55804144 sree balaji kee leelaye and vrat katha hindi book

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Page 1: 55804144 Sree Balaji Kee Leelaye and Vrat Katha Hindi Book

शरी फाराजी की रीराएॉ कॎ लरपोरनिमा अभरयका भ यहन वार तरग ऩरयवाय क साथ

घटी हई सच घटनाओॊ का सॊगरह

(शरी वकटशवय वरत कथा)

Hindi translation by Aparna and Anirudha Joshi from Irvine California

इस ऩसतक क पररत क लरम

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रलरता ऋषषकश

टरफको कॎ नमन कॎ लरपोरनिमा ९२६७९ ndash मएसए

ई-भर infolordbalajimiraclescom

वफसाईटwwwlordbalajimiraclescom

पोन (००१) ९४९-४५९-३६७९

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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शरी फाराजी की रीराएॉ औय

शरी वकटशवय वरत कथा परथभ आवतती पबरवायी २०११ (हहॊदी भ)

Contents शरवात कयन स ऩहर 5

भया रयशता - सात ऩवितो क ईशवय स 6

शरी वकटशवय भॊतर 15

कलमाण वकटशवय सवाभी 16

ऩजा की साभगरी 16

वरत की षवधी 17

शरी वकटशवय वरत कथा 19

परथभ अधमाम 42

दषवतीम अधमाम 44

ततीम अधमाम 46

चतथि अधमाम 47

ऩॊचभ अधमाम 49

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ॐ नभो वकटशाम नभ

शरवात कयन स ऩहर

वकटाहि सभॊ सथानॊ नाससत ककॊचन

वकटश सभदवो न बतो न बषवषमरत

(ऩय बरहभाॊड भ वकटाहि जसा सथान कही नही औय उसऩय ससथत वकटश जसा कोई दव ना ऩहर कबी हआ ना कबी होगा)

शरी वकटशवय की कऩा औय आशीवािद ऩान क लरम इस कलरमग भ ldquoशरीवकटशवय वरतrdquo सफस उततभ भाना जाता ह भन बगवान क कई चभतकाय औय रीराएॉ फहत सनी थी भन बगवान की जीवनबय ऩजा की ह म सफस जमादा कऩार दमा क सागय औय अऩन बकतो क दखषवनाशक दवता ह म अऩन बकतो को चच ॊतासागय क ऩाय र जात ह उनऩय अऩनी भभता औय पमाय रनछावय कयत ह जो कोई अऩना जीवन सही यासत स जाकय औय बगवान को शयण

जाकय वमरतत कयत ह उनकी ऩयी सजमभदायी बगवान रत ह इस भ कोई सॊदह नही

भय ऩजम षऩताजी शरी फर ऩलरा याव औय भाताजी शरीभती फर वकटरकषभी न भझ हभशा शरीवकटशजी की अदभत

कहारनमाॉ फतामी उनहोन भय भन भ इस सात ऩवितो क ईशवय क फाय भ जो रनषठा औय पमाय जतामा उसकी कोई

तरना नही जस जस हदन बफतत गम वस वस भया भन वकटशवय की ओय फढता ही गमा भयी जीवन का वो अतमॊत

भहततवऩणि बाग फन गम उनक पररत भय भन भ अनाकरनीम बकती बय गमी जफ तक भझ माद ह भ न कबी बगवान स कछ नही भाॉगा एक ऐसा साहस भय कलऩना को भजफत ककम जा यहा था की भय बगवान भय साय सखदख भ भय साथ ही होग आजकर दवऩजा भ बसकत कभ औय सवाथि जमादा हदखाई दता ह ऐहहक जीवन स जडी इचछाएॉ ऩयी कयन क लरमही ऩजा की जाती ह जो साप हदर स कोई वासना ना यखत हए बगवान का सभयण कयगा उस बगवान क हदवम दशिन का राब जरय होगा बगवान न भझऩय कऩा की ह उसक कछ परतम अनबव भ महाॉ फमान कयना चाहती हॉ शरीरनवास (सात ऩवितो क ईशवय वकटश वकटशवय फाराजी रतरभरश ऩरभलरा गोषव ॊद आहद नाभो स बी ऩरयचचत ह) भाता-षऩता सास-ससय फटा-फह फटी-दाभाद क साथ पमाय स यहनवार बकतो क घय जात ह शरी रकषभी (धन सॊऩतती की दवी) वहाॉ खशी स नाच उठती ह कोई तो इचछा यखना म आभ आदभी क लरम फडी नसचगिक फात ह जो इचछा दसयो को हानी ऩहॉचा सकती ह ऐसी इचछा ऩयी होन की चाह नही यखनी चाहहम हभशा अचछी काभनाओॊ को ही भन भ यखो बगवान शरीरनवास क भन भ अऩन बकतो क लरम कलऩनातीत परभ औय भभता ह हभ अऩना ऩया हदर रगाकय अहॊ को तमागकय रनसवाथॉ होकय बसकत स उनकी पराथिना कयनी चाहहम

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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भया रयशता - सात ऩववतो क ईशवय स

भय भाता षऩता शरी फर ऩलरा याव औय शरीभती फर वकटरकषभी दोनो की दवबसकत अवणिनीम ह उनहोन फाय

फाय रतरभरा जाकय नॊग ऩाॉव ऩवित चढकय शरी फाराजी क दशिन ककम ह भय षऩताजीन हभशा ऩय हदरस उनकी ऩजा की ह भया जनभ भय नाना शरी लस ॊगवयऩ अनॊत यभर औय नानी शरीभती कोहटयतनभ क घय खमभभ भ १९८० भ हआ सार २००० भ भ नौकयी की वजह स हिाफाद भ होसटर भ यहन रगी एक हदन सऩन भ भन दहदपमभान

परकाश दखा उसक तज भ फाकी कछ हदखामी नही द यहा था तफ भन एक आवाज सनी ldquoतमह शरी वकटशवय

सवाभी का वरत तयॊत कयना चाहहमrdquo जफ भन भयी आॉख खोरी तो आसऩास साया अॊधया था भ कपय स सो गमी सफह उठकय भ अभीय ऩट क भॊहदय चरी गमी औय ऩजायीजी स शरी वकटशवय सवाभी जी क वरत क फाय भ ऩछा व

इस वरतक फाय भ कछ नही जानत थ भन फहत स ऩजारयमो को ऩछा ऩय कोई बी इस वरत क फाय भ नही जानता था कछ हदन फाद भ सऩन क औय वरतक फाय भ बर गमी भ हय सार रतरभरा जाकयचरकय भॊहदय ऩहॉचकय अॊग परदकषणा (जभीन ऩय रट हए भॊहदय को परदकषणा ताकक शयीय का हय बाग जभीन को छए) कयती थी म भ बफलकर बी नही बरी ऩय वरत औय सऩन क फाय भ सफकछ बर गमी ऋषषकश क साथ २००२ भ भयी शादी हो गमी उसक साथ भ कॎ लरपोरनिमा अभरयका भ आ गमी २००३ भ हभायी ऩहरी फटी नहा का जनभ हआ २००५ भ जफ बायत की मातरा ऩय गम तो हभ रतरऩरत क दशिन क लरम रतरभरा गम भन अॊग परदकषणा कयन की सोची हभाया यहन का सथान भॊहदय स कापी दय था सफह जलदी उठकय भ ऩस

रकय वहाॉ स रनकरी सोचा टॎकसी रकय भ जलदी ऩहॉच जाउॉगी इतन भ एक घोडा गाडी आकय भय साभन रकी उसभस एक फजगि नीच उतय औय फोर ldquoभ तमह भॊहदय र चरता हॉ चरो भय गाडी भ फठोrdquo भय ऩास वकत नही था दस लभरनट भ भझ भॊहदय ऩहॉचना था भ चच ॊरतत थी कक भझ अॊगपरदकषणा कयन लभरगी मा नही भन उस फजगि स

कहा ldquoअगय भ आऩकी गाडी स जाउॉगी तो हभ वकत ऩय नही जा ऩामग औय भ अॊगपरदकषणा कय नही ऩाउॉगी इसलरम भ टॎकसी स जाउॉगी ताकक भ वकत ऩय ऩहॉच जाउॉrdquo उनहोन हॉसकय भझ वकत ऩय र जान की तसलरी दत

हए कहा ldquoतभ जरय अॊगपरदकषणा कयोगीrdquo उस वकत भ बफना कछ सोच गाडी भ जा फठी वो भझ भॊहदय र गम

औय एक अमभा क हाथ सौऩ हदमा उस अमभा का सतज भख भझ अबी बी माद ह उसक भखभॊडर ऩय हलदी रगी हई थी औय बार ऩय फडा कभकभ था नाक भ दो गहन औय फार भ पर थ फहत ही खफसयत रग यही थी जस कक साात दवी ऩदमावती उसन भया हाथ थाभा औय भझ वो ऩषकरयणी की तयप र गमी तीन फाय उसन भझ ऩानीभ डफककमाॉ रगामी औय भय चहय ऩय हलदी कभकभ रगाकय समि नभसकाय कयन क लरम कहा उसक फाद वो भझ धवज सतॊब स (साभन क दयवाज स) भॊहदय र गमी अॊगपरदकषणा क फाद शरी वकटशवय क खास दशिन बी कयवाम ऐस शब दशिन क लरम भ उसक आबाय भानना चाहती थी भन उसको आसऩास दखा रोगोको ऩछा ऩय कही नही लभरी भयी तो सझफझ ही खो फठी जहाॉ भझ गाडीवार फजगि न छोडा था वहाॉ जाकय भ न रोगो स ऩछताछ की कोई बी उस फजगि औय अमभा क फाय भ नही जानता था वहाॉक ऩजायी औय सबी रोगो न फतामा कक ककसी न महाॉ कोई बी घोडागाडी कबी दखी नही ह टॎकसी क लरम जो ऩस भ रकय चरी थी वो अबी बी भय हाथ भ थ आशचमि की फात म थी कक तीन फाय ऩानी भ जाकय बी वो चगर नही हए थ अफ भझ सफ कछ सभझ भ आमा वो फजगि जो भझ भॊहदय रक आए उनऩय भन ऩया षवशवासा ककमा वो कोई औय नही सवमॊ वकटशवय थ औय वो अमभा सजसन भझस समिदव की पराथिना कयवामी भॊहदय र

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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जाकय खास दशिन कयवाम वो कोई औय नही ऩय सवमॊ दवी ऩदमावती थी उनको ना ऩहचान न की भयी बर ऩय भ फहत ऩछतामी भ फहत खश बी हो गमी भझ अमभा क शबद माद आम ldquoभ तमह भय बगवान क जरय दशिन कयाउॉगीrdquo भय सभझ भ आमा कक म सायी फात उसी की रीरा थी भन वाऩस जाकय सफ को जो हआ वो फतामा भय ऩती दवय गणश उनकी ऩतनी लशवषपरमा औय फाकी साय रोग थ उनहोन बी सफको ऩछा सबी न फतामा कक रतरभरा भ घोडागाडी नही ह भझ नही ऩता कक ककसीन भयी फातो ऩय षवशवास ककमा मा नही ऩय भझ ऩया मककन ह कक वो शरी वकटशवय औय दवी ऩदमावती ही थ उसक फाद हभ कॎ लरपोरनिमा रौट २००५ की म रतरभरा की मातरा भय लरम अषवसभयणीम यही जो सऩना भ न २००० भ दखा था वो कपय स २०१० क भ भहहन भ भझ हदखाई हदमा वही तजसवी परकाश वही आवाज औय वही वरत कयन की सचना इस फाय वरत की सचनाक साथ वरत परचाय की सराह बी थी शरी फाराजी की अदभत रीराएॉ फताकय रोगो को म वरत कयन क लरम पररयत कयना ह उसन कहा ldquoतमहाया जनभ इस वरत की भहहभा आभ रोगो तक ऩहॉचान क लरम ही हआ हrdquo भ न बगवान स ऩछा ldquoभ अकरी ककसी क भदद क बफना इतना फडा कामि कस कय ऩाउॉगी भयी कौन सनगा औय कमो सनगा कोई भझ ऩय कमो षवशवास कयगाrdquo म भय परशन सनकय बगवान हॉस ऩड औय फोर ldquoतभ म वरत अऩन घय भ कयो तमह भागि हदखाई दगाrdquo इतना ही नही बगवान न भझ तयॊत इसका ऩसतक बी लरखन क लरम कहा भन भय ऩती ऋषषकश स सऩन क फायभ फतामा उनहोन भझऩय षवशवास ककमा औय बगवान न फतामी हय फात कयन क लरम तमाय बी हो गम हभन शरनवाय जन २६ २०१० को ऩरणिभा क हदन ऩहरी फाय शरी फाराजी वरत को सॊऩनन ककमा यषववाय जर २५ २०१० को ऩरणिभा क हदन दसयी फाय वरत सॊऩनन ककमा हभन १५ अरग अरग ऩदाथि औय परो का ldquoभहानवदमrdquo सभषऩित ककमा औय ऩजाघय का दयवाजा फॊद ककमा आध घॊट फाद जफ हभ ऩजाघय भ गम तफ जो दषम दखा वो कलऩनातीत था चावर का फडा रनवारा बगवान की पोटो ऩय रगा था शरनवाय सपटफय ४ २०१० को एकादशी (ऩषवतर हदन) क हदन हभन कपय एक फाय वरत सॊऩनन ककमा इस हदन बी हभन ldquoभहानवदमrdquo बगवान को अऩिण ककमा षऩछरी फाय की तयह ऩजाघय का दयवाजा फॊद कय हदमा जफ हभ ऩजाघय भ गम तफ दखा कक भहानवदम एक गोर भ एकबतरत कयक यखा था तयॊत भन सफको फराकय म आशचमिजनक फात हदखामी सफ रोग अचॊबफत हो गम म हदन भ कबी बर नही ऩाई हॉ फडा ही दवी अनबव था म जो शबदो भ फाॉधा नही जा सकता उस हदन स हभन बगवान की फहत सायी रीराएॉ हभाय घय भ होत हए दखी औय दख यह ह आज जानवायी २ २०११ ह आजतक हय योज हभ दवी अनबव र यह ह इस बाषाॊतय भ हभ वही साय चभतकाय लरखग जो हभाय तरग ऩसतक भ छऩ ह म साय चभतकाय सपटफय ५ २०१० स ऑकटोफय १० २०१० तक ही लसलभत ह सपटफय ५ २०१० सफह उठकय भन भया भॉह लशशभ दखा औय दखती ही यह गमी भय भख ऩय नाक स फारो तक नाभार (३ चॊदन की यखाएॉ) आ गमा था उस हदन भन जाना कक बगवान भय घय भ आकय फस गम ह हभन बगवान की ऩजा की औय कछ खयीदायी क लरम फाहय रनकर ऩड शाभ को घय रौट औय दखा तो आयती की थारी सजी हई थी हदमभ घी क साथ फाती तमाय थी जस कक हभ अबी

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बगवान की आयती कयनवार ह म कमा हो यहा था हभ कछ सभझ नही ऩा यह थ थोडासा डय बी रगा घय भ तो कोई नही था फाहय तारा रगा हआ था कौन अॊदय आमा ककसन की म सायी तमायी हभन हभाय भन को सभझामा कक म सायी उसी कलरमग क दवता शरीफाराजी की रीरा ह हभन रनसशचॊत होकय आयती की थोडी दय फाद भझ यसोईघय भ काभ कयत कयत अचछी खशफ आमी भ दौडत हए ऩजाघय गमी दखा कक चॊदन की अगयफतती जर यही ह कछ दय फाद भयी फटीन भझ फतामा कक हदम भ कपय स घी औय फाती आ गमी ह हभन बगवान आयती की जस भझ सऩनभ फतामा गमा था वस शरीभान नायामण सवमॊ हभाय घय भ आ गम ह हभायी खशी का कोई हठकाना नही यहा सपटफय ६ २०१० एक सफह हभ उठ तो बफसतय भ अताएॉ बफखयी थी फडी सावधानी स हभन वो सायी उठाकय एक ऩोटरी भ यख दी हय योज की तयह सनान कयक भ बगवान की ऩजा कय यही थी उनका नाभसभयण कय यही थी इतन भ बगवान की पोटो भ भझ दहदपमभान परकाश हदखाई हदमा उसक तज को सहन नही कय ऩामी औय भन आॉख फॊद कय री उसक फाद कमा हआ भझ कछ माद नही जफ भन आॉख खोरी तो दखा भय ऩती भझ जोय जोय स भया नाभ रकय जगान की कोलशश कय यह थ भझ रगा की भ शामद फहोश हो गमी थी उठकय जफ लशश भ दखा तो कपय स नाभार चहय ऩय आमा हआ था इस फाय भ भया भॉह दखकय डय गमी कमो कक नाभार क साथ उसऩय गहय रार यॊग का कभकभ बी आमा था कपय भय ऩती न भझ फतामा कक भझ भ बगवान आम थ भयी आवाज ऩरषो जसी हो गमी थी फाय फाय भन ऩती स ऩछा ldquoकमा सचभच ऐसा हआ भझ कछ माद कम नही आताrdquo उसी हदन दोऩहय भ १ फज हभ फाहय गम शाभ को ६ फज घय रौट हभन दखा घय भ फसततमाॉ जर यही ह ऩजा की थारी सजी हई ह हदम भ घी क साथ फाती बी यखी हई ह तीथि (दध भ चीनी लभराकय) बी तमाय ह सपटफय ७ २०१० आज बगवान की पोटो स हलदी आना शर हआ सफह की ऩजाक वकत पोटो क ऩास तो कोई हलदी नही यखी थी दोऩहय को १२३० फज भ भयी फटी क साथ सपाई कयन क लरम ऩजाघय गमी भयी फटी कहन रगी ldquoभाॉ बगवान की पोटो स हलदी आ यही हrdquo ऩहर भझ रगा घय भ जो हलदी ह वो वहाॉ आ यही होगी ऩय घय भ तो भ न इतनी हलदी राई नही थी यसोईघय भ भय डडबफ भ दखा तो हलदी ऩय ॐ औय सवससतक क रनशान थ भन तयॊत ऩती को हदखाम उसन रनशानो क पोटो रखॊच जो हलदी बगवान क पोटो ऩय आ यही थी उस अरगसी भनबावन खशफ थी भया घय उस अदभत खशफ स बय गमा उस हदन घय आम भहभानो को बी खशफ आमी शाभ को योज की तयह आयती की थारी सजी हई थी हदमभ घी क साथ फाती तमाय थी सपटफय ८ २०१० आज बगवान की पोटोस औय अचधक हलदी आमी दध भ शहद लभराकय चाॊदी का फाऊर बी तमाय था जफ स म साय चभतकाय घय भ होन रग तफस हभ हदन भ तीन फाय नवदम अऩिण कयन रग नवदम स ऩहर हभायी फटी नहा बी खाना नही खान रगी सपटफय ९ २०१० आज बगवान क पोटो स ढय सायी हलदी आमी बगवान क भखभॊडर तक ऩहॉच गमी उसऩय नयलसॊह सवाभी क रनशान बी थ आज बगवान न हभ नयलसॊह सवाभी क रऩ भ दशिन हदम हभन आज कछ रोगो को फरामा था उनभ स ककसी को रनशान भ शरी वकटशवय हदखाई हदम ककसी को

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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बगवान कषण ककसी को नयलसॊह सवाभी तो ककसी को ॐ काय हदखाई हदमा जो सजस रऩ को ऩजत थ वस उनको दशिन हआ इसी हदन भझ औय एक अदभत घटना दखन लभरी जो रोग हभाय घय आम हए थ उनह बी म हदखाई हदमा अ फ तक पोटोस हलदी आना हदम भ घी क साथ फाती आना आयती की थारी सजना ऐसी बगवान की रीराएॉ हभन दखी अबी जो भ फतान जा यही हॉ वो भन को शाॊरत दनवारी घटना ह आम हए सबी रोगो को षवससभत कय गमी आज भय ऩती भझ स ऩहर उठ औय भया चहया दखकय घफया गम जलदी स भझ उठामा ऩछन रग ldquoतभन म चहय

ऩय कमा रगामा हrdquo भन उठकय लशश भ दखा ऩय चहय ऩय हलदी का रऩ रगा हआ था भाथ ऩय एक रऩम क

लसकक क सजतना फडा कभकभ था वो कभकभ धीय धीय फढ यहा था इस फात न भझ बी सोच भ डार हदमा भझ

कमा हो यहा ह शाभ को हभाय कछ लभतर उनक ऩरयवाय क साथ बजन कयन क लरम घय आ गम जफ व बजन गा यह थ भ न अऩनी आॉख फॊद कय री आॉखो क साभन शरी ऩदमावती क साथ शरी वकटशवय थ म दखकय भ सफह भय चहय ऩय आम हए हलदी कभकभ का भहततव जान गमी उस हलदी औय कभकभ न भझ हदवम दशिन सहन की शकती दी थी आभ रोगो भ म शकती नही होती ह बगवान औय दवी भाॉ को भझ इस अरग शकती का वयदान ऩहर दना ऩडा उस ऩाकय भ उनक दहदपमभान रऩ को दख सकॉ म हभाया सफस फडा सौबागम ह

इसी हदन हभन चीनी दध भ लभराकय उसका नवदम अऩिण ककमा सफक साभन चीनी का शहद फन गमा आम हए सबी रोग म चभतकाय दखकय फहत खश हए औय अऩन आऩ को खशनसीफ भानकय घय रौट सपटफय १० २०१० योज की तयह आज बी भ सनान कयक ऩजाघय भ गमी बगवान की तसवीय क साभन जभी हई

हलदी न गणशजी का आकाय लरमा था आज बी कभय क साय हदम जराम हए थ आयती की थारी सजी हई थी हदम भ घी क साथ फाती बी यखी हई थी ऩजा की सायी तमायी हो चकी थी बगवान न गणशजी क रऩ भ दशिन

हदमा उस हदन आम हए रोगोन आशचमि स कहा ldquoषवनामक चतथॉ क ऩहर ही षवनामक आऩक घय आमrdquo बगवान की रीरा अगाध ह इन रीराओॊ को सभटन क लरम सहसतर नमन बी कभ ह

सपटफय ११ २०१० आज बी घय भ योशनी थी आयती की थारी सजी हई थी हदम भ घी क साथ फाती थी भ जफ उठी तो चहय ऩय कपय स हलदी कभकभ रगा था म दखकय भ फहत खश हई रगा आज कपय स भझ हदवम दशिन होगा बगवान को रनमफ-चावर औय दही-चावर का नवदम अऩिण ककमा कछ दय फाद जफ ऩजा घय भ रौट तो दोनो चावर का लभशरण हआ था मही हभाया बोजन था आज हभाय महाॉ थोड रोग आम हए थ उनभ स एक शरीभतीजी को इन चभतकायो ऩय षवशवास नही था व फोरी ldquoबगवान तो लसपि ऩतथय की भतॉ ह उस हभ अऩनी इचछाएॉ ऩयी कयनक लरम कहत ह म तो तमहायी कवर कलऩना ह कक बगवान तमहाय घय भ आम हrdquo कपय उसन भझ एक घॊट भ सौ सवार ऩछ औय भ न फड धीयज क साथ उन साय सवारो क जवाफ हदम उसन थोड पर राम थ वो भ न बगवान

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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क साभन यख हदम परसाद रकय व चरी गमी इसक फाद औय कछ रोग आम हभ इनह थोड सारो स जानत थ भ सभझी म रोग चभतकयो को लसपि जाॉचन आम ह कछ सभम बफताकय व परसाद लरम बफना ही चर गम उस शाभ भय ऩती फटी क साथ हभाय दोसतो क महाॉ खान ऩय गम थ भ फचनी स हदवम दशिन की याह दख यही थी इतन भ जो शरीभती हभाय घय आकय परसाद लरम बफना चरी गमी थी उनका भझ पोन आमा व फोरी ldquoफाराजी औय ऩदमा नाभ क एक शरीभान-शरीभतीजी आऩ क घय आना चाहत ह भन उनको आऩ क घय का ऩता औय पोन हदमा ह अगय उनह घय ढॉढन ऩय हदककत आमी तो व आऩको पोन कयगrdquo भन हाॉ बयी अबी बी भ बगवान क हदवम दशिन की आतयता स याह दख यही थी तबी फाराजी औय ऩदमा भय घय ऩय आम भ न उनका सवागत ककमा उनको ऩजाघय र गमी उनहोन बगवान को दखा कहा ldquoतभ फहत खशनसीफ हो बगवान की तभ ऩय ऩयी कऩा हrdquo भन हदमा हआ परसाद बावऩणि भन स उनहोन सवीकाय ककमा कछ दय रककय कपय स ककसी हदन आन का वचन दकय चर गम उनक जान क फाद कपय स भय सौबागम स भझ हदवम दशिन का राब हआ तफ तक भय ऩती घय रौट भ न उनको फाराजी औय ऩदमा क फाय भ सफ कछ फतामा म बी फतामा कक जो शरीभती जी परसाद लरम बफना ही चरी गमी थी उसीन उनह महाॉ बजा था भय ऩती ऩछन रग ldquoजो सवमॊ इन चभतकायो ऩय षवशवास ना यखतीहो व कस ककसी को हभाय घय बज सकती हrdquo जफ भय ऩती न म फात नही उठामी तफ तक भय भन भ म आशॊका आमी नही थी अफ भय भन भ एक सवार उठा भझ हदवम दशिन फाराजी औय ऩदमा आन स ऩहर कमॉ नही हआ भझ इसका जवाफ जानना जरयी रगा हभन उस शरीभती जी को पोन कयक फाराजी औय ऩदमा क फाय भ ऩछ उसन लसधा इॊकाय ककमा उसन ककसीको बी हभाय घय नही बजा था पोन बी नही ककमा था उसक दय दय तक क रयशतदायो भ ऐस नाभ का कोई नही था अफ भ सभझी व औय कोई नही फसलक सवमॊ बगवान ही थ सजनह भ ऩहचान नही सकी भ फहत रनयाश हो गमी उनह ना ऩहचानन की बर भ ऩहर (२००५ की रतरभरा की मातरा भ लभर हए फजगि शरीभान-शरीभती) बी कय चकी थी आज कपय वोही गरती भ न दोहयामी थी साशरऩणि नमनो स भ न बगवान स ऩछा कक म कसी ऩयीा ह यात क ११ फज हभन ऩजाघय का दयवाजा फॊद ककमा औय फाहय कभय भ टीवी दखन रग नीॊद आन ऩय सोन स ऩहर एक फाय बगवान का दशिन रन हभ ऩजाघय भ गम ११३० फज चक थ ऩजाघय भ शरी फाराजी औय ऩदमावती क भतॉ स शहद फह यहा था फडा कलऩनातीत दशम था भय ऩती तो अचॊबफत ही हो गम हभन तयॊत उसक पोटो औय कपलभ र री दवय दवयानी को सकाईऩ (इॊटयनट) ऩय आन क लरम कहा उनहोन म अदभत चभतकाय वफ कॎ भय स दखा उनकी खशी का तो हठकाना ही नही यहा औय एक फात भ न दखी जो पर षवशवास ना यखनवारी शरीभतीजी न राम थ सजनहोन भझ हय तयह क सवार ऩछ थ वो दसय कोनभ उछार हए थ म दखकय हभन तम ककमा कक जो बगवान ऩय षवशवास यखत हो उनहीक पर बगवान को चढामग हय हदन अषवसभयणीम माद औय अदभत अनबव ऩीछ छोड क जा यहा था

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सपटफय १२ २०१० आज हलदी क ऊऩय कभकभ आन रगा शहद बी फह यहा था हभन नवदम अऩिण ककमा कछ दय फाद दखत ह तो कमा आज बगवान न नवदम गरहण नही ककमा था शाभ को हभन बन हए हटॊडोया चावर क साथ लभराकय उसका नवदम ककमा थोडी दय फाद जफ ऩजाघयभ गम तो दखा उस चावर औय हटॊडोया का फडा सा रडड फना क यखा था हभन वो साय आम हए बकतो भ फाॉट हदमा सपटफय १३ २०१० आज सफह हभन बगवान को काज-फदाभ-ककशलभश का नवदम अऩिण ककमा बगवानन आध खाम औय आध हभाय लरम यख आज बी आयती की थारी सजी हई थी हदम भ घी क साथ फाती यखी थी भ भयी फटी को सकर छोडकय घय आमी भय ऩती स पोन ऩय फात कयत कयत भ यसोईघय भ खाना फना यही थी उतन भ भझ ऩामर की आवाज सनाई दी तयॊत भ न ऩती को पोन ऩय म फात फतामी औय ऩछा कक अगय उस वो सनाई द यही ह मा नही ऩय उस पोन ऩय वो आवाज नही सनाई दी भ न सवहडडओ कपलभ री औय सकाईऩ ऩय दवय दवयानी को हदखाई तफ उनको औय भय ऩती को वो आवाज सनाई दी तफ तक भ सोच यही थी कक वो आवाज सनाई दना कमा भय भन का खर था अफ भ फहत खश हई कक भय भन का खर नही था भन सचभच दवी क नतमकी आवाज सनी थी भयी फटीन औय भन वो ऩामर की भीठी आवाज कपय स सनी रगबग ५ लभरनट वो चर यही थी ऐस रग यहा था जस दवी भाॉ ऩामर ऩहनकय घय भ चर यही ह उस यात भय ऩती को बी म दवी आवाज सनन का बागम लभरा सपटफय १४ २०१० शहद अबी बी फह यहा ह हभन वो उस हदन घय आम हए दोसतो को भहभानो को औय बकतो को तीथि क रऩ भ हदमा सपटफय १५ २०१० आज कभकभ जमादा ऩभान भ आमा हआ हदखाई हदमा शहद सजस फाऊर भ सॊचचत हो यहा था वो ऩया बय गमा औय हभ दसया यखना ऩडा सपटफय १६ २०१० हभन आज नवदम भ सफ यखा जफ वाऩस आकय ऩजा घय भ गम तो दखा बगवान न सफ का एक बाग खामा था सपटफय १८ २०१० आज हलदी औय कभकभ भ बगवान की पोटो जो ऩयी ढक गमी वो थोडी कभ हई थी उसस बगवान का भख औय भकट हदखाई दन रगा ऩहर स वो कई जमादा तजसवी हदख यहा था हभन वो हलदी कभकभ घय आम हए बकतो भ फाॉटना शर ककमा सवाभीजी औय दवी भाॉ क भरत िओॊस फहनवारी शहद तो थभन का नाभ ही नही र यही थी फीच भ १० लभरनट फडी तज धाया स फहा दोऩहय भ हभन दार-चावर की रखचडी नवदम भ यखी फाहक कभय भ जाकय टीवी दखत १५ लभरनट हए ही थ तफ वही रखचडी का भय भॉह भ छोटा रनवारा आमा अॊदय जाकय दखा तो बगवान भ बी रखचडी खामी थी (हभाय वफ साईट ऩय सपटफय १८ २०१० की पोटो भ आऩ म दख सकत ह) सपटफय १९ २०१० आज जो सफ नवदम भ यखा था उसका एक टकडा बगवान क खामा औय दसया भझ रखरामा जो भझ रखरामा वो भयी भॉह भ आमा भ उसा वकत यसोईघय भ काभ कय यही थी तयॊत

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भन भय ऩती को म फात फताई उसन झट स ऩजाघय भ जाकय दखा कक सफ स दो टकड चफाम हए हदख यह थ शाभ को परो का यस नवदम भ यखा थोडी दय फाद दखा तो फाऊरभ थोडासा यस ही फचा था इसस म साप हो यहा था कक बगवान न हभाया नवदम सवीकाय ककमा था फच हए यस को हभन परसाद सभझकय बकतीबाव स षऩमा शहद का फहना आज बी अखॊडडत ह सपटफय २० २०१० आज हभन चावर औय बन हए हटॊडोया नवदम भ यख कछ दय फाद जफ ऩजाघय गम तो चावर औय हटॊडोया लभराक उसक चाय रडड फनाकय थारी भ यख थ शाभ को योटी क साथ चन का नवदम ककमा इसका बी बगवान न फड पमायस सवीकाय ककमा फची हई योटी औय चन हभन खाम हय हदन बगवान हभ उसकी रीराएॉ हदखा यह ह शहद का फहना अबी बी जायी ह सपटफय २१ २०१० आज हभन चावर औय दार-ऩारक की सबजी का नवदम अऩिण ककमा कछ दय फाद जफ दखा तो सबजी चावर भ लभरी हई थी थोड चावर बगवान न खाम थ आयती की थारी भ हदमा था उसभ घी क साथ फाती बी थी दधभ शहद लभराकय चाॊदी का फाऊर बी तमाय था इन साय अदभत चभतकायो स बगवान कलरमग भ अऩना अससतततव भनषम को हदखा यह ह फड सौबागम की फात ह कक उसक लरम उनहोन हभाया घय चना सपटफय २२ २०१० आज दार फराम औय चावर नवदम भ थ कछ दय फाद हभ ऩजाघय भ गम तो दार औय चावर लभर हए थ उसभ स थोडा हहससा बगवान न खामा था शाभ को हभन अॊगय बगवान क साभन यख हभ बोजन र यह थ तो एकदभ स कछ अॊगय भय भॉह भ आम ऩजाघय भ जाकय दखा तो वहाॉ लसपि दो ही अॊगय फच थ सपटफय २३ २०१० आज बी हभन अॊगय का नवदम बगवान को अऩिण ककमा उनभ स कपय भय भॉह भ अॊगय आम भय ऩती क दोसत हभाय घय आम थ उनक आन स कछ दय ऩहर शहद की धाया फडी हो गमी थी जफ भय ऩती शहद की कपलभ र यह थ उनहोन दखा आयती की थारी भ जरी हई फाती कपय स जरन रगी उसका परकाश बी जमादा तजसवी था म अकसलऩत दषम हदखान क लरम उनहोन तयॊत भझ औय फाकी सफ को ऩजाघय भ फरामा ऐस अदभत रीराओॊ को दखकय दोसतरोग बी अऩना सौबागम सभझकय खश हए सपटफय २४ २०१० आज सफह औय दोऩहय भ जो बी नवदम यखा था उस बगवान न नही खामा शाभ को हभन ककशलभश यख औय फाहय गम रगबग हभ घय स ५ ककरोभीटय की दयी ऩय थ अचानक स भय भॉह भ ककशलभश आम अफ तक तो सफ चभतकाय घय भ हो यह थ ऩहरी फाय घय क फाहय हभ म अनबव आमा भ तो खशी स नाच उठी सपटफय २५ २०१० आज भ जफ ऩजाघय भ गमी तो आयती की थारी सजी हई थी हदमभ घी क साथ फाती रग चकी थी दध भ शहद लभराकय तीथि बी तमाय था हभ सफन लभरकय ऩजा की सपटफय ४ को भन चॊदन की ऩावडय भ ऩानी डारकय गॊध फनामा था आज तक वो सखा नही ह जस ही ऩजा

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खतभ हई भन दखा कक भय भाथ ऩय हटका रगा हआ था वो कभकभ नही था वो गॊध था भयी गदिन ऩय उसी गॊध स नाभार आमा था इसक फाद भय ऩती हभायी फटीक साथ फाहय क कभय भ खर यह थ औय भ यसोईघय भ काभ कय यही थी अचानक स ऩजाघयभ तीन चॊदन की अगयफसततमाॉ जरन रगी उसकी खशफ स साया घय कछ ही लभरनटोभ भहक उठा ससबजमाॉ लभराम हए चावर आज नवदम भ थ बगवान न म नवदम खा लरमा उसी हदन शाभ को आयती की थारी सजी थी हदम भ घी क साथ फाती थी ऩजा की सायी तमायी थी हभन कार अॊगय का नवदम अऩिण ककमा ऩय बगवान न नही खामा सपटफय २६ २०१० आज सफह औय दोऩहय का नवदम बगवान न नही सवीकाया शाभ को कछ पर बगवान क साभन यख उनस पर खान क लरम पराथिना की औय घय स फाहय रनकर घय स ४-५ ककरोभीटय दय गम नही तफ भय भॉह भ अॊगय आम घय जाकय दखा तो नवदम क परो भ स अॊगय कभ हए थ सपटफय २७ २०१० आज हभन बगवान को कछ सफ अऩिण ककम बगवान न एक टकडा खामा औय एक भय भॉह भ एक आमा शाभ को हभन कछ कर यख एक ततीमाॊश करा भय गर स फाहय आमा इस कर को कही बी दाॉत नही रग थ वसा ही था जस हभ रछरक स रनकारत ह ऩजाघयभ जाकय दखातो एक ततीमाॊश करा वहाॉ नही था फच हए कर क फाम फाज भ एक शहद का फॉद था षऩछर तीन हफत स बगवान की भतॉ स शहद का फहना रगाताय चर यहा ह ऑकटोफय १० २०१० आज हभन बगवान क साभन सफ यखा उसक फाद भ यसोईघय भ खाना ऩकान भ वमसत हो गमी अचानक स ऩजाघय स भझ भीठी भहक आन रगी अॊदय जाकय हभन जो दखा उसऩय षवशवास यखना कठीन था सऩन भ बी हभ म फात नही सोचत सफ तो वस का वस था ऩय उसक फाज भ रतरऩती का रडड था हभन रतरऩती का रडड ऩहर कई फाय खामा ह ऩय इतना गभि रडड ऩहर कबी नही खामा था हभायी ऊॊ गलरमो ऩय रगा हआ घी साप साप नजय आ यहा था रचच की फात तो ऩरछए भत

भय जसी साभानम घयर औयत क लरम म ऩसतक ldquoशरी फाराजी की रीराएॉrdquo लरखना कोई आसान फात नही थी कलरमग क दवता शरीवकटशवय औय दवी ऩदमावती की आलशवािद स ही सॊबव हो ऩामा ह भय ऩती ऋषषकश न म ऩसतक लरखन क लरम परोतसाहहत ककमा सवमॊ उनहोन इस ऩसतक का इॊसगरश भ अनवाद ककमा भ भयी फटी नहा का बी धनमवाद कयना चाहती हॉ शरी वकटशवय वरत क रखक शरी रतमभयाज षवशवऩरत याभकषण भरत ि क भनऩविक आबाय भानती हॉ भ बगवान स मही पराथिना कयना चाहती हॉ कक सजन सजन रोगो न म ऩसतक फनान भ भयी सहामता की भयी फात धमान स सनी उनऩय आऩकी कऩा फनी यह भयी सरदम सहदचछा ह जो कोई म वरत बसकत स सॊऩनन कयगा उस बगवान की कऩा का राब जरय होगा

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रलरता ऋषषकश

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शरी वकटशवय भॊतर

कलरमग क दवता सवमॊ शरी वकटशवयन वदो भ स कछ भॊतर भझ फताम ह उनभ स म भॊतर हय योज ऩजा क वकत

ऩढन स सचची बसकत ऩान क लरम भदद कयगा

भयारयसवक जयाहदऩीडडत रनयाचथिजीवन रनयाश बसय

वयारतसनदय सयाॊगनायरत कयाॊगसौषठव कभायताकरत

कभाय तायक सभाऩनोदम तननऩातक भहाऩदाभम

षवहाऩनोहदत सकरबवन षवहदत कभायधायालबधान तीथािहदसषटतसम

धयणीतर गत सकर हतकलरर सबासलरर गतफहर

षवषवधभर अरतचतय रचचयतय षवरोकनभातर षवदलरत

षवषवधभहाऩातक सवाभीऩषकरयरण सभतसम

जो बकत इस भॊतर का हय योज ऩठन कयगा वो आयोगमऩणि औय सभदध जीवन वमरतत कयगा

रलरता ऋषषकश

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कलमाण वकटशवय सवाभी

ऩजा की साभगरी ६ नारयमर ndash १ करश क लरम औय ५ ऩाॉच अधमामो क लरम

१ वसतरभ (रई का फना हआ हाय) १ करश १ नम परन कऩड का टकडा (रगबग एक भीटय)

हलदी औय कभकभ अता अगयफतती कऩिय (आयती क लरम)

बफड क ऩान मा आभ क ऩतत ( ३ ndash ५ करश क लरम २ षवनामक की ऩजा क लरम)

पर तरसी ऩॊचाभत (दध दही घी भध औय चीनी ) गणश क नवदम क लरम छोटा गड का टकडा वरत क नवदम क लरम गहॉ का यवा घी षऩसी हई चीनी करा षऩसी हई इरामची यवा घी भ बनकय ठॊडा होनऩय उसभ कर क टकड चीनी औय इरामची डार म यवा दध मा ऩानी भ नही ऩकामा जाता

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वरत की षवधी शरी रतमभयाज षवशवऩरत याभकषण भतॉ दवाया

कलरमग भ शरी फाराजी की कऩा ऩान क लरम इस वरत को सॊऩनन कयना अतमॊत आसान ह इस वरत को सॊऩनन

कयन क तयॊत फाद सबी कषट दय हो जात ह इस वरत की षवधी अतमॊत सयर ह सजस भझ वकॊ ठवासी नायामण जी न

सवमॊ फतामी ह कोई बी वमसकत कही बी कबी बी इस वरतको सॊऩनन कय सकता ह आचथिक कहठनाईमाॉ हो मा सवासम सॊफॊधी कोई सभसमा हो भन अशाॊत हो मा अनम कोई बी कायण हो इस वरत क सॊऩनन स ही कषट दय हो जात ह महद आऩन अऩन घय भ कोई शब कामि कयन का रनशचम ककमा हो तफ बी इस वरत को सॊऩनन कय सकत

ह नौकयी औय वमाऩाय भ उननरत क लरम बी वरत सॊऩनन कयन स तयॊत पर की परासपत होती ह

इस वरत को सॊऩनन कयन क दो षवधान ह

परथभ षवधान

इस वरत को ऩहर फताम अनसाय ककसी बी सभम सॊऩनन कय सकत ह भखम रऩ स भागिशीषि भाघ कारत िक भहहनो भ ऩरणिभा ऩॊचभी सपतभी एकादशी रतचथमो भ शरवण सवातीनतरो भ इस सॊऩनन कयना अचछा होता ह सवय हो मा शाभ इस वरतको सॊऩनन कय सकत ह

इस वरत भ ऩाॉच अधमाम ह ऩहरा अधमाम साात शरी फाराजी की कऩा स लरखा गमा ह अनम चाय अधमाम भहा तऩसवी शरी षवशवालभतर वलसषठ बयदवाज औय अबतर भहाभरनमो क दवाया फतामा गमा ह अऩन सवगह भ हो मा रनवास सथान भ बगवान का भॊहदय हो मा अनम कोई बी ऩषवतर सथान नदी तट ऩय बी इस सॊऩनन कय सकत ह

महद सॊबव हो सक तो अऩन फॊध-लभतरो क साथ इस सॊऩनन कय सफस ऩहर सजस जगह ऩय आऩ कयना चाहत ह उस

साप कय उसक फाद भॊडऩ तमाय कयक उसभ शरी फाराजी की तसवीय यख शरीदवी बदवी क साथ फाराजी की तसवीय को यखना शरषठ होगा तसवीय क साथ एक रऩम का लसकका यख उसक फाद करश की सथाऩना कय

सविपरथभ हलदी स फन क गणश की ऩजा कयनी चाहहम ताकक वरत बफना ककसी षवघन क सॊऩनन हो सक फाद भ वरत

कथा क ऩाॉच अधमाम ऩढ सवमॊ बगवान कहत ह कक जो वमसकत रनषठा औय बसकतस इस सॊऩनन कयता ह वहाॉ बगवान सवमॊ ककसी ना ककसी रऩ भ आकय परसाद सवीकाय कयत ह

दषवतीम षवधान

साात बगवान न एक औय भखम फात म बी फताई ह कक महद ककसी कायण कोई सभसमा हो औय वरत कयन क लरम

सभम न लभर मा ककसी कायणवश सॊबव न हो यहा हो तो अकर फठकय बी इस वरत को सॊऩनन ककमा जा सकता ह

शरी फाराजी क भॊडऩ क साभन फठकय सफस ऩहर गणश जी की पराथिना भन ही भन कय कपय अषट हदकऩारको नवगरह दवताओॊ का भन ही भन नभन कय तरसी दर नारयमर उऩरबध पर-पर थारी भ यख फाराजी को सभयण कयत हए वरत कथा का भन ही भन ऩठन कय नारयमर बगवान को अषऩित कय इस परसाद क रऩ भ सवीकाय

कयन स सबी कषट तयॊत दय हो जात ह हय कथा क अॊत भ नारयमर सभषऩित कय भहापरसाद क रऩ भ गहॉ का यवा

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(दलरमा) चीनी डारकय हरवा जस फनाम उसक ऊऩय करा बी यख हय कथा क अॊत भ गोषव ॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

तीन फाय कह कय पराथिना कय

फाराजी को तरसी दर अरत षपरम ह इसी लरम ऩजाभ तरसी दरो को यखना शरषठ होगावरत सॊऩनन होन क फाद

तरसी दरो को परसाद क रऩ भ सवीकाय कयन स योगरनवायण होन क साथ साथ अषट ऐशवमो की परासपत होती ह वरत की सभासपत ऩय नारयमर सभषऩित कयक उनक टकड फनाकय परसाद क रऩ भ बगवान को सभषऩित कयन स वहाॉ उऩससथत सबी रोगो को दकय कपय उस सवीकाय कयन स ऩणम परापत होता ह इस वरत को षवधीऩविक करश सथाऩना क साथ षवसताय स सॊऩनन कय अगय सॊबव न हो तो ऊऩय फताम दषवतीम षवधान क अनसाय बी कय सकत ह एक फात हभ सबी को माद यखनी चाहहम हभायी जो बी सभसमाएॉ ह व सजतना बगवान जानत ह औय कोई नही जान सकता ह इसीलरम उस करणाभम की पराथिना कय सॊकलऩ कय वरत सॊऩनन कयन स भनोकाभना रनसशचत ही ऩयी हो जाती ह सबी कषट दय होकय अषट ऐशवमो की परासपत होती ह

सभसत सनभॊगरारनबवॊत शरी रकषभी शरीरनवास कटा लसषदधयसत

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शरी वकटशवय वरत कथा शरीगणऩती धमानभ

वकरतणड भहाकाम कोहटसमिसभपरब रनषविघनभ करभ दव सविकामष सविदा शकरामफयधयभ शलशवणिभ चतबिजभ परसनन वदनभ धमामत सविषवघनोऩशाॊतम

तदव रगनभ सहदनभ तदव तायाफरभ चॊिफरभ तदव षवदमाफरभ दवफरभ तदव रीऩत तरिमगभ सभयालभ

आचभनभ

ॐ कशवाम सवाहा ॐ नायामणाम सवाहा ॐ भाधवाम सवाहा

ॐ गोषवॊदाम नभ ॐ षवषणव नभ ॐ भधसदनाम नभ ॐ बतरषवकरभाम नभ ॐ वाभनाम नभ ॐ शरीधयाम नभ

ॐ रषषकशाम नभ ॐ ऩदमानाबाम नभ ॐ दाभोदयाम नभ

ॐ सॊकषिणाम नभ ॐ वासदवाम नभ ॐ परदममनाम नभ ॐ अरनरधदाम नभ ॐ ऩरषोततभाम नभ ॐ अधोजाम नभ

ॐ नयलसॊहाम नभ ॐ अचमताम नभ ॐ जनादिनाम नभ ॐ उऩिाम नभ ॐ हयम नभ ॐ शरीकषणाम नभ

बतोचचाटनभ

उसततषटॊत बतषऩशाचचा एत बलभबायका ऐतशाभषवयोधन बरहभकभि सभायब

पराणामाभभ

ॐ ब ॐ बव ॐ सव ॐ भह ॐ जन ॐ तऩ ॐ सतमभ ॐ ततसषवतय-वयणमभ बगो दवसम धीभहह चधमो य़ो न परचोदमात ॐ आऩो-जमोरत-यसोवतभ बरहभ बबिवससवयोभ

भभ उऩातत दरयतामदवाया शरी ऩयभशवय परीतमथिभ शब शोबन भहत शरी भहाषवषणो आगनमा परवत भानसम आदमबरहभण दषवतीम ऩयाथ शवत वयाहकलऩ ववसवत भनवनतय कलरमग परथभऩाद जमफदवीऩ बयतवष बायत खनड भयो दकषण हदगबाग शरीशरसम hellip(जहाॉ ऩजा कय यह ह उस गाॉव का नाभ)परदशाम कषणा गोदावयी भधमबाग सव-शोबन गह सभसत दवता बराहभण हरयहय ससननधौ अससभन वतिभान वमवहारयक चानिभानन सवससतशरी परबवाहद नाभ सॊवतसय भधम सॊवतसय अमन ऋतौ (आज का भहहना)भासाम (शकर मा कषण)ऩाम (आज की रतथी)रतथौ (आज का हदन)वासय शबनतर शबमोग शबकयण एवॊ गण षवशषण षवलशषटामाभ

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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शबरतथौ शरीभान(अऩना औय ऩरयवाय क सबी सदसमो क नाभ) गोतर (अऩना गोतर) नाभधम धभिऩतनी सभतसम असभाकभ सहकटॊफानाभ भ सथमि धमि षवजम आमय-आयोगम

ऐशवमि-अलबवधमथिभ धभािथि काभभो चतषविध ऩरषाथि पर लसदधमथिभ भभोऩातत दरयताम दवाया शरी ऩयभशवय परीतमथिभ शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरी वकटशवय दवता भडडडषम शरी वकटशवय वरतकलऩ करयषम िव सॊबवरदभ ऩदाथ सॊबवता रनमभन मावचचसकत धमाना वाहनाहद षोडषोऩचाय ऩजाभ करयषम (ऩानी को हाथ रगाम)

तदॊग करशायाधनभ करयषम (सवाभीजी की दामीॊ ओय करश यख उसभ गॊधभ ऩषऩभ कॊ कभ औय अता डार कपय आग लरख हए शरोक ऩढ) शरोकॊ करशसम भख षवषण काॊत रि सभाचशरता भर ततर ससथतो बरहभा भधम भातगणाचशरत कौत सागया सव सपतदवीऩ वसॊधया ऋगवदोत मजवद साभवदोहमथविणा अॊगशच सहहता सव करशाॊफ सभाचशरता करश गॊधऩषऩाताभ रनकषपतम हसतनचचादम आऩो वा इदभ सव षवशवबतानमाऩ पराणवा आऩा ऩशव आऩोननाभाऩोभता भाऩा समरादऩो षवयाडाऩा सवयाडाऩशचॊडाभ समाऩो जमोरतभ शमाऩो मजोभशमाऩ ससतमाभाऩ सवाि दवता आऩोबबिवसव याऩ ॐ (करश भ ऩानी बय औय उसभ तरसी क ऩतत डार) शरोकॊ गॊग च मभन च कषण गोदावयी सयसवरत नभिद लसॊध कावमो जरससभन ससननचधभ कर कावयी तॊगबिा च कषणवणी च गौतभी करशोदकन दवातभानभ ऩजािवमारन च समपरोकषमा (करश भ एक पर डफोकय उसस सवाभीजी ऩय ऩजा की साभगरी ऩय औय आऩ ऩय ऩानी रछडक )

शरी गणऩती पराथवना शकराॊफयधयभ षवषणभ शलशवणिभ चतबिजभ परसननवदनभ धमामत सविषवघनोऩशाॊतमत

आदौ रनषविघनन वरत ऩरयसभापतभ गणऩती ऩजाभ करयषम

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अथ गणऩती ऩजा ॐ गणानाभ तवागणऩतीभ हवाभह कषवॊ कवीनाभऩा भसशरवसतवभ जमषठयाजभ बरहभणाभ बरहभणसऩत आनशशरणमनततलब सीदसाधनभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ धमामालभ धमानभ सभऩिमालभ

आवाहमालभ यतनलसॊहासनभ सभऩवमालभ ऩादमौ ऩादमभ सभऩवमालभ

हसतौ अरघमवभ सभऩवमालभ भख आचभनीमभ सभऩवमालभ

आऩोहहषटाॊमोबवसतान ऊजधदातन भहयणाम चस मो वत लशवत भोयससतसम बाजमतहन उषतीरयना भातय तसभायभ गभाभवो मसमामाम जजॊधव आऩोजनमाधाचन

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash शदधोदक सनानॊ सभऩिमालभ

सनानाॊतयभ शदध आचभनभ सभऩिमालभ

अलबवसतरात वसनानमाय शलबदनतस दघा ऩजभान अलबचॊदरा बताव व नो हहयणमाभमशवनयततनोदव सोभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash वसतरमगभभ सभऩिमालभ

मऻोऩवीतभ ऩयभॊ ऩषवतरभ परजाऩत मत सहजभ ऩयसतात आमषमॊगरमभ परततभचच शभरॊ मऻोऩवीतभ फरभसत तज

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash मऻोऩवीतभ सभऩिमालभ

गॊधदवायाभ दयाधषावभ तनतमऩषटान करयषषणीभ

ईशवयीभ सववबतानाभ ता लभहोऩवहम शरशरमभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash हदवम शरी चॊदनॊ सभऩिमालभ

आमन त ऩयामण दवाव योहॊत ऩजषऩणी हदाशच ऩॊडयीकाणण सभदरसम गहा इभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash दवािहद नानाषवध ऩषऩारण सभऩिमालभ

अथ शरी षोडषनाभ ऩजा ॐ सभखाम नभ

ॐ एकदॊताम नभ

ॐ कषऩराम नभ

ॐ गजकरणिकाम नभ

ॐ रमफोदयाम नभ

ॐ षवकटाम नभ

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ॐ षवघनयाजम नभ

ॐ गजाचधऩतम नभ

ॐ धभकतव नभ

ॐ गणाचधाम नभ

ॐ पारचॊिाम नभ

ॐ गजाननाम नभ

ॐ वकरतॊडाम नभ

ॐ शऩिकणिकाम नभ

ॐ हयमफाम नभ

ॐ सकॊ दऩविजाम नभ ॐ सवािलससधद परदामकाम नभ ॐ भहागणाचधऩतम नभ

नानाषवध ऩरयभर ऩषऩारण सभऩिमालभ

वनसऩतमबवव हदव नाना गॊध स सममतभ आघरम सववदवानाभ धऩोमभ परततगहमताभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash धऩभािाऩमालभ

साजमभ बतरवतॉ सॊमकताभ वसहनना मोसजतभ षपरमभ

गहाणा भॊगरभ दीऩभ तररोकमरतलभयावहभ

बकतमादीऩभ परमचछालभ दवाम ऩयभातभन

तराहहभाभ नयकादघोयाद हदवमजमोरत नभोसतत

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash दीऩभ सभऩिमालभ

धऩ दीऩाॊतयभ आचभनीमभ सभऩिमालभ

नवदमभ

(गड का छोटा टकडा थारी भ यख कय उसक सबोवतार ऩानी रछडक) ॐ बबव सव ॐ ततसषवतयवयणमभ बगो दवसम धीभही चधमोमोन परचोदमात सतमभ तवतन ऩरयषषॊचालभ (यात भ ldquoऋतॊ तवा सतमन ऩरयषषॊचालभrdquo ऐस कह)

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash नवदमभ सभऩिमालभ

अभतभसत अभतोवतसयणभलस

ॐ पराणाम सवाहा ॐ आऩानाम सवाहा ॐ वमानाम सवाहा ॐ उदानाम सवाहा

ॐ सभानाम सवाहा भधम भधम ऩानीमभ सभऩवमालभ

अभताषऩधानभलस उततयाऩोषणभ सभऩवमालभ

हसतौ परारमालभ शदधाचभनीमभ सभऩवमालभ

ऩगीपर सकयऩय नागवलरीदरीयमतभ

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भकताचणव सभामकतभ ताॊफरभ परततगहमताभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash ताॊफरभ सभऩिमालभ

ॐ गणानाभ तवागणऩतीभ हवाभह कषवॊ कवीनाभऩा भसशरवसतवभ जमषठयाजभ बरहभणाभ बरहभणसऩत आनशशरणमनततलब सीदसाधनभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ - सवणिभॊतरऩषऩभ सभऩिमालभ

भॊतरहीनभ ककरमाहीनभ बसकतहीनभ गणाचधऩ

मतऩसजतभ भमा दव ऩरयऩण तदसतत

मऻन मऻभमजॊत दवासतारन धभािरण परथभानमासन

तहनाकभ भहहभान सचॊत मतर ऩवसाधमा सॊरत दवा

ऩनयाचभनभ

अनमा धमानावाहनाहद षोडषोऩचाय ऩजमा च बगवान सवाितभक

शरीभहा गणाचधऩरत सपरीतो वयदो बतवा उततय कभिणम षवघनभसत बवनतो

बवनत उततय कभिणम षवघनभसत गणाचधऩरत परसादभ लशयसा गरहणालभ

सहसरऩयभा दषव शतभरा शताॊकया सव हयत भ ऩाऩॊ दवािदससवपननाशनी गणऩरत मदासथानॊ उदवासमालभ

पराण परततषठा ॐ असनीत ऩनसभािस च ऩन पराणलभहनोदहह बोगॊ जमोकऩशमभ

समिभचचयनत भनभत भडमान सवससत अभतॊ वपराणा अभतभाऩ पराणानव मधासथानभऩहवमत

(सवाभीजी की भतॉ को हाथ रगाम )

शरीवकटशवय आवाहमालभ सथाऩमालभ ऩजमालभ ससथयोबव वयदोबव सपरसननोबव ससथयासनॊ कर

धमानभ

शानताकायॊ बजगशमनॊ ऩदमनाबभ सयशभ षवशवकायभ गगन सदशॊ भघवण शबाॊगॊ

रकषभीकानतॊ कभरनमनॊ मोचगहरधमान गममॊ वनद षवषणॊ बवबमहयॊ सविरोककनाथॊ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - धमामालभ धमानभ सभऩिमालभ

आवाहनभ

आवाहमालभ दवश लसदधगनधवि सषवत मिसमलभदॊ ऩणमॊ सविऩाऩहयोहय

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवनकटशवय सवालभन नभ - आवाहमालभ

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(सवाभीजी क भतॉ ऩय पर ऩतत चढाम) आसनभ

दव दव जगननाथ परणत करशनाशन यतनलसॊहासनॊ हदवमॊ गहाण भधसदन

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवनकटशवय सवालभन नभ - यतनलसॊहासनॊ सभऩिमालभ

(सवाभीजी क भतॉ ऩय पर ऩतत चढाम) ऩादमॊ

वासनचतॊ करभदव दषकतॊ च षवनाशम ऩादमॊ गहाण बगवान भातरतसॊग सॊससथत

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - ऩादमो ऩादमॊ सभऩिमालभ

(एक चमभच ऩानी थारी भ डार)

अरघम

करषवभ दमाॊ दव सॊसायारत ि बमाऩह दचधीय परोऩतभ गहाणाघम नभोसतत

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हसतमोयघम सभऩिमालभ

(एक चमभच ऩानी थारी भ डार)

आचभनॊ नभ सतमाम शदधाम रनतमाम ऻानरषऩण गहाणाचभनॊ दव सविरोककनामक

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - भख आचभनीमॊ सभऩिमालभ

(एक चमभच ऩानी थारी भ डार) ऩॊचाभतसनानॊ

ऩॊचाभतॊ भमानीतॊ ऩमोदचधघतॊ भध शकि या सहहतॊ चवदवतवॊ पररतगहमताॊ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - ऩॊचाभत सनानॊ सभऩिमालभ

(ऩॊचाभत गाम क दध दही घी भध औय चीनी लभराकय ककमा जाता ह)

सनानॊ सवणिऩातरोदकॊ गॊगा मभनाहद सभसनवतॊ शदधोदकॊ गहाणश सनानॊ कर मथाषवचध

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - शदधोदकसनानॊ सभऩिमालभ

(एक चमभच ऩानी थारी भ डार) वसतरॊ

तपतकाॊचन सनकाशॊ ऩीतमफय लभदॊ हय सगहाण जगननाथ शरीरनवास नभोसतत

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - वसतरमगभॊ सभऩिमालभ

मऻोऩवीतॊ मऻोऩवीतॊ ऩयभॊ ऩषवतरॊ परजऩतमितसहजॊ ऩयसतात

आमषमभागरमाभ पररतभचचशभरॊ मऻोऩवीतॊ फरभसत तज

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शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - मऻोऩवीतॊ सभऩिमालभ

गनधॊ चनदनागर कसतरय घनसाय सभसनवतॊ गनधॊ गहाण गोषवनद नानागॊधसचधायम

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हदवमऩरयभर गॊधाॊ सभऩिमालभ

(सवाभीजी क भतॉ को चॊदन रगाम) अताॊ

गोषवनदा ऩयभाननद हरयिा सहहततान षवशवशवय षवशारा गहाण ऩयभशवय

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - अतान सभऩिमालभ

(सवाभीजी क भतॉ ऩय अता डार चावर को हलदी कॊ कभ रगाक अता फनात ह) ऩषऩॊ

सगॊधारन सऩषऩारण जाजीकनदभखारन च भाररत वकरादषव ऩजाथ पररतगहमताॊ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - ऩषऩॊ सभऩिमालभ

अथाॊग ऩजा ॐ शरी वकटशवयाम नभ - ऩादौ ऩजमालभ

ॐ शरी वकटचरचधशाम नभ - गलफ़ौ ऩजमालभ

ॐ शरी परदामकाम नभ - जाननी ऩजमालभ

ॐ ऩदमावती ऩतम नभ - जॊघ ऩजमालभ

ॐ ऻानपरदाम नभ - ऊर ऩजमालभ

ॐ शरीरनवसाम नभ - कहटॊ ऩजमालभ

ॐ भहाबागाम नभ - नालबॊ ऩजमालभ

ॐ रनभिराम नभ - उदयॊ ऩजमालभ

ॐ षवशाररदमाम नभ - रदमभ ऩजमालभ

ॐ ऩरयशदधातभन नभ - सतनौ ऩजमालभ

ॐ ऩरषोततभाम नभ - बजौ ऩजमालभ

ॐ सवणिहसताम नभ - हसतौ ऩजमालभ

ॐ वयपरदाम नभ - कॊ ठॊ ऩजमालभ

ॐ रोकनाथाम नभ - सकनधौ ऩजमालभ

ॐ यसऻाम नभ - नालसकाॊ ऩजमालभ

ॐ ऩणमशरवन कीतिनाम नभ - शरोतर ऩजमालभ

ॐ ऩलरामफज षवरोचनाम नभ - नतर ऩजमालभ

ॐ वचिससवन नभ - रराटॊ ऩजमालभ

ॐ यमम षवगरहाम नभ - सवािणमनगारन ऩजमालभ

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ॐ शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हदवमसनदय षवगरहॊ ऩजमालभ

शरी वकटशवय अषटोततय शतनाभावलर

ॐ वकटशाम नभ

ॐ शरीरनवासाम नभ

ॐ रकषभीऩतम नभ ॐ अनाभमाम नभ ॐ अभताॊशाम नभ ॐ जगदवॊदवाम नभ ॐ गोषवनदाम नभ ॐ शाशवताम नभ ॐ परबव नभ ॐ शषाहि-रनरमाम नभ ॐ दवाम नभ ॐ कशवाम नभ ॐ भधसदनाम नभ ॐ अभताम नभ ॐ भाधवाम नभ ॐ कषणाम नभ ॐ शरीहयम नभ ॐ ऻान-ऩॊजयाम नभ ॐ शरी वतस-वस नभ ॐ सवशाम नभ ॐ गोऩाराम नभ ॐ ऩरषोततभाम नभ ॐ गोऩशवयाम नभ ॐ ऩयभ-जमोरतषम नभ ॐ वकनठऩतम नभ ॐ अवममाम नभ ॐ सधातनव नभ ॐ मादवनिाम नभ ॐ रनतम-मौवनरऩवत नभ ॐ चतवदातभकाम नभ ॐ षवषणव नभ

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ॐ अचमताम नभ ॐ ऩरदमनी-षपरमाम नभ ॐ धयाऩतम नभ ॐ सयऩतम नभ ॐ रनभिराम नभ ॐ दवऩसजताम नभ ॐ चतबिजाम नभ ॐ चकरधयाम नभ ॐ बतरधामन नभ ॐ बतरगणाशरमाम नभ ॐ रनषविकलऩाम नभ ॐ रनषकरनकाम नभ ॐ रनयाॊतकाम नभ ॐ रनयनजनाम नभ ॐ रनयाबासाम नभ ॐ रनतमतपताम नभ ॐ रनगिणाम नभ ॐ रनरऩिवाम नभ ॐ गदाधयाम नभ ॐ शायॊगऩाणम नभ ॐ ननदककन नभ ॐ शनखधायकाम नभ ॐ अनकभतिम नभ ॐ अवमकताम नभ ॐ कहटहसताम नभ ॐ वयपरदाम नभ ॐ अनकातभन नभ ॐ दीनफानधव नभ ॐ आतिरोक बमपरदाम नभ ॐ आकाशयाज-वयदाम नभ ॐ मोचग-रतऩदमभसनदयाम नभ ॐ दाभोदयाम नभ ॐ जगतऩाराम नभ

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ॐ ऩाऩघनाम नभ ॐ बकतवतसराम नभ ॐ बतरषवकरभाम नभ ॐ लशॊशभायाम नभ ॐ जटाभकट-शोलबताम नभ ॐ शनख-भदमोर-सनभॊजराम-ककसनकणमाडम-कयनडकाम नभ ॐ नीरभघ-शमाभ-तनव नभ ॐ बफलव-ऩतराचिन षपरमाम नभ ॐ जगदवमाषऩन नभ ॐ जगत-कत नभ ॐ जगत-साकषण नभ ॐ जगतऩतम नभ ॐ चचसनतताथि-परदाम नभ ॐ सजषणव नभ ॐ दाशावािम नभ ॐ दश-रऩवत नभ ॐ दवकक-ननदनाम नभ ॐ शौयम नभ ॐ हमगरीवाम नभ ॐ जनादिनाम नभ ॐ कनमा-शरवणतायजमाम नभ ॐ ऩीतामफयधयाम नभ ॐ अनघाम नभ ॐ वनभालरन नभ ॐ ऩदमनाबाम नभ ॐ भगमासकत-भानसाम नभ ॐ अशवरढाम नभ ॐ खडगधारयण नभ ॐ धनाजिन-सभतसकाम नभ ॐ गानसायर-सनभधम-कसतरय-रतरकोजवराम नभ ॐ ससतचदाननदरऩाम नभ ॐ जगनभनगरदामकाम नभ ॐ मऻरऩाम नभ

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ॐ मऻबोकत नभ ॐ चचनभमाम नभ ॐ ऩयभशवयाम नभ ॐ ऩयभाथि-परदाम नभ ॐ शानताम नभ ॐ शरीभत नभ ॐ दोदिनड-षवकरभाम नभ ॐ ऩयातऩयाम नभ ॐ ऩयबरहभण नभ ॐ शरीषवबव नभ ॐ जगदीशवयाम नभ

इतत शरी वकटशवय अषटोततय शतनाभावलर

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शरी भहारकषभी अषटोततय शतनाभावलर

ॐ परकतम नभ ॐ षवकतम नभ ॐ षवदमाम नभ ॐ सविबतहहतपरदाम नभ ॐ शरदधम नभ ॐ षवबतम नभ ॐ सयभम नभ ॐ ऩयभासतभकाम नभ ॐ वाचम नभ ॐ ऩदमारमाम नभ ॐ ऩदमाम नभ ॐ शचम नभ ॐ सवाहाम नभ ॐ सवधाम नभ ॐ सधाम नभ ॐ धनमाम नभ ॐ हहयणमम नभ ॐ रकषमम नभ ॐ रनतमऩषटाम नभ ॐ षवबावम नभ ॐ आहदतम नभ ॐ हदतम नभ ॐ दीपताम नभ ॐ वसधाम नभ ॐ वसधारयणम नभ ॐ कभराम नभ ॐ कानताम नभ ॐ काभाकषम नभ ॐ कभर समबवाम नभ ॐ अनगरहपरदाम नभ ॐ फदधम नभ ॐ अनघाम नभ

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ॐ हरयवलरबाम नभ ॐ अशोकाम नभ ॐ अभताम नभ ॐ दीऩाम नभ ॐ रोकशोक षवनालशनम नभ ॐ धभिरनरमाम नभ ॐ करणाम नभ ॐ रोकभातर नभ ॐ ऩदमषपरमाम नभ ॐ ऩदमहसताम नभ ॐ ऩदमाकषम नभ ॐ ऩदमसनदम नभ ॐ ऩदमोदभवाम नभ ॐ ऩदमभखम नभ ॐ ऩदमनाब षपरमाम नभ ॐ यभाम नभ ॐ ऩदमभाराधयाम नभ ॐ दवम नभ ॐ ऩरदमनम नभ ॐ ऩदमगसनधनम नभ ॐ ऩणमगनधाम नभ ॐ सपरसननाम नभ ॐ परसादालबभखम नभ ॐ परबाम नभ ॐ चनिवदनाम नभ ॐ चनिाम नभ ॐ चनिसहोदम नभ ॐ चतबिजाम नभ ॐ चनिरऩाम नभ ॐ इसनदयाम नभ ॐ इनद शीतराम नभ ॐ आहराद जननम नभ ॐ ऩषम नभ

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ॐ लशवाम नभ ॐ लशवकतम नभ ॐ सतमाम नभ ॐ षवभराम नभ ॐ षवशवजननम नभ ॐ तषम नभ ॐ दारयदरमनालशनम नभ ॐ परीरत ऩषकरयणम नभ ॐ शानताम नभ ॐ शकरभालमामफयाम नभ ॐ बासकम नभ ॐ बफलव रनरमाम नभ ॐ वयायोहाम नभ ॐ मशससवनम नभ ॐ वसनधयाम नभ ॐ उदायॊगम नभ ॐ हरयणम नभ ॐ हभभालरनम नभ ॐ धन धानमकतम नभ ॐ लसदधम नभ ॐ सतरणम सौममाम नभ ॐ शबपरदाम नभ ॐ नऩवशभ गताननदाम नभ ॐ वयरकषमम नभ ॐ वसपरदाम नभ ॐ शबाम नभ ॐ हहयणम पराकायाम नभ ॐ सभि तनमाम नभ ॐ जमाम नभ ॐ भॊगराम नभ ॐ षवषणव सथरससथताम नभ ॐ षवषणऩतनम नभ ॐ परसननाकषम नभ

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ॐ नायामण सभाचशरताम नभ ॐ दारयदरम धवॊलसनम नभ ॐ दवरकषभ नभ ॐ सवोऩिव रनवारयणम नभ ॐ नवदगािम नभ ॐ भहाकालम नभ ॐ बरहभा-षवषण-लशवासतभकाम नभ ॐ बतरकारऻानसमऩननाम नभ ॐ बवनशवम नभ ॐ भहारकषभी अषटोततय शत नभ

इरत शरी रकषभी अषटोततय शतनाभावलर

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शरी ऩदमावती अषटोततय शतनाभावलर

ॐ ऩदमावततम नभ ॐ दवम नभ ॐ ऩदमोदभवाम नभ ॐ करणापरदारमनम नभ ॐ सरदमाम नभ ॐ तजसवरषऩणम नभ ॐ कभरभखम नभ ॐ ऩदमधयाम नभ ॐ शरीम नभ ॐ ऩदमनतरम नभ ॐ ऩदमकयाम नभ ॐ सगणाम नभ ॐ कभकभषपरमाम नभ ॐ हभवणािम नभ ॐ चनिवसनदताम नभ ॐ धगधगपरकाश शयीय-धारयणम नभ ॐ षवषणषपरमाम नभ ॐ रनतमकलमाणम नभ ॐ कोहटसमिपरकालशणम नभ ॐ भहासौनदमिरषऩणम नभ ॐ बकतवतसराम नभ ॐ बरहभानडवालसनम नभ ॐ सविवानचापरदारमनम नभ ॐ धभिसनकलऩाम नभ ॐ दाकषणमकटाकषणम नभ ॐ बसकतपरदारमनम नभ ॐ गणतरमाषववसजिताम नभ ॐ कराषोडशसॊमताम नभ ॐ सविरोकानानजननम नभ ॐ भसकतदारमनम नभ ॐ दमाभतामाम नभ ॐ परऻाम नभ

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ॐ भहाधभािम नभ ॐ धभिरषऩणम नभ ॐ अरनकाय षपरमाम नभ ॐ सविदारयदरमधवॊलसनम नभ ॐ शरीवकटशवसथरससथताम नभ ॐ रोकशोकषवनालशनम नभ ॐ वषणवम नभ ॐ रतरचानरऩयवालसनम नभ ॐ वदवदमषवशायदाम नभ ॐ षवषणऩादसषवताम नभ ॐ यतनपरकाशककयीटधारयणम नभ ॐ जगनभोहहनम नभ ॐ शसकतसवरषऩणम नभ ॐ परसननोदमाम नभ ॐ इनिाहददवत मककननय ककमऩरष ऩसजताम नभ ॐ सविरोकरनवालसनम नभ ॐ बजमाम नभ ॐ ऐशवमिपरदारमनम नभ ॐ शानताम नभ ॐ उननतसथानससथताम नभ ॐ भनदायकालभनम नभ ॐ कभराकयाम नभ ॐ वदानतऻानरषऩणम नभ ॐ सविसमऩसततरषऩणम नभ ॐ कोहटसमिसभपरबाम नभ ॐ ऩजापरदारमनम नभ ॐ कभरासनाहद सविदवताम नभ ॐ वकनठवालसनम नभ ॐ अबमदारमनम नभ ॐ िाापरऩामसषपरमाम नभ ॐ नतमगीतषपरमाम नभ ॐ ीयसागयोदभवाम नभ ॐ आकाशयाज ऩबतरकाम नभ

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ॐ सवणिहसतधारयणम नभ ॐ काभरषऩणम नभ ॐ करणाकटाधारयणम नभ ॐ अभतासजाम नभ ॐ बरोकसवगिसखदारमनम नभ ॐ अषटहदकऩारकाचधऩतम नभ ॐ भनभधदऩि सॊहारयणम नभ ॐ कभराथिबागाम नभ ॐ सवलऩऩयाध-भहाऩयाध-भाम नभ ॐ शतकोहटतीथिवालसताम नभ ॐ नायदाहद भरनशरषठ ऩसजताम नभ ॐ आहदशनकयऩसजताम नभ ॐ परीरतदारमनम नभ ॐ सौबागमपरदारमनम नभ ॐ भहाकीतॉ परदारमनम नभ ॐ कषणारतषपरमाम नभ ॐ गनधवि शाऩषवभोचकाम नभ ॐ कषणऩतनम नभ ॐ बतररोकऩसजताम नभ ॐ जगनभोहहनम नभ ॐ सरबाम नभ ॐ सशीराम नभ ॐ अॊजनासतानगरहपरदारमनम नभ ॐ बकतमातभरनवालसनम नभ ॐ सॊधमावसनदनम नभ ॐ सविरोकभातर नभ ॐ अलबभतदारमनम नभ ॐ रलरतावधतम नभ ॐ सभसतशासतर षवशायदाम नभ ॐ सवणािबयणधारयणम नभ ॐ इहऩयरोक सखपरदारमनम नभ ॐ कयवीयरनवालसनम नभ ॐ नागरोकभरणसह आकाशलसनध कभरशवय ऩरयतयधगभनाम नभ

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ॐ शरी शरीरनवासषपरमाम नभ ॐ चनिभनडरससथताम नभ ॐ अलरवर भनगाम नभ ॐ हदवमभनगर धारयणम नभ ॐ सकलमाणऩीठससथताम नभ ॐ काभकवनऩषऩषपरमाम नभ ॐ कोहट भनभधरषऩणम नभ ॐ बानभनडररषऩणम नभ ॐ ऩदमऩादाम नभ ॐ यभाम नभ ॐ सविरोकसबानतय धारयणम नभ ॐ सविभानसवालसनम नभ ॐ सवािम नभ ॐ षवशवरऩाम नभ ॐ हदवमऻानाम नभ ॐ सवभनगररषऩणम नभ ॐ सवािनगरहपरदारमनम नभ ॐ ॐकायसवरषऩणम नभ ॐ बरहभऻानसॊबताम नभ ॐ शरी ऩदमावतम नभ ॐ सदमोवदवतम नभ ॐ शरीभहारकषमम नभ

इरत शरी ऩदमावती अषटोततय शतनाभावलर

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धऩभ दशाॊगभ गगगरोऩतॊ गोघतन सभसनवतभ धऩॊ गहाण दवश सविरोक नभसकाया

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - धऩभािाऩमालभ

(सवाभीजी क भतॉ की अगयफतती औय धऩ स आयती कय)

दीऩभ

बतररोकश भहादव सविऻान परदामक दीऩॊ दासमालभ दवश यभाभ बकतवतसर

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - दीऩॊ दशिमालभ

(सवाभीजी क भतॉ की दीऩ स आयती कय )

नवदमभ

सविबशच बोजजशच यस षडलब सभसनवतॊ नवदमनत भमानीतभ गहाण ऩरषोततभ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - नवदमॊ सभऩिमालभ

(सवाभीजी को परसाद चढाम अगय करा ह तो ldquoकदरीपर रनवदमालभrdquo नारयमर ह तो ldquoनारयकर परॊ रनवदमालभrdquo ऐस कह अगय गड ह तो ldquoगडोऩहाय नवदमभ सभऩिमालभrdquo कह)

ॐ पराणाम सवाहा ॐ आऩानाम सवाहा ॐ वमानाम सवाहा ॐ उदनाम सवाहा ॐ सभानाम सवाहा ॐ ऩयबरहभण सवाहा ॐ बबिव सव ततसषवतय-वयणमभ बगो दवसम धीभहह चधमो मो न परचोदमात ॐ आऩो जमोरतयसोभतॊ बरहभ बबिव सवयोभ भधम भधम ऩानीमभ सभऩिमालभ

अभताषऩधानभलस उततयाऩोशनभ सभऩिमालभ हसतौ परारमालभ ऩादौ परारमालभ ऩनयाचभनीमभ सभऩिमालभ

तामफरभ ऩगीपर सकऩिय नागवलरीदरमितॊ भकताचणि सभामकतॊ तामफरॊ पररतगहमताॊ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - तामफरभ सभऩिमालभ

नीयाजनभ चशरम कानताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरीवकटरनवासाम शरीरनवासाम भनगरभ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ नीयाजनभ दशिमालभ

ऩनयाचभनीमभ सभऩिमालभ

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भॊतरऩषऩभ

ॐ सहसतरशीषिभ दवॊ षवशवाॊ षवशवशॊबवॊ षवशवॊ नायामणनदवभ अयॊ ऩयभॊ ऩदॊ १

षवशवत ऩयभासननतमॊ षवशवॊ नायामणॊ हरयॊ षवशवभवदॊ ऩरषसतदषवशवॊ उऩजीवरत २

ऩरतॊ षवशवसमातभशवयॊ शाशवतॊ लशवभचमतॊ नायामणॊ भहाऻमॊ षवशवतभानॊ ऩयामणॊ ३

नायामण ऩयोजमोरत आतभा नायामण ऩय नायामण ऩयभ बरहभ ततवभ नायामण ऩय नायामण ऩयो धमाता धमानभ नायामण ऩय ४

मचच ककसनचत जगतसव दशमत शरमतषऩ वा अनतफिहहशचततसविभ वमापमा नायामण ससथत ५

अननतभ अवममभ कषवॊ सभिनतभ षवशवशमबवभ ऩदमकोश परतीकाशभ रदमभ चापमधोभखभ ६

अधोरनषमा षवतसतमानत नाभमाभऩरय रतषठरत जवाराभाराकरॊबारत षवशवसमामातनभ भहत ७

सनततॊ लशरालबसत रॊफतमाकोशससननबभ तसमानत सलशयभ सकषभभ तससभन सविभ पररतसषठतभ ८

तसमभधम भहान असगन षवशवायचचषविशवतो भख सोगरबसगवबजन रतषठाननाहाय भजय कषव

रतमिगधवाि भधशशामीयशभमा सतसम सनतता ९

सॊताऩमरत सवॊ दह भाऩादतरभसतक तसम भधम वसनह लशखा अणीमोधवाि वमवससथत १०

नीरथो मदभधमसता षवदमलरखव बासवया नीवायशकवततनवी ऩीताबा सवतमनऩभा ११

तसमा लशखामा भधम ऩयभातभा वमवससथत स बरहभ स लशव स हरय स इनि सोय ऩयभासवयात १२

ॐ तद बरहभ ॐ तद वाम ॐ तदातभा ॐ ततसतमभ ॐ ततसविभ ॐ ततऩयोनिभ अनतशचयरत बतष गहामाभ षवशवभरत िष तवभ मऻसतवभ वषकायसतवभ इनिसतवभ रिसतवभ

षवषणसतवभ बरहभतवभ परजाऩरत तवभ तदाऩ आऩो जमोरत यसोवतभ बरहभ बबिवससवयोभ १३

गदा ऩन शॊखयथानगकलऩक धवजायषवॊदाॊकश वजररासशचत ह शरीरनवास तवत चयणामफज दवमॊ भदीम भधािन भरज ॐ रनयॊजनाम षवदमह रनयाबासाम धीभहह तननो शरीरनवास परचोदमात शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हदवमभनतरऩषऩॊ सभऩिमालभ

परदकषण नभसकाय

शरोकॊ मारनकारन च ऩाऩारन जनभानतय कतारन च तारन तारन परणशमसनत परदकषण ऩद ऩद ऩाऩोहभ ऩाऩकभािहभ ऩाऩातभा ऩाऩसॊबव तराहहभाभ कऩभमा दव शयणगतवतसर अनमधा शयणॊ नाससत तवभव शयणॊ भभ तसभात कारणम बावन य य जनादिन

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - आतभपरदकषण नभसकायान सभऩिमालभ

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षवषवधोऩचाय ऩजा छतरॊ धायमालभ चाभयॊ वीजमालभ नतमॊ दशिमालभ गीतॊ शरावमालभ वादमॊ घोषमालभ आॊदोलरकान आयोहमालभ आशवानायोहमालभ गजानायोहमालभ सभसत यजोऩचाय शकतमऩचाय

मनतरोऩचाय दवोऩचाय सवोऩचाय ऩजाॊ सभऩिमालभ

भाऩवणभ भनतरहीनॊ ककरमाहीनॊ बसकतहीनॊ जनादिन मतऩसजतभ भमा दव ऩरयऩणिभ तदसतत

अनमा धमानावाहनाहद षोडशोऩचाय ऩजमा च बगवन सवाितभक शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरी वकटशवय सवरऩो बगवान सपरीत सपरसननो वयदो बवत शरी वकटशवय दव परसादॊ लशयसा गहणालभ

तीथवभ

अकार भतमहयणॊ सविवमाचध रनवायणभ सवि ऩाऩमकयॊ दव ऩादोदकॊ ऩावनॊ शबॊ

नवदमभ

ॐ बबिवससव ॐ ततसषवतवियणमभ बगो दवसम धीभहह चधमो मो न परचोदमात सतमॊ तवतन ऩरयषषॊचालभ अभतभसत अभतोऩसतयणभलस ॐ पराणाम सवा ॐ अऩानाम सवा ॐ वमानाम सवा ॐ उदानाम सवाह ॐ सभानाम सवा ॐ बरहभण सवा

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - भहानवदमभ सभऩिमालभ

अभताषऩधानभलस उततयाऩोशनभ सभऩिमालभ हसतौ परारमालभ ऩादौ परारमालभ शदध आचभनीमॊ सभऩिमालभ

तामफरॊ सभऩिमालभ सवणिभनतरऩषऩॊ सभऩिमालभ परदकषण नभसकायन सभऩिमालभ

अनमाधमानावाहनाहद षोडषोऩचाय ऩजमा बगवान सवाितभक शरी रकषभी ऩदमावती सभत वकटशवय सवाभी सपरीत सपरसननो वयदो बवत शरी रकषभी ऩदमावती सभत वकटशवय सवाभी परसादॊ लशयसा गहणालभ

उदवासनभ मऻन मऻभमजनत दवासतारन धभािरण परथभानमासन

तहनाकॊ भहहभानससचनत मतर ऩव साधमा ससनत दवा

गचछ गचछ सयशरषठ सवसथान शरी वकटशवय बकताबीषट सभधमथिभ ऩनयागभनाम च

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरी वकटशवय सवाभी मथासथानॊ उदवासमालभ

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परथभ अधमाम

शरी बगवान उवाच

कलरमग भ एक हदन शब भहति भ रतरभरा ऩहाड ऩय (सजस धयती का वकॊ ठ कहा जाता ह ) ldquoषवशवऩरत नाभक एक बकत ऩय शरी फाराजी की कऩा हई शरी षवषण क अवताय शरी फाराजी (वकटशवय) जो महाॉ शरीरनवास क रऩ भ ऩज जात ह उनहोन षवशवऩरत को ldquoशरी फाराजी वरत कथाrdquo नाभ स परलसधद इस गरॊथ की यचना कयन की आऻा दी औय कहा- ldquoह भय षपरम बकत षवशवऩरत भय षपरम होन क कायण इस वरत को षवसताय रऩ स तमह फाता हॉ सनो म

वरत भझ अरत षपरम ह आसान होन क कायण इस सबी रोग सॊऩनन कय सकत ह

कलरमग भ भानव अऩन ऩाऩ कभो का पर बोगता ह अनक कषट सहत हए जीवन रनवािह कयता ह कछ बकत

अऩन दख भझ फताकय उनह दय कयन क लरम कहत ह फहत स ऩस खचि कय वो भझ दखन क लरम रतरभरा की मातरा कयत ह भय बकतो स भझ परभ ह व भझऩय अऩना ऩया बाय डार दत ह भ उनह धभि क भागिऩय चराता हॉ

अबी भ जो मह वरत कथा तमह फतान जा यहा हॉ वो ldquoशरी फाराजी की कथाrdquo क नाभ स परलसदध होगा म भया वरत भझ अरतषपरम ह जो वमसकत इस बसकत औय रनषठा स कयगा वह तयॊत ऩाय ऩामगा कोई बी वमसकत कबी बी इस वरत को सॊऩनन कय सकता ह भखम रऩ स भागिशीषि भाघ कारत िक भहहनो भ ऩणिभासी ऩॊचभी सपतभी एकादशी रतचथमो ऩय मा शरवण सवारत नतरो ऩय इस कयना शरषठ होता ह

इस घोय कलरमग भ भय बकत जो कषट सह यह ह उनह भ जानता हॉ तमह जफ बी कोई कषट हो कोई सभसमा हो सवासम ठीक ना हो नौकयी वमाऩाय भ सभसमाएॉ हो भन अशाॊत हो तो इस वरत को सॊऩनन कयना चाहहम इसस

साय कषट दय हो जात ह घय भ शब कामि होन ऩय इस वरत को सॊऩनन कयन स बफना ककसी सभसमा क कामि ऩणि हो जाता ह इस वरत को सॊऩनन कयत ही सबी सख परापत होत ह औय अषट ऐशवमो की परासपत होती ह

सफय मा शाभ इस वरत को सॊऩनन कय सकत ह इस वरत भ ऩाॉच अधमाम ह इनका ऩठन बसकत क साथ कयना चाहहम अऩन घय भ मा रनवास सथान ऩय भॊहदय भ मा ककसी बी ऩषवतर सथान भ नदी तट ऩय सॊऩनन कय सकत ह

महद सॊबव हो तो अऩन फॊध लभतरो क साथ इस सॊऩनन कयन स जमादा शरषठ होता ह जो इस सॊऩनन कयत ह मा जो इस सनत ह वरत सॊऩणि होन क फाद परसाद को बसकत स सवीकाय कयत ह वो अषट ऐशवमो को परापत कयत ह इसस

ऩहर बी भय बकतो न कई भरनमो न इस वरत को सॊऩनन ककमा औय भया आशीवािद ऩामा बरोक भ यहनवार सबी को मह वरत आनॊद परदान कयगा औय शब पर बी परापत होगा शाॊत चचतत स भझ माद कयत हए इस वरत का ऩारन

कयो

सवि परथभ जहाॉ वरत कयना चाहत हो उस सथर को साप कयो भॊडऩ की वमवसथा कय भयी तसवीय सजसभ भयी षपरम

सरखमाॉ शरी दवी बदवी ह उस तसवीय को इस भॊडऩ ऩय सथाषऩत कयो भॊडऩ को दीवाय स रगाकय बी यख सकत हो अनम ककसी इचछक दवता की तसवीय बी सख सकत हो नवगरहो औय अषट हदकऩारको को मा तो भन भ नभसकाय

कयो मा उनका आवहान बी कय सकत हो

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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सफस ऩहर हलदी स फनी गणश की ऩजा कयनी चाहहम उसक फाद उस वरत क ऩाॉचो अधमामो का रनषठा स ऩठन

कयना चाहहम मही परथभ अधमाम ह अनम चाय अधमाम भय अतमॊत षपरम ऩातर षवशवालभतर वलशषठ बयदवाज अबतर

भरनशवयो क परवचना रऩ भ ह ऩाॉच अधमामोको ऩढन क फाद भय षपरम शरोक बी ऩढ सकत हो हय अधमाम क अॊत

भ गोषव ॊद गोषव ॊद गोषव ॊद तीन फाय सभयण कयना चाहहम

आभ रोगो क कषटो को भ जानता हॉ इसी लरम भयी एक फात सनो महद ककसी कायण इस वरत को षवसताय रऩ स

सॊऩनन कयन भ कोई सभसमा आ यही हो तो भय तसवीय को साभन यख कय ऩहर गणश जी की कपय नवगरह दवताओॊ औय अषटहदकऩारको को सभयण कय ऩाॉच कहरनमाॉ ऩढकय अऩन भन भ जो इचछा ह उस भझ फताओ भ उस

परसाद क रऩ भ परदान करॉगा इस परकाय कयन स बी कामि की लसषदध होती ह तमहाय कषट दय हो जामग औय शब

पर परापत होगा

जो वमसकत इस वरत को बसकत स सॊऩनन कयगा भ उसक घय ककसी ना ककसी रऩ भ आकय परसाद सवीकाय करॉगा भयी कऩा आऩ सबी को हभशा परापत होगी शरी फाराजी न रतमभयाज षवशवऩरत याभकषणभरत ि ldquoषवशवऩरतrdquo को इस वरत कथा को षवसताय स फतामा कलरमगवासी हभ सबी इस वरत को सॊऩनन कय शरी फाराजी की कऩा क ऩातर फन सकत ह इस वरत को सॊऩनन कय हभ अऩन सबी कषट दय कय सकत ह औय उचचत पर बी परापत कय

सकत ह

गोषवॊदगोषवॊदगोषवॊद

परथभोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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दषवतीम अधमाम

शरी षवशवालभतर उवाच

भहातऩ सॊऩनन साात शरी षवशवालभतर जी न हभ ऩय कऩा की औय परवचन कयत हए कहा- ldquoह कलरमग वालसमो शरीरनवास क बकतो ldquoशरीफाराजी वरत कथाrdquo सजस आऩ सॊऩनन कय यह हो वह फहत ही ऩषवतर ह भहहभा स ऩणि ह मह वरत कलरमग भ शरी नायामण जी की करणा औय दमा परापत कयन का अतमॊत सयर साधन ह पराचीन कार भ शरी फाराजी क षपरम बकतो न इस सॊऩनन कय अऩनी काभनाओॊ को ऩणि ककमा इस वरत कथा क फाय भ हभ फताकय शरी फाराजी न हभाय पररत जो दमा हदखाई ह उसक लरए हभ उनह परणाभ कयत ह

पराचीन कार भ भगध याजम भ षवषणचचतत नाभक एक बकत यहता था उसकी नौ कनमाएॉ थी षवदवान होन ऩय बी वह अतमॊत गयीफ था षवषणचचतत की ऩतनी तायाभरत हभशा नायामणजी की पराथिना कयती यहती थी षववाहाहद शबकामि सॊऩनन कय जो बी ऩस दकषणा क रऩ भ लभरत थ उसस व भसशकर स अऩना जीवन रनवािह कय

यह थ कनमाएॉ मौवनावसथा भ ऩदाऩिण कय चकी थी तायाभरत हभशा इसी चच ॊता भ यहती थी कक इन कनमाओॊ का षववाह ककस परकाय सॊऩनन होग वह फाराजी की पराथिना कयत हए सदा अऩना सभम गजायती थी

वह तो फाराजी की बकत थी औय फाराजी अऩन बकतो स अतमाचधक परभ कयत ह उस हदन भाघ ऩरणिभा थी सवय

एक वदध बराहभण न षवषणचचतत क दयवाज ऩय दसतक दी औय कहा - ldquoह सवाभी भ फॊग दश का वासी हॉ एक मऻ

क लसरलसर भ दसय दश जा यहा हॉ यासत भ महाॉ आमा हॉ भझऩय दमा कयो औय अऩन घय भ एक हदन क लरए

यहन दो कर सवयही भ महॉ स चरा जाऊॉ गाrdquo उन की फात सनकय षवषणचचततन कहा lsquoनाथ इसस फढकय खशी औय कमा हो सकती ह अरतचथ साात नायामण जी क सभान होत ह ऐस हभाय ऩयाणो भ कहा गमा ह आऩ बफना ककसी सॊकोच क हभाय घय भ यह सकत हlsquo ऐसा कह कय उसन उस बराहभण को घय क अॊदय फरामा औय उनका सतकाय ककमा

दोऩहय भ बोजन क फाद उस वदध न तायाभरत स ऩछा ndash ldquoभाता कमा फात ह तभ कछ चच ॊरततसी रगती हो बफना ककसी सॊकोच क फात फताओrdquo तायाभरत न कहा ndash ldquoसवाभी आऩ तो भहातऩसवी ह आऩ क भख का तज उस वकॊ ठवासी क सभान ह आऩ स कमा छऩाना भयी चचॊता भयी कनमाओॊ का षववाह हrdquo उस ऩय वदध न कहा- ldquoभाता तमहाया दख भ जानता हॉ तमहाय सबी कषट दय हो औय तमहायी कनमाओॊ की शादी हो इसक लरम भ एक अदभत वरत फताता हॉ सनो इस वरत को सॊऩनन कयन स तमहाय साय कषट दय हो जामग शरी फाराजी क वरतो भ स मह सफस सयर हrdquo कहत हए उनहोन उस दॊऩरत को ऩया वरत षवधान फतामा वरत षवधान

सनकय षवषणचचतत न कहा- ldquoसवाभी मह तो अतमॊत सॊतोष की फात ह इसस फढकय सौबागम औय कमा होगा

कहत ह ना- शबसम शीिॊ आज भाघ ऩरणिभा ह फहत ही शब हदन ह आऩक कथा अनसाय हभ आज ही इस वरत

को सॊऩनन कयगrdquo षवषणचचततन ऩतनी तायाभरत औय सबी कनमाओॊ क साथ लभरकय उस हदन शाभ भ ही अऩन

फॊध-लभतरो क साथ बसकत औय रनषठा स फाराजी वरत को सॊऩनन ककमा वहाॉ उऩससथत सबी रोगो न वरत ऩया होन क

फाद चयणाभत परसाद गरहण ककमा औय अऩन-अऩन घय परसथान ककमा तफ षवषणचचतत औय तायाभरत न बराहभण

क चयणो को नभसकाय ककमा औय आशीवािद परापत ककमा बराहभणोततभ न बी चयणाभत परसाद गरहण ककमा औय

कहा- ldquoआऩकी भनोकाभना ऩयी हो शरी रकषभी शरी फाराजी की कऩा होrdquo

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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अॊधया हो चरा था औय रनिा सभम आसनन था षवषणचचतत न उस बराहभण को एक पटी चादय दत हए आॉखो भ आस लरम कहा- सवाभी भ अतमॊत दरयिी हॉ इसस अचछी चादय भय ऩास नही ह भझ भा कय आज की यात इसी ऩय षवशराभ कय बराहभण भसकयात हए फोर- कोई फात नही भ फाहय फयाभद भ सो जाता हॉ कछ सभम फाद ही सबी रनिारोक भ षवचयण कयन रग आधी यात का सभम था बफजरी की गडगडाहट क साथ फारयश शर हई चायो ओय अॊधया था कहीॊ कछ नही हदखाई

द यहा था षवषणचचतत इस चच ॊता भ था कक वदध बराहभण फाहय कस सो यह होग उस सभम कछ सझ बी नही यहा था ककसी तयह उनहोन यात गजायी सवया हआ फारयश बी थभ चकी थी ऩरत-ऩतनी मही सोच यह थ कक बराहभण की कमा दशा हई होगी ककतना सहा होगा उनहोन मही सोचत हए वो फाहय आए उनह एक अदभत दशम हदखाई हदमा वहाॉ षवपरोततभ नही थ पहट हई चादय की जगह यशभ का षऩताॊफय यखा हआ था उस षऩताॊफय ऩय शरी फाराजी क

भतॉ ndash हदखाई दी व सफ कछ सभझ गम उनकी खषी का कोई हठकाना नही यहा उनक घय आम बराहभण औय

कोई नही साात शरी नायामणजी ही थ ह फाराजी कमा बागम ह हभाया ऩय हभ उनको ऩहचान नही ऩाम हभन उनको पटी हई चादय दी मह सोचत हए उनहोन शरी फाराजी की भतॉ को हाथ भ रकय आॉखो स रगामा औय

घय क अॊदय आम ऩया घय सोन स बया हआ था जहाॉ दखो वहाॉ धन याशी ह बगवान शरी फाराजी की वरत कथा की भहहभा स ही मह सफ सॊबव हो सका ऐसा कहत हए व बगवान की सतरत कयन रग आऩन दख साात शरी फाराजी ही उस बकत क घय आम थ वरत षवधान फतामा औय चयणाभत परसाद बी गरहण

ककमा शरी फाराजी फहत ही करणाभम ह जो बी इस वरत को बसकत औय रनषठा स कयगा उसक घय सवमॊ बगवान

ककसी ना ककसी रऩ भ आमग आऩ सबी इस वरत को सॊऩनन कय बगवान की कऩा परापत कय सकत ह शरी भहषषि षवशवालभतर जी न मह दषवतीम कथा इस तयह फताई

शरी रकषभी शरीरनवास कटाॊ लसषदधयसत

गोषवॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

दषवतीमोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ततीम अधमाम

शरी वलशषठ उवाच मह अधमाम भहातऩोरनषठ वरयषठ शरीवलशषठ भरन न शरीनायामणजी की कऩा स हभ षवसताय रऩ स फतामा ह ह कलरमग वालसमो शरीफाराजी क षपरम बकतो वकणठ भ रनवास कयनवार शरीनायामणजी आज क रतरभरा भ ससथत शरीफाराजी ही ह कलरमग वालसमो क कषट दय कयन क लरम बगवान आऩक फहत सभीऩ रतरभरा ऩहाड ऩय अवतारयत हए ह शरी फाराजी को खश कयन क लरए मह वरत उततभ ह औय सयर बी ह इस वरत को जो बसकत औय रनषठा स सॊऩनन कयता ह उस सबी सख परापत हो जात ह पराचीन सभम भ अवॊती दश भ बागमनगय नाभक एक नगय था नाभ क ही अनरऩ वहाॉ अनक धनवान (वमाऩायी) यहत थ ऩय व अऩनी सॊऩसतत को दख घभॊड कयत थ औय आभ रोगो को हीन दषटी स दखत थ धन-दौरत उनकी सवासजित ह ऐसा सोचकय घभॊड कयत थ बगवान की रनतम ऩजा-ऩाठ तो उनहोन ऩहर ही छोड दी थी कभ स कभ षवशष हदनो भ बी व ना भॊहदय जात ना ऩजा कयत ना ही दीऩ जरात एक हदन सबी धनवान अऩनी-अऩनी ऩतनीमो क साथ परीरत बोज भ वमसत थ उस नगय की ऩवि हदशा भ ही शरी रकषभी नायामण जी का भॊहदय था जहाॉ दीऩ जरानवारा कोई नही था उस हदन षवशष एकादशी थी सजस एक ऩवि हदन बी भाना जाता ह ऩय उस नगय क एक बी धनवान क भन भ भॊहदय भ ऩजा कयन का षवचाय नही आमा शाभ होत-होत आकाश भ घन फादर छा गम औय भसराधाय फारयश होन रगी वमाऩारयमो क घय ऩानी स बय गम चायो ओय अॊधकाय ह अॊधकाय था सवय होन तक ऩया नगय ऩानी भ डफ गमा वमाऩारयमो क घय टट-पट गम उनका साया ऐशवमि सभापत हो गमा ऐसा उऩिव कमो भचा मह पररम कस हो गमा ककसी को कछ बी सभझ भ नही आ यहा था इतन भ उनह एक षवचचतर दशम हदखाई हदमा नगय क फाहय जो झोऩडडमाॉ थी व तो वसी की वसी थी उनको आशचमि हआ इतनी फारयश भ बी म कस सही सराभत यही व ऐसा भन ही भन सोच यह थ कक इतन भ बफजरी कडकी औय आकाशवाणी हई ldquoए भखो तमहायी सॊऩसतत तमहायी अऩनी ह सवासजित ह ऐसा सोचत थ इसी लरम ऐसा हआ ह इस झोऩडी भ यहनवारा दव भया षपरम बकत ह आभ आदभी होन ऩय बी दव रनतम तमहाय नगय भ ससथत शरी रकषभी नायामण

भॊहदय भ दीऩ जराता था इतना ही नही हय एकादशी क हदन मथा सॊबव वह शरी फाराजी वरत कथा बी सॊऩनन कयता था इसी लरम इन झोऩडीमो भ यहनवार सबी रोग सयकषत यह आऩ सबी महद वरत सॊऩनन कयग तो अऩन-अऩन

ऐशवमि को ऩन परापत कय सकत होrdquo आकाशवाणी सनत ही तयॊत व सबी रोग उस भॊहदय भ गम औय जस

सॊबव हो सका वस सबी रोगोन एक-दसय क सहमोग स शरी फाराजी की वरत कथा सॊऩनन की ऐसा कयत ही सबी को उनक घय ऩवि रऩ भ ही परापत हो गम तफ स व सबी शरीफाराजी क बकत फन गम औय हय एकादशी को शरीफाराजी का वरत सॊऩनन कयत औय सख-शाॊरत परापत कय यहन रग अॊत भ उनहोन भसकत बी परापत की

शरीवलशषठजी न इस परकाय म कथा सनाई

गोषव ॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

ततीमोधमाम सभापतॊ |

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ

शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

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चतथव अधमाम

शरी बयदवाज उवाच

शरीनायामण जी को ldquoशरीफाराजी वरत कथाrdquo अतमॊत षपरम ह चतथि अधमाम क रऩ भ हभाय साभन शरी बयदवाज

भरनदवाया फतामी नमी कहानी इस परकाय ह- ldquoह कलरमगवालसमो शरी नायामण क षपरम बकतो आऩ सजस वरत को सॊऩनन कय यह ह वह अदभत ह आऩकी भनोकाभनाओॊ को ऩणि कयन का साधन ह शरी फाराजी को परसनन कयन का मह अतमॊत सयर उऩाम ह आऩ सबी ऩय कऩा कयन क लरम ही वकॊ ठवासी बगवान शरीरनवास क रऩ भ रतरभरा ऩहाड ऩय अवतरयत हए ह अनक जनभो क ऩणमपर स ही रतरभरा ऩहाड ऩय ऩय यखन का सौबागम परापत होता ह औय बगवान क दशिन बी सॊबव होत ह इसी तयह इस ldquoवरतकथाrdquo को सॊऩनन कयन का सॊकलऩ बी ऩविजनभ क

ऩणमपर स ही सॊबव होता ह जो वमसकत इस वरत को सॊऩनन कय यह ह मा जो इस कथा को सन यह ह मा जो बगवान क परसाद को गरहण कयत ह उनह बगवान की कऩा परापत होती ह औय व सौबागम बी ऩात ह

पराचीन कार भ ldquoनगयीrdquo नाभक एक गराभ भ धनगपत नाभ का वमाऩायी यहता था वह फहत ही रारची था ऐशवमि परापत कयन ऩय बी उसका रारचीऩन कभ नही हआ मह सभसत ऐशवमि उसका ही कभामा हआ ह ऐसा सोचकय वह फहत घभॊड कयता था अहॊकाय भनषम का नाश कयता ह

धनगपत की ऩतनी काॊरतभती अतमॊत बसकत बावना यखती थी औय रनषठा स बगवान की ऩजा कयती थी उनकी तीन कनमाएॉ थी तीसयी कनमा ldquoकभायीrdquo भ बसकत बावना जमादा थी वह हभशा फाराजी का नाभ ही जऩती यहती थी षऩताजी को बफना फताम वह जफ-तफ शरी फाराजी क भॊहदय भ जाती थी औय बगवान क दशिन कयती थी घय आकय षऩताजी को छोड अनम सबी क साथ परसाद सवीकाय कयती थी ऩती क ऐस वमवहाय स

काॊरतभती थोडी चच ॊरतत होती थी

एक हदन ldquoकभायीrdquo की सहरी क घय ऩय ldquoशरी फाराजीrdquo का वरत सॊऩनन हो यहा था मह जानकय वो वहाॉ गई वरत ऩया होन तक दोऩहय हो चकी थी थोडासा परसाद उसन गरहण ककमा औय थोडा वह अऩन घयवारो क लरम एक

कागज की ऩडी भ रकय चरी फीच यासत भ उस पमास रगन रगी धऩ बी फहत तज थी उसन सोचा थोडी दय रक

कय पमास फझाकय कपय चरॉ तो ठीक यहगा तबी उस माद आमा कक उसक षऩता की दकान अगरी गरी भ ही तो ह वहाॉ जाकय उसन षऩताजी को ऩजा की फात बफना फताम षऩताजी स ऩानी भाॉगकय षऩमा औय षऩताजी गससा कयग

इस डय स उसन जलदी-जलदी ऩानी षऩमा इस घफयाहट भ परसाद की ऩडी वही दकान भ बरकय चरी गई

एकाएक फाजाय भ हडकॊ ऩ भच गमा रोग हाहाकाय भचात हए इधय-उधय बागन रग आगजनी क कायण उस गरी की सायी दकान जर कय याख होन रगी वस बी दोऩहय का सभम थाउस ऩय गभि हवाएॉ चर यही थीधनगपत का शयीय डय क भाय काॉऩन रगा ldquoकछ ही सभम भ उसकी दकान बी जर कय याख हो जाएगीrdquo इस षवचाय स उस क हाथ-ऩय काॉऩन रग सबी रोग अऩनी-अऩनी दकानो स फाहय आकय इधय-उधय बागन रग ऩय

धनगपत वही खडा यह गमा दकान छोडकय जान का भन नही कय यहा था महद वो दकान भ यहगा तो जरकय

याख हो जामगासोचत हए उसन घफयाहट भ उसक हाथ रगी ऩडी को उठामा औय बफना सोच सभझ जो हाथ आमा वो भॉह भ डार हदमा उस कछ भीठा-भीठा सा ऩदाथि रगा औय भन बी शाॊत होन रगा

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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तबी एक अदभत घटना घटीआग धनगपत की दकान तक आकय रक गमी आग की रऩत वहाॉ नही आ ऩामी मह कसी षवचचतर फात हम कसी भामा ह धनगपत क भॉहस एक बी फात नही रनकर ऩामी उधय आगजनी की खफय सनत ही ऩतनी काॊरतभती अऩन कनमाओॊ क साथ फाराजी का सभयण कयत हए दौडती हई वहाॉ आ गमी आग उनक दकान तक आकय कस रक गमी मह दखकय उस आशचमि हआ तबी कभायी को दकान भ बरी हई ऩडी की माद आई धनगपत को सभझन भ दय नही रगी कक उसन जो चीज भॉह भ डारी थी वो औय कछ नही तो बगवान का परसाद ही था औय उसकी भहहभा स ही व इस दघिटना स चक गम धनगपत न शरीफाराजी स भा भाॉगी गार फजाम शाभ भ ही नगयवालसमो को फराकय ldquoशरीफाराजी की वरत कथाrdquo सॊऩनन की तफ स वह बगवान की सवा भ रीन हो गमा औय अॊत भ भो बी परापत की आऩन दखा कक कवर परसाद गरहण कयन स ही वो ककतनी फडी दघिटना स चक गमा फाराजी की भहहभा अदभत ह आऩ सबी बी मथा सॊबव वरत को सॊऩनन कय क बगवान की कऩा परापत कय सकत हldquo

शरीबयदवाजजी न इस परकाय मह चतथि कथा सनामी

गोषवॊदगोषवॊदगोषवॊद

चतथोधमाम सभापतॊ |

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

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ऩॊचभ अधमाम

शरी अतरतर उवाच

रतरभरा-रतरऩती बरोक का वकणठ धाभ ह ऩयाणो भ फतामा गमा ह कक रतरभरा क सभान ऩषवतर सथर औय शरी फाराजी जस दवता न तो ऩहर कबी हए ह औय न कबी होग शरीरनवास क रऩ भ अवतरयत शरी नायामण अऩन

बकतो स फहत परभ कयत ह जो उन ऩय अऩना ऩया बाय डारकय उनह रनतम सभयण कयत ह जो सदाचाय स ऩणि जीवन बफतात ह वो उनकी या कयत ह ऐस शरीफाराजी को परसनन कयन का सफस सयर उऩाम ह ndash ldquoशरीफाराजी की वरत कथाrdquo

इस अदभत वरत कथा क फाय भ भहातऩसॊऩनन शरी अबतर भहषषि न कऩा कयत हए कहा ह- ldquo ह फाराजी क षपरम

बकतो कलरमग भ आऩक सौबागम क फाय भ कमा कहना कतमग तरतामग औय दवाऩायमग भ अतमॊत कठोय तऩ-

जऩ कयन ऩय बी परसनन न होन वार शरी नायामण इस मग भ कवर नाभसभयण स ही आऩ रोगो ऩय कऩा कय यह

ह षवशवास क साथ उनह फरान ऩय व तयॊत कऩा परदान कयत ह ऐस करणाभम ह शरीफाराजी ऩषवतर रतरभरा ऩय

तमहाया यखा हय कदभ अनक जनभो क ऩणमपर क सभान ह

पराचीन कार भ ldquoकौभायrdquo दश भ ldquoलभतरrdquo नाभक धोफी यहता था वो अऩन काभ क साथ-साथ धालभिक कामि कयता हआ जीवन रनवािह कय यहा था उसकी अऩॊगता ही उसकी चच ॊता थी इसी कायण धोए हए कऩडो की ऩोटरी फनाकय घय-घय घभकय उनह रोगो तक ऩहॉचाना उस धीय धीय भसशकर रगन रगा उसका ऩरयवाय फडा था बफना भहनत ककए उस बय ऩट खान को बी नही लभरता था हभशा वो शरी फाराजी की ऩजा कयता यहता था कबी ना कबी बगवान उस ऩय कऩा कयग इसी षवशवास स वो अऩना जीवन गजाय यहा था बकतो ऩय कऩा कयन वार फाराजी सफ कछ दखत यहत ह जो वमसकत अऩन कभो स भकती ऩाता ह उनक ऩास आकय फाराजी ककसी न ककसी रऩ भ आकय उनकी या कयत ह एक हदन शाभ क सभम हभशा की तयह लभतर कऩड धोकय कऩडो की ऩोटरी राद धीय-धीय चरता हआ आ

यहा था फीच यासत भ उस एक वदध बराहभण हदखाई हदम गौयव की बावना स फड होन क कायण लभतर न अऩन कॊ ध

ऩय रदी हई ऩोटरी को नीच उतायकय वदध बराहभण को नभसकाय ककमा तफ उस षवपरोततभ न कहा- ldquoतभ अऩन इस ऩय क कायण ककतना कषट सह यह हो तमहाया दख दखा नही जाताrdquo तफ लभतर न कहा-ldquoह नाथ आऩ फजगि ह बयाऩया ऩरयवाय होन क कायण भझ इस काभ स भकती नही लभर यही ह ककसी तयह भयी म अऩॊगता दय हो ऐसा कोई उऩाम फताइएrdquo

तफ बराहभण न कहा-ldquoसनो बाई भ जरय फताऊॉ गा धमान स सनो भ एक ऐस वरत क फाय भ फताता हॉ सजस सॊऩनन कयन स तमहायी अऩॊगता दय हो जाएगी तमह अषट ऐशवमो की परासपत होगी वरत सॊऩनन कयत ही तमह हजाय अशकपि माॉ लभरगी ऩय एक शति ह उसभ स आध तभ भझ दोगकर भ कपय इसी सभम महाॉ लभरॉगाrdquo तफ लभतर न कहा- ldquoसवाभी इसस फढकय सौबागम औय कमा हो सकता ह आज ही इस

वरत क फाय भ फताइए भ उस सॊऩनन करॉ गाrdquo लभतर क उतसाह को दख वदध न शरी फाराजी वरत कथा क फाय भ फतामा

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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लभतर दगन उतसाह क साथ घय आमा ऩयी कहानी ऩतनी को फतामी औय अडोस-ऩडोस क साथ लभरकय शरी फाराजी वरत को सॊऩनन ककमा चयणाभत परसाद गरहण ककमा घय आए सबी रोगो को बी हदमा तबी घय क फाहय कछ

कोराहर सनाई हदमा लभतर का फटा फाहय स दौडता हआ आमा औय फोरा- ldquoषऩताजी षऩताजी याज-यक आऩक लरम आए ह याजा न आऩक लरम बट बी बजी हrdquo इतन भ यक बी वहाॉ आ गम उनहोन फतामा कक उसकी रनमसकत याज दयफाय भ धोफी क रऩ भ हो गमी ह याजा न हजाय अशकपि माॉ ऩयसकाय सवरऩ बजी ह ऐसा कहकय उनहोन लभतर क हाथ भ हजाय अशकपिमो की ऩोटरी यख दी एक हफत क अॊदय-अॊदय

उस आकय नौकयी भ बतॉ होन को बी कहा लभतर क आनॊद की सीभा नही थी एक हफता कमो कर ही कमो नही सोचकय उसन अऩनी ऩोटरी-वोटरी फाॉधी औय दसय हदन सवय ही वो जान को तमाय हो गमा इस जलदफाजी भ वह

उस वदध की फात बर गमा फीच यासत भ उस उसकी फात माद आ गमी ऩय ठीक हअगर भहहन लभर रता हॉ सोच

कय वह याज दयफाय भ अऩन काभ ऩय रग गमा हदनभहहन फीत बराहभण क वश भ आए बगवान को गससा आमा बगवान न सोचा भनषम की परवसतत ऐसी ही होती ह उस भझ अऩनी भहहभा फतानी होगी

दसय ही हदन याणीवास स आबषण चोयी हो गम चोयी का इलजाभ लभतर ऩय आमा लभतर को कायावास की सजा हई hellipयाज यकोन उस तयह-तयह की मातनाएॉ दी ऐसा कमो हआउस ऩय मह इलजाभ कमो रगा सोचत हए लभतर को यात को सऩन भ बगवान हदखाई हदम उनहोन फतामा कक ldquoवदध बराहभण क रऩ भ व ही आम थ वो अऩनी फात स भकय गमा इसलरम म सफ हआ हrdquo तफ लभतर न कहा-ldquoह नाथभ ऩाऩी हॉ भन फहत फडा ऩाऩ ककमा ह कऩमा भझ ऩय दमा कीसजम अफ भ हय भहहन आऩका वरत सॊऩनन करॉ गा भयी आम का आधा बाग जीवन बय आऩको सभषऩित करॉ गाrdquo गार फजाकय उसन बगवान की हय तयह स पराथिना की बकतो की ऩकाय सननवार बगवान न खशी-खशी लभतर ऩय कऩा कय दी बगवान की कऩा स याणी क आबषण दसयही हदन लभर गम याजान म बी जान लरमा कक लभतरन चोयी नही की थी लभतरको कायावास स रयहा कय हदमा गमा तफ स लभतर बगवान को हदम वचन अनसाय हय भहहन शरी फाराजी का वरत सॊऩनन कयन रगा औय अऩनी आम का आधा बाग बगवान को अषऩित कयता यहा सख ऩणि जीवन बफतात हए उसन अॊत भ भो बी परापत ककमाrdquo

शरी अबतरजी न ऐसा कहकय ऩाॉचव औय आखयी अधमाम को सभापत ककमा

गोषवॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

ऩॊचभोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

Page 2: 55804144 Sree Balaji Kee Leelaye and Vrat Katha Hindi Book

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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शरी फाराजी की रीराएॉ औय

शरी वकटशवय वरत कथा परथभ आवतती पबरवायी २०११ (हहॊदी भ)

Contents शरवात कयन स ऩहर 5

भया रयशता - सात ऩवितो क ईशवय स 6

शरी वकटशवय भॊतर 15

कलमाण वकटशवय सवाभी 16

ऩजा की साभगरी 16

वरत की षवधी 17

शरी वकटशवय वरत कथा 19

परथभ अधमाम 42

दषवतीम अधमाम 44

ततीम अधमाम 46

चतथि अधमाम 47

ऩॊचभ अधमाम 49

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ॐ नभो वकटशाम नभ

शरवात कयन स ऩहर

वकटाहि सभॊ सथानॊ नाससत ककॊचन

वकटश सभदवो न बतो न बषवषमरत

(ऩय बरहभाॊड भ वकटाहि जसा सथान कही नही औय उसऩय ससथत वकटश जसा कोई दव ना ऩहर कबी हआ ना कबी होगा)

शरी वकटशवय की कऩा औय आशीवािद ऩान क लरम इस कलरमग भ ldquoशरीवकटशवय वरतrdquo सफस उततभ भाना जाता ह भन बगवान क कई चभतकाय औय रीराएॉ फहत सनी थी भन बगवान की जीवनबय ऩजा की ह म सफस जमादा कऩार दमा क सागय औय अऩन बकतो क दखषवनाशक दवता ह म अऩन बकतो को चच ॊतासागय क ऩाय र जात ह उनऩय अऩनी भभता औय पमाय रनछावय कयत ह जो कोई अऩना जीवन सही यासत स जाकय औय बगवान को शयण

जाकय वमरतत कयत ह उनकी ऩयी सजमभदायी बगवान रत ह इस भ कोई सॊदह नही

भय ऩजम षऩताजी शरी फर ऩलरा याव औय भाताजी शरीभती फर वकटरकषभी न भझ हभशा शरीवकटशजी की अदभत

कहारनमाॉ फतामी उनहोन भय भन भ इस सात ऩवितो क ईशवय क फाय भ जो रनषठा औय पमाय जतामा उसकी कोई

तरना नही जस जस हदन बफतत गम वस वस भया भन वकटशवय की ओय फढता ही गमा भयी जीवन का वो अतमॊत

भहततवऩणि बाग फन गम उनक पररत भय भन भ अनाकरनीम बकती बय गमी जफ तक भझ माद ह भ न कबी बगवान स कछ नही भाॉगा एक ऐसा साहस भय कलऩना को भजफत ककम जा यहा था की भय बगवान भय साय सखदख भ भय साथ ही होग आजकर दवऩजा भ बसकत कभ औय सवाथि जमादा हदखाई दता ह ऐहहक जीवन स जडी इचछाएॉ ऩयी कयन क लरमही ऩजा की जाती ह जो साप हदर स कोई वासना ना यखत हए बगवान का सभयण कयगा उस बगवान क हदवम दशिन का राब जरय होगा बगवान न भझऩय कऩा की ह उसक कछ परतम अनबव भ महाॉ फमान कयना चाहती हॉ शरीरनवास (सात ऩवितो क ईशवय वकटश वकटशवय फाराजी रतरभरश ऩरभलरा गोषव ॊद आहद नाभो स बी ऩरयचचत ह) भाता-षऩता सास-ससय फटा-फह फटी-दाभाद क साथ पमाय स यहनवार बकतो क घय जात ह शरी रकषभी (धन सॊऩतती की दवी) वहाॉ खशी स नाच उठती ह कोई तो इचछा यखना म आभ आदभी क लरम फडी नसचगिक फात ह जो इचछा दसयो को हानी ऩहॉचा सकती ह ऐसी इचछा ऩयी होन की चाह नही यखनी चाहहम हभशा अचछी काभनाओॊ को ही भन भ यखो बगवान शरीरनवास क भन भ अऩन बकतो क लरम कलऩनातीत परभ औय भभता ह हभ अऩना ऩया हदर रगाकय अहॊ को तमागकय रनसवाथॉ होकय बसकत स उनकी पराथिना कयनी चाहहम

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भया रयशता - सात ऩववतो क ईशवय स

भय भाता षऩता शरी फर ऩलरा याव औय शरीभती फर वकटरकषभी दोनो की दवबसकत अवणिनीम ह उनहोन फाय

फाय रतरभरा जाकय नॊग ऩाॉव ऩवित चढकय शरी फाराजी क दशिन ककम ह भय षऩताजीन हभशा ऩय हदरस उनकी ऩजा की ह भया जनभ भय नाना शरी लस ॊगवयऩ अनॊत यभर औय नानी शरीभती कोहटयतनभ क घय खमभभ भ १९८० भ हआ सार २००० भ भ नौकयी की वजह स हिाफाद भ होसटर भ यहन रगी एक हदन सऩन भ भन दहदपमभान

परकाश दखा उसक तज भ फाकी कछ हदखामी नही द यहा था तफ भन एक आवाज सनी ldquoतमह शरी वकटशवय

सवाभी का वरत तयॊत कयना चाहहमrdquo जफ भन भयी आॉख खोरी तो आसऩास साया अॊधया था भ कपय स सो गमी सफह उठकय भ अभीय ऩट क भॊहदय चरी गमी औय ऩजायीजी स शरी वकटशवय सवाभी जी क वरत क फाय भ ऩछा व

इस वरतक फाय भ कछ नही जानत थ भन फहत स ऩजारयमो को ऩछा ऩय कोई बी इस वरत क फाय भ नही जानता था कछ हदन फाद भ सऩन क औय वरतक फाय भ बर गमी भ हय सार रतरभरा जाकयचरकय भॊहदय ऩहॉचकय अॊग परदकषणा (जभीन ऩय रट हए भॊहदय को परदकषणा ताकक शयीय का हय बाग जभीन को छए) कयती थी म भ बफलकर बी नही बरी ऩय वरत औय सऩन क फाय भ सफकछ बर गमी ऋषषकश क साथ २००२ भ भयी शादी हो गमी उसक साथ भ कॎ लरपोरनिमा अभरयका भ आ गमी २००३ भ हभायी ऩहरी फटी नहा का जनभ हआ २००५ भ जफ बायत की मातरा ऩय गम तो हभ रतरऩरत क दशिन क लरम रतरभरा गम भन अॊग परदकषणा कयन की सोची हभाया यहन का सथान भॊहदय स कापी दय था सफह जलदी उठकय भ ऩस

रकय वहाॉ स रनकरी सोचा टॎकसी रकय भ जलदी ऩहॉच जाउॉगी इतन भ एक घोडा गाडी आकय भय साभन रकी उसभस एक फजगि नीच उतय औय फोर ldquoभ तमह भॊहदय र चरता हॉ चरो भय गाडी भ फठोrdquo भय ऩास वकत नही था दस लभरनट भ भझ भॊहदय ऩहॉचना था भ चच ॊरतत थी कक भझ अॊगपरदकषणा कयन लभरगी मा नही भन उस फजगि स

कहा ldquoअगय भ आऩकी गाडी स जाउॉगी तो हभ वकत ऩय नही जा ऩामग औय भ अॊगपरदकषणा कय नही ऩाउॉगी इसलरम भ टॎकसी स जाउॉगी ताकक भ वकत ऩय ऩहॉच जाउॉrdquo उनहोन हॉसकय भझ वकत ऩय र जान की तसलरी दत

हए कहा ldquoतभ जरय अॊगपरदकषणा कयोगीrdquo उस वकत भ बफना कछ सोच गाडी भ जा फठी वो भझ भॊहदय र गम

औय एक अमभा क हाथ सौऩ हदमा उस अमभा का सतज भख भझ अबी बी माद ह उसक भखभॊडर ऩय हलदी रगी हई थी औय बार ऩय फडा कभकभ था नाक भ दो गहन औय फार भ पर थ फहत ही खफसयत रग यही थी जस कक साात दवी ऩदमावती उसन भया हाथ थाभा औय भझ वो ऩषकरयणी की तयप र गमी तीन फाय उसन भझ ऩानीभ डफककमाॉ रगामी औय भय चहय ऩय हलदी कभकभ रगाकय समि नभसकाय कयन क लरम कहा उसक फाद वो भझ धवज सतॊब स (साभन क दयवाज स) भॊहदय र गमी अॊगपरदकषणा क फाद शरी वकटशवय क खास दशिन बी कयवाम ऐस शब दशिन क लरम भ उसक आबाय भानना चाहती थी भन उसको आसऩास दखा रोगोको ऩछा ऩय कही नही लभरी भयी तो सझफझ ही खो फठी जहाॉ भझ गाडीवार फजगि न छोडा था वहाॉ जाकय भ न रोगो स ऩछताछ की कोई बी उस फजगि औय अमभा क फाय भ नही जानता था वहाॉक ऩजायी औय सबी रोगो न फतामा कक ककसी न महाॉ कोई बी घोडागाडी कबी दखी नही ह टॎकसी क लरम जो ऩस भ रकय चरी थी वो अबी बी भय हाथ भ थ आशचमि की फात म थी कक तीन फाय ऩानी भ जाकय बी वो चगर नही हए थ अफ भझ सफ कछ सभझ भ आमा वो फजगि जो भझ भॊहदय रक आए उनऩय भन ऩया षवशवासा ककमा वो कोई औय नही सवमॊ वकटशवय थ औय वो अमभा सजसन भझस समिदव की पराथिना कयवामी भॊहदय र

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जाकय खास दशिन कयवाम वो कोई औय नही ऩय सवमॊ दवी ऩदमावती थी उनको ना ऩहचान न की भयी बर ऩय भ फहत ऩछतामी भ फहत खश बी हो गमी भझ अमभा क शबद माद आम ldquoभ तमह भय बगवान क जरय दशिन कयाउॉगीrdquo भय सभझ भ आमा कक म सायी फात उसी की रीरा थी भन वाऩस जाकय सफ को जो हआ वो फतामा भय ऩती दवय गणश उनकी ऩतनी लशवषपरमा औय फाकी साय रोग थ उनहोन बी सफको ऩछा सबी न फतामा कक रतरभरा भ घोडागाडी नही ह भझ नही ऩता कक ककसीन भयी फातो ऩय षवशवास ककमा मा नही ऩय भझ ऩया मककन ह कक वो शरी वकटशवय औय दवी ऩदमावती ही थ उसक फाद हभ कॎ लरपोरनिमा रौट २००५ की म रतरभरा की मातरा भय लरम अषवसभयणीम यही जो सऩना भ न २००० भ दखा था वो कपय स २०१० क भ भहहन भ भझ हदखाई हदमा वही तजसवी परकाश वही आवाज औय वही वरत कयन की सचना इस फाय वरत की सचनाक साथ वरत परचाय की सराह बी थी शरी फाराजी की अदभत रीराएॉ फताकय रोगो को म वरत कयन क लरम पररयत कयना ह उसन कहा ldquoतमहाया जनभ इस वरत की भहहभा आभ रोगो तक ऩहॉचान क लरम ही हआ हrdquo भ न बगवान स ऩछा ldquoभ अकरी ककसी क भदद क बफना इतना फडा कामि कस कय ऩाउॉगी भयी कौन सनगा औय कमो सनगा कोई भझ ऩय कमो षवशवास कयगाrdquo म भय परशन सनकय बगवान हॉस ऩड औय फोर ldquoतभ म वरत अऩन घय भ कयो तमह भागि हदखाई दगाrdquo इतना ही नही बगवान न भझ तयॊत इसका ऩसतक बी लरखन क लरम कहा भन भय ऩती ऋषषकश स सऩन क फायभ फतामा उनहोन भझऩय षवशवास ककमा औय बगवान न फतामी हय फात कयन क लरम तमाय बी हो गम हभन शरनवाय जन २६ २०१० को ऩरणिभा क हदन ऩहरी फाय शरी फाराजी वरत को सॊऩनन ककमा यषववाय जर २५ २०१० को ऩरणिभा क हदन दसयी फाय वरत सॊऩनन ककमा हभन १५ अरग अरग ऩदाथि औय परो का ldquoभहानवदमrdquo सभषऩित ककमा औय ऩजाघय का दयवाजा फॊद ककमा आध घॊट फाद जफ हभ ऩजाघय भ गम तफ जो दषम दखा वो कलऩनातीत था चावर का फडा रनवारा बगवान की पोटो ऩय रगा था शरनवाय सपटफय ४ २०१० को एकादशी (ऩषवतर हदन) क हदन हभन कपय एक फाय वरत सॊऩनन ककमा इस हदन बी हभन ldquoभहानवदमrdquo बगवान को अऩिण ककमा षऩछरी फाय की तयह ऩजाघय का दयवाजा फॊद कय हदमा जफ हभ ऩजाघय भ गम तफ दखा कक भहानवदम एक गोर भ एकबतरत कयक यखा था तयॊत भन सफको फराकय म आशचमिजनक फात हदखामी सफ रोग अचॊबफत हो गम म हदन भ कबी बर नही ऩाई हॉ फडा ही दवी अनबव था म जो शबदो भ फाॉधा नही जा सकता उस हदन स हभन बगवान की फहत सायी रीराएॉ हभाय घय भ होत हए दखी औय दख यह ह आज जानवायी २ २०११ ह आजतक हय योज हभ दवी अनबव र यह ह इस बाषाॊतय भ हभ वही साय चभतकाय लरखग जो हभाय तरग ऩसतक भ छऩ ह म साय चभतकाय सपटफय ५ २०१० स ऑकटोफय १० २०१० तक ही लसलभत ह सपटफय ५ २०१० सफह उठकय भन भया भॉह लशशभ दखा औय दखती ही यह गमी भय भख ऩय नाक स फारो तक नाभार (३ चॊदन की यखाएॉ) आ गमा था उस हदन भन जाना कक बगवान भय घय भ आकय फस गम ह हभन बगवान की ऩजा की औय कछ खयीदायी क लरम फाहय रनकर ऩड शाभ को घय रौट औय दखा तो आयती की थारी सजी हई थी हदमभ घी क साथ फाती तमाय थी जस कक हभ अबी

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बगवान की आयती कयनवार ह म कमा हो यहा था हभ कछ सभझ नही ऩा यह थ थोडासा डय बी रगा घय भ तो कोई नही था फाहय तारा रगा हआ था कौन अॊदय आमा ककसन की म सायी तमायी हभन हभाय भन को सभझामा कक म सायी उसी कलरमग क दवता शरीफाराजी की रीरा ह हभन रनसशचॊत होकय आयती की थोडी दय फाद भझ यसोईघय भ काभ कयत कयत अचछी खशफ आमी भ दौडत हए ऩजाघय गमी दखा कक चॊदन की अगयफतती जर यही ह कछ दय फाद भयी फटीन भझ फतामा कक हदम भ कपय स घी औय फाती आ गमी ह हभन बगवान आयती की जस भझ सऩनभ फतामा गमा था वस शरीभान नायामण सवमॊ हभाय घय भ आ गम ह हभायी खशी का कोई हठकाना नही यहा सपटफय ६ २०१० एक सफह हभ उठ तो बफसतय भ अताएॉ बफखयी थी फडी सावधानी स हभन वो सायी उठाकय एक ऩोटरी भ यख दी हय योज की तयह सनान कयक भ बगवान की ऩजा कय यही थी उनका नाभसभयण कय यही थी इतन भ बगवान की पोटो भ भझ दहदपमभान परकाश हदखाई हदमा उसक तज को सहन नही कय ऩामी औय भन आॉख फॊद कय री उसक फाद कमा हआ भझ कछ माद नही जफ भन आॉख खोरी तो दखा भय ऩती भझ जोय जोय स भया नाभ रकय जगान की कोलशश कय यह थ भझ रगा की भ शामद फहोश हो गमी थी उठकय जफ लशश भ दखा तो कपय स नाभार चहय ऩय आमा हआ था इस फाय भ भया भॉह दखकय डय गमी कमो कक नाभार क साथ उसऩय गहय रार यॊग का कभकभ बी आमा था कपय भय ऩती न भझ फतामा कक भझ भ बगवान आम थ भयी आवाज ऩरषो जसी हो गमी थी फाय फाय भन ऩती स ऩछा ldquoकमा सचभच ऐसा हआ भझ कछ माद कम नही आताrdquo उसी हदन दोऩहय भ १ फज हभ फाहय गम शाभ को ६ फज घय रौट हभन दखा घय भ फसततमाॉ जर यही ह ऩजा की थारी सजी हई ह हदम भ घी क साथ फाती बी यखी हई ह तीथि (दध भ चीनी लभराकय) बी तमाय ह सपटफय ७ २०१० आज बगवान की पोटो स हलदी आना शर हआ सफह की ऩजाक वकत पोटो क ऩास तो कोई हलदी नही यखी थी दोऩहय को १२३० फज भ भयी फटी क साथ सपाई कयन क लरम ऩजाघय गमी भयी फटी कहन रगी ldquoभाॉ बगवान की पोटो स हलदी आ यही हrdquo ऩहर भझ रगा घय भ जो हलदी ह वो वहाॉ आ यही होगी ऩय घय भ तो भ न इतनी हलदी राई नही थी यसोईघय भ भय डडबफ भ दखा तो हलदी ऩय ॐ औय सवससतक क रनशान थ भन तयॊत ऩती को हदखाम उसन रनशानो क पोटो रखॊच जो हलदी बगवान क पोटो ऩय आ यही थी उस अरगसी भनबावन खशफ थी भया घय उस अदभत खशफ स बय गमा उस हदन घय आम भहभानो को बी खशफ आमी शाभ को योज की तयह आयती की थारी सजी हई थी हदमभ घी क साथ फाती तमाय थी सपटफय ८ २०१० आज बगवान की पोटोस औय अचधक हलदी आमी दध भ शहद लभराकय चाॊदी का फाऊर बी तमाय था जफ स म साय चभतकाय घय भ होन रग तफस हभ हदन भ तीन फाय नवदम अऩिण कयन रग नवदम स ऩहर हभायी फटी नहा बी खाना नही खान रगी सपटफय ९ २०१० आज बगवान क पोटो स ढय सायी हलदी आमी बगवान क भखभॊडर तक ऩहॉच गमी उसऩय नयलसॊह सवाभी क रनशान बी थ आज बगवान न हभ नयलसॊह सवाभी क रऩ भ दशिन हदम हभन आज कछ रोगो को फरामा था उनभ स ककसी को रनशान भ शरी वकटशवय हदखाई हदम ककसी को

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बगवान कषण ककसी को नयलसॊह सवाभी तो ककसी को ॐ काय हदखाई हदमा जो सजस रऩ को ऩजत थ वस उनको दशिन हआ इसी हदन भझ औय एक अदभत घटना दखन लभरी जो रोग हभाय घय आम हए थ उनह बी म हदखाई हदमा अ फ तक पोटोस हलदी आना हदम भ घी क साथ फाती आना आयती की थारी सजना ऐसी बगवान की रीराएॉ हभन दखी अबी जो भ फतान जा यही हॉ वो भन को शाॊरत दनवारी घटना ह आम हए सबी रोगो को षवससभत कय गमी आज भय ऩती भझ स ऩहर उठ औय भया चहया दखकय घफया गम जलदी स भझ उठामा ऩछन रग ldquoतभन म चहय

ऩय कमा रगामा हrdquo भन उठकय लशश भ दखा ऩय चहय ऩय हलदी का रऩ रगा हआ था भाथ ऩय एक रऩम क

लसकक क सजतना फडा कभकभ था वो कभकभ धीय धीय फढ यहा था इस फात न भझ बी सोच भ डार हदमा भझ

कमा हो यहा ह शाभ को हभाय कछ लभतर उनक ऩरयवाय क साथ बजन कयन क लरम घय आ गम जफ व बजन गा यह थ भ न अऩनी आॉख फॊद कय री आॉखो क साभन शरी ऩदमावती क साथ शरी वकटशवय थ म दखकय भ सफह भय चहय ऩय आम हए हलदी कभकभ का भहततव जान गमी उस हलदी औय कभकभ न भझ हदवम दशिन सहन की शकती दी थी आभ रोगो भ म शकती नही होती ह बगवान औय दवी भाॉ को भझ इस अरग शकती का वयदान ऩहर दना ऩडा उस ऩाकय भ उनक दहदपमभान रऩ को दख सकॉ म हभाया सफस फडा सौबागम ह

इसी हदन हभन चीनी दध भ लभराकय उसका नवदम अऩिण ककमा सफक साभन चीनी का शहद फन गमा आम हए सबी रोग म चभतकाय दखकय फहत खश हए औय अऩन आऩ को खशनसीफ भानकय घय रौट सपटफय १० २०१० योज की तयह आज बी भ सनान कयक ऩजाघय भ गमी बगवान की तसवीय क साभन जभी हई

हलदी न गणशजी का आकाय लरमा था आज बी कभय क साय हदम जराम हए थ आयती की थारी सजी हई थी हदम भ घी क साथ फाती बी यखी हई थी ऩजा की सायी तमायी हो चकी थी बगवान न गणशजी क रऩ भ दशिन

हदमा उस हदन आम हए रोगोन आशचमि स कहा ldquoषवनामक चतथॉ क ऩहर ही षवनामक आऩक घय आमrdquo बगवान की रीरा अगाध ह इन रीराओॊ को सभटन क लरम सहसतर नमन बी कभ ह

सपटफय ११ २०१० आज बी घय भ योशनी थी आयती की थारी सजी हई थी हदम भ घी क साथ फाती थी भ जफ उठी तो चहय ऩय कपय स हलदी कभकभ रगा था म दखकय भ फहत खश हई रगा आज कपय स भझ हदवम दशिन होगा बगवान को रनमफ-चावर औय दही-चावर का नवदम अऩिण ककमा कछ दय फाद जफ ऩजा घय भ रौट तो दोनो चावर का लभशरण हआ था मही हभाया बोजन था आज हभाय महाॉ थोड रोग आम हए थ उनभ स एक शरीभतीजी को इन चभतकायो ऩय षवशवास नही था व फोरी ldquoबगवान तो लसपि ऩतथय की भतॉ ह उस हभ अऩनी इचछाएॉ ऩयी कयनक लरम कहत ह म तो तमहायी कवर कलऩना ह कक बगवान तमहाय घय भ आम हrdquo कपय उसन भझ एक घॊट भ सौ सवार ऩछ औय भ न फड धीयज क साथ उन साय सवारो क जवाफ हदम उसन थोड पर राम थ वो भ न बगवान

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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क साभन यख हदम परसाद रकय व चरी गमी इसक फाद औय कछ रोग आम हभ इनह थोड सारो स जानत थ भ सभझी म रोग चभतकयो को लसपि जाॉचन आम ह कछ सभम बफताकय व परसाद लरम बफना ही चर गम उस शाभ भय ऩती फटी क साथ हभाय दोसतो क महाॉ खान ऩय गम थ भ फचनी स हदवम दशिन की याह दख यही थी इतन भ जो शरीभती हभाय घय आकय परसाद लरम बफना चरी गमी थी उनका भझ पोन आमा व फोरी ldquoफाराजी औय ऩदमा नाभ क एक शरीभान-शरीभतीजी आऩ क घय आना चाहत ह भन उनको आऩ क घय का ऩता औय पोन हदमा ह अगय उनह घय ढॉढन ऩय हदककत आमी तो व आऩको पोन कयगrdquo भन हाॉ बयी अबी बी भ बगवान क हदवम दशिन की आतयता स याह दख यही थी तबी फाराजी औय ऩदमा भय घय ऩय आम भ न उनका सवागत ककमा उनको ऩजाघय र गमी उनहोन बगवान को दखा कहा ldquoतभ फहत खशनसीफ हो बगवान की तभ ऩय ऩयी कऩा हrdquo भन हदमा हआ परसाद बावऩणि भन स उनहोन सवीकाय ककमा कछ दय रककय कपय स ककसी हदन आन का वचन दकय चर गम उनक जान क फाद कपय स भय सौबागम स भझ हदवम दशिन का राब हआ तफ तक भय ऩती घय रौट भ न उनको फाराजी औय ऩदमा क फाय भ सफ कछ फतामा म बी फतामा कक जो शरीभती जी परसाद लरम बफना ही चरी गमी थी उसीन उनह महाॉ बजा था भय ऩती ऩछन रग ldquoजो सवमॊ इन चभतकायो ऩय षवशवास ना यखतीहो व कस ककसी को हभाय घय बज सकती हrdquo जफ भय ऩती न म फात नही उठामी तफ तक भय भन भ म आशॊका आमी नही थी अफ भय भन भ एक सवार उठा भझ हदवम दशिन फाराजी औय ऩदमा आन स ऩहर कमॉ नही हआ भझ इसका जवाफ जानना जरयी रगा हभन उस शरीभती जी को पोन कयक फाराजी औय ऩदमा क फाय भ ऩछ उसन लसधा इॊकाय ककमा उसन ककसीको बी हभाय घय नही बजा था पोन बी नही ककमा था उसक दय दय तक क रयशतदायो भ ऐस नाभ का कोई नही था अफ भ सभझी व औय कोई नही फसलक सवमॊ बगवान ही थ सजनह भ ऩहचान नही सकी भ फहत रनयाश हो गमी उनह ना ऩहचानन की बर भ ऩहर (२००५ की रतरभरा की मातरा भ लभर हए फजगि शरीभान-शरीभती) बी कय चकी थी आज कपय वोही गरती भ न दोहयामी थी साशरऩणि नमनो स भ न बगवान स ऩछा कक म कसी ऩयीा ह यात क ११ फज हभन ऩजाघय का दयवाजा फॊद ककमा औय फाहय कभय भ टीवी दखन रग नीॊद आन ऩय सोन स ऩहर एक फाय बगवान का दशिन रन हभ ऩजाघय भ गम ११३० फज चक थ ऩजाघय भ शरी फाराजी औय ऩदमावती क भतॉ स शहद फह यहा था फडा कलऩनातीत दशम था भय ऩती तो अचॊबफत ही हो गम हभन तयॊत उसक पोटो औय कपलभ र री दवय दवयानी को सकाईऩ (इॊटयनट) ऩय आन क लरम कहा उनहोन म अदभत चभतकाय वफ कॎ भय स दखा उनकी खशी का तो हठकाना ही नही यहा औय एक फात भ न दखी जो पर षवशवास ना यखनवारी शरीभतीजी न राम थ सजनहोन भझ हय तयह क सवार ऩछ थ वो दसय कोनभ उछार हए थ म दखकय हभन तम ककमा कक जो बगवान ऩय षवशवास यखत हो उनहीक पर बगवान को चढामग हय हदन अषवसभयणीम माद औय अदभत अनबव ऩीछ छोड क जा यहा था

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सपटफय १२ २०१० आज हलदी क ऊऩय कभकभ आन रगा शहद बी फह यहा था हभन नवदम अऩिण ककमा कछ दय फाद दखत ह तो कमा आज बगवान न नवदम गरहण नही ककमा था शाभ को हभन बन हए हटॊडोया चावर क साथ लभराकय उसका नवदम ककमा थोडी दय फाद जफ ऩजाघयभ गम तो दखा उस चावर औय हटॊडोया का फडा सा रडड फना क यखा था हभन वो साय आम हए बकतो भ फाॉट हदमा सपटफय १३ २०१० आज सफह हभन बगवान को काज-फदाभ-ककशलभश का नवदम अऩिण ककमा बगवानन आध खाम औय आध हभाय लरम यख आज बी आयती की थारी सजी हई थी हदम भ घी क साथ फाती यखी थी भ भयी फटी को सकर छोडकय घय आमी भय ऩती स पोन ऩय फात कयत कयत भ यसोईघय भ खाना फना यही थी उतन भ भझ ऩामर की आवाज सनाई दी तयॊत भ न ऩती को पोन ऩय म फात फतामी औय ऩछा कक अगय उस वो सनाई द यही ह मा नही ऩय उस पोन ऩय वो आवाज नही सनाई दी भ न सवहडडओ कपलभ री औय सकाईऩ ऩय दवय दवयानी को हदखाई तफ उनको औय भय ऩती को वो आवाज सनाई दी तफ तक भ सोच यही थी कक वो आवाज सनाई दना कमा भय भन का खर था अफ भ फहत खश हई कक भय भन का खर नही था भन सचभच दवी क नतमकी आवाज सनी थी भयी फटीन औय भन वो ऩामर की भीठी आवाज कपय स सनी रगबग ५ लभरनट वो चर यही थी ऐस रग यहा था जस दवी भाॉ ऩामर ऩहनकय घय भ चर यही ह उस यात भय ऩती को बी म दवी आवाज सनन का बागम लभरा सपटफय १४ २०१० शहद अबी बी फह यहा ह हभन वो उस हदन घय आम हए दोसतो को भहभानो को औय बकतो को तीथि क रऩ भ हदमा सपटफय १५ २०१० आज कभकभ जमादा ऩभान भ आमा हआ हदखाई हदमा शहद सजस फाऊर भ सॊचचत हो यहा था वो ऩया बय गमा औय हभ दसया यखना ऩडा सपटफय १६ २०१० हभन आज नवदम भ सफ यखा जफ वाऩस आकय ऩजा घय भ गम तो दखा बगवान न सफ का एक बाग खामा था सपटफय १८ २०१० आज हलदी औय कभकभ भ बगवान की पोटो जो ऩयी ढक गमी वो थोडी कभ हई थी उसस बगवान का भख औय भकट हदखाई दन रगा ऩहर स वो कई जमादा तजसवी हदख यहा था हभन वो हलदी कभकभ घय आम हए बकतो भ फाॉटना शर ककमा सवाभीजी औय दवी भाॉ क भरत िओॊस फहनवारी शहद तो थभन का नाभ ही नही र यही थी फीच भ १० लभरनट फडी तज धाया स फहा दोऩहय भ हभन दार-चावर की रखचडी नवदम भ यखी फाहक कभय भ जाकय टीवी दखत १५ लभरनट हए ही थ तफ वही रखचडी का भय भॉह भ छोटा रनवारा आमा अॊदय जाकय दखा तो बगवान भ बी रखचडी खामी थी (हभाय वफ साईट ऩय सपटफय १८ २०१० की पोटो भ आऩ म दख सकत ह) सपटफय १९ २०१० आज जो सफ नवदम भ यखा था उसका एक टकडा बगवान क खामा औय दसया भझ रखरामा जो भझ रखरामा वो भयी भॉह भ आमा भ उसा वकत यसोईघय भ काभ कय यही थी तयॊत

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भन भय ऩती को म फात फताई उसन झट स ऩजाघय भ जाकय दखा कक सफ स दो टकड चफाम हए हदख यह थ शाभ को परो का यस नवदम भ यखा थोडी दय फाद दखा तो फाऊरभ थोडासा यस ही फचा था इसस म साप हो यहा था कक बगवान न हभाया नवदम सवीकाय ककमा था फच हए यस को हभन परसाद सभझकय बकतीबाव स षऩमा शहद का फहना आज बी अखॊडडत ह सपटफय २० २०१० आज हभन चावर औय बन हए हटॊडोया नवदम भ यख कछ दय फाद जफ ऩजाघय गम तो चावर औय हटॊडोया लभराक उसक चाय रडड फनाकय थारी भ यख थ शाभ को योटी क साथ चन का नवदम ककमा इसका बी बगवान न फड पमायस सवीकाय ककमा फची हई योटी औय चन हभन खाम हय हदन बगवान हभ उसकी रीराएॉ हदखा यह ह शहद का फहना अबी बी जायी ह सपटफय २१ २०१० आज हभन चावर औय दार-ऩारक की सबजी का नवदम अऩिण ककमा कछ दय फाद जफ दखा तो सबजी चावर भ लभरी हई थी थोड चावर बगवान न खाम थ आयती की थारी भ हदमा था उसभ घी क साथ फाती बी थी दधभ शहद लभराकय चाॊदी का फाऊर बी तमाय था इन साय अदभत चभतकायो स बगवान कलरमग भ अऩना अससतततव भनषम को हदखा यह ह फड सौबागम की फात ह कक उसक लरम उनहोन हभाया घय चना सपटफय २२ २०१० आज दार फराम औय चावर नवदम भ थ कछ दय फाद हभ ऩजाघय भ गम तो दार औय चावर लभर हए थ उसभ स थोडा हहससा बगवान न खामा था शाभ को हभन अॊगय बगवान क साभन यख हभ बोजन र यह थ तो एकदभ स कछ अॊगय भय भॉह भ आम ऩजाघय भ जाकय दखा तो वहाॉ लसपि दो ही अॊगय फच थ सपटफय २३ २०१० आज बी हभन अॊगय का नवदम बगवान को अऩिण ककमा उनभ स कपय भय भॉह भ अॊगय आम भय ऩती क दोसत हभाय घय आम थ उनक आन स कछ दय ऩहर शहद की धाया फडी हो गमी थी जफ भय ऩती शहद की कपलभ र यह थ उनहोन दखा आयती की थारी भ जरी हई फाती कपय स जरन रगी उसका परकाश बी जमादा तजसवी था म अकसलऩत दषम हदखान क लरम उनहोन तयॊत भझ औय फाकी सफ को ऩजाघय भ फरामा ऐस अदभत रीराओॊ को दखकय दोसतरोग बी अऩना सौबागम सभझकय खश हए सपटफय २४ २०१० आज सफह औय दोऩहय भ जो बी नवदम यखा था उस बगवान न नही खामा शाभ को हभन ककशलभश यख औय फाहय गम रगबग हभ घय स ५ ककरोभीटय की दयी ऩय थ अचानक स भय भॉह भ ककशलभश आम अफ तक तो सफ चभतकाय घय भ हो यह थ ऩहरी फाय घय क फाहय हभ म अनबव आमा भ तो खशी स नाच उठी सपटफय २५ २०१० आज भ जफ ऩजाघय भ गमी तो आयती की थारी सजी हई थी हदमभ घी क साथ फाती रग चकी थी दध भ शहद लभराकय तीथि बी तमाय था हभ सफन लभरकय ऩजा की सपटफय ४ को भन चॊदन की ऩावडय भ ऩानी डारकय गॊध फनामा था आज तक वो सखा नही ह जस ही ऩजा

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खतभ हई भन दखा कक भय भाथ ऩय हटका रगा हआ था वो कभकभ नही था वो गॊध था भयी गदिन ऩय उसी गॊध स नाभार आमा था इसक फाद भय ऩती हभायी फटीक साथ फाहय क कभय भ खर यह थ औय भ यसोईघय भ काभ कय यही थी अचानक स ऩजाघयभ तीन चॊदन की अगयफसततमाॉ जरन रगी उसकी खशफ स साया घय कछ ही लभरनटोभ भहक उठा ससबजमाॉ लभराम हए चावर आज नवदम भ थ बगवान न म नवदम खा लरमा उसी हदन शाभ को आयती की थारी सजी थी हदम भ घी क साथ फाती थी ऩजा की सायी तमायी थी हभन कार अॊगय का नवदम अऩिण ककमा ऩय बगवान न नही खामा सपटफय २६ २०१० आज सफह औय दोऩहय का नवदम बगवान न नही सवीकाया शाभ को कछ पर बगवान क साभन यख उनस पर खान क लरम पराथिना की औय घय स फाहय रनकर घय स ४-५ ककरोभीटय दय गम नही तफ भय भॉह भ अॊगय आम घय जाकय दखा तो नवदम क परो भ स अॊगय कभ हए थ सपटफय २७ २०१० आज हभन बगवान को कछ सफ अऩिण ककम बगवान न एक टकडा खामा औय एक भय भॉह भ एक आमा शाभ को हभन कछ कर यख एक ततीमाॊश करा भय गर स फाहय आमा इस कर को कही बी दाॉत नही रग थ वसा ही था जस हभ रछरक स रनकारत ह ऩजाघयभ जाकय दखातो एक ततीमाॊश करा वहाॉ नही था फच हए कर क फाम फाज भ एक शहद का फॉद था षऩछर तीन हफत स बगवान की भतॉ स शहद का फहना रगाताय चर यहा ह ऑकटोफय १० २०१० आज हभन बगवान क साभन सफ यखा उसक फाद भ यसोईघय भ खाना ऩकान भ वमसत हो गमी अचानक स ऩजाघय स भझ भीठी भहक आन रगी अॊदय जाकय हभन जो दखा उसऩय षवशवास यखना कठीन था सऩन भ बी हभ म फात नही सोचत सफ तो वस का वस था ऩय उसक फाज भ रतरऩती का रडड था हभन रतरऩती का रडड ऩहर कई फाय खामा ह ऩय इतना गभि रडड ऩहर कबी नही खामा था हभायी ऊॊ गलरमो ऩय रगा हआ घी साप साप नजय आ यहा था रचच की फात तो ऩरछए भत

भय जसी साभानम घयर औयत क लरम म ऩसतक ldquoशरी फाराजी की रीराएॉrdquo लरखना कोई आसान फात नही थी कलरमग क दवता शरीवकटशवय औय दवी ऩदमावती की आलशवािद स ही सॊबव हो ऩामा ह भय ऩती ऋषषकश न म ऩसतक लरखन क लरम परोतसाहहत ककमा सवमॊ उनहोन इस ऩसतक का इॊसगरश भ अनवाद ककमा भ भयी फटी नहा का बी धनमवाद कयना चाहती हॉ शरी वकटशवय वरत क रखक शरी रतमभयाज षवशवऩरत याभकषण भरत ि क भनऩविक आबाय भानती हॉ भ बगवान स मही पराथिना कयना चाहती हॉ कक सजन सजन रोगो न म ऩसतक फनान भ भयी सहामता की भयी फात धमान स सनी उनऩय आऩकी कऩा फनी यह भयी सरदम सहदचछा ह जो कोई म वरत बसकत स सॊऩनन कयगा उस बगवान की कऩा का राब जरय होगा

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रलरता ऋषषकश

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शरी वकटशवय भॊतर

कलरमग क दवता सवमॊ शरी वकटशवयन वदो भ स कछ भॊतर भझ फताम ह उनभ स म भॊतर हय योज ऩजा क वकत

ऩढन स सचची बसकत ऩान क लरम भदद कयगा

भयारयसवक जयाहदऩीडडत रनयाचथिजीवन रनयाश बसय

वयारतसनदय सयाॊगनायरत कयाॊगसौषठव कभायताकरत

कभाय तायक सभाऩनोदम तननऩातक भहाऩदाभम

षवहाऩनोहदत सकरबवन षवहदत कभायधायालबधान तीथािहदसषटतसम

धयणीतर गत सकर हतकलरर सबासलरर गतफहर

षवषवधभर अरतचतय रचचयतय षवरोकनभातर षवदलरत

षवषवधभहाऩातक सवाभीऩषकरयरण सभतसम

जो बकत इस भॊतर का हय योज ऩठन कयगा वो आयोगमऩणि औय सभदध जीवन वमरतत कयगा

रलरता ऋषषकश

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कलमाण वकटशवय सवाभी

ऩजा की साभगरी ६ नारयमर ndash १ करश क लरम औय ५ ऩाॉच अधमामो क लरम

१ वसतरभ (रई का फना हआ हाय) १ करश १ नम परन कऩड का टकडा (रगबग एक भीटय)

हलदी औय कभकभ अता अगयफतती कऩिय (आयती क लरम)

बफड क ऩान मा आभ क ऩतत ( ३ ndash ५ करश क लरम २ षवनामक की ऩजा क लरम)

पर तरसी ऩॊचाभत (दध दही घी भध औय चीनी ) गणश क नवदम क लरम छोटा गड का टकडा वरत क नवदम क लरम गहॉ का यवा घी षऩसी हई चीनी करा षऩसी हई इरामची यवा घी भ बनकय ठॊडा होनऩय उसभ कर क टकड चीनी औय इरामची डार म यवा दध मा ऩानी भ नही ऩकामा जाता

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वरत की षवधी शरी रतमभयाज षवशवऩरत याभकषण भतॉ दवाया

कलरमग भ शरी फाराजी की कऩा ऩान क लरम इस वरत को सॊऩनन कयना अतमॊत आसान ह इस वरत को सॊऩनन

कयन क तयॊत फाद सबी कषट दय हो जात ह इस वरत की षवधी अतमॊत सयर ह सजस भझ वकॊ ठवासी नायामण जी न

सवमॊ फतामी ह कोई बी वमसकत कही बी कबी बी इस वरतको सॊऩनन कय सकता ह आचथिक कहठनाईमाॉ हो मा सवासम सॊफॊधी कोई सभसमा हो भन अशाॊत हो मा अनम कोई बी कायण हो इस वरत क सॊऩनन स ही कषट दय हो जात ह महद आऩन अऩन घय भ कोई शब कामि कयन का रनशचम ककमा हो तफ बी इस वरत को सॊऩनन कय सकत

ह नौकयी औय वमाऩाय भ उननरत क लरम बी वरत सॊऩनन कयन स तयॊत पर की परासपत होती ह

इस वरत को सॊऩनन कयन क दो षवधान ह

परथभ षवधान

इस वरत को ऩहर फताम अनसाय ककसी बी सभम सॊऩनन कय सकत ह भखम रऩ स भागिशीषि भाघ कारत िक भहहनो भ ऩरणिभा ऩॊचभी सपतभी एकादशी रतचथमो भ शरवण सवातीनतरो भ इस सॊऩनन कयना अचछा होता ह सवय हो मा शाभ इस वरतको सॊऩनन कय सकत ह

इस वरत भ ऩाॉच अधमाम ह ऩहरा अधमाम साात शरी फाराजी की कऩा स लरखा गमा ह अनम चाय अधमाम भहा तऩसवी शरी षवशवालभतर वलसषठ बयदवाज औय अबतर भहाभरनमो क दवाया फतामा गमा ह अऩन सवगह भ हो मा रनवास सथान भ बगवान का भॊहदय हो मा अनम कोई बी ऩषवतर सथान नदी तट ऩय बी इस सॊऩनन कय सकत ह

महद सॊबव हो सक तो अऩन फॊध-लभतरो क साथ इस सॊऩनन कय सफस ऩहर सजस जगह ऩय आऩ कयना चाहत ह उस

साप कय उसक फाद भॊडऩ तमाय कयक उसभ शरी फाराजी की तसवीय यख शरीदवी बदवी क साथ फाराजी की तसवीय को यखना शरषठ होगा तसवीय क साथ एक रऩम का लसकका यख उसक फाद करश की सथाऩना कय

सविपरथभ हलदी स फन क गणश की ऩजा कयनी चाहहम ताकक वरत बफना ककसी षवघन क सॊऩनन हो सक फाद भ वरत

कथा क ऩाॉच अधमाम ऩढ सवमॊ बगवान कहत ह कक जो वमसकत रनषठा औय बसकतस इस सॊऩनन कयता ह वहाॉ बगवान सवमॊ ककसी ना ककसी रऩ भ आकय परसाद सवीकाय कयत ह

दषवतीम षवधान

साात बगवान न एक औय भखम फात म बी फताई ह कक महद ककसी कायण कोई सभसमा हो औय वरत कयन क लरम

सभम न लभर मा ककसी कायणवश सॊबव न हो यहा हो तो अकर फठकय बी इस वरत को सॊऩनन ककमा जा सकता ह

शरी फाराजी क भॊडऩ क साभन फठकय सफस ऩहर गणश जी की पराथिना भन ही भन कय कपय अषट हदकऩारको नवगरह दवताओॊ का भन ही भन नभन कय तरसी दर नारयमर उऩरबध पर-पर थारी भ यख फाराजी को सभयण कयत हए वरत कथा का भन ही भन ऩठन कय नारयमर बगवान को अषऩित कय इस परसाद क रऩ भ सवीकाय

कयन स सबी कषट तयॊत दय हो जात ह हय कथा क अॊत भ नारयमर सभषऩित कय भहापरसाद क रऩ भ गहॉ का यवा

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(दलरमा) चीनी डारकय हरवा जस फनाम उसक ऊऩय करा बी यख हय कथा क अॊत भ गोषव ॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

तीन फाय कह कय पराथिना कय

फाराजी को तरसी दर अरत षपरम ह इसी लरम ऩजाभ तरसी दरो को यखना शरषठ होगावरत सॊऩनन होन क फाद

तरसी दरो को परसाद क रऩ भ सवीकाय कयन स योगरनवायण होन क साथ साथ अषट ऐशवमो की परासपत होती ह वरत की सभासपत ऩय नारयमर सभषऩित कयक उनक टकड फनाकय परसाद क रऩ भ बगवान को सभषऩित कयन स वहाॉ उऩससथत सबी रोगो को दकय कपय उस सवीकाय कयन स ऩणम परापत होता ह इस वरत को षवधीऩविक करश सथाऩना क साथ षवसताय स सॊऩनन कय अगय सॊबव न हो तो ऊऩय फताम दषवतीम षवधान क अनसाय बी कय सकत ह एक फात हभ सबी को माद यखनी चाहहम हभायी जो बी सभसमाएॉ ह व सजतना बगवान जानत ह औय कोई नही जान सकता ह इसीलरम उस करणाभम की पराथिना कय सॊकलऩ कय वरत सॊऩनन कयन स भनोकाभना रनसशचत ही ऩयी हो जाती ह सबी कषट दय होकय अषट ऐशवमो की परासपत होती ह

सभसत सनभॊगरारनबवॊत शरी रकषभी शरीरनवास कटा लसषदधयसत

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शरी वकटशवय वरत कथा शरीगणऩती धमानभ

वकरतणड भहाकाम कोहटसमिसभपरब रनषविघनभ करभ दव सविकामष सविदा शकरामफयधयभ शलशवणिभ चतबिजभ परसनन वदनभ धमामत सविषवघनोऩशाॊतम

तदव रगनभ सहदनभ तदव तायाफरभ चॊिफरभ तदव षवदमाफरभ दवफरभ तदव रीऩत तरिमगभ सभयालभ

आचभनभ

ॐ कशवाम सवाहा ॐ नायामणाम सवाहा ॐ भाधवाम सवाहा

ॐ गोषवॊदाम नभ ॐ षवषणव नभ ॐ भधसदनाम नभ ॐ बतरषवकरभाम नभ ॐ वाभनाम नभ ॐ शरीधयाम नभ

ॐ रषषकशाम नभ ॐ ऩदमानाबाम नभ ॐ दाभोदयाम नभ

ॐ सॊकषिणाम नभ ॐ वासदवाम नभ ॐ परदममनाम नभ ॐ अरनरधदाम नभ ॐ ऩरषोततभाम नभ ॐ अधोजाम नभ

ॐ नयलसॊहाम नभ ॐ अचमताम नभ ॐ जनादिनाम नभ ॐ उऩिाम नभ ॐ हयम नभ ॐ शरीकषणाम नभ

बतोचचाटनभ

उसततषटॊत बतषऩशाचचा एत बलभबायका ऐतशाभषवयोधन बरहभकभि सभायब

पराणामाभभ

ॐ ब ॐ बव ॐ सव ॐ भह ॐ जन ॐ तऩ ॐ सतमभ ॐ ततसषवतय-वयणमभ बगो दवसम धीभहह चधमो य़ो न परचोदमात ॐ आऩो-जमोरत-यसोवतभ बरहभ बबिवससवयोभ

भभ उऩातत दरयतामदवाया शरी ऩयभशवय परीतमथिभ शब शोबन भहत शरी भहाषवषणो आगनमा परवत भानसम आदमबरहभण दषवतीम ऩयाथ शवत वयाहकलऩ ववसवत भनवनतय कलरमग परथभऩाद जमफदवीऩ बयतवष बायत खनड भयो दकषण हदगबाग शरीशरसम hellip(जहाॉ ऩजा कय यह ह उस गाॉव का नाभ)परदशाम कषणा गोदावयी भधमबाग सव-शोबन गह सभसत दवता बराहभण हरयहय ससननधौ अससभन वतिभान वमवहारयक चानिभानन सवससतशरी परबवाहद नाभ सॊवतसय भधम सॊवतसय अमन ऋतौ (आज का भहहना)भासाम (शकर मा कषण)ऩाम (आज की रतथी)रतथौ (आज का हदन)वासय शबनतर शबमोग शबकयण एवॊ गण षवशषण षवलशषटामाभ

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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शबरतथौ शरीभान(अऩना औय ऩरयवाय क सबी सदसमो क नाभ) गोतर (अऩना गोतर) नाभधम धभिऩतनी सभतसम असभाकभ सहकटॊफानाभ भ सथमि धमि षवजम आमय-आयोगम

ऐशवमि-अलबवधमथिभ धभािथि काभभो चतषविध ऩरषाथि पर लसदधमथिभ भभोऩातत दरयताम दवाया शरी ऩयभशवय परीतमथिभ शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरी वकटशवय दवता भडडडषम शरी वकटशवय वरतकलऩ करयषम िव सॊबवरदभ ऩदाथ सॊबवता रनमभन मावचचसकत धमाना वाहनाहद षोडषोऩचाय ऩजाभ करयषम (ऩानी को हाथ रगाम)

तदॊग करशायाधनभ करयषम (सवाभीजी की दामीॊ ओय करश यख उसभ गॊधभ ऩषऩभ कॊ कभ औय अता डार कपय आग लरख हए शरोक ऩढ) शरोकॊ करशसम भख षवषण काॊत रि सभाचशरता भर ततर ससथतो बरहभा भधम भातगणाचशरत कौत सागया सव सपतदवीऩ वसॊधया ऋगवदोत मजवद साभवदोहमथविणा अॊगशच सहहता सव करशाॊफ सभाचशरता करश गॊधऩषऩाताभ रनकषपतम हसतनचचादम आऩो वा इदभ सव षवशवबतानमाऩ पराणवा आऩा ऩशव आऩोननाभाऩोभता भाऩा समरादऩो षवयाडाऩा सवयाडाऩशचॊडाभ समाऩो जमोरतभ शमाऩो मजोभशमाऩ ससतमाभाऩ सवाि दवता आऩोबबिवसव याऩ ॐ (करश भ ऩानी बय औय उसभ तरसी क ऩतत डार) शरोकॊ गॊग च मभन च कषण गोदावयी सयसवरत नभिद लसॊध कावमो जरससभन ससननचधभ कर कावयी तॊगबिा च कषणवणी च गौतभी करशोदकन दवातभानभ ऩजािवमारन च समपरोकषमा (करश भ एक पर डफोकय उसस सवाभीजी ऩय ऩजा की साभगरी ऩय औय आऩ ऩय ऩानी रछडक )

शरी गणऩती पराथवना शकराॊफयधयभ षवषणभ शलशवणिभ चतबिजभ परसननवदनभ धमामत सविषवघनोऩशाॊतमत

आदौ रनषविघनन वरत ऩरयसभापतभ गणऩती ऩजाभ करयषम

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अथ गणऩती ऩजा ॐ गणानाभ तवागणऩतीभ हवाभह कषवॊ कवीनाभऩा भसशरवसतवभ जमषठयाजभ बरहभणाभ बरहभणसऩत आनशशरणमनततलब सीदसाधनभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ धमामालभ धमानभ सभऩिमालभ

आवाहमालभ यतनलसॊहासनभ सभऩवमालभ ऩादमौ ऩादमभ सभऩवमालभ

हसतौ अरघमवभ सभऩवमालभ भख आचभनीमभ सभऩवमालभ

आऩोहहषटाॊमोबवसतान ऊजधदातन भहयणाम चस मो वत लशवत भोयससतसम बाजमतहन उषतीरयना भातय तसभायभ गभाभवो मसमामाम जजॊधव आऩोजनमाधाचन

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash शदधोदक सनानॊ सभऩिमालभ

सनानाॊतयभ शदध आचभनभ सभऩिमालभ

अलबवसतरात वसनानमाय शलबदनतस दघा ऩजभान अलबचॊदरा बताव व नो हहयणमाभमशवनयततनोदव सोभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash वसतरमगभभ सभऩिमालभ

मऻोऩवीतभ ऩयभॊ ऩषवतरभ परजाऩत मत सहजभ ऩयसतात आमषमॊगरमभ परततभचच शभरॊ मऻोऩवीतभ फरभसत तज

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash मऻोऩवीतभ सभऩिमालभ

गॊधदवायाभ दयाधषावभ तनतमऩषटान करयषषणीभ

ईशवयीभ सववबतानाभ ता लभहोऩवहम शरशरमभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash हदवम शरी चॊदनॊ सभऩिमालभ

आमन त ऩयामण दवाव योहॊत ऩजषऩणी हदाशच ऩॊडयीकाणण सभदरसम गहा इभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash दवािहद नानाषवध ऩषऩारण सभऩिमालभ

अथ शरी षोडषनाभ ऩजा ॐ सभखाम नभ

ॐ एकदॊताम नभ

ॐ कषऩराम नभ

ॐ गजकरणिकाम नभ

ॐ रमफोदयाम नभ

ॐ षवकटाम नभ

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ॐ षवघनयाजम नभ

ॐ गजाचधऩतम नभ

ॐ धभकतव नभ

ॐ गणाचधाम नभ

ॐ पारचॊिाम नभ

ॐ गजाननाम नभ

ॐ वकरतॊडाम नभ

ॐ शऩिकणिकाम नभ

ॐ हयमफाम नभ

ॐ सकॊ दऩविजाम नभ ॐ सवािलससधद परदामकाम नभ ॐ भहागणाचधऩतम नभ

नानाषवध ऩरयभर ऩषऩारण सभऩिमालभ

वनसऩतमबवव हदव नाना गॊध स सममतभ आघरम सववदवानाभ धऩोमभ परततगहमताभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash धऩभािाऩमालभ

साजमभ बतरवतॉ सॊमकताभ वसहनना मोसजतभ षपरमभ

गहाणा भॊगरभ दीऩभ तररोकमरतलभयावहभ

बकतमादीऩभ परमचछालभ दवाम ऩयभातभन

तराहहभाभ नयकादघोयाद हदवमजमोरत नभोसतत

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash दीऩभ सभऩिमालभ

धऩ दीऩाॊतयभ आचभनीमभ सभऩिमालभ

नवदमभ

(गड का छोटा टकडा थारी भ यख कय उसक सबोवतार ऩानी रछडक) ॐ बबव सव ॐ ततसषवतयवयणमभ बगो दवसम धीभही चधमोमोन परचोदमात सतमभ तवतन ऩरयषषॊचालभ (यात भ ldquoऋतॊ तवा सतमन ऩरयषषॊचालभrdquo ऐस कह)

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash नवदमभ सभऩिमालभ

अभतभसत अभतोवतसयणभलस

ॐ पराणाम सवाहा ॐ आऩानाम सवाहा ॐ वमानाम सवाहा ॐ उदानाम सवाहा

ॐ सभानाम सवाहा भधम भधम ऩानीमभ सभऩवमालभ

अभताषऩधानभलस उततयाऩोषणभ सभऩवमालभ

हसतौ परारमालभ शदधाचभनीमभ सभऩवमालभ

ऩगीपर सकयऩय नागवलरीदरीयमतभ

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भकताचणव सभामकतभ ताॊफरभ परततगहमताभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash ताॊफरभ सभऩिमालभ

ॐ गणानाभ तवागणऩतीभ हवाभह कषवॊ कवीनाभऩा भसशरवसतवभ जमषठयाजभ बरहभणाभ बरहभणसऩत आनशशरणमनततलब सीदसाधनभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ - सवणिभॊतरऩषऩभ सभऩिमालभ

भॊतरहीनभ ककरमाहीनभ बसकतहीनभ गणाचधऩ

मतऩसजतभ भमा दव ऩरयऩण तदसतत

मऻन मऻभमजॊत दवासतारन धभािरण परथभानमासन

तहनाकभ भहहभान सचॊत मतर ऩवसाधमा सॊरत दवा

ऩनयाचभनभ

अनमा धमानावाहनाहद षोडषोऩचाय ऩजमा च बगवान सवाितभक

शरीभहा गणाचधऩरत सपरीतो वयदो बतवा उततय कभिणम षवघनभसत बवनतो

बवनत उततय कभिणम षवघनभसत गणाचधऩरत परसादभ लशयसा गरहणालभ

सहसरऩयभा दषव शतभरा शताॊकया सव हयत भ ऩाऩॊ दवािदससवपननाशनी गणऩरत मदासथानॊ उदवासमालभ

पराण परततषठा ॐ असनीत ऩनसभािस च ऩन पराणलभहनोदहह बोगॊ जमोकऩशमभ

समिभचचयनत भनभत भडमान सवससत अभतॊ वपराणा अभतभाऩ पराणानव मधासथानभऩहवमत

(सवाभीजी की भतॉ को हाथ रगाम )

शरीवकटशवय आवाहमालभ सथाऩमालभ ऩजमालभ ससथयोबव वयदोबव सपरसननोबव ससथयासनॊ कर

धमानभ

शानताकायॊ बजगशमनॊ ऩदमनाबभ सयशभ षवशवकायभ गगन सदशॊ भघवण शबाॊगॊ

रकषभीकानतॊ कभरनमनॊ मोचगहरधमान गममॊ वनद षवषणॊ बवबमहयॊ सविरोककनाथॊ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - धमामालभ धमानभ सभऩिमालभ

आवाहनभ

आवाहमालभ दवश लसदधगनधवि सषवत मिसमलभदॊ ऩणमॊ सविऩाऩहयोहय

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवनकटशवय सवालभन नभ - आवाहमालभ

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(सवाभीजी क भतॉ ऩय पर ऩतत चढाम) आसनभ

दव दव जगननाथ परणत करशनाशन यतनलसॊहासनॊ हदवमॊ गहाण भधसदन

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवनकटशवय सवालभन नभ - यतनलसॊहासनॊ सभऩिमालभ

(सवाभीजी क भतॉ ऩय पर ऩतत चढाम) ऩादमॊ

वासनचतॊ करभदव दषकतॊ च षवनाशम ऩादमॊ गहाण बगवान भातरतसॊग सॊससथत

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - ऩादमो ऩादमॊ सभऩिमालभ

(एक चमभच ऩानी थारी भ डार)

अरघम

करषवभ दमाॊ दव सॊसायारत ि बमाऩह दचधीय परोऩतभ गहाणाघम नभोसतत

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हसतमोयघम सभऩिमालभ

(एक चमभच ऩानी थारी भ डार)

आचभनॊ नभ सतमाम शदधाम रनतमाम ऻानरषऩण गहाणाचभनॊ दव सविरोककनामक

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - भख आचभनीमॊ सभऩिमालभ

(एक चमभच ऩानी थारी भ डार) ऩॊचाभतसनानॊ

ऩॊचाभतॊ भमानीतॊ ऩमोदचधघतॊ भध शकि या सहहतॊ चवदवतवॊ पररतगहमताॊ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - ऩॊचाभत सनानॊ सभऩिमालभ

(ऩॊचाभत गाम क दध दही घी भध औय चीनी लभराकय ककमा जाता ह)

सनानॊ सवणिऩातरोदकॊ गॊगा मभनाहद सभसनवतॊ शदधोदकॊ गहाणश सनानॊ कर मथाषवचध

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - शदधोदकसनानॊ सभऩिमालभ

(एक चमभच ऩानी थारी भ डार) वसतरॊ

तपतकाॊचन सनकाशॊ ऩीतमफय लभदॊ हय सगहाण जगननाथ शरीरनवास नभोसतत

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - वसतरमगभॊ सभऩिमालभ

मऻोऩवीतॊ मऻोऩवीतॊ ऩयभॊ ऩषवतरॊ परजऩतमितसहजॊ ऩयसतात

आमषमभागरमाभ पररतभचचशभरॊ मऻोऩवीतॊ फरभसत तज

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शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - मऻोऩवीतॊ सभऩिमालभ

गनधॊ चनदनागर कसतरय घनसाय सभसनवतॊ गनधॊ गहाण गोषवनद नानागॊधसचधायम

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हदवमऩरयभर गॊधाॊ सभऩिमालभ

(सवाभीजी क भतॉ को चॊदन रगाम) अताॊ

गोषवनदा ऩयभाननद हरयिा सहहततान षवशवशवय षवशारा गहाण ऩयभशवय

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - अतान सभऩिमालभ

(सवाभीजी क भतॉ ऩय अता डार चावर को हलदी कॊ कभ रगाक अता फनात ह) ऩषऩॊ

सगॊधारन सऩषऩारण जाजीकनदभखारन च भाररत वकरादषव ऩजाथ पररतगहमताॊ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - ऩषऩॊ सभऩिमालभ

अथाॊग ऩजा ॐ शरी वकटशवयाम नभ - ऩादौ ऩजमालभ

ॐ शरी वकटचरचधशाम नभ - गलफ़ौ ऩजमालभ

ॐ शरी परदामकाम नभ - जाननी ऩजमालभ

ॐ ऩदमावती ऩतम नभ - जॊघ ऩजमालभ

ॐ ऻानपरदाम नभ - ऊर ऩजमालभ

ॐ शरीरनवसाम नभ - कहटॊ ऩजमालभ

ॐ भहाबागाम नभ - नालबॊ ऩजमालभ

ॐ रनभिराम नभ - उदयॊ ऩजमालभ

ॐ षवशाररदमाम नभ - रदमभ ऩजमालभ

ॐ ऩरयशदधातभन नभ - सतनौ ऩजमालभ

ॐ ऩरषोततभाम नभ - बजौ ऩजमालभ

ॐ सवणिहसताम नभ - हसतौ ऩजमालभ

ॐ वयपरदाम नभ - कॊ ठॊ ऩजमालभ

ॐ रोकनाथाम नभ - सकनधौ ऩजमालभ

ॐ यसऻाम नभ - नालसकाॊ ऩजमालभ

ॐ ऩणमशरवन कीतिनाम नभ - शरोतर ऩजमालभ

ॐ ऩलरामफज षवरोचनाम नभ - नतर ऩजमालभ

ॐ वचिससवन नभ - रराटॊ ऩजमालभ

ॐ यमम षवगरहाम नभ - सवािणमनगारन ऩजमालभ

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ॐ शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हदवमसनदय षवगरहॊ ऩजमालभ

शरी वकटशवय अषटोततय शतनाभावलर

ॐ वकटशाम नभ

ॐ शरीरनवासाम नभ

ॐ रकषभीऩतम नभ ॐ अनाभमाम नभ ॐ अभताॊशाम नभ ॐ जगदवॊदवाम नभ ॐ गोषवनदाम नभ ॐ शाशवताम नभ ॐ परबव नभ ॐ शषाहि-रनरमाम नभ ॐ दवाम नभ ॐ कशवाम नभ ॐ भधसदनाम नभ ॐ अभताम नभ ॐ भाधवाम नभ ॐ कषणाम नभ ॐ शरीहयम नभ ॐ ऻान-ऩॊजयाम नभ ॐ शरी वतस-वस नभ ॐ सवशाम नभ ॐ गोऩाराम नभ ॐ ऩरषोततभाम नभ ॐ गोऩशवयाम नभ ॐ ऩयभ-जमोरतषम नभ ॐ वकनठऩतम नभ ॐ अवममाम नभ ॐ सधातनव नभ ॐ मादवनिाम नभ ॐ रनतम-मौवनरऩवत नभ ॐ चतवदातभकाम नभ ॐ षवषणव नभ

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ॐ अचमताम नभ ॐ ऩरदमनी-षपरमाम नभ ॐ धयाऩतम नभ ॐ सयऩतम नभ ॐ रनभिराम नभ ॐ दवऩसजताम नभ ॐ चतबिजाम नभ ॐ चकरधयाम नभ ॐ बतरधामन नभ ॐ बतरगणाशरमाम नभ ॐ रनषविकलऩाम नभ ॐ रनषकरनकाम नभ ॐ रनयाॊतकाम नभ ॐ रनयनजनाम नभ ॐ रनयाबासाम नभ ॐ रनतमतपताम नभ ॐ रनगिणाम नभ ॐ रनरऩिवाम नभ ॐ गदाधयाम नभ ॐ शायॊगऩाणम नभ ॐ ननदककन नभ ॐ शनखधायकाम नभ ॐ अनकभतिम नभ ॐ अवमकताम नभ ॐ कहटहसताम नभ ॐ वयपरदाम नभ ॐ अनकातभन नभ ॐ दीनफानधव नभ ॐ आतिरोक बमपरदाम नभ ॐ आकाशयाज-वयदाम नभ ॐ मोचग-रतऩदमभसनदयाम नभ ॐ दाभोदयाम नभ ॐ जगतऩाराम नभ

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ॐ ऩाऩघनाम नभ ॐ बकतवतसराम नभ ॐ बतरषवकरभाम नभ ॐ लशॊशभायाम नभ ॐ जटाभकट-शोलबताम नभ ॐ शनख-भदमोर-सनभॊजराम-ककसनकणमाडम-कयनडकाम नभ ॐ नीरभघ-शमाभ-तनव नभ ॐ बफलव-ऩतराचिन षपरमाम नभ ॐ जगदवमाषऩन नभ ॐ जगत-कत नभ ॐ जगत-साकषण नभ ॐ जगतऩतम नभ ॐ चचसनतताथि-परदाम नभ ॐ सजषणव नभ ॐ दाशावािम नभ ॐ दश-रऩवत नभ ॐ दवकक-ननदनाम नभ ॐ शौयम नभ ॐ हमगरीवाम नभ ॐ जनादिनाम नभ ॐ कनमा-शरवणतायजमाम नभ ॐ ऩीतामफयधयाम नभ ॐ अनघाम नभ ॐ वनभालरन नभ ॐ ऩदमनाबाम नभ ॐ भगमासकत-भानसाम नभ ॐ अशवरढाम नभ ॐ खडगधारयण नभ ॐ धनाजिन-सभतसकाम नभ ॐ गानसायर-सनभधम-कसतरय-रतरकोजवराम नभ ॐ ससतचदाननदरऩाम नभ ॐ जगनभनगरदामकाम नभ ॐ मऻरऩाम नभ

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ॐ मऻबोकत नभ ॐ चचनभमाम नभ ॐ ऩयभशवयाम नभ ॐ ऩयभाथि-परदाम नभ ॐ शानताम नभ ॐ शरीभत नभ ॐ दोदिनड-षवकरभाम नभ ॐ ऩयातऩयाम नभ ॐ ऩयबरहभण नभ ॐ शरीषवबव नभ ॐ जगदीशवयाम नभ

इतत शरी वकटशवय अषटोततय शतनाभावलर

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शरी भहारकषभी अषटोततय शतनाभावलर

ॐ परकतम नभ ॐ षवकतम नभ ॐ षवदमाम नभ ॐ सविबतहहतपरदाम नभ ॐ शरदधम नभ ॐ षवबतम नभ ॐ सयभम नभ ॐ ऩयभासतभकाम नभ ॐ वाचम नभ ॐ ऩदमारमाम नभ ॐ ऩदमाम नभ ॐ शचम नभ ॐ सवाहाम नभ ॐ सवधाम नभ ॐ सधाम नभ ॐ धनमाम नभ ॐ हहयणमम नभ ॐ रकषमम नभ ॐ रनतमऩषटाम नभ ॐ षवबावम नभ ॐ आहदतम नभ ॐ हदतम नभ ॐ दीपताम नभ ॐ वसधाम नभ ॐ वसधारयणम नभ ॐ कभराम नभ ॐ कानताम नभ ॐ काभाकषम नभ ॐ कभर समबवाम नभ ॐ अनगरहपरदाम नभ ॐ फदधम नभ ॐ अनघाम नभ

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ॐ हरयवलरबाम नभ ॐ अशोकाम नभ ॐ अभताम नभ ॐ दीऩाम नभ ॐ रोकशोक षवनालशनम नभ ॐ धभिरनरमाम नभ ॐ करणाम नभ ॐ रोकभातर नभ ॐ ऩदमषपरमाम नभ ॐ ऩदमहसताम नभ ॐ ऩदमाकषम नभ ॐ ऩदमसनदम नभ ॐ ऩदमोदभवाम नभ ॐ ऩदमभखम नभ ॐ ऩदमनाब षपरमाम नभ ॐ यभाम नभ ॐ ऩदमभाराधयाम नभ ॐ दवम नभ ॐ ऩरदमनम नभ ॐ ऩदमगसनधनम नभ ॐ ऩणमगनधाम नभ ॐ सपरसननाम नभ ॐ परसादालबभखम नभ ॐ परबाम नभ ॐ चनिवदनाम नभ ॐ चनिाम नभ ॐ चनिसहोदम नभ ॐ चतबिजाम नभ ॐ चनिरऩाम नभ ॐ इसनदयाम नभ ॐ इनद शीतराम नभ ॐ आहराद जननम नभ ॐ ऩषम नभ

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ॐ लशवाम नभ ॐ लशवकतम नभ ॐ सतमाम नभ ॐ षवभराम नभ ॐ षवशवजननम नभ ॐ तषम नभ ॐ दारयदरमनालशनम नभ ॐ परीरत ऩषकरयणम नभ ॐ शानताम नभ ॐ शकरभालमामफयाम नभ ॐ बासकम नभ ॐ बफलव रनरमाम नभ ॐ वयायोहाम नभ ॐ मशससवनम नभ ॐ वसनधयाम नभ ॐ उदायॊगम नभ ॐ हरयणम नभ ॐ हभभालरनम नभ ॐ धन धानमकतम नभ ॐ लसदधम नभ ॐ सतरणम सौममाम नभ ॐ शबपरदाम नभ ॐ नऩवशभ गताननदाम नभ ॐ वयरकषमम नभ ॐ वसपरदाम नभ ॐ शबाम नभ ॐ हहयणम पराकायाम नभ ॐ सभि तनमाम नभ ॐ जमाम नभ ॐ भॊगराम नभ ॐ षवषणव सथरससथताम नभ ॐ षवषणऩतनम नभ ॐ परसननाकषम नभ

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ॐ नायामण सभाचशरताम नभ ॐ दारयदरम धवॊलसनम नभ ॐ दवरकषभ नभ ॐ सवोऩिव रनवारयणम नभ ॐ नवदगािम नभ ॐ भहाकालम नभ ॐ बरहभा-षवषण-लशवासतभकाम नभ ॐ बतरकारऻानसमऩननाम नभ ॐ बवनशवम नभ ॐ भहारकषभी अषटोततय शत नभ

इरत शरी रकषभी अषटोततय शतनाभावलर

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शरी ऩदमावती अषटोततय शतनाभावलर

ॐ ऩदमावततम नभ ॐ दवम नभ ॐ ऩदमोदभवाम नभ ॐ करणापरदारमनम नभ ॐ सरदमाम नभ ॐ तजसवरषऩणम नभ ॐ कभरभखम नभ ॐ ऩदमधयाम नभ ॐ शरीम नभ ॐ ऩदमनतरम नभ ॐ ऩदमकयाम नभ ॐ सगणाम नभ ॐ कभकभषपरमाम नभ ॐ हभवणािम नभ ॐ चनिवसनदताम नभ ॐ धगधगपरकाश शयीय-धारयणम नभ ॐ षवषणषपरमाम नभ ॐ रनतमकलमाणम नभ ॐ कोहटसमिपरकालशणम नभ ॐ भहासौनदमिरषऩणम नभ ॐ बकतवतसराम नभ ॐ बरहभानडवालसनम नभ ॐ सविवानचापरदारमनम नभ ॐ धभिसनकलऩाम नभ ॐ दाकषणमकटाकषणम नभ ॐ बसकतपरदारमनम नभ ॐ गणतरमाषववसजिताम नभ ॐ कराषोडशसॊमताम नभ ॐ सविरोकानानजननम नभ ॐ भसकतदारमनम नभ ॐ दमाभतामाम नभ ॐ परऻाम नभ

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ॐ भहाधभािम नभ ॐ धभिरषऩणम नभ ॐ अरनकाय षपरमाम नभ ॐ सविदारयदरमधवॊलसनम नभ ॐ शरीवकटशवसथरससथताम नभ ॐ रोकशोकषवनालशनम नभ ॐ वषणवम नभ ॐ रतरचानरऩयवालसनम नभ ॐ वदवदमषवशायदाम नभ ॐ षवषणऩादसषवताम नभ ॐ यतनपरकाशककयीटधारयणम नभ ॐ जगनभोहहनम नभ ॐ शसकतसवरषऩणम नभ ॐ परसननोदमाम नभ ॐ इनिाहददवत मककननय ककमऩरष ऩसजताम नभ ॐ सविरोकरनवालसनम नभ ॐ बजमाम नभ ॐ ऐशवमिपरदारमनम नभ ॐ शानताम नभ ॐ उननतसथानससथताम नभ ॐ भनदायकालभनम नभ ॐ कभराकयाम नभ ॐ वदानतऻानरषऩणम नभ ॐ सविसमऩसततरषऩणम नभ ॐ कोहटसमिसभपरबाम नभ ॐ ऩजापरदारमनम नभ ॐ कभरासनाहद सविदवताम नभ ॐ वकनठवालसनम नभ ॐ अबमदारमनम नभ ॐ िाापरऩामसषपरमाम नभ ॐ नतमगीतषपरमाम नभ ॐ ीयसागयोदभवाम नभ ॐ आकाशयाज ऩबतरकाम नभ

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ॐ सवणिहसतधारयणम नभ ॐ काभरषऩणम नभ ॐ करणाकटाधारयणम नभ ॐ अभतासजाम नभ ॐ बरोकसवगिसखदारमनम नभ ॐ अषटहदकऩारकाचधऩतम नभ ॐ भनभधदऩि सॊहारयणम नभ ॐ कभराथिबागाम नभ ॐ सवलऩऩयाध-भहाऩयाध-भाम नभ ॐ शतकोहटतीथिवालसताम नभ ॐ नायदाहद भरनशरषठ ऩसजताम नभ ॐ आहदशनकयऩसजताम नभ ॐ परीरतदारमनम नभ ॐ सौबागमपरदारमनम नभ ॐ भहाकीतॉ परदारमनम नभ ॐ कषणारतषपरमाम नभ ॐ गनधवि शाऩषवभोचकाम नभ ॐ कषणऩतनम नभ ॐ बतररोकऩसजताम नभ ॐ जगनभोहहनम नभ ॐ सरबाम नभ ॐ सशीराम नभ ॐ अॊजनासतानगरहपरदारमनम नभ ॐ बकतमातभरनवालसनम नभ ॐ सॊधमावसनदनम नभ ॐ सविरोकभातर नभ ॐ अलबभतदारमनम नभ ॐ रलरतावधतम नभ ॐ सभसतशासतर षवशायदाम नभ ॐ सवणािबयणधारयणम नभ ॐ इहऩयरोक सखपरदारमनम नभ ॐ कयवीयरनवालसनम नभ ॐ नागरोकभरणसह आकाशलसनध कभरशवय ऩरयतयधगभनाम नभ

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ॐ शरी शरीरनवासषपरमाम नभ ॐ चनिभनडरससथताम नभ ॐ अलरवर भनगाम नभ ॐ हदवमभनगर धारयणम नभ ॐ सकलमाणऩीठससथताम नभ ॐ काभकवनऩषऩषपरमाम नभ ॐ कोहट भनभधरषऩणम नभ ॐ बानभनडररषऩणम नभ ॐ ऩदमऩादाम नभ ॐ यभाम नभ ॐ सविरोकसबानतय धारयणम नभ ॐ सविभानसवालसनम नभ ॐ सवािम नभ ॐ षवशवरऩाम नभ ॐ हदवमऻानाम नभ ॐ सवभनगररषऩणम नभ ॐ सवािनगरहपरदारमनम नभ ॐ ॐकायसवरषऩणम नभ ॐ बरहभऻानसॊबताम नभ ॐ शरी ऩदमावतम नभ ॐ सदमोवदवतम नभ ॐ शरीभहारकषमम नभ

इरत शरी ऩदमावती अषटोततय शतनाभावलर

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धऩभ दशाॊगभ गगगरोऩतॊ गोघतन सभसनवतभ धऩॊ गहाण दवश सविरोक नभसकाया

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - धऩभािाऩमालभ

(सवाभीजी क भतॉ की अगयफतती औय धऩ स आयती कय)

दीऩभ

बतररोकश भहादव सविऻान परदामक दीऩॊ दासमालभ दवश यभाभ बकतवतसर

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - दीऩॊ दशिमालभ

(सवाभीजी क भतॉ की दीऩ स आयती कय )

नवदमभ

सविबशच बोजजशच यस षडलब सभसनवतॊ नवदमनत भमानीतभ गहाण ऩरषोततभ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - नवदमॊ सभऩिमालभ

(सवाभीजी को परसाद चढाम अगय करा ह तो ldquoकदरीपर रनवदमालभrdquo नारयमर ह तो ldquoनारयकर परॊ रनवदमालभrdquo ऐस कह अगय गड ह तो ldquoगडोऩहाय नवदमभ सभऩिमालभrdquo कह)

ॐ पराणाम सवाहा ॐ आऩानाम सवाहा ॐ वमानाम सवाहा ॐ उदनाम सवाहा ॐ सभानाम सवाहा ॐ ऩयबरहभण सवाहा ॐ बबिव सव ततसषवतय-वयणमभ बगो दवसम धीभहह चधमो मो न परचोदमात ॐ आऩो जमोरतयसोभतॊ बरहभ बबिव सवयोभ भधम भधम ऩानीमभ सभऩिमालभ

अभताषऩधानभलस उततयाऩोशनभ सभऩिमालभ हसतौ परारमालभ ऩादौ परारमालभ ऩनयाचभनीमभ सभऩिमालभ

तामफरभ ऩगीपर सकऩिय नागवलरीदरमितॊ भकताचणि सभामकतॊ तामफरॊ पररतगहमताॊ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - तामफरभ सभऩिमालभ

नीयाजनभ चशरम कानताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरीवकटरनवासाम शरीरनवासाम भनगरभ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ नीयाजनभ दशिमालभ

ऩनयाचभनीमभ सभऩिमालभ

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भॊतरऩषऩभ

ॐ सहसतरशीषिभ दवॊ षवशवाॊ षवशवशॊबवॊ षवशवॊ नायामणनदवभ अयॊ ऩयभॊ ऩदॊ १

षवशवत ऩयभासननतमॊ षवशवॊ नायामणॊ हरयॊ षवशवभवदॊ ऩरषसतदषवशवॊ उऩजीवरत २

ऩरतॊ षवशवसमातभशवयॊ शाशवतॊ लशवभचमतॊ नायामणॊ भहाऻमॊ षवशवतभानॊ ऩयामणॊ ३

नायामण ऩयोजमोरत आतभा नायामण ऩय नायामण ऩयभ बरहभ ततवभ नायामण ऩय नायामण ऩयो धमाता धमानभ नायामण ऩय ४

मचच ककसनचत जगतसव दशमत शरमतषऩ वा अनतफिहहशचततसविभ वमापमा नायामण ससथत ५

अननतभ अवममभ कषवॊ सभिनतभ षवशवशमबवभ ऩदमकोश परतीकाशभ रदमभ चापमधोभखभ ६

अधोरनषमा षवतसतमानत नाभमाभऩरय रतषठरत जवाराभाराकरॊबारत षवशवसमामातनभ भहत ७

सनततॊ लशरालबसत रॊफतमाकोशससननबभ तसमानत सलशयभ सकषभभ तससभन सविभ पररतसषठतभ ८

तसमभधम भहान असगन षवशवायचचषविशवतो भख सोगरबसगवबजन रतषठाननाहाय भजय कषव

रतमिगधवाि भधशशामीयशभमा सतसम सनतता ९

सॊताऩमरत सवॊ दह भाऩादतरभसतक तसम भधम वसनह लशखा अणीमोधवाि वमवससथत १०

नीरथो मदभधमसता षवदमलरखव बासवया नीवायशकवततनवी ऩीताबा सवतमनऩभा ११

तसमा लशखामा भधम ऩयभातभा वमवससथत स बरहभ स लशव स हरय स इनि सोय ऩयभासवयात १२

ॐ तद बरहभ ॐ तद वाम ॐ तदातभा ॐ ततसतमभ ॐ ततसविभ ॐ ततऩयोनिभ अनतशचयरत बतष गहामाभ षवशवभरत िष तवभ मऻसतवभ वषकायसतवभ इनिसतवभ रिसतवभ

षवषणसतवभ बरहभतवभ परजाऩरत तवभ तदाऩ आऩो जमोरत यसोवतभ बरहभ बबिवससवयोभ १३

गदा ऩन शॊखयथानगकलऩक धवजायषवॊदाॊकश वजररासशचत ह शरीरनवास तवत चयणामफज दवमॊ भदीम भधािन भरज ॐ रनयॊजनाम षवदमह रनयाबासाम धीभहह तननो शरीरनवास परचोदमात शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हदवमभनतरऩषऩॊ सभऩिमालभ

परदकषण नभसकाय

शरोकॊ मारनकारन च ऩाऩारन जनभानतय कतारन च तारन तारन परणशमसनत परदकषण ऩद ऩद ऩाऩोहभ ऩाऩकभािहभ ऩाऩातभा ऩाऩसॊबव तराहहभाभ कऩभमा दव शयणगतवतसर अनमधा शयणॊ नाससत तवभव शयणॊ भभ तसभात कारणम बावन य य जनादिन

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - आतभपरदकषण नभसकायान सभऩिमालभ

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षवषवधोऩचाय ऩजा छतरॊ धायमालभ चाभयॊ वीजमालभ नतमॊ दशिमालभ गीतॊ शरावमालभ वादमॊ घोषमालभ आॊदोलरकान आयोहमालभ आशवानायोहमालभ गजानायोहमालभ सभसत यजोऩचाय शकतमऩचाय

मनतरोऩचाय दवोऩचाय सवोऩचाय ऩजाॊ सभऩिमालभ

भाऩवणभ भनतरहीनॊ ककरमाहीनॊ बसकतहीनॊ जनादिन मतऩसजतभ भमा दव ऩरयऩणिभ तदसतत

अनमा धमानावाहनाहद षोडशोऩचाय ऩजमा च बगवन सवाितभक शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरी वकटशवय सवरऩो बगवान सपरीत सपरसननो वयदो बवत शरी वकटशवय दव परसादॊ लशयसा गहणालभ

तीथवभ

अकार भतमहयणॊ सविवमाचध रनवायणभ सवि ऩाऩमकयॊ दव ऩादोदकॊ ऩावनॊ शबॊ

नवदमभ

ॐ बबिवससव ॐ ततसषवतवियणमभ बगो दवसम धीभहह चधमो मो न परचोदमात सतमॊ तवतन ऩरयषषॊचालभ अभतभसत अभतोऩसतयणभलस ॐ पराणाम सवा ॐ अऩानाम सवा ॐ वमानाम सवा ॐ उदानाम सवाह ॐ सभानाम सवा ॐ बरहभण सवा

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - भहानवदमभ सभऩिमालभ

अभताषऩधानभलस उततयाऩोशनभ सभऩिमालभ हसतौ परारमालभ ऩादौ परारमालभ शदध आचभनीमॊ सभऩिमालभ

तामफरॊ सभऩिमालभ सवणिभनतरऩषऩॊ सभऩिमालभ परदकषण नभसकायन सभऩिमालभ

अनमाधमानावाहनाहद षोडषोऩचाय ऩजमा बगवान सवाितभक शरी रकषभी ऩदमावती सभत वकटशवय सवाभी सपरीत सपरसननो वयदो बवत शरी रकषभी ऩदमावती सभत वकटशवय सवाभी परसादॊ लशयसा गहणालभ

उदवासनभ मऻन मऻभमजनत दवासतारन धभािरण परथभानमासन

तहनाकॊ भहहभानससचनत मतर ऩव साधमा ससनत दवा

गचछ गचछ सयशरषठ सवसथान शरी वकटशवय बकताबीषट सभधमथिभ ऩनयागभनाम च

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरी वकटशवय सवाभी मथासथानॊ उदवासमालभ

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परथभ अधमाम

शरी बगवान उवाच

कलरमग भ एक हदन शब भहति भ रतरभरा ऩहाड ऩय (सजस धयती का वकॊ ठ कहा जाता ह ) ldquoषवशवऩरत नाभक एक बकत ऩय शरी फाराजी की कऩा हई शरी षवषण क अवताय शरी फाराजी (वकटशवय) जो महाॉ शरीरनवास क रऩ भ ऩज जात ह उनहोन षवशवऩरत को ldquoशरी फाराजी वरत कथाrdquo नाभ स परलसधद इस गरॊथ की यचना कयन की आऻा दी औय कहा- ldquoह भय षपरम बकत षवशवऩरत भय षपरम होन क कायण इस वरत को षवसताय रऩ स तमह फाता हॉ सनो म

वरत भझ अरत षपरम ह आसान होन क कायण इस सबी रोग सॊऩनन कय सकत ह

कलरमग भ भानव अऩन ऩाऩ कभो का पर बोगता ह अनक कषट सहत हए जीवन रनवािह कयता ह कछ बकत

अऩन दख भझ फताकय उनह दय कयन क लरम कहत ह फहत स ऩस खचि कय वो भझ दखन क लरम रतरभरा की मातरा कयत ह भय बकतो स भझ परभ ह व भझऩय अऩना ऩया बाय डार दत ह भ उनह धभि क भागिऩय चराता हॉ

अबी भ जो मह वरत कथा तमह फतान जा यहा हॉ वो ldquoशरी फाराजी की कथाrdquo क नाभ स परलसदध होगा म भया वरत भझ अरतषपरम ह जो वमसकत इस बसकत औय रनषठा स कयगा वह तयॊत ऩाय ऩामगा कोई बी वमसकत कबी बी इस वरत को सॊऩनन कय सकता ह भखम रऩ स भागिशीषि भाघ कारत िक भहहनो भ ऩणिभासी ऩॊचभी सपतभी एकादशी रतचथमो ऩय मा शरवण सवारत नतरो ऩय इस कयना शरषठ होता ह

इस घोय कलरमग भ भय बकत जो कषट सह यह ह उनह भ जानता हॉ तमह जफ बी कोई कषट हो कोई सभसमा हो सवासम ठीक ना हो नौकयी वमाऩाय भ सभसमाएॉ हो भन अशाॊत हो तो इस वरत को सॊऩनन कयना चाहहम इसस

साय कषट दय हो जात ह घय भ शब कामि होन ऩय इस वरत को सॊऩनन कयन स बफना ककसी सभसमा क कामि ऩणि हो जाता ह इस वरत को सॊऩनन कयत ही सबी सख परापत होत ह औय अषट ऐशवमो की परासपत होती ह

सफय मा शाभ इस वरत को सॊऩनन कय सकत ह इस वरत भ ऩाॉच अधमाम ह इनका ऩठन बसकत क साथ कयना चाहहम अऩन घय भ मा रनवास सथान ऩय भॊहदय भ मा ककसी बी ऩषवतर सथान भ नदी तट ऩय सॊऩनन कय सकत ह

महद सॊबव हो तो अऩन फॊध लभतरो क साथ इस सॊऩनन कयन स जमादा शरषठ होता ह जो इस सॊऩनन कयत ह मा जो इस सनत ह वरत सॊऩणि होन क फाद परसाद को बसकत स सवीकाय कयत ह वो अषट ऐशवमो को परापत कयत ह इसस

ऩहर बी भय बकतो न कई भरनमो न इस वरत को सॊऩनन ककमा औय भया आशीवािद ऩामा बरोक भ यहनवार सबी को मह वरत आनॊद परदान कयगा औय शब पर बी परापत होगा शाॊत चचतत स भझ माद कयत हए इस वरत का ऩारन

कयो

सवि परथभ जहाॉ वरत कयना चाहत हो उस सथर को साप कयो भॊडऩ की वमवसथा कय भयी तसवीय सजसभ भयी षपरम

सरखमाॉ शरी दवी बदवी ह उस तसवीय को इस भॊडऩ ऩय सथाषऩत कयो भॊडऩ को दीवाय स रगाकय बी यख सकत हो अनम ककसी इचछक दवता की तसवीय बी सख सकत हो नवगरहो औय अषट हदकऩारको को मा तो भन भ नभसकाय

कयो मा उनका आवहान बी कय सकत हो

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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सफस ऩहर हलदी स फनी गणश की ऩजा कयनी चाहहम उसक फाद उस वरत क ऩाॉचो अधमामो का रनषठा स ऩठन

कयना चाहहम मही परथभ अधमाम ह अनम चाय अधमाम भय अतमॊत षपरम ऩातर षवशवालभतर वलशषठ बयदवाज अबतर

भरनशवयो क परवचना रऩ भ ह ऩाॉच अधमामोको ऩढन क फाद भय षपरम शरोक बी ऩढ सकत हो हय अधमाम क अॊत

भ गोषव ॊद गोषव ॊद गोषव ॊद तीन फाय सभयण कयना चाहहम

आभ रोगो क कषटो को भ जानता हॉ इसी लरम भयी एक फात सनो महद ककसी कायण इस वरत को षवसताय रऩ स

सॊऩनन कयन भ कोई सभसमा आ यही हो तो भय तसवीय को साभन यख कय ऩहर गणश जी की कपय नवगरह दवताओॊ औय अषटहदकऩारको को सभयण कय ऩाॉच कहरनमाॉ ऩढकय अऩन भन भ जो इचछा ह उस भझ फताओ भ उस

परसाद क रऩ भ परदान करॉगा इस परकाय कयन स बी कामि की लसषदध होती ह तमहाय कषट दय हो जामग औय शब

पर परापत होगा

जो वमसकत इस वरत को बसकत स सॊऩनन कयगा भ उसक घय ककसी ना ककसी रऩ भ आकय परसाद सवीकाय करॉगा भयी कऩा आऩ सबी को हभशा परापत होगी शरी फाराजी न रतमभयाज षवशवऩरत याभकषणभरत ि ldquoषवशवऩरतrdquo को इस वरत कथा को षवसताय स फतामा कलरमगवासी हभ सबी इस वरत को सॊऩनन कय शरी फाराजी की कऩा क ऩातर फन सकत ह इस वरत को सॊऩनन कय हभ अऩन सबी कषट दय कय सकत ह औय उचचत पर बी परापत कय

सकत ह

गोषवॊदगोषवॊदगोषवॊद

परथभोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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दषवतीम अधमाम

शरी षवशवालभतर उवाच

भहातऩ सॊऩनन साात शरी षवशवालभतर जी न हभ ऩय कऩा की औय परवचन कयत हए कहा- ldquoह कलरमग वालसमो शरीरनवास क बकतो ldquoशरीफाराजी वरत कथाrdquo सजस आऩ सॊऩनन कय यह हो वह फहत ही ऩषवतर ह भहहभा स ऩणि ह मह वरत कलरमग भ शरी नायामण जी की करणा औय दमा परापत कयन का अतमॊत सयर साधन ह पराचीन कार भ शरी फाराजी क षपरम बकतो न इस सॊऩनन कय अऩनी काभनाओॊ को ऩणि ककमा इस वरत कथा क फाय भ हभ फताकय शरी फाराजी न हभाय पररत जो दमा हदखाई ह उसक लरए हभ उनह परणाभ कयत ह

पराचीन कार भ भगध याजम भ षवषणचचतत नाभक एक बकत यहता था उसकी नौ कनमाएॉ थी षवदवान होन ऩय बी वह अतमॊत गयीफ था षवषणचचतत की ऩतनी तायाभरत हभशा नायामणजी की पराथिना कयती यहती थी षववाहाहद शबकामि सॊऩनन कय जो बी ऩस दकषणा क रऩ भ लभरत थ उसस व भसशकर स अऩना जीवन रनवािह कय

यह थ कनमाएॉ मौवनावसथा भ ऩदाऩिण कय चकी थी तायाभरत हभशा इसी चच ॊता भ यहती थी कक इन कनमाओॊ का षववाह ककस परकाय सॊऩनन होग वह फाराजी की पराथिना कयत हए सदा अऩना सभम गजायती थी

वह तो फाराजी की बकत थी औय फाराजी अऩन बकतो स अतमाचधक परभ कयत ह उस हदन भाघ ऩरणिभा थी सवय

एक वदध बराहभण न षवषणचचतत क दयवाज ऩय दसतक दी औय कहा - ldquoह सवाभी भ फॊग दश का वासी हॉ एक मऻ

क लसरलसर भ दसय दश जा यहा हॉ यासत भ महाॉ आमा हॉ भझऩय दमा कयो औय अऩन घय भ एक हदन क लरए

यहन दो कर सवयही भ महॉ स चरा जाऊॉ गाrdquo उन की फात सनकय षवषणचचततन कहा lsquoनाथ इसस फढकय खशी औय कमा हो सकती ह अरतचथ साात नायामण जी क सभान होत ह ऐस हभाय ऩयाणो भ कहा गमा ह आऩ बफना ककसी सॊकोच क हभाय घय भ यह सकत हlsquo ऐसा कह कय उसन उस बराहभण को घय क अॊदय फरामा औय उनका सतकाय ककमा

दोऩहय भ बोजन क फाद उस वदध न तायाभरत स ऩछा ndash ldquoभाता कमा फात ह तभ कछ चच ॊरततसी रगती हो बफना ककसी सॊकोच क फात फताओrdquo तायाभरत न कहा ndash ldquoसवाभी आऩ तो भहातऩसवी ह आऩ क भख का तज उस वकॊ ठवासी क सभान ह आऩ स कमा छऩाना भयी चचॊता भयी कनमाओॊ का षववाह हrdquo उस ऩय वदध न कहा- ldquoभाता तमहाया दख भ जानता हॉ तमहाय सबी कषट दय हो औय तमहायी कनमाओॊ की शादी हो इसक लरम भ एक अदभत वरत फताता हॉ सनो इस वरत को सॊऩनन कयन स तमहाय साय कषट दय हो जामग शरी फाराजी क वरतो भ स मह सफस सयर हrdquo कहत हए उनहोन उस दॊऩरत को ऩया वरत षवधान फतामा वरत षवधान

सनकय षवषणचचतत न कहा- ldquoसवाभी मह तो अतमॊत सॊतोष की फात ह इसस फढकय सौबागम औय कमा होगा

कहत ह ना- शबसम शीिॊ आज भाघ ऩरणिभा ह फहत ही शब हदन ह आऩक कथा अनसाय हभ आज ही इस वरत

को सॊऩनन कयगrdquo षवषणचचततन ऩतनी तायाभरत औय सबी कनमाओॊ क साथ लभरकय उस हदन शाभ भ ही अऩन

फॊध-लभतरो क साथ बसकत औय रनषठा स फाराजी वरत को सॊऩनन ककमा वहाॉ उऩससथत सबी रोगो न वरत ऩया होन क

फाद चयणाभत परसाद गरहण ककमा औय अऩन-अऩन घय परसथान ककमा तफ षवषणचचतत औय तायाभरत न बराहभण

क चयणो को नभसकाय ककमा औय आशीवािद परापत ककमा बराहभणोततभ न बी चयणाभत परसाद गरहण ककमा औय

कहा- ldquoआऩकी भनोकाभना ऩयी हो शरी रकषभी शरी फाराजी की कऩा होrdquo

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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अॊधया हो चरा था औय रनिा सभम आसनन था षवषणचचतत न उस बराहभण को एक पटी चादय दत हए आॉखो भ आस लरम कहा- सवाभी भ अतमॊत दरयिी हॉ इसस अचछी चादय भय ऩास नही ह भझ भा कय आज की यात इसी ऩय षवशराभ कय बराहभण भसकयात हए फोर- कोई फात नही भ फाहय फयाभद भ सो जाता हॉ कछ सभम फाद ही सबी रनिारोक भ षवचयण कयन रग आधी यात का सभम था बफजरी की गडगडाहट क साथ फारयश शर हई चायो ओय अॊधया था कहीॊ कछ नही हदखाई

द यहा था षवषणचचतत इस चच ॊता भ था कक वदध बराहभण फाहय कस सो यह होग उस सभम कछ सझ बी नही यहा था ककसी तयह उनहोन यात गजायी सवया हआ फारयश बी थभ चकी थी ऩरत-ऩतनी मही सोच यह थ कक बराहभण की कमा दशा हई होगी ककतना सहा होगा उनहोन मही सोचत हए वो फाहय आए उनह एक अदभत दशम हदखाई हदमा वहाॉ षवपरोततभ नही थ पहट हई चादय की जगह यशभ का षऩताॊफय यखा हआ था उस षऩताॊफय ऩय शरी फाराजी क

भतॉ ndash हदखाई दी व सफ कछ सभझ गम उनकी खषी का कोई हठकाना नही यहा उनक घय आम बराहभण औय

कोई नही साात शरी नायामणजी ही थ ह फाराजी कमा बागम ह हभाया ऩय हभ उनको ऩहचान नही ऩाम हभन उनको पटी हई चादय दी मह सोचत हए उनहोन शरी फाराजी की भतॉ को हाथ भ रकय आॉखो स रगामा औय

घय क अॊदय आम ऩया घय सोन स बया हआ था जहाॉ दखो वहाॉ धन याशी ह बगवान शरी फाराजी की वरत कथा की भहहभा स ही मह सफ सॊबव हो सका ऐसा कहत हए व बगवान की सतरत कयन रग आऩन दख साात शरी फाराजी ही उस बकत क घय आम थ वरत षवधान फतामा औय चयणाभत परसाद बी गरहण

ककमा शरी फाराजी फहत ही करणाभम ह जो बी इस वरत को बसकत औय रनषठा स कयगा उसक घय सवमॊ बगवान

ककसी ना ककसी रऩ भ आमग आऩ सबी इस वरत को सॊऩनन कय बगवान की कऩा परापत कय सकत ह शरी भहषषि षवशवालभतर जी न मह दषवतीम कथा इस तयह फताई

शरी रकषभी शरीरनवास कटाॊ लसषदधयसत

गोषवॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

दषवतीमोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ततीम अधमाम

शरी वलशषठ उवाच मह अधमाम भहातऩोरनषठ वरयषठ शरीवलशषठ भरन न शरीनायामणजी की कऩा स हभ षवसताय रऩ स फतामा ह ह कलरमग वालसमो शरीफाराजी क षपरम बकतो वकणठ भ रनवास कयनवार शरीनायामणजी आज क रतरभरा भ ससथत शरीफाराजी ही ह कलरमग वालसमो क कषट दय कयन क लरम बगवान आऩक फहत सभीऩ रतरभरा ऩहाड ऩय अवतारयत हए ह शरी फाराजी को खश कयन क लरए मह वरत उततभ ह औय सयर बी ह इस वरत को जो बसकत औय रनषठा स सॊऩनन कयता ह उस सबी सख परापत हो जात ह पराचीन सभम भ अवॊती दश भ बागमनगय नाभक एक नगय था नाभ क ही अनरऩ वहाॉ अनक धनवान (वमाऩायी) यहत थ ऩय व अऩनी सॊऩसतत को दख घभॊड कयत थ औय आभ रोगो को हीन दषटी स दखत थ धन-दौरत उनकी सवासजित ह ऐसा सोचकय घभॊड कयत थ बगवान की रनतम ऩजा-ऩाठ तो उनहोन ऩहर ही छोड दी थी कभ स कभ षवशष हदनो भ बी व ना भॊहदय जात ना ऩजा कयत ना ही दीऩ जरात एक हदन सबी धनवान अऩनी-अऩनी ऩतनीमो क साथ परीरत बोज भ वमसत थ उस नगय की ऩवि हदशा भ ही शरी रकषभी नायामण जी का भॊहदय था जहाॉ दीऩ जरानवारा कोई नही था उस हदन षवशष एकादशी थी सजस एक ऩवि हदन बी भाना जाता ह ऩय उस नगय क एक बी धनवान क भन भ भॊहदय भ ऩजा कयन का षवचाय नही आमा शाभ होत-होत आकाश भ घन फादर छा गम औय भसराधाय फारयश होन रगी वमाऩारयमो क घय ऩानी स बय गम चायो ओय अॊधकाय ह अॊधकाय था सवय होन तक ऩया नगय ऩानी भ डफ गमा वमाऩारयमो क घय टट-पट गम उनका साया ऐशवमि सभापत हो गमा ऐसा उऩिव कमो भचा मह पररम कस हो गमा ककसी को कछ बी सभझ भ नही आ यहा था इतन भ उनह एक षवचचतर दशम हदखाई हदमा नगय क फाहय जो झोऩडडमाॉ थी व तो वसी की वसी थी उनको आशचमि हआ इतनी फारयश भ बी म कस सही सराभत यही व ऐसा भन ही भन सोच यह थ कक इतन भ बफजरी कडकी औय आकाशवाणी हई ldquoए भखो तमहायी सॊऩसतत तमहायी अऩनी ह सवासजित ह ऐसा सोचत थ इसी लरम ऐसा हआ ह इस झोऩडी भ यहनवारा दव भया षपरम बकत ह आभ आदभी होन ऩय बी दव रनतम तमहाय नगय भ ससथत शरी रकषभी नायामण

भॊहदय भ दीऩ जराता था इतना ही नही हय एकादशी क हदन मथा सॊबव वह शरी फाराजी वरत कथा बी सॊऩनन कयता था इसी लरम इन झोऩडीमो भ यहनवार सबी रोग सयकषत यह आऩ सबी महद वरत सॊऩनन कयग तो अऩन-अऩन

ऐशवमि को ऩन परापत कय सकत होrdquo आकाशवाणी सनत ही तयॊत व सबी रोग उस भॊहदय भ गम औय जस

सॊबव हो सका वस सबी रोगोन एक-दसय क सहमोग स शरी फाराजी की वरत कथा सॊऩनन की ऐसा कयत ही सबी को उनक घय ऩवि रऩ भ ही परापत हो गम तफ स व सबी शरीफाराजी क बकत फन गम औय हय एकादशी को शरीफाराजी का वरत सॊऩनन कयत औय सख-शाॊरत परापत कय यहन रग अॊत भ उनहोन भसकत बी परापत की

शरीवलशषठजी न इस परकाय म कथा सनाई

गोषव ॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

ततीमोधमाम सभापतॊ |

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ

शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

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चतथव अधमाम

शरी बयदवाज उवाच

शरीनायामण जी को ldquoशरीफाराजी वरत कथाrdquo अतमॊत षपरम ह चतथि अधमाम क रऩ भ हभाय साभन शरी बयदवाज

भरनदवाया फतामी नमी कहानी इस परकाय ह- ldquoह कलरमगवालसमो शरी नायामण क षपरम बकतो आऩ सजस वरत को सॊऩनन कय यह ह वह अदभत ह आऩकी भनोकाभनाओॊ को ऩणि कयन का साधन ह शरी फाराजी को परसनन कयन का मह अतमॊत सयर उऩाम ह आऩ सबी ऩय कऩा कयन क लरम ही वकॊ ठवासी बगवान शरीरनवास क रऩ भ रतरभरा ऩहाड ऩय अवतरयत हए ह अनक जनभो क ऩणमपर स ही रतरभरा ऩहाड ऩय ऩय यखन का सौबागम परापत होता ह औय बगवान क दशिन बी सॊबव होत ह इसी तयह इस ldquoवरतकथाrdquo को सॊऩनन कयन का सॊकलऩ बी ऩविजनभ क

ऩणमपर स ही सॊबव होता ह जो वमसकत इस वरत को सॊऩनन कय यह ह मा जो इस कथा को सन यह ह मा जो बगवान क परसाद को गरहण कयत ह उनह बगवान की कऩा परापत होती ह औय व सौबागम बी ऩात ह

पराचीन कार भ ldquoनगयीrdquo नाभक एक गराभ भ धनगपत नाभ का वमाऩायी यहता था वह फहत ही रारची था ऐशवमि परापत कयन ऩय बी उसका रारचीऩन कभ नही हआ मह सभसत ऐशवमि उसका ही कभामा हआ ह ऐसा सोचकय वह फहत घभॊड कयता था अहॊकाय भनषम का नाश कयता ह

धनगपत की ऩतनी काॊरतभती अतमॊत बसकत बावना यखती थी औय रनषठा स बगवान की ऩजा कयती थी उनकी तीन कनमाएॉ थी तीसयी कनमा ldquoकभायीrdquo भ बसकत बावना जमादा थी वह हभशा फाराजी का नाभ ही जऩती यहती थी षऩताजी को बफना फताम वह जफ-तफ शरी फाराजी क भॊहदय भ जाती थी औय बगवान क दशिन कयती थी घय आकय षऩताजी को छोड अनम सबी क साथ परसाद सवीकाय कयती थी ऩती क ऐस वमवहाय स

काॊरतभती थोडी चच ॊरतत होती थी

एक हदन ldquoकभायीrdquo की सहरी क घय ऩय ldquoशरी फाराजीrdquo का वरत सॊऩनन हो यहा था मह जानकय वो वहाॉ गई वरत ऩया होन तक दोऩहय हो चकी थी थोडासा परसाद उसन गरहण ककमा औय थोडा वह अऩन घयवारो क लरम एक

कागज की ऩडी भ रकय चरी फीच यासत भ उस पमास रगन रगी धऩ बी फहत तज थी उसन सोचा थोडी दय रक

कय पमास फझाकय कपय चरॉ तो ठीक यहगा तबी उस माद आमा कक उसक षऩता की दकान अगरी गरी भ ही तो ह वहाॉ जाकय उसन षऩताजी को ऩजा की फात बफना फताम षऩताजी स ऩानी भाॉगकय षऩमा औय षऩताजी गससा कयग

इस डय स उसन जलदी-जलदी ऩानी षऩमा इस घफयाहट भ परसाद की ऩडी वही दकान भ बरकय चरी गई

एकाएक फाजाय भ हडकॊ ऩ भच गमा रोग हाहाकाय भचात हए इधय-उधय बागन रग आगजनी क कायण उस गरी की सायी दकान जर कय याख होन रगी वस बी दोऩहय का सभम थाउस ऩय गभि हवाएॉ चर यही थीधनगपत का शयीय डय क भाय काॉऩन रगा ldquoकछ ही सभम भ उसकी दकान बी जर कय याख हो जाएगीrdquo इस षवचाय स उस क हाथ-ऩय काॉऩन रग सबी रोग अऩनी-अऩनी दकानो स फाहय आकय इधय-उधय बागन रग ऩय

धनगपत वही खडा यह गमा दकान छोडकय जान का भन नही कय यहा था महद वो दकान भ यहगा तो जरकय

याख हो जामगासोचत हए उसन घफयाहट भ उसक हाथ रगी ऩडी को उठामा औय बफना सोच सभझ जो हाथ आमा वो भॉह भ डार हदमा उस कछ भीठा-भीठा सा ऩदाथि रगा औय भन बी शाॊत होन रगा

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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तबी एक अदभत घटना घटीआग धनगपत की दकान तक आकय रक गमी आग की रऩत वहाॉ नही आ ऩामी मह कसी षवचचतर फात हम कसी भामा ह धनगपत क भॉहस एक बी फात नही रनकर ऩामी उधय आगजनी की खफय सनत ही ऩतनी काॊरतभती अऩन कनमाओॊ क साथ फाराजी का सभयण कयत हए दौडती हई वहाॉ आ गमी आग उनक दकान तक आकय कस रक गमी मह दखकय उस आशचमि हआ तबी कभायी को दकान भ बरी हई ऩडी की माद आई धनगपत को सभझन भ दय नही रगी कक उसन जो चीज भॉह भ डारी थी वो औय कछ नही तो बगवान का परसाद ही था औय उसकी भहहभा स ही व इस दघिटना स चक गम धनगपत न शरीफाराजी स भा भाॉगी गार फजाम शाभ भ ही नगयवालसमो को फराकय ldquoशरीफाराजी की वरत कथाrdquo सॊऩनन की तफ स वह बगवान की सवा भ रीन हो गमा औय अॊत भ भो बी परापत की आऩन दखा कक कवर परसाद गरहण कयन स ही वो ककतनी फडी दघिटना स चक गमा फाराजी की भहहभा अदभत ह आऩ सबी बी मथा सॊबव वरत को सॊऩनन कय क बगवान की कऩा परापत कय सकत हldquo

शरीबयदवाजजी न इस परकाय मह चतथि कथा सनामी

गोषवॊदगोषवॊदगोषवॊद

चतथोधमाम सभापतॊ |

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

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ऩॊचभ अधमाम

शरी अतरतर उवाच

रतरभरा-रतरऩती बरोक का वकणठ धाभ ह ऩयाणो भ फतामा गमा ह कक रतरभरा क सभान ऩषवतर सथर औय शरी फाराजी जस दवता न तो ऩहर कबी हए ह औय न कबी होग शरीरनवास क रऩ भ अवतरयत शरी नायामण अऩन

बकतो स फहत परभ कयत ह जो उन ऩय अऩना ऩया बाय डारकय उनह रनतम सभयण कयत ह जो सदाचाय स ऩणि जीवन बफतात ह वो उनकी या कयत ह ऐस शरीफाराजी को परसनन कयन का सफस सयर उऩाम ह ndash ldquoशरीफाराजी की वरत कथाrdquo

इस अदभत वरत कथा क फाय भ भहातऩसॊऩनन शरी अबतर भहषषि न कऩा कयत हए कहा ह- ldquo ह फाराजी क षपरम

बकतो कलरमग भ आऩक सौबागम क फाय भ कमा कहना कतमग तरतामग औय दवाऩायमग भ अतमॊत कठोय तऩ-

जऩ कयन ऩय बी परसनन न होन वार शरी नायामण इस मग भ कवर नाभसभयण स ही आऩ रोगो ऩय कऩा कय यह

ह षवशवास क साथ उनह फरान ऩय व तयॊत कऩा परदान कयत ह ऐस करणाभम ह शरीफाराजी ऩषवतर रतरभरा ऩय

तमहाया यखा हय कदभ अनक जनभो क ऩणमपर क सभान ह

पराचीन कार भ ldquoकौभायrdquo दश भ ldquoलभतरrdquo नाभक धोफी यहता था वो अऩन काभ क साथ-साथ धालभिक कामि कयता हआ जीवन रनवािह कय यहा था उसकी अऩॊगता ही उसकी चच ॊता थी इसी कायण धोए हए कऩडो की ऩोटरी फनाकय घय-घय घभकय उनह रोगो तक ऩहॉचाना उस धीय धीय भसशकर रगन रगा उसका ऩरयवाय फडा था बफना भहनत ककए उस बय ऩट खान को बी नही लभरता था हभशा वो शरी फाराजी की ऩजा कयता यहता था कबी ना कबी बगवान उस ऩय कऩा कयग इसी षवशवास स वो अऩना जीवन गजाय यहा था बकतो ऩय कऩा कयन वार फाराजी सफ कछ दखत यहत ह जो वमसकत अऩन कभो स भकती ऩाता ह उनक ऩास आकय फाराजी ककसी न ककसी रऩ भ आकय उनकी या कयत ह एक हदन शाभ क सभम हभशा की तयह लभतर कऩड धोकय कऩडो की ऩोटरी राद धीय-धीय चरता हआ आ

यहा था फीच यासत भ उस एक वदध बराहभण हदखाई हदम गौयव की बावना स फड होन क कायण लभतर न अऩन कॊ ध

ऩय रदी हई ऩोटरी को नीच उतायकय वदध बराहभण को नभसकाय ककमा तफ उस षवपरोततभ न कहा- ldquoतभ अऩन इस ऩय क कायण ककतना कषट सह यह हो तमहाया दख दखा नही जाताrdquo तफ लभतर न कहा-ldquoह नाथ आऩ फजगि ह बयाऩया ऩरयवाय होन क कायण भझ इस काभ स भकती नही लभर यही ह ककसी तयह भयी म अऩॊगता दय हो ऐसा कोई उऩाम फताइएrdquo

तफ बराहभण न कहा-ldquoसनो बाई भ जरय फताऊॉ गा धमान स सनो भ एक ऐस वरत क फाय भ फताता हॉ सजस सॊऩनन कयन स तमहायी अऩॊगता दय हो जाएगी तमह अषट ऐशवमो की परासपत होगी वरत सॊऩनन कयत ही तमह हजाय अशकपि माॉ लभरगी ऩय एक शति ह उसभ स आध तभ भझ दोगकर भ कपय इसी सभम महाॉ लभरॉगाrdquo तफ लभतर न कहा- ldquoसवाभी इसस फढकय सौबागम औय कमा हो सकता ह आज ही इस

वरत क फाय भ फताइए भ उस सॊऩनन करॉ गाrdquo लभतर क उतसाह को दख वदध न शरी फाराजी वरत कथा क फाय भ फतामा

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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लभतर दगन उतसाह क साथ घय आमा ऩयी कहानी ऩतनी को फतामी औय अडोस-ऩडोस क साथ लभरकय शरी फाराजी वरत को सॊऩनन ककमा चयणाभत परसाद गरहण ककमा घय आए सबी रोगो को बी हदमा तबी घय क फाहय कछ

कोराहर सनाई हदमा लभतर का फटा फाहय स दौडता हआ आमा औय फोरा- ldquoषऩताजी षऩताजी याज-यक आऩक लरम आए ह याजा न आऩक लरम बट बी बजी हrdquo इतन भ यक बी वहाॉ आ गम उनहोन फतामा कक उसकी रनमसकत याज दयफाय भ धोफी क रऩ भ हो गमी ह याजा न हजाय अशकपि माॉ ऩयसकाय सवरऩ बजी ह ऐसा कहकय उनहोन लभतर क हाथ भ हजाय अशकपिमो की ऩोटरी यख दी एक हफत क अॊदय-अॊदय

उस आकय नौकयी भ बतॉ होन को बी कहा लभतर क आनॊद की सीभा नही थी एक हफता कमो कर ही कमो नही सोचकय उसन अऩनी ऩोटरी-वोटरी फाॉधी औय दसय हदन सवय ही वो जान को तमाय हो गमा इस जलदफाजी भ वह

उस वदध की फात बर गमा फीच यासत भ उस उसकी फात माद आ गमी ऩय ठीक हअगर भहहन लभर रता हॉ सोच

कय वह याज दयफाय भ अऩन काभ ऩय रग गमा हदनभहहन फीत बराहभण क वश भ आए बगवान को गससा आमा बगवान न सोचा भनषम की परवसतत ऐसी ही होती ह उस भझ अऩनी भहहभा फतानी होगी

दसय ही हदन याणीवास स आबषण चोयी हो गम चोयी का इलजाभ लभतर ऩय आमा लभतर को कायावास की सजा हई hellipयाज यकोन उस तयह-तयह की मातनाएॉ दी ऐसा कमो हआउस ऩय मह इलजाभ कमो रगा सोचत हए लभतर को यात को सऩन भ बगवान हदखाई हदम उनहोन फतामा कक ldquoवदध बराहभण क रऩ भ व ही आम थ वो अऩनी फात स भकय गमा इसलरम म सफ हआ हrdquo तफ लभतर न कहा-ldquoह नाथभ ऩाऩी हॉ भन फहत फडा ऩाऩ ककमा ह कऩमा भझ ऩय दमा कीसजम अफ भ हय भहहन आऩका वरत सॊऩनन करॉ गा भयी आम का आधा बाग जीवन बय आऩको सभषऩित करॉ गाrdquo गार फजाकय उसन बगवान की हय तयह स पराथिना की बकतो की ऩकाय सननवार बगवान न खशी-खशी लभतर ऩय कऩा कय दी बगवान की कऩा स याणी क आबषण दसयही हदन लभर गम याजान म बी जान लरमा कक लभतरन चोयी नही की थी लभतरको कायावास स रयहा कय हदमा गमा तफ स लभतर बगवान को हदम वचन अनसाय हय भहहन शरी फाराजी का वरत सॊऩनन कयन रगा औय अऩनी आम का आधा बाग बगवान को अषऩित कयता यहा सख ऩणि जीवन बफतात हए उसन अॊत भ भो बी परापत ककमाrdquo

शरी अबतरजी न ऐसा कहकय ऩाॉचव औय आखयी अधमाम को सभापत ककमा

गोषवॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

ऩॊचभोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

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faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ॐ नभो वकटशाम नभ

शरवात कयन स ऩहर

वकटाहि सभॊ सथानॊ नाससत ककॊचन

वकटश सभदवो न बतो न बषवषमरत

(ऩय बरहभाॊड भ वकटाहि जसा सथान कही नही औय उसऩय ससथत वकटश जसा कोई दव ना ऩहर कबी हआ ना कबी होगा)

शरी वकटशवय की कऩा औय आशीवािद ऩान क लरम इस कलरमग भ ldquoशरीवकटशवय वरतrdquo सफस उततभ भाना जाता ह भन बगवान क कई चभतकाय औय रीराएॉ फहत सनी थी भन बगवान की जीवनबय ऩजा की ह म सफस जमादा कऩार दमा क सागय औय अऩन बकतो क दखषवनाशक दवता ह म अऩन बकतो को चच ॊतासागय क ऩाय र जात ह उनऩय अऩनी भभता औय पमाय रनछावय कयत ह जो कोई अऩना जीवन सही यासत स जाकय औय बगवान को शयण

जाकय वमरतत कयत ह उनकी ऩयी सजमभदायी बगवान रत ह इस भ कोई सॊदह नही

भय ऩजम षऩताजी शरी फर ऩलरा याव औय भाताजी शरीभती फर वकटरकषभी न भझ हभशा शरीवकटशजी की अदभत

कहारनमाॉ फतामी उनहोन भय भन भ इस सात ऩवितो क ईशवय क फाय भ जो रनषठा औय पमाय जतामा उसकी कोई

तरना नही जस जस हदन बफतत गम वस वस भया भन वकटशवय की ओय फढता ही गमा भयी जीवन का वो अतमॊत

भहततवऩणि बाग फन गम उनक पररत भय भन भ अनाकरनीम बकती बय गमी जफ तक भझ माद ह भ न कबी बगवान स कछ नही भाॉगा एक ऐसा साहस भय कलऩना को भजफत ककम जा यहा था की भय बगवान भय साय सखदख भ भय साथ ही होग आजकर दवऩजा भ बसकत कभ औय सवाथि जमादा हदखाई दता ह ऐहहक जीवन स जडी इचछाएॉ ऩयी कयन क लरमही ऩजा की जाती ह जो साप हदर स कोई वासना ना यखत हए बगवान का सभयण कयगा उस बगवान क हदवम दशिन का राब जरय होगा बगवान न भझऩय कऩा की ह उसक कछ परतम अनबव भ महाॉ फमान कयना चाहती हॉ शरीरनवास (सात ऩवितो क ईशवय वकटश वकटशवय फाराजी रतरभरश ऩरभलरा गोषव ॊद आहद नाभो स बी ऩरयचचत ह) भाता-षऩता सास-ससय फटा-फह फटी-दाभाद क साथ पमाय स यहनवार बकतो क घय जात ह शरी रकषभी (धन सॊऩतती की दवी) वहाॉ खशी स नाच उठती ह कोई तो इचछा यखना म आभ आदभी क लरम फडी नसचगिक फात ह जो इचछा दसयो को हानी ऩहॉचा सकती ह ऐसी इचछा ऩयी होन की चाह नही यखनी चाहहम हभशा अचछी काभनाओॊ को ही भन भ यखो बगवान शरीरनवास क भन भ अऩन बकतो क लरम कलऩनातीत परभ औय भभता ह हभ अऩना ऩया हदर रगाकय अहॊ को तमागकय रनसवाथॉ होकय बसकत स उनकी पराथिना कयनी चाहहम

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भया रयशता - सात ऩववतो क ईशवय स

भय भाता षऩता शरी फर ऩलरा याव औय शरीभती फर वकटरकषभी दोनो की दवबसकत अवणिनीम ह उनहोन फाय

फाय रतरभरा जाकय नॊग ऩाॉव ऩवित चढकय शरी फाराजी क दशिन ककम ह भय षऩताजीन हभशा ऩय हदरस उनकी ऩजा की ह भया जनभ भय नाना शरी लस ॊगवयऩ अनॊत यभर औय नानी शरीभती कोहटयतनभ क घय खमभभ भ १९८० भ हआ सार २००० भ भ नौकयी की वजह स हिाफाद भ होसटर भ यहन रगी एक हदन सऩन भ भन दहदपमभान

परकाश दखा उसक तज भ फाकी कछ हदखामी नही द यहा था तफ भन एक आवाज सनी ldquoतमह शरी वकटशवय

सवाभी का वरत तयॊत कयना चाहहमrdquo जफ भन भयी आॉख खोरी तो आसऩास साया अॊधया था भ कपय स सो गमी सफह उठकय भ अभीय ऩट क भॊहदय चरी गमी औय ऩजायीजी स शरी वकटशवय सवाभी जी क वरत क फाय भ ऩछा व

इस वरतक फाय भ कछ नही जानत थ भन फहत स ऩजारयमो को ऩछा ऩय कोई बी इस वरत क फाय भ नही जानता था कछ हदन फाद भ सऩन क औय वरतक फाय भ बर गमी भ हय सार रतरभरा जाकयचरकय भॊहदय ऩहॉचकय अॊग परदकषणा (जभीन ऩय रट हए भॊहदय को परदकषणा ताकक शयीय का हय बाग जभीन को छए) कयती थी म भ बफलकर बी नही बरी ऩय वरत औय सऩन क फाय भ सफकछ बर गमी ऋषषकश क साथ २००२ भ भयी शादी हो गमी उसक साथ भ कॎ लरपोरनिमा अभरयका भ आ गमी २००३ भ हभायी ऩहरी फटी नहा का जनभ हआ २००५ भ जफ बायत की मातरा ऩय गम तो हभ रतरऩरत क दशिन क लरम रतरभरा गम भन अॊग परदकषणा कयन की सोची हभाया यहन का सथान भॊहदय स कापी दय था सफह जलदी उठकय भ ऩस

रकय वहाॉ स रनकरी सोचा टॎकसी रकय भ जलदी ऩहॉच जाउॉगी इतन भ एक घोडा गाडी आकय भय साभन रकी उसभस एक फजगि नीच उतय औय फोर ldquoभ तमह भॊहदय र चरता हॉ चरो भय गाडी भ फठोrdquo भय ऩास वकत नही था दस लभरनट भ भझ भॊहदय ऩहॉचना था भ चच ॊरतत थी कक भझ अॊगपरदकषणा कयन लभरगी मा नही भन उस फजगि स

कहा ldquoअगय भ आऩकी गाडी स जाउॉगी तो हभ वकत ऩय नही जा ऩामग औय भ अॊगपरदकषणा कय नही ऩाउॉगी इसलरम भ टॎकसी स जाउॉगी ताकक भ वकत ऩय ऩहॉच जाउॉrdquo उनहोन हॉसकय भझ वकत ऩय र जान की तसलरी दत

हए कहा ldquoतभ जरय अॊगपरदकषणा कयोगीrdquo उस वकत भ बफना कछ सोच गाडी भ जा फठी वो भझ भॊहदय र गम

औय एक अमभा क हाथ सौऩ हदमा उस अमभा का सतज भख भझ अबी बी माद ह उसक भखभॊडर ऩय हलदी रगी हई थी औय बार ऩय फडा कभकभ था नाक भ दो गहन औय फार भ पर थ फहत ही खफसयत रग यही थी जस कक साात दवी ऩदमावती उसन भया हाथ थाभा औय भझ वो ऩषकरयणी की तयप र गमी तीन फाय उसन भझ ऩानीभ डफककमाॉ रगामी औय भय चहय ऩय हलदी कभकभ रगाकय समि नभसकाय कयन क लरम कहा उसक फाद वो भझ धवज सतॊब स (साभन क दयवाज स) भॊहदय र गमी अॊगपरदकषणा क फाद शरी वकटशवय क खास दशिन बी कयवाम ऐस शब दशिन क लरम भ उसक आबाय भानना चाहती थी भन उसको आसऩास दखा रोगोको ऩछा ऩय कही नही लभरी भयी तो सझफझ ही खो फठी जहाॉ भझ गाडीवार फजगि न छोडा था वहाॉ जाकय भ न रोगो स ऩछताछ की कोई बी उस फजगि औय अमभा क फाय भ नही जानता था वहाॉक ऩजायी औय सबी रोगो न फतामा कक ककसी न महाॉ कोई बी घोडागाडी कबी दखी नही ह टॎकसी क लरम जो ऩस भ रकय चरी थी वो अबी बी भय हाथ भ थ आशचमि की फात म थी कक तीन फाय ऩानी भ जाकय बी वो चगर नही हए थ अफ भझ सफ कछ सभझ भ आमा वो फजगि जो भझ भॊहदय रक आए उनऩय भन ऩया षवशवासा ककमा वो कोई औय नही सवमॊ वकटशवय थ औय वो अमभा सजसन भझस समिदव की पराथिना कयवामी भॊहदय र

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जाकय खास दशिन कयवाम वो कोई औय नही ऩय सवमॊ दवी ऩदमावती थी उनको ना ऩहचान न की भयी बर ऩय भ फहत ऩछतामी भ फहत खश बी हो गमी भझ अमभा क शबद माद आम ldquoभ तमह भय बगवान क जरय दशिन कयाउॉगीrdquo भय सभझ भ आमा कक म सायी फात उसी की रीरा थी भन वाऩस जाकय सफ को जो हआ वो फतामा भय ऩती दवय गणश उनकी ऩतनी लशवषपरमा औय फाकी साय रोग थ उनहोन बी सफको ऩछा सबी न फतामा कक रतरभरा भ घोडागाडी नही ह भझ नही ऩता कक ककसीन भयी फातो ऩय षवशवास ककमा मा नही ऩय भझ ऩया मककन ह कक वो शरी वकटशवय औय दवी ऩदमावती ही थ उसक फाद हभ कॎ लरपोरनिमा रौट २००५ की म रतरभरा की मातरा भय लरम अषवसभयणीम यही जो सऩना भ न २००० भ दखा था वो कपय स २०१० क भ भहहन भ भझ हदखाई हदमा वही तजसवी परकाश वही आवाज औय वही वरत कयन की सचना इस फाय वरत की सचनाक साथ वरत परचाय की सराह बी थी शरी फाराजी की अदभत रीराएॉ फताकय रोगो को म वरत कयन क लरम पररयत कयना ह उसन कहा ldquoतमहाया जनभ इस वरत की भहहभा आभ रोगो तक ऩहॉचान क लरम ही हआ हrdquo भ न बगवान स ऩछा ldquoभ अकरी ककसी क भदद क बफना इतना फडा कामि कस कय ऩाउॉगी भयी कौन सनगा औय कमो सनगा कोई भझ ऩय कमो षवशवास कयगाrdquo म भय परशन सनकय बगवान हॉस ऩड औय फोर ldquoतभ म वरत अऩन घय भ कयो तमह भागि हदखाई दगाrdquo इतना ही नही बगवान न भझ तयॊत इसका ऩसतक बी लरखन क लरम कहा भन भय ऩती ऋषषकश स सऩन क फायभ फतामा उनहोन भझऩय षवशवास ककमा औय बगवान न फतामी हय फात कयन क लरम तमाय बी हो गम हभन शरनवाय जन २६ २०१० को ऩरणिभा क हदन ऩहरी फाय शरी फाराजी वरत को सॊऩनन ककमा यषववाय जर २५ २०१० को ऩरणिभा क हदन दसयी फाय वरत सॊऩनन ककमा हभन १५ अरग अरग ऩदाथि औय परो का ldquoभहानवदमrdquo सभषऩित ककमा औय ऩजाघय का दयवाजा फॊद ककमा आध घॊट फाद जफ हभ ऩजाघय भ गम तफ जो दषम दखा वो कलऩनातीत था चावर का फडा रनवारा बगवान की पोटो ऩय रगा था शरनवाय सपटफय ४ २०१० को एकादशी (ऩषवतर हदन) क हदन हभन कपय एक फाय वरत सॊऩनन ककमा इस हदन बी हभन ldquoभहानवदमrdquo बगवान को अऩिण ककमा षऩछरी फाय की तयह ऩजाघय का दयवाजा फॊद कय हदमा जफ हभ ऩजाघय भ गम तफ दखा कक भहानवदम एक गोर भ एकबतरत कयक यखा था तयॊत भन सफको फराकय म आशचमिजनक फात हदखामी सफ रोग अचॊबफत हो गम म हदन भ कबी बर नही ऩाई हॉ फडा ही दवी अनबव था म जो शबदो भ फाॉधा नही जा सकता उस हदन स हभन बगवान की फहत सायी रीराएॉ हभाय घय भ होत हए दखी औय दख यह ह आज जानवायी २ २०११ ह आजतक हय योज हभ दवी अनबव र यह ह इस बाषाॊतय भ हभ वही साय चभतकाय लरखग जो हभाय तरग ऩसतक भ छऩ ह म साय चभतकाय सपटफय ५ २०१० स ऑकटोफय १० २०१० तक ही लसलभत ह सपटफय ५ २०१० सफह उठकय भन भया भॉह लशशभ दखा औय दखती ही यह गमी भय भख ऩय नाक स फारो तक नाभार (३ चॊदन की यखाएॉ) आ गमा था उस हदन भन जाना कक बगवान भय घय भ आकय फस गम ह हभन बगवान की ऩजा की औय कछ खयीदायी क लरम फाहय रनकर ऩड शाभ को घय रौट औय दखा तो आयती की थारी सजी हई थी हदमभ घी क साथ फाती तमाय थी जस कक हभ अबी

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बगवान की आयती कयनवार ह म कमा हो यहा था हभ कछ सभझ नही ऩा यह थ थोडासा डय बी रगा घय भ तो कोई नही था फाहय तारा रगा हआ था कौन अॊदय आमा ककसन की म सायी तमायी हभन हभाय भन को सभझामा कक म सायी उसी कलरमग क दवता शरीफाराजी की रीरा ह हभन रनसशचॊत होकय आयती की थोडी दय फाद भझ यसोईघय भ काभ कयत कयत अचछी खशफ आमी भ दौडत हए ऩजाघय गमी दखा कक चॊदन की अगयफतती जर यही ह कछ दय फाद भयी फटीन भझ फतामा कक हदम भ कपय स घी औय फाती आ गमी ह हभन बगवान आयती की जस भझ सऩनभ फतामा गमा था वस शरीभान नायामण सवमॊ हभाय घय भ आ गम ह हभायी खशी का कोई हठकाना नही यहा सपटफय ६ २०१० एक सफह हभ उठ तो बफसतय भ अताएॉ बफखयी थी फडी सावधानी स हभन वो सायी उठाकय एक ऩोटरी भ यख दी हय योज की तयह सनान कयक भ बगवान की ऩजा कय यही थी उनका नाभसभयण कय यही थी इतन भ बगवान की पोटो भ भझ दहदपमभान परकाश हदखाई हदमा उसक तज को सहन नही कय ऩामी औय भन आॉख फॊद कय री उसक फाद कमा हआ भझ कछ माद नही जफ भन आॉख खोरी तो दखा भय ऩती भझ जोय जोय स भया नाभ रकय जगान की कोलशश कय यह थ भझ रगा की भ शामद फहोश हो गमी थी उठकय जफ लशश भ दखा तो कपय स नाभार चहय ऩय आमा हआ था इस फाय भ भया भॉह दखकय डय गमी कमो कक नाभार क साथ उसऩय गहय रार यॊग का कभकभ बी आमा था कपय भय ऩती न भझ फतामा कक भझ भ बगवान आम थ भयी आवाज ऩरषो जसी हो गमी थी फाय फाय भन ऩती स ऩछा ldquoकमा सचभच ऐसा हआ भझ कछ माद कम नही आताrdquo उसी हदन दोऩहय भ १ फज हभ फाहय गम शाभ को ६ फज घय रौट हभन दखा घय भ फसततमाॉ जर यही ह ऩजा की थारी सजी हई ह हदम भ घी क साथ फाती बी यखी हई ह तीथि (दध भ चीनी लभराकय) बी तमाय ह सपटफय ७ २०१० आज बगवान की पोटो स हलदी आना शर हआ सफह की ऩजाक वकत पोटो क ऩास तो कोई हलदी नही यखी थी दोऩहय को १२३० फज भ भयी फटी क साथ सपाई कयन क लरम ऩजाघय गमी भयी फटी कहन रगी ldquoभाॉ बगवान की पोटो स हलदी आ यही हrdquo ऩहर भझ रगा घय भ जो हलदी ह वो वहाॉ आ यही होगी ऩय घय भ तो भ न इतनी हलदी राई नही थी यसोईघय भ भय डडबफ भ दखा तो हलदी ऩय ॐ औय सवससतक क रनशान थ भन तयॊत ऩती को हदखाम उसन रनशानो क पोटो रखॊच जो हलदी बगवान क पोटो ऩय आ यही थी उस अरगसी भनबावन खशफ थी भया घय उस अदभत खशफ स बय गमा उस हदन घय आम भहभानो को बी खशफ आमी शाभ को योज की तयह आयती की थारी सजी हई थी हदमभ घी क साथ फाती तमाय थी सपटफय ८ २०१० आज बगवान की पोटोस औय अचधक हलदी आमी दध भ शहद लभराकय चाॊदी का फाऊर बी तमाय था जफ स म साय चभतकाय घय भ होन रग तफस हभ हदन भ तीन फाय नवदम अऩिण कयन रग नवदम स ऩहर हभायी फटी नहा बी खाना नही खान रगी सपटफय ९ २०१० आज बगवान क पोटो स ढय सायी हलदी आमी बगवान क भखभॊडर तक ऩहॉच गमी उसऩय नयलसॊह सवाभी क रनशान बी थ आज बगवान न हभ नयलसॊह सवाभी क रऩ भ दशिन हदम हभन आज कछ रोगो को फरामा था उनभ स ककसी को रनशान भ शरी वकटशवय हदखाई हदम ककसी को

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बगवान कषण ककसी को नयलसॊह सवाभी तो ककसी को ॐ काय हदखाई हदमा जो सजस रऩ को ऩजत थ वस उनको दशिन हआ इसी हदन भझ औय एक अदभत घटना दखन लभरी जो रोग हभाय घय आम हए थ उनह बी म हदखाई हदमा अ फ तक पोटोस हलदी आना हदम भ घी क साथ फाती आना आयती की थारी सजना ऐसी बगवान की रीराएॉ हभन दखी अबी जो भ फतान जा यही हॉ वो भन को शाॊरत दनवारी घटना ह आम हए सबी रोगो को षवससभत कय गमी आज भय ऩती भझ स ऩहर उठ औय भया चहया दखकय घफया गम जलदी स भझ उठामा ऩछन रग ldquoतभन म चहय

ऩय कमा रगामा हrdquo भन उठकय लशश भ दखा ऩय चहय ऩय हलदी का रऩ रगा हआ था भाथ ऩय एक रऩम क

लसकक क सजतना फडा कभकभ था वो कभकभ धीय धीय फढ यहा था इस फात न भझ बी सोच भ डार हदमा भझ

कमा हो यहा ह शाभ को हभाय कछ लभतर उनक ऩरयवाय क साथ बजन कयन क लरम घय आ गम जफ व बजन गा यह थ भ न अऩनी आॉख फॊद कय री आॉखो क साभन शरी ऩदमावती क साथ शरी वकटशवय थ म दखकय भ सफह भय चहय ऩय आम हए हलदी कभकभ का भहततव जान गमी उस हलदी औय कभकभ न भझ हदवम दशिन सहन की शकती दी थी आभ रोगो भ म शकती नही होती ह बगवान औय दवी भाॉ को भझ इस अरग शकती का वयदान ऩहर दना ऩडा उस ऩाकय भ उनक दहदपमभान रऩ को दख सकॉ म हभाया सफस फडा सौबागम ह

इसी हदन हभन चीनी दध भ लभराकय उसका नवदम अऩिण ककमा सफक साभन चीनी का शहद फन गमा आम हए सबी रोग म चभतकाय दखकय फहत खश हए औय अऩन आऩ को खशनसीफ भानकय घय रौट सपटफय १० २०१० योज की तयह आज बी भ सनान कयक ऩजाघय भ गमी बगवान की तसवीय क साभन जभी हई

हलदी न गणशजी का आकाय लरमा था आज बी कभय क साय हदम जराम हए थ आयती की थारी सजी हई थी हदम भ घी क साथ फाती बी यखी हई थी ऩजा की सायी तमायी हो चकी थी बगवान न गणशजी क रऩ भ दशिन

हदमा उस हदन आम हए रोगोन आशचमि स कहा ldquoषवनामक चतथॉ क ऩहर ही षवनामक आऩक घय आमrdquo बगवान की रीरा अगाध ह इन रीराओॊ को सभटन क लरम सहसतर नमन बी कभ ह

सपटफय ११ २०१० आज बी घय भ योशनी थी आयती की थारी सजी हई थी हदम भ घी क साथ फाती थी भ जफ उठी तो चहय ऩय कपय स हलदी कभकभ रगा था म दखकय भ फहत खश हई रगा आज कपय स भझ हदवम दशिन होगा बगवान को रनमफ-चावर औय दही-चावर का नवदम अऩिण ककमा कछ दय फाद जफ ऩजा घय भ रौट तो दोनो चावर का लभशरण हआ था मही हभाया बोजन था आज हभाय महाॉ थोड रोग आम हए थ उनभ स एक शरीभतीजी को इन चभतकायो ऩय षवशवास नही था व फोरी ldquoबगवान तो लसपि ऩतथय की भतॉ ह उस हभ अऩनी इचछाएॉ ऩयी कयनक लरम कहत ह म तो तमहायी कवर कलऩना ह कक बगवान तमहाय घय भ आम हrdquo कपय उसन भझ एक घॊट भ सौ सवार ऩछ औय भ न फड धीयज क साथ उन साय सवारो क जवाफ हदम उसन थोड पर राम थ वो भ न बगवान

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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क साभन यख हदम परसाद रकय व चरी गमी इसक फाद औय कछ रोग आम हभ इनह थोड सारो स जानत थ भ सभझी म रोग चभतकयो को लसपि जाॉचन आम ह कछ सभम बफताकय व परसाद लरम बफना ही चर गम उस शाभ भय ऩती फटी क साथ हभाय दोसतो क महाॉ खान ऩय गम थ भ फचनी स हदवम दशिन की याह दख यही थी इतन भ जो शरीभती हभाय घय आकय परसाद लरम बफना चरी गमी थी उनका भझ पोन आमा व फोरी ldquoफाराजी औय ऩदमा नाभ क एक शरीभान-शरीभतीजी आऩ क घय आना चाहत ह भन उनको आऩ क घय का ऩता औय पोन हदमा ह अगय उनह घय ढॉढन ऩय हदककत आमी तो व आऩको पोन कयगrdquo भन हाॉ बयी अबी बी भ बगवान क हदवम दशिन की आतयता स याह दख यही थी तबी फाराजी औय ऩदमा भय घय ऩय आम भ न उनका सवागत ककमा उनको ऩजाघय र गमी उनहोन बगवान को दखा कहा ldquoतभ फहत खशनसीफ हो बगवान की तभ ऩय ऩयी कऩा हrdquo भन हदमा हआ परसाद बावऩणि भन स उनहोन सवीकाय ककमा कछ दय रककय कपय स ककसी हदन आन का वचन दकय चर गम उनक जान क फाद कपय स भय सौबागम स भझ हदवम दशिन का राब हआ तफ तक भय ऩती घय रौट भ न उनको फाराजी औय ऩदमा क फाय भ सफ कछ फतामा म बी फतामा कक जो शरीभती जी परसाद लरम बफना ही चरी गमी थी उसीन उनह महाॉ बजा था भय ऩती ऩछन रग ldquoजो सवमॊ इन चभतकायो ऩय षवशवास ना यखतीहो व कस ककसी को हभाय घय बज सकती हrdquo जफ भय ऩती न म फात नही उठामी तफ तक भय भन भ म आशॊका आमी नही थी अफ भय भन भ एक सवार उठा भझ हदवम दशिन फाराजी औय ऩदमा आन स ऩहर कमॉ नही हआ भझ इसका जवाफ जानना जरयी रगा हभन उस शरीभती जी को पोन कयक फाराजी औय ऩदमा क फाय भ ऩछ उसन लसधा इॊकाय ककमा उसन ककसीको बी हभाय घय नही बजा था पोन बी नही ककमा था उसक दय दय तक क रयशतदायो भ ऐस नाभ का कोई नही था अफ भ सभझी व औय कोई नही फसलक सवमॊ बगवान ही थ सजनह भ ऩहचान नही सकी भ फहत रनयाश हो गमी उनह ना ऩहचानन की बर भ ऩहर (२००५ की रतरभरा की मातरा भ लभर हए फजगि शरीभान-शरीभती) बी कय चकी थी आज कपय वोही गरती भ न दोहयामी थी साशरऩणि नमनो स भ न बगवान स ऩछा कक म कसी ऩयीा ह यात क ११ फज हभन ऩजाघय का दयवाजा फॊद ककमा औय फाहय कभय भ टीवी दखन रग नीॊद आन ऩय सोन स ऩहर एक फाय बगवान का दशिन रन हभ ऩजाघय भ गम ११३० फज चक थ ऩजाघय भ शरी फाराजी औय ऩदमावती क भतॉ स शहद फह यहा था फडा कलऩनातीत दशम था भय ऩती तो अचॊबफत ही हो गम हभन तयॊत उसक पोटो औय कपलभ र री दवय दवयानी को सकाईऩ (इॊटयनट) ऩय आन क लरम कहा उनहोन म अदभत चभतकाय वफ कॎ भय स दखा उनकी खशी का तो हठकाना ही नही यहा औय एक फात भ न दखी जो पर षवशवास ना यखनवारी शरीभतीजी न राम थ सजनहोन भझ हय तयह क सवार ऩछ थ वो दसय कोनभ उछार हए थ म दखकय हभन तम ककमा कक जो बगवान ऩय षवशवास यखत हो उनहीक पर बगवान को चढामग हय हदन अषवसभयणीम माद औय अदभत अनबव ऩीछ छोड क जा यहा था

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सपटफय १२ २०१० आज हलदी क ऊऩय कभकभ आन रगा शहद बी फह यहा था हभन नवदम अऩिण ककमा कछ दय फाद दखत ह तो कमा आज बगवान न नवदम गरहण नही ककमा था शाभ को हभन बन हए हटॊडोया चावर क साथ लभराकय उसका नवदम ककमा थोडी दय फाद जफ ऩजाघयभ गम तो दखा उस चावर औय हटॊडोया का फडा सा रडड फना क यखा था हभन वो साय आम हए बकतो भ फाॉट हदमा सपटफय १३ २०१० आज सफह हभन बगवान को काज-फदाभ-ककशलभश का नवदम अऩिण ककमा बगवानन आध खाम औय आध हभाय लरम यख आज बी आयती की थारी सजी हई थी हदम भ घी क साथ फाती यखी थी भ भयी फटी को सकर छोडकय घय आमी भय ऩती स पोन ऩय फात कयत कयत भ यसोईघय भ खाना फना यही थी उतन भ भझ ऩामर की आवाज सनाई दी तयॊत भ न ऩती को पोन ऩय म फात फतामी औय ऩछा कक अगय उस वो सनाई द यही ह मा नही ऩय उस पोन ऩय वो आवाज नही सनाई दी भ न सवहडडओ कपलभ री औय सकाईऩ ऩय दवय दवयानी को हदखाई तफ उनको औय भय ऩती को वो आवाज सनाई दी तफ तक भ सोच यही थी कक वो आवाज सनाई दना कमा भय भन का खर था अफ भ फहत खश हई कक भय भन का खर नही था भन सचभच दवी क नतमकी आवाज सनी थी भयी फटीन औय भन वो ऩामर की भीठी आवाज कपय स सनी रगबग ५ लभरनट वो चर यही थी ऐस रग यहा था जस दवी भाॉ ऩामर ऩहनकय घय भ चर यही ह उस यात भय ऩती को बी म दवी आवाज सनन का बागम लभरा सपटफय १४ २०१० शहद अबी बी फह यहा ह हभन वो उस हदन घय आम हए दोसतो को भहभानो को औय बकतो को तीथि क रऩ भ हदमा सपटफय १५ २०१० आज कभकभ जमादा ऩभान भ आमा हआ हदखाई हदमा शहद सजस फाऊर भ सॊचचत हो यहा था वो ऩया बय गमा औय हभ दसया यखना ऩडा सपटफय १६ २०१० हभन आज नवदम भ सफ यखा जफ वाऩस आकय ऩजा घय भ गम तो दखा बगवान न सफ का एक बाग खामा था सपटफय १८ २०१० आज हलदी औय कभकभ भ बगवान की पोटो जो ऩयी ढक गमी वो थोडी कभ हई थी उसस बगवान का भख औय भकट हदखाई दन रगा ऩहर स वो कई जमादा तजसवी हदख यहा था हभन वो हलदी कभकभ घय आम हए बकतो भ फाॉटना शर ककमा सवाभीजी औय दवी भाॉ क भरत िओॊस फहनवारी शहद तो थभन का नाभ ही नही र यही थी फीच भ १० लभरनट फडी तज धाया स फहा दोऩहय भ हभन दार-चावर की रखचडी नवदम भ यखी फाहक कभय भ जाकय टीवी दखत १५ लभरनट हए ही थ तफ वही रखचडी का भय भॉह भ छोटा रनवारा आमा अॊदय जाकय दखा तो बगवान भ बी रखचडी खामी थी (हभाय वफ साईट ऩय सपटफय १८ २०१० की पोटो भ आऩ म दख सकत ह) सपटफय १९ २०१० आज जो सफ नवदम भ यखा था उसका एक टकडा बगवान क खामा औय दसया भझ रखरामा जो भझ रखरामा वो भयी भॉह भ आमा भ उसा वकत यसोईघय भ काभ कय यही थी तयॊत

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भन भय ऩती को म फात फताई उसन झट स ऩजाघय भ जाकय दखा कक सफ स दो टकड चफाम हए हदख यह थ शाभ को परो का यस नवदम भ यखा थोडी दय फाद दखा तो फाऊरभ थोडासा यस ही फचा था इसस म साप हो यहा था कक बगवान न हभाया नवदम सवीकाय ककमा था फच हए यस को हभन परसाद सभझकय बकतीबाव स षऩमा शहद का फहना आज बी अखॊडडत ह सपटफय २० २०१० आज हभन चावर औय बन हए हटॊडोया नवदम भ यख कछ दय फाद जफ ऩजाघय गम तो चावर औय हटॊडोया लभराक उसक चाय रडड फनाकय थारी भ यख थ शाभ को योटी क साथ चन का नवदम ककमा इसका बी बगवान न फड पमायस सवीकाय ककमा फची हई योटी औय चन हभन खाम हय हदन बगवान हभ उसकी रीराएॉ हदखा यह ह शहद का फहना अबी बी जायी ह सपटफय २१ २०१० आज हभन चावर औय दार-ऩारक की सबजी का नवदम अऩिण ककमा कछ दय फाद जफ दखा तो सबजी चावर भ लभरी हई थी थोड चावर बगवान न खाम थ आयती की थारी भ हदमा था उसभ घी क साथ फाती बी थी दधभ शहद लभराकय चाॊदी का फाऊर बी तमाय था इन साय अदभत चभतकायो स बगवान कलरमग भ अऩना अससतततव भनषम को हदखा यह ह फड सौबागम की फात ह कक उसक लरम उनहोन हभाया घय चना सपटफय २२ २०१० आज दार फराम औय चावर नवदम भ थ कछ दय फाद हभ ऩजाघय भ गम तो दार औय चावर लभर हए थ उसभ स थोडा हहससा बगवान न खामा था शाभ को हभन अॊगय बगवान क साभन यख हभ बोजन र यह थ तो एकदभ स कछ अॊगय भय भॉह भ आम ऩजाघय भ जाकय दखा तो वहाॉ लसपि दो ही अॊगय फच थ सपटफय २३ २०१० आज बी हभन अॊगय का नवदम बगवान को अऩिण ककमा उनभ स कपय भय भॉह भ अॊगय आम भय ऩती क दोसत हभाय घय आम थ उनक आन स कछ दय ऩहर शहद की धाया फडी हो गमी थी जफ भय ऩती शहद की कपलभ र यह थ उनहोन दखा आयती की थारी भ जरी हई फाती कपय स जरन रगी उसका परकाश बी जमादा तजसवी था म अकसलऩत दषम हदखान क लरम उनहोन तयॊत भझ औय फाकी सफ को ऩजाघय भ फरामा ऐस अदभत रीराओॊ को दखकय दोसतरोग बी अऩना सौबागम सभझकय खश हए सपटफय २४ २०१० आज सफह औय दोऩहय भ जो बी नवदम यखा था उस बगवान न नही खामा शाभ को हभन ककशलभश यख औय फाहय गम रगबग हभ घय स ५ ककरोभीटय की दयी ऩय थ अचानक स भय भॉह भ ककशलभश आम अफ तक तो सफ चभतकाय घय भ हो यह थ ऩहरी फाय घय क फाहय हभ म अनबव आमा भ तो खशी स नाच उठी सपटफय २५ २०१० आज भ जफ ऩजाघय भ गमी तो आयती की थारी सजी हई थी हदमभ घी क साथ फाती रग चकी थी दध भ शहद लभराकय तीथि बी तमाय था हभ सफन लभरकय ऩजा की सपटफय ४ को भन चॊदन की ऩावडय भ ऩानी डारकय गॊध फनामा था आज तक वो सखा नही ह जस ही ऩजा

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खतभ हई भन दखा कक भय भाथ ऩय हटका रगा हआ था वो कभकभ नही था वो गॊध था भयी गदिन ऩय उसी गॊध स नाभार आमा था इसक फाद भय ऩती हभायी फटीक साथ फाहय क कभय भ खर यह थ औय भ यसोईघय भ काभ कय यही थी अचानक स ऩजाघयभ तीन चॊदन की अगयफसततमाॉ जरन रगी उसकी खशफ स साया घय कछ ही लभरनटोभ भहक उठा ससबजमाॉ लभराम हए चावर आज नवदम भ थ बगवान न म नवदम खा लरमा उसी हदन शाभ को आयती की थारी सजी थी हदम भ घी क साथ फाती थी ऩजा की सायी तमायी थी हभन कार अॊगय का नवदम अऩिण ककमा ऩय बगवान न नही खामा सपटफय २६ २०१० आज सफह औय दोऩहय का नवदम बगवान न नही सवीकाया शाभ को कछ पर बगवान क साभन यख उनस पर खान क लरम पराथिना की औय घय स फाहय रनकर घय स ४-५ ककरोभीटय दय गम नही तफ भय भॉह भ अॊगय आम घय जाकय दखा तो नवदम क परो भ स अॊगय कभ हए थ सपटफय २७ २०१० आज हभन बगवान को कछ सफ अऩिण ककम बगवान न एक टकडा खामा औय एक भय भॉह भ एक आमा शाभ को हभन कछ कर यख एक ततीमाॊश करा भय गर स फाहय आमा इस कर को कही बी दाॉत नही रग थ वसा ही था जस हभ रछरक स रनकारत ह ऩजाघयभ जाकय दखातो एक ततीमाॊश करा वहाॉ नही था फच हए कर क फाम फाज भ एक शहद का फॉद था षऩछर तीन हफत स बगवान की भतॉ स शहद का फहना रगाताय चर यहा ह ऑकटोफय १० २०१० आज हभन बगवान क साभन सफ यखा उसक फाद भ यसोईघय भ खाना ऩकान भ वमसत हो गमी अचानक स ऩजाघय स भझ भीठी भहक आन रगी अॊदय जाकय हभन जो दखा उसऩय षवशवास यखना कठीन था सऩन भ बी हभ म फात नही सोचत सफ तो वस का वस था ऩय उसक फाज भ रतरऩती का रडड था हभन रतरऩती का रडड ऩहर कई फाय खामा ह ऩय इतना गभि रडड ऩहर कबी नही खामा था हभायी ऊॊ गलरमो ऩय रगा हआ घी साप साप नजय आ यहा था रचच की फात तो ऩरछए भत

भय जसी साभानम घयर औयत क लरम म ऩसतक ldquoशरी फाराजी की रीराएॉrdquo लरखना कोई आसान फात नही थी कलरमग क दवता शरीवकटशवय औय दवी ऩदमावती की आलशवािद स ही सॊबव हो ऩामा ह भय ऩती ऋषषकश न म ऩसतक लरखन क लरम परोतसाहहत ककमा सवमॊ उनहोन इस ऩसतक का इॊसगरश भ अनवाद ककमा भ भयी फटी नहा का बी धनमवाद कयना चाहती हॉ शरी वकटशवय वरत क रखक शरी रतमभयाज षवशवऩरत याभकषण भरत ि क भनऩविक आबाय भानती हॉ भ बगवान स मही पराथिना कयना चाहती हॉ कक सजन सजन रोगो न म ऩसतक फनान भ भयी सहामता की भयी फात धमान स सनी उनऩय आऩकी कऩा फनी यह भयी सरदम सहदचछा ह जो कोई म वरत बसकत स सॊऩनन कयगा उस बगवान की कऩा का राब जरय होगा

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रलरता ऋषषकश

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शरी वकटशवय भॊतर

कलरमग क दवता सवमॊ शरी वकटशवयन वदो भ स कछ भॊतर भझ फताम ह उनभ स म भॊतर हय योज ऩजा क वकत

ऩढन स सचची बसकत ऩान क लरम भदद कयगा

भयारयसवक जयाहदऩीडडत रनयाचथिजीवन रनयाश बसय

वयारतसनदय सयाॊगनायरत कयाॊगसौषठव कभायताकरत

कभाय तायक सभाऩनोदम तननऩातक भहाऩदाभम

षवहाऩनोहदत सकरबवन षवहदत कभायधायालबधान तीथािहदसषटतसम

धयणीतर गत सकर हतकलरर सबासलरर गतफहर

षवषवधभर अरतचतय रचचयतय षवरोकनभातर षवदलरत

षवषवधभहाऩातक सवाभीऩषकरयरण सभतसम

जो बकत इस भॊतर का हय योज ऩठन कयगा वो आयोगमऩणि औय सभदध जीवन वमरतत कयगा

रलरता ऋषषकश

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कलमाण वकटशवय सवाभी

ऩजा की साभगरी ६ नारयमर ndash १ करश क लरम औय ५ ऩाॉच अधमामो क लरम

१ वसतरभ (रई का फना हआ हाय) १ करश १ नम परन कऩड का टकडा (रगबग एक भीटय)

हलदी औय कभकभ अता अगयफतती कऩिय (आयती क लरम)

बफड क ऩान मा आभ क ऩतत ( ३ ndash ५ करश क लरम २ षवनामक की ऩजा क लरम)

पर तरसी ऩॊचाभत (दध दही घी भध औय चीनी ) गणश क नवदम क लरम छोटा गड का टकडा वरत क नवदम क लरम गहॉ का यवा घी षऩसी हई चीनी करा षऩसी हई इरामची यवा घी भ बनकय ठॊडा होनऩय उसभ कर क टकड चीनी औय इरामची डार म यवा दध मा ऩानी भ नही ऩकामा जाता

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वरत की षवधी शरी रतमभयाज षवशवऩरत याभकषण भतॉ दवाया

कलरमग भ शरी फाराजी की कऩा ऩान क लरम इस वरत को सॊऩनन कयना अतमॊत आसान ह इस वरत को सॊऩनन

कयन क तयॊत फाद सबी कषट दय हो जात ह इस वरत की षवधी अतमॊत सयर ह सजस भझ वकॊ ठवासी नायामण जी न

सवमॊ फतामी ह कोई बी वमसकत कही बी कबी बी इस वरतको सॊऩनन कय सकता ह आचथिक कहठनाईमाॉ हो मा सवासम सॊफॊधी कोई सभसमा हो भन अशाॊत हो मा अनम कोई बी कायण हो इस वरत क सॊऩनन स ही कषट दय हो जात ह महद आऩन अऩन घय भ कोई शब कामि कयन का रनशचम ककमा हो तफ बी इस वरत को सॊऩनन कय सकत

ह नौकयी औय वमाऩाय भ उननरत क लरम बी वरत सॊऩनन कयन स तयॊत पर की परासपत होती ह

इस वरत को सॊऩनन कयन क दो षवधान ह

परथभ षवधान

इस वरत को ऩहर फताम अनसाय ककसी बी सभम सॊऩनन कय सकत ह भखम रऩ स भागिशीषि भाघ कारत िक भहहनो भ ऩरणिभा ऩॊचभी सपतभी एकादशी रतचथमो भ शरवण सवातीनतरो भ इस सॊऩनन कयना अचछा होता ह सवय हो मा शाभ इस वरतको सॊऩनन कय सकत ह

इस वरत भ ऩाॉच अधमाम ह ऩहरा अधमाम साात शरी फाराजी की कऩा स लरखा गमा ह अनम चाय अधमाम भहा तऩसवी शरी षवशवालभतर वलसषठ बयदवाज औय अबतर भहाभरनमो क दवाया फतामा गमा ह अऩन सवगह भ हो मा रनवास सथान भ बगवान का भॊहदय हो मा अनम कोई बी ऩषवतर सथान नदी तट ऩय बी इस सॊऩनन कय सकत ह

महद सॊबव हो सक तो अऩन फॊध-लभतरो क साथ इस सॊऩनन कय सफस ऩहर सजस जगह ऩय आऩ कयना चाहत ह उस

साप कय उसक फाद भॊडऩ तमाय कयक उसभ शरी फाराजी की तसवीय यख शरीदवी बदवी क साथ फाराजी की तसवीय को यखना शरषठ होगा तसवीय क साथ एक रऩम का लसकका यख उसक फाद करश की सथाऩना कय

सविपरथभ हलदी स फन क गणश की ऩजा कयनी चाहहम ताकक वरत बफना ककसी षवघन क सॊऩनन हो सक फाद भ वरत

कथा क ऩाॉच अधमाम ऩढ सवमॊ बगवान कहत ह कक जो वमसकत रनषठा औय बसकतस इस सॊऩनन कयता ह वहाॉ बगवान सवमॊ ककसी ना ककसी रऩ भ आकय परसाद सवीकाय कयत ह

दषवतीम षवधान

साात बगवान न एक औय भखम फात म बी फताई ह कक महद ककसी कायण कोई सभसमा हो औय वरत कयन क लरम

सभम न लभर मा ककसी कायणवश सॊबव न हो यहा हो तो अकर फठकय बी इस वरत को सॊऩनन ककमा जा सकता ह

शरी फाराजी क भॊडऩ क साभन फठकय सफस ऩहर गणश जी की पराथिना भन ही भन कय कपय अषट हदकऩारको नवगरह दवताओॊ का भन ही भन नभन कय तरसी दर नारयमर उऩरबध पर-पर थारी भ यख फाराजी को सभयण कयत हए वरत कथा का भन ही भन ऩठन कय नारयमर बगवान को अषऩित कय इस परसाद क रऩ भ सवीकाय

कयन स सबी कषट तयॊत दय हो जात ह हय कथा क अॊत भ नारयमर सभषऩित कय भहापरसाद क रऩ भ गहॉ का यवा

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(दलरमा) चीनी डारकय हरवा जस फनाम उसक ऊऩय करा बी यख हय कथा क अॊत भ गोषव ॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

