डेली न्यूज़ (21 sep, 2019)rbi ब ड क नण य क व गत कय ज...

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डेली यूज़ (21 Sep, 2019) drishtiias.com/hindi/current-affairs-news-analysis-editorials/news-analysis/21-09-2019/print राष्ट कृ िष सम्मेलन रबी अभयान 2019 चचा चचा ? 20 ■सतंबर, 2019 को क "ीय कृ िष एवं िकसान क%याण मं'ालय ने रबी अभयान-2019 के (लये राष्टीय कृ िष सम्मेलन क) शु,आत क)स.मेलन स.मेलन केके /मुख /मुख 1बदु 1बदु इस स.मेलन क "ीय कृ िष एवं िकसान कल्याण राज्य मं'ी ने खा5ान्न के अभूतपूव उत्पादन (285 िम(लयन टन) के बारे चचा क) और क " /ायो■जत योजनाओं को कारगर ;प से लागू करने के (लये राज्य सरकार क) सराहना क)रा=य सरकार के इस सहयोग से ही चावल (116 िम(लयन टन), गेहूं (102.5 िम(लयन टन), दलहन और तलहन का सवाधक उत्पादन संभव हुआ है हालाँिक तलहन क) कमी एक चताजनक 1बदु है , खा5 तेल क) उत्पादन Cमता को बढ़ाने और आयात कमी लाने के (लये एक अलग अभयान शु; करने क) आवEयकता है िज़ला स्तर पर िकसान संगठन से परामश के बाद उवरक क) मांग क) जानी चािहये साथ ही राज्य के कृ िष िवभाग को समय रहते क " सरकार को उवरक क) अपनी मांग से अवगत कराना चािहये , ■जससे फसल के महIवपूण चरण िकसान के (लये उवरक क) उपलब्धता को सुिनJत िकया जा सके कृ िष िवभाग ने राज्य के कृ िष िवभाग क) सिKय भागीदारी से रबी फसल, दलहन और तलहन के (लये बीज के िमनी िकट िवतLरत करने का िनणय (लया है जहाँ तक िकसान Kे डट काड का सरोकार है , बड़ी संख्या िकसान को इसम शािमल करने के (लये पंजीकरण शुल्क छू ट देने , िकसान Kे डट काड जारी करने के (लए न्यूनतम समय, ऋण क) संख्या बढ़ाने जैसे अनेक बदलाव िकये गए हP /धानमं'ी फसल बीमा योजना सुधार के (लए राज्य के कृ िष िवभाग से िववरण /ाप्त िकये गए है और तदनुसार योजना क) समीCा क) जाएगीजल्द ही रबी तलहन और दलहन के (लए न्यूनतम समथन मूल्य के बारे िनणय (लया जाएगातलहन तलहन और और दलहन दलहन केके िवषय िवषय इसके अतLरQ तलहन और दलहन क) 45 जैव बायोफोRटिफके शन िकSम जारी क) गई हP इनम /ोटीन और पोषक 1/16

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  • डेली यूज़ (21 Sep, 2019)drishtiias.com/hindi/current-affairs-news-analysis-editorials/news-analysis/21-09-2019/print

    राष्टीय कृिष सम्मेलन – रबी अभयान 2019चचाचचा मम यय ?

    20 ■सतबंर, 2019 को क ीय कृिष एवं िकसान क याण मं ालय ने रबी अभयान-2019 के लये राष्टीय कृिष सम्मेलन कशु आत क ।

    स मेलनस मेलन केके मुखमुख बदुबदु

    इस स मेलन म क ीय कृिष एवं िकसान कल्याण राज्य मं ी ने खा ान्न के अभूतपूव उत्पादन (285 िम लयन टन)के बार ेम चचा क और क ायो■जत योजनाओं को कारगर प से लागू करने के लये राज्य सरकार क सराहनाक ।रा य सरकार के इस सहयोग से ही चावल (116 िम लयन टन), गेहू ं(102.5 िम लयन टन), दलहन और तलहनका सवाधक उत्पादन संभव हुआ ह।ैहालाँिक तलहन क कमी एक चताजनक बद ुह,ै खा तेल क उत्पादन मता को बढ़ाने और आयात म कमी लानेके लये एक अलग अभयान शु करने क आव यकता ह।ैिज़ला स्तर पर िकसान संगठन से परामश के बाद उवरक क मांग क जानी चािहये। साथ ही राज्य के कृिष िवभागको समय रहते क सरकार को उवरक क अपनी मांग से अवगत कराना चािहये, ■जससे फसल के मह वपूण चरण मिकसान के लये उवरक क उपलब्धता को सुिन त िकया जा सके।कृिष िवभाग ने राज्य के कृिष िवभाग क सि य भागीदारी से रबी फसल , दलहन और तलहन के लये बीज केिमनी िकट िवत रत करने का िनणय लया ह।ै

    जहाँ तक िकसान े डट काड का सरोकार ह,ै बड़ी संख्या म िकसान को इसम शािमल करने के लये पंजीकरणशुल्क म छूट देने, िकसान े डट काड जारी करने के लए न्यूनतम समय, ऋण क संख्या बढ़ाने जसेै अनेक बदलाविकये गए ह।धानमं ी फसल बीमा योजना म सुधार के लए राज्य के कृिष िवभाग से िववरण ाप्त िकये गए ह ैऔर तदनुसार

    योजना क समी ा क जाएगी।जल्द ही रबी तलहन और दलहन के लए न्यूनतम समथन मूल्य के बार ेम िनणय लया जाएगा।

    तलहनतलहन औरऔर दलहनदलहन केके िवषयिवषय मम

    इसके अत र तलहन और दलहन क 45 जवै बायोफो टिफकेशन िक म जारी क गई ह। इनम ोटीन और पोषक1/16

    https://www.drishtiias.com/hindi/current-affairs-news-analysis-editorials/news-analysis/21-09-2019/printhttps://www.drishtiias.com/hindi/daily-updates/daily-news-analysis/kisan-credit-cardhttps://www.drishtiias.com/hindi/daily-updates/daily-news-editorials/pradhan-mantri-fasal-bima-yojana-flagship-crop-insurance-scheme-runs-into-rough-weatherhttps://www.drishtiias.com/hindi/daily-updates/daily-news-editorials/benefits-to-farmers-by-increasing-minimum-support-price

  • त व आिद क काफ मा ा मौजूद ह।ै

    याया िकयेिकये जानेजाने कक आव यकताआव यकता हैहै?

