डेली न्यूज़ (12 nov, 2019)sangam literature स गम ’श;द स aक त...

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डेली यूज़ (12 Nov, 2019) drishtiias.com/hindi/current-affairs-news-analysis-editorials/news-analysis/12-11-2019/print तवुवर ीलस ीलस केके लये लये : संगम सािहय, तवुवर मेस मेस केके लये लये : संगम सािहय चचा चचा ? हाल ही ाचीन संत तवुवर (Thiruvalluvar) राजनीतक मु# के कारण तिमलनाडु चचा रहे मुख मुख &बदु &बदु तवुवर एक तिमल किव और संत थे ■जह वुवर (Valluvar) के नाम से भी कहा जाता थाधा/मक पहचान के कारण उनक2 कालावध िवरोधाभास है सामायतः उह तीसरी-चौथी या आठव9-नौव9 शता;दी का माना जाता है सामायतः उह जैन धम से संबंधत माना जाता है हालाँिक, &हदुओं का दावा िकया है ितवुवर &हदू धम से संबंधत थे >िवड़ समूह (Dravidian Groups) ने उह एक संत माना यिक वे जात @यवAथा िवBास नह9 रखते थे उनके Cारा संगम सािहय तDु रल या 'कु राल' (Tirukkural or ‘Kural') क2 रचना क2 गई थीइस रचना को तीन भाग िवभा■जत िकया गया है - अराम- Aram (सदगुण- Virtue)पोल- Porul (सरकार और समाज)कामम- Kamam (ेम)संगम संगम सािहय सािहय 1/16

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  • डेली यूज़ (12 Nov, 2019)drishtiias.com/hindi/current-affairs-news-analysis-editorials/news-analysis/12-11-2019/print

    त व वुर

    ी ल सी ल स केके लयेलये:संगम सािह य, त व वुर

    मे समे स केके लयेलये:संगम सािह य

    चचाचचा मम यय ?हाल ही म ाचीन संत त व वुर (Thiruvalluvar) राजनीतक मु के कारण तिमलनाडु म चचा म रहे।

    मुखमुख बदुबदुत व वुर एक तिमल किव और संत थे ■ज ह व वुर (Valluvar) के नाम से भी कहा जाता था।धा मक पहचान के कारण उनक कालावध म िवरोधाभास ह ैसामा यतः उ ह तीसरी-चौथी या आठव -नौव शता दीका माना जाता ह।ैसामा यतः उ ह जनै धम से संबंधत माना जाता ह।ै हालाँिक, हदओुं का दावा िकया ह ैिक त व वुर हद ूधम सेसंबंधत थे।

    िवड़ समूह (Dravidian Groups) ने उ ह एक संत माना य िक वे जात यव था म िव ास नह रखते थे।उनके ारा संगम सािह य म त ु रल या 'कुराल' (Tirukkural or ‘Kural') क रचना क गई थी।इस रचना को तीन भाग म िवभा■जत िकया गया ह-ै

    अराम- Aram (सदगुण- Virtue)।पो ल- Porul (सरकार और समाज)।कामम- Kamam ( ेम)।

    संगमसंगम सािह यसािह य

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    https://www.drishtiias.com/hindi/current-affairs-news-analysis-editorials/news-analysis/12-11-2019/print

  • Sangam Literature

    संगम ’श द सं कृत श द संघ का तिमल प ह ै■जसका अथ यि य का समूह या संघ होता ह।ैतिमल संगम किवय क एक अकादमी थी जो तीन अलग-अलग कालखंड और िवभ थान पर पां राजाओं केसंर ण म िवक■सत हुई।तीसर ेसंगम के समय के सािह य, ईसाई यगु क शु आत क सामा■जक थतय क जानकारी उपल ध कराते ह।ये सािह य मु यतः सावजिनक और सामा■जक गतिवधय जसेै सरकार, यु दान, यापार, पूजा, कृिष जसेैधमिनरपे मामले से संबंधत थे।संगम सािह य म तोल ािपयम, 10 किवताओं का समूह- प ुप ू (Pattupattu), ए ुतोगई (Ettutogai) औरपडनेनिकलकाना ू (Padinenkilkanakku) जसेै तिमल रचनाएँ शािमल ह।

    ोतोत: इंडयनइंडयन ए स ेसए स ेस

    िव मारक िनगरानी सूची

    ी ल सी ल स केके लयेलयेकारज़े णाली, िव मारक कोष

    मे समे स केके लयेलयेसुरगंा बावड़ी

    चचाचचा मम यय ?यूयाकयूयाक थत गरै सरकारी संगठन िविव मारकमारक कोषकोष (World Monuments Fund-WMF) ने ाचीन भूिमगत जलणाली सुरगंासुरगंा बावड़ीबावड़ी (Suranga Bawadi) को िव मारक िनगरानी सूची-2020 म शािमल िकया ह।ै

    मु यमु य बदुबदुWMF ारा इस बावड़ी का चयन WMF ारा ‘द न के पठार क ाचीन जल णाली’ (Ancient Water Systemof the Deccan Plateau) क ेणी के तहत िकया गया ह।ैवष 2020 के लये इस सूची म िव के 25 थल का चयन िकया गया ह।ैइस सूची म शािमल होने के बाद इस बावड़ी के जीण ार के लये WMF ारा अगले 2 वष के लये जीण ार(Restoration) िव ीय सहायता उपल ध करवाई जायेगी।WMF इसके जीण ार के लये थानीय शासन व भारतीय पुरात व सव ण (Archaeological Survey ofIndia-ASI) सिहत अ य िहतधारक के साथ िमल कर काय करगेा।

    सुरगंासुरगंा बावड़ीबावड़ी

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  • (Suranga Bawadi)

    सुरगंा बावड़ी कनाटक के िवजयपुरा म थत ह।ैसुरगंा बावड़ी ाचीन कारज़े णाली पर आधा रत ह।ैइस बावड़ी का िनमाण 16व शता दी म आिदल शाह थम ने करवाया था तथा आिदल शाह थम के उ राधकारीइ ािहम आिदल शाह ि तीय ने इसको मज़बूत करने के लये इसम कई संरचना मक सुधार िकये थे।इस बावड़ी का योग शहर को जलापूत हेतु िकया जाता था।

