जाना ऩड़ सकता है।

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हभ रदे पदे िावऩस ऩहुॊचे हं। गोल्डी का कापी साया साभान भेये दोनं हाथं भं है। उसे चाची के घय के नीचे विदा कयता हूॊ तो ऩूछती है - मे साया साभान रेकय भ ंअकेरी ऊऩय जाऊॊ गी तो आऩको खयाफ नहीॊ रगेगा!

- ओह, सॉयी, भ ंतो मे सभझ यहा था भेया ऊऩय जाना ही आऩको खयाफ रगेगा, इसलरए चुऩ यह गमा। राइमे, भ ंऩहुॊचा देता हूॊ साभान।

चाची को नभस्ते कयता हूॊ। उनसे अक्सय दीदी के घय भुराकात हो जाती है। हारचार ऩूछती हं। गोल्डी का साभान यखिा कय रौटने को हूॊ कक िह कहती है - थकं्स नहीॊ कहूॊगी तो आऩको खयाफ रगेगा औय थकं्स कहना भुझे पॉभसर रग यहा है।

- इसभं थकं्स जैसी कोई फात नहीॊ है। इस फहाने भेया बी घूभना हो गमा। िैसे बी कभये भं फैठा फोय ही तो होता।

हॉसती है - िैसे तो दीदी ने भुझे डया ही टदमा था कक आऩ बफरकुर फात ही नहीॊ कयते। एनी िे थैक्स पॉय द नाइस डडनय। गुड नाइट।

ककसी रड़की के साथ इतना िक्त गुिायने का मह ऩहरा ही भौका है। िह बी अनजान रड़की के साथ ऩहरी ही भुराकात भं। ऋतुऩणास के साथ बी कबी इतना सभम नहीॊ गुिाया था। गोल्डी के व्मडक्तत्ि के खुरेऩन के फाये भं सोचना अच्छा रग यहा है। कोई दयुाि छुऩाि नहीॊ। सापगोई से अऩनी फात कह देना।

चरो, अरका दीदी ने जो ड्मूटी संऩी थी, उसे ठीक-ठाक तनबा टदमा।

सुफह सुफह ही भकान भालरक ने फतामा है कक दयिाजे ऩय कोई लसख रड़का खड़ा है जो तुम्हं ऩूछ यहा है। भ ंरऩक कय फाहय आता हूॊ।

साभने बफल्र ूखड़ा है। ऩास ही फैग यखा है। भुझे देखते ही आगे फढ़ेा है औय हौरे से झुका है।

भ ंहैयान - न चचट्ठी न ऩत्री, हिायं भीर दयू से चरा आ यहा है, कभ से कभ खफय तो कय देता। उसे बीतय लरिा राता हूॊ। भकान भालरक उसे हैयानी से देख यहा है। उन्हं फताता हूॊ - भेया छोटा बाई है। महाॊ एक इन्टयव्मू देने आमा है। भकान भालरक की तसल्री हो गमी है कक यहने नहीॊ आमा है।

उसे बीतय राता हूॊ। ऩूछता हूॊ - .. इस तयह .. अचानक ही.. कभ से कभ खफय तो कय ही देता.. भ ंस्टेशन तो रेने आ ही जाता..।

हॊसता है बफल्र ू- फस, फॊफई घूभने का टदर ककमा तो फैग उठामा औय चरा आमा।

भ ंचंका हूॊ - घय ऩय तो फता कय आमा है मा नहीॊ ?

- उसकी चचॊता भत कयो िीय, उन्हं ऩता है, भ ंमहाॊ आ यहा हूॊ।

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भुझे अबी बी विश्वास नहीॊ हो यहा है कक घय िह कह कय आमा है। सोच लरमा है भनें, यात को नॊद ूको पोन कयके फता दूॊगा - घय फता दे, बफल्र ूमहाॊ ठीक ठाक ऩहुॊच गमा है। कपकय न कयं।

- फेफे कैसी है? दायजी, गुड्डी औय गोरू?

- फेफे अबी बी ढीरी ही है। ज्मादा काभ नहीॊ कय ऩाती। फाकी सफ ठीक हं।

भकान भालरक ने इतनी भेहयफानी कय दी है कक दो कऩ चाम लबजिा दी है।

बफल्र ूनहा धो कय आमा है तो भ ंदेखता हूॊ कक उसके कऩडे़, जूते िगैयह फहुत ही भाभूरी हं। घय ऩय यहते हुए भनें इस तयफ़ ध्मान ही नहीॊ टदमा था। आज-कर भं ही टदरिाने ऩडं़गे। घुभाना-कपयाना बी होगा। मही काभ भेये लरए सफसे भुजश्कर होता है। भनें खुद फॊफई ढॊग से नहीॊ देखी है, उसे कैसे घुभाऊॊ गा। ऩता नहीॊ ककतने टदन का प्रोिाभ फना कय आमा है।

ऩूछ यहा है बफल्र ू- क्मा सोचा है िीय शादी के फाये भं। उसने अऩने फैग भं से सॊतोष की तस्िीय तनकार कय भेये आगे यख दी है। रगता है भुझे शादी के लरए तैमाय कयने औय लरिा रेने के लरए आमा है। उसे लरखा-ऩढ़ेा कय बेजा गमा है। िह जजस तयह से भेयी चीजं को उरट-ऩुरट कय देख यहा है औय सायी चीजं के फाये भं ऩूछ यहा है उससे तो मही रगता है कक िह भेया जीिन स्तय, यहने का यॊग ढॊग औय भेयी भारी हारत का जामजा रेने आमा है। कहा उसने फेशक नहीॊ है रेककन उसके हाि-बाि मही फता यहे हं। ऩयसं अरका दीदी ने दोनं को खाने ऩय फुरा लरमा था। गोल्डी बी थी। िहाॊ ऩय बी िह सफके साभने भेये घय छोड़ कय आने के फाये भं उरटी-सीघी फातं कयने रगा। जफ भ ंचुऩ ही यहा तो अरका को भेये फचाि भं उसे चुऩ कयना ऩड़ा तो जनाफ नायाि हो गमे - आऩको नहीॊ ऩता है बैनजी, मे ककस तयह बफना फतामे घय छोड़ कय आ गमे थे कक सायी बफयादयी इनके नाभ ऩय आज बी थू थू कय यही है। सगाई की सायी तैमारयमाॊ हो चुकी थीॊ। िो तो रोग-फाग दायजी का लरहाज कय गमे ियना..इन्हंने कोई कसय थोडे़ ही छोड़ यखी थी।

िह ताि भं आ गमा था। फड़ी भुजश्कर से हभ उसे चुऩ कया ऩामे थे। हभायी सायी शाभ खयाफ हो गमी थी। गोल्डी क्मा सोचेगी भेये फाये भं कक इतना ग़ैय-जजम्भेिाय आदभी हूॊ। उससे फात ही नहीॊ हो ऩामी थी। भ ंदेख सकता था कक िह बी फहुत आक्िडस भहसूस कय यही थी।

इस फीच देिेन् द्र औय अरका जी ने दोफाया फुरामा है रेककन भेयी टहम्भत ही नहीॊ हो यही कक उसे िहाॊ रे जाऊॊ । रे ही नहीॊ गमा। अफ तो बफल्र ूसे फात कयने की ही इच्छा नहीॊ हो यही है। इसके फािजूद बफल्र ूको ढेय सायी शावऩ ॊग कया दी है। घुभामा-कपयामा है औय हजायं रुऩमं की चीिं टदरिामीॊ हं। िह फीच-फीच भं सॊतोष कौय का जजक्र छेड़ देता है कक फहुत अच्छी रड़की है, भ ंएक फाय उसे देख तो रेता। आखखय भुझे दखुी हो कय साप-साप कह

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ही देना ऩड़ा कक अगरी फाय जो तूने उस मा ककसी बी रड़की का नाभ लरमा तो तुझे अगरी टे्रन भं बफठा दूॊगा। तफ कहीॊ जा कय िह शाॊत हुआ है।

अफ उसकी भौजूदगी भुझभं खीज ऩैदा कयने रगी है।

उसकी ििह से भ ंहफ्ते बय से फेकाय फना फैठा हूॊ। जनाफ ग्मायह फजे तो सो कय उठते हं। नहाने का कोई टठकाना नहीॊ। खाने-ऩीने का कोई िक्त नहीॊ। महाॊ सॊकट मह है कक ऩूयी जिॊदगी भ ंहभेशा साये काभ अनुशासन से फॊध कय कयता यहा। जया-सी बी अव्मिस्था भुझे फुयी तयह से फेचैन कय देती है। घूभने-कपयने के लरए तनकरते-तनकरते डेढ दो फजा देना उसके लरए भाभूरी फात है। तीन-चाय घॊटे घूभने के फाद ही जनाफ थक जाते हं औय कपय फेतार डार ऩय िावऩस।

ऩूये हफ्ते से उसका मही शेड्मूर चर यहा है। उसकी शॉवऩ ॊग बी भाशा अल्राह अऩने आऩ भं अजूफा है। ऩता नहीॊ ककस-ककस की लरस्टं रामा हुआ है। मह बी चाटहमे औय िह बी चाटहमे। अफ अगय ककसी औय ने साभान भॊगामा है तो उसके लरए ऩैसे बी तो तनकार बाई। रेककन रगता है उसके हाथं ने उसकी जेफं का यास्ता ही नहीॊ देखा। उसकी खुद की हजायं रुऩमे की शॉवऩ ॊग कया ही चुका हूॊ। उसभं भुझे कोई एतयाि नहीॊ है। रेककन ककसी ने अगय कैभया भॊगिामा है मा कुछ औय भॊगिामा है तो उसके लरए बी भेयी ही जेफ ढीरी कया यहा है। उसके खाने-ऩीने भं भनें कोई कभी नहीॊ छोड़ी है। भ ंखुद योिाना ढाफे भं मा ककसी बी उडडऩी होटर भे खा रेता हूॊ रेककन उसे योज ही ककसी न ककसी अच्छे होटर भं रे जा यहा हूॊ। इसलरए जफ उसने कहा कक भ ंगोिा घूभना चाहता हूॊ तो भुझे एक तयह से अच्छा ही रगा। उसे गोिा की फस भं बफठा टदमा है औय हाथ भं ऩाॊच सौ रुऩमे बी यख टदमे हं। तबी ऩूछ बी लरमा है - आजकर यश चर यहा है। ऐन िक्त ऩय टटकट नहीॊ लभरेगी। तेया कफ का टटकट फुक कया दूॊ?

उसे अच्छा तो नहीॊ रगा है रेककन फता टदमा है उसने

- गोिा से शकु्रिाय तक रौटूॊगा। शतनिाय की यात का कया दं। औय इस तयह से बफल्र ूभहायाज जी भेये ऩूये ग्मायह टदन औय रगबग आठ हजाय रुऩमे स्िाहा कयने के फाद आज िावऩस रौट गमे हं। रेककन जाते-जाते िह भुझे जो कुछ सुना गमा है, उससे एक फाय कपय साये रयश्तं से भेया भोह बॊग हो गमा है। उसकी फातं माद कय कयके टदभाग की सायी नस ंझनझना यही हं। ककतना अजीफ यहा मह अनुबि अऩने ही सगे बाई के साथ यहने का। क्मा िाकई हभ एक दसूये से इतने दयू हो गमे हं कक एक हफ्ता बी साथ-साथ नहीॊ यह सकते। उसके लरए इतना कुछ कयने के फाद बी उसने भुझे मही लसरा टदमा है....।

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गोल्डी से इस फीच एक दो फाय ही हैरो हो ऩामी है। िह बी याह चरते। एक फाय फािाय भं लभर गमी थी। भ ंखाना खा कय आ यहा था औय िह कूरयमय भं चचट्ठी डारने जा यही थी। तफ थोड़ी देय फात हो ऩामी थी।

उसने अचानक ही ऩूछ लरमा था - आऩ आइसक्रीभ तो खा रेते हंगे?

- हाॊ खा तो रेता हूॊ रेककन फात क्मा है?

- दयअसर आइसक्रीभ खाने की फहुत इच्छा हो यही है। भुझे कम्ऩनी दंगे ?

- िरूय दंगे। चलरमे।

- रेककन खखराऊॊ गी भ।ं

- ठीक है आऩ ही खखरा देना। तफ आइसक्रीभ के फहाने ही उससे थोड़ी फहुत फात हो ऩामी थी।

- फहुत थक जाती हूॊ। साया टदन शहय बय के चक्कय काटती हूॊ। न खाने का सभम न िावऩस आने का।

- भ ंसभझ सकता हूॊ रेककन आऩके साभने कभ से कभ सुफह के नाश्ते से रेकय यात के खाने तक की सभस्मा तो नहीॊ है।

- िो तो खैय नहीॊ है। कपय बी रगता नहीॊ इस चाची नाभ की रडं रेडी से भेयी ज्मादा तनब ऩामेगी। ककयामा जजतना ज्मादा, उतनी ज्मादा फॊटदशं। शाभ को भ ंफहुत थकी हुई आती हूॊ। तफ सहज-सी एक इच्छा होती है कक काश, कोई एक कऩ चाम वऩरा देता। रेककन चाची तो फस, खाने की थारी रे कय हाजिय हो जाती है। अफ सुफह का दधू शाभ तक चरता नहीॊ औय ऩाउडय की चाम भं भिा नहीॊ आता।

- भ ंआऩकी तकरीफ़ सभझ सकता हूॊ।

- औय बी दस तयह की फॊटदशं हं। मे भत कयो औय िो भत कयो। यात दस फजे तक घय आ जाओ। अफ भ ंजजस तयह के जॉफ भं हूॊ, िहाॊ देय हो जाना भाभूरी फात है। कबी कोई कॉर दस लभनट भं बी ठीक हो जाती है तो कई फाय बफगडे़ लसस्टभ को राइन ऩय राने भं दलसमं घॊटे रग जाना भाभूरी फात है। तफ िहाॊ हभ साभने खुरा ऩड़ा लसस्टभ देखं मा चाची का टाइभ टेफर माद कयं।

- ककसी गल्सस हॉस्टर भं क्मं नहीॊ ट्राई कयतीॊ।

- सुना है िहाॊ का भाहौर ठीक नहीॊ होता औय फॊटदशं िहाॊ बी हंगी ही। खैय, आऩ बी क्मा सोचंगे, आइसक्रीभ तो दस रुऩमे की खखरामी रेककन फोय सौ रुऩमे का कय गमी। चलरमे।

हभ टहरते हुए एक साथ रौटे थे।

कहा था उसने - कबी आऩके साथ फैठ कय ढेय सायी फातं कयंगे।

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55 देस बफयाना ™½¬¸ £¸›¸¸¹•¸

उसके फाद एक फाय औय लभरी थी िह। अरका दीदी के घय से िावऩस जा यही थी औय भ ंघय आ यहा था।

ऩूछा था तफ उसने - कुछ कपक्शन िगैयह ऩढ़ेते हं क्मा?

- जिॊदगी बय तो बायी-बायी टैजक्नकर ऩोथे ऩढ़ेता यहा, कपक्शन के लरए ऩहरे तो पुससत नहीॊ थी, फाद भं ऩढ़ेने का सॊस्काय ही नहीॊ फन ऩामा। िैसे तो ढेयं ककताफं हं। शामद कोई ऩसॊद आ जामे। देखना चाहंगी ?

- चलरमे। औय िह भेये साथ ही भेये कभये भं िावऩस आ गमी है।

महाॊ बी ऩहरी ही फाय िारा भाभरा है। भेये ककसी बी कभये भं आने िारी िह ऩहरी ही रड़की है।

- कभया तो फहुत साप सुथया यखा है। िह तायीप कयती है।

- दयअसर मह ऩायसी भकान भालरक का घय है। औय कुछ हो न हो, सपाई जो िरूय ही होगी। िैसे बी अऩने साये काभ खुद ही कयने की आदत है इसलरए एक लसस्टभ सा फन जाता है कक अऩना काभ खुद नहीॊ कयंगे तो सफ कुछ िैसे ही ऩड़ा यहेगा। फाद भं बी खुद ही कयना है तो अबी क्मं न कय रं।

- दीदी आऩकी फहुत तायीप कय यही थीॊ कक आऩने अऩने कैरयमय की सायी सीटढ़ेमाॊ खुद ही तम की हं। ए कम्ऩरीट सैल्प भेड भैन। िह ककताफं के ढेय भं से अऩनी ऩसॊद की ककताफं चुन यही है।

हॉसता हूॊ भ ं- आऩ सीटढ़ेमाॊ चढ़ेने की फात कय यही हं, महाॊ तो फुतनमाद खोदने से रेकय चगट्टी औय लभट्टी बी खुद ही ढोने िारा भाभरा है। देखखमे, आऩ ऩहरी फाय भेये कभये भं आमी हं, अफ तक भनें आऩको ऩानी बी नहीॊ ऩूछा है। कामदे से तो चाम बी वऩरानी चाटहमे।

- इन पाभेलरटीि भं भत ऩडड़मे। चाम की इच्छा होगी तो खुद फना रूॊगी।

- रगता है आऩको सॊगीत सुनने का कोई शौक नहीॊ है। न येडडमो, न टीिी, न िॉकभैन मा स्टीरयमो ही। भ ंतो जफ तफ दो-चाय घॊटे अऩना भन ऩसॊद सॊगीत न सुन रूॊ, टदन ही नहीॊ गुियता।

- फतामा न, इन ककताफं के अरािा बी दतुनमा भं कुछ औय है कबी जाना ही नहीॊ। अबी कहं आऩ कक पराॊ थ्मोयी के फाये भं फता दीजजमे तो भ ंआऩको बफना कोई बी ककताफ देखे ऩूयी की ऩूयी थ्मोयी ऩढ़ेा सकता हूॊ।

- िाकई िेट हं आऩ। चरती हूॊ अफ। मे ऩाॊच-सात ककताफं रे जा यही हूॊ। ऩढ़े कय रौटा दूॊगी।

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- कोई जल्दी नहीॊ है। आऩको जफ बी कोई ककताफ चाटहमे हो, आयाभ से रे जामं। देखा, चाम तो कपय बी यह ही गमी।

- चाम ड्मू यही अगरी फाय के लरए। ओके।

- चलरमे, नीचे तक आऩको छोड़ देता हूॊ।

जफ उसे उसके दयिाजे तक छोड़ा तो हॉसी थी गोल्डी - इतने सीधे रगत ेतो नहीॊ। रड़ककमं को उनके दयिाजे तक छोड़ कय आने का तो खूफ अनुबि रगता है। औय िह तेजी से सीटढ़ेमाॊ चढ़े गमी थी।

घय रौटा तो देय तक उसके ख्मार टदर भं गुदगुदी भचामे यहे। दसूयी-तीसयी भुराकात भं ही इतनी फं्रैकनेस। उसका साथ सुखद रगने रगा है। देखं, मे भुराकातं क्मा रुख रेती हं। फेशक उसके फाये भं सोचना अच्छा रग यहा है रेककन उसे रे कय कोई बी सऩना नहीॊ ऩारना चाहता।

अफ तक तो सफ ने भुझे छरा ही है। कहीॊ महाॊ बी...! बफल्र ूको गमे अबी आठ टदन बी नहीॊ फीते कक दायजी की चचट्ठी आ ऩहुॊची है।

सभझ भं नहीॊ आ यहा, महाॊ से बाग कय अफ कहाॊ जाऊॊ । िे रोग भुझे भेये हार ऩय छोड़ क्मं नहीॊ देते। क्मा मह कापी नहीॊ है उनके लरए कक भ ंउन ऩय ककसी बी ककस्भ का फोझ नहीॊ फना हुआ हूॊ। भनें आज तक न उनसे कुछ भाॊगा है न भाॊगूॊगा। कपय उन्हं क्मा हक फनता है कक इतनी दयू भुझे ऐसे ऩत्र लरख कय ऩयेशान कयं।

लरखा है दायजी ने

- फयखुयदाय

बफल्र ू के भापस त तेये सभाचाय लभरे औय हभ रोगं के लरए बेजा साभान बी। फाकी ऐसे साभान का कोई क्मा कये जजसे देने िारे के भन भं फड़ं के प्रतत न तो भान हो औय न उनके कहे के प्रतत कोई आदय की बािना। हभ तो तफ बी चाहते थे औय अफ बी चाहते हं कक तू घय रौट आ। ऩुयाने चगरे लशकिे बुरा दे औय अऩणे घय-फाय की सोच। आखय उभय हभेशा साथ नहीॊ देती। तू अट्ठाइस-उनतीस का होने को आमा। हुण ते कयताये िारा भाभरा बी खतभ हुआ। िे बी कफ तक तेये िास्ते फैठे यहते औय रड़की की उभय ढरती देखते यहते। हय कोई िक्त के साथ चरा कयता है सयदाया.. औय कोई ककसी का इॊतजाय नहीॊ कयता। हभने बफल्र ूको तेये ऩास इसी लरए बेजा था कक टूटे-बफखये ऩरयिाय भं सुरह सपाई हो जामे, यौनक आ जामे, रेककन तूने उसे बी उरटा सीधा कहा औय हभं बी। ऩता नहीॊ तुझे ककस गल्र का घभॊड है कक हय फाय हभं ही नीचा टदखाने की कपयाक भं यहता है। फाकी हभायी टदरी इच्छा थी औय अबी बी है कक तेया घय फस जामे रेककन तू ही नहीॊ चाहता तो कोई कहाॊ तक तेये ऩैय ऩकडे़। आखय भेयी बी कोई इज्जत है कक नहीॊ। अफ हभाये

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57 देस बफयाना ™½¬¸ £¸›¸¸¹•¸

साभने एक ही यास्ता फचता है कक अफ तेये फाये भं सोचना छोड़ कय बफल्र ूऔय गोरू के फाये भं सोचना शरुू कय दं। कोई भुझसे मह नहीॊ ऩूछने आमेगा कक दीऩे का क्मा हुआ। सफकी तनगाह तो अफ घय भं फैठे दो जिान जहान रड़कं की तयप ही उठेगी।

एक फाय कपय सोच रे। कयताया न सही, औय बी कई अच्छे रयश्तेिारे हभाये आगे ऩीछे चक्कय काट यहे हं। अगय फॊफई भं ही कोई रड़की देख यखी हो तो बी फता, हभ तेयी ऩसॊद िारी बी देख रंगे।

तुम्हाया,

दायजी...।

अफ ऐसे खत का क्मा जिाफ टदमा जामे! अरका दीदी छेड़ यही हं - कै सी रगती है गोल्डी?

- क्मं क्मा हो गमा हो उसे? भ ंअनजान फन जाता हूॊ।

- ज्मादा उड़ो भत, भुझे ऩता है आजकर दोनं भं गहयी छन यही है।

- ऐसा कुछ बी नहीॊ है दीदी, फस, दो-एक फाय मूॊ ही लभर गमे तो थोड़ी फहुत फात हो गमी है ियना िो अऩनी याह औय भ ंअऩनी याह?

- अफ तू भुझे याहं के नक्शे तो फता भत औय न मे फता कक भुझे कुछ ऩता नहीॊ है, गोल्डी फहुत ही शयीप रड़की है। तुझसे उसकी जो बी फातं होती हं भुझे आ कय फता जाती है। फजल्क तेयी फहुत तायीप कय यही थी कक इतनी ऊॊ ची जगह ऩहुॊच कय बी दीऩजी इतने सीधे सादे हं।

- गोल्डी अच्छी रड़की है रेककन आऩको तो ऩता ही है भ ंजजस दौय से गुिय यहा हूॊ िहाॊ ककसी बी तयह का भोह ऩारने की टहम्भत ही नहीॊ ही नहीॊ होती। फहुत डय रगता है दीदी अफ इन फातं से। िैसे बी ऩाॊच-सात भुराकातं भं ककसी को जाना ही ककतना जा सकता है।

- उसकी चचॊता भत कय। योि-योि लभरने से िैसे बी प्माय कभ हो जाता है। तू भुझे लसपस मे फता कक उसके फाये भं सोचना अच्छा रगता है मा नहीॊ?

- अफ जाने बी दो दीदी, वऩछरे कई टदनं से उसे देखा बी नहीॊ।

- फाहय गमी हुई थी। आज शाभ को ही रौटी है। अबी पोन आमा था। ऩूछ यही थी तुझे। आज आमेगी महाॊ। जी बय के देख रेना। तुभ दोनं खाना महीॊ खा यहे हो।

हभ दोनं गोल्डी की फात कय ही यहे हं कक दयिाजे की घॊटी फजी। दीदी ने फता टदमा है - जा, अऩनी भेहभान को रयसीि कय।

- आऩको कैसे ऩता िही है? भ ंहैयानी से ऩूछता हूॊ।

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- अफ तेये लरए मे काभ बी हभं ही कयना ऩडे़गा। कदभं की आहट, कॉरफैर की आिाज ऩहचाननी तुझे चाटहमे औय फता हभ यहे हं। जा दयिाजा खोर, नहीॊ तो रौट जामेगी।

दयिाजे ऩय गोल्डी ही है। हॉसते हुए बीतय आती है। हाथ भं भेयी ककताफं हं।

- हभ तेयी ही फात कय यहे थे। दीदी उसे फताती हं।

- दीऩजी िरूय भेयी चुगरी खा यहे हंगे कक भ ंउनकी ककताफं रेकय बफना फतामे शहय छोड़ कय बाग गमी हूॊ। इसीलरए महाॊ आने से ऩहरे सायी ककताफं रेती आमी हूॊ।

- आऩको हय सभम मही डय क्मं रगा यहता यहता है कक आऩकी ही चुगरी खामी जा यही है। आऩकी तायीप बी तो हो सकती है।

- आऩके जैसा अऩना इतना नसीफ कहाॊ कक कोई तायीप बी कये। खैय, तो क्मा फातं हो यही थी हभायी?

- आज दीऩ तुझे आइसक्रीभ खखराने रे जा यहा है।

- िॉि !! लसपस हभं ही क्मंह ? आऩको बी क्मं नहीॊ।

- आऩके जैसा अऩना नसीफ कहाॊ । दीदी िोय से हॉसती हं।

हभ देय तक मूॊ ही हरकी-पुरकी फातं कयते यहे हं। जफ आइसक्रीभ के लरए जाने का सभम आमा तफ तक चुन्नू सो चुका है। भ ंआइसक्रीभ िहीॊ रे आमा हूॊ।

िावऩस जाते सभम ऩूछा है गोल्डी ने - कुछ ककताफं फदर रं क्मा?

- िरूय .... िरूय। चलरमे।

ककताफं चुन रेने के फाद िह जाने के लरए उठी है। जफ हभ दयिाजे ऩय ऩहुॊचे हं तो उसने छेड़ा है - आज अऩने भेहभान को कपय चाम वऩराना बूर गमे जनाफ....औय िह तेजी से नीचे उतय गमी है।

भ ंहॉसता हूॊ - मे रड़की बी अजीफ है। रयश्तं भं िया सी बी औऩचारयकता का भाहौर फयदाश्त नहीॊ कय सकती। अफ उसे रे कय भेये भन भं अक्सय धुकधुकी होने रगती है। - गोल्डी आइ हैि स्टाटेड रविॊग मू.. रेककन क्मा भ ंमे शब्द उससे कबी कह ऩाऊॊ गा ! दीदी को ऩता चर गमा है कक हभ दोनं अक्सय लभरते हं। इसी चक्कय भं हभ दोनं ही अफ उतने तनमलभत रूऩ से दीदी के घय नहीॊ जा ऩाते। गोल्डी कबी चचसगेट आ जाती है तो हभ भैयीन िाइि ऩय देय तक घूभते यहते हं। खाना बी फाहय एक साथ ही खा रेते हं। भ ंऔय गोल्डी योजाना नमी जगह ऩय नमे खाने की तराश भं बटकते यहते हं। दोनं ऩूयी शाभ खूफ भस्ती कयते हं। उसके जन्भ टदन ऩय भनें उसे जो िॉकभैन टदमा था, िह उसे हय

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सभम रगामे यहती है। भेयी फात सुनने के लरए उसे फाय-फाय ईमय पोन तनकारने ऩड़ते हं रेककन फात सुनते ही िह कपय से ईमय पोन कानं भं अड़ा रेती है।

गोल्डी ने भेये जीिन भं यॊग बय टदमे है। एक ही फाय भं कई कई यॊग। उसके सॊग-साथ भं अफ जीिन साथसक रगने रगा है। उसने जफयदस्ती भेया जनभ टदन भनामा। लसपस हभ दोनं की ऩाटॊ यखी औय भुझे एक खूफसूयत येडीभेड शटस दी। भेयी माद भं भेया ऩहरा जनभटदन उऩहाय। उसके स्नेह से अफ जीिन जीने जैसा रगने रगा है औय फॊफई शहय यहने जैसा। शाभं गुिायने जैसी औय टदन उसके इॊतिाय कयने जैसा। फेशक हभ दोनं ने ही अबी तक भुॊह से प्माय जैसा कोई शब्द नहीॊ कहा है रेककन ऩता नहीॊ, इतने निदीकी सॊफॊध जीने के फाद मे ढाई शब्द कोई भामने बी यखते हं मा नहीॊ। कुर लभरा कय भेये जीिन भं गोल्डी की भौजूदगी भुझे एक विलशष्ट आदभी फना यही है। कभये ऩय ऩहुॊचा ही हूॊ कक भेज ऩय यखा लरपापा निय आमा है। गोल्डी का खत है। उससे आज लभरना ही है। िह डडनय दे यही है। उसके लरए भनें कुछ अच्छी ककताफं खयीद यखी हं। कभये ऩय ककताफं रेने औय चंज कयने आमा हूॊ। हैयान हो यहा हूॊ, जफ लभर ही यहे हं तो खत लरखने की िरूयत क्मं ऩड़ गमी है।

लरपापा खोरता हूॊ। लसपस तीन ऩॊडक्तमाॊ लरखी हं -

- दीऩ

आज औय अबी ही एक प्रोजेक्ट के लसरलसरे भं हैदयाफाद जाना ऩड़ यहा है। ऩता नहीॊ कफ रौटना हो। तुभसे बफना लभरे जाना खयाफ रग यहा है, रेककन सीधे एमयऩोटस ही जा यही हूॊ।

कान्टैक्ट करूॊ गी।

सी म ूसून..

रॉट्स ऑप रि।

गोल्डी।

भ ंऩत्र हाथ भं लरमे धम्भ से फैठ गमा हूॊ। तो ....गोल्डी बी गमी..। एक औय सदभा...। कभ से कभ लभर कय तो जाती!! पोन तो कय ही सकती थी। योि ही तो कयती थी पोन। कहीॊ बी होती थी फता देती थी औय िहाॊ से चरने से ऩहरे बी पोन िरूय कयती थी। आज ही ऐसी कौन सी फात हो गमी। ऩता नहीॊ क्मं रग यहा है, मह सी मू सून शब्द बी धोखा दे गमे हं। मे शब्द अफ हभ दोनं को कबी नहीॊ लभरामंगे।

भेयी आॊखं नभ हो आमी हं। अचानक सफ कुछ खारी-खारी सा रगने रगा है। सफ कुछ इतनी जल्दी तनऩट गमा? अऩने आऩ ऩय हॉसी बी आती है - ऩता नहीॊ हय फाय मे सफ भेये साथ ही क्मं होता है। अबी खत हाथ भं लरमे फैठा ही हूॊ कक दीदी साभने दयिाजे ऩय निय

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आमी है। भ ं तेजी से अऩनी गीरी आॊखं ऩंछता हूॊ। उनके साभने कभिोय नहीॊ ऩड़ना चाहता। भुस्कुयाता हूॊ। आखखय अऩना उदास चेहया उन्हं क्मं टदखाऊॊ !! रेककन मह क्मा !! दीदी की आॊखं रार हं। साप रग यहा है, िे योती यही हं। भ ंचुऩचाऩ खड़ा यह गमा हूॊ। दीदी अचानक भेये ऩास आती हं औय भेये कॊ धे से रग कय सुफकने रगती हं। भ ंसभझ गमा हूॊ कक गोल्डी उन्हं सफ कुछ फता गमी है। भ ंसॊकट भं ऩड़ गमा हूॊ। कहाॊ तो अऩने आॊसू छुऩाना चाहता था औय कहाॊ दीदी के आॊसू ऩंछने की िरूयत आ ऩड़ी है। भ ंउनके हाथ ऩय हाथ यखता हूॊ। उनसे आॊखं लभरती हं। भ ंगोल्डी का खत उन्हं टदखाता हूॊ औय अऩनी सायी ऩीड़ा बूर कय उन्हं चुऩ कयाने की कोलशश कयता हूॊ - आऩ फेकाय भं ही ऩयेशान हो यही हं दीदी। भुझे इन सायी फातं की अफ तो आदत ऩड़ गमी है। आऩ कहाॊ तक औय कफ तक भेये लरए आॊसू फहाती यहंगी।

जफयदस्ती हॉसती हं दीदी - ऩगरे भ ंतेये लरए नहीॊ, उस ऩागर रड़की के लरए योती हूॊ।

- क्मं ? उसके लरए योने की क्मा फात हो गमी? कभ से कभ भ ंतो उसे आऩसे ज्मादा ही जानता था। िह ऐसी तो नहीॊ ही थी कक कोई उसके लरए आॊस ूफहामे।

- इसीलरए तो यो यही हूॊ। एक तयप तेयी तायीप ककमे जा यही थी औय दसूयी तयप तेये लरए अफ़सोस बी कय यही थी कक तुझे इस तयह धोखे भं यख कय जा यही है।

- क्मा भतरफ ? धोखा कैसा ? आखखय ऐसा क्मा हो गमा है ?

- तुझे उसने लरखा है कक िह एक प्रोजेक्ट के लरए हैदयाफाद जा यही है औय उसने तुझे सी म ूसून लरखा है....।

- इसके फाििूद भ ंजानता हूॊ दीदी िह अफ कबी िावऩस नहीॊ आमेगी।

- भ ंतुझे मही फताना चाहती थी। दयअसर उसने भुझे कई टदन ऩहरे ही फता टदमा था कक िह हैदयाफाद जा यही है। ककसी प्रोजेक्ट के लरए। आज ही जाते-जाते उसने फतामा कक दयअसर ट्राॊसपय ऩय शादी के लरए जा यही है।

- शादी के लरए ?

- हाॊ दीऩ, िह औय उसका इलभडडमेट फॉस शादी कय यहे हं। उसका फॉस बी इॊदौय का है औय उससे सीतनमय फैच का है। दयअसर िह तुम्हायी इतनी तायीप कय यही थी औय साथ ही साथ अपसोस बी भना यही थी कक इस तयह से .....।

भनें खुद ऩय काफू ऩा लरमा है। जानता हूॊ अफ योने-धोने से कुछ नहीॊ होने िारा। भाहौर को हरका कयने के लरए ऩूछता हूॊ

- भ ंबी सुनूॊ, आखखय िह क्मा कय यही थी भेये फाये भं?

- कह यही थी कक उसने अऩनी जिॊदगी भं दीऩजी जैसा ईभानदाय, भेहनती, सैल्पभेड औय शयीप आदभी नहीॊ देखा। उनकी जिॊदगी भं जो बी रड़की आमेगी, िह दतुनमा की सफसे खुशनसीफ रड़की होगी।

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भ ंहॉसा हूॊ - तो उसने दतुनमा की सफसे खुशनसीफ रड़की फनने का चाॊस क्मं खो टदमा?

- अफ भ ंक्मा फताऊॊ । िह खुद इस फात को रेकय फहुत ऩयेशान थी कक उसे इस तयह का पैसरा कयना ऩड़ यहा है। दयअसर िह तुम्हं कबी उस रूऩ भं देख ही नहीॊ ऩामी कक .. ....

- तो इसका भतरफ दीदी, उन दोनं ने ऩहरे से सफ कुछ तम कय यखा होगा?

- मह तो उसने नहीॊ फतामा कक क्मा भाभरा है रेककन तुम्हं इस तयह से छोड़ कय जाने भं उसे फहुत तकरीप हो यही थी।

- अफ जाने दो, दीदी, भ ंउन्हं टदरासा देता हूॊ - आऩको तो ऩता ही है भेये हाथं भं लसपस दघुसटनाओॊ की ही रकीयं हं। इन्हं न तो भ ंफदर सकता हूॊ औय न लभटा ही सकता हूॊ। गोल्डी ऩहरी औय आखखयी रड़की तो नहीॊ है।

भ ंहॉसता हूॊ - अफ आऩ अऩना सुॊदय, गहृ कामस भं दऺ औय मोग्म कन्मा खोज अलबमान जायी यख सकती हं।

दीदी आखखय हॉसी हं - िो तो भ ंकरूॊ गी ही रेककन गोल्डी को ऐसा नहीॊ कयना चाटहमे था। इधय तेये साथ इतनी आत्भीमता औय उधय....

भ ंजानता हूॊ कक दीदी कई टदनं तक इस फात को रेकय अपसोस भनाती यहंगी कक गोल्डी भुझे इस तयह से धोखा दे कय चरी गमी है। गोल्डी के इस तयह अचानक चरे जाने से भ ंखारी-खारी सा भहसूस कयने रगा हूॊ। हय फाय भेये साथ ही ऐसा क्मं होता है कक भेये टदर को हय आदभी खेर का भैदान सभझ कय दो चाय ककक रगा जाता है। जफ तक अकेरा था, अऩने आऩ भं खुश था। ककसी के बयोसे तो नहीॊ था औय न ककसी का इॊतिाय ही यहता था। गोल्डी ने आ कय ऩहरे भेयी उम्भीदं फढ़ेामीॊ। मकामक चरे जा कय भेये साये अनुशासन तहस-नहस कय गमी है। ऩहरे लसपस अकेराऩन था, अफ उसभं खारीऩन बी जुड़ गमा है जो भुझे भाय डार यहा है। सभझ भं नहीॊ आता, उसने भेये साथ जानत-ेफूझते हुए मे खखरिाड़ क्मं ककमा!

एक तयह से अच्छा ही हुआ कक िह भुझसे लभरे बफना ही चरी गमी है। घय से धभकी बये ऩत्र आने अबी बी फॊद नहीॊ हुए हं। आमे टदन मा तो कोई भाॊग चरी आती है मा िे ऩयेशान कयने िारी कोई ऐसी फात लरख देते हं कक न सहते फने न जिाफ देते। भ ंतो थक गमा हूॊ। ऩूयी दतुनमा भं कोई बी तो अऩना नहीॊ है जो भेयी फात सुने, भेये ऩऺ भं खड़ा हो औय भेयी तकरीपं भं साझेदायी कये। गुड्डी फेचायी इतनी छोटी औय बोरी है कक उसे अबी से इन दतुनमादायी कय फातं भं उरझाना उसके साथ अत्माचाय कयने जैसा रगता है। अरका दीदी भेये लरए इतना कयती हं औय भुझे इतना भानती हं रेककन उनकी

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अऩनी गहृस्थी है। अऩनी तकरीपं हं। उन्हं बी कफ तक भ ंअऩने दखुडे़ सुना-सुना कय ऩयेशान कयता यहूॊ। अफ तो मही टदर कयता है कक कहीॊ दयू तनकर जाऊॊ । जहाॊ कोई बी न हो। न कहने िारा, न सुनने िारा, न कोई फात कयने िारा ही। न कोई अऩना होगा औय न कोई भोह ही ऩारूॊगा औय न फाय-फाय टदर टूटेगा। इतने टदनं के आत्भभॊथन के फाद भनें अफ सचभुच फाहय जाने के फाये भं गॊबीयता से सोचना शरुू कय टदमा है। इसके लरए अरग अरग चैनरं की खोज कयनी बी शरुू कय दी है कक कहाॊ-कहाॊ औय कैसे-कैसे जामा जा सकता है। जफ फोस्टन मुतनिलससटी भं ऩीएच डी कय यहा था तो कुछेक स्थानीम रोगं के ऩते िगैयह लरमे थे। दो एक पैकल्टी भेम्फसस से बी िहीॊ नौकयी के फाये भं हरकी सी फात हुई थी। उस िक्त तो साये प्रस्ताि ठुकया कय चरा आमा था कक अऩने ही देश की सेिा करूॊ गा, रेककन अफ उन्हीॊ के ऩते खोज कय िहाॊ के फाये भं ऩूछ यहा हूॊ। अखफायं भं विदेशी नौकरयमं के विऻाऩन बी देखने शरुू कय टदमे हं। हाराॊकक देश छोड़ने के फाये भं भ ंपैसरा कय ही चुका हूॊ, विदेश जाने के लरए इच्छुक होने के फािजूद विदेशी नौकयी के लरए थोड़ा टहचककचा बी यहा हूॊ क्मंकक आजकर विदेशी नौकयी का झाॊसा दे कय सफ कुछ रूट रेने िारं की फाढ़े-सी आमी हुई है औय आमे टदन इस तयह की खफयं से अखफाय बये यहते हं।

ऑकपस भं कोई फता यहा था कक आजकर विदेश जाने का सफसे सुयक्षऺत तयीका है कक िहाॊ यहने िारी ककसी रड़की से ही शादी कय रो। फेशक घय जॊिाई फनना ऩड़ सकता है रेककन न िीजा का झॊझट, न नौकयी का औय न ही यहने-खाने का।

फात हाराॊकक फहुत कजन्िलस ॊग नहीॊ है रेककन इस ऩय विचाय तो ककमा ही जा सकता है। हो सकता है इस तयह का कोई प्रोऩोजर ही जक्रक कय जामे। मह यास्ता बी भनें फॊद नहीॊ यखा है। फाहय फेशक नौकयी लभर ही जामेगी रेककन लसपस नौकयी से इस अकेरेऩन की कैद से छुटकाया तो नहीॊ ही लभर ऩामेगा। उसके लरए नमे लसये से जद्दोजहद कयनी ऩडे़गी। उसके लरए महाॊ आते बी यहना ऩडे़गा। भ ंइसी से फचना चाहता हूॊ औय सोच यहा हूॊ कक कोई फीच का यास्ता लभर जामे तो फेहतय। नौकयी के विऻाऩनं के साथ-साथ भनें अफ अखफायं के इस तयह के भैटट्रभोतनमर कॉरभं ऩय ध्मान देना शरुू कय टदमा है। आजकर इसी तयह के ऩत्राचाय भं उरझा यहता हूॊ। आखखय भेयी भेहनत यॊग रामी है। शादी के लरए ही एक फहुत अच्छा प्रस्ताि अचानक ही साभने आ गमा है। अफ भ ंइस दतुनमा से कापी दयू जा ऩाऊॊ गा। फेशक िह भेयी भनभाकपक दतुनमा नहीॊ होगी रेककन कभ से कभ ऐसी जगह तो होगी जहाॊ कोई भुझे ऩयेशान नहीॊ कयेगा औय सतामेगा नहीॊ।

भुझे फतामा गमा है कक गौयी फीए ऩास है औय इन कम्ऩतनमं भं से एक की पुर टाइभ डाइयेक्टय है। मह भेयी भजॉ ऩय छोड़ टदमा गमा है कक दाभाद फन जाने के फाद चाहे तो

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इन्हीॊ भं से ककसी कम्ऩनी का सिेसिास फन सकता हूॊ मा कपय कहीॊ औय अऩनी ऩॊसद औय मोग्मता के अनुसाय अरग से काभ बी देख सकता हूॊ। ऐसी कोई बी नौकयी तराशने भं भेयी ऩूयी भदद कयने की ऩेशकश की गमी है। सायी जानकायी के बेजने के फीच औय उनके महाॊ आ कय लभरने के फीच उन्हंने भहीने बय का बी सभम नहीॊ लरमा है। टे्रिर डॉक्मूभंट्स की तैमायी भं जो सभम रगेगा िही सभम अफ भेये ऩास फचा है।

मह सभम भेये लरए फहुत भुजश्कर बया है। भनें इस सॊफॊध भं अफ तक अऩने घय भं कुछ बी नहीॊ लरखा है। लरखने का भतरफ ही नहीॊ है।

घय का तो मे हार है कक िे तो हय खत के जरयमे एक नमा शगूपा छेड़ देते हं। भ ंअबी उनकी दी एक ऩयेशानी से भुक्त हुआ नहीॊ होता कक िे ऩयेशान कयने िारी दसूयी हयकत के साथ कपय हाजिय हो जाते हं। आजकर िे बफल्र ूऔय गोरू की शादी की तायीखं तम कयके बेजने भं रगे हुए हं। इन साये खतं के जिाफ भं भ ं बफरकुर चुऩ फना हुआ हूॊ। उनके ककसी खत का जिाफ ही नहीॊ देता। भ ंिहाॊ नहीॊ ऩहुॊचता तो मह तायीख आगे खखसका दी जाती है। सायी तैमारयमाॊ हो चुकी हं। नौकयी से इस्तीपा दे टदमा है औय ऑकपस को फता टदमा है - जाने से एक दो टदन ऩहरे तक काभ ऩय आता यहूॊगा। अरका दीदी फहुत उदास हो गमी हं। आखखय उनका भुॊहफोरा बाई जो जा यहा है। योती हं िे - ककतनी भुजश्कर से तो तुम्हाये जैसा हीया बाई लभरा था, िो बी रूठ कय जा यहा है।

भ ंसभझाता हूॊ - भ ंआऩसे रूठ कय थोडे़ ही जा यहा हूॊ। अफ हारात ऐसे फना टदमे गमे हं भेये लरए कक अफ महाॊ औय यह ऩाना हो नहीॊ ऩामेगा। आऩ तो देख ही यही हं भेये ऩरयिाय को। ककस तयह सतामा जा यहा है भुझे। कोई टदन बी तो ऐसा नहीॊ होता जफ उनकी तयप से कोई डडभाॊड मा ऩयेशान कयने िारी फात न आती हो।

- क्मं अफ क्मा नमी डडभाॊड आ गमी है?

- आऩ खुद ही देख रो। कर की ही डाक भं आमी है मे। मह कहते हुए भ ंदायजी की ताजा चचट्ठी उनके आगे कय देता हूॊ। िे ही तो भेयी हभयाि हं महाॊ ऩय आजकर। ियना घय िारं ने तो भुझे ऩागर कय छोड़ने भं कोई कसय नहीॊ छोड़ यखी है।

िे ऩढ़ेती हं ।

- फयखुदाय

तेयी तयप से हभायी वऩछरी तीन-चाय चचटट्डमं का कोई जिाफ नहीॊ आमा है। क्मा भाने हभं इसे - हभाये प्रतत राऩयिाही, फेरूखी मा कपय आरस। तीनं ही फातं रयश्तं भं खटास ऩैदा कयने िारी हं। हभ महाॊ योि ही तेयी डाक का इॊतजाय कयते यहते हं कक आखखय तूने कुछ तो तम ककमा होगा। हभाये साये प्रोिाभ धये के धये यह जाते हं।

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कपरहार खफय मह है कक आजकर फतछत्तय महाॊ आमा हुआ है। िे साया भकान फेचना चाहते हं। इसभं िैसे तो ऩाॊच टहस्से फने हुए हं जो एक साथ होते हुए बी अरग अरग भाने जा सकते हं। िे रोग भकान एक ही ऩाटॊ को फेचना चाहते हं रेककन अगय फड़ी ऩाटॊ न लभरी तो अरग-अरग टहस्से बी फेच सकते हं।

तुझे तो ऩता ही है कक उनकी औय हभायी एक दीिाय आगे से ऩीछे तक साॊझी है। इस दीिाय के साथ साथ उनका एक ियाॊडा, यसोई, रैट्रीन औय आगे-ऩीछे दो कभये फने हुए हं। मे टहस्सा जोगी का है। भनें फतछत्तये से फात की है। िह इस फात के लरए याजी हो गमा है कक अगय हभ उसका मह िारा टहस्सा रे रेते हं तो िह दसूयी ऩाटटसमं के साथ इस टहस्से की फात ही नहीॊ चरामेगा।

भकान अबी हार ही भं फनामा गमा है औय उसभं कबी कोई यहा ही नहीॊ है। उनके ऩास जैसे-जैसे ऩैसा आता गमा, िे एक के फाद एक टहस्सा फनाते गमे थे। हभ सफ का टदर है कक फतछत्तये से अगय ऩूया भकान नहीॊ तो कभ से कभ मे िारा टहस्सा तेये लरए खयीद ही रं। िह हभाया लरहाज कयते हुए इतने फडे़ टहस्से का लसपस दो राख भाॊग यहा है ियना तुझे तो ऩता ही है आजकर भकानं की कीभतं आसभान को छू यही हं। आज नहीॊ तो कर को तू महाॊ यहने के लरए आमेगा ही। तफ तक इसी भकान की कीभत ऩाॊच-सात गुना फढ़े चुकी होगी। जामदाद फनाने का इससे अच्छा भौका कपय नहीॊ लभरेगा। भकान बफरकुर तैमाय है औय अच्छा फना हुआ बी है। भ ंमह भान कय चर यहा हूॊ कक तुझे मह ऩेशकश भॊिूय होगी। तू फेशक हभायी ऩयिाह न कये हभं तो तेया ही ख्मार यहता है कक तेया घय फाय फन जामे। मही सोच कय भ ंआजकर भं ही इॊतिाभ कयके उसे फमाना दे दूॊगा। तू िाऩसी डाक से लरख, कफ तक ऩूयी यकभ का इॊतजाभ कय ऩामेगा। तेये ऑकपस से भकान के लरए कजास तो लभरता ही होगा।

फाकी हभ फेसब्री से तेये खत की याह देख यहे हं। यकभ लभरते ही यजजस्ट्री कयिा दंगे। अगय जो तुझे अऩने फूढे़े फाऩ ऩय बयोसा हो तो मे काभ भ ंकयिा दूॊगा ियना तू खुद आ कय मे नेक काभ कय जाना। इस फहाने हभ सफसे लभर बी रेगा। ककतना अयसा हो गमा है तुझे गमे। फेफे तुझे सुफह शाभ माद कयती है।

जिाफ जल्दी देना कक कफ तक यकभ आ जामेगी।

तेया ही

दायजी अरका दीदी ने ऩत्र ऩढ़े कय रौटा टदमा है औय चाम फनाने चरी गमी हं। भ ंजानता हूॊ िे अऩनी आॊखं के आॊसू भुझसे छुऩाने के लरए ही यसोई भं गमी हं। उन्हं नाभसर होने भं कभ से कभ एक घॊटा रगता है। रेककन आश्चमस, िे यसोई से भुस्कुयाती हुई िावऩस आ यही हं। चाम के साथ भट्ठी बी है।

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आते ही भुझे छेड़ती हं - चरो, तेयी एक सभस्मा तो हर हुई। अफ तो फना-फनामा घय बी लभर यहा है। भेयी भान, तू उसी कुड़ी, क्मा नाभ था उसका, सॊतोष कौये से शादी कय ही रे। दोनं काभ एक ही साथ ही तनऩटा दे। इस फहाने हभ देहयादनू बी देख रंगे।

- दीदी, महाॊ भेयी जान ऩय फनी हुई है औय आऩको भिाक सूझ यहा है।

- सच्ची कह यही हूॊ। तेये दायजी को बी भानना ऩडे़गा। तेये लरए एक के फाद एक चुग्गा तो ऐसे डारते हं कक ऩूछो भत। कुछ ऩैसे-िैसे बेजने की िरूयत नहीॊ है। तू आयाभ से इस चचट्ठी को बी हजभ कय जा। उनके ऩास फमाने तक के तो ऩैसे नहीॊ हं, लरखा है, इॊतजाभ कयके फमाना दे दूॊगा। औय दो राख का भकान खयीद यहे हं। उनके चक्कयं भं ऩड़ने की िरूयत नहीॊ है।

- आऩकी फातं से भेयी आधी चचॊता दयू हो गमी है। िैसे तो भ ंबी कुछ बेजने िारा नहीॊ था, अफ आऩके कहने के फाद तो बफरकुर बी इस चक्कय भं नहीॊ पॊ सूॊगा। महाॊ से जाने से ऩहरे गुड्डी को आखखयी ऩत्र लरख यहा हूॊ

- प्मायी फहना गुड्डी,

जफ तक तुझे मह ऩत्र लभरेगा भ ंमहाॊ से फहुत दयू जा चुका होऊॊ गा। भनें फहुत सोच सभझ कय देश छोड़ कय रॊदन जाने का पैसरा ककमा है। फेशक आखयी उऩाम के रूऩ भं ही ककमा है। भेये साभने औय कोई यास्ता नहीॊ था। िैसे भेयी फहुत इच्छा थी कक कभ से कभ तेयी ऩढ़ेाई ऩूयी होने तक औय कहीॊ ठीक-ठाक जगह तेयी नौकयी का ऩक्का कयके औय तेया अच्छा सा रयश्ता कयाने के फाद ही भ ंमहाॊ से जाता रेककन भ ंमे दोनं ही काभ ऩूये ककमे बफना बाग यहा हूॊ। इसे भेया एक औय ऩरामन सभझ रेना रेककन भुझसे अफ औय फयदाश्त नहीॊ होता। दायजी की धभकी बयी चचटट्ठमाॊ औय बफल्र ूके टहकायत बये खत अफ भुझसे औय फयदाश्त नहीॊ होते। मे रोग भुझे क्मं चैन से नहीॊ यहने देते। भ ं ककसी टदन ऩागर हो जाऊॊ गा मे सफ ऩढ़े ऩढ़े कय। भुझे अबी बी अपसोस होता है कक एक फाय घय छोड़ देने के फाद भ ंक्मं िावऩस रौटा जफकक भुझे ऩता था कक दायजी जजस लभट्टी के फने हुए हं उनभं कभ से कभ इस उम्र भं फदराि की तो कोई उम्भीद ही नहीॊ की जा सकती। अपसोस तो मही है कक बफल्र ूबी दायजी के नक्शे कदभ ऩय चर यहा है। िह बी अबी से िही बाषा फोरने रगा है। तो हारात अफ इतने बफगड़ गमे है कक भेये लरए औय तनबाना हो नहीॊ हो ऩामेगा। जफ से दायजी िगैयह को भेया ऩता लभरा है, हय भहीने कोई न कोई डडभाॊड आ जाती है। अफ तक भ ंसत्तय अस्सी हिाय रुऩमे बेज चुका हूॊ औय तकरीप की फात मही है कक भेया छोटा बाई भुझे धभकी दे जाता है कक भ ंउसकी शादी भं योडे़ अटका यहा हूॊ। भेयी तयप से िो एक की जगह चाय शाटदमाॊ कये। भुझसे जो फन ऩडे़गा भ ंकरूॊ गा बी रेककन कभ से कभ तयीके से तो ऩेश आमे। भनें तुझे जानफूझ कय नहीॊ लरखा था कक जफ िह महाॊ आमा था तो ककस तयह की बाषा भं भुझसे क्मा-क्मा फातं कयके गमा था। भुझे लरखते

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हुए बी शभस आती है। जफ िह जाते सभम स्टेशन ऩय भुझे इस तयह की फातं सुना यहा था तो भनें उससे कहा था - तू कहे तो भ ंलरख के दे देता हू कक तू भुझसे ऩहरे शादी कय रे रेककन पाय गॉड सेक, भुझे मे भत फता कक कहाॊ ज्मादा दहेज लभर यहा है औय भ ंकहाॊ शादी कय रूॊ। तू अऩनी कपकय कय। भेयी यहने दे। तो ऩता है उसने क्मा कहा। कहने रगा - ठीक है, आऩ दायजी को मही फात लरख दो। भनें मे सायी फातं एक खत भं लरखी थीॊ रेककन िह खत तुझे डारने की टहम्भत ही नहीॊ जुटा ऩामा औय िह खत भनें पाड़ टदमा टदमा था।

तो गुड्डी, अफ भ ंइस इकतयपा ऩैसे िारे प्माय से थक चुका हूॊ। िैसे सच तो मह है कक भ ंइस खानाफदोशं िारी जजॊदगी से ही थक चुका हूॊ। ककतने सार हो गमे सॊघषस कयते हुए। अकेरे रड़ते हुए औय हालसर के नाभ ऩय कुछ बी नहीॊ। भ ंमहाॊ से सफ कुछ छोड़-छाड़ कय कहीॊ दयू तनकर जाना चाहता हूॊ। भै जजम्भेिारयमं से नहीॊ बागता रेककन भुझे बी तो रगे कक भेयी बी कहीॊ कदय है। भुझे नहीॊ ऩता था कक भुझे घय रौटने की इतनी फड़ी कीभत चुकानी ऩडे़गी। शामद भेये टहस्से भं घय लरखा ही नहीॊ है।

एक औय भोयचे ऩय बी भुझे कयायी हाय का साभना कय ऩड़ा है। उस फात ने बी भुझे बीतय तक तोड़ टदमा है। भ ंतुझे मह खफय देने ही िारा था कक एक फहुत ही सुॊदय औय गुणी रड़की से भेया ऩरयचम हुआ है औय आगे जा कय शामद कुछ फात फने। इस रयश्ते से भुझे फहुत भानलसक फर लभरा था औय भ ंउम्भीद कय यहा था कक मे ऩरयचम भेयी जिॊदगी भं एक खूफसूयत भोड़ रे कय आमेगा, रेककन अपसोस, इस रयश्ते का भहर बी येत के घय की तयह ढह गमा औय भ ंएक छोटे फच्चे की तयह फुयी तयह छरा गमा। भ ंहद दयजे तक अकेरा औय तनहा हूॊ, ऩहरे बी अकेरा था औय आज बी हूॊ। एक तू ही है जजससे भ ंअऩने टदर की फात कह ऩाता हूॊ। इस अकेरेऩन औय फाय-फाय की ठोकयं के फाद ही सोच सभझ कय भनें रॊदन जाने का पैसरा कय लरमा है। पैसरा सही है मा गरत मह तो िक्त ही फतामेगा। मूॊ सभझ रे कक भनें खुद को हारात ऩय छोड़ टदमा है। जो बी ऩहरा भौका साभने आमा है, उसके लरए हाॊ कय दी है।

रॊदन का कोई हाॊडा ऩरयिाय है। िे रोग वऩछरे टदनं महाॊ आमे हुए थे। िहाॊ उनकी कई कॊ ऩतनमाॊ हं, फीस ऩच्चीस। उनकी रड़की है गौयी। िह बी आमी हुई थी। रड़की ठीक-ठाक रगी। उसी से भेयी शादी तम हुई है। शादी की कोई शतं नहीॊ हं। भ ंचाहूॊ तो अऩना कोई काभ काज तराश सकता हूॊ मा चाहूॊ तो उनकी ककसी कम्ऩनी भं बी अऩनी ऩसॊद का काभ देख सकता हूॊ। सफ कुछ भुझ ऩय छोड़ टदमा गमा है। टे्रिर पाभेलरटीज ऩूयी होते ही तनकर जाऊॊ गा। गौयी की एक तस्िीय बेज यहा हूॊ।

भ ंजानता हूॊ कक मह भेयी िादा खखरापी है औय भ ंअऩने िादे ऩूये ककमे फगैय तुझे इस हारत भं छोड़ कय जा यहा हूॊ। भुझे ऩता है तेयी रड़ाई फहुत भुजश्कर है। जफ भ ंही नहीॊ रड़ ऩामा इनसे, कपय तू तो रड़की है। भ ंसोच-सोच कय ऩयेशान हूॊ कक तू अऩनी रड़ाई अकेरे के फरफूते ऩय कैसे रडे़गी। रेककन एक फात माद यखना, हभ सफ को कबी न कबी,

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कहीॊ न कहीॊ जीिन के इस भहाबायत भं अऩने टहस्से की रड़ाई रड़नी होती है। मह भहाबायत फहुत ही अजीफ होता है। इस भहाबायत भं हय मोद्धा को अऩनी रड़ाई खुद ही तम कयनी औय रड़नी ऩड़ती है। महाॊ न तो कोई कृष्ण होता है न अजुसन। हभं अऩने हचथमाय बी खुद चुनने ऩड़ते हं औय अऩनी यणनीतत बी खुद ही तम कयनी ऩड़ती है। कई फाय हाय-जीत बी कोई भामने नहीॊ यखती क्मंकक मह तो अॊतहीन रड़ाई है जो हभं हय योज सुफह उठते ही रड़नी होती है। कबी खुद से, कबी साभने िारे से तो कबी अऩनं से तो कबी ऩयामं से। तुझे बी आगे से अऩनी सायी रड़ाइमाॊ खुद ही रड़नी हंगी। कई फाय मे रड़ाई खुद से बी रड़नी ऩड़ती है। सफसे भुजश्कर होती है मे रड़ाई। रेककन अगय एक फाय आऩ अऩने बीतय के दशु्भन से जीत गमे तो आगे की सायी रड़ाइमाॊ आसान हो जाती हं। तू सभझदाय है औय न तो खुद के खखराफ़ ही कोई अन्माम होने देगी। ऩहरे तुझे अऩनी कभजोरयमं के खखराप, अऩने गरत पैसरं के खखराप औय अऩने खखराप गरत पैसरं के खखराप रड़ना सीखना होगा। तम कय रे कक न गरत पैसरे खुद रेगी औय न ककसी को गरत पैसरे खुद ऩय थोऩने देगी। तू तो खुद कविताएॊ लरखती है औय तेयी कविताओॊ भं बी तो फेहतय जीिन की काभना ही होती है। कय सकेगी ना मह काभ अऩनी फेहतयी के लरए। खुद को फचामे यखने के लरए?