    इसके लये आव यक ह ैिक िकसान को सवाधक लाभ मुहयैा कराने के लये खेती को कृिष योगशालाओं से सीधेजोड़ा जाए। उवरक क ज़ रत क जानकारी िज़ला तर पर मुहयैा कराई जाए तथा इसे बाद म संबंधत रा य सरकार के कृिषिवभाग ारा आगे क सरकार को ेिषत िकया जाए।िज़ला तर पर यू रया जसेै उवरक का अत र भडंार बनाने क संभावनाएँ तलाशी जानी चािहये।रा य सरकार और क शा■सत देश के साथ चचा स के दौरान कृिष, सहका रता और िकसान क याण िवभाग कओर से े डट, धानमं ी फसल बीमा योजना, यूनतम समथन मू य संचालन, िकसान क याण और उवरक जसेैिवषय पर तुतयाँ दी गई।ं

    ोतोत: pib

    RBI ारा सरकार को धन का ह तांतरणसंदभसंदभ

    भारतीय रज़व बक (Reserve Bank of India- RBI) और सरकार के म य आर त िनध के बँटवार ेका िववाद िबमलजालान सिमत (Bima।Jalan Committee) क रपोट के साथ ही सुलझ गया ह।ै

    मुखमुख बदुबद ु

    सिमत ने िव ीय थरता (Financia Stability) का संकट उ प होने क दशा म इससे िनपटने हेतु जो खमावधान के तहत आव यक आर त िनध क मा ा को प िकया ह।ै

    RBI बोड ने भी इन ■सफा रश को वीकार करते हुए सरकार को 1,76,051 करोड़ पए ह तांत रत करने का िनणयलया ह।ै

    RBI एवंएवं सरकारसरकार

    हालाँिक RBI पूरी तरह से सरकार से संबंधत ह ैपरतंु देश म िव ीय थरता को सुिन त करने और डॉलर कप रवतनशीलता जसेै बाज़ार के जो खम से िनपटने के लये इसक बलैस शीट (Balance Sheet) को सुर त तरपर बनाए रखना मह वपूण ह।ै

    सिमतसिमत ाराारा सं ानसं ान मम लयेलये गयेगये मुखमुख बदुबदु

    सिमत ने िव ीय सलाह म ॉस-कंटी ै टस (Cross-country Practices), सांिवधक (statutory) ावधानएवं इसक सावजिनक नीतय और काया मक वातावरण पर पड़ने वाले भाव आिद बदओुं पर RBI क भूिमका कोयान म रखते हुए अपनी ■सफा रश तुत क ह।ै इन कारक के आधार पर सिमत ने आथक संकट क थत म िव ीय णाली का समथन करने के लये आव यकआर त िनध क मा ा पर िनणय लया। इसने िन कष िनकाला िक िव ीय सुर ा को सुिन त करने के लयेिवक■सत देश क तुलना म ावधान अधक कठोर होने चािहये।

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    https://www.drishtiias.com/hindi/daily-updates/daily-news-analysis/bimal-jalan-committee-on-economic-capital-structure

  • सिमत ने इसके लये भारत क कम रे टग वाली अथ यव था और भारतीय पए का डॉलर क तरह आर त मु ा कादजा न होने को िवशेष आधार माना ह।ै

    सिमतसिमत याया कहतीकहती हैहै

    इसने एक संशोधत आथक पूंजी ढाँचे (Capita Framework) का सुझाव िदया जो ' रवै यूएशन रज़व'(Revaluation Reserves) और 'वा तिवक इि टी' (Realised Equity) के बीच RBI क आथक पूंजी कोपृथक करता ह।ै रवै यूएशन रज़व को कैिपटल रज़व के प म माना जाता ह ै य िक इसे लाभांश के प म िवत रतनह ◌ं िकया जा सकता ह।ै यह बलैस शीट म िकसी प रसंपत से संब होता ह।ै ' रवै यूएशन रज़व’ (Revaluation Reserves) बाज़ार जो खम के िव एक बफर रज़व ह ै■जसका ह तांतरणसरकार को नह ◌ं िकया जा सकता ह।ै सिमत ने बाज़ार के जो खम को मापने के लये अपे त कमी (Expected Shortfall-ES) प त का उपयोग िकया।इस प त म बाज़ार जो खमो का मू यांकन िकया जाता ह।ै संशोधत ढाँचे के अनुसार, आथक पूंजी को बलैस शीट के 24.5% से 20% के तर पर होना चािहये। सिमत नेबलैस शीट के 6.5% से 5.5% के बीच इि टी सीमा क भी ■सफा रश क ह।ै

    RBI पूंजीपूंजी ह तांतरणह तांतरण (Capita Transfer) सेसे सरकारसरकार कोको लाभलाभ

    RBI ने वष 2018-19 के दौरान अ■जत 1,23,414 करोड़ पए के पूर ेअधशेष को थानांत रत करने का िनणयलया। यह फरवरी 2019 म अंत रम लाभांश के प म 28,000 करोड़ पए पहले ही थानांत रत कर चुका ह ैऔरशेष राश चालू िव वष म ह तांत रत क जाएगी। वष 2018-2019 म क का वा तिवक शु कर राज व सं ह 15.9 लाख करोड़ पए था। वष 2019-2020 म19.78 लाख करोड़ पए के राज व सं ह ल य को ा करने के लये शु कर राज व म लगभग 25% क वृऔर सकल कर राज व म 26.5% क वृ को ा करना होगा।क सरकार के कर राज व म लगभग 70,000 करोड़ पए क अपे त कमी होने क संभावना ह,ै ■जसक तपूतरज़व बक ारा ह तांत रत राश से क जा सकेगी।

    राजकोषीयराजकोषीय घाटेघाटे काका ल यल य हा■सलहा■सल करनाकरना

    आथक मदंी (Eeconomy Slowing Down) और व तु एवं सेवा कर (Goods and Services Tax-GST) सेकर सं ह न हो पाने के कारण राजकोषीय घाटे म वृ हो सकती ह।ै रज़व बक ारा ह तांत रत राश से सरकार सामा■जक े और गरीबी उ मूलन के े म धन आवंटन मे कटौती िकयेिबना राजकोषीय घाटे को कम करने का ल य ा कर सकेगी।

    आगेआगे कक राहराह

    यिदयिद करकर राज वराज व वृवृ होनेहोने सेसे सरकारसरकार अत रअत र धनधन काका उपयोगउपयोग सावजिनकसावजिनक उप मउप म केके ऋणऋण कोको चुकानेचुकाने केके लयेलये करकरसकतीसकती हैहै तािकतािक अगलेअगले िव ीयिव ीय वषवष केके राज वराज व घाटेघाटे कोको कमकम करनेकरने मम सहायतासहायता िकयािकया जाजा सकेसके। ह तांत रत धन का उपयोग बुिनयादी ढाँचे जसेै पूंजीगत यय पर खच करने के लये भी िकया जा सकता ह।ै

    िन कषिन कष

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  • RBI बोड के िनणय का वागत िकया जाना चािहये और आथक मदंी (Economic Slowdown) से िनपटने के लये तथाराजकोषीय ल य (Fisca।Targets) के अनु प सरकार क मदद करनी चािहये। सरकार को भी इस ह तांत रत िनध कािववेकपूण उपयोग म करना चािहये।

    ोतोत: दद हदूहदू

    भारत-मंगो लया संबधंचचाचचा मम यय ?