तीन फाय कह कय पराथिना कय

फाराजी को तरसी दर अरत षपरम ह इसी लरम ऩजाभ तरसी दरो को यखना शरषठ होगावरत सॊऩनन होन क फाद

तरसी दरो को परसाद क रऩ भ सवीकाय कयन स योगरनवायण होन क साथ साथ अषट ऐशवमो की परासपत होती ह वरत की सभासपत ऩय नारयमर सभषऩित कयक उनक टकड फनाकय परसाद क रऩ भ बगवान को सभषऩित कयन स वहाॉ उऩससथत सबी रोगो को दकय कपय उस सवीकाय कयन स ऩणम परापत होता ह इस वरत को षवधीऩविक करश सथाऩना क साथ षवसताय स सॊऩनन कय अगय सॊबव न हो तो ऊऩय फताम दषवतीम षवधान क अनसाय बी कय सकत ह एक फात हभ सबी को माद यखनी चाहहम हभायी जो बी सभसमाएॉ ह व सजतना बगवान जानत ह औय कोई नही जान सकता ह इसीलरम उस करणाभम की पराथिना कय सॊकलऩ कय वरत सॊऩनन कयन स भनोकाभना रनसशचत ही ऩयी हो जाती ह सबी कषट दय होकय अषट ऐशवमो की परासपत होती ह

सभसत सनभॊगरारनबवॊत शरी रकषभी शरीरनवास कटा लसषदधयसत

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शरी वकटशवय वरत कथा शरीगणऩती धमानभ

वकरतणड भहाकाम कोहटसमिसभपरब रनषविघनभ करभ दव सविकामष सविदा शकरामफयधयभ शलशवणिभ चतबिजभ परसनन वदनभ धमामत सविषवघनोऩशाॊतम

तदव रगनभ सहदनभ तदव तायाफरभ चॊिफरभ तदव षवदमाफरभ दवफरभ तदव रीऩत तरिमगभ सभयालभ

आचभनभ

ॐ कशवाम सवाहा ॐ नायामणाम सवाहा ॐ भाधवाम सवाहा

ॐ गोषवॊदाम नभ ॐ षवषणव नभ ॐ भधसदनाम नभ ॐ बतरषवकरभाम नभ ॐ वाभनाम नभ ॐ शरीधयाम नभ

ॐ रषषकशाम नभ ॐ ऩदमानाबाम नभ ॐ दाभोदयाम नभ

ॐ सॊकषिणाम नभ ॐ वासदवाम नभ ॐ परदममनाम नभ ॐ अरनरधदाम नभ ॐ ऩरषोततभाम नभ ॐ अधोजाम नभ

ॐ नयलसॊहाम नभ ॐ अचमताम नभ ॐ जनादिनाम नभ ॐ उऩिाम नभ ॐ हयम नभ ॐ शरीकषणाम नभ

बतोचचाटनभ

उसततषटॊत बतषऩशाचचा एत बलभबायका ऐतशाभषवयोधन बरहभकभि सभायब

पराणामाभभ

ॐ ब ॐ बव ॐ सव ॐ भह ॐ जन ॐ तऩ ॐ सतमभ ॐ ततसषवतय-वयणमभ बगो दवसम धीभहह चधमो य़ो न परचोदमात ॐ आऩो-जमोरत-यसोवतभ बरहभ बबिवससवयोभ

भभ उऩातत दरयतामदवाया शरी ऩयभशवय परीतमथिभ शब शोबन भहत शरी भहाषवषणो आगनमा परवत भानसम आदमबरहभण दषवतीम ऩयाथ शवत वयाहकलऩ ववसवत भनवनतय कलरमग परथभऩाद जमफदवीऩ बयतवष बायत खनड भयो दकषण हदगबाग शरीशरसम hellip(जहाॉ ऩजा कय यह ह उस गाॉव का नाभ)परदशाम कषणा गोदावयी भधमबाग सव-शोबन गह सभसत दवता बराहभण हरयहय ससननधौ अससभन वतिभान वमवहारयक चानिभानन सवससतशरी परबवाहद नाभ सॊवतसय भधम सॊवतसय अमन ऋतौ (आज का भहहना)भासाम (शकर मा कषण)ऩाम (आज की रतथी)रतथौ (आज का हदन)वासय शबनतर शबमोग शबकयण एवॊ गण षवशषण षवलशषटामाभ

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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शबरतथौ शरीभान(अऩना औय ऩरयवाय क सबी सदसमो क नाभ) गोतर (अऩना गोतर) नाभधम धभिऩतनी सभतसम असभाकभ सहकटॊफानाभ भ सथमि धमि षवजम आमय-आयोगम

ऐशवमि-अलबवधमथिभ धभािथि काभभो चतषविध ऩरषाथि पर लसदधमथिभ भभोऩातत दरयताम दवाया शरी ऩयभशवय परीतमथिभ शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरी वकटशवय दवता भडडडषम शरी वकटशवय वरतकलऩ करयषम िव सॊबवरदभ ऩदाथ सॊबवता रनमभन मावचचसकत धमाना वाहनाहद षोडषोऩचाय ऩजाभ करयषम (ऩानी को हाथ रगाम)

तदॊग करशायाधनभ करयषम (सवाभीजी की दामीॊ ओय करश यख उसभ गॊधभ ऩषऩभ कॊ कभ औय अता डार कपय आग लरख हए शरोक ऩढ) शरोकॊ करशसम भख षवषण काॊत रि सभाचशरता भर ततर ससथतो बरहभा भधम भातगणाचशरत कौत सागया सव सपतदवीऩ वसॊधया ऋगवदोत मजवद साभवदोहमथविणा अॊगशच सहहता सव करशाॊफ सभाचशरता करश गॊधऩषऩाताभ रनकषपतम हसतनचचादम आऩो वा इदभ सव षवशवबतानमाऩ पराणवा आऩा ऩशव आऩोननाभाऩोभता भाऩा समरादऩो षवयाडाऩा सवयाडाऩशचॊडाभ समाऩो जमोरतभ शमाऩो मजोभशमाऩ ससतमाभाऩ सवाि दवता आऩोबबिवसव याऩ ॐ (करश भ ऩानी बय औय उसभ तरसी क ऩतत डार) शरोकॊ गॊग च मभन च कषण गोदावयी सयसवरत नभिद लसॊध कावमो जरससभन ससननचधभ कर कावयी तॊगबिा च कषणवणी च गौतभी करशोदकन दवातभानभ ऩजािवमारन च समपरोकषमा (करश भ एक पर डफोकय उसस सवाभीजी ऩय ऩजा की साभगरी ऩय औय आऩ ऩय ऩानी रछडक )

शरी गणऩती पराथवना शकराॊफयधयभ षवषणभ शलशवणिभ चतबिजभ परसननवदनभ धमामत सविषवघनोऩशाॊतमत

आदौ रनषविघनन वरत ऩरयसभापतभ गणऩती ऩजाभ करयषम

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अथ गणऩती ऩजा ॐ गणानाभ तवागणऩतीभ हवाभह कषवॊ कवीनाभऩा भसशरवसतवभ जमषठयाजभ बरहभणाभ बरहभणसऩत आनशशरणमनततलब सीदसाधनभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ धमामालभ धमानभ सभऩिमालभ

आवाहमालभ यतनलसॊहासनभ सभऩवमालभ ऩादमौ ऩादमभ सभऩवमालभ

हसतौ अरघमवभ सभऩवमालभ भख आचभनीमभ सभऩवमालभ

आऩोहहषटाॊमोबवसतान ऊजधदातन भहयणाम चस मो वत लशवत भोयससतसम बाजमतहन उषतीरयना भातय तसभायभ गभाभवो मसमामाम जजॊधव आऩोजनमाधाचन

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash शदधोदक सनानॊ सभऩिमालभ

सनानाॊतयभ शदध आचभनभ सभऩिमालभ

अलबवसतरात वसनानमाय शलबदनतस दघा ऩजभान अलबचॊदरा बताव व नो हहयणमाभमशवनयततनोदव सोभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash वसतरमगभभ सभऩिमालभ

मऻोऩवीतभ ऩयभॊ ऩषवतरभ परजाऩत मत सहजभ ऩयसतात आमषमॊगरमभ परततभचच शभरॊ मऻोऩवीतभ फरभसत तज

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash मऻोऩवीतभ सभऩिमालभ

गॊधदवायाभ दयाधषावभ तनतमऩषटान करयषषणीभ

ईशवयीभ सववबतानाभ ता लभहोऩवहम शरशरमभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash हदवम शरी चॊदनॊ सभऩिमालभ

आमन त ऩयामण दवाव योहॊत ऩजषऩणी हदाशच ऩॊडयीकाणण सभदरसम गहा इभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash दवािहद नानाषवध ऩषऩारण सभऩिमालभ

अथ शरी षोडषनाभ ऩजा ॐ सभखाम नभ

ॐ एकदॊताम नभ

ॐ कषऩराम नभ

ॐ गजकरणिकाम नभ

ॐ रमफोदयाम नभ

ॐ षवकटाम नभ

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ॐ षवघनयाजम नभ

ॐ गजाचधऩतम नभ

ॐ धभकतव नभ

ॐ गणाचधाम नभ

ॐ पारचॊिाम नभ

ॐ गजाननाम नभ

ॐ वकरतॊडाम नभ

ॐ शऩिकणिकाम नभ

ॐ हयमफाम नभ

ॐ सकॊ दऩविजाम नभ ॐ सवािलससधद परदामकाम नभ ॐ भहागणाचधऩतम नभ

नानाषवध ऩरयभर ऩषऩारण सभऩिमालभ

वनसऩतमबवव हदव नाना गॊध स सममतभ आघरम सववदवानाभ धऩोमभ परततगहमताभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash धऩभािाऩमालभ

साजमभ बतरवतॉ सॊमकताभ वसहनना मोसजतभ षपरमभ

गहाणा भॊगरभ दीऩभ तररोकमरतलभयावहभ

बकतमादीऩभ परमचछालभ दवाम ऩयभातभन

तराहहभाभ नयकादघोयाद हदवमजमोरत नभोसतत

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash दीऩभ सभऩिमालभ

धऩ दीऩाॊतयभ आचभनीमभ सभऩिमालभ

नवदमभ

(गड का छोटा टकडा थारी भ यख कय उसक सबोवतार ऩानी रछडक) ॐ बबव सव ॐ ततसषवतयवयणमभ बगो दवसम धीभही चधमोमोन परचोदमात सतमभ तवतन ऩरयषषॊचालभ (यात भ ldquoऋतॊ तवा सतमन ऩरयषषॊचालभrdquo ऐस कह)

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash नवदमभ सभऩिमालभ

अभतभसत अभतोवतसयणभलस

ॐ पराणाम सवाहा ॐ आऩानाम सवाहा ॐ वमानाम सवाहा ॐ उदानाम सवाहा

ॐ सभानाम सवाहा भधम भधम ऩानीमभ सभऩवमालभ

अभताषऩधानभलस उततयाऩोषणभ सभऩवमालभ

हसतौ परारमालभ शदधाचभनीमभ सभऩवमालभ

ऩगीपर सकयऩय नागवलरीदरीयमतभ

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भकताचणव सभामकतभ ताॊफरभ परततगहमताभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash ताॊफरभ सभऩिमालभ

ॐ गणानाभ तवागणऩतीभ हवाभह कषवॊ कवीनाभऩा भसशरवसतवभ जमषठयाजभ बरहभणाभ बरहभणसऩत आनशशरणमनततलब सीदसाधनभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ - सवणिभॊतरऩषऩभ सभऩिमालभ

भॊतरहीनभ ककरमाहीनभ बसकतहीनभ गणाचधऩ

मतऩसजतभ भमा दव ऩरयऩण तदसतत

मऻन मऻभमजॊत दवासतारन धभािरण परथभानमासन

तहनाकभ भहहभान सचॊत मतर ऩवसाधमा सॊरत दवा

ऩनयाचभनभ

अनमा धमानावाहनाहद षोडषोऩचाय ऩजमा च बगवान सवाितभक

शरीभहा गणाचधऩरत सपरीतो वयदो बतवा उततय कभिणम षवघनभसत बवनतो

बवनत उततय कभिणम षवघनभसत गणाचधऩरत परसादभ लशयसा गरहणालभ

सहसरऩयभा दषव शतभरा शताॊकया सव हयत भ ऩाऩॊ दवािदससवपननाशनी गणऩरत मदासथानॊ उदवासमालभ

पराण परततषठा ॐ असनीत ऩनसभािस च ऩन पराणलभहनोदहह बोगॊ जमोकऩशमभ

समिभचचयनत भनभत भडमान सवससत अभतॊ वपराणा अभतभाऩ पराणानव मधासथानभऩहवमत

(सवाभीजी की भतॉ को हाथ रगाम )

शरीवकटशवय आवाहमालभ सथाऩमालभ ऩजमालभ ससथयोबव वयदोबव सपरसननोबव ससथयासनॊ कर

धमानभ

शानताकायॊ बजगशमनॊ ऩदमनाबभ सयशभ षवशवकायभ गगन सदशॊ भघवण शबाॊगॊ

रकषभीकानतॊ कभरनमनॊ मोचगहरधमान गममॊ वनद षवषणॊ बवबमहयॊ सविरोककनाथॊ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - धमामालभ धमानभ सभऩिमालभ

आवाहनभ

आवाहमालभ दवश लसदधगनधवि सषवत मिसमलभदॊ ऩणमॊ सविऩाऩहयोहय

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवनकटशवय सवालभन नभ - आवाहमालभ

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(सवाभीजी क भतॉ ऩय पर ऩतत चढाम) आसनभ

दव दव जगननाथ परणत करशनाशन यतनलसॊहासनॊ हदवमॊ गहाण भधसदन

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवनकटशवय सवालभन नभ - यतनलसॊहासनॊ सभऩिमालभ

(सवाभीजी क भतॉ ऩय पर ऩतत चढाम) ऩादमॊ

वासनचतॊ करभदव दषकतॊ च षवनाशम ऩादमॊ गहाण बगवान भातरतसॊग सॊससथत

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - ऩादमो ऩादमॊ सभऩिमालभ

(एक चमभच ऩानी थारी भ डार)

अरघम

करषवभ दमाॊ दव सॊसायारत ि बमाऩह दचधीय परोऩतभ गहाणाघम नभोसतत

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हसतमोयघम सभऩिमालभ

(एक चमभच ऩानी थारी भ डार)

आचभनॊ नभ सतमाम शदधाम रनतमाम ऻानरषऩण गहाणाचभनॊ दव सविरोककनामक

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - भख आचभनीमॊ सभऩिमालभ

(एक चमभच ऩानी थारी भ डार) ऩॊचाभतसनानॊ

ऩॊचाभतॊ भमानीतॊ ऩमोदचधघतॊ भध शकि या सहहतॊ चवदवतवॊ पररतगहमताॊ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - ऩॊचाभत सनानॊ सभऩिमालभ

(ऩॊचाभत गाम क दध दही घी भध औय चीनी लभराकय ककमा जाता ह)

सनानॊ सवणिऩातरोदकॊ गॊगा मभनाहद सभसनवतॊ शदधोदकॊ गहाणश सनानॊ कर मथाषवचध

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - शदधोदकसनानॊ सभऩिमालभ

(एक चमभच ऩानी थारी भ डार) वसतरॊ

तपतकाॊचन सनकाशॊ ऩीतमफय लभदॊ हय सगहाण जगननाथ शरीरनवास नभोसतत

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - वसतरमगभॊ सभऩिमालभ

मऻोऩवीतॊ मऻोऩवीतॊ ऩयभॊ ऩषवतरॊ परजऩतमितसहजॊ ऩयसतात

आमषमभागरमाभ पररतभचचशभरॊ मऻोऩवीतॊ फरभसत तज

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शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - मऻोऩवीतॊ सभऩिमालभ

गनधॊ चनदनागर कसतरय घनसाय सभसनवतॊ गनधॊ गहाण गोषवनद नानागॊधसचधायम

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हदवमऩरयभर गॊधाॊ सभऩिमालभ

(सवाभीजी क भतॉ को चॊदन रगाम) अताॊ

गोषवनदा ऩयभाननद हरयिा सहहततान षवशवशवय षवशारा गहाण ऩयभशवय

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - अतान सभऩिमालभ

(सवाभीजी क भतॉ ऩय अता डार चावर को हलदी कॊ कभ रगाक अता फनात ह) ऩषऩॊ

सगॊधारन सऩषऩारण जाजीकनदभखारन च भाररत वकरादषव ऩजाथ पररतगहमताॊ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - ऩषऩॊ सभऩिमालभ

अथाॊग ऩजा ॐ शरी वकटशवयाम नभ - ऩादौ ऩजमालभ

ॐ शरी वकटचरचधशाम नभ - गलफ़ौ ऩजमालभ

ॐ शरी परदामकाम नभ - जाननी ऩजमालभ

ॐ ऩदमावती ऩतम नभ - जॊघ ऩजमालभ

ॐ ऻानपरदाम नभ - ऊर ऩजमालभ

ॐ शरीरनवसाम नभ - कहटॊ ऩजमालभ

ॐ भहाबागाम नभ - नालबॊ ऩजमालभ

ॐ रनभिराम नभ - उदयॊ ऩजमालभ

ॐ षवशाररदमाम नभ - रदमभ ऩजमालभ

ॐ ऩरयशदधातभन नभ - सतनौ ऩजमालभ

ॐ ऩरषोततभाम नभ - बजौ ऩजमालभ

ॐ सवणिहसताम नभ - हसतौ ऩजमालभ

ॐ वयपरदाम नभ - कॊ ठॊ ऩजमालभ

ॐ रोकनाथाम नभ - सकनधौ ऩजमालभ

ॐ यसऻाम नभ - नालसकाॊ ऩजमालभ

ॐ ऩणमशरवन कीतिनाम नभ - शरोतर ऩजमालभ

ॐ ऩलरामफज षवरोचनाम नभ - नतर ऩजमालभ

ॐ वचिससवन नभ - रराटॊ ऩजमालभ

ॐ यमम षवगरहाम नभ - सवािणमनगारन ऩजमालभ

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ॐ शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हदवमसनदय षवगरहॊ ऩजमालभ

शरी वकटशवय अषटोततय शतनाभावलर

ॐ वकटशाम नभ

ॐ शरीरनवासाम नभ

ॐ रकषभीऩतम नभ ॐ अनाभमाम नभ ॐ अभताॊशाम नभ ॐ जगदवॊदवाम नभ ॐ गोषवनदाम नभ ॐ शाशवताम नभ ॐ परबव नभ ॐ शषाहि-रनरमाम नभ ॐ दवाम नभ ॐ कशवाम नभ ॐ भधसदनाम नभ ॐ अभताम नभ ॐ भाधवाम नभ ॐ कषणाम नभ ॐ शरीहयम नभ ॐ ऻान-ऩॊजयाम नभ ॐ शरी वतस-वस नभ ॐ सवशाम नभ ॐ गोऩाराम नभ ॐ ऩरषोततभाम नभ ॐ गोऩशवयाम नभ ॐ ऩयभ-जमोरतषम नभ ॐ वकनठऩतम नभ ॐ अवममाम नभ ॐ सधातनव नभ ॐ मादवनिाम नभ ॐ रनतम-मौवनरऩवत नभ ॐ चतवदातभकाम नभ ॐ षवषणव नभ

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ॐ अचमताम नभ ॐ ऩरदमनी-षपरमाम नभ ॐ धयाऩतम नभ ॐ सयऩतम नभ ॐ रनभिराम नभ ॐ दवऩसजताम नभ ॐ चतबिजाम नभ ॐ चकरधयाम नभ ॐ बतरधामन नभ ॐ बतरगणाशरमाम नभ ॐ रनषविकलऩाम नभ ॐ रनषकरनकाम नभ ॐ रनयाॊतकाम नभ ॐ रनयनजनाम नभ ॐ रनयाबासाम नभ ॐ रनतमतपताम नभ ॐ रनगिणाम नभ ॐ रनरऩिवाम नभ ॐ गदाधयाम नभ ॐ शायॊगऩाणम नभ ॐ ननदककन नभ ॐ शनखधायकाम नभ ॐ अनकभतिम नभ ॐ अवमकताम नभ ॐ कहटहसताम नभ ॐ वयपरदाम नभ ॐ अनकातभन नभ ॐ दीनफानधव नभ ॐ आतिरोक बमपरदाम नभ ॐ आकाशयाज-वयदाम नभ ॐ मोचग-रतऩदमभसनदयाम नभ ॐ दाभोदयाम नभ ॐ जगतऩाराम नभ

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ॐ ऩाऩघनाम नभ ॐ बकतवतसराम नभ ॐ बतरषवकरभाम नभ ॐ लशॊशभायाम नभ ॐ जटाभकट-शोलबताम नभ ॐ शनख-भदमोर-सनभॊजराम-ककसनकणमाडम-कयनडकाम नभ ॐ नीरभघ-शमाभ-तनव नभ ॐ बफलव-ऩतराचिन षपरमाम नभ ॐ जगदवमाषऩन नभ ॐ जगत-कत नभ ॐ जगत-साकषण नभ ॐ जगतऩतम नभ ॐ चचसनतताथि-परदाम नभ ॐ सजषणव नभ ॐ दाशावािम नभ ॐ दश-रऩवत नभ ॐ दवकक-ननदनाम नभ ॐ शौयम नभ ॐ हमगरीवाम नभ ॐ जनादिनाम नभ ॐ कनमा-शरवणतायजमाम नभ ॐ ऩीतामफयधयाम नभ ॐ अनघाम नभ ॐ वनभालरन नभ ॐ ऩदमनाबाम नभ ॐ भगमासकत-भानसाम नभ ॐ अशवरढाम नभ ॐ खडगधारयण नभ ॐ धनाजिन-सभतसकाम नभ ॐ गानसायर-सनभधम-कसतरय-रतरकोजवराम नभ ॐ ससतचदाननदरऩाम नभ ॐ जगनभनगरदामकाम नभ ॐ मऻरऩाम नभ

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ॐ मऻबोकत नभ ॐ चचनभमाम नभ ॐ ऩयभशवयाम नभ ॐ ऩयभाथि-परदाम नभ ॐ शानताम नभ ॐ शरीभत नभ ॐ दोदिनड-षवकरभाम नभ ॐ ऩयातऩयाम नभ ॐ ऩयबरहभण नभ ॐ शरीषवबव नभ ॐ जगदीशवयाम नभ

इतत शरी वकटशवय अषटोततय शतनाभावलर

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शरी भहारकषभी अषटोततय शतनाभावलर

ॐ परकतम नभ ॐ षवकतम नभ ॐ षवदमाम नभ ॐ सविबतहहतपरदाम नभ ॐ शरदधम नभ ॐ षवबतम नभ ॐ सयभम नभ ॐ ऩयभासतभकाम नभ ॐ वाचम नभ ॐ ऩदमारमाम नभ ॐ ऩदमाम नभ ॐ शचम नभ ॐ सवाहाम नभ ॐ सवधाम नभ ॐ सधाम नभ ॐ धनमाम नभ ॐ हहयणमम नभ ॐ रकषमम नभ ॐ रनतमऩषटाम नभ ॐ षवबावम नभ ॐ आहदतम नभ ॐ हदतम नभ ॐ दीपताम नभ ॐ वसधाम नभ ॐ वसधारयणम नभ ॐ कभराम नभ ॐ कानताम नभ ॐ काभाकषम नभ ॐ कभर समबवाम नभ ॐ अनगरहपरदाम नभ ॐ फदधम नभ ॐ अनघाम नभ

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ॐ हरयवलरबाम नभ ॐ अशोकाम नभ ॐ अभताम नभ ॐ दीऩाम नभ ॐ रोकशोक षवनालशनम नभ ॐ धभिरनरमाम नभ ॐ करणाम नभ ॐ रोकभातर नभ ॐ ऩदमषपरमाम नभ ॐ ऩदमहसताम नभ ॐ ऩदमाकषम नभ ॐ ऩदमसनदम नभ ॐ ऩदमोदभवाम नभ ॐ ऩदमभखम नभ ॐ ऩदमनाब षपरमाम नभ ॐ यभाम नभ ॐ ऩदमभाराधयाम नभ ॐ दवम नभ ॐ ऩरदमनम नभ ॐ ऩदमगसनधनम नभ ॐ ऩणमगनधाम नभ ॐ सपरसननाम नभ ॐ परसादालबभखम नभ ॐ परबाम नभ ॐ चनिवदनाम नभ ॐ चनिाम नभ ॐ चनिसहोदम नभ ॐ चतबिजाम नभ ॐ चनिरऩाम नभ ॐ इसनदयाम नभ ॐ इनद शीतराम नभ ॐ आहराद जननम नभ ॐ ऩषम नभ

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ॐ लशवाम नभ ॐ लशवकतम नभ ॐ सतमाम नभ ॐ षवभराम नभ ॐ षवशवजननम नभ ॐ तषम नभ ॐ दारयदरमनालशनम नभ ॐ परीरत ऩषकरयणम नभ ॐ शानताम नभ ॐ शकरभालमामफयाम नभ ॐ बासकम नभ ॐ बफलव रनरमाम नभ ॐ वयायोहाम नभ ॐ मशससवनम नभ ॐ वसनधयाम नभ ॐ उदायॊगम नभ ॐ हरयणम नभ ॐ हभभालरनम नभ ॐ धन धानमकतम नभ ॐ लसदधम नभ ॐ सतरणम सौममाम नभ ॐ शबपरदाम नभ ॐ नऩवशभ गताननदाम नभ ॐ वयरकषमम नभ ॐ वसपरदाम नभ ॐ शबाम नभ ॐ हहयणम पराकायाम नभ ॐ सभि तनमाम नभ ॐ जमाम नभ ॐ भॊगराम नभ ॐ षवषणव सथरससथताम नभ ॐ षवषणऩतनम नभ ॐ परसननाकषम नभ

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ॐ नायामण सभाचशरताम नभ ॐ दारयदरम धवॊलसनम नभ ॐ दवरकषभ नभ ॐ सवोऩिव रनवारयणम नभ ॐ नवदगािम नभ ॐ भहाकालम नभ ॐ बरहभा-षवषण-लशवासतभकाम नभ ॐ बतरकारऻानसमऩननाम नभ ॐ बवनशवम नभ ॐ भहारकषभी अषटोततय शत नभ

इरत शरी रकषभी अषटोततय शतनाभावलर

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शरी ऩदमावती अषटोततय शतनाभावलर

ॐ ऩदमावततम नभ ॐ दवम नभ ॐ ऩदमोदभवाम नभ ॐ करणापरदारमनम नभ ॐ सरदमाम नभ ॐ तजसवरषऩणम नभ ॐ कभरभखम नभ ॐ ऩदमधयाम नभ ॐ शरीम नभ ॐ ऩदमनतरम नभ ॐ ऩदमकयाम नभ ॐ सगणाम नभ ॐ कभकभषपरमाम नभ ॐ हभवणािम नभ ॐ चनिवसनदताम नभ ॐ धगधगपरकाश शयीय-धारयणम नभ ॐ षवषणषपरमाम नभ ॐ रनतमकलमाणम नभ ॐ कोहटसमिपरकालशणम नभ ॐ भहासौनदमिरषऩणम नभ ॐ बकतवतसराम नभ ॐ बरहभानडवालसनम नभ ॐ सविवानचापरदारमनम नभ ॐ धभिसनकलऩाम नभ ॐ दाकषणमकटाकषणम नभ ॐ बसकतपरदारमनम नभ ॐ गणतरमाषववसजिताम नभ ॐ कराषोडशसॊमताम नभ ॐ सविरोकानानजननम नभ ॐ भसकतदारमनम नभ ॐ दमाभतामाम नभ ॐ परऻाम नभ

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ॐ भहाधभािम नभ ॐ धभिरषऩणम नभ ॐ अरनकाय षपरमाम नभ ॐ सविदारयदरमधवॊलसनम नभ ॐ शरीवकटशवसथरससथताम नभ ॐ रोकशोकषवनालशनम नभ ॐ वषणवम नभ ॐ रतरचानरऩयवालसनम नभ ॐ वदवदमषवशायदाम नभ ॐ षवषणऩादसषवताम नभ ॐ यतनपरकाशककयीटधारयणम नभ ॐ जगनभोहहनम नभ ॐ शसकतसवरषऩणम नभ ॐ परसननोदमाम नभ ॐ इनिाहददवत मककननय ककमऩरष ऩसजताम नभ ॐ सविरोकरनवालसनम नभ ॐ बजमाम नभ ॐ ऐशवमिपरदारमनम नभ ॐ शानताम नभ ॐ उननतसथानससथताम नभ ॐ भनदायकालभनम नभ ॐ कभराकयाम नभ ॐ वदानतऻानरषऩणम नभ ॐ सविसमऩसततरषऩणम नभ ॐ कोहटसमिसभपरबाम नभ ॐ ऩजापरदारमनम नभ ॐ कभरासनाहद सविदवताम नभ ॐ वकनठवालसनम नभ ॐ अबमदारमनम नभ ॐ िाापरऩामसषपरमाम नभ ॐ नतमगीतषपरमाम नभ ॐ ीयसागयोदभवाम नभ ॐ आकाशयाज ऩबतरकाम नभ

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ॐ सवणिहसतधारयणम नभ ॐ काभरषऩणम नभ ॐ करणाकटाधारयणम नभ ॐ अभतासजाम नभ ॐ बरोकसवगिसखदारमनम नभ ॐ अषटहदकऩारकाचधऩतम नभ ॐ भनभधदऩि सॊहारयणम नभ ॐ कभराथिबागाम नभ ॐ सवलऩऩयाध-भहाऩयाध-भाम नभ ॐ शतकोहटतीथिवालसताम नभ ॐ नायदाहद भरनशरषठ ऩसजताम नभ ॐ आहदशनकयऩसजताम नभ ॐ परीरतदारमनम नभ ॐ सौबागमपरदारमनम नभ ॐ भहाकीतॉ परदारमनम नभ ॐ कषणारतषपरमाम नभ ॐ गनधवि शाऩषवभोचकाम नभ ॐ कषणऩतनम नभ ॐ बतररोकऩसजताम नभ ॐ जगनभोहहनम नभ ॐ सरबाम नभ ॐ सशीराम नभ ॐ अॊजनासतानगरहपरदारमनम नभ ॐ बकतमातभरनवालसनम नभ ॐ सॊधमावसनदनम नभ ॐ सविरोकभातर नभ ॐ अलबभतदारमनम नभ ॐ रलरतावधतम नभ ॐ सभसतशासतर षवशायदाम नभ ॐ सवणािबयणधारयणम नभ ॐ इहऩयरोक सखपरदारमनम नभ ॐ कयवीयरनवालसनम नभ ॐ नागरोकभरणसह आकाशलसनध कभरशवय ऩरयतयधगभनाम नभ

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ॐ शरी शरीरनवासषपरमाम नभ ॐ चनिभनडरससथताम नभ ॐ अलरवर भनगाम नभ ॐ हदवमभनगर धारयणम नभ ॐ सकलमाणऩीठससथताम नभ ॐ काभकवनऩषऩषपरमाम नभ ॐ कोहट भनभधरषऩणम नभ ॐ बानभनडररषऩणम नभ ॐ ऩदमऩादाम नभ ॐ यभाम नभ ॐ सविरोकसबानतय धारयणम नभ ॐ सविभानसवालसनम नभ ॐ सवािम नभ ॐ षवशवरऩाम नभ ॐ हदवमऻानाम नभ ॐ सवभनगररषऩणम नभ ॐ सवािनगरहपरदारमनम नभ ॐ ॐकायसवरषऩणम नभ ॐ बरहभऻानसॊबताम नभ ॐ शरी ऩदमावतम नभ ॐ सदमोवदवतम नभ ॐ शरीभहारकषमम नभ

इरत शरी ऩदमावती अषटोततय शतनाभावलर

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धऩभ दशाॊगभ गगगरोऩतॊ गोघतन सभसनवतभ धऩॊ गहाण दवश सविरोक नभसकाया

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - धऩभािाऩमालभ

(सवाभीजी क भतॉ की अगयफतती औय धऩ स आयती कय)

दीऩभ

बतररोकश भहादव सविऻान परदामक दीऩॊ दासमालभ दवश यभाभ बकतवतसर

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - दीऩॊ दशिमालभ

(सवाभीजी क भतॉ की दीऩ स आयती कय )

नवदमभ

सविबशच बोजजशच यस षडलब सभसनवतॊ नवदमनत भमानीतभ गहाण ऩरषोततभ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - नवदमॊ सभऩिमालभ

(सवाभीजी को परसाद चढाम अगय करा ह तो ldquoकदरीपर रनवदमालभrdquo नारयमर ह तो ldquoनारयकर परॊ रनवदमालभrdquo ऐस कह अगय गड ह तो ldquoगडोऩहाय नवदमभ सभऩिमालभrdquo कह)

ॐ पराणाम सवाहा ॐ आऩानाम सवाहा ॐ वमानाम सवाहा ॐ उदनाम सवाहा ॐ सभानाम सवाहा ॐ ऩयबरहभण सवाहा ॐ बबिव सव ततसषवतय-वयणमभ बगो दवसम धीभहह चधमो मो न परचोदमात ॐ आऩो जमोरतयसोभतॊ बरहभ बबिव सवयोभ भधम भधम ऩानीमभ सभऩिमालभ

अभताषऩधानभलस उततयाऩोशनभ सभऩिमालभ हसतौ परारमालभ ऩादौ परारमालभ ऩनयाचभनीमभ सभऩिमालभ

तामफरभ ऩगीपर सकऩिय नागवलरीदरमितॊ भकताचणि सभामकतॊ तामफरॊ पररतगहमताॊ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - तामफरभ सभऩिमालभ

नीयाजनभ चशरम कानताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरीवकटरनवासाम शरीरनवासाम भनगरभ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ नीयाजनभ दशिमालभ

ऩनयाचभनीमभ सभऩिमालभ

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भॊतरऩषऩभ

ॐ सहसतरशीषिभ दवॊ षवशवाॊ षवशवशॊबवॊ षवशवॊ नायामणनदवभ अयॊ ऩयभॊ ऩदॊ १

षवशवत ऩयभासननतमॊ षवशवॊ नायामणॊ हरयॊ षवशवभवदॊ ऩरषसतदषवशवॊ उऩजीवरत २

ऩरतॊ षवशवसमातभशवयॊ शाशवतॊ लशवभचमतॊ नायामणॊ भहाऻमॊ षवशवतभानॊ ऩयामणॊ ३

नायामण ऩयोजमोरत आतभा नायामण ऩय नायामण ऩयभ बरहभ ततवभ नायामण ऩय नायामण ऩयो धमाता धमानभ नायामण ऩय ४

मचच ककसनचत जगतसव दशमत शरमतषऩ वा अनतफिहहशचततसविभ वमापमा नायामण ससथत ५

अननतभ अवममभ कषवॊ सभिनतभ षवशवशमबवभ ऩदमकोश परतीकाशभ रदमभ चापमधोभखभ ६

अधोरनषमा षवतसतमानत नाभमाभऩरय रतषठरत जवाराभाराकरॊबारत षवशवसमामातनभ भहत ७

सनततॊ लशरालबसत रॊफतमाकोशससननबभ तसमानत सलशयभ सकषभभ तससभन सविभ पररतसषठतभ ८

तसमभधम भहान असगन षवशवायचचषविशवतो भख सोगरबसगवबजन रतषठाननाहाय भजय कषव

रतमिगधवाि भधशशामीयशभमा सतसम सनतता ९

सॊताऩमरत सवॊ दह भाऩादतरभसतक तसम भधम वसनह लशखा अणीमोधवाि वमवससथत १०

नीरथो मदभधमसता षवदमलरखव बासवया नीवायशकवततनवी ऩीताबा सवतमनऩभा ११

तसमा लशखामा भधम ऩयभातभा वमवससथत स बरहभ स लशव स हरय स इनि सोय ऩयभासवयात १२

ॐ तद बरहभ ॐ तद वाम ॐ तदातभा ॐ ततसतमभ ॐ ततसविभ ॐ ततऩयोनिभ अनतशचयरत बतष गहामाभ षवशवभरत िष तवभ मऻसतवभ वषकायसतवभ इनिसतवभ रिसतवभ

षवषणसतवभ बरहभतवभ परजाऩरत तवभ तदाऩ आऩो जमोरत यसोवतभ बरहभ बबिवससवयोभ १३

गदा ऩन शॊखयथानगकलऩक धवजायषवॊदाॊकश वजररासशचत ह शरीरनवास तवत चयणामफज दवमॊ भदीम भधािन भरज ॐ रनयॊजनाम षवदमह रनयाबासाम धीभहह तननो शरीरनवास परचोदमात शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हदवमभनतरऩषऩॊ सभऩिमालभ

परदकषण नभसकाय

शरोकॊ मारनकारन च ऩाऩारन जनभानतय कतारन च तारन तारन परणशमसनत परदकषण ऩद ऩद ऩाऩोहभ ऩाऩकभािहभ ऩाऩातभा ऩाऩसॊबव तराहहभाभ कऩभमा दव शयणगतवतसर अनमधा शयणॊ नाससत तवभव शयणॊ भभ तसभात कारणम बावन य य जनादिन

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - आतभपरदकषण नभसकायान सभऩिमालभ

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षवषवधोऩचाय ऩजा छतरॊ धायमालभ चाभयॊ वीजमालभ नतमॊ दशिमालभ गीतॊ शरावमालभ वादमॊ घोषमालभ आॊदोलरकान आयोहमालभ आशवानायोहमालभ गजानायोहमालभ सभसत यजोऩचाय शकतमऩचाय

मनतरोऩचाय दवोऩचाय सवोऩचाय ऩजाॊ सभऩिमालभ

भाऩवणभ भनतरहीनॊ ककरमाहीनॊ बसकतहीनॊ जनादिन मतऩसजतभ भमा दव ऩरयऩणिभ तदसतत

अनमा धमानावाहनाहद षोडशोऩचाय ऩजमा च बगवन सवाितभक शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरी वकटशवय सवरऩो बगवान सपरीत सपरसननो वयदो बवत शरी वकटशवय दव परसादॊ लशयसा गहणालभ

तीथवभ

अकार भतमहयणॊ सविवमाचध रनवायणभ सवि ऩाऩमकयॊ दव ऩादोदकॊ ऩावनॊ शबॊ

नवदमभ

ॐ बबिवससव ॐ ततसषवतवियणमभ बगो दवसम धीभहह चधमो मो न परचोदमात सतमॊ तवतन ऩरयषषॊचालभ अभतभसत अभतोऩसतयणभलस ॐ पराणाम सवा ॐ अऩानाम सवा ॐ वमानाम सवा ॐ उदानाम सवाह ॐ सभानाम सवा ॐ बरहभण सवा

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - भहानवदमभ सभऩिमालभ

अभताषऩधानभलस उततयाऩोशनभ सभऩिमालभ हसतौ परारमालभ ऩादौ परारमालभ शदध आचभनीमॊ सभऩिमालभ

तामफरॊ सभऩिमालभ सवणिभनतरऩषऩॊ सभऩिमालभ परदकषण नभसकायन सभऩिमालभ

अनमाधमानावाहनाहद षोडषोऩचाय ऩजमा बगवान सवाितभक शरी रकषभी ऩदमावती सभत वकटशवय सवाभी सपरीत सपरसननो वयदो बवत शरी रकषभी ऩदमावती सभत वकटशवय सवाभी परसादॊ लशयसा गहणालभ

उदवासनभ मऻन मऻभमजनत दवासतारन धभािरण परथभानमासन

तहनाकॊ भहहभानससचनत मतर ऩव साधमा ससनत दवा

गचछ गचछ सयशरषठ सवसथान शरी वकटशवय बकताबीषट सभधमथिभ ऩनयागभनाम च

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरी वकटशवय सवाभी मथासथानॊ उदवासमालभ

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परथभ अधमाम

शरी बगवान उवाच

कलरमग भ एक हदन शब भहति भ रतरभरा ऩहाड ऩय (सजस धयती का वकॊ ठ कहा जाता ह ) ldquoषवशवऩरत नाभक एक बकत ऩय शरी फाराजी की कऩा हई शरी षवषण क अवताय शरी फाराजी (वकटशवय) जो महाॉ शरीरनवास क रऩ भ ऩज जात ह उनहोन षवशवऩरत को ldquoशरी फाराजी वरत कथाrdquo नाभ स परलसधद इस गरॊथ की यचना कयन की आऻा दी औय कहा- ldquoह भय षपरम बकत षवशवऩरत भय षपरम होन क कायण इस वरत को षवसताय रऩ स तमह फाता हॉ सनो म

वरत भझ अरत षपरम ह आसान होन क कायण इस सबी रोग सॊऩनन कय सकत ह

कलरमग भ भानव अऩन ऩाऩ कभो का पर बोगता ह अनक कषट सहत हए जीवन रनवािह कयता ह कछ बकत

अऩन दख भझ फताकय उनह दय कयन क लरम कहत ह फहत स ऩस खचि कय वो भझ दखन क लरम रतरभरा की मातरा कयत ह भय बकतो स भझ परभ ह व भझऩय अऩना ऩया बाय डार दत ह भ उनह धभि क भागिऩय चराता हॉ

अबी भ जो मह वरत कथा तमह फतान जा यहा हॉ वो ldquoशरी फाराजी की कथाrdquo क नाभ स परलसदध होगा म भया वरत भझ अरतषपरम ह जो वमसकत इस बसकत औय रनषठा स कयगा वह तयॊत ऩाय ऩामगा कोई बी वमसकत कबी बी इस वरत को सॊऩनन कय सकता ह भखम रऩ स भागिशीषि भाघ कारत िक भहहनो भ ऩणिभासी ऩॊचभी सपतभी एकादशी रतचथमो ऩय मा शरवण सवारत नतरो ऩय इस कयना शरषठ होता ह

इस घोय कलरमग भ भय बकत जो कषट सह यह ह उनह भ जानता हॉ तमह जफ बी कोई कषट हो कोई सभसमा हो सवासम ठीक ना हो नौकयी वमाऩाय भ सभसमाएॉ हो भन अशाॊत हो तो इस वरत को सॊऩनन कयना चाहहम इसस

साय कषट दय हो जात ह घय भ शब कामि होन ऩय इस वरत को सॊऩनन कयन स बफना ककसी सभसमा क कामि ऩणि हो जाता ह इस वरत को सॊऩनन कयत ही सबी सख परापत होत ह औय अषट ऐशवमो की परासपत होती ह

सफय मा शाभ इस वरत को सॊऩनन कय सकत ह इस वरत भ ऩाॉच अधमाम ह इनका ऩठन बसकत क साथ कयना चाहहम अऩन घय भ मा रनवास सथान ऩय भॊहदय भ मा ककसी बी ऩषवतर सथान भ नदी तट ऩय सॊऩनन कय सकत ह

महद सॊबव हो तो अऩन फॊध लभतरो क साथ इस सॊऩनन कयन स जमादा शरषठ होता ह जो इस सॊऩनन कयत ह मा जो इस सनत ह वरत सॊऩणि होन क फाद परसाद को बसकत स सवीकाय कयत ह वो अषट ऐशवमो को परापत कयत ह इसस

ऩहर बी भय बकतो न कई भरनमो न इस वरत को सॊऩनन ककमा औय भया आशीवािद ऩामा बरोक भ यहनवार सबी को मह वरत आनॊद परदान कयगा औय शब पर बी परापत होगा शाॊत चचतत स भझ माद कयत हए इस वरत का ऩारन

कयो

सवि परथभ जहाॉ वरत कयना चाहत हो उस सथर को साप कयो भॊडऩ की वमवसथा कय भयी तसवीय सजसभ भयी षपरम

सरखमाॉ शरी दवी बदवी ह उस तसवीय को इस भॊडऩ ऩय सथाषऩत कयो भॊडऩ को दीवाय स रगाकय बी यख सकत हो अनम ककसी इचछक दवता की तसवीय बी सख सकत हो नवगरहो औय अषट हदकऩारको को मा तो भन भ नभसकाय

कयो मा उनका आवहान बी कय सकत हो

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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सफस ऩहर हलदी स फनी गणश की ऩजा कयनी चाहहम उसक फाद उस वरत क ऩाॉचो अधमामो का रनषठा स ऩठन

कयना चाहहम मही परथभ अधमाम ह अनम चाय अधमाम भय अतमॊत षपरम ऩातर षवशवालभतर वलशषठ बयदवाज अबतर

भरनशवयो क परवचना रऩ भ ह ऩाॉच अधमामोको ऩढन क फाद भय षपरम शरोक बी ऩढ सकत हो हय अधमाम क अॊत

भ गोषव ॊद गोषव ॊद गोषव ॊद तीन फाय सभयण कयना चाहहम

आभ रोगो क कषटो को भ जानता हॉ इसी लरम भयी एक फात सनो महद ककसी कायण इस वरत को षवसताय रऩ स

सॊऩनन कयन भ कोई सभसमा आ यही हो तो भय तसवीय को साभन यख कय ऩहर गणश जी की कपय नवगरह दवताओॊ औय अषटहदकऩारको को सभयण कय ऩाॉच कहरनमाॉ ऩढकय अऩन भन भ जो इचछा ह उस भझ फताओ भ उस

परसाद क रऩ भ परदान करॉगा इस परकाय कयन स बी कामि की लसषदध होती ह तमहाय कषट दय हो जामग औय शब

पर परापत होगा

जो वमसकत इस वरत को बसकत स सॊऩनन कयगा भ उसक घय ककसी ना ककसी रऩ भ आकय परसाद सवीकाय करॉगा भयी कऩा आऩ सबी को हभशा परापत होगी शरी फाराजी न रतमभयाज षवशवऩरत याभकषणभरत ि ldquoषवशवऩरतrdquo को इस वरत कथा को षवसताय स फतामा कलरमगवासी हभ सबी इस वरत को सॊऩनन कय शरी फाराजी की कऩा क ऩातर फन सकत ह इस वरत को सॊऩनन कय हभ अऩन सबी कषट दय कय सकत ह औय उचचत पर बी परापत कय

सकत ह

गोषवॊदगोषवॊदगोषवॊद

परथभोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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दषवतीम अधमाम

शरी षवशवालभतर उवाच

भहातऩ सॊऩनन साात शरी षवशवालभतर जी न हभ ऩय कऩा की औय परवचन कयत हए कहा- ldquoह कलरमग वालसमो शरीरनवास क बकतो ldquoशरीफाराजी वरत कथाrdquo सजस आऩ सॊऩनन कय यह हो वह फहत ही ऩषवतर ह भहहभा स ऩणि ह मह वरत कलरमग भ शरी नायामण जी की करणा औय दमा परापत कयन का अतमॊत सयर साधन ह पराचीन कार भ शरी फाराजी क षपरम बकतो न इस सॊऩनन कय अऩनी काभनाओॊ को ऩणि ककमा इस वरत कथा क फाय भ हभ फताकय शरी फाराजी न हभाय पररत जो दमा हदखाई ह उसक लरए हभ उनह परणाभ कयत ह

पराचीन कार भ भगध याजम भ षवषणचचतत नाभक एक बकत यहता था उसकी नौ कनमाएॉ थी षवदवान होन ऩय बी वह अतमॊत गयीफ था षवषणचचतत की ऩतनी तायाभरत हभशा नायामणजी की पराथिना कयती यहती थी षववाहाहद शबकामि सॊऩनन कय जो बी ऩस दकषणा क रऩ भ लभरत थ उसस व भसशकर स अऩना जीवन रनवािह कय

यह थ कनमाएॉ मौवनावसथा भ ऩदाऩिण कय चकी थी तायाभरत हभशा इसी चच ॊता भ यहती थी कक इन कनमाओॊ का षववाह ककस परकाय सॊऩनन होग वह फाराजी की पराथिना कयत हए सदा अऩना सभम गजायती थी

वह तो फाराजी की बकत थी औय फाराजी अऩन बकतो स अतमाचधक परभ कयत ह उस हदन भाघ ऩरणिभा थी सवय

एक वदध बराहभण न षवषणचचतत क दयवाज ऩय दसतक दी औय कहा - ldquoह सवाभी भ फॊग दश का वासी हॉ एक मऻ

क लसरलसर भ दसय दश जा यहा हॉ यासत भ महाॉ आमा हॉ भझऩय दमा कयो औय अऩन घय भ एक हदन क लरए

यहन दो कर सवयही भ महॉ स चरा जाऊॉ गाrdquo उन की फात सनकय षवषणचचततन कहा lsquoनाथ इसस फढकय खशी औय कमा हो सकती ह अरतचथ साात नायामण जी क सभान होत ह ऐस हभाय ऩयाणो भ कहा गमा ह आऩ बफना ककसी सॊकोच क हभाय घय भ यह सकत हlsquo ऐसा कह कय उसन उस बराहभण को घय क अॊदय फरामा औय उनका सतकाय ककमा

दोऩहय भ बोजन क फाद उस वदध न तायाभरत स ऩछा ndash ldquoभाता कमा फात ह तभ कछ चच ॊरततसी रगती हो बफना ककसी सॊकोच क फात फताओrdquo तायाभरत न कहा ndash ldquoसवाभी आऩ तो भहातऩसवी ह आऩ क भख का तज उस वकॊ ठवासी क सभान ह आऩ स कमा छऩाना भयी चचॊता भयी कनमाओॊ का षववाह हrdquo उस ऩय वदध न कहा- ldquoभाता तमहाया दख भ जानता हॉ तमहाय सबी कषट दय हो औय तमहायी कनमाओॊ की शादी हो इसक लरम भ एक अदभत वरत फताता हॉ सनो इस वरत को सॊऩनन कयन स तमहाय साय कषट दय हो जामग शरी फाराजी क वरतो भ स मह सफस सयर हrdquo कहत हए उनहोन उस दॊऩरत को ऩया वरत षवधान फतामा वरत षवधान

सनकय षवषणचचतत न कहा- ldquoसवाभी मह तो अतमॊत सॊतोष की फात ह इसस फढकय सौबागम औय कमा होगा

कहत ह ना- शबसम शीिॊ आज भाघ ऩरणिभा ह फहत ही शब हदन ह आऩक कथा अनसाय हभ आज ही इस वरत

को सॊऩनन कयगrdquo षवषणचचततन ऩतनी तायाभरत औय सबी कनमाओॊ क साथ लभरकय उस हदन शाभ भ ही अऩन

फॊध-लभतरो क साथ बसकत औय रनषठा स फाराजी वरत को सॊऩनन ककमा वहाॉ उऩससथत सबी रोगो न वरत ऩया होन क

फाद चयणाभत परसाद गरहण ककमा औय अऩन-अऩन घय परसथान ककमा तफ षवषणचचतत औय तायाभरत न बराहभण

क चयणो को नभसकाय ककमा औय आशीवािद परापत ककमा बराहभणोततभ न बी चयणाभत परसाद गरहण ककमा औय

कहा- ldquoआऩकी भनोकाभना ऩयी हो शरी रकषभी शरी फाराजी की कऩा होrdquo

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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अॊधया हो चरा था औय रनिा सभम आसनन था षवषणचचतत न उस बराहभण को एक पटी चादय दत हए आॉखो भ आस लरम कहा- सवाभी भ अतमॊत दरयिी हॉ इसस अचछी चादय भय ऩास नही ह भझ भा कय आज की यात इसी ऩय षवशराभ कय बराहभण भसकयात हए फोर- कोई फात नही भ फाहय फयाभद भ सो जाता हॉ कछ सभम फाद ही सबी रनिारोक भ षवचयण कयन रग आधी यात का सभम था बफजरी की गडगडाहट क साथ फारयश शर हई चायो ओय अॊधया था कहीॊ कछ नही हदखाई

द यहा था षवषणचचतत इस चच ॊता भ था कक वदध बराहभण फाहय कस सो यह होग उस सभम कछ सझ बी नही यहा था ककसी तयह उनहोन यात गजायी सवया हआ फारयश बी थभ चकी थी ऩरत-ऩतनी मही सोच यह थ कक बराहभण की कमा दशा हई होगी ककतना सहा होगा उनहोन मही सोचत हए वो फाहय आए उनह एक अदभत दशम हदखाई हदमा वहाॉ षवपरोततभ नही थ पहट हई चादय की जगह यशभ का षऩताॊफय यखा हआ था उस षऩताॊफय ऩय शरी फाराजी क

भतॉ ndash हदखाई दी व सफ कछ सभझ गम उनकी खषी का कोई हठकाना नही यहा उनक घय आम बराहभण औय

कोई नही साात शरी नायामणजी ही थ ह फाराजी कमा बागम ह हभाया ऩय हभ उनको ऩहचान नही ऩाम हभन उनको पटी हई चादय दी मह सोचत हए उनहोन शरी फाराजी की भतॉ को हाथ भ रकय आॉखो स रगामा औय

घय क अॊदय आम ऩया घय सोन स बया हआ था जहाॉ दखो वहाॉ धन याशी ह बगवान शरी फाराजी की वरत कथा की भहहभा स ही मह सफ सॊबव हो सका ऐसा कहत हए व बगवान की सतरत कयन रग आऩन दख साात शरी फाराजी ही उस बकत क घय आम थ वरत षवधान फतामा औय चयणाभत परसाद बी गरहण

ककमा शरी फाराजी फहत ही करणाभम ह जो बी इस वरत को बसकत औय रनषठा स कयगा उसक घय सवमॊ बगवान

ककसी ना ककसी रऩ भ आमग आऩ सबी इस वरत को सॊऩनन कय बगवान की कऩा परापत कय सकत ह शरी भहषषि षवशवालभतर जी न मह दषवतीम कथा इस तयह फताई

शरी रकषभी शरीरनवास कटाॊ लसषदधयसत

गोषवॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

दषवतीमोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ततीम अधमाम

शरी वलशषठ उवाच मह अधमाम भहातऩोरनषठ वरयषठ शरीवलशषठ भरन न शरीनायामणजी की कऩा स हभ षवसताय रऩ स फतामा ह ह कलरमग वालसमो शरीफाराजी क षपरम बकतो वकणठ भ रनवास कयनवार शरीनायामणजी आज क रतरभरा भ ससथत शरीफाराजी ही ह कलरमग वालसमो क कषट दय कयन क लरम बगवान आऩक फहत सभीऩ रतरभरा ऩहाड ऩय अवतारयत हए ह शरी फाराजी को खश कयन क लरए मह वरत उततभ ह औय सयर बी ह इस वरत को जो बसकत औय रनषठा स सॊऩनन कयता ह उस सबी सख परापत हो जात ह पराचीन सभम भ अवॊती दश भ बागमनगय नाभक एक नगय था नाभ क ही अनरऩ वहाॉ अनक धनवान (वमाऩायी) यहत थ ऩय व अऩनी सॊऩसतत को दख घभॊड कयत थ औय आभ रोगो को हीन दषटी स दखत थ धन-दौरत उनकी सवासजित ह ऐसा सोचकय घभॊड कयत थ बगवान की रनतम ऩजा-ऩाठ तो उनहोन ऩहर ही छोड दी थी कभ स कभ षवशष हदनो भ बी व ना भॊहदय जात ना ऩजा कयत ना ही दीऩ जरात एक हदन सबी धनवान अऩनी-अऩनी ऩतनीमो क साथ परीरत बोज भ वमसत थ उस नगय की ऩवि हदशा भ ही शरी रकषभी नायामण जी का भॊहदय था जहाॉ दीऩ जरानवारा कोई नही था उस हदन षवशष एकादशी थी सजस एक ऩवि हदन बी भाना जाता ह ऩय उस नगय क एक बी धनवान क भन भ भॊहदय भ ऩजा कयन का षवचाय नही आमा शाभ होत-होत आकाश भ घन फादर छा गम औय भसराधाय फारयश होन रगी वमाऩारयमो क घय ऩानी स बय गम चायो ओय अॊधकाय ह अॊधकाय था सवय होन तक ऩया नगय ऩानी भ डफ गमा वमाऩारयमो क घय टट-पट गम उनका साया ऐशवमि सभापत हो गमा ऐसा उऩिव कमो भचा मह पररम कस हो गमा ककसी को कछ बी सभझ भ नही आ यहा था इतन भ उनह एक षवचचतर दशम हदखाई हदमा नगय क फाहय जो झोऩडडमाॉ थी व तो वसी की वसी थी उनको आशचमि हआ इतनी फारयश भ बी म कस सही सराभत यही व ऐसा भन ही भन सोच यह थ कक इतन भ बफजरी कडकी औय आकाशवाणी हई ldquoए भखो तमहायी सॊऩसतत तमहायी अऩनी ह सवासजित ह ऐसा सोचत थ इसी लरम ऐसा हआ ह इस झोऩडी भ यहनवारा दव भया षपरम बकत ह आभ आदभी होन ऩय बी दव रनतम तमहाय नगय भ ससथत शरी रकषभी नायामण

भॊहदय भ दीऩ जराता था इतना ही नही हय एकादशी क हदन मथा सॊबव वह शरी फाराजी वरत कथा बी सॊऩनन कयता था इसी लरम इन झोऩडीमो भ यहनवार सबी रोग सयकषत यह आऩ सबी महद वरत सॊऩनन कयग तो अऩन-अऩन

ऐशवमि को ऩन परापत कय सकत होrdquo आकाशवाणी सनत ही तयॊत व सबी रोग उस भॊहदय भ गम औय जस

सॊबव हो सका वस सबी रोगोन एक-दसय क सहमोग स शरी फाराजी की वरत कथा सॊऩनन की ऐसा कयत ही सबी को उनक घय ऩवि रऩ भ ही परापत हो गम तफ स व सबी शरीफाराजी क बकत फन गम औय हय एकादशी को शरीफाराजी का वरत सॊऩनन कयत औय सख-शाॊरत परापत कय यहन रग अॊत भ उनहोन भसकत बी परापत की

शरीवलशषठजी न इस परकाय म कथा सनाई

गोषव ॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

ततीमोधमाम सभापतॊ |

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ

शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

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चतथव अधमाम

शरी बयदवाज उवाच

शरीनायामण जी को ldquoशरीफाराजी वरत कथाrdquo अतमॊत षपरम ह चतथि अधमाम क रऩ भ हभाय साभन शरी बयदवाज

भरनदवाया फतामी नमी कहानी इस परकाय ह- ldquoह कलरमगवालसमो शरी नायामण क षपरम बकतो आऩ सजस वरत को सॊऩनन कय यह ह वह अदभत ह आऩकी भनोकाभनाओॊ को ऩणि कयन का साधन ह शरी फाराजी को परसनन कयन का मह अतमॊत सयर उऩाम ह आऩ सबी ऩय कऩा कयन क लरम ही वकॊ ठवासी बगवान शरीरनवास क रऩ भ रतरभरा ऩहाड ऩय अवतरयत हए ह अनक जनभो क ऩणमपर स ही रतरभरा ऩहाड ऩय ऩय यखन का सौबागम परापत होता ह औय बगवान क दशिन बी सॊबव होत ह इसी तयह इस ldquoवरतकथाrdquo को सॊऩनन कयन का सॊकलऩ बी ऩविजनभ क

ऩणमपर स ही सॊबव होता ह जो वमसकत इस वरत को सॊऩनन कय यह ह मा जो इस कथा को सन यह ह मा जो बगवान क परसाद को गरहण कयत ह उनह बगवान की कऩा परापत होती ह औय व सौबागम बी ऩात ह

पराचीन कार भ ldquoनगयीrdquo नाभक एक गराभ भ धनगपत नाभ का वमाऩायी यहता था वह फहत ही रारची था ऐशवमि परापत कयन ऩय बी उसका रारचीऩन कभ नही हआ मह सभसत ऐशवमि उसका ही कभामा हआ ह ऐसा सोचकय वह फहत घभॊड कयता था अहॊकाय भनषम का नाश कयता ह

धनगपत की ऩतनी काॊरतभती अतमॊत बसकत बावना यखती थी औय रनषठा स बगवान की ऩजा कयती थी उनकी तीन कनमाएॉ थी तीसयी कनमा ldquoकभायीrdquo भ बसकत बावना जमादा थी वह हभशा फाराजी का नाभ ही जऩती यहती थी षऩताजी को बफना फताम वह जफ-तफ शरी फाराजी क भॊहदय भ जाती थी औय बगवान क दशिन कयती थी घय आकय षऩताजी को छोड अनम सबी क साथ परसाद सवीकाय कयती थी ऩती क ऐस वमवहाय स

काॊरतभती थोडी चच ॊरतत होती थी

एक हदन ldquoकभायीrdquo की सहरी क घय ऩय ldquoशरी फाराजीrdquo का वरत सॊऩनन हो यहा था मह जानकय वो वहाॉ गई वरत ऩया होन तक दोऩहय हो चकी थी थोडासा परसाद उसन गरहण ककमा औय थोडा वह अऩन घयवारो क लरम एक

कागज की ऩडी भ रकय चरी फीच यासत भ उस पमास रगन रगी धऩ बी फहत तज थी उसन सोचा थोडी दय रक

कय पमास फझाकय कपय चरॉ तो ठीक यहगा तबी उस माद आमा कक उसक षऩता की दकान अगरी गरी भ ही तो ह वहाॉ जाकय उसन षऩताजी को ऩजा की फात बफना फताम षऩताजी स ऩानी भाॉगकय षऩमा औय षऩताजी गससा कयग

इस डय स उसन जलदी-जलदी ऩानी षऩमा इस घफयाहट भ परसाद की ऩडी वही दकान भ बरकय चरी गई

एकाएक फाजाय भ हडकॊ ऩ भच गमा रोग हाहाकाय भचात हए इधय-उधय बागन रग आगजनी क कायण उस गरी की सायी दकान जर कय याख होन रगी वस बी दोऩहय का सभम थाउस ऩय गभि हवाएॉ चर यही थीधनगपत का शयीय डय क भाय काॉऩन रगा ldquoकछ ही सभम भ उसकी दकान बी जर कय याख हो जाएगीrdquo इस षवचाय स उस क हाथ-ऩय काॉऩन रग सबी रोग अऩनी-अऩनी दकानो स फाहय आकय इधय-उधय बागन रग ऩय

धनगपत वही खडा यह गमा दकान छोडकय जान का भन नही कय यहा था महद वो दकान भ यहगा तो जरकय

याख हो जामगासोचत हए उसन घफयाहट भ उसक हाथ रगी ऩडी को उठामा औय बफना सोच सभझ जो हाथ आमा वो भॉह भ डार हदमा उस कछ भीठा-भीठा सा ऩदाथि रगा औय भन बी शाॊत होन रगा

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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तबी एक अदभत घटना घटीआग धनगपत की दकान तक आकय रक गमी आग की रऩत वहाॉ नही आ ऩामी मह कसी षवचचतर फात हम कसी भामा ह धनगपत क भॉहस एक बी फात नही रनकर ऩामी उधय आगजनी की खफय सनत ही ऩतनी काॊरतभती अऩन कनमाओॊ क साथ फाराजी का सभयण कयत हए दौडती हई वहाॉ आ गमी आग उनक दकान तक आकय कस रक गमी मह दखकय उस आशचमि हआ तबी कभायी को दकान भ बरी हई ऩडी की माद आई धनगपत को सभझन भ दय नही रगी कक उसन जो चीज भॉह भ डारी थी वो औय कछ नही तो बगवान का परसाद ही था औय उसकी भहहभा स ही व इस दघिटना स चक गम धनगपत न शरीफाराजी स भा भाॉगी गार फजाम शाभ भ ही नगयवालसमो को फराकय ldquoशरीफाराजी की वरत कथाrdquo सॊऩनन की तफ स वह बगवान की सवा भ रीन हो गमा औय अॊत भ भो बी परापत की आऩन दखा कक कवर परसाद गरहण कयन स ही वो ककतनी फडी दघिटना स चक गमा फाराजी की भहहभा अदभत ह आऩ सबी बी मथा सॊबव वरत को सॊऩनन कय क बगवान की कऩा परापत कय सकत हldquo

शरीबयदवाजजी न इस परकाय मह चतथि कथा सनामी

गोषवॊदगोषवॊदगोषवॊद

चतथोधमाम सभापतॊ |

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

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ऩॊचभ अधमाम

शरी अतरतर उवाच

रतरभरा-रतरऩती बरोक का वकणठ धाभ ह ऩयाणो भ फतामा गमा ह कक रतरभरा क सभान ऩषवतर सथर औय शरी फाराजी जस दवता न तो ऩहर कबी हए ह औय न कबी होग शरीरनवास क रऩ भ अवतरयत शरी नायामण अऩन

बकतो स फहत परभ कयत ह जो उन ऩय अऩना ऩया बाय डारकय उनह रनतम सभयण कयत ह जो सदाचाय स ऩणि जीवन बफतात ह वो उनकी या कयत ह ऐस शरीफाराजी को परसनन कयन का सफस सयर उऩाम ह ndash ldquoशरीफाराजी की वरत कथाrdquo

इस अदभत वरत कथा क फाय भ भहातऩसॊऩनन शरी अबतर भहषषि न कऩा कयत हए कहा ह- ldquo ह फाराजी क षपरम

बकतो कलरमग भ आऩक सौबागम क फाय भ कमा कहना कतमग तरतामग औय दवाऩायमग भ अतमॊत कठोय तऩ-

जऩ कयन ऩय बी परसनन न होन वार शरी नायामण इस मग भ कवर नाभसभयण स ही आऩ रोगो ऩय कऩा कय यह

ह षवशवास क साथ उनह फरान ऩय व तयॊत कऩा परदान कयत ह ऐस करणाभम ह शरीफाराजी ऩषवतर रतरभरा ऩय

तमहाया यखा हय कदभ अनक जनभो क ऩणमपर क सभान ह

पराचीन कार भ ldquoकौभायrdquo दश भ ldquoलभतरrdquo नाभक धोफी यहता था वो अऩन काभ क साथ-साथ धालभिक कामि कयता हआ जीवन रनवािह कय यहा था उसकी अऩॊगता ही उसकी चच ॊता थी इसी कायण धोए हए कऩडो की ऩोटरी फनाकय घय-घय घभकय उनह रोगो तक ऩहॉचाना उस धीय धीय भसशकर रगन रगा उसका ऩरयवाय फडा था बफना भहनत ककए उस बय ऩट खान को बी नही लभरता था हभशा वो शरी फाराजी की ऩजा कयता यहता था कबी ना कबी बगवान उस ऩय कऩा कयग इसी षवशवास स वो अऩना जीवन गजाय यहा था बकतो ऩय कऩा कयन वार फाराजी सफ कछ दखत यहत ह जो वमसकत अऩन कभो स भकती ऩाता ह उनक ऩास आकय फाराजी ककसी न ककसी रऩ भ आकय उनकी या कयत ह एक हदन शाभ क सभम हभशा की तयह लभतर कऩड धोकय कऩडो की ऩोटरी राद धीय-धीय चरता हआ आ

यहा था फीच यासत भ उस एक वदध बराहभण हदखाई हदम गौयव की बावना स फड होन क कायण लभतर न अऩन कॊ ध

ऩय रदी हई ऩोटरी को नीच उतायकय वदध बराहभण को नभसकाय ककमा तफ उस षवपरोततभ न कहा- ldquoतभ अऩन इस ऩय क कायण ककतना कषट सह यह हो तमहाया दख दखा नही जाताrdquo तफ लभतर न कहा-ldquoह नाथ आऩ फजगि ह बयाऩया ऩरयवाय होन क कायण भझ इस काभ स भकती नही लभर यही ह ककसी तयह भयी म अऩॊगता दय हो ऐसा कोई उऩाम फताइएrdquo

तफ बराहभण न कहा-ldquoसनो बाई भ जरय फताऊॉ गा धमान स सनो भ एक ऐस वरत क फाय भ फताता हॉ सजस सॊऩनन कयन स तमहायी अऩॊगता दय हो जाएगी तमह अषट ऐशवमो की परासपत होगी वरत सॊऩनन कयत ही तमह हजाय अशकपि माॉ लभरगी ऩय एक शति ह उसभ स आध तभ भझ दोगकर भ कपय इसी सभम महाॉ लभरॉगाrdquo तफ लभतर न कहा- ldquoसवाभी इसस फढकय सौबागम औय कमा हो सकता ह आज ही इस

वरत क फाय भ फताइए भ उस सॊऩनन करॉ गाrdquo लभतर क उतसाह को दख वदध न शरी फाराजी वरत कथा क फाय भ फतामा

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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लभतर दगन उतसाह क साथ घय आमा ऩयी कहानी ऩतनी को फतामी औय अडोस-ऩडोस क साथ लभरकय शरी फाराजी वरत को सॊऩनन ककमा चयणाभत परसाद गरहण ककमा घय आए सबी रोगो को बी हदमा तबी घय क फाहय कछ

कोराहर सनाई हदमा लभतर का फटा फाहय स दौडता हआ आमा औय फोरा- ldquoषऩताजी षऩताजी याज-यक आऩक लरम आए ह याजा न आऩक लरम बट बी बजी हrdquo इतन भ यक बी वहाॉ आ गम उनहोन फतामा कक उसकी रनमसकत याज दयफाय भ धोफी क रऩ भ हो गमी ह याजा न हजाय अशकपि माॉ ऩयसकाय सवरऩ बजी ह ऐसा कहकय उनहोन लभतर क हाथ भ हजाय अशकपिमो की ऩोटरी यख दी एक हफत क अॊदय-अॊदय

उस आकय नौकयी भ बतॉ होन को बी कहा लभतर क आनॊद की सीभा नही थी एक हफता कमो कर ही कमो नही सोचकय उसन अऩनी ऩोटरी-वोटरी फाॉधी औय दसय हदन सवय ही वो जान को तमाय हो गमा इस जलदफाजी भ वह

उस वदध की फात बर गमा फीच यासत भ उस उसकी फात माद आ गमी ऩय ठीक हअगर भहहन लभर रता हॉ सोच

कय वह याज दयफाय भ अऩन काभ ऩय रग गमा हदनभहहन फीत बराहभण क वश भ आए बगवान को गससा आमा बगवान न सोचा भनषम की परवसतत ऐसी ही होती ह उस भझ अऩनी भहहभा फतानी होगी

दसय ही हदन याणीवास स आबषण चोयी हो गम चोयी का इलजाभ लभतर ऩय आमा लभतर को कायावास की सजा हई hellipयाज यकोन उस तयह-तयह की मातनाएॉ दी ऐसा कमो हआउस ऩय मह इलजाभ कमो रगा सोचत हए लभतर को यात को सऩन भ बगवान हदखाई हदम उनहोन फतामा कक ldquoवदध बराहभण क रऩ भ व ही आम थ वो अऩनी फात स भकय गमा इसलरम म सफ हआ हrdquo तफ लभतर न कहा-ldquoह नाथभ ऩाऩी हॉ भन फहत फडा ऩाऩ ककमा ह कऩमा भझ ऩय दमा कीसजम अफ भ हय भहहन आऩका वरत सॊऩनन करॉ गा भयी आम का आधा बाग जीवन बय आऩको सभषऩित करॉ गाrdquo गार फजाकय उसन बगवान की हय तयह स पराथिना की बकतो की ऩकाय सननवार बगवान न खशी-खशी लभतर ऩय कऩा कय दी बगवान की कऩा स याणी क आबषण दसयही हदन लभर गम याजान म बी जान लरमा कक लभतरन चोयी नही की थी लभतरको कायावास स रयहा कय हदमा गमा तफ स लभतर बगवान को हदम वचन अनसाय हय भहहन शरी फाराजी का वरत सॊऩनन कयन रगा औय अऩनी आम का आधा बाग बगवान को अषऩित कयता यहा सख ऩणि जीवन बफतात हए उसन अॊत भ भो बी परापत ककमाrdquo

शरी अबतरजी न ऐसा कहकय ऩाॉचव औय आखयी अधमाम को सभापत ककमा

गोषवॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

ऩॊचभोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

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faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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भया रयशता - सात ऩववतो क ईशवय स

भय भाता षऩता शरी फर ऩलरा याव औय शरीभती फर वकटरकषभी दोनो की दवबसकत अवणिनीम ह उनहोन फाय

फाय रतरभरा जाकय नॊग ऩाॉव ऩवित चढकय शरी फाराजी क दशिन ककम ह भय षऩताजीन हभशा ऩय हदरस उनकी ऩजा की ह भया जनभ भय नाना शरी लस ॊगवयऩ अनॊत यभर औय नानी शरीभती कोहटयतनभ क घय खमभभ भ १९८० भ हआ सार २००० भ भ नौकयी की वजह स हिाफाद भ होसटर भ यहन रगी एक हदन सऩन भ भन दहदपमभान

परकाश दखा उसक तज भ फाकी कछ हदखामी नही द यहा था तफ भन एक आवाज सनी ldquoतमह शरी वकटशवय

सवाभी का वरत तयॊत कयना चाहहमrdquo जफ भन भयी आॉख खोरी तो आसऩास साया अॊधया था भ कपय स सो गमी सफह उठकय भ अभीय ऩट क भॊहदय चरी गमी औय ऩजायीजी स शरी वकटशवय सवाभी जी क वरत क फाय भ ऩछा व

इस वरतक फाय भ कछ नही जानत थ भन फहत स ऩजारयमो को ऩछा ऩय कोई बी इस वरत क फाय भ नही जानता था कछ हदन फाद भ सऩन क औय वरतक फाय भ बर गमी भ हय सार रतरभरा जाकयचरकय भॊहदय ऩहॉचकय अॊग परदकषणा (जभीन ऩय रट हए भॊहदय को परदकषणा ताकक शयीय का हय बाग जभीन को छए) कयती थी म भ बफलकर बी नही बरी ऩय वरत औय सऩन क फाय भ सफकछ बर गमी ऋषषकश क साथ २००२ भ भयी शादी हो गमी उसक साथ भ कॎ लरपोरनिमा अभरयका भ आ गमी २००३ भ हभायी ऩहरी फटी नहा का जनभ हआ २००५ भ जफ बायत की मातरा ऩय गम तो हभ रतरऩरत क दशिन क लरम रतरभरा गम भन अॊग परदकषणा कयन की सोची हभाया यहन का सथान भॊहदय स कापी दय था सफह जलदी उठकय भ ऩस

रकय वहाॉ स रनकरी सोचा टॎकसी रकय भ जलदी ऩहॉच जाउॉगी इतन भ एक घोडा गाडी आकय भय साभन रकी उसभस एक फजगि नीच उतय औय फोर ldquoभ तमह भॊहदय र चरता हॉ चरो भय गाडी भ फठोrdquo भय ऩास वकत नही था दस लभरनट भ भझ भॊहदय ऩहॉचना था भ चच ॊरतत थी कक भझ अॊगपरदकषणा कयन लभरगी मा नही भन उस फजगि स

कहा ldquoअगय भ आऩकी गाडी स जाउॉगी तो हभ वकत ऩय नही जा ऩामग औय भ अॊगपरदकषणा कय नही ऩाउॉगी इसलरम भ टॎकसी स जाउॉगी ताकक भ वकत ऩय ऩहॉच जाउॉrdquo उनहोन हॉसकय भझ वकत ऩय र जान की तसलरी दत

हए कहा ldquoतभ जरय अॊगपरदकषणा कयोगीrdquo उस वकत भ बफना कछ सोच गाडी भ जा फठी वो भझ भॊहदय र गम

औय एक अमभा क हाथ सौऩ हदमा उस अमभा का सतज भख भझ अबी बी माद ह उसक भखभॊडर ऩय हलदी रगी हई थी औय बार ऩय फडा कभकभ था नाक भ दो गहन औय फार भ पर थ फहत ही खफसयत रग यही थी जस कक साात दवी ऩदमावती उसन भया हाथ थाभा औय भझ वो ऩषकरयणी की तयप र गमी तीन फाय उसन भझ ऩानीभ डफककमाॉ रगामी औय भय चहय ऩय हलदी कभकभ रगाकय समि नभसकाय कयन क लरम कहा उसक फाद वो भझ धवज सतॊब स (साभन क दयवाज स) भॊहदय र गमी अॊगपरदकषणा क फाद शरी वकटशवय क खास दशिन बी कयवाम ऐस शब दशिन क लरम भ उसक आबाय भानना चाहती थी भन उसको आसऩास दखा रोगोको ऩछा ऩय कही नही लभरी भयी तो सझफझ ही खो फठी जहाॉ भझ गाडीवार फजगि न छोडा था वहाॉ जाकय भ न रोगो स ऩछताछ की कोई बी उस फजगि औय अमभा क फाय भ नही जानता था वहाॉक ऩजायी औय सबी रोगो न फतामा कक ककसी न महाॉ कोई बी घोडागाडी कबी दखी नही ह टॎकसी क लरम जो ऩस भ रकय चरी थी वो अबी बी भय हाथ भ थ आशचमि की फात म थी कक तीन फाय ऩानी भ जाकय बी वो चगर नही हए थ अफ भझ सफ कछ सभझ भ आमा वो फजगि जो भझ भॊहदय रक आए उनऩय भन ऩया षवशवासा ककमा वो कोई औय नही सवमॊ वकटशवय थ औय वो अमभा सजसन भझस समिदव की पराथिना कयवामी भॊहदय र

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जाकय खास दशिन कयवाम वो कोई औय नही ऩय सवमॊ दवी ऩदमावती थी उनको ना ऩहचान न की भयी बर ऩय भ फहत ऩछतामी भ फहत खश बी हो गमी भझ अमभा क शबद माद आम ldquoभ तमह भय बगवान क जरय दशिन कयाउॉगीrdquo भय सभझ भ आमा कक म सायी फात उसी की रीरा थी भन वाऩस जाकय सफ को जो हआ वो फतामा भय ऩती दवय गणश उनकी ऩतनी लशवषपरमा औय फाकी साय रोग थ उनहोन बी सफको ऩछा सबी न फतामा कक रतरभरा भ घोडागाडी नही ह भझ नही ऩता कक ककसीन भयी फातो ऩय षवशवास ककमा मा नही ऩय भझ ऩया मककन ह कक वो शरी वकटशवय औय दवी ऩदमावती ही थ उसक फाद हभ कॎ लरपोरनिमा रौट २००५ की म रतरभरा की मातरा भय लरम अषवसभयणीम यही जो सऩना भ न २००० भ दखा था वो कपय स २०१० क भ भहहन भ भझ हदखाई हदमा वही तजसवी परकाश वही आवाज औय वही वरत कयन की सचना इस फाय वरत की सचनाक साथ वरत परचाय की सराह बी थी शरी फाराजी की अदभत रीराएॉ फताकय रोगो को म वरत कयन क लरम पररयत कयना ह उसन कहा ldquoतमहाया जनभ इस वरत की भहहभा आभ रोगो तक ऩहॉचान क लरम ही हआ हrdquo भ न बगवान स ऩछा ldquoभ अकरी ककसी क भदद क बफना इतना फडा कामि कस कय ऩाउॉगी भयी कौन सनगा औय कमो सनगा कोई भझ ऩय कमो षवशवास कयगाrdquo म भय परशन सनकय बगवान हॉस ऩड औय फोर ldquoतभ म वरत अऩन घय भ कयो तमह भागि हदखाई दगाrdquo इतना ही नही बगवान न भझ तयॊत इसका ऩसतक बी लरखन क लरम कहा भन भय ऩती ऋषषकश स सऩन क फायभ फतामा उनहोन भझऩय षवशवास ककमा औय बगवान न फतामी हय फात कयन क लरम तमाय बी हो गम हभन शरनवाय जन २६ २०१० को ऩरणिभा क हदन ऩहरी फाय शरी फाराजी वरत को सॊऩनन ककमा यषववाय जर २५ २०१० को ऩरणिभा क हदन दसयी फाय वरत सॊऩनन ककमा हभन १५ अरग अरग ऩदाथि औय परो का ldquoभहानवदमrdquo सभषऩित ककमा औय ऩजाघय का दयवाजा फॊद ककमा आध घॊट फाद जफ हभ ऩजाघय भ गम तफ जो दषम दखा वो कलऩनातीत था चावर का फडा रनवारा बगवान की पोटो ऩय रगा था शरनवाय सपटफय ४ २०१० को एकादशी (ऩषवतर हदन) क हदन हभन कपय एक फाय वरत सॊऩनन ककमा इस हदन बी हभन ldquoभहानवदमrdquo बगवान को अऩिण ककमा षऩछरी फाय की तयह ऩजाघय का दयवाजा फॊद कय हदमा जफ हभ ऩजाघय भ गम तफ दखा कक भहानवदम एक गोर भ एकबतरत कयक यखा था तयॊत भन सफको फराकय म आशचमिजनक फात हदखामी सफ रोग अचॊबफत हो गम म हदन भ कबी बर नही ऩाई हॉ फडा ही दवी अनबव था म जो शबदो भ फाॉधा नही जा सकता उस हदन स हभन बगवान की फहत सायी रीराएॉ हभाय घय भ होत हए दखी औय दख यह ह आज जानवायी २ २०११ ह आजतक हय योज हभ दवी अनबव र यह ह इस बाषाॊतय भ हभ वही साय चभतकाय लरखग जो हभाय तरग ऩसतक भ छऩ ह म साय चभतकाय सपटफय ५ २०१० स ऑकटोफय १० २०१० तक ही लसलभत ह सपटफय ५ २०१० सफह उठकय भन भया भॉह लशशभ दखा औय दखती ही यह गमी भय भख ऩय नाक स फारो तक नाभार (३ चॊदन की यखाएॉ) आ गमा था उस हदन भन जाना कक बगवान भय घय भ आकय फस गम ह हभन बगवान की ऩजा की औय कछ खयीदायी क लरम फाहय रनकर ऩड शाभ को घय रौट औय दखा तो आयती की थारी सजी हई थी हदमभ घी क साथ फाती तमाय थी जस कक हभ अबी

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बगवान की आयती कयनवार ह म कमा हो यहा था हभ कछ सभझ नही ऩा यह थ थोडासा डय बी रगा घय भ तो कोई नही था फाहय तारा रगा हआ था कौन अॊदय आमा ककसन की म सायी तमायी हभन हभाय भन को सभझामा कक म सायी उसी कलरमग क दवता शरीफाराजी की रीरा ह हभन रनसशचॊत होकय आयती की थोडी दय फाद भझ यसोईघय भ काभ कयत कयत अचछी खशफ आमी भ दौडत हए ऩजाघय गमी दखा कक चॊदन की अगयफतती जर यही ह कछ दय फाद भयी फटीन भझ फतामा कक हदम भ कपय स घी औय फाती आ गमी ह हभन बगवान आयती की जस भझ सऩनभ फतामा गमा था वस शरीभान नायामण सवमॊ हभाय घय भ आ गम ह हभायी खशी का कोई हठकाना नही यहा सपटफय ६ २०१० एक सफह हभ उठ तो बफसतय भ अताएॉ बफखयी थी फडी सावधानी स हभन वो सायी उठाकय एक ऩोटरी भ यख दी हय योज की तयह सनान कयक भ बगवान की ऩजा कय यही थी उनका नाभसभयण कय यही थी इतन भ बगवान की पोटो भ भझ दहदपमभान परकाश हदखाई हदमा उसक तज को सहन नही कय ऩामी औय भन आॉख फॊद कय री उसक फाद कमा हआ भझ कछ माद नही जफ भन आॉख खोरी तो दखा भय ऩती भझ जोय जोय स भया नाभ रकय जगान की कोलशश कय यह थ भझ रगा की भ शामद फहोश हो गमी थी उठकय जफ लशश भ दखा तो कपय स नाभार चहय ऩय आमा हआ था इस फाय भ भया भॉह दखकय डय गमी कमो कक नाभार क साथ उसऩय गहय रार यॊग का कभकभ बी आमा था कपय भय ऩती न भझ फतामा कक भझ भ बगवान आम थ भयी आवाज ऩरषो जसी हो गमी थी फाय फाय भन ऩती स ऩछा ldquoकमा सचभच ऐसा हआ भझ कछ माद कम नही आताrdquo उसी हदन दोऩहय भ १ फज हभ फाहय गम शाभ को ६ फज घय रौट हभन दखा घय भ फसततमाॉ जर यही ह ऩजा की थारी सजी हई ह हदम भ घी क साथ फाती बी यखी हई ह तीथि (दध भ चीनी लभराकय) बी तमाय ह सपटफय ७ २०१० आज बगवान की पोटो स हलदी आना शर हआ सफह की ऩजाक वकत पोटो क ऩास तो कोई हलदी नही यखी थी दोऩहय को १२३० फज भ भयी फटी क साथ सपाई कयन क लरम ऩजाघय गमी भयी फटी कहन रगी ldquoभाॉ बगवान की पोटो स हलदी आ यही हrdquo ऩहर भझ रगा घय भ जो हलदी ह वो वहाॉ आ यही होगी ऩय घय भ तो भ न इतनी हलदी राई नही थी यसोईघय भ भय डडबफ भ दखा तो हलदी ऩय ॐ औय सवससतक क रनशान थ भन तयॊत ऩती को हदखाम उसन रनशानो क पोटो रखॊच जो हलदी बगवान क पोटो ऩय आ यही थी उस अरगसी भनबावन खशफ थी भया घय उस अदभत खशफ स बय गमा उस हदन घय आम भहभानो को बी खशफ आमी शाभ को योज की तयह आयती की थारी सजी हई थी हदमभ घी क साथ फाती तमाय थी सपटफय ८ २०१० आज बगवान की पोटोस औय अचधक हलदी आमी दध भ शहद लभराकय चाॊदी का फाऊर बी तमाय था जफ स म साय चभतकाय घय भ होन रग तफस हभ हदन भ तीन फाय नवदम अऩिण कयन रग नवदम स ऩहर हभायी फटी नहा बी खाना नही खान रगी सपटफय ९ २०१० आज बगवान क पोटो स ढय सायी हलदी आमी बगवान क भखभॊडर तक ऩहॉच गमी उसऩय नयलसॊह सवाभी क रनशान बी थ आज बगवान न हभ नयलसॊह सवाभी क रऩ भ दशिन हदम हभन आज कछ रोगो को फरामा था उनभ स ककसी को रनशान भ शरी वकटशवय हदखाई हदम ककसी को

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बगवान कषण ककसी को नयलसॊह सवाभी तो ककसी को ॐ काय हदखाई हदमा जो सजस रऩ को ऩजत थ वस उनको दशिन हआ इसी हदन भझ औय एक अदभत घटना दखन लभरी जो रोग हभाय घय आम हए थ उनह बी म हदखाई हदमा अ फ तक पोटोस हलदी आना हदम भ घी क साथ फाती आना आयती की थारी सजना ऐसी बगवान की रीराएॉ हभन दखी अबी जो भ फतान जा यही हॉ वो भन को शाॊरत दनवारी घटना ह आम हए सबी रोगो को षवससभत कय गमी आज भय ऩती भझ स ऩहर उठ औय भया चहया दखकय घफया गम जलदी स भझ उठामा ऩछन रग ldquoतभन म चहय

ऩय कमा रगामा हrdquo भन उठकय लशश भ दखा ऩय चहय ऩय हलदी का रऩ रगा हआ था भाथ ऩय एक रऩम क

लसकक क सजतना फडा कभकभ था वो कभकभ धीय धीय फढ यहा था इस फात न भझ बी सोच भ डार हदमा भझ

कमा हो यहा ह शाभ को हभाय कछ लभतर उनक ऩरयवाय क साथ बजन कयन क लरम घय आ गम जफ व बजन गा यह थ भ न अऩनी आॉख फॊद कय री आॉखो क साभन शरी ऩदमावती क साथ शरी वकटशवय थ म दखकय भ सफह भय चहय ऩय आम हए हलदी कभकभ का भहततव जान गमी उस हलदी औय कभकभ न भझ हदवम दशिन सहन की शकती दी थी आभ रोगो भ म शकती नही होती ह बगवान औय दवी भाॉ को भझ इस अरग शकती का वयदान ऩहर दना ऩडा उस ऩाकय भ उनक दहदपमभान रऩ को दख सकॉ म हभाया सफस फडा सौबागम ह

इसी हदन हभन चीनी दध भ लभराकय उसका नवदम अऩिण ककमा सफक साभन चीनी का शहद फन गमा आम हए सबी रोग म चभतकाय दखकय फहत खश हए औय अऩन आऩ को खशनसीफ भानकय घय रौट सपटफय १० २०१० योज की तयह आज बी भ सनान कयक ऩजाघय भ गमी बगवान की तसवीय क साभन जभी हई

हलदी न गणशजी का आकाय लरमा था आज बी कभय क साय हदम जराम हए थ आयती की थारी सजी हई थी हदम भ घी क साथ फाती बी यखी हई थी ऩजा की सायी तमायी हो चकी थी बगवान न गणशजी क रऩ भ दशिन

हदमा उस हदन आम हए रोगोन आशचमि स कहा ldquoषवनामक चतथॉ क ऩहर ही षवनामक आऩक घय आमrdquo बगवान की रीरा अगाध ह इन रीराओॊ को सभटन क लरम सहसतर नमन बी कभ ह

सपटफय ११ २०१० आज बी घय भ योशनी थी आयती की थारी सजी हई थी हदम भ घी क साथ फाती थी भ जफ उठी तो चहय ऩय कपय स हलदी कभकभ रगा था म दखकय भ फहत खश हई रगा आज कपय स भझ हदवम दशिन होगा बगवान को रनमफ-चावर औय दही-चावर का नवदम अऩिण ककमा कछ दय फाद जफ ऩजा घय भ रौट तो दोनो चावर का लभशरण हआ था मही हभाया बोजन था आज हभाय महाॉ थोड रोग आम हए थ उनभ स एक शरीभतीजी को इन चभतकायो ऩय षवशवास नही था व फोरी ldquoबगवान तो लसपि ऩतथय की भतॉ ह उस हभ अऩनी इचछाएॉ ऩयी कयनक लरम कहत ह म तो तमहायी कवर कलऩना ह कक बगवान तमहाय घय भ आम हrdquo कपय उसन भझ एक घॊट भ सौ सवार ऩछ औय भ न फड धीयज क साथ उन साय सवारो क जवाफ हदम उसन थोड पर राम थ वो भ न बगवान

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क साभन यख हदम परसाद रकय व चरी गमी इसक फाद औय कछ रोग आम हभ इनह थोड सारो स जानत थ भ सभझी म रोग चभतकयो को लसपि जाॉचन आम ह कछ सभम बफताकय व परसाद लरम बफना ही चर गम उस शाभ भय ऩती फटी क साथ हभाय दोसतो क महाॉ खान ऩय गम थ भ फचनी स हदवम दशिन की याह दख यही थी इतन भ जो शरीभती हभाय घय आकय परसाद लरम बफना चरी गमी थी उनका भझ पोन आमा व फोरी ldquoफाराजी औय ऩदमा नाभ क एक शरीभान-शरीभतीजी आऩ क घय आना चाहत ह भन उनको आऩ क घय का ऩता औय पोन हदमा ह अगय उनह घय ढॉढन ऩय हदककत आमी तो व आऩको पोन कयगrdquo भन हाॉ बयी अबी बी भ बगवान क हदवम दशिन की आतयता स याह दख यही थी तबी फाराजी औय ऩदमा भय घय ऩय आम भ न उनका सवागत ककमा उनको ऩजाघय र गमी उनहोन बगवान को दखा कहा ldquoतभ फहत खशनसीफ हो बगवान की तभ ऩय ऩयी कऩा हrdquo भन हदमा हआ परसाद बावऩणि भन स उनहोन सवीकाय ककमा कछ दय रककय कपय स ककसी हदन आन का वचन दकय चर गम उनक जान क फाद कपय स भय सौबागम स भझ हदवम दशिन का राब हआ तफ तक भय ऩती घय रौट भ न उनको फाराजी औय ऩदमा क फाय भ सफ कछ फतामा म बी फतामा कक जो शरीभती जी परसाद लरम बफना ही चरी गमी थी उसीन उनह महाॉ बजा था भय ऩती ऩछन रग ldquoजो सवमॊ इन चभतकायो ऩय षवशवास ना यखतीहो व कस ककसी को हभाय घय बज सकती हrdquo जफ भय ऩती न म फात नही उठामी तफ तक भय भन भ म आशॊका आमी नही थी अफ भय भन भ एक सवार उठा भझ हदवम दशिन फाराजी औय ऩदमा आन स ऩहर कमॉ नही हआ भझ इसका जवाफ जानना जरयी रगा हभन उस शरीभती जी को पोन कयक फाराजी औय ऩदमा क फाय भ ऩछ उसन लसधा इॊकाय ककमा उसन ककसीको बी हभाय घय नही बजा था पोन बी नही ककमा था उसक दय दय तक क रयशतदायो भ ऐस नाभ का कोई नही था अफ भ सभझी व औय कोई नही फसलक सवमॊ बगवान ही थ सजनह भ ऩहचान नही सकी भ फहत रनयाश हो गमी उनह ना ऩहचानन की बर भ ऩहर (२००५ की रतरभरा की मातरा भ लभर हए फजगि शरीभान-शरीभती) बी कय चकी थी आज कपय वोही गरती भ न दोहयामी थी साशरऩणि नमनो स भ न बगवान स ऩछा कक म कसी ऩयीा ह यात क ११ फज हभन ऩजाघय का दयवाजा फॊद ककमा औय फाहय कभय भ टीवी दखन रग नीॊद आन ऩय सोन स ऩहर एक फाय बगवान का दशिन रन हभ ऩजाघय भ गम ११३० फज चक थ ऩजाघय भ शरी फाराजी औय ऩदमावती क भतॉ स शहद फह यहा था फडा कलऩनातीत दशम था भय ऩती तो अचॊबफत ही हो गम हभन तयॊत उसक पोटो औय कपलभ र री दवय दवयानी को सकाईऩ (इॊटयनट) ऩय आन क लरम कहा उनहोन म अदभत चभतकाय वफ कॎ भय स दखा उनकी खशी का तो हठकाना ही नही यहा औय एक फात भ न दखी जो पर षवशवास ना यखनवारी शरीभतीजी न राम थ सजनहोन भझ हय तयह क सवार ऩछ थ वो दसय कोनभ उछार हए थ म दखकय हभन तम ककमा कक जो बगवान ऩय षवशवास यखत हो उनहीक पर बगवान को चढामग हय हदन अषवसभयणीम माद औय अदभत अनबव ऩीछ छोड क जा यहा था

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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सपटफय १२ २०१० आज हलदी क ऊऩय कभकभ आन रगा शहद बी फह यहा था हभन नवदम अऩिण ककमा कछ दय फाद दखत ह तो कमा आज बगवान न नवदम गरहण नही ककमा था शाभ को हभन बन हए हटॊडोया चावर क साथ लभराकय उसका नवदम ककमा थोडी दय फाद जफ ऩजाघयभ गम तो दखा उस चावर औय हटॊडोया का फडा सा रडड फना क यखा था हभन वो साय आम हए बकतो भ फाॉट हदमा सपटफय १३ २०१० आज सफह हभन बगवान को काज-फदाभ-ककशलभश का नवदम अऩिण ककमा बगवानन आध खाम औय आध हभाय लरम यख आज बी आयती की थारी सजी हई थी हदम भ घी क साथ फाती यखी थी भ भयी फटी को सकर छोडकय घय आमी भय ऩती स पोन ऩय फात कयत कयत भ यसोईघय भ खाना फना यही थी उतन भ भझ ऩामर की आवाज सनाई दी तयॊत भ न ऩती को पोन ऩय म फात फतामी औय ऩछा कक अगय उस वो सनाई द यही ह मा नही ऩय उस पोन ऩय वो आवाज नही सनाई दी भ न सवहडडओ कपलभ री औय सकाईऩ ऩय दवय दवयानी को हदखाई तफ उनको औय भय ऩती को वो आवाज सनाई दी तफ तक भ सोच यही थी कक वो आवाज सनाई दना कमा भय भन का खर था अफ भ फहत खश हई कक भय भन का खर नही था भन सचभच दवी क नतमकी आवाज सनी थी भयी फटीन औय भन वो ऩामर की भीठी आवाज कपय स सनी रगबग ५ लभरनट वो चर यही थी ऐस रग यहा था जस दवी भाॉ ऩामर ऩहनकय घय भ चर यही ह उस यात भय ऩती को बी म दवी आवाज सनन का बागम लभरा सपटफय १४ २०१० शहद अबी बी फह यहा ह हभन वो उस हदन घय आम हए दोसतो को भहभानो को औय बकतो को तीथि क रऩ भ हदमा सपटफय १५ २०१० आज कभकभ जमादा ऩभान भ आमा हआ हदखाई हदमा शहद सजस फाऊर भ सॊचचत हो यहा था वो ऩया बय गमा औय हभ दसया यखना ऩडा सपटफय १६ २०१० हभन आज नवदम भ सफ यखा जफ वाऩस आकय ऩजा घय भ गम तो दखा बगवान न सफ का एक बाग खामा था सपटफय १८ २०१० आज हलदी औय कभकभ भ बगवान की पोटो जो ऩयी ढक गमी वो थोडी कभ हई थी उसस बगवान का भख औय भकट हदखाई दन रगा ऩहर स वो कई जमादा तजसवी हदख यहा था हभन वो हलदी कभकभ घय आम हए बकतो भ फाॉटना शर ककमा सवाभीजी औय दवी भाॉ क भरत िओॊस फहनवारी शहद तो थभन का नाभ ही नही र यही थी फीच भ १० लभरनट फडी तज धाया स फहा दोऩहय भ हभन दार-चावर की रखचडी नवदम भ यखी फाहक कभय भ जाकय टीवी दखत १५ लभरनट हए ही थ तफ वही रखचडी का भय भॉह भ छोटा रनवारा आमा अॊदय जाकय दखा तो बगवान भ बी रखचडी खामी थी (हभाय वफ साईट ऩय सपटफय १८ २०१० की पोटो भ आऩ म दख सकत ह) सपटफय १९ २०१० आज जो सफ नवदम भ यखा था उसका एक टकडा बगवान क खामा औय दसया भझ रखरामा जो भझ रखरामा वो भयी भॉह भ आमा भ उसा वकत यसोईघय भ काभ कय यही थी तयॊत

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भन भय ऩती को म फात फताई उसन झट स ऩजाघय भ जाकय दखा कक सफ स दो टकड चफाम हए हदख यह थ शाभ को परो का यस नवदम भ यखा थोडी दय फाद दखा तो फाऊरभ थोडासा यस ही फचा था इसस म साप हो यहा था कक बगवान न हभाया नवदम सवीकाय ककमा था फच हए यस को हभन परसाद सभझकय बकतीबाव स षऩमा शहद का फहना आज बी अखॊडडत ह सपटफय २० २०१० आज हभन चावर औय बन हए हटॊडोया नवदम भ यख कछ दय फाद जफ ऩजाघय गम तो चावर औय हटॊडोया लभराक उसक चाय रडड फनाकय थारी भ यख थ शाभ को योटी क साथ चन का नवदम ककमा इसका बी बगवान न फड पमायस सवीकाय ककमा फची हई योटी औय चन हभन खाम हय हदन बगवान हभ उसकी रीराएॉ हदखा यह ह शहद का फहना अबी बी जायी ह सपटफय २१ २०१० आज हभन चावर औय दार-ऩारक की सबजी का नवदम अऩिण ककमा कछ दय फाद जफ दखा तो सबजी चावर भ लभरी हई थी थोड चावर बगवान न खाम थ आयती की थारी भ हदमा था उसभ घी क साथ फाती बी थी दधभ शहद लभराकय चाॊदी का फाऊर बी तमाय था इन साय अदभत चभतकायो स बगवान कलरमग भ अऩना अससतततव भनषम को हदखा यह ह फड सौबागम की फात ह कक उसक लरम उनहोन हभाया घय चना सपटफय २२ २०१० आज दार फराम औय चावर नवदम भ थ कछ दय फाद हभ ऩजाघय भ गम तो दार औय चावर लभर हए थ उसभ स थोडा हहससा बगवान न खामा था शाभ को हभन अॊगय बगवान क साभन यख हभ बोजन र यह थ तो एकदभ स कछ अॊगय भय भॉह भ आम ऩजाघय भ जाकय दखा तो वहाॉ लसपि दो ही अॊगय फच थ सपटफय २३ २०१० आज बी हभन अॊगय का नवदम बगवान को अऩिण ककमा उनभ स कपय भय भॉह भ अॊगय आम भय ऩती क दोसत हभाय घय आम थ उनक आन स कछ दय ऩहर शहद की धाया फडी हो गमी थी जफ भय ऩती शहद की कपलभ र यह थ उनहोन दखा आयती की थारी भ जरी हई फाती कपय स जरन रगी उसका परकाश बी जमादा तजसवी था म अकसलऩत दषम हदखान क लरम उनहोन तयॊत भझ औय फाकी सफ को ऩजाघय भ फरामा ऐस अदभत रीराओॊ को दखकय दोसतरोग बी अऩना सौबागम सभझकय खश हए सपटफय २४ २०१० आज सफह औय दोऩहय भ जो बी नवदम यखा था उस बगवान न नही खामा शाभ को हभन ककशलभश यख औय फाहय गम रगबग हभ घय स ५ ककरोभीटय की दयी ऩय थ अचानक स भय भॉह भ ककशलभश आम अफ तक तो सफ चभतकाय घय भ हो यह थ ऩहरी फाय घय क फाहय हभ म अनबव आमा भ तो खशी स नाच उठी सपटफय २५ २०१० आज भ जफ ऩजाघय भ गमी तो आयती की थारी सजी हई थी हदमभ घी क साथ फाती रग चकी थी दध भ शहद लभराकय तीथि बी तमाय था हभ सफन लभरकय ऩजा की सपटफय ४ को भन चॊदन की ऩावडय भ ऩानी डारकय गॊध फनामा था आज तक वो सखा नही ह जस ही ऩजा

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खतभ हई भन दखा कक भय भाथ ऩय हटका रगा हआ था वो कभकभ नही था वो गॊध था भयी गदिन ऩय उसी गॊध स नाभार आमा था इसक फाद भय ऩती हभायी फटीक साथ फाहय क कभय भ खर यह थ औय भ यसोईघय भ काभ कय यही थी अचानक स ऩजाघयभ तीन चॊदन की अगयफसततमाॉ जरन रगी उसकी खशफ स साया घय कछ ही लभरनटोभ भहक उठा ससबजमाॉ लभराम हए चावर आज नवदम भ थ बगवान न म नवदम खा लरमा उसी हदन शाभ को आयती की थारी सजी थी हदम भ घी क साथ फाती थी ऩजा की सायी तमायी थी हभन कार अॊगय का नवदम अऩिण ककमा ऩय बगवान न नही खामा सपटफय २६ २०१० आज सफह औय दोऩहय का नवदम बगवान न नही सवीकाया शाभ को कछ पर बगवान क साभन यख उनस पर खान क लरम पराथिना की औय घय स फाहय रनकर घय स ४-५ ककरोभीटय दय गम नही तफ भय भॉह भ अॊगय आम घय जाकय दखा तो नवदम क परो भ स अॊगय कभ हए थ सपटफय २७ २०१० आज हभन बगवान को कछ सफ अऩिण ककम बगवान न एक टकडा खामा औय एक भय भॉह भ एक आमा शाभ को हभन कछ कर यख एक ततीमाॊश करा भय गर स फाहय आमा इस कर को कही बी दाॉत नही रग थ वसा ही था जस हभ रछरक स रनकारत ह ऩजाघयभ जाकय दखातो एक ततीमाॊश करा वहाॉ नही था फच हए कर क फाम फाज भ एक शहद का फॉद था षऩछर तीन हफत स बगवान की भतॉ स शहद का फहना रगाताय चर यहा ह ऑकटोफय १० २०१० आज हभन बगवान क साभन सफ यखा उसक फाद भ यसोईघय भ खाना ऩकान भ वमसत हो गमी अचानक स ऩजाघय स भझ भीठी भहक आन रगी अॊदय जाकय हभन जो दखा उसऩय षवशवास यखना कठीन था सऩन भ बी हभ म फात नही सोचत सफ तो वस का वस था ऩय उसक फाज भ रतरऩती का रडड था हभन रतरऩती का रडड ऩहर कई फाय खामा ह ऩय इतना गभि रडड ऩहर कबी नही खामा था हभायी ऊॊ गलरमो ऩय रगा हआ घी साप साप नजय आ यहा था रचच की फात तो ऩरछए भत

भय जसी साभानम घयर औयत क लरम म ऩसतक ldquoशरी फाराजी की रीराएॉrdquo लरखना कोई आसान फात नही थी कलरमग क दवता शरीवकटशवय औय दवी ऩदमावती की आलशवािद स ही सॊबव हो ऩामा ह भय ऩती ऋषषकश न म ऩसतक लरखन क लरम परोतसाहहत ककमा सवमॊ उनहोन इस ऩसतक का इॊसगरश भ अनवाद ककमा भ भयी फटी नहा का बी धनमवाद कयना चाहती हॉ शरी वकटशवय वरत क रखक शरी रतमभयाज षवशवऩरत याभकषण भरत ि क भनऩविक आबाय भानती हॉ भ बगवान स मही पराथिना कयना चाहती हॉ कक सजन सजन रोगो न म ऩसतक फनान भ भयी सहामता की भयी फात धमान स सनी उनऩय आऩकी कऩा फनी यह भयी सरदम सहदचछा ह जो कोई म वरत बसकत स सॊऩनन कयगा उस बगवान की कऩा का राब जरय होगा

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रलरता ऋषषकश

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शरी वकटशवय भॊतर

कलरमग क दवता सवमॊ शरी वकटशवयन वदो भ स कछ भॊतर भझ फताम ह उनभ स म भॊतर हय योज ऩजा क वकत

ऩढन स सचची बसकत ऩान क लरम भदद कयगा

भयारयसवक जयाहदऩीडडत रनयाचथिजीवन रनयाश बसय

वयारतसनदय सयाॊगनायरत कयाॊगसौषठव कभायताकरत

कभाय तायक सभाऩनोदम तननऩातक भहाऩदाभम

षवहाऩनोहदत सकरबवन षवहदत कभायधायालबधान तीथािहदसषटतसम

धयणीतर गत सकर हतकलरर सबासलरर गतफहर

षवषवधभर अरतचतय रचचयतय षवरोकनभातर षवदलरत

षवषवधभहाऩातक सवाभीऩषकरयरण सभतसम

जो बकत इस भॊतर का हय योज ऩठन कयगा वो आयोगमऩणि औय सभदध जीवन वमरतत कयगा

रलरता ऋषषकश

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कलमाण वकटशवय सवाभी

ऩजा की साभगरी ६ नारयमर ndash १ करश क लरम औय ५ ऩाॉच अधमामो क लरम

१ वसतरभ (रई का फना हआ हाय) १ करश १ नम परन कऩड का टकडा (रगबग एक भीटय)

हलदी औय कभकभ अता अगयफतती कऩिय (आयती क लरम)

बफड क ऩान मा आभ क ऩतत ( ३ ndash ५ करश क लरम २ षवनामक की ऩजा क लरम)

पर तरसी ऩॊचाभत (दध दही घी भध औय चीनी ) गणश क नवदम क लरम छोटा गड का टकडा वरत क नवदम क लरम गहॉ का यवा घी षऩसी हई चीनी करा षऩसी हई इरामची यवा घी भ बनकय ठॊडा होनऩय उसभ कर क टकड चीनी औय इरामची डार म यवा दध मा ऩानी भ नही ऩकामा जाता

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वरत की षवधी शरी रतमभयाज षवशवऩरत याभकषण भतॉ दवाया

कलरमग भ शरी फाराजी की कऩा ऩान क लरम इस वरत को सॊऩनन कयना अतमॊत आसान ह इस वरत को सॊऩनन

कयन क तयॊत फाद सबी कषट दय हो जात ह इस वरत की षवधी अतमॊत सयर ह सजस भझ वकॊ ठवासी नायामण जी न

सवमॊ फतामी ह कोई बी वमसकत कही बी कबी बी इस वरतको सॊऩनन कय सकता ह आचथिक कहठनाईमाॉ हो मा सवासम सॊफॊधी कोई सभसमा हो भन अशाॊत हो मा अनम कोई बी कायण हो इस वरत क सॊऩनन स ही कषट दय हो जात ह महद आऩन अऩन घय भ कोई शब कामि कयन का रनशचम ककमा हो तफ बी इस वरत को सॊऩनन कय सकत

ह नौकयी औय वमाऩाय भ उननरत क लरम बी वरत सॊऩनन कयन स तयॊत पर की परासपत होती ह

इस वरत को सॊऩनन कयन क दो षवधान ह

परथभ षवधान

इस वरत को ऩहर फताम अनसाय ककसी बी सभम सॊऩनन कय सकत ह भखम रऩ स भागिशीषि भाघ कारत िक भहहनो भ ऩरणिभा ऩॊचभी सपतभी एकादशी रतचथमो भ शरवण सवातीनतरो भ इस सॊऩनन कयना अचछा होता ह सवय हो मा शाभ इस वरतको सॊऩनन कय सकत ह

इस वरत भ ऩाॉच अधमाम ह ऩहरा अधमाम साात शरी फाराजी की कऩा स लरखा गमा ह अनम चाय अधमाम भहा तऩसवी शरी षवशवालभतर वलसषठ बयदवाज औय अबतर भहाभरनमो क दवाया फतामा गमा ह अऩन सवगह भ हो मा रनवास सथान भ बगवान का भॊहदय हो मा अनम कोई बी ऩषवतर सथान नदी तट ऩय बी इस सॊऩनन कय सकत ह

महद सॊबव हो सक तो अऩन फॊध-लभतरो क साथ इस सॊऩनन कय सफस ऩहर सजस जगह ऩय आऩ कयना चाहत ह उस

साप कय उसक फाद भॊडऩ तमाय कयक उसभ शरी फाराजी की तसवीय यख शरीदवी बदवी क साथ फाराजी की तसवीय को यखना शरषठ होगा तसवीय क साथ एक रऩम का लसकका यख उसक फाद करश की सथाऩना कय

सविपरथभ हलदी स फन क गणश की ऩजा कयनी चाहहम ताकक वरत बफना ककसी षवघन क सॊऩनन हो सक फाद भ वरत

कथा क ऩाॉच अधमाम ऩढ सवमॊ बगवान कहत ह कक जो वमसकत रनषठा औय बसकतस इस सॊऩनन कयता ह वहाॉ बगवान सवमॊ ककसी ना ककसी रऩ भ आकय परसाद सवीकाय कयत ह

दषवतीम षवधान

साात बगवान न एक औय भखम फात म बी फताई ह कक महद ककसी कायण कोई सभसमा हो औय वरत कयन क लरम

सभम न लभर मा ककसी कायणवश सॊबव न हो यहा हो तो अकर फठकय बी इस वरत को सॊऩनन ककमा जा सकता ह

शरी फाराजी क भॊडऩ क साभन फठकय सफस ऩहर गणश जी की पराथिना भन ही भन कय कपय अषट हदकऩारको नवगरह दवताओॊ का भन ही भन नभन कय तरसी दर नारयमर उऩरबध पर-पर थारी भ यख फाराजी को सभयण कयत हए वरत कथा का भन ही भन ऩठन कय नारयमर बगवान को अषऩित कय इस परसाद क रऩ भ सवीकाय

कयन स सबी कषट तयॊत दय हो जात ह हय कथा क अॊत भ नारयमर सभषऩित कय भहापरसाद क रऩ भ गहॉ का यवा

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(दलरमा) चीनी डारकय हरवा जस फनाम उसक ऊऩय करा बी यख हय कथा क अॊत भ गोषव ॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

तीन फाय कह कय पराथिना कय

फाराजी को तरसी दर अरत षपरम ह इसी लरम ऩजाभ तरसी दरो को यखना शरषठ होगावरत सॊऩनन होन क फाद

तरसी दरो को परसाद क रऩ भ सवीकाय कयन स योगरनवायण होन क साथ साथ अषट ऐशवमो की परासपत होती ह वरत की सभासपत ऩय नारयमर सभषऩित कयक उनक टकड फनाकय परसाद क रऩ भ बगवान को सभषऩित कयन स वहाॉ उऩससथत सबी रोगो को दकय कपय उस सवीकाय कयन स ऩणम परापत होता ह इस वरत को षवधीऩविक करश सथाऩना क साथ षवसताय स सॊऩनन कय अगय सॊबव न हो तो ऊऩय फताम दषवतीम षवधान क अनसाय बी कय सकत ह एक फात हभ सबी को माद यखनी चाहहम हभायी जो बी सभसमाएॉ ह व सजतना बगवान जानत ह औय कोई नही जान सकता ह इसीलरम उस करणाभम की पराथिना कय सॊकलऩ कय वरत सॊऩनन कयन स भनोकाभना रनसशचत ही ऩयी हो जाती ह सबी कषट दय होकय अषट ऐशवमो की परासपत होती ह

सभसत सनभॊगरारनबवॊत शरी रकषभी शरीरनवास कटा लसषदधयसत

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शरी वकटशवय वरत कथा शरीगणऩती धमानभ

वकरतणड भहाकाम कोहटसमिसभपरब रनषविघनभ करभ दव सविकामष सविदा शकरामफयधयभ शलशवणिभ चतबिजभ परसनन वदनभ धमामत सविषवघनोऩशाॊतम

तदव रगनभ सहदनभ तदव तायाफरभ चॊिफरभ तदव षवदमाफरभ दवफरभ तदव रीऩत तरिमगभ सभयालभ

आचभनभ

ॐ कशवाम सवाहा ॐ नायामणाम सवाहा ॐ भाधवाम सवाहा

ॐ गोषवॊदाम नभ ॐ षवषणव नभ ॐ भधसदनाम नभ ॐ बतरषवकरभाम नभ ॐ वाभनाम नभ ॐ शरीधयाम नभ

ॐ रषषकशाम नभ ॐ ऩदमानाबाम नभ ॐ दाभोदयाम नभ

ॐ सॊकषिणाम नभ ॐ वासदवाम नभ ॐ परदममनाम नभ ॐ अरनरधदाम नभ ॐ ऩरषोततभाम नभ ॐ अधोजाम नभ

ॐ नयलसॊहाम नभ ॐ अचमताम नभ ॐ जनादिनाम नभ ॐ उऩिाम नभ ॐ हयम नभ ॐ शरीकषणाम नभ

बतोचचाटनभ

उसततषटॊत बतषऩशाचचा एत बलभबायका ऐतशाभषवयोधन बरहभकभि सभायब

पराणामाभभ

ॐ ब ॐ बव ॐ सव ॐ भह ॐ जन ॐ तऩ ॐ सतमभ ॐ ततसषवतय-वयणमभ बगो दवसम धीभहह चधमो य़ो न परचोदमात ॐ आऩो-जमोरत-यसोवतभ बरहभ बबिवससवयोभ

भभ उऩातत दरयतामदवाया शरी ऩयभशवय परीतमथिभ शब शोबन भहत शरी भहाषवषणो आगनमा परवत भानसम आदमबरहभण दषवतीम ऩयाथ शवत वयाहकलऩ ववसवत भनवनतय कलरमग परथभऩाद जमफदवीऩ बयतवष बायत खनड भयो दकषण हदगबाग शरीशरसम hellip(जहाॉ ऩजा कय यह ह उस गाॉव का नाभ)परदशाम कषणा गोदावयी भधमबाग सव-शोबन गह सभसत दवता बराहभण हरयहय ससननधौ अससभन वतिभान वमवहारयक चानिभानन सवससतशरी परबवाहद नाभ सॊवतसय भधम सॊवतसय अमन ऋतौ (आज का भहहना)भासाम (शकर मा कषण)ऩाम (आज की रतथी)रतथौ (आज का हदन)वासय शबनतर शबमोग शबकयण एवॊ गण षवशषण षवलशषटामाभ

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शबरतथौ शरीभान(अऩना औय ऩरयवाय क सबी सदसमो क नाभ) गोतर (अऩना गोतर) नाभधम धभिऩतनी सभतसम असभाकभ सहकटॊफानाभ भ सथमि धमि षवजम आमय-आयोगम

ऐशवमि-अलबवधमथिभ धभािथि काभभो चतषविध ऩरषाथि पर लसदधमथिभ भभोऩातत दरयताम दवाया शरी ऩयभशवय परीतमथिभ शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरी वकटशवय दवता भडडडषम शरी वकटशवय वरतकलऩ करयषम िव सॊबवरदभ ऩदाथ सॊबवता रनमभन मावचचसकत धमाना वाहनाहद षोडषोऩचाय ऩजाभ करयषम (ऩानी को हाथ रगाम)

तदॊग करशायाधनभ करयषम (सवाभीजी की दामीॊ ओय करश यख उसभ गॊधभ ऩषऩभ कॊ कभ औय अता डार कपय आग लरख हए शरोक ऩढ) शरोकॊ करशसम भख षवषण काॊत रि सभाचशरता भर ततर ससथतो बरहभा भधम भातगणाचशरत कौत सागया सव सपतदवीऩ वसॊधया ऋगवदोत मजवद साभवदोहमथविणा अॊगशच सहहता सव करशाॊफ सभाचशरता करश गॊधऩषऩाताभ रनकषपतम हसतनचचादम आऩो वा इदभ सव षवशवबतानमाऩ पराणवा आऩा ऩशव आऩोननाभाऩोभता भाऩा समरादऩो षवयाडाऩा सवयाडाऩशचॊडाभ समाऩो जमोरतभ शमाऩो मजोभशमाऩ ससतमाभाऩ सवाि दवता आऩोबबिवसव याऩ ॐ (करश भ ऩानी बय औय उसभ तरसी क ऩतत डार) शरोकॊ गॊग च मभन च कषण गोदावयी सयसवरत नभिद लसॊध कावमो जरससभन ससननचधभ कर कावयी तॊगबिा च कषणवणी च गौतभी करशोदकन दवातभानभ ऩजािवमारन च समपरोकषमा (करश भ एक पर डफोकय उसस सवाभीजी ऩय ऩजा की साभगरी ऩय औय आऩ ऩय ऩानी रछडक )

शरी गणऩती पराथवना शकराॊफयधयभ षवषणभ शलशवणिभ चतबिजभ परसननवदनभ धमामत सविषवघनोऩशाॊतमत

आदौ रनषविघनन वरत ऩरयसभापतभ गणऩती ऩजाभ करयषम

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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अथ गणऩती ऩजा ॐ गणानाभ तवागणऩतीभ हवाभह कषवॊ कवीनाभऩा भसशरवसतवभ जमषठयाजभ बरहभणाभ बरहभणसऩत आनशशरणमनततलब सीदसाधनभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ धमामालभ धमानभ सभऩिमालभ

आवाहमालभ यतनलसॊहासनभ सभऩवमालभ ऩादमौ ऩादमभ सभऩवमालभ

हसतौ अरघमवभ सभऩवमालभ भख आचभनीमभ सभऩवमालभ

आऩोहहषटाॊमोबवसतान ऊजधदातन भहयणाम चस मो वत लशवत भोयससतसम बाजमतहन उषतीरयना भातय तसभायभ गभाभवो मसमामाम जजॊधव आऩोजनमाधाचन

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash शदधोदक सनानॊ सभऩिमालभ

सनानाॊतयभ शदध आचभनभ सभऩिमालभ

अलबवसतरात वसनानमाय शलबदनतस दघा ऩजभान अलबचॊदरा बताव व नो हहयणमाभमशवनयततनोदव सोभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash वसतरमगभभ सभऩिमालभ

मऻोऩवीतभ ऩयभॊ ऩषवतरभ परजाऩत मत सहजभ ऩयसतात आमषमॊगरमभ परततभचच शभरॊ मऻोऩवीतभ फरभसत तज

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash मऻोऩवीतभ सभऩिमालभ

गॊधदवायाभ दयाधषावभ तनतमऩषटान करयषषणीभ

ईशवयीभ सववबतानाभ ता लभहोऩवहम शरशरमभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash हदवम शरी चॊदनॊ सभऩिमालभ

आमन त ऩयामण दवाव योहॊत ऩजषऩणी हदाशच ऩॊडयीकाणण सभदरसम गहा इभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash दवािहद नानाषवध ऩषऩारण सभऩिमालभ

अथ शरी षोडषनाभ ऩजा ॐ सभखाम नभ

ॐ एकदॊताम नभ

ॐ कषऩराम नभ

ॐ गजकरणिकाम नभ

ॐ रमफोदयाम नभ

ॐ षवकटाम नभ

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ॐ षवघनयाजम नभ

ॐ गजाचधऩतम नभ

ॐ धभकतव नभ

ॐ गणाचधाम नभ

ॐ पारचॊिाम नभ

ॐ गजाननाम नभ

ॐ वकरतॊडाम नभ

ॐ शऩिकणिकाम नभ

ॐ हयमफाम नभ

ॐ सकॊ दऩविजाम नभ ॐ सवािलससधद परदामकाम नभ ॐ भहागणाचधऩतम नभ

नानाषवध ऩरयभर ऩषऩारण सभऩिमालभ

वनसऩतमबवव हदव नाना गॊध स सममतभ आघरम सववदवानाभ धऩोमभ परततगहमताभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash धऩभािाऩमालभ

साजमभ बतरवतॉ सॊमकताभ वसहनना मोसजतभ षपरमभ

गहाणा भॊगरभ दीऩभ तररोकमरतलभयावहभ

बकतमादीऩभ परमचछालभ दवाम ऩयभातभन

तराहहभाभ नयकादघोयाद हदवमजमोरत नभोसतत

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash दीऩभ सभऩिमालभ

धऩ दीऩाॊतयभ आचभनीमभ सभऩिमालभ

नवदमभ

(गड का छोटा टकडा थारी भ यख कय उसक सबोवतार ऩानी रछडक) ॐ बबव सव ॐ ततसषवतयवयणमभ बगो दवसम धीभही चधमोमोन परचोदमात सतमभ तवतन ऩरयषषॊचालभ (यात भ ldquoऋतॊ तवा सतमन ऩरयषषॊचालभrdquo ऐस कह)

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash नवदमभ सभऩिमालभ

अभतभसत अभतोवतसयणभलस

ॐ पराणाम सवाहा ॐ आऩानाम सवाहा ॐ वमानाम सवाहा ॐ उदानाम सवाहा

ॐ सभानाम सवाहा भधम भधम ऩानीमभ सभऩवमालभ

अभताषऩधानभलस उततयाऩोषणभ सभऩवमालभ

हसतौ परारमालभ शदधाचभनीमभ सभऩवमालभ

ऩगीपर सकयऩय नागवलरीदरीयमतभ

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भकताचणव सभामकतभ ताॊफरभ परततगहमताभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash ताॊफरभ सभऩिमालभ

ॐ गणानाभ तवागणऩतीभ हवाभह कषवॊ कवीनाभऩा भसशरवसतवभ जमषठयाजभ बरहभणाभ बरहभणसऩत आनशशरणमनततलब सीदसाधनभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ - सवणिभॊतरऩषऩभ सभऩिमालभ

भॊतरहीनभ ककरमाहीनभ बसकतहीनभ गणाचधऩ

मतऩसजतभ भमा दव ऩरयऩण तदसतत

मऻन मऻभमजॊत दवासतारन धभािरण परथभानमासन

तहनाकभ भहहभान सचॊत मतर ऩवसाधमा सॊरत दवा

ऩनयाचभनभ

अनमा धमानावाहनाहद षोडषोऩचाय ऩजमा च बगवान सवाितभक

शरीभहा गणाचधऩरत सपरीतो वयदो बतवा उततय कभिणम षवघनभसत बवनतो

बवनत उततय कभिणम षवघनभसत गणाचधऩरत परसादभ लशयसा गरहणालभ

सहसरऩयभा दषव शतभरा शताॊकया सव हयत भ ऩाऩॊ दवािदससवपननाशनी गणऩरत मदासथानॊ उदवासमालभ

पराण परततषठा ॐ असनीत ऩनसभािस च ऩन पराणलभहनोदहह बोगॊ जमोकऩशमभ

समिभचचयनत भनभत भडमान सवससत अभतॊ वपराणा अभतभाऩ पराणानव मधासथानभऩहवमत

(सवाभीजी की भतॉ को हाथ रगाम )

शरीवकटशवय आवाहमालभ सथाऩमालभ ऩजमालभ ससथयोबव वयदोबव सपरसननोबव ससथयासनॊ कर

धमानभ

शानताकायॊ बजगशमनॊ ऩदमनाबभ सयशभ षवशवकायभ गगन सदशॊ भघवण शबाॊगॊ

रकषभीकानतॊ कभरनमनॊ मोचगहरधमान गममॊ वनद षवषणॊ बवबमहयॊ सविरोककनाथॊ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - धमामालभ धमानभ सभऩिमालभ

आवाहनभ

आवाहमालभ दवश लसदधगनधवि सषवत मिसमलभदॊ ऩणमॊ सविऩाऩहयोहय

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवनकटशवय सवालभन नभ - आवाहमालभ

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(सवाभीजी क भतॉ ऩय पर ऩतत चढाम) आसनभ

दव दव जगननाथ परणत करशनाशन यतनलसॊहासनॊ हदवमॊ गहाण भधसदन

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवनकटशवय सवालभन नभ - यतनलसॊहासनॊ सभऩिमालभ

(सवाभीजी क भतॉ ऩय पर ऩतत चढाम) ऩादमॊ

वासनचतॊ करभदव दषकतॊ च षवनाशम ऩादमॊ गहाण बगवान भातरतसॊग सॊससथत

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - ऩादमो ऩादमॊ सभऩिमालभ

(एक चमभच ऩानी थारी भ डार)

अरघम

करषवभ दमाॊ दव सॊसायारत ि बमाऩह दचधीय परोऩतभ गहाणाघम नभोसतत

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हसतमोयघम सभऩिमालभ

(एक चमभच ऩानी थारी भ डार)

आचभनॊ नभ सतमाम शदधाम रनतमाम ऻानरषऩण गहाणाचभनॊ दव सविरोककनामक

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - भख आचभनीमॊ सभऩिमालभ

(एक चमभच ऩानी थारी भ डार) ऩॊचाभतसनानॊ

ऩॊचाभतॊ भमानीतॊ ऩमोदचधघतॊ भध शकि या सहहतॊ चवदवतवॊ पररतगहमताॊ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - ऩॊचाभत सनानॊ सभऩिमालभ

(ऩॊचाभत गाम क दध दही घी भध औय चीनी लभराकय ककमा जाता ह)

सनानॊ सवणिऩातरोदकॊ गॊगा मभनाहद सभसनवतॊ शदधोदकॊ गहाणश सनानॊ कर मथाषवचध

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - शदधोदकसनानॊ सभऩिमालभ

(एक चमभच ऩानी थारी भ डार) वसतरॊ

तपतकाॊचन सनकाशॊ ऩीतमफय लभदॊ हय सगहाण जगननाथ शरीरनवास नभोसतत

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - वसतरमगभॊ सभऩिमालभ

मऻोऩवीतॊ मऻोऩवीतॊ ऩयभॊ ऩषवतरॊ परजऩतमितसहजॊ ऩयसतात

आमषमभागरमाभ पररतभचचशभरॊ मऻोऩवीतॊ फरभसत तज

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शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - मऻोऩवीतॊ सभऩिमालभ

गनधॊ चनदनागर कसतरय घनसाय सभसनवतॊ गनधॊ गहाण गोषवनद नानागॊधसचधायम

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हदवमऩरयभर गॊधाॊ सभऩिमालभ

(सवाभीजी क भतॉ को चॊदन रगाम) अताॊ

गोषवनदा ऩयभाननद हरयिा सहहततान षवशवशवय षवशारा गहाण ऩयभशवय

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - अतान सभऩिमालभ

(सवाभीजी क भतॉ ऩय अता डार चावर को हलदी कॊ कभ रगाक अता फनात ह) ऩषऩॊ

सगॊधारन सऩषऩारण जाजीकनदभखारन च भाररत वकरादषव ऩजाथ पररतगहमताॊ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - ऩषऩॊ सभऩिमालभ

अथाॊग ऩजा ॐ शरी वकटशवयाम नभ - ऩादौ ऩजमालभ

ॐ शरी वकटचरचधशाम नभ - गलफ़ौ ऩजमालभ

ॐ शरी परदामकाम नभ - जाननी ऩजमालभ

ॐ ऩदमावती ऩतम नभ - जॊघ ऩजमालभ

ॐ ऻानपरदाम नभ - ऊर ऩजमालभ

ॐ शरीरनवसाम नभ - कहटॊ ऩजमालभ

ॐ भहाबागाम नभ - नालबॊ ऩजमालभ

ॐ रनभिराम नभ - उदयॊ ऩजमालभ

ॐ षवशाररदमाम नभ - रदमभ ऩजमालभ

ॐ ऩरयशदधातभन नभ - सतनौ ऩजमालभ

ॐ ऩरषोततभाम नभ - बजौ ऩजमालभ

ॐ सवणिहसताम नभ - हसतौ ऩजमालभ

ॐ वयपरदाम नभ - कॊ ठॊ ऩजमालभ

ॐ रोकनाथाम नभ - सकनधौ ऩजमालभ

ॐ यसऻाम नभ - नालसकाॊ ऩजमालभ

ॐ ऩणमशरवन कीतिनाम नभ - शरोतर ऩजमालभ

ॐ ऩलरामफज षवरोचनाम नभ - नतर ऩजमालभ

ॐ वचिससवन नभ - रराटॊ ऩजमालभ

ॐ यमम षवगरहाम नभ - सवािणमनगारन ऩजमालभ

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ॐ शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हदवमसनदय षवगरहॊ ऩजमालभ

शरी वकटशवय अषटोततय शतनाभावलर

ॐ वकटशाम नभ

ॐ शरीरनवासाम नभ

ॐ रकषभीऩतम नभ ॐ अनाभमाम नभ ॐ अभताॊशाम नभ ॐ जगदवॊदवाम नभ ॐ गोषवनदाम नभ ॐ शाशवताम नभ ॐ परबव नभ ॐ शषाहि-रनरमाम नभ ॐ दवाम नभ ॐ कशवाम नभ ॐ भधसदनाम नभ ॐ अभताम नभ ॐ भाधवाम नभ ॐ कषणाम नभ ॐ शरीहयम नभ ॐ ऻान-ऩॊजयाम नभ ॐ शरी वतस-वस नभ ॐ सवशाम नभ ॐ गोऩाराम नभ ॐ ऩरषोततभाम नभ ॐ गोऩशवयाम नभ ॐ ऩयभ-जमोरतषम नभ ॐ वकनठऩतम नभ ॐ अवममाम नभ ॐ सधातनव नभ ॐ मादवनिाम नभ ॐ रनतम-मौवनरऩवत नभ ॐ चतवदातभकाम नभ ॐ षवषणव नभ

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ॐ अचमताम नभ ॐ ऩरदमनी-षपरमाम नभ ॐ धयाऩतम नभ ॐ सयऩतम नभ ॐ रनभिराम नभ ॐ दवऩसजताम नभ ॐ चतबिजाम नभ ॐ चकरधयाम नभ ॐ बतरधामन नभ ॐ बतरगणाशरमाम नभ ॐ रनषविकलऩाम नभ ॐ रनषकरनकाम नभ ॐ रनयाॊतकाम नभ ॐ रनयनजनाम नभ ॐ रनयाबासाम नभ ॐ रनतमतपताम नभ ॐ रनगिणाम नभ ॐ रनरऩिवाम नभ ॐ गदाधयाम नभ ॐ शायॊगऩाणम नभ ॐ ननदककन नभ ॐ शनखधायकाम नभ ॐ अनकभतिम नभ ॐ अवमकताम नभ ॐ कहटहसताम नभ ॐ वयपरदाम नभ ॐ अनकातभन नभ ॐ दीनफानधव नभ ॐ आतिरोक बमपरदाम नभ ॐ आकाशयाज-वयदाम नभ ॐ मोचग-रतऩदमभसनदयाम नभ ॐ दाभोदयाम नभ ॐ जगतऩाराम नभ

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ॐ ऩाऩघनाम नभ ॐ बकतवतसराम नभ ॐ बतरषवकरभाम नभ ॐ लशॊशभायाम नभ ॐ जटाभकट-शोलबताम नभ ॐ शनख-भदमोर-सनभॊजराम-ककसनकणमाडम-कयनडकाम नभ ॐ नीरभघ-शमाभ-तनव नभ ॐ बफलव-ऩतराचिन षपरमाम नभ ॐ जगदवमाषऩन नभ ॐ जगत-कत नभ ॐ जगत-साकषण नभ ॐ जगतऩतम नभ ॐ चचसनतताथि-परदाम नभ ॐ सजषणव नभ ॐ दाशावािम नभ ॐ दश-रऩवत नभ ॐ दवकक-ननदनाम नभ ॐ शौयम नभ ॐ हमगरीवाम नभ ॐ जनादिनाम नभ ॐ कनमा-शरवणतायजमाम नभ ॐ ऩीतामफयधयाम नभ ॐ अनघाम नभ ॐ वनभालरन नभ ॐ ऩदमनाबाम नभ ॐ भगमासकत-भानसाम नभ ॐ अशवरढाम नभ ॐ खडगधारयण नभ ॐ धनाजिन-सभतसकाम नभ ॐ गानसायर-सनभधम-कसतरय-रतरकोजवराम नभ ॐ ससतचदाननदरऩाम नभ ॐ जगनभनगरदामकाम नभ ॐ मऻरऩाम नभ

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ॐ मऻबोकत नभ ॐ चचनभमाम नभ ॐ ऩयभशवयाम नभ ॐ ऩयभाथि-परदाम नभ ॐ शानताम नभ ॐ शरीभत नभ ॐ दोदिनड-षवकरभाम नभ ॐ ऩयातऩयाम नभ ॐ ऩयबरहभण नभ ॐ शरीषवबव नभ ॐ जगदीशवयाम नभ

इतत शरी वकटशवय अषटोततय शतनाभावलर

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शरी भहारकषभी अषटोततय शतनाभावलर

ॐ परकतम नभ ॐ षवकतम नभ ॐ षवदमाम नभ ॐ सविबतहहतपरदाम नभ ॐ शरदधम नभ ॐ षवबतम नभ ॐ सयभम नभ ॐ ऩयभासतभकाम नभ ॐ वाचम नभ ॐ ऩदमारमाम नभ ॐ ऩदमाम नभ ॐ शचम नभ ॐ सवाहाम नभ ॐ सवधाम नभ ॐ सधाम नभ ॐ धनमाम नभ ॐ हहयणमम नभ ॐ रकषमम नभ ॐ रनतमऩषटाम नभ ॐ षवबावम नभ ॐ आहदतम नभ ॐ हदतम नभ ॐ दीपताम नभ ॐ वसधाम नभ ॐ वसधारयणम नभ ॐ कभराम नभ ॐ कानताम नभ ॐ काभाकषम नभ ॐ कभर समबवाम नभ ॐ अनगरहपरदाम नभ ॐ फदधम नभ ॐ अनघाम नभ

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ॐ हरयवलरबाम नभ ॐ अशोकाम नभ ॐ अभताम नभ ॐ दीऩाम नभ ॐ रोकशोक षवनालशनम नभ ॐ धभिरनरमाम नभ ॐ करणाम नभ ॐ रोकभातर नभ ॐ ऩदमषपरमाम नभ ॐ ऩदमहसताम नभ ॐ ऩदमाकषम नभ ॐ ऩदमसनदम नभ ॐ ऩदमोदभवाम नभ ॐ ऩदमभखम नभ ॐ ऩदमनाब षपरमाम नभ ॐ यभाम नभ ॐ ऩदमभाराधयाम नभ ॐ दवम नभ ॐ ऩरदमनम नभ ॐ ऩदमगसनधनम नभ ॐ ऩणमगनधाम नभ ॐ सपरसननाम नभ ॐ परसादालबभखम नभ ॐ परबाम नभ ॐ चनिवदनाम नभ ॐ चनिाम नभ ॐ चनिसहोदम नभ ॐ चतबिजाम नभ ॐ चनिरऩाम नभ ॐ इसनदयाम नभ ॐ इनद शीतराम नभ ॐ आहराद जननम नभ ॐ ऩषम नभ

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ॐ लशवाम नभ ॐ लशवकतम नभ ॐ सतमाम नभ ॐ षवभराम नभ ॐ षवशवजननम नभ ॐ तषम नभ ॐ दारयदरमनालशनम नभ ॐ परीरत ऩषकरयणम नभ ॐ शानताम नभ ॐ शकरभालमामफयाम नभ ॐ बासकम नभ ॐ बफलव रनरमाम नभ ॐ वयायोहाम नभ ॐ मशससवनम नभ ॐ वसनधयाम नभ ॐ उदायॊगम नभ ॐ हरयणम नभ ॐ हभभालरनम नभ ॐ धन धानमकतम नभ ॐ लसदधम नभ ॐ सतरणम सौममाम नभ ॐ शबपरदाम नभ ॐ नऩवशभ गताननदाम नभ ॐ वयरकषमम नभ ॐ वसपरदाम नभ ॐ शबाम नभ ॐ हहयणम पराकायाम नभ ॐ सभि तनमाम नभ ॐ जमाम नभ ॐ भॊगराम नभ ॐ षवषणव सथरससथताम नभ ॐ षवषणऩतनम नभ ॐ परसननाकषम नभ

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ॐ नायामण सभाचशरताम नभ ॐ दारयदरम धवॊलसनम नभ ॐ दवरकषभ नभ ॐ सवोऩिव रनवारयणम नभ ॐ नवदगािम नभ ॐ भहाकालम नभ ॐ बरहभा-षवषण-लशवासतभकाम नभ ॐ बतरकारऻानसमऩननाम नभ ॐ बवनशवम नभ ॐ भहारकषभी अषटोततय शत नभ

इरत शरी रकषभी अषटोततय शतनाभावलर

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शरी ऩदमावती अषटोततय शतनाभावलर

ॐ ऩदमावततम नभ ॐ दवम नभ ॐ ऩदमोदभवाम नभ ॐ करणापरदारमनम नभ ॐ सरदमाम नभ ॐ तजसवरषऩणम नभ ॐ कभरभखम नभ ॐ ऩदमधयाम नभ ॐ शरीम नभ ॐ ऩदमनतरम नभ ॐ ऩदमकयाम नभ ॐ सगणाम नभ ॐ कभकभषपरमाम नभ ॐ हभवणािम नभ ॐ चनिवसनदताम नभ ॐ धगधगपरकाश शयीय-धारयणम नभ ॐ षवषणषपरमाम नभ ॐ रनतमकलमाणम नभ ॐ कोहटसमिपरकालशणम नभ ॐ भहासौनदमिरषऩणम नभ ॐ बकतवतसराम नभ ॐ बरहभानडवालसनम नभ ॐ सविवानचापरदारमनम नभ ॐ धभिसनकलऩाम नभ ॐ दाकषणमकटाकषणम नभ ॐ बसकतपरदारमनम नभ ॐ गणतरमाषववसजिताम नभ ॐ कराषोडशसॊमताम नभ ॐ सविरोकानानजननम नभ ॐ भसकतदारमनम नभ ॐ दमाभतामाम नभ ॐ परऻाम नभ

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ॐ भहाधभािम नभ ॐ धभिरषऩणम नभ ॐ अरनकाय षपरमाम नभ ॐ सविदारयदरमधवॊलसनम नभ ॐ शरीवकटशवसथरससथताम नभ ॐ रोकशोकषवनालशनम नभ ॐ वषणवम नभ ॐ रतरचानरऩयवालसनम नभ ॐ वदवदमषवशायदाम नभ ॐ षवषणऩादसषवताम नभ ॐ यतनपरकाशककयीटधारयणम नभ ॐ जगनभोहहनम नभ ॐ शसकतसवरषऩणम नभ ॐ परसननोदमाम नभ ॐ इनिाहददवत मककननय ककमऩरष ऩसजताम नभ ॐ सविरोकरनवालसनम नभ ॐ बजमाम नभ ॐ ऐशवमिपरदारमनम नभ ॐ शानताम नभ ॐ उननतसथानससथताम नभ ॐ भनदायकालभनम नभ ॐ कभराकयाम नभ ॐ वदानतऻानरषऩणम नभ ॐ सविसमऩसततरषऩणम नभ ॐ कोहटसमिसभपरबाम नभ ॐ ऩजापरदारमनम नभ ॐ कभरासनाहद सविदवताम नभ ॐ वकनठवालसनम नभ ॐ अबमदारमनम नभ ॐ िाापरऩामसषपरमाम नभ ॐ नतमगीतषपरमाम नभ ॐ ीयसागयोदभवाम नभ ॐ आकाशयाज ऩबतरकाम नभ

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ॐ सवणिहसतधारयणम नभ ॐ काभरषऩणम नभ ॐ करणाकटाधारयणम नभ ॐ अभतासजाम नभ ॐ बरोकसवगिसखदारमनम नभ ॐ अषटहदकऩारकाचधऩतम नभ ॐ भनभधदऩि सॊहारयणम नभ ॐ कभराथिबागाम नभ ॐ सवलऩऩयाध-भहाऩयाध-भाम नभ ॐ शतकोहटतीथिवालसताम नभ ॐ नायदाहद भरनशरषठ ऩसजताम नभ ॐ आहदशनकयऩसजताम नभ ॐ परीरतदारमनम नभ ॐ सौबागमपरदारमनम नभ ॐ भहाकीतॉ परदारमनम नभ ॐ कषणारतषपरमाम नभ ॐ गनधवि शाऩषवभोचकाम नभ ॐ कषणऩतनम नभ ॐ बतररोकऩसजताम नभ ॐ जगनभोहहनम नभ ॐ सरबाम नभ ॐ सशीराम नभ ॐ अॊजनासतानगरहपरदारमनम नभ ॐ बकतमातभरनवालसनम नभ ॐ सॊधमावसनदनम नभ ॐ सविरोकभातर नभ ॐ अलबभतदारमनम नभ ॐ रलरतावधतम नभ ॐ सभसतशासतर षवशायदाम नभ ॐ सवणािबयणधारयणम नभ ॐ इहऩयरोक सखपरदारमनम नभ ॐ कयवीयरनवालसनम नभ ॐ नागरोकभरणसह आकाशलसनध कभरशवय ऩरयतयधगभनाम नभ

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ॐ शरी शरीरनवासषपरमाम नभ ॐ चनिभनडरससथताम नभ ॐ अलरवर भनगाम नभ ॐ हदवमभनगर धारयणम नभ ॐ सकलमाणऩीठससथताम नभ ॐ काभकवनऩषऩषपरमाम नभ ॐ कोहट भनभधरषऩणम नभ ॐ बानभनडररषऩणम नभ ॐ ऩदमऩादाम नभ ॐ यभाम नभ ॐ सविरोकसबानतय धारयणम नभ ॐ सविभानसवालसनम नभ ॐ सवािम नभ ॐ षवशवरऩाम नभ ॐ हदवमऻानाम नभ ॐ सवभनगररषऩणम नभ ॐ सवािनगरहपरदारमनम नभ ॐ ॐकायसवरषऩणम नभ ॐ बरहभऻानसॊबताम नभ ॐ शरी ऩदमावतम नभ ॐ सदमोवदवतम नभ ॐ शरीभहारकषमम नभ

इरत शरी ऩदमावती अषटोततय शतनाभावलर

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धऩभ दशाॊगभ गगगरोऩतॊ गोघतन सभसनवतभ धऩॊ गहाण दवश सविरोक नभसकाया

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - धऩभािाऩमालभ

(सवाभीजी क भतॉ की अगयफतती औय धऩ स आयती कय)

दीऩभ

बतररोकश भहादव सविऻान परदामक दीऩॊ दासमालभ दवश यभाभ बकतवतसर

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - दीऩॊ दशिमालभ

(सवाभीजी क भतॉ की दीऩ स आयती कय )

नवदमभ

सविबशच बोजजशच यस षडलब सभसनवतॊ नवदमनत भमानीतभ गहाण ऩरषोततभ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - नवदमॊ सभऩिमालभ

(सवाभीजी को परसाद चढाम अगय करा ह तो ldquoकदरीपर रनवदमालभrdquo नारयमर ह तो ldquoनारयकर परॊ रनवदमालभrdquo ऐस कह अगय गड ह तो ldquoगडोऩहाय नवदमभ सभऩिमालभrdquo कह)

ॐ पराणाम सवाहा ॐ आऩानाम सवाहा ॐ वमानाम सवाहा ॐ उदनाम सवाहा ॐ सभानाम सवाहा ॐ ऩयबरहभण सवाहा ॐ बबिव सव ततसषवतय-वयणमभ बगो दवसम धीभहह चधमो मो न परचोदमात ॐ आऩो जमोरतयसोभतॊ बरहभ बबिव सवयोभ भधम भधम ऩानीमभ सभऩिमालभ

अभताषऩधानभलस उततयाऩोशनभ सभऩिमालभ हसतौ परारमालभ ऩादौ परारमालभ ऩनयाचभनीमभ सभऩिमालभ

तामफरभ ऩगीपर सकऩिय नागवलरीदरमितॊ भकताचणि सभामकतॊ तामफरॊ पररतगहमताॊ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - तामफरभ सभऩिमालभ

नीयाजनभ चशरम कानताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरीवकटरनवासाम शरीरनवासाम भनगरभ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ नीयाजनभ दशिमालभ

ऩनयाचभनीमभ सभऩिमालभ

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भॊतरऩषऩभ

ॐ सहसतरशीषिभ दवॊ षवशवाॊ षवशवशॊबवॊ षवशवॊ नायामणनदवभ अयॊ ऩयभॊ ऩदॊ १

षवशवत ऩयभासननतमॊ षवशवॊ नायामणॊ हरयॊ षवशवभवदॊ ऩरषसतदषवशवॊ उऩजीवरत २

ऩरतॊ षवशवसमातभशवयॊ शाशवतॊ लशवभचमतॊ नायामणॊ भहाऻमॊ षवशवतभानॊ ऩयामणॊ ३

नायामण ऩयोजमोरत आतभा नायामण ऩय नायामण ऩयभ बरहभ ततवभ नायामण ऩय नायामण ऩयो धमाता धमानभ नायामण ऩय ४

मचच ककसनचत जगतसव दशमत शरमतषऩ वा अनतफिहहशचततसविभ वमापमा नायामण ससथत ५

अननतभ अवममभ कषवॊ सभिनतभ षवशवशमबवभ ऩदमकोश परतीकाशभ रदमभ चापमधोभखभ ६

अधोरनषमा षवतसतमानत नाभमाभऩरय रतषठरत जवाराभाराकरॊबारत षवशवसमामातनभ भहत ७

सनततॊ लशरालबसत रॊफतमाकोशससननबभ तसमानत सलशयभ सकषभभ तससभन सविभ पररतसषठतभ ८

तसमभधम भहान असगन षवशवायचचषविशवतो भख सोगरबसगवबजन रतषठाननाहाय भजय कषव

रतमिगधवाि भधशशामीयशभमा सतसम सनतता ९

सॊताऩमरत सवॊ दह भाऩादतरभसतक तसम भधम वसनह लशखा अणीमोधवाि वमवससथत १०

नीरथो मदभधमसता षवदमलरखव बासवया नीवायशकवततनवी ऩीताबा सवतमनऩभा ११

तसमा लशखामा भधम ऩयभातभा वमवससथत स बरहभ स लशव स हरय स इनि सोय ऩयभासवयात १२

ॐ तद बरहभ ॐ तद वाम ॐ तदातभा ॐ ततसतमभ ॐ ततसविभ ॐ ततऩयोनिभ अनतशचयरत बतष गहामाभ षवशवभरत िष तवभ मऻसतवभ वषकायसतवभ इनिसतवभ रिसतवभ

षवषणसतवभ बरहभतवभ परजाऩरत तवभ तदाऩ आऩो जमोरत यसोवतभ बरहभ बबिवससवयोभ १३

गदा ऩन शॊखयथानगकलऩक धवजायषवॊदाॊकश वजररासशचत ह शरीरनवास तवत चयणामफज दवमॊ भदीम भधािन भरज ॐ रनयॊजनाम षवदमह रनयाबासाम धीभहह तननो शरीरनवास परचोदमात शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हदवमभनतरऩषऩॊ सभऩिमालभ

परदकषण नभसकाय

शरोकॊ मारनकारन च ऩाऩारन जनभानतय कतारन च तारन तारन परणशमसनत परदकषण ऩद ऩद ऩाऩोहभ ऩाऩकभािहभ ऩाऩातभा ऩाऩसॊबव तराहहभाभ कऩभमा दव शयणगतवतसर अनमधा शयणॊ नाससत तवभव शयणॊ भभ तसभात कारणम बावन य य जनादिन

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - आतभपरदकषण नभसकायान सभऩिमालभ

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षवषवधोऩचाय ऩजा छतरॊ धायमालभ चाभयॊ वीजमालभ नतमॊ दशिमालभ गीतॊ शरावमालभ वादमॊ घोषमालभ आॊदोलरकान आयोहमालभ आशवानायोहमालभ गजानायोहमालभ सभसत यजोऩचाय शकतमऩचाय

मनतरोऩचाय दवोऩचाय सवोऩचाय ऩजाॊ सभऩिमालभ

भाऩवणभ भनतरहीनॊ ककरमाहीनॊ बसकतहीनॊ जनादिन मतऩसजतभ भमा दव ऩरयऩणिभ तदसतत

अनमा धमानावाहनाहद षोडशोऩचाय ऩजमा च बगवन सवाितभक शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरी वकटशवय सवरऩो बगवान सपरीत सपरसननो वयदो बवत शरी वकटशवय दव परसादॊ लशयसा गहणालभ

तीथवभ

अकार भतमहयणॊ सविवमाचध रनवायणभ सवि ऩाऩमकयॊ दव ऩादोदकॊ ऩावनॊ शबॊ

नवदमभ

ॐ बबिवससव ॐ ततसषवतवियणमभ बगो दवसम धीभहह चधमो मो न परचोदमात सतमॊ तवतन ऩरयषषॊचालभ अभतभसत अभतोऩसतयणभलस ॐ पराणाम सवा ॐ अऩानाम सवा ॐ वमानाम सवा ॐ उदानाम सवाह ॐ सभानाम सवा ॐ बरहभण सवा

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - भहानवदमभ सभऩिमालभ

अभताषऩधानभलस उततयाऩोशनभ सभऩिमालभ हसतौ परारमालभ ऩादौ परारमालभ शदध आचभनीमॊ सभऩिमालभ

तामफरॊ सभऩिमालभ सवणिभनतरऩषऩॊ सभऩिमालभ परदकषण नभसकायन सभऩिमालभ

अनमाधमानावाहनाहद षोडषोऩचाय ऩजमा बगवान सवाितभक शरी रकषभी ऩदमावती सभत वकटशवय सवाभी सपरीत सपरसननो वयदो बवत शरी रकषभी ऩदमावती सभत वकटशवय सवाभी परसादॊ लशयसा गहणालभ

उदवासनभ मऻन मऻभमजनत दवासतारन धभािरण परथभानमासन

तहनाकॊ भहहभानससचनत मतर ऩव साधमा ससनत दवा

गचछ गचछ सयशरषठ सवसथान शरी वकटशवय बकताबीषट सभधमथिभ ऩनयागभनाम च

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरी वकटशवय सवाभी मथासथानॊ उदवासमालभ

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परथभ अधमाम

शरी बगवान उवाच

कलरमग भ एक हदन शब भहति भ रतरभरा ऩहाड ऩय (सजस धयती का वकॊ ठ कहा जाता ह ) ldquoषवशवऩरत नाभक एक बकत ऩय शरी फाराजी की कऩा हई शरी षवषण क अवताय शरी फाराजी (वकटशवय) जो महाॉ शरीरनवास क रऩ भ ऩज जात ह उनहोन षवशवऩरत को ldquoशरी फाराजी वरत कथाrdquo नाभ स परलसधद इस गरॊथ की यचना कयन की आऻा दी औय कहा- ldquoह भय षपरम बकत षवशवऩरत भय षपरम होन क कायण इस वरत को षवसताय रऩ स तमह फाता हॉ सनो म

वरत भझ अरत षपरम ह आसान होन क कायण इस सबी रोग सॊऩनन कय सकत ह

कलरमग भ भानव अऩन ऩाऩ कभो का पर बोगता ह अनक कषट सहत हए जीवन रनवािह कयता ह कछ बकत

अऩन दख भझ फताकय उनह दय कयन क लरम कहत ह फहत स ऩस खचि कय वो भझ दखन क लरम रतरभरा की मातरा कयत ह भय बकतो स भझ परभ ह व भझऩय अऩना ऩया बाय डार दत ह भ उनह धभि क भागिऩय चराता हॉ

अबी भ जो मह वरत कथा तमह फतान जा यहा हॉ वो ldquoशरी फाराजी की कथाrdquo क नाभ स परलसदध होगा म भया वरत भझ अरतषपरम ह जो वमसकत इस बसकत औय रनषठा स कयगा वह तयॊत ऩाय ऩामगा कोई बी वमसकत कबी बी इस वरत को सॊऩनन कय सकता ह भखम रऩ स भागिशीषि भाघ कारत िक भहहनो भ ऩणिभासी ऩॊचभी सपतभी एकादशी रतचथमो ऩय मा शरवण सवारत नतरो ऩय इस कयना शरषठ होता ह

इस घोय कलरमग भ भय बकत जो कषट सह यह ह उनह भ जानता हॉ तमह जफ बी कोई कषट हो कोई सभसमा हो सवासम ठीक ना हो नौकयी वमाऩाय भ सभसमाएॉ हो भन अशाॊत हो तो इस वरत को सॊऩनन कयना चाहहम इसस

साय कषट दय हो जात ह घय भ शब कामि होन ऩय इस वरत को सॊऩनन कयन स बफना ककसी सभसमा क कामि ऩणि हो जाता ह इस वरत को सॊऩनन कयत ही सबी सख परापत होत ह औय अषट ऐशवमो की परासपत होती ह

सफय मा शाभ इस वरत को सॊऩनन कय सकत ह इस वरत भ ऩाॉच अधमाम ह इनका ऩठन बसकत क साथ कयना चाहहम अऩन घय भ मा रनवास सथान ऩय भॊहदय भ मा ककसी बी ऩषवतर सथान भ नदी तट ऩय सॊऩनन कय सकत ह

महद सॊबव हो तो अऩन फॊध लभतरो क साथ इस सॊऩनन कयन स जमादा शरषठ होता ह जो इस सॊऩनन कयत ह मा जो इस सनत ह वरत सॊऩणि होन क फाद परसाद को बसकत स सवीकाय कयत ह वो अषट ऐशवमो को परापत कयत ह इसस

ऩहर बी भय बकतो न कई भरनमो न इस वरत को सॊऩनन ककमा औय भया आशीवािद ऩामा बरोक भ यहनवार सबी को मह वरत आनॊद परदान कयगा औय शब पर बी परापत होगा शाॊत चचतत स भझ माद कयत हए इस वरत का ऩारन

कयो

सवि परथभ जहाॉ वरत कयना चाहत हो उस सथर को साप कयो भॊडऩ की वमवसथा कय भयी तसवीय सजसभ भयी षपरम

सरखमाॉ शरी दवी बदवी ह उस तसवीय को इस भॊडऩ ऩय सथाषऩत कयो भॊडऩ को दीवाय स रगाकय बी यख सकत हो अनम ककसी इचछक दवता की तसवीय बी सख सकत हो नवगरहो औय अषट हदकऩारको को मा तो भन भ नभसकाय

कयो मा उनका आवहान बी कय सकत हो

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सफस ऩहर हलदी स फनी गणश की ऩजा कयनी चाहहम उसक फाद उस वरत क ऩाॉचो अधमामो का रनषठा स ऩठन

कयना चाहहम मही परथभ अधमाम ह अनम चाय अधमाम भय अतमॊत षपरम ऩातर षवशवालभतर वलशषठ बयदवाज अबतर

भरनशवयो क परवचना रऩ भ ह ऩाॉच अधमामोको ऩढन क फाद भय षपरम शरोक बी ऩढ सकत हो हय अधमाम क अॊत

भ गोषव ॊद गोषव ॊद गोषव ॊद तीन फाय सभयण कयना चाहहम

आभ रोगो क कषटो को भ जानता हॉ इसी लरम भयी एक फात सनो महद ककसी कायण इस वरत को षवसताय रऩ स

सॊऩनन कयन भ कोई सभसमा आ यही हो तो भय तसवीय को साभन यख कय ऩहर गणश जी की कपय नवगरह दवताओॊ औय अषटहदकऩारको को सभयण कय ऩाॉच कहरनमाॉ ऩढकय अऩन भन भ जो इचछा ह उस भझ फताओ भ उस

परसाद क रऩ भ परदान करॉगा इस परकाय कयन स बी कामि की लसषदध होती ह तमहाय कषट दय हो जामग औय शब

पर परापत होगा

जो वमसकत इस वरत को बसकत स सॊऩनन कयगा भ उसक घय ककसी ना ककसी रऩ भ आकय परसाद सवीकाय करॉगा भयी कऩा आऩ सबी को हभशा परापत होगी शरी फाराजी न रतमभयाज षवशवऩरत याभकषणभरत ि ldquoषवशवऩरतrdquo को इस वरत कथा को षवसताय स फतामा कलरमगवासी हभ सबी इस वरत को सॊऩनन कय शरी फाराजी की कऩा क ऩातर फन सकत ह इस वरत को सॊऩनन कय हभ अऩन सबी कषट दय कय सकत ह औय उचचत पर बी परापत कय

सकत ह

गोषवॊदगोषवॊदगोषवॊद

परथभोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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दषवतीम अधमाम

शरी षवशवालभतर उवाच

भहातऩ सॊऩनन साात शरी षवशवालभतर जी न हभ ऩय कऩा की औय परवचन कयत हए कहा- ldquoह कलरमग वालसमो शरीरनवास क बकतो ldquoशरीफाराजी वरत कथाrdquo सजस आऩ सॊऩनन कय यह हो वह फहत ही ऩषवतर ह भहहभा स ऩणि ह मह वरत कलरमग भ शरी नायामण जी की करणा औय दमा परापत कयन का अतमॊत सयर साधन ह पराचीन कार भ शरी फाराजी क षपरम बकतो न इस सॊऩनन कय अऩनी काभनाओॊ को ऩणि ककमा इस वरत कथा क फाय भ हभ फताकय शरी फाराजी न हभाय पररत जो दमा हदखाई ह उसक लरए हभ उनह परणाभ कयत ह

पराचीन कार भ भगध याजम भ षवषणचचतत नाभक एक बकत यहता था उसकी नौ कनमाएॉ थी षवदवान होन ऩय बी वह अतमॊत गयीफ था षवषणचचतत की ऩतनी तायाभरत हभशा नायामणजी की पराथिना कयती यहती थी षववाहाहद शबकामि सॊऩनन कय जो बी ऩस दकषणा क रऩ भ लभरत थ उसस व भसशकर स अऩना जीवन रनवािह कय

यह थ कनमाएॉ मौवनावसथा भ ऩदाऩिण कय चकी थी तायाभरत हभशा इसी चच ॊता भ यहती थी कक इन कनमाओॊ का षववाह ककस परकाय सॊऩनन होग वह फाराजी की पराथिना कयत हए सदा अऩना सभम गजायती थी

वह तो फाराजी की बकत थी औय फाराजी अऩन बकतो स अतमाचधक परभ कयत ह उस हदन भाघ ऩरणिभा थी सवय

एक वदध बराहभण न षवषणचचतत क दयवाज ऩय दसतक दी औय कहा - ldquoह सवाभी भ फॊग दश का वासी हॉ एक मऻ

क लसरलसर भ दसय दश जा यहा हॉ यासत भ महाॉ आमा हॉ भझऩय दमा कयो औय अऩन घय भ एक हदन क लरए

यहन दो कर सवयही भ महॉ स चरा जाऊॉ गाrdquo उन की फात सनकय षवषणचचततन कहा lsquoनाथ इसस फढकय खशी औय कमा हो सकती ह अरतचथ साात नायामण जी क सभान होत ह ऐस हभाय ऩयाणो भ कहा गमा ह आऩ बफना ककसी सॊकोच क हभाय घय भ यह सकत हlsquo ऐसा कह कय उसन उस बराहभण को घय क अॊदय फरामा औय उनका सतकाय ककमा

दोऩहय भ बोजन क फाद उस वदध न तायाभरत स ऩछा ndash ldquoभाता कमा फात ह तभ कछ चच ॊरततसी रगती हो बफना ककसी सॊकोच क फात फताओrdquo तायाभरत न कहा ndash ldquoसवाभी आऩ तो भहातऩसवी ह आऩ क भख का तज उस वकॊ ठवासी क सभान ह आऩ स कमा छऩाना भयी चचॊता भयी कनमाओॊ का षववाह हrdquo उस ऩय वदध न कहा- ldquoभाता तमहाया दख भ जानता हॉ तमहाय सबी कषट दय हो औय तमहायी कनमाओॊ की शादी हो इसक लरम भ एक अदभत वरत फताता हॉ सनो इस वरत को सॊऩनन कयन स तमहाय साय कषट दय हो जामग शरी फाराजी क वरतो भ स मह सफस सयर हrdquo कहत हए उनहोन उस दॊऩरत को ऩया वरत षवधान फतामा वरत षवधान

सनकय षवषणचचतत न कहा- ldquoसवाभी मह तो अतमॊत सॊतोष की फात ह इसस फढकय सौबागम औय कमा होगा

कहत ह ना- शबसम शीिॊ आज भाघ ऩरणिभा ह फहत ही शब हदन ह आऩक कथा अनसाय हभ आज ही इस वरत

को सॊऩनन कयगrdquo षवषणचचततन ऩतनी तायाभरत औय सबी कनमाओॊ क साथ लभरकय उस हदन शाभ भ ही अऩन

फॊध-लभतरो क साथ बसकत औय रनषठा स फाराजी वरत को सॊऩनन ककमा वहाॉ उऩससथत सबी रोगो न वरत ऩया होन क

फाद चयणाभत परसाद गरहण ककमा औय अऩन-अऩन घय परसथान ककमा तफ षवषणचचतत औय तायाभरत न बराहभण

क चयणो को नभसकाय ककमा औय आशीवािद परापत ककमा बराहभणोततभ न बी चयणाभत परसाद गरहण ककमा औय

कहा- ldquoआऩकी भनोकाभना ऩयी हो शरी रकषभी शरी फाराजी की कऩा होrdquo

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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अॊधया हो चरा था औय रनिा सभम आसनन था षवषणचचतत न उस बराहभण को एक पटी चादय दत हए आॉखो भ आस लरम कहा- सवाभी भ अतमॊत दरयिी हॉ इसस अचछी चादय भय ऩास नही ह भझ भा कय आज की यात इसी ऩय षवशराभ कय बराहभण भसकयात हए फोर- कोई फात नही भ फाहय फयाभद भ सो जाता हॉ कछ सभम फाद ही सबी रनिारोक भ षवचयण कयन रग आधी यात का सभम था बफजरी की गडगडाहट क साथ फारयश शर हई चायो ओय अॊधया था कहीॊ कछ नही हदखाई

द यहा था षवषणचचतत इस चच ॊता भ था कक वदध बराहभण फाहय कस सो यह होग उस सभम कछ सझ बी नही यहा था ककसी तयह उनहोन यात गजायी सवया हआ फारयश बी थभ चकी थी ऩरत-ऩतनी मही सोच यह थ कक बराहभण की कमा दशा हई होगी ककतना सहा होगा उनहोन मही सोचत हए वो फाहय आए उनह एक अदभत दशम हदखाई हदमा वहाॉ षवपरोततभ नही थ पहट हई चादय की जगह यशभ का षऩताॊफय यखा हआ था उस षऩताॊफय ऩय शरी फाराजी क

भतॉ ndash हदखाई दी व सफ कछ सभझ गम उनकी खषी का कोई हठकाना नही यहा उनक घय आम बराहभण औय

कोई नही साात शरी नायामणजी ही थ ह फाराजी कमा बागम ह हभाया ऩय हभ उनको ऩहचान नही ऩाम हभन उनको पटी हई चादय दी मह सोचत हए उनहोन शरी फाराजी की भतॉ को हाथ भ रकय आॉखो स रगामा औय

घय क अॊदय आम ऩया घय सोन स बया हआ था जहाॉ दखो वहाॉ धन याशी ह बगवान शरी फाराजी की वरत कथा की भहहभा स ही मह सफ सॊबव हो सका ऐसा कहत हए व बगवान की सतरत कयन रग आऩन दख साात शरी फाराजी ही उस बकत क घय आम थ वरत षवधान फतामा औय चयणाभत परसाद बी गरहण

ककमा शरी फाराजी फहत ही करणाभम ह जो बी इस वरत को बसकत औय रनषठा स कयगा उसक घय सवमॊ बगवान

ककसी ना ककसी रऩ भ आमग आऩ सबी इस वरत को सॊऩनन कय बगवान की कऩा परापत कय सकत ह शरी भहषषि षवशवालभतर जी न मह दषवतीम कथा इस तयह फताई

शरी रकषभी शरीरनवास कटाॊ लसषदधयसत

गोषवॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

दषवतीमोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ततीम अधमाम

शरी वलशषठ उवाच मह अधमाम भहातऩोरनषठ वरयषठ शरीवलशषठ भरन न शरीनायामणजी की कऩा स हभ षवसताय रऩ स फतामा ह ह कलरमग वालसमो शरीफाराजी क षपरम बकतो वकणठ भ रनवास कयनवार शरीनायामणजी आज क रतरभरा भ ससथत शरीफाराजी ही ह कलरमग वालसमो क कषट दय कयन क लरम बगवान आऩक फहत सभीऩ रतरभरा ऩहाड ऩय अवतारयत हए ह शरी फाराजी को खश कयन क लरए मह वरत उततभ ह औय सयर बी ह इस वरत को जो बसकत औय रनषठा स सॊऩनन कयता ह उस सबी सख परापत हो जात ह पराचीन सभम भ अवॊती दश भ बागमनगय नाभक एक नगय था नाभ क ही अनरऩ वहाॉ अनक धनवान (वमाऩायी) यहत थ ऩय व अऩनी सॊऩसतत को दख घभॊड कयत थ औय आभ रोगो को हीन दषटी स दखत थ धन-दौरत उनकी सवासजित ह ऐसा सोचकय घभॊड कयत थ बगवान की रनतम ऩजा-ऩाठ तो उनहोन ऩहर ही छोड दी थी कभ स कभ षवशष हदनो भ बी व ना भॊहदय जात ना ऩजा कयत ना ही दीऩ जरात एक हदन सबी धनवान अऩनी-अऩनी ऩतनीमो क साथ परीरत बोज भ वमसत थ उस नगय की ऩवि हदशा भ ही शरी रकषभी नायामण जी का भॊहदय था जहाॉ दीऩ जरानवारा कोई नही था उस हदन षवशष एकादशी थी सजस एक ऩवि हदन बी भाना जाता ह ऩय उस नगय क एक बी धनवान क भन भ भॊहदय भ ऩजा कयन का षवचाय नही आमा शाभ होत-होत आकाश भ घन फादर छा गम औय भसराधाय फारयश होन रगी वमाऩारयमो क घय ऩानी स बय गम चायो ओय अॊधकाय ह अॊधकाय था सवय होन तक ऩया नगय ऩानी भ डफ गमा वमाऩारयमो क घय टट-पट गम उनका साया ऐशवमि सभापत हो गमा ऐसा उऩिव कमो भचा मह पररम कस हो गमा ककसी को कछ बी सभझ भ नही आ यहा था इतन भ उनह एक षवचचतर दशम हदखाई हदमा नगय क फाहय जो झोऩडडमाॉ थी व तो वसी की वसी थी उनको आशचमि हआ इतनी फारयश भ बी म कस सही सराभत यही व ऐसा भन ही भन सोच यह थ कक इतन भ बफजरी कडकी औय आकाशवाणी हई ldquoए भखो तमहायी सॊऩसतत तमहायी अऩनी ह सवासजित ह ऐसा सोचत थ इसी लरम ऐसा हआ ह इस झोऩडी भ यहनवारा दव भया षपरम बकत ह आभ आदभी होन ऩय बी दव रनतम तमहाय नगय भ ससथत शरी रकषभी नायामण

भॊहदय भ दीऩ जराता था इतना ही नही हय एकादशी क हदन मथा सॊबव वह शरी फाराजी वरत कथा बी सॊऩनन कयता था इसी लरम इन झोऩडीमो भ यहनवार सबी रोग सयकषत यह आऩ सबी महद वरत सॊऩनन कयग तो अऩन-अऩन

ऐशवमि को ऩन परापत कय सकत होrdquo आकाशवाणी सनत ही तयॊत व सबी रोग उस भॊहदय भ गम औय जस

सॊबव हो सका वस सबी रोगोन एक-दसय क सहमोग स शरी फाराजी की वरत कथा सॊऩनन की ऐसा कयत ही सबी को उनक घय ऩवि रऩ भ ही परापत हो गम तफ स व सबी शरीफाराजी क बकत फन गम औय हय एकादशी को शरीफाराजी का वरत सॊऩनन कयत औय सख-शाॊरत परापत कय यहन रग अॊत भ उनहोन भसकत बी परापत की

शरीवलशषठजी न इस परकाय म कथा सनाई

गोषव ॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

ततीमोधमाम सभापतॊ |

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ

शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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चतथव अधमाम

शरी बयदवाज उवाच

शरीनायामण जी को ldquoशरीफाराजी वरत कथाrdquo अतमॊत षपरम ह चतथि अधमाम क रऩ भ हभाय साभन शरी बयदवाज

भरनदवाया फतामी नमी कहानी इस परकाय ह- ldquoह कलरमगवालसमो शरी नायामण क षपरम बकतो आऩ सजस वरत को सॊऩनन कय यह ह वह अदभत ह आऩकी भनोकाभनाओॊ को ऩणि कयन का साधन ह शरी फाराजी को परसनन कयन का मह अतमॊत सयर उऩाम ह आऩ सबी ऩय कऩा कयन क लरम ही वकॊ ठवासी बगवान शरीरनवास क रऩ भ रतरभरा ऩहाड ऩय अवतरयत हए ह अनक जनभो क ऩणमपर स ही रतरभरा ऩहाड ऩय ऩय यखन का सौबागम परापत होता ह औय बगवान क दशिन बी सॊबव होत ह इसी तयह इस ldquoवरतकथाrdquo को सॊऩनन कयन का सॊकलऩ बी ऩविजनभ क

ऩणमपर स ही सॊबव होता ह जो वमसकत इस वरत को सॊऩनन कय यह ह मा जो इस कथा को सन यह ह मा जो बगवान क परसाद को गरहण कयत ह उनह बगवान की कऩा परापत होती ह औय व सौबागम बी ऩात ह

पराचीन कार भ ldquoनगयीrdquo नाभक एक गराभ भ धनगपत नाभ का वमाऩायी यहता था वह फहत ही रारची था ऐशवमि परापत कयन ऩय बी उसका रारचीऩन कभ नही हआ मह सभसत ऐशवमि उसका ही कभामा हआ ह ऐसा सोचकय वह फहत घभॊड कयता था अहॊकाय भनषम का नाश कयता ह

धनगपत की ऩतनी काॊरतभती अतमॊत बसकत बावना यखती थी औय रनषठा स बगवान की ऩजा कयती थी उनकी तीन कनमाएॉ थी तीसयी कनमा ldquoकभायीrdquo भ बसकत बावना जमादा थी वह हभशा फाराजी का नाभ ही जऩती यहती थी षऩताजी को बफना फताम वह जफ-तफ शरी फाराजी क भॊहदय भ जाती थी औय बगवान क दशिन कयती थी घय आकय षऩताजी को छोड अनम सबी क साथ परसाद सवीकाय कयती थी ऩती क ऐस वमवहाय स

काॊरतभती थोडी चच ॊरतत होती थी

एक हदन ldquoकभायीrdquo की सहरी क घय ऩय ldquoशरी फाराजीrdquo का वरत सॊऩनन हो यहा था मह जानकय वो वहाॉ गई वरत ऩया होन तक दोऩहय हो चकी थी थोडासा परसाद उसन गरहण ककमा औय थोडा वह अऩन घयवारो क लरम एक

कागज की ऩडी भ रकय चरी फीच यासत भ उस पमास रगन रगी धऩ बी फहत तज थी उसन सोचा थोडी दय रक

कय पमास फझाकय कपय चरॉ तो ठीक यहगा तबी उस माद आमा कक उसक षऩता की दकान अगरी गरी भ ही तो ह वहाॉ जाकय उसन षऩताजी को ऩजा की फात बफना फताम षऩताजी स ऩानी भाॉगकय षऩमा औय षऩताजी गससा कयग

इस डय स उसन जलदी-जलदी ऩानी षऩमा इस घफयाहट भ परसाद की ऩडी वही दकान भ बरकय चरी गई

एकाएक फाजाय भ हडकॊ ऩ भच गमा रोग हाहाकाय भचात हए इधय-उधय बागन रग आगजनी क कायण उस गरी की सायी दकान जर कय याख होन रगी वस बी दोऩहय का सभम थाउस ऩय गभि हवाएॉ चर यही थीधनगपत का शयीय डय क भाय काॉऩन रगा ldquoकछ ही सभम भ उसकी दकान बी जर कय याख हो जाएगीrdquo इस षवचाय स उस क हाथ-ऩय काॉऩन रग सबी रोग अऩनी-अऩनी दकानो स फाहय आकय इधय-उधय बागन रग ऩय

धनगपत वही खडा यह गमा दकान छोडकय जान का भन नही कय यहा था महद वो दकान भ यहगा तो जरकय

याख हो जामगासोचत हए उसन घफयाहट भ उसक हाथ रगी ऩडी को उठामा औय बफना सोच सभझ जो हाथ आमा वो भॉह भ डार हदमा उस कछ भीठा-भीठा सा ऩदाथि रगा औय भन बी शाॊत होन रगा

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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तबी एक अदभत घटना घटीआग धनगपत की दकान तक आकय रक गमी आग की रऩत वहाॉ नही आ ऩामी मह कसी षवचचतर फात हम कसी भामा ह धनगपत क भॉहस एक बी फात नही रनकर ऩामी उधय आगजनी की खफय सनत ही ऩतनी काॊरतभती अऩन कनमाओॊ क साथ फाराजी का सभयण कयत हए दौडती हई वहाॉ आ गमी आग उनक दकान तक आकय कस रक गमी मह दखकय उस आशचमि हआ तबी कभायी को दकान भ बरी हई ऩडी की माद आई धनगपत को सभझन भ दय नही रगी कक उसन जो चीज भॉह भ डारी थी वो औय कछ नही तो बगवान का परसाद ही था औय उसकी भहहभा स ही व इस दघिटना स चक गम धनगपत न शरीफाराजी स भा भाॉगी गार फजाम शाभ भ ही नगयवालसमो को फराकय ldquoशरीफाराजी की वरत कथाrdquo सॊऩनन की तफ स वह बगवान की सवा भ रीन हो गमा औय अॊत भ भो बी परापत की आऩन दखा कक कवर परसाद गरहण कयन स ही वो ककतनी फडी दघिटना स चक गमा फाराजी की भहहभा अदभत ह आऩ सबी बी मथा सॊबव वरत को सॊऩनन कय क बगवान की कऩा परापत कय सकत हldquo

शरीबयदवाजजी न इस परकाय मह चतथि कथा सनामी

गोषवॊदगोषवॊदगोषवॊद

चतथोधमाम सभापतॊ |

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ऩॊचभ अधमाम

शरी अतरतर उवाच

रतरभरा-रतरऩती बरोक का वकणठ धाभ ह ऩयाणो भ फतामा गमा ह कक रतरभरा क सभान ऩषवतर सथर औय शरी फाराजी जस दवता न तो ऩहर कबी हए ह औय न कबी होग शरीरनवास क रऩ भ अवतरयत शरी नायामण अऩन

बकतो स फहत परभ कयत ह जो उन ऩय अऩना ऩया बाय डारकय उनह रनतम सभयण कयत ह जो सदाचाय स ऩणि जीवन बफतात ह वो उनकी या कयत ह ऐस शरीफाराजी को परसनन कयन का सफस सयर उऩाम ह ndash ldquoशरीफाराजी की वरत कथाrdquo

इस अदभत वरत कथा क फाय भ भहातऩसॊऩनन शरी अबतर भहषषि न कऩा कयत हए कहा ह- ldquo ह फाराजी क षपरम

बकतो कलरमग भ आऩक सौबागम क फाय भ कमा कहना कतमग तरतामग औय दवाऩायमग भ अतमॊत कठोय तऩ-

जऩ कयन ऩय बी परसनन न होन वार शरी नायामण इस मग भ कवर नाभसभयण स ही आऩ रोगो ऩय कऩा कय यह

ह षवशवास क साथ उनह फरान ऩय व तयॊत कऩा परदान कयत ह ऐस करणाभम ह शरीफाराजी ऩषवतर रतरभरा ऩय

तमहाया यखा हय कदभ अनक जनभो क ऩणमपर क सभान ह

पराचीन कार भ ldquoकौभायrdquo दश भ ldquoलभतरrdquo नाभक धोफी यहता था वो अऩन काभ क साथ-साथ धालभिक कामि कयता हआ जीवन रनवािह कय यहा था उसकी अऩॊगता ही उसकी चच ॊता थी इसी कायण धोए हए कऩडो की ऩोटरी फनाकय घय-घय घभकय उनह रोगो तक ऩहॉचाना उस धीय धीय भसशकर रगन रगा उसका ऩरयवाय फडा था बफना भहनत ककए उस बय ऩट खान को बी नही लभरता था हभशा वो शरी फाराजी की ऩजा कयता यहता था कबी ना कबी बगवान उस ऩय कऩा कयग इसी षवशवास स वो अऩना जीवन गजाय यहा था बकतो ऩय कऩा कयन वार फाराजी सफ कछ दखत यहत ह जो वमसकत अऩन कभो स भकती ऩाता ह उनक ऩास आकय फाराजी ककसी न ककसी रऩ भ आकय उनकी या कयत ह एक हदन शाभ क सभम हभशा की तयह लभतर कऩड धोकय कऩडो की ऩोटरी राद धीय-धीय चरता हआ आ

यहा था फीच यासत भ उस एक वदध बराहभण हदखाई हदम गौयव की बावना स फड होन क कायण लभतर न अऩन कॊ ध

ऩय रदी हई ऩोटरी को नीच उतायकय वदध बराहभण को नभसकाय ककमा तफ उस षवपरोततभ न कहा- ldquoतभ अऩन इस ऩय क कायण ककतना कषट सह यह हो तमहाया दख दखा नही जाताrdquo तफ लभतर न कहा-ldquoह नाथ आऩ फजगि ह बयाऩया ऩरयवाय होन क कायण भझ इस काभ स भकती नही लभर यही ह ककसी तयह भयी म अऩॊगता दय हो ऐसा कोई उऩाम फताइएrdquo

तफ बराहभण न कहा-ldquoसनो बाई भ जरय फताऊॉ गा धमान स सनो भ एक ऐस वरत क फाय भ फताता हॉ सजस सॊऩनन कयन स तमहायी अऩॊगता दय हो जाएगी तमह अषट ऐशवमो की परासपत होगी वरत सॊऩनन कयत ही तमह हजाय अशकपि माॉ लभरगी ऩय एक शति ह उसभ स आध तभ भझ दोगकर भ कपय इसी सभम महाॉ लभरॉगाrdquo तफ लभतर न कहा- ldquoसवाभी इसस फढकय सौबागम औय कमा हो सकता ह आज ही इस

वरत क फाय भ फताइए भ उस सॊऩनन करॉ गाrdquo लभतर क उतसाह को दख वदध न शरी फाराजी वरत कथा क फाय भ फतामा

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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लभतर दगन उतसाह क साथ घय आमा ऩयी कहानी ऩतनी को फतामी औय अडोस-ऩडोस क साथ लभरकय शरी फाराजी वरत को सॊऩनन ककमा चयणाभत परसाद गरहण ककमा घय आए सबी रोगो को बी हदमा तबी घय क फाहय कछ

कोराहर सनाई हदमा लभतर का फटा फाहय स दौडता हआ आमा औय फोरा- ldquoषऩताजी षऩताजी याज-यक आऩक लरम आए ह याजा न आऩक लरम बट बी बजी हrdquo इतन भ यक बी वहाॉ आ गम उनहोन फतामा कक उसकी रनमसकत याज दयफाय भ धोफी क रऩ भ हो गमी ह याजा न हजाय अशकपि माॉ ऩयसकाय सवरऩ बजी ह ऐसा कहकय उनहोन लभतर क हाथ भ हजाय अशकपिमो की ऩोटरी यख दी एक हफत क अॊदय-अॊदय

उस आकय नौकयी भ बतॉ होन को बी कहा लभतर क आनॊद की सीभा नही थी एक हफता कमो कर ही कमो नही सोचकय उसन अऩनी ऩोटरी-वोटरी फाॉधी औय दसय हदन सवय ही वो जान को तमाय हो गमा इस जलदफाजी भ वह

उस वदध की फात बर गमा फीच यासत भ उस उसकी फात माद आ गमी ऩय ठीक हअगर भहहन लभर रता हॉ सोच

कय वह याज दयफाय भ अऩन काभ ऩय रग गमा हदनभहहन फीत बराहभण क वश भ आए बगवान को गससा आमा बगवान न सोचा भनषम की परवसतत ऐसी ही होती ह उस भझ अऩनी भहहभा फतानी होगी

दसय ही हदन याणीवास स आबषण चोयी हो गम चोयी का इलजाभ लभतर ऩय आमा लभतर को कायावास की सजा हई hellipयाज यकोन उस तयह-तयह की मातनाएॉ दी ऐसा कमो हआउस ऩय मह इलजाभ कमो रगा सोचत हए लभतर को यात को सऩन भ बगवान हदखाई हदम उनहोन फतामा कक ldquoवदध बराहभण क रऩ भ व ही आम थ वो अऩनी फात स भकय गमा इसलरम म सफ हआ हrdquo तफ लभतर न कहा-ldquoह नाथभ ऩाऩी हॉ भन फहत फडा ऩाऩ ककमा ह कऩमा भझ ऩय दमा कीसजम अफ भ हय भहहन आऩका वरत सॊऩनन करॉ गा भयी आम का आधा बाग जीवन बय आऩको सभषऩित करॉ गाrdquo गार फजाकय उसन बगवान की हय तयह स पराथिना की बकतो की ऩकाय सननवार बगवान न खशी-खशी लभतर ऩय कऩा कय दी बगवान की कऩा स याणी क आबषण दसयही हदन लभर गम याजान म बी जान लरमा कक लभतरन चोयी नही की थी लभतरको कायावास स रयहा कय हदमा गमा तफ स लभतर बगवान को हदम वचन अनसाय हय भहहन शरी फाराजी का वरत सॊऩनन कयन रगा औय अऩनी आम का आधा बाग बगवान को अषऩित कयता यहा सख ऩणि जीवन बफतात हए उसन अॊत भ भो बी परापत ककमाrdquo

शरी अबतरजी न ऐसा कहकय ऩाॉचव औय आखयी अधमाम को सभापत ककमा

गोषवॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

ऩॊचभोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

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faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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जाकय खास दशिन कयवाम वो कोई औय नही ऩय सवमॊ दवी ऩदमावती थी उनको ना ऩहचान न की भयी बर ऩय भ फहत ऩछतामी भ फहत खश बी हो गमी भझ अमभा क शबद माद आम ldquoभ तमह भय बगवान क जरय दशिन कयाउॉगीrdquo भय सभझ भ आमा कक म सायी फात उसी की रीरा थी भन वाऩस जाकय सफ को जो हआ वो फतामा भय ऩती दवय गणश उनकी ऩतनी लशवषपरमा औय फाकी साय रोग थ उनहोन बी सफको ऩछा सबी न फतामा कक रतरभरा भ घोडागाडी नही ह भझ नही ऩता कक ककसीन भयी फातो ऩय षवशवास ककमा मा नही ऩय भझ ऩया मककन ह कक वो शरी वकटशवय औय दवी ऩदमावती ही थ उसक फाद हभ कॎ लरपोरनिमा रौट २००५ की म रतरभरा की मातरा भय लरम अषवसभयणीम यही जो सऩना भ न २००० भ दखा था वो कपय स २०१० क भ भहहन भ भझ हदखाई हदमा वही तजसवी परकाश वही आवाज औय वही वरत कयन की सचना इस फाय वरत की सचनाक साथ वरत परचाय की सराह बी थी शरी फाराजी की अदभत रीराएॉ फताकय रोगो को म वरत कयन क लरम पररयत कयना ह उसन कहा ldquoतमहाया जनभ इस वरत की भहहभा आभ रोगो तक ऩहॉचान क लरम ही हआ हrdquo भ न बगवान स ऩछा ldquoभ अकरी ककसी क भदद क बफना इतना फडा कामि कस कय ऩाउॉगी भयी कौन सनगा औय कमो सनगा कोई भझ ऩय कमो षवशवास कयगाrdquo म भय परशन सनकय बगवान हॉस ऩड औय फोर ldquoतभ म वरत अऩन घय भ कयो तमह भागि हदखाई दगाrdquo इतना ही नही बगवान न भझ तयॊत इसका ऩसतक बी लरखन क लरम कहा भन भय ऩती ऋषषकश स सऩन क फायभ फतामा उनहोन भझऩय षवशवास ककमा औय बगवान न फतामी हय फात कयन क लरम तमाय बी हो गम हभन शरनवाय जन २६ २०१० को ऩरणिभा क हदन ऩहरी फाय शरी फाराजी वरत को सॊऩनन ककमा यषववाय जर २५ २०१० को ऩरणिभा क हदन दसयी फाय वरत सॊऩनन ककमा हभन १५ अरग अरग ऩदाथि औय परो का ldquoभहानवदमrdquo सभषऩित ककमा औय ऩजाघय का दयवाजा फॊद ककमा आध घॊट फाद जफ हभ ऩजाघय भ गम तफ जो दषम दखा वो कलऩनातीत था चावर का फडा रनवारा बगवान की पोटो ऩय रगा था शरनवाय सपटफय ४ २०१० को एकादशी (ऩषवतर हदन) क हदन हभन कपय एक फाय वरत सॊऩनन ककमा इस हदन बी हभन ldquoभहानवदमrdquo बगवान को अऩिण ककमा षऩछरी फाय की तयह ऩजाघय का दयवाजा फॊद कय हदमा जफ हभ ऩजाघय भ गम तफ दखा कक भहानवदम एक गोर भ एकबतरत कयक यखा था तयॊत भन सफको फराकय म आशचमिजनक फात हदखामी सफ रोग अचॊबफत हो गम म हदन भ कबी बर नही ऩाई हॉ फडा ही दवी अनबव था म जो शबदो भ फाॉधा नही जा सकता उस हदन स हभन बगवान की फहत सायी रीराएॉ हभाय घय भ होत हए दखी औय दख यह ह आज जानवायी २ २०११ ह आजतक हय योज हभ दवी अनबव र यह ह इस बाषाॊतय भ हभ वही साय चभतकाय लरखग जो हभाय तरग ऩसतक भ छऩ ह म साय चभतकाय सपटफय ५ २०१० स ऑकटोफय १० २०१० तक ही लसलभत ह सपटफय ५ २०१० सफह उठकय भन भया भॉह लशशभ दखा औय दखती ही यह गमी भय भख ऩय नाक स फारो तक नाभार (३ चॊदन की यखाएॉ) आ गमा था उस हदन भन जाना कक बगवान भय घय भ आकय फस गम ह हभन बगवान की ऩजा की औय कछ खयीदायी क लरम फाहय रनकर ऩड शाभ को घय रौट औय दखा तो आयती की थारी सजी हई थी हदमभ घी क साथ फाती तमाय थी जस कक हभ अबी

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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बगवान की आयती कयनवार ह म कमा हो यहा था हभ कछ सभझ नही ऩा यह थ थोडासा डय बी रगा घय भ तो कोई नही था फाहय तारा रगा हआ था कौन अॊदय आमा ककसन की म सायी तमायी हभन हभाय भन को सभझामा कक म सायी उसी कलरमग क दवता शरीफाराजी की रीरा ह हभन रनसशचॊत होकय आयती की थोडी दय फाद भझ यसोईघय भ काभ कयत कयत अचछी खशफ आमी भ दौडत हए ऩजाघय गमी दखा कक चॊदन की अगयफतती जर यही ह कछ दय फाद भयी फटीन भझ फतामा कक हदम भ कपय स घी औय फाती आ गमी ह हभन बगवान आयती की जस भझ सऩनभ फतामा गमा था वस शरीभान नायामण सवमॊ हभाय घय भ आ गम ह हभायी खशी का कोई हठकाना नही यहा सपटफय ६ २०१० एक सफह हभ उठ तो बफसतय भ अताएॉ बफखयी थी फडी सावधानी स हभन वो सायी उठाकय एक ऩोटरी भ यख दी हय योज की तयह सनान कयक भ बगवान की ऩजा कय यही थी उनका नाभसभयण कय यही थी इतन भ बगवान की पोटो भ भझ दहदपमभान परकाश हदखाई हदमा उसक तज को सहन नही कय ऩामी औय भन आॉख फॊद कय री उसक फाद कमा हआ भझ कछ माद नही जफ भन आॉख खोरी तो दखा भय ऩती भझ जोय जोय स भया नाभ रकय जगान की कोलशश कय यह थ भझ रगा की भ शामद फहोश हो गमी थी उठकय जफ लशश भ दखा तो कपय स नाभार चहय ऩय आमा हआ था इस फाय भ भया भॉह दखकय डय गमी कमो कक नाभार क साथ उसऩय गहय रार यॊग का कभकभ बी आमा था कपय भय ऩती न भझ फतामा कक भझ भ बगवान आम थ भयी आवाज ऩरषो जसी हो गमी थी फाय फाय भन ऩती स ऩछा ldquoकमा सचभच ऐसा हआ भझ कछ माद कम नही आताrdquo उसी हदन दोऩहय भ १ फज हभ फाहय गम शाभ को ६ फज घय रौट हभन दखा घय भ फसततमाॉ जर यही ह ऩजा की थारी सजी हई ह हदम भ घी क साथ फाती बी यखी हई ह तीथि (दध भ चीनी लभराकय) बी तमाय ह सपटफय ७ २०१० आज बगवान की पोटो स हलदी आना शर हआ सफह की ऩजाक वकत पोटो क ऩास तो कोई हलदी नही यखी थी दोऩहय को १२३० फज भ भयी फटी क साथ सपाई कयन क लरम ऩजाघय गमी भयी फटी कहन रगी ldquoभाॉ बगवान की पोटो स हलदी आ यही हrdquo ऩहर भझ रगा घय भ जो हलदी ह वो वहाॉ आ यही होगी ऩय घय भ तो भ न इतनी हलदी राई नही थी यसोईघय भ भय डडबफ भ दखा तो हलदी ऩय ॐ औय सवससतक क रनशान थ भन तयॊत ऩती को हदखाम उसन रनशानो क पोटो रखॊच जो हलदी बगवान क पोटो ऩय आ यही थी उस अरगसी भनबावन खशफ थी भया घय उस अदभत खशफ स बय गमा उस हदन घय आम भहभानो को बी खशफ आमी शाभ को योज की तयह आयती की थारी सजी हई थी हदमभ घी क साथ फाती तमाय थी सपटफय ८ २०१० आज बगवान की पोटोस औय अचधक हलदी आमी दध भ शहद लभराकय चाॊदी का फाऊर बी तमाय था जफ स म साय चभतकाय घय भ होन रग तफस हभ हदन भ तीन फाय नवदम अऩिण कयन रग नवदम स ऩहर हभायी फटी नहा बी खाना नही खान रगी सपटफय ९ २०१० आज बगवान क पोटो स ढय सायी हलदी आमी बगवान क भखभॊडर तक ऩहॉच गमी उसऩय नयलसॊह सवाभी क रनशान बी थ आज बगवान न हभ नयलसॊह सवाभी क रऩ भ दशिन हदम हभन आज कछ रोगो को फरामा था उनभ स ककसी को रनशान भ शरी वकटशवय हदखाई हदम ककसी को

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बगवान कषण ककसी को नयलसॊह सवाभी तो ककसी को ॐ काय हदखाई हदमा जो सजस रऩ को ऩजत थ वस उनको दशिन हआ इसी हदन भझ औय एक अदभत घटना दखन लभरी जो रोग हभाय घय आम हए थ उनह बी म हदखाई हदमा अ फ तक पोटोस हलदी आना हदम भ घी क साथ फाती आना आयती की थारी सजना ऐसी बगवान की रीराएॉ हभन दखी अबी जो भ फतान जा यही हॉ वो भन को शाॊरत दनवारी घटना ह आम हए सबी रोगो को षवससभत कय गमी आज भय ऩती भझ स ऩहर उठ औय भया चहया दखकय घफया गम जलदी स भझ उठामा ऩछन रग ldquoतभन म चहय

ऩय कमा रगामा हrdquo भन उठकय लशश भ दखा ऩय चहय ऩय हलदी का रऩ रगा हआ था भाथ ऩय एक रऩम क

लसकक क सजतना फडा कभकभ था वो कभकभ धीय धीय फढ यहा था इस फात न भझ बी सोच भ डार हदमा भझ

कमा हो यहा ह शाभ को हभाय कछ लभतर उनक ऩरयवाय क साथ बजन कयन क लरम घय आ गम जफ व बजन गा यह थ भ न अऩनी आॉख फॊद कय री आॉखो क साभन शरी ऩदमावती क साथ शरी वकटशवय थ म दखकय भ सफह भय चहय ऩय आम हए हलदी कभकभ का भहततव जान गमी उस हलदी औय कभकभ न भझ हदवम दशिन सहन की शकती दी थी आभ रोगो भ म शकती नही होती ह बगवान औय दवी भाॉ को भझ इस अरग शकती का वयदान ऩहर दना ऩडा उस ऩाकय भ उनक दहदपमभान रऩ को दख सकॉ म हभाया सफस फडा सौबागम ह

इसी हदन हभन चीनी दध भ लभराकय उसका नवदम अऩिण ककमा सफक साभन चीनी का शहद फन गमा आम हए सबी रोग म चभतकाय दखकय फहत खश हए औय अऩन आऩ को खशनसीफ भानकय घय रौट सपटफय १० २०१० योज की तयह आज बी भ सनान कयक ऩजाघय भ गमी बगवान की तसवीय क साभन जभी हई

हलदी न गणशजी का आकाय लरमा था आज बी कभय क साय हदम जराम हए थ आयती की थारी सजी हई थी हदम भ घी क साथ फाती बी यखी हई थी ऩजा की सायी तमायी हो चकी थी बगवान न गणशजी क रऩ भ दशिन

हदमा उस हदन आम हए रोगोन आशचमि स कहा ldquoषवनामक चतथॉ क ऩहर ही षवनामक आऩक घय आमrdquo बगवान की रीरा अगाध ह इन रीराओॊ को सभटन क लरम सहसतर नमन बी कभ ह

सपटफय ११ २०१० आज बी घय भ योशनी थी आयती की थारी सजी हई थी हदम भ घी क साथ फाती थी भ जफ उठी तो चहय ऩय कपय स हलदी कभकभ रगा था म दखकय भ फहत खश हई रगा आज कपय स भझ हदवम दशिन होगा बगवान को रनमफ-चावर औय दही-चावर का नवदम अऩिण ककमा कछ दय फाद जफ ऩजा घय भ रौट तो दोनो चावर का लभशरण हआ था मही हभाया बोजन था आज हभाय महाॉ थोड रोग आम हए थ उनभ स एक शरीभतीजी को इन चभतकायो ऩय षवशवास नही था व फोरी ldquoबगवान तो लसपि ऩतथय की भतॉ ह उस हभ अऩनी इचछाएॉ ऩयी कयनक लरम कहत ह म तो तमहायी कवर कलऩना ह कक बगवान तमहाय घय भ आम हrdquo कपय उसन भझ एक घॊट भ सौ सवार ऩछ औय भ न फड धीयज क साथ उन साय सवारो क जवाफ हदम उसन थोड पर राम थ वो भ न बगवान

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क साभन यख हदम परसाद रकय व चरी गमी इसक फाद औय कछ रोग आम हभ इनह थोड सारो स जानत थ भ सभझी म रोग चभतकयो को लसपि जाॉचन आम ह कछ सभम बफताकय व परसाद लरम बफना ही चर गम उस शाभ भय ऩती फटी क साथ हभाय दोसतो क महाॉ खान ऩय गम थ भ फचनी स हदवम दशिन की याह दख यही थी इतन भ जो शरीभती हभाय घय आकय परसाद लरम बफना चरी गमी थी उनका भझ पोन आमा व फोरी ldquoफाराजी औय ऩदमा नाभ क एक शरीभान-शरीभतीजी आऩ क घय आना चाहत ह भन उनको आऩ क घय का ऩता औय पोन हदमा ह अगय उनह घय ढॉढन ऩय हदककत आमी तो व आऩको पोन कयगrdquo भन हाॉ बयी अबी बी भ बगवान क हदवम दशिन की आतयता स याह दख यही थी तबी फाराजी औय ऩदमा भय घय ऩय आम भ न उनका सवागत ककमा उनको ऩजाघय र गमी उनहोन बगवान को दखा कहा ldquoतभ फहत खशनसीफ हो बगवान की तभ ऩय ऩयी कऩा हrdquo भन हदमा हआ परसाद बावऩणि भन स उनहोन सवीकाय ककमा कछ दय रककय कपय स ककसी हदन आन का वचन दकय चर गम उनक जान क फाद कपय स भय सौबागम स भझ हदवम दशिन का राब हआ तफ तक भय ऩती घय रौट भ न उनको फाराजी औय ऩदमा क फाय भ सफ कछ फतामा म बी फतामा कक जो शरीभती जी परसाद लरम बफना ही चरी गमी थी उसीन उनह महाॉ बजा था भय ऩती ऩछन रग ldquoजो सवमॊ इन चभतकायो ऩय षवशवास ना यखतीहो व कस ककसी को हभाय घय बज सकती हrdquo जफ भय ऩती न म फात नही उठामी तफ तक भय भन भ म आशॊका आमी नही थी अफ भय भन भ एक सवार उठा भझ हदवम दशिन फाराजी औय ऩदमा आन स ऩहर कमॉ नही हआ भझ इसका जवाफ जानना जरयी रगा हभन उस शरीभती जी को पोन कयक फाराजी औय ऩदमा क फाय भ ऩछ उसन लसधा इॊकाय ककमा उसन ककसीको बी हभाय घय नही बजा था पोन बी नही ककमा था उसक दय दय तक क रयशतदायो भ ऐस नाभ का कोई नही था अफ भ सभझी व औय कोई नही फसलक सवमॊ बगवान ही थ सजनह भ ऩहचान नही सकी भ फहत रनयाश हो गमी उनह ना ऩहचानन की बर भ ऩहर (२००५ की रतरभरा की मातरा भ लभर हए फजगि शरीभान-शरीभती) बी कय चकी थी आज कपय वोही गरती भ न दोहयामी थी साशरऩणि नमनो स भ न बगवान स ऩछा कक म कसी ऩयीा ह यात क ११ फज हभन ऩजाघय का दयवाजा फॊद ककमा औय फाहय कभय भ टीवी दखन रग नीॊद आन ऩय सोन स ऩहर एक फाय बगवान का दशिन रन हभ ऩजाघय भ गम ११३० फज चक थ ऩजाघय भ शरी फाराजी औय ऩदमावती क भतॉ स शहद फह यहा था फडा कलऩनातीत दशम था भय ऩती तो अचॊबफत ही हो गम हभन तयॊत उसक पोटो औय कपलभ र री दवय दवयानी को सकाईऩ (इॊटयनट) ऩय आन क लरम कहा उनहोन म अदभत चभतकाय वफ कॎ भय स दखा उनकी खशी का तो हठकाना ही नही यहा औय एक फात भ न दखी जो पर षवशवास ना यखनवारी शरीभतीजी न राम थ सजनहोन भझ हय तयह क सवार ऩछ थ वो दसय कोनभ उछार हए थ म दखकय हभन तम ककमा कक जो बगवान ऩय षवशवास यखत हो उनहीक पर बगवान को चढामग हय हदन अषवसभयणीम माद औय अदभत अनबव ऩीछ छोड क जा यहा था

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सपटफय १२ २०१० आज हलदी क ऊऩय कभकभ आन रगा शहद बी फह यहा था हभन नवदम अऩिण ककमा कछ दय फाद दखत ह तो कमा आज बगवान न नवदम गरहण नही ककमा था शाभ को हभन बन हए हटॊडोया चावर क साथ लभराकय उसका नवदम ककमा थोडी दय फाद जफ ऩजाघयभ गम तो दखा उस चावर औय हटॊडोया का फडा सा रडड फना क यखा था हभन वो साय आम हए बकतो भ फाॉट हदमा सपटफय १३ २०१० आज सफह हभन बगवान को काज-फदाभ-ककशलभश का नवदम अऩिण ककमा बगवानन आध खाम औय आध हभाय लरम यख आज बी आयती की थारी सजी हई थी हदम भ घी क साथ फाती यखी थी भ भयी फटी को सकर छोडकय घय आमी भय ऩती स पोन ऩय फात कयत कयत भ यसोईघय भ खाना फना यही थी उतन भ भझ ऩामर की आवाज सनाई दी तयॊत भ न ऩती को पोन ऩय म फात फतामी औय ऩछा कक अगय उस वो सनाई द यही ह मा नही ऩय उस पोन ऩय वो आवाज नही सनाई दी भ न सवहडडओ कपलभ री औय सकाईऩ ऩय दवय दवयानी को हदखाई तफ उनको औय भय ऩती को वो आवाज सनाई दी तफ तक भ सोच यही थी कक वो आवाज सनाई दना कमा भय भन का खर था अफ भ फहत खश हई कक भय भन का खर नही था भन सचभच दवी क नतमकी आवाज सनी थी भयी फटीन औय भन वो ऩामर की भीठी आवाज कपय स सनी रगबग ५ लभरनट वो चर यही थी ऐस रग यहा था जस दवी भाॉ ऩामर ऩहनकय घय भ चर यही ह उस यात भय ऩती को बी म दवी आवाज सनन का बागम लभरा सपटफय १४ २०१० शहद अबी बी फह यहा ह हभन वो उस हदन घय आम हए दोसतो को भहभानो को औय बकतो को तीथि क रऩ भ हदमा सपटफय १५ २०१० आज कभकभ जमादा ऩभान भ आमा हआ हदखाई हदमा शहद सजस फाऊर भ सॊचचत हो यहा था वो ऩया बय गमा औय हभ दसया यखना ऩडा सपटफय १६ २०१० हभन आज नवदम भ सफ यखा जफ वाऩस आकय ऩजा घय भ गम तो दखा बगवान न सफ का एक बाग खामा था सपटफय १८ २०१० आज हलदी औय कभकभ भ बगवान की पोटो जो ऩयी ढक गमी वो थोडी कभ हई थी उसस बगवान का भख औय भकट हदखाई दन रगा ऩहर स वो कई जमादा तजसवी हदख यहा था हभन वो हलदी कभकभ घय आम हए बकतो भ फाॉटना शर ककमा सवाभीजी औय दवी भाॉ क भरत िओॊस फहनवारी शहद तो थभन का नाभ ही नही र यही थी फीच भ १० लभरनट फडी तज धाया स फहा दोऩहय भ हभन दार-चावर की रखचडी नवदम भ यखी फाहक कभय भ जाकय टीवी दखत १५ लभरनट हए ही थ तफ वही रखचडी का भय भॉह भ छोटा रनवारा आमा अॊदय जाकय दखा तो बगवान भ बी रखचडी खामी थी (हभाय वफ साईट ऩय सपटफय १८ २०१० की पोटो भ आऩ म दख सकत ह) सपटफय १९ २०१० आज जो सफ नवदम भ यखा था उसका एक टकडा बगवान क खामा औय दसया भझ रखरामा जो भझ रखरामा वो भयी भॉह भ आमा भ उसा वकत यसोईघय भ काभ कय यही थी तयॊत

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भन भय ऩती को म फात फताई उसन झट स ऩजाघय भ जाकय दखा कक सफ स दो टकड चफाम हए हदख यह थ शाभ को परो का यस नवदम भ यखा थोडी दय फाद दखा तो फाऊरभ थोडासा यस ही फचा था इसस म साप हो यहा था कक बगवान न हभाया नवदम सवीकाय ककमा था फच हए यस को हभन परसाद सभझकय बकतीबाव स षऩमा शहद का फहना आज बी अखॊडडत ह सपटफय २० २०१० आज हभन चावर औय बन हए हटॊडोया नवदम भ यख कछ दय फाद जफ ऩजाघय गम तो चावर औय हटॊडोया लभराक उसक चाय रडड फनाकय थारी भ यख थ शाभ को योटी क साथ चन का नवदम ककमा इसका बी बगवान न फड पमायस सवीकाय ककमा फची हई योटी औय चन हभन खाम हय हदन बगवान हभ उसकी रीराएॉ हदखा यह ह शहद का फहना अबी बी जायी ह सपटफय २१ २०१० आज हभन चावर औय दार-ऩारक की सबजी का नवदम अऩिण ककमा कछ दय फाद जफ दखा तो सबजी चावर भ लभरी हई थी थोड चावर बगवान न खाम थ आयती की थारी भ हदमा था उसभ घी क साथ फाती बी थी दधभ शहद लभराकय चाॊदी का फाऊर बी तमाय था इन साय अदभत चभतकायो स बगवान कलरमग भ अऩना अससतततव भनषम को हदखा यह ह फड सौबागम की फात ह कक उसक लरम उनहोन हभाया घय चना सपटफय २२ २०१० आज दार फराम औय चावर नवदम भ थ कछ दय फाद हभ ऩजाघय भ गम तो दार औय चावर लभर हए थ उसभ स थोडा हहससा बगवान न खामा था शाभ को हभन अॊगय बगवान क साभन यख हभ बोजन र यह थ तो एकदभ स कछ अॊगय भय भॉह भ आम ऩजाघय भ जाकय दखा तो वहाॉ लसपि दो ही अॊगय फच थ सपटफय २३ २०१० आज बी हभन अॊगय का नवदम बगवान को अऩिण ककमा उनभ स कपय भय भॉह भ अॊगय आम भय ऩती क दोसत हभाय घय आम थ उनक आन स कछ दय ऩहर शहद की धाया फडी हो गमी थी जफ भय ऩती शहद की कपलभ र यह थ उनहोन दखा आयती की थारी भ जरी हई फाती कपय स जरन रगी उसका परकाश बी जमादा तजसवी था म अकसलऩत दषम हदखान क लरम उनहोन तयॊत भझ औय फाकी सफ को ऩजाघय भ फरामा ऐस अदभत रीराओॊ को दखकय दोसतरोग बी अऩना सौबागम सभझकय खश हए सपटफय २४ २०१० आज सफह औय दोऩहय भ जो बी नवदम यखा था उस बगवान न नही खामा शाभ को हभन ककशलभश यख औय फाहय गम रगबग हभ घय स ५ ककरोभीटय की दयी ऩय थ अचानक स भय भॉह भ ककशलभश आम अफ तक तो सफ चभतकाय घय भ हो यह थ ऩहरी फाय घय क फाहय हभ म अनबव आमा भ तो खशी स नाच उठी सपटफय २५ २०१० आज भ जफ ऩजाघय भ गमी तो आयती की थारी सजी हई थी हदमभ घी क साथ फाती रग चकी थी दध भ शहद लभराकय तीथि बी तमाय था हभ सफन लभरकय ऩजा की सपटफय ४ को भन चॊदन की ऩावडय भ ऩानी डारकय गॊध फनामा था आज तक वो सखा नही ह जस ही ऩजा

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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खतभ हई भन दखा कक भय भाथ ऩय हटका रगा हआ था वो कभकभ नही था वो गॊध था भयी गदिन ऩय उसी गॊध स नाभार आमा था इसक फाद भय ऩती हभायी फटीक साथ फाहय क कभय भ खर यह थ औय भ यसोईघय भ काभ कय यही थी अचानक स ऩजाघयभ तीन चॊदन की अगयफसततमाॉ जरन रगी उसकी खशफ स साया घय कछ ही लभरनटोभ भहक उठा ससबजमाॉ लभराम हए चावर आज नवदम भ थ बगवान न म नवदम खा लरमा उसी हदन शाभ को आयती की थारी सजी थी हदम भ घी क साथ फाती थी ऩजा की सायी तमायी थी हभन कार अॊगय का नवदम अऩिण ककमा ऩय बगवान न नही खामा सपटफय २६ २०१० आज सफह औय दोऩहय का नवदम बगवान न नही सवीकाया शाभ को कछ पर बगवान क साभन यख उनस पर खान क लरम पराथिना की औय घय स फाहय रनकर घय स ४-५ ककरोभीटय दय गम नही तफ भय भॉह भ अॊगय आम घय जाकय दखा तो नवदम क परो भ स अॊगय कभ हए थ सपटफय २७ २०१० आज हभन बगवान को कछ सफ अऩिण ककम बगवान न एक टकडा खामा औय एक भय भॉह भ एक आमा शाभ को हभन कछ कर यख एक ततीमाॊश करा भय गर स फाहय आमा इस कर को कही बी दाॉत नही रग थ वसा ही था जस हभ रछरक स रनकारत ह ऩजाघयभ जाकय दखातो एक ततीमाॊश करा वहाॉ नही था फच हए कर क फाम फाज भ एक शहद का फॉद था षऩछर तीन हफत स बगवान की भतॉ स शहद का फहना रगाताय चर यहा ह ऑकटोफय १० २०१० आज हभन बगवान क साभन सफ यखा उसक फाद भ यसोईघय भ खाना ऩकान भ वमसत हो गमी अचानक स ऩजाघय स भझ भीठी भहक आन रगी अॊदय जाकय हभन जो दखा उसऩय षवशवास यखना कठीन था सऩन भ बी हभ म फात नही सोचत सफ तो वस का वस था ऩय उसक फाज भ रतरऩती का रडड था हभन रतरऩती का रडड ऩहर कई फाय खामा ह ऩय इतना गभि रडड ऩहर कबी नही खामा था हभायी ऊॊ गलरमो ऩय रगा हआ घी साप साप नजय आ यहा था रचच की फात तो ऩरछए भत

भय जसी साभानम घयर औयत क लरम म ऩसतक ldquoशरी फाराजी की रीराएॉrdquo लरखना कोई आसान फात नही थी कलरमग क दवता शरीवकटशवय औय दवी ऩदमावती की आलशवािद स ही सॊबव हो ऩामा ह भय ऩती ऋषषकश न म ऩसतक लरखन क लरम परोतसाहहत ककमा सवमॊ उनहोन इस ऩसतक का इॊसगरश भ अनवाद ककमा भ भयी फटी नहा का बी धनमवाद कयना चाहती हॉ शरी वकटशवय वरत क रखक शरी रतमभयाज षवशवऩरत याभकषण भरत ि क भनऩविक आबाय भानती हॉ भ बगवान स मही पराथिना कयना चाहती हॉ कक सजन सजन रोगो न म ऩसतक फनान भ भयी सहामता की भयी फात धमान स सनी उनऩय आऩकी कऩा फनी यह भयी सरदम सहदचछा ह जो कोई म वरत बसकत स सॊऩनन कयगा उस बगवान की कऩा का राब जरय होगा

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रलरता ऋषषकश

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शरी वकटशवय भॊतर

कलरमग क दवता सवमॊ शरी वकटशवयन वदो भ स कछ भॊतर भझ फताम ह उनभ स म भॊतर हय योज ऩजा क वकत

ऩढन स सचची बसकत ऩान क लरम भदद कयगा

भयारयसवक जयाहदऩीडडत रनयाचथिजीवन रनयाश बसय

वयारतसनदय सयाॊगनायरत कयाॊगसौषठव कभायताकरत

कभाय तायक सभाऩनोदम तननऩातक भहाऩदाभम

षवहाऩनोहदत सकरबवन षवहदत कभायधायालबधान तीथािहदसषटतसम

धयणीतर गत सकर हतकलरर सबासलरर गतफहर

षवषवधभर अरतचतय रचचयतय षवरोकनभातर षवदलरत

षवषवधभहाऩातक सवाभीऩषकरयरण सभतसम

जो बकत इस भॊतर का हय योज ऩठन कयगा वो आयोगमऩणि औय सभदध जीवन वमरतत कयगा

रलरता ऋषषकश

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कलमाण वकटशवय सवाभी

ऩजा की साभगरी ६ नारयमर ndash १ करश क लरम औय ५ ऩाॉच अधमामो क लरम

१ वसतरभ (रई का फना हआ हाय) १ करश १ नम परन कऩड का टकडा (रगबग एक भीटय)

हलदी औय कभकभ अता अगयफतती कऩिय (आयती क लरम)

बफड क ऩान मा आभ क ऩतत ( ३ ndash ५ करश क लरम २ षवनामक की ऩजा क लरम)

पर तरसी ऩॊचाभत (दध दही घी भध औय चीनी ) गणश क नवदम क लरम छोटा गड का टकडा वरत क नवदम क लरम गहॉ का यवा घी षऩसी हई चीनी करा षऩसी हई इरामची यवा घी भ बनकय ठॊडा होनऩय उसभ कर क टकड चीनी औय इरामची डार म यवा दध मा ऩानी भ नही ऩकामा जाता

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वरत की षवधी शरी रतमभयाज षवशवऩरत याभकषण भतॉ दवाया

कलरमग भ शरी फाराजी की कऩा ऩान क लरम इस वरत को सॊऩनन कयना अतमॊत आसान ह इस वरत को सॊऩनन

कयन क तयॊत फाद सबी कषट दय हो जात ह इस वरत की षवधी अतमॊत सयर ह सजस भझ वकॊ ठवासी नायामण जी न

सवमॊ फतामी ह कोई बी वमसकत कही बी कबी बी इस वरतको सॊऩनन कय सकता ह आचथिक कहठनाईमाॉ हो मा सवासम सॊफॊधी कोई सभसमा हो भन अशाॊत हो मा अनम कोई बी कायण हो इस वरत क सॊऩनन स ही कषट दय हो जात ह महद आऩन अऩन घय भ कोई शब कामि कयन का रनशचम ककमा हो तफ बी इस वरत को सॊऩनन कय सकत

ह नौकयी औय वमाऩाय भ उननरत क लरम बी वरत सॊऩनन कयन स तयॊत पर की परासपत होती ह

इस वरत को सॊऩनन कयन क दो षवधान ह

परथभ षवधान

इस वरत को ऩहर फताम अनसाय ककसी बी सभम सॊऩनन कय सकत ह भखम रऩ स भागिशीषि भाघ कारत िक भहहनो भ ऩरणिभा ऩॊचभी सपतभी एकादशी रतचथमो भ शरवण सवातीनतरो भ इस सॊऩनन कयना अचछा होता ह सवय हो मा शाभ इस वरतको सॊऩनन कय सकत ह

इस वरत भ ऩाॉच अधमाम ह ऩहरा अधमाम साात शरी फाराजी की कऩा स लरखा गमा ह अनम चाय अधमाम भहा तऩसवी शरी षवशवालभतर वलसषठ बयदवाज औय अबतर भहाभरनमो क दवाया फतामा गमा ह अऩन सवगह भ हो मा रनवास सथान भ बगवान का भॊहदय हो मा अनम कोई बी ऩषवतर सथान नदी तट ऩय बी इस सॊऩनन कय सकत ह

महद सॊबव हो सक तो अऩन फॊध-लभतरो क साथ इस सॊऩनन कय सफस ऩहर सजस जगह ऩय आऩ कयना चाहत ह उस

साप कय उसक फाद भॊडऩ तमाय कयक उसभ शरी फाराजी की तसवीय यख शरीदवी बदवी क साथ फाराजी की तसवीय को यखना शरषठ होगा तसवीय क साथ एक रऩम का लसकका यख उसक फाद करश की सथाऩना कय

सविपरथभ हलदी स फन क गणश की ऩजा कयनी चाहहम ताकक वरत बफना ककसी षवघन क सॊऩनन हो सक फाद भ वरत

कथा क ऩाॉच अधमाम ऩढ सवमॊ बगवान कहत ह कक जो वमसकत रनषठा औय बसकतस इस सॊऩनन कयता ह वहाॉ बगवान सवमॊ ककसी ना ककसी रऩ भ आकय परसाद सवीकाय कयत ह

दषवतीम षवधान

साात बगवान न एक औय भखम फात म बी फताई ह कक महद ककसी कायण कोई सभसमा हो औय वरत कयन क लरम

सभम न लभर मा ककसी कायणवश सॊबव न हो यहा हो तो अकर फठकय बी इस वरत को सॊऩनन ककमा जा सकता ह

शरी फाराजी क भॊडऩ क साभन फठकय सफस ऩहर गणश जी की पराथिना भन ही भन कय कपय अषट हदकऩारको नवगरह दवताओॊ का भन ही भन नभन कय तरसी दर नारयमर उऩरबध पर-पर थारी भ यख फाराजी को सभयण कयत हए वरत कथा का भन ही भन ऩठन कय नारयमर बगवान को अषऩित कय इस परसाद क रऩ भ सवीकाय

कयन स सबी कषट तयॊत दय हो जात ह हय कथा क अॊत भ नारयमर सभषऩित कय भहापरसाद क रऩ भ गहॉ का यवा

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(दलरमा) चीनी डारकय हरवा जस फनाम उसक ऊऩय करा बी यख हय कथा क अॊत भ गोषव ॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

तीन फाय कह कय पराथिना कय

फाराजी को तरसी दर अरत षपरम ह इसी लरम ऩजाभ तरसी दरो को यखना शरषठ होगावरत सॊऩनन होन क फाद

तरसी दरो को परसाद क रऩ भ सवीकाय कयन स योगरनवायण होन क साथ साथ अषट ऐशवमो की परासपत होती ह वरत की सभासपत ऩय नारयमर सभषऩित कयक उनक टकड फनाकय परसाद क रऩ भ बगवान को सभषऩित कयन स वहाॉ उऩससथत सबी रोगो को दकय कपय उस सवीकाय कयन स ऩणम परापत होता ह इस वरत को षवधीऩविक करश सथाऩना क साथ षवसताय स सॊऩनन कय अगय सॊबव न हो तो ऊऩय फताम दषवतीम षवधान क अनसाय बी कय सकत ह एक फात हभ सबी को माद यखनी चाहहम हभायी जो बी सभसमाएॉ ह व सजतना बगवान जानत ह औय कोई नही जान सकता ह इसीलरम उस करणाभम की पराथिना कय सॊकलऩ कय वरत सॊऩनन कयन स भनोकाभना रनसशचत ही ऩयी हो जाती ह सबी कषट दय होकय अषट ऐशवमो की परासपत होती ह

सभसत सनभॊगरारनबवॊत शरी रकषभी शरीरनवास कटा लसषदधयसत

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शरी वकटशवय वरत कथा शरीगणऩती धमानभ

वकरतणड भहाकाम कोहटसमिसभपरब रनषविघनभ करभ दव सविकामष सविदा शकरामफयधयभ शलशवणिभ चतबिजभ परसनन वदनभ धमामत सविषवघनोऩशाॊतम

तदव रगनभ सहदनभ तदव तायाफरभ चॊिफरभ तदव षवदमाफरभ दवफरभ तदव रीऩत तरिमगभ सभयालभ

आचभनभ

ॐ कशवाम सवाहा ॐ नायामणाम सवाहा ॐ भाधवाम सवाहा

ॐ गोषवॊदाम नभ ॐ षवषणव नभ ॐ भधसदनाम नभ ॐ बतरषवकरभाम नभ ॐ वाभनाम नभ ॐ शरीधयाम नभ

ॐ रषषकशाम नभ ॐ ऩदमानाबाम नभ ॐ दाभोदयाम नभ

ॐ सॊकषिणाम नभ ॐ वासदवाम नभ ॐ परदममनाम नभ ॐ अरनरधदाम नभ ॐ ऩरषोततभाम नभ ॐ अधोजाम नभ

ॐ नयलसॊहाम नभ ॐ अचमताम नभ ॐ जनादिनाम नभ ॐ उऩिाम नभ ॐ हयम नभ ॐ शरीकषणाम नभ

बतोचचाटनभ

उसततषटॊत बतषऩशाचचा एत बलभबायका ऐतशाभषवयोधन बरहभकभि सभायब

पराणामाभभ

ॐ ब ॐ बव ॐ सव ॐ भह ॐ जन ॐ तऩ ॐ सतमभ ॐ ततसषवतय-वयणमभ बगो दवसम धीभहह चधमो य़ो न परचोदमात ॐ आऩो-जमोरत-यसोवतभ बरहभ बबिवससवयोभ

भभ उऩातत दरयतामदवाया शरी ऩयभशवय परीतमथिभ शब शोबन भहत शरी भहाषवषणो आगनमा परवत भानसम आदमबरहभण दषवतीम ऩयाथ शवत वयाहकलऩ ववसवत भनवनतय कलरमग परथभऩाद जमफदवीऩ बयतवष बायत खनड भयो दकषण हदगबाग शरीशरसम hellip(जहाॉ ऩजा कय यह ह उस गाॉव का नाभ)परदशाम कषणा गोदावयी भधमबाग सव-शोबन गह सभसत दवता बराहभण हरयहय ससननधौ अससभन वतिभान वमवहारयक चानिभानन सवससतशरी परबवाहद नाभ सॊवतसय भधम सॊवतसय अमन ऋतौ (आज का भहहना)भासाम (शकर मा कषण)ऩाम (आज की रतथी)रतथौ (आज का हदन)वासय शबनतर शबमोग शबकयण एवॊ गण षवशषण षवलशषटामाभ

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शबरतथौ शरीभान(अऩना औय ऩरयवाय क सबी सदसमो क नाभ) गोतर (अऩना गोतर) नाभधम धभिऩतनी सभतसम असभाकभ सहकटॊफानाभ भ सथमि धमि षवजम आमय-आयोगम

ऐशवमि-अलबवधमथिभ धभािथि काभभो चतषविध ऩरषाथि पर लसदधमथिभ भभोऩातत दरयताम दवाया शरी ऩयभशवय परीतमथिभ शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरी वकटशवय दवता भडडडषम शरी वकटशवय वरतकलऩ करयषम िव सॊबवरदभ ऩदाथ सॊबवता रनमभन मावचचसकत धमाना वाहनाहद षोडषोऩचाय ऩजाभ करयषम (ऩानी को हाथ रगाम)

तदॊग करशायाधनभ करयषम (सवाभीजी की दामीॊ ओय करश यख उसभ गॊधभ ऩषऩभ कॊ कभ औय अता डार कपय आग लरख हए शरोक ऩढ) शरोकॊ करशसम भख षवषण काॊत रि सभाचशरता भर ततर ससथतो बरहभा भधम भातगणाचशरत कौत सागया सव सपतदवीऩ वसॊधया ऋगवदोत मजवद साभवदोहमथविणा अॊगशच सहहता सव करशाॊफ सभाचशरता करश गॊधऩषऩाताभ रनकषपतम हसतनचचादम आऩो वा इदभ सव षवशवबतानमाऩ पराणवा आऩा ऩशव आऩोननाभाऩोभता भाऩा समरादऩो षवयाडाऩा सवयाडाऩशचॊडाभ समाऩो जमोरतभ शमाऩो मजोभशमाऩ ससतमाभाऩ सवाि दवता आऩोबबिवसव याऩ ॐ (करश भ ऩानी बय औय उसभ तरसी क ऩतत डार) शरोकॊ गॊग च मभन च कषण गोदावयी सयसवरत नभिद लसॊध कावमो जरससभन ससननचधभ कर कावयी तॊगबिा च कषणवणी च गौतभी करशोदकन दवातभानभ ऩजािवमारन च समपरोकषमा (करश भ एक पर डफोकय उसस सवाभीजी ऩय ऩजा की साभगरी ऩय औय आऩ ऩय ऩानी रछडक )

शरी गणऩती पराथवना शकराॊफयधयभ षवषणभ शलशवणिभ चतबिजभ परसननवदनभ धमामत सविषवघनोऩशाॊतमत

आदौ रनषविघनन वरत ऩरयसभापतभ गणऩती ऩजाभ करयषम

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अथ गणऩती ऩजा ॐ गणानाभ तवागणऩतीभ हवाभह कषवॊ कवीनाभऩा भसशरवसतवभ जमषठयाजभ बरहभणाभ बरहभणसऩत आनशशरणमनततलब सीदसाधनभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ धमामालभ धमानभ सभऩिमालभ

आवाहमालभ यतनलसॊहासनभ सभऩवमालभ ऩादमौ ऩादमभ सभऩवमालभ

हसतौ अरघमवभ सभऩवमालभ भख आचभनीमभ सभऩवमालभ

आऩोहहषटाॊमोबवसतान ऊजधदातन भहयणाम चस मो वत लशवत भोयससतसम बाजमतहन उषतीरयना भातय तसभायभ गभाभवो मसमामाम जजॊधव आऩोजनमाधाचन

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash शदधोदक सनानॊ सभऩिमालभ

सनानाॊतयभ शदध आचभनभ सभऩिमालभ

अलबवसतरात वसनानमाय शलबदनतस दघा ऩजभान अलबचॊदरा बताव व नो हहयणमाभमशवनयततनोदव सोभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash वसतरमगभभ सभऩिमालभ

मऻोऩवीतभ ऩयभॊ ऩषवतरभ परजाऩत मत सहजभ ऩयसतात आमषमॊगरमभ परततभचच शभरॊ मऻोऩवीतभ फरभसत तज

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash मऻोऩवीतभ सभऩिमालभ

गॊधदवायाभ दयाधषावभ तनतमऩषटान करयषषणीभ

ईशवयीभ सववबतानाभ ता लभहोऩवहम शरशरमभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash हदवम शरी चॊदनॊ सभऩिमालभ

आमन त ऩयामण दवाव योहॊत ऩजषऩणी हदाशच ऩॊडयीकाणण सभदरसम गहा इभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash दवािहद नानाषवध ऩषऩारण सभऩिमालभ

अथ शरी षोडषनाभ ऩजा ॐ सभखाम नभ

ॐ एकदॊताम नभ

ॐ कषऩराम नभ

ॐ गजकरणिकाम नभ

ॐ रमफोदयाम नभ

ॐ षवकटाम नभ

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ॐ षवघनयाजम नभ

ॐ गजाचधऩतम नभ

ॐ धभकतव नभ

ॐ गणाचधाम नभ

ॐ पारचॊिाम नभ

ॐ गजाननाम नभ

ॐ वकरतॊडाम नभ

ॐ शऩिकणिकाम नभ

ॐ हयमफाम नभ

ॐ सकॊ दऩविजाम नभ ॐ सवािलससधद परदामकाम नभ ॐ भहागणाचधऩतम नभ

नानाषवध ऩरयभर ऩषऩारण सभऩिमालभ

वनसऩतमबवव हदव नाना गॊध स सममतभ आघरम सववदवानाभ धऩोमभ परततगहमताभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash धऩभािाऩमालभ

साजमभ बतरवतॉ सॊमकताभ वसहनना मोसजतभ षपरमभ

गहाणा भॊगरभ दीऩभ तररोकमरतलभयावहभ

बकतमादीऩभ परमचछालभ दवाम ऩयभातभन

तराहहभाभ नयकादघोयाद हदवमजमोरत नभोसतत

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash दीऩभ सभऩिमालभ

धऩ दीऩाॊतयभ आचभनीमभ सभऩिमालभ

नवदमभ

(गड का छोटा टकडा थारी भ यख कय उसक सबोवतार ऩानी रछडक) ॐ बबव सव ॐ ततसषवतयवयणमभ बगो दवसम धीभही चधमोमोन परचोदमात सतमभ तवतन ऩरयषषॊचालभ (यात भ ldquoऋतॊ तवा सतमन ऩरयषषॊचालभrdquo ऐस कह)

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash नवदमभ सभऩिमालभ

अभतभसत अभतोवतसयणभलस

ॐ पराणाम सवाहा ॐ आऩानाम सवाहा ॐ वमानाम सवाहा ॐ उदानाम सवाहा

ॐ सभानाम सवाहा भधम भधम ऩानीमभ सभऩवमालभ

अभताषऩधानभलस उततयाऩोषणभ सभऩवमालभ

हसतौ परारमालभ शदधाचभनीमभ सभऩवमालभ

ऩगीपर सकयऩय नागवलरीदरीयमतभ

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भकताचणव सभामकतभ ताॊफरभ परततगहमताभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash ताॊफरभ सभऩिमालभ

ॐ गणानाभ तवागणऩतीभ हवाभह कषवॊ कवीनाभऩा भसशरवसतवभ जमषठयाजभ बरहभणाभ बरहभणसऩत आनशशरणमनततलब सीदसाधनभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ - सवणिभॊतरऩषऩभ सभऩिमालभ

भॊतरहीनभ ककरमाहीनभ बसकतहीनभ गणाचधऩ

मतऩसजतभ भमा दव ऩरयऩण तदसतत

मऻन मऻभमजॊत दवासतारन धभािरण परथभानमासन

तहनाकभ भहहभान सचॊत मतर ऩवसाधमा सॊरत दवा

ऩनयाचभनभ

अनमा धमानावाहनाहद षोडषोऩचाय ऩजमा च बगवान सवाितभक

शरीभहा गणाचधऩरत सपरीतो वयदो बतवा उततय कभिणम षवघनभसत बवनतो

बवनत उततय कभिणम षवघनभसत गणाचधऩरत परसादभ लशयसा गरहणालभ

सहसरऩयभा दषव शतभरा शताॊकया सव हयत भ ऩाऩॊ दवािदससवपननाशनी गणऩरत मदासथानॊ उदवासमालभ

पराण परततषठा ॐ असनीत ऩनसभािस च ऩन पराणलभहनोदहह बोगॊ जमोकऩशमभ

समिभचचयनत भनभत भडमान सवससत अभतॊ वपराणा अभतभाऩ पराणानव मधासथानभऩहवमत

(सवाभीजी की भतॉ को हाथ रगाम )

शरीवकटशवय आवाहमालभ सथाऩमालभ ऩजमालभ ससथयोबव वयदोबव सपरसननोबव ससथयासनॊ कर

धमानभ

शानताकायॊ बजगशमनॊ ऩदमनाबभ सयशभ षवशवकायभ गगन सदशॊ भघवण शबाॊगॊ

रकषभीकानतॊ कभरनमनॊ मोचगहरधमान गममॊ वनद षवषणॊ बवबमहयॊ सविरोककनाथॊ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - धमामालभ धमानभ सभऩिमालभ

आवाहनभ

आवाहमालभ दवश लसदधगनधवि सषवत मिसमलभदॊ ऩणमॊ सविऩाऩहयोहय

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवनकटशवय सवालभन नभ - आवाहमालभ

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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(सवाभीजी क भतॉ ऩय पर ऩतत चढाम) आसनभ

दव दव जगननाथ परणत करशनाशन यतनलसॊहासनॊ हदवमॊ गहाण भधसदन

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवनकटशवय सवालभन नभ - यतनलसॊहासनॊ सभऩिमालभ

(सवाभीजी क भतॉ ऩय पर ऩतत चढाम) ऩादमॊ

वासनचतॊ करभदव दषकतॊ च षवनाशम ऩादमॊ गहाण बगवान भातरतसॊग सॊससथत

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - ऩादमो ऩादमॊ सभऩिमालभ

(एक चमभच ऩानी थारी भ डार)

अरघम

करषवभ दमाॊ दव सॊसायारत ि बमाऩह दचधीय परोऩतभ गहाणाघम नभोसतत

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हसतमोयघम सभऩिमालभ

(एक चमभच ऩानी थारी भ डार)

आचभनॊ नभ सतमाम शदधाम रनतमाम ऻानरषऩण गहाणाचभनॊ दव सविरोककनामक

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - भख आचभनीमॊ सभऩिमालभ

(एक चमभच ऩानी थारी भ डार) ऩॊचाभतसनानॊ

ऩॊचाभतॊ भमानीतॊ ऩमोदचधघतॊ भध शकि या सहहतॊ चवदवतवॊ पररतगहमताॊ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - ऩॊचाभत सनानॊ सभऩिमालभ

(ऩॊचाभत गाम क दध दही घी भध औय चीनी लभराकय ककमा जाता ह)

सनानॊ सवणिऩातरोदकॊ गॊगा मभनाहद सभसनवतॊ शदधोदकॊ गहाणश सनानॊ कर मथाषवचध

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - शदधोदकसनानॊ सभऩिमालभ

(एक चमभच ऩानी थारी भ डार) वसतरॊ

तपतकाॊचन सनकाशॊ ऩीतमफय लभदॊ हय सगहाण जगननाथ शरीरनवास नभोसतत

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - वसतरमगभॊ सभऩिमालभ

मऻोऩवीतॊ मऻोऩवीतॊ ऩयभॊ ऩषवतरॊ परजऩतमितसहजॊ ऩयसतात

आमषमभागरमाभ पररतभचचशभरॊ मऻोऩवीतॊ फरभसत तज

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शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - मऻोऩवीतॊ सभऩिमालभ

गनधॊ चनदनागर कसतरय घनसाय सभसनवतॊ गनधॊ गहाण गोषवनद नानागॊधसचधायम

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हदवमऩरयभर गॊधाॊ सभऩिमालभ

(सवाभीजी क भतॉ को चॊदन रगाम) अताॊ

गोषवनदा ऩयभाननद हरयिा सहहततान षवशवशवय षवशारा गहाण ऩयभशवय

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - अतान सभऩिमालभ

(सवाभीजी क भतॉ ऩय अता डार चावर को हलदी कॊ कभ रगाक अता फनात ह) ऩषऩॊ

सगॊधारन सऩषऩारण जाजीकनदभखारन च भाररत वकरादषव ऩजाथ पररतगहमताॊ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - ऩषऩॊ सभऩिमालभ

अथाॊग ऩजा ॐ शरी वकटशवयाम नभ - ऩादौ ऩजमालभ

ॐ शरी वकटचरचधशाम नभ - गलफ़ौ ऩजमालभ

ॐ शरी परदामकाम नभ - जाननी ऩजमालभ

ॐ ऩदमावती ऩतम नभ - जॊघ ऩजमालभ

ॐ ऻानपरदाम नभ - ऊर ऩजमालभ

ॐ शरीरनवसाम नभ - कहटॊ ऩजमालभ

ॐ भहाबागाम नभ - नालबॊ ऩजमालभ

ॐ रनभिराम नभ - उदयॊ ऩजमालभ

ॐ षवशाररदमाम नभ - रदमभ ऩजमालभ

ॐ ऩरयशदधातभन नभ - सतनौ ऩजमालभ

ॐ ऩरषोततभाम नभ - बजौ ऩजमालभ

ॐ सवणिहसताम नभ - हसतौ ऩजमालभ

ॐ वयपरदाम नभ - कॊ ठॊ ऩजमालभ

ॐ रोकनाथाम नभ - सकनधौ ऩजमालभ

ॐ यसऻाम नभ - नालसकाॊ ऩजमालभ

ॐ ऩणमशरवन कीतिनाम नभ - शरोतर ऩजमालभ

ॐ ऩलरामफज षवरोचनाम नभ - नतर ऩजमालभ

ॐ वचिससवन नभ - रराटॊ ऩजमालभ

ॐ यमम षवगरहाम नभ - सवािणमनगारन ऩजमालभ

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ॐ शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हदवमसनदय षवगरहॊ ऩजमालभ

शरी वकटशवय अषटोततय शतनाभावलर

ॐ वकटशाम नभ

ॐ शरीरनवासाम नभ

ॐ रकषभीऩतम नभ ॐ अनाभमाम नभ ॐ अभताॊशाम नभ ॐ जगदवॊदवाम नभ ॐ गोषवनदाम नभ ॐ शाशवताम नभ ॐ परबव नभ ॐ शषाहि-रनरमाम नभ ॐ दवाम नभ ॐ कशवाम नभ ॐ भधसदनाम नभ ॐ अभताम नभ ॐ भाधवाम नभ ॐ कषणाम नभ ॐ शरीहयम नभ ॐ ऻान-ऩॊजयाम नभ ॐ शरी वतस-वस नभ ॐ सवशाम नभ ॐ गोऩाराम नभ ॐ ऩरषोततभाम नभ ॐ गोऩशवयाम नभ ॐ ऩयभ-जमोरतषम नभ ॐ वकनठऩतम नभ ॐ अवममाम नभ ॐ सधातनव नभ ॐ मादवनिाम नभ ॐ रनतम-मौवनरऩवत नभ ॐ चतवदातभकाम नभ ॐ षवषणव नभ

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ॐ अचमताम नभ ॐ ऩरदमनी-षपरमाम नभ ॐ धयाऩतम नभ ॐ सयऩतम नभ ॐ रनभिराम नभ ॐ दवऩसजताम नभ ॐ चतबिजाम नभ ॐ चकरधयाम नभ ॐ बतरधामन नभ ॐ बतरगणाशरमाम नभ ॐ रनषविकलऩाम नभ ॐ रनषकरनकाम नभ ॐ रनयाॊतकाम नभ ॐ रनयनजनाम नभ ॐ रनयाबासाम नभ ॐ रनतमतपताम नभ ॐ रनगिणाम नभ ॐ रनरऩिवाम नभ ॐ गदाधयाम नभ ॐ शायॊगऩाणम नभ ॐ ननदककन नभ ॐ शनखधायकाम नभ ॐ अनकभतिम नभ ॐ अवमकताम नभ ॐ कहटहसताम नभ ॐ वयपरदाम नभ ॐ अनकातभन नभ ॐ दीनफानधव नभ ॐ आतिरोक बमपरदाम नभ ॐ आकाशयाज-वयदाम नभ ॐ मोचग-रतऩदमभसनदयाम नभ ॐ दाभोदयाम नभ ॐ जगतऩाराम नभ

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ॐ ऩाऩघनाम नभ ॐ बकतवतसराम नभ ॐ बतरषवकरभाम नभ ॐ लशॊशभायाम नभ ॐ जटाभकट-शोलबताम नभ ॐ शनख-भदमोर-सनभॊजराम-ककसनकणमाडम-कयनडकाम नभ ॐ नीरभघ-शमाभ-तनव नभ ॐ बफलव-ऩतराचिन षपरमाम नभ ॐ जगदवमाषऩन नभ ॐ जगत-कत नभ ॐ जगत-साकषण नभ ॐ जगतऩतम नभ ॐ चचसनतताथि-परदाम नभ ॐ सजषणव नभ ॐ दाशावािम नभ ॐ दश-रऩवत नभ ॐ दवकक-ननदनाम नभ ॐ शौयम नभ ॐ हमगरीवाम नभ ॐ जनादिनाम नभ ॐ कनमा-शरवणतायजमाम नभ ॐ ऩीतामफयधयाम नभ ॐ अनघाम नभ ॐ वनभालरन नभ ॐ ऩदमनाबाम नभ ॐ भगमासकत-भानसाम नभ ॐ अशवरढाम नभ ॐ खडगधारयण नभ ॐ धनाजिन-सभतसकाम नभ ॐ गानसायर-सनभधम-कसतरय-रतरकोजवराम नभ ॐ ससतचदाननदरऩाम नभ ॐ जगनभनगरदामकाम नभ ॐ मऻरऩाम नभ

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ॐ मऻबोकत नभ ॐ चचनभमाम नभ ॐ ऩयभशवयाम नभ ॐ ऩयभाथि-परदाम नभ ॐ शानताम नभ ॐ शरीभत नभ ॐ दोदिनड-षवकरभाम नभ ॐ ऩयातऩयाम नभ ॐ ऩयबरहभण नभ ॐ शरीषवबव नभ ॐ जगदीशवयाम नभ

इतत शरी वकटशवय अषटोततय शतनाभावलर

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शरी भहारकषभी अषटोततय शतनाभावलर

ॐ परकतम नभ ॐ षवकतम नभ ॐ षवदमाम नभ ॐ सविबतहहतपरदाम नभ ॐ शरदधम नभ ॐ षवबतम नभ ॐ सयभम नभ ॐ ऩयभासतभकाम नभ ॐ वाचम नभ ॐ ऩदमारमाम नभ ॐ ऩदमाम नभ ॐ शचम नभ ॐ सवाहाम नभ ॐ सवधाम नभ ॐ सधाम नभ ॐ धनमाम नभ ॐ हहयणमम नभ ॐ रकषमम नभ ॐ रनतमऩषटाम नभ ॐ षवबावम नभ ॐ आहदतम नभ ॐ हदतम नभ ॐ दीपताम नभ ॐ वसधाम नभ ॐ वसधारयणम नभ ॐ कभराम नभ ॐ कानताम नभ ॐ काभाकषम नभ ॐ कभर समबवाम नभ ॐ अनगरहपरदाम नभ ॐ फदधम नभ ॐ अनघाम नभ

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ॐ हरयवलरबाम नभ ॐ अशोकाम नभ ॐ अभताम नभ ॐ दीऩाम नभ ॐ रोकशोक षवनालशनम नभ ॐ धभिरनरमाम नभ ॐ करणाम नभ ॐ रोकभातर नभ ॐ ऩदमषपरमाम नभ ॐ ऩदमहसताम नभ ॐ ऩदमाकषम नभ ॐ ऩदमसनदम नभ ॐ ऩदमोदभवाम नभ ॐ ऩदमभखम नभ ॐ ऩदमनाब षपरमाम नभ ॐ यभाम नभ ॐ ऩदमभाराधयाम नभ ॐ दवम नभ ॐ ऩरदमनम नभ ॐ ऩदमगसनधनम नभ ॐ ऩणमगनधाम नभ ॐ सपरसननाम नभ ॐ परसादालबभखम नभ ॐ परबाम नभ ॐ चनिवदनाम नभ ॐ चनिाम नभ ॐ चनिसहोदम नभ ॐ चतबिजाम नभ ॐ चनिरऩाम नभ ॐ इसनदयाम नभ ॐ इनद शीतराम नभ ॐ आहराद जननम नभ ॐ ऩषम नभ

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ॐ लशवाम नभ ॐ लशवकतम नभ ॐ सतमाम नभ ॐ षवभराम नभ ॐ षवशवजननम नभ ॐ तषम नभ ॐ दारयदरमनालशनम नभ ॐ परीरत ऩषकरयणम नभ ॐ शानताम नभ ॐ शकरभालमामफयाम नभ ॐ बासकम नभ ॐ बफलव रनरमाम नभ ॐ वयायोहाम नभ ॐ मशससवनम नभ ॐ वसनधयाम नभ ॐ उदायॊगम नभ ॐ हरयणम नभ ॐ हभभालरनम नभ ॐ धन धानमकतम नभ ॐ लसदधम नभ ॐ सतरणम सौममाम नभ ॐ शबपरदाम नभ ॐ नऩवशभ गताननदाम नभ ॐ वयरकषमम नभ ॐ वसपरदाम नभ ॐ शबाम नभ ॐ हहयणम पराकायाम नभ ॐ सभि तनमाम नभ ॐ जमाम नभ ॐ भॊगराम नभ ॐ षवषणव सथरससथताम नभ ॐ षवषणऩतनम नभ ॐ परसननाकषम नभ

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ॐ नायामण सभाचशरताम नभ ॐ दारयदरम धवॊलसनम नभ ॐ दवरकषभ नभ ॐ सवोऩिव रनवारयणम नभ ॐ नवदगािम नभ ॐ भहाकालम नभ ॐ बरहभा-षवषण-लशवासतभकाम नभ ॐ बतरकारऻानसमऩननाम नभ ॐ बवनशवम नभ ॐ भहारकषभी अषटोततय शत नभ

इरत शरी रकषभी अषटोततय शतनाभावलर

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शरी ऩदमावती अषटोततय शतनाभावलर

ॐ ऩदमावततम नभ ॐ दवम नभ ॐ ऩदमोदभवाम नभ ॐ करणापरदारमनम नभ ॐ सरदमाम नभ ॐ तजसवरषऩणम नभ ॐ कभरभखम नभ ॐ ऩदमधयाम नभ ॐ शरीम नभ ॐ ऩदमनतरम नभ ॐ ऩदमकयाम नभ ॐ सगणाम नभ ॐ कभकभषपरमाम नभ ॐ हभवणािम नभ ॐ चनिवसनदताम नभ ॐ धगधगपरकाश शयीय-धारयणम नभ ॐ षवषणषपरमाम नभ ॐ रनतमकलमाणम नभ ॐ कोहटसमिपरकालशणम नभ ॐ भहासौनदमिरषऩणम नभ ॐ बकतवतसराम नभ ॐ बरहभानडवालसनम नभ ॐ सविवानचापरदारमनम नभ ॐ धभिसनकलऩाम नभ ॐ दाकषणमकटाकषणम नभ ॐ बसकतपरदारमनम नभ ॐ गणतरमाषववसजिताम नभ ॐ कराषोडशसॊमताम नभ ॐ सविरोकानानजननम नभ ॐ भसकतदारमनम नभ ॐ दमाभतामाम नभ ॐ परऻाम नभ

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ॐ भहाधभािम नभ ॐ धभिरषऩणम नभ ॐ अरनकाय षपरमाम नभ ॐ सविदारयदरमधवॊलसनम नभ ॐ शरीवकटशवसथरससथताम नभ ॐ रोकशोकषवनालशनम नभ ॐ वषणवम नभ ॐ रतरचानरऩयवालसनम नभ ॐ वदवदमषवशायदाम नभ ॐ षवषणऩादसषवताम नभ ॐ यतनपरकाशककयीटधारयणम नभ ॐ जगनभोहहनम नभ ॐ शसकतसवरषऩणम नभ ॐ परसननोदमाम नभ ॐ इनिाहददवत मककननय ककमऩरष ऩसजताम नभ ॐ सविरोकरनवालसनम नभ ॐ बजमाम नभ ॐ ऐशवमिपरदारमनम नभ ॐ शानताम नभ ॐ उननतसथानससथताम नभ ॐ भनदायकालभनम नभ ॐ कभराकयाम नभ ॐ वदानतऻानरषऩणम नभ ॐ सविसमऩसततरषऩणम नभ ॐ कोहटसमिसभपरबाम नभ ॐ ऩजापरदारमनम नभ ॐ कभरासनाहद सविदवताम नभ ॐ वकनठवालसनम नभ ॐ अबमदारमनम नभ ॐ िाापरऩामसषपरमाम नभ ॐ नतमगीतषपरमाम नभ ॐ ीयसागयोदभवाम नभ ॐ आकाशयाज ऩबतरकाम नभ

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ॐ सवणिहसतधारयणम नभ ॐ काभरषऩणम नभ ॐ करणाकटाधारयणम नभ ॐ अभतासजाम नभ ॐ बरोकसवगिसखदारमनम नभ ॐ अषटहदकऩारकाचधऩतम नभ ॐ भनभधदऩि सॊहारयणम नभ ॐ कभराथिबागाम नभ ॐ सवलऩऩयाध-भहाऩयाध-भाम नभ ॐ शतकोहटतीथिवालसताम नभ ॐ नायदाहद भरनशरषठ ऩसजताम नभ ॐ आहदशनकयऩसजताम नभ ॐ परीरतदारमनम नभ ॐ सौबागमपरदारमनम नभ ॐ भहाकीतॉ परदारमनम नभ ॐ कषणारतषपरमाम नभ ॐ गनधवि शाऩषवभोचकाम नभ ॐ कषणऩतनम नभ ॐ बतररोकऩसजताम नभ ॐ जगनभोहहनम नभ ॐ सरबाम नभ ॐ सशीराम नभ ॐ अॊजनासतानगरहपरदारमनम नभ ॐ बकतमातभरनवालसनम नभ ॐ सॊधमावसनदनम नभ ॐ सविरोकभातर नभ ॐ अलबभतदारमनम नभ ॐ रलरतावधतम नभ ॐ सभसतशासतर षवशायदाम नभ ॐ सवणािबयणधारयणम नभ ॐ इहऩयरोक सखपरदारमनम नभ ॐ कयवीयरनवालसनम नभ ॐ नागरोकभरणसह आकाशलसनध कभरशवय ऩरयतयधगभनाम नभ

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ॐ शरी शरीरनवासषपरमाम नभ ॐ चनिभनडरससथताम नभ ॐ अलरवर भनगाम नभ ॐ हदवमभनगर धारयणम नभ ॐ सकलमाणऩीठससथताम नभ ॐ काभकवनऩषऩषपरमाम नभ ॐ कोहट भनभधरषऩणम नभ ॐ बानभनडररषऩणम नभ ॐ ऩदमऩादाम नभ ॐ यभाम नभ ॐ सविरोकसबानतय धारयणम नभ ॐ सविभानसवालसनम नभ ॐ सवािम नभ ॐ षवशवरऩाम नभ ॐ हदवमऻानाम नभ ॐ सवभनगररषऩणम नभ ॐ सवािनगरहपरदारमनम नभ ॐ ॐकायसवरषऩणम नभ ॐ बरहभऻानसॊबताम नभ ॐ शरी ऩदमावतम नभ ॐ सदमोवदवतम नभ ॐ शरीभहारकषमम नभ

इरत शरी ऩदमावती अषटोततय शतनाभावलर

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धऩभ दशाॊगभ गगगरोऩतॊ गोघतन सभसनवतभ धऩॊ गहाण दवश सविरोक नभसकाया

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - धऩभािाऩमालभ

(सवाभीजी क भतॉ की अगयफतती औय धऩ स आयती कय)

दीऩभ

बतररोकश भहादव सविऻान परदामक दीऩॊ दासमालभ दवश यभाभ बकतवतसर

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - दीऩॊ दशिमालभ

(सवाभीजी क भतॉ की दीऩ स आयती कय )

नवदमभ

सविबशच बोजजशच यस षडलब सभसनवतॊ नवदमनत भमानीतभ गहाण ऩरषोततभ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - नवदमॊ सभऩिमालभ

(सवाभीजी को परसाद चढाम अगय करा ह तो ldquoकदरीपर रनवदमालभrdquo नारयमर ह तो ldquoनारयकर परॊ रनवदमालभrdquo ऐस कह अगय गड ह तो ldquoगडोऩहाय नवदमभ सभऩिमालभrdquo कह)

ॐ पराणाम सवाहा ॐ आऩानाम सवाहा ॐ वमानाम सवाहा ॐ उदनाम सवाहा ॐ सभानाम सवाहा ॐ ऩयबरहभण सवाहा ॐ बबिव सव ततसषवतय-वयणमभ बगो दवसम धीभहह चधमो मो न परचोदमात ॐ आऩो जमोरतयसोभतॊ बरहभ बबिव सवयोभ भधम भधम ऩानीमभ सभऩिमालभ

अभताषऩधानभलस उततयाऩोशनभ सभऩिमालभ हसतौ परारमालभ ऩादौ परारमालभ ऩनयाचभनीमभ सभऩिमालभ

तामफरभ ऩगीपर सकऩिय नागवलरीदरमितॊ भकताचणि सभामकतॊ तामफरॊ पररतगहमताॊ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - तामफरभ सभऩिमालभ

नीयाजनभ चशरम कानताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरीवकटरनवासाम शरीरनवासाम भनगरभ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ नीयाजनभ दशिमालभ

ऩनयाचभनीमभ सभऩिमालभ

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भॊतरऩषऩभ

ॐ सहसतरशीषिभ दवॊ षवशवाॊ षवशवशॊबवॊ षवशवॊ नायामणनदवभ अयॊ ऩयभॊ ऩदॊ १

षवशवत ऩयभासननतमॊ षवशवॊ नायामणॊ हरयॊ षवशवभवदॊ ऩरषसतदषवशवॊ उऩजीवरत २

ऩरतॊ षवशवसमातभशवयॊ शाशवतॊ लशवभचमतॊ नायामणॊ भहाऻमॊ षवशवतभानॊ ऩयामणॊ ३

नायामण ऩयोजमोरत आतभा नायामण ऩय नायामण ऩयभ बरहभ ततवभ नायामण ऩय नायामण ऩयो धमाता धमानभ नायामण ऩय ४

मचच ककसनचत जगतसव दशमत शरमतषऩ वा अनतफिहहशचततसविभ वमापमा नायामण ससथत ५

अननतभ अवममभ कषवॊ सभिनतभ षवशवशमबवभ ऩदमकोश परतीकाशभ रदमभ चापमधोभखभ ६

अधोरनषमा षवतसतमानत नाभमाभऩरय रतषठरत जवाराभाराकरॊबारत षवशवसमामातनभ भहत ७

सनततॊ लशरालबसत रॊफतमाकोशससननबभ तसमानत सलशयभ सकषभभ तससभन सविभ पररतसषठतभ ८

तसमभधम भहान असगन षवशवायचचषविशवतो भख सोगरबसगवबजन रतषठाननाहाय भजय कषव

रतमिगधवाि भधशशामीयशभमा सतसम सनतता ९

सॊताऩमरत सवॊ दह भाऩादतरभसतक तसम भधम वसनह लशखा अणीमोधवाि वमवससथत १०

नीरथो मदभधमसता षवदमलरखव बासवया नीवायशकवततनवी ऩीताबा सवतमनऩभा ११

तसमा लशखामा भधम ऩयभातभा वमवससथत स बरहभ स लशव स हरय स इनि सोय ऩयभासवयात १२

ॐ तद बरहभ ॐ तद वाम ॐ तदातभा ॐ ततसतमभ ॐ ततसविभ ॐ ततऩयोनिभ अनतशचयरत बतष गहामाभ षवशवभरत िष तवभ मऻसतवभ वषकायसतवभ इनिसतवभ रिसतवभ

षवषणसतवभ बरहभतवभ परजाऩरत तवभ तदाऩ आऩो जमोरत यसोवतभ बरहभ बबिवससवयोभ १३

गदा ऩन शॊखयथानगकलऩक धवजायषवॊदाॊकश वजररासशचत ह शरीरनवास तवत चयणामफज दवमॊ भदीम भधािन भरज ॐ रनयॊजनाम षवदमह रनयाबासाम धीभहह तननो शरीरनवास परचोदमात शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हदवमभनतरऩषऩॊ सभऩिमालभ

परदकषण नभसकाय

शरोकॊ मारनकारन च ऩाऩारन जनभानतय कतारन च तारन तारन परणशमसनत परदकषण ऩद ऩद ऩाऩोहभ ऩाऩकभािहभ ऩाऩातभा ऩाऩसॊबव तराहहभाभ कऩभमा दव शयणगतवतसर अनमधा शयणॊ नाससत तवभव शयणॊ भभ तसभात कारणम बावन य य जनादिन

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - आतभपरदकषण नभसकायान सभऩिमालभ

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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षवषवधोऩचाय ऩजा छतरॊ धायमालभ चाभयॊ वीजमालभ नतमॊ दशिमालभ गीतॊ शरावमालभ वादमॊ घोषमालभ आॊदोलरकान आयोहमालभ आशवानायोहमालभ गजानायोहमालभ सभसत यजोऩचाय शकतमऩचाय

मनतरोऩचाय दवोऩचाय सवोऩचाय ऩजाॊ सभऩिमालभ

भाऩवणभ भनतरहीनॊ ककरमाहीनॊ बसकतहीनॊ जनादिन मतऩसजतभ भमा दव ऩरयऩणिभ तदसतत

अनमा धमानावाहनाहद षोडशोऩचाय ऩजमा च बगवन सवाितभक शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरी वकटशवय सवरऩो बगवान सपरीत सपरसननो वयदो बवत शरी वकटशवय दव परसादॊ लशयसा गहणालभ

तीथवभ

अकार भतमहयणॊ सविवमाचध रनवायणभ सवि ऩाऩमकयॊ दव ऩादोदकॊ ऩावनॊ शबॊ

नवदमभ

ॐ बबिवससव ॐ ततसषवतवियणमभ बगो दवसम धीभहह चधमो मो न परचोदमात सतमॊ तवतन ऩरयषषॊचालभ अभतभसत अभतोऩसतयणभलस ॐ पराणाम सवा ॐ अऩानाम सवा ॐ वमानाम सवा ॐ उदानाम सवाह ॐ सभानाम सवा ॐ बरहभण सवा

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - भहानवदमभ सभऩिमालभ

अभताषऩधानभलस उततयाऩोशनभ सभऩिमालभ हसतौ परारमालभ ऩादौ परारमालभ शदध आचभनीमॊ सभऩिमालभ

तामफरॊ सभऩिमालभ सवणिभनतरऩषऩॊ सभऩिमालभ परदकषण नभसकायन सभऩिमालभ

अनमाधमानावाहनाहद षोडषोऩचाय ऩजमा बगवान सवाितभक शरी रकषभी ऩदमावती सभत वकटशवय सवाभी सपरीत सपरसननो वयदो बवत शरी रकषभी ऩदमावती सभत वकटशवय सवाभी परसादॊ लशयसा गहणालभ

उदवासनभ मऻन मऻभमजनत दवासतारन धभािरण परथभानमासन

तहनाकॊ भहहभानससचनत मतर ऩव साधमा ससनत दवा

गचछ गचछ सयशरषठ सवसथान शरी वकटशवय बकताबीषट सभधमथिभ ऩनयागभनाम च

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरी वकटशवय सवाभी मथासथानॊ उदवासमालभ

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परथभ अधमाम

शरी बगवान उवाच

कलरमग भ एक हदन शब भहति भ रतरभरा ऩहाड ऩय (सजस धयती का वकॊ ठ कहा जाता ह ) ldquoषवशवऩरत नाभक एक बकत ऩय शरी फाराजी की कऩा हई शरी षवषण क अवताय शरी फाराजी (वकटशवय) जो महाॉ शरीरनवास क रऩ भ ऩज जात ह उनहोन षवशवऩरत को ldquoशरी फाराजी वरत कथाrdquo नाभ स परलसधद इस गरॊथ की यचना कयन की आऻा दी औय कहा- ldquoह भय षपरम बकत षवशवऩरत भय षपरम होन क कायण इस वरत को षवसताय रऩ स तमह फाता हॉ सनो म

वरत भझ अरत षपरम ह आसान होन क कायण इस सबी रोग सॊऩनन कय सकत ह

कलरमग भ भानव अऩन ऩाऩ कभो का पर बोगता ह अनक कषट सहत हए जीवन रनवािह कयता ह कछ बकत

अऩन दख भझ फताकय उनह दय कयन क लरम कहत ह फहत स ऩस खचि कय वो भझ दखन क लरम रतरभरा की मातरा कयत ह भय बकतो स भझ परभ ह व भझऩय अऩना ऩया बाय डार दत ह भ उनह धभि क भागिऩय चराता हॉ

अबी भ जो मह वरत कथा तमह फतान जा यहा हॉ वो ldquoशरी फाराजी की कथाrdquo क नाभ स परलसदध होगा म भया वरत भझ अरतषपरम ह जो वमसकत इस बसकत औय रनषठा स कयगा वह तयॊत ऩाय ऩामगा कोई बी वमसकत कबी बी इस वरत को सॊऩनन कय सकता ह भखम रऩ स भागिशीषि भाघ कारत िक भहहनो भ ऩणिभासी ऩॊचभी सपतभी एकादशी रतचथमो ऩय मा शरवण सवारत नतरो ऩय इस कयना शरषठ होता ह

इस घोय कलरमग भ भय बकत जो कषट सह यह ह उनह भ जानता हॉ तमह जफ बी कोई कषट हो कोई सभसमा हो सवासम ठीक ना हो नौकयी वमाऩाय भ सभसमाएॉ हो भन अशाॊत हो तो इस वरत को सॊऩनन कयना चाहहम इसस

साय कषट दय हो जात ह घय भ शब कामि होन ऩय इस वरत को सॊऩनन कयन स बफना ककसी सभसमा क कामि ऩणि हो जाता ह इस वरत को सॊऩनन कयत ही सबी सख परापत होत ह औय अषट ऐशवमो की परासपत होती ह

सफय मा शाभ इस वरत को सॊऩनन कय सकत ह इस वरत भ ऩाॉच अधमाम ह इनका ऩठन बसकत क साथ कयना चाहहम अऩन घय भ मा रनवास सथान ऩय भॊहदय भ मा ककसी बी ऩषवतर सथान भ नदी तट ऩय सॊऩनन कय सकत ह

महद सॊबव हो तो अऩन फॊध लभतरो क साथ इस सॊऩनन कयन स जमादा शरषठ होता ह जो इस सॊऩनन कयत ह मा जो इस सनत ह वरत सॊऩणि होन क फाद परसाद को बसकत स सवीकाय कयत ह वो अषट ऐशवमो को परापत कयत ह इसस

ऩहर बी भय बकतो न कई भरनमो न इस वरत को सॊऩनन ककमा औय भया आशीवािद ऩामा बरोक भ यहनवार सबी को मह वरत आनॊद परदान कयगा औय शब पर बी परापत होगा शाॊत चचतत स भझ माद कयत हए इस वरत का ऩारन

कयो

सवि परथभ जहाॉ वरत कयना चाहत हो उस सथर को साप कयो भॊडऩ की वमवसथा कय भयी तसवीय सजसभ भयी षपरम

सरखमाॉ शरी दवी बदवी ह उस तसवीय को इस भॊडऩ ऩय सथाषऩत कयो भॊडऩ को दीवाय स रगाकय बी यख सकत हो अनम ककसी इचछक दवता की तसवीय बी सख सकत हो नवगरहो औय अषट हदकऩारको को मा तो भन भ नभसकाय

कयो मा उनका आवहान बी कय सकत हो

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सफस ऩहर हलदी स फनी गणश की ऩजा कयनी चाहहम उसक फाद उस वरत क ऩाॉचो अधमामो का रनषठा स ऩठन

कयना चाहहम मही परथभ अधमाम ह अनम चाय अधमाम भय अतमॊत षपरम ऩातर षवशवालभतर वलशषठ बयदवाज अबतर

भरनशवयो क परवचना रऩ भ ह ऩाॉच अधमामोको ऩढन क फाद भय षपरम शरोक बी ऩढ सकत हो हय अधमाम क अॊत

भ गोषव ॊद गोषव ॊद गोषव ॊद तीन फाय सभयण कयना चाहहम

आभ रोगो क कषटो को भ जानता हॉ इसी लरम भयी एक फात सनो महद ककसी कायण इस वरत को षवसताय रऩ स

सॊऩनन कयन भ कोई सभसमा आ यही हो तो भय तसवीय को साभन यख कय ऩहर गणश जी की कपय नवगरह दवताओॊ औय अषटहदकऩारको को सभयण कय ऩाॉच कहरनमाॉ ऩढकय अऩन भन भ जो इचछा ह उस भझ फताओ भ उस

परसाद क रऩ भ परदान करॉगा इस परकाय कयन स बी कामि की लसषदध होती ह तमहाय कषट दय हो जामग औय शब

पर परापत होगा

जो वमसकत इस वरत को बसकत स सॊऩनन कयगा भ उसक घय ककसी ना ककसी रऩ भ आकय परसाद सवीकाय करॉगा भयी कऩा आऩ सबी को हभशा परापत होगी शरी फाराजी न रतमभयाज षवशवऩरत याभकषणभरत ि ldquoषवशवऩरतrdquo को इस वरत कथा को षवसताय स फतामा कलरमगवासी हभ सबी इस वरत को सॊऩनन कय शरी फाराजी की कऩा क ऩातर फन सकत ह इस वरत को सॊऩनन कय हभ अऩन सबी कषट दय कय सकत ह औय उचचत पर बी परापत कय

सकत ह

गोषवॊदगोषवॊदगोषवॊद

परथभोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ

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दषवतीम अधमाम

शरी षवशवालभतर उवाच

भहातऩ सॊऩनन साात शरी षवशवालभतर जी न हभ ऩय कऩा की औय परवचन कयत हए कहा- ldquoह कलरमग वालसमो शरीरनवास क बकतो ldquoशरीफाराजी वरत कथाrdquo सजस आऩ सॊऩनन कय यह हो वह फहत ही ऩषवतर ह भहहभा स ऩणि ह मह वरत कलरमग भ शरी नायामण जी की करणा औय दमा परापत कयन का अतमॊत सयर साधन ह पराचीन कार भ शरी फाराजी क षपरम बकतो न इस सॊऩनन कय अऩनी काभनाओॊ को ऩणि ककमा इस वरत कथा क फाय भ हभ फताकय शरी फाराजी न हभाय पररत जो दमा हदखाई ह उसक लरए हभ उनह परणाभ कयत ह

पराचीन कार भ भगध याजम भ षवषणचचतत नाभक एक बकत यहता था उसकी नौ कनमाएॉ थी षवदवान होन ऩय बी वह अतमॊत गयीफ था षवषणचचतत की ऩतनी तायाभरत हभशा नायामणजी की पराथिना कयती यहती थी षववाहाहद शबकामि सॊऩनन कय जो बी ऩस दकषणा क रऩ भ लभरत थ उसस व भसशकर स अऩना जीवन रनवािह कय

यह थ कनमाएॉ मौवनावसथा भ ऩदाऩिण कय चकी थी तायाभरत हभशा इसी चच ॊता भ यहती थी कक इन कनमाओॊ का षववाह ककस परकाय सॊऩनन होग वह फाराजी की पराथिना कयत हए सदा अऩना सभम गजायती थी

वह तो फाराजी की बकत थी औय फाराजी अऩन बकतो स अतमाचधक परभ कयत ह उस हदन भाघ ऩरणिभा थी सवय

एक वदध बराहभण न षवषणचचतत क दयवाज ऩय दसतक दी औय कहा - ldquoह सवाभी भ फॊग दश का वासी हॉ एक मऻ

क लसरलसर भ दसय दश जा यहा हॉ यासत भ महाॉ आमा हॉ भझऩय दमा कयो औय अऩन घय भ एक हदन क लरए

यहन दो कर सवयही भ महॉ स चरा जाऊॉ गाrdquo उन की फात सनकय षवषणचचततन कहा lsquoनाथ इसस फढकय खशी औय कमा हो सकती ह अरतचथ साात नायामण जी क सभान होत ह ऐस हभाय ऩयाणो भ कहा गमा ह आऩ बफना ककसी सॊकोच क हभाय घय भ यह सकत हlsquo ऐसा कह कय उसन उस बराहभण को घय क अॊदय फरामा औय उनका सतकाय ककमा

दोऩहय भ बोजन क फाद उस वदध न तायाभरत स ऩछा ndash ldquoभाता कमा फात ह तभ कछ चच ॊरततसी रगती हो बफना ककसी सॊकोच क फात फताओrdquo तायाभरत न कहा ndash ldquoसवाभी आऩ तो भहातऩसवी ह आऩ क भख का तज उस वकॊ ठवासी क सभान ह आऩ स कमा छऩाना भयी चचॊता भयी कनमाओॊ का षववाह हrdquo उस ऩय वदध न कहा- ldquoभाता तमहाया दख भ जानता हॉ तमहाय सबी कषट दय हो औय तमहायी कनमाओॊ की शादी हो इसक लरम भ एक अदभत वरत फताता हॉ सनो इस वरत को सॊऩनन कयन स तमहाय साय कषट दय हो जामग शरी फाराजी क वरतो भ स मह सफस सयर हrdquo कहत हए उनहोन उस दॊऩरत को ऩया वरत षवधान फतामा वरत षवधान

सनकय षवषणचचतत न कहा- ldquoसवाभी मह तो अतमॊत सॊतोष की फात ह इसस फढकय सौबागम औय कमा होगा

कहत ह ना- शबसम शीिॊ आज भाघ ऩरणिभा ह फहत ही शब हदन ह आऩक कथा अनसाय हभ आज ही इस वरत

को सॊऩनन कयगrdquo षवषणचचततन ऩतनी तायाभरत औय सबी कनमाओॊ क साथ लभरकय उस हदन शाभ भ ही अऩन

फॊध-लभतरो क साथ बसकत औय रनषठा स फाराजी वरत को सॊऩनन ककमा वहाॉ उऩससथत सबी रोगो न वरत ऩया होन क

फाद चयणाभत परसाद गरहण ककमा औय अऩन-अऩन घय परसथान ककमा तफ षवषणचचतत औय तायाभरत न बराहभण

क चयणो को नभसकाय ककमा औय आशीवािद परापत ककमा बराहभणोततभ न बी चयणाभत परसाद गरहण ककमा औय

कहा- ldquoआऩकी भनोकाभना ऩयी हो शरी रकषभी शरी फाराजी की कऩा होrdquo

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अॊधया हो चरा था औय रनिा सभम आसनन था षवषणचचतत न उस बराहभण को एक पटी चादय दत हए आॉखो भ आस लरम कहा- सवाभी भ अतमॊत दरयिी हॉ इसस अचछी चादय भय ऩास नही ह भझ भा कय आज की यात इसी ऩय षवशराभ कय बराहभण भसकयात हए फोर- कोई फात नही भ फाहय फयाभद भ सो जाता हॉ कछ सभम फाद ही सबी रनिारोक भ षवचयण कयन रग आधी यात का सभम था बफजरी की गडगडाहट क साथ फारयश शर हई चायो ओय अॊधया था कहीॊ कछ नही हदखाई

द यहा था षवषणचचतत इस चच ॊता भ था कक वदध बराहभण फाहय कस सो यह होग उस सभम कछ सझ बी नही यहा था ककसी तयह उनहोन यात गजायी सवया हआ फारयश बी थभ चकी थी ऩरत-ऩतनी मही सोच यह थ कक बराहभण की कमा दशा हई होगी ककतना सहा होगा उनहोन मही सोचत हए वो फाहय आए उनह एक अदभत दशम हदखाई हदमा वहाॉ षवपरोततभ नही थ पहट हई चादय की जगह यशभ का षऩताॊफय यखा हआ था उस षऩताॊफय ऩय शरी फाराजी क

भतॉ ndash हदखाई दी व सफ कछ सभझ गम उनकी खषी का कोई हठकाना नही यहा उनक घय आम बराहभण औय

कोई नही साात शरी नायामणजी ही थ ह फाराजी कमा बागम ह हभाया ऩय हभ उनको ऩहचान नही ऩाम हभन उनको पटी हई चादय दी मह सोचत हए उनहोन शरी फाराजी की भतॉ को हाथ भ रकय आॉखो स रगामा औय

घय क अॊदय आम ऩया घय सोन स बया हआ था जहाॉ दखो वहाॉ धन याशी ह बगवान शरी फाराजी की वरत कथा की भहहभा स ही मह सफ सॊबव हो सका ऐसा कहत हए व बगवान की सतरत कयन रग आऩन दख साात शरी फाराजी ही उस बकत क घय आम थ वरत षवधान फतामा औय चयणाभत परसाद बी गरहण

ककमा शरी फाराजी फहत ही करणाभम ह जो बी इस वरत को बसकत औय रनषठा स कयगा उसक घय सवमॊ बगवान

ककसी ना ककसी रऩ भ आमग आऩ सबी इस वरत को सॊऩनन कय बगवान की कऩा परापत कय सकत ह शरी भहषषि षवशवालभतर जी न मह दषवतीम कथा इस तयह फताई

शरी रकषभी शरीरनवास कटाॊ लसषदधयसत

गोषवॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

दषवतीमोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

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ततीम अधमाम

शरी वलशषठ उवाच मह अधमाम भहातऩोरनषठ वरयषठ शरीवलशषठ भरन न शरीनायामणजी की कऩा स हभ षवसताय रऩ स फतामा ह ह कलरमग वालसमो शरीफाराजी क षपरम बकतो वकणठ भ रनवास कयनवार शरीनायामणजी आज क रतरभरा भ ससथत शरीफाराजी ही ह कलरमग वालसमो क कषट दय कयन क लरम बगवान आऩक फहत सभीऩ रतरभरा ऩहाड ऩय अवतारयत हए ह शरी फाराजी को खश कयन क लरए मह वरत उततभ ह औय सयर बी ह इस वरत को जो बसकत औय रनषठा स सॊऩनन कयता ह उस सबी सख परापत हो जात ह पराचीन सभम भ अवॊती दश भ बागमनगय नाभक एक नगय था नाभ क ही अनरऩ वहाॉ अनक धनवान (वमाऩायी) यहत थ ऩय व अऩनी सॊऩसतत को दख घभॊड कयत थ औय आभ रोगो को हीन दषटी स दखत थ धन-दौरत उनकी सवासजित ह ऐसा सोचकय घभॊड कयत थ बगवान की रनतम ऩजा-ऩाठ तो उनहोन ऩहर ही छोड दी थी कभ स कभ षवशष हदनो भ बी व ना भॊहदय जात ना ऩजा कयत ना ही दीऩ जरात एक हदन सबी धनवान अऩनी-अऩनी ऩतनीमो क साथ परीरत बोज भ वमसत थ उस नगय की ऩवि हदशा भ ही शरी रकषभी नायामण जी का भॊहदय था जहाॉ दीऩ जरानवारा कोई नही था उस हदन षवशष एकादशी थी सजस एक ऩवि हदन बी भाना जाता ह ऩय उस नगय क एक बी धनवान क भन भ भॊहदय भ ऩजा कयन का षवचाय नही आमा शाभ होत-होत आकाश भ घन फादर छा गम औय भसराधाय फारयश होन रगी वमाऩारयमो क घय ऩानी स बय गम चायो ओय अॊधकाय ह अॊधकाय था सवय होन तक ऩया नगय ऩानी भ डफ गमा वमाऩारयमो क घय टट-पट गम उनका साया ऐशवमि सभापत हो गमा ऐसा उऩिव कमो भचा मह पररम कस हो गमा ककसी को कछ बी सभझ भ नही आ यहा था इतन भ उनह एक षवचचतर दशम हदखाई हदमा नगय क फाहय जो झोऩडडमाॉ थी व तो वसी की वसी थी उनको आशचमि हआ इतनी फारयश भ बी म कस सही सराभत यही व ऐसा भन ही भन सोच यह थ कक इतन भ बफजरी कडकी औय आकाशवाणी हई ldquoए भखो तमहायी सॊऩसतत तमहायी अऩनी ह सवासजित ह ऐसा सोचत थ इसी लरम ऐसा हआ ह इस झोऩडी भ यहनवारा दव भया षपरम बकत ह आभ आदभी होन ऩय बी दव रनतम तमहाय नगय भ ससथत शरी रकषभी नायामण

भॊहदय भ दीऩ जराता था इतना ही नही हय एकादशी क हदन मथा सॊबव वह शरी फाराजी वरत कथा बी सॊऩनन कयता था इसी लरम इन झोऩडीमो भ यहनवार सबी रोग सयकषत यह आऩ सबी महद वरत सॊऩनन कयग तो अऩन-अऩन

ऐशवमि को ऩन परापत कय सकत होrdquo आकाशवाणी सनत ही तयॊत व सबी रोग उस भॊहदय भ गम औय जस

सॊबव हो सका वस सबी रोगोन एक-दसय क सहमोग स शरी फाराजी की वरत कथा सॊऩनन की ऐसा कयत ही सबी को उनक घय ऩवि रऩ भ ही परापत हो गम तफ स व सबी शरीफाराजी क बकत फन गम औय हय एकादशी को शरीफाराजी का वरत सॊऩनन कयत औय सख-शाॊरत परापत कय यहन रग अॊत भ उनहोन भसकत बी परापत की