    कारज़ेकारज़े णालीणाली

    (Karez system)

    कारज़े णाली म भूिमगत नहर का जाल होता ह ैतथा इन नहर के ारा शहर को जलापूत क जाती थी।यह णाली भूिमगत जल ोत (कुओं/झरन ) से जल का सं हण करती ह।ैइस णाली क उ प फारस म पहली शता दी ईसा पूव म हुई थी।

    िविव मारकमारक कोषकोष

    (World Monuments Fund-WMF)

    वष 1965 म थािपत WMF यूयाक थत एक गरै-सरकारी संगठन (Non Governmental Organisations-NGO) ह।ैिव मारक िनगरानी एक वै क काय म ह ै■जसे वष 1995 म शु िकया गया।कोष का उ े य सां कृतक िवरासत थल क पहचान करना और उनके संर ण के लये िव ीय एवं तकनीकसहायता दान करना ह।ै

    ोतोत: दद हदूहदू

    हाथीपाँव रोग

    ी ल सी ल स केके लयेलये:हाथीपाँव रोग, हाथीपाँव रोग के उ मूलन हेतु वै क काय म

    मे समे स केके लयेलये:हाथीपाँव रोग के उ मूलन से जुड़े िवभ मु े

    चचाचचा मम यय ?

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  • हाल ही म क ीय वा य एवं प रवार क याण मं ालय ारा वष 2021 तक ‘हाथीपाँव के उ मूलन के लये कारवाई करने काआ ान’ नामक काय योजना ारभं क गई ह।ै

    मु यमु य बदुबद:ुहाल ही म नई िद ी म ‘हाथीपाँव रोग के उ मूलन के लये एकजुट’ िवषय पर एक रा ीय संगो ी का आयोजन िकयागया।क ीय वा य एवं प रवार क याण मं ालय के अनुसार, उ णकिटबधंीय े म उ प होने वाले सं ामक रोग सेिव म लगभग 1.5 िब लयन से भी अधक लोग भािवत होते ह।िव वा य संगठन (World Health Organization- WHO) ारा वष 2000 म ‘हाथीपाँव उ मूलन के लयेवै क काय म’ (Global Programme to Eliminate Lymphatic Filariasis- GPELF) का ारभं िकयागया था।

    हाथीपाँवहाथीपाँव रोगरोग:

    ( Lymphatic Filariasis)

    लसीका फाइले रया (Lymphatic Filariasis) को सामा यतः हाथीपाँव रोग नाम से जाना जाता ह।ैयह एक उ ण किटबधंीय रोग ह।ैयह शरीर के लसीका तं को भािवत करता ह ैइससे शरीर के अंग का असामा य िवकास, दद, गभंीर िद यांगता जसैीसम याएँ उ प हो जाती ह।यह एक वे टर जिनत रोग ह ैजो फाइलेरोडडीया (Filariodidea) प रवार के नीमेटॉडस (Nematodes) प मवग कृत परजीिवय के सं मण के कारण होती ह।ैहाथीपाँव रोग का कारण धागेनुमा आकार के िन न ल खत तीन कार के फाइले रयल परजीवी होते ह-

    वुचेरे रया बनै ो टी (Wuchereria Bancrofti) हाथीपाँव के लगभग 90% मामल के लये उ रदायीहोता ह।ै

    ुिगया मलाई (Brugia Malayi) हाथीपाँव रोग के सार के लये उ रदायी होता ह।ैुिगया तमोरी(Brugiya Timori) इस रोग के सार का कारण होता ह।ै

    हाथीपाँवहाथीपाँव उ मूलनउ मूलन केके लयेलये भारतभारत केके यासयास:हाथीपाँव रोग के उ मूलन क तब ता को यान म रखते हुए सरकार ने वष 2018 म ‘हाथीपाँव रोग के ती उ मूलनक काय-योजना’ (Accelerated Plan for Elimination of Lymphatic Filariasis- APELF) नामक पहलक थी।भारत ने इस रोग के उ मूलन के लये दोहरी रणनीत अपनाई ह।ै इसके तहत हाथीपाँव िनरोधक दो दवाओं (ईडीसीतथा ए बे डाजोल-EDC and Albendazole) का योग, अंग िवकृत बधंन (Morbidity Management)और िद यांगता रोकथाम शािमल ह।ैक सरकार िदसंबर 2019 से िटपल डग थेरपेी (Triple Drug Therapy) को चरणब तरीके से आगे बढ़ाने केलये यासरत ह।ै

    लसीकालसीका तंतं हाथीपाँवहाथीपाँव उ मूलनउ मूलन केके लयेलये वै कवै क काय मकाय म4/16

  • (Global Programme to Eliminate Lymphatic Filariasis- GPELF):

    िव वा य संगठन ारा वष 2000 म ‘हाथीपाँव उ मूलन के लये वै क काय म’ (Global Programme toEliminate Lymphatic Filariasis- GPELF) ारभं िकया गया था।वष 2012 म िव वा य संगठन ने वष 2020 तक उ णकिटबधंीय रोग के उ मूलन का ल य रखा।GPELF का ल य सभी े म उपल ध कराए जा रहे उपचार और यास तक हाथीपाँव रोग से पीिड़त यि य कपहँुच थािपत करके उनके जीवन तर म सुधार लाना ह।ै

    ोतोत-PIB

    OECD ड■जटल कराधान ा प मसौदा

    ी ल सी ल स केके लयेलये:OECD, BEPS, गाफा कर, WTO

    मे समे स केके लयेलये:ड■जटल कराधान से संबंधत मु े और भारत पर भाव

    संदभसंदभ:उदारीकरण के बाद िवभ अथ यव थाओं म ौ ोिगक का योग तथा अंतरा ीय कंपिनय का वेश हुआ, इन अंतरा ीयकंपिनय पर कर लगाना िकसी दसूर ेदेश के लये एक किठन चुनौती होती ह ै य िक ये कंपिनयाँ एक साथ कई देश म यवसायकरती ह।