    हाल ही म मगंो लयाई रा पत को मिगगी/ख टमागीन ब ुलगा/खाल्तमािगन बटुल्गा (Khaltmaagii Battulga) ने भारतका दौरा िकया। या ा के दौरान दोन देश ने न केवल रणनीतक साझेदारी के िव तार पर बल िदया, ब क आ या मकभाईचार ेम एक रणनीतक संबधं के पांतरण पर भी िवशेष ज़ोर िदया।

    मुखमुख बदुबदु

    दोन देश ने अंत र सहयोग और आपदा बधंन पर समझौता ापन पर भी ह ता र िकये ह जो भारत-मगंो लयारणनीतक साझेदारी को एक नया आयाम दान करगेा।दोन प ने मगंो लया म थािपत होने वाले साइबर सुर ा श ण क के िनमाण के लये प रयोजना का भी जायजालया।भारत और मगंो लया के िनयिमत सै य अ यास का नाम "नोमैडक एलीफट" (Nomadic Elephant) और "खाने ट" (Khaan Quest) रखा गया ह।ैवष 2020 म भारत और मगंो लया के बीच राजनयक संबधं क थापना क 65व वषगाँठ होगी।

    मह वमह व

    भारत ने वष 1955 म मगंो लया के साथ अपने राजनयक संबधं थािपत िकये य िक मगंो लया ने भारत को"आ या मक पड़ोसी" और रणनीतक साझेदार घोिषत िकया।भारत और भूटान के साथ मगंो लया ने वष 1972 म एक वतं देश के प म बां लादेश क मा यता के लये ■स

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  • संयु रा ताव (UN Resolution) को सह- ायो■जत िकया था।िपछले दस वष म िकसी मगंो लयाई रा पत क यह थम भारत या ा ह।ै यह या ा भारत-मगंो लया ि प ीय संबधं ममील का प थर सािबत होगी।मगंो लया पारपं रक प से संयु रा और िवभ अ य अंतरा ीय मचं पर भारत का समथन करता रहा ह।ैमगंो लया ने योग के शलालेख (Yoga’s inscription) के लये यूने को क अमूत सां कृतक िवरासत(UNESCO’s Intangible Cultural Heritage) क सूची म भारत के ताव के प म मतदान िकया।मगंो लया ने सावजिनक प से UNSC म थायी सीट के लये भारत क सद यता का समथन िकया दोहराया ह।ै

    संवादसंवाद वातावाता

    SAMVAAD वाता बौ धम से संबंधत समकालीन मु पर िवचार-िवमश करने के लये िवभ देश के बौ धमगु ओं, िवशेषएवं िव ान को एक मचं दान करती ह।ै"संवाद", सं कृत श द "संवदम्" से उ प हुआ ह ै[इसका अथ ह ै'संवाद']

    शांतशांत केके लयेलये एशयाईएशयाई बौबौ स मेलनस मेलन (ABCP) कक आमआम सभासभा

    General Assembly of Asian Buddhist Conference for Peace (ABCP)

    इसक शु आत वष 1969-70 म उलानबटार, (मगंो लया) म भगवान बु के अनुयायय , भ ुओं और वयसेंवक दोन केवै छक आंदोलन के प म हुई थी, जो शांत, स ाव, क णा और ेम-दया के लये अपनी श ा को चा रत करने और काया वतकरने का यास करते ह।इसका उ े य सावभौिमक शांत, स ाव और एशया के िनवा■सय के बीच सहयोग को मज़बूत बनाने के समथन म बौ के यासको एक साथ लाना ह।ैवष 2019 म शांत के लये एशयाई बौ स मेलन (ABCP) क आमसभा क 50व वषगाँठ मनाई जा रही ह।ै

    पृ भूिमपृ भूिम

    भारत मगंो लया के साथ अपने घिन और मै ीपूण संबधं को बहुत मह व देता ह।ैभारत और मगंो लया 'साम रक साझीदार' ही नह ब क अपनी साझा बौ िवरासत से जुड़े 'आ या मक पड़ोसी' भीह।िपछले कुछ समय से दोन देश के बीच ि प ीय संबधं म अब बुिनयादी ढाँचे, अंत र और ड■जटल संपक जसेै कईमह वपूण े म आथक सहयोग का िव तार हो रहा ह।ैदोन देश साइबर सुर ा, सूचना ौ ोिगक , आपदा बधंन, खनन और पशुपालन के े म भी परस्पर सहयोग कर रहेह।

    सिदय से दोन देश के लोग के बीच आदान- दान दोन के संबधं का आधार रहा ह।ै भारत के बौ भ ु और यापारी शांत,स ाव एवं िम ता के संदेश के साथ मगंो लया गए। इसी कार समय के साथ-साथ मगंो लयाई िव ान और तीथया ी बौअ ययन एवं आ या मक लाभ के लये भारत आए और यह परपंरा िनरतंर प से जारी ह।ै भारत आज बौ अ ययन म लगेलगभग 800 मगंो लयाई छा क मेजबानी करने का िवशेषाधकार रखता ह।ै दोन देश क सरकार एक दसूर ेके साथिमलकर काय करने के लये तब ह,ै तािक दोन देश के नाग रक क समृ हेतु पार प रक साम रक भागीदारी को औरअधक मज़बूत बनाते हुए िव ता रत िकया जा सके।

    ोतोत: pib

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  • इटंरनेट तक पहँुचचचाचचा मम यय ?