शरीवलशषठजी न इस परकाय म कथा सनाई

गोषव ॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

ततीमोधमाम सभापतॊ |

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ

शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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चतथव अधमाम

शरी बयदवाज उवाच

शरीनायामण जी को ldquoशरीफाराजी वरत कथाrdquo अतमॊत षपरम ह चतथि अधमाम क रऩ भ हभाय साभन शरी बयदवाज

भरनदवाया फतामी नमी कहानी इस परकाय ह- ldquoह कलरमगवालसमो शरी नायामण क षपरम बकतो आऩ सजस वरत को सॊऩनन कय यह ह वह अदभत ह आऩकी भनोकाभनाओॊ को ऩणि कयन का साधन ह शरी फाराजी को परसनन कयन का मह अतमॊत सयर उऩाम ह आऩ सबी ऩय कऩा कयन क लरम ही वकॊ ठवासी बगवान शरीरनवास क रऩ भ रतरभरा ऩहाड ऩय अवतरयत हए ह अनक जनभो क ऩणमपर स ही रतरभरा ऩहाड ऩय ऩय यखन का सौबागम परापत होता ह औय बगवान क दशिन बी सॊबव होत ह इसी तयह इस ldquoवरतकथाrdquo को सॊऩनन कयन का सॊकलऩ बी ऩविजनभ क

ऩणमपर स ही सॊबव होता ह जो वमसकत इस वरत को सॊऩनन कय यह ह मा जो इस कथा को सन यह ह मा जो बगवान क परसाद को गरहण कयत ह उनह बगवान की कऩा परापत होती ह औय व सौबागम बी ऩात ह

पराचीन कार भ ldquoनगयीrdquo नाभक एक गराभ भ धनगपत नाभ का वमाऩायी यहता था वह फहत ही रारची था ऐशवमि परापत कयन ऩय बी उसका रारचीऩन कभ नही हआ मह सभसत ऐशवमि उसका ही कभामा हआ ह ऐसा सोचकय वह फहत घभॊड कयता था अहॊकाय भनषम का नाश कयता ह

धनगपत की ऩतनी काॊरतभती अतमॊत बसकत बावना यखती थी औय रनषठा स बगवान की ऩजा कयती थी उनकी तीन कनमाएॉ थी तीसयी कनमा ldquoकभायीrdquo भ बसकत बावना जमादा थी वह हभशा फाराजी का नाभ ही जऩती यहती थी षऩताजी को बफना फताम वह जफ-तफ शरी फाराजी क भॊहदय भ जाती थी औय बगवान क दशिन कयती थी घय आकय षऩताजी को छोड अनम सबी क साथ परसाद सवीकाय कयती थी ऩती क ऐस वमवहाय स

काॊरतभती थोडी चच ॊरतत होती थी

एक हदन ldquoकभायीrdquo की सहरी क घय ऩय ldquoशरी फाराजीrdquo का वरत सॊऩनन हो यहा था मह जानकय वो वहाॉ गई वरत ऩया होन तक दोऩहय हो चकी थी थोडासा परसाद उसन गरहण ककमा औय थोडा वह अऩन घयवारो क लरम एक

कागज की ऩडी भ रकय चरी फीच यासत भ उस पमास रगन रगी धऩ बी फहत तज थी उसन सोचा थोडी दय रक

कय पमास फझाकय कपय चरॉ तो ठीक यहगा तबी उस माद आमा कक उसक षऩता की दकान अगरी गरी भ ही तो ह वहाॉ जाकय उसन षऩताजी को ऩजा की फात बफना फताम षऩताजी स ऩानी भाॉगकय षऩमा औय षऩताजी गससा कयग

इस डय स उसन जलदी-जलदी ऩानी षऩमा इस घफयाहट भ परसाद की ऩडी वही दकान भ बरकय चरी गई

एकाएक फाजाय भ हडकॊ ऩ भच गमा रोग हाहाकाय भचात हए इधय-उधय बागन रग आगजनी क कायण उस गरी की सायी दकान जर कय याख होन रगी वस बी दोऩहय का सभम थाउस ऩय गभि हवाएॉ चर यही थीधनगपत का शयीय डय क भाय काॉऩन रगा ldquoकछ ही सभम भ उसकी दकान बी जर कय याख हो जाएगीrdquo इस षवचाय स उस क हाथ-ऩय काॉऩन रग सबी रोग अऩनी-अऩनी दकानो स फाहय आकय इधय-उधय बागन रग ऩय

धनगपत वही खडा यह गमा दकान छोडकय जान का भन नही कय यहा था महद वो दकान भ यहगा तो जरकय

याख हो जामगासोचत हए उसन घफयाहट भ उसक हाथ रगी ऩडी को उठामा औय बफना सोच सभझ जो हाथ आमा वो भॉह भ डार हदमा उस कछ भीठा-भीठा सा ऩदाथि रगा औय भन बी शाॊत होन रगा

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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तबी एक अदभत घटना घटीआग धनगपत की दकान तक आकय रक गमी आग की रऩत वहाॉ नही आ ऩामी मह कसी षवचचतर फात हम कसी भामा ह धनगपत क भॉहस एक बी फात नही रनकर ऩामी उधय आगजनी की खफय सनत ही ऩतनी काॊरतभती अऩन कनमाओॊ क साथ फाराजी का सभयण कयत हए दौडती हई वहाॉ आ गमी आग उनक दकान तक आकय कस रक गमी मह दखकय उस आशचमि हआ तबी कभायी को दकान भ बरी हई ऩडी की माद आई धनगपत को सभझन भ दय नही रगी कक उसन जो चीज भॉह भ डारी थी वो औय कछ नही तो बगवान का परसाद ही था औय उसकी भहहभा स ही व इस दघिटना स चक गम धनगपत न शरीफाराजी स भा भाॉगी गार फजाम शाभ भ ही नगयवालसमो को फराकय ldquoशरीफाराजी की वरत कथाrdquo सॊऩनन की तफ स वह बगवान की सवा भ रीन हो गमा औय अॊत भ भो बी परापत की आऩन दखा कक कवर परसाद गरहण कयन स ही वो ककतनी फडी दघिटना स चक गमा फाराजी की भहहभा अदभत ह आऩ सबी बी मथा सॊबव वरत को सॊऩनन कय क बगवान की कऩा परापत कय सकत हldquo

शरीबयदवाजजी न इस परकाय मह चतथि कथा सनामी

गोषवॊदगोषवॊदगोषवॊद

चतथोधमाम सभापतॊ |

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ऩॊचभ अधमाम

शरी अतरतर उवाच

रतरभरा-रतरऩती बरोक का वकणठ धाभ ह ऩयाणो भ फतामा गमा ह कक रतरभरा क सभान ऩषवतर सथर औय शरी फाराजी जस दवता न तो ऩहर कबी हए ह औय न कबी होग शरीरनवास क रऩ भ अवतरयत शरी नायामण अऩन

बकतो स फहत परभ कयत ह जो उन ऩय अऩना ऩया बाय डारकय उनह रनतम सभयण कयत ह जो सदाचाय स ऩणि जीवन बफतात ह वो उनकी या कयत ह ऐस शरीफाराजी को परसनन कयन का सफस सयर उऩाम ह ndash ldquoशरीफाराजी की वरत कथाrdquo

इस अदभत वरत कथा क फाय भ भहातऩसॊऩनन शरी अबतर भहषषि न कऩा कयत हए कहा ह- ldquo ह फाराजी क षपरम

बकतो कलरमग भ आऩक सौबागम क फाय भ कमा कहना कतमग तरतामग औय दवाऩायमग भ अतमॊत कठोय तऩ-

जऩ कयन ऩय बी परसनन न होन वार शरी नायामण इस मग भ कवर नाभसभयण स ही आऩ रोगो ऩय कऩा कय यह

ह षवशवास क साथ उनह फरान ऩय व तयॊत कऩा परदान कयत ह ऐस करणाभम ह शरीफाराजी ऩषवतर रतरभरा ऩय

तमहाया यखा हय कदभ अनक जनभो क ऩणमपर क सभान ह

पराचीन कार भ ldquoकौभायrdquo दश भ ldquoलभतरrdquo नाभक धोफी यहता था वो अऩन काभ क साथ-साथ धालभिक कामि कयता हआ जीवन रनवािह कय यहा था उसकी अऩॊगता ही उसकी चच ॊता थी इसी कायण धोए हए कऩडो की ऩोटरी फनाकय घय-घय घभकय उनह रोगो तक ऩहॉचाना उस धीय धीय भसशकर रगन रगा उसका ऩरयवाय फडा था बफना भहनत ककए उस बय ऩट खान को बी नही लभरता था हभशा वो शरी फाराजी की ऩजा कयता यहता था कबी ना कबी बगवान उस ऩय कऩा कयग इसी षवशवास स वो अऩना जीवन गजाय यहा था बकतो ऩय कऩा कयन वार फाराजी सफ कछ दखत यहत ह जो वमसकत अऩन कभो स भकती ऩाता ह उनक ऩास आकय फाराजी ककसी न ककसी रऩ भ आकय उनकी या कयत ह एक हदन शाभ क सभम हभशा की तयह लभतर कऩड धोकय कऩडो की ऩोटरी राद धीय-धीय चरता हआ आ

यहा था फीच यासत भ उस एक वदध बराहभण हदखाई हदम गौयव की बावना स फड होन क कायण लभतर न अऩन कॊ ध

ऩय रदी हई ऩोटरी को नीच उतायकय वदध बराहभण को नभसकाय ककमा तफ उस षवपरोततभ न कहा- ldquoतभ अऩन इस ऩय क कायण ककतना कषट सह यह हो तमहाया दख दखा नही जाताrdquo तफ लभतर न कहा-ldquoह नाथ आऩ फजगि ह बयाऩया ऩरयवाय होन क कायण भझ इस काभ स भकती नही लभर यही ह ककसी तयह भयी म अऩॊगता दय हो ऐसा कोई उऩाम फताइएrdquo

तफ बराहभण न कहा-ldquoसनो बाई भ जरय फताऊॉ गा धमान स सनो भ एक ऐस वरत क फाय भ फताता हॉ सजस सॊऩनन कयन स तमहायी अऩॊगता दय हो जाएगी तमह अषट ऐशवमो की परासपत होगी वरत सॊऩनन कयत ही तमह हजाय अशकपि माॉ लभरगी ऩय एक शति ह उसभ स आध तभ भझ दोगकर भ कपय इसी सभम महाॉ लभरॉगाrdquo तफ लभतर न कहा- ldquoसवाभी इसस फढकय सौबागम औय कमा हो सकता ह आज ही इस

वरत क फाय भ फताइए भ उस सॊऩनन करॉ गाrdquo लभतर क उतसाह को दख वदध न शरी फाराजी वरत कथा क फाय भ फतामा

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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लभतर दगन उतसाह क साथ घय आमा ऩयी कहानी ऩतनी को फतामी औय अडोस-ऩडोस क साथ लभरकय शरी फाराजी वरत को सॊऩनन ककमा चयणाभत परसाद गरहण ककमा घय आए सबी रोगो को बी हदमा तबी घय क फाहय कछ

कोराहर सनाई हदमा लभतर का फटा फाहय स दौडता हआ आमा औय फोरा- ldquoषऩताजी षऩताजी याज-यक आऩक लरम आए ह याजा न आऩक लरम बट बी बजी हrdquo इतन भ यक बी वहाॉ आ गम उनहोन फतामा कक उसकी रनमसकत याज दयफाय भ धोफी क रऩ भ हो गमी ह याजा न हजाय अशकपि माॉ ऩयसकाय सवरऩ बजी ह ऐसा कहकय उनहोन लभतर क हाथ भ हजाय अशकपिमो की ऩोटरी यख दी एक हफत क अॊदय-अॊदय

उस आकय नौकयी भ बतॉ होन को बी कहा लभतर क आनॊद की सीभा नही थी एक हफता कमो कर ही कमो नही सोचकय उसन अऩनी ऩोटरी-वोटरी फाॉधी औय दसय हदन सवय ही वो जान को तमाय हो गमा इस जलदफाजी भ वह

उस वदध की फात बर गमा फीच यासत भ उस उसकी फात माद आ गमी ऩय ठीक हअगर भहहन लभर रता हॉ सोच

कय वह याज दयफाय भ अऩन काभ ऩय रग गमा हदनभहहन फीत बराहभण क वश भ आए बगवान को गससा आमा बगवान न सोचा भनषम की परवसतत ऐसी ही होती ह उस भझ अऩनी भहहभा फतानी होगी

दसय ही हदन याणीवास स आबषण चोयी हो गम चोयी का इलजाभ लभतर ऩय आमा लभतर को कायावास की सजा हई hellipयाज यकोन उस तयह-तयह की मातनाएॉ दी ऐसा कमो हआउस ऩय मह इलजाभ कमो रगा सोचत हए लभतर को यात को सऩन भ बगवान हदखाई हदम उनहोन फतामा कक ldquoवदध बराहभण क रऩ भ व ही आम थ वो अऩनी फात स भकय गमा इसलरम म सफ हआ हrdquo तफ लभतर न कहा-ldquoह नाथभ ऩाऩी हॉ भन फहत फडा ऩाऩ ककमा ह कऩमा भझ ऩय दमा कीसजम अफ भ हय भहहन आऩका वरत सॊऩनन करॉ गा भयी आम का आधा बाग जीवन बय आऩको सभषऩित करॉ गाrdquo गार फजाकय उसन बगवान की हय तयह स पराथिना की बकतो की ऩकाय सननवार बगवान न खशी-खशी लभतर ऩय कऩा कय दी बगवान की कऩा स याणी क आबषण दसयही हदन लभर गम याजान म बी जान लरमा कक लभतरन चोयी नही की थी लभतरको कायावास स रयहा कय हदमा गमा तफ स लभतर बगवान को हदम वचन अनसाय हय भहहन शरी फाराजी का वरत सॊऩनन कयन रगा औय अऩनी आम का आधा बाग बगवान को अषऩित कयता यहा सख ऩणि जीवन बफतात हए उसन अॊत भ भो बी परापत ककमाrdquo

शरी अबतरजी न ऐसा कहकय ऩाॉचव औय आखयी अधमाम को सभापत ककमा

गोषवॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

ऩॊचभोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

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faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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बगवान की आयती कयनवार ह म कमा हो यहा था हभ कछ सभझ नही ऩा यह थ थोडासा डय बी रगा घय भ तो कोई नही था फाहय तारा रगा हआ था कौन अॊदय आमा ककसन की म सायी तमायी हभन हभाय भन को सभझामा कक म सायी उसी कलरमग क दवता शरीफाराजी की रीरा ह हभन रनसशचॊत होकय आयती की थोडी दय फाद भझ यसोईघय भ काभ कयत कयत अचछी खशफ आमी भ दौडत हए ऩजाघय गमी दखा कक चॊदन की अगयफतती जर यही ह कछ दय फाद भयी फटीन भझ फतामा कक हदम भ कपय स घी औय फाती आ गमी ह हभन बगवान आयती की जस भझ सऩनभ फतामा गमा था वस शरीभान नायामण सवमॊ हभाय घय भ आ गम ह हभायी खशी का कोई हठकाना नही यहा सपटफय ६ २०१० एक सफह हभ उठ तो बफसतय भ अताएॉ बफखयी थी फडी सावधानी स हभन वो सायी उठाकय एक ऩोटरी भ यख दी हय योज की तयह सनान कयक भ बगवान की ऩजा कय यही थी उनका नाभसभयण कय यही थी इतन भ बगवान की पोटो भ भझ दहदपमभान परकाश हदखाई हदमा उसक तज को सहन नही कय ऩामी औय भन आॉख फॊद कय री उसक फाद कमा हआ भझ कछ माद नही जफ भन आॉख खोरी तो दखा भय ऩती भझ जोय जोय स भया नाभ रकय जगान की कोलशश कय यह थ भझ रगा की भ शामद फहोश हो गमी थी उठकय जफ लशश भ दखा तो कपय स नाभार चहय ऩय आमा हआ था इस फाय भ भया भॉह दखकय डय गमी कमो कक नाभार क साथ उसऩय गहय रार यॊग का कभकभ बी आमा था कपय भय ऩती न भझ फतामा कक भझ भ बगवान आम थ भयी आवाज ऩरषो जसी हो गमी थी फाय फाय भन ऩती स ऩछा ldquoकमा सचभच ऐसा हआ भझ कछ माद कम नही आताrdquo उसी हदन दोऩहय भ १ फज हभ फाहय गम शाभ को ६ फज घय रौट हभन दखा घय भ फसततमाॉ जर यही ह ऩजा की थारी सजी हई ह हदम भ घी क साथ फाती बी यखी हई ह तीथि (दध भ चीनी लभराकय) बी तमाय ह सपटफय ७ २०१० आज बगवान की पोटो स हलदी आना शर हआ सफह की ऩजाक वकत पोटो क ऩास तो कोई हलदी नही यखी थी दोऩहय को १२३० फज भ भयी फटी क साथ सपाई कयन क लरम ऩजाघय गमी भयी फटी कहन रगी ldquoभाॉ बगवान की पोटो स हलदी आ यही हrdquo ऩहर भझ रगा घय भ जो हलदी ह वो वहाॉ आ यही होगी ऩय घय भ तो भ न इतनी हलदी राई नही थी यसोईघय भ भय डडबफ भ दखा तो हलदी ऩय ॐ औय सवससतक क रनशान थ भन तयॊत ऩती को हदखाम उसन रनशानो क पोटो रखॊच जो हलदी बगवान क पोटो ऩय आ यही थी उस अरगसी भनबावन खशफ थी भया घय उस अदभत खशफ स बय गमा उस हदन घय आम भहभानो को बी खशफ आमी शाभ को योज की तयह आयती की थारी सजी हई थी हदमभ घी क साथ फाती तमाय थी सपटफय ८ २०१० आज बगवान की पोटोस औय अचधक हलदी आमी दध भ शहद लभराकय चाॊदी का फाऊर बी तमाय था जफ स म साय चभतकाय घय भ होन रग तफस हभ हदन भ तीन फाय नवदम अऩिण कयन रग नवदम स ऩहर हभायी फटी नहा बी खाना नही खान रगी सपटफय ९ २०१० आज बगवान क पोटो स ढय सायी हलदी आमी बगवान क भखभॊडर तक ऩहॉच गमी उसऩय नयलसॊह सवाभी क रनशान बी थ आज बगवान न हभ नयलसॊह सवाभी क रऩ भ दशिन हदम हभन आज कछ रोगो को फरामा था उनभ स ककसी को रनशान भ शरी वकटशवय हदखाई हदम ककसी को

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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बगवान कषण ककसी को नयलसॊह सवाभी तो ककसी को ॐ काय हदखाई हदमा जो सजस रऩ को ऩजत थ वस उनको दशिन हआ इसी हदन भझ औय एक अदभत घटना दखन लभरी जो रोग हभाय घय आम हए थ उनह बी म हदखाई हदमा अ फ तक पोटोस हलदी आना हदम भ घी क साथ फाती आना आयती की थारी सजना ऐसी बगवान की रीराएॉ हभन दखी अबी जो भ फतान जा यही हॉ वो भन को शाॊरत दनवारी घटना ह आम हए सबी रोगो को षवससभत कय गमी आज भय ऩती भझ स ऩहर उठ औय भया चहया दखकय घफया गम जलदी स भझ उठामा ऩछन रग ldquoतभन म चहय

ऩय कमा रगामा हrdquo भन उठकय लशश भ दखा ऩय चहय ऩय हलदी का रऩ रगा हआ था भाथ ऩय एक रऩम क

लसकक क सजतना फडा कभकभ था वो कभकभ धीय धीय फढ यहा था इस फात न भझ बी सोच भ डार हदमा भझ

कमा हो यहा ह शाभ को हभाय कछ लभतर उनक ऩरयवाय क साथ बजन कयन क लरम घय आ गम जफ व बजन गा यह थ भ न अऩनी आॉख फॊद कय री आॉखो क साभन शरी ऩदमावती क साथ शरी वकटशवय थ म दखकय भ सफह भय चहय ऩय आम हए हलदी कभकभ का भहततव जान गमी उस हलदी औय कभकभ न भझ हदवम दशिन सहन की शकती दी थी आभ रोगो भ म शकती नही होती ह बगवान औय दवी भाॉ को भझ इस अरग शकती का वयदान ऩहर दना ऩडा उस ऩाकय भ उनक दहदपमभान रऩ को दख सकॉ म हभाया सफस फडा सौबागम ह

इसी हदन हभन चीनी दध भ लभराकय उसका नवदम अऩिण ककमा सफक साभन चीनी का शहद फन गमा आम हए सबी रोग म चभतकाय दखकय फहत खश हए औय अऩन आऩ को खशनसीफ भानकय घय रौट सपटफय १० २०१० योज की तयह आज बी भ सनान कयक ऩजाघय भ गमी बगवान की तसवीय क साभन जभी हई

हलदी न गणशजी का आकाय लरमा था आज बी कभय क साय हदम जराम हए थ आयती की थारी सजी हई थी हदम भ घी क साथ फाती बी यखी हई थी ऩजा की सायी तमायी हो चकी थी बगवान न गणशजी क रऩ भ दशिन

हदमा उस हदन आम हए रोगोन आशचमि स कहा ldquoषवनामक चतथॉ क ऩहर ही षवनामक आऩक घय आमrdquo बगवान की रीरा अगाध ह इन रीराओॊ को सभटन क लरम सहसतर नमन बी कभ ह

सपटफय ११ २०१० आज बी घय भ योशनी थी आयती की थारी सजी हई थी हदम भ घी क साथ फाती थी भ जफ उठी तो चहय ऩय कपय स हलदी कभकभ रगा था म दखकय भ फहत खश हई रगा आज कपय स भझ हदवम दशिन होगा बगवान को रनमफ-चावर औय दही-चावर का नवदम अऩिण ककमा कछ दय फाद जफ ऩजा घय भ रौट तो दोनो चावर का लभशरण हआ था मही हभाया बोजन था आज हभाय महाॉ थोड रोग आम हए थ उनभ स एक शरीभतीजी को इन चभतकायो ऩय षवशवास नही था व फोरी ldquoबगवान तो लसपि ऩतथय की भतॉ ह उस हभ अऩनी इचछाएॉ ऩयी कयनक लरम कहत ह म तो तमहायी कवर कलऩना ह कक बगवान तमहाय घय भ आम हrdquo कपय उसन भझ एक घॊट भ सौ सवार ऩछ औय भ न फड धीयज क साथ उन साय सवारो क जवाफ हदम उसन थोड पर राम थ वो भ न बगवान

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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क साभन यख हदम परसाद रकय व चरी गमी इसक फाद औय कछ रोग आम हभ इनह थोड सारो स जानत थ भ सभझी म रोग चभतकयो को लसपि जाॉचन आम ह कछ सभम बफताकय व परसाद लरम बफना ही चर गम उस शाभ भय ऩती फटी क साथ हभाय दोसतो क महाॉ खान ऩय गम थ भ फचनी स हदवम दशिन की याह दख यही थी इतन भ जो शरीभती हभाय घय आकय परसाद लरम बफना चरी गमी थी उनका भझ पोन आमा व फोरी ldquoफाराजी औय ऩदमा नाभ क एक शरीभान-शरीभतीजी आऩ क घय आना चाहत ह भन उनको आऩ क घय का ऩता औय पोन हदमा ह अगय उनह घय ढॉढन ऩय हदककत आमी तो व आऩको पोन कयगrdquo भन हाॉ बयी अबी बी भ बगवान क हदवम दशिन की आतयता स याह दख यही थी तबी फाराजी औय ऩदमा भय घय ऩय आम भ न उनका सवागत ककमा उनको ऩजाघय र गमी उनहोन बगवान को दखा कहा ldquoतभ फहत खशनसीफ हो बगवान की तभ ऩय ऩयी कऩा हrdquo भन हदमा हआ परसाद बावऩणि भन स उनहोन सवीकाय ककमा कछ दय रककय कपय स ककसी हदन आन का वचन दकय चर गम उनक जान क फाद कपय स भय सौबागम स भझ हदवम दशिन का राब हआ तफ तक भय ऩती घय रौट भ न उनको फाराजी औय ऩदमा क फाय भ सफ कछ फतामा म बी फतामा कक जो शरीभती जी परसाद लरम बफना ही चरी गमी थी उसीन उनह महाॉ बजा था भय ऩती ऩछन रग ldquoजो सवमॊ इन चभतकायो ऩय षवशवास ना यखतीहो व कस ककसी को हभाय घय बज सकती हrdquo जफ भय ऩती न म फात नही उठामी तफ तक भय भन भ म आशॊका आमी नही थी अफ भय भन भ एक सवार उठा भझ हदवम दशिन फाराजी औय ऩदमा आन स ऩहर कमॉ नही हआ भझ इसका जवाफ जानना जरयी रगा हभन उस शरीभती जी को पोन कयक फाराजी औय ऩदमा क फाय भ ऩछ उसन लसधा इॊकाय ककमा उसन ककसीको बी हभाय घय नही बजा था पोन बी नही ककमा था उसक दय दय तक क रयशतदायो भ ऐस नाभ का कोई नही था अफ भ सभझी व औय कोई नही फसलक सवमॊ बगवान ही थ सजनह भ ऩहचान नही सकी भ फहत रनयाश हो गमी उनह ना ऩहचानन की बर भ ऩहर (२००५ की रतरभरा की मातरा भ लभर हए फजगि शरीभान-शरीभती) बी कय चकी थी आज कपय वोही गरती भ न दोहयामी थी साशरऩणि नमनो स भ न बगवान स ऩछा कक म कसी ऩयीा ह यात क ११ फज हभन ऩजाघय का दयवाजा फॊद ककमा औय फाहय कभय भ टीवी दखन रग नीॊद आन ऩय सोन स ऩहर एक फाय बगवान का दशिन रन हभ ऩजाघय भ गम ११३० फज चक थ ऩजाघय भ शरी फाराजी औय ऩदमावती क भतॉ स शहद फह यहा था फडा कलऩनातीत दशम था भय ऩती तो अचॊबफत ही हो गम हभन तयॊत उसक पोटो औय कपलभ र री दवय दवयानी को सकाईऩ (इॊटयनट) ऩय आन क लरम कहा उनहोन म अदभत चभतकाय वफ कॎ भय स दखा उनकी खशी का तो हठकाना ही नही यहा औय एक फात भ न दखी जो पर षवशवास ना यखनवारी शरीभतीजी न राम थ सजनहोन भझ हय तयह क सवार ऩछ थ वो दसय कोनभ उछार हए थ म दखकय हभन तम ककमा कक जो बगवान ऩय षवशवास यखत हो उनहीक पर बगवान को चढामग हय हदन अषवसभयणीम माद औय अदभत अनबव ऩीछ छोड क जा यहा था

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सपटफय १२ २०१० आज हलदी क ऊऩय कभकभ आन रगा शहद बी फह यहा था हभन नवदम अऩिण ककमा कछ दय फाद दखत ह तो कमा आज बगवान न नवदम गरहण नही ककमा था शाभ को हभन बन हए हटॊडोया चावर क साथ लभराकय उसका नवदम ककमा थोडी दय फाद जफ ऩजाघयभ गम तो दखा उस चावर औय हटॊडोया का फडा सा रडड फना क यखा था हभन वो साय आम हए बकतो भ फाॉट हदमा सपटफय १३ २०१० आज सफह हभन बगवान को काज-फदाभ-ककशलभश का नवदम अऩिण ककमा बगवानन आध खाम औय आध हभाय लरम यख आज बी आयती की थारी सजी हई थी हदम भ घी क साथ फाती यखी थी भ भयी फटी को सकर छोडकय घय आमी भय ऩती स पोन ऩय फात कयत कयत भ यसोईघय भ खाना फना यही थी उतन भ भझ ऩामर की आवाज सनाई दी तयॊत भ न ऩती को पोन ऩय म फात फतामी औय ऩछा कक अगय उस वो सनाई द यही ह मा नही ऩय उस पोन ऩय वो आवाज नही सनाई दी भ न सवहडडओ कपलभ री औय सकाईऩ ऩय दवय दवयानी को हदखाई तफ उनको औय भय ऩती को वो आवाज सनाई दी तफ तक भ सोच यही थी कक वो आवाज सनाई दना कमा भय भन का खर था अफ भ फहत खश हई कक भय भन का खर नही था भन सचभच दवी क नतमकी आवाज सनी थी भयी फटीन औय भन वो ऩामर की भीठी आवाज कपय स सनी रगबग ५ लभरनट वो चर यही थी ऐस रग यहा था जस दवी भाॉ ऩामर ऩहनकय घय भ चर यही ह उस यात भय ऩती को बी म दवी आवाज सनन का बागम लभरा सपटफय १४ २०१० शहद अबी बी फह यहा ह हभन वो उस हदन घय आम हए दोसतो को भहभानो को औय बकतो को तीथि क रऩ भ हदमा सपटफय १५ २०१० आज कभकभ जमादा ऩभान भ आमा हआ हदखाई हदमा शहद सजस फाऊर भ सॊचचत हो यहा था वो ऩया बय गमा औय हभ दसया यखना ऩडा सपटफय १६ २०१० हभन आज नवदम भ सफ यखा जफ वाऩस आकय ऩजा घय भ गम तो दखा बगवान न सफ का एक बाग खामा था सपटफय १८ २०१० आज हलदी औय कभकभ भ बगवान की पोटो जो ऩयी ढक गमी वो थोडी कभ हई थी उसस बगवान का भख औय भकट हदखाई दन रगा ऩहर स वो कई जमादा तजसवी हदख यहा था हभन वो हलदी कभकभ घय आम हए बकतो भ फाॉटना शर ककमा सवाभीजी औय दवी भाॉ क भरत िओॊस फहनवारी शहद तो थभन का नाभ ही नही र यही थी फीच भ १० लभरनट फडी तज धाया स फहा दोऩहय भ हभन दार-चावर की रखचडी नवदम भ यखी फाहक कभय भ जाकय टीवी दखत १५ लभरनट हए ही थ तफ वही रखचडी का भय भॉह भ छोटा रनवारा आमा अॊदय जाकय दखा तो बगवान भ बी रखचडी खामी थी (हभाय वफ साईट ऩय सपटफय १८ २०१० की पोटो भ आऩ म दख सकत ह) सपटफय १९ २०१० आज जो सफ नवदम भ यखा था उसका एक टकडा बगवान क खामा औय दसया भझ रखरामा जो भझ रखरामा वो भयी भॉह भ आमा भ उसा वकत यसोईघय भ काभ कय यही थी तयॊत

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भन भय ऩती को म फात फताई उसन झट स ऩजाघय भ जाकय दखा कक सफ स दो टकड चफाम हए हदख यह थ शाभ को परो का यस नवदम भ यखा थोडी दय फाद दखा तो फाऊरभ थोडासा यस ही फचा था इसस म साप हो यहा था कक बगवान न हभाया नवदम सवीकाय ककमा था फच हए यस को हभन परसाद सभझकय बकतीबाव स षऩमा शहद का फहना आज बी अखॊडडत ह सपटफय २० २०१० आज हभन चावर औय बन हए हटॊडोया नवदम भ यख कछ दय फाद जफ ऩजाघय गम तो चावर औय हटॊडोया लभराक उसक चाय रडड फनाकय थारी भ यख थ शाभ को योटी क साथ चन का नवदम ककमा इसका बी बगवान न फड पमायस सवीकाय ककमा फची हई योटी औय चन हभन खाम हय हदन बगवान हभ उसकी रीराएॉ हदखा यह ह शहद का फहना अबी बी जायी ह सपटफय २१ २०१० आज हभन चावर औय दार-ऩारक की सबजी का नवदम अऩिण ककमा कछ दय फाद जफ दखा तो सबजी चावर भ लभरी हई थी थोड चावर बगवान न खाम थ आयती की थारी भ हदमा था उसभ घी क साथ फाती बी थी दधभ शहद लभराकय चाॊदी का फाऊर बी तमाय था इन साय अदभत चभतकायो स बगवान कलरमग भ अऩना अससतततव भनषम को हदखा यह ह फड सौबागम की फात ह कक उसक लरम उनहोन हभाया घय चना सपटफय २२ २०१० आज दार फराम औय चावर नवदम भ थ कछ दय फाद हभ ऩजाघय भ गम तो दार औय चावर लभर हए थ उसभ स थोडा हहससा बगवान न खामा था शाभ को हभन अॊगय बगवान क साभन यख हभ बोजन र यह थ तो एकदभ स कछ अॊगय भय भॉह भ आम ऩजाघय भ जाकय दखा तो वहाॉ लसपि दो ही अॊगय फच थ सपटफय २३ २०१० आज बी हभन अॊगय का नवदम बगवान को अऩिण ककमा उनभ स कपय भय भॉह भ अॊगय आम भय ऩती क दोसत हभाय घय आम थ उनक आन स कछ दय ऩहर शहद की धाया फडी हो गमी थी जफ भय ऩती शहद की कपलभ र यह थ उनहोन दखा आयती की थारी भ जरी हई फाती कपय स जरन रगी उसका परकाश बी जमादा तजसवी था म अकसलऩत दषम हदखान क लरम उनहोन तयॊत भझ औय फाकी सफ को ऩजाघय भ फरामा ऐस अदभत रीराओॊ को दखकय दोसतरोग बी अऩना सौबागम सभझकय खश हए सपटफय २४ २०१० आज सफह औय दोऩहय भ जो बी नवदम यखा था उस बगवान न नही खामा शाभ को हभन ककशलभश यख औय फाहय गम रगबग हभ घय स ५ ककरोभीटय की दयी ऩय थ अचानक स भय भॉह भ ककशलभश आम अफ तक तो सफ चभतकाय घय भ हो यह थ ऩहरी फाय घय क फाहय हभ म अनबव आमा भ तो खशी स नाच उठी सपटफय २५ २०१० आज भ जफ ऩजाघय भ गमी तो आयती की थारी सजी हई थी हदमभ घी क साथ फाती रग चकी थी दध भ शहद लभराकय तीथि बी तमाय था हभ सफन लभरकय ऩजा की सपटफय ४ को भन चॊदन की ऩावडय भ ऩानी डारकय गॊध फनामा था आज तक वो सखा नही ह जस ही ऩजा

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खतभ हई भन दखा कक भय भाथ ऩय हटका रगा हआ था वो कभकभ नही था वो गॊध था भयी गदिन ऩय उसी गॊध स नाभार आमा था इसक फाद भय ऩती हभायी फटीक साथ फाहय क कभय भ खर यह थ औय भ यसोईघय भ काभ कय यही थी अचानक स ऩजाघयभ तीन चॊदन की अगयफसततमाॉ जरन रगी उसकी खशफ स साया घय कछ ही लभरनटोभ भहक उठा ससबजमाॉ लभराम हए चावर आज नवदम भ थ बगवान न म नवदम खा लरमा उसी हदन शाभ को आयती की थारी सजी थी हदम भ घी क साथ फाती थी ऩजा की सायी तमायी थी हभन कार अॊगय का नवदम अऩिण ककमा ऩय बगवान न नही खामा सपटफय २६ २०१० आज सफह औय दोऩहय का नवदम बगवान न नही सवीकाया शाभ को कछ पर बगवान क साभन यख उनस पर खान क लरम पराथिना की औय घय स फाहय रनकर घय स ४-५ ककरोभीटय दय गम नही तफ भय भॉह भ अॊगय आम घय जाकय दखा तो नवदम क परो भ स अॊगय कभ हए थ सपटफय २७ २०१० आज हभन बगवान को कछ सफ अऩिण ककम बगवान न एक टकडा खामा औय एक भय भॉह भ एक आमा शाभ को हभन कछ कर यख एक ततीमाॊश करा भय गर स फाहय आमा इस कर को कही बी दाॉत नही रग थ वसा ही था जस हभ रछरक स रनकारत ह ऩजाघयभ जाकय दखातो एक ततीमाॊश करा वहाॉ नही था फच हए कर क फाम फाज भ एक शहद का फॉद था षऩछर तीन हफत स बगवान की भतॉ स शहद का फहना रगाताय चर यहा ह ऑकटोफय १० २०१० आज हभन बगवान क साभन सफ यखा उसक फाद भ यसोईघय भ खाना ऩकान भ वमसत हो गमी अचानक स ऩजाघय स भझ भीठी भहक आन रगी अॊदय जाकय हभन जो दखा उसऩय षवशवास यखना कठीन था सऩन भ बी हभ म फात नही सोचत सफ तो वस का वस था ऩय उसक फाज भ रतरऩती का रडड था हभन रतरऩती का रडड ऩहर कई फाय खामा ह ऩय इतना गभि रडड ऩहर कबी नही खामा था हभायी ऊॊ गलरमो ऩय रगा हआ घी साप साप नजय आ यहा था रचच की फात तो ऩरछए भत

भय जसी साभानम घयर औयत क लरम म ऩसतक ldquoशरी फाराजी की रीराएॉrdquo लरखना कोई आसान फात नही थी कलरमग क दवता शरीवकटशवय औय दवी ऩदमावती की आलशवािद स ही सॊबव हो ऩामा ह भय ऩती ऋषषकश न म ऩसतक लरखन क लरम परोतसाहहत ककमा सवमॊ उनहोन इस ऩसतक का इॊसगरश भ अनवाद ककमा भ भयी फटी नहा का बी धनमवाद कयना चाहती हॉ शरी वकटशवय वरत क रखक शरी रतमभयाज षवशवऩरत याभकषण भरत ि क भनऩविक आबाय भानती हॉ भ बगवान स मही पराथिना कयना चाहती हॉ कक सजन सजन रोगो न म ऩसतक फनान भ भयी सहामता की भयी फात धमान स सनी उनऩय आऩकी कऩा फनी यह भयी सरदम सहदचछा ह जो कोई म वरत बसकत स सॊऩनन कयगा उस बगवान की कऩा का राब जरय होगा

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रलरता ऋषषकश

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शरी वकटशवय भॊतर

कलरमग क दवता सवमॊ शरी वकटशवयन वदो भ स कछ भॊतर भझ फताम ह उनभ स म भॊतर हय योज ऩजा क वकत

ऩढन स सचची बसकत ऩान क लरम भदद कयगा

भयारयसवक जयाहदऩीडडत रनयाचथिजीवन रनयाश बसय

वयारतसनदय सयाॊगनायरत कयाॊगसौषठव कभायताकरत

कभाय तायक सभाऩनोदम तननऩातक भहाऩदाभम

षवहाऩनोहदत सकरबवन षवहदत कभायधायालबधान तीथािहदसषटतसम

धयणीतर गत सकर हतकलरर सबासलरर गतफहर

षवषवधभर अरतचतय रचचयतय षवरोकनभातर षवदलरत

षवषवधभहाऩातक सवाभीऩषकरयरण सभतसम

जो बकत इस भॊतर का हय योज ऩठन कयगा वो आयोगमऩणि औय सभदध जीवन वमरतत कयगा

रलरता ऋषषकश

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कलमाण वकटशवय सवाभी

ऩजा की साभगरी ६ नारयमर ndash १ करश क लरम औय ५ ऩाॉच अधमामो क लरम

१ वसतरभ (रई का फना हआ हाय) १ करश १ नम परन कऩड का टकडा (रगबग एक भीटय)

हलदी औय कभकभ अता अगयफतती कऩिय (आयती क लरम)

बफड क ऩान मा आभ क ऩतत ( ३ ndash ५ करश क लरम २ षवनामक की ऩजा क लरम)

पर तरसी ऩॊचाभत (दध दही घी भध औय चीनी ) गणश क नवदम क लरम छोटा गड का टकडा वरत क नवदम क लरम गहॉ का यवा घी षऩसी हई चीनी करा षऩसी हई इरामची यवा घी भ बनकय ठॊडा होनऩय उसभ कर क टकड चीनी औय इरामची डार म यवा दध मा ऩानी भ नही ऩकामा जाता

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वरत की षवधी शरी रतमभयाज षवशवऩरत याभकषण भतॉ दवाया

कलरमग भ शरी फाराजी की कऩा ऩान क लरम इस वरत को सॊऩनन कयना अतमॊत आसान ह इस वरत को सॊऩनन

कयन क तयॊत फाद सबी कषट दय हो जात ह इस वरत की षवधी अतमॊत सयर ह सजस भझ वकॊ ठवासी नायामण जी न

सवमॊ फतामी ह कोई बी वमसकत कही बी कबी बी इस वरतको सॊऩनन कय सकता ह आचथिक कहठनाईमाॉ हो मा सवासम सॊफॊधी कोई सभसमा हो भन अशाॊत हो मा अनम कोई बी कायण हो इस वरत क सॊऩनन स ही कषट दय हो जात ह महद आऩन अऩन घय भ कोई शब कामि कयन का रनशचम ककमा हो तफ बी इस वरत को सॊऩनन कय सकत

ह नौकयी औय वमाऩाय भ उननरत क लरम बी वरत सॊऩनन कयन स तयॊत पर की परासपत होती ह

इस वरत को सॊऩनन कयन क दो षवधान ह

परथभ षवधान

इस वरत को ऩहर फताम अनसाय ककसी बी सभम सॊऩनन कय सकत ह भखम रऩ स भागिशीषि भाघ कारत िक भहहनो भ ऩरणिभा ऩॊचभी सपतभी एकादशी रतचथमो भ शरवण सवातीनतरो भ इस सॊऩनन कयना अचछा होता ह सवय हो मा शाभ इस वरतको सॊऩनन कय सकत ह

इस वरत भ ऩाॉच अधमाम ह ऩहरा अधमाम साात शरी फाराजी की कऩा स लरखा गमा ह अनम चाय अधमाम भहा तऩसवी शरी षवशवालभतर वलसषठ बयदवाज औय अबतर भहाभरनमो क दवाया फतामा गमा ह अऩन सवगह भ हो मा रनवास सथान भ बगवान का भॊहदय हो मा अनम कोई बी ऩषवतर सथान नदी तट ऩय बी इस सॊऩनन कय सकत ह

महद सॊबव हो सक तो अऩन फॊध-लभतरो क साथ इस सॊऩनन कय सफस ऩहर सजस जगह ऩय आऩ कयना चाहत ह उस

साप कय उसक फाद भॊडऩ तमाय कयक उसभ शरी फाराजी की तसवीय यख शरीदवी बदवी क साथ फाराजी की तसवीय को यखना शरषठ होगा तसवीय क साथ एक रऩम का लसकका यख उसक फाद करश की सथाऩना कय

सविपरथभ हलदी स फन क गणश की ऩजा कयनी चाहहम ताकक वरत बफना ककसी षवघन क सॊऩनन हो सक फाद भ वरत

कथा क ऩाॉच अधमाम ऩढ सवमॊ बगवान कहत ह कक जो वमसकत रनषठा औय बसकतस इस सॊऩनन कयता ह वहाॉ बगवान सवमॊ ककसी ना ककसी रऩ भ आकय परसाद सवीकाय कयत ह

दषवतीम षवधान

साात बगवान न एक औय भखम फात म बी फताई ह कक महद ककसी कायण कोई सभसमा हो औय वरत कयन क लरम

सभम न लभर मा ककसी कायणवश सॊबव न हो यहा हो तो अकर फठकय बी इस वरत को सॊऩनन ककमा जा सकता ह

शरी फाराजी क भॊडऩ क साभन फठकय सफस ऩहर गणश जी की पराथिना भन ही भन कय कपय अषट हदकऩारको नवगरह दवताओॊ का भन ही भन नभन कय तरसी दर नारयमर उऩरबध पर-पर थारी भ यख फाराजी को सभयण कयत हए वरत कथा का भन ही भन ऩठन कय नारयमर बगवान को अषऩित कय इस परसाद क रऩ भ सवीकाय

कयन स सबी कषट तयॊत दय हो जात ह हय कथा क अॊत भ नारयमर सभषऩित कय भहापरसाद क रऩ भ गहॉ का यवा

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(दलरमा) चीनी डारकय हरवा जस फनाम उसक ऊऩय करा बी यख हय कथा क अॊत भ गोषव ॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

तीन फाय कह कय पराथिना कय

फाराजी को तरसी दर अरत षपरम ह इसी लरम ऩजाभ तरसी दरो को यखना शरषठ होगावरत सॊऩनन होन क फाद

तरसी दरो को परसाद क रऩ भ सवीकाय कयन स योगरनवायण होन क साथ साथ अषट ऐशवमो की परासपत होती ह वरत की सभासपत ऩय नारयमर सभषऩित कयक उनक टकड फनाकय परसाद क रऩ भ बगवान को सभषऩित कयन स वहाॉ उऩससथत सबी रोगो को दकय कपय उस सवीकाय कयन स ऩणम परापत होता ह इस वरत को षवधीऩविक करश सथाऩना क साथ षवसताय स सॊऩनन कय अगय सॊबव न हो तो ऊऩय फताम दषवतीम षवधान क अनसाय बी कय सकत ह एक फात हभ सबी को माद यखनी चाहहम हभायी जो बी सभसमाएॉ ह व सजतना बगवान जानत ह औय कोई नही जान सकता ह इसीलरम उस करणाभम की पराथिना कय सॊकलऩ कय वरत सॊऩनन कयन स भनोकाभना रनसशचत ही ऩयी हो जाती ह सबी कषट दय होकय अषट ऐशवमो की परासपत होती ह

सभसत सनभॊगरारनबवॊत शरी रकषभी शरीरनवास कटा लसषदधयसत

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शरी वकटशवय वरत कथा शरीगणऩती धमानभ

वकरतणड भहाकाम कोहटसमिसभपरब रनषविघनभ करभ दव सविकामष सविदा शकरामफयधयभ शलशवणिभ चतबिजभ परसनन वदनभ धमामत सविषवघनोऩशाॊतम

तदव रगनभ सहदनभ तदव तायाफरभ चॊिफरभ तदव षवदमाफरभ दवफरभ तदव रीऩत तरिमगभ सभयालभ

आचभनभ

ॐ कशवाम सवाहा ॐ नायामणाम सवाहा ॐ भाधवाम सवाहा

ॐ गोषवॊदाम नभ ॐ षवषणव नभ ॐ भधसदनाम नभ ॐ बतरषवकरभाम नभ ॐ वाभनाम नभ ॐ शरीधयाम नभ

ॐ रषषकशाम नभ ॐ ऩदमानाबाम नभ ॐ दाभोदयाम नभ

ॐ सॊकषिणाम नभ ॐ वासदवाम नभ ॐ परदममनाम नभ ॐ अरनरधदाम नभ ॐ ऩरषोततभाम नभ ॐ अधोजाम नभ

ॐ नयलसॊहाम नभ ॐ अचमताम नभ ॐ जनादिनाम नभ ॐ उऩिाम नभ ॐ हयम नभ ॐ शरीकषणाम नभ

बतोचचाटनभ

उसततषटॊत बतषऩशाचचा एत बलभबायका ऐतशाभषवयोधन बरहभकभि सभायब

पराणामाभभ

ॐ ब ॐ बव ॐ सव ॐ भह ॐ जन ॐ तऩ ॐ सतमभ ॐ ततसषवतय-वयणमभ बगो दवसम धीभहह चधमो य़ो न परचोदमात ॐ आऩो-जमोरत-यसोवतभ बरहभ बबिवससवयोभ

भभ उऩातत दरयतामदवाया शरी ऩयभशवय परीतमथिभ शब शोबन भहत शरी भहाषवषणो आगनमा परवत भानसम आदमबरहभण दषवतीम ऩयाथ शवत वयाहकलऩ ववसवत भनवनतय कलरमग परथभऩाद जमफदवीऩ बयतवष बायत खनड भयो दकषण हदगबाग शरीशरसम hellip(जहाॉ ऩजा कय यह ह उस गाॉव का नाभ)परदशाम कषणा गोदावयी भधमबाग सव-शोबन गह सभसत दवता बराहभण हरयहय ससननधौ अससभन वतिभान वमवहारयक चानिभानन सवससतशरी परबवाहद नाभ सॊवतसय भधम सॊवतसय अमन ऋतौ (आज का भहहना)भासाम (शकर मा कषण)ऩाम (आज की रतथी)रतथौ (आज का हदन)वासय शबनतर शबमोग शबकयण एवॊ गण षवशषण षवलशषटामाभ

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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शबरतथौ शरीभान(अऩना औय ऩरयवाय क सबी सदसमो क नाभ) गोतर (अऩना गोतर) नाभधम धभिऩतनी सभतसम असभाकभ सहकटॊफानाभ भ सथमि धमि षवजम आमय-आयोगम

ऐशवमि-अलबवधमथिभ धभािथि काभभो चतषविध ऩरषाथि पर लसदधमथिभ भभोऩातत दरयताम दवाया शरी ऩयभशवय परीतमथिभ शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरी वकटशवय दवता भडडडषम शरी वकटशवय वरतकलऩ करयषम िव सॊबवरदभ ऩदाथ सॊबवता रनमभन मावचचसकत धमाना वाहनाहद षोडषोऩचाय ऩजाभ करयषम (ऩानी को हाथ रगाम)

तदॊग करशायाधनभ करयषम (सवाभीजी की दामीॊ ओय करश यख उसभ गॊधभ ऩषऩभ कॊ कभ औय अता डार कपय आग लरख हए शरोक ऩढ) शरोकॊ करशसम भख षवषण काॊत रि सभाचशरता भर ततर ससथतो बरहभा भधम भातगणाचशरत कौत सागया सव सपतदवीऩ वसॊधया ऋगवदोत मजवद साभवदोहमथविणा अॊगशच सहहता सव करशाॊफ सभाचशरता करश गॊधऩषऩाताभ रनकषपतम हसतनचचादम आऩो वा इदभ सव षवशवबतानमाऩ पराणवा आऩा ऩशव आऩोननाभाऩोभता भाऩा समरादऩो षवयाडाऩा सवयाडाऩशचॊडाभ समाऩो जमोरतभ शमाऩो मजोभशमाऩ ससतमाभाऩ सवाि दवता आऩोबबिवसव याऩ ॐ (करश भ ऩानी बय औय उसभ तरसी क ऩतत डार) शरोकॊ गॊग च मभन च कषण गोदावयी सयसवरत नभिद लसॊध कावमो जरससभन ससननचधभ कर कावयी तॊगबिा च कषणवणी च गौतभी करशोदकन दवातभानभ ऩजािवमारन च समपरोकषमा (करश भ एक पर डफोकय उसस सवाभीजी ऩय ऩजा की साभगरी ऩय औय आऩ ऩय ऩानी रछडक )

शरी गणऩती पराथवना शकराॊफयधयभ षवषणभ शलशवणिभ चतबिजभ परसननवदनभ धमामत सविषवघनोऩशाॊतमत

आदौ रनषविघनन वरत ऩरयसभापतभ गणऩती ऩजाभ करयषम

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अथ गणऩती ऩजा ॐ गणानाभ तवागणऩतीभ हवाभह कषवॊ कवीनाभऩा भसशरवसतवभ जमषठयाजभ बरहभणाभ बरहभणसऩत आनशशरणमनततलब सीदसाधनभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ धमामालभ धमानभ सभऩिमालभ

आवाहमालभ यतनलसॊहासनभ सभऩवमालभ ऩादमौ ऩादमभ सभऩवमालभ

हसतौ अरघमवभ सभऩवमालभ भख आचभनीमभ सभऩवमालभ

आऩोहहषटाॊमोबवसतान ऊजधदातन भहयणाम चस मो वत लशवत भोयससतसम बाजमतहन उषतीरयना भातय तसभायभ गभाभवो मसमामाम जजॊधव आऩोजनमाधाचन

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash शदधोदक सनानॊ सभऩिमालभ

सनानाॊतयभ शदध आचभनभ सभऩिमालभ

अलबवसतरात वसनानमाय शलबदनतस दघा ऩजभान अलबचॊदरा बताव व नो हहयणमाभमशवनयततनोदव सोभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash वसतरमगभभ सभऩिमालभ

मऻोऩवीतभ ऩयभॊ ऩषवतरभ परजाऩत मत सहजभ ऩयसतात आमषमॊगरमभ परततभचच शभरॊ मऻोऩवीतभ फरभसत तज

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash मऻोऩवीतभ सभऩिमालभ

गॊधदवायाभ दयाधषावभ तनतमऩषटान करयषषणीभ

ईशवयीभ सववबतानाभ ता लभहोऩवहम शरशरमभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash हदवम शरी चॊदनॊ सभऩिमालभ

आमन त ऩयामण दवाव योहॊत ऩजषऩणी हदाशच ऩॊडयीकाणण सभदरसम गहा इभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash दवािहद नानाषवध ऩषऩारण सभऩिमालभ

अथ शरी षोडषनाभ ऩजा ॐ सभखाम नभ

ॐ एकदॊताम नभ

ॐ कषऩराम नभ

ॐ गजकरणिकाम नभ

ॐ रमफोदयाम नभ

ॐ षवकटाम नभ

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ॐ षवघनयाजम नभ

ॐ गजाचधऩतम नभ

ॐ धभकतव नभ

ॐ गणाचधाम नभ

ॐ पारचॊिाम नभ

ॐ गजाननाम नभ

ॐ वकरतॊडाम नभ

ॐ शऩिकणिकाम नभ

ॐ हयमफाम नभ

ॐ सकॊ दऩविजाम नभ ॐ सवािलससधद परदामकाम नभ ॐ भहागणाचधऩतम नभ

नानाषवध ऩरयभर ऩषऩारण सभऩिमालभ

वनसऩतमबवव हदव नाना गॊध स सममतभ आघरम सववदवानाभ धऩोमभ परततगहमताभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash धऩभािाऩमालभ

साजमभ बतरवतॉ सॊमकताभ वसहनना मोसजतभ षपरमभ

गहाणा भॊगरभ दीऩभ तररोकमरतलभयावहभ

बकतमादीऩभ परमचछालभ दवाम ऩयभातभन

तराहहभाभ नयकादघोयाद हदवमजमोरत नभोसतत

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash दीऩभ सभऩिमालभ

धऩ दीऩाॊतयभ आचभनीमभ सभऩिमालभ

नवदमभ

(गड का छोटा टकडा थारी भ यख कय उसक सबोवतार ऩानी रछडक) ॐ बबव सव ॐ ततसषवतयवयणमभ बगो दवसम धीभही चधमोमोन परचोदमात सतमभ तवतन ऩरयषषॊचालभ (यात भ ldquoऋतॊ तवा सतमन ऩरयषषॊचालभrdquo ऐस कह)

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash नवदमभ सभऩिमालभ

अभतभसत अभतोवतसयणभलस

ॐ पराणाम सवाहा ॐ आऩानाम सवाहा ॐ वमानाम सवाहा ॐ उदानाम सवाहा

ॐ सभानाम सवाहा भधम भधम ऩानीमभ सभऩवमालभ

अभताषऩधानभलस उततयाऩोषणभ सभऩवमालभ

हसतौ परारमालभ शदधाचभनीमभ सभऩवमालभ

ऩगीपर सकयऩय नागवलरीदरीयमतभ

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भकताचणव सभामकतभ ताॊफरभ परततगहमताभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash ताॊफरभ सभऩिमालभ

ॐ गणानाभ तवागणऩतीभ हवाभह कषवॊ कवीनाभऩा भसशरवसतवभ जमषठयाजभ बरहभणाभ बरहभणसऩत आनशशरणमनततलब सीदसाधनभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ - सवणिभॊतरऩषऩभ सभऩिमालभ

भॊतरहीनभ ककरमाहीनभ बसकतहीनभ गणाचधऩ

मतऩसजतभ भमा दव ऩरयऩण तदसतत

मऻन मऻभमजॊत दवासतारन धभािरण परथभानमासन

तहनाकभ भहहभान सचॊत मतर ऩवसाधमा सॊरत दवा

ऩनयाचभनभ

अनमा धमानावाहनाहद षोडषोऩचाय ऩजमा च बगवान सवाितभक

शरीभहा गणाचधऩरत सपरीतो वयदो बतवा उततय कभिणम षवघनभसत बवनतो

बवनत उततय कभिणम षवघनभसत गणाचधऩरत परसादभ लशयसा गरहणालभ

सहसरऩयभा दषव शतभरा शताॊकया सव हयत भ ऩाऩॊ दवािदससवपननाशनी गणऩरत मदासथानॊ उदवासमालभ

पराण परततषठा ॐ असनीत ऩनसभािस च ऩन पराणलभहनोदहह बोगॊ जमोकऩशमभ

समिभचचयनत भनभत भडमान सवससत अभतॊ वपराणा अभतभाऩ पराणानव मधासथानभऩहवमत

(सवाभीजी की भतॉ को हाथ रगाम )

शरीवकटशवय आवाहमालभ सथाऩमालभ ऩजमालभ ससथयोबव वयदोबव सपरसननोबव ससथयासनॊ कर

धमानभ

शानताकायॊ बजगशमनॊ ऩदमनाबभ सयशभ षवशवकायभ गगन सदशॊ भघवण शबाॊगॊ

रकषभीकानतॊ कभरनमनॊ मोचगहरधमान गममॊ वनद षवषणॊ बवबमहयॊ सविरोककनाथॊ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - धमामालभ धमानभ सभऩिमालभ

आवाहनभ

आवाहमालभ दवश लसदधगनधवि सषवत मिसमलभदॊ ऩणमॊ सविऩाऩहयोहय

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवनकटशवय सवालभन नभ - आवाहमालभ

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(सवाभीजी क भतॉ ऩय पर ऩतत चढाम) आसनभ

दव दव जगननाथ परणत करशनाशन यतनलसॊहासनॊ हदवमॊ गहाण भधसदन

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवनकटशवय सवालभन नभ - यतनलसॊहासनॊ सभऩिमालभ

(सवाभीजी क भतॉ ऩय पर ऩतत चढाम) ऩादमॊ

वासनचतॊ करभदव दषकतॊ च षवनाशम ऩादमॊ गहाण बगवान भातरतसॊग सॊससथत

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - ऩादमो ऩादमॊ सभऩिमालभ

(एक चमभच ऩानी थारी भ डार)

अरघम

करषवभ दमाॊ दव सॊसायारत ि बमाऩह दचधीय परोऩतभ गहाणाघम नभोसतत

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हसतमोयघम सभऩिमालभ

(एक चमभच ऩानी थारी भ डार)

आचभनॊ नभ सतमाम शदधाम रनतमाम ऻानरषऩण गहाणाचभनॊ दव सविरोककनामक

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - भख आचभनीमॊ सभऩिमालभ

(एक चमभच ऩानी थारी भ डार) ऩॊचाभतसनानॊ

ऩॊचाभतॊ भमानीतॊ ऩमोदचधघतॊ भध शकि या सहहतॊ चवदवतवॊ पररतगहमताॊ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - ऩॊचाभत सनानॊ सभऩिमालभ

(ऩॊचाभत गाम क दध दही घी भध औय चीनी लभराकय ककमा जाता ह)

सनानॊ सवणिऩातरोदकॊ गॊगा मभनाहद सभसनवतॊ शदधोदकॊ गहाणश सनानॊ कर मथाषवचध

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - शदधोदकसनानॊ सभऩिमालभ

(एक चमभच ऩानी थारी भ डार) वसतरॊ

तपतकाॊचन सनकाशॊ ऩीतमफय लभदॊ हय सगहाण जगननाथ शरीरनवास नभोसतत

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - वसतरमगभॊ सभऩिमालभ

मऻोऩवीतॊ मऻोऩवीतॊ ऩयभॊ ऩषवतरॊ परजऩतमितसहजॊ ऩयसतात

आमषमभागरमाभ पररतभचचशभरॊ मऻोऩवीतॊ फरभसत तज

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शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - मऻोऩवीतॊ सभऩिमालभ

गनधॊ चनदनागर कसतरय घनसाय सभसनवतॊ गनधॊ गहाण गोषवनद नानागॊधसचधायम

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हदवमऩरयभर गॊधाॊ सभऩिमालभ

(सवाभीजी क भतॉ को चॊदन रगाम) अताॊ

गोषवनदा ऩयभाननद हरयिा सहहततान षवशवशवय षवशारा गहाण ऩयभशवय

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - अतान सभऩिमालभ

(सवाभीजी क भतॉ ऩय अता डार चावर को हलदी कॊ कभ रगाक अता फनात ह) ऩषऩॊ

सगॊधारन सऩषऩारण जाजीकनदभखारन च भाररत वकरादषव ऩजाथ पररतगहमताॊ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - ऩषऩॊ सभऩिमालभ

अथाॊग ऩजा ॐ शरी वकटशवयाम नभ - ऩादौ ऩजमालभ

ॐ शरी वकटचरचधशाम नभ - गलफ़ौ ऩजमालभ

ॐ शरी परदामकाम नभ - जाननी ऩजमालभ

ॐ ऩदमावती ऩतम नभ - जॊघ ऩजमालभ

ॐ ऻानपरदाम नभ - ऊर ऩजमालभ

ॐ शरीरनवसाम नभ - कहटॊ ऩजमालभ

ॐ भहाबागाम नभ - नालबॊ ऩजमालभ

ॐ रनभिराम नभ - उदयॊ ऩजमालभ

ॐ षवशाररदमाम नभ - रदमभ ऩजमालभ

ॐ ऩरयशदधातभन नभ - सतनौ ऩजमालभ

ॐ ऩरषोततभाम नभ - बजौ ऩजमालभ

ॐ सवणिहसताम नभ - हसतौ ऩजमालभ

ॐ वयपरदाम नभ - कॊ ठॊ ऩजमालभ

ॐ रोकनाथाम नभ - सकनधौ ऩजमालभ

ॐ यसऻाम नभ - नालसकाॊ ऩजमालभ

ॐ ऩणमशरवन कीतिनाम नभ - शरोतर ऩजमालभ

ॐ ऩलरामफज षवरोचनाम नभ - नतर ऩजमालभ

ॐ वचिससवन नभ - रराटॊ ऩजमालभ

ॐ यमम षवगरहाम नभ - सवािणमनगारन ऩजमालभ

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ॐ शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हदवमसनदय षवगरहॊ ऩजमालभ

शरी वकटशवय अषटोततय शतनाभावलर

ॐ वकटशाम नभ

ॐ शरीरनवासाम नभ

ॐ रकषभीऩतम नभ ॐ अनाभमाम नभ ॐ अभताॊशाम नभ ॐ जगदवॊदवाम नभ ॐ गोषवनदाम नभ ॐ शाशवताम नभ ॐ परबव नभ ॐ शषाहि-रनरमाम नभ ॐ दवाम नभ ॐ कशवाम नभ ॐ भधसदनाम नभ ॐ अभताम नभ ॐ भाधवाम नभ ॐ कषणाम नभ ॐ शरीहयम नभ ॐ ऻान-ऩॊजयाम नभ ॐ शरी वतस-वस नभ ॐ सवशाम नभ ॐ गोऩाराम नभ ॐ ऩरषोततभाम नभ ॐ गोऩशवयाम नभ ॐ ऩयभ-जमोरतषम नभ ॐ वकनठऩतम नभ ॐ अवममाम नभ ॐ सधातनव नभ ॐ मादवनिाम नभ ॐ रनतम-मौवनरऩवत नभ ॐ चतवदातभकाम नभ ॐ षवषणव नभ

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ॐ अचमताम नभ ॐ ऩरदमनी-षपरमाम नभ ॐ धयाऩतम नभ ॐ सयऩतम नभ ॐ रनभिराम नभ ॐ दवऩसजताम नभ ॐ चतबिजाम नभ ॐ चकरधयाम नभ ॐ बतरधामन नभ ॐ बतरगणाशरमाम नभ ॐ रनषविकलऩाम नभ ॐ रनषकरनकाम नभ ॐ रनयाॊतकाम नभ ॐ रनयनजनाम नभ ॐ रनयाबासाम नभ ॐ रनतमतपताम नभ ॐ रनगिणाम नभ ॐ रनरऩिवाम नभ ॐ गदाधयाम नभ ॐ शायॊगऩाणम नभ ॐ ननदककन नभ ॐ शनखधायकाम नभ ॐ अनकभतिम नभ ॐ अवमकताम नभ ॐ कहटहसताम नभ ॐ वयपरदाम नभ ॐ अनकातभन नभ ॐ दीनफानधव नभ ॐ आतिरोक बमपरदाम नभ ॐ आकाशयाज-वयदाम नभ ॐ मोचग-रतऩदमभसनदयाम नभ ॐ दाभोदयाम नभ ॐ जगतऩाराम नभ

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ॐ ऩाऩघनाम नभ ॐ बकतवतसराम नभ ॐ बतरषवकरभाम नभ ॐ लशॊशभायाम नभ ॐ जटाभकट-शोलबताम नभ ॐ शनख-भदमोर-सनभॊजराम-ककसनकणमाडम-कयनडकाम नभ ॐ नीरभघ-शमाभ-तनव नभ ॐ बफलव-ऩतराचिन षपरमाम नभ ॐ जगदवमाषऩन नभ ॐ जगत-कत नभ ॐ जगत-साकषण नभ ॐ जगतऩतम नभ ॐ चचसनतताथि-परदाम नभ ॐ सजषणव नभ ॐ दाशावािम नभ ॐ दश-रऩवत नभ ॐ दवकक-ननदनाम नभ ॐ शौयम नभ ॐ हमगरीवाम नभ ॐ जनादिनाम नभ ॐ कनमा-शरवणतायजमाम नभ ॐ ऩीतामफयधयाम नभ ॐ अनघाम नभ ॐ वनभालरन नभ ॐ ऩदमनाबाम नभ ॐ भगमासकत-भानसाम नभ ॐ अशवरढाम नभ ॐ खडगधारयण नभ ॐ धनाजिन-सभतसकाम नभ ॐ गानसायर-सनभधम-कसतरय-रतरकोजवराम नभ ॐ ससतचदाननदरऩाम नभ ॐ जगनभनगरदामकाम नभ ॐ मऻरऩाम नभ

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ॐ मऻबोकत नभ ॐ चचनभमाम नभ ॐ ऩयभशवयाम नभ ॐ ऩयभाथि-परदाम नभ ॐ शानताम नभ ॐ शरीभत नभ ॐ दोदिनड-षवकरभाम नभ ॐ ऩयातऩयाम नभ ॐ ऩयबरहभण नभ ॐ शरीषवबव नभ ॐ जगदीशवयाम नभ

इतत शरी वकटशवय अषटोततय शतनाभावलर

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शरी भहारकषभी अषटोततय शतनाभावलर

ॐ परकतम नभ ॐ षवकतम नभ ॐ षवदमाम नभ ॐ सविबतहहतपरदाम नभ ॐ शरदधम नभ ॐ षवबतम नभ ॐ सयभम नभ ॐ ऩयभासतभकाम नभ ॐ वाचम नभ ॐ ऩदमारमाम नभ ॐ ऩदमाम नभ ॐ शचम नभ ॐ सवाहाम नभ ॐ सवधाम नभ ॐ सधाम नभ ॐ धनमाम नभ ॐ हहयणमम नभ ॐ रकषमम नभ ॐ रनतमऩषटाम नभ ॐ षवबावम नभ ॐ आहदतम नभ ॐ हदतम नभ ॐ दीपताम नभ ॐ वसधाम नभ ॐ वसधारयणम नभ ॐ कभराम नभ ॐ कानताम नभ ॐ काभाकषम नभ ॐ कभर समबवाम नभ ॐ अनगरहपरदाम नभ ॐ फदधम नभ ॐ अनघाम नभ

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ॐ हरयवलरबाम नभ ॐ अशोकाम नभ ॐ अभताम नभ ॐ दीऩाम नभ ॐ रोकशोक षवनालशनम नभ ॐ धभिरनरमाम नभ ॐ करणाम नभ ॐ रोकभातर नभ ॐ ऩदमषपरमाम नभ ॐ ऩदमहसताम नभ ॐ ऩदमाकषम नभ ॐ ऩदमसनदम नभ ॐ ऩदमोदभवाम नभ ॐ ऩदमभखम नभ ॐ ऩदमनाब षपरमाम नभ ॐ यभाम नभ ॐ ऩदमभाराधयाम नभ ॐ दवम नभ ॐ ऩरदमनम नभ ॐ ऩदमगसनधनम नभ ॐ ऩणमगनधाम नभ ॐ सपरसननाम नभ ॐ परसादालबभखम नभ ॐ परबाम नभ ॐ चनिवदनाम नभ ॐ चनिाम नभ ॐ चनिसहोदम नभ ॐ चतबिजाम नभ ॐ चनिरऩाम नभ ॐ इसनदयाम नभ ॐ इनद शीतराम नभ ॐ आहराद जननम नभ ॐ ऩषम नभ

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ॐ लशवाम नभ ॐ लशवकतम नभ ॐ सतमाम नभ ॐ षवभराम नभ ॐ षवशवजननम नभ ॐ तषम नभ ॐ दारयदरमनालशनम नभ ॐ परीरत ऩषकरयणम नभ ॐ शानताम नभ ॐ शकरभालमामफयाम नभ ॐ बासकम नभ ॐ बफलव रनरमाम नभ ॐ वयायोहाम नभ ॐ मशससवनम नभ ॐ वसनधयाम नभ ॐ उदायॊगम नभ ॐ हरयणम नभ ॐ हभभालरनम नभ ॐ धन धानमकतम नभ ॐ लसदधम नभ ॐ सतरणम सौममाम नभ ॐ शबपरदाम नभ ॐ नऩवशभ गताननदाम नभ ॐ वयरकषमम नभ ॐ वसपरदाम नभ ॐ शबाम नभ ॐ हहयणम पराकायाम नभ ॐ सभि तनमाम नभ ॐ जमाम नभ ॐ भॊगराम नभ ॐ षवषणव सथरससथताम नभ ॐ षवषणऩतनम नभ ॐ परसननाकषम नभ

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ॐ नायामण सभाचशरताम नभ ॐ दारयदरम धवॊलसनम नभ ॐ दवरकषभ नभ ॐ सवोऩिव रनवारयणम नभ ॐ नवदगािम नभ ॐ भहाकालम नभ ॐ बरहभा-षवषण-लशवासतभकाम नभ ॐ बतरकारऻानसमऩननाम नभ ॐ बवनशवम नभ ॐ भहारकषभी अषटोततय शत नभ

इरत शरी रकषभी अषटोततय शतनाभावलर

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शरी ऩदमावती अषटोततय शतनाभावलर

ॐ ऩदमावततम नभ ॐ दवम नभ ॐ ऩदमोदभवाम नभ ॐ करणापरदारमनम नभ ॐ सरदमाम नभ ॐ तजसवरषऩणम नभ ॐ कभरभखम नभ ॐ ऩदमधयाम नभ ॐ शरीम नभ ॐ ऩदमनतरम नभ ॐ ऩदमकयाम नभ ॐ सगणाम नभ ॐ कभकभषपरमाम नभ ॐ हभवणािम नभ ॐ चनिवसनदताम नभ ॐ धगधगपरकाश शयीय-धारयणम नभ ॐ षवषणषपरमाम नभ ॐ रनतमकलमाणम नभ ॐ कोहटसमिपरकालशणम नभ ॐ भहासौनदमिरषऩणम नभ ॐ बकतवतसराम नभ ॐ बरहभानडवालसनम नभ ॐ सविवानचापरदारमनम नभ ॐ धभिसनकलऩाम नभ ॐ दाकषणमकटाकषणम नभ ॐ बसकतपरदारमनम नभ ॐ गणतरमाषववसजिताम नभ ॐ कराषोडशसॊमताम नभ ॐ सविरोकानानजननम नभ ॐ भसकतदारमनम नभ ॐ दमाभतामाम नभ ॐ परऻाम नभ

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ॐ भहाधभािम नभ ॐ धभिरषऩणम नभ ॐ अरनकाय षपरमाम नभ ॐ सविदारयदरमधवॊलसनम नभ ॐ शरीवकटशवसथरससथताम नभ ॐ रोकशोकषवनालशनम नभ ॐ वषणवम नभ ॐ रतरचानरऩयवालसनम नभ ॐ वदवदमषवशायदाम नभ ॐ षवषणऩादसषवताम नभ ॐ यतनपरकाशककयीटधारयणम नभ ॐ जगनभोहहनम नभ ॐ शसकतसवरषऩणम नभ ॐ परसननोदमाम नभ ॐ इनिाहददवत मककननय ककमऩरष ऩसजताम नभ ॐ सविरोकरनवालसनम नभ ॐ बजमाम नभ ॐ ऐशवमिपरदारमनम नभ ॐ शानताम नभ ॐ उननतसथानससथताम नभ ॐ भनदायकालभनम नभ ॐ कभराकयाम नभ ॐ वदानतऻानरषऩणम नभ ॐ सविसमऩसततरषऩणम नभ ॐ कोहटसमिसभपरबाम नभ ॐ ऩजापरदारमनम नभ ॐ कभरासनाहद सविदवताम नभ ॐ वकनठवालसनम नभ ॐ अबमदारमनम नभ ॐ िाापरऩामसषपरमाम नभ ॐ नतमगीतषपरमाम नभ ॐ ीयसागयोदभवाम नभ ॐ आकाशयाज ऩबतरकाम नभ

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ॐ सवणिहसतधारयणम नभ ॐ काभरषऩणम नभ ॐ करणाकटाधारयणम नभ ॐ अभतासजाम नभ ॐ बरोकसवगिसखदारमनम नभ ॐ अषटहदकऩारकाचधऩतम नभ ॐ भनभधदऩि सॊहारयणम नभ ॐ कभराथिबागाम नभ ॐ सवलऩऩयाध-भहाऩयाध-भाम नभ ॐ शतकोहटतीथिवालसताम नभ ॐ नायदाहद भरनशरषठ ऩसजताम नभ ॐ आहदशनकयऩसजताम नभ ॐ परीरतदारमनम नभ ॐ सौबागमपरदारमनम नभ ॐ भहाकीतॉ परदारमनम नभ ॐ कषणारतषपरमाम नभ ॐ गनधवि शाऩषवभोचकाम नभ ॐ कषणऩतनम नभ ॐ बतररोकऩसजताम नभ ॐ जगनभोहहनम नभ ॐ सरबाम नभ ॐ सशीराम नभ ॐ अॊजनासतानगरहपरदारमनम नभ ॐ बकतमातभरनवालसनम नभ ॐ सॊधमावसनदनम नभ ॐ सविरोकभातर नभ ॐ अलबभतदारमनम नभ ॐ रलरतावधतम नभ ॐ सभसतशासतर षवशायदाम नभ ॐ सवणािबयणधारयणम नभ ॐ इहऩयरोक सखपरदारमनम नभ ॐ कयवीयरनवालसनम नभ ॐ नागरोकभरणसह आकाशलसनध कभरशवय ऩरयतयधगभनाम नभ

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ॐ शरी शरीरनवासषपरमाम नभ ॐ चनिभनडरससथताम नभ ॐ अलरवर भनगाम नभ ॐ हदवमभनगर धारयणम नभ ॐ सकलमाणऩीठससथताम नभ ॐ काभकवनऩषऩषपरमाम नभ ॐ कोहट भनभधरषऩणम नभ ॐ बानभनडररषऩणम नभ ॐ ऩदमऩादाम नभ ॐ यभाम नभ ॐ सविरोकसबानतय धारयणम नभ ॐ सविभानसवालसनम नभ ॐ सवािम नभ ॐ षवशवरऩाम नभ ॐ हदवमऻानाम नभ ॐ सवभनगररषऩणम नभ ॐ सवािनगरहपरदारमनम नभ ॐ ॐकायसवरषऩणम नभ ॐ बरहभऻानसॊबताम नभ ॐ शरी ऩदमावतम नभ ॐ सदमोवदवतम नभ ॐ शरीभहारकषमम नभ

इरत शरी ऩदमावती अषटोततय शतनाभावलर

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धऩभ दशाॊगभ गगगरोऩतॊ गोघतन सभसनवतभ धऩॊ गहाण दवश सविरोक नभसकाया

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - धऩभािाऩमालभ

(सवाभीजी क भतॉ की अगयफतती औय धऩ स आयती कय)

दीऩभ

बतररोकश भहादव सविऻान परदामक दीऩॊ दासमालभ दवश यभाभ बकतवतसर

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - दीऩॊ दशिमालभ

(सवाभीजी क भतॉ की दीऩ स आयती कय )

नवदमभ

सविबशच बोजजशच यस षडलब सभसनवतॊ नवदमनत भमानीतभ गहाण ऩरषोततभ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - नवदमॊ सभऩिमालभ

(सवाभीजी को परसाद चढाम अगय करा ह तो ldquoकदरीपर रनवदमालभrdquo नारयमर ह तो ldquoनारयकर परॊ रनवदमालभrdquo ऐस कह अगय गड ह तो ldquoगडोऩहाय नवदमभ सभऩिमालभrdquo कह)

ॐ पराणाम सवाहा ॐ आऩानाम सवाहा ॐ वमानाम सवाहा ॐ उदनाम सवाहा ॐ सभानाम सवाहा ॐ ऩयबरहभण सवाहा ॐ बबिव सव ततसषवतय-वयणमभ बगो दवसम धीभहह चधमो मो न परचोदमात ॐ आऩो जमोरतयसोभतॊ बरहभ बबिव सवयोभ भधम भधम ऩानीमभ सभऩिमालभ

अभताषऩधानभलस उततयाऩोशनभ सभऩिमालभ हसतौ परारमालभ ऩादौ परारमालभ ऩनयाचभनीमभ सभऩिमालभ

तामफरभ ऩगीपर सकऩिय नागवलरीदरमितॊ भकताचणि सभामकतॊ तामफरॊ पररतगहमताॊ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - तामफरभ सभऩिमालभ

नीयाजनभ चशरम कानताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरीवकटरनवासाम शरीरनवासाम भनगरभ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ नीयाजनभ दशिमालभ

ऩनयाचभनीमभ सभऩिमालभ

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भॊतरऩषऩभ

ॐ सहसतरशीषिभ दवॊ षवशवाॊ षवशवशॊबवॊ षवशवॊ नायामणनदवभ अयॊ ऩयभॊ ऩदॊ १

षवशवत ऩयभासननतमॊ षवशवॊ नायामणॊ हरयॊ षवशवभवदॊ ऩरषसतदषवशवॊ उऩजीवरत २

ऩरतॊ षवशवसमातभशवयॊ शाशवतॊ लशवभचमतॊ नायामणॊ भहाऻमॊ षवशवतभानॊ ऩयामणॊ ३

नायामण ऩयोजमोरत आतभा नायामण ऩय नायामण ऩयभ बरहभ ततवभ नायामण ऩय नायामण ऩयो धमाता धमानभ नायामण ऩय ४

मचच ककसनचत जगतसव दशमत शरमतषऩ वा अनतफिहहशचततसविभ वमापमा नायामण ससथत ५

अननतभ अवममभ कषवॊ सभिनतभ षवशवशमबवभ ऩदमकोश परतीकाशभ रदमभ चापमधोभखभ ६

अधोरनषमा षवतसतमानत नाभमाभऩरय रतषठरत जवाराभाराकरॊबारत षवशवसमामातनभ भहत ७

सनततॊ लशरालबसत रॊफतमाकोशससननबभ तसमानत सलशयभ सकषभभ तससभन सविभ पररतसषठतभ ८

तसमभधम भहान असगन षवशवायचचषविशवतो भख सोगरबसगवबजन रतषठाननाहाय भजय कषव

रतमिगधवाि भधशशामीयशभमा सतसम सनतता ९

सॊताऩमरत सवॊ दह भाऩादतरभसतक तसम भधम वसनह लशखा अणीमोधवाि वमवससथत १०

नीरथो मदभधमसता षवदमलरखव बासवया नीवायशकवततनवी ऩीताबा सवतमनऩभा ११

तसमा लशखामा भधम ऩयभातभा वमवससथत स बरहभ स लशव स हरय स इनि सोय ऩयभासवयात १२

ॐ तद बरहभ ॐ तद वाम ॐ तदातभा ॐ ततसतमभ ॐ ततसविभ ॐ ततऩयोनिभ अनतशचयरत बतष गहामाभ षवशवभरत िष तवभ मऻसतवभ वषकायसतवभ इनिसतवभ रिसतवभ

षवषणसतवभ बरहभतवभ परजाऩरत तवभ तदाऩ आऩो जमोरत यसोवतभ बरहभ बबिवससवयोभ १३

गदा ऩन शॊखयथानगकलऩक धवजायषवॊदाॊकश वजररासशचत ह शरीरनवास तवत चयणामफज दवमॊ भदीम भधािन भरज ॐ रनयॊजनाम षवदमह रनयाबासाम धीभहह तननो शरीरनवास परचोदमात शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हदवमभनतरऩषऩॊ सभऩिमालभ

परदकषण नभसकाय

शरोकॊ मारनकारन च ऩाऩारन जनभानतय कतारन च तारन तारन परणशमसनत परदकषण ऩद ऩद ऩाऩोहभ ऩाऩकभािहभ ऩाऩातभा ऩाऩसॊबव तराहहभाभ कऩभमा दव शयणगतवतसर अनमधा शयणॊ नाससत तवभव शयणॊ भभ तसभात कारणम बावन य य जनादिन

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - आतभपरदकषण नभसकायान सभऩिमालभ

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षवषवधोऩचाय ऩजा छतरॊ धायमालभ चाभयॊ वीजमालभ नतमॊ दशिमालभ गीतॊ शरावमालभ वादमॊ घोषमालभ आॊदोलरकान आयोहमालभ आशवानायोहमालभ गजानायोहमालभ सभसत यजोऩचाय शकतमऩचाय

मनतरोऩचाय दवोऩचाय सवोऩचाय ऩजाॊ सभऩिमालभ

भाऩवणभ भनतरहीनॊ ककरमाहीनॊ बसकतहीनॊ जनादिन मतऩसजतभ भमा दव ऩरयऩणिभ तदसतत

अनमा धमानावाहनाहद षोडशोऩचाय ऩजमा च बगवन सवाितभक शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरी वकटशवय सवरऩो बगवान सपरीत सपरसननो वयदो बवत शरी वकटशवय दव परसादॊ लशयसा गहणालभ

तीथवभ

अकार भतमहयणॊ सविवमाचध रनवायणभ सवि ऩाऩमकयॊ दव ऩादोदकॊ ऩावनॊ शबॊ

नवदमभ

ॐ बबिवससव ॐ ततसषवतवियणमभ बगो दवसम धीभहह चधमो मो न परचोदमात सतमॊ तवतन ऩरयषषॊचालभ अभतभसत अभतोऩसतयणभलस ॐ पराणाम सवा ॐ अऩानाम सवा ॐ वमानाम सवा ॐ उदानाम सवाह ॐ सभानाम सवा ॐ बरहभण सवा

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - भहानवदमभ सभऩिमालभ

अभताषऩधानभलस उततयाऩोशनभ सभऩिमालभ हसतौ परारमालभ ऩादौ परारमालभ शदध आचभनीमॊ सभऩिमालभ

तामफरॊ सभऩिमालभ सवणिभनतरऩषऩॊ सभऩिमालभ परदकषण नभसकायन सभऩिमालभ

अनमाधमानावाहनाहद षोडषोऩचाय ऩजमा बगवान सवाितभक शरी रकषभी ऩदमावती सभत वकटशवय सवाभी सपरीत सपरसननो वयदो बवत शरी रकषभी ऩदमावती सभत वकटशवय सवाभी परसादॊ लशयसा गहणालभ

उदवासनभ मऻन मऻभमजनत दवासतारन धभािरण परथभानमासन

तहनाकॊ भहहभानससचनत मतर ऩव साधमा ससनत दवा

गचछ गचछ सयशरषठ सवसथान शरी वकटशवय बकताबीषट सभधमथिभ ऩनयागभनाम च

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरी वकटशवय सवाभी मथासथानॊ उदवासमालभ

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परथभ अधमाम

शरी बगवान उवाच

कलरमग भ एक हदन शब भहति भ रतरभरा ऩहाड ऩय (सजस धयती का वकॊ ठ कहा जाता ह ) ldquoषवशवऩरत नाभक एक बकत ऩय शरी फाराजी की कऩा हई शरी षवषण क अवताय शरी फाराजी (वकटशवय) जो महाॉ शरीरनवास क रऩ भ ऩज जात ह उनहोन षवशवऩरत को ldquoशरी फाराजी वरत कथाrdquo नाभ स परलसधद इस गरॊथ की यचना कयन की आऻा दी औय कहा- ldquoह भय षपरम बकत षवशवऩरत भय षपरम होन क कायण इस वरत को षवसताय रऩ स तमह फाता हॉ सनो म

वरत भझ अरत षपरम ह आसान होन क कायण इस सबी रोग सॊऩनन कय सकत ह

कलरमग भ भानव अऩन ऩाऩ कभो का पर बोगता ह अनक कषट सहत हए जीवन रनवािह कयता ह कछ बकत

अऩन दख भझ फताकय उनह दय कयन क लरम कहत ह फहत स ऩस खचि कय वो भझ दखन क लरम रतरभरा की मातरा कयत ह भय बकतो स भझ परभ ह व भझऩय अऩना ऩया बाय डार दत ह भ उनह धभि क भागिऩय चराता हॉ

अबी भ जो मह वरत कथा तमह फतान जा यहा हॉ वो ldquoशरी फाराजी की कथाrdquo क नाभ स परलसदध होगा म भया वरत भझ अरतषपरम ह जो वमसकत इस बसकत औय रनषठा स कयगा वह तयॊत ऩाय ऩामगा कोई बी वमसकत कबी बी इस वरत को सॊऩनन कय सकता ह भखम रऩ स भागिशीषि भाघ कारत िक भहहनो भ ऩणिभासी ऩॊचभी सपतभी एकादशी रतचथमो ऩय मा शरवण सवारत नतरो ऩय इस कयना शरषठ होता ह

इस घोय कलरमग भ भय बकत जो कषट सह यह ह उनह भ जानता हॉ तमह जफ बी कोई कषट हो कोई सभसमा हो सवासम ठीक ना हो नौकयी वमाऩाय भ सभसमाएॉ हो भन अशाॊत हो तो इस वरत को सॊऩनन कयना चाहहम इसस

साय कषट दय हो जात ह घय भ शब कामि होन ऩय इस वरत को सॊऩनन कयन स बफना ककसी सभसमा क कामि ऩणि हो जाता ह इस वरत को सॊऩनन कयत ही सबी सख परापत होत ह औय अषट ऐशवमो की परासपत होती ह

सफय मा शाभ इस वरत को सॊऩनन कय सकत ह इस वरत भ ऩाॉच अधमाम ह इनका ऩठन बसकत क साथ कयना चाहहम अऩन घय भ मा रनवास सथान ऩय भॊहदय भ मा ककसी बी ऩषवतर सथान भ नदी तट ऩय सॊऩनन कय सकत ह

महद सॊबव हो तो अऩन फॊध लभतरो क साथ इस सॊऩनन कयन स जमादा शरषठ होता ह जो इस सॊऩनन कयत ह मा जो इस सनत ह वरत सॊऩणि होन क फाद परसाद को बसकत स सवीकाय कयत ह वो अषट ऐशवमो को परापत कयत ह इसस

ऩहर बी भय बकतो न कई भरनमो न इस वरत को सॊऩनन ककमा औय भया आशीवािद ऩामा बरोक भ यहनवार सबी को मह वरत आनॊद परदान कयगा औय शब पर बी परापत होगा शाॊत चचतत स भझ माद कयत हए इस वरत का ऩारन

कयो

सवि परथभ जहाॉ वरत कयना चाहत हो उस सथर को साप कयो भॊडऩ की वमवसथा कय भयी तसवीय सजसभ भयी षपरम

सरखमाॉ शरी दवी बदवी ह उस तसवीय को इस भॊडऩ ऩय सथाषऩत कयो भॊडऩ को दीवाय स रगाकय बी यख सकत हो अनम ककसी इचछक दवता की तसवीय बी सख सकत हो नवगरहो औय अषट हदकऩारको को मा तो भन भ नभसकाय

कयो मा उनका आवहान बी कय सकत हो

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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सफस ऩहर हलदी स फनी गणश की ऩजा कयनी चाहहम उसक फाद उस वरत क ऩाॉचो अधमामो का रनषठा स ऩठन

कयना चाहहम मही परथभ अधमाम ह अनम चाय अधमाम भय अतमॊत षपरम ऩातर षवशवालभतर वलशषठ बयदवाज अबतर

भरनशवयो क परवचना रऩ भ ह ऩाॉच अधमामोको ऩढन क फाद भय षपरम शरोक बी ऩढ सकत हो हय अधमाम क अॊत

भ गोषव ॊद गोषव ॊद गोषव ॊद तीन फाय सभयण कयना चाहहम

आभ रोगो क कषटो को भ जानता हॉ इसी लरम भयी एक फात सनो महद ककसी कायण इस वरत को षवसताय रऩ स

सॊऩनन कयन भ कोई सभसमा आ यही हो तो भय तसवीय को साभन यख कय ऩहर गणश जी की कपय नवगरह दवताओॊ औय अषटहदकऩारको को सभयण कय ऩाॉच कहरनमाॉ ऩढकय अऩन भन भ जो इचछा ह उस भझ फताओ भ उस

परसाद क रऩ भ परदान करॉगा इस परकाय कयन स बी कामि की लसषदध होती ह तमहाय कषट दय हो जामग औय शब

पर परापत होगा

जो वमसकत इस वरत को बसकत स सॊऩनन कयगा भ उसक घय ककसी ना ककसी रऩ भ आकय परसाद सवीकाय करॉगा भयी कऩा आऩ सबी को हभशा परापत होगी शरी फाराजी न रतमभयाज षवशवऩरत याभकषणभरत ि ldquoषवशवऩरतrdquo को इस वरत कथा को षवसताय स फतामा कलरमगवासी हभ सबी इस वरत को सॊऩनन कय शरी फाराजी की कऩा क ऩातर फन सकत ह इस वरत को सॊऩनन कय हभ अऩन सबी कषट दय कय सकत ह औय उचचत पर बी परापत कय

सकत ह

गोषवॊदगोषवॊदगोषवॊद

परथभोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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दषवतीम अधमाम

शरी षवशवालभतर उवाच

भहातऩ सॊऩनन साात शरी षवशवालभतर जी न हभ ऩय कऩा की औय परवचन कयत हए कहा- ldquoह कलरमग वालसमो शरीरनवास क बकतो ldquoशरीफाराजी वरत कथाrdquo सजस आऩ सॊऩनन कय यह हो वह फहत ही ऩषवतर ह भहहभा स ऩणि ह मह वरत कलरमग भ शरी नायामण जी की करणा औय दमा परापत कयन का अतमॊत सयर साधन ह पराचीन कार भ शरी फाराजी क षपरम बकतो न इस सॊऩनन कय अऩनी काभनाओॊ को ऩणि ककमा इस वरत कथा क फाय भ हभ फताकय शरी फाराजी न हभाय पररत जो दमा हदखाई ह उसक लरए हभ उनह परणाभ कयत ह

पराचीन कार भ भगध याजम भ षवषणचचतत नाभक एक बकत यहता था उसकी नौ कनमाएॉ थी षवदवान होन ऩय बी वह अतमॊत गयीफ था षवषणचचतत की ऩतनी तायाभरत हभशा नायामणजी की पराथिना कयती यहती थी षववाहाहद शबकामि सॊऩनन कय जो बी ऩस दकषणा क रऩ भ लभरत थ उसस व भसशकर स अऩना जीवन रनवािह कय

यह थ कनमाएॉ मौवनावसथा भ ऩदाऩिण कय चकी थी तायाभरत हभशा इसी चच ॊता भ यहती थी कक इन कनमाओॊ का षववाह ककस परकाय सॊऩनन होग वह फाराजी की पराथिना कयत हए सदा अऩना सभम गजायती थी

वह तो फाराजी की बकत थी औय फाराजी अऩन बकतो स अतमाचधक परभ कयत ह उस हदन भाघ ऩरणिभा थी सवय

एक वदध बराहभण न षवषणचचतत क दयवाज ऩय दसतक दी औय कहा - ldquoह सवाभी भ फॊग दश का वासी हॉ एक मऻ

क लसरलसर भ दसय दश जा यहा हॉ यासत भ महाॉ आमा हॉ भझऩय दमा कयो औय अऩन घय भ एक हदन क लरए

यहन दो कर सवयही भ महॉ स चरा जाऊॉ गाrdquo उन की फात सनकय षवषणचचततन कहा lsquoनाथ इसस फढकय खशी औय कमा हो सकती ह अरतचथ साात नायामण जी क सभान होत ह ऐस हभाय ऩयाणो भ कहा गमा ह आऩ बफना ककसी सॊकोच क हभाय घय भ यह सकत हlsquo ऐसा कह कय उसन उस बराहभण को घय क अॊदय फरामा औय उनका सतकाय ककमा

दोऩहय भ बोजन क फाद उस वदध न तायाभरत स ऩछा ndash ldquoभाता कमा फात ह तभ कछ चच ॊरततसी रगती हो बफना ककसी सॊकोच क फात फताओrdquo तायाभरत न कहा ndash ldquoसवाभी आऩ तो भहातऩसवी ह आऩ क भख का तज उस वकॊ ठवासी क सभान ह आऩ स कमा छऩाना भयी चचॊता भयी कनमाओॊ का षववाह हrdquo उस ऩय वदध न कहा- ldquoभाता तमहाया दख भ जानता हॉ तमहाय सबी कषट दय हो औय तमहायी कनमाओॊ की शादी हो इसक लरम भ एक अदभत वरत फताता हॉ सनो इस वरत को सॊऩनन कयन स तमहाय साय कषट दय हो जामग शरी फाराजी क वरतो भ स मह सफस सयर हrdquo कहत हए उनहोन उस दॊऩरत को ऩया वरत षवधान फतामा वरत षवधान

सनकय षवषणचचतत न कहा- ldquoसवाभी मह तो अतमॊत सॊतोष की फात ह इसस फढकय सौबागम औय कमा होगा

कहत ह ना- शबसम शीिॊ आज भाघ ऩरणिभा ह फहत ही शब हदन ह आऩक कथा अनसाय हभ आज ही इस वरत

को सॊऩनन कयगrdquo षवषणचचततन ऩतनी तायाभरत औय सबी कनमाओॊ क साथ लभरकय उस हदन शाभ भ ही अऩन

फॊध-लभतरो क साथ बसकत औय रनषठा स फाराजी वरत को सॊऩनन ककमा वहाॉ उऩससथत सबी रोगो न वरत ऩया होन क

फाद चयणाभत परसाद गरहण ककमा औय अऩन-अऩन घय परसथान ककमा तफ षवषणचचतत औय तायाभरत न बराहभण

क चयणो को नभसकाय ककमा औय आशीवािद परापत ककमा बराहभणोततभ न बी चयणाभत परसाद गरहण ककमा औय

कहा- ldquoआऩकी भनोकाभना ऩयी हो शरी रकषभी शरी फाराजी की कऩा होrdquo

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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अॊधया हो चरा था औय रनिा सभम आसनन था षवषणचचतत न उस बराहभण को एक पटी चादय दत हए आॉखो भ आस लरम कहा- सवाभी भ अतमॊत दरयिी हॉ इसस अचछी चादय भय ऩास नही ह भझ भा कय आज की यात इसी ऩय षवशराभ कय बराहभण भसकयात हए फोर- कोई फात नही भ फाहय फयाभद भ सो जाता हॉ कछ सभम फाद ही सबी रनिारोक भ षवचयण कयन रग आधी यात का सभम था बफजरी की गडगडाहट क साथ फारयश शर हई चायो ओय अॊधया था कहीॊ कछ नही हदखाई

द यहा था षवषणचचतत इस चच ॊता भ था कक वदध बराहभण फाहय कस सो यह होग उस सभम कछ सझ बी नही यहा था ककसी तयह उनहोन यात गजायी सवया हआ फारयश बी थभ चकी थी ऩरत-ऩतनी मही सोच यह थ कक बराहभण की कमा दशा हई होगी ककतना सहा होगा उनहोन मही सोचत हए वो फाहय आए उनह एक अदभत दशम हदखाई हदमा वहाॉ षवपरोततभ नही थ पहट हई चादय की जगह यशभ का षऩताॊफय यखा हआ था उस षऩताॊफय ऩय शरी फाराजी क

भतॉ ndash हदखाई दी व सफ कछ सभझ गम उनकी खषी का कोई हठकाना नही यहा उनक घय आम बराहभण औय

कोई नही साात शरी नायामणजी ही थ ह फाराजी कमा बागम ह हभाया ऩय हभ उनको ऩहचान नही ऩाम हभन उनको पटी हई चादय दी मह सोचत हए उनहोन शरी फाराजी की भतॉ को हाथ भ रकय आॉखो स रगामा औय

घय क अॊदय आम ऩया घय सोन स बया हआ था जहाॉ दखो वहाॉ धन याशी ह बगवान शरी फाराजी की वरत कथा की भहहभा स ही मह सफ सॊबव हो सका ऐसा कहत हए व बगवान की सतरत कयन रग आऩन दख साात शरी फाराजी ही उस बकत क घय आम थ वरत षवधान फतामा औय चयणाभत परसाद बी गरहण

ककमा शरी फाराजी फहत ही करणाभम ह जो बी इस वरत को बसकत औय रनषठा स कयगा उसक घय सवमॊ बगवान

ककसी ना ककसी रऩ भ आमग आऩ सबी इस वरत को सॊऩनन कय बगवान की कऩा परापत कय सकत ह शरी भहषषि षवशवालभतर जी न मह दषवतीम कथा इस तयह फताई

शरी रकषभी शरीरनवास कटाॊ लसषदधयसत

गोषवॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

दषवतीमोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ततीम अधमाम

शरी वलशषठ उवाच मह अधमाम भहातऩोरनषठ वरयषठ शरीवलशषठ भरन न शरीनायामणजी की कऩा स हभ षवसताय रऩ स फतामा ह ह कलरमग वालसमो शरीफाराजी क षपरम बकतो वकणठ भ रनवास कयनवार शरीनायामणजी आज क रतरभरा भ ससथत शरीफाराजी ही ह कलरमग वालसमो क कषट दय कयन क लरम बगवान आऩक फहत सभीऩ रतरभरा ऩहाड ऩय अवतारयत हए ह शरी फाराजी को खश कयन क लरए मह वरत उततभ ह औय सयर बी ह इस वरत को जो बसकत औय रनषठा स सॊऩनन कयता ह उस सबी सख परापत हो जात ह पराचीन सभम भ अवॊती दश भ बागमनगय नाभक एक नगय था नाभ क ही अनरऩ वहाॉ अनक धनवान (वमाऩायी) यहत थ ऩय व अऩनी सॊऩसतत को दख घभॊड कयत थ औय आभ रोगो को हीन दषटी स दखत थ धन-दौरत उनकी सवासजित ह ऐसा सोचकय घभॊड कयत थ बगवान की रनतम ऩजा-ऩाठ तो उनहोन ऩहर ही छोड दी थी कभ स कभ षवशष हदनो भ बी व ना भॊहदय जात ना ऩजा कयत ना ही दीऩ जरात एक हदन सबी धनवान अऩनी-अऩनी ऩतनीमो क साथ परीरत बोज भ वमसत थ उस नगय की ऩवि हदशा भ ही शरी रकषभी नायामण जी का भॊहदय था जहाॉ दीऩ जरानवारा कोई नही था उस हदन षवशष एकादशी थी सजस एक ऩवि हदन बी भाना जाता ह ऩय उस नगय क एक बी धनवान क भन भ भॊहदय भ ऩजा कयन का षवचाय नही आमा शाभ होत-होत आकाश भ घन फादर छा गम औय भसराधाय फारयश होन रगी वमाऩारयमो क घय ऩानी स बय गम चायो ओय अॊधकाय ह अॊधकाय था सवय होन तक ऩया नगय ऩानी भ डफ गमा वमाऩारयमो क घय टट-पट गम उनका साया ऐशवमि सभापत हो गमा ऐसा उऩिव कमो भचा मह पररम कस हो गमा ककसी को कछ बी सभझ भ नही आ यहा था इतन भ उनह एक षवचचतर दशम हदखाई हदमा नगय क फाहय जो झोऩडडमाॉ थी व तो वसी की वसी थी उनको आशचमि हआ इतनी फारयश भ बी म कस सही सराभत यही व ऐसा भन ही भन सोच यह थ कक इतन भ बफजरी कडकी औय आकाशवाणी हई ldquoए भखो तमहायी सॊऩसतत तमहायी अऩनी ह सवासजित ह ऐसा सोचत थ इसी लरम ऐसा हआ ह इस झोऩडी भ यहनवारा दव भया षपरम बकत ह आभ आदभी होन ऩय बी दव रनतम तमहाय नगय भ ससथत शरी रकषभी नायामण

भॊहदय भ दीऩ जराता था इतना ही नही हय एकादशी क हदन मथा सॊबव वह शरी फाराजी वरत कथा बी सॊऩनन कयता था इसी लरम इन झोऩडीमो भ यहनवार सबी रोग सयकषत यह आऩ सबी महद वरत सॊऩनन कयग तो अऩन-अऩन

ऐशवमि को ऩन परापत कय सकत होrdquo आकाशवाणी सनत ही तयॊत व सबी रोग उस भॊहदय भ गम औय जस

सॊबव हो सका वस सबी रोगोन एक-दसय क सहमोग स शरी फाराजी की वरत कथा सॊऩनन की ऐसा कयत ही सबी को उनक घय ऩवि रऩ भ ही परापत हो गम तफ स व सबी शरीफाराजी क बकत फन गम औय हय एकादशी को शरीफाराजी का वरत सॊऩनन कयत औय सख-शाॊरत परापत कय यहन रग अॊत भ उनहोन भसकत बी परापत की

शरीवलशषठजी न इस परकाय म कथा सनाई

गोषव ॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

ततीमोधमाम सभापतॊ |

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ

शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

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चतथव अधमाम

शरी बयदवाज उवाच

शरीनायामण जी को ldquoशरीफाराजी वरत कथाrdquo अतमॊत षपरम ह चतथि अधमाम क रऩ भ हभाय साभन शरी बयदवाज

भरनदवाया फतामी नमी कहानी इस परकाय ह- ldquoह कलरमगवालसमो शरी नायामण क षपरम बकतो आऩ सजस वरत को सॊऩनन कय यह ह वह अदभत ह आऩकी भनोकाभनाओॊ को ऩणि कयन का साधन ह शरी फाराजी को परसनन कयन का मह अतमॊत सयर उऩाम ह आऩ सबी ऩय कऩा कयन क लरम ही वकॊ ठवासी बगवान शरीरनवास क रऩ भ रतरभरा ऩहाड ऩय अवतरयत हए ह अनक जनभो क ऩणमपर स ही रतरभरा ऩहाड ऩय ऩय यखन का सौबागम परापत होता ह औय बगवान क दशिन बी सॊबव होत ह इसी तयह इस ldquoवरतकथाrdquo को सॊऩनन कयन का सॊकलऩ बी ऩविजनभ क

ऩणमपर स ही सॊबव होता ह जो वमसकत इस वरत को सॊऩनन कय यह ह मा जो इस कथा को सन यह ह मा जो बगवान क परसाद को गरहण कयत ह उनह बगवान की कऩा परापत होती ह औय व सौबागम बी ऩात ह

पराचीन कार भ ldquoनगयीrdquo नाभक एक गराभ भ धनगपत नाभ का वमाऩायी यहता था वह फहत ही रारची था ऐशवमि परापत कयन ऩय बी उसका रारचीऩन कभ नही हआ मह सभसत ऐशवमि उसका ही कभामा हआ ह ऐसा सोचकय वह फहत घभॊड कयता था अहॊकाय भनषम का नाश कयता ह

धनगपत की ऩतनी काॊरतभती अतमॊत बसकत बावना यखती थी औय रनषठा स बगवान की ऩजा कयती थी उनकी तीन कनमाएॉ थी तीसयी कनमा ldquoकभायीrdquo भ बसकत बावना जमादा थी वह हभशा फाराजी का नाभ ही जऩती यहती थी षऩताजी को बफना फताम वह जफ-तफ शरी फाराजी क भॊहदय भ जाती थी औय बगवान क दशिन कयती थी घय आकय षऩताजी को छोड अनम सबी क साथ परसाद सवीकाय कयती थी ऩती क ऐस वमवहाय स

काॊरतभती थोडी चच ॊरतत होती थी

एक हदन ldquoकभायीrdquo की सहरी क घय ऩय ldquoशरी फाराजीrdquo का वरत सॊऩनन हो यहा था मह जानकय वो वहाॉ गई वरत ऩया होन तक दोऩहय हो चकी थी थोडासा परसाद उसन गरहण ककमा औय थोडा वह अऩन घयवारो क लरम एक

कागज की ऩडी भ रकय चरी फीच यासत भ उस पमास रगन रगी धऩ बी फहत तज थी उसन सोचा थोडी दय रक

कय पमास फझाकय कपय चरॉ तो ठीक यहगा तबी उस माद आमा कक उसक षऩता की दकान अगरी गरी भ ही तो ह वहाॉ जाकय उसन षऩताजी को ऩजा की फात बफना फताम षऩताजी स ऩानी भाॉगकय षऩमा औय षऩताजी गससा कयग

इस डय स उसन जलदी-जलदी ऩानी षऩमा इस घफयाहट भ परसाद की ऩडी वही दकान भ बरकय चरी गई

एकाएक फाजाय भ हडकॊ ऩ भच गमा रोग हाहाकाय भचात हए इधय-उधय बागन रग आगजनी क कायण उस गरी की सायी दकान जर कय याख होन रगी वस बी दोऩहय का सभम थाउस ऩय गभि हवाएॉ चर यही थीधनगपत का शयीय डय क भाय काॉऩन रगा ldquoकछ ही सभम भ उसकी दकान बी जर कय याख हो जाएगीrdquo इस षवचाय स उस क हाथ-ऩय काॉऩन रग सबी रोग अऩनी-अऩनी दकानो स फाहय आकय इधय-उधय बागन रग ऩय

धनगपत वही खडा यह गमा दकान छोडकय जान का भन नही कय यहा था महद वो दकान भ यहगा तो जरकय

याख हो जामगासोचत हए उसन घफयाहट भ उसक हाथ रगी ऩडी को उठामा औय बफना सोच सभझ जो हाथ आमा वो भॉह भ डार हदमा उस कछ भीठा-भीठा सा ऩदाथि रगा औय भन बी शाॊत होन रगा

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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तबी एक अदभत घटना घटीआग धनगपत की दकान तक आकय रक गमी आग की रऩत वहाॉ नही आ ऩामी मह कसी षवचचतर फात हम कसी भामा ह धनगपत क भॉहस एक बी फात नही रनकर ऩामी उधय आगजनी की खफय सनत ही ऩतनी काॊरतभती अऩन कनमाओॊ क साथ फाराजी का सभयण कयत हए दौडती हई वहाॉ आ गमी आग उनक दकान तक आकय कस रक गमी मह दखकय उस आशचमि हआ तबी कभायी को दकान भ बरी हई ऩडी की माद आई धनगपत को सभझन भ दय नही रगी कक उसन जो चीज भॉह भ डारी थी वो औय कछ नही तो बगवान का परसाद ही था औय उसकी भहहभा स ही व इस दघिटना स चक गम धनगपत न शरीफाराजी स भा भाॉगी गार फजाम शाभ भ ही नगयवालसमो को फराकय ldquoशरीफाराजी की वरत कथाrdquo सॊऩनन की तफ स वह बगवान की सवा भ रीन हो गमा औय अॊत भ भो बी परापत की आऩन दखा कक कवर परसाद गरहण कयन स ही वो ककतनी फडी दघिटना स चक गमा फाराजी की भहहभा अदभत ह आऩ सबी बी मथा सॊबव वरत को सॊऩनन कय क बगवान की कऩा परापत कय सकत हldquo

शरीबयदवाजजी न इस परकाय मह चतथि कथा सनामी

गोषवॊदगोषवॊदगोषवॊद

चतथोधमाम सभापतॊ |

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

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ऩॊचभ अधमाम

शरी अतरतर उवाच

रतरभरा-रतरऩती बरोक का वकणठ धाभ ह ऩयाणो भ फतामा गमा ह कक रतरभरा क सभान ऩषवतर सथर औय शरी फाराजी जस दवता न तो ऩहर कबी हए ह औय न कबी होग शरीरनवास क रऩ भ अवतरयत शरी नायामण अऩन

बकतो स फहत परभ कयत ह जो उन ऩय अऩना ऩया बाय डारकय उनह रनतम सभयण कयत ह जो सदाचाय स ऩणि जीवन बफतात ह वो उनकी या कयत ह ऐस शरीफाराजी को परसनन कयन का सफस सयर उऩाम ह ndash ldquoशरीफाराजी की वरत कथाrdquo

इस अदभत वरत कथा क फाय भ भहातऩसॊऩनन शरी अबतर भहषषि न कऩा कयत हए कहा ह- ldquo ह फाराजी क षपरम

बकतो कलरमग भ आऩक सौबागम क फाय भ कमा कहना कतमग तरतामग औय दवाऩायमग भ अतमॊत कठोय तऩ-

जऩ कयन ऩय बी परसनन न होन वार शरी नायामण इस मग भ कवर नाभसभयण स ही आऩ रोगो ऩय कऩा कय यह

ह षवशवास क साथ उनह फरान ऩय व तयॊत कऩा परदान कयत ह ऐस करणाभम ह शरीफाराजी ऩषवतर रतरभरा ऩय

तमहाया यखा हय कदभ अनक जनभो क ऩणमपर क सभान ह

पराचीन कार भ ldquoकौभायrdquo दश भ ldquoलभतरrdquo नाभक धोफी यहता था वो अऩन काभ क साथ-साथ धालभिक कामि कयता हआ जीवन रनवािह कय यहा था उसकी अऩॊगता ही उसकी चच ॊता थी इसी कायण धोए हए कऩडो की ऩोटरी फनाकय घय-घय घभकय उनह रोगो तक ऩहॉचाना उस धीय धीय भसशकर रगन रगा उसका ऩरयवाय फडा था बफना भहनत ककए उस बय ऩट खान को बी नही लभरता था हभशा वो शरी फाराजी की ऩजा कयता यहता था कबी ना कबी बगवान उस ऩय कऩा कयग इसी षवशवास स वो अऩना जीवन गजाय यहा था बकतो ऩय कऩा कयन वार फाराजी सफ कछ दखत यहत ह जो वमसकत अऩन कभो स भकती ऩाता ह उनक ऩास आकय फाराजी ककसी न ककसी रऩ भ आकय उनकी या कयत ह एक हदन शाभ क सभम हभशा की तयह लभतर कऩड धोकय कऩडो की ऩोटरी राद धीय-धीय चरता हआ आ

यहा था फीच यासत भ उस एक वदध बराहभण हदखाई हदम गौयव की बावना स फड होन क कायण लभतर न अऩन कॊ ध

ऩय रदी हई ऩोटरी को नीच उतायकय वदध बराहभण को नभसकाय ककमा तफ उस षवपरोततभ न कहा- ldquoतभ अऩन इस ऩय क कायण ककतना कषट सह यह हो तमहाया दख दखा नही जाताrdquo तफ लभतर न कहा-ldquoह नाथ आऩ फजगि ह बयाऩया ऩरयवाय होन क कायण भझ इस काभ स भकती नही लभर यही ह ककसी तयह भयी म अऩॊगता दय हो ऐसा कोई उऩाम फताइएrdquo

तफ बराहभण न कहा-ldquoसनो बाई भ जरय फताऊॉ गा धमान स सनो भ एक ऐस वरत क फाय भ फताता हॉ सजस सॊऩनन कयन स तमहायी अऩॊगता दय हो जाएगी तमह अषट ऐशवमो की परासपत होगी वरत सॊऩनन कयत ही तमह हजाय अशकपि माॉ लभरगी ऩय एक शति ह उसभ स आध तभ भझ दोगकर भ कपय इसी सभम महाॉ लभरॉगाrdquo तफ लभतर न कहा- ldquoसवाभी इसस फढकय सौबागम औय कमा हो सकता ह आज ही इस

वरत क फाय भ फताइए भ उस सॊऩनन करॉ गाrdquo लभतर क उतसाह को दख वदध न शरी फाराजी वरत कथा क फाय भ फतामा

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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लभतर दगन उतसाह क साथ घय आमा ऩयी कहानी ऩतनी को फतामी औय अडोस-ऩडोस क साथ लभरकय शरी फाराजी वरत को सॊऩनन ककमा चयणाभत परसाद गरहण ककमा घय आए सबी रोगो को बी हदमा तबी घय क फाहय कछ

कोराहर सनाई हदमा लभतर का फटा फाहय स दौडता हआ आमा औय फोरा- ldquoषऩताजी षऩताजी याज-यक आऩक लरम आए ह याजा न आऩक लरम बट बी बजी हrdquo इतन भ यक बी वहाॉ आ गम उनहोन फतामा कक उसकी रनमसकत याज दयफाय भ धोफी क रऩ भ हो गमी ह याजा न हजाय अशकपि माॉ ऩयसकाय सवरऩ बजी ह ऐसा कहकय उनहोन लभतर क हाथ भ हजाय अशकपिमो की ऩोटरी यख दी एक हफत क अॊदय-अॊदय

उस आकय नौकयी भ बतॉ होन को बी कहा लभतर क आनॊद की सीभा नही थी एक हफता कमो कर ही कमो नही सोचकय उसन अऩनी ऩोटरी-वोटरी फाॉधी औय दसय हदन सवय ही वो जान को तमाय हो गमा इस जलदफाजी भ वह

उस वदध की फात बर गमा फीच यासत भ उस उसकी फात माद आ गमी ऩय ठीक हअगर भहहन लभर रता हॉ सोच

कय वह याज दयफाय भ अऩन काभ ऩय रग गमा हदनभहहन फीत बराहभण क वश भ आए बगवान को गससा आमा बगवान न सोचा भनषम की परवसतत ऐसी ही होती ह उस भझ अऩनी भहहभा फतानी होगी

दसय ही हदन याणीवास स आबषण चोयी हो गम चोयी का इलजाभ लभतर ऩय आमा लभतर को कायावास की सजा हई hellipयाज यकोन उस तयह-तयह की मातनाएॉ दी ऐसा कमो हआउस ऩय मह इलजाभ कमो रगा सोचत हए लभतर को यात को सऩन भ बगवान हदखाई हदम उनहोन फतामा कक ldquoवदध बराहभण क रऩ भ व ही आम थ वो अऩनी फात स भकय गमा इसलरम म सफ हआ हrdquo तफ लभतर न कहा-ldquoह नाथभ ऩाऩी हॉ भन फहत फडा ऩाऩ ककमा ह कऩमा भझ ऩय दमा कीसजम अफ भ हय भहहन आऩका वरत सॊऩनन करॉ गा भयी आम का आधा बाग जीवन बय आऩको सभषऩित करॉ गाrdquo गार फजाकय उसन बगवान की हय तयह स पराथिना की बकतो की ऩकाय सननवार बगवान न खशी-खशी लभतर ऩय कऩा कय दी बगवान की कऩा स याणी क आबषण दसयही हदन लभर गम याजान म बी जान लरमा कक लभतरन चोयी नही की थी लभतरको कायावास स रयहा कय हदमा गमा तफ स लभतर बगवान को हदम वचन अनसाय हय भहहन शरी फाराजी का वरत सॊऩनन कयन रगा औय अऩनी आम का आधा बाग बगवान को अषऩित कयता यहा सख ऩणि जीवन बफतात हए उसन अॊत भ भो बी परापत ककमाrdquo

शरी अबतरजी न ऐसा कहकय ऩाॉचव औय आखयी अधमाम को सभापत ककमा

गोषवॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

ऩॊचभोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

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faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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बगवान कषण ककसी को नयलसॊह सवाभी तो ककसी को ॐ काय हदखाई हदमा जो सजस रऩ को ऩजत थ वस उनको दशिन हआ इसी हदन भझ औय एक अदभत घटना दखन लभरी जो रोग हभाय घय आम हए थ उनह बी म हदखाई हदमा अ फ तक पोटोस हलदी आना हदम भ घी क साथ फाती आना आयती की थारी सजना ऐसी बगवान की रीराएॉ हभन दखी अबी जो भ फतान जा यही हॉ वो भन को शाॊरत दनवारी घटना ह आम हए सबी रोगो को षवससभत कय गमी आज भय ऩती भझ स ऩहर उठ औय भया चहया दखकय घफया गम जलदी स भझ उठामा ऩछन रग ldquoतभन म चहय

ऩय कमा रगामा हrdquo भन उठकय लशश भ दखा ऩय चहय ऩय हलदी का रऩ रगा हआ था भाथ ऩय एक रऩम क

लसकक क सजतना फडा कभकभ था वो कभकभ धीय धीय फढ यहा था इस फात न भझ बी सोच भ डार हदमा भझ

कमा हो यहा ह शाभ को हभाय कछ लभतर उनक ऩरयवाय क साथ बजन कयन क लरम घय आ गम जफ व बजन गा यह थ भ न अऩनी आॉख फॊद कय री आॉखो क साभन शरी ऩदमावती क साथ शरी वकटशवय थ म दखकय भ सफह भय चहय ऩय आम हए हलदी कभकभ का भहततव जान गमी उस हलदी औय कभकभ न भझ हदवम दशिन सहन की शकती दी थी आभ रोगो भ म शकती नही होती ह बगवान औय दवी भाॉ को भझ इस अरग शकती का वयदान ऩहर दना ऩडा उस ऩाकय भ उनक दहदपमभान रऩ को दख सकॉ म हभाया सफस फडा सौबागम ह

इसी हदन हभन चीनी दध भ लभराकय उसका नवदम अऩिण ककमा सफक साभन चीनी का शहद फन गमा आम हए सबी रोग म चभतकाय दखकय फहत खश हए औय अऩन आऩ को खशनसीफ भानकय घय रौट सपटफय १० २०१० योज की तयह आज बी भ सनान कयक ऩजाघय भ गमी बगवान की तसवीय क साभन जभी हई

हलदी न गणशजी का आकाय लरमा था आज बी कभय क साय हदम जराम हए थ आयती की थारी सजी हई थी हदम भ घी क साथ फाती बी यखी हई थी ऩजा की सायी तमायी हो चकी थी बगवान न गणशजी क रऩ भ दशिन

हदमा उस हदन आम हए रोगोन आशचमि स कहा ldquoषवनामक चतथॉ क ऩहर ही षवनामक आऩक घय आमrdquo बगवान की रीरा अगाध ह इन रीराओॊ को सभटन क लरम सहसतर नमन बी कभ ह

सपटफय ११ २०१० आज बी घय भ योशनी थी आयती की थारी सजी हई थी हदम भ घी क साथ फाती थी भ जफ उठी तो चहय ऩय कपय स हलदी कभकभ रगा था म दखकय भ फहत खश हई रगा आज कपय स भझ हदवम दशिन होगा बगवान को रनमफ-चावर औय दही-चावर का नवदम अऩिण ककमा कछ दय फाद जफ ऩजा घय भ रौट तो दोनो चावर का लभशरण हआ था मही हभाया बोजन था आज हभाय महाॉ थोड रोग आम हए थ उनभ स एक शरीभतीजी को इन चभतकायो ऩय षवशवास नही था व फोरी ldquoबगवान तो लसपि ऩतथय की भतॉ ह उस हभ अऩनी इचछाएॉ ऩयी कयनक लरम कहत ह म तो तमहायी कवर कलऩना ह कक बगवान तमहाय घय भ आम हrdquo कपय उसन भझ एक घॊट भ सौ सवार ऩछ औय भ न फड धीयज क साथ उन साय सवारो क जवाफ हदम उसन थोड पर राम थ वो भ न बगवान

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क साभन यख हदम परसाद रकय व चरी गमी इसक फाद औय कछ रोग आम हभ इनह थोड सारो स जानत थ भ सभझी म रोग चभतकयो को लसपि जाॉचन आम ह कछ सभम बफताकय व परसाद लरम बफना ही चर गम उस शाभ भय ऩती फटी क साथ हभाय दोसतो क महाॉ खान ऩय गम थ भ फचनी स हदवम दशिन की याह दख यही थी इतन भ जो शरीभती हभाय घय आकय परसाद लरम बफना चरी गमी थी उनका भझ पोन आमा व फोरी ldquoफाराजी औय ऩदमा नाभ क एक शरीभान-शरीभतीजी आऩ क घय आना चाहत ह भन उनको आऩ क घय का ऩता औय पोन हदमा ह अगय उनह घय ढॉढन ऩय हदककत आमी तो व आऩको पोन कयगrdquo भन हाॉ बयी अबी बी भ बगवान क हदवम दशिन की आतयता स याह दख यही थी तबी फाराजी औय ऩदमा भय घय ऩय आम भ न उनका सवागत ककमा उनको ऩजाघय र गमी उनहोन बगवान को दखा कहा ldquoतभ फहत खशनसीफ हो बगवान की तभ ऩय ऩयी कऩा हrdquo भन हदमा हआ परसाद बावऩणि भन स उनहोन सवीकाय ककमा कछ दय रककय कपय स ककसी हदन आन का वचन दकय चर गम उनक जान क फाद कपय स भय सौबागम स भझ हदवम दशिन का राब हआ तफ तक भय ऩती घय रौट भ न उनको फाराजी औय ऩदमा क फाय भ सफ कछ फतामा म बी फतामा कक जो शरीभती जी परसाद लरम बफना ही चरी गमी थी उसीन उनह महाॉ बजा था भय ऩती ऩछन रग ldquoजो सवमॊ इन चभतकायो ऩय षवशवास ना यखतीहो व कस ककसी को हभाय घय बज सकती हrdquo जफ भय ऩती न म फात नही उठामी तफ तक भय भन भ म आशॊका आमी नही थी अफ भय भन भ एक सवार उठा भझ हदवम दशिन फाराजी औय ऩदमा आन स ऩहर कमॉ नही हआ भझ इसका जवाफ जानना जरयी रगा हभन उस शरीभती जी को पोन कयक फाराजी औय ऩदमा क फाय भ ऩछ उसन लसधा इॊकाय ककमा उसन ककसीको बी हभाय घय नही बजा था पोन बी नही ककमा था उसक दय दय तक क रयशतदायो भ ऐस नाभ का कोई नही था अफ भ सभझी व औय कोई नही फसलक सवमॊ बगवान ही थ सजनह भ ऩहचान नही सकी भ फहत रनयाश हो गमी उनह ना ऩहचानन की बर भ ऩहर (२००५ की रतरभरा की मातरा भ लभर हए फजगि शरीभान-शरीभती) बी कय चकी थी आज कपय वोही गरती भ न दोहयामी थी साशरऩणि नमनो स भ न बगवान स ऩछा कक म कसी ऩयीा ह यात क ११ फज हभन ऩजाघय का दयवाजा फॊद ककमा औय फाहय कभय भ टीवी दखन रग नीॊद आन ऩय सोन स ऩहर एक फाय बगवान का दशिन रन हभ ऩजाघय भ गम ११३० फज चक थ ऩजाघय भ शरी फाराजी औय ऩदमावती क भतॉ स शहद फह यहा था फडा कलऩनातीत दशम था भय ऩती तो अचॊबफत ही हो गम हभन तयॊत उसक पोटो औय कपलभ र री दवय दवयानी को सकाईऩ (इॊटयनट) ऩय आन क लरम कहा उनहोन म अदभत चभतकाय वफ कॎ भय स दखा उनकी खशी का तो हठकाना ही नही यहा औय एक फात भ न दखी जो पर षवशवास ना यखनवारी शरीभतीजी न राम थ सजनहोन भझ हय तयह क सवार ऩछ थ वो दसय कोनभ उछार हए थ म दखकय हभन तम ककमा कक जो बगवान ऩय षवशवास यखत हो उनहीक पर बगवान को चढामग हय हदन अषवसभयणीम माद औय अदभत अनबव ऩीछ छोड क जा यहा था

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सपटफय १२ २०१० आज हलदी क ऊऩय कभकभ आन रगा शहद बी फह यहा था हभन नवदम अऩिण ककमा कछ दय फाद दखत ह तो कमा आज बगवान न नवदम गरहण नही ककमा था शाभ को हभन बन हए हटॊडोया चावर क साथ लभराकय उसका नवदम ककमा थोडी दय फाद जफ ऩजाघयभ गम तो दखा उस चावर औय हटॊडोया का फडा सा रडड फना क यखा था हभन वो साय आम हए बकतो भ फाॉट हदमा सपटफय १३ २०१० आज सफह हभन बगवान को काज-फदाभ-ककशलभश का नवदम अऩिण ककमा बगवानन आध खाम औय आध हभाय लरम यख आज बी आयती की थारी सजी हई थी हदम भ घी क साथ फाती यखी थी भ भयी फटी को सकर छोडकय घय आमी भय ऩती स पोन ऩय फात कयत कयत भ यसोईघय भ खाना फना यही थी उतन भ भझ ऩामर की आवाज सनाई दी तयॊत भ न ऩती को पोन ऩय म फात फतामी औय ऩछा कक अगय उस वो सनाई द यही ह मा नही ऩय उस पोन ऩय वो आवाज नही सनाई दी भ न सवहडडओ कपलभ री औय सकाईऩ ऩय दवय दवयानी को हदखाई तफ उनको औय भय ऩती को वो आवाज सनाई दी तफ तक भ सोच यही थी कक वो आवाज सनाई दना कमा भय भन का खर था अफ भ फहत खश हई कक भय भन का खर नही था भन सचभच दवी क नतमकी आवाज सनी थी भयी फटीन औय भन वो ऩामर की भीठी आवाज कपय स सनी रगबग ५ लभरनट वो चर यही थी ऐस रग यहा था जस दवी भाॉ ऩामर ऩहनकय घय भ चर यही ह उस यात भय ऩती को बी म दवी आवाज सनन का बागम लभरा सपटफय १४ २०१० शहद अबी बी फह यहा ह हभन वो उस हदन घय आम हए दोसतो को भहभानो को औय बकतो को तीथि क रऩ भ हदमा सपटफय १५ २०१० आज कभकभ जमादा ऩभान भ आमा हआ हदखाई हदमा शहद सजस फाऊर भ सॊचचत हो यहा था वो ऩया बय गमा औय हभ दसया यखना ऩडा सपटफय १६ २०१० हभन आज नवदम भ सफ यखा जफ वाऩस आकय ऩजा घय भ गम तो दखा बगवान न सफ का एक बाग खामा था सपटफय १८ २०१० आज हलदी औय कभकभ भ बगवान की पोटो जो ऩयी ढक गमी वो थोडी कभ हई थी उसस बगवान का भख औय भकट हदखाई दन रगा ऩहर स वो कई जमादा तजसवी हदख यहा था हभन वो हलदी कभकभ घय आम हए बकतो भ फाॉटना शर ककमा सवाभीजी औय दवी भाॉ क भरत िओॊस फहनवारी शहद तो थभन का नाभ ही नही र यही थी फीच भ १० लभरनट फडी तज धाया स फहा दोऩहय भ हभन दार-चावर की रखचडी नवदम भ यखी फाहक कभय भ जाकय टीवी दखत १५ लभरनट हए ही थ तफ वही रखचडी का भय भॉह भ छोटा रनवारा आमा अॊदय जाकय दखा तो बगवान भ बी रखचडी खामी थी (हभाय वफ साईट ऩय सपटफय १८ २०१० की पोटो भ आऩ म दख सकत ह) सपटफय १९ २०१० आज जो सफ नवदम भ यखा था उसका एक टकडा बगवान क खामा औय दसया भझ रखरामा जो भझ रखरामा वो भयी भॉह भ आमा भ उसा वकत यसोईघय भ काभ कय यही थी तयॊत

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भन भय ऩती को म फात फताई उसन झट स ऩजाघय भ जाकय दखा कक सफ स दो टकड चफाम हए हदख यह थ शाभ को परो का यस नवदम भ यखा थोडी दय फाद दखा तो फाऊरभ थोडासा यस ही फचा था इसस म साप हो यहा था कक बगवान न हभाया नवदम सवीकाय ककमा था फच हए यस को हभन परसाद सभझकय बकतीबाव स षऩमा शहद का फहना आज बी अखॊडडत ह सपटफय २० २०१० आज हभन चावर औय बन हए हटॊडोया नवदम भ यख कछ दय फाद जफ ऩजाघय गम तो चावर औय हटॊडोया लभराक उसक चाय रडड फनाकय थारी भ यख थ शाभ को योटी क साथ चन का नवदम ककमा इसका बी बगवान न फड पमायस सवीकाय ककमा फची हई योटी औय चन हभन खाम हय हदन बगवान हभ उसकी रीराएॉ हदखा यह ह शहद का फहना अबी बी जायी ह सपटफय २१ २०१० आज हभन चावर औय दार-ऩारक की सबजी का नवदम अऩिण ककमा कछ दय फाद जफ दखा तो सबजी चावर भ लभरी हई थी थोड चावर बगवान न खाम थ आयती की थारी भ हदमा था उसभ घी क साथ फाती बी थी दधभ शहद लभराकय चाॊदी का फाऊर बी तमाय था इन साय अदभत चभतकायो स बगवान कलरमग भ अऩना अससतततव भनषम को हदखा यह ह फड सौबागम की फात ह कक उसक लरम उनहोन हभाया घय चना सपटफय २२ २०१० आज दार फराम औय चावर नवदम भ थ कछ दय फाद हभ ऩजाघय भ गम तो दार औय चावर लभर हए थ उसभ स थोडा हहससा बगवान न खामा था शाभ को हभन अॊगय बगवान क साभन यख हभ बोजन र यह थ तो एकदभ स कछ अॊगय भय भॉह भ आम ऩजाघय भ जाकय दखा तो वहाॉ लसपि दो ही अॊगय फच थ सपटफय २३ २०१० आज बी हभन अॊगय का नवदम बगवान को अऩिण ककमा उनभ स कपय भय भॉह भ अॊगय आम भय ऩती क दोसत हभाय घय आम थ उनक आन स कछ दय ऩहर शहद की धाया फडी हो गमी थी जफ भय ऩती शहद की कपलभ र यह थ उनहोन दखा आयती की थारी भ जरी हई फाती कपय स जरन रगी उसका परकाश बी जमादा तजसवी था म अकसलऩत दषम हदखान क लरम उनहोन तयॊत भझ औय फाकी सफ को ऩजाघय भ फरामा ऐस अदभत रीराओॊ को दखकय दोसतरोग बी अऩना सौबागम सभझकय खश हए सपटफय २४ २०१० आज सफह औय दोऩहय भ जो बी नवदम यखा था उस बगवान न नही खामा शाभ को हभन ककशलभश यख औय फाहय गम रगबग हभ घय स ५ ककरोभीटय की दयी ऩय थ अचानक स भय भॉह भ ककशलभश आम अफ तक तो सफ चभतकाय घय भ हो यह थ ऩहरी फाय घय क फाहय हभ म अनबव आमा भ तो खशी स नाच उठी सपटफय २५ २०१० आज भ जफ ऩजाघय भ गमी तो आयती की थारी सजी हई थी हदमभ घी क साथ फाती रग चकी थी दध भ शहद लभराकय तीथि बी तमाय था हभ सफन लभरकय ऩजा की सपटफय ४ को भन चॊदन की ऩावडय भ ऩानी डारकय गॊध फनामा था आज तक वो सखा नही ह जस ही ऩजा

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खतभ हई भन दखा कक भय भाथ ऩय हटका रगा हआ था वो कभकभ नही था वो गॊध था भयी गदिन ऩय उसी गॊध स नाभार आमा था इसक फाद भय ऩती हभायी फटीक साथ फाहय क कभय भ खर यह थ औय भ यसोईघय भ काभ कय यही थी अचानक स ऩजाघयभ तीन चॊदन की अगयफसततमाॉ जरन रगी उसकी खशफ स साया घय कछ ही लभरनटोभ भहक उठा ससबजमाॉ लभराम हए चावर आज नवदम भ थ बगवान न म नवदम खा लरमा उसी हदन शाभ को आयती की थारी सजी थी हदम भ घी क साथ फाती थी ऩजा की सायी तमायी थी हभन कार अॊगय का नवदम अऩिण ककमा ऩय बगवान न नही खामा सपटफय २६ २०१० आज सफह औय दोऩहय का नवदम बगवान न नही सवीकाया शाभ को कछ पर बगवान क साभन यख उनस पर खान क लरम पराथिना की औय घय स फाहय रनकर घय स ४-५ ककरोभीटय दय गम नही तफ भय भॉह भ अॊगय आम घय जाकय दखा तो नवदम क परो भ स अॊगय कभ हए थ सपटफय २७ २०१० आज हभन बगवान को कछ सफ अऩिण ककम बगवान न एक टकडा खामा औय एक भय भॉह भ एक आमा शाभ को हभन कछ कर यख एक ततीमाॊश करा भय गर स फाहय आमा इस कर को कही बी दाॉत नही रग थ वसा ही था जस हभ रछरक स रनकारत ह ऩजाघयभ जाकय दखातो एक ततीमाॊश करा वहाॉ नही था फच हए कर क फाम फाज भ एक शहद का फॉद था षऩछर तीन हफत स बगवान की भतॉ स शहद का फहना रगाताय चर यहा ह ऑकटोफय १० २०१० आज हभन बगवान क साभन सफ यखा उसक फाद भ यसोईघय भ खाना ऩकान भ वमसत हो गमी अचानक स ऩजाघय स भझ भीठी भहक आन रगी अॊदय जाकय हभन जो दखा उसऩय षवशवास यखना कठीन था सऩन भ बी हभ म फात नही सोचत सफ तो वस का वस था ऩय उसक फाज भ रतरऩती का रडड था हभन रतरऩती का रडड ऩहर कई फाय खामा ह ऩय इतना गभि रडड ऩहर कबी नही खामा था हभायी ऊॊ गलरमो ऩय रगा हआ घी साप साप नजय आ यहा था रचच की फात तो ऩरछए भत

भय जसी साभानम घयर औयत क लरम म ऩसतक ldquoशरी फाराजी की रीराएॉrdquo लरखना कोई आसान फात नही थी कलरमग क दवता शरीवकटशवय औय दवी ऩदमावती की आलशवािद स ही सॊबव हो ऩामा ह भय ऩती ऋषषकश न म ऩसतक लरखन क लरम परोतसाहहत ककमा सवमॊ उनहोन इस ऩसतक का इॊसगरश भ अनवाद ककमा भ भयी फटी नहा का बी धनमवाद कयना चाहती हॉ शरी वकटशवय वरत क रखक शरी रतमभयाज षवशवऩरत याभकषण भरत ि क भनऩविक आबाय भानती हॉ भ बगवान स मही पराथिना कयना चाहती हॉ कक सजन सजन रोगो न म ऩसतक फनान भ भयी सहामता की भयी फात धमान स सनी उनऩय आऩकी कऩा फनी यह भयी सरदम सहदचछा ह जो कोई म वरत बसकत स सॊऩनन कयगा उस बगवान की कऩा का राब जरय होगा

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रलरता ऋषषकश

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शरी वकटशवय भॊतर

कलरमग क दवता सवमॊ शरी वकटशवयन वदो भ स कछ भॊतर भझ फताम ह उनभ स म भॊतर हय योज ऩजा क वकत

ऩढन स सचची बसकत ऩान क लरम भदद कयगा

भयारयसवक जयाहदऩीडडत रनयाचथिजीवन रनयाश बसय

वयारतसनदय सयाॊगनायरत कयाॊगसौषठव कभायताकरत

कभाय तायक सभाऩनोदम तननऩातक भहाऩदाभम

षवहाऩनोहदत सकरबवन षवहदत कभायधायालबधान तीथािहदसषटतसम

धयणीतर गत सकर हतकलरर सबासलरर गतफहर

षवषवधभर अरतचतय रचचयतय षवरोकनभातर षवदलरत

षवषवधभहाऩातक सवाभीऩषकरयरण सभतसम

जो बकत इस भॊतर का हय योज ऩठन कयगा वो आयोगमऩणि औय सभदध जीवन वमरतत कयगा

रलरता ऋषषकश

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कलमाण वकटशवय सवाभी

ऩजा की साभगरी ६ नारयमर ndash १ करश क लरम औय ५ ऩाॉच अधमामो क लरम

१ वसतरभ (रई का फना हआ हाय) १ करश १ नम परन कऩड का टकडा (रगबग एक भीटय)

हलदी औय कभकभ अता अगयफतती कऩिय (आयती क लरम)

बफड क ऩान मा आभ क ऩतत ( ३ ndash ५ करश क लरम २ षवनामक की ऩजा क लरम)

पर तरसी ऩॊचाभत (दध दही घी भध औय चीनी ) गणश क नवदम क लरम छोटा गड का टकडा वरत क नवदम क लरम गहॉ का यवा घी षऩसी हई चीनी करा षऩसी हई इरामची यवा घी भ बनकय ठॊडा होनऩय उसभ कर क टकड चीनी औय इरामची डार म यवा दध मा ऩानी भ नही ऩकामा जाता

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वरत की षवधी शरी रतमभयाज षवशवऩरत याभकषण भतॉ दवाया

कलरमग भ शरी फाराजी की कऩा ऩान क लरम इस वरत को सॊऩनन कयना अतमॊत आसान ह इस वरत को सॊऩनन

कयन क तयॊत फाद सबी कषट दय हो जात ह इस वरत की षवधी अतमॊत सयर ह सजस भझ वकॊ ठवासी नायामण जी न

सवमॊ फतामी ह कोई बी वमसकत कही बी कबी बी इस वरतको सॊऩनन कय सकता ह आचथिक कहठनाईमाॉ हो मा सवासम सॊफॊधी कोई सभसमा हो भन अशाॊत हो मा अनम कोई बी कायण हो इस वरत क सॊऩनन स ही कषट दय हो जात ह महद आऩन अऩन घय भ कोई शब कामि कयन का रनशचम ककमा हो तफ बी इस वरत को सॊऩनन कय सकत

ह नौकयी औय वमाऩाय भ उननरत क लरम बी वरत सॊऩनन कयन स तयॊत पर की परासपत होती ह

इस वरत को सॊऩनन कयन क दो षवधान ह

परथभ षवधान

इस वरत को ऩहर फताम अनसाय ककसी बी सभम सॊऩनन कय सकत ह भखम रऩ स भागिशीषि भाघ कारत िक भहहनो भ ऩरणिभा ऩॊचभी सपतभी एकादशी रतचथमो भ शरवण सवातीनतरो भ इस सॊऩनन कयना अचछा होता ह सवय हो मा शाभ इस वरतको सॊऩनन कय सकत ह

इस वरत भ ऩाॉच अधमाम ह ऩहरा अधमाम साात शरी फाराजी की कऩा स लरखा गमा ह अनम चाय अधमाम भहा तऩसवी शरी षवशवालभतर वलसषठ बयदवाज औय अबतर भहाभरनमो क दवाया फतामा गमा ह अऩन सवगह भ हो मा रनवास सथान भ बगवान का भॊहदय हो मा अनम कोई बी ऩषवतर सथान नदी तट ऩय बी इस सॊऩनन कय सकत ह

महद सॊबव हो सक तो अऩन फॊध-लभतरो क साथ इस सॊऩनन कय सफस ऩहर सजस जगह ऩय आऩ कयना चाहत ह उस

साप कय उसक फाद भॊडऩ तमाय कयक उसभ शरी फाराजी की तसवीय यख शरीदवी बदवी क साथ फाराजी की तसवीय को यखना शरषठ होगा तसवीय क साथ एक रऩम का लसकका यख उसक फाद करश की सथाऩना कय

सविपरथभ हलदी स फन क गणश की ऩजा कयनी चाहहम ताकक वरत बफना ककसी षवघन क सॊऩनन हो सक फाद भ वरत

कथा क ऩाॉच अधमाम ऩढ सवमॊ बगवान कहत ह कक जो वमसकत रनषठा औय बसकतस इस सॊऩनन कयता ह वहाॉ बगवान सवमॊ ककसी ना ककसी रऩ भ आकय परसाद सवीकाय कयत ह

दषवतीम षवधान

साात बगवान न एक औय भखम फात म बी फताई ह कक महद ककसी कायण कोई सभसमा हो औय वरत कयन क लरम

सभम न लभर मा ककसी कायणवश सॊबव न हो यहा हो तो अकर फठकय बी इस वरत को सॊऩनन ककमा जा सकता ह

शरी फाराजी क भॊडऩ क साभन फठकय सफस ऩहर गणश जी की पराथिना भन ही भन कय कपय अषट हदकऩारको नवगरह दवताओॊ का भन ही भन नभन कय तरसी दर नारयमर उऩरबध पर-पर थारी भ यख फाराजी को सभयण कयत हए वरत कथा का भन ही भन ऩठन कय नारयमर बगवान को अषऩित कय इस परसाद क रऩ भ सवीकाय

कयन स सबी कषट तयॊत दय हो जात ह हय कथा क अॊत भ नारयमर सभषऩित कय भहापरसाद क रऩ भ गहॉ का यवा

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(दलरमा) चीनी डारकय हरवा जस फनाम उसक ऊऩय करा बी यख हय कथा क अॊत भ गोषव ॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

तीन फाय कह कय पराथिना कय

फाराजी को तरसी दर अरत षपरम ह इसी लरम ऩजाभ तरसी दरो को यखना शरषठ होगावरत सॊऩनन होन क फाद

तरसी दरो को परसाद क रऩ भ सवीकाय कयन स योगरनवायण होन क साथ साथ अषट ऐशवमो की परासपत होती ह वरत की सभासपत ऩय नारयमर सभषऩित कयक उनक टकड फनाकय परसाद क रऩ भ बगवान को सभषऩित कयन स वहाॉ उऩससथत सबी रोगो को दकय कपय उस सवीकाय कयन स ऩणम परापत होता ह इस वरत को षवधीऩविक करश सथाऩना क साथ षवसताय स सॊऩनन कय अगय सॊबव न हो तो ऊऩय फताम दषवतीम षवधान क अनसाय बी कय सकत ह एक फात हभ सबी को माद यखनी चाहहम हभायी जो बी सभसमाएॉ ह व सजतना बगवान जानत ह औय कोई नही जान सकता ह इसीलरम उस करणाभम की पराथिना कय सॊकलऩ कय वरत सॊऩनन कयन स भनोकाभना रनसशचत ही ऩयी हो जाती ह सबी कषट दय होकय अषट ऐशवमो की परासपत होती ह

सभसत सनभॊगरारनबवॊत शरी रकषभी शरीरनवास कटा लसषदधयसत

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शरी वकटशवय वरत कथा शरीगणऩती धमानभ

वकरतणड भहाकाम कोहटसमिसभपरब रनषविघनभ करभ दव सविकामष सविदा शकरामफयधयभ शलशवणिभ चतबिजभ परसनन वदनभ धमामत सविषवघनोऩशाॊतम

तदव रगनभ सहदनभ तदव तायाफरभ चॊिफरभ तदव षवदमाफरभ दवफरभ तदव रीऩत तरिमगभ सभयालभ

आचभनभ

ॐ कशवाम सवाहा ॐ नायामणाम सवाहा ॐ भाधवाम सवाहा

ॐ गोषवॊदाम नभ ॐ षवषणव नभ ॐ भधसदनाम नभ ॐ बतरषवकरभाम नभ ॐ वाभनाम नभ ॐ शरीधयाम नभ

ॐ रषषकशाम नभ ॐ ऩदमानाबाम नभ ॐ दाभोदयाम नभ

ॐ सॊकषिणाम नभ ॐ वासदवाम नभ ॐ परदममनाम नभ ॐ अरनरधदाम नभ ॐ ऩरषोततभाम नभ ॐ अधोजाम नभ

ॐ नयलसॊहाम नभ ॐ अचमताम नभ ॐ जनादिनाम नभ ॐ उऩिाम नभ ॐ हयम नभ ॐ शरीकषणाम नभ

बतोचचाटनभ

उसततषटॊत बतषऩशाचचा एत बलभबायका ऐतशाभषवयोधन बरहभकभि सभायब

पराणामाभभ

ॐ ब ॐ बव ॐ सव ॐ भह ॐ जन ॐ तऩ ॐ सतमभ ॐ ततसषवतय-वयणमभ बगो दवसम धीभहह चधमो य़ो न परचोदमात ॐ आऩो-जमोरत-यसोवतभ बरहभ बबिवससवयोभ

भभ उऩातत दरयतामदवाया शरी ऩयभशवय परीतमथिभ शब शोबन भहत शरी भहाषवषणो आगनमा परवत भानसम आदमबरहभण दषवतीम ऩयाथ शवत वयाहकलऩ ववसवत भनवनतय कलरमग परथभऩाद जमफदवीऩ बयतवष बायत खनड भयो दकषण हदगबाग शरीशरसम hellip(जहाॉ ऩजा कय यह ह उस गाॉव का नाभ)परदशाम कषणा गोदावयी भधमबाग सव-शोबन गह सभसत दवता बराहभण हरयहय ससननधौ अससभन वतिभान वमवहारयक चानिभानन सवससतशरी परबवाहद नाभ सॊवतसय भधम सॊवतसय अमन ऋतौ (आज का भहहना)भासाम (शकर मा कषण)ऩाम (आज की रतथी)रतथौ (आज का हदन)वासय शबनतर शबमोग शबकयण एवॊ गण षवशषण षवलशषटामाभ

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शबरतथौ शरीभान(अऩना औय ऩरयवाय क सबी सदसमो क नाभ) गोतर (अऩना गोतर) नाभधम धभिऩतनी सभतसम असभाकभ सहकटॊफानाभ भ सथमि धमि षवजम आमय-आयोगम

ऐशवमि-अलबवधमथिभ धभािथि काभभो चतषविध ऩरषाथि पर लसदधमथिभ भभोऩातत दरयताम दवाया शरी ऩयभशवय परीतमथिभ शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरी वकटशवय दवता भडडडषम शरी वकटशवय वरतकलऩ करयषम िव सॊबवरदभ ऩदाथ सॊबवता रनमभन मावचचसकत धमाना वाहनाहद षोडषोऩचाय ऩजाभ करयषम (ऩानी को हाथ रगाम)

तदॊग करशायाधनभ करयषम (सवाभीजी की दामीॊ ओय करश यख उसभ गॊधभ ऩषऩभ कॊ कभ औय अता डार कपय आग लरख हए शरोक ऩढ) शरोकॊ करशसम भख षवषण काॊत रि सभाचशरता भर ततर ससथतो बरहभा भधम भातगणाचशरत कौत सागया सव सपतदवीऩ वसॊधया ऋगवदोत मजवद साभवदोहमथविणा अॊगशच सहहता सव करशाॊफ सभाचशरता करश गॊधऩषऩाताभ रनकषपतम हसतनचचादम आऩो वा इदभ सव षवशवबतानमाऩ पराणवा आऩा ऩशव आऩोननाभाऩोभता भाऩा समरादऩो षवयाडाऩा सवयाडाऩशचॊडाभ समाऩो जमोरतभ शमाऩो मजोभशमाऩ ससतमाभाऩ सवाि दवता आऩोबबिवसव याऩ ॐ (करश भ ऩानी बय औय उसभ तरसी क ऩतत डार) शरोकॊ गॊग च मभन च कषण गोदावयी सयसवरत नभिद लसॊध कावमो जरससभन ससननचधभ कर कावयी तॊगबिा च कषणवणी च गौतभी करशोदकन दवातभानभ ऩजािवमारन च समपरोकषमा (करश भ एक पर डफोकय उसस सवाभीजी ऩय ऩजा की साभगरी ऩय औय आऩ ऩय ऩानी रछडक )

शरी गणऩती पराथवना शकराॊफयधयभ षवषणभ शलशवणिभ चतबिजभ परसननवदनभ धमामत सविषवघनोऩशाॊतमत

आदौ रनषविघनन वरत ऩरयसभापतभ गणऩती ऩजाभ करयषम

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अथ गणऩती ऩजा ॐ गणानाभ तवागणऩतीभ हवाभह कषवॊ कवीनाभऩा भसशरवसतवभ जमषठयाजभ बरहभणाभ बरहभणसऩत आनशशरणमनततलब सीदसाधनभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ धमामालभ धमानभ सभऩिमालभ

आवाहमालभ यतनलसॊहासनभ सभऩवमालभ ऩादमौ ऩादमभ सभऩवमालभ

हसतौ अरघमवभ सभऩवमालभ भख आचभनीमभ सभऩवमालभ

आऩोहहषटाॊमोबवसतान ऊजधदातन भहयणाम चस मो वत लशवत भोयससतसम बाजमतहन उषतीरयना भातय तसभायभ गभाभवो मसमामाम जजॊधव आऩोजनमाधाचन

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash शदधोदक सनानॊ सभऩिमालभ

सनानाॊतयभ शदध आचभनभ सभऩिमालभ

अलबवसतरात वसनानमाय शलबदनतस दघा ऩजभान अलबचॊदरा बताव व नो हहयणमाभमशवनयततनोदव सोभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash वसतरमगभभ सभऩिमालभ

मऻोऩवीतभ ऩयभॊ ऩषवतरभ परजाऩत मत सहजभ ऩयसतात आमषमॊगरमभ परततभचच शभरॊ मऻोऩवीतभ फरभसत तज

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash मऻोऩवीतभ सभऩिमालभ

गॊधदवायाभ दयाधषावभ तनतमऩषटान करयषषणीभ

ईशवयीभ सववबतानाभ ता लभहोऩवहम शरशरमभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash हदवम शरी चॊदनॊ सभऩिमालभ

आमन त ऩयामण दवाव योहॊत ऩजषऩणी हदाशच ऩॊडयीकाणण सभदरसम गहा इभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash दवािहद नानाषवध ऩषऩारण सभऩिमालभ

अथ शरी षोडषनाभ ऩजा ॐ सभखाम नभ

ॐ एकदॊताम नभ

ॐ कषऩराम नभ

ॐ गजकरणिकाम नभ

ॐ रमफोदयाम नभ

ॐ षवकटाम नभ

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ॐ षवघनयाजम नभ

ॐ गजाचधऩतम नभ

ॐ धभकतव नभ

ॐ गणाचधाम नभ

ॐ पारचॊिाम नभ

ॐ गजाननाम नभ

ॐ वकरतॊडाम नभ

ॐ शऩिकणिकाम नभ

ॐ हयमफाम नभ

ॐ सकॊ दऩविजाम नभ ॐ सवािलससधद परदामकाम नभ ॐ भहागणाचधऩतम नभ

नानाषवध ऩरयभर ऩषऩारण सभऩिमालभ

वनसऩतमबवव हदव नाना गॊध स सममतभ आघरम सववदवानाभ धऩोमभ परततगहमताभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash धऩभािाऩमालभ

साजमभ बतरवतॉ सॊमकताभ वसहनना मोसजतभ षपरमभ

गहाणा भॊगरभ दीऩभ तररोकमरतलभयावहभ

बकतमादीऩभ परमचछालभ दवाम ऩयभातभन

तराहहभाभ नयकादघोयाद हदवमजमोरत नभोसतत

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash दीऩभ सभऩिमालभ

धऩ दीऩाॊतयभ आचभनीमभ सभऩिमालभ

नवदमभ

(गड का छोटा टकडा थारी भ यख कय उसक सबोवतार ऩानी रछडक) ॐ बबव सव ॐ ततसषवतयवयणमभ बगो दवसम धीभही चधमोमोन परचोदमात सतमभ तवतन ऩरयषषॊचालभ (यात भ ldquoऋतॊ तवा सतमन ऩरयषषॊचालभrdquo ऐस कह)

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash नवदमभ सभऩिमालभ

अभतभसत अभतोवतसयणभलस

ॐ पराणाम सवाहा ॐ आऩानाम सवाहा ॐ वमानाम सवाहा ॐ उदानाम सवाहा

ॐ सभानाम सवाहा भधम भधम ऩानीमभ सभऩवमालभ

अभताषऩधानभलस उततयाऩोषणभ सभऩवमालभ

हसतौ परारमालभ शदधाचभनीमभ सभऩवमालभ

ऩगीपर सकयऩय नागवलरीदरीयमतभ

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भकताचणव सभामकतभ ताॊफरभ परततगहमताभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash ताॊफरभ सभऩिमालभ

ॐ गणानाभ तवागणऩतीभ हवाभह कषवॊ कवीनाभऩा भसशरवसतवभ जमषठयाजभ बरहभणाभ बरहभणसऩत आनशशरणमनततलब सीदसाधनभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ - सवणिभॊतरऩषऩभ सभऩिमालभ

भॊतरहीनभ ककरमाहीनभ बसकतहीनभ गणाचधऩ

मतऩसजतभ भमा दव ऩरयऩण तदसतत

मऻन मऻभमजॊत दवासतारन धभािरण परथभानमासन

तहनाकभ भहहभान सचॊत मतर ऩवसाधमा सॊरत दवा

ऩनयाचभनभ

अनमा धमानावाहनाहद षोडषोऩचाय ऩजमा च बगवान सवाितभक

शरीभहा गणाचधऩरत सपरीतो वयदो बतवा उततय कभिणम षवघनभसत बवनतो

बवनत उततय कभिणम षवघनभसत गणाचधऩरत परसादभ लशयसा गरहणालभ

सहसरऩयभा दषव शतभरा शताॊकया सव हयत भ ऩाऩॊ दवािदससवपननाशनी गणऩरत मदासथानॊ उदवासमालभ

पराण परततषठा ॐ असनीत ऩनसभािस च ऩन पराणलभहनोदहह बोगॊ जमोकऩशमभ

समिभचचयनत भनभत भडमान सवससत अभतॊ वपराणा अभतभाऩ पराणानव मधासथानभऩहवमत

(सवाभीजी की भतॉ को हाथ रगाम )

शरीवकटशवय आवाहमालभ सथाऩमालभ ऩजमालभ ससथयोबव वयदोबव सपरसननोबव ससथयासनॊ कर

धमानभ

शानताकायॊ बजगशमनॊ ऩदमनाबभ सयशभ षवशवकायभ गगन सदशॊ भघवण शबाॊगॊ

रकषभीकानतॊ कभरनमनॊ मोचगहरधमान गममॊ वनद षवषणॊ बवबमहयॊ सविरोककनाथॊ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - धमामालभ धमानभ सभऩिमालभ

आवाहनभ

आवाहमालभ दवश लसदधगनधवि सषवत मिसमलभदॊ ऩणमॊ सविऩाऩहयोहय

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवनकटशवय सवालभन नभ - आवाहमालभ

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(सवाभीजी क भतॉ ऩय पर ऩतत चढाम) आसनभ

दव दव जगननाथ परणत करशनाशन यतनलसॊहासनॊ हदवमॊ गहाण भधसदन

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवनकटशवय सवालभन नभ - यतनलसॊहासनॊ सभऩिमालभ

(सवाभीजी क भतॉ ऩय पर ऩतत चढाम) ऩादमॊ

वासनचतॊ करभदव दषकतॊ च षवनाशम ऩादमॊ गहाण बगवान भातरतसॊग सॊससथत

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - ऩादमो ऩादमॊ सभऩिमालभ

(एक चमभच ऩानी थारी भ डार)

अरघम

करषवभ दमाॊ दव सॊसायारत ि बमाऩह दचधीय परोऩतभ गहाणाघम नभोसतत

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हसतमोयघम सभऩिमालभ

(एक चमभच ऩानी थारी भ डार)

आचभनॊ नभ सतमाम शदधाम रनतमाम ऻानरषऩण गहाणाचभनॊ दव सविरोककनामक

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - भख आचभनीमॊ सभऩिमालभ

(एक चमभच ऩानी थारी भ डार) ऩॊचाभतसनानॊ

ऩॊचाभतॊ भमानीतॊ ऩमोदचधघतॊ भध शकि या सहहतॊ चवदवतवॊ पररतगहमताॊ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - ऩॊचाभत सनानॊ सभऩिमालभ

(ऩॊचाभत गाम क दध दही घी भध औय चीनी लभराकय ककमा जाता ह)

सनानॊ सवणिऩातरोदकॊ गॊगा मभनाहद सभसनवतॊ शदधोदकॊ गहाणश सनानॊ कर मथाषवचध

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - शदधोदकसनानॊ सभऩिमालभ

(एक चमभच ऩानी थारी भ डार) वसतरॊ

तपतकाॊचन सनकाशॊ ऩीतमफय लभदॊ हय सगहाण जगननाथ शरीरनवास नभोसतत

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - वसतरमगभॊ सभऩिमालभ

मऻोऩवीतॊ मऻोऩवीतॊ ऩयभॊ ऩषवतरॊ परजऩतमितसहजॊ ऩयसतात

आमषमभागरमाभ पररतभचचशभरॊ मऻोऩवीतॊ फरभसत तज

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शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - मऻोऩवीतॊ सभऩिमालभ

गनधॊ चनदनागर कसतरय घनसाय सभसनवतॊ गनधॊ गहाण गोषवनद नानागॊधसचधायम

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हदवमऩरयभर गॊधाॊ सभऩिमालभ

(सवाभीजी क भतॉ को चॊदन रगाम) अताॊ

गोषवनदा ऩयभाननद हरयिा सहहततान षवशवशवय षवशारा गहाण ऩयभशवय

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - अतान सभऩिमालभ

(सवाभीजी क भतॉ ऩय अता डार चावर को हलदी कॊ कभ रगाक अता फनात ह) ऩषऩॊ

सगॊधारन सऩषऩारण जाजीकनदभखारन च भाररत वकरादषव ऩजाथ पररतगहमताॊ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - ऩषऩॊ सभऩिमालभ

अथाॊग ऩजा ॐ शरी वकटशवयाम नभ - ऩादौ ऩजमालभ

ॐ शरी वकटचरचधशाम नभ - गलफ़ौ ऩजमालभ

ॐ शरी परदामकाम नभ - जाननी ऩजमालभ

ॐ ऩदमावती ऩतम नभ - जॊघ ऩजमालभ

ॐ ऻानपरदाम नभ - ऊर ऩजमालभ

ॐ शरीरनवसाम नभ - कहटॊ ऩजमालभ

ॐ भहाबागाम नभ - नालबॊ ऩजमालभ

ॐ रनभिराम नभ - उदयॊ ऩजमालभ

ॐ षवशाररदमाम नभ - रदमभ ऩजमालभ

ॐ ऩरयशदधातभन नभ - सतनौ ऩजमालभ

ॐ ऩरषोततभाम नभ - बजौ ऩजमालभ

ॐ सवणिहसताम नभ - हसतौ ऩजमालभ

ॐ वयपरदाम नभ - कॊ ठॊ ऩजमालभ

ॐ रोकनाथाम नभ - सकनधौ ऩजमालभ

ॐ यसऻाम नभ - नालसकाॊ ऩजमालभ

ॐ ऩणमशरवन कीतिनाम नभ - शरोतर ऩजमालभ

ॐ ऩलरामफज षवरोचनाम नभ - नतर ऩजमालभ

ॐ वचिससवन नभ - रराटॊ ऩजमालभ

ॐ यमम षवगरहाम नभ - सवािणमनगारन ऩजमालभ

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ॐ शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हदवमसनदय षवगरहॊ ऩजमालभ

शरी वकटशवय अषटोततय शतनाभावलर

ॐ वकटशाम नभ

ॐ शरीरनवासाम नभ

ॐ रकषभीऩतम नभ ॐ अनाभमाम नभ ॐ अभताॊशाम नभ ॐ जगदवॊदवाम नभ ॐ गोषवनदाम नभ ॐ शाशवताम नभ ॐ परबव नभ ॐ शषाहि-रनरमाम नभ ॐ दवाम नभ ॐ कशवाम नभ ॐ भधसदनाम नभ ॐ अभताम नभ ॐ भाधवाम नभ ॐ कषणाम नभ ॐ शरीहयम नभ ॐ ऻान-ऩॊजयाम नभ ॐ शरी वतस-वस नभ ॐ सवशाम नभ ॐ गोऩाराम नभ ॐ ऩरषोततभाम नभ ॐ गोऩशवयाम नभ ॐ ऩयभ-जमोरतषम नभ ॐ वकनठऩतम नभ ॐ अवममाम नभ ॐ सधातनव नभ ॐ मादवनिाम नभ ॐ रनतम-मौवनरऩवत नभ ॐ चतवदातभकाम नभ ॐ षवषणव नभ

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ॐ अचमताम नभ ॐ ऩरदमनी-षपरमाम नभ ॐ धयाऩतम नभ ॐ सयऩतम नभ ॐ रनभिराम नभ ॐ दवऩसजताम नभ ॐ चतबिजाम नभ ॐ चकरधयाम नभ ॐ बतरधामन नभ ॐ बतरगणाशरमाम नभ ॐ रनषविकलऩाम नभ ॐ रनषकरनकाम नभ ॐ रनयाॊतकाम नभ ॐ रनयनजनाम नभ ॐ रनयाबासाम नभ ॐ रनतमतपताम नभ ॐ रनगिणाम नभ ॐ रनरऩिवाम नभ ॐ गदाधयाम नभ ॐ शायॊगऩाणम नभ ॐ ननदककन नभ ॐ शनखधायकाम नभ ॐ अनकभतिम नभ ॐ अवमकताम नभ ॐ कहटहसताम नभ ॐ वयपरदाम नभ ॐ अनकातभन नभ ॐ दीनफानधव नभ ॐ आतिरोक बमपरदाम नभ ॐ आकाशयाज-वयदाम नभ ॐ मोचग-रतऩदमभसनदयाम नभ ॐ दाभोदयाम नभ ॐ जगतऩाराम नभ

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ॐ ऩाऩघनाम नभ ॐ बकतवतसराम नभ ॐ बतरषवकरभाम नभ ॐ लशॊशभायाम नभ ॐ जटाभकट-शोलबताम नभ ॐ शनख-भदमोर-सनभॊजराम-ककसनकणमाडम-कयनडकाम नभ ॐ नीरभघ-शमाभ-तनव नभ ॐ बफलव-ऩतराचिन षपरमाम नभ ॐ जगदवमाषऩन नभ ॐ जगत-कत नभ ॐ जगत-साकषण नभ ॐ जगतऩतम नभ ॐ चचसनतताथि-परदाम नभ ॐ सजषणव नभ ॐ दाशावािम नभ ॐ दश-रऩवत नभ ॐ दवकक-ननदनाम नभ ॐ शौयम नभ ॐ हमगरीवाम नभ ॐ जनादिनाम नभ ॐ कनमा-शरवणतायजमाम नभ ॐ ऩीतामफयधयाम नभ ॐ अनघाम नभ ॐ वनभालरन नभ ॐ ऩदमनाबाम नभ ॐ भगमासकत-भानसाम नभ ॐ अशवरढाम नभ ॐ खडगधारयण नभ ॐ धनाजिन-सभतसकाम नभ ॐ गानसायर-सनभधम-कसतरय-रतरकोजवराम नभ ॐ ससतचदाननदरऩाम नभ ॐ जगनभनगरदामकाम नभ ॐ मऻरऩाम नभ

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ॐ मऻबोकत नभ ॐ चचनभमाम नभ ॐ ऩयभशवयाम नभ ॐ ऩयभाथि-परदाम नभ ॐ शानताम नभ ॐ शरीभत नभ ॐ दोदिनड-षवकरभाम नभ ॐ ऩयातऩयाम नभ ॐ ऩयबरहभण नभ ॐ शरीषवबव नभ ॐ जगदीशवयाम नभ

इतत शरी वकटशवय अषटोततय शतनाभावलर

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शरी भहारकषभी अषटोततय शतनाभावलर

ॐ परकतम नभ ॐ षवकतम नभ ॐ षवदमाम नभ ॐ सविबतहहतपरदाम नभ ॐ शरदधम नभ ॐ षवबतम नभ ॐ सयभम नभ ॐ ऩयभासतभकाम नभ ॐ वाचम नभ ॐ ऩदमारमाम नभ ॐ ऩदमाम नभ ॐ शचम नभ ॐ सवाहाम नभ ॐ सवधाम नभ ॐ सधाम नभ ॐ धनमाम नभ ॐ हहयणमम नभ ॐ रकषमम नभ ॐ रनतमऩषटाम नभ ॐ षवबावम नभ ॐ आहदतम नभ ॐ हदतम नभ ॐ दीपताम नभ ॐ वसधाम नभ ॐ वसधारयणम नभ ॐ कभराम नभ ॐ कानताम नभ ॐ काभाकषम नभ ॐ कभर समबवाम नभ ॐ अनगरहपरदाम नभ ॐ फदधम नभ ॐ अनघाम नभ

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ॐ हरयवलरबाम नभ ॐ अशोकाम नभ ॐ अभताम नभ ॐ दीऩाम नभ ॐ रोकशोक षवनालशनम नभ ॐ धभिरनरमाम नभ ॐ करणाम नभ ॐ रोकभातर नभ ॐ ऩदमषपरमाम नभ ॐ ऩदमहसताम नभ ॐ ऩदमाकषम नभ ॐ ऩदमसनदम नभ ॐ ऩदमोदभवाम नभ ॐ ऩदमभखम नभ ॐ ऩदमनाब षपरमाम नभ ॐ यभाम नभ ॐ ऩदमभाराधयाम नभ ॐ दवम नभ ॐ ऩरदमनम नभ ॐ ऩदमगसनधनम नभ ॐ ऩणमगनधाम नभ ॐ सपरसननाम नभ ॐ परसादालबभखम नभ ॐ परबाम नभ ॐ चनिवदनाम नभ ॐ चनिाम नभ ॐ चनिसहोदम नभ ॐ चतबिजाम नभ ॐ चनिरऩाम नभ ॐ इसनदयाम नभ ॐ इनद शीतराम नभ ॐ आहराद जननम नभ ॐ ऩषम नभ

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ॐ लशवाम नभ ॐ लशवकतम नभ ॐ सतमाम नभ ॐ षवभराम नभ ॐ षवशवजननम नभ ॐ तषम नभ ॐ दारयदरमनालशनम नभ ॐ परीरत ऩषकरयणम नभ ॐ शानताम नभ ॐ शकरभालमामफयाम नभ ॐ बासकम नभ ॐ बफलव रनरमाम नभ ॐ वयायोहाम नभ ॐ मशससवनम नभ ॐ वसनधयाम नभ ॐ उदायॊगम नभ ॐ हरयणम नभ ॐ हभभालरनम नभ ॐ धन धानमकतम नभ ॐ लसदधम नभ ॐ सतरणम सौममाम नभ ॐ शबपरदाम नभ ॐ नऩवशभ गताननदाम नभ ॐ वयरकषमम नभ ॐ वसपरदाम नभ ॐ शबाम नभ ॐ हहयणम पराकायाम नभ ॐ सभि तनमाम नभ ॐ जमाम नभ ॐ भॊगराम नभ ॐ षवषणव सथरससथताम नभ ॐ षवषणऩतनम नभ ॐ परसननाकषम नभ

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ॐ नायामण सभाचशरताम नभ ॐ दारयदरम धवॊलसनम नभ ॐ दवरकषभ नभ ॐ सवोऩिव रनवारयणम नभ ॐ नवदगािम नभ ॐ भहाकालम नभ ॐ बरहभा-षवषण-लशवासतभकाम नभ ॐ बतरकारऻानसमऩननाम नभ ॐ बवनशवम नभ ॐ भहारकषभी अषटोततय शत नभ

इरत शरी रकषभी अषटोततय शतनाभावलर

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शरी ऩदमावती अषटोततय शतनाभावलर

ॐ ऩदमावततम नभ ॐ दवम नभ ॐ ऩदमोदभवाम नभ ॐ करणापरदारमनम नभ ॐ सरदमाम नभ ॐ तजसवरषऩणम नभ ॐ कभरभखम नभ ॐ ऩदमधयाम नभ ॐ शरीम नभ ॐ ऩदमनतरम नभ ॐ ऩदमकयाम नभ ॐ सगणाम नभ ॐ कभकभषपरमाम नभ ॐ हभवणािम नभ ॐ चनिवसनदताम नभ ॐ धगधगपरकाश शयीय-धारयणम नभ ॐ षवषणषपरमाम नभ ॐ रनतमकलमाणम नभ ॐ कोहटसमिपरकालशणम नभ ॐ भहासौनदमिरषऩणम नभ ॐ बकतवतसराम नभ ॐ बरहभानडवालसनम नभ ॐ सविवानचापरदारमनम नभ ॐ धभिसनकलऩाम नभ ॐ दाकषणमकटाकषणम नभ ॐ बसकतपरदारमनम नभ ॐ गणतरमाषववसजिताम नभ ॐ कराषोडशसॊमताम नभ ॐ सविरोकानानजननम नभ ॐ भसकतदारमनम नभ ॐ दमाभतामाम नभ ॐ परऻाम नभ

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ॐ भहाधभािम नभ ॐ धभिरषऩणम नभ ॐ अरनकाय षपरमाम नभ ॐ सविदारयदरमधवॊलसनम नभ ॐ शरीवकटशवसथरससथताम नभ ॐ रोकशोकषवनालशनम नभ ॐ वषणवम नभ ॐ रतरचानरऩयवालसनम नभ ॐ वदवदमषवशायदाम नभ ॐ षवषणऩादसषवताम नभ ॐ यतनपरकाशककयीटधारयणम नभ ॐ जगनभोहहनम नभ ॐ शसकतसवरषऩणम नभ ॐ परसननोदमाम नभ ॐ इनिाहददवत मककननय ककमऩरष ऩसजताम नभ ॐ सविरोकरनवालसनम नभ ॐ बजमाम नभ ॐ ऐशवमिपरदारमनम नभ ॐ शानताम नभ ॐ उननतसथानससथताम नभ ॐ भनदायकालभनम नभ ॐ कभराकयाम नभ ॐ वदानतऻानरषऩणम नभ ॐ सविसमऩसततरषऩणम नभ ॐ कोहटसमिसभपरबाम नभ ॐ ऩजापरदारमनम नभ ॐ कभरासनाहद सविदवताम नभ ॐ वकनठवालसनम नभ ॐ अबमदारमनम नभ ॐ िाापरऩामसषपरमाम नभ ॐ नतमगीतषपरमाम नभ ॐ ीयसागयोदभवाम नभ ॐ आकाशयाज ऩबतरकाम नभ

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ॐ सवणिहसतधारयणम नभ ॐ काभरषऩणम नभ ॐ करणाकटाधारयणम नभ ॐ अभतासजाम नभ ॐ बरोकसवगिसखदारमनम नभ ॐ अषटहदकऩारकाचधऩतम नभ ॐ भनभधदऩि सॊहारयणम नभ ॐ कभराथिबागाम नभ ॐ सवलऩऩयाध-भहाऩयाध-भाम नभ ॐ शतकोहटतीथिवालसताम नभ ॐ नायदाहद भरनशरषठ ऩसजताम नभ ॐ आहदशनकयऩसजताम नभ ॐ परीरतदारमनम नभ ॐ सौबागमपरदारमनम नभ ॐ भहाकीतॉ परदारमनम नभ ॐ कषणारतषपरमाम नभ ॐ गनधवि शाऩषवभोचकाम नभ ॐ कषणऩतनम नभ ॐ बतररोकऩसजताम नभ ॐ जगनभोहहनम नभ ॐ सरबाम नभ ॐ सशीराम नभ ॐ अॊजनासतानगरहपरदारमनम नभ ॐ बकतमातभरनवालसनम नभ ॐ सॊधमावसनदनम नभ ॐ सविरोकभातर नभ ॐ अलबभतदारमनम नभ ॐ रलरतावधतम नभ ॐ सभसतशासतर षवशायदाम नभ ॐ सवणािबयणधारयणम नभ ॐ इहऩयरोक सखपरदारमनम नभ ॐ कयवीयरनवालसनम नभ ॐ नागरोकभरणसह आकाशलसनध कभरशवय ऩरयतयधगभनाम नभ

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ॐ शरी शरीरनवासषपरमाम नभ ॐ चनिभनडरससथताम नभ ॐ अलरवर भनगाम नभ ॐ हदवमभनगर धारयणम नभ ॐ सकलमाणऩीठससथताम नभ ॐ काभकवनऩषऩषपरमाम नभ ॐ कोहट भनभधरषऩणम नभ ॐ बानभनडररषऩणम नभ ॐ ऩदमऩादाम नभ ॐ यभाम नभ ॐ सविरोकसबानतय धारयणम नभ ॐ सविभानसवालसनम नभ ॐ सवािम नभ ॐ षवशवरऩाम नभ ॐ हदवमऻानाम नभ ॐ सवभनगररषऩणम नभ ॐ सवािनगरहपरदारमनम नभ ॐ ॐकायसवरषऩणम नभ ॐ बरहभऻानसॊबताम नभ ॐ शरी ऩदमावतम नभ ॐ सदमोवदवतम नभ ॐ शरीभहारकषमम नभ

इरत शरी ऩदमावती अषटोततय शतनाभावलर

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धऩभ दशाॊगभ गगगरोऩतॊ गोघतन सभसनवतभ धऩॊ गहाण दवश सविरोक नभसकाया

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - धऩभािाऩमालभ

(सवाभीजी क भतॉ की अगयफतती औय धऩ स आयती कय)

दीऩभ

बतररोकश भहादव सविऻान परदामक दीऩॊ दासमालभ दवश यभाभ बकतवतसर

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - दीऩॊ दशिमालभ

(सवाभीजी क भतॉ की दीऩ स आयती कय )

नवदमभ

सविबशच बोजजशच यस षडलब सभसनवतॊ नवदमनत भमानीतभ गहाण ऩरषोततभ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - नवदमॊ सभऩिमालभ

(सवाभीजी को परसाद चढाम अगय करा ह तो ldquoकदरीपर रनवदमालभrdquo नारयमर ह तो ldquoनारयकर परॊ रनवदमालभrdquo ऐस कह अगय गड ह तो ldquoगडोऩहाय नवदमभ सभऩिमालभrdquo कह)

ॐ पराणाम सवाहा ॐ आऩानाम सवाहा ॐ वमानाम सवाहा ॐ उदनाम सवाहा ॐ सभानाम सवाहा ॐ ऩयबरहभण सवाहा ॐ बबिव सव ततसषवतय-वयणमभ बगो दवसम धीभहह चधमो मो न परचोदमात ॐ आऩो जमोरतयसोभतॊ बरहभ बबिव सवयोभ भधम भधम ऩानीमभ सभऩिमालभ

अभताषऩधानभलस उततयाऩोशनभ सभऩिमालभ हसतौ परारमालभ ऩादौ परारमालभ ऩनयाचभनीमभ सभऩिमालभ

तामफरभ ऩगीपर सकऩिय नागवलरीदरमितॊ भकताचणि सभामकतॊ तामफरॊ पररतगहमताॊ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - तामफरभ सभऩिमालभ

नीयाजनभ चशरम कानताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरीवकटरनवासाम शरीरनवासाम भनगरभ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ नीयाजनभ दशिमालभ

ऩनयाचभनीमभ सभऩिमालभ

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भॊतरऩषऩभ

ॐ सहसतरशीषिभ दवॊ षवशवाॊ षवशवशॊबवॊ षवशवॊ नायामणनदवभ अयॊ ऩयभॊ ऩदॊ १

षवशवत ऩयभासननतमॊ षवशवॊ नायामणॊ हरयॊ षवशवभवदॊ ऩरषसतदषवशवॊ उऩजीवरत २

ऩरतॊ षवशवसमातभशवयॊ शाशवतॊ लशवभचमतॊ नायामणॊ भहाऻमॊ षवशवतभानॊ ऩयामणॊ ३

नायामण ऩयोजमोरत आतभा नायामण ऩय नायामण ऩयभ बरहभ ततवभ नायामण ऩय नायामण ऩयो धमाता धमानभ नायामण ऩय ४

मचच ककसनचत जगतसव दशमत शरमतषऩ वा अनतफिहहशचततसविभ वमापमा नायामण ससथत ५

अननतभ अवममभ कषवॊ सभिनतभ षवशवशमबवभ ऩदमकोश परतीकाशभ रदमभ चापमधोभखभ ६

अधोरनषमा षवतसतमानत नाभमाभऩरय रतषठरत जवाराभाराकरॊबारत षवशवसमामातनभ भहत ७

सनततॊ लशरालबसत रॊफतमाकोशससननबभ तसमानत सलशयभ सकषभभ तससभन सविभ पररतसषठतभ ८

तसमभधम भहान असगन षवशवायचचषविशवतो भख सोगरबसगवबजन रतषठाननाहाय भजय कषव

रतमिगधवाि भधशशामीयशभमा सतसम सनतता ९

सॊताऩमरत सवॊ दह भाऩादतरभसतक तसम भधम वसनह लशखा अणीमोधवाि वमवससथत १०

नीरथो मदभधमसता षवदमलरखव बासवया नीवायशकवततनवी ऩीताबा सवतमनऩभा ११

तसमा लशखामा भधम ऩयभातभा वमवससथत स बरहभ स लशव स हरय स इनि सोय ऩयभासवयात १२

ॐ तद बरहभ ॐ तद वाम ॐ तदातभा ॐ ततसतमभ ॐ ततसविभ ॐ ततऩयोनिभ अनतशचयरत बतष गहामाभ षवशवभरत िष तवभ मऻसतवभ वषकायसतवभ इनिसतवभ रिसतवभ

षवषणसतवभ बरहभतवभ परजाऩरत तवभ तदाऩ आऩो जमोरत यसोवतभ बरहभ बबिवससवयोभ १३

गदा ऩन शॊखयथानगकलऩक धवजायषवॊदाॊकश वजररासशचत ह शरीरनवास तवत चयणामफज दवमॊ भदीम भधािन भरज ॐ रनयॊजनाम षवदमह रनयाबासाम धीभहह तननो शरीरनवास परचोदमात शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हदवमभनतरऩषऩॊ सभऩिमालभ

परदकषण नभसकाय

शरोकॊ मारनकारन च ऩाऩारन जनभानतय कतारन च तारन तारन परणशमसनत परदकषण ऩद ऩद ऩाऩोहभ ऩाऩकभािहभ ऩाऩातभा ऩाऩसॊबव तराहहभाभ कऩभमा दव शयणगतवतसर अनमधा शयणॊ नाससत तवभव शयणॊ भभ तसभात कारणम बावन य य जनादिन

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - आतभपरदकषण नभसकायान सभऩिमालभ

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षवषवधोऩचाय ऩजा छतरॊ धायमालभ चाभयॊ वीजमालभ नतमॊ दशिमालभ गीतॊ शरावमालभ वादमॊ घोषमालभ आॊदोलरकान आयोहमालभ आशवानायोहमालभ गजानायोहमालभ सभसत यजोऩचाय शकतमऩचाय

मनतरोऩचाय दवोऩचाय सवोऩचाय ऩजाॊ सभऩिमालभ

भाऩवणभ भनतरहीनॊ ककरमाहीनॊ बसकतहीनॊ जनादिन मतऩसजतभ भमा दव ऩरयऩणिभ तदसतत

अनमा धमानावाहनाहद षोडशोऩचाय ऩजमा च बगवन सवाितभक शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरी वकटशवय सवरऩो बगवान सपरीत सपरसननो वयदो बवत शरी वकटशवय दव परसादॊ लशयसा गहणालभ

तीथवभ

अकार भतमहयणॊ सविवमाचध रनवायणभ सवि ऩाऩमकयॊ दव ऩादोदकॊ ऩावनॊ शबॊ

नवदमभ

ॐ बबिवससव ॐ ततसषवतवियणमभ बगो दवसम धीभहह चधमो मो न परचोदमात सतमॊ तवतन ऩरयषषॊचालभ अभतभसत अभतोऩसतयणभलस ॐ पराणाम सवा ॐ अऩानाम सवा ॐ वमानाम सवा ॐ उदानाम सवाह ॐ सभानाम सवा ॐ बरहभण सवा

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - भहानवदमभ सभऩिमालभ

अभताषऩधानभलस उततयाऩोशनभ सभऩिमालभ हसतौ परारमालभ ऩादौ परारमालभ शदध आचभनीमॊ सभऩिमालभ

तामफरॊ सभऩिमालभ सवणिभनतरऩषऩॊ सभऩिमालभ परदकषण नभसकायन सभऩिमालभ

अनमाधमानावाहनाहद षोडषोऩचाय ऩजमा बगवान सवाितभक शरी रकषभी ऩदमावती सभत वकटशवय सवाभी सपरीत सपरसननो वयदो बवत शरी रकषभी ऩदमावती सभत वकटशवय सवाभी परसादॊ लशयसा गहणालभ

उदवासनभ मऻन मऻभमजनत दवासतारन धभािरण परथभानमासन

तहनाकॊ भहहभानससचनत मतर ऩव साधमा ससनत दवा

गचछ गचछ सयशरषठ सवसथान शरी वकटशवय बकताबीषट सभधमथिभ ऩनयागभनाम च

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरी वकटशवय सवाभी मथासथानॊ उदवासमालभ

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परथभ अधमाम

शरी बगवान उवाच

कलरमग भ एक हदन शब भहति भ रतरभरा ऩहाड ऩय (सजस धयती का वकॊ ठ कहा जाता ह ) ldquoषवशवऩरत नाभक एक बकत ऩय शरी फाराजी की कऩा हई शरी षवषण क अवताय शरी फाराजी (वकटशवय) जो महाॉ शरीरनवास क रऩ भ ऩज जात ह उनहोन षवशवऩरत को ldquoशरी फाराजी वरत कथाrdquo नाभ स परलसधद इस गरॊथ की यचना कयन की आऻा दी औय कहा- ldquoह भय षपरम बकत षवशवऩरत भय षपरम होन क कायण इस वरत को षवसताय रऩ स तमह फाता हॉ सनो म

वरत भझ अरत षपरम ह आसान होन क कायण इस सबी रोग सॊऩनन कय सकत ह

कलरमग भ भानव अऩन ऩाऩ कभो का पर बोगता ह अनक कषट सहत हए जीवन रनवािह कयता ह कछ बकत

अऩन दख भझ फताकय उनह दय कयन क लरम कहत ह फहत स ऩस खचि कय वो भझ दखन क लरम रतरभरा की मातरा कयत ह भय बकतो स भझ परभ ह व भझऩय अऩना ऩया बाय डार दत ह भ उनह धभि क भागिऩय चराता हॉ

अबी भ जो मह वरत कथा तमह फतान जा यहा हॉ वो ldquoशरी फाराजी की कथाrdquo क नाभ स परलसदध होगा म भया वरत भझ अरतषपरम ह जो वमसकत इस बसकत औय रनषठा स कयगा वह तयॊत ऩाय ऩामगा कोई बी वमसकत कबी बी इस वरत को सॊऩनन कय सकता ह भखम रऩ स भागिशीषि भाघ कारत िक भहहनो भ ऩणिभासी ऩॊचभी सपतभी एकादशी रतचथमो ऩय मा शरवण सवारत नतरो ऩय इस कयना शरषठ होता ह

इस घोय कलरमग भ भय बकत जो कषट सह यह ह उनह भ जानता हॉ तमह जफ बी कोई कषट हो कोई सभसमा हो सवासम ठीक ना हो नौकयी वमाऩाय भ सभसमाएॉ हो भन अशाॊत हो तो इस वरत को सॊऩनन कयना चाहहम इसस

साय कषट दय हो जात ह घय भ शब कामि होन ऩय इस वरत को सॊऩनन कयन स बफना ककसी सभसमा क कामि ऩणि हो जाता ह इस वरत को सॊऩनन कयत ही सबी सख परापत होत ह औय अषट ऐशवमो की परासपत होती ह

सफय मा शाभ इस वरत को सॊऩनन कय सकत ह इस वरत भ ऩाॉच अधमाम ह इनका ऩठन बसकत क साथ कयना चाहहम अऩन घय भ मा रनवास सथान ऩय भॊहदय भ मा ककसी बी ऩषवतर सथान भ नदी तट ऩय सॊऩनन कय सकत ह

महद सॊबव हो तो अऩन फॊध लभतरो क साथ इस सॊऩनन कयन स जमादा शरषठ होता ह जो इस सॊऩनन कयत ह मा जो इस सनत ह वरत सॊऩणि होन क फाद परसाद को बसकत स सवीकाय कयत ह वो अषट ऐशवमो को परापत कयत ह इसस

ऩहर बी भय बकतो न कई भरनमो न इस वरत को सॊऩनन ककमा औय भया आशीवािद ऩामा बरोक भ यहनवार सबी को मह वरत आनॊद परदान कयगा औय शब पर बी परापत होगा शाॊत चचतत स भझ माद कयत हए इस वरत का ऩारन

कयो

सवि परथभ जहाॉ वरत कयना चाहत हो उस सथर को साप कयो भॊडऩ की वमवसथा कय भयी तसवीय सजसभ भयी षपरम

सरखमाॉ शरी दवी बदवी ह उस तसवीय को इस भॊडऩ ऩय सथाषऩत कयो भॊडऩ को दीवाय स रगाकय बी यख सकत हो अनम ककसी इचछक दवता की तसवीय बी सख सकत हो नवगरहो औय अषट हदकऩारको को मा तो भन भ नभसकाय

कयो मा उनका आवहान बी कय सकत हो

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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सफस ऩहर हलदी स फनी गणश की ऩजा कयनी चाहहम उसक फाद उस वरत क ऩाॉचो अधमामो का रनषठा स ऩठन

कयना चाहहम मही परथभ अधमाम ह अनम चाय अधमाम भय अतमॊत षपरम ऩातर षवशवालभतर वलशषठ बयदवाज अबतर

भरनशवयो क परवचना रऩ भ ह ऩाॉच अधमामोको ऩढन क फाद भय षपरम शरोक बी ऩढ सकत हो हय अधमाम क अॊत

भ गोषव ॊद गोषव ॊद गोषव ॊद तीन फाय सभयण कयना चाहहम

आभ रोगो क कषटो को भ जानता हॉ इसी लरम भयी एक फात सनो महद ककसी कायण इस वरत को षवसताय रऩ स

सॊऩनन कयन भ कोई सभसमा आ यही हो तो भय तसवीय को साभन यख कय ऩहर गणश जी की कपय नवगरह दवताओॊ औय अषटहदकऩारको को सभयण कय ऩाॉच कहरनमाॉ ऩढकय अऩन भन भ जो इचछा ह उस भझ फताओ भ उस

परसाद क रऩ भ परदान करॉगा इस परकाय कयन स बी कामि की लसषदध होती ह तमहाय कषट दय हो जामग औय शब

पर परापत होगा

जो वमसकत इस वरत को बसकत स सॊऩनन कयगा भ उसक घय ककसी ना ककसी रऩ भ आकय परसाद सवीकाय करॉगा भयी कऩा आऩ सबी को हभशा परापत होगी शरी फाराजी न रतमभयाज षवशवऩरत याभकषणभरत ि ldquoषवशवऩरतrdquo को इस वरत कथा को षवसताय स फतामा कलरमगवासी हभ सबी इस वरत को सॊऩनन कय शरी फाराजी की कऩा क ऩातर फन सकत ह इस वरत को सॊऩनन कय हभ अऩन सबी कषट दय कय सकत ह औय उचचत पर बी परापत कय

सकत ह

गोषवॊदगोषवॊदगोषवॊद

परथभोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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दषवतीम अधमाम

शरी षवशवालभतर उवाच

भहातऩ सॊऩनन साात शरी षवशवालभतर जी न हभ ऩय कऩा की औय परवचन कयत हए कहा- ldquoह कलरमग वालसमो शरीरनवास क बकतो ldquoशरीफाराजी वरत कथाrdquo सजस आऩ सॊऩनन कय यह हो वह फहत ही ऩषवतर ह भहहभा स ऩणि ह मह वरत कलरमग भ शरी नायामण जी की करणा औय दमा परापत कयन का अतमॊत सयर साधन ह पराचीन कार भ शरी फाराजी क षपरम बकतो न इस सॊऩनन कय अऩनी काभनाओॊ को ऩणि ककमा इस वरत कथा क फाय भ हभ फताकय शरी फाराजी न हभाय पररत जो दमा हदखाई ह उसक लरए हभ उनह परणाभ कयत ह

पराचीन कार भ भगध याजम भ षवषणचचतत नाभक एक बकत यहता था उसकी नौ कनमाएॉ थी षवदवान होन ऩय बी वह अतमॊत गयीफ था षवषणचचतत की ऩतनी तायाभरत हभशा नायामणजी की पराथिना कयती यहती थी षववाहाहद शबकामि सॊऩनन कय जो बी ऩस दकषणा क रऩ भ लभरत थ उसस व भसशकर स अऩना जीवन रनवािह कय

यह थ कनमाएॉ मौवनावसथा भ ऩदाऩिण कय चकी थी तायाभरत हभशा इसी चच ॊता भ यहती थी कक इन कनमाओॊ का षववाह ककस परकाय सॊऩनन होग वह फाराजी की पराथिना कयत हए सदा अऩना सभम गजायती थी

वह तो फाराजी की बकत थी औय फाराजी अऩन बकतो स अतमाचधक परभ कयत ह उस हदन भाघ ऩरणिभा थी सवय

एक वदध बराहभण न षवषणचचतत क दयवाज ऩय दसतक दी औय कहा - ldquoह सवाभी भ फॊग दश का वासी हॉ एक मऻ

क लसरलसर भ दसय दश जा यहा हॉ यासत भ महाॉ आमा हॉ भझऩय दमा कयो औय अऩन घय भ एक हदन क लरए

यहन दो कर सवयही भ महॉ स चरा जाऊॉ गाrdquo उन की फात सनकय षवषणचचततन कहा lsquoनाथ इसस फढकय खशी औय कमा हो सकती ह अरतचथ साात नायामण जी क सभान होत ह ऐस हभाय ऩयाणो भ कहा गमा ह आऩ बफना ककसी सॊकोच क हभाय घय भ यह सकत हlsquo ऐसा कह कय उसन उस बराहभण को घय क अॊदय फरामा औय उनका सतकाय ककमा

दोऩहय भ बोजन क फाद उस वदध न तायाभरत स ऩछा ndash ldquoभाता कमा फात ह तभ कछ चच ॊरततसी रगती हो बफना ककसी सॊकोच क फात फताओrdquo तायाभरत न कहा ndash ldquoसवाभी आऩ तो भहातऩसवी ह आऩ क भख का तज उस वकॊ ठवासी क सभान ह आऩ स कमा छऩाना भयी चचॊता भयी कनमाओॊ का षववाह हrdquo उस ऩय वदध न कहा- ldquoभाता तमहाया दख भ जानता हॉ तमहाय सबी कषट दय हो औय तमहायी कनमाओॊ की शादी हो इसक लरम भ एक अदभत वरत फताता हॉ सनो इस वरत को सॊऩनन कयन स तमहाय साय कषट दय हो जामग शरी फाराजी क वरतो भ स मह सफस सयर हrdquo कहत हए उनहोन उस दॊऩरत को ऩया वरत षवधान फतामा वरत षवधान

सनकय षवषणचचतत न कहा- ldquoसवाभी मह तो अतमॊत सॊतोष की फात ह इसस फढकय सौबागम औय कमा होगा

कहत ह ना- शबसम शीिॊ आज भाघ ऩरणिभा ह फहत ही शब हदन ह आऩक कथा अनसाय हभ आज ही इस वरत

को सॊऩनन कयगrdquo षवषणचचततन ऩतनी तायाभरत औय सबी कनमाओॊ क साथ लभरकय उस हदन शाभ भ ही अऩन

फॊध-लभतरो क साथ बसकत औय रनषठा स फाराजी वरत को सॊऩनन ककमा वहाॉ उऩससथत सबी रोगो न वरत ऩया होन क

फाद चयणाभत परसाद गरहण ककमा औय अऩन-अऩन घय परसथान ककमा तफ षवषणचचतत औय तायाभरत न बराहभण

क चयणो को नभसकाय ककमा औय आशीवािद परापत ककमा बराहभणोततभ न बी चयणाभत परसाद गरहण ककमा औय

कहा- ldquoआऩकी भनोकाभना ऩयी हो शरी रकषभी शरी फाराजी की कऩा होrdquo

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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अॊधया हो चरा था औय रनिा सभम आसनन था षवषणचचतत न उस बराहभण को एक पटी चादय दत हए आॉखो भ आस लरम कहा- सवाभी भ अतमॊत दरयिी हॉ इसस अचछी चादय भय ऩास नही ह भझ भा कय आज की यात इसी ऩय षवशराभ कय बराहभण भसकयात हए फोर- कोई फात नही भ फाहय फयाभद भ सो जाता हॉ कछ सभम फाद ही सबी रनिारोक भ षवचयण कयन रग आधी यात का सभम था बफजरी की गडगडाहट क साथ फारयश शर हई चायो ओय अॊधया था कहीॊ कछ नही हदखाई

द यहा था षवषणचचतत इस चच ॊता भ था कक वदध बराहभण फाहय कस सो यह होग उस सभम कछ सझ बी नही यहा था ककसी तयह उनहोन यात गजायी सवया हआ फारयश बी थभ चकी थी ऩरत-ऩतनी मही सोच यह थ कक बराहभण की कमा दशा हई होगी ककतना सहा होगा उनहोन मही सोचत हए वो फाहय आए उनह एक अदभत दशम हदखाई हदमा वहाॉ षवपरोततभ नही थ पहट हई चादय की जगह यशभ का षऩताॊफय यखा हआ था उस षऩताॊफय ऩय शरी फाराजी क

भतॉ ndash हदखाई दी व सफ कछ सभझ गम उनकी खषी का कोई हठकाना नही यहा उनक घय आम बराहभण औय

कोई नही साात शरी नायामणजी ही थ ह फाराजी कमा बागम ह हभाया ऩय हभ उनको ऩहचान नही ऩाम हभन उनको पटी हई चादय दी मह सोचत हए उनहोन शरी फाराजी की भतॉ को हाथ भ रकय आॉखो स रगामा औय

घय क अॊदय आम ऩया घय सोन स बया हआ था जहाॉ दखो वहाॉ धन याशी ह बगवान शरी फाराजी की वरत कथा की भहहभा स ही मह सफ सॊबव हो सका ऐसा कहत हए व बगवान की सतरत कयन रग आऩन दख साात शरी फाराजी ही उस बकत क घय आम थ वरत षवधान फतामा औय चयणाभत परसाद बी गरहण

ककमा शरी फाराजी फहत ही करणाभम ह जो बी इस वरत को बसकत औय रनषठा स कयगा उसक घय सवमॊ बगवान

ककसी ना ककसी रऩ भ आमग आऩ सबी इस वरत को सॊऩनन कय बगवान की कऩा परापत कय सकत ह शरी भहषषि षवशवालभतर जी न मह दषवतीम कथा इस तयह फताई

शरी रकषभी शरीरनवास कटाॊ लसषदधयसत

गोषवॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

दषवतीमोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ततीम अधमाम

शरी वलशषठ उवाच मह अधमाम भहातऩोरनषठ वरयषठ शरीवलशषठ भरन न शरीनायामणजी की कऩा स हभ षवसताय रऩ स फतामा ह ह कलरमग वालसमो शरीफाराजी क षपरम बकतो वकणठ भ रनवास कयनवार शरीनायामणजी आज क रतरभरा भ ससथत शरीफाराजी ही ह कलरमग वालसमो क कषट दय कयन क लरम बगवान आऩक फहत सभीऩ रतरभरा ऩहाड ऩय अवतारयत हए ह शरी फाराजी को खश कयन क लरए मह वरत उततभ ह औय सयर बी ह इस वरत को जो बसकत औय रनषठा स सॊऩनन कयता ह उस सबी सख परापत हो जात ह पराचीन सभम भ अवॊती दश भ बागमनगय नाभक एक नगय था नाभ क ही अनरऩ वहाॉ अनक धनवान (वमाऩायी) यहत थ ऩय व अऩनी सॊऩसतत को दख घभॊड कयत थ औय आभ रोगो को हीन दषटी स दखत थ धन-दौरत उनकी सवासजित ह ऐसा सोचकय घभॊड कयत थ बगवान की रनतम ऩजा-ऩाठ तो उनहोन ऩहर ही छोड दी थी कभ स कभ षवशष हदनो भ बी व ना भॊहदय जात ना ऩजा कयत ना ही दीऩ जरात एक हदन सबी धनवान अऩनी-अऩनी ऩतनीमो क साथ परीरत बोज भ वमसत थ उस नगय की ऩवि हदशा भ ही शरी रकषभी नायामण जी का भॊहदय था जहाॉ दीऩ जरानवारा कोई नही था उस हदन षवशष एकादशी थी सजस एक ऩवि हदन बी भाना जाता ह ऩय उस नगय क एक बी धनवान क भन भ भॊहदय भ ऩजा कयन का षवचाय नही आमा शाभ होत-होत आकाश भ घन फादर छा गम औय भसराधाय फारयश होन रगी वमाऩारयमो क घय ऩानी स बय गम चायो ओय अॊधकाय ह अॊधकाय था सवय होन तक ऩया नगय ऩानी भ डफ गमा वमाऩारयमो क घय टट-पट गम उनका साया ऐशवमि सभापत हो गमा ऐसा उऩिव कमो भचा मह पररम कस हो गमा ककसी को कछ बी सभझ भ नही आ यहा था इतन भ उनह एक षवचचतर दशम हदखाई हदमा नगय क फाहय जो झोऩडडमाॉ थी व तो वसी की वसी थी उनको आशचमि हआ इतनी फारयश भ बी म कस सही सराभत यही व ऐसा भन ही भन सोच यह थ कक इतन भ बफजरी कडकी औय आकाशवाणी हई ldquoए भखो तमहायी सॊऩसतत तमहायी अऩनी ह सवासजित ह ऐसा सोचत थ इसी लरम ऐसा हआ ह इस झोऩडी भ यहनवारा दव भया षपरम बकत ह आभ आदभी होन ऩय बी दव रनतम तमहाय नगय भ ससथत शरी रकषभी नायामण

भॊहदय भ दीऩ जराता था इतना ही नही हय एकादशी क हदन मथा सॊबव वह शरी फाराजी वरत कथा बी सॊऩनन कयता था इसी लरम इन झोऩडीमो भ यहनवार सबी रोग सयकषत यह आऩ सबी महद वरत सॊऩनन कयग तो अऩन-अऩन

ऐशवमि को ऩन परापत कय सकत होrdquo आकाशवाणी सनत ही तयॊत व सबी रोग उस भॊहदय भ गम औय जस

सॊबव हो सका वस सबी रोगोन एक-दसय क सहमोग स शरी फाराजी की वरत कथा सॊऩनन की ऐसा कयत ही सबी को उनक घय ऩवि रऩ भ ही परापत हो गम तफ स व सबी शरीफाराजी क बकत फन गम औय हय एकादशी को शरीफाराजी का वरत सॊऩनन कयत औय सख-शाॊरत परापत कय यहन रग अॊत भ उनहोन भसकत बी परापत की

शरीवलशषठजी न इस परकाय म कथा सनाई

गोषव ॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

ततीमोधमाम सभापतॊ |

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ

शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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चतथव अधमाम

शरी बयदवाज उवाच

शरीनायामण जी को ldquoशरीफाराजी वरत कथाrdquo अतमॊत षपरम ह चतथि अधमाम क रऩ भ हभाय साभन शरी बयदवाज

भरनदवाया फतामी नमी कहानी इस परकाय ह- ldquoह कलरमगवालसमो शरी नायामण क षपरम बकतो आऩ सजस वरत को सॊऩनन कय यह ह वह अदभत ह आऩकी भनोकाभनाओॊ को ऩणि कयन का साधन ह शरी फाराजी को परसनन कयन का मह अतमॊत सयर उऩाम ह आऩ सबी ऩय कऩा कयन क लरम ही वकॊ ठवासी बगवान शरीरनवास क रऩ भ रतरभरा ऩहाड ऩय अवतरयत हए ह अनक जनभो क ऩणमपर स ही रतरभरा ऩहाड ऩय ऩय यखन का सौबागम परापत होता ह औय बगवान क दशिन बी सॊबव होत ह इसी तयह इस ldquoवरतकथाrdquo को सॊऩनन कयन का सॊकलऩ बी ऩविजनभ क

ऩणमपर स ही सॊबव होता ह जो वमसकत इस वरत को सॊऩनन कय यह ह मा जो इस कथा को सन यह ह मा जो बगवान क परसाद को गरहण कयत ह उनह बगवान की कऩा परापत होती ह औय व सौबागम बी ऩात ह

पराचीन कार भ ldquoनगयीrdquo नाभक एक गराभ भ धनगपत नाभ का वमाऩायी यहता था वह फहत ही रारची था ऐशवमि परापत कयन ऩय बी उसका रारचीऩन कभ नही हआ मह सभसत ऐशवमि उसका ही कभामा हआ ह ऐसा सोचकय वह फहत घभॊड कयता था अहॊकाय भनषम का नाश कयता ह

धनगपत की ऩतनी काॊरतभती अतमॊत बसकत बावना यखती थी औय रनषठा स बगवान की ऩजा कयती थी उनकी तीन कनमाएॉ थी तीसयी कनमा ldquoकभायीrdquo भ बसकत बावना जमादा थी वह हभशा फाराजी का नाभ ही जऩती यहती थी षऩताजी को बफना फताम वह जफ-तफ शरी फाराजी क भॊहदय भ जाती थी औय बगवान क दशिन कयती थी घय आकय षऩताजी को छोड अनम सबी क साथ परसाद सवीकाय कयती थी ऩती क ऐस वमवहाय स

काॊरतभती थोडी चच ॊरतत होती थी

एक हदन ldquoकभायीrdquo की सहरी क घय ऩय ldquoशरी फाराजीrdquo का वरत सॊऩनन हो यहा था मह जानकय वो वहाॉ गई वरत ऩया होन तक दोऩहय हो चकी थी थोडासा परसाद उसन गरहण ककमा औय थोडा वह अऩन घयवारो क लरम एक

कागज की ऩडी भ रकय चरी फीच यासत भ उस पमास रगन रगी धऩ बी फहत तज थी उसन सोचा थोडी दय रक

कय पमास फझाकय कपय चरॉ तो ठीक यहगा तबी उस माद आमा कक उसक षऩता की दकान अगरी गरी भ ही तो ह वहाॉ जाकय उसन षऩताजी को ऩजा की फात बफना फताम षऩताजी स ऩानी भाॉगकय षऩमा औय षऩताजी गससा कयग

इस डय स उसन जलदी-जलदी ऩानी षऩमा इस घफयाहट भ परसाद की ऩडी वही दकान भ बरकय चरी गई

एकाएक फाजाय भ हडकॊ ऩ भच गमा रोग हाहाकाय भचात हए इधय-उधय बागन रग आगजनी क कायण उस गरी की सायी दकान जर कय याख होन रगी वस बी दोऩहय का सभम थाउस ऩय गभि हवाएॉ चर यही थीधनगपत का शयीय डय क भाय काॉऩन रगा ldquoकछ ही सभम भ उसकी दकान बी जर कय याख हो जाएगीrdquo इस षवचाय स उस क हाथ-ऩय काॉऩन रग सबी रोग अऩनी-अऩनी दकानो स फाहय आकय इधय-उधय बागन रग ऩय

धनगपत वही खडा यह गमा दकान छोडकय जान का भन नही कय यहा था महद वो दकान भ यहगा तो जरकय

याख हो जामगासोचत हए उसन घफयाहट भ उसक हाथ रगी ऩडी को उठामा औय बफना सोच सभझ जो हाथ आमा वो भॉह भ डार हदमा उस कछ भीठा-भीठा सा ऩदाथि रगा औय भन बी शाॊत होन रगा

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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तबी एक अदभत घटना घटीआग धनगपत की दकान तक आकय रक गमी आग की रऩत वहाॉ नही आ ऩामी मह कसी षवचचतर फात हम कसी भामा ह धनगपत क भॉहस एक बी फात नही रनकर ऩामी उधय आगजनी की खफय सनत ही ऩतनी काॊरतभती अऩन कनमाओॊ क साथ फाराजी का सभयण कयत हए दौडती हई वहाॉ आ गमी आग उनक दकान तक आकय कस रक गमी मह दखकय उस आशचमि हआ तबी कभायी को दकान भ बरी हई ऩडी की माद आई धनगपत को सभझन भ दय नही रगी कक उसन जो चीज भॉह भ डारी थी वो औय कछ नही तो बगवान का परसाद ही था औय उसकी भहहभा स ही व इस दघिटना स चक गम धनगपत न शरीफाराजी स भा भाॉगी गार फजाम शाभ भ ही नगयवालसमो को फराकय ldquoशरीफाराजी की वरत कथाrdquo सॊऩनन की तफ स वह बगवान की सवा भ रीन हो गमा औय अॊत भ भो बी परापत की आऩन दखा कक कवर परसाद गरहण कयन स ही वो ककतनी फडी दघिटना स चक गमा फाराजी की भहहभा अदभत ह आऩ सबी बी मथा सॊबव वरत को सॊऩनन कय क बगवान की कऩा परापत कय सकत हldquo

शरीबयदवाजजी न इस परकाय मह चतथि कथा सनामी

गोषवॊदगोषवॊदगोषवॊद

चतथोधमाम सभापतॊ |

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ऩॊचभ अधमाम

शरी अतरतर उवाच

रतरभरा-रतरऩती बरोक का वकणठ धाभ ह ऩयाणो भ फतामा गमा ह कक रतरभरा क सभान ऩषवतर सथर औय शरी फाराजी जस दवता न तो ऩहर कबी हए ह औय न कबी होग शरीरनवास क रऩ भ अवतरयत शरी नायामण अऩन

बकतो स फहत परभ कयत ह जो उन ऩय अऩना ऩया बाय डारकय उनह रनतम सभयण कयत ह जो सदाचाय स ऩणि जीवन बफतात ह वो उनकी या कयत ह ऐस शरीफाराजी को परसनन कयन का सफस सयर उऩाम ह ndash ldquoशरीफाराजी की वरत कथाrdquo

इस अदभत वरत कथा क फाय भ भहातऩसॊऩनन शरी अबतर भहषषि न कऩा कयत हए कहा ह- ldquo ह फाराजी क षपरम

बकतो कलरमग भ आऩक सौबागम क फाय भ कमा कहना कतमग तरतामग औय दवाऩायमग भ अतमॊत कठोय तऩ-

जऩ कयन ऩय बी परसनन न होन वार शरी नायामण इस मग भ कवर नाभसभयण स ही आऩ रोगो ऩय कऩा कय यह

ह षवशवास क साथ उनह फरान ऩय व तयॊत कऩा परदान कयत ह ऐस करणाभम ह शरीफाराजी ऩषवतर रतरभरा ऩय

तमहाया यखा हय कदभ अनक जनभो क ऩणमपर क सभान ह

पराचीन कार भ ldquoकौभायrdquo दश भ ldquoलभतरrdquo नाभक धोफी यहता था वो अऩन काभ क साथ-साथ धालभिक कामि कयता हआ जीवन रनवािह कय यहा था उसकी अऩॊगता ही उसकी चच ॊता थी इसी कायण धोए हए कऩडो की ऩोटरी फनाकय घय-घय घभकय उनह रोगो तक ऩहॉचाना उस धीय धीय भसशकर रगन रगा उसका ऩरयवाय फडा था बफना भहनत ककए उस बय ऩट खान को बी नही लभरता था हभशा वो शरी फाराजी की ऩजा कयता यहता था कबी ना कबी बगवान उस ऩय कऩा कयग इसी षवशवास स वो अऩना जीवन गजाय यहा था बकतो ऩय कऩा कयन वार फाराजी सफ कछ दखत यहत ह जो वमसकत अऩन कभो स भकती ऩाता ह उनक ऩास आकय फाराजी ककसी न ककसी रऩ भ आकय उनकी या कयत ह एक हदन शाभ क सभम हभशा की तयह लभतर कऩड धोकय कऩडो की ऩोटरी राद धीय-धीय चरता हआ आ

यहा था फीच यासत भ उस एक वदध बराहभण हदखाई हदम गौयव की बावना स फड होन क कायण लभतर न अऩन कॊ ध

ऩय रदी हई ऩोटरी को नीच उतायकय वदध बराहभण को नभसकाय ककमा तफ उस षवपरोततभ न कहा- ldquoतभ अऩन इस ऩय क कायण ककतना कषट सह यह हो तमहाया दख दखा नही जाताrdquo तफ लभतर न कहा-ldquoह नाथ आऩ फजगि ह बयाऩया ऩरयवाय होन क कायण भझ इस काभ स भकती नही लभर यही ह ककसी तयह भयी म अऩॊगता दय हो ऐसा कोई उऩाम फताइएrdquo

तफ बराहभण न कहा-ldquoसनो बाई भ जरय फताऊॉ गा धमान स सनो भ एक ऐस वरत क फाय भ फताता हॉ सजस सॊऩनन कयन स तमहायी अऩॊगता दय हो जाएगी तमह अषट ऐशवमो की परासपत होगी वरत सॊऩनन कयत ही तमह हजाय अशकपि माॉ लभरगी ऩय एक शति ह उसभ स आध तभ भझ दोगकर भ कपय इसी सभम महाॉ लभरॉगाrdquo तफ लभतर न कहा- ldquoसवाभी इसस फढकय सौबागम औय कमा हो सकता ह आज ही इस

वरत क फाय भ फताइए भ उस सॊऩनन करॉ गाrdquo लभतर क उतसाह को दख वदध न शरी फाराजी वरत कथा क फाय भ फतामा

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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लभतर दगन उतसाह क साथ घय आमा ऩयी कहानी ऩतनी को फतामी औय अडोस-ऩडोस क साथ लभरकय शरी फाराजी वरत को सॊऩनन ककमा चयणाभत परसाद गरहण ककमा घय आए सबी रोगो को बी हदमा तबी घय क फाहय कछ

कोराहर सनाई हदमा लभतर का फटा फाहय स दौडता हआ आमा औय फोरा- ldquoषऩताजी षऩताजी याज-यक आऩक लरम आए ह याजा न आऩक लरम बट बी बजी हrdquo इतन भ यक बी वहाॉ आ गम उनहोन फतामा कक उसकी रनमसकत याज दयफाय भ धोफी क रऩ भ हो गमी ह याजा न हजाय अशकपि माॉ ऩयसकाय सवरऩ बजी ह ऐसा कहकय उनहोन लभतर क हाथ भ हजाय अशकपिमो की ऩोटरी यख दी एक हफत क अॊदय-अॊदय

उस आकय नौकयी भ बतॉ होन को बी कहा लभतर क आनॊद की सीभा नही थी एक हफता कमो कर ही कमो नही सोचकय उसन अऩनी ऩोटरी-वोटरी फाॉधी औय दसय हदन सवय ही वो जान को तमाय हो गमा इस जलदफाजी भ वह

उस वदध की फात बर गमा फीच यासत भ उस उसकी फात माद आ गमी ऩय ठीक हअगर भहहन लभर रता हॉ सोच

कय वह याज दयफाय भ अऩन काभ ऩय रग गमा हदनभहहन फीत बराहभण क वश भ आए बगवान को गससा आमा बगवान न सोचा भनषम की परवसतत ऐसी ही होती ह उस भझ अऩनी भहहभा फतानी होगी

दसय ही हदन याणीवास स आबषण चोयी हो गम चोयी का इलजाभ लभतर ऩय आमा लभतर को कायावास की सजा हई hellipयाज यकोन उस तयह-तयह की मातनाएॉ दी ऐसा कमो हआउस ऩय मह इलजाभ कमो रगा सोचत हए लभतर को यात को सऩन भ बगवान हदखाई हदम उनहोन फतामा कक ldquoवदध बराहभण क रऩ भ व ही आम थ वो अऩनी फात स भकय गमा इसलरम म सफ हआ हrdquo तफ लभतर न कहा-ldquoह नाथभ ऩाऩी हॉ भन फहत फडा ऩाऩ ककमा ह कऩमा भझ ऩय दमा कीसजम अफ भ हय भहहन आऩका वरत सॊऩनन करॉ गा भयी आम का आधा बाग जीवन बय आऩको सभषऩित करॉ गाrdquo गार फजाकय उसन बगवान की हय तयह स पराथिना की बकतो की ऩकाय सननवार बगवान न खशी-खशी लभतर ऩय कऩा कय दी बगवान की कऩा स याणी क आबषण दसयही हदन लभर गम याजान म बी जान लरमा कक लभतरन चोयी नही की थी लभतरको कायावास स रयहा कय हदमा गमा तफ स लभतर बगवान को हदम वचन अनसाय हय भहहन शरी फाराजी का वरत सॊऩनन कयन रगा औय अऩनी आम का आधा बाग बगवान को अषऩित कयता यहा सख ऩणि जीवन बफतात हए उसन अॊत भ भो बी परापत ककमाrdquo

शरी अबतरजी न ऐसा कहकय ऩाॉचव औय आखयी अधमाम को सभापत ककमा

गोषवॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

ऩॊचभोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

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faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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क साभन यख हदम परसाद रकय व चरी गमी इसक फाद औय कछ रोग आम हभ इनह थोड सारो स जानत थ भ सभझी म रोग चभतकयो को लसपि जाॉचन आम ह कछ सभम बफताकय व परसाद लरम बफना ही चर गम उस शाभ भय ऩती फटी क साथ हभाय दोसतो क महाॉ खान ऩय गम थ भ फचनी स हदवम दशिन की याह दख यही थी इतन भ जो शरीभती हभाय घय आकय परसाद लरम बफना चरी गमी थी उनका भझ पोन आमा व फोरी ldquoफाराजी औय ऩदमा नाभ क एक शरीभान-शरीभतीजी आऩ क घय आना चाहत ह भन उनको आऩ क घय का ऩता औय पोन हदमा ह अगय उनह घय ढॉढन ऩय हदककत आमी तो व आऩको पोन कयगrdquo भन हाॉ बयी अबी बी भ बगवान क हदवम दशिन की आतयता स याह दख यही थी तबी फाराजी औय ऩदमा भय घय ऩय आम भ न उनका सवागत ककमा उनको ऩजाघय र गमी उनहोन बगवान को दखा कहा ldquoतभ फहत खशनसीफ हो बगवान की तभ ऩय ऩयी कऩा हrdquo भन हदमा हआ परसाद बावऩणि भन स उनहोन सवीकाय ककमा कछ दय रककय कपय स ककसी हदन आन का वचन दकय चर गम उनक जान क फाद कपय स भय सौबागम स भझ हदवम दशिन का राब हआ तफ तक भय ऩती घय रौट भ न उनको फाराजी औय ऩदमा क फाय भ सफ कछ फतामा म बी फतामा कक जो शरीभती जी परसाद लरम बफना ही चरी गमी थी उसीन उनह महाॉ बजा था भय ऩती ऩछन रग ldquoजो सवमॊ इन चभतकायो ऩय षवशवास ना यखतीहो व कस ककसी को हभाय घय बज सकती हrdquo जफ भय ऩती न म फात नही उठामी तफ तक भय भन भ म आशॊका आमी नही थी अफ भय भन भ एक सवार उठा भझ हदवम दशिन फाराजी औय ऩदमा आन स ऩहर कमॉ नही हआ भझ इसका जवाफ जानना जरयी रगा हभन उस शरीभती जी को पोन कयक फाराजी औय ऩदमा क फाय भ ऩछ उसन लसधा इॊकाय ककमा उसन ककसीको बी हभाय घय नही बजा था पोन बी नही ककमा था उसक दय दय तक क रयशतदायो भ ऐस नाभ का कोई नही था अफ भ सभझी व औय कोई नही फसलक सवमॊ बगवान ही थ सजनह भ ऩहचान नही सकी भ फहत रनयाश हो गमी उनह ना ऩहचानन की बर भ ऩहर (२००५ की रतरभरा की मातरा भ लभर हए फजगि शरीभान-शरीभती) बी कय चकी थी आज कपय वोही गरती भ न दोहयामी थी साशरऩणि नमनो स भ न बगवान स ऩछा कक म कसी ऩयीा ह यात क ११ फज हभन ऩजाघय का दयवाजा फॊद ककमा औय फाहय कभय भ टीवी दखन रग नीॊद आन ऩय सोन स ऩहर एक फाय बगवान का दशिन रन हभ ऩजाघय भ गम ११३० फज चक थ ऩजाघय भ शरी फाराजी औय ऩदमावती क भतॉ स शहद फह यहा था फडा कलऩनातीत दशम था भय ऩती तो अचॊबफत ही हो गम हभन तयॊत उसक पोटो औय कपलभ र री दवय दवयानी को सकाईऩ (इॊटयनट) ऩय आन क लरम कहा उनहोन म अदभत चभतकाय वफ कॎ भय स दखा उनकी खशी का तो हठकाना ही नही यहा औय एक फात भ न दखी जो पर षवशवास ना यखनवारी शरीभतीजी न राम थ सजनहोन भझ हय तयह क सवार ऩछ थ वो दसय कोनभ उछार हए थ म दखकय हभन तम ककमा कक जो बगवान ऩय षवशवास यखत हो उनहीक पर बगवान को चढामग हय हदन अषवसभयणीम माद औय अदभत अनबव ऩीछ छोड क जा यहा था

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सपटफय १२ २०१० आज हलदी क ऊऩय कभकभ आन रगा शहद बी फह यहा था हभन नवदम अऩिण ककमा कछ दय फाद दखत ह तो कमा आज बगवान न नवदम गरहण नही ककमा था शाभ को हभन बन हए हटॊडोया चावर क साथ लभराकय उसका नवदम ककमा थोडी दय फाद जफ ऩजाघयभ गम तो दखा उस चावर औय हटॊडोया का फडा सा रडड फना क यखा था हभन वो साय आम हए बकतो भ फाॉट हदमा सपटफय १३ २०१० आज सफह हभन बगवान को काज-फदाभ-ककशलभश का नवदम अऩिण ककमा बगवानन आध खाम औय आध हभाय लरम यख आज बी आयती की थारी सजी हई थी हदम भ घी क साथ फाती यखी थी भ भयी फटी को सकर छोडकय घय आमी भय ऩती स पोन ऩय फात कयत कयत भ यसोईघय भ खाना फना यही थी उतन भ भझ ऩामर की आवाज सनाई दी तयॊत भ न ऩती को पोन ऩय म फात फतामी औय ऩछा कक अगय उस वो सनाई द यही ह मा नही ऩय उस पोन ऩय वो आवाज नही सनाई दी भ न सवहडडओ कपलभ री औय सकाईऩ ऩय दवय दवयानी को हदखाई तफ उनको औय भय ऩती को वो आवाज सनाई दी तफ तक भ सोच यही थी कक वो आवाज सनाई दना कमा भय भन का खर था अफ भ फहत खश हई कक भय भन का खर नही था भन सचभच दवी क नतमकी आवाज सनी थी भयी फटीन औय भन वो ऩामर की भीठी आवाज कपय स सनी रगबग ५ लभरनट वो चर यही थी ऐस रग यहा था जस दवी भाॉ ऩामर ऩहनकय घय भ चर यही ह उस यात भय ऩती को बी म दवी आवाज सनन का बागम लभरा सपटफय १४ २०१० शहद अबी बी फह यहा ह हभन वो उस हदन घय आम हए दोसतो को भहभानो को औय बकतो को तीथि क रऩ भ हदमा सपटफय १५ २०१० आज कभकभ जमादा ऩभान भ आमा हआ हदखाई हदमा शहद सजस फाऊर भ सॊचचत हो यहा था वो ऩया बय गमा औय हभ दसया यखना ऩडा सपटफय १६ २०१० हभन आज नवदम भ सफ यखा जफ वाऩस आकय ऩजा घय भ गम तो दखा बगवान न सफ का एक बाग खामा था सपटफय १८ २०१० आज हलदी औय कभकभ भ बगवान की पोटो जो ऩयी ढक गमी वो थोडी कभ हई थी उसस बगवान का भख औय भकट हदखाई दन रगा ऩहर स वो कई जमादा तजसवी हदख यहा था हभन वो हलदी कभकभ घय आम हए बकतो भ फाॉटना शर ककमा सवाभीजी औय दवी भाॉ क भरत िओॊस फहनवारी शहद तो थभन का नाभ ही नही र यही थी फीच भ १० लभरनट फडी तज धाया स फहा दोऩहय भ हभन दार-चावर की रखचडी नवदम भ यखी फाहक कभय भ जाकय टीवी दखत १५ लभरनट हए ही थ तफ वही रखचडी का भय भॉह भ छोटा रनवारा आमा अॊदय जाकय दखा तो बगवान भ बी रखचडी खामी थी (हभाय वफ साईट ऩय सपटफय १८ २०१० की पोटो भ आऩ म दख सकत ह) सपटफय १९ २०१० आज जो सफ नवदम भ यखा था उसका एक टकडा बगवान क खामा औय दसया भझ रखरामा जो भझ रखरामा वो भयी भॉह भ आमा भ उसा वकत यसोईघय भ काभ कय यही थी तयॊत

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भन भय ऩती को म फात फताई उसन झट स ऩजाघय भ जाकय दखा कक सफ स दो टकड चफाम हए हदख यह थ शाभ को परो का यस नवदम भ यखा थोडी दय फाद दखा तो फाऊरभ थोडासा यस ही फचा था इसस म साप हो यहा था कक बगवान न हभाया नवदम सवीकाय ककमा था फच हए यस को हभन परसाद सभझकय बकतीबाव स षऩमा शहद का फहना आज बी अखॊडडत ह सपटफय २० २०१० आज हभन चावर औय बन हए हटॊडोया नवदम भ यख कछ दय फाद जफ ऩजाघय गम तो चावर औय हटॊडोया लभराक उसक चाय रडड फनाकय थारी भ यख थ शाभ को योटी क साथ चन का नवदम ककमा इसका बी बगवान न फड पमायस सवीकाय ककमा फची हई योटी औय चन हभन खाम हय हदन बगवान हभ उसकी रीराएॉ हदखा यह ह शहद का फहना अबी बी जायी ह सपटफय २१ २०१० आज हभन चावर औय दार-ऩारक की सबजी का नवदम अऩिण ककमा कछ दय फाद जफ दखा तो सबजी चावर भ लभरी हई थी थोड चावर बगवान न खाम थ आयती की थारी भ हदमा था उसभ घी क साथ फाती बी थी दधभ शहद लभराकय चाॊदी का फाऊर बी तमाय था इन साय अदभत चभतकायो स बगवान कलरमग भ अऩना अससतततव भनषम को हदखा यह ह फड सौबागम की फात ह कक उसक लरम उनहोन हभाया घय चना सपटफय २२ २०१० आज दार फराम औय चावर नवदम भ थ कछ दय फाद हभ ऩजाघय भ गम तो दार औय चावर लभर हए थ उसभ स थोडा हहससा बगवान न खामा था शाभ को हभन अॊगय बगवान क साभन यख हभ बोजन र यह थ तो एकदभ स कछ अॊगय भय भॉह भ आम ऩजाघय भ जाकय दखा तो वहाॉ लसपि दो ही अॊगय फच थ सपटफय २३ २०१० आज बी हभन अॊगय का नवदम बगवान को अऩिण ककमा उनभ स कपय भय भॉह भ अॊगय आम भय ऩती क दोसत हभाय घय आम थ उनक आन स कछ दय ऩहर शहद की धाया फडी हो गमी थी जफ भय ऩती शहद की कपलभ र यह थ उनहोन दखा आयती की थारी भ जरी हई फाती कपय स जरन रगी उसका परकाश बी जमादा तजसवी था म अकसलऩत दषम हदखान क लरम उनहोन तयॊत भझ औय फाकी सफ को ऩजाघय भ फरामा ऐस अदभत रीराओॊ को दखकय दोसतरोग बी अऩना सौबागम सभझकय खश हए सपटफय २४ २०१० आज सफह औय दोऩहय भ जो बी नवदम यखा था उस बगवान न नही खामा शाभ को हभन ककशलभश यख औय फाहय गम रगबग हभ घय स ५ ककरोभीटय की दयी ऩय थ अचानक स भय भॉह भ ककशलभश आम अफ तक तो सफ चभतकाय घय भ हो यह थ ऩहरी फाय घय क फाहय हभ म अनबव आमा भ तो खशी स नाच उठी सपटफय २५ २०१० आज भ जफ ऩजाघय भ गमी तो आयती की थारी सजी हई थी हदमभ घी क साथ फाती रग चकी थी दध भ शहद लभराकय तीथि बी तमाय था हभ सफन लभरकय ऩजा की सपटफय ४ को भन चॊदन की ऩावडय भ ऩानी डारकय गॊध फनामा था आज तक वो सखा नही ह जस ही ऩजा

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खतभ हई भन दखा कक भय भाथ ऩय हटका रगा हआ था वो कभकभ नही था वो गॊध था भयी गदिन ऩय उसी गॊध स नाभार आमा था इसक फाद भय ऩती हभायी फटीक साथ फाहय क कभय भ खर यह थ औय भ यसोईघय भ काभ कय यही थी अचानक स ऩजाघयभ तीन चॊदन की अगयफसततमाॉ जरन रगी उसकी खशफ स साया घय कछ ही लभरनटोभ भहक उठा ससबजमाॉ लभराम हए चावर आज नवदम भ थ बगवान न म नवदम खा लरमा उसी हदन शाभ को आयती की थारी सजी थी हदम भ घी क साथ फाती थी ऩजा की सायी तमायी थी हभन कार अॊगय का नवदम अऩिण ककमा ऩय बगवान न नही खामा सपटफय २६ २०१० आज सफह औय दोऩहय का नवदम बगवान न नही सवीकाया शाभ को कछ पर बगवान क साभन यख उनस पर खान क लरम पराथिना की औय घय स फाहय रनकर घय स ४-५ ककरोभीटय दय गम नही तफ भय भॉह भ अॊगय आम घय जाकय दखा तो नवदम क परो भ स अॊगय कभ हए थ सपटफय २७ २०१० आज हभन बगवान को कछ सफ अऩिण ककम बगवान न एक टकडा खामा औय एक भय भॉह भ एक आमा शाभ को हभन कछ कर यख एक ततीमाॊश करा भय गर स फाहय आमा इस कर को कही बी दाॉत नही रग थ वसा ही था जस हभ रछरक स रनकारत ह ऩजाघयभ जाकय दखातो एक ततीमाॊश करा वहाॉ नही था फच हए कर क फाम फाज भ एक शहद का फॉद था षऩछर तीन हफत स बगवान की भतॉ स शहद का फहना रगाताय चर यहा ह ऑकटोफय १० २०१० आज हभन बगवान क साभन सफ यखा उसक फाद भ यसोईघय भ खाना ऩकान भ वमसत हो गमी अचानक स ऩजाघय स भझ भीठी भहक आन रगी अॊदय जाकय हभन जो दखा उसऩय षवशवास यखना कठीन था सऩन भ बी हभ म फात नही सोचत सफ तो वस का वस था ऩय उसक फाज भ रतरऩती का रडड था हभन रतरऩती का रडड ऩहर कई फाय खामा ह ऩय इतना गभि रडड ऩहर कबी नही खामा था हभायी ऊॊ गलरमो ऩय रगा हआ घी साप साप नजय आ यहा था रचच की फात तो ऩरछए भत

भय जसी साभानम घयर औयत क लरम म ऩसतक ldquoशरी फाराजी की रीराएॉrdquo लरखना कोई आसान फात नही थी कलरमग क दवता शरीवकटशवय औय दवी ऩदमावती की आलशवािद स ही सॊबव हो ऩामा ह भय ऩती ऋषषकश न म ऩसतक लरखन क लरम परोतसाहहत ककमा सवमॊ उनहोन इस ऩसतक का इॊसगरश भ अनवाद ककमा भ भयी फटी नहा का बी धनमवाद कयना चाहती हॉ शरी वकटशवय वरत क रखक शरी रतमभयाज षवशवऩरत याभकषण भरत ि क भनऩविक आबाय भानती हॉ भ बगवान स मही पराथिना कयना चाहती हॉ कक सजन सजन रोगो न म ऩसतक फनान भ भयी सहामता की भयी फात धमान स सनी उनऩय आऩकी कऩा फनी यह भयी सरदम सहदचछा ह जो कोई म वरत बसकत स सॊऩनन कयगा उस बगवान की कऩा का राब जरय होगा

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रलरता ऋषषकश

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शरी वकटशवय भॊतर

कलरमग क दवता सवमॊ शरी वकटशवयन वदो भ स कछ भॊतर भझ फताम ह उनभ स म भॊतर हय योज ऩजा क वकत

ऩढन स सचची बसकत ऩान क लरम भदद कयगा

भयारयसवक जयाहदऩीडडत रनयाचथिजीवन रनयाश बसय

वयारतसनदय सयाॊगनायरत कयाॊगसौषठव कभायताकरत

कभाय तायक सभाऩनोदम तननऩातक भहाऩदाभम

षवहाऩनोहदत सकरबवन षवहदत कभायधायालबधान तीथािहदसषटतसम

धयणीतर गत सकर हतकलरर सबासलरर गतफहर

षवषवधभर अरतचतय रचचयतय षवरोकनभातर षवदलरत

षवषवधभहाऩातक सवाभीऩषकरयरण सभतसम

जो बकत इस भॊतर का हय योज ऩठन कयगा वो आयोगमऩणि औय सभदध जीवन वमरतत कयगा

रलरता ऋषषकश

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कलमाण वकटशवय सवाभी

ऩजा की साभगरी ६ नारयमर ndash १ करश क लरम औय ५ ऩाॉच अधमामो क लरम

१ वसतरभ (रई का फना हआ हाय) १ करश १ नम परन कऩड का टकडा (रगबग एक भीटय)

हलदी औय कभकभ अता अगयफतती कऩिय (आयती क लरम)

बफड क ऩान मा आभ क ऩतत ( ३ ndash ५ करश क लरम २ षवनामक की ऩजा क लरम)

पर तरसी ऩॊचाभत (दध दही घी भध औय चीनी ) गणश क नवदम क लरम छोटा गड का टकडा वरत क नवदम क लरम गहॉ का यवा घी षऩसी हई चीनी करा षऩसी हई इरामची यवा घी भ बनकय ठॊडा होनऩय उसभ कर क टकड चीनी औय इरामची डार म यवा दध मा ऩानी भ नही ऩकामा जाता

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वरत की षवधी शरी रतमभयाज षवशवऩरत याभकषण भतॉ दवाया

कलरमग भ शरी फाराजी की कऩा ऩान क लरम इस वरत को सॊऩनन कयना अतमॊत आसान ह इस वरत को सॊऩनन

कयन क तयॊत फाद सबी कषट दय हो जात ह इस वरत की षवधी अतमॊत सयर ह सजस भझ वकॊ ठवासी नायामण जी न

सवमॊ फतामी ह कोई बी वमसकत कही बी कबी बी इस वरतको सॊऩनन कय सकता ह आचथिक कहठनाईमाॉ हो मा सवासम सॊफॊधी कोई सभसमा हो भन अशाॊत हो मा अनम कोई बी कायण हो इस वरत क सॊऩनन स ही कषट दय हो जात ह महद आऩन अऩन घय भ कोई शब कामि कयन का रनशचम ककमा हो तफ बी इस वरत को सॊऩनन कय सकत

ह नौकयी औय वमाऩाय भ उननरत क लरम बी वरत सॊऩनन कयन स तयॊत पर की परासपत होती ह

इस वरत को सॊऩनन कयन क दो षवधान ह

परथभ षवधान

इस वरत को ऩहर फताम अनसाय ककसी बी सभम सॊऩनन कय सकत ह भखम रऩ स भागिशीषि भाघ कारत िक भहहनो भ ऩरणिभा ऩॊचभी सपतभी एकादशी रतचथमो भ शरवण सवातीनतरो भ इस सॊऩनन कयना अचछा होता ह सवय हो मा शाभ इस वरतको सॊऩनन कय सकत ह

इस वरत भ ऩाॉच अधमाम ह ऩहरा अधमाम साात शरी फाराजी की कऩा स लरखा गमा ह अनम चाय अधमाम भहा तऩसवी शरी षवशवालभतर वलसषठ बयदवाज औय अबतर भहाभरनमो क दवाया फतामा गमा ह अऩन सवगह भ हो मा रनवास सथान भ बगवान का भॊहदय हो मा अनम कोई बी ऩषवतर सथान नदी तट ऩय बी इस सॊऩनन कय सकत ह

महद सॊबव हो सक तो अऩन फॊध-लभतरो क साथ इस सॊऩनन कय सफस ऩहर सजस जगह ऩय आऩ कयना चाहत ह उस

साप कय उसक फाद भॊडऩ तमाय कयक उसभ शरी फाराजी की तसवीय यख शरीदवी बदवी क साथ फाराजी की तसवीय को यखना शरषठ होगा तसवीय क साथ एक रऩम का लसकका यख उसक फाद करश की सथाऩना कय

सविपरथभ हलदी स फन क गणश की ऩजा कयनी चाहहम ताकक वरत बफना ककसी षवघन क सॊऩनन हो सक फाद भ वरत

कथा क ऩाॉच अधमाम ऩढ सवमॊ बगवान कहत ह कक जो वमसकत रनषठा औय बसकतस इस सॊऩनन कयता ह वहाॉ बगवान सवमॊ ककसी ना ककसी रऩ भ आकय परसाद सवीकाय कयत ह

दषवतीम षवधान

साात बगवान न एक औय भखम फात म बी फताई ह कक महद ककसी कायण कोई सभसमा हो औय वरत कयन क लरम

सभम न लभर मा ककसी कायणवश सॊबव न हो यहा हो तो अकर फठकय बी इस वरत को सॊऩनन ककमा जा सकता ह

शरी फाराजी क भॊडऩ क साभन फठकय सफस ऩहर गणश जी की पराथिना भन ही भन कय कपय अषट हदकऩारको नवगरह दवताओॊ का भन ही भन नभन कय तरसी दर नारयमर उऩरबध पर-पर थारी भ यख फाराजी को सभयण कयत हए वरत कथा का भन ही भन ऩठन कय नारयमर बगवान को अषऩित कय इस परसाद क रऩ भ सवीकाय

कयन स सबी कषट तयॊत दय हो जात ह हय कथा क अॊत भ नारयमर सभषऩित कय भहापरसाद क रऩ भ गहॉ का यवा

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(दलरमा) चीनी डारकय हरवा जस फनाम उसक ऊऩय करा बी यख हय कथा क अॊत भ गोषव ॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

तीन फाय कह कय पराथिना कय

फाराजी को तरसी दर अरत षपरम ह इसी लरम ऩजाभ तरसी दरो को यखना शरषठ होगावरत सॊऩनन होन क फाद

तरसी दरो को परसाद क रऩ भ सवीकाय कयन स योगरनवायण होन क साथ साथ अषट ऐशवमो की परासपत होती ह वरत की सभासपत ऩय नारयमर सभषऩित कयक उनक टकड फनाकय परसाद क रऩ भ बगवान को सभषऩित कयन स वहाॉ उऩससथत सबी रोगो को दकय कपय उस सवीकाय कयन स ऩणम परापत होता ह इस वरत को षवधीऩविक करश सथाऩना क साथ षवसताय स सॊऩनन कय अगय सॊबव न हो तो ऊऩय फताम दषवतीम षवधान क अनसाय बी कय सकत ह एक फात हभ सबी को माद यखनी चाहहम हभायी जो बी सभसमाएॉ ह व सजतना बगवान जानत ह औय कोई नही जान सकता ह इसीलरम उस करणाभम की पराथिना कय सॊकलऩ कय वरत सॊऩनन कयन स भनोकाभना रनसशचत ही ऩयी हो जाती ह सबी कषट दय होकय अषट ऐशवमो की परासपत होती ह

सभसत सनभॊगरारनबवॊत शरी रकषभी शरीरनवास कटा लसषदधयसत

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शरी वकटशवय वरत कथा शरीगणऩती धमानभ

वकरतणड भहाकाम कोहटसमिसभपरब रनषविघनभ करभ दव सविकामष सविदा शकरामफयधयभ शलशवणिभ चतबिजभ परसनन वदनभ धमामत सविषवघनोऩशाॊतम

तदव रगनभ सहदनभ तदव तायाफरभ चॊिफरभ तदव षवदमाफरभ दवफरभ तदव रीऩत तरिमगभ सभयालभ

आचभनभ

ॐ कशवाम सवाहा ॐ नायामणाम सवाहा ॐ भाधवाम सवाहा

ॐ गोषवॊदाम नभ ॐ षवषणव नभ ॐ भधसदनाम नभ ॐ बतरषवकरभाम नभ ॐ वाभनाम नभ ॐ शरीधयाम नभ

ॐ रषषकशाम नभ ॐ ऩदमानाबाम नभ ॐ दाभोदयाम नभ

ॐ सॊकषिणाम नभ ॐ वासदवाम नभ ॐ परदममनाम नभ ॐ अरनरधदाम नभ ॐ ऩरषोततभाम नभ ॐ अधोजाम नभ

ॐ नयलसॊहाम नभ ॐ अचमताम नभ ॐ जनादिनाम नभ ॐ उऩिाम नभ ॐ हयम नभ ॐ शरीकषणाम नभ

बतोचचाटनभ

उसततषटॊत बतषऩशाचचा एत बलभबायका ऐतशाभषवयोधन बरहभकभि सभायब

पराणामाभभ

ॐ ब ॐ बव ॐ सव ॐ भह ॐ जन ॐ तऩ ॐ सतमभ ॐ ततसषवतय-वयणमभ बगो दवसम धीभहह चधमो य़ो न परचोदमात ॐ आऩो-जमोरत-यसोवतभ बरहभ बबिवससवयोभ

भभ उऩातत दरयतामदवाया शरी ऩयभशवय परीतमथिभ शब शोबन भहत शरी भहाषवषणो आगनमा परवत भानसम आदमबरहभण दषवतीम ऩयाथ शवत वयाहकलऩ ववसवत भनवनतय कलरमग परथभऩाद जमफदवीऩ बयतवष बायत खनड भयो दकषण हदगबाग शरीशरसम hellip(जहाॉ ऩजा कय यह ह उस गाॉव का नाभ)परदशाम कषणा गोदावयी भधमबाग सव-शोबन गह सभसत दवता बराहभण हरयहय ससननधौ अससभन वतिभान वमवहारयक चानिभानन सवससतशरी परबवाहद नाभ सॊवतसय भधम सॊवतसय अमन ऋतौ (आज का भहहना)भासाम (शकर मा कषण)ऩाम (आज की रतथी)रतथौ (आज का हदन)वासय शबनतर शबमोग शबकयण एवॊ गण षवशषण षवलशषटामाभ

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शबरतथौ शरीभान(अऩना औय ऩरयवाय क सबी सदसमो क नाभ) गोतर (अऩना गोतर) नाभधम धभिऩतनी सभतसम असभाकभ सहकटॊफानाभ भ सथमि धमि षवजम आमय-आयोगम

ऐशवमि-अलबवधमथिभ धभािथि काभभो चतषविध ऩरषाथि पर लसदधमथिभ भभोऩातत दरयताम दवाया शरी ऩयभशवय परीतमथिभ शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरी वकटशवय दवता भडडडषम शरी वकटशवय वरतकलऩ करयषम िव सॊबवरदभ ऩदाथ सॊबवता रनमभन मावचचसकत धमाना वाहनाहद षोडषोऩचाय ऩजाभ करयषम (ऩानी को हाथ रगाम)

तदॊग करशायाधनभ करयषम (सवाभीजी की दामीॊ ओय करश यख उसभ गॊधभ ऩषऩभ कॊ कभ औय अता डार कपय आग लरख हए शरोक ऩढ) शरोकॊ करशसम भख षवषण काॊत रि सभाचशरता भर ततर ससथतो बरहभा भधम भातगणाचशरत कौत सागया सव सपतदवीऩ वसॊधया ऋगवदोत मजवद साभवदोहमथविणा अॊगशच सहहता सव करशाॊफ सभाचशरता करश गॊधऩषऩाताभ रनकषपतम हसतनचचादम आऩो वा इदभ सव षवशवबतानमाऩ पराणवा आऩा ऩशव आऩोननाभाऩोभता भाऩा समरादऩो षवयाडाऩा सवयाडाऩशचॊडाभ समाऩो जमोरतभ शमाऩो मजोभशमाऩ ससतमाभाऩ सवाि दवता आऩोबबिवसव याऩ ॐ (करश भ ऩानी बय औय उसभ तरसी क ऩतत डार) शरोकॊ गॊग च मभन च कषण गोदावयी सयसवरत नभिद लसॊध कावमो जरससभन ससननचधभ कर कावयी तॊगबिा च कषणवणी च गौतभी करशोदकन दवातभानभ ऩजािवमारन च समपरोकषमा (करश भ एक पर डफोकय उसस सवाभीजी ऩय ऩजा की साभगरी ऩय औय आऩ ऩय ऩानी रछडक )

शरी गणऩती पराथवना शकराॊफयधयभ षवषणभ शलशवणिभ चतबिजभ परसननवदनभ धमामत सविषवघनोऩशाॊतमत

आदौ रनषविघनन वरत ऩरयसभापतभ गणऩती ऩजाभ करयषम

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अथ गणऩती ऩजा ॐ गणानाभ तवागणऩतीभ हवाभह कषवॊ कवीनाभऩा भसशरवसतवभ जमषठयाजभ बरहभणाभ बरहभणसऩत आनशशरणमनततलब सीदसाधनभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ धमामालभ धमानभ सभऩिमालभ

आवाहमालभ यतनलसॊहासनभ सभऩवमालभ ऩादमौ ऩादमभ सभऩवमालभ

हसतौ अरघमवभ सभऩवमालभ भख आचभनीमभ सभऩवमालभ

आऩोहहषटाॊमोबवसतान ऊजधदातन भहयणाम चस मो वत लशवत भोयससतसम बाजमतहन उषतीरयना भातय तसभायभ गभाभवो मसमामाम जजॊधव आऩोजनमाधाचन

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash शदधोदक सनानॊ सभऩिमालभ

सनानाॊतयभ शदध आचभनभ सभऩिमालभ

अलबवसतरात वसनानमाय शलबदनतस दघा ऩजभान अलबचॊदरा बताव व नो हहयणमाभमशवनयततनोदव सोभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash वसतरमगभभ सभऩिमालभ

मऻोऩवीतभ ऩयभॊ ऩषवतरभ परजाऩत मत सहजभ ऩयसतात आमषमॊगरमभ परततभचच शभरॊ मऻोऩवीतभ फरभसत तज

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash मऻोऩवीतभ सभऩिमालभ

गॊधदवायाभ दयाधषावभ तनतमऩषटान करयषषणीभ

ईशवयीभ सववबतानाभ ता लभहोऩवहम शरशरमभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash हदवम शरी चॊदनॊ सभऩिमालभ

आमन त ऩयामण दवाव योहॊत ऩजषऩणी हदाशच ऩॊडयीकाणण सभदरसम गहा इभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash दवािहद नानाषवध ऩषऩारण सभऩिमालभ

अथ शरी षोडषनाभ ऩजा ॐ सभखाम नभ

ॐ एकदॊताम नभ

ॐ कषऩराम नभ

ॐ गजकरणिकाम नभ

ॐ रमफोदयाम नभ

ॐ षवकटाम नभ

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ॐ षवघनयाजम नभ

ॐ गजाचधऩतम नभ

ॐ धभकतव नभ

ॐ गणाचधाम नभ

ॐ पारचॊिाम नभ

ॐ गजाननाम नभ

ॐ वकरतॊडाम नभ

ॐ शऩिकणिकाम नभ

ॐ हयमफाम नभ

ॐ सकॊ दऩविजाम नभ ॐ सवािलससधद परदामकाम नभ ॐ भहागणाचधऩतम नभ

नानाषवध ऩरयभर ऩषऩारण सभऩिमालभ

वनसऩतमबवव हदव नाना गॊध स सममतभ आघरम सववदवानाभ धऩोमभ परततगहमताभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash धऩभािाऩमालभ

साजमभ बतरवतॉ सॊमकताभ वसहनना मोसजतभ षपरमभ

गहाणा भॊगरभ दीऩभ तररोकमरतलभयावहभ

बकतमादीऩभ परमचछालभ दवाम ऩयभातभन

तराहहभाभ नयकादघोयाद हदवमजमोरत नभोसतत

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash दीऩभ सभऩिमालभ

धऩ दीऩाॊतयभ आचभनीमभ सभऩिमालभ

नवदमभ

(गड का छोटा टकडा थारी भ यख कय उसक सबोवतार ऩानी रछडक) ॐ बबव सव ॐ ततसषवतयवयणमभ बगो दवसम धीभही चधमोमोन परचोदमात सतमभ तवतन ऩरयषषॊचालभ (यात भ ldquoऋतॊ तवा सतमन ऩरयषषॊचालभrdquo ऐस कह)

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash नवदमभ सभऩिमालभ

अभतभसत अभतोवतसयणभलस

ॐ पराणाम सवाहा ॐ आऩानाम सवाहा ॐ वमानाम सवाहा ॐ उदानाम सवाहा

ॐ सभानाम सवाहा भधम भधम ऩानीमभ सभऩवमालभ

अभताषऩधानभलस उततयाऩोषणभ सभऩवमालभ

हसतौ परारमालभ शदधाचभनीमभ सभऩवमालभ

ऩगीपर सकयऩय नागवलरीदरीयमतभ

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भकताचणव सभामकतभ ताॊफरभ परततगहमताभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash ताॊफरभ सभऩिमालभ

ॐ गणानाभ तवागणऩतीभ हवाभह कषवॊ कवीनाभऩा भसशरवसतवभ जमषठयाजभ बरहभणाभ बरहभणसऩत आनशशरणमनततलब सीदसाधनभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ - सवणिभॊतरऩषऩभ सभऩिमालभ

भॊतरहीनभ ककरमाहीनभ बसकतहीनभ गणाचधऩ

मतऩसजतभ भमा दव ऩरयऩण तदसतत

मऻन मऻभमजॊत दवासतारन धभािरण परथभानमासन

तहनाकभ भहहभान सचॊत मतर ऩवसाधमा सॊरत दवा

ऩनयाचभनभ

अनमा धमानावाहनाहद षोडषोऩचाय ऩजमा च बगवान सवाितभक

शरीभहा गणाचधऩरत सपरीतो वयदो बतवा उततय कभिणम षवघनभसत बवनतो

बवनत उततय कभिणम षवघनभसत गणाचधऩरत परसादभ लशयसा गरहणालभ

सहसरऩयभा दषव शतभरा शताॊकया सव हयत भ ऩाऩॊ दवािदससवपननाशनी गणऩरत मदासथानॊ उदवासमालभ

पराण परततषठा ॐ असनीत ऩनसभािस च ऩन पराणलभहनोदहह बोगॊ जमोकऩशमभ

समिभचचयनत भनभत भडमान सवससत अभतॊ वपराणा अभतभाऩ पराणानव मधासथानभऩहवमत

(सवाभीजी की भतॉ को हाथ रगाम )

शरीवकटशवय आवाहमालभ सथाऩमालभ ऩजमालभ ससथयोबव वयदोबव सपरसननोबव ससथयासनॊ कर

धमानभ

शानताकायॊ बजगशमनॊ ऩदमनाबभ सयशभ षवशवकायभ गगन सदशॊ भघवण शबाॊगॊ

रकषभीकानतॊ कभरनमनॊ मोचगहरधमान गममॊ वनद षवषणॊ बवबमहयॊ सविरोककनाथॊ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - धमामालभ धमानभ सभऩिमालभ

आवाहनभ

आवाहमालभ दवश लसदधगनधवि सषवत मिसमलभदॊ ऩणमॊ सविऩाऩहयोहय

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवनकटशवय सवालभन नभ - आवाहमालभ

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(सवाभीजी क भतॉ ऩय पर ऩतत चढाम) आसनभ

दव दव जगननाथ परणत करशनाशन यतनलसॊहासनॊ हदवमॊ गहाण भधसदन

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवनकटशवय सवालभन नभ - यतनलसॊहासनॊ सभऩिमालभ

(सवाभीजी क भतॉ ऩय पर ऩतत चढाम) ऩादमॊ

वासनचतॊ करभदव दषकतॊ च षवनाशम ऩादमॊ गहाण बगवान भातरतसॊग सॊससथत

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - ऩादमो ऩादमॊ सभऩिमालभ

(एक चमभच ऩानी थारी भ डार)

अरघम

करषवभ दमाॊ दव सॊसायारत ि बमाऩह दचधीय परोऩतभ गहाणाघम नभोसतत

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हसतमोयघम सभऩिमालभ

(एक चमभच ऩानी थारी भ डार)

आचभनॊ नभ सतमाम शदधाम रनतमाम ऻानरषऩण गहाणाचभनॊ दव सविरोककनामक

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - भख आचभनीमॊ सभऩिमालभ

(एक चमभच ऩानी थारी भ डार) ऩॊचाभतसनानॊ

ऩॊचाभतॊ भमानीतॊ ऩमोदचधघतॊ भध शकि या सहहतॊ चवदवतवॊ पररतगहमताॊ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - ऩॊचाभत सनानॊ सभऩिमालभ

(ऩॊचाभत गाम क दध दही घी भध औय चीनी लभराकय ककमा जाता ह)

सनानॊ सवणिऩातरोदकॊ गॊगा मभनाहद सभसनवतॊ शदधोदकॊ गहाणश सनानॊ कर मथाषवचध

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - शदधोदकसनानॊ सभऩिमालभ

(एक चमभच ऩानी थारी भ डार) वसतरॊ

तपतकाॊचन सनकाशॊ ऩीतमफय लभदॊ हय सगहाण जगननाथ शरीरनवास नभोसतत

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - वसतरमगभॊ सभऩिमालभ

मऻोऩवीतॊ मऻोऩवीतॊ ऩयभॊ ऩषवतरॊ परजऩतमितसहजॊ ऩयसतात

आमषमभागरमाभ पररतभचचशभरॊ मऻोऩवीतॊ फरभसत तज

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शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - मऻोऩवीतॊ सभऩिमालभ

गनधॊ चनदनागर कसतरय घनसाय सभसनवतॊ गनधॊ गहाण गोषवनद नानागॊधसचधायम

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हदवमऩरयभर गॊधाॊ सभऩिमालभ

(सवाभीजी क भतॉ को चॊदन रगाम) अताॊ

गोषवनदा ऩयभाननद हरयिा सहहततान षवशवशवय षवशारा गहाण ऩयभशवय

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - अतान सभऩिमालभ

(सवाभीजी क भतॉ ऩय अता डार चावर को हलदी कॊ कभ रगाक अता फनात ह) ऩषऩॊ

सगॊधारन सऩषऩारण जाजीकनदभखारन च भाररत वकरादषव ऩजाथ पररतगहमताॊ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - ऩषऩॊ सभऩिमालभ

अथाॊग ऩजा ॐ शरी वकटशवयाम नभ - ऩादौ ऩजमालभ

ॐ शरी वकटचरचधशाम नभ - गलफ़ौ ऩजमालभ

ॐ शरी परदामकाम नभ - जाननी ऩजमालभ

ॐ ऩदमावती ऩतम नभ - जॊघ ऩजमालभ

ॐ ऻानपरदाम नभ - ऊर ऩजमालभ

ॐ शरीरनवसाम नभ - कहटॊ ऩजमालभ

ॐ भहाबागाम नभ - नालबॊ ऩजमालभ

ॐ रनभिराम नभ - उदयॊ ऩजमालभ

ॐ षवशाररदमाम नभ - रदमभ ऩजमालभ

ॐ ऩरयशदधातभन नभ - सतनौ ऩजमालभ

ॐ ऩरषोततभाम नभ - बजौ ऩजमालभ

ॐ सवणिहसताम नभ - हसतौ ऩजमालभ

ॐ वयपरदाम नभ - कॊ ठॊ ऩजमालभ

ॐ रोकनाथाम नभ - सकनधौ ऩजमालभ

ॐ यसऻाम नभ - नालसकाॊ ऩजमालभ

ॐ ऩणमशरवन कीतिनाम नभ - शरोतर ऩजमालभ

ॐ ऩलरामफज षवरोचनाम नभ - नतर ऩजमालभ

ॐ वचिससवन नभ - रराटॊ ऩजमालभ

ॐ यमम षवगरहाम नभ - सवािणमनगारन ऩजमालभ

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ॐ शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हदवमसनदय षवगरहॊ ऩजमालभ

शरी वकटशवय अषटोततय शतनाभावलर

ॐ वकटशाम नभ

ॐ शरीरनवासाम नभ

ॐ रकषभीऩतम नभ ॐ अनाभमाम नभ ॐ अभताॊशाम नभ ॐ जगदवॊदवाम नभ ॐ गोषवनदाम नभ ॐ शाशवताम नभ ॐ परबव नभ ॐ शषाहि-रनरमाम नभ ॐ दवाम नभ ॐ कशवाम नभ ॐ भधसदनाम नभ ॐ अभताम नभ ॐ भाधवाम नभ ॐ कषणाम नभ ॐ शरीहयम नभ ॐ ऻान-ऩॊजयाम नभ ॐ शरी वतस-वस नभ ॐ सवशाम नभ ॐ गोऩाराम नभ ॐ ऩरषोततभाम नभ ॐ गोऩशवयाम नभ ॐ ऩयभ-जमोरतषम नभ ॐ वकनठऩतम नभ ॐ अवममाम नभ ॐ सधातनव नभ ॐ मादवनिाम नभ ॐ रनतम-मौवनरऩवत नभ ॐ चतवदातभकाम नभ ॐ षवषणव नभ

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ॐ अचमताम नभ ॐ ऩरदमनी-षपरमाम नभ ॐ धयाऩतम नभ ॐ सयऩतम नभ ॐ रनभिराम नभ ॐ दवऩसजताम नभ ॐ चतबिजाम नभ ॐ चकरधयाम नभ ॐ बतरधामन नभ ॐ बतरगणाशरमाम नभ ॐ रनषविकलऩाम नभ ॐ रनषकरनकाम नभ ॐ रनयाॊतकाम नभ ॐ रनयनजनाम नभ ॐ रनयाबासाम नभ ॐ रनतमतपताम नभ ॐ रनगिणाम नभ ॐ रनरऩिवाम नभ ॐ गदाधयाम नभ ॐ शायॊगऩाणम नभ ॐ ननदककन नभ ॐ शनखधायकाम नभ ॐ अनकभतिम नभ ॐ अवमकताम नभ ॐ कहटहसताम नभ ॐ वयपरदाम नभ ॐ अनकातभन नभ ॐ दीनफानधव नभ ॐ आतिरोक बमपरदाम नभ ॐ आकाशयाज-वयदाम नभ ॐ मोचग-रतऩदमभसनदयाम नभ ॐ दाभोदयाम नभ ॐ जगतऩाराम नभ

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ॐ ऩाऩघनाम नभ ॐ बकतवतसराम नभ ॐ बतरषवकरभाम नभ ॐ लशॊशभायाम नभ ॐ जटाभकट-शोलबताम नभ ॐ शनख-भदमोर-सनभॊजराम-ककसनकणमाडम-कयनडकाम नभ ॐ नीरभघ-शमाभ-तनव नभ ॐ बफलव-ऩतराचिन षपरमाम नभ ॐ जगदवमाषऩन नभ ॐ जगत-कत नभ ॐ जगत-साकषण नभ ॐ जगतऩतम नभ ॐ चचसनतताथि-परदाम नभ ॐ सजषणव नभ ॐ दाशावािम नभ ॐ दश-रऩवत नभ ॐ दवकक-ननदनाम नभ ॐ शौयम नभ ॐ हमगरीवाम नभ ॐ जनादिनाम नभ ॐ कनमा-शरवणतायजमाम नभ ॐ ऩीतामफयधयाम नभ ॐ अनघाम नभ ॐ वनभालरन नभ ॐ ऩदमनाबाम नभ ॐ भगमासकत-भानसाम नभ ॐ अशवरढाम नभ ॐ खडगधारयण नभ ॐ धनाजिन-सभतसकाम नभ ॐ गानसायर-सनभधम-कसतरय-रतरकोजवराम नभ ॐ ससतचदाननदरऩाम नभ ॐ जगनभनगरदामकाम नभ ॐ मऻरऩाम नभ

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ॐ मऻबोकत नभ ॐ चचनभमाम नभ ॐ ऩयभशवयाम नभ ॐ ऩयभाथि-परदाम नभ ॐ शानताम नभ ॐ शरीभत नभ ॐ दोदिनड-षवकरभाम नभ ॐ ऩयातऩयाम नभ ॐ ऩयबरहभण नभ ॐ शरीषवबव नभ ॐ जगदीशवयाम नभ

इतत शरी वकटशवय अषटोततय शतनाभावलर

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शरी भहारकषभी अषटोततय शतनाभावलर

ॐ परकतम नभ ॐ षवकतम नभ ॐ षवदमाम नभ ॐ सविबतहहतपरदाम नभ ॐ शरदधम नभ ॐ षवबतम नभ ॐ सयभम नभ ॐ ऩयभासतभकाम नभ ॐ वाचम नभ ॐ ऩदमारमाम नभ ॐ ऩदमाम नभ ॐ शचम नभ ॐ सवाहाम नभ ॐ सवधाम नभ ॐ सधाम नभ ॐ धनमाम नभ ॐ हहयणमम नभ ॐ रकषमम नभ ॐ रनतमऩषटाम नभ ॐ षवबावम नभ ॐ आहदतम नभ ॐ हदतम नभ ॐ दीपताम नभ ॐ वसधाम नभ ॐ वसधारयणम नभ ॐ कभराम नभ ॐ कानताम नभ ॐ काभाकषम नभ ॐ कभर समबवाम नभ ॐ अनगरहपरदाम नभ ॐ फदधम नभ ॐ अनघाम नभ

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ॐ हरयवलरबाम नभ ॐ अशोकाम नभ ॐ अभताम नभ ॐ दीऩाम नभ ॐ रोकशोक षवनालशनम नभ ॐ धभिरनरमाम नभ ॐ करणाम नभ ॐ रोकभातर नभ ॐ ऩदमषपरमाम नभ ॐ ऩदमहसताम नभ ॐ ऩदमाकषम नभ ॐ ऩदमसनदम नभ ॐ ऩदमोदभवाम नभ ॐ ऩदमभखम नभ ॐ ऩदमनाब षपरमाम नभ ॐ यभाम नभ ॐ ऩदमभाराधयाम नभ ॐ दवम नभ ॐ ऩरदमनम नभ ॐ ऩदमगसनधनम नभ ॐ ऩणमगनधाम नभ ॐ सपरसननाम नभ ॐ परसादालबभखम नभ ॐ परबाम नभ ॐ चनिवदनाम नभ ॐ चनिाम नभ ॐ चनिसहोदम नभ ॐ चतबिजाम नभ ॐ चनिरऩाम नभ ॐ इसनदयाम नभ ॐ इनद शीतराम नभ ॐ आहराद जननम नभ ॐ ऩषम नभ

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ॐ लशवाम नभ ॐ लशवकतम नभ ॐ सतमाम नभ ॐ षवभराम नभ ॐ षवशवजननम नभ ॐ तषम नभ ॐ दारयदरमनालशनम नभ ॐ परीरत ऩषकरयणम नभ ॐ शानताम नभ ॐ शकरभालमामफयाम नभ ॐ बासकम नभ ॐ बफलव रनरमाम नभ ॐ वयायोहाम नभ ॐ मशससवनम नभ ॐ वसनधयाम नभ ॐ उदायॊगम नभ ॐ हरयणम नभ ॐ हभभालरनम नभ ॐ धन धानमकतम नभ ॐ लसदधम नभ ॐ सतरणम सौममाम नभ ॐ शबपरदाम नभ ॐ नऩवशभ गताननदाम नभ ॐ वयरकषमम नभ ॐ वसपरदाम नभ ॐ शबाम नभ ॐ हहयणम पराकायाम नभ ॐ सभि तनमाम नभ ॐ जमाम नभ ॐ भॊगराम नभ ॐ षवषणव सथरससथताम नभ ॐ षवषणऩतनम नभ ॐ परसननाकषम नभ

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ॐ नायामण सभाचशरताम नभ ॐ दारयदरम धवॊलसनम नभ ॐ दवरकषभ नभ ॐ सवोऩिव रनवारयणम नभ ॐ नवदगािम नभ ॐ भहाकालम नभ ॐ बरहभा-षवषण-लशवासतभकाम नभ ॐ बतरकारऻानसमऩननाम नभ ॐ बवनशवम नभ ॐ भहारकषभी अषटोततय शत नभ

इरत शरी रकषभी अषटोततय शतनाभावलर

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शरी ऩदमावती अषटोततय शतनाभावलर

ॐ ऩदमावततम नभ ॐ दवम नभ ॐ ऩदमोदभवाम नभ ॐ करणापरदारमनम नभ ॐ सरदमाम नभ ॐ तजसवरषऩणम नभ ॐ कभरभखम नभ ॐ ऩदमधयाम नभ ॐ शरीम नभ ॐ ऩदमनतरम नभ ॐ ऩदमकयाम नभ ॐ सगणाम नभ ॐ कभकभषपरमाम नभ ॐ हभवणािम नभ ॐ चनिवसनदताम नभ ॐ धगधगपरकाश शयीय-धारयणम नभ ॐ षवषणषपरमाम नभ ॐ रनतमकलमाणम नभ ॐ कोहटसमिपरकालशणम नभ ॐ भहासौनदमिरषऩणम नभ ॐ बकतवतसराम नभ ॐ बरहभानडवालसनम नभ ॐ सविवानचापरदारमनम नभ ॐ धभिसनकलऩाम नभ ॐ दाकषणमकटाकषणम नभ ॐ बसकतपरदारमनम नभ ॐ गणतरमाषववसजिताम नभ ॐ कराषोडशसॊमताम नभ ॐ सविरोकानानजननम नभ ॐ भसकतदारमनम नभ ॐ दमाभतामाम नभ ॐ परऻाम नभ

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ॐ भहाधभािम नभ ॐ धभिरषऩणम नभ ॐ अरनकाय षपरमाम नभ ॐ सविदारयदरमधवॊलसनम नभ ॐ शरीवकटशवसथरससथताम नभ ॐ रोकशोकषवनालशनम नभ ॐ वषणवम नभ ॐ रतरचानरऩयवालसनम नभ ॐ वदवदमषवशायदाम नभ ॐ षवषणऩादसषवताम नभ ॐ यतनपरकाशककयीटधारयणम नभ ॐ जगनभोहहनम नभ ॐ शसकतसवरषऩणम नभ ॐ परसननोदमाम नभ ॐ इनिाहददवत मककननय ककमऩरष ऩसजताम नभ ॐ सविरोकरनवालसनम नभ ॐ बजमाम नभ ॐ ऐशवमिपरदारमनम नभ ॐ शानताम नभ ॐ उननतसथानससथताम नभ ॐ भनदायकालभनम नभ ॐ कभराकयाम नभ ॐ वदानतऻानरषऩणम नभ ॐ सविसमऩसततरषऩणम नभ ॐ कोहटसमिसभपरबाम नभ ॐ ऩजापरदारमनम नभ ॐ कभरासनाहद सविदवताम नभ ॐ वकनठवालसनम नभ ॐ अबमदारमनम नभ ॐ िाापरऩामसषपरमाम नभ ॐ नतमगीतषपरमाम नभ ॐ ीयसागयोदभवाम नभ ॐ आकाशयाज ऩबतरकाम नभ

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ॐ सवणिहसतधारयणम नभ ॐ काभरषऩणम नभ ॐ करणाकटाधारयणम नभ ॐ अभतासजाम नभ ॐ बरोकसवगिसखदारमनम नभ ॐ अषटहदकऩारकाचधऩतम नभ ॐ भनभधदऩि सॊहारयणम नभ ॐ कभराथिबागाम नभ ॐ सवलऩऩयाध-भहाऩयाध-भाम नभ ॐ शतकोहटतीथिवालसताम नभ ॐ नायदाहद भरनशरषठ ऩसजताम नभ ॐ आहदशनकयऩसजताम नभ ॐ परीरतदारमनम नभ ॐ सौबागमपरदारमनम नभ ॐ भहाकीतॉ परदारमनम नभ ॐ कषणारतषपरमाम नभ ॐ गनधवि शाऩषवभोचकाम नभ ॐ कषणऩतनम नभ ॐ बतररोकऩसजताम नभ ॐ जगनभोहहनम नभ ॐ सरबाम नभ ॐ सशीराम नभ ॐ अॊजनासतानगरहपरदारमनम नभ ॐ बकतमातभरनवालसनम नभ ॐ सॊधमावसनदनम नभ ॐ सविरोकभातर नभ ॐ अलबभतदारमनम नभ ॐ रलरतावधतम नभ ॐ सभसतशासतर षवशायदाम नभ ॐ सवणािबयणधारयणम नभ ॐ इहऩयरोक सखपरदारमनम नभ ॐ कयवीयरनवालसनम नभ ॐ नागरोकभरणसह आकाशलसनध कभरशवय ऩरयतयधगभनाम नभ

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ॐ शरी शरीरनवासषपरमाम नभ ॐ चनिभनडरससथताम नभ ॐ अलरवर भनगाम नभ ॐ हदवमभनगर धारयणम नभ ॐ सकलमाणऩीठससथताम नभ ॐ काभकवनऩषऩषपरमाम नभ ॐ कोहट भनभधरषऩणम नभ ॐ बानभनडररषऩणम नभ ॐ ऩदमऩादाम नभ ॐ यभाम नभ ॐ सविरोकसबानतय धारयणम नभ ॐ सविभानसवालसनम नभ ॐ सवािम नभ ॐ षवशवरऩाम नभ ॐ हदवमऻानाम नभ ॐ सवभनगररषऩणम नभ ॐ सवािनगरहपरदारमनम नभ ॐ ॐकायसवरषऩणम नभ ॐ बरहभऻानसॊबताम नभ ॐ शरी ऩदमावतम नभ ॐ सदमोवदवतम नभ ॐ शरीभहारकषमम नभ

इरत शरी ऩदमावती अषटोततय शतनाभावलर

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धऩभ दशाॊगभ गगगरोऩतॊ गोघतन सभसनवतभ धऩॊ गहाण दवश सविरोक नभसकाया

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - धऩभािाऩमालभ

(सवाभीजी क भतॉ की अगयफतती औय धऩ स आयती कय)

दीऩभ

बतररोकश भहादव सविऻान परदामक दीऩॊ दासमालभ दवश यभाभ बकतवतसर

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - दीऩॊ दशिमालभ

(सवाभीजी क भतॉ की दीऩ स आयती कय )

नवदमभ

सविबशच बोजजशच यस षडलब सभसनवतॊ नवदमनत भमानीतभ गहाण ऩरषोततभ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - नवदमॊ सभऩिमालभ

(सवाभीजी को परसाद चढाम अगय करा ह तो ldquoकदरीपर रनवदमालभrdquo नारयमर ह तो ldquoनारयकर परॊ रनवदमालभrdquo ऐस कह अगय गड ह तो ldquoगडोऩहाय नवदमभ सभऩिमालभrdquo कह)

ॐ पराणाम सवाहा ॐ आऩानाम सवाहा ॐ वमानाम सवाहा ॐ उदनाम सवाहा ॐ सभानाम सवाहा ॐ ऩयबरहभण सवाहा ॐ बबिव सव ततसषवतय-वयणमभ बगो दवसम धीभहह चधमो मो न परचोदमात ॐ आऩो जमोरतयसोभतॊ बरहभ बबिव सवयोभ भधम भधम ऩानीमभ सभऩिमालभ

अभताषऩधानभलस उततयाऩोशनभ सभऩिमालभ हसतौ परारमालभ ऩादौ परारमालभ ऩनयाचभनीमभ सभऩिमालभ

तामफरभ ऩगीपर सकऩिय नागवलरीदरमितॊ भकताचणि सभामकतॊ तामफरॊ पररतगहमताॊ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - तामफरभ सभऩिमालभ

नीयाजनभ चशरम कानताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरीवकटरनवासाम शरीरनवासाम भनगरभ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ नीयाजनभ दशिमालभ

ऩनयाचभनीमभ सभऩिमालभ

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भॊतरऩषऩभ

ॐ सहसतरशीषिभ दवॊ षवशवाॊ षवशवशॊबवॊ षवशवॊ नायामणनदवभ अयॊ ऩयभॊ ऩदॊ १

षवशवत ऩयभासननतमॊ षवशवॊ नायामणॊ हरयॊ षवशवभवदॊ ऩरषसतदषवशवॊ उऩजीवरत २

ऩरतॊ षवशवसमातभशवयॊ शाशवतॊ लशवभचमतॊ नायामणॊ भहाऻमॊ षवशवतभानॊ ऩयामणॊ ३

नायामण ऩयोजमोरत आतभा नायामण ऩय नायामण ऩयभ बरहभ ततवभ नायामण ऩय नायामण ऩयो धमाता धमानभ नायामण ऩय ४

मचच ककसनचत जगतसव दशमत शरमतषऩ वा अनतफिहहशचततसविभ वमापमा नायामण ससथत ५

अननतभ अवममभ कषवॊ सभिनतभ षवशवशमबवभ ऩदमकोश परतीकाशभ रदमभ चापमधोभखभ ६

अधोरनषमा षवतसतमानत नाभमाभऩरय रतषठरत जवाराभाराकरॊबारत षवशवसमामातनभ भहत ७

सनततॊ लशरालबसत रॊफतमाकोशससननबभ तसमानत सलशयभ सकषभभ तससभन सविभ पररतसषठतभ ८

तसमभधम भहान असगन षवशवायचचषविशवतो भख सोगरबसगवबजन रतषठाननाहाय भजय कषव

रतमिगधवाि भधशशामीयशभमा सतसम सनतता ९

सॊताऩमरत सवॊ दह भाऩादतरभसतक तसम भधम वसनह लशखा अणीमोधवाि वमवससथत १०

नीरथो मदभधमसता षवदमलरखव बासवया नीवायशकवततनवी ऩीताबा सवतमनऩभा ११

तसमा लशखामा भधम ऩयभातभा वमवससथत स बरहभ स लशव स हरय स इनि सोय ऩयभासवयात १२

ॐ तद बरहभ ॐ तद वाम ॐ तदातभा ॐ ततसतमभ ॐ ततसविभ ॐ ततऩयोनिभ अनतशचयरत बतष गहामाभ षवशवभरत िष तवभ मऻसतवभ वषकायसतवभ इनिसतवभ रिसतवभ

षवषणसतवभ बरहभतवभ परजाऩरत तवभ तदाऩ आऩो जमोरत यसोवतभ बरहभ बबिवससवयोभ १३

गदा ऩन शॊखयथानगकलऩक धवजायषवॊदाॊकश वजररासशचत ह शरीरनवास तवत चयणामफज दवमॊ भदीम भधािन भरज ॐ रनयॊजनाम षवदमह रनयाबासाम धीभहह तननो शरीरनवास परचोदमात शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हदवमभनतरऩषऩॊ सभऩिमालभ

परदकषण नभसकाय

शरोकॊ मारनकारन च ऩाऩारन जनभानतय कतारन च तारन तारन परणशमसनत परदकषण ऩद ऩद ऩाऩोहभ ऩाऩकभािहभ ऩाऩातभा ऩाऩसॊबव तराहहभाभ कऩभमा दव शयणगतवतसर अनमधा शयणॊ नाससत तवभव शयणॊ भभ तसभात कारणम बावन य य जनादिन

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - आतभपरदकषण नभसकायान सभऩिमालभ

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षवषवधोऩचाय ऩजा छतरॊ धायमालभ चाभयॊ वीजमालभ नतमॊ दशिमालभ गीतॊ शरावमालभ वादमॊ घोषमालभ आॊदोलरकान आयोहमालभ आशवानायोहमालभ गजानायोहमालभ सभसत यजोऩचाय शकतमऩचाय

मनतरोऩचाय दवोऩचाय सवोऩचाय ऩजाॊ सभऩिमालभ

भाऩवणभ भनतरहीनॊ ककरमाहीनॊ बसकतहीनॊ जनादिन मतऩसजतभ भमा दव ऩरयऩणिभ तदसतत

अनमा धमानावाहनाहद षोडशोऩचाय ऩजमा च बगवन सवाितभक शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरी वकटशवय सवरऩो बगवान सपरीत सपरसननो वयदो बवत शरी वकटशवय दव परसादॊ लशयसा गहणालभ

तीथवभ

अकार भतमहयणॊ सविवमाचध रनवायणभ सवि ऩाऩमकयॊ दव ऩादोदकॊ ऩावनॊ शबॊ

नवदमभ

ॐ बबिवससव ॐ ततसषवतवियणमभ बगो दवसम धीभहह चधमो मो न परचोदमात सतमॊ तवतन ऩरयषषॊचालभ अभतभसत अभतोऩसतयणभलस ॐ पराणाम सवा ॐ अऩानाम सवा ॐ वमानाम सवा ॐ उदानाम सवाह ॐ सभानाम सवा ॐ बरहभण सवा

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - भहानवदमभ सभऩिमालभ

अभताषऩधानभलस उततयाऩोशनभ सभऩिमालभ हसतौ परारमालभ ऩादौ परारमालभ शदध आचभनीमॊ सभऩिमालभ

तामफरॊ सभऩिमालभ सवणिभनतरऩषऩॊ सभऩिमालभ परदकषण नभसकायन सभऩिमालभ

अनमाधमानावाहनाहद षोडषोऩचाय ऩजमा बगवान सवाितभक शरी रकषभी ऩदमावती सभत वकटशवय सवाभी सपरीत सपरसननो वयदो बवत शरी रकषभी ऩदमावती सभत वकटशवय सवाभी परसादॊ लशयसा गहणालभ

उदवासनभ मऻन मऻभमजनत दवासतारन धभािरण परथभानमासन

तहनाकॊ भहहभानससचनत मतर ऩव साधमा ससनत दवा

गचछ गचछ सयशरषठ सवसथान शरी वकटशवय बकताबीषट सभधमथिभ ऩनयागभनाम च

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरी वकटशवय सवाभी मथासथानॊ उदवासमालभ

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परथभ अधमाम

शरी बगवान उवाच

कलरमग भ एक हदन शब भहति भ रतरभरा ऩहाड ऩय (सजस धयती का वकॊ ठ कहा जाता ह ) ldquoषवशवऩरत नाभक एक बकत ऩय शरी फाराजी की कऩा हई शरी षवषण क अवताय शरी फाराजी (वकटशवय) जो महाॉ शरीरनवास क रऩ भ ऩज जात ह उनहोन षवशवऩरत को ldquoशरी फाराजी वरत कथाrdquo नाभ स परलसधद इस गरॊथ की यचना कयन की आऻा दी औय कहा- ldquoह भय षपरम बकत षवशवऩरत भय षपरम होन क कायण इस वरत को षवसताय रऩ स तमह फाता हॉ सनो म