    ड■जटलड■जटल कराधानकराधान सेसे संबंधतसंबंधत चुनौतयाँचुनौतयाँ:ड■जटल कंपिनय के यवसाय पर कराधान इस लये किठन होता ह ै य िक सामा यतः ■जस अथ यव था म येयवसाय कर रही होती ह वहाँ पर इनक भौतक प से उप थत नह होती ह।ै

    ये अ सर कम कर णा लय म (कम कर वाले देश म) पंजीकृत होते ह, ■जससे ये अथ यव था को लगातार भािवतकरती रहती ह अथात् अधक यवसायक लाभ ा करने के बाद भी उपरो अथ यव था म कम कर देती ह।वतमान समय म िव क बड़ी ौ ोिगक कंपिनयाँ बहुत कम कर भुगतान कर रही ह जो एक चता का िवषय बना हुआह।ै

    ड■जटलड■जटल कराधानकराधान संबधंीसंबधंी ावधानावधान:आधार रण एवं लाभ ह तांतरण (Base Erosion and Profit Sharing- BEPS) रपोट के शु आती सं करणम आथक सहयोग एवं िवकास संगठन (Economic Co-operation and Development- OECD) नेड■जटल अथ यव था पर तीन उपाय - समतु य लेवी (Equalisation Levy), िवथहो डग कर (Withholdingtaxe) तथा यू ने सस िनयम (New Nexus Rule) का उ ेख िकया।

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    https://www.drishtiias.com/hindi/daily-updates/daily-news-analysis/centre-ratified-convention-to-curb-company-profit-shiftinghttps://www.drishtiias.com/hindi/daily-updates/daily-news-analysis/integrated-approach-to-tax-assessment

  • पहले दो कर सकल कारोबार पर लगाए जाते ह, जबिक यू ने सस िनयम िकसी देश म कंपनी क भौतक उप थत नहोने जसैी थतय से िनपटते ह।

    भारतीयभारतीय प र यप र य:भारत ने पहली बार वष 2016 म समतु य लेवी लागू क थी। इस लेवी को आयकर अधिनयम के दायर ेके बाहर रखागया था और वतमान म यह ड■जटल िव ापन से संबंधत काय करने वाली कंपिनय के एक छोटे समूह पर लागू ह।ै

    वै कवै क प र यप र य:वै क तर पर भी OECD के आ ान को सवस मत से आगे बढ़ाते हुए कई उपाय को लागू करने के यास िकयागया। उदाहरण के लये ाँस और हगंरी ने ड■जटल कर को लागू िकया ह,ै जबिक बे जयम, इटली, ि टेन तथा पेनने भी इसी कार क यव था क ।

    समसामयकसमसामयक मु ेमु े:वै क तर पर कर सुधार संबधंी कायवाही को एक राजनीतक मु ा बनाया जा रहा ह,ै जसेै िक ाँस ारा लगाए गएगाफा कर (Gafa Tax) का संयु रा य अमे रका ारा इस लये िवरोध िकया गया य िक गाफा कर से भािवतकंपिनयाँ संयु रा य अमे रका क ह।वै क तर पर ड■जटल कराधान यव था का िव यापार संगठन (World Trade Org- WTO) के िनयम केसाथ भी समीकरण बठैाना मु कल काय ह ै य िक यादा कर लगाने से मु यापार क अवधारणा भािवत होगी।

    ोतोत: इंडयनइंडयन ए स ेसए स ेस

    क ीय एवं रा य सां यक संगठन का स मेलन

    ी ल सी ल स केके लयेलये:रा ीय सां यक आयोग

    मे समे स केके लयेलये:मह वपूण नह

    चचाचचा मम यय ?हाल ही म क ीय एवं रा य सां यक संगठन का 27वाँ वा षक स मेलन कोलकाता म संप हुआ।

    मु यमु य बदुबद:ु

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    https://www.drishtiias.com/hindi/daily-updates/daily-news-editorials/world-trade-organization-crisis

  • क ीय एवं रा य सां यक संगठन के 27वाँ वा षक स मेलन (Conference of Central and StatesStatistical Organizations- COCSSO) म क ीय मं ालय के तिनधय , रा य सरकार , अंतरा ीय एज■सय ,अकादिमक सं थान , सामुदायक संगठन के साथ-साथ अ य िहतधारक ने भाग लया।इस वष COCSSO का िवषय (Theme) ‘सतत् िवकास ल य’ (Sustainable Development Goals-SDGs) ह।ै

    पृ भूिमपृ भूिम:वष 1971 म COCSSO के थम स मेलन का आयोजन हुआ था।COCSSO का आयोजन येक वष भारत सरकार के सां यक एवं काय म ि या वयन मं ालय (Ministry OfStatistics and Programme Implementation- MoSPI) ारा आयो■जत िकया जाता ह।ैCOCSSO, क एवं रा य सां यक एज■सय के बीच सम वय के लये एक मुख रा ीय फोरम ह,ै ■जसका उ े यिनयोजक एवं नीत िनमाताओं को अधक िव सनीय आँकड़े दान करना ह।ैCOCSSO सां यक िहत के मु पर िवचार-िवमश करने के लये सभी िहतधारक को एकजुट करने का एकमह वपूण फोरम ह।ै■सतबंर 2016 म MoSPI ने सतत् िवकास ल य क िनगरानी के लये एक रा ीय संकेतक े मवक िवक■सत िकया,■जसके अंतगत 306 सां यक य संकेतक को शािमल िकया गया।नीत आयोग ारा 13 सतत् िवकास ल य (सतत् िवकास ल य मांक- 12, 13, 14 और 17 को छोड़कर) केआधार पर सतत् िवकास ल य भारत सूचकांक (SDG India Index) ज़ारी िकया जाता ह।ै