    हाल ही म केरल उ यायालय ने भारतीय संिवधान के अनु छेद 21 के तहत िनजता के अधकार के साथ-साथ श ा केमौ लक अधकार के एक िह से के प म इटंरनेट तक पहँुच के अधकार को बरकरार रखा।

    यायालययायालय ाराारा अवलोकनअवलोकन

    यायालय ने कहा िक इटंरनेट एक श ा के उपकरण के प म काय करता ह ैऔर कोई भी अनुशासन का हवाला देतेहुए इस पर तबधं नह लगा सकता ह।ैयह िनणय एक याचका क सुनवाई एक दौरान िदया गया। यायालय के सम याचकाक ा ने तक िदया िक इटंरनेटके उपयोग पर तबधं संिवधान के अनु छेद 19 (1) (a) के तहत बोलने और अभ यि क वतं ता के मौ लकअधकार का उ ंघन ह।ैइसके उ र म केरल उ यायालय ने एस. रगंराजन और अ य बनाम पी. जगजीवन राम मामले (1989) म सवयायालय के फैसले का हवाला देते हुए कहा िक अनु छेद 19 (1) (a) के तहत मौ लक अधकार के अंतगत दी गईवतं ता केवल अनु छेद 19 (2) म उ े खत उ े य के लये ही तबंधत क जा सकती ह।ैइसके तहत तबधं को आव यकता के आधार पर उचत ठहराया जाना चािहये, न िक सुिवधा या शी ता के आधारपर।

    उ ेखनीय ह ैिक संयु रा का मानवाधकार प रषद भी इटंरनेट के अधकार को मौ लक वतं ता और श ा के अधकारको सुिन त करने के उपकरण के प म मानता ह।ै

    अनु छेदअनु छेद 19 (1) (a): बोलने और अभ यि क वतं ता, येक नाग रक को भाषण ारा लेखन, मु ण, च या िकसी अ य तरीके सेवतं प से िकसी के िवचार और िव ास को य करने का अधकार दान करती ह।ै

    अनु छेदअनु छेद 19 (2): इसके आधार पर रा य अभ यि क वतं ता पर उचत तबधं लगाने का अधकार रखता ह।ै यिु यु िनबधन कघोषणा िन न ह-ै

    भारत क सुर ा व सं भुता मानहािनिवदेशी रा य के साथ मै ीपूण संबधं,सावजिनक यव था, श ाचार या सदाचार यायालय क अवमानना

    अनु छेदअनु छेद 21 यह घोषणा करता ह ैिक कानून ारा थािपत ि या के अनुसार कोई भी यि अपने जीवन या यि गत वतं ता से वंचतनह होगा। यह अधकार नाग रक और गरै-नाग रक दोन के लये उपल ध ह।ै

    अनु छेदअनु छेद 21 (a) कहता ह ैिक रा य छह से चौदह वष क आय ुके सभी ब को मु त और अिनवाय श ा दान करगेा तथा इसे कानून ारारा य िनधा रत कर सकता ह।ै

    ोतोत: दद हदूहदू

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  • द व ड एट र क रपोटचचाचचा मम यय ?

    ■सतबंर, 2019 म लोबललोबल ि पेयडनेसि पेयडनेस मॉनीट रगमॉनीट रग बोडबोड (Global Preparedness Monitoring Board- GPMB)ारा दद व डव ड एटएट र कर क रपोटरपोट (The World AT Risk Report) जारी क गई ह।ै

    रपोटरपोट केके मुखमुख िन कषिन कष:

    वतमान समय म िव अनेक कार के नए सं ामक रोग का सामना कर रहा ह।ै ए ू एंज़ा, इबोला, ज़ीका और ेग जसेैरोग तेज़ी से फैल रहे ह, ■जनके भाव को आसानी से समा नह िकया जा सकता ह।ै

    इस कार के रोग से गरीब सबसे यादा भािवत होते ह। बुिनयादी एवं सावजिनक ाथिमक वा य सुिवधाओं वअवसंरचना से अभाव त देश को सवाधक नुकसान उठाना पड़ता ह,ै ■जसम मृ य,ु िव थापन और आथक तगंीआिद सम याएँ शािमल ह। जहाँ एक ओर वै ािनक एवं तकनीक िवकास के मा यम से सावजिनक वा य को सुर त करने का यास हो रहाह,ै वह दसूरी ओर तरोधक मता यु नवीन बीमा रय का भी ज म हो रहा ह।ै इससे वै क तर पर महामा रय केसार क आशकंा ह।ै

    महामारी केवल जीवन या वा य को ही नुकसान नह पहँुचाती ह ैब क इससे देश क अथ यव थाएँ भी भािवतहोती ह, ■जसका प रणाम िवभ देश क GDP म िगरावट के प म देखा जाता ह।ै व तुतः इससे यापार एवं पयटनपर नकारा मक भाव पड़ता ह।ै

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  • लोबल ि पेयडनेस मॉनीट रग बोड (Global Preparedness Monitoring Board) ारा वा य आपातथतय का सामना करने हेतु 7 आव यक कायवािहय पर बल िदया गया ह,ै जो िन न ल खत ह:

    1. सभी देश क सरकार को तब ता दशत करनी चािहये, साथ ही इन बीमा रय से िनपटने हेतु अधक िनवेश परबल देना चािहये।

    2. अंतरा ीय एवं े ीय संगठन ारा इन बीमा रय को रोकने हेतु काय म का नेतृ व िकया जाना चािहये।3. सभी देश को भावी नीतय एवं णाली का िनमाण करना चािहये।4. िवपरीत प र थतय के लये देश और बहुप ीय सं थान को पूव िनधा रत तयैारी करनी चािहये।5. िवकास सहायता कोष म धन वाह को बढ़ाया जाना चािहये।6. संयु रा के सम वय तं को मज़बूत करना चािहये।

    लोबललोबल ि पेयडनेसि पेयडनेस मॉनीट रगमॉनीट रग बोडबोड (Global Preparedness Monitoring Board- GPMB):

    यह एक सलाहकारी और वतं िनगरानी तं के प म थािपत िनकाय ह।ै िव वा य संगठन तथा िव बक ाराइसे मई 2018 म थािपत िकया गया। वै क तर पर वा य आपात थतय पर ति या देने, भाव को कम करने एवं इन थतय म भावी नीतयको तयैार करने के लये इसक थापना क गई ह।ैयह राजनीत , एज■सय के मुख और िवशेष का 15 सद यीय बोड ह।ै

    महामारीमहामारी (Pandemic) याया हैहै?

    महामारीमहामारी काका आशयआशय िविव मम िकसीिकसी बीमारीबीमारी केके सारसार सेसे हैहै।ए ू एंज़ा महामारी का प तब लेती ह ैजब एक ए ू एंज़ा वायरस तेज़ी से िव तृत े म फैल जाता ह।ैए ू एंज़ा महामारी काफ हद तक मौसमी होती ह ैऔर लगभग एक िब लयन लोग को भािवत करती ह ैतथा तवषहज़ार लोग के मृ य ुका कारण बनती ह।ै इस लये यह िव क सबसे बड़ी सावजिनक वा य चुनौतय म से एक ह।ैउदाहरण व प H5N1 (■जसे एिवयन ए ू एंज़ा या "बड ू" कहा जाता ह)ै एक कार का ए ू एंज़ा वायरस ह,ै जो

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  • प य म अ यधक सं ामक गभंीर सन रोग का कारण बनता ह।ै

    ोतोत: हदु तानहदु तान टाइ सटाइ स

    जलवाय ुसंकट, मानवाधकार के लये सबसे बड़ा संकटचचाचचा मम यय ?