वरत भझ अरत षपरम ह आसान होन क कायण इस सबी रोग सॊऩनन कय सकत ह

कलरमग भ भानव अऩन ऩाऩ कभो का पर बोगता ह अनक कषट सहत हए जीवन रनवािह कयता ह कछ बकत

अऩन दख भझ फताकय उनह दय कयन क लरम कहत ह फहत स ऩस खचि कय वो भझ दखन क लरम रतरभरा की मातरा कयत ह भय बकतो स भझ परभ ह व भझऩय अऩना ऩया बाय डार दत ह भ उनह धभि क भागिऩय चराता हॉ

अबी भ जो मह वरत कथा तमह फतान जा यहा हॉ वो ldquoशरी फाराजी की कथाrdquo क नाभ स परलसदध होगा म भया वरत भझ अरतषपरम ह जो वमसकत इस बसकत औय रनषठा स कयगा वह तयॊत ऩाय ऩामगा कोई बी वमसकत कबी बी इस वरत को सॊऩनन कय सकता ह भखम रऩ स भागिशीषि भाघ कारत िक भहहनो भ ऩणिभासी ऩॊचभी सपतभी एकादशी रतचथमो ऩय मा शरवण सवारत नतरो ऩय इस कयना शरषठ होता ह

इस घोय कलरमग भ भय बकत जो कषट सह यह ह उनह भ जानता हॉ तमह जफ बी कोई कषट हो कोई सभसमा हो सवासम ठीक ना हो नौकयी वमाऩाय भ सभसमाएॉ हो भन अशाॊत हो तो इस वरत को सॊऩनन कयना चाहहम इसस

साय कषट दय हो जात ह घय भ शब कामि होन ऩय इस वरत को सॊऩनन कयन स बफना ककसी सभसमा क कामि ऩणि हो जाता ह इस वरत को सॊऩनन कयत ही सबी सख परापत होत ह औय अषट ऐशवमो की परासपत होती ह

सफय मा शाभ इस वरत को सॊऩनन कय सकत ह इस वरत भ ऩाॉच अधमाम ह इनका ऩठन बसकत क साथ कयना चाहहम अऩन घय भ मा रनवास सथान ऩय भॊहदय भ मा ककसी बी ऩषवतर सथान भ नदी तट ऩय सॊऩनन कय सकत ह

महद सॊबव हो तो अऩन फॊध लभतरो क साथ इस सॊऩनन कयन स जमादा शरषठ होता ह जो इस सॊऩनन कयत ह मा जो इस सनत ह वरत सॊऩणि होन क फाद परसाद को बसकत स सवीकाय कयत ह वो अषट ऐशवमो को परापत कयत ह इसस

ऩहर बी भय बकतो न कई भरनमो न इस वरत को सॊऩनन ककमा औय भया आशीवािद ऩामा बरोक भ यहनवार सबी को मह वरत आनॊद परदान कयगा औय शब पर बी परापत होगा शाॊत चचतत स भझ माद कयत हए इस वरत का ऩारन

कयो

सवि परथभ जहाॉ वरत कयना चाहत हो उस सथर को साप कयो भॊडऩ की वमवसथा कय भयी तसवीय सजसभ भयी षपरम

सरखमाॉ शरी दवी बदवी ह उस तसवीय को इस भॊडऩ ऩय सथाषऩत कयो भॊडऩ को दीवाय स रगाकय बी यख सकत हो अनम ककसी इचछक दवता की तसवीय बी सख सकत हो नवगरहो औय अषट हदकऩारको को मा तो भन भ नभसकाय

कयो मा उनका आवहान बी कय सकत हो

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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सफस ऩहर हलदी स फनी गणश की ऩजा कयनी चाहहम उसक फाद उस वरत क ऩाॉचो अधमामो का रनषठा स ऩठन

कयना चाहहम मही परथभ अधमाम ह अनम चाय अधमाम भय अतमॊत षपरम ऩातर षवशवालभतर वलशषठ बयदवाज अबतर

भरनशवयो क परवचना रऩ भ ह ऩाॉच अधमामोको ऩढन क फाद भय षपरम शरोक बी ऩढ सकत हो हय अधमाम क अॊत

भ गोषव ॊद गोषव ॊद गोषव ॊद तीन फाय सभयण कयना चाहहम

आभ रोगो क कषटो को भ जानता हॉ इसी लरम भयी एक फात सनो महद ककसी कायण इस वरत को षवसताय रऩ स

सॊऩनन कयन भ कोई सभसमा आ यही हो तो भय तसवीय को साभन यख कय ऩहर गणश जी की कपय नवगरह दवताओॊ औय अषटहदकऩारको को सभयण कय ऩाॉच कहरनमाॉ ऩढकय अऩन भन भ जो इचछा ह उस भझ फताओ भ उस

परसाद क रऩ भ परदान करॉगा इस परकाय कयन स बी कामि की लसषदध होती ह तमहाय कषट दय हो जामग औय शब

पर परापत होगा

जो वमसकत इस वरत को बसकत स सॊऩनन कयगा भ उसक घय ककसी ना ककसी रऩ भ आकय परसाद सवीकाय करॉगा भयी कऩा आऩ सबी को हभशा परापत होगी शरी फाराजी न रतमभयाज षवशवऩरत याभकषणभरत ि ldquoषवशवऩरतrdquo को इस वरत कथा को षवसताय स फतामा कलरमगवासी हभ सबी इस वरत को सॊऩनन कय शरी फाराजी की कऩा क ऩातर फन सकत ह इस वरत को सॊऩनन कय हभ अऩन सबी कषट दय कय सकत ह औय उचचत पर बी परापत कय

सकत ह

गोषवॊदगोषवॊदगोषवॊद

परथभोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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दषवतीम अधमाम

शरी षवशवालभतर उवाच

भहातऩ सॊऩनन साात शरी षवशवालभतर जी न हभ ऩय कऩा की औय परवचन कयत हए कहा- ldquoह कलरमग वालसमो शरीरनवास क बकतो ldquoशरीफाराजी वरत कथाrdquo सजस आऩ सॊऩनन कय यह हो वह फहत ही ऩषवतर ह भहहभा स ऩणि ह मह वरत कलरमग भ शरी नायामण जी की करणा औय दमा परापत कयन का अतमॊत सयर साधन ह पराचीन कार भ शरी फाराजी क षपरम बकतो न इस सॊऩनन कय अऩनी काभनाओॊ को ऩणि ककमा इस वरत कथा क फाय भ हभ फताकय शरी फाराजी न हभाय पररत जो दमा हदखाई ह उसक लरए हभ उनह परणाभ कयत ह

पराचीन कार भ भगध याजम भ षवषणचचतत नाभक एक बकत यहता था उसकी नौ कनमाएॉ थी षवदवान होन ऩय बी वह अतमॊत गयीफ था षवषणचचतत की ऩतनी तायाभरत हभशा नायामणजी की पराथिना कयती यहती थी षववाहाहद शबकामि सॊऩनन कय जो बी ऩस दकषणा क रऩ भ लभरत थ उसस व भसशकर स अऩना जीवन रनवािह कय

यह थ कनमाएॉ मौवनावसथा भ ऩदाऩिण कय चकी थी तायाभरत हभशा इसी चच ॊता भ यहती थी कक इन कनमाओॊ का षववाह ककस परकाय सॊऩनन होग वह फाराजी की पराथिना कयत हए सदा अऩना सभम गजायती थी

वह तो फाराजी की बकत थी औय फाराजी अऩन बकतो स अतमाचधक परभ कयत ह उस हदन भाघ ऩरणिभा थी सवय

एक वदध बराहभण न षवषणचचतत क दयवाज ऩय दसतक दी औय कहा - ldquoह सवाभी भ फॊग दश का वासी हॉ एक मऻ

क लसरलसर भ दसय दश जा यहा हॉ यासत भ महाॉ आमा हॉ भझऩय दमा कयो औय अऩन घय भ एक हदन क लरए

यहन दो कर सवयही भ महॉ स चरा जाऊॉ गाrdquo उन की फात सनकय षवषणचचततन कहा lsquoनाथ इसस फढकय खशी औय कमा हो सकती ह अरतचथ साात नायामण जी क सभान होत ह ऐस हभाय ऩयाणो भ कहा गमा ह आऩ बफना ककसी सॊकोच क हभाय घय भ यह सकत हlsquo ऐसा कह कय उसन उस बराहभण को घय क अॊदय फरामा औय उनका सतकाय ककमा

दोऩहय भ बोजन क फाद उस वदध न तायाभरत स ऩछा ndash ldquoभाता कमा फात ह तभ कछ चच ॊरततसी रगती हो बफना ककसी सॊकोच क फात फताओrdquo तायाभरत न कहा ndash ldquoसवाभी आऩ तो भहातऩसवी ह आऩ क भख का तज उस वकॊ ठवासी क सभान ह आऩ स कमा छऩाना भयी चचॊता भयी कनमाओॊ का षववाह हrdquo उस ऩय वदध न कहा- ldquoभाता तमहाया दख भ जानता हॉ तमहाय सबी कषट दय हो औय तमहायी कनमाओॊ की शादी हो इसक लरम भ एक अदभत वरत फताता हॉ सनो इस वरत को सॊऩनन कयन स तमहाय साय कषट दय हो जामग शरी फाराजी क वरतो भ स मह सफस सयर हrdquo कहत हए उनहोन उस दॊऩरत को ऩया वरत षवधान फतामा वरत षवधान

सनकय षवषणचचतत न कहा- ldquoसवाभी मह तो अतमॊत सॊतोष की फात ह इसस फढकय सौबागम औय कमा होगा

कहत ह ना- शबसम शीिॊ आज भाघ ऩरणिभा ह फहत ही शब हदन ह आऩक कथा अनसाय हभ आज ही इस वरत

को सॊऩनन कयगrdquo षवषणचचततन ऩतनी तायाभरत औय सबी कनमाओॊ क साथ लभरकय उस हदन शाभ भ ही अऩन

फॊध-लभतरो क साथ बसकत औय रनषठा स फाराजी वरत को सॊऩनन ककमा वहाॉ उऩससथत सबी रोगो न वरत ऩया होन क

फाद चयणाभत परसाद गरहण ककमा औय अऩन-अऩन घय परसथान ककमा तफ षवषणचचतत औय तायाभरत न बराहभण

क चयणो को नभसकाय ककमा औय आशीवािद परापत ककमा बराहभणोततभ न बी चयणाभत परसाद गरहण ककमा औय

कहा- ldquoआऩकी भनोकाभना ऩयी हो शरी रकषभी शरी फाराजी की कऩा होrdquo

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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अॊधया हो चरा था औय रनिा सभम आसनन था षवषणचचतत न उस बराहभण को एक पटी चादय दत हए आॉखो भ आस लरम कहा- सवाभी भ अतमॊत दरयिी हॉ इसस अचछी चादय भय ऩास नही ह भझ भा कय आज की यात इसी ऩय षवशराभ कय बराहभण भसकयात हए फोर- कोई फात नही भ फाहय फयाभद भ सो जाता हॉ कछ सभम फाद ही सबी रनिारोक भ षवचयण कयन रग आधी यात का सभम था बफजरी की गडगडाहट क साथ फारयश शर हई चायो ओय अॊधया था कहीॊ कछ नही हदखाई

द यहा था षवषणचचतत इस चच ॊता भ था कक वदध बराहभण फाहय कस सो यह होग उस सभम कछ सझ बी नही यहा था ककसी तयह उनहोन यात गजायी सवया हआ फारयश बी थभ चकी थी ऩरत-ऩतनी मही सोच यह थ कक बराहभण की कमा दशा हई होगी ककतना सहा होगा उनहोन मही सोचत हए वो फाहय आए उनह एक अदभत दशम हदखाई हदमा वहाॉ षवपरोततभ नही थ पहट हई चादय की जगह यशभ का षऩताॊफय यखा हआ था उस षऩताॊफय ऩय शरी फाराजी क

भतॉ ndash हदखाई दी व सफ कछ सभझ गम उनकी खषी का कोई हठकाना नही यहा उनक घय आम बराहभण औय

कोई नही साात शरी नायामणजी ही थ ह फाराजी कमा बागम ह हभाया ऩय हभ उनको ऩहचान नही ऩाम हभन उनको पटी हई चादय दी मह सोचत हए उनहोन शरी फाराजी की भतॉ को हाथ भ रकय आॉखो स रगामा औय

घय क अॊदय आम ऩया घय सोन स बया हआ था जहाॉ दखो वहाॉ धन याशी ह बगवान शरी फाराजी की वरत कथा की भहहभा स ही मह सफ सॊबव हो सका ऐसा कहत हए व बगवान की सतरत कयन रग आऩन दख साात शरी फाराजी ही उस बकत क घय आम थ वरत षवधान फतामा औय चयणाभत परसाद बी गरहण

ककमा शरी फाराजी फहत ही करणाभम ह जो बी इस वरत को बसकत औय रनषठा स कयगा उसक घय सवमॊ बगवान

ककसी ना ककसी रऩ भ आमग आऩ सबी इस वरत को सॊऩनन कय बगवान की कऩा परापत कय सकत ह शरी भहषषि षवशवालभतर जी न मह दषवतीम कथा इस तयह फताई

शरी रकषभी शरीरनवास कटाॊ लसषदधयसत

गोषवॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

दषवतीमोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

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ततीम अधमाम

शरी वलशषठ उवाच मह अधमाम भहातऩोरनषठ वरयषठ शरीवलशषठ भरन न शरीनायामणजी की कऩा स हभ षवसताय रऩ स फतामा ह ह कलरमग वालसमो शरीफाराजी क षपरम बकतो वकणठ भ रनवास कयनवार शरीनायामणजी आज क रतरभरा भ ससथत शरीफाराजी ही ह कलरमग वालसमो क कषट दय कयन क लरम बगवान आऩक फहत सभीऩ रतरभरा ऩहाड ऩय अवतारयत हए ह शरी फाराजी को खश कयन क लरए मह वरत उततभ ह औय सयर बी ह इस वरत को जो बसकत औय रनषठा स सॊऩनन कयता ह उस सबी सख परापत हो जात ह पराचीन सभम भ अवॊती दश भ बागमनगय नाभक एक नगय था नाभ क ही अनरऩ वहाॉ अनक धनवान (वमाऩायी) यहत थ ऩय व अऩनी सॊऩसतत को दख घभॊड कयत थ औय आभ रोगो को हीन दषटी स दखत थ धन-दौरत उनकी सवासजित ह ऐसा सोचकय घभॊड कयत थ बगवान की रनतम ऩजा-ऩाठ तो उनहोन ऩहर ही छोड दी थी कभ स कभ षवशष हदनो भ बी व ना भॊहदय जात ना ऩजा कयत ना ही दीऩ जरात एक हदन सबी धनवान अऩनी-अऩनी ऩतनीमो क साथ परीरत बोज भ वमसत थ उस नगय की ऩवि हदशा भ ही शरी रकषभी नायामण जी का भॊहदय था जहाॉ दीऩ जरानवारा कोई नही था उस हदन षवशष एकादशी थी सजस एक ऩवि हदन बी भाना जाता ह ऩय उस नगय क एक बी धनवान क भन भ भॊहदय भ ऩजा कयन का षवचाय नही आमा शाभ होत-होत आकाश भ घन फादर छा गम औय भसराधाय फारयश होन रगी वमाऩारयमो क घय ऩानी स बय गम चायो ओय अॊधकाय ह अॊधकाय था सवय होन तक ऩया नगय ऩानी भ डफ गमा वमाऩारयमो क घय टट-पट गम उनका साया ऐशवमि सभापत हो गमा ऐसा उऩिव कमो भचा मह पररम कस हो गमा ककसी को कछ बी सभझ भ नही आ यहा था इतन भ उनह एक षवचचतर दशम हदखाई हदमा नगय क फाहय जो झोऩडडमाॉ थी व तो वसी की वसी थी उनको आशचमि हआ इतनी फारयश भ बी म कस सही सराभत यही व ऐसा भन ही भन सोच यह थ कक इतन भ बफजरी कडकी औय आकाशवाणी हई ldquoए भखो तमहायी सॊऩसतत तमहायी अऩनी ह सवासजित ह ऐसा सोचत थ इसी लरम ऐसा हआ ह इस झोऩडी भ यहनवारा दव भया षपरम बकत ह आभ आदभी होन ऩय बी दव रनतम तमहाय नगय भ ससथत शरी रकषभी नायामण

भॊहदय भ दीऩ जराता था इतना ही नही हय एकादशी क हदन मथा सॊबव वह शरी फाराजी वरत कथा बी सॊऩनन कयता था इसी लरम इन झोऩडीमो भ यहनवार सबी रोग सयकषत यह आऩ सबी महद वरत सॊऩनन कयग तो अऩन-अऩन

ऐशवमि को ऩन परापत कय सकत होrdquo आकाशवाणी सनत ही तयॊत व सबी रोग उस भॊहदय भ गम औय जस

सॊबव हो सका वस सबी रोगोन एक-दसय क सहमोग स शरी फाराजी की वरत कथा सॊऩनन की ऐसा कयत ही सबी को उनक घय ऩवि रऩ भ ही परापत हो गम तफ स व सबी शरीफाराजी क बकत फन गम औय हय एकादशी को शरीफाराजी का वरत सॊऩनन कयत औय सख-शाॊरत परापत कय यहन रग अॊत भ उनहोन भसकत बी परापत की

शरीवलशषठजी न इस परकाय म कथा सनाई

गोषव ॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

ततीमोधमाम सभापतॊ |

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ

शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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चतथव अधमाम

शरी बयदवाज उवाच

शरीनायामण जी को ldquoशरीफाराजी वरत कथाrdquo अतमॊत षपरम ह चतथि अधमाम क रऩ भ हभाय साभन शरी बयदवाज

भरनदवाया फतामी नमी कहानी इस परकाय ह- ldquoह कलरमगवालसमो शरी नायामण क षपरम बकतो आऩ सजस वरत को सॊऩनन कय यह ह वह अदभत ह आऩकी भनोकाभनाओॊ को ऩणि कयन का साधन ह शरी फाराजी को परसनन कयन का मह अतमॊत सयर उऩाम ह आऩ सबी ऩय कऩा कयन क लरम ही वकॊ ठवासी बगवान शरीरनवास क रऩ भ रतरभरा ऩहाड ऩय अवतरयत हए ह अनक जनभो क ऩणमपर स ही रतरभरा ऩहाड ऩय ऩय यखन का सौबागम परापत होता ह औय बगवान क दशिन बी सॊबव होत ह इसी तयह इस ldquoवरतकथाrdquo को सॊऩनन कयन का सॊकलऩ बी ऩविजनभ क

ऩणमपर स ही सॊबव होता ह जो वमसकत इस वरत को सॊऩनन कय यह ह मा जो इस कथा को सन यह ह मा जो बगवान क परसाद को गरहण कयत ह उनह बगवान की कऩा परापत होती ह औय व सौबागम बी ऩात ह

पराचीन कार भ ldquoनगयीrdquo नाभक एक गराभ भ धनगपत नाभ का वमाऩायी यहता था वह फहत ही रारची था ऐशवमि परापत कयन ऩय बी उसका रारचीऩन कभ नही हआ मह सभसत ऐशवमि उसका ही कभामा हआ ह ऐसा सोचकय वह फहत घभॊड कयता था अहॊकाय भनषम का नाश कयता ह

धनगपत की ऩतनी काॊरतभती अतमॊत बसकत बावना यखती थी औय रनषठा स बगवान की ऩजा कयती थी उनकी तीन कनमाएॉ थी तीसयी कनमा ldquoकभायीrdquo भ बसकत बावना जमादा थी वह हभशा फाराजी का नाभ ही जऩती यहती थी षऩताजी को बफना फताम वह जफ-तफ शरी फाराजी क भॊहदय भ जाती थी औय बगवान क दशिन कयती थी घय आकय षऩताजी को छोड अनम सबी क साथ परसाद सवीकाय कयती थी ऩती क ऐस वमवहाय स

काॊरतभती थोडी चच ॊरतत होती थी

एक हदन ldquoकभायीrdquo की सहरी क घय ऩय ldquoशरी फाराजीrdquo का वरत सॊऩनन हो यहा था मह जानकय वो वहाॉ गई वरत ऩया होन तक दोऩहय हो चकी थी थोडासा परसाद उसन गरहण ककमा औय थोडा वह अऩन घयवारो क लरम एक

कागज की ऩडी भ रकय चरी फीच यासत भ उस पमास रगन रगी धऩ बी फहत तज थी उसन सोचा थोडी दय रक

कय पमास फझाकय कपय चरॉ तो ठीक यहगा तबी उस माद आमा कक उसक षऩता की दकान अगरी गरी भ ही तो ह वहाॉ जाकय उसन षऩताजी को ऩजा की फात बफना फताम षऩताजी स ऩानी भाॉगकय षऩमा औय षऩताजी गससा कयग

इस डय स उसन जलदी-जलदी ऩानी षऩमा इस घफयाहट भ परसाद की ऩडी वही दकान भ बरकय चरी गई

एकाएक फाजाय भ हडकॊ ऩ भच गमा रोग हाहाकाय भचात हए इधय-उधय बागन रग आगजनी क कायण उस गरी की सायी दकान जर कय याख होन रगी वस बी दोऩहय का सभम थाउस ऩय गभि हवाएॉ चर यही थीधनगपत का शयीय डय क भाय काॉऩन रगा ldquoकछ ही सभम भ उसकी दकान बी जर कय याख हो जाएगीrdquo इस षवचाय स उस क हाथ-ऩय काॉऩन रग सबी रोग अऩनी-अऩनी दकानो स फाहय आकय इधय-उधय बागन रग ऩय

धनगपत वही खडा यह गमा दकान छोडकय जान का भन नही कय यहा था महद वो दकान भ यहगा तो जरकय

याख हो जामगासोचत हए उसन घफयाहट भ उसक हाथ रगी ऩडी को उठामा औय बफना सोच सभझ जो हाथ आमा वो भॉह भ डार हदमा उस कछ भीठा-भीठा सा ऩदाथि रगा औय भन बी शाॊत होन रगा

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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तबी एक अदभत घटना घटीआग धनगपत की दकान तक आकय रक गमी आग की रऩत वहाॉ नही आ ऩामी मह कसी षवचचतर फात हम कसी भामा ह धनगपत क भॉहस एक बी फात नही रनकर ऩामी उधय आगजनी की खफय सनत ही ऩतनी काॊरतभती अऩन कनमाओॊ क साथ फाराजी का सभयण कयत हए दौडती हई वहाॉ आ गमी आग उनक दकान तक आकय कस रक गमी मह दखकय उस आशचमि हआ तबी कभायी को दकान भ बरी हई ऩडी की माद आई धनगपत को सभझन भ दय नही रगी कक उसन जो चीज भॉह भ डारी थी वो औय कछ नही तो बगवान का परसाद ही था औय उसकी भहहभा स ही व इस दघिटना स चक गम धनगपत न शरीफाराजी स भा भाॉगी गार फजाम शाभ भ ही नगयवालसमो को फराकय ldquoशरीफाराजी की वरत कथाrdquo सॊऩनन की तफ स वह बगवान की सवा भ रीन हो गमा औय अॊत भ भो बी परापत की आऩन दखा कक कवर परसाद गरहण कयन स ही वो ककतनी फडी दघिटना स चक गमा फाराजी की भहहभा अदभत ह आऩ सबी बी मथा सॊबव वरत को सॊऩनन कय क बगवान की कऩा परापत कय सकत हldquo

शरीबयदवाजजी न इस परकाय मह चतथि कथा सनामी

गोषवॊदगोषवॊदगोषवॊद

चतथोधमाम सभापतॊ |

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ऩॊचभ अधमाम

शरी अतरतर उवाच

रतरभरा-रतरऩती बरोक का वकणठ धाभ ह ऩयाणो भ फतामा गमा ह कक रतरभरा क सभान ऩषवतर सथर औय शरी फाराजी जस दवता न तो ऩहर कबी हए ह औय न कबी होग शरीरनवास क रऩ भ अवतरयत शरी नायामण अऩन

बकतो स फहत परभ कयत ह जो उन ऩय अऩना ऩया बाय डारकय उनह रनतम सभयण कयत ह जो सदाचाय स ऩणि जीवन बफतात ह वो उनकी या कयत ह ऐस शरीफाराजी को परसनन कयन का सफस सयर उऩाम ह ndash ldquoशरीफाराजी की वरत कथाrdquo

इस अदभत वरत कथा क फाय भ भहातऩसॊऩनन शरी अबतर भहषषि न कऩा कयत हए कहा ह- ldquo ह फाराजी क षपरम

बकतो कलरमग भ आऩक सौबागम क फाय भ कमा कहना कतमग तरतामग औय दवाऩायमग भ अतमॊत कठोय तऩ-

जऩ कयन ऩय बी परसनन न होन वार शरी नायामण इस मग भ कवर नाभसभयण स ही आऩ रोगो ऩय कऩा कय यह

ह षवशवास क साथ उनह फरान ऩय व तयॊत कऩा परदान कयत ह ऐस करणाभम ह शरीफाराजी ऩषवतर रतरभरा ऩय

तमहाया यखा हय कदभ अनक जनभो क ऩणमपर क सभान ह

पराचीन कार भ ldquoकौभायrdquo दश भ ldquoलभतरrdquo नाभक धोफी यहता था वो अऩन काभ क साथ-साथ धालभिक कामि कयता हआ जीवन रनवािह कय यहा था उसकी अऩॊगता ही उसकी चच ॊता थी इसी कायण धोए हए कऩडो की ऩोटरी फनाकय घय-घय घभकय उनह रोगो तक ऩहॉचाना उस धीय धीय भसशकर रगन रगा उसका ऩरयवाय फडा था बफना भहनत ककए उस बय ऩट खान को बी नही लभरता था हभशा वो शरी फाराजी की ऩजा कयता यहता था कबी ना कबी बगवान उस ऩय कऩा कयग इसी षवशवास स वो अऩना जीवन गजाय यहा था बकतो ऩय कऩा कयन वार फाराजी सफ कछ दखत यहत ह जो वमसकत अऩन कभो स भकती ऩाता ह उनक ऩास आकय फाराजी ककसी न ककसी रऩ भ आकय उनकी या कयत ह एक हदन शाभ क सभम हभशा की तयह लभतर कऩड धोकय कऩडो की ऩोटरी राद धीय-धीय चरता हआ आ

यहा था फीच यासत भ उस एक वदध बराहभण हदखाई हदम गौयव की बावना स फड होन क कायण लभतर न अऩन कॊ ध

ऩय रदी हई ऩोटरी को नीच उतायकय वदध बराहभण को नभसकाय ककमा तफ उस षवपरोततभ न कहा- ldquoतभ अऩन इस ऩय क कायण ककतना कषट सह यह हो तमहाया दख दखा नही जाताrdquo तफ लभतर न कहा-ldquoह नाथ आऩ फजगि ह बयाऩया ऩरयवाय होन क कायण भझ इस काभ स भकती नही लभर यही ह ककसी तयह भयी म अऩॊगता दय हो ऐसा कोई उऩाम फताइएrdquo

तफ बराहभण न कहा-ldquoसनो बाई भ जरय फताऊॉ गा धमान स सनो भ एक ऐस वरत क फाय भ फताता हॉ सजस सॊऩनन कयन स तमहायी अऩॊगता दय हो जाएगी तमह अषट ऐशवमो की परासपत होगी वरत सॊऩनन कयत ही तमह हजाय अशकपि माॉ लभरगी ऩय एक शति ह उसभ स आध तभ भझ दोगकर भ कपय इसी सभम महाॉ लभरॉगाrdquo तफ लभतर न कहा- ldquoसवाभी इसस फढकय सौबागम औय कमा हो सकता ह आज ही इस

वरत क फाय भ फताइए भ उस सॊऩनन करॉ गाrdquo लभतर क उतसाह को दख वदध न शरी फाराजी वरत कथा क फाय भ फतामा

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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लभतर दगन उतसाह क साथ घय आमा ऩयी कहानी ऩतनी को फतामी औय अडोस-ऩडोस क साथ लभरकय शरी फाराजी वरत को सॊऩनन ककमा चयणाभत परसाद गरहण ककमा घय आए सबी रोगो को बी हदमा तबी घय क फाहय कछ

कोराहर सनाई हदमा लभतर का फटा फाहय स दौडता हआ आमा औय फोरा- ldquoषऩताजी षऩताजी याज-यक आऩक लरम आए ह याजा न आऩक लरम बट बी बजी हrdquo इतन भ यक बी वहाॉ आ गम उनहोन फतामा कक उसकी रनमसकत याज दयफाय भ धोफी क रऩ भ हो गमी ह याजा न हजाय अशकपि माॉ ऩयसकाय सवरऩ बजी ह ऐसा कहकय उनहोन लभतर क हाथ भ हजाय अशकपिमो की ऩोटरी यख दी एक हफत क अॊदय-अॊदय

उस आकय नौकयी भ बतॉ होन को बी कहा लभतर क आनॊद की सीभा नही थी एक हफता कमो कर ही कमो नही सोचकय उसन अऩनी ऩोटरी-वोटरी फाॉधी औय दसय हदन सवय ही वो जान को तमाय हो गमा इस जलदफाजी भ वह

उस वदध की फात बर गमा फीच यासत भ उस उसकी फात माद आ गमी ऩय ठीक हअगर भहहन लभर रता हॉ सोच

कय वह याज दयफाय भ अऩन काभ ऩय रग गमा हदनभहहन फीत बराहभण क वश भ आए बगवान को गससा आमा बगवान न सोचा भनषम की परवसतत ऐसी ही होती ह उस भझ अऩनी भहहभा फतानी होगी

दसय ही हदन याणीवास स आबषण चोयी हो गम चोयी का इलजाभ लभतर ऩय आमा लभतर को कायावास की सजा हई hellipयाज यकोन उस तयह-तयह की मातनाएॉ दी ऐसा कमो हआउस ऩय मह इलजाभ कमो रगा सोचत हए लभतर को यात को सऩन भ बगवान हदखाई हदम उनहोन फतामा कक ldquoवदध बराहभण क रऩ भ व ही आम थ वो अऩनी फात स भकय गमा इसलरम म सफ हआ हrdquo तफ लभतर न कहा-ldquoह नाथभ ऩाऩी हॉ भन फहत फडा ऩाऩ ककमा ह कऩमा भझ ऩय दमा कीसजम अफ भ हय भहहन आऩका वरत सॊऩनन करॉ गा भयी आम का आधा बाग जीवन बय आऩको सभषऩित करॉ गाrdquo गार फजाकय उसन बगवान की हय तयह स पराथिना की बकतो की ऩकाय सननवार बगवान न खशी-खशी लभतर ऩय कऩा कय दी बगवान की कऩा स याणी क आबषण दसयही हदन लभर गम याजान म बी जान लरमा कक लभतरन चोयी नही की थी लभतरको कायावास स रयहा कय हदमा गमा तफ स लभतर बगवान को हदम वचन अनसाय हय भहहन शरी फाराजी का वरत सॊऩनन कयन रगा औय अऩनी आम का आधा बाग बगवान को अषऩित कयता यहा सख ऩणि जीवन बफतात हए उसन अॊत भ भो बी परापत ककमाrdquo

शरी अबतरजी न ऐसा कहकय ऩाॉचव औय आखयी अधमाम को सभापत ककमा

गोषवॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

ऩॊचभोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

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faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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सपटफय १२ २०१० आज हलदी क ऊऩय कभकभ आन रगा शहद बी फह यहा था हभन नवदम अऩिण ककमा कछ दय फाद दखत ह तो कमा आज बगवान न नवदम गरहण नही ककमा था शाभ को हभन बन हए हटॊडोया चावर क साथ लभराकय उसका नवदम ककमा थोडी दय फाद जफ ऩजाघयभ गम तो दखा उस चावर औय हटॊडोया का फडा सा रडड फना क यखा था हभन वो साय आम हए बकतो भ फाॉट हदमा सपटफय १३ २०१० आज सफह हभन बगवान को काज-फदाभ-ककशलभश का नवदम अऩिण ककमा बगवानन आध खाम औय आध हभाय लरम यख आज बी आयती की थारी सजी हई थी हदम भ घी क साथ फाती यखी थी भ भयी फटी को सकर छोडकय घय आमी भय ऩती स पोन ऩय फात कयत कयत भ यसोईघय भ खाना फना यही थी उतन भ भझ ऩामर की आवाज सनाई दी तयॊत भ न ऩती को पोन ऩय म फात फतामी औय ऩछा कक अगय उस वो सनाई द यही ह मा नही ऩय उस पोन ऩय वो आवाज नही सनाई दी भ न सवहडडओ कपलभ री औय सकाईऩ ऩय दवय दवयानी को हदखाई तफ उनको औय भय ऩती को वो आवाज सनाई दी तफ तक भ सोच यही थी कक वो आवाज सनाई दना कमा भय भन का खर था अफ भ फहत खश हई कक भय भन का खर नही था भन सचभच दवी क नतमकी आवाज सनी थी भयी फटीन औय भन वो ऩामर की भीठी आवाज कपय स सनी रगबग ५ लभरनट वो चर यही थी ऐस रग यहा था जस दवी भाॉ ऩामर ऩहनकय घय भ चर यही ह उस यात भय ऩती को बी म दवी आवाज सनन का बागम लभरा सपटफय १४ २०१० शहद अबी बी फह यहा ह हभन वो उस हदन घय आम हए दोसतो को भहभानो को औय बकतो को तीथि क रऩ भ हदमा सपटफय १५ २०१० आज कभकभ जमादा ऩभान भ आमा हआ हदखाई हदमा शहद सजस फाऊर भ सॊचचत हो यहा था वो ऩया बय गमा औय हभ दसया यखना ऩडा सपटफय १६ २०१० हभन आज नवदम भ सफ यखा जफ वाऩस आकय ऩजा घय भ गम तो दखा बगवान न सफ का एक बाग खामा था सपटफय १८ २०१० आज हलदी औय कभकभ भ बगवान की पोटो जो ऩयी ढक गमी वो थोडी कभ हई थी उसस बगवान का भख औय भकट हदखाई दन रगा ऩहर स वो कई जमादा तजसवी हदख यहा था हभन वो हलदी कभकभ घय आम हए बकतो भ फाॉटना शर ककमा सवाभीजी औय दवी भाॉ क भरत िओॊस फहनवारी शहद तो थभन का नाभ ही नही र यही थी फीच भ १० लभरनट फडी तज धाया स फहा दोऩहय भ हभन दार-चावर की रखचडी नवदम भ यखी फाहक कभय भ जाकय टीवी दखत १५ लभरनट हए ही थ तफ वही रखचडी का भय भॉह भ छोटा रनवारा आमा अॊदय जाकय दखा तो बगवान भ बी रखचडी खामी थी (हभाय वफ साईट ऩय सपटफय १८ २०१० की पोटो भ आऩ म दख सकत ह) सपटफय १९ २०१० आज जो सफ नवदम भ यखा था उसका एक टकडा बगवान क खामा औय दसया भझ रखरामा जो भझ रखरामा वो भयी भॉह भ आमा भ उसा वकत यसोईघय भ काभ कय यही थी तयॊत

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भन भय ऩती को म फात फताई उसन झट स ऩजाघय भ जाकय दखा कक सफ स दो टकड चफाम हए हदख यह थ शाभ को परो का यस नवदम भ यखा थोडी दय फाद दखा तो फाऊरभ थोडासा यस ही फचा था इसस म साप हो यहा था कक बगवान न हभाया नवदम सवीकाय ककमा था फच हए यस को हभन परसाद सभझकय बकतीबाव स षऩमा शहद का फहना आज बी अखॊडडत ह सपटफय २० २०१० आज हभन चावर औय बन हए हटॊडोया नवदम भ यख कछ दय फाद जफ ऩजाघय गम तो चावर औय हटॊडोया लभराक उसक चाय रडड फनाकय थारी भ यख थ शाभ को योटी क साथ चन का नवदम ककमा इसका बी बगवान न फड पमायस सवीकाय ककमा फची हई योटी औय चन हभन खाम हय हदन बगवान हभ उसकी रीराएॉ हदखा यह ह शहद का फहना अबी बी जायी ह सपटफय २१ २०१० आज हभन चावर औय दार-ऩारक की सबजी का नवदम अऩिण ककमा कछ दय फाद जफ दखा तो सबजी चावर भ लभरी हई थी थोड चावर बगवान न खाम थ आयती की थारी भ हदमा था उसभ घी क साथ फाती बी थी दधभ शहद लभराकय चाॊदी का फाऊर बी तमाय था इन साय अदभत चभतकायो स बगवान कलरमग भ अऩना अससतततव भनषम को हदखा यह ह फड सौबागम की फात ह कक उसक लरम उनहोन हभाया घय चना सपटफय २२ २०१० आज दार फराम औय चावर नवदम भ थ कछ दय फाद हभ ऩजाघय भ गम तो दार औय चावर लभर हए थ उसभ स थोडा हहससा बगवान न खामा था शाभ को हभन अॊगय बगवान क साभन यख हभ बोजन र यह थ तो एकदभ स कछ अॊगय भय भॉह भ आम ऩजाघय भ जाकय दखा तो वहाॉ लसपि दो ही अॊगय फच थ सपटफय २३ २०१० आज बी हभन अॊगय का नवदम बगवान को अऩिण ककमा उनभ स कपय भय भॉह भ अॊगय आम भय ऩती क दोसत हभाय घय आम थ उनक आन स कछ दय ऩहर शहद की धाया फडी हो गमी थी जफ भय ऩती शहद की कपलभ र यह थ उनहोन दखा आयती की थारी भ जरी हई फाती कपय स जरन रगी उसका परकाश बी जमादा तजसवी था म अकसलऩत दषम हदखान क लरम उनहोन तयॊत भझ औय फाकी सफ को ऩजाघय भ फरामा ऐस अदभत रीराओॊ को दखकय दोसतरोग बी अऩना सौबागम सभझकय खश हए सपटफय २४ २०१० आज सफह औय दोऩहय भ जो बी नवदम यखा था उस बगवान न नही खामा शाभ को हभन ककशलभश यख औय फाहय गम रगबग हभ घय स ५ ककरोभीटय की दयी ऩय थ अचानक स भय भॉह भ ककशलभश आम अफ तक तो सफ चभतकाय घय भ हो यह थ ऩहरी फाय घय क फाहय हभ म अनबव आमा भ तो खशी स नाच उठी सपटफय २५ २०१० आज भ जफ ऩजाघय भ गमी तो आयती की थारी सजी हई थी हदमभ घी क साथ फाती रग चकी थी दध भ शहद लभराकय तीथि बी तमाय था हभ सफन लभरकय ऩजा की सपटफय ४ को भन चॊदन की ऩावडय भ ऩानी डारकय गॊध फनामा था आज तक वो सखा नही ह जस ही ऩजा

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खतभ हई भन दखा कक भय भाथ ऩय हटका रगा हआ था वो कभकभ नही था वो गॊध था भयी गदिन ऩय उसी गॊध स नाभार आमा था इसक फाद भय ऩती हभायी फटीक साथ फाहय क कभय भ खर यह थ औय भ यसोईघय भ काभ कय यही थी अचानक स ऩजाघयभ तीन चॊदन की अगयफसततमाॉ जरन रगी उसकी खशफ स साया घय कछ ही लभरनटोभ भहक उठा ससबजमाॉ लभराम हए चावर आज नवदम भ थ बगवान न म नवदम खा लरमा उसी हदन शाभ को आयती की थारी सजी थी हदम भ घी क साथ फाती थी ऩजा की सायी तमायी थी हभन कार अॊगय का नवदम अऩिण ककमा ऩय बगवान न नही खामा सपटफय २६ २०१० आज सफह औय दोऩहय का नवदम बगवान न नही सवीकाया शाभ को कछ पर बगवान क साभन यख उनस पर खान क लरम पराथिना की औय घय स फाहय रनकर घय स ४-५ ककरोभीटय दय गम नही तफ भय भॉह भ अॊगय आम घय जाकय दखा तो नवदम क परो भ स अॊगय कभ हए थ सपटफय २७ २०१० आज हभन बगवान को कछ सफ अऩिण ककम बगवान न एक टकडा खामा औय एक भय भॉह भ एक आमा शाभ को हभन कछ कर यख एक ततीमाॊश करा भय गर स फाहय आमा इस कर को कही बी दाॉत नही रग थ वसा ही था जस हभ रछरक स रनकारत ह ऩजाघयभ जाकय दखातो एक ततीमाॊश करा वहाॉ नही था फच हए कर क फाम फाज भ एक शहद का फॉद था षऩछर तीन हफत स बगवान की भतॉ स शहद का फहना रगाताय चर यहा ह ऑकटोफय १० २०१० आज हभन बगवान क साभन सफ यखा उसक फाद भ यसोईघय भ खाना ऩकान भ वमसत हो गमी अचानक स ऩजाघय स भझ भीठी भहक आन रगी अॊदय जाकय हभन जो दखा उसऩय षवशवास यखना कठीन था सऩन भ बी हभ म फात नही सोचत सफ तो वस का वस था ऩय उसक फाज भ रतरऩती का रडड था हभन रतरऩती का रडड ऩहर कई फाय खामा ह ऩय इतना गभि रडड ऩहर कबी नही खामा था हभायी ऊॊ गलरमो ऩय रगा हआ घी साप साप नजय आ यहा था रचच की फात तो ऩरछए भत

भय जसी साभानम घयर औयत क लरम म ऩसतक ldquoशरी फाराजी की रीराएॉrdquo लरखना कोई आसान फात नही थी कलरमग क दवता शरीवकटशवय औय दवी ऩदमावती की आलशवािद स ही सॊबव हो ऩामा ह भय ऩती ऋषषकश न म ऩसतक लरखन क लरम परोतसाहहत ककमा सवमॊ उनहोन इस ऩसतक का इॊसगरश भ अनवाद ककमा भ भयी फटी नहा का बी धनमवाद कयना चाहती हॉ शरी वकटशवय वरत क रखक शरी रतमभयाज षवशवऩरत याभकषण भरत ि क भनऩविक आबाय भानती हॉ भ बगवान स मही पराथिना कयना चाहती हॉ कक सजन सजन रोगो न म ऩसतक फनान भ भयी सहामता की भयी फात धमान स सनी उनऩय आऩकी कऩा फनी यह भयी सरदम सहदचछा ह जो कोई म वरत बसकत स सॊऩनन कयगा उस बगवान की कऩा का राब जरय होगा

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रलरता ऋषषकश

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शरी वकटशवय भॊतर

कलरमग क दवता सवमॊ शरी वकटशवयन वदो भ स कछ भॊतर भझ फताम ह उनभ स म भॊतर हय योज ऩजा क वकत

ऩढन स सचची बसकत ऩान क लरम भदद कयगा

भयारयसवक जयाहदऩीडडत रनयाचथिजीवन रनयाश बसय

वयारतसनदय सयाॊगनायरत कयाॊगसौषठव कभायताकरत

कभाय तायक सभाऩनोदम तननऩातक भहाऩदाभम

षवहाऩनोहदत सकरबवन षवहदत कभायधायालबधान तीथािहदसषटतसम

धयणीतर गत सकर हतकलरर सबासलरर गतफहर

षवषवधभर अरतचतय रचचयतय षवरोकनभातर षवदलरत

षवषवधभहाऩातक सवाभीऩषकरयरण सभतसम

जो बकत इस भॊतर का हय योज ऩठन कयगा वो आयोगमऩणि औय सभदध जीवन वमरतत कयगा

रलरता ऋषषकश

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कलमाण वकटशवय सवाभी

ऩजा की साभगरी ६ नारयमर ndash १ करश क लरम औय ५ ऩाॉच अधमामो क लरम

१ वसतरभ (रई का फना हआ हाय) १ करश १ नम परन कऩड का टकडा (रगबग एक भीटय)

हलदी औय कभकभ अता अगयफतती कऩिय (आयती क लरम)

बफड क ऩान मा आभ क ऩतत ( ३ ndash ५ करश क लरम २ षवनामक की ऩजा क लरम)

पर तरसी ऩॊचाभत (दध दही घी भध औय चीनी ) गणश क नवदम क लरम छोटा गड का टकडा वरत क नवदम क लरम गहॉ का यवा घी षऩसी हई चीनी करा षऩसी हई इरामची यवा घी भ बनकय ठॊडा होनऩय उसभ कर क टकड चीनी औय इरामची डार म यवा दध मा ऩानी भ नही ऩकामा जाता

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वरत की षवधी शरी रतमभयाज षवशवऩरत याभकषण भतॉ दवाया

कलरमग भ शरी फाराजी की कऩा ऩान क लरम इस वरत को सॊऩनन कयना अतमॊत आसान ह इस वरत को सॊऩनन

कयन क तयॊत फाद सबी कषट दय हो जात ह इस वरत की षवधी अतमॊत सयर ह सजस भझ वकॊ ठवासी नायामण जी न

सवमॊ फतामी ह कोई बी वमसकत कही बी कबी बी इस वरतको सॊऩनन कय सकता ह आचथिक कहठनाईमाॉ हो मा सवासम सॊफॊधी कोई सभसमा हो भन अशाॊत हो मा अनम कोई बी कायण हो इस वरत क सॊऩनन स ही कषट दय हो जात ह महद आऩन अऩन घय भ कोई शब कामि कयन का रनशचम ककमा हो तफ बी इस वरत को सॊऩनन कय सकत

ह नौकयी औय वमाऩाय भ उननरत क लरम बी वरत सॊऩनन कयन स तयॊत पर की परासपत होती ह

इस वरत को सॊऩनन कयन क दो षवधान ह

परथभ षवधान

इस वरत को ऩहर फताम अनसाय ककसी बी सभम सॊऩनन कय सकत ह भखम रऩ स भागिशीषि भाघ कारत िक भहहनो भ ऩरणिभा ऩॊचभी सपतभी एकादशी रतचथमो भ शरवण सवातीनतरो भ इस सॊऩनन कयना अचछा होता ह सवय हो मा शाभ इस वरतको सॊऩनन कय सकत ह

इस वरत भ ऩाॉच अधमाम ह ऩहरा अधमाम साात शरी फाराजी की कऩा स लरखा गमा ह अनम चाय अधमाम भहा तऩसवी शरी षवशवालभतर वलसषठ बयदवाज औय अबतर भहाभरनमो क दवाया फतामा गमा ह अऩन सवगह भ हो मा रनवास सथान भ बगवान का भॊहदय हो मा अनम कोई बी ऩषवतर सथान नदी तट ऩय बी इस सॊऩनन कय सकत ह

महद सॊबव हो सक तो अऩन फॊध-लभतरो क साथ इस सॊऩनन कय सफस ऩहर सजस जगह ऩय आऩ कयना चाहत ह उस

साप कय उसक फाद भॊडऩ तमाय कयक उसभ शरी फाराजी की तसवीय यख शरीदवी बदवी क साथ फाराजी की तसवीय को यखना शरषठ होगा तसवीय क साथ एक रऩम का लसकका यख उसक फाद करश की सथाऩना कय

सविपरथभ हलदी स फन क गणश की ऩजा कयनी चाहहम ताकक वरत बफना ककसी षवघन क सॊऩनन हो सक फाद भ वरत

कथा क ऩाॉच अधमाम ऩढ सवमॊ बगवान कहत ह कक जो वमसकत रनषठा औय बसकतस इस सॊऩनन कयता ह वहाॉ बगवान सवमॊ ककसी ना ककसी रऩ भ आकय परसाद सवीकाय कयत ह

दषवतीम षवधान

साात बगवान न एक औय भखम फात म बी फताई ह कक महद ककसी कायण कोई सभसमा हो औय वरत कयन क लरम

सभम न लभर मा ककसी कायणवश सॊबव न हो यहा हो तो अकर फठकय बी इस वरत को सॊऩनन ककमा जा सकता ह

शरी फाराजी क भॊडऩ क साभन फठकय सफस ऩहर गणश जी की पराथिना भन ही भन कय कपय अषट हदकऩारको नवगरह दवताओॊ का भन ही भन नभन कय तरसी दर नारयमर उऩरबध पर-पर थारी भ यख फाराजी को सभयण कयत हए वरत कथा का भन ही भन ऩठन कय नारयमर बगवान को अषऩित कय इस परसाद क रऩ भ सवीकाय

कयन स सबी कषट तयॊत दय हो जात ह हय कथा क अॊत भ नारयमर सभषऩित कय भहापरसाद क रऩ भ गहॉ का यवा

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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(दलरमा) चीनी डारकय हरवा जस फनाम उसक ऊऩय करा बी यख हय कथा क अॊत भ गोषव ॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

तीन फाय कह कय पराथिना कय

फाराजी को तरसी दर अरत षपरम ह इसी लरम ऩजाभ तरसी दरो को यखना शरषठ होगावरत सॊऩनन होन क फाद

तरसी दरो को परसाद क रऩ भ सवीकाय कयन स योगरनवायण होन क साथ साथ अषट ऐशवमो की परासपत होती ह वरत की सभासपत ऩय नारयमर सभषऩित कयक उनक टकड फनाकय परसाद क रऩ भ बगवान को सभषऩित कयन स वहाॉ उऩससथत सबी रोगो को दकय कपय उस सवीकाय कयन स ऩणम परापत होता ह इस वरत को षवधीऩविक करश सथाऩना क साथ षवसताय स सॊऩनन कय अगय सॊबव न हो तो ऊऩय फताम दषवतीम षवधान क अनसाय बी कय सकत ह एक फात हभ सबी को माद यखनी चाहहम हभायी जो बी सभसमाएॉ ह व सजतना बगवान जानत ह औय कोई नही जान सकता ह इसीलरम उस करणाभम की पराथिना कय सॊकलऩ कय वरत सॊऩनन कयन स भनोकाभना रनसशचत ही ऩयी हो जाती ह सबी कषट दय होकय अषट ऐशवमो की परासपत होती ह

सभसत सनभॊगरारनबवॊत शरी रकषभी शरीरनवास कटा लसषदधयसत

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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शरी वकटशवय वरत कथा शरीगणऩती धमानभ

वकरतणड भहाकाम कोहटसमिसभपरब रनषविघनभ करभ दव सविकामष सविदा शकरामफयधयभ शलशवणिभ चतबिजभ परसनन वदनभ धमामत सविषवघनोऩशाॊतम

तदव रगनभ सहदनभ तदव तायाफरभ चॊिफरभ तदव षवदमाफरभ दवफरभ तदव रीऩत तरिमगभ सभयालभ

आचभनभ

ॐ कशवाम सवाहा ॐ नायामणाम सवाहा ॐ भाधवाम सवाहा

ॐ गोषवॊदाम नभ ॐ षवषणव नभ ॐ भधसदनाम नभ ॐ बतरषवकरभाम नभ ॐ वाभनाम नभ ॐ शरीधयाम नभ

ॐ रषषकशाम नभ ॐ ऩदमानाबाम नभ ॐ दाभोदयाम नभ

ॐ सॊकषिणाम नभ ॐ वासदवाम नभ ॐ परदममनाम नभ ॐ अरनरधदाम नभ ॐ ऩरषोततभाम नभ ॐ अधोजाम नभ

ॐ नयलसॊहाम नभ ॐ अचमताम नभ ॐ जनादिनाम नभ ॐ उऩिाम नभ ॐ हयम नभ ॐ शरीकषणाम नभ

बतोचचाटनभ

उसततषटॊत बतषऩशाचचा एत बलभबायका ऐतशाभषवयोधन बरहभकभि सभायब

पराणामाभभ

ॐ ब ॐ बव ॐ सव ॐ भह ॐ जन ॐ तऩ ॐ सतमभ ॐ ततसषवतय-वयणमभ बगो दवसम धीभहह चधमो य़ो न परचोदमात ॐ आऩो-जमोरत-यसोवतभ बरहभ बबिवससवयोभ

भभ उऩातत दरयतामदवाया शरी ऩयभशवय परीतमथिभ शब शोबन भहत शरी भहाषवषणो आगनमा परवत भानसम आदमबरहभण दषवतीम ऩयाथ शवत वयाहकलऩ ववसवत भनवनतय कलरमग परथभऩाद जमफदवीऩ बयतवष बायत खनड भयो दकषण हदगबाग शरीशरसम hellip(जहाॉ ऩजा कय यह ह उस गाॉव का नाभ)परदशाम कषणा गोदावयी भधमबाग सव-शोबन गह सभसत दवता बराहभण हरयहय ससननधौ अससभन वतिभान वमवहारयक चानिभानन सवससतशरी परबवाहद नाभ सॊवतसय भधम सॊवतसय अमन ऋतौ (आज का भहहना)भासाम (शकर मा कषण)ऩाम (आज की रतथी)रतथौ (आज का हदन)वासय शबनतर शबमोग शबकयण एवॊ गण षवशषण षवलशषटामाभ

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शबरतथौ शरीभान(अऩना औय ऩरयवाय क सबी सदसमो क नाभ) गोतर (अऩना गोतर) नाभधम धभिऩतनी सभतसम असभाकभ सहकटॊफानाभ भ सथमि धमि षवजम आमय-आयोगम

ऐशवमि-अलबवधमथिभ धभािथि काभभो चतषविध ऩरषाथि पर लसदधमथिभ भभोऩातत दरयताम दवाया शरी ऩयभशवय परीतमथिभ शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरी वकटशवय दवता भडडडषम शरी वकटशवय वरतकलऩ करयषम िव सॊबवरदभ ऩदाथ सॊबवता रनमभन मावचचसकत धमाना वाहनाहद षोडषोऩचाय ऩजाभ करयषम (ऩानी को हाथ रगाम)

तदॊग करशायाधनभ करयषम (सवाभीजी की दामीॊ ओय करश यख उसभ गॊधभ ऩषऩभ कॊ कभ औय अता डार कपय आग लरख हए शरोक ऩढ) शरोकॊ करशसम भख षवषण काॊत रि सभाचशरता भर ततर ससथतो बरहभा भधम भातगणाचशरत कौत सागया सव सपतदवीऩ वसॊधया ऋगवदोत मजवद साभवदोहमथविणा अॊगशच सहहता सव करशाॊफ सभाचशरता करश गॊधऩषऩाताभ रनकषपतम हसतनचचादम आऩो वा इदभ सव षवशवबतानमाऩ पराणवा आऩा ऩशव आऩोननाभाऩोभता भाऩा समरादऩो षवयाडाऩा सवयाडाऩशचॊडाभ समाऩो जमोरतभ शमाऩो मजोभशमाऩ ससतमाभाऩ सवाि दवता आऩोबबिवसव याऩ ॐ (करश भ ऩानी बय औय उसभ तरसी क ऩतत डार) शरोकॊ गॊग च मभन च कषण गोदावयी सयसवरत नभिद लसॊध कावमो जरससभन ससननचधभ कर कावयी तॊगबिा च कषणवणी च गौतभी करशोदकन दवातभानभ ऩजािवमारन च समपरोकषमा (करश भ एक पर डफोकय उसस सवाभीजी ऩय ऩजा की साभगरी ऩय औय आऩ ऩय ऩानी रछडक )

शरी गणऩती पराथवना शकराॊफयधयभ षवषणभ शलशवणिभ चतबिजभ परसननवदनभ धमामत सविषवघनोऩशाॊतमत

आदौ रनषविघनन वरत ऩरयसभापतभ गणऩती ऩजाभ करयषम

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अथ गणऩती ऩजा ॐ गणानाभ तवागणऩतीभ हवाभह कषवॊ कवीनाभऩा भसशरवसतवभ जमषठयाजभ बरहभणाभ बरहभणसऩत आनशशरणमनततलब सीदसाधनभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ धमामालभ धमानभ सभऩिमालभ

आवाहमालभ यतनलसॊहासनभ सभऩवमालभ ऩादमौ ऩादमभ सभऩवमालभ

हसतौ अरघमवभ सभऩवमालभ भख आचभनीमभ सभऩवमालभ

आऩोहहषटाॊमोबवसतान ऊजधदातन भहयणाम चस मो वत लशवत भोयससतसम बाजमतहन उषतीरयना भातय तसभायभ गभाभवो मसमामाम जजॊधव आऩोजनमाधाचन

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash शदधोदक सनानॊ सभऩिमालभ

सनानाॊतयभ शदध आचभनभ सभऩिमालभ

अलबवसतरात वसनानमाय शलबदनतस दघा ऩजभान अलबचॊदरा बताव व नो हहयणमाभमशवनयततनोदव सोभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash वसतरमगभभ सभऩिमालभ

मऻोऩवीतभ ऩयभॊ ऩषवतरभ परजाऩत मत सहजभ ऩयसतात आमषमॊगरमभ परततभचच शभरॊ मऻोऩवीतभ फरभसत तज

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash मऻोऩवीतभ सभऩिमालभ

गॊधदवायाभ दयाधषावभ तनतमऩषटान करयषषणीभ

ईशवयीभ सववबतानाभ ता लभहोऩवहम शरशरमभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash हदवम शरी चॊदनॊ सभऩिमालभ

आमन त ऩयामण दवाव योहॊत ऩजषऩणी हदाशच ऩॊडयीकाणण सभदरसम गहा इभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash दवािहद नानाषवध ऩषऩारण सभऩिमालभ

अथ शरी षोडषनाभ ऩजा ॐ सभखाम नभ

ॐ एकदॊताम नभ

ॐ कषऩराम नभ

ॐ गजकरणिकाम नभ

ॐ रमफोदयाम नभ

ॐ षवकटाम नभ

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ॐ षवघनयाजम नभ

ॐ गजाचधऩतम नभ

ॐ धभकतव नभ

ॐ गणाचधाम नभ

ॐ पारचॊिाम नभ

ॐ गजाननाम नभ

ॐ वकरतॊडाम नभ

ॐ शऩिकणिकाम नभ

ॐ हयमफाम नभ

ॐ सकॊ दऩविजाम नभ ॐ सवािलससधद परदामकाम नभ ॐ भहागणाचधऩतम नभ

नानाषवध ऩरयभर ऩषऩारण सभऩिमालभ

वनसऩतमबवव हदव नाना गॊध स सममतभ आघरम सववदवानाभ धऩोमभ परततगहमताभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash धऩभािाऩमालभ

साजमभ बतरवतॉ सॊमकताभ वसहनना मोसजतभ षपरमभ

गहाणा भॊगरभ दीऩभ तररोकमरतलभयावहभ

बकतमादीऩभ परमचछालभ दवाम ऩयभातभन

तराहहभाभ नयकादघोयाद हदवमजमोरत नभोसतत

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash दीऩभ सभऩिमालभ

धऩ दीऩाॊतयभ आचभनीमभ सभऩिमालभ

नवदमभ

(गड का छोटा टकडा थारी भ यख कय उसक सबोवतार ऩानी रछडक) ॐ बबव सव ॐ ततसषवतयवयणमभ बगो दवसम धीभही चधमोमोन परचोदमात सतमभ तवतन ऩरयषषॊचालभ (यात भ ldquoऋतॊ तवा सतमन ऩरयषषॊचालभrdquo ऐस कह)

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash नवदमभ सभऩिमालभ

अभतभसत अभतोवतसयणभलस

ॐ पराणाम सवाहा ॐ आऩानाम सवाहा ॐ वमानाम सवाहा ॐ उदानाम सवाहा

ॐ सभानाम सवाहा भधम भधम ऩानीमभ सभऩवमालभ

अभताषऩधानभलस उततयाऩोषणभ सभऩवमालभ

हसतौ परारमालभ शदधाचभनीमभ सभऩवमालभ

ऩगीपर सकयऩय नागवलरीदरीयमतभ

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भकताचणव सभामकतभ ताॊफरभ परततगहमताभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash ताॊफरभ सभऩिमालभ

ॐ गणानाभ तवागणऩतीभ हवाभह कषवॊ कवीनाभऩा भसशरवसतवभ जमषठयाजभ बरहभणाभ बरहभणसऩत आनशशरणमनततलब सीदसाधनभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ - सवणिभॊतरऩषऩभ सभऩिमालभ

भॊतरहीनभ ककरमाहीनभ बसकतहीनभ गणाचधऩ

मतऩसजतभ भमा दव ऩरयऩण तदसतत

मऻन मऻभमजॊत दवासतारन धभािरण परथभानमासन

तहनाकभ भहहभान सचॊत मतर ऩवसाधमा सॊरत दवा

ऩनयाचभनभ

अनमा धमानावाहनाहद षोडषोऩचाय ऩजमा च बगवान सवाितभक

शरीभहा गणाचधऩरत सपरीतो वयदो बतवा उततय कभिणम षवघनभसत बवनतो

बवनत उततय कभिणम षवघनभसत गणाचधऩरत परसादभ लशयसा गरहणालभ

सहसरऩयभा दषव शतभरा शताॊकया सव हयत भ ऩाऩॊ दवािदससवपननाशनी गणऩरत मदासथानॊ उदवासमालभ

पराण परततषठा ॐ असनीत ऩनसभािस च ऩन पराणलभहनोदहह बोगॊ जमोकऩशमभ

समिभचचयनत भनभत भडमान सवससत अभतॊ वपराणा अभतभाऩ पराणानव मधासथानभऩहवमत

(सवाभीजी की भतॉ को हाथ रगाम )

शरीवकटशवय आवाहमालभ सथाऩमालभ ऩजमालभ ससथयोबव वयदोबव सपरसननोबव ससथयासनॊ कर

धमानभ

शानताकायॊ बजगशमनॊ ऩदमनाबभ सयशभ षवशवकायभ गगन सदशॊ भघवण शबाॊगॊ

रकषभीकानतॊ कभरनमनॊ मोचगहरधमान गममॊ वनद षवषणॊ बवबमहयॊ सविरोककनाथॊ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - धमामालभ धमानभ सभऩिमालभ

आवाहनभ

आवाहमालभ दवश लसदधगनधवि सषवत मिसमलभदॊ ऩणमॊ सविऩाऩहयोहय

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवनकटशवय सवालभन नभ - आवाहमालभ

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(सवाभीजी क भतॉ ऩय पर ऩतत चढाम) आसनभ

दव दव जगननाथ परणत करशनाशन यतनलसॊहासनॊ हदवमॊ गहाण भधसदन

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवनकटशवय सवालभन नभ - यतनलसॊहासनॊ सभऩिमालभ

(सवाभीजी क भतॉ ऩय पर ऩतत चढाम) ऩादमॊ

वासनचतॊ करभदव दषकतॊ च षवनाशम ऩादमॊ गहाण बगवान भातरतसॊग सॊससथत

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - ऩादमो ऩादमॊ सभऩिमालभ

(एक चमभच ऩानी थारी भ डार)

अरघम

करषवभ दमाॊ दव सॊसायारत ि बमाऩह दचधीय परोऩतभ गहाणाघम नभोसतत

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हसतमोयघम सभऩिमालभ

(एक चमभच ऩानी थारी भ डार)

आचभनॊ नभ सतमाम शदधाम रनतमाम ऻानरषऩण गहाणाचभनॊ दव सविरोककनामक

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - भख आचभनीमॊ सभऩिमालभ

(एक चमभच ऩानी थारी भ डार) ऩॊचाभतसनानॊ

ऩॊचाभतॊ भमानीतॊ ऩमोदचधघतॊ भध शकि या सहहतॊ चवदवतवॊ पररतगहमताॊ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - ऩॊचाभत सनानॊ सभऩिमालभ

(ऩॊचाभत गाम क दध दही घी भध औय चीनी लभराकय ककमा जाता ह)

सनानॊ सवणिऩातरोदकॊ गॊगा मभनाहद सभसनवतॊ शदधोदकॊ गहाणश सनानॊ कर मथाषवचध

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - शदधोदकसनानॊ सभऩिमालभ

(एक चमभच ऩानी थारी भ डार) वसतरॊ

तपतकाॊचन सनकाशॊ ऩीतमफय लभदॊ हय सगहाण जगननाथ शरीरनवास नभोसतत

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - वसतरमगभॊ सभऩिमालभ

मऻोऩवीतॊ मऻोऩवीतॊ ऩयभॊ ऩषवतरॊ परजऩतमितसहजॊ ऩयसतात

आमषमभागरमाभ पररतभचचशभरॊ मऻोऩवीतॊ फरभसत तज

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शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - मऻोऩवीतॊ सभऩिमालभ

गनधॊ चनदनागर कसतरय घनसाय सभसनवतॊ गनधॊ गहाण गोषवनद नानागॊधसचधायम

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हदवमऩरयभर गॊधाॊ सभऩिमालभ

(सवाभीजी क भतॉ को चॊदन रगाम) अताॊ

गोषवनदा ऩयभाननद हरयिा सहहततान षवशवशवय षवशारा गहाण ऩयभशवय

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - अतान सभऩिमालभ

(सवाभीजी क भतॉ ऩय अता डार चावर को हलदी कॊ कभ रगाक अता फनात ह) ऩषऩॊ

सगॊधारन सऩषऩारण जाजीकनदभखारन च भाररत वकरादषव ऩजाथ पररतगहमताॊ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - ऩषऩॊ सभऩिमालभ

अथाॊग ऩजा ॐ शरी वकटशवयाम नभ - ऩादौ ऩजमालभ

ॐ शरी वकटचरचधशाम नभ - गलफ़ौ ऩजमालभ

ॐ शरी परदामकाम नभ - जाननी ऩजमालभ

ॐ ऩदमावती ऩतम नभ - जॊघ ऩजमालभ

ॐ ऻानपरदाम नभ - ऊर ऩजमालभ

ॐ शरीरनवसाम नभ - कहटॊ ऩजमालभ

ॐ भहाबागाम नभ - नालबॊ ऩजमालभ

ॐ रनभिराम नभ - उदयॊ ऩजमालभ

ॐ षवशाररदमाम नभ - रदमभ ऩजमालभ

ॐ ऩरयशदधातभन नभ - सतनौ ऩजमालभ

ॐ ऩरषोततभाम नभ - बजौ ऩजमालभ

ॐ सवणिहसताम नभ - हसतौ ऩजमालभ

ॐ वयपरदाम नभ - कॊ ठॊ ऩजमालभ

ॐ रोकनाथाम नभ - सकनधौ ऩजमालभ

ॐ यसऻाम नभ - नालसकाॊ ऩजमालभ

ॐ ऩणमशरवन कीतिनाम नभ - शरोतर ऩजमालभ

ॐ ऩलरामफज षवरोचनाम नभ - नतर ऩजमालभ

ॐ वचिससवन नभ - रराटॊ ऩजमालभ

ॐ यमम षवगरहाम नभ - सवािणमनगारन ऩजमालभ

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ॐ शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हदवमसनदय षवगरहॊ ऩजमालभ

शरी वकटशवय अषटोततय शतनाभावलर

ॐ वकटशाम नभ

ॐ शरीरनवासाम नभ

ॐ रकषभीऩतम नभ ॐ अनाभमाम नभ ॐ अभताॊशाम नभ ॐ जगदवॊदवाम नभ ॐ गोषवनदाम नभ ॐ शाशवताम नभ ॐ परबव नभ ॐ शषाहि-रनरमाम नभ ॐ दवाम नभ ॐ कशवाम नभ ॐ भधसदनाम नभ ॐ अभताम नभ ॐ भाधवाम नभ ॐ कषणाम नभ ॐ शरीहयम नभ ॐ ऻान-ऩॊजयाम नभ ॐ शरी वतस-वस नभ ॐ सवशाम नभ ॐ गोऩाराम नभ ॐ ऩरषोततभाम नभ ॐ गोऩशवयाम नभ ॐ ऩयभ-जमोरतषम नभ ॐ वकनठऩतम नभ ॐ अवममाम नभ ॐ सधातनव नभ ॐ मादवनिाम नभ ॐ रनतम-मौवनरऩवत नभ ॐ चतवदातभकाम नभ ॐ षवषणव नभ

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ॐ अचमताम नभ ॐ ऩरदमनी-षपरमाम नभ ॐ धयाऩतम नभ ॐ सयऩतम नभ ॐ रनभिराम नभ ॐ दवऩसजताम नभ ॐ चतबिजाम नभ ॐ चकरधयाम नभ ॐ बतरधामन नभ ॐ बतरगणाशरमाम नभ ॐ रनषविकलऩाम नभ ॐ रनषकरनकाम नभ ॐ रनयाॊतकाम नभ ॐ रनयनजनाम नभ ॐ रनयाबासाम नभ ॐ रनतमतपताम नभ ॐ रनगिणाम नभ ॐ रनरऩिवाम नभ ॐ गदाधयाम नभ ॐ शायॊगऩाणम नभ ॐ ननदककन नभ ॐ शनखधायकाम नभ ॐ अनकभतिम नभ ॐ अवमकताम नभ ॐ कहटहसताम नभ ॐ वयपरदाम नभ ॐ अनकातभन नभ ॐ दीनफानधव नभ ॐ आतिरोक बमपरदाम नभ ॐ आकाशयाज-वयदाम नभ ॐ मोचग-रतऩदमभसनदयाम नभ ॐ दाभोदयाम नभ ॐ जगतऩाराम नभ

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ॐ ऩाऩघनाम नभ ॐ बकतवतसराम नभ ॐ बतरषवकरभाम नभ ॐ लशॊशभायाम नभ ॐ जटाभकट-शोलबताम नभ ॐ शनख-भदमोर-सनभॊजराम-ककसनकणमाडम-कयनडकाम नभ ॐ नीरभघ-शमाभ-तनव नभ ॐ बफलव-ऩतराचिन षपरमाम नभ ॐ जगदवमाषऩन नभ ॐ जगत-कत नभ ॐ जगत-साकषण नभ ॐ जगतऩतम नभ ॐ चचसनतताथि-परदाम नभ ॐ सजषणव नभ ॐ दाशावािम नभ ॐ दश-रऩवत नभ ॐ दवकक-ननदनाम नभ ॐ शौयम नभ ॐ हमगरीवाम नभ ॐ जनादिनाम नभ ॐ कनमा-शरवणतायजमाम नभ ॐ ऩीतामफयधयाम नभ ॐ अनघाम नभ ॐ वनभालरन नभ ॐ ऩदमनाबाम नभ ॐ भगमासकत-भानसाम नभ ॐ अशवरढाम नभ ॐ खडगधारयण नभ ॐ धनाजिन-सभतसकाम नभ ॐ गानसायर-सनभधम-कसतरय-रतरकोजवराम नभ ॐ ससतचदाननदरऩाम नभ ॐ जगनभनगरदामकाम नभ ॐ मऻरऩाम नभ

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ॐ मऻबोकत नभ ॐ चचनभमाम नभ ॐ ऩयभशवयाम नभ ॐ ऩयभाथि-परदाम नभ ॐ शानताम नभ ॐ शरीभत नभ ॐ दोदिनड-षवकरभाम नभ ॐ ऩयातऩयाम नभ ॐ ऩयबरहभण नभ ॐ शरीषवबव नभ ॐ जगदीशवयाम नभ

इतत शरी वकटशवय अषटोततय शतनाभावलर

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शरी भहारकषभी अषटोततय शतनाभावलर

ॐ परकतम नभ ॐ षवकतम नभ ॐ षवदमाम नभ ॐ सविबतहहतपरदाम नभ ॐ शरदधम नभ ॐ षवबतम नभ ॐ सयभम नभ ॐ ऩयभासतभकाम नभ ॐ वाचम नभ ॐ ऩदमारमाम नभ ॐ ऩदमाम नभ ॐ शचम नभ ॐ सवाहाम नभ ॐ सवधाम नभ ॐ सधाम नभ ॐ धनमाम नभ ॐ हहयणमम नभ ॐ रकषमम नभ ॐ रनतमऩषटाम नभ ॐ षवबावम नभ ॐ आहदतम नभ ॐ हदतम नभ ॐ दीपताम नभ ॐ वसधाम नभ ॐ वसधारयणम नभ ॐ कभराम नभ ॐ कानताम नभ ॐ काभाकषम नभ ॐ कभर समबवाम नभ ॐ अनगरहपरदाम नभ ॐ फदधम नभ ॐ अनघाम नभ

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ॐ हरयवलरबाम नभ ॐ अशोकाम नभ ॐ अभताम नभ ॐ दीऩाम नभ ॐ रोकशोक षवनालशनम नभ ॐ धभिरनरमाम नभ ॐ करणाम नभ ॐ रोकभातर नभ ॐ ऩदमषपरमाम नभ ॐ ऩदमहसताम नभ ॐ ऩदमाकषम नभ ॐ ऩदमसनदम नभ ॐ ऩदमोदभवाम नभ ॐ ऩदमभखम नभ ॐ ऩदमनाब षपरमाम नभ ॐ यभाम नभ ॐ ऩदमभाराधयाम नभ ॐ दवम नभ ॐ ऩरदमनम नभ ॐ ऩदमगसनधनम नभ ॐ ऩणमगनधाम नभ ॐ सपरसननाम नभ ॐ परसादालबभखम नभ ॐ परबाम नभ ॐ चनिवदनाम नभ ॐ चनिाम नभ ॐ चनिसहोदम नभ ॐ चतबिजाम नभ ॐ चनिरऩाम नभ ॐ इसनदयाम नभ ॐ इनद शीतराम नभ ॐ आहराद जननम नभ ॐ ऩषम नभ

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ॐ लशवाम नभ ॐ लशवकतम नभ ॐ सतमाम नभ ॐ षवभराम नभ ॐ षवशवजननम नभ ॐ तषम नभ ॐ दारयदरमनालशनम नभ ॐ परीरत ऩषकरयणम नभ ॐ शानताम नभ ॐ शकरभालमामफयाम नभ ॐ बासकम नभ ॐ बफलव रनरमाम नभ ॐ वयायोहाम नभ ॐ मशससवनम नभ ॐ वसनधयाम नभ ॐ उदायॊगम नभ ॐ हरयणम नभ ॐ हभभालरनम नभ ॐ धन धानमकतम नभ ॐ लसदधम नभ ॐ सतरणम सौममाम नभ ॐ शबपरदाम नभ ॐ नऩवशभ गताननदाम नभ ॐ वयरकषमम नभ ॐ वसपरदाम नभ ॐ शबाम नभ ॐ हहयणम पराकायाम नभ ॐ सभि तनमाम नभ ॐ जमाम नभ ॐ भॊगराम नभ ॐ षवषणव सथरससथताम नभ ॐ षवषणऩतनम नभ ॐ परसननाकषम नभ

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ॐ नायामण सभाचशरताम नभ ॐ दारयदरम धवॊलसनम नभ ॐ दवरकषभ नभ ॐ सवोऩिव रनवारयणम नभ ॐ नवदगािम नभ ॐ भहाकालम नभ ॐ बरहभा-षवषण-लशवासतभकाम नभ ॐ बतरकारऻानसमऩननाम नभ ॐ बवनशवम नभ ॐ भहारकषभी अषटोततय शत नभ

इरत शरी रकषभी अषटोततय शतनाभावलर

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शरी ऩदमावती अषटोततय शतनाभावलर

ॐ ऩदमावततम नभ ॐ दवम नभ ॐ ऩदमोदभवाम नभ ॐ करणापरदारमनम नभ ॐ सरदमाम नभ ॐ तजसवरषऩणम नभ ॐ कभरभखम नभ ॐ ऩदमधयाम नभ ॐ शरीम नभ ॐ ऩदमनतरम नभ ॐ ऩदमकयाम नभ ॐ सगणाम नभ ॐ कभकभषपरमाम नभ ॐ हभवणािम नभ ॐ चनिवसनदताम नभ ॐ धगधगपरकाश शयीय-धारयणम नभ ॐ षवषणषपरमाम नभ ॐ रनतमकलमाणम नभ ॐ कोहटसमिपरकालशणम नभ ॐ भहासौनदमिरषऩणम नभ ॐ बकतवतसराम नभ ॐ बरहभानडवालसनम नभ ॐ सविवानचापरदारमनम नभ ॐ धभिसनकलऩाम नभ ॐ दाकषणमकटाकषणम नभ ॐ बसकतपरदारमनम नभ ॐ गणतरमाषववसजिताम नभ ॐ कराषोडशसॊमताम नभ ॐ सविरोकानानजननम नभ ॐ भसकतदारमनम नभ ॐ दमाभतामाम नभ ॐ परऻाम नभ

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ॐ भहाधभािम नभ ॐ धभिरषऩणम नभ ॐ अरनकाय षपरमाम नभ ॐ सविदारयदरमधवॊलसनम नभ ॐ शरीवकटशवसथरससथताम नभ ॐ रोकशोकषवनालशनम नभ ॐ वषणवम नभ ॐ रतरचानरऩयवालसनम नभ ॐ वदवदमषवशायदाम नभ ॐ षवषणऩादसषवताम नभ ॐ यतनपरकाशककयीटधारयणम नभ ॐ जगनभोहहनम नभ ॐ शसकतसवरषऩणम नभ ॐ परसननोदमाम नभ ॐ इनिाहददवत मककननय ककमऩरष ऩसजताम नभ ॐ सविरोकरनवालसनम नभ ॐ बजमाम नभ ॐ ऐशवमिपरदारमनम नभ ॐ शानताम नभ ॐ उननतसथानससथताम नभ ॐ भनदायकालभनम नभ ॐ कभराकयाम नभ ॐ वदानतऻानरषऩणम नभ ॐ सविसमऩसततरषऩणम नभ ॐ कोहटसमिसभपरबाम नभ ॐ ऩजापरदारमनम नभ ॐ कभरासनाहद सविदवताम नभ ॐ वकनठवालसनम नभ ॐ अबमदारमनम नभ ॐ िाापरऩामसषपरमाम नभ ॐ नतमगीतषपरमाम नभ ॐ ीयसागयोदभवाम नभ ॐ आकाशयाज ऩबतरकाम नभ

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ॐ सवणिहसतधारयणम नभ ॐ काभरषऩणम नभ ॐ करणाकटाधारयणम नभ ॐ अभतासजाम नभ ॐ बरोकसवगिसखदारमनम नभ ॐ अषटहदकऩारकाचधऩतम नभ ॐ भनभधदऩि सॊहारयणम नभ ॐ कभराथिबागाम नभ ॐ सवलऩऩयाध-भहाऩयाध-भाम नभ ॐ शतकोहटतीथिवालसताम नभ ॐ नायदाहद भरनशरषठ ऩसजताम नभ ॐ आहदशनकयऩसजताम नभ ॐ परीरतदारमनम नभ ॐ सौबागमपरदारमनम नभ ॐ भहाकीतॉ परदारमनम नभ ॐ कषणारतषपरमाम नभ ॐ गनधवि शाऩषवभोचकाम नभ ॐ कषणऩतनम नभ ॐ बतररोकऩसजताम नभ ॐ जगनभोहहनम नभ ॐ सरबाम नभ ॐ सशीराम नभ ॐ अॊजनासतानगरहपरदारमनम नभ ॐ बकतमातभरनवालसनम नभ ॐ सॊधमावसनदनम नभ ॐ सविरोकभातर नभ ॐ अलबभतदारमनम नभ ॐ रलरतावधतम नभ ॐ सभसतशासतर षवशायदाम नभ ॐ सवणािबयणधारयणम नभ ॐ इहऩयरोक सखपरदारमनम नभ ॐ कयवीयरनवालसनम नभ ॐ नागरोकभरणसह आकाशलसनध कभरशवय ऩरयतयधगभनाम नभ

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ॐ शरी शरीरनवासषपरमाम नभ ॐ चनिभनडरससथताम नभ ॐ अलरवर भनगाम नभ ॐ हदवमभनगर धारयणम नभ ॐ सकलमाणऩीठससथताम नभ ॐ काभकवनऩषऩषपरमाम नभ ॐ कोहट भनभधरषऩणम नभ ॐ बानभनडररषऩणम नभ ॐ ऩदमऩादाम नभ ॐ यभाम नभ ॐ सविरोकसबानतय धारयणम नभ ॐ सविभानसवालसनम नभ ॐ सवािम नभ ॐ षवशवरऩाम नभ ॐ हदवमऻानाम नभ ॐ सवभनगररषऩणम नभ ॐ सवािनगरहपरदारमनम नभ ॐ ॐकायसवरषऩणम नभ ॐ बरहभऻानसॊबताम नभ ॐ शरी ऩदमावतम नभ ॐ सदमोवदवतम नभ ॐ शरीभहारकषमम नभ

इरत शरी ऩदमावती अषटोततय शतनाभावलर

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धऩभ दशाॊगभ गगगरोऩतॊ गोघतन सभसनवतभ धऩॊ गहाण दवश सविरोक नभसकाया

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - धऩभािाऩमालभ

(सवाभीजी क भतॉ की अगयफतती औय धऩ स आयती कय)

दीऩभ

बतररोकश भहादव सविऻान परदामक दीऩॊ दासमालभ दवश यभाभ बकतवतसर

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - दीऩॊ दशिमालभ

(सवाभीजी क भतॉ की दीऩ स आयती कय )

नवदमभ

सविबशच बोजजशच यस षडलब सभसनवतॊ नवदमनत भमानीतभ गहाण ऩरषोततभ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - नवदमॊ सभऩिमालभ

(सवाभीजी को परसाद चढाम अगय करा ह तो ldquoकदरीपर रनवदमालभrdquo नारयमर ह तो ldquoनारयकर परॊ रनवदमालभrdquo ऐस कह अगय गड ह तो ldquoगडोऩहाय नवदमभ सभऩिमालभrdquo कह)

ॐ पराणाम सवाहा ॐ आऩानाम सवाहा ॐ वमानाम सवाहा ॐ उदनाम सवाहा ॐ सभानाम सवाहा ॐ ऩयबरहभण सवाहा ॐ बबिव सव ततसषवतय-वयणमभ बगो दवसम धीभहह चधमो मो न परचोदमात ॐ आऩो जमोरतयसोभतॊ बरहभ बबिव सवयोभ भधम भधम ऩानीमभ सभऩिमालभ

अभताषऩधानभलस उततयाऩोशनभ सभऩिमालभ हसतौ परारमालभ ऩादौ परारमालभ ऩनयाचभनीमभ सभऩिमालभ

तामफरभ ऩगीपर सकऩिय नागवलरीदरमितॊ भकताचणि सभामकतॊ तामफरॊ पररतगहमताॊ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - तामफरभ सभऩिमालभ

नीयाजनभ चशरम कानताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरीवकटरनवासाम शरीरनवासाम भनगरभ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ नीयाजनभ दशिमालभ

ऩनयाचभनीमभ सभऩिमालभ

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भॊतरऩषऩभ

ॐ सहसतरशीषिभ दवॊ षवशवाॊ षवशवशॊबवॊ षवशवॊ नायामणनदवभ अयॊ ऩयभॊ ऩदॊ १

षवशवत ऩयभासननतमॊ षवशवॊ नायामणॊ हरयॊ षवशवभवदॊ ऩरषसतदषवशवॊ उऩजीवरत २

ऩरतॊ षवशवसमातभशवयॊ शाशवतॊ लशवभचमतॊ नायामणॊ भहाऻमॊ षवशवतभानॊ ऩयामणॊ ३

नायामण ऩयोजमोरत आतभा नायामण ऩय नायामण ऩयभ बरहभ ततवभ नायामण ऩय नायामण ऩयो धमाता धमानभ नायामण ऩय ४

मचच ककसनचत जगतसव दशमत शरमतषऩ वा अनतफिहहशचततसविभ वमापमा नायामण ससथत ५

अननतभ अवममभ कषवॊ सभिनतभ षवशवशमबवभ ऩदमकोश परतीकाशभ रदमभ चापमधोभखभ ६

अधोरनषमा षवतसतमानत नाभमाभऩरय रतषठरत जवाराभाराकरॊबारत षवशवसमामातनभ भहत ७

सनततॊ लशरालबसत रॊफतमाकोशससननबभ तसमानत सलशयभ सकषभभ तससभन सविभ पररतसषठतभ ८

तसमभधम भहान असगन षवशवायचचषविशवतो भख सोगरबसगवबजन रतषठाननाहाय भजय कषव

रतमिगधवाि भधशशामीयशभमा सतसम सनतता ९

सॊताऩमरत सवॊ दह भाऩादतरभसतक तसम भधम वसनह लशखा अणीमोधवाि वमवससथत १०

नीरथो मदभधमसता षवदमलरखव बासवया नीवायशकवततनवी ऩीताबा सवतमनऩभा ११

तसमा लशखामा भधम ऩयभातभा वमवससथत स बरहभ स लशव स हरय स इनि सोय ऩयभासवयात १२

ॐ तद बरहभ ॐ तद वाम ॐ तदातभा ॐ ततसतमभ ॐ ततसविभ ॐ ततऩयोनिभ अनतशचयरत बतष गहामाभ षवशवभरत िष तवभ मऻसतवभ वषकायसतवभ इनिसतवभ रिसतवभ

षवषणसतवभ बरहभतवभ परजाऩरत तवभ तदाऩ आऩो जमोरत यसोवतभ बरहभ बबिवससवयोभ १३

गदा ऩन शॊखयथानगकलऩक धवजायषवॊदाॊकश वजररासशचत ह शरीरनवास तवत चयणामफज दवमॊ भदीम भधािन भरज ॐ रनयॊजनाम षवदमह रनयाबासाम धीभहह तननो शरीरनवास परचोदमात शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हदवमभनतरऩषऩॊ सभऩिमालभ

परदकषण नभसकाय

शरोकॊ मारनकारन च ऩाऩारन जनभानतय कतारन च तारन तारन परणशमसनत परदकषण ऩद ऩद ऩाऩोहभ ऩाऩकभािहभ ऩाऩातभा ऩाऩसॊबव तराहहभाभ कऩभमा दव शयणगतवतसर अनमधा शयणॊ नाससत तवभव शयणॊ भभ तसभात कारणम बावन य य जनादिन

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - आतभपरदकषण नभसकायान सभऩिमालभ

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षवषवधोऩचाय ऩजा छतरॊ धायमालभ चाभयॊ वीजमालभ नतमॊ दशिमालभ गीतॊ शरावमालभ वादमॊ घोषमालभ आॊदोलरकान आयोहमालभ आशवानायोहमालभ गजानायोहमालभ सभसत यजोऩचाय शकतमऩचाय

मनतरोऩचाय दवोऩचाय सवोऩचाय ऩजाॊ सभऩिमालभ

भाऩवणभ भनतरहीनॊ ककरमाहीनॊ बसकतहीनॊ जनादिन मतऩसजतभ भमा दव ऩरयऩणिभ तदसतत

अनमा धमानावाहनाहद षोडशोऩचाय ऩजमा च बगवन सवाितभक शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरी वकटशवय सवरऩो बगवान सपरीत सपरसननो वयदो बवत शरी वकटशवय दव परसादॊ लशयसा गहणालभ

तीथवभ

अकार भतमहयणॊ सविवमाचध रनवायणभ सवि ऩाऩमकयॊ दव ऩादोदकॊ ऩावनॊ शबॊ

नवदमभ

ॐ बबिवससव ॐ ततसषवतवियणमभ बगो दवसम धीभहह चधमो मो न परचोदमात सतमॊ तवतन ऩरयषषॊचालभ अभतभसत अभतोऩसतयणभलस ॐ पराणाम सवा ॐ अऩानाम सवा ॐ वमानाम सवा ॐ उदानाम सवाह ॐ सभानाम सवा ॐ बरहभण सवा

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - भहानवदमभ सभऩिमालभ

अभताषऩधानभलस उततयाऩोशनभ सभऩिमालभ हसतौ परारमालभ ऩादौ परारमालभ शदध आचभनीमॊ सभऩिमालभ

तामफरॊ सभऩिमालभ सवणिभनतरऩषऩॊ सभऩिमालभ परदकषण नभसकायन सभऩिमालभ

अनमाधमानावाहनाहद षोडषोऩचाय ऩजमा बगवान सवाितभक शरी रकषभी ऩदमावती सभत वकटशवय सवाभी सपरीत सपरसननो वयदो बवत शरी रकषभी ऩदमावती सभत वकटशवय सवाभी परसादॊ लशयसा गहणालभ

उदवासनभ मऻन मऻभमजनत दवासतारन धभािरण परथभानमासन

तहनाकॊ भहहभानससचनत मतर ऩव साधमा ससनत दवा

गचछ गचछ सयशरषठ सवसथान शरी वकटशवय बकताबीषट सभधमथिभ ऩनयागभनाम च

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरी वकटशवय सवाभी मथासथानॊ उदवासमालभ

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परथभ अधमाम

शरी बगवान उवाच

कलरमग भ एक हदन शब भहति भ रतरभरा ऩहाड ऩय (सजस धयती का वकॊ ठ कहा जाता ह ) ldquoषवशवऩरत नाभक एक बकत ऩय शरी फाराजी की कऩा हई शरी षवषण क अवताय शरी फाराजी (वकटशवय) जो महाॉ शरीरनवास क रऩ भ ऩज जात ह उनहोन षवशवऩरत को ldquoशरी फाराजी वरत कथाrdquo नाभ स परलसधद इस गरॊथ की यचना कयन की आऻा दी औय कहा- ldquoह भय षपरम बकत षवशवऩरत भय षपरम होन क कायण इस वरत को षवसताय रऩ स तमह फाता हॉ सनो म

वरत भझ अरत षपरम ह आसान होन क कायण इस सबी रोग सॊऩनन कय सकत ह

कलरमग भ भानव अऩन ऩाऩ कभो का पर बोगता ह अनक कषट सहत हए जीवन रनवािह कयता ह कछ बकत

अऩन दख भझ फताकय उनह दय कयन क लरम कहत ह फहत स ऩस खचि कय वो भझ दखन क लरम रतरभरा की मातरा कयत ह भय बकतो स भझ परभ ह व भझऩय अऩना ऩया बाय डार दत ह भ उनह धभि क भागिऩय चराता हॉ

अबी भ जो मह वरत कथा तमह फतान जा यहा हॉ वो ldquoशरी फाराजी की कथाrdquo क नाभ स परलसदध होगा म भया वरत भझ अरतषपरम ह जो वमसकत इस बसकत औय रनषठा स कयगा वह तयॊत ऩाय ऩामगा कोई बी वमसकत कबी बी इस वरत को सॊऩनन कय सकता ह भखम रऩ स भागिशीषि भाघ कारत िक भहहनो भ ऩणिभासी ऩॊचभी सपतभी एकादशी रतचथमो ऩय मा शरवण सवारत नतरो ऩय इस कयना शरषठ होता ह

इस घोय कलरमग भ भय बकत जो कषट सह यह ह उनह भ जानता हॉ तमह जफ बी कोई कषट हो कोई सभसमा हो सवासम ठीक ना हो नौकयी वमाऩाय भ सभसमाएॉ हो भन अशाॊत हो तो इस वरत को सॊऩनन कयना चाहहम इसस

साय कषट दय हो जात ह घय भ शब कामि होन ऩय इस वरत को सॊऩनन कयन स बफना ककसी सभसमा क कामि ऩणि हो जाता ह इस वरत को सॊऩनन कयत ही सबी सख परापत होत ह औय अषट ऐशवमो की परासपत होती ह

सफय मा शाभ इस वरत को सॊऩनन कय सकत ह इस वरत भ ऩाॉच अधमाम ह इनका ऩठन बसकत क साथ कयना चाहहम अऩन घय भ मा रनवास सथान ऩय भॊहदय भ मा ककसी बी ऩषवतर सथान भ नदी तट ऩय सॊऩनन कय सकत ह

महद सॊबव हो तो अऩन फॊध लभतरो क साथ इस सॊऩनन कयन स जमादा शरषठ होता ह जो इस सॊऩनन कयत ह मा जो इस सनत ह वरत सॊऩणि होन क फाद परसाद को बसकत स सवीकाय कयत ह वो अषट ऐशवमो को परापत कयत ह इसस

ऩहर बी भय बकतो न कई भरनमो न इस वरत को सॊऩनन ककमा औय भया आशीवािद ऩामा बरोक भ यहनवार सबी को मह वरत आनॊद परदान कयगा औय शब पर बी परापत होगा शाॊत चचतत स भझ माद कयत हए इस वरत का ऩारन

कयो

सवि परथभ जहाॉ वरत कयना चाहत हो उस सथर को साप कयो भॊडऩ की वमवसथा कय भयी तसवीय सजसभ भयी षपरम

सरखमाॉ शरी दवी बदवी ह उस तसवीय को इस भॊडऩ ऩय सथाषऩत कयो भॊडऩ को दीवाय स रगाकय बी यख सकत हो अनम ककसी इचछक दवता की तसवीय बी सख सकत हो नवगरहो औय अषट हदकऩारको को मा तो भन भ नभसकाय

कयो मा उनका आवहान बी कय सकत हो

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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सफस ऩहर हलदी स फनी गणश की ऩजा कयनी चाहहम उसक फाद उस वरत क ऩाॉचो अधमामो का रनषठा स ऩठन

कयना चाहहम मही परथभ अधमाम ह अनम चाय अधमाम भय अतमॊत षपरम ऩातर षवशवालभतर वलशषठ बयदवाज अबतर

भरनशवयो क परवचना रऩ भ ह ऩाॉच अधमामोको ऩढन क फाद भय षपरम शरोक बी ऩढ सकत हो हय अधमाम क अॊत

भ गोषव ॊद गोषव ॊद गोषव ॊद तीन फाय सभयण कयना चाहहम

आभ रोगो क कषटो को भ जानता हॉ इसी लरम भयी एक फात सनो महद ककसी कायण इस वरत को षवसताय रऩ स

सॊऩनन कयन भ कोई सभसमा आ यही हो तो भय तसवीय को साभन यख कय ऩहर गणश जी की कपय नवगरह दवताओॊ औय अषटहदकऩारको को सभयण कय ऩाॉच कहरनमाॉ ऩढकय अऩन भन भ जो इचछा ह उस भझ फताओ भ उस

परसाद क रऩ भ परदान करॉगा इस परकाय कयन स बी कामि की लसषदध होती ह तमहाय कषट दय हो जामग औय शब

पर परापत होगा

जो वमसकत इस वरत को बसकत स सॊऩनन कयगा भ उसक घय ककसी ना ककसी रऩ भ आकय परसाद सवीकाय करॉगा भयी कऩा आऩ सबी को हभशा परापत होगी शरी फाराजी न रतमभयाज षवशवऩरत याभकषणभरत ि ldquoषवशवऩरतrdquo को इस वरत कथा को षवसताय स फतामा कलरमगवासी हभ सबी इस वरत को सॊऩनन कय शरी फाराजी की कऩा क ऩातर फन सकत ह इस वरत को सॊऩनन कय हभ अऩन सबी कषट दय कय सकत ह औय उचचत पर बी परापत कय

सकत ह

गोषवॊदगोषवॊदगोषवॊद

परथभोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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दषवतीम अधमाम

शरी षवशवालभतर उवाच

भहातऩ सॊऩनन साात शरी षवशवालभतर जी न हभ ऩय कऩा की औय परवचन कयत हए कहा- ldquoह कलरमग वालसमो शरीरनवास क बकतो ldquoशरीफाराजी वरत कथाrdquo सजस आऩ सॊऩनन कय यह हो वह फहत ही ऩषवतर ह भहहभा स ऩणि ह मह वरत कलरमग भ शरी नायामण जी की करणा औय दमा परापत कयन का अतमॊत सयर साधन ह पराचीन कार भ शरी फाराजी क षपरम बकतो न इस सॊऩनन कय अऩनी काभनाओॊ को ऩणि ककमा इस वरत कथा क फाय भ हभ फताकय शरी फाराजी न हभाय पररत जो दमा हदखाई ह उसक लरए हभ उनह परणाभ कयत ह

पराचीन कार भ भगध याजम भ षवषणचचतत नाभक एक बकत यहता था उसकी नौ कनमाएॉ थी षवदवान होन ऩय बी वह अतमॊत गयीफ था षवषणचचतत की ऩतनी तायाभरत हभशा नायामणजी की पराथिना कयती यहती थी षववाहाहद शबकामि सॊऩनन कय जो बी ऩस दकषणा क रऩ भ लभरत थ उसस व भसशकर स अऩना जीवन रनवािह कय

यह थ कनमाएॉ मौवनावसथा भ ऩदाऩिण कय चकी थी तायाभरत हभशा इसी चच ॊता भ यहती थी कक इन कनमाओॊ का षववाह ककस परकाय सॊऩनन होग वह फाराजी की पराथिना कयत हए सदा अऩना सभम गजायती थी

वह तो फाराजी की बकत थी औय फाराजी अऩन बकतो स अतमाचधक परभ कयत ह उस हदन भाघ ऩरणिभा थी सवय

एक वदध बराहभण न षवषणचचतत क दयवाज ऩय दसतक दी औय कहा - ldquoह सवाभी भ फॊग दश का वासी हॉ एक मऻ

क लसरलसर भ दसय दश जा यहा हॉ यासत भ महाॉ आमा हॉ भझऩय दमा कयो औय अऩन घय भ एक हदन क लरए

यहन दो कर सवयही भ महॉ स चरा जाऊॉ गाrdquo उन की फात सनकय षवषणचचततन कहा lsquoनाथ इसस फढकय खशी औय कमा हो सकती ह अरतचथ साात नायामण जी क सभान होत ह ऐस हभाय ऩयाणो भ कहा गमा ह आऩ बफना ककसी सॊकोच क हभाय घय भ यह सकत हlsquo ऐसा कह कय उसन उस बराहभण को घय क अॊदय फरामा औय उनका सतकाय ककमा

दोऩहय भ बोजन क फाद उस वदध न तायाभरत स ऩछा ndash ldquoभाता कमा फात ह तभ कछ चच ॊरततसी रगती हो बफना ककसी सॊकोच क फात फताओrdquo तायाभरत न कहा ndash ldquoसवाभी आऩ तो भहातऩसवी ह आऩ क भख का तज उस वकॊ ठवासी क सभान ह आऩ स कमा छऩाना भयी चचॊता भयी कनमाओॊ का षववाह हrdquo उस ऩय वदध न कहा- ldquoभाता तमहाया दख भ जानता हॉ तमहाय सबी कषट दय हो औय तमहायी कनमाओॊ की शादी हो इसक लरम भ एक अदभत वरत फताता हॉ सनो इस वरत को सॊऩनन कयन स तमहाय साय कषट दय हो जामग शरी फाराजी क वरतो भ स मह सफस सयर हrdquo कहत हए उनहोन उस दॊऩरत को ऩया वरत षवधान फतामा वरत षवधान

सनकय षवषणचचतत न कहा- ldquoसवाभी मह तो अतमॊत सॊतोष की फात ह इसस फढकय सौबागम औय कमा होगा

कहत ह ना- शबसम शीिॊ आज भाघ ऩरणिभा ह फहत ही शब हदन ह आऩक कथा अनसाय हभ आज ही इस वरत

को सॊऩनन कयगrdquo षवषणचचततन ऩतनी तायाभरत औय सबी कनमाओॊ क साथ लभरकय उस हदन शाभ भ ही अऩन

फॊध-लभतरो क साथ बसकत औय रनषठा स फाराजी वरत को सॊऩनन ककमा वहाॉ उऩससथत सबी रोगो न वरत ऩया होन क

फाद चयणाभत परसाद गरहण ककमा औय अऩन-अऩन घय परसथान ककमा तफ षवषणचचतत औय तायाभरत न बराहभण

क चयणो को नभसकाय ककमा औय आशीवािद परापत ककमा बराहभणोततभ न बी चयणाभत परसाद गरहण ककमा औय

कहा- ldquoआऩकी भनोकाभना ऩयी हो शरी रकषभी शरी फाराजी की कऩा होrdquo

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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अॊधया हो चरा था औय रनिा सभम आसनन था षवषणचचतत न उस बराहभण को एक पटी चादय दत हए आॉखो भ आस लरम कहा- सवाभी भ अतमॊत दरयिी हॉ इसस अचछी चादय भय ऩास नही ह भझ भा कय आज की यात इसी ऩय षवशराभ कय बराहभण भसकयात हए फोर- कोई फात नही भ फाहय फयाभद भ सो जाता हॉ कछ सभम फाद ही सबी रनिारोक भ षवचयण कयन रग आधी यात का सभम था बफजरी की गडगडाहट क साथ फारयश शर हई चायो ओय अॊधया था कहीॊ कछ नही हदखाई

द यहा था षवषणचचतत इस चच ॊता भ था कक वदध बराहभण फाहय कस सो यह होग उस सभम कछ सझ बी नही यहा था ककसी तयह उनहोन यात गजायी सवया हआ फारयश बी थभ चकी थी ऩरत-ऩतनी मही सोच यह थ कक बराहभण की कमा दशा हई होगी ककतना सहा होगा उनहोन मही सोचत हए वो फाहय आए उनह एक अदभत दशम हदखाई हदमा वहाॉ षवपरोततभ नही थ पहट हई चादय की जगह यशभ का षऩताॊफय यखा हआ था उस षऩताॊफय ऩय शरी फाराजी क

भतॉ ndash हदखाई दी व सफ कछ सभझ गम उनकी खषी का कोई हठकाना नही यहा उनक घय आम बराहभण औय

कोई नही साात शरी नायामणजी ही थ ह फाराजी कमा बागम ह हभाया ऩय हभ उनको ऩहचान नही ऩाम हभन उनको पटी हई चादय दी मह सोचत हए उनहोन शरी फाराजी की भतॉ को हाथ भ रकय आॉखो स रगामा औय

घय क अॊदय आम ऩया घय सोन स बया हआ था जहाॉ दखो वहाॉ धन याशी ह बगवान शरी फाराजी की वरत कथा की भहहभा स ही मह सफ सॊबव हो सका ऐसा कहत हए व बगवान की सतरत कयन रग आऩन दख साात शरी फाराजी ही उस बकत क घय आम थ वरत षवधान फतामा औय चयणाभत परसाद बी गरहण

ककमा शरी फाराजी फहत ही करणाभम ह जो बी इस वरत को बसकत औय रनषठा स कयगा उसक घय सवमॊ बगवान

ककसी ना ककसी रऩ भ आमग आऩ सबी इस वरत को सॊऩनन कय बगवान की कऩा परापत कय सकत ह शरी भहषषि षवशवालभतर जी न मह दषवतीम कथा इस तयह फताई

शरी रकषभी शरीरनवास कटाॊ लसषदधयसत

गोषवॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

दषवतीमोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ततीम अधमाम

शरी वलशषठ उवाच मह अधमाम भहातऩोरनषठ वरयषठ शरीवलशषठ भरन न शरीनायामणजी की कऩा स हभ षवसताय रऩ स फतामा ह ह कलरमग वालसमो शरीफाराजी क षपरम बकतो वकणठ भ रनवास कयनवार शरीनायामणजी आज क रतरभरा भ ससथत शरीफाराजी ही ह कलरमग वालसमो क कषट दय कयन क लरम बगवान आऩक फहत सभीऩ रतरभरा ऩहाड ऩय अवतारयत हए ह शरी फाराजी को खश कयन क लरए मह वरत उततभ ह औय सयर बी ह इस वरत को जो बसकत औय रनषठा स सॊऩनन कयता ह उस सबी सख परापत हो जात ह पराचीन सभम भ अवॊती दश भ बागमनगय नाभक एक नगय था नाभ क ही अनरऩ वहाॉ अनक धनवान (वमाऩायी) यहत थ ऩय व अऩनी सॊऩसतत को दख घभॊड कयत थ औय आभ रोगो को हीन दषटी स दखत थ धन-दौरत उनकी सवासजित ह ऐसा सोचकय घभॊड कयत थ बगवान की रनतम ऩजा-ऩाठ तो उनहोन ऩहर ही छोड दी थी कभ स कभ षवशष हदनो भ बी व ना भॊहदय जात ना ऩजा कयत ना ही दीऩ जरात एक हदन सबी धनवान अऩनी-अऩनी ऩतनीमो क साथ परीरत बोज भ वमसत थ उस नगय की ऩवि हदशा भ ही शरी रकषभी नायामण जी का भॊहदय था जहाॉ दीऩ जरानवारा कोई नही था उस हदन षवशष एकादशी थी सजस एक ऩवि हदन बी भाना जाता ह ऩय उस नगय क एक बी धनवान क भन भ भॊहदय भ ऩजा कयन का षवचाय नही आमा शाभ होत-होत आकाश भ घन फादर छा गम औय भसराधाय फारयश होन रगी वमाऩारयमो क घय ऩानी स बय गम चायो ओय अॊधकाय ह अॊधकाय था सवय होन तक ऩया नगय ऩानी भ डफ गमा वमाऩारयमो क घय टट-पट गम उनका साया ऐशवमि सभापत हो गमा ऐसा उऩिव कमो भचा मह पररम कस हो गमा ककसी को कछ बी सभझ भ नही आ यहा था इतन भ उनह एक षवचचतर दशम हदखाई हदमा नगय क फाहय जो झोऩडडमाॉ थी व तो वसी की वसी थी उनको आशचमि हआ इतनी फारयश भ बी म कस सही सराभत यही व ऐसा भन ही भन सोच यह थ कक इतन भ बफजरी कडकी औय आकाशवाणी हई ldquoए भखो तमहायी सॊऩसतत तमहायी अऩनी ह सवासजित ह ऐसा सोचत थ इसी लरम ऐसा हआ ह इस झोऩडी भ यहनवारा दव भया षपरम बकत ह आभ आदभी होन ऩय बी दव रनतम तमहाय नगय भ ससथत शरी रकषभी नायामण

भॊहदय भ दीऩ जराता था इतना ही नही हय एकादशी क हदन मथा सॊबव वह शरी फाराजी वरत कथा बी सॊऩनन कयता था इसी लरम इन झोऩडीमो भ यहनवार सबी रोग सयकषत यह आऩ सबी महद वरत सॊऩनन कयग तो अऩन-अऩन

ऐशवमि को ऩन परापत कय सकत होrdquo आकाशवाणी सनत ही तयॊत व सबी रोग उस भॊहदय भ गम औय जस

सॊबव हो सका वस सबी रोगोन एक-दसय क सहमोग स शरी फाराजी की वरत कथा सॊऩनन की ऐसा कयत ही सबी को उनक घय ऩवि रऩ भ ही परापत हो गम तफ स व सबी शरीफाराजी क बकत फन गम औय हय एकादशी को शरीफाराजी का वरत सॊऩनन कयत औय सख-शाॊरत परापत कय यहन रग अॊत भ उनहोन भसकत बी परापत की

शरीवलशषठजी न इस परकाय म कथा सनाई

गोषव ॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

ततीमोधमाम सभापतॊ |

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ

शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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चतथव अधमाम

शरी बयदवाज उवाच

शरीनायामण जी को ldquoशरीफाराजी वरत कथाrdquo अतमॊत षपरम ह चतथि अधमाम क रऩ भ हभाय साभन शरी बयदवाज

भरनदवाया फतामी नमी कहानी इस परकाय ह- ldquoह कलरमगवालसमो शरी नायामण क षपरम बकतो आऩ सजस वरत को सॊऩनन कय यह ह वह अदभत ह आऩकी भनोकाभनाओॊ को ऩणि कयन का साधन ह शरी फाराजी को परसनन कयन का मह अतमॊत सयर उऩाम ह आऩ सबी ऩय कऩा कयन क लरम ही वकॊ ठवासी बगवान शरीरनवास क रऩ भ रतरभरा ऩहाड ऩय अवतरयत हए ह अनक जनभो क ऩणमपर स ही रतरभरा ऩहाड ऩय ऩय यखन का सौबागम परापत होता ह औय बगवान क दशिन बी सॊबव होत ह इसी तयह इस ldquoवरतकथाrdquo को सॊऩनन कयन का सॊकलऩ बी ऩविजनभ क

ऩणमपर स ही सॊबव होता ह जो वमसकत इस वरत को सॊऩनन कय यह ह मा जो इस कथा को सन यह ह मा जो बगवान क परसाद को गरहण कयत ह उनह बगवान की कऩा परापत होती ह औय व सौबागम बी ऩात ह

पराचीन कार भ ldquoनगयीrdquo नाभक एक गराभ भ धनगपत नाभ का वमाऩायी यहता था वह फहत ही रारची था ऐशवमि परापत कयन ऩय बी उसका रारचीऩन कभ नही हआ मह सभसत ऐशवमि उसका ही कभामा हआ ह ऐसा सोचकय वह फहत घभॊड कयता था अहॊकाय भनषम का नाश कयता ह

धनगपत की ऩतनी काॊरतभती अतमॊत बसकत बावना यखती थी औय रनषठा स बगवान की ऩजा कयती थी उनकी तीन कनमाएॉ थी तीसयी कनमा ldquoकभायीrdquo भ बसकत बावना जमादा थी वह हभशा फाराजी का नाभ ही जऩती यहती थी षऩताजी को बफना फताम वह जफ-तफ शरी फाराजी क भॊहदय भ जाती थी औय बगवान क दशिन कयती थी घय आकय षऩताजी को छोड अनम सबी क साथ परसाद सवीकाय कयती थी ऩती क ऐस वमवहाय स

काॊरतभती थोडी चच ॊरतत होती थी

एक हदन ldquoकभायीrdquo की सहरी क घय ऩय ldquoशरी फाराजीrdquo का वरत सॊऩनन हो यहा था मह जानकय वो वहाॉ गई वरत ऩया होन तक दोऩहय हो चकी थी थोडासा परसाद उसन गरहण ककमा औय थोडा वह अऩन घयवारो क लरम एक

कागज की ऩडी भ रकय चरी फीच यासत भ उस पमास रगन रगी धऩ बी फहत तज थी उसन सोचा थोडी दय रक

कय पमास फझाकय कपय चरॉ तो ठीक यहगा तबी उस माद आमा कक उसक षऩता की दकान अगरी गरी भ ही तो ह वहाॉ जाकय उसन षऩताजी को ऩजा की फात बफना फताम षऩताजी स ऩानी भाॉगकय षऩमा औय षऩताजी गससा कयग

इस डय स उसन जलदी-जलदी ऩानी षऩमा इस घफयाहट भ परसाद की ऩडी वही दकान भ बरकय चरी गई

एकाएक फाजाय भ हडकॊ ऩ भच गमा रोग हाहाकाय भचात हए इधय-उधय बागन रग आगजनी क कायण उस गरी की सायी दकान जर कय याख होन रगी वस बी दोऩहय का सभम थाउस ऩय गभि हवाएॉ चर यही थीधनगपत का शयीय डय क भाय काॉऩन रगा ldquoकछ ही सभम भ उसकी दकान बी जर कय याख हो जाएगीrdquo इस षवचाय स उस क हाथ-ऩय काॉऩन रग सबी रोग अऩनी-अऩनी दकानो स फाहय आकय इधय-उधय बागन रग ऩय

धनगपत वही खडा यह गमा दकान छोडकय जान का भन नही कय यहा था महद वो दकान भ यहगा तो जरकय

याख हो जामगासोचत हए उसन घफयाहट भ उसक हाथ रगी ऩडी को उठामा औय बफना सोच सभझ जो हाथ आमा वो भॉह भ डार हदमा उस कछ भीठा-भीठा सा ऩदाथि रगा औय भन बी शाॊत होन रगा

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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तबी एक अदभत घटना घटीआग धनगपत की दकान तक आकय रक गमी आग की रऩत वहाॉ नही आ ऩामी मह कसी षवचचतर फात हम कसी भामा ह धनगपत क भॉहस एक बी फात नही रनकर ऩामी उधय आगजनी की खफय सनत ही ऩतनी काॊरतभती अऩन कनमाओॊ क साथ फाराजी का सभयण कयत हए दौडती हई वहाॉ आ गमी आग उनक दकान तक आकय कस रक गमी मह दखकय उस आशचमि हआ तबी कभायी को दकान भ बरी हई ऩडी की माद आई धनगपत को सभझन भ दय नही रगी कक उसन जो चीज भॉह भ डारी थी वो औय कछ नही तो बगवान का परसाद ही था औय उसकी भहहभा स ही व इस दघिटना स चक गम धनगपत न शरीफाराजी स भा भाॉगी गार फजाम शाभ भ ही नगयवालसमो को फराकय ldquoशरीफाराजी की वरत कथाrdquo सॊऩनन की तफ स वह बगवान की सवा भ रीन हो गमा औय अॊत भ भो बी परापत की आऩन दखा कक कवर परसाद गरहण कयन स ही वो ककतनी फडी दघिटना स चक गमा फाराजी की भहहभा अदभत ह आऩ सबी बी मथा सॊबव वरत को सॊऩनन कय क बगवान की कऩा परापत कय सकत हldquo

शरीबयदवाजजी न इस परकाय मह चतथि कथा सनामी

गोषवॊदगोषवॊदगोषवॊद

चतथोधमाम सभापतॊ |

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ऩॊचभ अधमाम

शरी अतरतर उवाच

रतरभरा-रतरऩती बरोक का वकणठ धाभ ह ऩयाणो भ फतामा गमा ह कक रतरभरा क सभान ऩषवतर सथर औय शरी फाराजी जस दवता न तो ऩहर कबी हए ह औय न कबी होग शरीरनवास क रऩ भ अवतरयत शरी नायामण अऩन

बकतो स फहत परभ कयत ह जो उन ऩय अऩना ऩया बाय डारकय उनह रनतम सभयण कयत ह जो सदाचाय स ऩणि जीवन बफतात ह वो उनकी या कयत ह ऐस शरीफाराजी को परसनन कयन का सफस सयर उऩाम ह ndash ldquoशरीफाराजी की वरत कथाrdquo

इस अदभत वरत कथा क फाय भ भहातऩसॊऩनन शरी अबतर भहषषि न कऩा कयत हए कहा ह- ldquo ह फाराजी क षपरम

बकतो कलरमग भ आऩक सौबागम क फाय भ कमा कहना कतमग तरतामग औय दवाऩायमग भ अतमॊत कठोय तऩ-

जऩ कयन ऩय बी परसनन न होन वार शरी नायामण इस मग भ कवर नाभसभयण स ही आऩ रोगो ऩय कऩा कय यह

ह षवशवास क साथ उनह फरान ऩय व तयॊत कऩा परदान कयत ह ऐस करणाभम ह शरीफाराजी ऩषवतर रतरभरा ऩय

तमहाया यखा हय कदभ अनक जनभो क ऩणमपर क सभान ह

पराचीन कार भ ldquoकौभायrdquo दश भ ldquoलभतरrdquo नाभक धोफी यहता था वो अऩन काभ क साथ-साथ धालभिक कामि कयता हआ जीवन रनवािह कय यहा था उसकी अऩॊगता ही उसकी चच ॊता थी इसी कायण धोए हए कऩडो की ऩोटरी फनाकय घय-घय घभकय उनह रोगो तक ऩहॉचाना उस धीय धीय भसशकर रगन रगा उसका ऩरयवाय फडा था बफना भहनत ककए उस बय ऩट खान को बी नही लभरता था हभशा वो शरी फाराजी की ऩजा कयता यहता था कबी ना कबी बगवान उस ऩय कऩा कयग इसी षवशवास स वो अऩना जीवन गजाय यहा था बकतो ऩय कऩा कयन वार फाराजी सफ कछ दखत यहत ह जो वमसकत अऩन कभो स भकती ऩाता ह उनक ऩास आकय फाराजी ककसी न ककसी रऩ भ आकय उनकी या कयत ह एक हदन शाभ क सभम हभशा की तयह लभतर कऩड धोकय कऩडो की ऩोटरी राद धीय-धीय चरता हआ आ

यहा था फीच यासत भ उस एक वदध बराहभण हदखाई हदम गौयव की बावना स फड होन क कायण लभतर न अऩन कॊ ध

ऩय रदी हई ऩोटरी को नीच उतायकय वदध बराहभण को नभसकाय ककमा तफ उस षवपरोततभ न कहा- ldquoतभ अऩन इस ऩय क कायण ककतना कषट सह यह हो तमहाया दख दखा नही जाताrdquo तफ लभतर न कहा-ldquoह नाथ आऩ फजगि ह बयाऩया ऩरयवाय होन क कायण भझ इस काभ स भकती नही लभर यही ह ककसी तयह भयी म अऩॊगता दय हो ऐसा कोई उऩाम फताइएrdquo

तफ बराहभण न कहा-ldquoसनो बाई भ जरय फताऊॉ गा धमान स सनो भ एक ऐस वरत क फाय भ फताता हॉ सजस सॊऩनन कयन स तमहायी अऩॊगता दय हो जाएगी तमह अषट ऐशवमो की परासपत होगी वरत सॊऩनन कयत ही तमह हजाय अशकपि माॉ लभरगी ऩय एक शति ह उसभ स आध तभ भझ दोगकर भ कपय इसी सभम महाॉ लभरॉगाrdquo तफ लभतर न कहा- ldquoसवाभी इसस फढकय सौबागम औय कमा हो सकता ह आज ही इस

वरत क फाय भ फताइए भ उस सॊऩनन करॉ गाrdquo लभतर क उतसाह को दख वदध न शरी फाराजी वरत कथा क फाय भ फतामा

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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लभतर दगन उतसाह क साथ घय आमा ऩयी कहानी ऩतनी को फतामी औय अडोस-ऩडोस क साथ लभरकय शरी फाराजी वरत को सॊऩनन ककमा चयणाभत परसाद गरहण ककमा घय आए सबी रोगो को बी हदमा तबी घय क फाहय कछ

कोराहर सनाई हदमा लभतर का फटा फाहय स दौडता हआ आमा औय फोरा- ldquoषऩताजी षऩताजी याज-यक आऩक लरम आए ह याजा न आऩक लरम बट बी बजी हrdquo इतन भ यक बी वहाॉ आ गम उनहोन फतामा कक उसकी रनमसकत याज दयफाय भ धोफी क रऩ भ हो गमी ह याजा न हजाय अशकपि माॉ ऩयसकाय सवरऩ बजी ह ऐसा कहकय उनहोन लभतर क हाथ भ हजाय अशकपिमो की ऩोटरी यख दी एक हफत क अॊदय-अॊदय

उस आकय नौकयी भ बतॉ होन को बी कहा लभतर क आनॊद की सीभा नही थी एक हफता कमो कर ही कमो नही सोचकय उसन अऩनी ऩोटरी-वोटरी फाॉधी औय दसय हदन सवय ही वो जान को तमाय हो गमा इस जलदफाजी भ वह

उस वदध की फात बर गमा फीच यासत भ उस उसकी फात माद आ गमी ऩय ठीक हअगर भहहन लभर रता हॉ सोच

कय वह याज दयफाय भ अऩन काभ ऩय रग गमा हदनभहहन फीत बराहभण क वश भ आए बगवान को गससा आमा बगवान न सोचा भनषम की परवसतत ऐसी ही होती ह उस भझ अऩनी भहहभा फतानी होगी

दसय ही हदन याणीवास स आबषण चोयी हो गम चोयी का इलजाभ लभतर ऩय आमा लभतर को कायावास की सजा हई hellipयाज यकोन उस तयह-तयह की मातनाएॉ दी ऐसा कमो हआउस ऩय मह इलजाभ कमो रगा सोचत हए लभतर को यात को सऩन भ बगवान हदखाई हदम उनहोन फतामा कक ldquoवदध बराहभण क रऩ भ व ही आम थ वो अऩनी फात स भकय गमा इसलरम म सफ हआ हrdquo तफ लभतर न कहा-ldquoह नाथभ ऩाऩी हॉ भन फहत फडा ऩाऩ ककमा ह कऩमा भझ ऩय दमा कीसजम अफ भ हय भहहन आऩका वरत सॊऩनन करॉ गा भयी आम का आधा बाग जीवन बय आऩको सभषऩित करॉ गाrdquo गार फजाकय उसन बगवान की हय तयह स पराथिना की बकतो की ऩकाय सननवार बगवान न खशी-खशी लभतर ऩय कऩा कय दी बगवान की कऩा स याणी क आबषण दसयही हदन लभर गम याजान म बी जान लरमा कक लभतरन चोयी नही की थी लभतरको कायावास स रयहा कय हदमा गमा तफ स लभतर बगवान को हदम वचन अनसाय हय भहहन शरी फाराजी का वरत सॊऩनन कयन रगा औय अऩनी आम का आधा बाग बगवान को अषऩित कयता यहा सख ऩणि जीवन बफतात हए उसन अॊत भ भो बी परापत ककमाrdquo

शरी अबतरजी न ऐसा कहकय ऩाॉचव औय आखयी अधमाम को सभापत ककमा

गोषवॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

ऩॊचभोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

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faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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भन भय ऩती को म फात फताई उसन झट स ऩजाघय भ जाकय दखा कक सफ स दो टकड चफाम हए हदख यह थ शाभ को परो का यस नवदम भ यखा थोडी दय फाद दखा तो फाऊरभ थोडासा यस ही फचा था इसस म साप हो यहा था कक बगवान न हभाया नवदम सवीकाय ककमा था फच हए यस को हभन परसाद सभझकय बकतीबाव स षऩमा शहद का फहना आज बी अखॊडडत ह सपटफय २० २०१० आज हभन चावर औय बन हए हटॊडोया नवदम भ यख कछ दय फाद जफ ऩजाघय गम तो चावर औय हटॊडोया लभराक उसक चाय रडड फनाकय थारी भ यख थ शाभ को योटी क साथ चन का नवदम ककमा इसका बी बगवान न फड पमायस सवीकाय ककमा फची हई योटी औय चन हभन खाम हय हदन बगवान हभ उसकी रीराएॉ हदखा यह ह शहद का फहना अबी बी जायी ह सपटफय २१ २०१० आज हभन चावर औय दार-ऩारक की सबजी का नवदम अऩिण ककमा कछ दय फाद जफ दखा तो सबजी चावर भ लभरी हई थी थोड चावर बगवान न खाम थ आयती की थारी भ हदमा था उसभ घी क साथ फाती बी थी दधभ शहद लभराकय चाॊदी का फाऊर बी तमाय था इन साय अदभत चभतकायो स बगवान कलरमग भ अऩना अससतततव भनषम को हदखा यह ह फड सौबागम की फात ह कक उसक लरम उनहोन हभाया घय चना सपटफय २२ २०१० आज दार फराम औय चावर नवदम भ थ कछ दय फाद हभ ऩजाघय भ गम तो दार औय चावर लभर हए थ उसभ स थोडा हहससा बगवान न खामा था शाभ को हभन अॊगय बगवान क साभन यख हभ बोजन र यह थ तो एकदभ स कछ अॊगय भय भॉह भ आम ऩजाघय भ जाकय दखा तो वहाॉ लसपि दो ही अॊगय फच थ सपटफय २३ २०१० आज बी हभन अॊगय का नवदम बगवान को अऩिण ककमा उनभ स कपय भय भॉह भ अॊगय आम भय ऩती क दोसत हभाय घय आम थ उनक आन स कछ दय ऩहर शहद की धाया फडी हो गमी थी जफ भय ऩती शहद की कपलभ र यह थ उनहोन दखा आयती की थारी भ जरी हई फाती कपय स जरन रगी उसका परकाश बी जमादा तजसवी था म अकसलऩत दषम हदखान क लरम उनहोन तयॊत भझ औय फाकी सफ को ऩजाघय भ फरामा ऐस अदभत रीराओॊ को दखकय दोसतरोग बी अऩना सौबागम सभझकय खश हए सपटफय २४ २०१० आज सफह औय दोऩहय भ जो बी नवदम यखा था उस बगवान न नही खामा शाभ को हभन ककशलभश यख औय फाहय गम रगबग हभ घय स ५ ककरोभीटय की दयी ऩय थ अचानक स भय भॉह भ ककशलभश आम अफ तक तो सफ चभतकाय घय भ हो यह थ ऩहरी फाय घय क फाहय हभ म अनबव आमा भ तो खशी स नाच उठी सपटफय २५ २०१० आज भ जफ ऩजाघय भ गमी तो आयती की थारी सजी हई थी हदमभ घी क साथ फाती रग चकी थी दध भ शहद लभराकय तीथि बी तमाय था हभ सफन लभरकय ऩजा की सपटफय ४ को भन चॊदन की ऩावडय भ ऩानी डारकय गॊध फनामा था आज तक वो सखा नही ह जस ही ऩजा

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खतभ हई भन दखा कक भय भाथ ऩय हटका रगा हआ था वो कभकभ नही था वो गॊध था भयी गदिन ऩय उसी गॊध स नाभार आमा था इसक फाद भय ऩती हभायी फटीक साथ फाहय क कभय भ खर यह थ औय भ यसोईघय भ काभ कय यही थी अचानक स ऩजाघयभ तीन चॊदन की अगयफसततमाॉ जरन रगी उसकी खशफ स साया घय कछ ही लभरनटोभ भहक उठा ससबजमाॉ लभराम हए चावर आज नवदम भ थ बगवान न म नवदम खा लरमा उसी हदन शाभ को आयती की थारी सजी थी हदम भ घी क साथ फाती थी ऩजा की सायी तमायी थी हभन कार अॊगय का नवदम अऩिण ककमा ऩय बगवान न नही खामा सपटफय २६ २०१० आज सफह औय दोऩहय का नवदम बगवान न नही सवीकाया शाभ को कछ पर बगवान क साभन यख उनस पर खान क लरम पराथिना की औय घय स फाहय रनकर घय स ४-५ ककरोभीटय दय गम नही तफ भय भॉह भ अॊगय आम घय जाकय दखा तो नवदम क परो भ स अॊगय कभ हए थ सपटफय २७ २०१० आज हभन बगवान को कछ सफ अऩिण ककम बगवान न एक टकडा खामा औय एक भय भॉह भ एक आमा शाभ को हभन कछ कर यख एक ततीमाॊश करा भय गर स फाहय आमा इस कर को कही बी दाॉत नही रग थ वसा ही था जस हभ रछरक स रनकारत ह ऩजाघयभ जाकय दखातो एक ततीमाॊश करा वहाॉ नही था फच हए कर क फाम फाज भ एक शहद का फॉद था षऩछर तीन हफत स बगवान की भतॉ स शहद का फहना रगाताय चर यहा ह ऑकटोफय १० २०१० आज हभन बगवान क साभन सफ यखा उसक फाद भ यसोईघय भ खाना ऩकान भ वमसत हो गमी अचानक स ऩजाघय स भझ भीठी भहक आन रगी अॊदय जाकय हभन जो दखा उसऩय षवशवास यखना कठीन था सऩन भ बी हभ म फात नही सोचत सफ तो वस का वस था ऩय उसक फाज भ रतरऩती का रडड था हभन रतरऩती का रडड ऩहर कई फाय खामा ह ऩय इतना गभि रडड ऩहर कबी नही खामा था हभायी ऊॊ गलरमो ऩय रगा हआ घी साप साप नजय आ यहा था रचच की फात तो ऩरछए भत

भय जसी साभानम घयर औयत क लरम म ऩसतक ldquoशरी फाराजी की रीराएॉrdquo लरखना कोई आसान फात नही थी कलरमग क दवता शरीवकटशवय औय दवी ऩदमावती की आलशवािद स ही सॊबव हो ऩामा ह भय ऩती ऋषषकश न म ऩसतक लरखन क लरम परोतसाहहत ककमा सवमॊ उनहोन इस ऩसतक का इॊसगरश भ अनवाद ककमा भ भयी फटी नहा का बी धनमवाद कयना चाहती हॉ शरी वकटशवय वरत क रखक शरी रतमभयाज षवशवऩरत याभकषण भरत ि क भनऩविक आबाय भानती हॉ भ बगवान स मही पराथिना कयना चाहती हॉ कक सजन सजन रोगो न म ऩसतक फनान भ भयी सहामता की भयी फात धमान स सनी उनऩय आऩकी कऩा फनी यह भयी सरदम सहदचछा ह जो कोई म वरत बसकत स सॊऩनन कयगा उस बगवान की कऩा का राब जरय होगा

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रलरता ऋषषकश

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शरी वकटशवय भॊतर

कलरमग क दवता सवमॊ शरी वकटशवयन वदो भ स कछ भॊतर भझ फताम ह उनभ स म भॊतर हय योज ऩजा क वकत

ऩढन स सचची बसकत ऩान क लरम भदद कयगा

भयारयसवक जयाहदऩीडडत रनयाचथिजीवन रनयाश बसय

वयारतसनदय सयाॊगनायरत कयाॊगसौषठव कभायताकरत

कभाय तायक सभाऩनोदम तननऩातक भहाऩदाभम

षवहाऩनोहदत सकरबवन षवहदत कभायधायालबधान तीथािहदसषटतसम

धयणीतर गत सकर हतकलरर सबासलरर गतफहर

षवषवधभर अरतचतय रचचयतय षवरोकनभातर षवदलरत

षवषवधभहाऩातक सवाभीऩषकरयरण सभतसम

जो बकत इस भॊतर का हय योज ऩठन कयगा वो आयोगमऩणि औय सभदध जीवन वमरतत कयगा

रलरता ऋषषकश

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कलमाण वकटशवय सवाभी

ऩजा की साभगरी ६ नारयमर ndash १ करश क लरम औय ५ ऩाॉच अधमामो क लरम

१ वसतरभ (रई का फना हआ हाय) १ करश १ नम परन कऩड का टकडा (रगबग एक भीटय)

हलदी औय कभकभ अता अगयफतती कऩिय (आयती क लरम)

बफड क ऩान मा आभ क ऩतत ( ३ ndash ५ करश क लरम २ षवनामक की ऩजा क लरम)

पर तरसी ऩॊचाभत (दध दही घी भध औय चीनी ) गणश क नवदम क लरम छोटा गड का टकडा वरत क नवदम क लरम गहॉ का यवा घी षऩसी हई चीनी करा षऩसी हई इरामची यवा घी भ बनकय ठॊडा होनऩय उसभ कर क टकड चीनी औय इरामची डार म यवा दध मा ऩानी भ नही ऩकामा जाता

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वरत की षवधी शरी रतमभयाज षवशवऩरत याभकषण भतॉ दवाया

कलरमग भ शरी फाराजी की कऩा ऩान क लरम इस वरत को सॊऩनन कयना अतमॊत आसान ह इस वरत को सॊऩनन

कयन क तयॊत फाद सबी कषट दय हो जात ह इस वरत की षवधी अतमॊत सयर ह सजस भझ वकॊ ठवासी नायामण जी न

सवमॊ फतामी ह कोई बी वमसकत कही बी कबी बी इस वरतको सॊऩनन कय सकता ह आचथिक कहठनाईमाॉ हो मा सवासम सॊफॊधी कोई सभसमा हो भन अशाॊत हो मा अनम कोई बी कायण हो इस वरत क सॊऩनन स ही कषट दय हो जात ह महद आऩन अऩन घय भ कोई शब कामि कयन का रनशचम ककमा हो तफ बी इस वरत को सॊऩनन कय सकत

ह नौकयी औय वमाऩाय भ उननरत क लरम बी वरत सॊऩनन कयन स तयॊत पर की परासपत होती ह

इस वरत को सॊऩनन कयन क दो षवधान ह

परथभ षवधान

इस वरत को ऩहर फताम अनसाय ककसी बी सभम सॊऩनन कय सकत ह भखम रऩ स भागिशीषि भाघ कारत िक भहहनो भ ऩरणिभा ऩॊचभी सपतभी एकादशी रतचथमो भ शरवण सवातीनतरो भ इस सॊऩनन कयना अचछा होता ह सवय हो मा शाभ इस वरतको सॊऩनन कय सकत ह

इस वरत भ ऩाॉच अधमाम ह ऩहरा अधमाम साात शरी फाराजी की कऩा स लरखा गमा ह अनम चाय अधमाम भहा तऩसवी शरी षवशवालभतर वलसषठ बयदवाज औय अबतर भहाभरनमो क दवाया फतामा गमा ह अऩन सवगह भ हो मा रनवास सथान भ बगवान का भॊहदय हो मा अनम कोई बी ऩषवतर सथान नदी तट ऩय बी इस सॊऩनन कय सकत ह

महद सॊबव हो सक तो अऩन फॊध-लभतरो क साथ इस सॊऩनन कय सफस ऩहर सजस जगह ऩय आऩ कयना चाहत ह उस

साप कय उसक फाद भॊडऩ तमाय कयक उसभ शरी फाराजी की तसवीय यख शरीदवी बदवी क साथ फाराजी की तसवीय को यखना शरषठ होगा तसवीय क साथ एक रऩम का लसकका यख उसक फाद करश की सथाऩना कय

सविपरथभ हलदी स फन क गणश की ऩजा कयनी चाहहम ताकक वरत बफना ककसी षवघन क सॊऩनन हो सक फाद भ वरत

कथा क ऩाॉच अधमाम ऩढ सवमॊ बगवान कहत ह कक जो वमसकत रनषठा औय बसकतस इस सॊऩनन कयता ह वहाॉ बगवान सवमॊ ककसी ना ककसी रऩ भ आकय परसाद सवीकाय कयत ह

दषवतीम षवधान

साात बगवान न एक औय भखम फात म बी फताई ह कक महद ककसी कायण कोई सभसमा हो औय वरत कयन क लरम

सभम न लभर मा ककसी कायणवश सॊबव न हो यहा हो तो अकर फठकय बी इस वरत को सॊऩनन ककमा जा सकता ह

शरी फाराजी क भॊडऩ क साभन फठकय सफस ऩहर गणश जी की पराथिना भन ही भन कय कपय अषट हदकऩारको नवगरह दवताओॊ का भन ही भन नभन कय तरसी दर नारयमर उऩरबध पर-पर थारी भ यख फाराजी को सभयण कयत हए वरत कथा का भन ही भन ऩठन कय नारयमर बगवान को अषऩित कय इस परसाद क रऩ भ सवीकाय

कयन स सबी कषट तयॊत दय हो जात ह हय कथा क अॊत भ नारयमर सभषऩित कय भहापरसाद क रऩ भ गहॉ का यवा

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(दलरमा) चीनी डारकय हरवा जस फनाम उसक ऊऩय करा बी यख हय कथा क अॊत भ गोषव ॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

तीन फाय कह कय पराथिना कय

फाराजी को तरसी दर अरत षपरम ह इसी लरम ऩजाभ तरसी दरो को यखना शरषठ होगावरत सॊऩनन होन क फाद

तरसी दरो को परसाद क रऩ भ सवीकाय कयन स योगरनवायण होन क साथ साथ अषट ऐशवमो की परासपत होती ह वरत की सभासपत ऩय नारयमर सभषऩित कयक उनक टकड फनाकय परसाद क रऩ भ बगवान को सभषऩित कयन स वहाॉ उऩससथत सबी रोगो को दकय कपय उस सवीकाय कयन स ऩणम परापत होता ह इस वरत को षवधीऩविक करश सथाऩना क साथ षवसताय स सॊऩनन कय अगय सॊबव न हो तो ऊऩय फताम दषवतीम षवधान क अनसाय बी कय सकत ह एक फात हभ सबी को माद यखनी चाहहम हभायी जो बी सभसमाएॉ ह व सजतना बगवान जानत ह औय कोई नही जान सकता ह इसीलरम उस करणाभम की पराथिना कय सॊकलऩ कय वरत सॊऩनन कयन स भनोकाभना रनसशचत ही ऩयी हो जाती ह सबी कषट दय होकय अषट ऐशवमो की परासपत होती ह

सभसत सनभॊगरारनबवॊत शरी रकषभी शरीरनवास कटा लसषदधयसत

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शरी वकटशवय वरत कथा शरीगणऩती धमानभ

वकरतणड भहाकाम कोहटसमिसभपरब रनषविघनभ करभ दव सविकामष सविदा शकरामफयधयभ शलशवणिभ चतबिजभ परसनन वदनभ धमामत सविषवघनोऩशाॊतम

तदव रगनभ सहदनभ तदव तायाफरभ चॊिफरभ तदव षवदमाफरभ दवफरभ तदव रीऩत तरिमगभ सभयालभ

आचभनभ

ॐ कशवाम सवाहा ॐ नायामणाम सवाहा ॐ भाधवाम सवाहा

ॐ गोषवॊदाम नभ ॐ षवषणव नभ ॐ भधसदनाम नभ ॐ बतरषवकरभाम नभ ॐ वाभनाम नभ ॐ शरीधयाम नभ

ॐ रषषकशाम नभ ॐ ऩदमानाबाम नभ ॐ दाभोदयाम नभ

ॐ सॊकषिणाम नभ ॐ वासदवाम नभ ॐ परदममनाम नभ ॐ अरनरधदाम नभ ॐ ऩरषोततभाम नभ ॐ अधोजाम नभ

ॐ नयलसॊहाम नभ ॐ अचमताम नभ ॐ जनादिनाम नभ ॐ उऩिाम नभ ॐ हयम नभ ॐ शरीकषणाम नभ

बतोचचाटनभ

उसततषटॊत बतषऩशाचचा एत बलभबायका ऐतशाभषवयोधन बरहभकभि सभायब

पराणामाभभ

ॐ ब ॐ बव ॐ सव ॐ भह ॐ जन ॐ तऩ ॐ सतमभ ॐ ततसषवतय-वयणमभ बगो दवसम धीभहह चधमो य़ो न परचोदमात ॐ आऩो-जमोरत-यसोवतभ बरहभ बबिवससवयोभ

भभ उऩातत दरयतामदवाया शरी ऩयभशवय परीतमथिभ शब शोबन भहत शरी भहाषवषणो आगनमा परवत भानसम आदमबरहभण दषवतीम ऩयाथ शवत वयाहकलऩ ववसवत भनवनतय कलरमग परथभऩाद जमफदवीऩ बयतवष बायत खनड भयो दकषण हदगबाग शरीशरसम hellip(जहाॉ ऩजा कय यह ह उस गाॉव का नाभ)परदशाम कषणा गोदावयी भधमबाग सव-शोबन गह सभसत दवता बराहभण हरयहय ससननधौ अससभन वतिभान वमवहारयक चानिभानन सवससतशरी परबवाहद नाभ सॊवतसय भधम सॊवतसय अमन ऋतौ (आज का भहहना)भासाम (शकर मा कषण)ऩाम (आज की रतथी)रतथौ (आज का हदन)वासय शबनतर शबमोग शबकयण एवॊ गण षवशषण षवलशषटामाभ

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शबरतथौ शरीभान(अऩना औय ऩरयवाय क सबी सदसमो क नाभ) गोतर (अऩना गोतर) नाभधम धभिऩतनी सभतसम असभाकभ सहकटॊफानाभ भ सथमि धमि षवजम आमय-आयोगम

ऐशवमि-अलबवधमथिभ धभािथि काभभो चतषविध ऩरषाथि पर लसदधमथिभ भभोऩातत दरयताम दवाया शरी ऩयभशवय परीतमथिभ शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरी वकटशवय दवता भडडडषम शरी वकटशवय वरतकलऩ करयषम िव सॊबवरदभ ऩदाथ सॊबवता रनमभन मावचचसकत धमाना वाहनाहद षोडषोऩचाय ऩजाभ करयषम (ऩानी को हाथ रगाम)

तदॊग करशायाधनभ करयषम (सवाभीजी की दामीॊ ओय करश यख उसभ गॊधभ ऩषऩभ कॊ कभ औय अता डार कपय आग लरख हए शरोक ऩढ) शरोकॊ करशसम भख षवषण काॊत रि सभाचशरता भर ततर ससथतो बरहभा भधम भातगणाचशरत कौत सागया सव सपतदवीऩ वसॊधया ऋगवदोत मजवद साभवदोहमथविणा अॊगशच सहहता सव करशाॊफ सभाचशरता करश गॊधऩषऩाताभ रनकषपतम हसतनचचादम आऩो वा इदभ सव षवशवबतानमाऩ पराणवा आऩा ऩशव आऩोननाभाऩोभता भाऩा समरादऩो षवयाडाऩा सवयाडाऩशचॊडाभ समाऩो जमोरतभ शमाऩो मजोभशमाऩ ससतमाभाऩ सवाि दवता आऩोबबिवसव याऩ ॐ (करश भ ऩानी बय औय उसभ तरसी क ऩतत डार) शरोकॊ गॊग च मभन च कषण गोदावयी सयसवरत नभिद लसॊध कावमो जरससभन ससननचधभ कर कावयी तॊगबिा च कषणवणी च गौतभी करशोदकन दवातभानभ ऩजािवमारन च समपरोकषमा (करश भ एक पर डफोकय उसस सवाभीजी ऩय ऩजा की साभगरी ऩय औय आऩ ऩय ऩानी रछडक )

शरी गणऩती पराथवना शकराॊफयधयभ षवषणभ शलशवणिभ चतबिजभ परसननवदनभ धमामत सविषवघनोऩशाॊतमत

आदौ रनषविघनन वरत ऩरयसभापतभ गणऩती ऩजाभ करयषम

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अथ गणऩती ऩजा ॐ गणानाभ तवागणऩतीभ हवाभह कषवॊ कवीनाभऩा भसशरवसतवभ जमषठयाजभ बरहभणाभ बरहभणसऩत आनशशरणमनततलब सीदसाधनभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ धमामालभ धमानभ सभऩिमालभ

आवाहमालभ यतनलसॊहासनभ सभऩवमालभ ऩादमौ ऩादमभ सभऩवमालभ

हसतौ अरघमवभ सभऩवमालभ भख आचभनीमभ सभऩवमालभ

आऩोहहषटाॊमोबवसतान ऊजधदातन भहयणाम चस मो वत लशवत भोयससतसम बाजमतहन उषतीरयना भातय तसभायभ गभाभवो मसमामाम जजॊधव आऩोजनमाधाचन

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash शदधोदक सनानॊ सभऩिमालभ

सनानाॊतयभ शदध आचभनभ सभऩिमालभ

अलबवसतरात वसनानमाय शलबदनतस दघा ऩजभान अलबचॊदरा बताव व नो हहयणमाभमशवनयततनोदव सोभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash वसतरमगभभ सभऩिमालभ

मऻोऩवीतभ ऩयभॊ ऩषवतरभ परजाऩत मत सहजभ ऩयसतात आमषमॊगरमभ परततभचच शभरॊ मऻोऩवीतभ फरभसत तज

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash मऻोऩवीतभ सभऩिमालभ

गॊधदवायाभ दयाधषावभ तनतमऩषटान करयषषणीभ

ईशवयीभ सववबतानाभ ता लभहोऩवहम शरशरमभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash हदवम शरी चॊदनॊ सभऩिमालभ

आमन त ऩयामण दवाव योहॊत ऩजषऩणी हदाशच ऩॊडयीकाणण सभदरसम गहा इभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash दवािहद नानाषवध ऩषऩारण सभऩिमालभ

अथ शरी षोडषनाभ ऩजा ॐ सभखाम नभ

ॐ एकदॊताम नभ

ॐ कषऩराम नभ

ॐ गजकरणिकाम नभ

ॐ रमफोदयाम नभ

ॐ षवकटाम नभ

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ॐ षवघनयाजम नभ

ॐ गजाचधऩतम नभ

ॐ धभकतव नभ

ॐ गणाचधाम नभ

ॐ पारचॊिाम नभ

ॐ गजाननाम नभ

ॐ वकरतॊडाम नभ

ॐ शऩिकणिकाम नभ

ॐ हयमफाम नभ

ॐ सकॊ दऩविजाम नभ ॐ सवािलससधद परदामकाम नभ ॐ भहागणाचधऩतम नभ

नानाषवध ऩरयभर ऩषऩारण सभऩिमालभ

वनसऩतमबवव हदव नाना गॊध स सममतभ आघरम सववदवानाभ धऩोमभ परततगहमताभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash धऩभािाऩमालभ

साजमभ बतरवतॉ सॊमकताभ वसहनना मोसजतभ षपरमभ

गहाणा भॊगरभ दीऩभ तररोकमरतलभयावहभ

बकतमादीऩभ परमचछालभ दवाम ऩयभातभन

तराहहभाभ नयकादघोयाद हदवमजमोरत नभोसतत

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash दीऩभ सभऩिमालभ

धऩ दीऩाॊतयभ आचभनीमभ सभऩिमालभ

नवदमभ

(गड का छोटा टकडा थारी भ यख कय उसक सबोवतार ऩानी रछडक) ॐ बबव सव ॐ ततसषवतयवयणमभ बगो दवसम धीभही चधमोमोन परचोदमात सतमभ तवतन ऩरयषषॊचालभ (यात भ ldquoऋतॊ तवा सतमन ऩरयषषॊचालभrdquo ऐस कह)

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash नवदमभ सभऩिमालभ

अभतभसत अभतोवतसयणभलस

ॐ पराणाम सवाहा ॐ आऩानाम सवाहा ॐ वमानाम सवाहा ॐ उदानाम सवाहा

ॐ सभानाम सवाहा भधम भधम ऩानीमभ सभऩवमालभ

अभताषऩधानभलस उततयाऩोषणभ सभऩवमालभ

हसतौ परारमालभ शदधाचभनीमभ सभऩवमालभ

ऩगीपर सकयऩय नागवलरीदरीयमतभ

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भकताचणव सभामकतभ ताॊफरभ परततगहमताभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash ताॊफरभ सभऩिमालभ

ॐ गणानाभ तवागणऩतीभ हवाभह कषवॊ कवीनाभऩा भसशरवसतवभ जमषठयाजभ बरहभणाभ बरहभणसऩत आनशशरणमनततलब सीदसाधनभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ - सवणिभॊतरऩषऩभ सभऩिमालभ

भॊतरहीनभ ककरमाहीनभ बसकतहीनभ गणाचधऩ

मतऩसजतभ भमा दव ऩरयऩण तदसतत

मऻन मऻभमजॊत दवासतारन धभािरण परथभानमासन

तहनाकभ भहहभान सचॊत मतर ऩवसाधमा सॊरत दवा

ऩनयाचभनभ

अनमा धमानावाहनाहद षोडषोऩचाय ऩजमा च बगवान सवाितभक

शरीभहा गणाचधऩरत सपरीतो वयदो बतवा उततय कभिणम षवघनभसत बवनतो

बवनत उततय कभिणम षवघनभसत गणाचधऩरत परसादभ लशयसा गरहणालभ

सहसरऩयभा दषव शतभरा शताॊकया सव हयत भ ऩाऩॊ दवािदससवपननाशनी गणऩरत मदासथानॊ उदवासमालभ

पराण परततषठा ॐ असनीत ऩनसभािस च ऩन पराणलभहनोदहह बोगॊ जमोकऩशमभ

समिभचचयनत भनभत भडमान सवससत अभतॊ वपराणा अभतभाऩ पराणानव मधासथानभऩहवमत

(सवाभीजी की भतॉ को हाथ रगाम )

शरीवकटशवय आवाहमालभ सथाऩमालभ ऩजमालभ ससथयोबव वयदोबव सपरसननोबव ससथयासनॊ कर

धमानभ

शानताकायॊ बजगशमनॊ ऩदमनाबभ सयशभ षवशवकायभ गगन सदशॊ भघवण शबाॊगॊ

रकषभीकानतॊ कभरनमनॊ मोचगहरधमान गममॊ वनद षवषणॊ बवबमहयॊ सविरोककनाथॊ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - धमामालभ धमानभ सभऩिमालभ

आवाहनभ

आवाहमालभ दवश लसदधगनधवि सषवत मिसमलभदॊ ऩणमॊ सविऩाऩहयोहय

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवनकटशवय सवालभन नभ - आवाहमालभ

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(सवाभीजी क भतॉ ऩय पर ऩतत चढाम) आसनभ

दव दव जगननाथ परणत करशनाशन यतनलसॊहासनॊ हदवमॊ गहाण भधसदन

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवनकटशवय सवालभन नभ - यतनलसॊहासनॊ सभऩिमालभ

(सवाभीजी क भतॉ ऩय पर ऩतत चढाम) ऩादमॊ

वासनचतॊ करभदव दषकतॊ च षवनाशम ऩादमॊ गहाण बगवान भातरतसॊग सॊससथत

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - ऩादमो ऩादमॊ सभऩिमालभ

(एक चमभच ऩानी थारी भ डार)

अरघम

करषवभ दमाॊ दव सॊसायारत ि बमाऩह दचधीय परोऩतभ गहाणाघम नभोसतत

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हसतमोयघम सभऩिमालभ

(एक चमभच ऩानी थारी भ डार)

आचभनॊ नभ सतमाम शदधाम रनतमाम ऻानरषऩण गहाणाचभनॊ दव सविरोककनामक

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - भख आचभनीमॊ सभऩिमालभ

(एक चमभच ऩानी थारी भ डार) ऩॊचाभतसनानॊ

ऩॊचाभतॊ भमानीतॊ ऩमोदचधघतॊ भध शकि या सहहतॊ चवदवतवॊ पररतगहमताॊ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - ऩॊचाभत सनानॊ सभऩिमालभ

(ऩॊचाभत गाम क दध दही घी भध औय चीनी लभराकय ककमा जाता ह)

सनानॊ सवणिऩातरोदकॊ गॊगा मभनाहद सभसनवतॊ शदधोदकॊ गहाणश सनानॊ कर मथाषवचध

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - शदधोदकसनानॊ सभऩिमालभ

(एक चमभच ऩानी थारी भ डार) वसतरॊ

तपतकाॊचन सनकाशॊ ऩीतमफय लभदॊ हय सगहाण जगननाथ शरीरनवास नभोसतत

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - वसतरमगभॊ सभऩिमालभ

मऻोऩवीतॊ मऻोऩवीतॊ ऩयभॊ ऩषवतरॊ परजऩतमितसहजॊ ऩयसतात

आमषमभागरमाभ पररतभचचशभरॊ मऻोऩवीतॊ फरभसत तज

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शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - मऻोऩवीतॊ सभऩिमालभ

गनधॊ चनदनागर कसतरय घनसाय सभसनवतॊ गनधॊ गहाण गोषवनद नानागॊधसचधायम

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हदवमऩरयभर गॊधाॊ सभऩिमालभ

(सवाभीजी क भतॉ को चॊदन रगाम) अताॊ

गोषवनदा ऩयभाननद हरयिा सहहततान षवशवशवय षवशारा गहाण ऩयभशवय

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - अतान सभऩिमालभ

(सवाभीजी क भतॉ ऩय अता डार चावर को हलदी कॊ कभ रगाक अता फनात ह) ऩषऩॊ

सगॊधारन सऩषऩारण जाजीकनदभखारन च भाररत वकरादषव ऩजाथ पररतगहमताॊ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - ऩषऩॊ सभऩिमालभ

अथाॊग ऩजा ॐ शरी वकटशवयाम नभ - ऩादौ ऩजमालभ

ॐ शरी वकटचरचधशाम नभ - गलफ़ौ ऩजमालभ

ॐ शरी परदामकाम नभ - जाननी ऩजमालभ

ॐ ऩदमावती ऩतम नभ - जॊघ ऩजमालभ

ॐ ऻानपरदाम नभ - ऊर ऩजमालभ

ॐ शरीरनवसाम नभ - कहटॊ ऩजमालभ

ॐ भहाबागाम नभ - नालबॊ ऩजमालभ

ॐ रनभिराम नभ - उदयॊ ऩजमालभ

ॐ षवशाररदमाम नभ - रदमभ ऩजमालभ

ॐ ऩरयशदधातभन नभ - सतनौ ऩजमालभ

ॐ ऩरषोततभाम नभ - बजौ ऩजमालभ

ॐ सवणिहसताम नभ - हसतौ ऩजमालभ

ॐ वयपरदाम नभ - कॊ ठॊ ऩजमालभ

ॐ रोकनाथाम नभ - सकनधौ ऩजमालभ

ॐ यसऻाम नभ - नालसकाॊ ऩजमालभ

ॐ ऩणमशरवन कीतिनाम नभ - शरोतर ऩजमालभ

ॐ ऩलरामफज षवरोचनाम नभ - नतर ऩजमालभ

ॐ वचिससवन नभ - रराटॊ ऩजमालभ

ॐ यमम षवगरहाम नभ - सवािणमनगारन ऩजमालभ

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ॐ शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हदवमसनदय षवगरहॊ ऩजमालभ

शरी वकटशवय अषटोततय शतनाभावलर

ॐ वकटशाम नभ

ॐ शरीरनवासाम नभ

ॐ रकषभीऩतम नभ ॐ अनाभमाम नभ ॐ अभताॊशाम नभ ॐ जगदवॊदवाम नभ ॐ गोषवनदाम नभ ॐ शाशवताम नभ ॐ परबव नभ ॐ शषाहि-रनरमाम नभ ॐ दवाम नभ ॐ कशवाम नभ ॐ भधसदनाम नभ ॐ अभताम नभ ॐ भाधवाम नभ ॐ कषणाम नभ ॐ शरीहयम नभ ॐ ऻान-ऩॊजयाम नभ ॐ शरी वतस-वस नभ ॐ सवशाम नभ ॐ गोऩाराम नभ ॐ ऩरषोततभाम नभ ॐ गोऩशवयाम नभ ॐ ऩयभ-जमोरतषम नभ ॐ वकनठऩतम नभ ॐ अवममाम नभ ॐ सधातनव नभ ॐ मादवनिाम नभ ॐ रनतम-मौवनरऩवत नभ ॐ चतवदातभकाम नभ ॐ षवषणव नभ

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ॐ अचमताम नभ ॐ ऩरदमनी-षपरमाम नभ ॐ धयाऩतम नभ ॐ सयऩतम नभ ॐ रनभिराम नभ ॐ दवऩसजताम नभ ॐ चतबिजाम नभ ॐ चकरधयाम नभ ॐ बतरधामन नभ ॐ बतरगणाशरमाम नभ ॐ रनषविकलऩाम नभ ॐ रनषकरनकाम नभ ॐ रनयाॊतकाम नभ ॐ रनयनजनाम नभ ॐ रनयाबासाम नभ ॐ रनतमतपताम नभ ॐ रनगिणाम नभ ॐ रनरऩिवाम नभ ॐ गदाधयाम नभ ॐ शायॊगऩाणम नभ ॐ ननदककन नभ ॐ शनखधायकाम नभ ॐ अनकभतिम नभ ॐ अवमकताम नभ ॐ कहटहसताम नभ ॐ वयपरदाम नभ ॐ अनकातभन नभ ॐ दीनफानधव नभ ॐ आतिरोक बमपरदाम नभ ॐ आकाशयाज-वयदाम नभ ॐ मोचग-रतऩदमभसनदयाम नभ ॐ दाभोदयाम नभ ॐ जगतऩाराम नभ

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ॐ ऩाऩघनाम नभ ॐ बकतवतसराम नभ ॐ बतरषवकरभाम नभ ॐ लशॊशभायाम नभ ॐ जटाभकट-शोलबताम नभ ॐ शनख-भदमोर-सनभॊजराम-ककसनकणमाडम-कयनडकाम नभ ॐ नीरभघ-शमाभ-तनव नभ ॐ बफलव-ऩतराचिन षपरमाम नभ ॐ जगदवमाषऩन नभ ॐ जगत-कत नभ ॐ जगत-साकषण नभ ॐ जगतऩतम नभ ॐ चचसनतताथि-परदाम नभ ॐ सजषणव नभ ॐ दाशावािम नभ ॐ दश-रऩवत नभ ॐ दवकक-ननदनाम नभ ॐ शौयम नभ ॐ हमगरीवाम नभ ॐ जनादिनाम नभ ॐ कनमा-शरवणतायजमाम नभ ॐ ऩीतामफयधयाम नभ ॐ अनघाम नभ ॐ वनभालरन नभ ॐ ऩदमनाबाम नभ ॐ भगमासकत-भानसाम नभ ॐ अशवरढाम नभ ॐ खडगधारयण नभ ॐ धनाजिन-सभतसकाम नभ ॐ गानसायर-सनभधम-कसतरय-रतरकोजवराम नभ ॐ ससतचदाननदरऩाम नभ ॐ जगनभनगरदामकाम नभ ॐ मऻरऩाम नभ

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ॐ मऻबोकत नभ ॐ चचनभमाम नभ ॐ ऩयभशवयाम नभ ॐ ऩयभाथि-परदाम नभ ॐ शानताम नभ ॐ शरीभत नभ ॐ दोदिनड-षवकरभाम नभ ॐ ऩयातऩयाम नभ ॐ ऩयबरहभण नभ ॐ शरीषवबव नभ ॐ जगदीशवयाम नभ

इतत शरी वकटशवय अषटोततय शतनाभावलर

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शरी भहारकषभी अषटोततय शतनाभावलर

ॐ परकतम नभ ॐ षवकतम नभ ॐ षवदमाम नभ ॐ सविबतहहतपरदाम नभ ॐ शरदधम नभ ॐ षवबतम नभ ॐ सयभम नभ ॐ ऩयभासतभकाम नभ ॐ वाचम नभ ॐ ऩदमारमाम नभ ॐ ऩदमाम नभ ॐ शचम नभ ॐ सवाहाम नभ ॐ सवधाम नभ ॐ सधाम नभ ॐ धनमाम नभ ॐ हहयणमम नभ ॐ रकषमम नभ ॐ रनतमऩषटाम नभ ॐ षवबावम नभ ॐ आहदतम नभ ॐ हदतम नभ ॐ दीपताम नभ ॐ वसधाम नभ ॐ वसधारयणम नभ ॐ कभराम नभ ॐ कानताम नभ ॐ काभाकषम नभ ॐ कभर समबवाम नभ ॐ अनगरहपरदाम नभ ॐ फदधम नभ ॐ अनघाम नभ

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ॐ हरयवलरबाम नभ ॐ अशोकाम नभ ॐ अभताम नभ ॐ दीऩाम नभ ॐ रोकशोक षवनालशनम नभ ॐ धभिरनरमाम नभ ॐ करणाम नभ ॐ रोकभातर नभ ॐ ऩदमषपरमाम नभ ॐ ऩदमहसताम नभ ॐ ऩदमाकषम नभ ॐ ऩदमसनदम नभ ॐ ऩदमोदभवाम नभ ॐ ऩदमभखम नभ ॐ ऩदमनाब षपरमाम नभ ॐ यभाम नभ ॐ ऩदमभाराधयाम नभ ॐ दवम नभ ॐ ऩरदमनम नभ ॐ ऩदमगसनधनम नभ ॐ ऩणमगनधाम नभ ॐ सपरसननाम नभ ॐ परसादालबभखम नभ ॐ परबाम नभ ॐ चनिवदनाम नभ ॐ चनिाम नभ ॐ चनिसहोदम नभ ॐ चतबिजाम नभ ॐ चनिरऩाम नभ ॐ इसनदयाम नभ ॐ इनद शीतराम नभ ॐ आहराद जननम नभ ॐ ऩषम नभ

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ॐ लशवाम नभ ॐ लशवकतम नभ ॐ सतमाम नभ ॐ षवभराम नभ ॐ षवशवजननम नभ ॐ तषम नभ ॐ दारयदरमनालशनम नभ ॐ परीरत ऩषकरयणम नभ ॐ शानताम नभ ॐ शकरभालमामफयाम नभ ॐ बासकम नभ ॐ बफलव रनरमाम नभ ॐ वयायोहाम नभ ॐ मशससवनम नभ ॐ वसनधयाम नभ ॐ उदायॊगम नभ ॐ हरयणम नभ ॐ हभभालरनम नभ ॐ धन धानमकतम नभ ॐ लसदधम नभ ॐ सतरणम सौममाम नभ ॐ शबपरदाम नभ ॐ नऩवशभ गताननदाम नभ ॐ वयरकषमम नभ ॐ वसपरदाम नभ ॐ शबाम नभ ॐ हहयणम पराकायाम नभ ॐ सभि तनमाम नभ ॐ जमाम नभ ॐ भॊगराम नभ ॐ षवषणव सथरससथताम नभ ॐ षवषणऩतनम नभ ॐ परसननाकषम नभ

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ॐ नायामण सभाचशरताम नभ ॐ दारयदरम धवॊलसनम नभ ॐ दवरकषभ नभ ॐ सवोऩिव रनवारयणम नभ ॐ नवदगािम नभ ॐ भहाकालम नभ ॐ बरहभा-षवषण-लशवासतभकाम नभ ॐ बतरकारऻानसमऩननाम नभ ॐ बवनशवम नभ ॐ भहारकषभी अषटोततय शत नभ

इरत शरी रकषभी अषटोततय शतनाभावलर

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शरी ऩदमावती अषटोततय शतनाभावलर

ॐ ऩदमावततम नभ ॐ दवम नभ ॐ ऩदमोदभवाम नभ ॐ करणापरदारमनम नभ ॐ सरदमाम नभ ॐ तजसवरषऩणम नभ ॐ कभरभखम नभ ॐ ऩदमधयाम नभ ॐ शरीम नभ ॐ ऩदमनतरम नभ ॐ ऩदमकयाम नभ ॐ सगणाम नभ ॐ कभकभषपरमाम नभ ॐ हभवणािम नभ ॐ चनिवसनदताम नभ ॐ धगधगपरकाश शयीय-धारयणम नभ ॐ षवषणषपरमाम नभ ॐ रनतमकलमाणम नभ ॐ कोहटसमिपरकालशणम नभ ॐ भहासौनदमिरषऩणम नभ ॐ बकतवतसराम नभ ॐ बरहभानडवालसनम नभ ॐ सविवानचापरदारमनम नभ ॐ धभिसनकलऩाम नभ ॐ दाकषणमकटाकषणम नभ ॐ बसकतपरदारमनम नभ ॐ गणतरमाषववसजिताम नभ ॐ कराषोडशसॊमताम नभ ॐ सविरोकानानजननम नभ ॐ भसकतदारमनम नभ ॐ दमाभतामाम नभ ॐ परऻाम नभ

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ॐ भहाधभािम नभ ॐ धभिरषऩणम नभ ॐ अरनकाय षपरमाम नभ ॐ सविदारयदरमधवॊलसनम नभ ॐ शरीवकटशवसथरससथताम नभ ॐ रोकशोकषवनालशनम नभ ॐ वषणवम नभ ॐ रतरचानरऩयवालसनम नभ ॐ वदवदमषवशायदाम नभ ॐ षवषणऩादसषवताम नभ ॐ यतनपरकाशककयीटधारयणम नभ ॐ जगनभोहहनम नभ ॐ शसकतसवरषऩणम नभ ॐ परसननोदमाम नभ ॐ इनिाहददवत मककननय ककमऩरष ऩसजताम नभ ॐ सविरोकरनवालसनम नभ ॐ बजमाम नभ ॐ ऐशवमिपरदारमनम नभ ॐ शानताम नभ ॐ उननतसथानससथताम नभ ॐ भनदायकालभनम नभ ॐ कभराकयाम नभ ॐ वदानतऻानरषऩणम नभ ॐ सविसमऩसततरषऩणम नभ ॐ कोहटसमिसभपरबाम नभ ॐ ऩजापरदारमनम नभ ॐ कभरासनाहद सविदवताम नभ ॐ वकनठवालसनम नभ ॐ अबमदारमनम नभ ॐ िाापरऩामसषपरमाम नभ ॐ नतमगीतषपरमाम नभ ॐ ीयसागयोदभवाम नभ ॐ आकाशयाज ऩबतरकाम नभ

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ॐ सवणिहसतधारयणम नभ ॐ काभरषऩणम नभ ॐ करणाकटाधारयणम नभ ॐ अभतासजाम नभ ॐ बरोकसवगिसखदारमनम नभ ॐ अषटहदकऩारकाचधऩतम नभ ॐ भनभधदऩि सॊहारयणम नभ ॐ कभराथिबागाम नभ ॐ सवलऩऩयाध-भहाऩयाध-भाम नभ ॐ शतकोहटतीथिवालसताम नभ ॐ नायदाहद भरनशरषठ ऩसजताम नभ ॐ आहदशनकयऩसजताम नभ ॐ परीरतदारमनम नभ ॐ सौबागमपरदारमनम नभ ॐ भहाकीतॉ परदारमनम नभ ॐ कषणारतषपरमाम नभ ॐ गनधवि शाऩषवभोचकाम नभ ॐ कषणऩतनम नभ ॐ बतररोकऩसजताम नभ ॐ जगनभोहहनम नभ ॐ सरबाम नभ ॐ सशीराम नभ ॐ अॊजनासतानगरहपरदारमनम नभ ॐ बकतमातभरनवालसनम नभ ॐ सॊधमावसनदनम नभ ॐ सविरोकभातर नभ ॐ अलबभतदारमनम नभ ॐ रलरतावधतम नभ ॐ सभसतशासतर षवशायदाम नभ ॐ सवणािबयणधारयणम नभ ॐ इहऩयरोक सखपरदारमनम नभ ॐ कयवीयरनवालसनम नभ ॐ नागरोकभरणसह आकाशलसनध कभरशवय ऩरयतयधगभनाम नभ

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ॐ शरी शरीरनवासषपरमाम नभ ॐ चनिभनडरससथताम नभ ॐ अलरवर भनगाम नभ ॐ हदवमभनगर धारयणम नभ ॐ सकलमाणऩीठससथताम नभ ॐ काभकवनऩषऩषपरमाम नभ ॐ कोहट भनभधरषऩणम नभ ॐ बानभनडररषऩणम नभ ॐ ऩदमऩादाम नभ ॐ यभाम नभ ॐ सविरोकसबानतय धारयणम नभ ॐ सविभानसवालसनम नभ ॐ सवािम नभ ॐ षवशवरऩाम नभ ॐ हदवमऻानाम नभ ॐ सवभनगररषऩणम नभ ॐ सवािनगरहपरदारमनम नभ ॐ ॐकायसवरषऩणम नभ ॐ बरहभऻानसॊबताम नभ ॐ शरी ऩदमावतम नभ ॐ सदमोवदवतम नभ ॐ शरीभहारकषमम नभ

इरत शरी ऩदमावती अषटोततय शतनाभावलर

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धऩभ दशाॊगभ गगगरोऩतॊ गोघतन सभसनवतभ धऩॊ गहाण दवश सविरोक नभसकाया

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - धऩभािाऩमालभ

(सवाभीजी क भतॉ की अगयफतती औय धऩ स आयती कय)

दीऩभ

बतररोकश भहादव सविऻान परदामक दीऩॊ दासमालभ दवश यभाभ बकतवतसर

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - दीऩॊ दशिमालभ

(सवाभीजी क भतॉ की दीऩ स आयती कय )

नवदमभ

सविबशच बोजजशच यस षडलब सभसनवतॊ नवदमनत भमानीतभ गहाण ऩरषोततभ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - नवदमॊ सभऩिमालभ

(सवाभीजी को परसाद चढाम अगय करा ह तो ldquoकदरीपर रनवदमालभrdquo नारयमर ह तो ldquoनारयकर परॊ रनवदमालभrdquo ऐस कह अगय गड ह तो ldquoगडोऩहाय नवदमभ सभऩिमालभrdquo कह)

ॐ पराणाम सवाहा ॐ आऩानाम सवाहा ॐ वमानाम सवाहा ॐ उदनाम सवाहा ॐ सभानाम सवाहा ॐ ऩयबरहभण सवाहा ॐ बबिव सव ततसषवतय-वयणमभ बगो दवसम धीभहह चधमो मो न परचोदमात ॐ आऩो जमोरतयसोभतॊ बरहभ बबिव सवयोभ भधम भधम ऩानीमभ सभऩिमालभ

अभताषऩधानभलस उततयाऩोशनभ सभऩिमालभ हसतौ परारमालभ ऩादौ परारमालभ ऩनयाचभनीमभ सभऩिमालभ

तामफरभ ऩगीपर सकऩिय नागवलरीदरमितॊ भकताचणि सभामकतॊ तामफरॊ पररतगहमताॊ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - तामफरभ सभऩिमालभ

नीयाजनभ चशरम कानताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरीवकटरनवासाम शरीरनवासाम भनगरभ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ नीयाजनभ दशिमालभ

ऩनयाचभनीमभ सभऩिमालभ

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भॊतरऩषऩभ

ॐ सहसतरशीषिभ दवॊ षवशवाॊ षवशवशॊबवॊ षवशवॊ नायामणनदवभ अयॊ ऩयभॊ ऩदॊ १

षवशवत ऩयभासननतमॊ षवशवॊ नायामणॊ हरयॊ षवशवभवदॊ ऩरषसतदषवशवॊ उऩजीवरत २

ऩरतॊ षवशवसमातभशवयॊ शाशवतॊ लशवभचमतॊ नायामणॊ भहाऻमॊ षवशवतभानॊ ऩयामणॊ ३

नायामण ऩयोजमोरत आतभा नायामण ऩय नायामण ऩयभ बरहभ ततवभ नायामण ऩय नायामण ऩयो धमाता धमानभ नायामण ऩय ४

मचच ककसनचत जगतसव दशमत शरमतषऩ वा अनतफिहहशचततसविभ वमापमा नायामण ससथत ५

अननतभ अवममभ कषवॊ सभिनतभ षवशवशमबवभ ऩदमकोश परतीकाशभ रदमभ चापमधोभखभ ६

अधोरनषमा षवतसतमानत नाभमाभऩरय रतषठरत जवाराभाराकरॊबारत षवशवसमामातनभ भहत ७

सनततॊ लशरालबसत रॊफतमाकोशससननबभ तसमानत सलशयभ सकषभभ तससभन सविभ पररतसषठतभ ८

तसमभधम भहान असगन षवशवायचचषविशवतो भख सोगरबसगवबजन रतषठाननाहाय भजय कषव

रतमिगधवाि भधशशामीयशभमा सतसम सनतता ९

सॊताऩमरत सवॊ दह भाऩादतरभसतक तसम भधम वसनह लशखा अणीमोधवाि वमवससथत १०

नीरथो मदभधमसता षवदमलरखव बासवया नीवायशकवततनवी ऩीताबा सवतमनऩभा ११

तसमा लशखामा भधम ऩयभातभा वमवससथत स बरहभ स लशव स हरय स इनि सोय ऩयभासवयात १२

ॐ तद बरहभ ॐ तद वाम ॐ तदातभा ॐ ततसतमभ ॐ ततसविभ ॐ ततऩयोनिभ अनतशचयरत बतष गहामाभ षवशवभरत िष तवभ मऻसतवभ वषकायसतवभ इनिसतवभ रिसतवभ

षवषणसतवभ बरहभतवभ परजाऩरत तवभ तदाऩ आऩो जमोरत यसोवतभ बरहभ बबिवससवयोभ १३

गदा ऩन शॊखयथानगकलऩक धवजायषवॊदाॊकश वजररासशचत ह शरीरनवास तवत चयणामफज दवमॊ भदीम भधािन भरज ॐ रनयॊजनाम षवदमह रनयाबासाम धीभहह तननो शरीरनवास परचोदमात शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हदवमभनतरऩषऩॊ सभऩिमालभ

परदकषण नभसकाय

शरोकॊ मारनकारन च ऩाऩारन जनभानतय कतारन च तारन तारन परणशमसनत परदकषण ऩद ऩद ऩाऩोहभ ऩाऩकभािहभ ऩाऩातभा ऩाऩसॊबव तराहहभाभ कऩभमा दव शयणगतवतसर अनमधा शयणॊ नाससत तवभव शयणॊ भभ तसभात कारणम बावन य य जनादिन

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - आतभपरदकषण नभसकायान सभऩिमालभ

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षवषवधोऩचाय ऩजा छतरॊ धायमालभ चाभयॊ वीजमालभ नतमॊ दशिमालभ गीतॊ शरावमालभ वादमॊ घोषमालभ आॊदोलरकान आयोहमालभ आशवानायोहमालभ गजानायोहमालभ सभसत यजोऩचाय शकतमऩचाय

मनतरोऩचाय दवोऩचाय सवोऩचाय ऩजाॊ सभऩिमालभ

भाऩवणभ भनतरहीनॊ ककरमाहीनॊ बसकतहीनॊ जनादिन मतऩसजतभ भमा दव ऩरयऩणिभ तदसतत

अनमा धमानावाहनाहद षोडशोऩचाय ऩजमा च बगवन सवाितभक शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरी वकटशवय सवरऩो बगवान सपरीत सपरसननो वयदो बवत शरी वकटशवय दव परसादॊ लशयसा गहणालभ

तीथवभ

अकार भतमहयणॊ सविवमाचध रनवायणभ सवि ऩाऩमकयॊ दव ऩादोदकॊ ऩावनॊ शबॊ

नवदमभ

ॐ बबिवससव ॐ ततसषवतवियणमभ बगो दवसम धीभहह चधमो मो न परचोदमात सतमॊ तवतन ऩरयषषॊचालभ अभतभसत अभतोऩसतयणभलस ॐ पराणाम सवा ॐ अऩानाम सवा ॐ वमानाम सवा ॐ उदानाम सवाह ॐ सभानाम सवा ॐ बरहभण सवा

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - भहानवदमभ सभऩिमालभ

अभताषऩधानभलस उततयाऩोशनभ सभऩिमालभ हसतौ परारमालभ ऩादौ परारमालभ शदध आचभनीमॊ सभऩिमालभ

तामफरॊ सभऩिमालभ सवणिभनतरऩषऩॊ सभऩिमालभ परदकषण नभसकायन सभऩिमालभ

अनमाधमानावाहनाहद षोडषोऩचाय ऩजमा बगवान सवाितभक शरी रकषभी ऩदमावती सभत वकटशवय सवाभी सपरीत सपरसननो वयदो बवत शरी रकषभी ऩदमावती सभत वकटशवय सवाभी परसादॊ लशयसा गहणालभ

उदवासनभ मऻन मऻभमजनत दवासतारन धभािरण परथभानमासन

तहनाकॊ भहहभानससचनत मतर ऩव साधमा ससनत दवा

गचछ गचछ सयशरषठ सवसथान शरी वकटशवय बकताबीषट सभधमथिभ ऩनयागभनाम च

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरी वकटशवय सवाभी मथासथानॊ उदवासमालभ

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परथभ अधमाम

शरी बगवान उवाच

कलरमग भ एक हदन शब भहति भ रतरभरा ऩहाड ऩय (सजस धयती का वकॊ ठ कहा जाता ह ) ldquoषवशवऩरत नाभक एक बकत ऩय शरी फाराजी की कऩा हई शरी षवषण क अवताय शरी फाराजी (वकटशवय) जो महाॉ शरीरनवास क रऩ भ ऩज जात ह उनहोन षवशवऩरत को ldquoशरी फाराजी वरत कथाrdquo नाभ स परलसधद इस गरॊथ की यचना कयन की आऻा दी औय कहा- ldquoह भय षपरम बकत षवशवऩरत भय षपरम होन क कायण इस वरत को षवसताय रऩ स तमह फाता हॉ सनो म

वरत भझ अरत षपरम ह आसान होन क कायण इस सबी रोग सॊऩनन कय सकत ह

कलरमग भ भानव अऩन ऩाऩ कभो का पर बोगता ह अनक कषट सहत हए जीवन रनवािह कयता ह कछ बकत

अऩन दख भझ फताकय उनह दय कयन क लरम कहत ह फहत स ऩस खचि कय वो भझ दखन क लरम रतरभरा की मातरा कयत ह भय बकतो स भझ परभ ह व भझऩय अऩना ऩया बाय डार दत ह भ उनह धभि क भागिऩय चराता हॉ

अबी भ जो मह वरत कथा तमह फतान जा यहा हॉ वो ldquoशरी फाराजी की कथाrdquo क नाभ स परलसदध होगा म भया वरत भझ अरतषपरम ह जो वमसकत इस बसकत औय रनषठा स कयगा वह तयॊत ऩाय ऩामगा कोई बी वमसकत कबी बी इस वरत को सॊऩनन कय सकता ह भखम रऩ स भागिशीषि भाघ कारत िक भहहनो भ ऩणिभासी ऩॊचभी सपतभी एकादशी रतचथमो ऩय मा शरवण सवारत नतरो ऩय इस कयना शरषठ होता ह

इस घोय कलरमग भ भय बकत जो कषट सह यह ह उनह भ जानता हॉ तमह जफ बी कोई कषट हो कोई सभसमा हो सवासम ठीक ना हो नौकयी वमाऩाय भ सभसमाएॉ हो भन अशाॊत हो तो इस वरत को सॊऩनन कयना चाहहम इसस

साय कषट दय हो जात ह घय भ शब कामि होन ऩय इस वरत को सॊऩनन कयन स बफना ककसी सभसमा क कामि ऩणि हो जाता ह इस वरत को सॊऩनन कयत ही सबी सख परापत होत ह औय अषट ऐशवमो की परासपत होती ह

सफय मा शाभ इस वरत को सॊऩनन कय सकत ह इस वरत भ ऩाॉच अधमाम ह इनका ऩठन बसकत क साथ कयना चाहहम अऩन घय भ मा रनवास सथान ऩय भॊहदय भ मा ककसी बी ऩषवतर सथान भ नदी तट ऩय सॊऩनन कय सकत ह

महद सॊबव हो तो अऩन फॊध लभतरो क साथ इस सॊऩनन कयन स जमादा शरषठ होता ह जो इस सॊऩनन कयत ह मा जो इस सनत ह वरत सॊऩणि होन क फाद परसाद को बसकत स सवीकाय कयत ह वो अषट ऐशवमो को परापत कयत ह इसस

ऩहर बी भय बकतो न कई भरनमो न इस वरत को सॊऩनन ककमा औय भया आशीवािद ऩामा बरोक भ यहनवार सबी को मह वरत आनॊद परदान कयगा औय शब पर बी परापत होगा शाॊत चचतत स भझ माद कयत हए इस वरत का ऩारन

कयो

सवि परथभ जहाॉ वरत कयना चाहत हो उस सथर को साप कयो भॊडऩ की वमवसथा कय भयी तसवीय सजसभ भयी षपरम

सरखमाॉ शरी दवी बदवी ह उस तसवीय को इस भॊडऩ ऩय सथाषऩत कयो भॊडऩ को दीवाय स रगाकय बी यख सकत हो अनम ककसी इचछक दवता की तसवीय बी सख सकत हो नवगरहो औय अषट हदकऩारको को मा तो भन भ नभसकाय

कयो मा उनका आवहान बी कय सकत हो

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सफस ऩहर हलदी स फनी गणश की ऩजा कयनी चाहहम उसक फाद उस वरत क ऩाॉचो अधमामो का रनषठा स ऩठन

कयना चाहहम मही परथभ अधमाम ह अनम चाय अधमाम भय अतमॊत षपरम ऩातर षवशवालभतर वलशषठ बयदवाज अबतर

भरनशवयो क परवचना रऩ भ ह ऩाॉच अधमामोको ऩढन क फाद भय षपरम शरोक बी ऩढ सकत हो हय अधमाम क अॊत

भ गोषव ॊद गोषव ॊद गोषव ॊद तीन फाय सभयण कयना चाहहम

आभ रोगो क कषटो को भ जानता हॉ इसी लरम भयी एक फात सनो महद ककसी कायण इस वरत को षवसताय रऩ स

सॊऩनन कयन भ कोई सभसमा आ यही हो तो भय तसवीय को साभन यख कय ऩहर गणश जी की कपय नवगरह दवताओॊ औय अषटहदकऩारको को सभयण कय ऩाॉच कहरनमाॉ ऩढकय अऩन भन भ जो इचछा ह उस भझ फताओ भ उस

परसाद क रऩ भ परदान करॉगा इस परकाय कयन स बी कामि की लसषदध होती ह तमहाय कषट दय हो जामग औय शब

पर परापत होगा

जो वमसकत इस वरत को बसकत स सॊऩनन कयगा भ उसक घय ककसी ना ककसी रऩ भ आकय परसाद सवीकाय करॉगा भयी कऩा आऩ सबी को हभशा परापत होगी शरी फाराजी न रतमभयाज षवशवऩरत याभकषणभरत ि ldquoषवशवऩरतrdquo को इस वरत कथा को षवसताय स फतामा कलरमगवासी हभ सबी इस वरत को सॊऩनन कय शरी फाराजी की कऩा क ऩातर फन सकत ह इस वरत को सॊऩनन कय हभ अऩन सबी कषट दय कय सकत ह औय उचचत पर बी परापत कय

सकत ह

गोषवॊदगोषवॊदगोषवॊद

परथभोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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दषवतीम अधमाम

शरी षवशवालभतर उवाच

भहातऩ सॊऩनन साात शरी षवशवालभतर जी न हभ ऩय कऩा की औय परवचन कयत हए कहा- ldquoह कलरमग वालसमो शरीरनवास क बकतो ldquoशरीफाराजी वरत कथाrdquo सजस आऩ सॊऩनन कय यह हो वह फहत ही ऩषवतर ह भहहभा स ऩणि ह मह वरत कलरमग भ शरी नायामण जी की करणा औय दमा परापत कयन का अतमॊत सयर साधन ह पराचीन कार भ शरी फाराजी क षपरम बकतो न इस सॊऩनन कय अऩनी काभनाओॊ को ऩणि ककमा इस वरत कथा क फाय भ हभ फताकय शरी फाराजी न हभाय पररत जो दमा हदखाई ह उसक लरए हभ उनह परणाभ कयत ह

पराचीन कार भ भगध याजम भ षवषणचचतत नाभक एक बकत यहता था उसकी नौ कनमाएॉ थी षवदवान होन ऩय बी वह अतमॊत गयीफ था षवषणचचतत की ऩतनी तायाभरत हभशा नायामणजी की पराथिना कयती यहती थी षववाहाहद शबकामि सॊऩनन कय जो बी ऩस दकषणा क रऩ भ लभरत थ उसस व भसशकर स अऩना जीवन रनवािह कय

यह थ कनमाएॉ मौवनावसथा भ ऩदाऩिण कय चकी थी तायाभरत हभशा इसी चच ॊता भ यहती थी कक इन कनमाओॊ का षववाह ककस परकाय सॊऩनन होग वह फाराजी की पराथिना कयत हए सदा अऩना सभम गजायती थी

वह तो फाराजी की बकत थी औय फाराजी अऩन बकतो स अतमाचधक परभ कयत ह उस हदन भाघ ऩरणिभा थी सवय

एक वदध बराहभण न षवषणचचतत क दयवाज ऩय दसतक दी औय कहा - ldquoह सवाभी भ फॊग दश का वासी हॉ एक मऻ

क लसरलसर भ दसय दश जा यहा हॉ यासत भ महाॉ आमा हॉ भझऩय दमा कयो औय अऩन घय भ एक हदन क लरए

यहन दो कर सवयही भ महॉ स चरा जाऊॉ गाrdquo उन की फात सनकय षवषणचचततन कहा lsquoनाथ इसस फढकय खशी औय कमा हो सकती ह अरतचथ साात नायामण जी क सभान होत ह ऐस हभाय ऩयाणो भ कहा गमा ह आऩ बफना ककसी सॊकोच क हभाय घय भ यह सकत हlsquo ऐसा कह कय उसन उस बराहभण को घय क अॊदय फरामा औय उनका सतकाय ककमा

दोऩहय भ बोजन क फाद उस वदध न तायाभरत स ऩछा ndash ldquoभाता कमा फात ह तभ कछ चच ॊरततसी रगती हो बफना ककसी सॊकोच क फात फताओrdquo तायाभरत न कहा ndash ldquoसवाभी आऩ तो भहातऩसवी ह आऩ क भख का तज उस वकॊ ठवासी क सभान ह आऩ स कमा छऩाना भयी चचॊता भयी कनमाओॊ का षववाह हrdquo उस ऩय वदध न कहा- ldquoभाता तमहाया दख भ जानता हॉ तमहाय सबी कषट दय हो औय तमहायी कनमाओॊ की शादी हो इसक लरम भ एक अदभत वरत फताता हॉ सनो इस वरत को सॊऩनन कयन स तमहाय साय कषट दय हो जामग शरी फाराजी क वरतो भ स मह सफस सयर हrdquo कहत हए उनहोन उस दॊऩरत को ऩया वरत षवधान फतामा वरत षवधान

सनकय षवषणचचतत न कहा- ldquoसवाभी मह तो अतमॊत सॊतोष की फात ह इसस फढकय सौबागम औय कमा होगा

कहत ह ना- शबसम शीिॊ आज भाघ ऩरणिभा ह फहत ही शब हदन ह आऩक कथा अनसाय हभ आज ही इस वरत

को सॊऩनन कयगrdquo षवषणचचततन ऩतनी तायाभरत औय सबी कनमाओॊ क साथ लभरकय उस हदन शाभ भ ही अऩन

फॊध-लभतरो क साथ बसकत औय रनषठा स फाराजी वरत को सॊऩनन ककमा वहाॉ उऩससथत सबी रोगो न वरत ऩया होन क

फाद चयणाभत परसाद गरहण ककमा औय अऩन-अऩन घय परसथान ककमा तफ षवषणचचतत औय तायाभरत न बराहभण

क चयणो को नभसकाय ककमा औय आशीवािद परापत ककमा बराहभणोततभ न बी चयणाभत परसाद गरहण ककमा औय

कहा- ldquoआऩकी भनोकाभना ऩयी हो शरी रकषभी शरी फाराजी की कऩा होrdquo

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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अॊधया हो चरा था औय रनिा सभम आसनन था षवषणचचतत न उस बराहभण को एक पटी चादय दत हए आॉखो भ आस लरम कहा- सवाभी भ अतमॊत दरयिी हॉ इसस अचछी चादय भय ऩास नही ह भझ भा कय आज की यात इसी ऩय षवशराभ कय बराहभण भसकयात हए फोर- कोई फात नही भ फाहय फयाभद भ सो जाता हॉ कछ सभम फाद ही सबी रनिारोक भ षवचयण कयन रग आधी यात का सभम था बफजरी की गडगडाहट क साथ फारयश शर हई चायो ओय अॊधया था कहीॊ कछ नही हदखाई

द यहा था षवषणचचतत इस चच ॊता भ था कक वदध बराहभण फाहय कस सो यह होग उस सभम कछ सझ बी नही यहा था ककसी तयह उनहोन यात गजायी सवया हआ फारयश बी थभ चकी थी ऩरत-ऩतनी मही सोच यह थ कक बराहभण की कमा दशा हई होगी ककतना सहा होगा उनहोन मही सोचत हए वो फाहय आए उनह एक अदभत दशम हदखाई हदमा वहाॉ षवपरोततभ नही थ पहट हई चादय की जगह यशभ का षऩताॊफय यखा हआ था उस षऩताॊफय ऩय शरी फाराजी क

भतॉ ndash हदखाई दी व सफ कछ सभझ गम उनकी खषी का कोई हठकाना नही यहा उनक घय आम बराहभण औय

कोई नही साात शरी नायामणजी ही थ ह फाराजी कमा बागम ह हभाया ऩय हभ उनको ऩहचान नही ऩाम हभन उनको पटी हई चादय दी मह सोचत हए उनहोन शरी फाराजी की भतॉ को हाथ भ रकय आॉखो स रगामा औय

घय क अॊदय आम ऩया घय सोन स बया हआ था जहाॉ दखो वहाॉ धन याशी ह बगवान शरी फाराजी की वरत कथा की भहहभा स ही मह सफ सॊबव हो सका ऐसा कहत हए व बगवान की सतरत कयन रग आऩन दख साात शरी फाराजी ही उस बकत क घय आम थ वरत षवधान फतामा औय चयणाभत परसाद बी गरहण

ककमा शरी फाराजी फहत ही करणाभम ह जो बी इस वरत को बसकत औय रनषठा स कयगा उसक घय सवमॊ बगवान

ककसी ना ककसी रऩ भ आमग आऩ सबी इस वरत को सॊऩनन कय बगवान की कऩा परापत कय सकत ह शरी भहषषि षवशवालभतर जी न मह दषवतीम कथा इस तयह फताई

शरी रकषभी शरीरनवास कटाॊ लसषदधयसत

गोषवॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

दषवतीमोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ततीम अधमाम

शरी वलशषठ उवाच मह अधमाम भहातऩोरनषठ वरयषठ शरीवलशषठ भरन न शरीनायामणजी की कऩा स हभ षवसताय रऩ स फतामा ह ह कलरमग वालसमो शरीफाराजी क षपरम बकतो वकणठ भ रनवास कयनवार शरीनायामणजी आज क रतरभरा भ ससथत शरीफाराजी ही ह कलरमग वालसमो क कषट दय कयन क लरम बगवान आऩक फहत सभीऩ रतरभरा ऩहाड ऩय अवतारयत हए ह शरी फाराजी को खश कयन क लरए मह वरत उततभ ह औय सयर बी ह इस वरत को जो बसकत औय रनषठा स सॊऩनन कयता ह उस सबी सख परापत हो जात ह पराचीन सभम भ अवॊती दश भ बागमनगय नाभक एक नगय था नाभ क ही अनरऩ वहाॉ अनक धनवान (वमाऩायी) यहत थ ऩय व अऩनी सॊऩसतत को दख घभॊड कयत थ औय आभ रोगो को हीन दषटी स दखत थ धन-दौरत उनकी सवासजित ह ऐसा सोचकय घभॊड कयत थ बगवान की रनतम ऩजा-ऩाठ तो उनहोन ऩहर ही छोड दी थी कभ स कभ षवशष हदनो भ बी व ना भॊहदय जात ना ऩजा कयत ना ही दीऩ जरात एक हदन सबी धनवान अऩनी-अऩनी ऩतनीमो क साथ परीरत बोज भ वमसत थ उस नगय की ऩवि हदशा भ ही शरी रकषभी नायामण जी का भॊहदय था जहाॉ दीऩ जरानवारा कोई नही था उस हदन षवशष एकादशी थी सजस एक ऩवि हदन बी भाना जाता ह ऩय उस नगय क एक बी धनवान क भन भ भॊहदय भ ऩजा कयन का षवचाय नही आमा शाभ होत-होत आकाश भ घन फादर छा गम औय भसराधाय फारयश होन रगी वमाऩारयमो क घय ऩानी स बय गम चायो ओय अॊधकाय ह अॊधकाय था सवय होन तक ऩया नगय ऩानी भ डफ गमा वमाऩारयमो क घय टट-पट गम उनका साया ऐशवमि सभापत हो गमा ऐसा उऩिव कमो भचा मह पररम कस हो गमा ककसी को कछ बी सभझ भ नही आ यहा था इतन भ उनह एक षवचचतर दशम हदखाई हदमा नगय क फाहय जो झोऩडडमाॉ थी व तो वसी की वसी थी उनको आशचमि हआ इतनी फारयश भ बी म कस सही सराभत यही व ऐसा भन ही भन सोच यह थ कक इतन भ बफजरी कडकी औय आकाशवाणी हई ldquoए भखो तमहायी सॊऩसतत तमहायी अऩनी ह सवासजित ह ऐसा सोचत थ इसी लरम ऐसा हआ ह इस झोऩडी भ यहनवारा दव भया षपरम बकत ह आभ आदभी होन ऩय बी दव रनतम तमहाय नगय भ ससथत शरी रकषभी नायामण

भॊहदय भ दीऩ जराता था इतना ही नही हय एकादशी क हदन मथा सॊबव वह शरी फाराजी वरत कथा बी सॊऩनन कयता था इसी लरम इन झोऩडीमो भ यहनवार सबी रोग सयकषत यह आऩ सबी महद वरत सॊऩनन कयग तो अऩन-अऩन

ऐशवमि को ऩन परापत कय सकत होrdquo आकाशवाणी सनत ही तयॊत व सबी रोग उस भॊहदय भ गम औय जस

सॊबव हो सका वस सबी रोगोन एक-दसय क सहमोग स शरी फाराजी की वरत कथा सॊऩनन की ऐसा कयत ही सबी को उनक घय ऩवि रऩ भ ही परापत हो गम तफ स व सबी शरीफाराजी क बकत फन गम औय हय एकादशी को शरीफाराजी का वरत सॊऩनन कयत औय सख-शाॊरत परापत कय यहन रग अॊत भ उनहोन भसकत बी परापत की

शरीवलशषठजी न इस परकाय म कथा सनाई

गोषव ॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

ततीमोधमाम सभापतॊ |

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ

शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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चतथव अधमाम

शरी बयदवाज उवाच

शरीनायामण जी को ldquoशरीफाराजी वरत कथाrdquo अतमॊत षपरम ह चतथि अधमाम क रऩ भ हभाय साभन शरी बयदवाज

भरनदवाया फतामी नमी कहानी इस परकाय ह- ldquoह कलरमगवालसमो शरी नायामण क षपरम बकतो आऩ सजस वरत को सॊऩनन कय यह ह वह अदभत ह आऩकी भनोकाभनाओॊ को ऩणि कयन का साधन ह शरी फाराजी को परसनन कयन का मह अतमॊत सयर उऩाम ह आऩ सबी ऩय कऩा कयन क लरम ही वकॊ ठवासी बगवान शरीरनवास क रऩ भ रतरभरा ऩहाड ऩय अवतरयत हए ह अनक जनभो क ऩणमपर स ही रतरभरा ऩहाड ऩय ऩय यखन का सौबागम परापत होता ह औय बगवान क दशिन बी सॊबव होत ह इसी तयह इस ldquoवरतकथाrdquo को सॊऩनन कयन का सॊकलऩ बी ऩविजनभ क

ऩणमपर स ही सॊबव होता ह जो वमसकत इस वरत को सॊऩनन कय यह ह मा जो इस कथा को सन यह ह मा जो बगवान क परसाद को गरहण कयत ह उनह बगवान की कऩा परापत होती ह औय व सौबागम बी ऩात ह

पराचीन कार भ ldquoनगयीrdquo नाभक एक गराभ भ धनगपत नाभ का वमाऩायी यहता था वह फहत ही रारची था ऐशवमि परापत कयन ऩय बी उसका रारचीऩन कभ नही हआ मह सभसत ऐशवमि उसका ही कभामा हआ ह ऐसा सोचकय वह फहत घभॊड कयता था अहॊकाय भनषम का नाश कयता ह

धनगपत की ऩतनी काॊरतभती अतमॊत बसकत बावना यखती थी औय रनषठा स बगवान की ऩजा कयती थी उनकी तीन कनमाएॉ थी तीसयी कनमा ldquoकभायीrdquo भ बसकत बावना जमादा थी वह हभशा फाराजी का नाभ ही जऩती यहती थी षऩताजी को बफना फताम वह जफ-तफ शरी फाराजी क भॊहदय भ जाती थी औय बगवान क दशिन कयती थी घय आकय षऩताजी को छोड अनम सबी क साथ परसाद सवीकाय कयती थी ऩती क ऐस वमवहाय स

काॊरतभती थोडी चच ॊरतत होती थी

एक हदन ldquoकभायीrdquo की सहरी क घय ऩय ldquoशरी फाराजीrdquo का वरत सॊऩनन हो यहा था मह जानकय वो वहाॉ गई वरत ऩया होन तक दोऩहय हो चकी थी थोडासा परसाद उसन गरहण ककमा औय थोडा वह अऩन घयवारो क लरम एक

कागज की ऩडी भ रकय चरी फीच यासत भ उस पमास रगन रगी धऩ बी फहत तज थी उसन सोचा थोडी दय रक

कय पमास फझाकय कपय चरॉ तो ठीक यहगा तबी उस माद आमा कक उसक षऩता की दकान अगरी गरी भ ही तो ह वहाॉ जाकय उसन षऩताजी को ऩजा की फात बफना फताम षऩताजी स ऩानी भाॉगकय षऩमा औय षऩताजी गससा कयग

इस डय स उसन जलदी-जलदी ऩानी षऩमा इस घफयाहट भ परसाद की ऩडी वही दकान भ बरकय चरी गई

एकाएक फाजाय भ हडकॊ ऩ भच गमा रोग हाहाकाय भचात हए इधय-उधय बागन रग आगजनी क कायण उस गरी की सायी दकान जर कय याख होन रगी वस बी दोऩहय का सभम थाउस ऩय गभि हवाएॉ चर यही थीधनगपत का शयीय डय क भाय काॉऩन रगा ldquoकछ ही सभम भ उसकी दकान बी जर कय याख हो जाएगीrdquo इस षवचाय स उस क हाथ-ऩय काॉऩन रग सबी रोग अऩनी-अऩनी दकानो स फाहय आकय इधय-उधय बागन रग ऩय

धनगपत वही खडा यह गमा दकान छोडकय जान का भन नही कय यहा था महद वो दकान भ यहगा तो जरकय

याख हो जामगासोचत हए उसन घफयाहट भ उसक हाथ रगी ऩडी को उठामा औय बफना सोच सभझ जो हाथ आमा वो भॉह भ डार हदमा उस कछ भीठा-भीठा सा ऩदाथि रगा औय भन बी शाॊत होन रगा

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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तबी एक अदभत घटना घटीआग धनगपत की दकान तक आकय रक गमी आग की रऩत वहाॉ नही आ ऩामी मह कसी षवचचतर फात हम कसी भामा ह धनगपत क भॉहस एक बी फात नही रनकर ऩामी उधय आगजनी की खफय सनत ही ऩतनी काॊरतभती अऩन कनमाओॊ क साथ फाराजी का सभयण कयत हए दौडती हई वहाॉ आ गमी आग उनक दकान तक आकय कस रक गमी मह दखकय उस आशचमि हआ तबी कभायी को दकान भ बरी हई ऩडी की माद आई धनगपत को सभझन भ दय नही रगी कक उसन जो चीज भॉह भ डारी थी वो औय कछ नही तो बगवान का परसाद ही था औय उसकी भहहभा स ही व इस दघिटना स चक गम धनगपत न शरीफाराजी स भा भाॉगी गार फजाम शाभ भ ही नगयवालसमो को फराकय ldquoशरीफाराजी की वरत कथाrdquo सॊऩनन की तफ स वह बगवान की सवा भ रीन हो गमा औय अॊत भ भो बी परापत की आऩन दखा कक कवर परसाद गरहण कयन स ही वो ककतनी फडी दघिटना स चक गमा फाराजी की भहहभा अदभत ह आऩ सबी बी मथा सॊबव वरत को सॊऩनन कय क बगवान की कऩा परापत कय सकत हldquo

शरीबयदवाजजी न इस परकाय मह चतथि कथा सनामी

गोषवॊदगोषवॊदगोषवॊद

चतथोधमाम सभापतॊ |

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ऩॊचभ अधमाम

शरी अतरतर उवाच

रतरभरा-रतरऩती बरोक का वकणठ धाभ ह ऩयाणो भ फतामा गमा ह कक रतरभरा क सभान ऩषवतर सथर औय शरी फाराजी जस दवता न तो ऩहर कबी हए ह औय न कबी होग शरीरनवास क रऩ भ अवतरयत शरी नायामण अऩन

बकतो स फहत परभ कयत ह जो उन ऩय अऩना ऩया बाय डारकय उनह रनतम सभयण कयत ह जो सदाचाय स ऩणि जीवन बफतात ह वो उनकी या कयत ह ऐस शरीफाराजी को परसनन कयन का सफस सयर उऩाम ह ndash ldquoशरीफाराजी की वरत कथाrdquo

इस अदभत वरत कथा क फाय भ भहातऩसॊऩनन शरी अबतर भहषषि न कऩा कयत हए कहा ह- ldquo ह फाराजी क षपरम

बकतो कलरमग भ आऩक सौबागम क फाय भ कमा कहना कतमग तरतामग औय दवाऩायमग भ अतमॊत कठोय तऩ-

जऩ कयन ऩय बी परसनन न होन वार शरी नायामण इस मग भ कवर नाभसभयण स ही आऩ रोगो ऩय कऩा कय यह

ह षवशवास क साथ उनह फरान ऩय व तयॊत कऩा परदान कयत ह ऐस करणाभम ह शरीफाराजी ऩषवतर रतरभरा ऩय

तमहाया यखा हय कदभ अनक जनभो क ऩणमपर क सभान ह

पराचीन कार भ ldquoकौभायrdquo दश भ ldquoलभतरrdquo नाभक धोफी यहता था वो अऩन काभ क साथ-साथ धालभिक कामि कयता हआ जीवन रनवािह कय यहा था उसकी अऩॊगता ही उसकी चच ॊता थी इसी कायण धोए हए कऩडो की ऩोटरी फनाकय घय-घय घभकय उनह रोगो तक ऩहॉचाना उस धीय धीय भसशकर रगन रगा उसका ऩरयवाय फडा था बफना भहनत ककए उस बय ऩट खान को बी नही लभरता था हभशा वो शरी फाराजी की ऩजा कयता यहता था कबी ना कबी बगवान उस ऩय कऩा कयग इसी षवशवास स वो अऩना जीवन गजाय यहा था बकतो ऩय कऩा कयन वार फाराजी सफ कछ दखत यहत ह जो वमसकत अऩन कभो स भकती ऩाता ह उनक ऩास आकय फाराजी ककसी न ककसी रऩ भ आकय उनकी या कयत ह एक हदन शाभ क सभम हभशा की तयह लभतर कऩड धोकय कऩडो की ऩोटरी राद धीय-धीय चरता हआ आ

यहा था फीच यासत भ उस एक वदध बराहभण हदखाई हदम गौयव की बावना स फड होन क कायण लभतर न अऩन कॊ ध

ऩय रदी हई ऩोटरी को नीच उतायकय वदध बराहभण को नभसकाय ककमा तफ उस षवपरोततभ न कहा- ldquoतभ अऩन इस ऩय क कायण ककतना कषट सह यह हो तमहाया दख दखा नही जाताrdquo तफ लभतर न कहा-ldquoह नाथ आऩ फजगि ह बयाऩया ऩरयवाय होन क कायण भझ इस काभ स भकती नही लभर यही ह ककसी तयह भयी म अऩॊगता दय हो ऐसा कोई उऩाम फताइएrdquo

तफ बराहभण न कहा-ldquoसनो बाई भ जरय फताऊॉ गा धमान स सनो भ एक ऐस वरत क फाय भ फताता हॉ सजस सॊऩनन कयन स तमहायी अऩॊगता दय हो जाएगी तमह अषट ऐशवमो की परासपत होगी वरत सॊऩनन कयत ही तमह हजाय अशकपि माॉ लभरगी ऩय एक शति ह उसभ स आध तभ भझ दोगकर भ कपय इसी सभम महाॉ लभरॉगाrdquo तफ लभतर न कहा- ldquoसवाभी इसस फढकय सौबागम औय कमा हो सकता ह आज ही इस

वरत क फाय भ फताइए भ उस सॊऩनन करॉ गाrdquo लभतर क उतसाह को दख वदध न शरी फाराजी वरत कथा क फाय भ फतामा

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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लभतर दगन उतसाह क साथ घय आमा ऩयी कहानी ऩतनी को फतामी औय अडोस-ऩडोस क साथ लभरकय शरी फाराजी वरत को सॊऩनन ककमा चयणाभत परसाद गरहण ककमा घय आए सबी रोगो को बी हदमा तबी घय क फाहय कछ

कोराहर सनाई हदमा लभतर का फटा फाहय स दौडता हआ आमा औय फोरा- ldquoषऩताजी षऩताजी याज-यक आऩक लरम आए ह याजा न आऩक लरम बट बी बजी हrdquo इतन भ यक बी वहाॉ आ गम उनहोन फतामा कक उसकी रनमसकत याज दयफाय भ धोफी क रऩ भ हो गमी ह याजा न हजाय अशकपि माॉ ऩयसकाय सवरऩ बजी ह ऐसा कहकय उनहोन लभतर क हाथ भ हजाय अशकपिमो की ऩोटरी यख दी एक हफत क अॊदय-अॊदय

उस आकय नौकयी भ बतॉ होन को बी कहा लभतर क आनॊद की सीभा नही थी एक हफता कमो कर ही कमो नही सोचकय उसन अऩनी ऩोटरी-वोटरी फाॉधी औय दसय हदन सवय ही वो जान को तमाय हो गमा इस जलदफाजी भ वह

उस वदध की फात बर गमा फीच यासत भ उस उसकी फात माद आ गमी ऩय ठीक हअगर भहहन लभर रता हॉ सोच

कय वह याज दयफाय भ अऩन काभ ऩय रग गमा हदनभहहन फीत बराहभण क वश भ आए बगवान को गससा आमा बगवान न सोचा भनषम की परवसतत ऐसी ही होती ह उस भझ अऩनी भहहभा फतानी होगी

दसय ही हदन याणीवास स आबषण चोयी हो गम चोयी का इलजाभ लभतर ऩय आमा लभतर को कायावास की सजा हई hellipयाज यकोन उस तयह-तयह की मातनाएॉ दी ऐसा कमो हआउस ऩय मह इलजाभ कमो रगा सोचत हए लभतर को यात को सऩन भ बगवान हदखाई हदम उनहोन फतामा कक ldquoवदध बराहभण क रऩ भ व ही आम थ वो अऩनी फात स भकय गमा इसलरम म सफ हआ हrdquo तफ लभतर न कहा-ldquoह नाथभ ऩाऩी हॉ भन फहत फडा ऩाऩ ककमा ह कऩमा भझ ऩय दमा कीसजम अफ भ हय भहहन आऩका वरत सॊऩनन करॉ गा भयी आम का आधा बाग जीवन बय आऩको सभषऩित करॉ गाrdquo गार फजाकय उसन बगवान की हय तयह स पराथिना की बकतो की ऩकाय सननवार बगवान न खशी-खशी लभतर ऩय कऩा कय दी बगवान की कऩा स याणी क आबषण दसयही हदन लभर गम याजान म बी जान लरमा कक लभतरन चोयी नही की थी लभतरको कायावास स रयहा कय हदमा गमा तफ स लभतर बगवान को हदम वचन अनसाय हय भहहन शरी फाराजी का वरत सॊऩनन कयन रगा औय अऩनी आम का आधा बाग बगवान को अषऩित कयता यहा सख ऩणि जीवन बफतात हए उसन अॊत भ भो बी परापत ककमाrdquo

शरी अबतरजी न ऐसा कहकय ऩाॉचव औय आखयी अधमाम को सभापत ककमा

गोषवॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

ऩॊचभोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

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faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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खतभ हई भन दखा कक भय भाथ ऩय हटका रगा हआ था वो कभकभ नही था वो गॊध था भयी गदिन ऩय उसी गॊध स नाभार आमा था इसक फाद भय ऩती हभायी फटीक साथ फाहय क कभय भ खर यह थ औय भ यसोईघय भ काभ कय यही थी अचानक स ऩजाघयभ तीन चॊदन की अगयफसततमाॉ जरन रगी उसकी खशफ स साया घय कछ ही लभरनटोभ भहक उठा ससबजमाॉ लभराम हए चावर आज नवदम भ थ बगवान न म नवदम खा लरमा उसी हदन शाभ को आयती की थारी सजी थी हदम भ घी क साथ फाती थी ऩजा की सायी तमायी थी हभन कार अॊगय का नवदम अऩिण ककमा ऩय बगवान न नही खामा सपटफय २६ २०१० आज सफह औय दोऩहय का नवदम बगवान न नही सवीकाया शाभ को कछ पर बगवान क साभन यख उनस पर खान क लरम पराथिना की औय घय स फाहय रनकर घय स ४-५ ककरोभीटय दय गम नही तफ भय भॉह भ अॊगय आम घय जाकय दखा तो नवदम क परो भ स अॊगय कभ हए थ सपटफय २७ २०१० आज हभन बगवान को कछ सफ अऩिण ककम बगवान न एक टकडा खामा औय एक भय भॉह भ एक आमा शाभ को हभन कछ कर यख एक ततीमाॊश करा भय गर स फाहय आमा इस कर को कही बी दाॉत नही रग थ वसा ही था जस हभ रछरक स रनकारत ह ऩजाघयभ जाकय दखातो एक ततीमाॊश करा वहाॉ नही था फच हए कर क फाम फाज भ एक शहद का फॉद था षऩछर तीन हफत स बगवान की भतॉ स शहद का फहना रगाताय चर यहा ह ऑकटोफय १० २०१० आज हभन बगवान क साभन सफ यखा उसक फाद भ यसोईघय भ खाना ऩकान भ वमसत हो गमी अचानक स ऩजाघय स भझ भीठी भहक आन रगी अॊदय जाकय हभन जो दखा उसऩय षवशवास यखना कठीन था सऩन भ बी हभ म फात नही सोचत सफ तो वस का वस था ऩय उसक फाज भ रतरऩती का रडड था हभन रतरऩती का रडड ऩहर कई फाय खामा ह ऩय इतना गभि रडड ऩहर कबी नही खामा था हभायी ऊॊ गलरमो ऩय रगा हआ घी साप साप नजय आ यहा था रचच की फात तो ऩरछए भत

भय जसी साभानम घयर औयत क लरम म ऩसतक ldquoशरी फाराजी की रीराएॉrdquo लरखना कोई आसान फात नही थी कलरमग क दवता शरीवकटशवय औय दवी ऩदमावती की आलशवािद स ही सॊबव हो ऩामा ह भय ऩती ऋषषकश न म ऩसतक लरखन क लरम परोतसाहहत ककमा सवमॊ उनहोन इस ऩसतक का इॊसगरश भ अनवाद ककमा भ भयी फटी नहा का बी धनमवाद कयना चाहती हॉ शरी वकटशवय वरत क रखक शरी रतमभयाज षवशवऩरत याभकषण भरत ि क भनऩविक आबाय भानती हॉ भ बगवान स मही पराथिना कयना चाहती हॉ कक सजन सजन रोगो न म ऩसतक फनान भ भयी सहामता की भयी फात धमान स सनी उनऩय आऩकी कऩा फनी यह भयी सरदम सहदचछा ह जो कोई म वरत बसकत स सॊऩनन कयगा उस बगवान की कऩा का राब जरय होगा

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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रलरता ऋषषकश

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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शरी वकटशवय भॊतर

कलरमग क दवता सवमॊ शरी वकटशवयन वदो भ स कछ भॊतर भझ फताम ह उनभ स म भॊतर हय योज ऩजा क वकत

ऩढन स सचची बसकत ऩान क लरम भदद कयगा

भयारयसवक जयाहदऩीडडत रनयाचथिजीवन रनयाश बसय

वयारतसनदय सयाॊगनायरत कयाॊगसौषठव कभायताकरत

कभाय तायक सभाऩनोदम तननऩातक भहाऩदाभम

षवहाऩनोहदत सकरबवन षवहदत कभायधायालबधान तीथािहदसषटतसम

धयणीतर गत सकर हतकलरर सबासलरर गतफहर

षवषवधभर अरतचतय रचचयतय षवरोकनभातर षवदलरत

षवषवधभहाऩातक सवाभीऩषकरयरण सभतसम

जो बकत इस भॊतर का हय योज ऩठन कयगा वो आयोगमऩणि औय सभदध जीवन वमरतत कयगा

रलरता ऋषषकश

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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कलमाण वकटशवय सवाभी

ऩजा की साभगरी ६ नारयमर ndash १ करश क लरम औय ५ ऩाॉच अधमामो क लरम

१ वसतरभ (रई का फना हआ हाय) १ करश १ नम परन कऩड का टकडा (रगबग एक भीटय)

हलदी औय कभकभ अता अगयफतती कऩिय (आयती क लरम)

बफड क ऩान मा आभ क ऩतत ( ३ ndash ५ करश क लरम २ षवनामक की ऩजा क लरम)

पर तरसी ऩॊचाभत (दध दही घी भध औय चीनी ) गणश क नवदम क लरम छोटा गड का टकडा वरत क नवदम क लरम गहॉ का यवा घी षऩसी हई चीनी करा षऩसी हई इरामची यवा घी भ बनकय ठॊडा होनऩय उसभ कर क टकड चीनी औय इरामची डार म यवा दध मा ऩानी भ नही ऩकामा जाता

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वरत की षवधी शरी रतमभयाज षवशवऩरत याभकषण भतॉ दवाया

कलरमग भ शरी फाराजी की कऩा ऩान क लरम इस वरत को सॊऩनन कयना अतमॊत आसान ह इस वरत को सॊऩनन

कयन क तयॊत फाद सबी कषट दय हो जात ह इस वरत की षवधी अतमॊत सयर ह सजस भझ वकॊ ठवासी नायामण जी न

सवमॊ फतामी ह कोई बी वमसकत कही बी कबी बी इस वरतको सॊऩनन कय सकता ह आचथिक कहठनाईमाॉ हो मा सवासम सॊफॊधी कोई सभसमा हो भन अशाॊत हो मा अनम कोई बी कायण हो इस वरत क सॊऩनन स ही कषट दय हो जात ह महद आऩन अऩन घय भ कोई शब कामि कयन का रनशचम ककमा हो तफ बी इस वरत को सॊऩनन कय सकत

ह नौकयी औय वमाऩाय भ उननरत क लरम बी वरत सॊऩनन कयन स तयॊत पर की परासपत होती ह

इस वरत को सॊऩनन कयन क दो षवधान ह

परथभ षवधान

इस वरत को ऩहर फताम अनसाय ककसी बी सभम सॊऩनन कय सकत ह भखम रऩ स भागिशीषि भाघ कारत िक भहहनो भ ऩरणिभा ऩॊचभी सपतभी एकादशी रतचथमो भ शरवण सवातीनतरो भ इस सॊऩनन कयना अचछा होता ह सवय हो मा शाभ इस वरतको सॊऩनन कय सकत ह

इस वरत भ ऩाॉच अधमाम ह ऩहरा अधमाम साात शरी फाराजी की कऩा स लरखा गमा ह अनम चाय अधमाम भहा तऩसवी शरी षवशवालभतर वलसषठ बयदवाज औय अबतर भहाभरनमो क दवाया फतामा गमा ह अऩन सवगह भ हो मा रनवास सथान भ बगवान का भॊहदय हो मा अनम कोई बी ऩषवतर सथान नदी तट ऩय बी इस सॊऩनन कय सकत ह

महद सॊबव हो सक तो अऩन फॊध-लभतरो क साथ इस सॊऩनन कय सफस ऩहर सजस जगह ऩय आऩ कयना चाहत ह उस

साप कय उसक फाद भॊडऩ तमाय कयक उसभ शरी फाराजी की तसवीय यख शरीदवी बदवी क साथ फाराजी की तसवीय को यखना शरषठ होगा तसवीय क साथ एक रऩम का लसकका यख उसक फाद करश की सथाऩना कय

सविपरथभ हलदी स फन क गणश की ऩजा कयनी चाहहम ताकक वरत बफना ककसी षवघन क सॊऩनन हो सक फाद भ वरत

कथा क ऩाॉच अधमाम ऩढ सवमॊ बगवान कहत ह कक जो वमसकत रनषठा औय बसकतस इस सॊऩनन कयता ह वहाॉ बगवान सवमॊ ककसी ना ककसी रऩ भ आकय परसाद सवीकाय कयत ह

दषवतीम षवधान

साात बगवान न एक औय भखम फात म बी फताई ह कक महद ककसी कायण कोई सभसमा हो औय वरत कयन क लरम

सभम न लभर मा ककसी कायणवश सॊबव न हो यहा हो तो अकर फठकय बी इस वरत को सॊऩनन ककमा जा सकता ह

शरी फाराजी क भॊडऩ क साभन फठकय सफस ऩहर गणश जी की पराथिना भन ही भन कय कपय अषट हदकऩारको नवगरह दवताओॊ का भन ही भन नभन कय तरसी दर नारयमर उऩरबध पर-पर थारी भ यख फाराजी को सभयण कयत हए वरत कथा का भन ही भन ऩठन कय नारयमर बगवान को अषऩित कय इस परसाद क रऩ भ सवीकाय

कयन स सबी कषट तयॊत दय हो जात ह हय कथा क अॊत भ नारयमर सभषऩित कय भहापरसाद क रऩ भ गहॉ का यवा

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(दलरमा) चीनी डारकय हरवा जस फनाम उसक ऊऩय करा बी यख हय कथा क अॊत भ गोषव ॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

तीन फाय कह कय पराथिना कय

फाराजी को तरसी दर अरत षपरम ह इसी लरम ऩजाभ तरसी दरो को यखना शरषठ होगावरत सॊऩनन होन क फाद

तरसी दरो को परसाद क रऩ भ सवीकाय कयन स योगरनवायण होन क साथ साथ अषट ऐशवमो की परासपत होती ह वरत की सभासपत ऩय नारयमर सभषऩित कयक उनक टकड फनाकय परसाद क रऩ भ बगवान को सभषऩित कयन स वहाॉ उऩससथत सबी रोगो को दकय कपय उस सवीकाय कयन स ऩणम परापत होता ह इस वरत को षवधीऩविक करश सथाऩना क साथ षवसताय स सॊऩनन कय अगय सॊबव न हो तो ऊऩय फताम दषवतीम षवधान क अनसाय बी कय सकत ह एक फात हभ सबी को माद यखनी चाहहम हभायी जो बी सभसमाएॉ ह व सजतना बगवान जानत ह औय कोई नही जान सकता ह इसीलरम उस करणाभम की पराथिना कय सॊकलऩ कय वरत सॊऩनन कयन स भनोकाभना रनसशचत ही ऩयी हो जाती ह सबी कषट दय होकय अषट ऐशवमो की परासपत होती ह

सभसत सनभॊगरारनबवॊत शरी रकषभी शरीरनवास कटा लसषदधयसत

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शरी वकटशवय वरत कथा शरीगणऩती धमानभ

वकरतणड भहाकाम कोहटसमिसभपरब रनषविघनभ करभ दव सविकामष सविदा शकरामफयधयभ शलशवणिभ चतबिजभ परसनन वदनभ धमामत सविषवघनोऩशाॊतम

तदव रगनभ सहदनभ तदव तायाफरभ चॊिफरभ तदव षवदमाफरभ दवफरभ तदव रीऩत तरिमगभ सभयालभ

आचभनभ

ॐ कशवाम सवाहा ॐ नायामणाम सवाहा ॐ भाधवाम सवाहा

ॐ गोषवॊदाम नभ ॐ षवषणव नभ ॐ भधसदनाम नभ ॐ बतरषवकरभाम नभ ॐ वाभनाम नभ ॐ शरीधयाम नभ

ॐ रषषकशाम नभ ॐ ऩदमानाबाम नभ ॐ दाभोदयाम नभ

ॐ सॊकषिणाम नभ ॐ वासदवाम नभ ॐ परदममनाम नभ ॐ अरनरधदाम नभ ॐ ऩरषोततभाम नभ ॐ अधोजाम नभ

ॐ नयलसॊहाम नभ ॐ अचमताम नभ ॐ जनादिनाम नभ ॐ उऩिाम नभ ॐ हयम नभ ॐ शरीकषणाम नभ

बतोचचाटनभ

उसततषटॊत बतषऩशाचचा एत बलभबायका ऐतशाभषवयोधन बरहभकभि सभायब

पराणामाभभ

ॐ ब ॐ बव ॐ सव ॐ भह ॐ जन ॐ तऩ ॐ सतमभ ॐ ततसषवतय-वयणमभ बगो दवसम धीभहह चधमो य़ो न परचोदमात ॐ आऩो-जमोरत-यसोवतभ बरहभ बबिवससवयोभ

भभ उऩातत दरयतामदवाया शरी ऩयभशवय परीतमथिभ शब शोबन भहत शरी भहाषवषणो आगनमा परवत भानसम आदमबरहभण दषवतीम ऩयाथ शवत वयाहकलऩ ववसवत भनवनतय कलरमग परथभऩाद जमफदवीऩ बयतवष बायत खनड भयो दकषण हदगबाग शरीशरसम hellip(जहाॉ ऩजा कय यह ह उस गाॉव का नाभ)परदशाम कषणा गोदावयी भधमबाग सव-शोबन गह सभसत दवता बराहभण हरयहय ससननधौ अससभन वतिभान वमवहारयक चानिभानन सवससतशरी परबवाहद नाभ सॊवतसय भधम सॊवतसय अमन ऋतौ (आज का भहहना)भासाम (शकर मा कषण)ऩाम (आज की रतथी)रतथौ (आज का हदन)वासय शबनतर शबमोग शबकयण एवॊ गण षवशषण षवलशषटामाभ

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शबरतथौ शरीभान(अऩना औय ऩरयवाय क सबी सदसमो क नाभ) गोतर (अऩना गोतर) नाभधम धभिऩतनी सभतसम असभाकभ सहकटॊफानाभ भ सथमि धमि षवजम आमय-आयोगम

ऐशवमि-अलबवधमथिभ धभािथि काभभो चतषविध ऩरषाथि पर लसदधमथिभ भभोऩातत दरयताम दवाया शरी ऩयभशवय परीतमथिभ शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरी वकटशवय दवता भडडडषम शरी वकटशवय वरतकलऩ करयषम िव सॊबवरदभ ऩदाथ सॊबवता रनमभन मावचचसकत धमाना वाहनाहद षोडषोऩचाय ऩजाभ करयषम (ऩानी को हाथ रगाम)

तदॊग करशायाधनभ करयषम (सवाभीजी की दामीॊ ओय करश यख उसभ गॊधभ ऩषऩभ कॊ कभ औय अता डार कपय आग लरख हए शरोक ऩढ) शरोकॊ करशसम भख षवषण काॊत रि सभाचशरता भर ततर ससथतो बरहभा भधम भातगणाचशरत कौत सागया सव सपतदवीऩ वसॊधया ऋगवदोत मजवद साभवदोहमथविणा अॊगशच सहहता सव करशाॊफ सभाचशरता करश गॊधऩषऩाताभ रनकषपतम हसतनचचादम आऩो वा इदभ सव षवशवबतानमाऩ पराणवा आऩा ऩशव आऩोननाभाऩोभता भाऩा समरादऩो षवयाडाऩा सवयाडाऩशचॊडाभ समाऩो जमोरतभ शमाऩो मजोभशमाऩ ससतमाभाऩ सवाि दवता आऩोबबिवसव याऩ ॐ (करश भ ऩानी बय औय उसभ तरसी क ऩतत डार) शरोकॊ गॊग च मभन च कषण गोदावयी सयसवरत नभिद लसॊध कावमो जरससभन ससननचधभ कर कावयी तॊगबिा च कषणवणी च गौतभी करशोदकन दवातभानभ ऩजािवमारन च समपरोकषमा (करश भ एक पर डफोकय उसस सवाभीजी ऩय ऩजा की साभगरी ऩय औय आऩ ऩय ऩानी रछडक )

शरी गणऩती पराथवना शकराॊफयधयभ षवषणभ शलशवणिभ चतबिजभ परसननवदनभ धमामत सविषवघनोऩशाॊतमत

आदौ रनषविघनन वरत ऩरयसभापतभ गणऩती ऩजाभ करयषम

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अथ गणऩती ऩजा ॐ गणानाभ तवागणऩतीभ हवाभह कषवॊ कवीनाभऩा भसशरवसतवभ जमषठयाजभ बरहभणाभ बरहभणसऩत आनशशरणमनततलब सीदसाधनभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ धमामालभ धमानभ सभऩिमालभ

आवाहमालभ यतनलसॊहासनभ सभऩवमालभ ऩादमौ ऩादमभ सभऩवमालभ

हसतौ अरघमवभ सभऩवमालभ भख आचभनीमभ सभऩवमालभ

आऩोहहषटाॊमोबवसतान ऊजधदातन भहयणाम चस मो वत लशवत भोयससतसम बाजमतहन उषतीरयना भातय तसभायभ गभाभवो मसमामाम जजॊधव आऩोजनमाधाचन

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash शदधोदक सनानॊ सभऩिमालभ

सनानाॊतयभ शदध आचभनभ सभऩिमालभ

अलबवसतरात वसनानमाय शलबदनतस दघा ऩजभान अलबचॊदरा बताव व नो हहयणमाभमशवनयततनोदव सोभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash वसतरमगभभ सभऩिमालभ

मऻोऩवीतभ ऩयभॊ ऩषवतरभ परजाऩत मत सहजभ ऩयसतात आमषमॊगरमभ परततभचच शभरॊ मऻोऩवीतभ फरभसत तज

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash मऻोऩवीतभ सभऩिमालभ

गॊधदवायाभ दयाधषावभ तनतमऩषटान करयषषणीभ

ईशवयीभ सववबतानाभ ता लभहोऩवहम शरशरमभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash हदवम शरी चॊदनॊ सभऩिमालभ

आमन त ऩयामण दवाव योहॊत ऩजषऩणी हदाशच ऩॊडयीकाणण सभदरसम गहा इभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash दवािहद नानाषवध ऩषऩारण सभऩिमालभ

अथ शरी षोडषनाभ ऩजा ॐ सभखाम नभ

ॐ एकदॊताम नभ

ॐ कषऩराम नभ

ॐ गजकरणिकाम नभ

ॐ रमफोदयाम नभ

ॐ षवकटाम नभ

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ॐ षवघनयाजम नभ

ॐ गजाचधऩतम नभ

ॐ धभकतव नभ

ॐ गणाचधाम नभ

ॐ पारचॊिाम नभ

ॐ गजाननाम नभ

ॐ वकरतॊडाम नभ

ॐ शऩिकणिकाम नभ

ॐ हयमफाम नभ

ॐ सकॊ दऩविजाम नभ ॐ सवािलससधद परदामकाम नभ ॐ भहागणाचधऩतम नभ

नानाषवध ऩरयभर ऩषऩारण सभऩिमालभ

वनसऩतमबवव हदव नाना गॊध स सममतभ आघरम सववदवानाभ धऩोमभ परततगहमताभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash धऩभािाऩमालभ

साजमभ बतरवतॉ सॊमकताभ वसहनना मोसजतभ षपरमभ

गहाणा भॊगरभ दीऩभ तररोकमरतलभयावहभ

बकतमादीऩभ परमचछालभ दवाम ऩयभातभन

तराहहभाभ नयकादघोयाद हदवमजमोरत नभोसतत

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash दीऩभ सभऩिमालभ

धऩ दीऩाॊतयभ आचभनीमभ सभऩिमालभ

नवदमभ

(गड का छोटा टकडा थारी भ यख कय उसक सबोवतार ऩानी रछडक) ॐ बबव सव ॐ ततसषवतयवयणमभ बगो दवसम धीभही चधमोमोन परचोदमात सतमभ तवतन ऩरयषषॊचालभ (यात भ ldquoऋतॊ तवा सतमन ऩरयषषॊचालभrdquo ऐस कह)

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash नवदमभ सभऩिमालभ

अभतभसत अभतोवतसयणभलस

ॐ पराणाम सवाहा ॐ आऩानाम सवाहा ॐ वमानाम सवाहा ॐ उदानाम सवाहा

ॐ सभानाम सवाहा भधम भधम ऩानीमभ सभऩवमालभ

अभताषऩधानभलस उततयाऩोषणभ सभऩवमालभ

हसतौ परारमालभ शदधाचभनीमभ सभऩवमालभ

ऩगीपर सकयऩय नागवलरीदरीयमतभ

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भकताचणव सभामकतभ ताॊफरभ परततगहमताभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash ताॊफरभ सभऩिमालभ

ॐ गणानाभ तवागणऩतीभ हवाभह कषवॊ कवीनाभऩा भसशरवसतवभ जमषठयाजभ बरहभणाभ बरहभणसऩत आनशशरणमनततलब सीदसाधनभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ - सवणिभॊतरऩषऩभ सभऩिमालभ

भॊतरहीनभ ककरमाहीनभ बसकतहीनभ गणाचधऩ

मतऩसजतभ भमा दव ऩरयऩण तदसतत

मऻन मऻभमजॊत दवासतारन धभािरण परथभानमासन

तहनाकभ भहहभान सचॊत मतर ऩवसाधमा सॊरत दवा

ऩनयाचभनभ

अनमा धमानावाहनाहद षोडषोऩचाय ऩजमा च बगवान सवाितभक

शरीभहा गणाचधऩरत सपरीतो वयदो बतवा उततय कभिणम षवघनभसत बवनतो

बवनत उततय कभिणम षवघनभसत गणाचधऩरत परसादभ लशयसा गरहणालभ

सहसरऩयभा दषव शतभरा शताॊकया सव हयत भ ऩाऩॊ दवािदससवपननाशनी गणऩरत मदासथानॊ उदवासमालभ

पराण परततषठा ॐ असनीत ऩनसभािस च ऩन पराणलभहनोदहह बोगॊ जमोकऩशमभ

समिभचचयनत भनभत भडमान सवससत अभतॊ वपराणा अभतभाऩ पराणानव मधासथानभऩहवमत

(सवाभीजी की भतॉ को हाथ रगाम )

शरीवकटशवय आवाहमालभ सथाऩमालभ ऩजमालभ ससथयोबव वयदोबव सपरसननोबव ससथयासनॊ कर

धमानभ

शानताकायॊ बजगशमनॊ ऩदमनाबभ सयशभ षवशवकायभ गगन सदशॊ भघवण शबाॊगॊ

रकषभीकानतॊ कभरनमनॊ मोचगहरधमान गममॊ वनद षवषणॊ बवबमहयॊ सविरोककनाथॊ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - धमामालभ धमानभ सभऩिमालभ

आवाहनभ

आवाहमालभ दवश लसदधगनधवि सषवत मिसमलभदॊ ऩणमॊ सविऩाऩहयोहय

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवनकटशवय सवालभन नभ - आवाहमालभ

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(सवाभीजी क भतॉ ऩय पर ऩतत चढाम) आसनभ

दव दव जगननाथ परणत करशनाशन यतनलसॊहासनॊ हदवमॊ गहाण भधसदन

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवनकटशवय सवालभन नभ - यतनलसॊहासनॊ सभऩिमालभ

(सवाभीजी क भतॉ ऩय पर ऩतत चढाम) ऩादमॊ

वासनचतॊ करभदव दषकतॊ च षवनाशम ऩादमॊ गहाण बगवान भातरतसॊग सॊससथत

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - ऩादमो ऩादमॊ सभऩिमालभ

(एक चमभच ऩानी थारी भ डार)

अरघम

करषवभ दमाॊ दव सॊसायारत ि बमाऩह दचधीय परोऩतभ गहाणाघम नभोसतत

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हसतमोयघम सभऩिमालभ

(एक चमभच ऩानी थारी भ डार)

आचभनॊ नभ सतमाम शदधाम रनतमाम ऻानरषऩण गहाणाचभनॊ दव सविरोककनामक

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - भख आचभनीमॊ सभऩिमालभ

(एक चमभच ऩानी थारी भ डार) ऩॊचाभतसनानॊ

ऩॊचाभतॊ भमानीतॊ ऩमोदचधघतॊ भध शकि या सहहतॊ चवदवतवॊ पररतगहमताॊ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - ऩॊचाभत सनानॊ सभऩिमालभ

(ऩॊचाभत गाम क दध दही घी भध औय चीनी लभराकय ककमा जाता ह)

सनानॊ सवणिऩातरोदकॊ गॊगा मभनाहद सभसनवतॊ शदधोदकॊ गहाणश सनानॊ कर मथाषवचध

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - शदधोदकसनानॊ सभऩिमालभ

(एक चमभच ऩानी थारी भ डार) वसतरॊ

तपतकाॊचन सनकाशॊ ऩीतमफय लभदॊ हय सगहाण जगननाथ शरीरनवास नभोसतत

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - वसतरमगभॊ सभऩिमालभ

मऻोऩवीतॊ मऻोऩवीतॊ ऩयभॊ ऩषवतरॊ परजऩतमितसहजॊ ऩयसतात

आमषमभागरमाभ पररतभचचशभरॊ मऻोऩवीतॊ फरभसत तज

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शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - मऻोऩवीतॊ सभऩिमालभ

गनधॊ चनदनागर कसतरय घनसाय सभसनवतॊ गनधॊ गहाण गोषवनद नानागॊधसचधायम

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हदवमऩरयभर गॊधाॊ सभऩिमालभ

(सवाभीजी क भतॉ को चॊदन रगाम) अताॊ

गोषवनदा ऩयभाननद हरयिा सहहततान षवशवशवय षवशारा गहाण ऩयभशवय

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - अतान सभऩिमालभ

(सवाभीजी क भतॉ ऩय अता डार चावर को हलदी कॊ कभ रगाक अता फनात ह) ऩषऩॊ

सगॊधारन सऩषऩारण जाजीकनदभखारन च भाररत वकरादषव ऩजाथ पररतगहमताॊ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - ऩषऩॊ सभऩिमालभ

अथाॊग ऩजा ॐ शरी वकटशवयाम नभ - ऩादौ ऩजमालभ

ॐ शरी वकटचरचधशाम नभ - गलफ़ौ ऩजमालभ

ॐ शरी परदामकाम नभ - जाननी ऩजमालभ

ॐ ऩदमावती ऩतम नभ - जॊघ ऩजमालभ

ॐ ऻानपरदाम नभ - ऊर ऩजमालभ

ॐ शरीरनवसाम नभ - कहटॊ ऩजमालभ

ॐ भहाबागाम नभ - नालबॊ ऩजमालभ

ॐ रनभिराम नभ - उदयॊ ऩजमालभ

ॐ षवशाररदमाम नभ - रदमभ ऩजमालभ

ॐ ऩरयशदधातभन नभ - सतनौ ऩजमालभ

ॐ ऩरषोततभाम नभ - बजौ ऩजमालभ

ॐ सवणिहसताम नभ - हसतौ ऩजमालभ

ॐ वयपरदाम नभ - कॊ ठॊ ऩजमालभ

ॐ रोकनाथाम नभ - सकनधौ ऩजमालभ

ॐ यसऻाम नभ - नालसकाॊ ऩजमालभ

ॐ ऩणमशरवन कीतिनाम नभ - शरोतर ऩजमालभ

ॐ ऩलरामफज षवरोचनाम नभ - नतर ऩजमालभ

ॐ वचिससवन नभ - रराटॊ ऩजमालभ

ॐ यमम षवगरहाम नभ - सवािणमनगारन ऩजमालभ

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ॐ शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हदवमसनदय षवगरहॊ ऩजमालभ

शरी वकटशवय अषटोततय शतनाभावलर

ॐ वकटशाम नभ

ॐ शरीरनवासाम नभ

ॐ रकषभीऩतम नभ ॐ अनाभमाम नभ ॐ अभताॊशाम नभ ॐ जगदवॊदवाम नभ ॐ गोषवनदाम नभ ॐ शाशवताम नभ ॐ परबव नभ ॐ शषाहि-रनरमाम नभ ॐ दवाम नभ ॐ कशवाम नभ ॐ भधसदनाम नभ ॐ अभताम नभ ॐ भाधवाम नभ ॐ कषणाम नभ ॐ शरीहयम नभ ॐ ऻान-ऩॊजयाम नभ ॐ शरी वतस-वस नभ ॐ सवशाम नभ ॐ गोऩाराम नभ ॐ ऩरषोततभाम नभ ॐ गोऩशवयाम नभ ॐ ऩयभ-जमोरतषम नभ ॐ वकनठऩतम नभ ॐ अवममाम नभ ॐ सधातनव नभ ॐ मादवनिाम नभ ॐ रनतम-मौवनरऩवत नभ ॐ चतवदातभकाम नभ ॐ षवषणव नभ

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ॐ अचमताम नभ ॐ ऩरदमनी-षपरमाम नभ ॐ धयाऩतम नभ ॐ सयऩतम नभ ॐ रनभिराम नभ ॐ दवऩसजताम नभ ॐ चतबिजाम नभ ॐ चकरधयाम नभ ॐ बतरधामन नभ ॐ बतरगणाशरमाम नभ ॐ रनषविकलऩाम नभ ॐ रनषकरनकाम नभ ॐ रनयाॊतकाम नभ ॐ रनयनजनाम नभ ॐ रनयाबासाम नभ ॐ रनतमतपताम नभ ॐ रनगिणाम नभ ॐ रनरऩिवाम नभ ॐ गदाधयाम नभ ॐ शायॊगऩाणम नभ ॐ ननदककन नभ ॐ शनखधायकाम नभ ॐ अनकभतिम नभ ॐ अवमकताम नभ ॐ कहटहसताम नभ ॐ वयपरदाम नभ ॐ अनकातभन नभ ॐ दीनफानधव नभ ॐ आतिरोक बमपरदाम नभ ॐ आकाशयाज-वयदाम नभ ॐ मोचग-रतऩदमभसनदयाम नभ ॐ दाभोदयाम नभ ॐ जगतऩाराम नभ

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ॐ ऩाऩघनाम नभ ॐ बकतवतसराम नभ ॐ बतरषवकरभाम नभ ॐ लशॊशभायाम नभ ॐ जटाभकट-शोलबताम नभ ॐ शनख-भदमोर-सनभॊजराम-ककसनकणमाडम-कयनडकाम नभ ॐ नीरभघ-शमाभ-तनव नभ ॐ बफलव-ऩतराचिन षपरमाम नभ ॐ जगदवमाषऩन नभ ॐ जगत-कत नभ ॐ जगत-साकषण नभ ॐ जगतऩतम नभ ॐ चचसनतताथि-परदाम नभ ॐ सजषणव नभ ॐ दाशावािम नभ ॐ दश-रऩवत नभ ॐ दवकक-ननदनाम नभ ॐ शौयम नभ ॐ हमगरीवाम नभ ॐ जनादिनाम नभ ॐ कनमा-शरवणतायजमाम नभ ॐ ऩीतामफयधयाम नभ ॐ अनघाम नभ ॐ वनभालरन नभ ॐ ऩदमनाबाम नभ ॐ भगमासकत-भानसाम नभ ॐ अशवरढाम नभ ॐ खडगधारयण नभ ॐ धनाजिन-सभतसकाम नभ ॐ गानसायर-सनभधम-कसतरय-रतरकोजवराम नभ ॐ ससतचदाननदरऩाम नभ ॐ जगनभनगरदामकाम नभ ॐ मऻरऩाम नभ

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ॐ मऻबोकत नभ ॐ चचनभमाम नभ ॐ ऩयभशवयाम नभ ॐ ऩयभाथि-परदाम नभ ॐ शानताम नभ ॐ शरीभत नभ ॐ दोदिनड-षवकरभाम नभ ॐ ऩयातऩयाम नभ ॐ ऩयबरहभण नभ ॐ शरीषवबव नभ ॐ जगदीशवयाम नभ

इतत शरी वकटशवय अषटोततय शतनाभावलर

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शरी भहारकषभी अषटोततय शतनाभावलर

ॐ परकतम नभ ॐ षवकतम नभ ॐ षवदमाम नभ ॐ सविबतहहतपरदाम नभ ॐ शरदधम नभ ॐ षवबतम नभ ॐ सयभम नभ ॐ ऩयभासतभकाम नभ ॐ वाचम नभ ॐ ऩदमारमाम नभ ॐ ऩदमाम नभ ॐ शचम नभ ॐ सवाहाम नभ ॐ सवधाम नभ ॐ सधाम नभ ॐ धनमाम नभ ॐ हहयणमम नभ ॐ रकषमम नभ ॐ रनतमऩषटाम नभ ॐ षवबावम नभ ॐ आहदतम नभ ॐ हदतम नभ ॐ दीपताम नभ ॐ वसधाम नभ ॐ वसधारयणम नभ ॐ कभराम नभ ॐ कानताम नभ ॐ काभाकषम नभ ॐ कभर समबवाम नभ ॐ अनगरहपरदाम नभ ॐ फदधम नभ ॐ अनघाम नभ

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ॐ हरयवलरबाम नभ ॐ अशोकाम नभ ॐ अभताम नभ ॐ दीऩाम नभ ॐ रोकशोक षवनालशनम नभ ॐ धभिरनरमाम नभ ॐ करणाम नभ ॐ रोकभातर नभ ॐ ऩदमषपरमाम नभ ॐ ऩदमहसताम नभ ॐ ऩदमाकषम नभ ॐ ऩदमसनदम नभ ॐ ऩदमोदभवाम नभ ॐ ऩदमभखम नभ ॐ ऩदमनाब षपरमाम नभ ॐ यभाम नभ ॐ ऩदमभाराधयाम नभ ॐ दवम नभ ॐ ऩरदमनम नभ ॐ ऩदमगसनधनम नभ ॐ ऩणमगनधाम नभ ॐ सपरसननाम नभ ॐ परसादालबभखम नभ ॐ परबाम नभ ॐ चनिवदनाम नभ ॐ चनिाम नभ ॐ चनिसहोदम नभ ॐ चतबिजाम नभ ॐ चनिरऩाम नभ ॐ इसनदयाम नभ ॐ इनद शीतराम नभ ॐ आहराद जननम नभ ॐ ऩषम नभ

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ॐ लशवाम नभ ॐ लशवकतम नभ ॐ सतमाम नभ ॐ षवभराम नभ ॐ षवशवजननम नभ ॐ तषम नभ ॐ दारयदरमनालशनम नभ ॐ परीरत ऩषकरयणम नभ ॐ शानताम नभ ॐ शकरभालमामफयाम नभ ॐ बासकम नभ ॐ बफलव रनरमाम नभ ॐ वयायोहाम नभ ॐ मशससवनम नभ ॐ वसनधयाम नभ ॐ उदायॊगम नभ ॐ हरयणम नभ ॐ हभभालरनम नभ ॐ धन धानमकतम नभ ॐ लसदधम नभ ॐ सतरणम सौममाम नभ ॐ शबपरदाम नभ ॐ नऩवशभ गताननदाम नभ ॐ वयरकषमम नभ ॐ वसपरदाम नभ ॐ शबाम नभ ॐ हहयणम पराकायाम नभ ॐ सभि तनमाम नभ ॐ जमाम नभ ॐ भॊगराम नभ ॐ षवषणव सथरससथताम नभ ॐ षवषणऩतनम नभ ॐ परसननाकषम नभ

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ॐ नायामण सभाचशरताम नभ ॐ दारयदरम धवॊलसनम नभ ॐ दवरकषभ नभ ॐ सवोऩिव रनवारयणम नभ ॐ नवदगािम नभ ॐ भहाकालम नभ ॐ बरहभा-षवषण-लशवासतभकाम नभ ॐ बतरकारऻानसमऩननाम नभ ॐ बवनशवम नभ ॐ भहारकषभी अषटोततय शत नभ

इरत शरी रकषभी अषटोततय शतनाभावलर

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शरी ऩदमावती अषटोततय शतनाभावलर

ॐ ऩदमावततम नभ ॐ दवम नभ ॐ ऩदमोदभवाम नभ ॐ करणापरदारमनम नभ ॐ सरदमाम नभ ॐ तजसवरषऩणम नभ ॐ कभरभखम नभ ॐ ऩदमधयाम नभ ॐ शरीम नभ ॐ ऩदमनतरम नभ ॐ ऩदमकयाम नभ ॐ सगणाम नभ ॐ कभकभषपरमाम नभ ॐ हभवणािम नभ ॐ चनिवसनदताम नभ ॐ धगधगपरकाश शयीय-धारयणम नभ ॐ षवषणषपरमाम नभ ॐ रनतमकलमाणम नभ ॐ कोहटसमिपरकालशणम नभ ॐ भहासौनदमिरषऩणम नभ ॐ बकतवतसराम नभ ॐ बरहभानडवालसनम नभ ॐ सविवानचापरदारमनम नभ ॐ धभिसनकलऩाम नभ ॐ दाकषणमकटाकषणम नभ ॐ बसकतपरदारमनम नभ ॐ गणतरमाषववसजिताम नभ ॐ कराषोडशसॊमताम नभ ॐ सविरोकानानजननम नभ ॐ भसकतदारमनम नभ ॐ दमाभतामाम नभ ॐ परऻाम नभ

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ॐ भहाधभािम नभ ॐ धभिरषऩणम नभ ॐ अरनकाय षपरमाम नभ ॐ सविदारयदरमधवॊलसनम नभ ॐ शरीवकटशवसथरससथताम नभ ॐ रोकशोकषवनालशनम नभ ॐ वषणवम नभ ॐ रतरचानरऩयवालसनम नभ ॐ वदवदमषवशायदाम नभ ॐ षवषणऩादसषवताम नभ ॐ यतनपरकाशककयीटधारयणम नभ ॐ जगनभोहहनम नभ ॐ शसकतसवरषऩणम नभ ॐ परसननोदमाम नभ ॐ इनिाहददवत मककननय ककमऩरष ऩसजताम नभ ॐ सविरोकरनवालसनम नभ ॐ बजमाम नभ ॐ ऐशवमिपरदारमनम नभ ॐ शानताम नभ ॐ उननतसथानससथताम नभ ॐ भनदायकालभनम नभ ॐ कभराकयाम नभ ॐ वदानतऻानरषऩणम नभ ॐ सविसमऩसततरषऩणम नभ ॐ कोहटसमिसभपरबाम नभ ॐ ऩजापरदारमनम नभ ॐ कभरासनाहद सविदवताम नभ ॐ वकनठवालसनम नभ ॐ अबमदारमनम नभ ॐ िाापरऩामसषपरमाम नभ ॐ नतमगीतषपरमाम नभ ॐ ीयसागयोदभवाम नभ ॐ आकाशयाज ऩबतरकाम नभ

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ॐ सवणिहसतधारयणम नभ ॐ काभरषऩणम नभ ॐ करणाकटाधारयणम नभ ॐ अभतासजाम नभ ॐ बरोकसवगिसखदारमनम नभ ॐ अषटहदकऩारकाचधऩतम नभ ॐ भनभधदऩि सॊहारयणम नभ ॐ कभराथिबागाम नभ ॐ सवलऩऩयाध-भहाऩयाध-भाम नभ ॐ शतकोहटतीथिवालसताम नभ ॐ नायदाहद भरनशरषठ ऩसजताम नभ ॐ आहदशनकयऩसजताम नभ ॐ परीरतदारमनम नभ ॐ सौबागमपरदारमनम नभ ॐ भहाकीतॉ परदारमनम नभ ॐ कषणारतषपरमाम नभ ॐ गनधवि शाऩषवभोचकाम नभ ॐ कषणऩतनम नभ ॐ बतररोकऩसजताम नभ ॐ जगनभोहहनम नभ ॐ सरबाम नभ ॐ सशीराम नभ ॐ अॊजनासतानगरहपरदारमनम नभ ॐ बकतमातभरनवालसनम नभ ॐ सॊधमावसनदनम नभ ॐ सविरोकभातर नभ ॐ अलबभतदारमनम नभ ॐ रलरतावधतम नभ ॐ सभसतशासतर षवशायदाम नभ ॐ सवणािबयणधारयणम नभ ॐ इहऩयरोक सखपरदारमनम नभ ॐ कयवीयरनवालसनम नभ ॐ नागरोकभरणसह आकाशलसनध कभरशवय ऩरयतयधगभनाम नभ

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ॐ शरी शरीरनवासषपरमाम नभ ॐ चनिभनडरससथताम नभ ॐ अलरवर भनगाम नभ ॐ हदवमभनगर धारयणम नभ ॐ सकलमाणऩीठससथताम नभ ॐ काभकवनऩषऩषपरमाम नभ ॐ कोहट भनभधरषऩणम नभ ॐ बानभनडररषऩणम नभ ॐ ऩदमऩादाम नभ ॐ यभाम नभ ॐ सविरोकसबानतय धारयणम नभ ॐ सविभानसवालसनम नभ ॐ सवािम नभ ॐ षवशवरऩाम नभ ॐ हदवमऻानाम नभ ॐ सवभनगररषऩणम नभ ॐ सवािनगरहपरदारमनम नभ ॐ ॐकायसवरषऩणम नभ ॐ बरहभऻानसॊबताम नभ ॐ शरी ऩदमावतम नभ ॐ सदमोवदवतम नभ ॐ शरीभहारकषमम नभ

इरत शरी ऩदमावती अषटोततय शतनाभावलर

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धऩभ दशाॊगभ गगगरोऩतॊ गोघतन सभसनवतभ धऩॊ गहाण दवश सविरोक नभसकाया

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - धऩभािाऩमालभ

(सवाभीजी क भतॉ की अगयफतती औय धऩ स आयती कय)

दीऩभ

बतररोकश भहादव सविऻान परदामक दीऩॊ दासमालभ दवश यभाभ बकतवतसर

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - दीऩॊ दशिमालभ

(सवाभीजी क भतॉ की दीऩ स आयती कय )

नवदमभ

सविबशच बोजजशच यस षडलब सभसनवतॊ नवदमनत भमानीतभ गहाण ऩरषोततभ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - नवदमॊ सभऩिमालभ

(सवाभीजी को परसाद चढाम अगय करा ह तो ldquoकदरीपर रनवदमालभrdquo नारयमर ह तो ldquoनारयकर परॊ रनवदमालभrdquo ऐस कह अगय गड ह तो ldquoगडोऩहाय नवदमभ सभऩिमालभrdquo कह)

ॐ पराणाम सवाहा ॐ आऩानाम सवाहा ॐ वमानाम सवाहा ॐ उदनाम सवाहा ॐ सभानाम सवाहा ॐ ऩयबरहभण सवाहा ॐ बबिव सव ततसषवतय-वयणमभ बगो दवसम धीभहह चधमो मो न परचोदमात ॐ आऩो जमोरतयसोभतॊ बरहभ बबिव सवयोभ भधम भधम ऩानीमभ सभऩिमालभ

अभताषऩधानभलस उततयाऩोशनभ सभऩिमालभ हसतौ परारमालभ ऩादौ परारमालभ ऩनयाचभनीमभ सभऩिमालभ

तामफरभ ऩगीपर सकऩिय नागवलरीदरमितॊ भकताचणि सभामकतॊ तामफरॊ पररतगहमताॊ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - तामफरभ सभऩिमालभ

नीयाजनभ चशरम कानताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरीवकटरनवासाम शरीरनवासाम भनगरभ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ नीयाजनभ दशिमालभ

ऩनयाचभनीमभ सभऩिमालभ

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भॊतरऩषऩभ

ॐ सहसतरशीषिभ दवॊ षवशवाॊ षवशवशॊबवॊ षवशवॊ नायामणनदवभ अयॊ ऩयभॊ ऩदॊ १

षवशवत ऩयभासननतमॊ षवशवॊ नायामणॊ हरयॊ षवशवभवदॊ ऩरषसतदषवशवॊ उऩजीवरत २

ऩरतॊ षवशवसमातभशवयॊ शाशवतॊ लशवभचमतॊ नायामणॊ भहाऻमॊ षवशवतभानॊ ऩयामणॊ ३

नायामण ऩयोजमोरत आतभा नायामण ऩय नायामण ऩयभ बरहभ ततवभ नायामण ऩय नायामण ऩयो धमाता धमानभ नायामण ऩय ४

मचच ककसनचत जगतसव दशमत शरमतषऩ वा अनतफिहहशचततसविभ वमापमा नायामण ससथत ५

अननतभ अवममभ कषवॊ सभिनतभ षवशवशमबवभ ऩदमकोश परतीकाशभ रदमभ चापमधोभखभ ६

अधोरनषमा षवतसतमानत नाभमाभऩरय रतषठरत जवाराभाराकरॊबारत षवशवसमामातनभ भहत ७

सनततॊ लशरालबसत रॊफतमाकोशससननबभ तसमानत सलशयभ सकषभभ तससभन सविभ पररतसषठतभ ८

तसमभधम भहान असगन षवशवायचचषविशवतो भख सोगरबसगवबजन रतषठाननाहाय भजय कषव

रतमिगधवाि भधशशामीयशभमा सतसम सनतता ९

सॊताऩमरत सवॊ दह भाऩादतरभसतक तसम भधम वसनह लशखा अणीमोधवाि वमवससथत १०

नीरथो मदभधमसता षवदमलरखव बासवया नीवायशकवततनवी ऩीताबा सवतमनऩभा ११

तसमा लशखामा भधम ऩयभातभा वमवससथत स बरहभ स लशव स हरय स इनि सोय ऩयभासवयात १२

ॐ तद बरहभ ॐ तद वाम ॐ तदातभा ॐ ततसतमभ ॐ ततसविभ ॐ ततऩयोनिभ अनतशचयरत बतष गहामाभ षवशवभरत िष तवभ मऻसतवभ वषकायसतवभ इनिसतवभ रिसतवभ

षवषणसतवभ बरहभतवभ परजाऩरत तवभ तदाऩ आऩो जमोरत यसोवतभ बरहभ बबिवससवयोभ १३

गदा ऩन शॊखयथानगकलऩक धवजायषवॊदाॊकश वजररासशचत ह शरीरनवास तवत चयणामफज दवमॊ भदीम भधािन भरज ॐ रनयॊजनाम षवदमह रनयाबासाम धीभहह तननो शरीरनवास परचोदमात शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हदवमभनतरऩषऩॊ सभऩिमालभ

परदकषण नभसकाय

शरोकॊ मारनकारन च ऩाऩारन जनभानतय कतारन च तारन तारन परणशमसनत परदकषण ऩद ऩद ऩाऩोहभ ऩाऩकभािहभ ऩाऩातभा ऩाऩसॊबव तराहहभाभ कऩभमा दव शयणगतवतसर अनमधा शयणॊ नाससत तवभव शयणॊ भभ तसभात कारणम बावन य य जनादिन

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - आतभपरदकषण नभसकायान सभऩिमालभ

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षवषवधोऩचाय ऩजा छतरॊ धायमालभ चाभयॊ वीजमालभ नतमॊ दशिमालभ गीतॊ शरावमालभ वादमॊ घोषमालभ आॊदोलरकान आयोहमालभ आशवानायोहमालभ गजानायोहमालभ सभसत यजोऩचाय शकतमऩचाय

मनतरोऩचाय दवोऩचाय सवोऩचाय ऩजाॊ सभऩिमालभ

भाऩवणभ भनतरहीनॊ ककरमाहीनॊ बसकतहीनॊ जनादिन मतऩसजतभ भमा दव ऩरयऩणिभ तदसतत

अनमा धमानावाहनाहद षोडशोऩचाय ऩजमा च बगवन सवाितभक शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरी वकटशवय सवरऩो बगवान सपरीत सपरसननो वयदो बवत शरी वकटशवय दव परसादॊ लशयसा गहणालभ

तीथवभ

अकार भतमहयणॊ सविवमाचध रनवायणभ सवि ऩाऩमकयॊ दव ऩादोदकॊ ऩावनॊ शबॊ

नवदमभ

ॐ बबिवससव ॐ ततसषवतवियणमभ बगो दवसम धीभहह चधमो मो न परचोदमात सतमॊ तवतन ऩरयषषॊचालभ अभतभसत अभतोऩसतयणभलस ॐ पराणाम सवा ॐ अऩानाम सवा ॐ वमानाम सवा ॐ उदानाम सवाह ॐ सभानाम सवा ॐ बरहभण सवा

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - भहानवदमभ सभऩिमालभ

अभताषऩधानभलस उततयाऩोशनभ सभऩिमालभ हसतौ परारमालभ ऩादौ परारमालभ शदध आचभनीमॊ सभऩिमालभ

तामफरॊ सभऩिमालभ सवणिभनतरऩषऩॊ सभऩिमालभ परदकषण नभसकायन सभऩिमालभ

अनमाधमानावाहनाहद षोडषोऩचाय ऩजमा बगवान सवाितभक शरी रकषभी ऩदमावती सभत वकटशवय सवाभी सपरीत सपरसननो वयदो बवत शरी रकषभी ऩदमावती सभत वकटशवय सवाभी परसादॊ लशयसा गहणालभ

उदवासनभ मऻन मऻभमजनत दवासतारन धभािरण परथभानमासन

तहनाकॊ भहहभानससचनत मतर ऩव साधमा ससनत दवा

गचछ गचछ सयशरषठ सवसथान शरी वकटशवय बकताबीषट सभधमथिभ ऩनयागभनाम च

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरी वकटशवय सवाभी मथासथानॊ उदवासमालभ

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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परथभ अधमाम

शरी बगवान उवाच

कलरमग भ एक हदन शब भहति भ रतरभरा ऩहाड ऩय (सजस धयती का वकॊ ठ कहा जाता ह ) ldquoषवशवऩरत नाभक एक बकत ऩय शरी फाराजी की कऩा हई शरी षवषण क अवताय शरी फाराजी (वकटशवय) जो महाॉ शरीरनवास क रऩ भ ऩज जात ह उनहोन षवशवऩरत को ldquoशरी फाराजी वरत कथाrdquo नाभ स परलसधद इस गरॊथ की यचना कयन की आऻा दी औय कहा- ldquoह भय षपरम बकत षवशवऩरत भय षपरम होन क कायण इस वरत को षवसताय रऩ स तमह फाता हॉ सनो म

वरत भझ अरत षपरम ह आसान होन क कायण इस सबी रोग सॊऩनन कय सकत ह

कलरमग भ भानव अऩन ऩाऩ कभो का पर बोगता ह अनक कषट सहत हए जीवन रनवािह कयता ह कछ बकत

अऩन दख भझ फताकय उनह दय कयन क लरम कहत ह फहत स ऩस खचि कय वो भझ दखन क लरम रतरभरा की मातरा कयत ह भय बकतो स भझ परभ ह व भझऩय अऩना ऩया बाय डार दत ह भ उनह धभि क भागिऩय चराता हॉ

अबी भ जो मह वरत कथा तमह फतान जा यहा हॉ वो ldquoशरी फाराजी की कथाrdquo क नाभ स परलसदध होगा म भया वरत भझ अरतषपरम ह जो वमसकत इस बसकत औय रनषठा स कयगा वह तयॊत ऩाय ऩामगा कोई बी वमसकत कबी बी इस वरत को सॊऩनन कय सकता ह भखम रऩ स भागिशीषि भाघ कारत िक भहहनो भ ऩणिभासी ऩॊचभी सपतभी एकादशी रतचथमो ऩय मा शरवण सवारत नतरो ऩय इस कयना शरषठ होता ह

इस घोय कलरमग भ भय बकत जो कषट सह यह ह उनह भ जानता हॉ तमह जफ बी कोई कषट हो कोई सभसमा हो सवासम ठीक ना हो नौकयी वमाऩाय भ सभसमाएॉ हो भन अशाॊत हो तो इस वरत को सॊऩनन कयना चाहहम इसस

साय कषट दय हो जात ह घय भ शब कामि होन ऩय इस वरत को सॊऩनन कयन स बफना ककसी सभसमा क कामि ऩणि हो जाता ह इस वरत को सॊऩनन कयत ही सबी सख परापत होत ह औय अषट ऐशवमो की परासपत होती ह

सफय मा शाभ इस वरत को सॊऩनन कय सकत ह इस वरत भ ऩाॉच अधमाम ह इनका ऩठन बसकत क साथ कयना चाहहम अऩन घय भ मा रनवास सथान ऩय भॊहदय भ मा ककसी बी ऩषवतर सथान भ नदी तट ऩय सॊऩनन कय सकत ह

महद सॊबव हो तो अऩन फॊध लभतरो क साथ इस सॊऩनन कयन स जमादा शरषठ होता ह जो इस सॊऩनन कयत ह मा जो इस सनत ह वरत सॊऩणि होन क फाद परसाद को बसकत स सवीकाय कयत ह वो अषट ऐशवमो को परापत कयत ह इसस

ऩहर बी भय बकतो न कई भरनमो न इस वरत को सॊऩनन ककमा औय भया आशीवािद ऩामा बरोक भ यहनवार सबी को मह वरत आनॊद परदान कयगा औय शब पर बी परापत होगा शाॊत चचतत स भझ माद कयत हए इस वरत का ऩारन

कयो

सवि परथभ जहाॉ वरत कयना चाहत हो उस सथर को साप कयो भॊडऩ की वमवसथा कय भयी तसवीय सजसभ भयी षपरम

सरखमाॉ शरी दवी बदवी ह उस तसवीय को इस भॊडऩ ऩय सथाषऩत कयो भॊडऩ को दीवाय स रगाकय बी यख सकत हो अनम ककसी इचछक दवता की तसवीय बी सख सकत हो नवगरहो औय अषट हदकऩारको को मा तो भन भ नभसकाय

कयो मा उनका आवहान बी कय सकत हो

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सफस ऩहर हलदी स फनी गणश की ऩजा कयनी चाहहम उसक फाद उस वरत क ऩाॉचो अधमामो का रनषठा स ऩठन

कयना चाहहम मही परथभ अधमाम ह अनम चाय अधमाम भय अतमॊत षपरम ऩातर षवशवालभतर वलशषठ बयदवाज अबतर

भरनशवयो क परवचना रऩ भ ह ऩाॉच अधमामोको ऩढन क फाद भय षपरम शरोक बी ऩढ सकत हो हय अधमाम क अॊत

भ गोषव ॊद गोषव ॊद गोषव ॊद तीन फाय सभयण कयना चाहहम

आभ रोगो क कषटो को भ जानता हॉ इसी लरम भयी एक फात सनो महद ककसी कायण इस वरत को षवसताय रऩ स

सॊऩनन कयन भ कोई सभसमा आ यही हो तो भय तसवीय को साभन यख कय ऩहर गणश जी की कपय नवगरह दवताओॊ औय अषटहदकऩारको को सभयण कय ऩाॉच कहरनमाॉ ऩढकय अऩन भन भ जो इचछा ह उस भझ फताओ भ उस

परसाद क रऩ भ परदान करॉगा इस परकाय कयन स बी कामि की लसषदध होती ह तमहाय कषट दय हो जामग औय शब

पर परापत होगा

जो वमसकत इस वरत को बसकत स सॊऩनन कयगा भ उसक घय ककसी ना ककसी रऩ भ आकय परसाद सवीकाय करॉगा भयी कऩा आऩ सबी को हभशा परापत होगी शरी फाराजी न रतमभयाज षवशवऩरत याभकषणभरत ि ldquoषवशवऩरतrdquo को इस वरत कथा को षवसताय स फतामा कलरमगवासी हभ सबी इस वरत को सॊऩनन कय शरी फाराजी की कऩा क ऩातर फन सकत ह इस वरत को सॊऩनन कय हभ अऩन सबी कषट दय कय सकत ह औय उचचत पर बी परापत कय

सकत ह

गोषवॊदगोषवॊदगोषवॊद

परथभोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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दषवतीम अधमाम

शरी षवशवालभतर उवाच

भहातऩ सॊऩनन साात शरी षवशवालभतर जी न हभ ऩय कऩा की औय परवचन कयत हए कहा- ldquoह कलरमग वालसमो शरीरनवास क बकतो ldquoशरीफाराजी वरत कथाrdquo सजस आऩ सॊऩनन कय यह हो वह फहत ही ऩषवतर ह भहहभा स ऩणि ह मह वरत कलरमग भ शरी नायामण जी की करणा औय दमा परापत कयन का अतमॊत सयर साधन ह पराचीन कार भ शरी फाराजी क षपरम बकतो न इस सॊऩनन कय अऩनी काभनाओॊ को ऩणि ककमा इस वरत कथा क फाय भ हभ फताकय शरी फाराजी न हभाय पररत जो दमा हदखाई ह उसक लरए हभ उनह परणाभ कयत ह

पराचीन कार भ भगध याजम भ षवषणचचतत नाभक एक बकत यहता था उसकी नौ कनमाएॉ थी षवदवान होन ऩय बी वह अतमॊत गयीफ था षवषणचचतत की ऩतनी तायाभरत हभशा नायामणजी की पराथिना कयती यहती थी षववाहाहद शबकामि सॊऩनन कय जो बी ऩस दकषणा क रऩ भ लभरत थ उसस व भसशकर स अऩना जीवन रनवािह कय

यह थ कनमाएॉ मौवनावसथा भ ऩदाऩिण कय चकी थी तायाभरत हभशा इसी चच ॊता भ यहती थी कक इन कनमाओॊ का षववाह ककस परकाय सॊऩनन होग वह फाराजी की पराथिना कयत हए सदा अऩना सभम गजायती थी

वह तो फाराजी की बकत थी औय फाराजी अऩन बकतो स अतमाचधक परभ कयत ह उस हदन भाघ ऩरणिभा थी सवय

एक वदध बराहभण न षवषणचचतत क दयवाज ऩय दसतक दी औय कहा - ldquoह सवाभी भ फॊग दश का वासी हॉ एक मऻ

क लसरलसर भ दसय दश जा यहा हॉ यासत भ महाॉ आमा हॉ भझऩय दमा कयो औय अऩन घय भ एक हदन क लरए

यहन दो कर सवयही भ महॉ स चरा जाऊॉ गाrdquo उन की फात सनकय षवषणचचततन कहा lsquoनाथ इसस फढकय खशी औय कमा हो सकती ह अरतचथ साात नायामण जी क सभान होत ह ऐस हभाय ऩयाणो भ कहा गमा ह आऩ बफना ककसी सॊकोच क हभाय घय भ यह सकत हlsquo ऐसा कह कय उसन उस बराहभण को घय क अॊदय फरामा औय उनका सतकाय ककमा

दोऩहय भ बोजन क फाद उस वदध न तायाभरत स ऩछा ndash ldquoभाता कमा फात ह तभ कछ चच ॊरततसी रगती हो बफना ककसी सॊकोच क फात फताओrdquo तायाभरत न कहा ndash ldquoसवाभी आऩ तो भहातऩसवी ह आऩ क भख का तज उस वकॊ ठवासी क सभान ह आऩ स कमा छऩाना भयी चचॊता भयी कनमाओॊ का षववाह हrdquo उस ऩय वदध न कहा- ldquoभाता तमहाया दख भ जानता हॉ तमहाय सबी कषट दय हो औय तमहायी कनमाओॊ की शादी हो इसक लरम भ एक अदभत वरत फताता हॉ सनो इस वरत को सॊऩनन कयन स तमहाय साय कषट दय हो जामग शरी फाराजी क वरतो भ स मह सफस सयर हrdquo कहत हए उनहोन उस दॊऩरत को ऩया वरत षवधान फतामा वरत षवधान

सनकय षवषणचचतत न कहा- ldquoसवाभी मह तो अतमॊत सॊतोष की फात ह इसस फढकय सौबागम औय कमा होगा

कहत ह ना- शबसम शीिॊ आज भाघ ऩरणिभा ह फहत ही शब हदन ह आऩक कथा अनसाय हभ आज ही इस वरत

को सॊऩनन कयगrdquo षवषणचचततन ऩतनी तायाभरत औय सबी कनमाओॊ क साथ लभरकय उस हदन शाभ भ ही अऩन

फॊध-लभतरो क साथ बसकत औय रनषठा स फाराजी वरत को सॊऩनन ककमा वहाॉ उऩससथत सबी रोगो न वरत ऩया होन क

फाद चयणाभत परसाद गरहण ककमा औय अऩन-अऩन घय परसथान ककमा तफ षवषणचचतत औय तायाभरत न बराहभण

क चयणो को नभसकाय ककमा औय आशीवािद परापत ककमा बराहभणोततभ न बी चयणाभत परसाद गरहण ककमा औय

कहा- ldquoआऩकी भनोकाभना ऩयी हो शरी रकषभी शरी फाराजी की कऩा होrdquo

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अॊधया हो चरा था औय रनिा सभम आसनन था षवषणचचतत न उस बराहभण को एक पटी चादय दत हए आॉखो भ आस लरम कहा- सवाभी भ अतमॊत दरयिी हॉ इसस अचछी चादय भय ऩास नही ह भझ भा कय आज की यात इसी ऩय षवशराभ कय बराहभण भसकयात हए फोर- कोई फात नही भ फाहय फयाभद भ सो जाता हॉ कछ सभम फाद ही सबी रनिारोक भ षवचयण कयन रग आधी यात का सभम था बफजरी की गडगडाहट क साथ फारयश शर हई चायो ओय अॊधया था कहीॊ कछ नही हदखाई

द यहा था षवषणचचतत इस चच ॊता भ था कक वदध बराहभण फाहय कस सो यह होग उस सभम कछ सझ बी नही यहा था ककसी तयह उनहोन यात गजायी सवया हआ फारयश बी थभ चकी थी ऩरत-ऩतनी मही सोच यह थ कक बराहभण की कमा दशा हई होगी ककतना सहा होगा उनहोन मही सोचत हए वो फाहय आए उनह एक अदभत दशम हदखाई हदमा वहाॉ षवपरोततभ नही थ पहट हई चादय की जगह यशभ का षऩताॊफय यखा हआ था उस षऩताॊफय ऩय शरी फाराजी क

भतॉ ndash हदखाई दी व सफ कछ सभझ गम उनकी खषी का कोई हठकाना नही यहा उनक घय आम बराहभण औय

कोई नही साात शरी नायामणजी ही थ ह फाराजी कमा बागम ह हभाया ऩय हभ उनको ऩहचान नही ऩाम हभन उनको पटी हई चादय दी मह सोचत हए उनहोन शरी फाराजी की भतॉ को हाथ भ रकय आॉखो स रगामा औय

घय क अॊदय आम ऩया घय सोन स बया हआ था जहाॉ दखो वहाॉ धन याशी ह बगवान शरी फाराजी की वरत कथा की भहहभा स ही मह सफ सॊबव हो सका ऐसा कहत हए व बगवान की सतरत कयन रग आऩन दख साात शरी फाराजी ही उस बकत क घय आम थ वरत षवधान फतामा औय चयणाभत परसाद बी गरहण

ककमा शरी फाराजी फहत ही करणाभम ह जो बी इस वरत को बसकत औय रनषठा स कयगा उसक घय सवमॊ बगवान

ककसी ना ककसी रऩ भ आमग आऩ सबी इस वरत को सॊऩनन कय बगवान की कऩा परापत कय सकत ह शरी भहषषि षवशवालभतर जी न मह दषवतीम कथा इस तयह फताई

शरी रकषभी शरीरनवास कटाॊ लसषदधयसत

गोषवॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

दषवतीमोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ततीम अधमाम

शरी वलशषठ उवाच मह अधमाम भहातऩोरनषठ वरयषठ शरीवलशषठ भरन न शरीनायामणजी की कऩा स हभ षवसताय रऩ स फतामा ह ह कलरमग वालसमो शरीफाराजी क षपरम बकतो वकणठ भ रनवास कयनवार शरीनायामणजी आज क रतरभरा भ ससथत शरीफाराजी ही ह कलरमग वालसमो क कषट दय कयन क लरम बगवान आऩक फहत सभीऩ रतरभरा ऩहाड ऩय अवतारयत हए ह शरी फाराजी को खश कयन क लरए मह वरत उततभ ह औय सयर बी ह इस वरत को जो बसकत औय रनषठा स सॊऩनन कयता ह उस सबी सख परापत हो जात ह पराचीन सभम भ अवॊती दश भ बागमनगय नाभक एक नगय था नाभ क ही अनरऩ वहाॉ अनक धनवान (वमाऩायी) यहत थ ऩय व अऩनी सॊऩसतत को दख घभॊड कयत थ औय आभ रोगो को हीन दषटी स दखत थ धन-दौरत उनकी सवासजित ह ऐसा सोचकय घभॊड कयत थ बगवान की रनतम ऩजा-ऩाठ तो उनहोन ऩहर ही छोड दी थी कभ स कभ षवशष हदनो भ बी व ना भॊहदय जात ना ऩजा कयत ना ही दीऩ जरात एक हदन सबी धनवान अऩनी-अऩनी ऩतनीमो क साथ परीरत बोज भ वमसत थ उस नगय की ऩवि हदशा भ ही शरी रकषभी नायामण जी का भॊहदय था जहाॉ दीऩ जरानवारा कोई नही था उस हदन षवशष एकादशी थी सजस एक ऩवि हदन बी भाना जाता ह ऩय उस नगय क एक बी धनवान क भन भ भॊहदय भ ऩजा कयन का षवचाय नही आमा शाभ होत-होत आकाश भ घन फादर छा गम औय भसराधाय फारयश होन रगी वमाऩारयमो क घय ऩानी स बय गम चायो ओय अॊधकाय ह अॊधकाय था सवय होन तक ऩया नगय ऩानी भ डफ गमा वमाऩारयमो क घय टट-पट गम उनका साया ऐशवमि सभापत हो गमा ऐसा उऩिव कमो भचा मह पररम कस हो गमा ककसी को कछ बी सभझ भ नही आ यहा था इतन भ उनह एक षवचचतर दशम हदखाई हदमा नगय क फाहय जो झोऩडडमाॉ थी व तो वसी की वसी थी उनको आशचमि हआ इतनी फारयश भ बी म कस सही सराभत यही व ऐसा भन ही भन सोच यह थ कक इतन भ बफजरी कडकी औय आकाशवाणी हई ldquoए भखो तमहायी सॊऩसतत तमहायी अऩनी ह सवासजित ह ऐसा सोचत थ इसी लरम ऐसा हआ ह इस झोऩडी भ यहनवारा दव भया षपरम बकत ह आभ आदभी होन ऩय बी दव रनतम तमहाय नगय भ ससथत शरी रकषभी नायामण

भॊहदय भ दीऩ जराता था इतना ही नही हय एकादशी क हदन मथा सॊबव वह शरी फाराजी वरत कथा बी सॊऩनन कयता था इसी लरम इन झोऩडीमो भ यहनवार सबी रोग सयकषत यह आऩ सबी महद वरत सॊऩनन कयग तो अऩन-अऩन

ऐशवमि को ऩन परापत कय सकत होrdquo आकाशवाणी सनत ही तयॊत व सबी रोग उस भॊहदय भ गम औय जस

सॊबव हो सका वस सबी रोगोन एक-दसय क सहमोग स शरी फाराजी की वरत कथा सॊऩनन की ऐसा कयत ही सबी को उनक घय ऩवि रऩ भ ही परापत हो गम तफ स व सबी शरीफाराजी क बकत फन गम औय हय एकादशी को शरीफाराजी का वरत सॊऩनन कयत औय सख-शाॊरत परापत कय यहन रग अॊत भ उनहोन भसकत बी परापत की

शरीवलशषठजी न इस परकाय म कथा सनाई

गोषव ॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

ततीमोधमाम सभापतॊ |

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ

शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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चतथव अधमाम

शरी बयदवाज उवाच

शरीनायामण जी को ldquoशरीफाराजी वरत कथाrdquo अतमॊत षपरम ह चतथि अधमाम क रऩ भ हभाय साभन शरी बयदवाज

भरनदवाया फतामी नमी कहानी इस परकाय ह- ldquoह कलरमगवालसमो शरी नायामण क षपरम बकतो आऩ सजस वरत को सॊऩनन कय यह ह वह अदभत ह आऩकी भनोकाभनाओॊ को ऩणि कयन का साधन ह शरी फाराजी को परसनन कयन का मह अतमॊत सयर उऩाम ह आऩ सबी ऩय कऩा कयन क लरम ही वकॊ ठवासी बगवान शरीरनवास क रऩ भ रतरभरा ऩहाड ऩय अवतरयत हए ह अनक जनभो क ऩणमपर स ही रतरभरा ऩहाड ऩय ऩय यखन का सौबागम परापत होता ह औय बगवान क दशिन बी सॊबव होत ह इसी तयह इस ldquoवरतकथाrdquo को सॊऩनन कयन का सॊकलऩ बी ऩविजनभ क

ऩणमपर स ही सॊबव होता ह जो वमसकत इस वरत को सॊऩनन कय यह ह मा जो इस कथा को सन यह ह मा जो बगवान क परसाद को गरहण कयत ह उनह बगवान की कऩा परापत होती ह औय व सौबागम बी ऩात ह

पराचीन कार भ ldquoनगयीrdquo नाभक एक गराभ भ धनगपत नाभ का वमाऩायी यहता था वह फहत ही रारची था ऐशवमि परापत कयन ऩय बी उसका रारचीऩन कभ नही हआ मह सभसत ऐशवमि उसका ही कभामा हआ ह ऐसा सोचकय वह फहत घभॊड कयता था अहॊकाय भनषम का नाश कयता ह