    27वव COCSSO सेसे सबंधतसबंधत त यत य:27व COCSSO के आयोजन के दौरान तकनीक े म हो रही गत के साथ-साथ िवभ बदलाव को यान मरखते हुए पेशेवर सां यक िवद क तेजी से बदलती हुई भूिमका पर चचा क गई।वतमान म सतत् िवकास ल य के त भारत क तब ता के कारण सतत िवकास ल य क सु ढ़ िनगरानी णालीक थापना हेतु अनेक कदम उठा रहा ह ै।इस स के दौरान MoSPI क नई पहल जसेै अनेक मह वपूण सां यक य मु , इस े म सव म योग को साझाकरने, वा तिवक समय पर SDGs क िनगरानी के लये ौ ोिगक क भूिमका, डेटा संबधंी चुनौतय एवं सतत्िवकास ल य के लए रा ीय एवं रा य संकेतक े मवक (एसआईएफ) म सामजं य सुिन त करने जसेै िवषय परचचा क गई।

    रा ीयरा ीय सां यकसां यक आयोगआयोग

    (National statistical Commission):

    1 जून 2005 को एक संक प के मा यम से भारत सरकार ने 12 जुलाई 2006 को रा ीय सां यक आयोग कथापना क थी।

    वष 2001 म भारतीय सां यक णाली के पुन वलोकन के लए गिठत रगंराजन आयोग ारा दी गई ंअनुशसंाओं केआधार पर रा ीय सां यक आयोग क थापना क गई थी।इस आयोग म अ य के अत र चार अ य सद य होते ह जो िक सां यक के िवशेष होते ह।इसका मुख काय सां यक के े म नीतयाँ, ाथिमकताएँ और मानक तय करना ह।ै

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  • ोतोत-PIB

    ईरान का नया तेल े

    ी ल सी ल स केके लयेलये:खज़ेु तान और अहवाज़ क मानच म थत

    मे समे स केके लयेलये:िव म संसाधन का िवतरण, ईरान अमे रका परमाण ुसमझौता और भारत पर भाव

    चचाचचा मम यय ?हाल ही म ईरान ने अपने द ण-प मी ांत खज़ेु तान (Khuzestan) म एक नए तेल े क खोज क ह।ै

    मुखमुख बदुबदुयह े लगभग 2,400 वग िकलोमीटर तक िव ता रत ह ैतथा इसम 50 िब लयन बरैल से अधक क े तेल (CruideOil) के पाए जाने क संभावना ह।ैयह खोज ऐसे समय म हुई ह ैजब ईरान वष 2015 के परमाण ुसमझौते से हटने के बाद से अमे रक तबधं का सामनाकर रहा ह।ैइस समझौते म शािमल अ य देश जसेै- जमनी, ाँस, ि टेन, स और चीन इस समझौते को िफर से पटरी पर लानेहेतु यासरत ह।

    हालाँिक ये देश अभी तक ईरान को दसूर ेदेश म तेल बेचने का कोई समाधान या िवक प उपल ध नह करापाए ह।

    समझौते से पीछे हटते हुए ईरान, भडंार एवं संव न क सीमा से आगे जा चुका ह ैसाथ ही इसने तेहरान के द ण मथत भूिमगत फोराड संयं (Fordow Plant) म यूरिेनयम का संव न िफर से शु कर िदया ह।ै

    अमे रका के तबधं के हटाने हेतु ईरान ने अपने परमाण ुकाय म को रोक िदया था और लबें समय तक गुप्तप से काम कर रहे संयं म यूरिेनयम का संव न बदं कर िदया था।

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    http://drishtiias.com/hindi/images/uploads/1573541720_Khuzestan.jpghttps://www.drishtiias.com/hindi/burning-issues-of-the-month/International-Crisis-Due-To-Iran-Nuclear-Dealhttps://www.drishtiias.com/hindi/daily-updates/daily-news-editorials/sanctions-on-iran-india

  • ईरानईरान केके तेलतेल भडंारभडंार:ईरान के पास लगभग 150 िब लयन बरैल तेल का भडंार ह।ैखज़ेु तान ईरान के मह वपूण तेल उ ोग का क ह।ै

    अहवाज़ (65 िब लयन बरैल) के बाद खज़ेु तान तेल े ईरान का दसूरा सबसे बड़ा े ह।ैईरान अरब क खाड़ी म क़तर के साथ िवशाल अपतटीय े साझा करता ह।ैवतमान म ईरान क े तेल के भडंार का चौथा तथा ाकृतक गसै का दसूरा सबसे बड़ा देश ह।ै

    ोतोत: इंडयनइंडयन ए स ेसए स ेस

    अनरटेेड ऋण और बक NPA

    ी ल सी ल स केके लयेलये:NPA, इनसॉ वसी एंड बकर सी कोड

    मे समे स केके लयेलये:अनरटेेड ऋण और उससे संबंधत NPA को कम करने के उपाय

    चचाचचा मम यय ?भारतीय रज़व बक (RBI) ारा जारी हा लया आँकड़ से पता चलता ह ैिक देश म अनरटेेड ऋण (Unrated Loans) क

    ेणी म NPA (गरै-िन पािदत प रसंप ) वष 2015 के 6 तशत से बढ़कर वष 2018 के अंत तक 24 तशत हो गया ह।ै

    यात य ह ैिक यह आँकड़ा उन ऋण के बढ़ते जो खम को इिंगत करता ह ैजो े डट रे टग एज■सय ारा रटे नह िकयेगए ह।

    मुखमुख बदुबदुिविदत हो िक िवगत 4 वष म बक के कुल ऋण म अनरटेेड ऋण का अनुपात लगभग 40 तशत के आस-पास बनाहुआ ह,ै जबिक इस ेणी म NPA तेज़ी से बढ़ता जा रहा ह।ैक ीय बक ने देश के अ य बक के लये 5 करोड़ पए से अधक के ऋण वाले उधारक ाओं क रपोट सटलसटलरपॉ■जटरीरपॉ■जटरी ऑफ़ऑफ़ इनफामशनइनफामशन ऑनऑन लाजलाज े डटे डट (Central Repository of Information on Large