    9 से 27 ■सतबंर, 2019 तक संयु रा मानवाधकार प रषद (United Nations Human Rights Council) के 42वस का आयोजन ■जनेवा, व ज़रलड म िकया जा रहा ह।ै

    मह वपूणमह वपूण बदुबद ु:

    इस बठैक का क ीय बद ुपयावरण एवं मानवाधकार के बीच संबधं को प रभािषत करते हुए जलवाय ुसंकट कासमाधान िनकालना ह।ैप रषद म न केवल पारपं रक मानवाधकार के मु को शािमल िकया गया ह ैब क बदलते वै क प र य म जलवायुप रवतन एवं ड■जटल प र य के संदभ म उ प मानवाधकार के मु को शािमल िकया गया ह।ैमानव पर वै क तापन का िवनाशकारी भाव तटीय शहर व ीप के डूबने, जंगल म आग लगने और लेशयर केिपघलने जसेै प प म िदखाई दे रहा ह।ै इस कार का पयावरणीय आपातकाल- संघष, िव थापन, सामा■जक तनाव, आथक िवकास म बाधा और असमानताको बढ़ावा दे रहा ह,ै जो य व अ य प से मानवाधकार के हनन से संबंधत ह।संयु रा मानवाधकार प रषद म कायवाही हेतु मागदशक के प म मु यतः 5 मुख बदओुं को चि त िकया गया,जो िन न ल खत ह:

    1. जलवाय ुप रवतन; अधकार, िवकास और शांत म बाधा उ प करने के नवीन उपकरण के प म उभरकर सामनेआया ह।ै

    2. भावी जलवाय ुकायवाही के लये यापक और साथक भागीदारी क जानी चािहये।3. पयावरण क र ा करने वाल के लये बेहतर सुर ा बधं क जानी चािहये। 4. सबसे यादा भािवत लोग क सहायता सबसे पहले होनी चािहये।5. जलवाय ुप रवतन के कारण होने वाले नुकसान के समाधान के प म जलवाय ु याय को सुिन त करना चािहये।

    जलवाय ुसंकट से उ प होने वाले मानवाधकार िवषय के अत र प रषद ने िव के िवभ नाग रक, आथक,सां कृतक िवकास से संबंधत मानवाधकार क बात कही ह।ैवतमान म अफगािन तान, अमे रका म मे सको वा■सय , सी रया, िफ ल तीन,अ का और याँमार के रो ह याशरणाथय से संबंधत मु के साथ ही हॉ गकॉ ग आिद देश के लोग के मानवाधकार क चचा क गई ह।ै

    भारतभारत केके संदभसंदभ मम चचतचचत मु ेमु े:

    प रषद ारा ज मू-क मीर के संदभ म बुिनयादी सेवाओं को उपल ध कराने और क यू जसैी थतय को कम करनेक अपील क गई, साथ ही लोग के मानवाधकार के स मान तथा सुर ा को सुिन त करने क िदशा म कदम उठानेक बात कही गई ह।ै

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  • इसके अत र असम म रा ीय नाग रक र■ज टर क वजह से बढ़ी अिन तता पर चता य गई ह।ै

    संयुसंयु रारा मानवाधकारमानवाधकार प रषदप रषद

    (United Nations Human Rights Council)

    संयु रा मानवाधकार प रषद ,संयु रा के अंग के प म कायरत एक अंतर-सरकारी िनकाय ह।ैप रषद का गठन वष 2006 म संयु रा मानवाधकार आयोग के थान पर िकया गया था।इसम 47 सद य ह और सीट का ब◌ंँटवारा भोगौ लक आधार पर होता ह।ैसद य का चुनाव तीन वष क अवध के लये िकया जाता ह ैऔर इनका कायकाल अधकतम दो बार के लये होता ह।ैप रषद का उ े य िवभ देश म मानवाधकार को बढ़ावा देना,उनक र ा करना और उ ंघन क थत म समाधान िनकालनाह।ै

    ोतोत: दद हदूहदू

    बेसल बनै संशोधनचचाचचा मम यय ?

    6 ■सतबंर, 2019 को ोएशया (Croatia) ारा बेसल बनै संशोधन (Basel Ban Amendment), 1995 क पुि केबाद वै क अपश डं पग िनषेध एक अंतरा ीय कानून बन गया ह।ै

    वै कवै क अपशअपश डं पगडं पग केके खलाफखलाफ बेसलबेसल क वशनक वशन

    बेसल ए शन नेटवक (Basel Action Network-BAN) के अनुसार, 1995 म बेसल क वशन, मानव वा य कर ा और खतरनाक कचर ेके दु भाव के खलाफ पयावरण क र ा के लये िकया गया। बनै एक संयु रा य-आधा रत चै रटी संगठन (United States-based Charity Organisation) ह ैऔर उनसंगठन एवं देश म से एक ह ै■ज ह ने वै क पयावरणीय याय के लये ऐतहा■सक समझौते के प म बेसल बनैसंशोधन का समथन िकया। बनै संशोधन पर कॉ स ऑफ पाट ज़ क दसूरी बठैक म िनणय लया गया और इसे मूल प से माच 1994 मअपनाया गया था।बनै संशोधन OECD के 29 सबसे अमीर देश से गरै OECD देश को इले टॉिनक अपश और पुराने पानी केजहाज़ सिहत खतरनाक अपश के सभी कार के िनयात को तबंधत करता ह।ै

    क वशन के तहत िन न ल खत अपश को सीमा-पारीय आवागमन (Transboundary Movement) हेतु खतरनाकअपश (Hazardous Wastes) क ेणी म रखा गया ह:ै

    एने स-I (Annex I) म शािमल िकसी भी ेणी के अपश जब तक िक वे एने स-III (Annex III) म िनिहत िकसीभी िवशेषता से यु नह ह; तथा वे अपश जो अनु छेद (A) के तहत कवर नह िकये गए ह, लेिकन िनयात, आयात या पारगमन हेतु िकसी प कारदेश के घरलेू कानून ारा खतरनाक अपश के प म प रभािषत िकये गए ह।वे अपश जो सीमा-पारीय आवागमन एवं एने स-II से संबंधत िकसी भी ेणी म आते ह इस क वशन के लये "अ यअपश " (Other Wastes) ह गे।

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  • रेडयोधम होने के प रणाम व प अ य अंतरा ीय िनयं ण णा लय के अधीन आने वाले अपश और अंतरा ीयसमझौत म शािमल रेडयोधम सामि य को इस क वशन के दायर ेसे बाहर रखा गया ह।ैपानी के जहाज़ के सामा य संचालन से उ प होने वाले अपश इसके तहत आते ह।