तो गुड्डी, भ ं तुझे जीिन के इस कुरूऺते्र भं रड़ने के लरए अकेरा छोडे़ जा यहा हूॊ। भ ंअऩनी रड़ाई फीच भं ही छोडे़ जा यहा हूॊ। भुझे बी अऩनं से रड़ना था औय तुझे बी अऩनं से ही रड़ना है। भ ंतीसयी फाय भैदान छोड़ कय बाग यहा हूॊ। रड़ना आता है भुझे बी रेककन अफ भुझसे नहीॊ होगा। फस मही सभझ रो। भ ंखुद को ऩयास्त भान कय भैदान छोड़ यहा हूॊ। कह रो रड़ने से ही इनकाय कय यहा हूॊ।

भेये ऩास रगबग तीन राख रुऩमे हं। इसभं से दो ढाई तेये लरए छोडे़ जा यहा हूॊ। साइन ककमे हुए ऩाॊच कोये चैक साथ भं बेज यहा हूॊ। जफ बी तेयी शादी तम हो मा तुझे ऩढ़ेाई के लरए जरूयत हो, अऩने खाते के जरयमे तनकरिा रेना..। इन ऩैसं के फाये भं ककसी को बी न तो फताने की िरूयत है औय न इन्हं ककसी के साथ शेमय कयने की। ककसी बी हारत भं नहीॊ। मे लसपस तेया टहस्सा है..। एक फेघय-फाय फडे़ बाई की तयप से छोटी फहन को घय की काभना के साथ एक छोटी सी सौगात।

अऩनी ककताफं िगैयह जरूयतभॊद स्टूडंट्स के फीच फाॊट दी हं। थोडे़ से कऩडे़ औय दसूया साभान है, िे बी जरूयतभॊद रोगं को दे जाऊॊ गा। महाॊ से भ ंअऩने िरूयत बय के कऩडे़ औय तेया फनामा स्िेटय ही साथ रे कय जाऊॊ गा। िही तो तेयी माद होगी भेये ऩास। नॊद ूको भेये फाये भं फता देना। रॊदन ऩहुॊचते ही नमा ऩता बेज दूॊगा। अबी दायजी िगैयह को कुछ बी फताने की जरूयत नहीॊ है। भ ंखुद ही खत लरख कय फता दूॊगा...।

भन ऩय ककसी तयह का फोझ भत यखना औय अऩनी ऩढ़ेाई भं टदर रगाना।

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अपसोस!! अऩने िीय की शादी भं नाचने-गाने की की तेयी हसयत ऩूयी नहीॊ हो ऩामेगी। िैसे बी अऩनी शादी भं भ ंरड़के िारं की तयप से अकेरा ही तो होऊॊ गा। तो इस खत भं इतना ही.. ..।

तेया िीय,

दीऩ......

सायी तैमारयमाॊ हो गमी हं। साभान से बी भुडक्त ऩा री है। तनािं से बी। फेशक एक दसूये ककस्भ का, अतनजश्चतता का हरका-सा दफाि है। ऩता नहीॊ, आगे िारी दतुनमा कैसी लभरे। जो कुछ ऩीछे छूट यहा है, अच्छा बी, फुया बी, उससे अफ ककसी बी तयह का भोह भहसूस कयने का भतरफ नहीॊ है। ऩूये होशो-हिास भं सफ कुछ छोड़ यहा हूॊ। रेककन जो कुछ ऩाने जा यहा हूॊ, िह कैसे औय ककतना लभरेगा, मा लभरेगा बी मा नहीॊ, इसी की हरकी-सी आशॊका है। उम्भीद बी औय िामदा बी। िैसे तो इतना कुछ सह चुका हूॊ कक कुछ न लभरे तो बी कोई फ़कस नहीॊ ऩडे़गा। आज की आखयी डाक भं दायजी का खत है। ऩत्र खोरने की टहम्भत नहीॊ हो यही। कपय कोई भाॊग होगी मा भुझे ककसी न ककसी चक्कय भं पाॊसने की उनकी कोई रुबािनी मोजना। सोचता हूॊ अफ जाते-जाते भ ंउनके लरए क्मा कय सकता हूॊ। ऩत्र एक तयप यख देता हूॊ। फाद भं देखूॊगा। सहाय एमयऩोटस के लरए तनकरने से ऩहरे ऩत्र उठा कय जेफ भं डार लरमा था। अरका औय देिेन् द्र साथ आमे थे। भ ंलसक्मुरयटी एरयमा जा यहा हूॊ औय िे दोनं आॊखं भं आॊसू बये भुझे विदा कयके रौट गमे हं। भनें आज तक ककसी बी ऩरयिाय से इतना स्नेह नहीॊ ऩामा जजतना इन दोनं ने टदमा है। दोनं सुखी फने यहं।

उनसे िादा कयता हूॊ - उन्हं ऩत्र लरखता यहूॊगा।

जेफ भं कुछ कड़ा भहसूस होता है। देखता हूॊ - दायजी का ही ऩत्र है। खोर कय देखता हूॊ

- फयखुयदाय,

जीते यहो।

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एक फाय कपय तेये कायण भुझे उस फतछत्तये के आगे नीचा देखना ऩड़ा। िो तो बरा आदभी है इसलरए फमाने के ऩैसे रौटा टदमे हं ियना.... अफ तेये हाथं मे बी लरखा था हभायी ककस्भत भं। अच्छा खासा घय लभट्टी के भोर लभर यहा था, तेये कायण हाथ से तनकर गमा। फाकी खफय मह है कक बफल्र ूके लरए एक ठीक-ठाक घय लभर गमा है। उम्भीद तो मही है कक फात लसये चढ़े जामेगी। फाकी यब्फ याखा। सोचते तो मही हं कक कुड़भाई औय रािाॊ पेये एक ही साथ ही कय रं। ऩता नहीॊ अफ कैसे तनबेगा। तेयी फेफे चाहती है कक तू अफ बी आ जामे तो तेये लरए बी कोई अच्छी सी कुड़ी िेख कय दोनं बयाओॊ की फायात एक साथ तनकारं। अगय तुझे भॊजूय हो तो ताय से खफय कय औय तुयॊत आ। फाकी अगय तूने क्िाॊया ही यहने का भन फना लरमा हो तो कभ से कभ फडे़ बाई का पयज तनबाने ही आ जा। हभ रड़की िारं को कहने रामक तो हो सकं कक हभाये घय भं कोई फड़ा अपसय है औय हभ ककसी ककस्भ की कभी नहीॊ यहने दंगे। फाकी तू खुद सभझदाय है.।

खत लभरते ही अऩने आने की खफय देना।

फेफे ने आसीस कही है।

तुम्हाया

दायजी। तो मह है असलरमत। खत लरखना तो कोई दायजी से सीखे। उन्हंने रुऩमे ऩैसे को रेकय एक बी शब्द नहीॊ लरखा है रेककन ऩूया का ऩूया खत ही जैसे आिाजं भाय यहा है - तेये छोटे बाई की शादी है औय तू घय की हारत देखते हुए भदद नहीॊ कयेगा तो तुझे फड़ा कौन कहेगा...।

सॉयी दायजी औय सॉयी बफल्र ूजी...अफ िाकई देय हो चुकी है। इस सभम भ ंएमयऩोटस की राउॊज भं फैठा आऩका ऩत्र ऩढ़े यहा हूॊ। अफ भ ंफकं, चैक मा िाफ्ट की सीभाओॊ से फाहय जा चुका हूॊ। यात के फायह फजे हं। साये फकं फॊद हो चुके हं। फकं खुरे बी होते तो बी उसभं यखे साये ऩैसे ककसी औय के नाभ हो चुके हं। िैसे दायजी, आऩने दहेज के रेनदेन की फात तो ऩक्की कय ही यखी होगी। भ ंभदद न बी करूॊ तो चरेगा। िैसे बी लसपस एक घॊटे फाद भेयी फ्राइट है औय भ ंचाह कय बी न तो अऩने छोटे बाई की शादी भं शालभर हो ऩाऊॊ गा औय न ही तुभ रोगं को ही इसी भहीने रॊदन भं होने िारी अऩनी शादी भं फुरिा ऩाऊॊ गा। पराइट का सभम हो चुका है। लसक्मोरयटी चैक हो चुका है औय फोडडगं काडस हाथ भं लरए भ ंराउॊज भं फैठा हूॊ।

तो !! अरविदा भेये प्माये देश बायत। तुभने फहुत कुछ टदमा भुझे भेये प्माये देश! फस, एक घय ही नहीॊ टदमा। घय नाभ के दो शब्दं के लरए भुझे ककतना रुरामा है.. क्मा क्मा नहीॊ टदखामा है भुझे..। हय फाय भेये लरए ही घय छरािा क्मं फना यहा। भ ंएक जगह से दसूयी

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जगह बटकता यहा। खोजता यहा कहाॊ है भेया घय!! जो लभरा, िह घय क्मं नही यहा भेये लरए !! आखखय भ ंगरत कहाॊ था औय भेया टहस्सा भुझे क्मं नहीॊ लभरा अफ तक। अफ जा यहा हूॊ दसूये देश भं। शामद िहाॊ एक घय लभरे भुझे!! भेयी याह देखता घय। भेयी चाहत का घय। भेये सऩनं का एक सीधा सादा सा घय। चाय दीिायं के बीतय घय जहाॊ भ ंशाभ को रौट सकूॊ । घय जो भेया हो, हभाया हो। कोई हो उस घय भं जो भेयी याह देखे। भेये सुख-दखु की बागीदाय फने औय अऩनेऩन का अहसास कयामे। जहाॊ रौटना भुझे अच्छा रगे न कक भजफूयी।

सॉयी गुड्डी, तुम्हं टदमे िचन ऩूये नहीॊ कय ऩामा। तुभभं टहम्भत जगा कय भ ंही कभिोय तनकर गमा। अफ अऩना ख्मार तुम्हं खुद ही यखना है। फेफे भ ं तुम्हं कबी सुख नहीॊ दे सका। हभेशा दखु ही तो टदमा है। फाकी तेये नसीफ फेफे। देख ना तेये दो-दो रड़कं की शाटदमाॊ हो यही हं रेककन फड़ा रड़का छोटे की शादी भं नहीॊ होगा औय फडे़ की शादी भं तो खैय, तुम्हं फुरामा ही नहीॊ जा यहा है।

भेयी आॊखं से आॊसू फह यहे हं। भनें ऐसा घय तो नहीॊ चाहा था फेफे..।

भ ंघड़ी देखता हूॊ। जहाज भं चढ़ेने की घोषणा हो चुकी है।

तबी अचानक साभने फने एसटीडी फूथ की तयप भेयी तनगाह ऩड़ती है। सोचता हूॊ, जाते जाते फडे़ बाई का तथाकचथत पजस बी अदा कय कय टदमा जामे। भ ंतेजी एसटीडी फूथ की तयप फढ़ेता हूॊ। नॊद ूका नम्फय लभराता हूॊ।

घॊटी जा यही है। आधी यात को आदभी को उठने भं इतनी देय तो रगती ही है।

राइन ऩय नॊद ूही है।

- नॊद ूसुन, भ ंदीऩू फोर यहा हूॊ।

- फोरो बाई, इस िक्त!! खैरयमत तो है। िह ऩूयी तयह जाग गमा है।

- तू भेयी फात सुन ऩूयी। भेये ऩास िक्त कभ है, भ ंफस ऩाॊच-सात लभनट भं ही रॊदन चरा जाऊॊ गा। गुड्डी तुझे ऩूयी फात फता देगी। आज ही दायजी की चचट्ठी आमी है, बफल्र ूकी शादी कय यहे हं िे। भ ंमहाॊ साये खाते फॊद कय चुका हूॊ औय भेये ऩास ऩैसे तो हं रेककन सभम नहीॊ है।... भनें गुड्डी के ऩास कुछ कोये चैक बेजे हं। मे ऩैसे भनें गुड्डी की ऩढ़ेाई औय शादी के लरए अरग यखे थे। िो मे चैक तेये ऩास यखिाने आमेगी। तू इसभं से एक चैक ऩय ऩचास हिाय की यकभ लरख कय ऩैसे तनकरिा रेना औय दायजी को देना। कयेगा ना भेया मे काभ..? उसके लरए फाद भं औय बेज दूॊगा।

- तू कपकय भत कय। तेया काभ हो जामेगा। अगय गुड्डी चैक नहीॊ बी रामेगी तो बी दायजी तक यकभ ऩहुॊच जामेगी। औय कोई काभ फोर..?

- फस, यखता हूॊ पोन। फ्राइट के लरए टाइभ हो चुका है।

- ओ के गुड रक, िीया, अऩना ख्मार यखना।

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- ओ के नॊद।ू खत लरखूॊगा।

भ ंपोन यखता हूॊ औय जहाज की तयप रऩकता हूॊ।

तो...भ ं.. आखखय देस छोड़ कय ऩयदेस भं आ ही ऩहुॊचा हूॊ। कफ चाहा था भनें - भुझे इस तयह से औय इन ििहं से घय औय अऩना देस छोड़ना ऩडे़। घय तो भेया कबी यहा ही नहीॊ। दो-दो फाय घय छूटा। गोल्डी जिॊदगी भं ताजा पुहाय की तयह आकय जो तन-भन लबगो गमी थी उससे बी रगने रगा था, जिॊदगी भं अफ सुख के ऩर फस आने ही िारे हं, रेककन िह सफ बी छरािा ही साबफत हुआ।

अफ भेये साभने एक नमा देश है, नमे रोग औय एकदभ नमा िाताियण है। एक नमी तयह की जिॊदगी की शरुूआत एक तयह से हो ही चुकी है। जजॊदगी को नमे अथस लभर यहे हं। इतने फयस तक उऩेक्षऺत औय अकेरे यहने के फाद साया सॊसाय बया ऩूया औय अऩनेऩन से सयाफोय रग यहा है। शादी के ऩहरे टदन से रगाताय दाितं का लसरलसरा चर यहा है। गौयी फहुत खुश है। जैसे-जैसे हभ दोनं एक दसूये के निदीक आ यहे हं, एक दसूये के साथ ज्मादा िक्त गुजाय यहे हं, हभं एक दसूये को अच्छी तयह से सभझने का भौका लभर यहा है। िह भेये डयािने अतीत के फाये भं कुछ बी नहीॊ जानती। उसे जानना बी नहीॊ चाटहमे। भनें उसे अऩने घय-ऩरयिाय के फाये भं फहुत कभ फातं ही फतामी हं। लसपस गुड्डी के फाये भं फतामा है कक िह ककस तयह से ऩढ़ेना चाहती है औय कविताएॊ लरखती है। भनें गौयी को जफ गुड्डी का फनामा स्िेटय टदखामा तो उसने तुयॊत ही िह स्िेटय भुझसे हचथमा लरमा औय इठराती हुई फोरी थी - हाम, ककतना सॉफ्ट औय शानदाय फनामा है स्िेटय। अफ मे भेया हो गमा। तुभ उसे भेयी तयप से लरख देना कक तमृ्हं एक औय फना कय बेज देगी। जफ रैटय लरखो तो भेयी तयप से खूफ थकं्स लरख देना औय भेयी तयप से मे चगफ्ट बी बेज देना। औय उसने अऩनी अरभायी से गुड्डी के लरए एक शानदाय चगफ्ट तनकार कय दे टदमा था।

भुझे गुड्डी ऩय गिस हो आमा था कक उसकी फनामी चीि ककस तयह से गौयी ने प्माय से अऩने लरए यख री है।

गुड्डी के अरािा गौयी औय ककसी के नाभ िगैयह बी नहीॊ जानती। िैसे भनें उसके चाचा औय कजजन को बी तो लसपस मही फतामा था कक भ ंफॊफई भं अकेरा ही यहता हूॊ औय जफ उन्हंने भेये भाॊ-फाऩ से लभरने की इच्छा जाटहय की थी तो भनें उन्हं मही फतामा था कक अऩनी जिॊदगी के साये पैसरे भुझे खुद ही कयने हं। भनें न उन्हं अऩने सॊघषं के फाये भं फतामा था न गौयी को ही अऩने सॊघषं की हिा रगने दी थी।

गौयी को दतुनमादायी की फातं से कोई रेना-देना नहीॊ है। आजकर तो िैसे बी उसकी जिदॊगी के फस दो-चाय ही भकसद यह गमे हं। खूफ खाना, सोना औय बयऩूय सैक्स। इनके अरािा उसे न कुछ सूझता है औय न ही िह कुछ सोचना ही चाहती है। िह बीतय-फाहय की सायी

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72 देस बफयाना ™½¬¸ £¸›¸¸¹•¸

प्मास एक साथ ही फुझा रेना चाहती है। िया-सा बी भौका लभरते ही िह फेडरूभ के दयिाजे फॊद कय रेने की कपयाक भं यहती है। कई फाय भुझे खयाफ बी रगता है, रेककन िैसे बी हभाये ऩास कयने-धयने को कुछ बी काभ नहीॊ है। दाितं खाना औय सैक्स बोगना। िैसे भेये साथ दसूया ही सॊकट है। जिॊदगी भं कबी बी ककसी के बी साथ इतना िक्त एक साथ नहीॊ गुिाया। अकेरेऩन के इतने रम्फे-रम्फे दौय गुिाये हं कक अफ कई फाय रगाताय गौयी के साथ-साथ यहने से भन घफयाने बी रगता है। आजकर तो मह हारत हो गमी है कक हभ फाथरूभ जाने के अरािा टदन-यात रगाताय साथ-साथ ही यहते हं।

रगता है, सोने के भाभरे भं हभ दोनं को ही अऩनी आदतं फदरनी हंगी मा उसे फता देना ऩडे़गा कक हभ फेशक एक साथ सोमं, रेककन गरे लरऩटे-लरऩटे सोने से भेया दभ घुटता है। हाराॊकक हनीभून ऩय हभ अगरे हपते ही जा ऩामंगे रेककन इस फीच हभं जजतने टदन बी लभरे हं, हभ दोनं ही जी बी कय एॊजाम कय यहे हं। हनीभून के लरए फचा ही क्मा है?

इतने टदनं से गुड्डी को बी ऩत्र लरखना फाकी है। िैसे आज भेये ऩास थोड़ा िक्त है। गौयी अऩनी शावऩ ॊग के लरए गमी हुई है। गुड्डी को ऩत्र ही लरख लरमा जामे।

प्मायी फहना, गुड्डी

तो भ ंआखखय रॊदन ऩहुॊच ही गमा। वऩछरी फीस तायीख को जफ भ ंमहाॊ हीथ्रो हिाई अड्डे ऩय उतया तो हाॊडा ऩरयिाय के कई रोग भुझे रेने आमे हुए थे। इनभं से भ ं लसपस दो ही रोगं को ऩहचानता था। एक गौयी के चाचा चभन हाॊडा को औय दसूये गौयी के कजजन याजकुभाय हाॊडा को। मे रोग ही भुझे फॊफई भं लभरे थे औय इनसे ही सायी फातं हुई थीॊ। भुझे एमयऩोटस से सीधे ही हाॊडा कॊ ऩनीज के गेस्ट हाउस भं रे जामा गमा। िहीॊ भुझे ठहयामा गमा था।

शाभ को गौयी लभरने आमी थी। थोड़ी देय हार चार ऩूछे, कॉपी ऩी औय चरी गमी। जाते-जाते अऩना पोन नम्फय दे गमी थी, कहा उसने - पोन करूॊ गी औय आऩको िरूयत ऩडे़ तो आऩ बी पोन कय रं। भेये लरए िे रोग शोपय डििेन गाड़ी छोड़ गमे थे।

खैय, दो-चाय टदन भेयी खूफ सेिा हुई। सफसे लभरिामा गमा। हाॊडा ऩरयिाय के भुखखमा से बी लभरिामा गमा। िे गौयी के ताऊ जी हं। सफसे ऩहरे िे ही ऩचासं सार ऩहरे महाॊ आमे थे औय धीये-धीये अऩनी जामदाद खड़ी की। इन ऩचास सारं भं कभ से कभ नहीॊ तो अऩने कभ से कभ सौ आदभी तो रॊदन रे ही आमे हंगे। अऩने आऩ भं फेहद टदरचस्ऩ आदभी हं। गौयी ने अऩने ऩाऩा से बी लभरिामा औय भम्भी से बी। महाॊ इॊडडमन अभीयं की एक फस्ती है - कायऩडंसस ऩाकस । िहीॊ भेयी ससुयार की बव्म इभायत है। िैसे सफके अरग अरग अऩाटसभंट्स हं।

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तो ....भेयी बी शादी हो गमी। हभायी शादी.. भेयी औय गौयी की..। बफल्र ूकी शादी के आगे-ऩीछे। अफ बफल्र ूको मह लशकामत नहीॊ यही होगी कक भनें उसके यास्ते भं योडे़ अटका यखे हं। हभायी शादी दो तयह से हुई। ऩहरे कोटस भं, यजजस्ट्राय ऑप भैरयजेस के ऑकपस भं औय फाद भं ऩूयी बफयादयी के साभने आमस सभाजी तयीके से। अऩनी शादी भं रड़के िारं की तयप से भ ंअकेरा ही घा। भ ंही दलू्हा, भ ंही फायाती, सफारा औय भ ंही फडं भास्टय। हॉसी आ यही थी भुझे अऩनी लस ॊगर भैन फायात देख कय।

भुझे ससुय साहफ ने नमी रैक्सस काय की चाफी दी औय गौयी को पतनसश्ड अऩाटसभंट की चाफी। मे काय महाॊ की कापी शानदाय काय भानी जाती है। जफ भनें उनसे कहा कक भुझे काय चरानी तो आती ही नहीॊ है तो उन्हंने गौयी का हाथ भेये हाथ भं थभा टदमा औय फोरे - ऐ रो जी शोपय बी रो। टम्सस खुद तम कय रेना।

हनीभून के लरए हभं अगरे हफ्ते ऩैरयस जाना है रेककन भेये इॊडडमन टूरयस्ट ऩासऩोटस ऩय िीसा लभरने भं थोड़ी टदक्कत आ यही है। उम्भीद तो मही है कक जा ऩामंगे। अगय नहीॊ बी जा ऩामे तो बी ऩयिाह नहीॊ। महीॊ इतना घूभना-कपयना औय भौज भस्ती हो यहे हं कक हभ दोनं ही रगाताय सातिं आसभान यह यहे है। ख्फा दाितं खा यहे हं।

एक नमी जिॊदगी की शरुूआत हुई है।

गौयी फहुत खुश है इस शादी से औय भुझसे एक ऩर के लरए अरग नहीॊ होना चाहती। अकसय तेये फाये भं ऩूछती यहती है। शादी के औय रॊदन के कुछ पोटो बेज यहे हं। तेये लरए शादी का एक छोटा सा तोहपा भेयी तयप से औय एक गौयी की तयप से। तेया फनामा स्िेटय गौयी ने भुझसे छीन लरमा था औय तुयॊत ही ऩहन बी लरमा था। अफ तुझे भेये लरए एक औय खयगोशनुभा स्िेटय फनाना ऩडे़गा। फना कय बेजेगी ना....।

अऩना ख्मार यखना..

दायजी औय फेफे को भेयी सत श्री अकार औय गोरू औय बफल्र ूको प्माय। भेयी छोटी बाबी के लरए बी एक तोहपा भेयी तयप से। फेफे की तफीमत नमी फहू के आने से सॊबर गमी होगी।

ऩता दे यहा हूॊ। अऩने सभाचाय देना।

तेया िीय

दीऩ

अरका दीदी औय नॊद ूको बी इसी तयह के ऩत्र लरखता हूॊ। शादी के कुछ पोटो औय रॊदन के कुछ वऩक्चय ऩोस्ट काडस बी बेजता हूॊ। दीदी को ऩत्र लरखते सभम ऩता नहीॊ क्मं फाय-फाय गोल्डी का ख्मार आ यहा है। अच्छी रड़की थी। अगय भुझसे कहती - भ ंशादी कयने जा यही हूॊ। िया भेयी शावऩ ॊग कया दो, शादी का जोड़ा टदरिा दो तो भ ंभना थोडे़ ही कयता।

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हभेशा की तयह उसकी शॉवऩ ॊग कयाता। एक ऩत्र अऩने ऩुयाने ऑकपस को बी लरखता हूॊ ताकक िे भेये फकामा ऩैसं का टहसाफ ककताफ कय दं। गौयी भेये लरए के्रडडट काडस का पाभस रामी है। भनें भना कय टदमा है - भुझे क्मा कयना के्रडडट काडस!

- क्मं ऩैरयस जामंगे तो िरूयत ऩडे़गी। िैसे बी महाॊ रॊदन भं कोई बी ककसी बी काभ के लरए कैश रे कय नहीॊ चरता। टदन भं दस तयह के ऩेभंट कयने ऩड़ते हं।

- देखो गौयी, भ ंक्मा करूॊ गा मे काडस रेकय। न भुझे कोई शॉवऩ ॊग कयनी है, न कोई ऩेभंट ही कयने हंगे। तुभ हो न भेये साथ। तुम्हीॊ कयती यहना सफ ऩेभंट।

- सभझा कयो दीऩ, तुम्हं लसपस खचस कयना है। तुम्हं के्रडडट काडस का ऩेभंट कयने के लरए कौन कह यहा है।

- कपरहार यहने दो, फाद भं देखंगे।

- जैसी तुम्हायी भजॉ। हनीभून फटढ़ेमा यहा। शानदाय यहना औय शानदाय घूभना कपयना। सफ कुछ बव्म तयीके से। सायी व्मिस्थाएॊ ऩहरे से ही कय री गमी थीॊ। चरते सभम ससुय साहफ ने भुझे एक बायी सा लरपापा ऩकड़ामा था।

जफ भनें ऩूछा कक क्मा है इसभं तो िे हॉसे थे - बई, आऩ अऩना तो कय रंगे, रेककन शोपय के लरए तो खयचा ऩानी चाटहमे ही होगा ना.. थोड़ी फहुत कयंसी है। गौयी फता यही थी कक आऩने के्रडडट काडस के लरए भना कय टदमा है। महाॊ उसके बफना चरता नहीॊ है, िैसे आऩकी भजॉ।

िह लरपापा भनें उनके साभने ही गौयी को थभा टदमा था - हभायी तो ऩैकेज डीर है। जजतना खचस हो िो कये औय फाकी जो फचे िो टटऩ।

गौयी खखरखखरामी थी - ऩाऩा, आऩने तो कभार का दाभाद ढूॊढा है। महाॊ तो इतनी टटऩ लभर जामा कयेगी कक कुछ औय कयने की िरूयत ही नहीॊ ऩडे़गी।

भ ंहॉस टदमा हूॊ - हभाये साथ यहोगी तो मूॊ ही ऐश कयोगी। ऩैरयस अच्छा रगा। हभ दोनं ही तो सातिं आसभान ऩय थे। गौयी ने खूफ शॉ ॊवऩ ॊग की। अऩने लरए बी औय भेये लरए बी। िैसे बी ऩैसे तो उसके ऩास ही यखे थे। भ ंचाहता बी तो कुछ नहीॊ खयीद सकता था। इॊडडमा से जो थोड़ी फहुत यकभ रामा था, उससे तो गौयी की एक टदन की शॉवऩ ॊग बी नहीॊ हो ऩाती। इसलरए भ ंअऩनी गाॊठ ढीरी कयने की हारत भं

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नहीॊ था। अरफत्ता गौयी के लरए एकाध चीि िरूय खयीद री ताकक उसे मह बी न रगे कक कैसे कॊ गरे के साथ आमी है। हभ नमे घय भं सायी चीजं व्मिजस्थत कय यहे हं। गौयी मह देख कय दॊग है कक भ ंन केिर यसोई की हय तयह की व्मिस्था सॊबार सकता हूॊ फजल्क घय बय के सबी काभ कय सकता हूॊ। कय बी यहा हूॊ।

ऩूछ यही है - आऩने मे सफ जनातनमं िारे काभ कफ सीखे हंगे। आऩकी ऩढ़ेाई को देख कय रगता तो नहीॊ कक इन सफके लरए सभम लभर ऩाता होगा।

- लसपस जनातनमं िारे काभ ही नहीॊ, भ ंतो हय तयह के काभ जानता हूॊ। देख तो यही ही हो, कय ही यहा हूॊ। कोई बी काभ सीखने की इच्छा हो तो एक ही फाय भं सीखा जा सकता है। उसे फाय-फाय सीखने की िरूयत नहीॊ होती। फस, शौक यहा, औय सायी चीजं अऩने आऩ आ गमीॊ।

- थकं्स दीऩ, अच्छा रगा मे जान कय कक आऩ चीजं के फाये भं इतने खुरेऩन से सोचते हं। भेये लरए तो औय बी अच्छा है। भ ंतो भडंड ॊग औय रयऩेमरयॊग के चक्कय भं ऩड़ने के फजामे चीजं पंक देना आसान सभझती हूॊ। अफ आऩ घय-बय की बफगड़ी चीजं ठीक कयते यहना।

कुर लभरा कय अच्छा रग यहा है घय सजाना। अऩना घय सजाना। फेशक महाॊ का साया साभान अरग-अरग हाॊडा कम्ऩनीि मा स्टोसस से ही आमा है, रेककन अफ से है तो हभाया ही औय इन सायी चीजं को एक तयतीफ देने भं बी हभ दोनं को सुख लभर यहा है। िैसे कापी चीजं इस फीच हभने खयीदी बी हं।

हभ दोनं भं फीच-फीच भं फहस हो जाती है कक कौन सी चीि कहाॊ यखी जामे। आखखय एक दसूये की सराह भानते हुए औय सराहं देते हुए घय सैट हो ही गमा है।

इतने टदनं से आयाभ की जिॊदगी गुिायते हुए, तपयीह कयते हुए भुझे बी रग यहा है कक भेये साये दखु दलरद्दय अफ खत्भ हो गमे हं। अफ भुझे भेया घय लभर गमा है। ससुय साहफ की तयप से फुरािा आमा है। िैसे तो हय दसूये तीसये टदन िहाॊ जाना हो ही जाता है मा पोन ऩय ही फात हो जाती है रेककन हय फाय गौयी साथ होती है। इस फाय भुझे अकेरे ही फुरामा गमा है। ऩता नहीॊ क्मा फात हो गमी हो। शामद भेये बविष्म के फाये भं ही कोई फात कहना चाहते हं। िैसे बी अफ भिा औय आयाभ कापी हो लरमे। कुछ काभ धाभ का लसरलसरा बी शरुू होना चाटहमे। आखखय कफ तक घय जॊिाई फन कय ससुयार की योटटमाॊ तोड़ता यहूॊगा।

िहाॊ ऩहुॊचा हूॊ तो भेये ससुय औय उनके फडे़ बाई हाॊडा िुऩ के भुखखमा, दोनं बाई ही फैठे हुए हं। भ ंफायी फायी से दोनं को आदय ऩूिसक झुक कय प्रणाभ कयता हूॊ। महाॊ रॊदन भं बी इस

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ऩरयिाय ने कई बायतीम ऩयम्ऩयाएॊ फनामे यखी हं। महाॊ छोटे-फडे़ सबी फुजुगं के ऩैय छू कय ही अलबिादन कयते हं। कोई बी ऊॊ ची आिाज भं फात नहीॊ कयता। एक फात औय बी देखी है भनें महाॊ ऩय कक हाॊड़ा िुऩ के भुखखमा हं मा औय कोई फुजुगस, ककसी की बी फात काटी नहीॊ जाती। िे जो कुछ बी कहते हं, िही आदेश होता है। ना नुकुय की गुॊजाइश नहीॊ होती। एक टदन गौयी ने फतामा था कक फेशक ऩाऩा मा ताऊजी ककसी के बी काभ भं दखर नहीॊ देते औय न ही योि योि सफसे लभरते ही हं रेककन कपय बी इतने फडे़ एम्ऩामय भं कहाॊ क्मा हो यहा है उन्हं सफकी खफयं लभरती यहती हं।

- घूभना कपयना कैसा यह़ा!

- फहुत अच्छा रगा। कापी घूभे।

- कैसा रग यहा है हभाये ऩरयिाय के साथ जुड़ना?

- दयअसर भ ंमहाॊ ऩहुॊचने तक कुछ बी विजुअराइि नहीॊ कय ऩा यहा था कक महाॊ आ कय जिॊदगी कैसी होगी। एकदभ नमा देश, नमे रोग औय बफरकुर अऩरयचचत ऩरयिाय भं रयश्ता जुड़ना, रेककन महाॊ आ कय भेये साये डय बफरकुर दयू हो गमे हं। फहुत अच्छा रग यहा है।

- औय आऩकी शोपय के क्मा हार हं, ससुय साहफ ने छेड़ा है - उससे कोई टम्सस तम की हं मा फेचायी भुफ्त भं ही तुम्हायी गाड़ी चरा यही है।

- गौयी फहुत अच्छी है रेककन अफ काभ धॊधे का कुछ लसरलसरा फैठे तो टम्सस बी तम कय ही रंगे।

- हभने इसी लरए फुरामा है आऩको। िैसे आऩने खुद काभ काज के फाये भं क्मा सोचा है? िे खुद ही भुद्द ेकी फात ऩय आ गमे हं।

- जैसा आऩ कहं। भ ंखुद बी सोच यहा था कक आऩसे कहूॊ कक घूभना कपयना फहुत हो गमा है औय ऩाटटसमाॊ बी फहुत खा रीॊ। आऩकी इजाित हो तो भ ंककसी अऩनी ऩसॊद के ककसी काभ. .. .. भनें जानफूझ कय फात अधूयी छोड़ दी है।

- देखो फेटे, हभ बी मही चाहते हं कक तुभ अऩनी लरमाकत, एक्सऩीरयमॊस औय ऩसॊद के टहसाफ से काभ कयो। हभ तुम्हायी ऩूयी भदद कयंगे। रेककन दो एक फातं हं जो हभ क्रीमय कय रं।

- जी.. ..

- ऩहरी फात तो मह कक अबी तुभ टूरयस्ट िीसा ऩय आमे हो। महाॊ काभ कयने के लरए तुम्हं िकस ऩयलभट की िरूयत ऩडे़गी जो कक तुम्हं टूरयस्ट िीसा ऩय लभरेगा नहीॊ।

- आऩ ठीक कह यहे हं। भनें इस फाये भं तो सोचा ही नहीॊ था।

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भनें सचभुच इस फाये भं नहीॊ सोचा था कक भुझे अऩनी ऩसॊद का काभ चुनने भं इस तयह की तकरीप बी आ सकती है।

- रेककन ऩुत्तय जी हभं तो सायी फातं का ख्मार यखना ऩड़ता है ना जी..।

- आऩ सही कह यहे हं। रेककन कपय भेया ....

- उसकी कपकय आऩ भत कयो। इसी लरए आऩको फुरामा था कक ऩहरे आऩकी याम रे रं, तबी पैसरा कयं।

- जी हुक्भ कीजजमे...भेयी साॊस तेि हो गमी है।

- ऐसा है कक इस सभम रॊदन भं हाॊडा िुऩ की कोई तीस-चारीस पभं हं। ऩैट्रोर ऩम्ऩ हं। डडऩाटसभंटर स्टोसस हं औय बी तयह तयह के काभ काज हं।

- जी.. गौयी ने फतामा था औय कुछ जगह तो िो भुझे रे कय बी गमी थी।

- हाॊ, मे तो फहुत अच्छा ककमा गौयी ने कक तुम्हं सफ जगह घुभा कपया टदमा है। तुम्हं अऩनी परोरयस्ट शाऩ भं बी रे गमी थी मा नहीॊ?

- इस फाये भं तो उसने कोई फात ही नहीॊ की है।

- मही तो उसकी खालसमत है। िैसे तुम्हं फता दं कक हैयो ऑन द टहर ऩय उसकी फ्रोरयस्ट शॉऩ रॊदन की चगनी चुनी शॉप्स भं से एक है। ऩैरेस औय िाउतन ॊग स्ट्रीट के लरए जाने िारे फुके िगैयह उसी के स्टार से जाते हं।

- रेककन इतने टदनं भं तो उसने एक फाय बी नहीॊ फतामा कक िह कोई काभ बी कयती है।

- कभार है, उसने तुम्हं हिा बी नहीॊ रगने दी। आजकर उसका काभ उसकी ही एक कजिन नेहा देख यही है। दो एक टदन भं गौयी बी काभ ऩय जाना शरुू कय देगी। हाॊ तो, हभने सोचा है कक अऩना सफसे फड़ा औय सफसे येऩुटेड डडऩाटसभंटर स्टोसस - द बफिी कॉनसय नाभ की शाऩ तुम्हाये नाभ कय दं। मे स्टोसस िेम्ब्रे हाइ स्ट्रीट ऩय है। गौयी रे जामेगी तुम्हं िहाॊ। तुम्हं ऩसॊद आमेगा। कापी नाभ औय काभ है उसका। िैसे हभ उसे नमी इभेज देना चाह यहे हं। काभ फहुत है उसका औय नाभ बी है रेककन जया ऩुयाने स्टाइर का है। हभ चाहते हं कक तुभ उसे अऩने भैनेजभंट भं रे रो औय जैसे चाहे सॊबारो। क्मा ख्मार है?

- जैसा आऩका आदेश. . ..। भनें कह तो टदमा है रेककन भ ंतम नहीॊ कय ऩा यहा हूॊ कक अऩनी इन डडचिमं औय काभ काज के अनुबि के साथ भ ंडडऩाटसभंटर स्टोसस भं बरा क्मा कय ऩाऊॊ गा। रेककन इन रोगं के साभने भना कयने की गुजाॊइश नहीॊ है। गौयी ने ऩहरे ही इशाया कय टदमा था - ककसी बी तयह की फहस भं भत उरझना। जो कुछ कहना सुनना है, िो खुद फाद भं देख रेगी।

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- िैसे हभाये औय बी कई प्राॊस हं। हभ कुछ नमे एरयमाि भं डाइिसॉपाई कयने के फाये भं सोच यहे हं, िैसे तुम्हं कबी बी ककसी ककस्भ की तकरीप नहीॊ होगी।

- जानता हूॊ जी, आऩ रोगं के होते हुए....।

- िैसे सायी चीजं आऩको धीये धीये ऩता चर ही जामंगी। आऩ हभाये ऩरयिाय के नमे भैम्फय हं। खूफ ऩढे़े लरखे औय ब्राइट आदभी हं। हभं मकीन है आऩ खूफ तयक्की कयंगे औय आऩका हभाये खानदान से जुड़ना हभं औय आऩको, दोनं को यास आमेगा। म ूआय एन एसेट टू हाॊडा एम्ऩामय। गॉड ब्रैस मू। हभाये इस प्रोऩोजर के फाये भं क्मा ख्मार है ?

- जी दरुुस्त है। भ ंकर से ही िहाॊ जाना शरुू कय दूॊगा। भ ंचाहूॊ तो बी अफ वियोध नहीॊ कय सकता। टूरयस्ट िीसा ऩय आने ऩय औय घय जिाॊई फनने की कुछ तो कीभत अदा कयनी ही ऩडे़गी।

- कोई जल्दी नहीॊ है। िहाॊ औय रोग तो हं ही सही। जफ जी चाहे जाओ, आओ, औय आयाभ से सायी चीजं को सभझो, जो भयजी आमे चंज कयो िहाॊ औय उसे अऩनी ऩससनैलरटी की भुहय रगा दो। ओके !!

- जी थकं्स। गुड नाइट। औय भ ंदोनं को एक फाय कपय ऩैयी ऩौना कयके फाहय आ गमा हूॊ। घय आते ही गौयी ने घेय लरमा है - क्मा क्मा फात हुई औय क्मा टदमा गमा है आऩको।

भ ंतनढार ऩड़ गमा हूॊ। सभझ भं नहीॊ आ यहा, कैसे फताऊॊ कक अफ आगे से भेयी जिॊदगी क्मा होने जा यही है। इॊडडमा भं पॊ डाभंटर रयसचस के सफसे फडे़ संटय टीआइएपआय का सीतनमय साॊइटटस्ट डॉ. गगनदीऩ फंस अफ रॊदन भं अऩनी ससुयार के डडऩाटसभंटर स्टोसस भं अॊडयविमय औय ब्रा फेचने का काभ कयेगा। कहाॊ तो सोच यहा था, महाॊ रयसचस के फेहतय भौके लभरंगे औय कहाॊ .. .। भुझे िकस ऩयलभट का िया सा बी ख्मार होता तो शामद मे प्रोऩोजर भानता ही नहीॊ।

भेया खयाफ भूड देख कय, गौयी डय गमी है। फाय फाय भेया चेहया अऩने हाथं भं रेकय भेये हाथ ऩकड़ कय ऩूछ यही है - आखखय इतने टंस क्मं हो। तुम्हं भेयी कसभ। सच फताओ, क्मा फात हुई।

भ ं उसकी आॊखं भं झाॊकता हूॊ - िहाॊ भुझे स्नेह का एक हयहयाता सभॊदय ठाॊठं भायता टदखामी दे यहा है - िह भेये भाथे ऩय एक गहया चुॊफन अॊककत कयती है औय एक फाय कपय कहती है - खुद को अकेरा भत सभझो, डीमय। फताओ, ककस फात से इतने डडस्टफस हो!!

भ ंउसे फताता हूॊ। अऩने सऩनं की फात औय अऩने कैरयमय की फात औय इन सायी चीजं के साभने उसके ऩाऩा के प्रोऩोजर।

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79 देस बफयाना ™½¬¸ £¸›¸¸¹•¸

ऩूछता हूॊ उसी से - क्मा भुझे मही सफ कयना होगा, भ ंतो सोच कय आमा था कक .. ..।

िह हॉसने रगी है। महाॊ भेयी जान ऩय फनी हुई है औय मे ऩागरं की तयह यही है - रयरैक्स डीमय, जफ घय भं ही इतने साये शानदाय काभ हं तो फाहय ककसी औय की गुराभी कयने की क्मा जरूयत। िैसे बी िकस ऩयलभट के बफना तो आऩ घयं के फाहय अखफाय डारने का काभ बी ऩता नहीॊ कय ऩामंगे मा नहीॊ। आऩ हाॊडा िुऩ के पैलभरी भैम्फय हं। हजायं भं से चुन कय रामे गमे हं औय आऩको रॊदन के सफसे फडे़ स्टोसस का काभ काज सॊबारने के लरए टदमा जा यहा है। हभाये खानदान के ककतने ही रड़कं की तनगाह उस ऩय थी। फजल्क भ ंभन ही भन भना यही थी कक तुम्हं द बफजी कानसय ही लभरे। कहीॊ गैस स्टेशन िगैयह दे देते तो भुसीफत होती। मू आय रकी डडमय। चरो, इसे सेरेबे्रट कयते हं। कंडडर राइट डडनय भेयी तयप से।

इतना सुन कय बी भेया हौसरा िावऩस नहीॊ आमा है। िह चीमय अऩ कयती है - आऩ जाकय अऩना काभ देखं तो सही। िहाॊ फहुत स्कोऩ है। आऩ खुद ही तो फता यहे थे कक आऩकी तनगाह भं कोई बी काभ छोटा मा फड़ा नहीॊ होता। आऩ छोटे से छोटे काभ को बी ऩूयी रगन औय भेहनत से शानदाय तयीके से कय सकते हं। उसभं ऩूया सैटटस्पैक्शन ऩा सकते हं। कपय बी िहाॊ अगय आऩका भन न रगे तो डाइिसॉकपकेशन कयके आऩ अऩनी ऩसॊद का कोई बी काभ शरुू कय सकते हं। फस, भेयी ऩोजीशन का बी ख्मार यखना।

इसका भतरफ अफ भेये ऩास इस प्रोऩोजर को भानने के अरािा औय कोई उऩाम नहीॊ है। चरो मही सही, जफ चभगादड़ की भेहभाननिाजी स्िीकाय की है तो उरटा तो रटकना ही ऩडे़गा। हभ ऩहरे गौयी के स्टार ऩय गमे हं। ऩूया स्टाप उसे औय भुझे शादी की विश कय यहा है। कई रोग तो आमे बी थे रयसेप्शन भं। अफ िह सफसे भेया ऩरयचम कया यही है। स्टाप की तयप से हभं एक खूफसूयत फुके टदमा गमा है। िाकई फहुत अच्छी शाऩ है उसकी। िहाॊ कॉपी ऩी कय गौयी भुझे द बफिी कॉनसय भं रे कय आमी है। भैनेजय से ऩरयचम कयामा है। भैनेजय साउथ इॊडडमन है। उसने फहुत ही सज्जनता से हभाया स्िागत ककमा है औय ऩूये स्टाप से लभरिामा है। स्टोसस भं सफ जगह घुभामा है। साये सैक्शॊस भं रे कय जा यहा है औय सायी चीजं के फाये भं फोरयमत की हद तक फता यहा है।

गौयी रगाताय भेये साथ है औय भेये साथ ही सायी चीजं सभझ यही है। कहीॊ कहीॊ कुछ ऩूछ बी रेती है भैनेजय से। एकाउॊ ट्स औय इन्िटंयी भं हभने सफसे ज्मादा िक्त बफतामा है। भैनेजय हभं अऩने केबफन भं रेकय गमा है। केबफन क्मा है, िया सी जगह को ग्रास की दीिायं से किय कय टदमा गमा है। िहीॊ तीन शाटस सककस ट टीिी क्रीन रगे हं जो फायी-फायी से ऩूये स्टोसस भं अरग अरग रोकेशनं की गततविचधमाॊ टदखा यहे हं।

भैनेजय इन सायी चीजं के फाये भं फोरयमत की हद तक विस्तामय से फात कय यहा है।

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भनें औय कुछ बी ऩूछना उचचत नहीॊ सभझा है। भ ंसफ कुछ देख सभझ यहा हूॊ। कर से तो भुझे महीॊ आना ही है। अबी तो ऩता नहीॊ ककतने टदन रगं इस तॊत्र को सभझने भं। आज स्टोसस भं दसूया ही टदन है। भ ंअकेरा ही ऩहुॊचा हूॊ। गौयी ने बी आज ही से अऩना काभ शरुू ककमा है। िह अर-सुफह ही तनकर गमी थी। भेये जागने से ऩहरे िह तैमाय बी हो चुकी थी औय अगय भ ंउठ कय उसके लरए चाम न फनाता तो बफना लभरे औय बफना एक कऩ चाम वऩमे ही िह चरी जाती। तफ भनें ही उठ कय उसके लरए चाम फनामी औय उसे एक स्िीट ककस के साथ विदा ककमा।

आज भैनेजय ने भुझे सायी चीजं कपय से सभझानी शरुू कय दी हं। िह आखखय इतने डडटेल्स भं क्मं जा यहा है। सफ कुछ तो भ ंऩहरे टदन सभझ ही चुका हूॊ। औय कपय ऐसी बी क्मा जल्दी है कक सफ कुछ एक साथ ही सभझ लरमा जामे। भ ं हैयान हूॊ कक मे सायी औऩचारयकताएॊ ककस लरमे दोहयामी जा यही हं। िह बी जजस तयीके से हय भाभूरी से भाभूरी चीज के फाये भं फता यहा है, भुझे अटऩटा रग यहा है रेककन भ ंउसे टोक बी नहीॊ ऩा यहा हूॊ। साया टदन उसी के साथ भाथा ऩच्ची कयते फीत गमा है।

टदन ही फेहद थकाऊ यहा। दतुनमा बय की चीजं की इन्िटं्री टदखा डारी है भैनेजय ने। िैसे बी टदभाग बन्नामा हुआ है। टदन बय िाहकं की बीड़ औय टहसाफ ककताफ देखने, सभझने औय यखने का झॊझट। इस ककस्भ के काभ का न तो अनुबि है औय भानलसक तैमायी ही। गौयी फीच फीच भं पोन कयती यही है। चाय फजे के कयीफ आमी गौयी तबी भैनेजय नाभ के वऩस्स ुसे छुटकाया लभर सका है। आज दो भहीने हो गमे हं भुझे स्टोसस सॊबारे। रॊदन आमे रगबग तीन भहीने। भ ं ही जानता हूॊ कक दो भहीने का मह फाद िारा अयसा भेये लरए ककतना बायी गुिया है। एक - एक ऩर जैसे आग ऩय फैठ कय गुिाया हो भनें। स्टोसस भं जाने के अगरे हफ्ते ही उस भैनेजय को स्टोय से तनकार टदमा गमा था। िह इसीलरए हड़फड़ी भं टदखामी दे यहा था। अफ भ ंही इसका नमा भैनेजय था।

भ ंइस नमी हैलसमत से डडस्टफस हो गमा हूॊ। मह क्मा भिाक है। भनें इस घय भं शादी की है औय इस शादी का भैनेजयी से क्मा भतरफ? गौयी के ऩाऩा ने तो मे कहा था कक मे स्टोसस भेये हिारे कय यहे हं। अगय मही फात ही थी तो भैनेजय को तनकारने का क्मा भतरफ? अगय िे भैनेजय की ही सेरेयी फचाना चाहते थे तो भुझसे साप-साप कह टदमा होता कक हभं दाभाद नहीॊ दो-ढाई हिाय ऩाउॊ ड िारा भैनेजय चाटहमे। भ ंतफ तम कयता कक भुझे आना बी है मा नहीॊ। महाॊ की नौकयी कयना तो फहुत दयू की फात थी। भुझे िकस ऩयलभट का ख्मार नहीॊ था मा ऩता ही नहीॊ था रेककन उन्हं तो ऩता था कक महाॊ भ ंआऊॊ मा औय कोई दाभाद आमे, मे सभस्मा तो आने ही िारी है। इसका भतरफ इन रोगं ने अच्छी तयह से सोच-सभझ कय मे जार फुना है। अफ टदक्कत मे है कक कहीॊ सुनिाई बी तो

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नहीॊ है। धीये-धीये भुझे सायी चीजं सभझ भं आने रगी थीॊ। साया चक्कय ही इन सायी दकुानं के लरए बयोसे का औय एक तयह से बफना ऩैसे का स्टाप जुटाने का ही था। भनें ऩूयी स्टडी की है औय भेया डय सही तनकरा है।

भुझसे ऩहरे चाय रड़ककमं के लरमे दाभाद इसी तयह से रामे गमे हं। ऩाॊचिाॊ भ ंहूॊ। उनके सबी दाभाद हाइरी क्िालरपाइड हं। ऩाॊचं की शाटदमाॊ इसी तयह से की गमी हं। न रड़ककमाॊ घय से फाहय गमी हं औय न बफजजनेस ही। सफसे फड़ी लशल्ऩा की शादी लशलशय से हुई है। लशलशय एभफीए है औय चाय गैस स्टेशन देख यहा है। सुचेता के ऩतत सुशाॊत के ऩास साये ऩफ औय येस्तयाॊ हं। िह कैलभकर इॊजीतनमय है। दोनं लभर कय सॊबारते हं मे साये ठीमे। नीरभ का आकीटेक्ट ऩतत देिेश फुक शॉऩ भं है औय सॊध्मा का एभकॉभ ऩतत यजनीश सेन्ट्रर स्टोसस सॊबारता है औय साये स्टोसस के लरए औय साये घयं के लरए सप्राई देखता है। अरफत्ता घय के साये आदभी औय रड़के इन कम्ऩतनमं के मा तो अकेरे कत्तास हं मा ज्िाइॊटरी साया काभकाज सॊबारते हं। उनके ऩास फेहतय ऩोजीशॊस िारी ऐसी इॊटयनेशनर कम्ऩतनमाॊ हं जजनभं खूफ घूभना-कपयना औय कॉटैक्ट्स हं। िैसे तो इनकी रड़ककमं की ऩोजीशन बी उनकी ऩढ़ेाई के टहसाफ से है रेककन दाभादं की हारत भैनेजयं मा उसके आसऩास िारी है। जहाॊ रड़की दाभाद एक साथ हं बी, िहाॊ िाइप ही सिेसिास है औय उसके हसफडं की ऩोजीशन दोमभ दयजे की ही है। हाॊ, रड़का फहू िारे भाभरे भं बी मही दोहये भानदॊड अऩनामे गमे हं। फहुएॊ बी आभ तौय ऩय इॊडडमन ही हं औय उनके जजम्भे अरग-अरग ठीमे हं।

हभ सबी दाभाद बायतीम अखफायं के जरयमे घेये गमे हं। ऩता नहीॊ ऩूये खानदान भं ककतनी रड़ककमाॊ औय फाकी हं औय ककतने दाभाद अबी औय इम्ऩोटस ककमे जाने हं।

अफ भुझे गौयी के फ्रोरयस्ट स्टार ऩय फैठने का बी कायण सभझ भं आ गमा है। िजह फहुत सीधी सादी है। उसे िहाॊ फहुत कभ देय के लरए फैठना ऩड़ता है औय फाकी िक्त िह कपल्भं देखते हुए औय कॉलभक्स ऩढ़ेते हुए गुजायती है। कई फाय िह नहीॊ बी जाती औय स्टाप ही साया काभ देखता यहता है। िह अक्सय अऩनी कजजॊस की शॉप्स ऩय चरी जाती है।

अफ भेये साभने इस स्टोसस भं भैनेजयी सॊबारने के अरािा औय कोई उऩाम नहीॊ है। गरती भेयी ही थी। भ ंही तो बागा-बागा इतने साये रारच देख कय खखॊचा चरा आमा हूॊ। मह तो भुझे ही देखना चाटहमे था कक बफना िकस ऩयलभट के भेयी औकात महाॊ सड़क ऩय खडे़ भिदयू जजतनी बी नहीॊ।

रेककन महाॊ कोई बी तो नहीॊ है जजससे भ ं मे फातं कह सकूॊ । हाॊडा िुऩ से तो ऩहरी भुराकात भं ही रार लसग्नर लभर गमा था कक नो डडस्कशन एट ऑर। अफ कहूॊ बी तो ककससे? भेये ऩास घुट-घुट कय जीने कुढ़ेने के अरािा उऩाम ही क्मा है ?

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जफ भैनेजय को तनकारा गमा था तो भनें गौयी से इस फाये भं फात की थी - तुम्हं नहीॊ रगता गौयी, इस तयह से स्टोसस के भैनेजय को तनकार कय उसकी जगह भुझे दे देना, एनी हाऊ, भ ंऩता नहीॊ क्मं इसे एक्सेप्ट नहीॊ कय ऩा यहा हूॊ।

- देखो दीऩ, जो आदभी िहाॊ का काभ देख यहा था, दयअसर स्टॉऩगैऩ एयंजभंट था। ऩहरे िहाॊ भेया कजजन देिेश काभ देखता था। उस िक्त िहाॊ कोई भैनेजय नहीॊ था। िैसे बी हभाये ज्मादातय एस्टेफलरशभंट्स भं भैनेजय नहीॊ हं।

उसने भेया हाथ दफाते हुए कहा है - बरा हभ तुम्हं भैनेजय की फयाफयी ऩय कैसे यख सकते हं।

फेशक गौयी ने अऩनी तयप से भुझे फहराने के लरए मे सायी फातं कही हं रेककन असलरमत िही है जो भेये साभने है। भैनेजय का जाना औय भेया आना, इसभं तो भुझे ऩाउॊ ड फचाने के अरािा औय कोई तकस निय नहीॊ आता। इस फीच भनें फायीकी से सायी चीजं देखी बारी हं औय साये तॊत्र को सभझने की कोलशश की है। भनें ऩामा है कक महाॊ, घय स्टोसस भं, पैलभरी भैटसस भं, बफजजनेस भं, भेये स्टोसस भं हय चीज के लरए लसस्टभ फना हुआ है। मही रॊदन की खालसमत है। कहीॊ कोई चूक नहीॊ। कोई लसस्टभ पेल्मय नहीॊ। जफ भैनेजय के जाने के फाद के भहीने भं हाॊडा िुऩ के काऩोयेट ऑकपस से स्टाप की सेरयी का स्टेटभंट आमा था तो भनें देखा, वऩछरी फाय की तुरना भं भैनेजय की सैरयी के खाते भं ऩूये ढाई हिाय ऩंड भहीने के फचा लरमे गमे हं। अफ साया खेर भेयी सभझ भं आ गमा है। भुफ्त का, बयोसेभॊद भैनेजय, घय जिाॊई का घय जिाॊई। न घय छोड़ कय जामे औय न दकुान। अफ गौयी के साये तकं की बी ऩोर खुर गमी है।

भ ंऩूयी तयह तघय चुका हूॊ। अऩने घय का सऩना एक फाय कपय भुझे छर गमा है। भेये हाथ खारी हं औय ऩूये देश भं भ ंककसी को बी नहीॊ जानता। महाॊ तो घय भं ककसी औय से कुछ बी कहने का न हक है, न भतरफ। मह तो भुझे ऩहरे ही टदन फता टदमा गमा था कक भुझे जो कुछ कहना है गौयी के जरयमे ही कहना है। अरफत्ता लसस्टभ, ऩरयिाय मा ऩसनसर राइप के फाये भं कुछ बी कहने की भनाही है। गौयी से फात कयो तो उसके फहराने के अऩने तयीके हं - क्मं टंशन रेते हो डीमय। तुम्हं ककस फात की चचॊता? ककस फात की तकरीप है तुम्हं?