    Credits-CRILC) के साथ करने को अिनवाय िकया ह।ैRBI के अ ययन म सामने आया ह ैिक बड़े उधारक ाओं क कुल सं या का 60 तशत िह सा और इसी ेणी मकुल जो खम का 40 तशत िह सा अनरटेेड उधारक ाओं का ह।ै150 करोड़ पए और इससे अधक क कुल कायशील पूंजी रखने वाले उधारक ाओं को बड़े उधारक ा कहा जाताह।ै

    अनरटेेडअनरटेेड ऋणऋण औरऔर उससेउससे संबंधतसंबंधत NPA कोको कैसेकैसे कमकम िकयािकया जाजा सकतासकता हैहै?9/16

  • ऋण जो खम के संबधं म े डट रे टग को िनयिमत करके। यात य ह ैिक आरबीआई ने अनरटेेड ऋण पर जो खम केभार को बढ़ाया ह।ैबक को रटेेड जो खम पर भी िवचार करने क आव यकता ह,ै य िक िनजी े के कुछ बक ने अपने जो खम म BB

    ेणी क े डट रे टग (और उसके नीचे) के ऋण खात म काफ तनाव अनुभव िकया ह।ैहालाँिक RBI क िव ीय थरता रपोट ने सभी बक के सकल NPA अनुपात का माच 2019 के 9.3 तशत सेघटकर माच 2020 तक 9.0 तशत पर आने का अनुमान लगाया ह।ै

    इनसॉ वसीइनसॉ वसी एंडएंड बकर सीबकर सी कोडकोड के तहत कुछ मामल के समाधान के कारण वसूली क गत म तेज़ी आई ह।ै

    सटलसटल रपॉ■जटरीरपॉ■जटरी ऑफ़ऑफ़ इनफामशनइनफामशन ऑनऑन लाजलाज े डटे डट

    (Central Repository of Information on Large Credits-CRILC)

    वष 2014 म RBI ारा सभी उधारक ाओं के ऋण जो खम पर डेटा एक करने, सं हीत करने और काशत करनेके लये इसका गठन िकया गया ह।ैिविदत ह ैिक बक को अपने बड़े उधारक ाओं के बार ेम CRILC को जानकारी देनी होती ह।ैयह अ य सं थान के साथ जानकारी साझा कर िव ीय सं थान और बक को उनके गरै-िन पािदत प रसंप य(NPA) का आकलन करने म मदद करता ह।ै

    ोतोत: इंडयनइंडयन ए स ेसए स ेस

    भारत म कृिष उ पादकता

    ी ल सी ल स केके लयेलयेPM-KISAN, APMC या ह?ै

    मे समे स केके लयेलयेभारतीय अथ यव था म कृिष का योगदान।

    संदभसंदभ :भारत के पास चीन क तुलना म अधक कृिष यो य भूिम, कुल ↓सचत े तथा सकल बुआई े ह।ै इसके बावजूद भारतचीन से कृिष उ पादन के मामले काफ पीछे ह।ै

    मु यमु य बदुबद ु:भारत तथा चीन दोन देश ने 1960 के दशक के म य म अपने उपल ध े म कृिष उ पादकता म वृ करने के लयेआधुिनक तकनीक के योग का ारभं िकया। ■जसके तहत उ उ पादक िक म (High Yield Variety-HYV) केबीज , कुल ↓सचाई े म वृ एवं रासायिनक उवरक के योग को बढ़ावा िदया गया।

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  • भारतभारत-चीनचीन तुलनातुलना (कृिषकृिष ेे मम)

    चीनचीन भारतभारत

    कृिष यो य भूिम 120 िम लयन हे टेयर 156 िम लयन हे टेयर

    कुल ↓सचत े 41 तशत 48 तशत

    सकल बुआई े 166 िम लयन हे टेयर 198 िम लयन हे टेयर

    कृिष उ पादन (क मत डॉलर म) 1367 िब लयन डॉलर 407 िब लयन डॉलर

    उपरो आँकड़ के आधार पर यह कहा जा सकता ह ैिक चीन ने भारत क तुलना म कृिष उ पादकता म अधक गतक ह।ै चीन म बढ़ते कृिष उ पादन के लये िन न ल खत तीन कारक मह वपूण ह ■जससे भारत को सीख लेना चािहये।

    1. कृिष संबधंी नवाचार, अनुसंधान एवं िवकास म अधक िनवेश।2. कृिष बाज़ार म सुधार के मा यम से िकसान को अधक लाभ दान करना।3. य आय सहायता योजना (Direct Income Support Scheme)।

    1. कृिषकृिष संबधंीसंबधंी नवाचारनवाचार, अनुसंधानअनुसंधान एवंएवं िवकासिवकास

    (Research & Development-R&D)

    चीन ारा कृिष ान तथा नवाचार णाली (Agriculture Knowledge and Innovation System-AKIS),जो कृिष संबधंी अनुसंधान तथा िवकास के लये ■ज मेदार ह,ै के लये वष 2018-19 म 7.8 िब लयन डॉलर का िनवेशिकया गया, इसके िवपरीत भारत ने इस े म मा 1.4 िब लयन डॉलर का िनवेश िकया।कृिष संबधंी अनुसंधान एवं श ा (Agricultural Research & Education: Agri-R&E) पर होने वाले िनवेशका सकल घरलेु उ पाद (Gross Domestic Product-GDP) पर या भाव पड़ता ह?ै इस िवषय पर हुए एकशोध के मा यम से यह पता चला िक यिद हम Agri-R&E पर 1 पए का िनवेश करते ह तो कृिष GDP म 11.2 पएक वृ होती ह।ै यिद हम Agri-R&E पर 10 लाख पए का िनवेश करते ह तो इससे 328 लोग को गरीबी रखेा सेबाहर िनकाला जा सकता ह।ैचीन अपने कृिष-सकल मू य वधन (Agri-Gross Value Added) का 0.35 तशत Agri-R&E पर खच करताह ैजबिक भारत म यह खच 0.8 तशत ह।ैR&D पर िकये गए उ िनवेश से िन मत बीज के लये अधक उवरक क आव यकता होती ह।ै वष 2016 म चीन मउवरक क खपत 503 िक ा./हे टेयर थी, जबिक भारत के लये यह खपत उसी वष 166 िक ा./हे टेयर क थी।अतः कृिष संबधंी उ पादन म वृ के लए भारत को Agri-R&E पर िनवेश बढ़ाने क आव यकता ह।ै