    परतंु वह अपश ■जसको िकसी अ य अंतरा ीय समझौते (internationa।instruments) ारा कवर िकया जाता ह,ै कोइस क वशन के दायर ेसे बाहर रखा गया ह।ै

    पुि क ापुि क ा देशदेश

    अधकांश देश जसेै- अमे रका, कनाडा, जापान, ऑ टे लया, यूज़ीलड, द ण को रया, स, भारत, ाज़ील औरमे सको ारा इस तबधं क पुि िकया जाना शेष ह।ैअमे रका त यि सबसे अधक अपश का उ पादन करता ह ैलेिकन इसके ारा बेसल क वशन (BaselConvention) क पुि नह क गई ह।ै अमे रका बनै संशोधन का भी सि य प से िवरोध करता ह।ै खतरनाक अपश के सीमा-पारीय आवागमन पर िनयं ण और उसके िनपटान को लेकर वष 1989 म बेसल क वशनको अपनाया गया था और यह वष 1992 म लागू हुआ था। यह खतरनाक कचर ेऔर अ य कचर ेको लेकर सबसे यापक वै क पयावरण समझौता ह।ै 181 प कार (वष 2014म) के साथ इसक लगभग सावभौिमक सद यता ह।ै

    अ यअ य मुखमुख बदुबदु

    क वशन का उ े य मानव वा य और पयावरण को खतरनाक अपश के उ पादन, सीमा पारीय आवगमन औरबधंन एवं अ य कचर ेके प रणाम व प होने वाले तकूल भाव से बचाना ह।ै

    बेसल क वशन खतरनाक अपश और अ य कचर ेके सीमा पारीय आवगमन को िनयिं त करता ह ैऔर अपनेप कार को यह सुिन त करने के लये बा य करता ह ैिक इस तरह के अपश का बधंन और सुर त तरीके सेिनपटारा िकया जाना चािहये।क वशन के तहत िवषलेै, ज़हरीले, िव फोटक, सं ारक, वलनशील, इकोटॉ सक और सं ामक अपश शािमलह। क वशन के सभी प कार का यह दाय व ह ैिक वे अपश क यूनतम मा ा का प रवहन करने, अपश का उपचारऔर िनपटान उ पादन थल के िनकट करने और ोत पर ही अपश उ पादन को रोकने या कम करने के लयेयास कर

    वष 2014 म इस क वशन के तहत 14 बेसल क वशन े ीय और सम वय क थािपत िकये गए ह। ये कअजटीना, चीन, िम , अल सा वाडोर, इडंोनेशया, ईरान, नाइज़ी रया, स, सेनेगल, लोवाक गणरा य, द णशांत े ीय पयावरण काय म, द ण अ का, ि िनदाद एवं टोबगैो और उ वे म थत ह।

    ये क खतरनाक अपश और अ य अपश के बधंन तथा इसके उ पादन के यूनीकरण के संबधं म श ण एवंौ ोिगक ह तांतरण दान करते ह तािक क वशन के काया वयन म पा टय क सहायता एवं समथन ा िकया जा

    सके।

    ोतोत: डाउनडाउन टूटू अथअथ

    कुपोषण: भारत म होने वाले ब क मौत के दो-तहाई का कारणचचाचचा मम यय ?

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  • हाल ही म द लसेट चाइ ड एंड अडलसट हे थ (The Lancet Child & Adolescent Health) ारा “दद बडनबडन ऑफऑफचाइ डचाइ ड एंडएंड मटैरनलमटैरनल माल यूिटसनमाल यूिटसन एंडएंड ट सट स इनइन इ सइ स इडंीकेटसइडंीकेटस इनइन दद टे सटे स ऑफऑफ इंडयाइंडया : लोबललोबल बडनबडन ऑफऑफ डज़ीज़डज़ीज़टडीटडी 1990-2017” (The Burden of Child And Maternal Malnutrition And Trends in its

    Indicators in the States of India: the Global Burden of Disease Study 1990–2017) नामकएक रपोट का काशन िकया गया।

    मुखमुख बदुबद:ु

    इंडयाइंडया टेटटेट-लेवललेवल डज़ीज़डज़ीज़ बडनबडन इिनशएिटवइिनशएिटव (India State-Level Disease Burden Initiative)वा य और प रवार क याण मं ालय, ‘इंडयन काउं■सल ऑफ मेडकल रसच (ICMR)’, ‘प लक हे थ फाउंडेशनऑफ इंडया’ और ‘इं टी ूट फॉर हे थ मेिट स एंड इवै यूएशन’ क एक संयु पहल ह।ै इस पहल म िवशेष केसाथ-साथ 100 से अधक भारतीय सं थान से जुड़े िहतधारक तथा कई मुख वा य वै ािनक और नीत िनमाताशािमल ह।रपोट म कहा गया ह ैिक पां◌ँच वष से कम उ के ब क कुल मृ य ुदर और कुपोषण के कारण मृ य ुदर म वष

    1990 से 2017 तक िगरावट आई ह,ै लेिकन कुपोषण अभी भी पां◌ँच वष से कम उ के ब क मृ य ुका सव मुखकारक बना हुआ ह।ैअभी भी कुपोषण अधकांश रा य म एक कृत प से सभी उ क बीमा रय का सबसे बड़ा जो खम कारक ह।ैइस रपोट म खलुासा िकया गया ह ैिक भारत म पाँच साल से कम उ के ब क 1.04 िम लयन म त म से करीब दो-तहाई मृ यु का कारण कुपोषण ह।ैरपोट म कहा गया ह ैिक िवभ रा य के तर पर ब म कुपोषण के कारण िवकलांगतािवकलांगता-समायो■जतसमायो■जत जीवनजीवन वषवष

    (Disability Adjusted Life Year-DALY) क दर अलग-अलग ह।ै यह दर राज थान, उ र देश, िबहारऔर असम म सवाधक ह,ै इसके बाद म य देश, छ ीसगढ़, ओडशा, नगालड और ि पुरा का थान आता ह।ै

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  • रपोट म कहा गया ह ैिक वष 2017 म भारत म चाइ ड टं टग का सार 39% था। यह गोवा म 21% से लेकर उ रदेश म 49% तक था और आमतौर पर ‘सशसश कारवाईकारवाई समूहसमूह’ रा य म सबसे अधक था। इस समूह के अंतगत