इन सायी भानलसक ऩयेशातनमं के फािजूद भनें एक पैसरा ककमा है कक जो काभ भुझे संऩा गमा है, िह भ ंकय के टदखाऊॊ गा। गौयी ने जो भेयी ही फात का ताना भाया था कक भेये लरए कोई बी काभ छोटा मा फड़ा नहीॊ है तो सचभुच ऐसा ही है। भ ंएक फाय तो मह बी कय के टदखा ही देता हूॊ कक भ ंस्टोसस बी सॊबार सकता हूॊ औय इस ऩय बी अऩनी छाऩ छोड़ सकता हूॊ। इसभं ऐसा क्मा है जो एक भाभूरी औय कभ ऩढ़ेा लरखा भद्रासी सॊबार सकता है

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औय भ ंनहीॊ सॊबार सकता। फजल्क भुझे तो इस फात के ऩूये अचधकाय बी दे टदमे गमे हं कक भ ंजैसा चाहूॊ इसे फना सॊिाय सकूॊ ।

भनें देख लरमा है कक भेये साभने क्मा काभ है औय उसे कैसे कयना है। भनें स्टोसस की रुक, इसकी सविसस, इसकी डडिाइतन ॊग औय इसकी ओियऑर इभेज को फेहतय फनाने के लरए सायी चीजं की स्टडी की है। इस ऩूये प्रोजेक्ट के लरए भनें तीन भहीने का सभम तम ककमा है औय अऩनी रयऩोटस भं मह बी जिक्र कय टदमा है कक इस फीच कुछ सैक्शन्स को लशफ्ट कयना ऩड़ सकता है मा एक आध हफ्ते के लरए फॊद बी कयना ऩड़ सकता है रेककन कुर लभरा कय योजाना के काभकाज ऩय कोई पकस नहीॊ ऩडे़गा।

गौयी ने जफ रयऩोटस देखी है तो िह दॊग यह गमी है कक भ ंइतने लसस्टभ से काभ कयता हूॊ - आऩ तो माय, छुऩे रुस्तभ तनकरे। हभाये महाॊ आज तक ककसी ने बी इतनी टदरचस्ऩी से ककसी काभ को रेकय रयऩोटस तैमाय नहीॊ की होगी।

भै गौयी को फताता हूॊ - मे तुम्हाये ही उकसाने की नतीजा है कक भ ंमे प्रोजेक्ट कय यहा हूॊ।

कुर लभरा कय गौयी फहुत खुश है कक उसके हसफडं ने हाॊडा एम्ऩामय के लरए कुछ नमा सोचा है।

रयऩोटस हाथं हाथ एप्रूि कय दी गमी हेटदमा गमा औय ऩूये काभ का एजंसी को काॊटै्रक्ट दे टदमा गमा है।

इस तयह से भनें खुद को स्टोसस को फेहतय फनाने के लरए व्मस्त कय लरमा है। इसके अरािा भनें जफ देखा कक महाॊ जजतने कम्प्मूटसस थे, िे ऩुयाने थे औय उनभं जो ऩैकेजेस थे िे स्टोसस की िरूयत जैसे तैसे ऩूयी कय यहे थे। स्टोसस के येनोिेशन का काभ ऩूया हो गमा है। अफ नमे रूऩ भं स्टोसस की शक्र ही फदर गमी है औय इसकी इभेज बी एक तयह से नमी हो गमी है। हाराॊकक इस सफभं खचस हुआ है औय भेहनत बी रगी है, रेककन रयजल्ट्स साभने हं। हाॊडा िुऩ के भुखखमा तक मे फातं ऩहुॊच गमी हं। एक टदन िे खुद आमे थे औय सायी चीजं खुद देखी बारी थीॊ। उनके साथ याजकुभाय, लशलशय औय सुशाॊत बी थे। सफने कापी तायीप की थी। लभस्टय हाॊडा फोरे थे - भुझे मे तो भारूभ था कक महाॊ काभ कयने की जरूयत है रेककन तुभ आते ही इतनी तेजी से औय इतनी लसस्टेभैटटकरी मे सफ कय दोगे, हभ सोच बी नहीॊ सकते थे। िी आय प्राउड ऑप मू भाई सन। गॉड ब्रेस मू। म ूहैि डन ए िेट जॉफ। उन्हंने िहीॊ खडे़ खडे़ याजकुभाय से कह टदमा है कक रैन औय दसूये साये ऩैकेज सबी जगहं के लरए डेिरेऩ कय लरमे जामं। जरूयत ऩडे़ तो दीऩ जी को इस काभ के लरए ऩूयी तयह फ्रैी कय टदमा जामे।

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रयनोिेशन प्रोजेक्ट ऩूया होते ही सायी व्मस्तताएॊ खत्भ हो गमी हं। स्टोसस का साया काभ स्ट्रीभराइन हो जाने से अफ सुऩयविजन का काभ नहीॊ के फयाफय यह गमा है। अफ भ ंऩूयी तयह खारी हो जाने की ििह से कपय अकेरा हो गमा हूॊ। कपय से साये िख्भ हये हो गमे हं औय एक सपर प्रोजेक्ट की इन सायी सपरताओॊ के फािजूद भ ंअऩने आऩको कपय से रुटा-वऩटा औय अकेरा ऩा यहा हूॊ। सायी चचॊताओॊ भं तघया ही हुआ हूॊ कक एक साथ तीन चचटट्ठमाॊ आमी हं। इस उम्भीद भं एक-एक कयके तीनं खत खोरता हूॊ कक शामद इनभं से ही ककसी भं कोई सुकून बयी फात लरखी हो रेककन तीनं ही ऩत्रं भं ऐसा कुछ बी नहीॊ है।

ऩहरा खत गुड्डी का है -

िीयजी,

आऩका प्माया सा ऩत्र, आऩकी नन्हीॊ सी प्मायी सी दलु्हन के पोटोिाफ्स औय खूफसूयत तोहपे लभरे। इससे ऩहरे फॊफई से बेजा आऩका आखयी खत बी लभर गमा था। भ ंफता नहीॊ सकती कक भ ंककतनी खुश हूॊ। आखखय आऩको अऩना घय नसीफ हुआ। फेशक सात सभॊदय ऩाय ही सही। भेयी खुशी तो आऩका घय फस जाने की है।

ऩहरे बफल्र ूकी शादी के सभाचाय। भनें ककसी को बी नहीॊ फतामा था कक आऩ इस तयह से रॊदन जा यहे हं, फजल्क जा चुके हं। भ ंआऩकी तकरीप सभझ यही थी रेककन काश..भ ंआऩकी ककसी खुशी के लरए कुछ बी कय ऩाती तो ..भुझे फाद भं फता चरा था कक दायजी ने आऩको एक औय खत लरखा है - िही आऩको भनाने की उनकी तयकीफं औय आऩसे ऩैसे तनकरिाने के ऩुयाने हथकॊ डे। भ ंयब्फ से दआु कय यही थी कक िह खत आऩको लभरे ही नहीॊ औय आऩ एक औय िहभत से फच जामं रेककन आऩके जाने के अगरे टदन ही नॊद ूिीयजी ने भुझे फुरिामा औय चेकं के फाये भं ऩूछा। भनें उन्हं फतामा कक भ ंमे लरपापा रे कय आऩके ऩास आने ही िारी थी। तफ उन्हंने एमयऩोटस से आऩके पोन के औय दायजी के खत के फाये भ ंफतामा। भ ंसाये चैक उन्हं दे आमी थी।

इधय दायजी की हारत खयाफ हो यही थी औय िे योज डाककमे की याह देख यहे थे। एक आध फाय शामद नॊद ू के ऩास बी चक्कय रगामे कक शामद उसके ऩास कोई पोन आमा हो। अगय आऩका िाफ्ट न आमे तो उनकी हारत खयाफ हो जाने िारी थी। तबी नॊद ूिीयजी जैसे उनके लरए देिदतू की तयह प्रकट हुए औय ऩचास हजाय के कड़कते नोट उनके हाथ ऩय धय टदमे। साथ भं एक चटऩटी कहानी बी ऩयोस दी.. आऩका दीऩू अफ फॊफई भं नहीॊ है। एक फहुत फड़ी नौकयी के लसरलसरे भं यातं यात उसे रॊदन चरे जाना ऩड़ा। िहाॊ जाते ही उसे आऩकी चचट्ठी यीडाइयेक्ट हो कय लभरी औय िह फड़ी भुजश्कर से कॊ ऩनी से एडिाॊस रे कय मे ऩैसे भेये फकं के जरयमे लबजिा ऩामा है ताकक आऩका नेक कायज न रुके। फजल्क कर आधी यात ही रॊदन से उसका पोन आमा था। फहुत जल्दी भं था। कह यहा था दायजी औय फेफे

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को कह देना कक अऩने घय भं खुशी के ऩहरे भौके ऩय बी नहीॊ ऩहुॊच ऩा यहा हूॊ। क्मा करूॊ नौकयी ही ऐसी है। यात-टदन काभ ही काभ कक ऩूछो नहीॊ।

इतने साये कड़कते नोट देख कय तो दायजी खुशी के भाये ऩागर हो गमे। िे तो लसपस ऩद्रह फीस हजाय की उम्भीद रगामे फैठे थे। सायी बफयादयी भं आऩकी जम-जम काय कया दी है दायजी ने। नॊद ूिीयजी िारी कहानी को ही खूफ नभक लभचस रगा कय सायी बफयादयी को सुनाते यहे। घय से आऩके घय से अचानक चरे जाने को बी अफ दायजी ने एक औय ककस्से के जरयमे ऑकपलशमर फना टदमा है - भनं ते जी फाद विच ऩता रगेमा। दयअसर साडे दीऩू दे फाय जाण दी गर चर यई सी, ते उन्ने ऩासऩोयट िास्ते जी अप्राई ककत्ता होमा सी। उत्थं ई अचानक ताय आ गमी सी कक छेत्ती आ जाओ। कुछ सयकायी कागजाॊ दा भाभराॊ सी। विचाया ऩक्की योटी छड्ड के ते टदलरमं हिाई जहाज ते फैठ के फॊफई ऩंचेमा सी।..

तो िीय जी, मे यही आऩके ऩीछे तैमाय की गमी कहानी..।

आऩ इस भ्रभ भं न यहं िीयजी कक दायजी फदर गमे हं मा अफ आऩके घय िावऩस रौटने ऩय िे आऩसे फेहतय तयीके से ऩेश आमंगे। दयअसर िे इस तयह की कहातनमाॊ कह के बफल्र ूके ससुयार भं अऩनी भाकेट िैल्म ूतो फढ़ेा ही यहे हं, गोर ूके लरए बी जभीन तैमाय कय यहे हं। िे हिा भं मे सॊकेत बेज यहे हं कक उन्हं अफ कोई रल्र ूऩॊजू न सभझे। उनका फड़ा रड़का अफ फहुत फड़ी नौकयी भं रॊदन भं है। अफ उनसे उनकी नमी भाकेट िैल्म ूके टहसाफ से फात की जामे।

बफल्र ूकी शादी अच्छी तयह से हो गमी है। गुयविन्दय कौय नाभ है हभायी बाबी का। छोटी सी गोर भटोर सी है। स्िबाि की अच्छी है। बफल्रू खुश है। फेफे बी। उसे टदन बय का सॊग साथ बी लभर गमा औय काभ भं हाथ फॊटाने िारा बी। भुझे बी अऩने फयाफय की एक सहेरी लभर गमी है। फेफे ने दहेज की सायी अच्छी अच्छी चीजं महाॊ तक कक उस फेचायी की योजाना की जरूयत की चीजं बी फडे़ फक्से भं ऩहु़ ॊचा दी हं। भेये दहेज भं देने के लरए। छी भुझे ककतनी शयभ आ यही है रेककन भुझे ऩूछता ही कौन है। भ ंबाबी को चुऩके से फाजाय रे गमी थी औय उन्हं सायी की सायी चीजं नमी टदरिा दीॊ। उस फेचायी को कभ से कभ चाय टदन तो खुशी से अऩनी चीजं इस्तेभार कय रेने देते।

इतना ही,

भेयी प्मायी बाबी को भेयी तयप से ढेय सा प्माय.।, बाबी की एक पोटो बेज यही हूॊ।

आऩकी फहन,

गुड्डी दसूया ख़त दायजी का है-

फेटे दीऩजी

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86 देस बफयाना ™½¬¸ £¸›¸¸¹•¸

(तो इस फाय दायजी का सॊफोधन दीऩजी हो गमा है। जरूय कुछ फड़ी यकभ चाटहमे होगी!!)

जीॊदे यहो। ऩहरे तो शादी औय ऩयदेस की नौकयी की फधाई रो। फाकी हभं औय खास कय तेयी फेफे को चॊगा रगा कक तुभ फहुत िडी नौकयी के लसरलसरे भं रॊदन जा ऩहुचे हो। यब्फ कये खूफ तयक्की कयो औय खुलशमाॊ ऩाओ। फाकी तुम्हायी शादी की खफय से बी हभं अच्छा रगा कक तुम्हाया घय फाय फस गमा औय अफ तुम्हं दतुनमादायी से कोई लशकामत नहीॊ होनी चाटहमे। फेशक हभ सफकी तुम्हायी शादी भं शालभर होने की हसयत तो यह ही गमी। तुम्हं औय तुम्हायी िोटी को खुद आसीसं देते तो हभं चॊगा रगता। फाकी हभायी आसीस ंहभेशा तुम्हाये साथ हं। फाकी तुभने बफल्र ू के िक्त जो अऩना पयज तनबामा, उससे बफयादयी भं हभाया सीना चौड़ा हो गमा कक तुभने ऩयदेस भं जाते ही कैसे बी कयके इतनी फड़ी यकभ का इॊतजाभ कयके हभाये हाथ भजफूत ककमे। सफ अश अश कयने रगे कक फेटा हो तो दीऩजी जैसा!! फेटेजी अफ तो भेयी एक ही चचॊता है कक ककसी तयह गुड्डी के हाथ ऩीरे कय दूॊ। तुझे तो ऩता ही है कक फेफे की तफीमत ठीक नहीॊ यहती औय भेया बी काभ धॊधा भॊदा ही है। अफ उभय बी तो हो चरी है। कफ तक खटता यहूॊगा जफकक भेया घय फाय सॊबारने िारे तीन-तीन जिान जहान फेटे हं। फाकी बफल्र ूकी शादी के फाद से हाथ थोड़ा तॊग हो गमा है। उसके अऩने खयचे बी फढे़े ही हं। िैसे अगय तेया बी रयश्ता महीॊ हो जाता तो फात ही औय थी। बफल्र ूके सगं ने बी एक तयह से तनयाश ही ककमा है। भनें तो तेयी फहुत हिा फाॊधी थी रेककन कुछ फात फनी नहीॊ। अफ तो मही देखना है कक गुड्डी के सभम हभायी इज्जत यह जामे। गोर ू कपय बी एकाध फयस इॊतजाय कय सकता है रेककन रड़की ककतनी बी ऩढ़ेी लरखी क्मं न हो, सीने ऩय फोझ तो यहता ही है। मे खत लसयप इस िास्ते लरखा कक कबी बी गुड्डी की फात आगे फढ़े सकती है। दो- एक जगह फात चर बी यही है। फाकी तुभ खुद सभझदाय हो।

तुम्हाया,

दायजी

तो मह फात थी। कैसी भीठी छुयी चराते हं दायजी बी। ऩहरे से खफय कय यहे हं कक बामा, तैमायी यख, तेयी फहन के हाथ बी ऩीरे कयने हं। आज ही नॊद ू से फात कयनी ऩडे़गी कक ककसी बी तयह से दायजी को सभझामे कक गुड्डी के लरए जल्दीफाजी न भचामं। कफ औय कैसे रुख फदरना है, दायजी फखूफी जानत ेहं।

अरफत्ता तीसयी चचट्ठी भेये लरए थोड़ी सुकून बयी है। ऩत्र टीआइएपआय से है। उन्हंने भेये फकामा ऩैसं का स्टेटभंट फना कय बेजा है औय ऩूछा है कक भ ंमे ऩैसे कहाॊ औय कैसे रेना चाहूॊगा। रगबग दो राख के कयीफ हं।

सोचता हूॊ मे ऩैसे भ ंबसीन साहफ के जरयमे ककसी चैनर से महाॊ भॊगिा रूॊ । िक्त जरूयत काभ आमंगे। योजाना ककतनी तो िरूयतं होती हं भेयी औय भुझे गौयी के आगे हाथ पैराना

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87 देस बफयाना ™½¬¸ £¸›¸¸¹•¸

ऩड़ता है। ऑकपस को मही लरख टदमा है भनें कक मे ऩैसे लभस्टय देिेन् द्र को दे टदमे जामं। ऑकपस औय देिेन् द्र जी को ऍथारयटी रैटय बेज टदमा है। लशलशय आमा है। भेये डेिरेऩ ककमे हुए ऩैकेज रेने। िैसे हभ कई फाय लभरे हं। उनके घय खाना खाने बी गमे हं औय ऩाटटसमं भं बी लभरते यहे हं रेककन मह ऩहरी फाय है कक हभ दोनं अकेरे आभने साभने फात कय यहे हं। िह भेया सफसे फड़ा साढू़े है। िह बी भेयी ही तयह हाॊका कयके रामा गमा है। चाय सार हो गमे हं उसकी शादी को। एक फच्चा बी है उनका। करकत्ता से एभफीए है। अच्छी बरी नौकयी कय यहा था कक रॊदन भं भेयी ही तयह शानदाय कैरयमय का चुग्गा देख कय पॊ स गमा था। िह गैस स्टेशनं का काभ देख यहा है। हभ सफ जिाॊइमं भं से उसकी हारत कुछ फेहतय है क्मंकक उसने अऩनी फीिी को फस भं कय यखा है औय रड़ झगड़ कय अऩनी फात भनिा रेता है।

ऩूछ यहा है िह -आऩने तो िाकई कभार कय टदमा कक इतने कभ सभम भं अऩने ठीमे को ऩूयी तयह चंज कयके यख टदमा। िह हॉसा है - फस हभाया ख्मार यखना, कहीॊ हभं घय से मा ससुयार से भत तनकरिा देना। औय कोई टठकाना नहीॊ है अऩना।

- क्मं भेये जरे ऩय नभक तछड़क यहे हो बाई। मे तो भ ंही जानता हूॊ कक मे सफ भनें क्मं औय ककसलरए ककमा। अचानक इतने टदनं से दफा भेया आक्रोश फाहय का यास्ता तराशने रगा है। भेयी आिाज बायी हो गमी है।

लशलशय ने भेये कॊ धे ऩय हाथ यखा है - आमभ सौयी गगनदीऩ, भुझे नहीॊ भारूभ था। िैसे आऩ भुझ ऩय बयोसा कय सकते हं। फेशक भेयी बी िही हारत है जो कभोफेश आऩकी है फजल्क भनें तो महाॊ इससे बी फुये टदन देखे हं। आऩने कभ से कभ कुछ काभ कयके अऩनी इभेज तो ठीक कय री है।

- दयअसर भुझे महाॊ के जो सब्जफाग टदखामे गमे थे औय भ ंजो उम्भीदं रे कय आमा था, शादी के कुछ ही टदन फाद भुझे रगने रगा था कक भ ंफुयी तयह छरा गमा हूॊ।

- फेशक हभ आऩस भं आभने साभने नहीॊ लभरे है रेककन भ ंआऩकी हारत के फाये भं जानता हूॊ कक आऩ फहुत बािुक ककस्भ के आदभी हं औय उतने प्रैजक्टकर नहीॊ हं। रेककन भुझे मे नहीॊ ऩता था कक आऩ ककसी जजद भं मा खुद को जस्टीपाई कयने के लरए मे सफ कय यहे हं। चलरमे, कहीॊ फाहय चरते हं। िहीॊ फात कयते हं।

- चलरमे।

हभ साभने ही कॉपी शॉऩ भं गमे हं ।

भ ंफात आगे फढ़ेाता हूॊ - भुझे ऩता नहीॊ कक आऩकी फैक िाउॊ ड क्मा है औय आऩ महाॊ कैसे आ ऩहुॊचे रेककन भ ंमहाॊ एक घय की तराश भं आमा था। भुझे ऩता नहीॊ था कक घय तो नहीॊ ही लभरेगा, भेयी आजादी औय प्राइिेसी बी भुझसे तछन जामंगे। इतने टदनं के फाद लशलशय अऩना-सा रग यहा है जजसके साभने भ ंअऩने आऩको खोर ऩा यहा हूॊ।

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- आऩ ठीक कहते हं। हभ सफकी हारत कभोफेश एक जैसी ही है। हभ भं से ककसी का बी अऩना कहने को कुछ बी नहीॊ है। जो कुछ अऩना था बी िह बी उन्हंने यखिा लरमा है। न हभ कहीॊ जॉफ तराश कय सकते हं औय न िावऩस बाग ही सकते हं। हभ भं से कुछ ने एकाध फच्चा बी ऩैदा कयके अऩने गरे के पॊ दे को औय बी भजफूती से कसिा लरमा है। भ ंखुद ऩछता यहा हूॊ कक भ ंइस फच्चे िारे चक्कय भं पॊ सा ही क्मं। खैय। भ ंतो अफ इस फाये भं सोचता ही नहीॊ... जो है जैसा है, चरने दो, रेककन आऩ नमे आमे हं, अकेरे हं औय ककसी को जानत ेबी नहीॊ हं। न हाॊडा ऩरयिाय भं औय न हभभं से ककसी को। औय शामद आऩ सोचते बी फहुत हं, इसीलरए बी आऩको ऐसा रगता यहा है।

लशलशय की फात सुन कय भेया दफा आक्रोश कपय लसय उठा यहा है। लशलशय भेये भन की फात ही तो कय यहा है - हभ फॊधुआ भजदयू ही तो हं जजनकी आिादी का कोई जरयमा नहीॊ है।

आज भनें औय लशलशय ने इस ऩहरी ही भुराकात भं अऩने अऩने जख्भ एक दसूये के साभने खोर टदमे हं। एक भामने भं लशलशय की हारत भुझसे अरग औय फेहतय है कक िह घय ऩरयिाय से आमा है, भेयी तयह घय की तराश भं नहीॊ आमा। उसके ऩीछे इॊडडमा भं कुछ जजम्भेिारयमाॊ हं जजन्हं िह चोयी छुऩे ऩूयी कय यहा है। उसने हेया-पेयी के कुछ फहुत ही फायीक तयीके ढूॊढ लरमे हं मा इजाद कय लरमे हं औय इस तयह हय भहीने चाय ऩाॊच सौ ऩंड अरग से फचा रेता है। इस तयह से कभामे हुए ऩैसं को िह तनमलभत चैनरं से बायत बेज यहा है।

भ ंउसकी फात सुन कय दॊग यह गमा हूॊ। उसने भेया हाथ दफामा है - आऩ ही ऩहरे शख्स हं जजसे भनें इस सीके्रट भं यािदाय फनामा है। भनें अऩने घय िारं को सख्त टहदामत दे यखी है कक बूर कय बी अऩने ऩत्रं भं रुऩमे ऩैसे भॊगाने मा ऩाने का जजक्र न कयं। अऩनी ऩसनसर डाक बी भ ंअरग-अरग दोस्तं के ऩतं ऩय भॊगाता हूॊ औय मे ऩते फदरता यहता हूॊ। िह फता यहा है - ऩहरे भ ंबी आऩकी तयह कुढ़ेता यहता था रेककन जफ भनें देखा कक महाॊ की गुराभी तो हभ चाह कय बी खत्भ नहीॊ कय सकते औय भयते दभ तक हाॊडा ऩरयिाय के गुराभ ही फने यहंगे तो कपय हभीॊ क्मं हरयश्चॊद्र की औराद फने यहं। ऩहरे तो भ ंबी फहुत डया, भेयी आत्भा गिाया ही नहीॊ कयती थी। आज तक भनें कोई ऐसा काभ नहीॊ ककमा था रेककन आज तक ककसी ने भेया शोषण बी नहीॊ ककमा था इसलरए भनें बी भन भाय कय मे सफ कयना शरुू कय टदमा है, फेशक चाय ऩाॊच सौ ऩंड महाॊ के लरहाज से कुछ नहीॊ होते रेककन िहाॊ भेया ऩूया घय इसी से चरता है। इनके बयोसे यहं तो जी चुके हभ औय हभाये ऩरयिाय िारे।

लशलशय से लभरने के फाद फहुत सुकून लभरा है। एक अहसास मह बी है कक भ ंही अकेरा नहीॊ हूॊ। दसूया, मह बी कक लशलशय है जजससे भ ंकबी-कबाय सराह रे सकता हूॊ मा अऩने भन की फात कह सकता हूॊ।

लशलशय ने िादा ककमा है कक िह तनमलभत रूऩ से पोन कयता यहेगा औय हफ्ते दस टदन भं लभरता बी यहेगा।

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इधय गौयी फहुत खुश है कक भनें हाॊडा ऩरयिाय के लरए, अऩने ससुयार के लरए, गौयी के भामके के लरए इतना कुछ ककमा है। रेककन भ ं ही जानता हूॊ कक इन टदनं भ ं ककस भानलसक द्वॊद्व से गुजय यहा हूॊ। गौयी का साथ बी अफ भुझे उतना सुख नहीॊ दे ऩाता। जफ भन ही टठकाने ऩय न हो तो तन कैसे यहेगा।

अबी उस टदन भ ंअऩने ऩुयाने कागज देख यहा था तो देखा - भेये साये ऩेऩसस अटैची भं से गामफ हं। भ ंएकफायगी तो घफया ही गमा कक कहीॊ चोयी तो नहीॊ चरे गमे हं। जफ गौयी से ऩूछा तो िह राऩयिाही से फोरी - सॊबार कय यख टदमे हं। तुभने तो इतनी राऩयिाही से खुरी अटैची भं यखे हुए थे। िैसे बी तुम्हं क्मा िरूयत है इन सफ ऩेऩसस की?

भ ंचुऩ यह गमा था। क्मा जिाफ देता। भ ंजानता था कक गौयी झूठ फोर यही है। भेये ऩेऩसस ख्री अटैची भं तो कत्तई नहीॊ यखे हुए थे। भ ंकबी बी अऩनी चीजं के फाये भं राऩयिाह नहीॊ यहा। डडऩाटसभंटर स्टोय का साया टहसाफ-ककताफ कम्प्मूटयाइज्ड होने के कायण भ ं हभेशा खारी हाथ ही यहता हूॊ। महाॊ तक कक भुझे अऩनी ऩसनसर िरूयतं के लरए बी गौयी ऩय तनबसय यहना ऩड़ता है। भ ंबयसक टारता हूॊ रेककन कपय बी शेि, ऩैट्रोर, फस, ट्राभ, ट्मूफ िगैयह के लरए ही सही, कुछ तो ऩैसं की जरूयत ऩड़ती ही है। भाॊगना अच्छा नहीॊ रगता औय बफन भाॊगे काभ नहीॊ चरता। इस कुनफे के अलरखखत तनमभं भं से एक तनमभ मह बी है कक कोई बी कहीॊ से बी टहसाफ भं से ऩैसे नहीॊ तनकारेगा। तनकार सकता बी नहीॊ क्मंकक कैश आऩके हाथं तक ऩहुॊचता ही नहीॊ औय न लसस्टभ भं कहीॊ गुॊजाइश ही है। िरूयत है तो अऩनी अऩनी फीिी से भाॊगो। फहुत कोफ्त होती है गौयी से ऩैसे भाॊगने भं। फेशक घय भं अरभायी भं ढेयं ऩैसे यखे यहते हं औय गौयी ने कह बी यखा है कक ऩैसे कहाॊ यखे यहते हं जफ बी िरूयत हो रे लरमा करूॊ रेककन इस तयह ऩैसे उठाने भं हभेशा भुझे क्मा ककसी को बी सॊकोच ही होगा। महाॊ तो न फोरने का इजाित है न ककसी फात ऩय उॊगरी उठाने की।

टदन बय स्टोय भं ऐसी-तैसी कयाओ, यात भं थके हाये आओ। भूड है तो नहाओ, अगय गौयी जाग यही है तो डडनय उसके साथ रो, नहीॊ तो अकेरे खाना बकोसो औय अॊधेये भं उसके बफस्तय भं घुस कय, इच्छा हो मा न हो, सैक्स का रयचुअर तनबाओ। फात कयने का कोई भौका ही नहीॊ। अगय कबी फहुत जजद कय के फात कयने की कोलशश बी कयो तो गौयी की बकुृटटमाॊ तन जातीॊ हं - तुम्हीॊ अकेरे ही तो नहीॊ खटते डडमय, महाॊ सबी फयाफयी का काभ कयते हं। भ ंबी तो तुम्हाये फयाफय ही काभ कयती हूॊ, भनें तो कबी अऩने लरए अरग से कुछ नहीॊ भाॊगा। तुम्हायी सायी िरूयतं तो ठाठ से ऩूयी हो यही हं।

भ ंउसे कैसे फताऊॊ कक मे िरूयतं तो भ ंबायत भं बी फहुत शानदाय तयीके से ऩूयी कय यहा था औय अऩनी शतं ऩय कय यहा था। भ ंमहाॊ कुछ सऩने रे कय आमा था। घय के, ऩरयिाय

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90 देस बफयाना ™½¬¸ £¸›¸¸¹•¸

के औय एक सुकून बयी जिदॊगी के, प्माय दे कय प्माय ऩाने के रेककन गौयी के ऩास न तो इन सायी फातं को सभझ सकने रामक टदभाग है औय न ही पुससत। एक अच्छी फात हुई कक देिेन् द्र जी ने टीआइएपआय से भेये फकामा ऩैसे रे कय अऩने ककसी ऩरयचचत के जरयमे का हिारा के जरयमे महीॊ ऩय टदरिा टदमे हं। उनके ऑकपस का कोई आदभी महाॊ आमा हुआ है। उसे फॊफई अऩने घय ऩैसे लबजिाने थे। उसके ऩैसे देिेन् द्र जी ने िहीॊ फॊफई भं दे टदमे हं औय िह आदभी भुझे महीॊ ऩय ऩाउॊ ड दे गमा है। कपरहार भुझे एक हिाय ऩाउॊ ड लभर गमे हं औय भ ं यातं यात अभीय हो गमा हूॊ। हॉसी बी आती है अऩनी अभीयी ऩय। इतने ऩैसे तो गौयी दो टदन भं ही खचस कय देती है। भेयी तो इतने बय से ही कापी फड़ी सभस्मा हर हो गमी है। ऩैसं को रे कय गौयी से योि योि की खटऩट के फािजूद आि भनें उसे डडनय टदमा है। भेयी अऩनी कभाई भं से ऩहरा डडनय। फेशक कभाई ऩहरे की है। कपय बी इस फात की तसल्री है कक घय जिाॊई होने के फािजूद भेये ऩास आज अऩने ऩैसे हं। गौयी डडनय खाने के फािजूद भेये सटंीभंट्स को नहीॊ सभझ ऩामी। न ही उसने मे ऩूछा कक जफ तुम्हाये ऩास ऩैसे नहीॊ होते तो तुभ कैसे काभ चराते हो ! क्मं अऩनी मे छोटी सी ऩूॊजी को इस तयह उड़ा यहे हो, हिाय ऩाउॊ ड आखखय होते ही ककतने हं? रेककन उसने एक शब्द बी नहीॊ कहा। आज की डाक भं तीन ऩत्र एक साथ आमे हं। तीनं ही ऩत्र ऩयेशानी फढ़ेाने िारे हं।

ऩहरा खत गुड्डी का है।

लरखा है उसने

- िीयजी,

सत श्री अकार

कैसे लरखूॊ कक महाॊ सफ कुछ कुशर है। होता तो लरखने की जरूयत ही न ऩड़ती। आऩ बी क्मा सोचते हंगे िीयजी कक हभ रोग छोटे-छोटे भसरे बी खुद सुरटा नहीॊ सकते औय सात सभॊदय ऩाय आऩको ऩयेशान कयते यहते हं। भ ंआऩको आखयी फाय ऩयेशान कय यही हूॊ िीयजी। अफ कबी नही करूॊ गी। भ ंहाय गमी िीय जी। भेयी एक न चरी औय भेये लरए तीन राख नकद औय अच्छे कहे जा सकने िारे दहेज भं एक इॊजीतनमय खयीद लरमा गमा हाराॊकक उसका फाजाय बाि तो फहुत ज्मादा था। िीय जी, मे कैसा पैसरा है जो भेयी फेहतयी के नाभ ऩय भुझ ऩय थोऩा जा यहा है।

दायजी को उस गोबी के ऩकौडे़ जैसी नाक िारे इॊजीतनमय भे ऩता नहीॊ कौन से रार रटकते निय आ यहे थे कक फस हाॊ कय दी कक हभं रयश्ता भॊिूय है जी। आऩ कहंगे िीयजी, भेयी भजॉ के खखराप भेयी शादी हो यही है औय भुझे भजाक सूझ यहा है। हॉसूॊ नहीॊ तो औय क्मा करूॊ िीय जी। भ ंककतना योई, छटऩटाई, दौड़ कय नॊद ूिीयजी को बी फुरा रामी रेककन

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91 देस बफयाना ™½¬¸ £¸›¸¸¹•¸

दायजी ने उन्हं देखते ही फयज टदमा- मह हभाया घयेरू भाभरा है फयखुयदाय..। जफ आधी-आधी यात को ऩैसे चाटहमे होते हं तो मही नॊद ूिीयजी सफसे ज्मादा सगे हो जाते हं औय जफ िे भेये ऩऺ भं सही फात कयने के लरए आमे तो िे फाहय के आदभी हो गमे।

भेया तो जी कयता है कहीॊ बाग जाऊॊ । काश, हभ रड़ककमं के लरए बी घय छोड़ कय बागना आसान हो ऩाता। गरत न सभझं रेककन आऩ इतने सारं फाद घय रौट कय आमे तो सफने आऩको सय आॊखं ऩय बफठामा। अगय भ ंएक यात बी घय से फाहय गुजाय दूॊ तो भाॊ-फाऩ तो भुझे पाड़ खामंगे ही, अड़ोसी-ऩड़ोसी बी रानतं बेजने भं ककसी से ऩीछे नहीॊ यहंगे।

ऐसा क्मं होता है िीयजी, मे हभाये दोहये भानदॊड क्मं। आऩ को सॊतोष ऩसॊद नहीॊ थी तो आऩ एक फाय कपय घय छोड़ कय बाग गमे। ककसी ने आऩको तो कुछ बी नहीॊ कहा.. रेककन भुझे िो ऩकोडे़ जैसी नाक िारा आदभी यत्ती बय बी ऩसॊद नहीॊ है तो भ ंकहाॊ जाऊॊ । क्मं नहीॊ है भुडक्त हभ रड़ककमं की। जो यास्ता आऩके लरए सही है िही भेये लरए गरत क्मं हो जाता है। भ ंक्मं नहीॊ अऩनी ऩसॊद से अऩनी जिॊदगी के पैसरे रे सकती !! आऩ हय फाय ऩरामन कयके बी अऩनी फातं भनिाने भं सपर यहे। आऩ बफना रडे़ बी जीतते यहे औय भ ंरड़ने के फािजूद क्मं हाय यही हूॊ। क्मा विकल्ऩ है भेये ऩास िीयजी !!

भ ंबी घय से बाग जाऊॊ !! सहन कय ऩामंगे आऩ कक आऩकी कविताएॊ लरखने िारी औय सभझदाय फहन जजस ऩय आऩको ऩूया बयोसा था, घय से बाग गमी है। सॊकट तो मही है िीयजी, कक बाग कय बी तो भेयी मा ककसी बी रड़की की भुडक्त नहीॊ है। अकेरी रड़की कहाॊ जामेगी औय कहाॊ ऩहुॊचेगी। अकेरी रड़की के लरए तो साये यास्ते िहीॊ जाते हं। भ ंबी आगे ऩीछे िहीॊ ऩहुॊचा दी जाऊॊ गी। भेये ऩास बी सयण्डय कयने के औय कोई उऩाम नहीॊ है। फीए भं ऩढ़ेने िारी औय कविताएॊ लरखने िारी फेचायी रड़की बूख हड़तार कय सकती है, जहय खा सकती है, जो भ ं नहीॊ खाऊॊ गी। तीन भहीने फाद, इसी िैसाखी ऩय भ ं दलु्हन फना दी जाऊॊ गी। हो सकता है, अफ तक आऩके ऩास दायजी का ऩत्र ऩहुॊच गमा हो। आऩ नॊद ूिीय जी को पोन कयके फता दं कक उनके ऩास जो चैक यखे हं उनका क्मा कयना है। भुझे नहीॊ ऩता दायजी ने ककस बयोसे से ऩकौडे़ िारं से तीन राख नकद की फात तम कय री है। यब्फ न कये इॊतिाभ न हो ऩामा तो स्टोि तो भेये लरए ही पटेगा।

कफ से मे सायी चीजं भुझे फेचैन कय यही थीॊ। आऩको न लरखती तो ककसे लरखती िीय जी, आऩ ही ने तो भुझे फोरना लसखामा है। फेशक भ ंिक्त आने ऩय अऩने हक के लरए नहीॊ फोर ऩामी।

भेयी फेलसय ऩैय की फातं का फुया नहीॊ भानंगे।

आऩकी राडरी

गुयप्रीत कौय

उसने इतनी चचटट्ठमं भं ऩहरी फाय अऩना नाभ गुयप्रीत लरखा है। भ ंउसकी हारत सभझ सकता हूॊ।

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92 देस बफयाना ™½¬¸ £¸›¸¸¹•¸

दसूया खत नॊद ूका है, लरखा है उसने -

वप्रम दीऩजी

अफ तक आऩको गुड्डी का ऩत्र लभर गमा होगा। भेये ऩास आमी थी। फहुत योती थी फेचायी कक भ ंशादी से इनकाय नहीॊ कयती कभ से कभ भुझे ऩढ़ेाई तो ऩूयी कयने दं। भेया औय भेये िीयजी का सऩना है कक भ ंएभफीए करूॊ । सच भान भेये िीया, भ ंबी दायजी को सभझा-सभझा कय थक गमा कक उसे ऩढ़ेाई तो ऩूयी कय रेने दो। आखखय भनें एक चार चरी। तुभने जो चैक भेये ऩास यख छोडे़ हं, उनके फाये भं उन्हं कुछ बी नहीॊ ऩता। मे ऩैसे भ ंउन्हं ऐन िक्त ऩय ही दूॊगा कक दीऩजी ने बेजे हं.. तो उन्हीॊ ऩैसं को ध्मान भं यखते हुए भनें उन्हं सभझामा कक आखखय दीऩ को बी तो कुछ सभम दो कक िह अऩनी फहन के लरए राख दो राख का इॊतिाभ कय सके। उसकी बी तो नमी नौकयी है औय ऩयदेस का भाभरा है। कुछ बी ऊॊ च-नीच हो सकती है। फात उनके टदगाभ भं फैठ गमी है, औय िे कभ से कभ इस फात के लरए याजी हो गमे हं कक िे रड़के िारं को कहंगे कक बई अगय शादी धूभधाभ से कयना चाहते हो तो िैसाखी के फाद ही शादी हो ऩामेगी। भेया ख्मार है तफ तक गुडडी के फीए पाइनर के ऩेऩय हो चुके हंगे। तफ तक िह अऩनी ऩढ़ेाई बी बफना ककसी तकरीप के कय ऩामेगी।

थोड़ी सी गरती भेयी बी है कक भनें महाॊ ऩय रॊदन भं तुम्हायी नौकयी, रुतफे, औय दसूयी चीजं की कुछ ज्मादा ही हिा फाॊध दी है जजससे दायजी हिा भं उड़ने रगे हं।

तू महाॊ की चचॊता भत कयना। भ ंअऩनी हैलसमत बय सॊबारे यहूॊगा। गुड्डी का हौसरा फनामे यखूॊगा। िैसे रड़का इतना फुया बी नहीॊ है। कोई आदभी ककसी को ऩसॊद ही न आमे तो सायी अच्छाइमं के फाद बी उसभं ऐफ ही ऐफ नजय आते हं। िैसे बी गुड्डी इस िक्त तनािं से ग़िुय यही है औय ककसी से बी शादी से फचना चाह यही है। अऩना ख्मार यखना..भ ंमहाॊ की खफय देता यहूॊगा। तू तनजश्चॊत यह।

तेया ही

नॊद ू

तीसया खत दायजी का है।

फेटे दीऩ जी

खुश यहो।

फाकी खास खफय मे है कक सान ूगुड्डी के लरए एक फहुत ही चॊगा रड़का ते यजेमा कजेमा घय लभर गमा है। असाॊ सगाई कय टदत्ती है। रड़का बफजरी भहकभे विच इॊजीतनमय है औय उनकी कोई खास डडभाॊड नहीॊ है। फाकी फाजाय भं जो दस्तूय चर यहा है तीन-चाय राख आजकर होता क्मा है। रोग भुॊह खोर के फीस-फीस राख भॊग बी यहे हं औय देण िारे दे बी यहे हं। ज्मादा दयू क्मं जाइमे। त्िाडे िास्ते बी तो ऩाॊच छ् राख नकद औय काय औय

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दसूयी ककन्नी ही चीजं की ऑपय थी। आखखय देण िारे दे ही यहे थे कक नहीॊ। अफ हभ इतने नॊगे फुच्चे बी तो नहीॊ हं कक कुड़ी को खारी हाथ टोय दं। आखखय उसका बाई बी फड़ा इॊजीतनमय है औय विरामत विच काभ कयता है। हभं तो सायी फातं देखणी हं औय बफयादयी भं अऩनी नाक बी ऊॊ ची यखणी है।

फाकी हभ तो एक दो भहीने भं ही नेक कायज कय देना चाहते थे कक कुड़ी अऩने घय सुख साॊद के साथ ऩहुॊच जामे रेकन नॊद ूकी फात भुझे सभझ भं आ गमी है कक यकभ का इॊतजाभ कयने भं हभं कुछ िकत तो रग सकता है। ऩयदेस का भाभरा है, औय कपय यकभ इन्नी छोटी िीॊ नइॊ है। फाकी अगय ते त्िाडा आना हो सके तो इस तं चॊगी कोई गल्र हो ही नहीॊ सकती। फाकी तुसी िेख रेणा। फाकी गौयी नूॊ असाॊ दंिाॊ दी असीस।

तुम्हाया

दायजी

सभझ भं नहीॊ आ यहा कक इन ऩत्रं का क्मा जिाफ दूॊ। अऩने महाॊ के भोयचे सॊबारूॊ मा देहयादनू के। दोनं ही भोचे भुझे ऩागर फनामे हुए हं। गुड्डी ने तो ककतनी आसानी से लरख टदमा है फेशक बायी भन से ही लरखा है रेककन भ ंकैसे लरख दूॊ कक महाॊ बी सफ खैरयमत है जफकक सफ कुछ तो क्मा कुछ बी ठीक ठाक नहीॊ है। भ ंतो चाह कय बी नहीॊ लरख सकता कक भेयी प्मायी फहना, खैरयमत तो महाॊ ऩय बी नहीॊ है। भ ंबी महाॊ ऩयदेस भं अऩने हाथ जरामे फैठा हूॊ औय कोई भयहभ रगाने िारा बी नहीॊ है।

तीनं चचटट्ठमाॊ वऩछरे चाय टदन से जेफ भं लरमे घूभ यहा हूॊ। तीनं ही खत भेयी जेफ जरा यहे हं औय भ ंकुछ बी नहीॊ कय ऩा यहा हूॊ।फात करूॊ बी तो ककससे? कोई बी तो नहीॊ है महाॊ भेया जजससे अऩने भन की फात कह सकूॊ । गौयी से कुछ बी कहना फेकाय है। ऩहरे दो एक भौकं ऩय भ ंउसके साभने गुड्डी का जिक्र कयके देख चुका हूॊ। अफ उसकी भेये घय फाय के भाभरं भं कोई टदरचस्ऩी नहीॊ यही है। फजल्क एक आध फाय तो उसने फेशक गोर-भोर शब्दं भं ही इशाया कय टदमा था - डीमय, तुभ छोड़ो अफ िहाॊ के ऩचड़ं को। तुभ अऩने नसीफ को बोगो। िे अऩनी ककस्भत का िहीॊ भैनेज कय ही रंगे।

अचानक लशलशय का पोन आमा है तो भुझे सूझा है, उसी से अऩनी फात कह कय भन का कुछ तो फोझ हरका ककमा जा सकता है।

लशलशय को फुरिा लरमा है भनें। हभ फाहय ही लभरे हं। उसे भ ंसॊऺेऩ भं अऩनी फैकिाउॊ ड के फाये भं फताता हूॊ औय तीनं ऩत्र उसके साभने यखता हूॊ। िह तीनं ऩत्र ऩढ़े कय रौटा देता है।

- क्मा सोचा है तुभने इस फाये भं। ऩूछता है लशलशय।

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- भ ंमहाॊ आने से ऩहरे गुड्डी के लरए िैसे तो इॊतिाभ कय आमा था। उसे भ ंतीन राख के ब्रकं चैक दे आमा था। दायजी को इस फाये भं ऩता नहीॊ हं। भ ंफेशक महाॊ से न तो मे शादी रुकिा सकता हूॊ औय न ही उसके लरए महाॊ मा िहाॊ फेहतय दलू्हा ही जुटा सकता हूॊ। अफ सिार मह है कक उसकी मे शादी भ ंरुकिाऊॊ तो रुकिाऊॊ कैसे? िैसे नॊद ूइसे अप्रैर तक रुकिाने भं सपर हो ही चुका है। तफ तक िह फीए कय ही रेगी। भुझे कुछ सूझ नहीॊ यहा है इसीलरए तुम्हं भनें फुरामा था।

- कपरहार तो तुभ मही कयो कक गुड्डी को मही सभझाओ कक जफ तक शादी टार सके टारे, जफ बफरकुर बी फस न चरे तो कये शादी। दायजी को बी एक फाय लरख कय तो देख रो कक उसे ऩढ़ेने दं। एक फाय शादी हो जाने के फाद कबी बी ऩढ़ेाई ऩूयी नहीॊ हो ऩाती। औय अगय गुड्डी को रड़का ऩसॊद नहीॊ है तो क्मं नहीॊ िे कोई फेहतय रड़का देखते। फीए कयने के फाद तो गुड्डी के लरए फेहतय रयश्ते बी आमंगे ही।

- हाॊ, मे ठीक यहेगा। भ ंइन्हीॊ राइॊस ऩय तीनं को लरख देता हूॊ। आज तुभ से फात कयके भेया आधी ऩयेशानी दयू हो गमी है।

- मे लसपस तुम्हायी ही सभस्मा नहीॊ है भेये दोस्त। िहाॊ घय घय की मही कहानी है। अगय तुम्हायी गुड्डी की शादी के लरए तुम्हं लरखा जा यहा है तो भेयी फहनं अनुश्री औय तनुश्री की शादी के लरए बी भेये फाफा बी भुझे इसी तयह की चचटट्ठमाॊ लरखते हं। तुभ रकी हो कक तुभ गुड्डी के लरए कभ से कभ तीन राख का इॊतिाभ कयके तो आमे थे औय इस फ्रैॊ ट के लरए तुम्हं यातं की नीॊद तो खयाफ नहीॊ कयनी है। हय सभम मे टहसाफ तो नहीॊ रगाना ऩड़ता कक तुम्हाया जुटामा मा फचामा मा चुयामा हुआ एक ऩाउॊ ड िहाॊ के लरए क्मा भामने यखता है औय उनकी ककतनी िरूयतं ऩूयी कयता है। भुझे महाॊ खुद को भेनटेन कयने के लरए तो हेयापेयी कयनी ही ऩड़ती है, साथ ही िहाॊ का बी ऩूया टहसाफ-ककताफ टदभाग भं यखना ऩड़ता है। भुझे न केिर दोनं फहनं के लरए महीॊ से हय तयह के दॊद पॊ द कयके दहेज जुटाना ऩड़ा फजल्क भ ंतो आज बी फाफा, भाॊ औय दोनं फहनं, जीजाओॊ की हय तयह की भाॊगं ऩूयी कयने के लरए अलबशप्त हूॊ। भ ंवऩछरे चाय सार से मानी महाॊ आने के ऩहरे टदन से ही मही सफ कय यहा हूॊ।

- तो फॊधु, हभ रोगं की मही तनमतत है कक घय िारं के साभने सच फोर नहीॊ सकते औय झूठ फोरते फोरते, झूठी जिदॊगी जीते जीते एक टदन हभ भय जामंगे। तफ हभाये लरए महाॊ कोई चाय आॊसू फहाने िारा बी नहीॊ होगा। िहाॊ तो एक ही फात के लरए आॊसू फहामे जामंगे कक ऩाउॊ ड का हभाया हया-बया ऩेड़ ही सूख गमा है। अफ हभाया क्मा होगा।

- कबी िावऩस जाने के फाये भं नहीॊ सोचा?

- िावऩस जाने के फाये भं भ ंइसलरए नहीॊ सोच सकता कक लशल्ऩा औय भंटू भेये साथ जामंगे नहीॊ। अकेरे जाने का भतरफ है - तराक रे कय, सफ कुछ छोड़-छाड़ कय जाओ। कपय से नमे लसये से जजॊदगी की शरुूआत !! िह अफ इस उम्र भं हो नहीॊ ऩामेगा।

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अफ महाॊ जजस तयह की जिॊदगी की तरफ रग गमी है, िहाॊ मे सफ कहाॊ नसीफ होगा। खटना तो िहाॊ बी ऩडे़गा ही रेककन हालसर कुछ होगा नहीॊ। जजम्भेिारयमाॊ कभ होने के फजामे फढ़े ही जामंगी। तो महीॊ क्मा फुया है।

- तुभ सही कह यहे हो लशलशय। आदभी जजस तयह की अच्छी फुयी जिॊदगी जीने का आदी हो जाता है, उम्र के एक ऩड़ाि के फाद उसभं चंज कयना इतना आसान नहीॊ यह जाता। भ ंबी नहीॊ जानता, क्मा लरखा है भेये नसीफ भं। महाॊ मा कहीॊ औय, कुछ बी तम नहीॊ कय ऩाता। िहाॊ से बाग कय महाॊ आमा था, अफ महाॊ से बाग कय कहाॊ जाऊॊ गा। महाॊ कहने को हभ हाॊडा खानदान के दाभाद हं रेककन अऩनी असलरमत हभ ही जानते हं कक हभायी औकात क्मा है। हभ अऩने लरए सौ ऩाउॊ ड बी नहीॊ जुटा सकते औय अऩनी भजॉ से न कुछ कय सकते हं न ककसी के साभने अऩना दखुड़ा ही यो सकते हं।

- आमंगे अच्छे टदन बी, लशलशय हॉसता है औय भुझसे विदा रेता है। भ ंलशलशय के सुझामे तयीके से दायजी औय गुड्डी को सॊक्षऺप्त ऩत्र लरखता हूॊ। एक ऩत्र नॊद ूको बी लरखता हूॊ। भ ंजानता हूॊ कक इन खतं का अफ कोई अथस नहीॊ है कपय बी गुड्डी की टहम्भत फढ़ेामे यखनी है। भनें दायजी को मह बी लरख टदमा है कक भ ंमहाॊ गुड्डी के लरए कोई अच्छा सा रड़का देखता यहूॊगा। अगय इॊतिाय कय सकं। उस इॊजीतनमय से अच्छा रड़का महाॊ बी देखा जा सकता है रेककन इसके लरए िे भुझे थोड़ा टाइभ जरूय दं।

फहुत टदनं फाद लभरा है लशलशय इस फाय।

- कैसे हो, दीऩ, तुम्हाये ऩैकैजेस ने तो धूभ भचा यखी है।

- जाने दो माय, अफ उनकी फात भत कयो। अऩनी कहो, नमी पैक्टयी की फधाई रो लशलशय, सुना है तुभने इन टदनं हाॊडा िुऩ को अऩने फस भं कय यखा है। तुम्हाये लरए एक पैक्टयी रगामी जा यही है। इससे तो तुम्हायी ऩोजीशन कापी अच्छी हो जामेगी।

- िो सफ लशल्ऩा के िरयमे ही हो ऩामा है। भनें उसे ही चने के झाड़ ऩय चढ़ेामा कक भ ंकफ तक गैस स्टेशनं ऩय हाथं की िीस उतायने के लरए उससे साफुन भाॊगता यहूॊगा, आखखय िही सफसे फड़ी है। उसके हसफडं को बी अच्छी ऩोजीशन दी जानी चाटहमे। फस फात जक्रक कय गमी औय मे पैक्टयी हाॊडा िुऩ ने भेये फेटे के नाभ रगाने का पैसरा ककमा है।

- चरो, कहीॊ तो भंटू की ककस्भत चभकी।

- खैय, तुभ कहो, होभ फ्रैॊ ट ऩय कैसा चर यहा है। ऩूछा है लशलशय ने।

- फस, चर ही यहा है। भ ंबये भन से कहता हूॊ।

- क्मा कोई ज्मादा डडपयंसंस हं?

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- हं बी औय नहीॊ बी। अफ तो कई फाय तो हभभं फात तक नहीॊ होती।

- कोई खास ििह?

- मही ििह क्मा कभ है? जफ आऩका भन ही टठकाने ऩय न हो, आऩ को भारूभ हो कक आऩके आस ऩास जो कुछ बी है, एक झूठा आियण है औय कदभ कदभ ऩय झूठ फोर कय आऩको घेय कय रामा गमा है तो आऩ अऩने सफसे नजदीकी रयश्ते बी कहाॊ जी ऩाते हं। औय उस उस रयश्ते भं बी खोट हो तो .. ..। खै। भेयी छोड़ो, अऩनी कहो।

- नहीॊ दीऩ नहीॊ, तुम्हायी फात को मूॊ ही नहीॊ जाने टदमा जा सकता। अगय तुभ इसी तयह घुटते यहे तो अऩनी ही सेहत का परूदा फनाओगे। महाॊ तफ कोई ऩूछने िारा बी नहीॊ लभरेगा। भुझसे भत तछऩाओ, भन की फात कह दो। आखखय भ ंइन रोगं को तुभसे तो ज्मादा ही जानता हूॊ। सच फताओ, क्मा फात है। उसने भेये कॊ धे ऩय हाथ यखा है।

- सच फात हो मह है कक भ ंथक गमा हूॊ। अफ फहुत हो गमा। आदभी कफ तक अऩना भन भाय कय यहता यहे, जफकक सुनिाई कहीॊ नहीॊ है। महाॊ तो हय तयप झूठ ही झूठ है।

- फताओ तो सही फात क्मा है।

- कुछ टदन ऩहरे हभ एक कऩफोडस का साभान दसूये कभये भं लशफ्ट कय यहे थे तो गौयी के ऩेऩसस भं भुझे उसका का फामोडाटा लभरा। आभ तौय ऩय भ ंगौयी की ककसी बी चीि को छूता तक नहीॊ औय न ही उसके फाये भे कोई बी सिार ही ऩूछता हूॊ। दयअसर उन्हीॊ कागजं से ऩता चरा कक गौयी लसपस दसिीॊ ऩास है जफकक भुझे फतामा गमा था कक िह िेजुएट है। भुझे सभझ नहीॊ आ यहा कक इस फाये भं बी भुझसे झूठ क्मं फोरा गमा? भुझे तो मह बी फतामा गमा था कक िह अऩनी कम्ऩनी की पुर टाइभ डाइयेक्टय है। महाॊ तो िह सफसे कभ टनसओिय िारे फ्रोरयस्ट स्टार ऩय है औय स्टार का एकाउॊ ट बी सेन्ट्रराइज है।

- मही फात थी मा औय बी कुछ?

- तो क्मा मह कुछ कभ फात है। भुझसे झूठ तो फोरा ही गमा है ना....।

- तुभ भुझसे अबी ऩूछ यहे थे ना कक भनें अऩनी ऩोजीशन कापी अच्छी कैसे फना यखी है। तो सुनो, भेयी फीफी लशल्ऩा डाइिोसॉ है औय मह फात भुझसे बी छुऩामी गमी थी।

- अये...तो ऩता कैसे चरा तुम्हं...?

- इन रोगं ने तो ऩूयी कोलशश की थी कक भुझ तक मह याि जाटहय न हो रेककन शादी के शरुू शरुू भं लशल्ऩा के भुॊह से अक्सय सॊजीि नाभ सुनाई दे जाता रेककन िह तुयॊत ही अऩने आऩ को सुधाय रेती। कई फाय िह भुझे बी सॊजीि नाभ से ऩुकायने रगती। हनीभून ऩय बी भनें ऩामा था कक उसका बफहेविमय कभ से कभ कुॊ िायी कन्मा िारा तो नहीॊ ही था। िावऩस आ कय भनें ऩता ककमा, ऩूये खानदान भं सॊजीि नाभ का कोई बी भेम्फय

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नहीॊ यहा था। भेया शक फढ़ेा। भनें लशल्ऩा को ही अऩने विश्वास भं लरमा। जैसे िही भेयी जिॊदगी की सफसे फड़ी खुशी हो। उसे खूफ प्माय टदमा। कपय उसके फाये भं फहुत कुछ जानने की इच्छा जाटहय की। िह झाॊसे भं आ गमी। फातं फातं भं उसके दोस्तं का जजक्र आने रगा तो उसभं सॊजीि का बी जजक्र आमा। िह इसका क्रास पेरो था। ऩता चरा, हभायी शादी से दो सार ऩहरे उन दोनं की शादी हुई थी। मह शादी कुर चाय भहीने चरी थी। हाराॊकक भ ंअफ इस धोखे के खखराप कुछ नहीॊ कय सकता था रेककन भनें इसी जानकायी को तुरुऩ के ऩते्त की तयह इस्तेभार कयना शरुू कय टदमा। लशल्ऩा बी सभझ गमी कक भुझे सफ ऩता चर चुका है। तफ से भेयी कोई बी फात न तो टारी जाती है औय न ही कोई भेये साथ कोई उरटी सीधी हयकत ही कयता है। फजल्क जफ जरूयत होती है, भ ंउसे ब्रैक भेर बी कयता यहता हूॊ। कई फाय तो भनें उससे अच्छी खासी यकभं बी ऐॊठी हं।

- रेककन इतनी फड़ी फात जान कय बी चुऩ यह जाना.... भेया तो टदभाग खयाफ हो जाता..।

- दीऩ तुभ एक फात अच्छी तयह से जान रो। भनें बी अऩने अनुबि से जानी है औय आज मह सराह तुम्हं बी दे यहा हूॊ। फेशक लशल्ऩा डाइिोसॉ थी औय मह फात भुझसे तछऩामी गमी रेककन महाॊ रॊदन भं तुम्हं कोई रड़की कुॊ िायी लभर जामेगी, इस फात ऩय सऩने भं मकीन नहीॊ ककमा जा सकता। अऩोजिट सैक्स की फं्रैडलशऩ, भीटटॊग औय आउटटॊग, डेटटॊग औय इस दौयान सैक्स रयरेशॊस महाॊ तेयह चौदह सार की उम्र तक शरुू हो चुके होते हं। अगय नहीॊ होते तो रड़की मा रड़का मही सभझते हं कक उन्हीॊ भं कोई कभी होगी जजसकी ििह से कोई उन्हं डेटटॊग के लरए फुरा नहीॊ यहा है। कोई कभी यह गमी होगी िारा भाभरा ऐसा है जजससे हय रड़का औय रड़की फचना चाहते हं। दयअसर मे चीजं महाॊ इतनी तेजी से औय इतनी सहजता से होती यहती हं कक सत्तय पीसदी भाभरं भं नौफत एफाशसन तक जा ऩहुॊचती है। अगय शादी हो बी जामे तो रयरेशॊस ऩय से चाॊदी उतयते देय नहीॊ रगती। तफ डाइिोसस तो है ही सही। इसलरए जफ भनें देखा कक ऐसे बी औय िैसे बी महाॊ कुॊ िायी रड़की तो लभरने िारी थी नहीॊ, मही सही। फाकी अदयिाइज लशल्ऩा इज ए िेयी गुड िाइप। दसूयी तकरीफं़ अगय भ ंबुरा बी दूॊ तो कभ से कभ इस फ्रैॊ ट ऩय भ ंसुखी हूॊ।

हॉसा है लशलशय - फजल्क कई फाय अफ भ ंही रयश्तं भं फेईभानी कय जाता हूॊ औय इधय-उधय भुॊह भाय रेता हूॊ। िैसे बी दधू का धुरा तो भ ंबी नहीॊ आमा था। महाॊ बी िही सफ जायी है।

- माय, तुम्हायी फातं तो भेयी आॊखं खोर यही हं। भ ंठहया अऩनी इॊडडमन भटेंलरटी िारा आभ आदभी। इतनी दयू तक तो सोच बी नहीॊ ऩाता। िैसे बी तुम्हायी फातं ने भुझे दोहयी दवुिधा भं डार टदमा है। इसका भतरफ ..

- ऩूछो.. ऩूछो.. क्मा ऩूछना चाहते हे.. लशलशय ने भेयी टहम्भत फढ़ेाई है।

- तो क्मा गौयी बी...?