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  • 2. कृिषकृिष बाज़ारबाज़ार मम सुधारसुधार केके मा यममा यम सेसे िकसानिकसान कोको अधकअधक लाभलाभ दानदान करनाकरना:चीन, उ पादक सहायता अनुमान (Producer Support Estimates-PSEs) ारा िकसान को ो साहन राश

    दान करता ह।ै इस मामले म चीन क थत भारत से बेहतर ह।ैPSE संक पना िव के उन 52 देश ारा अपनाई गई ह ै■जनका िव के कुल कृिष उ पादन म तीन-चौथाई कायोगदान ह।ै इसके तहत कृिष उपज से ा उस िनगत मू य (Output Price) क गणना क जाती ह ैजो िक िकसानको मु यापार क थत म ा होती। इसम िकसान ारा ा क गई लागत स सडी (Input Subsidy) को भीशािमल िकया जाता ह।ैचीन के िकसान के लये PSE, उनके सकल फाम ाि य (Gross Farm Receipts) के तीन वष के औसत(Triennium Average Ending-TE) का 2018-19 म 15.3 तशत था। वह भारतीय िकसान के प र े य मइसी अवध के दौरान -5.7 तशत था। इसका अथ यह ह ैिक भारत का िकसान, उसे ा होने वाली स सडी सेअधक कर देता ह।ैिनगेिटव PSE का अथ ह ैिक भारतीय िकसान को तबंधत बाज़ार तथा यापार नीतय के कारण उनक उपज कसही क मत नह ा होती जो उ ह मु बाज़ार क प र थतय म ा होती।कृिष बाज़ार से संबंधत इन किमय को दरू करने के लये भारत को बृहत् पमैाने पर कृिष उ पाद बाज़ार सिमत(Agricultural Produce Market Committee-APMC) तथा अ याव यक व तु अधिनयम (EssentialCommodities Act) म सुधार करने क आव यकता ह।ै

    3. यय आयआय सहायतासहायता योजनायोजना

    (Direct Income Support Scheme):

    चीन ने अपनी कई मह वपूण लागत स सडय को एक एकल योजना म समायो■जत कर िदया ह।ै ■जसके तहतिकसान को त हे टेयर के िहसाब से य भुगतान िकया जाता ह ैतथा फसल उगाने म हुई कुल लागत को बाज़ारमू य के आधार पर तय िकया जाता ह।ै इस े म चीन ने वष 2018-19 के दौरान 20.7 िब लयन डॉलर का िनवेशिकया।वह भारत ने धानमं ी िकसान स मान िनध (Pradhan Mantri Kisan Samman Nidhi: PM-KISAN)योजना के तहत य आय सहायता म मा 3 िब लयन डॉलर का िनवेश िकया।इसके िवपरीत उवरक, िव ुत, ↓सचाई, बीमा तथा ऋण पर दी जाने वाली स सडी पर 27 िब लयन डॉलर का िनवेशिकया। इस कार का िनवेश न ■सफ इन स सडय के योग क अ मता को िदखाता ह ैब क इससे पयावरणीयसम याएँ भी उ प होती ह।

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  • चीन के तज पर भारत को भी सभी लागत स सडय को समेिकत कर देना चािहये तथा उसके बदले म िकसान कोय आय सहायता देनी चािहये। इससे भारतीय िकसान म मता िवकास तथा कृिष उ पादन जसेै े म दरूगामी

    प रणाम ह गे।

    ोतोत : इंडयनइंडयन ए स ेसए स ेस

    GDP क गणना के लये नया आधार वष

    ी ल सी ल स केके लयेलये:GDP, GVA

    मे समे स केके लयेलये:अथ यव था के वृ और िवकास म आधार वष म बदलाव का मह व

    चचाचचा मम यय ?क ीय सां यक और काय म काया वयन मं ालय (Ministry of Statistics and ProgrammeImplementation- MOSPI), सकल घरलेू उ पाद क गणना के लये आधार वष (Base Year) को वष 2011-12 सेबदलकर 2017-18 करने पर िवचार कर रहा ह।ै

    पृ भूिमपृ भूिमक ीय सां यक कायालय (Central Statistics Office- CSO) ने वष 2015 म आधार वष 2004-2005 कोसंशोधत कर 2011-2012 कर िदया था।जनवरी 2015 के बाद से आथक संवृ और िवकास को सकल मू य वधन (Gross Value Added- GVA) केआधार पर मापा जाता था।वष 2018 म भारतीय रज़व बक (Reserve Bank Of India-RBI) ने आथक संवृ और िवकास के मापन हेतुपुनः GDP का उपयोग करने का िनणय लया।

    बदलावबदलाव कक आव यकताआव यकता यय हैहै?13/16

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  • िकसी अथ यव था क GDP के आधार वष म प रवतन, उस अथ यव था क संरचनाओं म प रवतन को दशाता ह।ैGDP क गणना के लये आधार वष म बदलाव का उ े य आथक आँकड़ो क सटीकता को वै क प त के अनु पकरना ह।ैवष 2011-12 पर आधा रत GDP वतमान आथक थत को सही ढंग से दशत नह करती ह ैवहीँ नए आधार वषक ंखला संयु रा के रा ीय खाते के िदशािनदश -2018 (United Nations Guidelines in System ofNational Accounts-2018) के अनु प होगी।सामा यतः अथ यव था के बदलते व प के अनु प चलने के लये आधार वष का बदलाव येक 5 वष म िकयाजाना चािहये।

    सकलसकल घरलेूघरलेू उ पादउ पाद

    (Gross Domestic Product- GDP)

    िकसी अथ यव था या देश के लये सकल घरलेू उ पाद या GDP एक िव ीय वष म उस देश म उ पािदत व तुओंऔर सेवाओं का कुल मू य होता ह।ै