    िबहार, छ ीसगढ़, झारखंड, म य देश, ओडशा,, राज थान, उ राखंड और उ र देश सिहत कुल आठ रा यआते ह जो सामा■जक-आथक प से िपछड़े रा य के प म जाने जाते ह। ये रा य जनसां यक य सं मण म िपछड़ेहुए ह, साथ ही यहाँ शशु मृ य ुदर भी सबसे अधक ह।ैरपोट के अनुसार, भारत म वष 2017 म ज म के समय कम वज़न (Low Birth Weight) का सार 21% था, जोिमज़ोरम म यूनतम 9% और उ र देश म अधकतम 24% था।वष 2017 म भारत म अंडरवेट ब का सार 33% था, जो मणपुर म यूनतम 16% और झारखंड म अधकतम42% था। वष 2017 म भारत म ब म एनीिमया क यापकता 60% थी, जो िमज़ोरम म यूनतम 21% और ह रयाणा मअधकतम 74% थी।

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  • रपोट म बताया गया ह ैिक कुपोषण के संकेतक म ज म के समय कम वज़न (Low Birth Weight) का बीमा रय केबोझ म सबसे बड़ा योगदान ह,ै त प ात् टं टग (Stunting) और वे टग (Wasting) शािमल ह।ैसाथ ही रपोट म यह भी खलुासा िकया गया ह ैिक, ब के एक उपसमूह के बीच अधक वज़न सभी रा य के लयेएक मह वपूण सावजिनक वा य सम या बनती जा रही ह।ैरपोट के अनुसार, वष 2017 म भारत म 54% मिहलाओं म एनीिमया का सार पाया गया, जो िमज़ोरम म यूनतम

    28% और िद ी म अधकतम 60% तक था इसके अत र तनपान का सार भारत म 53% पाया गया, जोमेघालय म यूनतम 34% और छ ीसगढ़ म अधकतम 74% था।

    वतमानवतमान मम िकयेिकये जाजा रहेरहे यासयास

    पोषणपोषण अभयानअभयान:

    पोषण अभयान (पूववत रा ीय पोषण िमशन) के तहत 36 रा य /क शा■सत देश के सभी िज़ल को चरणबतरीके से कवर िकया गया ह।ै यह वष 2022 तक कुपोषण मु भारत क ाि सुिन त करने के लये एक एक कृतबहुमं ालयी िमशन ह।ैसमान ल य ाि के लये एक कृत योजनाओं क िव मान कमी को दरू करने हेतु पोषण अभयान ारभं िकया गया■जसम सभी तं और घटक को सम ता से शािमल िकया जा रहा ह।ैपोषण अभयान का मुख उ े य आं◌ँगनवाड़ी सेवाओं के उपयोग और गुणव ा म सुधार करके भारत के च हतिज़ल म टं टग को कम करना ह।ै इसके अत र गभवती मिहलाओं और सव के बाद माताओं एवं उनके ब हेतुसम िवकास तथा पया पोषण सुिन त करना ह।ै

    रा ीयरा ीय पोषणपोषण िमशनिमशन 2022 केके ल यल य:

    ज म के समय कम वज़न (Low Birth Weight) म वष 2017 से 2022 तक तवष 2 तशत क कमी लाना।टं टग को वष 2022 तक कम करके 25% के तर तक लाना ।

    5 वष से कम उ के ब तथा 15-49 वष क मिहलाओं म िव मान एनीिमया के तर म वष 2017 से 2022 तक 3तशत क वा षक कमी लाना।

    उपरो यास के अत र िव वा य संगठन और यूिनसेफ जसेै वै क सं थान सतत्सतत् िवकासिवकास ल यल य- 2030 के अंतगतकुपोषण एवं इससे संबंधत सम याओं से िनपटने के लये अनेक कदम उठा रहे ह। इसके तहत िन न ल खत ल य कोशािमल िकया गया ह:ै

    ज मज म केके समयसमय कमकम वज़नवज़न केके सारसार मम वषवष 2012 केके तरतर सेसे वषवष 2030 तकतक 30% तथातथा चाइ डचाइ ड वे टगवे टग मम वषवष 2030तकतक 3% कक कमीकमी लानालाना।चाइ ड टं टग को वष 2012 के तर से वष 2030 तक 50% कम करना। 5-49 वष क मिहलाओं म एनीिमया के तर को वष 2012 क तुलना म वष 2030 तक 50% कम करना।पहले 6 महीन म अन य तनपान के चलन को वष 2030 तक 70% करना।

    आगेआगे कक राहराह

    रपोट के संदभ म नीत आयोग ने कहा िक क सरकार देश भर म कुपोषण को दरू करने के अपने यास को तेज़ कर

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  • रही ह।ै इसके अत र रा य सरकार को भी कुपोषण के तर म कमी लाने हेतु ो सािहत िकया जा रहा ह।ैरपोट म िकये गए अ ययन का िन कष बताता ह ैिक रा य के बीच कुपोषण क थत म यापक भ ता िव मान ह।ैइस लये मह वपूण ह ैिक कुपोषण म कमी क योजना ऐसे तरीके से बनाई जाए जो येक रा य के झान और संदभ केलये उपयु हो।

    ोतोत: दद हदूहदू

    Rapid Fire करट अफेयस (21 September)दिुनयाभर मे 21 ■सतबंर िव या अंतरा ीय शांत िदवस का आयोजन िकया जाता ह।ै इस िदवस को मनाने का मु यउ े य अंतरा ीय तर पर सभी देश और नाग रक के बीच शांत यव था कायम रखने के लये यास करना औरअंतरा ीय संघष और िववाद पर िवराम लगाना ह।ै इस साल िव शांत िदवस क थीम Climate Action forPeace रखी गई ह।ै इस थीम के ज़ रये दिुनया भर के लोग को ये संदेश देने क कोशश क जा रही ह ैिक शांत बनाएरखने के लये जलवायुजलवायु प रवतनप रवतन को िनयिं त करना बेहद ज़ री ह।ै संयु रा ने वष 1981 म िव शांत िदवस मनानेक घोषणा क थी। इसके बाद पहली बार वष 1982 म िव शांत िदवस मनाया गया था। वष 1982 से लेकर वष2001 तक ■सतबंर माह के तीसर ेमगंलवार को िव शांत िदवस के प म मनाया गया, लेिकन वष 2002 से इसकेलये 21 ■सतबंर क तारीख िनधा रत कर दी गई।