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- अफ अगय तुभभं सच सुनने की टहम्भत है औय तुभ सच सुनना ही चाहते हो औय सच को झेरने की टहम्भत बी यखते हो तो सुनो, रेककन मह फात सुनने से ऩहरे एक िादा कयना होगा कक इसके लरए तुभ गौयी को कोई सिा नहीॊ दोगे औय अऩने भन ऩय कोई फोझ नहीॊ यखोगे।

- तुभ कहो तो सही।

- ऐसे नहीॊ, सचभुच िादा कयना ऩडे़गा। िैसे बी तुम्हाये रयश्तं भं दयाय चर यही है। फजल्क भ ंतो कहूॊगा कक तुभ बी अऩनी राइप स्टाइर फदरो। हय सभम देिदास की तयह कुढ़ेने से न तो दतुनमा फदरेगी औय न कुछ हालसर ही होगा। उठो, घय से फाहय तनकरो औय जिॊदगी को ढॊग से जीओ। मे जिॊदगी एक ही फाय लभरी है। इसे यो धो कय गॊिाने के कुछ बी हालसर नहीॊ होने िारा।

- अये बाई, अफ फोरो बी सही।

- तो सुनो। गौयी को बी एफाशसन कयाना ऩड़ा था। हभायी शादी के ऩहरे ही सार। मानी तुम्हायी शादी से तीन सार ऩहरे। उसे लशल्ऩा ही रे कय गमी थी। रेककन भनें कहा न.. ऐसे भाभरं भं लशल्ऩा मा गौयी मा वितनता मा ककसी बी ल़ड़की का कोई कुसूय नहीॊ होता। महाॊ की हिा ही ऐसी है कक आऩ चाह कय बी इन रयश्तं को योक नहीॊ सकते। भाॊ-फाऩ को बी तबी ऩता चरता है जफ फात इतनी आगे फढ़े चुकी होती है। थोड़ा फहुत योना-धोना भचता है औय सफ कुछ यपा दपा कय टदमा जाता है। इॊडडमा से कोई बी रड़का रा कय तफ उसकी शादी कय दी जाती है। अफ मही देखो ना, कक इस हाॊडा पेलभरी के ही रड़के बी तो महाॊ की रड़ककमं के साथ मही सफ कुछ कय यहे हंगे औय उन्हं प्रैगनंट कय यहे हंगे।

- रेककन ..गौयी बी.. अचानक भुझे रगता है ककसी ने भेये भुॊह ऩय एक तभाचा जड़ टदमा है मा फीच चौयाहे ऩय नॊगा कय टदमा है.. मे सफ भेये साथ ही क्मूॊ होता है। भ ंएकाएक चुऩ हो गमा हूॊ।

- देखो दीऩ भनें तुम्हं मे फात जानफूझ कय फतामी ताकक तुभ इन इन्हीफीशॊस से भुक्त हो कय अऩने फाये भं बी कुछ सोच सको। अफ तुभ मे बी तो देखो कक गौयी अफ तुम्हाये प्रतत ऩूयी तयह ईभानदाय है फजल्क गौयी ने खुद ही लशल्ऩा को फतामा था कक िह तुम्हं ऩा कय फहुत सुखी है। खुश है औय शी इज यीमरी प्राउड आप मू। िह लशल्ऩा को फता यही थी कक िह एक यात बी तुम्हाये बफना नहीॊ सो सकती। तो बाई, अफ तुभ अऩने इॊडडमन सटंीभंटस की ऩुडड़मा फना कय दपन कयो औय अऩनी बी जिॊदगी को एॊजाम कयो। िैसे फुया भन भानना, गौयी ने तो तुभसे शादी से ऩहरे के रयरेशॊस के फाये भं कुछ नहीॊ ऩूछा होगा।

भ ंझंऩी हॉसी हॉसता हूॊ - ऩूछ बी रेती तो उसे कुछ लभरने िारा नहीॊ था। गौयी से ऩहरे तो भनें ककसी रड़की को चूभा तक नहीॊ था। बफस्तय ऩय भ ंककतना अनाड़ी था, मे तो गौयी को ऩहरी ही यात ऩता चर गमा था।

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99 देस बफयाना ™½¬¸ £¸›¸¸¹•¸

- इसके फािजूद िह तुम्हाये बफना एक यात बी सोने के लरए तैमाय नहीॊ है। इसका कोई तो भतरफ होगा ही सही।

- तुभ गौयी ऩय ऩूया बयोसा यखो औय उसके भन भं इस फात के लरए कोई चगल्ट भत आने दो। अव्िर तो तुभ फदरा रे नहीॊ सकते। रेना बी चाहो तो अऩना ही नुक्सान कयोगे। खैय, अफ तुभ भन ऩय फोझ भत यखो। फेईभानी कयने को जी कयता है तो जरूय कयो रेककन पॉय गॉड सेक, अऩनी इस योनी सूयत से छुटकाया ऩाओ। रयमरी इट इज ककलर ॊग मू। ओके!! टेक केमय ऑप मूअयसेल्प। लशलशय फेशक इतनी आसानी से सायी फातं कह गमा था रेककन भेये लरए मे सायी फातं इतनी सहजता से रे ऩाना इतना आसान नहीॊ है। लशलशय जजस लभट्टी का फना हुआ है, उसने लशल्ऩा की सच्चाई जानने के फािजूद उसे न केिर स्िीकाय कय यखा है फजल्क अऩने तयीके से उसे ब्रैकभेर बी कय यहा है औय रयश्तं भं फेईभानी बी कय यहा है। मे तीनं फातं ही भुझसे नहीॊ हो ऩा यहीॊ। न भ ंगौयी के अतीत का सच ऩचा ऩा यहा हूॊ, न उसे ब्रैकभेर कय ऩाऊॊ गा औय न ही इन सायी फातं के फािजूद ऩतत-ऩत्नी के रयश्ते भं फेईभानी ही कय ऩाऊॊ गा। हाराॊकक गौयी भेयी फगर भं रेटी हुई है औय भेया हाथ उसके नॊगे सीने ऩय है, िह योज ऐसे ही सोती है, भेये भन भं उसके प्रतत कोई बी कोभर बाि नहीॊ उऩज यहा। आज बी उसकी सैक्स की फहुत इच्छा थी रेककन भनें भना कय टदमा कक इस सभम भूड नहीॊ है। फाद भं यात को देखंगे। अक्सय ऐसा बी हो जाता है। कई फाय उसका बी भूड नहीॊ होने ऩय हभ फाद के लरए तम कयके सो जाते हं औय फाद भं नीॊद खुरने ऩय इस रयचुअर को बी तनबा रेते हं। अफ मह रयचुअर ही तो यहा है। न हभाये ऩास एक दसूये के सुख दखु के लरए सभम है न हभ अऩनी ऩससनर फातं ही एक दसूये से शेमय कय ऩाते हं। डडनय मा रॊच हभ एक साथ छुट्टी के टदनं भं ही रे ऩाते हं औय एक दसूये के प्रतत ऩूया आकषसण खो चुके हं। कभ से कभ भुझे तो ऐसा ही रगता है। भुझे ऩता है कक गौयी का भेये प्रतत आकषसण का एक औय एकभात्र कायण बयऩूय सैक्स है औय उसके बफना उसे नीॊद नही आती। भेयी भजफूयी है कक भुझे खारी ऩेट नीॊद नहीॊ आती। कई फाय हभाया झगड़ा बी हो जाता है औय हभ दोनं ही ककसी नतीजे ऩय ऩहुॊचे बफना एक दसूये से रूठ कय एक अरग-अरग सो जाते हं रेककन नीॊद दोनं को ही नहीॊ आती। गौयी को ऩता है भ ंखारी ऩेट सो ही नहीॊ सकता औय भुझे ऩता है जफ तक उसे उसका टॉतनक न लभर जामे, िह कयिटं फदरती यहेगी। कबी उठ कय फत्ती जरामेगी, कबी दसूये कभये भं जामेगी, कोई ककताफ ऩढ़ेने का नाटक कयेगी मा फाय-फाय भुझे सुनाते हुए तीखी फातं कयेगी। उसके मे नाटक देय तक चरते यहंगे। िैसे तो भ ंबी नीॊद न आने के कायण कयिटं ही फदरता यहूॊगा। तफ भान भनौव्िर का लसरलसरा शरुू होगा औय फेशक योते धोते ही सही, कम्फख्त सैक्स बी ऐसी नायािगी बयी यातं भं कुछ ज्मादा ही तफीमत से बोगा जाता है।

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अफ लशलशय की फातं रगाताय भन को भथे जा यही हं।

गौयी के इसी सीने ऩय ककसी औय का बी हाथ यहा होगा। गौयी ककसी औय से बी इसी तयह हय योज सैक्स की, बयऩूय सैक्स की भाॊग कयती होगी औय खूफ एॊाॊजाम कयने के फाद सोती होगी। आज मह भेयी फीिी फन कय भेये साथ इस तयह अधनॊगी रेटी हुई है, ककसी औय के साथ बी रेटती यही होगी। छी छी। भुझे ही मे सफ क्मं झेरना ऩड़ता है!! भ ंही क्मं हय फाय रयसीवि ॊग एॊड ऩय होता हूॊ। क्मा भ ंबी लशलशय की तयह गौयी से फेईभानी कयना शरुू कय दूॊ मा उसे ब्रैकभेर कयना शरुू कय दूॊ। मे दोनं ही काभ भुझसे नहीॊ हंगे औय जजस काभ के लरए लशलशय ने भुझे भना ककमा है, भ ंिही कयता यहूॊगा। रगाताय कुढ़ेता यहूॊगा औय अऩनी सेहत का परूदा फनाता यहूॊगा। भेया भन काभ से उचटने रगा है। नतीजा मह हुआ है कक भ ंघुटन भहसूस कयने रगा हूॊ। भेयी फेचैनी फढ़ेने रगी है। भ ंऩहरे बी अकेरा था अफ औय अकेरा होता चरा गमा हूॊ। इसी दौय भं भनें फाहय एकाध जगह काभ की तराश की है। काभ फहुत हं औय भेयी लरमाकत औय टे्रतन ॊग के अनुरूऩ हं, रेककन टदक्कतं हं कक हाॊडा ऩरयिाय से कहा कैसे जामे औय दसूये िकस ऩयलभट को हालसर ककमा जामे।

कई फाय इच्छा बी होती है कक भ ंबी ऩैसे के इस सभॊदय भं से अऩनी भुटट्ठमं भं बय कय थोडे़ फहुत ऩाउॊ ड तनकार रूॊ रेककन भन नहीॊ भाना। मह कोई फहुत इज्जतदाय लसरलसरा तो नहीॊ ही है। हभ महाॊ फेशक फेगायी की जजॊदगी जी यहे हं औय हेया पेयी जैसी टुच्ची हयकतं से इस जरारत के फदरे कुछ ही तो बयऩाई हो ऩामेगी। हाराॊकक कई फाय गौयी भेयी फेचैनी औय छटऩटाहट को सभझने की कोलशश कयती है रेककन मा तो उसके साभने बी फॊधन हं मा कपय जजस तयह की उसकी ऩयिरयश है, िहाॊ इन सफ चीजं के लरए कोई जगह ही नहीॊ है। हभ ऩाॊच जिान, ऩढे़े-लरखे रड़के उस घय के जिाईं हं, फेशक घय जिाईं रेककन हं तो उस खानदान भं सफसे ऩढे़े लरखे, रेककन हभं कबी बी घय के सदस्म की तयह ट्रीटभंट नहीॊ लभरता। भ ंइस घय भं कबी बी, एक टदन के लरए बी, न तो कबी सहज हो ऩामा हूॊ औय न ही भेयी नायाजगी की, उदासी की िजह ही ककसी ने ऩूछने की िरूयत ही सभझी है। दायजी औय नॊद ू के ऩत्र आमे हं। आखखय गुड्डी की शादी कय ही दी गमी।लरखा है नॊद ूने - टीचसस की हड़तार की ििह से भाचस भं ही ऩता चर गमा था कक फीए की ऩयीऺाएॊ अप्रैर भं नहीॊ हो ऩामंगी। गुड्डी ने दायजी से बी कहा था औय भेये िरयमे बी दायजी कहरिामा था कक िह शादी से इनकाय नहीॊ कयती रेककन कभ से कभ उसके इजम्तहान तो हो जाने दं रेककन दायजी ने साप साप कह टदमा - शादी की सायी तैमारयमाॊ हो चुकी हं अफ तायीख नहीॊ फदरंगे।

िही हुआ औय गुड्डी इतनी कोलशशं के फािजूद फीए की ऩयीऺा नहीॊ दे ऩामी। भुझे नहीॊ रगता कक गुड्डी की ससुयार िारे इतने उदाय हंगे कक उसे इजम्तहान भं फैठने दं। िैसे भ ं

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खुद गुड्डी के घयिारे से लभर कय उसे सभझाने की कोलशश करूॊ गा। शादी ठीक-ठाक हो गमी है। फेशक तेयी गैय हाजयी भं भनें गुड्डी के फडे़ बाई का पजस तनबामा है रेककन तू होता तो औय ही फात होती। तेयी सराह के अनुसाय भनें साये ऩेभंट्स कय टदमे थे औय दायजी तक मह खफय दे दी थी कक जो कुछ बी खयीदना है मा रेनदेन कयना है, भुझे फता दं। भ ंकय दूॊगा। भनें उन्हं ऩटा लरमा था कक दीऩ ने गुड्डी की शादी के लरए जो िाफ्ट बेजा है, िह ऩाउॊ ड भं है औय उसे लसपस इन्टयनेशनर खाते भं ही जभा ककमा जा सकता है। दायजी झाॊसे भं आ गमे औय साये खचे भेयी भापस त ही कयामे। भ ं इस तयीके से कापी पारतू खचस कभ कया सका। दायजी औय गुड्डी के खत बी आगे ऩीछे ऩहुॊच ही यहे हंगे।

नॊद ूके खत के साथ-साथ गुड्डी का तो नहीॊ ऩय दायजी का खत जरूय लभरा है। इसभं बी गुड्डी की शादी की िही सायी फातं लरखी हं जो नॊद ूने लरखी हं। अरफत्ता दायजी की तनगाह भं दसूयी चीजं ज्मादा अहलभमत यखती हं, िही उन्हंने लरखी हं। भेये बेजे गमे ऩैसं से बफयादयी भं उनकी नाक ऊॊ ची होना, शादी धूभधाभ से होना, कपय बी कापी कजास हो जाना िगैयह िगैयह। उन्हंने इस फात का एक फाय बी जजक्र नहीॊ ककमा है कक गुड्डी उनकी जिद के कायण फीए होते होते यह गमी मा िे इस फात की कोलशश ही कयंगे कक गुड्डी के इम्तहानं के लरए उसे भामके ही फुरा रंगे। साये खत भं दायजी ने अऩने िही ऩुयाने याग अराऩे हं। इस फात का बी कोई जजक्र नहीॊ है कक मे सफ भेये कायण ही हो ऩामा है औय कक अगय भ ंिहाॊ होता तो ककतना अच्छा होता।

दायजी का ऩत्र ऩढ़े कय भनें एक तयप यख टदमा है।

अरफत्ता अगय गुड्डी का ऩत्र आ जाता तो तसल्री यहती। इन टदनं खासा ऩयेशान चर यहा हू। न घय ऩय चैन लभरता है न स्टोसस भं। सभझ भं नहीॊ आता, भुझे मे क्मा होता जा यहा है। अगय कोई फॊफई का कोई ऩुयाना ऩरयचचत भुझे देखे तो ऩहचान ही न ऩामे, भ ंिही अनुशालसत औय कभसठ गगनदीऩ हूॊ जो अऩने साये काभ खुद कयता था औय कामदे से, सपाई से ककमा कयता था। जफ तक फॊफई भं था, भुझे जिॊदगी भं जया सी बी अव्मिस्था ऩसॊद नहीॊ थी औय गॊदगी से तो जैसे भुझे एरजॉ थी। अफ महाॊ ककतना आरसी हो गमा हूॊ। चीजं टरती यहती हं। अफ न तो उतना चुस्त यहा हूॊ औय न ही सपाई ऩसॊद ही। अफ तो शेि कयने भं बी आरस आने रगा है। कई फाय एक-एक हफ्ता शेि बी नहीॊ कयता। गौयी ने कई फाय टोका तो दाढ़ेी ही फढ़ेानी श्जारू कय दी है। भ ंअफ ऐसे सबी काभ कयता हूॊ जो गौयी को ऩसॊद नहीॊ हं। छुट्टी के टदन गौयी की फहुत इच्छा होती है, कहीॊ रम्फी िाइि ऩय चरं, ककसी के घय चरं मा ककसी को फुरा ही रं, भ ंतीनं ही काभ टारता हूॊ।

िैसे बी जफ से आमा हूॊ, गौयी ऩीछे ऩड़ी है, घय भं दो गाडड़माॊ खड़ी हं, कभ से कभ िाइवि ॊग ही सीख रो। भनें बी कसभ खा यखी है कक िाइवि ॊग तो नहीॊ ही सीखूॊगा, बरे ही ऩूयी जिॊदगी ऩैदर ही चरना ऩडे़। अबी तक गौयी औय भेये फीच इस फात ऩय शीत मुद्ध

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102 देस बफयाना ™½¬¸ £¸›¸¸¹•¸

चर यहा है कक भ ैउससे ऩैसे भाॊगूॊगा नहीॊ। िह देती नहीॊ औय भ ंभाॊगता नहीॊ। एक फाय लशलशय ने कहा बी था कक तुम्हीॊ क्मं मे साये त्माग कयने ऩय तुरे हो। क्मं नहीॊ अऩनी िरूयत के ऩैसे गौयी से भाॊगते मा गौयी के कहने ऩय ऩूर भनी से उठा रेते। आखखय कोई कफ तक अऩनी िरूयतं दफामे यह सकता है।

गौयी को जफ ऩता चरा तो उसने उॊ ह कयके भुॊह बफचकामा था - अऩनी गगनदीऩ जानं। भेया ऩाॊच सात हिाय ऩाउॊ ड का जेफ खचस भुझे लभरना ही चाटहमे।

जफ लशलशय को मह फात ऩता चरी तो िह हॉसा था - माय, तुम्हं सभझना फहुत भुजश्कर है। बरा मे सफ तुभ सफ ककस लरए कय कय यहे हो। अगय तुभ एक्सऩेरयभंट कय यहे हो तो ठीक है। अगय तुभ गौयी मा हाॊडा िुऩ को इम्पे्रस कयना चाहते हो तो तुभ फहुत फड़ी गरती कय यहे हो। िे तो मे भान रंगे कक उन्हं ककतना अच्छा दाभाद लभर गमा है जो ससुयार का एक ऩैसा बी रेना मा खचस कयना हयाभ सभझता है। उनके लरए इससे अच्छी औय कौन सी फात हो सकती है। दसूये िे मे बी भान कय चर सकते हं कक िे कैसे कॊ गरे को अऩना दाभाद फना कय रामे हं जो अॊडयिाउॊ ड के चारीस ऩसं फचाने के लरए चारीस लभनट तक ऩैदर चरता है औय मे नहीॊ देखता कक इन चारीस लभनटं को अऩने कायोफाय भं रगा कय ककतनी तयक्की कय सकता था। इससे तुभ अऩनी क्मा इभेज फनाओगे, िया मह बी देख रेना।

- भुझे ककसी की बी ऩयिाह नहीॊ है। भेयी तो आजकर मे हारत है कक भ ंअऩने फाये भं कुछ नहीॊ सोच ऩा यहा हूॊ।

- गुड्डी का खत आमा है। लसपस तीन राइन का। सभझ नहीॊ ऩा यहा हॊ,झ जफ उसके साभने खुर कय खत लरखने की आिादी नहीॊ है तो उसने मे ऩत्र बी क्मं लरखा! फेशक ऩत्र तीन ही ऩॊडक्तमं का है रेककन भ ंउन फीस ऩच्चीस शब्दं के ऩीछे छुऩी ऩीड़ा को साप साप ऩढ़े ऩा यहा हूॊ।

लरखा है उसने

- िीयजी,

इस िैसाखी के टदन भेयी डोरी विदा होने के साथ ही भेयी जिॊदगी भं कई नमे रयश्ते जुड़ गमे हं। मे साये रयश्ते ही अफ भेया ितसभान औय बविष्म हंगे। भुझे अफ़सोस है कक भ ंआऩको टदमे कई िचन ऩूये न कय सकी। भ ंअऩने घय, नमे भाहौर औय नमे रयश्तं की गहभागहभी भं फहुत खुश हूॊ। भेया दबुासग्म कक भ ंआऩको अऩनी शादी भं बी न फुरा सकी। भेये औय उनके लरए बेजे गमे चगफ्ट हभं लभर गमे थे औय हभं फहुत ऩसॊद आमे हं।

भेयी तयप से ककसी बी ककस्भ की चचॊता न कयं।

आऩकी छोटी फहन,

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हयप्रीत कौय

(अफ नमे घय भं मही भेया नमा नाभ है।)

इस ऩत्र से तो मही रगता है कक गुड्डी ने खुद को हारात के साभने ऩूयी तयह सयॊडय कय टदमा है नहीॊ तो बरा ऐसे कैसे हो सकता था कक िह इतना पाभसर औय शषु्क खफय देने िारा ऐसा खत लरखती औय अऩना ऩता बी न लरखती।

भ ंबी क्मा करूॊ गुड्डी! एक फाय कपय तुझसे बी भापी भाॊग रेता हूॊ कक भ ं तेये लरए इस जनभ भं कुछ बी नहीॊ कय ऩामा। िो जो तू अऩने फडे़ बाई की कद काठी, ऩससनैलरटी औय राइप स्टाइर देख कय भुग्ध हो गमी थी औय रगे हाथं भुझे अऩना आदशस फना लरमा था, भ ंतुझे कैसे फताऊॊ गुड्डी कक भ ंएक फाय कपय महाॊ अऩनी रड़ाई हाय चुका हूॊ। अफ तो भेयी ख्दा की जीने की इच्छा ही भय गमी है। तुझे भ ंफता नहीॊ सकता कक भ ंमहाॊ अऩने टदन कैसे काट यहा हूॊ। तेये ऩास कपय बी सगे रोग तो हं, फेशक उनसे अऩनाऩन न लभरे, भ ंतो ककतना अकेरा हूॊ महाॊ औय खारीऩन की जिॊदगी ककसी तयह जी यहा हूॊ। भ ं मे फातं गुड्डी को लरख बी तो नहीॊ सकता। कर यात गौयी से तीखी नंक झंक हो गमी थी। फात िही थी। न भ ंऩैसे भाॊगूॊगा औय न उसे इस फात का ख्मार आमेगा। हभ दोनं को एक शादी भं जाना था। गौयी ने भुझे सुफह फता टदमा था कक शादी भं जाना है। कोई अच्छा सा चगफ्ट रे कय यख रेना। भ ं िहीॊ तुम्हाये ऩास आ जाऊॊ गी। सीधे चरे चरंगे। जफ गौयी ने मह फात कही थी तो उसे चाटहमे था कक भेये स्िबाि औय भेयी जेफ के लभिाज को जानत ेहुए फता बी देती कक ककतने तक का चगफ्ट खयीदना है औय कहती - मे यहे ऩैसे। उसने दोनं ही काभ नहीॊ ककमे थे। अफ भुझे क्मा ऩड़ी थी कक उससे ऩैसे भाॊगता कक चगफ्ट के लरए ऩैसे दे दो। जफ हाॊडा िुऩ घय खचस के साये ऩैसे तुम्हं ही देता है तो तुम्हीॊ सॊबारो मे साये भाभरे। कपरहार तो भ ंठनठन गोऩार हूॊ औय भ ंककसी को चगफ्ट देने के लरए गौयी से ऩैसे भाॊगने से यहा।

शाऩ फॊद हो जाने के फाद गौयी जफ शादी के रयसेप्शन भं जाने के लरए आमी तो काय भं भेये फैठने के साथ ही उसने ऩूछा - तुम्हाये हाथ खारी हं, चगफ्ट कहाॊ है?

- नहीॊ रे ऩामा।

- क्मं, कहा तो था भनें, उसने गाड़ी फीच भं ही योक दी है।

- फतामा न, नहीॊ रे ऩामा, फस।

- रेककन कोई ििह तो होगी, न रेने की। अफ सायी शॉप्स फॊद हो गमी हं। क्मा शादी भं खारी हाथ जामंगे। दीऩ, तुभ बी कई फाय .. िह झल्रा यही है।

- गौयी, इस तयह से नायाि होने की कोई िरूयत नहीॊ है। न चाहते हुए बी भेया ऩाया गभस होने रगा है। तुम्हं अच्छी तयह से ऩता है, भेये ऩास ऩैसं का कोई इॊतिाभ नहीॊ

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है। औय तुम्हं मह बी ऩता है कक न भ ंघय से बफना तुम्हाये कहे ऩैसे उठाता हूॊ औय न ही स्टोसस भं से अऩने ऩससनर काभ के लरए कैलशमय से िाउचय ही फनिाता हूॊ। चगफ्ट के लरए कहते सभम तुम्हं इस फात का ख्मार यखना चाटहमे था।

- मू आय ए लरलभट ! गौयी िोय से चीखी है। भ ंतो तॊग आ गमी हूॊ तुम्हाये इन कानूनं से। भ ंमे नहीॊ करूॊ गा औय भ ंिो नहीॊ करूॊ गा। आखखय तुम्हं हय फाय मे जतराने की िरूयत क्मं ऩड़ती है कक तुम्हाये ऩास ऩैसे नहीॊ हं। क्मं फाय-फाय तुभ मही टॉवऩक छेड़ देते हो। आखखय भ ंबी क्मा करूॊ ? के्रडडट काडस तुम्हं चाटहमे नहीॊ, कैश तुभ उठाओगे नहीॊ औय भाॊगोगे बी नहीॊ, फस, ताने भायने का कोई भौका छोड़ोगे नहीॊ।

- देखो गौयी, इस तयह से शोय भचाने की िरूयत नहीॊ है। भ ंकपय बी ख्दा को शाॊत यखे हुए हूॊ - जहाॊ तक ऩैसं मा ककसी बी चीज को रेकय भेये वप्र ॊलसऩल्स की फात है, तुभ कई फाय भेये भुॊह से सुन चुकी हो कक भ ंअऩने आऩ कहीॊ से बी ऩैसे नहीॊ उठाउॊ€गा। काभ होता है मा नहीॊ होता, भेयी जजम्भेिायी नहीॊ है।

- भ ंतुभसे ककतनी फाय कह चुकी हूॊ, डीमय कक धहभं जो ऩैसे टदमे जाते हं िे हभ दोनं के लरए हं औय साॊझे हं। हभ दोनं के कॉभन ऩूर भं यखे यहते हं। तुभ उसभं से रेते क्मं नहीॊ हो। अफ तो तुभ नमे नहीॊ हो। न हभाये रयश्ते इतने पाभसर हं कक आऩस भं एक दसूये से ऩूछना ऩडे़ कक मे कयना है औय िो कयना हं। अफ तुम्हायी िया सी जजद की ििह से चगफ्ट यह गमा न.. अफ जा कय अऩनी शॉऩ से कोई फुके ही रे जाना ऩडे़गा।

- हभाये आऩसी रयश्तं की फात यहने दो, फाकी, जहाॊ तक ऩैसं की फात है तो भ ंअबी बी अऩनी फात ऩय टटका हुआ हूॊ कक भ ंआज तक हाॊडा िुऩ का लसस्टभ सभझ नहीॊ ऩामा कक भेयी हैलसमत क्मा है इस घय भं !!

- अफ कपय रगे कोसने तुभ हाॊडा िुऩ को। इसी िुऩ की िजह से तुभ...।

- डंट क्रॉस मूअय लरलभट गौयी। भुझे बी गुस्सा आ गमा है - ऩहरी फात तो मह कक भ ंिहाॊ सड़क ऩय नहीॊ फैठा था कक भेये ऩास महाॊ यहने खाने को नहीॊ है, कोई भुझे शयण दे दे औय दसूयी फात कक फॊफई भं ऩहरी ही भुराकात भं ही तुम्हाये साभने ही भुझसे दस तयह के झूठ फोरे गमे थे। भुझे ऩता होता कक महाॊ आ कय भुझे भुफ्त की सैल्सभैनी ही कयनी है तो भ ं दस फाय सोचता।

- दीऩ, तुभ मे सायी फातं भुझसे क्मं कय यहे हो। आखखय क्मा कभी है तुम्हं महाॊ..भजे से यह यहे हो औय शानदाय स्टोसस के अकेरे कत्तासधत्तास हो। अफ तुम्हीॊ ऩैसे न रेना चाहो तो कोई क्मा कये!!

- ऩैसे देने का कोई तयीका बी होता है। अफ भ ंयहूॊ महाॊ औय ऩैसे इॊडडमा भं अऩने घय से भॊगाऊॊ , मे तो नहीॊ हो सकता।

- तुम्हं ककसने भना ककमा है ऩैसे रेने से। साये दाभाद कॉभन ऩूर से रे ही यहे हं औय के्रडडट काडस से बी खूफ खचस कयते यहते हं। कैश बी उठाते यहते हं। कबी कोई उनसे

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ऩूछता बी नहीॊ कक कहाॊ खचस ककमे औय क्मं ककमे। ककसी को खयाफ नहीॊ रगता। तुम्हायी सभझ भं ही मह फात नहीॊ आती। तुम्हं ककसने भना ककमा है ऩैसे रेने से।

- भेये अऩने कुछ उसूर हं। - तो उन्हीॊ उसूरं का डि ॊक फना कय टदन यात ऩीते यहो। साया भूड ही चौऩट कय

टदमा। गौयी झल्राई है। - कबी भेये भूड की बी ऩयिाह कय लरमा कयो। भनें बी कह ही टदमा है। - तुभसे तो फात कयना बी भुजश्कर है।

काय भं हुई इस नंक-झंक का असय ऩूये यास्ते भं औय फाद भं ऩाटॊ भं बी यहा है। लशलशय ने एक ककनाये रे जा कय ऩूछा है - आज तो दोनं तयप ही पुटफार पूरे हुए हं। रगता है, कापी रम्फा भैच खेरा गमा है। भ ंबया ऩड़ा हूॊ। हाराॊकक भुझे अपसोस बी हो यहा है कक भ ंऩहरी फाय गौयी से इतने िोय से फोरा औय उससे ऐसी फातं कीॊ जो भुझे ही छोटा फनाती हं। रेककन भ ंजानता हूॊ, भेयी मे झल्राहट लसपस ऩैसं के लरए मा चगफ्ट के लरए नहीॊ है। इसके ऩीछे भुझसे फोरे गमे साये झूठ ही काभ कय यहे हं। जफ से लशलशय ने भुझे गौयी के अफॉशसन के फाये भं फतामा है, भ ंतफ से बया ऩड़ा था। आज गुस्सा तनकरा बी तो ककतनी भाभूरी फात ऩय। हाराॊकक भ ंलशलशय के साभने भ ंखुद को खोरना नहीॊ चाहता रेककन उसके साभने कुछ बी छुऩाना भेये लरए फहुत भुजश्कर हो जाता है। भनें उसे ऩूया ककस्सा सुना टदमा है। लशलशय ने कपय भुझे ही डाॊटा है

- तुम्हं भ ंककतनी फाय सभझा चुका हूॊ कक अफ तो तुम्हं महाॊ यहते इतना अयसा हो गमा है। अफ तक तो तुम्हं हाॊडा िुऩ से अऩने रामक एक आध राख ऩाउॊ ड अरग कय ही रेने चाटहमे थे। इतना फड़ा स्टोसस सॊबारते हो औय तुम्हायी जेफ भं दस ऩंस का लसक्का बी खोजे नहीॊ लभरेगा। भेयी भानो, इन फातं की िजह से गौयी से रड़ने झगड़ने की िरूयत नहीॊ है। थोड़ी डडप्रोभेसी बी सीखो। चोट कहीॊ औय कयनी चाटहमे तुम्हं औय एनजॉ महाॊ िेस्ट कय यहे हो। खैय, मे बी ठीक हुआ कक तुभने गौयी से ही सही, अऩने भन की फात कही तो सही। अफ देखं, मे फातं ककतनी दयू तक जाती हं। इस फीच भेयी छटऩटाहट फहुत फढ़े चुकी है। गौयी से अफोरा चर यहा है। न िह अऩने ककमे के लरए शलभदंा है, न भ ंमह भानने के लरए तैमाय हूॊ कक भ ंगरत हूॊ। अफ तो िह बी बफना सैक्स के सो यही है औय भ ंबी, जो बी लभरता है, खा रेता हूॊ। दोनं ही एक दसूये से कापी दयू होते जा यहे हं। भ ंबी अफ चाहने रगा हूॊ, मे सफ महीॊ खत्भ हो जामे तो वऩ ॊड छूटे। ककसी तयह िावऩस रौटा जा सकता तो ठीक यहता। काभ की तयप ध्मान देना भनें कफ से छोड़ टदमा है। बाड़ भं जामं सफ। भ ंही हाॊडा ऩरयिाय की दौरत फढ़ेाने के लरए क्मं टदन यात खटता यहूॊ। भेयी सेहत बी आजकर खयाफ चर यही है। भ ंफेशक इस फाफत ककसी से फात नहीॊ कयता औय ककसी से कोई लशकामत बी नहीॊ कयता रेककन फात अफ हाॊडा ऩरयिाय के भुखखमा तक ऩहुॊच ही गमी है।

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उन तक फात ऩहुॊचाने के ऩीछे गौयी का नहीॊ, लशलशय का ही हाथ रगता है। लशलशय ने लशल्ऩा से कहा होगा औय लशल्ऩा ने अऩने ऩाऩा तक फात ऩहुॊचामी होगी कक िया िया सी फात ऩय गौयी दीऩ से रड़ ऩड़ती है औय फाय फाय उस फेचाये का अऩभान कयती यहती है। उसी ने ऩाऩा से कहा होगा कक आऩ रोग फीच भं ऩड़ कय भाभरे को सुरझाम ंियना अच्छा खासा दाभाद अऩना टदभाग खयाफ कय फैठेगा। शामद उसने उन्हं ऩैसे न रेने के फाये भं भेयी जिद के फाये भं बी कहा हो। फतामा होगा - अगय मही हार यहा तो आऩ रोग एक अच्छे बरे आदभी को इस तयह से भाय डारंगे। इसभं नुक्सान आऩका औय गौयी का ही है। ऩता नहीॊ, उन्हं मे फात जक्रक कय गमी होगी, इसीलरए गौयी के शॉऩ ऩय जाने के फाद ऩाऩा भुझसे लभरने आमे हं।

मह इन दो ढाई सार भं ऩहरी फाय हो यहा है कक भ ंऔय भेये ससुय इस तयह अकेरे औय इन्पाभसरी फात कय यहे हं। उन्हंने भेयी सेहत के फाये भं ऩूछा है। भेयी टदनचमास के फाये भं ऩूछा है औय भेयी उदासी का कायण जानना चाहा है। ऩहरे तो भ ंटारता हूॊ। उनसे आॊखं लभराने से बी फचता हूॊ रेककन जफ उन्हंने फहुत िोय टदमा है तो भ ंपट ऩड़ा हूॊ। इतने अयसे से भ ंघुट यहा था। ककतना कुछ है जो भ ंककसी से कहना चाह यहा था रेककन आज तक कह नहीॊ ऩामा हूॊ औय न ही ककसी ने भेये कॊ धे ऩय हाथ ही यखा है। ऩहरे तो िे चुऩचाऩ भेयी फातं ध्मान से सुनते यहे। भनें उन्हं विस्ताय से सायी फातं फतामी हं। फॊफई भं हुई ऩहरी भुराकात से रेकय आज तक कक ककस तयह भेये साथ एक के फाद एक झूठ फोरे गमे औय एक तयह से झाॊसा दे कय भुझे महाॊ रामा गमा है। भनें उन्हं गौयी की ऩढ़ेाई के फाये भं फोरे गमे झूठ के फाये भं बी फतामा रेककन उसके एफाशसन िारी फात गोर कय गमा। मह एक वऩता के साथ ज्मादती होती। जफ उन्हंने देखा कक भ ंजो कुछ कहना चाहता था, कह चुका हूॊ तो िे धीये से फोरे हं

- तुम्हाये साथ फहुत जुल्भ हुआ है फेटे। भुझे नहीॊ भारूभ था कक तुभ अऩने सीने ऩय इतने टदनं से इतना फोझ लरमे लरमे घूभ यहे हो। तुभ अगय भेये ऩास ऩहरे ही आ जाते तो महाॊ तक नौफत ही न आती। इस तयह तो तुम्हायी सेहत खयाफ हो जामेगी। तुभ चचॊता भत कयो। हभं एक भौका औय दो। तुम्हं अफ ककसी बी फात की लशकामत नहीॊ यहेगी। गौयी ने बी कबी जिक्र नहीॊ ककमा औय न ही चभन िगैयह ने ही फतामा कक तुम्हायी क्मा फातं हुई थीॊ। फजल्क हभ तो शॉऩ भं औय हाॊडा िुऩ भं तुम्हायी टदरचस्ऩी देख कय फहुत खुश थे। आज तक ककसी बी दाभाद ने हभाये ऐस्टैजब्रशभंट भं इतनी टदरचस्ऩी नहीॊ री थी। फेहतय मही होगा कक तुभ अफ इस हादसे को बूर जाओ औय हभं एक भौका औय दो। भ ंगौयी को सभझा दूॊगा। तुम्हाये लरए एक अच्छी खफय है कक तुम्हायी शॉऩ के प्रॉकपट बी इस दौयान

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फहुत फढे़े हं। सफ तुम्हायी भेहनत का नतीजा है। तुम्हं इसका ईनाभ लभरना ही चाटहमे। एक काभ कयते हं, गौयी औय तुम्हाये लरए ऩूये मोयोऩ की टट्रऩ एयंज कयते हं। थोड़ा घूभ कपय आओ। थकान बी दयू हो जामेगी औय तुभ दोनं भं ऩैचअऩ बी हो जामेगा। जाओ, एॊजाम कयो औय एक भहीने से ऩहरे अऩनी शक्र हभं भत टदखाना। जाने का साया इॊाॊतजाभ हो जामेगा। गौयी बी खुश हो जामेगी कक तुम्हाये फहाने उसे बी घूभने कपयने का भौका लभर यहा है। जाते जाते िे भेये हाथ भं कपय एक फड़ा सा लरपापा दे गमे हं - अऩने लरए शॉवऩ ॊग कय रेना। उन्हंने भेया कॊ धा दफामा है - देखो इनकाय भत कयना। भुझे खयाफ रगेगा। औय सुनो, मे ऩैसे गौयी को टदमे जाने िारे ऩैसं से अरग हं इसलरए इनके फाये भं गौयी को फताने की जरूयत नहीॊ है। भ ंसभझ यहा हूॊ कक मे रयश्वत है भुझे शाॊत कयने की, रेककन अफ िे खुद ऩैच अऩ का प्रस्ताि रे कय आमे हं तो एक दभ इनकाय कयना बी ठीक नहीॊ है। भुझे हनीभून के फाद आज ऩहरी फाय एक साथ इतने ऩैसे टदमे जा यहे हं। जफ लशलशय को इस फाये भं भनें फतामा तो िह खुशी से उछर ऩड़ा - अफ आमा न उॊ€ट ऩहाड़ के नीचे। मे सफ भेयी ही शयायत का नतीजा है कक तुभने इतना फड़ा हाथ भाया है। अफ फीच फीच भं इस तयह के नाटक कयते यहोगे तो सुखी यहोगे। औय इस तयह भेये साभने मे चुग्गा डार टदमा गमा है। हाराॊकक गौयी ने सौयी कह टदमा है रेककन भरार की फायीक सी येखा बी उसके चेहये ऩय नहीॊ है। जजस तयह की फातं उसने की थीॊ, उससे भेयी भानलसक अशाॊतत इतनी जल्दी दयू नहीॊ होगी। िैसे बी जफ बी भेये साभने ऩड़ती है, भुझे उसके अतीत का बूत सताने रगता है औय भ ंफेचैन होने रगता हूॊ। उसके प्रतत भेये स्नेह की फेरं सूखती चरी जा यही हं। रेककन भेयी मे खुशी बी ककतनी अल्ऩजीिी है। हाॊडा िुऩ से ऩैसे लभरने के अगरे टदन ही नॊद ूका ऩत्र आ गमा है। ऩत्र िाकई ऩयेशानी भं डारने िारा है। उसने लरखा है कक गुड्डी की ससुयार भं उसे दहेज के लरए ऩयेशान ककमा जा यहा है। दायजी उसके ऩास फहुत ऩयेशानी भं गमे थे औय उसे फता यहे थे कक गुड्डी की ससुयार िारं ने न तो उसे इजम्तहान देने टदमे औय न ही िे उसे भामके ही आने देते हं। ऊऩय से दहेज के लरए सता यहे हं कक तुम्हाये रॊदन िारे बाई का क्मा पामदा हुआ। एक राख की भाॊग यखी है उन्हंने। नॊद ूने लरखा है - मे ऩैसे तो भ ंबी दे दूॊ रेककन सॊकट मे है कक उनका भुॊह एक फाय खुर गमा तो िे अक्सय भाॊग कयते यहंगे औय न लभरने ऩय गुड्डी को सतामंगे। फोरो, क्मा करूॊ । हो सके तो पोन कय देना। हभाये दायजी ने तो जैसे ऩूये ऩरयिाय को ही तफाह कयने की कसभ खा यखी है। भुझे फेघय कयके बी उन्हं चैन नहीॊ था, अफ उस भासूभ की जान रे कय ही छोडं़गे। उन्हं राख कहा कक गुड्डी की शादी के भाभरे भं जल्दीफाजी भत कयो रेककन दायजी अगय ककसी की फात भान रं तो कपय फात ही क्मा !! अफ ऩैसे दे बी दं तो इस फात की क्मा गायॊटी कक िे

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रोग अफ गुड्डी को सताना फॊद कय दंगे। अफ तो उनकी तनगाह रॊदन िारे बाई ऩय है। इतनी आसानी से थोडे़ ही छोडं़गे। नॊद ूसे पोन ऩय फात कयके देखता हूॊ। नॊद ूने तसल्री दी है कक िैसे घफयाने की कोई जरूयत नहीॊ है। दायजी ने कुछ ज्मादा ही फढ़ेा- चढ़ेा कय फात कही थी। िैसे िे रोग गुड्डृाú ऩय दफाि फनामे हुए हं कक कुछ तो राओ, रेककन दायजी के ऩास कुछ हो तो दं। भ ंउन्हं फता दूॊगा कक तुझसे फात हो गमी है। तू घफया भत। भ ंसफ सॊबार रूॊगा। नॊद ूने फेशक तसल्री दे दी है रेककन भ ंही जानता हूॊ कक इस िक्त गुड्डी फेचायी ऩय क्मा गुिय यही होगी। उसने तो भुझे ऩत्र लरखना बी फॊद कय टदमा है ताकक उसकी तकरीपं की तत्ती हिा बी भुझ तक न ऩहुॊचे। इस फाये भं लशलशय से फात कयके देखनी चाटहमे, िही कोई याह सुझामेगा। भेया तो टदभाग काभ नहीॊ कय यहा है। लशलशय ने ऩूयी फात सुनी है। उसका कहना है कक िैसे तो महाॊ से इस तयह के नािुक सॊफॊधं का तनिासह कय ऩाना फहुत भुजश्कर है, क्मंकक महाॊ से तुभ कुछ बी कयो, तुम्हाये दायजी साये काभं ऩय ऩानी पेयने के लरए िहाॊ फैठे हुए हं। दसूये, तुम्हं पीडफैक आधा अधूया औय इतनी देय से लभरेगा कक तफ तक िहाॊ कोई औय डेिरेऩभंट हो चुका होगा औय तुम्हं ऩता बी नहीॊ चर ऩामेगा। कपय बी, मह फहन की ससुयार का भाभरा है। िया सॊबर कय काभ कयना होगा औय कपय गुड्डी का बी देखना होगा। उसे बी इस तयह से उन जॊगलरमं के फीच अकेरा बी नहीॊ छोड़ा जा सकता। उसकी सुख शाॊतत भं तुम्हाया बी मोगदान होगा ही। िैसे, थोड़ा इॊतिाय कय रेने भं कोई हिस नहीॊ है। उसी की सराह ऩय भ ंनॊद ूको कपय पोन कयता हूॊ औय फताता हूॊ कक भ ंऩचास हजाय रुऩमे के फयाफय ऩाउॊ ड लबजिा यहा हूॊ। कैश कयाके दायजी तक ऩहुॊचा देना। फस दायजी मे देख रं कक िे रोग मे ऩैसे देख कय फाय फाय भाॊग न कयने रगं औय कहीॊ इसके लरए गुड्डी को सतामं नहीॊ। नॊद ूको मह बी फता टदमा है भनें कक भ ंभहीने बय की टट्रऩ ऩय यहूॊगा। िैसे भ ंउससे काॊटैक्ट कयता यहूॊगा कपय बी कोई अजंट भैसेज हो तो इस नम्फय ऩय लशलशय को टदमा जा सकता है। भुझ तक फात ऩहुॊच जामेगी। नॊद ूको फेशक भनें तसल्री दे दी है रेककन भेये ही भन को तसल्री नहीॊ है, कपय बी िाफ्ट बेज टदमा है। शामद मे ऩैसे ही गुड्डी की जिॊदगी भं कुछ यौनक रा ऩामं। हभायी टट्रऩ अच्छी यही है रेककन भेये टदभाग भं रगाताय गुड्डी ही छामी यही है। इस टट्रऩ भं िैसे तो हभ दोनं की ही रगाताय कोलशश यही कक ऩैच अऩ हो जामे औय हभाये सॊफॊधं भं जो खटास आ गमी है उसे कभ ककमा जा सके। भ ंअऩनी ओय से इस टट्रऩ को दखुद नहीॊ फनाना चाहता। भ ंबयसक नाभसर फना हुआ हूॊ। टदभाग भं हय तयह की ऩयेशातनमाॊ होते हुए बी उसके सुख औय आयाभ का ऩूया ख्मार यख यहा हूॊ। गौयी ने कपय जजद की है कक भ ंबी के्रडडट काडस फनिा रूॊ मा उसी के काडस भं ऐड ऑन रे रूॊ रेककन इस फाय बी भनें भना कय टदमा है।

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हभ रौट आमे हं। हभ दोनं ने हाराॊकक आऩसी सॊफॊध नाभसर फनामे यखे हं रेककन भुझे नहीॊ रगता, जो दयाय हभ दोनं के फीच एक फाय आ चुकी है, उसे कोई बी सीभंट ठीक से जोड़ ऩामेगा। रौटने के फाद बी जस्थततमं भं कोई खास ऩरयितसन नहीॊ हुआ है। लसपस फोरचार हो यही है औय हभ जाटहय तौय ऩय ककसी को बनक नहीॊ रगने देते कक हभभं डडपयंसेस चर यहे हं। जो ऩैसे भुझे टदमे गमे थे, उसभं से जो फचे हं िे भेये ही ऩास हं। िे बी इतने हं कक भेये जैसे कॊ जूस आदभी के लरए तो भहीनं कापी यहंगे। भेयी गैयहाजयी भं लसपस अरका दीदी औय देिेद्र जी का ही ऩत्र आमा हुआ है। एक तयह से तसल्री बी हुई है कक घय से कोई ऩत्र नहीॊ आमा है, इसलरए भ ंभान कय चर यहा हूॊ कक िहाॊ सफ ठीक ही होगा। कपय बी लशलशय से ऩूछ रेता हूॊ कक नॊद ूका कोई पोन िगैयह तो नहीॊ आमा था। िह इनकाय कयता है - नहीॊ, कोई सॊदेश नहीॊ आमा तो सफ ठीक ही होना चाटहमे। िैसे तुभ बी एक फाय नॊद ूको पोन कयके हार चार रे ही रो। भ ंबी मही सोच कय नॊद ू से ही फात कयता हूॊ। िह जो कुछ फताता है िह भुझे ऩयेशान कयने के लरए कापी है। नॊद ूने जफ मे फतामा कक उसे तो आज ही भेया बेजा एक हिाय ऩाउॊ ड का दसूया िाफ्ट बी लभर गमा है तो भ ंहैयान हो गमा हूॊ। िरूय दसूया िाफ्ट लशलशय ने ही बेजा होगा जफकक भुझे भना कय यहा था कक नॊद ूका कोई पोन नहीॊ आमा। भ ंनॊद ूसे ही ऩूछता हूॊ - तूने लशलशय को पोन ककमा था क्मा ? फताता है िह - हाॊ, ककमा तो था रेककन ऩैसं के राए नहीॊ फजल्क मह फताने के लरए कक तुझ तक मह सॊदेश ऩहुॊचा दे कक िाफ्ट लभर गमा है औय कक गुड्डी की ऩयेशानी भं कोई कभी नहीॊ आमी है। फेशक िह ससुयार की कोई लशकामत नहीॊ कयती औय उनके सॊदेशे हभ तक ऩहुॊचाती बी नहीॊ, रेककन कुर लभरा कय िह तकरीप भं है। फता यहा है कक दायजी आमे थे औय यो यहे थे कक ककन बुक्खे रोगं के घय अऩनी रड़की दे दी है। फेचायी को घय बी नहीॊ आने देते। िही फता यहे थे ककसी तयह ऩचास हिाय का इॊतिाभ हो जाता तो उनका भुॊह फॊद कय देते। फहुत सोचने विचायने के फाद भनें तेये बेजे िाफ्ट भं से दायजी को ऩचास हिाय रुऩमे टदमे थे ताकक उनका भुॊह फॊद कय सकं। भनें तो खारी लशलशय को मही कहा था कक तुझे खफय कय दे कक ऩैसं को रे कय ऩयेशान होने की जरूयत नहीॊ है। ऩूछता हूॊ भ ं- औय ऩैसे बेजूॊ क्मा?

- नहीॊ िरूयत नहीॊ है। मे दो हिाय ऩाउॊ ड बी तो एक राख रुऩमे से ऊऩय ही होते हं। तू कपकय भत कय.. भ ंहूॊ न....। भ ंदोहयी चचॊता भं ऩड़ गमा हूॊ। उधय गुड्डी की ऩयेशानी औय इधय अऩने आऩ आगे फढ़े कय लशलशय ने इतनी फड़ी यकभ बेज दी है। ऩचास हजाय की यकभ कोई भाभूरी यकभ नहीॊ होती औय जफ भनें ऩूछा तो साप भुकय गमा कक कोई पोन ही नहीॊ आमा था। उससे इन ऩैसं के फाये भं कुछ कह कय उसे छोटा फना सकता हूॊ औय न ही चुऩ ही यह सकता हूॊ। उसने इधय

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उधय से इॊतिाभ ककमा होगा। शामद अऩने घय बेजे जाने िारे ऩैसं भं ही कुछ कभी कटौती की हो उसने। उधय नॊद ूअऩने आऩ भेयी जगह भेये घय की सायी जजम्भेिायी उठा यहा है औय बफना एक बी शब्द फोरे दायजी को ऩचास हजाय थभा आता है कक उनकी रड़की को ससुयार भं कोई ऩयेशानी न हो। मे िही दायजी है जजन्हंने गुड्डी की लसपारयश राने ऩय उससे कह टदमा था कक मे हभाया घयेरू भाभरा है, औय भ ंमहाॊ अऩने घय से सात सभॊदय ऩाय सायी जजम्भेिारयमं से भुक्त फैठा हुआ हूॊ। उनके लरए न कुछ कय ऩा यहा हूॊ औय न उनके सुख दखु भं शालभर हो ऩा यहा हूॊ। दायजी, नॊद,ू गुड्डी औय अरका दीदी को रम्फे रम्फे ऩत्र लरखता हूॊ। भन ऩय इतना फोझ है कक जीने ही नहीॊ दे यहा है। गौयी अऩनी दतुनमा भं भस्त है औय भै अऩने सॊसाय भं। द बफजी कानसय ठीक ठाक चर यहा है औय अफ उसभं ऐसा कुछ बी नहीॊ फचा जजसे चैरंज की तयह लरमा जा सके। सफ कुछ रूटीन हो चरा है। अफ तो टदर कयता है, महाॊ से बी बाग जाऊॊ । कहीॊ बी दयू चरा जाऊॊ । जहाॊ कुछ कयने के लरए नमा हो, कुछ चुनौतीऩूणस हो औय जजसे कयने भं भिा आमे। अरफत्ता कम्प्मूटय से ही नाता फना हुआ है औय भ ंकुछ न कुछ नमा कयता यहता हूॊ। लशलशय के लरए तो ऩैकेज फना कय टदमे ही हं, सुशाॊत की फुक शॉप्स के लरए बी प्रोिालभ ॊग कयके कुछ नमे ऩैकेज फना टदमे हं जजससे उसका काभ आसान हो गमा है। अफ िह बी लशलशय की तयह भेये कापी निदीक आ गमा है औय हभ सुख दखु की फातं कयने रगे हं। नॊद ूका पोन आमा है। उसने जो खफय सुनाई है उससे भ ंएकदभ अिाक् यह गमा हूॊ। नॊद ूने मह क्मा फता टदमा है भुझे! गुड्डी की भौत की खफय सुनने से ऩहरे भ ंभय क्मं नहीॊ गमा! भनें उससे दो तीन फाय ऩूछा - क्मा िह गुड्डी की ही फात कय यहा है ना ? तो नॊद ूने जिाफ टदमा है - हाॊ, दीऩ, भ ंअबागा नॊद ूतुझे गुड्डी की ही भौत की खफय दे यहा हूॊ। उन रुटेयं ने हभायी प्मायी फहन को हभसे छीन लरमा है। उसे दहेज का दानि खा गमा औय हभ कुछ बी नहीॊ कय सके। मह सभाचाय देते सभम नॊद ूिाय िाय यो यहा था। भ ंहक्का फक्का फैठा यह गमा हूॊ। मह क्मा हो गमा भेयी फेफे !! भेये दायजी !! आऩने तो उसके लरए यजेमा कजेमा घय देखा था औय मे क्मा हो गमा। इतना दहेज देने के फाद बी स्टोि उसी के लरए क्मं पटा ओ भेये यब्फा !! लरखा बी तो था गुड्डी ने कक अगय ऩैसं का इॊतजाभ न हो ऩामा तो स्टोि तो उसी के लरए पटेगा। दायजी ने तो ठोक फजा कय दाभाद खोजा था, िह कसाई कैसे तनकर गमा। गुड्डी के फाये भं सोच सोच कय टदभाग की नस ंपटने रगी हं। नॊद ूफताते सभम टहचककमाॊ रे रे कय यो यहा था - भुझे भाप कय देना दीऩ, भ ंतेयी फहन को उन याऺसं के हाथ से नहीॊ फचा ऩामा भेये दोस्त, फेशक गुड्डी की ससुयार िारं को ऩुलरस ने ऩकड़ लरमा है रेककन उनकी चगयफ्तायी से गुड्डी तो िावऩस नहीॊ आ जामेगी। तू धीयज धय। नॊद ूभेये माय, भ ंतुझे तो भाप कय दूॊ, रेककन भुझे कौन भाप कयेगा। तू भेयी जगह भेये घय की सायी जजम्भेिारयमाॊ तनबाता यहा औय भ ं लसपस अऩने स्िाथस की खाततय महाॊ ऩयदेस भ ं

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फैठा अऩने घय के ही सऩने देखता यहा। न भ ंअऩना घय फना ऩामा, न गुड्डी का घय फसता देख ऩामा। अफ तो िही नहीॊ यही, भ ंभापी बी ककससे भाॊगूॊ। िह ककतना कहती थी कक भ ंआगे ऩढ़ेना चाहती हूॊ, कुछ फन के टदखाना चाहती हूॊ, औय लभरा क्मा उस फेचायी को!! आखखय दायजी की जजद ने उस भासूभ की जान रे ही री। भेया जाना तो नहीॊ हो ऩामेगा। जा कय होगा बी क्मा। भ ंककस की सुनूॊगा औय ककसको जिाफ दूॊगा। दोनं ही काभ भुझसे नहीॊ हो ऩामंगे। दायजी, फेफे, नॊद ूऔय अरका दीदी को बी रम्फे ऩत्र लरखता हूॊ ताकक सीने ऩय जभी मह लशरा कुछ तो खखसके। गौयी बी इस खफय से बंचकी यह गमी है। उसे विश्वास ही नहीॊ हो यहा है कक भात्र एक दो राख रुऩमे के दहेज के लरए ककसी जीते जाने इॊसान को मूॊ जरामा बी जा सकता है। फताता हूॊ उसे - गुड्डी फेचायी दहेज की आग भं जरने िारी अकेरी रड़की नहीॊ है। िहाॊ तो घय-घय भं मह आग सुरगती यहती है औय हय टदन िहाॊ दहेज कभ राने िारी मा न राने िारी भासूभ रड़ककमं को मूॊ ही जरामा जाता है। ऩूछ यही है िह - इॊडडमा भं हिस औय रारच इतने ज्मादा फढ़े गमे हं औय आऩका कानून कुछ नहीॊ कयता?

- अफ कैसा कानून औय ककसका कानून, भ ंउसे बये भन से फताता हूॊ - जहाॊ देश का याजकाज चराने िारे आइएएस अचधकायी का दहेज के भाकेट भं सफसे ज्मादा येट चरता हो, िहाॊ का कानून ककतना रचय होगा, तुभ कल्ऩना कय सकती हो। फेशक गौयी ने गुड्डी की लसपस तस्िीय ही देखी है कपय बी िह डडस्टफस हो गमी है। दखु की इस घड़ी भं िह भेया ऩूया साथ दे यही है। लशलशय बी इस हादसे से सन्न यह गमा है। िह फयाफय भेये साथ ही फना हुआ है। उसी ने सफसे ऩहरे हभायी सस्जायार भं खफय दी थी। भेये ससुय औय दसूये कई रोग तुॊत अपसोस कयने आमे थे। हाॊडा साहफ ने ऩूछा बी था - अगय जाना चाहो इॊडडमा, तो इॊतिाभ कय देते हं, रेककन भनें ही भना कय टदमा था। अफ जा कय बी क्मा करूॊ गा। गौयी औय लशलशय के रगाताय भेये साथ फने यहने औय भेया हौसरा फढ़ेामे यखने के फािजूद भ ंखुद को एकदभ अकेरा भहसूस कय यहा हूॊ। अफ तो स्टोसस भं जाने की बी इच्छा नहीॊ होती। थोड़ी देय के लरए चरा जाता हूॊ। साया टदन गुड्डी के लरए भेया टदर योता यहता है। कबी ककसी के लरए इतना अपसोस नहीॊ भनामा। अऩने दखु ककसी के साभने आने नहीॊ टदमे रेककन गुड्डी का मूॊ चरे जाना भुझे फुयी तयह तोड़ गमा है, फाय फाय उसका आॊखं फड़ी फड़ी कयके भेयी फात सुनना, िीयजी मे औय िीयजी िो कहना, फाय फाय माद आते हं। ककतने कभ सभम के लरए लभरी थी औय ककतना कुछ दे गमी थी भुझे औय ककतनी जल्दी भुझे छोड़ कय चरी बी गमी। जफ से गुड्डी का मह दखुद सभाचाय लभरा है, भ ंभहसूस कय यहा हूॊ कक भेया लसय कपय से ददस कयने रगा है। मे ददस बी िैसा ही है जैसा फचऩन भं हुआ कयता था। भ ंइसे िहभ भान कय बूर जाना चाहता हूॊ रेककन लसय ददस है कक टदन प्रततटदन फढ़ेता ही जा यहा है। ऩता

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नहीॊ, उस ददस के अॊश फाकी कैसे यह गमे हं। हाराॊकक इराज तो तफ बी नहीॊ हुआ था रेककन ददस तो ठीक हो ही गमा था। गौयी को भ ंफता बी नहीॊ सकता, भेया क्मा तछन गमा है। अस्ऩतार भं दस टदन काटने के फाद आज ही घय िावऩस आमा हूॊ। इनभं से तीन टदन तो आइसीमू भं ही यहा। फाद भं ऩचास तयह के टेस्ट चरते यहे औय फीलसमं तयह की रयऩोटं तैमाय की गमीॊ, तनष्कषस तनकारे गमे रेककन नतीजा िीयो यहा। डॉक्टय भेये लसय ददस का कायण तराशने भं असभथस यहे औय भ ंजजस ददस के साथ आधी यात को अस्ऩतार रे जामा गमा था उसी ददस के साथ दस टदन फाद रौट आमा हूॊ। गौयी फता यही थी, एक यात भ ंलसय ददस से फुयी तयह से छटऩटाने रगा था। िह भेयी हारत देख कय एकदभ घफया गमी थी। उसने तुॊत डॉक्टय को पोन ककमा था। उसने भुझे कबी एक टदन के लरए बी फीभाय ऩड़ते नहीॊ देखा था औय उसे भेयी इस मा ककसी बी फीभायी के फाये भं कुछ बी ऩता नहीॊ था इसलरए िह डॉक्टय को इस फाये भं कुछ बी नहीॊ फता ऩामी थी। डॉक्टय ने फेशक ददस दयू कयने का इॊजेक्शन दे टदमा था रेककन जफ िह कुछ बी डामग्नोस नहीॊ कय ऩामा तो उसने अस्ऩतार रे जाने की सराह दी थी। गौयी ने तफ अऩने घय ऩाऩा िगैयह को पोन ककमा औय भेयी हारत के फाये भं फतामा था। सबी रऩके हुए आमे थे औय इस तयह भ ंअस्ऩतार भं ऩहुॊचा टदमा गमा था। अफ बफस्तय ऩय रेटे हुए औय इस सभम बी ददस से कयाहते हुए भुझे हॎसी आ यही है - क्मा ऩता चरा होगा डॉक्टयं को भेये ददस के फाये भं। कोई शायीरयक ििह हो बी तो िे ऩता रगा सकते। रयऩोटं इस फाये भं बफरकुर भौन हं। इस फीच कई फाय ऩूछ चुकी है गौयी - अचानक मे तुम्हं क्मा हो गमा था दीऩ ? क्मा ऩहरे बी कबी.. .. ..? - नहीॊ गौयी, ऐसा तो कबी नहीॊ हुआ था। तुभने तो देखा ही है कक भुझे कबी जुकाभ बी नहीॊ होता। भ ंउसे आश्वस्त कयता हूॊ। फचऩन के फाये भं भ ंथोड़ा-सा झूठ फोर गमा हूॊ। िैसे बी िह भेये केसं के भाभरे औय ददस के सॊफॊध औय अफ गुड्डी की भौत के लर ॊक तो क्मा ही जोड़ ऩामेगी। कुछ फताऊॊ बी तो ऩूयी फात फतानी ऩडे़गी औय िह दस तयह के सिार ऩूछेगी। मही सिार उसके घय के सबी रोग अरग-अरग तयीके मे ऩूछ चुके हं। भेया जिाफ सफके लरए िही यहा है। लशलशय बी ऩूछ यहा था। भ ंक्मा जिाफ देता। भुझे ऩता होता तो क्मा ससुयार के इतने अहसान रेता कक इतना भहॊगा इराज कयाता!! िैसे दिाएॊ अबी बी खा यहा हूॊ औय डॉक्टय के फतामे अनुसाय कम्ऩरीट येस्ट बी कय ही यहा हूॊ, रेककन साया टदन बफस्तय ऩय रेटे-रेटे यह-यह के गुड्डी की मादं ऩयेशान कयने रगती हं। आखखय उस भासूभ का कुसूय क्मा था। जो दहेज हभने गुड्डी को देना था मा टदमा था िो हभायी जजम्भेिायी थी। हभ ऩूयी कय ही यहे थे। जिॊदगी बय कयते ही यहते। साया टदन बफस्तय ऩय रेटा यहता हूॊ औय ऐसे ही उरटे-सीधे ख्मार आते यहते हं। अऩनी माद भं मह ऩहरी फाय हो यहा है कक भ ंफीभाय होने की ििह से इतने टदनं से बफस्तय ऩय

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रेटा हूॊ औय कोई काभ नहीॊ कय यहा हूॊ। फीच-फीच भं सफके पोन बी आते यहते हं। गौयी टदन भं कई फाय पोन कय रेती है। रेटे रेटे सॊगीत सुनता यहता हूॊ। इधय शास्त्राúम सॊगीत की तयप रुझान शरुू हुआ है। गौयी ने एक नमा डडस्कभैन टदमा है औय लशलशय इॊडडमन क्रालसकर सॊगीत की कई सीडी दे गमा है। लशल्ऩा बी कुछ ककताफं छोड़ गमी थी। औय बी सफ कुछ न कुछ दे गमे हं ताकक भ ंरेटे रेटे फोय न होऊॊ । रगबग छ् भहीने हो गमे हं लसयददस को झेरते हुए। इस फीच ज्मादातय अयसा आयाभ ही कयता यहा मा तयह तयह के टैस्ट ही कयाता यहा। नतीजा तो क्मा ही तनकरना था। िैसे लसयददस के साथ भ ंअफ स्टोसस भं ऩूया ऩूया टदन बी बफताने रगा हूॊ रेककन भ ंही जानता हूॊ कक भ ं ककतनी तकरीप से गुिय यहा हूॊ। फचऩन भं बी तो ऐसे ही ददस होता था औय भ ंककसी से बी कुछ नहीॊ कह ऩाता था। साया साया टदन ददस से छटऩटाता यहता था जैसे कोई लसय भं तेज छुरयमाॊ चरा यहा हो। तफ तो के स कटिा कय ददस से भुडक्त ऩा री थी रेककन अफ तो केस बी नहीॊ हं। सभझ भं नहीॊ आता, अफ इससे कैसे भुडक्त लभरेगी। महाॊ के अॊिेि डॉक्टयं को भनें जानफूझ कय फचऩन के लसय ददस औय उसके दयू होने के उऩाम के फाये भं नहीॊ फतामा है। भ ंजानता हूॊ मे अॊिेज तो भेये इस अनोखे ददस औय उसके औय बी अनोखे इराज के फाये भं सुन कय तो भेया भिाक उड़ामंगे ही, गौयी औय उसके घय िारं की तनगाह भं बी भ ंदककमानूसी औय अॊधविश्वासी ही कहराऊॊ गा। भ ंऐसे ही बरा। फेचायी फेफे बी नहीॊ है जो भेये लसय भं गभस तेर चुऩड़ दे औय अऩनी हथेलरमं से भेये लसय भं थऩककमाॊ दे कय सुरा ही दे। अबी सो ही यहा हूॊ कक पोन की घॊटी से नीॊद उचटी है। घड़ी देखता हूॊ, अबी सुफह के छ् ही फजे हं। गौयी फाथरूभ भं है। भुझे ही उठाना ऩडे़गा।

- हैरो, - नभस्ते दीऩ जी, सो यहे थे क्मा?