धनगपत की ऩतनी काॊरतभती अतमॊत बसकत बावना यखती थी औय रनषठा स बगवान की ऩजा कयती थी उनकी तीन कनमाएॉ थी तीसयी कनमा ldquoकभायीrdquo भ बसकत बावना जमादा थी वह हभशा फाराजी का नाभ ही जऩती यहती थी षऩताजी को बफना फताम वह जफ-तफ शरी फाराजी क भॊहदय भ जाती थी औय बगवान क दशिन कयती थी घय आकय षऩताजी को छोड अनम सबी क साथ परसाद सवीकाय कयती थी ऩती क ऐस वमवहाय स

काॊरतभती थोडी चच ॊरतत होती थी

एक हदन ldquoकभायीrdquo की सहरी क घय ऩय ldquoशरी फाराजीrdquo का वरत सॊऩनन हो यहा था मह जानकय वो वहाॉ गई वरत ऩया होन तक दोऩहय हो चकी थी थोडासा परसाद उसन गरहण ककमा औय थोडा वह अऩन घयवारो क लरम एक

कागज की ऩडी भ रकय चरी फीच यासत भ उस पमास रगन रगी धऩ बी फहत तज थी उसन सोचा थोडी दय रक

कय पमास फझाकय कपय चरॉ तो ठीक यहगा तबी उस माद आमा कक उसक षऩता की दकान अगरी गरी भ ही तो ह वहाॉ जाकय उसन षऩताजी को ऩजा की फात बफना फताम षऩताजी स ऩानी भाॉगकय षऩमा औय षऩताजी गससा कयग

इस डय स उसन जलदी-जलदी ऩानी षऩमा इस घफयाहट भ परसाद की ऩडी वही दकान भ बरकय चरी गई

एकाएक फाजाय भ हडकॊ ऩ भच गमा रोग हाहाकाय भचात हए इधय-उधय बागन रग आगजनी क कायण उस गरी की सायी दकान जर कय याख होन रगी वस बी दोऩहय का सभम थाउस ऩय गभि हवाएॉ चर यही थीधनगपत का शयीय डय क भाय काॉऩन रगा ldquoकछ ही सभम भ उसकी दकान बी जर कय याख हो जाएगीrdquo इस षवचाय स उस क हाथ-ऩय काॉऩन रग सबी रोग अऩनी-अऩनी दकानो स फाहय आकय इधय-उधय बागन रग ऩय

धनगपत वही खडा यह गमा दकान छोडकय जान का भन नही कय यहा था महद वो दकान भ यहगा तो जरकय

याख हो जामगासोचत हए उसन घफयाहट भ उसक हाथ रगी ऩडी को उठामा औय बफना सोच सभझ जो हाथ आमा वो भॉह भ डार हदमा उस कछ भीठा-भीठा सा ऩदाथि रगा औय भन बी शाॊत होन रगा

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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तबी एक अदभत घटना घटीआग धनगपत की दकान तक आकय रक गमी आग की रऩत वहाॉ नही आ ऩामी मह कसी षवचचतर फात हम कसी भामा ह धनगपत क भॉहस एक बी फात नही रनकर ऩामी उधय आगजनी की खफय सनत ही ऩतनी काॊरतभती अऩन कनमाओॊ क साथ फाराजी का सभयण कयत हए दौडती हई वहाॉ आ गमी आग उनक दकान तक आकय कस रक गमी मह दखकय उस आशचमि हआ तबी कभायी को दकान भ बरी हई ऩडी की माद आई धनगपत को सभझन भ दय नही रगी कक उसन जो चीज भॉह भ डारी थी वो औय कछ नही तो बगवान का परसाद ही था औय उसकी भहहभा स ही व इस दघिटना स चक गम धनगपत न शरीफाराजी स भा भाॉगी गार फजाम शाभ भ ही नगयवालसमो को फराकय ldquoशरीफाराजी की वरत कथाrdquo सॊऩनन की तफ स वह बगवान की सवा भ रीन हो गमा औय अॊत भ भो बी परापत की आऩन दखा कक कवर परसाद गरहण कयन स ही वो ककतनी फडी दघिटना स चक गमा फाराजी की भहहभा अदभत ह आऩ सबी बी मथा सॊबव वरत को सॊऩनन कय क बगवान की कऩा परापत कय सकत हldquo

शरीबयदवाजजी न इस परकाय मह चतथि कथा सनामी

गोषवॊदगोषवॊदगोषवॊद

चतथोधमाम सभापतॊ |

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

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ऩॊचभ अधमाम

शरी अतरतर उवाच

रतरभरा-रतरऩती बरोक का वकणठ धाभ ह ऩयाणो भ फतामा गमा ह कक रतरभरा क सभान ऩषवतर सथर औय शरी फाराजी जस दवता न तो ऩहर कबी हए ह औय न कबी होग शरीरनवास क रऩ भ अवतरयत शरी नायामण अऩन

बकतो स फहत परभ कयत ह जो उन ऩय अऩना ऩया बाय डारकय उनह रनतम सभयण कयत ह जो सदाचाय स ऩणि जीवन बफतात ह वो उनकी या कयत ह ऐस शरीफाराजी को परसनन कयन का सफस सयर उऩाम ह ndash ldquoशरीफाराजी की वरत कथाrdquo

इस अदभत वरत कथा क फाय भ भहातऩसॊऩनन शरी अबतर भहषषि न कऩा कयत हए कहा ह- ldquo ह फाराजी क षपरम

बकतो कलरमग भ आऩक सौबागम क फाय भ कमा कहना कतमग तरतामग औय दवाऩायमग भ अतमॊत कठोय तऩ-

जऩ कयन ऩय बी परसनन न होन वार शरी नायामण इस मग भ कवर नाभसभयण स ही आऩ रोगो ऩय कऩा कय यह

ह षवशवास क साथ उनह फरान ऩय व तयॊत कऩा परदान कयत ह ऐस करणाभम ह शरीफाराजी ऩषवतर रतरभरा ऩय

तमहाया यखा हय कदभ अनक जनभो क ऩणमपर क सभान ह

पराचीन कार भ ldquoकौभायrdquo दश भ ldquoलभतरrdquo नाभक धोफी यहता था वो अऩन काभ क साथ-साथ धालभिक कामि कयता हआ जीवन रनवािह कय यहा था उसकी अऩॊगता ही उसकी चच ॊता थी इसी कायण धोए हए कऩडो की ऩोटरी फनाकय घय-घय घभकय उनह रोगो तक ऩहॉचाना उस धीय धीय भसशकर रगन रगा उसका ऩरयवाय फडा था बफना भहनत ककए उस बय ऩट खान को बी नही लभरता था हभशा वो शरी फाराजी की ऩजा कयता यहता था कबी ना कबी बगवान उस ऩय कऩा कयग इसी षवशवास स वो अऩना जीवन गजाय यहा था बकतो ऩय कऩा कयन वार फाराजी सफ कछ दखत यहत ह जो वमसकत अऩन कभो स भकती ऩाता ह उनक ऩास आकय फाराजी ककसी न ककसी रऩ भ आकय उनकी या कयत ह एक हदन शाभ क सभम हभशा की तयह लभतर कऩड धोकय कऩडो की ऩोटरी राद धीय-धीय चरता हआ आ

यहा था फीच यासत भ उस एक वदध बराहभण हदखाई हदम गौयव की बावना स फड होन क कायण लभतर न अऩन कॊ ध

ऩय रदी हई ऩोटरी को नीच उतायकय वदध बराहभण को नभसकाय ककमा तफ उस षवपरोततभ न कहा- ldquoतभ अऩन इस ऩय क कायण ककतना कषट सह यह हो तमहाया दख दखा नही जाताrdquo तफ लभतर न कहा-ldquoह नाथ आऩ फजगि ह बयाऩया ऩरयवाय होन क कायण भझ इस काभ स भकती नही लभर यही ह ककसी तयह भयी म अऩॊगता दय हो ऐसा कोई उऩाम फताइएrdquo

तफ बराहभण न कहा-ldquoसनो बाई भ जरय फताऊॉ गा धमान स सनो भ एक ऐस वरत क फाय भ फताता हॉ सजस सॊऩनन कयन स तमहायी अऩॊगता दय हो जाएगी तमह अषट ऐशवमो की परासपत होगी वरत सॊऩनन कयत ही तमह हजाय अशकपि माॉ लभरगी ऩय एक शति ह उसभ स आध तभ भझ दोगकर भ कपय इसी सभम महाॉ लभरॉगाrdquo तफ लभतर न कहा- ldquoसवाभी इसस फढकय सौबागम औय कमा हो सकता ह आज ही इस

वरत क फाय भ फताइए भ उस सॊऩनन करॉ गाrdquo लभतर क उतसाह को दख वदध न शरी फाराजी वरत कथा क फाय भ फतामा

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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लभतर दगन उतसाह क साथ घय आमा ऩयी कहानी ऩतनी को फतामी औय अडोस-ऩडोस क साथ लभरकय शरी फाराजी वरत को सॊऩनन ककमा चयणाभत परसाद गरहण ककमा घय आए सबी रोगो को बी हदमा तबी घय क फाहय कछ

कोराहर सनाई हदमा लभतर का फटा फाहय स दौडता हआ आमा औय फोरा- ldquoषऩताजी षऩताजी याज-यक आऩक लरम आए ह याजा न आऩक लरम बट बी बजी हrdquo इतन भ यक बी वहाॉ आ गम उनहोन फतामा कक उसकी रनमसकत याज दयफाय भ धोफी क रऩ भ हो गमी ह याजा न हजाय अशकपि माॉ ऩयसकाय सवरऩ बजी ह ऐसा कहकय उनहोन लभतर क हाथ भ हजाय अशकपिमो की ऩोटरी यख दी एक हफत क अॊदय-अॊदय

उस आकय नौकयी भ बतॉ होन को बी कहा लभतर क आनॊद की सीभा नही थी एक हफता कमो कर ही कमो नही सोचकय उसन अऩनी ऩोटरी-वोटरी फाॉधी औय दसय हदन सवय ही वो जान को तमाय हो गमा इस जलदफाजी भ वह

उस वदध की फात बर गमा फीच यासत भ उस उसकी फात माद आ गमी ऩय ठीक हअगर भहहन लभर रता हॉ सोच

कय वह याज दयफाय भ अऩन काभ ऩय रग गमा हदनभहहन फीत बराहभण क वश भ आए बगवान को गससा आमा बगवान न सोचा भनषम की परवसतत ऐसी ही होती ह उस भझ अऩनी भहहभा फतानी होगी

दसय ही हदन याणीवास स आबषण चोयी हो गम चोयी का इलजाभ लभतर ऩय आमा लभतर को कायावास की सजा हई hellipयाज यकोन उस तयह-तयह की मातनाएॉ दी ऐसा कमो हआउस ऩय मह इलजाभ कमो रगा सोचत हए लभतर को यात को सऩन भ बगवान हदखाई हदम उनहोन फतामा कक ldquoवदध बराहभण क रऩ भ व ही आम थ वो अऩनी फात स भकय गमा इसलरम म सफ हआ हrdquo तफ लभतर न कहा-ldquoह नाथभ ऩाऩी हॉ भन फहत फडा ऩाऩ ककमा ह कऩमा भझ ऩय दमा कीसजम अफ भ हय भहहन आऩका वरत सॊऩनन करॉ गा भयी आम का आधा बाग जीवन बय आऩको सभषऩित करॉ गाrdquo गार फजाकय उसन बगवान की हय तयह स पराथिना की बकतो की ऩकाय सननवार बगवान न खशी-खशी लभतर ऩय कऩा कय दी बगवान की कऩा स याणी क आबषण दसयही हदन लभर गम याजान म बी जान लरमा कक लभतरन चोयी नही की थी लभतरको कायावास स रयहा कय हदमा गमा तफ स लभतर बगवान को हदम वचन अनसाय हय भहहन शरी फाराजी का वरत सॊऩनन कयन रगा औय अऩनी आम का आधा बाग बगवान को अषऩित कयता यहा सख ऩणि जीवन बफतात हए उसन अॊत भ भो बी परापत ककमाrdquo

शरी अबतरजी न ऐसा कहकय ऩाॉचव औय आखयी अधमाम को सभापत ककमा

गोषवॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

ऩॊचभोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

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faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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रलरता ऋषषकश

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शरी वकटशवय भॊतर

कलरमग क दवता सवमॊ शरी वकटशवयन वदो भ स कछ भॊतर भझ फताम ह उनभ स म भॊतर हय योज ऩजा क वकत

ऩढन स सचची बसकत ऩान क लरम भदद कयगा

भयारयसवक जयाहदऩीडडत रनयाचथिजीवन रनयाश बसय

वयारतसनदय सयाॊगनायरत कयाॊगसौषठव कभायताकरत

कभाय तायक सभाऩनोदम तननऩातक भहाऩदाभम

षवहाऩनोहदत सकरबवन षवहदत कभायधायालबधान तीथािहदसषटतसम

धयणीतर गत सकर हतकलरर सबासलरर गतफहर

षवषवधभर अरतचतय रचचयतय षवरोकनभातर षवदलरत

षवषवधभहाऩातक सवाभीऩषकरयरण सभतसम

जो बकत इस भॊतर का हय योज ऩठन कयगा वो आयोगमऩणि औय सभदध जीवन वमरतत कयगा

रलरता ऋषषकश

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कलमाण वकटशवय सवाभी

ऩजा की साभगरी ६ नारयमर ndash १ करश क लरम औय ५ ऩाॉच अधमामो क लरम

१ वसतरभ (रई का फना हआ हाय) १ करश १ नम परन कऩड का टकडा (रगबग एक भीटय)

हलदी औय कभकभ अता अगयफतती कऩिय (आयती क लरम)

बफड क ऩान मा आभ क ऩतत ( ३ ndash ५ करश क लरम २ षवनामक की ऩजा क लरम)

पर तरसी ऩॊचाभत (दध दही घी भध औय चीनी ) गणश क नवदम क लरम छोटा गड का टकडा वरत क नवदम क लरम गहॉ का यवा घी षऩसी हई चीनी करा षऩसी हई इरामची यवा घी भ बनकय ठॊडा होनऩय उसभ कर क टकड चीनी औय इरामची डार म यवा दध मा ऩानी भ नही ऩकामा जाता

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वरत की षवधी शरी रतमभयाज षवशवऩरत याभकषण भतॉ दवाया

कलरमग भ शरी फाराजी की कऩा ऩान क लरम इस वरत को सॊऩनन कयना अतमॊत आसान ह इस वरत को सॊऩनन

कयन क तयॊत फाद सबी कषट दय हो जात ह इस वरत की षवधी अतमॊत सयर ह सजस भझ वकॊ ठवासी नायामण जी न

सवमॊ फतामी ह कोई बी वमसकत कही बी कबी बी इस वरतको सॊऩनन कय सकता ह आचथिक कहठनाईमाॉ हो मा सवासम सॊफॊधी कोई सभसमा हो भन अशाॊत हो मा अनम कोई बी कायण हो इस वरत क सॊऩनन स ही कषट दय हो जात ह महद आऩन अऩन घय भ कोई शब कामि कयन का रनशचम ककमा हो तफ बी इस वरत को सॊऩनन कय सकत

ह नौकयी औय वमाऩाय भ उननरत क लरम बी वरत सॊऩनन कयन स तयॊत पर की परासपत होती ह

इस वरत को सॊऩनन कयन क दो षवधान ह

परथभ षवधान

इस वरत को ऩहर फताम अनसाय ककसी बी सभम सॊऩनन कय सकत ह भखम रऩ स भागिशीषि भाघ कारत िक भहहनो भ ऩरणिभा ऩॊचभी सपतभी एकादशी रतचथमो भ शरवण सवातीनतरो भ इस सॊऩनन कयना अचछा होता ह सवय हो मा शाभ इस वरतको सॊऩनन कय सकत ह

इस वरत भ ऩाॉच अधमाम ह ऩहरा अधमाम साात शरी फाराजी की कऩा स लरखा गमा ह अनम चाय अधमाम भहा तऩसवी शरी षवशवालभतर वलसषठ बयदवाज औय अबतर भहाभरनमो क दवाया फतामा गमा ह अऩन सवगह भ हो मा रनवास सथान भ बगवान का भॊहदय हो मा अनम कोई बी ऩषवतर सथान नदी तट ऩय बी इस सॊऩनन कय सकत ह

महद सॊबव हो सक तो अऩन फॊध-लभतरो क साथ इस सॊऩनन कय सफस ऩहर सजस जगह ऩय आऩ कयना चाहत ह उस

साप कय उसक फाद भॊडऩ तमाय कयक उसभ शरी फाराजी की तसवीय यख शरीदवी बदवी क साथ फाराजी की तसवीय को यखना शरषठ होगा तसवीय क साथ एक रऩम का लसकका यख उसक फाद करश की सथाऩना कय

सविपरथभ हलदी स फन क गणश की ऩजा कयनी चाहहम ताकक वरत बफना ककसी षवघन क सॊऩनन हो सक फाद भ वरत

कथा क ऩाॉच अधमाम ऩढ सवमॊ बगवान कहत ह कक जो वमसकत रनषठा औय बसकतस इस सॊऩनन कयता ह वहाॉ बगवान सवमॊ ककसी ना ककसी रऩ भ आकय परसाद सवीकाय कयत ह

दषवतीम षवधान

साात बगवान न एक औय भखम फात म बी फताई ह कक महद ककसी कायण कोई सभसमा हो औय वरत कयन क लरम

सभम न लभर मा ककसी कायणवश सॊबव न हो यहा हो तो अकर फठकय बी इस वरत को सॊऩनन ककमा जा सकता ह

शरी फाराजी क भॊडऩ क साभन फठकय सफस ऩहर गणश जी की पराथिना भन ही भन कय कपय अषट हदकऩारको नवगरह दवताओॊ का भन ही भन नभन कय तरसी दर नारयमर उऩरबध पर-पर थारी भ यख फाराजी को सभयण कयत हए वरत कथा का भन ही भन ऩठन कय नारयमर बगवान को अषऩित कय इस परसाद क रऩ भ सवीकाय

कयन स सबी कषट तयॊत दय हो जात ह हय कथा क अॊत भ नारयमर सभषऩित कय भहापरसाद क रऩ भ गहॉ का यवा

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(दलरमा) चीनी डारकय हरवा जस फनाम उसक ऊऩय करा बी यख हय कथा क अॊत भ गोषव ॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

तीन फाय कह कय पराथिना कय

फाराजी को तरसी दर अरत षपरम ह इसी लरम ऩजाभ तरसी दरो को यखना शरषठ होगावरत सॊऩनन होन क फाद

तरसी दरो को परसाद क रऩ भ सवीकाय कयन स योगरनवायण होन क साथ साथ अषट ऐशवमो की परासपत होती ह वरत की सभासपत ऩय नारयमर सभषऩित कयक उनक टकड फनाकय परसाद क रऩ भ बगवान को सभषऩित कयन स वहाॉ उऩससथत सबी रोगो को दकय कपय उस सवीकाय कयन स ऩणम परापत होता ह इस वरत को षवधीऩविक करश सथाऩना क साथ षवसताय स सॊऩनन कय अगय सॊबव न हो तो ऊऩय फताम दषवतीम षवधान क अनसाय बी कय सकत ह एक फात हभ सबी को माद यखनी चाहहम हभायी जो बी सभसमाएॉ ह व सजतना बगवान जानत ह औय कोई नही जान सकता ह इसीलरम उस करणाभम की पराथिना कय सॊकलऩ कय वरत सॊऩनन कयन स भनोकाभना रनसशचत ही ऩयी हो जाती ह सबी कषट दय होकय अषट ऐशवमो की परासपत होती ह

सभसत सनभॊगरारनबवॊत शरी रकषभी शरीरनवास कटा लसषदधयसत

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शरी वकटशवय वरत कथा शरीगणऩती धमानभ

वकरतणड भहाकाम कोहटसमिसभपरब रनषविघनभ करभ दव सविकामष सविदा शकरामफयधयभ शलशवणिभ चतबिजभ परसनन वदनभ धमामत सविषवघनोऩशाॊतम

तदव रगनभ सहदनभ तदव तायाफरभ चॊिफरभ तदव षवदमाफरभ दवफरभ तदव रीऩत तरिमगभ सभयालभ

आचभनभ

ॐ कशवाम सवाहा ॐ नायामणाम सवाहा ॐ भाधवाम सवाहा

ॐ गोषवॊदाम नभ ॐ षवषणव नभ ॐ भधसदनाम नभ ॐ बतरषवकरभाम नभ ॐ वाभनाम नभ ॐ शरीधयाम नभ

ॐ रषषकशाम नभ ॐ ऩदमानाबाम नभ ॐ दाभोदयाम नभ

ॐ सॊकषिणाम नभ ॐ वासदवाम नभ ॐ परदममनाम नभ ॐ अरनरधदाम नभ ॐ ऩरषोततभाम नभ ॐ अधोजाम नभ

ॐ नयलसॊहाम नभ ॐ अचमताम नभ ॐ जनादिनाम नभ ॐ उऩिाम नभ ॐ हयम नभ ॐ शरीकषणाम नभ

बतोचचाटनभ

उसततषटॊत बतषऩशाचचा एत बलभबायका ऐतशाभषवयोधन बरहभकभि सभायब

पराणामाभभ

ॐ ब ॐ बव ॐ सव ॐ भह ॐ जन ॐ तऩ ॐ सतमभ ॐ ततसषवतय-वयणमभ बगो दवसम धीभहह चधमो य़ो न परचोदमात ॐ आऩो-जमोरत-यसोवतभ बरहभ बबिवससवयोभ

भभ उऩातत दरयतामदवाया शरी ऩयभशवय परीतमथिभ शब शोबन भहत शरी भहाषवषणो आगनमा परवत भानसम आदमबरहभण दषवतीम ऩयाथ शवत वयाहकलऩ ववसवत भनवनतय कलरमग परथभऩाद जमफदवीऩ बयतवष बायत खनड भयो दकषण हदगबाग शरीशरसम hellip(जहाॉ ऩजा कय यह ह उस गाॉव का नाभ)परदशाम कषणा गोदावयी भधमबाग सव-शोबन गह सभसत दवता बराहभण हरयहय ससननधौ अससभन वतिभान वमवहारयक चानिभानन सवससतशरी परबवाहद नाभ सॊवतसय भधम सॊवतसय अमन ऋतौ (आज का भहहना)भासाम (शकर मा कषण)ऩाम (आज की रतथी)रतथौ (आज का हदन)वासय शबनतर शबमोग शबकयण एवॊ गण षवशषण षवलशषटामाभ

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शबरतथौ शरीभान(अऩना औय ऩरयवाय क सबी सदसमो क नाभ) गोतर (अऩना गोतर) नाभधम धभिऩतनी सभतसम असभाकभ सहकटॊफानाभ भ सथमि धमि षवजम आमय-आयोगम

ऐशवमि-अलबवधमथिभ धभािथि काभभो चतषविध ऩरषाथि पर लसदधमथिभ भभोऩातत दरयताम दवाया शरी ऩयभशवय परीतमथिभ शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरी वकटशवय दवता भडडडषम शरी वकटशवय वरतकलऩ करयषम िव सॊबवरदभ ऩदाथ सॊबवता रनमभन मावचचसकत धमाना वाहनाहद षोडषोऩचाय ऩजाभ करयषम (ऩानी को हाथ रगाम)

तदॊग करशायाधनभ करयषम (सवाभीजी की दामीॊ ओय करश यख उसभ गॊधभ ऩषऩभ कॊ कभ औय अता डार कपय आग लरख हए शरोक ऩढ) शरोकॊ करशसम भख षवषण काॊत रि सभाचशरता भर ततर ससथतो बरहभा भधम भातगणाचशरत कौत सागया सव सपतदवीऩ वसॊधया ऋगवदोत मजवद साभवदोहमथविणा अॊगशच सहहता सव करशाॊफ सभाचशरता करश गॊधऩषऩाताभ रनकषपतम हसतनचचादम आऩो वा इदभ सव षवशवबतानमाऩ पराणवा आऩा ऩशव आऩोननाभाऩोभता भाऩा समरादऩो षवयाडाऩा सवयाडाऩशचॊडाभ समाऩो जमोरतभ शमाऩो मजोभशमाऩ ससतमाभाऩ सवाि दवता आऩोबबिवसव याऩ ॐ (करश भ ऩानी बय औय उसभ तरसी क ऩतत डार) शरोकॊ गॊग च मभन च कषण गोदावयी सयसवरत नभिद लसॊध कावमो जरससभन ससननचधभ कर कावयी तॊगबिा च कषणवणी च गौतभी करशोदकन दवातभानभ ऩजािवमारन च समपरोकषमा (करश भ एक पर डफोकय उसस सवाभीजी ऩय ऩजा की साभगरी ऩय औय आऩ ऩय ऩानी रछडक )

शरी गणऩती पराथवना शकराॊफयधयभ षवषणभ शलशवणिभ चतबिजभ परसननवदनभ धमामत सविषवघनोऩशाॊतमत

आदौ रनषविघनन वरत ऩरयसभापतभ गणऩती ऩजाभ करयषम

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अथ गणऩती ऩजा ॐ गणानाभ तवागणऩतीभ हवाभह कषवॊ कवीनाभऩा भसशरवसतवभ जमषठयाजभ बरहभणाभ बरहभणसऩत आनशशरणमनततलब सीदसाधनभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ धमामालभ धमानभ सभऩिमालभ

आवाहमालभ यतनलसॊहासनभ सभऩवमालभ ऩादमौ ऩादमभ सभऩवमालभ

हसतौ अरघमवभ सभऩवमालभ भख आचभनीमभ सभऩवमालभ

आऩोहहषटाॊमोबवसतान ऊजधदातन भहयणाम चस मो वत लशवत भोयससतसम बाजमतहन उषतीरयना भातय तसभायभ गभाभवो मसमामाम जजॊधव आऩोजनमाधाचन

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash शदधोदक सनानॊ सभऩिमालभ

सनानाॊतयभ शदध आचभनभ सभऩिमालभ

अलबवसतरात वसनानमाय शलबदनतस दघा ऩजभान अलबचॊदरा बताव व नो हहयणमाभमशवनयततनोदव सोभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash वसतरमगभभ सभऩिमालभ

मऻोऩवीतभ ऩयभॊ ऩषवतरभ परजाऩत मत सहजभ ऩयसतात आमषमॊगरमभ परततभचच शभरॊ मऻोऩवीतभ फरभसत तज

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash मऻोऩवीतभ सभऩिमालभ

गॊधदवायाभ दयाधषावभ तनतमऩषटान करयषषणीभ

ईशवयीभ सववबतानाभ ता लभहोऩवहम शरशरमभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash हदवम शरी चॊदनॊ सभऩिमालभ

आमन त ऩयामण दवाव योहॊत ऩजषऩणी हदाशच ऩॊडयीकाणण सभदरसम गहा इभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash दवािहद नानाषवध ऩषऩारण सभऩिमालभ

अथ शरी षोडषनाभ ऩजा ॐ सभखाम नभ

ॐ एकदॊताम नभ

ॐ कषऩराम नभ

ॐ गजकरणिकाम नभ

ॐ रमफोदयाम नभ

ॐ षवकटाम नभ

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ॐ षवघनयाजम नभ

ॐ गजाचधऩतम नभ

ॐ धभकतव नभ

ॐ गणाचधाम नभ

ॐ पारचॊिाम नभ

ॐ गजाननाम नभ

ॐ वकरतॊडाम नभ

ॐ शऩिकणिकाम नभ

ॐ हयमफाम नभ

ॐ सकॊ दऩविजाम नभ ॐ सवािलससधद परदामकाम नभ ॐ भहागणाचधऩतम नभ

नानाषवध ऩरयभर ऩषऩारण सभऩिमालभ

वनसऩतमबवव हदव नाना गॊध स सममतभ आघरम सववदवानाभ धऩोमभ परततगहमताभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash धऩभािाऩमालभ

साजमभ बतरवतॉ सॊमकताभ वसहनना मोसजतभ षपरमभ

गहाणा भॊगरभ दीऩभ तररोकमरतलभयावहभ

बकतमादीऩभ परमचछालभ दवाम ऩयभातभन

तराहहभाभ नयकादघोयाद हदवमजमोरत नभोसतत

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash दीऩभ सभऩिमालभ

धऩ दीऩाॊतयभ आचभनीमभ सभऩिमालभ

नवदमभ

(गड का छोटा टकडा थारी भ यख कय उसक सबोवतार ऩानी रछडक) ॐ बबव सव ॐ ततसषवतयवयणमभ बगो दवसम धीभही चधमोमोन परचोदमात सतमभ तवतन ऩरयषषॊचालभ (यात भ ldquoऋतॊ तवा सतमन ऩरयषषॊचालभrdquo ऐस कह)

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash नवदमभ सभऩिमालभ

अभतभसत अभतोवतसयणभलस

ॐ पराणाम सवाहा ॐ आऩानाम सवाहा ॐ वमानाम सवाहा ॐ उदानाम सवाहा

ॐ सभानाम सवाहा भधम भधम ऩानीमभ सभऩवमालभ

अभताषऩधानभलस उततयाऩोषणभ सभऩवमालभ

हसतौ परारमालभ शदधाचभनीमभ सभऩवमालभ

ऩगीपर सकयऩय नागवलरीदरीयमतभ

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भकताचणव सभामकतभ ताॊफरभ परततगहमताभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash ताॊफरभ सभऩिमालभ

ॐ गणानाभ तवागणऩतीभ हवाभह कषवॊ कवीनाभऩा भसशरवसतवभ जमषठयाजभ बरहभणाभ बरहभणसऩत आनशशरणमनततलब सीदसाधनभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ - सवणिभॊतरऩषऩभ सभऩिमालभ

भॊतरहीनभ ककरमाहीनभ बसकतहीनभ गणाचधऩ

मतऩसजतभ भमा दव ऩरयऩण तदसतत

मऻन मऻभमजॊत दवासतारन धभािरण परथभानमासन

तहनाकभ भहहभान सचॊत मतर ऩवसाधमा सॊरत दवा

ऩनयाचभनभ

अनमा धमानावाहनाहद षोडषोऩचाय ऩजमा च बगवान सवाितभक

शरीभहा गणाचधऩरत सपरीतो वयदो बतवा उततय कभिणम षवघनभसत बवनतो

बवनत उततय कभिणम षवघनभसत गणाचधऩरत परसादभ लशयसा गरहणालभ

सहसरऩयभा दषव शतभरा शताॊकया सव हयत भ ऩाऩॊ दवािदससवपननाशनी गणऩरत मदासथानॊ उदवासमालभ

पराण परततषठा ॐ असनीत ऩनसभािस च ऩन पराणलभहनोदहह बोगॊ जमोकऩशमभ

समिभचचयनत भनभत भडमान सवससत अभतॊ वपराणा अभतभाऩ पराणानव मधासथानभऩहवमत

(सवाभीजी की भतॉ को हाथ रगाम )

शरीवकटशवय आवाहमालभ सथाऩमालभ ऩजमालभ ससथयोबव वयदोबव सपरसननोबव ससथयासनॊ कर

धमानभ

शानताकायॊ बजगशमनॊ ऩदमनाबभ सयशभ षवशवकायभ गगन सदशॊ भघवण शबाॊगॊ

रकषभीकानतॊ कभरनमनॊ मोचगहरधमान गममॊ वनद षवषणॊ बवबमहयॊ सविरोककनाथॊ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - धमामालभ धमानभ सभऩिमालभ

आवाहनभ

आवाहमालभ दवश लसदधगनधवि सषवत मिसमलभदॊ ऩणमॊ सविऩाऩहयोहय

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवनकटशवय सवालभन नभ - आवाहमालभ

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(सवाभीजी क भतॉ ऩय पर ऩतत चढाम) आसनभ

दव दव जगननाथ परणत करशनाशन यतनलसॊहासनॊ हदवमॊ गहाण भधसदन

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवनकटशवय सवालभन नभ - यतनलसॊहासनॊ सभऩिमालभ

(सवाभीजी क भतॉ ऩय पर ऩतत चढाम) ऩादमॊ

वासनचतॊ करभदव दषकतॊ च षवनाशम ऩादमॊ गहाण बगवान भातरतसॊग सॊससथत

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - ऩादमो ऩादमॊ सभऩिमालभ

(एक चमभच ऩानी थारी भ डार)

अरघम

करषवभ दमाॊ दव सॊसायारत ि बमाऩह दचधीय परोऩतभ गहाणाघम नभोसतत

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हसतमोयघम सभऩिमालभ

(एक चमभच ऩानी थारी भ डार)

आचभनॊ नभ सतमाम शदधाम रनतमाम ऻानरषऩण गहाणाचभनॊ दव सविरोककनामक

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - भख आचभनीमॊ सभऩिमालभ

(एक चमभच ऩानी थारी भ डार) ऩॊचाभतसनानॊ

ऩॊचाभतॊ भमानीतॊ ऩमोदचधघतॊ भध शकि या सहहतॊ चवदवतवॊ पररतगहमताॊ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - ऩॊचाभत सनानॊ सभऩिमालभ

(ऩॊचाभत गाम क दध दही घी भध औय चीनी लभराकय ककमा जाता ह)

सनानॊ सवणिऩातरोदकॊ गॊगा मभनाहद सभसनवतॊ शदधोदकॊ गहाणश सनानॊ कर मथाषवचध

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - शदधोदकसनानॊ सभऩिमालभ

(एक चमभच ऩानी थारी भ डार) वसतरॊ

तपतकाॊचन सनकाशॊ ऩीतमफय लभदॊ हय सगहाण जगननाथ शरीरनवास नभोसतत

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - वसतरमगभॊ सभऩिमालभ

मऻोऩवीतॊ मऻोऩवीतॊ ऩयभॊ ऩषवतरॊ परजऩतमितसहजॊ ऩयसतात

आमषमभागरमाभ पररतभचचशभरॊ मऻोऩवीतॊ फरभसत तज

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शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - मऻोऩवीतॊ सभऩिमालभ

गनधॊ चनदनागर कसतरय घनसाय सभसनवतॊ गनधॊ गहाण गोषवनद नानागॊधसचधायम

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हदवमऩरयभर गॊधाॊ सभऩिमालभ

(सवाभीजी क भतॉ को चॊदन रगाम) अताॊ

गोषवनदा ऩयभाननद हरयिा सहहततान षवशवशवय षवशारा गहाण ऩयभशवय

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - अतान सभऩिमालभ

(सवाभीजी क भतॉ ऩय अता डार चावर को हलदी कॊ कभ रगाक अता फनात ह) ऩषऩॊ

सगॊधारन सऩषऩारण जाजीकनदभखारन च भाररत वकरादषव ऩजाथ पररतगहमताॊ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - ऩषऩॊ सभऩिमालभ

अथाॊग ऩजा ॐ शरी वकटशवयाम नभ - ऩादौ ऩजमालभ

ॐ शरी वकटचरचधशाम नभ - गलफ़ौ ऩजमालभ

ॐ शरी परदामकाम नभ - जाननी ऩजमालभ

ॐ ऩदमावती ऩतम नभ - जॊघ ऩजमालभ

ॐ ऻानपरदाम नभ - ऊर ऩजमालभ

ॐ शरीरनवसाम नभ - कहटॊ ऩजमालभ

ॐ भहाबागाम नभ - नालबॊ ऩजमालभ

ॐ रनभिराम नभ - उदयॊ ऩजमालभ

ॐ षवशाररदमाम नभ - रदमभ ऩजमालभ

ॐ ऩरयशदधातभन नभ - सतनौ ऩजमालभ

ॐ ऩरषोततभाम नभ - बजौ ऩजमालभ

ॐ सवणिहसताम नभ - हसतौ ऩजमालभ

ॐ वयपरदाम नभ - कॊ ठॊ ऩजमालभ

ॐ रोकनाथाम नभ - सकनधौ ऩजमालभ

ॐ यसऻाम नभ - नालसकाॊ ऩजमालभ

ॐ ऩणमशरवन कीतिनाम नभ - शरोतर ऩजमालभ

ॐ ऩलरामफज षवरोचनाम नभ - नतर ऩजमालभ

ॐ वचिससवन नभ - रराटॊ ऩजमालभ

ॐ यमम षवगरहाम नभ - सवािणमनगारन ऩजमालभ

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ॐ शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हदवमसनदय षवगरहॊ ऩजमालभ

शरी वकटशवय अषटोततय शतनाभावलर

ॐ वकटशाम नभ

ॐ शरीरनवासाम नभ

ॐ रकषभीऩतम नभ ॐ अनाभमाम नभ ॐ अभताॊशाम नभ ॐ जगदवॊदवाम नभ ॐ गोषवनदाम नभ ॐ शाशवताम नभ ॐ परबव नभ ॐ शषाहि-रनरमाम नभ ॐ दवाम नभ ॐ कशवाम नभ ॐ भधसदनाम नभ ॐ अभताम नभ ॐ भाधवाम नभ ॐ कषणाम नभ ॐ शरीहयम नभ ॐ ऻान-ऩॊजयाम नभ ॐ शरी वतस-वस नभ ॐ सवशाम नभ ॐ गोऩाराम नभ ॐ ऩरषोततभाम नभ ॐ गोऩशवयाम नभ ॐ ऩयभ-जमोरतषम नभ ॐ वकनठऩतम नभ ॐ अवममाम नभ ॐ सधातनव नभ ॐ मादवनिाम नभ ॐ रनतम-मौवनरऩवत नभ ॐ चतवदातभकाम नभ ॐ षवषणव नभ

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ॐ अचमताम नभ ॐ ऩरदमनी-षपरमाम नभ ॐ धयाऩतम नभ ॐ सयऩतम नभ ॐ रनभिराम नभ ॐ दवऩसजताम नभ ॐ चतबिजाम नभ ॐ चकरधयाम नभ ॐ बतरधामन नभ ॐ बतरगणाशरमाम नभ ॐ रनषविकलऩाम नभ ॐ रनषकरनकाम नभ ॐ रनयाॊतकाम नभ ॐ रनयनजनाम नभ ॐ रनयाबासाम नभ ॐ रनतमतपताम नभ ॐ रनगिणाम नभ ॐ रनरऩिवाम नभ ॐ गदाधयाम नभ ॐ शायॊगऩाणम नभ ॐ ननदककन नभ ॐ शनखधायकाम नभ ॐ अनकभतिम नभ ॐ अवमकताम नभ ॐ कहटहसताम नभ ॐ वयपरदाम नभ ॐ अनकातभन नभ ॐ दीनफानधव नभ ॐ आतिरोक बमपरदाम नभ ॐ आकाशयाज-वयदाम नभ ॐ मोचग-रतऩदमभसनदयाम नभ ॐ दाभोदयाम नभ ॐ जगतऩाराम नभ

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ॐ ऩाऩघनाम नभ ॐ बकतवतसराम नभ ॐ बतरषवकरभाम नभ ॐ लशॊशभायाम नभ ॐ जटाभकट-शोलबताम नभ ॐ शनख-भदमोर-सनभॊजराम-ककसनकणमाडम-कयनडकाम नभ ॐ नीरभघ-शमाभ-तनव नभ ॐ बफलव-ऩतराचिन षपरमाम नभ ॐ जगदवमाषऩन नभ ॐ जगत-कत नभ ॐ जगत-साकषण नभ ॐ जगतऩतम नभ ॐ चचसनतताथि-परदाम नभ ॐ सजषणव नभ ॐ दाशावािम नभ ॐ दश-रऩवत नभ ॐ दवकक-ननदनाम नभ ॐ शौयम नभ ॐ हमगरीवाम नभ ॐ जनादिनाम नभ ॐ कनमा-शरवणतायजमाम नभ ॐ ऩीतामफयधयाम नभ ॐ अनघाम नभ ॐ वनभालरन नभ ॐ ऩदमनाबाम नभ ॐ भगमासकत-भानसाम नभ ॐ अशवरढाम नभ ॐ खडगधारयण नभ ॐ धनाजिन-सभतसकाम नभ ॐ गानसायर-सनभधम-कसतरय-रतरकोजवराम नभ ॐ ससतचदाननदरऩाम नभ ॐ जगनभनगरदामकाम नभ ॐ मऻरऩाम नभ

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ॐ मऻबोकत नभ ॐ चचनभमाम नभ ॐ ऩयभशवयाम नभ ॐ ऩयभाथि-परदाम नभ ॐ शानताम नभ ॐ शरीभत नभ ॐ दोदिनड-षवकरभाम नभ ॐ ऩयातऩयाम नभ ॐ ऩयबरहभण नभ ॐ शरीषवबव नभ ॐ जगदीशवयाम नभ

इतत शरी वकटशवय अषटोततय शतनाभावलर

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शरी भहारकषभी अषटोततय शतनाभावलर

ॐ परकतम नभ ॐ षवकतम नभ ॐ षवदमाम नभ ॐ सविबतहहतपरदाम नभ ॐ शरदधम नभ ॐ षवबतम नभ ॐ सयभम नभ ॐ ऩयभासतभकाम नभ ॐ वाचम नभ ॐ ऩदमारमाम नभ ॐ ऩदमाम नभ ॐ शचम नभ ॐ सवाहाम नभ ॐ सवधाम नभ ॐ सधाम नभ ॐ धनमाम नभ ॐ हहयणमम नभ ॐ रकषमम नभ ॐ रनतमऩषटाम नभ ॐ षवबावम नभ ॐ आहदतम नभ ॐ हदतम नभ ॐ दीपताम नभ ॐ वसधाम नभ ॐ वसधारयणम नभ ॐ कभराम नभ ॐ कानताम नभ ॐ काभाकषम नभ ॐ कभर समबवाम नभ ॐ अनगरहपरदाम नभ ॐ फदधम नभ ॐ अनघाम नभ

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ॐ हरयवलरबाम नभ ॐ अशोकाम नभ ॐ अभताम नभ ॐ दीऩाम नभ ॐ रोकशोक षवनालशनम नभ ॐ धभिरनरमाम नभ ॐ करणाम नभ ॐ रोकभातर नभ ॐ ऩदमषपरमाम नभ ॐ ऩदमहसताम नभ ॐ ऩदमाकषम नभ ॐ ऩदमसनदम नभ ॐ ऩदमोदभवाम नभ ॐ ऩदमभखम नभ ॐ ऩदमनाब षपरमाम नभ ॐ यभाम नभ ॐ ऩदमभाराधयाम नभ ॐ दवम नभ ॐ ऩरदमनम नभ ॐ ऩदमगसनधनम नभ ॐ ऩणमगनधाम नभ ॐ सपरसननाम नभ ॐ परसादालबभखम नभ ॐ परबाम नभ ॐ चनिवदनाम नभ ॐ चनिाम नभ ॐ चनिसहोदम नभ ॐ चतबिजाम नभ ॐ चनिरऩाम नभ ॐ इसनदयाम नभ ॐ इनद शीतराम नभ ॐ आहराद जननम नभ ॐ ऩषम नभ

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ॐ लशवाम नभ ॐ लशवकतम नभ ॐ सतमाम नभ ॐ षवभराम नभ ॐ षवशवजननम नभ ॐ तषम नभ ॐ दारयदरमनालशनम नभ ॐ परीरत ऩषकरयणम नभ ॐ शानताम नभ ॐ शकरभालमामफयाम नभ ॐ बासकम नभ ॐ बफलव रनरमाम नभ ॐ वयायोहाम नभ ॐ मशससवनम नभ ॐ वसनधयाम नभ ॐ उदायॊगम नभ ॐ हरयणम नभ ॐ हभभालरनम नभ ॐ धन धानमकतम नभ ॐ लसदधम नभ ॐ सतरणम सौममाम नभ ॐ शबपरदाम नभ ॐ नऩवशभ गताननदाम नभ ॐ वयरकषमम नभ ॐ वसपरदाम नभ ॐ शबाम नभ ॐ हहयणम पराकायाम नभ ॐ सभि तनमाम नभ ॐ जमाम नभ ॐ भॊगराम नभ ॐ षवषणव सथरससथताम नभ ॐ षवषणऩतनम नभ ॐ परसननाकषम नभ

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ॐ नायामण सभाचशरताम नभ ॐ दारयदरम धवॊलसनम नभ ॐ दवरकषभ नभ ॐ सवोऩिव रनवारयणम नभ ॐ नवदगािम नभ ॐ भहाकालम नभ ॐ बरहभा-षवषण-लशवासतभकाम नभ ॐ बतरकारऻानसमऩननाम नभ ॐ बवनशवम नभ ॐ भहारकषभी अषटोततय शत नभ

इरत शरी रकषभी अषटोततय शतनाभावलर

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शरी ऩदमावती अषटोततय शतनाभावलर

ॐ ऩदमावततम नभ ॐ दवम नभ ॐ ऩदमोदभवाम नभ ॐ करणापरदारमनम नभ ॐ सरदमाम नभ ॐ तजसवरषऩणम नभ ॐ कभरभखम नभ ॐ ऩदमधयाम नभ ॐ शरीम नभ ॐ ऩदमनतरम नभ ॐ ऩदमकयाम नभ ॐ सगणाम नभ ॐ कभकभषपरमाम नभ ॐ हभवणािम नभ ॐ चनिवसनदताम नभ ॐ धगधगपरकाश शयीय-धारयणम नभ ॐ षवषणषपरमाम नभ ॐ रनतमकलमाणम नभ ॐ कोहटसमिपरकालशणम नभ ॐ भहासौनदमिरषऩणम नभ ॐ बकतवतसराम नभ ॐ बरहभानडवालसनम नभ ॐ सविवानचापरदारमनम नभ ॐ धभिसनकलऩाम नभ ॐ दाकषणमकटाकषणम नभ ॐ बसकतपरदारमनम नभ ॐ गणतरमाषववसजिताम नभ ॐ कराषोडशसॊमताम नभ ॐ सविरोकानानजननम नभ ॐ भसकतदारमनम नभ ॐ दमाभतामाम नभ ॐ परऻाम नभ

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ॐ भहाधभािम नभ ॐ धभिरषऩणम नभ ॐ अरनकाय षपरमाम नभ ॐ सविदारयदरमधवॊलसनम नभ ॐ शरीवकटशवसथरससथताम नभ ॐ रोकशोकषवनालशनम नभ ॐ वषणवम नभ ॐ रतरचानरऩयवालसनम नभ ॐ वदवदमषवशायदाम नभ ॐ षवषणऩादसषवताम नभ ॐ यतनपरकाशककयीटधारयणम नभ ॐ जगनभोहहनम नभ ॐ शसकतसवरषऩणम नभ ॐ परसननोदमाम नभ ॐ इनिाहददवत मककननय ककमऩरष ऩसजताम नभ ॐ सविरोकरनवालसनम नभ ॐ बजमाम नभ ॐ ऐशवमिपरदारमनम नभ ॐ शानताम नभ ॐ उननतसथानससथताम नभ ॐ भनदायकालभनम नभ ॐ कभराकयाम नभ ॐ वदानतऻानरषऩणम नभ ॐ सविसमऩसततरषऩणम नभ ॐ कोहटसमिसभपरबाम नभ ॐ ऩजापरदारमनम नभ ॐ कभरासनाहद सविदवताम नभ ॐ वकनठवालसनम नभ ॐ अबमदारमनम नभ ॐ िाापरऩामसषपरमाम नभ ॐ नतमगीतषपरमाम नभ ॐ ीयसागयोदभवाम नभ ॐ आकाशयाज ऩबतरकाम नभ

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ॐ सवणिहसतधारयणम नभ ॐ काभरषऩणम नभ ॐ करणाकटाधारयणम नभ ॐ अभतासजाम नभ ॐ बरोकसवगिसखदारमनम नभ ॐ अषटहदकऩारकाचधऩतम नभ ॐ भनभधदऩि सॊहारयणम नभ ॐ कभराथिबागाम नभ ॐ सवलऩऩयाध-भहाऩयाध-भाम नभ ॐ शतकोहटतीथिवालसताम नभ ॐ नायदाहद भरनशरषठ ऩसजताम नभ ॐ आहदशनकयऩसजताम नभ ॐ परीरतदारमनम नभ ॐ सौबागमपरदारमनम नभ ॐ भहाकीतॉ परदारमनम नभ ॐ कषणारतषपरमाम नभ ॐ गनधवि शाऩषवभोचकाम नभ ॐ कषणऩतनम नभ ॐ बतररोकऩसजताम नभ ॐ जगनभोहहनम नभ ॐ सरबाम नभ ॐ सशीराम नभ ॐ अॊजनासतानगरहपरदारमनम नभ ॐ बकतमातभरनवालसनम नभ ॐ सॊधमावसनदनम नभ ॐ सविरोकभातर नभ ॐ अलबभतदारमनम नभ ॐ रलरतावधतम नभ ॐ सभसतशासतर षवशायदाम नभ ॐ सवणािबयणधारयणम नभ ॐ इहऩयरोक सखपरदारमनम नभ ॐ कयवीयरनवालसनम नभ ॐ नागरोकभरणसह आकाशलसनध कभरशवय ऩरयतयधगभनाम नभ

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ॐ शरी शरीरनवासषपरमाम नभ ॐ चनिभनडरससथताम नभ ॐ अलरवर भनगाम नभ ॐ हदवमभनगर धारयणम नभ ॐ सकलमाणऩीठससथताम नभ ॐ काभकवनऩषऩषपरमाम नभ ॐ कोहट भनभधरषऩणम नभ ॐ बानभनडररषऩणम नभ ॐ ऩदमऩादाम नभ ॐ यभाम नभ ॐ सविरोकसबानतय धारयणम नभ ॐ सविभानसवालसनम नभ ॐ सवािम नभ ॐ षवशवरऩाम नभ ॐ हदवमऻानाम नभ ॐ सवभनगररषऩणम नभ ॐ सवािनगरहपरदारमनम नभ ॐ ॐकायसवरषऩणम नभ ॐ बरहभऻानसॊबताम नभ ॐ शरी ऩदमावतम नभ ॐ सदमोवदवतम नभ ॐ शरीभहारकषमम नभ

इरत शरी ऩदमावती अषटोततय शतनाभावलर

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धऩभ दशाॊगभ गगगरोऩतॊ गोघतन सभसनवतभ धऩॊ गहाण दवश सविरोक नभसकाया

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - धऩभािाऩमालभ

(सवाभीजी क भतॉ की अगयफतती औय धऩ स आयती कय)

दीऩभ

बतररोकश भहादव सविऻान परदामक दीऩॊ दासमालभ दवश यभाभ बकतवतसर

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - दीऩॊ दशिमालभ

(सवाभीजी क भतॉ की दीऩ स आयती कय )

नवदमभ

सविबशच बोजजशच यस षडलब सभसनवतॊ नवदमनत भमानीतभ गहाण ऩरषोततभ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - नवदमॊ सभऩिमालभ

(सवाभीजी को परसाद चढाम अगय करा ह तो ldquoकदरीपर रनवदमालभrdquo नारयमर ह तो ldquoनारयकर परॊ रनवदमालभrdquo ऐस कह अगय गड ह तो ldquoगडोऩहाय नवदमभ सभऩिमालभrdquo कह)

ॐ पराणाम सवाहा ॐ आऩानाम सवाहा ॐ वमानाम सवाहा ॐ उदनाम सवाहा ॐ सभानाम सवाहा ॐ ऩयबरहभण सवाहा ॐ बबिव सव ततसषवतय-वयणमभ बगो दवसम धीभहह चधमो मो न परचोदमात ॐ आऩो जमोरतयसोभतॊ बरहभ बबिव सवयोभ भधम भधम ऩानीमभ सभऩिमालभ

अभताषऩधानभलस उततयाऩोशनभ सभऩिमालभ हसतौ परारमालभ ऩादौ परारमालभ ऩनयाचभनीमभ सभऩिमालभ

तामफरभ ऩगीपर सकऩिय नागवलरीदरमितॊ भकताचणि सभामकतॊ तामफरॊ पररतगहमताॊ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - तामफरभ सभऩिमालभ

नीयाजनभ चशरम कानताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरीवकटरनवासाम शरीरनवासाम भनगरभ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ नीयाजनभ दशिमालभ

ऩनयाचभनीमभ सभऩिमालभ

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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भॊतरऩषऩभ

ॐ सहसतरशीषिभ दवॊ षवशवाॊ षवशवशॊबवॊ षवशवॊ नायामणनदवभ अयॊ ऩयभॊ ऩदॊ १

षवशवत ऩयभासननतमॊ षवशवॊ नायामणॊ हरयॊ षवशवभवदॊ ऩरषसतदषवशवॊ उऩजीवरत २

ऩरतॊ षवशवसमातभशवयॊ शाशवतॊ लशवभचमतॊ नायामणॊ भहाऻमॊ षवशवतभानॊ ऩयामणॊ ३

नायामण ऩयोजमोरत आतभा नायामण ऩय नायामण ऩयभ बरहभ ततवभ नायामण ऩय नायामण ऩयो धमाता धमानभ नायामण ऩय ४

मचच ककसनचत जगतसव दशमत शरमतषऩ वा अनतफिहहशचततसविभ वमापमा नायामण ससथत ५

अननतभ अवममभ कषवॊ सभिनतभ षवशवशमबवभ ऩदमकोश परतीकाशभ रदमभ चापमधोभखभ ६

अधोरनषमा षवतसतमानत नाभमाभऩरय रतषठरत जवाराभाराकरॊबारत षवशवसमामातनभ भहत ७

सनततॊ लशरालबसत रॊफतमाकोशससननबभ तसमानत सलशयभ सकषभभ तससभन सविभ पररतसषठतभ ८

तसमभधम भहान असगन षवशवायचचषविशवतो भख सोगरबसगवबजन रतषठाननाहाय भजय कषव

रतमिगधवाि भधशशामीयशभमा सतसम सनतता ९

सॊताऩमरत सवॊ दह भाऩादतरभसतक तसम भधम वसनह लशखा अणीमोधवाि वमवससथत १०

नीरथो मदभधमसता षवदमलरखव बासवया नीवायशकवततनवी ऩीताबा सवतमनऩभा ११

तसमा लशखामा भधम ऩयभातभा वमवससथत स बरहभ स लशव स हरय स इनि सोय ऩयभासवयात १२

ॐ तद बरहभ ॐ तद वाम ॐ तदातभा ॐ ततसतमभ ॐ ततसविभ ॐ ततऩयोनिभ अनतशचयरत बतष गहामाभ षवशवभरत िष तवभ मऻसतवभ वषकायसतवभ इनिसतवभ रिसतवभ

षवषणसतवभ बरहभतवभ परजाऩरत तवभ तदाऩ आऩो जमोरत यसोवतभ बरहभ बबिवससवयोभ १३

गदा ऩन शॊखयथानगकलऩक धवजायषवॊदाॊकश वजररासशचत ह शरीरनवास तवत चयणामफज दवमॊ भदीम भधािन भरज ॐ रनयॊजनाम षवदमह रनयाबासाम धीभहह तननो शरीरनवास परचोदमात शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हदवमभनतरऩषऩॊ सभऩिमालभ

परदकषण नभसकाय

शरोकॊ मारनकारन च ऩाऩारन जनभानतय कतारन च तारन तारन परणशमसनत परदकषण ऩद ऩद ऩाऩोहभ ऩाऩकभािहभ ऩाऩातभा ऩाऩसॊबव तराहहभाभ कऩभमा दव शयणगतवतसर अनमधा शयणॊ नाससत तवभव शयणॊ भभ तसभात कारणम बावन य य जनादिन

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - आतभपरदकषण नभसकायान सभऩिमालभ

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षवषवधोऩचाय ऩजा छतरॊ धायमालभ चाभयॊ वीजमालभ नतमॊ दशिमालभ गीतॊ शरावमालभ वादमॊ घोषमालभ आॊदोलरकान आयोहमालभ आशवानायोहमालभ गजानायोहमालभ सभसत यजोऩचाय शकतमऩचाय

मनतरोऩचाय दवोऩचाय सवोऩचाय ऩजाॊ सभऩिमालभ

भाऩवणभ भनतरहीनॊ ककरमाहीनॊ बसकतहीनॊ जनादिन मतऩसजतभ भमा दव ऩरयऩणिभ तदसतत

अनमा धमानावाहनाहद षोडशोऩचाय ऩजमा च बगवन सवाितभक शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरी वकटशवय सवरऩो बगवान सपरीत सपरसननो वयदो बवत शरी वकटशवय दव परसादॊ लशयसा गहणालभ

तीथवभ

अकार भतमहयणॊ सविवमाचध रनवायणभ सवि ऩाऩमकयॊ दव ऩादोदकॊ ऩावनॊ शबॊ

नवदमभ

ॐ बबिवससव ॐ ततसषवतवियणमभ बगो दवसम धीभहह चधमो मो न परचोदमात सतमॊ तवतन ऩरयषषॊचालभ अभतभसत अभतोऩसतयणभलस ॐ पराणाम सवा ॐ अऩानाम सवा ॐ वमानाम सवा ॐ उदानाम सवाह ॐ सभानाम सवा ॐ बरहभण सवा

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - भहानवदमभ सभऩिमालभ

अभताषऩधानभलस उततयाऩोशनभ सभऩिमालभ हसतौ परारमालभ ऩादौ परारमालभ शदध आचभनीमॊ सभऩिमालभ

तामफरॊ सभऩिमालभ सवणिभनतरऩषऩॊ सभऩिमालभ परदकषण नभसकायन सभऩिमालभ

अनमाधमानावाहनाहद षोडषोऩचाय ऩजमा बगवान सवाितभक शरी रकषभी ऩदमावती सभत वकटशवय सवाभी सपरीत सपरसननो वयदो बवत शरी रकषभी ऩदमावती सभत वकटशवय सवाभी परसादॊ लशयसा गहणालभ

उदवासनभ मऻन मऻभमजनत दवासतारन धभािरण परथभानमासन

तहनाकॊ भहहभानससचनत मतर ऩव साधमा ससनत दवा

गचछ गचछ सयशरषठ सवसथान शरी वकटशवय बकताबीषट सभधमथिभ ऩनयागभनाम च

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरी वकटशवय सवाभी मथासथानॊ उदवासमालभ

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परथभ अधमाम

शरी बगवान उवाच

कलरमग भ एक हदन शब भहति भ रतरभरा ऩहाड ऩय (सजस धयती का वकॊ ठ कहा जाता ह ) ldquoषवशवऩरत नाभक एक बकत ऩय शरी फाराजी की कऩा हई शरी षवषण क अवताय शरी फाराजी (वकटशवय) जो महाॉ शरीरनवास क रऩ भ ऩज जात ह उनहोन षवशवऩरत को ldquoशरी फाराजी वरत कथाrdquo नाभ स परलसधद इस गरॊथ की यचना कयन की आऻा दी औय कहा- ldquoह भय षपरम बकत षवशवऩरत भय षपरम होन क कायण इस वरत को षवसताय रऩ स तमह फाता हॉ सनो म

वरत भझ अरत षपरम ह आसान होन क कायण इस सबी रोग सॊऩनन कय सकत ह

कलरमग भ भानव अऩन ऩाऩ कभो का पर बोगता ह अनक कषट सहत हए जीवन रनवािह कयता ह कछ बकत

अऩन दख भझ फताकय उनह दय कयन क लरम कहत ह फहत स ऩस खचि कय वो भझ दखन क लरम रतरभरा की मातरा कयत ह भय बकतो स भझ परभ ह व भझऩय अऩना ऩया बाय डार दत ह भ उनह धभि क भागिऩय चराता हॉ

अबी भ जो मह वरत कथा तमह फतान जा यहा हॉ वो ldquoशरी फाराजी की कथाrdquo क नाभ स परलसदध होगा म भया वरत भझ अरतषपरम ह जो वमसकत इस बसकत औय रनषठा स कयगा वह तयॊत ऩाय ऩामगा कोई बी वमसकत कबी बी इस वरत को सॊऩनन कय सकता ह भखम रऩ स भागिशीषि भाघ कारत िक भहहनो भ ऩणिभासी ऩॊचभी सपतभी एकादशी रतचथमो ऩय मा शरवण सवारत नतरो ऩय इस कयना शरषठ होता ह

इस घोय कलरमग भ भय बकत जो कषट सह यह ह उनह भ जानता हॉ तमह जफ बी कोई कषट हो कोई सभसमा हो सवासम ठीक ना हो नौकयी वमाऩाय भ सभसमाएॉ हो भन अशाॊत हो तो इस वरत को सॊऩनन कयना चाहहम इसस

साय कषट दय हो जात ह घय भ शब कामि होन ऩय इस वरत को सॊऩनन कयन स बफना ककसी सभसमा क कामि ऩणि हो जाता ह इस वरत को सॊऩनन कयत ही सबी सख परापत होत ह औय अषट ऐशवमो की परासपत होती ह

सफय मा शाभ इस वरत को सॊऩनन कय सकत ह इस वरत भ ऩाॉच अधमाम ह इनका ऩठन बसकत क साथ कयना चाहहम अऩन घय भ मा रनवास सथान ऩय भॊहदय भ मा ककसी बी ऩषवतर सथान भ नदी तट ऩय सॊऩनन कय सकत ह

महद सॊबव हो तो अऩन फॊध लभतरो क साथ इस सॊऩनन कयन स जमादा शरषठ होता ह जो इस सॊऩनन कयत ह मा जो इस सनत ह वरत सॊऩणि होन क फाद परसाद को बसकत स सवीकाय कयत ह वो अषट ऐशवमो को परापत कयत ह इसस

ऩहर बी भय बकतो न कई भरनमो न इस वरत को सॊऩनन ककमा औय भया आशीवािद ऩामा बरोक भ यहनवार सबी को मह वरत आनॊद परदान कयगा औय शब पर बी परापत होगा शाॊत चचतत स भझ माद कयत हए इस वरत का ऩारन

कयो

सवि परथभ जहाॉ वरत कयना चाहत हो उस सथर को साप कयो भॊडऩ की वमवसथा कय भयी तसवीय सजसभ भयी षपरम

सरखमाॉ शरी दवी बदवी ह उस तसवीय को इस भॊडऩ ऩय सथाषऩत कयो भॊडऩ को दीवाय स रगाकय बी यख सकत हो अनम ककसी इचछक दवता की तसवीय बी सख सकत हो नवगरहो औय अषट हदकऩारको को मा तो भन भ नभसकाय

कयो मा उनका आवहान बी कय सकत हो

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सफस ऩहर हलदी स फनी गणश की ऩजा कयनी चाहहम उसक फाद उस वरत क ऩाॉचो अधमामो का रनषठा स ऩठन

कयना चाहहम मही परथभ अधमाम ह अनम चाय अधमाम भय अतमॊत षपरम ऩातर षवशवालभतर वलशषठ बयदवाज अबतर

भरनशवयो क परवचना रऩ भ ह ऩाॉच अधमामोको ऩढन क फाद भय षपरम शरोक बी ऩढ सकत हो हय अधमाम क अॊत

भ गोषव ॊद गोषव ॊद गोषव ॊद तीन फाय सभयण कयना चाहहम

आभ रोगो क कषटो को भ जानता हॉ इसी लरम भयी एक फात सनो महद ककसी कायण इस वरत को षवसताय रऩ स

सॊऩनन कयन भ कोई सभसमा आ यही हो तो भय तसवीय को साभन यख कय ऩहर गणश जी की कपय नवगरह दवताओॊ औय अषटहदकऩारको को सभयण कय ऩाॉच कहरनमाॉ ऩढकय अऩन भन भ जो इचछा ह उस भझ फताओ भ उस

परसाद क रऩ भ परदान करॉगा इस परकाय कयन स बी कामि की लसषदध होती ह तमहाय कषट दय हो जामग औय शब

पर परापत होगा

जो वमसकत इस वरत को बसकत स सॊऩनन कयगा भ उसक घय ककसी ना ककसी रऩ भ आकय परसाद सवीकाय करॉगा भयी कऩा आऩ सबी को हभशा परापत होगी शरी फाराजी न रतमभयाज षवशवऩरत याभकषणभरत ि ldquoषवशवऩरतrdquo को इस वरत कथा को षवसताय स फतामा कलरमगवासी हभ सबी इस वरत को सॊऩनन कय शरी फाराजी की कऩा क ऩातर फन सकत ह इस वरत को सॊऩनन कय हभ अऩन सबी कषट दय कय सकत ह औय उचचत पर बी परापत कय

सकत ह

गोषवॊदगोषवॊदगोषवॊद

परथभोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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दषवतीम अधमाम

शरी षवशवालभतर उवाच

भहातऩ सॊऩनन साात शरी षवशवालभतर जी न हभ ऩय कऩा की औय परवचन कयत हए कहा- ldquoह कलरमग वालसमो शरीरनवास क बकतो ldquoशरीफाराजी वरत कथाrdquo सजस आऩ सॊऩनन कय यह हो वह फहत ही ऩषवतर ह भहहभा स ऩणि ह मह वरत कलरमग भ शरी नायामण जी की करणा औय दमा परापत कयन का अतमॊत सयर साधन ह पराचीन कार भ शरी फाराजी क षपरम बकतो न इस सॊऩनन कय अऩनी काभनाओॊ को ऩणि ककमा इस वरत कथा क फाय भ हभ फताकय शरी फाराजी न हभाय पररत जो दमा हदखाई ह उसक लरए हभ उनह परणाभ कयत ह

पराचीन कार भ भगध याजम भ षवषणचचतत नाभक एक बकत यहता था उसकी नौ कनमाएॉ थी षवदवान होन ऩय बी वह अतमॊत गयीफ था षवषणचचतत की ऩतनी तायाभरत हभशा नायामणजी की पराथिना कयती यहती थी षववाहाहद शबकामि सॊऩनन कय जो बी ऩस दकषणा क रऩ भ लभरत थ उसस व भसशकर स अऩना जीवन रनवािह कय

यह थ कनमाएॉ मौवनावसथा भ ऩदाऩिण कय चकी थी तायाभरत हभशा इसी चच ॊता भ यहती थी कक इन कनमाओॊ का षववाह ककस परकाय सॊऩनन होग वह फाराजी की पराथिना कयत हए सदा अऩना सभम गजायती थी

वह तो फाराजी की बकत थी औय फाराजी अऩन बकतो स अतमाचधक परभ कयत ह उस हदन भाघ ऩरणिभा थी सवय

एक वदध बराहभण न षवषणचचतत क दयवाज ऩय दसतक दी औय कहा - ldquoह सवाभी भ फॊग दश का वासी हॉ एक मऻ

क लसरलसर भ दसय दश जा यहा हॉ यासत भ महाॉ आमा हॉ भझऩय दमा कयो औय अऩन घय भ एक हदन क लरए

यहन दो कर सवयही भ महॉ स चरा जाऊॉ गाrdquo उन की फात सनकय षवषणचचततन कहा lsquoनाथ इसस फढकय खशी औय कमा हो सकती ह अरतचथ साात नायामण जी क सभान होत ह ऐस हभाय ऩयाणो भ कहा गमा ह आऩ बफना ककसी सॊकोच क हभाय घय भ यह सकत हlsquo ऐसा कह कय उसन उस बराहभण को घय क अॊदय फरामा औय उनका सतकाय ककमा

दोऩहय भ बोजन क फाद उस वदध न तायाभरत स ऩछा ndash ldquoभाता कमा फात ह तभ कछ चच ॊरततसी रगती हो बफना ककसी सॊकोच क फात फताओrdquo तायाभरत न कहा ndash ldquoसवाभी आऩ तो भहातऩसवी ह आऩ क भख का तज उस वकॊ ठवासी क सभान ह आऩ स कमा छऩाना भयी चचॊता भयी कनमाओॊ का षववाह हrdquo उस ऩय वदध न कहा- ldquoभाता तमहाया दख भ जानता हॉ तमहाय सबी कषट दय हो औय तमहायी कनमाओॊ की शादी हो इसक लरम भ एक अदभत वरत फताता हॉ सनो इस वरत को सॊऩनन कयन स तमहाय साय कषट दय हो जामग शरी फाराजी क वरतो भ स मह सफस सयर हrdquo कहत हए उनहोन उस दॊऩरत को ऩया वरत षवधान फतामा वरत षवधान

सनकय षवषणचचतत न कहा- ldquoसवाभी मह तो अतमॊत सॊतोष की फात ह इसस फढकय सौबागम औय कमा होगा

कहत ह ना- शबसम शीिॊ आज भाघ ऩरणिभा ह फहत ही शब हदन ह आऩक कथा अनसाय हभ आज ही इस वरत

को सॊऩनन कयगrdquo षवषणचचततन ऩतनी तायाभरत औय सबी कनमाओॊ क साथ लभरकय उस हदन शाभ भ ही अऩन

फॊध-लभतरो क साथ बसकत औय रनषठा स फाराजी वरत को सॊऩनन ककमा वहाॉ उऩससथत सबी रोगो न वरत ऩया होन क

फाद चयणाभत परसाद गरहण ककमा औय अऩन-अऩन घय परसथान ककमा तफ षवषणचचतत औय तायाभरत न बराहभण

क चयणो को नभसकाय ककमा औय आशीवािद परापत ककमा बराहभणोततभ न बी चयणाभत परसाद गरहण ककमा औय

कहा- ldquoआऩकी भनोकाभना ऩयी हो शरी रकषभी शरी फाराजी की कऩा होrdquo

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अॊधया हो चरा था औय रनिा सभम आसनन था षवषणचचतत न उस बराहभण को एक पटी चादय दत हए आॉखो भ आस लरम कहा- सवाभी भ अतमॊत दरयिी हॉ इसस अचछी चादय भय ऩास नही ह भझ भा कय आज की यात इसी ऩय षवशराभ कय बराहभण भसकयात हए फोर- कोई फात नही भ फाहय फयाभद भ सो जाता हॉ कछ सभम फाद ही सबी रनिारोक भ षवचयण कयन रग आधी यात का सभम था बफजरी की गडगडाहट क साथ फारयश शर हई चायो ओय अॊधया था कहीॊ कछ नही हदखाई

द यहा था षवषणचचतत इस चच ॊता भ था कक वदध बराहभण फाहय कस सो यह होग उस सभम कछ सझ बी नही यहा था ककसी तयह उनहोन यात गजायी सवया हआ फारयश बी थभ चकी थी ऩरत-ऩतनी मही सोच यह थ कक बराहभण की कमा दशा हई होगी ककतना सहा होगा उनहोन मही सोचत हए वो फाहय आए उनह एक अदभत दशम हदखाई हदमा वहाॉ षवपरोततभ नही थ पहट हई चादय की जगह यशभ का षऩताॊफय यखा हआ था उस षऩताॊफय ऩय शरी फाराजी क

भतॉ ndash हदखाई दी व सफ कछ सभझ गम उनकी खषी का कोई हठकाना नही यहा उनक घय आम बराहभण औय

कोई नही साात शरी नायामणजी ही थ ह फाराजी कमा बागम ह हभाया ऩय हभ उनको ऩहचान नही ऩाम हभन उनको पटी हई चादय दी मह सोचत हए उनहोन शरी फाराजी की भतॉ को हाथ भ रकय आॉखो स रगामा औय

घय क अॊदय आम ऩया घय सोन स बया हआ था जहाॉ दखो वहाॉ धन याशी ह बगवान शरी फाराजी की वरत कथा की भहहभा स ही मह सफ सॊबव हो सका ऐसा कहत हए व बगवान की सतरत कयन रग आऩन दख साात शरी फाराजी ही उस बकत क घय आम थ वरत षवधान फतामा औय चयणाभत परसाद बी गरहण

ककमा शरी फाराजी फहत ही करणाभम ह जो बी इस वरत को बसकत औय रनषठा स कयगा उसक घय सवमॊ बगवान

ककसी ना ककसी रऩ भ आमग आऩ सबी इस वरत को सॊऩनन कय बगवान की कऩा परापत कय सकत ह शरी भहषषि षवशवालभतर जी न मह दषवतीम कथा इस तयह फताई

शरी रकषभी शरीरनवास कटाॊ लसषदधयसत

गोषवॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

दषवतीमोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ततीम अधमाम

शरी वलशषठ उवाच मह अधमाम भहातऩोरनषठ वरयषठ शरीवलशषठ भरन न शरीनायामणजी की कऩा स हभ षवसताय रऩ स फतामा ह ह कलरमग वालसमो शरीफाराजी क षपरम बकतो वकणठ भ रनवास कयनवार शरीनायामणजी आज क रतरभरा भ ससथत शरीफाराजी ही ह कलरमग वालसमो क कषट दय कयन क लरम बगवान आऩक फहत सभीऩ रतरभरा ऩहाड ऩय अवतारयत हए ह शरी फाराजी को खश कयन क लरए मह वरत उततभ ह औय सयर बी ह इस वरत को जो बसकत औय रनषठा स सॊऩनन कयता ह उस सबी सख परापत हो जात ह पराचीन सभम भ अवॊती दश भ बागमनगय नाभक एक नगय था नाभ क ही अनरऩ वहाॉ अनक धनवान (वमाऩायी) यहत थ ऩय व अऩनी सॊऩसतत को दख घभॊड कयत थ औय आभ रोगो को हीन दषटी स दखत थ धन-दौरत उनकी सवासजित ह ऐसा सोचकय घभॊड कयत थ बगवान की रनतम ऩजा-ऩाठ तो उनहोन ऩहर ही छोड दी थी कभ स कभ षवशष हदनो भ बी व ना भॊहदय जात ना ऩजा कयत ना ही दीऩ जरात एक हदन सबी धनवान अऩनी-अऩनी ऩतनीमो क साथ परीरत बोज भ वमसत थ उस नगय की ऩवि हदशा भ ही शरी रकषभी नायामण जी का भॊहदय था जहाॉ दीऩ जरानवारा कोई नही था उस हदन षवशष एकादशी थी सजस एक ऩवि हदन बी भाना जाता ह ऩय उस नगय क एक बी धनवान क भन भ भॊहदय भ ऩजा कयन का षवचाय नही आमा शाभ होत-होत आकाश भ घन फादर छा गम औय भसराधाय फारयश होन रगी वमाऩारयमो क घय ऩानी स बय गम चायो ओय अॊधकाय ह अॊधकाय था सवय होन तक ऩया नगय ऩानी भ डफ गमा वमाऩारयमो क घय टट-पट गम उनका साया ऐशवमि सभापत हो गमा ऐसा उऩिव कमो भचा मह पररम कस हो गमा ककसी को कछ बी सभझ भ नही आ यहा था इतन भ उनह एक षवचचतर दशम हदखाई हदमा नगय क फाहय जो झोऩडडमाॉ थी व तो वसी की वसी थी उनको आशचमि हआ इतनी फारयश भ बी म कस सही सराभत यही व ऐसा भन ही भन सोच यह थ कक इतन भ बफजरी कडकी औय आकाशवाणी हई ldquoए भखो तमहायी सॊऩसतत तमहायी अऩनी ह सवासजित ह ऐसा सोचत थ इसी लरम ऐसा हआ ह इस झोऩडी भ यहनवारा दव भया षपरम बकत ह आभ आदभी होन ऩय बी दव रनतम तमहाय नगय भ ससथत शरी रकषभी नायामण

भॊहदय भ दीऩ जराता था इतना ही नही हय एकादशी क हदन मथा सॊबव वह शरी फाराजी वरत कथा बी सॊऩनन कयता था इसी लरम इन झोऩडीमो भ यहनवार सबी रोग सयकषत यह आऩ सबी महद वरत सॊऩनन कयग तो अऩन-अऩन

ऐशवमि को ऩन परापत कय सकत होrdquo आकाशवाणी सनत ही तयॊत व सबी रोग उस भॊहदय भ गम औय जस

सॊबव हो सका वस सबी रोगोन एक-दसय क सहमोग स शरी फाराजी की वरत कथा सॊऩनन की ऐसा कयत ही सबी को उनक घय ऩवि रऩ भ ही परापत हो गम तफ स व सबी शरीफाराजी क बकत फन गम औय हय एकादशी को शरीफाराजी का वरत सॊऩनन कयत औय सख-शाॊरत परापत कय यहन रग अॊत भ उनहोन भसकत बी परापत की

शरीवलशषठजी न इस परकाय म कथा सनाई

गोषव ॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

ततीमोधमाम सभापतॊ |

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ

शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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चतथव अधमाम

शरी बयदवाज उवाच

शरीनायामण जी को ldquoशरीफाराजी वरत कथाrdquo अतमॊत षपरम ह चतथि अधमाम क रऩ भ हभाय साभन शरी बयदवाज

भरनदवाया फतामी नमी कहानी इस परकाय ह- ldquoह कलरमगवालसमो शरी नायामण क षपरम बकतो आऩ सजस वरत को सॊऩनन कय यह ह वह अदभत ह आऩकी भनोकाभनाओॊ को ऩणि कयन का साधन ह शरी फाराजी को परसनन कयन का मह अतमॊत सयर उऩाम ह आऩ सबी ऩय कऩा कयन क लरम ही वकॊ ठवासी बगवान शरीरनवास क रऩ भ रतरभरा ऩहाड ऩय अवतरयत हए ह अनक जनभो क ऩणमपर स ही रतरभरा ऩहाड ऩय ऩय यखन का सौबागम परापत होता ह औय बगवान क दशिन बी सॊबव होत ह इसी तयह इस ldquoवरतकथाrdquo को सॊऩनन कयन का सॊकलऩ बी ऩविजनभ क

ऩणमपर स ही सॊबव होता ह जो वमसकत इस वरत को सॊऩनन कय यह ह मा जो इस कथा को सन यह ह मा जो बगवान क परसाद को गरहण कयत ह उनह बगवान की कऩा परापत होती ह औय व सौबागम बी ऩात ह

पराचीन कार भ ldquoनगयीrdquo नाभक एक गराभ भ धनगपत नाभ का वमाऩायी यहता था वह फहत ही रारची था ऐशवमि परापत कयन ऩय बी उसका रारचीऩन कभ नही हआ मह सभसत ऐशवमि उसका ही कभामा हआ ह ऐसा सोचकय वह फहत घभॊड कयता था अहॊकाय भनषम का नाश कयता ह

धनगपत की ऩतनी काॊरतभती अतमॊत बसकत बावना यखती थी औय रनषठा स बगवान की ऩजा कयती थी उनकी तीन कनमाएॉ थी तीसयी कनमा ldquoकभायीrdquo भ बसकत बावना जमादा थी वह हभशा फाराजी का नाभ ही जऩती यहती थी षऩताजी को बफना फताम वह जफ-तफ शरी फाराजी क भॊहदय भ जाती थी औय बगवान क दशिन कयती थी घय आकय षऩताजी को छोड अनम सबी क साथ परसाद सवीकाय कयती थी ऩती क ऐस वमवहाय स

काॊरतभती थोडी चच ॊरतत होती थी

एक हदन ldquoकभायीrdquo की सहरी क घय ऩय ldquoशरी फाराजीrdquo का वरत सॊऩनन हो यहा था मह जानकय वो वहाॉ गई वरत ऩया होन तक दोऩहय हो चकी थी थोडासा परसाद उसन गरहण ककमा औय थोडा वह अऩन घयवारो क लरम एक

कागज की ऩडी भ रकय चरी फीच यासत भ उस पमास रगन रगी धऩ बी फहत तज थी उसन सोचा थोडी दय रक

कय पमास फझाकय कपय चरॉ तो ठीक यहगा तबी उस माद आमा कक उसक षऩता की दकान अगरी गरी भ ही तो ह वहाॉ जाकय उसन षऩताजी को ऩजा की फात बफना फताम षऩताजी स ऩानी भाॉगकय षऩमा औय षऩताजी गससा कयग

इस डय स उसन जलदी-जलदी ऩानी षऩमा इस घफयाहट भ परसाद की ऩडी वही दकान भ बरकय चरी गई

एकाएक फाजाय भ हडकॊ ऩ भच गमा रोग हाहाकाय भचात हए इधय-उधय बागन रग आगजनी क कायण उस गरी की सायी दकान जर कय याख होन रगी वस बी दोऩहय का सभम थाउस ऩय गभि हवाएॉ चर यही थीधनगपत का शयीय डय क भाय काॉऩन रगा ldquoकछ ही सभम भ उसकी दकान बी जर कय याख हो जाएगीrdquo इस षवचाय स उस क हाथ-ऩय काॉऩन रग सबी रोग अऩनी-अऩनी दकानो स फाहय आकय इधय-उधय बागन रग ऩय

धनगपत वही खडा यह गमा दकान छोडकय जान का भन नही कय यहा था महद वो दकान भ यहगा तो जरकय

याख हो जामगासोचत हए उसन घफयाहट भ उसक हाथ रगी ऩडी को उठामा औय बफना सोच सभझ जो हाथ आमा वो भॉह भ डार हदमा उस कछ भीठा-भीठा सा ऩदाथि रगा औय भन बी शाॊत होन रगा

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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तबी एक अदभत घटना घटीआग धनगपत की दकान तक आकय रक गमी आग की रऩत वहाॉ नही आ ऩामी मह कसी षवचचतर फात हम कसी भामा ह धनगपत क भॉहस एक बी फात नही रनकर ऩामी उधय आगजनी की खफय सनत ही ऩतनी काॊरतभती अऩन कनमाओॊ क साथ फाराजी का सभयण कयत हए दौडती हई वहाॉ आ गमी आग उनक दकान तक आकय कस रक गमी मह दखकय उस आशचमि हआ तबी कभायी को दकान भ बरी हई ऩडी की माद आई धनगपत को सभझन भ दय नही रगी कक उसन जो चीज भॉह भ डारी थी वो औय कछ नही तो बगवान का परसाद ही था औय उसकी भहहभा स ही व इस दघिटना स चक गम धनगपत न शरीफाराजी स भा भाॉगी गार फजाम शाभ भ ही नगयवालसमो को फराकय ldquoशरीफाराजी की वरत कथाrdquo सॊऩनन की तफ स वह बगवान की सवा भ रीन हो गमा औय अॊत भ भो बी परापत की आऩन दखा कक कवर परसाद गरहण कयन स ही वो ककतनी फडी दघिटना स चक गमा फाराजी की भहहभा अदभत ह आऩ सबी बी मथा सॊबव वरत को सॊऩनन कय क बगवान की कऩा परापत कय सकत हldquo

शरीबयदवाजजी न इस परकाय मह चतथि कथा सनामी

गोषवॊदगोषवॊदगोषवॊद

चतथोधमाम सभापतॊ |

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ऩॊचभ अधमाम

शरी अतरतर उवाच

रतरभरा-रतरऩती बरोक का वकणठ धाभ ह ऩयाणो भ फतामा गमा ह कक रतरभरा क सभान ऩषवतर सथर औय शरी फाराजी जस दवता न तो ऩहर कबी हए ह औय न कबी होग शरीरनवास क रऩ भ अवतरयत शरी नायामण अऩन

बकतो स फहत परभ कयत ह जो उन ऩय अऩना ऩया बाय डारकय उनह रनतम सभयण कयत ह जो सदाचाय स ऩणि जीवन बफतात ह वो उनकी या कयत ह ऐस शरीफाराजी को परसनन कयन का सफस सयर उऩाम ह ndash ldquoशरीफाराजी की वरत कथाrdquo

इस अदभत वरत कथा क फाय भ भहातऩसॊऩनन शरी अबतर भहषषि न कऩा कयत हए कहा ह- ldquo ह फाराजी क षपरम

बकतो कलरमग भ आऩक सौबागम क फाय भ कमा कहना कतमग तरतामग औय दवाऩायमग भ अतमॊत कठोय तऩ-

जऩ कयन ऩय बी परसनन न होन वार शरी नायामण इस मग भ कवर नाभसभयण स ही आऩ रोगो ऩय कऩा कय यह

ह षवशवास क साथ उनह फरान ऩय व तयॊत कऩा परदान कयत ह ऐस करणाभम ह शरीफाराजी ऩषवतर रतरभरा ऩय

तमहाया यखा हय कदभ अनक जनभो क ऩणमपर क सभान ह

पराचीन कार भ ldquoकौभायrdquo दश भ ldquoलभतरrdquo नाभक धोफी यहता था वो अऩन काभ क साथ-साथ धालभिक कामि कयता हआ जीवन रनवािह कय यहा था उसकी अऩॊगता ही उसकी चच ॊता थी इसी कायण धोए हए कऩडो की ऩोटरी फनाकय घय-घय घभकय उनह रोगो तक ऩहॉचाना उस धीय धीय भसशकर रगन रगा उसका ऩरयवाय फडा था बफना भहनत ककए उस बय ऩट खान को बी नही लभरता था हभशा वो शरी फाराजी की ऩजा कयता यहता था कबी ना कबी बगवान उस ऩय कऩा कयग इसी षवशवास स वो अऩना जीवन गजाय यहा था बकतो ऩय कऩा कयन वार फाराजी सफ कछ दखत यहत ह जो वमसकत अऩन कभो स भकती ऩाता ह उनक ऩास आकय फाराजी ककसी न ककसी रऩ भ आकय उनकी या कयत ह एक हदन शाभ क सभम हभशा की तयह लभतर कऩड धोकय कऩडो की ऩोटरी राद धीय-धीय चरता हआ आ

यहा था फीच यासत भ उस एक वदध बराहभण हदखाई हदम गौयव की बावना स फड होन क कायण लभतर न अऩन कॊ ध

ऩय रदी हई ऩोटरी को नीच उतायकय वदध बराहभण को नभसकाय ककमा तफ उस षवपरोततभ न कहा- ldquoतभ अऩन इस ऩय क कायण ककतना कषट सह यह हो तमहाया दख दखा नही जाताrdquo तफ लभतर न कहा-ldquoह नाथ आऩ फजगि ह बयाऩया ऩरयवाय होन क कायण भझ इस काभ स भकती नही लभर यही ह ककसी तयह भयी म अऩॊगता दय हो ऐसा कोई उऩाम फताइएrdquo

तफ बराहभण न कहा-ldquoसनो बाई भ जरय फताऊॉ गा धमान स सनो भ एक ऐस वरत क फाय भ फताता हॉ सजस सॊऩनन कयन स तमहायी अऩॊगता दय हो जाएगी तमह अषट ऐशवमो की परासपत होगी वरत सॊऩनन कयत ही तमह हजाय अशकपि माॉ लभरगी ऩय एक शति ह उसभ स आध तभ भझ दोगकर भ कपय इसी सभम महाॉ लभरॉगाrdquo तफ लभतर न कहा- ldquoसवाभी इसस फढकय सौबागम औय कमा हो सकता ह आज ही इस

वरत क फाय भ फताइए भ उस सॊऩनन करॉ गाrdquo लभतर क उतसाह को दख वदध न शरी फाराजी वरत कथा क फाय भ फतामा

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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लभतर दगन उतसाह क साथ घय आमा ऩयी कहानी ऩतनी को फतामी औय अडोस-ऩडोस क साथ लभरकय शरी फाराजी वरत को सॊऩनन ककमा चयणाभत परसाद गरहण ककमा घय आए सबी रोगो को बी हदमा तबी घय क फाहय कछ

कोराहर सनाई हदमा लभतर का फटा फाहय स दौडता हआ आमा औय फोरा- ldquoषऩताजी षऩताजी याज-यक आऩक लरम आए ह याजा न आऩक लरम बट बी बजी हrdquo इतन भ यक बी वहाॉ आ गम उनहोन फतामा कक उसकी रनमसकत याज दयफाय भ धोफी क रऩ भ हो गमी ह याजा न हजाय अशकपि माॉ ऩयसकाय सवरऩ बजी ह ऐसा कहकय उनहोन लभतर क हाथ भ हजाय अशकपिमो की ऩोटरी यख दी एक हफत क अॊदय-अॊदय

उस आकय नौकयी भ बतॉ होन को बी कहा लभतर क आनॊद की सीभा नही थी एक हफता कमो कर ही कमो नही सोचकय उसन अऩनी ऩोटरी-वोटरी फाॉधी औय दसय हदन सवय ही वो जान को तमाय हो गमा इस जलदफाजी भ वह

उस वदध की फात बर गमा फीच यासत भ उस उसकी फात माद आ गमी ऩय ठीक हअगर भहहन लभर रता हॉ सोच

कय वह याज दयफाय भ अऩन काभ ऩय रग गमा हदनभहहन फीत बराहभण क वश भ आए बगवान को गससा आमा बगवान न सोचा भनषम की परवसतत ऐसी ही होती ह उस भझ अऩनी भहहभा फतानी होगी

दसय ही हदन याणीवास स आबषण चोयी हो गम चोयी का इलजाभ लभतर ऩय आमा लभतर को कायावास की सजा हई hellipयाज यकोन उस तयह-तयह की मातनाएॉ दी ऐसा कमो हआउस ऩय मह इलजाभ कमो रगा सोचत हए लभतर को यात को सऩन भ बगवान हदखाई हदम उनहोन फतामा कक ldquoवदध बराहभण क रऩ भ व ही आम थ वो अऩनी फात स भकय गमा इसलरम म सफ हआ हrdquo तफ लभतर न कहा-ldquoह नाथभ ऩाऩी हॉ भन फहत फडा ऩाऩ ककमा ह कऩमा भझ ऩय दमा कीसजम अफ भ हय भहहन आऩका वरत सॊऩनन करॉ गा भयी आम का आधा बाग जीवन बय आऩको सभषऩित करॉ गाrdquo गार फजाकय उसन बगवान की हय तयह स पराथिना की बकतो की ऩकाय सननवार बगवान न खशी-खशी लभतर ऩय कऩा कय दी बगवान की कऩा स याणी क आबषण दसयही हदन लभर गम याजान म बी जान लरमा कक लभतरन चोयी नही की थी लभतरको कायावास स रयहा कय हदमा गमा तफ स लभतर बगवान को हदम वचन अनसाय हय भहहन शरी फाराजी का वरत सॊऩनन कयन रगा औय अऩनी आम का आधा बाग बगवान को अषऩित कयता यहा सख ऩणि जीवन बफतात हए उसन अॊत भ भो बी परापत ककमाrdquo

शरी अबतरजी न ऐसा कहकय ऩाॉचव औय आखयी अधमाम को सभापत ककमा

गोषवॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

ऩॊचभोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

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faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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शरी वकटशवय भॊतर

कलरमग क दवता सवमॊ शरी वकटशवयन वदो भ स कछ भॊतर भझ फताम ह उनभ स म भॊतर हय योज ऩजा क वकत

ऩढन स सचची बसकत ऩान क लरम भदद कयगा

भयारयसवक जयाहदऩीडडत रनयाचथिजीवन रनयाश बसय

वयारतसनदय सयाॊगनायरत कयाॊगसौषठव कभायताकरत

कभाय तायक सभाऩनोदम तननऩातक भहाऩदाभम

षवहाऩनोहदत सकरबवन षवहदत कभायधायालबधान तीथािहदसषटतसम

धयणीतर गत सकर हतकलरर सबासलरर गतफहर

षवषवधभर अरतचतय रचचयतय षवरोकनभातर षवदलरत

षवषवधभहाऩातक सवाभीऩषकरयरण सभतसम

जो बकत इस भॊतर का हय योज ऩठन कयगा वो आयोगमऩणि औय सभदध जीवन वमरतत कयगा

रलरता ऋषषकश

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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कलमाण वकटशवय सवाभी

ऩजा की साभगरी ६ नारयमर ndash १ करश क लरम औय ५ ऩाॉच अधमामो क लरम

१ वसतरभ (रई का फना हआ हाय) १ करश १ नम परन कऩड का टकडा (रगबग एक भीटय)

हलदी औय कभकभ अता अगयफतती कऩिय (आयती क लरम)

बफड क ऩान मा आभ क ऩतत ( ३ ndash ५ करश क लरम २ षवनामक की ऩजा क लरम)

पर तरसी ऩॊचाभत (दध दही घी भध औय चीनी ) गणश क नवदम क लरम छोटा गड का टकडा वरत क नवदम क लरम गहॉ का यवा घी षऩसी हई चीनी करा षऩसी हई इरामची यवा घी भ बनकय ठॊडा होनऩय उसभ कर क टकड चीनी औय इरामची डार म यवा दध मा ऩानी भ नही ऩकामा जाता

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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वरत की षवधी शरी रतमभयाज षवशवऩरत याभकषण भतॉ दवाया

कलरमग भ शरी फाराजी की कऩा ऩान क लरम इस वरत को सॊऩनन कयना अतमॊत आसान ह इस वरत को सॊऩनन

कयन क तयॊत फाद सबी कषट दय हो जात ह इस वरत की षवधी अतमॊत सयर ह सजस भझ वकॊ ठवासी नायामण जी न

सवमॊ फतामी ह कोई बी वमसकत कही बी कबी बी इस वरतको सॊऩनन कय सकता ह आचथिक कहठनाईमाॉ हो मा सवासम सॊफॊधी कोई सभसमा हो भन अशाॊत हो मा अनम कोई बी कायण हो इस वरत क सॊऩनन स ही कषट दय हो जात ह महद आऩन अऩन घय भ कोई शब कामि कयन का रनशचम ककमा हो तफ बी इस वरत को सॊऩनन कय सकत

ह नौकयी औय वमाऩाय भ उननरत क लरम बी वरत सॊऩनन कयन स तयॊत पर की परासपत होती ह

इस वरत को सॊऩनन कयन क दो षवधान ह

परथभ षवधान

इस वरत को ऩहर फताम अनसाय ककसी बी सभम सॊऩनन कय सकत ह भखम रऩ स भागिशीषि भाघ कारत िक भहहनो भ ऩरणिभा ऩॊचभी सपतभी एकादशी रतचथमो भ शरवण सवातीनतरो भ इस सॊऩनन कयना अचछा होता ह सवय हो मा शाभ इस वरतको सॊऩनन कय सकत ह

इस वरत भ ऩाॉच अधमाम ह ऩहरा अधमाम साात शरी फाराजी की कऩा स लरखा गमा ह अनम चाय अधमाम भहा तऩसवी शरी षवशवालभतर वलसषठ बयदवाज औय अबतर भहाभरनमो क दवाया फतामा गमा ह अऩन सवगह भ हो मा रनवास सथान भ बगवान का भॊहदय हो मा अनम कोई बी ऩषवतर सथान नदी तट ऩय बी इस सॊऩनन कय सकत ह

महद सॊबव हो सक तो अऩन फॊध-लभतरो क साथ इस सॊऩनन कय सफस ऩहर सजस जगह ऩय आऩ कयना चाहत ह उस

साप कय उसक फाद भॊडऩ तमाय कयक उसभ शरी फाराजी की तसवीय यख शरीदवी बदवी क साथ फाराजी की तसवीय को यखना शरषठ होगा तसवीय क साथ एक रऩम का लसकका यख उसक फाद करश की सथाऩना कय

सविपरथभ हलदी स फन क गणश की ऩजा कयनी चाहहम ताकक वरत बफना ककसी षवघन क सॊऩनन हो सक फाद भ वरत

कथा क ऩाॉच अधमाम ऩढ सवमॊ बगवान कहत ह कक जो वमसकत रनषठा औय बसकतस इस सॊऩनन कयता ह वहाॉ बगवान सवमॊ ककसी ना ककसी रऩ भ आकय परसाद सवीकाय कयत ह

दषवतीम षवधान

साात बगवान न एक औय भखम फात म बी फताई ह कक महद ककसी कायण कोई सभसमा हो औय वरत कयन क लरम

सभम न लभर मा ककसी कायणवश सॊबव न हो यहा हो तो अकर फठकय बी इस वरत को सॊऩनन ककमा जा सकता ह

शरी फाराजी क भॊडऩ क साभन फठकय सफस ऩहर गणश जी की पराथिना भन ही भन कय कपय अषट हदकऩारको नवगरह दवताओॊ का भन ही भन नभन कय तरसी दर नारयमर उऩरबध पर-पर थारी भ यख फाराजी को सभयण कयत हए वरत कथा का भन ही भन ऩठन कय नारयमर बगवान को अषऩित कय इस परसाद क रऩ भ सवीकाय

कयन स सबी कषट तयॊत दय हो जात ह हय कथा क अॊत भ नारयमर सभषऩित कय भहापरसाद क रऩ भ गहॉ का यवा

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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(दलरमा) चीनी डारकय हरवा जस फनाम उसक ऊऩय करा बी यख हय कथा क अॊत भ गोषव ॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

तीन फाय कह कय पराथिना कय

फाराजी को तरसी दर अरत षपरम ह इसी लरम ऩजाभ तरसी दरो को यखना शरषठ होगावरत सॊऩनन होन क फाद

तरसी दरो को परसाद क रऩ भ सवीकाय कयन स योगरनवायण होन क साथ साथ अषट ऐशवमो की परासपत होती ह वरत की सभासपत ऩय नारयमर सभषऩित कयक उनक टकड फनाकय परसाद क रऩ भ बगवान को सभषऩित कयन स वहाॉ उऩससथत सबी रोगो को दकय कपय उस सवीकाय कयन स ऩणम परापत होता ह इस वरत को षवधीऩविक करश सथाऩना क साथ षवसताय स सॊऩनन कय अगय सॊबव न हो तो ऊऩय फताम दषवतीम षवधान क अनसाय बी कय सकत ह एक फात हभ सबी को माद यखनी चाहहम हभायी जो बी सभसमाएॉ ह व सजतना बगवान जानत ह औय कोई नही जान सकता ह इसीलरम उस करणाभम की पराथिना कय सॊकलऩ कय वरत सॊऩनन कयन स भनोकाभना रनसशचत ही ऩयी हो जाती ह सबी कषट दय होकय अषट ऐशवमो की परासपत होती ह

सभसत सनभॊगरारनबवॊत शरी रकषभी शरीरनवास कटा लसषदधयसत

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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शरी वकटशवय वरत कथा शरीगणऩती धमानभ

वकरतणड भहाकाम कोहटसमिसभपरब रनषविघनभ करभ दव सविकामष सविदा शकरामफयधयभ शलशवणिभ चतबिजभ परसनन वदनभ धमामत सविषवघनोऩशाॊतम

तदव रगनभ सहदनभ तदव तायाफरभ चॊिफरभ तदव षवदमाफरभ दवफरभ तदव रीऩत तरिमगभ सभयालभ

आचभनभ

ॐ कशवाम सवाहा ॐ नायामणाम सवाहा ॐ भाधवाम सवाहा

ॐ गोषवॊदाम नभ ॐ षवषणव नभ ॐ भधसदनाम नभ ॐ बतरषवकरभाम नभ ॐ वाभनाम नभ ॐ शरीधयाम नभ

ॐ रषषकशाम नभ ॐ ऩदमानाबाम नभ ॐ दाभोदयाम नभ

ॐ सॊकषिणाम नभ ॐ वासदवाम नभ ॐ परदममनाम नभ ॐ अरनरधदाम नभ ॐ ऩरषोततभाम नभ ॐ अधोजाम नभ

ॐ नयलसॊहाम नभ ॐ अचमताम नभ ॐ जनादिनाम नभ ॐ उऩिाम नभ ॐ हयम नभ ॐ शरीकषणाम नभ

बतोचचाटनभ

उसततषटॊत बतषऩशाचचा एत बलभबायका ऐतशाभषवयोधन बरहभकभि सभायब

पराणामाभभ

ॐ ब ॐ बव ॐ सव ॐ भह ॐ जन ॐ तऩ ॐ सतमभ ॐ ततसषवतय-वयणमभ बगो दवसम धीभहह चधमो य़ो न परचोदमात ॐ आऩो-जमोरत-यसोवतभ बरहभ बबिवससवयोभ

भभ उऩातत दरयतामदवाया शरी ऩयभशवय परीतमथिभ शब शोबन भहत शरी भहाषवषणो आगनमा परवत भानसम आदमबरहभण दषवतीम ऩयाथ शवत वयाहकलऩ ववसवत भनवनतय कलरमग परथभऩाद जमफदवीऩ बयतवष बायत खनड भयो दकषण हदगबाग शरीशरसम hellip(जहाॉ ऩजा कय यह ह उस गाॉव का नाभ)परदशाम कषणा गोदावयी भधमबाग सव-शोबन गह सभसत दवता बराहभण हरयहय ससननधौ अससभन वतिभान वमवहारयक चानिभानन सवससतशरी परबवाहद नाभ सॊवतसय भधम सॊवतसय अमन ऋतौ (आज का भहहना)भासाम (शकर मा कषण)ऩाम (आज की रतथी)रतथौ (आज का हदन)वासय शबनतर शबमोग शबकयण एवॊ गण षवशषण षवलशषटामाभ

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शबरतथौ शरीभान(अऩना औय ऩरयवाय क सबी सदसमो क नाभ) गोतर (अऩना गोतर) नाभधम धभिऩतनी सभतसम असभाकभ सहकटॊफानाभ भ सथमि धमि षवजम आमय-आयोगम

ऐशवमि-अलबवधमथिभ धभािथि काभभो चतषविध ऩरषाथि पर लसदधमथिभ भभोऩातत दरयताम दवाया शरी ऩयभशवय परीतमथिभ शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरी वकटशवय दवता भडडडषम शरी वकटशवय वरतकलऩ करयषम िव सॊबवरदभ ऩदाथ सॊबवता रनमभन मावचचसकत धमाना वाहनाहद षोडषोऩचाय ऩजाभ करयषम (ऩानी को हाथ रगाम)

तदॊग करशायाधनभ करयषम (सवाभीजी की दामीॊ ओय करश यख उसभ गॊधभ ऩषऩभ कॊ कभ औय अता डार कपय आग लरख हए शरोक ऩढ) शरोकॊ करशसम भख षवषण काॊत रि सभाचशरता भर ततर ससथतो बरहभा भधम भातगणाचशरत कौत सागया सव सपतदवीऩ वसॊधया ऋगवदोत मजवद साभवदोहमथविणा अॊगशच सहहता सव करशाॊफ सभाचशरता करश गॊधऩषऩाताभ रनकषपतम हसतनचचादम आऩो वा इदभ सव षवशवबतानमाऩ पराणवा आऩा ऩशव आऩोननाभाऩोभता भाऩा समरादऩो षवयाडाऩा सवयाडाऩशचॊडाभ समाऩो जमोरतभ शमाऩो मजोभशमाऩ ससतमाभाऩ सवाि दवता आऩोबबिवसव याऩ ॐ (करश भ ऩानी बय औय उसभ तरसी क ऩतत डार) शरोकॊ गॊग च मभन च कषण गोदावयी सयसवरत नभिद लसॊध कावमो जरससभन ससननचधभ कर कावयी तॊगबिा च कषणवणी च गौतभी करशोदकन दवातभानभ ऩजािवमारन च समपरोकषमा (करश भ एक पर डफोकय उसस सवाभीजी ऩय ऩजा की साभगरी ऩय औय आऩ ऩय ऩानी रछडक )

शरी गणऩती पराथवना शकराॊफयधयभ षवषणभ शलशवणिभ चतबिजभ परसननवदनभ धमामत सविषवघनोऩशाॊतमत

आदौ रनषविघनन वरत ऩरयसभापतभ गणऩती ऩजाभ करयषम

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अथ गणऩती ऩजा ॐ गणानाभ तवागणऩतीभ हवाभह कषवॊ कवीनाभऩा भसशरवसतवभ जमषठयाजभ बरहभणाभ बरहभणसऩत आनशशरणमनततलब सीदसाधनभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ धमामालभ धमानभ सभऩिमालभ

आवाहमालभ यतनलसॊहासनभ सभऩवमालभ ऩादमौ ऩादमभ सभऩवमालभ

हसतौ अरघमवभ सभऩवमालभ भख आचभनीमभ सभऩवमालभ

आऩोहहषटाॊमोबवसतान ऊजधदातन भहयणाम चस मो वत लशवत भोयससतसम बाजमतहन उषतीरयना भातय तसभायभ गभाभवो मसमामाम जजॊधव आऩोजनमाधाचन

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash शदधोदक सनानॊ सभऩिमालभ

सनानाॊतयभ शदध आचभनभ सभऩिमालभ

अलबवसतरात वसनानमाय शलबदनतस दघा ऩजभान अलबचॊदरा बताव व नो हहयणमाभमशवनयततनोदव सोभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash वसतरमगभभ सभऩिमालभ

मऻोऩवीतभ ऩयभॊ ऩषवतरभ परजाऩत मत सहजभ ऩयसतात आमषमॊगरमभ परततभचच शभरॊ मऻोऩवीतभ फरभसत तज

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash मऻोऩवीतभ सभऩिमालभ

गॊधदवायाभ दयाधषावभ तनतमऩषटान करयषषणीभ

ईशवयीभ सववबतानाभ ता लभहोऩवहम शरशरमभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash हदवम शरी चॊदनॊ सभऩिमालभ

आमन त ऩयामण दवाव योहॊत ऩजषऩणी हदाशच ऩॊडयीकाणण सभदरसम गहा इभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash दवािहद नानाषवध ऩषऩारण सभऩिमालभ

अथ शरी षोडषनाभ ऩजा ॐ सभखाम नभ

ॐ एकदॊताम नभ

ॐ कषऩराम नभ

ॐ गजकरणिकाम नभ

ॐ रमफोदयाम नभ

ॐ षवकटाम नभ

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ॐ षवघनयाजम नभ

ॐ गजाचधऩतम नभ

ॐ धभकतव नभ

ॐ गणाचधाम नभ

ॐ पारचॊिाम नभ

ॐ गजाननाम नभ

ॐ वकरतॊडाम नभ

ॐ शऩिकणिकाम नभ

ॐ हयमफाम नभ

ॐ सकॊ दऩविजाम नभ ॐ सवािलससधद परदामकाम नभ ॐ भहागणाचधऩतम नभ

नानाषवध ऩरयभर ऩषऩारण सभऩिमालभ

वनसऩतमबवव हदव नाना गॊध स सममतभ आघरम सववदवानाभ धऩोमभ परततगहमताभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash धऩभािाऩमालभ

साजमभ बतरवतॉ सॊमकताभ वसहनना मोसजतभ षपरमभ

गहाणा भॊगरभ दीऩभ तररोकमरतलभयावहभ

बकतमादीऩभ परमचछालभ दवाम ऩयभातभन

तराहहभाभ नयकादघोयाद हदवमजमोरत नभोसतत

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash दीऩभ सभऩिमालभ

धऩ दीऩाॊतयभ आचभनीमभ सभऩिमालभ

नवदमभ

(गड का छोटा टकडा थारी भ यख कय उसक सबोवतार ऩानी रछडक) ॐ बबव सव ॐ ततसषवतयवयणमभ बगो दवसम धीभही चधमोमोन परचोदमात सतमभ तवतन ऩरयषषॊचालभ (यात भ ldquoऋतॊ तवा सतमन ऩरयषषॊचालभrdquo ऐस कह)

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash नवदमभ सभऩिमालभ

अभतभसत अभतोवतसयणभलस

ॐ पराणाम सवाहा ॐ आऩानाम सवाहा ॐ वमानाम सवाहा ॐ उदानाम सवाहा

ॐ सभानाम सवाहा भधम भधम ऩानीमभ सभऩवमालभ

अभताषऩधानभलस उततयाऩोषणभ सभऩवमालभ

हसतौ परारमालभ शदधाचभनीमभ सभऩवमालभ

ऩगीपर सकयऩय नागवलरीदरीयमतभ

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भकताचणव सभामकतभ ताॊफरभ परततगहमताभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash ताॊफरभ सभऩिमालभ

ॐ गणानाभ तवागणऩतीभ हवाभह कषवॊ कवीनाभऩा भसशरवसतवभ जमषठयाजभ बरहभणाभ बरहभणसऩत आनशशरणमनततलब सीदसाधनभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ - सवणिभॊतरऩषऩभ सभऩिमालभ

भॊतरहीनभ ककरमाहीनभ बसकतहीनभ गणाचधऩ

मतऩसजतभ भमा दव ऩरयऩण तदसतत

मऻन मऻभमजॊत दवासतारन धभािरण परथभानमासन

तहनाकभ भहहभान सचॊत मतर ऩवसाधमा सॊरत दवा

ऩनयाचभनभ

अनमा धमानावाहनाहद षोडषोऩचाय ऩजमा च बगवान सवाितभक

शरीभहा गणाचधऩरत सपरीतो वयदो बतवा उततय कभिणम षवघनभसत बवनतो

बवनत उततय कभिणम षवघनभसत गणाचधऩरत परसादभ लशयसा गरहणालभ

सहसरऩयभा दषव शतभरा शताॊकया सव हयत भ ऩाऩॊ दवािदससवपननाशनी गणऩरत मदासथानॊ उदवासमालभ

पराण परततषठा ॐ असनीत ऩनसभािस च ऩन पराणलभहनोदहह बोगॊ जमोकऩशमभ

समिभचचयनत भनभत भडमान सवससत अभतॊ वपराणा अभतभाऩ पराणानव मधासथानभऩहवमत

(सवाभीजी की भतॉ को हाथ रगाम )

शरीवकटशवय आवाहमालभ सथाऩमालभ ऩजमालभ ससथयोबव वयदोबव सपरसननोबव ससथयासनॊ कर

धमानभ

शानताकायॊ बजगशमनॊ ऩदमनाबभ सयशभ षवशवकायभ गगन सदशॊ भघवण शबाॊगॊ

रकषभीकानतॊ कभरनमनॊ मोचगहरधमान गममॊ वनद षवषणॊ बवबमहयॊ सविरोककनाथॊ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - धमामालभ धमानभ सभऩिमालभ

आवाहनभ

आवाहमालभ दवश लसदधगनधवि सषवत मिसमलभदॊ ऩणमॊ सविऩाऩहयोहय

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवनकटशवय सवालभन नभ - आवाहमालभ

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(सवाभीजी क भतॉ ऩय पर ऩतत चढाम) आसनभ

दव दव जगननाथ परणत करशनाशन यतनलसॊहासनॊ हदवमॊ गहाण भधसदन

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवनकटशवय सवालभन नभ - यतनलसॊहासनॊ सभऩिमालभ

(सवाभीजी क भतॉ ऩय पर ऩतत चढाम) ऩादमॊ

वासनचतॊ करभदव दषकतॊ च षवनाशम ऩादमॊ गहाण बगवान भातरतसॊग सॊससथत

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - ऩादमो ऩादमॊ सभऩिमालभ

(एक चमभच ऩानी थारी भ डार)

अरघम

करषवभ दमाॊ दव सॊसायारत ि बमाऩह दचधीय परोऩतभ गहाणाघम नभोसतत

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हसतमोयघम सभऩिमालभ

(एक चमभच ऩानी थारी भ डार)

आचभनॊ नभ सतमाम शदधाम रनतमाम ऻानरषऩण गहाणाचभनॊ दव सविरोककनामक

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - भख आचभनीमॊ सभऩिमालभ

(एक चमभच ऩानी थारी भ डार) ऩॊचाभतसनानॊ

ऩॊचाभतॊ भमानीतॊ ऩमोदचधघतॊ भध शकि या सहहतॊ चवदवतवॊ पररतगहमताॊ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - ऩॊचाभत सनानॊ सभऩिमालभ

(ऩॊचाभत गाम क दध दही घी भध औय चीनी लभराकय ककमा जाता ह)

सनानॊ सवणिऩातरोदकॊ गॊगा मभनाहद सभसनवतॊ शदधोदकॊ गहाणश सनानॊ कर मथाषवचध

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - शदधोदकसनानॊ सभऩिमालभ

(एक चमभच ऩानी थारी भ डार) वसतरॊ

तपतकाॊचन सनकाशॊ ऩीतमफय लभदॊ हय सगहाण जगननाथ शरीरनवास नभोसतत

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - वसतरमगभॊ सभऩिमालभ

मऻोऩवीतॊ मऻोऩवीतॊ ऩयभॊ ऩषवतरॊ परजऩतमितसहजॊ ऩयसतात

आमषमभागरमाभ पररतभचचशभरॊ मऻोऩवीतॊ फरभसत तज

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शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - मऻोऩवीतॊ सभऩिमालभ

गनधॊ चनदनागर कसतरय घनसाय सभसनवतॊ गनधॊ गहाण गोषवनद नानागॊधसचधायम

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हदवमऩरयभर गॊधाॊ सभऩिमालभ

(सवाभीजी क भतॉ को चॊदन रगाम) अताॊ

गोषवनदा ऩयभाननद हरयिा सहहततान षवशवशवय षवशारा गहाण ऩयभशवय

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - अतान सभऩिमालभ

(सवाभीजी क भतॉ ऩय अता डार चावर को हलदी कॊ कभ रगाक अता फनात ह) ऩषऩॊ

सगॊधारन सऩषऩारण जाजीकनदभखारन च भाररत वकरादषव ऩजाथ पररतगहमताॊ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - ऩषऩॊ सभऩिमालभ

अथाॊग ऩजा ॐ शरी वकटशवयाम नभ - ऩादौ ऩजमालभ

ॐ शरी वकटचरचधशाम नभ - गलफ़ौ ऩजमालभ

ॐ शरी परदामकाम नभ - जाननी ऩजमालभ

ॐ ऩदमावती ऩतम नभ - जॊघ ऩजमालभ

ॐ ऻानपरदाम नभ - ऊर ऩजमालभ

ॐ शरीरनवसाम नभ - कहटॊ ऩजमालभ

ॐ भहाबागाम नभ - नालबॊ ऩजमालभ

ॐ रनभिराम नभ - उदयॊ ऩजमालभ

ॐ षवशाररदमाम नभ - रदमभ ऩजमालभ

ॐ ऩरयशदधातभन नभ - सतनौ ऩजमालभ

ॐ ऩरषोततभाम नभ - बजौ ऩजमालभ

ॐ सवणिहसताम नभ - हसतौ ऩजमालभ

ॐ वयपरदाम नभ - कॊ ठॊ ऩजमालभ

ॐ रोकनाथाम नभ - सकनधौ ऩजमालभ

ॐ यसऻाम नभ - नालसकाॊ ऩजमालभ

ॐ ऩणमशरवन कीतिनाम नभ - शरोतर ऩजमालभ

ॐ ऩलरामफज षवरोचनाम नभ - नतर ऩजमालभ

ॐ वचिससवन नभ - रराटॊ ऩजमालभ

ॐ यमम षवगरहाम नभ - सवािणमनगारन ऩजमालभ

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ॐ शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हदवमसनदय षवगरहॊ ऩजमालभ

शरी वकटशवय अषटोततय शतनाभावलर

ॐ वकटशाम नभ

ॐ शरीरनवासाम नभ

ॐ रकषभीऩतम नभ ॐ अनाभमाम नभ ॐ अभताॊशाम नभ ॐ जगदवॊदवाम नभ ॐ गोषवनदाम नभ ॐ शाशवताम नभ ॐ परबव नभ ॐ शषाहि-रनरमाम नभ ॐ दवाम नभ ॐ कशवाम नभ ॐ भधसदनाम नभ ॐ अभताम नभ ॐ भाधवाम नभ ॐ कषणाम नभ ॐ शरीहयम नभ ॐ ऻान-ऩॊजयाम नभ ॐ शरी वतस-वस नभ ॐ सवशाम नभ ॐ गोऩाराम नभ ॐ ऩरषोततभाम नभ ॐ गोऩशवयाम नभ ॐ ऩयभ-जमोरतषम नभ ॐ वकनठऩतम नभ ॐ अवममाम नभ ॐ सधातनव नभ ॐ मादवनिाम नभ ॐ रनतम-मौवनरऩवत नभ ॐ चतवदातभकाम नभ ॐ षवषणव नभ

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ॐ अचमताम नभ ॐ ऩरदमनी-षपरमाम नभ ॐ धयाऩतम नभ ॐ सयऩतम नभ ॐ रनभिराम नभ ॐ दवऩसजताम नभ ॐ चतबिजाम नभ ॐ चकरधयाम नभ ॐ बतरधामन नभ ॐ बतरगणाशरमाम नभ ॐ रनषविकलऩाम नभ ॐ रनषकरनकाम नभ ॐ रनयाॊतकाम नभ ॐ रनयनजनाम नभ ॐ रनयाबासाम नभ ॐ रनतमतपताम नभ ॐ रनगिणाम नभ ॐ रनरऩिवाम नभ ॐ गदाधयाम नभ ॐ शायॊगऩाणम नभ ॐ ननदककन नभ ॐ शनखधायकाम नभ ॐ अनकभतिम नभ ॐ अवमकताम नभ ॐ कहटहसताम नभ ॐ वयपरदाम नभ ॐ अनकातभन नभ ॐ दीनफानधव नभ ॐ आतिरोक बमपरदाम नभ ॐ आकाशयाज-वयदाम नभ ॐ मोचग-रतऩदमभसनदयाम नभ ॐ दाभोदयाम नभ ॐ जगतऩाराम नभ

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ॐ ऩाऩघनाम नभ ॐ बकतवतसराम नभ ॐ बतरषवकरभाम नभ ॐ लशॊशभायाम नभ ॐ जटाभकट-शोलबताम नभ ॐ शनख-भदमोर-सनभॊजराम-ककसनकणमाडम-कयनडकाम नभ ॐ नीरभघ-शमाभ-तनव नभ ॐ बफलव-ऩतराचिन षपरमाम नभ ॐ जगदवमाषऩन नभ ॐ जगत-कत नभ ॐ जगत-साकषण नभ ॐ जगतऩतम नभ ॐ चचसनतताथि-परदाम नभ ॐ सजषणव नभ ॐ दाशावािम नभ ॐ दश-रऩवत नभ ॐ दवकक-ननदनाम नभ ॐ शौयम नभ ॐ हमगरीवाम नभ ॐ जनादिनाम नभ ॐ कनमा-शरवणतायजमाम नभ ॐ ऩीतामफयधयाम नभ ॐ अनघाम नभ ॐ वनभालरन नभ ॐ ऩदमनाबाम नभ ॐ भगमासकत-भानसाम नभ ॐ अशवरढाम नभ ॐ खडगधारयण नभ ॐ धनाजिन-सभतसकाम नभ ॐ गानसायर-सनभधम-कसतरय-रतरकोजवराम नभ ॐ ससतचदाननदरऩाम नभ ॐ जगनभनगरदामकाम नभ ॐ मऻरऩाम नभ

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ॐ मऻबोकत नभ ॐ चचनभमाम नभ ॐ ऩयभशवयाम नभ ॐ ऩयभाथि-परदाम नभ ॐ शानताम नभ ॐ शरीभत नभ ॐ दोदिनड-षवकरभाम नभ ॐ ऩयातऩयाम नभ ॐ ऩयबरहभण नभ ॐ शरीषवबव नभ ॐ जगदीशवयाम नभ

इतत शरी वकटशवय अषटोततय शतनाभावलर

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शरी भहारकषभी अषटोततय शतनाभावलर

ॐ परकतम नभ ॐ षवकतम नभ ॐ षवदमाम नभ ॐ सविबतहहतपरदाम नभ ॐ शरदधम नभ ॐ षवबतम नभ ॐ सयभम नभ ॐ ऩयभासतभकाम नभ ॐ वाचम नभ ॐ ऩदमारमाम नभ ॐ ऩदमाम नभ ॐ शचम नभ ॐ सवाहाम नभ ॐ सवधाम नभ ॐ सधाम नभ ॐ धनमाम नभ ॐ हहयणमम नभ ॐ रकषमम नभ ॐ रनतमऩषटाम नभ ॐ षवबावम नभ ॐ आहदतम नभ ॐ हदतम नभ ॐ दीपताम नभ ॐ वसधाम नभ ॐ वसधारयणम नभ ॐ कभराम नभ ॐ कानताम नभ ॐ काभाकषम नभ ॐ कभर समबवाम नभ ॐ अनगरहपरदाम नभ ॐ फदधम नभ ॐ अनघाम नभ

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ॐ हरयवलरबाम नभ ॐ अशोकाम नभ ॐ अभताम नभ ॐ दीऩाम नभ ॐ रोकशोक षवनालशनम नभ ॐ धभिरनरमाम नभ ॐ करणाम नभ ॐ रोकभातर नभ ॐ ऩदमषपरमाम नभ ॐ ऩदमहसताम नभ ॐ ऩदमाकषम नभ ॐ ऩदमसनदम नभ ॐ ऩदमोदभवाम नभ ॐ ऩदमभखम नभ ॐ ऩदमनाब षपरमाम नभ ॐ यभाम नभ ॐ ऩदमभाराधयाम नभ ॐ दवम नभ ॐ ऩरदमनम नभ ॐ ऩदमगसनधनम नभ ॐ ऩणमगनधाम नभ ॐ सपरसननाम नभ ॐ परसादालबभखम नभ ॐ परबाम नभ ॐ चनिवदनाम नभ ॐ चनिाम नभ ॐ चनिसहोदम नभ ॐ चतबिजाम नभ ॐ चनिरऩाम नभ ॐ इसनदयाम नभ ॐ इनद शीतराम नभ ॐ आहराद जननम नभ ॐ ऩषम नभ

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ॐ लशवाम नभ ॐ लशवकतम नभ ॐ सतमाम नभ ॐ षवभराम नभ ॐ षवशवजननम नभ ॐ तषम नभ ॐ दारयदरमनालशनम नभ ॐ परीरत ऩषकरयणम नभ ॐ शानताम नभ ॐ शकरभालमामफयाम नभ ॐ बासकम नभ ॐ बफलव रनरमाम नभ ॐ वयायोहाम नभ ॐ मशससवनम नभ ॐ वसनधयाम नभ ॐ उदायॊगम नभ ॐ हरयणम नभ ॐ हभभालरनम नभ ॐ धन धानमकतम नभ ॐ लसदधम नभ ॐ सतरणम सौममाम नभ ॐ शबपरदाम नभ ॐ नऩवशभ गताननदाम नभ ॐ वयरकषमम नभ ॐ वसपरदाम नभ ॐ शबाम नभ ॐ हहयणम पराकायाम नभ ॐ सभि तनमाम नभ ॐ जमाम नभ ॐ भॊगराम नभ ॐ षवषणव सथरससथताम नभ ॐ षवषणऩतनम नभ ॐ परसननाकषम नभ

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ॐ नायामण सभाचशरताम नभ ॐ दारयदरम धवॊलसनम नभ ॐ दवरकषभ नभ ॐ सवोऩिव रनवारयणम नभ ॐ नवदगािम नभ ॐ भहाकालम नभ ॐ बरहभा-षवषण-लशवासतभकाम नभ ॐ बतरकारऻानसमऩननाम नभ ॐ बवनशवम नभ ॐ भहारकषभी अषटोततय शत नभ

इरत शरी रकषभी अषटोततय शतनाभावलर

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शरी ऩदमावती अषटोततय शतनाभावलर

ॐ ऩदमावततम नभ ॐ दवम नभ ॐ ऩदमोदभवाम नभ ॐ करणापरदारमनम नभ ॐ सरदमाम नभ ॐ तजसवरषऩणम नभ ॐ कभरभखम नभ ॐ ऩदमधयाम नभ ॐ शरीम नभ ॐ ऩदमनतरम नभ ॐ ऩदमकयाम नभ ॐ सगणाम नभ ॐ कभकभषपरमाम नभ ॐ हभवणािम नभ ॐ चनिवसनदताम नभ ॐ धगधगपरकाश शयीय-धारयणम नभ ॐ षवषणषपरमाम नभ ॐ रनतमकलमाणम नभ ॐ कोहटसमिपरकालशणम नभ ॐ भहासौनदमिरषऩणम नभ ॐ बकतवतसराम नभ ॐ बरहभानडवालसनम नभ ॐ सविवानचापरदारमनम नभ ॐ धभिसनकलऩाम नभ ॐ दाकषणमकटाकषणम नभ ॐ बसकतपरदारमनम नभ ॐ गणतरमाषववसजिताम नभ ॐ कराषोडशसॊमताम नभ ॐ सविरोकानानजननम नभ ॐ भसकतदारमनम नभ ॐ दमाभतामाम नभ ॐ परऻाम नभ

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ॐ भहाधभािम नभ ॐ धभिरषऩणम नभ ॐ अरनकाय षपरमाम नभ ॐ सविदारयदरमधवॊलसनम नभ ॐ शरीवकटशवसथरससथताम नभ ॐ रोकशोकषवनालशनम नभ ॐ वषणवम नभ ॐ रतरचानरऩयवालसनम नभ ॐ वदवदमषवशायदाम नभ ॐ षवषणऩादसषवताम नभ ॐ यतनपरकाशककयीटधारयणम नभ ॐ जगनभोहहनम नभ ॐ शसकतसवरषऩणम नभ ॐ परसननोदमाम नभ ॐ इनिाहददवत मककननय ककमऩरष ऩसजताम नभ ॐ सविरोकरनवालसनम नभ ॐ बजमाम नभ ॐ ऐशवमिपरदारमनम नभ ॐ शानताम नभ ॐ उननतसथानससथताम नभ ॐ भनदायकालभनम नभ ॐ कभराकयाम नभ ॐ वदानतऻानरषऩणम नभ ॐ सविसमऩसततरषऩणम नभ ॐ कोहटसमिसभपरबाम नभ ॐ ऩजापरदारमनम नभ ॐ कभरासनाहद सविदवताम नभ ॐ वकनठवालसनम नभ ॐ अबमदारमनम नभ ॐ िाापरऩामसषपरमाम नभ ॐ नतमगीतषपरमाम नभ ॐ ीयसागयोदभवाम नभ ॐ आकाशयाज ऩबतरकाम नभ

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ॐ सवणिहसतधारयणम नभ ॐ काभरषऩणम नभ ॐ करणाकटाधारयणम नभ ॐ अभतासजाम नभ ॐ बरोकसवगिसखदारमनम नभ ॐ अषटहदकऩारकाचधऩतम नभ ॐ भनभधदऩि सॊहारयणम नभ ॐ कभराथिबागाम नभ ॐ सवलऩऩयाध-भहाऩयाध-भाम नभ ॐ शतकोहटतीथिवालसताम नभ ॐ नायदाहद भरनशरषठ ऩसजताम नभ ॐ आहदशनकयऩसजताम नभ ॐ परीरतदारमनम नभ ॐ सौबागमपरदारमनम नभ ॐ भहाकीतॉ परदारमनम नभ ॐ कषणारतषपरमाम नभ ॐ गनधवि शाऩषवभोचकाम नभ ॐ कषणऩतनम नभ ॐ बतररोकऩसजताम नभ ॐ जगनभोहहनम नभ ॐ सरबाम नभ ॐ सशीराम नभ ॐ अॊजनासतानगरहपरदारमनम नभ ॐ बकतमातभरनवालसनम नभ ॐ सॊधमावसनदनम नभ ॐ सविरोकभातर नभ ॐ अलबभतदारमनम नभ ॐ रलरतावधतम नभ ॐ सभसतशासतर षवशायदाम नभ ॐ सवणािबयणधारयणम नभ ॐ इहऩयरोक सखपरदारमनम नभ ॐ कयवीयरनवालसनम नभ ॐ नागरोकभरणसह आकाशलसनध कभरशवय ऩरयतयधगभनाम नभ

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ॐ शरी शरीरनवासषपरमाम नभ ॐ चनिभनडरससथताम नभ ॐ अलरवर भनगाम नभ ॐ हदवमभनगर धारयणम नभ ॐ सकलमाणऩीठससथताम नभ ॐ काभकवनऩषऩषपरमाम नभ ॐ कोहट भनभधरषऩणम नभ ॐ बानभनडररषऩणम नभ ॐ ऩदमऩादाम नभ ॐ यभाम नभ ॐ सविरोकसबानतय धारयणम नभ ॐ सविभानसवालसनम नभ ॐ सवािम नभ ॐ षवशवरऩाम नभ ॐ हदवमऻानाम नभ ॐ सवभनगररषऩणम नभ ॐ सवािनगरहपरदारमनम नभ ॐ ॐकायसवरषऩणम नभ ॐ बरहभऻानसॊबताम नभ ॐ शरी ऩदमावतम नभ ॐ सदमोवदवतम नभ ॐ शरीभहारकषमम नभ

इरत शरी ऩदमावती अषटोततय शतनाभावलर

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धऩभ दशाॊगभ गगगरोऩतॊ गोघतन सभसनवतभ धऩॊ गहाण दवश सविरोक नभसकाया

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - धऩभािाऩमालभ

(सवाभीजी क भतॉ की अगयफतती औय धऩ स आयती कय)

दीऩभ

बतररोकश भहादव सविऻान परदामक दीऩॊ दासमालभ दवश यभाभ बकतवतसर

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - दीऩॊ दशिमालभ

(सवाभीजी क भतॉ की दीऩ स आयती कय )

नवदमभ

सविबशच बोजजशच यस षडलब सभसनवतॊ नवदमनत भमानीतभ गहाण ऩरषोततभ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - नवदमॊ सभऩिमालभ

(सवाभीजी को परसाद चढाम अगय करा ह तो ldquoकदरीपर रनवदमालभrdquo नारयमर ह तो ldquoनारयकर परॊ रनवदमालभrdquo ऐस कह अगय गड ह तो ldquoगडोऩहाय नवदमभ सभऩिमालभrdquo कह)

ॐ पराणाम सवाहा ॐ आऩानाम सवाहा ॐ वमानाम सवाहा ॐ उदनाम सवाहा ॐ सभानाम सवाहा ॐ ऩयबरहभण सवाहा ॐ बबिव सव ततसषवतय-वयणमभ बगो दवसम धीभहह चधमो मो न परचोदमात ॐ आऩो जमोरतयसोभतॊ बरहभ बबिव सवयोभ भधम भधम ऩानीमभ सभऩिमालभ

अभताषऩधानभलस उततयाऩोशनभ सभऩिमालभ हसतौ परारमालभ ऩादौ परारमालभ ऩनयाचभनीमभ सभऩिमालभ

तामफरभ ऩगीपर सकऩिय नागवलरीदरमितॊ भकताचणि सभामकतॊ तामफरॊ पररतगहमताॊ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - तामफरभ सभऩिमालभ

नीयाजनभ चशरम कानताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरीवकटरनवासाम शरीरनवासाम भनगरभ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ नीयाजनभ दशिमालभ

ऩनयाचभनीमभ सभऩिमालभ

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भॊतरऩषऩभ

ॐ सहसतरशीषिभ दवॊ षवशवाॊ षवशवशॊबवॊ षवशवॊ नायामणनदवभ अयॊ ऩयभॊ ऩदॊ १

षवशवत ऩयभासननतमॊ षवशवॊ नायामणॊ हरयॊ षवशवभवदॊ ऩरषसतदषवशवॊ उऩजीवरत २

ऩरतॊ षवशवसमातभशवयॊ शाशवतॊ लशवभचमतॊ नायामणॊ भहाऻमॊ षवशवतभानॊ ऩयामणॊ ३

नायामण ऩयोजमोरत आतभा नायामण ऩय नायामण ऩयभ बरहभ ततवभ नायामण ऩय नायामण ऩयो धमाता धमानभ नायामण ऩय ४

मचच ककसनचत जगतसव दशमत शरमतषऩ वा अनतफिहहशचततसविभ वमापमा नायामण ससथत ५

अननतभ अवममभ कषवॊ सभिनतभ षवशवशमबवभ ऩदमकोश परतीकाशभ रदमभ चापमधोभखभ ६

अधोरनषमा षवतसतमानत नाभमाभऩरय रतषठरत जवाराभाराकरॊबारत षवशवसमामातनभ भहत ७

सनततॊ लशरालबसत रॊफतमाकोशससननबभ तसमानत सलशयभ सकषभभ तससभन सविभ पररतसषठतभ ८

तसमभधम भहान असगन षवशवायचचषविशवतो भख सोगरबसगवबजन रतषठाननाहाय भजय कषव

रतमिगधवाि भधशशामीयशभमा सतसम सनतता ९

सॊताऩमरत सवॊ दह भाऩादतरभसतक तसम भधम वसनह लशखा अणीमोधवाि वमवससथत १०

नीरथो मदभधमसता षवदमलरखव बासवया नीवायशकवततनवी ऩीताबा सवतमनऩभा ११

तसमा लशखामा भधम ऩयभातभा वमवससथत स बरहभ स लशव स हरय स इनि सोय ऩयभासवयात १२

ॐ तद बरहभ ॐ तद वाम ॐ तदातभा ॐ ततसतमभ ॐ ततसविभ ॐ ततऩयोनिभ अनतशचयरत बतष गहामाभ षवशवभरत िष तवभ मऻसतवभ वषकायसतवभ इनिसतवभ रिसतवभ

षवषणसतवभ बरहभतवभ परजाऩरत तवभ तदाऩ आऩो जमोरत यसोवतभ बरहभ बबिवससवयोभ १३

गदा ऩन शॊखयथानगकलऩक धवजायषवॊदाॊकश वजररासशचत ह शरीरनवास तवत चयणामफज दवमॊ भदीम भधािन भरज ॐ रनयॊजनाम षवदमह रनयाबासाम धीभहह तननो शरीरनवास परचोदमात शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हदवमभनतरऩषऩॊ सभऩिमालभ

परदकषण नभसकाय

शरोकॊ मारनकारन च ऩाऩारन जनभानतय कतारन च तारन तारन परणशमसनत परदकषण ऩद ऩद ऩाऩोहभ ऩाऩकभािहभ ऩाऩातभा ऩाऩसॊबव तराहहभाभ कऩभमा दव शयणगतवतसर अनमधा शयणॊ नाससत तवभव शयणॊ भभ तसभात कारणम बावन य य जनादिन

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - आतभपरदकषण नभसकायान सभऩिमालभ

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षवषवधोऩचाय ऩजा छतरॊ धायमालभ चाभयॊ वीजमालभ नतमॊ दशिमालभ गीतॊ शरावमालभ वादमॊ घोषमालभ आॊदोलरकान आयोहमालभ आशवानायोहमालभ गजानायोहमालभ सभसत यजोऩचाय शकतमऩचाय

मनतरोऩचाय दवोऩचाय सवोऩचाय ऩजाॊ सभऩिमालभ

भाऩवणभ भनतरहीनॊ ककरमाहीनॊ बसकतहीनॊ जनादिन मतऩसजतभ भमा दव ऩरयऩणिभ तदसतत

अनमा धमानावाहनाहद षोडशोऩचाय ऩजमा च बगवन सवाितभक शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरी वकटशवय सवरऩो बगवान सपरीत सपरसननो वयदो बवत शरी वकटशवय दव परसादॊ लशयसा गहणालभ

तीथवभ

अकार भतमहयणॊ सविवमाचध रनवायणभ सवि ऩाऩमकयॊ दव ऩादोदकॊ ऩावनॊ शबॊ

नवदमभ

ॐ बबिवससव ॐ ततसषवतवियणमभ बगो दवसम धीभहह चधमो मो न परचोदमात सतमॊ तवतन ऩरयषषॊचालभ अभतभसत अभतोऩसतयणभलस ॐ पराणाम सवा ॐ अऩानाम सवा ॐ वमानाम सवा ॐ उदानाम सवाह ॐ सभानाम सवा ॐ बरहभण सवा

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - भहानवदमभ सभऩिमालभ

अभताषऩधानभलस उततयाऩोशनभ सभऩिमालभ हसतौ परारमालभ ऩादौ परारमालभ शदध आचभनीमॊ सभऩिमालभ

तामफरॊ सभऩिमालभ सवणिभनतरऩषऩॊ सभऩिमालभ परदकषण नभसकायन सभऩिमालभ

अनमाधमानावाहनाहद षोडषोऩचाय ऩजमा बगवान सवाितभक शरी रकषभी ऩदमावती सभत वकटशवय सवाभी सपरीत सपरसननो वयदो बवत शरी रकषभी ऩदमावती सभत वकटशवय सवाभी परसादॊ लशयसा गहणालभ

उदवासनभ मऻन मऻभमजनत दवासतारन धभािरण परथभानमासन

तहनाकॊ भहहभानससचनत मतर ऩव साधमा ससनत दवा

गचछ गचछ सयशरषठ सवसथान शरी वकटशवय बकताबीषट सभधमथिभ ऩनयागभनाम च

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरी वकटशवय सवाभी मथासथानॊ उदवासमालभ

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परथभ अधमाम

शरी बगवान उवाच

कलरमग भ एक हदन शब भहति भ रतरभरा ऩहाड ऩय (सजस धयती का वकॊ ठ कहा जाता ह ) ldquoषवशवऩरत नाभक एक बकत ऩय शरी फाराजी की कऩा हई शरी षवषण क अवताय शरी फाराजी (वकटशवय) जो महाॉ शरीरनवास क रऩ भ ऩज जात ह उनहोन षवशवऩरत को ldquoशरी फाराजी वरत कथाrdquo नाभ स परलसधद इस गरॊथ की यचना कयन की आऻा दी औय कहा- ldquoह भय षपरम बकत षवशवऩरत भय षपरम होन क कायण इस वरत को षवसताय रऩ स तमह फाता हॉ सनो म

वरत भझ अरत षपरम ह आसान होन क कायण इस सबी रोग सॊऩनन कय सकत ह

कलरमग भ भानव अऩन ऩाऩ कभो का पर बोगता ह अनक कषट सहत हए जीवन रनवािह कयता ह कछ बकत

अऩन दख भझ फताकय उनह दय कयन क लरम कहत ह फहत स ऩस खचि कय वो भझ दखन क लरम रतरभरा की मातरा कयत ह भय बकतो स भझ परभ ह व भझऩय अऩना ऩया बाय डार दत ह भ उनह धभि क भागिऩय चराता हॉ

अबी भ जो मह वरत कथा तमह फतान जा यहा हॉ वो ldquoशरी फाराजी की कथाrdquo क नाभ स परलसदध होगा म भया वरत भझ अरतषपरम ह जो वमसकत इस बसकत औय रनषठा स कयगा वह तयॊत ऩाय ऩामगा कोई बी वमसकत कबी बी इस वरत को सॊऩनन कय सकता ह भखम रऩ स भागिशीषि भाघ कारत िक भहहनो भ ऩणिभासी ऩॊचभी सपतभी एकादशी रतचथमो ऩय मा शरवण सवारत नतरो ऩय इस कयना शरषठ होता ह

इस घोय कलरमग भ भय बकत जो कषट सह यह ह उनह भ जानता हॉ तमह जफ बी कोई कषट हो कोई सभसमा हो सवासम ठीक ना हो नौकयी वमाऩाय भ सभसमाएॉ हो भन अशाॊत हो तो इस वरत को सॊऩनन कयना चाहहम इसस

साय कषट दय हो जात ह घय भ शब कामि होन ऩय इस वरत को सॊऩनन कयन स बफना ककसी सभसमा क कामि ऩणि हो जाता ह इस वरत को सॊऩनन कयत ही सबी सख परापत होत ह औय अषट ऐशवमो की परासपत होती ह

सफय मा शाभ इस वरत को सॊऩनन कय सकत ह इस वरत भ ऩाॉच अधमाम ह इनका ऩठन बसकत क साथ कयना चाहहम अऩन घय भ मा रनवास सथान ऩय भॊहदय भ मा ककसी बी ऩषवतर सथान भ नदी तट ऩय सॊऩनन कय सकत ह

महद सॊबव हो तो अऩन फॊध लभतरो क साथ इस सॊऩनन कयन स जमादा शरषठ होता ह जो इस सॊऩनन कयत ह मा जो इस सनत ह वरत सॊऩणि होन क फाद परसाद को बसकत स सवीकाय कयत ह वो अषट ऐशवमो को परापत कयत ह इसस

ऩहर बी भय बकतो न कई भरनमो न इस वरत को सॊऩनन ककमा औय भया आशीवािद ऩामा बरोक भ यहनवार सबी को मह वरत आनॊद परदान कयगा औय शब पर बी परापत होगा शाॊत चचतत स भझ माद कयत हए इस वरत का ऩारन

कयो

सवि परथभ जहाॉ वरत कयना चाहत हो उस सथर को साप कयो भॊडऩ की वमवसथा कय भयी तसवीय सजसभ भयी षपरम

सरखमाॉ शरी दवी बदवी ह उस तसवीय को इस भॊडऩ ऩय सथाषऩत कयो भॊडऩ को दीवाय स रगाकय बी यख सकत हो अनम ककसी इचछक दवता की तसवीय बी सख सकत हो नवगरहो औय अषट हदकऩारको को मा तो भन भ नभसकाय

कयो मा उनका आवहान बी कय सकत हो

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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सफस ऩहर हलदी स फनी गणश की ऩजा कयनी चाहहम उसक फाद उस वरत क ऩाॉचो अधमामो का रनषठा स ऩठन

कयना चाहहम मही परथभ अधमाम ह अनम चाय अधमाम भय अतमॊत षपरम ऩातर षवशवालभतर वलशषठ बयदवाज अबतर

भरनशवयो क परवचना रऩ भ ह ऩाॉच अधमामोको ऩढन क फाद भय षपरम शरोक बी ऩढ सकत हो हय अधमाम क अॊत

भ गोषव ॊद गोषव ॊद गोषव ॊद तीन फाय सभयण कयना चाहहम

आभ रोगो क कषटो को भ जानता हॉ इसी लरम भयी एक फात सनो महद ककसी कायण इस वरत को षवसताय रऩ स

सॊऩनन कयन भ कोई सभसमा आ यही हो तो भय तसवीय को साभन यख कय ऩहर गणश जी की कपय नवगरह दवताओॊ औय अषटहदकऩारको को सभयण कय ऩाॉच कहरनमाॉ ऩढकय अऩन भन भ जो इचछा ह उस भझ फताओ भ उस

परसाद क रऩ भ परदान करॉगा इस परकाय कयन स बी कामि की लसषदध होती ह तमहाय कषट दय हो जामग औय शब

पर परापत होगा

जो वमसकत इस वरत को बसकत स सॊऩनन कयगा भ उसक घय ककसी ना ककसी रऩ भ आकय परसाद सवीकाय करॉगा भयी कऩा आऩ सबी को हभशा परापत होगी शरी फाराजी न रतमभयाज षवशवऩरत याभकषणभरत ि ldquoषवशवऩरतrdquo को इस वरत कथा को षवसताय स फतामा कलरमगवासी हभ सबी इस वरत को सॊऩनन कय शरी फाराजी की कऩा क ऩातर फन सकत ह इस वरत को सॊऩनन कय हभ अऩन सबी कषट दय कय सकत ह औय उचचत पर बी परापत कय

सकत ह

गोषवॊदगोषवॊदगोषवॊद

परथभोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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दषवतीम अधमाम

शरी षवशवालभतर उवाच

भहातऩ सॊऩनन साात शरी षवशवालभतर जी न हभ ऩय कऩा की औय परवचन कयत हए कहा- ldquoह कलरमग वालसमो शरीरनवास क बकतो ldquoशरीफाराजी वरत कथाrdquo सजस आऩ सॊऩनन कय यह हो वह फहत ही ऩषवतर ह भहहभा स ऩणि ह मह वरत कलरमग भ शरी नायामण जी की करणा औय दमा परापत कयन का अतमॊत सयर साधन ह पराचीन कार भ शरी फाराजी क षपरम बकतो न इस सॊऩनन कय अऩनी काभनाओॊ को ऩणि ककमा इस वरत कथा क फाय भ हभ फताकय शरी फाराजी न हभाय पररत जो दमा हदखाई ह उसक लरए हभ उनह परणाभ कयत ह

पराचीन कार भ भगध याजम भ षवषणचचतत नाभक एक बकत यहता था उसकी नौ कनमाएॉ थी षवदवान होन ऩय बी वह अतमॊत गयीफ था षवषणचचतत की ऩतनी तायाभरत हभशा नायामणजी की पराथिना कयती यहती थी षववाहाहद शबकामि सॊऩनन कय जो बी ऩस दकषणा क रऩ भ लभरत थ उसस व भसशकर स अऩना जीवन रनवािह कय

यह थ कनमाएॉ मौवनावसथा भ ऩदाऩिण कय चकी थी तायाभरत हभशा इसी चच ॊता भ यहती थी कक इन कनमाओॊ का षववाह ककस परकाय सॊऩनन होग वह फाराजी की पराथिना कयत हए सदा अऩना सभम गजायती थी

वह तो फाराजी की बकत थी औय फाराजी अऩन बकतो स अतमाचधक परभ कयत ह उस हदन भाघ ऩरणिभा थी सवय

एक वदध बराहभण न षवषणचचतत क दयवाज ऩय दसतक दी औय कहा - ldquoह सवाभी भ फॊग दश का वासी हॉ एक मऻ

क लसरलसर भ दसय दश जा यहा हॉ यासत भ महाॉ आमा हॉ भझऩय दमा कयो औय अऩन घय भ एक हदन क लरए

यहन दो कर सवयही भ महॉ स चरा जाऊॉ गाrdquo उन की फात सनकय षवषणचचततन कहा lsquoनाथ इसस फढकय खशी औय कमा हो सकती ह अरतचथ साात नायामण जी क सभान होत ह ऐस हभाय ऩयाणो भ कहा गमा ह आऩ बफना ककसी सॊकोच क हभाय घय भ यह सकत हlsquo ऐसा कह कय उसन उस बराहभण को घय क अॊदय फरामा औय उनका सतकाय ककमा

दोऩहय भ बोजन क फाद उस वदध न तायाभरत स ऩछा ndash ldquoभाता कमा फात ह तभ कछ चच ॊरततसी रगती हो बफना ककसी सॊकोच क फात फताओrdquo तायाभरत न कहा ndash ldquoसवाभी आऩ तो भहातऩसवी ह आऩ क भख का तज उस वकॊ ठवासी क सभान ह आऩ स कमा छऩाना भयी चचॊता भयी कनमाओॊ का षववाह हrdquo उस ऩय वदध न कहा- ldquoभाता तमहाया दख भ जानता हॉ तमहाय सबी कषट दय हो औय तमहायी कनमाओॊ की शादी हो इसक लरम भ एक अदभत वरत फताता हॉ सनो इस वरत को सॊऩनन कयन स तमहाय साय कषट दय हो जामग शरी फाराजी क वरतो भ स मह सफस सयर हrdquo कहत हए उनहोन उस दॊऩरत को ऩया वरत षवधान फतामा वरत षवधान

सनकय षवषणचचतत न कहा- ldquoसवाभी मह तो अतमॊत सॊतोष की फात ह इसस फढकय सौबागम औय कमा होगा

कहत ह ना- शबसम शीिॊ आज भाघ ऩरणिभा ह फहत ही शब हदन ह आऩक कथा अनसाय हभ आज ही इस वरत

को सॊऩनन कयगrdquo षवषणचचततन ऩतनी तायाभरत औय सबी कनमाओॊ क साथ लभरकय उस हदन शाभ भ ही अऩन

फॊध-लभतरो क साथ बसकत औय रनषठा स फाराजी वरत को सॊऩनन ककमा वहाॉ उऩससथत सबी रोगो न वरत ऩया होन क

फाद चयणाभत परसाद गरहण ककमा औय अऩन-अऩन घय परसथान ककमा तफ षवषणचचतत औय तायाभरत न बराहभण

क चयणो को नभसकाय ककमा औय आशीवािद परापत ककमा बराहभणोततभ न बी चयणाभत परसाद गरहण ककमा औय

कहा- ldquoआऩकी भनोकाभना ऩयी हो शरी रकषभी शरी फाराजी की कऩा होrdquo

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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अॊधया हो चरा था औय रनिा सभम आसनन था षवषणचचतत न उस बराहभण को एक पटी चादय दत हए आॉखो भ आस लरम कहा- सवाभी भ अतमॊत दरयिी हॉ इसस अचछी चादय भय ऩास नही ह भझ भा कय आज की यात इसी ऩय षवशराभ कय बराहभण भसकयात हए फोर- कोई फात नही भ फाहय फयाभद भ सो जाता हॉ कछ सभम फाद ही सबी रनिारोक भ षवचयण कयन रग आधी यात का सभम था बफजरी की गडगडाहट क साथ फारयश शर हई चायो ओय अॊधया था कहीॊ कछ नही हदखाई

द यहा था षवषणचचतत इस चच ॊता भ था कक वदध बराहभण फाहय कस सो यह होग उस सभम कछ सझ बी नही यहा था ककसी तयह उनहोन यात गजायी सवया हआ फारयश बी थभ चकी थी ऩरत-ऩतनी मही सोच यह थ कक बराहभण की कमा दशा हई होगी ककतना सहा होगा उनहोन मही सोचत हए वो फाहय आए उनह एक अदभत दशम हदखाई हदमा वहाॉ षवपरोततभ नही थ पहट हई चादय की जगह यशभ का षऩताॊफय यखा हआ था उस षऩताॊफय ऩय शरी फाराजी क

भतॉ ndash हदखाई दी व सफ कछ सभझ गम उनकी खषी का कोई हठकाना नही यहा उनक घय आम बराहभण औय

कोई नही साात शरी नायामणजी ही थ ह फाराजी कमा बागम ह हभाया ऩय हभ उनको ऩहचान नही ऩाम हभन उनको पटी हई चादय दी मह सोचत हए उनहोन शरी फाराजी की भतॉ को हाथ भ रकय आॉखो स रगामा औय

घय क अॊदय आम ऩया घय सोन स बया हआ था जहाॉ दखो वहाॉ धन याशी ह बगवान शरी फाराजी की वरत कथा की भहहभा स ही मह सफ सॊबव हो सका ऐसा कहत हए व बगवान की सतरत कयन रग आऩन दख साात शरी फाराजी ही उस बकत क घय आम थ वरत षवधान फतामा औय चयणाभत परसाद बी गरहण

ककमा शरी फाराजी फहत ही करणाभम ह जो बी इस वरत को बसकत औय रनषठा स कयगा उसक घय सवमॊ बगवान

ककसी ना ककसी रऩ भ आमग आऩ सबी इस वरत को सॊऩनन कय बगवान की कऩा परापत कय सकत ह शरी भहषषि षवशवालभतर जी न मह दषवतीम कथा इस तयह फताई

शरी रकषभी शरीरनवास कटाॊ लसषदधयसत

गोषवॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

दषवतीमोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ततीम अधमाम

शरी वलशषठ उवाच मह अधमाम भहातऩोरनषठ वरयषठ शरीवलशषठ भरन न शरीनायामणजी की कऩा स हभ षवसताय रऩ स फतामा ह ह कलरमग वालसमो शरीफाराजी क षपरम बकतो वकणठ भ रनवास कयनवार शरीनायामणजी आज क रतरभरा भ ससथत शरीफाराजी ही ह कलरमग वालसमो क कषट दय कयन क लरम बगवान आऩक फहत सभीऩ रतरभरा ऩहाड ऩय अवतारयत हए ह शरी फाराजी को खश कयन क लरए मह वरत उततभ ह औय सयर बी ह इस वरत को जो बसकत औय रनषठा स सॊऩनन कयता ह उस सबी सख परापत हो जात ह पराचीन सभम भ अवॊती दश भ बागमनगय नाभक एक नगय था नाभ क ही अनरऩ वहाॉ अनक धनवान (वमाऩायी) यहत थ ऩय व अऩनी सॊऩसतत को दख घभॊड कयत थ औय आभ रोगो को हीन दषटी स दखत थ धन-दौरत उनकी सवासजित ह ऐसा सोचकय घभॊड कयत थ बगवान की रनतम ऩजा-ऩाठ तो उनहोन ऩहर ही छोड दी थी कभ स कभ षवशष हदनो भ बी व ना भॊहदय जात ना ऩजा कयत ना ही दीऩ जरात एक हदन सबी धनवान अऩनी-अऩनी ऩतनीमो क साथ परीरत बोज भ वमसत थ उस नगय की ऩवि हदशा भ ही शरी रकषभी नायामण जी का भॊहदय था जहाॉ दीऩ जरानवारा कोई नही था उस हदन षवशष एकादशी थी सजस एक ऩवि हदन बी भाना जाता ह ऩय उस नगय क एक बी धनवान क भन भ भॊहदय भ ऩजा कयन का षवचाय नही आमा शाभ होत-होत आकाश भ घन फादर छा गम औय भसराधाय फारयश होन रगी वमाऩारयमो क घय ऩानी स बय गम चायो ओय अॊधकाय ह अॊधकाय था सवय होन तक ऩया नगय ऩानी भ डफ गमा वमाऩारयमो क घय टट-पट गम उनका साया ऐशवमि सभापत हो गमा ऐसा उऩिव कमो भचा मह पररम कस हो गमा ककसी को कछ बी सभझ भ नही आ यहा था इतन भ उनह एक षवचचतर दशम हदखाई हदमा नगय क फाहय जो झोऩडडमाॉ थी व तो वसी की वसी थी उनको आशचमि हआ इतनी फारयश भ बी म कस सही सराभत यही व ऐसा भन ही भन सोच यह थ कक इतन भ बफजरी कडकी औय आकाशवाणी हई ldquoए भखो तमहायी सॊऩसतत तमहायी अऩनी ह सवासजित ह ऐसा सोचत थ इसी लरम ऐसा हआ ह इस झोऩडी भ यहनवारा दव भया षपरम बकत ह आभ आदभी होन ऩय बी दव रनतम तमहाय नगय भ ससथत शरी रकषभी नायामण

भॊहदय भ दीऩ जराता था इतना ही नही हय एकादशी क हदन मथा सॊबव वह शरी फाराजी वरत कथा बी सॊऩनन कयता था इसी लरम इन झोऩडीमो भ यहनवार सबी रोग सयकषत यह आऩ सबी महद वरत सॊऩनन कयग तो अऩन-अऩन

ऐशवमि को ऩन परापत कय सकत होrdquo आकाशवाणी सनत ही तयॊत व सबी रोग उस भॊहदय भ गम औय जस

सॊबव हो सका वस सबी रोगोन एक-दसय क सहमोग स शरी फाराजी की वरत कथा सॊऩनन की ऐसा कयत ही सबी को उनक घय ऩवि रऩ भ ही परापत हो गम तफ स व सबी शरीफाराजी क बकत फन गम औय हय एकादशी को शरीफाराजी का वरत सॊऩनन कयत औय सख-शाॊरत परापत कय यहन रग अॊत भ उनहोन भसकत बी परापत की

शरीवलशषठजी न इस परकाय म कथा सनाई

गोषव ॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

ततीमोधमाम सभापतॊ |

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ

शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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चतथव अधमाम

शरी बयदवाज उवाच

शरीनायामण जी को ldquoशरीफाराजी वरत कथाrdquo अतमॊत षपरम ह चतथि अधमाम क रऩ भ हभाय साभन शरी बयदवाज

भरनदवाया फतामी नमी कहानी इस परकाय ह- ldquoह कलरमगवालसमो शरी नायामण क षपरम बकतो आऩ सजस वरत को सॊऩनन कय यह ह वह अदभत ह आऩकी भनोकाभनाओॊ को ऩणि कयन का साधन ह शरी फाराजी को परसनन कयन का मह अतमॊत सयर उऩाम ह आऩ सबी ऩय कऩा कयन क लरम ही वकॊ ठवासी बगवान शरीरनवास क रऩ भ रतरभरा ऩहाड ऩय अवतरयत हए ह अनक जनभो क ऩणमपर स ही रतरभरा ऩहाड ऩय ऩय यखन का सौबागम परापत होता ह औय बगवान क दशिन बी सॊबव होत ह इसी तयह इस ldquoवरतकथाrdquo को सॊऩनन कयन का सॊकलऩ बी ऩविजनभ क

ऩणमपर स ही सॊबव होता ह जो वमसकत इस वरत को सॊऩनन कय यह ह मा जो इस कथा को सन यह ह मा जो बगवान क परसाद को गरहण कयत ह उनह बगवान की कऩा परापत होती ह औय व सौबागम बी ऩात ह

पराचीन कार भ ldquoनगयीrdquo नाभक एक गराभ भ धनगपत नाभ का वमाऩायी यहता था वह फहत ही रारची था ऐशवमि परापत कयन ऩय बी उसका रारचीऩन कभ नही हआ मह सभसत ऐशवमि उसका ही कभामा हआ ह ऐसा सोचकय वह फहत घभॊड कयता था अहॊकाय भनषम का नाश कयता ह

धनगपत की ऩतनी काॊरतभती अतमॊत बसकत बावना यखती थी औय रनषठा स बगवान की ऩजा कयती थी उनकी तीन कनमाएॉ थी तीसयी कनमा ldquoकभायीrdquo भ बसकत बावना जमादा थी वह हभशा फाराजी का नाभ ही जऩती यहती थी षऩताजी को बफना फताम वह जफ-तफ शरी फाराजी क भॊहदय भ जाती थी औय बगवान क दशिन कयती थी घय आकय षऩताजी को छोड अनम सबी क साथ परसाद सवीकाय कयती थी ऩती क ऐस वमवहाय स

काॊरतभती थोडी चच ॊरतत होती थी

एक हदन ldquoकभायीrdquo की सहरी क घय ऩय ldquoशरी फाराजीrdquo का वरत सॊऩनन हो यहा था मह जानकय वो वहाॉ गई वरत ऩया होन तक दोऩहय हो चकी थी थोडासा परसाद उसन गरहण ककमा औय थोडा वह अऩन घयवारो क लरम एक

कागज की ऩडी भ रकय चरी फीच यासत भ उस पमास रगन रगी धऩ बी फहत तज थी उसन सोचा थोडी दय रक

कय पमास फझाकय कपय चरॉ तो ठीक यहगा तबी उस माद आमा कक उसक षऩता की दकान अगरी गरी भ ही तो ह वहाॉ जाकय उसन षऩताजी को ऩजा की फात बफना फताम षऩताजी स ऩानी भाॉगकय षऩमा औय षऩताजी गससा कयग

इस डय स उसन जलदी-जलदी ऩानी षऩमा इस घफयाहट भ परसाद की ऩडी वही दकान भ बरकय चरी गई

एकाएक फाजाय भ हडकॊ ऩ भच गमा रोग हाहाकाय भचात हए इधय-उधय बागन रग आगजनी क कायण उस गरी की सायी दकान जर कय याख होन रगी वस बी दोऩहय का सभम थाउस ऩय गभि हवाएॉ चर यही थीधनगपत का शयीय डय क भाय काॉऩन रगा ldquoकछ ही सभम भ उसकी दकान बी जर कय याख हो जाएगीrdquo इस षवचाय स उस क हाथ-ऩय काॉऩन रग सबी रोग अऩनी-अऩनी दकानो स फाहय आकय इधय-उधय बागन रग ऩय

धनगपत वही खडा यह गमा दकान छोडकय जान का भन नही कय यहा था महद वो दकान भ यहगा तो जरकय

याख हो जामगासोचत हए उसन घफयाहट भ उसक हाथ रगी ऩडी को उठामा औय बफना सोच सभझ जो हाथ आमा वो भॉह भ डार हदमा उस कछ भीठा-भीठा सा ऩदाथि रगा औय भन बी शाॊत होन रगा

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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तबी एक अदभत घटना घटीआग धनगपत की दकान तक आकय रक गमी आग की रऩत वहाॉ नही आ ऩामी मह कसी षवचचतर फात हम कसी भामा ह धनगपत क भॉहस एक बी फात नही रनकर ऩामी उधय आगजनी की खफय सनत ही ऩतनी काॊरतभती अऩन कनमाओॊ क साथ फाराजी का सभयण कयत हए दौडती हई वहाॉ आ गमी आग उनक दकान तक आकय कस रक गमी मह दखकय उस आशचमि हआ तबी कभायी को दकान भ बरी हई ऩडी की माद आई धनगपत को सभझन भ दय नही रगी कक उसन जो चीज भॉह भ डारी थी वो औय कछ नही तो बगवान का परसाद ही था औय उसकी भहहभा स ही व इस दघिटना स चक गम धनगपत न शरीफाराजी स भा भाॉगी गार फजाम शाभ भ ही नगयवालसमो को फराकय ldquoशरीफाराजी की वरत कथाrdquo सॊऩनन की तफ स वह बगवान की सवा भ रीन हो गमा औय अॊत भ भो बी परापत की आऩन दखा कक कवर परसाद गरहण कयन स ही वो ककतनी फडी दघिटना स चक गमा फाराजी की भहहभा अदभत ह आऩ सबी बी मथा सॊबव वरत को सॊऩनन कय क बगवान की कऩा परापत कय सकत हldquo

शरीबयदवाजजी न इस परकाय मह चतथि कथा सनामी

गोषवॊदगोषवॊदगोषवॊद

चतथोधमाम सभापतॊ |

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ऩॊचभ अधमाम

शरी अतरतर उवाच

रतरभरा-रतरऩती बरोक का वकणठ धाभ ह ऩयाणो भ फतामा गमा ह कक रतरभरा क सभान ऩषवतर सथर औय शरी फाराजी जस दवता न तो ऩहर कबी हए ह औय न कबी होग शरीरनवास क रऩ भ अवतरयत शरी नायामण अऩन

बकतो स फहत परभ कयत ह जो उन ऩय अऩना ऩया बाय डारकय उनह रनतम सभयण कयत ह जो सदाचाय स ऩणि जीवन बफतात ह वो उनकी या कयत ह ऐस शरीफाराजी को परसनन कयन का सफस सयर उऩाम ह ndash ldquoशरीफाराजी की वरत कथाrdquo

इस अदभत वरत कथा क फाय भ भहातऩसॊऩनन शरी अबतर भहषषि न कऩा कयत हए कहा ह- ldquo ह फाराजी क षपरम

बकतो कलरमग भ आऩक सौबागम क फाय भ कमा कहना कतमग तरतामग औय दवाऩायमग भ अतमॊत कठोय तऩ-

जऩ कयन ऩय बी परसनन न होन वार शरी नायामण इस मग भ कवर नाभसभयण स ही आऩ रोगो ऩय कऩा कय यह

ह षवशवास क साथ उनह फरान ऩय व तयॊत कऩा परदान कयत ह ऐस करणाभम ह शरीफाराजी ऩषवतर रतरभरा ऩय

तमहाया यखा हय कदभ अनक जनभो क ऩणमपर क सभान ह

पराचीन कार भ ldquoकौभायrdquo दश भ ldquoलभतरrdquo नाभक धोफी यहता था वो अऩन काभ क साथ-साथ धालभिक कामि कयता हआ जीवन रनवािह कय यहा था उसकी अऩॊगता ही उसकी चच ॊता थी इसी कायण धोए हए कऩडो की ऩोटरी फनाकय घय-घय घभकय उनह रोगो तक ऩहॉचाना उस धीय धीय भसशकर रगन रगा उसका ऩरयवाय फडा था बफना भहनत ककए उस बय ऩट खान को बी नही लभरता था हभशा वो शरी फाराजी की ऩजा कयता यहता था कबी ना कबी बगवान उस ऩय कऩा कयग इसी षवशवास स वो अऩना जीवन गजाय यहा था बकतो ऩय कऩा कयन वार फाराजी सफ कछ दखत यहत ह जो वमसकत अऩन कभो स भकती ऩाता ह उनक ऩास आकय फाराजी ककसी न ककसी रऩ भ आकय उनकी या कयत ह एक हदन शाभ क सभम हभशा की तयह लभतर कऩड धोकय कऩडो की ऩोटरी राद धीय-धीय चरता हआ आ

यहा था फीच यासत भ उस एक वदध बराहभण हदखाई हदम गौयव की बावना स फड होन क कायण लभतर न अऩन कॊ ध

ऩय रदी हई ऩोटरी को नीच उतायकय वदध बराहभण को नभसकाय ककमा तफ उस षवपरोततभ न कहा- ldquoतभ अऩन इस ऩय क कायण ककतना कषट सह यह हो तमहाया दख दखा नही जाताrdquo तफ लभतर न कहा-ldquoह नाथ आऩ फजगि ह बयाऩया ऩरयवाय होन क कायण भझ इस काभ स भकती नही लभर यही ह ककसी तयह भयी म अऩॊगता दय हो ऐसा कोई उऩाम फताइएrdquo

तफ बराहभण न कहा-ldquoसनो बाई भ जरय फताऊॉ गा धमान स सनो भ एक ऐस वरत क फाय भ फताता हॉ सजस सॊऩनन कयन स तमहायी अऩॊगता दय हो जाएगी तमह अषट ऐशवमो की परासपत होगी वरत सॊऩनन कयत ही तमह हजाय अशकपि माॉ लभरगी ऩय एक शति ह उसभ स आध तभ भझ दोगकर भ कपय इसी सभम महाॉ लभरॉगाrdquo तफ लभतर न कहा- ldquoसवाभी इसस फढकय सौबागम औय कमा हो सकता ह आज ही इस

वरत क फाय भ फताइए भ उस सॊऩनन करॉ गाrdquo लभतर क उतसाह को दख वदध न शरी फाराजी वरत कथा क फाय भ फतामा

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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लभतर दगन उतसाह क साथ घय आमा ऩयी कहानी ऩतनी को फतामी औय अडोस-ऩडोस क साथ लभरकय शरी फाराजी वरत को सॊऩनन ककमा चयणाभत परसाद गरहण ककमा घय आए सबी रोगो को बी हदमा तबी घय क फाहय कछ

कोराहर सनाई हदमा लभतर का फटा फाहय स दौडता हआ आमा औय फोरा- ldquoषऩताजी षऩताजी याज-यक आऩक लरम आए ह याजा न आऩक लरम बट बी बजी हrdquo इतन भ यक बी वहाॉ आ गम उनहोन फतामा कक उसकी रनमसकत याज दयफाय भ धोफी क रऩ भ हो गमी ह याजा न हजाय अशकपि माॉ ऩयसकाय सवरऩ बजी ह ऐसा कहकय उनहोन लभतर क हाथ भ हजाय अशकपिमो की ऩोटरी यख दी एक हफत क अॊदय-अॊदय

उस आकय नौकयी भ बतॉ होन को बी कहा लभतर क आनॊद की सीभा नही थी एक हफता कमो कर ही कमो नही सोचकय उसन अऩनी ऩोटरी-वोटरी फाॉधी औय दसय हदन सवय ही वो जान को तमाय हो गमा इस जलदफाजी भ वह

उस वदध की फात बर गमा फीच यासत भ उस उसकी फात माद आ गमी ऩय ठीक हअगर भहहन लभर रता हॉ सोच

कय वह याज दयफाय भ अऩन काभ ऩय रग गमा हदनभहहन फीत बराहभण क वश भ आए बगवान को गससा आमा बगवान न सोचा भनषम की परवसतत ऐसी ही होती ह उस भझ अऩनी भहहभा फतानी होगी

दसय ही हदन याणीवास स आबषण चोयी हो गम चोयी का इलजाभ लभतर ऩय आमा लभतर को कायावास की सजा हई hellipयाज यकोन उस तयह-तयह की मातनाएॉ दी ऐसा कमो हआउस ऩय मह इलजाभ कमो रगा सोचत हए लभतर को यात को सऩन भ बगवान हदखाई हदम उनहोन फतामा कक ldquoवदध बराहभण क रऩ भ व ही आम थ वो अऩनी फात स भकय गमा इसलरम म सफ हआ हrdquo तफ लभतर न कहा-ldquoह नाथभ ऩाऩी हॉ भन फहत फडा ऩाऩ ककमा ह कऩमा भझ ऩय दमा कीसजम अफ भ हय भहहन आऩका वरत सॊऩनन करॉ गा भयी आम का आधा बाग जीवन बय आऩको सभषऩित करॉ गाrdquo गार फजाकय उसन बगवान की हय तयह स पराथिना की बकतो की ऩकाय सननवार बगवान न खशी-खशी लभतर ऩय कऩा कय दी बगवान की कऩा स याणी क आबषण दसयही हदन लभर गम याजान म बी जान लरमा कक लभतरन चोयी नही की थी लभतरको कायावास स रयहा कय हदमा गमा तफ स लभतर बगवान को हदम वचन अनसाय हय भहहन शरी फाराजी का वरत सॊऩनन कयन रगा औय अऩनी आम का आधा बाग बगवान को अषऩित कयता यहा सख ऩणि जीवन बफतात हए उसन अॊत भ भो बी परापत ककमाrdquo

शरी अबतरजी न ऐसा कहकय ऩाॉचव औय आखयी अधमाम को सभापत ककमा

गोषवॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

ऩॊचभोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

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faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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कलमाण वकटशवय सवाभी

ऩजा की साभगरी ६ नारयमर ndash १ करश क लरम औय ५ ऩाॉच अधमामो क लरम

१ वसतरभ (रई का फना हआ हाय) १ करश १ नम परन कऩड का टकडा (रगबग एक भीटय)

हलदी औय कभकभ अता अगयफतती कऩिय (आयती क लरम)

बफड क ऩान मा आभ क ऩतत ( ३ ndash ५ करश क लरम २ षवनामक की ऩजा क लरम)

पर तरसी ऩॊचाभत (दध दही घी भध औय चीनी ) गणश क नवदम क लरम छोटा गड का टकडा वरत क नवदम क लरम गहॉ का यवा घी षऩसी हई चीनी करा षऩसी हई इरामची यवा घी भ बनकय ठॊडा होनऩय उसभ कर क टकड चीनी औय इरामची डार म यवा दध मा ऩानी भ नही ऩकामा जाता

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वरत की षवधी शरी रतमभयाज षवशवऩरत याभकषण भतॉ दवाया

कलरमग भ शरी फाराजी की कऩा ऩान क लरम इस वरत को सॊऩनन कयना अतमॊत आसान ह इस वरत को सॊऩनन

कयन क तयॊत फाद सबी कषट दय हो जात ह इस वरत की षवधी अतमॊत सयर ह सजस भझ वकॊ ठवासी नायामण जी न

सवमॊ फतामी ह कोई बी वमसकत कही बी कबी बी इस वरतको सॊऩनन कय सकता ह आचथिक कहठनाईमाॉ हो मा सवासम सॊफॊधी कोई सभसमा हो भन अशाॊत हो मा अनम कोई बी कायण हो इस वरत क सॊऩनन स ही कषट दय हो जात ह महद आऩन अऩन घय भ कोई शब कामि कयन का रनशचम ककमा हो तफ बी इस वरत को सॊऩनन कय सकत

ह नौकयी औय वमाऩाय भ उननरत क लरम बी वरत सॊऩनन कयन स तयॊत पर की परासपत होती ह

इस वरत को सॊऩनन कयन क दो षवधान ह

परथभ षवधान

इस वरत को ऩहर फताम अनसाय ककसी बी सभम सॊऩनन कय सकत ह भखम रऩ स भागिशीषि भाघ कारत िक भहहनो भ ऩरणिभा ऩॊचभी सपतभी एकादशी रतचथमो भ शरवण सवातीनतरो भ इस सॊऩनन कयना अचछा होता ह सवय हो मा शाभ इस वरतको सॊऩनन कय सकत ह

इस वरत भ ऩाॉच अधमाम ह ऩहरा अधमाम साात शरी फाराजी की कऩा स लरखा गमा ह अनम चाय अधमाम भहा तऩसवी शरी षवशवालभतर वलसषठ बयदवाज औय अबतर भहाभरनमो क दवाया फतामा गमा ह अऩन सवगह भ हो मा रनवास सथान भ बगवान का भॊहदय हो मा अनम कोई बी ऩषवतर सथान नदी तट ऩय बी इस सॊऩनन कय सकत ह

महद सॊबव हो सक तो अऩन फॊध-लभतरो क साथ इस सॊऩनन कय सफस ऩहर सजस जगह ऩय आऩ कयना चाहत ह उस

साप कय उसक फाद भॊडऩ तमाय कयक उसभ शरी फाराजी की तसवीय यख शरीदवी बदवी क साथ फाराजी की तसवीय को यखना शरषठ होगा तसवीय क साथ एक रऩम का लसकका यख उसक फाद करश की सथाऩना कय

सविपरथभ हलदी स फन क गणश की ऩजा कयनी चाहहम ताकक वरत बफना ककसी षवघन क सॊऩनन हो सक फाद भ वरत

कथा क ऩाॉच अधमाम ऩढ सवमॊ बगवान कहत ह कक जो वमसकत रनषठा औय बसकतस इस सॊऩनन कयता ह वहाॉ बगवान सवमॊ ककसी ना ककसी रऩ भ आकय परसाद सवीकाय कयत ह

दषवतीम षवधान

साात बगवान न एक औय भखम फात म बी फताई ह कक महद ककसी कायण कोई सभसमा हो औय वरत कयन क लरम

सभम न लभर मा ककसी कायणवश सॊबव न हो यहा हो तो अकर फठकय बी इस वरत को सॊऩनन ककमा जा सकता ह

शरी फाराजी क भॊडऩ क साभन फठकय सफस ऩहर गणश जी की पराथिना भन ही भन कय कपय अषट हदकऩारको नवगरह दवताओॊ का भन ही भन नभन कय तरसी दर नारयमर उऩरबध पर-पर थारी भ यख फाराजी को सभयण कयत हए वरत कथा का भन ही भन ऩठन कय नारयमर बगवान को अषऩित कय इस परसाद क रऩ भ सवीकाय

कयन स सबी कषट तयॊत दय हो जात ह हय कथा क अॊत भ नारयमर सभषऩित कय भहापरसाद क रऩ भ गहॉ का यवा

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(दलरमा) चीनी डारकय हरवा जस फनाम उसक ऊऩय करा बी यख हय कथा क अॊत भ गोषव ॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

तीन फाय कह कय पराथिना कय

फाराजी को तरसी दर अरत षपरम ह इसी लरम ऩजाभ तरसी दरो को यखना शरषठ होगावरत सॊऩनन होन क फाद

तरसी दरो को परसाद क रऩ भ सवीकाय कयन स योगरनवायण होन क साथ साथ अषट ऐशवमो की परासपत होती ह वरत की सभासपत ऩय नारयमर सभषऩित कयक उनक टकड फनाकय परसाद क रऩ भ बगवान को सभषऩित कयन स वहाॉ उऩससथत सबी रोगो को दकय कपय उस सवीकाय कयन स ऩणम परापत होता ह इस वरत को षवधीऩविक करश सथाऩना क साथ षवसताय स सॊऩनन कय अगय सॊबव न हो तो ऊऩय फताम दषवतीम षवधान क अनसाय बी कय सकत ह एक फात हभ सबी को माद यखनी चाहहम हभायी जो बी सभसमाएॉ ह व सजतना बगवान जानत ह औय कोई नही जान सकता ह इसीलरम उस करणाभम की पराथिना कय सॊकलऩ कय वरत सॊऩनन कयन स भनोकाभना रनसशचत ही ऩयी हो जाती ह सबी कषट दय होकय अषट ऐशवमो की परासपत होती ह

सभसत सनभॊगरारनबवॊत शरी रकषभी शरीरनवास कटा लसषदधयसत

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शरी वकटशवय वरत कथा शरीगणऩती धमानभ

वकरतणड भहाकाम कोहटसमिसभपरब रनषविघनभ करभ दव सविकामष सविदा शकरामफयधयभ शलशवणिभ चतबिजभ परसनन वदनभ धमामत सविषवघनोऩशाॊतम

तदव रगनभ सहदनभ तदव तायाफरभ चॊिफरभ तदव षवदमाफरभ दवफरभ तदव रीऩत तरिमगभ सभयालभ

आचभनभ

ॐ कशवाम सवाहा ॐ नायामणाम सवाहा ॐ भाधवाम सवाहा

ॐ गोषवॊदाम नभ ॐ षवषणव नभ ॐ भधसदनाम नभ ॐ बतरषवकरभाम नभ ॐ वाभनाम नभ ॐ शरीधयाम नभ

ॐ रषषकशाम नभ ॐ ऩदमानाबाम नभ ॐ दाभोदयाम नभ

ॐ सॊकषिणाम नभ ॐ वासदवाम नभ ॐ परदममनाम नभ ॐ अरनरधदाम नभ ॐ ऩरषोततभाम नभ ॐ अधोजाम नभ

ॐ नयलसॊहाम नभ ॐ अचमताम नभ ॐ जनादिनाम नभ ॐ उऩिाम नभ ॐ हयम नभ ॐ शरीकषणाम नभ

बतोचचाटनभ

उसततषटॊत बतषऩशाचचा एत बलभबायका ऐतशाभषवयोधन बरहभकभि सभायब

पराणामाभभ

ॐ ब ॐ बव ॐ सव ॐ भह ॐ जन ॐ तऩ ॐ सतमभ ॐ ततसषवतय-वयणमभ बगो दवसम धीभहह चधमो य़ो न परचोदमात ॐ आऩो-जमोरत-यसोवतभ बरहभ बबिवससवयोभ

भभ उऩातत दरयतामदवाया शरी ऩयभशवय परीतमथिभ शब शोबन भहत शरी भहाषवषणो आगनमा परवत भानसम आदमबरहभण दषवतीम ऩयाथ शवत वयाहकलऩ ववसवत भनवनतय कलरमग परथभऩाद जमफदवीऩ बयतवष बायत खनड भयो दकषण हदगबाग शरीशरसम hellip(जहाॉ ऩजा कय यह ह उस गाॉव का नाभ)परदशाम कषणा गोदावयी भधमबाग सव-शोबन गह सभसत दवता बराहभण हरयहय ससननधौ अससभन वतिभान वमवहारयक चानिभानन सवससतशरी परबवाहद नाभ सॊवतसय भधम सॊवतसय अमन ऋतौ (आज का भहहना)भासाम (शकर मा कषण)ऩाम (आज की रतथी)रतथौ (आज का हदन)वासय शबनतर शबमोग शबकयण एवॊ गण षवशषण षवलशषटामाभ

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शबरतथौ शरीभान(अऩना औय ऩरयवाय क सबी सदसमो क नाभ) गोतर (अऩना गोतर) नाभधम धभिऩतनी सभतसम असभाकभ सहकटॊफानाभ भ सथमि धमि षवजम आमय-आयोगम

ऐशवमि-अलबवधमथिभ धभािथि काभभो चतषविध ऩरषाथि पर लसदधमथिभ भभोऩातत दरयताम दवाया शरी ऩयभशवय परीतमथिभ शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरी वकटशवय दवता भडडडषम शरी वकटशवय वरतकलऩ करयषम िव सॊबवरदभ ऩदाथ सॊबवता रनमभन मावचचसकत धमाना वाहनाहद षोडषोऩचाय ऩजाभ करयषम (ऩानी को हाथ रगाम)

तदॊग करशायाधनभ करयषम (सवाभीजी की दामीॊ ओय करश यख उसभ गॊधभ ऩषऩभ कॊ कभ औय अता डार कपय आग लरख हए शरोक ऩढ) शरोकॊ करशसम भख षवषण काॊत रि सभाचशरता भर ततर ससथतो बरहभा भधम भातगणाचशरत कौत सागया सव सपतदवीऩ वसॊधया ऋगवदोत मजवद साभवदोहमथविणा अॊगशच सहहता सव करशाॊफ सभाचशरता करश गॊधऩषऩाताभ रनकषपतम हसतनचचादम आऩो वा इदभ सव षवशवबतानमाऩ पराणवा आऩा ऩशव आऩोननाभाऩोभता भाऩा समरादऩो षवयाडाऩा सवयाडाऩशचॊडाभ समाऩो जमोरतभ शमाऩो मजोभशमाऩ ससतमाभाऩ सवाि दवता आऩोबबिवसव याऩ ॐ (करश भ ऩानी बय औय उसभ तरसी क ऩतत डार) शरोकॊ गॊग च मभन च कषण गोदावयी सयसवरत नभिद लसॊध कावमो जरससभन ससननचधभ कर कावयी तॊगबिा च कषणवणी च गौतभी करशोदकन दवातभानभ ऩजािवमारन च समपरोकषमा (करश भ एक पर डफोकय उसस सवाभीजी ऩय ऩजा की साभगरी ऩय औय आऩ ऩय ऩानी रछडक )

शरी गणऩती पराथवना शकराॊफयधयभ षवषणभ शलशवणिभ चतबिजभ परसननवदनभ धमामत सविषवघनोऩशाॊतमत

आदौ रनषविघनन वरत ऩरयसभापतभ गणऩती ऩजाभ करयषम

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अथ गणऩती ऩजा ॐ गणानाभ तवागणऩतीभ हवाभह कषवॊ कवीनाभऩा भसशरवसतवभ जमषठयाजभ बरहभणाभ बरहभणसऩत आनशशरणमनततलब सीदसाधनभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ धमामालभ धमानभ सभऩिमालभ

आवाहमालभ यतनलसॊहासनभ सभऩवमालभ ऩादमौ ऩादमभ सभऩवमालभ

हसतौ अरघमवभ सभऩवमालभ भख आचभनीमभ सभऩवमालभ

आऩोहहषटाॊमोबवसतान ऊजधदातन भहयणाम चस मो वत लशवत भोयससतसम बाजमतहन उषतीरयना भातय तसभायभ गभाभवो मसमामाम जजॊधव आऩोजनमाधाचन

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash शदधोदक सनानॊ सभऩिमालभ

सनानाॊतयभ शदध आचभनभ सभऩिमालभ

अलबवसतरात वसनानमाय शलबदनतस दघा ऩजभान अलबचॊदरा बताव व नो हहयणमाभमशवनयततनोदव सोभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash वसतरमगभभ सभऩिमालभ

मऻोऩवीतभ ऩयभॊ ऩषवतरभ परजाऩत मत सहजभ ऩयसतात आमषमॊगरमभ परततभचच शभरॊ मऻोऩवीतभ फरभसत तज

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash मऻोऩवीतभ सभऩिमालभ

गॊधदवायाभ दयाधषावभ तनतमऩषटान करयषषणीभ

ईशवयीभ सववबतानाभ ता लभहोऩवहम शरशरमभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash हदवम शरी चॊदनॊ सभऩिमालभ

आमन त ऩयामण दवाव योहॊत ऩजषऩणी हदाशच ऩॊडयीकाणण सभदरसम गहा इभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash दवािहद नानाषवध ऩषऩारण सभऩिमालभ

अथ शरी षोडषनाभ ऩजा ॐ सभखाम नभ

ॐ एकदॊताम नभ

ॐ कषऩराम नभ

ॐ गजकरणिकाम नभ

ॐ रमफोदयाम नभ

ॐ षवकटाम नभ

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ॐ षवघनयाजम नभ

ॐ गजाचधऩतम नभ

ॐ धभकतव नभ

ॐ गणाचधाम नभ

ॐ पारचॊिाम नभ

ॐ गजाननाम नभ

ॐ वकरतॊडाम नभ

ॐ शऩिकणिकाम नभ

ॐ हयमफाम नभ

ॐ सकॊ दऩविजाम नभ ॐ सवािलससधद परदामकाम नभ ॐ भहागणाचधऩतम नभ

नानाषवध ऩरयभर ऩषऩारण सभऩिमालभ

वनसऩतमबवव हदव नाना गॊध स सममतभ आघरम सववदवानाभ धऩोमभ परततगहमताभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash धऩभािाऩमालभ

साजमभ बतरवतॉ सॊमकताभ वसहनना मोसजतभ षपरमभ

गहाणा भॊगरभ दीऩभ तररोकमरतलभयावहभ

बकतमादीऩभ परमचछालभ दवाम ऩयभातभन

तराहहभाभ नयकादघोयाद हदवमजमोरत नभोसतत

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash दीऩभ सभऩिमालभ

धऩ दीऩाॊतयभ आचभनीमभ सभऩिमालभ

नवदमभ

(गड का छोटा टकडा थारी भ यख कय उसक सबोवतार ऩानी रछडक) ॐ बबव सव ॐ ततसषवतयवयणमभ बगो दवसम धीभही चधमोमोन परचोदमात सतमभ तवतन ऩरयषषॊचालभ (यात भ ldquoऋतॊ तवा सतमन ऩरयषषॊचालभrdquo ऐस कह)

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash नवदमभ सभऩिमालभ

अभतभसत अभतोवतसयणभलस

ॐ पराणाम सवाहा ॐ आऩानाम सवाहा ॐ वमानाम सवाहा ॐ उदानाम सवाहा

ॐ सभानाम सवाहा भधम भधम ऩानीमभ सभऩवमालभ

अभताषऩधानभलस उततयाऩोषणभ सभऩवमालभ

हसतौ परारमालभ शदधाचभनीमभ सभऩवमालभ

ऩगीपर सकयऩय नागवलरीदरीयमतभ

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भकताचणव सभामकतभ ताॊफरभ परततगहमताभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash ताॊफरभ सभऩिमालभ

ॐ गणानाभ तवागणऩतीभ हवाभह कषवॊ कवीनाभऩा भसशरवसतवभ जमषठयाजभ बरहभणाभ बरहभणसऩत आनशशरणमनततलब सीदसाधनभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ - सवणिभॊतरऩषऩभ सभऩिमालभ

भॊतरहीनभ ककरमाहीनभ बसकतहीनभ गणाचधऩ

मतऩसजतभ भमा दव ऩरयऩण तदसतत

मऻन मऻभमजॊत दवासतारन धभािरण परथभानमासन

तहनाकभ भहहभान सचॊत मतर ऩवसाधमा सॊरत दवा

ऩनयाचभनभ

अनमा धमानावाहनाहद षोडषोऩचाय ऩजमा च बगवान सवाितभक

शरीभहा गणाचधऩरत सपरीतो वयदो बतवा उततय कभिणम षवघनभसत बवनतो

बवनत उततय कभिणम षवघनभसत गणाचधऩरत परसादभ लशयसा गरहणालभ

सहसरऩयभा दषव शतभरा शताॊकया सव हयत भ ऩाऩॊ दवािदससवपननाशनी गणऩरत मदासथानॊ उदवासमालभ

पराण परततषठा ॐ असनीत ऩनसभािस च ऩन पराणलभहनोदहह बोगॊ जमोकऩशमभ

समिभचचयनत भनभत भडमान सवससत अभतॊ वपराणा अभतभाऩ पराणानव मधासथानभऩहवमत

(सवाभीजी की भतॉ को हाथ रगाम )

शरीवकटशवय आवाहमालभ सथाऩमालभ ऩजमालभ ससथयोबव वयदोबव सपरसननोबव ससथयासनॊ कर

धमानभ

शानताकायॊ बजगशमनॊ ऩदमनाबभ सयशभ षवशवकायभ गगन सदशॊ भघवण शबाॊगॊ

रकषभीकानतॊ कभरनमनॊ मोचगहरधमान गममॊ वनद षवषणॊ बवबमहयॊ सविरोककनाथॊ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - धमामालभ धमानभ सभऩिमालभ

आवाहनभ

आवाहमालभ दवश लसदधगनधवि सषवत मिसमलभदॊ ऩणमॊ सविऩाऩहयोहय

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवनकटशवय सवालभन नभ - आवाहमालभ

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(सवाभीजी क भतॉ ऩय पर ऩतत चढाम) आसनभ

दव दव जगननाथ परणत करशनाशन यतनलसॊहासनॊ हदवमॊ गहाण भधसदन

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवनकटशवय सवालभन नभ - यतनलसॊहासनॊ सभऩिमालभ

(सवाभीजी क भतॉ ऩय पर ऩतत चढाम) ऩादमॊ

वासनचतॊ करभदव दषकतॊ च षवनाशम ऩादमॊ गहाण बगवान भातरतसॊग सॊससथत

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - ऩादमो ऩादमॊ सभऩिमालभ

(एक चमभच ऩानी थारी भ डार)

अरघम

करषवभ दमाॊ दव सॊसायारत ि बमाऩह दचधीय परोऩतभ गहाणाघम नभोसतत

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हसतमोयघम सभऩिमालभ

(एक चमभच ऩानी थारी भ डार)

आचभनॊ नभ सतमाम शदधाम रनतमाम ऻानरषऩण गहाणाचभनॊ दव सविरोककनामक

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - भख आचभनीमॊ सभऩिमालभ

(एक चमभच ऩानी थारी भ डार) ऩॊचाभतसनानॊ

ऩॊचाभतॊ भमानीतॊ ऩमोदचधघतॊ भध शकि या सहहतॊ चवदवतवॊ पररतगहमताॊ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - ऩॊचाभत सनानॊ सभऩिमालभ

(ऩॊचाभत गाम क दध दही घी भध औय चीनी लभराकय ककमा जाता ह)

सनानॊ सवणिऩातरोदकॊ गॊगा मभनाहद सभसनवतॊ शदधोदकॊ गहाणश सनानॊ कर मथाषवचध

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - शदधोदकसनानॊ सभऩिमालभ

(एक चमभच ऩानी थारी भ डार) वसतरॊ

तपतकाॊचन सनकाशॊ ऩीतमफय लभदॊ हय सगहाण जगननाथ शरीरनवास नभोसतत

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - वसतरमगभॊ सभऩिमालभ

मऻोऩवीतॊ मऻोऩवीतॊ ऩयभॊ ऩषवतरॊ परजऩतमितसहजॊ ऩयसतात

आमषमभागरमाभ पररतभचचशभरॊ मऻोऩवीतॊ फरभसत तज

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - मऻोऩवीतॊ सभऩिमालभ

गनधॊ चनदनागर कसतरय घनसाय सभसनवतॊ गनधॊ गहाण गोषवनद नानागॊधसचधायम

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हदवमऩरयभर गॊधाॊ सभऩिमालभ

(सवाभीजी क भतॉ को चॊदन रगाम) अताॊ

गोषवनदा ऩयभाननद हरयिा सहहततान षवशवशवय षवशारा गहाण ऩयभशवय

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - अतान सभऩिमालभ

(सवाभीजी क भतॉ ऩय अता डार चावर को हलदी कॊ कभ रगाक अता फनात ह) ऩषऩॊ

सगॊधारन सऩषऩारण जाजीकनदभखारन च भाररत वकरादषव ऩजाथ पररतगहमताॊ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - ऩषऩॊ सभऩिमालभ

अथाॊग ऩजा ॐ शरी वकटशवयाम नभ - ऩादौ ऩजमालभ

ॐ शरी वकटचरचधशाम नभ - गलफ़ौ ऩजमालभ

ॐ शरी परदामकाम नभ - जाननी ऩजमालभ

ॐ ऩदमावती ऩतम नभ - जॊघ ऩजमालभ

ॐ ऻानपरदाम नभ - ऊर ऩजमालभ

ॐ शरीरनवसाम नभ - कहटॊ ऩजमालभ

ॐ भहाबागाम नभ - नालबॊ ऩजमालभ

ॐ रनभिराम नभ - उदयॊ ऩजमालभ

ॐ षवशाररदमाम नभ - रदमभ ऩजमालभ

ॐ ऩरयशदधातभन नभ - सतनौ ऩजमालभ

ॐ ऩरषोततभाम नभ - बजौ ऩजमालभ

ॐ सवणिहसताम नभ - हसतौ ऩजमालभ

ॐ वयपरदाम नभ - कॊ ठॊ ऩजमालभ

ॐ रोकनाथाम नभ - सकनधौ ऩजमालभ

ॐ यसऻाम नभ - नालसकाॊ ऩजमालभ

ॐ ऩणमशरवन कीतिनाम नभ - शरोतर ऩजमालभ

ॐ ऩलरामफज षवरोचनाम नभ - नतर ऩजमालभ

ॐ वचिससवन नभ - रराटॊ ऩजमालभ

ॐ यमम षवगरहाम नभ - सवािणमनगारन ऩजमालभ

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ॐ शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हदवमसनदय षवगरहॊ ऩजमालभ

शरी वकटशवय अषटोततय शतनाभावलर

ॐ वकटशाम नभ

ॐ शरीरनवासाम नभ

ॐ रकषभीऩतम नभ ॐ अनाभमाम नभ ॐ अभताॊशाम नभ ॐ जगदवॊदवाम नभ ॐ गोषवनदाम नभ ॐ शाशवताम नभ ॐ परबव नभ ॐ शषाहि-रनरमाम नभ ॐ दवाम नभ ॐ कशवाम नभ ॐ भधसदनाम नभ ॐ अभताम नभ ॐ भाधवाम नभ ॐ कषणाम नभ ॐ शरीहयम नभ ॐ ऻान-ऩॊजयाम नभ ॐ शरी वतस-वस नभ ॐ सवशाम नभ ॐ गोऩाराम नभ ॐ ऩरषोततभाम नभ ॐ गोऩशवयाम नभ ॐ ऩयभ-जमोरतषम नभ ॐ वकनठऩतम नभ ॐ अवममाम नभ ॐ सधातनव नभ ॐ मादवनिाम नभ ॐ रनतम-मौवनरऩवत नभ ॐ चतवदातभकाम नभ ॐ षवषणव नभ

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ॐ अचमताम नभ ॐ ऩरदमनी-षपरमाम नभ ॐ धयाऩतम नभ ॐ सयऩतम नभ ॐ रनभिराम नभ ॐ दवऩसजताम नभ ॐ चतबिजाम नभ ॐ चकरधयाम नभ ॐ बतरधामन नभ ॐ बतरगणाशरमाम नभ ॐ रनषविकलऩाम नभ ॐ रनषकरनकाम नभ ॐ रनयाॊतकाम नभ ॐ रनयनजनाम नभ ॐ रनयाबासाम नभ ॐ रनतमतपताम नभ ॐ रनगिणाम नभ ॐ रनरऩिवाम नभ ॐ गदाधयाम नभ ॐ शायॊगऩाणम नभ ॐ ननदककन नभ ॐ शनखधायकाम नभ ॐ अनकभतिम नभ ॐ अवमकताम नभ ॐ कहटहसताम नभ ॐ वयपरदाम नभ ॐ अनकातभन नभ ॐ दीनफानधव नभ ॐ आतिरोक बमपरदाम नभ ॐ आकाशयाज-वयदाम नभ ॐ मोचग-रतऩदमभसनदयाम नभ ॐ दाभोदयाम नभ ॐ जगतऩाराम नभ

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ॐ ऩाऩघनाम नभ ॐ बकतवतसराम नभ ॐ बतरषवकरभाम नभ ॐ लशॊशभायाम नभ ॐ जटाभकट-शोलबताम नभ ॐ शनख-भदमोर-सनभॊजराम-ककसनकणमाडम-कयनडकाम नभ ॐ नीरभघ-शमाभ-तनव नभ ॐ बफलव-ऩतराचिन षपरमाम नभ ॐ जगदवमाषऩन नभ ॐ जगत-कत नभ ॐ जगत-साकषण नभ ॐ जगतऩतम नभ ॐ चचसनतताथि-परदाम नभ ॐ सजषणव नभ ॐ दाशावािम नभ ॐ दश-रऩवत नभ ॐ दवकक-ननदनाम नभ ॐ शौयम नभ ॐ हमगरीवाम नभ ॐ जनादिनाम नभ ॐ कनमा-शरवणतायजमाम नभ ॐ ऩीतामफयधयाम नभ ॐ अनघाम नभ ॐ वनभालरन नभ ॐ ऩदमनाबाम नभ ॐ भगमासकत-भानसाम नभ ॐ अशवरढाम नभ ॐ खडगधारयण नभ ॐ धनाजिन-सभतसकाम नभ ॐ गानसायर-सनभधम-कसतरय-रतरकोजवराम नभ ॐ ससतचदाननदरऩाम नभ ॐ जगनभनगरदामकाम नभ ॐ मऻरऩाम नभ

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ॐ मऻबोकत नभ ॐ चचनभमाम नभ ॐ ऩयभशवयाम नभ ॐ ऩयभाथि-परदाम नभ ॐ शानताम नभ ॐ शरीभत नभ ॐ दोदिनड-षवकरभाम नभ ॐ ऩयातऩयाम नभ ॐ ऩयबरहभण नभ ॐ शरीषवबव नभ ॐ जगदीशवयाम नभ

इतत शरी वकटशवय अषटोततय शतनाभावलर

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शरी भहारकषभी अषटोततय शतनाभावलर

ॐ परकतम नभ ॐ षवकतम नभ ॐ षवदमाम नभ ॐ सविबतहहतपरदाम नभ ॐ शरदधम नभ ॐ षवबतम नभ ॐ सयभम नभ ॐ ऩयभासतभकाम नभ ॐ वाचम नभ ॐ ऩदमारमाम नभ ॐ ऩदमाम नभ ॐ शचम नभ ॐ सवाहाम नभ ॐ सवधाम नभ ॐ सधाम नभ ॐ धनमाम नभ ॐ हहयणमम नभ ॐ रकषमम नभ ॐ रनतमऩषटाम नभ ॐ षवबावम नभ ॐ आहदतम नभ ॐ हदतम नभ ॐ दीपताम नभ ॐ वसधाम नभ ॐ वसधारयणम नभ ॐ कभराम नभ ॐ कानताम नभ ॐ काभाकषम नभ ॐ कभर समबवाम नभ ॐ अनगरहपरदाम नभ ॐ फदधम नभ ॐ अनघाम नभ

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ॐ हरयवलरबाम नभ ॐ अशोकाम नभ ॐ अभताम नभ ॐ दीऩाम नभ ॐ रोकशोक षवनालशनम नभ ॐ धभिरनरमाम नभ ॐ करणाम नभ ॐ रोकभातर नभ ॐ ऩदमषपरमाम नभ ॐ ऩदमहसताम नभ ॐ ऩदमाकषम नभ ॐ ऩदमसनदम नभ ॐ ऩदमोदभवाम नभ ॐ ऩदमभखम नभ ॐ ऩदमनाब षपरमाम नभ ॐ यभाम नभ ॐ ऩदमभाराधयाम नभ ॐ दवम नभ ॐ ऩरदमनम नभ ॐ ऩदमगसनधनम नभ ॐ ऩणमगनधाम नभ ॐ सपरसननाम नभ ॐ परसादालबभखम नभ ॐ परबाम नभ ॐ चनिवदनाम नभ ॐ चनिाम नभ ॐ चनिसहोदम नभ ॐ चतबिजाम नभ ॐ चनिरऩाम नभ ॐ इसनदयाम नभ ॐ इनद शीतराम नभ ॐ आहराद जननम नभ ॐ ऩषम नभ

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ॐ लशवाम नभ ॐ लशवकतम नभ ॐ सतमाम नभ ॐ षवभराम नभ ॐ षवशवजननम नभ ॐ तषम नभ ॐ दारयदरमनालशनम नभ ॐ परीरत ऩषकरयणम नभ ॐ शानताम नभ ॐ शकरभालमामफयाम नभ ॐ बासकम नभ ॐ बफलव रनरमाम नभ ॐ वयायोहाम नभ ॐ मशससवनम नभ ॐ वसनधयाम नभ ॐ उदायॊगम नभ ॐ हरयणम नभ ॐ हभभालरनम नभ ॐ धन धानमकतम नभ ॐ लसदधम नभ ॐ सतरणम सौममाम नभ ॐ शबपरदाम नभ ॐ नऩवशभ गताननदाम नभ ॐ वयरकषमम नभ ॐ वसपरदाम नभ ॐ शबाम नभ ॐ हहयणम पराकायाम नभ ॐ सभि तनमाम नभ ॐ जमाम नभ ॐ भॊगराम नभ ॐ षवषणव सथरससथताम नभ ॐ षवषणऩतनम नभ ॐ परसननाकषम नभ

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ॐ नायामण सभाचशरताम नभ ॐ दारयदरम धवॊलसनम नभ ॐ दवरकषभ नभ ॐ सवोऩिव रनवारयणम नभ ॐ नवदगािम नभ ॐ भहाकालम नभ ॐ बरहभा-षवषण-लशवासतभकाम नभ ॐ बतरकारऻानसमऩननाम नभ ॐ बवनशवम नभ ॐ भहारकषभी अषटोततय शत नभ

इरत शरी रकषभी अषटोततय शतनाभावलर

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शरी ऩदमावती अषटोततय शतनाभावलर

ॐ ऩदमावततम नभ ॐ दवम नभ ॐ ऩदमोदभवाम नभ ॐ करणापरदारमनम नभ ॐ सरदमाम नभ ॐ तजसवरषऩणम नभ ॐ कभरभखम नभ ॐ ऩदमधयाम नभ ॐ शरीम नभ ॐ ऩदमनतरम नभ ॐ ऩदमकयाम नभ ॐ सगणाम नभ ॐ कभकभषपरमाम नभ ॐ हभवणािम नभ ॐ चनिवसनदताम नभ ॐ धगधगपरकाश शयीय-धारयणम नभ ॐ षवषणषपरमाम नभ ॐ रनतमकलमाणम नभ ॐ कोहटसमिपरकालशणम नभ ॐ भहासौनदमिरषऩणम नभ ॐ बकतवतसराम नभ ॐ बरहभानडवालसनम नभ ॐ सविवानचापरदारमनम नभ ॐ धभिसनकलऩाम नभ ॐ दाकषणमकटाकषणम नभ ॐ बसकतपरदारमनम नभ ॐ गणतरमाषववसजिताम नभ ॐ कराषोडशसॊमताम नभ ॐ सविरोकानानजननम नभ ॐ भसकतदारमनम नभ ॐ दमाभतामाम नभ ॐ परऻाम नभ

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ॐ भहाधभािम नभ ॐ धभिरषऩणम नभ ॐ अरनकाय षपरमाम नभ ॐ सविदारयदरमधवॊलसनम नभ ॐ शरीवकटशवसथरससथताम नभ ॐ रोकशोकषवनालशनम नभ ॐ वषणवम नभ ॐ रतरचानरऩयवालसनम नभ ॐ वदवदमषवशायदाम नभ ॐ षवषणऩादसषवताम नभ ॐ यतनपरकाशककयीटधारयणम नभ ॐ जगनभोहहनम नभ ॐ शसकतसवरषऩणम नभ ॐ परसननोदमाम नभ ॐ इनिाहददवत मककननय ककमऩरष ऩसजताम नभ ॐ सविरोकरनवालसनम नभ ॐ बजमाम नभ ॐ ऐशवमिपरदारमनम नभ ॐ शानताम नभ ॐ उननतसथानससथताम नभ ॐ भनदायकालभनम नभ ॐ कभराकयाम नभ ॐ वदानतऻानरषऩणम नभ ॐ सविसमऩसततरषऩणम नभ ॐ कोहटसमिसभपरबाम नभ ॐ ऩजापरदारमनम नभ ॐ कभरासनाहद सविदवताम नभ ॐ वकनठवालसनम नभ ॐ अबमदारमनम नभ ॐ िाापरऩामसषपरमाम नभ ॐ नतमगीतषपरमाम नभ ॐ ीयसागयोदभवाम नभ ॐ आकाशयाज ऩबतरकाम नभ

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ॐ सवणिहसतधारयणम नभ ॐ काभरषऩणम नभ ॐ करणाकटाधारयणम नभ ॐ अभतासजाम नभ ॐ बरोकसवगिसखदारमनम नभ ॐ अषटहदकऩारकाचधऩतम नभ ॐ भनभधदऩि सॊहारयणम नभ ॐ कभराथिबागाम नभ ॐ सवलऩऩयाध-भहाऩयाध-भाम नभ ॐ शतकोहटतीथिवालसताम नभ ॐ नायदाहद भरनशरषठ ऩसजताम नभ ॐ आहदशनकयऩसजताम नभ ॐ परीरतदारमनम नभ ॐ सौबागमपरदारमनम नभ ॐ भहाकीतॉ परदारमनम नभ ॐ कषणारतषपरमाम नभ ॐ गनधवि शाऩषवभोचकाम नभ ॐ कषणऩतनम नभ ॐ बतररोकऩसजताम नभ ॐ जगनभोहहनम नभ ॐ सरबाम नभ ॐ सशीराम नभ ॐ अॊजनासतानगरहपरदारमनम नभ ॐ बकतमातभरनवालसनम नभ ॐ सॊधमावसनदनम नभ ॐ सविरोकभातर नभ ॐ अलबभतदारमनम नभ ॐ रलरतावधतम नभ ॐ सभसतशासतर षवशायदाम नभ ॐ सवणािबयणधारयणम नभ ॐ इहऩयरोक सखपरदारमनम नभ ॐ कयवीयरनवालसनम नभ ॐ नागरोकभरणसह आकाशलसनध कभरशवय ऩरयतयधगभनाम नभ

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ॐ शरी शरीरनवासषपरमाम नभ ॐ चनिभनडरससथताम नभ ॐ अलरवर भनगाम नभ ॐ हदवमभनगर धारयणम नभ ॐ सकलमाणऩीठससथताम नभ ॐ काभकवनऩषऩषपरमाम नभ ॐ कोहट भनभधरषऩणम नभ ॐ बानभनडररषऩणम नभ ॐ ऩदमऩादाम नभ ॐ यभाम नभ ॐ सविरोकसबानतय धारयणम नभ ॐ सविभानसवालसनम नभ ॐ सवािम नभ ॐ षवशवरऩाम नभ ॐ हदवमऻानाम नभ ॐ सवभनगररषऩणम नभ ॐ सवािनगरहपरदारमनम नभ ॐ ॐकायसवरषऩणम नभ ॐ बरहभऻानसॊबताम नभ ॐ शरी ऩदमावतम नभ ॐ सदमोवदवतम नभ ॐ शरीभहारकषमम नभ

इरत शरी ऩदमावती अषटोततय शतनाभावलर

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धऩभ दशाॊगभ गगगरोऩतॊ गोघतन सभसनवतभ धऩॊ गहाण दवश सविरोक नभसकाया

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - धऩभािाऩमालभ

(सवाभीजी क भतॉ की अगयफतती औय धऩ स आयती कय)

दीऩभ

बतररोकश भहादव सविऻान परदामक दीऩॊ दासमालभ दवश यभाभ बकतवतसर

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - दीऩॊ दशिमालभ

(सवाभीजी क भतॉ की दीऩ स आयती कय )

नवदमभ

सविबशच बोजजशच यस षडलब सभसनवतॊ नवदमनत भमानीतभ गहाण ऩरषोततभ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - नवदमॊ सभऩिमालभ

(सवाभीजी को परसाद चढाम अगय करा ह तो ldquoकदरीपर रनवदमालभrdquo नारयमर ह तो ldquoनारयकर परॊ रनवदमालभrdquo ऐस कह अगय गड ह तो ldquoगडोऩहाय नवदमभ सभऩिमालभrdquo कह)

ॐ पराणाम सवाहा ॐ आऩानाम सवाहा ॐ वमानाम सवाहा ॐ उदनाम सवाहा ॐ सभानाम सवाहा ॐ ऩयबरहभण सवाहा ॐ बबिव सव ततसषवतय-वयणमभ बगो दवसम धीभहह चधमो मो न परचोदमात ॐ आऩो जमोरतयसोभतॊ बरहभ बबिव सवयोभ भधम भधम ऩानीमभ सभऩिमालभ

अभताषऩधानभलस उततयाऩोशनभ सभऩिमालभ हसतौ परारमालभ ऩादौ परारमालभ ऩनयाचभनीमभ सभऩिमालभ

तामफरभ ऩगीपर सकऩिय नागवलरीदरमितॊ भकताचणि सभामकतॊ तामफरॊ पररतगहमताॊ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - तामफरभ सभऩिमालभ

नीयाजनभ चशरम कानताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरीवकटरनवासाम शरीरनवासाम भनगरभ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ नीयाजनभ दशिमालभ

ऩनयाचभनीमभ सभऩिमालभ

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भॊतरऩषऩभ

ॐ सहसतरशीषिभ दवॊ षवशवाॊ षवशवशॊबवॊ षवशवॊ नायामणनदवभ अयॊ ऩयभॊ ऩदॊ १

षवशवत ऩयभासननतमॊ षवशवॊ नायामणॊ हरयॊ षवशवभवदॊ ऩरषसतदषवशवॊ उऩजीवरत २

ऩरतॊ षवशवसमातभशवयॊ शाशवतॊ लशवभचमतॊ नायामणॊ भहाऻमॊ षवशवतभानॊ ऩयामणॊ ३

नायामण ऩयोजमोरत आतभा नायामण ऩय नायामण ऩयभ बरहभ ततवभ नायामण ऩय नायामण ऩयो धमाता धमानभ नायामण ऩय ४

मचच ककसनचत जगतसव दशमत शरमतषऩ वा अनतफिहहशचततसविभ वमापमा नायामण ससथत ५

अननतभ अवममभ कषवॊ सभिनतभ षवशवशमबवभ ऩदमकोश परतीकाशभ रदमभ चापमधोभखभ ६

अधोरनषमा षवतसतमानत नाभमाभऩरय रतषठरत जवाराभाराकरॊबारत षवशवसमामातनभ भहत ७

सनततॊ लशरालबसत रॊफतमाकोशससननबभ तसमानत सलशयभ सकषभभ तससभन सविभ पररतसषठतभ ८

तसमभधम भहान असगन षवशवायचचषविशवतो भख सोगरबसगवबजन रतषठाननाहाय भजय कषव

रतमिगधवाि भधशशामीयशभमा सतसम सनतता ९

सॊताऩमरत सवॊ दह भाऩादतरभसतक तसम भधम वसनह लशखा अणीमोधवाि वमवससथत १०

नीरथो मदभधमसता षवदमलरखव बासवया नीवायशकवततनवी ऩीताबा सवतमनऩभा ११

तसमा लशखामा भधम ऩयभातभा वमवससथत स बरहभ स लशव स हरय स इनि सोय ऩयभासवयात १२

ॐ तद बरहभ ॐ तद वाम ॐ तदातभा ॐ ततसतमभ ॐ ततसविभ ॐ ततऩयोनिभ अनतशचयरत बतष गहामाभ षवशवभरत िष तवभ मऻसतवभ वषकायसतवभ इनिसतवभ रिसतवभ

षवषणसतवभ बरहभतवभ परजाऩरत तवभ तदाऩ आऩो जमोरत यसोवतभ बरहभ बबिवससवयोभ १३

गदा ऩन शॊखयथानगकलऩक धवजायषवॊदाॊकश वजररासशचत ह शरीरनवास तवत चयणामफज दवमॊ भदीम भधािन भरज ॐ रनयॊजनाम षवदमह रनयाबासाम धीभहह तननो शरीरनवास परचोदमात शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हदवमभनतरऩषऩॊ सभऩिमालभ

परदकषण नभसकाय

शरोकॊ मारनकारन च ऩाऩारन जनभानतय कतारन च तारन तारन परणशमसनत परदकषण ऩद ऩद ऩाऩोहभ ऩाऩकभािहभ ऩाऩातभा ऩाऩसॊबव तराहहभाभ कऩभमा दव शयणगतवतसर अनमधा शयणॊ नाससत तवभव शयणॊ भभ तसभात कारणम बावन य य जनादिन

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - आतभपरदकषण नभसकायान सभऩिमालभ

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faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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षवषवधोऩचाय ऩजा छतरॊ धायमालभ चाभयॊ वीजमालभ नतमॊ दशिमालभ गीतॊ शरावमालभ वादमॊ घोषमालभ आॊदोलरकान आयोहमालभ आशवानायोहमालभ गजानायोहमालभ सभसत यजोऩचाय शकतमऩचाय

मनतरोऩचाय दवोऩचाय सवोऩचाय ऩजाॊ सभऩिमालभ

भाऩवणभ भनतरहीनॊ ककरमाहीनॊ बसकतहीनॊ जनादिन मतऩसजतभ भमा दव ऩरयऩणिभ तदसतत

अनमा धमानावाहनाहद षोडशोऩचाय ऩजमा च बगवन सवाितभक शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरी वकटशवय सवरऩो बगवान सपरीत सपरसननो वयदो बवत शरी वकटशवय दव परसादॊ लशयसा गहणालभ

तीथवभ

अकार भतमहयणॊ सविवमाचध रनवायणभ सवि ऩाऩमकयॊ दव ऩादोदकॊ ऩावनॊ शबॊ

नवदमभ

ॐ बबिवससव ॐ ततसषवतवियणमभ बगो दवसम धीभहह चधमो मो न परचोदमात सतमॊ तवतन ऩरयषषॊचालभ अभतभसत अभतोऩसतयणभलस ॐ पराणाम सवा ॐ अऩानाम सवा ॐ वमानाम सवा ॐ उदानाम सवाह ॐ सभानाम सवा ॐ बरहभण सवा

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - भहानवदमभ सभऩिमालभ

अभताषऩधानभलस उततयाऩोशनभ सभऩिमालभ हसतौ परारमालभ ऩादौ परारमालभ शदध आचभनीमॊ सभऩिमालभ

तामफरॊ सभऩिमालभ सवणिभनतरऩषऩॊ सभऩिमालभ परदकषण नभसकायन सभऩिमालभ

अनमाधमानावाहनाहद षोडषोऩचाय ऩजमा बगवान सवाितभक शरी रकषभी ऩदमावती सभत वकटशवय सवाभी सपरीत सपरसननो वयदो बवत शरी रकषभी ऩदमावती सभत वकटशवय सवाभी परसादॊ लशयसा गहणालभ

उदवासनभ मऻन मऻभमजनत दवासतारन धभािरण परथभानमासन

तहनाकॊ भहहभानससचनत मतर ऩव साधमा ससनत दवा

गचछ गचछ सयशरषठ सवसथान शरी वकटशवय बकताबीषट सभधमथिभ ऩनयागभनाम च

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरी वकटशवय सवाभी मथासथानॊ उदवासमालभ

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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परथभ अधमाम

शरी बगवान उवाच

कलरमग भ एक हदन शब भहति भ रतरभरा ऩहाड ऩय (सजस धयती का वकॊ ठ कहा जाता ह ) ldquoषवशवऩरत नाभक एक बकत ऩय शरी फाराजी की कऩा हई शरी षवषण क अवताय शरी फाराजी (वकटशवय) जो महाॉ शरीरनवास क रऩ भ ऩज जात ह उनहोन षवशवऩरत को ldquoशरी फाराजी वरत कथाrdquo नाभ स परलसधद इस गरॊथ की यचना कयन की आऻा दी औय कहा- ldquoह भय षपरम बकत षवशवऩरत भय षपरम होन क कायण इस वरत को षवसताय रऩ स तमह फाता हॉ सनो म

वरत भझ अरत षपरम ह आसान होन क कायण इस सबी रोग सॊऩनन कय सकत ह

कलरमग भ भानव अऩन ऩाऩ कभो का पर बोगता ह अनक कषट सहत हए जीवन रनवािह कयता ह कछ बकत

अऩन दख भझ फताकय उनह दय कयन क लरम कहत ह फहत स ऩस खचि कय वो भझ दखन क लरम रतरभरा की मातरा कयत ह भय बकतो स भझ परभ ह व भझऩय अऩना ऩया बाय डार दत ह भ उनह धभि क भागिऩय चराता हॉ

अबी भ जो मह वरत कथा तमह फतान जा यहा हॉ वो ldquoशरी फाराजी की कथाrdquo क नाभ स परलसदध होगा म भया वरत भझ अरतषपरम ह जो वमसकत इस बसकत औय रनषठा स कयगा वह तयॊत ऩाय ऩामगा कोई बी वमसकत कबी बी इस वरत को सॊऩनन कय सकता ह भखम रऩ स भागिशीषि भाघ कारत िक भहहनो भ ऩणिभासी ऩॊचभी सपतभी एकादशी रतचथमो ऩय मा शरवण सवारत नतरो ऩय इस कयना शरषठ होता ह

इस घोय कलरमग भ भय बकत जो कषट सह यह ह उनह भ जानता हॉ तमह जफ बी कोई कषट हो कोई सभसमा हो सवासम ठीक ना हो नौकयी वमाऩाय भ सभसमाएॉ हो भन अशाॊत हो तो इस वरत को सॊऩनन कयना चाहहम इसस

साय कषट दय हो जात ह घय भ शब कामि होन ऩय इस वरत को सॊऩनन कयन स बफना ककसी सभसमा क कामि ऩणि हो जाता ह इस वरत को सॊऩनन कयत ही सबी सख परापत होत ह औय अषट ऐशवमो की परासपत होती ह

सफय मा शाभ इस वरत को सॊऩनन कय सकत ह इस वरत भ ऩाॉच अधमाम ह इनका ऩठन बसकत क साथ कयना चाहहम अऩन घय भ मा रनवास सथान ऩय भॊहदय भ मा ककसी बी ऩषवतर सथान भ नदी तट ऩय सॊऩनन कय सकत ह

महद सॊबव हो तो अऩन फॊध लभतरो क साथ इस सॊऩनन कयन स जमादा शरषठ होता ह जो इस सॊऩनन कयत ह मा जो इस सनत ह वरत सॊऩणि होन क फाद परसाद को बसकत स सवीकाय कयत ह वो अषट ऐशवमो को परापत कयत ह इसस

ऩहर बी भय बकतो न कई भरनमो न इस वरत को सॊऩनन ककमा औय भया आशीवािद ऩामा बरोक भ यहनवार सबी को मह वरत आनॊद परदान कयगा औय शब पर बी परापत होगा शाॊत चचतत स भझ माद कयत हए इस वरत का ऩारन

कयो

सवि परथभ जहाॉ वरत कयना चाहत हो उस सथर को साप कयो भॊडऩ की वमवसथा कय भयी तसवीय सजसभ भयी षपरम

सरखमाॉ शरी दवी बदवी ह उस तसवीय को इस भॊडऩ ऩय सथाषऩत कयो भॊडऩ को दीवाय स रगाकय बी यख सकत हो अनम ककसी इचछक दवता की तसवीय बी सख सकत हो नवगरहो औय अषट हदकऩारको को मा तो भन भ नभसकाय

कयो मा उनका आवहान बी कय सकत हो

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सफस ऩहर हलदी स फनी गणश की ऩजा कयनी चाहहम उसक फाद उस वरत क ऩाॉचो अधमामो का रनषठा स ऩठन

कयना चाहहम मही परथभ अधमाम ह अनम चाय अधमाम भय अतमॊत षपरम ऩातर षवशवालभतर वलशषठ बयदवाज अबतर

भरनशवयो क परवचना रऩ भ ह ऩाॉच अधमामोको ऩढन क फाद भय षपरम शरोक बी ऩढ सकत हो हय अधमाम क अॊत

भ गोषव ॊद गोषव ॊद गोषव ॊद तीन फाय सभयण कयना चाहहम

आभ रोगो क कषटो को भ जानता हॉ इसी लरम भयी एक फात सनो महद ककसी कायण इस वरत को षवसताय रऩ स

सॊऩनन कयन भ कोई सभसमा आ यही हो तो भय तसवीय को साभन यख कय ऩहर गणश जी की कपय नवगरह दवताओॊ औय अषटहदकऩारको को सभयण कय ऩाॉच कहरनमाॉ ऩढकय अऩन भन भ जो इचछा ह उस भझ फताओ भ उस

परसाद क रऩ भ परदान करॉगा इस परकाय कयन स बी कामि की लसषदध होती ह तमहाय कषट दय हो जामग औय शब

पर परापत होगा

जो वमसकत इस वरत को बसकत स सॊऩनन कयगा भ उसक घय ककसी ना ककसी रऩ भ आकय परसाद सवीकाय करॉगा भयी कऩा आऩ सबी को हभशा परापत होगी शरी फाराजी न रतमभयाज षवशवऩरत याभकषणभरत ि ldquoषवशवऩरतrdquo को इस वरत कथा को षवसताय स फतामा कलरमगवासी हभ सबी इस वरत को सॊऩनन कय शरी फाराजी की कऩा क ऩातर फन सकत ह इस वरत को सॊऩनन कय हभ अऩन सबी कषट दय कय सकत ह औय उचचत पर बी परापत कय

सकत ह

गोषवॊदगोषवॊदगोषवॊद

परथभोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ

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दषवतीम अधमाम

शरी षवशवालभतर उवाच

भहातऩ सॊऩनन साात शरी षवशवालभतर जी न हभ ऩय कऩा की औय परवचन कयत हए कहा- ldquoह कलरमग वालसमो शरीरनवास क बकतो ldquoशरीफाराजी वरत कथाrdquo सजस आऩ सॊऩनन कय यह हो वह फहत ही ऩषवतर ह भहहभा स ऩणि ह मह वरत कलरमग भ शरी नायामण जी की करणा औय दमा परापत कयन का अतमॊत सयर साधन ह पराचीन कार भ शरी फाराजी क षपरम बकतो न इस सॊऩनन कय अऩनी काभनाओॊ को ऩणि ककमा इस वरत कथा क फाय भ हभ फताकय शरी फाराजी न हभाय पररत जो दमा हदखाई ह उसक लरए हभ उनह परणाभ कयत ह

पराचीन कार भ भगध याजम भ षवषणचचतत नाभक एक बकत यहता था उसकी नौ कनमाएॉ थी षवदवान होन ऩय बी वह अतमॊत गयीफ था षवषणचचतत की ऩतनी तायाभरत हभशा नायामणजी की पराथिना कयती यहती थी षववाहाहद शबकामि सॊऩनन कय जो बी ऩस दकषणा क रऩ भ लभरत थ उसस व भसशकर स अऩना जीवन रनवािह कय

यह थ कनमाएॉ मौवनावसथा भ ऩदाऩिण कय चकी थी तायाभरत हभशा इसी चच ॊता भ यहती थी कक इन कनमाओॊ का षववाह ककस परकाय सॊऩनन होग वह फाराजी की पराथिना कयत हए सदा अऩना सभम गजायती थी

वह तो फाराजी की बकत थी औय फाराजी अऩन बकतो स अतमाचधक परभ कयत ह उस हदन भाघ ऩरणिभा थी सवय

एक वदध बराहभण न षवषणचचतत क दयवाज ऩय दसतक दी औय कहा - ldquoह सवाभी भ फॊग दश का वासी हॉ एक मऻ

क लसरलसर भ दसय दश जा यहा हॉ यासत भ महाॉ आमा हॉ भझऩय दमा कयो औय अऩन घय भ एक हदन क लरए

यहन दो कर सवयही भ महॉ स चरा जाऊॉ गाrdquo उन की फात सनकय षवषणचचततन कहा lsquoनाथ इसस फढकय खशी औय कमा हो सकती ह अरतचथ साात नायामण जी क सभान होत ह ऐस हभाय ऩयाणो भ कहा गमा ह आऩ बफना ककसी सॊकोच क हभाय घय भ यह सकत हlsquo ऐसा कह कय उसन उस बराहभण को घय क अॊदय फरामा औय उनका सतकाय ककमा

दोऩहय भ बोजन क फाद उस वदध न तायाभरत स ऩछा ndash ldquoभाता कमा फात ह तभ कछ चच ॊरततसी रगती हो बफना ककसी सॊकोच क फात फताओrdquo तायाभरत न कहा ndash ldquoसवाभी आऩ तो भहातऩसवी ह आऩ क भख का तज उस वकॊ ठवासी क सभान ह आऩ स कमा छऩाना भयी चचॊता भयी कनमाओॊ का षववाह हrdquo उस ऩय वदध न कहा- ldquoभाता तमहाया दख भ जानता हॉ तमहाय सबी कषट दय हो औय तमहायी कनमाओॊ की शादी हो इसक लरम भ एक अदभत वरत फताता हॉ सनो इस वरत को सॊऩनन कयन स तमहाय साय कषट दय हो जामग शरी फाराजी क वरतो भ स मह सफस सयर हrdquo कहत हए उनहोन उस दॊऩरत को ऩया वरत षवधान फतामा वरत षवधान

सनकय षवषणचचतत न कहा- ldquoसवाभी मह तो अतमॊत सॊतोष की फात ह इसस फढकय सौबागम औय कमा होगा

कहत ह ना- शबसम शीिॊ आज भाघ ऩरणिभा ह फहत ही शब हदन ह आऩक कथा अनसाय हभ आज ही इस वरत

को सॊऩनन कयगrdquo षवषणचचततन ऩतनी तायाभरत औय सबी कनमाओॊ क साथ लभरकय उस हदन शाभ भ ही अऩन

फॊध-लभतरो क साथ बसकत औय रनषठा स फाराजी वरत को सॊऩनन ककमा वहाॉ उऩससथत सबी रोगो न वरत ऩया होन क

फाद चयणाभत परसाद गरहण ककमा औय अऩन-अऩन घय परसथान ककमा तफ षवषणचचतत औय तायाभरत न बराहभण

क चयणो को नभसकाय ककमा औय आशीवािद परापत ककमा बराहभणोततभ न बी चयणाभत परसाद गरहण ककमा औय

कहा- ldquoआऩकी भनोकाभना ऩयी हो शरी रकषभी शरी फाराजी की कऩा होrdquo

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अॊधया हो चरा था औय रनिा सभम आसनन था षवषणचचतत न उस बराहभण को एक पटी चादय दत हए आॉखो भ आस लरम कहा- सवाभी भ अतमॊत दरयिी हॉ इसस अचछी चादय भय ऩास नही ह भझ भा कय आज की यात इसी ऩय षवशराभ कय बराहभण भसकयात हए फोर- कोई फात नही भ फाहय फयाभद भ सो जाता हॉ कछ सभम फाद ही सबी रनिारोक भ षवचयण कयन रग आधी यात का सभम था बफजरी की गडगडाहट क साथ फारयश शर हई चायो ओय अॊधया था कहीॊ कछ नही हदखाई

द यहा था षवषणचचतत इस चच ॊता भ था कक वदध बराहभण फाहय कस सो यह होग उस सभम कछ सझ बी नही यहा था ककसी तयह उनहोन यात गजायी सवया हआ फारयश बी थभ चकी थी ऩरत-ऩतनी मही सोच यह थ कक बराहभण की कमा दशा हई होगी ककतना सहा होगा उनहोन मही सोचत हए वो फाहय आए उनह एक अदभत दशम हदखाई हदमा वहाॉ षवपरोततभ नही थ पहट हई चादय की जगह यशभ का षऩताॊफय यखा हआ था उस षऩताॊफय ऩय शरी फाराजी क

भतॉ ndash हदखाई दी व सफ कछ सभझ गम उनकी खषी का कोई हठकाना नही यहा उनक घय आम बराहभण औय

कोई नही साात शरी नायामणजी ही थ ह फाराजी कमा बागम ह हभाया ऩय हभ उनको ऩहचान नही ऩाम हभन उनको पटी हई चादय दी मह सोचत हए उनहोन शरी फाराजी की भतॉ को हाथ भ रकय आॉखो स रगामा औय

घय क अॊदय आम ऩया घय सोन स बया हआ था जहाॉ दखो वहाॉ धन याशी ह बगवान शरी फाराजी की वरत कथा की भहहभा स ही मह सफ सॊबव हो सका ऐसा कहत हए व बगवान की सतरत कयन रग आऩन दख साात शरी फाराजी ही उस बकत क घय आम थ वरत षवधान फतामा औय चयणाभत परसाद बी गरहण

ककमा शरी फाराजी फहत ही करणाभम ह जो बी इस वरत को बसकत औय रनषठा स कयगा उसक घय सवमॊ बगवान

ककसी ना ककसी रऩ भ आमग आऩ सबी इस वरत को सॊऩनन कय बगवान की कऩा परापत कय सकत ह शरी भहषषि षवशवालभतर जी न मह दषवतीम कथा इस तयह फताई

शरी रकषभी शरीरनवास कटाॊ लसषदधयसत

गोषवॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

दषवतीमोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

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ततीम अधमाम

शरी वलशषठ उवाच मह अधमाम भहातऩोरनषठ वरयषठ शरीवलशषठ भरन न शरीनायामणजी की कऩा स हभ षवसताय रऩ स फतामा ह ह कलरमग वालसमो शरीफाराजी क षपरम बकतो वकणठ भ रनवास कयनवार शरीनायामणजी आज क रतरभरा भ ससथत शरीफाराजी ही ह कलरमग वालसमो क कषट दय कयन क लरम बगवान आऩक फहत सभीऩ रतरभरा ऩहाड ऩय अवतारयत हए ह शरी फाराजी को खश कयन क लरए मह वरत उततभ ह औय सयर बी ह इस वरत को जो बसकत औय रनषठा स सॊऩनन कयता ह उस सबी सख परापत हो जात ह पराचीन सभम भ अवॊती दश भ बागमनगय नाभक एक नगय था नाभ क ही अनरऩ वहाॉ अनक धनवान (वमाऩायी) यहत थ ऩय व अऩनी सॊऩसतत को दख घभॊड कयत थ औय आभ रोगो को हीन दषटी स दखत थ धन-दौरत उनकी सवासजित ह ऐसा सोचकय घभॊड कयत थ बगवान की रनतम ऩजा-ऩाठ तो उनहोन ऩहर ही छोड दी थी कभ स कभ षवशष हदनो भ बी व ना भॊहदय जात ना ऩजा कयत ना ही दीऩ जरात एक हदन सबी धनवान अऩनी-अऩनी ऩतनीमो क साथ परीरत बोज भ वमसत थ उस नगय की ऩवि हदशा भ ही शरी रकषभी नायामण जी का भॊहदय था जहाॉ दीऩ जरानवारा कोई नही था उस हदन षवशष एकादशी थी सजस एक ऩवि हदन बी भाना जाता ह ऩय उस नगय क एक बी धनवान क भन भ भॊहदय भ ऩजा कयन का षवचाय नही आमा शाभ होत-होत आकाश भ घन फादर छा गम औय भसराधाय फारयश होन रगी वमाऩारयमो क घय ऩानी स बय गम चायो ओय अॊधकाय ह अॊधकाय था सवय होन तक ऩया नगय ऩानी भ डफ गमा वमाऩारयमो क घय टट-पट गम उनका साया ऐशवमि सभापत हो गमा ऐसा उऩिव कमो भचा मह पररम कस हो गमा ककसी को कछ बी सभझ भ नही आ यहा था इतन भ उनह एक षवचचतर दशम हदखाई हदमा नगय क फाहय जो झोऩडडमाॉ थी व तो वसी की वसी थी उनको आशचमि हआ इतनी फारयश भ बी म कस सही सराभत यही व ऐसा भन ही भन सोच यह थ कक इतन भ बफजरी कडकी औय आकाशवाणी हई ldquoए भखो तमहायी सॊऩसतत तमहायी अऩनी ह सवासजित ह ऐसा सोचत थ इसी लरम ऐसा हआ ह इस झोऩडी भ यहनवारा दव भया षपरम बकत ह आभ आदभी होन ऩय बी दव रनतम तमहाय नगय भ ससथत शरी रकषभी नायामण

भॊहदय भ दीऩ जराता था इतना ही नही हय एकादशी क हदन मथा सॊबव वह शरी फाराजी वरत कथा बी सॊऩनन कयता था इसी लरम इन झोऩडीमो भ यहनवार सबी रोग सयकषत यह आऩ सबी महद वरत सॊऩनन कयग तो अऩन-अऩन

ऐशवमि को ऩन परापत कय सकत होrdquo आकाशवाणी सनत ही तयॊत व सबी रोग उस भॊहदय भ गम औय जस

सॊबव हो सका वस सबी रोगोन एक-दसय क सहमोग स शरी फाराजी की वरत कथा सॊऩनन की ऐसा कयत ही सबी को उनक घय ऩवि रऩ भ ही परापत हो गम तफ स व सबी शरीफाराजी क बकत फन गम औय हय एकादशी को शरीफाराजी का वरत सॊऩनन कयत औय सख-शाॊरत परापत कय यहन रग अॊत भ उनहोन भसकत बी परापत की

शरीवलशषठजी न इस परकाय म कथा सनाई

गोषव ॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

ततीमोधमाम सभापतॊ |

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ

शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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चतथव अधमाम

शरी बयदवाज उवाच

शरीनायामण जी को ldquoशरीफाराजी वरत कथाrdquo अतमॊत षपरम ह चतथि अधमाम क रऩ भ हभाय साभन शरी बयदवाज

भरनदवाया फतामी नमी कहानी इस परकाय ह- ldquoह कलरमगवालसमो शरी नायामण क षपरम बकतो आऩ सजस वरत को सॊऩनन कय यह ह वह अदभत ह आऩकी भनोकाभनाओॊ को ऩणि कयन का साधन ह शरी फाराजी को परसनन कयन का मह अतमॊत सयर उऩाम ह आऩ सबी ऩय कऩा कयन क लरम ही वकॊ ठवासी बगवान शरीरनवास क रऩ भ रतरभरा ऩहाड ऩय अवतरयत हए ह अनक जनभो क ऩणमपर स ही रतरभरा ऩहाड ऩय ऩय यखन का सौबागम परापत होता ह औय बगवान क दशिन बी सॊबव होत ह इसी तयह इस ldquoवरतकथाrdquo को सॊऩनन कयन का सॊकलऩ बी ऩविजनभ क

ऩणमपर स ही सॊबव होता ह जो वमसकत इस वरत को सॊऩनन कय यह ह मा जो इस कथा को सन यह ह मा जो बगवान क परसाद को गरहण कयत ह उनह बगवान की कऩा परापत होती ह औय व सौबागम बी ऩात ह

पराचीन कार भ ldquoनगयीrdquo नाभक एक गराभ भ धनगपत नाभ का वमाऩायी यहता था वह फहत ही रारची था ऐशवमि परापत कयन ऩय बी उसका रारचीऩन कभ नही हआ मह सभसत ऐशवमि उसका ही कभामा हआ ह ऐसा सोचकय वह फहत घभॊड कयता था अहॊकाय भनषम का नाश कयता ह

धनगपत की ऩतनी काॊरतभती अतमॊत बसकत बावना यखती थी औय रनषठा स बगवान की ऩजा कयती थी उनकी तीन कनमाएॉ थी तीसयी कनमा ldquoकभायीrdquo भ बसकत बावना जमादा थी वह हभशा फाराजी का नाभ ही जऩती यहती थी षऩताजी को बफना फताम वह जफ-तफ शरी फाराजी क भॊहदय भ जाती थी औय बगवान क दशिन कयती थी घय आकय षऩताजी को छोड अनम सबी क साथ परसाद सवीकाय कयती थी ऩती क ऐस वमवहाय स

काॊरतभती थोडी चच ॊरतत होती थी

एक हदन ldquoकभायीrdquo की सहरी क घय ऩय ldquoशरी फाराजीrdquo का वरत सॊऩनन हो यहा था मह जानकय वो वहाॉ गई वरत ऩया होन तक दोऩहय हो चकी थी थोडासा परसाद उसन गरहण ककमा औय थोडा वह अऩन घयवारो क लरम एक

कागज की ऩडी भ रकय चरी फीच यासत भ उस पमास रगन रगी धऩ बी फहत तज थी उसन सोचा थोडी दय रक

कय पमास फझाकय कपय चरॉ तो ठीक यहगा तबी उस माद आमा कक उसक षऩता की दकान अगरी गरी भ ही तो ह वहाॉ जाकय उसन षऩताजी को ऩजा की फात बफना फताम षऩताजी स ऩानी भाॉगकय षऩमा औय षऩताजी गससा कयग

इस डय स उसन जलदी-जलदी ऩानी षऩमा इस घफयाहट भ परसाद की ऩडी वही दकान भ बरकय चरी गई

एकाएक फाजाय भ हडकॊ ऩ भच गमा रोग हाहाकाय भचात हए इधय-उधय बागन रग आगजनी क कायण उस गरी की सायी दकान जर कय याख होन रगी वस बी दोऩहय का सभम थाउस ऩय गभि हवाएॉ चर यही थीधनगपत का शयीय डय क भाय काॉऩन रगा ldquoकछ ही सभम भ उसकी दकान बी जर कय याख हो जाएगीrdquo इस षवचाय स उस क हाथ-ऩय काॉऩन रग सबी रोग अऩनी-अऩनी दकानो स फाहय आकय इधय-उधय बागन रग ऩय

धनगपत वही खडा यह गमा दकान छोडकय जान का भन नही कय यहा था महद वो दकान भ यहगा तो जरकय

याख हो जामगासोचत हए उसन घफयाहट भ उसक हाथ रगी ऩडी को उठामा औय बफना सोच सभझ जो हाथ आमा वो भॉह भ डार हदमा उस कछ भीठा-भीठा सा ऩदाथि रगा औय भन बी शाॊत होन रगा

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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तबी एक अदभत घटना घटीआग धनगपत की दकान तक आकय रक गमी आग की रऩत वहाॉ नही आ ऩामी मह कसी षवचचतर फात हम कसी भामा ह धनगपत क भॉहस एक बी फात नही रनकर ऩामी उधय आगजनी की खफय सनत ही ऩतनी काॊरतभती अऩन कनमाओॊ क साथ फाराजी का सभयण कयत हए दौडती हई वहाॉ आ गमी आग उनक दकान तक आकय कस रक गमी मह दखकय उस आशचमि हआ तबी कभायी को दकान भ बरी हई ऩडी की माद आई धनगपत को सभझन भ दय नही रगी कक उसन जो चीज भॉह भ डारी थी वो औय कछ नही तो बगवान का परसाद ही था औय उसकी भहहभा स ही व इस दघिटना स चक गम धनगपत न शरीफाराजी स भा भाॉगी गार फजाम शाभ भ ही नगयवालसमो को फराकय ldquoशरीफाराजी की वरत कथाrdquo सॊऩनन की तफ स वह बगवान की सवा भ रीन हो गमा औय अॊत भ भो बी परापत की आऩन दखा कक कवर परसाद गरहण कयन स ही वो ककतनी फडी दघिटना स चक गमा फाराजी की भहहभा अदभत ह आऩ सबी बी मथा सॊबव वरत को सॊऩनन कय क बगवान की कऩा परापत कय सकत हldquo

शरीबयदवाजजी न इस परकाय मह चतथि कथा सनामी

गोषवॊदगोषवॊदगोषवॊद

चतथोधमाम सभापतॊ |

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ऩॊचभ अधमाम

शरी अतरतर उवाच

रतरभरा-रतरऩती बरोक का वकणठ धाभ ह ऩयाणो भ फतामा गमा ह कक रतरभरा क सभान ऩषवतर सथर औय शरी फाराजी जस दवता न तो ऩहर कबी हए ह औय न कबी होग शरीरनवास क रऩ भ अवतरयत शरी नायामण अऩन

बकतो स फहत परभ कयत ह जो उन ऩय अऩना ऩया बाय डारकय उनह रनतम सभयण कयत ह जो सदाचाय स ऩणि जीवन बफतात ह वो उनकी या कयत ह ऐस शरीफाराजी को परसनन कयन का सफस सयर उऩाम ह ndash ldquoशरीफाराजी की वरत कथाrdquo

इस अदभत वरत कथा क फाय भ भहातऩसॊऩनन शरी अबतर भहषषि न कऩा कयत हए कहा ह- ldquo ह फाराजी क षपरम

बकतो कलरमग भ आऩक सौबागम क फाय भ कमा कहना कतमग तरतामग औय दवाऩायमग भ अतमॊत कठोय तऩ-

जऩ कयन ऩय बी परसनन न होन वार शरी नायामण इस मग भ कवर नाभसभयण स ही आऩ रोगो ऩय कऩा कय यह

ह षवशवास क साथ उनह फरान ऩय व तयॊत कऩा परदान कयत ह ऐस करणाभम ह शरीफाराजी ऩषवतर रतरभरा ऩय

तमहाया यखा हय कदभ अनक जनभो क ऩणमपर क सभान ह

पराचीन कार भ ldquoकौभायrdquo दश भ ldquoलभतरrdquo नाभक धोफी यहता था वो अऩन काभ क साथ-साथ धालभिक कामि कयता हआ जीवन रनवािह कय यहा था उसकी अऩॊगता ही उसकी चच ॊता थी इसी कायण धोए हए कऩडो की ऩोटरी फनाकय घय-घय घभकय उनह रोगो तक ऩहॉचाना उस धीय धीय भसशकर रगन रगा उसका ऩरयवाय फडा था बफना भहनत ककए उस बय ऩट खान को बी नही लभरता था हभशा वो शरी फाराजी की ऩजा कयता यहता था कबी ना कबी बगवान उस ऩय कऩा कयग इसी षवशवास स वो अऩना जीवन गजाय यहा था बकतो ऩय कऩा कयन वार फाराजी सफ कछ दखत यहत ह जो वमसकत अऩन कभो स भकती ऩाता ह उनक ऩास आकय फाराजी ककसी न ककसी रऩ भ आकय उनकी या कयत ह एक हदन शाभ क सभम हभशा की तयह लभतर कऩड धोकय कऩडो की ऩोटरी राद धीय-धीय चरता हआ आ

यहा था फीच यासत भ उस एक वदध बराहभण हदखाई हदम गौयव की बावना स फड होन क कायण लभतर न अऩन कॊ ध

ऩय रदी हई ऩोटरी को नीच उतायकय वदध बराहभण को नभसकाय ककमा तफ उस षवपरोततभ न कहा- ldquoतभ अऩन इस ऩय क कायण ककतना कषट सह यह हो तमहाया दख दखा नही जाताrdquo तफ लभतर न कहा-ldquoह नाथ आऩ फजगि ह बयाऩया ऩरयवाय होन क कायण भझ इस काभ स भकती नही लभर यही ह ककसी तयह भयी म अऩॊगता दय हो ऐसा कोई उऩाम फताइएrdquo

तफ बराहभण न कहा-ldquoसनो बाई भ जरय फताऊॉ गा धमान स सनो भ एक ऐस वरत क फाय भ फताता हॉ सजस सॊऩनन कयन स तमहायी अऩॊगता दय हो जाएगी तमह अषट ऐशवमो की परासपत होगी वरत सॊऩनन कयत ही तमह हजाय अशकपि माॉ लभरगी ऩय एक शति ह उसभ स आध तभ भझ दोगकर भ कपय इसी सभम महाॉ लभरॉगाrdquo तफ लभतर न कहा- ldquoसवाभी इसस फढकय सौबागम औय कमा हो सकता ह आज ही इस

वरत क फाय भ फताइए भ उस सॊऩनन करॉ गाrdquo लभतर क उतसाह को दख वदध न शरी फाराजी वरत कथा क फाय भ फतामा

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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लभतर दगन उतसाह क साथ घय आमा ऩयी कहानी ऩतनी को फतामी औय अडोस-ऩडोस क साथ लभरकय शरी फाराजी वरत को सॊऩनन ककमा चयणाभत परसाद गरहण ककमा घय आए सबी रोगो को बी हदमा तबी घय क फाहय कछ

कोराहर सनाई हदमा लभतर का फटा फाहय स दौडता हआ आमा औय फोरा- ldquoषऩताजी षऩताजी याज-यक आऩक लरम आए ह याजा न आऩक लरम बट बी बजी हrdquo इतन भ यक बी वहाॉ आ गम उनहोन फतामा कक उसकी रनमसकत याज दयफाय भ धोफी क रऩ भ हो गमी ह याजा न हजाय अशकपि माॉ ऩयसकाय सवरऩ बजी ह ऐसा कहकय उनहोन लभतर क हाथ भ हजाय अशकपिमो की ऩोटरी यख दी एक हफत क अॊदय-अॊदय

उस आकय नौकयी भ बतॉ होन को बी कहा लभतर क आनॊद की सीभा नही थी एक हफता कमो कर ही कमो नही सोचकय उसन अऩनी ऩोटरी-वोटरी फाॉधी औय दसय हदन सवय ही वो जान को तमाय हो गमा इस जलदफाजी भ वह

उस वदध की फात बर गमा फीच यासत भ उस उसकी फात माद आ गमी ऩय ठीक हअगर भहहन लभर रता हॉ सोच

कय वह याज दयफाय भ अऩन काभ ऩय रग गमा हदनभहहन फीत बराहभण क वश भ आए बगवान को गससा आमा बगवान न सोचा भनषम की परवसतत ऐसी ही होती ह उस भझ अऩनी भहहभा फतानी होगी

दसय ही हदन याणीवास स आबषण चोयी हो गम चोयी का इलजाभ लभतर ऩय आमा लभतर को कायावास की सजा हई hellipयाज यकोन उस तयह-तयह की मातनाएॉ दी ऐसा कमो हआउस ऩय मह इलजाभ कमो रगा सोचत हए लभतर को यात को सऩन भ बगवान हदखाई हदम उनहोन फतामा कक ldquoवदध बराहभण क रऩ भ व ही आम थ वो अऩनी फात स भकय गमा इसलरम म सफ हआ हrdquo तफ लभतर न कहा-ldquoह नाथभ ऩाऩी हॉ भन फहत फडा ऩाऩ ककमा ह कऩमा भझ ऩय दमा कीसजम अफ भ हय भहहन आऩका वरत सॊऩनन करॉ गा भयी आम का आधा बाग जीवन बय आऩको सभषऩित करॉ गाrdquo गार फजाकय उसन बगवान की हय तयह स पराथिना की बकतो की ऩकाय सननवार बगवान न खशी-खशी लभतर ऩय कऩा कय दी बगवान की कऩा स याणी क आबषण दसयही हदन लभर गम याजान म बी जान लरमा कक लभतरन चोयी नही की थी लभतरको कायावास स रयहा कय हदमा गमा तफ स लभतर बगवान को हदम वचन अनसाय हय भहहन शरी फाराजी का वरत सॊऩनन कयन रगा औय अऩनी आम का आधा बाग बगवान को अषऩित कयता यहा सख ऩणि जीवन बफतात हए उसन अॊत भ भो बी परापत ककमाrdquo

शरी अबतरजी न ऐसा कहकय ऩाॉचव औय आखयी अधमाम को सभापत ककमा

गोषवॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

ऩॊचभोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

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faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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वरत की षवधी शरी रतमभयाज षवशवऩरत याभकषण भतॉ दवाया

कलरमग भ शरी फाराजी की कऩा ऩान क लरम इस वरत को सॊऩनन कयना अतमॊत आसान ह इस वरत को सॊऩनन

कयन क तयॊत फाद सबी कषट दय हो जात ह इस वरत की षवधी अतमॊत सयर ह सजस भझ वकॊ ठवासी नायामण जी न

सवमॊ फतामी ह कोई बी वमसकत कही बी कबी बी इस वरतको सॊऩनन कय सकता ह आचथिक कहठनाईमाॉ हो मा सवासम सॊफॊधी कोई सभसमा हो भन अशाॊत हो मा अनम कोई बी कायण हो इस वरत क सॊऩनन स ही कषट दय हो जात ह महद आऩन अऩन घय भ कोई शब कामि कयन का रनशचम ककमा हो तफ बी इस वरत को सॊऩनन कय सकत

ह नौकयी औय वमाऩाय भ उननरत क लरम बी वरत सॊऩनन कयन स तयॊत पर की परासपत होती ह

इस वरत को सॊऩनन कयन क दो षवधान ह

परथभ षवधान

इस वरत को ऩहर फताम अनसाय ककसी बी सभम सॊऩनन कय सकत ह भखम रऩ स भागिशीषि भाघ कारत िक भहहनो भ ऩरणिभा ऩॊचभी सपतभी एकादशी रतचथमो भ शरवण सवातीनतरो भ इस सॊऩनन कयना अचछा होता ह सवय हो मा शाभ इस वरतको सॊऩनन कय सकत ह

इस वरत भ ऩाॉच अधमाम ह ऩहरा अधमाम साात शरी फाराजी की कऩा स लरखा गमा ह अनम चाय अधमाम भहा तऩसवी शरी षवशवालभतर वलसषठ बयदवाज औय अबतर भहाभरनमो क दवाया फतामा गमा ह अऩन सवगह भ हो मा रनवास सथान भ बगवान का भॊहदय हो मा अनम कोई बी ऩषवतर सथान नदी तट ऩय बी इस सॊऩनन कय सकत ह

महद सॊबव हो सक तो अऩन फॊध-लभतरो क साथ इस सॊऩनन कय सफस ऩहर सजस जगह ऩय आऩ कयना चाहत ह उस

साप कय उसक फाद भॊडऩ तमाय कयक उसभ शरी फाराजी की तसवीय यख शरीदवी बदवी क साथ फाराजी की तसवीय को यखना शरषठ होगा तसवीय क साथ एक रऩम का लसकका यख उसक फाद करश की सथाऩना कय

सविपरथभ हलदी स फन क गणश की ऩजा कयनी चाहहम ताकक वरत बफना ककसी षवघन क सॊऩनन हो सक फाद भ वरत

कथा क ऩाॉच अधमाम ऩढ सवमॊ बगवान कहत ह कक जो वमसकत रनषठा औय बसकतस इस सॊऩनन कयता ह वहाॉ बगवान सवमॊ ककसी ना ककसी रऩ भ आकय परसाद सवीकाय कयत ह

दषवतीम षवधान

साात बगवान न एक औय भखम फात म बी फताई ह कक महद ककसी कायण कोई सभसमा हो औय वरत कयन क लरम

सभम न लभर मा ककसी कायणवश सॊबव न हो यहा हो तो अकर फठकय बी इस वरत को सॊऩनन ककमा जा सकता ह

शरी फाराजी क भॊडऩ क साभन फठकय सफस ऩहर गणश जी की पराथिना भन ही भन कय कपय अषट हदकऩारको नवगरह दवताओॊ का भन ही भन नभन कय तरसी दर नारयमर उऩरबध पर-पर थारी भ यख फाराजी को सभयण कयत हए वरत कथा का भन ही भन ऩठन कय नारयमर बगवान को अषऩित कय इस परसाद क रऩ भ सवीकाय

कयन स सबी कषट तयॊत दय हो जात ह हय कथा क अॊत भ नारयमर सभषऩित कय भहापरसाद क रऩ भ गहॉ का यवा

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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(दलरमा) चीनी डारकय हरवा जस फनाम उसक ऊऩय करा बी यख हय कथा क अॊत भ गोषव ॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

तीन फाय कह कय पराथिना कय

फाराजी को तरसी दर अरत षपरम ह इसी लरम ऩजाभ तरसी दरो को यखना शरषठ होगावरत सॊऩनन होन क फाद

तरसी दरो को परसाद क रऩ भ सवीकाय कयन स योगरनवायण होन क साथ साथ अषट ऐशवमो की परासपत होती ह वरत की सभासपत ऩय नारयमर सभषऩित कयक उनक टकड फनाकय परसाद क रऩ भ बगवान को सभषऩित कयन स वहाॉ उऩससथत सबी रोगो को दकय कपय उस सवीकाय कयन स ऩणम परापत होता ह इस वरत को षवधीऩविक करश सथाऩना क साथ षवसताय स सॊऩनन कय अगय सॊबव न हो तो ऊऩय फताम दषवतीम षवधान क अनसाय बी कय सकत ह एक फात हभ सबी को माद यखनी चाहहम हभायी जो बी सभसमाएॉ ह व सजतना बगवान जानत ह औय कोई नही जान सकता ह इसीलरम उस करणाभम की पराथिना कय सॊकलऩ कय वरत सॊऩनन कयन स भनोकाभना रनसशचत ही ऩयी हो जाती ह सबी कषट दय होकय अषट ऐशवमो की परासपत होती ह

सभसत सनभॊगरारनबवॊत शरी रकषभी शरीरनवास कटा लसषदधयसत

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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शरी वकटशवय वरत कथा शरीगणऩती धमानभ

वकरतणड भहाकाम कोहटसमिसभपरब रनषविघनभ करभ दव सविकामष सविदा शकरामफयधयभ शलशवणिभ चतबिजभ परसनन वदनभ धमामत सविषवघनोऩशाॊतम

तदव रगनभ सहदनभ तदव तायाफरभ चॊिफरभ तदव षवदमाफरभ दवफरभ तदव रीऩत तरिमगभ सभयालभ

आचभनभ

ॐ कशवाम सवाहा ॐ नायामणाम सवाहा ॐ भाधवाम सवाहा

ॐ गोषवॊदाम नभ ॐ षवषणव नभ ॐ भधसदनाम नभ ॐ बतरषवकरभाम नभ ॐ वाभनाम नभ ॐ शरीधयाम नभ

ॐ रषषकशाम नभ ॐ ऩदमानाबाम नभ ॐ दाभोदयाम नभ

ॐ सॊकषिणाम नभ ॐ वासदवाम नभ ॐ परदममनाम नभ ॐ अरनरधदाम नभ ॐ ऩरषोततभाम नभ ॐ अधोजाम नभ

ॐ नयलसॊहाम नभ ॐ अचमताम नभ ॐ जनादिनाम नभ ॐ उऩिाम नभ ॐ हयम नभ ॐ शरीकषणाम नभ

बतोचचाटनभ

उसततषटॊत बतषऩशाचचा एत बलभबायका ऐतशाभषवयोधन बरहभकभि सभायब

पराणामाभभ

ॐ ब ॐ बव ॐ सव ॐ भह ॐ जन ॐ तऩ ॐ सतमभ ॐ ततसषवतय-वयणमभ बगो दवसम धीभहह चधमो य़ो न परचोदमात ॐ आऩो-जमोरत-यसोवतभ बरहभ बबिवससवयोभ

भभ उऩातत दरयतामदवाया शरी ऩयभशवय परीतमथिभ शब शोबन भहत शरी भहाषवषणो आगनमा परवत भानसम आदमबरहभण दषवतीम ऩयाथ शवत वयाहकलऩ ववसवत भनवनतय कलरमग परथभऩाद जमफदवीऩ बयतवष बायत खनड भयो दकषण हदगबाग शरीशरसम hellip(जहाॉ ऩजा कय यह ह उस गाॉव का नाभ)परदशाम कषणा गोदावयी भधमबाग सव-शोबन गह सभसत दवता बराहभण हरयहय ससननधौ अससभन वतिभान वमवहारयक चानिभानन सवससतशरी परबवाहद नाभ सॊवतसय भधम सॊवतसय अमन ऋतौ (आज का भहहना)भासाम (शकर मा कषण)ऩाम (आज की रतथी)रतथौ (आज का हदन)वासय शबनतर शबमोग शबकयण एवॊ गण षवशषण षवलशषटामाभ

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शबरतथौ शरीभान(अऩना औय ऩरयवाय क सबी सदसमो क नाभ) गोतर (अऩना गोतर) नाभधम धभिऩतनी सभतसम असभाकभ सहकटॊफानाभ भ सथमि धमि षवजम आमय-आयोगम

ऐशवमि-अलबवधमथिभ धभािथि काभभो चतषविध ऩरषाथि पर लसदधमथिभ भभोऩातत दरयताम दवाया शरी ऩयभशवय परीतमथिभ शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरी वकटशवय दवता भडडडषम शरी वकटशवय वरतकलऩ करयषम िव सॊबवरदभ ऩदाथ सॊबवता रनमभन मावचचसकत धमाना वाहनाहद षोडषोऩचाय ऩजाभ करयषम (ऩानी को हाथ रगाम)

तदॊग करशायाधनभ करयषम (सवाभीजी की दामीॊ ओय करश यख उसभ गॊधभ ऩषऩभ कॊ कभ औय अता डार कपय आग लरख हए शरोक ऩढ) शरोकॊ करशसम भख षवषण काॊत रि सभाचशरता भर ततर ससथतो बरहभा भधम भातगणाचशरत कौत सागया सव सपतदवीऩ वसॊधया ऋगवदोत मजवद साभवदोहमथविणा अॊगशच सहहता सव करशाॊफ सभाचशरता करश गॊधऩषऩाताभ रनकषपतम हसतनचचादम आऩो वा इदभ सव षवशवबतानमाऩ पराणवा आऩा ऩशव आऩोननाभाऩोभता भाऩा समरादऩो षवयाडाऩा सवयाडाऩशचॊडाभ समाऩो जमोरतभ शमाऩो मजोभशमाऩ ससतमाभाऩ सवाि दवता आऩोबबिवसव याऩ ॐ (करश भ ऩानी बय औय उसभ तरसी क ऩतत डार) शरोकॊ गॊग च मभन च कषण गोदावयी सयसवरत नभिद लसॊध कावमो जरससभन ससननचधभ कर कावयी तॊगबिा च कषणवणी च गौतभी करशोदकन दवातभानभ ऩजािवमारन च समपरोकषमा (करश भ एक पर डफोकय उसस सवाभीजी ऩय ऩजा की साभगरी ऩय औय आऩ ऩय ऩानी रछडक )

शरी गणऩती पराथवना शकराॊफयधयभ षवषणभ शलशवणिभ चतबिजभ परसननवदनभ धमामत सविषवघनोऩशाॊतमत

आदौ रनषविघनन वरत ऩरयसभापतभ गणऩती ऩजाभ करयषम

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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अथ गणऩती ऩजा ॐ गणानाभ तवागणऩतीभ हवाभह कषवॊ कवीनाभऩा भसशरवसतवभ जमषठयाजभ बरहभणाभ बरहभणसऩत आनशशरणमनततलब सीदसाधनभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ धमामालभ धमानभ सभऩिमालभ

आवाहमालभ यतनलसॊहासनभ सभऩवमालभ ऩादमौ ऩादमभ सभऩवमालभ

हसतौ अरघमवभ सभऩवमालभ भख आचभनीमभ सभऩवमालभ

आऩोहहषटाॊमोबवसतान ऊजधदातन भहयणाम चस मो वत लशवत भोयससतसम बाजमतहन उषतीरयना भातय तसभायभ गभाभवो मसमामाम जजॊधव आऩोजनमाधाचन

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash शदधोदक सनानॊ सभऩिमालभ

सनानाॊतयभ शदध आचभनभ सभऩिमालभ

अलबवसतरात वसनानमाय शलबदनतस दघा ऩजभान अलबचॊदरा बताव व नो हहयणमाभमशवनयततनोदव सोभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash वसतरमगभभ सभऩिमालभ

मऻोऩवीतभ ऩयभॊ ऩषवतरभ परजाऩत मत सहजभ ऩयसतात आमषमॊगरमभ परततभचच शभरॊ मऻोऩवीतभ फरभसत तज

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash मऻोऩवीतभ सभऩिमालभ

गॊधदवायाभ दयाधषावभ तनतमऩषटान करयषषणीभ

ईशवयीभ सववबतानाभ ता लभहोऩवहम शरशरमभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash हदवम शरी चॊदनॊ सभऩिमालभ

आमन त ऩयामण दवाव योहॊत ऩजषऩणी हदाशच ऩॊडयीकाणण सभदरसम गहा इभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash दवािहद नानाषवध ऩषऩारण सभऩिमालभ

अथ शरी षोडषनाभ ऩजा ॐ सभखाम नभ

ॐ एकदॊताम नभ

ॐ कषऩराम नभ

ॐ गजकरणिकाम नभ

ॐ रमफोदयाम नभ

ॐ षवकटाम नभ

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ॐ षवघनयाजम नभ

ॐ गजाचधऩतम नभ

ॐ धभकतव नभ

ॐ गणाचधाम नभ

ॐ पारचॊिाम नभ

ॐ गजाननाम नभ

ॐ वकरतॊडाम नभ

ॐ शऩिकणिकाम नभ

ॐ हयमफाम नभ

ॐ सकॊ दऩविजाम नभ ॐ सवािलससधद परदामकाम नभ ॐ भहागणाचधऩतम नभ

नानाषवध ऩरयभर ऩषऩारण सभऩिमालभ

वनसऩतमबवव हदव नाना गॊध स सममतभ आघरम सववदवानाभ धऩोमभ परततगहमताभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash धऩभािाऩमालभ

साजमभ बतरवतॉ सॊमकताभ वसहनना मोसजतभ षपरमभ

गहाणा भॊगरभ दीऩभ तररोकमरतलभयावहभ

बकतमादीऩभ परमचछालभ दवाम ऩयभातभन

तराहहभाभ नयकादघोयाद हदवमजमोरत नभोसतत

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash दीऩभ सभऩिमालभ

धऩ दीऩाॊतयभ आचभनीमभ सभऩिमालभ

नवदमभ

(गड का छोटा टकडा थारी भ यख कय उसक सबोवतार ऩानी रछडक) ॐ बबव सव ॐ ततसषवतयवयणमभ बगो दवसम धीभही चधमोमोन परचोदमात सतमभ तवतन ऩरयषषॊचालभ (यात भ ldquoऋतॊ तवा सतमन ऩरयषषॊचालभrdquo ऐस कह)

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash नवदमभ सभऩिमालभ

अभतभसत अभतोवतसयणभलस

ॐ पराणाम सवाहा ॐ आऩानाम सवाहा ॐ वमानाम सवाहा ॐ उदानाम सवाहा

ॐ सभानाम सवाहा भधम भधम ऩानीमभ सभऩवमालभ

अभताषऩधानभलस उततयाऩोषणभ सभऩवमालभ

हसतौ परारमालभ शदधाचभनीमभ सभऩवमालभ

ऩगीपर सकयऩय नागवलरीदरीयमतभ

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भकताचणव सभामकतभ ताॊफरभ परततगहमताभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash ताॊफरभ सभऩिमालभ

ॐ गणानाभ तवागणऩतीभ हवाभह कषवॊ कवीनाभऩा भसशरवसतवभ जमषठयाजभ बरहभणाभ बरहभणसऩत आनशशरणमनततलब सीदसाधनभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ - सवणिभॊतरऩषऩभ सभऩिमालभ

भॊतरहीनभ ककरमाहीनभ बसकतहीनभ गणाचधऩ

मतऩसजतभ भमा दव ऩरयऩण तदसतत

मऻन मऻभमजॊत दवासतारन धभािरण परथभानमासन

तहनाकभ भहहभान सचॊत मतर ऩवसाधमा सॊरत दवा

ऩनयाचभनभ

अनमा धमानावाहनाहद षोडषोऩचाय ऩजमा च बगवान सवाितभक

शरीभहा गणाचधऩरत सपरीतो वयदो बतवा उततय कभिणम षवघनभसत बवनतो

बवनत उततय कभिणम षवघनभसत गणाचधऩरत परसादभ लशयसा गरहणालभ

सहसरऩयभा दषव शतभरा शताॊकया सव हयत भ ऩाऩॊ दवािदससवपननाशनी गणऩरत मदासथानॊ उदवासमालभ

पराण परततषठा ॐ असनीत ऩनसभािस च ऩन पराणलभहनोदहह बोगॊ जमोकऩशमभ

समिभचचयनत भनभत भडमान सवससत अभतॊ वपराणा अभतभाऩ पराणानव मधासथानभऩहवमत

(सवाभीजी की भतॉ को हाथ रगाम )

शरीवकटशवय आवाहमालभ सथाऩमालभ ऩजमालभ ससथयोबव वयदोबव सपरसननोबव ससथयासनॊ कर

धमानभ

शानताकायॊ बजगशमनॊ ऩदमनाबभ सयशभ षवशवकायभ गगन सदशॊ भघवण शबाॊगॊ

रकषभीकानतॊ कभरनमनॊ मोचगहरधमान गममॊ वनद षवषणॊ बवबमहयॊ सविरोककनाथॊ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - धमामालभ धमानभ सभऩिमालभ

आवाहनभ

आवाहमालभ दवश लसदधगनधवि सषवत मिसमलभदॊ ऩणमॊ सविऩाऩहयोहय

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवनकटशवय सवालभन नभ - आवाहमालभ

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(सवाभीजी क भतॉ ऩय पर ऩतत चढाम) आसनभ

दव दव जगननाथ परणत करशनाशन यतनलसॊहासनॊ हदवमॊ गहाण भधसदन

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवनकटशवय सवालभन नभ - यतनलसॊहासनॊ सभऩिमालभ

(सवाभीजी क भतॉ ऩय पर ऩतत चढाम) ऩादमॊ

वासनचतॊ करभदव दषकतॊ च षवनाशम ऩादमॊ गहाण बगवान भातरतसॊग सॊससथत

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - ऩादमो ऩादमॊ सभऩिमालभ

(एक चमभच ऩानी थारी भ डार)

अरघम

करषवभ दमाॊ दव सॊसायारत ि बमाऩह दचधीय परोऩतभ गहाणाघम नभोसतत

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हसतमोयघम सभऩिमालभ

(एक चमभच ऩानी थारी भ डार)

आचभनॊ नभ सतमाम शदधाम रनतमाम ऻानरषऩण गहाणाचभनॊ दव सविरोककनामक

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - भख आचभनीमॊ सभऩिमालभ

(एक चमभच ऩानी थारी भ डार) ऩॊचाभतसनानॊ

ऩॊचाभतॊ भमानीतॊ ऩमोदचधघतॊ भध शकि या सहहतॊ चवदवतवॊ पररतगहमताॊ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - ऩॊचाभत सनानॊ सभऩिमालभ

(ऩॊचाभत गाम क दध दही घी भध औय चीनी लभराकय ककमा जाता ह)

सनानॊ सवणिऩातरोदकॊ गॊगा मभनाहद सभसनवतॊ शदधोदकॊ गहाणश सनानॊ कर मथाषवचध

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - शदधोदकसनानॊ सभऩिमालभ

(एक चमभच ऩानी थारी भ डार) वसतरॊ

तपतकाॊचन सनकाशॊ ऩीतमफय लभदॊ हय सगहाण जगननाथ शरीरनवास नभोसतत

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - वसतरमगभॊ सभऩिमालभ

मऻोऩवीतॊ मऻोऩवीतॊ ऩयभॊ ऩषवतरॊ परजऩतमितसहजॊ ऩयसतात

आमषमभागरमाभ पररतभचचशभरॊ मऻोऩवीतॊ फरभसत तज

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शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - मऻोऩवीतॊ सभऩिमालभ

गनधॊ चनदनागर कसतरय घनसाय सभसनवतॊ गनधॊ गहाण गोषवनद नानागॊधसचधायम

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हदवमऩरयभर गॊधाॊ सभऩिमालभ

(सवाभीजी क भतॉ को चॊदन रगाम) अताॊ

गोषवनदा ऩयभाननद हरयिा सहहततान षवशवशवय षवशारा गहाण ऩयभशवय

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - अतान सभऩिमालभ

(सवाभीजी क भतॉ ऩय अता डार चावर को हलदी कॊ कभ रगाक अता फनात ह) ऩषऩॊ

सगॊधारन सऩषऩारण जाजीकनदभखारन च भाररत वकरादषव ऩजाथ पररतगहमताॊ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - ऩषऩॊ सभऩिमालभ

अथाॊग ऩजा ॐ शरी वकटशवयाम नभ - ऩादौ ऩजमालभ

ॐ शरी वकटचरचधशाम नभ - गलफ़ौ ऩजमालभ

ॐ शरी परदामकाम नभ - जाननी ऩजमालभ

ॐ ऩदमावती ऩतम नभ - जॊघ ऩजमालभ

ॐ ऻानपरदाम नभ - ऊर ऩजमालभ

ॐ शरीरनवसाम नभ - कहटॊ ऩजमालभ

ॐ भहाबागाम नभ - नालबॊ ऩजमालभ

ॐ रनभिराम नभ - उदयॊ ऩजमालभ

ॐ षवशाररदमाम नभ - रदमभ ऩजमालभ

ॐ ऩरयशदधातभन नभ - सतनौ ऩजमालभ

ॐ ऩरषोततभाम नभ - बजौ ऩजमालभ

ॐ सवणिहसताम नभ - हसतौ ऩजमालभ

ॐ वयपरदाम नभ - कॊ ठॊ ऩजमालभ

ॐ रोकनाथाम नभ - सकनधौ ऩजमालभ

ॐ यसऻाम नभ - नालसकाॊ ऩजमालभ

ॐ ऩणमशरवन कीतिनाम नभ - शरोतर ऩजमालभ

ॐ ऩलरामफज षवरोचनाम नभ - नतर ऩजमालभ

ॐ वचिससवन नभ - रराटॊ ऩजमालभ

ॐ यमम षवगरहाम नभ - सवािणमनगारन ऩजमालभ

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ॐ शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हदवमसनदय षवगरहॊ ऩजमालभ

शरी वकटशवय अषटोततय शतनाभावलर

ॐ वकटशाम नभ

ॐ शरीरनवासाम नभ

ॐ रकषभीऩतम नभ ॐ अनाभमाम नभ ॐ अभताॊशाम नभ ॐ जगदवॊदवाम नभ ॐ गोषवनदाम नभ ॐ शाशवताम नभ ॐ परबव नभ ॐ शषाहि-रनरमाम नभ ॐ दवाम नभ ॐ कशवाम नभ ॐ भधसदनाम नभ ॐ अभताम नभ ॐ भाधवाम नभ ॐ कषणाम नभ ॐ शरीहयम नभ ॐ ऻान-ऩॊजयाम नभ ॐ शरी वतस-वस नभ ॐ सवशाम नभ ॐ गोऩाराम नभ ॐ ऩरषोततभाम नभ ॐ गोऩशवयाम नभ ॐ ऩयभ-जमोरतषम नभ ॐ वकनठऩतम नभ ॐ अवममाम नभ ॐ सधातनव नभ ॐ मादवनिाम नभ ॐ रनतम-मौवनरऩवत नभ ॐ चतवदातभकाम नभ ॐ षवषणव नभ

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ॐ अचमताम नभ ॐ ऩरदमनी-षपरमाम नभ ॐ धयाऩतम नभ ॐ सयऩतम नभ ॐ रनभिराम नभ ॐ दवऩसजताम नभ ॐ चतबिजाम नभ ॐ चकरधयाम नभ ॐ बतरधामन नभ ॐ बतरगणाशरमाम नभ ॐ रनषविकलऩाम नभ ॐ रनषकरनकाम नभ ॐ रनयाॊतकाम नभ ॐ रनयनजनाम नभ ॐ रनयाबासाम नभ ॐ रनतमतपताम नभ ॐ रनगिणाम नभ ॐ रनरऩिवाम नभ ॐ गदाधयाम नभ ॐ शायॊगऩाणम नभ ॐ ननदककन नभ ॐ शनखधायकाम नभ ॐ अनकभतिम नभ ॐ अवमकताम नभ ॐ कहटहसताम नभ ॐ वयपरदाम नभ ॐ अनकातभन नभ ॐ दीनफानधव नभ ॐ आतिरोक बमपरदाम नभ ॐ आकाशयाज-वयदाम नभ ॐ मोचग-रतऩदमभसनदयाम नभ ॐ दाभोदयाम नभ ॐ जगतऩाराम नभ

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ॐ ऩाऩघनाम नभ ॐ बकतवतसराम नभ ॐ बतरषवकरभाम नभ ॐ लशॊशभायाम नभ ॐ जटाभकट-शोलबताम नभ ॐ शनख-भदमोर-सनभॊजराम-ककसनकणमाडम-कयनडकाम नभ ॐ नीरभघ-शमाभ-तनव नभ ॐ बफलव-ऩतराचिन षपरमाम नभ ॐ जगदवमाषऩन नभ ॐ जगत-कत नभ ॐ जगत-साकषण नभ ॐ जगतऩतम नभ ॐ चचसनतताथि-परदाम नभ ॐ सजषणव नभ ॐ दाशावािम नभ ॐ दश-रऩवत नभ ॐ दवकक-ननदनाम नभ ॐ शौयम नभ ॐ हमगरीवाम नभ ॐ जनादिनाम नभ ॐ कनमा-शरवणतायजमाम नभ ॐ ऩीतामफयधयाम नभ ॐ अनघाम नभ ॐ वनभालरन नभ ॐ ऩदमनाबाम नभ ॐ भगमासकत-भानसाम नभ ॐ अशवरढाम नभ ॐ खडगधारयण नभ ॐ धनाजिन-सभतसकाम नभ ॐ गानसायर-सनभधम-कसतरय-रतरकोजवराम नभ ॐ ससतचदाननदरऩाम नभ ॐ जगनभनगरदामकाम नभ ॐ मऻरऩाम नभ

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ॐ मऻबोकत नभ ॐ चचनभमाम नभ ॐ ऩयभशवयाम नभ ॐ ऩयभाथि-परदाम नभ ॐ शानताम नभ ॐ शरीभत नभ ॐ दोदिनड-षवकरभाम नभ ॐ ऩयातऩयाम नभ ॐ ऩयबरहभण नभ ॐ शरीषवबव नभ ॐ जगदीशवयाम नभ

इतत शरी वकटशवय अषटोततय शतनाभावलर

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शरी भहारकषभी अषटोततय शतनाभावलर

ॐ परकतम नभ ॐ षवकतम नभ ॐ षवदमाम नभ ॐ सविबतहहतपरदाम नभ ॐ शरदधम नभ ॐ षवबतम नभ ॐ सयभम नभ ॐ ऩयभासतभकाम नभ ॐ वाचम नभ ॐ ऩदमारमाम नभ ॐ ऩदमाम नभ ॐ शचम नभ ॐ सवाहाम नभ ॐ सवधाम नभ ॐ सधाम नभ ॐ धनमाम नभ ॐ हहयणमम नभ ॐ रकषमम नभ ॐ रनतमऩषटाम नभ ॐ षवबावम नभ ॐ आहदतम नभ ॐ हदतम नभ ॐ दीपताम नभ ॐ वसधाम नभ ॐ वसधारयणम नभ ॐ कभराम नभ ॐ कानताम नभ ॐ काभाकषम नभ ॐ कभर समबवाम नभ ॐ अनगरहपरदाम नभ ॐ फदधम नभ ॐ अनघाम नभ

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ॐ हरयवलरबाम नभ ॐ अशोकाम नभ ॐ अभताम नभ ॐ दीऩाम नभ ॐ रोकशोक षवनालशनम नभ ॐ धभिरनरमाम नभ ॐ करणाम नभ ॐ रोकभातर नभ ॐ ऩदमषपरमाम नभ ॐ ऩदमहसताम नभ ॐ ऩदमाकषम नभ ॐ ऩदमसनदम नभ ॐ ऩदमोदभवाम नभ ॐ ऩदमभखम नभ ॐ ऩदमनाब षपरमाम नभ ॐ यभाम नभ ॐ ऩदमभाराधयाम नभ ॐ दवम नभ ॐ ऩरदमनम नभ ॐ ऩदमगसनधनम नभ ॐ ऩणमगनधाम नभ ॐ सपरसननाम नभ ॐ परसादालबभखम नभ ॐ परबाम नभ ॐ चनिवदनाम नभ ॐ चनिाम नभ ॐ चनिसहोदम नभ ॐ चतबिजाम नभ ॐ चनिरऩाम नभ ॐ इसनदयाम नभ ॐ इनद शीतराम नभ ॐ आहराद जननम नभ ॐ ऩषम नभ

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ॐ लशवाम नभ ॐ लशवकतम नभ ॐ सतमाम नभ ॐ षवभराम नभ ॐ षवशवजननम नभ ॐ तषम नभ ॐ दारयदरमनालशनम नभ ॐ परीरत ऩषकरयणम नभ ॐ शानताम नभ ॐ शकरभालमामफयाम नभ ॐ बासकम नभ ॐ बफलव रनरमाम नभ ॐ वयायोहाम नभ ॐ मशससवनम नभ ॐ वसनधयाम नभ ॐ उदायॊगम नभ ॐ हरयणम नभ ॐ हभभालरनम नभ ॐ धन धानमकतम नभ ॐ लसदधम नभ ॐ सतरणम सौममाम नभ ॐ शबपरदाम नभ ॐ नऩवशभ गताननदाम नभ ॐ वयरकषमम नभ ॐ वसपरदाम नभ ॐ शबाम नभ ॐ हहयणम पराकायाम नभ ॐ सभि तनमाम नभ ॐ जमाम नभ ॐ भॊगराम नभ ॐ षवषणव सथरससथताम नभ ॐ षवषणऩतनम नभ ॐ परसननाकषम नभ

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ॐ नायामण सभाचशरताम नभ ॐ दारयदरम धवॊलसनम नभ ॐ दवरकषभ नभ ॐ सवोऩिव रनवारयणम नभ ॐ नवदगािम नभ ॐ भहाकालम नभ ॐ बरहभा-षवषण-लशवासतभकाम नभ ॐ बतरकारऻानसमऩननाम नभ ॐ बवनशवम नभ ॐ भहारकषभी अषटोततय शत नभ

इरत शरी रकषभी अषटोततय शतनाभावलर

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शरी ऩदमावती अषटोततय शतनाभावलर