    भारत म एक िव ीय वष 1 अ ैल से 31 माच तक माना जाता ह।ैGDP = िनजी खपत + सकल िनवेश + सरकारी िनवेश + सरकारी खच + (िनयात-आयात)

    सकलसकल मू यमू य वधनवधन

    (Gross Value Added- GVA)

    िव ीय वष 2015-2016 से GVA क अवधारणा को शु िकया गया ह।ैGVA िकसी देश क अथ यव था म सभी े जसेै- ाथिमक े , ि तीयक और तृतीयक े ारा िकया गया कुलअंतम व तुओं एवं सेवाओं के उ पादन का मौि क मू य ह।ै

    GVA = GDP + स सडी - उ पाद पर कर

    क ीयक ीय सां यकसां यक कायालयकायालय

    (Central Statistics Office- CSO)

    ‘क ीय सां यक कायालय’ (CSO) क थापना वष 1951 म िवभ क ीय मं ालय एवं रा य सरकार केसां यक य गतिवधय के म य सम वयन एवं सां यक य मानक के संव न हेतु क गई थी।यह रा ीय खात को तयैार करने, औ ोिगक आँकड़ को संक लत एवं काशत करने के साथ आथक जनगणना एवंसव ण काय भी आयो■जत करता ह।ैयह देश म सतत् िवकास ल य (Sustainable Development Goals-SDG) क सां यक य िनगरानी के लयेभी उ रदायी ह।ै

    ोतोत: इंडयनइंडयन ए स ेसए स ेस

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  • भारतीय मानव म त क एटलस-100

    ी ल सी ल स केके लयेलयेभारतीय मानव म त क एटलस 100

    मे समे स केके लयेलयेभारतीय मानव म त क एटलस 100, एटलस क उपयोिगता

    चचाचचा मम यय ?हदैराबाद थत अंतरा ीय सूचना ौ ोिगक सं थान (International Institute of Information Technology-Hyderabad, IIITH) ने पहले भारतीय मानव म त क एटलस का िनमाण िकया ह।ै

    भारतीयभारतीय मानवमानव म त कम त क एटलसएटलस 100

    (Indian Brain Atlas-IBA) 100

    यह मानव म त क एटलस कॉकेशयाईकॉकेशयाई (Caucasian) म त क के नमूने पर आधा रत ह ैएवं इसे IBA100 नामिदया गया ह।ै अ य म त क एटलस म चीनी, को रयाई और कॉकेशयाई म त क के नमूने को शािमल िकया जाताह।ैइस एटलस के अनुसार-लबंाई, चौड़ाई और आयतन के संदभ म भारतीय के म त क का आकार प मी देश औरपूव (चीन, द. को रया) देश के लोग के म त क क तुलना म छोटा ह।ैभारतीय के म त क पर आधा रत एटलस को 21 से 30 वष आय ुवग के 50 भारतीय मिहला व पु ष के म त कका MRI कैन करके बनाया गया ह।ैइस एटलस को IIITH ने त वनतंपुरम थत ी च ा त नल इं टी ूट फॉर मेडकल साइसेंज एंड टे नोलॉजी केइमे↓जग साइसेंज और इटंरवशनल रेडयोलॉजी िवभाग के सहयोग से तयैार िकया ह।ै

    पृ भूिमपृ भूिम15/16

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  • वष 1993 म मॉ टयलमॉ टयल यूरोलॉ■जकलयूरोलॉ■जकल इं टी ूटइं टी ूट (Montreal Neurological Institute-MNI) एवं इटंरनेशनलइटंरनेशनलकंसो टयमकंसो टयम फॉरफॉर ेनेन मै पगमै पग (International Consortium for Brain Mapping-ICBM) ने पहला ड■जटलमानव म त क एटलस बनाया था। यह मानव म त क एटलस भी कॉकेशयाई म त क के नमूने पर आधा रत ह।ैMNI और ICBM ारा कई अ य म त क एटलस भी जारी िकये गए ह जो तिं का िव ान के अ ययन म एक मानकके प म उपयोग िकये जाते ह।

    एटलसएटलस कक उपयोिगताउपयोिगताइस एटलस का उपयोग अ जाइमर (Alzheimer), डीमशया (Dementia) तथा पा कसंस (Parkinson) जसैीबीमा रय का इनके शु आती चरण म ही िनदान करने म हो सकेगा।

    ोतोत: िबजनेसिबजनेस लाइनलाइन

    RAPID FIRE करट अफेयस (12 नवंबर)गुजरातगुजरात CNG पोटपोट ट मनलट मनल: गुजरात सरकार ने 1900 करोड़ पए से िन मत होने वाले दिुनया के पहले CNG पोटट मनल ोजे ट को मज़ंूरी दे दी ह।ै इस ट मनल को ि टेन के फोरसाइट ुप और मुबंई के प नाभ मफतलाल समूह

    ारा संयु प से तयैार िकया जाएगा। तािवत CNG पोट ट मनल म 6 िम लयन मिैटक टन ढुलाई क वा षकमता होगी, ■जससे पोट क कुल ढुलाई मता बढ़कर 9 िम लयन मिैटक टन हो जाएगी। गुजरात सरकार के गुजरातगुजरात

    मै रटाइममै रटाइम बोडबोड और लदंन थत फोरसाइट समूह ने इस वष वाइ ट गुजरात शखर स मेलन के दौरान इस प रयोजनाके लये समझौता ापन पर ह ता र िकए थे। इस ट मनल को भावनगर बदंरगाह के उ र क ओर िवक■सत िकयाजाएगा, ■जसम रो-रो ट मनल, लि ड ट मनल और कंटेनर ट मनल िवक■सत करने का ावधान ह।ैभारतभारत मम बां लादेशबां लादेश केके नएनए उ ायुउ ायु : बां लादेश ने मोह मद इमरान को भारत म अपना नया उ ायु िनयु िकया ह।ैयात य ह ैिक इमरान वष 1986 म बां लादेश िवदेश सेवा म शािमल हुए थे और वतमान म वे संयु अरब अमीरात म