एकदभ ऩरयचचत सी आिाज, कपय बी रोकेट नहीॊ कय ऩा यहा हूॊ, कौन हं जो इतनी फेतकल्रुपी से फात कय यही हं।

- नभस्ते, भ ंठीक हूॊ रेककन भाप कीजजमे भ ंऩहचान नहीॊ ऩा यहा हूॊ आऩकी आिाज....

- कोलशश कीजजमे! - ऩहरे हभायी पोन ऩय फात हुई है क्मा? - हुई तो नहीॊ है। - भुराकात हुई है क्मा? - दो तीन फाय तो हुई ही है। - आऩ ही फता दीजजमे, भ ंऩहचान नहीॊ ऩय यहा हूॊ। - भ ंभारविका हूॊ। भारविका ओफेयाम।

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- ओ हो भारविका जी। नभस्ते. आमभ सौयी, भ ंसचभुच ही ऩहचान नहीॊ ऩा यहा था, गौयी अकसय आऩका जिक्र कयती यहती है। कई फाय सोचा बी कक आऩकी तयप आमं। इतने अयसे फाद बी उसका टदऩटदऩाता सौन्दमस भेयी आॊाॊखं के आगे खझरलभराने रगा है।

- रेककन भ ंशतस रगा कय कह सकती हूॊ कक आऩको हभायी कबी माद नहीॊ आमी होगी। शक्र तो भेयी क्मा ही माद होगी।

- नहीॊ, ऐसी फात तो नहीॊ है। दयअसर भुझे आऩकी शक्र फहुत अच्छी तयह से माद है, फस उस तयप आना ही नहीॊ हो ऩामा। कपरहार कटहमे कैसे माद ककमा..कैसे कहूॊ कक जो उन्हं एक फाय देख रे, जिदॊगी बय नहीॊ बूर सकता।

- आऩका लसयददस कैसा है अफ? - अये, आऩको तो सायी खफयं लभरती यहती हं। - कभ से कभ आऩकी खफय तो है भुझे, भ ंआ नहीॊ ऩामी रेककन भुझे ऩता चरा,

आऩ खासे ऩयेशान हं आजकर इस ददस की ििह से। - हाॊ हूॊ तो सही, सभझ भं नहीॊ आ यहा, क्मा हो गमा है भुझे। - गौयी से इतना बी न हुआ कक तुम्हं भेये ऩास ही रे आती। अगय आऩको

मोगाभ्मास भं विश्वास हो तो आऩ हभाये महाॊ क्मं नहीॊ आते एक फाय। िैसे तो आऩको आयाभ आ जाना चाटहमे, अगय न बी आमे तो बी कुछ ऐसी मौचगक कक्रमाएॊ आऩको फता दूॊगी कक फेहतय भहसूस कयंगे। मोगाभ्मास के अरािा एक्मूपे्रशय है, नेचूयोऩैथी है औय दसूयी बायतीम ऩद्धततमाॊ हं। जजसे बी आजभाना चाहं।

- िरूय आउॊ€गा भ।ं िैसे बी ऩचास तयह के टेस्ट कयाके औय मे दिाएॊ खा खा कय दखुी हो गमा हूॊ।

- अच्छा एक काभ कीजजमे, भ ंगौयी से खुद ही फात कय रेती हूॊ, आऩको इस सॊडे रेती आमेगी। गौयी से फात कयामंगे क्मा?

- गौयी अबी फाथरूभ भं है औय अबी थोड़ी देय ऩहरे ही गमी है। उसे कभ से कभ आधा घॊटा औय रगेगा।

- खैय उसे फता दीजजमे कक भनें पोन ककमा था। चरो इस फहाने आऩ से बी फात हो गमी। आऩका इॊतिाय यहेगा।

- जरूय आमंगे। गौयी के साथ ही आऊॊ गा। - ओके , थकं्स।

भारविका से भुराकात अफ माद आ यही है। गौयी के साथ ही गमा था उनके सेन्टय भं। नाथस िेम्फरे की तयफ़ था कहीॊ। गौयी के साथ एक - आध फाय ही िहाॊ जा ऩामा था। जफ हभ िहाॊ ऩहरी फाय गमे थे तफ भारविका एक रूि सा टै्रक सूट ऩहने अऩने स्टूडंट्स को रैसन दे यही थी। उन्हं देखते ही भेयी आॊखं चुॊचधमाॊ गमी थीॊ। भ ंजिॊदगी भं ऩहरी फाय इतना साया संदमस एक साथ देख यहा था। बयी बयी आॊखं, रम्फी रहयाती केशयालश। भ ंसॊकोचिश उनकी तयप देख बी नहीॊ ऩा यहा था। िे फेहद खूफसूयत थीॊ औय उन्हं कहीॊ बी, कबी बी इग्नोय नहीॊ ककमा

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जा सकता था। भ ं हैयान बी हुआ था कक रयसेप्शन भं भ ंउनकी तयप ध्मान कैसे नहीॊ दे ऩामा था। गौयी ने उफाया था भुझे - कहाॊ खो गमे दीऩ, भारविका कफ से आऩको हैरो कय यही है। भ ंझंऩ गमा था। हभने भारविका से एऩाइॊटभंट रे लरमा है औय आज उनसे लभरने जा यहे हं। जफ भनें गौयी को भारविका का भैसेज टदमा तो िह अपसोस कयने रगी थी - भ ंबी कैसी ऩागर हूॊ। तुभ इतने टदन से इस लसयददस से ऩयेशान हो औय हभने हय तयह का इराज कयके बी देख लरमा रेककन भुझे एक फाय बी नहीॊ सूझा कक भारविका के ऩास ही चरे चरते। आइ कैन फैट, अफ तक तुभ ठीक बी हो चुके होते। ऐनी आउ, अबी बी देय नहीॊ हुई है। भारविका जी हभाया ही इॊतिाय कय यही हं। उन्हंने उठ कय हभ दोनं का स्िागत ककमा है। दोनं से गभसजोशी से हाथ लभरामा है औय गौयी से नायािगी जतरामी है - मे क्मा है गौयी, आज ककतने टदनं फाद दशसन दे यही हो। तुभसे इतना बी न हुआ कक दीऩ जी को एक फाय भेये ऩास बी रा कय टदखरा देती। ऐसा कौन-सा योग है जजसका इराज मोगाभ्मास न से ककमा जा सकता हो। अगय भुझे लशलशय जी ने न फतामा होता तो भुझे तो कबी ऩता ही न चरता। िे भेयी तयप देख कय भुस्कुयामी हं। गौयी ने हाय भान री है - क्मा फताऊॊ भारविका, इनकी मे हारत देख-देख कय भ ंऩयेशान थी कक हभ ढॊग से इनके भाभूरी लसयददस का इराज बी नहीॊ कयिा ऩा यहे हं। रेककन बफरीि भी, भुझे एक फाय बी नहीॊ सूझा कक इन्हं तुम्हाये ऩास ही रे आती।

- कैसे राती, जफ कक तुभ खुद ही सार बय से इस तयप नहीॊ आमी हो। अऩनी चफॉ का हार देख यही हो, कैसे रेमय ऩय रेमय चढ़ेी जा यही है। खैय, आइमे दीऩ जी, हभायी मे नोक झंक तो चरती ही यहेगी। ऩहरे आऩ ही को एनयोर कय लरमा जामे। िैसे तो आऩको शादी के तुॊत फाद मे महाॊ आऩा श्जारू कयदेना चाटहमे था। भ ं देख यहा हूॊ भारविका जी अबी बी उतनी ही स्भाटस औय सुॊदय निय आ यही हं। स्ऩॉटरैस ब्मूटी। भानना ऩडे़गा कक मोगाभ्मास का सफसे ज्मादा पामदा उन्हीॊ को हुआ है। उन्हंने भुझे एक पाभस टदमा है बयने के लरए - जफ तक कॉपी आमे, आऩ मह पाभस बय दीजजमे। हभाये सबी क्रामॊट्स के लरए िरूयी होता है मह पाभस। िे हॉसी हं - इससे हभ कई उरटे-सीधे सिार ऩूछने से फच जाते हं। इस फीच भ ंआऩकी सायी भेडडकर रयऩोट्सस देख रेती हूॊ। भ ंपाभस बय यहा हूॊ। व्मडक्तगत फामोडाटा के अरािा इसभं फीभारयमं, एरजॉ, ईटटॊग हैबफट्स िगैयह के फाये भं ढेय साये सिार हं। जजन सिारं के जिाफ हाॊ मा ना भं देने हं, िे तो भनें आसानी से बय टदमे हं रेककन फीभायी के कॉरभ भं भ ंलसय ददस लरख कय ठहय गमा हूॊ। इसके अगरे ही कारभ भं फीभायी की टहस्ट्री ऩूछी गमी है। सभझ भं नहीॊ आ यहा, महाॊ ऩय क्मा लरखूॊ भ ं? क्मा फचऩन िारे लसयददस का जजक्र करूॊ महाॊ ऩय। भनें इस कारभ भं लरख टदमा है - फचऩन भं फहुत ददस होता था रेककन केस कटाने के फाद बफरकुर ठीक हो गमा था। नीचे एक रयभाकस भं मह बी लरख टदमा है कक इस फाये भं

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फाकी डडटेल्स आभने साभने फात दूॊगा। पाभस ऩूया बय कय भनें उसे भारविका जी को थभा टदमा है। इस फीच कॉपी आ गमी है। कॉपी ऩीते-ऩीते िे भेया बया पाभस सयसयी तनगाह से देख यही हं। कॉपी खत्भ कयके उन्हंने गौयी से कहा है - अफ तुम्हायी ड्मूटी खत्भ गौयी। तुभ जाओ। अफ फाकी काभ भेया है। इन्हं महाॊ देय रगेगी। भ ंफाद भं तुभसे पोन ऩय फात कय रूॊगी। चाहो तो थोड़ी देय कुछ मोगासन ही कय रो। गौयी ने इनकाय कय टदमा है औय जाते-जाते हॉसते हुए कह गमी है - अऩना ख्मार यखना दीऩ, भारविका इज िेयी जस्ट्रक्ट मोगा टीचय। एक फाय इनके हत्थे चढ़े गमे तो जिॊदगी बय के लरए ककसी भुजश्कर आसन भं तुम्हायी गदसन पॊ सा देगी। भारविका जी ने नहरे ऩय दहरा भाया है - शामद इसीलरए तुभ भहीनं तक अऩना चेहया नहीॊ टदखातीॊ। गौयी के जाने के फाद भारविका जी इजत्भनान के साथ भेये साभने फैठ गमी हं। भ ंउनकी आॊखं का तेज सहन कयने भं अऩने आऩको असभथस ऩा यहा हूॊ। भ ं फहुत कभ ऐसी रड़ककमं के सम्ऩकस भं आमा हूॊ जो सीधे आॊखं लभरा कय फात कयं। िे भेये साभने तन कय फैठी है। ऩूछ यही हं भुझसे - देखखमे दीऩ जी, नैचुयोऩैथी िगैयह भं इराज कयने का हभाया तयीका थोड़ा अरग होता है। जफ तक हभं योग के कायण, उसकी भीमाद, उसके रऺण िगैयह के फाये भं ऩूयी जानकायी न लभर जामे, हभ इराज नहीॊ कय सकते। इसके अरािा योगी का टेम्ऩयाभंट, उसकी भनजस्थतत, योग औय उसके इराज के प्रतत उसके दृवष्टकोण के फाये भं बी जानना हभाये लरए औय योगी के लरए बी पामदेभॊद होता है। तो जनाफ, अफ भाभरा मह फनता है कक आऩने पाभस भं फचऩन भं होने िारे ददस का जजक्र ककमा है औय मे केस कटाने िारा भाभरा। आऩ उसके फाये भं तो फतामंगे ही, आऩ मह सभझ रीजजमे कक आऩ भारविका के साभने अऩने-आऩको ऩूयी तयह खोर कय यख दंगे। मह आऩ ही के टहत भं होगा। आऩ तनश ्ॊजाचत यहं। आऩ का कहा गमा एक-एक शब्द लसपस भुझ तक यहेगा औय उसे भ ंलसपस आऩकी फेहतयी के लरए ही इस्तेभार करूॊ गी। भ ंभॊत्रभुग्ध सा उनके चेहये ऩय आॊखं गड़ामे उनका कहा गमा एक एक शब्द सुन यहा हूॊ। िे धायाप्रिाह फोरे जा यही हं। उनके फोरने भं बी साभने िारे को भॊत्र भुग्ध कयने का ताकत है। भ ंहैयान हूॊ, महाॊ रॊदन भं बी इतनी अच्छी टहन्दी फोरने िारे रोग यहते हं। िे कह यही हं - दीऩ जी, अफ आऩ बफरकुर न्सॊकोच अऩने फाये भं जजतना कुछ अबी फताना चाहं, फतामं। अगय अबी भन न हो, ऩहरी ही भुराकात भं भेये साभने इस तयह से खुर कय फात कयने का, तो कर, मा ककसी औय टदन के लरए यख रेते है। महाॊ इस भाहौर भं फात न कयना चाहं तो फाहय चरते हं। रेककन एक फात आऩ जान रं, आऩ के बरे के लरए ही कह यही हूॊ आऩ भुझ से कुछ बी छुऩामंगे नहीॊ । तो ठीक है ?

- ठीक है।

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भ ंसभझ यहा हूॊ, इन अनुबिी औय अऩनत्ि से बयी आॊखं के आगे न तो कुछ छुऩामा जा सकेगा औय न ही झूठ ही फोरा जा सकेगा।

- गुड। उन्हंने भेयी तयप हाथ फढ़ेामा है। - सभझ नहीॊ ऩा यहा हूॊ भारविका जी कक भ ंअऩनी फात ककस तयह से शरुू करूॊ ।

दयअसर.... - ठहरयमे, हभ दसूये कभये भं चरते हं। िहीॊ आयाभ से फैठ कय फात कयंगे। जूस, फीमय िगैयह हं िहाॊ कफ्रैज भं। ककसी ककस्भ के तकल्रुप की िरूयत नहीॊ है।

हभ दसूये कभये भं आ गमे हं औय आयाभदामक सोपं ऩय फैठ गमे हं। उन्हंने भुझे फोरने के लरए इशाया ककमा है। भ ंधीये-धीये फोरना श्जारू कयता हूॊ - इस ददस की बी फहुत रम्फी कहानी है भारविका जी। सभझ भं नहीॊ आ यहा, कहाॊ से शरुू करूॊ । दयअसर आजतक भनें ककसी को बी अऩने फाये भं साये सच नहीॊ फतामे हं। ककसी को एक सच फतामा तो ककसी दसूये को उसी सच का दसूया लसक्का टदखामा। भ ंहभेशा दसूयं की नियं भं फेचाया फनने से फचता यहा। भुझे कोई तयस खाती तनगाहं से देखे, भुझे बफरकुर बी ऩसॊद नहीॊ है रेककन आऩने भुझे जजस सॊकट भं डार टदमा है, ऩूयी फात फतामे बफना नहीॊ चरेगा। दयअसर भोना लसख हूॊ। सायी सभस्मा की जड़ ही भेया लसख होना है। आऩको मह जान कय ताज्जुफ होगा कक भनें लसपस चौदह सार की उम्र भं घय छोड़ टदमा था औय आइआइटी, कानऩुय से एभटैक औय कपय अभेरयका से ऩीएच डी तक ऩढ़ेाई भनें खुद के, अऩने फरफूते ऩय की है। िैसे घय भनें दो फाय छोड़ा है। चौदह सार की उम्र भं बी औय अट्ठाइस सार की उम्र भं बी। ऩहरी फाय घय छोड़ने की कहानी बी फहुत अजीफ है। विश्वास ही नहीॊ कयंगी आऩ कक इतनी-सी फात को रेकय बी घय छोड़ना ऩड़ सकता है। हाराॊकक घय ऩय भेये वऩताजी, भाॊ औय दो छोटे बाई हं औय एक छोटी फहन थी। दतुनमा की सफसे खूफसूयत औय सभझदाय फहन गुड्डी जो कुछ अयसा ऩहरे दहेज की फलर चढ़े गमी। इस सदभे से भ ंअफ तक उफय नहीॊ सका हूॊ। भुझे रगता है, दोफाया लसयददस उखड़ने की ििह बी मही सदभा है। अऩनी फहन के लरए सफ कुछ कयने के फाद बी भ ंउसके लरए खुलशमाॊ न खयीद सका। राखं रुऩमे के दहेज के फाद बी उसकी ससुयार िारं की नीमत नहीॊ बयी थी औय उन्हंने उस भासूभ की जान रे री। उस फेचायी की कोई तस्िीय बी नहीॊ है भेये ऩास। फहुत ब्राइट रड़की थी औय फेहद खूफसूयत कविताएॊ लरखती थी। गुड्डी के जजक्र से भेयी आॊखं भं ऩानी आ गमा है। गरा रुॊ ध गमा है औय भ ंआगे कुछ फोर ही नहीॊ ऩा यहा हूॊ। भारविका जी ने भेये हाथ ऩय अऩना हाथ यख टदमा है। भुझे थोड़ा िक्त रगता है अऩने आऩको सॊबारने भं। भारविका जी की तयफ़ देखता हूॊ। िे आॊखं ही आॊखं भं भेया हौसरा फढ़ेाती हं। भ ंफात आगे फढ़ेाता हूॊ -हाॊ, तो भ ंअऩने फचऩन की फातं फता यहा था। भेये वऩता जी कायऩंटय थे औय घय ऩय यह कय ही काभ कयते थे। हभ रोगं का एक फहुत ऩुयाना, फड़ा सा घय था। हभाये वऩता जी फहुत गुस्से िारे आदभी थे औय गुस्सा आने ऩय ककसी को बी नहीॊ फख्शते थे। आज बी अगय भ ं चगनूॊ तो ऩहरी फाय घय छोड़ने तक, मानी तेयह-चौदह सार की उम्र तक भ ंजजतनी भाय उनसे खा चुका था

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उसके फीलसमं तनशान भ ंआऩको अबी बी चगन कय टदखा सकता हूॊ। तन ऩय बी औय भन ऩय बी। गुस्से भं िे अऩनी जगह ऩय फैठे फैठे, जो बी औजाय हाथ भं हो, िही दे भायते थे। उनके भायने की िजहं फहुत ही भाभूरी होती थीॊ। फेशक आखयी फाय बी भ ंघय से वऩट कय ही योता हुआ तनकरा था औय उसके फाद ऩूये चौदह फयस फाद ही घय रौटा था। एक फाय कपय घय छोड़ने के लरए। उसकी कहानी अरग है। मह कहते हुए भेया गरा बय आमा है औय आॊखं कपय डफडफा आमी हं। कुछ रुक कय भनें आगे कहना श्जारू ककमा है :

- फचऩन भं भेये केश फहुत रम्फे, बायी औय चभकीरे थे। सफकी तनगाह भं मे केश जजतने शानदाय थे, भेये लरए उतनी ही भुसीफत का कायण फने। फचऩन भं भेया लसय फहुत दखुता था। हय िक्त जैसे लसय भं हथौडे़ फजते यहते। एक ऩर के लरए बी चैन न लभरता। भ ंसाया-साया टदन इसी लसय ददस की िजह से योता। न ऩढ़े ऩाता, न खेर ही ऩाता। टदर कयता, लसय को दीिाय से, पशस से तफ तक टकयाता यहूॊ, जफ तक इसके दो टुकडे़ न हो जामं। भेये दायजी भुझे डॉक्टय के ऩास रे जाते, फेफे लसय ऩय ढेय साया गयभ तेर चुऩड़ कय लसय की भालरश कयती। थोड़ी देय के लरए आयाभ आ जाता रेककन कपय िही लसय ददस। स्कूर के साये भास्टय िगैयह आस ऩास के भौहल्रं भं ही यहते थे औय दायजी के ऩास कुछ न कुछ फनिाने के लरए आते यहते थे, इसलरए ककसी तयह ठेरठार कय ऩास तो कय टदमा जाता, रेककन ऩढ़ेाई भेये ऩल्रे खाक बी नहीॊ ऩड़ती थी। ध्मान ही नहीॊ दे ऩाता था। डाक्टयं, िैद्यों, हकीभं के आधे अधूये इराज चरते, रेककन आयाभ न आता। भुझे अऩनी फार फुवद्ध से इसका एक ही इराज सभझ भं आता कक मे केश ही इस साये लसयददस की िजह हं। जाने क्मं मह फात भेये भन भं घय कय गमी थी कक जजस टदन भ ंमे केश कटिा रूॊगा, भेया लसय ददस अऩने आऩ ठीक हो जामेगा। भनें एकाध फाय दफी जफान भं फेफे से इसका जजक्र ककमा बी था रेककन फेफे ने दतु्काय टदमा था - भयणे जोग्मा, कपय मह फात भुॊह से तनकारी तो तेयी जुफान खीॊच रूॊगी। शामद यब्फ को कुछ औय ही भॊजूय था। एक टदन भनें बी तम कय लरमा, जुफान जाती है तो जामे, रेककन मे लसयददस औय फयदाश्त नहीॊ होता। मे केश ही लसयददस की जड़ हं। इनसे छुटकाया ऩाना ही होगा। औय भ ंघय से फहुत दयू एक भेरे भं गमा औय िहाॊ अऩने केश कटिा आमा। केश कटिाने के लरए बी भुझे खासा अच्छा खासा नाटक कयना ऩड़ा। ऩहरे तो कोई नाई ही ककसी लसख फच्चे के केश काटने को तैमाय न हो। भ ंअरग-अरग नाइमं के ऩास गमा, रेककन मे भेयी फात ककसी ने न भानी। तफ भनें एक झूठ फोरा कक भ ंभोना ही हूॊ औय भेये भाॊ-फाऩ ने भानता भान यखी थी कक तेयह-चौदह सार तक तेये फार नहीॊ कटिामंगे औय तफ तू बफना फतामे ही फार कटिा कय आना औय भनें नाई के आगे इक्कीस रुऩमे यख टदमे थे। नाई फुदफुदामा था - फडे़ अजीफ हं तेयी बफयादयी िारे। िह नाई फड़ी भुजश्कर से तैमाय हुआ था। उस टदन भनें ऩहरी फाय घय भं चोयी की थी। भनें फेफे की गुल्रक से फीस रुऩमे तनकारे थे। एक यात ऩहरे से ही भ ंतम कय चुका था कक मे काभ कय ही डारना है। चाहे

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जो हो जामे। एकाध फाय दायजी के गुस्से का ख्मार आमा था रेककन उनके गुस्से की तुरना भं भेयी अऩनी जिॊदगी औय ऩढ़ेाई ज्मादा िरूयी थे। िैसे हभ रोग तनमलभत रूऩ से गुरूद्वाये जाते थे औय िहाॊ हभं ऩाॊच ककायं के भहत्ि के फाये भं फतामा ही जाता था। कपरहार मे सायी चीजं टदभाग भं फहुत ऩीछे जा चुकी थीॊ। जफ भ ंअऩना गॊजा लसय रेकय घय भं घुसा था तो जैसे घय भं तूपान आ गमा था। भेये घय िारं ने सऩने भं बी नहीॊ सोचा था कक मह घुन्ना-सा, हय फात ऩय भाय खाने िारा तेयह-चौदह सार का भरयमर सा छोकया लसक्खी धभस के खखराप जा कय केश बी कटिा सकता है। भेयी फेफे को तो जैसे दौया ऩड़ गमा था औय िह ऩछाडं़ खाने रगी थी। साया भौहल्रा हभाये अॊाागन भं जभा हो गमा था। भेयी जभ कय कुटम्भस हुई थी। रानतं दी गमी थीॊ। भेये दायजी ने उस टदन भुझे इतना ऩीटा था कक वऩटते-वऩटते भ ंपैसरा कय चुका था कक अफ इस घय भं नहीॊ यहना है। िैसे अगय भ ंमह पैसरा न बी कयता तो बी भुझसे घय छूटना ही था। दायजी ने उसी सभम खडे़-खडे़ भुझे घय से तनकार टदमा था। गुस्से भं उन्हंने भेये दो-चाय जोड़ी पटे-ऩुयाने कऩडे़ औय भेया स्कूर का फस्ता बी उठा कय फाहय पंक टदमे थे। भ ंअऩनी मे ऩूॊजी उठामे दो-तीन घॊटे तक अऩने भोहल्रे के फाहय ताराफ के ककनाये बूखा-प्मासा फैठा बफसूयता यहा था औय भेये साये माय-दोस्त, भेये दोनं छोटे बाई भेये आस-ऩास घेया फनामे खडे़ थे। उनकी तनगाह भं भ ंअफ एक अजूफा था जजसके लसय से सीॊग गामफ हो गमे थे। उस टदन चौफीस लसतम्फय थी। टदन था श्जाक्रिाय। भेयी जिॊदगी का सफसे कारा औय तकरीफ़देह टदन। इस चौफीस लसतम्फय ने जिॊदगी बय भेया ऩीछा नहीॊ छोड़ा। हय सार मह तायीख भुझे रुराती यही, भुझे माद टदराती यही कक ऩूयी दतुनमा भं भ ंबफरकुर अकेरा हूॊ। फेशक मतीभ मा फेचाया नहीॊ हूॊ रेककन भेयी हारत उससे फेहतय बी नहीॊ है। अऩने भाॊ-फाऩ के होते हुए दसूयं के यहभो-कयभ ऩय ऩरने िारे को आऩ औय क्मा कहंगे? खैय, तो उस टदन दोऩहय तक ककसी ने बी भेयी खाने की सुध नहीॊ री थी तो भनें बी तम कय लरमा था, भ ंइसी गॊजे लसय से िह सफ कय के टदखाऊॊ गा जो अफ तक भेये खानदान भं ककसी ने न ककमा हो। भेये आॊसू अचानक ही सूख गमे थे औय भ ंपैसरा कय चुका था। भनें अऩना साभान सभेटा था औय उठ कय चर टदमा था। भेये आस ऩास घेया फना कय खडे़ सबी रड़कं भं हड़फड़ी भच गमी थी। इन रड़कं भं भेये अऩने बाई बी थे। सफ के सफ भेये ऩीछे ऩीछे चर टदमे थे कक भ ंघय से बाग कय कहाॊ जाता हूॊ। भ ंकापी देय तक अरग अरग गलरमं के चक्कय काटता यहा था ताकक िे सफ थक हाय कय िावऩस रौट जामं। इस चक्कय भं शाभ हो गमी थी तफ जा कय रड़कं ने भुझे अकेरा छोड़ा था। अकेरे होते ही भ ंसीधे अऩने स्कूर के हैड भास्टयजी के घय गमा था औय योते-योते उन्हं सायी फात फतामी थी। उनके ऩास जाने की िजह मह थी कक िे बी भोने लसख थे। हाराॊकक उनका ऩूया खानदान लसखं का ही था औय उनके घय िारे, ससुयार िारे कट्टय लसख थे। िे भेये दायजी के गुस्से से िाककप थे औय भेयी लसयददस की तकरीप से बी। भनें उनके आगे लसय निा टदमा था कक भुझे दायजी ने घय से तनकार टदमा है औय भ ंअफ आऩके आसये ही ऩढ़ेना

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चाहता हूॊ। उन्हंने भेये लसय ऩय हाथ पेया था। िे बरे आदभी थे। भेया दृढ़े तनश्चम देख कय टदरासा दी थी कक ऩुत्तय तूॊ चचॊता न कय। भ ंतेयी ऩढ़ेाई-लरखाई का ऩूया इॊतजाभ कय दूॊगा। अच्छा होता तेये घय िारे तेयी तकरीप को सभझते औय तेया इराज कयाते। खैय जो ऊऩय िारे को भॊजूय। उन्हंने तफ भेये नहाने-धोने का इॊतिाभ ककमा था औय भुझे खाना खखरामा था। उस यात भ ंउन्हीॊ के घय सोमा था। शाभ के िक्त िे हभाये भोहल्रे की तयप एक चक्कय काटने गमे थे कक ऩता चरे, कहीॊ भेये दायजी िगैयह भुझे खोज तो नहीॊ यहे हं। उन्हंने सोचा था कक अगय िे रोग िाकई भेये लरए ऩयेशान हंगे तो िे उन रोगं को सभझामंगे औय भुझे घय रौटने के लरए भनामंगे। शामद तफ भ ंबी भान जाता, रेककन रौट कय उन्हंने जो कुछ फतामा था, उससे भेया घय न रौटने का पैसरा भिफूत ही हुआ था। गरी भं सन्नाटा था औय ककसी बी तयह की कोई बी सुगफुगाहट नहीॊ थी। हभाया दयिाजा फॊद था। हो सकता है बीतय भेयी फेफे औय छोटे बाई िगैयह योना-धोना भचा यहे हं, रेककन फाहय से कुछ बी ऩता नहीॊ चर ऩामा था। यात के िक्त िे एक चक्कय कोतिारी की तयप बी रगा आमे थे - दायजी ने भेये गुभ होने की रयऩोटस नहीॊ लरखिामी थी। अगरे टदन सुफह - सुफह ही िे एक फाय कपय हभाये भोहल्रे की तयप चक्कय रगा आमे थे, रेककन िहाॊ कोई बी भेयी गैय-भौजूदगी को भहसूस नहीॊ कय यहा था। िहाॊ सफ कुछ साभान्म चर यहा था। तफ िे एक फाय कपय कोतिारी बी हो आमे थे कक िहाॊ कोई ककसी फच्चे के गुभ होने की रयऩोटस तो नहीॊ लरखिा गमा है। िहाॊ ऐसी कोई रयऩोटस दजस नहीॊ कयामी गमी थी।

उन्हंने तफ भेये बविष्म का पैसरा कय लरमा था। ऩास ही के शहय सहायनऩुय भं यहने िारे अऩने ससुय के नाभ एक चचट्ठी दी थी औय भुझे उसी टदन फस भं बफठा टदमा था। इस तयह भ ंउनसे दयू होते हुए बी उनकी तनगयानी भं यह सकता था औय जरूयत ऩड़ने ऩय िावऩस बी फुरिामा जा सकता था। उनके ससुय िहाॊ सफसे फडे़ गुरुद्वाये की प्रफॊधक कभेटी के कत्तासधतास थे औय उनके तीन-चाय स्कूर चरते थे। ससुय साहफ ने अऩने दाभाद की चचट्ठी ऩढ़ेते ही भेये यहने खाने का इॊतजाभ कय टदमा था। भेयी ककस्भत खयाफ थी कक उनके ससुय उतने ही काइमाॊ आदभी थे। िे चाहते तो भेयी सायी सभस्माएॊ हर कय सकते थे। िहीॊ गुरूद्वाये भं भेये यहने औय खाने का इॊतजाभ कय सकते थे, भेयी पीस भाप कयिा सकते थे, रेककन उन्हंने ऐसा कुछ बी नहीॊ ककमा था। उन्हंने भुझे अऩने ही घय भं यख लरमा था। फेशक स्कूर भं भेया नाभ लरखिा टदमा था रेककन न तो भ ं तनमलभत रूऩ से स्कूर जा ऩाता था औय न ही ऩढ़े ही ऩाता था। हैड भास्टय साहफ ने तो अऩने ससुय के ऩास भुझे ऩढ़ेाने के टहसाफ से बेजा था रेककन महाॊ भेयी हैलसमत घयेरू नौकय की हो गमी थी। भ ं टदन बय खटता, घय बय के उरटे सीधे काभ कयता औय यात को फाफाजी के ऩैय दफाता। खाने के नाभ ऩय मही तसल्री थी कक दोनं िक्त खाना गुरूद्वाये के रॊगय से आता था सो ऩेट ककसी तयह बय ही जाता था। असरी तकरीप ऩढ़ेाई की थी जजसका नाभ सुनते ही फाफा जी दस तयह के फहाने फनाते। भ ंअफ सचभुच ऩछताने रगा था कक भ ंफेकाय ही घय से बाग कय आमा। िहीॊ दायजी की भाय खाते ऩड़ा यहता, रेककन कपय ख्मार आता,

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महाॊ कोई कभ से कभ भायता तो नहीॊ। इसके अरािा भनें मह बी देखा भ ंइस तयह घय का नौकय ही फना यहा तो अफ तक का ऩढ़ेा-लरखा सफ बूर जाऊॊ गा औय महाॊ तो जिदगी बय भुफ्त का घयेर ूनौकय ही फन कय यह जाउॊ€गा तो भनें तम ककमा, महाॊ बी नहीॊ यहना है। जफ अऩना घय छोड़ टदमा, उस घय से भोह नहीॊ ऩारा तो फाफा जी के ऩयामे घय से कैसा भोह। भनें िहाॊ से बी चुऩचाऩ बाग जाने का पैसरा ककमा। भनें सोचा कक अगय महाॊ लस ॊह सबा गुरूद्वाया औय स्कूर एक साथ चराती है तो दसूये शहयं भं बी चराती ही होगी। तो एक यात भ ंिहाॊ से बी बाग तनकरा। फाफाजी के महाॊ से बागा तो ककसी तयह भेहनत-भजदयूी कयते हुए, कुरीचगयी कयते हुए, ट्रकं भं लरफ्ट रेते हुए आखखय भखणकणस जा ऩहुॊचा। इस रम्फी, थकान बयी औय तयह तयह के टे्ट भीठे अनुबिं से बयी भेयी जिॊदगी की सफसे रम्फी अकेरी मात्रा भं भुझे सत्रह टदन रगे थे। िहाॊ ऩहुॊचते ही ऩहरा झूठ फोरा कक हभाये गाॊि भं आमी फाढ़े भं ऩरयिाय के सफ रोग फह गमे हं। अफ दतुनमा भं बफरकुर अकेरा हूॊ औय आगे ऩढ़ेना चाहता हूॊ। मह नाटक कयते सभम फहुत योमा। मह जगह भुझे ऩसॊद आमी थी औय आगे कई सार तक सार की मानी जजस कऺा तक का स्कूर हो, िहीॊ से ऩढ़ेाई कयने का पैसरा भ ंभन-ही-भन कय चुका था। इसलरए मे नाटक कयना ऩड़ा।

िहाॊ भुझे अऩना लरमा गमा था। भेये यहने-खाने की स्थामी व्मिस्था कय दी गमी थी औय एक भाभूरी-सा टेस्ट रेकय भुझे िहाॊ के स्कूर भं सातिीॊ भं दाखखरा दे टदमा गमा था। भेयी जिॊदगी की गाड़ी अफ एक फाय कपय से ऩटयी ऩय आ गमी थी। अफ भ ं लसय ऩय हय सभम ऩटका फाॊधे यहता। एक फाय कपय भ ंअऩनी छूटी हुई ऩढ़ेाई भं जुट गमा था। स्कूर से पुससत लभरते ही साया िक्त गुरूद्वाये भं ही बफताता। फहुत फड़ा गुरूद्वाया था। िहाॊ योजाना फसं औय कायं भं बय बय कय तीथस मात्री आते औय खूफ चहर-ऩहर होती। िे एक आध टदन ठहयते औय रौट जाते। भुझे अगरी व्मिस्था तक महीॊ यहना था औय इसके लरए िरूयी था कक सफ का टदर जीत कय यहूॊ। कई फाय फसं मा कायं भं आने िारे माबत्रमं का साभान उठिा कय यखिा देता तो थोडे़ फहुत ऩैसे लभर जाते। सफ रोग भेये व्मिहाय से खुश यहते। िहाॊ भेयी तयह औय बी कई रड़के थे रेककन उनभं से कुछ िाकई गयीफ घयं से आमे थे मा सचभुच मतीभ थे। भ ंअच्छे बरे घय का, भाॊ फाऩ के होते हुए मतीभ था। अफ भेयी जिॊदगी का एक ही भकसद यह गमा था। ऩढ़ेना, औय लसपस ऩढ़ेना। भुझे ऩता नहीॊ कक मह भेया विश्वास था मा कोई जाद,ू भुझे लसयददस से ऩूयी तयह भुडक्त लभर चुकी थी। िहाॊ का भौसभ, ठॊड, रगाताय ऩड़ती फपस , ऩािसती नदी का ककनाया, गभस ऩानी के सोते औय साप-सुथयी हिा जैसे इन्हीॊ अच्छी अच्छी चीजं से जीिन साथसक हो चरा था। महाॊ ककसी बी ककस्भ की कोई चचॊता नहीॊ थी। स्कूर से रौटते ही भ ंअऩने टहस्से के काभ कयके ऩढ़ेने फैठ जाता। भुझे अऩनी फेफे, फहन औय छोटे बाइमं की फहुत माद आती थी। अके रे भं भ ंयोता था कक चाह कय बी उनसे लभरने नहीॊ जा सकता था, रेककन भेयी बी जजद थी कक भुझे घय से तनकारा गमा है, भनें खुद घय नहीॊ छोड़ा है। भुझे िावऩस फुरामा जामेगा तबी जाउॊ€गा।

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भ ंहय सार अऩनी कऺा भं पस्टस आता। चौथे फयस भ ंहाई स्कूर भं अऩने स्कू र भं अव्िर आमा था। भुझे ढेयं ईनाभ औय िजीपा लभरे थे। हाई स्कूर कय रेने के फाद एक फाय कपय भेये साभने यहने-खाने औय आगे ऩढ़ेने की सभस्मा आ खड़ी हुई थी। महाॊ लसपस दसिीॊ तक का ही स्कूर था। फायहिीॊ के लरए नीचे भैदानं भं उतयना ऩड़ता। भखणकणस का शाॊत, बयऩूय प्राकृततक सौन्दमस से बया िाताियण औय गुरुद्वाये का बवत्तयस से मुक्त ऩारयिारयक िाताियण बी छोड़ने का सॊकट था। भ ंअफ तक के अनुबिं से फहुत कुछ सीख चुका था औय आगे ऩढ़ेने के एकभात्र उद्देश्म से इन सायी नमी सभस्माओॊ के लरए तैमाय था। छोटे भोटे काभ कयके भनें अफ तक इतने ऩैसे जभा कय लरमे थे कक दो-तीन भहीने आयाभ से कहीॊ कभया रे कय काट सकूॊ । अट्ठायह सार का होने को आमा था। दतुनमा बय के हय तयह के रोगं से लभरते-जुरते भ ंफहुत कुछ सीख चुका था। िजीपा था ही। सौ रुऩमे प्रफॊधक कभेटी ने हय भहीने बेजने का िामदा कय टदमा था। तबी सॊमोग से अभतृसय से एक इॊटय कॉरेज का एक स्कूरी िुऩ िहाॊ आमा। भेये अनुयोध ऩय हभाये प्रधान जी ने उनके इन्चाजस के साभने भेयी सभस्मा यखी। महाॊ यहते हुए साढे़े तीन-चाय सार होने को आमे थे। भेयी तयह के तीन-चाय औय बी रड़के थे जो आगे ऩढ़ेना चाहते थे। हभाये प्रधान जी ने हभायी लसपारयश की थी कक हो सके तो इन फच्चं का बरा कय दो। हभायी ककस्भत अच्छी थी कक हभ चायं ही उस िुऩ के साथ अभतृसय आ गमे। भखणकणस का िह गुरूद्वाया छोड़ते सभम भ ंएक फाय कपय फहुत योमा था रेककन इस फाय भ ंअके रा नहीॊ था योने िारा औय योने की ििह बी अरग थी। भ ंअऩनी औय सफकी खुशी के लरए, एक फेहतय बविष्म के लरए आगे जा यहा था। अफ भेये साभने एक औय फड़ी दतुनमा थी। महाॊ आकय हभाये यहने खाने की व्मिस्था अरग-अरग गुयलसक्खी घयं भं कय दी गमी थी औय हभ अफ उन घयं के सदस्म की तयह हो गमे थे। हभं अफ िहीॊ यहते हुए ऩढ़ेाई कयनी थी। जहाॊ भ ंयहता था, िे रोग फहुत अच्छे थे। फेशक मह ककसी के यहभो-कयभ ऩय ऩरने जैसा था औय भेया फार भन कई फाय भुझे चधक्कायता कक भ ंक्मं अऩना घय-फाय छोड़ कय दसूयं के आसये ऩड़ा हुआ हूॊ, रेककन भेये ऩास जो उऩाम था, घय रौट जाने का, िह भुझे भॊिूय नहीॊ था। औय कोई विकल्ऩ ही नहीॊ था। भ ंउनके छोटे फच्चं को ऩढ़ेाता औय जी-जान से उनकी सेिा कयके अऩनी आत्भा के फोझ को कभ कयता। भ ंएक फाय कपय ऩढ़ेाईद भं जी-जान से जुट गमा था। इॊटय भं भ ंऩूये अभतृसय भं पस्टस आमा था। घय छोडे़ भुझे छ: सार होने को आमे थे, रेककन लसपस कुछ सौ भीर के पासरे ऩय भ ंनहीॊ गमा था। अखफायं भं भेयी तस्िीय छऩी थी। जजस घय भं भ ंयहता था, उन रोगं की खुशी का टठकाना नहीॊ था। इसके फाििूद भ ंउस यात खूफ योमा था। भुझे भेया चाहा सफ कुछ लभर यहा था औय मे सफ घय ऩरयिाय त्मागने के फाद ही। भ ंभन ही भन चाहने रगा था कक घय से कोई आमे औय भेये कान ऩकड़ कय लरिा रे जामे जफकक भुझे भारूभ था कक उन्हं भेयी इस सपरता की खफय थी ही नहीॊ। भुझे तो मह बी ऩता नहीॊ

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था कक उन्हंने कबी भेयी खोज-खफय बी री थी मा नहीॊ। आइआइटी, कानऩुय भं इॊजीतनमरयडग भं एडलभशन लभर जाने के फाद भेयी फहुत इच्छा थी कक भ ंअऩने घय जाऊॊ रेककन सॊकट िही था, भ ंही क्मं झुकूॊ । भ ंफहुत योमा था रेककन घय नहीॊ गमा था। घय की कोई खफय नहीॊ थी भेये ऩास। भेयी फहुत इच्छा थी कक कभ-से-कभ अऩने गॉडपादय हैड भास्टय साहफ से ही लभरने चरा जाऊॊ रेककन हो नहीॊ ऩामा था। भ ंजानता था कक िे इतने फयसं से उनके भन ऩय बी इस फात का फोझ तो होगा ही कक उनके ससुय ने भेये साथ इस तयह का व्मिहाय कयके भुझे घय छोड़ने ऩय भिफूय कय टदमा था तो भ ंकहाॊ गमा होऊॊ गा। भनें अऩने िचन का भान यखा था। उन्हीॊ के आशीिासद से इॊजीतनमय होने जा यहा था। तफ भनें फहुत सोच कय उन्हं एक िीटटॊग काडस बेज टदमा था। लसपस अऩना नाभ लरखा था, ऩता नहीॊ टदमा था। फाद भं घय जाने ऩय ही ऩता चरा था कक िे भेया काडस लभरने से ऩहरे ही गुिय चुके थे। अगरे चाय छ: सार तक भ ंखूद को जस्टीपाई कयता यहा कक भुझे कुछ कय के टदखाना है। आऩ हैयान हंगी भारविका जी कक इन फयसं भं भुझे शामद ही कबी पुससत लभरी हो। भ ंहभेशा खटता यहा। कुछ न कुछ कयता यहा। फच्चं को ऩढ़ेाता यहा। आऩको फताऊॊ कक भनें फेशक फीटेक औय एभटैक ककमा है, ऩीएच डी की है, रेककन गुरूद्वाये भं यहते हुए, अभतृसय भं बी औय फाद भं आइआइटी कानऩुय भं ऩढ़ेते हुए बी भ ंफयाफय ऐसे काभ धॊधे बी सीखता यहा औय कयता बी यहा जो एक कभ ऩढ़ेा-लरखा आदभी जानता है मा योिी-योटी कभाने के लरए सीखता है। भ ंिया-सी बी फु़ससत लभरने ऩय ऐसे काभ सीखता था। भुझे चायऩाई फुनना, चप्ऩरं की भयम्भत कयना, जूते तैमाय कयना, कऩडे़ यॊगना, फच्चं के खखरौने फनाना मा कायऩंटयी का भेया खानदानी काभ मे फीलसमं धॊधे आते हं। भ ंबफजरी की सायी बफगड़ी चीजं दरुुस्त कय सकता हूॊ। फेशक भुझे ऩतॊग उड़ाना मा कक्रकेट खेरना नहीॊ आता रेककन भ ंहय तयह का खाना फना सकता हूॊ औय घय की यॊगाई-ऩुताई फखूफी कय सकता हूॊ। इतने रम्फे अयसे भं भनें शामद ही कोई कपल्भ देखी हो, कोई आिायागदॊ की हो मा ऩढ़ेाई के अरािा औय ककसी फात के फाये भं सोचा हो रेककन िरूयत ऩड़ने ऩय भ ंआज बी छोटे से छोटा काभ कयने भं टहचकता नहीॊ। साथ भं ऩढ़ेने िारे रड़के अक्सय छेड़ते - ओमे, तू जजतनी बी भेहनत कये, अऩना भाथा पोडे़ मा दतुनमा बय के ध ्ॊााधे कये मा सीखे, भिे तेये टहस्से भं न अफ लरखे हं औय न फाद भं ही तू भिे रे ऩामेगा। तू तफ बी फीिी फच्चं के लरए इसी तयह खटता यहेगा। तफ तो भ ंउनकी फात भिाक भं उड़ा टदमा कयता था, रेककन अफ कई फाय रगता है, गरत िे बी नहीॊ थे। भेये टहस्से भं न तो भेयी ऩसॊद का जीिन आमा है औय न घय ही। अऩना कहने को कुछ बी तो नहीॊ है भेये ऩास। एक दोस्त तक नहीॊ है। भ ंरुका हूॊ। देख यहा हूॊ, भारविका जी बफना ऩरक झऩकामे ध्मान से भेयी फात सुन यही हं। शामद इतने अच्छे श्रोता के कायण ही भ ंइतनी देय तक अऩनी तनताॊत व्मडक्तगत फातं उनसे शेमय कय ऩा यहा हूॊ। - दोफाया घय जाने के फाये भं कुछ फताइमे, िे कहती हं।

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उन्हं सॊऺेऩ भं फताता हूॊ दोफाया घय जाने से ऩहरे की फेचैनी की, अकु राहट की फातं औय घय से एक फाय कपय से फेघय हो कय रौट कय आने की फात। - औय गुड्डी? - भुझे रगता है भनें जिॊदगी भं जजतनी गरततमाॊ की हं, उनभं से जजस गरती के लरए भ ंखुद को कबी बी भाप नहीॊ कय ऩाऊॊ गा, िह थी कक घय से दोफाया रौटने के टदन अगय भ ंगुड्डी को बी अऩने साथ फॊफई रे आता तो शामद जिॊदगी के साये हादसे खत्भ हो जाते। भेयी जिॊदगी ने बी फेहतय रुख लरमा होता औय भ ंगुड्डी को फचा ऩाता। उसकी ऩढ़ेाई लरखाई ऩूयी हो ऩाती, रेककन .... - अऩने पे्रभ प्रसॊगं के फाये भं कुछ फताइमे।

- भेया विश्वास कीजजमे, इस लसय ददस का भेये पे्रभ प्रसॊगं के होने मा न होने से कोई सॊफॊध नहीॊ है। रगता है आऩसे आऩके पे्रभ प्रसॊग सुनने के लरए आऩको कोई रयश्वत देनी ऩडे़गी। चलरए एक काभ कयते हं, कर हभ रॊच एक साथ ही रंगे। िे हॎसी हं - घफयाइमे नहीॊ, रॊच के ऩैसे बी भ ंकन्सरटंसी भं जोड़ दूॊगी। कटहमे, ठीक यहेगा?

- अफ आऩकी फात भ ंकैसे टार सकता हूॊ। - आऩ महीॊ आमंगे मा आऩको आऩके घय से ही वऩक-अऩ कय रूॊ? - जैसा आऩ ठीक सभझं। - आऩ महीॊ आ जामं। एक साथ चरंगे।

- चरेगा, बरा भुझे क्मा एतयाज हो सकता है। भारविका जी रॊच के लरए जजस जगह रे कय आमी हं, िह शहयी भाहौर से फहुत दयू िुडपोडस के इराके भं है। बायतीम येस्तयाॊ है मह। नाभ है चोय फािाय। फेशक रॊदन भं है रेककन येस्तयाॊ के बीतय आ जाने के फाद ऩता ही नहीॊ चरता, हभ रॊदन भं हं मा चॊडीगढ़े के फाहय हाइिे के ककसी अच्छे से येस्तयाॊ भं फैठे हं। जगह की तायीप कयते हुए ऩूछता हूॊ भ ं- मे इतनी शानदाय जगह कैसे खोज री आऩने ? भुझे तो आज तक इसके फाये भं ऩता नहीॊ चर ऩामा। हॊसती हं भारविका जी - घय से फाहय तनकरो तो कुछ लभरे। फहुत ही स्िाटदष्ट औय रुचचकय बोजन है। खाना खाते सभम भुझे सहसा गोल्डी की माद आ गमी है। उसके साथ ही बटकते हुए भनें फॊफई के अरग-अरग होटरं भं खाने का असरी स्िाद लरमा था। ऩता नहीॊ क्मं गोल्डी के फाये भं सोचना अच्छा रग यहा है। उसकी माद बी आमी तो कहाॊ औय कैसी जगह ऩय। कहाॊ होगी िह इस सभम? इच्छा होती है भारविका जी को उसके फाये भं फताऊॊ । भ ं फताऊॊ उन्हं, इससे ऩहरे ही उन्हंने ऩूछ लरमा है -ककसके फाये भं सोच यहे हं दीऩ जी? क्मा कोई खास थी? फताता हूॊ उन्हं - भारविका जी, कर आऩ भेये पे्रभ प्रसॊगं के फाये भं ऩूछ यही थीॊ।

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- भ ंआऩको महाॊ रामी ही इसलरए थी कक आऩ अऩने पे्रभ प्रसॊगं के फाये भं खुद ही फतामं। भेया लभशन सपर यहा, आऩ बफरकुर सहज हो कय उस रड़की के फाये भं फतामं जजस की माद आऩको मह स्िाटदष्ट खाना खाते सभम आ गमी है। िरूय आऩ रोग साथ-साथ खाना खाने नमी-नमी जगहं ऩय जाते यहे हंगे।

- अक्सय तो नहीॊ रेककन हाॊ, कई फाय जाते थे। - क्मा नाभ था उसका ? - गोल्डी, िह हभाये घय के ऩास ही यहने आमी थी।

भ ंभारविका जी को गेल्डी से ऩहरी भुराकात से आखखयी तम रेककन न हो ऩामी भुराकात की सायी फातं विस्ताय से फताता हूॊ। इसी लसरलसरे भं अरका दीदी औय देिेद्र जी का बी जिक्र आ गमा है। भ ंउनके फाये भं बी फताता हूॊ। हभ खाना खा कय फाहय आ गमे हं। िावऩस आते सभम बी िे कोई न कोई ऐसा सिार ऩूछ रेती हं जजससे भेये अतीत का कोई नमा ही ऩहर ूखुर कय साभने आ जाता है। फातं घूभ कपय कय कबी गोरू ऩय आ जाती हं तो कबी गुड्डी ऩय। भेयी एक फात खत्भ नहीॊ हुई होती कक उसे दसूयी तयप भोड़ देती हं। भ ंसभझ नहीॊ ऩा यहा हूॊ, िे भुझभं औय भुझसे जुड़ी बूरी बफसयी फातं भं इतनी टदरचस्ऩी क्मं रे यही हं। िैसे एक फात तो है कक उनसे फात कयना अच्छा रग यहा है। कबी ककसी से इतनी फातं कयने का भौका ही नहीॊ लभरा। हय फाय मही सभझता यहा, साभने िारा कहीॊ भेयी व्मथा कथा सुन कय भुझ ऩय तयस न खाने रगे। इसी डय से ककसी को अऩने बीतय के अॊधेये कोनं भं भनें झाॊकने ही नहीॊ टदमा। भारविका जी की फात ही अरग रगती है। िे बफरकुर बी मे नहीॊ जतरातीॊ कक िे आऩको छोटा भहसूस कया यही हं मा आऩ ऩय तयस खा यही हं। जफ उन्हंने भुझे घय ऩय िॉऩ कयने के लरए गाड़ी योकी है तो भुझे कपय से गोल्डी की फातं माद आ गमी हं। भनें मूॊ ही भारविका जी से ऩूछ लरमा है - बीतय आ कय इस फॊदे के हाथ की कॉपी ऩी कय कुछ कभंट नहीॊ कयना चाहंगी? उन्हंने हॉसते हुए गाड़ी का इॊजन फॊद कय टदमा है औय कह यही हं - भ ंइॊतिाय कय यही थी कक आऩ कहं औय भ ंआऩके हाथ की कॉपी ऩीने के लरए बीतय आऊॊ । चलरमे, आज आऩकी भेहभाननिािी बी देख री जामे। िे बीतय आमी हं। फता यही हं -गौयी के भम्भी ऩाऩा िारे घय भं तो कई फाय जाना हुआ रेककन महाॊ आना नहीॊ हो ऩामा। आज आऩके फहाने आ गमी। - आऩसे ऩहरे ऩरयचम हुआ होता तो ऩहरे ही फुरा रेते। खैय, खुश आभदीद। जफ तक भ ंकॉपी फनाऊॊ , िे ऩूये फ्रैट का एक चक्कय रगा आमी हं। ऩूछ यही हं िे - भ ंगौयी के एस्थेटटक ससं से अच्छी तयह से ऩरयचचत हूॊ, घय की मे साज-सज्जा कभ से कभ उसकी की हुई तो नहीॊ है औय न रॊदन भं इस तयह की इॊटीरयमय कयने

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िारी एजंलसमाॊ ही हं। आऩ तो छुऩे रुस्तभ तनक रे। भुझे नहीॊ ऩता था, आऩ मे सफ बी जानत ेहं। फहुत खूफ। िेट। भ ंक्मा जिाफ दूॊ - फस, मे तो सफ मूॊ ही चरता यहता है। जफ बी भ ंअऩने घय की कल्ऩना कयता था तो सोचता था, फैडरूभ ऐसे होगा हभाया औय िॊइगरूभ औय स्टडी ऐसे हंगे। अफ जो बी फन ऩड़ा...।

- क्मं, क्मा इस घय से अऩने घय िारी बािना नहीॊ जुड़ती क्मा? - अऩना घय न सभझता तो मे सफ कयता क्मा? भनें कह तो टदमा है, रेककन भ ं

जानता हूॊ कक उन्हंने भेयी फदरी हुई टोन से ताड़ लरमा है, भ ंसच नहीॊ कह यहा हूॊ । - एक औय व्मडक्तगत सिार ऩूछ यही हूॊ, गौयी से आऩके सॊफॊध कैसे हं? भ ंहॉस कय उनकी फात टारने की कोलशश कयता हूॊ - आज के इन्टयव्मू का सभम सभाप्त हो चुका है भैडभ। हभ प्रोिाभ के फाद की ही कॉपी रे यहे हं। - फहुत शाततय हं आऩ, जफ आऩको जिाफ नहीॊ होता तो कैसा फटढ़ेमा कभलशसमर बे्रक रगा देते हं। खैय, फच के कहाॊ जामंगे। अबी तो हभने आधे सिार बी नहीॊ ऩूछे। भारविका जी के सिारं से भेयी भुडक्त नहीॊ है। वऩछरे भहीने बय से उनसे फीच-फीच भं भुराकात होती ही यही है। हाराॊकक उन्हंने इराज मा मोगाभ्मास के नाभ ऩय अबी तक भुझे दो-चाय आसन ही कयामे हं रेककन उन्हंने एक अरग ही तयह की याम देकय भुझे एक तयह से चंका ही टदमा है। उन्हंने भुझे डामयी लरखने के लरए कहा है। डामयी बी आज की नहीॊ, फजल्क अऩने अतीत की, बूरे बफसये टदनं की। जो कुछ भेये साथ हुआ, उसे ज्मं का त्मं दजस कयने के लरए कहा है। अरफत्ता, उन्हंने भुझसे गौयी के साथ भेये सॊफॊधं भं चर यही खटास के फाये भं याई यत्ती उगरिा लरमा है। फेशक उन सायी फातं ऩय अऩनी तयप से एक शब्द बी नहीॊ कहा है। इसके अरािा ससुयार की तयप से भेये साथ जो कुछ बी ककमा गमा मा ककस तयह से लशलशय ने भेये कटठन िक्त भं भेया साथ टदमा, मे सायी फातं भनें डामयी भं फाद भं लरखी हं, उन्हं ऩहरे फतामी हं। डामयी लरखने का भनें मही तयीका अऩनामा है। उनसे टदन भं आभने-साभने मा पोन ऩय जो बी फात होती है, िही डामयी भं लरख रेता हूॊ। भेया लसयददस अफ ऩहरे की तुरना भं कापी कभ हो चुका है। गौयी बी हैयान है कक भात्र दो-चाय मोग आसनं से बरा इतना बमॊकय लसयददस कैसे जा सकता है। रेककन भ ंही जानता हूॊ कक मे लसयददस मोगासनं से तो नहीॊ ही गमा है। अफ भुझे भारविका जी का इराज कयने का तयीका बी सभझ भं आ गमा है। भनें उनसे इस फाये भं जफ ऩूछा कक आऩ भेया इराज कफ शरुू कयंगी तो िे हॉसी थीॊ - आऩ बी अच्छे-खासे सयदाय हं। मे सफ क्मा है जो भ ंइतने टदनं से कय यही हूॊ। मे इराज ही तो चर यहा है आऩका। आऩ ही फताइमे, आज तक आऩका न केिर लसयददस गामफ हो यहा है फजल्क आऩ ज्मादा उत्साटहत औय खुश-खुश निय आने रगे हं। फेशक कुछ चीिं ऩय भेया फस नहीॊ है रेककन जजतना हो सका है, आऩ अफ ऩहरे िारी हारत भं तो नहीॊ हं। है ना मही फात? - तो आऩकी तनगाह भं भेये लसयददस की ििह क्मा थी?