ॐ ऩदमावततम नभ ॐ दवम नभ ॐ ऩदमोदभवाम नभ ॐ करणापरदारमनम नभ ॐ सरदमाम नभ ॐ तजसवरषऩणम नभ ॐ कभरभखम नभ ॐ ऩदमधयाम नभ ॐ शरीम नभ ॐ ऩदमनतरम नभ ॐ ऩदमकयाम नभ ॐ सगणाम नभ ॐ कभकभषपरमाम नभ ॐ हभवणािम नभ ॐ चनिवसनदताम नभ ॐ धगधगपरकाश शयीय-धारयणम नभ ॐ षवषणषपरमाम नभ ॐ रनतमकलमाणम नभ ॐ कोहटसमिपरकालशणम नभ ॐ भहासौनदमिरषऩणम नभ ॐ बकतवतसराम नभ ॐ बरहभानडवालसनम नभ ॐ सविवानचापरदारमनम नभ ॐ धभिसनकलऩाम नभ ॐ दाकषणमकटाकषणम नभ ॐ बसकतपरदारमनम नभ ॐ गणतरमाषववसजिताम नभ ॐ कराषोडशसॊमताम नभ ॐ सविरोकानानजननम नभ ॐ भसकतदारमनम नभ ॐ दमाभतामाम नभ ॐ परऻाम नभ

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ॐ भहाधभािम नभ ॐ धभिरषऩणम नभ ॐ अरनकाय षपरमाम नभ ॐ सविदारयदरमधवॊलसनम नभ ॐ शरीवकटशवसथरससथताम नभ ॐ रोकशोकषवनालशनम नभ ॐ वषणवम नभ ॐ रतरचानरऩयवालसनम नभ ॐ वदवदमषवशायदाम नभ ॐ षवषणऩादसषवताम नभ ॐ यतनपरकाशककयीटधारयणम नभ ॐ जगनभोहहनम नभ ॐ शसकतसवरषऩणम नभ ॐ परसननोदमाम नभ ॐ इनिाहददवत मककननय ककमऩरष ऩसजताम नभ ॐ सविरोकरनवालसनम नभ ॐ बजमाम नभ ॐ ऐशवमिपरदारमनम नभ ॐ शानताम नभ ॐ उननतसथानससथताम नभ ॐ भनदायकालभनम नभ ॐ कभराकयाम नभ ॐ वदानतऻानरषऩणम नभ ॐ सविसमऩसततरषऩणम नभ ॐ कोहटसमिसभपरबाम नभ ॐ ऩजापरदारमनम नभ ॐ कभरासनाहद सविदवताम नभ ॐ वकनठवालसनम नभ ॐ अबमदारमनम नभ ॐ िाापरऩामसषपरमाम नभ ॐ नतमगीतषपरमाम नभ ॐ ीयसागयोदभवाम नभ ॐ आकाशयाज ऩबतरकाम नभ

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ॐ सवणिहसतधारयणम नभ ॐ काभरषऩणम नभ ॐ करणाकटाधारयणम नभ ॐ अभतासजाम नभ ॐ बरोकसवगिसखदारमनम नभ ॐ अषटहदकऩारकाचधऩतम नभ ॐ भनभधदऩि सॊहारयणम नभ ॐ कभराथिबागाम नभ ॐ सवलऩऩयाध-भहाऩयाध-भाम नभ ॐ शतकोहटतीथिवालसताम नभ ॐ नायदाहद भरनशरषठ ऩसजताम नभ ॐ आहदशनकयऩसजताम नभ ॐ परीरतदारमनम नभ ॐ सौबागमपरदारमनम नभ ॐ भहाकीतॉ परदारमनम नभ ॐ कषणारतषपरमाम नभ ॐ गनधवि शाऩषवभोचकाम नभ ॐ कषणऩतनम नभ ॐ बतररोकऩसजताम नभ ॐ जगनभोहहनम नभ ॐ सरबाम नभ ॐ सशीराम नभ ॐ अॊजनासतानगरहपरदारमनम नभ ॐ बकतमातभरनवालसनम नभ ॐ सॊधमावसनदनम नभ ॐ सविरोकभातर नभ ॐ अलबभतदारमनम नभ ॐ रलरतावधतम नभ ॐ सभसतशासतर षवशायदाम नभ ॐ सवणािबयणधारयणम नभ ॐ इहऩयरोक सखपरदारमनम नभ ॐ कयवीयरनवालसनम नभ ॐ नागरोकभरणसह आकाशलसनध कभरशवय ऩरयतयधगभनाम नभ

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ॐ शरी शरीरनवासषपरमाम नभ ॐ चनिभनडरससथताम नभ ॐ अलरवर भनगाम नभ ॐ हदवमभनगर धारयणम नभ ॐ सकलमाणऩीठससथताम नभ ॐ काभकवनऩषऩषपरमाम नभ ॐ कोहट भनभधरषऩणम नभ ॐ बानभनडररषऩणम नभ ॐ ऩदमऩादाम नभ ॐ यभाम नभ ॐ सविरोकसबानतय धारयणम नभ ॐ सविभानसवालसनम नभ ॐ सवािम नभ ॐ षवशवरऩाम नभ ॐ हदवमऻानाम नभ ॐ सवभनगररषऩणम नभ ॐ सवािनगरहपरदारमनम नभ ॐ ॐकायसवरषऩणम नभ ॐ बरहभऻानसॊबताम नभ ॐ शरी ऩदमावतम नभ ॐ सदमोवदवतम नभ ॐ शरीभहारकषमम नभ

इरत शरी ऩदमावती अषटोततय शतनाभावलर

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धऩभ दशाॊगभ गगगरोऩतॊ गोघतन सभसनवतभ धऩॊ गहाण दवश सविरोक नभसकाया

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - धऩभािाऩमालभ

(सवाभीजी क भतॉ की अगयफतती औय धऩ स आयती कय)

दीऩभ

बतररोकश भहादव सविऻान परदामक दीऩॊ दासमालभ दवश यभाभ बकतवतसर

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - दीऩॊ दशिमालभ

(सवाभीजी क भतॉ की दीऩ स आयती कय )

नवदमभ

सविबशच बोजजशच यस षडलब सभसनवतॊ नवदमनत भमानीतभ गहाण ऩरषोततभ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - नवदमॊ सभऩिमालभ

(सवाभीजी को परसाद चढाम अगय करा ह तो ldquoकदरीपर रनवदमालभrdquo नारयमर ह तो ldquoनारयकर परॊ रनवदमालभrdquo ऐस कह अगय गड ह तो ldquoगडोऩहाय नवदमभ सभऩिमालभrdquo कह)

ॐ पराणाम सवाहा ॐ आऩानाम सवाहा ॐ वमानाम सवाहा ॐ उदनाम सवाहा ॐ सभानाम सवाहा ॐ ऩयबरहभण सवाहा ॐ बबिव सव ततसषवतय-वयणमभ बगो दवसम धीभहह चधमो मो न परचोदमात ॐ आऩो जमोरतयसोभतॊ बरहभ बबिव सवयोभ भधम भधम ऩानीमभ सभऩिमालभ

अभताषऩधानभलस उततयाऩोशनभ सभऩिमालभ हसतौ परारमालभ ऩादौ परारमालभ ऩनयाचभनीमभ सभऩिमालभ

तामफरभ ऩगीपर सकऩिय नागवलरीदरमितॊ भकताचणि सभामकतॊ तामफरॊ पररतगहमताॊ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - तामफरभ सभऩिमालभ

नीयाजनभ चशरम कानताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरीवकटरनवासाम शरीरनवासाम भनगरभ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ नीयाजनभ दशिमालभ

ऩनयाचभनीमभ सभऩिमालभ

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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भॊतरऩषऩभ

ॐ सहसतरशीषिभ दवॊ षवशवाॊ षवशवशॊबवॊ षवशवॊ नायामणनदवभ अयॊ ऩयभॊ ऩदॊ १

षवशवत ऩयभासननतमॊ षवशवॊ नायामणॊ हरयॊ षवशवभवदॊ ऩरषसतदषवशवॊ उऩजीवरत २

ऩरतॊ षवशवसमातभशवयॊ शाशवतॊ लशवभचमतॊ नायामणॊ भहाऻमॊ षवशवतभानॊ ऩयामणॊ ३

नायामण ऩयोजमोरत आतभा नायामण ऩय नायामण ऩयभ बरहभ ततवभ नायामण ऩय नायामण ऩयो धमाता धमानभ नायामण ऩय ४

मचच ककसनचत जगतसव दशमत शरमतषऩ वा अनतफिहहशचततसविभ वमापमा नायामण ससथत ५

अननतभ अवममभ कषवॊ सभिनतभ षवशवशमबवभ ऩदमकोश परतीकाशभ रदमभ चापमधोभखभ ६

अधोरनषमा षवतसतमानत नाभमाभऩरय रतषठरत जवाराभाराकरॊबारत षवशवसमामातनभ भहत ७

सनततॊ लशरालबसत रॊफतमाकोशससननबभ तसमानत सलशयभ सकषभभ तससभन सविभ पररतसषठतभ ८

तसमभधम भहान असगन षवशवायचचषविशवतो भख सोगरबसगवबजन रतषठाननाहाय भजय कषव

रतमिगधवाि भधशशामीयशभमा सतसम सनतता ९

सॊताऩमरत सवॊ दह भाऩादतरभसतक तसम भधम वसनह लशखा अणीमोधवाि वमवससथत १०

नीरथो मदभधमसता षवदमलरखव बासवया नीवायशकवततनवी ऩीताबा सवतमनऩभा ११

तसमा लशखामा भधम ऩयभातभा वमवससथत स बरहभ स लशव स हरय स इनि सोय ऩयभासवयात १२

ॐ तद बरहभ ॐ तद वाम ॐ तदातभा ॐ ततसतमभ ॐ ततसविभ ॐ ततऩयोनिभ अनतशचयरत बतष गहामाभ षवशवभरत िष तवभ मऻसतवभ वषकायसतवभ इनिसतवभ रिसतवभ

षवषणसतवभ बरहभतवभ परजाऩरत तवभ तदाऩ आऩो जमोरत यसोवतभ बरहभ बबिवससवयोभ १३

गदा ऩन शॊखयथानगकलऩक धवजायषवॊदाॊकश वजररासशचत ह शरीरनवास तवत चयणामफज दवमॊ भदीम भधािन भरज ॐ रनयॊजनाम षवदमह रनयाबासाम धीभहह तननो शरीरनवास परचोदमात शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हदवमभनतरऩषऩॊ सभऩिमालभ

परदकषण नभसकाय

शरोकॊ मारनकारन च ऩाऩारन जनभानतय कतारन च तारन तारन परणशमसनत परदकषण ऩद ऩद ऩाऩोहभ ऩाऩकभािहभ ऩाऩातभा ऩाऩसॊबव तराहहभाभ कऩभमा दव शयणगतवतसर अनमधा शयणॊ नाससत तवभव शयणॊ भभ तसभात कारणम बावन य य जनादिन

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - आतभपरदकषण नभसकायान सभऩिमालभ

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षवषवधोऩचाय ऩजा छतरॊ धायमालभ चाभयॊ वीजमालभ नतमॊ दशिमालभ गीतॊ शरावमालभ वादमॊ घोषमालभ आॊदोलरकान आयोहमालभ आशवानायोहमालभ गजानायोहमालभ सभसत यजोऩचाय शकतमऩचाय

मनतरोऩचाय दवोऩचाय सवोऩचाय ऩजाॊ सभऩिमालभ

भाऩवणभ भनतरहीनॊ ककरमाहीनॊ बसकतहीनॊ जनादिन मतऩसजतभ भमा दव ऩरयऩणिभ तदसतत

अनमा धमानावाहनाहद षोडशोऩचाय ऩजमा च बगवन सवाितभक शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरी वकटशवय सवरऩो बगवान सपरीत सपरसननो वयदो बवत शरी वकटशवय दव परसादॊ लशयसा गहणालभ

तीथवभ

अकार भतमहयणॊ सविवमाचध रनवायणभ सवि ऩाऩमकयॊ दव ऩादोदकॊ ऩावनॊ शबॊ

नवदमभ

ॐ बबिवससव ॐ ततसषवतवियणमभ बगो दवसम धीभहह चधमो मो न परचोदमात सतमॊ तवतन ऩरयषषॊचालभ अभतभसत अभतोऩसतयणभलस ॐ पराणाम सवा ॐ अऩानाम सवा ॐ वमानाम सवा ॐ उदानाम सवाह ॐ सभानाम सवा ॐ बरहभण सवा

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - भहानवदमभ सभऩिमालभ

अभताषऩधानभलस उततयाऩोशनभ सभऩिमालभ हसतौ परारमालभ ऩादौ परारमालभ शदध आचभनीमॊ सभऩिमालभ

तामफरॊ सभऩिमालभ सवणिभनतरऩषऩॊ सभऩिमालभ परदकषण नभसकायन सभऩिमालभ

अनमाधमानावाहनाहद षोडषोऩचाय ऩजमा बगवान सवाितभक शरी रकषभी ऩदमावती सभत वकटशवय सवाभी सपरीत सपरसननो वयदो बवत शरी रकषभी ऩदमावती सभत वकटशवय सवाभी परसादॊ लशयसा गहणालभ

उदवासनभ मऻन मऻभमजनत दवासतारन धभािरण परथभानमासन

तहनाकॊ भहहभानससचनत मतर ऩव साधमा ससनत दवा

गचछ गचछ सयशरषठ सवसथान शरी वकटशवय बकताबीषट सभधमथिभ ऩनयागभनाम च

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरी वकटशवय सवाभी मथासथानॊ उदवासमालभ

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परथभ अधमाम

शरी बगवान उवाच

कलरमग भ एक हदन शब भहति भ रतरभरा ऩहाड ऩय (सजस धयती का वकॊ ठ कहा जाता ह ) ldquoषवशवऩरत नाभक एक बकत ऩय शरी फाराजी की कऩा हई शरी षवषण क अवताय शरी फाराजी (वकटशवय) जो महाॉ शरीरनवास क रऩ भ ऩज जात ह उनहोन षवशवऩरत को ldquoशरी फाराजी वरत कथाrdquo नाभ स परलसधद इस गरॊथ की यचना कयन की आऻा दी औय कहा- ldquoह भय षपरम बकत षवशवऩरत भय षपरम होन क कायण इस वरत को षवसताय रऩ स तमह फाता हॉ सनो म

वरत भझ अरत षपरम ह आसान होन क कायण इस सबी रोग सॊऩनन कय सकत ह

कलरमग भ भानव अऩन ऩाऩ कभो का पर बोगता ह अनक कषट सहत हए जीवन रनवािह कयता ह कछ बकत

अऩन दख भझ फताकय उनह दय कयन क लरम कहत ह फहत स ऩस खचि कय वो भझ दखन क लरम रतरभरा की मातरा कयत ह भय बकतो स भझ परभ ह व भझऩय अऩना ऩया बाय डार दत ह भ उनह धभि क भागिऩय चराता हॉ

अबी भ जो मह वरत कथा तमह फतान जा यहा हॉ वो ldquoशरी फाराजी की कथाrdquo क नाभ स परलसदध होगा म भया वरत भझ अरतषपरम ह जो वमसकत इस बसकत औय रनषठा स कयगा वह तयॊत ऩाय ऩामगा कोई बी वमसकत कबी बी इस वरत को सॊऩनन कय सकता ह भखम रऩ स भागिशीषि भाघ कारत िक भहहनो भ ऩणिभासी ऩॊचभी सपतभी एकादशी रतचथमो ऩय मा शरवण सवारत नतरो ऩय इस कयना शरषठ होता ह

इस घोय कलरमग भ भय बकत जो कषट सह यह ह उनह भ जानता हॉ तमह जफ बी कोई कषट हो कोई सभसमा हो सवासम ठीक ना हो नौकयी वमाऩाय भ सभसमाएॉ हो भन अशाॊत हो तो इस वरत को सॊऩनन कयना चाहहम इसस

साय कषट दय हो जात ह घय भ शब कामि होन ऩय इस वरत को सॊऩनन कयन स बफना ककसी सभसमा क कामि ऩणि हो जाता ह इस वरत को सॊऩनन कयत ही सबी सख परापत होत ह औय अषट ऐशवमो की परासपत होती ह

सफय मा शाभ इस वरत को सॊऩनन कय सकत ह इस वरत भ ऩाॉच अधमाम ह इनका ऩठन बसकत क साथ कयना चाहहम अऩन घय भ मा रनवास सथान ऩय भॊहदय भ मा ककसी बी ऩषवतर सथान भ नदी तट ऩय सॊऩनन कय सकत ह

महद सॊबव हो तो अऩन फॊध लभतरो क साथ इस सॊऩनन कयन स जमादा शरषठ होता ह जो इस सॊऩनन कयत ह मा जो इस सनत ह वरत सॊऩणि होन क फाद परसाद को बसकत स सवीकाय कयत ह वो अषट ऐशवमो को परापत कयत ह इसस

ऩहर बी भय बकतो न कई भरनमो न इस वरत को सॊऩनन ककमा औय भया आशीवािद ऩामा बरोक भ यहनवार सबी को मह वरत आनॊद परदान कयगा औय शब पर बी परापत होगा शाॊत चचतत स भझ माद कयत हए इस वरत का ऩारन

कयो

सवि परथभ जहाॉ वरत कयना चाहत हो उस सथर को साप कयो भॊडऩ की वमवसथा कय भयी तसवीय सजसभ भयी षपरम

सरखमाॉ शरी दवी बदवी ह उस तसवीय को इस भॊडऩ ऩय सथाषऩत कयो भॊडऩ को दीवाय स रगाकय बी यख सकत हो अनम ककसी इचछक दवता की तसवीय बी सख सकत हो नवगरहो औय अषट हदकऩारको को मा तो भन भ नभसकाय

कयो मा उनका आवहान बी कय सकत हो

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सफस ऩहर हलदी स फनी गणश की ऩजा कयनी चाहहम उसक फाद उस वरत क ऩाॉचो अधमामो का रनषठा स ऩठन

कयना चाहहम मही परथभ अधमाम ह अनम चाय अधमाम भय अतमॊत षपरम ऩातर षवशवालभतर वलशषठ बयदवाज अबतर

भरनशवयो क परवचना रऩ भ ह ऩाॉच अधमामोको ऩढन क फाद भय षपरम शरोक बी ऩढ सकत हो हय अधमाम क अॊत

भ गोषव ॊद गोषव ॊद गोषव ॊद तीन फाय सभयण कयना चाहहम

आभ रोगो क कषटो को भ जानता हॉ इसी लरम भयी एक फात सनो महद ककसी कायण इस वरत को षवसताय रऩ स

सॊऩनन कयन भ कोई सभसमा आ यही हो तो भय तसवीय को साभन यख कय ऩहर गणश जी की कपय नवगरह दवताओॊ औय अषटहदकऩारको को सभयण कय ऩाॉच कहरनमाॉ ऩढकय अऩन भन भ जो इचछा ह उस भझ फताओ भ उस

परसाद क रऩ भ परदान करॉगा इस परकाय कयन स बी कामि की लसषदध होती ह तमहाय कषट दय हो जामग औय शब

पर परापत होगा

जो वमसकत इस वरत को बसकत स सॊऩनन कयगा भ उसक घय ककसी ना ककसी रऩ भ आकय परसाद सवीकाय करॉगा भयी कऩा आऩ सबी को हभशा परापत होगी शरी फाराजी न रतमभयाज षवशवऩरत याभकषणभरत ि ldquoषवशवऩरतrdquo को इस वरत कथा को षवसताय स फतामा कलरमगवासी हभ सबी इस वरत को सॊऩनन कय शरी फाराजी की कऩा क ऩातर फन सकत ह इस वरत को सॊऩनन कय हभ अऩन सबी कषट दय कय सकत ह औय उचचत पर बी परापत कय

सकत ह

गोषवॊदगोषवॊदगोषवॊद

परथभोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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दषवतीम अधमाम

शरी षवशवालभतर उवाच

भहातऩ सॊऩनन साात शरी षवशवालभतर जी न हभ ऩय कऩा की औय परवचन कयत हए कहा- ldquoह कलरमग वालसमो शरीरनवास क बकतो ldquoशरीफाराजी वरत कथाrdquo सजस आऩ सॊऩनन कय यह हो वह फहत ही ऩषवतर ह भहहभा स ऩणि ह मह वरत कलरमग भ शरी नायामण जी की करणा औय दमा परापत कयन का अतमॊत सयर साधन ह पराचीन कार भ शरी फाराजी क षपरम बकतो न इस सॊऩनन कय अऩनी काभनाओॊ को ऩणि ककमा इस वरत कथा क फाय भ हभ फताकय शरी फाराजी न हभाय पररत जो दमा हदखाई ह उसक लरए हभ उनह परणाभ कयत ह

पराचीन कार भ भगध याजम भ षवषणचचतत नाभक एक बकत यहता था उसकी नौ कनमाएॉ थी षवदवान होन ऩय बी वह अतमॊत गयीफ था षवषणचचतत की ऩतनी तायाभरत हभशा नायामणजी की पराथिना कयती यहती थी षववाहाहद शबकामि सॊऩनन कय जो बी ऩस दकषणा क रऩ भ लभरत थ उसस व भसशकर स अऩना जीवन रनवािह कय

यह थ कनमाएॉ मौवनावसथा भ ऩदाऩिण कय चकी थी तायाभरत हभशा इसी चच ॊता भ यहती थी कक इन कनमाओॊ का षववाह ककस परकाय सॊऩनन होग वह फाराजी की पराथिना कयत हए सदा अऩना सभम गजायती थी

वह तो फाराजी की बकत थी औय फाराजी अऩन बकतो स अतमाचधक परभ कयत ह उस हदन भाघ ऩरणिभा थी सवय

एक वदध बराहभण न षवषणचचतत क दयवाज ऩय दसतक दी औय कहा - ldquoह सवाभी भ फॊग दश का वासी हॉ एक मऻ

क लसरलसर भ दसय दश जा यहा हॉ यासत भ महाॉ आमा हॉ भझऩय दमा कयो औय अऩन घय भ एक हदन क लरए

यहन दो कर सवयही भ महॉ स चरा जाऊॉ गाrdquo उन की फात सनकय षवषणचचततन कहा lsquoनाथ इसस फढकय खशी औय कमा हो सकती ह अरतचथ साात नायामण जी क सभान होत ह ऐस हभाय ऩयाणो भ कहा गमा ह आऩ बफना ककसी सॊकोच क हभाय घय भ यह सकत हlsquo ऐसा कह कय उसन उस बराहभण को घय क अॊदय फरामा औय उनका सतकाय ककमा

दोऩहय भ बोजन क फाद उस वदध न तायाभरत स ऩछा ndash ldquoभाता कमा फात ह तभ कछ चच ॊरततसी रगती हो बफना ककसी सॊकोच क फात फताओrdquo तायाभरत न कहा ndash ldquoसवाभी आऩ तो भहातऩसवी ह आऩ क भख का तज उस वकॊ ठवासी क सभान ह आऩ स कमा छऩाना भयी चचॊता भयी कनमाओॊ का षववाह हrdquo उस ऩय वदध न कहा- ldquoभाता तमहाया दख भ जानता हॉ तमहाय सबी कषट दय हो औय तमहायी कनमाओॊ की शादी हो इसक लरम भ एक अदभत वरत फताता हॉ सनो इस वरत को सॊऩनन कयन स तमहाय साय कषट दय हो जामग शरी फाराजी क वरतो भ स मह सफस सयर हrdquo कहत हए उनहोन उस दॊऩरत को ऩया वरत षवधान फतामा वरत षवधान

सनकय षवषणचचतत न कहा- ldquoसवाभी मह तो अतमॊत सॊतोष की फात ह इसस फढकय सौबागम औय कमा होगा

कहत ह ना- शबसम शीिॊ आज भाघ ऩरणिभा ह फहत ही शब हदन ह आऩक कथा अनसाय हभ आज ही इस वरत

को सॊऩनन कयगrdquo षवषणचचततन ऩतनी तायाभरत औय सबी कनमाओॊ क साथ लभरकय उस हदन शाभ भ ही अऩन

फॊध-लभतरो क साथ बसकत औय रनषठा स फाराजी वरत को सॊऩनन ककमा वहाॉ उऩससथत सबी रोगो न वरत ऩया होन क

फाद चयणाभत परसाद गरहण ककमा औय अऩन-अऩन घय परसथान ककमा तफ षवषणचचतत औय तायाभरत न बराहभण

क चयणो को नभसकाय ककमा औय आशीवािद परापत ककमा बराहभणोततभ न बी चयणाभत परसाद गरहण ककमा औय

कहा- ldquoआऩकी भनोकाभना ऩयी हो शरी रकषभी शरी फाराजी की कऩा होrdquo

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अॊधया हो चरा था औय रनिा सभम आसनन था षवषणचचतत न उस बराहभण को एक पटी चादय दत हए आॉखो भ आस लरम कहा- सवाभी भ अतमॊत दरयिी हॉ इसस अचछी चादय भय ऩास नही ह भझ भा कय आज की यात इसी ऩय षवशराभ कय बराहभण भसकयात हए फोर- कोई फात नही भ फाहय फयाभद भ सो जाता हॉ कछ सभम फाद ही सबी रनिारोक भ षवचयण कयन रग आधी यात का सभम था बफजरी की गडगडाहट क साथ फारयश शर हई चायो ओय अॊधया था कहीॊ कछ नही हदखाई

द यहा था षवषणचचतत इस चच ॊता भ था कक वदध बराहभण फाहय कस सो यह होग उस सभम कछ सझ बी नही यहा था ककसी तयह उनहोन यात गजायी सवया हआ फारयश बी थभ चकी थी ऩरत-ऩतनी मही सोच यह थ कक बराहभण की कमा दशा हई होगी ककतना सहा होगा उनहोन मही सोचत हए वो फाहय आए उनह एक अदभत दशम हदखाई हदमा वहाॉ षवपरोततभ नही थ पहट हई चादय की जगह यशभ का षऩताॊफय यखा हआ था उस षऩताॊफय ऩय शरी फाराजी क

भतॉ ndash हदखाई दी व सफ कछ सभझ गम उनकी खषी का कोई हठकाना नही यहा उनक घय आम बराहभण औय

कोई नही साात शरी नायामणजी ही थ ह फाराजी कमा बागम ह हभाया ऩय हभ उनको ऩहचान नही ऩाम हभन उनको पटी हई चादय दी मह सोचत हए उनहोन शरी फाराजी की भतॉ को हाथ भ रकय आॉखो स रगामा औय

घय क अॊदय आम ऩया घय सोन स बया हआ था जहाॉ दखो वहाॉ धन याशी ह बगवान शरी फाराजी की वरत कथा की भहहभा स ही मह सफ सॊबव हो सका ऐसा कहत हए व बगवान की सतरत कयन रग आऩन दख साात शरी फाराजी ही उस बकत क घय आम थ वरत षवधान फतामा औय चयणाभत परसाद बी गरहण

ककमा शरी फाराजी फहत ही करणाभम ह जो बी इस वरत को बसकत औय रनषठा स कयगा उसक घय सवमॊ बगवान

ककसी ना ककसी रऩ भ आमग आऩ सबी इस वरत को सॊऩनन कय बगवान की कऩा परापत कय सकत ह शरी भहषषि षवशवालभतर जी न मह दषवतीम कथा इस तयह फताई

शरी रकषभी शरीरनवास कटाॊ लसषदधयसत

गोषवॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

दषवतीमोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

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ततीम अधमाम

शरी वलशषठ उवाच मह अधमाम भहातऩोरनषठ वरयषठ शरीवलशषठ भरन न शरीनायामणजी की कऩा स हभ षवसताय रऩ स फतामा ह ह कलरमग वालसमो शरीफाराजी क षपरम बकतो वकणठ भ रनवास कयनवार शरीनायामणजी आज क रतरभरा भ ससथत शरीफाराजी ही ह कलरमग वालसमो क कषट दय कयन क लरम बगवान आऩक फहत सभीऩ रतरभरा ऩहाड ऩय अवतारयत हए ह शरी फाराजी को खश कयन क लरए मह वरत उततभ ह औय सयर बी ह इस वरत को जो बसकत औय रनषठा स सॊऩनन कयता ह उस सबी सख परापत हो जात ह पराचीन सभम भ अवॊती दश भ बागमनगय नाभक एक नगय था नाभ क ही अनरऩ वहाॉ अनक धनवान (वमाऩायी) यहत थ ऩय व अऩनी सॊऩसतत को दख घभॊड कयत थ औय आभ रोगो को हीन दषटी स दखत थ धन-दौरत उनकी सवासजित ह ऐसा सोचकय घभॊड कयत थ बगवान की रनतम ऩजा-ऩाठ तो उनहोन ऩहर ही छोड दी थी कभ स कभ षवशष हदनो भ बी व ना भॊहदय जात ना ऩजा कयत ना ही दीऩ जरात एक हदन सबी धनवान अऩनी-अऩनी ऩतनीमो क साथ परीरत बोज भ वमसत थ उस नगय की ऩवि हदशा भ ही शरी रकषभी नायामण जी का भॊहदय था जहाॉ दीऩ जरानवारा कोई नही था उस हदन षवशष एकादशी थी सजस एक ऩवि हदन बी भाना जाता ह ऩय उस नगय क एक बी धनवान क भन भ भॊहदय भ ऩजा कयन का षवचाय नही आमा शाभ होत-होत आकाश भ घन फादर छा गम औय भसराधाय फारयश होन रगी वमाऩारयमो क घय ऩानी स बय गम चायो ओय अॊधकाय ह अॊधकाय था सवय होन तक ऩया नगय ऩानी भ डफ गमा वमाऩारयमो क घय टट-पट गम उनका साया ऐशवमि सभापत हो गमा ऐसा उऩिव कमो भचा मह पररम कस हो गमा ककसी को कछ बी सभझ भ नही आ यहा था इतन भ उनह एक षवचचतर दशम हदखाई हदमा नगय क फाहय जो झोऩडडमाॉ थी व तो वसी की वसी थी उनको आशचमि हआ इतनी फारयश भ बी म कस सही सराभत यही व ऐसा भन ही भन सोच यह थ कक इतन भ बफजरी कडकी औय आकाशवाणी हई ldquoए भखो तमहायी सॊऩसतत तमहायी अऩनी ह सवासजित ह ऐसा सोचत थ इसी लरम ऐसा हआ ह इस झोऩडी भ यहनवारा दव भया षपरम बकत ह आभ आदभी होन ऩय बी दव रनतम तमहाय नगय भ ससथत शरी रकषभी नायामण

भॊहदय भ दीऩ जराता था इतना ही नही हय एकादशी क हदन मथा सॊबव वह शरी फाराजी वरत कथा बी सॊऩनन कयता था इसी लरम इन झोऩडीमो भ यहनवार सबी रोग सयकषत यह आऩ सबी महद वरत सॊऩनन कयग तो अऩन-अऩन

ऐशवमि को ऩन परापत कय सकत होrdquo आकाशवाणी सनत ही तयॊत व सबी रोग उस भॊहदय भ गम औय जस

सॊबव हो सका वस सबी रोगोन एक-दसय क सहमोग स शरी फाराजी की वरत कथा सॊऩनन की ऐसा कयत ही सबी को उनक घय ऩवि रऩ भ ही परापत हो गम तफ स व सबी शरीफाराजी क बकत फन गम औय हय एकादशी को शरीफाराजी का वरत सॊऩनन कयत औय सख-शाॊरत परापत कय यहन रग अॊत भ उनहोन भसकत बी परापत की

शरीवलशषठजी न इस परकाय म कथा सनाई

गोषव ॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

ततीमोधमाम सभापतॊ |

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ

शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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चतथव अधमाम

शरी बयदवाज उवाच

शरीनायामण जी को ldquoशरीफाराजी वरत कथाrdquo अतमॊत षपरम ह चतथि अधमाम क रऩ भ हभाय साभन शरी बयदवाज

भरनदवाया फतामी नमी कहानी इस परकाय ह- ldquoह कलरमगवालसमो शरी नायामण क षपरम बकतो आऩ सजस वरत को सॊऩनन कय यह ह वह अदभत ह आऩकी भनोकाभनाओॊ को ऩणि कयन का साधन ह शरी फाराजी को परसनन कयन का मह अतमॊत सयर उऩाम ह आऩ सबी ऩय कऩा कयन क लरम ही वकॊ ठवासी बगवान शरीरनवास क रऩ भ रतरभरा ऩहाड ऩय अवतरयत हए ह अनक जनभो क ऩणमपर स ही रतरभरा ऩहाड ऩय ऩय यखन का सौबागम परापत होता ह औय बगवान क दशिन बी सॊबव होत ह इसी तयह इस ldquoवरतकथाrdquo को सॊऩनन कयन का सॊकलऩ बी ऩविजनभ क

ऩणमपर स ही सॊबव होता ह जो वमसकत इस वरत को सॊऩनन कय यह ह मा जो इस कथा को सन यह ह मा जो बगवान क परसाद को गरहण कयत ह उनह बगवान की कऩा परापत होती ह औय व सौबागम बी ऩात ह

पराचीन कार भ ldquoनगयीrdquo नाभक एक गराभ भ धनगपत नाभ का वमाऩायी यहता था वह फहत ही रारची था ऐशवमि परापत कयन ऩय बी उसका रारचीऩन कभ नही हआ मह सभसत ऐशवमि उसका ही कभामा हआ ह ऐसा सोचकय वह फहत घभॊड कयता था अहॊकाय भनषम का नाश कयता ह

धनगपत की ऩतनी काॊरतभती अतमॊत बसकत बावना यखती थी औय रनषठा स बगवान की ऩजा कयती थी उनकी तीन कनमाएॉ थी तीसयी कनमा ldquoकभायीrdquo भ बसकत बावना जमादा थी वह हभशा फाराजी का नाभ ही जऩती यहती थी षऩताजी को बफना फताम वह जफ-तफ शरी फाराजी क भॊहदय भ जाती थी औय बगवान क दशिन कयती थी घय आकय षऩताजी को छोड अनम सबी क साथ परसाद सवीकाय कयती थी ऩती क ऐस वमवहाय स

काॊरतभती थोडी चच ॊरतत होती थी

एक हदन ldquoकभायीrdquo की सहरी क घय ऩय ldquoशरी फाराजीrdquo का वरत सॊऩनन हो यहा था मह जानकय वो वहाॉ गई वरत ऩया होन तक दोऩहय हो चकी थी थोडासा परसाद उसन गरहण ककमा औय थोडा वह अऩन घयवारो क लरम एक

कागज की ऩडी भ रकय चरी फीच यासत भ उस पमास रगन रगी धऩ बी फहत तज थी उसन सोचा थोडी दय रक

कय पमास फझाकय कपय चरॉ तो ठीक यहगा तबी उस माद आमा कक उसक षऩता की दकान अगरी गरी भ ही तो ह वहाॉ जाकय उसन षऩताजी को ऩजा की फात बफना फताम षऩताजी स ऩानी भाॉगकय षऩमा औय षऩताजी गससा कयग

इस डय स उसन जलदी-जलदी ऩानी षऩमा इस घफयाहट भ परसाद की ऩडी वही दकान भ बरकय चरी गई

एकाएक फाजाय भ हडकॊ ऩ भच गमा रोग हाहाकाय भचात हए इधय-उधय बागन रग आगजनी क कायण उस गरी की सायी दकान जर कय याख होन रगी वस बी दोऩहय का सभम थाउस ऩय गभि हवाएॉ चर यही थीधनगपत का शयीय डय क भाय काॉऩन रगा ldquoकछ ही सभम भ उसकी दकान बी जर कय याख हो जाएगीrdquo इस षवचाय स उस क हाथ-ऩय काॉऩन रग सबी रोग अऩनी-अऩनी दकानो स फाहय आकय इधय-उधय बागन रग ऩय

धनगपत वही खडा यह गमा दकान छोडकय जान का भन नही कय यहा था महद वो दकान भ यहगा तो जरकय

याख हो जामगासोचत हए उसन घफयाहट भ उसक हाथ रगी ऩडी को उठामा औय बफना सोच सभझ जो हाथ आमा वो भॉह भ डार हदमा उस कछ भीठा-भीठा सा ऩदाथि रगा औय भन बी शाॊत होन रगा

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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तबी एक अदभत घटना घटीआग धनगपत की दकान तक आकय रक गमी आग की रऩत वहाॉ नही आ ऩामी मह कसी षवचचतर फात हम कसी भामा ह धनगपत क भॉहस एक बी फात नही रनकर ऩामी उधय आगजनी की खफय सनत ही ऩतनी काॊरतभती अऩन कनमाओॊ क साथ फाराजी का सभयण कयत हए दौडती हई वहाॉ आ गमी आग उनक दकान तक आकय कस रक गमी मह दखकय उस आशचमि हआ तबी कभायी को दकान भ बरी हई ऩडी की माद आई धनगपत को सभझन भ दय नही रगी कक उसन जो चीज भॉह भ डारी थी वो औय कछ नही तो बगवान का परसाद ही था औय उसकी भहहभा स ही व इस दघिटना स चक गम धनगपत न शरीफाराजी स भा भाॉगी गार फजाम शाभ भ ही नगयवालसमो को फराकय ldquoशरीफाराजी की वरत कथाrdquo सॊऩनन की तफ स वह बगवान की सवा भ रीन हो गमा औय अॊत भ भो बी परापत की आऩन दखा कक कवर परसाद गरहण कयन स ही वो ककतनी फडी दघिटना स चक गमा फाराजी की भहहभा अदभत ह आऩ सबी बी मथा सॊबव वरत को सॊऩनन कय क बगवान की कऩा परापत कय सकत हldquo

शरीबयदवाजजी न इस परकाय मह चतथि कथा सनामी

गोषवॊदगोषवॊदगोषवॊद

चतथोधमाम सभापतॊ |

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ऩॊचभ अधमाम

शरी अतरतर उवाच

रतरभरा-रतरऩती बरोक का वकणठ धाभ ह ऩयाणो भ फतामा गमा ह कक रतरभरा क सभान ऩषवतर सथर औय शरी फाराजी जस दवता न तो ऩहर कबी हए ह औय न कबी होग शरीरनवास क रऩ भ अवतरयत शरी नायामण अऩन

बकतो स फहत परभ कयत ह जो उन ऩय अऩना ऩया बाय डारकय उनह रनतम सभयण कयत ह जो सदाचाय स ऩणि जीवन बफतात ह वो उनकी या कयत ह ऐस शरीफाराजी को परसनन कयन का सफस सयर उऩाम ह ndash ldquoशरीफाराजी की वरत कथाrdquo

इस अदभत वरत कथा क फाय भ भहातऩसॊऩनन शरी अबतर भहषषि न कऩा कयत हए कहा ह- ldquo ह फाराजी क षपरम

बकतो कलरमग भ आऩक सौबागम क फाय भ कमा कहना कतमग तरतामग औय दवाऩायमग भ अतमॊत कठोय तऩ-

जऩ कयन ऩय बी परसनन न होन वार शरी नायामण इस मग भ कवर नाभसभयण स ही आऩ रोगो ऩय कऩा कय यह

ह षवशवास क साथ उनह फरान ऩय व तयॊत कऩा परदान कयत ह ऐस करणाभम ह शरीफाराजी ऩषवतर रतरभरा ऩय

तमहाया यखा हय कदभ अनक जनभो क ऩणमपर क सभान ह

पराचीन कार भ ldquoकौभायrdquo दश भ ldquoलभतरrdquo नाभक धोफी यहता था वो अऩन काभ क साथ-साथ धालभिक कामि कयता हआ जीवन रनवािह कय यहा था उसकी अऩॊगता ही उसकी चच ॊता थी इसी कायण धोए हए कऩडो की ऩोटरी फनाकय घय-घय घभकय उनह रोगो तक ऩहॉचाना उस धीय धीय भसशकर रगन रगा उसका ऩरयवाय फडा था बफना भहनत ककए उस बय ऩट खान को बी नही लभरता था हभशा वो शरी फाराजी की ऩजा कयता यहता था कबी ना कबी बगवान उस ऩय कऩा कयग इसी षवशवास स वो अऩना जीवन गजाय यहा था बकतो ऩय कऩा कयन वार फाराजी सफ कछ दखत यहत ह जो वमसकत अऩन कभो स भकती ऩाता ह उनक ऩास आकय फाराजी ककसी न ककसी रऩ भ आकय उनकी या कयत ह एक हदन शाभ क सभम हभशा की तयह लभतर कऩड धोकय कऩडो की ऩोटरी राद धीय-धीय चरता हआ आ

यहा था फीच यासत भ उस एक वदध बराहभण हदखाई हदम गौयव की बावना स फड होन क कायण लभतर न अऩन कॊ ध

ऩय रदी हई ऩोटरी को नीच उतायकय वदध बराहभण को नभसकाय ककमा तफ उस षवपरोततभ न कहा- ldquoतभ अऩन इस ऩय क कायण ककतना कषट सह यह हो तमहाया दख दखा नही जाताrdquo तफ लभतर न कहा-ldquoह नाथ आऩ फजगि ह बयाऩया ऩरयवाय होन क कायण भझ इस काभ स भकती नही लभर यही ह ककसी तयह भयी म अऩॊगता दय हो ऐसा कोई उऩाम फताइएrdquo

तफ बराहभण न कहा-ldquoसनो बाई भ जरय फताऊॉ गा धमान स सनो भ एक ऐस वरत क फाय भ फताता हॉ सजस सॊऩनन कयन स तमहायी अऩॊगता दय हो जाएगी तमह अषट ऐशवमो की परासपत होगी वरत सॊऩनन कयत ही तमह हजाय अशकपि माॉ लभरगी ऩय एक शति ह उसभ स आध तभ भझ दोगकर भ कपय इसी सभम महाॉ लभरॉगाrdquo तफ लभतर न कहा- ldquoसवाभी इसस फढकय सौबागम औय कमा हो सकता ह आज ही इस

वरत क फाय भ फताइए भ उस सॊऩनन करॉ गाrdquo लभतर क उतसाह को दख वदध न शरी फाराजी वरत कथा क फाय भ फतामा

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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लभतर दगन उतसाह क साथ घय आमा ऩयी कहानी ऩतनी को फतामी औय अडोस-ऩडोस क साथ लभरकय शरी फाराजी वरत को सॊऩनन ककमा चयणाभत परसाद गरहण ककमा घय आए सबी रोगो को बी हदमा तबी घय क फाहय कछ

कोराहर सनाई हदमा लभतर का फटा फाहय स दौडता हआ आमा औय फोरा- ldquoषऩताजी षऩताजी याज-यक आऩक लरम आए ह याजा न आऩक लरम बट बी बजी हrdquo इतन भ यक बी वहाॉ आ गम उनहोन फतामा कक उसकी रनमसकत याज दयफाय भ धोफी क रऩ भ हो गमी ह याजा न हजाय अशकपि माॉ ऩयसकाय सवरऩ बजी ह ऐसा कहकय उनहोन लभतर क हाथ भ हजाय अशकपिमो की ऩोटरी यख दी एक हफत क अॊदय-अॊदय

उस आकय नौकयी भ बतॉ होन को बी कहा लभतर क आनॊद की सीभा नही थी एक हफता कमो कर ही कमो नही सोचकय उसन अऩनी ऩोटरी-वोटरी फाॉधी औय दसय हदन सवय ही वो जान को तमाय हो गमा इस जलदफाजी भ वह

उस वदध की फात बर गमा फीच यासत भ उस उसकी फात माद आ गमी ऩय ठीक हअगर भहहन लभर रता हॉ सोच

कय वह याज दयफाय भ अऩन काभ ऩय रग गमा हदनभहहन फीत बराहभण क वश भ आए बगवान को गससा आमा बगवान न सोचा भनषम की परवसतत ऐसी ही होती ह उस भझ अऩनी भहहभा फतानी होगी

दसय ही हदन याणीवास स आबषण चोयी हो गम चोयी का इलजाभ लभतर ऩय आमा लभतर को कायावास की सजा हई hellipयाज यकोन उस तयह-तयह की मातनाएॉ दी ऐसा कमो हआउस ऩय मह इलजाभ कमो रगा सोचत हए लभतर को यात को सऩन भ बगवान हदखाई हदम उनहोन फतामा कक ldquoवदध बराहभण क रऩ भ व ही आम थ वो अऩनी फात स भकय गमा इसलरम म सफ हआ हrdquo तफ लभतर न कहा-ldquoह नाथभ ऩाऩी हॉ भन फहत फडा ऩाऩ ककमा ह कऩमा भझ ऩय दमा कीसजम अफ भ हय भहहन आऩका वरत सॊऩनन करॉ गा भयी आम का आधा बाग जीवन बय आऩको सभषऩित करॉ गाrdquo गार फजाकय उसन बगवान की हय तयह स पराथिना की बकतो की ऩकाय सननवार बगवान न खशी-खशी लभतर ऩय कऩा कय दी बगवान की कऩा स याणी क आबषण दसयही हदन लभर गम याजान म बी जान लरमा कक लभतरन चोयी नही की थी लभतरको कायावास स रयहा कय हदमा गमा तफ स लभतर बगवान को हदम वचन अनसाय हय भहहन शरी फाराजी का वरत सॊऩनन कयन रगा औय अऩनी आम का आधा बाग बगवान को अषऩित कयता यहा सख ऩणि जीवन बफतात हए उसन अॊत भ भो बी परापत ककमाrdquo

शरी अबतरजी न ऐसा कहकय ऩाॉचव औय आखयी अधमाम को सभापत ककमा

गोषवॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

ऩॊचभोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

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faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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(दलरमा) चीनी डारकय हरवा जस फनाम उसक ऊऩय करा बी यख हय कथा क अॊत भ गोषव ॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

तीन फाय कह कय पराथिना कय

फाराजी को तरसी दर अरत षपरम ह इसी लरम ऩजाभ तरसी दरो को यखना शरषठ होगावरत सॊऩनन होन क फाद

तरसी दरो को परसाद क रऩ भ सवीकाय कयन स योगरनवायण होन क साथ साथ अषट ऐशवमो की परासपत होती ह वरत की सभासपत ऩय नारयमर सभषऩित कयक उनक टकड फनाकय परसाद क रऩ भ बगवान को सभषऩित कयन स वहाॉ उऩससथत सबी रोगो को दकय कपय उस सवीकाय कयन स ऩणम परापत होता ह इस वरत को षवधीऩविक करश सथाऩना क साथ षवसताय स सॊऩनन कय अगय सॊबव न हो तो ऊऩय फताम दषवतीम षवधान क अनसाय बी कय सकत ह एक फात हभ सबी को माद यखनी चाहहम हभायी जो बी सभसमाएॉ ह व सजतना बगवान जानत ह औय कोई नही जान सकता ह इसीलरम उस करणाभम की पराथिना कय सॊकलऩ कय वरत सॊऩनन कयन स भनोकाभना रनसशचत ही ऩयी हो जाती ह सबी कषट दय होकय अषट ऐशवमो की परासपत होती ह

सभसत सनभॊगरारनबवॊत शरी रकषभी शरीरनवास कटा लसषदधयसत

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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शरी वकटशवय वरत कथा शरीगणऩती धमानभ

वकरतणड भहाकाम कोहटसमिसभपरब रनषविघनभ करभ दव सविकामष सविदा शकरामफयधयभ शलशवणिभ चतबिजभ परसनन वदनभ धमामत सविषवघनोऩशाॊतम

तदव रगनभ सहदनभ तदव तायाफरभ चॊिफरभ तदव षवदमाफरभ दवफरभ तदव रीऩत तरिमगभ सभयालभ

आचभनभ

ॐ कशवाम सवाहा ॐ नायामणाम सवाहा ॐ भाधवाम सवाहा

ॐ गोषवॊदाम नभ ॐ षवषणव नभ ॐ भधसदनाम नभ ॐ बतरषवकरभाम नभ ॐ वाभनाम नभ ॐ शरीधयाम नभ

ॐ रषषकशाम नभ ॐ ऩदमानाबाम नभ ॐ दाभोदयाम नभ

ॐ सॊकषिणाम नभ ॐ वासदवाम नभ ॐ परदममनाम नभ ॐ अरनरधदाम नभ ॐ ऩरषोततभाम नभ ॐ अधोजाम नभ

ॐ नयलसॊहाम नभ ॐ अचमताम नभ ॐ जनादिनाम नभ ॐ उऩिाम नभ ॐ हयम नभ ॐ शरीकषणाम नभ

बतोचचाटनभ

उसततषटॊत बतषऩशाचचा एत बलभबायका ऐतशाभषवयोधन बरहभकभि सभायब

पराणामाभभ

ॐ ब ॐ बव ॐ सव ॐ भह ॐ जन ॐ तऩ ॐ सतमभ ॐ ततसषवतय-वयणमभ बगो दवसम धीभहह चधमो य़ो न परचोदमात ॐ आऩो-जमोरत-यसोवतभ बरहभ बबिवससवयोभ

भभ उऩातत दरयतामदवाया शरी ऩयभशवय परीतमथिभ शब शोबन भहत शरी भहाषवषणो आगनमा परवत भानसम आदमबरहभण दषवतीम ऩयाथ शवत वयाहकलऩ ववसवत भनवनतय कलरमग परथभऩाद जमफदवीऩ बयतवष बायत खनड भयो दकषण हदगबाग शरीशरसम hellip(जहाॉ ऩजा कय यह ह उस गाॉव का नाभ)परदशाम कषणा गोदावयी भधमबाग सव-शोबन गह सभसत दवता बराहभण हरयहय ससननधौ अससभन वतिभान वमवहारयक चानिभानन सवससतशरी परबवाहद नाभ सॊवतसय भधम सॊवतसय अमन ऋतौ (आज का भहहना)भासाम (शकर मा कषण)ऩाम (आज की रतथी)रतथौ (आज का हदन)वासय शबनतर शबमोग शबकयण एवॊ गण षवशषण षवलशषटामाभ

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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शबरतथौ शरीभान(अऩना औय ऩरयवाय क सबी सदसमो क नाभ) गोतर (अऩना गोतर) नाभधम धभिऩतनी सभतसम असभाकभ सहकटॊफानाभ भ सथमि धमि षवजम आमय-आयोगम

ऐशवमि-अलबवधमथिभ धभािथि काभभो चतषविध ऩरषाथि पर लसदधमथिभ भभोऩातत दरयताम दवाया शरी ऩयभशवय परीतमथिभ शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरी वकटशवय दवता भडडडषम शरी वकटशवय वरतकलऩ करयषम िव सॊबवरदभ ऩदाथ सॊबवता रनमभन मावचचसकत धमाना वाहनाहद षोडषोऩचाय ऩजाभ करयषम (ऩानी को हाथ रगाम)

तदॊग करशायाधनभ करयषम (सवाभीजी की दामीॊ ओय करश यख उसभ गॊधभ ऩषऩभ कॊ कभ औय अता डार कपय आग लरख हए शरोक ऩढ) शरोकॊ करशसम भख षवषण काॊत रि सभाचशरता भर ततर ससथतो बरहभा भधम भातगणाचशरत कौत सागया सव सपतदवीऩ वसॊधया ऋगवदोत मजवद साभवदोहमथविणा अॊगशच सहहता सव करशाॊफ सभाचशरता करश गॊधऩषऩाताभ रनकषपतम हसतनचचादम आऩो वा इदभ सव षवशवबतानमाऩ पराणवा आऩा ऩशव आऩोननाभाऩोभता भाऩा समरादऩो षवयाडाऩा सवयाडाऩशचॊडाभ समाऩो जमोरतभ शमाऩो मजोभशमाऩ ससतमाभाऩ सवाि दवता आऩोबबिवसव याऩ ॐ (करश भ ऩानी बय औय उसभ तरसी क ऩतत डार) शरोकॊ गॊग च मभन च कषण गोदावयी सयसवरत नभिद लसॊध कावमो जरससभन ससननचधभ कर कावयी तॊगबिा च कषणवणी च गौतभी करशोदकन दवातभानभ ऩजािवमारन च समपरोकषमा (करश भ एक पर डफोकय उसस सवाभीजी ऩय ऩजा की साभगरी ऩय औय आऩ ऩय ऩानी रछडक )

शरी गणऩती पराथवना शकराॊफयधयभ षवषणभ शलशवणिभ चतबिजभ परसननवदनभ धमामत सविषवघनोऩशाॊतमत

आदौ रनषविघनन वरत ऩरयसभापतभ गणऩती ऩजाभ करयषम

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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अथ गणऩती ऩजा ॐ गणानाभ तवागणऩतीभ हवाभह कषवॊ कवीनाभऩा भसशरवसतवभ जमषठयाजभ बरहभणाभ बरहभणसऩत आनशशरणमनततलब सीदसाधनभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ धमामालभ धमानभ सभऩिमालभ

आवाहमालभ यतनलसॊहासनभ सभऩवमालभ ऩादमौ ऩादमभ सभऩवमालभ

हसतौ अरघमवभ सभऩवमालभ भख आचभनीमभ सभऩवमालभ

आऩोहहषटाॊमोबवसतान ऊजधदातन भहयणाम चस मो वत लशवत भोयससतसम बाजमतहन उषतीरयना भातय तसभायभ गभाभवो मसमामाम जजॊधव आऩोजनमाधाचन

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash शदधोदक सनानॊ सभऩिमालभ

सनानाॊतयभ शदध आचभनभ सभऩिमालभ

अलबवसतरात वसनानमाय शलबदनतस दघा ऩजभान अलबचॊदरा बताव व नो हहयणमाभमशवनयततनोदव सोभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash वसतरमगभभ सभऩिमालभ

मऻोऩवीतभ ऩयभॊ ऩषवतरभ परजाऩत मत सहजभ ऩयसतात आमषमॊगरमभ परततभचच शभरॊ मऻोऩवीतभ फरभसत तज

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash मऻोऩवीतभ सभऩिमालभ

गॊधदवायाभ दयाधषावभ तनतमऩषटान करयषषणीभ

ईशवयीभ सववबतानाभ ता लभहोऩवहम शरशरमभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash हदवम शरी चॊदनॊ सभऩिमालभ

आमन त ऩयामण दवाव योहॊत ऩजषऩणी हदाशच ऩॊडयीकाणण सभदरसम गहा इभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash दवािहद नानाषवध ऩषऩारण सभऩिमालभ

अथ शरी षोडषनाभ ऩजा ॐ सभखाम नभ

ॐ एकदॊताम नभ

ॐ कषऩराम नभ

ॐ गजकरणिकाम नभ

ॐ रमफोदयाम नभ

ॐ षवकटाम नभ

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ॐ षवघनयाजम नभ

ॐ गजाचधऩतम नभ

ॐ धभकतव नभ

ॐ गणाचधाम नभ

ॐ पारचॊिाम नभ

ॐ गजाननाम नभ

ॐ वकरतॊडाम नभ

ॐ शऩिकणिकाम नभ

ॐ हयमफाम नभ

ॐ सकॊ दऩविजाम नभ ॐ सवािलससधद परदामकाम नभ ॐ भहागणाचधऩतम नभ

नानाषवध ऩरयभर ऩषऩारण सभऩिमालभ

वनसऩतमबवव हदव नाना गॊध स सममतभ आघरम सववदवानाभ धऩोमभ परततगहमताभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash धऩभािाऩमालभ

साजमभ बतरवतॉ सॊमकताभ वसहनना मोसजतभ षपरमभ

गहाणा भॊगरभ दीऩभ तररोकमरतलभयावहभ

बकतमादीऩभ परमचछालभ दवाम ऩयभातभन

तराहहभाभ नयकादघोयाद हदवमजमोरत नभोसतत

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash दीऩभ सभऩिमालभ

धऩ दीऩाॊतयभ आचभनीमभ सभऩिमालभ

नवदमभ

(गड का छोटा टकडा थारी भ यख कय उसक सबोवतार ऩानी रछडक) ॐ बबव सव ॐ ततसषवतयवयणमभ बगो दवसम धीभही चधमोमोन परचोदमात सतमभ तवतन ऩरयषषॊचालभ (यात भ ldquoऋतॊ तवा सतमन ऩरयषषॊचालभrdquo ऐस कह)

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash नवदमभ सभऩिमालभ

अभतभसत अभतोवतसयणभलस

ॐ पराणाम सवाहा ॐ आऩानाम सवाहा ॐ वमानाम सवाहा ॐ उदानाम सवाहा

ॐ सभानाम सवाहा भधम भधम ऩानीमभ सभऩवमालभ

अभताषऩधानभलस उततयाऩोषणभ सभऩवमालभ

हसतौ परारमालभ शदधाचभनीमभ सभऩवमालभ

ऩगीपर सकयऩय नागवलरीदरीयमतभ

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भकताचणव सभामकतभ ताॊफरभ परततगहमताभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash ताॊफरभ सभऩिमालभ

ॐ गणानाभ तवागणऩतीभ हवाभह कषवॊ कवीनाभऩा भसशरवसतवभ जमषठयाजभ बरहभणाभ बरहभणसऩत आनशशरणमनततलब सीदसाधनभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ - सवणिभॊतरऩषऩभ सभऩिमालभ

भॊतरहीनभ ककरमाहीनभ बसकतहीनभ गणाचधऩ

मतऩसजतभ भमा दव ऩरयऩण तदसतत

मऻन मऻभमजॊत दवासतारन धभािरण परथभानमासन

तहनाकभ भहहभान सचॊत मतर ऩवसाधमा सॊरत दवा

ऩनयाचभनभ

अनमा धमानावाहनाहद षोडषोऩचाय ऩजमा च बगवान सवाितभक

शरीभहा गणाचधऩरत सपरीतो वयदो बतवा उततय कभिणम षवघनभसत बवनतो

बवनत उततय कभिणम षवघनभसत गणाचधऩरत परसादभ लशयसा गरहणालभ

सहसरऩयभा दषव शतभरा शताॊकया सव हयत भ ऩाऩॊ दवािदससवपननाशनी गणऩरत मदासथानॊ उदवासमालभ

पराण परततषठा ॐ असनीत ऩनसभािस च ऩन पराणलभहनोदहह बोगॊ जमोकऩशमभ

समिभचचयनत भनभत भडमान सवससत अभतॊ वपराणा अभतभाऩ पराणानव मधासथानभऩहवमत

(सवाभीजी की भतॉ को हाथ रगाम )

शरीवकटशवय आवाहमालभ सथाऩमालभ ऩजमालभ ससथयोबव वयदोबव सपरसननोबव ससथयासनॊ कर

धमानभ

शानताकायॊ बजगशमनॊ ऩदमनाबभ सयशभ षवशवकायभ गगन सदशॊ भघवण शबाॊगॊ

रकषभीकानतॊ कभरनमनॊ मोचगहरधमान गममॊ वनद षवषणॊ बवबमहयॊ सविरोककनाथॊ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - धमामालभ धमानभ सभऩिमालभ

आवाहनभ

आवाहमालभ दवश लसदधगनधवि सषवत मिसमलभदॊ ऩणमॊ सविऩाऩहयोहय

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवनकटशवय सवालभन नभ - आवाहमालभ

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(सवाभीजी क भतॉ ऩय पर ऩतत चढाम) आसनभ

दव दव जगननाथ परणत करशनाशन यतनलसॊहासनॊ हदवमॊ गहाण भधसदन

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवनकटशवय सवालभन नभ - यतनलसॊहासनॊ सभऩिमालभ

(सवाभीजी क भतॉ ऩय पर ऩतत चढाम) ऩादमॊ

वासनचतॊ करभदव दषकतॊ च षवनाशम ऩादमॊ गहाण बगवान भातरतसॊग सॊससथत

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - ऩादमो ऩादमॊ सभऩिमालभ

(एक चमभच ऩानी थारी भ डार)

अरघम

करषवभ दमाॊ दव सॊसायारत ि बमाऩह दचधीय परोऩतभ गहाणाघम नभोसतत

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हसतमोयघम सभऩिमालभ

(एक चमभच ऩानी थारी भ डार)

आचभनॊ नभ सतमाम शदधाम रनतमाम ऻानरषऩण गहाणाचभनॊ दव सविरोककनामक

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - भख आचभनीमॊ सभऩिमालभ

(एक चमभच ऩानी थारी भ डार) ऩॊचाभतसनानॊ

ऩॊचाभतॊ भमानीतॊ ऩमोदचधघतॊ भध शकि या सहहतॊ चवदवतवॊ पररतगहमताॊ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - ऩॊचाभत सनानॊ सभऩिमालभ

(ऩॊचाभत गाम क दध दही घी भध औय चीनी लभराकय ककमा जाता ह)

सनानॊ सवणिऩातरोदकॊ गॊगा मभनाहद सभसनवतॊ शदधोदकॊ गहाणश सनानॊ कर मथाषवचध

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - शदधोदकसनानॊ सभऩिमालभ

(एक चमभच ऩानी थारी भ डार) वसतरॊ

तपतकाॊचन सनकाशॊ ऩीतमफय लभदॊ हय सगहाण जगननाथ शरीरनवास नभोसतत

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - वसतरमगभॊ सभऩिमालभ

मऻोऩवीतॊ मऻोऩवीतॊ ऩयभॊ ऩषवतरॊ परजऩतमितसहजॊ ऩयसतात

आमषमभागरमाभ पररतभचचशभरॊ मऻोऩवीतॊ फरभसत तज

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शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - मऻोऩवीतॊ सभऩिमालभ

गनधॊ चनदनागर कसतरय घनसाय सभसनवतॊ गनधॊ गहाण गोषवनद नानागॊधसचधायम

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हदवमऩरयभर गॊधाॊ सभऩिमालभ

(सवाभीजी क भतॉ को चॊदन रगाम) अताॊ

गोषवनदा ऩयभाननद हरयिा सहहततान षवशवशवय षवशारा गहाण ऩयभशवय

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - अतान सभऩिमालभ

(सवाभीजी क भतॉ ऩय अता डार चावर को हलदी कॊ कभ रगाक अता फनात ह) ऩषऩॊ

सगॊधारन सऩषऩारण जाजीकनदभखारन च भाररत वकरादषव ऩजाथ पररतगहमताॊ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - ऩषऩॊ सभऩिमालभ

अथाॊग ऩजा ॐ शरी वकटशवयाम नभ - ऩादौ ऩजमालभ

ॐ शरी वकटचरचधशाम नभ - गलफ़ौ ऩजमालभ

ॐ शरी परदामकाम नभ - जाननी ऩजमालभ

ॐ ऩदमावती ऩतम नभ - जॊघ ऩजमालभ

ॐ ऻानपरदाम नभ - ऊर ऩजमालभ

ॐ शरीरनवसाम नभ - कहटॊ ऩजमालभ

ॐ भहाबागाम नभ - नालबॊ ऩजमालभ

ॐ रनभिराम नभ - उदयॊ ऩजमालभ

ॐ षवशाररदमाम नभ - रदमभ ऩजमालभ

ॐ ऩरयशदधातभन नभ - सतनौ ऩजमालभ

ॐ ऩरषोततभाम नभ - बजौ ऩजमालभ

ॐ सवणिहसताम नभ - हसतौ ऩजमालभ

ॐ वयपरदाम नभ - कॊ ठॊ ऩजमालभ

ॐ रोकनाथाम नभ - सकनधौ ऩजमालभ

ॐ यसऻाम नभ - नालसकाॊ ऩजमालभ

ॐ ऩणमशरवन कीतिनाम नभ - शरोतर ऩजमालभ

ॐ ऩलरामफज षवरोचनाम नभ - नतर ऩजमालभ

ॐ वचिससवन नभ - रराटॊ ऩजमालभ

ॐ यमम षवगरहाम नभ - सवािणमनगारन ऩजमालभ

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ॐ शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हदवमसनदय षवगरहॊ ऩजमालभ

शरी वकटशवय अषटोततय शतनाभावलर

ॐ वकटशाम नभ

ॐ शरीरनवासाम नभ

ॐ रकषभीऩतम नभ ॐ अनाभमाम नभ ॐ अभताॊशाम नभ ॐ जगदवॊदवाम नभ ॐ गोषवनदाम नभ ॐ शाशवताम नभ ॐ परबव नभ ॐ शषाहि-रनरमाम नभ ॐ दवाम नभ ॐ कशवाम नभ ॐ भधसदनाम नभ ॐ अभताम नभ ॐ भाधवाम नभ ॐ कषणाम नभ ॐ शरीहयम नभ ॐ ऻान-ऩॊजयाम नभ ॐ शरी वतस-वस नभ ॐ सवशाम नभ ॐ गोऩाराम नभ ॐ ऩरषोततभाम नभ ॐ गोऩशवयाम नभ ॐ ऩयभ-जमोरतषम नभ ॐ वकनठऩतम नभ ॐ अवममाम नभ ॐ सधातनव नभ ॐ मादवनिाम नभ ॐ रनतम-मौवनरऩवत नभ ॐ चतवदातभकाम नभ ॐ षवषणव नभ

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ॐ अचमताम नभ ॐ ऩरदमनी-षपरमाम नभ ॐ धयाऩतम नभ ॐ सयऩतम नभ ॐ रनभिराम नभ ॐ दवऩसजताम नभ ॐ चतबिजाम नभ ॐ चकरधयाम नभ ॐ बतरधामन नभ ॐ बतरगणाशरमाम नभ ॐ रनषविकलऩाम नभ ॐ रनषकरनकाम नभ ॐ रनयाॊतकाम नभ ॐ रनयनजनाम नभ ॐ रनयाबासाम नभ ॐ रनतमतपताम नभ ॐ रनगिणाम नभ ॐ रनरऩिवाम नभ ॐ गदाधयाम नभ ॐ शायॊगऩाणम नभ ॐ ननदककन नभ ॐ शनखधायकाम नभ ॐ अनकभतिम नभ ॐ अवमकताम नभ ॐ कहटहसताम नभ ॐ वयपरदाम नभ ॐ अनकातभन नभ ॐ दीनफानधव नभ ॐ आतिरोक बमपरदाम नभ ॐ आकाशयाज-वयदाम नभ ॐ मोचग-रतऩदमभसनदयाम नभ ॐ दाभोदयाम नभ ॐ जगतऩाराम नभ

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ॐ ऩाऩघनाम नभ ॐ बकतवतसराम नभ ॐ बतरषवकरभाम नभ ॐ लशॊशभायाम नभ ॐ जटाभकट-शोलबताम नभ ॐ शनख-भदमोर-सनभॊजराम-ककसनकणमाडम-कयनडकाम नभ ॐ नीरभघ-शमाभ-तनव नभ ॐ बफलव-ऩतराचिन षपरमाम नभ ॐ जगदवमाषऩन नभ ॐ जगत-कत नभ ॐ जगत-साकषण नभ ॐ जगतऩतम नभ ॐ चचसनतताथि-परदाम नभ ॐ सजषणव नभ ॐ दाशावािम नभ ॐ दश-रऩवत नभ ॐ दवकक-ननदनाम नभ ॐ शौयम नभ ॐ हमगरीवाम नभ ॐ जनादिनाम नभ ॐ कनमा-शरवणतायजमाम नभ ॐ ऩीतामफयधयाम नभ ॐ अनघाम नभ ॐ वनभालरन नभ ॐ ऩदमनाबाम नभ ॐ भगमासकत-भानसाम नभ ॐ अशवरढाम नभ ॐ खडगधारयण नभ ॐ धनाजिन-सभतसकाम नभ ॐ गानसायर-सनभधम-कसतरय-रतरकोजवराम नभ ॐ ससतचदाननदरऩाम नभ ॐ जगनभनगरदामकाम नभ ॐ मऻरऩाम नभ

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ॐ मऻबोकत नभ ॐ चचनभमाम नभ ॐ ऩयभशवयाम नभ ॐ ऩयभाथि-परदाम नभ ॐ शानताम नभ ॐ शरीभत नभ ॐ दोदिनड-षवकरभाम नभ ॐ ऩयातऩयाम नभ ॐ ऩयबरहभण नभ ॐ शरीषवबव नभ ॐ जगदीशवयाम नभ

इतत शरी वकटशवय अषटोततय शतनाभावलर

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शरी भहारकषभी अषटोततय शतनाभावलर

ॐ परकतम नभ ॐ षवकतम नभ ॐ षवदमाम नभ ॐ सविबतहहतपरदाम नभ ॐ शरदधम नभ ॐ षवबतम नभ ॐ सयभम नभ ॐ ऩयभासतभकाम नभ ॐ वाचम नभ ॐ ऩदमारमाम नभ ॐ ऩदमाम नभ ॐ शचम नभ ॐ सवाहाम नभ ॐ सवधाम नभ ॐ सधाम नभ ॐ धनमाम नभ ॐ हहयणमम नभ ॐ रकषमम नभ ॐ रनतमऩषटाम नभ ॐ षवबावम नभ ॐ आहदतम नभ ॐ हदतम नभ ॐ दीपताम नभ ॐ वसधाम नभ ॐ वसधारयणम नभ ॐ कभराम नभ ॐ कानताम नभ ॐ काभाकषम नभ ॐ कभर समबवाम नभ ॐ अनगरहपरदाम नभ ॐ फदधम नभ ॐ अनघाम नभ

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ॐ हरयवलरबाम नभ ॐ अशोकाम नभ ॐ अभताम नभ ॐ दीऩाम नभ ॐ रोकशोक षवनालशनम नभ ॐ धभिरनरमाम नभ ॐ करणाम नभ ॐ रोकभातर नभ ॐ ऩदमषपरमाम नभ ॐ ऩदमहसताम नभ ॐ ऩदमाकषम नभ ॐ ऩदमसनदम नभ ॐ ऩदमोदभवाम नभ ॐ ऩदमभखम नभ ॐ ऩदमनाब षपरमाम नभ ॐ यभाम नभ ॐ ऩदमभाराधयाम नभ ॐ दवम नभ ॐ ऩरदमनम नभ ॐ ऩदमगसनधनम नभ ॐ ऩणमगनधाम नभ ॐ सपरसननाम नभ ॐ परसादालबभखम नभ ॐ परबाम नभ ॐ चनिवदनाम नभ ॐ चनिाम नभ ॐ चनिसहोदम नभ ॐ चतबिजाम नभ ॐ चनिरऩाम नभ ॐ इसनदयाम नभ ॐ इनद शीतराम नभ ॐ आहराद जननम नभ ॐ ऩषम नभ

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ॐ लशवाम नभ ॐ लशवकतम नभ ॐ सतमाम नभ ॐ षवभराम नभ ॐ षवशवजननम नभ ॐ तषम नभ ॐ दारयदरमनालशनम नभ ॐ परीरत ऩषकरयणम नभ ॐ शानताम नभ ॐ शकरभालमामफयाम नभ ॐ बासकम नभ ॐ बफलव रनरमाम नभ ॐ वयायोहाम नभ ॐ मशससवनम नभ ॐ वसनधयाम नभ ॐ उदायॊगम नभ ॐ हरयणम नभ ॐ हभभालरनम नभ ॐ धन धानमकतम नभ ॐ लसदधम नभ ॐ सतरणम सौममाम नभ ॐ शबपरदाम नभ ॐ नऩवशभ गताननदाम नभ ॐ वयरकषमम नभ ॐ वसपरदाम नभ ॐ शबाम नभ ॐ हहयणम पराकायाम नभ ॐ सभि तनमाम नभ ॐ जमाम नभ ॐ भॊगराम नभ ॐ षवषणव सथरससथताम नभ ॐ षवषणऩतनम नभ ॐ परसननाकषम नभ

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ॐ नायामण सभाचशरताम नभ ॐ दारयदरम धवॊलसनम नभ ॐ दवरकषभ नभ ॐ सवोऩिव रनवारयणम नभ ॐ नवदगािम नभ ॐ भहाकालम नभ ॐ बरहभा-षवषण-लशवासतभकाम नभ ॐ बतरकारऻानसमऩननाम नभ ॐ बवनशवम नभ ॐ भहारकषभी अषटोततय शत नभ

इरत शरी रकषभी अषटोततय शतनाभावलर

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शरी ऩदमावती अषटोततय शतनाभावलर

ॐ ऩदमावततम नभ ॐ दवम नभ ॐ ऩदमोदभवाम नभ ॐ करणापरदारमनम नभ ॐ सरदमाम नभ ॐ तजसवरषऩणम नभ ॐ कभरभखम नभ ॐ ऩदमधयाम नभ ॐ शरीम नभ ॐ ऩदमनतरम नभ ॐ ऩदमकयाम नभ ॐ सगणाम नभ ॐ कभकभषपरमाम नभ ॐ हभवणािम नभ ॐ चनिवसनदताम नभ ॐ धगधगपरकाश शयीय-धारयणम नभ ॐ षवषणषपरमाम नभ ॐ रनतमकलमाणम नभ ॐ कोहटसमिपरकालशणम नभ ॐ भहासौनदमिरषऩणम नभ ॐ बकतवतसराम नभ ॐ बरहभानडवालसनम नभ ॐ सविवानचापरदारमनम नभ ॐ धभिसनकलऩाम नभ ॐ दाकषणमकटाकषणम नभ ॐ बसकतपरदारमनम नभ ॐ गणतरमाषववसजिताम नभ ॐ कराषोडशसॊमताम नभ ॐ सविरोकानानजननम नभ ॐ भसकतदारमनम नभ ॐ दमाभतामाम नभ ॐ परऻाम नभ

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ॐ भहाधभािम नभ ॐ धभिरषऩणम नभ ॐ अरनकाय षपरमाम नभ ॐ सविदारयदरमधवॊलसनम नभ ॐ शरीवकटशवसथरससथताम नभ ॐ रोकशोकषवनालशनम नभ ॐ वषणवम नभ ॐ रतरचानरऩयवालसनम नभ ॐ वदवदमषवशायदाम नभ ॐ षवषणऩादसषवताम नभ ॐ यतनपरकाशककयीटधारयणम नभ ॐ जगनभोहहनम नभ ॐ शसकतसवरषऩणम नभ ॐ परसननोदमाम नभ ॐ इनिाहददवत मककननय ककमऩरष ऩसजताम नभ ॐ सविरोकरनवालसनम नभ ॐ बजमाम नभ ॐ ऐशवमिपरदारमनम नभ ॐ शानताम नभ ॐ उननतसथानससथताम नभ ॐ भनदायकालभनम नभ ॐ कभराकयाम नभ ॐ वदानतऻानरषऩणम नभ ॐ सविसमऩसततरषऩणम नभ ॐ कोहटसमिसभपरबाम नभ ॐ ऩजापरदारमनम नभ ॐ कभरासनाहद सविदवताम नभ ॐ वकनठवालसनम नभ ॐ अबमदारमनम नभ ॐ िाापरऩामसषपरमाम नभ ॐ नतमगीतषपरमाम नभ ॐ ीयसागयोदभवाम नभ ॐ आकाशयाज ऩबतरकाम नभ

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ॐ सवणिहसतधारयणम नभ ॐ काभरषऩणम नभ ॐ करणाकटाधारयणम नभ ॐ अभतासजाम नभ ॐ बरोकसवगिसखदारमनम नभ ॐ अषटहदकऩारकाचधऩतम नभ ॐ भनभधदऩि सॊहारयणम नभ ॐ कभराथिबागाम नभ ॐ सवलऩऩयाध-भहाऩयाध-भाम नभ ॐ शतकोहटतीथिवालसताम नभ ॐ नायदाहद भरनशरषठ ऩसजताम नभ ॐ आहदशनकयऩसजताम नभ ॐ परीरतदारमनम नभ ॐ सौबागमपरदारमनम नभ ॐ भहाकीतॉ परदारमनम नभ ॐ कषणारतषपरमाम नभ ॐ गनधवि शाऩषवभोचकाम नभ ॐ कषणऩतनम नभ ॐ बतररोकऩसजताम नभ ॐ जगनभोहहनम नभ ॐ सरबाम नभ ॐ सशीराम नभ ॐ अॊजनासतानगरहपरदारमनम नभ ॐ बकतमातभरनवालसनम नभ ॐ सॊधमावसनदनम नभ ॐ सविरोकभातर नभ ॐ अलबभतदारमनम नभ ॐ रलरतावधतम नभ ॐ सभसतशासतर षवशायदाम नभ ॐ सवणािबयणधारयणम नभ ॐ इहऩयरोक सखपरदारमनम नभ ॐ कयवीयरनवालसनम नभ ॐ नागरोकभरणसह आकाशलसनध कभरशवय ऩरयतयधगभनाम नभ

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ॐ शरी शरीरनवासषपरमाम नभ ॐ चनिभनडरससथताम नभ ॐ अलरवर भनगाम नभ ॐ हदवमभनगर धारयणम नभ ॐ सकलमाणऩीठससथताम नभ ॐ काभकवनऩषऩषपरमाम नभ ॐ कोहट भनभधरषऩणम नभ ॐ बानभनडररषऩणम नभ ॐ ऩदमऩादाम नभ ॐ यभाम नभ ॐ सविरोकसबानतय धारयणम नभ ॐ सविभानसवालसनम नभ ॐ सवािम नभ ॐ षवशवरऩाम नभ ॐ हदवमऻानाम नभ ॐ सवभनगररषऩणम नभ ॐ सवािनगरहपरदारमनम नभ ॐ ॐकायसवरषऩणम नभ ॐ बरहभऻानसॊबताम नभ ॐ शरी ऩदमावतम नभ ॐ सदमोवदवतम नभ ॐ शरीभहारकषमम नभ

इरत शरी ऩदमावती अषटोततय शतनाभावलर

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धऩभ दशाॊगभ गगगरोऩतॊ गोघतन सभसनवतभ धऩॊ गहाण दवश सविरोक नभसकाया

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - धऩभािाऩमालभ

(सवाभीजी क भतॉ की अगयफतती औय धऩ स आयती कय)

दीऩभ

बतररोकश भहादव सविऻान परदामक दीऩॊ दासमालभ दवश यभाभ बकतवतसर

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - दीऩॊ दशिमालभ

(सवाभीजी क भतॉ की दीऩ स आयती कय )

नवदमभ

सविबशच बोजजशच यस षडलब सभसनवतॊ नवदमनत भमानीतभ गहाण ऩरषोततभ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - नवदमॊ सभऩिमालभ

(सवाभीजी को परसाद चढाम अगय करा ह तो ldquoकदरीपर रनवदमालभrdquo नारयमर ह तो ldquoनारयकर परॊ रनवदमालभrdquo ऐस कह अगय गड ह तो ldquoगडोऩहाय नवदमभ सभऩिमालभrdquo कह)

ॐ पराणाम सवाहा ॐ आऩानाम सवाहा ॐ वमानाम सवाहा ॐ उदनाम सवाहा ॐ सभानाम सवाहा ॐ ऩयबरहभण सवाहा ॐ बबिव सव ततसषवतय-वयणमभ बगो दवसम धीभहह चधमो मो न परचोदमात ॐ आऩो जमोरतयसोभतॊ बरहभ बबिव सवयोभ भधम भधम ऩानीमभ सभऩिमालभ

अभताषऩधानभलस उततयाऩोशनभ सभऩिमालभ हसतौ परारमालभ ऩादौ परारमालभ ऩनयाचभनीमभ सभऩिमालभ

तामफरभ ऩगीपर सकऩिय नागवलरीदरमितॊ भकताचणि सभामकतॊ तामफरॊ पररतगहमताॊ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - तामफरभ सभऩिमालभ

नीयाजनभ चशरम कानताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरीवकटरनवासाम शरीरनवासाम भनगरभ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ नीयाजनभ दशिमालभ

ऩनयाचभनीमभ सभऩिमालभ

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भॊतरऩषऩभ

ॐ सहसतरशीषिभ दवॊ षवशवाॊ षवशवशॊबवॊ षवशवॊ नायामणनदवभ अयॊ ऩयभॊ ऩदॊ १

षवशवत ऩयभासननतमॊ षवशवॊ नायामणॊ हरयॊ षवशवभवदॊ ऩरषसतदषवशवॊ उऩजीवरत २

ऩरतॊ षवशवसमातभशवयॊ शाशवतॊ लशवभचमतॊ नायामणॊ भहाऻमॊ षवशवतभानॊ ऩयामणॊ ३

नायामण ऩयोजमोरत आतभा नायामण ऩय नायामण ऩयभ बरहभ ततवभ नायामण ऩय नायामण ऩयो धमाता धमानभ नायामण ऩय ४

मचच ककसनचत जगतसव दशमत शरमतषऩ वा अनतफिहहशचततसविभ वमापमा नायामण ससथत ५

अननतभ अवममभ कषवॊ सभिनतभ षवशवशमबवभ ऩदमकोश परतीकाशभ रदमभ चापमधोभखभ ६

अधोरनषमा षवतसतमानत नाभमाभऩरय रतषठरत जवाराभाराकरॊबारत षवशवसमामातनभ भहत ७

सनततॊ लशरालबसत रॊफतमाकोशससननबभ तसमानत सलशयभ सकषभभ तससभन सविभ पररतसषठतभ ८

तसमभधम भहान असगन षवशवायचचषविशवतो भख सोगरबसगवबजन रतषठाननाहाय भजय कषव

रतमिगधवाि भधशशामीयशभमा सतसम सनतता ९

सॊताऩमरत सवॊ दह भाऩादतरभसतक तसम भधम वसनह लशखा अणीमोधवाि वमवससथत १०

नीरथो मदभधमसता षवदमलरखव बासवया नीवायशकवततनवी ऩीताबा सवतमनऩभा ११

तसमा लशखामा भधम ऩयभातभा वमवससथत स बरहभ स लशव स हरय स इनि सोय ऩयभासवयात १२

ॐ तद बरहभ ॐ तद वाम ॐ तदातभा ॐ ततसतमभ ॐ ततसविभ ॐ ततऩयोनिभ अनतशचयरत बतष गहामाभ षवशवभरत िष तवभ मऻसतवभ वषकायसतवभ इनिसतवभ रिसतवभ

षवषणसतवभ बरहभतवभ परजाऩरत तवभ तदाऩ आऩो जमोरत यसोवतभ बरहभ बबिवससवयोभ १३

गदा ऩन शॊखयथानगकलऩक धवजायषवॊदाॊकश वजररासशचत ह शरीरनवास तवत चयणामफज दवमॊ भदीम भधािन भरज ॐ रनयॊजनाम षवदमह रनयाबासाम धीभहह तननो शरीरनवास परचोदमात शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हदवमभनतरऩषऩॊ सभऩिमालभ

परदकषण नभसकाय

शरोकॊ मारनकारन च ऩाऩारन जनभानतय कतारन च तारन तारन परणशमसनत परदकषण ऩद ऩद ऩाऩोहभ ऩाऩकभािहभ ऩाऩातभा ऩाऩसॊबव तराहहभाभ कऩभमा दव शयणगतवतसर अनमधा शयणॊ नाससत तवभव शयणॊ भभ तसभात कारणम बावन य य जनादिन

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - आतभपरदकषण नभसकायान सभऩिमालभ

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षवषवधोऩचाय ऩजा छतरॊ धायमालभ चाभयॊ वीजमालभ नतमॊ दशिमालभ गीतॊ शरावमालभ वादमॊ घोषमालभ आॊदोलरकान आयोहमालभ आशवानायोहमालभ गजानायोहमालभ सभसत यजोऩचाय शकतमऩचाय

मनतरोऩचाय दवोऩचाय सवोऩचाय ऩजाॊ सभऩिमालभ

भाऩवणभ भनतरहीनॊ ककरमाहीनॊ बसकतहीनॊ जनादिन मतऩसजतभ भमा दव ऩरयऩणिभ तदसतत

अनमा धमानावाहनाहद षोडशोऩचाय ऩजमा च बगवन सवाितभक शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरी वकटशवय सवरऩो बगवान सपरीत सपरसननो वयदो बवत शरी वकटशवय दव परसादॊ लशयसा गहणालभ

तीथवभ

अकार भतमहयणॊ सविवमाचध रनवायणभ सवि ऩाऩमकयॊ दव ऩादोदकॊ ऩावनॊ शबॊ

नवदमभ

ॐ बबिवससव ॐ ततसषवतवियणमभ बगो दवसम धीभहह चधमो मो न परचोदमात सतमॊ तवतन ऩरयषषॊचालभ अभतभसत अभतोऩसतयणभलस ॐ पराणाम सवा ॐ अऩानाम सवा ॐ वमानाम सवा ॐ उदानाम सवाह ॐ सभानाम सवा ॐ बरहभण सवा

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - भहानवदमभ सभऩिमालभ

अभताषऩधानभलस उततयाऩोशनभ सभऩिमालभ हसतौ परारमालभ ऩादौ परारमालभ शदध आचभनीमॊ सभऩिमालभ

तामफरॊ सभऩिमालभ सवणिभनतरऩषऩॊ सभऩिमालभ परदकषण नभसकायन सभऩिमालभ

अनमाधमानावाहनाहद षोडषोऩचाय ऩजमा बगवान सवाितभक शरी रकषभी ऩदमावती सभत वकटशवय सवाभी सपरीत सपरसननो वयदो बवत शरी रकषभी ऩदमावती सभत वकटशवय सवाभी परसादॊ लशयसा गहणालभ

उदवासनभ मऻन मऻभमजनत दवासतारन धभािरण परथभानमासन

तहनाकॊ भहहभानससचनत मतर ऩव साधमा ससनत दवा

गचछ गचछ सयशरषठ सवसथान शरी वकटशवय बकताबीषट सभधमथिभ ऩनयागभनाम च

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरी वकटशवय सवाभी मथासथानॊ उदवासमालभ

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परथभ अधमाम

शरी बगवान उवाच

कलरमग भ एक हदन शब भहति भ रतरभरा ऩहाड ऩय (सजस धयती का वकॊ ठ कहा जाता ह ) ldquoषवशवऩरत नाभक एक बकत ऩय शरी फाराजी की कऩा हई शरी षवषण क अवताय शरी फाराजी (वकटशवय) जो महाॉ शरीरनवास क रऩ भ ऩज जात ह उनहोन षवशवऩरत को ldquoशरी फाराजी वरत कथाrdquo नाभ स परलसधद इस गरॊथ की यचना कयन की आऻा दी औय कहा- ldquoह भय षपरम बकत षवशवऩरत भय षपरम होन क कायण इस वरत को षवसताय रऩ स तमह फाता हॉ सनो म

वरत भझ अरत षपरम ह आसान होन क कायण इस सबी रोग सॊऩनन कय सकत ह

कलरमग भ भानव अऩन ऩाऩ कभो का पर बोगता ह अनक कषट सहत हए जीवन रनवािह कयता ह कछ बकत

अऩन दख भझ फताकय उनह दय कयन क लरम कहत ह फहत स ऩस खचि कय वो भझ दखन क लरम रतरभरा की मातरा कयत ह भय बकतो स भझ परभ ह व भझऩय अऩना ऩया बाय डार दत ह भ उनह धभि क भागिऩय चराता हॉ

अबी भ जो मह वरत कथा तमह फतान जा यहा हॉ वो ldquoशरी फाराजी की कथाrdquo क नाभ स परलसदध होगा म भया वरत भझ अरतषपरम ह जो वमसकत इस बसकत औय रनषठा स कयगा वह तयॊत ऩाय ऩामगा कोई बी वमसकत कबी बी इस वरत को सॊऩनन कय सकता ह भखम रऩ स भागिशीषि भाघ कारत िक भहहनो भ ऩणिभासी ऩॊचभी सपतभी एकादशी रतचथमो ऩय मा शरवण सवारत नतरो ऩय इस कयना शरषठ होता ह

इस घोय कलरमग भ भय बकत जो कषट सह यह ह उनह भ जानता हॉ तमह जफ बी कोई कषट हो कोई सभसमा हो सवासम ठीक ना हो नौकयी वमाऩाय भ सभसमाएॉ हो भन अशाॊत हो तो इस वरत को सॊऩनन कयना चाहहम इसस

साय कषट दय हो जात ह घय भ शब कामि होन ऩय इस वरत को सॊऩनन कयन स बफना ककसी सभसमा क कामि ऩणि हो जाता ह इस वरत को सॊऩनन कयत ही सबी सख परापत होत ह औय अषट ऐशवमो की परासपत होती ह

सफय मा शाभ इस वरत को सॊऩनन कय सकत ह इस वरत भ ऩाॉच अधमाम ह इनका ऩठन बसकत क साथ कयना चाहहम अऩन घय भ मा रनवास सथान ऩय भॊहदय भ मा ककसी बी ऩषवतर सथान भ नदी तट ऩय सॊऩनन कय सकत ह

महद सॊबव हो तो अऩन फॊध लभतरो क साथ इस सॊऩनन कयन स जमादा शरषठ होता ह जो इस सॊऩनन कयत ह मा जो इस सनत ह वरत सॊऩणि होन क फाद परसाद को बसकत स सवीकाय कयत ह वो अषट ऐशवमो को परापत कयत ह इसस

ऩहर बी भय बकतो न कई भरनमो न इस वरत को सॊऩनन ककमा औय भया आशीवािद ऩामा बरोक भ यहनवार सबी को मह वरत आनॊद परदान कयगा औय शब पर बी परापत होगा शाॊत चचतत स भझ माद कयत हए इस वरत का ऩारन

कयो

सवि परथभ जहाॉ वरत कयना चाहत हो उस सथर को साप कयो भॊडऩ की वमवसथा कय भयी तसवीय सजसभ भयी षपरम

सरखमाॉ शरी दवी बदवी ह उस तसवीय को इस भॊडऩ ऩय सथाषऩत कयो भॊडऩ को दीवाय स रगाकय बी यख सकत हो अनम ककसी इचछक दवता की तसवीय बी सख सकत हो नवगरहो औय अषट हदकऩारको को मा तो भन भ नभसकाय

कयो मा उनका आवहान बी कय सकत हो

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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सफस ऩहर हलदी स फनी गणश की ऩजा कयनी चाहहम उसक फाद उस वरत क ऩाॉचो अधमामो का रनषठा स ऩठन

कयना चाहहम मही परथभ अधमाम ह अनम चाय अधमाम भय अतमॊत षपरम ऩातर षवशवालभतर वलशषठ बयदवाज अबतर

भरनशवयो क परवचना रऩ भ ह ऩाॉच अधमामोको ऩढन क फाद भय षपरम शरोक बी ऩढ सकत हो हय अधमाम क अॊत

भ गोषव ॊद गोषव ॊद गोषव ॊद तीन फाय सभयण कयना चाहहम

आभ रोगो क कषटो को भ जानता हॉ इसी लरम भयी एक फात सनो महद ककसी कायण इस वरत को षवसताय रऩ स

सॊऩनन कयन भ कोई सभसमा आ यही हो तो भय तसवीय को साभन यख कय ऩहर गणश जी की कपय नवगरह दवताओॊ औय अषटहदकऩारको को सभयण कय ऩाॉच कहरनमाॉ ऩढकय अऩन भन भ जो इचछा ह उस भझ फताओ भ उस

परसाद क रऩ भ परदान करॉगा इस परकाय कयन स बी कामि की लसषदध होती ह तमहाय कषट दय हो जामग औय शब

पर परापत होगा

जो वमसकत इस वरत को बसकत स सॊऩनन कयगा भ उसक घय ककसी ना ककसी रऩ भ आकय परसाद सवीकाय करॉगा भयी कऩा आऩ सबी को हभशा परापत होगी शरी फाराजी न रतमभयाज षवशवऩरत याभकषणभरत ि ldquoषवशवऩरतrdquo को इस वरत कथा को षवसताय स फतामा कलरमगवासी हभ सबी इस वरत को सॊऩनन कय शरी फाराजी की कऩा क ऩातर फन सकत ह इस वरत को सॊऩनन कय हभ अऩन सबी कषट दय कय सकत ह औय उचचत पर बी परापत कय

सकत ह

गोषवॊदगोषवॊदगोषवॊद

परथभोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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दषवतीम अधमाम

शरी षवशवालभतर उवाच

भहातऩ सॊऩनन साात शरी षवशवालभतर जी न हभ ऩय कऩा की औय परवचन कयत हए कहा- ldquoह कलरमग वालसमो शरीरनवास क बकतो ldquoशरीफाराजी वरत कथाrdquo सजस आऩ सॊऩनन कय यह हो वह फहत ही ऩषवतर ह भहहभा स ऩणि ह मह वरत कलरमग भ शरी नायामण जी की करणा औय दमा परापत कयन का अतमॊत सयर साधन ह पराचीन कार भ शरी फाराजी क षपरम बकतो न इस सॊऩनन कय अऩनी काभनाओॊ को ऩणि ककमा इस वरत कथा क फाय भ हभ फताकय शरी फाराजी न हभाय पररत जो दमा हदखाई ह उसक लरए हभ उनह परणाभ कयत ह

पराचीन कार भ भगध याजम भ षवषणचचतत नाभक एक बकत यहता था उसकी नौ कनमाएॉ थी षवदवान होन ऩय बी वह अतमॊत गयीफ था षवषणचचतत की ऩतनी तायाभरत हभशा नायामणजी की पराथिना कयती यहती थी षववाहाहद शबकामि सॊऩनन कय जो बी ऩस दकषणा क रऩ भ लभरत थ उसस व भसशकर स अऩना जीवन रनवािह कय

यह थ कनमाएॉ मौवनावसथा भ ऩदाऩिण कय चकी थी तायाभरत हभशा इसी चच ॊता भ यहती थी कक इन कनमाओॊ का षववाह ककस परकाय सॊऩनन होग वह फाराजी की पराथिना कयत हए सदा अऩना सभम गजायती थी

वह तो फाराजी की बकत थी औय फाराजी अऩन बकतो स अतमाचधक परभ कयत ह उस हदन भाघ ऩरणिभा थी सवय

एक वदध बराहभण न षवषणचचतत क दयवाज ऩय दसतक दी औय कहा - ldquoह सवाभी भ फॊग दश का वासी हॉ एक मऻ

क लसरलसर भ दसय दश जा यहा हॉ यासत भ महाॉ आमा हॉ भझऩय दमा कयो औय अऩन घय भ एक हदन क लरए

यहन दो कर सवयही भ महॉ स चरा जाऊॉ गाrdquo उन की फात सनकय षवषणचचततन कहा lsquoनाथ इसस फढकय खशी औय कमा हो सकती ह अरतचथ साात नायामण जी क सभान होत ह ऐस हभाय ऩयाणो भ कहा गमा ह आऩ बफना ककसी सॊकोच क हभाय घय भ यह सकत हlsquo ऐसा कह कय उसन उस बराहभण को घय क अॊदय फरामा औय उनका सतकाय ककमा

दोऩहय भ बोजन क फाद उस वदध न तायाभरत स ऩछा ndash ldquoभाता कमा फात ह तभ कछ चच ॊरततसी रगती हो बफना ककसी सॊकोच क फात फताओrdquo तायाभरत न कहा ndash ldquoसवाभी आऩ तो भहातऩसवी ह आऩ क भख का तज उस वकॊ ठवासी क सभान ह आऩ स कमा छऩाना भयी चचॊता भयी कनमाओॊ का षववाह हrdquo उस ऩय वदध न कहा- ldquoभाता तमहाया दख भ जानता हॉ तमहाय सबी कषट दय हो औय तमहायी कनमाओॊ की शादी हो इसक लरम भ एक अदभत वरत फताता हॉ सनो इस वरत को सॊऩनन कयन स तमहाय साय कषट दय हो जामग शरी फाराजी क वरतो भ स मह सफस सयर हrdquo कहत हए उनहोन उस दॊऩरत को ऩया वरत षवधान फतामा वरत षवधान

सनकय षवषणचचतत न कहा- ldquoसवाभी मह तो अतमॊत सॊतोष की फात ह इसस फढकय सौबागम औय कमा होगा

कहत ह ना- शबसम शीिॊ आज भाघ ऩरणिभा ह फहत ही शब हदन ह आऩक कथा अनसाय हभ आज ही इस वरत

को सॊऩनन कयगrdquo षवषणचचततन ऩतनी तायाभरत औय सबी कनमाओॊ क साथ लभरकय उस हदन शाभ भ ही अऩन

फॊध-लभतरो क साथ बसकत औय रनषठा स फाराजी वरत को सॊऩनन ककमा वहाॉ उऩससथत सबी रोगो न वरत ऩया होन क

फाद चयणाभत परसाद गरहण ककमा औय अऩन-अऩन घय परसथान ककमा तफ षवषणचचतत औय तायाभरत न बराहभण

क चयणो को नभसकाय ककमा औय आशीवािद परापत ककमा बराहभणोततभ न बी चयणाभत परसाद गरहण ककमा औय

कहा- ldquoआऩकी भनोकाभना ऩयी हो शरी रकषभी शरी फाराजी की कऩा होrdquo

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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अॊधया हो चरा था औय रनिा सभम आसनन था षवषणचचतत न उस बराहभण को एक पटी चादय दत हए आॉखो भ आस लरम कहा- सवाभी भ अतमॊत दरयिी हॉ इसस अचछी चादय भय ऩास नही ह भझ भा कय आज की यात इसी ऩय षवशराभ कय बराहभण भसकयात हए फोर- कोई फात नही भ फाहय फयाभद भ सो जाता हॉ कछ सभम फाद ही सबी रनिारोक भ षवचयण कयन रग आधी यात का सभम था बफजरी की गडगडाहट क साथ फारयश शर हई चायो ओय अॊधया था कहीॊ कछ नही हदखाई

द यहा था षवषणचचतत इस चच ॊता भ था कक वदध बराहभण फाहय कस सो यह होग उस सभम कछ सझ बी नही यहा था ककसी तयह उनहोन यात गजायी सवया हआ फारयश बी थभ चकी थी ऩरत-ऩतनी मही सोच यह थ कक बराहभण की कमा दशा हई होगी ककतना सहा होगा उनहोन मही सोचत हए वो फाहय आए उनह एक अदभत दशम हदखाई हदमा वहाॉ षवपरोततभ नही थ पहट हई चादय की जगह यशभ का षऩताॊफय यखा हआ था उस षऩताॊफय ऩय शरी फाराजी क

भतॉ ndash हदखाई दी व सफ कछ सभझ गम उनकी खषी का कोई हठकाना नही यहा उनक घय आम बराहभण औय

कोई नही साात शरी नायामणजी ही थ ह फाराजी कमा बागम ह हभाया ऩय हभ उनको ऩहचान नही ऩाम हभन उनको पटी हई चादय दी मह सोचत हए उनहोन शरी फाराजी की भतॉ को हाथ भ रकय आॉखो स रगामा औय

घय क अॊदय आम ऩया घय सोन स बया हआ था जहाॉ दखो वहाॉ धन याशी ह बगवान शरी फाराजी की वरत कथा की भहहभा स ही मह सफ सॊबव हो सका ऐसा कहत हए व बगवान की सतरत कयन रग आऩन दख साात शरी फाराजी ही उस बकत क घय आम थ वरत षवधान फतामा औय चयणाभत परसाद बी गरहण

ककमा शरी फाराजी फहत ही करणाभम ह जो बी इस वरत को बसकत औय रनषठा स कयगा उसक घय सवमॊ बगवान

ककसी ना ककसी रऩ भ आमग आऩ सबी इस वरत को सॊऩनन कय बगवान की कऩा परापत कय सकत ह शरी भहषषि षवशवालभतर जी न मह दषवतीम कथा इस तयह फताई

शरी रकषभी शरीरनवास कटाॊ लसषदधयसत

गोषवॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

दषवतीमोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ततीम अधमाम

शरी वलशषठ उवाच मह अधमाम भहातऩोरनषठ वरयषठ शरीवलशषठ भरन न शरीनायामणजी की कऩा स हभ षवसताय रऩ स फतामा ह ह कलरमग वालसमो शरीफाराजी क षपरम बकतो वकणठ भ रनवास कयनवार शरीनायामणजी आज क रतरभरा भ ससथत शरीफाराजी ही ह कलरमग वालसमो क कषट दय कयन क लरम बगवान आऩक फहत सभीऩ रतरभरा ऩहाड ऩय अवतारयत हए ह शरी फाराजी को खश कयन क लरए मह वरत उततभ ह औय सयर बी ह इस वरत को जो बसकत औय रनषठा स सॊऩनन कयता ह उस सबी सख परापत हो जात ह पराचीन सभम भ अवॊती दश भ बागमनगय नाभक एक नगय था नाभ क ही अनरऩ वहाॉ अनक धनवान (वमाऩायी) यहत थ ऩय व अऩनी सॊऩसतत को दख घभॊड कयत थ औय आभ रोगो को हीन दषटी स दखत थ धन-दौरत उनकी सवासजित ह ऐसा सोचकय घभॊड कयत थ बगवान की रनतम ऩजा-ऩाठ तो उनहोन ऩहर ही छोड दी थी कभ स कभ षवशष हदनो भ बी व ना भॊहदय जात ना ऩजा कयत ना ही दीऩ जरात एक हदन सबी धनवान अऩनी-अऩनी ऩतनीमो क साथ परीरत बोज भ वमसत थ उस नगय की ऩवि हदशा भ ही शरी रकषभी नायामण जी का भॊहदय था जहाॉ दीऩ जरानवारा कोई नही था उस हदन षवशष एकादशी थी सजस एक ऩवि हदन बी भाना जाता ह ऩय उस नगय क एक बी धनवान क भन भ भॊहदय भ ऩजा कयन का षवचाय नही आमा शाभ होत-होत आकाश भ घन फादर छा गम औय भसराधाय फारयश होन रगी वमाऩारयमो क घय ऩानी स बय गम चायो ओय अॊधकाय ह अॊधकाय था सवय होन तक ऩया नगय ऩानी भ डफ गमा वमाऩारयमो क घय टट-पट गम उनका साया ऐशवमि सभापत हो गमा ऐसा उऩिव कमो भचा मह पररम कस हो गमा ककसी को कछ बी सभझ भ नही आ यहा था इतन भ उनह एक षवचचतर दशम हदखाई हदमा नगय क फाहय जो झोऩडडमाॉ थी व तो वसी की वसी थी उनको आशचमि हआ इतनी फारयश भ बी म कस सही सराभत यही व ऐसा भन ही भन सोच यह थ कक इतन भ बफजरी कडकी औय आकाशवाणी हई ldquoए भखो तमहायी सॊऩसतत तमहायी अऩनी ह सवासजित ह ऐसा सोचत थ इसी लरम ऐसा हआ ह इस झोऩडी भ यहनवारा दव भया षपरम बकत ह आभ आदभी होन ऩय बी दव रनतम तमहाय नगय भ ससथत शरी रकषभी नायामण

भॊहदय भ दीऩ जराता था इतना ही नही हय एकादशी क हदन मथा सॊबव वह शरी फाराजी वरत कथा बी सॊऩनन कयता था इसी लरम इन झोऩडीमो भ यहनवार सबी रोग सयकषत यह आऩ सबी महद वरत सॊऩनन कयग तो अऩन-अऩन

ऐशवमि को ऩन परापत कय सकत होrdquo आकाशवाणी सनत ही तयॊत व सबी रोग उस भॊहदय भ गम औय जस

सॊबव हो सका वस सबी रोगोन एक-दसय क सहमोग स शरी फाराजी की वरत कथा सॊऩनन की ऐसा कयत ही सबी को उनक घय ऩवि रऩ भ ही परापत हो गम तफ स व सबी शरीफाराजी क बकत फन गम औय हय एकादशी को शरीफाराजी का वरत सॊऩनन कयत औय सख-शाॊरत परापत कय यहन रग अॊत भ उनहोन भसकत बी परापत की

शरीवलशषठजी न इस परकाय म कथा सनाई

गोषव ॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

ततीमोधमाम सभापतॊ |

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ

शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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चतथव अधमाम

शरी बयदवाज उवाच

शरीनायामण जी को ldquoशरीफाराजी वरत कथाrdquo अतमॊत षपरम ह चतथि अधमाम क रऩ भ हभाय साभन शरी बयदवाज

भरनदवाया फतामी नमी कहानी इस परकाय ह- ldquoह कलरमगवालसमो शरी नायामण क षपरम बकतो आऩ सजस वरत को सॊऩनन कय यह ह वह अदभत ह आऩकी भनोकाभनाओॊ को ऩणि कयन का साधन ह शरी फाराजी को परसनन कयन का मह अतमॊत सयर उऩाम ह आऩ सबी ऩय कऩा कयन क लरम ही वकॊ ठवासी बगवान शरीरनवास क रऩ भ रतरभरा ऩहाड ऩय अवतरयत हए ह अनक जनभो क ऩणमपर स ही रतरभरा ऩहाड ऩय ऩय यखन का सौबागम परापत होता ह औय बगवान क दशिन बी सॊबव होत ह इसी तयह इस ldquoवरतकथाrdquo को सॊऩनन कयन का सॊकलऩ बी ऩविजनभ क

ऩणमपर स ही सॊबव होता ह जो वमसकत इस वरत को सॊऩनन कय यह ह मा जो इस कथा को सन यह ह मा जो बगवान क परसाद को गरहण कयत ह उनह बगवान की कऩा परापत होती ह औय व सौबागम बी ऩात ह

पराचीन कार भ ldquoनगयीrdquo नाभक एक गराभ भ धनगपत नाभ का वमाऩायी यहता था वह फहत ही रारची था ऐशवमि परापत कयन ऩय बी उसका रारचीऩन कभ नही हआ मह सभसत ऐशवमि उसका ही कभामा हआ ह ऐसा सोचकय वह फहत घभॊड कयता था अहॊकाय भनषम का नाश कयता ह

धनगपत की ऩतनी काॊरतभती अतमॊत बसकत बावना यखती थी औय रनषठा स बगवान की ऩजा कयती थी उनकी तीन कनमाएॉ थी तीसयी कनमा ldquoकभायीrdquo भ बसकत बावना जमादा थी वह हभशा फाराजी का नाभ ही जऩती यहती थी षऩताजी को बफना फताम वह जफ-तफ शरी फाराजी क भॊहदय भ जाती थी औय बगवान क दशिन कयती थी घय आकय षऩताजी को छोड अनम सबी क साथ परसाद सवीकाय कयती थी ऩती क ऐस वमवहाय स

काॊरतभती थोडी चच ॊरतत होती थी

एक हदन ldquoकभायीrdquo की सहरी क घय ऩय ldquoशरी फाराजीrdquo का वरत सॊऩनन हो यहा था मह जानकय वो वहाॉ गई वरत ऩया होन तक दोऩहय हो चकी थी थोडासा परसाद उसन गरहण ककमा औय थोडा वह अऩन घयवारो क लरम एक

कागज की ऩडी भ रकय चरी फीच यासत भ उस पमास रगन रगी धऩ बी फहत तज थी उसन सोचा थोडी दय रक

कय पमास फझाकय कपय चरॉ तो ठीक यहगा तबी उस माद आमा कक उसक षऩता की दकान अगरी गरी भ ही तो ह वहाॉ जाकय उसन षऩताजी को ऩजा की फात बफना फताम षऩताजी स ऩानी भाॉगकय षऩमा औय षऩताजी गससा कयग

इस डय स उसन जलदी-जलदी ऩानी षऩमा इस घफयाहट भ परसाद की ऩडी वही दकान भ बरकय चरी गई

एकाएक फाजाय भ हडकॊ ऩ भच गमा रोग हाहाकाय भचात हए इधय-उधय बागन रग आगजनी क कायण उस गरी की सायी दकान जर कय याख होन रगी वस बी दोऩहय का सभम थाउस ऩय गभि हवाएॉ चर यही थीधनगपत का शयीय डय क भाय काॉऩन रगा ldquoकछ ही सभम भ उसकी दकान बी जर कय याख हो जाएगीrdquo इस षवचाय स उस क हाथ-ऩय काॉऩन रग सबी रोग अऩनी-अऩनी दकानो स फाहय आकय इधय-उधय बागन रग ऩय

धनगपत वही खडा यह गमा दकान छोडकय जान का भन नही कय यहा था महद वो दकान भ यहगा तो जरकय

याख हो जामगासोचत हए उसन घफयाहट भ उसक हाथ रगी ऩडी को उठामा औय बफना सोच सभझ जो हाथ आमा वो भॉह भ डार हदमा उस कछ भीठा-भीठा सा ऩदाथि रगा औय भन बी शाॊत होन रगा

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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तबी एक अदभत घटना घटीआग धनगपत की दकान तक आकय रक गमी आग की रऩत वहाॉ नही आ ऩामी मह कसी षवचचतर फात हम कसी भामा ह धनगपत क भॉहस एक बी फात नही रनकर ऩामी उधय आगजनी की खफय सनत ही ऩतनी काॊरतभती अऩन कनमाओॊ क साथ फाराजी का सभयण कयत हए दौडती हई वहाॉ आ गमी आग उनक दकान तक आकय कस रक गमी मह दखकय उस आशचमि हआ तबी कभायी को दकान भ बरी हई ऩडी की माद आई धनगपत को सभझन भ दय नही रगी कक उसन जो चीज भॉह भ डारी थी वो औय कछ नही तो बगवान का परसाद ही था औय उसकी भहहभा स ही व इस दघिटना स चक गम धनगपत न शरीफाराजी स भा भाॉगी गार फजाम शाभ भ ही नगयवालसमो को फराकय ldquoशरीफाराजी की वरत कथाrdquo सॊऩनन की तफ स वह बगवान की सवा भ रीन हो गमा औय अॊत भ भो बी परापत की आऩन दखा कक कवर परसाद गरहण कयन स ही वो ककतनी फडी दघिटना स चक गमा फाराजी की भहहभा अदभत ह आऩ सबी बी मथा सॊबव वरत को सॊऩनन कय क बगवान की कऩा परापत कय सकत हldquo

शरीबयदवाजजी न इस परकाय मह चतथि कथा सनामी

गोषवॊदगोषवॊदगोषवॊद

चतथोधमाम सभापतॊ |

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ऩॊचभ अधमाम

शरी अतरतर उवाच

रतरभरा-रतरऩती बरोक का वकणठ धाभ ह ऩयाणो भ फतामा गमा ह कक रतरभरा क सभान ऩषवतर सथर औय शरी फाराजी जस दवता न तो ऩहर कबी हए ह औय न कबी होग शरीरनवास क रऩ भ अवतरयत शरी नायामण अऩन

बकतो स फहत परभ कयत ह जो उन ऩय अऩना ऩया बाय डारकय उनह रनतम सभयण कयत ह जो सदाचाय स ऩणि जीवन बफतात ह वो उनकी या कयत ह ऐस शरीफाराजी को परसनन कयन का सफस सयर उऩाम ह ndash ldquoशरीफाराजी की वरत कथाrdquo

इस अदभत वरत कथा क फाय भ भहातऩसॊऩनन शरी अबतर भहषषि न कऩा कयत हए कहा ह- ldquo ह फाराजी क षपरम

बकतो कलरमग भ आऩक सौबागम क फाय भ कमा कहना कतमग तरतामग औय दवाऩायमग भ अतमॊत कठोय तऩ-

जऩ कयन ऩय बी परसनन न होन वार शरी नायामण इस मग भ कवर नाभसभयण स ही आऩ रोगो ऩय कऩा कय यह

ह षवशवास क साथ उनह फरान ऩय व तयॊत कऩा परदान कयत ह ऐस करणाभम ह शरीफाराजी ऩषवतर रतरभरा ऩय

तमहाया यखा हय कदभ अनक जनभो क ऩणमपर क सभान ह

पराचीन कार भ ldquoकौभायrdquo दश भ ldquoलभतरrdquo नाभक धोफी यहता था वो अऩन काभ क साथ-साथ धालभिक कामि कयता हआ जीवन रनवािह कय यहा था उसकी अऩॊगता ही उसकी चच ॊता थी इसी कायण धोए हए कऩडो की ऩोटरी फनाकय घय-घय घभकय उनह रोगो तक ऩहॉचाना उस धीय धीय भसशकर रगन रगा उसका ऩरयवाय फडा था बफना भहनत ककए उस बय ऩट खान को बी नही लभरता था हभशा वो शरी फाराजी की ऩजा कयता यहता था कबी ना कबी बगवान उस ऩय कऩा कयग इसी षवशवास स वो अऩना जीवन गजाय यहा था बकतो ऩय कऩा कयन वार फाराजी सफ कछ दखत यहत ह जो वमसकत अऩन कभो स भकती ऩाता ह उनक ऩास आकय फाराजी ककसी न ककसी रऩ भ आकय उनकी या कयत ह एक हदन शाभ क सभम हभशा की तयह लभतर कऩड धोकय कऩडो की ऩोटरी राद धीय-धीय चरता हआ आ

यहा था फीच यासत भ उस एक वदध बराहभण हदखाई हदम गौयव की बावना स फड होन क कायण लभतर न अऩन कॊ ध

ऩय रदी हई ऩोटरी को नीच उतायकय वदध बराहभण को नभसकाय ककमा तफ उस षवपरोततभ न कहा- ldquoतभ अऩन इस ऩय क कायण ककतना कषट सह यह हो तमहाया दख दखा नही जाताrdquo तफ लभतर न कहा-ldquoह नाथ आऩ फजगि ह बयाऩया ऩरयवाय होन क कायण भझ इस काभ स भकती नही लभर यही ह ककसी तयह भयी म अऩॊगता दय हो ऐसा कोई उऩाम फताइएrdquo

तफ बराहभण न कहा-ldquoसनो बाई भ जरय फताऊॉ गा धमान स सनो भ एक ऐस वरत क फाय भ फताता हॉ सजस सॊऩनन कयन स तमहायी अऩॊगता दय हो जाएगी तमह अषट ऐशवमो की परासपत होगी वरत सॊऩनन कयत ही तमह हजाय अशकपि माॉ लभरगी ऩय एक शति ह उसभ स आध तभ भझ दोगकर भ कपय इसी सभम महाॉ लभरॉगाrdquo तफ लभतर न कहा- ldquoसवाभी इसस फढकय सौबागम औय कमा हो सकता ह आज ही इस

वरत क फाय भ फताइए भ उस सॊऩनन करॉ गाrdquo लभतर क उतसाह को दख वदध न शरी फाराजी वरत कथा क फाय भ फतामा

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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लभतर दगन उतसाह क साथ घय आमा ऩयी कहानी ऩतनी को फतामी औय अडोस-ऩडोस क साथ लभरकय शरी फाराजी वरत को सॊऩनन ककमा चयणाभत परसाद गरहण ककमा घय आए सबी रोगो को बी हदमा तबी घय क फाहय कछ

कोराहर सनाई हदमा लभतर का फटा फाहय स दौडता हआ आमा औय फोरा- ldquoषऩताजी षऩताजी याज-यक आऩक लरम आए ह याजा न आऩक लरम बट बी बजी हrdquo इतन भ यक बी वहाॉ आ गम उनहोन फतामा कक उसकी रनमसकत याज दयफाय भ धोफी क रऩ भ हो गमी ह याजा न हजाय अशकपि माॉ ऩयसकाय सवरऩ बजी ह ऐसा कहकय उनहोन लभतर क हाथ भ हजाय अशकपिमो की ऩोटरी यख दी एक हफत क अॊदय-अॊदय

उस आकय नौकयी भ बतॉ होन को बी कहा लभतर क आनॊद की सीभा नही थी एक हफता कमो कर ही कमो नही सोचकय उसन अऩनी ऩोटरी-वोटरी फाॉधी औय दसय हदन सवय ही वो जान को तमाय हो गमा इस जलदफाजी भ वह

उस वदध की फात बर गमा फीच यासत भ उस उसकी फात माद आ गमी ऩय ठीक हअगर भहहन लभर रता हॉ सोच

कय वह याज दयफाय भ अऩन काभ ऩय रग गमा हदनभहहन फीत बराहभण क वश भ आए बगवान को गससा आमा बगवान न सोचा भनषम की परवसतत ऐसी ही होती ह उस भझ अऩनी भहहभा फतानी होगी

दसय ही हदन याणीवास स आबषण चोयी हो गम चोयी का इलजाभ लभतर ऩय आमा लभतर को कायावास की सजा हई hellipयाज यकोन उस तयह-तयह की मातनाएॉ दी ऐसा कमो हआउस ऩय मह इलजाभ कमो रगा सोचत हए लभतर को यात को सऩन भ बगवान हदखाई हदम उनहोन फतामा कक ldquoवदध बराहभण क रऩ भ व ही आम थ वो अऩनी फात स भकय गमा इसलरम म सफ हआ हrdquo तफ लभतर न कहा-ldquoह नाथभ ऩाऩी हॉ भन फहत फडा ऩाऩ ककमा ह कऩमा भझ ऩय दमा कीसजम अफ भ हय भहहन आऩका वरत सॊऩनन करॉ गा भयी आम का आधा बाग जीवन बय आऩको सभषऩित करॉ गाrdquo गार फजाकय उसन बगवान की हय तयह स पराथिना की बकतो की ऩकाय सननवार बगवान न खशी-खशी लभतर ऩय कऩा कय दी बगवान की कऩा स याणी क आबषण दसयही हदन लभर गम याजान म बी जान लरमा कक लभतरन चोयी नही की थी लभतरको कायावास स रयहा कय हदमा गमा तफ स लभतर बगवान को हदम वचन अनसाय हय भहहन शरी फाराजी का वरत सॊऩनन कयन रगा औय अऩनी आम का आधा बाग बगवान को अषऩित कयता यहा सख ऩणि जीवन बफतात हए उसन अॊत भ भो बी परापत ककमाrdquo

शरी अबतरजी न ऐसा कहकय ऩाॉचव औय आखयी अधमाम को सभापत ककमा

गोषवॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

ऩॊचभोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

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faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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शरी वकटशवय वरत कथा शरीगणऩती धमानभ

वकरतणड भहाकाम कोहटसमिसभपरब रनषविघनभ करभ दव सविकामष सविदा शकरामफयधयभ शलशवणिभ चतबिजभ परसनन वदनभ धमामत सविषवघनोऩशाॊतम

तदव रगनभ सहदनभ तदव तायाफरभ चॊिफरभ तदव षवदमाफरभ दवफरभ तदव रीऩत तरिमगभ सभयालभ

आचभनभ

ॐ कशवाम सवाहा ॐ नायामणाम सवाहा ॐ भाधवाम सवाहा

ॐ गोषवॊदाम नभ ॐ षवषणव नभ ॐ भधसदनाम नभ ॐ बतरषवकरभाम नभ ॐ वाभनाम नभ ॐ शरीधयाम नभ

ॐ रषषकशाम नभ ॐ ऩदमानाबाम नभ ॐ दाभोदयाम नभ

ॐ सॊकषिणाम नभ ॐ वासदवाम नभ ॐ परदममनाम नभ ॐ अरनरधदाम नभ ॐ ऩरषोततभाम नभ ॐ अधोजाम नभ

ॐ नयलसॊहाम नभ ॐ अचमताम नभ ॐ जनादिनाम नभ ॐ उऩिाम नभ ॐ हयम नभ ॐ शरीकषणाम नभ

बतोचचाटनभ

उसततषटॊत बतषऩशाचचा एत बलभबायका ऐतशाभषवयोधन बरहभकभि सभायब

पराणामाभभ

ॐ ब ॐ बव ॐ सव ॐ भह ॐ जन ॐ तऩ ॐ सतमभ ॐ ततसषवतय-वयणमभ बगो दवसम धीभहह चधमो य़ो न परचोदमात ॐ आऩो-जमोरत-यसोवतभ बरहभ बबिवससवयोभ

भभ उऩातत दरयतामदवाया शरी ऩयभशवय परीतमथिभ शब शोबन भहत शरी भहाषवषणो आगनमा परवत भानसम आदमबरहभण दषवतीम ऩयाथ शवत वयाहकलऩ ववसवत भनवनतय कलरमग परथभऩाद जमफदवीऩ बयतवष बायत खनड भयो दकषण हदगबाग शरीशरसम hellip(जहाॉ ऩजा कय यह ह उस गाॉव का नाभ)परदशाम कषणा गोदावयी भधमबाग सव-शोबन गह सभसत दवता बराहभण हरयहय ससननधौ अससभन वतिभान वमवहारयक चानिभानन सवससतशरी परबवाहद नाभ सॊवतसय भधम सॊवतसय अमन ऋतौ (आज का भहहना)भासाम (शकर मा कषण)ऩाम (आज की रतथी)रतथौ (आज का हदन)वासय शबनतर शबमोग शबकयण एवॊ गण षवशषण षवलशषटामाभ

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शबरतथौ शरीभान(अऩना औय ऩरयवाय क सबी सदसमो क नाभ) गोतर (अऩना गोतर) नाभधम धभिऩतनी सभतसम असभाकभ सहकटॊफानाभ भ सथमि धमि षवजम आमय-आयोगम

ऐशवमि-अलबवधमथिभ धभािथि काभभो चतषविध ऩरषाथि पर लसदधमथिभ भभोऩातत दरयताम दवाया शरी ऩयभशवय परीतमथिभ शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरी वकटशवय दवता भडडडषम शरी वकटशवय वरतकलऩ करयषम िव सॊबवरदभ ऩदाथ सॊबवता रनमभन मावचचसकत धमाना वाहनाहद षोडषोऩचाय ऩजाभ करयषम (ऩानी को हाथ रगाम)

तदॊग करशायाधनभ करयषम (सवाभीजी की दामीॊ ओय करश यख उसभ गॊधभ ऩषऩभ कॊ कभ औय अता डार कपय आग लरख हए शरोक ऩढ) शरोकॊ करशसम भख षवषण काॊत रि सभाचशरता भर ततर ससथतो बरहभा भधम भातगणाचशरत कौत सागया सव सपतदवीऩ वसॊधया ऋगवदोत मजवद साभवदोहमथविणा अॊगशच सहहता सव करशाॊफ सभाचशरता करश गॊधऩषऩाताभ रनकषपतम हसतनचचादम आऩो वा इदभ सव षवशवबतानमाऩ पराणवा आऩा ऩशव आऩोननाभाऩोभता भाऩा समरादऩो षवयाडाऩा सवयाडाऩशचॊडाभ समाऩो जमोरतभ शमाऩो मजोभशमाऩ ससतमाभाऩ सवाि दवता आऩोबबिवसव याऩ ॐ (करश भ ऩानी बय औय उसभ तरसी क ऩतत डार) शरोकॊ गॊग च मभन च कषण गोदावयी सयसवरत नभिद लसॊध कावमो जरससभन ससननचधभ कर कावयी तॊगबिा च कषणवणी च गौतभी करशोदकन दवातभानभ ऩजािवमारन च समपरोकषमा (करश भ एक पर डफोकय उसस सवाभीजी ऩय ऩजा की साभगरी ऩय औय आऩ ऩय ऩानी रछडक )

शरी गणऩती पराथवना शकराॊफयधयभ षवषणभ शलशवणिभ चतबिजभ परसननवदनभ धमामत सविषवघनोऩशाॊतमत

आदौ रनषविघनन वरत ऩरयसभापतभ गणऩती ऩजाभ करयषम

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अथ गणऩती ऩजा ॐ गणानाभ तवागणऩतीभ हवाभह कषवॊ कवीनाभऩा भसशरवसतवभ जमषठयाजभ बरहभणाभ बरहभणसऩत आनशशरणमनततलब सीदसाधनभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ धमामालभ धमानभ सभऩिमालभ

आवाहमालभ यतनलसॊहासनभ सभऩवमालभ ऩादमौ ऩादमभ सभऩवमालभ

हसतौ अरघमवभ सभऩवमालभ भख आचभनीमभ सभऩवमालभ

आऩोहहषटाॊमोबवसतान ऊजधदातन भहयणाम चस मो वत लशवत भोयससतसम बाजमतहन उषतीरयना भातय तसभायभ गभाभवो मसमामाम जजॊधव आऩोजनमाधाचन

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash शदधोदक सनानॊ सभऩिमालभ

सनानाॊतयभ शदध आचभनभ सभऩिमालभ

अलबवसतरात वसनानमाय शलबदनतस दघा ऩजभान अलबचॊदरा बताव व नो हहयणमाभमशवनयततनोदव सोभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash वसतरमगभभ सभऩिमालभ

मऻोऩवीतभ ऩयभॊ ऩषवतरभ परजाऩत मत सहजभ ऩयसतात आमषमॊगरमभ परततभचच शभरॊ मऻोऩवीतभ फरभसत तज

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash मऻोऩवीतभ सभऩिमालभ

गॊधदवायाभ दयाधषावभ तनतमऩषटान करयषषणीभ

ईशवयीभ सववबतानाभ ता लभहोऩवहम शरशरमभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash हदवम शरी चॊदनॊ सभऩिमालभ

आमन त ऩयामण दवाव योहॊत ऩजषऩणी हदाशच ऩॊडयीकाणण सभदरसम गहा इभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash दवािहद नानाषवध ऩषऩारण सभऩिमालभ

अथ शरी षोडषनाभ ऩजा ॐ सभखाम नभ

ॐ एकदॊताम नभ

ॐ कषऩराम नभ

ॐ गजकरणिकाम नभ

ॐ रमफोदयाम नभ

ॐ षवकटाम नभ

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ॐ षवघनयाजम नभ

ॐ गजाचधऩतम नभ

ॐ धभकतव नभ

ॐ गणाचधाम नभ

ॐ पारचॊिाम नभ

ॐ गजाननाम नभ

ॐ वकरतॊडाम नभ

ॐ शऩिकणिकाम नभ

ॐ हयमफाम नभ

ॐ सकॊ दऩविजाम नभ ॐ सवािलससधद परदामकाम नभ ॐ भहागणाचधऩतम नभ

नानाषवध ऩरयभर ऩषऩारण सभऩिमालभ

वनसऩतमबवव हदव नाना गॊध स सममतभ आघरम सववदवानाभ धऩोमभ परततगहमताभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash धऩभािाऩमालभ

साजमभ बतरवतॉ सॊमकताभ वसहनना मोसजतभ षपरमभ

गहाणा भॊगरभ दीऩभ तररोकमरतलभयावहभ

बकतमादीऩभ परमचछालभ दवाम ऩयभातभन

तराहहभाभ नयकादघोयाद हदवमजमोरत नभोसतत

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash दीऩभ सभऩिमालभ

धऩ दीऩाॊतयभ आचभनीमभ सभऩिमालभ

नवदमभ

(गड का छोटा टकडा थारी भ यख कय उसक सबोवतार ऩानी रछडक) ॐ बबव सव ॐ ततसषवतयवयणमभ बगो दवसम धीभही चधमोमोन परचोदमात सतमभ तवतन ऩरयषषॊचालभ (यात भ ldquoऋतॊ तवा सतमन ऩरयषषॊचालभrdquo ऐस कह)

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash नवदमभ सभऩिमालभ

अभतभसत अभतोवतसयणभलस

ॐ पराणाम सवाहा ॐ आऩानाम सवाहा ॐ वमानाम सवाहा ॐ उदानाम सवाहा

ॐ सभानाम सवाहा भधम भधम ऩानीमभ सभऩवमालभ

अभताषऩधानभलस उततयाऩोषणभ सभऩवमालभ

हसतौ परारमालभ शदधाचभनीमभ सभऩवमालभ

ऩगीपर सकयऩय नागवलरीदरीयमतभ

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भकताचणव सभामकतभ ताॊफरभ परततगहमताभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash ताॊफरभ सभऩिमालभ

ॐ गणानाभ तवागणऩतीभ हवाभह कषवॊ कवीनाभऩा भसशरवसतवभ जमषठयाजभ बरहभणाभ बरहभणसऩत आनशशरणमनततलब सीदसाधनभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ - सवणिभॊतरऩषऩभ सभऩिमालभ

भॊतरहीनभ ककरमाहीनभ बसकतहीनभ गणाचधऩ

मतऩसजतभ भमा दव ऩरयऩण तदसतत

मऻन मऻभमजॊत दवासतारन धभािरण परथभानमासन

तहनाकभ भहहभान सचॊत मतर ऩवसाधमा सॊरत दवा

ऩनयाचभनभ

अनमा धमानावाहनाहद षोडषोऩचाय ऩजमा च बगवान सवाितभक

शरीभहा गणाचधऩरत सपरीतो वयदो बतवा उततय कभिणम षवघनभसत बवनतो

बवनत उततय कभिणम षवघनभसत गणाचधऩरत परसादभ लशयसा गरहणालभ

सहसरऩयभा दषव शतभरा शताॊकया सव हयत भ ऩाऩॊ दवािदससवपननाशनी गणऩरत मदासथानॊ उदवासमालभ

पराण परततषठा ॐ असनीत ऩनसभािस च ऩन पराणलभहनोदहह बोगॊ जमोकऩशमभ

समिभचचयनत भनभत भडमान सवससत अभतॊ वपराणा अभतभाऩ पराणानव मधासथानभऩहवमत

(सवाभीजी की भतॉ को हाथ रगाम )

शरीवकटशवय आवाहमालभ सथाऩमालभ ऩजमालभ ससथयोबव वयदोबव सपरसननोबव ससथयासनॊ कर

धमानभ

शानताकायॊ बजगशमनॊ ऩदमनाबभ सयशभ षवशवकायभ गगन सदशॊ भघवण शबाॊगॊ

रकषभीकानतॊ कभरनमनॊ मोचगहरधमान गममॊ वनद षवषणॊ बवबमहयॊ सविरोककनाथॊ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - धमामालभ धमानभ सभऩिमालभ

आवाहनभ

आवाहमालभ दवश लसदधगनधवि सषवत मिसमलभदॊ ऩणमॊ सविऩाऩहयोहय

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवनकटशवय सवालभन नभ - आवाहमालभ

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(सवाभीजी क भतॉ ऩय पर ऩतत चढाम) आसनभ

दव दव जगननाथ परणत करशनाशन यतनलसॊहासनॊ हदवमॊ गहाण भधसदन

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवनकटशवय सवालभन नभ - यतनलसॊहासनॊ सभऩिमालभ

(सवाभीजी क भतॉ ऩय पर ऩतत चढाम) ऩादमॊ

वासनचतॊ करभदव दषकतॊ च षवनाशम ऩादमॊ गहाण बगवान भातरतसॊग सॊससथत

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - ऩादमो ऩादमॊ सभऩिमालभ

(एक चमभच ऩानी थारी भ डार)

अरघम

करषवभ दमाॊ दव सॊसायारत ि बमाऩह दचधीय परोऩतभ गहाणाघम नभोसतत

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हसतमोयघम सभऩिमालभ

(एक चमभच ऩानी थारी भ डार)

आचभनॊ नभ सतमाम शदधाम रनतमाम ऻानरषऩण गहाणाचभनॊ दव सविरोककनामक

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - भख आचभनीमॊ सभऩिमालभ

(एक चमभच ऩानी थारी भ डार) ऩॊचाभतसनानॊ

ऩॊचाभतॊ भमानीतॊ ऩमोदचधघतॊ भध शकि या सहहतॊ चवदवतवॊ पररतगहमताॊ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - ऩॊचाभत सनानॊ सभऩिमालभ

(ऩॊचाभत गाम क दध दही घी भध औय चीनी लभराकय ककमा जाता ह)

सनानॊ सवणिऩातरोदकॊ गॊगा मभनाहद सभसनवतॊ शदधोदकॊ गहाणश सनानॊ कर मथाषवचध

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - शदधोदकसनानॊ सभऩिमालभ

(एक चमभच ऩानी थारी भ डार) वसतरॊ

तपतकाॊचन सनकाशॊ ऩीतमफय लभदॊ हय सगहाण जगननाथ शरीरनवास नभोसतत

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - वसतरमगभॊ सभऩिमालभ

मऻोऩवीतॊ मऻोऩवीतॊ ऩयभॊ ऩषवतरॊ परजऩतमितसहजॊ ऩयसतात

आमषमभागरमाभ पररतभचचशभरॊ मऻोऩवीतॊ फरभसत तज

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शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - मऻोऩवीतॊ सभऩिमालभ

गनधॊ चनदनागर कसतरय घनसाय सभसनवतॊ गनधॊ गहाण गोषवनद नानागॊधसचधायम

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हदवमऩरयभर गॊधाॊ सभऩिमालभ

(सवाभीजी क भतॉ को चॊदन रगाम) अताॊ

गोषवनदा ऩयभाननद हरयिा सहहततान षवशवशवय षवशारा गहाण ऩयभशवय

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - अतान सभऩिमालभ

(सवाभीजी क भतॉ ऩय अता डार चावर को हलदी कॊ कभ रगाक अता फनात ह) ऩषऩॊ

सगॊधारन सऩषऩारण जाजीकनदभखारन च भाररत वकरादषव ऩजाथ पररतगहमताॊ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - ऩषऩॊ सभऩिमालभ

अथाॊग ऩजा ॐ शरी वकटशवयाम नभ - ऩादौ ऩजमालभ

ॐ शरी वकटचरचधशाम नभ - गलफ़ौ ऩजमालभ

ॐ शरी परदामकाम नभ - जाननी ऩजमालभ

ॐ ऩदमावती ऩतम नभ - जॊघ ऩजमालभ

ॐ ऻानपरदाम नभ - ऊर ऩजमालभ

ॐ शरीरनवसाम नभ - कहटॊ ऩजमालभ

ॐ भहाबागाम नभ - नालबॊ ऩजमालभ

ॐ रनभिराम नभ - उदयॊ ऩजमालभ

ॐ षवशाररदमाम नभ - रदमभ ऩजमालभ

ॐ ऩरयशदधातभन नभ - सतनौ ऩजमालभ

ॐ ऩरषोततभाम नभ - बजौ ऩजमालभ

ॐ सवणिहसताम नभ - हसतौ ऩजमालभ

ॐ वयपरदाम नभ - कॊ ठॊ ऩजमालभ

ॐ रोकनाथाम नभ - सकनधौ ऩजमालभ

ॐ यसऻाम नभ - नालसकाॊ ऩजमालभ

ॐ ऩणमशरवन कीतिनाम नभ - शरोतर ऩजमालभ

ॐ ऩलरामफज षवरोचनाम नभ - नतर ऩजमालभ

ॐ वचिससवन नभ - रराटॊ ऩजमालभ

ॐ यमम षवगरहाम नभ - सवािणमनगारन ऩजमालभ

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ॐ शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हदवमसनदय षवगरहॊ ऩजमालभ

शरी वकटशवय अषटोततय शतनाभावलर

ॐ वकटशाम नभ

ॐ शरीरनवासाम नभ

ॐ रकषभीऩतम नभ ॐ अनाभमाम नभ ॐ अभताॊशाम नभ ॐ जगदवॊदवाम नभ ॐ गोषवनदाम नभ ॐ शाशवताम नभ ॐ परबव नभ ॐ शषाहि-रनरमाम नभ ॐ दवाम नभ ॐ कशवाम नभ ॐ भधसदनाम नभ ॐ अभताम नभ ॐ भाधवाम नभ ॐ कषणाम नभ ॐ शरीहयम नभ ॐ ऻान-ऩॊजयाम नभ ॐ शरी वतस-वस नभ ॐ सवशाम नभ ॐ गोऩाराम नभ ॐ ऩरषोततभाम नभ ॐ गोऩशवयाम नभ ॐ ऩयभ-जमोरतषम नभ ॐ वकनठऩतम नभ ॐ अवममाम नभ ॐ सधातनव नभ ॐ मादवनिाम नभ ॐ रनतम-मौवनरऩवत नभ ॐ चतवदातभकाम नभ ॐ षवषणव नभ

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ॐ अचमताम नभ ॐ ऩरदमनी-षपरमाम नभ ॐ धयाऩतम नभ ॐ सयऩतम नभ ॐ रनभिराम नभ ॐ दवऩसजताम नभ ॐ चतबिजाम नभ ॐ चकरधयाम नभ ॐ बतरधामन नभ ॐ बतरगणाशरमाम नभ ॐ रनषविकलऩाम नभ ॐ रनषकरनकाम नभ ॐ रनयाॊतकाम नभ ॐ रनयनजनाम नभ ॐ रनयाबासाम नभ ॐ रनतमतपताम नभ ॐ रनगिणाम नभ ॐ रनरऩिवाम नभ ॐ गदाधयाम नभ ॐ शायॊगऩाणम नभ ॐ ननदककन नभ ॐ शनखधायकाम नभ ॐ अनकभतिम नभ ॐ अवमकताम नभ ॐ कहटहसताम नभ ॐ वयपरदाम नभ ॐ अनकातभन नभ ॐ दीनफानधव नभ ॐ आतिरोक बमपरदाम नभ ॐ आकाशयाज-वयदाम नभ ॐ मोचग-रतऩदमभसनदयाम नभ ॐ दाभोदयाम नभ ॐ जगतऩाराम नभ

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ॐ ऩाऩघनाम नभ ॐ बकतवतसराम नभ ॐ बतरषवकरभाम नभ ॐ लशॊशभायाम नभ ॐ जटाभकट-शोलबताम नभ ॐ शनख-भदमोर-सनभॊजराम-ककसनकणमाडम-कयनडकाम नभ ॐ नीरभघ-शमाभ-तनव नभ ॐ बफलव-ऩतराचिन षपरमाम नभ ॐ जगदवमाषऩन नभ ॐ जगत-कत नभ ॐ जगत-साकषण नभ ॐ जगतऩतम नभ ॐ चचसनतताथि-परदाम नभ ॐ सजषणव नभ ॐ दाशावािम नभ ॐ दश-रऩवत नभ ॐ दवकक-ननदनाम नभ ॐ शौयम नभ ॐ हमगरीवाम नभ ॐ जनादिनाम नभ ॐ कनमा-शरवणतायजमाम नभ ॐ ऩीतामफयधयाम नभ ॐ अनघाम नभ ॐ वनभालरन नभ ॐ ऩदमनाबाम नभ ॐ भगमासकत-भानसाम नभ ॐ अशवरढाम नभ ॐ खडगधारयण नभ ॐ धनाजिन-सभतसकाम नभ ॐ गानसायर-सनभधम-कसतरय-रतरकोजवराम नभ ॐ ससतचदाननदरऩाम नभ ॐ जगनभनगरदामकाम नभ ॐ मऻरऩाम नभ

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ॐ मऻबोकत नभ ॐ चचनभमाम नभ ॐ ऩयभशवयाम नभ ॐ ऩयभाथि-परदाम नभ ॐ शानताम नभ ॐ शरीभत नभ ॐ दोदिनड-षवकरभाम नभ ॐ ऩयातऩयाम नभ ॐ ऩयबरहभण नभ ॐ शरीषवबव नभ ॐ जगदीशवयाम नभ

इतत शरी वकटशवय अषटोततय शतनाभावलर

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शरी भहारकषभी अषटोततय शतनाभावलर

ॐ परकतम नभ ॐ षवकतम नभ ॐ षवदमाम नभ ॐ सविबतहहतपरदाम नभ ॐ शरदधम नभ ॐ षवबतम नभ ॐ सयभम नभ ॐ ऩयभासतभकाम नभ ॐ वाचम नभ ॐ ऩदमारमाम नभ ॐ ऩदमाम नभ ॐ शचम नभ ॐ सवाहाम नभ ॐ सवधाम नभ ॐ सधाम नभ ॐ धनमाम नभ ॐ हहयणमम नभ ॐ रकषमम नभ ॐ रनतमऩषटाम नभ ॐ षवबावम नभ ॐ आहदतम नभ ॐ हदतम नभ ॐ दीपताम नभ ॐ वसधाम नभ ॐ वसधारयणम नभ ॐ कभराम नभ ॐ कानताम नभ ॐ काभाकषम नभ ॐ कभर समबवाम नभ ॐ अनगरहपरदाम नभ ॐ फदधम नभ ॐ अनघाम नभ

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ॐ हरयवलरबाम नभ ॐ अशोकाम नभ ॐ अभताम नभ ॐ दीऩाम नभ ॐ रोकशोक षवनालशनम नभ ॐ धभिरनरमाम नभ ॐ करणाम नभ ॐ रोकभातर नभ ॐ ऩदमषपरमाम नभ ॐ ऩदमहसताम नभ ॐ ऩदमाकषम नभ ॐ ऩदमसनदम नभ ॐ ऩदमोदभवाम नभ ॐ ऩदमभखम नभ ॐ ऩदमनाब षपरमाम नभ ॐ यभाम नभ ॐ ऩदमभाराधयाम नभ ॐ दवम नभ ॐ ऩरदमनम नभ ॐ ऩदमगसनधनम नभ ॐ ऩणमगनधाम नभ ॐ सपरसननाम नभ ॐ परसादालबभखम नभ ॐ परबाम नभ ॐ चनिवदनाम नभ ॐ चनिाम नभ ॐ चनिसहोदम नभ ॐ चतबिजाम नभ ॐ चनिरऩाम नभ ॐ इसनदयाम नभ ॐ इनद शीतराम नभ ॐ आहराद जननम नभ ॐ ऩषम नभ

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ॐ लशवाम नभ ॐ लशवकतम नभ ॐ सतमाम नभ ॐ षवभराम नभ ॐ षवशवजननम नभ ॐ तषम नभ ॐ दारयदरमनालशनम नभ ॐ परीरत ऩषकरयणम नभ ॐ शानताम नभ ॐ शकरभालमामफयाम नभ ॐ बासकम नभ ॐ बफलव रनरमाम नभ ॐ वयायोहाम नभ ॐ मशससवनम नभ ॐ वसनधयाम नभ ॐ उदायॊगम नभ ॐ हरयणम नभ ॐ हभभालरनम नभ ॐ धन धानमकतम नभ ॐ लसदधम नभ ॐ सतरणम सौममाम नभ ॐ शबपरदाम नभ ॐ नऩवशभ गताननदाम नभ ॐ वयरकषमम नभ ॐ वसपरदाम नभ ॐ शबाम नभ ॐ हहयणम पराकायाम नभ ॐ सभि तनमाम नभ ॐ जमाम नभ ॐ भॊगराम नभ ॐ षवषणव सथरससथताम नभ ॐ षवषणऩतनम नभ ॐ परसननाकषम नभ

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ॐ नायामण सभाचशरताम नभ ॐ दारयदरम धवॊलसनम नभ ॐ दवरकषभ नभ ॐ सवोऩिव रनवारयणम नभ ॐ नवदगािम नभ ॐ भहाकालम नभ ॐ बरहभा-षवषण-लशवासतभकाम नभ ॐ बतरकारऻानसमऩननाम नभ ॐ बवनशवम नभ ॐ भहारकषभी अषटोततय शत नभ

इरत शरी रकषभी अषटोततय शतनाभावलर

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शरी ऩदमावती अषटोततय शतनाभावलर

ॐ ऩदमावततम नभ ॐ दवम नभ ॐ ऩदमोदभवाम नभ ॐ करणापरदारमनम नभ ॐ सरदमाम नभ ॐ तजसवरषऩणम नभ ॐ कभरभखम नभ ॐ ऩदमधयाम नभ ॐ शरीम नभ ॐ ऩदमनतरम नभ ॐ ऩदमकयाम नभ ॐ सगणाम नभ ॐ कभकभषपरमाम नभ ॐ हभवणािम नभ ॐ चनिवसनदताम नभ ॐ धगधगपरकाश शयीय-धारयणम नभ ॐ षवषणषपरमाम नभ ॐ रनतमकलमाणम नभ ॐ कोहटसमिपरकालशणम नभ ॐ भहासौनदमिरषऩणम नभ ॐ बकतवतसराम नभ ॐ बरहभानडवालसनम नभ ॐ सविवानचापरदारमनम नभ ॐ धभिसनकलऩाम नभ ॐ दाकषणमकटाकषणम नभ ॐ बसकतपरदारमनम नभ ॐ गणतरमाषववसजिताम नभ ॐ कराषोडशसॊमताम नभ ॐ सविरोकानानजननम नभ ॐ भसकतदारमनम नभ ॐ दमाभतामाम नभ ॐ परऻाम नभ

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ॐ भहाधभािम नभ ॐ धभिरषऩणम नभ ॐ अरनकाय षपरमाम नभ ॐ सविदारयदरमधवॊलसनम नभ ॐ शरीवकटशवसथरससथताम नभ ॐ रोकशोकषवनालशनम नभ ॐ वषणवम नभ ॐ रतरचानरऩयवालसनम नभ ॐ वदवदमषवशायदाम नभ ॐ षवषणऩादसषवताम नभ ॐ यतनपरकाशककयीटधारयणम नभ ॐ जगनभोहहनम नभ ॐ शसकतसवरषऩणम नभ ॐ परसननोदमाम नभ ॐ इनिाहददवत मककननय ककमऩरष ऩसजताम नभ ॐ सविरोकरनवालसनम नभ ॐ बजमाम नभ ॐ ऐशवमिपरदारमनम नभ ॐ शानताम नभ ॐ उननतसथानससथताम नभ ॐ भनदायकालभनम नभ ॐ कभराकयाम नभ ॐ वदानतऻानरषऩणम नभ ॐ सविसमऩसततरषऩणम नभ ॐ कोहटसमिसभपरबाम नभ ॐ ऩजापरदारमनम नभ ॐ कभरासनाहद सविदवताम नभ ॐ वकनठवालसनम नभ ॐ अबमदारमनम नभ ॐ िाापरऩामसषपरमाम नभ ॐ नतमगीतषपरमाम नभ ॐ ीयसागयोदभवाम नभ ॐ आकाशयाज ऩबतरकाम नभ

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ॐ सवणिहसतधारयणम नभ ॐ काभरषऩणम नभ ॐ करणाकटाधारयणम नभ ॐ अभतासजाम नभ ॐ बरोकसवगिसखदारमनम नभ ॐ अषटहदकऩारकाचधऩतम नभ ॐ भनभधदऩि सॊहारयणम नभ ॐ कभराथिबागाम नभ ॐ सवलऩऩयाध-भहाऩयाध-भाम नभ ॐ शतकोहटतीथिवालसताम नभ ॐ नायदाहद भरनशरषठ ऩसजताम नभ ॐ आहदशनकयऩसजताम नभ ॐ परीरतदारमनम नभ ॐ सौबागमपरदारमनम नभ ॐ भहाकीतॉ परदारमनम नभ ॐ कषणारतषपरमाम नभ ॐ गनधवि शाऩषवभोचकाम नभ ॐ कषणऩतनम नभ ॐ बतररोकऩसजताम नभ ॐ जगनभोहहनम नभ ॐ सरबाम नभ ॐ सशीराम नभ ॐ अॊजनासतानगरहपरदारमनम नभ ॐ बकतमातभरनवालसनम नभ ॐ सॊधमावसनदनम नभ ॐ सविरोकभातर नभ ॐ अलबभतदारमनम नभ ॐ रलरतावधतम नभ ॐ सभसतशासतर षवशायदाम नभ ॐ सवणािबयणधारयणम नभ ॐ इहऩयरोक सखपरदारमनम नभ ॐ कयवीयरनवालसनम नभ ॐ नागरोकभरणसह आकाशलसनध कभरशवय ऩरयतयधगभनाम नभ

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ॐ शरी शरीरनवासषपरमाम नभ ॐ चनिभनडरससथताम नभ ॐ अलरवर भनगाम नभ ॐ हदवमभनगर धारयणम नभ ॐ सकलमाणऩीठससथताम नभ ॐ काभकवनऩषऩषपरमाम नभ ॐ कोहट भनभधरषऩणम नभ ॐ बानभनडररषऩणम नभ ॐ ऩदमऩादाम नभ ॐ यभाम नभ ॐ सविरोकसबानतय धारयणम नभ ॐ सविभानसवालसनम नभ ॐ सवािम नभ ॐ षवशवरऩाम नभ ॐ हदवमऻानाम नभ ॐ सवभनगररषऩणम नभ ॐ सवािनगरहपरदारमनम नभ ॐ ॐकायसवरषऩणम नभ ॐ बरहभऻानसॊबताम नभ ॐ शरी ऩदमावतम नभ ॐ सदमोवदवतम नभ ॐ शरीभहारकषमम नभ

इरत शरी ऩदमावती अषटोततय शतनाभावलर

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धऩभ दशाॊगभ गगगरोऩतॊ गोघतन सभसनवतभ धऩॊ गहाण दवश सविरोक नभसकाया

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - धऩभािाऩमालभ

(सवाभीजी क भतॉ की अगयफतती औय धऩ स आयती कय)

दीऩभ

बतररोकश भहादव सविऻान परदामक दीऩॊ दासमालभ दवश यभाभ बकतवतसर

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - दीऩॊ दशिमालभ

(सवाभीजी क भतॉ की दीऩ स आयती कय )

नवदमभ

सविबशच बोजजशच यस षडलब सभसनवतॊ नवदमनत भमानीतभ गहाण ऩरषोततभ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - नवदमॊ सभऩिमालभ

(सवाभीजी को परसाद चढाम अगय करा ह तो ldquoकदरीपर रनवदमालभrdquo नारयमर ह तो ldquoनारयकर परॊ रनवदमालभrdquo ऐस कह अगय गड ह तो ldquoगडोऩहाय नवदमभ सभऩिमालभrdquo कह)

ॐ पराणाम सवाहा ॐ आऩानाम सवाहा ॐ वमानाम सवाहा ॐ उदनाम सवाहा ॐ सभानाम सवाहा ॐ ऩयबरहभण सवाहा ॐ बबिव सव ततसषवतय-वयणमभ बगो दवसम धीभहह चधमो मो न परचोदमात ॐ आऩो जमोरतयसोभतॊ बरहभ बबिव सवयोभ भधम भधम ऩानीमभ सभऩिमालभ

अभताषऩधानभलस उततयाऩोशनभ सभऩिमालभ हसतौ परारमालभ ऩादौ परारमालभ ऩनयाचभनीमभ सभऩिमालभ

तामफरभ ऩगीपर सकऩिय नागवलरीदरमितॊ भकताचणि सभामकतॊ तामफरॊ पररतगहमताॊ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - तामफरभ सभऩिमालभ

नीयाजनभ चशरम कानताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरीवकटरनवासाम शरीरनवासाम भनगरभ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ नीयाजनभ दशिमालभ

ऩनयाचभनीमभ सभऩिमालभ

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भॊतरऩषऩभ

ॐ सहसतरशीषिभ दवॊ षवशवाॊ षवशवशॊबवॊ षवशवॊ नायामणनदवभ अयॊ ऩयभॊ ऩदॊ १

षवशवत ऩयभासननतमॊ षवशवॊ नायामणॊ हरयॊ षवशवभवदॊ ऩरषसतदषवशवॊ उऩजीवरत २

ऩरतॊ षवशवसमातभशवयॊ शाशवतॊ लशवभचमतॊ नायामणॊ भहाऻमॊ षवशवतभानॊ ऩयामणॊ ३

नायामण ऩयोजमोरत आतभा नायामण ऩय नायामण ऩयभ बरहभ ततवभ नायामण ऩय नायामण ऩयो धमाता धमानभ नायामण ऩय ४

मचच ककसनचत जगतसव दशमत शरमतषऩ वा अनतफिहहशचततसविभ वमापमा नायामण ससथत ५

अननतभ अवममभ कषवॊ सभिनतभ षवशवशमबवभ ऩदमकोश परतीकाशभ रदमभ चापमधोभखभ ६

अधोरनषमा षवतसतमानत नाभमाभऩरय रतषठरत जवाराभाराकरॊबारत षवशवसमामातनभ भहत ७

सनततॊ लशरालबसत रॊफतमाकोशससननबभ तसमानत सलशयभ सकषभभ तससभन सविभ पररतसषठतभ ८

तसमभधम भहान असगन षवशवायचचषविशवतो भख सोगरबसगवबजन रतषठाननाहाय भजय कषव

रतमिगधवाि भधशशामीयशभमा सतसम सनतता ९

सॊताऩमरत सवॊ दह भाऩादतरभसतक तसम भधम वसनह लशखा अणीमोधवाि वमवससथत १०

नीरथो मदभधमसता षवदमलरखव बासवया नीवायशकवततनवी ऩीताबा सवतमनऩभा ११

तसमा लशखामा भधम ऩयभातभा वमवससथत स बरहभ स लशव स हरय स इनि सोय ऩयभासवयात १२

ॐ तद बरहभ ॐ तद वाम ॐ तदातभा ॐ ततसतमभ ॐ ततसविभ ॐ ततऩयोनिभ अनतशचयरत बतष गहामाभ षवशवभरत िष तवभ मऻसतवभ वषकायसतवभ इनिसतवभ रिसतवभ

षवषणसतवभ बरहभतवभ परजाऩरत तवभ तदाऩ आऩो जमोरत यसोवतभ बरहभ बबिवससवयोभ १३

गदा ऩन शॊखयथानगकलऩक धवजायषवॊदाॊकश वजररासशचत ह शरीरनवास तवत चयणामफज दवमॊ भदीम भधािन भरज ॐ रनयॊजनाम षवदमह रनयाबासाम धीभहह तननो शरीरनवास परचोदमात शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हदवमभनतरऩषऩॊ सभऩिमालभ

परदकषण नभसकाय

शरोकॊ मारनकारन च ऩाऩारन जनभानतय कतारन च तारन तारन परणशमसनत परदकषण ऩद ऩद ऩाऩोहभ ऩाऩकभािहभ ऩाऩातभा ऩाऩसॊबव तराहहभाभ कऩभमा दव शयणगतवतसर अनमधा शयणॊ नाससत तवभव शयणॊ भभ तसभात कारणम बावन य य जनादिन

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - आतभपरदकषण नभसकायान सभऩिमालभ

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षवषवधोऩचाय ऩजा छतरॊ धायमालभ चाभयॊ वीजमालभ नतमॊ दशिमालभ गीतॊ शरावमालभ वादमॊ घोषमालभ आॊदोलरकान आयोहमालभ आशवानायोहमालभ गजानायोहमालभ सभसत यजोऩचाय शकतमऩचाय

मनतरोऩचाय दवोऩचाय सवोऩचाय ऩजाॊ सभऩिमालभ

भाऩवणभ भनतरहीनॊ ककरमाहीनॊ बसकतहीनॊ जनादिन मतऩसजतभ भमा दव ऩरयऩणिभ तदसतत

अनमा धमानावाहनाहद षोडशोऩचाय ऩजमा च बगवन सवाितभक शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरी वकटशवय सवरऩो बगवान सपरीत सपरसननो वयदो बवत शरी वकटशवय दव परसादॊ लशयसा गहणालभ

तीथवभ

अकार भतमहयणॊ सविवमाचध रनवायणभ सवि ऩाऩमकयॊ दव ऩादोदकॊ ऩावनॊ शबॊ

नवदमभ

ॐ बबिवससव ॐ ततसषवतवियणमभ बगो दवसम धीभहह चधमो मो न परचोदमात सतमॊ तवतन ऩरयषषॊचालभ अभतभसत अभतोऩसतयणभलस ॐ पराणाम सवा ॐ अऩानाम सवा ॐ वमानाम सवा ॐ उदानाम सवाह ॐ सभानाम सवा ॐ बरहभण सवा

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - भहानवदमभ सभऩिमालभ

अभताषऩधानभलस उततयाऩोशनभ सभऩिमालभ हसतौ परारमालभ ऩादौ परारमालभ शदध आचभनीमॊ सभऩिमालभ

तामफरॊ सभऩिमालभ सवणिभनतरऩषऩॊ सभऩिमालभ परदकषण नभसकायन सभऩिमालभ

अनमाधमानावाहनाहद षोडषोऩचाय ऩजमा बगवान सवाितभक शरी रकषभी ऩदमावती सभत वकटशवय सवाभी सपरीत सपरसननो वयदो बवत शरी रकषभी ऩदमावती सभत वकटशवय सवाभी परसादॊ लशयसा गहणालभ

उदवासनभ मऻन मऻभमजनत दवासतारन धभािरण परथभानमासन

तहनाकॊ भहहभानससचनत मतर ऩव साधमा ससनत दवा

गचछ गचछ सयशरषठ सवसथान शरी वकटशवय बकताबीषट सभधमथिभ ऩनयागभनाम च

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरी वकटशवय सवाभी मथासथानॊ उदवासमालभ

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परथभ अधमाम

शरी बगवान उवाच

कलरमग भ एक हदन शब भहति भ रतरभरा ऩहाड ऩय (सजस धयती का वकॊ ठ कहा जाता ह ) ldquoषवशवऩरत नाभक एक बकत ऩय शरी फाराजी की कऩा हई शरी षवषण क अवताय शरी फाराजी (वकटशवय) जो महाॉ शरीरनवास क रऩ भ ऩज जात ह उनहोन षवशवऩरत को ldquoशरी फाराजी वरत कथाrdquo नाभ स परलसधद इस गरॊथ की यचना कयन की आऻा दी औय कहा- ldquoह भय षपरम बकत षवशवऩरत भय षपरम होन क कायण इस वरत को षवसताय रऩ स तमह फाता हॉ सनो म

वरत भझ अरत षपरम ह आसान होन क कायण इस सबी रोग सॊऩनन कय सकत ह

कलरमग भ भानव अऩन ऩाऩ कभो का पर बोगता ह अनक कषट सहत हए जीवन रनवािह कयता ह कछ बकत

अऩन दख भझ फताकय उनह दय कयन क लरम कहत ह फहत स ऩस खचि कय वो भझ दखन क लरम रतरभरा की मातरा कयत ह भय बकतो स भझ परभ ह व भझऩय अऩना ऩया बाय डार दत ह भ उनह धभि क भागिऩय चराता हॉ

अबी भ जो मह वरत कथा तमह फतान जा यहा हॉ वो ldquoशरी फाराजी की कथाrdquo क नाभ स परलसदध होगा म भया वरत भझ अरतषपरम ह जो वमसकत इस बसकत औय रनषठा स कयगा वह तयॊत ऩाय ऩामगा कोई बी वमसकत कबी बी इस वरत को सॊऩनन कय सकता ह भखम रऩ स भागिशीषि भाघ कारत िक भहहनो भ ऩणिभासी ऩॊचभी सपतभी एकादशी रतचथमो ऩय मा शरवण सवारत नतरो ऩय इस कयना शरषठ होता ह

इस घोय कलरमग भ भय बकत जो कषट सह यह ह उनह भ जानता हॉ तमह जफ बी कोई कषट हो कोई सभसमा हो सवासम ठीक ना हो नौकयी वमाऩाय भ सभसमाएॉ हो भन अशाॊत हो तो इस वरत को सॊऩनन कयना चाहहम इसस

साय कषट दय हो जात ह घय भ शब कामि होन ऩय इस वरत को सॊऩनन कयन स बफना ककसी सभसमा क कामि ऩणि हो जाता ह इस वरत को सॊऩनन कयत ही सबी सख परापत होत ह औय अषट ऐशवमो की परासपत होती ह

सफय मा शाभ इस वरत को सॊऩनन कय सकत ह इस वरत भ ऩाॉच अधमाम ह इनका ऩठन बसकत क साथ कयना चाहहम अऩन घय भ मा रनवास सथान ऩय भॊहदय भ मा ककसी बी ऩषवतर सथान भ नदी तट ऩय सॊऩनन कय सकत ह

महद सॊबव हो तो अऩन फॊध लभतरो क साथ इस सॊऩनन कयन स जमादा शरषठ होता ह जो इस सॊऩनन कयत ह मा जो इस सनत ह वरत सॊऩणि होन क फाद परसाद को बसकत स सवीकाय कयत ह वो अषट ऐशवमो को परापत कयत ह इसस

ऩहर बी भय बकतो न कई भरनमो न इस वरत को सॊऩनन ककमा औय भया आशीवािद ऩामा बरोक भ यहनवार सबी को मह वरत आनॊद परदान कयगा औय शब पर बी परापत होगा शाॊत चचतत स भझ माद कयत हए इस वरत का ऩारन

कयो

सवि परथभ जहाॉ वरत कयना चाहत हो उस सथर को साप कयो भॊडऩ की वमवसथा कय भयी तसवीय सजसभ भयी षपरम

सरखमाॉ शरी दवी बदवी ह उस तसवीय को इस भॊडऩ ऩय सथाषऩत कयो भॊडऩ को दीवाय स रगाकय बी यख सकत हो अनम ककसी इचछक दवता की तसवीय बी सख सकत हो नवगरहो औय अषट हदकऩारको को मा तो भन भ नभसकाय

कयो मा उनका आवहान बी कय सकत हो

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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सफस ऩहर हलदी स फनी गणश की ऩजा कयनी चाहहम उसक फाद उस वरत क ऩाॉचो अधमामो का रनषठा स ऩठन

कयना चाहहम मही परथभ अधमाम ह अनम चाय अधमाम भय अतमॊत षपरम ऩातर षवशवालभतर वलशषठ बयदवाज अबतर

भरनशवयो क परवचना रऩ भ ह ऩाॉच अधमामोको ऩढन क फाद भय षपरम शरोक बी ऩढ सकत हो हय अधमाम क अॊत

भ गोषव ॊद गोषव ॊद गोषव ॊद तीन फाय सभयण कयना चाहहम

आभ रोगो क कषटो को भ जानता हॉ इसी लरम भयी एक फात सनो महद ककसी कायण इस वरत को षवसताय रऩ स

सॊऩनन कयन भ कोई सभसमा आ यही हो तो भय तसवीय को साभन यख कय ऩहर गणश जी की कपय नवगरह दवताओॊ औय अषटहदकऩारको को सभयण कय ऩाॉच कहरनमाॉ ऩढकय अऩन भन भ जो इचछा ह उस भझ फताओ भ उस

परसाद क रऩ भ परदान करॉगा इस परकाय कयन स बी कामि की लसषदध होती ह तमहाय कषट दय हो जामग औय शब

पर परापत होगा

जो वमसकत इस वरत को बसकत स सॊऩनन कयगा भ उसक घय ककसी ना ककसी रऩ भ आकय परसाद सवीकाय करॉगा भयी कऩा आऩ सबी को हभशा परापत होगी शरी फाराजी न रतमभयाज षवशवऩरत याभकषणभरत ि ldquoषवशवऩरतrdquo को इस वरत कथा को षवसताय स फतामा कलरमगवासी हभ सबी इस वरत को सॊऩनन कय शरी फाराजी की कऩा क ऩातर फन सकत ह इस वरत को सॊऩनन कय हभ अऩन सबी कषट दय कय सकत ह औय उचचत पर बी परापत कय

सकत ह

गोषवॊदगोषवॊदगोषवॊद

परथभोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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दषवतीम अधमाम

शरी षवशवालभतर उवाच

भहातऩ सॊऩनन साात शरी षवशवालभतर जी न हभ ऩय कऩा की औय परवचन कयत हए कहा- ldquoह कलरमग वालसमो शरीरनवास क बकतो ldquoशरीफाराजी वरत कथाrdquo सजस आऩ सॊऩनन कय यह हो वह फहत ही ऩषवतर ह भहहभा स ऩणि ह मह वरत कलरमग भ शरी नायामण जी की करणा औय दमा परापत कयन का अतमॊत सयर साधन ह पराचीन कार भ शरी फाराजी क षपरम बकतो न इस सॊऩनन कय अऩनी काभनाओॊ को ऩणि ककमा इस वरत कथा क फाय भ हभ फताकय शरी फाराजी न हभाय पररत जो दमा हदखाई ह उसक लरए हभ उनह परणाभ कयत ह

पराचीन कार भ भगध याजम भ षवषणचचतत नाभक एक बकत यहता था उसकी नौ कनमाएॉ थी षवदवान होन ऩय बी वह अतमॊत गयीफ था षवषणचचतत की ऩतनी तायाभरत हभशा नायामणजी की पराथिना कयती यहती थी षववाहाहद शबकामि सॊऩनन कय जो बी ऩस दकषणा क रऩ भ लभरत थ उसस व भसशकर स अऩना जीवन रनवािह कय

यह थ कनमाएॉ मौवनावसथा भ ऩदाऩिण कय चकी थी तायाभरत हभशा इसी चच ॊता भ यहती थी कक इन कनमाओॊ का षववाह ककस परकाय सॊऩनन होग वह फाराजी की पराथिना कयत हए सदा अऩना सभम गजायती थी

वह तो फाराजी की बकत थी औय फाराजी अऩन बकतो स अतमाचधक परभ कयत ह उस हदन भाघ ऩरणिभा थी सवय

एक वदध बराहभण न षवषणचचतत क दयवाज ऩय दसतक दी औय कहा - ldquoह सवाभी भ फॊग दश का वासी हॉ एक मऻ

क लसरलसर भ दसय दश जा यहा हॉ यासत भ महाॉ आमा हॉ भझऩय दमा कयो औय अऩन घय भ एक हदन क लरए

यहन दो कर सवयही भ महॉ स चरा जाऊॉ गाrdquo उन की फात सनकय षवषणचचततन कहा lsquoनाथ इसस फढकय खशी औय कमा हो सकती ह अरतचथ साात नायामण जी क सभान होत ह ऐस हभाय ऩयाणो भ कहा गमा ह आऩ बफना ककसी सॊकोच क हभाय घय भ यह सकत हlsquo ऐसा कह कय उसन उस बराहभण को घय क अॊदय फरामा औय उनका सतकाय ककमा

दोऩहय भ बोजन क फाद उस वदध न तायाभरत स ऩछा ndash ldquoभाता कमा फात ह तभ कछ चच ॊरततसी रगती हो बफना ककसी सॊकोच क फात फताओrdquo तायाभरत न कहा ndash ldquoसवाभी आऩ तो भहातऩसवी ह आऩ क भख का तज उस वकॊ ठवासी क सभान ह आऩ स कमा छऩाना भयी चचॊता भयी कनमाओॊ का षववाह हrdquo उस ऩय वदध न कहा- ldquoभाता तमहाया दख भ जानता हॉ तमहाय सबी कषट दय हो औय तमहायी कनमाओॊ की शादी हो इसक लरम भ एक अदभत वरत फताता हॉ सनो इस वरत को सॊऩनन कयन स तमहाय साय कषट दय हो जामग शरी फाराजी क वरतो भ स मह सफस सयर हrdquo कहत हए उनहोन उस दॊऩरत को ऩया वरत षवधान फतामा वरत षवधान

सनकय षवषणचचतत न कहा- ldquoसवाभी मह तो अतमॊत सॊतोष की फात ह इसस फढकय सौबागम औय कमा होगा

कहत ह ना- शबसम शीिॊ आज भाघ ऩरणिभा ह फहत ही शब हदन ह आऩक कथा अनसाय हभ आज ही इस वरत

को सॊऩनन कयगrdquo षवषणचचततन ऩतनी तायाभरत औय सबी कनमाओॊ क साथ लभरकय उस हदन शाभ भ ही अऩन

फॊध-लभतरो क साथ बसकत औय रनषठा स फाराजी वरत को सॊऩनन ककमा वहाॉ उऩससथत सबी रोगो न वरत ऩया होन क

फाद चयणाभत परसाद गरहण ककमा औय अऩन-अऩन घय परसथान ककमा तफ षवषणचचतत औय तायाभरत न बराहभण

क चयणो को नभसकाय ककमा औय आशीवािद परापत ककमा बराहभणोततभ न बी चयणाभत परसाद गरहण ककमा औय

कहा- ldquoआऩकी भनोकाभना ऩयी हो शरी रकषभी शरी फाराजी की कऩा होrdquo

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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अॊधया हो चरा था औय रनिा सभम आसनन था षवषणचचतत न उस बराहभण को एक पटी चादय दत हए आॉखो भ आस लरम कहा- सवाभी भ अतमॊत दरयिी हॉ इसस अचछी चादय भय ऩास नही ह भझ भा कय आज की यात इसी ऩय षवशराभ कय बराहभण भसकयात हए फोर- कोई फात नही भ फाहय फयाभद भ सो जाता हॉ कछ सभम फाद ही सबी रनिारोक भ षवचयण कयन रग आधी यात का सभम था बफजरी की गडगडाहट क साथ फारयश शर हई चायो ओय अॊधया था कहीॊ कछ नही हदखाई

द यहा था षवषणचचतत इस चच ॊता भ था कक वदध बराहभण फाहय कस सो यह होग उस सभम कछ सझ बी नही यहा था ककसी तयह उनहोन यात गजायी सवया हआ फारयश बी थभ चकी थी ऩरत-ऩतनी मही सोच यह थ कक बराहभण की कमा दशा हई होगी ककतना सहा होगा उनहोन मही सोचत हए वो फाहय आए उनह एक अदभत दशम हदखाई हदमा वहाॉ षवपरोततभ नही थ पहट हई चादय की जगह यशभ का षऩताॊफय यखा हआ था उस षऩताॊफय ऩय शरी फाराजी क

भतॉ ndash हदखाई दी व सफ कछ सभझ गम उनकी खषी का कोई हठकाना नही यहा उनक घय आम बराहभण औय

कोई नही साात शरी नायामणजी ही थ ह फाराजी कमा बागम ह हभाया ऩय हभ उनको ऩहचान नही ऩाम हभन उनको पटी हई चादय दी मह सोचत हए उनहोन शरी फाराजी की भतॉ को हाथ भ रकय आॉखो स रगामा औय

घय क अॊदय आम ऩया घय सोन स बया हआ था जहाॉ दखो वहाॉ धन याशी ह बगवान शरी फाराजी की वरत कथा की भहहभा स ही मह सफ सॊबव हो सका ऐसा कहत हए व बगवान की सतरत कयन रग आऩन दख साात शरी फाराजी ही उस बकत क घय आम थ वरत षवधान फतामा औय चयणाभत परसाद बी गरहण

ककमा शरी फाराजी फहत ही करणाभम ह जो बी इस वरत को बसकत औय रनषठा स कयगा उसक घय सवमॊ बगवान

ककसी ना ककसी रऩ भ आमग आऩ सबी इस वरत को सॊऩनन कय बगवान की कऩा परापत कय सकत ह शरी भहषषि षवशवालभतर जी न मह दषवतीम कथा इस तयह फताई

शरी रकषभी शरीरनवास कटाॊ लसषदधयसत

गोषवॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

दषवतीमोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ततीम अधमाम

शरी वलशषठ उवाच मह अधमाम भहातऩोरनषठ वरयषठ शरीवलशषठ भरन न शरीनायामणजी की कऩा स हभ षवसताय रऩ स फतामा ह ह कलरमग वालसमो शरीफाराजी क षपरम बकतो वकणठ भ रनवास कयनवार शरीनायामणजी आज क रतरभरा भ ससथत शरीफाराजी ही ह कलरमग वालसमो क कषट दय कयन क लरम बगवान आऩक फहत सभीऩ रतरभरा ऩहाड ऩय अवतारयत हए ह शरी फाराजी को खश कयन क लरए मह वरत उततभ ह औय सयर बी ह इस वरत को जो बसकत औय रनषठा स सॊऩनन कयता ह उस सबी सख परापत हो जात ह पराचीन सभम भ अवॊती दश भ बागमनगय नाभक एक नगय था नाभ क ही अनरऩ वहाॉ अनक धनवान (वमाऩायी) यहत थ ऩय व अऩनी सॊऩसतत को दख घभॊड कयत थ औय आभ रोगो को हीन दषटी स दखत थ धन-दौरत उनकी सवासजित ह ऐसा सोचकय घभॊड कयत थ बगवान की रनतम ऩजा-ऩाठ तो उनहोन ऩहर ही छोड दी थी कभ स कभ षवशष हदनो भ बी व ना भॊहदय जात ना ऩजा कयत ना ही दीऩ जरात एक हदन सबी धनवान अऩनी-अऩनी ऩतनीमो क साथ परीरत बोज भ वमसत थ उस नगय की ऩवि हदशा भ ही शरी रकषभी नायामण जी का भॊहदय था जहाॉ दीऩ जरानवारा कोई नही था उस हदन षवशष एकादशी थी सजस एक ऩवि हदन बी भाना जाता ह ऩय उस नगय क एक बी धनवान क भन भ भॊहदय भ ऩजा कयन का षवचाय नही आमा शाभ होत-होत आकाश भ घन फादर छा गम औय भसराधाय फारयश होन रगी वमाऩारयमो क घय ऩानी स बय गम चायो ओय अॊधकाय ह अॊधकाय था सवय होन तक ऩया नगय ऩानी भ डफ गमा वमाऩारयमो क घय टट-पट गम उनका साया ऐशवमि सभापत हो गमा ऐसा उऩिव कमो भचा मह पररम कस हो गमा ककसी को कछ बी सभझ भ नही आ यहा था इतन भ उनह एक षवचचतर दशम हदखाई हदमा नगय क फाहय जो झोऩडडमाॉ थी व तो वसी की वसी थी उनको आशचमि हआ इतनी फारयश भ बी म कस सही सराभत यही व ऐसा भन ही भन सोच यह थ कक इतन भ बफजरी कडकी औय आकाशवाणी हई ldquoए भखो तमहायी सॊऩसतत तमहायी अऩनी ह सवासजित ह ऐसा सोचत थ इसी लरम ऐसा हआ ह इस झोऩडी भ यहनवारा दव भया षपरम बकत ह आभ आदभी होन ऩय बी दव रनतम तमहाय नगय भ ससथत शरी रकषभी नायामण

भॊहदय भ दीऩ जराता था इतना ही नही हय एकादशी क हदन मथा सॊबव वह शरी फाराजी वरत कथा बी सॊऩनन कयता था इसी लरम इन झोऩडीमो भ यहनवार सबी रोग सयकषत यह आऩ सबी महद वरत सॊऩनन कयग तो अऩन-अऩन

ऐशवमि को ऩन परापत कय सकत होrdquo आकाशवाणी सनत ही तयॊत व सबी रोग उस भॊहदय भ गम औय जस

सॊबव हो सका वस सबी रोगोन एक-दसय क सहमोग स शरी फाराजी की वरत कथा सॊऩनन की ऐसा कयत ही सबी को उनक घय ऩवि रऩ भ ही परापत हो गम तफ स व सबी शरीफाराजी क बकत फन गम औय हय एकादशी को शरीफाराजी का वरत सॊऩनन कयत औय सख-शाॊरत परापत कय यहन रग अॊत भ उनहोन भसकत बी परापत की

शरीवलशषठजी न इस परकाय म कथा सनाई

गोषव ॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

ततीमोधमाम सभापतॊ |

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ

शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

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चतथव अधमाम

शरी बयदवाज उवाच

शरीनायामण जी को ldquoशरीफाराजी वरत कथाrdquo अतमॊत षपरम ह चतथि अधमाम क रऩ भ हभाय साभन शरी बयदवाज

भरनदवाया फतामी नमी कहानी इस परकाय ह- ldquoह कलरमगवालसमो शरी नायामण क षपरम बकतो आऩ सजस वरत को सॊऩनन कय यह ह वह अदभत ह आऩकी भनोकाभनाओॊ को ऩणि कयन का साधन ह शरी फाराजी को परसनन कयन का मह अतमॊत सयर उऩाम ह आऩ सबी ऩय कऩा कयन क लरम ही वकॊ ठवासी बगवान शरीरनवास क रऩ भ रतरभरा ऩहाड ऩय अवतरयत हए ह अनक जनभो क ऩणमपर स ही रतरभरा ऩहाड ऩय ऩय यखन का सौबागम परापत होता ह औय बगवान क दशिन बी सॊबव होत ह इसी तयह इस ldquoवरतकथाrdquo को सॊऩनन कयन का सॊकलऩ बी ऩविजनभ क

ऩणमपर स ही सॊबव होता ह जो वमसकत इस वरत को सॊऩनन कय यह ह मा जो इस कथा को सन यह ह मा जो बगवान क परसाद को गरहण कयत ह उनह बगवान की कऩा परापत होती ह औय व सौबागम बी ऩात ह

पराचीन कार भ ldquoनगयीrdquo नाभक एक गराभ भ धनगपत नाभ का वमाऩायी यहता था वह फहत ही रारची था ऐशवमि परापत कयन ऩय बी उसका रारचीऩन कभ नही हआ मह सभसत ऐशवमि उसका ही कभामा हआ ह ऐसा सोचकय वह फहत घभॊड कयता था अहॊकाय भनषम का नाश कयता ह

धनगपत की ऩतनी काॊरतभती अतमॊत बसकत बावना यखती थी औय रनषठा स बगवान की ऩजा कयती थी उनकी तीन कनमाएॉ थी तीसयी कनमा ldquoकभायीrdquo भ बसकत बावना जमादा थी वह हभशा फाराजी का नाभ ही जऩती यहती थी षऩताजी को बफना फताम वह जफ-तफ शरी फाराजी क भॊहदय भ जाती थी औय बगवान क दशिन कयती थी घय आकय षऩताजी को छोड अनम सबी क साथ परसाद सवीकाय कयती थी ऩती क ऐस वमवहाय स

काॊरतभती थोडी चच ॊरतत होती थी

एक हदन ldquoकभायीrdquo की सहरी क घय ऩय ldquoशरी फाराजीrdquo का वरत सॊऩनन हो यहा था मह जानकय वो वहाॉ गई वरत ऩया होन तक दोऩहय हो चकी थी थोडासा परसाद उसन गरहण ककमा औय थोडा वह अऩन घयवारो क लरम एक

कागज की ऩडी भ रकय चरी फीच यासत भ उस पमास रगन रगी धऩ बी फहत तज थी उसन सोचा थोडी दय रक

कय पमास फझाकय कपय चरॉ तो ठीक यहगा तबी उस माद आमा कक उसक षऩता की दकान अगरी गरी भ ही तो ह वहाॉ जाकय उसन षऩताजी को ऩजा की फात बफना फताम षऩताजी स ऩानी भाॉगकय षऩमा औय षऩताजी गससा कयग

इस डय स उसन जलदी-जलदी ऩानी षऩमा इस घफयाहट भ परसाद की ऩडी वही दकान भ बरकय चरी गई

एकाएक फाजाय भ हडकॊ ऩ भच गमा रोग हाहाकाय भचात हए इधय-उधय बागन रग आगजनी क कायण उस गरी की सायी दकान जर कय याख होन रगी वस बी दोऩहय का सभम थाउस ऩय गभि हवाएॉ चर यही थीधनगपत का शयीय डय क भाय काॉऩन रगा ldquoकछ ही सभम भ उसकी दकान बी जर कय याख हो जाएगीrdquo इस षवचाय स उस क हाथ-ऩय काॉऩन रग सबी रोग अऩनी-अऩनी दकानो स फाहय आकय इधय-उधय बागन रग ऩय

धनगपत वही खडा यह गमा दकान छोडकय जान का भन नही कय यहा था महद वो दकान भ यहगा तो जरकय

याख हो जामगासोचत हए उसन घफयाहट भ उसक हाथ रगी ऩडी को उठामा औय बफना सोच सभझ जो हाथ आमा वो भॉह भ डार हदमा उस कछ भीठा-भीठा सा ऩदाथि रगा औय भन बी शाॊत होन रगा

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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तबी एक अदभत घटना घटीआग धनगपत की दकान तक आकय रक गमी आग की रऩत वहाॉ नही आ ऩामी मह कसी षवचचतर फात हम कसी भामा ह धनगपत क भॉहस एक बी फात नही रनकर ऩामी उधय आगजनी की खफय सनत ही ऩतनी काॊरतभती अऩन कनमाओॊ क साथ फाराजी का सभयण कयत हए दौडती हई वहाॉ आ गमी आग उनक दकान तक आकय कस रक गमी मह दखकय उस आशचमि हआ तबी कभायी को दकान भ बरी हई ऩडी की माद आई धनगपत को सभझन भ दय नही रगी कक उसन जो चीज भॉह भ डारी थी वो औय कछ नही तो बगवान का परसाद ही था औय उसकी भहहभा स ही व इस दघिटना स चक गम धनगपत न शरीफाराजी स भा भाॉगी गार फजाम शाभ भ ही नगयवालसमो को फराकय ldquoशरीफाराजी की वरत कथाrdquo सॊऩनन की तफ स वह बगवान की सवा भ रीन हो गमा औय अॊत भ भो बी परापत की आऩन दखा कक कवर परसाद गरहण कयन स ही वो ककतनी फडी दघिटना स चक गमा फाराजी की भहहभा अदभत ह आऩ सबी बी मथा सॊबव वरत को सॊऩनन कय क बगवान की कऩा परापत कय सकत हldquo

शरीबयदवाजजी न इस परकाय मह चतथि कथा सनामी

गोषवॊदगोषवॊदगोषवॊद

चतथोधमाम सभापतॊ |

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ऩॊचभ अधमाम

शरी अतरतर उवाच

रतरभरा-रतरऩती बरोक का वकणठ धाभ ह ऩयाणो भ फतामा गमा ह कक रतरभरा क सभान ऩषवतर सथर औय शरी फाराजी जस दवता न तो ऩहर कबी हए ह औय न कबी होग शरीरनवास क रऩ भ अवतरयत शरी नायामण अऩन

बकतो स फहत परभ कयत ह जो उन ऩय अऩना ऩया बाय डारकय उनह रनतम सभयण कयत ह जो सदाचाय स ऩणि जीवन बफतात ह वो उनकी या कयत ह ऐस शरीफाराजी को परसनन कयन का सफस सयर उऩाम ह ndash ldquoशरीफाराजी की वरत कथाrdquo

इस अदभत वरत कथा क फाय भ भहातऩसॊऩनन शरी अबतर भहषषि न कऩा कयत हए कहा ह- ldquo ह फाराजी क षपरम

बकतो कलरमग भ आऩक सौबागम क फाय भ कमा कहना कतमग तरतामग औय दवाऩायमग भ अतमॊत कठोय तऩ-

जऩ कयन ऩय बी परसनन न होन वार शरी नायामण इस मग भ कवर नाभसभयण स ही आऩ रोगो ऩय कऩा कय यह

ह षवशवास क साथ उनह फरान ऩय व तयॊत कऩा परदान कयत ह ऐस करणाभम ह शरीफाराजी ऩषवतर रतरभरा ऩय

तमहाया यखा हय कदभ अनक जनभो क ऩणमपर क सभान ह

पराचीन कार भ ldquoकौभायrdquo दश भ ldquoलभतरrdquo नाभक धोफी यहता था वो अऩन काभ क साथ-साथ धालभिक कामि कयता हआ जीवन रनवािह कय यहा था उसकी अऩॊगता ही उसकी चच ॊता थी इसी कायण धोए हए कऩडो की ऩोटरी फनाकय घय-घय घभकय उनह रोगो तक ऩहॉचाना उस धीय धीय भसशकर रगन रगा उसका ऩरयवाय फडा था बफना भहनत ककए उस बय ऩट खान को बी नही लभरता था हभशा वो शरी फाराजी की ऩजा कयता यहता था कबी ना कबी बगवान उस ऩय कऩा कयग इसी षवशवास स वो अऩना जीवन गजाय यहा था बकतो ऩय कऩा कयन वार फाराजी सफ कछ दखत यहत ह जो वमसकत अऩन कभो स भकती ऩाता ह उनक ऩास आकय फाराजी ककसी न ककसी रऩ भ आकय उनकी या कयत ह एक हदन शाभ क सभम हभशा की तयह लभतर कऩड धोकय कऩडो की ऩोटरी राद धीय-धीय चरता हआ आ

यहा था फीच यासत भ उस एक वदध बराहभण हदखाई हदम गौयव की बावना स फड होन क कायण लभतर न अऩन कॊ ध

ऩय रदी हई ऩोटरी को नीच उतायकय वदध बराहभण को नभसकाय ककमा तफ उस षवपरोततभ न कहा- ldquoतभ अऩन इस ऩय क कायण ककतना कषट सह यह हो तमहाया दख दखा नही जाताrdquo तफ लभतर न कहा-ldquoह नाथ आऩ फजगि ह बयाऩया ऩरयवाय होन क कायण भझ इस काभ स भकती नही लभर यही ह ककसी तयह भयी म अऩॊगता दय हो ऐसा कोई उऩाम फताइएrdquo

तफ बराहभण न कहा-ldquoसनो बाई भ जरय फताऊॉ गा धमान स सनो भ एक ऐस वरत क फाय भ फताता हॉ सजस सॊऩनन कयन स तमहायी अऩॊगता दय हो जाएगी तमह अषट ऐशवमो की परासपत होगी वरत सॊऩनन कयत ही तमह हजाय अशकपि माॉ लभरगी ऩय एक शति ह उसभ स आध तभ भझ दोगकर भ कपय इसी सभम महाॉ लभरॉगाrdquo तफ लभतर न कहा- ldquoसवाभी इसस फढकय सौबागम औय कमा हो सकता ह आज ही इस

वरत क फाय भ फताइए भ उस सॊऩनन करॉ गाrdquo लभतर क उतसाह को दख वदध न शरी फाराजी वरत कथा क फाय भ फतामा

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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लभतर दगन उतसाह क साथ घय आमा ऩयी कहानी ऩतनी को फतामी औय अडोस-ऩडोस क साथ लभरकय शरी फाराजी वरत को सॊऩनन ककमा चयणाभत परसाद गरहण ककमा घय आए सबी रोगो को बी हदमा तबी घय क फाहय कछ

कोराहर सनाई हदमा लभतर का फटा फाहय स दौडता हआ आमा औय फोरा- ldquoषऩताजी षऩताजी याज-यक आऩक लरम आए ह याजा न आऩक लरम बट बी बजी हrdquo इतन भ यक बी वहाॉ आ गम उनहोन फतामा कक उसकी रनमसकत याज दयफाय भ धोफी क रऩ भ हो गमी ह याजा न हजाय अशकपि माॉ ऩयसकाय सवरऩ बजी ह ऐसा कहकय उनहोन लभतर क हाथ भ हजाय अशकपिमो की ऩोटरी यख दी एक हफत क अॊदय-अॊदय

उस आकय नौकयी भ बतॉ होन को बी कहा लभतर क आनॊद की सीभा नही थी एक हफता कमो कर ही कमो नही सोचकय उसन अऩनी ऩोटरी-वोटरी फाॉधी औय दसय हदन सवय ही वो जान को तमाय हो गमा इस जलदफाजी भ वह

उस वदध की फात बर गमा फीच यासत भ उस उसकी फात माद आ गमी ऩय ठीक हअगर भहहन लभर रता हॉ सोच

कय वह याज दयफाय भ अऩन काभ ऩय रग गमा हदनभहहन फीत बराहभण क वश भ आए बगवान को गससा आमा बगवान न सोचा भनषम की परवसतत ऐसी ही होती ह उस भझ अऩनी भहहभा फतानी होगी

दसय ही हदन याणीवास स आबषण चोयी हो गम चोयी का इलजाभ लभतर ऩय आमा लभतर को कायावास की सजा हई hellipयाज यकोन उस तयह-तयह की मातनाएॉ दी ऐसा कमो हआउस ऩय मह इलजाभ कमो रगा सोचत हए लभतर को यात को सऩन भ बगवान हदखाई हदम उनहोन फतामा कक ldquoवदध बराहभण क रऩ भ व ही आम थ वो अऩनी फात स भकय गमा इसलरम म सफ हआ हrdquo तफ लभतर न कहा-ldquoह नाथभ ऩाऩी हॉ भन फहत फडा ऩाऩ ककमा ह कऩमा भझ ऩय दमा कीसजम अफ भ हय भहहन आऩका वरत सॊऩनन करॉ गा भयी आम का आधा बाग जीवन बय आऩको सभषऩित करॉ गाrdquo गार फजाकय उसन बगवान की हय तयह स पराथिना की बकतो की ऩकाय सननवार बगवान न खशी-खशी लभतर ऩय कऩा कय दी बगवान की कऩा स याणी क आबषण दसयही हदन लभर गम याजान म बी जान लरमा कक लभतरन चोयी नही की थी लभतरको कायावास स रयहा कय हदमा गमा तफ स लभतर बगवान को हदम वचन अनसाय हय भहहन शरी फाराजी का वरत सॊऩनन कयन रगा औय अऩनी आम का आधा बाग बगवान को अषऩित कयता यहा सख ऩणि जीवन बफतात हए उसन अॊत भ भो बी परापत ककमाrdquo

शरी अबतरजी न ऐसा कहकय ऩाॉचव औय आखयी अधमाम को सभापत ककमा

गोषवॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

ऩॊचभोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

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faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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शबरतथौ शरीभान(अऩना औय ऩरयवाय क सबी सदसमो क नाभ) गोतर (अऩना गोतर) नाभधम धभिऩतनी सभतसम असभाकभ सहकटॊफानाभ भ सथमि धमि षवजम आमय-आयोगम

ऐशवमि-अलबवधमथिभ धभािथि काभभो चतषविध ऩरषाथि पर लसदधमथिभ भभोऩातत दरयताम दवाया शरी ऩयभशवय परीतमथिभ शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरी वकटशवय दवता भडडडषम शरी वकटशवय वरतकलऩ करयषम िव सॊबवरदभ ऩदाथ सॊबवता रनमभन मावचचसकत धमाना वाहनाहद षोडषोऩचाय ऩजाभ करयषम (ऩानी को हाथ रगाम)

तदॊग करशायाधनभ करयषम (सवाभीजी की दामीॊ ओय करश यख उसभ गॊधभ ऩषऩभ कॊ कभ औय अता डार कपय आग लरख हए शरोक ऩढ) शरोकॊ करशसम भख षवषण काॊत रि सभाचशरता भर ततर ससथतो बरहभा भधम भातगणाचशरत कौत सागया सव सपतदवीऩ वसॊधया ऋगवदोत मजवद साभवदोहमथविणा अॊगशच सहहता सव करशाॊफ सभाचशरता करश गॊधऩषऩाताभ रनकषपतम हसतनचचादम आऩो वा इदभ सव षवशवबतानमाऩ पराणवा आऩा ऩशव आऩोननाभाऩोभता भाऩा समरादऩो षवयाडाऩा सवयाडाऩशचॊडाभ समाऩो जमोरतभ शमाऩो मजोभशमाऩ ससतमाभाऩ सवाि दवता आऩोबबिवसव याऩ ॐ (करश भ ऩानी बय औय उसभ तरसी क ऩतत डार) शरोकॊ गॊग च मभन च कषण गोदावयी सयसवरत नभिद लसॊध कावमो जरससभन ससननचधभ कर कावयी तॊगबिा च कषणवणी च गौतभी करशोदकन दवातभानभ ऩजािवमारन च समपरोकषमा (करश भ एक पर डफोकय उसस सवाभीजी ऩय ऩजा की साभगरी ऩय औय आऩ ऩय ऩानी रछडक )

शरी गणऩती पराथवना शकराॊफयधयभ षवषणभ शलशवणिभ चतबिजभ परसननवदनभ धमामत सविषवघनोऩशाॊतमत

आदौ रनषविघनन वरत ऩरयसभापतभ गणऩती ऩजाभ करयषम

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अथ गणऩती ऩजा ॐ गणानाभ तवागणऩतीभ हवाभह कषवॊ कवीनाभऩा भसशरवसतवभ जमषठयाजभ बरहभणाभ बरहभणसऩत आनशशरणमनततलब सीदसाधनभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ धमामालभ धमानभ सभऩिमालभ

आवाहमालभ यतनलसॊहासनभ सभऩवमालभ ऩादमौ ऩादमभ सभऩवमालभ

हसतौ अरघमवभ सभऩवमालभ भख आचभनीमभ सभऩवमालभ

आऩोहहषटाॊमोबवसतान ऊजधदातन भहयणाम चस मो वत लशवत भोयससतसम बाजमतहन उषतीरयना भातय तसभायभ गभाभवो मसमामाम जजॊधव आऩोजनमाधाचन

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash शदधोदक सनानॊ सभऩिमालभ

सनानाॊतयभ शदध आचभनभ सभऩिमालभ

अलबवसतरात वसनानमाय शलबदनतस दघा ऩजभान अलबचॊदरा बताव व नो हहयणमाभमशवनयततनोदव सोभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash वसतरमगभभ सभऩिमालभ

मऻोऩवीतभ ऩयभॊ ऩषवतरभ परजाऩत मत सहजभ ऩयसतात आमषमॊगरमभ परततभचच शभरॊ मऻोऩवीतभ फरभसत तज

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash मऻोऩवीतभ सभऩिमालभ

गॊधदवायाभ दयाधषावभ तनतमऩषटान करयषषणीभ

ईशवयीभ सववबतानाभ ता लभहोऩवहम शरशरमभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash हदवम शरी चॊदनॊ सभऩिमालभ

आमन त ऩयामण दवाव योहॊत ऩजषऩणी हदाशच ऩॊडयीकाणण सभदरसम गहा इभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash दवािहद नानाषवध ऩषऩारण सभऩिमालभ

अथ शरी षोडषनाभ ऩजा ॐ सभखाम नभ

ॐ एकदॊताम नभ

ॐ कषऩराम नभ

ॐ गजकरणिकाम नभ

ॐ रमफोदयाम नभ

ॐ षवकटाम नभ

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ॐ षवघनयाजम नभ

ॐ गजाचधऩतम नभ

ॐ धभकतव नभ

ॐ गणाचधाम नभ

ॐ पारचॊिाम नभ

ॐ गजाननाम नभ

ॐ वकरतॊडाम नभ

ॐ शऩिकणिकाम नभ

ॐ हयमफाम नभ

ॐ सकॊ दऩविजाम नभ ॐ सवािलससधद परदामकाम नभ ॐ भहागणाचधऩतम नभ

नानाषवध ऩरयभर ऩषऩारण सभऩिमालभ

वनसऩतमबवव हदव नाना गॊध स सममतभ आघरम सववदवानाभ धऩोमभ परततगहमताभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash धऩभािाऩमालभ

साजमभ बतरवतॉ सॊमकताभ वसहनना मोसजतभ षपरमभ

गहाणा भॊगरभ दीऩभ तररोकमरतलभयावहभ

बकतमादीऩभ परमचछालभ दवाम ऩयभातभन

तराहहभाभ नयकादघोयाद हदवमजमोरत नभोसतत

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash दीऩभ सभऩिमालभ

धऩ दीऩाॊतयभ आचभनीमभ सभऩिमालभ

नवदमभ

(गड का छोटा टकडा थारी भ यख कय उसक सबोवतार ऩानी रछडक) ॐ बबव सव ॐ ततसषवतयवयणमभ बगो दवसम धीभही चधमोमोन परचोदमात सतमभ तवतन ऩरयषषॊचालभ (यात भ ldquoऋतॊ तवा सतमन ऩरयषषॊचालभrdquo ऐस कह)

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash नवदमभ सभऩिमालभ

अभतभसत अभतोवतसयणभलस

ॐ पराणाम सवाहा ॐ आऩानाम सवाहा ॐ वमानाम सवाहा ॐ उदानाम सवाहा

ॐ सभानाम सवाहा भधम भधम ऩानीमभ सभऩवमालभ

अभताषऩधानभलस उततयाऩोषणभ सभऩवमालभ

हसतौ परारमालभ शदधाचभनीमभ सभऩवमालभ

ऩगीपर सकयऩय नागवलरीदरीयमतभ

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भकताचणव सभामकतभ ताॊफरभ परततगहमताभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash ताॊफरभ सभऩिमालभ

ॐ गणानाभ तवागणऩतीभ हवाभह कषवॊ कवीनाभऩा भसशरवसतवभ जमषठयाजभ बरहभणाभ बरहभणसऩत आनशशरणमनततलब सीदसाधनभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ - सवणिभॊतरऩषऩभ सभऩिमालभ

भॊतरहीनभ ककरमाहीनभ बसकतहीनभ गणाचधऩ

मतऩसजतभ भमा दव ऩरयऩण तदसतत

मऻन मऻभमजॊत दवासतारन धभािरण परथभानमासन

तहनाकभ भहहभान सचॊत मतर ऩवसाधमा सॊरत दवा

ऩनयाचभनभ

अनमा धमानावाहनाहद षोडषोऩचाय ऩजमा च बगवान सवाितभक

शरीभहा गणाचधऩरत सपरीतो वयदो बतवा उततय कभिणम षवघनभसत बवनतो

बवनत उततय कभिणम षवघनभसत गणाचधऩरत परसादभ लशयसा गरहणालभ

सहसरऩयभा दषव शतभरा शताॊकया सव हयत भ ऩाऩॊ दवािदससवपननाशनी गणऩरत मदासथानॊ उदवासमालभ

पराण परततषठा ॐ असनीत ऩनसभािस च ऩन पराणलभहनोदहह बोगॊ जमोकऩशमभ

समिभचचयनत भनभत भडमान सवससत अभतॊ वपराणा अभतभाऩ पराणानव मधासथानभऩहवमत

(सवाभीजी की भतॉ को हाथ रगाम )

शरीवकटशवय आवाहमालभ सथाऩमालभ ऩजमालभ ससथयोबव वयदोबव सपरसननोबव ससथयासनॊ कर

धमानभ

शानताकायॊ बजगशमनॊ ऩदमनाबभ सयशभ षवशवकायभ गगन सदशॊ भघवण शबाॊगॊ

रकषभीकानतॊ कभरनमनॊ मोचगहरधमान गममॊ वनद षवषणॊ बवबमहयॊ सविरोककनाथॊ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - धमामालभ धमानभ सभऩिमालभ

आवाहनभ

आवाहमालभ दवश लसदधगनधवि सषवत मिसमलभदॊ ऩणमॊ सविऩाऩहयोहय

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवनकटशवय सवालभन नभ - आवाहमालभ

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(सवाभीजी क भतॉ ऩय पर ऩतत चढाम) आसनभ

दव दव जगननाथ परणत करशनाशन यतनलसॊहासनॊ हदवमॊ गहाण भधसदन

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवनकटशवय सवालभन नभ - यतनलसॊहासनॊ सभऩिमालभ

(सवाभीजी क भतॉ ऩय पर ऩतत चढाम) ऩादमॊ

वासनचतॊ करभदव दषकतॊ च षवनाशम ऩादमॊ गहाण बगवान भातरतसॊग सॊससथत

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - ऩादमो ऩादमॊ सभऩिमालभ

(एक चमभच ऩानी थारी भ डार)

अरघम

करषवभ दमाॊ दव सॊसायारत ि बमाऩह दचधीय परोऩतभ गहाणाघम नभोसतत

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हसतमोयघम सभऩिमालभ

(एक चमभच ऩानी थारी भ डार)

आचभनॊ नभ सतमाम शदधाम रनतमाम ऻानरषऩण गहाणाचभनॊ दव सविरोककनामक

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - भख आचभनीमॊ सभऩिमालभ

(एक चमभच ऩानी थारी भ डार) ऩॊचाभतसनानॊ

ऩॊचाभतॊ भमानीतॊ ऩमोदचधघतॊ भध शकि या सहहतॊ चवदवतवॊ पररतगहमताॊ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - ऩॊचाभत सनानॊ सभऩिमालभ

(ऩॊचाभत गाम क दध दही घी भध औय चीनी लभराकय ककमा जाता ह)

सनानॊ सवणिऩातरोदकॊ गॊगा मभनाहद सभसनवतॊ शदधोदकॊ गहाणश सनानॊ कर मथाषवचध

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - शदधोदकसनानॊ सभऩिमालभ

(एक चमभच ऩानी थारी भ डार) वसतरॊ

तपतकाॊचन सनकाशॊ ऩीतमफय लभदॊ हय सगहाण जगननाथ शरीरनवास नभोसतत

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - वसतरमगभॊ सभऩिमालभ

मऻोऩवीतॊ मऻोऩवीतॊ ऩयभॊ ऩषवतरॊ परजऩतमितसहजॊ ऩयसतात

आमषमभागरमाभ पररतभचचशभरॊ मऻोऩवीतॊ फरभसत तज

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शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - मऻोऩवीतॊ सभऩिमालभ

गनधॊ चनदनागर कसतरय घनसाय सभसनवतॊ गनधॊ गहाण गोषवनद नानागॊधसचधायम

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हदवमऩरयभर गॊधाॊ सभऩिमालभ

(सवाभीजी क भतॉ को चॊदन रगाम) अताॊ

गोषवनदा ऩयभाननद हरयिा सहहततान षवशवशवय षवशारा गहाण ऩयभशवय

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - अतान सभऩिमालभ

(सवाभीजी क भतॉ ऩय अता डार चावर को हलदी कॊ कभ रगाक अता फनात ह) ऩषऩॊ

सगॊधारन सऩषऩारण जाजीकनदभखारन च भाररत वकरादषव ऩजाथ पररतगहमताॊ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - ऩषऩॊ सभऩिमालभ

अथाॊग ऩजा ॐ शरी वकटशवयाम नभ - ऩादौ ऩजमालभ

ॐ शरी वकटचरचधशाम नभ - गलफ़ौ ऩजमालभ

ॐ शरी परदामकाम नभ - जाननी ऩजमालभ

ॐ ऩदमावती ऩतम नभ - जॊघ ऩजमालभ

ॐ ऻानपरदाम नभ - ऊर ऩजमालभ

ॐ शरीरनवसाम नभ - कहटॊ ऩजमालभ

ॐ भहाबागाम नभ - नालबॊ ऩजमालभ

ॐ रनभिराम नभ - उदयॊ ऩजमालभ

ॐ षवशाररदमाम नभ - रदमभ ऩजमालभ

ॐ ऩरयशदधातभन नभ - सतनौ ऩजमालभ

ॐ ऩरषोततभाम नभ - बजौ ऩजमालभ

ॐ सवणिहसताम नभ - हसतौ ऩजमालभ

ॐ वयपरदाम नभ - कॊ ठॊ ऩजमालभ

ॐ रोकनाथाम नभ - सकनधौ ऩजमालभ

ॐ यसऻाम नभ - नालसकाॊ ऩजमालभ

ॐ ऩणमशरवन कीतिनाम नभ - शरोतर ऩजमालभ

ॐ ऩलरामफज षवरोचनाम नभ - नतर ऩजमालभ

ॐ वचिससवन नभ - रराटॊ ऩजमालभ

ॐ यमम षवगरहाम नभ - सवािणमनगारन ऩजमालभ

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ॐ शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हदवमसनदय षवगरहॊ ऩजमालभ

शरी वकटशवय अषटोततय शतनाभावलर

ॐ वकटशाम नभ

ॐ शरीरनवासाम नभ

ॐ रकषभीऩतम नभ ॐ अनाभमाम नभ ॐ अभताॊशाम नभ ॐ जगदवॊदवाम नभ ॐ गोषवनदाम नभ ॐ शाशवताम नभ ॐ परबव नभ ॐ शषाहि-रनरमाम नभ ॐ दवाम नभ ॐ कशवाम नभ ॐ भधसदनाम नभ ॐ अभताम नभ ॐ भाधवाम नभ ॐ कषणाम नभ ॐ शरीहयम नभ ॐ ऻान-ऩॊजयाम नभ ॐ शरी वतस-वस नभ ॐ सवशाम नभ ॐ गोऩाराम नभ ॐ ऩरषोततभाम नभ ॐ गोऩशवयाम नभ ॐ ऩयभ-जमोरतषम नभ ॐ वकनठऩतम नभ ॐ अवममाम नभ ॐ सधातनव नभ ॐ मादवनिाम नभ ॐ रनतम-मौवनरऩवत नभ ॐ चतवदातभकाम नभ ॐ षवषणव नभ

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ॐ अचमताम नभ ॐ ऩरदमनी-षपरमाम नभ ॐ धयाऩतम नभ ॐ सयऩतम नभ ॐ रनभिराम नभ ॐ दवऩसजताम नभ ॐ चतबिजाम नभ ॐ चकरधयाम नभ ॐ बतरधामन नभ ॐ बतरगणाशरमाम नभ ॐ रनषविकलऩाम नभ ॐ रनषकरनकाम नभ ॐ रनयाॊतकाम नभ ॐ रनयनजनाम नभ ॐ रनयाबासाम नभ ॐ रनतमतपताम नभ ॐ रनगिणाम नभ ॐ रनरऩिवाम नभ ॐ गदाधयाम नभ ॐ शायॊगऩाणम नभ ॐ ननदककन नभ ॐ शनखधायकाम नभ ॐ अनकभतिम नभ ॐ अवमकताम नभ ॐ कहटहसताम नभ ॐ वयपरदाम नभ ॐ अनकातभन नभ ॐ दीनफानधव नभ ॐ आतिरोक बमपरदाम नभ ॐ आकाशयाज-वयदाम नभ ॐ मोचग-रतऩदमभसनदयाम नभ ॐ दाभोदयाम नभ ॐ जगतऩाराम नभ

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ॐ ऩाऩघनाम नभ ॐ बकतवतसराम नभ ॐ बतरषवकरभाम नभ ॐ लशॊशभायाम नभ ॐ जटाभकट-शोलबताम नभ ॐ शनख-भदमोर-सनभॊजराम-ककसनकणमाडम-कयनडकाम नभ ॐ नीरभघ-शमाभ-तनव नभ ॐ बफलव-ऩतराचिन षपरमाम नभ ॐ जगदवमाषऩन नभ ॐ जगत-कत नभ ॐ जगत-साकषण नभ ॐ जगतऩतम नभ ॐ चचसनतताथि-परदाम नभ ॐ सजषणव नभ ॐ दाशावािम नभ ॐ दश-रऩवत नभ ॐ दवकक-ननदनाम नभ ॐ शौयम नभ ॐ हमगरीवाम नभ ॐ जनादिनाम नभ ॐ कनमा-शरवणतायजमाम नभ ॐ ऩीतामफयधयाम नभ ॐ अनघाम नभ ॐ वनभालरन नभ ॐ ऩदमनाबाम नभ ॐ भगमासकत-भानसाम नभ ॐ अशवरढाम नभ ॐ खडगधारयण नभ ॐ धनाजिन-सभतसकाम नभ ॐ गानसायर-सनभधम-कसतरय-रतरकोजवराम नभ ॐ ससतचदाननदरऩाम नभ ॐ जगनभनगरदामकाम नभ ॐ मऻरऩाम नभ

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ॐ मऻबोकत नभ ॐ चचनभमाम नभ ॐ ऩयभशवयाम नभ ॐ ऩयभाथि-परदाम नभ ॐ शानताम नभ ॐ शरीभत नभ ॐ दोदिनड-षवकरभाम नभ ॐ ऩयातऩयाम नभ ॐ ऩयबरहभण नभ ॐ शरीषवबव नभ ॐ जगदीशवयाम नभ

इतत शरी वकटशवय अषटोततय शतनाभावलर

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शरी भहारकषभी अषटोततय शतनाभावलर

ॐ परकतम नभ ॐ षवकतम नभ ॐ षवदमाम नभ ॐ सविबतहहतपरदाम नभ ॐ शरदधम नभ ॐ षवबतम नभ ॐ सयभम नभ ॐ ऩयभासतभकाम नभ ॐ वाचम नभ ॐ ऩदमारमाम नभ ॐ ऩदमाम नभ ॐ शचम नभ ॐ सवाहाम नभ ॐ सवधाम नभ ॐ सधाम नभ ॐ धनमाम नभ ॐ हहयणमम नभ ॐ रकषमम नभ ॐ रनतमऩषटाम नभ ॐ षवबावम नभ ॐ आहदतम नभ ॐ हदतम नभ ॐ दीपताम नभ ॐ वसधाम नभ ॐ वसधारयणम नभ ॐ कभराम नभ ॐ कानताम नभ ॐ काभाकषम नभ ॐ कभर समबवाम नभ ॐ अनगरहपरदाम नभ ॐ फदधम नभ ॐ अनघाम नभ

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ॐ हरयवलरबाम नभ ॐ अशोकाम नभ ॐ अभताम नभ ॐ दीऩाम नभ ॐ रोकशोक षवनालशनम नभ ॐ धभिरनरमाम नभ ॐ करणाम नभ ॐ रोकभातर नभ ॐ ऩदमषपरमाम नभ ॐ ऩदमहसताम नभ ॐ ऩदमाकषम नभ ॐ ऩदमसनदम नभ ॐ ऩदमोदभवाम नभ ॐ ऩदमभखम नभ ॐ ऩदमनाब षपरमाम नभ ॐ यभाम नभ ॐ ऩदमभाराधयाम नभ ॐ दवम नभ ॐ ऩरदमनम नभ ॐ ऩदमगसनधनम नभ ॐ ऩणमगनधाम नभ ॐ सपरसननाम नभ ॐ परसादालबभखम नभ ॐ परबाम नभ ॐ चनिवदनाम नभ ॐ चनिाम नभ ॐ चनिसहोदम नभ ॐ चतबिजाम नभ ॐ चनिरऩाम नभ ॐ इसनदयाम नभ ॐ इनद शीतराम नभ ॐ आहराद जननम नभ ॐ ऩषम नभ

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ॐ लशवाम नभ ॐ लशवकतम नभ ॐ सतमाम नभ ॐ षवभराम नभ ॐ षवशवजननम नभ ॐ तषम नभ ॐ दारयदरमनालशनम नभ ॐ परीरत ऩषकरयणम नभ ॐ शानताम नभ ॐ शकरभालमामफयाम नभ ॐ बासकम नभ ॐ बफलव रनरमाम नभ ॐ वयायोहाम नभ ॐ मशससवनम नभ ॐ वसनधयाम नभ ॐ उदायॊगम नभ ॐ हरयणम नभ ॐ हभभालरनम नभ ॐ धन धानमकतम नभ ॐ लसदधम नभ ॐ सतरणम सौममाम नभ ॐ शबपरदाम नभ ॐ नऩवशभ गताननदाम नभ ॐ वयरकषमम नभ ॐ वसपरदाम नभ ॐ शबाम नभ ॐ हहयणम पराकायाम नभ ॐ सभि तनमाम नभ ॐ जमाम नभ ॐ भॊगराम नभ ॐ षवषणव सथरससथताम नभ ॐ षवषणऩतनम नभ ॐ परसननाकषम नभ

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ॐ नायामण सभाचशरताम नभ ॐ दारयदरम धवॊलसनम नभ ॐ दवरकषभ नभ ॐ सवोऩिव रनवारयणम नभ ॐ नवदगािम नभ ॐ भहाकालम नभ ॐ बरहभा-षवषण-लशवासतभकाम नभ ॐ बतरकारऻानसमऩननाम नभ ॐ बवनशवम नभ ॐ भहारकषभी अषटोततय शत नभ

इरत शरी रकषभी अषटोततय शतनाभावलर

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शरी ऩदमावती अषटोततय शतनाभावलर

ॐ ऩदमावततम नभ ॐ दवम नभ ॐ ऩदमोदभवाम नभ ॐ करणापरदारमनम नभ ॐ सरदमाम नभ ॐ तजसवरषऩणम नभ ॐ कभरभखम नभ ॐ ऩदमधयाम नभ ॐ शरीम नभ ॐ ऩदमनतरम नभ ॐ ऩदमकयाम नभ ॐ सगणाम नभ ॐ कभकभषपरमाम नभ ॐ हभवणािम नभ ॐ चनिवसनदताम नभ ॐ धगधगपरकाश शयीय-धारयणम नभ ॐ षवषणषपरमाम नभ ॐ रनतमकलमाणम नभ ॐ कोहटसमिपरकालशणम नभ ॐ भहासौनदमिरषऩणम नभ ॐ बकतवतसराम नभ ॐ बरहभानडवालसनम नभ ॐ सविवानचापरदारमनम नभ ॐ धभिसनकलऩाम नभ ॐ दाकषणमकटाकषणम नभ ॐ बसकतपरदारमनम नभ ॐ गणतरमाषववसजिताम नभ ॐ कराषोडशसॊमताम नभ ॐ सविरोकानानजननम नभ ॐ भसकतदारमनम नभ ॐ दमाभतामाम नभ ॐ परऻाम नभ

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ॐ भहाधभािम नभ ॐ धभिरषऩणम नभ ॐ अरनकाय षपरमाम नभ ॐ सविदारयदरमधवॊलसनम नभ ॐ शरीवकटशवसथरससथताम नभ ॐ रोकशोकषवनालशनम नभ ॐ वषणवम नभ ॐ रतरचानरऩयवालसनम नभ ॐ वदवदमषवशायदाम नभ ॐ षवषणऩादसषवताम नभ ॐ यतनपरकाशककयीटधारयणम नभ ॐ जगनभोहहनम नभ ॐ शसकतसवरषऩणम नभ ॐ परसननोदमाम नभ ॐ इनिाहददवत मककननय ककमऩरष ऩसजताम नभ ॐ सविरोकरनवालसनम नभ ॐ बजमाम नभ ॐ ऐशवमिपरदारमनम नभ ॐ शानताम नभ ॐ उननतसथानससथताम नभ ॐ भनदायकालभनम नभ ॐ कभराकयाम नभ ॐ वदानतऻानरषऩणम नभ ॐ सविसमऩसततरषऩणम नभ ॐ कोहटसमिसभपरबाम नभ ॐ ऩजापरदारमनम नभ ॐ कभरासनाहद सविदवताम नभ ॐ वकनठवालसनम नभ ॐ अबमदारमनम नभ ॐ िाापरऩामसषपरमाम नभ ॐ नतमगीतषपरमाम नभ ॐ ीयसागयोदभवाम नभ ॐ आकाशयाज ऩबतरकाम नभ

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ॐ सवणिहसतधारयणम नभ ॐ काभरषऩणम नभ ॐ करणाकटाधारयणम नभ ॐ अभतासजाम नभ ॐ बरोकसवगिसखदारमनम नभ ॐ अषटहदकऩारकाचधऩतम नभ ॐ भनभधदऩि सॊहारयणम नभ ॐ कभराथिबागाम नभ ॐ सवलऩऩयाध-भहाऩयाध-भाम नभ ॐ शतकोहटतीथिवालसताम नभ ॐ नायदाहद भरनशरषठ ऩसजताम नभ ॐ आहदशनकयऩसजताम नभ ॐ परीरतदारमनम नभ ॐ सौबागमपरदारमनम नभ ॐ भहाकीतॉ परदारमनम नभ ॐ कषणारतषपरमाम नभ ॐ गनधवि शाऩषवभोचकाम नभ ॐ कषणऩतनम नभ ॐ बतररोकऩसजताम नभ ॐ जगनभोहहनम नभ ॐ सरबाम नभ ॐ सशीराम नभ ॐ अॊजनासतानगरहपरदारमनम नभ ॐ बकतमातभरनवालसनम नभ ॐ सॊधमावसनदनम नभ ॐ सविरोकभातर नभ ॐ अलबभतदारमनम नभ ॐ रलरतावधतम नभ ॐ सभसतशासतर षवशायदाम नभ ॐ सवणािबयणधारयणम नभ ॐ इहऩयरोक सखपरदारमनम नभ ॐ कयवीयरनवालसनम नभ ॐ नागरोकभरणसह आकाशलसनध कभरशवय ऩरयतयधगभनाम नभ

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ॐ शरी शरीरनवासषपरमाम नभ ॐ चनिभनडरससथताम नभ ॐ अलरवर भनगाम नभ ॐ हदवमभनगर धारयणम नभ ॐ सकलमाणऩीठससथताम नभ ॐ काभकवनऩषऩषपरमाम नभ ॐ कोहट भनभधरषऩणम नभ ॐ बानभनडररषऩणम नभ ॐ ऩदमऩादाम नभ ॐ यभाम नभ ॐ सविरोकसबानतय धारयणम नभ ॐ सविभानसवालसनम नभ ॐ सवािम नभ ॐ षवशवरऩाम नभ ॐ हदवमऻानाम नभ ॐ सवभनगररषऩणम नभ ॐ सवािनगरहपरदारमनम नभ ॐ ॐकायसवरषऩणम नभ ॐ बरहभऻानसॊबताम नभ ॐ शरी ऩदमावतम नभ ॐ सदमोवदवतम नभ ॐ शरीभहारकषमम नभ

इरत शरी ऩदमावती अषटोततय शतनाभावलर

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धऩभ दशाॊगभ गगगरोऩतॊ गोघतन सभसनवतभ धऩॊ गहाण दवश सविरोक नभसकाया

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - धऩभािाऩमालभ

(सवाभीजी क भतॉ की अगयफतती औय धऩ स आयती कय)

दीऩभ

बतररोकश भहादव सविऻान परदामक दीऩॊ दासमालभ दवश यभाभ बकतवतसर

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - दीऩॊ दशिमालभ

(सवाभीजी क भतॉ की दीऩ स आयती कय )

नवदमभ

सविबशच बोजजशच यस षडलब सभसनवतॊ नवदमनत भमानीतभ गहाण ऩरषोततभ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - नवदमॊ सभऩिमालभ

(सवाभीजी को परसाद चढाम अगय करा ह तो ldquoकदरीपर रनवदमालभrdquo नारयमर ह तो ldquoनारयकर परॊ रनवदमालभrdquo ऐस कह अगय गड ह तो ldquoगडोऩहाय नवदमभ सभऩिमालभrdquo कह)

ॐ पराणाम सवाहा ॐ आऩानाम सवाहा ॐ वमानाम सवाहा ॐ उदनाम सवाहा ॐ सभानाम सवाहा ॐ ऩयबरहभण सवाहा ॐ बबिव सव ततसषवतय-वयणमभ बगो दवसम धीभहह चधमो मो न परचोदमात ॐ आऩो जमोरतयसोभतॊ बरहभ बबिव सवयोभ भधम भधम ऩानीमभ सभऩिमालभ

अभताषऩधानभलस उततयाऩोशनभ सभऩिमालभ हसतौ परारमालभ ऩादौ परारमालभ ऩनयाचभनीमभ सभऩिमालभ

तामफरभ ऩगीपर सकऩिय नागवलरीदरमितॊ भकताचणि सभामकतॊ तामफरॊ पररतगहमताॊ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - तामफरभ सभऩिमालभ

नीयाजनभ चशरम कानताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरीवकटरनवासाम शरीरनवासाम भनगरभ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ नीयाजनभ दशिमालभ

ऩनयाचभनीमभ सभऩिमालभ

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भॊतरऩषऩभ

ॐ सहसतरशीषिभ दवॊ षवशवाॊ षवशवशॊबवॊ षवशवॊ नायामणनदवभ अयॊ ऩयभॊ ऩदॊ १

षवशवत ऩयभासननतमॊ षवशवॊ नायामणॊ हरयॊ षवशवभवदॊ ऩरषसतदषवशवॊ उऩजीवरत २

ऩरतॊ षवशवसमातभशवयॊ शाशवतॊ लशवभचमतॊ नायामणॊ भहाऻमॊ षवशवतभानॊ ऩयामणॊ ३

नायामण ऩयोजमोरत आतभा नायामण ऩय नायामण ऩयभ बरहभ ततवभ नायामण ऩय नायामण ऩयो धमाता धमानभ नायामण ऩय ४

मचच ककसनचत जगतसव दशमत शरमतषऩ वा अनतफिहहशचततसविभ वमापमा नायामण ससथत ५

अननतभ अवममभ कषवॊ सभिनतभ षवशवशमबवभ ऩदमकोश परतीकाशभ रदमभ चापमधोभखभ ६

अधोरनषमा षवतसतमानत नाभमाभऩरय रतषठरत जवाराभाराकरॊबारत षवशवसमामातनभ भहत ७

सनततॊ लशरालबसत रॊफतमाकोशससननबभ तसमानत सलशयभ सकषभभ तससभन सविभ पररतसषठतभ ८

तसमभधम भहान असगन षवशवायचचषविशवतो भख सोगरबसगवबजन रतषठाननाहाय भजय कषव

रतमिगधवाि भधशशामीयशभमा सतसम सनतता ९

सॊताऩमरत सवॊ दह भाऩादतरभसतक तसम भधम वसनह लशखा अणीमोधवाि वमवससथत १०

नीरथो मदभधमसता षवदमलरखव बासवया नीवायशकवततनवी ऩीताबा सवतमनऩभा ११

तसमा लशखामा भधम ऩयभातभा वमवससथत स बरहभ स लशव स हरय स इनि सोय ऩयभासवयात १२

ॐ तद बरहभ ॐ तद वाम ॐ तदातभा ॐ ततसतमभ ॐ ततसविभ ॐ ततऩयोनिभ अनतशचयरत बतष गहामाभ षवशवभरत िष तवभ मऻसतवभ वषकायसतवभ इनिसतवभ रिसतवभ

षवषणसतवभ बरहभतवभ परजाऩरत तवभ तदाऩ आऩो जमोरत यसोवतभ बरहभ बबिवससवयोभ १३

गदा ऩन शॊखयथानगकलऩक धवजायषवॊदाॊकश वजररासशचत ह शरीरनवास तवत चयणामफज दवमॊ भदीम भधािन भरज ॐ रनयॊजनाम षवदमह रनयाबासाम धीभहह तननो शरीरनवास परचोदमात शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हदवमभनतरऩषऩॊ सभऩिमालभ

परदकषण नभसकाय

शरोकॊ मारनकारन च ऩाऩारन जनभानतय कतारन च तारन तारन परणशमसनत परदकषण ऩद ऩद ऩाऩोहभ ऩाऩकभािहभ ऩाऩातभा ऩाऩसॊबव तराहहभाभ कऩभमा दव शयणगतवतसर अनमधा शयणॊ नाससत तवभव शयणॊ भभ तसभात कारणम बावन य य जनादिन

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - आतभपरदकषण नभसकायान सभऩिमालभ

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षवषवधोऩचाय ऩजा छतरॊ धायमालभ चाभयॊ वीजमालभ नतमॊ दशिमालभ गीतॊ शरावमालभ वादमॊ घोषमालभ आॊदोलरकान आयोहमालभ आशवानायोहमालभ गजानायोहमालभ सभसत यजोऩचाय शकतमऩचाय

मनतरोऩचाय दवोऩचाय सवोऩचाय ऩजाॊ सभऩिमालभ

भाऩवणभ भनतरहीनॊ ककरमाहीनॊ बसकतहीनॊ जनादिन मतऩसजतभ भमा दव ऩरयऩणिभ तदसतत

अनमा धमानावाहनाहद षोडशोऩचाय ऩजमा च बगवन सवाितभक शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरी वकटशवय सवरऩो बगवान सपरीत सपरसननो वयदो बवत शरी वकटशवय दव परसादॊ लशयसा गहणालभ

तीथवभ

अकार भतमहयणॊ सविवमाचध रनवायणभ सवि ऩाऩमकयॊ दव ऩादोदकॊ ऩावनॊ शबॊ

नवदमभ

ॐ बबिवससव ॐ ततसषवतवियणमभ बगो दवसम धीभहह चधमो मो न परचोदमात सतमॊ तवतन ऩरयषषॊचालभ अभतभसत अभतोऩसतयणभलस ॐ पराणाम सवा ॐ अऩानाम सवा ॐ वमानाम सवा ॐ उदानाम सवाह ॐ सभानाम सवा ॐ बरहभण सवा

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - भहानवदमभ सभऩिमालभ

अभताषऩधानभलस उततयाऩोशनभ सभऩिमालभ हसतौ परारमालभ ऩादौ परारमालभ शदध आचभनीमॊ सभऩिमालभ

तामफरॊ सभऩिमालभ सवणिभनतरऩषऩॊ सभऩिमालभ परदकषण नभसकायन सभऩिमालभ

अनमाधमानावाहनाहद षोडषोऩचाय ऩजमा बगवान सवाितभक शरी रकषभी ऩदमावती सभत वकटशवय सवाभी सपरीत सपरसननो वयदो बवत शरी रकषभी ऩदमावती सभत वकटशवय सवाभी परसादॊ लशयसा गहणालभ

उदवासनभ मऻन मऻभमजनत दवासतारन धभािरण परथभानमासन

तहनाकॊ भहहभानससचनत मतर ऩव साधमा ससनत दवा

गचछ गचछ सयशरषठ सवसथान शरी वकटशवय बकताबीषट सभधमथिभ ऩनयागभनाम च

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरी वकटशवय सवाभी मथासथानॊ उदवासमालभ

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परथभ अधमाम

शरी बगवान उवाच

कलरमग भ एक हदन शब भहति भ रतरभरा ऩहाड ऩय (सजस धयती का वकॊ ठ कहा जाता ह ) ldquoषवशवऩरत नाभक एक बकत ऩय शरी फाराजी की कऩा हई शरी षवषण क अवताय शरी फाराजी (वकटशवय) जो महाॉ शरीरनवास क रऩ भ ऩज जात ह उनहोन षवशवऩरत को ldquoशरी फाराजी वरत कथाrdquo नाभ स परलसधद इस गरॊथ की यचना कयन की आऻा दी औय कहा- ldquoह भय षपरम बकत षवशवऩरत भय षपरम होन क कायण इस वरत को षवसताय रऩ स तमह फाता हॉ सनो म

वरत भझ अरत षपरम ह आसान होन क कायण इस सबी रोग सॊऩनन कय सकत ह

कलरमग भ भानव अऩन ऩाऩ कभो का पर बोगता ह अनक कषट सहत हए जीवन रनवािह कयता ह कछ बकत

अऩन दख भझ फताकय उनह दय कयन क लरम कहत ह फहत स ऩस खचि कय वो भझ दखन क लरम रतरभरा की मातरा कयत ह भय बकतो स भझ परभ ह व भझऩय अऩना ऩया बाय डार दत ह भ उनह धभि क भागिऩय चराता हॉ

अबी भ जो मह वरत कथा तमह फतान जा यहा हॉ वो ldquoशरी फाराजी की कथाrdquo क नाभ स परलसदध होगा म भया वरत भझ अरतषपरम ह जो वमसकत इस बसकत औय रनषठा स कयगा वह तयॊत ऩाय ऩामगा कोई बी वमसकत कबी बी इस वरत को सॊऩनन कय सकता ह भखम रऩ स भागिशीषि भाघ कारत िक भहहनो भ ऩणिभासी ऩॊचभी सपतभी एकादशी रतचथमो ऩय मा शरवण सवारत नतरो ऩय इस कयना शरषठ होता ह

इस घोय कलरमग भ भय बकत जो कषट सह यह ह उनह भ जानता हॉ तमह जफ बी कोई कषट हो कोई सभसमा हो सवासम ठीक ना हो नौकयी वमाऩाय भ सभसमाएॉ हो भन अशाॊत हो तो इस वरत को सॊऩनन कयना चाहहम इसस

साय कषट दय हो जात ह घय भ शब कामि होन ऩय इस वरत को सॊऩनन कयन स बफना ककसी सभसमा क कामि ऩणि हो जाता ह इस वरत को सॊऩनन कयत ही सबी सख परापत होत ह औय अषट ऐशवमो की परासपत होती ह

सफय मा शाभ इस वरत को सॊऩनन कय सकत ह इस वरत भ ऩाॉच अधमाम ह इनका ऩठन बसकत क साथ कयना चाहहम अऩन घय भ मा रनवास सथान ऩय भॊहदय भ मा ककसी बी ऩषवतर सथान भ नदी तट ऩय सॊऩनन कय सकत ह

महद सॊबव हो तो अऩन फॊध लभतरो क साथ इस सॊऩनन कयन स जमादा शरषठ होता ह जो इस सॊऩनन कयत ह मा जो इस सनत ह वरत सॊऩणि होन क फाद परसाद को बसकत स सवीकाय कयत ह वो अषट ऐशवमो को परापत कयत ह इसस

ऩहर बी भय बकतो न कई भरनमो न इस वरत को सॊऩनन ककमा औय भया आशीवािद ऩामा बरोक भ यहनवार सबी को मह वरत आनॊद परदान कयगा औय शब पर बी परापत होगा शाॊत चचतत स भझ माद कयत हए इस वरत का ऩारन

कयो

सवि परथभ जहाॉ वरत कयना चाहत हो उस सथर को साप कयो भॊडऩ की वमवसथा कय भयी तसवीय सजसभ भयी षपरम

सरखमाॉ शरी दवी बदवी ह उस तसवीय को इस भॊडऩ ऩय सथाषऩत कयो भॊडऩ को दीवाय स रगाकय बी यख सकत हो अनम ककसी इचछक दवता की तसवीय बी सख सकत हो नवगरहो औय अषट हदकऩारको को मा तो भन भ नभसकाय

कयो मा उनका आवहान बी कय सकत हो

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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सफस ऩहर हलदी स फनी गणश की ऩजा कयनी चाहहम उसक फाद उस वरत क ऩाॉचो अधमामो का रनषठा स ऩठन

कयना चाहहम मही परथभ अधमाम ह अनम चाय अधमाम भय अतमॊत षपरम ऩातर षवशवालभतर वलशषठ बयदवाज अबतर

भरनशवयो क परवचना रऩ भ ह ऩाॉच अधमामोको ऩढन क फाद भय षपरम शरोक बी ऩढ सकत हो हय अधमाम क अॊत

भ गोषव ॊद गोषव ॊद गोषव ॊद तीन फाय सभयण कयना चाहहम

आभ रोगो क कषटो को भ जानता हॉ इसी लरम भयी एक फात सनो महद ककसी कायण इस वरत को षवसताय रऩ स

सॊऩनन कयन भ कोई सभसमा आ यही हो तो भय तसवीय को साभन यख कय ऩहर गणश जी की कपय नवगरह दवताओॊ औय अषटहदकऩारको को सभयण कय ऩाॉच कहरनमाॉ ऩढकय अऩन भन भ जो इचछा ह उस भझ फताओ भ उस

परसाद क रऩ भ परदान करॉगा इस परकाय कयन स बी कामि की लसषदध होती ह तमहाय कषट दय हो जामग औय शब

पर परापत होगा

जो वमसकत इस वरत को बसकत स सॊऩनन कयगा भ उसक घय ककसी ना ककसी रऩ भ आकय परसाद सवीकाय करॉगा भयी कऩा आऩ सबी को हभशा परापत होगी शरी फाराजी न रतमभयाज षवशवऩरत याभकषणभरत ि ldquoषवशवऩरतrdquo को इस वरत कथा को षवसताय स फतामा कलरमगवासी हभ सबी इस वरत को सॊऩनन कय शरी फाराजी की कऩा क ऩातर फन सकत ह इस वरत को सॊऩनन कय हभ अऩन सबी कषट दय कय सकत ह औय उचचत पर बी परापत कय

सकत ह

गोषवॊदगोषवॊदगोषवॊद

परथभोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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दषवतीम अधमाम

शरी षवशवालभतर उवाच

भहातऩ सॊऩनन साात शरी षवशवालभतर जी न हभ ऩय कऩा की औय परवचन कयत हए कहा- ldquoह कलरमग वालसमो शरीरनवास क बकतो ldquoशरीफाराजी वरत कथाrdquo सजस आऩ सॊऩनन कय यह हो वह फहत ही ऩषवतर ह भहहभा स ऩणि ह मह वरत कलरमग भ शरी नायामण जी की करणा औय दमा परापत कयन का अतमॊत सयर साधन ह पराचीन कार भ शरी फाराजी क षपरम बकतो न इस सॊऩनन कय अऩनी काभनाओॊ को ऩणि ककमा इस वरत कथा क फाय भ हभ फताकय शरी फाराजी न हभाय पररत जो दमा हदखाई ह उसक लरए हभ उनह परणाभ कयत ह

पराचीन कार भ भगध याजम भ षवषणचचतत नाभक एक बकत यहता था उसकी नौ कनमाएॉ थी षवदवान होन ऩय बी वह अतमॊत गयीफ था षवषणचचतत की ऩतनी तायाभरत हभशा नायामणजी की पराथिना कयती यहती थी षववाहाहद शबकामि सॊऩनन कय जो बी ऩस दकषणा क रऩ भ लभरत थ उसस व भसशकर स अऩना जीवन रनवािह कय

यह थ कनमाएॉ मौवनावसथा भ ऩदाऩिण कय चकी थी तायाभरत हभशा इसी चच ॊता भ यहती थी कक इन कनमाओॊ का षववाह ककस परकाय सॊऩनन होग वह फाराजी की पराथिना कयत हए सदा अऩना सभम गजायती थी

वह तो फाराजी की बकत थी औय फाराजी अऩन बकतो स अतमाचधक परभ कयत ह उस हदन भाघ ऩरणिभा थी सवय

एक वदध बराहभण न षवषणचचतत क दयवाज ऩय दसतक दी औय कहा - ldquoह सवाभी भ फॊग दश का वासी हॉ एक मऻ

क लसरलसर भ दसय दश जा यहा हॉ यासत भ महाॉ आमा हॉ भझऩय दमा कयो औय अऩन घय भ एक हदन क लरए

यहन दो कर सवयही भ महॉ स चरा जाऊॉ गाrdquo उन की फात सनकय षवषणचचततन कहा lsquoनाथ इसस फढकय खशी औय कमा हो सकती ह अरतचथ साात नायामण जी क सभान होत ह ऐस हभाय ऩयाणो भ कहा गमा ह आऩ बफना ककसी सॊकोच क हभाय घय भ यह सकत हlsquo ऐसा कह कय उसन उस बराहभण को घय क अॊदय फरामा औय उनका सतकाय ककमा

दोऩहय भ बोजन क फाद उस वदध न तायाभरत स ऩछा ndash ldquoभाता कमा फात ह तभ कछ चच ॊरततसी रगती हो बफना ककसी सॊकोच क फात फताओrdquo तायाभरत न कहा ndash ldquoसवाभी आऩ तो भहातऩसवी ह आऩ क भख का तज उस वकॊ ठवासी क सभान ह आऩ स कमा छऩाना भयी चचॊता भयी कनमाओॊ का षववाह हrdquo उस ऩय वदध न कहा- ldquoभाता तमहाया दख भ जानता हॉ तमहाय सबी कषट दय हो औय तमहायी कनमाओॊ की शादी हो इसक लरम भ एक अदभत वरत फताता हॉ सनो इस वरत को सॊऩनन कयन स तमहाय साय कषट दय हो जामग शरी फाराजी क वरतो भ स मह सफस सयर हrdquo कहत हए उनहोन उस दॊऩरत को ऩया वरत षवधान फतामा वरत षवधान

सनकय षवषणचचतत न कहा- ldquoसवाभी मह तो अतमॊत सॊतोष की फात ह इसस फढकय सौबागम औय कमा होगा

कहत ह ना- शबसम शीिॊ आज भाघ ऩरणिभा ह फहत ही शब हदन ह आऩक कथा अनसाय हभ आज ही इस वरत

को सॊऩनन कयगrdquo षवषणचचततन ऩतनी तायाभरत औय सबी कनमाओॊ क साथ लभरकय उस हदन शाभ भ ही अऩन

फॊध-लभतरो क साथ बसकत औय रनषठा स फाराजी वरत को सॊऩनन ककमा वहाॉ उऩससथत सबी रोगो न वरत ऩया होन क

फाद चयणाभत परसाद गरहण ककमा औय अऩन-अऩन घय परसथान ककमा तफ षवषणचचतत औय तायाभरत न बराहभण

क चयणो को नभसकाय ककमा औय आशीवािद परापत ककमा बराहभणोततभ न बी चयणाभत परसाद गरहण ककमा औय

कहा- ldquoआऩकी भनोकाभना ऩयी हो शरी रकषभी शरी फाराजी की कऩा होrdquo

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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अॊधया हो चरा था औय रनिा सभम आसनन था षवषणचचतत न उस बराहभण को एक पटी चादय दत हए आॉखो भ आस लरम कहा- सवाभी भ अतमॊत दरयिी हॉ इसस अचछी चादय भय ऩास नही ह भझ भा कय आज की यात इसी ऩय षवशराभ कय बराहभण भसकयात हए फोर- कोई फात नही भ फाहय फयाभद भ सो जाता हॉ कछ सभम फाद ही सबी रनिारोक भ षवचयण कयन रग आधी यात का सभम था बफजरी की गडगडाहट क साथ फारयश शर हई चायो ओय अॊधया था कहीॊ कछ नही हदखाई

द यहा था षवषणचचतत इस चच ॊता भ था कक वदध बराहभण फाहय कस सो यह होग उस सभम कछ सझ बी नही यहा था ककसी तयह उनहोन यात गजायी सवया हआ फारयश बी थभ चकी थी ऩरत-ऩतनी मही सोच यह थ कक बराहभण की कमा दशा हई होगी ककतना सहा होगा उनहोन मही सोचत हए वो फाहय आए उनह एक अदभत दशम हदखाई हदमा वहाॉ षवपरोततभ नही थ पहट हई चादय की जगह यशभ का षऩताॊफय यखा हआ था उस षऩताॊफय ऩय शरी फाराजी क

भतॉ ndash हदखाई दी व सफ कछ सभझ गम उनकी खषी का कोई हठकाना नही यहा उनक घय आम बराहभण औय

कोई नही साात शरी नायामणजी ही थ ह फाराजी कमा बागम ह हभाया ऩय हभ उनको ऩहचान नही ऩाम हभन उनको पटी हई चादय दी मह सोचत हए उनहोन शरी फाराजी की भतॉ को हाथ भ रकय आॉखो स रगामा औय

घय क अॊदय आम ऩया घय सोन स बया हआ था जहाॉ दखो वहाॉ धन याशी ह बगवान शरी फाराजी की वरत कथा की भहहभा स ही मह सफ सॊबव हो सका ऐसा कहत हए व बगवान की सतरत कयन रग आऩन दख साात शरी फाराजी ही उस बकत क घय आम थ वरत षवधान फतामा औय चयणाभत परसाद बी गरहण

ककमा शरी फाराजी फहत ही करणाभम ह जो बी इस वरत को बसकत औय रनषठा स कयगा उसक घय सवमॊ बगवान

ककसी ना ककसी रऩ भ आमग आऩ सबी इस वरत को सॊऩनन कय बगवान की कऩा परापत कय सकत ह शरी भहषषि षवशवालभतर जी न मह दषवतीम कथा इस तयह फताई

शरी रकषभी शरीरनवास कटाॊ लसषदधयसत

गोषवॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

दषवतीमोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ततीम अधमाम

शरी वलशषठ उवाच मह अधमाम भहातऩोरनषठ वरयषठ शरीवलशषठ भरन न शरीनायामणजी की कऩा स हभ षवसताय रऩ स फतामा ह ह कलरमग वालसमो शरीफाराजी क षपरम बकतो वकणठ भ रनवास कयनवार शरीनायामणजी आज क रतरभरा भ ससथत शरीफाराजी ही ह कलरमग वालसमो क कषट दय कयन क लरम बगवान आऩक फहत सभीऩ रतरभरा ऩहाड ऩय अवतारयत हए ह शरी फाराजी को खश कयन क लरए मह वरत उततभ ह औय सयर बी ह इस वरत को जो बसकत औय रनषठा स सॊऩनन कयता ह उस सबी सख परापत हो जात ह पराचीन सभम भ अवॊती दश भ बागमनगय नाभक एक नगय था नाभ क ही अनरऩ वहाॉ अनक धनवान (वमाऩायी) यहत थ ऩय व अऩनी सॊऩसतत को दख घभॊड कयत थ औय आभ रोगो को हीन दषटी स दखत थ धन-दौरत उनकी सवासजित ह ऐसा सोचकय घभॊड कयत थ बगवान की रनतम ऩजा-ऩाठ तो उनहोन ऩहर ही छोड दी थी कभ स कभ षवशष हदनो भ बी व ना भॊहदय जात ना ऩजा कयत ना ही दीऩ जरात एक हदन सबी धनवान अऩनी-अऩनी ऩतनीमो क साथ परीरत बोज भ वमसत थ उस नगय की ऩवि हदशा भ ही शरी रकषभी नायामण जी का भॊहदय था जहाॉ दीऩ जरानवारा कोई नही था उस हदन षवशष एकादशी थी सजस एक ऩवि हदन बी भाना जाता ह ऩय उस नगय क एक बी धनवान क भन भ भॊहदय भ ऩजा कयन का षवचाय नही आमा शाभ होत-होत आकाश भ घन फादर छा गम औय भसराधाय फारयश होन रगी वमाऩारयमो क घय ऩानी स बय गम चायो ओय अॊधकाय ह अॊधकाय था सवय होन तक ऩया नगय ऩानी भ डफ गमा वमाऩारयमो क घय टट-पट गम उनका साया ऐशवमि सभापत हो गमा ऐसा उऩिव कमो भचा मह पररम कस हो गमा ककसी को कछ बी सभझ भ नही आ यहा था इतन भ उनह एक षवचचतर दशम हदखाई हदमा नगय क फाहय जो झोऩडडमाॉ थी व तो वसी की वसी थी उनको आशचमि हआ इतनी फारयश भ बी म कस सही सराभत यही व ऐसा भन ही भन सोच यह थ कक इतन भ बफजरी कडकी औय आकाशवाणी हई ldquoए भखो तमहायी सॊऩसतत तमहायी अऩनी ह सवासजित ह ऐसा सोचत थ इसी लरम ऐसा हआ ह इस झोऩडी भ यहनवारा दव भया षपरम बकत ह आभ आदभी होन ऩय बी दव रनतम तमहाय नगय भ ससथत शरी रकषभी नायामण

भॊहदय भ दीऩ जराता था इतना ही नही हय एकादशी क हदन मथा सॊबव वह शरी फाराजी वरत कथा बी सॊऩनन कयता था इसी लरम इन झोऩडीमो भ यहनवार सबी रोग सयकषत यह आऩ सबी महद वरत सॊऩनन कयग तो अऩन-अऩन

ऐशवमि को ऩन परापत कय सकत होrdquo आकाशवाणी सनत ही तयॊत व सबी रोग उस भॊहदय भ गम औय जस

सॊबव हो सका वस सबी रोगोन एक-दसय क सहमोग स शरी फाराजी की वरत कथा सॊऩनन की ऐसा कयत ही सबी को उनक घय ऩवि रऩ भ ही परापत हो गम तफ स व सबी शरीफाराजी क बकत फन गम औय हय एकादशी को शरीफाराजी का वरत सॊऩनन कयत औय सख-शाॊरत परापत कय यहन रग अॊत भ उनहोन भसकत बी परापत की

शरीवलशषठजी न इस परकाय म कथा सनाई

गोषव ॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

ततीमोधमाम सभापतॊ |

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ

शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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चतथव अधमाम

शरी बयदवाज उवाच

शरीनायामण जी को ldquoशरीफाराजी वरत कथाrdquo अतमॊत षपरम ह चतथि अधमाम क रऩ भ हभाय साभन शरी बयदवाज

भरनदवाया फतामी नमी कहानी इस परकाय ह- ldquoह कलरमगवालसमो शरी नायामण क षपरम बकतो आऩ सजस वरत को सॊऩनन कय यह ह वह अदभत ह आऩकी भनोकाभनाओॊ को ऩणि कयन का साधन ह शरी फाराजी को परसनन कयन का मह अतमॊत सयर उऩाम ह आऩ सबी ऩय कऩा कयन क लरम ही वकॊ ठवासी बगवान शरीरनवास क रऩ भ रतरभरा ऩहाड ऩय अवतरयत हए ह अनक जनभो क ऩणमपर स ही रतरभरा ऩहाड ऩय ऩय यखन का सौबागम परापत होता ह औय बगवान क दशिन बी सॊबव होत ह इसी तयह इस ldquoवरतकथाrdquo को सॊऩनन कयन का सॊकलऩ बी ऩविजनभ क

ऩणमपर स ही सॊबव होता ह जो वमसकत इस वरत को सॊऩनन कय यह ह मा जो इस कथा को सन यह ह मा जो बगवान क परसाद को गरहण कयत ह उनह बगवान की कऩा परापत होती ह औय व सौबागम बी ऩात ह

पराचीन कार भ ldquoनगयीrdquo नाभक एक गराभ भ धनगपत नाभ का वमाऩायी यहता था वह फहत ही रारची था ऐशवमि परापत कयन ऩय बी उसका रारचीऩन कभ नही हआ मह सभसत ऐशवमि उसका ही कभामा हआ ह ऐसा सोचकय वह फहत घभॊड कयता था अहॊकाय भनषम का नाश कयता ह

धनगपत की ऩतनी काॊरतभती अतमॊत बसकत बावना यखती थी औय रनषठा स बगवान की ऩजा कयती थी उनकी तीन कनमाएॉ थी तीसयी कनमा ldquoकभायीrdquo भ बसकत बावना जमादा थी वह हभशा फाराजी का नाभ ही जऩती यहती थी षऩताजी को बफना फताम वह जफ-तफ शरी फाराजी क भॊहदय भ जाती थी औय बगवान क दशिन कयती थी घय आकय षऩताजी को छोड अनम सबी क साथ परसाद सवीकाय कयती थी ऩती क ऐस वमवहाय स

काॊरतभती थोडी चच ॊरतत होती थी

एक हदन ldquoकभायीrdquo की सहरी क घय ऩय ldquoशरी फाराजीrdquo का वरत सॊऩनन हो यहा था मह जानकय वो वहाॉ गई वरत ऩया होन तक दोऩहय हो चकी थी थोडासा परसाद उसन गरहण ककमा औय थोडा वह अऩन घयवारो क लरम एक

कागज की ऩडी भ रकय चरी फीच यासत भ उस पमास रगन रगी धऩ बी फहत तज थी उसन सोचा थोडी दय रक

कय पमास फझाकय कपय चरॉ तो ठीक यहगा तबी उस माद आमा कक उसक षऩता की दकान अगरी गरी भ ही तो ह वहाॉ जाकय उसन षऩताजी को ऩजा की फात बफना फताम षऩताजी स ऩानी भाॉगकय षऩमा औय षऩताजी गससा कयग

इस डय स उसन जलदी-जलदी ऩानी षऩमा इस घफयाहट भ परसाद की ऩडी वही दकान भ बरकय चरी गई

एकाएक फाजाय भ हडकॊ ऩ भच गमा रोग हाहाकाय भचात हए इधय-उधय बागन रग आगजनी क कायण उस गरी की सायी दकान जर कय याख होन रगी वस बी दोऩहय का सभम थाउस ऩय गभि हवाएॉ चर यही थीधनगपत का शयीय डय क भाय काॉऩन रगा ldquoकछ ही सभम भ उसकी दकान बी जर कय याख हो जाएगीrdquo इस षवचाय स उस क हाथ-ऩय काॉऩन रग सबी रोग अऩनी-अऩनी दकानो स फाहय आकय इधय-उधय बागन रग ऩय

धनगपत वही खडा यह गमा दकान छोडकय जान का भन नही कय यहा था महद वो दकान भ यहगा तो जरकय

याख हो जामगासोचत हए उसन घफयाहट भ उसक हाथ रगी ऩडी को उठामा औय बफना सोच सभझ जो हाथ आमा वो भॉह भ डार हदमा उस कछ भीठा-भीठा सा ऩदाथि रगा औय भन बी शाॊत होन रगा

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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तबी एक अदभत घटना घटीआग धनगपत की दकान तक आकय रक गमी आग की रऩत वहाॉ नही आ ऩामी मह कसी षवचचतर फात हम कसी भामा ह धनगपत क भॉहस एक बी फात नही रनकर ऩामी उधय आगजनी की खफय सनत ही ऩतनी काॊरतभती अऩन कनमाओॊ क साथ फाराजी का सभयण कयत हए दौडती हई वहाॉ आ गमी आग उनक दकान तक आकय कस रक गमी मह दखकय उस आशचमि हआ तबी कभायी को दकान भ बरी हई ऩडी की माद आई धनगपत को सभझन भ दय नही रगी कक उसन जो चीज भॉह भ डारी थी वो औय कछ नही तो बगवान का परसाद ही था औय उसकी भहहभा स ही व इस दघिटना स चक गम धनगपत न शरीफाराजी स भा भाॉगी गार फजाम शाभ भ ही नगयवालसमो को फराकय ldquoशरीफाराजी की वरत कथाrdquo सॊऩनन की तफ स वह बगवान की सवा भ रीन हो गमा औय अॊत भ भो बी परापत की आऩन दखा कक कवर परसाद गरहण कयन स ही वो ककतनी फडी दघिटना स चक गमा फाराजी की भहहभा अदभत ह आऩ सबी बी मथा सॊबव वरत को सॊऩनन कय क बगवान की कऩा परापत कय सकत हldquo

शरीबयदवाजजी न इस परकाय मह चतथि कथा सनामी

गोषवॊदगोषवॊदगोषवॊद

चतथोधमाम सभापतॊ |

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ऩॊचभ अधमाम

शरी अतरतर उवाच

रतरभरा-रतरऩती बरोक का वकणठ धाभ ह ऩयाणो भ फतामा गमा ह कक रतरभरा क सभान ऩषवतर सथर औय शरी फाराजी जस दवता न तो ऩहर कबी हए ह औय न कबी होग शरीरनवास क रऩ भ अवतरयत शरी नायामण अऩन

बकतो स फहत परभ कयत ह जो उन ऩय अऩना ऩया बाय डारकय उनह रनतम सभयण कयत ह जो सदाचाय स ऩणि जीवन बफतात ह वो उनकी या कयत ह ऐस शरीफाराजी को परसनन कयन का सफस सयर उऩाम ह ndash ldquoशरीफाराजी की वरत कथाrdquo

इस अदभत वरत कथा क फाय भ भहातऩसॊऩनन शरी अबतर भहषषि न कऩा कयत हए कहा ह- ldquo ह फाराजी क षपरम

बकतो कलरमग भ आऩक सौबागम क फाय भ कमा कहना कतमग तरतामग औय दवाऩायमग भ अतमॊत कठोय तऩ-

जऩ कयन ऩय बी परसनन न होन वार शरी नायामण इस मग भ कवर नाभसभयण स ही आऩ रोगो ऩय कऩा कय यह

ह षवशवास क साथ उनह फरान ऩय व तयॊत कऩा परदान कयत ह ऐस करणाभम ह शरीफाराजी ऩषवतर रतरभरा ऩय

तमहाया यखा हय कदभ अनक जनभो क ऩणमपर क सभान ह

पराचीन कार भ ldquoकौभायrdquo दश भ ldquoलभतरrdquo नाभक धोफी यहता था वो अऩन काभ क साथ-साथ धालभिक कामि कयता हआ जीवन रनवािह कय यहा था उसकी अऩॊगता ही उसकी चच ॊता थी इसी कायण धोए हए कऩडो की ऩोटरी फनाकय घय-घय घभकय उनह रोगो तक ऩहॉचाना उस धीय धीय भसशकर रगन रगा उसका ऩरयवाय फडा था बफना भहनत ककए उस बय ऩट खान को बी नही लभरता था हभशा वो शरी फाराजी की ऩजा कयता यहता था कबी ना कबी बगवान उस ऩय कऩा कयग इसी षवशवास स वो अऩना जीवन गजाय यहा था बकतो ऩय कऩा कयन वार फाराजी सफ कछ दखत यहत ह जो वमसकत अऩन कभो स भकती ऩाता ह उनक ऩास आकय फाराजी ककसी न ककसी रऩ भ आकय उनकी या कयत ह एक हदन शाभ क सभम हभशा की तयह लभतर कऩड धोकय कऩडो की ऩोटरी राद धीय-धीय चरता हआ आ

यहा था फीच यासत भ उस एक वदध बराहभण हदखाई हदम गौयव की बावना स फड होन क कायण लभतर न अऩन कॊ ध

ऩय रदी हई ऩोटरी को नीच उतायकय वदध बराहभण को नभसकाय ककमा तफ उस षवपरोततभ न कहा- ldquoतभ अऩन इस ऩय क कायण ककतना कषट सह यह हो तमहाया दख दखा नही जाताrdquo तफ लभतर न कहा-ldquoह नाथ आऩ फजगि ह बयाऩया ऩरयवाय होन क कायण भझ इस काभ स भकती नही लभर यही ह ककसी तयह भयी म अऩॊगता दय हो ऐसा कोई उऩाम फताइएrdquo

तफ बराहभण न कहा-ldquoसनो बाई भ जरय फताऊॉ गा धमान स सनो भ एक ऐस वरत क फाय भ फताता हॉ सजस सॊऩनन कयन स तमहायी अऩॊगता दय हो जाएगी तमह अषट ऐशवमो की परासपत होगी वरत सॊऩनन कयत ही तमह हजाय अशकपि माॉ लभरगी ऩय एक शति ह उसभ स आध तभ भझ दोगकर भ कपय इसी सभम महाॉ लभरॉगाrdquo तफ लभतर न कहा- ldquoसवाभी इसस फढकय सौबागम औय कमा हो सकता ह आज ही इस

वरत क फाय भ फताइए भ उस सॊऩनन करॉ गाrdquo लभतर क उतसाह को दख वदध न शरी फाराजी वरत कथा क फाय भ फतामा

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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लभतर दगन उतसाह क साथ घय आमा ऩयी कहानी ऩतनी को फतामी औय अडोस-ऩडोस क साथ लभरकय शरी फाराजी वरत को सॊऩनन ककमा चयणाभत परसाद गरहण ककमा घय आए सबी रोगो को बी हदमा तबी घय क फाहय कछ

कोराहर सनाई हदमा लभतर का फटा फाहय स दौडता हआ आमा औय फोरा- ldquoषऩताजी षऩताजी याज-यक आऩक लरम आए ह याजा न आऩक लरम बट बी बजी हrdquo इतन भ यक बी वहाॉ आ गम उनहोन फतामा कक उसकी रनमसकत याज दयफाय भ धोफी क रऩ भ हो गमी ह याजा न हजाय अशकपि माॉ ऩयसकाय सवरऩ बजी ह ऐसा कहकय उनहोन लभतर क हाथ भ हजाय अशकपिमो की ऩोटरी यख दी एक हफत क अॊदय-अॊदय

उस आकय नौकयी भ बतॉ होन को बी कहा लभतर क आनॊद की सीभा नही थी एक हफता कमो कर ही कमो नही सोचकय उसन अऩनी ऩोटरी-वोटरी फाॉधी औय दसय हदन सवय ही वो जान को तमाय हो गमा इस जलदफाजी भ वह

उस वदध की फात बर गमा फीच यासत भ उस उसकी फात माद आ गमी ऩय ठीक हअगर भहहन लभर रता हॉ सोच

कय वह याज दयफाय भ अऩन काभ ऩय रग गमा हदनभहहन फीत बराहभण क वश भ आए बगवान को गससा आमा बगवान न सोचा भनषम की परवसतत ऐसी ही होती ह उस भझ अऩनी भहहभा फतानी होगी

दसय ही हदन याणीवास स आबषण चोयी हो गम चोयी का इलजाभ लभतर ऩय आमा लभतर को कायावास की सजा हई hellipयाज यकोन उस तयह-तयह की मातनाएॉ दी ऐसा कमो हआउस ऩय मह इलजाभ कमो रगा सोचत हए लभतर को यात को सऩन भ बगवान हदखाई हदम उनहोन फतामा कक ldquoवदध बराहभण क रऩ भ व ही आम थ वो अऩनी फात स भकय गमा इसलरम म सफ हआ हrdquo तफ लभतर न कहा-ldquoह नाथभ ऩाऩी हॉ भन फहत फडा ऩाऩ ककमा ह कऩमा भझ ऩय दमा कीसजम अफ भ हय भहहन आऩका वरत सॊऩनन करॉ गा भयी आम का आधा बाग जीवन बय आऩको सभषऩित करॉ गाrdquo गार फजाकय उसन बगवान की हय तयह स पराथिना की बकतो की ऩकाय सननवार बगवान न खशी-खशी लभतर ऩय कऩा कय दी बगवान की कऩा स याणी क आबषण दसयही हदन लभर गम याजान म बी जान लरमा कक लभतरन चोयी नही की थी लभतरको कायावास स रयहा कय हदमा गमा तफ स लभतर बगवान को हदम वचन अनसाय हय भहहन शरी फाराजी का वरत सॊऩनन कयन रगा औय अऩनी आम का आधा बाग बगवान को अषऩित कयता यहा सख ऩणि जीवन बफतात हए उसन अॊत भ भो बी परापत ककमाrdquo

शरी अबतरजी न ऐसा कहकय ऩाॉचव औय आखयी अधमाम को सभापत ककमा

गोषवॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

ऩॊचभोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

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faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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अथ गणऩती ऩजा ॐ गणानाभ तवागणऩतीभ हवाभह कषवॊ कवीनाभऩा भसशरवसतवभ जमषठयाजभ बरहभणाभ बरहभणसऩत आनशशरणमनततलब सीदसाधनभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ धमामालभ धमानभ सभऩिमालभ

आवाहमालभ यतनलसॊहासनभ सभऩवमालभ ऩादमौ ऩादमभ सभऩवमालभ

हसतौ अरघमवभ सभऩवमालभ भख आचभनीमभ सभऩवमालभ

आऩोहहषटाॊमोबवसतान ऊजधदातन भहयणाम चस मो वत लशवत भोयससतसम बाजमतहन उषतीरयना भातय तसभायभ गभाभवो मसमामाम जजॊधव आऩोजनमाधाचन

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash शदधोदक सनानॊ सभऩिमालभ

सनानाॊतयभ शदध आचभनभ सभऩिमालभ

अलबवसतरात वसनानमाय शलबदनतस दघा ऩजभान अलबचॊदरा बताव व नो हहयणमाभमशवनयततनोदव सोभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash वसतरमगभभ सभऩिमालभ

मऻोऩवीतभ ऩयभॊ ऩषवतरभ परजाऩत मत सहजभ ऩयसतात आमषमॊगरमभ परततभचच शभरॊ मऻोऩवीतभ फरभसत तज

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash मऻोऩवीतभ सभऩिमालभ

गॊधदवायाभ दयाधषावभ तनतमऩषटान करयषषणीभ

ईशवयीभ सववबतानाभ ता लभहोऩवहम शरशरमभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash हदवम शरी चॊदनॊ सभऩिमालभ

आमन त ऩयामण दवाव योहॊत ऩजषऩणी हदाशच ऩॊडयीकाणण सभदरसम गहा इभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash दवािहद नानाषवध ऩषऩारण सभऩिमालभ

अथ शरी षोडषनाभ ऩजा ॐ सभखाम नभ

ॐ एकदॊताम नभ

ॐ कषऩराम नभ

ॐ गजकरणिकाम नभ

ॐ रमफोदयाम नभ

ॐ षवकटाम नभ

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ॐ षवघनयाजम नभ

ॐ गजाचधऩतम नभ

ॐ धभकतव नभ

ॐ गणाचधाम नभ

ॐ पारचॊिाम नभ

ॐ गजाननाम नभ

ॐ वकरतॊडाम नभ

ॐ शऩिकणिकाम नभ

ॐ हयमफाम नभ

ॐ सकॊ दऩविजाम नभ ॐ सवािलससधद परदामकाम नभ ॐ भहागणाचधऩतम नभ

नानाषवध ऩरयभर ऩषऩारण सभऩिमालभ

वनसऩतमबवव हदव नाना गॊध स सममतभ आघरम सववदवानाभ धऩोमभ परततगहमताभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash धऩभािाऩमालभ

साजमभ बतरवतॉ सॊमकताभ वसहनना मोसजतभ षपरमभ

गहाणा भॊगरभ दीऩभ तररोकमरतलभयावहभ

बकतमादीऩभ परमचछालभ दवाम ऩयभातभन

तराहहभाभ नयकादघोयाद हदवमजमोरत नभोसतत

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash दीऩभ सभऩिमालभ

धऩ दीऩाॊतयभ आचभनीमभ सभऩिमालभ

नवदमभ

(गड का छोटा टकडा थारी भ यख कय उसक सबोवतार ऩानी रछडक) ॐ बबव सव ॐ ततसषवतयवयणमभ बगो दवसम धीभही चधमोमोन परचोदमात सतमभ तवतन ऩरयषषॊचालभ (यात भ ldquoऋतॊ तवा सतमन ऩरयषषॊचालभrdquo ऐस कह)

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash नवदमभ सभऩिमालभ

अभतभसत अभतोवतसयणभलस

ॐ पराणाम सवाहा ॐ आऩानाम सवाहा ॐ वमानाम सवाहा ॐ उदानाम सवाहा

ॐ सभानाम सवाहा भधम भधम ऩानीमभ सभऩवमालभ

अभताषऩधानभलस उततयाऩोषणभ सभऩवमालभ

हसतौ परारमालभ शदधाचभनीमभ सभऩवमालभ

ऩगीपर सकयऩय नागवलरीदरीयमतभ

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भकताचणव सभामकतभ ताॊफरभ परततगहमताभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash ताॊफरभ सभऩिमालभ

ॐ गणानाभ तवागणऩतीभ हवाभह कषवॊ कवीनाभऩा भसशरवसतवभ जमषठयाजभ बरहभणाभ बरहभणसऩत आनशशरणमनततलब सीदसाधनभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ - सवणिभॊतरऩषऩभ सभऩिमालभ

भॊतरहीनभ ककरमाहीनभ बसकतहीनभ गणाचधऩ

मतऩसजतभ भमा दव ऩरयऩण तदसतत

मऻन मऻभमजॊत दवासतारन धभािरण परथभानमासन

तहनाकभ भहहभान सचॊत मतर ऩवसाधमा सॊरत दवा

ऩनयाचभनभ

अनमा धमानावाहनाहद षोडषोऩचाय ऩजमा च बगवान सवाितभक

शरीभहा गणाचधऩरत सपरीतो वयदो बतवा उततय कभिणम षवघनभसत बवनतो

बवनत उततय कभिणम षवघनभसत गणाचधऩरत परसादभ लशयसा गरहणालभ

सहसरऩयभा दषव शतभरा शताॊकया सव हयत भ ऩाऩॊ दवािदससवपननाशनी गणऩरत मदासथानॊ उदवासमालभ

पराण परततषठा ॐ असनीत ऩनसभािस च ऩन पराणलभहनोदहह बोगॊ जमोकऩशमभ

समिभचचयनत भनभत भडमान सवससत अभतॊ वपराणा अभतभाऩ पराणानव मधासथानभऩहवमत

(सवाभीजी की भतॉ को हाथ रगाम )

शरीवकटशवय आवाहमालभ सथाऩमालभ ऩजमालभ ससथयोबव वयदोबव सपरसननोबव ससथयासनॊ कर

धमानभ

शानताकायॊ बजगशमनॊ ऩदमनाबभ सयशभ षवशवकायभ गगन सदशॊ भघवण शबाॊगॊ

रकषभीकानतॊ कभरनमनॊ मोचगहरधमान गममॊ वनद षवषणॊ बवबमहयॊ सविरोककनाथॊ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - धमामालभ धमानभ सभऩिमालभ

आवाहनभ

आवाहमालभ दवश लसदधगनधवि सषवत मिसमलभदॊ ऩणमॊ सविऩाऩहयोहय

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवनकटशवय सवालभन नभ - आवाहमालभ

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(सवाभीजी क भतॉ ऩय पर ऩतत चढाम) आसनभ

दव दव जगननाथ परणत करशनाशन यतनलसॊहासनॊ हदवमॊ गहाण भधसदन

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवनकटशवय सवालभन नभ - यतनलसॊहासनॊ सभऩिमालभ

(सवाभीजी क भतॉ ऩय पर ऩतत चढाम) ऩादमॊ

वासनचतॊ करभदव दषकतॊ च षवनाशम ऩादमॊ गहाण बगवान भातरतसॊग सॊससथत

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - ऩादमो ऩादमॊ सभऩिमालभ

(एक चमभच ऩानी थारी भ डार)

अरघम

करषवभ दमाॊ दव सॊसायारत ि बमाऩह दचधीय परोऩतभ गहाणाघम नभोसतत

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हसतमोयघम सभऩिमालभ

(एक चमभच ऩानी थारी भ डार)

आचभनॊ नभ सतमाम शदधाम रनतमाम ऻानरषऩण गहाणाचभनॊ दव सविरोककनामक

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - भख आचभनीमॊ सभऩिमालभ

(एक चमभच ऩानी थारी भ डार) ऩॊचाभतसनानॊ

ऩॊचाभतॊ भमानीतॊ ऩमोदचधघतॊ भध शकि या सहहतॊ चवदवतवॊ पररतगहमताॊ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - ऩॊचाभत सनानॊ सभऩिमालभ

(ऩॊचाभत गाम क दध दही घी भध औय चीनी लभराकय ककमा जाता ह)

सनानॊ सवणिऩातरोदकॊ गॊगा मभनाहद सभसनवतॊ शदधोदकॊ गहाणश सनानॊ कर मथाषवचध

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - शदधोदकसनानॊ सभऩिमालभ

(एक चमभच ऩानी थारी भ डार) वसतरॊ

तपतकाॊचन सनकाशॊ ऩीतमफय लभदॊ हय सगहाण जगननाथ शरीरनवास नभोसतत

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - वसतरमगभॊ सभऩिमालभ

मऻोऩवीतॊ मऻोऩवीतॊ ऩयभॊ ऩषवतरॊ परजऩतमितसहजॊ ऩयसतात

आमषमभागरमाभ पररतभचचशभरॊ मऻोऩवीतॊ फरभसत तज

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शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - मऻोऩवीतॊ सभऩिमालभ

गनधॊ चनदनागर कसतरय घनसाय सभसनवतॊ गनधॊ गहाण गोषवनद नानागॊधसचधायम

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हदवमऩरयभर गॊधाॊ सभऩिमालभ

(सवाभीजी क भतॉ को चॊदन रगाम) अताॊ

गोषवनदा ऩयभाननद हरयिा सहहततान षवशवशवय षवशारा गहाण ऩयभशवय

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - अतान सभऩिमालभ

(सवाभीजी क भतॉ ऩय अता डार चावर को हलदी कॊ कभ रगाक अता फनात ह) ऩषऩॊ

सगॊधारन सऩषऩारण जाजीकनदभखारन च भाररत वकरादषव ऩजाथ पररतगहमताॊ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - ऩषऩॊ सभऩिमालभ

अथाॊग ऩजा ॐ शरी वकटशवयाम नभ - ऩादौ ऩजमालभ

ॐ शरी वकटचरचधशाम नभ - गलफ़ौ ऩजमालभ

ॐ शरी परदामकाम नभ - जाननी ऩजमालभ

ॐ ऩदमावती ऩतम नभ - जॊघ ऩजमालभ

ॐ ऻानपरदाम नभ - ऊर ऩजमालभ

ॐ शरीरनवसाम नभ - कहटॊ ऩजमालभ

ॐ भहाबागाम नभ - नालबॊ ऩजमालभ

ॐ रनभिराम नभ - उदयॊ ऩजमालभ

ॐ षवशाररदमाम नभ - रदमभ ऩजमालभ

ॐ ऩरयशदधातभन नभ - सतनौ ऩजमालभ

ॐ ऩरषोततभाम नभ - बजौ ऩजमालभ

ॐ सवणिहसताम नभ - हसतौ ऩजमालभ

ॐ वयपरदाम नभ - कॊ ठॊ ऩजमालभ

ॐ रोकनाथाम नभ - सकनधौ ऩजमालभ

ॐ यसऻाम नभ - नालसकाॊ ऩजमालभ

ॐ ऩणमशरवन कीतिनाम नभ - शरोतर ऩजमालभ

ॐ ऩलरामफज षवरोचनाम नभ - नतर ऩजमालभ

ॐ वचिससवन नभ - रराटॊ ऩजमालभ

ॐ यमम षवगरहाम नभ - सवािणमनगारन ऩजमालभ

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ॐ शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हदवमसनदय षवगरहॊ ऩजमालभ

शरी वकटशवय अषटोततय शतनाभावलर

ॐ वकटशाम नभ

ॐ शरीरनवासाम नभ

ॐ रकषभीऩतम नभ ॐ अनाभमाम नभ ॐ अभताॊशाम नभ ॐ जगदवॊदवाम नभ ॐ गोषवनदाम नभ ॐ शाशवताम नभ ॐ परबव नभ ॐ शषाहि-रनरमाम नभ ॐ दवाम नभ ॐ कशवाम नभ ॐ भधसदनाम नभ ॐ अभताम नभ ॐ भाधवाम नभ ॐ कषणाम नभ ॐ शरीहयम नभ ॐ ऻान-ऩॊजयाम नभ ॐ शरी वतस-वस नभ ॐ सवशाम नभ ॐ गोऩाराम नभ ॐ ऩरषोततभाम नभ ॐ गोऩशवयाम नभ ॐ ऩयभ-जमोरतषम नभ ॐ वकनठऩतम नभ ॐ अवममाम नभ ॐ सधातनव नभ ॐ मादवनिाम नभ ॐ रनतम-मौवनरऩवत नभ ॐ चतवदातभकाम नभ ॐ षवषणव नभ

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ॐ अचमताम नभ ॐ ऩरदमनी-षपरमाम नभ ॐ धयाऩतम नभ ॐ सयऩतम नभ ॐ रनभिराम नभ ॐ दवऩसजताम नभ ॐ चतबिजाम नभ ॐ चकरधयाम नभ ॐ बतरधामन नभ ॐ बतरगणाशरमाम नभ ॐ रनषविकलऩाम नभ ॐ रनषकरनकाम नभ ॐ रनयाॊतकाम नभ ॐ रनयनजनाम नभ ॐ रनयाबासाम नभ ॐ रनतमतपताम नभ ॐ रनगिणाम नभ ॐ रनरऩिवाम नभ ॐ गदाधयाम नभ ॐ शायॊगऩाणम नभ ॐ ननदककन नभ ॐ शनखधायकाम नभ ॐ अनकभतिम नभ ॐ अवमकताम नभ ॐ कहटहसताम नभ ॐ वयपरदाम नभ ॐ अनकातभन नभ ॐ दीनफानधव नभ ॐ आतिरोक बमपरदाम नभ ॐ आकाशयाज-वयदाम नभ ॐ मोचग-रतऩदमभसनदयाम नभ ॐ दाभोदयाम नभ ॐ जगतऩाराम नभ

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ॐ ऩाऩघनाम नभ ॐ बकतवतसराम नभ ॐ बतरषवकरभाम नभ ॐ लशॊशभायाम नभ ॐ जटाभकट-शोलबताम नभ ॐ शनख-भदमोर-सनभॊजराम-ककसनकणमाडम-कयनडकाम नभ ॐ नीरभघ-शमाभ-तनव नभ ॐ बफलव-ऩतराचिन षपरमाम नभ ॐ जगदवमाषऩन नभ ॐ जगत-कत नभ ॐ जगत-साकषण नभ ॐ जगतऩतम नभ ॐ चचसनतताथि-परदाम नभ ॐ सजषणव नभ ॐ दाशावािम नभ ॐ दश-रऩवत नभ ॐ दवकक-ननदनाम नभ ॐ शौयम नभ ॐ हमगरीवाम नभ ॐ जनादिनाम नभ ॐ कनमा-शरवणतायजमाम नभ ॐ ऩीतामफयधयाम नभ ॐ अनघाम नभ ॐ वनभालरन नभ ॐ ऩदमनाबाम नभ ॐ भगमासकत-भानसाम नभ ॐ अशवरढाम नभ ॐ खडगधारयण नभ ॐ धनाजिन-सभतसकाम नभ ॐ गानसायर-सनभधम-कसतरय-रतरकोजवराम नभ ॐ ससतचदाननदरऩाम नभ ॐ जगनभनगरदामकाम नभ ॐ मऻरऩाम नभ

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ॐ मऻबोकत नभ ॐ चचनभमाम नभ ॐ ऩयभशवयाम नभ ॐ ऩयभाथि-परदाम नभ ॐ शानताम नभ ॐ शरीभत नभ ॐ दोदिनड-षवकरभाम नभ ॐ ऩयातऩयाम नभ ॐ ऩयबरहभण नभ ॐ शरीषवबव नभ ॐ जगदीशवयाम नभ

इतत शरी वकटशवय अषटोततय शतनाभावलर

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शरी भहारकषभी अषटोततय शतनाभावलर

ॐ परकतम नभ ॐ षवकतम नभ ॐ षवदमाम नभ ॐ सविबतहहतपरदाम नभ ॐ शरदधम नभ ॐ षवबतम नभ ॐ सयभम नभ ॐ ऩयभासतभकाम नभ ॐ वाचम नभ ॐ ऩदमारमाम नभ ॐ ऩदमाम नभ ॐ शचम नभ ॐ सवाहाम नभ ॐ सवधाम नभ ॐ सधाम नभ ॐ धनमाम नभ ॐ हहयणमम नभ ॐ रकषमम नभ ॐ रनतमऩषटाम नभ ॐ षवबावम नभ ॐ आहदतम नभ ॐ हदतम नभ ॐ दीपताम नभ ॐ वसधाम नभ ॐ वसधारयणम नभ ॐ कभराम नभ ॐ कानताम नभ ॐ काभाकषम नभ ॐ कभर समबवाम नभ ॐ अनगरहपरदाम नभ ॐ फदधम नभ ॐ अनघाम नभ

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ॐ हरयवलरबाम नभ ॐ अशोकाम नभ ॐ अभताम नभ ॐ दीऩाम नभ ॐ रोकशोक षवनालशनम नभ ॐ धभिरनरमाम नभ ॐ करणाम नभ ॐ रोकभातर नभ ॐ ऩदमषपरमाम नभ ॐ ऩदमहसताम नभ ॐ ऩदमाकषम नभ ॐ ऩदमसनदम नभ ॐ ऩदमोदभवाम नभ ॐ ऩदमभखम नभ ॐ ऩदमनाब षपरमाम नभ ॐ यभाम नभ ॐ ऩदमभाराधयाम नभ ॐ दवम नभ ॐ ऩरदमनम नभ ॐ ऩदमगसनधनम नभ ॐ ऩणमगनधाम नभ ॐ सपरसननाम नभ ॐ परसादालबभखम नभ ॐ परबाम नभ ॐ चनिवदनाम नभ ॐ चनिाम नभ ॐ चनिसहोदम नभ ॐ चतबिजाम नभ ॐ चनिरऩाम नभ ॐ इसनदयाम नभ ॐ इनद शीतराम नभ ॐ आहराद जननम नभ ॐ ऩषम नभ

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ॐ लशवाम नभ ॐ लशवकतम नभ ॐ सतमाम नभ ॐ षवभराम नभ ॐ षवशवजननम नभ ॐ तषम नभ ॐ दारयदरमनालशनम नभ ॐ परीरत ऩषकरयणम नभ ॐ शानताम नभ ॐ शकरभालमामफयाम नभ ॐ बासकम नभ ॐ बफलव रनरमाम नभ ॐ वयायोहाम नभ ॐ मशससवनम नभ ॐ वसनधयाम नभ ॐ उदायॊगम नभ ॐ हरयणम नभ ॐ हभभालरनम नभ ॐ धन धानमकतम नभ ॐ लसदधम नभ ॐ सतरणम सौममाम नभ ॐ शबपरदाम नभ ॐ नऩवशभ गताननदाम नभ ॐ वयरकषमम नभ ॐ वसपरदाम नभ ॐ शबाम नभ ॐ हहयणम पराकायाम नभ ॐ सभि तनमाम नभ ॐ जमाम नभ ॐ भॊगराम नभ ॐ षवषणव सथरससथताम नभ ॐ षवषणऩतनम नभ ॐ परसननाकषम नभ

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ॐ नायामण सभाचशरताम नभ ॐ दारयदरम धवॊलसनम नभ ॐ दवरकषभ नभ ॐ सवोऩिव रनवारयणम नभ ॐ नवदगािम नभ ॐ भहाकालम नभ ॐ बरहभा-षवषण-लशवासतभकाम नभ ॐ बतरकारऻानसमऩननाम नभ ॐ बवनशवम नभ ॐ भहारकषभी अषटोततय शत नभ

इरत शरी रकषभी अषटोततय शतनाभावलर

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शरी ऩदमावती अषटोततय शतनाभावलर