    बां लादेश के राजदतू के प म काय कर रहे ह।ल ेल े परपर तबधंतबधं कक पुिपुि : क सरकार ारा लबरशेन टाइगस ऑफ तिमल ईलम ( ल े) पर पाँच साल का तबधं

    लगाने के फैसले क एक यायाधकरण ारा पुि क ह।ै इस यायाधकरण का गठन क सरकार ने इस बात कपड़ताल करने के लये िकया था िक या इस आतकं संगठन पर तबधं जारी रहने चािहये या नह । यायाधीशसंगीता ध गरा सहगल क अ य ता वाले यायाधकरण ने छह नवंबर को ल े पर तबधं क पुि क और इससेसंबंधत आदेश एक सीलबदं कवर म क सरकार को भेजा। उ ेखनीय ह ैिक वष 1991 म ल े ारा पूव धानमं ीराजीव गांधी क ह या के बाद भारत ने ल े पर तबधं लगा िदया था। तब से इस संगठन पर लगाये गए तबधं को

    येक पाँच साल बाद बढ़ा िदया जाता ह।ैएचएच1 बीबी वीज़ावीज़ा शु कशु क मम बढ़ोतरीबढ़ोतरी: हाल ही अमे रका ने एच1 बी वीज़ा शु क म बढ़ोतरी क घोषणा क ह।ै अब अमे रकाम कम करने के लये एच1 बी वीज़ा के आवेदन शु क के तौर पर दस डॉलर यादा चुकाने ह गे। अमे रका ने अपनीसंशोधत चयन ि या के तहत इस संबधं म घोषणा क ह।ैकेके-4 िमसाइलिमसाइल काका परी णपरी ण: हाल ही म भारत ने अपनी के-4 परमाण ुिमसाइल का परी ण िकया। यह प र ण आठनवंबर को आं देश के तट से पनडु बी के ज़ रये योिगक तौर पर िकया गया। इस िमसाइल को र ा एवं अनुसंधानिवकास सं थान (डीआरडीओ) ारा तयैार िकया ह ै■जसक मारक मता 3500 िकलोमीटर ह।ै यह दो हज़ारिकलो ाम का आयधु (वॉरहेड) ले जा सकती ह।ै इस िमसाइल के परी ण के बाद भारत क पनडु बय क मारक

    मता बढ़ जाएगी।

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    डेली न्यूज़ (12 Nov, 2019)तिरुवल्लुवरप्रीलिम्स के लिये:मेन्स के लिये:चर्चा में क्यों?प्रमुख बिंदुसंगम साहित्यSangam Literatureस्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

    विश्व स्मारक निगरानी सूचीप्रीलिम्स के लियेमेन्स के लियेचर्चा में क्यों?मुख्य बिंदुसुरंगा बावड़ी(Suranga Bawadi)कारेज़ प्रणाली(Karez system)विश्व स्मारक कोष(World Monuments Fund-WMF)स्रोत: द हिंदू

    हाथीपाँव रोगप्रीलिम्स के लिये:मेन्स के लिये:चर्चा में क्यों?मुख्य बिंदु:हाथीपाँव रोग:( Lymphatic Filariasis)हाथीपाँव उन्मूलन के लिये भारत के प्रयास:लसीका तंत्र हाथीपाँव उन्मूलन के लिये वैश्विक कार्यक्रम(Global Programme to Eliminate Lymphatic Filariasis- GPELF):स्रोत-PIB

    OECD डिजिटल कराधान प्रारूप मसौदाप्रीलिम्स के लिये:मेन्स के लिये:संदर्भ:डिजिटल कराधान से संबंधित चुनौतियाँ:डिजिटल कराधान संबंधी प्रावधान:भारतीय परिदृश्य:वैश्विक परिदृश्य:समसामयिक मुद्दे:स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

    केंद्रीय एवं राज्य सांख्यिकी संगठनों का सम्मेलनप्रीलिम्स के लिये:मेन्स के लिये:चर्चा में क्यों?मुख्य बिंदु:पृष्ठभूमि:27वें COCSSO से सबंधित तथ्य:राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग(National statistical Commission):स्रोत-PIB

    ईरान का नया तेल क्षेत्रप्रीलिम्स के लिये:मेन्स के लिये:चर्चा में क्यों?प्रमुख बिंदुईरान के तेल भंडार:स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

    अनरेटेड ऋण और बैंक NPAप्रीलिम्स के लिये:मेन्स के लिये:चर्चा में क्यों?प्रमुख बिंदुअनरेटेड ऋण और उससे संबंधित NPA को कैसे कम किया जा सकता है?सेंट्रल रिपॉजिटरी ऑफ़ इनफार्मेशन ऑन लार्ज क्रेडिट(Central Repository of Information on Large Credits-CRILC)स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

    भारत में कृषि उत्पादकताप्रीलिम्स के लियेमेन्स के लियेसंदर्भ :मुख्य बिंदु :भारत-चीन तुलना (कृषि क्षेत्र में)1. कृषि संबंधी नवाचार, अनुसंधान एवं विकास(Research & Development-R&D)2. कृषि बाज़ारों में सुधार के माध्यम से किसानों को अधिक लाभ प्रदान करना:3. प्रत्यक्ष आय सहायता योजना(Direct Income Support Scheme):स्रोत : इंडियन एक्सप्रेस

    GDP की गणना के लिये नया आधार वर्षप्रीलिम्स के लिये:मेन्स के लिये:चर्चा में क्यों?पृष्ठभूमिबदलाव की आवश्यकता क्यों है?सकल घरेलू उत्पाद(Gross Domestic Product- GDP)सकल मूल्य वर्धन(Gross Value Added- GVA)केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय(Central Statistics Office- CSO)स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

    भारतीय मानव मस्तिष्क एटलस-100प्रीलिम्स के लियेमेन्स के लियेचर्चा में क्यों?भारतीय मानव मस्तिष्क एटलस 100(Indian Brain Atlas-IBA) 100पृष्ठभूमिएटलस की उपयोगितास्रोत: बिजनेस लाइन

    RAPID FIRE करेंट अफेयर्स (12 नवंबर)