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- अफ आऩ सुनना ही चाहते हं तो सुतनमे, आऩको दयअसर कोई फीभायी ही नहीॊ थी। आऩके साथ तीन-चाय तकरीफं़ एक साथ हो गमी थीॊ। ऩहरी फात तो मे कक आऩ जिॊदगी बय अकेरे यहे, अकेरे जूझते बी यहे औय कुढ़ेते बी यहे। सॊमोग से आऩने अऩने आस-ऩास िारं से जफ बी कुछ चाहा, मा भाॊगा, चूॊकक िो आऩकी फॊधी फॊधामी जीिन शरैी से भेर नहीॊ खाता था, इसलरए आऩको हभेशा रगता यहा, आऩ छरे गमे हं। आऩ कबी बी व्मािहारयक नहीॊ यहे इसलरए आऩको साभने िारे का ऩऺ हभेशा ही गरत रगता यहा। ऐसा नहीॊ है कक आऩके साथ ज्मादततमाॊ नहीॊ हुईं हंगी। िो तो हुई ही हं रेककन उन सफको देखने-सभझने औय उन्हं जीिन भं ढारने के तयीके आऩके अऩने ही थे। दयअसर आऩ जिॊदगी से कुछ ज्मादा ही उम्भीदं रगा फैठे थे इसलरए सफ कुछ आऩके खखराफ़ होता चरा गमा। जहाॊ आऩको भौका लभरा, आऩ ऩरामन कय गमे औय जहाॊ नहीॊ लभरा, िहाॊ आऩ लसयददस से ऩीडड़त हो गमे। आऩ कुछ हद तक िहभ योग जजसे अॊिेजी भं हाइऩोकाॉडिमाक कहते हं, के योगी होते चरे जा यहे थे। दसूयी टदक्कत आऩके साथ मह यही कक आऩ कबी बी ककसी से बी अऩनी तकरीपं शेमय नहीॊ कय ऩामे। कयना चाहते थे औय जफ कयने का िक्त आमा तो मा तो रोग आऩको सुनने को तैमाय नहीॊ थे औय जहाॊ तैमाय थे, िहाॊ आऩ तयस खाने से फचना चाहते हुए उनसे झूठ-भूठ के ककस्से सुना कय उन्हं बी औय खुद को बी फहराते यहे। क्मा गरत कह यही हूॊ भ?ं - भाई गॉड, आऩने तो भेयी सायी ऩोर ही खोर कय यख दी। भनें तो कबी इस तनगाह से अऩने आऩको देखा ही नहीॊ। - तबी तो आऩका मह हार है। कफ से दय-फदय हो कय बटक यहे हं औय आऩको कोई याह नहीॊ सूझती। - आऩने तो भेयी आॊखं ही खोर दीॊ। भ ंअफ तक ककतने फडे़ भ्रभ भं जी यहा था कक हय फाय भ ंही सही था। - िैसे आऩ हय फात गरत बी नहीॊ थे रेककन आऩको मे फताता कौन। आऩने ककसी ऩय बी बयोसा ही नहीॊ ककमा कबी। आऩको फेचाया फनने से एरजॉ जो थी। है ना..। - आऩको तो सायी फातं फतामी ही हं ना..। - तो याह बी तो हभने ही सुझामी है। - उसके लरए तो भ ंआऩका अहसान जिॊदगी बी नहीॊ बूरूॊगा। - अगय भ ंकहूॊ कक भुझे बी लसपस इसी शब्द से चचढ़े है तो..? - ठीक है नहीॊ कहंगे। भारविका जी से जफ से भुराकात हुई है, जिॊदगी के प्रतत भेया निरयमा ही फदर गमा है। भनें अफ अऩने फाये भं बी सोचना श्जारू कय टदमा है औय अऩने आफजिेशन अऩनी डामयी भं लरख यहा हूॊ। भ ंएक औय चाटस फना यहा हूॊ कक भनें जिॊदगी भं कफ-कफ गरत पैसरे ककमे औय फाद भं धोखा खामा मा कफ कफ कोई पैसरा ही नहीॊ ककमा औय अफ तक ऩछता यहा हूॊ। मे डामयी एक तयह से भेया कन्पैशन है भेये ही साभने औय भ ंइसके आधाय ऩय अऩनी जिॊदगी को फेहतय तयीके से सॊिायना चाहता हूॊ।

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फेशक भुझे अफ तक लसयददस से कापी हद तक आयाभ लभर चुका है औय भ ंअऩने आऩको भानलसक औय शायीरयक रूऩ से स्िस्थ बी भहसूस कय यहा हूॊ कपय बी गौयी से भेये सॊफॊधं की ऩटयी नहीॊ फैठ ऩा यही है। जफ से उसने देखा है कक भुझे लसयददस से आयाभ आ गमा है भेये प्रतत उसका राऩयिाही िारा व्मिहाय कपय श्जारू हो गमा है। भ ंएक फाय कपय अऩने हार ऩय अकेरा छोड़ टदमा गमा हुॊ। स्टोसस जाता हूॊ रेककन उतना ही ध्मान देता हूॊ जजतने से काभ चर जामे। ज्मादा भायाभायी नहीॊ कयता। भ ंअफ अऩनी तयप ज्मादा ध्मान देने रगा हूॊ। फेशक भेये ऩास फहुत अचधक ऩाउॊ ड नहीॊ फचे हं कपय बी भनें भारविका जी को फहुत आिह कयके एक शानदाय ओियकोट टदरिामा है। इसी हफ्ते गौयी की फुआ की रड़की ऩुष्ऩा की शादी है। भैनचेस्टय भं। हाॊडा ऩरयिाय की सायी फहू फेटटमाॊ आज सिेये-सिेये ही तनकर गमी हं। हाॊडा ऩरयिाय भं हभेशा ऐसा ही होता हे। जफ बी ऩरयिाय भं शादी मा औय कोई बी आमोजन होता है, सायी भटहराएॊ एक साथ जाती हं औय दो-तीन टदन खूफ जश्नो भनामे जाते हं। हभ ऩुरुष रोग ऩयसं तनकरंगे। भ ंलशलशय के साथ ही जाऊॊ गा। अबी टदन बय के कामसक्रभ के फाये भं सोच ही यहा हूॊ कक भारविका जी का पोन आमा है। उन्हंने लसपस तीन ही िाक्म कहे हं - भुझे ऩता है गौयी आज महाॊ नहीॊ है। फजल्क ऩूया हफ्ता ही नहीॊ है। आऩका भेये महाॊ आना कफ से टर यहा है। आज आऩ इनकाय नहीॊ कयंगे औय शाभ का खाना हभ एक-साथ घय ऩय ही खामंगे। फनाऊॊ गी भ।ं ऩता लरखिा यही हूॊ। सीधे ऩहुॊच जाना। भ ंयाह देखूॊगी। औय उन्हंने पोन यख टदमा है।

अफ तम हो ही गमा है कक भ ंअफ घय ऩय ही यहूॊ औय कई टदन फाद एक फेहद खूफसूयत, सहज औय सुकूनबयी शाभ गुजायने की याह देखूॊ। कई टदन से उन्हीॊ का मह प्रस्ताि टर यहा है कक भ ंएक फाय उनके गयीफखाने ऩय आऊॊ औय उनकी भेहभाननिाजी स्िीकाय करूॊ । भौसभ ने बी आखख़य अऩना योर अदा कय ही लरमा। फयसात ने भेये अच्छे-ख़ासे सूट की ऐसी-तैसी कय दी। फपस के कायण साये यास्ते मा तो फॊद लभरे मा टै्रकपक चीॊटटमं की तयह यंग यहा था। फीस लभनट की दयूी तम कयने भं दो घॊटे रगे। भारविका जी के घय तक आते-आते फुया हार हो गमा है। साये कऩड़ं का सत्मानास हो गमा। लसय से ऩैयं तक गॊदी फपस के ऩानी भं लरथड़ गमा हूॊ। जूतं भं अॊदय तक ऩानी बय गमा है। सदॊ के भाये फुया हार है िो अरग। िे बी क्मा सोचंगी, ऩहरी फाय ककस हार भं उनके घय आ यहा हूॊ।

उनके दयिाजे की घॊटी फजामी है। दयिाजा खुरते ही भेया हुलरमा देख कय िे ऩहरे तो हॉसी के भाये दोहयी हो गमी हं रेककन तुॊत ही भेयी फाॊह ऩकड़ कय भुझे बीतय खीॊच रेती हं - जल्दी से अॊदय आ जाओ। तफीमत खयाफ हो जामेगी।

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भ ंबीगे कऩड़ं औय गीरे जूतं के साथ ही बीतय आमा हूॊ। उन्हंने भेया येनकोट औय ओियकोट िगैयह उतायने भं भदद की है। हॉसते हुए फता यही हं - भौसभ का भूड देखते हुए भ ंसभझ गमी थी कक आऩ महाॊ ककस हारत भं ऩहुॊचंगे। फेहतय होगा, आऩ ऩहरे चंज ही कय रं। इन गीरे कऩड़ं भं तो आऩके फाजे फज जामंगे। फाथरूभ तैमाय है औय ऩानी एकदभ गभस। िैसे आऩ फाथ रंगे मा हाथ भुॊह धो कय फे्रैश होना चाहंगे। िैसे इतनी सदॊ भं ककसी बरे आदभी को नहाने के लरए कहना भेया ख्मार है, फहुत ज्मादती होगी।

- आऩ ठीक कह यही हं रेककन भेयी जो हारत है, उसे तो देख कय भेया ख्मार है, नहा ही रूॊ। ऩूयी तयह फे्रैश हो जाउॊ€गा।

- तो ठीक है, भ ंआऩके नहाने की तैमायी कय देती हूॊ, कहती हुई िे बीतय के कभये भं चरी गमी हं। भ ंअबी गीरे जूते उताय ही यहा हूॊ कक उनकी आिाज आमी है

- फाथरूभ तैमाय है।

िे हॊसते हुए िावऩस आमी हं - भेये घय भं आऩकी कद काठी के रामक कोई बी िलैस ॊग गाउन मा कुतास ऩामजाभा नहीॊ है। कपरहार आऩको मे शाभ भेये इस रुॊगी-कुते भं ही गुिायनी ऩडे़गी। चलरमे, फाथरूभ तैमाय है। एकदभ खौरते गयभ ऩानी से नहा कय तािगी लभरी है। फे्रैश हो कय फ्रैॊ ट रूभ भं आमा तो भ ंहैयान यह गमा हूॊ। साभने खड़ी हं भारविका जी। भुसकुयाती हुई। एमय होस्टेस की तयह हाथ जोडे़। अलबिादन की भुद्रा भं। एक फहुत ही खूफसूयत फुके उनके हाथ भं है - हैप्ऩी फथसडे दीऩ जी। भ ं टठठक कय यह गमा हूॊ। मह रड़की जो भुझे ढॊग से जानती तक नहीॊ औय जजसका भुझसे दयू दयू तक कोई नाता नहीॊ है, ककतने जतन से औय प्माय से भेया जनभटदन भनाने का उऩक्रभ कय यही हं। औय एक गौयी है ..क्मा कहूॊ, सभझ नहीॊ ऩाता।

- हैप्ऩी फथस डे डडमय दीऩ। िे कपय कहती हं औय आगे फढ़े कय उन्हंने फुके भुझे थभाते-थभाते हौरे से भेयी कनऩटी को चूभ लरमा है। भेया चेहया एकदभ रार हो गमा है। गौयी के अरािा आज तक भनें ककसी औयत को छुआ तक नहीॊ है। भ ंककसी तयह थकं्स ही कह ऩाता हूॊ। आज भेया जनभटदन है औय गौयी को मह फात भारूभ बी थी। िैसे महाॊ भेया मह चौथा सार है औय आज तक न तो गौयी ने भुझसे कबी ऩूछने की िरूयत सभझी है औय न ही उसे कबी पुससत ही लभरी है कक ऩूछे कक भेया जनभटदन कफ आता है, मा कबी जनभटदन आता बी है मा नहीॊ, तो आज बी भ ंइसकी उम्भीद कैसे कय सकता था, जफकक गौयी को हय फाय भ ंन केिर जनभटदन की विश कयता हूॊ फजल्क उसे अऩनी हैलसमत बय उऩहाय बी देने की कोलशश कयता हूॊ। गोल्डी से भुराकात होने से ऩहरे तक तो भेये लरए मह तायीख़ लसपस एक तायीख़ ही थी। उसी ने इस तायीख़ को एक नयभ, गुदगुदे अहसास भं फदरा था। गोल्डी के फाद से जफ बी मह तायीख़ आती है, ख्मार तो आता ही है। फेशक साया टदन भामूसी से ही गुिायना ऩड़ता है।

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भ ंहैयान हो यहा हूॊ, इन्हं कैसे ऩता चरा कक आज भेया जनभटदन है। भेये लरए एक ऐसा टदन जजसे भ ंकबी न तो माद कयने की कोलशश कयता हूॊ औय न ही इसे आज तक सेरेबे्रट ही ककमा है। भ ंझ्टॊााऩी सी हॉसी हॉसा हूॊ औय ऩूछता हूॊ - आऩको कैसे ऩता चरा कक आज इस फदनसीफ का जनभटदन है। - आऩ बी कभार कयते हं दीऩ जी, ऩहरी फाय आऩ जफ आमे थे तो भनें आऩका हैल्थ काडस फनिामा था। िह डेटा उसी टदन भेये कम्प्मूटय भं बी पीड हो गमा औय भेये टदभाग भं बी। - कभार है !! ककतने तो रोग आते हंगे जजनके हैल्थ काडस फनते हंगे हय योि। सफके फामोडाटा पीड कय रेती हं आऩ अऩने टदभाग भं। - लसपस फामोडाटा। फथस डेट तो ककसी ककसी की ही माद यखती हूॊ । सभझे। औय आऩ बी भुझसे ही ऩूछ यहे हं कक भुझे आऩके जनभटदन का कैसे ऩता चरा!! भ ंउदास हो गमा हूॊ। एक तयप गौयी है जजसे भेया जनभटदन तो क्मा, हभायी शादी की तायीख तक माद नहीॊ है। औय एक तयप भारविका जी हं जजनसे भेयी कुछेक ही भुराकातं हं। फाकी तो हभ पोन ऩय ही फातं कयते यहे हं औय इन्हं ......। भ ंकुछ कहूॊ इससे ऩहरे ही िे फोर ऩड़ी है - डंट टेक इट अदयिाइि। आज का टदन आऩके लरए एक खास टदन है औय आज आऩ भेये ख़ास भेहभान हं। आज आऩके चेहये ऩय चचॊता की एक बी रकीय नजय नहीॊ आनी चाटहमे.. ओ के !! रयरैक्स नाउ औय एॊजाम मूअय सेल्प। तफ तक भ ंबी िया फाकी चीजं देख रूॊ। भ ंअफ ध्मान से कभया देखता हूॊ। एकदभ बायतीम शरैी भं सिा हुआ। कहीॊ से बी मह आबास नहीॊ लभरता कक भ ंइस िक्त महाॊ रॊदन भं हूॊ। ऩूये कभये भं दलसमं एक से फढ़े कय एक रैम्ऩ शेड्स कभये को फहुत ही रूभानी फना यहे हं। ऩूया का ऩूया कभया एक उत्कृष्ट करात्भक अलबरुचच का जीिॊत साऺात्काय कया यहा है। कोई सोपा िगैयह नहीॊ है। फैठने का इॊतजाभ नीचे ही है। एक तयप गद्दे की ही ऊॊ चाई ऩय यखा सीडी चंजय औय दसूयी तयप टहन्दी औय अॊिेजी के कई ऩरयचचत औय खूफ ऩढे़े जाने िारे ढेय साये टाइटल्स। चंजय के ही ऊऩय एक छोटे से शेल्प भं कई इॊडडमन औय िेस्टनस क्रालसकल्स के सीडी। भ ंभारविका जी की ऩसॊद औय यहन सहन के फाये भं सोच ही यहा हूॊ कक िे भेये लरए एक चगरास रेकय आमी हं - भ ंजानती हूॊ, आऩ नहीॊ ऩीते। िैसे भ ंकहती बी नहीॊ रेककन जजस तयह से आऩ ठॊड भं बीगते हुए आमे हं, भुझे डय है कहीॊ आऩकी तफीमत न खयाफ हो जामे। भेये कहने ऩय गयभ ऩानी भं थोड़ी-सी ब्राॊडी रे रं। दिा का काभ कयेगी। भ ंउनके हाथ से चगरास रे रेता हूॊ। भना कय ही नहीॊ ऩाता। तबी भ ंदेखता हूॊ िे ऩूये कभये भं ढेय सायी फड़ी-फड़ी यॊगीन भोभफवत्तमाॊ सजा यही हं। भ ंकुछ सभझ ऩाऊॊ इससे ऩहरे ही िे इशाया कयती हं - आओ ना, जराओ इन्हं। भ ंउनकी भदद से एक -एक कयके सायी भोभफवत्तमाॊ जराता हूॊ। कुर चंतीस हं। भेयी उम्र के फयसं के फयाफय। सायी भोभफवत्तमाॊ खझरलभराती जर यही हं औय खूफ योभाॊटटक भाहौर ऩैदा कय यही हं । उन्हंने सायी राइटं फुझा दी हं। कहती हं - हभ इन्हं फुझामंगे नहीॊ। आखखय तक जरने दंगे। ओ के !!

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भ ंबािुक होने रगा हूॊ..। कुछ नहीॊ सूझा तो साभने यखे गुरदस्ते भं से एक गुराफ तनकार कय उन्हं थभा टदमा है - थकं मू िेयी भच भारविका जी, भ ंइतनी खुशी फयदाश्त नहीॊ कय ऩाऊॊ गा। सचभुच भ ं.. ...। भेया गरा रुॊ ध गमा है। - जनाफ अऩनी ही खुलशमं के सागय भे गोते रगाते यहंगे मा इस नाचीज को बी जनभटदन के भौके ऩय शबुकाभना के दो शब्द कहंगे। - क्मा आऩका बी आज ही जनभटदन है, भेया भतरफ .. आऩने ऩहरे क्मं नहीॊ फतामा? - तो अफ फता देते हं सय कक आज ही इस फॊदी का बी जनभटदन है। भ ंइस टदन को रेकय फहुत बािुक हूॊ औय भ ंआज के टदन अकेरे नहीॊ यहना चाहती थी। हय सार का मही योना है। हय सार ही कम्फख्त मह टदन चरा आता है औय भुझे खूफ रुराता है। इस सार भ ंयोना नहीॊ चाहती थी। कर देय यात तक सोचती यही कक भ ंककसके साथ मह टदन गुजारूॊ । अफ इस ऩूये देश भं भुझे जो शख्स इस रामक नजय आमा, खुशककस्भती से िह बी आज ही के टदन अऩना जनभटदन भनाने के लरए हभाये जैसे ककसी ऩाटसनय की तराश भं था। हभाया शकुक्रमा अदा कीजजमे जनाफ कक ......औय िे िोय से खखरखखरा दी हं। भनें सॊजीदा हो कय ऩूछा है - आऩके लरए तो ऩाॊच-सात भोभफवत्तमाॊ कभ कयनी ऩडं़गी ना !! - नहीॊ डीमय, अफ आऩसे अऩनी उम्र क्मा छुऩानी !! हभने बी आऩके फयाफय ही ऩाऩड़ फेरे हं जनाफ। िैसे िो टदन अफ कहाॊ पुय हो गमे हं !! मे क्मा कभ है कक तुभ इनभं दो चाय भोभफवत्तमाॊ औय नहीॊ जोड़ यहे हो !! - ऐसी कोई फात नहीॊ है। चाहो तो भ ंमे सायी भोभफवत्तमाॊ फेशक अऩने नाभ से जरा देता हूॊ रेककन अऩनी उम्र आऩको दे देता हूॊ। िैसे बी भेयी जजॊदगी फेकाय जा यही है। आऩके ही ककसी काभ आ सके तो !! भनें फात अधूयी छोड़ दी है। - नो थकं्स !! अच्छा तुभ एक काभ कयो दीऩ, धीये-धीये अऩनी ब्राॊडी लसऩ कयो। औय रेनी हो तो गयभ ऩानी महाॊ थभसस भं यखा है। फॉटर बी महीॊ है। औय उन्हंने अऩना छोटा-सा फाय कैबफनेट खोर टदमा है।

- तफ तक भ ंबी अऩना फथसडे फाथ रे कय आती हूॊ। भ ंउनका सीडी करेक्शन देखता हूॊ - लसपस इॊडडमन क्रालसक्स हं। भ ंचंजय ऩय बूऩेन्दय की ग़िरं की सीडी रगाता हूॊ। कभये भं उसकी सोि बयी आिाज गूॊज यही है - महाॊ ककसी को भुकम्भर जहाॊ नहीॊ लभरता। कबी िभीॊ तो कबी आसभाॊ नहीॊ लभरता। सच ही तो है। भेये साथ बी तो ऐसा ही हो यहा है। कबी ऩैयं तरे से िभीॊ गामफ होती है तो कबी लसय के ऊऩय से आसभाॊ ही कहीॊ गुभ हो जाता है। कबी मह विश्वास ही नहीॊ होता कक हभाये ऩास दोनं जहाॊ हं। आज ऩता नहीॊ कौन से अच्छे कयभं का पर लभर यहा है कक बफन भाॊगे इतनी दौरत लभर यही है। जिॊदगी बी ककतने अजीफ-अजीफ खेर खेरती है हभाये साथ। हभ जिॊदगी बय गरत दयिाजे ही खटखटाते यह जाते हं औय कोई कहीॊ औय फॊद दयिाजं के ऩीछे हभाये इॊतिाय भं ऩूयी उम्र गुिाय देता है। औय हभं मा तो खफय ही नहीॊ लभर ऩाती मा

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इतनी देय से ख़फय लभरती है कक तफ कोई बी चीि भामने नहीॊ यखती। फहुत देय हो चुकी होती है। फाहय अबी बी फपस ऩड़ यही है रेककन बीतय गुनगुनी गयभी है। भ ंगाि तककमे के सहाया रेकय अधरेटा हो गमा हूॊ औय सॊगीत की रहरयमं के साथ डूफने उतयाने रगा हूॊ। ब्राॊडी बी अऩना यॊग टदखा यही है। टदभाग भं कई तयह के अच्छे फुये ख्मार आ यहे हं। खुद ऩय अफ़सोस बी हो यहा है, रेककन भ ं भारविका जी के शानदाय भूड औय हभ दोनं के जनभटदन के अद्भतु सॊमोग ऩय अऩने बायी औय भनहूस ख्मारं की कारी छामा नहीॊ ऩड़ने देना चाहता। भुझे बी तो मे शाभ अयसे फाद, ककतनी तकरीफ़ं के सफ़य अकेरे तम कयने के फाद लभरी है। ऩता नहीॊ भारविका जी बी कफ से इस तयह की शाभ के लरए तयस यही हं। इन्हीॊ ख्मारं भं औय ब्राॊडी के हरके-हरके नशे भं ऩता नहीॊ कफ झऩकी रग गमी होगी। अचानक झटका रगा है। भहसूस हुआ कक भारविका जी भेयी ऩीठ के ऩीछे घुटनं के फर फैठी भेये फारं भं अऩनी उॊगलरमाॊ कपया यही हं। ऩता चर जाने के फािजूद भनें अऩनी आॊखं नहीॊ खोरी हं। कहीॊ मह भुरामभ अहसास बफखय न जामे। तबी भनें अऩने भाथे ऩय उनका चुॊफन भहसूस ककमा है। उनकी बयी-बयी छाततमं का दफाि भेयी ऩीठ ऩय भहसूस हो यहा है। भनें हौरे से आॊखं खोरी हं। भारविका जी भेयी आॊखं के साभने हं। भुझ ऩय झुकी हुई। िे अबी-अबी नहा कय तनकरी हं। गयभ ऩानी, खुशफूदाय साफुन औय उनके खुद के फदन की भादक भहक भेये तन-भन को सयाफोय कय यही है। जिॊदगी भं मह ऩहरी फाय हो यहा है कक गौयी के अरािा कोई औय स्त्राú भेये इतने तनकट है। भेये सॊस्कायं ने िोय भाया है - मे भ ंक्मा कय यहा हूॊ.. रेककन इतने सुखद भाहौर भं भ ंटार गमा हूॊ। .. जो कुछ हो यहा है औय जैसा हो यहा है होने दो। ज्मादा से ज्मादा क्मा होगा .. । भ ंकुछ ऩा ही तो यहा हूॊ। खोने के लरए भेये ऩास है ही क्मा।

तबी भारविका ने भेयी ऩीठ ऩय झुके झुके ही भेये चेहये को अऩने कोभर हाथं भं बया है औय भेयी दोनं आॊखं को फायी-फायी से चूभ लरमा है। उनका कोभर स्ऩशस औय सुकोभर चुॊफन भेये बीतय तक ऊष्भा की तयॊगं छोड़ते चरे गमे। भनें बी उसी तयह रेटे-रेटे उन्हं अऩने ऊऩय ऩूयी तयह झुकामा है, उनकी गयदन अऩनी फाॊह के घेये भं री है औय हौरे से उन्हं अऩने ऊऩय खीॊच कय उनके होठं ऩय एक आत्भीमता बयी भुहय रगा दी है - हैप्ऩी फथसडे डीमय।

हभ दोनं कापी देय से इसी भुद्रा भं एक दसूये के ऊऩय झुके हुए नन्हं-नन्हं चुम्फनं का आदान-प्रदान कय यहे हं। भ ंसुख के एक अनोखे सागय भं गोते रगा यहा हूॊ। मह एक बफरकुर ही नमी दतुनमा है, नमे तयह का अहसास है जजसे भ ंशादी के इन चाय फयसं भं एक फाय बी भहसूस नहीॊ कय ऩामा था।

भारविका अबी बी भेयी ऩीठ की तयप फैठी हं औय उनके घने औय कुछ-कुछ गीरे फार भेये ऩूये चेहये ऩय तछतयामे हुए हं। उनभं से उठती बीनी बीनी खुशफू भुझे ऩागर फना यही है।

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उन्हंने लसल्क का िनऩीस गाउन ऩहना हुआ है जो उनके फदन ऩय कपसर-कपसर यहा है। हभ दोनं ही फेकाफू हुए जा यहे हं रेककन इससे आगे फढ़ेने की ऩहर हभभं से कोई बी नहीॊ कय कय यहा है। तबी भारविका ने खुद को भेयी चगयफ्त भं से छुड़िामा है औय उठ कय कभये भं जर यहे इकरौते टैफर रैम्ऩ को बी फुझा टदमा है। अफ कभये भं चंतीस भोभफवत्तमं की खझरलभराती औय काॊऩती यौशनी है जो कभये के भाहौर को नशीरा, नयभ औय भादक फना यही है। भ ंउनकी एक-एक अदा ऩय दीिाना होता चरा जा यहा हूॊ। जानता हूॊ मे भेयी नैततकता के खखराप है रेककन भ ंमे बी जानता हूॊ आज भेयी नैततकता के साये के साये फॊधन टूट जामंगे। भेये साभने इस सभम भारविका हं औय िे इस सभम दतुनमा का सफसे फड़ा सच हं। फाकी सफ कुछ झूठ है। फेभानी है।

भनें उनके दोनं कानं की रौ को फायी-फायी से चूभते हुए कहा है - भेये जनभटदन ऩय ही भुझे इतना कुछ ऩयोस दंगी तो भेया हाजभा खयाफ नहीॊ हो जामेगा। कहीॊ भुझे ऩहरे लभर गमी होतीॊ तो !!

जिाफ भं उन्हंने अऩनी हॉसी के साये भोती एक ही फाय भं बफखेय टदमे हं - देखना ऩड़ता है न कक साभने िारा ककतना बूखा प्मासा है। िैसे भेये ऩीछे ऩागर भत फनो। भ ंएक फहुत ही फुयी औय फदनाभ औयत हूॊ। कहीॊ भेये चॊगुर भं ऩहरे पॊ स गमे होते तो अफ तक कहीॊ भुॊह टदखाने के काबफर बी न होते।

- आऩके जैसी रड़की फदनाभ हो ही नहीॊ सकती। भनें उन्हं अफ साभने की तयप खीॊच लरमा है औय अऩनी फाहं के घेये भे रे लरमा है। भेये हाथ उनके गाउन के पीते से खेरने रगे हं। उन्हंने गाउन के नीचे कुछ बी नहीॊ ऩहना हुआ है औय हाराॊकक िे भेये इतने तनकट हं औय ऩूयी तयह प्रस्तुत बी, कपय बी भेयी टहम्भत नहीॊ हो यही, इससे आगे फढ़े सकूॊ । िे भेया सॊकोच सभझ यही हं औय शयायतन भेयी उॊगलरमं को फाय-फाय अऩनी उॊगलरमं भं पॊ सा रेती हं। आखखय भ ंअऩना एक हाथ छुड़ाने भं सपर हो गमा हूॊ औय गाउन का पीता खुरता चरा गमा है। भारविका ने अऩनी आॊखं फॊद कय री हं औय झूठी लससकायी बयी है - भत कयो दीऩ प्रीज। भनें इसयाय ककमा है - जया देख तो रेने दो। - औय अगय इन्हं देखने के फाद आऩको कुछ हो गमा तो !! - शतस फद रो, कुछ बी नहीॊ होगा। उनकी फहुत आनाकानी कयने के फाद ही भ ंउनका गाउन उनके कॊ धं के नीचे कय ऩामा हूॊ। औय भ ंशतस हाय गमा हूॊ। भनें जो कुछ देखा है, भ ंअऩनी आॊखं ऩय मकीन नहीॊ कय ऩा यहा हूॊ। भारविका का अनाितृ सीना भेये साभने है। भनें फेशक गौयी के अरािा ककसी बी औयत को इस तयह से नहीॊ देखा है, रेककन जो कुछ भेये साभने है, भ ंकबी उसकी कल्ऩना बी नहीॊ कय सकता था। भनें न तो कपल्भं भं, न तस्िीयं भं औय न ही ककसी औय ही रूऩ भं ककसी बी स्त्राú के इतने वियाट, उदाय, सॊतुलरत, सुदृढ़े औय ख्फासूयत उयोज देखे हं। भ ं

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अविश्वास से उन गोये-चचटे्ट दाग यटहत औय सुडौर गोराधो की तयप देखता यह गमा हूॊ औय ऩागरं की तयह उन्हं अऩने हाथं भं बयने की नाकाभ कोलशशं कयने रगा हूॊ। उन्हं दीिानं की तयह चूभने रगा हूॊ। भारविका ने अऩनी अॊााखं फॊद कय री हं। िे भेये सुख के इन खूफसूयत ऩरं भं आडे़ नहीॊ आना चाहतीॊ!! िे अऩनी इस विशार सम्ऩदा का भोर जानती यही हंगी तबी तो िे भुझे उनका बयऩूय सुख रे रेने दे यही हं। भ ंफाय-फाय उन्हं अऩने हाथं भं बय-बय कय देख यहा हूॊ। उन्हं देखते ही भुझ जैसे नीयस औय शषु्क आदभी को कविता सूझने रगी है। कहीॊ सचभुच कवि होता तो ऩता नहीॊ इन ऩय ककतने भहाकाव्म यच देता! भ ंएक फाय कपय जी बय कय देखता हूॊ - िे इतने फडे़ औय सुडौर हं कक दोनं हाथं भं बी नहीॊ सभा यहे। भ ंउन्हं देख कय, छू कय औय अऩने इतने ऩास ऩा कय तनहार हो गमा हूॊ। अफ तक भ ंजफ बी भारविका से लभरा था, उन्हं टै्रक सूट भं, पाभसर सूट भं मा साड़ी के धऊऩय राॉग कोट ऩहने ही देखा था। शाभ को बी उन्हंने हाउसकोट जैसा कुछ ऩहना हुआ था औय उनके कऩडे़ कबी बी जया-सा बी मह आबास नहीॊ देते थे कक उनके नीचे ककतनी िैबिशारी सम्ऩदा छुऩी हुई है। िे इस सभम भेये साभने अनाितृ्त फैठी हुई हं। घुटने भोड़ कय। िज्रासन भं। साचधका की-सी भुद्रा भं। उनका ऩूया अनाितृ्त शयीय भेये एकदभ तनकट है। ऩूयी तयह तना हुआ। तनयॊतय औय फयसं के मोगाभ्मास से तनखया औय सॊिाया हुआ। कहीॊ बी यत्ती बय बी अचधकता मा कभी नहीॊ। एक भूततस की तयह साॊचे भं ढरा हुआ। ऐसी देह जजसे इतने तनकट देख कय बी भ ंअऩनी आॊखं ऩय विश्वास नहीॊ कय ऩा यहा हूॊ। ..िे आॊखं फॊद ककमे हुए ही भुझसे कहती हं - अऩने कऩडे़ उताय दो औय भेयी तयह िज्रासन रगा कय फैठ जाओ। कुतास उतायने भं भुझे सॊकोच हो यहा है, रेककन िे भुझे ऩुचकायती हं - डयो नहीॊ, भेयी आॊखं फॊद हं। भ ं िज्रासन भं फैठने की कोलशश कयता हूॊ रेककन उन्हीॊ के ऊऩय चगय गमा हूॊ। िे खखरखखराती हं औय भुझे अऩने सीने से रगा रेती हं। उनके जजस्भ की आॊच भेये जजस्भ को जरा यही है। कुछ ब्राॊडी का नशा है औय फाकी उनकी टदऩटदऩाती देह का। इतनी सायी भोभफवत्तमं की खझरलभराती यौशनी भं उनकी देह की आबा देखते ही फनती है। उन्हंने अबी बी अऩनी आॊखं शयायतन फॊद कय यखी हं औय फॊद आॊखं से ही भुझे हैयान-ऩयेशान देख कय भजे रे यही हं। तबी भ ंउठा हूॊ औय फुके के सबी पूरं को तनकार कय उन पूरं की सायी की सायी ऩॊखुडड़माॊ उनके गोये चचटे्ट सुडौर फदन ऩय बफखेय दी हं। उन्हंने अचानक आॊखं खोरी हं औय ऩखुॊडड़मं की िषास भं बीग-सी गमी हं। उनके फदन से टकयाने के फाद ऩॊखुडड़मं की खुशफू कई गुना फढ़े कय साये कभये भं पैर गमी है। िे खुशी से चीख उठी हं। भनें उन्हं गद्द ेऩय लरटामा है औय हौरे हौरे उनके ऩूये फदन को चूभते हुए एक-एक ऩॊखुड़ी अऩने होठं से हटा यहा हूॊ। भ ंजहाॊ से बी ऩॊखुड़ी हटाता हूॊ, िहीॊ एक ताजा गुराफ खखर जाता है। थोड़ी ही देय भं उनकी ऩूयी कामा दहकते हुए रार सुखस गुराफं भं फदर गमी है।

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उनके ऩास रेट गमा हूॊ औय उन्हं अऩने सीने से रगा लरमा है। उन्हंने बी अऩनी फाहं के घेये भं भुझे फाॊध लरमा है। सभम थभ गमा है। अफ इस ऩूयी दतुनमा भं लसपस हभ दो ही फचे हं। फाकी सफ कुछ खत्भ हो चुका है। हभ एक दसूये भं घुरलभर गमे हं। एकाकाय हो गमे हं। फाहय अबी बी रगाताय फपस ऩड़ यही है औय खखड़ककमं के फाहय का ताऩभान अबी बी शनू्म से कई डडिी नीचे है रेककन कभये के बीतय राखं सूमं की गयभी भाहौर को उते्तजजत औय तऩाने िारा फनामे हुए है। आज हभ दोनं का जनभ टदन है औय हभ दोनं की उम्र बी फयाफय है। दो चाय घॊटं का ही पकस होगा तो होगा हभभं। हभ अऩनी अरग-अरग दतुनमा भे अऩने अऩने तयीके से सुख-दखु बोगते हुए औय तयह-तयह के अनुबि फटोयते हुए महाॊ आ लभरे हं फेशक हभ दोनं की याहं अरग यही हं। हभने आज देश, कार औय सभम की सबी दरूयमाॊ ऩाट रीॊ हं औय अनैततक ही सही, एक ऐसे रयश्ते भं फॊध गमे हं जो अऩने आऩ भं अद्भतु औय अकथनीम है। भुझे आज ऩहरी फाय अहसास हो यहा है कक सैक्स भं कविता बी होती है। उसभं सॊगीत बी होता है। उसभं रम, तार, यॊग, नतृ्म की सायी भुद्राएॊ औय इतना आनन्द, ततृप्त, सम्ऩूणसता का अहसास औय सुख बी हुआ कयते हं। भ ंतो जैसे आज तक गौयी के साथ सैक्स का लसपस रयचुअर तनबाता यहा था। हभ दोनं एक साथ ही एक नमी दतुनमा की सैय कयके एक साथ ही इस खूफसूयत ख्िाफगाह भं रौट आमे हं। ऩूयी तयह से तपृ्त, कपय बी दोफाया िही सफ कुछ एक फाय कपय ऩा रेने की, उसी उड़ान ऩय एक फाय कपय सहमात्री फन कय उड़ जाने की उत्कट चाह लरमे हुए। हभ अबी बी िैसे ही साथ साथ रेटे हुए हं। एक दसूये को भहसूस कयते हुए, छूते हुए औय एक दसूये की नजदीकी को, ऊष्भा को अऩने बीतय तक उतायते हुए। मह ऩूयी यात ही हभ दोनं ने एक दसूये की फाहं भं इसी तयह गुजाय दी है। हभने इस दौयान एक दसूये के फहुत से याि जाने हं, फेिकूकपमाॊ फाॊटी हं, जख्भ सहरामे हं औय उऩरजब्धमं के लरए एक दसूये को फधाई दी है। हभने आधी यात को खाना खामा है। खामा नहीॊ, फजल्क भनुहाय कयते हुए, राड़ रड़ाते हुए एक दसूये को अऩने हाथं से एक-एक कौय खखरामा है। भारविका नशीरी आिाज भं ऩूछ यही है - महाॊ आकय अपसोस तो नहीॊ हुआ ना !! - हाॊ, भुझे अपसोस तो हो यहा है। - ककस फात का ? - महाॊ ऩहरे ही क्मं नही आ गमा भ।ं - कपय आओगे!! भनें उसके दोनं उयोजं ऩय चुॊफन अॊककत कयते हुए जिाफ टदमा है - आऩ हय फाय इसी तयह स्िागत औय सत्काय कयंगी तो जरूय आऊॊ गा। - अगय तुभ हय फाय भेये कऩडे़ उतायोगे तो फाफा, फाज आमे हभ ! हभं कऩडे़ उतायने िारे भेहभान नहीॊ चाटहमे !!

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- अच्छी फात है, नहीॊ उतायंगे कऩडे़, रेककन आमंगे जरूय हभ। इस खिाने की देखबार कयने कक कोई इन्हं रूट तो नहीॊ रे गमा है। - जफ इसका असरी यखिारा ही बाग गमा तो कोई कफ तक रुटेयं औय उच्चकं से यखिारी कयता कपये !! - तुभने कबी फतामा नहीॊ िो कौन फदनसीफ था जो इतनी धन दौरत छोड़ कय चरा गमा। उस आदभी भं जया सा बी संदमस फोध नहीॊ यहा होगा। - तुभ भेयी जजस दौरत को देख-देख कय इतने भोटहत हुए जा यहे हो, भ ंतुम्हं फता नहीॊ सकती कक इन्हंने भुझे ककतनी ककतनी तकरीप दी है। इन्हीॊ की िजह से भ ंमहाॊ ऩयदेस भं अकेरी ऩड़ी हुई हूॊ। - कबी तुभने फतामा नहीॊ। - तुभने ऩूछा ही कफ। - तो अफ फता दो, तुम्हाये टहस्से भं ऊऩय िारे ने कौन कौन से हादसे लरखे थे। - कोई एक हो तो फताऊॊ बी। महाॊ तो जफ से होश सॊबारा है, योजाना ही हादसं से दो चाय होना ऩड़ता है। - भुझे नहीॊ भारूभ था तुम्हाया सपय बी इतना ही भुजश्कर यहा है, अऩने फाये भं आज सफ कुछ विस्ताय से फताओ ना.. - यहने दो। क्मा कयोगे भेयी तकरीपं के फाये भं जान कय। मे तो हय टहन्दसु्तानी औयत की तकरीपं हं। सफ के लरए एक जैसी। - अच्छा तकरीपं के फाये भं भत फताओ, अऩने फचऩन के फाये भं ही कुछ फता दो। - फहुत चाराक हो तुभ। तुम्हं ऩता है, एक फाय फात शरुू हो जामे तो सायी फाते खुरती चरी जामंगी। - ऐसा ही सभझ रो। - तो ठीक है। भ ंतुम्हं अऩने फाये भं फहुत कुछ फताऊॊ गी, रेककन भेयी दो तीन शतं हं। - तुम्हाये फतामे बफना ही सायी शतं भॊजूय हं। - ऩहरी शतस कक मे सायी फवत्तमाॊ बी फॊद कय दो। भुझे बफरकुर अॊधेया चाटहमे। - हो जामेगा अॊाॊाॊधेया। दसूयी शतस। - तुभ भेये एकदभ ऩास आ जाओ, भेये ही कम्फर भं। जैसे भ ंरेटी हूॊ िैसे ही तुभ रेट जाओ। - भतरफ .. साये कऩडे़? - कहा न जैसे भ ंरेटी हूॊ िैसे ही.. औय कोई हयकत नहीॊ चाटहमे। चुऩचाऩ, छत की तयप देखते हुए रेटे यहना। औय खफयदाय। रेना-देना कापी हो चुका। अफ कोई बी हयकत नहीॊ होगी।

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- नहीॊ होगी हयकत, रेककन मे भेहभानं के कऩडे़ उतायने िारी फात कुछ हजभ नहीॊ हुई। िैसे बी भाॊगे हुए कऩडे़ हं मे। - चुऩ यहो औय तीसयी शतस कक तुभ भेयी ऩूयी फात खतभ होने तक बफरकुर बी नहीॊ फोरोगे। हाॊ हूॊ बी नहीॊ कयोगे। लसपस सुनोगे औय कबी बी न तो इसका ककसी से जजक्र कयोगे औय न ही अबी मा कबी फाद भं भुझसे इस फाये भं औय कोई सिार कयोगे, न भुझ ऩय तयस खाओगे। फोरो भॊजूय हं मे सायी शतं। - मे तो फहुत ही आसान शतं हं। औय कुछ ? - फस औय कुछ नहीॊ। अफ भ ंजफ तक न कहूॊ तुभ एक बी शब्द नहीॊ फोरोगे। भनें भारविका की शतं बी ऩूयी कय दी हं। सायी फवत्तमाॊ फुझा दी हं रेककन बायी ऩयदं की खझरयसमं से फाहय की ऩीरी फीभाय योशनी अॊदय आ कय जैसे अॊधेये को डडस्टफस कय यही है। भ ंभारविका की फगर भं आ कय रेट गमा हूॊ। उन्हंने हाथ फढ़ेा कय भेया हाथ अऩनी नालब ऩय यख टदमा है। धीये धीये अॊाॊाॊधेये भं उनकी आिाज उबयती है।

- भेया घय का नाभ तनक्की है। तुभ बी भुझे इस नाभ से फुरा सकते हो। जफ से महाॊ आमी हूॊ, ककसी ने बी भुझे इस नाभ से नहीॊ ऩुकाया। एक फाय भुझे तनक्की कह कय फुराओ प्रीि .. भ ंफायी-फायी उनके दोनं कानं भं हौरे से तनक्की कहता हूॊ औय उनके दोनं कान चूभ रेता हूॊ। तनक्की खुश हो कय भेये हंठ चूभ रेती है। - हाॊ तो भ ंअऩने फचऩन के फाये भं फता यही थी। - भेये फचऩन का ज्मादातय टहस्सा गुयदासऩुय भं फीता। ऩाऩा आभॉ भं थे इसलरए कई शहयं भं आना-जाना तो हुआ रेककन हभाया हैडक्िाटसय गुयदासऩुय ही यहा। भ ंभाॊ-फाऩ की इकरौती सॊतान हूॊ। भेया फचऩन फहुत ही शानदाय तयीके से फीता रेककन अबी आठिीॊ स्कूर भं ही थी कक ऩाऩा नहीॊ यहे। हभ ऩय भुसीफतं का ऩहाड़ टूट ऩड़ा। हभ जजस राइप स्टाइर के आदी थे, यातं-यात हभसे छीन री गमी। भिफूयन भम्भी को जॉफ की तराश भं घय से फाहय तनकरना ऩड़ा। भम्भी ज्मादा ऩढ़ेी-लरखी नहीॊ थीॊ इसलरए बी ऩयेशातनमाॊ ज्मादा हुईं। रेककन िे फहुत टहम्भत िारी औयत थीॊ इसलरए सफकुछ सॊबार रे गमीॊ। हाराॊकक भेयी ऩढ़ेाई तो ऩूयी हुई रेककन हभ रगाताय दफािं भं यहने को भजफूय थे। मे दफाि आचथसक बी थे औय भानलसक बी। मे भम्भी की टहम्भत थी कक हभायी हय भुजश्कर का िे कोई न कोई हर ढूॊढ ही रेती थी। उसने भुझे कबी भहसूस ही न होने टदमा कक भेये लसय ऩय ऩाऩा का सामा नहीॊ है। िही भेये लरए भम्भी औय ऩाऩा दोनं की बूलभका फखूफी तनबाती यही। औय उन्हीॊ टदनं भेयी मे सभस्मा शरुू हुई। िैसे तो भुझे ऩीरयमड्स शरुू होने के सभम से ही रगने रगा था कक भेयी बे्रस्ट्स का आकाय कुछ ज्मादा ही तेजी से फढ़े यहा है रेककन एक तो िो खाने-ऩीने की उम्र थी औय दसूये शयीय हय तयह के चंजेस से गुजय यहा था इसलरए ज्मादा ऩयिाह नहीॊ की थी रेककन सोरह-सत्रह तक ऩहुॊचते ऩहुॊचते तो मह हारत हो गमी थी कक भ ंदेखने भं एक बयऩूय औयत की तयह रगने रगी थी। कद काठी तो तुम्हाये साभने

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ही है। सभस्मा मह थी कक मे आकाय भं फढ़ेते ही जाते। हय ऩद्रह टदन भं बे्रियी छोटी ऩड़ जाती। भुझे फहुत शयभ आती। साया ताभझाभ खचॉरा तो था ही, भुझे आकिडस ऩोजीशन भं बी डार यहा था। भम्भी ने जफ भेयी मह हारत देखी तो डॉक्टय के ऩास रे गमी। भम्भी ने शक की तनगाह से देखते हुए ऩूछा बी कक कहीॊ भ ंगरत रड़कं की सॊगत भं तो नहीॊ ऩड़ गमी हूॊ। डाक्णटय ने अच्छी तयह से भेया भुआइना ककमा था औय हॉसते हुए कहा था - दसूयी रड़ककमाॊ इन्हं फड़ा कयने के तयीके ऩूछने आती हं औय तुभ इन्हं फढ़ेता देख ऩयेशान हो यही हो। गो, रयरैक्स एॊड एॊजाम। कुछ नहीॊ है, लसपस हाभोन की साइककर के डडस्टफस हो जाने के कायण ऐसा हो यहा है। तुभ बफरकुर नाभसर हो। रेककन न भ ंनाभसर हो ऩा यही थी, औय न एॊजाम ही कय ऩा यही थी। भेयी हारत खयाफ थी। सहेलरमाॊ तो भुझ ऩय हॉसती ही थीॊ, कई फाय टीचसस बी हॉसी भजö्ााााक कयने से फाि नहीॊ आती थीॊ। भोहल्रे की बाबी औय दीदीनुभा शादीशदुा रड़ककमाॊ भिाक-भिाक भं ऩूछतीॊ - िया हभं बी फताओ, कौन से तेर से भालरश कयती हो। भेयी हारत खयाफ थी। भ ं ककतना बी सीना ढक कय चरती, भोटे, डाकस कऩडे़ के दऩुटे्ट लसरिाती औय फहुत एहततमात से ओढ़ेती रेककन गरी-भौहल्रे के दषु्ट रड़कं की ऩैनी तनगाह से बरा कैसे फच ऩाती..। आते जाते उनके घटटमा जुभरे-सुनने ऩड़ते। भुझे अऩने आऩ ऩय योना आता कक भ ंसायी जिॊदगी ककस तयह इनका फोझ उठा ऩाउॊ€गी!! िैसे देखने भं इनकी शेऩ फहुत ही शानदाय थी औय नहाते सभम भ ंइन्हं देख-देख कय खुद बी भुग्ध होती यहती, रेककन घय से तनकरते ही भेयी हारत खयाफ होने रगती। तन को छेदती रोगं की नॊगी तनगाहं, अश्लीर जुभरे औय भेयी खुद की हारत। फीएससी कयते-कयते तो भेयी मह हारत हो गमी थी कक भ ं बे्रजयी के ककसी बी साइज की सीभा से फाहय जा चुकी थी। भम्भी फाजाय से सफसे फड़ा साइज रा कय ककसी तयह से जोड़ -तोड़ कय भेये लरए गुिाये रामक बे्रियी फना कय देती। भम्भी बी भेयी िजह से अरग ऩयेशान यहती कक भ ंमह खिाना उठामे-उठामे कहाॊ बटकूॊ गी!! ऩता नहीॊ, कैसी ससुयार लभरे औय कैसा ऩतत लभरे। फदककस्भती से न तो ससुयार ही ऐसी लभरी औय न ऩतत ही कद्रदान लभरा। जजन टदनं फरविन्दय से भेयी शादी की फात चरी, तफ िह महीॊ रॊदन से ख़ास तौय ऩय शादी कयने के लरए इॊडडमा आमा हुआ था। िे रोग भेयठ के यहने िारे थे। हभं फतामा गमा था कक फरविन्दय का रॊदन भं इॊडडमन हंडीक्राफ्ट्स का अऩना कायोफाय है। लभडरसैक्स भं उसका अऩना अऩाटसभंट है, काय है औय ढेय साया ऩैसा है। िे रोग ककसी छोटे ऩरयिाय भं रयश्ता कयना चाहते थे जहाॊ रड़की ऩढ़ेी-लरखी हो ताकक ऩतत के कायोफाय भं हाथ फॊटा सके औय फाद भं चाहे तो अऩने ऩरयिाय को बी अऩने ऩास रॊदन फुरिा सके। फरविन्दय देखने भं अच्छा-ख़ासा स्भाटस था औय फातचीत भं बी कापी तेि था। जजस िक्त हभाये रयश्ते की फातचीत चर यही थी तो हभं फरविन्दय के, उसके गुणं के, कायोफाय के औय खानदान के फहुत ही शानदाय सब्जफाग टदखामे गमे थे। हभाये ऩास न तो ज्मादा ऩड़तार कयने का कोई

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िरयमा था औय न ही िे रोग इसका कोई भौका ही दे यहे थे। िे तो सगाई के टदन ही शादी कयने के भूड भं थे कक िहाॊ उसके कायोफाय का हजास हो यहा है। भेयी भम्भी के हाथ-ऩाॊि पूर गमे थे कक हभ इतनी जल्दीफाजी भं सायी तैमारयमाॊ कैसे कय ऩामंगे। इससे बी हभं फरविन्दय ने ही उफाया था। एक टदन उसका पोन आमा था। उसने भम्भी को अऩनी चाशनीऩगी बाषा भं फतामा था कक भारविका के लरए ककसी बी तयह के दहेज की जरूयत नहीॊ है। रॊदन भं उसके ऩास सफ कुछ है। फहुत फड़ी ऩाटॊ-िाटॊ देने की बी जरूयत नहीॊ है। िे रोग ऩाॊच आदभी रेकय डोरी रेने आ जामंगे, ककसी बी तयह की टीभ- टाभ की बी िरूयत नहीॊ हं। भम्भी ने अऩनी भिफूयी जतरामी थी - इतनी फड़ी बफयादयी है। रोग क्मा कहंगे बफन फाऩ की फेटी को ऩहने कऩड़ं भं विदा कय टदमा। तफ यास्ता बी फरविन्दय ने ही सुझामा था - तफ ऐसा कीजजमे भम्भी जी, कक आऩ रोग शादी के फाद एक छोटी-सी ऩाटॊ तो यख ही रीजजमे, फाकी आऩ भारविका को उसका घय-सॊसाय फसाने के लरए जो कुछ बी देना चाहती हं, उसका एक िाफ्ट फनिा कय उसे दे देना। िही उसका स्त्राúधन यहेगा औय उसी के ऩास यहेगा। भेये ऩास सफ कुछ है। आऩके आशीिासद के लसिाम कुछ बी नहीॊ चाटहमे। भम्भी फेचायी अकेरी औय सीधी सादी औयत। उसकी झाॊसाऩट्टी भं आ गमी। उसके फाद तो मह हारत हो गमी कक हय दसूये टदन उसका पोन आ जाता औय िह भम्भी को एक नमी ऩट्टी ऩढ़ेा देता। भम्भी खुश कक देखो ककतना अच्छा दाभाद लभरा है कक जो इस घय की बी ऩूयी जजम्भेिायी सॊबार यहा है। इन टदनं िही उनका सगा हो गमा था। उसने अऩने शारीन व्मिहाय से हभाया भन जीत लरमा था। भेयी ससुयार िारे फहुत खुश थे कक उनके घय भं इतनी सुॊदय औय ऩढ़ेी लरखी फहू आमी है। शादी से ऩहरे ही मह खफय ऩूये ससुयार भं पैर चुकी थी कक आने िारी फहू के एसेट्स कुछ ज्मादा ही ििनदाय हं। औयतं औय रड़ककमं का भेये ऩास ककसी न ककसी फहाने से आना तो कपय बी चर जाता था, रेककन जफ गरी भुहल्रे के हय तयह के रड़के औय जिान रयश्तेदाय फाय-फाय फरविन्दय के ऩास ककसी न ककसी फहाने से आकय भेये एसेट्स की एक झरक तक ऩाने के लरए आसऩास भॊडयाते यहते तो हभ दोनं को फहुत खयाफ रगता। िैसे फरविन्दय भन ही भन फहुत खुश था कक उसकी फीिी इतनी अच्छी है कक उसे ककसी न ककसी फहाने से देखने के लरए साया टदन साया दोस्तं का जभघट रगा ही यहता है। शरुू के कई टदन तो गहभा गहभी भं फीत गमे। साया टदन भेहभानं के आने जाने भं टदन का ऩता ही नहीॊ चरता था। रेककन तीन चाय टदन फाद जफ हभ हनीभून ऩय गमे तो िहाॊ फरविन्दय की खुशी देखते ही फनती थी। उसके टहसाफ से उन टदनं उस टहर स्टेशन ऩय जजतने बी हनीभून िारे जोडे़ घूभ यहे थे, उन सफसे खूफसूयत भ ंही थी। भुझे देखने के लरए याह चरते रोग एक फाय तो जरूय ही टठठक कय खडे़ हो जाते थे। भुझे बी तसल्री हुई थी कक चरो, भेयी एक फहुत फड़ी सभस्मा सुरझ गमी। कभ से कभ इस फ्रैॊ ट ऩय तो कॉम्ऩरैक्स ऩारने की जरूयत नहीॊ है।

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यात को फरविन्दय भेयी कपगय की फहुत तायीप कयता। भेये ऩूये फदन को चूभता, भेये उयोजं को चूभता, सहराता औय अऩने हाथं भं बयने की कोलशश कयता। साया टदन होटर भं हभ दोनं पे्रभ के गहये सागय भं गोते रगाते यहते। हनीभून से रौट कय बी उसके स्नेह भं कोई कभी नहीॊ आमी थी। अरफत्ता, फरविन्दय के घय आने िारे रोगं की सॊख्मा फहुत फढ़े गमी थी। रोग ककसी न ककसी फहाने से भेये एसेट्स की एक झरक ऩाने के लरए भौके तराशते, घूय घूय कय देखते। भेयी ननॊदं, जजठातनमाॊ औय आस ऩास की बालबमाॊ िगैयह बी िही सिार ऩूछतीॊ, जो वऩछरे आठ सारं से भुझसे तयह तयह से ऩूछे जा यहे थे। कुर लभरा कय अऩने नमे जीिन की इतनी शानदाय शरुूआत से भ ंफहुत खुश थी। भ ंभम्भी को पोन ऩय अऩने सभाचाय देती औय उन्हं फताती कक भेयी ससुयार ककतनी अच्छी है। रेककन सच्चाई फहुत ही जल्दी अऩने असरी यॊग टदखाने रगी थी। फरविन्दय ने घय ऩय मह नहीॊ फतामा था कक उसने खुद ही दहेज के लरए भना ककमा है औय उसके फजामे भाॊ से भेये नाभ ऩय ऩाॊच राख का िाफ्ट हालसर कय यखा है। भाॊ ने अऩनी जिॊदगी बय की फचत ही उसे संऩ दी थी। फाकी जो फचा था, िह भेये कऩडे़ गहनं ऩय खचस कय टदमा था। फेशक भेये रूऩ औय गुणं के, भेये रामे कीभती कऩड़ं औय गहनं के गुणगान दो चाय टदन तक ऊॊ चे स्िय भं ककमे जाते यहे रेककन जल्दी ही दहेज के नाभ ऩय कुछ बी न ऩाने का भरार उनसे भेयी औय भेये ऩरयिाय की फुयाइमाॊ कयाने रगा। भ ंनमी थी औय अकेरी थी, सफके भुॊह कैसे फॊद कयती। एक - आध फाय भनें फरविन्दय से कहा बी कक तुभ कभ से कभ अऩने भाॊ-फाऩ को तो फता सकते हो कक तुभ खुद ही दहेज के लरए भना कय आमे थे औय उसके फदरे नकद ऩैसे रे आमे हो तो िह हॊस कय टार गमा - मे भूयख रोग ठहये। इनकी फातं सुनती यहो औय कयो िही जो तुम्हं अच्छा रगता है। इन्हं औय कोई तो काभ है नहीॊ। फरविन्दय ने शादी के एक हफ्ते के बीतय ही एक ज्िाॊइट खाता खुरिामा था औय भुझे दहेज के नाभ ऩय लभरा ऩाॊच राख का िाफ्ट जभा कया टदमा गमा था। फरविन्दय ने भुझे उस खाते का नम्फय देने का िरूयत ही नहीॊ सभझी थी औय न चेक फुक िगैयह ही दी थी। भुझे खयाफ तो रगा था रेककन भ ंचुऩ यह गमी थी। शादी के एक हफ्ते केध अॊदय ऩतत ऩय अविश्वास कयने की मह कोई फहुत फड़ी ििह नहीॊ थी। फरविन्दय शादी के एक भहीने तक िहीॊ यहा था औय रॊदन की अऩनी मोजनाएॊ भुझे सभझाता यहा था। उसने फतामा था कक अऩनी एक फुआ के िरयमे ऩाॊच सार ऩहरे रॊदन ऩहुॊचा था औय लसपस ऩाॊच फयसं भं ही उसने अऩना खुद का अच्छा-ख़ासा कायोफाय खड़ा कय लरमा है। भेये ऩासऩोटस के लरए एप्राई कया टदमा गमा था औय फरविन्दय िहाॊ ऩहुॊचते ही भुझे िहीॊ फुरिा रेने की कोलशश कयने िारा था। रॊदन के लरए विदा होने से ऩहरे िारी यात िह फहुत ही बािुक हो गमा था औय कहने रगा था - तुम्हं महाॊ अकेरे छोड़ कय जाने का जया बी भन नहीॊ है, रेककन क्मा ककमा जामे। टे्रिर डौक्मूभंट्स की पाभैलरटी तो ऩूयी कयनी ही ऩडे़गी।