ॐ ऩदमावततम नभ ॐ दवम नभ ॐ ऩदमोदभवाम नभ ॐ करणापरदारमनम नभ ॐ सरदमाम नभ ॐ तजसवरषऩणम नभ ॐ कभरभखम नभ ॐ ऩदमधयाम नभ ॐ शरीम नभ ॐ ऩदमनतरम नभ ॐ ऩदमकयाम नभ ॐ सगणाम नभ ॐ कभकभषपरमाम नभ ॐ हभवणािम नभ ॐ चनिवसनदताम नभ ॐ धगधगपरकाश शयीय-धारयणम नभ ॐ षवषणषपरमाम नभ ॐ रनतमकलमाणम नभ ॐ कोहटसमिपरकालशणम नभ ॐ भहासौनदमिरषऩणम नभ ॐ बकतवतसराम नभ ॐ बरहभानडवालसनम नभ ॐ सविवानचापरदारमनम नभ ॐ धभिसनकलऩाम नभ ॐ दाकषणमकटाकषणम नभ ॐ बसकतपरदारमनम नभ ॐ गणतरमाषववसजिताम नभ ॐ कराषोडशसॊमताम नभ ॐ सविरोकानानजननम नभ ॐ भसकतदारमनम नभ ॐ दमाभतामाम नभ ॐ परऻाम नभ

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ॐ भहाधभािम नभ ॐ धभिरषऩणम नभ ॐ अरनकाय षपरमाम नभ ॐ सविदारयदरमधवॊलसनम नभ ॐ शरीवकटशवसथरससथताम नभ ॐ रोकशोकषवनालशनम नभ ॐ वषणवम नभ ॐ रतरचानरऩयवालसनम नभ ॐ वदवदमषवशायदाम नभ ॐ षवषणऩादसषवताम नभ ॐ यतनपरकाशककयीटधारयणम नभ ॐ जगनभोहहनम नभ ॐ शसकतसवरषऩणम नभ ॐ परसननोदमाम नभ ॐ इनिाहददवत मककननय ककमऩरष ऩसजताम नभ ॐ सविरोकरनवालसनम नभ ॐ बजमाम नभ ॐ ऐशवमिपरदारमनम नभ ॐ शानताम नभ ॐ उननतसथानससथताम नभ ॐ भनदायकालभनम नभ ॐ कभराकयाम नभ ॐ वदानतऻानरषऩणम नभ ॐ सविसमऩसततरषऩणम नभ ॐ कोहटसमिसभपरबाम नभ ॐ ऩजापरदारमनम नभ ॐ कभरासनाहद सविदवताम नभ ॐ वकनठवालसनम नभ ॐ अबमदारमनम नभ ॐ िाापरऩामसषपरमाम नभ ॐ नतमगीतषपरमाम नभ ॐ ीयसागयोदभवाम नभ ॐ आकाशयाज ऩबतरकाम नभ

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ॐ सवणिहसतधारयणम नभ ॐ काभरषऩणम नभ ॐ करणाकटाधारयणम नभ ॐ अभतासजाम नभ ॐ बरोकसवगिसखदारमनम नभ ॐ अषटहदकऩारकाचधऩतम नभ ॐ भनभधदऩि सॊहारयणम नभ ॐ कभराथिबागाम नभ ॐ सवलऩऩयाध-भहाऩयाध-भाम नभ ॐ शतकोहटतीथिवालसताम नभ ॐ नायदाहद भरनशरषठ ऩसजताम नभ ॐ आहदशनकयऩसजताम नभ ॐ परीरतदारमनम नभ ॐ सौबागमपरदारमनम नभ ॐ भहाकीतॉ परदारमनम नभ ॐ कषणारतषपरमाम नभ ॐ गनधवि शाऩषवभोचकाम नभ ॐ कषणऩतनम नभ ॐ बतररोकऩसजताम नभ ॐ जगनभोहहनम नभ ॐ सरबाम नभ ॐ सशीराम नभ ॐ अॊजनासतानगरहपरदारमनम नभ ॐ बकतमातभरनवालसनम नभ ॐ सॊधमावसनदनम नभ ॐ सविरोकभातर नभ ॐ अलबभतदारमनम नभ ॐ रलरतावधतम नभ ॐ सभसतशासतर षवशायदाम नभ ॐ सवणािबयणधारयणम नभ ॐ इहऩयरोक सखपरदारमनम नभ ॐ कयवीयरनवालसनम नभ ॐ नागरोकभरणसह आकाशलसनध कभरशवय ऩरयतयधगभनाम नभ

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ॐ शरी शरीरनवासषपरमाम नभ ॐ चनिभनडरससथताम नभ ॐ अलरवर भनगाम नभ ॐ हदवमभनगर धारयणम नभ ॐ सकलमाणऩीठससथताम नभ ॐ काभकवनऩषऩषपरमाम नभ ॐ कोहट भनभधरषऩणम नभ ॐ बानभनडररषऩणम नभ ॐ ऩदमऩादाम नभ ॐ यभाम नभ ॐ सविरोकसबानतय धारयणम नभ ॐ सविभानसवालसनम नभ ॐ सवािम नभ ॐ षवशवरऩाम नभ ॐ हदवमऻानाम नभ ॐ सवभनगररषऩणम नभ ॐ सवािनगरहपरदारमनम नभ ॐ ॐकायसवरषऩणम नभ ॐ बरहभऻानसॊबताम नभ ॐ शरी ऩदमावतम नभ ॐ सदमोवदवतम नभ ॐ शरीभहारकषमम नभ

इरत शरी ऩदमावती अषटोततय शतनाभावलर

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धऩभ दशाॊगभ गगगरोऩतॊ गोघतन सभसनवतभ धऩॊ गहाण दवश सविरोक नभसकाया

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - धऩभािाऩमालभ

(सवाभीजी क भतॉ की अगयफतती औय धऩ स आयती कय)

दीऩभ

बतररोकश भहादव सविऻान परदामक दीऩॊ दासमालभ दवश यभाभ बकतवतसर

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - दीऩॊ दशिमालभ

(सवाभीजी क भतॉ की दीऩ स आयती कय )

नवदमभ

सविबशच बोजजशच यस षडलब सभसनवतॊ नवदमनत भमानीतभ गहाण ऩरषोततभ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - नवदमॊ सभऩिमालभ

(सवाभीजी को परसाद चढाम अगय करा ह तो ldquoकदरीपर रनवदमालभrdquo नारयमर ह तो ldquoनारयकर परॊ रनवदमालभrdquo ऐस कह अगय गड ह तो ldquoगडोऩहाय नवदमभ सभऩिमालभrdquo कह)

ॐ पराणाम सवाहा ॐ आऩानाम सवाहा ॐ वमानाम सवाहा ॐ उदनाम सवाहा ॐ सभानाम सवाहा ॐ ऩयबरहभण सवाहा ॐ बबिव सव ततसषवतय-वयणमभ बगो दवसम धीभहह चधमो मो न परचोदमात ॐ आऩो जमोरतयसोभतॊ बरहभ बबिव सवयोभ भधम भधम ऩानीमभ सभऩिमालभ

अभताषऩधानभलस उततयाऩोशनभ सभऩिमालभ हसतौ परारमालभ ऩादौ परारमालभ ऩनयाचभनीमभ सभऩिमालभ

तामफरभ ऩगीपर सकऩिय नागवलरीदरमितॊ भकताचणि सभामकतॊ तामफरॊ पररतगहमताॊ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - तामफरभ सभऩिमालभ

नीयाजनभ चशरम कानताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरीवकटरनवासाम शरीरनवासाम भनगरभ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ नीयाजनभ दशिमालभ

ऩनयाचभनीमभ सभऩिमालभ

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भॊतरऩषऩभ

ॐ सहसतरशीषिभ दवॊ षवशवाॊ षवशवशॊबवॊ षवशवॊ नायामणनदवभ अयॊ ऩयभॊ ऩदॊ १

षवशवत ऩयभासननतमॊ षवशवॊ नायामणॊ हरयॊ षवशवभवदॊ ऩरषसतदषवशवॊ उऩजीवरत २

ऩरतॊ षवशवसमातभशवयॊ शाशवतॊ लशवभचमतॊ नायामणॊ भहाऻमॊ षवशवतभानॊ ऩयामणॊ ३

नायामण ऩयोजमोरत आतभा नायामण ऩय नायामण ऩयभ बरहभ ततवभ नायामण ऩय नायामण ऩयो धमाता धमानभ नायामण ऩय ४

मचच ककसनचत जगतसव दशमत शरमतषऩ वा अनतफिहहशचततसविभ वमापमा नायामण ससथत ५

अननतभ अवममभ कषवॊ सभिनतभ षवशवशमबवभ ऩदमकोश परतीकाशभ रदमभ चापमधोभखभ ६

अधोरनषमा षवतसतमानत नाभमाभऩरय रतषठरत जवाराभाराकरॊबारत षवशवसमामातनभ भहत ७

सनततॊ लशरालबसत रॊफतमाकोशससननबभ तसमानत सलशयभ सकषभभ तससभन सविभ पररतसषठतभ ८

तसमभधम भहान असगन षवशवायचचषविशवतो भख सोगरबसगवबजन रतषठाननाहाय भजय कषव

रतमिगधवाि भधशशामीयशभमा सतसम सनतता ९

सॊताऩमरत सवॊ दह भाऩादतरभसतक तसम भधम वसनह लशखा अणीमोधवाि वमवससथत १०

नीरथो मदभधमसता षवदमलरखव बासवया नीवायशकवततनवी ऩीताबा सवतमनऩभा ११

तसमा लशखामा भधम ऩयभातभा वमवससथत स बरहभ स लशव स हरय स इनि सोय ऩयभासवयात १२

ॐ तद बरहभ ॐ तद वाम ॐ तदातभा ॐ ततसतमभ ॐ ततसविभ ॐ ततऩयोनिभ अनतशचयरत बतष गहामाभ षवशवभरत िष तवभ मऻसतवभ वषकायसतवभ इनिसतवभ रिसतवभ

षवषणसतवभ बरहभतवभ परजाऩरत तवभ तदाऩ आऩो जमोरत यसोवतभ बरहभ बबिवससवयोभ १३

गदा ऩन शॊखयथानगकलऩक धवजायषवॊदाॊकश वजररासशचत ह शरीरनवास तवत चयणामफज दवमॊ भदीम भधािन भरज ॐ रनयॊजनाम षवदमह रनयाबासाम धीभहह तननो शरीरनवास परचोदमात शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हदवमभनतरऩषऩॊ सभऩिमालभ

परदकषण नभसकाय

शरोकॊ मारनकारन च ऩाऩारन जनभानतय कतारन च तारन तारन परणशमसनत परदकषण ऩद ऩद ऩाऩोहभ ऩाऩकभािहभ ऩाऩातभा ऩाऩसॊबव तराहहभाभ कऩभमा दव शयणगतवतसर अनमधा शयणॊ नाससत तवभव शयणॊ भभ तसभात कारणम बावन य य जनादिन

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - आतभपरदकषण नभसकायान सभऩिमालभ

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षवषवधोऩचाय ऩजा छतरॊ धायमालभ चाभयॊ वीजमालभ नतमॊ दशिमालभ गीतॊ शरावमालभ वादमॊ घोषमालभ आॊदोलरकान आयोहमालभ आशवानायोहमालभ गजानायोहमालभ सभसत यजोऩचाय शकतमऩचाय

मनतरोऩचाय दवोऩचाय सवोऩचाय ऩजाॊ सभऩिमालभ

भाऩवणभ भनतरहीनॊ ककरमाहीनॊ बसकतहीनॊ जनादिन मतऩसजतभ भमा दव ऩरयऩणिभ तदसतत

अनमा धमानावाहनाहद षोडशोऩचाय ऩजमा च बगवन सवाितभक शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरी वकटशवय सवरऩो बगवान सपरीत सपरसननो वयदो बवत शरी वकटशवय दव परसादॊ लशयसा गहणालभ

तीथवभ

अकार भतमहयणॊ सविवमाचध रनवायणभ सवि ऩाऩमकयॊ दव ऩादोदकॊ ऩावनॊ शबॊ

नवदमभ

ॐ बबिवससव ॐ ततसषवतवियणमभ बगो दवसम धीभहह चधमो मो न परचोदमात सतमॊ तवतन ऩरयषषॊचालभ अभतभसत अभतोऩसतयणभलस ॐ पराणाम सवा ॐ अऩानाम सवा ॐ वमानाम सवा ॐ उदानाम सवाह ॐ सभानाम सवा ॐ बरहभण सवा

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - भहानवदमभ सभऩिमालभ

अभताषऩधानभलस उततयाऩोशनभ सभऩिमालभ हसतौ परारमालभ ऩादौ परारमालभ शदध आचभनीमॊ सभऩिमालभ

तामफरॊ सभऩिमालभ सवणिभनतरऩषऩॊ सभऩिमालभ परदकषण नभसकायन सभऩिमालभ

अनमाधमानावाहनाहद षोडषोऩचाय ऩजमा बगवान सवाितभक शरी रकषभी ऩदमावती सभत वकटशवय सवाभी सपरीत सपरसननो वयदो बवत शरी रकषभी ऩदमावती सभत वकटशवय सवाभी परसादॊ लशयसा गहणालभ

उदवासनभ मऻन मऻभमजनत दवासतारन धभािरण परथभानमासन

तहनाकॊ भहहभानससचनत मतर ऩव साधमा ससनत दवा

गचछ गचछ सयशरषठ सवसथान शरी वकटशवय बकताबीषट सभधमथिभ ऩनयागभनाम च

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरी वकटशवय सवाभी मथासथानॊ उदवासमालभ

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परथभ अधमाम

शरी बगवान उवाच

कलरमग भ एक हदन शब भहति भ रतरभरा ऩहाड ऩय (सजस धयती का वकॊ ठ कहा जाता ह ) ldquoषवशवऩरत नाभक एक बकत ऩय शरी फाराजी की कऩा हई शरी षवषण क अवताय शरी फाराजी (वकटशवय) जो महाॉ शरीरनवास क रऩ भ ऩज जात ह उनहोन षवशवऩरत को ldquoशरी फाराजी वरत कथाrdquo नाभ स परलसधद इस गरॊथ की यचना कयन की आऻा दी औय कहा- ldquoह भय षपरम बकत षवशवऩरत भय षपरम होन क कायण इस वरत को षवसताय रऩ स तमह फाता हॉ सनो म

वरत भझ अरत षपरम ह आसान होन क कायण इस सबी रोग सॊऩनन कय सकत ह

कलरमग भ भानव अऩन ऩाऩ कभो का पर बोगता ह अनक कषट सहत हए जीवन रनवािह कयता ह कछ बकत

अऩन दख भझ फताकय उनह दय कयन क लरम कहत ह फहत स ऩस खचि कय वो भझ दखन क लरम रतरभरा की मातरा कयत ह भय बकतो स भझ परभ ह व भझऩय अऩना ऩया बाय डार दत ह भ उनह धभि क भागिऩय चराता हॉ

अबी भ जो मह वरत कथा तमह फतान जा यहा हॉ वो ldquoशरी फाराजी की कथाrdquo क नाभ स परलसदध होगा म भया वरत भझ अरतषपरम ह जो वमसकत इस बसकत औय रनषठा स कयगा वह तयॊत ऩाय ऩामगा कोई बी वमसकत कबी बी इस वरत को सॊऩनन कय सकता ह भखम रऩ स भागिशीषि भाघ कारत िक भहहनो भ ऩणिभासी ऩॊचभी सपतभी एकादशी रतचथमो ऩय मा शरवण सवारत नतरो ऩय इस कयना शरषठ होता ह

इस घोय कलरमग भ भय बकत जो कषट सह यह ह उनह भ जानता हॉ तमह जफ बी कोई कषट हो कोई सभसमा हो सवासम ठीक ना हो नौकयी वमाऩाय भ सभसमाएॉ हो भन अशाॊत हो तो इस वरत को सॊऩनन कयना चाहहम इसस

साय कषट दय हो जात ह घय भ शब कामि होन ऩय इस वरत को सॊऩनन कयन स बफना ककसी सभसमा क कामि ऩणि हो जाता ह इस वरत को सॊऩनन कयत ही सबी सख परापत होत ह औय अषट ऐशवमो की परासपत होती ह

सफय मा शाभ इस वरत को सॊऩनन कय सकत ह इस वरत भ ऩाॉच अधमाम ह इनका ऩठन बसकत क साथ कयना चाहहम अऩन घय भ मा रनवास सथान ऩय भॊहदय भ मा ककसी बी ऩषवतर सथान भ नदी तट ऩय सॊऩनन कय सकत ह

महद सॊबव हो तो अऩन फॊध लभतरो क साथ इस सॊऩनन कयन स जमादा शरषठ होता ह जो इस सॊऩनन कयत ह मा जो इस सनत ह वरत सॊऩणि होन क फाद परसाद को बसकत स सवीकाय कयत ह वो अषट ऐशवमो को परापत कयत ह इसस

ऩहर बी भय बकतो न कई भरनमो न इस वरत को सॊऩनन ककमा औय भया आशीवािद ऩामा बरोक भ यहनवार सबी को मह वरत आनॊद परदान कयगा औय शब पर बी परापत होगा शाॊत चचतत स भझ माद कयत हए इस वरत का ऩारन

कयो

सवि परथभ जहाॉ वरत कयना चाहत हो उस सथर को साप कयो भॊडऩ की वमवसथा कय भयी तसवीय सजसभ भयी षपरम

सरखमाॉ शरी दवी बदवी ह उस तसवीय को इस भॊडऩ ऩय सथाषऩत कयो भॊडऩ को दीवाय स रगाकय बी यख सकत हो अनम ककसी इचछक दवता की तसवीय बी सख सकत हो नवगरहो औय अषट हदकऩारको को मा तो भन भ नभसकाय

कयो मा उनका आवहान बी कय सकत हो

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सफस ऩहर हलदी स फनी गणश की ऩजा कयनी चाहहम उसक फाद उस वरत क ऩाॉचो अधमामो का रनषठा स ऩठन

कयना चाहहम मही परथभ अधमाम ह अनम चाय अधमाम भय अतमॊत षपरम ऩातर षवशवालभतर वलशषठ बयदवाज अबतर

भरनशवयो क परवचना रऩ भ ह ऩाॉच अधमामोको ऩढन क फाद भय षपरम शरोक बी ऩढ सकत हो हय अधमाम क अॊत

भ गोषव ॊद गोषव ॊद गोषव ॊद तीन फाय सभयण कयना चाहहम

आभ रोगो क कषटो को भ जानता हॉ इसी लरम भयी एक फात सनो महद ककसी कायण इस वरत को षवसताय रऩ स

सॊऩनन कयन भ कोई सभसमा आ यही हो तो भय तसवीय को साभन यख कय ऩहर गणश जी की कपय नवगरह दवताओॊ औय अषटहदकऩारको को सभयण कय ऩाॉच कहरनमाॉ ऩढकय अऩन भन भ जो इचछा ह उस भझ फताओ भ उस

परसाद क रऩ भ परदान करॉगा इस परकाय कयन स बी कामि की लसषदध होती ह तमहाय कषट दय हो जामग औय शब

पर परापत होगा

जो वमसकत इस वरत को बसकत स सॊऩनन कयगा भ उसक घय ककसी ना ककसी रऩ भ आकय परसाद सवीकाय करॉगा भयी कऩा आऩ सबी को हभशा परापत होगी शरी फाराजी न रतमभयाज षवशवऩरत याभकषणभरत ि ldquoषवशवऩरतrdquo को इस वरत कथा को षवसताय स फतामा कलरमगवासी हभ सबी इस वरत को सॊऩनन कय शरी फाराजी की कऩा क ऩातर फन सकत ह इस वरत को सॊऩनन कय हभ अऩन सबी कषट दय कय सकत ह औय उचचत पर बी परापत कय

सकत ह

गोषवॊदगोषवॊदगोषवॊद

परथभोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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दषवतीम अधमाम

शरी षवशवालभतर उवाच

भहातऩ सॊऩनन साात शरी षवशवालभतर जी न हभ ऩय कऩा की औय परवचन कयत हए कहा- ldquoह कलरमग वालसमो शरीरनवास क बकतो ldquoशरीफाराजी वरत कथाrdquo सजस आऩ सॊऩनन कय यह हो वह फहत ही ऩषवतर ह भहहभा स ऩणि ह मह वरत कलरमग भ शरी नायामण जी की करणा औय दमा परापत कयन का अतमॊत सयर साधन ह पराचीन कार भ शरी फाराजी क षपरम बकतो न इस सॊऩनन कय अऩनी काभनाओॊ को ऩणि ककमा इस वरत कथा क फाय भ हभ फताकय शरी फाराजी न हभाय पररत जो दमा हदखाई ह उसक लरए हभ उनह परणाभ कयत ह

पराचीन कार भ भगध याजम भ षवषणचचतत नाभक एक बकत यहता था उसकी नौ कनमाएॉ थी षवदवान होन ऩय बी वह अतमॊत गयीफ था षवषणचचतत की ऩतनी तायाभरत हभशा नायामणजी की पराथिना कयती यहती थी षववाहाहद शबकामि सॊऩनन कय जो बी ऩस दकषणा क रऩ भ लभरत थ उसस व भसशकर स अऩना जीवन रनवािह कय

यह थ कनमाएॉ मौवनावसथा भ ऩदाऩिण कय चकी थी तायाभरत हभशा इसी चच ॊता भ यहती थी कक इन कनमाओॊ का षववाह ककस परकाय सॊऩनन होग वह फाराजी की पराथिना कयत हए सदा अऩना सभम गजायती थी

वह तो फाराजी की बकत थी औय फाराजी अऩन बकतो स अतमाचधक परभ कयत ह उस हदन भाघ ऩरणिभा थी सवय

एक वदध बराहभण न षवषणचचतत क दयवाज ऩय दसतक दी औय कहा - ldquoह सवाभी भ फॊग दश का वासी हॉ एक मऻ

क लसरलसर भ दसय दश जा यहा हॉ यासत भ महाॉ आमा हॉ भझऩय दमा कयो औय अऩन घय भ एक हदन क लरए

यहन दो कर सवयही भ महॉ स चरा जाऊॉ गाrdquo उन की फात सनकय षवषणचचततन कहा lsquoनाथ इसस फढकय खशी औय कमा हो सकती ह अरतचथ साात नायामण जी क सभान होत ह ऐस हभाय ऩयाणो भ कहा गमा ह आऩ बफना ककसी सॊकोच क हभाय घय भ यह सकत हlsquo ऐसा कह कय उसन उस बराहभण को घय क अॊदय फरामा औय उनका सतकाय ककमा

दोऩहय भ बोजन क फाद उस वदध न तायाभरत स ऩछा ndash ldquoभाता कमा फात ह तभ कछ चच ॊरततसी रगती हो बफना ककसी सॊकोच क फात फताओrdquo तायाभरत न कहा ndash ldquoसवाभी आऩ तो भहातऩसवी ह आऩ क भख का तज उस वकॊ ठवासी क सभान ह आऩ स कमा छऩाना भयी चचॊता भयी कनमाओॊ का षववाह हrdquo उस ऩय वदध न कहा- ldquoभाता तमहाया दख भ जानता हॉ तमहाय सबी कषट दय हो औय तमहायी कनमाओॊ की शादी हो इसक लरम भ एक अदभत वरत फताता हॉ सनो इस वरत को सॊऩनन कयन स तमहाय साय कषट दय हो जामग शरी फाराजी क वरतो भ स मह सफस सयर हrdquo कहत हए उनहोन उस दॊऩरत को ऩया वरत षवधान फतामा वरत षवधान

सनकय षवषणचचतत न कहा- ldquoसवाभी मह तो अतमॊत सॊतोष की फात ह इसस फढकय सौबागम औय कमा होगा

कहत ह ना- शबसम शीिॊ आज भाघ ऩरणिभा ह फहत ही शब हदन ह आऩक कथा अनसाय हभ आज ही इस वरत

को सॊऩनन कयगrdquo षवषणचचततन ऩतनी तायाभरत औय सबी कनमाओॊ क साथ लभरकय उस हदन शाभ भ ही अऩन

फॊध-लभतरो क साथ बसकत औय रनषठा स फाराजी वरत को सॊऩनन ककमा वहाॉ उऩससथत सबी रोगो न वरत ऩया होन क

फाद चयणाभत परसाद गरहण ककमा औय अऩन-अऩन घय परसथान ककमा तफ षवषणचचतत औय तायाभरत न बराहभण

क चयणो को नभसकाय ककमा औय आशीवािद परापत ककमा बराहभणोततभ न बी चयणाभत परसाद गरहण ककमा औय

कहा- ldquoआऩकी भनोकाभना ऩयी हो शरी रकषभी शरी फाराजी की कऩा होrdquo

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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अॊधया हो चरा था औय रनिा सभम आसनन था षवषणचचतत न उस बराहभण को एक पटी चादय दत हए आॉखो भ आस लरम कहा- सवाभी भ अतमॊत दरयिी हॉ इसस अचछी चादय भय ऩास नही ह भझ भा कय आज की यात इसी ऩय षवशराभ कय बराहभण भसकयात हए फोर- कोई फात नही भ फाहय फयाभद भ सो जाता हॉ कछ सभम फाद ही सबी रनिारोक भ षवचयण कयन रग आधी यात का सभम था बफजरी की गडगडाहट क साथ फारयश शर हई चायो ओय अॊधया था कहीॊ कछ नही हदखाई

द यहा था षवषणचचतत इस चच ॊता भ था कक वदध बराहभण फाहय कस सो यह होग उस सभम कछ सझ बी नही यहा था ककसी तयह उनहोन यात गजायी सवया हआ फारयश बी थभ चकी थी ऩरत-ऩतनी मही सोच यह थ कक बराहभण की कमा दशा हई होगी ककतना सहा होगा उनहोन मही सोचत हए वो फाहय आए उनह एक अदभत दशम हदखाई हदमा वहाॉ षवपरोततभ नही थ पहट हई चादय की जगह यशभ का षऩताॊफय यखा हआ था उस षऩताॊफय ऩय शरी फाराजी क

भतॉ ndash हदखाई दी व सफ कछ सभझ गम उनकी खषी का कोई हठकाना नही यहा उनक घय आम बराहभण औय

कोई नही साात शरी नायामणजी ही थ ह फाराजी कमा बागम ह हभाया ऩय हभ उनको ऩहचान नही ऩाम हभन उनको पटी हई चादय दी मह सोचत हए उनहोन शरी फाराजी की भतॉ को हाथ भ रकय आॉखो स रगामा औय

घय क अॊदय आम ऩया घय सोन स बया हआ था जहाॉ दखो वहाॉ धन याशी ह बगवान शरी फाराजी की वरत कथा की भहहभा स ही मह सफ सॊबव हो सका ऐसा कहत हए व बगवान की सतरत कयन रग आऩन दख साात शरी फाराजी ही उस बकत क घय आम थ वरत षवधान फतामा औय चयणाभत परसाद बी गरहण

ककमा शरी फाराजी फहत ही करणाभम ह जो बी इस वरत को बसकत औय रनषठा स कयगा उसक घय सवमॊ बगवान

ककसी ना ककसी रऩ भ आमग आऩ सबी इस वरत को सॊऩनन कय बगवान की कऩा परापत कय सकत ह शरी भहषषि षवशवालभतर जी न मह दषवतीम कथा इस तयह फताई

शरी रकषभी शरीरनवास कटाॊ लसषदधयसत

गोषवॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

दषवतीमोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ततीम अधमाम

शरी वलशषठ उवाच मह अधमाम भहातऩोरनषठ वरयषठ शरीवलशषठ भरन न शरीनायामणजी की कऩा स हभ षवसताय रऩ स फतामा ह ह कलरमग वालसमो शरीफाराजी क षपरम बकतो वकणठ भ रनवास कयनवार शरीनायामणजी आज क रतरभरा भ ससथत शरीफाराजी ही ह कलरमग वालसमो क कषट दय कयन क लरम बगवान आऩक फहत सभीऩ रतरभरा ऩहाड ऩय अवतारयत हए ह शरी फाराजी को खश कयन क लरए मह वरत उततभ ह औय सयर बी ह इस वरत को जो बसकत औय रनषठा स सॊऩनन कयता ह उस सबी सख परापत हो जात ह पराचीन सभम भ अवॊती दश भ बागमनगय नाभक एक नगय था नाभ क ही अनरऩ वहाॉ अनक धनवान (वमाऩायी) यहत थ ऩय व अऩनी सॊऩसतत को दख घभॊड कयत थ औय आभ रोगो को हीन दषटी स दखत थ धन-दौरत उनकी सवासजित ह ऐसा सोचकय घभॊड कयत थ बगवान की रनतम ऩजा-ऩाठ तो उनहोन ऩहर ही छोड दी थी कभ स कभ षवशष हदनो भ बी व ना भॊहदय जात ना ऩजा कयत ना ही दीऩ जरात एक हदन सबी धनवान अऩनी-अऩनी ऩतनीमो क साथ परीरत बोज भ वमसत थ उस नगय की ऩवि हदशा भ ही शरी रकषभी नायामण जी का भॊहदय था जहाॉ दीऩ जरानवारा कोई नही था उस हदन षवशष एकादशी थी सजस एक ऩवि हदन बी भाना जाता ह ऩय उस नगय क एक बी धनवान क भन भ भॊहदय भ ऩजा कयन का षवचाय नही आमा शाभ होत-होत आकाश भ घन फादर छा गम औय भसराधाय फारयश होन रगी वमाऩारयमो क घय ऩानी स बय गम चायो ओय अॊधकाय ह अॊधकाय था सवय होन तक ऩया नगय ऩानी भ डफ गमा वमाऩारयमो क घय टट-पट गम उनका साया ऐशवमि सभापत हो गमा ऐसा उऩिव कमो भचा मह पररम कस हो गमा ककसी को कछ बी सभझ भ नही आ यहा था इतन भ उनह एक षवचचतर दशम हदखाई हदमा नगय क फाहय जो झोऩडडमाॉ थी व तो वसी की वसी थी उनको आशचमि हआ इतनी फारयश भ बी म कस सही सराभत यही व ऐसा भन ही भन सोच यह थ कक इतन भ बफजरी कडकी औय आकाशवाणी हई ldquoए भखो तमहायी सॊऩसतत तमहायी अऩनी ह सवासजित ह ऐसा सोचत थ इसी लरम ऐसा हआ ह इस झोऩडी भ यहनवारा दव भया षपरम बकत ह आभ आदभी होन ऩय बी दव रनतम तमहाय नगय भ ससथत शरी रकषभी नायामण

भॊहदय भ दीऩ जराता था इतना ही नही हय एकादशी क हदन मथा सॊबव वह शरी फाराजी वरत कथा बी सॊऩनन कयता था इसी लरम इन झोऩडीमो भ यहनवार सबी रोग सयकषत यह आऩ सबी महद वरत सॊऩनन कयग तो अऩन-अऩन

ऐशवमि को ऩन परापत कय सकत होrdquo आकाशवाणी सनत ही तयॊत व सबी रोग उस भॊहदय भ गम औय जस

सॊबव हो सका वस सबी रोगोन एक-दसय क सहमोग स शरी फाराजी की वरत कथा सॊऩनन की ऐसा कयत ही सबी को उनक घय ऩवि रऩ भ ही परापत हो गम तफ स व सबी शरीफाराजी क बकत फन गम औय हय एकादशी को शरीफाराजी का वरत सॊऩनन कयत औय सख-शाॊरत परापत कय यहन रग अॊत भ उनहोन भसकत बी परापत की

शरीवलशषठजी न इस परकाय म कथा सनाई

गोषव ॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

ततीमोधमाम सभापतॊ |

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ

शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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चतथव अधमाम

शरी बयदवाज उवाच

शरीनायामण जी को ldquoशरीफाराजी वरत कथाrdquo अतमॊत षपरम ह चतथि अधमाम क रऩ भ हभाय साभन शरी बयदवाज

भरनदवाया फतामी नमी कहानी इस परकाय ह- ldquoह कलरमगवालसमो शरी नायामण क षपरम बकतो आऩ सजस वरत को सॊऩनन कय यह ह वह अदभत ह आऩकी भनोकाभनाओॊ को ऩणि कयन का साधन ह शरी फाराजी को परसनन कयन का मह अतमॊत सयर उऩाम ह आऩ सबी ऩय कऩा कयन क लरम ही वकॊ ठवासी बगवान शरीरनवास क रऩ भ रतरभरा ऩहाड ऩय अवतरयत हए ह अनक जनभो क ऩणमपर स ही रतरभरा ऩहाड ऩय ऩय यखन का सौबागम परापत होता ह औय बगवान क दशिन बी सॊबव होत ह इसी तयह इस ldquoवरतकथाrdquo को सॊऩनन कयन का सॊकलऩ बी ऩविजनभ क

ऩणमपर स ही सॊबव होता ह जो वमसकत इस वरत को सॊऩनन कय यह ह मा जो इस कथा को सन यह ह मा जो बगवान क परसाद को गरहण कयत ह उनह बगवान की कऩा परापत होती ह औय व सौबागम बी ऩात ह

पराचीन कार भ ldquoनगयीrdquo नाभक एक गराभ भ धनगपत नाभ का वमाऩायी यहता था वह फहत ही रारची था ऐशवमि परापत कयन ऩय बी उसका रारचीऩन कभ नही हआ मह सभसत ऐशवमि उसका ही कभामा हआ ह ऐसा सोचकय वह फहत घभॊड कयता था अहॊकाय भनषम का नाश कयता ह

धनगपत की ऩतनी काॊरतभती अतमॊत बसकत बावना यखती थी औय रनषठा स बगवान की ऩजा कयती थी उनकी तीन कनमाएॉ थी तीसयी कनमा ldquoकभायीrdquo भ बसकत बावना जमादा थी वह हभशा फाराजी का नाभ ही जऩती यहती थी षऩताजी को बफना फताम वह जफ-तफ शरी फाराजी क भॊहदय भ जाती थी औय बगवान क दशिन कयती थी घय आकय षऩताजी को छोड अनम सबी क साथ परसाद सवीकाय कयती थी ऩती क ऐस वमवहाय स

काॊरतभती थोडी चच ॊरतत होती थी

एक हदन ldquoकभायीrdquo की सहरी क घय ऩय ldquoशरी फाराजीrdquo का वरत सॊऩनन हो यहा था मह जानकय वो वहाॉ गई वरत ऩया होन तक दोऩहय हो चकी थी थोडासा परसाद उसन गरहण ककमा औय थोडा वह अऩन घयवारो क लरम एक

कागज की ऩडी भ रकय चरी फीच यासत भ उस पमास रगन रगी धऩ बी फहत तज थी उसन सोचा थोडी दय रक

कय पमास फझाकय कपय चरॉ तो ठीक यहगा तबी उस माद आमा कक उसक षऩता की दकान अगरी गरी भ ही तो ह वहाॉ जाकय उसन षऩताजी को ऩजा की फात बफना फताम षऩताजी स ऩानी भाॉगकय षऩमा औय षऩताजी गससा कयग

इस डय स उसन जलदी-जलदी ऩानी षऩमा इस घफयाहट भ परसाद की ऩडी वही दकान भ बरकय चरी गई

एकाएक फाजाय भ हडकॊ ऩ भच गमा रोग हाहाकाय भचात हए इधय-उधय बागन रग आगजनी क कायण उस गरी की सायी दकान जर कय याख होन रगी वस बी दोऩहय का सभम थाउस ऩय गभि हवाएॉ चर यही थीधनगपत का शयीय डय क भाय काॉऩन रगा ldquoकछ ही सभम भ उसकी दकान बी जर कय याख हो जाएगीrdquo इस षवचाय स उस क हाथ-ऩय काॉऩन रग सबी रोग अऩनी-अऩनी दकानो स फाहय आकय इधय-उधय बागन रग ऩय

धनगपत वही खडा यह गमा दकान छोडकय जान का भन नही कय यहा था महद वो दकान भ यहगा तो जरकय

याख हो जामगासोचत हए उसन घफयाहट भ उसक हाथ रगी ऩडी को उठामा औय बफना सोच सभझ जो हाथ आमा वो भॉह भ डार हदमा उस कछ भीठा-भीठा सा ऩदाथि रगा औय भन बी शाॊत होन रगा

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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तबी एक अदभत घटना घटीआग धनगपत की दकान तक आकय रक गमी आग की रऩत वहाॉ नही आ ऩामी मह कसी षवचचतर फात हम कसी भामा ह धनगपत क भॉहस एक बी फात नही रनकर ऩामी उधय आगजनी की खफय सनत ही ऩतनी काॊरतभती अऩन कनमाओॊ क साथ फाराजी का सभयण कयत हए दौडती हई वहाॉ आ गमी आग उनक दकान तक आकय कस रक गमी मह दखकय उस आशचमि हआ तबी कभायी को दकान भ बरी हई ऩडी की माद आई धनगपत को सभझन भ दय नही रगी कक उसन जो चीज भॉह भ डारी थी वो औय कछ नही तो बगवान का परसाद ही था औय उसकी भहहभा स ही व इस दघिटना स चक गम धनगपत न शरीफाराजी स भा भाॉगी गार फजाम शाभ भ ही नगयवालसमो को फराकय ldquoशरीफाराजी की वरत कथाrdquo सॊऩनन की तफ स वह बगवान की सवा भ रीन हो गमा औय अॊत भ भो बी परापत की आऩन दखा कक कवर परसाद गरहण कयन स ही वो ककतनी फडी दघिटना स चक गमा फाराजी की भहहभा अदभत ह आऩ सबी बी मथा सॊबव वरत को सॊऩनन कय क बगवान की कऩा परापत कय सकत हldquo

शरीबयदवाजजी न इस परकाय मह चतथि कथा सनामी

गोषवॊदगोषवॊदगोषवॊद

चतथोधमाम सभापतॊ |

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

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ऩॊचभ अधमाम

शरी अतरतर उवाच

रतरभरा-रतरऩती बरोक का वकणठ धाभ ह ऩयाणो भ फतामा गमा ह कक रतरभरा क सभान ऩषवतर सथर औय शरी फाराजी जस दवता न तो ऩहर कबी हए ह औय न कबी होग शरीरनवास क रऩ भ अवतरयत शरी नायामण अऩन

बकतो स फहत परभ कयत ह जो उन ऩय अऩना ऩया बाय डारकय उनह रनतम सभयण कयत ह जो सदाचाय स ऩणि जीवन बफतात ह वो उनकी या कयत ह ऐस शरीफाराजी को परसनन कयन का सफस सयर उऩाम ह ndash ldquoशरीफाराजी की वरत कथाrdquo

इस अदभत वरत कथा क फाय भ भहातऩसॊऩनन शरी अबतर भहषषि न कऩा कयत हए कहा ह- ldquo ह फाराजी क षपरम

बकतो कलरमग भ आऩक सौबागम क फाय भ कमा कहना कतमग तरतामग औय दवाऩायमग भ अतमॊत कठोय तऩ-

जऩ कयन ऩय बी परसनन न होन वार शरी नायामण इस मग भ कवर नाभसभयण स ही आऩ रोगो ऩय कऩा कय यह

ह षवशवास क साथ उनह फरान ऩय व तयॊत कऩा परदान कयत ह ऐस करणाभम ह शरीफाराजी ऩषवतर रतरभरा ऩय

तमहाया यखा हय कदभ अनक जनभो क ऩणमपर क सभान ह

पराचीन कार भ ldquoकौभायrdquo दश भ ldquoलभतरrdquo नाभक धोफी यहता था वो अऩन काभ क साथ-साथ धालभिक कामि कयता हआ जीवन रनवािह कय यहा था उसकी अऩॊगता ही उसकी चच ॊता थी इसी कायण धोए हए कऩडो की ऩोटरी फनाकय घय-घय घभकय उनह रोगो तक ऩहॉचाना उस धीय धीय भसशकर रगन रगा उसका ऩरयवाय फडा था बफना भहनत ककए उस बय ऩट खान को बी नही लभरता था हभशा वो शरी फाराजी की ऩजा कयता यहता था कबी ना कबी बगवान उस ऩय कऩा कयग इसी षवशवास स वो अऩना जीवन गजाय यहा था बकतो ऩय कऩा कयन वार फाराजी सफ कछ दखत यहत ह जो वमसकत अऩन कभो स भकती ऩाता ह उनक ऩास आकय फाराजी ककसी न ककसी रऩ भ आकय उनकी या कयत ह एक हदन शाभ क सभम हभशा की तयह लभतर कऩड धोकय कऩडो की ऩोटरी राद धीय-धीय चरता हआ आ

यहा था फीच यासत भ उस एक वदध बराहभण हदखाई हदम गौयव की बावना स फड होन क कायण लभतर न अऩन कॊ ध

ऩय रदी हई ऩोटरी को नीच उतायकय वदध बराहभण को नभसकाय ककमा तफ उस षवपरोततभ न कहा- ldquoतभ अऩन इस ऩय क कायण ककतना कषट सह यह हो तमहाया दख दखा नही जाताrdquo तफ लभतर न कहा-ldquoह नाथ आऩ फजगि ह बयाऩया ऩरयवाय होन क कायण भझ इस काभ स भकती नही लभर यही ह ककसी तयह भयी म अऩॊगता दय हो ऐसा कोई उऩाम फताइएrdquo

तफ बराहभण न कहा-ldquoसनो बाई भ जरय फताऊॉ गा धमान स सनो भ एक ऐस वरत क फाय भ फताता हॉ सजस सॊऩनन कयन स तमहायी अऩॊगता दय हो जाएगी तमह अषट ऐशवमो की परासपत होगी वरत सॊऩनन कयत ही तमह हजाय अशकपि माॉ लभरगी ऩय एक शति ह उसभ स आध तभ भझ दोगकर भ कपय इसी सभम महाॉ लभरॉगाrdquo तफ लभतर न कहा- ldquoसवाभी इसस फढकय सौबागम औय कमा हो सकता ह आज ही इस

वरत क फाय भ फताइए भ उस सॊऩनन करॉ गाrdquo लभतर क उतसाह को दख वदध न शरी फाराजी वरत कथा क फाय भ फतामा

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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लभतर दगन उतसाह क साथ घय आमा ऩयी कहानी ऩतनी को फतामी औय अडोस-ऩडोस क साथ लभरकय शरी फाराजी वरत को सॊऩनन ककमा चयणाभत परसाद गरहण ककमा घय आए सबी रोगो को बी हदमा तबी घय क फाहय कछ

कोराहर सनाई हदमा लभतर का फटा फाहय स दौडता हआ आमा औय फोरा- ldquoषऩताजी षऩताजी याज-यक आऩक लरम आए ह याजा न आऩक लरम बट बी बजी हrdquo इतन भ यक बी वहाॉ आ गम उनहोन फतामा कक उसकी रनमसकत याज दयफाय भ धोफी क रऩ भ हो गमी ह याजा न हजाय अशकपि माॉ ऩयसकाय सवरऩ बजी ह ऐसा कहकय उनहोन लभतर क हाथ भ हजाय अशकपिमो की ऩोटरी यख दी एक हफत क अॊदय-अॊदय

उस आकय नौकयी भ बतॉ होन को बी कहा लभतर क आनॊद की सीभा नही थी एक हफता कमो कर ही कमो नही सोचकय उसन अऩनी ऩोटरी-वोटरी फाॉधी औय दसय हदन सवय ही वो जान को तमाय हो गमा इस जलदफाजी भ वह

उस वदध की फात बर गमा फीच यासत भ उस उसकी फात माद आ गमी ऩय ठीक हअगर भहहन लभर रता हॉ सोच

कय वह याज दयफाय भ अऩन काभ ऩय रग गमा हदनभहहन फीत बराहभण क वश भ आए बगवान को गससा आमा बगवान न सोचा भनषम की परवसतत ऐसी ही होती ह उस भझ अऩनी भहहभा फतानी होगी

दसय ही हदन याणीवास स आबषण चोयी हो गम चोयी का इलजाभ लभतर ऩय आमा लभतर को कायावास की सजा हई hellipयाज यकोन उस तयह-तयह की मातनाएॉ दी ऐसा कमो हआउस ऩय मह इलजाभ कमो रगा सोचत हए लभतर को यात को सऩन भ बगवान हदखाई हदम उनहोन फतामा कक ldquoवदध बराहभण क रऩ भ व ही आम थ वो अऩनी फात स भकय गमा इसलरम म सफ हआ हrdquo तफ लभतर न कहा-ldquoह नाथभ ऩाऩी हॉ भन फहत फडा ऩाऩ ककमा ह कऩमा भझ ऩय दमा कीसजम अफ भ हय भहहन आऩका वरत सॊऩनन करॉ गा भयी आम का आधा बाग जीवन बय आऩको सभषऩित करॉ गाrdquo गार फजाकय उसन बगवान की हय तयह स पराथिना की बकतो की ऩकाय सननवार बगवान न खशी-खशी लभतर ऩय कऩा कय दी बगवान की कऩा स याणी क आबषण दसयही हदन लभर गम याजान म बी जान लरमा कक लभतरन चोयी नही की थी लभतरको कायावास स रयहा कय हदमा गमा तफ स लभतर बगवान को हदम वचन अनसाय हय भहहन शरी फाराजी का वरत सॊऩनन कयन रगा औय अऩनी आम का आधा बाग बगवान को अषऩित कयता यहा सख ऩणि जीवन बफतात हए उसन अॊत भ भो बी परापत ककमाrdquo

शरी अबतरजी न ऐसा कहकय ऩाॉचव औय आखयी अधमाम को सभापत ककमा

गोषवॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

ऩॊचभोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

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faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ॐ षवघनयाजम नभ

ॐ गजाचधऩतम नभ

ॐ धभकतव नभ

ॐ गणाचधाम नभ

ॐ पारचॊिाम नभ

ॐ गजाननाम नभ

ॐ वकरतॊडाम नभ

ॐ शऩिकणिकाम नभ

ॐ हयमफाम नभ

ॐ सकॊ दऩविजाम नभ ॐ सवािलससधद परदामकाम नभ ॐ भहागणाचधऩतम नभ

नानाषवध ऩरयभर ऩषऩारण सभऩिमालभ

वनसऩतमबवव हदव नाना गॊध स सममतभ आघरम सववदवानाभ धऩोमभ परततगहमताभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash धऩभािाऩमालभ

साजमभ बतरवतॉ सॊमकताभ वसहनना मोसजतभ षपरमभ

गहाणा भॊगरभ दीऩभ तररोकमरतलभयावहभ

बकतमादीऩभ परमचछालभ दवाम ऩयभातभन

तराहहभाभ नयकादघोयाद हदवमजमोरत नभोसतत

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash दीऩभ सभऩिमालभ

धऩ दीऩाॊतयभ आचभनीमभ सभऩिमालभ

नवदमभ

(गड का छोटा टकडा थारी भ यख कय उसक सबोवतार ऩानी रछडक) ॐ बबव सव ॐ ततसषवतयवयणमभ बगो दवसम धीभही चधमोमोन परचोदमात सतमभ तवतन ऩरयषषॊचालभ (यात भ ldquoऋतॊ तवा सतमन ऩरयषषॊचालभrdquo ऐस कह)

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash नवदमभ सभऩिमालभ

अभतभसत अभतोवतसयणभलस

ॐ पराणाम सवाहा ॐ आऩानाम सवाहा ॐ वमानाम सवाहा ॐ उदानाम सवाहा

ॐ सभानाम सवाहा भधम भधम ऩानीमभ सभऩवमालभ

अभताषऩधानभलस उततयाऩोषणभ सभऩवमालभ

हसतौ परारमालभ शदधाचभनीमभ सभऩवमालभ

ऩगीपर सकयऩय नागवलरीदरीयमतभ

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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भकताचणव सभामकतभ ताॊफरभ परततगहमताभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash ताॊफरभ सभऩिमालभ

ॐ गणानाभ तवागणऩतीभ हवाभह कषवॊ कवीनाभऩा भसशरवसतवभ जमषठयाजभ बरहभणाभ बरहभणसऩत आनशशरणमनततलब सीदसाधनभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ - सवणिभॊतरऩषऩभ सभऩिमालभ

भॊतरहीनभ ककरमाहीनभ बसकतहीनभ गणाचधऩ

मतऩसजतभ भमा दव ऩरयऩण तदसतत

मऻन मऻभमजॊत दवासतारन धभािरण परथभानमासन

तहनाकभ भहहभान सचॊत मतर ऩवसाधमा सॊरत दवा

ऩनयाचभनभ

अनमा धमानावाहनाहद षोडषोऩचाय ऩजमा च बगवान सवाितभक

शरीभहा गणाचधऩरत सपरीतो वयदो बतवा उततय कभिणम षवघनभसत बवनतो

बवनत उततय कभिणम षवघनभसत गणाचधऩरत परसादभ लशयसा गरहणालभ

सहसरऩयभा दषव शतभरा शताॊकया सव हयत भ ऩाऩॊ दवािदससवपननाशनी गणऩरत मदासथानॊ उदवासमालभ

पराण परततषठा ॐ असनीत ऩनसभािस च ऩन पराणलभहनोदहह बोगॊ जमोकऩशमभ

समिभचचयनत भनभत भडमान सवससत अभतॊ वपराणा अभतभाऩ पराणानव मधासथानभऩहवमत

(सवाभीजी की भतॉ को हाथ रगाम )

शरीवकटशवय आवाहमालभ सथाऩमालभ ऩजमालभ ससथयोबव वयदोबव सपरसननोबव ससथयासनॊ कर

धमानभ

शानताकायॊ बजगशमनॊ ऩदमनाबभ सयशभ षवशवकायभ गगन सदशॊ भघवण शबाॊगॊ

रकषभीकानतॊ कभरनमनॊ मोचगहरधमान गममॊ वनद षवषणॊ बवबमहयॊ सविरोककनाथॊ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - धमामालभ धमानभ सभऩिमालभ

आवाहनभ

आवाहमालभ दवश लसदधगनधवि सषवत मिसमलभदॊ ऩणमॊ सविऩाऩहयोहय

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवनकटशवय सवालभन नभ - आवाहमालभ

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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(सवाभीजी क भतॉ ऩय पर ऩतत चढाम) आसनभ

दव दव जगननाथ परणत करशनाशन यतनलसॊहासनॊ हदवमॊ गहाण भधसदन

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवनकटशवय सवालभन नभ - यतनलसॊहासनॊ सभऩिमालभ

(सवाभीजी क भतॉ ऩय पर ऩतत चढाम) ऩादमॊ

वासनचतॊ करभदव दषकतॊ च षवनाशम ऩादमॊ गहाण बगवान भातरतसॊग सॊससथत

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - ऩादमो ऩादमॊ सभऩिमालभ

(एक चमभच ऩानी थारी भ डार)

अरघम

करषवभ दमाॊ दव सॊसायारत ि बमाऩह दचधीय परोऩतभ गहाणाघम नभोसतत

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हसतमोयघम सभऩिमालभ

(एक चमभच ऩानी थारी भ डार)

आचभनॊ नभ सतमाम शदधाम रनतमाम ऻानरषऩण गहाणाचभनॊ दव सविरोककनामक

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - भख आचभनीमॊ सभऩिमालभ

(एक चमभच ऩानी थारी भ डार) ऩॊचाभतसनानॊ

ऩॊचाभतॊ भमानीतॊ ऩमोदचधघतॊ भध शकि या सहहतॊ चवदवतवॊ पररतगहमताॊ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - ऩॊचाभत सनानॊ सभऩिमालभ

(ऩॊचाभत गाम क दध दही घी भध औय चीनी लभराकय ककमा जाता ह)

सनानॊ सवणिऩातरोदकॊ गॊगा मभनाहद सभसनवतॊ शदधोदकॊ गहाणश सनानॊ कर मथाषवचध

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - शदधोदकसनानॊ सभऩिमालभ

(एक चमभच ऩानी थारी भ डार) वसतरॊ

तपतकाॊचन सनकाशॊ ऩीतमफय लभदॊ हय सगहाण जगननाथ शरीरनवास नभोसतत

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - वसतरमगभॊ सभऩिमालभ

मऻोऩवीतॊ मऻोऩवीतॊ ऩयभॊ ऩषवतरॊ परजऩतमितसहजॊ ऩयसतात

आमषमभागरमाभ पररतभचचशभरॊ मऻोऩवीतॊ फरभसत तज

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शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - मऻोऩवीतॊ सभऩिमालभ

गनधॊ चनदनागर कसतरय घनसाय सभसनवतॊ गनधॊ गहाण गोषवनद नानागॊधसचधायम

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हदवमऩरयभर गॊधाॊ सभऩिमालभ

(सवाभीजी क भतॉ को चॊदन रगाम) अताॊ

गोषवनदा ऩयभाननद हरयिा सहहततान षवशवशवय षवशारा गहाण ऩयभशवय

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - अतान सभऩिमालभ

(सवाभीजी क भतॉ ऩय अता डार चावर को हलदी कॊ कभ रगाक अता फनात ह) ऩषऩॊ

सगॊधारन सऩषऩारण जाजीकनदभखारन च भाररत वकरादषव ऩजाथ पररतगहमताॊ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - ऩषऩॊ सभऩिमालभ

अथाॊग ऩजा ॐ शरी वकटशवयाम नभ - ऩादौ ऩजमालभ

ॐ शरी वकटचरचधशाम नभ - गलफ़ौ ऩजमालभ

ॐ शरी परदामकाम नभ - जाननी ऩजमालभ

ॐ ऩदमावती ऩतम नभ - जॊघ ऩजमालभ

ॐ ऻानपरदाम नभ - ऊर ऩजमालभ

ॐ शरीरनवसाम नभ - कहटॊ ऩजमालभ

ॐ भहाबागाम नभ - नालबॊ ऩजमालभ

ॐ रनभिराम नभ - उदयॊ ऩजमालभ

ॐ षवशाररदमाम नभ - रदमभ ऩजमालभ

ॐ ऩरयशदधातभन नभ - सतनौ ऩजमालभ

ॐ ऩरषोततभाम नभ - बजौ ऩजमालभ

ॐ सवणिहसताम नभ - हसतौ ऩजमालभ

ॐ वयपरदाम नभ - कॊ ठॊ ऩजमालभ

ॐ रोकनाथाम नभ - सकनधौ ऩजमालभ

ॐ यसऻाम नभ - नालसकाॊ ऩजमालभ

ॐ ऩणमशरवन कीतिनाम नभ - शरोतर ऩजमालभ

ॐ ऩलरामफज षवरोचनाम नभ - नतर ऩजमालभ

ॐ वचिससवन नभ - रराटॊ ऩजमालभ

ॐ यमम षवगरहाम नभ - सवािणमनगारन ऩजमालभ

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ॐ शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हदवमसनदय षवगरहॊ ऩजमालभ

शरी वकटशवय अषटोततय शतनाभावलर

ॐ वकटशाम नभ

ॐ शरीरनवासाम नभ

ॐ रकषभीऩतम नभ ॐ अनाभमाम नभ ॐ अभताॊशाम नभ ॐ जगदवॊदवाम नभ ॐ गोषवनदाम नभ ॐ शाशवताम नभ ॐ परबव नभ ॐ शषाहि-रनरमाम नभ ॐ दवाम नभ ॐ कशवाम नभ ॐ भधसदनाम नभ ॐ अभताम नभ ॐ भाधवाम नभ ॐ कषणाम नभ ॐ शरीहयम नभ ॐ ऻान-ऩॊजयाम नभ ॐ शरी वतस-वस नभ ॐ सवशाम नभ ॐ गोऩाराम नभ ॐ ऩरषोततभाम नभ ॐ गोऩशवयाम नभ ॐ ऩयभ-जमोरतषम नभ ॐ वकनठऩतम नभ ॐ अवममाम नभ ॐ सधातनव नभ ॐ मादवनिाम नभ ॐ रनतम-मौवनरऩवत नभ ॐ चतवदातभकाम नभ ॐ षवषणव नभ

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ॐ अचमताम नभ ॐ ऩरदमनी-षपरमाम नभ ॐ धयाऩतम नभ ॐ सयऩतम नभ ॐ रनभिराम नभ ॐ दवऩसजताम नभ ॐ चतबिजाम नभ ॐ चकरधयाम नभ ॐ बतरधामन नभ ॐ बतरगणाशरमाम नभ ॐ रनषविकलऩाम नभ ॐ रनषकरनकाम नभ ॐ रनयाॊतकाम नभ ॐ रनयनजनाम नभ ॐ रनयाबासाम नभ ॐ रनतमतपताम नभ ॐ रनगिणाम नभ ॐ रनरऩिवाम नभ ॐ गदाधयाम नभ ॐ शायॊगऩाणम नभ ॐ ननदककन नभ ॐ शनखधायकाम नभ ॐ अनकभतिम नभ ॐ अवमकताम नभ ॐ कहटहसताम नभ ॐ वयपरदाम नभ ॐ अनकातभन नभ ॐ दीनफानधव नभ ॐ आतिरोक बमपरदाम नभ ॐ आकाशयाज-वयदाम नभ ॐ मोचग-रतऩदमभसनदयाम नभ ॐ दाभोदयाम नभ ॐ जगतऩाराम नभ

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ॐ ऩाऩघनाम नभ ॐ बकतवतसराम नभ ॐ बतरषवकरभाम नभ ॐ लशॊशभायाम नभ ॐ जटाभकट-शोलबताम नभ ॐ शनख-भदमोर-सनभॊजराम-ककसनकणमाडम-कयनडकाम नभ ॐ नीरभघ-शमाभ-तनव नभ ॐ बफलव-ऩतराचिन षपरमाम नभ ॐ जगदवमाषऩन नभ ॐ जगत-कत नभ ॐ जगत-साकषण नभ ॐ जगतऩतम नभ ॐ चचसनतताथि-परदाम नभ ॐ सजषणव नभ ॐ दाशावािम नभ ॐ दश-रऩवत नभ ॐ दवकक-ननदनाम नभ ॐ शौयम नभ ॐ हमगरीवाम नभ ॐ जनादिनाम नभ ॐ कनमा-शरवणतायजमाम नभ ॐ ऩीतामफयधयाम नभ ॐ अनघाम नभ ॐ वनभालरन नभ ॐ ऩदमनाबाम नभ ॐ भगमासकत-भानसाम नभ ॐ अशवरढाम नभ ॐ खडगधारयण नभ ॐ धनाजिन-सभतसकाम नभ ॐ गानसायर-सनभधम-कसतरय-रतरकोजवराम नभ ॐ ससतचदाननदरऩाम नभ ॐ जगनभनगरदामकाम नभ ॐ मऻरऩाम नभ

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ॐ मऻबोकत नभ ॐ चचनभमाम नभ ॐ ऩयभशवयाम नभ ॐ ऩयभाथि-परदाम नभ ॐ शानताम नभ ॐ शरीभत नभ ॐ दोदिनड-षवकरभाम नभ ॐ ऩयातऩयाम नभ ॐ ऩयबरहभण नभ ॐ शरीषवबव नभ ॐ जगदीशवयाम नभ

इतत शरी वकटशवय अषटोततय शतनाभावलर

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शरी भहारकषभी अषटोततय शतनाभावलर

ॐ परकतम नभ ॐ षवकतम नभ ॐ षवदमाम नभ ॐ सविबतहहतपरदाम नभ ॐ शरदधम नभ ॐ षवबतम नभ ॐ सयभम नभ ॐ ऩयभासतभकाम नभ ॐ वाचम नभ ॐ ऩदमारमाम नभ ॐ ऩदमाम नभ ॐ शचम नभ ॐ सवाहाम नभ ॐ सवधाम नभ ॐ सधाम नभ ॐ धनमाम नभ ॐ हहयणमम नभ ॐ रकषमम नभ ॐ रनतमऩषटाम नभ ॐ षवबावम नभ ॐ आहदतम नभ ॐ हदतम नभ ॐ दीपताम नभ ॐ वसधाम नभ ॐ वसधारयणम नभ ॐ कभराम नभ ॐ कानताम नभ ॐ काभाकषम नभ ॐ कभर समबवाम नभ ॐ अनगरहपरदाम नभ ॐ फदधम नभ ॐ अनघाम नभ

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ॐ हरयवलरबाम नभ ॐ अशोकाम नभ ॐ अभताम नभ ॐ दीऩाम नभ ॐ रोकशोक षवनालशनम नभ ॐ धभिरनरमाम नभ ॐ करणाम नभ ॐ रोकभातर नभ ॐ ऩदमषपरमाम नभ ॐ ऩदमहसताम नभ ॐ ऩदमाकषम नभ ॐ ऩदमसनदम नभ ॐ ऩदमोदभवाम नभ ॐ ऩदमभखम नभ ॐ ऩदमनाब षपरमाम नभ ॐ यभाम नभ ॐ ऩदमभाराधयाम नभ ॐ दवम नभ ॐ ऩरदमनम नभ ॐ ऩदमगसनधनम नभ ॐ ऩणमगनधाम नभ ॐ सपरसननाम नभ ॐ परसादालबभखम नभ ॐ परबाम नभ ॐ चनिवदनाम नभ ॐ चनिाम नभ ॐ चनिसहोदम नभ ॐ चतबिजाम नभ ॐ चनिरऩाम नभ ॐ इसनदयाम नभ ॐ इनद शीतराम नभ ॐ आहराद जननम नभ ॐ ऩषम नभ

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ॐ लशवाम नभ ॐ लशवकतम नभ ॐ सतमाम नभ ॐ षवभराम नभ ॐ षवशवजननम नभ ॐ तषम नभ ॐ दारयदरमनालशनम नभ ॐ परीरत ऩषकरयणम नभ ॐ शानताम नभ ॐ शकरभालमामफयाम नभ ॐ बासकम नभ ॐ बफलव रनरमाम नभ ॐ वयायोहाम नभ ॐ मशससवनम नभ ॐ वसनधयाम नभ ॐ उदायॊगम नभ ॐ हरयणम नभ ॐ हभभालरनम नभ ॐ धन धानमकतम नभ ॐ लसदधम नभ ॐ सतरणम सौममाम नभ ॐ शबपरदाम नभ ॐ नऩवशभ गताननदाम नभ ॐ वयरकषमम नभ ॐ वसपरदाम नभ ॐ शबाम नभ ॐ हहयणम पराकायाम नभ ॐ सभि तनमाम नभ ॐ जमाम नभ ॐ भॊगराम नभ ॐ षवषणव सथरससथताम नभ ॐ षवषणऩतनम नभ ॐ परसननाकषम नभ

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ॐ नायामण सभाचशरताम नभ ॐ दारयदरम धवॊलसनम नभ ॐ दवरकषभ नभ ॐ सवोऩिव रनवारयणम नभ ॐ नवदगािम नभ ॐ भहाकालम नभ ॐ बरहभा-षवषण-लशवासतभकाम नभ ॐ बतरकारऻानसमऩननाम नभ ॐ बवनशवम नभ ॐ भहारकषभी अषटोततय शत नभ

इरत शरी रकषभी अषटोततय शतनाभावलर

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शरी ऩदमावती अषटोततय शतनाभावलर

ॐ ऩदमावततम नभ ॐ दवम नभ ॐ ऩदमोदभवाम नभ ॐ करणापरदारमनम नभ ॐ सरदमाम नभ ॐ तजसवरषऩणम नभ ॐ कभरभखम नभ ॐ ऩदमधयाम नभ ॐ शरीम नभ ॐ ऩदमनतरम नभ ॐ ऩदमकयाम नभ ॐ सगणाम नभ ॐ कभकभषपरमाम नभ ॐ हभवणािम नभ ॐ चनिवसनदताम नभ ॐ धगधगपरकाश शयीय-धारयणम नभ ॐ षवषणषपरमाम नभ ॐ रनतमकलमाणम नभ ॐ कोहटसमिपरकालशणम नभ ॐ भहासौनदमिरषऩणम नभ ॐ बकतवतसराम नभ ॐ बरहभानडवालसनम नभ ॐ सविवानचापरदारमनम नभ ॐ धभिसनकलऩाम नभ ॐ दाकषणमकटाकषणम नभ ॐ बसकतपरदारमनम नभ ॐ गणतरमाषववसजिताम नभ ॐ कराषोडशसॊमताम नभ ॐ सविरोकानानजननम नभ ॐ भसकतदारमनम नभ ॐ दमाभतामाम नभ ॐ परऻाम नभ

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ॐ भहाधभािम नभ ॐ धभिरषऩणम नभ ॐ अरनकाय षपरमाम नभ ॐ सविदारयदरमधवॊलसनम नभ ॐ शरीवकटशवसथरससथताम नभ ॐ रोकशोकषवनालशनम नभ ॐ वषणवम नभ ॐ रतरचानरऩयवालसनम नभ ॐ वदवदमषवशायदाम नभ ॐ षवषणऩादसषवताम नभ ॐ यतनपरकाशककयीटधारयणम नभ ॐ जगनभोहहनम नभ ॐ शसकतसवरषऩणम नभ ॐ परसननोदमाम नभ ॐ इनिाहददवत मककननय ककमऩरष ऩसजताम नभ ॐ सविरोकरनवालसनम नभ ॐ बजमाम नभ ॐ ऐशवमिपरदारमनम नभ ॐ शानताम नभ ॐ उननतसथानससथताम नभ ॐ भनदायकालभनम नभ ॐ कभराकयाम नभ ॐ वदानतऻानरषऩणम नभ ॐ सविसमऩसततरषऩणम नभ ॐ कोहटसमिसभपरबाम नभ ॐ ऩजापरदारमनम नभ ॐ कभरासनाहद सविदवताम नभ ॐ वकनठवालसनम नभ ॐ अबमदारमनम नभ ॐ िाापरऩामसषपरमाम नभ ॐ नतमगीतषपरमाम नभ ॐ ीयसागयोदभवाम नभ ॐ आकाशयाज ऩबतरकाम नभ

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ॐ सवणिहसतधारयणम नभ ॐ काभरषऩणम नभ ॐ करणाकटाधारयणम नभ ॐ अभतासजाम नभ ॐ बरोकसवगिसखदारमनम नभ ॐ अषटहदकऩारकाचधऩतम नभ ॐ भनभधदऩि सॊहारयणम नभ ॐ कभराथिबागाम नभ ॐ सवलऩऩयाध-भहाऩयाध-भाम नभ ॐ शतकोहटतीथिवालसताम नभ ॐ नायदाहद भरनशरषठ ऩसजताम नभ ॐ आहदशनकयऩसजताम नभ ॐ परीरतदारमनम नभ ॐ सौबागमपरदारमनम नभ ॐ भहाकीतॉ परदारमनम नभ ॐ कषणारतषपरमाम नभ ॐ गनधवि शाऩषवभोचकाम नभ ॐ कषणऩतनम नभ ॐ बतररोकऩसजताम नभ ॐ जगनभोहहनम नभ ॐ सरबाम नभ ॐ सशीराम नभ ॐ अॊजनासतानगरहपरदारमनम नभ ॐ बकतमातभरनवालसनम नभ ॐ सॊधमावसनदनम नभ ॐ सविरोकभातर नभ ॐ अलबभतदारमनम नभ ॐ रलरतावधतम नभ ॐ सभसतशासतर षवशायदाम नभ ॐ सवणािबयणधारयणम नभ ॐ इहऩयरोक सखपरदारमनम नभ ॐ कयवीयरनवालसनम नभ ॐ नागरोकभरणसह आकाशलसनध कभरशवय ऩरयतयधगभनाम नभ

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ॐ शरी शरीरनवासषपरमाम नभ ॐ चनिभनडरससथताम नभ ॐ अलरवर भनगाम नभ ॐ हदवमभनगर धारयणम नभ ॐ सकलमाणऩीठससथताम नभ ॐ काभकवनऩषऩषपरमाम नभ ॐ कोहट भनभधरषऩणम नभ ॐ बानभनडररषऩणम नभ ॐ ऩदमऩादाम नभ ॐ यभाम नभ ॐ सविरोकसबानतय धारयणम नभ ॐ सविभानसवालसनम नभ ॐ सवािम नभ ॐ षवशवरऩाम नभ ॐ हदवमऻानाम नभ ॐ सवभनगररषऩणम नभ ॐ सवािनगरहपरदारमनम नभ ॐ ॐकायसवरषऩणम नभ ॐ बरहभऻानसॊबताम नभ ॐ शरी ऩदमावतम नभ ॐ सदमोवदवतम नभ ॐ शरीभहारकषमम नभ

इरत शरी ऩदमावती अषटोततय शतनाभावलर

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धऩभ दशाॊगभ गगगरोऩतॊ गोघतन सभसनवतभ धऩॊ गहाण दवश सविरोक नभसकाया

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - धऩभािाऩमालभ

(सवाभीजी क भतॉ की अगयफतती औय धऩ स आयती कय)

दीऩभ

बतररोकश भहादव सविऻान परदामक दीऩॊ दासमालभ दवश यभाभ बकतवतसर

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - दीऩॊ दशिमालभ

(सवाभीजी क भतॉ की दीऩ स आयती कय )

नवदमभ

सविबशच बोजजशच यस षडलब सभसनवतॊ नवदमनत भमानीतभ गहाण ऩरषोततभ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - नवदमॊ सभऩिमालभ

(सवाभीजी को परसाद चढाम अगय करा ह तो ldquoकदरीपर रनवदमालभrdquo नारयमर ह तो ldquoनारयकर परॊ रनवदमालभrdquo ऐस कह अगय गड ह तो ldquoगडोऩहाय नवदमभ सभऩिमालभrdquo कह)

ॐ पराणाम सवाहा ॐ आऩानाम सवाहा ॐ वमानाम सवाहा ॐ उदनाम सवाहा ॐ सभानाम सवाहा ॐ ऩयबरहभण सवाहा ॐ बबिव सव ततसषवतय-वयणमभ बगो दवसम धीभहह चधमो मो न परचोदमात ॐ आऩो जमोरतयसोभतॊ बरहभ बबिव सवयोभ भधम भधम ऩानीमभ सभऩिमालभ

अभताषऩधानभलस उततयाऩोशनभ सभऩिमालभ हसतौ परारमालभ ऩादौ परारमालभ ऩनयाचभनीमभ सभऩिमालभ

तामफरभ ऩगीपर सकऩिय नागवलरीदरमितॊ भकताचणि सभामकतॊ तामफरॊ पररतगहमताॊ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - तामफरभ सभऩिमालभ

नीयाजनभ चशरम कानताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरीवकटरनवासाम शरीरनवासाम भनगरभ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ नीयाजनभ दशिमालभ

ऩनयाचभनीमभ सभऩिमालभ

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भॊतरऩषऩभ

ॐ सहसतरशीषिभ दवॊ षवशवाॊ षवशवशॊबवॊ षवशवॊ नायामणनदवभ अयॊ ऩयभॊ ऩदॊ १

षवशवत ऩयभासननतमॊ षवशवॊ नायामणॊ हरयॊ षवशवभवदॊ ऩरषसतदषवशवॊ उऩजीवरत २

ऩरतॊ षवशवसमातभशवयॊ शाशवतॊ लशवभचमतॊ नायामणॊ भहाऻमॊ षवशवतभानॊ ऩयामणॊ ३

नायामण ऩयोजमोरत आतभा नायामण ऩय नायामण ऩयभ बरहभ ततवभ नायामण ऩय नायामण ऩयो धमाता धमानभ नायामण ऩय ४

मचच ककसनचत जगतसव दशमत शरमतषऩ वा अनतफिहहशचततसविभ वमापमा नायामण ससथत ५

अननतभ अवममभ कषवॊ सभिनतभ षवशवशमबवभ ऩदमकोश परतीकाशभ रदमभ चापमधोभखभ ६

अधोरनषमा षवतसतमानत नाभमाभऩरय रतषठरत जवाराभाराकरॊबारत षवशवसमामातनभ भहत ७

सनततॊ लशरालबसत रॊफतमाकोशससननबभ तसमानत सलशयभ सकषभभ तससभन सविभ पररतसषठतभ ८

तसमभधम भहान असगन षवशवायचचषविशवतो भख सोगरबसगवबजन रतषठाननाहाय भजय कषव

रतमिगधवाि भधशशामीयशभमा सतसम सनतता ९

सॊताऩमरत सवॊ दह भाऩादतरभसतक तसम भधम वसनह लशखा अणीमोधवाि वमवससथत १०

नीरथो मदभधमसता षवदमलरखव बासवया नीवायशकवततनवी ऩीताबा सवतमनऩभा ११

तसमा लशखामा भधम ऩयभातभा वमवससथत स बरहभ स लशव स हरय स इनि सोय ऩयभासवयात १२

ॐ तद बरहभ ॐ तद वाम ॐ तदातभा ॐ ततसतमभ ॐ ततसविभ ॐ ततऩयोनिभ अनतशचयरत बतष गहामाभ षवशवभरत िष तवभ मऻसतवभ वषकायसतवभ इनिसतवभ रिसतवभ

षवषणसतवभ बरहभतवभ परजाऩरत तवभ तदाऩ आऩो जमोरत यसोवतभ बरहभ बबिवससवयोभ १३

गदा ऩन शॊखयथानगकलऩक धवजायषवॊदाॊकश वजररासशचत ह शरीरनवास तवत चयणामफज दवमॊ भदीम भधािन भरज ॐ रनयॊजनाम षवदमह रनयाबासाम धीभहह तननो शरीरनवास परचोदमात शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हदवमभनतरऩषऩॊ सभऩिमालभ

परदकषण नभसकाय

शरोकॊ मारनकारन च ऩाऩारन जनभानतय कतारन च तारन तारन परणशमसनत परदकषण ऩद ऩद ऩाऩोहभ ऩाऩकभािहभ ऩाऩातभा ऩाऩसॊबव तराहहभाभ कऩभमा दव शयणगतवतसर अनमधा शयणॊ नाससत तवभव शयणॊ भभ तसभात कारणम बावन य य जनादिन

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - आतभपरदकषण नभसकायान सभऩिमालभ

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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षवषवधोऩचाय ऩजा छतरॊ धायमालभ चाभयॊ वीजमालभ नतमॊ दशिमालभ गीतॊ शरावमालभ वादमॊ घोषमालभ आॊदोलरकान आयोहमालभ आशवानायोहमालभ गजानायोहमालभ सभसत यजोऩचाय शकतमऩचाय

मनतरोऩचाय दवोऩचाय सवोऩचाय ऩजाॊ सभऩिमालभ

भाऩवणभ भनतरहीनॊ ककरमाहीनॊ बसकतहीनॊ जनादिन मतऩसजतभ भमा दव ऩरयऩणिभ तदसतत

अनमा धमानावाहनाहद षोडशोऩचाय ऩजमा च बगवन सवाितभक शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरी वकटशवय सवरऩो बगवान सपरीत सपरसननो वयदो बवत शरी वकटशवय दव परसादॊ लशयसा गहणालभ

तीथवभ

अकार भतमहयणॊ सविवमाचध रनवायणभ सवि ऩाऩमकयॊ दव ऩादोदकॊ ऩावनॊ शबॊ

नवदमभ

ॐ बबिवससव ॐ ततसषवतवियणमभ बगो दवसम धीभहह चधमो मो न परचोदमात सतमॊ तवतन ऩरयषषॊचालभ अभतभसत अभतोऩसतयणभलस ॐ पराणाम सवा ॐ अऩानाम सवा ॐ वमानाम सवा ॐ उदानाम सवाह ॐ सभानाम सवा ॐ बरहभण सवा

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - भहानवदमभ सभऩिमालभ

अभताषऩधानभलस उततयाऩोशनभ सभऩिमालभ हसतौ परारमालभ ऩादौ परारमालभ शदध आचभनीमॊ सभऩिमालभ

तामफरॊ सभऩिमालभ सवणिभनतरऩषऩॊ सभऩिमालभ परदकषण नभसकायन सभऩिमालभ

अनमाधमानावाहनाहद षोडषोऩचाय ऩजमा बगवान सवाितभक शरी रकषभी ऩदमावती सभत वकटशवय सवाभी सपरीत सपरसननो वयदो बवत शरी रकषभी ऩदमावती सभत वकटशवय सवाभी परसादॊ लशयसा गहणालभ

उदवासनभ मऻन मऻभमजनत दवासतारन धभािरण परथभानमासन

तहनाकॊ भहहभानससचनत मतर ऩव साधमा ससनत दवा

गचछ गचछ सयशरषठ सवसथान शरी वकटशवय बकताबीषट सभधमथिभ ऩनयागभनाम च

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरी वकटशवय सवाभी मथासथानॊ उदवासमालभ

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परथभ अधमाम

शरी बगवान उवाच

कलरमग भ एक हदन शब भहति भ रतरभरा ऩहाड ऩय (सजस धयती का वकॊ ठ कहा जाता ह ) ldquoषवशवऩरत नाभक एक बकत ऩय शरी फाराजी की कऩा हई शरी षवषण क अवताय शरी फाराजी (वकटशवय) जो महाॉ शरीरनवास क रऩ भ ऩज जात ह उनहोन षवशवऩरत को ldquoशरी फाराजी वरत कथाrdquo नाभ स परलसधद इस गरॊथ की यचना कयन की आऻा दी औय कहा- ldquoह भय षपरम बकत षवशवऩरत भय षपरम होन क कायण इस वरत को षवसताय रऩ स तमह फाता हॉ सनो म

वरत भझ अरत षपरम ह आसान होन क कायण इस सबी रोग सॊऩनन कय सकत ह

कलरमग भ भानव अऩन ऩाऩ कभो का पर बोगता ह अनक कषट सहत हए जीवन रनवािह कयता ह कछ बकत

अऩन दख भझ फताकय उनह दय कयन क लरम कहत ह फहत स ऩस खचि कय वो भझ दखन क लरम रतरभरा की मातरा कयत ह भय बकतो स भझ परभ ह व भझऩय अऩना ऩया बाय डार दत ह भ उनह धभि क भागिऩय चराता हॉ

अबी भ जो मह वरत कथा तमह फतान जा यहा हॉ वो ldquoशरी फाराजी की कथाrdquo क नाभ स परलसदध होगा म भया वरत भझ अरतषपरम ह जो वमसकत इस बसकत औय रनषठा स कयगा वह तयॊत ऩाय ऩामगा कोई बी वमसकत कबी बी इस वरत को सॊऩनन कय सकता ह भखम रऩ स भागिशीषि भाघ कारत िक भहहनो भ ऩणिभासी ऩॊचभी सपतभी एकादशी रतचथमो ऩय मा शरवण सवारत नतरो ऩय इस कयना शरषठ होता ह

इस घोय कलरमग भ भय बकत जो कषट सह यह ह उनह भ जानता हॉ तमह जफ बी कोई कषट हो कोई सभसमा हो सवासम ठीक ना हो नौकयी वमाऩाय भ सभसमाएॉ हो भन अशाॊत हो तो इस वरत को सॊऩनन कयना चाहहम इसस

साय कषट दय हो जात ह घय भ शब कामि होन ऩय इस वरत को सॊऩनन कयन स बफना ककसी सभसमा क कामि ऩणि हो जाता ह इस वरत को सॊऩनन कयत ही सबी सख परापत होत ह औय अषट ऐशवमो की परासपत होती ह

सफय मा शाभ इस वरत को सॊऩनन कय सकत ह इस वरत भ ऩाॉच अधमाम ह इनका ऩठन बसकत क साथ कयना चाहहम अऩन घय भ मा रनवास सथान ऩय भॊहदय भ मा ककसी बी ऩषवतर सथान भ नदी तट ऩय सॊऩनन कय सकत ह

महद सॊबव हो तो अऩन फॊध लभतरो क साथ इस सॊऩनन कयन स जमादा शरषठ होता ह जो इस सॊऩनन कयत ह मा जो इस सनत ह वरत सॊऩणि होन क फाद परसाद को बसकत स सवीकाय कयत ह वो अषट ऐशवमो को परापत कयत ह इसस

ऩहर बी भय बकतो न कई भरनमो न इस वरत को सॊऩनन ककमा औय भया आशीवािद ऩामा बरोक भ यहनवार सबी को मह वरत आनॊद परदान कयगा औय शब पर बी परापत होगा शाॊत चचतत स भझ माद कयत हए इस वरत का ऩारन

कयो

सवि परथभ जहाॉ वरत कयना चाहत हो उस सथर को साप कयो भॊडऩ की वमवसथा कय भयी तसवीय सजसभ भयी षपरम

सरखमाॉ शरी दवी बदवी ह उस तसवीय को इस भॊडऩ ऩय सथाषऩत कयो भॊडऩ को दीवाय स रगाकय बी यख सकत हो अनम ककसी इचछक दवता की तसवीय बी सख सकत हो नवगरहो औय अषट हदकऩारको को मा तो भन भ नभसकाय

कयो मा उनका आवहान बी कय सकत हो

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सफस ऩहर हलदी स फनी गणश की ऩजा कयनी चाहहम उसक फाद उस वरत क ऩाॉचो अधमामो का रनषठा स ऩठन

कयना चाहहम मही परथभ अधमाम ह अनम चाय अधमाम भय अतमॊत षपरम ऩातर षवशवालभतर वलशषठ बयदवाज अबतर

भरनशवयो क परवचना रऩ भ ह ऩाॉच अधमामोको ऩढन क फाद भय षपरम शरोक बी ऩढ सकत हो हय अधमाम क अॊत

भ गोषव ॊद गोषव ॊद गोषव ॊद तीन फाय सभयण कयना चाहहम

आभ रोगो क कषटो को भ जानता हॉ इसी लरम भयी एक फात सनो महद ककसी कायण इस वरत को षवसताय रऩ स

सॊऩनन कयन भ कोई सभसमा आ यही हो तो भय तसवीय को साभन यख कय ऩहर गणश जी की कपय नवगरह दवताओॊ औय अषटहदकऩारको को सभयण कय ऩाॉच कहरनमाॉ ऩढकय अऩन भन भ जो इचछा ह उस भझ फताओ भ उस

परसाद क रऩ भ परदान करॉगा इस परकाय कयन स बी कामि की लसषदध होती ह तमहाय कषट दय हो जामग औय शब

पर परापत होगा

जो वमसकत इस वरत को बसकत स सॊऩनन कयगा भ उसक घय ककसी ना ककसी रऩ भ आकय परसाद सवीकाय करॉगा भयी कऩा आऩ सबी को हभशा परापत होगी शरी फाराजी न रतमभयाज षवशवऩरत याभकषणभरत ि ldquoषवशवऩरतrdquo को इस वरत कथा को षवसताय स फतामा कलरमगवासी हभ सबी इस वरत को सॊऩनन कय शरी फाराजी की कऩा क ऩातर फन सकत ह इस वरत को सॊऩनन कय हभ अऩन सबी कषट दय कय सकत ह औय उचचत पर बी परापत कय

सकत ह

गोषवॊदगोषवॊदगोषवॊद

परथभोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ

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दषवतीम अधमाम

शरी षवशवालभतर उवाच

भहातऩ सॊऩनन साात शरी षवशवालभतर जी न हभ ऩय कऩा की औय परवचन कयत हए कहा- ldquoह कलरमग वालसमो शरीरनवास क बकतो ldquoशरीफाराजी वरत कथाrdquo सजस आऩ सॊऩनन कय यह हो वह फहत ही ऩषवतर ह भहहभा स ऩणि ह मह वरत कलरमग भ शरी नायामण जी की करणा औय दमा परापत कयन का अतमॊत सयर साधन ह पराचीन कार भ शरी फाराजी क षपरम बकतो न इस सॊऩनन कय अऩनी काभनाओॊ को ऩणि ककमा इस वरत कथा क फाय भ हभ फताकय शरी फाराजी न हभाय पररत जो दमा हदखाई ह उसक लरए हभ उनह परणाभ कयत ह

पराचीन कार भ भगध याजम भ षवषणचचतत नाभक एक बकत यहता था उसकी नौ कनमाएॉ थी षवदवान होन ऩय बी वह अतमॊत गयीफ था षवषणचचतत की ऩतनी तायाभरत हभशा नायामणजी की पराथिना कयती यहती थी षववाहाहद शबकामि सॊऩनन कय जो बी ऩस दकषणा क रऩ भ लभरत थ उसस व भसशकर स अऩना जीवन रनवािह कय

यह थ कनमाएॉ मौवनावसथा भ ऩदाऩिण कय चकी थी तायाभरत हभशा इसी चच ॊता भ यहती थी कक इन कनमाओॊ का षववाह ककस परकाय सॊऩनन होग वह फाराजी की पराथिना कयत हए सदा अऩना सभम गजायती थी

वह तो फाराजी की बकत थी औय फाराजी अऩन बकतो स अतमाचधक परभ कयत ह उस हदन भाघ ऩरणिभा थी सवय

एक वदध बराहभण न षवषणचचतत क दयवाज ऩय दसतक दी औय कहा - ldquoह सवाभी भ फॊग दश का वासी हॉ एक मऻ

क लसरलसर भ दसय दश जा यहा हॉ यासत भ महाॉ आमा हॉ भझऩय दमा कयो औय अऩन घय भ एक हदन क लरए

यहन दो कर सवयही भ महॉ स चरा जाऊॉ गाrdquo उन की फात सनकय षवषणचचततन कहा lsquoनाथ इसस फढकय खशी औय कमा हो सकती ह अरतचथ साात नायामण जी क सभान होत ह ऐस हभाय ऩयाणो भ कहा गमा ह आऩ बफना ककसी सॊकोच क हभाय घय भ यह सकत हlsquo ऐसा कह कय उसन उस बराहभण को घय क अॊदय फरामा औय उनका सतकाय ककमा

दोऩहय भ बोजन क फाद उस वदध न तायाभरत स ऩछा ndash ldquoभाता कमा फात ह तभ कछ चच ॊरततसी रगती हो बफना ककसी सॊकोच क फात फताओrdquo तायाभरत न कहा ndash ldquoसवाभी आऩ तो भहातऩसवी ह आऩ क भख का तज उस वकॊ ठवासी क सभान ह आऩ स कमा छऩाना भयी चचॊता भयी कनमाओॊ का षववाह हrdquo उस ऩय वदध न कहा- ldquoभाता तमहाया दख भ जानता हॉ तमहाय सबी कषट दय हो औय तमहायी कनमाओॊ की शादी हो इसक लरम भ एक अदभत वरत फताता हॉ सनो इस वरत को सॊऩनन कयन स तमहाय साय कषट दय हो जामग शरी फाराजी क वरतो भ स मह सफस सयर हrdquo कहत हए उनहोन उस दॊऩरत को ऩया वरत षवधान फतामा वरत षवधान

सनकय षवषणचचतत न कहा- ldquoसवाभी मह तो अतमॊत सॊतोष की फात ह इसस फढकय सौबागम औय कमा होगा

कहत ह ना- शबसम शीिॊ आज भाघ ऩरणिभा ह फहत ही शब हदन ह आऩक कथा अनसाय हभ आज ही इस वरत

को सॊऩनन कयगrdquo षवषणचचततन ऩतनी तायाभरत औय सबी कनमाओॊ क साथ लभरकय उस हदन शाभ भ ही अऩन

फॊध-लभतरो क साथ बसकत औय रनषठा स फाराजी वरत को सॊऩनन ककमा वहाॉ उऩससथत सबी रोगो न वरत ऩया होन क

फाद चयणाभत परसाद गरहण ककमा औय अऩन-अऩन घय परसथान ककमा तफ षवषणचचतत औय तायाभरत न बराहभण

क चयणो को नभसकाय ककमा औय आशीवािद परापत ककमा बराहभणोततभ न बी चयणाभत परसाद गरहण ककमा औय

कहा- ldquoआऩकी भनोकाभना ऩयी हो शरी रकषभी शरी फाराजी की कऩा होrdquo

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अॊधया हो चरा था औय रनिा सभम आसनन था षवषणचचतत न उस बराहभण को एक पटी चादय दत हए आॉखो भ आस लरम कहा- सवाभी भ अतमॊत दरयिी हॉ इसस अचछी चादय भय ऩास नही ह भझ भा कय आज की यात इसी ऩय षवशराभ कय बराहभण भसकयात हए फोर- कोई फात नही भ फाहय फयाभद भ सो जाता हॉ कछ सभम फाद ही सबी रनिारोक भ षवचयण कयन रग आधी यात का सभम था बफजरी की गडगडाहट क साथ फारयश शर हई चायो ओय अॊधया था कहीॊ कछ नही हदखाई

द यहा था षवषणचचतत इस चच ॊता भ था कक वदध बराहभण फाहय कस सो यह होग उस सभम कछ सझ बी नही यहा था ककसी तयह उनहोन यात गजायी सवया हआ फारयश बी थभ चकी थी ऩरत-ऩतनी मही सोच यह थ कक बराहभण की कमा दशा हई होगी ककतना सहा होगा उनहोन मही सोचत हए वो फाहय आए उनह एक अदभत दशम हदखाई हदमा वहाॉ षवपरोततभ नही थ पहट हई चादय की जगह यशभ का षऩताॊफय यखा हआ था उस षऩताॊफय ऩय शरी फाराजी क

भतॉ ndash हदखाई दी व सफ कछ सभझ गम उनकी खषी का कोई हठकाना नही यहा उनक घय आम बराहभण औय

कोई नही साात शरी नायामणजी ही थ ह फाराजी कमा बागम ह हभाया ऩय हभ उनको ऩहचान नही ऩाम हभन उनको पटी हई चादय दी मह सोचत हए उनहोन शरी फाराजी की भतॉ को हाथ भ रकय आॉखो स रगामा औय

घय क अॊदय आम ऩया घय सोन स बया हआ था जहाॉ दखो वहाॉ धन याशी ह बगवान शरी फाराजी की वरत कथा की भहहभा स ही मह सफ सॊबव हो सका ऐसा कहत हए व बगवान की सतरत कयन रग आऩन दख साात शरी फाराजी ही उस बकत क घय आम थ वरत षवधान फतामा औय चयणाभत परसाद बी गरहण

ककमा शरी फाराजी फहत ही करणाभम ह जो बी इस वरत को बसकत औय रनषठा स कयगा उसक घय सवमॊ बगवान

ककसी ना ककसी रऩ भ आमग आऩ सबी इस वरत को सॊऩनन कय बगवान की कऩा परापत कय सकत ह शरी भहषषि षवशवालभतर जी न मह दषवतीम कथा इस तयह फताई

शरी रकषभी शरीरनवास कटाॊ लसषदधयसत

गोषवॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

दषवतीमोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

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ततीम अधमाम

शरी वलशषठ उवाच मह अधमाम भहातऩोरनषठ वरयषठ शरीवलशषठ भरन न शरीनायामणजी की कऩा स हभ षवसताय रऩ स फतामा ह ह कलरमग वालसमो शरीफाराजी क षपरम बकतो वकणठ भ रनवास कयनवार शरीनायामणजी आज क रतरभरा भ ससथत शरीफाराजी ही ह कलरमग वालसमो क कषट दय कयन क लरम बगवान आऩक फहत सभीऩ रतरभरा ऩहाड ऩय अवतारयत हए ह शरी फाराजी को खश कयन क लरए मह वरत उततभ ह औय सयर बी ह इस वरत को जो बसकत औय रनषठा स सॊऩनन कयता ह उस सबी सख परापत हो जात ह पराचीन सभम भ अवॊती दश भ बागमनगय नाभक एक नगय था नाभ क ही अनरऩ वहाॉ अनक धनवान (वमाऩायी) यहत थ ऩय व अऩनी सॊऩसतत को दख घभॊड कयत थ औय आभ रोगो को हीन दषटी स दखत थ धन-दौरत उनकी सवासजित ह ऐसा सोचकय घभॊड कयत थ बगवान की रनतम ऩजा-ऩाठ तो उनहोन ऩहर ही छोड दी थी कभ स कभ षवशष हदनो भ बी व ना भॊहदय जात ना ऩजा कयत ना ही दीऩ जरात एक हदन सबी धनवान अऩनी-अऩनी ऩतनीमो क साथ परीरत बोज भ वमसत थ उस नगय की ऩवि हदशा भ ही शरी रकषभी नायामण जी का भॊहदय था जहाॉ दीऩ जरानवारा कोई नही था उस हदन षवशष एकादशी थी सजस एक ऩवि हदन बी भाना जाता ह ऩय उस नगय क एक बी धनवान क भन भ भॊहदय भ ऩजा कयन का षवचाय नही आमा शाभ होत-होत आकाश भ घन फादर छा गम औय भसराधाय फारयश होन रगी वमाऩारयमो क घय ऩानी स बय गम चायो ओय अॊधकाय ह अॊधकाय था सवय होन तक ऩया नगय ऩानी भ डफ गमा वमाऩारयमो क घय टट-पट गम उनका साया ऐशवमि सभापत हो गमा ऐसा उऩिव कमो भचा मह पररम कस हो गमा ककसी को कछ बी सभझ भ नही आ यहा था इतन भ उनह एक षवचचतर दशम हदखाई हदमा नगय क फाहय जो झोऩडडमाॉ थी व तो वसी की वसी थी उनको आशचमि हआ इतनी फारयश भ बी म कस सही सराभत यही व ऐसा भन ही भन सोच यह थ कक इतन भ बफजरी कडकी औय आकाशवाणी हई ldquoए भखो तमहायी सॊऩसतत तमहायी अऩनी ह सवासजित ह ऐसा सोचत थ इसी लरम ऐसा हआ ह इस झोऩडी भ यहनवारा दव भया षपरम बकत ह आभ आदभी होन ऩय बी दव रनतम तमहाय नगय भ ससथत शरी रकषभी नायामण

भॊहदय भ दीऩ जराता था इतना ही नही हय एकादशी क हदन मथा सॊबव वह शरी फाराजी वरत कथा बी सॊऩनन कयता था इसी लरम इन झोऩडीमो भ यहनवार सबी रोग सयकषत यह आऩ सबी महद वरत सॊऩनन कयग तो अऩन-अऩन

ऐशवमि को ऩन परापत कय सकत होrdquo आकाशवाणी सनत ही तयॊत व सबी रोग उस भॊहदय भ गम औय जस

सॊबव हो सका वस सबी रोगोन एक-दसय क सहमोग स शरी फाराजी की वरत कथा सॊऩनन की ऐसा कयत ही सबी को उनक घय ऩवि रऩ भ ही परापत हो गम तफ स व सबी शरीफाराजी क बकत फन गम औय हय एकादशी को शरीफाराजी का वरत सॊऩनन कयत औय सख-शाॊरत परापत कय यहन रग अॊत भ उनहोन भसकत बी परापत की

शरीवलशषठजी न इस परकाय म कथा सनाई

गोषव ॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

ततीमोधमाम सभापतॊ |

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ

शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

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चतथव अधमाम

शरी बयदवाज उवाच

शरीनायामण जी को ldquoशरीफाराजी वरत कथाrdquo अतमॊत षपरम ह चतथि अधमाम क रऩ भ हभाय साभन शरी बयदवाज

भरनदवाया फतामी नमी कहानी इस परकाय ह- ldquoह कलरमगवालसमो शरी नायामण क षपरम बकतो आऩ सजस वरत को सॊऩनन कय यह ह वह अदभत ह आऩकी भनोकाभनाओॊ को ऩणि कयन का साधन ह शरी फाराजी को परसनन कयन का मह अतमॊत सयर उऩाम ह आऩ सबी ऩय कऩा कयन क लरम ही वकॊ ठवासी बगवान शरीरनवास क रऩ भ रतरभरा ऩहाड ऩय अवतरयत हए ह अनक जनभो क ऩणमपर स ही रतरभरा ऩहाड ऩय ऩय यखन का सौबागम परापत होता ह औय बगवान क दशिन बी सॊबव होत ह इसी तयह इस ldquoवरतकथाrdquo को सॊऩनन कयन का सॊकलऩ बी ऩविजनभ क

ऩणमपर स ही सॊबव होता ह जो वमसकत इस वरत को सॊऩनन कय यह ह मा जो इस कथा को सन यह ह मा जो बगवान क परसाद को गरहण कयत ह उनह बगवान की कऩा परापत होती ह औय व सौबागम बी ऩात ह

पराचीन कार भ ldquoनगयीrdquo नाभक एक गराभ भ धनगपत नाभ का वमाऩायी यहता था वह फहत ही रारची था ऐशवमि परापत कयन ऩय बी उसका रारचीऩन कभ नही हआ मह सभसत ऐशवमि उसका ही कभामा हआ ह ऐसा सोचकय वह फहत घभॊड कयता था अहॊकाय भनषम का नाश कयता ह

धनगपत की ऩतनी काॊरतभती अतमॊत बसकत बावना यखती थी औय रनषठा स बगवान की ऩजा कयती थी उनकी तीन कनमाएॉ थी तीसयी कनमा ldquoकभायीrdquo भ बसकत बावना जमादा थी वह हभशा फाराजी का नाभ ही जऩती यहती थी षऩताजी को बफना फताम वह जफ-तफ शरी फाराजी क भॊहदय भ जाती थी औय बगवान क दशिन कयती थी घय आकय षऩताजी को छोड अनम सबी क साथ परसाद सवीकाय कयती थी ऩती क ऐस वमवहाय स

काॊरतभती थोडी चच ॊरतत होती थी

एक हदन ldquoकभायीrdquo की सहरी क घय ऩय ldquoशरी फाराजीrdquo का वरत सॊऩनन हो यहा था मह जानकय वो वहाॉ गई वरत ऩया होन तक दोऩहय हो चकी थी थोडासा परसाद उसन गरहण ककमा औय थोडा वह अऩन घयवारो क लरम एक

कागज की ऩडी भ रकय चरी फीच यासत भ उस पमास रगन रगी धऩ बी फहत तज थी उसन सोचा थोडी दय रक

कय पमास फझाकय कपय चरॉ तो ठीक यहगा तबी उस माद आमा कक उसक षऩता की दकान अगरी गरी भ ही तो ह वहाॉ जाकय उसन षऩताजी को ऩजा की फात बफना फताम षऩताजी स ऩानी भाॉगकय षऩमा औय षऩताजी गससा कयग

इस डय स उसन जलदी-जलदी ऩानी षऩमा इस घफयाहट भ परसाद की ऩडी वही दकान भ बरकय चरी गई

एकाएक फाजाय भ हडकॊ ऩ भच गमा रोग हाहाकाय भचात हए इधय-उधय बागन रग आगजनी क कायण उस गरी की सायी दकान जर कय याख होन रगी वस बी दोऩहय का सभम थाउस ऩय गभि हवाएॉ चर यही थीधनगपत का शयीय डय क भाय काॉऩन रगा ldquoकछ ही सभम भ उसकी दकान बी जर कय याख हो जाएगीrdquo इस षवचाय स उस क हाथ-ऩय काॉऩन रग सबी रोग अऩनी-अऩनी दकानो स फाहय आकय इधय-उधय बागन रग ऩय

धनगपत वही खडा यह गमा दकान छोडकय जान का भन नही कय यहा था महद वो दकान भ यहगा तो जरकय

याख हो जामगासोचत हए उसन घफयाहट भ उसक हाथ रगी ऩडी को उठामा औय बफना सोच सभझ जो हाथ आमा वो भॉह भ डार हदमा उस कछ भीठा-भीठा सा ऩदाथि रगा औय भन बी शाॊत होन रगा

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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तबी एक अदभत घटना घटीआग धनगपत की दकान तक आकय रक गमी आग की रऩत वहाॉ नही आ ऩामी मह कसी षवचचतर फात हम कसी भामा ह धनगपत क भॉहस एक बी फात नही रनकर ऩामी उधय आगजनी की खफय सनत ही ऩतनी काॊरतभती अऩन कनमाओॊ क साथ फाराजी का सभयण कयत हए दौडती हई वहाॉ आ गमी आग उनक दकान तक आकय कस रक गमी मह दखकय उस आशचमि हआ तबी कभायी को दकान भ बरी हई ऩडी की माद आई धनगपत को सभझन भ दय नही रगी कक उसन जो चीज भॉह भ डारी थी वो औय कछ नही तो बगवान का परसाद ही था औय उसकी भहहभा स ही व इस दघिटना स चक गम धनगपत न शरीफाराजी स भा भाॉगी गार फजाम शाभ भ ही नगयवालसमो को फराकय ldquoशरीफाराजी की वरत कथाrdquo सॊऩनन की तफ स वह बगवान की सवा भ रीन हो गमा औय अॊत भ भो बी परापत की आऩन दखा कक कवर परसाद गरहण कयन स ही वो ककतनी फडी दघिटना स चक गमा फाराजी की भहहभा अदभत ह आऩ सबी बी मथा सॊबव वरत को सॊऩनन कय क बगवान की कऩा परापत कय सकत हldquo

शरीबयदवाजजी न इस परकाय मह चतथि कथा सनामी

गोषवॊदगोषवॊदगोषवॊद

चतथोधमाम सभापतॊ |

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ऩॊचभ अधमाम

शरी अतरतर उवाच

रतरभरा-रतरऩती बरोक का वकणठ धाभ ह ऩयाणो भ फतामा गमा ह कक रतरभरा क सभान ऩषवतर सथर औय शरी फाराजी जस दवता न तो ऩहर कबी हए ह औय न कबी होग शरीरनवास क रऩ भ अवतरयत शरी नायामण अऩन

बकतो स फहत परभ कयत ह जो उन ऩय अऩना ऩया बाय डारकय उनह रनतम सभयण कयत ह जो सदाचाय स ऩणि जीवन बफतात ह वो उनकी या कयत ह ऐस शरीफाराजी को परसनन कयन का सफस सयर उऩाम ह ndash ldquoशरीफाराजी की वरत कथाrdquo

इस अदभत वरत कथा क फाय भ भहातऩसॊऩनन शरी अबतर भहषषि न कऩा कयत हए कहा ह- ldquo ह फाराजी क षपरम

बकतो कलरमग भ आऩक सौबागम क फाय भ कमा कहना कतमग तरतामग औय दवाऩायमग भ अतमॊत कठोय तऩ-

जऩ कयन ऩय बी परसनन न होन वार शरी नायामण इस मग भ कवर नाभसभयण स ही आऩ रोगो ऩय कऩा कय यह

ह षवशवास क साथ उनह फरान ऩय व तयॊत कऩा परदान कयत ह ऐस करणाभम ह शरीफाराजी ऩषवतर रतरभरा ऩय

तमहाया यखा हय कदभ अनक जनभो क ऩणमपर क सभान ह

पराचीन कार भ ldquoकौभायrdquo दश भ ldquoलभतरrdquo नाभक धोफी यहता था वो अऩन काभ क साथ-साथ धालभिक कामि कयता हआ जीवन रनवािह कय यहा था उसकी अऩॊगता ही उसकी चच ॊता थी इसी कायण धोए हए कऩडो की ऩोटरी फनाकय घय-घय घभकय उनह रोगो तक ऩहॉचाना उस धीय धीय भसशकर रगन रगा उसका ऩरयवाय फडा था बफना भहनत ककए उस बय ऩट खान को बी नही लभरता था हभशा वो शरी फाराजी की ऩजा कयता यहता था कबी ना कबी बगवान उस ऩय कऩा कयग इसी षवशवास स वो अऩना जीवन गजाय यहा था बकतो ऩय कऩा कयन वार फाराजी सफ कछ दखत यहत ह जो वमसकत अऩन कभो स भकती ऩाता ह उनक ऩास आकय फाराजी ककसी न ककसी रऩ भ आकय उनकी या कयत ह एक हदन शाभ क सभम हभशा की तयह लभतर कऩड धोकय कऩडो की ऩोटरी राद धीय-धीय चरता हआ आ

यहा था फीच यासत भ उस एक वदध बराहभण हदखाई हदम गौयव की बावना स फड होन क कायण लभतर न अऩन कॊ ध

ऩय रदी हई ऩोटरी को नीच उतायकय वदध बराहभण को नभसकाय ककमा तफ उस षवपरोततभ न कहा- ldquoतभ अऩन इस ऩय क कायण ककतना कषट सह यह हो तमहाया दख दखा नही जाताrdquo तफ लभतर न कहा-ldquoह नाथ आऩ फजगि ह बयाऩया ऩरयवाय होन क कायण भझ इस काभ स भकती नही लभर यही ह ककसी तयह भयी म अऩॊगता दय हो ऐसा कोई उऩाम फताइएrdquo

तफ बराहभण न कहा-ldquoसनो बाई भ जरय फताऊॉ गा धमान स सनो भ एक ऐस वरत क फाय भ फताता हॉ सजस सॊऩनन कयन स तमहायी अऩॊगता दय हो जाएगी तमह अषट ऐशवमो की परासपत होगी वरत सॊऩनन कयत ही तमह हजाय अशकपि माॉ लभरगी ऩय एक शति ह उसभ स आध तभ भझ दोगकर भ कपय इसी सभम महाॉ लभरॉगाrdquo तफ लभतर न कहा- ldquoसवाभी इसस फढकय सौबागम औय कमा हो सकता ह आज ही इस

वरत क फाय भ फताइए भ उस सॊऩनन करॉ गाrdquo लभतर क उतसाह को दख वदध न शरी फाराजी वरत कथा क फाय भ फतामा

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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लभतर दगन उतसाह क साथ घय आमा ऩयी कहानी ऩतनी को फतामी औय अडोस-ऩडोस क साथ लभरकय शरी फाराजी वरत को सॊऩनन ककमा चयणाभत परसाद गरहण ककमा घय आए सबी रोगो को बी हदमा तबी घय क फाहय कछ

कोराहर सनाई हदमा लभतर का फटा फाहय स दौडता हआ आमा औय फोरा- ldquoषऩताजी षऩताजी याज-यक आऩक लरम आए ह याजा न आऩक लरम बट बी बजी हrdquo इतन भ यक बी वहाॉ आ गम उनहोन फतामा कक उसकी रनमसकत याज दयफाय भ धोफी क रऩ भ हो गमी ह याजा न हजाय अशकपि माॉ ऩयसकाय सवरऩ बजी ह ऐसा कहकय उनहोन लभतर क हाथ भ हजाय अशकपिमो की ऩोटरी यख दी एक हफत क अॊदय-अॊदय

उस आकय नौकयी भ बतॉ होन को बी कहा लभतर क आनॊद की सीभा नही थी एक हफता कमो कर ही कमो नही सोचकय उसन अऩनी ऩोटरी-वोटरी फाॉधी औय दसय हदन सवय ही वो जान को तमाय हो गमा इस जलदफाजी भ वह

उस वदध की फात बर गमा फीच यासत भ उस उसकी फात माद आ गमी ऩय ठीक हअगर भहहन लभर रता हॉ सोच

कय वह याज दयफाय भ अऩन काभ ऩय रग गमा हदनभहहन फीत बराहभण क वश भ आए बगवान को गससा आमा बगवान न सोचा भनषम की परवसतत ऐसी ही होती ह उस भझ अऩनी भहहभा फतानी होगी

दसय ही हदन याणीवास स आबषण चोयी हो गम चोयी का इलजाभ लभतर ऩय आमा लभतर को कायावास की सजा हई hellipयाज यकोन उस तयह-तयह की मातनाएॉ दी ऐसा कमो हआउस ऩय मह इलजाभ कमो रगा सोचत हए लभतर को यात को सऩन भ बगवान हदखाई हदम उनहोन फतामा कक ldquoवदध बराहभण क रऩ भ व ही आम थ वो अऩनी फात स भकय गमा इसलरम म सफ हआ हrdquo तफ लभतर न कहा-ldquoह नाथभ ऩाऩी हॉ भन फहत फडा ऩाऩ ककमा ह कऩमा भझ ऩय दमा कीसजम अफ भ हय भहहन आऩका वरत सॊऩनन करॉ गा भयी आम का आधा बाग जीवन बय आऩको सभषऩित करॉ गाrdquo गार फजाकय उसन बगवान की हय तयह स पराथिना की बकतो की ऩकाय सननवार बगवान न खशी-खशी लभतर ऩय कऩा कय दी बगवान की कऩा स याणी क आबषण दसयही हदन लभर गम याजान म बी जान लरमा कक लभतरन चोयी नही की थी लभतरको कायावास स रयहा कय हदमा गमा तफ स लभतर बगवान को हदम वचन अनसाय हय भहहन शरी फाराजी का वरत सॊऩनन कयन रगा औय अऩनी आम का आधा बाग बगवान को अषऩित कयता यहा सख ऩणि जीवन बफतात हए उसन अॊत भ भो बी परापत ककमाrdquo

शरी अबतरजी न ऐसा कहकय ऩाॉचव औय आखयी अधमाम को सभापत ककमा

गोषवॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

ऩॊचभोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

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faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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भकताचणव सभामकतभ ताॊफरभ परततगहमताभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ ndash ताॊफरभ सभऩिमालभ

ॐ गणानाभ तवागणऩतीभ हवाभह कषवॊ कवीनाभऩा भसशरवसतवभ जमषठयाजभ बरहभणाभ बरहभणसऩत आनशशरणमनततलब सीदसाधनभ

शरी भहागणाचधऩतम नभ - सवणिभॊतरऩषऩभ सभऩिमालभ

भॊतरहीनभ ककरमाहीनभ बसकतहीनभ गणाचधऩ

मतऩसजतभ भमा दव ऩरयऩण तदसतत

मऻन मऻभमजॊत दवासतारन धभािरण परथभानमासन

तहनाकभ भहहभान सचॊत मतर ऩवसाधमा सॊरत दवा

ऩनयाचभनभ

अनमा धमानावाहनाहद षोडषोऩचाय ऩजमा च बगवान सवाितभक

शरीभहा गणाचधऩरत सपरीतो वयदो बतवा उततय कभिणम षवघनभसत बवनतो

बवनत उततय कभिणम षवघनभसत गणाचधऩरत परसादभ लशयसा गरहणालभ

सहसरऩयभा दषव शतभरा शताॊकया सव हयत भ ऩाऩॊ दवािदससवपननाशनी गणऩरत मदासथानॊ उदवासमालभ

पराण परततषठा ॐ असनीत ऩनसभािस च ऩन पराणलभहनोदहह बोगॊ जमोकऩशमभ

समिभचचयनत भनभत भडमान सवससत अभतॊ वपराणा अभतभाऩ पराणानव मधासथानभऩहवमत

(सवाभीजी की भतॉ को हाथ रगाम )

शरीवकटशवय आवाहमालभ सथाऩमालभ ऩजमालभ ससथयोबव वयदोबव सपरसननोबव ससथयासनॊ कर

धमानभ

शानताकायॊ बजगशमनॊ ऩदमनाबभ सयशभ षवशवकायभ गगन सदशॊ भघवण शबाॊगॊ

रकषभीकानतॊ कभरनमनॊ मोचगहरधमान गममॊ वनद षवषणॊ बवबमहयॊ सविरोककनाथॊ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - धमामालभ धमानभ सभऩिमालभ

आवाहनभ

आवाहमालभ दवश लसदधगनधवि सषवत मिसमलभदॊ ऩणमॊ सविऩाऩहयोहय

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवनकटशवय सवालभन नभ - आवाहमालभ

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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(सवाभीजी क भतॉ ऩय पर ऩतत चढाम) आसनभ

दव दव जगननाथ परणत करशनाशन यतनलसॊहासनॊ हदवमॊ गहाण भधसदन

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवनकटशवय सवालभन नभ - यतनलसॊहासनॊ सभऩिमालभ

(सवाभीजी क भतॉ ऩय पर ऩतत चढाम) ऩादमॊ

वासनचतॊ करभदव दषकतॊ च षवनाशम ऩादमॊ गहाण बगवान भातरतसॊग सॊससथत

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - ऩादमो ऩादमॊ सभऩिमालभ

(एक चमभच ऩानी थारी भ डार)

अरघम

करषवभ दमाॊ दव सॊसायारत ि बमाऩह दचधीय परोऩतभ गहाणाघम नभोसतत

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हसतमोयघम सभऩिमालभ

(एक चमभच ऩानी थारी भ डार)

आचभनॊ नभ सतमाम शदधाम रनतमाम ऻानरषऩण गहाणाचभनॊ दव सविरोककनामक

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - भख आचभनीमॊ सभऩिमालभ

(एक चमभच ऩानी थारी भ डार) ऩॊचाभतसनानॊ

ऩॊचाभतॊ भमानीतॊ ऩमोदचधघतॊ भध शकि या सहहतॊ चवदवतवॊ पररतगहमताॊ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - ऩॊचाभत सनानॊ सभऩिमालभ

(ऩॊचाभत गाम क दध दही घी भध औय चीनी लभराकय ककमा जाता ह)

सनानॊ सवणिऩातरोदकॊ गॊगा मभनाहद सभसनवतॊ शदधोदकॊ गहाणश सनानॊ कर मथाषवचध

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - शदधोदकसनानॊ सभऩिमालभ

(एक चमभच ऩानी थारी भ डार) वसतरॊ

तपतकाॊचन सनकाशॊ ऩीतमफय लभदॊ हय सगहाण जगननाथ शरीरनवास नभोसतत

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - वसतरमगभॊ सभऩिमालभ

मऻोऩवीतॊ मऻोऩवीतॊ ऩयभॊ ऩषवतरॊ परजऩतमितसहजॊ ऩयसतात

आमषमभागरमाभ पररतभचचशभरॊ मऻोऩवीतॊ फरभसत तज

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - मऻोऩवीतॊ सभऩिमालभ

गनधॊ चनदनागर कसतरय घनसाय सभसनवतॊ गनधॊ गहाण गोषवनद नानागॊधसचधायम

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हदवमऩरयभर गॊधाॊ सभऩिमालभ

(सवाभीजी क भतॉ को चॊदन रगाम) अताॊ

गोषवनदा ऩयभाननद हरयिा सहहततान षवशवशवय षवशारा गहाण ऩयभशवय

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - अतान सभऩिमालभ

(सवाभीजी क भतॉ ऩय अता डार चावर को हलदी कॊ कभ रगाक अता फनात ह) ऩषऩॊ

सगॊधारन सऩषऩारण जाजीकनदभखारन च भाररत वकरादषव ऩजाथ पररतगहमताॊ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - ऩषऩॊ सभऩिमालभ

अथाॊग ऩजा ॐ शरी वकटशवयाम नभ - ऩादौ ऩजमालभ

ॐ शरी वकटचरचधशाम नभ - गलफ़ौ ऩजमालभ

ॐ शरी परदामकाम नभ - जाननी ऩजमालभ

ॐ ऩदमावती ऩतम नभ - जॊघ ऩजमालभ

ॐ ऻानपरदाम नभ - ऊर ऩजमालभ

ॐ शरीरनवसाम नभ - कहटॊ ऩजमालभ

ॐ भहाबागाम नभ - नालबॊ ऩजमालभ

ॐ रनभिराम नभ - उदयॊ ऩजमालभ

ॐ षवशाररदमाम नभ - रदमभ ऩजमालभ

ॐ ऩरयशदधातभन नभ - सतनौ ऩजमालभ

ॐ ऩरषोततभाम नभ - बजौ ऩजमालभ

ॐ सवणिहसताम नभ - हसतौ ऩजमालभ

ॐ वयपरदाम नभ - कॊ ठॊ ऩजमालभ

ॐ रोकनाथाम नभ - सकनधौ ऩजमालभ

ॐ यसऻाम नभ - नालसकाॊ ऩजमालभ

ॐ ऩणमशरवन कीतिनाम नभ - शरोतर ऩजमालभ

ॐ ऩलरामफज षवरोचनाम नभ - नतर ऩजमालभ

ॐ वचिससवन नभ - रराटॊ ऩजमालभ

ॐ यमम षवगरहाम नभ - सवािणमनगारन ऩजमालभ

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ॐ शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हदवमसनदय षवगरहॊ ऩजमालभ

शरी वकटशवय अषटोततय शतनाभावलर

ॐ वकटशाम नभ

ॐ शरीरनवासाम नभ

ॐ रकषभीऩतम नभ ॐ अनाभमाम नभ ॐ अभताॊशाम नभ ॐ जगदवॊदवाम नभ ॐ गोषवनदाम नभ ॐ शाशवताम नभ ॐ परबव नभ ॐ शषाहि-रनरमाम नभ ॐ दवाम नभ ॐ कशवाम नभ ॐ भधसदनाम नभ ॐ अभताम नभ ॐ भाधवाम नभ ॐ कषणाम नभ ॐ शरीहयम नभ ॐ ऻान-ऩॊजयाम नभ ॐ शरी वतस-वस नभ ॐ सवशाम नभ ॐ गोऩाराम नभ ॐ ऩरषोततभाम नभ ॐ गोऩशवयाम नभ ॐ ऩयभ-जमोरतषम नभ ॐ वकनठऩतम नभ ॐ अवममाम नभ ॐ सधातनव नभ ॐ मादवनिाम नभ ॐ रनतम-मौवनरऩवत नभ ॐ चतवदातभकाम नभ ॐ षवषणव नभ

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ॐ अचमताम नभ ॐ ऩरदमनी-षपरमाम नभ ॐ धयाऩतम नभ ॐ सयऩतम नभ ॐ रनभिराम नभ ॐ दवऩसजताम नभ ॐ चतबिजाम नभ ॐ चकरधयाम नभ ॐ बतरधामन नभ ॐ बतरगणाशरमाम नभ ॐ रनषविकलऩाम नभ ॐ रनषकरनकाम नभ ॐ रनयाॊतकाम नभ ॐ रनयनजनाम नभ ॐ रनयाबासाम नभ ॐ रनतमतपताम नभ ॐ रनगिणाम नभ ॐ रनरऩिवाम नभ ॐ गदाधयाम नभ ॐ शायॊगऩाणम नभ ॐ ननदककन नभ ॐ शनखधायकाम नभ ॐ अनकभतिम नभ ॐ अवमकताम नभ ॐ कहटहसताम नभ ॐ वयपरदाम नभ ॐ अनकातभन नभ ॐ दीनफानधव नभ ॐ आतिरोक बमपरदाम नभ ॐ आकाशयाज-वयदाम नभ ॐ मोचग-रतऩदमभसनदयाम नभ ॐ दाभोदयाम नभ ॐ जगतऩाराम नभ

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ॐ ऩाऩघनाम नभ ॐ बकतवतसराम नभ ॐ बतरषवकरभाम नभ ॐ लशॊशभायाम नभ ॐ जटाभकट-शोलबताम नभ ॐ शनख-भदमोर-सनभॊजराम-ककसनकणमाडम-कयनडकाम नभ ॐ नीरभघ-शमाभ-तनव नभ ॐ बफलव-ऩतराचिन षपरमाम नभ ॐ जगदवमाषऩन नभ ॐ जगत-कत नभ ॐ जगत-साकषण नभ ॐ जगतऩतम नभ ॐ चचसनतताथि-परदाम नभ ॐ सजषणव नभ ॐ दाशावािम नभ ॐ दश-रऩवत नभ ॐ दवकक-ननदनाम नभ ॐ शौयम नभ ॐ हमगरीवाम नभ ॐ जनादिनाम नभ ॐ कनमा-शरवणतायजमाम नभ ॐ ऩीतामफयधयाम नभ ॐ अनघाम नभ ॐ वनभालरन नभ ॐ ऩदमनाबाम नभ ॐ भगमासकत-भानसाम नभ ॐ अशवरढाम नभ ॐ खडगधारयण नभ ॐ धनाजिन-सभतसकाम नभ ॐ गानसायर-सनभधम-कसतरय-रतरकोजवराम नभ ॐ ससतचदाननदरऩाम नभ ॐ जगनभनगरदामकाम नभ ॐ मऻरऩाम नभ

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ॐ मऻबोकत नभ ॐ चचनभमाम नभ ॐ ऩयभशवयाम नभ ॐ ऩयभाथि-परदाम नभ ॐ शानताम नभ ॐ शरीभत नभ ॐ दोदिनड-षवकरभाम नभ ॐ ऩयातऩयाम नभ ॐ ऩयबरहभण नभ ॐ शरीषवबव नभ ॐ जगदीशवयाम नभ

इतत शरी वकटशवय अषटोततय शतनाभावलर

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शरी भहारकषभी अषटोततय शतनाभावलर

ॐ परकतम नभ ॐ षवकतम नभ ॐ षवदमाम नभ ॐ सविबतहहतपरदाम नभ ॐ शरदधम नभ ॐ षवबतम नभ ॐ सयभम नभ ॐ ऩयभासतभकाम नभ ॐ वाचम नभ ॐ ऩदमारमाम नभ ॐ ऩदमाम नभ ॐ शचम नभ ॐ सवाहाम नभ ॐ सवधाम नभ ॐ सधाम नभ ॐ धनमाम नभ ॐ हहयणमम नभ ॐ रकषमम नभ ॐ रनतमऩषटाम नभ ॐ षवबावम नभ ॐ आहदतम नभ ॐ हदतम नभ ॐ दीपताम नभ ॐ वसधाम नभ ॐ वसधारयणम नभ ॐ कभराम नभ ॐ कानताम नभ ॐ काभाकषम नभ ॐ कभर समबवाम नभ ॐ अनगरहपरदाम नभ ॐ फदधम नभ ॐ अनघाम नभ

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ॐ हरयवलरबाम नभ ॐ अशोकाम नभ ॐ अभताम नभ ॐ दीऩाम नभ ॐ रोकशोक षवनालशनम नभ ॐ धभिरनरमाम नभ ॐ करणाम नभ ॐ रोकभातर नभ ॐ ऩदमषपरमाम नभ ॐ ऩदमहसताम नभ ॐ ऩदमाकषम नभ ॐ ऩदमसनदम नभ ॐ ऩदमोदभवाम नभ ॐ ऩदमभखम नभ ॐ ऩदमनाब षपरमाम नभ ॐ यभाम नभ ॐ ऩदमभाराधयाम नभ ॐ दवम नभ ॐ ऩरदमनम नभ ॐ ऩदमगसनधनम नभ ॐ ऩणमगनधाम नभ ॐ सपरसननाम नभ ॐ परसादालबभखम नभ ॐ परबाम नभ ॐ चनिवदनाम नभ ॐ चनिाम नभ ॐ चनिसहोदम नभ ॐ चतबिजाम नभ ॐ चनिरऩाम नभ ॐ इसनदयाम नभ ॐ इनद शीतराम नभ ॐ आहराद जननम नभ ॐ ऩषम नभ

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ॐ लशवाम नभ ॐ लशवकतम नभ ॐ सतमाम नभ ॐ षवभराम नभ ॐ षवशवजननम नभ ॐ तषम नभ ॐ दारयदरमनालशनम नभ ॐ परीरत ऩषकरयणम नभ ॐ शानताम नभ ॐ शकरभालमामफयाम नभ ॐ बासकम नभ ॐ बफलव रनरमाम नभ ॐ वयायोहाम नभ ॐ मशससवनम नभ ॐ वसनधयाम नभ ॐ उदायॊगम नभ ॐ हरयणम नभ ॐ हभभालरनम नभ ॐ धन धानमकतम नभ ॐ लसदधम नभ ॐ सतरणम सौममाम नभ ॐ शबपरदाम नभ ॐ नऩवशभ गताननदाम नभ ॐ वयरकषमम नभ ॐ वसपरदाम नभ ॐ शबाम नभ ॐ हहयणम पराकायाम नभ ॐ सभि तनमाम नभ ॐ जमाम नभ ॐ भॊगराम नभ ॐ षवषणव सथरससथताम नभ ॐ षवषणऩतनम नभ ॐ परसननाकषम नभ

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ॐ नायामण सभाचशरताम नभ ॐ दारयदरम धवॊलसनम नभ ॐ दवरकषभ नभ ॐ सवोऩिव रनवारयणम नभ ॐ नवदगािम नभ ॐ भहाकालम नभ ॐ बरहभा-षवषण-लशवासतभकाम नभ ॐ बतरकारऻानसमऩननाम नभ ॐ बवनशवम नभ ॐ भहारकषभी अषटोततय शत नभ

इरत शरी रकषभी अषटोततय शतनाभावलर

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शरी ऩदमावती अषटोततय शतनाभावलर

ॐ ऩदमावततम नभ ॐ दवम नभ ॐ ऩदमोदभवाम नभ ॐ करणापरदारमनम नभ ॐ सरदमाम नभ ॐ तजसवरषऩणम नभ ॐ कभरभखम नभ ॐ ऩदमधयाम नभ ॐ शरीम नभ ॐ ऩदमनतरम नभ ॐ ऩदमकयाम नभ ॐ सगणाम नभ ॐ कभकभषपरमाम नभ ॐ हभवणािम नभ ॐ चनिवसनदताम नभ ॐ धगधगपरकाश शयीय-धारयणम नभ ॐ षवषणषपरमाम नभ ॐ रनतमकलमाणम नभ ॐ कोहटसमिपरकालशणम नभ ॐ भहासौनदमिरषऩणम नभ ॐ बकतवतसराम नभ ॐ बरहभानडवालसनम नभ ॐ सविवानचापरदारमनम नभ ॐ धभिसनकलऩाम नभ ॐ दाकषणमकटाकषणम नभ ॐ बसकतपरदारमनम नभ ॐ गणतरमाषववसजिताम नभ ॐ कराषोडशसॊमताम नभ ॐ सविरोकानानजननम नभ ॐ भसकतदारमनम नभ ॐ दमाभतामाम नभ ॐ परऻाम नभ

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ॐ भहाधभािम नभ ॐ धभिरषऩणम नभ ॐ अरनकाय षपरमाम नभ ॐ सविदारयदरमधवॊलसनम नभ ॐ शरीवकटशवसथरससथताम नभ ॐ रोकशोकषवनालशनम नभ ॐ वषणवम नभ ॐ रतरचानरऩयवालसनम नभ ॐ वदवदमषवशायदाम नभ ॐ षवषणऩादसषवताम नभ ॐ यतनपरकाशककयीटधारयणम नभ ॐ जगनभोहहनम नभ ॐ शसकतसवरषऩणम नभ ॐ परसननोदमाम नभ ॐ इनिाहददवत मककननय ककमऩरष ऩसजताम नभ ॐ सविरोकरनवालसनम नभ ॐ बजमाम नभ ॐ ऐशवमिपरदारमनम नभ ॐ शानताम नभ ॐ उननतसथानससथताम नभ ॐ भनदायकालभनम नभ ॐ कभराकयाम नभ ॐ वदानतऻानरषऩणम नभ ॐ सविसमऩसततरषऩणम नभ ॐ कोहटसमिसभपरबाम नभ ॐ ऩजापरदारमनम नभ ॐ कभरासनाहद सविदवताम नभ ॐ वकनठवालसनम नभ ॐ अबमदारमनम नभ ॐ िाापरऩामसषपरमाम नभ ॐ नतमगीतषपरमाम नभ ॐ ीयसागयोदभवाम नभ ॐ आकाशयाज ऩबतरकाम नभ

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ॐ सवणिहसतधारयणम नभ ॐ काभरषऩणम नभ ॐ करणाकटाधारयणम नभ ॐ अभतासजाम नभ ॐ बरोकसवगिसखदारमनम नभ ॐ अषटहदकऩारकाचधऩतम नभ ॐ भनभधदऩि सॊहारयणम नभ ॐ कभराथिबागाम नभ ॐ सवलऩऩयाध-भहाऩयाध-भाम नभ ॐ शतकोहटतीथिवालसताम नभ ॐ नायदाहद भरनशरषठ ऩसजताम नभ ॐ आहदशनकयऩसजताम नभ ॐ परीरतदारमनम नभ ॐ सौबागमपरदारमनम नभ ॐ भहाकीतॉ परदारमनम नभ ॐ कषणारतषपरमाम नभ ॐ गनधवि शाऩषवभोचकाम नभ ॐ कषणऩतनम नभ ॐ बतररोकऩसजताम नभ ॐ जगनभोहहनम नभ ॐ सरबाम नभ ॐ सशीराम नभ ॐ अॊजनासतानगरहपरदारमनम नभ ॐ बकतमातभरनवालसनम नभ ॐ सॊधमावसनदनम नभ ॐ सविरोकभातर नभ ॐ अलबभतदारमनम नभ ॐ रलरतावधतम नभ ॐ सभसतशासतर षवशायदाम नभ ॐ सवणािबयणधारयणम नभ ॐ इहऩयरोक सखपरदारमनम नभ ॐ कयवीयरनवालसनम नभ ॐ नागरोकभरणसह आकाशलसनध कभरशवय ऩरयतयधगभनाम नभ

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ॐ शरी शरीरनवासषपरमाम नभ ॐ चनिभनडरससथताम नभ ॐ अलरवर भनगाम नभ ॐ हदवमभनगर धारयणम नभ ॐ सकलमाणऩीठससथताम नभ ॐ काभकवनऩषऩषपरमाम नभ ॐ कोहट भनभधरषऩणम नभ ॐ बानभनडररषऩणम नभ ॐ ऩदमऩादाम नभ ॐ यभाम नभ ॐ सविरोकसबानतय धारयणम नभ ॐ सविभानसवालसनम नभ ॐ सवािम नभ ॐ षवशवरऩाम नभ ॐ हदवमऻानाम नभ ॐ सवभनगररषऩणम नभ ॐ सवािनगरहपरदारमनम नभ ॐ ॐकायसवरषऩणम नभ ॐ बरहभऻानसॊबताम नभ ॐ शरी ऩदमावतम नभ ॐ सदमोवदवतम नभ ॐ शरीभहारकषमम नभ

इरत शरी ऩदमावती अषटोततय शतनाभावलर

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धऩभ दशाॊगभ गगगरोऩतॊ गोघतन सभसनवतभ धऩॊ गहाण दवश सविरोक नभसकाया

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - धऩभािाऩमालभ

(सवाभीजी क भतॉ की अगयफतती औय धऩ स आयती कय)

दीऩभ

बतररोकश भहादव सविऻान परदामक दीऩॊ दासमालभ दवश यभाभ बकतवतसर

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - दीऩॊ दशिमालभ

(सवाभीजी क भतॉ की दीऩ स आयती कय )

नवदमभ

सविबशच बोजजशच यस षडलब सभसनवतॊ नवदमनत भमानीतभ गहाण ऩरषोततभ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - नवदमॊ सभऩिमालभ

(सवाभीजी को परसाद चढाम अगय करा ह तो ldquoकदरीपर रनवदमालभrdquo नारयमर ह तो ldquoनारयकर परॊ रनवदमालभrdquo ऐस कह अगय गड ह तो ldquoगडोऩहाय नवदमभ सभऩिमालभrdquo कह)

ॐ पराणाम सवाहा ॐ आऩानाम सवाहा ॐ वमानाम सवाहा ॐ उदनाम सवाहा ॐ सभानाम सवाहा ॐ ऩयबरहभण सवाहा ॐ बबिव सव ततसषवतय-वयणमभ बगो दवसम धीभहह चधमो मो न परचोदमात ॐ आऩो जमोरतयसोभतॊ बरहभ बबिव सवयोभ भधम भधम ऩानीमभ सभऩिमालभ

अभताषऩधानभलस उततयाऩोशनभ सभऩिमालभ हसतौ परारमालभ ऩादौ परारमालभ ऩनयाचभनीमभ सभऩिमालभ

तामफरभ ऩगीपर सकऩिय नागवलरीदरमितॊ भकताचणि सभामकतॊ तामफरॊ पररतगहमताॊ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - तामफरभ सभऩिमालभ

नीयाजनभ चशरम कानताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरीवकटरनवासाम शरीरनवासाम भनगरभ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ नीयाजनभ दशिमालभ

ऩनयाचभनीमभ सभऩिमालभ

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भॊतरऩषऩभ

ॐ सहसतरशीषिभ दवॊ षवशवाॊ षवशवशॊबवॊ षवशवॊ नायामणनदवभ अयॊ ऩयभॊ ऩदॊ १

षवशवत ऩयभासननतमॊ षवशवॊ नायामणॊ हरयॊ षवशवभवदॊ ऩरषसतदषवशवॊ उऩजीवरत २

ऩरतॊ षवशवसमातभशवयॊ शाशवतॊ लशवभचमतॊ नायामणॊ भहाऻमॊ षवशवतभानॊ ऩयामणॊ ३

नायामण ऩयोजमोरत आतभा नायामण ऩय नायामण ऩयभ बरहभ ततवभ नायामण ऩय नायामण ऩयो धमाता धमानभ नायामण ऩय ४

मचच ककसनचत जगतसव दशमत शरमतषऩ वा अनतफिहहशचततसविभ वमापमा नायामण ससथत ५

अननतभ अवममभ कषवॊ सभिनतभ षवशवशमबवभ ऩदमकोश परतीकाशभ रदमभ चापमधोभखभ ६

अधोरनषमा षवतसतमानत नाभमाभऩरय रतषठरत जवाराभाराकरॊबारत षवशवसमामातनभ भहत ७

सनततॊ लशरालबसत रॊफतमाकोशससननबभ तसमानत सलशयभ सकषभभ तससभन सविभ पररतसषठतभ ८

तसमभधम भहान असगन षवशवायचचषविशवतो भख सोगरबसगवबजन रतषठाननाहाय भजय कषव

रतमिगधवाि भधशशामीयशभमा सतसम सनतता ९

सॊताऩमरत सवॊ दह भाऩादतरभसतक तसम भधम वसनह लशखा अणीमोधवाि वमवससथत १०

नीरथो मदभधमसता षवदमलरखव बासवया नीवायशकवततनवी ऩीताबा सवतमनऩभा ११

तसमा लशखामा भधम ऩयभातभा वमवससथत स बरहभ स लशव स हरय स इनि सोय ऩयभासवयात १२

ॐ तद बरहभ ॐ तद वाम ॐ तदातभा ॐ ततसतमभ ॐ ततसविभ ॐ ततऩयोनिभ अनतशचयरत बतष गहामाभ षवशवभरत िष तवभ मऻसतवभ वषकायसतवभ इनिसतवभ रिसतवभ

षवषणसतवभ बरहभतवभ परजाऩरत तवभ तदाऩ आऩो जमोरत यसोवतभ बरहभ बबिवससवयोभ १३

गदा ऩन शॊखयथानगकलऩक धवजायषवॊदाॊकश वजररासशचत ह शरीरनवास तवत चयणामफज दवमॊ भदीम भधािन भरज ॐ रनयॊजनाम षवदमह रनयाबासाम धीभहह तननो शरीरनवास परचोदमात शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हदवमभनतरऩषऩॊ सभऩिमालभ

परदकषण नभसकाय

शरोकॊ मारनकारन च ऩाऩारन जनभानतय कतारन च तारन तारन परणशमसनत परदकषण ऩद ऩद ऩाऩोहभ ऩाऩकभािहभ ऩाऩातभा ऩाऩसॊबव तराहहभाभ कऩभमा दव शयणगतवतसर अनमधा शयणॊ नाससत तवभव शयणॊ भभ तसभात कारणम बावन य य जनादिन

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - आतभपरदकषण नभसकायान सभऩिमालभ

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षवषवधोऩचाय ऩजा छतरॊ धायमालभ चाभयॊ वीजमालभ नतमॊ दशिमालभ गीतॊ शरावमालभ वादमॊ घोषमालभ आॊदोलरकान आयोहमालभ आशवानायोहमालभ गजानायोहमालभ सभसत यजोऩचाय शकतमऩचाय

मनतरोऩचाय दवोऩचाय सवोऩचाय ऩजाॊ सभऩिमालभ

भाऩवणभ भनतरहीनॊ ककरमाहीनॊ बसकतहीनॊ जनादिन मतऩसजतभ भमा दव ऩरयऩणिभ तदसतत

अनमा धमानावाहनाहद षोडशोऩचाय ऩजमा च बगवन सवाितभक शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरी वकटशवय सवरऩो बगवान सपरीत सपरसननो वयदो बवत शरी वकटशवय दव परसादॊ लशयसा गहणालभ

तीथवभ

अकार भतमहयणॊ सविवमाचध रनवायणभ सवि ऩाऩमकयॊ दव ऩादोदकॊ ऩावनॊ शबॊ

नवदमभ

ॐ बबिवससव ॐ ततसषवतवियणमभ बगो दवसम धीभहह चधमो मो न परचोदमात सतमॊ तवतन ऩरयषषॊचालभ अभतभसत अभतोऩसतयणभलस ॐ पराणाम सवा ॐ अऩानाम सवा ॐ वमानाम सवा ॐ उदानाम सवाह ॐ सभानाम सवा ॐ बरहभण सवा

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - भहानवदमभ सभऩिमालभ

अभताषऩधानभलस उततयाऩोशनभ सभऩिमालभ हसतौ परारमालभ ऩादौ परारमालभ शदध आचभनीमॊ सभऩिमालभ

तामफरॊ सभऩिमालभ सवणिभनतरऩषऩॊ सभऩिमालभ परदकषण नभसकायन सभऩिमालभ

अनमाधमानावाहनाहद षोडषोऩचाय ऩजमा बगवान सवाितभक शरी रकषभी ऩदमावती सभत वकटशवय सवाभी सपरीत सपरसननो वयदो बवत शरी रकषभी ऩदमावती सभत वकटशवय सवाभी परसादॊ लशयसा गहणालभ

उदवासनभ मऻन मऻभमजनत दवासतारन धभािरण परथभानमासन

तहनाकॊ भहहभानससचनत मतर ऩव साधमा ससनत दवा

गचछ गचछ सयशरषठ सवसथान शरी वकटशवय बकताबीषट सभधमथिभ ऩनयागभनाम च

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरी वकटशवय सवाभी मथासथानॊ उदवासमालभ

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परथभ अधमाम

शरी बगवान उवाच

कलरमग भ एक हदन शब भहति भ रतरभरा ऩहाड ऩय (सजस धयती का वकॊ ठ कहा जाता ह ) ldquoषवशवऩरत नाभक एक बकत ऩय शरी फाराजी की कऩा हई शरी षवषण क अवताय शरी फाराजी (वकटशवय) जो महाॉ शरीरनवास क रऩ भ ऩज जात ह उनहोन षवशवऩरत को ldquoशरी फाराजी वरत कथाrdquo नाभ स परलसधद इस गरॊथ की यचना कयन की आऻा दी औय कहा- ldquoह भय षपरम बकत षवशवऩरत भय षपरम होन क कायण इस वरत को षवसताय रऩ स तमह फाता हॉ सनो म

वरत भझ अरत षपरम ह आसान होन क कायण इस सबी रोग सॊऩनन कय सकत ह

कलरमग भ भानव अऩन ऩाऩ कभो का पर बोगता ह अनक कषट सहत हए जीवन रनवािह कयता ह कछ बकत

अऩन दख भझ फताकय उनह दय कयन क लरम कहत ह फहत स ऩस खचि कय वो भझ दखन क लरम रतरभरा की मातरा कयत ह भय बकतो स भझ परभ ह व भझऩय अऩना ऩया बाय डार दत ह भ उनह धभि क भागिऩय चराता हॉ

अबी भ जो मह वरत कथा तमह फतान जा यहा हॉ वो ldquoशरी फाराजी की कथाrdquo क नाभ स परलसदध होगा म भया वरत भझ अरतषपरम ह जो वमसकत इस बसकत औय रनषठा स कयगा वह तयॊत ऩाय ऩामगा कोई बी वमसकत कबी बी इस वरत को सॊऩनन कय सकता ह भखम रऩ स भागिशीषि भाघ कारत िक भहहनो भ ऩणिभासी ऩॊचभी सपतभी एकादशी रतचथमो ऩय मा शरवण सवारत नतरो ऩय इस कयना शरषठ होता ह

इस घोय कलरमग भ भय बकत जो कषट सह यह ह उनह भ जानता हॉ तमह जफ बी कोई कषट हो कोई सभसमा हो सवासम ठीक ना हो नौकयी वमाऩाय भ सभसमाएॉ हो भन अशाॊत हो तो इस वरत को सॊऩनन कयना चाहहम इसस

साय कषट दय हो जात ह घय भ शब कामि होन ऩय इस वरत को सॊऩनन कयन स बफना ककसी सभसमा क कामि ऩणि हो जाता ह इस वरत को सॊऩनन कयत ही सबी सख परापत होत ह औय अषट ऐशवमो की परासपत होती ह

सफय मा शाभ इस वरत को सॊऩनन कय सकत ह इस वरत भ ऩाॉच अधमाम ह इनका ऩठन बसकत क साथ कयना चाहहम अऩन घय भ मा रनवास सथान ऩय भॊहदय भ मा ककसी बी ऩषवतर सथान भ नदी तट ऩय सॊऩनन कय सकत ह

महद सॊबव हो तो अऩन फॊध लभतरो क साथ इस सॊऩनन कयन स जमादा शरषठ होता ह जो इस सॊऩनन कयत ह मा जो इस सनत ह वरत सॊऩणि होन क फाद परसाद को बसकत स सवीकाय कयत ह वो अषट ऐशवमो को परापत कयत ह इसस

ऩहर बी भय बकतो न कई भरनमो न इस वरत को सॊऩनन ककमा औय भया आशीवािद ऩामा बरोक भ यहनवार सबी को मह वरत आनॊद परदान कयगा औय शब पर बी परापत होगा शाॊत चचतत स भझ माद कयत हए इस वरत का ऩारन

कयो

सवि परथभ जहाॉ वरत कयना चाहत हो उस सथर को साप कयो भॊडऩ की वमवसथा कय भयी तसवीय सजसभ भयी षपरम

सरखमाॉ शरी दवी बदवी ह उस तसवीय को इस भॊडऩ ऩय सथाषऩत कयो भॊडऩ को दीवाय स रगाकय बी यख सकत हो अनम ककसी इचछक दवता की तसवीय बी सख सकत हो नवगरहो औय अषट हदकऩारको को मा तो भन भ नभसकाय

कयो मा उनका आवहान बी कय सकत हो

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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सफस ऩहर हलदी स फनी गणश की ऩजा कयनी चाहहम उसक फाद उस वरत क ऩाॉचो अधमामो का रनषठा स ऩठन

कयना चाहहम मही परथभ अधमाम ह अनम चाय अधमाम भय अतमॊत षपरम ऩातर षवशवालभतर वलशषठ बयदवाज अबतर

भरनशवयो क परवचना रऩ भ ह ऩाॉच अधमामोको ऩढन क फाद भय षपरम शरोक बी ऩढ सकत हो हय अधमाम क अॊत

भ गोषव ॊद गोषव ॊद गोषव ॊद तीन फाय सभयण कयना चाहहम

आभ रोगो क कषटो को भ जानता हॉ इसी लरम भयी एक फात सनो महद ककसी कायण इस वरत को षवसताय रऩ स

सॊऩनन कयन भ कोई सभसमा आ यही हो तो भय तसवीय को साभन यख कय ऩहर गणश जी की कपय नवगरह दवताओॊ औय अषटहदकऩारको को सभयण कय ऩाॉच कहरनमाॉ ऩढकय अऩन भन भ जो इचछा ह उस भझ फताओ भ उस

परसाद क रऩ भ परदान करॉगा इस परकाय कयन स बी कामि की लसषदध होती ह तमहाय कषट दय हो जामग औय शब

पर परापत होगा

जो वमसकत इस वरत को बसकत स सॊऩनन कयगा भ उसक घय ककसी ना ककसी रऩ भ आकय परसाद सवीकाय करॉगा भयी कऩा आऩ सबी को हभशा परापत होगी शरी फाराजी न रतमभयाज षवशवऩरत याभकषणभरत ि ldquoषवशवऩरतrdquo को इस वरत कथा को षवसताय स फतामा कलरमगवासी हभ सबी इस वरत को सॊऩनन कय शरी फाराजी की कऩा क ऩातर फन सकत ह इस वरत को सॊऩनन कय हभ अऩन सबी कषट दय कय सकत ह औय उचचत पर बी परापत कय

सकत ह

गोषवॊदगोषवॊदगोषवॊद

परथभोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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दषवतीम अधमाम

शरी षवशवालभतर उवाच

भहातऩ सॊऩनन साात शरी षवशवालभतर जी न हभ ऩय कऩा की औय परवचन कयत हए कहा- ldquoह कलरमग वालसमो शरीरनवास क बकतो ldquoशरीफाराजी वरत कथाrdquo सजस आऩ सॊऩनन कय यह हो वह फहत ही ऩषवतर ह भहहभा स ऩणि ह मह वरत कलरमग भ शरी नायामण जी की करणा औय दमा परापत कयन का अतमॊत सयर साधन ह पराचीन कार भ शरी फाराजी क षपरम बकतो न इस सॊऩनन कय अऩनी काभनाओॊ को ऩणि ककमा इस वरत कथा क फाय भ हभ फताकय शरी फाराजी न हभाय पररत जो दमा हदखाई ह उसक लरए हभ उनह परणाभ कयत ह

पराचीन कार भ भगध याजम भ षवषणचचतत नाभक एक बकत यहता था उसकी नौ कनमाएॉ थी षवदवान होन ऩय बी वह अतमॊत गयीफ था षवषणचचतत की ऩतनी तायाभरत हभशा नायामणजी की पराथिना कयती यहती थी षववाहाहद शबकामि सॊऩनन कय जो बी ऩस दकषणा क रऩ भ लभरत थ उसस व भसशकर स अऩना जीवन रनवािह कय

यह थ कनमाएॉ मौवनावसथा भ ऩदाऩिण कय चकी थी तायाभरत हभशा इसी चच ॊता भ यहती थी कक इन कनमाओॊ का षववाह ककस परकाय सॊऩनन होग वह फाराजी की पराथिना कयत हए सदा अऩना सभम गजायती थी

वह तो फाराजी की बकत थी औय फाराजी अऩन बकतो स अतमाचधक परभ कयत ह उस हदन भाघ ऩरणिभा थी सवय

एक वदध बराहभण न षवषणचचतत क दयवाज ऩय दसतक दी औय कहा - ldquoह सवाभी भ फॊग दश का वासी हॉ एक मऻ

क लसरलसर भ दसय दश जा यहा हॉ यासत भ महाॉ आमा हॉ भझऩय दमा कयो औय अऩन घय भ एक हदन क लरए

यहन दो कर सवयही भ महॉ स चरा जाऊॉ गाrdquo उन की फात सनकय षवषणचचततन कहा lsquoनाथ इसस फढकय खशी औय कमा हो सकती ह अरतचथ साात नायामण जी क सभान होत ह ऐस हभाय ऩयाणो भ कहा गमा ह आऩ बफना ककसी सॊकोच क हभाय घय भ यह सकत हlsquo ऐसा कह कय उसन उस बराहभण को घय क अॊदय फरामा औय उनका सतकाय ककमा

दोऩहय भ बोजन क फाद उस वदध न तायाभरत स ऩछा ndash ldquoभाता कमा फात ह तभ कछ चच ॊरततसी रगती हो बफना ककसी सॊकोच क फात फताओrdquo तायाभरत न कहा ndash ldquoसवाभी आऩ तो भहातऩसवी ह आऩ क भख का तज उस वकॊ ठवासी क सभान ह आऩ स कमा छऩाना भयी चचॊता भयी कनमाओॊ का षववाह हrdquo उस ऩय वदध न कहा- ldquoभाता तमहाया दख भ जानता हॉ तमहाय सबी कषट दय हो औय तमहायी कनमाओॊ की शादी हो इसक लरम भ एक अदभत वरत फताता हॉ सनो इस वरत को सॊऩनन कयन स तमहाय साय कषट दय हो जामग शरी फाराजी क वरतो भ स मह सफस सयर हrdquo कहत हए उनहोन उस दॊऩरत को ऩया वरत षवधान फतामा वरत षवधान

सनकय षवषणचचतत न कहा- ldquoसवाभी मह तो अतमॊत सॊतोष की फात ह इसस फढकय सौबागम औय कमा होगा

कहत ह ना- शबसम शीिॊ आज भाघ ऩरणिभा ह फहत ही शब हदन ह आऩक कथा अनसाय हभ आज ही इस वरत

को सॊऩनन कयगrdquo षवषणचचततन ऩतनी तायाभरत औय सबी कनमाओॊ क साथ लभरकय उस हदन शाभ भ ही अऩन

फॊध-लभतरो क साथ बसकत औय रनषठा स फाराजी वरत को सॊऩनन ककमा वहाॉ उऩससथत सबी रोगो न वरत ऩया होन क

फाद चयणाभत परसाद गरहण ककमा औय अऩन-अऩन घय परसथान ककमा तफ षवषणचचतत औय तायाभरत न बराहभण

क चयणो को नभसकाय ककमा औय आशीवािद परापत ककमा बराहभणोततभ न बी चयणाभत परसाद गरहण ककमा औय

कहा- ldquoआऩकी भनोकाभना ऩयी हो शरी रकषभी शरी फाराजी की कऩा होrdquo

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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अॊधया हो चरा था औय रनिा सभम आसनन था षवषणचचतत न उस बराहभण को एक पटी चादय दत हए आॉखो भ आस लरम कहा- सवाभी भ अतमॊत दरयिी हॉ इसस अचछी चादय भय ऩास नही ह भझ भा कय आज की यात इसी ऩय षवशराभ कय बराहभण भसकयात हए फोर- कोई फात नही भ फाहय फयाभद भ सो जाता हॉ कछ सभम फाद ही सबी रनिारोक भ षवचयण कयन रग आधी यात का सभम था बफजरी की गडगडाहट क साथ फारयश शर हई चायो ओय अॊधया था कहीॊ कछ नही हदखाई

द यहा था षवषणचचतत इस चच ॊता भ था कक वदध बराहभण फाहय कस सो यह होग उस सभम कछ सझ बी नही यहा था ककसी तयह उनहोन यात गजायी सवया हआ फारयश बी थभ चकी थी ऩरत-ऩतनी मही सोच यह थ कक बराहभण की कमा दशा हई होगी ककतना सहा होगा उनहोन मही सोचत हए वो फाहय आए उनह एक अदभत दशम हदखाई हदमा वहाॉ षवपरोततभ नही थ पहट हई चादय की जगह यशभ का षऩताॊफय यखा हआ था उस षऩताॊफय ऩय शरी फाराजी क

भतॉ ndash हदखाई दी व सफ कछ सभझ गम उनकी खषी का कोई हठकाना नही यहा उनक घय आम बराहभण औय

कोई नही साात शरी नायामणजी ही थ ह फाराजी कमा बागम ह हभाया ऩय हभ उनको ऩहचान नही ऩाम हभन उनको पटी हई चादय दी मह सोचत हए उनहोन शरी फाराजी की भतॉ को हाथ भ रकय आॉखो स रगामा औय

घय क अॊदय आम ऩया घय सोन स बया हआ था जहाॉ दखो वहाॉ धन याशी ह बगवान शरी फाराजी की वरत कथा की भहहभा स ही मह सफ सॊबव हो सका ऐसा कहत हए व बगवान की सतरत कयन रग आऩन दख साात शरी फाराजी ही उस बकत क घय आम थ वरत षवधान फतामा औय चयणाभत परसाद बी गरहण

ककमा शरी फाराजी फहत ही करणाभम ह जो बी इस वरत को बसकत औय रनषठा स कयगा उसक घय सवमॊ बगवान

ककसी ना ककसी रऩ भ आमग आऩ सबी इस वरत को सॊऩनन कय बगवान की कऩा परापत कय सकत ह शरी भहषषि षवशवालभतर जी न मह दषवतीम कथा इस तयह फताई

शरी रकषभी शरीरनवास कटाॊ लसषदधयसत

गोषवॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

दषवतीमोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ततीम अधमाम

शरी वलशषठ उवाच मह अधमाम भहातऩोरनषठ वरयषठ शरीवलशषठ भरन न शरीनायामणजी की कऩा स हभ षवसताय रऩ स फतामा ह ह कलरमग वालसमो शरीफाराजी क षपरम बकतो वकणठ भ रनवास कयनवार शरीनायामणजी आज क रतरभरा भ ससथत शरीफाराजी ही ह कलरमग वालसमो क कषट दय कयन क लरम बगवान आऩक फहत सभीऩ रतरभरा ऩहाड ऩय अवतारयत हए ह शरी फाराजी को खश कयन क लरए मह वरत उततभ ह औय सयर बी ह इस वरत को जो बसकत औय रनषठा स सॊऩनन कयता ह उस सबी सख परापत हो जात ह पराचीन सभम भ अवॊती दश भ बागमनगय नाभक एक नगय था नाभ क ही अनरऩ वहाॉ अनक धनवान (वमाऩायी) यहत थ ऩय व अऩनी सॊऩसतत को दख घभॊड कयत थ औय आभ रोगो को हीन दषटी स दखत थ धन-दौरत उनकी सवासजित ह ऐसा सोचकय घभॊड कयत थ बगवान की रनतम ऩजा-ऩाठ तो उनहोन ऩहर ही छोड दी थी कभ स कभ षवशष हदनो भ बी व ना भॊहदय जात ना ऩजा कयत ना ही दीऩ जरात एक हदन सबी धनवान अऩनी-अऩनी ऩतनीमो क साथ परीरत बोज भ वमसत थ उस नगय की ऩवि हदशा भ ही शरी रकषभी नायामण जी का भॊहदय था जहाॉ दीऩ जरानवारा कोई नही था उस हदन षवशष एकादशी थी सजस एक ऩवि हदन बी भाना जाता ह ऩय उस नगय क एक बी धनवान क भन भ भॊहदय भ ऩजा कयन का षवचाय नही आमा शाभ होत-होत आकाश भ घन फादर छा गम औय भसराधाय फारयश होन रगी वमाऩारयमो क घय ऩानी स बय गम चायो ओय अॊधकाय ह अॊधकाय था सवय होन तक ऩया नगय ऩानी भ डफ गमा वमाऩारयमो क घय टट-पट गम उनका साया ऐशवमि सभापत हो गमा ऐसा उऩिव कमो भचा मह पररम कस हो गमा ककसी को कछ बी सभझ भ नही आ यहा था इतन भ उनह एक षवचचतर दशम हदखाई हदमा नगय क फाहय जो झोऩडडमाॉ थी व तो वसी की वसी थी उनको आशचमि हआ इतनी फारयश भ बी म कस सही सराभत यही व ऐसा भन ही भन सोच यह थ कक इतन भ बफजरी कडकी औय आकाशवाणी हई ldquoए भखो तमहायी सॊऩसतत तमहायी अऩनी ह सवासजित ह ऐसा सोचत थ इसी लरम ऐसा हआ ह इस झोऩडी भ यहनवारा दव भया षपरम बकत ह आभ आदभी होन ऩय बी दव रनतम तमहाय नगय भ ससथत शरी रकषभी नायामण

भॊहदय भ दीऩ जराता था इतना ही नही हय एकादशी क हदन मथा सॊबव वह शरी फाराजी वरत कथा बी सॊऩनन कयता था इसी लरम इन झोऩडीमो भ यहनवार सबी रोग सयकषत यह आऩ सबी महद वरत सॊऩनन कयग तो अऩन-अऩन

ऐशवमि को ऩन परापत कय सकत होrdquo आकाशवाणी सनत ही तयॊत व सबी रोग उस भॊहदय भ गम औय जस

सॊबव हो सका वस सबी रोगोन एक-दसय क सहमोग स शरी फाराजी की वरत कथा सॊऩनन की ऐसा कयत ही सबी को उनक घय ऩवि रऩ भ ही परापत हो गम तफ स व सबी शरीफाराजी क बकत फन गम औय हय एकादशी को शरीफाराजी का वरत सॊऩनन कयत औय सख-शाॊरत परापत कय यहन रग अॊत भ उनहोन भसकत बी परापत की

शरीवलशषठजी न इस परकाय म कथा सनाई

गोषव ॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

ततीमोधमाम सभापतॊ |

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ

शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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चतथव अधमाम

शरी बयदवाज उवाच

शरीनायामण जी को ldquoशरीफाराजी वरत कथाrdquo अतमॊत षपरम ह चतथि अधमाम क रऩ भ हभाय साभन शरी बयदवाज

भरनदवाया फतामी नमी कहानी इस परकाय ह- ldquoह कलरमगवालसमो शरी नायामण क षपरम बकतो आऩ सजस वरत को सॊऩनन कय यह ह वह अदभत ह आऩकी भनोकाभनाओॊ को ऩणि कयन का साधन ह शरी फाराजी को परसनन कयन का मह अतमॊत सयर उऩाम ह आऩ सबी ऩय कऩा कयन क लरम ही वकॊ ठवासी बगवान शरीरनवास क रऩ भ रतरभरा ऩहाड ऩय अवतरयत हए ह अनक जनभो क ऩणमपर स ही रतरभरा ऩहाड ऩय ऩय यखन का सौबागम परापत होता ह औय बगवान क दशिन बी सॊबव होत ह इसी तयह इस ldquoवरतकथाrdquo को सॊऩनन कयन का सॊकलऩ बी ऩविजनभ क

ऩणमपर स ही सॊबव होता ह जो वमसकत इस वरत को सॊऩनन कय यह ह मा जो इस कथा को सन यह ह मा जो बगवान क परसाद को गरहण कयत ह उनह बगवान की कऩा परापत होती ह औय व सौबागम बी ऩात ह

पराचीन कार भ ldquoनगयीrdquo नाभक एक गराभ भ धनगपत नाभ का वमाऩायी यहता था वह फहत ही रारची था ऐशवमि परापत कयन ऩय बी उसका रारचीऩन कभ नही हआ मह सभसत ऐशवमि उसका ही कभामा हआ ह ऐसा सोचकय वह फहत घभॊड कयता था अहॊकाय भनषम का नाश कयता ह

धनगपत की ऩतनी काॊरतभती अतमॊत बसकत बावना यखती थी औय रनषठा स बगवान की ऩजा कयती थी उनकी तीन कनमाएॉ थी तीसयी कनमा ldquoकभायीrdquo भ बसकत बावना जमादा थी वह हभशा फाराजी का नाभ ही जऩती यहती थी षऩताजी को बफना फताम वह जफ-तफ शरी फाराजी क भॊहदय भ जाती थी औय बगवान क दशिन कयती थी घय आकय षऩताजी को छोड अनम सबी क साथ परसाद सवीकाय कयती थी ऩती क ऐस वमवहाय स

काॊरतभती थोडी चच ॊरतत होती थी

एक हदन ldquoकभायीrdquo की सहरी क घय ऩय ldquoशरी फाराजीrdquo का वरत सॊऩनन हो यहा था मह जानकय वो वहाॉ गई वरत ऩया होन तक दोऩहय हो चकी थी थोडासा परसाद उसन गरहण ककमा औय थोडा वह अऩन घयवारो क लरम एक

कागज की ऩडी भ रकय चरी फीच यासत भ उस पमास रगन रगी धऩ बी फहत तज थी उसन सोचा थोडी दय रक

कय पमास फझाकय कपय चरॉ तो ठीक यहगा तबी उस माद आमा कक उसक षऩता की दकान अगरी गरी भ ही तो ह वहाॉ जाकय उसन षऩताजी को ऩजा की फात बफना फताम षऩताजी स ऩानी भाॉगकय षऩमा औय षऩताजी गससा कयग

इस डय स उसन जलदी-जलदी ऩानी षऩमा इस घफयाहट भ परसाद की ऩडी वही दकान भ बरकय चरी गई

एकाएक फाजाय भ हडकॊ ऩ भच गमा रोग हाहाकाय भचात हए इधय-उधय बागन रग आगजनी क कायण उस गरी की सायी दकान जर कय याख होन रगी वस बी दोऩहय का सभम थाउस ऩय गभि हवाएॉ चर यही थीधनगपत का शयीय डय क भाय काॉऩन रगा ldquoकछ ही सभम भ उसकी दकान बी जर कय याख हो जाएगीrdquo इस षवचाय स उस क हाथ-ऩय काॉऩन रग सबी रोग अऩनी-अऩनी दकानो स फाहय आकय इधय-उधय बागन रग ऩय

धनगपत वही खडा यह गमा दकान छोडकय जान का भन नही कय यहा था महद वो दकान भ यहगा तो जरकय

याख हो जामगासोचत हए उसन घफयाहट भ उसक हाथ रगी ऩडी को उठामा औय बफना सोच सभझ जो हाथ आमा वो भॉह भ डार हदमा उस कछ भीठा-भीठा सा ऩदाथि रगा औय भन बी शाॊत होन रगा

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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तबी एक अदभत घटना घटीआग धनगपत की दकान तक आकय रक गमी आग की रऩत वहाॉ नही आ ऩामी मह कसी षवचचतर फात हम कसी भामा ह धनगपत क भॉहस एक बी फात नही रनकर ऩामी उधय आगजनी की खफय सनत ही ऩतनी काॊरतभती अऩन कनमाओॊ क साथ फाराजी का सभयण कयत हए दौडती हई वहाॉ आ गमी आग उनक दकान तक आकय कस रक गमी मह दखकय उस आशचमि हआ तबी कभायी को दकान भ बरी हई ऩडी की माद आई धनगपत को सभझन भ दय नही रगी कक उसन जो चीज भॉह भ डारी थी वो औय कछ नही तो बगवान का परसाद ही था औय उसकी भहहभा स ही व इस दघिटना स चक गम धनगपत न शरीफाराजी स भा भाॉगी गार फजाम शाभ भ ही नगयवालसमो को फराकय ldquoशरीफाराजी की वरत कथाrdquo सॊऩनन की तफ स वह बगवान की सवा भ रीन हो गमा औय अॊत भ भो बी परापत की आऩन दखा कक कवर परसाद गरहण कयन स ही वो ककतनी फडी दघिटना स चक गमा फाराजी की भहहभा अदभत ह आऩ सबी बी मथा सॊबव वरत को सॊऩनन कय क बगवान की कऩा परापत कय सकत हldquo

शरीबयदवाजजी न इस परकाय मह चतथि कथा सनामी

गोषवॊदगोषवॊदगोषवॊद

चतथोधमाम सभापतॊ |

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ऩॊचभ अधमाम

शरी अतरतर उवाच

रतरभरा-रतरऩती बरोक का वकणठ धाभ ह ऩयाणो भ फतामा गमा ह कक रतरभरा क सभान ऩषवतर सथर औय शरी फाराजी जस दवता न तो ऩहर कबी हए ह औय न कबी होग शरीरनवास क रऩ भ अवतरयत शरी नायामण अऩन

बकतो स फहत परभ कयत ह जो उन ऩय अऩना ऩया बाय डारकय उनह रनतम सभयण कयत ह जो सदाचाय स ऩणि जीवन बफतात ह वो उनकी या कयत ह ऐस शरीफाराजी को परसनन कयन का सफस सयर उऩाम ह ndash ldquoशरीफाराजी की वरत कथाrdquo

इस अदभत वरत कथा क फाय भ भहातऩसॊऩनन शरी अबतर भहषषि न कऩा कयत हए कहा ह- ldquo ह फाराजी क षपरम

बकतो कलरमग भ आऩक सौबागम क फाय भ कमा कहना कतमग तरतामग औय दवाऩायमग भ अतमॊत कठोय तऩ-

जऩ कयन ऩय बी परसनन न होन वार शरी नायामण इस मग भ कवर नाभसभयण स ही आऩ रोगो ऩय कऩा कय यह

ह षवशवास क साथ उनह फरान ऩय व तयॊत कऩा परदान कयत ह ऐस करणाभम ह शरीफाराजी ऩषवतर रतरभरा ऩय

तमहाया यखा हय कदभ अनक जनभो क ऩणमपर क सभान ह

पराचीन कार भ ldquoकौभायrdquo दश भ ldquoलभतरrdquo नाभक धोफी यहता था वो अऩन काभ क साथ-साथ धालभिक कामि कयता हआ जीवन रनवािह कय यहा था उसकी अऩॊगता ही उसकी चच ॊता थी इसी कायण धोए हए कऩडो की ऩोटरी फनाकय घय-घय घभकय उनह रोगो तक ऩहॉचाना उस धीय धीय भसशकर रगन रगा उसका ऩरयवाय फडा था बफना भहनत ककए उस बय ऩट खान को बी नही लभरता था हभशा वो शरी फाराजी की ऩजा कयता यहता था कबी ना कबी बगवान उस ऩय कऩा कयग इसी षवशवास स वो अऩना जीवन गजाय यहा था बकतो ऩय कऩा कयन वार फाराजी सफ कछ दखत यहत ह जो वमसकत अऩन कभो स भकती ऩाता ह उनक ऩास आकय फाराजी ककसी न ककसी रऩ भ आकय उनकी या कयत ह एक हदन शाभ क सभम हभशा की तयह लभतर कऩड धोकय कऩडो की ऩोटरी राद धीय-धीय चरता हआ आ

यहा था फीच यासत भ उस एक वदध बराहभण हदखाई हदम गौयव की बावना स फड होन क कायण लभतर न अऩन कॊ ध

ऩय रदी हई ऩोटरी को नीच उतायकय वदध बराहभण को नभसकाय ककमा तफ उस षवपरोततभ न कहा- ldquoतभ अऩन इस ऩय क कायण ककतना कषट सह यह हो तमहाया दख दखा नही जाताrdquo तफ लभतर न कहा-ldquoह नाथ आऩ फजगि ह बयाऩया ऩरयवाय होन क कायण भझ इस काभ स भकती नही लभर यही ह ककसी तयह भयी म अऩॊगता दय हो ऐसा कोई उऩाम फताइएrdquo

तफ बराहभण न कहा-ldquoसनो बाई भ जरय फताऊॉ गा धमान स सनो भ एक ऐस वरत क फाय भ फताता हॉ सजस सॊऩनन कयन स तमहायी अऩॊगता दय हो जाएगी तमह अषट ऐशवमो की परासपत होगी वरत सॊऩनन कयत ही तमह हजाय अशकपि माॉ लभरगी ऩय एक शति ह उसभ स आध तभ भझ दोगकर भ कपय इसी सभम महाॉ लभरॉगाrdquo तफ लभतर न कहा- ldquoसवाभी इसस फढकय सौबागम औय कमा हो सकता ह आज ही इस

वरत क फाय भ फताइए भ उस सॊऩनन करॉ गाrdquo लभतर क उतसाह को दख वदध न शरी फाराजी वरत कथा क फाय भ फतामा

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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लभतर दगन उतसाह क साथ घय आमा ऩयी कहानी ऩतनी को फतामी औय अडोस-ऩडोस क साथ लभरकय शरी फाराजी वरत को सॊऩनन ककमा चयणाभत परसाद गरहण ककमा घय आए सबी रोगो को बी हदमा तबी घय क फाहय कछ

कोराहर सनाई हदमा लभतर का फटा फाहय स दौडता हआ आमा औय फोरा- ldquoषऩताजी षऩताजी याज-यक आऩक लरम आए ह याजा न आऩक लरम बट बी बजी हrdquo इतन भ यक बी वहाॉ आ गम उनहोन फतामा कक उसकी रनमसकत याज दयफाय भ धोफी क रऩ भ हो गमी ह याजा न हजाय अशकपि माॉ ऩयसकाय सवरऩ बजी ह ऐसा कहकय उनहोन लभतर क हाथ भ हजाय अशकपिमो की ऩोटरी यख दी एक हफत क अॊदय-अॊदय

उस आकय नौकयी भ बतॉ होन को बी कहा लभतर क आनॊद की सीभा नही थी एक हफता कमो कर ही कमो नही सोचकय उसन अऩनी ऩोटरी-वोटरी फाॉधी औय दसय हदन सवय ही वो जान को तमाय हो गमा इस जलदफाजी भ वह

उस वदध की फात बर गमा फीच यासत भ उस उसकी फात माद आ गमी ऩय ठीक हअगर भहहन लभर रता हॉ सोच

कय वह याज दयफाय भ अऩन काभ ऩय रग गमा हदनभहहन फीत बराहभण क वश भ आए बगवान को गससा आमा बगवान न सोचा भनषम की परवसतत ऐसी ही होती ह उस भझ अऩनी भहहभा फतानी होगी

दसय ही हदन याणीवास स आबषण चोयी हो गम चोयी का इलजाभ लभतर ऩय आमा लभतर को कायावास की सजा हई hellipयाज यकोन उस तयह-तयह की मातनाएॉ दी ऐसा कमो हआउस ऩय मह इलजाभ कमो रगा सोचत हए लभतर को यात को सऩन भ बगवान हदखाई हदम उनहोन फतामा कक ldquoवदध बराहभण क रऩ भ व ही आम थ वो अऩनी फात स भकय गमा इसलरम म सफ हआ हrdquo तफ लभतर न कहा-ldquoह नाथभ ऩाऩी हॉ भन फहत फडा ऩाऩ ककमा ह कऩमा भझ ऩय दमा कीसजम अफ भ हय भहहन आऩका वरत सॊऩनन करॉ गा भयी आम का आधा बाग जीवन बय आऩको सभषऩित करॉ गाrdquo गार फजाकय उसन बगवान की हय तयह स पराथिना की बकतो की ऩकाय सननवार बगवान न खशी-खशी लभतर ऩय कऩा कय दी बगवान की कऩा स याणी क आबषण दसयही हदन लभर गम याजान म बी जान लरमा कक लभतरन चोयी नही की थी लभतरको कायावास स रयहा कय हदमा गमा तफ स लभतर बगवान को हदम वचन अनसाय हय भहहन शरी फाराजी का वरत सॊऩनन कयन रगा औय अऩनी आम का आधा बाग बगवान को अषऩित कयता यहा सख ऩणि जीवन बफतात हए उसन अॊत भ भो बी परापत ककमाrdquo

शरी अबतरजी न ऐसा कहकय ऩाॉचव औय आखयी अधमाम को सभापत ककमा

गोषवॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

ऩॊचभोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

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(सवाभीजी क भतॉ ऩय पर ऩतत चढाम) आसनभ

दव दव जगननाथ परणत करशनाशन यतनलसॊहासनॊ हदवमॊ गहाण भधसदन

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवनकटशवय सवालभन नभ - यतनलसॊहासनॊ सभऩिमालभ

(सवाभीजी क भतॉ ऩय पर ऩतत चढाम) ऩादमॊ

वासनचतॊ करभदव दषकतॊ च षवनाशम ऩादमॊ गहाण बगवान भातरतसॊग सॊससथत

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - ऩादमो ऩादमॊ सभऩिमालभ

(एक चमभच ऩानी थारी भ डार)

अरघम

करषवभ दमाॊ दव सॊसायारत ि बमाऩह दचधीय परोऩतभ गहाणाघम नभोसतत

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हसतमोयघम सभऩिमालभ

(एक चमभच ऩानी थारी भ डार)

आचभनॊ नभ सतमाम शदधाम रनतमाम ऻानरषऩण गहाणाचभनॊ दव सविरोककनामक

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - भख आचभनीमॊ सभऩिमालभ

(एक चमभच ऩानी थारी भ डार) ऩॊचाभतसनानॊ

ऩॊचाभतॊ भमानीतॊ ऩमोदचधघतॊ भध शकि या सहहतॊ चवदवतवॊ पररतगहमताॊ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - ऩॊचाभत सनानॊ सभऩिमालभ

(ऩॊचाभत गाम क दध दही घी भध औय चीनी लभराकय ककमा जाता ह)

सनानॊ सवणिऩातरोदकॊ गॊगा मभनाहद सभसनवतॊ शदधोदकॊ गहाणश सनानॊ कर मथाषवचध

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - शदधोदकसनानॊ सभऩिमालभ

(एक चमभच ऩानी थारी भ डार) वसतरॊ

तपतकाॊचन सनकाशॊ ऩीतमफय लभदॊ हय सगहाण जगननाथ शरीरनवास नभोसतत

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - वसतरमगभॊ सभऩिमालभ

मऻोऩवीतॊ मऻोऩवीतॊ ऩयभॊ ऩषवतरॊ परजऩतमितसहजॊ ऩयसतात

आमषमभागरमाभ पररतभचचशभरॊ मऻोऩवीतॊ फरभसत तज

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शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - मऻोऩवीतॊ सभऩिमालभ

गनधॊ चनदनागर कसतरय घनसाय सभसनवतॊ गनधॊ गहाण गोषवनद नानागॊधसचधायम

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हदवमऩरयभर गॊधाॊ सभऩिमालभ

(सवाभीजी क भतॉ को चॊदन रगाम) अताॊ

गोषवनदा ऩयभाननद हरयिा सहहततान षवशवशवय षवशारा गहाण ऩयभशवय

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - अतान सभऩिमालभ

(सवाभीजी क भतॉ ऩय अता डार चावर को हलदी कॊ कभ रगाक अता फनात ह) ऩषऩॊ

सगॊधारन सऩषऩारण जाजीकनदभखारन च भाररत वकरादषव ऩजाथ पररतगहमताॊ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - ऩषऩॊ सभऩिमालभ

अथाॊग ऩजा ॐ शरी वकटशवयाम नभ - ऩादौ ऩजमालभ

ॐ शरी वकटचरचधशाम नभ - गलफ़ौ ऩजमालभ

ॐ शरी परदामकाम नभ - जाननी ऩजमालभ

ॐ ऩदमावती ऩतम नभ - जॊघ ऩजमालभ

ॐ ऻानपरदाम नभ - ऊर ऩजमालभ

ॐ शरीरनवसाम नभ - कहटॊ ऩजमालभ

ॐ भहाबागाम नभ - नालबॊ ऩजमालभ

ॐ रनभिराम नभ - उदयॊ ऩजमालभ

ॐ षवशाररदमाम नभ - रदमभ ऩजमालभ

ॐ ऩरयशदधातभन नभ - सतनौ ऩजमालभ

ॐ ऩरषोततभाम नभ - बजौ ऩजमालभ

ॐ सवणिहसताम नभ - हसतौ ऩजमालभ

ॐ वयपरदाम नभ - कॊ ठॊ ऩजमालभ

ॐ रोकनाथाम नभ - सकनधौ ऩजमालभ

ॐ यसऻाम नभ - नालसकाॊ ऩजमालभ

ॐ ऩणमशरवन कीतिनाम नभ - शरोतर ऩजमालभ

ॐ ऩलरामफज षवरोचनाम नभ - नतर ऩजमालभ

ॐ वचिससवन नभ - रराटॊ ऩजमालभ

ॐ यमम षवगरहाम नभ - सवािणमनगारन ऩजमालभ

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ॐ शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हदवमसनदय षवगरहॊ ऩजमालभ

शरी वकटशवय अषटोततय शतनाभावलर

ॐ वकटशाम नभ

ॐ शरीरनवासाम नभ

ॐ रकषभीऩतम नभ ॐ अनाभमाम नभ ॐ अभताॊशाम नभ ॐ जगदवॊदवाम नभ ॐ गोषवनदाम नभ ॐ शाशवताम नभ ॐ परबव नभ ॐ शषाहि-रनरमाम नभ ॐ दवाम नभ ॐ कशवाम नभ ॐ भधसदनाम नभ ॐ अभताम नभ ॐ भाधवाम नभ ॐ कषणाम नभ ॐ शरीहयम नभ ॐ ऻान-ऩॊजयाम नभ ॐ शरी वतस-वस नभ ॐ सवशाम नभ ॐ गोऩाराम नभ ॐ ऩरषोततभाम नभ ॐ गोऩशवयाम नभ ॐ ऩयभ-जमोरतषम नभ ॐ वकनठऩतम नभ ॐ अवममाम नभ ॐ सधातनव नभ ॐ मादवनिाम नभ ॐ रनतम-मौवनरऩवत नभ ॐ चतवदातभकाम नभ ॐ षवषणव नभ

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ॐ अचमताम नभ ॐ ऩरदमनी-षपरमाम नभ ॐ धयाऩतम नभ ॐ सयऩतम नभ ॐ रनभिराम नभ ॐ दवऩसजताम नभ ॐ चतबिजाम नभ ॐ चकरधयाम नभ ॐ बतरधामन नभ ॐ बतरगणाशरमाम नभ ॐ रनषविकलऩाम नभ ॐ रनषकरनकाम नभ ॐ रनयाॊतकाम नभ ॐ रनयनजनाम नभ ॐ रनयाबासाम नभ ॐ रनतमतपताम नभ ॐ रनगिणाम नभ ॐ रनरऩिवाम नभ ॐ गदाधयाम नभ ॐ शायॊगऩाणम नभ ॐ ननदककन नभ ॐ शनखधायकाम नभ ॐ अनकभतिम नभ ॐ अवमकताम नभ ॐ कहटहसताम नभ ॐ वयपरदाम नभ ॐ अनकातभन नभ ॐ दीनफानधव नभ ॐ आतिरोक बमपरदाम नभ ॐ आकाशयाज-वयदाम नभ ॐ मोचग-रतऩदमभसनदयाम नभ ॐ दाभोदयाम नभ ॐ जगतऩाराम नभ

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ॐ ऩाऩघनाम नभ ॐ बकतवतसराम नभ ॐ बतरषवकरभाम नभ ॐ लशॊशभायाम नभ ॐ जटाभकट-शोलबताम नभ ॐ शनख-भदमोर-सनभॊजराम-ककसनकणमाडम-कयनडकाम नभ ॐ नीरभघ-शमाभ-तनव नभ ॐ बफलव-ऩतराचिन षपरमाम नभ ॐ जगदवमाषऩन नभ ॐ जगत-कत नभ ॐ जगत-साकषण नभ ॐ जगतऩतम नभ ॐ चचसनतताथि-परदाम नभ ॐ सजषणव नभ ॐ दाशावािम नभ ॐ दश-रऩवत नभ ॐ दवकक-ननदनाम नभ ॐ शौयम नभ ॐ हमगरीवाम नभ ॐ जनादिनाम नभ ॐ कनमा-शरवणतायजमाम नभ ॐ ऩीतामफयधयाम नभ ॐ अनघाम नभ ॐ वनभालरन नभ ॐ ऩदमनाबाम नभ ॐ भगमासकत-भानसाम नभ ॐ अशवरढाम नभ ॐ खडगधारयण नभ ॐ धनाजिन-सभतसकाम नभ ॐ गानसायर-सनभधम-कसतरय-रतरकोजवराम नभ ॐ ससतचदाननदरऩाम नभ ॐ जगनभनगरदामकाम नभ ॐ मऻरऩाम नभ

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ॐ मऻबोकत नभ ॐ चचनभमाम नभ ॐ ऩयभशवयाम नभ ॐ ऩयभाथि-परदाम नभ ॐ शानताम नभ ॐ शरीभत नभ ॐ दोदिनड-षवकरभाम नभ ॐ ऩयातऩयाम नभ ॐ ऩयबरहभण नभ ॐ शरीषवबव नभ ॐ जगदीशवयाम नभ

इतत शरी वकटशवय अषटोततय शतनाभावलर

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शरी भहारकषभी अषटोततय शतनाभावलर

ॐ परकतम नभ ॐ षवकतम नभ ॐ षवदमाम नभ ॐ सविबतहहतपरदाम नभ ॐ शरदधम नभ ॐ षवबतम नभ ॐ सयभम नभ ॐ ऩयभासतभकाम नभ ॐ वाचम नभ ॐ ऩदमारमाम नभ ॐ ऩदमाम नभ ॐ शचम नभ ॐ सवाहाम नभ ॐ सवधाम नभ ॐ सधाम नभ ॐ धनमाम नभ ॐ हहयणमम नभ ॐ रकषमम नभ ॐ रनतमऩषटाम नभ ॐ षवबावम नभ ॐ आहदतम नभ ॐ हदतम नभ ॐ दीपताम नभ ॐ वसधाम नभ ॐ वसधारयणम नभ ॐ कभराम नभ ॐ कानताम नभ ॐ काभाकषम नभ ॐ कभर समबवाम नभ ॐ अनगरहपरदाम नभ ॐ फदधम नभ ॐ अनघाम नभ

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ॐ हरयवलरबाम नभ ॐ अशोकाम नभ ॐ अभताम नभ ॐ दीऩाम नभ ॐ रोकशोक षवनालशनम नभ ॐ धभिरनरमाम नभ ॐ करणाम नभ ॐ रोकभातर नभ ॐ ऩदमषपरमाम नभ ॐ ऩदमहसताम नभ ॐ ऩदमाकषम नभ ॐ ऩदमसनदम नभ ॐ ऩदमोदभवाम नभ ॐ ऩदमभखम नभ ॐ ऩदमनाब षपरमाम नभ ॐ यभाम नभ ॐ ऩदमभाराधयाम नभ ॐ दवम नभ ॐ ऩरदमनम नभ ॐ ऩदमगसनधनम नभ ॐ ऩणमगनधाम नभ ॐ सपरसननाम नभ ॐ परसादालबभखम नभ ॐ परबाम नभ ॐ चनिवदनाम नभ ॐ चनिाम नभ ॐ चनिसहोदम नभ ॐ चतबिजाम नभ ॐ चनिरऩाम नभ ॐ इसनदयाम नभ ॐ इनद शीतराम नभ ॐ आहराद जननम नभ ॐ ऩषम नभ

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ॐ लशवाम नभ ॐ लशवकतम नभ ॐ सतमाम नभ ॐ षवभराम नभ ॐ षवशवजननम नभ ॐ तषम नभ ॐ दारयदरमनालशनम नभ ॐ परीरत ऩषकरयणम नभ ॐ शानताम नभ ॐ शकरभालमामफयाम नभ ॐ बासकम नभ ॐ बफलव रनरमाम नभ ॐ वयायोहाम नभ ॐ मशससवनम नभ ॐ वसनधयाम नभ ॐ उदायॊगम नभ ॐ हरयणम नभ ॐ हभभालरनम नभ ॐ धन धानमकतम नभ ॐ लसदधम नभ ॐ सतरणम सौममाम नभ ॐ शबपरदाम नभ ॐ नऩवशभ गताननदाम नभ ॐ वयरकषमम नभ ॐ वसपरदाम नभ ॐ शबाम नभ ॐ हहयणम पराकायाम नभ ॐ सभि तनमाम नभ ॐ जमाम नभ ॐ भॊगराम नभ ॐ षवषणव सथरससथताम नभ ॐ षवषणऩतनम नभ ॐ परसननाकषम नभ

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ॐ नायामण सभाचशरताम नभ ॐ दारयदरम धवॊलसनम नभ ॐ दवरकषभ नभ ॐ सवोऩिव रनवारयणम नभ ॐ नवदगािम नभ ॐ भहाकालम नभ ॐ बरहभा-षवषण-लशवासतभकाम नभ ॐ बतरकारऻानसमऩननाम नभ ॐ बवनशवम नभ ॐ भहारकषभी अषटोततय शत नभ

इरत शरी रकषभी अषटोततय शतनाभावलर

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शरी ऩदमावती अषटोततय शतनाभावलर

ॐ ऩदमावततम नभ ॐ दवम नभ ॐ ऩदमोदभवाम नभ ॐ करणापरदारमनम नभ ॐ सरदमाम नभ ॐ तजसवरषऩणम नभ ॐ कभरभखम नभ ॐ ऩदमधयाम नभ ॐ शरीम नभ ॐ ऩदमनतरम नभ ॐ ऩदमकयाम नभ ॐ सगणाम नभ ॐ कभकभषपरमाम नभ ॐ हभवणािम नभ ॐ चनिवसनदताम नभ ॐ धगधगपरकाश शयीय-धारयणम नभ ॐ षवषणषपरमाम नभ ॐ रनतमकलमाणम नभ ॐ कोहटसमिपरकालशणम नभ ॐ भहासौनदमिरषऩणम नभ ॐ बकतवतसराम नभ ॐ बरहभानडवालसनम नभ ॐ सविवानचापरदारमनम नभ ॐ धभिसनकलऩाम नभ ॐ दाकषणमकटाकषणम नभ ॐ बसकतपरदारमनम नभ ॐ गणतरमाषववसजिताम नभ ॐ कराषोडशसॊमताम नभ ॐ सविरोकानानजननम नभ ॐ भसकतदारमनम नभ ॐ दमाभतामाम नभ ॐ परऻाम नभ

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ॐ भहाधभािम नभ ॐ धभिरषऩणम नभ ॐ अरनकाय षपरमाम नभ ॐ सविदारयदरमधवॊलसनम नभ ॐ शरीवकटशवसथरससथताम नभ ॐ रोकशोकषवनालशनम नभ ॐ वषणवम नभ ॐ रतरचानरऩयवालसनम नभ ॐ वदवदमषवशायदाम नभ ॐ षवषणऩादसषवताम नभ ॐ यतनपरकाशककयीटधारयणम नभ ॐ जगनभोहहनम नभ ॐ शसकतसवरषऩणम नभ ॐ परसननोदमाम नभ ॐ इनिाहददवत मककननय ककमऩरष ऩसजताम नभ ॐ सविरोकरनवालसनम नभ ॐ बजमाम नभ ॐ ऐशवमिपरदारमनम नभ ॐ शानताम नभ ॐ उननतसथानससथताम नभ ॐ भनदायकालभनम नभ ॐ कभराकयाम नभ ॐ वदानतऻानरषऩणम नभ ॐ सविसमऩसततरषऩणम नभ ॐ कोहटसमिसभपरबाम नभ ॐ ऩजापरदारमनम नभ ॐ कभरासनाहद सविदवताम नभ ॐ वकनठवालसनम नभ ॐ अबमदारमनम नभ ॐ िाापरऩामसषपरमाम नभ ॐ नतमगीतषपरमाम नभ ॐ ीयसागयोदभवाम नभ ॐ आकाशयाज ऩबतरकाम नभ

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ॐ सवणिहसतधारयणम नभ ॐ काभरषऩणम नभ ॐ करणाकटाधारयणम नभ ॐ अभतासजाम नभ ॐ बरोकसवगिसखदारमनम नभ ॐ अषटहदकऩारकाचधऩतम नभ ॐ भनभधदऩि सॊहारयणम नभ ॐ कभराथिबागाम नभ ॐ सवलऩऩयाध-भहाऩयाध-भाम नभ ॐ शतकोहटतीथिवालसताम नभ ॐ नायदाहद भरनशरषठ ऩसजताम नभ ॐ आहदशनकयऩसजताम नभ ॐ परीरतदारमनम नभ ॐ सौबागमपरदारमनम नभ ॐ भहाकीतॉ परदारमनम नभ ॐ कषणारतषपरमाम नभ ॐ गनधवि शाऩषवभोचकाम नभ ॐ कषणऩतनम नभ ॐ बतररोकऩसजताम नभ ॐ जगनभोहहनम नभ ॐ सरबाम नभ ॐ सशीराम नभ ॐ अॊजनासतानगरहपरदारमनम नभ ॐ बकतमातभरनवालसनम नभ ॐ सॊधमावसनदनम नभ ॐ सविरोकभातर नभ ॐ अलबभतदारमनम नभ ॐ रलरतावधतम नभ ॐ सभसतशासतर षवशायदाम नभ ॐ सवणािबयणधारयणम नभ ॐ इहऩयरोक सखपरदारमनम नभ ॐ कयवीयरनवालसनम नभ ॐ नागरोकभरणसह आकाशलसनध कभरशवय ऩरयतयधगभनाम नभ

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ॐ शरी शरीरनवासषपरमाम नभ ॐ चनिभनडरससथताम नभ ॐ अलरवर भनगाम नभ ॐ हदवमभनगर धारयणम नभ ॐ सकलमाणऩीठससथताम नभ ॐ काभकवनऩषऩषपरमाम नभ ॐ कोहट भनभधरषऩणम नभ ॐ बानभनडररषऩणम नभ ॐ ऩदमऩादाम नभ ॐ यभाम नभ ॐ सविरोकसबानतय धारयणम नभ ॐ सविभानसवालसनम नभ ॐ सवािम नभ ॐ षवशवरऩाम नभ ॐ हदवमऻानाम नभ ॐ सवभनगररषऩणम नभ ॐ सवािनगरहपरदारमनम नभ ॐ ॐकायसवरषऩणम नभ ॐ बरहभऻानसॊबताम नभ ॐ शरी ऩदमावतम नभ ॐ सदमोवदवतम नभ ॐ शरीभहारकषमम नभ

इरत शरी ऩदमावती अषटोततय शतनाभावलर

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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धऩभ दशाॊगभ गगगरोऩतॊ गोघतन सभसनवतभ धऩॊ गहाण दवश सविरोक नभसकाया

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - धऩभािाऩमालभ

(सवाभीजी क भतॉ की अगयफतती औय धऩ स आयती कय)

दीऩभ

बतररोकश भहादव सविऻान परदामक दीऩॊ दासमालभ दवश यभाभ बकतवतसर

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - दीऩॊ दशिमालभ

(सवाभीजी क भतॉ की दीऩ स आयती कय )

नवदमभ

सविबशच बोजजशच यस षडलब सभसनवतॊ नवदमनत भमानीतभ गहाण ऩरषोततभ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - नवदमॊ सभऩिमालभ

(सवाभीजी को परसाद चढाम अगय करा ह तो ldquoकदरीपर रनवदमालभrdquo नारयमर ह तो ldquoनारयकर परॊ रनवदमालभrdquo ऐस कह अगय गड ह तो ldquoगडोऩहाय नवदमभ सभऩिमालभrdquo कह)

ॐ पराणाम सवाहा ॐ आऩानाम सवाहा ॐ वमानाम सवाहा ॐ उदनाम सवाहा ॐ सभानाम सवाहा ॐ ऩयबरहभण सवाहा ॐ बबिव सव ततसषवतय-वयणमभ बगो दवसम धीभहह चधमो मो न परचोदमात ॐ आऩो जमोरतयसोभतॊ बरहभ बबिव सवयोभ भधम भधम ऩानीमभ सभऩिमालभ

अभताषऩधानभलस उततयाऩोशनभ सभऩिमालभ हसतौ परारमालभ ऩादौ परारमालभ ऩनयाचभनीमभ सभऩिमालभ

तामफरभ ऩगीपर सकऩिय नागवलरीदरमितॊ भकताचणि सभामकतॊ तामफरॊ पररतगहमताॊ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - तामफरभ सभऩिमालभ

नीयाजनभ चशरम कानताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरीवकटरनवासाम शरीरनवासाम भनगरभ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ नीयाजनभ दशिमालभ

ऩनयाचभनीमभ सभऩिमालभ

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भॊतरऩषऩभ

ॐ सहसतरशीषिभ दवॊ षवशवाॊ षवशवशॊबवॊ षवशवॊ नायामणनदवभ अयॊ ऩयभॊ ऩदॊ १

षवशवत ऩयभासननतमॊ षवशवॊ नायामणॊ हरयॊ षवशवभवदॊ ऩरषसतदषवशवॊ उऩजीवरत २

ऩरतॊ षवशवसमातभशवयॊ शाशवतॊ लशवभचमतॊ नायामणॊ भहाऻमॊ षवशवतभानॊ ऩयामणॊ ३

नायामण ऩयोजमोरत आतभा नायामण ऩय नायामण ऩयभ बरहभ ततवभ नायामण ऩय नायामण ऩयो धमाता धमानभ नायामण ऩय ४

मचच ककसनचत जगतसव दशमत शरमतषऩ वा अनतफिहहशचततसविभ वमापमा नायामण ससथत ५

अननतभ अवममभ कषवॊ सभिनतभ षवशवशमबवभ ऩदमकोश परतीकाशभ रदमभ चापमधोभखभ ६

अधोरनषमा षवतसतमानत नाभमाभऩरय रतषठरत जवाराभाराकरॊबारत षवशवसमामातनभ भहत ७

सनततॊ लशरालबसत रॊफतमाकोशससननबभ तसमानत सलशयभ सकषभभ तससभन सविभ पररतसषठतभ ८

तसमभधम भहान असगन षवशवायचचषविशवतो भख सोगरबसगवबजन रतषठाननाहाय भजय कषव

रतमिगधवाि भधशशामीयशभमा सतसम सनतता ९

सॊताऩमरत सवॊ दह भाऩादतरभसतक तसम भधम वसनह लशखा अणीमोधवाि वमवससथत १०

नीरथो मदभधमसता षवदमलरखव बासवया नीवायशकवततनवी ऩीताबा सवतमनऩभा ११

तसमा लशखामा भधम ऩयभातभा वमवससथत स बरहभ स लशव स हरय स इनि सोय ऩयभासवयात १२

ॐ तद बरहभ ॐ तद वाम ॐ तदातभा ॐ ततसतमभ ॐ ततसविभ ॐ ततऩयोनिभ अनतशचयरत बतष गहामाभ षवशवभरत िष तवभ मऻसतवभ वषकायसतवभ इनिसतवभ रिसतवभ

षवषणसतवभ बरहभतवभ परजाऩरत तवभ तदाऩ आऩो जमोरत यसोवतभ बरहभ बबिवससवयोभ १३

गदा ऩन शॊखयथानगकलऩक धवजायषवॊदाॊकश वजररासशचत ह शरीरनवास तवत चयणामफज दवमॊ भदीम भधािन भरज ॐ रनयॊजनाम षवदमह रनयाबासाम धीभहह तननो शरीरनवास परचोदमात शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हदवमभनतरऩषऩॊ सभऩिमालभ

परदकषण नभसकाय

शरोकॊ मारनकारन च ऩाऩारन जनभानतय कतारन च तारन तारन परणशमसनत परदकषण ऩद ऩद ऩाऩोहभ ऩाऩकभािहभ ऩाऩातभा ऩाऩसॊबव तराहहभाभ कऩभमा दव शयणगतवतसर अनमधा शयणॊ नाससत तवभव शयणॊ भभ तसभात कारणम बावन य य जनादिन

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - आतभपरदकषण नभसकायान सभऩिमालभ

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षवषवधोऩचाय ऩजा छतरॊ धायमालभ चाभयॊ वीजमालभ नतमॊ दशिमालभ गीतॊ शरावमालभ वादमॊ घोषमालभ आॊदोलरकान आयोहमालभ आशवानायोहमालभ गजानायोहमालभ सभसत यजोऩचाय शकतमऩचाय

मनतरोऩचाय दवोऩचाय सवोऩचाय ऩजाॊ सभऩिमालभ

भाऩवणभ भनतरहीनॊ ककरमाहीनॊ बसकतहीनॊ जनादिन मतऩसजतभ भमा दव ऩरयऩणिभ तदसतत

अनमा धमानावाहनाहद षोडशोऩचाय ऩजमा च बगवन सवाितभक शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरी वकटशवय सवरऩो बगवान सपरीत सपरसननो वयदो बवत शरी वकटशवय दव परसादॊ लशयसा गहणालभ

तीथवभ

अकार भतमहयणॊ सविवमाचध रनवायणभ सवि ऩाऩमकयॊ दव ऩादोदकॊ ऩावनॊ शबॊ

नवदमभ

ॐ बबिवससव ॐ ततसषवतवियणमभ बगो दवसम धीभहह चधमो मो न परचोदमात सतमॊ तवतन ऩरयषषॊचालभ अभतभसत अभतोऩसतयणभलस ॐ पराणाम सवा ॐ अऩानाम सवा ॐ वमानाम सवा ॐ उदानाम सवाह ॐ सभानाम सवा ॐ बरहभण सवा

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - भहानवदमभ सभऩिमालभ

अभताषऩधानभलस उततयाऩोशनभ सभऩिमालभ हसतौ परारमालभ ऩादौ परारमालभ शदध आचभनीमॊ सभऩिमालभ

तामफरॊ सभऩिमालभ सवणिभनतरऩषऩॊ सभऩिमालभ परदकषण नभसकायन सभऩिमालभ

अनमाधमानावाहनाहद षोडषोऩचाय ऩजमा बगवान सवाितभक शरी रकषभी ऩदमावती सभत वकटशवय सवाभी सपरीत सपरसननो वयदो बवत शरी रकषभी ऩदमावती सभत वकटशवय सवाभी परसादॊ लशयसा गहणालभ

उदवासनभ मऻन मऻभमजनत दवासतारन धभािरण परथभानमासन

तहनाकॊ भहहभानससचनत मतर ऩव साधमा ससनत दवा

गचछ गचछ सयशरषठ सवसथान शरी वकटशवय बकताबीषट सभधमथिभ ऩनयागभनाम च

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरी वकटशवय सवाभी मथासथानॊ उदवासमालभ

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परथभ अधमाम

शरी बगवान उवाच

कलरमग भ एक हदन शब भहति भ रतरभरा ऩहाड ऩय (सजस धयती का वकॊ ठ कहा जाता ह ) ldquoषवशवऩरत नाभक एक बकत ऩय शरी फाराजी की कऩा हई शरी षवषण क अवताय शरी फाराजी (वकटशवय) जो महाॉ शरीरनवास क रऩ भ ऩज जात ह उनहोन षवशवऩरत को ldquoशरी फाराजी वरत कथाrdquo नाभ स परलसधद इस गरॊथ की यचना कयन की आऻा दी औय कहा- ldquoह भय षपरम बकत षवशवऩरत भय षपरम होन क कायण इस वरत को षवसताय रऩ स तमह फाता हॉ सनो म

वरत भझ अरत षपरम ह आसान होन क कायण इस सबी रोग सॊऩनन कय सकत ह

कलरमग भ भानव अऩन ऩाऩ कभो का पर बोगता ह अनक कषट सहत हए जीवन रनवािह कयता ह कछ बकत

अऩन दख भझ फताकय उनह दय कयन क लरम कहत ह फहत स ऩस खचि कय वो भझ दखन क लरम रतरभरा की मातरा कयत ह भय बकतो स भझ परभ ह व भझऩय अऩना ऩया बाय डार दत ह भ उनह धभि क भागिऩय चराता हॉ

अबी भ जो मह वरत कथा तमह फतान जा यहा हॉ वो ldquoशरी फाराजी की कथाrdquo क नाभ स परलसदध होगा म भया वरत भझ अरतषपरम ह जो वमसकत इस बसकत औय रनषठा स कयगा वह तयॊत ऩाय ऩामगा कोई बी वमसकत कबी बी इस वरत को सॊऩनन कय सकता ह भखम रऩ स भागिशीषि भाघ कारत िक भहहनो भ ऩणिभासी ऩॊचभी सपतभी एकादशी रतचथमो ऩय मा शरवण सवारत नतरो ऩय इस कयना शरषठ होता ह

इस घोय कलरमग भ भय बकत जो कषट सह यह ह उनह भ जानता हॉ तमह जफ बी कोई कषट हो कोई सभसमा हो सवासम ठीक ना हो नौकयी वमाऩाय भ सभसमाएॉ हो भन अशाॊत हो तो इस वरत को सॊऩनन कयना चाहहम इसस

साय कषट दय हो जात ह घय भ शब कामि होन ऩय इस वरत को सॊऩनन कयन स बफना ककसी सभसमा क कामि ऩणि हो जाता ह इस वरत को सॊऩनन कयत ही सबी सख परापत होत ह औय अषट ऐशवमो की परासपत होती ह

सफय मा शाभ इस वरत को सॊऩनन कय सकत ह इस वरत भ ऩाॉच अधमाम ह इनका ऩठन बसकत क साथ कयना चाहहम अऩन घय भ मा रनवास सथान ऩय भॊहदय भ मा ककसी बी ऩषवतर सथान भ नदी तट ऩय सॊऩनन कय सकत ह

महद सॊबव हो तो अऩन फॊध लभतरो क साथ इस सॊऩनन कयन स जमादा शरषठ होता ह जो इस सॊऩनन कयत ह मा जो इस सनत ह वरत सॊऩणि होन क फाद परसाद को बसकत स सवीकाय कयत ह वो अषट ऐशवमो को परापत कयत ह इसस

ऩहर बी भय बकतो न कई भरनमो न इस वरत को सॊऩनन ककमा औय भया आशीवािद ऩामा बरोक भ यहनवार सबी को मह वरत आनॊद परदान कयगा औय शब पर बी परापत होगा शाॊत चचतत स भझ माद कयत हए इस वरत का ऩारन

कयो

सवि परथभ जहाॉ वरत कयना चाहत हो उस सथर को साप कयो भॊडऩ की वमवसथा कय भयी तसवीय सजसभ भयी षपरम

सरखमाॉ शरी दवी बदवी ह उस तसवीय को इस भॊडऩ ऩय सथाषऩत कयो भॊडऩ को दीवाय स रगाकय बी यख सकत हो अनम ककसी इचछक दवता की तसवीय बी सख सकत हो नवगरहो औय अषट हदकऩारको को मा तो भन भ नभसकाय

कयो मा उनका आवहान बी कय सकत हो

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सफस ऩहर हलदी स फनी गणश की ऩजा कयनी चाहहम उसक फाद उस वरत क ऩाॉचो अधमामो का रनषठा स ऩठन

कयना चाहहम मही परथभ अधमाम ह अनम चाय अधमाम भय अतमॊत षपरम ऩातर षवशवालभतर वलशषठ बयदवाज अबतर

भरनशवयो क परवचना रऩ भ ह ऩाॉच अधमामोको ऩढन क फाद भय षपरम शरोक बी ऩढ सकत हो हय अधमाम क अॊत

भ गोषव ॊद गोषव ॊद गोषव ॊद तीन फाय सभयण कयना चाहहम

आभ रोगो क कषटो को भ जानता हॉ इसी लरम भयी एक फात सनो महद ककसी कायण इस वरत को षवसताय रऩ स

सॊऩनन कयन भ कोई सभसमा आ यही हो तो भय तसवीय को साभन यख कय ऩहर गणश जी की कपय नवगरह दवताओॊ औय अषटहदकऩारको को सभयण कय ऩाॉच कहरनमाॉ ऩढकय अऩन भन भ जो इचछा ह उस भझ फताओ भ उस

परसाद क रऩ भ परदान करॉगा इस परकाय कयन स बी कामि की लसषदध होती ह तमहाय कषट दय हो जामग औय शब

पर परापत होगा

जो वमसकत इस वरत को बसकत स सॊऩनन कयगा भ उसक घय ककसी ना ककसी रऩ भ आकय परसाद सवीकाय करॉगा भयी कऩा आऩ सबी को हभशा परापत होगी शरी फाराजी न रतमभयाज षवशवऩरत याभकषणभरत ि ldquoषवशवऩरतrdquo को इस वरत कथा को षवसताय स फतामा कलरमगवासी हभ सबी इस वरत को सॊऩनन कय शरी फाराजी की कऩा क ऩातर फन सकत ह इस वरत को सॊऩनन कय हभ अऩन सबी कषट दय कय सकत ह औय उचचत पर बी परापत कय

सकत ह

गोषवॊदगोषवॊदगोषवॊद

परथभोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ

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दषवतीम अधमाम

शरी षवशवालभतर उवाच

भहातऩ सॊऩनन साात शरी षवशवालभतर जी न हभ ऩय कऩा की औय परवचन कयत हए कहा- ldquoह कलरमग वालसमो शरीरनवास क बकतो ldquoशरीफाराजी वरत कथाrdquo सजस आऩ सॊऩनन कय यह हो वह फहत ही ऩषवतर ह भहहभा स ऩणि ह मह वरत कलरमग भ शरी नायामण जी की करणा औय दमा परापत कयन का अतमॊत सयर साधन ह पराचीन कार भ शरी फाराजी क षपरम बकतो न इस सॊऩनन कय अऩनी काभनाओॊ को ऩणि ककमा इस वरत कथा क फाय भ हभ फताकय शरी फाराजी न हभाय पररत जो दमा हदखाई ह उसक लरए हभ उनह परणाभ कयत ह

पराचीन कार भ भगध याजम भ षवषणचचतत नाभक एक बकत यहता था उसकी नौ कनमाएॉ थी षवदवान होन ऩय बी वह अतमॊत गयीफ था षवषणचचतत की ऩतनी तायाभरत हभशा नायामणजी की पराथिना कयती यहती थी षववाहाहद शबकामि सॊऩनन कय जो बी ऩस दकषणा क रऩ भ लभरत थ उसस व भसशकर स अऩना जीवन रनवािह कय

यह थ कनमाएॉ मौवनावसथा भ ऩदाऩिण कय चकी थी तायाभरत हभशा इसी चच ॊता भ यहती थी कक इन कनमाओॊ का षववाह ककस परकाय सॊऩनन होग वह फाराजी की पराथिना कयत हए सदा अऩना सभम गजायती थी

वह तो फाराजी की बकत थी औय फाराजी अऩन बकतो स अतमाचधक परभ कयत ह उस हदन भाघ ऩरणिभा थी सवय

एक वदध बराहभण न षवषणचचतत क दयवाज ऩय दसतक दी औय कहा - ldquoह सवाभी भ फॊग दश का वासी हॉ एक मऻ

क लसरलसर भ दसय दश जा यहा हॉ यासत भ महाॉ आमा हॉ भझऩय दमा कयो औय अऩन घय भ एक हदन क लरए

यहन दो कर सवयही भ महॉ स चरा जाऊॉ गाrdquo उन की फात सनकय षवषणचचततन कहा lsquoनाथ इसस फढकय खशी औय कमा हो सकती ह अरतचथ साात नायामण जी क सभान होत ह ऐस हभाय ऩयाणो भ कहा गमा ह आऩ बफना ककसी सॊकोच क हभाय घय भ यह सकत हlsquo ऐसा कह कय उसन उस बराहभण को घय क अॊदय फरामा औय उनका सतकाय ककमा

दोऩहय भ बोजन क फाद उस वदध न तायाभरत स ऩछा ndash ldquoभाता कमा फात ह तभ कछ चच ॊरततसी रगती हो बफना ककसी सॊकोच क फात फताओrdquo तायाभरत न कहा ndash ldquoसवाभी आऩ तो भहातऩसवी ह आऩ क भख का तज उस वकॊ ठवासी क सभान ह आऩ स कमा छऩाना भयी चचॊता भयी कनमाओॊ का षववाह हrdquo उस ऩय वदध न कहा- ldquoभाता तमहाया दख भ जानता हॉ तमहाय सबी कषट दय हो औय तमहायी कनमाओॊ की शादी हो इसक लरम भ एक अदभत वरत फताता हॉ सनो इस वरत को सॊऩनन कयन स तमहाय साय कषट दय हो जामग शरी फाराजी क वरतो भ स मह सफस सयर हrdquo कहत हए उनहोन उस दॊऩरत को ऩया वरत षवधान फतामा वरत षवधान

सनकय षवषणचचतत न कहा- ldquoसवाभी मह तो अतमॊत सॊतोष की फात ह इसस फढकय सौबागम औय कमा होगा

कहत ह ना- शबसम शीिॊ आज भाघ ऩरणिभा ह फहत ही शब हदन ह आऩक कथा अनसाय हभ आज ही इस वरत

को सॊऩनन कयगrdquo षवषणचचततन ऩतनी तायाभरत औय सबी कनमाओॊ क साथ लभरकय उस हदन शाभ भ ही अऩन

फॊध-लभतरो क साथ बसकत औय रनषठा स फाराजी वरत को सॊऩनन ककमा वहाॉ उऩससथत सबी रोगो न वरत ऩया होन क

फाद चयणाभत परसाद गरहण ककमा औय अऩन-अऩन घय परसथान ककमा तफ षवषणचचतत औय तायाभरत न बराहभण

क चयणो को नभसकाय ककमा औय आशीवािद परापत ककमा बराहभणोततभ न बी चयणाभत परसाद गरहण ककमा औय

कहा- ldquoआऩकी भनोकाभना ऩयी हो शरी रकषभी शरी फाराजी की कऩा होrdquo

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अॊधया हो चरा था औय रनिा सभम आसनन था षवषणचचतत न उस बराहभण को एक पटी चादय दत हए आॉखो भ आस लरम कहा- सवाभी भ अतमॊत दरयिी हॉ इसस अचछी चादय भय ऩास नही ह भझ भा कय आज की यात इसी ऩय षवशराभ कय बराहभण भसकयात हए फोर- कोई फात नही भ फाहय फयाभद भ सो जाता हॉ कछ सभम फाद ही सबी रनिारोक भ षवचयण कयन रग आधी यात का सभम था बफजरी की गडगडाहट क साथ फारयश शर हई चायो ओय अॊधया था कहीॊ कछ नही हदखाई

द यहा था षवषणचचतत इस चच ॊता भ था कक वदध बराहभण फाहय कस सो यह होग उस सभम कछ सझ बी नही यहा था ककसी तयह उनहोन यात गजायी सवया हआ फारयश बी थभ चकी थी ऩरत-ऩतनी मही सोच यह थ कक बराहभण की कमा दशा हई होगी ककतना सहा होगा उनहोन मही सोचत हए वो फाहय आए उनह एक अदभत दशम हदखाई हदमा वहाॉ षवपरोततभ नही थ पहट हई चादय की जगह यशभ का षऩताॊफय यखा हआ था उस षऩताॊफय ऩय शरी फाराजी क

भतॉ ndash हदखाई दी व सफ कछ सभझ गम उनकी खषी का कोई हठकाना नही यहा उनक घय आम बराहभण औय

कोई नही साात शरी नायामणजी ही थ ह फाराजी कमा बागम ह हभाया ऩय हभ उनको ऩहचान नही ऩाम हभन उनको पटी हई चादय दी मह सोचत हए उनहोन शरी फाराजी की भतॉ को हाथ भ रकय आॉखो स रगामा औय

घय क अॊदय आम ऩया घय सोन स बया हआ था जहाॉ दखो वहाॉ धन याशी ह बगवान शरी फाराजी की वरत कथा की भहहभा स ही मह सफ सॊबव हो सका ऐसा कहत हए व बगवान की सतरत कयन रग आऩन दख साात शरी फाराजी ही उस बकत क घय आम थ वरत षवधान फतामा औय चयणाभत परसाद बी गरहण

ककमा शरी फाराजी फहत ही करणाभम ह जो बी इस वरत को बसकत औय रनषठा स कयगा उसक घय सवमॊ बगवान

ककसी ना ककसी रऩ भ आमग आऩ सबी इस वरत को सॊऩनन कय बगवान की कऩा परापत कय सकत ह शरी भहषषि षवशवालभतर जी न मह दषवतीम कथा इस तयह फताई

शरी रकषभी शरीरनवास कटाॊ लसषदधयसत

गोषवॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

दषवतीमोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

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ततीम अधमाम

शरी वलशषठ उवाच मह अधमाम भहातऩोरनषठ वरयषठ शरीवलशषठ भरन न शरीनायामणजी की कऩा स हभ षवसताय रऩ स फतामा ह ह कलरमग वालसमो शरीफाराजी क षपरम बकतो वकणठ भ रनवास कयनवार शरीनायामणजी आज क रतरभरा भ ससथत शरीफाराजी ही ह कलरमग वालसमो क कषट दय कयन क लरम बगवान आऩक फहत सभीऩ रतरभरा ऩहाड ऩय अवतारयत हए ह शरी फाराजी को खश कयन क लरए मह वरत उततभ ह औय सयर बी ह इस वरत को जो बसकत औय रनषठा स सॊऩनन कयता ह उस सबी सख परापत हो जात ह पराचीन सभम भ अवॊती दश भ बागमनगय नाभक एक नगय था नाभ क ही अनरऩ वहाॉ अनक धनवान (वमाऩायी) यहत थ ऩय व अऩनी सॊऩसतत को दख घभॊड कयत थ औय आभ रोगो को हीन दषटी स दखत थ धन-दौरत उनकी सवासजित ह ऐसा सोचकय घभॊड कयत थ बगवान की रनतम ऩजा-ऩाठ तो उनहोन ऩहर ही छोड दी थी कभ स कभ षवशष हदनो भ बी व ना भॊहदय जात ना ऩजा कयत ना ही दीऩ जरात एक हदन सबी धनवान अऩनी-अऩनी ऩतनीमो क साथ परीरत बोज भ वमसत थ उस नगय की ऩवि हदशा भ ही शरी रकषभी नायामण जी का भॊहदय था जहाॉ दीऩ जरानवारा कोई नही था उस हदन षवशष एकादशी थी सजस एक ऩवि हदन बी भाना जाता ह ऩय उस नगय क एक बी धनवान क भन भ भॊहदय भ ऩजा कयन का षवचाय नही आमा शाभ होत-होत आकाश भ घन फादर छा गम औय भसराधाय फारयश होन रगी वमाऩारयमो क घय ऩानी स बय गम चायो ओय अॊधकाय ह अॊधकाय था सवय होन तक ऩया नगय ऩानी भ डफ गमा वमाऩारयमो क घय टट-पट गम उनका साया ऐशवमि सभापत हो गमा ऐसा उऩिव कमो भचा मह पररम कस हो गमा ककसी को कछ बी सभझ भ नही आ यहा था इतन भ उनह एक षवचचतर दशम हदखाई हदमा नगय क फाहय जो झोऩडडमाॉ थी व तो वसी की वसी थी उनको आशचमि हआ इतनी फारयश भ बी म कस सही सराभत यही व ऐसा भन ही भन सोच यह थ कक इतन भ बफजरी कडकी औय आकाशवाणी हई ldquoए भखो तमहायी सॊऩसतत तमहायी अऩनी ह सवासजित ह ऐसा सोचत थ इसी लरम ऐसा हआ ह इस झोऩडी भ यहनवारा दव भया षपरम बकत ह आभ आदभी होन ऩय बी दव रनतम तमहाय नगय भ ससथत शरी रकषभी नायामण

भॊहदय भ दीऩ जराता था इतना ही नही हय एकादशी क हदन मथा सॊबव वह शरी फाराजी वरत कथा बी सॊऩनन कयता था इसी लरम इन झोऩडीमो भ यहनवार सबी रोग सयकषत यह आऩ सबी महद वरत सॊऩनन कयग तो अऩन-अऩन

ऐशवमि को ऩन परापत कय सकत होrdquo आकाशवाणी सनत ही तयॊत व सबी रोग उस भॊहदय भ गम औय जस

सॊबव हो सका वस सबी रोगोन एक-दसय क सहमोग स शरी फाराजी की वरत कथा सॊऩनन की ऐसा कयत ही सबी को उनक घय ऩवि रऩ भ ही परापत हो गम तफ स व सबी शरीफाराजी क बकत फन गम औय हय एकादशी को शरीफाराजी का वरत सॊऩनन कयत औय सख-शाॊरत परापत कय यहन रग अॊत भ उनहोन भसकत बी परापत की

शरीवलशषठजी न इस परकाय म कथा सनाई

गोषव ॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

ततीमोधमाम सभापतॊ |

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ

शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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चतथव अधमाम

शरी बयदवाज उवाच

शरीनायामण जी को ldquoशरीफाराजी वरत कथाrdquo अतमॊत षपरम ह चतथि अधमाम क रऩ भ हभाय साभन शरी बयदवाज

भरनदवाया फतामी नमी कहानी इस परकाय ह- ldquoह कलरमगवालसमो शरी नायामण क षपरम बकतो आऩ सजस वरत को सॊऩनन कय यह ह वह अदभत ह आऩकी भनोकाभनाओॊ को ऩणि कयन का साधन ह शरी फाराजी को परसनन कयन का मह अतमॊत सयर उऩाम ह आऩ सबी ऩय कऩा कयन क लरम ही वकॊ ठवासी बगवान शरीरनवास क रऩ भ रतरभरा ऩहाड ऩय अवतरयत हए ह अनक जनभो क ऩणमपर स ही रतरभरा ऩहाड ऩय ऩय यखन का सौबागम परापत होता ह औय बगवान क दशिन बी सॊबव होत ह इसी तयह इस ldquoवरतकथाrdquo को सॊऩनन कयन का सॊकलऩ बी ऩविजनभ क

ऩणमपर स ही सॊबव होता ह जो वमसकत इस वरत को सॊऩनन कय यह ह मा जो इस कथा को सन यह ह मा जो बगवान क परसाद को गरहण कयत ह उनह बगवान की कऩा परापत होती ह औय व सौबागम बी ऩात ह

पराचीन कार भ ldquoनगयीrdquo नाभक एक गराभ भ धनगपत नाभ का वमाऩायी यहता था वह फहत ही रारची था ऐशवमि परापत कयन ऩय बी उसका रारचीऩन कभ नही हआ मह सभसत ऐशवमि उसका ही कभामा हआ ह ऐसा सोचकय वह फहत घभॊड कयता था अहॊकाय भनषम का नाश कयता ह

धनगपत की ऩतनी काॊरतभती अतमॊत बसकत बावना यखती थी औय रनषठा स बगवान की ऩजा कयती थी उनकी तीन कनमाएॉ थी तीसयी कनमा ldquoकभायीrdquo भ बसकत बावना जमादा थी वह हभशा फाराजी का नाभ ही जऩती यहती थी षऩताजी को बफना फताम वह जफ-तफ शरी फाराजी क भॊहदय भ जाती थी औय बगवान क दशिन कयती थी घय आकय षऩताजी को छोड अनम सबी क साथ परसाद सवीकाय कयती थी ऩती क ऐस वमवहाय स

काॊरतभती थोडी चच ॊरतत होती थी

एक हदन ldquoकभायीrdquo की सहरी क घय ऩय ldquoशरी फाराजीrdquo का वरत सॊऩनन हो यहा था मह जानकय वो वहाॉ गई वरत ऩया होन तक दोऩहय हो चकी थी थोडासा परसाद उसन गरहण ककमा औय थोडा वह अऩन घयवारो क लरम एक

कागज की ऩडी भ रकय चरी फीच यासत भ उस पमास रगन रगी धऩ बी फहत तज थी उसन सोचा थोडी दय रक

कय पमास फझाकय कपय चरॉ तो ठीक यहगा तबी उस माद आमा कक उसक षऩता की दकान अगरी गरी भ ही तो ह वहाॉ जाकय उसन षऩताजी को ऩजा की फात बफना फताम षऩताजी स ऩानी भाॉगकय षऩमा औय षऩताजी गससा कयग

इस डय स उसन जलदी-जलदी ऩानी षऩमा इस घफयाहट भ परसाद की ऩडी वही दकान भ बरकय चरी गई

एकाएक फाजाय भ हडकॊ ऩ भच गमा रोग हाहाकाय भचात हए इधय-उधय बागन रग आगजनी क कायण उस गरी की सायी दकान जर कय याख होन रगी वस बी दोऩहय का सभम थाउस ऩय गभि हवाएॉ चर यही थीधनगपत का शयीय डय क भाय काॉऩन रगा ldquoकछ ही सभम भ उसकी दकान बी जर कय याख हो जाएगीrdquo इस षवचाय स उस क हाथ-ऩय काॉऩन रग सबी रोग अऩनी-अऩनी दकानो स फाहय आकय इधय-उधय बागन रग ऩय

धनगपत वही खडा यह गमा दकान छोडकय जान का भन नही कय यहा था महद वो दकान भ यहगा तो जरकय

याख हो जामगासोचत हए उसन घफयाहट भ उसक हाथ रगी ऩडी को उठामा औय बफना सोच सभझ जो हाथ आमा वो भॉह भ डार हदमा उस कछ भीठा-भीठा सा ऩदाथि रगा औय भन बी शाॊत होन रगा

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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तबी एक अदभत घटना घटीआग धनगपत की दकान तक आकय रक गमी आग की रऩत वहाॉ नही आ ऩामी मह कसी षवचचतर फात हम कसी भामा ह धनगपत क भॉहस एक बी फात नही रनकर ऩामी उधय आगजनी की खफय सनत ही ऩतनी काॊरतभती अऩन कनमाओॊ क साथ फाराजी का सभयण कयत हए दौडती हई वहाॉ आ गमी आग उनक दकान तक आकय कस रक गमी मह दखकय उस आशचमि हआ तबी कभायी को दकान भ बरी हई ऩडी की माद आई धनगपत को सभझन भ दय नही रगी कक उसन जो चीज भॉह भ डारी थी वो औय कछ नही तो बगवान का परसाद ही था औय उसकी भहहभा स ही व इस दघिटना स चक गम धनगपत न शरीफाराजी स भा भाॉगी गार फजाम शाभ भ ही नगयवालसमो को फराकय ldquoशरीफाराजी की वरत कथाrdquo सॊऩनन की तफ स वह बगवान की सवा भ रीन हो गमा औय अॊत भ भो बी परापत की आऩन दखा कक कवर परसाद गरहण कयन स ही वो ककतनी फडी दघिटना स चक गमा फाराजी की भहहभा अदभत ह आऩ सबी बी मथा सॊबव वरत को सॊऩनन कय क बगवान की कऩा परापत कय सकत हldquo

शरीबयदवाजजी न इस परकाय मह चतथि कथा सनामी

गोषवॊदगोषवॊदगोषवॊद

चतथोधमाम सभापतॊ |

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ऩॊचभ अधमाम

शरी अतरतर उवाच

रतरभरा-रतरऩती बरोक का वकणठ धाभ ह ऩयाणो भ फतामा गमा ह कक रतरभरा क सभान ऩषवतर सथर औय शरी फाराजी जस दवता न तो ऩहर कबी हए ह औय न कबी होग शरीरनवास क रऩ भ अवतरयत शरी नायामण अऩन

बकतो स फहत परभ कयत ह जो उन ऩय अऩना ऩया बाय डारकय उनह रनतम सभयण कयत ह जो सदाचाय स ऩणि जीवन बफतात ह वो उनकी या कयत ह ऐस शरीफाराजी को परसनन कयन का सफस सयर उऩाम ह ndash ldquoशरीफाराजी की वरत कथाrdquo

इस अदभत वरत कथा क फाय भ भहातऩसॊऩनन शरी अबतर भहषषि न कऩा कयत हए कहा ह- ldquo ह फाराजी क षपरम

बकतो कलरमग भ आऩक सौबागम क फाय भ कमा कहना कतमग तरतामग औय दवाऩायमग भ अतमॊत कठोय तऩ-

जऩ कयन ऩय बी परसनन न होन वार शरी नायामण इस मग भ कवर नाभसभयण स ही आऩ रोगो ऩय कऩा कय यह

ह षवशवास क साथ उनह फरान ऩय व तयॊत कऩा परदान कयत ह ऐस करणाभम ह शरीफाराजी ऩषवतर रतरभरा ऩय

तमहाया यखा हय कदभ अनक जनभो क ऩणमपर क सभान ह

पराचीन कार भ ldquoकौभायrdquo दश भ ldquoलभतरrdquo नाभक धोफी यहता था वो अऩन काभ क साथ-साथ धालभिक कामि कयता हआ जीवन रनवािह कय यहा था उसकी अऩॊगता ही उसकी चच ॊता थी इसी कायण धोए हए कऩडो की ऩोटरी फनाकय घय-घय घभकय उनह रोगो तक ऩहॉचाना उस धीय धीय भसशकर रगन रगा उसका ऩरयवाय फडा था बफना भहनत ककए उस बय ऩट खान को बी नही लभरता था हभशा वो शरी फाराजी की ऩजा कयता यहता था कबी ना कबी बगवान उस ऩय कऩा कयग इसी षवशवास स वो अऩना जीवन गजाय यहा था बकतो ऩय कऩा कयन वार फाराजी सफ कछ दखत यहत ह जो वमसकत अऩन कभो स भकती ऩाता ह उनक ऩास आकय फाराजी ककसी न ककसी रऩ भ आकय उनकी या कयत ह एक हदन शाभ क सभम हभशा की तयह लभतर कऩड धोकय कऩडो की ऩोटरी राद धीय-धीय चरता हआ आ

यहा था फीच यासत भ उस एक वदध बराहभण हदखाई हदम गौयव की बावना स फड होन क कायण लभतर न अऩन कॊ ध

ऩय रदी हई ऩोटरी को नीच उतायकय वदध बराहभण को नभसकाय ककमा तफ उस षवपरोततभ न कहा- ldquoतभ अऩन इस ऩय क कायण ककतना कषट सह यह हो तमहाया दख दखा नही जाताrdquo तफ लभतर न कहा-ldquoह नाथ आऩ फजगि ह बयाऩया ऩरयवाय होन क कायण भझ इस काभ स भकती नही लभर यही ह ककसी तयह भयी म अऩॊगता दय हो ऐसा कोई उऩाम फताइएrdquo

तफ बराहभण न कहा-ldquoसनो बाई भ जरय फताऊॉ गा धमान स सनो भ एक ऐस वरत क फाय भ फताता हॉ सजस सॊऩनन कयन स तमहायी अऩॊगता दय हो जाएगी तमह अषट ऐशवमो की परासपत होगी वरत सॊऩनन कयत ही तमह हजाय अशकपि माॉ लभरगी ऩय एक शति ह उसभ स आध तभ भझ दोगकर भ कपय इसी सभम महाॉ लभरॉगाrdquo तफ लभतर न कहा- ldquoसवाभी इसस फढकय सौबागम औय कमा हो सकता ह आज ही इस

वरत क फाय भ फताइए भ उस सॊऩनन करॉ गाrdquo लभतर क उतसाह को दख वदध न शरी फाराजी वरत कथा क फाय भ फतामा

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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लभतर दगन उतसाह क साथ घय आमा ऩयी कहानी ऩतनी को फतामी औय अडोस-ऩडोस क साथ लभरकय शरी फाराजी वरत को सॊऩनन ककमा चयणाभत परसाद गरहण ककमा घय आए सबी रोगो को बी हदमा तबी घय क फाहय कछ

कोराहर सनाई हदमा लभतर का फटा फाहय स दौडता हआ आमा औय फोरा- ldquoषऩताजी षऩताजी याज-यक आऩक लरम आए ह याजा न आऩक लरम बट बी बजी हrdquo इतन भ यक बी वहाॉ आ गम उनहोन फतामा कक उसकी रनमसकत याज दयफाय भ धोफी क रऩ भ हो गमी ह याजा न हजाय अशकपि माॉ ऩयसकाय सवरऩ बजी ह ऐसा कहकय उनहोन लभतर क हाथ भ हजाय अशकपिमो की ऩोटरी यख दी एक हफत क अॊदय-अॊदय

उस आकय नौकयी भ बतॉ होन को बी कहा लभतर क आनॊद की सीभा नही थी एक हफता कमो कर ही कमो नही सोचकय उसन अऩनी ऩोटरी-वोटरी फाॉधी औय दसय हदन सवय ही वो जान को तमाय हो गमा इस जलदफाजी भ वह

उस वदध की फात बर गमा फीच यासत भ उस उसकी फात माद आ गमी ऩय ठीक हअगर भहहन लभर रता हॉ सोच

कय वह याज दयफाय भ अऩन काभ ऩय रग गमा हदनभहहन फीत बराहभण क वश भ आए बगवान को गससा आमा बगवान न सोचा भनषम की परवसतत ऐसी ही होती ह उस भझ अऩनी भहहभा फतानी होगी

दसय ही हदन याणीवास स आबषण चोयी हो गम चोयी का इलजाभ लभतर ऩय आमा लभतर को कायावास की सजा हई hellipयाज यकोन उस तयह-तयह की मातनाएॉ दी ऐसा कमो हआउस ऩय मह इलजाभ कमो रगा सोचत हए लभतर को यात को सऩन भ बगवान हदखाई हदम उनहोन फतामा कक ldquoवदध बराहभण क रऩ भ व ही आम थ वो अऩनी फात स भकय गमा इसलरम म सफ हआ हrdquo तफ लभतर न कहा-ldquoह नाथभ ऩाऩी हॉ भन फहत फडा ऩाऩ ककमा ह कऩमा भझ ऩय दमा कीसजम अफ भ हय भहहन आऩका वरत सॊऩनन करॉ गा भयी आम का आधा बाग जीवन बय आऩको सभषऩित करॉ गाrdquo गार फजाकय उसन बगवान की हय तयह स पराथिना की बकतो की ऩकाय सननवार बगवान न खशी-खशी लभतर ऩय कऩा कय दी बगवान की कऩा स याणी क आबषण दसयही हदन लभर गम याजान म बी जान लरमा कक लभतरन चोयी नही की थी लभतरको कायावास स रयहा कय हदमा गमा तफ स लभतर बगवान को हदम वचन अनसाय हय भहहन शरी फाराजी का वरत सॊऩनन कयन रगा औय अऩनी आम का आधा बाग बगवान को अषऩित कयता यहा सख ऩणि जीवन बफतात हए उसन अॊत भ भो बी परापत ककमाrdquo

शरी अबतरजी न ऐसा कहकय ऩाॉचव औय आखयी अधमाम को सभापत ककमा

गोषवॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

ऩॊचभोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

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faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - मऻोऩवीतॊ सभऩिमालभ

गनधॊ चनदनागर कसतरय घनसाय सभसनवतॊ गनधॊ गहाण गोषवनद नानागॊधसचधायम

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हदवमऩरयभर गॊधाॊ सभऩिमालभ

(सवाभीजी क भतॉ को चॊदन रगाम) अताॊ

गोषवनदा ऩयभाननद हरयिा सहहततान षवशवशवय षवशारा गहाण ऩयभशवय

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - अतान सभऩिमालभ

(सवाभीजी क भतॉ ऩय अता डार चावर को हलदी कॊ कभ रगाक अता फनात ह) ऩषऩॊ

सगॊधारन सऩषऩारण जाजीकनदभखारन च भाररत वकरादषव ऩजाथ पररतगहमताॊ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - ऩषऩॊ सभऩिमालभ

अथाॊग ऩजा ॐ शरी वकटशवयाम नभ - ऩादौ ऩजमालभ

ॐ शरी वकटचरचधशाम नभ - गलफ़ौ ऩजमालभ

ॐ शरी परदामकाम नभ - जाननी ऩजमालभ

ॐ ऩदमावती ऩतम नभ - जॊघ ऩजमालभ

ॐ ऻानपरदाम नभ - ऊर ऩजमालभ

ॐ शरीरनवसाम नभ - कहटॊ ऩजमालभ

ॐ भहाबागाम नभ - नालबॊ ऩजमालभ

ॐ रनभिराम नभ - उदयॊ ऩजमालभ

ॐ षवशाररदमाम नभ - रदमभ ऩजमालभ

ॐ ऩरयशदधातभन नभ - सतनौ ऩजमालभ

ॐ ऩरषोततभाम नभ - बजौ ऩजमालभ

ॐ सवणिहसताम नभ - हसतौ ऩजमालभ

ॐ वयपरदाम नभ - कॊ ठॊ ऩजमालभ

ॐ रोकनाथाम नभ - सकनधौ ऩजमालभ

ॐ यसऻाम नभ - नालसकाॊ ऩजमालभ

ॐ ऩणमशरवन कीतिनाम नभ - शरोतर ऩजमालभ

ॐ ऩलरामफज षवरोचनाम नभ - नतर ऩजमालभ

ॐ वचिससवन नभ - रराटॊ ऩजमालभ

ॐ यमम षवगरहाम नभ - सवािणमनगारन ऩजमालभ

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ॐ शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हदवमसनदय षवगरहॊ ऩजमालभ

शरी वकटशवय अषटोततय शतनाभावलर

ॐ वकटशाम नभ

ॐ शरीरनवासाम नभ

ॐ रकषभीऩतम नभ ॐ अनाभमाम नभ ॐ अभताॊशाम नभ ॐ जगदवॊदवाम नभ ॐ गोषवनदाम नभ ॐ शाशवताम नभ ॐ परबव नभ ॐ शषाहि-रनरमाम नभ ॐ दवाम नभ ॐ कशवाम नभ ॐ भधसदनाम नभ ॐ अभताम नभ ॐ भाधवाम नभ ॐ कषणाम नभ ॐ शरीहयम नभ ॐ ऻान-ऩॊजयाम नभ ॐ शरी वतस-वस नभ ॐ सवशाम नभ ॐ गोऩाराम नभ ॐ ऩरषोततभाम नभ ॐ गोऩशवयाम नभ ॐ ऩयभ-जमोरतषम नभ ॐ वकनठऩतम नभ ॐ अवममाम नभ ॐ सधातनव नभ ॐ मादवनिाम नभ ॐ रनतम-मौवनरऩवत नभ ॐ चतवदातभकाम नभ ॐ षवषणव नभ

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ॐ अचमताम नभ ॐ ऩरदमनी-षपरमाम नभ ॐ धयाऩतम नभ ॐ सयऩतम नभ ॐ रनभिराम नभ ॐ दवऩसजताम नभ ॐ चतबिजाम नभ ॐ चकरधयाम नभ ॐ बतरधामन नभ ॐ बतरगणाशरमाम नभ ॐ रनषविकलऩाम नभ ॐ रनषकरनकाम नभ ॐ रनयाॊतकाम नभ ॐ रनयनजनाम नभ ॐ रनयाबासाम नभ ॐ रनतमतपताम नभ ॐ रनगिणाम नभ ॐ रनरऩिवाम नभ ॐ गदाधयाम नभ ॐ शायॊगऩाणम नभ ॐ ननदककन नभ ॐ शनखधायकाम नभ ॐ अनकभतिम नभ ॐ अवमकताम नभ ॐ कहटहसताम नभ ॐ वयपरदाम नभ ॐ अनकातभन नभ ॐ दीनफानधव नभ ॐ आतिरोक बमपरदाम नभ ॐ आकाशयाज-वयदाम नभ ॐ मोचग-रतऩदमभसनदयाम नभ ॐ दाभोदयाम नभ ॐ जगतऩाराम नभ

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ॐ ऩाऩघनाम नभ ॐ बकतवतसराम नभ ॐ बतरषवकरभाम नभ ॐ लशॊशभायाम नभ ॐ जटाभकट-शोलबताम नभ ॐ शनख-भदमोर-सनभॊजराम-ककसनकणमाडम-कयनडकाम नभ ॐ नीरभघ-शमाभ-तनव नभ ॐ बफलव-ऩतराचिन षपरमाम नभ ॐ जगदवमाषऩन नभ ॐ जगत-कत नभ ॐ जगत-साकषण नभ ॐ जगतऩतम नभ ॐ चचसनतताथि-परदाम नभ ॐ सजषणव नभ ॐ दाशावािम नभ ॐ दश-रऩवत नभ ॐ दवकक-ननदनाम नभ ॐ शौयम नभ ॐ हमगरीवाम नभ ॐ जनादिनाम नभ ॐ कनमा-शरवणतायजमाम नभ ॐ ऩीतामफयधयाम नभ ॐ अनघाम नभ ॐ वनभालरन नभ ॐ ऩदमनाबाम नभ ॐ भगमासकत-भानसाम नभ ॐ अशवरढाम नभ ॐ खडगधारयण नभ ॐ धनाजिन-सभतसकाम नभ ॐ गानसायर-सनभधम-कसतरय-रतरकोजवराम नभ ॐ ससतचदाननदरऩाम नभ ॐ जगनभनगरदामकाम नभ ॐ मऻरऩाम नभ

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ॐ मऻबोकत नभ ॐ चचनभमाम नभ ॐ ऩयभशवयाम नभ ॐ ऩयभाथि-परदाम नभ ॐ शानताम नभ ॐ शरीभत नभ ॐ दोदिनड-षवकरभाम नभ ॐ ऩयातऩयाम नभ ॐ ऩयबरहभण नभ ॐ शरीषवबव नभ ॐ जगदीशवयाम नभ

इतत शरी वकटशवय अषटोततय शतनाभावलर

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शरी भहारकषभी अषटोततय शतनाभावलर

ॐ परकतम नभ ॐ षवकतम नभ ॐ षवदमाम नभ ॐ सविबतहहतपरदाम नभ ॐ शरदधम नभ ॐ षवबतम नभ ॐ सयभम नभ ॐ ऩयभासतभकाम नभ ॐ वाचम नभ ॐ ऩदमारमाम नभ ॐ ऩदमाम नभ ॐ शचम नभ ॐ सवाहाम नभ ॐ सवधाम नभ ॐ सधाम नभ ॐ धनमाम नभ ॐ हहयणमम नभ ॐ रकषमम नभ ॐ रनतमऩषटाम नभ ॐ षवबावम नभ ॐ आहदतम नभ ॐ हदतम नभ ॐ दीपताम नभ ॐ वसधाम नभ ॐ वसधारयणम नभ ॐ कभराम नभ ॐ कानताम नभ ॐ काभाकषम नभ ॐ कभर समबवाम नभ ॐ अनगरहपरदाम नभ ॐ फदधम नभ ॐ अनघाम नभ

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ॐ हरयवलरबाम नभ ॐ अशोकाम नभ ॐ अभताम नभ ॐ दीऩाम नभ ॐ रोकशोक षवनालशनम नभ ॐ धभिरनरमाम नभ ॐ करणाम नभ ॐ रोकभातर नभ ॐ ऩदमषपरमाम नभ ॐ ऩदमहसताम नभ ॐ ऩदमाकषम नभ ॐ ऩदमसनदम नभ ॐ ऩदमोदभवाम नभ ॐ ऩदमभखम नभ ॐ ऩदमनाब षपरमाम नभ ॐ यभाम नभ ॐ ऩदमभाराधयाम नभ ॐ दवम नभ ॐ ऩरदमनम नभ ॐ ऩदमगसनधनम नभ ॐ ऩणमगनधाम नभ ॐ सपरसननाम नभ ॐ परसादालबभखम नभ ॐ परबाम नभ ॐ चनिवदनाम नभ ॐ चनिाम नभ ॐ चनिसहोदम नभ ॐ चतबिजाम नभ ॐ चनिरऩाम नभ ॐ इसनदयाम नभ ॐ इनद शीतराम नभ ॐ आहराद जननम नभ ॐ ऩषम नभ

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ॐ लशवाम नभ ॐ लशवकतम नभ ॐ सतमाम नभ ॐ षवभराम नभ ॐ षवशवजननम नभ ॐ तषम नभ ॐ दारयदरमनालशनम नभ ॐ परीरत ऩषकरयणम नभ ॐ शानताम नभ ॐ शकरभालमामफयाम नभ ॐ बासकम नभ ॐ बफलव रनरमाम नभ ॐ वयायोहाम नभ ॐ मशससवनम नभ ॐ वसनधयाम नभ ॐ उदायॊगम नभ ॐ हरयणम नभ ॐ हभभालरनम नभ ॐ धन धानमकतम नभ ॐ लसदधम नभ ॐ सतरणम सौममाम नभ ॐ शबपरदाम नभ ॐ नऩवशभ गताननदाम नभ ॐ वयरकषमम नभ ॐ वसपरदाम नभ ॐ शबाम नभ ॐ हहयणम पराकायाम नभ ॐ सभि तनमाम नभ ॐ जमाम नभ ॐ भॊगराम नभ ॐ षवषणव सथरससथताम नभ ॐ षवषणऩतनम नभ ॐ परसननाकषम नभ

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ॐ नायामण सभाचशरताम नभ ॐ दारयदरम धवॊलसनम नभ ॐ दवरकषभ नभ ॐ सवोऩिव रनवारयणम नभ ॐ नवदगािम नभ ॐ भहाकालम नभ ॐ बरहभा-षवषण-लशवासतभकाम नभ ॐ बतरकारऻानसमऩननाम नभ ॐ बवनशवम नभ ॐ भहारकषभी अषटोततय शत नभ

इरत शरी रकषभी अषटोततय शतनाभावलर

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शरी ऩदमावती अषटोततय शतनाभावलर

ॐ ऩदमावततम नभ ॐ दवम नभ ॐ ऩदमोदभवाम नभ ॐ करणापरदारमनम नभ ॐ सरदमाम नभ ॐ तजसवरषऩणम नभ ॐ कभरभखम नभ ॐ ऩदमधयाम नभ ॐ शरीम नभ ॐ ऩदमनतरम नभ ॐ ऩदमकयाम नभ ॐ सगणाम नभ ॐ कभकभषपरमाम नभ ॐ हभवणािम नभ ॐ चनिवसनदताम नभ ॐ धगधगपरकाश शयीय-धारयणम नभ ॐ षवषणषपरमाम नभ ॐ रनतमकलमाणम नभ ॐ कोहटसमिपरकालशणम नभ ॐ भहासौनदमिरषऩणम नभ ॐ बकतवतसराम नभ ॐ बरहभानडवालसनम नभ ॐ सविवानचापरदारमनम नभ ॐ धभिसनकलऩाम नभ ॐ दाकषणमकटाकषणम नभ ॐ बसकतपरदारमनम नभ ॐ गणतरमाषववसजिताम नभ ॐ कराषोडशसॊमताम नभ ॐ सविरोकानानजननम नभ ॐ भसकतदारमनम नभ ॐ दमाभतामाम नभ ॐ परऻाम नभ

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ॐ भहाधभािम नभ ॐ धभिरषऩणम नभ ॐ अरनकाय षपरमाम नभ ॐ सविदारयदरमधवॊलसनम नभ ॐ शरीवकटशवसथरससथताम नभ ॐ रोकशोकषवनालशनम नभ ॐ वषणवम नभ ॐ रतरचानरऩयवालसनम नभ ॐ वदवदमषवशायदाम नभ ॐ षवषणऩादसषवताम नभ ॐ यतनपरकाशककयीटधारयणम नभ ॐ जगनभोहहनम नभ ॐ शसकतसवरषऩणम नभ ॐ परसननोदमाम नभ ॐ इनिाहददवत मककननय ककमऩरष ऩसजताम नभ ॐ सविरोकरनवालसनम नभ ॐ बजमाम नभ ॐ ऐशवमिपरदारमनम नभ ॐ शानताम नभ ॐ उननतसथानससथताम नभ ॐ भनदायकालभनम नभ ॐ कभराकयाम नभ ॐ वदानतऻानरषऩणम नभ ॐ सविसमऩसततरषऩणम नभ ॐ कोहटसमिसभपरबाम नभ ॐ ऩजापरदारमनम नभ ॐ कभरासनाहद सविदवताम नभ ॐ वकनठवालसनम नभ ॐ अबमदारमनम नभ ॐ िाापरऩामसषपरमाम नभ ॐ नतमगीतषपरमाम नभ ॐ ीयसागयोदभवाम नभ ॐ आकाशयाज ऩबतरकाम नभ

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ॐ सवणिहसतधारयणम नभ ॐ काभरषऩणम नभ ॐ करणाकटाधारयणम नभ ॐ अभतासजाम नभ ॐ बरोकसवगिसखदारमनम नभ ॐ अषटहदकऩारकाचधऩतम नभ ॐ भनभधदऩि सॊहारयणम नभ ॐ कभराथिबागाम नभ ॐ सवलऩऩयाध-भहाऩयाध-भाम नभ ॐ शतकोहटतीथिवालसताम नभ ॐ नायदाहद भरनशरषठ ऩसजताम नभ ॐ आहदशनकयऩसजताम नभ ॐ परीरतदारमनम नभ ॐ सौबागमपरदारमनम नभ ॐ भहाकीतॉ परदारमनम नभ ॐ कषणारतषपरमाम नभ ॐ गनधवि शाऩषवभोचकाम नभ ॐ कषणऩतनम नभ ॐ बतररोकऩसजताम नभ ॐ जगनभोहहनम नभ ॐ सरबाम नभ ॐ सशीराम नभ ॐ अॊजनासतानगरहपरदारमनम नभ ॐ बकतमातभरनवालसनम नभ ॐ सॊधमावसनदनम नभ ॐ सविरोकभातर नभ ॐ अलबभतदारमनम नभ ॐ रलरतावधतम नभ ॐ सभसतशासतर षवशायदाम नभ ॐ सवणािबयणधारयणम नभ ॐ इहऩयरोक सखपरदारमनम नभ ॐ कयवीयरनवालसनम नभ ॐ नागरोकभरणसह आकाशलसनध कभरशवय ऩरयतयधगभनाम नभ

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ॐ शरी शरीरनवासषपरमाम नभ ॐ चनिभनडरससथताम नभ ॐ अलरवर भनगाम नभ ॐ हदवमभनगर धारयणम नभ ॐ सकलमाणऩीठससथताम नभ ॐ काभकवनऩषऩषपरमाम नभ ॐ कोहट भनभधरषऩणम नभ ॐ बानभनडररषऩणम नभ ॐ ऩदमऩादाम नभ ॐ यभाम नभ ॐ सविरोकसबानतय धारयणम नभ ॐ सविभानसवालसनम नभ ॐ सवािम नभ ॐ षवशवरऩाम नभ ॐ हदवमऻानाम नभ ॐ सवभनगररषऩणम नभ ॐ सवािनगरहपरदारमनम नभ ॐ ॐकायसवरषऩणम नभ ॐ बरहभऻानसॊबताम नभ ॐ शरी ऩदमावतम नभ ॐ सदमोवदवतम नभ ॐ शरीभहारकषमम नभ

इरत शरी ऩदमावती अषटोततय शतनाभावलर

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धऩभ दशाॊगभ गगगरोऩतॊ गोघतन सभसनवतभ धऩॊ गहाण दवश सविरोक नभसकाया

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - धऩभािाऩमालभ

(सवाभीजी क भतॉ की अगयफतती औय धऩ स आयती कय)

दीऩभ

बतररोकश भहादव सविऻान परदामक दीऩॊ दासमालभ दवश यभाभ बकतवतसर

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - दीऩॊ दशिमालभ

(सवाभीजी क भतॉ की दीऩ स आयती कय )

नवदमभ

सविबशच बोजजशच यस षडलब सभसनवतॊ नवदमनत भमानीतभ गहाण ऩरषोततभ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - नवदमॊ सभऩिमालभ

(सवाभीजी को परसाद चढाम अगय करा ह तो ldquoकदरीपर रनवदमालभrdquo नारयमर ह तो ldquoनारयकर परॊ रनवदमालभrdquo ऐस कह अगय गड ह तो ldquoगडोऩहाय नवदमभ सभऩिमालभrdquo कह)

ॐ पराणाम सवाहा ॐ आऩानाम सवाहा ॐ वमानाम सवाहा ॐ उदनाम सवाहा ॐ सभानाम सवाहा ॐ ऩयबरहभण सवाहा ॐ बबिव सव ततसषवतय-वयणमभ बगो दवसम धीभहह चधमो मो न परचोदमात ॐ आऩो जमोरतयसोभतॊ बरहभ बबिव सवयोभ भधम भधम ऩानीमभ सभऩिमालभ

अभताषऩधानभलस उततयाऩोशनभ सभऩिमालभ हसतौ परारमालभ ऩादौ परारमालभ ऩनयाचभनीमभ सभऩिमालभ

तामफरभ ऩगीपर सकऩिय नागवलरीदरमितॊ भकताचणि सभामकतॊ तामफरॊ पररतगहमताॊ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - तामफरभ सभऩिमालभ

नीयाजनभ चशरम कानताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरीवकटरनवासाम शरीरनवासाम भनगरभ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ नीयाजनभ दशिमालभ

ऩनयाचभनीमभ सभऩिमालभ

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भॊतरऩषऩभ

ॐ सहसतरशीषिभ दवॊ षवशवाॊ षवशवशॊबवॊ षवशवॊ नायामणनदवभ अयॊ ऩयभॊ ऩदॊ १

षवशवत ऩयभासननतमॊ षवशवॊ नायामणॊ हरयॊ षवशवभवदॊ ऩरषसतदषवशवॊ उऩजीवरत २

ऩरतॊ षवशवसमातभशवयॊ शाशवतॊ लशवभचमतॊ नायामणॊ भहाऻमॊ षवशवतभानॊ ऩयामणॊ ३

नायामण ऩयोजमोरत आतभा नायामण ऩय नायामण ऩयभ बरहभ ततवभ नायामण ऩय नायामण ऩयो धमाता धमानभ नायामण ऩय ४

मचच ककसनचत जगतसव दशमत शरमतषऩ वा अनतफिहहशचततसविभ वमापमा नायामण ससथत ५

अननतभ अवममभ कषवॊ सभिनतभ षवशवशमबवभ ऩदमकोश परतीकाशभ रदमभ चापमधोभखभ ६

अधोरनषमा षवतसतमानत नाभमाभऩरय रतषठरत जवाराभाराकरॊबारत षवशवसमामातनभ भहत ७

सनततॊ लशरालबसत रॊफतमाकोशससननबभ तसमानत सलशयभ सकषभभ तससभन सविभ पररतसषठतभ ८

तसमभधम भहान असगन षवशवायचचषविशवतो भख सोगरबसगवबजन रतषठाननाहाय भजय कषव

रतमिगधवाि भधशशामीयशभमा सतसम सनतता ९

सॊताऩमरत सवॊ दह भाऩादतरभसतक तसम भधम वसनह लशखा अणीमोधवाि वमवससथत १०

नीरथो मदभधमसता षवदमलरखव बासवया नीवायशकवततनवी ऩीताबा सवतमनऩभा ११

तसमा लशखामा भधम ऩयभातभा वमवससथत स बरहभ स लशव स हरय स इनि सोय ऩयभासवयात १२

ॐ तद बरहभ ॐ तद वाम ॐ तदातभा ॐ ततसतमभ ॐ ततसविभ ॐ ततऩयोनिभ अनतशचयरत बतष गहामाभ षवशवभरत िष तवभ मऻसतवभ वषकायसतवभ इनिसतवभ रिसतवभ

षवषणसतवभ बरहभतवभ परजाऩरत तवभ तदाऩ आऩो जमोरत यसोवतभ बरहभ बबिवससवयोभ १३

गदा ऩन शॊखयथानगकलऩक धवजायषवॊदाॊकश वजररासशचत ह शरीरनवास तवत चयणामफज दवमॊ भदीम भधािन भरज ॐ रनयॊजनाम षवदमह रनयाबासाम धीभहह तननो शरीरनवास परचोदमात शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हदवमभनतरऩषऩॊ सभऩिमालभ

परदकषण नभसकाय

शरोकॊ मारनकारन च ऩाऩारन जनभानतय कतारन च तारन तारन परणशमसनत परदकषण ऩद ऩद ऩाऩोहभ ऩाऩकभािहभ ऩाऩातभा ऩाऩसॊबव तराहहभाभ कऩभमा दव शयणगतवतसर अनमधा शयणॊ नाससत तवभव शयणॊ भभ तसभात कारणम बावन य य जनादिन

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - आतभपरदकषण नभसकायान सभऩिमालभ

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षवषवधोऩचाय ऩजा छतरॊ धायमालभ चाभयॊ वीजमालभ नतमॊ दशिमालभ गीतॊ शरावमालभ वादमॊ घोषमालभ आॊदोलरकान आयोहमालभ आशवानायोहमालभ गजानायोहमालभ सभसत यजोऩचाय शकतमऩचाय

मनतरोऩचाय दवोऩचाय सवोऩचाय ऩजाॊ सभऩिमालभ

भाऩवणभ भनतरहीनॊ ककरमाहीनॊ बसकतहीनॊ जनादिन मतऩसजतभ भमा दव ऩरयऩणिभ तदसतत

अनमा धमानावाहनाहद षोडशोऩचाय ऩजमा च बगवन सवाितभक शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरी वकटशवय सवरऩो बगवान सपरीत सपरसननो वयदो बवत शरी वकटशवय दव परसादॊ लशयसा गहणालभ

तीथवभ

अकार भतमहयणॊ सविवमाचध रनवायणभ सवि ऩाऩमकयॊ दव ऩादोदकॊ ऩावनॊ शबॊ

नवदमभ

ॐ बबिवससव ॐ ततसषवतवियणमभ बगो दवसम धीभहह चधमो मो न परचोदमात सतमॊ तवतन ऩरयषषॊचालभ अभतभसत अभतोऩसतयणभलस ॐ पराणाम सवा ॐ अऩानाम सवा ॐ वमानाम सवा ॐ उदानाम सवाह ॐ सभानाम सवा ॐ बरहभण सवा

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - भहानवदमभ सभऩिमालभ

अभताषऩधानभलस उततयाऩोशनभ सभऩिमालभ हसतौ परारमालभ ऩादौ परारमालभ शदध आचभनीमॊ सभऩिमालभ

तामफरॊ सभऩिमालभ सवणिभनतरऩषऩॊ सभऩिमालभ परदकषण नभसकायन सभऩिमालभ

अनमाधमानावाहनाहद षोडषोऩचाय ऩजमा बगवान सवाितभक शरी रकषभी ऩदमावती सभत वकटशवय सवाभी सपरीत सपरसननो वयदो बवत शरी रकषभी ऩदमावती सभत वकटशवय सवाभी परसादॊ लशयसा गहणालभ

उदवासनभ मऻन मऻभमजनत दवासतारन धभािरण परथभानमासन

तहनाकॊ भहहभानससचनत मतर ऩव साधमा ससनत दवा

गचछ गचछ सयशरषठ सवसथान शरी वकटशवय बकताबीषट सभधमथिभ ऩनयागभनाम च

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरी वकटशवय सवाभी मथासथानॊ उदवासमालभ

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परथभ अधमाम

शरी बगवान उवाच

कलरमग भ एक हदन शब भहति भ रतरभरा ऩहाड ऩय (सजस धयती का वकॊ ठ कहा जाता ह ) ldquoषवशवऩरत नाभक एक बकत ऩय शरी फाराजी की कऩा हई शरी षवषण क अवताय शरी फाराजी (वकटशवय) जो महाॉ शरीरनवास क रऩ भ ऩज जात ह उनहोन षवशवऩरत को ldquoशरी फाराजी वरत कथाrdquo नाभ स परलसधद इस गरॊथ की यचना कयन की आऻा दी औय कहा- ldquoह भय षपरम बकत षवशवऩरत भय षपरम होन क कायण इस वरत को षवसताय रऩ स तमह फाता हॉ सनो म

वरत भझ अरत षपरम ह आसान होन क कायण इस सबी रोग सॊऩनन कय सकत ह

कलरमग भ भानव अऩन ऩाऩ कभो का पर बोगता ह अनक कषट सहत हए जीवन रनवािह कयता ह कछ बकत

अऩन दख भझ फताकय उनह दय कयन क लरम कहत ह फहत स ऩस खचि कय वो भझ दखन क लरम रतरभरा की मातरा कयत ह भय बकतो स भझ परभ ह व भझऩय अऩना ऩया बाय डार दत ह भ उनह धभि क भागिऩय चराता हॉ

अबी भ जो मह वरत कथा तमह फतान जा यहा हॉ वो ldquoशरी फाराजी की कथाrdquo क नाभ स परलसदध होगा म भया वरत भझ अरतषपरम ह जो वमसकत इस बसकत औय रनषठा स कयगा वह तयॊत ऩाय ऩामगा कोई बी वमसकत कबी बी इस वरत को सॊऩनन कय सकता ह भखम रऩ स भागिशीषि भाघ कारत िक भहहनो भ ऩणिभासी ऩॊचभी सपतभी एकादशी रतचथमो ऩय मा शरवण सवारत नतरो ऩय इस कयना शरषठ होता ह

इस घोय कलरमग भ भय बकत जो कषट सह यह ह उनह भ जानता हॉ तमह जफ बी कोई कषट हो कोई सभसमा हो सवासम ठीक ना हो नौकयी वमाऩाय भ सभसमाएॉ हो भन अशाॊत हो तो इस वरत को सॊऩनन कयना चाहहम इसस

साय कषट दय हो जात ह घय भ शब कामि होन ऩय इस वरत को सॊऩनन कयन स बफना ककसी सभसमा क कामि ऩणि हो जाता ह इस वरत को सॊऩनन कयत ही सबी सख परापत होत ह औय अषट ऐशवमो की परासपत होती ह

सफय मा शाभ इस वरत को सॊऩनन कय सकत ह इस वरत भ ऩाॉच अधमाम ह इनका ऩठन बसकत क साथ कयना चाहहम अऩन घय भ मा रनवास सथान ऩय भॊहदय भ मा ककसी बी ऩषवतर सथान भ नदी तट ऩय सॊऩनन कय सकत ह

महद सॊबव हो तो अऩन फॊध लभतरो क साथ इस सॊऩनन कयन स जमादा शरषठ होता ह जो इस सॊऩनन कयत ह मा जो इस सनत ह वरत सॊऩणि होन क फाद परसाद को बसकत स सवीकाय कयत ह वो अषट ऐशवमो को परापत कयत ह इसस

ऩहर बी भय बकतो न कई भरनमो न इस वरत को सॊऩनन ककमा औय भया आशीवािद ऩामा बरोक भ यहनवार सबी को मह वरत आनॊद परदान कयगा औय शब पर बी परापत होगा शाॊत चचतत स भझ माद कयत हए इस वरत का ऩारन

कयो

सवि परथभ जहाॉ वरत कयना चाहत हो उस सथर को साप कयो भॊडऩ की वमवसथा कय भयी तसवीय सजसभ भयी षपरम

सरखमाॉ शरी दवी बदवी ह उस तसवीय को इस भॊडऩ ऩय सथाषऩत कयो भॊडऩ को दीवाय स रगाकय बी यख सकत हो अनम ककसी इचछक दवता की तसवीय बी सख सकत हो नवगरहो औय अषट हदकऩारको को मा तो भन भ नभसकाय

कयो मा उनका आवहान बी कय सकत हो

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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सफस ऩहर हलदी स फनी गणश की ऩजा कयनी चाहहम उसक फाद उस वरत क ऩाॉचो अधमामो का रनषठा स ऩठन

कयना चाहहम मही परथभ अधमाम ह अनम चाय अधमाम भय अतमॊत षपरम ऩातर षवशवालभतर वलशषठ बयदवाज अबतर

भरनशवयो क परवचना रऩ भ ह ऩाॉच अधमामोको ऩढन क फाद भय षपरम शरोक बी ऩढ सकत हो हय अधमाम क अॊत

भ गोषव ॊद गोषव ॊद गोषव ॊद तीन फाय सभयण कयना चाहहम

आभ रोगो क कषटो को भ जानता हॉ इसी लरम भयी एक फात सनो महद ककसी कायण इस वरत को षवसताय रऩ स

सॊऩनन कयन भ कोई सभसमा आ यही हो तो भय तसवीय को साभन यख कय ऩहर गणश जी की कपय नवगरह दवताओॊ औय अषटहदकऩारको को सभयण कय ऩाॉच कहरनमाॉ ऩढकय अऩन भन भ जो इचछा ह उस भझ फताओ भ उस

परसाद क रऩ भ परदान करॉगा इस परकाय कयन स बी कामि की लसषदध होती ह तमहाय कषट दय हो जामग औय शब

पर परापत होगा

जो वमसकत इस वरत को बसकत स सॊऩनन कयगा भ उसक घय ककसी ना ककसी रऩ भ आकय परसाद सवीकाय करॉगा भयी कऩा आऩ सबी को हभशा परापत होगी शरी फाराजी न रतमभयाज षवशवऩरत याभकषणभरत ि ldquoषवशवऩरतrdquo को इस वरत कथा को षवसताय स फतामा कलरमगवासी हभ सबी इस वरत को सॊऩनन कय शरी फाराजी की कऩा क ऩातर फन सकत ह इस वरत को सॊऩनन कय हभ अऩन सबी कषट दय कय सकत ह औय उचचत पर बी परापत कय

सकत ह

गोषवॊदगोषवॊदगोषवॊद

परथभोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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दषवतीम अधमाम

शरी षवशवालभतर उवाच

भहातऩ सॊऩनन साात शरी षवशवालभतर जी न हभ ऩय कऩा की औय परवचन कयत हए कहा- ldquoह कलरमग वालसमो शरीरनवास क बकतो ldquoशरीफाराजी वरत कथाrdquo सजस आऩ सॊऩनन कय यह हो वह फहत ही ऩषवतर ह भहहभा स ऩणि ह मह वरत कलरमग भ शरी नायामण जी की करणा औय दमा परापत कयन का अतमॊत सयर साधन ह पराचीन कार भ शरी फाराजी क षपरम बकतो न इस सॊऩनन कय अऩनी काभनाओॊ को ऩणि ककमा इस वरत कथा क फाय भ हभ फताकय शरी फाराजी न हभाय पररत जो दमा हदखाई ह उसक लरए हभ उनह परणाभ कयत ह

पराचीन कार भ भगध याजम भ षवषणचचतत नाभक एक बकत यहता था उसकी नौ कनमाएॉ थी षवदवान होन ऩय बी वह अतमॊत गयीफ था षवषणचचतत की ऩतनी तायाभरत हभशा नायामणजी की पराथिना कयती यहती थी षववाहाहद शबकामि सॊऩनन कय जो बी ऩस दकषणा क रऩ भ लभरत थ उसस व भसशकर स अऩना जीवन रनवािह कय

यह थ कनमाएॉ मौवनावसथा भ ऩदाऩिण कय चकी थी तायाभरत हभशा इसी चच ॊता भ यहती थी कक इन कनमाओॊ का षववाह ककस परकाय सॊऩनन होग वह फाराजी की पराथिना कयत हए सदा अऩना सभम गजायती थी

वह तो फाराजी की बकत थी औय फाराजी अऩन बकतो स अतमाचधक परभ कयत ह उस हदन भाघ ऩरणिभा थी सवय

एक वदध बराहभण न षवषणचचतत क दयवाज ऩय दसतक दी औय कहा - ldquoह सवाभी भ फॊग दश का वासी हॉ एक मऻ

क लसरलसर भ दसय दश जा यहा हॉ यासत भ महाॉ आमा हॉ भझऩय दमा कयो औय अऩन घय भ एक हदन क लरए

यहन दो कर सवयही भ महॉ स चरा जाऊॉ गाrdquo उन की फात सनकय षवषणचचततन कहा lsquoनाथ इसस फढकय खशी औय कमा हो सकती ह अरतचथ साात नायामण जी क सभान होत ह ऐस हभाय ऩयाणो भ कहा गमा ह आऩ बफना ककसी सॊकोच क हभाय घय भ यह सकत हlsquo ऐसा कह कय उसन उस बराहभण को घय क अॊदय फरामा औय उनका सतकाय ककमा

दोऩहय भ बोजन क फाद उस वदध न तायाभरत स ऩछा ndash ldquoभाता कमा फात ह तभ कछ चच ॊरततसी रगती हो बफना ककसी सॊकोच क फात फताओrdquo तायाभरत न कहा ndash ldquoसवाभी आऩ तो भहातऩसवी ह आऩ क भख का तज उस वकॊ ठवासी क सभान ह आऩ स कमा छऩाना भयी चचॊता भयी कनमाओॊ का षववाह हrdquo उस ऩय वदध न कहा- ldquoभाता तमहाया दख भ जानता हॉ तमहाय सबी कषट दय हो औय तमहायी कनमाओॊ की शादी हो इसक लरम भ एक अदभत वरत फताता हॉ सनो इस वरत को सॊऩनन कयन स तमहाय साय कषट दय हो जामग शरी फाराजी क वरतो भ स मह सफस सयर हrdquo कहत हए उनहोन उस दॊऩरत को ऩया वरत षवधान फतामा वरत षवधान

सनकय षवषणचचतत न कहा- ldquoसवाभी मह तो अतमॊत सॊतोष की फात ह इसस फढकय सौबागम औय कमा होगा

कहत ह ना- शबसम शीिॊ आज भाघ ऩरणिभा ह फहत ही शब हदन ह आऩक कथा अनसाय हभ आज ही इस वरत

को सॊऩनन कयगrdquo षवषणचचततन ऩतनी तायाभरत औय सबी कनमाओॊ क साथ लभरकय उस हदन शाभ भ ही अऩन

फॊध-लभतरो क साथ बसकत औय रनषठा स फाराजी वरत को सॊऩनन ककमा वहाॉ उऩससथत सबी रोगो न वरत ऩया होन क

फाद चयणाभत परसाद गरहण ककमा औय अऩन-अऩन घय परसथान ककमा तफ षवषणचचतत औय तायाभरत न बराहभण

क चयणो को नभसकाय ककमा औय आशीवािद परापत ककमा बराहभणोततभ न बी चयणाभत परसाद गरहण ककमा औय

कहा- ldquoआऩकी भनोकाभना ऩयी हो शरी रकषभी शरी फाराजी की कऩा होrdquo

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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अॊधया हो चरा था औय रनिा सभम आसनन था षवषणचचतत न उस बराहभण को एक पटी चादय दत हए आॉखो भ आस लरम कहा- सवाभी भ अतमॊत दरयिी हॉ इसस अचछी चादय भय ऩास नही ह भझ भा कय आज की यात इसी ऩय षवशराभ कय बराहभण भसकयात हए फोर- कोई फात नही भ फाहय फयाभद भ सो जाता हॉ कछ सभम फाद ही सबी रनिारोक भ षवचयण कयन रग आधी यात का सभम था बफजरी की गडगडाहट क साथ फारयश शर हई चायो ओय अॊधया था कहीॊ कछ नही हदखाई

द यहा था षवषणचचतत इस चच ॊता भ था कक वदध बराहभण फाहय कस सो यह होग उस सभम कछ सझ बी नही यहा था ककसी तयह उनहोन यात गजायी सवया हआ फारयश बी थभ चकी थी ऩरत-ऩतनी मही सोच यह थ कक बराहभण की कमा दशा हई होगी ककतना सहा होगा उनहोन मही सोचत हए वो फाहय आए उनह एक अदभत दशम हदखाई हदमा वहाॉ षवपरोततभ नही थ पहट हई चादय की जगह यशभ का षऩताॊफय यखा हआ था उस षऩताॊफय ऩय शरी फाराजी क

भतॉ ndash हदखाई दी व सफ कछ सभझ गम उनकी खषी का कोई हठकाना नही यहा उनक घय आम बराहभण औय

कोई नही साात शरी नायामणजी ही थ ह फाराजी कमा बागम ह हभाया ऩय हभ उनको ऩहचान नही ऩाम हभन उनको पटी हई चादय दी मह सोचत हए उनहोन शरी फाराजी की भतॉ को हाथ भ रकय आॉखो स रगामा औय

घय क अॊदय आम ऩया घय सोन स बया हआ था जहाॉ दखो वहाॉ धन याशी ह बगवान शरी फाराजी की वरत कथा की भहहभा स ही मह सफ सॊबव हो सका ऐसा कहत हए व बगवान की सतरत कयन रग आऩन दख साात शरी फाराजी ही उस बकत क घय आम थ वरत षवधान फतामा औय चयणाभत परसाद बी गरहण

ककमा शरी फाराजी फहत ही करणाभम ह जो बी इस वरत को बसकत औय रनषठा स कयगा उसक घय सवमॊ बगवान

ककसी ना ककसी रऩ भ आमग आऩ सबी इस वरत को सॊऩनन कय बगवान की कऩा परापत कय सकत ह शरी भहषषि षवशवालभतर जी न मह दषवतीम कथा इस तयह फताई

शरी रकषभी शरीरनवास कटाॊ लसषदधयसत

गोषवॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

दषवतीमोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ततीम अधमाम

शरी वलशषठ उवाच मह अधमाम भहातऩोरनषठ वरयषठ शरीवलशषठ भरन न शरीनायामणजी की कऩा स हभ षवसताय रऩ स फतामा ह ह कलरमग वालसमो शरीफाराजी क षपरम बकतो वकणठ भ रनवास कयनवार शरीनायामणजी आज क रतरभरा भ ससथत शरीफाराजी ही ह कलरमग वालसमो क कषट दय कयन क लरम बगवान आऩक फहत सभीऩ रतरभरा ऩहाड ऩय अवतारयत हए ह शरी फाराजी को खश कयन क लरए मह वरत उततभ ह औय सयर बी ह इस वरत को जो बसकत औय रनषठा स सॊऩनन कयता ह उस सबी सख परापत हो जात ह पराचीन सभम भ अवॊती दश भ बागमनगय नाभक एक नगय था नाभ क ही अनरऩ वहाॉ अनक धनवान (वमाऩायी) यहत थ ऩय व अऩनी सॊऩसतत को दख घभॊड कयत थ औय आभ रोगो को हीन दषटी स दखत थ धन-दौरत उनकी सवासजित ह ऐसा सोचकय घभॊड कयत थ बगवान की रनतम ऩजा-ऩाठ तो उनहोन ऩहर ही छोड दी थी कभ स कभ षवशष हदनो भ बी व ना भॊहदय जात ना ऩजा कयत ना ही दीऩ जरात एक हदन सबी धनवान अऩनी-अऩनी ऩतनीमो क साथ परीरत बोज भ वमसत थ उस नगय की ऩवि हदशा भ ही शरी रकषभी नायामण जी का भॊहदय था जहाॉ दीऩ जरानवारा कोई नही था उस हदन षवशष एकादशी थी सजस एक ऩवि हदन बी भाना जाता ह ऩय उस नगय क एक बी धनवान क भन भ भॊहदय भ ऩजा कयन का षवचाय नही आमा शाभ होत-होत आकाश भ घन फादर छा गम औय भसराधाय फारयश होन रगी वमाऩारयमो क घय ऩानी स बय गम चायो ओय अॊधकाय ह अॊधकाय था सवय होन तक ऩया नगय ऩानी भ डफ गमा वमाऩारयमो क घय टट-पट गम उनका साया ऐशवमि सभापत हो गमा ऐसा उऩिव कमो भचा मह पररम कस हो गमा ककसी को कछ बी सभझ भ नही आ यहा था इतन भ उनह एक षवचचतर दशम हदखाई हदमा नगय क फाहय जो झोऩडडमाॉ थी व तो वसी की वसी थी उनको आशचमि हआ इतनी फारयश भ बी म कस सही सराभत यही व ऐसा भन ही भन सोच यह थ कक इतन भ बफजरी कडकी औय आकाशवाणी हई ldquoए भखो तमहायी सॊऩसतत तमहायी अऩनी ह सवासजित ह ऐसा सोचत थ इसी लरम ऐसा हआ ह इस झोऩडी भ यहनवारा दव भया षपरम बकत ह आभ आदभी होन ऩय बी दव रनतम तमहाय नगय भ ससथत शरी रकषभी नायामण

भॊहदय भ दीऩ जराता था इतना ही नही हय एकादशी क हदन मथा सॊबव वह शरी फाराजी वरत कथा बी सॊऩनन कयता था इसी लरम इन झोऩडीमो भ यहनवार सबी रोग सयकषत यह आऩ सबी महद वरत सॊऩनन कयग तो अऩन-अऩन

ऐशवमि को ऩन परापत कय सकत होrdquo आकाशवाणी सनत ही तयॊत व सबी रोग उस भॊहदय भ गम औय जस

सॊबव हो सका वस सबी रोगोन एक-दसय क सहमोग स शरी फाराजी की वरत कथा सॊऩनन की ऐसा कयत ही सबी को उनक घय ऩवि रऩ भ ही परापत हो गम तफ स व सबी शरीफाराजी क बकत फन गम औय हय एकादशी को शरीफाराजी का वरत सॊऩनन कयत औय सख-शाॊरत परापत कय यहन रग अॊत भ उनहोन भसकत बी परापत की

शरीवलशषठजी न इस परकाय म कथा सनाई

गोषव ॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

ततीमोधमाम सभापतॊ |

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ

शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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चतथव अधमाम

शरी बयदवाज उवाच

शरीनायामण जी को ldquoशरीफाराजी वरत कथाrdquo अतमॊत षपरम ह चतथि अधमाम क रऩ भ हभाय साभन शरी बयदवाज

भरनदवाया फतामी नमी कहानी इस परकाय ह- ldquoह कलरमगवालसमो शरी नायामण क षपरम बकतो आऩ सजस वरत को सॊऩनन कय यह ह वह अदभत ह आऩकी भनोकाभनाओॊ को ऩणि कयन का साधन ह शरी फाराजी को परसनन कयन का मह अतमॊत सयर उऩाम ह आऩ सबी ऩय कऩा कयन क लरम ही वकॊ ठवासी बगवान शरीरनवास क रऩ भ रतरभरा ऩहाड ऩय अवतरयत हए ह अनक जनभो क ऩणमपर स ही रतरभरा ऩहाड ऩय ऩय यखन का सौबागम परापत होता ह औय बगवान क दशिन बी सॊबव होत ह इसी तयह इस ldquoवरतकथाrdquo को सॊऩनन कयन का सॊकलऩ बी ऩविजनभ क

ऩणमपर स ही सॊबव होता ह जो वमसकत इस वरत को सॊऩनन कय यह ह मा जो इस कथा को सन यह ह मा जो बगवान क परसाद को गरहण कयत ह उनह बगवान की कऩा परापत होती ह औय व सौबागम बी ऩात ह

पराचीन कार भ ldquoनगयीrdquo नाभक एक गराभ भ धनगपत नाभ का वमाऩायी यहता था वह फहत ही रारची था ऐशवमि परापत कयन ऩय बी उसका रारचीऩन कभ नही हआ मह सभसत ऐशवमि उसका ही कभामा हआ ह ऐसा सोचकय वह फहत घभॊड कयता था अहॊकाय भनषम का नाश कयता ह

धनगपत की ऩतनी काॊरतभती अतमॊत बसकत बावना यखती थी औय रनषठा स बगवान की ऩजा कयती थी उनकी तीन कनमाएॉ थी तीसयी कनमा ldquoकभायीrdquo भ बसकत बावना जमादा थी वह हभशा फाराजी का नाभ ही जऩती यहती थी षऩताजी को बफना फताम वह जफ-तफ शरी फाराजी क भॊहदय भ जाती थी औय बगवान क दशिन कयती थी घय आकय षऩताजी को छोड अनम सबी क साथ परसाद सवीकाय कयती थी ऩती क ऐस वमवहाय स

काॊरतभती थोडी चच ॊरतत होती थी

एक हदन ldquoकभायीrdquo की सहरी क घय ऩय ldquoशरी फाराजीrdquo का वरत सॊऩनन हो यहा था मह जानकय वो वहाॉ गई वरत ऩया होन तक दोऩहय हो चकी थी थोडासा परसाद उसन गरहण ककमा औय थोडा वह अऩन घयवारो क लरम एक

कागज की ऩडी भ रकय चरी फीच यासत भ उस पमास रगन रगी धऩ बी फहत तज थी उसन सोचा थोडी दय रक

कय पमास फझाकय कपय चरॉ तो ठीक यहगा तबी उस माद आमा कक उसक षऩता की दकान अगरी गरी भ ही तो ह वहाॉ जाकय उसन षऩताजी को ऩजा की फात बफना फताम षऩताजी स ऩानी भाॉगकय षऩमा औय षऩताजी गससा कयग

इस डय स उसन जलदी-जलदी ऩानी षऩमा इस घफयाहट भ परसाद की ऩडी वही दकान भ बरकय चरी गई

एकाएक फाजाय भ हडकॊ ऩ भच गमा रोग हाहाकाय भचात हए इधय-उधय बागन रग आगजनी क कायण उस गरी की सायी दकान जर कय याख होन रगी वस बी दोऩहय का सभम थाउस ऩय गभि हवाएॉ चर यही थीधनगपत का शयीय डय क भाय काॉऩन रगा ldquoकछ ही सभम भ उसकी दकान बी जर कय याख हो जाएगीrdquo इस षवचाय स उस क हाथ-ऩय काॉऩन रग सबी रोग अऩनी-अऩनी दकानो स फाहय आकय इधय-उधय बागन रग ऩय

धनगपत वही खडा यह गमा दकान छोडकय जान का भन नही कय यहा था महद वो दकान भ यहगा तो जरकय

याख हो जामगासोचत हए उसन घफयाहट भ उसक हाथ रगी ऩडी को उठामा औय बफना सोच सभझ जो हाथ आमा वो भॉह भ डार हदमा उस कछ भीठा-भीठा सा ऩदाथि रगा औय भन बी शाॊत होन रगा

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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तबी एक अदभत घटना घटीआग धनगपत की दकान तक आकय रक गमी आग की रऩत वहाॉ नही आ ऩामी मह कसी षवचचतर फात हम कसी भामा ह धनगपत क भॉहस एक बी फात नही रनकर ऩामी उधय आगजनी की खफय सनत ही ऩतनी काॊरतभती अऩन कनमाओॊ क साथ फाराजी का सभयण कयत हए दौडती हई वहाॉ आ गमी आग उनक दकान तक आकय कस रक गमी मह दखकय उस आशचमि हआ तबी कभायी को दकान भ बरी हई ऩडी की माद आई धनगपत को सभझन भ दय नही रगी कक उसन जो चीज भॉह भ डारी थी वो औय कछ नही तो बगवान का परसाद ही था औय उसकी भहहभा स ही व इस दघिटना स चक गम धनगपत न शरीफाराजी स भा भाॉगी गार फजाम शाभ भ ही नगयवालसमो को फराकय ldquoशरीफाराजी की वरत कथाrdquo सॊऩनन की तफ स वह बगवान की सवा भ रीन हो गमा औय अॊत भ भो बी परापत की आऩन दखा कक कवर परसाद गरहण कयन स ही वो ककतनी फडी दघिटना स चक गमा फाराजी की भहहभा अदभत ह आऩ सबी बी मथा सॊबव वरत को सॊऩनन कय क बगवान की कऩा परापत कय सकत हldquo