    1 ■सतबंर से 30 ■सतबंर तक देशभर म रा ीयरा ीय पोषणपोषण माहमाह का आयोजन िकया जा रहा ह।ै देश म कुपोषणकुपोषण क चुनौतयसे िनपटने और सम पोषण के मह व के बार ेम देशवा■सय को संवेदनशील बनाने के लहाज से पोषण अभयान केतहत ■सतबंर■सतबंर माह को पूर ेदेश म रा ीय पोषण माह के तौर पर मनाया जाता ह।ै पोषण माह का उ े य लोग को पोषणक आव यकता के बार ेम जाग क करना और लोग क पहँुच उन सरकारी सेवाओं तक बनाना ह ैजो ब , गभवतीमिहलाओं, दधू िपलाने वाली माताओं के लये पूरक आहार को बढ़ावा देती ह।ै इस वष रा ीय पोषण माह म पाँच सूपर िवशेष यान िदया गया ह।ै इनम शशु के पहले 1000 िदन, एनीिमया, द त, हाथ धोना और व छता तथा पौि कआहार (भोजन क िविवधता के साथ पौि क आहार) शािमल ह। नीत आयोग के उपा य और रा ीय पोषण िमशन केचेयरमनै डॉ. राजीव कुमार के अनुसार, चल रहे पोषण माह के दौरान सरकार देश के उन 250 िज़ल पर िवशेष यानदे रही ह ैजहाँ कुपोषण का तर रा ीय औसत से अधक ह।ै िविदत हो िक क सरकार ने रा य सरकार के सहयोग सेवष 2018 म पोषण अभयान क शु आत करते समय वष 2022 तक सभी ब को पौि क आहार उपल ध करानेका ल य रखा ह।ैदेश क सबसे बड़ी पावर कंपनी NTPC गुजरातगुजरात केके क छक छ म देश का सबसे बड़ा सोलर पाक बनाने जा रही ह।ै यह पाकअगले 5 साल म बनकर तयैार हो जाएगा। 5 गीगावाट क मता वाले इस सोलर पाक कर ेबनाने म 25 हज़ार करोड़पए लागत आने का अनुमान ह।ै कंपनी पाक म प रयोजनाएँ थािपत करने के लये डेवलपस से बो लयाँ भी आमिं त

    कर सकती ह।ै यह प रयोजना NTPC क वष 2032 तक 32 गीगावाट अ य ऊजा मता तयैार करने के उ े य कािह सा ह,ै ■जसके ज़ रये NTPC अपने ऊजा िम ण म जीवा म ईधंन क िह सेदारी 96% से घटाकर 70% करगेी।िविदत हो िक भारत म सौर ऊजा हेतु िवभ काय म का संचालन भारत सरकार के नवीन और नवीकरणीय ऊजामं ालय ारा िकया जाता ह।ै19 ■सतबंर को बां लादेश क राजधानी ढाका म 55वाँवाँ भारतीयभारतीय तकनीकतकनीक औरऔर आथकआथक सहयोगसहयोग िदवसिदवस मनाया गया।भारतीय उ ायोग म आयो■जत इस काय म म बड़ी सं या म लोग ने भागीदारी क । तकनीक और आथक सहयोगकाय म के तहत वष 2007 से चार हज़ार से अधक बां लादेशी पेशेवर ने लघु और म यम अवध पा म मिवशेष ता ा क ह।ै यह काय म भारतीय ौ ोिगक सं थान और भारतीय िव ान सं थान जसेै मुख सं थान मलघु और म यम अवध के िवशेष पा म म श ण देता ह।ै भारतीय तकनीक और आथक सहयोग काय म 15■सतबंर, 1964 को भारत सरकार क सहायता के ि प ीय काय म के प म शु िकया गया था। तवष 161

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  • सहयोगी देश को 10 हज़ार से अधक श ण अवसर उपल ध कराए जाते ह। लेखा, लेखा परी ण, बधंन, लघुऔर म यम उ म, ामीण िवकास और संसदीय काय जसेै े म भी श ण पा म चलाए जाते ह।सुपर-30 के सं थापक और IIT वेश परी ा क तयैारी कराने वाली कोचग सं था सुपरसुपर 30 (Super 30) केसं थापक और गणत के श क आनदंआनदं कुमारकुमार को अमे रका म श ण से जुड़े एक ति त पुर कार से नवाज़ा गया ह।ैयह पुर कार उ ह ज़ रतमदं िव ाथय को श ा मुहयैा कराने म िदये गए उनके योगदान के लये िदया गया।कै लफो नया के सनै जोस म आनदं कुमार को फाउंडेशन फॉर ए सीलस' (FEE) संगठन ने अपनी 25व सालिगरह केमौके पर दद एजुकेशनएजुकेशन ए सीलसए सीलस अवॉडअवॉड 2019 पुर कार से स मािनत िकया ह।ै गौरतलब ह ैिक आनदं कुमार िपछले18 वष से सुपर-30 ो ाम चला रहे ह, ■जसम हर साल 30 छा -छा ाओं को एक साल के लये मु त आवासीयकोचग दी जाती ह।ै ये सभी िव ाथ देश म इजंीिनय रग म आईआईटी क परी ा (आईआईटी-जेईई) क तयैारी करतेह। सुपर 30 के िव ाथय क सफलता क दर अभूतपूव रही ह,ै ■जसम वंचत वग के छा को देश के शीषइजंीिनय रग सं थान म वेश िदलाकर समाज म उ ेखनीय प रवतन देखा गया ह।ैिनवाचन आयोग ने महारामहारा औरऔर ह रयाणाह रयाणा म िवधानसभा चुनाव क तारीख का ऐलान कर िदया ह।ै दोन रा य म एकचरण म 21 अ ू बर को मतदान होगा तथा 24 अ टूबर को प रणाम आएंगे। िवधानसभा चुनाव क घोषणा के साथ हीदोन रा य म आदशआदश आचारआचार संिहतासंिहता लागू हो गई। ह रयाणा म 1.28 करोड़ मतदाता ह और वहाँ 1.3 लाख EVM काइ तेमाल होगा। महारा 8.94 करोड़ मतदाता ह और 1.8 लाख EVM का इ तेमाल होगा। 21 अ ू बर को हीअ णाचल देश, िबहार, उ र देश, म य देश, छ ीसगढ़, असम, गुजरात, िहमाचल देश, कनाटक, केरल,मेघालय, ओडशा, पंजाब, राज थान, ■सि म, तिमलनाडु, तेलगंाना और क शा■सत देश पु चेुरी म 64 सीट परउपचुनाव होगा और इनके प रणाम भी 24 अ ू बर को आएंगे।

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    डेली न्यूज़ (21 Sep, 2019)राष्ट्रीय कृषि सम्मेलन – रबी अभियान 2019RBI द्वारा सरकार को धन का हस्तांतरणभारत-मंगोलिया संबंधइंटरनेट तक पहुँचद वर्ल्ड एट रिस्क रिपोर्टजलवायु संकट, मानवाधिकारों के लिये सबसे बड़ा संकटबेसल बैन संशोधनकुपोषण: भारत में होने वाले बच्चों की मौत के दो-तिहाई का कारणRapid Fire करेंट अफेयर्स (21 September)