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उसके जाते ही भेये साभने कई तयह की ऩयेशातनमाॊ आ खड़ी हु़ई थीॊ। भुझे दहेज भं कुछ बी न राने के लरए ससुयार िारं ने सताना शरुू कय टदमा कक भ ंकैसी कॊ गरी आमी हूॊ कक साभान के नाभ ऩय एक सुई तक नही रामी हूॊ। भुझे फहुत खयाफ रगा। फरविन्दय ने खुद ही तो कहा था कक उन्हं साभान नहीॊ चाटहमे। आखखय जफ ऩानी लसय के ऊऩय से जाने रगा तो भुझे बी अऩना भुॊह खोरना ही ऩड़ा - आऩ ही का सॊदेश रे कय तो फरविन्दय भम्भी के ऩास गमा था कक हभं कुछ बी नहीॊ चाटहमे औय जो कुछ बी देना है िह िाफ्ट के जरयमे दे टदमा जामे। रेककन िहाॊ तो भेयी फात सुनने के लरए कोई तैमाय ही नहीॊ था। जफ भनें ज्िाॊइट खाते भं जभा कयामे गमे ऩाॊच राख के िाफ्ट की फात की तो दसूयी ही सच्चाइमाॊ भेये साभने आने रगी थीॊ। हभाया खाता धो ऩंछ कय साप ककमा जा चुका था। उसने भेयी जानकायी के बफना भेये िाफ्ट के ऩूये ऩैसे तनकरिा लरमे थे औय भुझे हिा तक नहीॊ रगने दी थी कक िह खाता बफरकुर साप कयके जा यहा है। मह तो फाद भं ऩता चरा था कक उसने उन भं से आधे ऩैसे तो अऩने घय िारं को दे टदमे थे औय फाकी अऩने ऩास यख लरमे थे। उसने अऩने घय िारं के साथ मही झूठ फोरा कक िह मे ऩैसे रॊदन से कभा कय रामा था औय शादी भं खचस कयने के फाद जो कुछ बी फचा है, िह दे कय जा यहा है। िह हभाये ऩैसं के फर ऩय अऩने घय भं अऩनी शानदाय इभेज फना कय भुझे न केिर कॊ गरा फना गमा था फजल्क हभ रोगं को सुनाने के लरए अऩने घय िारो को एक स्थामी ककस्सा बी दे गमा था। भेये तो जैसे ऩैयं के तरे से जभीन ही खखसक गमी थी। भम्भी को मह फात नहीॊ फतामी जा सकती थी। अफ तो भेये साभने मह सॊकट बी भॊडयाने रगा था कक ऩता नहीॊ फरविन्दय रॊदन गमा बी है मा नहीॊ औय भुझे कबी फुरिामेगा बी मा नहीॊ। भ ंअजीफ दवुिधा भं पॊ स गमी थी। कहती ककसे कक भ ंकैसी ब ्ॊाािय भं पॊ स गमी हूॊ। इतना फड़ा धोखा कय गमा था फरविन्दय भेये साथ। उसे अगय भेये ऩैसं की िरूयत थी बी तो कभ से कभ भुझे फता तो देता। भम्भी ने मे ऩैसे हभाये लरए ही तो टदमे थे। िक्त ऩड़ने ऩय हभाये ही काभ आने थे। फरविन्दय जाते सभम न तो िहाॊ का ऩता दे गमा था औय न ही कोई पोन नम्फय ही। मही कह गमा था कक ऩहुॊचते ही अऩना अऩाटसभंट फदरने िारा है। लशफ्ट कयते ही अऩना नमा ऩता दे देगा। उसने अऩनी ऩहुॊच का ऩत्र बी ऩूये एक भहीने फाद टदमा था। भ ंफता नहीॊ सकती कक मह िक्त भेये लरए ककतना भुजश्कर गुजया था। ससुयार भं तो फरविन्दय के जाते ही सफकी आॊखं ऩरट गमी थीॊ औय सफ की नजयं भं भ ंही दोषी थी, हाराॊकक घय ऩय आने िारे ऐसे भेहभानं की कोई कभी नहीॊ थी जो आ कय ऩूछते कक भुझे फरविन्दय के बफना कोई तकरीप तो नहीॊ है। भ ंसफ सभझती थी रेककन कय ही क्मा सकती थी। फरविन्दय ने भहीने बय फाद बेजे अऩने ऩहरे खत भं लरखा था कक िह महाॊ आते ही अऩने बफजजनेस की कुछ ऩयेशातनमं भं पॊ स गमा है औय अबी भुझे जल्दी नहीॊ फुरिा ऩामेगा। उसने जो ऩता टदमा था िह ककसी के केमय ऑप था। उसने जो ऩत्र भुझे लरखा था उसभं फहुत ही बािुक बाषा का प्रमोग कयते हुए अफ़सोस जाटहय ककमा था कक िह भेये बफना फहुत

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अकेराऩन भहसूस कयता है रेककन चाह कय बी भुझे जल्दी फुरिाने के लरए कुछ बी नहीॊ कय ऩा यहा है। इस ऩत्र भं कुछ बी ऐसा नहीॊ था जजससे भुझे तसल्री लभरती। ऩता लभर जाने के फाद लसपस एक ही यास्ता मह खुरा था कक भ ंउससे ऩूछ सकती थी कक आखखय उसने भेये साथ ऐसा धोखा क्मं ककमा कक भेये ऩास भेये ऩाॊच राख रुऩमं भं से एक हजाय रुऩमे बी नहीॊ छोडे़ कक भ ंअऩनी टदन प्रततटदन की शावऩ ॊग ही कय सकूॊ । भनें उसे एक कड़ा ऩत्र लरखा था कक उसके इस व्मिहाय से भुझे ककतनी तकरीप ऩहुॊची है। भनें उसे लरखा था कक भ ंउसके सुख दखु भं हभेशा उसके साथ यहूॊगी रेककन उसे ऐसा नहीॊ कयना चाटहमे था कक अऩने ऩरयिाय की नियं भं भेयी इभेज इतनी खयाफ हो। एक भहीने तक उसका कोई जिाफ नहीॊ आमा था। भेये ऩास इस फात का कोई जरयमा नहीॊ था कक भ ंफरविन्दय से सम्ऩकस कय ऩाती। भ ंभम्भी के ऩास जाना चाहती थी ताकक कुछ िक्त उनके साथ गुजाय सकूॊ रेककन योिाना फरविन्दय के ख़त के इॊतिाय भं भ ंअटकी यह जाती थी। उसके ऩत्र के इॊतिाय भं भुझे फहुत रम्फा रम्फा अयसा गुिायना ऩड़ यहा था। इधय भेयी ससुयार िारं के ताने औय जरी कटी फातं। भ ंअकेरी ऩड़ जाती औय. जिाफ नहीॊ दे ऩाती थी। एक तो िहाॊ कयने धयने के लरए कुछ नहीॊ होता था औय दसूये फरविन्दय की नीमत का कुछ ऩता नहीॊ चर ऩा यहा था। ऩूये दो भहीने के रम्फे इॊतिाय के फाद उसका चाय राइनं का ऩत्र आमा था। उसने इस फात ऩय गहया अफ़सोस जाटहय ककमा था कक िह अऩने बफजजनेस की ऩयेशातनमं के चक्कय भं भुझे उन ऩैसं की फाफत नहीॊ फता सका था। उसने लरखा था कक भुझे बफना फतामे उसे मे ऩैसे तनकरिाने ऩडे़। उसने लरखा था कक टदल्री की ही एक ऩाटॊ से वऩछरा कुछ रेन देन फकामा था। जफ भ ंउसके ऩास अगरा साभान फुक कयाने गमा तो उसने साप भना कय टदमा कक जफ तक वऩछरे बुगतान नहीॊ हो जाते, आगे कुछ बी नहीॊ लभरेगा। भेये साभने सॊकट था कक उसके साभान के बफना दकुान चरानी भुजश्कर हो जाती। भजफूयन तुम्हाये खाते भं से उसे चैक दे देना ऩड़ा। भैने इस फाये भं तुम्हं इसलरए नहीॊ लरखा कक महाॊ आते ही भ ं बफजजनेस सॊबरते ही इनका इॊतिाभ कयके तुम्हाये खाते भं िावऩस जभा कया देने िारा था। तुम्हं ऩता ही न चरता औय खाते भं ऩैसे िावऩस जभा हो जाते, रेककन जस्थततमाॊ हं कक तनमॊत्रण भं ही नहीॊ आ ऩा यही हं। इस फाय बी उसने केमय ऑप का ही ऩता टदमा था। फेशक मह चचट्ठी भेयी ससुयार िारं की तनगाह भं भुझे इस इल्िाभ से फयी कयती थी कक भं कॊ गरी नहीॊ आमी थी औय भेये रामे ऩाॊच राख रुऩमे आडे़ िक्त भं फरविन्दय के ही काभ आ यहे हं। रेककन ऩता नहीॊ भेयी ससुयार िारे ककस लभट्टी के फने हुए थे कक भुझे इस इल्िाभ से फयी कयने के फजामे दसूये औय ज्मादा गॊबीय इल्जö्ााााभ से घेय लरमा - कैसी कुरच्छनी आमी है कक आते ही भहीने बय के बीतय हभाये फरविन्दय का चरा चरामा बफजजनेस चरा गमा। ऩता नहीॊ, ऩयदेस भं कैसे अकेरे सॊबार यहा होगा। देखो बफचाये ने

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ऩता बी तो अऩने ककसी दोस्त का टदमा है। ऩता नहीॊ फेचाये का अऩना घय बी फचा है मा नहीॊ। अफ भेये लरए हारत मह हो गमी थी कक न कहते फनता था न यहते। भ ंचायं तयप से तघय गमी थी। भेया सफसे फड़ा सॊकट मही था कक कहीॊ भम्भी को मे सायी फातं ऩता न चर जामं। िे बफचायी तो कही की न यहंगी। उन्हं मे सफ फताने का भतरफ होता, उन्हं अऩनी ही तनगाहं भं छोटा फनाना, जो भ ंककसी बी कीभत ऩय नहीॊ कय सकती थी। अफ भेये ऩास एक ही उऩाम फचता था कक भ ंससुयार की जरी-कटी फातं से फचने के लरए कुछ टदनं के लरए भम्भी के ऩास रौट आऊॊ औय रॊदन भं जस्थततमं के सुधयने का इॊतिाय करुॊ । भनें फरविन्दय का हौसरा फढ़ेाते हुए उसे एक रम्फा ऩत्र लरखा। भ ंउसे अऩने प्रतत उसके घय िारं के व्मिहाय के फाये भं लरख कय औय ऩयेशान नहीॊ कयना चाहती थी। भुझे मह बी ऩता नहीॊ था कक उसके घय िारे उसे भेये फाये भं क्मा क्मा लरखते यहे हं। भनें उसे लरखा कक िह अऩना ख्मार यखे औय भेयी बफरकुर बी चचॊता न कये औय कक भ ंरॊदन भं उसकी जस्थतत सुधयने तक अऩनी भम्भी के ऩास ही यहना चाहूॊगी। िह अगरा ऩत्र भुझे भम्भी के ऩते ऩय ही लरखे। औय तफ भ ंभम्भी के घय रौट आमी थी। मह रौटना हभेशा के लरए रौटना था। भम्भी को मह सभझाना फहुत ही आसान था कक फरविन्दय जफ तक भेये टे्रिर डॉक्मूभंट्स तैमाय कया के नहीॊ बेज देता, भ ंउन्हीॊ के ऩास यहना चाहूॊगी। भम्भी को इस फात से खुशी ही होनी थी कक ससुयार भं अकेरे ऩडे़ यहने के फजामे भ ंइॊडडमा भं अऩना फाकी सभम उनके साथ गुजाय यही हूॊ। भम्भी को न तो भनें ऩैसं की फाफत कुछ फतामा था औय न ही ससुयार भं अऩने प्रतत व्मिहाय के फाये भं ही। फेकाय भं ही उन्हं ऩयेशान कयने का कोई भतरफ नहीॊ था। भनें अऩना िक्त गुिायने के लरए मोगा करासेस ज्िाइन कय रीॊ। इससे िकत तो ठीक-ठाक गुिय जाता था साथ ही अऩनी सेहत को ठीक यखने का िरयमा बी लभर गमा था। जीिन के कुछ अथस बी लभरने रगे थे। इस ऩूये िक्त के दौयान भेये ऩास फरविन्दय के चगने चुने ऩत्र ही आमे थे। उनभं िही मा उस से लभरती-जुरती दसूयी सभस्माओॊ के फाये भं लरखा होता। भ ंउसके हय अगरे ऩत्र के साथ सोच भं डूफ जाती कक आखखय इन सभस्माओॊ का कहीॊ अॊत बी होगा मा नहीॊ औय भ ंकफ तक उसके भहीने दो भहीने के अॊतयार ऩय आने िारे ख़तं के इॊतजाय भं अऩनी जिॊदगी का सफसे खूफसूयत दौय मूॊ ही गॊिाती यहूॊगी। उसे गमे छ् भहीने होने को आमे थे औय अबी तक उम्भीद की एक ककयण बी कहीॊ निय नहीॊ आ यही थी। उधय भेये ससुयार िारे भुझे ऩूयी तयप बुरा फैठे थे। भ ंमोगाभ्मास का कोसस ऩूया कय चुकी थी। िक्त काटने की नीमत से भनें तफ मोगा टीचय की टे्रतन ॊग रेनी शरुू कय दी थी। साथ ही साथ नेचुयोऩैथी का बी कोसस ज्िाइन कय लरमा। िैसे मोगाभ्मास से एक फ़ामदा जö्ाारूय हुआ था कक अफ भ ंझल्राती मा बड़कती नहीॊ थी औय धैमस से

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इॊतजाय कयती यहती थी कक जो बी होता है अगय भेये फस भं नहीॊ है तो िैसा ही होने दो। भेया शयीय बी मोगाभ्मास से थोड़ा औय तनखय आमा था। इस फीच भेया ऩासऩोटस फन कय आ गमा था। भनें इसकी इत्तरा फरविन्दय को दे दी थी रेककन उसका कोई जिाफ ही नहीॊ आ यहा था। भ ंइधय ऩयेशान होने के फािजूद कुछ बी नहीॊ कय ऩा यही थी। भेये ऩास उससे सम्ऩकस कयने का कोई िरयमा ही नहीॊ था। उन्हीॊ टदनं हभाये ही ऩड़ोस के एक रड़के की ऩोजस्टॊग उसके ऑकपस की रॊदन शाखा भं हुई। जाने से ऩहरे िह भेये ऩास आमा था कक अगय भ ंफरविन्दय को एक खत लरख दूॊ औय उसे एमयऩोटस आने के लरए कह दूॊ तो उसे नमे देश भं शरुूआती टदक्कतं का साभना नहीॊ कयना ऩडे़गा। भेये लरए इससे अच्छी फात क्मा हो सकती थी कक इतने अयसे फाद फरविन्दय के ऩास सीधे ही सॊदेश बेजने का भौका लभर यहा था। भनें फरविन्दय को उसके फाये भं विस्ताय से खत लरख टदमा था। तफ भनें फरविन्दय के लरए ढेय सायी चीजं फनामी थीॊ ताकक उन्हं हयीश के हाथ बेज सकूॊ । भेये ऩत्र के साथ भम्भी ने बी फरविन्दय को एक रम्फा ऩत्र लरख टदमा था। हयीश के रॊदन जाने की तायीख से कोई दसेक टदन ऩहरे फरविन्दय का ऩत्र आ गमा था। िह कुछ अरग ही कहानी कह यहा था। लरखा था फरविन्दय ने। कैसे लरखूॊ कक भेये ककतने दटुदसन चर यहे हं। एक भुसीफत से ऩीछा छुड़ामा नहीॊ होता कक दसूयी गरे रग जाती है। भनें तुम्हं ऩहरे नहीॊ लरखा था कक कहीॊ तुभ ऩयेशान न हो जाओ, रेककन हुआ मह था कक इॊडडमा से जो कन्साइनभंट आमा था उसभं ऩाटॊ ने भुझसे ऩूये ऩैसे रे रेने के फािजूद फदभाशी से अऩने ही ककसी क्रामंट से लरए कुछ ऐसा साभान बी यख टदमा था जजसे महाॊ राने की ऩयलभशन नहीॊ है। उसने सोचा था कक जफ भ ंकन्साइनभंट छुड़िा रूॊगा तो आयाभ से अऩनी ऩाटॊ को कह कय भुझसे िो साभान भॊगिा रेगा। कहीॊ कुछ गड़फड़ हो गमी तो साप भुकय जामेगा। औय फदककस्भती से हुआ बी मही। िह भार ऩकड़ा गमा है औय इरिाभ भुझ ऩय है क्मंकक मे साभान भेये ही गोडाउन भं लभरा है। भेयी कोई सपाई नहीॊ भानी गमी है। महाॊ के कानून तुम्हं भारूभ नहीॊ है कक ककतनी सख्ती फयती जाती है। अफ ऩता नहीॊ क्मा होगा भेया। इसी चचॊता के चरते कई टदनं से अॊडयिाउॊ ड हो कय भाया-भाया कपय यहा हूॊ औय घय बी नहीॊ गमा हूॊ। अऩने कान्टैक्ट्स की भदद से भाभरा यफ़ा दफ़ा कयाने के चक्कय भं हूॊ। अफ सॊकट मे है कक इम्ऩोरयमभ ख्रे तो कुछ कायोफाय हो रेककन भुझे डय है कक कहीॊ इम्ऩोरयमभ के खुरते ही ऩुलरस भुझे चगयफ्ताय न कय रे। तुभ बी सोचती होिोगी कक ककस ऩागर से रयश्ता फॊधा है कक अबी तो हाथं की भंहदी बी नहीॊ उतयी कक मे सफ चक्कय शरुू हो गमे। रेककन चचॊता भत कयो डडमय, सफ ठीक हो जामेगा। एक अच्छा िकीर लभर गमा है। है तो अऩनी तयप का रेककन महाॊ के कानूनं का अच्छा जानकाय है औय कोई न कोई यास्ता तनकार ही रेगा। भ ंभाभरे से तो फच ही जाऊॊ ाॊगा। भेया तो कई राख का भार इस चक्कय भं पॊ सा हुआ है िो बी रयरीज हो जामेगा। फस एक ही टदक्कत है। उसकी पीस कुछ ज्मादा ही तगड़ी है। मे सभझ रो कक अगय महीॊ इॊतिाभ कयना ऩड़ा तो कभ से कभ ऩचास रोगं के आगे हाथ पैराने ऩडं़। भेयी

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जस्थतत तुभ सभझ ऩा यही होगी। अॊडयिाउॊ ड होने के कायण भ ंसफके आगे हाथ जोड़ने बी नहीॊ जा सकता। ऩहरे से ही तुम्हाया देनदाय हूॊ औय ऊऩय से मे भुसीफत। भ ंतुम्हायी तयप ही उम्भीद बयी तनगाह से देख सकता हूॊ। क्मा ककसी तयह एक डेढ़े राख का इॊतिाभ हो ऩामेगा। जानता हूॊ। तुम्हाये मा भम्भी जी के लरए लरए मह यकभ फहुत फड़ी है। आऩ रोग अबी ऩहरे ही इतना ज्मादा कय चुके हं। रेककन भ ंसच कहता हूॊ, इस भाभरे से तनकरते ही सफ कुछ ठीक हो जामेगा औय भ ं तनश ्ॊजाचत हो कय तुम्हं औय भम्भी जी को महाॊ फुरिाने के लरए कोलशश कय सकूॊ गा। अफ तक तुम्हाया ऩासऩोटस बी आ गमा होगा। एक ख़ास ऩता दे यहा हूॊ। ऩैसे चाहे इॊडडमन कयंसी भं हो मा ऩाउॊ ड्स भं, इसी ऩते ऩय लबजिाना। मे ऩैसे रयििस फकं की ऩयलभशन के बफना लबजिामे नहीॊ जा सकते इसलरए तुम्हं कोई औय ही जरयमा ढूॊढना होगा। भ ंजानता हूॊ मह भाभरा भुझे खुद ही सुरटाना चाटहमे था औय तुम्हं इसकी तत्ती हिा बी नहीॊ रगने देनी चाटहमे थी, रेककन भुसीफतं ककसी का दयिाजा खटखटा कय तो नहीॊ ही आतीॊ। भम्भी जी को भेयी ऩैयी ऩौना कहना। जो बी डेिरऩभंट होगा तुम्हं तुॊत लरखूॊगा। ऩत्र ऩढ़े कय भ ंफहुत ऩयेशान हो गमी थी। सभझ भं नहीॊ आ यहा था कक मे क्मा हो यहा है। सच भं हो बी यहा है मा कोई नाटक चर यहा है। कैसे ऩता चरे कक सच क्मा है। एक फात तो थी कक अगय भाभरा झूठा बी हो तो ऩता नहीॊ चर सकता था औय सच के फाये भं ऩता कयने का कोई िरयमा ही नहीॊ था। इतने भहीनं के फाद भनें भम्भी को ऩहरी फाय फरविन्दय के ऩहरे के ऩत्रं के फाये भं फतामा था। भम्भी बी मह औय वऩछरे ऩत्र ऩढ़े कय फहुत ऩयेशान हो गमी थी। बफना ऩूयी फात जाने एक डेढ़े राख रुऩमे औय बेजने की बी हभ टहम्भत बी नहीॊ जुटा ऩा यहे थे। िैसे बी कहीॊ न कहीॊ से इॊतिाभ ही कयना ऩड़ता। भेयी शादी भं ही भम्भी अऩनी सायी फचत खचस कय चुकी थी। हभ दोनं सायी यात इसी भसरे के अरग-अरग ऩहरुओॊ के फाये भं सोचती यही थीॊ। हभाये साभने कबी इस तयह की जस्थतत ही नहीॊ आमी थी कक इतनी भाथा ऩच्ची कयनी ऩड़ती। आखखय हभ इसी नतीजे ऩय ऩहुॊचे थे कक भेया ऩासऩोटस आ ही चुका है। क्मं न भ ंखुद ही रॊदन जा कय सफ कुछ अऩनी आॊखं से देख रूॊ। आगे-ऩीछे तो जाना ही है। ऩता नहीॊ फरविन्दय कफ फुरिामे मा फुरिामे बी मा नहीॊ। आखखय रयश्तेदायी के बी सिार गाहे फगाहे उठ ही जाते थे कक सात-आठ भहीने से रड़की घय फैठी हुई है। रे जाने िारे तो भहीने-ऩद्रह टदन भं ही साथ रे जाते हं। अबी इस तयह से जाने से सच का बी ऩता चर जामेगा। सोचा था हभने कक कोलशश की जामे तो हफ्ते बय भं टूरयस्ट िीसा तो फन ही सकता है। साथ देने के लरए हयीश है ही सही। फरविन्दय को एक औय ताय बेज टदमा जामेगा कक िह रयसीि कयने आ जामे। भेये साये गहने मा तो फेचे गमे मा चगयिी िगैयह यखे गमे। जहाॊ जहाॊ से बी हो सकता था हभने ऩैसे जुटामे। टटकट औय दसूये इॊतजाभ कयने के फाद भेये ऩास रॊदन राने के लरए रगबग एक राख तीस हजाय रुऩमे इकटे्ठ हो गमे थे। तम ककमा था कक तीस हिाय भम्भी के ऩास यखिा दूॊगी औय एक राख ही रे कय चरूॊगी। भुझे फहुत खयाफ रग यहा था कक भ ं

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एक ही सार भं दसूयी फाय भम्भी की सायी ऩूॊजी तनकरिा कय रे जा यही थी। औय कोई उऩाम बी तो नहीॊ था। हभने जानफूझ कय फरविन्दय के घय िारं को इसकी खफय नहीॊ दी थी। भेयी ककस्भत अच्छी थी कक हयीश की कम्ऩनी की भदद से भुझे टूरयस्ट िीजा िक्त ऩय लभर गमा था औय भ ंहयीश के साथ उसी फ्राइट से रॊदन आ सकी थी। औय इस तयह भ ंहभेशा के लरए रॊदन आ गमी थी। रॊदन, जजसके फाये भं भ ंवऩछरे छ् सात भहीने से रगाताय सऩने देख यही थी। कबी सोचा बी नहीॊ था कक कबी देश की सीभाएॊ बी ऩाय कयने का भौका लभरेगा। भन भं तयह-तयह के ख्मार आ यहे थे। दआु कय यही थी कक फरविन्दय के साथ सफ ठीक-ठाक हो औय िह हभं एमयऩोटस रेने बी आमा हो। अगय कहीॊ न आमा हो तो.. इस के फाये भं भ ंडय के भाये सोचना बी नहीॊ चाहती थी। हभ रॊदन ऩहुॊचे तो महाॊ एक औय सदभा भेया इॊतिाय कय यहा था। हीथ्रो ऩय कापी देय तक हभ दोनं फरविन्दय इॊतजाय कयते खडे़ यहे थे औय जफ उस जैसी शक्र का कोई बी आदभी कापी देय तक निय नहीॊ आमा तो हभने िाउॊ ड स्टाप की भदद से एनाउॊसभंट बी कयिामा रेककन िह कहीॊ नहीॊ था। फरविन्दय के चक्कय भं उस फेचाये ने अऩने ऑकपस भं ककसी को खफय नहीॊ की थी। भ ंतो एकदभ घफया गमी थी। एकदभ अनजाना देश औय ऩतत भहाशम का ही कहीॊ टठकाना नहीॊ। ऩता नहीॊ उसे ऩत्र औय ताय लभरे बी हं मा नहीॊ, रेककन उसने जो ऩता िाफ्ट बेजने के लरए टदमा था, उसी ऩय तो बेजे थे ऩत्र औय ताय। भन ही भन डय बी यही थी कक कहीॊ औय कोई गड़फड़ न हो गमी हो। अफ भेये ऩास इस के अरािा औय कोई उऩाम नहीॊ था कक भ ंिह यात हयीश के साथ ही कहीॊ गुजारूॊ औय अगरे टदन तड़के ही फरविन्दय की खोज खफय रूॊ। सॊमोग से हयीश के ऩास िाइएभसीए के हास्टर का ऩता था। हभ िहीॊ गमे थे। एडिाॊस फुककॊग न होने के कायण हभं तकरीप तो हुई रेककन दो टदन के लरए हभं दो कभये लभर गमे थे। इतनी साध ऩारने के फाद आखखय भ ंअऩने होने िारे शहय रॊदन आ ऩहुॊची थी औय अऩनी ऩहरी ही यात अऩने ऩतत के बफना एक गेस्ट हाउस भं गुिाय यही थी। सॊमोग से हयीश के ऩास एक ऩूया टदन खारी था औय उसे ऑकपस अगरे टदन ही ज्िाइन कयना था। हभ दोनं अगरे टदन तनकरे थे। अऩने ऩतत को खोजने। एकदभ नमा औय अनजाना देश, अरग बाषा औय सॊस्कृतत औय महाॊ के भ्झागोर से बफरकुर अनजाने हभ दोनं। हभं िाइएभसीए से रॊदन की गाइड फुक लभर गमी थी औय रयसेप्शतनस्ट ने हभं विरेसडन िीन स्टेशन तक ऩहुॊचने के यास्ते के फाये भं, फस रूट औय टे्रन रूट के फाये भं फता टदमा था। रयसेप्शतनस्ट ने साथ ही आगाह बी कय टदमा था कक आऩ रोग महाॊ बफरकुर नमे हं औय मे इराका कारे हजब्शमं का है। िया सॊबर कय जामं। हभं िह घय ढूॊढने भं फहुत ज्मादा तकरीफ़ हुई। हभं अबी इस देश भं आमे हुए ऩद्रह - सोरह घॊटे बी नहीॊ हुए थे औय हभ सात सभन्दय ऩाय के इतने फडे़ औय अनजान शहय भं फरविन्दय के लरए भाये-भाये कपय यहे थे। उस ऩय गुस्सा बी आ यहा था औय यह यह कय भन आॊशकाओॊ से बय बी जाता था कक फरविन्दय बफरकुर ठीक हो औय हभं लभर जामे।

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आखखय दो तीन घॊटे की भशक्कत के फाद हभ िहाॊ ऩहुॊचे थे औय कापी देय तक बटकने के फाद हभं िह घय लभरा था। रयसेप्शतनस्ट ने सही कहा था, चायो तयप हब्शी ही हब्शी निय आ यहे थे। गॊदे, गरीज औय शक्र से ही डयािने। भ ंअऩनी जिदॊगी भं एक साथ इतने हब्शी देख यही थी। उन्हं देखते ही उफकाई आती थी। मे घय भेन योड से वऩछिाडे़ की तयप की गॊदी गलरमं भं डेढ कभये का छोटा सा परैट था। जफ हयीश ने दयिाजे की घॊटी फजामी तो कापी देय फाद एक रड़के ने दयिाजा खोरा। िह नशे भं धुत्त था। उसी कभये भं चाय ऩाॊच रोग अस्त व्मस्त हारत भं ऩसये हुए शयाफ ऩी यहे थे। चायं तयप लसगयेट के टोटे, बफखये हुए भैरे कुचैरे कऩडे़ औय शयाफ की खारी फोतरं। रगता था भहीनं से कभये की सपाई नहीॊ हुई थी। कभया एकदभ ठॊडा था। हयीश ने ही फात सॊबारी - हभं फरविन्दय जी से लभरना है। उन्हंने हभं महीॊ का ऩता दे यखा है। हयीश ने एक अच्छी फात मह की कक िहाॊ फरविन्दय को न ऩा कय औय भाहौर को गड़फड़ देखते ही उसने भेया ऩरयचम फरविन्दय की ऩत्नी के रूऩ भं न देकय अऩनी लभत्र के रूऩ भं टदमा। साये रड़के छोटा-भोटा धॊधा कयने िारे इॊडडमन ही रग यहे थे। हभं देखते ही िे रोग थोड़ा डडस्टफस हो गमे थे। जजस रड़के ने दयिाजा खोरा था, उसने हभं अॊदय आने के लरए तो कह टदमा था रेककन अॊदय कहीॊ फैठने की जगह ही नहीॊ थी। हभ िहीॊ दयिाजे के ऩास खडे़ यह गमे थे। कापी देय तक तो िे एक दसूये के ही ऩूछते यहे कक मे रोग कौन से फरविन्दय को ऩूछ यहे हं। उसके काभ ध ्ॊााधे के फाये भं बी िे ऩक्के तौय ऩय कुछ नहीॊ फता ऩामे कक िह क्मा कयता है। जफ भनें उन्हं उसकी शक्र सूयत के फाये भं औय लभडरसैक्स भं उसके इॊडडमन हंडीक्रापट्स के इम्ऩोरयमभ के फाये भं फतामा तो िे सफ के सफ हॉसने रगे - भैडभ कहीॊ आऩ भेयठी िैल्डय बफल्री को तो नहीॊ ऩूछ यहे। जफ भनें हाॊ कहा - मेस मेस हभ उसी का ऩूछ यहे हं, रेककन उसने तो फतामा था.. उसका िो इम्ऩोरयमभ ?? भनें ककसी तयह फात ऩूयी की थी। जिाफ भं िह कपय से हॊसने रगा था - िो बफल्री तो जी महाॊ नहीॊ यहता। कबी कबाय आ जाता है। शामद इॊडडमा से ककसी डौक्मूभंट्स का इॊतजाय था उसे। फता यहा था महीॊ के ऩते ऩय आमेगा। - रेककन आऩका िह बफल्री. .. िह कयता क्मा है? भनें दोफाया ऩूछा था। जिाफ भं एक दसूया रड़का हॊसने रगा था - फतामा न िैल्डय है। ऩता नहीॊ आऩका बफल्री िही है। दयअसर अऩने घय िारं की नजय भं हभ सफ के सफ ककसी न ककसी शानदाय काभ से जुडे़ हुए हं। मे जो आऩ सॊजीि को देख यहे हं, एभ ए ऩास है औय अऩनी इॊाॊडडमा भं रोग मही जानत ेहं कक मे महाॊ ऩय एक फहुत फड़ी कम्ऩनी भं भाकेटटॊग भैनेजय है जफकक असलरमत भं मे महाॊ ऩय सुफह औय शाभ के िक्त रोगं के घयं भं सब्जी की होभ डडरीियी कयता है। अऩने ऩरयचम के जिाफ भं सॊजीि नाभ के रड़के ने हभं तीन फाय झुक कय सराभ फजामा। तबी दसूया रड़का फीच भं फोर ऩड़ा - जी भुझे इॊडडमा भं रोग हषस कुभाय के नाभ से जानते हं। उनके लरए भ ंमहाॊ एक भेडडकर रैफ एनालरस्ट हूॊ, रेककन भ ंरॊदन का हैश एक फगसय कानसय भं िेटय का काभ कयता हूॊ औय दो सौ फीस ऩाउॊ ड हफ्ते के कभाता हूॊ। क्मं ठीक है

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ना औय टटऩ ऊऩय से। गुजाया हो जाता है। मह कहते हुए उसने अऩने चगरास की फची-खुची शयाफ गरे से नीचे उतायी औय जोय जोय से हॊसने रगा। ऩहरे िारे रड़के ने तफ अऩनी फात ऩूयी की थी - औय भ ंप्रीतभ लस ॊह इॊडडमा भं घय िारं की निय भं कम्प्मूटय प्रोिाभय औय महाॊ की सचाई भं सफका प्माया प्रैटी द िाशयभैन। भ ंफेसभंट राॊडयी चराता हूॊ औय गोयं के भैरे जाॊचगमे धोता हूॊ। मह कहते हुए उसके भुॊह ऩय अजीफ-सा कसैराऩन उबय आमा था औय उसने अऩना चगरास एक ही घूॊट भं खारी कय टदमा था। कापी हीर हुज्ित के फाद ही उन्हंने भाना कक फरविन्दय िहीॊ यहता है रेककन उसके आने-जाने का कोई टठकाना नहीॊ है। भेयी आॊखं के आगे टदन भं ही ताये नाचने रगे थे। इसका भतरफ - हभ ठगे गमे हं। जजस फरविन्दय को भ ंजानती हूॊ औय जजस बफल्री का मे रोग जजक्र कय यहे हं िो दो अरग अरग आदभी हं मा एक ही हं। दोनं ही भाभरं भं भुसीफत भेयी ही थी। तबी उनभं से एक रड़के की आिाज सुनामी दी थी - िैसे जफ उसके ऩास इॊडडमा से रामे ऩैसे थे तो अकेरे ऐश कयता यहा रेककन जफ खतभ हो गमे तो इधय उधय भाया भाया कपयता है। जफ कहीॊ टठकाना नहीॊ लभरता तो कबी कबाय महाॊ चक्कय काट रेता है । िो बी अऩनी डाक के चक्कय भं। भेया तन-भन सुरगने रगा था। अफ िहाॊ खडे़ यहने का कोई भतरफ नहीॊ था। भनें हयीश को इशाया ककमा था चरने के लरए। जफ हभ िावऩस चरने रगे थे तो उन्हीॊ भं से एक ने ऩूछा था - कोई भैसेज है बफल्री के लरए तो भनें ऩरट कय गुस्से भं जिाफ टदमा था - हाॊ है भैसेज। कहीॊ अगय लभरे आऩको आऩका बफल्री मा हभाया बफल्री कबी अऩनी डाक रेने आमे तो उससे कह दीजजमे कक इॊडडमा से उसकी फीिी भारविका उसके लरए उसके डौक्मूभंट्स रे कय आ गमी है। उसे िरूयत होगी। भ ंिाइएभसीए भं ठहयी हुई हूॊ। आ कय रे जामे। िे सफ के सफ अचानक ठगे यहे गमे थे। अफ अचानक उन्हं रगा था कक नशे भं िे क्मा बेद खोर गमे हं। अफ सफका नशा टहयण हो चुका था रेककन ककसी को नहीॊ सूझा था कक सच्चाई सुन कय कुछ रयएक्ट ही कय ऩाता। चरते सभम भ ंएकदभ चुऩ थी। कुछ बी नहीॊ सूझ यहा था भुझे। भुझे बफरकुर ऩता नहीॊ चरा था कक हभ हॉस्टर कफ औय कैसे ऩहुॊचे थे। कभये भं ऩहुॊचते ही भ ंबफस्तय ऩय ढह गमी थी। अयसे से रुकी भेयी रुराई पूट ऩड़ी थी। तो मह था तस्िीय का असरी यॊग। भ ंमहाॊ न आमी होती तो उसकी कहानी ऩय यत्ती बय बी शक न कयती क्मंकक िह भुझे हनीभून के दौयान ही अऩने कायोफाय के फाये भं इतने विस्ताय से सायी फातं फता चुका था। अफ भुझे सभझ भं आ यहा था कक उसने तफ अऩने इस सो कॉल्ड धॊधे के फाये भं इतनी रम्फी रम्फी औय फायीक फातं क्मं फतामीॊ थीॊ। अफ सफ कुछ साप हो चुका था कक हभ छरे जा चुके थे औय भेयी शादी ऩूये दहेज के साथ अफ एक माद न ककमे जा सकने िारे बद्द ेभिाक भं फदर चुकी थी। भेया कौभामस, भेया

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सुहाग, भेया हनीभून, भेयी हसयतं, भेयी खुलशमाॊ, भेये छोटे छोटे सऩने, फरविन्दय जैसे झूठे औय भक्काय आदभी के साथ फाॊटे गमे तनताॊत अॊतयॊग ऺण, भेये साये अयभान सफ कुछ एक बमानक धोखा लसद्ध हो चुके थे। भ ंअऩनी रुराई योक नहीॊ ऩा यही थी। भुझे अऩने ही तन से तघन्न आने रगी थी। अऩने आऩ ऩय फुयी तयह से गुस्सा आने रगा था कक भनें मह सोने जैसा तन उस धोखेफाज, झूठे औय पयेफी आदभी को संऩा था। भेये शयीय ऩय उसने हाथ कपयामे थे औय भनें उस आदभी को, जो भेया ऩतत कहराने रामक बफरकुर बी नहीॊ था, एक फाय नहीॊ फजल्क कई कई फाय अऩना शयीय न केिर संऩा था, फजल्क जजसकी बोरी बारी फातं के जार भं पॊ सी भ ंकई कई भहीनं से उसके पे्रभ भं ऩागर फनी हुई थी। अफ उन ऩरं को माद कयके बी भुझे तघन्न होने रगी थी। भेया भन फुयी तयह छरनी हो चुका था। भ ंदहाडं़ भाय कय योना चाहती थी, रेककन महाॊ इस नमे औय अऩरयचचत भाहौर भं भ ंखुर कय यो बी नहीॊ ऩा यही थी। महाॊ कोई सीन कक्रमेट नहीॊ कयना चाहती थी। भ ंगुस्से से रार ऩीरी हो यही थी। हयीश थोड़ी देय भेये कभये भं फैठ कय भुझे एकाॊत देने की नीमत से अऩने कभये भं चरा गमा था। उस फेचाये को बी सभझ भं नहीॊ आ यहा था कक अचानक मे सफ क्मा हो गमा था। भुझे भम्भी के लरए बी अफ़सोस हो यहा था। उन्हं पोन कयके इस स्टेज ऩय मे फातं फता कय ऩयेशान नहीॊ कयना चाहती थीॊ। अफ इसभं उनका क्मा कुसूय कक उनका देखा-बारा जभाई खोटा तनकर गमा था। उन्हंने तो उससे लसपस दो-चाय भुराकातं ही की थीॊ औय उसके शब्दजार भं ही पॊ सी थी। भ ंभूयख तो न केिर उसकी फातं भं पॊ सी थी, उसे अऩना सफ कुछ न्मौछािय कय आमी थी। अऩना सुहाग बी औय ऩाॊच राख रुऩमे बी। भम्भी से फड़ा कुसूय तो भेया ही था। अफ सिा बी भुझ अकेरी को ही बोगनी थी। उस सायी यात भ ंअकेरी योती छटऩटाती कयिटं फदरती यही। फाय फाय भुझे अऩने इस शयीय से घणृा होने रगती कक भेया इतना सहेज कय सॊबार कय यखा गमा शयीय दवूषत ककमा बी तो एक झूठे औय भक्काय आदभी ने। ऩता नहीॊ भुझसे ऩहरे ककतनी रड़ककमं के साथ खखरिाड़ कय चुका होगा। अफ मह फात जजस ककसी को बी फतामी जामे, हभाया ही भिाक उड़ामेगा कक तुम्हीॊ रोग रॊदन का छोकया देख कय राय टऩकामे उसके आगे ऩीछे हो यहे थे। हभने तो ऩहरे ही कहा था, फाहय का भाभरा है, रड़के को अच्छी तयह ठोक फजा कय देख रो, रेककन हभायी सुनता ही कौन है। अफ बुगतो। अफ भेया सफसे फड़ा सॊकट मही था कक भ ंइस ऩयदेस भं अकेरी औय फेसहाया ककसके बयोसे यहूॊगी। इतनी जल्दी िावऩस जाने का बी तो नहीॊ सोचा जा सकता था। क्मा जिाफ दूॊगी सफको कक भ ंरुटी वऩटी न शादीशदुा यही, न कुॊ िायी। भ ं सोच-सोच के भयी जा यही थी कक क्मा होगा भेया अफ। ऩता नहीॊ फरविन्दय से भुराकात बी हो ऩामेगी मा नहीॊ औय लभरने ऩय बी कबी फरविन्दय जैसे फेईभान औय झूठे आदभी से ऩैच अऩ हो ऩामेगा मा नहीॊ मा कपय भ ंहभेशा हभेशा से आधी कुॊ िायी औय आधी शादीशदुा िारी हारत भं उसका मा उसके सुधयने का उसका इॊतजाय कयते कयते फूढ़ेी हो जाऊॊ गी। भुझे मे सोच सोच कय योना आ यहा था कक जजस आदभी के अऩने ऩेऩसस का टठकाना नहीॊ है, यहने खाने औय काभ का ठौय नहीॊ

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है, अगय उससे कबी सभझौता हो बी गमा तो भुझे कहाॊ यखेगा औय कहाॊ से खखरामेगा। िहाॊ तो कपय बी भम्भी थी औय सफ रोग थे, रेककन महाॊ सात सभॊदय ऩाय भेया क्मा होगा। भ ंबी कैसी भूयख ठहयी, न आगा सोचा न ऩीछा, रऩकी रऩकी रॊदन चरी आमी। िह ऩूयी यात भनें आॊाॊाॊखं ही आॊखं भं काट दी थी औय एक ऩर के लरए बी ऩरकं नहीॊ झऩकामीॊ थीॊ। हॉस्टर भं हभाया मह तीसया टदन था। आखखयी टदन। फड़ी भुजश्कर से हभं एक औय टदन की भोहरत लभर ऩामी थी। इतना िरूय हो गमा था कक अगय हभ चाहते तो आगे की तायीखं की एडिाॊस फुककॊग कयिा सकते थे रेककन अबी एक फाय तो हॉस्टर खारी कयना ही था। हभाया ऩहरा टदन तो फरविन्दय को खोजने औय उसे खोने भं ही चरा गमा था। िहाॊ से िावऩस आने के फाद भ ंकभये से तनकरी ही नहीॊ थी। हयीश फेचाया खाने के लरए कई फाय ऩूछने आमा था। उसके फहुत जजद कयने ऩय भनें लसपस सूऩ ही लरमा था। अगरे टदन िह अऩने ऑकपस चरा गमा था रेककन टदन भं तीन-चाय फाय िह पोन कयके भेये फाये भं ऩूछता यहा था। भुझे उस ऩय तयस बी आ यहा था कक फेचाया कहाॊ तो फरविन्दय के बयोसे महाॊ आ यहा था औय कहाॊ भ ंही उसके गरे ऩड़ गमी थी। जजस टदन हभं हॉस्टर खारी कयना था, उसी शाभ को िावऩस आने ऩय उसने दो तीन अच्छी खफयं सुनामी थीॊ। उसके लरए िीनपोडस इराके भं एक गुजयाती ऩरयिाय के साथ ऩेइॊग गेस्ट के रूऩ भं यहने का इत ्ॊाािाभ हो गमा था। रेककन उसने एक झूठ फोर कय भेया काभ बी फना टदमा था। उसने िहाॊ फतामा था कक उसकी फड़ी फहन बी एक प्रोजैक्ट के लसरलसरे भं उसके साथ आमी हुई है ऩद्रह फीस टदन के लरए। कपरहार उसी घय भं उसके लरए बी एक अरग कभये का इॊतिाभ कयना ऩडे़गा ताकक िह अऩना प्रोजेक्ट बफना ककसी तकरीफ़ के ऩूया कय सके। फीच-फीच भं उसे काभ के लसरलसरे भं फाहय बी जाना ऩड़ सकता है। हयीश की अक्रभॊदी से मे इॊतजö्ााााभ हो गमे थे औय हभं अगरे टदन ही िहाॊ लशफ्ट कय जाना था। भ ंदोहयी दवुिधा भं पॊ स गमी थी। एक तयप हयीश ऩय ढेय साया प्माय आ यहा था जो भेयी इतनी भदद कय यहा था औय दसूयी तयप फरविन्दय ऩय फुयी तयह गुस्सा बी आ यहा था कक देखो, हभं महाॊ आमे तीसया टदन है औय अफ तक जनाफ का ऩता ही नहीॊ है। दो तीन टदन के इस आत्भ भॊथन के फीच भ ंबी तम कय चुकी थी कक भ ंअफ महाॊ से िावऩस नहीॊ जाऊॊ गी। फरविन्दय मा नो फरविन्दय, अफ मही भेया कामस क्ष्टात्र यहेगा। तम कय लरमा था कक काभ कयने के फाये भं महाॊ के कानूनं के फाये भं ऩता करूॊ गी औय साये काभ कानून के टहसाफ से ही करूॊ गी। अफ सॊमोग से हयीश ने यहने का इॊतजाभ कय ही टदमा था। अबी तो भेये ऩास इतने ऩैसे थे कक ठीक-ठाक तयीके से यहते हुए बफना काभ ककमे बी दो तीन भहीने आयाभ से काटे जा सकते थे। हभ अबी रयसेप्शन ऩय टहसाफ कय ही यहे थे, तबी िह आमा था। फुयी हारत थी उसकी। बफखये हुए फार। फढ़ेी हुई दाढ़ेी औय भैरे कऩडे़। जैसे कई टदनं से नहामा ही न हो। भ ंउसे

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सात आठ भहीने फाद देख यही थी। अऩने ऩतत को, फरविन्दय को। िह भेयी तयप खारी खारी तनगाहं से देख यहा था। उसने भेयी तयप देखा, हयीश की तयप देखा औय हभाये साभान की तयप देखा जैसे तम कय यहा हो, इनभं से कौन-कौन से फैग भेये हो सकते हं। कपय उसने बफना कुछ ऩूछे ही दो फैग उठामे औय हौरे से भुझसे कहा - चरो। भ ं हैयान - मे कै सा आदभी है, जजसभं शभस हमा नाभ की कोई चीज ही नहीॊ है। जजस हारत भं भुझसे सात भहीने फाद लभर यहा है, चाय टदन से भ ंरॊदन भं ऩड़ी हुई हूॊ, भेयी खफय तक रेने नहीॊ आमा औय अफ साभान उठामे आदेश दे यहा है - चरो। कैसे व्मिहाय कय यहा है। हयीश बी उसका व्मिहाय देख कय हैयान था। हयीश की हैयानी का कायण मह बी था कक फरविन्दय के दोनं हाथं भं उसी के फैग थे। फरविन्दय ऩूयी तनजश्चॊतता से फैग उठामे फाहय की तयप चरा जा यहा था। भ ंसभझ नहीॊ ऩा यही थी कक क्मा कहूॊ औय कैसे कहूॊ कक हे भेये ऩतत भहाशम, क्मा मही तयीका है एक सभ्म देश के सभ्म नागरयक का आऩके देश भं ऩहरी फाय ऩधायी ऩत्नी का स्िागत कयने का। भुझे गुस्सा बी फहुत आ यहा था औय रुराई बी पूटने को थी - क्मा भ ंइसी शख्स का इतने भहीनं से गुयदासऩुय भं इॊतिाय कय यही थी कक भेया वऩमा भुझे रेने आमेगा औय भ ंउसके साथ रॊदन जाऊॊ गी। फरविन्दय ने जफ देखा कक भ ंउसके ऩीछे नहीॊ आ यही हूॊ फजल्क िहीॊ खड़ी उसका तभाशा देख यही हूॊ तो दोनं फैग िहीॊ ऩय यखे, िावऩस ऩरटा औय भेये एकदभ ऩास आ कय फोरा - घय चरो, िहीॊ आयाभ से सायी फातं कयंगे। औय िह भेये जिाफ का इॊतिाय ककमे बफना कपय फैगं की तयप चर टदमा। भ ंदवुिधा भं थी, ख्शा होऊॊ कक भेया ऩतत भुझे रेने आ गमा है मा योऊॊ ाॊ कक जजस हार भं आमा है, न आमा होता तो अच्छा होता। उधय हयीश हैयान ऩयेशान भेये इशाये का इॊतिाय कय यहा था। भनें मही फेहतय सभझा कक आगे ऩीछे एक फाय तो फरविन्दय के साथ जाना ही ऩडे़गा। उसका ऩऺ बी सुने बफना भुडक्त नहीॊ होगी तो इसे क्मं रटकामा जामे। जो कुछ होना है आज तनऩट ही जामे। उसके साथ फाकी जीिन गुिायना है तो आज ही से क्मं नहीॊ औय अगय नहीॊ गुिायना है तो उसका बी पैसरा आज ही हो जामे। भनें हयीश से पुसपुसा कय कहा - सुनो हयीश - जी दीदी - आज तो भुझे इनके साथ जाने ही दो। जो बी फै़सरा होगा भ ंतुम्हं पोन ऩय फता दूॊगी। अरफत्ता ऩेइॊग गेस्ट िारी भेयी फुककॊग कंलसर भत कयिाना। - ठीक है दीदी, भ ंआऩके पोन का इॊतिाय करूॊ गा। फेस्ट ऑप रक, दीदी। हभ दोनं आगे फढे़े थे। हभं आते देख फरविन्दय की आॊखं भं ककसी बी तयह की चभक नहीॊ आमी थी। उसने कपय से फैग उठा लरमे थे। भुझे हॊसी बी आ यही थी - देखो इस शख्स को, चौथे टदन भेयी खफय रेने आमा है। न हैरो न औय कोई फात, फस फैग उठा कय खड़ा हो गमा है।

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भनें हयीश का झूठा ऩरयचम कयामा था - मे हयीश है। भेयी फुआ का रड़का। हभायी शादी के िक्त फॊफई भं था। महाॊ नौकयी के लरए आमा है। फरविन्दय ने एक शब्द फोरे बफना अऩना हाथ आगे फढ़ेा टदमा था। हयीश ने तफ अऩने फैग फरविन्दय के हाथ से लरमे थे औय अऩना हाथ भेयी तयप फढ़ेा टदमा था - चरता हूॊ दीदी। अऩनी खफय देना। ओके जीजाजी, कहते हुए िह तेिी से फाहय तनकर गमा था। लभनी कैफ भं फैठा फरविन्दय रगाताय फाहय की तयप देखता यहा था। ऩूये यास्ते न तो उसने भेयी तयप देखा था औय न ही उसने एक शब्द ही कहा था। भ ंउम्भीद कय यही थी औय कुछ बी नहीॊ तो कभ से कभ भेया हाथ ही दफा कय अऩने आऩ को भुझसे जोड़ रेता। भ ंतफ बी उसके साये सच-झूठ भान रेती। ऩता नहीॊ क्मा हो गमा है इसे। इतने अजनबफमं की तयह व्मिहाय कय यहा है। लभनी कैफ विरेसडन िीन जैसी ही ककसी गॊदी फस्ती भं ऩहुॊच गमी थी। िह िाइिय को गलरमं भं दाम ंफामं भुड़ने के लरए फता यहा था। आखखय हभ आ ऩहुॊचे थे। क्मा कहती इसे - भेया घय.. ..भेयी ससुयार .. ..मा एक औय ऩड़ाि....।. फरविन्दय ने दयिाजा खोरा था। साभान अॊदय यखा था। भ ंउम्भीद कय यही थी अफ तो िह आगे फढ़े कय भुझे अऩने गरे से रगा ही रेगा औय भुझ ऩय चुॊफनं की फौछाय कय देगा। भेये साये शयीय को चूभते- चूभते खडे़-खडे़ ही भेये कऩडे़ उतायते हुए भुझे सोपे मा ऩरॊग की तयप रे जामेगा औय उसके फाद.. भ ंमही उम्भीद कय सकती थी.. चाह सकती थी औय इस तयह के व्मिहाय के लरए तैमाय बी थी। आखख़य हभ नि वििाटहत ऩतत ऩत्नी थे औय ऩूये सात भहीने फाद लभर यहे थे, रेककन उसने ऐसा कुछ बी नहीॊ ककमा था औय यसोई भं चाम फनाने चरा गमा था। भनें देखा था, मह घय बी उन रड़कं िारे उस घय की तयह ही था रेककन उसकी तुरना भं साप-सुथया था औय साभान बी फेहतय औय ज्मादा था। भ ंसोच ही यही थी कक अगय मह घय फरविन्दय का है तो उसने उस गॊदे से घय का ऩता क्मं टदमा था। रेककन दो लभनट भं ही भेयी शॊका का सभाधान हो गमा था। मह घय बी फरविन्दय का नहीॊ था। जरूय उसके ककसी दोस्त का यहा होगा औय इसका इॊतिाभ कयने भं ही फरविन्दय को दो तीन टदन रग गमे हंगे। जफ भ ंफाथरूभ भं गमी तो फाथरूभ ने ऩूयी ऩोर खोर दी थी। िहाॊ एक नाइट गाउन टॊगा हुआ था। फरविन्दय नाइट गाउन नहीॊ ऩहनता, मह फात उसने भुझे हनीभून के िक्त ही फता दी थी। िह यात को सोते सभम ककसी बी भौसभ भं फतनमान औय ऩटं ऩहन कय ही सोता था। फाथरूभ भं ही यखे शमै्ऩ ूऔय दसूये ऩयपमूभ उसकी चुगरी खा यहे थे। मे दोनं चीजं ही फरविन्दय इस्तेभार नहीॊ कयता था। कभये भं रौट कय भनें ग़ौय से देखा था, िहाॊ बी कई चीजं ऐसी थीॊ जो फरविन्दय की नहीॊ हो सकती थीॊ। ककताफं के यैक भं भनें जो ऩहरी ककताफ तनकार कय देखी उस ऩय ककसी

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याजेन्दय सोनी का नाभ लरखा हुआ था। दसूयी औय तीसयी ककताफं बी याजेन्दय सोनी की ही थीॊ। फरविन्दय अबी बी यसोई भं ही था। िहाॊ से डडब्फे खोरने फॊद कयने की आिाजं आ यही थीॊ। भुझे इतने तनािऩूणस भाहौर भं बी हॉसी आ गमी। जरूय चाम ऩत्ती चीनी ढूॊढ यहा होगा। आखखय िह चाम फनाने भं सपर हो गमा था। रेककन शामद खाने के लरए कुछ नहीॊ खोज ऩामा होगा। िह अफ भेये साभने फैठा था। भ ंइॊतिाय कय यही थी कक िह कुछ फोरे तो फात फने। रेककन िह भुझसे रगाताय नियं चुया यहा था। फात भनें ही शरुू की थी- मे क्मा हार फना यखा है। तुभ तो अऩने फाये भं िया-सी बी राऩयिाही ऩसॊद नहीॊ कयते थे।

- क्मा फताउॊ€, ककतने भहीने हो गमे, इन भुसीफतं की िजह से भाया-भाया कपय यहा हूॊ। अऩने फाये भं सोचने की बी पुससत नहीॊ लभर यही है। तुभ.. तुभ.. अचानक .. इस तयह से .. बफना फतामे..। - तुम्हं अऩनी ऩयेशातनमं से पुससत लभरे तो दतुनमा की कुछ खफय बी लभरे .. भनें तुम्हं दो ताय डारे, दो खत डारे। िहाॊ हभ हीथ्रो ऩय एक घॊटा तुम्हाया इॊतिाय कयते यहे। एनाउॊसभंट बी कयिामा औय तुम्हं खोजने िहाॊ तुम्हाये उस ऩते ऩय बी गमे। औय तुभ हो कक आज चौथे टदन लभरने आ यहे हो। इस ऩय बी तुभने एक फाय बी नहीॊ ऩूछा... कैसी हो.. भेयी तकरीफ़ का िया बी ख्मार नहीॊ था तुम्हं। - सच भं भ ंभुसीफत भं हूॊ। भेया विश्वास तो कयो भारविका, भ ंफता नहीॊ सकता, भुझे आज ही ऩता चरा कक .... - झूठ तो तुभ फोरो भत.. तुभ हभेशा से भुझसे झूठ फोरते यहे हो। एक के फाद दसूया झूठ। - भेया मकीन कयो, डीमय, भुझे सचभुच आज ही ऩता चरा। - सच फताओ तुम्हाया असरी ऩरयचम क्मा है, औय तुम्हाया घय कहाॊ है। कोई घय है बी मा नहीॊ,.. भुझे गुस्सा आ गमा था। इतनी देय भं िह ऩहरी फाय हॉसा था - तुभ तो स्कॉटरडं माडस की तयह जियह कयने रगी। - तो तुम्हीॊ फता दो सच क्मा है। - सच िही है जो तुभ जानती हो। - तो जो कुछ तुम्हाये उन रपॊ गे दोस्तं ने फतामा, िो ककसका सच है। - तुभ बी उन शयाबफमं की फातं भं आ गमीॊ। क्मा है कक उन रोगं का खुद का कोई काभ धॊधा है नहीॊ, न कुछ कयने की नीमत ही है। फस जो बी उनकी भदद न कये उसके फाये भं उरटी सीधी उड़ा देते हं। अफ ऩता नहीॊ भेये फाये भं उन्हंने तुम्हाये क्मा कान बये हं। - तो मे िैल्डय बफल्री कौन है। - बफल्री ... अच्छा िो ...था एक। अफ िावऩस इॊडडमा चरा गमा है। रेककन तुभ उसके फाये भं कैसे जानती हो।

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- भुझे फतामा गमा है तुम्हीॊ बफल्री िैल्डय हो। - फकिास है। - मे घय ककसका है? - क्मं .. अफ घय को क्मा हो गमा...भेया ही है। भ ं तुम्हं ककसी औय के घय क्मं राने रगा। - तो फाथरूभ भं टॊगा िो नाइट गाउन, शमै्ऩू, ऩयपमूम्स औय मे ककताफं.. .. कौन है मे याजेन्दय सोनी? हकराने रगा फरविन्दय - िो क्मा है कक जफ से बफजजनेस के चक्कयं भं पॊ सा हूॊ, काभ एकदभ फॊद ऩड़ा है। कई फाय खाने तक के ऩैसे नहीॊ होते थे भेये ऩास, इसीलरए एक ऩेइॊग गेस्ट यख लरमा था। - फरविन्दय, तुभ एक के फाद एक झूठ फोरे जा यहे हो। क्मं नहीॊ एक ही फाय साये झूठं से ऩयदा हटा कय भुक्त हो जाते। - मकीन कयो डडमय भेया, भ ंसच कय यहा हूॊ। - तकरीप तो मही है कक तुभ भुझसे कबी सच फोरे ही नहीॊ। महीॊ तुम्हाये इस घय भं आ कय भुझे ऩता चर यहा है कक भकान भालरक के कऩडे़ तो अटैची भं यहते हं औय ऩेइॊग गेस्ट के कऩडे़ अरभारयमं भं यखे जाते हं। भकान भालरक यसोई भं चाम औय चीनी के डडब्फे ढूॊढने भं दस लभनट रगा देता है औय अऩने ही घय भं भेहभानं की तयह जूते ऩहने फैठा यहता है। - तुम्हं लरखा तो था भनें कक कफ से अॊडयिाउॊ ड चर यहा हूॊ। कबी कहीॊ सोता हूॊ तो कबी कहीॊ। - भ ं तुम्हायी सायी फातं ऩय मकीन कय रूॊगी। भुझे अऩने शो रूभ के ऩेऩसस टदखा दो। - िो तो शामद विजम के महाॊ यखे हं। िह कपय से हकरा गमा था। - रेककन शो रूभ की चाफी तो तुम्हाये ऩास होगी। - नहीॊ, िो िकीर के ऩास है। - तुम्हाये ऩास अऩने शोरूभ का ऩता तो होगा। भुझे गुस्सा आ गमा था - कभ से कभ टैक्सी भं फैठे फैठे दयू से तो टदखा सकते हो। भ ंउसी भं तसल्री कय रूॊगी। - टदखा दूॊगा,. तुभ इतने भहीने फाद लभरी हो। इन फातं भं सभम फयफाद कय यही हो। भेया मकीन कयो। भ ं तुम्हं सायी फातं का मकीन कया दूॊगा। अफ मही तुम्हाया घय है औय तुम्हं ही सॊबारना है। मह कहते हुए िह उठा था औय इतनी देय भं ऩहरी फाय भेये ऩास आ कय फैठा था। उस सभम भ ंउस शख्स से प्माय कयने औय उसे खुद को प्माय कयने देने की बफरकुर भनजस्थतत भं नहीॊ थी। महाॊ तक कक उसका भुझे छूना बी नागिाय गुिय यहा था। भनें उसका फढ़ेता हुआ हाथ झटक टदमा था औय एक आसान सा झूठ फोर टदमा था - अबी भ ंइस हारत भं नहीॊ हूॊ। भेये ऩीरयमड्स चर यहे हं।

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िह चंक कय एकदभ ऩीछे हट गमा था औय कपय अऩनी जगह जा कय फैठ गमा था। उसे इतना बी नहीॊ सूझा था कक ऩीरयमड्स भं सैक्स की ही तो भनाई होती है, अयसे फाद लभरी फीिी का हाथ थाभने, उसे अऩने सीने से रगाने औय चूभने से कुछ नहीॊ होता। भनें बी तम कय लरमा था, जफ तक िह अऩनी असरी ऩहचान नहीॊ फता देता, भ ंउसे अऩने ऩास बी नहीॊ पटकने दूॊगी। फेशक उस िक्त भ ंसैक्स के लरए फुयी तयह तड़ऩ यही थी औय भन ही भन चाह यही थी कक िह भुझसे जफयदस्ती बी कये तो भ ंभना नहीॊ करूॊ गी। रेककन िह तो हाथ खीॊच कय एकदभ ऩीछे ही हट गमा था। भेया िहाॊ मह तीसया टदन था। मे तीनं टदन िहाॊ भनें एक भेहभान की तयह काटे थे। जफ घय के भालरक की हारत ही भेहभान जैसी हो तो भ ंबरा कैसे सहज यह सकती थी। हभ आभ तौय ऩय इस दौयान चुऩ ही यहे थे। इन तीन टदनं भं भनें उससे कई फाय कहा था, चरे शो रूभ देखने, िकीर से लभरने मा विजम के महाॊ शो रूभ के ऩेऩसस देखने रेककन िह रगाताय एक मा दसूये फहाने से टारता यहा। भ ंतीन टदन से उसकी रॊतयातनमाॊ सुनते सुनते तॊग आ चुकी थी। हभ इस दौयान दो एक फाय ही फािाय की तयप गमे थे। साभान रेने औय फाहय खाना खाने औय दो एक फाय पोन कयने। भम्भी को अऩनी ऩहुॊच की खफय बी देनी थी। कफ से टार यही थी। भनें भम्भी को लसपस मही फतामा कक महाॊ सफ ठीक ठाक है औय भ ंफाकी फातं विस्ताय से ऩत्र भं लरखूॊगी। फरविन्दय की अफ तक की सायी फातं उसके खखराफ़ जा यही थीॊ रेककन कपय बी िह फताने को तैमाय नहीॊ था कक उसकी असलरमत क्मा है। िह हय फाय एक नमा फहाना फना देता। एकाध फाय पोन कयने के फहाने फाहय बी गमा रेककन रौट कय मही फतामा कक िो घय ऩय नहीॊ है, फाहय गमा है, कर आमेगा मा ऩयसं आमेगा। आखखय तॊग आ कय भनें उसे अल्टीभेटभ दे टदमा था - अगय कर तक तुभने भुझे अऩनी असलरमत का कोई सुफूत नहीॊ टदखामा तो भेये ऩास मह भानने के अरािा औय कोई चाया नहीॊ होगा कक तुभ औय कोई नहीॊ, बफल्री िैल्डय ही हो औय तुभ भुझसे रगाताय झूठ फोरते यहे हो। तफ भुझे महाॊ इस तयह योकने का कोई हक नहीॊ यहेगा। ऩूछा था उसने - कहाॊ जाओगी भुझे छोड़ कय..। जिाफ टदमा था भनें - जफ सात सभॊदय ऩाय कयके महाॊ तक आ सकती हूॊ तो महाॊ से कहीॊ औय बी जा सकती हूॊ। - इतना आसान नहीॊ है महाॊ अकेरे यहना। भ ंआदभी हो कय नहीॊ सॊबार ऩा यहा हूॊ...। - झूठे आदभी के लरए हय जगह तकरीपं ही होती हं। - तुभ भुझे फाय फाय झूठा क्मं लसद्ध कयने ऩय तुरी हुई हो। भ ं तुम्हं कैसे मकीन टदराऊॊ ,.. - दकुान के, घय के, कायाफाय के ऩेऩसस टदखा दो.. भ ंमकीन कय रूॊगी औय न केिर अऩने साये आयोऩ िावऩस रूॊगी फजल्क तुम्हं भुसीफतं से फाहय तनकारने के लरए अऩनी जान

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तक रड़ा दूॊगी। ऩता नहीॊ तुम्हाया ऩासऩोटस बी असरी है मा नहीॊ। कहीॊ चोयी छुऩे तो नहीॊ आमे हुए हो महाॊ ? - िक्त आने दो। सायी चीजं टदखा दूॊगा। - भ ंउसी िक्त का इॊतजाय कय यही हूॊ। - मू आय टू डडकपकल्ट । रेककन तीसयी यात िह टूट गमा था। हभ दोनं अरग अरग सो यहे थे। योजाना इसी तयह सोते थे। भ ंउसे अऩने ऩास बी नहीॊ पटकने दे यही थी। िह अचानक ही आधी यात को भेये ऩास आमा था औय भेये सीने से रग कय पूट-पूट कय योने रगा था। उसका इस तयह योना भुझे फहुत अखया था रेककन शामद िह बी थक चुका था औय अऩना खोर उताय कय भुक्त हो जाना चाहता था। चरो, कहीॊ तो फपस वऩघरी थी। भनें उसे ऩुचकाया था, चुऩ कयामा था औय उसके फारं भं उॊगलरमाॊ कपयाने रगी थी। उसने तफ कहा था - हभ सफ कुछ बुरा कय नमे लसये से जिॊदगी नहीॊ शरुू कय सकते क्मा। भ ंभानता हूॊ, भ ंतुभसे कुछ फातं छुऩाता यहा हूॊ, रेककन इस सभम भ ंसचभुच भुसीफत भं हूॊ औय अगय तुभ बी भेया साथ नहीॊ दोगी तो भ ं बफरकुर टूट जाउॊ€गा। औय िह पपक पपक कय योने रगा था। उस यात भनें उसे स्िीकाय कय लरमा था औय कहा था - ठीक है। तुभ अफ चुऩ हो जाओ। इस फाये भं हभ फाद भं फात कयंगे। फेशक उसभं अफ ऩहरे िारा जोश खयोश नहीॊ यह गमा था। शामद उसकी भानलसक हारत औय कुछ हद तक आचथसक हारत बी इसके लरए जजम्भेिाय थी। शामद मह डय बी यहा हो कक कहीॊ भ ंसचभुच चरी ही न जाऊॊ । अगरे टदन उसके व्मिहाय भं फहुत तब्दीरी आ गमी थी औय िह सहजता से ऩेश आ यहा था। कई टदन फाद उसने शेि की थी औय ढॊग से कऩडे़ ऩहने थे। भुझे घुभाने रे गमा था औय फाहय खाना खखरामा था। एक ही फाय के सैक्स से औय अऩने झूठ से भुडक्त ऩा कय िह नाभसर हो गमा था। भ ंइॊतिाय कय यही थी कक िह अऩने फाये भे सफ कुछ सच सच फता देगा रेककन ऐसा कुछ बी नहीॊ हुआ। िह ऐसे व्मिहाय कय यहा था भानो कुछ हुआ ही न हो। इसके फजामे उसने यात को बफस्तय ऩय आने ऩय ऩहरा सिार मही ऩूछा - भनें तुम्हं कुछ ऩैसं के फाये भं लरखा था, कुछ इॊतिाभ हो ऩामा था क्मा....। भ ंहैयान हो गमी थी। कर यात तो नमे लसये से जिॊदगी श्जारू कयने की फात कही जा यही थी औय अफ..कहीॊ कर यात का नाटक भुझसे ऩैसे तनकरिाने के लरए ही नाटक तो नहीॊ था। कपय बी कहा था भनें - अऩने िकीर से लभरिा दो। भ ंउसकी पीस का इॊतजाभ बी कय दूॊगी। - नहीॊ, दयअसर भ ंकोई नमा धॊधा शरुू कयना चाहता था। - क्मं, भनें छेड़ा था - िो इम्ऩोरयमभ मूॊ ही हाथ से जाने दोगे?

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- अफ छोड़ो बी उस फात को। कहा न... कुछ नमा कयना चाहता हूॊ। कुछ भदद कय ऩाओगी। अफ आमा था ऊॊ ट ऩहाड़ के नीचे। भनें उस िक्त तो उसे साप भना कय टदमा था कक फड़ी भुजश्कर से हभ ककयामे के रामक ही ऩैसे जुटा ऩामे थे। फस, ककसी तयह भ ंआ ऩामी हूॊ। िह तनयाश हो गमा था। भ ंजानती थी, अगय उसे भ ंसाये ऩैसे संऩ बी दूॊ तो बी कोई क्राॊतत नहीॊ होने िारी है। फहुत भुजश्कर था अफ उस ऩय विश्वास कय ऩाना। अफ इस ऩयदेस भं कुर जभा मही ऩूॊजी भेये ऩास थी। अगय कहीॊ मे बी उसके हत्थे चढ़े गमी तो भ ंतो कहीॊ की न यहूॊगी। भन का एक कोना मह बी कह यहा था ऩैसा ऩतत से फढ़े कय तो नहीॊ है। अफ जफ उसने भापी भाॊग ही री है तो क्मं नहीॊ उसकी भदद कय देती। आखखय यहना तो उसी के साथ ही है। जो कुछ कभामेगा, घय ही तो रामेगा। अफ मे तो कोई तुक नहीॊ है कक ऩैसे घय भं फेकाय ऩडे़ यहं औय घय का भयद काभ कयने के लरए ऩूॊजी के लरए भाया भाया कपये ....। औय इस तयह भनें उस ऩय एक औय फाय विश्वास कयके उसे ऩाॊच सौ ऩाउॊ ड टदमे थे। नोट देखते ही उसकी आॊखं एकदभ चभकने रगीॊ थीॊ। कहा था भनें उससे - फस, मही सफ कुछ है भेये ऩास। इसके अरािा भेये ऩास एक धेरा बी नहीॊ है। अगय कहीॊ कर के टदन तुभ भुझे घय से तनकार दो तो भेये ऩास ऩुलरस को पोन कयने के लरए एक लसक्का बी नहीॊ है। - तुभ फेकाय भं शक कय यही हो। भ ंबरा तुम्हं घय से क्मं तनकारने रगा। तुभने तो आकय भेयी अॊधेयी जिॊदगी भं नमी यौशनी बय दी है। अफ देखना इन ऩाॊच सौ ऩाउॊ डं के ककतने हिाय ऩाउॊ ड फना कय टदखाता हूॊ। रेककन इस फाय बी भनें ही धोखा खामा था। िह ऩैसे रेने के फाद कई टदन तक साया साया टदन गामफ यहता रेककन मे साये ऩैसे ऩाॊच- सात टदन भं ही अऩनी भॊजिर तराश कयके फरविन्दय से विदा हो गमे थे। कायण िही तघसे वऩटे थे। जो काभ हाथ भं लरमा था, उसका अनुबि न होने के कायण घाटा हो गमा था। एक फाय कपय िह नमे लसये से फेकाय था। इधय िह अफ भुझे ऩहरे की तयह ही खूफ प्माय कयने रगा था, इधय भनें एक फात ऩय गौय ककमा था कक िह यात के िक्त राइटं जरा कय भेया ऩूया शयीय फहुत देय तक तनहायता यहता औय उसकी खूफ तायीप कयता। भुझे फहुत शयभ आती रेककन अच्छा बी रगता कक भ ंअबी उसकी नियं से उतयी नहीॊ हूॊ। रेककन इसकी सचाई बी जल्दी ही साभने आ गमी थी। एक टदन िह एक फटढ़ेमा कैभया रे कय आमा था औय अरग-अरग ऩोज भं भेयी फहुत सायी तस्िीयं खीॊचीॊ थीॊ। जफ तस्िीयं डेिरऩ हो कय आमी थीॊ तो िह फहुत खुश था। तस्िीयं फहुत ही अच्छी आमी थीॊ। एक टदन िह मे सायी तस्िीयं रेकय कहीॊ गमा था तो फहुत खुश खुश घय रौटा था। फतामा था उसने - एक ऐड एजंसी को तुम्हायी तस्िीयं फहुत ऩसॊद आमी हं। िे तुम्हं भॉडलर ॊग का चाॊस देना चाहते हं। अगय तुम्हायी तस्िीयं सेरेक्ट हो जामं तो तुम्हं भॉडलर ॊग

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का एक फहुत फड़ा एसाइनभंट लभर सकता है। रेककन उसके लरए एक पोटो सैशन उन्हीॊ के स्टूडडमो भं कयाना होगा। क्मा कहती हो... हाथ से जाने दं मह भौका क्मा....। मह भेये लरए अनहोनी फात थी। अच्छा बी रगा था कक महाॊ बी खूफसूयती के कद्रदान फसते हं। अऩनी कपगय औय चेहये भोहये की तायीप फयसं से देखने िारं की तनगाह भं देखती आ यही थी। एक से फढ़े कय एक कम्ऩरीभंट ऩामे थे रेककन भॉडलर ॊग जैसी चीज के लरए गुयदासऩुय जैसी छोटी जगह भं सोचा बी नहीॊ जा सकता था। अफ महाॊ रॊदन भं भॉडलर ॊग का प्रस्ताि.. िह बी आने के दस टदन के बीतय.. योभाॊच बी हो यहा था औय डय बी था कक इसभं बी कहीॊ धोखा न हो। िैसे बी फरविन्दय के फाये भं इतनी आसानी से विश्वास कयने को जी नहीॊ चाह यहा था। फरविन्दय ने भेयी दवुिधा देख कय तसल्री दी थी - कोई जल्दीफाजी नहीॊ है.. आयाभ से सोच कय फताना.. ऐसे भाभरं भं हड़फड़ी ठीक नहीॊ होती। भ ंबी इस फीच सायी चीजं देख बार रूॊ। भनें बी सोचा था - देख लरमा जामे इसे बी.. फरविन्दय साथ होगा ही। कोई जफयदस्ती तो है नहीॊ। काभ ऩसॊद न आमा तो घय िावऩस आ जाऊॊ गी। जभसन पोटोिापय की आॊखं भुझे देखते ही चभकने रगीॊ थीॊ। तायीप बयी तनगाहं से भुझे देखते हुए उसने कहा था - मू आय िेट, सच ए प्रॎटी पेस एॊड ऩयपैक्ट कपगय.. आइ फैट मू विर फी एन इॊसटंट टहट। िैरकभ भाम डडमय.. भुझे योभाॊच हो आमा था। अऩनी तायीप भं आज तक फीलसमं कम्ऩरीभंट सुने थे रेककन कबी बी ककसी अजनफी ने ऩहरी ही भुराकात भं इतने साप शब्दं भं कुछ नहीॊ कहा था। भुझे अॊदय स्टूडडमो भं रे जामा गमा था। फरविन्दय देय तक उस अॊिेज पोटोिापय से फात कयता यहा था। जफ भुझे भेकअऩ के लरए रे जामा जाने रगा तो फरविन्दय ने भुझे गुडरक कहा था औय फेशयभी से हॉसा था - अफ तो तुभ टॉऩ क्रास भॉडर हो। हभं बूर भत जाना। भुझे उसका इस तयह हॉसना फहुत खयाफ रगा था। रेककन भाहौर देख कय भ ंचुऩ यह गमी थी। पोटािापय की अलसस्टंट ने भेया भेक अऩ ककमा था। उसके फाद एक औय रड़की आमी थी जजसने भुझे एक ऩैकेट ऩकड़ाते हुए कहा - मे कॉस्ट्मूभ है। चंज रूभ भं जा कय ऩहन रीजजमे। भ ं कुछ सभझी थी औय कुछ नहीॊ सभझी थी। रेककन जफ बीतय जा कय ऩैकेट खोर देखा तो भेये तो होश ही उड़ गमे थे। दो इॊाॊच की ऩट्टी की नीरे यॊग की ब्रा थी औय तीन इॊच की ऩटंी। अफ सायी फातं भेयी सभझ भं आ गमी थीॊ - फरविन्दय का भेये शयीय को कई कई टदन तक घूयते यहना, उसकी हॉसी, भेये पोटो खीॊचना औय महाॊ तक घेय-घाय का राना औय उसकी कुटटर हॉसी हॉसते हुए कहना - अफ तो तुभ टॉऩ क्रास भॉडर हो। हभं बूर भत जाना। भ ंसऩने भं बी नहीॊ सोच सकती थी कक भेया अऩना ऩतत इतना चगय बी सकता है कक अबी भुझे आमे हुए चाय टदन बी नहीॊ हुए औय भेयी नॊगी तस्िीयं खखॊचिाने रे आमा है। ऩैसं की हेयापेयी कपय बी भ ंफयदाश्त कय गमी औय उसे भाप बी कय टदमा था रेककन उसकी मे

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हयकत..भ ंगुस्से से रार ऩीरी होते हुए चंज रूभ से फाहय आमी थी औय फरविन्दय को ऩूछा था। पोटोिापय ने फदरे भं भुझसे ही फहुत ही प्माय से ऩूछा था - कोई प्राब्रभ है भैडभ? रेककन जफ भनें फरविन्दय को ही फुराने के लरए कहा तो उसने फतामा था - आऩके हसफडं ने महाॊ से एक पोन ककमा था। उन्हं अचानक ही एक ऩाटॊ से लभरने जाना ऩड़ा। उन्हं दो एक घॊटे रग जामंगे। िे कह गमे थे कक अगय उन्हं देय हो जामे तो आऩ घय चरी जामं। डंट ियी भैडभ, िे घय की चाफी दे गमे हं। हभायी काय आऩको घय छोड़ आमेगी। मह सुनते ही भेयी रुराई पूट ऩड़ी थी। मह क्मा हो यहा था भेये बगिान, भेया अऩना ऩतत भुझसे ऐसे काभ बी कयिा सकता है। इससे तो अच्छा होता भ ंमहाॊ आती ही नहीॊ। पोटोिापय मह सीन देख कय घफया गमा था। उसने तुॊत अऩनी अलसस्टंट को फुरामा था। िह भुझे बीतय रे गमी थी। ऩूछा था - आऩकी तफीमत तो ठीक है। भ ंउसे कैसे फताती कक अफ तो कुछ बी ठीक नहीॊ यहा। िह देय तक भेयी ऩीठ ऩय हाथ पे यती यही थी। जफ भ ंकुछ सॊबरी थी तो उसने कपय ऩूछा था - फात क्मा है। भ ंउसे अऩनी दोस्त ही सभझूॊ औय ऩूयी फात फताऊॊ । िह भेयी ऩूयी भदद कयेगी। तफ भनें फड़ी भुजश्कर से उसे सायी फात फतामी थी। मह बी फतामा था कक महाॊ आमे हुए भुझे दस टदन बी नहीॊ हुए हं औय भेया ऩतत भुझसे झूठ फोर कय महाॊ रे आमा है। भुझे जया सा बी अॊाॊदाजा होता कक भुझे जस्िलभ ॊग कॉस्ट्मूम्स के लरए भॉडलर ॊग कयनी है तो भ ंआती ही नहीॊ। उसने ऩूये धैमस के साथ भेयी फात सुनी थी औय जा कय अऩने फॉस को फतामा था। उसका धैमस देख कय रगता था उसे इस तयह की लसचुएशन से ऩहरे बी तनऩटना ऩड़ा होगा। पोटोिापय ने तफ भुझे अऩने चैम्फय भं फुरामा था औय उस रड़की की भौजूदगी भं भुझसे कई कई फाय भापी भाॊगी थी कक कम्मूतनकेशन गैऩ की िजह से भुझे इस तयह की अऩभानजनक जस्थतत से गुजयना ऩड़ा। तफ उसी ने भुझे फतामा था कक फरविन्दय खुद ही उनके ऩास भेयी तस्िीयं रे कय आमा था औय इस तयह का प्रोऩोजर यखा था कक भेयी िाइप ककसी बी तयह की भॉडलर ॊग के लरए तैमाय है। - अगय हभं ऩहरे ऩता होता लभ. फरविन्दय ने आऩसे झूठ फोरा है तो...खैय.. डंट ियी, हभ आऩकी भजॉ के बफना कुछ बी नहीॊ कयंगे। फस, एक ही प्राब्रभ है कक लभस्टय फरविन्दय जाते सभम हभसे इस एसाइनभंट के लरए एडिाॊस ऩैसे रे गमे हं। िो तो खैय कोई फहुत फड़ी प्राब्रभ नहीॊ है। कपय बी भेया एक सजेशन है। अगय आऩको भॊजूय हो। आऩ एक काभ कयं भैडभ। जस्ट ए हम्फर रयक्िेस्ट। आऩ इसी साड़ी भं ही, मा इस एरफभ भं जो बी कऩडे़ आऩको िेसपुर रगं, उनभं कुछ पोटोिाफ्स ख्चाॊिा रं। जस्ट फ्म ूब्मूटीपुर पोटोिाफ्स ऑप ए िेसपुर एॊड पोटोजेतनक पेस। ओनरी इप मू राइक। हभाया एसाइनभंट बी हो जामेगा औय आऩकी भॉडलर ॊग बी। हभ इस फाये भं लभ. फरविन्दय को कुछ नहीॊ फतामंगे। आइ चथॊक इसभं आऩको कोई एतयाज नहीॊ होगा। उसने तफ भुझे कई एरफभ टदखामे औय फतामा था कक `उस` तयह की पोटोिापी तो िे कभ ही कयते हं, ज्मादातय पोटोिापी िे नाभसर िेसेस भं ही कयते हं। उस रड़की ने बी

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भुझे सभझामा था कक भेये जैसी खूफसूयत रड़की को इस प्रोऩोजर के लरए ना नहीॊ कहनी चाटहमे। औय इस तयह भॉडलर ॊग का भेया ऩहरा एसाइनभंट हुआ था। तकयीफन तीस चारीस पोटो खीॊचे गमे थे। कहीॊ कोई जफयदस्ती नहीॊ, कोई बद्दाऩन नहीॊ था, फजल्क हय पोटो भं भेये बीतयी सौन्दमस को ही उबायने की कोलशश की गमी थी। पोटोिापय की अलसस्टंट हॉस बी यही थी कक योने के फाद भेया चेहया औय बी उजरा हो गमा था। भुझे िहाॊ ऩूया टदन रग गमा था रेककन फरविन्दय िावऩस नहीॊ आमा था। चरते सभम पोटोिापय ने भुझे डेढ़े सौ ऩाउॊ ड टदमे थे। एसाइनभंट की फाकी यकभ। उन्हंने तफ फतामा था कक कुर तीन सौ ऩाउॊ ड फनते थे भेये जजसभं से डेढ़े सौ ऩाउॊ ड फरविन्दय ऩहरे ही रे चुका है। उन्हंने मह बी ऩूछा था कक िह इनकी कॉऩी भुझे ककस ऩते ऩय लबजिामे। भनें उनसे अनुयोध ककमा था कक ऩहरी फात तो िह इनकी एक बी कॉऩी फरविन्दय को न दं औय न ही उसे इस पोटो सैशन के फाये भं फतामं। दसूये इनकी कॉऩी भ ंफाद भं कबी बी भॊगिा रूॊगी। उन्हंने भेयी दोनं फातं भान री थीॊ औय एक यसीद भुझे दे दी थी ताकक भ ं ककसी को बेज कय पोटो भॊगिा सकूॊ । जफ भ ंचरने रगी थी तो उन्हंने एक फाय कपय भुझसे भापी भाॊगी थी औय कहा था कक भ ंउनके फाये भं कोई बी फुया ख्मार न यखूॊ औय उन्हं कपय सेिा का भौका दूॊ। उन्हंने एक फाय कपय अनुयोध ककमा था कक िे भुझे दोफाया अऩने स्टूडडमो भं एक औय पोटो सैशन के लरए देख कय फहुत खुश हंगे। चरते चरते उन्हंने खझझकते हुए भुझे एक फॊद लरपापा टदमा था औय कहा था - इसे भ ंघय जा क य ही खोरूॊ। मही लरपापा रेकय फरविन्दय आमा था औय िे ऩूया का ऩूया ऩैकेट भुझे रौटा यहे हं। उन्हंने टहन्दसु्तानी तयीके से हाथ जोड़ कय भुझे विदा ककमा था। भ ंआते सभम सोच यही थी कक एक तयप महाॊ ऐसे बी रोग हं जो सच्चाई ऩता चरने ऩय ऩूयी इन्सातनमत से ऩेश आते हं औय दसूयी तयप भेया अऩना ऩतत भुझे फािाय भं फेचने के लरए छोड़ गमा था.. भनें सोच लरमा था अफ उसके घय भं एक लभनट बी नहीॊ यहना है। भनें घय ऩहुॊचते ही लरपापा खोर कय देखा था - लरपापा खोरते ही भेया लसय घूभने रगा था - फरविन्दय पोटोिाफ्स के जो ऩैकेट िहाॊ दे कय आमा था उसभं भेयी सोते सभम औय नहाते सभम री गमी कुछ न्मूड तस्िीयं थीॊ। भेयी जानकायी के बफना खीॊची गमी नॊगी औय अधनॊगी तस्िीयं। भुझे ऩता ही नहीॊ चर ऩामा कक उसने मे तस्िीयं कफ खीॊची थीॊ। छी भं सऩने भं बी नहीॊ सोच सकती थी कक भेया अऩना ऩतत इतना नीच औय घटटमा इन्सान हो सकता है कक भेयी दरारी तक कयने चरा गमा। भ ंिोय िोय से योने रगी थी। हभ हनीभून भं बी औय महाॊ सॊफॊध ठीक हो जाने के फाद हभ ऐसे ही बफना कऩडे़ ऩहने सो जाते थे। नमे शादीशदुा ऩतत ऩत्नी भं मे सफ चरता ही यहता है। इसभं कुछ बी अजीफ नहीॊ होता। अऩनी मे तस्िीयं देखते हुए भुझे मही रगा था कक उसने मे तस्िीयं भेये सो जाने के फाद मा नहाते सभम चुऩके से रे री हंगी। सच, ककतना तघनौना हो जाता है कई फाय भयद कक अऩनी ही ब्माहता की नॊगी तस्िीयं फाहय फेचने के लरए टदखाता कपये।

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भेयी ककस्भत अच्छी थी कक िह उस बरे पोटोिापय के ऩास ही गमा था जजसने न केिर भेया भान यखा फजल्क ईभानदायी से ऩूया का ऩूया किय बी रौटा टदमा है। भनें योते-योते साये के साये पोटो पाड़ कय उनकी चचॊटदमाॊ फना दी थीॊ। तबी भनें घड़ी देखी थी। ऩाॊच फजने िारे थे। हयीश अबी ऑकपस भं ही होगा। भ ं तुॊत रऩकी थी। भेयी ककस्भत फहुत अच्छी थी कक हयीश पोन ऩय लभर गमा था। िह फस, तनकरने ही िारा था। भनें रुॊ धी आिाज भं उससे कहा था - महाॊ सफ कुछ खत्भ हो चुका है। भुझे घय छोड़ना है। अबी औय इसी िक्त। भुझे तुॊत लभरो। उसने तफ भुझे टदरासा दी थी - भ ंिया बी न घफयाऊॊ । लसपस मह फता दूॊ कक भेये घय के सफसे तनकट कौन सा ट्मूफ स्टेशन ऩड़ता है। भुझे इतना ही ऩता था कक हभ जफ बी कहीॊ जाते थे से ही टे्रन ऩकड़ते थे। भनें हंस्रो िेस्ट स्टेशन का ही नाभ फता टदमा था। हयीश ने भुझे एक लभनट होल्ड कयने के लरए कहा था। शामद अऩने ककसी साथी से ऩूछ यहा था कक उसे भुझ तक ऩहुॊचने भं ककतनी देय रगेगी। हयीश ने तफ भुझे एक फाय कपय आश्वस्त ककमा था कक भ ंहंस्रो िेस्ट स्टेशन ऩहुॊच कय साउथ िीनपोडस स्टेशन का टटकट रे रूॊ औय प्रेटपाभस नम्फय एक ऩय एॊट्री ऩाॊइट ऩय ही उसका इॊतिाय करूॊ । उसे िहाॊ तक ऩहुॊचने भं ऩचास लभनट रगंगे। िह ककसी बी हारत भं छ् फजे तक ऩहुॊच ही जामेगा। ओके। भ ंरऩक कय फरविन्दय के अऩाटसभंट भं ऩहुॊची थी। सॊमोग से िह अबी तक नहीॊ आमा था। ककतना शाततय आदभी है मह !! भनें सोचा था, भुझे अॊधी खाई भं धकेरने के फाद भुझसे आॊखं लभराने की टहम्भत बी नहीॊ हं उसभं। भनें अऩने फैग उठामे थे। दयिाजा फॊद ककमा था औय एक टैक्सी रे कय स्टेशन ऩहुॊच गमी थी। ककतनी अबागी थी भ ं कक हफ्ते बय भं ही भेया घय भुझसे छूट यहा था। भनें ऐसे घय का सऩना तो नहीॊ देखा था। यास्ते भं भनें फरविन्दय के घय की चाफी टैक्सी भं से फाहय पंक दी थी। होता यहे ऩयेशान औय खाजता यहे भुझे। स्टेशन ऩहुॊच कय बी भेयी धुकधुकी फॊद नहीॊ हो यही थी। कहीॊ फरविन्दय ने भुझे देख लरमा तो गजफ हो जामेगा। घय तो खैय भ ंतफ बी छोड़ती रेककन भ ंअफ उस आदभी की शक्र बी नहीॊ देखना चाहती थी औय न ही उसे मह हिा रगने देना चाहती थी कक भ ंकहाॊ जा यही हूॊ। एक अच्छी फात मह हुई थी कक उसने न तो हयीश से लभरते िक्त औय न ही फाद भं ही उसके फाये भं ज्मादा ऩूछताछ की थी। हयीश िक्त ऩय आ गमा था। उसके साथ उसका िही करीग था जजसने उसे ऩेइॊग गेस्ट िारी जगह टदरिामी थी। हयीश ने भेये फैग उठामे थे औय हभ बफना एक बी शब्द फोरे टे्रन भं फैठ गमे थे। औय इस तयह भेया घय भुझसे छूट गमा था। भेयी शादी के लसपस सात भहीने औय ग्मायह टदन फाद। इस अयसे भं से बी भनें लसपस सतंीस टदन अऩने ऩतत के साथ गुिाये थे। इन सतंीस टदनं भं से बी तीन टदन तो हभने आऩस भं ढॊग से फात बी नहीॊ की थी। लसपस चंतीस टदन की सैक्सपुर औय सक्सैसपुर राइप थी भेयी औय भ ंएक अनजान देश की अनजान याजधानी भं ऩहुॊचने के एक हफ्ते भं ही सड़क ऩय आ गमी थी।

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इतना कहते ही भारविका भेये गरे से लरऩट कय पूट पूट कय योने रगी है। उसका मह योना इतना अचानक औय िोय का है कक भ ंहक्का फक्का यह गमा हूॊ। भुझे ऩहरे तो सभझ भं ही नहीॊ आमा कक अऩनी कहानी सुनाते-सुनाते अचानक उसे क्मा हो गमा है। अबी तो बरी चॊगी अऩनी दास्तान सुना यही थी। भ ंउसे अऩने सीने से बीॊच रेता हूॊ औय उसे चुऩ कयाता हूॊ - योओ नहीॊ तनक्की। तुभ तो इतनी फहादयु रड़की हो औय अऩने को इतने शानदाय तयीके से सॊबारे हुए हो। िया सोचो, तुम्हं अगय उसी दरार के घय यहना ऩड़ता तो..तो तुम्हायी जिॊदगी ने क्मा रुख लरमा होता ..। कई फाय आदभी के लरए गरत घय भं यहने से फेघय होना ही फेहतय होता है। चीमय अऩ भेयी फच्ची..। मह कय भ ंउसका आसुॊओॊ से तय चेहया चुम्फनं से बय देता हूॊ। िह अबी बी योमे जा यही है। भ ंउसके फारं भं उॊगलरमाॊ कपयाता हूॊ। गार थऩथऩाता हूॊ। अचानक िह अऩना लसय ऊऩय उठाती है औय योते-योते ऩूछती है - तुम्हीॊ फताओ दीऩ, भेयी गरती क्मा थी? भ ंकहाॊ गरत थी जो भुझे इतनी फड़ी सिा दी गमी। चौफीस-ऩचीस सार की उम्र भं, जफ भेये हाथं की भंहदी बी ढॊग से सूखी नहीॊ थी, शादी के सात भहीने फाद ही न भ ंशादीश्जादा यही न कुॊ िायी, न घय यहा भेया औय न ऩरयिाय। भेयी प्मायी भम्भी औय देश बी भुझसे छूट गमे। भुझे ही इतना खयाफ ऩतत क्मं लभरा कक भ ंजिॊदगी बय के लरए अकेरी हो गमी..। भ ंइतने फडे़ जहान भं बफरकुर अकेरी हूॊ दीऩ.... फहुत अकेरी हूॊ ... इतनी फड़ी दतुनमा भं भेया अऩना कोई बी नहीॊ है दीऩ.. ..। भ ं तुम्हं फता नहीॊ सकती, अकेरे होने का क्मा भतरफ होता है। िह िाय िाय योमे जा यही है। भ ंउसे चुऩ कयाने की कोलशश कयता हूॊ - योओ नहीॊ तनक्की, भ ंहूॊ न तुम्हाये ऩास.. इतने ऩास कक तुभ भेयी साॊस ंबी भहसूस कय सकती हो। तुभ तो जानती ही हो, हभायी हथेरी ककतनी बी फड़ी हो, देने िारा उतना ही देता है जजतना उसे देना होता है। अफ चाहे रॊदन हो मा तुम्हाया गुयदासऩुय, तुम्हं इस आग से गुिय कय कुॊ दन फनना ही था। - दीऩ भुझे छोड़ कय तो नहीॊ जाओगे? िह गुनगुने उजारे भं भेयी तयप देखती है। - नहीॊ जाऊॊ गा फस, देखो भ ंबी तो तुम्हायी तयह इतना अके रा हूॊ। भुझे बी तो कोई चाटहमे जो .. जो भेया अकेराऩन फाॊट सके। हभ दोनं एक दसूये का अकेराऩन फाॊटंगे औय एक सुखी सॊसाय फनामंगे। - प्रालभस ? - हाॊ गॉड प्रालभस। भ ंउसके होठं ऩय एक भोहय रगा कय उसकी तसल्री कय देता हूॊ - अफ चुऩ हो जाओ, देखो हभ ककतने घॊटं से इस तयह रेटे हुए हं। फहुत यात हो गमी है। अफ सोमं क्मा ? िह अचानक उठ फैठी है - क्मा भतरफ? ककतने फजे हं? - अये मे तो सुफह के साढे़े आठ फज यहे हं। इसका भतरफ हभ दोनं वऩछरे कई घॊटं से इसी तयह रेटे हुए आऩके साथ आऩके फचऩन की गलरमं भं घूभ यहे थे। - ओह गौड, भ ंइतनी देय तक फोरती यही औय तुभने भुझे टोका बी नहीॊ .. आखखय उसका भूड सॊबरा है।

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- टीचयजी ने फोरने से भना जो कय यखा था। - फातं भत फनाओ ज्मादा। कॉपी ऩीओगे? - न फाफा, भुझे तो नीॊद आ यही है। - भ ंअऩने लरमे फना यही हूॊ। ऩीनी हो तो फोर देना। औय िह कॉपी फनाने चरी गमी है। सुयभई अॊाॊधेये उजारे भं साभने यखे शोकेस के शीशे भं यसोई भं से उसका अक्स टदखामी दे यहा है। कॉपी ऩीते हुए ऩूछता हूॊ भारविका से - कबी दोफाया भुराकात हुई फरविन्दय से? - नो क्िेश्चॊस प्रीि। - रेककन मे अधूयी कहानी सुना कय तयसाने की क्मा तुक है। फेशक कहानी का ितसभान भेये साभने है, औय भेये साभने खुरी ककताफ की तयह है रेककन फीच भं जो ऩन्ने गामफ हं, उन ऩय क्मा लरखा था, मह बी तो ऩता चरे। भ ंउसके नयभ फार सहराते हुए आिह कयता हूॊ । - भनें कहा था ना कक अफ औय कोई सिार नहीॊ ऩूछोगे। - अच्छा एक काभ कयते हं। तुभ ऩूयी कहानी एक ही ऩैयािाप भं, नट शरै भं फता दो। कपय गॉड प्रॉलभस, हभ जिॊदगी बय इस फाये भं फात नहीॊ कयंगे। अगय मे फीच की खोई हुई कडड़माॊ नहीॊ लभरंगी तो भ ंहभेशा फेचैन होता यहूॊगा। - ओ. के.। भ ंलसपस दस िाक्मं भं कहानी ऩूयी कय दूॊगी। टोकना नहीॊ। - ठीक है। फताओ। - तो सुनो। फरविन्दय औय उसके कई साथी जारी ऩासऩोटस औय िीिा रे कय महाॊ यह यहे थे। िे रोग ऩता नहीॊ ककतने देशं की अिैध तयीके से मात्रा कयेन के फाद िे इॊगरडं ऩहुॊचते थे। शादी के एक भहीने तक बी िह इसी चक्कय भं िह िहाॊ रुका था कक एॊजंट की तयप से िीन लसग्नर नहीॊ लभर यहा था। कुछ सार ऩहरे सफको महाॊ से िावऩस बेज टदमा गमा था। उसे भेये फाये भं आखखय ऩता चर ही गमा था। उसने दो-एक भैसेज लबजिामे, दोस्तं को लबजिामा, सभझौता कय रेने के लरए, रेककन खुद आ कय लभरने की टहम्भत नहीॊ जुटा ऩामा था। जफ िे रोग ऩकडे़ गमे तो उसने कपय सॊदेश लबजिामा था कक भ ंउसे ककसी तयह छु़ड़िा रूॊ रेककन भ ंसाप भुकय गमी थी कक इस आदभी से भेया कोई ऩरयचम बी है। शरुू शरुू भं फहुत भुजश्करं साभने आमीॊ। यहने, खाने, इज्ित से जीने औय अऩने आऩको सॊबारे यहने भं रेककन टहम्भत नहीॊ हायी। ऩहरे तो भ ंहयीश िारी जगह ही ऩेइॊग गेस्ट फन कय यहती यही, कपय कई जगहं फदरीॊ। ऩाऩी ऩेट बयने के लरए कई उरटे सीधे काभ ककमे। स्कूरं भं ऩढ़ेामा, दफ्तयं, पैक्टरयमं, दकुानं भं काभ ककमा, फेयोजगाय बी यही, बूखी बी सोमी। एक टदन अचानक एक इॊडडमन स्कूर भं मोगा टीचय की िेकंसी तनकरी तो एप्राई ककमा। चुन री गमी। इस तयह मोगा टीचय फनी। धीये धीये आत्भ विश्वास फढ़ेा। धीये धीये क्राॊइट्स फढे़े तो कम्ऩतनम ंिगैयह भं जा कय क्रासेस रेनी शरुू कीॊ। अरग से बी मोगा क्रासेस चरानी शरुू कीॊ। घय खयीदा, हैल्थ संटय खोरा, फडे़ फडे़ िाहक लभरने शरुू हुए तो

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स्कूर की नौकयी छोड़ी। कई िुऩ लभरे तो हैल्थ संटय भं स्टाप यखा। काभ फढ़ेामा। येट्स फढ़ेामे औय अऩने तयीके से घय फनामा, सजामा औय ठाठ से यहने रगी। जिॊदगी भं कई दोस्त लभरे रेककन ककसी ने बी दयू तक साथ नहीॊ टदमा। अकेरी चरी थी, अकेरी यहूॊगी औय ... अचानक उसकी आिाि बयास गमी है। - औय क्मा? भ ंहौरे से ऩूछता हूॊ । - इस ऩयदेस भं कबी अऩने अऩाटसभंट भं अकेरी भय जाऊॊ गी औय ककसी को ऩता बी नहीॊ चरेगा। - ऐसा नहीॊ कहते। अफ भ ंहूॊ न तुम्हाये ऩास। - मह तो िक्त ही फतामेगा। कह कय भारविका ने कयिट फदर री है। भ ंसभझ ऩा यहा हूॊ, अफ िह फात कयने के भूड भं नहीॊ है। भ ंउसके फारं भं उॊगलरमाॊ कपयाते हुए उसे सुरा देता हूॊ। जिॊदगी कपय से उसी ढये ऩय चरने रगी है। फेशक भारविका के साथ गुिाये उन फेहतयीन औय हसीन ऩरं ने भेयी िीयान जिॊदगी को कुछ ही िक्त के लरए सही, खुलशमं के सातिं आसभान ऩय ऩहुॊचा टदमा था, रेककन कपय बी हभ दोनं तफ से नहीॊ लभरे हं। हभ दोनं को ही ऩता है, िे ऩर दोफाया नहीॊ जीमे जा सकते। उन भधुय ऩरं की माद के सहाये ही फाकी जिॊदगी काटी जा सकती है। हभने पोन ऩय कई फाय फात की है, रेककन उस भुराकात का जिक्र बी नहीॊ ककमा है। लसयददस से रगबग भुडक्त लभर चुकी है औय भ ं कपय से स्टोसस भं ऩूया ध्मान देने रगा हूॊ। भारविका ने पे्रभ का जो अनूठा उऩहाय टदमा है भुझे, उसकी स्भचञत भात्र से भेये टदन फहुत ही अच्छी तयह से गुिय जाते है। कहीॊ एक जाने मा यहने मा उन खूफसूयत ऩरं को दोहयाने की फात न उसने की है औय न भनें ही इसका जिक्र छेड़ा है। गौयी के साथ सॊफॊधं भं जो उदासीनता एक फाय आ कय ऩसय गमी है, उसे धो ऩंछ कय फुहायना इतना आसान नहीॊ है। इस फात को बी अफ ककतना अयसा फीत चुका है जफ उसके ऩाऩा ने भुझसे कहा था कक िे ऩैसं के फाये भं गौयी को फता दंगे औय भेये साथ फेहतय तयीके से ऩेश आने के लरए उसे सभझा बी दंगे रेककन दोनं ही फातं नहीॊ हो ऩामी हं। भ ंअबी बी अक्सय ठन ठन गोऩार ही यहता हूॊ। हभ दोनं ही अफ फहुत कभ फात कयते हं। लसपस काभ की फातं। जफ उसे ही भेयी ऩयिाह नहीॊ है तो भ ंही अऩना टदभाग क्मं खयाफ कयता यहूॊ। लसपस बयऩूय सैक्स की चाह ही उसे भुझसे जोडे़ हुए है। भारविका ने जफ से भेयी ऩयेशातनमं के कायणं के फाये भं भुझे फतामा है, भनें अऩने भन ऩय ककसी बी तयह का फोझ यखना कभ कय टदमा है, जफ चीजं भेये फस भं नहीॊ हं तो भ ंही क्मं कुढ़ेता यहूॊ। जफ से सॊगीत औय डामयी का साथ श्जारू हुआ है, मे ही भेये दोस्त फन गमे हं। भारविका के साथ गुिाये उस खूफसूयत टदन की मादं तो हं ही भेये साथ। इस भहीने भुझे महाॊ ऩाॊच सार ऩूये हो जामंगे। इस ऩूये सभम का रेखा-जोखा देखता हूॊ कक क्मा खोमा औय क्मा ऩामा। फेशक देश छूटा, फॊफई की आिाद जिॊदगी छूटी, प्रामिेसी छूटी,

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अरका औय देिेद्र जी का साथ छूटा औय अच्छे रुतफे िारी नौकयी छूटी, गुड्डी िारा हादसा हुआ, रेककन फदरे भं फहुत कुछ देखने सीखने को लभरा ही है। फेशक श्जारू शरुू के सारं भं गरतपहलभमं भं जीता यहा, कुढ़ेता यहा औय अऩनी सेहत खयाफ कयता यहा। रेककन अफ सफ कुछ तनथय कय शाॊत हो गमा है। भ ंअफ इन सायी चीजं को रेकय अऩना टदभाग खयाफ नहीॊ कयता। गौयी ने अऩने ऩाऩा का सॊदेश टदमा है - आऩको महाॊ ऩाॊच सार ऩूये होने को हं औय आऩकी बब्रटटश लसटीजनलशऩ के लरए एप्राई ककमा जाना है। ककसी टदन ककसी के साथ जा कय मे सायी पाभेलरटीज ऩूयी कय रं। ऩूछा है भनें गोयी से - क्मा क्मा भाॊगते हं िो, तो उसने फतामा है - िो तो भुझे ऩता नहीॊ, आऩ काऩोयेट ऑकपस भं से ककसी से ऩूछ रं मा ककसी को साथ रे जामं। लशलशय के साथ ही क्मं नहीॊ चरे जाते। उसको तो ऩता ही होगा। आऩका ऩासऩोटस औय दसूये ऩेऩसस िगैयह भ ंरॉकय से तनकरिा यखूॊगी। औय इस तयह ऩाॊच सार फाद भेये साये सटटसकपकेट्स, ऩासऩोटस औय दसूये कागिात भेये हाथ भं िावऩस आमे हं। अगय मे कागज ऩहरे ही भेये ऩास ही होते तो आज भेयी जिॊदगी कुछ औय ही होती। लशलशय ने यास्ते भं ऩूछा है - तो जनाफ, हभ इस सभम कहाॊ जा यहे हं ? - तम तो मही हुआ था कक बब्रटटश लसटटजनलशऩ के लरए जो बी पाभेलरटटज हं, उन्हं ऩूया कयने के लरए आऩ भुझे रे कय जामंगे। - मे आऩके हाथ भं क्मा है? ऩता नहीॊ लशलशय आज इस तयह से फात क्मं कय यहा है। - भेये सटटसकपकेट्स औय ऩासऩोटस िगैयह हं। इनकी तो जरूयत ऩडे़गी ना!! - अच्छा, एक फात फताओ, मे कागिात औय कहाॊ कहाॊ काभ आ सकते हं ? - कई जगह काभ आ सकते हं। लशलशय तुभ मे ऩहेलरमाॊ क्मं फुझा यहे हो। साप साप फताओ, क्मा कहना चाह यहे हो। - भ ंअऩने वप्रम लभत्र को लसपस मे फताना चाह यहा हूॊ कक जफ जा ही यहे हं तो इभीिेशन ऑकपस के फजामे ककसी बी ऐसी एअयराॊइस के दफ्तय की तयप जा सकते हं जजसके हिाई जहाज आऩको आऩके बायत की तयप रे जाते हं। फोरो, क्मा कहते हो? साये ऩेऩसस आऩके हाथ भं हं ही सही। िह अचानक गम्बीय हो गमा है - देखो दीऩ, भ ं तुम्हं वऩछरे ऩाॊच सार से घुटते औय अऩने आऩको भायते देख यहा हूॊ। तुभ उस लभट्टी के नहीॊ फने हो जजससे भेये जैसे घय जिाॊई फने होते हं। अऩने आऩको औय भत भायो दीऩ, मे ऩहरा औय आखखयी भौका है तुम्हाये ऩास, िावऩस रौट जाने के लरए। तुभ ऩाॊच सार तक कोलशश कयते यहे महाॊ के टहसाफ से खुद को ढारने के लरए रेककन अपसोस, न हाॊडा ऩरयिाय तुम्हं सभझ ऩामा औय न तुभ हाॊडा ऩरयिाय को सभझ कय अऩने लरए कोई फेहतय यास्ता फना ऩामे। औय नुकसान भं तुभ ही यहे। अबी तुम्हायी उम्र है। न तो कोई जजम्भेिायी है तुम्हाये ऩीछे औय न ही तुम्हाये ऩास

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महाॊ साधन ही हं उसे ऩूया कयने के लरए। आज ऩाॊच सार तक इतनी भेहनत कयने के फाद बी तुम्हाये ऩास ऩचास ऩाउॊ ड बी नहीॊ हंगे। सोच रो, तुम्हाये साभने ऩहरी आिादी तुम्हं ऩुकाय यही है। उसने काय योक दी है - फोरो, काय ककस तयप भोडू़ॊ?

- रेककन मे धोखा नहीॊ होगा? गौयी के साथ औय .. - हाॊ फोरो, फोरो ककसक साथ .. - भेया भतरफ .. इस तयह से चोयी छुऩे.. - देखो दीऩ, तुम्हाये साथ क्मा कभ धोखे हुए है जो तुभ गौयी मा हाॊडा एम्ऩामयके

साथ धोखे की फात कय यहे हो। इन्हीॊ रोगं के धोखं के कायण ही तुभ वऩछरे ऩाॊच सार से मे दोमभ दज ंकी जिॊदगी जी यहे हो। न चैन है तुम्हायी जिॊदगी भं औय न कोई कहने को अऩना ही है। औय तुभ इन्हीॊ झूठे रोगं को धोखा देने से डय यहे हो। जाओ, अऩने घय रौट जाओ। न मह देश तुम्हाया है न घय। िहीॊ तुम्हायी भुडक्त है। - तुभ सही कह यहे हो लशलशय, मे ऩाॊच सार भनें एक ऐसा घय फनाने की तराश भं गॊिा टदमे हं जो भेया था ही नहीॊ। भ ंअफ तक ककसी औय का घय ही सॊिायता यहा। िहाॊ भेयी हैलसमत क्मा थी, भुझे आज तक नहीॊ ऩता, महाॊ से रौट जाऊॊ तो कभ से कभ भेयी आिादी तो िावऩस लभर जामेगी। भुझे बी रग यहा है, जो कुछ कयना है, अबी ककमा जा सकता है। लसटीजनलशऩ के नाटक से ऩहरे ही भ ंिावऩस रौट सकता हूॊ। रेककन भेये ऩास तो ककयामे की फात दयू, एमयऩोटस तक जाने के लरए कैफ के ऩैसे बी नहीॊ हंगे। - देखा, भनें कहा था न कक हाॊडा ऩरयिाय ने तुम्हं ऩाॊच सार तक एक फॊधुआ भजदयू फना कय ही तो यख छोड़ा था। ककयामे की चचॊता भत कयो। तुभ हाॊ मा ना कयो, फाकी भुझ ऩय छोड़ दो। - नहीॊ लशलशय, तुभने ऩहरे ही भेये लरए इतना ककमा, तुभने गुड्डी के लरए ऩचास हिाय रुऩमे बेजे औय भुझे फतामा तक नहीॊ, भ ंिया नायािगी से कहता हूॊ। - तो तुम्हं ऩता चर ही गमा था। अफ जफ गुड्डी ही नहीॊ यही तो उन ऩैसं का जजक्र भत कयो। माय, अगय भ ंतुम्हं इस नयक से तनकार ऩामा तो िही भेया ईनाभ होगा। दयअसर अगय तुभने बी भेयी तयह खाना कभाना औय ऐश कयना श्जारू कय टदमा होता तो भ ंतुम्हं कबी बी महाॊ से इस तयह चोयी छुऩे जाने के लरए न कहता। भ ंबी तुम्हायी तयह इस घय का दाभाद ही हूॊ। सायी चीजं सभझता हूॊ। इसी घय की ििह से भेया महाॊ का औय िहाॊ इॊडडमा का घय चर यहे हं। रेककन तुभ जैसे शयीप औय फहुत इॊटैलरजंट आदभी को इस तयह घुटते हुए औय नहीॊ देख सकता। तुम्हाये लरए चीजं महाॊ कबी बी नहीॊ फदरंगी। औय तुभ दोफाया विद्रोह कयोगे नहीॊ। भौका बी नहीॊ लभरेगा। तुम्हं ऩता है कक तुभ अगय उनसे कहो कक तुभ एक फाय घय जाना चाहते हो तो िे तुम्हं इिाजत बी नहीॊ दंगे। - ठीक है, भ ंिावऩस रौटूॊगा। - गुड, तो हभ कपरहार िावऩस चरते हं। गौयी को फता देना, डाम्मूभंट्स सफलभट कय टदमे हं। काभ हो जामेगा। इस फीच तुभ एक फाय कपय सोच रो, कफ जाना है। भ ंएक दो टदन भं तुम्हाये लरए ओऩन टटकट रे रूॊगा। फाकी इॊतिाभ बी कय रंगे इस फीच।

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रेककन एक फात तम हो चुकी कक तुभ महाॊ की लसटीजनलशऩ के लरए एप्राई नहीॊ कय यहे हो। चाहो तो इस फीच अऩने ऩुयाने ऑकपस को अऩने ऩुयाने जॉफ ऩय िावऩस रौटने के फाये भं ऩूछ सकते हो। हाराॊकक उम्भीद कभ है रेककन चाॊस लरमा जा सकता है। ककस ऩते ऩय िहाॊ से जिाफ भॊगाना है, िो भ ंफता दूॊगा। - रेककन अगय तुभ ऩय कोई फात आमी तो ? भनें शॊका जताई है। - िो तुभ भुझ ऩय छोड़ दो। िह हॉसा है - भ ंहाॊडा ऩरयिाय का खाता ऩीता दाभाद हूॊ, उनका चौकीदाय नहीॊ जो मह देखता कपये कक उनका कौन सा घय जिाईं खूॊटा तुड़ा कय बाग यहा है औय कौन नहीॊ। सभझे। तुभ जाओ तो सही। फाकी भुझ ऩय छोड़ दो। औय हभ आधे यास्ते से ही रौट आमे हं। भ ंतम कय चुका हूॊ कक िावऩस रौट ही जाऊॊ । फेशक खारी हाथ ही क्मं न रौटना ऩडे़। अफ सिार मही फचता है कक भ ंभारविका से ककमा गमा िामदा ऩूया कयते हुए उसे बी साथ रे कय जाऊॊ मा अकेरे बागूॊ? हाराॊकक इस फाये भं हभायी दोफाया कबी फात नहीॊ हुई है। सॊमोग ही नहीॊ फना। भारविका से इस फाये भं फात कयने का मही भतरफ होगा कक तफ उसे बी रे जाना होगा। भारविका जैसी शयीप औय सॊघषं से तऩी खूफसूयत औय देखी-बारी रड़की ऩा कय भुझे जिॊदगी भं बरा औय ककस चीज की चाह फाकी यह जामेगी। रेककन कपय सोचता हूॊ, फहुत हो चुके घय फसाने के सऩने। कपरहार भुझे अऩनी जिॊदगी भं कोई बी नहीॊ चाटहमे। अकेरे ही जीना है भुझे। भारविका बी नहीॊ। कोई बी नहीॊ। भ ंइन सायी भानलसक उथर ऩुथर भं ही उरझा हुआ हूॊ कक भारविका का पोन आमा है -

- फहुत टदनं से तुभने माद बी नहीॊ ककमा। - ऐसी कोई फात नहीॊ है भारविका, फस मूॊ ही उरझा यहा। तुभ कैसी हो? तुम्हायी

आिाि फहुत डूफी हुई सी रग यही है। सफ ठीक तो है ना..। - रेककन ऐसी बी क्मा फेरुखी कक अऩनं को ही माद न कयो। - बफरीि भी, भ ंसचभुच फात कयना औय लभरना चाह यहा था। फोरो, कफ लभरना है?

- यहने दो दीऩ, जो चाहते तो आ बी तो सकते थे। कभ से कभ भुझसे लभरने के लरए तो तुम्हं अऩाइॊटभंट की िरूयत नहीॊ ऩड़नी चाटहमे।

- भानता हूॊ भुझसे चूक हुई है। चरो, ऐसा कयते हं , कर रॊच एक साथ रेते हं। - ठीक है, तो कर लभरते हं। कह कय उसने पोन यख टदमा है।

रेककन इस फाय भ ंजजस भारविका से लभरा हूॊ िह बफरकुर ही दसूयी भारविका है। थकी हुई, कुछ हद तक टूटी औय बफखयी हुई। भ ंउसे देखते ही यह गमा हूॊ। मे क्मा हार फना लरमा है भारविका ने अऩना। रगता है भहीनो फाद सीधे बफस्तय से ही उठ कय आ यही है। ख्दा ऩय गुस्सा बी आ यहा है कक इतने टदनं तक उसकी खोज खफय बी नहीॊ रे ऩामा।

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- मे क्मा हार फना यखा है। तुम्हायी सूयत को क्मा हो गमा है? भ ंघफया कय ऩूछता हूॊ।

- भनें उस टदन कहा था न कक ककसी टदन भ ंअकेरी अऩने अऩाटसभंट भं भय जाऊॊ गी औय ककसी को खफय तक नहीॊ लभरेगी। िह फड़ी भुजश्कर से कह ऩाती है।

- रेककन तुम्हं मे हो क्मा गमा है? भ ंउसकी फाॊह ऩकड़ते हुए कहता हूॊ। उसका हाथ फुयी तयह थयथया यहा है।

- अफ क्मा कयोगे जान कय। इतने टदनं तक भ ंही तुम्हायी याह देखती यही कक कबी तो इस अबाचगन ..

- ऐसा भत कहो डीमय, भनें उसके भुॊह ऩय हाथ यख कय उसे योक टदमा है - तुम्हीॊ ने तो भुझे महाॊ नमी जिदॊगी दी थी औय जीिन के नमे अथस सभझामे थे। भ ंबरा..

- इसीलरए भौत के भुॊह तक जा ऩहुॊची इस फदनसीफ को कोई ऩूछने तक नहीॊ आमा। भ ंही जानती हूॊ कक भनें मे फीभायी के टदन अकेरे कैसे गुिाये हं।

- भुझे सचभुच नहीॊ ऩता था कक तुभ फीभाय हो ियना.. - भ ंफहुत थक गमी हूॊ। िह भेयी फाॊह ऩकड़ कय कहती है - भुझे कहीॊ रे चरो

दीऩ। महाॊ सफ कुछ सभेट कय िावऩस रौटना चाहती हूॊ। फाकी जिॊदगी अऩने ही देश भं ककसी ऩहाड़ ऩय गुजायना चाहती हूॊ। चरोगे?

भेये ऩास हाॊ मा ना कहने की गुॊजाइश नहीॊ है। भारविका ही तो है जजसने भुझे इतने टदनं से भजफूती से थाभा हुआ है ियना भ ंतो कफ का टूट बफखय जाता। भ ंउसे आश्वस्त कयता हूॊ - िरूय चरंगे। कबी फैठ कय मोजना फनाते हं। कपरहार तो भनें उससे थोड़ा सभम भाॊग ही लरमा है। देखूॊगा, क्मा ककमा जा सकता है। भारविका बी अगय भेये साथ जाती है तो उसे अऩना साया ताभ-झाभ सभेटने भं सभम तो रगेगा ही, उसके साथ जाने भं भेया जाना तफ गुप्त बी नहीॊ यह ऩामेगा। भेया तो जो होगा सो होगा, उसने इतने फयसं भं जो इभेज फनामी है.. िो बी टूटेगी। सायी फातं सोचनी हं। तफ लशलशय को बी विश्वास भं रेना ऩडे़गा। उसके साभने भारविका से अऩने रयश्ते को बी कुफूर कयना ऩडे़गा। भेयी बी फनी फनामी इभेज टूटेगी। फेशक िह इन सफ काभं के लरए पे्ररयत कयता यहा है। लशलशय ने ऩूयी गोऩनीमता से मोजना फनामी है। देहयादनू न जाने की बी उसी ने सराह दी है। ओऩन टटकट आ गमा है। ऩेभंट लशलशय ने ही ककमा है। लशलशय ही ने भेये लरए थोड़ी फहुत शॉवऩ ॊग की है। भ ंिैसे बी गौयी के तनकरने के फाद ही तनकरता हूॊ। शाभ तक उसे बी ऩता नहीॊ चरेगा। घय से खारी हाथ ही जाना है। भेया महाॊ है ही क्मा जो रेकय जाऊॊ । भ ंभारविका के फाये भं आखखय तक कुछ बी तम नहीॊ कय ऩामा हूॊ। खयाफ बी रग यहा कक कभ से कभ भारविका को तो अॊधेये भं न यखूॊ रेककन कपय सोचता हूॊ, भारविका को साथ रे जाने का भतरफ .. भेये जाने का एक नमा ही भतरफ तनकारा जामेगा औय.. सफ कुछ कपय से .. एक फाय कपय.. सफ कुछ..!

Page 169: Hindi Novel E-book Desh Birana by Suraj Prakash

169 देस बफयाना ™½¬¸ £¸›¸¸¹•¸

िावऩस रौट यहा हूॊ। तो मह घय बी छूट गमा। एक फाय कपय फेघय- फाय हो गमा हूॊ। देखं, इस फाय की िाऩसी भं भेये टहस्से भं क्मा लरखा है .. .. ..।

इतत