शरीबयदवाजजी न इस परकाय मह चतथि कथा सनामी

गोषवॊदगोषवॊदगोषवॊद

चतथोधमाम सभापतॊ |

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ऩॊचभ अधमाम

शरी अतरतर उवाच

रतरभरा-रतरऩती बरोक का वकणठ धाभ ह ऩयाणो भ फतामा गमा ह कक रतरभरा क सभान ऩषवतर सथर औय शरी फाराजी जस दवता न तो ऩहर कबी हए ह औय न कबी होग शरीरनवास क रऩ भ अवतरयत शरी नायामण अऩन

बकतो स फहत परभ कयत ह जो उन ऩय अऩना ऩया बाय डारकय उनह रनतम सभयण कयत ह जो सदाचाय स ऩणि जीवन बफतात ह वो उनकी या कयत ह ऐस शरीफाराजी को परसनन कयन का सफस सयर उऩाम ह ndash ldquoशरीफाराजी की वरत कथाrdquo

इस अदभत वरत कथा क फाय भ भहातऩसॊऩनन शरी अबतर भहषषि न कऩा कयत हए कहा ह- ldquo ह फाराजी क षपरम

बकतो कलरमग भ आऩक सौबागम क फाय भ कमा कहना कतमग तरतामग औय दवाऩायमग भ अतमॊत कठोय तऩ-

जऩ कयन ऩय बी परसनन न होन वार शरी नायामण इस मग भ कवर नाभसभयण स ही आऩ रोगो ऩय कऩा कय यह

ह षवशवास क साथ उनह फरान ऩय व तयॊत कऩा परदान कयत ह ऐस करणाभम ह शरीफाराजी ऩषवतर रतरभरा ऩय

तमहाया यखा हय कदभ अनक जनभो क ऩणमपर क सभान ह

पराचीन कार भ ldquoकौभायrdquo दश भ ldquoलभतरrdquo नाभक धोफी यहता था वो अऩन काभ क साथ-साथ धालभिक कामि कयता हआ जीवन रनवािह कय यहा था उसकी अऩॊगता ही उसकी चच ॊता थी इसी कायण धोए हए कऩडो की ऩोटरी फनाकय घय-घय घभकय उनह रोगो तक ऩहॉचाना उस धीय धीय भसशकर रगन रगा उसका ऩरयवाय फडा था बफना भहनत ककए उस बय ऩट खान को बी नही लभरता था हभशा वो शरी फाराजी की ऩजा कयता यहता था कबी ना कबी बगवान उस ऩय कऩा कयग इसी षवशवास स वो अऩना जीवन गजाय यहा था बकतो ऩय कऩा कयन वार फाराजी सफ कछ दखत यहत ह जो वमसकत अऩन कभो स भकती ऩाता ह उनक ऩास आकय फाराजी ककसी न ककसी रऩ भ आकय उनकी या कयत ह एक हदन शाभ क सभम हभशा की तयह लभतर कऩड धोकय कऩडो की ऩोटरी राद धीय-धीय चरता हआ आ

यहा था फीच यासत भ उस एक वदध बराहभण हदखाई हदम गौयव की बावना स फड होन क कायण लभतर न अऩन कॊ ध

ऩय रदी हई ऩोटरी को नीच उतायकय वदध बराहभण को नभसकाय ककमा तफ उस षवपरोततभ न कहा- ldquoतभ अऩन इस ऩय क कायण ककतना कषट सह यह हो तमहाया दख दखा नही जाताrdquo तफ लभतर न कहा-ldquoह नाथ आऩ फजगि ह बयाऩया ऩरयवाय होन क कायण भझ इस काभ स भकती नही लभर यही ह ककसी तयह भयी म अऩॊगता दय हो ऐसा कोई उऩाम फताइएrdquo

तफ बराहभण न कहा-ldquoसनो बाई भ जरय फताऊॉ गा धमान स सनो भ एक ऐस वरत क फाय भ फताता हॉ सजस सॊऩनन कयन स तमहायी अऩॊगता दय हो जाएगी तमह अषट ऐशवमो की परासपत होगी वरत सॊऩनन कयत ही तमह हजाय अशकपि माॉ लभरगी ऩय एक शति ह उसभ स आध तभ भझ दोगकर भ कपय इसी सभम महाॉ लभरॉगाrdquo तफ लभतर न कहा- ldquoसवाभी इसस फढकय सौबागम औय कमा हो सकता ह आज ही इस

वरत क फाय भ फताइए भ उस सॊऩनन करॉ गाrdquo लभतर क उतसाह को दख वदध न शरी फाराजी वरत कथा क फाय भ फतामा

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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लभतर दगन उतसाह क साथ घय आमा ऩयी कहानी ऩतनी को फतामी औय अडोस-ऩडोस क साथ लभरकय शरी फाराजी वरत को सॊऩनन ककमा चयणाभत परसाद गरहण ककमा घय आए सबी रोगो को बी हदमा तबी घय क फाहय कछ

कोराहर सनाई हदमा लभतर का फटा फाहय स दौडता हआ आमा औय फोरा- ldquoषऩताजी षऩताजी याज-यक आऩक लरम आए ह याजा न आऩक लरम बट बी बजी हrdquo इतन भ यक बी वहाॉ आ गम उनहोन फतामा कक उसकी रनमसकत याज दयफाय भ धोफी क रऩ भ हो गमी ह याजा न हजाय अशकपि माॉ ऩयसकाय सवरऩ बजी ह ऐसा कहकय उनहोन लभतर क हाथ भ हजाय अशकपिमो की ऩोटरी यख दी एक हफत क अॊदय-अॊदय

उस आकय नौकयी भ बतॉ होन को बी कहा लभतर क आनॊद की सीभा नही थी एक हफता कमो कर ही कमो नही सोचकय उसन अऩनी ऩोटरी-वोटरी फाॉधी औय दसय हदन सवय ही वो जान को तमाय हो गमा इस जलदफाजी भ वह

उस वदध की फात बर गमा फीच यासत भ उस उसकी फात माद आ गमी ऩय ठीक हअगर भहहन लभर रता हॉ सोच

कय वह याज दयफाय भ अऩन काभ ऩय रग गमा हदनभहहन फीत बराहभण क वश भ आए बगवान को गससा आमा बगवान न सोचा भनषम की परवसतत ऐसी ही होती ह उस भझ अऩनी भहहभा फतानी होगी

दसय ही हदन याणीवास स आबषण चोयी हो गम चोयी का इलजाभ लभतर ऩय आमा लभतर को कायावास की सजा हई hellipयाज यकोन उस तयह-तयह की मातनाएॉ दी ऐसा कमो हआउस ऩय मह इलजाभ कमो रगा सोचत हए लभतर को यात को सऩन भ बगवान हदखाई हदम उनहोन फतामा कक ldquoवदध बराहभण क रऩ भ व ही आम थ वो अऩनी फात स भकय गमा इसलरम म सफ हआ हrdquo तफ लभतर न कहा-ldquoह नाथभ ऩाऩी हॉ भन फहत फडा ऩाऩ ककमा ह कऩमा भझ ऩय दमा कीसजम अफ भ हय भहहन आऩका वरत सॊऩनन करॉ गा भयी आम का आधा बाग जीवन बय आऩको सभषऩित करॉ गाrdquo गार फजाकय उसन बगवान की हय तयह स पराथिना की बकतो की ऩकाय सननवार बगवान न खशी-खशी लभतर ऩय कऩा कय दी बगवान की कऩा स याणी क आबषण दसयही हदन लभर गम याजान म बी जान लरमा कक लभतरन चोयी नही की थी लभतरको कायावास स रयहा कय हदमा गमा तफ स लभतर बगवान को हदम वचन अनसाय हय भहहन शरी फाराजी का वरत सॊऩनन कयन रगा औय अऩनी आम का आधा बाग बगवान को अषऩित कयता यहा सख ऩणि जीवन बफतात हए उसन अॊत भ भो बी परापत ककमाrdquo

शरी अबतरजी न ऐसा कहकय ऩाॉचव औय आखयी अधमाम को सभापत ककमा

गोषवॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

ऩॊचभोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

Page 24: 55804144 Sree Balaji Kee Leelaye and Vrat Katha Hindi Book

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ॐ शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हदवमसनदय षवगरहॊ ऩजमालभ

शरी वकटशवय अषटोततय शतनाभावलर

ॐ वकटशाम नभ

ॐ शरीरनवासाम नभ

ॐ रकषभीऩतम नभ ॐ अनाभमाम नभ ॐ अभताॊशाम नभ ॐ जगदवॊदवाम नभ ॐ गोषवनदाम नभ ॐ शाशवताम नभ ॐ परबव नभ ॐ शषाहि-रनरमाम नभ ॐ दवाम नभ ॐ कशवाम नभ ॐ भधसदनाम नभ ॐ अभताम नभ ॐ भाधवाम नभ ॐ कषणाम नभ ॐ शरीहयम नभ ॐ ऻान-ऩॊजयाम नभ ॐ शरी वतस-वस नभ ॐ सवशाम नभ ॐ गोऩाराम नभ ॐ ऩरषोततभाम नभ ॐ गोऩशवयाम नभ ॐ ऩयभ-जमोरतषम नभ ॐ वकनठऩतम नभ ॐ अवममाम नभ ॐ सधातनव नभ ॐ मादवनिाम नभ ॐ रनतम-मौवनरऩवत नभ ॐ चतवदातभकाम नभ ॐ षवषणव नभ

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ॐ अचमताम नभ ॐ ऩरदमनी-षपरमाम नभ ॐ धयाऩतम नभ ॐ सयऩतम नभ ॐ रनभिराम नभ ॐ दवऩसजताम नभ ॐ चतबिजाम नभ ॐ चकरधयाम नभ ॐ बतरधामन नभ ॐ बतरगणाशरमाम नभ ॐ रनषविकलऩाम नभ ॐ रनषकरनकाम नभ ॐ रनयाॊतकाम नभ ॐ रनयनजनाम नभ ॐ रनयाबासाम नभ ॐ रनतमतपताम नभ ॐ रनगिणाम नभ ॐ रनरऩिवाम नभ ॐ गदाधयाम नभ ॐ शायॊगऩाणम नभ ॐ ननदककन नभ ॐ शनखधायकाम नभ ॐ अनकभतिम नभ ॐ अवमकताम नभ ॐ कहटहसताम नभ ॐ वयपरदाम नभ ॐ अनकातभन नभ ॐ दीनफानधव नभ ॐ आतिरोक बमपरदाम नभ ॐ आकाशयाज-वयदाम नभ ॐ मोचग-रतऩदमभसनदयाम नभ ॐ दाभोदयाम नभ ॐ जगतऩाराम नभ

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ॐ ऩाऩघनाम नभ ॐ बकतवतसराम नभ ॐ बतरषवकरभाम नभ ॐ लशॊशभायाम नभ ॐ जटाभकट-शोलबताम नभ ॐ शनख-भदमोर-सनभॊजराम-ककसनकणमाडम-कयनडकाम नभ ॐ नीरभघ-शमाभ-तनव नभ ॐ बफलव-ऩतराचिन षपरमाम नभ ॐ जगदवमाषऩन नभ ॐ जगत-कत नभ ॐ जगत-साकषण नभ ॐ जगतऩतम नभ ॐ चचसनतताथि-परदाम नभ ॐ सजषणव नभ ॐ दाशावािम नभ ॐ दश-रऩवत नभ ॐ दवकक-ननदनाम नभ ॐ शौयम नभ ॐ हमगरीवाम नभ ॐ जनादिनाम नभ ॐ कनमा-शरवणतायजमाम नभ ॐ ऩीतामफयधयाम नभ ॐ अनघाम नभ ॐ वनभालरन नभ ॐ ऩदमनाबाम नभ ॐ भगमासकत-भानसाम नभ ॐ अशवरढाम नभ ॐ खडगधारयण नभ ॐ धनाजिन-सभतसकाम नभ ॐ गानसायर-सनभधम-कसतरय-रतरकोजवराम नभ ॐ ससतचदाननदरऩाम नभ ॐ जगनभनगरदामकाम नभ ॐ मऻरऩाम नभ

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ॐ मऻबोकत नभ ॐ चचनभमाम नभ ॐ ऩयभशवयाम नभ ॐ ऩयभाथि-परदाम नभ ॐ शानताम नभ ॐ शरीभत नभ ॐ दोदिनड-षवकरभाम नभ ॐ ऩयातऩयाम नभ ॐ ऩयबरहभण नभ ॐ शरीषवबव नभ ॐ जगदीशवयाम नभ

इतत शरी वकटशवय अषटोततय शतनाभावलर

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शरी भहारकषभी अषटोततय शतनाभावलर

ॐ परकतम नभ ॐ षवकतम नभ ॐ षवदमाम नभ ॐ सविबतहहतपरदाम नभ ॐ शरदधम नभ ॐ षवबतम नभ ॐ सयभम नभ ॐ ऩयभासतभकाम नभ ॐ वाचम नभ ॐ ऩदमारमाम नभ ॐ ऩदमाम नभ ॐ शचम नभ ॐ सवाहाम नभ ॐ सवधाम नभ ॐ सधाम नभ ॐ धनमाम नभ ॐ हहयणमम नभ ॐ रकषमम नभ ॐ रनतमऩषटाम नभ ॐ षवबावम नभ ॐ आहदतम नभ ॐ हदतम नभ ॐ दीपताम नभ ॐ वसधाम नभ ॐ वसधारयणम नभ ॐ कभराम नभ ॐ कानताम नभ ॐ काभाकषम नभ ॐ कभर समबवाम नभ ॐ अनगरहपरदाम नभ ॐ फदधम नभ ॐ अनघाम नभ

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ॐ हरयवलरबाम नभ ॐ अशोकाम नभ ॐ अभताम नभ ॐ दीऩाम नभ ॐ रोकशोक षवनालशनम नभ ॐ धभिरनरमाम नभ ॐ करणाम नभ ॐ रोकभातर नभ ॐ ऩदमषपरमाम नभ ॐ ऩदमहसताम नभ ॐ ऩदमाकषम नभ ॐ ऩदमसनदम नभ ॐ ऩदमोदभवाम नभ ॐ ऩदमभखम नभ ॐ ऩदमनाब षपरमाम नभ ॐ यभाम नभ ॐ ऩदमभाराधयाम नभ ॐ दवम नभ ॐ ऩरदमनम नभ ॐ ऩदमगसनधनम नभ ॐ ऩणमगनधाम नभ ॐ सपरसननाम नभ ॐ परसादालबभखम नभ ॐ परबाम नभ ॐ चनिवदनाम नभ ॐ चनिाम नभ ॐ चनिसहोदम नभ ॐ चतबिजाम नभ ॐ चनिरऩाम नभ ॐ इसनदयाम नभ ॐ इनद शीतराम नभ ॐ आहराद जननम नभ ॐ ऩषम नभ

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ॐ लशवाम नभ ॐ लशवकतम नभ ॐ सतमाम नभ ॐ षवभराम नभ ॐ षवशवजननम नभ ॐ तषम नभ ॐ दारयदरमनालशनम नभ ॐ परीरत ऩषकरयणम नभ ॐ शानताम नभ ॐ शकरभालमामफयाम नभ ॐ बासकम नभ ॐ बफलव रनरमाम नभ ॐ वयायोहाम नभ ॐ मशससवनम नभ ॐ वसनधयाम नभ ॐ उदायॊगम नभ ॐ हरयणम नभ ॐ हभभालरनम नभ ॐ धन धानमकतम नभ ॐ लसदधम नभ ॐ सतरणम सौममाम नभ ॐ शबपरदाम नभ ॐ नऩवशभ गताननदाम नभ ॐ वयरकषमम नभ ॐ वसपरदाम नभ ॐ शबाम नभ ॐ हहयणम पराकायाम नभ ॐ सभि तनमाम नभ ॐ जमाम नभ ॐ भॊगराम नभ ॐ षवषणव सथरससथताम नभ ॐ षवषणऩतनम नभ ॐ परसननाकषम नभ

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ॐ नायामण सभाचशरताम नभ ॐ दारयदरम धवॊलसनम नभ ॐ दवरकषभ नभ ॐ सवोऩिव रनवारयणम नभ ॐ नवदगािम नभ ॐ भहाकालम नभ ॐ बरहभा-षवषण-लशवासतभकाम नभ ॐ बतरकारऻानसमऩननाम नभ ॐ बवनशवम नभ ॐ भहारकषभी अषटोततय शत नभ

इरत शरी रकषभी अषटोततय शतनाभावलर

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शरी ऩदमावती अषटोततय शतनाभावलर

ॐ ऩदमावततम नभ ॐ दवम नभ ॐ ऩदमोदभवाम नभ ॐ करणापरदारमनम नभ ॐ सरदमाम नभ ॐ तजसवरषऩणम नभ ॐ कभरभखम नभ ॐ ऩदमधयाम नभ ॐ शरीम नभ ॐ ऩदमनतरम नभ ॐ ऩदमकयाम नभ ॐ सगणाम नभ ॐ कभकभषपरमाम नभ ॐ हभवणािम नभ ॐ चनिवसनदताम नभ ॐ धगधगपरकाश शयीय-धारयणम नभ ॐ षवषणषपरमाम नभ ॐ रनतमकलमाणम नभ ॐ कोहटसमिपरकालशणम नभ ॐ भहासौनदमिरषऩणम नभ ॐ बकतवतसराम नभ ॐ बरहभानडवालसनम नभ ॐ सविवानचापरदारमनम नभ ॐ धभिसनकलऩाम नभ ॐ दाकषणमकटाकषणम नभ ॐ बसकतपरदारमनम नभ ॐ गणतरमाषववसजिताम नभ ॐ कराषोडशसॊमताम नभ ॐ सविरोकानानजननम नभ ॐ भसकतदारमनम नभ ॐ दमाभतामाम नभ ॐ परऻाम नभ

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ॐ भहाधभािम नभ ॐ धभिरषऩणम नभ ॐ अरनकाय षपरमाम नभ ॐ सविदारयदरमधवॊलसनम नभ ॐ शरीवकटशवसथरससथताम नभ ॐ रोकशोकषवनालशनम नभ ॐ वषणवम नभ ॐ रतरचानरऩयवालसनम नभ ॐ वदवदमषवशायदाम नभ ॐ षवषणऩादसषवताम नभ ॐ यतनपरकाशककयीटधारयणम नभ ॐ जगनभोहहनम नभ ॐ शसकतसवरषऩणम नभ ॐ परसननोदमाम नभ ॐ इनिाहददवत मककननय ककमऩरष ऩसजताम नभ ॐ सविरोकरनवालसनम नभ ॐ बजमाम नभ ॐ ऐशवमिपरदारमनम नभ ॐ शानताम नभ ॐ उननतसथानससथताम नभ ॐ भनदायकालभनम नभ ॐ कभराकयाम नभ ॐ वदानतऻानरषऩणम नभ ॐ सविसमऩसततरषऩणम नभ ॐ कोहटसमिसभपरबाम नभ ॐ ऩजापरदारमनम नभ ॐ कभरासनाहद सविदवताम नभ ॐ वकनठवालसनम नभ ॐ अबमदारमनम नभ ॐ िाापरऩामसषपरमाम नभ ॐ नतमगीतषपरमाम नभ ॐ ीयसागयोदभवाम नभ ॐ आकाशयाज ऩबतरकाम नभ

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ॐ सवणिहसतधारयणम नभ ॐ काभरषऩणम नभ ॐ करणाकटाधारयणम नभ ॐ अभतासजाम नभ ॐ बरोकसवगिसखदारमनम नभ ॐ अषटहदकऩारकाचधऩतम नभ ॐ भनभधदऩि सॊहारयणम नभ ॐ कभराथिबागाम नभ ॐ सवलऩऩयाध-भहाऩयाध-भाम नभ ॐ शतकोहटतीथिवालसताम नभ ॐ नायदाहद भरनशरषठ ऩसजताम नभ ॐ आहदशनकयऩसजताम नभ ॐ परीरतदारमनम नभ ॐ सौबागमपरदारमनम नभ ॐ भहाकीतॉ परदारमनम नभ ॐ कषणारतषपरमाम नभ ॐ गनधवि शाऩषवभोचकाम नभ ॐ कषणऩतनम नभ ॐ बतररोकऩसजताम नभ ॐ जगनभोहहनम नभ ॐ सरबाम नभ ॐ सशीराम नभ ॐ अॊजनासतानगरहपरदारमनम नभ ॐ बकतमातभरनवालसनम नभ ॐ सॊधमावसनदनम नभ ॐ सविरोकभातर नभ ॐ अलबभतदारमनम नभ ॐ रलरतावधतम नभ ॐ सभसतशासतर षवशायदाम नभ ॐ सवणािबयणधारयणम नभ ॐ इहऩयरोक सखपरदारमनम नभ ॐ कयवीयरनवालसनम नभ ॐ नागरोकभरणसह आकाशलसनध कभरशवय ऩरयतयधगभनाम नभ

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ॐ शरी शरीरनवासषपरमाम नभ ॐ चनिभनडरससथताम नभ ॐ अलरवर भनगाम नभ ॐ हदवमभनगर धारयणम नभ ॐ सकलमाणऩीठससथताम नभ ॐ काभकवनऩषऩषपरमाम नभ ॐ कोहट भनभधरषऩणम नभ ॐ बानभनडररषऩणम नभ ॐ ऩदमऩादाम नभ ॐ यभाम नभ ॐ सविरोकसबानतय धारयणम नभ ॐ सविभानसवालसनम नभ ॐ सवािम नभ ॐ षवशवरऩाम नभ ॐ हदवमऻानाम नभ ॐ सवभनगररषऩणम नभ ॐ सवािनगरहपरदारमनम नभ ॐ ॐकायसवरषऩणम नभ ॐ बरहभऻानसॊबताम नभ ॐ शरी ऩदमावतम नभ ॐ सदमोवदवतम नभ ॐ शरीभहारकषमम नभ

इरत शरी ऩदमावती अषटोततय शतनाभावलर

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धऩभ दशाॊगभ गगगरोऩतॊ गोघतन सभसनवतभ धऩॊ गहाण दवश सविरोक नभसकाया

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - धऩभािाऩमालभ

(सवाभीजी क भतॉ की अगयफतती औय धऩ स आयती कय)

दीऩभ

बतररोकश भहादव सविऻान परदामक दीऩॊ दासमालभ दवश यभाभ बकतवतसर

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - दीऩॊ दशिमालभ

(सवाभीजी क भतॉ की दीऩ स आयती कय )

नवदमभ

सविबशच बोजजशच यस षडलब सभसनवतॊ नवदमनत भमानीतभ गहाण ऩरषोततभ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - नवदमॊ सभऩिमालभ

(सवाभीजी को परसाद चढाम अगय करा ह तो ldquoकदरीपर रनवदमालभrdquo नारयमर ह तो ldquoनारयकर परॊ रनवदमालभrdquo ऐस कह अगय गड ह तो ldquoगडोऩहाय नवदमभ सभऩिमालभrdquo कह)

ॐ पराणाम सवाहा ॐ आऩानाम सवाहा ॐ वमानाम सवाहा ॐ उदनाम सवाहा ॐ सभानाम सवाहा ॐ ऩयबरहभण सवाहा ॐ बबिव सव ततसषवतय-वयणमभ बगो दवसम धीभहह चधमो मो न परचोदमात ॐ आऩो जमोरतयसोभतॊ बरहभ बबिव सवयोभ भधम भधम ऩानीमभ सभऩिमालभ

अभताषऩधानभलस उततयाऩोशनभ सभऩिमालभ हसतौ परारमालभ ऩादौ परारमालभ ऩनयाचभनीमभ सभऩिमालभ

तामफरभ ऩगीपर सकऩिय नागवलरीदरमितॊ भकताचणि सभामकतॊ तामफरॊ पररतगहमताॊ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - तामफरभ सभऩिमालभ

नीयाजनभ चशरम कानताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरीवकटरनवासाम शरीरनवासाम भनगरभ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ नीयाजनभ दशिमालभ

ऩनयाचभनीमभ सभऩिमालभ

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भॊतरऩषऩभ

ॐ सहसतरशीषिभ दवॊ षवशवाॊ षवशवशॊबवॊ षवशवॊ नायामणनदवभ अयॊ ऩयभॊ ऩदॊ १

षवशवत ऩयभासननतमॊ षवशवॊ नायामणॊ हरयॊ षवशवभवदॊ ऩरषसतदषवशवॊ उऩजीवरत २

ऩरतॊ षवशवसमातभशवयॊ शाशवतॊ लशवभचमतॊ नायामणॊ भहाऻमॊ षवशवतभानॊ ऩयामणॊ ३

नायामण ऩयोजमोरत आतभा नायामण ऩय नायामण ऩयभ बरहभ ततवभ नायामण ऩय नायामण ऩयो धमाता धमानभ नायामण ऩय ४

मचच ककसनचत जगतसव दशमत शरमतषऩ वा अनतफिहहशचततसविभ वमापमा नायामण ससथत ५

अननतभ अवममभ कषवॊ सभिनतभ षवशवशमबवभ ऩदमकोश परतीकाशभ रदमभ चापमधोभखभ ६

अधोरनषमा षवतसतमानत नाभमाभऩरय रतषठरत जवाराभाराकरॊबारत षवशवसमामातनभ भहत ७

सनततॊ लशरालबसत रॊफतमाकोशससननबभ तसमानत सलशयभ सकषभभ तससभन सविभ पररतसषठतभ ८

तसमभधम भहान असगन षवशवायचचषविशवतो भख सोगरबसगवबजन रतषठाननाहाय भजय कषव

रतमिगधवाि भधशशामीयशभमा सतसम सनतता ९

सॊताऩमरत सवॊ दह भाऩादतरभसतक तसम भधम वसनह लशखा अणीमोधवाि वमवससथत १०

नीरथो मदभधमसता षवदमलरखव बासवया नीवायशकवततनवी ऩीताबा सवतमनऩभा ११

तसमा लशखामा भधम ऩयभातभा वमवससथत स बरहभ स लशव स हरय स इनि सोय ऩयभासवयात १२

ॐ तद बरहभ ॐ तद वाम ॐ तदातभा ॐ ततसतमभ ॐ ततसविभ ॐ ततऩयोनिभ अनतशचयरत बतष गहामाभ षवशवभरत िष तवभ मऻसतवभ वषकायसतवभ इनिसतवभ रिसतवभ

षवषणसतवभ बरहभतवभ परजाऩरत तवभ तदाऩ आऩो जमोरत यसोवतभ बरहभ बबिवससवयोभ १३

गदा ऩन शॊखयथानगकलऩक धवजायषवॊदाॊकश वजररासशचत ह शरीरनवास तवत चयणामफज दवमॊ भदीम भधािन भरज ॐ रनयॊजनाम षवदमह रनयाबासाम धीभहह तननो शरीरनवास परचोदमात शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हदवमभनतरऩषऩॊ सभऩिमालभ

परदकषण नभसकाय

शरोकॊ मारनकारन च ऩाऩारन जनभानतय कतारन च तारन तारन परणशमसनत परदकषण ऩद ऩद ऩाऩोहभ ऩाऩकभािहभ ऩाऩातभा ऩाऩसॊबव तराहहभाभ कऩभमा दव शयणगतवतसर अनमधा शयणॊ नाससत तवभव शयणॊ भभ तसभात कारणम बावन य य जनादिन

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - आतभपरदकषण नभसकायान सभऩिमालभ

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षवषवधोऩचाय ऩजा छतरॊ धायमालभ चाभयॊ वीजमालभ नतमॊ दशिमालभ गीतॊ शरावमालभ वादमॊ घोषमालभ आॊदोलरकान आयोहमालभ आशवानायोहमालभ गजानायोहमालभ सभसत यजोऩचाय शकतमऩचाय

मनतरोऩचाय दवोऩचाय सवोऩचाय ऩजाॊ सभऩिमालभ

भाऩवणभ भनतरहीनॊ ककरमाहीनॊ बसकतहीनॊ जनादिन मतऩसजतभ भमा दव ऩरयऩणिभ तदसतत

अनमा धमानावाहनाहद षोडशोऩचाय ऩजमा च बगवन सवाितभक शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरी वकटशवय सवरऩो बगवान सपरीत सपरसननो वयदो बवत शरी वकटशवय दव परसादॊ लशयसा गहणालभ

तीथवभ

अकार भतमहयणॊ सविवमाचध रनवायणभ सवि ऩाऩमकयॊ दव ऩादोदकॊ ऩावनॊ शबॊ

नवदमभ

ॐ बबिवससव ॐ ततसषवतवियणमभ बगो दवसम धीभहह चधमो मो न परचोदमात सतमॊ तवतन ऩरयषषॊचालभ अभतभसत अभतोऩसतयणभलस ॐ पराणाम सवा ॐ अऩानाम सवा ॐ वमानाम सवा ॐ उदानाम सवाह ॐ सभानाम सवा ॐ बरहभण सवा

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - भहानवदमभ सभऩिमालभ

अभताषऩधानभलस उततयाऩोशनभ सभऩिमालभ हसतौ परारमालभ ऩादौ परारमालभ शदध आचभनीमॊ सभऩिमालभ

तामफरॊ सभऩिमालभ सवणिभनतरऩषऩॊ सभऩिमालभ परदकषण नभसकायन सभऩिमालभ

अनमाधमानावाहनाहद षोडषोऩचाय ऩजमा बगवान सवाितभक शरी रकषभी ऩदमावती सभत वकटशवय सवाभी सपरीत सपरसननो वयदो बवत शरी रकषभी ऩदमावती सभत वकटशवय सवाभी परसादॊ लशयसा गहणालभ

उदवासनभ मऻन मऻभमजनत दवासतारन धभािरण परथभानमासन

तहनाकॊ भहहभानससचनत मतर ऩव साधमा ससनत दवा

गचछ गचछ सयशरषठ सवसथान शरी वकटशवय बकताबीषट सभधमथिभ ऩनयागभनाम च

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरी वकटशवय सवाभी मथासथानॊ उदवासमालभ

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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परथभ अधमाम

शरी बगवान उवाच

कलरमग भ एक हदन शब भहति भ रतरभरा ऩहाड ऩय (सजस धयती का वकॊ ठ कहा जाता ह ) ldquoषवशवऩरत नाभक एक बकत ऩय शरी फाराजी की कऩा हई शरी षवषण क अवताय शरी फाराजी (वकटशवय) जो महाॉ शरीरनवास क रऩ भ ऩज जात ह उनहोन षवशवऩरत को ldquoशरी फाराजी वरत कथाrdquo नाभ स परलसधद इस गरॊथ की यचना कयन की आऻा दी औय कहा- ldquoह भय षपरम बकत षवशवऩरत भय षपरम होन क कायण इस वरत को षवसताय रऩ स तमह फाता हॉ सनो म

वरत भझ अरत षपरम ह आसान होन क कायण इस सबी रोग सॊऩनन कय सकत ह

कलरमग भ भानव अऩन ऩाऩ कभो का पर बोगता ह अनक कषट सहत हए जीवन रनवािह कयता ह कछ बकत

अऩन दख भझ फताकय उनह दय कयन क लरम कहत ह फहत स ऩस खचि कय वो भझ दखन क लरम रतरभरा की मातरा कयत ह भय बकतो स भझ परभ ह व भझऩय अऩना ऩया बाय डार दत ह भ उनह धभि क भागिऩय चराता हॉ

अबी भ जो मह वरत कथा तमह फतान जा यहा हॉ वो ldquoशरी फाराजी की कथाrdquo क नाभ स परलसदध होगा म भया वरत भझ अरतषपरम ह जो वमसकत इस बसकत औय रनषठा स कयगा वह तयॊत ऩाय ऩामगा कोई बी वमसकत कबी बी इस वरत को सॊऩनन कय सकता ह भखम रऩ स भागिशीषि भाघ कारत िक भहहनो भ ऩणिभासी ऩॊचभी सपतभी एकादशी रतचथमो ऩय मा शरवण सवारत नतरो ऩय इस कयना शरषठ होता ह

इस घोय कलरमग भ भय बकत जो कषट सह यह ह उनह भ जानता हॉ तमह जफ बी कोई कषट हो कोई सभसमा हो सवासम ठीक ना हो नौकयी वमाऩाय भ सभसमाएॉ हो भन अशाॊत हो तो इस वरत को सॊऩनन कयना चाहहम इसस

साय कषट दय हो जात ह घय भ शब कामि होन ऩय इस वरत को सॊऩनन कयन स बफना ककसी सभसमा क कामि ऩणि हो जाता ह इस वरत को सॊऩनन कयत ही सबी सख परापत होत ह औय अषट ऐशवमो की परासपत होती ह

सफय मा शाभ इस वरत को सॊऩनन कय सकत ह इस वरत भ ऩाॉच अधमाम ह इनका ऩठन बसकत क साथ कयना चाहहम अऩन घय भ मा रनवास सथान ऩय भॊहदय भ मा ककसी बी ऩषवतर सथान भ नदी तट ऩय सॊऩनन कय सकत ह

महद सॊबव हो तो अऩन फॊध लभतरो क साथ इस सॊऩनन कयन स जमादा शरषठ होता ह जो इस सॊऩनन कयत ह मा जो इस सनत ह वरत सॊऩणि होन क फाद परसाद को बसकत स सवीकाय कयत ह वो अषट ऐशवमो को परापत कयत ह इसस

ऩहर बी भय बकतो न कई भरनमो न इस वरत को सॊऩनन ककमा औय भया आशीवािद ऩामा बरोक भ यहनवार सबी को मह वरत आनॊद परदान कयगा औय शब पर बी परापत होगा शाॊत चचतत स भझ माद कयत हए इस वरत का ऩारन

कयो

सवि परथभ जहाॉ वरत कयना चाहत हो उस सथर को साप कयो भॊडऩ की वमवसथा कय भयी तसवीय सजसभ भयी षपरम

सरखमाॉ शरी दवी बदवी ह उस तसवीय को इस भॊडऩ ऩय सथाषऩत कयो भॊडऩ को दीवाय स रगाकय बी यख सकत हो अनम ककसी इचछक दवता की तसवीय बी सख सकत हो नवगरहो औय अषट हदकऩारको को मा तो भन भ नभसकाय

कयो मा उनका आवहान बी कय सकत हो

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सफस ऩहर हलदी स फनी गणश की ऩजा कयनी चाहहम उसक फाद उस वरत क ऩाॉचो अधमामो का रनषठा स ऩठन

कयना चाहहम मही परथभ अधमाम ह अनम चाय अधमाम भय अतमॊत षपरम ऩातर षवशवालभतर वलशषठ बयदवाज अबतर

भरनशवयो क परवचना रऩ भ ह ऩाॉच अधमामोको ऩढन क फाद भय षपरम शरोक बी ऩढ सकत हो हय अधमाम क अॊत

भ गोषव ॊद गोषव ॊद गोषव ॊद तीन फाय सभयण कयना चाहहम

आभ रोगो क कषटो को भ जानता हॉ इसी लरम भयी एक फात सनो महद ककसी कायण इस वरत को षवसताय रऩ स

सॊऩनन कयन भ कोई सभसमा आ यही हो तो भय तसवीय को साभन यख कय ऩहर गणश जी की कपय नवगरह दवताओॊ औय अषटहदकऩारको को सभयण कय ऩाॉच कहरनमाॉ ऩढकय अऩन भन भ जो इचछा ह उस भझ फताओ भ उस

परसाद क रऩ भ परदान करॉगा इस परकाय कयन स बी कामि की लसषदध होती ह तमहाय कषट दय हो जामग औय शब

पर परापत होगा

जो वमसकत इस वरत को बसकत स सॊऩनन कयगा भ उसक घय ककसी ना ककसी रऩ भ आकय परसाद सवीकाय करॉगा भयी कऩा आऩ सबी को हभशा परापत होगी शरी फाराजी न रतमभयाज षवशवऩरत याभकषणभरत ि ldquoषवशवऩरतrdquo को इस वरत कथा को षवसताय स फतामा कलरमगवासी हभ सबी इस वरत को सॊऩनन कय शरी फाराजी की कऩा क ऩातर फन सकत ह इस वरत को सॊऩनन कय हभ अऩन सबी कषट दय कय सकत ह औय उचचत पर बी परापत कय

सकत ह

गोषवॊदगोषवॊदगोषवॊद

परथभोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ

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दषवतीम अधमाम

शरी षवशवालभतर उवाच

भहातऩ सॊऩनन साात शरी षवशवालभतर जी न हभ ऩय कऩा की औय परवचन कयत हए कहा- ldquoह कलरमग वालसमो शरीरनवास क बकतो ldquoशरीफाराजी वरत कथाrdquo सजस आऩ सॊऩनन कय यह हो वह फहत ही ऩषवतर ह भहहभा स ऩणि ह मह वरत कलरमग भ शरी नायामण जी की करणा औय दमा परापत कयन का अतमॊत सयर साधन ह पराचीन कार भ शरी फाराजी क षपरम बकतो न इस सॊऩनन कय अऩनी काभनाओॊ को ऩणि ककमा इस वरत कथा क फाय भ हभ फताकय शरी फाराजी न हभाय पररत जो दमा हदखाई ह उसक लरए हभ उनह परणाभ कयत ह

पराचीन कार भ भगध याजम भ षवषणचचतत नाभक एक बकत यहता था उसकी नौ कनमाएॉ थी षवदवान होन ऩय बी वह अतमॊत गयीफ था षवषणचचतत की ऩतनी तायाभरत हभशा नायामणजी की पराथिना कयती यहती थी षववाहाहद शबकामि सॊऩनन कय जो बी ऩस दकषणा क रऩ भ लभरत थ उसस व भसशकर स अऩना जीवन रनवािह कय

यह थ कनमाएॉ मौवनावसथा भ ऩदाऩिण कय चकी थी तायाभरत हभशा इसी चच ॊता भ यहती थी कक इन कनमाओॊ का षववाह ककस परकाय सॊऩनन होग वह फाराजी की पराथिना कयत हए सदा अऩना सभम गजायती थी

वह तो फाराजी की बकत थी औय फाराजी अऩन बकतो स अतमाचधक परभ कयत ह उस हदन भाघ ऩरणिभा थी सवय

एक वदध बराहभण न षवषणचचतत क दयवाज ऩय दसतक दी औय कहा - ldquoह सवाभी भ फॊग दश का वासी हॉ एक मऻ

क लसरलसर भ दसय दश जा यहा हॉ यासत भ महाॉ आमा हॉ भझऩय दमा कयो औय अऩन घय भ एक हदन क लरए

यहन दो कर सवयही भ महॉ स चरा जाऊॉ गाrdquo उन की फात सनकय षवषणचचततन कहा lsquoनाथ इसस फढकय खशी औय कमा हो सकती ह अरतचथ साात नायामण जी क सभान होत ह ऐस हभाय ऩयाणो भ कहा गमा ह आऩ बफना ककसी सॊकोच क हभाय घय भ यह सकत हlsquo ऐसा कह कय उसन उस बराहभण को घय क अॊदय फरामा औय उनका सतकाय ककमा

दोऩहय भ बोजन क फाद उस वदध न तायाभरत स ऩछा ndash ldquoभाता कमा फात ह तभ कछ चच ॊरततसी रगती हो बफना ककसी सॊकोच क फात फताओrdquo तायाभरत न कहा ndash ldquoसवाभी आऩ तो भहातऩसवी ह आऩ क भख का तज उस वकॊ ठवासी क सभान ह आऩ स कमा छऩाना भयी चचॊता भयी कनमाओॊ का षववाह हrdquo उस ऩय वदध न कहा- ldquoभाता तमहाया दख भ जानता हॉ तमहाय सबी कषट दय हो औय तमहायी कनमाओॊ की शादी हो इसक लरम भ एक अदभत वरत फताता हॉ सनो इस वरत को सॊऩनन कयन स तमहाय साय कषट दय हो जामग शरी फाराजी क वरतो भ स मह सफस सयर हrdquo कहत हए उनहोन उस दॊऩरत को ऩया वरत षवधान फतामा वरत षवधान

सनकय षवषणचचतत न कहा- ldquoसवाभी मह तो अतमॊत सॊतोष की फात ह इसस फढकय सौबागम औय कमा होगा

कहत ह ना- शबसम शीिॊ आज भाघ ऩरणिभा ह फहत ही शब हदन ह आऩक कथा अनसाय हभ आज ही इस वरत

को सॊऩनन कयगrdquo षवषणचचततन ऩतनी तायाभरत औय सबी कनमाओॊ क साथ लभरकय उस हदन शाभ भ ही अऩन

फॊध-लभतरो क साथ बसकत औय रनषठा स फाराजी वरत को सॊऩनन ककमा वहाॉ उऩससथत सबी रोगो न वरत ऩया होन क

फाद चयणाभत परसाद गरहण ककमा औय अऩन-अऩन घय परसथान ककमा तफ षवषणचचतत औय तायाभरत न बराहभण

क चयणो को नभसकाय ककमा औय आशीवािद परापत ककमा बराहभणोततभ न बी चयणाभत परसाद गरहण ककमा औय

कहा- ldquoआऩकी भनोकाभना ऩयी हो शरी रकषभी शरी फाराजी की कऩा होrdquo

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अॊधया हो चरा था औय रनिा सभम आसनन था षवषणचचतत न उस बराहभण को एक पटी चादय दत हए आॉखो भ आस लरम कहा- सवाभी भ अतमॊत दरयिी हॉ इसस अचछी चादय भय ऩास नही ह भझ भा कय आज की यात इसी ऩय षवशराभ कय बराहभण भसकयात हए फोर- कोई फात नही भ फाहय फयाभद भ सो जाता हॉ कछ सभम फाद ही सबी रनिारोक भ षवचयण कयन रग आधी यात का सभम था बफजरी की गडगडाहट क साथ फारयश शर हई चायो ओय अॊधया था कहीॊ कछ नही हदखाई

द यहा था षवषणचचतत इस चच ॊता भ था कक वदध बराहभण फाहय कस सो यह होग उस सभम कछ सझ बी नही यहा था ककसी तयह उनहोन यात गजायी सवया हआ फारयश बी थभ चकी थी ऩरत-ऩतनी मही सोच यह थ कक बराहभण की कमा दशा हई होगी ककतना सहा होगा उनहोन मही सोचत हए वो फाहय आए उनह एक अदभत दशम हदखाई हदमा वहाॉ षवपरोततभ नही थ पहट हई चादय की जगह यशभ का षऩताॊफय यखा हआ था उस षऩताॊफय ऩय शरी फाराजी क

भतॉ ndash हदखाई दी व सफ कछ सभझ गम उनकी खषी का कोई हठकाना नही यहा उनक घय आम बराहभण औय

कोई नही साात शरी नायामणजी ही थ ह फाराजी कमा बागम ह हभाया ऩय हभ उनको ऩहचान नही ऩाम हभन उनको पटी हई चादय दी मह सोचत हए उनहोन शरी फाराजी की भतॉ को हाथ भ रकय आॉखो स रगामा औय

घय क अॊदय आम ऩया घय सोन स बया हआ था जहाॉ दखो वहाॉ धन याशी ह बगवान शरी फाराजी की वरत कथा की भहहभा स ही मह सफ सॊबव हो सका ऐसा कहत हए व बगवान की सतरत कयन रग आऩन दख साात शरी फाराजी ही उस बकत क घय आम थ वरत षवधान फतामा औय चयणाभत परसाद बी गरहण

ककमा शरी फाराजी फहत ही करणाभम ह जो बी इस वरत को बसकत औय रनषठा स कयगा उसक घय सवमॊ बगवान

ककसी ना ककसी रऩ भ आमग आऩ सबी इस वरत को सॊऩनन कय बगवान की कऩा परापत कय सकत ह शरी भहषषि षवशवालभतर जी न मह दषवतीम कथा इस तयह फताई

शरी रकषभी शरीरनवास कटाॊ लसषदधयसत

गोषवॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

दषवतीमोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

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ततीम अधमाम

शरी वलशषठ उवाच मह अधमाम भहातऩोरनषठ वरयषठ शरीवलशषठ भरन न शरीनायामणजी की कऩा स हभ षवसताय रऩ स फतामा ह ह कलरमग वालसमो शरीफाराजी क षपरम बकतो वकणठ भ रनवास कयनवार शरीनायामणजी आज क रतरभरा भ ससथत शरीफाराजी ही ह कलरमग वालसमो क कषट दय कयन क लरम बगवान आऩक फहत सभीऩ रतरभरा ऩहाड ऩय अवतारयत हए ह शरी फाराजी को खश कयन क लरए मह वरत उततभ ह औय सयर बी ह इस वरत को जो बसकत औय रनषठा स सॊऩनन कयता ह उस सबी सख परापत हो जात ह पराचीन सभम भ अवॊती दश भ बागमनगय नाभक एक नगय था नाभ क ही अनरऩ वहाॉ अनक धनवान (वमाऩायी) यहत थ ऩय व अऩनी सॊऩसतत को दख घभॊड कयत थ औय आभ रोगो को हीन दषटी स दखत थ धन-दौरत उनकी सवासजित ह ऐसा सोचकय घभॊड कयत थ बगवान की रनतम ऩजा-ऩाठ तो उनहोन ऩहर ही छोड दी थी कभ स कभ षवशष हदनो भ बी व ना भॊहदय जात ना ऩजा कयत ना ही दीऩ जरात एक हदन सबी धनवान अऩनी-अऩनी ऩतनीमो क साथ परीरत बोज भ वमसत थ उस नगय की ऩवि हदशा भ ही शरी रकषभी नायामण जी का भॊहदय था जहाॉ दीऩ जरानवारा कोई नही था उस हदन षवशष एकादशी थी सजस एक ऩवि हदन बी भाना जाता ह ऩय उस नगय क एक बी धनवान क भन भ भॊहदय भ ऩजा कयन का षवचाय नही आमा शाभ होत-होत आकाश भ घन फादर छा गम औय भसराधाय फारयश होन रगी वमाऩारयमो क घय ऩानी स बय गम चायो ओय अॊधकाय ह अॊधकाय था सवय होन तक ऩया नगय ऩानी भ डफ गमा वमाऩारयमो क घय टट-पट गम उनका साया ऐशवमि सभापत हो गमा ऐसा उऩिव कमो भचा मह पररम कस हो गमा ककसी को कछ बी सभझ भ नही आ यहा था इतन भ उनह एक षवचचतर दशम हदखाई हदमा नगय क फाहय जो झोऩडडमाॉ थी व तो वसी की वसी थी उनको आशचमि हआ इतनी फारयश भ बी म कस सही सराभत यही व ऐसा भन ही भन सोच यह थ कक इतन भ बफजरी कडकी औय आकाशवाणी हई ldquoए भखो तमहायी सॊऩसतत तमहायी अऩनी ह सवासजित ह ऐसा सोचत थ इसी लरम ऐसा हआ ह इस झोऩडी भ यहनवारा दव भया षपरम बकत ह आभ आदभी होन ऩय बी दव रनतम तमहाय नगय भ ससथत शरी रकषभी नायामण

भॊहदय भ दीऩ जराता था इतना ही नही हय एकादशी क हदन मथा सॊबव वह शरी फाराजी वरत कथा बी सॊऩनन कयता था इसी लरम इन झोऩडीमो भ यहनवार सबी रोग सयकषत यह आऩ सबी महद वरत सॊऩनन कयग तो अऩन-अऩन

ऐशवमि को ऩन परापत कय सकत होrdquo आकाशवाणी सनत ही तयॊत व सबी रोग उस भॊहदय भ गम औय जस

सॊबव हो सका वस सबी रोगोन एक-दसय क सहमोग स शरी फाराजी की वरत कथा सॊऩनन की ऐसा कयत ही सबी को उनक घय ऩवि रऩ भ ही परापत हो गम तफ स व सबी शरीफाराजी क बकत फन गम औय हय एकादशी को शरीफाराजी का वरत सॊऩनन कयत औय सख-शाॊरत परापत कय यहन रग अॊत भ उनहोन भसकत बी परापत की

शरीवलशषठजी न इस परकाय म कथा सनाई

गोषव ॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

ततीमोधमाम सभापतॊ |

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ

शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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चतथव अधमाम

शरी बयदवाज उवाच

शरीनायामण जी को ldquoशरीफाराजी वरत कथाrdquo अतमॊत षपरम ह चतथि अधमाम क रऩ भ हभाय साभन शरी बयदवाज

भरनदवाया फतामी नमी कहानी इस परकाय ह- ldquoह कलरमगवालसमो शरी नायामण क षपरम बकतो आऩ सजस वरत को सॊऩनन कय यह ह वह अदभत ह आऩकी भनोकाभनाओॊ को ऩणि कयन का साधन ह शरी फाराजी को परसनन कयन का मह अतमॊत सयर उऩाम ह आऩ सबी ऩय कऩा कयन क लरम ही वकॊ ठवासी बगवान शरीरनवास क रऩ भ रतरभरा ऩहाड ऩय अवतरयत हए ह अनक जनभो क ऩणमपर स ही रतरभरा ऩहाड ऩय ऩय यखन का सौबागम परापत होता ह औय बगवान क दशिन बी सॊबव होत ह इसी तयह इस ldquoवरतकथाrdquo को सॊऩनन कयन का सॊकलऩ बी ऩविजनभ क

ऩणमपर स ही सॊबव होता ह जो वमसकत इस वरत को सॊऩनन कय यह ह मा जो इस कथा को सन यह ह मा जो बगवान क परसाद को गरहण कयत ह उनह बगवान की कऩा परापत होती ह औय व सौबागम बी ऩात ह

पराचीन कार भ ldquoनगयीrdquo नाभक एक गराभ भ धनगपत नाभ का वमाऩायी यहता था वह फहत ही रारची था ऐशवमि परापत कयन ऩय बी उसका रारचीऩन कभ नही हआ मह सभसत ऐशवमि उसका ही कभामा हआ ह ऐसा सोचकय वह फहत घभॊड कयता था अहॊकाय भनषम का नाश कयता ह

धनगपत की ऩतनी काॊरतभती अतमॊत बसकत बावना यखती थी औय रनषठा स बगवान की ऩजा कयती थी उनकी तीन कनमाएॉ थी तीसयी कनमा ldquoकभायीrdquo भ बसकत बावना जमादा थी वह हभशा फाराजी का नाभ ही जऩती यहती थी षऩताजी को बफना फताम वह जफ-तफ शरी फाराजी क भॊहदय भ जाती थी औय बगवान क दशिन कयती थी घय आकय षऩताजी को छोड अनम सबी क साथ परसाद सवीकाय कयती थी ऩती क ऐस वमवहाय स

काॊरतभती थोडी चच ॊरतत होती थी

एक हदन ldquoकभायीrdquo की सहरी क घय ऩय ldquoशरी फाराजीrdquo का वरत सॊऩनन हो यहा था मह जानकय वो वहाॉ गई वरत ऩया होन तक दोऩहय हो चकी थी थोडासा परसाद उसन गरहण ककमा औय थोडा वह अऩन घयवारो क लरम एक

कागज की ऩडी भ रकय चरी फीच यासत भ उस पमास रगन रगी धऩ बी फहत तज थी उसन सोचा थोडी दय रक

कय पमास फझाकय कपय चरॉ तो ठीक यहगा तबी उस माद आमा कक उसक षऩता की दकान अगरी गरी भ ही तो ह वहाॉ जाकय उसन षऩताजी को ऩजा की फात बफना फताम षऩताजी स ऩानी भाॉगकय षऩमा औय षऩताजी गससा कयग

इस डय स उसन जलदी-जलदी ऩानी षऩमा इस घफयाहट भ परसाद की ऩडी वही दकान भ बरकय चरी गई

एकाएक फाजाय भ हडकॊ ऩ भच गमा रोग हाहाकाय भचात हए इधय-उधय बागन रग आगजनी क कायण उस गरी की सायी दकान जर कय याख होन रगी वस बी दोऩहय का सभम थाउस ऩय गभि हवाएॉ चर यही थीधनगपत का शयीय डय क भाय काॉऩन रगा ldquoकछ ही सभम भ उसकी दकान बी जर कय याख हो जाएगीrdquo इस षवचाय स उस क हाथ-ऩय काॉऩन रग सबी रोग अऩनी-अऩनी दकानो स फाहय आकय इधय-उधय बागन रग ऩय

धनगपत वही खडा यह गमा दकान छोडकय जान का भन नही कय यहा था महद वो दकान भ यहगा तो जरकय

याख हो जामगासोचत हए उसन घफयाहट भ उसक हाथ रगी ऩडी को उठामा औय बफना सोच सभझ जो हाथ आमा वो भॉह भ डार हदमा उस कछ भीठा-भीठा सा ऩदाथि रगा औय भन बी शाॊत होन रगा

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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तबी एक अदभत घटना घटीआग धनगपत की दकान तक आकय रक गमी आग की रऩत वहाॉ नही आ ऩामी मह कसी षवचचतर फात हम कसी भामा ह धनगपत क भॉहस एक बी फात नही रनकर ऩामी उधय आगजनी की खफय सनत ही ऩतनी काॊरतभती अऩन कनमाओॊ क साथ फाराजी का सभयण कयत हए दौडती हई वहाॉ आ गमी आग उनक दकान तक आकय कस रक गमी मह दखकय उस आशचमि हआ तबी कभायी को दकान भ बरी हई ऩडी की माद आई धनगपत को सभझन भ दय नही रगी कक उसन जो चीज भॉह भ डारी थी वो औय कछ नही तो बगवान का परसाद ही था औय उसकी भहहभा स ही व इस दघिटना स चक गम धनगपत न शरीफाराजी स भा भाॉगी गार फजाम शाभ भ ही नगयवालसमो को फराकय ldquoशरीफाराजी की वरत कथाrdquo सॊऩनन की तफ स वह बगवान की सवा भ रीन हो गमा औय अॊत भ भो बी परापत की आऩन दखा कक कवर परसाद गरहण कयन स ही वो ककतनी फडी दघिटना स चक गमा फाराजी की भहहभा अदभत ह आऩ सबी बी मथा सॊबव वरत को सॊऩनन कय क बगवान की कऩा परापत कय सकत हldquo

शरीबयदवाजजी न इस परकाय मह चतथि कथा सनामी

गोषवॊदगोषवॊदगोषवॊद

चतथोधमाम सभापतॊ |

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ऩॊचभ अधमाम

शरी अतरतर उवाच

रतरभरा-रतरऩती बरोक का वकणठ धाभ ह ऩयाणो भ फतामा गमा ह कक रतरभरा क सभान ऩषवतर सथर औय शरी फाराजी जस दवता न तो ऩहर कबी हए ह औय न कबी होग शरीरनवास क रऩ भ अवतरयत शरी नायामण अऩन

बकतो स फहत परभ कयत ह जो उन ऩय अऩना ऩया बाय डारकय उनह रनतम सभयण कयत ह जो सदाचाय स ऩणि जीवन बफतात ह वो उनकी या कयत ह ऐस शरीफाराजी को परसनन कयन का सफस सयर उऩाम ह ndash ldquoशरीफाराजी की वरत कथाrdquo

इस अदभत वरत कथा क फाय भ भहातऩसॊऩनन शरी अबतर भहषषि न कऩा कयत हए कहा ह- ldquo ह फाराजी क षपरम

बकतो कलरमग भ आऩक सौबागम क फाय भ कमा कहना कतमग तरतामग औय दवाऩायमग भ अतमॊत कठोय तऩ-

जऩ कयन ऩय बी परसनन न होन वार शरी नायामण इस मग भ कवर नाभसभयण स ही आऩ रोगो ऩय कऩा कय यह

ह षवशवास क साथ उनह फरान ऩय व तयॊत कऩा परदान कयत ह ऐस करणाभम ह शरीफाराजी ऩषवतर रतरभरा ऩय

तमहाया यखा हय कदभ अनक जनभो क ऩणमपर क सभान ह

पराचीन कार भ ldquoकौभायrdquo दश भ ldquoलभतरrdquo नाभक धोफी यहता था वो अऩन काभ क साथ-साथ धालभिक कामि कयता हआ जीवन रनवािह कय यहा था उसकी अऩॊगता ही उसकी चच ॊता थी इसी कायण धोए हए कऩडो की ऩोटरी फनाकय घय-घय घभकय उनह रोगो तक ऩहॉचाना उस धीय धीय भसशकर रगन रगा उसका ऩरयवाय फडा था बफना भहनत ककए उस बय ऩट खान को बी नही लभरता था हभशा वो शरी फाराजी की ऩजा कयता यहता था कबी ना कबी बगवान उस ऩय कऩा कयग इसी षवशवास स वो अऩना जीवन गजाय यहा था बकतो ऩय कऩा कयन वार फाराजी सफ कछ दखत यहत ह जो वमसकत अऩन कभो स भकती ऩाता ह उनक ऩास आकय फाराजी ककसी न ककसी रऩ भ आकय उनकी या कयत ह एक हदन शाभ क सभम हभशा की तयह लभतर कऩड धोकय कऩडो की ऩोटरी राद धीय-धीय चरता हआ आ

यहा था फीच यासत भ उस एक वदध बराहभण हदखाई हदम गौयव की बावना स फड होन क कायण लभतर न अऩन कॊ ध

ऩय रदी हई ऩोटरी को नीच उतायकय वदध बराहभण को नभसकाय ककमा तफ उस षवपरोततभ न कहा- ldquoतभ अऩन इस ऩय क कायण ककतना कषट सह यह हो तमहाया दख दखा नही जाताrdquo तफ लभतर न कहा-ldquoह नाथ आऩ फजगि ह बयाऩया ऩरयवाय होन क कायण भझ इस काभ स भकती नही लभर यही ह ककसी तयह भयी म अऩॊगता दय हो ऐसा कोई उऩाम फताइएrdquo

तफ बराहभण न कहा-ldquoसनो बाई भ जरय फताऊॉ गा धमान स सनो भ एक ऐस वरत क फाय भ फताता हॉ सजस सॊऩनन कयन स तमहायी अऩॊगता दय हो जाएगी तमह अषट ऐशवमो की परासपत होगी वरत सॊऩनन कयत ही तमह हजाय अशकपि माॉ लभरगी ऩय एक शति ह उसभ स आध तभ भझ दोगकर भ कपय इसी सभम महाॉ लभरॉगाrdquo तफ लभतर न कहा- ldquoसवाभी इसस फढकय सौबागम औय कमा हो सकता ह आज ही इस

वरत क फाय भ फताइए भ उस सॊऩनन करॉ गाrdquo लभतर क उतसाह को दख वदध न शरी फाराजी वरत कथा क फाय भ फतामा

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लभतर दगन उतसाह क साथ घय आमा ऩयी कहानी ऩतनी को फतामी औय अडोस-ऩडोस क साथ लभरकय शरी फाराजी वरत को सॊऩनन ककमा चयणाभत परसाद गरहण ककमा घय आए सबी रोगो को बी हदमा तबी घय क फाहय कछ

कोराहर सनाई हदमा लभतर का फटा फाहय स दौडता हआ आमा औय फोरा- ldquoषऩताजी षऩताजी याज-यक आऩक लरम आए ह याजा न आऩक लरम बट बी बजी हrdquo इतन भ यक बी वहाॉ आ गम उनहोन फतामा कक उसकी रनमसकत याज दयफाय भ धोफी क रऩ भ हो गमी ह याजा न हजाय अशकपि माॉ ऩयसकाय सवरऩ बजी ह ऐसा कहकय उनहोन लभतर क हाथ भ हजाय अशकपिमो की ऩोटरी यख दी एक हफत क अॊदय-अॊदय

उस आकय नौकयी भ बतॉ होन को बी कहा लभतर क आनॊद की सीभा नही थी एक हफता कमो कर ही कमो नही सोचकय उसन अऩनी ऩोटरी-वोटरी फाॉधी औय दसय हदन सवय ही वो जान को तमाय हो गमा इस जलदफाजी भ वह

उस वदध की फात बर गमा फीच यासत भ उस उसकी फात माद आ गमी ऩय ठीक हअगर भहहन लभर रता हॉ सोच

कय वह याज दयफाय भ अऩन काभ ऩय रग गमा हदनभहहन फीत बराहभण क वश भ आए बगवान को गससा आमा बगवान न सोचा भनषम की परवसतत ऐसी ही होती ह उस भझ अऩनी भहहभा फतानी होगी

दसय ही हदन याणीवास स आबषण चोयी हो गम चोयी का इलजाभ लभतर ऩय आमा लभतर को कायावास की सजा हई hellipयाज यकोन उस तयह-तयह की मातनाएॉ दी ऐसा कमो हआउस ऩय मह इलजाभ कमो रगा सोचत हए लभतर को यात को सऩन भ बगवान हदखाई हदम उनहोन फतामा कक ldquoवदध बराहभण क रऩ भ व ही आम थ वो अऩनी फात स भकय गमा इसलरम म सफ हआ हrdquo तफ लभतर न कहा-ldquoह नाथभ ऩाऩी हॉ भन फहत फडा ऩाऩ ककमा ह कऩमा भझ ऩय दमा कीसजम अफ भ हय भहहन आऩका वरत सॊऩनन करॉ गा भयी आम का आधा बाग जीवन बय आऩको सभषऩित करॉ गाrdquo गार फजाकय उसन बगवान की हय तयह स पराथिना की बकतो की ऩकाय सननवार बगवान न खशी-खशी लभतर ऩय कऩा कय दी बगवान की कऩा स याणी क आबषण दसयही हदन लभर गम याजान म बी जान लरमा कक लभतरन चोयी नही की थी लभतरको कायावास स रयहा कय हदमा गमा तफ स लभतर बगवान को हदम वचन अनसाय हय भहहन शरी फाराजी का वरत सॊऩनन कयन रगा औय अऩनी आम का आधा बाग बगवान को अषऩित कयता यहा सख ऩणि जीवन बफतात हए उसन अॊत भ भो बी परापत ककमाrdquo

शरी अबतरजी न ऐसा कहकय ऩाॉचव औय आखयी अधमाम को सभापत ककमा

गोषवॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

ऩॊचभोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

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faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ॐ अचमताम नभ ॐ ऩरदमनी-षपरमाम नभ ॐ धयाऩतम नभ ॐ सयऩतम नभ ॐ रनभिराम नभ ॐ दवऩसजताम नभ ॐ चतबिजाम नभ ॐ चकरधयाम नभ ॐ बतरधामन नभ ॐ बतरगणाशरमाम नभ ॐ रनषविकलऩाम नभ ॐ रनषकरनकाम नभ ॐ रनयाॊतकाम नभ ॐ रनयनजनाम नभ ॐ रनयाबासाम नभ ॐ रनतमतपताम नभ ॐ रनगिणाम नभ ॐ रनरऩिवाम नभ ॐ गदाधयाम नभ ॐ शायॊगऩाणम नभ ॐ ननदककन नभ ॐ शनखधायकाम नभ ॐ अनकभतिम नभ ॐ अवमकताम नभ ॐ कहटहसताम नभ ॐ वयपरदाम नभ ॐ अनकातभन नभ ॐ दीनफानधव नभ ॐ आतिरोक बमपरदाम नभ ॐ आकाशयाज-वयदाम नभ ॐ मोचग-रतऩदमभसनदयाम नभ ॐ दाभोदयाम नभ ॐ जगतऩाराम नभ

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ॐ ऩाऩघनाम नभ ॐ बकतवतसराम नभ ॐ बतरषवकरभाम नभ ॐ लशॊशभायाम नभ ॐ जटाभकट-शोलबताम नभ ॐ शनख-भदमोर-सनभॊजराम-ककसनकणमाडम-कयनडकाम नभ ॐ नीरभघ-शमाभ-तनव नभ ॐ बफलव-ऩतराचिन षपरमाम नभ ॐ जगदवमाषऩन नभ ॐ जगत-कत नभ ॐ जगत-साकषण नभ ॐ जगतऩतम नभ ॐ चचसनतताथि-परदाम नभ ॐ सजषणव नभ ॐ दाशावािम नभ ॐ दश-रऩवत नभ ॐ दवकक-ननदनाम नभ ॐ शौयम नभ ॐ हमगरीवाम नभ ॐ जनादिनाम नभ ॐ कनमा-शरवणतायजमाम नभ ॐ ऩीतामफयधयाम नभ ॐ अनघाम नभ ॐ वनभालरन नभ ॐ ऩदमनाबाम नभ ॐ भगमासकत-भानसाम नभ ॐ अशवरढाम नभ ॐ खडगधारयण नभ ॐ धनाजिन-सभतसकाम नभ ॐ गानसायर-सनभधम-कसतरय-रतरकोजवराम नभ ॐ ससतचदाननदरऩाम नभ ॐ जगनभनगरदामकाम नभ ॐ मऻरऩाम नभ

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ॐ मऻबोकत नभ ॐ चचनभमाम नभ ॐ ऩयभशवयाम नभ ॐ ऩयभाथि-परदाम नभ ॐ शानताम नभ ॐ शरीभत नभ ॐ दोदिनड-षवकरभाम नभ ॐ ऩयातऩयाम नभ ॐ ऩयबरहभण नभ ॐ शरीषवबव नभ ॐ जगदीशवयाम नभ

इतत शरी वकटशवय अषटोततय शतनाभावलर

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शरी भहारकषभी अषटोततय शतनाभावलर

ॐ परकतम नभ ॐ षवकतम नभ ॐ षवदमाम नभ ॐ सविबतहहतपरदाम नभ ॐ शरदधम नभ ॐ षवबतम नभ ॐ सयभम नभ ॐ ऩयभासतभकाम नभ ॐ वाचम नभ ॐ ऩदमारमाम नभ ॐ ऩदमाम नभ ॐ शचम नभ ॐ सवाहाम नभ ॐ सवधाम नभ ॐ सधाम नभ ॐ धनमाम नभ ॐ हहयणमम नभ ॐ रकषमम नभ ॐ रनतमऩषटाम नभ ॐ षवबावम नभ ॐ आहदतम नभ ॐ हदतम नभ ॐ दीपताम नभ ॐ वसधाम नभ ॐ वसधारयणम नभ ॐ कभराम नभ ॐ कानताम नभ ॐ काभाकषम नभ ॐ कभर समबवाम नभ ॐ अनगरहपरदाम नभ ॐ फदधम नभ ॐ अनघाम नभ

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ॐ हरयवलरबाम नभ ॐ अशोकाम नभ ॐ अभताम नभ ॐ दीऩाम नभ ॐ रोकशोक षवनालशनम नभ ॐ धभिरनरमाम नभ ॐ करणाम नभ ॐ रोकभातर नभ ॐ ऩदमषपरमाम नभ ॐ ऩदमहसताम नभ ॐ ऩदमाकषम नभ ॐ ऩदमसनदम नभ ॐ ऩदमोदभवाम नभ ॐ ऩदमभखम नभ ॐ ऩदमनाब षपरमाम नभ ॐ यभाम नभ ॐ ऩदमभाराधयाम नभ ॐ दवम नभ ॐ ऩरदमनम नभ ॐ ऩदमगसनधनम नभ ॐ ऩणमगनधाम नभ ॐ सपरसननाम नभ ॐ परसादालबभखम नभ ॐ परबाम नभ ॐ चनिवदनाम नभ ॐ चनिाम नभ ॐ चनिसहोदम नभ ॐ चतबिजाम नभ ॐ चनिरऩाम नभ ॐ इसनदयाम नभ ॐ इनद शीतराम नभ ॐ आहराद जननम नभ ॐ ऩषम नभ

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ॐ लशवाम नभ ॐ लशवकतम नभ ॐ सतमाम नभ ॐ षवभराम नभ ॐ षवशवजननम नभ ॐ तषम नभ ॐ दारयदरमनालशनम नभ ॐ परीरत ऩषकरयणम नभ ॐ शानताम नभ ॐ शकरभालमामफयाम नभ ॐ बासकम नभ ॐ बफलव रनरमाम नभ ॐ वयायोहाम नभ ॐ मशससवनम नभ ॐ वसनधयाम नभ ॐ उदायॊगम नभ ॐ हरयणम नभ ॐ हभभालरनम नभ ॐ धन धानमकतम नभ ॐ लसदधम नभ ॐ सतरणम सौममाम नभ ॐ शबपरदाम नभ ॐ नऩवशभ गताननदाम नभ ॐ वयरकषमम नभ ॐ वसपरदाम नभ ॐ शबाम नभ ॐ हहयणम पराकायाम नभ ॐ सभि तनमाम नभ ॐ जमाम नभ ॐ भॊगराम नभ ॐ षवषणव सथरससथताम नभ ॐ षवषणऩतनम नभ ॐ परसननाकषम नभ

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ॐ नायामण सभाचशरताम नभ ॐ दारयदरम धवॊलसनम नभ ॐ दवरकषभ नभ ॐ सवोऩिव रनवारयणम नभ ॐ नवदगािम नभ ॐ भहाकालम नभ ॐ बरहभा-षवषण-लशवासतभकाम नभ ॐ बतरकारऻानसमऩननाम नभ ॐ बवनशवम नभ ॐ भहारकषभी अषटोततय शत नभ

इरत शरी रकषभी अषटोततय शतनाभावलर

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शरी ऩदमावती अषटोततय शतनाभावलर

ॐ ऩदमावततम नभ ॐ दवम नभ ॐ ऩदमोदभवाम नभ ॐ करणापरदारमनम नभ ॐ सरदमाम नभ ॐ तजसवरषऩणम नभ ॐ कभरभखम नभ ॐ ऩदमधयाम नभ ॐ शरीम नभ ॐ ऩदमनतरम नभ ॐ ऩदमकयाम नभ ॐ सगणाम नभ ॐ कभकभषपरमाम नभ ॐ हभवणािम नभ ॐ चनिवसनदताम नभ ॐ धगधगपरकाश शयीय-धारयणम नभ ॐ षवषणषपरमाम नभ ॐ रनतमकलमाणम नभ ॐ कोहटसमिपरकालशणम नभ ॐ भहासौनदमिरषऩणम नभ ॐ बकतवतसराम नभ ॐ बरहभानडवालसनम नभ ॐ सविवानचापरदारमनम नभ ॐ धभिसनकलऩाम नभ ॐ दाकषणमकटाकषणम नभ ॐ बसकतपरदारमनम नभ ॐ गणतरमाषववसजिताम नभ ॐ कराषोडशसॊमताम नभ ॐ सविरोकानानजननम नभ ॐ भसकतदारमनम नभ ॐ दमाभतामाम नभ ॐ परऻाम नभ

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ॐ भहाधभािम नभ ॐ धभिरषऩणम नभ ॐ अरनकाय षपरमाम नभ ॐ सविदारयदरमधवॊलसनम नभ ॐ शरीवकटशवसथरससथताम नभ ॐ रोकशोकषवनालशनम नभ ॐ वषणवम नभ ॐ रतरचानरऩयवालसनम नभ ॐ वदवदमषवशायदाम नभ ॐ षवषणऩादसषवताम नभ ॐ यतनपरकाशककयीटधारयणम नभ ॐ जगनभोहहनम नभ ॐ शसकतसवरषऩणम नभ ॐ परसननोदमाम नभ ॐ इनिाहददवत मककननय ककमऩरष ऩसजताम नभ ॐ सविरोकरनवालसनम नभ ॐ बजमाम नभ ॐ ऐशवमिपरदारमनम नभ ॐ शानताम नभ ॐ उननतसथानससथताम नभ ॐ भनदायकालभनम नभ ॐ कभराकयाम नभ ॐ वदानतऻानरषऩणम नभ ॐ सविसमऩसततरषऩणम नभ ॐ कोहटसमिसभपरबाम नभ ॐ ऩजापरदारमनम नभ ॐ कभरासनाहद सविदवताम नभ ॐ वकनठवालसनम नभ ॐ अबमदारमनम नभ ॐ िाापरऩामसषपरमाम नभ ॐ नतमगीतषपरमाम नभ ॐ ीयसागयोदभवाम नभ ॐ आकाशयाज ऩबतरकाम नभ

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ॐ सवणिहसतधारयणम नभ ॐ काभरषऩणम नभ ॐ करणाकटाधारयणम नभ ॐ अभतासजाम नभ ॐ बरोकसवगिसखदारमनम नभ ॐ अषटहदकऩारकाचधऩतम नभ ॐ भनभधदऩि सॊहारयणम नभ ॐ कभराथिबागाम नभ ॐ सवलऩऩयाध-भहाऩयाध-भाम नभ ॐ शतकोहटतीथिवालसताम नभ ॐ नायदाहद भरनशरषठ ऩसजताम नभ ॐ आहदशनकयऩसजताम नभ ॐ परीरतदारमनम नभ ॐ सौबागमपरदारमनम नभ ॐ भहाकीतॉ परदारमनम नभ ॐ कषणारतषपरमाम नभ ॐ गनधवि शाऩषवभोचकाम नभ ॐ कषणऩतनम नभ ॐ बतररोकऩसजताम नभ ॐ जगनभोहहनम नभ ॐ सरबाम नभ ॐ सशीराम नभ ॐ अॊजनासतानगरहपरदारमनम नभ ॐ बकतमातभरनवालसनम नभ ॐ सॊधमावसनदनम नभ ॐ सविरोकभातर नभ ॐ अलबभतदारमनम नभ ॐ रलरतावधतम नभ ॐ सभसतशासतर षवशायदाम नभ ॐ सवणािबयणधारयणम नभ ॐ इहऩयरोक सखपरदारमनम नभ ॐ कयवीयरनवालसनम नभ ॐ नागरोकभरणसह आकाशलसनध कभरशवय ऩरयतयधगभनाम नभ

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ॐ शरी शरीरनवासषपरमाम नभ ॐ चनिभनडरससथताम नभ ॐ अलरवर भनगाम नभ ॐ हदवमभनगर धारयणम नभ ॐ सकलमाणऩीठससथताम नभ ॐ काभकवनऩषऩषपरमाम नभ ॐ कोहट भनभधरषऩणम नभ ॐ बानभनडररषऩणम नभ ॐ ऩदमऩादाम नभ ॐ यभाम नभ ॐ सविरोकसबानतय धारयणम नभ ॐ सविभानसवालसनम नभ ॐ सवािम नभ ॐ षवशवरऩाम नभ ॐ हदवमऻानाम नभ ॐ सवभनगररषऩणम नभ ॐ सवािनगरहपरदारमनम नभ ॐ ॐकायसवरषऩणम नभ ॐ बरहभऻानसॊबताम नभ ॐ शरी ऩदमावतम नभ ॐ सदमोवदवतम नभ ॐ शरीभहारकषमम नभ

इरत शरी ऩदमावती अषटोततय शतनाभावलर

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धऩभ दशाॊगभ गगगरोऩतॊ गोघतन सभसनवतभ धऩॊ गहाण दवश सविरोक नभसकाया

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - धऩभािाऩमालभ

(सवाभीजी क भतॉ की अगयफतती औय धऩ स आयती कय)

दीऩभ

बतररोकश भहादव सविऻान परदामक दीऩॊ दासमालभ दवश यभाभ बकतवतसर

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - दीऩॊ दशिमालभ

(सवाभीजी क भतॉ की दीऩ स आयती कय )

नवदमभ

सविबशच बोजजशच यस षडलब सभसनवतॊ नवदमनत भमानीतभ गहाण ऩरषोततभ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - नवदमॊ सभऩिमालभ

(सवाभीजी को परसाद चढाम अगय करा ह तो ldquoकदरीपर रनवदमालभrdquo नारयमर ह तो ldquoनारयकर परॊ रनवदमालभrdquo ऐस कह अगय गड ह तो ldquoगडोऩहाय नवदमभ सभऩिमालभrdquo कह)

ॐ पराणाम सवाहा ॐ आऩानाम सवाहा ॐ वमानाम सवाहा ॐ उदनाम सवाहा ॐ सभानाम सवाहा ॐ ऩयबरहभण सवाहा ॐ बबिव सव ततसषवतय-वयणमभ बगो दवसम धीभहह चधमो मो न परचोदमात ॐ आऩो जमोरतयसोभतॊ बरहभ बबिव सवयोभ भधम भधम ऩानीमभ सभऩिमालभ

अभताषऩधानभलस उततयाऩोशनभ सभऩिमालभ हसतौ परारमालभ ऩादौ परारमालभ ऩनयाचभनीमभ सभऩिमालभ

तामफरभ ऩगीपर सकऩिय नागवलरीदरमितॊ भकताचणि सभामकतॊ तामफरॊ पररतगहमताॊ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - तामफरभ सभऩिमालभ

नीयाजनभ चशरम कानताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरीवकटरनवासाम शरीरनवासाम भनगरभ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ नीयाजनभ दशिमालभ

ऩनयाचभनीमभ सभऩिमालभ

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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भॊतरऩषऩभ

ॐ सहसतरशीषिभ दवॊ षवशवाॊ षवशवशॊबवॊ षवशवॊ नायामणनदवभ अयॊ ऩयभॊ ऩदॊ १

षवशवत ऩयभासननतमॊ षवशवॊ नायामणॊ हरयॊ षवशवभवदॊ ऩरषसतदषवशवॊ उऩजीवरत २

ऩरतॊ षवशवसमातभशवयॊ शाशवतॊ लशवभचमतॊ नायामणॊ भहाऻमॊ षवशवतभानॊ ऩयामणॊ ३

नायामण ऩयोजमोरत आतभा नायामण ऩय नायामण ऩयभ बरहभ ततवभ नायामण ऩय नायामण ऩयो धमाता धमानभ नायामण ऩय ४

मचच ककसनचत जगतसव दशमत शरमतषऩ वा अनतफिहहशचततसविभ वमापमा नायामण ससथत ५

अननतभ अवममभ कषवॊ सभिनतभ षवशवशमबवभ ऩदमकोश परतीकाशभ रदमभ चापमधोभखभ ६

अधोरनषमा षवतसतमानत नाभमाभऩरय रतषठरत जवाराभाराकरॊबारत षवशवसमामातनभ भहत ७

सनततॊ लशरालबसत रॊफतमाकोशससननबभ तसमानत सलशयभ सकषभभ तससभन सविभ पररतसषठतभ ८

तसमभधम भहान असगन षवशवायचचषविशवतो भख सोगरबसगवबजन रतषठाननाहाय भजय कषव

रतमिगधवाि भधशशामीयशभमा सतसम सनतता ९

सॊताऩमरत सवॊ दह भाऩादतरभसतक तसम भधम वसनह लशखा अणीमोधवाि वमवससथत १०

नीरथो मदभधमसता षवदमलरखव बासवया नीवायशकवततनवी ऩीताबा सवतमनऩभा ११

तसमा लशखामा भधम ऩयभातभा वमवससथत स बरहभ स लशव स हरय स इनि सोय ऩयभासवयात १२

ॐ तद बरहभ ॐ तद वाम ॐ तदातभा ॐ ततसतमभ ॐ ततसविभ ॐ ततऩयोनिभ अनतशचयरत बतष गहामाभ षवशवभरत िष तवभ मऻसतवभ वषकायसतवभ इनिसतवभ रिसतवभ

षवषणसतवभ बरहभतवभ परजाऩरत तवभ तदाऩ आऩो जमोरत यसोवतभ बरहभ बबिवससवयोभ १३

गदा ऩन शॊखयथानगकलऩक धवजायषवॊदाॊकश वजररासशचत ह शरीरनवास तवत चयणामफज दवमॊ भदीम भधािन भरज ॐ रनयॊजनाम षवदमह रनयाबासाम धीभहह तननो शरीरनवास परचोदमात शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हदवमभनतरऩषऩॊ सभऩिमालभ

परदकषण नभसकाय

शरोकॊ मारनकारन च ऩाऩारन जनभानतय कतारन च तारन तारन परणशमसनत परदकषण ऩद ऩद ऩाऩोहभ ऩाऩकभािहभ ऩाऩातभा ऩाऩसॊबव तराहहभाभ कऩभमा दव शयणगतवतसर अनमधा शयणॊ नाससत तवभव शयणॊ भभ तसभात कारणम बावन य य जनादिन

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - आतभपरदकषण नभसकायान सभऩिमालभ

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षवषवधोऩचाय ऩजा छतरॊ धायमालभ चाभयॊ वीजमालभ नतमॊ दशिमालभ गीतॊ शरावमालभ वादमॊ घोषमालभ आॊदोलरकान आयोहमालभ आशवानायोहमालभ गजानायोहमालभ सभसत यजोऩचाय शकतमऩचाय

मनतरोऩचाय दवोऩचाय सवोऩचाय ऩजाॊ सभऩिमालभ

भाऩवणभ भनतरहीनॊ ककरमाहीनॊ बसकतहीनॊ जनादिन मतऩसजतभ भमा दव ऩरयऩणिभ तदसतत

अनमा धमानावाहनाहद षोडशोऩचाय ऩजमा च बगवन सवाितभक शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरी वकटशवय सवरऩो बगवान सपरीत सपरसननो वयदो बवत शरी वकटशवय दव परसादॊ लशयसा गहणालभ

तीथवभ

अकार भतमहयणॊ सविवमाचध रनवायणभ सवि ऩाऩमकयॊ दव ऩादोदकॊ ऩावनॊ शबॊ

नवदमभ

ॐ बबिवससव ॐ ततसषवतवियणमभ बगो दवसम धीभहह चधमो मो न परचोदमात सतमॊ तवतन ऩरयषषॊचालभ अभतभसत अभतोऩसतयणभलस ॐ पराणाम सवा ॐ अऩानाम सवा ॐ वमानाम सवा ॐ उदानाम सवाह ॐ सभानाम सवा ॐ बरहभण सवा

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - भहानवदमभ सभऩिमालभ

अभताषऩधानभलस उततयाऩोशनभ सभऩिमालभ हसतौ परारमालभ ऩादौ परारमालभ शदध आचभनीमॊ सभऩिमालभ

तामफरॊ सभऩिमालभ सवणिभनतरऩषऩॊ सभऩिमालभ परदकषण नभसकायन सभऩिमालभ

अनमाधमानावाहनाहद षोडषोऩचाय ऩजमा बगवान सवाितभक शरी रकषभी ऩदमावती सभत वकटशवय सवाभी सपरीत सपरसननो वयदो बवत शरी रकषभी ऩदमावती सभत वकटशवय सवाभी परसादॊ लशयसा गहणालभ

उदवासनभ मऻन मऻभमजनत दवासतारन धभािरण परथभानमासन

तहनाकॊ भहहभानससचनत मतर ऩव साधमा ससनत दवा

गचछ गचछ सयशरषठ सवसथान शरी वकटशवय बकताबीषट सभधमथिभ ऩनयागभनाम च

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरी वकटशवय सवाभी मथासथानॊ उदवासमालभ

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परथभ अधमाम

शरी बगवान उवाच

कलरमग भ एक हदन शब भहति भ रतरभरा ऩहाड ऩय (सजस धयती का वकॊ ठ कहा जाता ह ) ldquoषवशवऩरत नाभक एक बकत ऩय शरी फाराजी की कऩा हई शरी षवषण क अवताय शरी फाराजी (वकटशवय) जो महाॉ शरीरनवास क रऩ भ ऩज जात ह उनहोन षवशवऩरत को ldquoशरी फाराजी वरत कथाrdquo नाभ स परलसधद इस गरॊथ की यचना कयन की आऻा दी औय कहा- ldquoह भय षपरम बकत षवशवऩरत भय षपरम होन क कायण इस वरत को षवसताय रऩ स तमह फाता हॉ सनो म

वरत भझ अरत षपरम ह आसान होन क कायण इस सबी रोग सॊऩनन कय सकत ह

कलरमग भ भानव अऩन ऩाऩ कभो का पर बोगता ह अनक कषट सहत हए जीवन रनवािह कयता ह कछ बकत

अऩन दख भझ फताकय उनह दय कयन क लरम कहत ह फहत स ऩस खचि कय वो भझ दखन क लरम रतरभरा की मातरा कयत ह भय बकतो स भझ परभ ह व भझऩय अऩना ऩया बाय डार दत ह भ उनह धभि क भागिऩय चराता हॉ

अबी भ जो मह वरत कथा तमह फतान जा यहा हॉ वो ldquoशरी फाराजी की कथाrdquo क नाभ स परलसदध होगा म भया वरत भझ अरतषपरम ह जो वमसकत इस बसकत औय रनषठा स कयगा वह तयॊत ऩाय ऩामगा कोई बी वमसकत कबी बी इस वरत को सॊऩनन कय सकता ह भखम रऩ स भागिशीषि भाघ कारत िक भहहनो भ ऩणिभासी ऩॊचभी सपतभी एकादशी रतचथमो ऩय मा शरवण सवारत नतरो ऩय इस कयना शरषठ होता ह

इस घोय कलरमग भ भय बकत जो कषट सह यह ह उनह भ जानता हॉ तमह जफ बी कोई कषट हो कोई सभसमा हो सवासम ठीक ना हो नौकयी वमाऩाय भ सभसमाएॉ हो भन अशाॊत हो तो इस वरत को सॊऩनन कयना चाहहम इसस

साय कषट दय हो जात ह घय भ शब कामि होन ऩय इस वरत को सॊऩनन कयन स बफना ककसी सभसमा क कामि ऩणि हो जाता ह इस वरत को सॊऩनन कयत ही सबी सख परापत होत ह औय अषट ऐशवमो की परासपत होती ह

सफय मा शाभ इस वरत को सॊऩनन कय सकत ह इस वरत भ ऩाॉच अधमाम ह इनका ऩठन बसकत क साथ कयना चाहहम अऩन घय भ मा रनवास सथान ऩय भॊहदय भ मा ककसी बी ऩषवतर सथान भ नदी तट ऩय सॊऩनन कय सकत ह

महद सॊबव हो तो अऩन फॊध लभतरो क साथ इस सॊऩनन कयन स जमादा शरषठ होता ह जो इस सॊऩनन कयत ह मा जो इस सनत ह वरत सॊऩणि होन क फाद परसाद को बसकत स सवीकाय कयत ह वो अषट ऐशवमो को परापत कयत ह इसस

ऩहर बी भय बकतो न कई भरनमो न इस वरत को सॊऩनन ककमा औय भया आशीवािद ऩामा बरोक भ यहनवार सबी को मह वरत आनॊद परदान कयगा औय शब पर बी परापत होगा शाॊत चचतत स भझ माद कयत हए इस वरत का ऩारन

कयो

सवि परथभ जहाॉ वरत कयना चाहत हो उस सथर को साप कयो भॊडऩ की वमवसथा कय भयी तसवीय सजसभ भयी षपरम

सरखमाॉ शरी दवी बदवी ह उस तसवीय को इस भॊडऩ ऩय सथाषऩत कयो भॊडऩ को दीवाय स रगाकय बी यख सकत हो अनम ककसी इचछक दवता की तसवीय बी सख सकत हो नवगरहो औय अषट हदकऩारको को मा तो भन भ नभसकाय

कयो मा उनका आवहान बी कय सकत हो

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सफस ऩहर हलदी स फनी गणश की ऩजा कयनी चाहहम उसक फाद उस वरत क ऩाॉचो अधमामो का रनषठा स ऩठन

कयना चाहहम मही परथभ अधमाम ह अनम चाय अधमाम भय अतमॊत षपरम ऩातर षवशवालभतर वलशषठ बयदवाज अबतर

भरनशवयो क परवचना रऩ भ ह ऩाॉच अधमामोको ऩढन क फाद भय षपरम शरोक बी ऩढ सकत हो हय अधमाम क अॊत

भ गोषव ॊद गोषव ॊद गोषव ॊद तीन फाय सभयण कयना चाहहम

आभ रोगो क कषटो को भ जानता हॉ इसी लरम भयी एक फात सनो महद ककसी कायण इस वरत को षवसताय रऩ स

सॊऩनन कयन भ कोई सभसमा आ यही हो तो भय तसवीय को साभन यख कय ऩहर गणश जी की कपय नवगरह दवताओॊ औय अषटहदकऩारको को सभयण कय ऩाॉच कहरनमाॉ ऩढकय अऩन भन भ जो इचछा ह उस भझ फताओ भ उस

परसाद क रऩ भ परदान करॉगा इस परकाय कयन स बी कामि की लसषदध होती ह तमहाय कषट दय हो जामग औय शब

पर परापत होगा

जो वमसकत इस वरत को बसकत स सॊऩनन कयगा भ उसक घय ककसी ना ककसी रऩ भ आकय परसाद सवीकाय करॉगा भयी कऩा आऩ सबी को हभशा परापत होगी शरी फाराजी न रतमभयाज षवशवऩरत याभकषणभरत ि ldquoषवशवऩरतrdquo को इस वरत कथा को षवसताय स फतामा कलरमगवासी हभ सबी इस वरत को सॊऩनन कय शरी फाराजी की कऩा क ऩातर फन सकत ह इस वरत को सॊऩनन कय हभ अऩन सबी कषट दय कय सकत ह औय उचचत पर बी परापत कय

सकत ह

गोषवॊदगोषवॊदगोषवॊद

परथभोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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दषवतीम अधमाम

शरी षवशवालभतर उवाच

भहातऩ सॊऩनन साात शरी षवशवालभतर जी न हभ ऩय कऩा की औय परवचन कयत हए कहा- ldquoह कलरमग वालसमो शरीरनवास क बकतो ldquoशरीफाराजी वरत कथाrdquo सजस आऩ सॊऩनन कय यह हो वह फहत ही ऩषवतर ह भहहभा स ऩणि ह मह वरत कलरमग भ शरी नायामण जी की करणा औय दमा परापत कयन का अतमॊत सयर साधन ह पराचीन कार भ शरी फाराजी क षपरम बकतो न इस सॊऩनन कय अऩनी काभनाओॊ को ऩणि ककमा इस वरत कथा क फाय भ हभ फताकय शरी फाराजी न हभाय पररत जो दमा हदखाई ह उसक लरए हभ उनह परणाभ कयत ह

पराचीन कार भ भगध याजम भ षवषणचचतत नाभक एक बकत यहता था उसकी नौ कनमाएॉ थी षवदवान होन ऩय बी वह अतमॊत गयीफ था षवषणचचतत की ऩतनी तायाभरत हभशा नायामणजी की पराथिना कयती यहती थी षववाहाहद शबकामि सॊऩनन कय जो बी ऩस दकषणा क रऩ भ लभरत थ उसस व भसशकर स अऩना जीवन रनवािह कय

यह थ कनमाएॉ मौवनावसथा भ ऩदाऩिण कय चकी थी तायाभरत हभशा इसी चच ॊता भ यहती थी कक इन कनमाओॊ का षववाह ककस परकाय सॊऩनन होग वह फाराजी की पराथिना कयत हए सदा अऩना सभम गजायती थी

वह तो फाराजी की बकत थी औय फाराजी अऩन बकतो स अतमाचधक परभ कयत ह उस हदन भाघ ऩरणिभा थी सवय

एक वदध बराहभण न षवषणचचतत क दयवाज ऩय दसतक दी औय कहा - ldquoह सवाभी भ फॊग दश का वासी हॉ एक मऻ

क लसरलसर भ दसय दश जा यहा हॉ यासत भ महाॉ आमा हॉ भझऩय दमा कयो औय अऩन घय भ एक हदन क लरए

यहन दो कर सवयही भ महॉ स चरा जाऊॉ गाrdquo उन की फात सनकय षवषणचचततन कहा lsquoनाथ इसस फढकय खशी औय कमा हो सकती ह अरतचथ साात नायामण जी क सभान होत ह ऐस हभाय ऩयाणो भ कहा गमा ह आऩ बफना ककसी सॊकोच क हभाय घय भ यह सकत हlsquo ऐसा कह कय उसन उस बराहभण को घय क अॊदय फरामा औय उनका सतकाय ककमा

दोऩहय भ बोजन क फाद उस वदध न तायाभरत स ऩछा ndash ldquoभाता कमा फात ह तभ कछ चच ॊरततसी रगती हो बफना ककसी सॊकोच क फात फताओrdquo तायाभरत न कहा ndash ldquoसवाभी आऩ तो भहातऩसवी ह आऩ क भख का तज उस वकॊ ठवासी क सभान ह आऩ स कमा छऩाना भयी चचॊता भयी कनमाओॊ का षववाह हrdquo उस ऩय वदध न कहा- ldquoभाता तमहाया दख भ जानता हॉ तमहाय सबी कषट दय हो औय तमहायी कनमाओॊ की शादी हो इसक लरम भ एक अदभत वरत फताता हॉ सनो इस वरत को सॊऩनन कयन स तमहाय साय कषट दय हो जामग शरी फाराजी क वरतो भ स मह सफस सयर हrdquo कहत हए उनहोन उस दॊऩरत को ऩया वरत षवधान फतामा वरत षवधान

सनकय षवषणचचतत न कहा- ldquoसवाभी मह तो अतमॊत सॊतोष की फात ह इसस फढकय सौबागम औय कमा होगा

कहत ह ना- शबसम शीिॊ आज भाघ ऩरणिभा ह फहत ही शब हदन ह आऩक कथा अनसाय हभ आज ही इस वरत

को सॊऩनन कयगrdquo षवषणचचततन ऩतनी तायाभरत औय सबी कनमाओॊ क साथ लभरकय उस हदन शाभ भ ही अऩन

फॊध-लभतरो क साथ बसकत औय रनषठा स फाराजी वरत को सॊऩनन ककमा वहाॉ उऩससथत सबी रोगो न वरत ऩया होन क

फाद चयणाभत परसाद गरहण ककमा औय अऩन-अऩन घय परसथान ककमा तफ षवषणचचतत औय तायाभरत न बराहभण

क चयणो को नभसकाय ककमा औय आशीवािद परापत ककमा बराहभणोततभ न बी चयणाभत परसाद गरहण ककमा औय

कहा- ldquoआऩकी भनोकाभना ऩयी हो शरी रकषभी शरी फाराजी की कऩा होrdquo

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अॊधया हो चरा था औय रनिा सभम आसनन था षवषणचचतत न उस बराहभण को एक पटी चादय दत हए आॉखो भ आस लरम कहा- सवाभी भ अतमॊत दरयिी हॉ इसस अचछी चादय भय ऩास नही ह भझ भा कय आज की यात इसी ऩय षवशराभ कय बराहभण भसकयात हए फोर- कोई फात नही भ फाहय फयाभद भ सो जाता हॉ कछ सभम फाद ही सबी रनिारोक भ षवचयण कयन रग आधी यात का सभम था बफजरी की गडगडाहट क साथ फारयश शर हई चायो ओय अॊधया था कहीॊ कछ नही हदखाई

द यहा था षवषणचचतत इस चच ॊता भ था कक वदध बराहभण फाहय कस सो यह होग उस सभम कछ सझ बी नही यहा था ककसी तयह उनहोन यात गजायी सवया हआ फारयश बी थभ चकी थी ऩरत-ऩतनी मही सोच यह थ कक बराहभण की कमा दशा हई होगी ककतना सहा होगा उनहोन मही सोचत हए वो फाहय आए उनह एक अदभत दशम हदखाई हदमा वहाॉ षवपरोततभ नही थ पहट हई चादय की जगह यशभ का षऩताॊफय यखा हआ था उस षऩताॊफय ऩय शरी फाराजी क

भतॉ ndash हदखाई दी व सफ कछ सभझ गम उनकी खषी का कोई हठकाना नही यहा उनक घय आम बराहभण औय

कोई नही साात शरी नायामणजी ही थ ह फाराजी कमा बागम ह हभाया ऩय हभ उनको ऩहचान नही ऩाम हभन उनको पटी हई चादय दी मह सोचत हए उनहोन शरी फाराजी की भतॉ को हाथ भ रकय आॉखो स रगामा औय

घय क अॊदय आम ऩया घय सोन स बया हआ था जहाॉ दखो वहाॉ धन याशी ह बगवान शरी फाराजी की वरत कथा की भहहभा स ही मह सफ सॊबव हो सका ऐसा कहत हए व बगवान की सतरत कयन रग आऩन दख साात शरी फाराजी ही उस बकत क घय आम थ वरत षवधान फतामा औय चयणाभत परसाद बी गरहण

ककमा शरी फाराजी फहत ही करणाभम ह जो बी इस वरत को बसकत औय रनषठा स कयगा उसक घय सवमॊ बगवान

ककसी ना ककसी रऩ भ आमग आऩ सबी इस वरत को सॊऩनन कय बगवान की कऩा परापत कय सकत ह शरी भहषषि षवशवालभतर जी न मह दषवतीम कथा इस तयह फताई

शरी रकषभी शरीरनवास कटाॊ लसषदधयसत

गोषवॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

दषवतीमोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ततीम अधमाम

शरी वलशषठ उवाच मह अधमाम भहातऩोरनषठ वरयषठ शरीवलशषठ भरन न शरीनायामणजी की कऩा स हभ षवसताय रऩ स फतामा ह ह कलरमग वालसमो शरीफाराजी क षपरम बकतो वकणठ भ रनवास कयनवार शरीनायामणजी आज क रतरभरा भ ससथत शरीफाराजी ही ह कलरमग वालसमो क कषट दय कयन क लरम बगवान आऩक फहत सभीऩ रतरभरा ऩहाड ऩय अवतारयत हए ह शरी फाराजी को खश कयन क लरए मह वरत उततभ ह औय सयर बी ह इस वरत को जो बसकत औय रनषठा स सॊऩनन कयता ह उस सबी सख परापत हो जात ह पराचीन सभम भ अवॊती दश भ बागमनगय नाभक एक नगय था नाभ क ही अनरऩ वहाॉ अनक धनवान (वमाऩायी) यहत थ ऩय व अऩनी सॊऩसतत को दख घभॊड कयत थ औय आभ रोगो को हीन दषटी स दखत थ धन-दौरत उनकी सवासजित ह ऐसा सोचकय घभॊड कयत थ बगवान की रनतम ऩजा-ऩाठ तो उनहोन ऩहर ही छोड दी थी कभ स कभ षवशष हदनो भ बी व ना भॊहदय जात ना ऩजा कयत ना ही दीऩ जरात एक हदन सबी धनवान अऩनी-अऩनी ऩतनीमो क साथ परीरत बोज भ वमसत थ उस नगय की ऩवि हदशा भ ही शरी रकषभी नायामण जी का भॊहदय था जहाॉ दीऩ जरानवारा कोई नही था उस हदन षवशष एकादशी थी सजस एक ऩवि हदन बी भाना जाता ह ऩय उस नगय क एक बी धनवान क भन भ भॊहदय भ ऩजा कयन का षवचाय नही आमा शाभ होत-होत आकाश भ घन फादर छा गम औय भसराधाय फारयश होन रगी वमाऩारयमो क घय ऩानी स बय गम चायो ओय अॊधकाय ह अॊधकाय था सवय होन तक ऩया नगय ऩानी भ डफ गमा वमाऩारयमो क घय टट-पट गम उनका साया ऐशवमि सभापत हो गमा ऐसा उऩिव कमो भचा मह पररम कस हो गमा ककसी को कछ बी सभझ भ नही आ यहा था इतन भ उनह एक षवचचतर दशम हदखाई हदमा नगय क फाहय जो झोऩडडमाॉ थी व तो वसी की वसी थी उनको आशचमि हआ इतनी फारयश भ बी म कस सही सराभत यही व ऐसा भन ही भन सोच यह थ कक इतन भ बफजरी कडकी औय आकाशवाणी हई ldquoए भखो तमहायी सॊऩसतत तमहायी अऩनी ह सवासजित ह ऐसा सोचत थ इसी लरम ऐसा हआ ह इस झोऩडी भ यहनवारा दव भया षपरम बकत ह आभ आदभी होन ऩय बी दव रनतम तमहाय नगय भ ससथत शरी रकषभी नायामण

भॊहदय भ दीऩ जराता था इतना ही नही हय एकादशी क हदन मथा सॊबव वह शरी फाराजी वरत कथा बी सॊऩनन कयता था इसी लरम इन झोऩडीमो भ यहनवार सबी रोग सयकषत यह आऩ सबी महद वरत सॊऩनन कयग तो अऩन-अऩन

ऐशवमि को ऩन परापत कय सकत होrdquo आकाशवाणी सनत ही तयॊत व सबी रोग उस भॊहदय भ गम औय जस

सॊबव हो सका वस सबी रोगोन एक-दसय क सहमोग स शरी फाराजी की वरत कथा सॊऩनन की ऐसा कयत ही सबी को उनक घय ऩवि रऩ भ ही परापत हो गम तफ स व सबी शरीफाराजी क बकत फन गम औय हय एकादशी को शरीफाराजी का वरत सॊऩनन कयत औय सख-शाॊरत परापत कय यहन रग अॊत भ उनहोन भसकत बी परापत की

शरीवलशषठजी न इस परकाय म कथा सनाई

गोषव ॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

ततीमोधमाम सभापतॊ |

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ

शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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चतथव अधमाम

शरी बयदवाज उवाच

शरीनायामण जी को ldquoशरीफाराजी वरत कथाrdquo अतमॊत षपरम ह चतथि अधमाम क रऩ भ हभाय साभन शरी बयदवाज

भरनदवाया फतामी नमी कहानी इस परकाय ह- ldquoह कलरमगवालसमो शरी नायामण क षपरम बकतो आऩ सजस वरत को सॊऩनन कय यह ह वह अदभत ह आऩकी भनोकाभनाओॊ को ऩणि कयन का साधन ह शरी फाराजी को परसनन कयन का मह अतमॊत सयर उऩाम ह आऩ सबी ऩय कऩा कयन क लरम ही वकॊ ठवासी बगवान शरीरनवास क रऩ भ रतरभरा ऩहाड ऩय अवतरयत हए ह अनक जनभो क ऩणमपर स ही रतरभरा ऩहाड ऩय ऩय यखन का सौबागम परापत होता ह औय बगवान क दशिन बी सॊबव होत ह इसी तयह इस ldquoवरतकथाrdquo को सॊऩनन कयन का सॊकलऩ बी ऩविजनभ क

ऩणमपर स ही सॊबव होता ह जो वमसकत इस वरत को सॊऩनन कय यह ह मा जो इस कथा को सन यह ह मा जो बगवान क परसाद को गरहण कयत ह उनह बगवान की कऩा परापत होती ह औय व सौबागम बी ऩात ह

पराचीन कार भ ldquoनगयीrdquo नाभक एक गराभ भ धनगपत नाभ का वमाऩायी यहता था वह फहत ही रारची था ऐशवमि परापत कयन ऩय बी उसका रारचीऩन कभ नही हआ मह सभसत ऐशवमि उसका ही कभामा हआ ह ऐसा सोचकय वह फहत घभॊड कयता था अहॊकाय भनषम का नाश कयता ह

धनगपत की ऩतनी काॊरतभती अतमॊत बसकत बावना यखती थी औय रनषठा स बगवान की ऩजा कयती थी उनकी तीन कनमाएॉ थी तीसयी कनमा ldquoकभायीrdquo भ बसकत बावना जमादा थी वह हभशा फाराजी का नाभ ही जऩती यहती थी षऩताजी को बफना फताम वह जफ-तफ शरी फाराजी क भॊहदय भ जाती थी औय बगवान क दशिन कयती थी घय आकय षऩताजी को छोड अनम सबी क साथ परसाद सवीकाय कयती थी ऩती क ऐस वमवहाय स

काॊरतभती थोडी चच ॊरतत होती थी

एक हदन ldquoकभायीrdquo की सहरी क घय ऩय ldquoशरी फाराजीrdquo का वरत सॊऩनन हो यहा था मह जानकय वो वहाॉ गई वरत ऩया होन तक दोऩहय हो चकी थी थोडासा परसाद उसन गरहण ककमा औय थोडा वह अऩन घयवारो क लरम एक

कागज की ऩडी भ रकय चरी फीच यासत भ उस पमास रगन रगी धऩ बी फहत तज थी उसन सोचा थोडी दय रक

कय पमास फझाकय कपय चरॉ तो ठीक यहगा तबी उस माद आमा कक उसक षऩता की दकान अगरी गरी भ ही तो ह वहाॉ जाकय उसन षऩताजी को ऩजा की फात बफना फताम षऩताजी स ऩानी भाॉगकय षऩमा औय षऩताजी गससा कयग

इस डय स उसन जलदी-जलदी ऩानी षऩमा इस घफयाहट भ परसाद की ऩडी वही दकान भ बरकय चरी गई

एकाएक फाजाय भ हडकॊ ऩ भच गमा रोग हाहाकाय भचात हए इधय-उधय बागन रग आगजनी क कायण उस गरी की सायी दकान जर कय याख होन रगी वस बी दोऩहय का सभम थाउस ऩय गभि हवाएॉ चर यही थीधनगपत का शयीय डय क भाय काॉऩन रगा ldquoकछ ही सभम भ उसकी दकान बी जर कय याख हो जाएगीrdquo इस षवचाय स उस क हाथ-ऩय काॉऩन रग सबी रोग अऩनी-अऩनी दकानो स फाहय आकय इधय-उधय बागन रग ऩय

धनगपत वही खडा यह गमा दकान छोडकय जान का भन नही कय यहा था महद वो दकान भ यहगा तो जरकय

याख हो जामगासोचत हए उसन घफयाहट भ उसक हाथ रगी ऩडी को उठामा औय बफना सोच सभझ जो हाथ आमा वो भॉह भ डार हदमा उस कछ भीठा-भीठा सा ऩदाथि रगा औय भन बी शाॊत होन रगा

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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तबी एक अदभत घटना घटीआग धनगपत की दकान तक आकय रक गमी आग की रऩत वहाॉ नही आ ऩामी मह कसी षवचचतर फात हम कसी भामा ह धनगपत क भॉहस एक बी फात नही रनकर ऩामी उधय आगजनी की खफय सनत ही ऩतनी काॊरतभती अऩन कनमाओॊ क साथ फाराजी का सभयण कयत हए दौडती हई वहाॉ आ गमी आग उनक दकान तक आकय कस रक गमी मह दखकय उस आशचमि हआ तबी कभायी को दकान भ बरी हई ऩडी की माद आई धनगपत को सभझन भ दय नही रगी कक उसन जो चीज भॉह भ डारी थी वो औय कछ नही तो बगवान का परसाद ही था औय उसकी भहहभा स ही व इस दघिटना स चक गम धनगपत न शरीफाराजी स भा भाॉगी गार फजाम शाभ भ ही नगयवालसमो को फराकय ldquoशरीफाराजी की वरत कथाrdquo सॊऩनन की तफ स वह बगवान की सवा भ रीन हो गमा औय अॊत भ भो बी परापत की आऩन दखा कक कवर परसाद गरहण कयन स ही वो ककतनी फडी दघिटना स चक गमा फाराजी की भहहभा अदभत ह आऩ सबी बी मथा सॊबव वरत को सॊऩनन कय क बगवान की कऩा परापत कय सकत हldquo

शरीबयदवाजजी न इस परकाय मह चतथि कथा सनामी

गोषवॊदगोषवॊदगोषवॊद

चतथोधमाम सभापतॊ |

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ऩॊचभ अधमाम

शरी अतरतर उवाच

रतरभरा-रतरऩती बरोक का वकणठ धाभ ह ऩयाणो भ फतामा गमा ह कक रतरभरा क सभान ऩषवतर सथर औय शरी फाराजी जस दवता न तो ऩहर कबी हए ह औय न कबी होग शरीरनवास क रऩ भ अवतरयत शरी नायामण अऩन

बकतो स फहत परभ कयत ह जो उन ऩय अऩना ऩया बाय डारकय उनह रनतम सभयण कयत ह जो सदाचाय स ऩणि जीवन बफतात ह वो उनकी या कयत ह ऐस शरीफाराजी को परसनन कयन का सफस सयर उऩाम ह ndash ldquoशरीफाराजी की वरत कथाrdquo

इस अदभत वरत कथा क फाय भ भहातऩसॊऩनन शरी अबतर भहषषि न कऩा कयत हए कहा ह- ldquo ह फाराजी क षपरम

बकतो कलरमग भ आऩक सौबागम क फाय भ कमा कहना कतमग तरतामग औय दवाऩायमग भ अतमॊत कठोय तऩ-

जऩ कयन ऩय बी परसनन न होन वार शरी नायामण इस मग भ कवर नाभसभयण स ही आऩ रोगो ऩय कऩा कय यह

ह षवशवास क साथ उनह फरान ऩय व तयॊत कऩा परदान कयत ह ऐस करणाभम ह शरीफाराजी ऩषवतर रतरभरा ऩय

तमहाया यखा हय कदभ अनक जनभो क ऩणमपर क सभान ह

पराचीन कार भ ldquoकौभायrdquo दश भ ldquoलभतरrdquo नाभक धोफी यहता था वो अऩन काभ क साथ-साथ धालभिक कामि कयता हआ जीवन रनवािह कय यहा था उसकी अऩॊगता ही उसकी चच ॊता थी इसी कायण धोए हए कऩडो की ऩोटरी फनाकय घय-घय घभकय उनह रोगो तक ऩहॉचाना उस धीय धीय भसशकर रगन रगा उसका ऩरयवाय फडा था बफना भहनत ककए उस बय ऩट खान को बी नही लभरता था हभशा वो शरी फाराजी की ऩजा कयता यहता था कबी ना कबी बगवान उस ऩय कऩा कयग इसी षवशवास स वो अऩना जीवन गजाय यहा था बकतो ऩय कऩा कयन वार फाराजी सफ कछ दखत यहत ह जो वमसकत अऩन कभो स भकती ऩाता ह उनक ऩास आकय फाराजी ककसी न ककसी रऩ भ आकय उनकी या कयत ह एक हदन शाभ क सभम हभशा की तयह लभतर कऩड धोकय कऩडो की ऩोटरी राद धीय-धीय चरता हआ आ

यहा था फीच यासत भ उस एक वदध बराहभण हदखाई हदम गौयव की बावना स फड होन क कायण लभतर न अऩन कॊ ध

ऩय रदी हई ऩोटरी को नीच उतायकय वदध बराहभण को नभसकाय ककमा तफ उस षवपरोततभ न कहा- ldquoतभ अऩन इस ऩय क कायण ककतना कषट सह यह हो तमहाया दख दखा नही जाताrdquo तफ लभतर न कहा-ldquoह नाथ आऩ फजगि ह बयाऩया ऩरयवाय होन क कायण भझ इस काभ स भकती नही लभर यही ह ककसी तयह भयी म अऩॊगता दय हो ऐसा कोई उऩाम फताइएrdquo

तफ बराहभण न कहा-ldquoसनो बाई भ जरय फताऊॉ गा धमान स सनो भ एक ऐस वरत क फाय भ फताता हॉ सजस सॊऩनन कयन स तमहायी अऩॊगता दय हो जाएगी तमह अषट ऐशवमो की परासपत होगी वरत सॊऩनन कयत ही तमह हजाय अशकपि माॉ लभरगी ऩय एक शति ह उसभ स आध तभ भझ दोगकर भ कपय इसी सभम महाॉ लभरॉगाrdquo तफ लभतर न कहा- ldquoसवाभी इसस फढकय सौबागम औय कमा हो सकता ह आज ही इस

वरत क फाय भ फताइए भ उस सॊऩनन करॉ गाrdquo लभतर क उतसाह को दख वदध न शरी फाराजी वरत कथा क फाय भ फतामा

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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लभतर दगन उतसाह क साथ घय आमा ऩयी कहानी ऩतनी को फतामी औय अडोस-ऩडोस क साथ लभरकय शरी फाराजी वरत को सॊऩनन ककमा चयणाभत परसाद गरहण ककमा घय आए सबी रोगो को बी हदमा तबी घय क फाहय कछ

कोराहर सनाई हदमा लभतर का फटा फाहय स दौडता हआ आमा औय फोरा- ldquoषऩताजी षऩताजी याज-यक आऩक लरम आए ह याजा न आऩक लरम बट बी बजी हrdquo इतन भ यक बी वहाॉ आ गम उनहोन फतामा कक उसकी रनमसकत याज दयफाय भ धोफी क रऩ भ हो गमी ह याजा न हजाय अशकपि माॉ ऩयसकाय सवरऩ बजी ह ऐसा कहकय उनहोन लभतर क हाथ भ हजाय अशकपिमो की ऩोटरी यख दी एक हफत क अॊदय-अॊदय

उस आकय नौकयी भ बतॉ होन को बी कहा लभतर क आनॊद की सीभा नही थी एक हफता कमो कर ही कमो नही सोचकय उसन अऩनी ऩोटरी-वोटरी फाॉधी औय दसय हदन सवय ही वो जान को तमाय हो गमा इस जलदफाजी भ वह

उस वदध की फात बर गमा फीच यासत भ उस उसकी फात माद आ गमी ऩय ठीक हअगर भहहन लभर रता हॉ सोच

कय वह याज दयफाय भ अऩन काभ ऩय रग गमा हदनभहहन फीत बराहभण क वश भ आए बगवान को गससा आमा बगवान न सोचा भनषम की परवसतत ऐसी ही होती ह उस भझ अऩनी भहहभा फतानी होगी

दसय ही हदन याणीवास स आबषण चोयी हो गम चोयी का इलजाभ लभतर ऩय आमा लभतर को कायावास की सजा हई hellipयाज यकोन उस तयह-तयह की मातनाएॉ दी ऐसा कमो हआउस ऩय मह इलजाभ कमो रगा सोचत हए लभतर को यात को सऩन भ बगवान हदखाई हदम उनहोन फतामा कक ldquoवदध बराहभण क रऩ भ व ही आम थ वो अऩनी फात स भकय गमा इसलरम म सफ हआ हrdquo तफ लभतर न कहा-ldquoह नाथभ ऩाऩी हॉ भन फहत फडा ऩाऩ ककमा ह कऩमा भझ ऩय दमा कीसजम अफ भ हय भहहन आऩका वरत सॊऩनन करॉ गा भयी आम का आधा बाग जीवन बय आऩको सभषऩित करॉ गाrdquo गार फजाकय उसन बगवान की हय तयह स पराथिना की बकतो की ऩकाय सननवार बगवान न खशी-खशी लभतर ऩय कऩा कय दी बगवान की कऩा स याणी क आबषण दसयही हदन लभर गम याजान म बी जान लरमा कक लभतरन चोयी नही की थी लभतरको कायावास स रयहा कय हदमा गमा तफ स लभतर बगवान को हदम वचन अनसाय हय भहहन शरी फाराजी का वरत सॊऩनन कयन रगा औय अऩनी आम का आधा बाग बगवान को अषऩित कयता यहा सख ऩणि जीवन बफतात हए उसन अॊत भ भो बी परापत ककमाrdquo

शरी अबतरजी न ऐसा कहकय ऩाॉचव औय आखयी अधमाम को सभापत ककमा

गोषवॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

ऩॊचभोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

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faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ॐ ऩाऩघनाम नभ ॐ बकतवतसराम नभ ॐ बतरषवकरभाम नभ ॐ लशॊशभायाम नभ ॐ जटाभकट-शोलबताम नभ ॐ शनख-भदमोर-सनभॊजराम-ककसनकणमाडम-कयनडकाम नभ ॐ नीरभघ-शमाभ-तनव नभ ॐ बफलव-ऩतराचिन षपरमाम नभ ॐ जगदवमाषऩन नभ ॐ जगत-कत नभ ॐ जगत-साकषण नभ ॐ जगतऩतम नभ ॐ चचसनतताथि-परदाम नभ ॐ सजषणव नभ ॐ दाशावािम नभ ॐ दश-रऩवत नभ ॐ दवकक-ननदनाम नभ ॐ शौयम नभ ॐ हमगरीवाम नभ ॐ जनादिनाम नभ ॐ कनमा-शरवणतायजमाम नभ ॐ ऩीतामफयधयाम नभ ॐ अनघाम नभ ॐ वनभालरन नभ ॐ ऩदमनाबाम नभ ॐ भगमासकत-भानसाम नभ ॐ अशवरढाम नभ ॐ खडगधारयण नभ ॐ धनाजिन-सभतसकाम नभ ॐ गानसायर-सनभधम-कसतरय-रतरकोजवराम नभ ॐ ससतचदाननदरऩाम नभ ॐ जगनभनगरदामकाम नभ ॐ मऻरऩाम नभ

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ॐ मऻबोकत नभ ॐ चचनभमाम नभ ॐ ऩयभशवयाम नभ ॐ ऩयभाथि-परदाम नभ ॐ शानताम नभ ॐ शरीभत नभ ॐ दोदिनड-षवकरभाम नभ ॐ ऩयातऩयाम नभ ॐ ऩयबरहभण नभ ॐ शरीषवबव नभ ॐ जगदीशवयाम नभ

इतत शरी वकटशवय अषटोततय शतनाभावलर

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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शरी भहारकषभी अषटोततय शतनाभावलर

ॐ परकतम नभ ॐ षवकतम नभ ॐ षवदमाम नभ ॐ सविबतहहतपरदाम नभ ॐ शरदधम नभ ॐ षवबतम नभ ॐ सयभम नभ ॐ ऩयभासतभकाम नभ ॐ वाचम नभ ॐ ऩदमारमाम नभ ॐ ऩदमाम नभ ॐ शचम नभ ॐ सवाहाम नभ ॐ सवधाम नभ ॐ सधाम नभ ॐ धनमाम नभ ॐ हहयणमम नभ ॐ रकषमम नभ ॐ रनतमऩषटाम नभ ॐ षवबावम नभ ॐ आहदतम नभ ॐ हदतम नभ ॐ दीपताम नभ ॐ वसधाम नभ ॐ वसधारयणम नभ ॐ कभराम नभ ॐ कानताम नभ ॐ काभाकषम नभ ॐ कभर समबवाम नभ ॐ अनगरहपरदाम नभ ॐ फदधम नभ ॐ अनघाम नभ

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ॐ हरयवलरबाम नभ ॐ अशोकाम नभ ॐ अभताम नभ ॐ दीऩाम नभ ॐ रोकशोक षवनालशनम नभ ॐ धभिरनरमाम नभ ॐ करणाम नभ ॐ रोकभातर नभ ॐ ऩदमषपरमाम नभ ॐ ऩदमहसताम नभ ॐ ऩदमाकषम नभ ॐ ऩदमसनदम नभ ॐ ऩदमोदभवाम नभ ॐ ऩदमभखम नभ ॐ ऩदमनाब षपरमाम नभ ॐ यभाम नभ ॐ ऩदमभाराधयाम नभ ॐ दवम नभ ॐ ऩरदमनम नभ ॐ ऩदमगसनधनम नभ ॐ ऩणमगनधाम नभ ॐ सपरसननाम नभ ॐ परसादालबभखम नभ ॐ परबाम नभ ॐ चनिवदनाम नभ ॐ चनिाम नभ ॐ चनिसहोदम नभ ॐ चतबिजाम नभ ॐ चनिरऩाम नभ ॐ इसनदयाम नभ ॐ इनद शीतराम नभ ॐ आहराद जननम नभ ॐ ऩषम नभ

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ॐ लशवाम नभ ॐ लशवकतम नभ ॐ सतमाम नभ ॐ षवभराम नभ ॐ षवशवजननम नभ ॐ तषम नभ ॐ दारयदरमनालशनम नभ ॐ परीरत ऩषकरयणम नभ ॐ शानताम नभ ॐ शकरभालमामफयाम नभ ॐ बासकम नभ ॐ बफलव रनरमाम नभ ॐ वयायोहाम नभ ॐ मशससवनम नभ ॐ वसनधयाम नभ ॐ उदायॊगम नभ ॐ हरयणम नभ ॐ हभभालरनम नभ ॐ धन धानमकतम नभ ॐ लसदधम नभ ॐ सतरणम सौममाम नभ ॐ शबपरदाम नभ ॐ नऩवशभ गताननदाम नभ ॐ वयरकषमम नभ ॐ वसपरदाम नभ ॐ शबाम नभ ॐ हहयणम पराकायाम नभ ॐ सभि तनमाम नभ ॐ जमाम नभ ॐ भॊगराम नभ ॐ षवषणव सथरससथताम नभ ॐ षवषणऩतनम नभ ॐ परसननाकषम नभ

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ॐ नायामण सभाचशरताम नभ ॐ दारयदरम धवॊलसनम नभ ॐ दवरकषभ नभ ॐ सवोऩिव रनवारयणम नभ ॐ नवदगािम नभ ॐ भहाकालम नभ ॐ बरहभा-षवषण-लशवासतभकाम नभ ॐ बतरकारऻानसमऩननाम नभ ॐ बवनशवम नभ ॐ भहारकषभी अषटोततय शत नभ

इरत शरी रकषभी अषटोततय शतनाभावलर

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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शरी ऩदमावती अषटोततय शतनाभावलर

ॐ ऩदमावततम नभ ॐ दवम नभ ॐ ऩदमोदभवाम नभ ॐ करणापरदारमनम नभ ॐ सरदमाम नभ ॐ तजसवरषऩणम नभ ॐ कभरभखम नभ ॐ ऩदमधयाम नभ ॐ शरीम नभ ॐ ऩदमनतरम नभ ॐ ऩदमकयाम नभ ॐ सगणाम नभ ॐ कभकभषपरमाम नभ ॐ हभवणािम नभ ॐ चनिवसनदताम नभ ॐ धगधगपरकाश शयीय-धारयणम नभ ॐ षवषणषपरमाम नभ ॐ रनतमकलमाणम नभ ॐ कोहटसमिपरकालशणम नभ ॐ भहासौनदमिरषऩणम नभ ॐ बकतवतसराम नभ ॐ बरहभानडवालसनम नभ ॐ सविवानचापरदारमनम नभ ॐ धभिसनकलऩाम नभ ॐ दाकषणमकटाकषणम नभ ॐ बसकतपरदारमनम नभ ॐ गणतरमाषववसजिताम नभ ॐ कराषोडशसॊमताम नभ ॐ सविरोकानानजननम नभ ॐ भसकतदारमनम नभ ॐ दमाभतामाम नभ ॐ परऻाम नभ

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ॐ भहाधभािम नभ ॐ धभिरषऩणम नभ ॐ अरनकाय षपरमाम नभ ॐ सविदारयदरमधवॊलसनम नभ ॐ शरीवकटशवसथरससथताम नभ ॐ रोकशोकषवनालशनम नभ ॐ वषणवम नभ ॐ रतरचानरऩयवालसनम नभ ॐ वदवदमषवशायदाम नभ ॐ षवषणऩादसषवताम नभ ॐ यतनपरकाशककयीटधारयणम नभ ॐ जगनभोहहनम नभ ॐ शसकतसवरषऩणम नभ ॐ परसननोदमाम नभ ॐ इनिाहददवत मककननय ककमऩरष ऩसजताम नभ ॐ सविरोकरनवालसनम नभ ॐ बजमाम नभ ॐ ऐशवमिपरदारमनम नभ ॐ शानताम नभ ॐ उननतसथानससथताम नभ ॐ भनदायकालभनम नभ ॐ कभराकयाम नभ ॐ वदानतऻानरषऩणम नभ ॐ सविसमऩसततरषऩणम नभ ॐ कोहटसमिसभपरबाम नभ ॐ ऩजापरदारमनम नभ ॐ कभरासनाहद सविदवताम नभ ॐ वकनठवालसनम नभ ॐ अबमदारमनम नभ ॐ िाापरऩामसषपरमाम नभ ॐ नतमगीतषपरमाम नभ ॐ ीयसागयोदभवाम नभ ॐ आकाशयाज ऩबतरकाम नभ

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ॐ सवणिहसतधारयणम नभ ॐ काभरषऩणम नभ ॐ करणाकटाधारयणम नभ ॐ अभतासजाम नभ ॐ बरोकसवगिसखदारमनम नभ ॐ अषटहदकऩारकाचधऩतम नभ ॐ भनभधदऩि सॊहारयणम नभ ॐ कभराथिबागाम नभ ॐ सवलऩऩयाध-भहाऩयाध-भाम नभ ॐ शतकोहटतीथिवालसताम नभ ॐ नायदाहद भरनशरषठ ऩसजताम नभ ॐ आहदशनकयऩसजताम नभ ॐ परीरतदारमनम नभ ॐ सौबागमपरदारमनम नभ ॐ भहाकीतॉ परदारमनम नभ ॐ कषणारतषपरमाम नभ ॐ गनधवि शाऩषवभोचकाम नभ ॐ कषणऩतनम नभ ॐ बतररोकऩसजताम नभ ॐ जगनभोहहनम नभ ॐ सरबाम नभ ॐ सशीराम नभ ॐ अॊजनासतानगरहपरदारमनम नभ ॐ बकतमातभरनवालसनम नभ ॐ सॊधमावसनदनम नभ ॐ सविरोकभातर नभ ॐ अलबभतदारमनम नभ ॐ रलरतावधतम नभ ॐ सभसतशासतर षवशायदाम नभ ॐ सवणािबयणधारयणम नभ ॐ इहऩयरोक सखपरदारमनम नभ ॐ कयवीयरनवालसनम नभ ॐ नागरोकभरणसह आकाशलसनध कभरशवय ऩरयतयधगभनाम नभ

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ॐ शरी शरीरनवासषपरमाम नभ ॐ चनिभनडरससथताम नभ ॐ अलरवर भनगाम नभ ॐ हदवमभनगर धारयणम नभ ॐ सकलमाणऩीठससथताम नभ ॐ काभकवनऩषऩषपरमाम नभ ॐ कोहट भनभधरषऩणम नभ ॐ बानभनडररषऩणम नभ ॐ ऩदमऩादाम नभ ॐ यभाम नभ ॐ सविरोकसबानतय धारयणम नभ ॐ सविभानसवालसनम नभ ॐ सवािम नभ ॐ षवशवरऩाम नभ ॐ हदवमऻानाम नभ ॐ सवभनगररषऩणम नभ ॐ सवािनगरहपरदारमनम नभ ॐ ॐकायसवरषऩणम नभ ॐ बरहभऻानसॊबताम नभ ॐ शरी ऩदमावतम नभ ॐ सदमोवदवतम नभ ॐ शरीभहारकषमम नभ

इरत शरी ऩदमावती अषटोततय शतनाभावलर

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धऩभ दशाॊगभ गगगरोऩतॊ गोघतन सभसनवतभ धऩॊ गहाण दवश सविरोक नभसकाया

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - धऩभािाऩमालभ

(सवाभीजी क भतॉ की अगयफतती औय धऩ स आयती कय)

दीऩभ

बतररोकश भहादव सविऻान परदामक दीऩॊ दासमालभ दवश यभाभ बकतवतसर

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - दीऩॊ दशिमालभ

(सवाभीजी क भतॉ की दीऩ स आयती कय )

नवदमभ

सविबशच बोजजशच यस षडलब सभसनवतॊ नवदमनत भमानीतभ गहाण ऩरषोततभ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - नवदमॊ सभऩिमालभ

(सवाभीजी को परसाद चढाम अगय करा ह तो ldquoकदरीपर रनवदमालभrdquo नारयमर ह तो ldquoनारयकर परॊ रनवदमालभrdquo ऐस कह अगय गड ह तो ldquoगडोऩहाय नवदमभ सभऩिमालभrdquo कह)

ॐ पराणाम सवाहा ॐ आऩानाम सवाहा ॐ वमानाम सवाहा ॐ उदनाम सवाहा ॐ सभानाम सवाहा ॐ ऩयबरहभण सवाहा ॐ बबिव सव ततसषवतय-वयणमभ बगो दवसम धीभहह चधमो मो न परचोदमात ॐ आऩो जमोरतयसोभतॊ बरहभ बबिव सवयोभ भधम भधम ऩानीमभ सभऩिमालभ

अभताषऩधानभलस उततयाऩोशनभ सभऩिमालभ हसतौ परारमालभ ऩादौ परारमालभ ऩनयाचभनीमभ सभऩिमालभ

तामफरभ ऩगीपर सकऩिय नागवलरीदरमितॊ भकताचणि सभामकतॊ तामफरॊ पररतगहमताॊ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - तामफरभ सभऩिमालभ

नीयाजनभ चशरम कानताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरीवकटरनवासाम शरीरनवासाम भनगरभ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ नीयाजनभ दशिमालभ

ऩनयाचभनीमभ सभऩिमालभ

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भॊतरऩषऩभ

ॐ सहसतरशीषिभ दवॊ षवशवाॊ षवशवशॊबवॊ षवशवॊ नायामणनदवभ अयॊ ऩयभॊ ऩदॊ १

षवशवत ऩयभासननतमॊ षवशवॊ नायामणॊ हरयॊ षवशवभवदॊ ऩरषसतदषवशवॊ उऩजीवरत २

ऩरतॊ षवशवसमातभशवयॊ शाशवतॊ लशवभचमतॊ नायामणॊ भहाऻमॊ षवशवतभानॊ ऩयामणॊ ३

नायामण ऩयोजमोरत आतभा नायामण ऩय नायामण ऩयभ बरहभ ततवभ नायामण ऩय नायामण ऩयो धमाता धमानभ नायामण ऩय ४

मचच ककसनचत जगतसव दशमत शरमतषऩ वा अनतफिहहशचततसविभ वमापमा नायामण ससथत ५

अननतभ अवममभ कषवॊ सभिनतभ षवशवशमबवभ ऩदमकोश परतीकाशभ रदमभ चापमधोभखभ ६

अधोरनषमा षवतसतमानत नाभमाभऩरय रतषठरत जवाराभाराकरॊबारत षवशवसमामातनभ भहत ७

सनततॊ लशरालबसत रॊफतमाकोशससननबभ तसमानत सलशयभ सकषभभ तससभन सविभ पररतसषठतभ ८

तसमभधम भहान असगन षवशवायचचषविशवतो भख सोगरबसगवबजन रतषठाननाहाय भजय कषव

रतमिगधवाि भधशशामीयशभमा सतसम सनतता ९

सॊताऩमरत सवॊ दह भाऩादतरभसतक तसम भधम वसनह लशखा अणीमोधवाि वमवससथत १०

नीरथो मदभधमसता षवदमलरखव बासवया नीवायशकवततनवी ऩीताबा सवतमनऩभा ११

तसमा लशखामा भधम ऩयभातभा वमवससथत स बरहभ स लशव स हरय स इनि सोय ऩयभासवयात १२

ॐ तद बरहभ ॐ तद वाम ॐ तदातभा ॐ ततसतमभ ॐ ततसविभ ॐ ततऩयोनिभ अनतशचयरत बतष गहामाभ षवशवभरत िष तवभ मऻसतवभ वषकायसतवभ इनिसतवभ रिसतवभ

षवषणसतवभ बरहभतवभ परजाऩरत तवभ तदाऩ आऩो जमोरत यसोवतभ बरहभ बबिवससवयोभ १३

गदा ऩन शॊखयथानगकलऩक धवजायषवॊदाॊकश वजररासशचत ह शरीरनवास तवत चयणामफज दवमॊ भदीम भधािन भरज ॐ रनयॊजनाम षवदमह रनयाबासाम धीभहह तननो शरीरनवास परचोदमात शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हदवमभनतरऩषऩॊ सभऩिमालभ

परदकषण नभसकाय

शरोकॊ मारनकारन च ऩाऩारन जनभानतय कतारन च तारन तारन परणशमसनत परदकषण ऩद ऩद ऩाऩोहभ ऩाऩकभािहभ ऩाऩातभा ऩाऩसॊबव तराहहभाभ कऩभमा दव शयणगतवतसर अनमधा शयणॊ नाससत तवभव शयणॊ भभ तसभात कारणम बावन य य जनादिन

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - आतभपरदकषण नभसकायान सभऩिमालभ

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षवषवधोऩचाय ऩजा छतरॊ धायमालभ चाभयॊ वीजमालभ नतमॊ दशिमालभ गीतॊ शरावमालभ वादमॊ घोषमालभ आॊदोलरकान आयोहमालभ आशवानायोहमालभ गजानायोहमालभ सभसत यजोऩचाय शकतमऩचाय

मनतरोऩचाय दवोऩचाय सवोऩचाय ऩजाॊ सभऩिमालभ

भाऩवणभ भनतरहीनॊ ककरमाहीनॊ बसकतहीनॊ जनादिन मतऩसजतभ भमा दव ऩरयऩणिभ तदसतत

अनमा धमानावाहनाहद षोडशोऩचाय ऩजमा च बगवन सवाितभक शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरी वकटशवय सवरऩो बगवान सपरीत सपरसननो वयदो बवत शरी वकटशवय दव परसादॊ लशयसा गहणालभ

तीथवभ

अकार भतमहयणॊ सविवमाचध रनवायणभ सवि ऩाऩमकयॊ दव ऩादोदकॊ ऩावनॊ शबॊ

नवदमभ

ॐ बबिवससव ॐ ततसषवतवियणमभ बगो दवसम धीभहह चधमो मो न परचोदमात सतमॊ तवतन ऩरयषषॊचालभ अभतभसत अभतोऩसतयणभलस ॐ पराणाम सवा ॐ अऩानाम सवा ॐ वमानाम सवा ॐ उदानाम सवाह ॐ सभानाम सवा ॐ बरहभण सवा

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - भहानवदमभ सभऩिमालभ

अभताषऩधानभलस उततयाऩोशनभ सभऩिमालभ हसतौ परारमालभ ऩादौ परारमालभ शदध आचभनीमॊ सभऩिमालभ

तामफरॊ सभऩिमालभ सवणिभनतरऩषऩॊ सभऩिमालभ परदकषण नभसकायन सभऩिमालभ

अनमाधमानावाहनाहद षोडषोऩचाय ऩजमा बगवान सवाितभक शरी रकषभी ऩदमावती सभत वकटशवय सवाभी सपरीत सपरसननो वयदो बवत शरी रकषभी ऩदमावती सभत वकटशवय सवाभी परसादॊ लशयसा गहणालभ

उदवासनभ मऻन मऻभमजनत दवासतारन धभािरण परथभानमासन

तहनाकॊ भहहभानससचनत मतर ऩव साधमा ससनत दवा

गचछ गचछ सयशरषठ सवसथान शरी वकटशवय बकताबीषट सभधमथिभ ऩनयागभनाम च

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरी वकटशवय सवाभी मथासथानॊ उदवासमालभ

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परथभ अधमाम

शरी बगवान उवाच

कलरमग भ एक हदन शब भहति भ रतरभरा ऩहाड ऩय (सजस धयती का वकॊ ठ कहा जाता ह ) ldquoषवशवऩरत नाभक एक बकत ऩय शरी फाराजी की कऩा हई शरी षवषण क अवताय शरी फाराजी (वकटशवय) जो महाॉ शरीरनवास क रऩ भ ऩज जात ह उनहोन षवशवऩरत को ldquoशरी फाराजी वरत कथाrdquo नाभ स परलसधद इस गरॊथ की यचना कयन की आऻा दी औय कहा- ldquoह भय षपरम बकत षवशवऩरत भय षपरम होन क कायण इस वरत को षवसताय रऩ स तमह फाता हॉ सनो म

वरत भझ अरत षपरम ह आसान होन क कायण इस सबी रोग सॊऩनन कय सकत ह

कलरमग भ भानव अऩन ऩाऩ कभो का पर बोगता ह अनक कषट सहत हए जीवन रनवािह कयता ह कछ बकत

अऩन दख भझ फताकय उनह दय कयन क लरम कहत ह फहत स ऩस खचि कय वो भझ दखन क लरम रतरभरा की मातरा कयत ह भय बकतो स भझ परभ ह व भझऩय अऩना ऩया बाय डार दत ह भ उनह धभि क भागिऩय चराता हॉ

अबी भ जो मह वरत कथा तमह फतान जा यहा हॉ वो ldquoशरी फाराजी की कथाrdquo क नाभ स परलसदध होगा म भया वरत भझ अरतषपरम ह जो वमसकत इस बसकत औय रनषठा स कयगा वह तयॊत ऩाय ऩामगा कोई बी वमसकत कबी बी इस वरत को सॊऩनन कय सकता ह भखम रऩ स भागिशीषि भाघ कारत िक भहहनो भ ऩणिभासी ऩॊचभी सपतभी एकादशी रतचथमो ऩय मा शरवण सवारत नतरो ऩय इस कयना शरषठ होता ह

इस घोय कलरमग भ भय बकत जो कषट सह यह ह उनह भ जानता हॉ तमह जफ बी कोई कषट हो कोई सभसमा हो सवासम ठीक ना हो नौकयी वमाऩाय भ सभसमाएॉ हो भन अशाॊत हो तो इस वरत को सॊऩनन कयना चाहहम इसस

साय कषट दय हो जात ह घय भ शब कामि होन ऩय इस वरत को सॊऩनन कयन स बफना ककसी सभसमा क कामि ऩणि हो जाता ह इस वरत को सॊऩनन कयत ही सबी सख परापत होत ह औय अषट ऐशवमो की परासपत होती ह

सफय मा शाभ इस वरत को सॊऩनन कय सकत ह इस वरत भ ऩाॉच अधमाम ह इनका ऩठन बसकत क साथ कयना चाहहम अऩन घय भ मा रनवास सथान ऩय भॊहदय भ मा ककसी बी ऩषवतर सथान भ नदी तट ऩय सॊऩनन कय सकत ह

महद सॊबव हो तो अऩन फॊध लभतरो क साथ इस सॊऩनन कयन स जमादा शरषठ होता ह जो इस सॊऩनन कयत ह मा जो इस सनत ह वरत सॊऩणि होन क फाद परसाद को बसकत स सवीकाय कयत ह वो अषट ऐशवमो को परापत कयत ह इसस

ऩहर बी भय बकतो न कई भरनमो न इस वरत को सॊऩनन ककमा औय भया आशीवािद ऩामा बरोक भ यहनवार सबी को मह वरत आनॊद परदान कयगा औय शब पर बी परापत होगा शाॊत चचतत स भझ माद कयत हए इस वरत का ऩारन

कयो

सवि परथभ जहाॉ वरत कयना चाहत हो उस सथर को साप कयो भॊडऩ की वमवसथा कय भयी तसवीय सजसभ भयी षपरम

सरखमाॉ शरी दवी बदवी ह उस तसवीय को इस भॊडऩ ऩय सथाषऩत कयो भॊडऩ को दीवाय स रगाकय बी यख सकत हो अनम ककसी इचछक दवता की तसवीय बी सख सकत हो नवगरहो औय अषट हदकऩारको को मा तो भन भ नभसकाय

कयो मा उनका आवहान बी कय सकत हो

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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सफस ऩहर हलदी स फनी गणश की ऩजा कयनी चाहहम उसक फाद उस वरत क ऩाॉचो अधमामो का रनषठा स ऩठन

कयना चाहहम मही परथभ अधमाम ह अनम चाय अधमाम भय अतमॊत षपरम ऩातर षवशवालभतर वलशषठ बयदवाज अबतर

भरनशवयो क परवचना रऩ भ ह ऩाॉच अधमामोको ऩढन क फाद भय षपरम शरोक बी ऩढ सकत हो हय अधमाम क अॊत

भ गोषव ॊद गोषव ॊद गोषव ॊद तीन फाय सभयण कयना चाहहम

आभ रोगो क कषटो को भ जानता हॉ इसी लरम भयी एक फात सनो महद ककसी कायण इस वरत को षवसताय रऩ स

सॊऩनन कयन भ कोई सभसमा आ यही हो तो भय तसवीय को साभन यख कय ऩहर गणश जी की कपय नवगरह दवताओॊ औय अषटहदकऩारको को सभयण कय ऩाॉच कहरनमाॉ ऩढकय अऩन भन भ जो इचछा ह उस भझ फताओ भ उस

परसाद क रऩ भ परदान करॉगा इस परकाय कयन स बी कामि की लसषदध होती ह तमहाय कषट दय हो जामग औय शब

पर परापत होगा

जो वमसकत इस वरत को बसकत स सॊऩनन कयगा भ उसक घय ककसी ना ककसी रऩ भ आकय परसाद सवीकाय करॉगा भयी कऩा आऩ सबी को हभशा परापत होगी शरी फाराजी न रतमभयाज षवशवऩरत याभकषणभरत ि ldquoषवशवऩरतrdquo को इस वरत कथा को षवसताय स फतामा कलरमगवासी हभ सबी इस वरत को सॊऩनन कय शरी फाराजी की कऩा क ऩातर फन सकत ह इस वरत को सॊऩनन कय हभ अऩन सबी कषट दय कय सकत ह औय उचचत पर बी परापत कय

सकत ह

गोषवॊदगोषवॊदगोषवॊद

परथभोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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दषवतीम अधमाम

शरी षवशवालभतर उवाच

भहातऩ सॊऩनन साात शरी षवशवालभतर जी न हभ ऩय कऩा की औय परवचन कयत हए कहा- ldquoह कलरमग वालसमो शरीरनवास क बकतो ldquoशरीफाराजी वरत कथाrdquo सजस आऩ सॊऩनन कय यह हो वह फहत ही ऩषवतर ह भहहभा स ऩणि ह मह वरत कलरमग भ शरी नायामण जी की करणा औय दमा परापत कयन का अतमॊत सयर साधन ह पराचीन कार भ शरी फाराजी क षपरम बकतो न इस सॊऩनन कय अऩनी काभनाओॊ को ऩणि ककमा इस वरत कथा क फाय भ हभ फताकय शरी फाराजी न हभाय पररत जो दमा हदखाई ह उसक लरए हभ उनह परणाभ कयत ह

पराचीन कार भ भगध याजम भ षवषणचचतत नाभक एक बकत यहता था उसकी नौ कनमाएॉ थी षवदवान होन ऩय बी वह अतमॊत गयीफ था षवषणचचतत की ऩतनी तायाभरत हभशा नायामणजी की पराथिना कयती यहती थी षववाहाहद शबकामि सॊऩनन कय जो बी ऩस दकषणा क रऩ भ लभरत थ उसस व भसशकर स अऩना जीवन रनवािह कय

यह थ कनमाएॉ मौवनावसथा भ ऩदाऩिण कय चकी थी तायाभरत हभशा इसी चच ॊता भ यहती थी कक इन कनमाओॊ का षववाह ककस परकाय सॊऩनन होग वह फाराजी की पराथिना कयत हए सदा अऩना सभम गजायती थी

वह तो फाराजी की बकत थी औय फाराजी अऩन बकतो स अतमाचधक परभ कयत ह उस हदन भाघ ऩरणिभा थी सवय

एक वदध बराहभण न षवषणचचतत क दयवाज ऩय दसतक दी औय कहा - ldquoह सवाभी भ फॊग दश का वासी हॉ एक मऻ

क लसरलसर भ दसय दश जा यहा हॉ यासत भ महाॉ आमा हॉ भझऩय दमा कयो औय अऩन घय भ एक हदन क लरए

यहन दो कर सवयही भ महॉ स चरा जाऊॉ गाrdquo उन की फात सनकय षवषणचचततन कहा lsquoनाथ इसस फढकय खशी औय कमा हो सकती ह अरतचथ साात नायामण जी क सभान होत ह ऐस हभाय ऩयाणो भ कहा गमा ह आऩ बफना ककसी सॊकोच क हभाय घय भ यह सकत हlsquo ऐसा कह कय उसन उस बराहभण को घय क अॊदय फरामा औय उनका सतकाय ककमा

दोऩहय भ बोजन क फाद उस वदध न तायाभरत स ऩछा ndash ldquoभाता कमा फात ह तभ कछ चच ॊरततसी रगती हो बफना ककसी सॊकोच क फात फताओrdquo तायाभरत न कहा ndash ldquoसवाभी आऩ तो भहातऩसवी ह आऩ क भख का तज उस वकॊ ठवासी क सभान ह आऩ स कमा छऩाना भयी चचॊता भयी कनमाओॊ का षववाह हrdquo उस ऩय वदध न कहा- ldquoभाता तमहाया दख भ जानता हॉ तमहाय सबी कषट दय हो औय तमहायी कनमाओॊ की शादी हो इसक लरम भ एक अदभत वरत फताता हॉ सनो इस वरत को सॊऩनन कयन स तमहाय साय कषट दय हो जामग शरी फाराजी क वरतो भ स मह सफस सयर हrdquo कहत हए उनहोन उस दॊऩरत को ऩया वरत षवधान फतामा वरत षवधान

सनकय षवषणचचतत न कहा- ldquoसवाभी मह तो अतमॊत सॊतोष की फात ह इसस फढकय सौबागम औय कमा होगा

कहत ह ना- शबसम शीिॊ आज भाघ ऩरणिभा ह फहत ही शब हदन ह आऩक कथा अनसाय हभ आज ही इस वरत

को सॊऩनन कयगrdquo षवषणचचततन ऩतनी तायाभरत औय सबी कनमाओॊ क साथ लभरकय उस हदन शाभ भ ही अऩन

फॊध-लभतरो क साथ बसकत औय रनषठा स फाराजी वरत को सॊऩनन ककमा वहाॉ उऩससथत सबी रोगो न वरत ऩया होन क

फाद चयणाभत परसाद गरहण ककमा औय अऩन-अऩन घय परसथान ककमा तफ षवषणचचतत औय तायाभरत न बराहभण

क चयणो को नभसकाय ककमा औय आशीवािद परापत ककमा बराहभणोततभ न बी चयणाभत परसाद गरहण ककमा औय

कहा- ldquoआऩकी भनोकाभना ऩयी हो शरी रकषभी शरी फाराजी की कऩा होrdquo

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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अॊधया हो चरा था औय रनिा सभम आसनन था षवषणचचतत न उस बराहभण को एक पटी चादय दत हए आॉखो भ आस लरम कहा- सवाभी भ अतमॊत दरयिी हॉ इसस अचछी चादय भय ऩास नही ह भझ भा कय आज की यात इसी ऩय षवशराभ कय बराहभण भसकयात हए फोर- कोई फात नही भ फाहय फयाभद भ सो जाता हॉ कछ सभम फाद ही सबी रनिारोक भ षवचयण कयन रग आधी यात का सभम था बफजरी की गडगडाहट क साथ फारयश शर हई चायो ओय अॊधया था कहीॊ कछ नही हदखाई

द यहा था षवषणचचतत इस चच ॊता भ था कक वदध बराहभण फाहय कस सो यह होग उस सभम कछ सझ बी नही यहा था ककसी तयह उनहोन यात गजायी सवया हआ फारयश बी थभ चकी थी ऩरत-ऩतनी मही सोच यह थ कक बराहभण की कमा दशा हई होगी ककतना सहा होगा उनहोन मही सोचत हए वो फाहय आए उनह एक अदभत दशम हदखाई हदमा वहाॉ षवपरोततभ नही थ पहट हई चादय की जगह यशभ का षऩताॊफय यखा हआ था उस षऩताॊफय ऩय शरी फाराजी क

भतॉ ndash हदखाई दी व सफ कछ सभझ गम उनकी खषी का कोई हठकाना नही यहा उनक घय आम बराहभण औय

कोई नही साात शरी नायामणजी ही थ ह फाराजी कमा बागम ह हभाया ऩय हभ उनको ऩहचान नही ऩाम हभन उनको पटी हई चादय दी मह सोचत हए उनहोन शरी फाराजी की भतॉ को हाथ भ रकय आॉखो स रगामा औय

घय क अॊदय आम ऩया घय सोन स बया हआ था जहाॉ दखो वहाॉ धन याशी ह बगवान शरी फाराजी की वरत कथा की भहहभा स ही मह सफ सॊबव हो सका ऐसा कहत हए व बगवान की सतरत कयन रग आऩन दख साात शरी फाराजी ही उस बकत क घय आम थ वरत षवधान फतामा औय चयणाभत परसाद बी गरहण

ककमा शरी फाराजी फहत ही करणाभम ह जो बी इस वरत को बसकत औय रनषठा स कयगा उसक घय सवमॊ बगवान

ककसी ना ककसी रऩ भ आमग आऩ सबी इस वरत को सॊऩनन कय बगवान की कऩा परापत कय सकत ह शरी भहषषि षवशवालभतर जी न मह दषवतीम कथा इस तयह फताई

शरी रकषभी शरीरनवास कटाॊ लसषदधयसत

गोषवॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

दषवतीमोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ततीम अधमाम

शरी वलशषठ उवाच मह अधमाम भहातऩोरनषठ वरयषठ शरीवलशषठ भरन न शरीनायामणजी की कऩा स हभ षवसताय रऩ स फतामा ह ह कलरमग वालसमो शरीफाराजी क षपरम बकतो वकणठ भ रनवास कयनवार शरीनायामणजी आज क रतरभरा भ ससथत शरीफाराजी ही ह कलरमग वालसमो क कषट दय कयन क लरम बगवान आऩक फहत सभीऩ रतरभरा ऩहाड ऩय अवतारयत हए ह शरी फाराजी को खश कयन क लरए मह वरत उततभ ह औय सयर बी ह इस वरत को जो बसकत औय रनषठा स सॊऩनन कयता ह उस सबी सख परापत हो जात ह पराचीन सभम भ अवॊती दश भ बागमनगय नाभक एक नगय था नाभ क ही अनरऩ वहाॉ अनक धनवान (वमाऩायी) यहत थ ऩय व अऩनी सॊऩसतत को दख घभॊड कयत थ औय आभ रोगो को हीन दषटी स दखत थ धन-दौरत उनकी सवासजित ह ऐसा सोचकय घभॊड कयत थ बगवान की रनतम ऩजा-ऩाठ तो उनहोन ऩहर ही छोड दी थी कभ स कभ षवशष हदनो भ बी व ना भॊहदय जात ना ऩजा कयत ना ही दीऩ जरात एक हदन सबी धनवान अऩनी-अऩनी ऩतनीमो क साथ परीरत बोज भ वमसत थ उस नगय की ऩवि हदशा भ ही शरी रकषभी नायामण जी का भॊहदय था जहाॉ दीऩ जरानवारा कोई नही था उस हदन षवशष एकादशी थी सजस एक ऩवि हदन बी भाना जाता ह ऩय उस नगय क एक बी धनवान क भन भ भॊहदय भ ऩजा कयन का षवचाय नही आमा शाभ होत-होत आकाश भ घन फादर छा गम औय भसराधाय फारयश होन रगी वमाऩारयमो क घय ऩानी स बय गम चायो ओय अॊधकाय ह अॊधकाय था सवय होन तक ऩया नगय ऩानी भ डफ गमा वमाऩारयमो क घय टट-पट गम उनका साया ऐशवमि सभापत हो गमा ऐसा उऩिव कमो भचा मह पररम कस हो गमा ककसी को कछ बी सभझ भ नही आ यहा था इतन भ उनह एक षवचचतर दशम हदखाई हदमा नगय क फाहय जो झोऩडडमाॉ थी व तो वसी की वसी थी उनको आशचमि हआ इतनी फारयश भ बी म कस सही सराभत यही व ऐसा भन ही भन सोच यह थ कक इतन भ बफजरी कडकी औय आकाशवाणी हई ldquoए भखो तमहायी सॊऩसतत तमहायी अऩनी ह सवासजित ह ऐसा सोचत थ इसी लरम ऐसा हआ ह इस झोऩडी भ यहनवारा दव भया षपरम बकत ह आभ आदभी होन ऩय बी दव रनतम तमहाय नगय भ ससथत शरी रकषभी नायामण

भॊहदय भ दीऩ जराता था इतना ही नही हय एकादशी क हदन मथा सॊबव वह शरी फाराजी वरत कथा बी सॊऩनन कयता था इसी लरम इन झोऩडीमो भ यहनवार सबी रोग सयकषत यह आऩ सबी महद वरत सॊऩनन कयग तो अऩन-अऩन

ऐशवमि को ऩन परापत कय सकत होrdquo आकाशवाणी सनत ही तयॊत व सबी रोग उस भॊहदय भ गम औय जस

सॊबव हो सका वस सबी रोगोन एक-दसय क सहमोग स शरी फाराजी की वरत कथा सॊऩनन की ऐसा कयत ही सबी को उनक घय ऩवि रऩ भ ही परापत हो गम तफ स व सबी शरीफाराजी क बकत फन गम औय हय एकादशी को शरीफाराजी का वरत सॊऩनन कयत औय सख-शाॊरत परापत कय यहन रग अॊत भ उनहोन भसकत बी परापत की

शरीवलशषठजी न इस परकाय म कथा सनाई

गोषव ॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

ततीमोधमाम सभापतॊ |

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ

शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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चतथव अधमाम

शरी बयदवाज उवाच

शरीनायामण जी को ldquoशरीफाराजी वरत कथाrdquo अतमॊत षपरम ह चतथि अधमाम क रऩ भ हभाय साभन शरी बयदवाज

भरनदवाया फतामी नमी कहानी इस परकाय ह- ldquoह कलरमगवालसमो शरी नायामण क षपरम बकतो आऩ सजस वरत को सॊऩनन कय यह ह वह अदभत ह आऩकी भनोकाभनाओॊ को ऩणि कयन का साधन ह शरी फाराजी को परसनन कयन का मह अतमॊत सयर उऩाम ह आऩ सबी ऩय कऩा कयन क लरम ही वकॊ ठवासी बगवान शरीरनवास क रऩ भ रतरभरा ऩहाड ऩय अवतरयत हए ह अनक जनभो क ऩणमपर स ही रतरभरा ऩहाड ऩय ऩय यखन का सौबागम परापत होता ह औय बगवान क दशिन बी सॊबव होत ह इसी तयह इस ldquoवरतकथाrdquo को सॊऩनन कयन का सॊकलऩ बी ऩविजनभ क

ऩणमपर स ही सॊबव होता ह जो वमसकत इस वरत को सॊऩनन कय यह ह मा जो इस कथा को सन यह ह मा जो बगवान क परसाद को गरहण कयत ह उनह बगवान की कऩा परापत होती ह औय व सौबागम बी ऩात ह

पराचीन कार भ ldquoनगयीrdquo नाभक एक गराभ भ धनगपत नाभ का वमाऩायी यहता था वह फहत ही रारची था ऐशवमि परापत कयन ऩय बी उसका रारचीऩन कभ नही हआ मह सभसत ऐशवमि उसका ही कभामा हआ ह ऐसा सोचकय वह फहत घभॊड कयता था अहॊकाय भनषम का नाश कयता ह

धनगपत की ऩतनी काॊरतभती अतमॊत बसकत बावना यखती थी औय रनषठा स बगवान की ऩजा कयती थी उनकी तीन कनमाएॉ थी तीसयी कनमा ldquoकभायीrdquo भ बसकत बावना जमादा थी वह हभशा फाराजी का नाभ ही जऩती यहती थी षऩताजी को बफना फताम वह जफ-तफ शरी फाराजी क भॊहदय भ जाती थी औय बगवान क दशिन कयती थी घय आकय षऩताजी को छोड अनम सबी क साथ परसाद सवीकाय कयती थी ऩती क ऐस वमवहाय स

काॊरतभती थोडी चच ॊरतत होती थी

एक हदन ldquoकभायीrdquo की सहरी क घय ऩय ldquoशरी फाराजीrdquo का वरत सॊऩनन हो यहा था मह जानकय वो वहाॉ गई वरत ऩया होन तक दोऩहय हो चकी थी थोडासा परसाद उसन गरहण ककमा औय थोडा वह अऩन घयवारो क लरम एक

कागज की ऩडी भ रकय चरी फीच यासत भ उस पमास रगन रगी धऩ बी फहत तज थी उसन सोचा थोडी दय रक

कय पमास फझाकय कपय चरॉ तो ठीक यहगा तबी उस माद आमा कक उसक षऩता की दकान अगरी गरी भ ही तो ह वहाॉ जाकय उसन षऩताजी को ऩजा की फात बफना फताम षऩताजी स ऩानी भाॉगकय षऩमा औय षऩताजी गससा कयग

इस डय स उसन जलदी-जलदी ऩानी षऩमा इस घफयाहट भ परसाद की ऩडी वही दकान भ बरकय चरी गई

एकाएक फाजाय भ हडकॊ ऩ भच गमा रोग हाहाकाय भचात हए इधय-उधय बागन रग आगजनी क कायण उस गरी की सायी दकान जर कय याख होन रगी वस बी दोऩहय का सभम थाउस ऩय गभि हवाएॉ चर यही थीधनगपत का शयीय डय क भाय काॉऩन रगा ldquoकछ ही सभम भ उसकी दकान बी जर कय याख हो जाएगीrdquo इस षवचाय स उस क हाथ-ऩय काॉऩन रग सबी रोग अऩनी-अऩनी दकानो स फाहय आकय इधय-उधय बागन रग ऩय

धनगपत वही खडा यह गमा दकान छोडकय जान का भन नही कय यहा था महद वो दकान भ यहगा तो जरकय

याख हो जामगासोचत हए उसन घफयाहट भ उसक हाथ रगी ऩडी को उठामा औय बफना सोच सभझ जो हाथ आमा वो भॉह भ डार हदमा उस कछ भीठा-भीठा सा ऩदाथि रगा औय भन बी शाॊत होन रगा

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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तबी एक अदभत घटना घटीआग धनगपत की दकान तक आकय रक गमी आग की रऩत वहाॉ नही आ ऩामी मह कसी षवचचतर फात हम कसी भामा ह धनगपत क भॉहस एक बी फात नही रनकर ऩामी उधय आगजनी की खफय सनत ही ऩतनी काॊरतभती अऩन कनमाओॊ क साथ फाराजी का सभयण कयत हए दौडती हई वहाॉ आ गमी आग उनक दकान तक आकय कस रक गमी मह दखकय उस आशचमि हआ तबी कभायी को दकान भ बरी हई ऩडी की माद आई धनगपत को सभझन भ दय नही रगी कक उसन जो चीज भॉह भ डारी थी वो औय कछ नही तो बगवान का परसाद ही था औय उसकी भहहभा स ही व इस दघिटना स चक गम धनगपत न शरीफाराजी स भा भाॉगी गार फजाम शाभ भ ही नगयवालसमो को फराकय ldquoशरीफाराजी की वरत कथाrdquo सॊऩनन की तफ स वह बगवान की सवा भ रीन हो गमा औय अॊत भ भो बी परापत की आऩन दखा कक कवर परसाद गरहण कयन स ही वो ककतनी फडी दघिटना स चक गमा फाराजी की भहहभा अदभत ह आऩ सबी बी मथा सॊबव वरत को सॊऩनन कय क बगवान की कऩा परापत कय सकत हldquo

शरीबयदवाजजी न इस परकाय मह चतथि कथा सनामी

गोषवॊदगोषवॊदगोषवॊद

चतथोधमाम सभापतॊ |

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ऩॊचभ अधमाम

शरी अतरतर उवाच

रतरभरा-रतरऩती बरोक का वकणठ धाभ ह ऩयाणो भ फतामा गमा ह कक रतरभरा क सभान ऩषवतर सथर औय शरी फाराजी जस दवता न तो ऩहर कबी हए ह औय न कबी होग शरीरनवास क रऩ भ अवतरयत शरी नायामण अऩन

बकतो स फहत परभ कयत ह जो उन ऩय अऩना ऩया बाय डारकय उनह रनतम सभयण कयत ह जो सदाचाय स ऩणि जीवन बफतात ह वो उनकी या कयत ह ऐस शरीफाराजी को परसनन कयन का सफस सयर उऩाम ह ndash ldquoशरीफाराजी की वरत कथाrdquo

इस अदभत वरत कथा क फाय भ भहातऩसॊऩनन शरी अबतर भहषषि न कऩा कयत हए कहा ह- ldquo ह फाराजी क षपरम

बकतो कलरमग भ आऩक सौबागम क फाय भ कमा कहना कतमग तरतामग औय दवाऩायमग भ अतमॊत कठोय तऩ-

जऩ कयन ऩय बी परसनन न होन वार शरी नायामण इस मग भ कवर नाभसभयण स ही आऩ रोगो ऩय कऩा कय यह

ह षवशवास क साथ उनह फरान ऩय व तयॊत कऩा परदान कयत ह ऐस करणाभम ह शरीफाराजी ऩषवतर रतरभरा ऩय

तमहाया यखा हय कदभ अनक जनभो क ऩणमपर क सभान ह

पराचीन कार भ ldquoकौभायrdquo दश भ ldquoलभतरrdquo नाभक धोफी यहता था वो अऩन काभ क साथ-साथ धालभिक कामि कयता हआ जीवन रनवािह कय यहा था उसकी अऩॊगता ही उसकी चच ॊता थी इसी कायण धोए हए कऩडो की ऩोटरी फनाकय घय-घय घभकय उनह रोगो तक ऩहॉचाना उस धीय धीय भसशकर रगन रगा उसका ऩरयवाय फडा था बफना भहनत ककए उस बय ऩट खान को बी नही लभरता था हभशा वो शरी फाराजी की ऩजा कयता यहता था कबी ना कबी बगवान उस ऩय कऩा कयग इसी षवशवास स वो अऩना जीवन गजाय यहा था बकतो ऩय कऩा कयन वार फाराजी सफ कछ दखत यहत ह जो वमसकत अऩन कभो स भकती ऩाता ह उनक ऩास आकय फाराजी ककसी न ककसी रऩ भ आकय उनकी या कयत ह एक हदन शाभ क सभम हभशा की तयह लभतर कऩड धोकय कऩडो की ऩोटरी राद धीय-धीय चरता हआ आ

यहा था फीच यासत भ उस एक वदध बराहभण हदखाई हदम गौयव की बावना स फड होन क कायण लभतर न अऩन कॊ ध

ऩय रदी हई ऩोटरी को नीच उतायकय वदध बराहभण को नभसकाय ककमा तफ उस षवपरोततभ न कहा- ldquoतभ अऩन इस ऩय क कायण ककतना कषट सह यह हो तमहाया दख दखा नही जाताrdquo तफ लभतर न कहा-ldquoह नाथ आऩ फजगि ह बयाऩया ऩरयवाय होन क कायण भझ इस काभ स भकती नही लभर यही ह ककसी तयह भयी म अऩॊगता दय हो ऐसा कोई उऩाम फताइएrdquo

तफ बराहभण न कहा-ldquoसनो बाई भ जरय फताऊॉ गा धमान स सनो भ एक ऐस वरत क फाय भ फताता हॉ सजस सॊऩनन कयन स तमहायी अऩॊगता दय हो जाएगी तमह अषट ऐशवमो की परासपत होगी वरत सॊऩनन कयत ही तमह हजाय अशकपि माॉ लभरगी ऩय एक शति ह उसभ स आध तभ भझ दोगकर भ कपय इसी सभम महाॉ लभरॉगाrdquo तफ लभतर न कहा- ldquoसवाभी इसस फढकय सौबागम औय कमा हो सकता ह आज ही इस

वरत क फाय भ फताइए भ उस सॊऩनन करॉ गाrdquo लभतर क उतसाह को दख वदध न शरी फाराजी वरत कथा क फाय भ फतामा

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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लभतर दगन उतसाह क साथ घय आमा ऩयी कहानी ऩतनी को फतामी औय अडोस-ऩडोस क साथ लभरकय शरी फाराजी वरत को सॊऩनन ककमा चयणाभत परसाद गरहण ककमा घय आए सबी रोगो को बी हदमा तबी घय क फाहय कछ

कोराहर सनाई हदमा लभतर का फटा फाहय स दौडता हआ आमा औय फोरा- ldquoषऩताजी षऩताजी याज-यक आऩक लरम आए ह याजा न आऩक लरम बट बी बजी हrdquo इतन भ यक बी वहाॉ आ गम उनहोन फतामा कक उसकी रनमसकत याज दयफाय भ धोफी क रऩ भ हो गमी ह याजा न हजाय अशकपि माॉ ऩयसकाय सवरऩ बजी ह ऐसा कहकय उनहोन लभतर क हाथ भ हजाय अशकपिमो की ऩोटरी यख दी एक हफत क अॊदय-अॊदय

उस आकय नौकयी भ बतॉ होन को बी कहा लभतर क आनॊद की सीभा नही थी एक हफता कमो कर ही कमो नही सोचकय उसन अऩनी ऩोटरी-वोटरी फाॉधी औय दसय हदन सवय ही वो जान को तमाय हो गमा इस जलदफाजी भ वह

उस वदध की फात बर गमा फीच यासत भ उस उसकी फात माद आ गमी ऩय ठीक हअगर भहहन लभर रता हॉ सोच

कय वह याज दयफाय भ अऩन काभ ऩय रग गमा हदनभहहन फीत बराहभण क वश भ आए बगवान को गससा आमा बगवान न सोचा भनषम की परवसतत ऐसी ही होती ह उस भझ अऩनी भहहभा फतानी होगी

दसय ही हदन याणीवास स आबषण चोयी हो गम चोयी का इलजाभ लभतर ऩय आमा लभतर को कायावास की सजा हई hellipयाज यकोन उस तयह-तयह की मातनाएॉ दी ऐसा कमो हआउस ऩय मह इलजाभ कमो रगा सोचत हए लभतर को यात को सऩन भ बगवान हदखाई हदम उनहोन फतामा कक ldquoवदध बराहभण क रऩ भ व ही आम थ वो अऩनी फात स भकय गमा इसलरम म सफ हआ हrdquo तफ लभतर न कहा-ldquoह नाथभ ऩाऩी हॉ भन फहत फडा ऩाऩ ककमा ह कऩमा भझ ऩय दमा कीसजम अफ भ हय भहहन आऩका वरत सॊऩनन करॉ गा भयी आम का आधा बाग जीवन बय आऩको सभषऩित करॉ गाrdquo गार फजाकय उसन बगवान की हय तयह स पराथिना की बकतो की ऩकाय सननवार बगवान न खशी-खशी लभतर ऩय कऩा कय दी बगवान की कऩा स याणी क आबषण दसयही हदन लभर गम याजान म बी जान लरमा कक लभतरन चोयी नही की थी लभतरको कायावास स रयहा कय हदमा गमा तफ स लभतर बगवान को हदम वचन अनसाय हय भहहन शरी फाराजी का वरत सॊऩनन कयन रगा औय अऩनी आम का आधा बाग बगवान को अषऩित कयता यहा सख ऩणि जीवन बफतात हए उसन अॊत भ भो बी परापत ककमाrdquo

शरी अबतरजी न ऐसा कहकय ऩाॉचव औय आखयी अधमाम को सभापत ककमा

गोषवॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

ऩॊचभोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

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faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ॐ मऻबोकत नभ ॐ चचनभमाम नभ ॐ ऩयभशवयाम नभ ॐ ऩयभाथि-परदाम नभ ॐ शानताम नभ ॐ शरीभत नभ ॐ दोदिनड-षवकरभाम नभ ॐ ऩयातऩयाम नभ ॐ ऩयबरहभण नभ ॐ शरीषवबव नभ ॐ जगदीशवयाम नभ

इतत शरी वकटशवय अषटोततय शतनाभावलर

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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शरी भहारकषभी अषटोततय शतनाभावलर

ॐ परकतम नभ ॐ षवकतम नभ ॐ षवदमाम नभ ॐ सविबतहहतपरदाम नभ ॐ शरदधम नभ ॐ षवबतम नभ ॐ सयभम नभ ॐ ऩयभासतभकाम नभ ॐ वाचम नभ ॐ ऩदमारमाम नभ ॐ ऩदमाम नभ ॐ शचम नभ ॐ सवाहाम नभ ॐ सवधाम नभ ॐ सधाम नभ ॐ धनमाम नभ ॐ हहयणमम नभ ॐ रकषमम नभ ॐ रनतमऩषटाम नभ ॐ षवबावम नभ ॐ आहदतम नभ ॐ हदतम नभ ॐ दीपताम नभ ॐ वसधाम नभ ॐ वसधारयणम नभ ॐ कभराम नभ ॐ कानताम नभ ॐ काभाकषम नभ ॐ कभर समबवाम नभ ॐ अनगरहपरदाम नभ ॐ फदधम नभ ॐ अनघाम नभ

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ॐ हरयवलरबाम नभ ॐ अशोकाम नभ ॐ अभताम नभ ॐ दीऩाम नभ ॐ रोकशोक षवनालशनम नभ ॐ धभिरनरमाम नभ ॐ करणाम नभ ॐ रोकभातर नभ ॐ ऩदमषपरमाम नभ ॐ ऩदमहसताम नभ ॐ ऩदमाकषम नभ ॐ ऩदमसनदम नभ ॐ ऩदमोदभवाम नभ ॐ ऩदमभखम नभ ॐ ऩदमनाब षपरमाम नभ ॐ यभाम नभ ॐ ऩदमभाराधयाम नभ ॐ दवम नभ ॐ ऩरदमनम नभ ॐ ऩदमगसनधनम नभ ॐ ऩणमगनधाम नभ ॐ सपरसननाम नभ ॐ परसादालबभखम नभ ॐ परबाम नभ ॐ चनिवदनाम नभ ॐ चनिाम नभ ॐ चनिसहोदम नभ ॐ चतबिजाम नभ ॐ चनिरऩाम नभ ॐ इसनदयाम नभ ॐ इनद शीतराम नभ ॐ आहराद जननम नभ ॐ ऩषम नभ

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ॐ लशवाम नभ ॐ लशवकतम नभ ॐ सतमाम नभ ॐ षवभराम नभ ॐ षवशवजननम नभ ॐ तषम नभ ॐ दारयदरमनालशनम नभ ॐ परीरत ऩषकरयणम नभ ॐ शानताम नभ ॐ शकरभालमामफयाम नभ ॐ बासकम नभ ॐ बफलव रनरमाम नभ ॐ वयायोहाम नभ ॐ मशससवनम नभ ॐ वसनधयाम नभ ॐ उदायॊगम नभ ॐ हरयणम नभ ॐ हभभालरनम नभ ॐ धन धानमकतम नभ ॐ लसदधम नभ ॐ सतरणम सौममाम नभ ॐ शबपरदाम नभ ॐ नऩवशभ गताननदाम नभ ॐ वयरकषमम नभ ॐ वसपरदाम नभ ॐ शबाम नभ ॐ हहयणम पराकायाम नभ ॐ सभि तनमाम नभ ॐ जमाम नभ ॐ भॊगराम नभ ॐ षवषणव सथरससथताम नभ ॐ षवषणऩतनम नभ ॐ परसननाकषम नभ

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ॐ नायामण सभाचशरताम नभ ॐ दारयदरम धवॊलसनम नभ ॐ दवरकषभ नभ ॐ सवोऩिव रनवारयणम नभ ॐ नवदगािम नभ ॐ भहाकालम नभ ॐ बरहभा-षवषण-लशवासतभकाम नभ ॐ बतरकारऻानसमऩननाम नभ ॐ बवनशवम नभ ॐ भहारकषभी अषटोततय शत नभ

इरत शरी रकषभी अषटोततय शतनाभावलर

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शरी ऩदमावती अषटोततय शतनाभावलर

ॐ ऩदमावततम नभ ॐ दवम नभ ॐ ऩदमोदभवाम नभ ॐ करणापरदारमनम नभ ॐ सरदमाम नभ ॐ तजसवरषऩणम नभ ॐ कभरभखम नभ ॐ ऩदमधयाम नभ ॐ शरीम नभ ॐ ऩदमनतरम नभ ॐ ऩदमकयाम नभ ॐ सगणाम नभ ॐ कभकभषपरमाम नभ ॐ हभवणािम नभ ॐ चनिवसनदताम नभ ॐ धगधगपरकाश शयीय-धारयणम नभ ॐ षवषणषपरमाम नभ ॐ रनतमकलमाणम नभ ॐ कोहटसमिपरकालशणम नभ ॐ भहासौनदमिरषऩणम नभ ॐ बकतवतसराम नभ ॐ बरहभानडवालसनम नभ ॐ सविवानचापरदारमनम नभ ॐ धभिसनकलऩाम नभ ॐ दाकषणमकटाकषणम नभ ॐ बसकतपरदारमनम नभ ॐ गणतरमाषववसजिताम नभ ॐ कराषोडशसॊमताम नभ ॐ सविरोकानानजननम नभ ॐ भसकतदारमनम नभ ॐ दमाभतामाम नभ ॐ परऻाम नभ

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ॐ भहाधभािम नभ ॐ धभिरषऩणम नभ ॐ अरनकाय षपरमाम नभ ॐ सविदारयदरमधवॊलसनम नभ ॐ शरीवकटशवसथरससथताम नभ ॐ रोकशोकषवनालशनम नभ ॐ वषणवम नभ ॐ रतरचानरऩयवालसनम नभ ॐ वदवदमषवशायदाम नभ ॐ षवषणऩादसषवताम नभ ॐ यतनपरकाशककयीटधारयणम नभ ॐ जगनभोहहनम नभ ॐ शसकतसवरषऩणम नभ ॐ परसननोदमाम नभ ॐ इनिाहददवत मककननय ककमऩरष ऩसजताम नभ ॐ सविरोकरनवालसनम नभ ॐ बजमाम नभ ॐ ऐशवमिपरदारमनम नभ ॐ शानताम नभ ॐ उननतसथानससथताम नभ ॐ भनदायकालभनम नभ ॐ कभराकयाम नभ ॐ वदानतऻानरषऩणम नभ ॐ सविसमऩसततरषऩणम नभ ॐ कोहटसमिसभपरबाम नभ ॐ ऩजापरदारमनम नभ ॐ कभरासनाहद सविदवताम नभ ॐ वकनठवालसनम नभ ॐ अबमदारमनम नभ ॐ िाापरऩामसषपरमाम नभ ॐ नतमगीतषपरमाम नभ ॐ ीयसागयोदभवाम नभ ॐ आकाशयाज ऩबतरकाम नभ

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ॐ सवणिहसतधारयणम नभ ॐ काभरषऩणम नभ ॐ करणाकटाधारयणम नभ ॐ अभतासजाम नभ ॐ बरोकसवगिसखदारमनम नभ ॐ अषटहदकऩारकाचधऩतम नभ ॐ भनभधदऩि सॊहारयणम नभ ॐ कभराथिबागाम नभ ॐ सवलऩऩयाध-भहाऩयाध-भाम नभ ॐ शतकोहटतीथिवालसताम नभ ॐ नायदाहद भरनशरषठ ऩसजताम नभ ॐ आहदशनकयऩसजताम नभ ॐ परीरतदारमनम नभ ॐ सौबागमपरदारमनम नभ ॐ भहाकीतॉ परदारमनम नभ ॐ कषणारतषपरमाम नभ ॐ गनधवि शाऩषवभोचकाम नभ ॐ कषणऩतनम नभ ॐ बतररोकऩसजताम नभ ॐ जगनभोहहनम नभ ॐ सरबाम नभ ॐ सशीराम नभ ॐ अॊजनासतानगरहपरदारमनम नभ ॐ बकतमातभरनवालसनम नभ ॐ सॊधमावसनदनम नभ ॐ सविरोकभातर नभ ॐ अलबभतदारमनम नभ ॐ रलरतावधतम नभ ॐ सभसतशासतर षवशायदाम नभ ॐ सवणािबयणधारयणम नभ ॐ इहऩयरोक सखपरदारमनम नभ ॐ कयवीयरनवालसनम नभ ॐ नागरोकभरणसह आकाशलसनध कभरशवय ऩरयतयधगभनाम नभ

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ॐ शरी शरीरनवासषपरमाम नभ ॐ चनिभनडरससथताम नभ ॐ अलरवर भनगाम नभ ॐ हदवमभनगर धारयणम नभ ॐ सकलमाणऩीठससथताम नभ ॐ काभकवनऩषऩषपरमाम नभ ॐ कोहट भनभधरषऩणम नभ ॐ बानभनडररषऩणम नभ ॐ ऩदमऩादाम नभ ॐ यभाम नभ ॐ सविरोकसबानतय धारयणम नभ ॐ सविभानसवालसनम नभ ॐ सवािम नभ ॐ षवशवरऩाम नभ ॐ हदवमऻानाम नभ ॐ सवभनगररषऩणम नभ ॐ सवािनगरहपरदारमनम नभ ॐ ॐकायसवरषऩणम नभ ॐ बरहभऻानसॊबताम नभ ॐ शरी ऩदमावतम नभ ॐ सदमोवदवतम नभ ॐ शरीभहारकषमम नभ

इरत शरी ऩदमावती अषटोततय शतनाभावलर

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धऩभ दशाॊगभ गगगरोऩतॊ गोघतन सभसनवतभ धऩॊ गहाण दवश सविरोक नभसकाया

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - धऩभािाऩमालभ

(सवाभीजी क भतॉ की अगयफतती औय धऩ स आयती कय)

दीऩभ

बतररोकश भहादव सविऻान परदामक दीऩॊ दासमालभ दवश यभाभ बकतवतसर

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - दीऩॊ दशिमालभ

(सवाभीजी क भतॉ की दीऩ स आयती कय )

नवदमभ

सविबशच बोजजशच यस षडलब सभसनवतॊ नवदमनत भमानीतभ गहाण ऩरषोततभ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - नवदमॊ सभऩिमालभ

(सवाभीजी को परसाद चढाम अगय करा ह तो ldquoकदरीपर रनवदमालभrdquo नारयमर ह तो ldquoनारयकर परॊ रनवदमालभrdquo ऐस कह अगय गड ह तो ldquoगडोऩहाय नवदमभ सभऩिमालभrdquo कह)

ॐ पराणाम सवाहा ॐ आऩानाम सवाहा ॐ वमानाम सवाहा ॐ उदनाम सवाहा ॐ सभानाम सवाहा ॐ ऩयबरहभण सवाहा ॐ बबिव सव ततसषवतय-वयणमभ बगो दवसम धीभहह चधमो मो न परचोदमात ॐ आऩो जमोरतयसोभतॊ बरहभ बबिव सवयोभ भधम भधम ऩानीमभ सभऩिमालभ

अभताषऩधानभलस उततयाऩोशनभ सभऩिमालभ हसतौ परारमालभ ऩादौ परारमालभ ऩनयाचभनीमभ सभऩिमालभ

तामफरभ ऩगीपर सकऩिय नागवलरीदरमितॊ भकताचणि सभामकतॊ तामफरॊ पररतगहमताॊ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - तामफरभ सभऩिमालभ

नीयाजनभ चशरम कानताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरीवकटरनवासाम शरीरनवासाम भनगरभ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ नीयाजनभ दशिमालभ

ऩनयाचभनीमभ सभऩिमालभ

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भॊतरऩषऩभ

ॐ सहसतरशीषिभ दवॊ षवशवाॊ षवशवशॊबवॊ षवशवॊ नायामणनदवभ अयॊ ऩयभॊ ऩदॊ १

षवशवत ऩयभासननतमॊ षवशवॊ नायामणॊ हरयॊ षवशवभवदॊ ऩरषसतदषवशवॊ उऩजीवरत २

ऩरतॊ षवशवसमातभशवयॊ शाशवतॊ लशवभचमतॊ नायामणॊ भहाऻमॊ षवशवतभानॊ ऩयामणॊ ३

नायामण ऩयोजमोरत आतभा नायामण ऩय नायामण ऩयभ बरहभ ततवभ नायामण ऩय नायामण ऩयो धमाता धमानभ नायामण ऩय ४

मचच ककसनचत जगतसव दशमत शरमतषऩ वा अनतफिहहशचततसविभ वमापमा नायामण ससथत ५

अननतभ अवममभ कषवॊ सभिनतभ षवशवशमबवभ ऩदमकोश परतीकाशभ रदमभ चापमधोभखभ ६

अधोरनषमा षवतसतमानत नाभमाभऩरय रतषठरत जवाराभाराकरॊबारत षवशवसमामातनभ भहत ७

सनततॊ लशरालबसत रॊफतमाकोशससननबभ तसमानत सलशयभ सकषभभ तससभन सविभ पररतसषठतभ ८

तसमभधम भहान असगन षवशवायचचषविशवतो भख सोगरबसगवबजन रतषठाननाहाय भजय कषव

रतमिगधवाि भधशशामीयशभमा सतसम सनतता ९

सॊताऩमरत सवॊ दह भाऩादतरभसतक तसम भधम वसनह लशखा अणीमोधवाि वमवससथत १०

नीरथो मदभधमसता षवदमलरखव बासवया नीवायशकवततनवी ऩीताबा सवतमनऩभा ११

तसमा लशखामा भधम ऩयभातभा वमवससथत स बरहभ स लशव स हरय स इनि सोय ऩयभासवयात १२

ॐ तद बरहभ ॐ तद वाम ॐ तदातभा ॐ ततसतमभ ॐ ततसविभ ॐ ततऩयोनिभ अनतशचयरत बतष गहामाभ षवशवभरत िष तवभ मऻसतवभ वषकायसतवभ इनिसतवभ रिसतवभ

षवषणसतवभ बरहभतवभ परजाऩरत तवभ तदाऩ आऩो जमोरत यसोवतभ बरहभ बबिवससवयोभ १३

गदा ऩन शॊखयथानगकलऩक धवजायषवॊदाॊकश वजररासशचत ह शरीरनवास तवत चयणामफज दवमॊ भदीम भधािन भरज ॐ रनयॊजनाम षवदमह रनयाबासाम धीभहह तननो शरीरनवास परचोदमात शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हदवमभनतरऩषऩॊ सभऩिमालभ

परदकषण नभसकाय

शरोकॊ मारनकारन च ऩाऩारन जनभानतय कतारन च तारन तारन परणशमसनत परदकषण ऩद ऩद ऩाऩोहभ ऩाऩकभािहभ ऩाऩातभा ऩाऩसॊबव तराहहभाभ कऩभमा दव शयणगतवतसर अनमधा शयणॊ नाससत तवभव शयणॊ भभ तसभात कारणम बावन य य जनादिन

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - आतभपरदकषण नभसकायान सभऩिमालभ

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षवषवधोऩचाय ऩजा छतरॊ धायमालभ चाभयॊ वीजमालभ नतमॊ दशिमालभ गीतॊ शरावमालभ वादमॊ घोषमालभ आॊदोलरकान आयोहमालभ आशवानायोहमालभ गजानायोहमालभ सभसत यजोऩचाय शकतमऩचाय

मनतरोऩचाय दवोऩचाय सवोऩचाय ऩजाॊ सभऩिमालभ

भाऩवणभ भनतरहीनॊ ककरमाहीनॊ बसकतहीनॊ जनादिन मतऩसजतभ भमा दव ऩरयऩणिभ तदसतत

अनमा धमानावाहनाहद षोडशोऩचाय ऩजमा च बगवन सवाितभक शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरी वकटशवय सवरऩो बगवान सपरीत सपरसननो वयदो बवत शरी वकटशवय दव परसादॊ लशयसा गहणालभ

तीथवभ

अकार भतमहयणॊ सविवमाचध रनवायणभ सवि ऩाऩमकयॊ दव ऩादोदकॊ ऩावनॊ शबॊ

नवदमभ

ॐ बबिवससव ॐ ततसषवतवियणमभ बगो दवसम धीभहह चधमो मो न परचोदमात सतमॊ तवतन ऩरयषषॊचालभ अभतभसत अभतोऩसतयणभलस ॐ पराणाम सवा ॐ अऩानाम सवा ॐ वमानाम सवा ॐ उदानाम सवाह ॐ सभानाम सवा ॐ बरहभण सवा

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - भहानवदमभ सभऩिमालभ

अभताषऩधानभलस उततयाऩोशनभ सभऩिमालभ हसतौ परारमालभ ऩादौ परारमालभ शदध आचभनीमॊ सभऩिमालभ

तामफरॊ सभऩिमालभ सवणिभनतरऩषऩॊ सभऩिमालभ परदकषण नभसकायन सभऩिमालभ

अनमाधमानावाहनाहद षोडषोऩचाय ऩजमा बगवान सवाितभक शरी रकषभी ऩदमावती सभत वकटशवय सवाभी सपरीत सपरसननो वयदो बवत शरी रकषभी ऩदमावती सभत वकटशवय सवाभी परसादॊ लशयसा गहणालभ

उदवासनभ मऻन मऻभमजनत दवासतारन धभािरण परथभानमासन

तहनाकॊ भहहभानससचनत मतर ऩव साधमा ससनत दवा

गचछ गचछ सयशरषठ सवसथान शरी वकटशवय बकताबीषट सभधमथिभ ऩनयागभनाम च

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरी वकटशवय सवाभी मथासथानॊ उदवासमालभ

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परथभ अधमाम

शरी बगवान उवाच

कलरमग भ एक हदन शब भहति भ रतरभरा ऩहाड ऩय (सजस धयती का वकॊ ठ कहा जाता ह ) ldquoषवशवऩरत नाभक एक बकत ऩय शरी फाराजी की कऩा हई शरी षवषण क अवताय शरी फाराजी (वकटशवय) जो महाॉ शरीरनवास क रऩ भ ऩज जात ह उनहोन षवशवऩरत को ldquoशरी फाराजी वरत कथाrdquo नाभ स परलसधद इस गरॊथ की यचना कयन की आऻा दी औय कहा- ldquoह भय षपरम बकत षवशवऩरत भय षपरम होन क कायण इस वरत को षवसताय रऩ स तमह फाता हॉ सनो म

वरत भझ अरत षपरम ह आसान होन क कायण इस सबी रोग सॊऩनन कय सकत ह

कलरमग भ भानव अऩन ऩाऩ कभो का पर बोगता ह अनक कषट सहत हए जीवन रनवािह कयता ह कछ बकत

अऩन दख भझ फताकय उनह दय कयन क लरम कहत ह फहत स ऩस खचि कय वो भझ दखन क लरम रतरभरा की मातरा कयत ह भय बकतो स भझ परभ ह व भझऩय अऩना ऩया बाय डार दत ह भ उनह धभि क भागिऩय चराता हॉ

अबी भ जो मह वरत कथा तमह फतान जा यहा हॉ वो ldquoशरी फाराजी की कथाrdquo क नाभ स परलसदध होगा म भया वरत भझ अरतषपरम ह जो वमसकत इस बसकत औय रनषठा स कयगा वह तयॊत ऩाय ऩामगा कोई बी वमसकत कबी बी इस वरत को सॊऩनन कय सकता ह भखम रऩ स भागिशीषि भाघ कारत िक भहहनो भ ऩणिभासी ऩॊचभी सपतभी एकादशी रतचथमो ऩय मा शरवण सवारत नतरो ऩय इस कयना शरषठ होता ह

इस घोय कलरमग भ भय बकत जो कषट सह यह ह उनह भ जानता हॉ तमह जफ बी कोई कषट हो कोई सभसमा हो सवासम ठीक ना हो नौकयी वमाऩाय भ सभसमाएॉ हो भन अशाॊत हो तो इस वरत को सॊऩनन कयना चाहहम इसस

साय कषट दय हो जात ह घय भ शब कामि होन ऩय इस वरत को सॊऩनन कयन स बफना ककसी सभसमा क कामि ऩणि हो जाता ह इस वरत को सॊऩनन कयत ही सबी सख परापत होत ह औय अषट ऐशवमो की परासपत होती ह

सफय मा शाभ इस वरत को सॊऩनन कय सकत ह इस वरत भ ऩाॉच अधमाम ह इनका ऩठन बसकत क साथ कयना चाहहम अऩन घय भ मा रनवास सथान ऩय भॊहदय भ मा ककसी बी ऩषवतर सथान भ नदी तट ऩय सॊऩनन कय सकत ह

महद सॊबव हो तो अऩन फॊध लभतरो क साथ इस सॊऩनन कयन स जमादा शरषठ होता ह जो इस सॊऩनन कयत ह मा जो इस सनत ह वरत सॊऩणि होन क फाद परसाद को बसकत स सवीकाय कयत ह वो अषट ऐशवमो को परापत कयत ह इसस

ऩहर बी भय बकतो न कई भरनमो न इस वरत को सॊऩनन ककमा औय भया आशीवािद ऩामा बरोक भ यहनवार सबी को मह वरत आनॊद परदान कयगा औय शब पर बी परापत होगा शाॊत चचतत स भझ माद कयत हए इस वरत का ऩारन

कयो

सवि परथभ जहाॉ वरत कयना चाहत हो उस सथर को साप कयो भॊडऩ की वमवसथा कय भयी तसवीय सजसभ भयी षपरम

सरखमाॉ शरी दवी बदवी ह उस तसवीय को इस भॊडऩ ऩय सथाषऩत कयो भॊडऩ को दीवाय स रगाकय बी यख सकत हो अनम ककसी इचछक दवता की तसवीय बी सख सकत हो नवगरहो औय अषट हदकऩारको को मा तो भन भ नभसकाय

कयो मा उनका आवहान बी कय सकत हो

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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सफस ऩहर हलदी स फनी गणश की ऩजा कयनी चाहहम उसक फाद उस वरत क ऩाॉचो अधमामो का रनषठा स ऩठन

कयना चाहहम मही परथभ अधमाम ह अनम चाय अधमाम भय अतमॊत षपरम ऩातर षवशवालभतर वलशषठ बयदवाज अबतर

भरनशवयो क परवचना रऩ भ ह ऩाॉच अधमामोको ऩढन क फाद भय षपरम शरोक बी ऩढ सकत हो हय अधमाम क अॊत

भ गोषव ॊद गोषव ॊद गोषव ॊद तीन फाय सभयण कयना चाहहम

आभ रोगो क कषटो को भ जानता हॉ इसी लरम भयी एक फात सनो महद ककसी कायण इस वरत को षवसताय रऩ स

सॊऩनन कयन भ कोई सभसमा आ यही हो तो भय तसवीय को साभन यख कय ऩहर गणश जी की कपय नवगरह दवताओॊ औय अषटहदकऩारको को सभयण कय ऩाॉच कहरनमाॉ ऩढकय अऩन भन भ जो इचछा ह उस भझ फताओ भ उस

परसाद क रऩ भ परदान करॉगा इस परकाय कयन स बी कामि की लसषदध होती ह तमहाय कषट दय हो जामग औय शब

पर परापत होगा

जो वमसकत इस वरत को बसकत स सॊऩनन कयगा भ उसक घय ककसी ना ककसी रऩ भ आकय परसाद सवीकाय करॉगा भयी कऩा आऩ सबी को हभशा परापत होगी शरी फाराजी न रतमभयाज षवशवऩरत याभकषणभरत ि ldquoषवशवऩरतrdquo को इस वरत कथा को षवसताय स फतामा कलरमगवासी हभ सबी इस वरत को सॊऩनन कय शरी फाराजी की कऩा क ऩातर फन सकत ह इस वरत को सॊऩनन कय हभ अऩन सबी कषट दय कय सकत ह औय उचचत पर बी परापत कय

सकत ह

गोषवॊदगोषवॊदगोषवॊद

परथभोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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दषवतीम अधमाम

शरी षवशवालभतर उवाच

भहातऩ सॊऩनन साात शरी षवशवालभतर जी न हभ ऩय कऩा की औय परवचन कयत हए कहा- ldquoह कलरमग वालसमो शरीरनवास क बकतो ldquoशरीफाराजी वरत कथाrdquo सजस आऩ सॊऩनन कय यह हो वह फहत ही ऩषवतर ह भहहभा स ऩणि ह मह वरत कलरमग भ शरी नायामण जी की करणा औय दमा परापत कयन का अतमॊत सयर साधन ह पराचीन कार भ शरी फाराजी क षपरम बकतो न इस सॊऩनन कय अऩनी काभनाओॊ को ऩणि ककमा इस वरत कथा क फाय भ हभ फताकय शरी फाराजी न हभाय पररत जो दमा हदखाई ह उसक लरए हभ उनह परणाभ कयत ह

पराचीन कार भ भगध याजम भ षवषणचचतत नाभक एक बकत यहता था उसकी नौ कनमाएॉ थी षवदवान होन ऩय बी वह अतमॊत गयीफ था षवषणचचतत की ऩतनी तायाभरत हभशा नायामणजी की पराथिना कयती यहती थी षववाहाहद शबकामि सॊऩनन कय जो बी ऩस दकषणा क रऩ भ लभरत थ उसस व भसशकर स अऩना जीवन रनवािह कय

यह थ कनमाएॉ मौवनावसथा भ ऩदाऩिण कय चकी थी तायाभरत हभशा इसी चच ॊता भ यहती थी कक इन कनमाओॊ का षववाह ककस परकाय सॊऩनन होग वह फाराजी की पराथिना कयत हए सदा अऩना सभम गजायती थी

वह तो फाराजी की बकत थी औय फाराजी अऩन बकतो स अतमाचधक परभ कयत ह उस हदन भाघ ऩरणिभा थी सवय

एक वदध बराहभण न षवषणचचतत क दयवाज ऩय दसतक दी औय कहा - ldquoह सवाभी भ फॊग दश का वासी हॉ एक मऻ

क लसरलसर भ दसय दश जा यहा हॉ यासत भ महाॉ आमा हॉ भझऩय दमा कयो औय अऩन घय भ एक हदन क लरए

यहन दो कर सवयही भ महॉ स चरा जाऊॉ गाrdquo उन की फात सनकय षवषणचचततन कहा lsquoनाथ इसस फढकय खशी औय कमा हो सकती ह अरतचथ साात नायामण जी क सभान होत ह ऐस हभाय ऩयाणो भ कहा गमा ह आऩ बफना ककसी सॊकोच क हभाय घय भ यह सकत हlsquo ऐसा कह कय उसन उस बराहभण को घय क अॊदय फरामा औय उनका सतकाय ककमा

दोऩहय भ बोजन क फाद उस वदध न तायाभरत स ऩछा ndash ldquoभाता कमा फात ह तभ कछ चच ॊरततसी रगती हो बफना ककसी सॊकोच क फात फताओrdquo तायाभरत न कहा ndash ldquoसवाभी आऩ तो भहातऩसवी ह आऩ क भख का तज उस वकॊ ठवासी क सभान ह आऩ स कमा छऩाना भयी चचॊता भयी कनमाओॊ का षववाह हrdquo उस ऩय वदध न कहा- ldquoभाता तमहाया दख भ जानता हॉ तमहाय सबी कषट दय हो औय तमहायी कनमाओॊ की शादी हो इसक लरम भ एक अदभत वरत फताता हॉ सनो इस वरत को सॊऩनन कयन स तमहाय साय कषट दय हो जामग शरी फाराजी क वरतो भ स मह सफस सयर हrdquo कहत हए उनहोन उस दॊऩरत को ऩया वरत षवधान फतामा वरत षवधान

सनकय षवषणचचतत न कहा- ldquoसवाभी मह तो अतमॊत सॊतोष की फात ह इसस फढकय सौबागम औय कमा होगा

कहत ह ना- शबसम शीिॊ आज भाघ ऩरणिभा ह फहत ही शब हदन ह आऩक कथा अनसाय हभ आज ही इस वरत

को सॊऩनन कयगrdquo षवषणचचततन ऩतनी तायाभरत औय सबी कनमाओॊ क साथ लभरकय उस हदन शाभ भ ही अऩन

फॊध-लभतरो क साथ बसकत औय रनषठा स फाराजी वरत को सॊऩनन ककमा वहाॉ उऩससथत सबी रोगो न वरत ऩया होन क

फाद चयणाभत परसाद गरहण ककमा औय अऩन-अऩन घय परसथान ककमा तफ षवषणचचतत औय तायाभरत न बराहभण

क चयणो को नभसकाय ककमा औय आशीवािद परापत ककमा बराहभणोततभ न बी चयणाभत परसाद गरहण ककमा औय

कहा- ldquoआऩकी भनोकाभना ऩयी हो शरी रकषभी शरी फाराजी की कऩा होrdquo

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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अॊधया हो चरा था औय रनिा सभम आसनन था षवषणचचतत न उस बराहभण को एक पटी चादय दत हए आॉखो भ आस लरम कहा- सवाभी भ अतमॊत दरयिी हॉ इसस अचछी चादय भय ऩास नही ह भझ भा कय आज की यात इसी ऩय षवशराभ कय बराहभण भसकयात हए फोर- कोई फात नही भ फाहय फयाभद भ सो जाता हॉ कछ सभम फाद ही सबी रनिारोक भ षवचयण कयन रग आधी यात का सभम था बफजरी की गडगडाहट क साथ फारयश शर हई चायो ओय अॊधया था कहीॊ कछ नही हदखाई

द यहा था षवषणचचतत इस चच ॊता भ था कक वदध बराहभण फाहय कस सो यह होग उस सभम कछ सझ बी नही यहा था ककसी तयह उनहोन यात गजायी सवया हआ फारयश बी थभ चकी थी ऩरत-ऩतनी मही सोच यह थ कक बराहभण की कमा दशा हई होगी ककतना सहा होगा उनहोन मही सोचत हए वो फाहय आए उनह एक अदभत दशम हदखाई हदमा वहाॉ षवपरोततभ नही थ पहट हई चादय की जगह यशभ का षऩताॊफय यखा हआ था उस षऩताॊफय ऩय शरी फाराजी क

भतॉ ndash हदखाई दी व सफ कछ सभझ गम उनकी खषी का कोई हठकाना नही यहा उनक घय आम बराहभण औय

कोई नही साात शरी नायामणजी ही थ ह फाराजी कमा बागम ह हभाया ऩय हभ उनको ऩहचान नही ऩाम हभन उनको पटी हई चादय दी मह सोचत हए उनहोन शरी फाराजी की भतॉ को हाथ भ रकय आॉखो स रगामा औय

घय क अॊदय आम ऩया घय सोन स बया हआ था जहाॉ दखो वहाॉ धन याशी ह बगवान शरी फाराजी की वरत कथा की भहहभा स ही मह सफ सॊबव हो सका ऐसा कहत हए व बगवान की सतरत कयन रग आऩन दख साात शरी फाराजी ही उस बकत क घय आम थ वरत षवधान फतामा औय चयणाभत परसाद बी गरहण

ककमा शरी फाराजी फहत ही करणाभम ह जो बी इस वरत को बसकत औय रनषठा स कयगा उसक घय सवमॊ बगवान

ककसी ना ककसी रऩ भ आमग आऩ सबी इस वरत को सॊऩनन कय बगवान की कऩा परापत कय सकत ह शरी भहषषि षवशवालभतर जी न मह दषवतीम कथा इस तयह फताई

शरी रकषभी शरीरनवास कटाॊ लसषदधयसत

गोषवॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

दषवतीमोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ततीम अधमाम

शरी वलशषठ उवाच मह अधमाम भहातऩोरनषठ वरयषठ शरीवलशषठ भरन न शरीनायामणजी की कऩा स हभ षवसताय रऩ स फतामा ह ह कलरमग वालसमो शरीफाराजी क षपरम बकतो वकणठ भ रनवास कयनवार शरीनायामणजी आज क रतरभरा भ ससथत शरीफाराजी ही ह कलरमग वालसमो क कषट दय कयन क लरम बगवान आऩक फहत सभीऩ रतरभरा ऩहाड ऩय अवतारयत हए ह शरी फाराजी को खश कयन क लरए मह वरत उततभ ह औय सयर बी ह इस वरत को जो बसकत औय रनषठा स सॊऩनन कयता ह उस सबी सख परापत हो जात ह पराचीन सभम भ अवॊती दश भ बागमनगय नाभक एक नगय था नाभ क ही अनरऩ वहाॉ अनक धनवान (वमाऩायी) यहत थ ऩय व अऩनी सॊऩसतत को दख घभॊड कयत थ औय आभ रोगो को हीन दषटी स दखत थ धन-दौरत उनकी सवासजित ह ऐसा सोचकय घभॊड कयत थ बगवान की रनतम ऩजा-ऩाठ तो उनहोन ऩहर ही छोड दी थी कभ स कभ षवशष हदनो भ बी व ना भॊहदय जात ना ऩजा कयत ना ही दीऩ जरात एक हदन सबी धनवान अऩनी-अऩनी ऩतनीमो क साथ परीरत बोज भ वमसत थ उस नगय की ऩवि हदशा भ ही शरी रकषभी नायामण जी का भॊहदय था जहाॉ दीऩ जरानवारा कोई नही था उस हदन षवशष एकादशी थी सजस एक ऩवि हदन बी भाना जाता ह ऩय उस नगय क एक बी धनवान क भन भ भॊहदय भ ऩजा कयन का षवचाय नही आमा शाभ होत-होत आकाश भ घन फादर छा गम औय भसराधाय फारयश होन रगी वमाऩारयमो क घय ऩानी स बय गम चायो ओय अॊधकाय ह अॊधकाय था सवय होन तक ऩया नगय ऩानी भ डफ गमा वमाऩारयमो क घय टट-पट गम उनका साया ऐशवमि सभापत हो गमा ऐसा उऩिव कमो भचा मह पररम कस हो गमा ककसी को कछ बी सभझ भ नही आ यहा था इतन भ उनह एक षवचचतर दशम हदखाई हदमा नगय क फाहय जो झोऩडडमाॉ थी व तो वसी की वसी थी उनको आशचमि हआ इतनी फारयश भ बी म कस सही सराभत यही व ऐसा भन ही भन सोच यह थ कक इतन भ बफजरी कडकी औय आकाशवाणी हई ldquoए भखो तमहायी सॊऩसतत तमहायी अऩनी ह सवासजित ह ऐसा सोचत थ इसी लरम ऐसा हआ ह इस झोऩडी भ यहनवारा दव भया षपरम बकत ह आभ आदभी होन ऩय बी दव रनतम तमहाय नगय भ ससथत शरी रकषभी नायामण

भॊहदय भ दीऩ जराता था इतना ही नही हय एकादशी क हदन मथा सॊबव वह शरी फाराजी वरत कथा बी सॊऩनन कयता था इसी लरम इन झोऩडीमो भ यहनवार सबी रोग सयकषत यह आऩ सबी महद वरत सॊऩनन कयग तो अऩन-अऩन

ऐशवमि को ऩन परापत कय सकत होrdquo आकाशवाणी सनत ही तयॊत व सबी रोग उस भॊहदय भ गम औय जस

सॊबव हो सका वस सबी रोगोन एक-दसय क सहमोग स शरी फाराजी की वरत कथा सॊऩनन की ऐसा कयत ही सबी को उनक घय ऩवि रऩ भ ही परापत हो गम तफ स व सबी शरीफाराजी क बकत फन गम औय हय एकादशी को शरीफाराजी का वरत सॊऩनन कयत औय सख-शाॊरत परापत कय यहन रग अॊत भ उनहोन भसकत बी परापत की

शरीवलशषठजी न इस परकाय म कथा सनाई

गोषव ॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

ततीमोधमाम सभापतॊ |

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ

शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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चतथव अधमाम

शरी बयदवाज उवाच

शरीनायामण जी को ldquoशरीफाराजी वरत कथाrdquo अतमॊत षपरम ह चतथि अधमाम क रऩ भ हभाय साभन शरी बयदवाज

भरनदवाया फतामी नमी कहानी इस परकाय ह- ldquoह कलरमगवालसमो शरी नायामण क षपरम बकतो आऩ सजस वरत को सॊऩनन कय यह ह वह अदभत ह आऩकी भनोकाभनाओॊ को ऩणि कयन का साधन ह शरी फाराजी को परसनन कयन का मह अतमॊत सयर उऩाम ह आऩ सबी ऩय कऩा कयन क लरम ही वकॊ ठवासी बगवान शरीरनवास क रऩ भ रतरभरा ऩहाड ऩय अवतरयत हए ह अनक जनभो क ऩणमपर स ही रतरभरा ऩहाड ऩय ऩय यखन का सौबागम परापत होता ह औय बगवान क दशिन बी सॊबव होत ह इसी तयह इस ldquoवरतकथाrdquo को सॊऩनन कयन का सॊकलऩ बी ऩविजनभ क

ऩणमपर स ही सॊबव होता ह जो वमसकत इस वरत को सॊऩनन कय यह ह मा जो इस कथा को सन यह ह मा जो बगवान क परसाद को गरहण कयत ह उनह बगवान की कऩा परापत होती ह औय व सौबागम बी ऩात ह

पराचीन कार भ ldquoनगयीrdquo नाभक एक गराभ भ धनगपत नाभ का वमाऩायी यहता था वह फहत ही रारची था ऐशवमि परापत कयन ऩय बी उसका रारचीऩन कभ नही हआ मह सभसत ऐशवमि उसका ही कभामा हआ ह ऐसा सोचकय वह फहत घभॊड कयता था अहॊकाय भनषम का नाश कयता ह

धनगपत की ऩतनी काॊरतभती अतमॊत बसकत बावना यखती थी औय रनषठा स बगवान की ऩजा कयती थी उनकी तीन कनमाएॉ थी तीसयी कनमा ldquoकभायीrdquo भ बसकत बावना जमादा थी वह हभशा फाराजी का नाभ ही जऩती यहती थी षऩताजी को बफना फताम वह जफ-तफ शरी फाराजी क भॊहदय भ जाती थी औय बगवान क दशिन कयती थी घय आकय षऩताजी को छोड अनम सबी क साथ परसाद सवीकाय कयती थी ऩती क ऐस वमवहाय स

काॊरतभती थोडी चच ॊरतत होती थी

एक हदन ldquoकभायीrdquo की सहरी क घय ऩय ldquoशरी फाराजीrdquo का वरत सॊऩनन हो यहा था मह जानकय वो वहाॉ गई वरत ऩया होन तक दोऩहय हो चकी थी थोडासा परसाद उसन गरहण ककमा औय थोडा वह अऩन घयवारो क लरम एक

कागज की ऩडी भ रकय चरी फीच यासत भ उस पमास रगन रगी धऩ बी फहत तज थी उसन सोचा थोडी दय रक

कय पमास फझाकय कपय चरॉ तो ठीक यहगा तबी उस माद आमा कक उसक षऩता की दकान अगरी गरी भ ही तो ह वहाॉ जाकय उसन षऩताजी को ऩजा की फात बफना फताम षऩताजी स ऩानी भाॉगकय षऩमा औय षऩताजी गससा कयग

इस डय स उसन जलदी-जलदी ऩानी षऩमा इस घफयाहट भ परसाद की ऩडी वही दकान भ बरकय चरी गई

एकाएक फाजाय भ हडकॊ ऩ भच गमा रोग हाहाकाय भचात हए इधय-उधय बागन रग आगजनी क कायण उस गरी की सायी दकान जर कय याख होन रगी वस बी दोऩहय का सभम थाउस ऩय गभि हवाएॉ चर यही थीधनगपत का शयीय डय क भाय काॉऩन रगा ldquoकछ ही सभम भ उसकी दकान बी जर कय याख हो जाएगीrdquo इस षवचाय स उस क हाथ-ऩय काॉऩन रग सबी रोग अऩनी-अऩनी दकानो स फाहय आकय इधय-उधय बागन रग ऩय

धनगपत वही खडा यह गमा दकान छोडकय जान का भन नही कय यहा था महद वो दकान भ यहगा तो जरकय

याख हो जामगासोचत हए उसन घफयाहट भ उसक हाथ रगी ऩडी को उठामा औय बफना सोच सभझ जो हाथ आमा वो भॉह भ डार हदमा उस कछ भीठा-भीठा सा ऩदाथि रगा औय भन बी शाॊत होन रगा

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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तबी एक अदभत घटना घटीआग धनगपत की दकान तक आकय रक गमी आग की रऩत वहाॉ नही आ ऩामी मह कसी षवचचतर फात हम कसी भामा ह धनगपत क भॉहस एक बी फात नही रनकर ऩामी उधय आगजनी की खफय सनत ही ऩतनी काॊरतभती अऩन कनमाओॊ क साथ फाराजी का सभयण कयत हए दौडती हई वहाॉ आ गमी आग उनक दकान तक आकय कस रक गमी मह दखकय उस आशचमि हआ तबी कभायी को दकान भ बरी हई ऩडी की माद आई धनगपत को सभझन भ दय नही रगी कक उसन जो चीज भॉह भ डारी थी वो औय कछ नही तो बगवान का परसाद ही था औय उसकी भहहभा स ही व इस दघिटना स चक गम धनगपत न शरीफाराजी स भा भाॉगी गार फजाम शाभ भ ही नगयवालसमो को फराकय ldquoशरीफाराजी की वरत कथाrdquo सॊऩनन की तफ स वह बगवान की सवा भ रीन हो गमा औय अॊत भ भो बी परापत की आऩन दखा कक कवर परसाद गरहण कयन स ही वो ककतनी फडी दघिटना स चक गमा फाराजी की भहहभा अदभत ह आऩ सबी बी मथा सॊबव वरत को सॊऩनन कय क बगवान की कऩा परापत कय सकत हldquo

शरीबयदवाजजी न इस परकाय मह चतथि कथा सनामी

गोषवॊदगोषवॊदगोषवॊद

चतथोधमाम सभापतॊ |

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ऩॊचभ अधमाम

शरी अतरतर उवाच

रतरभरा-रतरऩती बरोक का वकणठ धाभ ह ऩयाणो भ फतामा गमा ह कक रतरभरा क सभान ऩषवतर सथर औय शरी फाराजी जस दवता न तो ऩहर कबी हए ह औय न कबी होग शरीरनवास क रऩ भ अवतरयत शरी नायामण अऩन

बकतो स फहत परभ कयत ह जो उन ऩय अऩना ऩया बाय डारकय उनह रनतम सभयण कयत ह जो सदाचाय स ऩणि जीवन बफतात ह वो उनकी या कयत ह ऐस शरीफाराजी को परसनन कयन का सफस सयर उऩाम ह ndash ldquoशरीफाराजी की वरत कथाrdquo

इस अदभत वरत कथा क फाय भ भहातऩसॊऩनन शरी अबतर भहषषि न कऩा कयत हए कहा ह- ldquo ह फाराजी क षपरम

बकतो कलरमग भ आऩक सौबागम क फाय भ कमा कहना कतमग तरतामग औय दवाऩायमग भ अतमॊत कठोय तऩ-

जऩ कयन ऩय बी परसनन न होन वार शरी नायामण इस मग भ कवर नाभसभयण स ही आऩ रोगो ऩय कऩा कय यह

ह षवशवास क साथ उनह फरान ऩय व तयॊत कऩा परदान कयत ह ऐस करणाभम ह शरीफाराजी ऩषवतर रतरभरा ऩय

तमहाया यखा हय कदभ अनक जनभो क ऩणमपर क सभान ह

पराचीन कार भ ldquoकौभायrdquo दश भ ldquoलभतरrdquo नाभक धोफी यहता था वो अऩन काभ क साथ-साथ धालभिक कामि कयता हआ जीवन रनवािह कय यहा था उसकी अऩॊगता ही उसकी चच ॊता थी इसी कायण धोए हए कऩडो की ऩोटरी फनाकय घय-घय घभकय उनह रोगो तक ऩहॉचाना उस धीय धीय भसशकर रगन रगा उसका ऩरयवाय फडा था बफना भहनत ककए उस बय ऩट खान को बी नही लभरता था हभशा वो शरी फाराजी की ऩजा कयता यहता था कबी ना कबी बगवान उस ऩय कऩा कयग इसी षवशवास स वो अऩना जीवन गजाय यहा था बकतो ऩय कऩा कयन वार फाराजी सफ कछ दखत यहत ह जो वमसकत अऩन कभो स भकती ऩाता ह उनक ऩास आकय फाराजी ककसी न ककसी रऩ भ आकय उनकी या कयत ह एक हदन शाभ क सभम हभशा की तयह लभतर कऩड धोकय कऩडो की ऩोटरी राद धीय-धीय चरता हआ आ

यहा था फीच यासत भ उस एक वदध बराहभण हदखाई हदम गौयव की बावना स फड होन क कायण लभतर न अऩन कॊ ध

ऩय रदी हई ऩोटरी को नीच उतायकय वदध बराहभण को नभसकाय ककमा तफ उस षवपरोततभ न कहा- ldquoतभ अऩन इस ऩय क कायण ककतना कषट सह यह हो तमहाया दख दखा नही जाताrdquo तफ लभतर न कहा-ldquoह नाथ आऩ फजगि ह बयाऩया ऩरयवाय होन क कायण भझ इस काभ स भकती नही लभर यही ह ककसी तयह भयी म अऩॊगता दय हो ऐसा कोई उऩाम फताइएrdquo

तफ बराहभण न कहा-ldquoसनो बाई भ जरय फताऊॉ गा धमान स सनो भ एक ऐस वरत क फाय भ फताता हॉ सजस सॊऩनन कयन स तमहायी अऩॊगता दय हो जाएगी तमह अषट ऐशवमो की परासपत होगी वरत सॊऩनन कयत ही तमह हजाय अशकपि माॉ लभरगी ऩय एक शति ह उसभ स आध तभ भझ दोगकर भ कपय इसी सभम महाॉ लभरॉगाrdquo तफ लभतर न कहा- ldquoसवाभी इसस फढकय सौबागम औय कमा हो सकता ह आज ही इस

वरत क फाय भ फताइए भ उस सॊऩनन करॉ गाrdquo लभतर क उतसाह को दख वदध न शरी फाराजी वरत कथा क फाय भ फतामा

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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लभतर दगन उतसाह क साथ घय आमा ऩयी कहानी ऩतनी को फतामी औय अडोस-ऩडोस क साथ लभरकय शरी फाराजी वरत को सॊऩनन ककमा चयणाभत परसाद गरहण ककमा घय आए सबी रोगो को बी हदमा तबी घय क फाहय कछ

कोराहर सनाई हदमा लभतर का फटा फाहय स दौडता हआ आमा औय फोरा- ldquoषऩताजी षऩताजी याज-यक आऩक लरम आए ह याजा न आऩक लरम बट बी बजी हrdquo इतन भ यक बी वहाॉ आ गम उनहोन फतामा कक उसकी रनमसकत याज दयफाय भ धोफी क रऩ भ हो गमी ह याजा न हजाय अशकपि माॉ ऩयसकाय सवरऩ बजी ह ऐसा कहकय उनहोन लभतर क हाथ भ हजाय अशकपिमो की ऩोटरी यख दी एक हफत क अॊदय-अॊदय

उस आकय नौकयी भ बतॉ होन को बी कहा लभतर क आनॊद की सीभा नही थी एक हफता कमो कर ही कमो नही सोचकय उसन अऩनी ऩोटरी-वोटरी फाॉधी औय दसय हदन सवय ही वो जान को तमाय हो गमा इस जलदफाजी भ वह

उस वदध की फात बर गमा फीच यासत भ उस उसकी फात माद आ गमी ऩय ठीक हअगर भहहन लभर रता हॉ सोच

कय वह याज दयफाय भ अऩन काभ ऩय रग गमा हदनभहहन फीत बराहभण क वश भ आए बगवान को गससा आमा बगवान न सोचा भनषम की परवसतत ऐसी ही होती ह उस भझ अऩनी भहहभा फतानी होगी

दसय ही हदन याणीवास स आबषण चोयी हो गम चोयी का इलजाभ लभतर ऩय आमा लभतर को कायावास की सजा हई hellipयाज यकोन उस तयह-तयह की मातनाएॉ दी ऐसा कमो हआउस ऩय मह इलजाभ कमो रगा सोचत हए लभतर को यात को सऩन भ बगवान हदखाई हदम उनहोन फतामा कक ldquoवदध बराहभण क रऩ भ व ही आम थ वो अऩनी फात स भकय गमा इसलरम म सफ हआ हrdquo तफ लभतर न कहा-ldquoह नाथभ ऩाऩी हॉ भन फहत फडा ऩाऩ ककमा ह कऩमा भझ ऩय दमा कीसजम अफ भ हय भहहन आऩका वरत सॊऩनन करॉ गा भयी आम का आधा बाग जीवन बय आऩको सभषऩित करॉ गाrdquo गार फजाकय उसन बगवान की हय तयह स पराथिना की बकतो की ऩकाय सननवार बगवान न खशी-खशी लभतर ऩय कऩा कय दी बगवान की कऩा स याणी क आबषण दसयही हदन लभर गम याजान म बी जान लरमा कक लभतरन चोयी नही की थी लभतरको कायावास स रयहा कय हदमा गमा तफ स लभतर बगवान को हदम वचन अनसाय हय भहहन शरी फाराजी का वरत सॊऩनन कयन रगा औय अऩनी आम का आधा बाग बगवान को अषऩित कयता यहा सख ऩणि जीवन बफतात हए उसन अॊत भ भो बी परापत ककमाrdquo

शरी अबतरजी न ऐसा कहकय ऩाॉचव औय आखयी अधमाम को सभापत ककमा

गोषवॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

ऩॊचभोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

Page 28: 55804144 Sree Balaji Kee Leelaye and Vrat Katha Hindi Book

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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शरी भहारकषभी अषटोततय शतनाभावलर

ॐ परकतम नभ ॐ षवकतम नभ ॐ षवदमाम नभ ॐ सविबतहहतपरदाम नभ ॐ शरदधम नभ ॐ षवबतम नभ ॐ सयभम नभ ॐ ऩयभासतभकाम नभ ॐ वाचम नभ ॐ ऩदमारमाम नभ ॐ ऩदमाम नभ ॐ शचम नभ ॐ सवाहाम नभ ॐ सवधाम नभ ॐ सधाम नभ ॐ धनमाम नभ ॐ हहयणमम नभ ॐ रकषमम नभ ॐ रनतमऩषटाम नभ ॐ षवबावम नभ ॐ आहदतम नभ ॐ हदतम नभ ॐ दीपताम नभ ॐ वसधाम नभ ॐ वसधारयणम नभ ॐ कभराम नभ ॐ कानताम नभ ॐ काभाकषम नभ ॐ कभर समबवाम नभ ॐ अनगरहपरदाम नभ ॐ फदधम नभ ॐ अनघाम नभ

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ॐ हरयवलरबाम नभ ॐ अशोकाम नभ ॐ अभताम नभ ॐ दीऩाम नभ ॐ रोकशोक षवनालशनम नभ ॐ धभिरनरमाम नभ ॐ करणाम नभ ॐ रोकभातर नभ ॐ ऩदमषपरमाम नभ ॐ ऩदमहसताम नभ ॐ ऩदमाकषम नभ ॐ ऩदमसनदम नभ ॐ ऩदमोदभवाम नभ ॐ ऩदमभखम नभ ॐ ऩदमनाब षपरमाम नभ ॐ यभाम नभ ॐ ऩदमभाराधयाम नभ ॐ दवम नभ ॐ ऩरदमनम नभ ॐ ऩदमगसनधनम नभ ॐ ऩणमगनधाम नभ ॐ सपरसननाम नभ ॐ परसादालबभखम नभ ॐ परबाम नभ ॐ चनिवदनाम नभ ॐ चनिाम नभ ॐ चनिसहोदम नभ ॐ चतबिजाम नभ ॐ चनिरऩाम नभ ॐ इसनदयाम नभ ॐ इनद शीतराम नभ ॐ आहराद जननम नभ ॐ ऩषम नभ

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ॐ लशवाम नभ ॐ लशवकतम नभ ॐ सतमाम नभ ॐ षवभराम नभ ॐ षवशवजननम नभ ॐ तषम नभ ॐ दारयदरमनालशनम नभ ॐ परीरत ऩषकरयणम नभ ॐ शानताम नभ ॐ शकरभालमामफयाम नभ ॐ बासकम नभ ॐ बफलव रनरमाम नभ ॐ वयायोहाम नभ ॐ मशससवनम नभ ॐ वसनधयाम नभ ॐ उदायॊगम नभ ॐ हरयणम नभ ॐ हभभालरनम नभ ॐ धन धानमकतम नभ ॐ लसदधम नभ ॐ सतरणम सौममाम नभ ॐ शबपरदाम नभ ॐ नऩवशभ गताननदाम नभ ॐ वयरकषमम नभ ॐ वसपरदाम नभ ॐ शबाम नभ ॐ हहयणम पराकायाम नभ ॐ सभि तनमाम नभ ॐ जमाम नभ ॐ भॊगराम नभ ॐ षवषणव सथरससथताम नभ ॐ षवषणऩतनम नभ ॐ परसननाकषम नभ

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ॐ नायामण सभाचशरताम नभ ॐ दारयदरम धवॊलसनम नभ ॐ दवरकषभ नभ ॐ सवोऩिव रनवारयणम नभ ॐ नवदगािम नभ ॐ भहाकालम नभ ॐ बरहभा-षवषण-लशवासतभकाम नभ ॐ बतरकारऻानसमऩननाम नभ ॐ बवनशवम नभ ॐ भहारकषभी अषटोततय शत नभ

इरत शरी रकषभी अषटोततय शतनाभावलर

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शरी ऩदमावती अषटोततय शतनाभावलर

ॐ ऩदमावततम नभ ॐ दवम नभ ॐ ऩदमोदभवाम नभ ॐ करणापरदारमनम नभ ॐ सरदमाम नभ ॐ तजसवरषऩणम नभ ॐ कभरभखम नभ ॐ ऩदमधयाम नभ ॐ शरीम नभ ॐ ऩदमनतरम नभ ॐ ऩदमकयाम नभ ॐ सगणाम नभ ॐ कभकभषपरमाम नभ ॐ हभवणािम नभ ॐ चनिवसनदताम नभ ॐ धगधगपरकाश शयीय-धारयणम नभ ॐ षवषणषपरमाम नभ ॐ रनतमकलमाणम नभ ॐ कोहटसमिपरकालशणम नभ ॐ भहासौनदमिरषऩणम नभ ॐ बकतवतसराम नभ ॐ बरहभानडवालसनम नभ ॐ सविवानचापरदारमनम नभ ॐ धभिसनकलऩाम नभ ॐ दाकषणमकटाकषणम नभ ॐ बसकतपरदारमनम नभ ॐ गणतरमाषववसजिताम नभ ॐ कराषोडशसॊमताम नभ ॐ सविरोकानानजननम नभ ॐ भसकतदारमनम नभ ॐ दमाभतामाम नभ ॐ परऻाम नभ

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ॐ भहाधभािम नभ ॐ धभिरषऩणम नभ ॐ अरनकाय षपरमाम नभ ॐ सविदारयदरमधवॊलसनम नभ ॐ शरीवकटशवसथरससथताम नभ ॐ रोकशोकषवनालशनम नभ ॐ वषणवम नभ ॐ रतरचानरऩयवालसनम नभ ॐ वदवदमषवशायदाम नभ ॐ षवषणऩादसषवताम नभ ॐ यतनपरकाशककयीटधारयणम नभ ॐ जगनभोहहनम नभ ॐ शसकतसवरषऩणम नभ ॐ परसननोदमाम नभ ॐ इनिाहददवत मककननय ककमऩरष ऩसजताम नभ ॐ सविरोकरनवालसनम नभ ॐ बजमाम नभ ॐ ऐशवमिपरदारमनम नभ ॐ शानताम नभ ॐ उननतसथानससथताम नभ ॐ भनदायकालभनम नभ ॐ कभराकयाम नभ ॐ वदानतऻानरषऩणम नभ ॐ सविसमऩसततरषऩणम नभ ॐ कोहटसमिसभपरबाम नभ ॐ ऩजापरदारमनम नभ ॐ कभरासनाहद सविदवताम नभ ॐ वकनठवालसनम नभ ॐ अबमदारमनम नभ ॐ िाापरऩामसषपरमाम नभ ॐ नतमगीतषपरमाम नभ ॐ ीयसागयोदभवाम नभ ॐ आकाशयाज ऩबतरकाम नभ

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ॐ सवणिहसतधारयणम नभ ॐ काभरषऩणम नभ ॐ करणाकटाधारयणम नभ ॐ अभतासजाम नभ ॐ बरोकसवगिसखदारमनम नभ ॐ अषटहदकऩारकाचधऩतम नभ ॐ भनभधदऩि सॊहारयणम नभ ॐ कभराथिबागाम नभ ॐ सवलऩऩयाध-भहाऩयाध-भाम नभ ॐ शतकोहटतीथिवालसताम नभ ॐ नायदाहद भरनशरषठ ऩसजताम नभ ॐ आहदशनकयऩसजताम नभ ॐ परीरतदारमनम नभ ॐ सौबागमपरदारमनम नभ ॐ भहाकीतॉ परदारमनम नभ ॐ कषणारतषपरमाम नभ ॐ गनधवि शाऩषवभोचकाम नभ ॐ कषणऩतनम नभ ॐ बतररोकऩसजताम नभ ॐ जगनभोहहनम नभ ॐ सरबाम नभ ॐ सशीराम नभ ॐ अॊजनासतानगरहपरदारमनम नभ ॐ बकतमातभरनवालसनम नभ ॐ सॊधमावसनदनम नभ ॐ सविरोकभातर नभ ॐ अलबभतदारमनम नभ ॐ रलरतावधतम नभ ॐ सभसतशासतर षवशायदाम नभ ॐ सवणािबयणधारयणम नभ ॐ इहऩयरोक सखपरदारमनम नभ ॐ कयवीयरनवालसनम नभ ॐ नागरोकभरणसह आकाशलसनध कभरशवय ऩरयतयधगभनाम नभ

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ॐ शरी शरीरनवासषपरमाम नभ ॐ चनिभनडरससथताम नभ ॐ अलरवर भनगाम नभ ॐ हदवमभनगर धारयणम नभ ॐ सकलमाणऩीठससथताम नभ ॐ काभकवनऩषऩषपरमाम नभ ॐ कोहट भनभधरषऩणम नभ ॐ बानभनडररषऩणम नभ ॐ ऩदमऩादाम नभ ॐ यभाम नभ ॐ सविरोकसबानतय धारयणम नभ ॐ सविभानसवालसनम नभ ॐ सवािम नभ ॐ षवशवरऩाम नभ ॐ हदवमऻानाम नभ ॐ सवभनगररषऩणम नभ ॐ सवािनगरहपरदारमनम नभ ॐ ॐकायसवरषऩणम नभ ॐ बरहभऻानसॊबताम नभ ॐ शरी ऩदमावतम नभ ॐ सदमोवदवतम नभ ॐ शरीभहारकषमम नभ

इरत शरी ऩदमावती अषटोततय शतनाभावलर

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धऩभ दशाॊगभ गगगरोऩतॊ गोघतन सभसनवतभ धऩॊ गहाण दवश सविरोक नभसकाया

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - धऩभािाऩमालभ

(सवाभीजी क भतॉ की अगयफतती औय धऩ स आयती कय)

दीऩभ

बतररोकश भहादव सविऻान परदामक दीऩॊ दासमालभ दवश यभाभ बकतवतसर

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - दीऩॊ दशिमालभ

(सवाभीजी क भतॉ की दीऩ स आयती कय )

नवदमभ

सविबशच बोजजशच यस षडलब सभसनवतॊ नवदमनत भमानीतभ गहाण ऩरषोततभ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - नवदमॊ सभऩिमालभ

(सवाभीजी को परसाद चढाम अगय करा ह तो ldquoकदरीपर रनवदमालभrdquo नारयमर ह तो ldquoनारयकर परॊ रनवदमालभrdquo ऐस कह अगय गड ह तो ldquoगडोऩहाय नवदमभ सभऩिमालभrdquo कह)

ॐ पराणाम सवाहा ॐ आऩानाम सवाहा ॐ वमानाम सवाहा ॐ उदनाम सवाहा ॐ सभानाम सवाहा ॐ ऩयबरहभण सवाहा ॐ बबिव सव ततसषवतय-वयणमभ बगो दवसम धीभहह चधमो मो न परचोदमात ॐ आऩो जमोरतयसोभतॊ बरहभ बबिव सवयोभ भधम भधम ऩानीमभ सभऩिमालभ

अभताषऩधानभलस उततयाऩोशनभ सभऩिमालभ हसतौ परारमालभ ऩादौ परारमालभ ऩनयाचभनीमभ सभऩिमालभ

तामफरभ ऩगीपर सकऩिय नागवलरीदरमितॊ भकताचणि सभामकतॊ तामफरॊ पररतगहमताॊ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - तामफरभ सभऩिमालभ

नीयाजनभ चशरम कानताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरीवकटरनवासाम शरीरनवासाम भनगरभ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ नीयाजनभ दशिमालभ

ऩनयाचभनीमभ सभऩिमालभ

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भॊतरऩषऩभ

ॐ सहसतरशीषिभ दवॊ षवशवाॊ षवशवशॊबवॊ षवशवॊ नायामणनदवभ अयॊ ऩयभॊ ऩदॊ १

षवशवत ऩयभासननतमॊ षवशवॊ नायामणॊ हरयॊ षवशवभवदॊ ऩरषसतदषवशवॊ उऩजीवरत २

ऩरतॊ षवशवसमातभशवयॊ शाशवतॊ लशवभचमतॊ नायामणॊ भहाऻमॊ षवशवतभानॊ ऩयामणॊ ३

नायामण ऩयोजमोरत आतभा नायामण ऩय नायामण ऩयभ बरहभ ततवभ नायामण ऩय नायामण ऩयो धमाता धमानभ नायामण ऩय ४

मचच ककसनचत जगतसव दशमत शरमतषऩ वा अनतफिहहशचततसविभ वमापमा नायामण ससथत ५

अननतभ अवममभ कषवॊ सभिनतभ षवशवशमबवभ ऩदमकोश परतीकाशभ रदमभ चापमधोभखभ ६

अधोरनषमा षवतसतमानत नाभमाभऩरय रतषठरत जवाराभाराकरॊबारत षवशवसमामातनभ भहत ७

सनततॊ लशरालबसत रॊफतमाकोशससननबभ तसमानत सलशयभ सकषभभ तससभन सविभ पररतसषठतभ ८

तसमभधम भहान असगन षवशवायचचषविशवतो भख सोगरबसगवबजन रतषठाननाहाय भजय कषव

रतमिगधवाि भधशशामीयशभमा सतसम सनतता ९

सॊताऩमरत सवॊ दह भाऩादतरभसतक तसम भधम वसनह लशखा अणीमोधवाि वमवससथत १०

नीरथो मदभधमसता षवदमलरखव बासवया नीवायशकवततनवी ऩीताबा सवतमनऩभा ११

तसमा लशखामा भधम ऩयभातभा वमवससथत स बरहभ स लशव स हरय स इनि सोय ऩयभासवयात १२

ॐ तद बरहभ ॐ तद वाम ॐ तदातभा ॐ ततसतमभ ॐ ततसविभ ॐ ततऩयोनिभ अनतशचयरत बतष गहामाभ षवशवभरत िष तवभ मऻसतवभ वषकायसतवभ इनिसतवभ रिसतवभ

षवषणसतवभ बरहभतवभ परजाऩरत तवभ तदाऩ आऩो जमोरत यसोवतभ बरहभ बबिवससवयोभ १३

गदा ऩन शॊखयथानगकलऩक धवजायषवॊदाॊकश वजररासशचत ह शरीरनवास तवत चयणामफज दवमॊ भदीम भधािन भरज ॐ रनयॊजनाम षवदमह रनयाबासाम धीभहह तननो शरीरनवास परचोदमात शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हदवमभनतरऩषऩॊ सभऩिमालभ

परदकषण नभसकाय

शरोकॊ मारनकारन च ऩाऩारन जनभानतय कतारन च तारन तारन परणशमसनत परदकषण ऩद ऩद ऩाऩोहभ ऩाऩकभािहभ ऩाऩातभा ऩाऩसॊबव तराहहभाभ कऩभमा दव शयणगतवतसर अनमधा शयणॊ नाससत तवभव शयणॊ भभ तसभात कारणम बावन य य जनादिन

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - आतभपरदकषण नभसकायान सभऩिमालभ

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षवषवधोऩचाय ऩजा छतरॊ धायमालभ चाभयॊ वीजमालभ नतमॊ दशिमालभ गीतॊ शरावमालभ वादमॊ घोषमालभ आॊदोलरकान आयोहमालभ आशवानायोहमालभ गजानायोहमालभ सभसत यजोऩचाय शकतमऩचाय

मनतरोऩचाय दवोऩचाय सवोऩचाय ऩजाॊ सभऩिमालभ

भाऩवणभ भनतरहीनॊ ककरमाहीनॊ बसकतहीनॊ जनादिन मतऩसजतभ भमा दव ऩरयऩणिभ तदसतत

अनमा धमानावाहनाहद षोडशोऩचाय ऩजमा च बगवन सवाितभक शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरी वकटशवय सवरऩो बगवान सपरीत सपरसननो वयदो बवत शरी वकटशवय दव परसादॊ लशयसा गहणालभ

तीथवभ

अकार भतमहयणॊ सविवमाचध रनवायणभ सवि ऩाऩमकयॊ दव ऩादोदकॊ ऩावनॊ शबॊ

नवदमभ

ॐ बबिवससव ॐ ततसषवतवियणमभ बगो दवसम धीभहह चधमो मो न परचोदमात सतमॊ तवतन ऩरयषषॊचालभ अभतभसत अभतोऩसतयणभलस ॐ पराणाम सवा ॐ अऩानाम सवा ॐ वमानाम सवा ॐ उदानाम सवाह ॐ सभानाम सवा ॐ बरहभण सवा

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - भहानवदमभ सभऩिमालभ

अभताषऩधानभलस उततयाऩोशनभ सभऩिमालभ हसतौ परारमालभ ऩादौ परारमालभ शदध आचभनीमॊ सभऩिमालभ

तामफरॊ सभऩिमालभ सवणिभनतरऩषऩॊ सभऩिमालभ परदकषण नभसकायन सभऩिमालभ

अनमाधमानावाहनाहद षोडषोऩचाय ऩजमा बगवान सवाितभक शरी रकषभी ऩदमावती सभत वकटशवय सवाभी सपरीत सपरसननो वयदो बवत शरी रकषभी ऩदमावती सभत वकटशवय सवाभी परसादॊ लशयसा गहणालभ

उदवासनभ मऻन मऻभमजनत दवासतारन धभािरण परथभानमासन

तहनाकॊ भहहभानससचनत मतर ऩव साधमा ससनत दवा

गचछ गचछ सयशरषठ सवसथान शरी वकटशवय बकताबीषट सभधमथिभ ऩनयागभनाम च

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरी वकटशवय सवाभी मथासथानॊ उदवासमालभ

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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परथभ अधमाम

शरी बगवान उवाच

कलरमग भ एक हदन शब भहति भ रतरभरा ऩहाड ऩय (सजस धयती का वकॊ ठ कहा जाता ह ) ldquoषवशवऩरत नाभक एक बकत ऩय शरी फाराजी की कऩा हई शरी षवषण क अवताय शरी फाराजी (वकटशवय) जो महाॉ शरीरनवास क रऩ भ ऩज जात ह उनहोन षवशवऩरत को ldquoशरी फाराजी वरत कथाrdquo नाभ स परलसधद इस गरॊथ की यचना कयन की आऻा दी औय कहा- ldquoह भय षपरम बकत षवशवऩरत भय षपरम होन क कायण इस वरत को षवसताय रऩ स तमह फाता हॉ सनो म

वरत भझ अरत षपरम ह आसान होन क कायण इस सबी रोग सॊऩनन कय सकत ह

कलरमग भ भानव अऩन ऩाऩ कभो का पर बोगता ह अनक कषट सहत हए जीवन रनवािह कयता ह कछ बकत

अऩन दख भझ फताकय उनह दय कयन क लरम कहत ह फहत स ऩस खचि कय वो भझ दखन क लरम रतरभरा की मातरा कयत ह भय बकतो स भझ परभ ह व भझऩय अऩना ऩया बाय डार दत ह भ उनह धभि क भागिऩय चराता हॉ

अबी भ जो मह वरत कथा तमह फतान जा यहा हॉ वो ldquoशरी फाराजी की कथाrdquo क नाभ स परलसदध होगा म भया वरत भझ अरतषपरम ह जो वमसकत इस बसकत औय रनषठा स कयगा वह तयॊत ऩाय ऩामगा कोई बी वमसकत कबी बी इस वरत को सॊऩनन कय सकता ह भखम रऩ स भागिशीषि भाघ कारत िक भहहनो भ ऩणिभासी ऩॊचभी सपतभी एकादशी रतचथमो ऩय मा शरवण सवारत नतरो ऩय इस कयना शरषठ होता ह

इस घोय कलरमग भ भय बकत जो कषट सह यह ह उनह भ जानता हॉ तमह जफ बी कोई कषट हो कोई सभसमा हो सवासम ठीक ना हो नौकयी वमाऩाय भ सभसमाएॉ हो भन अशाॊत हो तो इस वरत को सॊऩनन कयना चाहहम इसस

साय कषट दय हो जात ह घय भ शब कामि होन ऩय इस वरत को सॊऩनन कयन स बफना ककसी सभसमा क कामि ऩणि हो जाता ह इस वरत को सॊऩनन कयत ही सबी सख परापत होत ह औय अषट ऐशवमो की परासपत होती ह

सफय मा शाभ इस वरत को सॊऩनन कय सकत ह इस वरत भ ऩाॉच अधमाम ह इनका ऩठन बसकत क साथ कयना चाहहम अऩन घय भ मा रनवास सथान ऩय भॊहदय भ मा ककसी बी ऩषवतर सथान भ नदी तट ऩय सॊऩनन कय सकत ह

महद सॊबव हो तो अऩन फॊध लभतरो क साथ इस सॊऩनन कयन स जमादा शरषठ होता ह जो इस सॊऩनन कयत ह मा जो इस सनत ह वरत सॊऩणि होन क फाद परसाद को बसकत स सवीकाय कयत ह वो अषट ऐशवमो को परापत कयत ह इसस

ऩहर बी भय बकतो न कई भरनमो न इस वरत को सॊऩनन ककमा औय भया आशीवािद ऩामा बरोक भ यहनवार सबी को मह वरत आनॊद परदान कयगा औय शब पर बी परापत होगा शाॊत चचतत स भझ माद कयत हए इस वरत का ऩारन

कयो

सवि परथभ जहाॉ वरत कयना चाहत हो उस सथर को साप कयो भॊडऩ की वमवसथा कय भयी तसवीय सजसभ भयी षपरम

सरखमाॉ शरी दवी बदवी ह उस तसवीय को इस भॊडऩ ऩय सथाषऩत कयो भॊडऩ को दीवाय स रगाकय बी यख सकत हो अनम ककसी इचछक दवता की तसवीय बी सख सकत हो नवगरहो औय अषट हदकऩारको को मा तो भन भ नभसकाय

कयो मा उनका आवहान बी कय सकत हो

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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सफस ऩहर हलदी स फनी गणश की ऩजा कयनी चाहहम उसक फाद उस वरत क ऩाॉचो अधमामो का रनषठा स ऩठन

कयना चाहहम मही परथभ अधमाम ह अनम चाय अधमाम भय अतमॊत षपरम ऩातर षवशवालभतर वलशषठ बयदवाज अबतर

भरनशवयो क परवचना रऩ भ ह ऩाॉच अधमामोको ऩढन क फाद भय षपरम शरोक बी ऩढ सकत हो हय अधमाम क अॊत

भ गोषव ॊद गोषव ॊद गोषव ॊद तीन फाय सभयण कयना चाहहम

आभ रोगो क कषटो को भ जानता हॉ इसी लरम भयी एक फात सनो महद ककसी कायण इस वरत को षवसताय रऩ स

सॊऩनन कयन भ कोई सभसमा आ यही हो तो भय तसवीय को साभन यख कय ऩहर गणश जी की कपय नवगरह दवताओॊ औय अषटहदकऩारको को सभयण कय ऩाॉच कहरनमाॉ ऩढकय अऩन भन भ जो इचछा ह उस भझ फताओ भ उस

परसाद क रऩ भ परदान करॉगा इस परकाय कयन स बी कामि की लसषदध होती ह तमहाय कषट दय हो जामग औय शब

पर परापत होगा

जो वमसकत इस वरत को बसकत स सॊऩनन कयगा भ उसक घय ककसी ना ककसी रऩ भ आकय परसाद सवीकाय करॉगा भयी कऩा आऩ सबी को हभशा परापत होगी शरी फाराजी न रतमभयाज षवशवऩरत याभकषणभरत ि ldquoषवशवऩरतrdquo को इस वरत कथा को षवसताय स फतामा कलरमगवासी हभ सबी इस वरत को सॊऩनन कय शरी फाराजी की कऩा क ऩातर फन सकत ह इस वरत को सॊऩनन कय हभ अऩन सबी कषट दय कय सकत ह औय उचचत पर बी परापत कय

सकत ह

गोषवॊदगोषवॊदगोषवॊद

परथभोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ

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दषवतीम अधमाम

शरी षवशवालभतर उवाच

भहातऩ सॊऩनन साात शरी षवशवालभतर जी न हभ ऩय कऩा की औय परवचन कयत हए कहा- ldquoह कलरमग वालसमो शरीरनवास क बकतो ldquoशरीफाराजी वरत कथाrdquo सजस आऩ सॊऩनन कय यह हो वह फहत ही ऩषवतर ह भहहभा स ऩणि ह मह वरत कलरमग भ शरी नायामण जी की करणा औय दमा परापत कयन का अतमॊत सयर साधन ह पराचीन कार भ शरी फाराजी क षपरम बकतो न इस सॊऩनन कय अऩनी काभनाओॊ को ऩणि ककमा इस वरत कथा क फाय भ हभ फताकय शरी फाराजी न हभाय पररत जो दमा हदखाई ह उसक लरए हभ उनह परणाभ कयत ह

पराचीन कार भ भगध याजम भ षवषणचचतत नाभक एक बकत यहता था उसकी नौ कनमाएॉ थी षवदवान होन ऩय बी वह अतमॊत गयीफ था षवषणचचतत की ऩतनी तायाभरत हभशा नायामणजी की पराथिना कयती यहती थी षववाहाहद शबकामि सॊऩनन कय जो बी ऩस दकषणा क रऩ भ लभरत थ उसस व भसशकर स अऩना जीवन रनवािह कय

यह थ कनमाएॉ मौवनावसथा भ ऩदाऩिण कय चकी थी तायाभरत हभशा इसी चच ॊता भ यहती थी कक इन कनमाओॊ का षववाह ककस परकाय सॊऩनन होग वह फाराजी की पराथिना कयत हए सदा अऩना सभम गजायती थी

वह तो फाराजी की बकत थी औय फाराजी अऩन बकतो स अतमाचधक परभ कयत ह उस हदन भाघ ऩरणिभा थी सवय

एक वदध बराहभण न षवषणचचतत क दयवाज ऩय दसतक दी औय कहा - ldquoह सवाभी भ फॊग दश का वासी हॉ एक मऻ

क लसरलसर भ दसय दश जा यहा हॉ यासत भ महाॉ आमा हॉ भझऩय दमा कयो औय अऩन घय भ एक हदन क लरए

यहन दो कर सवयही भ महॉ स चरा जाऊॉ गाrdquo उन की फात सनकय षवषणचचततन कहा lsquoनाथ इसस फढकय खशी औय कमा हो सकती ह अरतचथ साात नायामण जी क सभान होत ह ऐस हभाय ऩयाणो भ कहा गमा ह आऩ बफना ककसी सॊकोच क हभाय घय भ यह सकत हlsquo ऐसा कह कय उसन उस बराहभण को घय क अॊदय फरामा औय उनका सतकाय ककमा

दोऩहय भ बोजन क फाद उस वदध न तायाभरत स ऩछा ndash ldquoभाता कमा फात ह तभ कछ चच ॊरततसी रगती हो बफना ककसी सॊकोच क फात फताओrdquo तायाभरत न कहा ndash ldquoसवाभी आऩ तो भहातऩसवी ह आऩ क भख का तज उस वकॊ ठवासी क सभान ह आऩ स कमा छऩाना भयी चचॊता भयी कनमाओॊ का षववाह हrdquo उस ऩय वदध न कहा- ldquoभाता तमहाया दख भ जानता हॉ तमहाय सबी कषट दय हो औय तमहायी कनमाओॊ की शादी हो इसक लरम भ एक अदभत वरत फताता हॉ सनो इस वरत को सॊऩनन कयन स तमहाय साय कषट दय हो जामग शरी फाराजी क वरतो भ स मह सफस सयर हrdquo कहत हए उनहोन उस दॊऩरत को ऩया वरत षवधान फतामा वरत षवधान

सनकय षवषणचचतत न कहा- ldquoसवाभी मह तो अतमॊत सॊतोष की फात ह इसस फढकय सौबागम औय कमा होगा

कहत ह ना- शबसम शीिॊ आज भाघ ऩरणिभा ह फहत ही शब हदन ह आऩक कथा अनसाय हभ आज ही इस वरत

को सॊऩनन कयगrdquo षवषणचचततन ऩतनी तायाभरत औय सबी कनमाओॊ क साथ लभरकय उस हदन शाभ भ ही अऩन

फॊध-लभतरो क साथ बसकत औय रनषठा स फाराजी वरत को सॊऩनन ककमा वहाॉ उऩससथत सबी रोगो न वरत ऩया होन क

फाद चयणाभत परसाद गरहण ककमा औय अऩन-अऩन घय परसथान ककमा तफ षवषणचचतत औय तायाभरत न बराहभण

क चयणो को नभसकाय ककमा औय आशीवािद परापत ककमा बराहभणोततभ न बी चयणाभत परसाद गरहण ककमा औय

कहा- ldquoआऩकी भनोकाभना ऩयी हो शरी रकषभी शरी फाराजी की कऩा होrdquo

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अॊधया हो चरा था औय रनिा सभम आसनन था षवषणचचतत न उस बराहभण को एक पटी चादय दत हए आॉखो भ आस लरम कहा- सवाभी भ अतमॊत दरयिी हॉ इसस अचछी चादय भय ऩास नही ह भझ भा कय आज की यात इसी ऩय षवशराभ कय बराहभण भसकयात हए फोर- कोई फात नही भ फाहय फयाभद भ सो जाता हॉ कछ सभम फाद ही सबी रनिारोक भ षवचयण कयन रग आधी यात का सभम था बफजरी की गडगडाहट क साथ फारयश शर हई चायो ओय अॊधया था कहीॊ कछ नही हदखाई

द यहा था षवषणचचतत इस चच ॊता भ था कक वदध बराहभण फाहय कस सो यह होग उस सभम कछ सझ बी नही यहा था ककसी तयह उनहोन यात गजायी सवया हआ फारयश बी थभ चकी थी ऩरत-ऩतनी मही सोच यह थ कक बराहभण की कमा दशा हई होगी ककतना सहा होगा उनहोन मही सोचत हए वो फाहय आए उनह एक अदभत दशम हदखाई हदमा वहाॉ षवपरोततभ नही थ पहट हई चादय की जगह यशभ का षऩताॊफय यखा हआ था उस षऩताॊफय ऩय शरी फाराजी क

भतॉ ndash हदखाई दी व सफ कछ सभझ गम उनकी खषी का कोई हठकाना नही यहा उनक घय आम बराहभण औय

कोई नही साात शरी नायामणजी ही थ ह फाराजी कमा बागम ह हभाया ऩय हभ उनको ऩहचान नही ऩाम हभन उनको पटी हई चादय दी मह सोचत हए उनहोन शरी फाराजी की भतॉ को हाथ भ रकय आॉखो स रगामा औय

घय क अॊदय आम ऩया घय सोन स बया हआ था जहाॉ दखो वहाॉ धन याशी ह बगवान शरी फाराजी की वरत कथा की भहहभा स ही मह सफ सॊबव हो सका ऐसा कहत हए व बगवान की सतरत कयन रग आऩन दख साात शरी फाराजी ही उस बकत क घय आम थ वरत षवधान फतामा औय चयणाभत परसाद बी गरहण

ककमा शरी फाराजी फहत ही करणाभम ह जो बी इस वरत को बसकत औय रनषठा स कयगा उसक घय सवमॊ बगवान

ककसी ना ककसी रऩ भ आमग आऩ सबी इस वरत को सॊऩनन कय बगवान की कऩा परापत कय सकत ह शरी भहषषि षवशवालभतर जी न मह दषवतीम कथा इस तयह फताई

शरी रकषभी शरीरनवास कटाॊ लसषदधयसत

गोषवॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

दषवतीमोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

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ततीम अधमाम

शरी वलशषठ उवाच मह अधमाम भहातऩोरनषठ वरयषठ शरीवलशषठ भरन न शरीनायामणजी की कऩा स हभ षवसताय रऩ स फतामा ह ह कलरमग वालसमो शरीफाराजी क षपरम बकतो वकणठ भ रनवास कयनवार शरीनायामणजी आज क रतरभरा भ ससथत शरीफाराजी ही ह कलरमग वालसमो क कषट दय कयन क लरम बगवान आऩक फहत सभीऩ रतरभरा ऩहाड ऩय अवतारयत हए ह शरी फाराजी को खश कयन क लरए मह वरत उततभ ह औय सयर बी ह इस वरत को जो बसकत औय रनषठा स सॊऩनन कयता ह उस सबी सख परापत हो जात ह पराचीन सभम भ अवॊती दश भ बागमनगय नाभक एक नगय था नाभ क ही अनरऩ वहाॉ अनक धनवान (वमाऩायी) यहत थ ऩय व अऩनी सॊऩसतत को दख घभॊड कयत थ औय आभ रोगो को हीन दषटी स दखत थ धन-दौरत उनकी सवासजित ह ऐसा सोचकय घभॊड कयत थ बगवान की रनतम ऩजा-ऩाठ तो उनहोन ऩहर ही छोड दी थी कभ स कभ षवशष हदनो भ बी व ना भॊहदय जात ना ऩजा कयत ना ही दीऩ जरात एक हदन सबी धनवान अऩनी-अऩनी ऩतनीमो क साथ परीरत बोज भ वमसत थ उस नगय की ऩवि हदशा भ ही शरी रकषभी नायामण जी का भॊहदय था जहाॉ दीऩ जरानवारा कोई नही था उस हदन षवशष एकादशी थी सजस एक ऩवि हदन बी भाना जाता ह ऩय उस नगय क एक बी धनवान क भन भ भॊहदय भ ऩजा कयन का षवचाय नही आमा शाभ होत-होत आकाश भ घन फादर छा गम औय भसराधाय फारयश होन रगी वमाऩारयमो क घय ऩानी स बय गम चायो ओय अॊधकाय ह अॊधकाय था सवय होन तक ऩया नगय ऩानी भ डफ गमा वमाऩारयमो क घय टट-पट गम उनका साया ऐशवमि सभापत हो गमा ऐसा उऩिव कमो भचा मह पररम कस हो गमा ककसी को कछ बी सभझ भ नही आ यहा था इतन भ उनह एक षवचचतर दशम हदखाई हदमा नगय क फाहय जो झोऩडडमाॉ थी व तो वसी की वसी थी उनको आशचमि हआ इतनी फारयश भ बी म कस सही सराभत यही व ऐसा भन ही भन सोच यह थ कक इतन भ बफजरी कडकी औय आकाशवाणी हई ldquoए भखो तमहायी सॊऩसतत तमहायी अऩनी ह सवासजित ह ऐसा सोचत थ इसी लरम ऐसा हआ ह इस झोऩडी भ यहनवारा दव भया षपरम बकत ह आभ आदभी होन ऩय बी दव रनतम तमहाय नगय भ ससथत शरी रकषभी नायामण

भॊहदय भ दीऩ जराता था इतना ही नही हय एकादशी क हदन मथा सॊबव वह शरी फाराजी वरत कथा बी सॊऩनन कयता था इसी लरम इन झोऩडीमो भ यहनवार सबी रोग सयकषत यह आऩ सबी महद वरत सॊऩनन कयग तो अऩन-अऩन

ऐशवमि को ऩन परापत कय सकत होrdquo आकाशवाणी सनत ही तयॊत व सबी रोग उस भॊहदय भ गम औय जस

सॊबव हो सका वस सबी रोगोन एक-दसय क सहमोग स शरी फाराजी की वरत कथा सॊऩनन की ऐसा कयत ही सबी को उनक घय ऩवि रऩ भ ही परापत हो गम तफ स व सबी शरीफाराजी क बकत फन गम औय हय एकादशी को शरीफाराजी का वरत सॊऩनन कयत औय सख-शाॊरत परापत कय यहन रग अॊत भ उनहोन भसकत बी परापत की

शरीवलशषठजी न इस परकाय म कथा सनाई

गोषव ॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

ततीमोधमाम सभापतॊ |

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ

शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

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चतथव अधमाम

शरी बयदवाज उवाच

शरीनायामण जी को ldquoशरीफाराजी वरत कथाrdquo अतमॊत षपरम ह चतथि अधमाम क रऩ भ हभाय साभन शरी बयदवाज

भरनदवाया फतामी नमी कहानी इस परकाय ह- ldquoह कलरमगवालसमो शरी नायामण क षपरम बकतो आऩ सजस वरत को सॊऩनन कय यह ह वह अदभत ह आऩकी भनोकाभनाओॊ को ऩणि कयन का साधन ह शरी फाराजी को परसनन कयन का मह अतमॊत सयर उऩाम ह आऩ सबी ऩय कऩा कयन क लरम ही वकॊ ठवासी बगवान शरीरनवास क रऩ भ रतरभरा ऩहाड ऩय अवतरयत हए ह अनक जनभो क ऩणमपर स ही रतरभरा ऩहाड ऩय ऩय यखन का सौबागम परापत होता ह औय बगवान क दशिन बी सॊबव होत ह इसी तयह इस ldquoवरतकथाrdquo को सॊऩनन कयन का सॊकलऩ बी ऩविजनभ क

ऩणमपर स ही सॊबव होता ह जो वमसकत इस वरत को सॊऩनन कय यह ह मा जो इस कथा को सन यह ह मा जो बगवान क परसाद को गरहण कयत ह उनह बगवान की कऩा परापत होती ह औय व सौबागम बी ऩात ह

पराचीन कार भ ldquoनगयीrdquo नाभक एक गराभ भ धनगपत नाभ का वमाऩायी यहता था वह फहत ही रारची था ऐशवमि परापत कयन ऩय बी उसका रारचीऩन कभ नही हआ मह सभसत ऐशवमि उसका ही कभामा हआ ह ऐसा सोचकय वह फहत घभॊड कयता था अहॊकाय भनषम का नाश कयता ह

धनगपत की ऩतनी काॊरतभती अतमॊत बसकत बावना यखती थी औय रनषठा स बगवान की ऩजा कयती थी उनकी तीन कनमाएॉ थी तीसयी कनमा ldquoकभायीrdquo भ बसकत बावना जमादा थी वह हभशा फाराजी का नाभ ही जऩती यहती थी षऩताजी को बफना फताम वह जफ-तफ शरी फाराजी क भॊहदय भ जाती थी औय बगवान क दशिन कयती थी घय आकय षऩताजी को छोड अनम सबी क साथ परसाद सवीकाय कयती थी ऩती क ऐस वमवहाय स

काॊरतभती थोडी चच ॊरतत होती थी

एक हदन ldquoकभायीrdquo की सहरी क घय ऩय ldquoशरी फाराजीrdquo का वरत सॊऩनन हो यहा था मह जानकय वो वहाॉ गई वरत ऩया होन तक दोऩहय हो चकी थी थोडासा परसाद उसन गरहण ककमा औय थोडा वह अऩन घयवारो क लरम एक

कागज की ऩडी भ रकय चरी फीच यासत भ उस पमास रगन रगी धऩ बी फहत तज थी उसन सोचा थोडी दय रक

कय पमास फझाकय कपय चरॉ तो ठीक यहगा तबी उस माद आमा कक उसक षऩता की दकान अगरी गरी भ ही तो ह वहाॉ जाकय उसन षऩताजी को ऩजा की फात बफना फताम षऩताजी स ऩानी भाॉगकय षऩमा औय षऩताजी गससा कयग

इस डय स उसन जलदी-जलदी ऩानी षऩमा इस घफयाहट भ परसाद की ऩडी वही दकान भ बरकय चरी गई

एकाएक फाजाय भ हडकॊ ऩ भच गमा रोग हाहाकाय भचात हए इधय-उधय बागन रग आगजनी क कायण उस गरी की सायी दकान जर कय याख होन रगी वस बी दोऩहय का सभम थाउस ऩय गभि हवाएॉ चर यही थीधनगपत का शयीय डय क भाय काॉऩन रगा ldquoकछ ही सभम भ उसकी दकान बी जर कय याख हो जाएगीrdquo इस षवचाय स उस क हाथ-ऩय काॉऩन रग सबी रोग अऩनी-अऩनी दकानो स फाहय आकय इधय-उधय बागन रग ऩय

धनगपत वही खडा यह गमा दकान छोडकय जान का भन नही कय यहा था महद वो दकान भ यहगा तो जरकय

याख हो जामगासोचत हए उसन घफयाहट भ उसक हाथ रगी ऩडी को उठामा औय बफना सोच सभझ जो हाथ आमा वो भॉह भ डार हदमा उस कछ भीठा-भीठा सा ऩदाथि रगा औय भन बी शाॊत होन रगा

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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तबी एक अदभत घटना घटीआग धनगपत की दकान तक आकय रक गमी आग की रऩत वहाॉ नही आ ऩामी मह कसी षवचचतर फात हम कसी भामा ह धनगपत क भॉहस एक बी फात नही रनकर ऩामी उधय आगजनी की खफय सनत ही ऩतनी काॊरतभती अऩन कनमाओॊ क साथ फाराजी का सभयण कयत हए दौडती हई वहाॉ आ गमी आग उनक दकान तक आकय कस रक गमी मह दखकय उस आशचमि हआ तबी कभायी को दकान भ बरी हई ऩडी की माद आई धनगपत को सभझन भ दय नही रगी कक उसन जो चीज भॉह भ डारी थी वो औय कछ नही तो बगवान का परसाद ही था औय उसकी भहहभा स ही व इस दघिटना स चक गम धनगपत न शरीफाराजी स भा भाॉगी गार फजाम शाभ भ ही नगयवालसमो को फराकय ldquoशरीफाराजी की वरत कथाrdquo सॊऩनन की तफ स वह बगवान की सवा भ रीन हो गमा औय अॊत भ भो बी परापत की आऩन दखा कक कवर परसाद गरहण कयन स ही वो ककतनी फडी दघिटना स चक गमा फाराजी की भहहभा अदभत ह आऩ सबी बी मथा सॊबव वरत को सॊऩनन कय क बगवान की कऩा परापत कय सकत हldquo

शरीबयदवाजजी न इस परकाय मह चतथि कथा सनामी

गोषवॊदगोषवॊदगोषवॊद

चतथोधमाम सभापतॊ |

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ऩॊचभ अधमाम

शरी अतरतर उवाच

रतरभरा-रतरऩती बरोक का वकणठ धाभ ह ऩयाणो भ फतामा गमा ह कक रतरभरा क सभान ऩषवतर सथर औय शरी फाराजी जस दवता न तो ऩहर कबी हए ह औय न कबी होग शरीरनवास क रऩ भ अवतरयत शरी नायामण अऩन

बकतो स फहत परभ कयत ह जो उन ऩय अऩना ऩया बाय डारकय उनह रनतम सभयण कयत ह जो सदाचाय स ऩणि जीवन बफतात ह वो उनकी या कयत ह ऐस शरीफाराजी को परसनन कयन का सफस सयर उऩाम ह ndash ldquoशरीफाराजी की वरत कथाrdquo

इस अदभत वरत कथा क फाय भ भहातऩसॊऩनन शरी अबतर भहषषि न कऩा कयत हए कहा ह- ldquo ह फाराजी क षपरम

बकतो कलरमग भ आऩक सौबागम क फाय भ कमा कहना कतमग तरतामग औय दवाऩायमग भ अतमॊत कठोय तऩ-

जऩ कयन ऩय बी परसनन न होन वार शरी नायामण इस मग भ कवर नाभसभयण स ही आऩ रोगो ऩय कऩा कय यह

ह षवशवास क साथ उनह फरान ऩय व तयॊत कऩा परदान कयत ह ऐस करणाभम ह शरीफाराजी ऩषवतर रतरभरा ऩय

तमहाया यखा हय कदभ अनक जनभो क ऩणमपर क सभान ह

पराचीन कार भ ldquoकौभायrdquo दश भ ldquoलभतरrdquo नाभक धोफी यहता था वो अऩन काभ क साथ-साथ धालभिक कामि कयता हआ जीवन रनवािह कय यहा था उसकी अऩॊगता ही उसकी चच ॊता थी इसी कायण धोए हए कऩडो की ऩोटरी फनाकय घय-घय घभकय उनह रोगो तक ऩहॉचाना उस धीय धीय भसशकर रगन रगा उसका ऩरयवाय फडा था बफना भहनत ककए उस बय ऩट खान को बी नही लभरता था हभशा वो शरी फाराजी की ऩजा कयता यहता था कबी ना कबी बगवान उस ऩय कऩा कयग इसी षवशवास स वो अऩना जीवन गजाय यहा था बकतो ऩय कऩा कयन वार फाराजी सफ कछ दखत यहत ह जो वमसकत अऩन कभो स भकती ऩाता ह उनक ऩास आकय फाराजी ककसी न ककसी रऩ भ आकय उनकी या कयत ह एक हदन शाभ क सभम हभशा की तयह लभतर कऩड धोकय कऩडो की ऩोटरी राद धीय-धीय चरता हआ आ

यहा था फीच यासत भ उस एक वदध बराहभण हदखाई हदम गौयव की बावना स फड होन क कायण लभतर न अऩन कॊ ध

ऩय रदी हई ऩोटरी को नीच उतायकय वदध बराहभण को नभसकाय ककमा तफ उस षवपरोततभ न कहा- ldquoतभ अऩन इस ऩय क कायण ककतना कषट सह यह हो तमहाया दख दखा नही जाताrdquo तफ लभतर न कहा-ldquoह नाथ आऩ फजगि ह बयाऩया ऩरयवाय होन क कायण भझ इस काभ स भकती नही लभर यही ह ककसी तयह भयी म अऩॊगता दय हो ऐसा कोई उऩाम फताइएrdquo

तफ बराहभण न कहा-ldquoसनो बाई भ जरय फताऊॉ गा धमान स सनो भ एक ऐस वरत क फाय भ फताता हॉ सजस सॊऩनन कयन स तमहायी अऩॊगता दय हो जाएगी तमह अषट ऐशवमो की परासपत होगी वरत सॊऩनन कयत ही तमह हजाय अशकपि माॉ लभरगी ऩय एक शति ह उसभ स आध तभ भझ दोगकर भ कपय इसी सभम महाॉ लभरॉगाrdquo तफ लभतर न कहा- ldquoसवाभी इसस फढकय सौबागम औय कमा हो सकता ह आज ही इस

वरत क फाय भ फताइए भ उस सॊऩनन करॉ गाrdquo लभतर क उतसाह को दख वदध न शरी फाराजी वरत कथा क फाय भ फतामा

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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लभतर दगन उतसाह क साथ घय आमा ऩयी कहानी ऩतनी को फतामी औय अडोस-ऩडोस क साथ लभरकय शरी फाराजी वरत को सॊऩनन ककमा चयणाभत परसाद गरहण ककमा घय आए सबी रोगो को बी हदमा तबी घय क फाहय कछ

कोराहर सनाई हदमा लभतर का फटा फाहय स दौडता हआ आमा औय फोरा- ldquoषऩताजी षऩताजी याज-यक आऩक लरम आए ह याजा न आऩक लरम बट बी बजी हrdquo इतन भ यक बी वहाॉ आ गम उनहोन फतामा कक उसकी रनमसकत याज दयफाय भ धोफी क रऩ भ हो गमी ह याजा न हजाय अशकपि माॉ ऩयसकाय सवरऩ बजी ह ऐसा कहकय उनहोन लभतर क हाथ भ हजाय अशकपिमो की ऩोटरी यख दी एक हफत क अॊदय-अॊदय

उस आकय नौकयी भ बतॉ होन को बी कहा लभतर क आनॊद की सीभा नही थी एक हफता कमो कर ही कमो नही सोचकय उसन अऩनी ऩोटरी-वोटरी फाॉधी औय दसय हदन सवय ही वो जान को तमाय हो गमा इस जलदफाजी भ वह

उस वदध की फात बर गमा फीच यासत भ उस उसकी फात माद आ गमी ऩय ठीक हअगर भहहन लभर रता हॉ सोच

कय वह याज दयफाय भ अऩन काभ ऩय रग गमा हदनभहहन फीत बराहभण क वश भ आए बगवान को गससा आमा बगवान न सोचा भनषम की परवसतत ऐसी ही होती ह उस भझ अऩनी भहहभा फतानी होगी

दसय ही हदन याणीवास स आबषण चोयी हो गम चोयी का इलजाभ लभतर ऩय आमा लभतर को कायावास की सजा हई hellipयाज यकोन उस तयह-तयह की मातनाएॉ दी ऐसा कमो हआउस ऩय मह इलजाभ कमो रगा सोचत हए लभतर को यात को सऩन भ बगवान हदखाई हदम उनहोन फतामा कक ldquoवदध बराहभण क रऩ भ व ही आम थ वो अऩनी फात स भकय गमा इसलरम म सफ हआ हrdquo तफ लभतर न कहा-ldquoह नाथभ ऩाऩी हॉ भन फहत फडा ऩाऩ ककमा ह कऩमा भझ ऩय दमा कीसजम अफ भ हय भहहन आऩका वरत सॊऩनन करॉ गा भयी आम का आधा बाग जीवन बय आऩको सभषऩित करॉ गाrdquo गार फजाकय उसन बगवान की हय तयह स पराथिना की बकतो की ऩकाय सननवार बगवान न खशी-खशी लभतर ऩय कऩा कय दी बगवान की कऩा स याणी क आबषण दसयही हदन लभर गम याजान म बी जान लरमा कक लभतरन चोयी नही की थी लभतरको कायावास स रयहा कय हदमा गमा तफ स लभतर बगवान को हदम वचन अनसाय हय भहहन शरी फाराजी का वरत सॊऩनन कयन रगा औय अऩनी आम का आधा बाग बगवान को अषऩित कयता यहा सख ऩणि जीवन बफतात हए उसन अॊत भ भो बी परापत ककमाrdquo

शरी अबतरजी न ऐसा कहकय ऩाॉचव औय आखयी अधमाम को सभापत ककमा

गोषवॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

ऩॊचभोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

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faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ॐ हरयवलरबाम नभ ॐ अशोकाम नभ ॐ अभताम नभ ॐ दीऩाम नभ ॐ रोकशोक षवनालशनम नभ ॐ धभिरनरमाम नभ ॐ करणाम नभ ॐ रोकभातर नभ ॐ ऩदमषपरमाम नभ ॐ ऩदमहसताम नभ ॐ ऩदमाकषम नभ ॐ ऩदमसनदम नभ ॐ ऩदमोदभवाम नभ ॐ ऩदमभखम नभ ॐ ऩदमनाब षपरमाम नभ ॐ यभाम नभ ॐ ऩदमभाराधयाम नभ ॐ दवम नभ ॐ ऩरदमनम नभ ॐ ऩदमगसनधनम नभ ॐ ऩणमगनधाम नभ ॐ सपरसननाम नभ ॐ परसादालबभखम नभ ॐ परबाम नभ ॐ चनिवदनाम नभ ॐ चनिाम नभ ॐ चनिसहोदम नभ ॐ चतबिजाम नभ ॐ चनिरऩाम नभ ॐ इसनदयाम नभ ॐ इनद शीतराम नभ ॐ आहराद जननम नभ ॐ ऩषम नभ

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ॐ लशवाम नभ ॐ लशवकतम नभ ॐ सतमाम नभ ॐ षवभराम नभ ॐ षवशवजननम नभ ॐ तषम नभ ॐ दारयदरमनालशनम नभ ॐ परीरत ऩषकरयणम नभ ॐ शानताम नभ ॐ शकरभालमामफयाम नभ ॐ बासकम नभ ॐ बफलव रनरमाम नभ ॐ वयायोहाम नभ ॐ मशससवनम नभ ॐ वसनधयाम नभ ॐ उदायॊगम नभ ॐ हरयणम नभ ॐ हभभालरनम नभ ॐ धन धानमकतम नभ ॐ लसदधम नभ ॐ सतरणम सौममाम नभ ॐ शबपरदाम नभ ॐ नऩवशभ गताननदाम नभ ॐ वयरकषमम नभ ॐ वसपरदाम नभ ॐ शबाम नभ ॐ हहयणम पराकायाम नभ ॐ सभि तनमाम नभ ॐ जमाम नभ ॐ भॊगराम नभ ॐ षवषणव सथरससथताम नभ ॐ षवषणऩतनम नभ ॐ परसननाकषम नभ

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ॐ नायामण सभाचशरताम नभ ॐ दारयदरम धवॊलसनम नभ ॐ दवरकषभ नभ ॐ सवोऩिव रनवारयणम नभ ॐ नवदगािम नभ ॐ भहाकालम नभ ॐ बरहभा-षवषण-लशवासतभकाम नभ ॐ बतरकारऻानसमऩननाम नभ ॐ बवनशवम नभ ॐ भहारकषभी अषटोततय शत नभ

इरत शरी रकषभी अषटोततय शतनाभावलर

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शरी ऩदमावती अषटोततय शतनाभावलर

ॐ ऩदमावततम नभ ॐ दवम नभ ॐ ऩदमोदभवाम नभ ॐ करणापरदारमनम नभ ॐ सरदमाम नभ ॐ तजसवरषऩणम नभ ॐ कभरभखम नभ ॐ ऩदमधयाम नभ ॐ शरीम नभ ॐ ऩदमनतरम नभ ॐ ऩदमकयाम नभ ॐ सगणाम नभ ॐ कभकभषपरमाम नभ ॐ हभवणािम नभ ॐ चनिवसनदताम नभ ॐ धगधगपरकाश शयीय-धारयणम नभ ॐ षवषणषपरमाम नभ ॐ रनतमकलमाणम नभ ॐ कोहटसमिपरकालशणम नभ ॐ भहासौनदमिरषऩणम नभ ॐ बकतवतसराम नभ ॐ बरहभानडवालसनम नभ ॐ सविवानचापरदारमनम नभ ॐ धभिसनकलऩाम नभ ॐ दाकषणमकटाकषणम नभ ॐ बसकतपरदारमनम नभ ॐ गणतरमाषववसजिताम नभ ॐ कराषोडशसॊमताम नभ ॐ सविरोकानानजननम नभ ॐ भसकतदारमनम नभ ॐ दमाभतामाम नभ ॐ परऻाम नभ

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ॐ भहाधभािम नभ ॐ धभिरषऩणम नभ ॐ अरनकाय षपरमाम नभ ॐ सविदारयदरमधवॊलसनम नभ ॐ शरीवकटशवसथरससथताम नभ ॐ रोकशोकषवनालशनम नभ ॐ वषणवम नभ ॐ रतरचानरऩयवालसनम नभ ॐ वदवदमषवशायदाम नभ ॐ षवषणऩादसषवताम नभ ॐ यतनपरकाशककयीटधारयणम नभ ॐ जगनभोहहनम नभ ॐ शसकतसवरषऩणम नभ ॐ परसननोदमाम नभ ॐ इनिाहददवत मककननय ककमऩरष ऩसजताम नभ ॐ सविरोकरनवालसनम नभ ॐ बजमाम नभ ॐ ऐशवमिपरदारमनम नभ ॐ शानताम नभ ॐ उननतसथानससथताम नभ ॐ भनदायकालभनम नभ ॐ कभराकयाम नभ ॐ वदानतऻानरषऩणम नभ ॐ सविसमऩसततरषऩणम नभ ॐ कोहटसमिसभपरबाम नभ ॐ ऩजापरदारमनम नभ ॐ कभरासनाहद सविदवताम नभ ॐ वकनठवालसनम नभ ॐ अबमदारमनम नभ ॐ िाापरऩामसषपरमाम नभ ॐ नतमगीतषपरमाम नभ ॐ ीयसागयोदभवाम नभ ॐ आकाशयाज ऩबतरकाम नभ

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ॐ सवणिहसतधारयणम नभ ॐ काभरषऩणम नभ ॐ करणाकटाधारयणम नभ ॐ अभतासजाम नभ ॐ बरोकसवगिसखदारमनम नभ ॐ अषटहदकऩारकाचधऩतम नभ ॐ भनभधदऩि सॊहारयणम नभ ॐ कभराथिबागाम नभ ॐ सवलऩऩयाध-भहाऩयाध-भाम नभ ॐ शतकोहटतीथिवालसताम नभ ॐ नायदाहद भरनशरषठ ऩसजताम नभ ॐ आहदशनकयऩसजताम नभ ॐ परीरतदारमनम नभ ॐ सौबागमपरदारमनम नभ ॐ भहाकीतॉ परदारमनम नभ ॐ कषणारतषपरमाम नभ ॐ गनधवि शाऩषवभोचकाम नभ ॐ कषणऩतनम नभ ॐ बतररोकऩसजताम नभ ॐ जगनभोहहनम नभ ॐ सरबाम नभ ॐ सशीराम नभ ॐ अॊजनासतानगरहपरदारमनम नभ ॐ बकतमातभरनवालसनम नभ ॐ सॊधमावसनदनम नभ ॐ सविरोकभातर नभ ॐ अलबभतदारमनम नभ ॐ रलरतावधतम नभ ॐ सभसतशासतर षवशायदाम नभ ॐ सवणािबयणधारयणम नभ ॐ इहऩयरोक सखपरदारमनम नभ ॐ कयवीयरनवालसनम नभ ॐ नागरोकभरणसह आकाशलसनध कभरशवय ऩरयतयधगभनाम नभ

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ॐ शरी शरीरनवासषपरमाम नभ ॐ चनिभनडरससथताम नभ ॐ अलरवर भनगाम नभ ॐ हदवमभनगर धारयणम नभ ॐ सकलमाणऩीठससथताम नभ ॐ काभकवनऩषऩषपरमाम नभ ॐ कोहट भनभधरषऩणम नभ ॐ बानभनडररषऩणम नभ ॐ ऩदमऩादाम नभ ॐ यभाम नभ ॐ सविरोकसबानतय धारयणम नभ ॐ सविभानसवालसनम नभ ॐ सवािम नभ ॐ षवशवरऩाम नभ ॐ हदवमऻानाम नभ ॐ सवभनगररषऩणम नभ ॐ सवािनगरहपरदारमनम नभ ॐ ॐकायसवरषऩणम नभ ॐ बरहभऻानसॊबताम नभ ॐ शरी ऩदमावतम नभ ॐ सदमोवदवतम नभ ॐ शरीभहारकषमम नभ

इरत शरी ऩदमावती अषटोततय शतनाभावलर

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धऩभ दशाॊगभ गगगरोऩतॊ गोघतन सभसनवतभ धऩॊ गहाण दवश सविरोक नभसकाया

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - धऩभािाऩमालभ

(सवाभीजी क भतॉ की अगयफतती औय धऩ स आयती कय)

दीऩभ

बतररोकश भहादव सविऻान परदामक दीऩॊ दासमालभ दवश यभाभ बकतवतसर

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - दीऩॊ दशिमालभ

(सवाभीजी क भतॉ की दीऩ स आयती कय )

नवदमभ

सविबशच बोजजशच यस षडलब सभसनवतॊ नवदमनत भमानीतभ गहाण ऩरषोततभ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - नवदमॊ सभऩिमालभ

(सवाभीजी को परसाद चढाम अगय करा ह तो ldquoकदरीपर रनवदमालभrdquo नारयमर ह तो ldquoनारयकर परॊ रनवदमालभrdquo ऐस कह अगय गड ह तो ldquoगडोऩहाय नवदमभ सभऩिमालभrdquo कह)

ॐ पराणाम सवाहा ॐ आऩानाम सवाहा ॐ वमानाम सवाहा ॐ उदनाम सवाहा ॐ सभानाम सवाहा ॐ ऩयबरहभण सवाहा ॐ बबिव सव ततसषवतय-वयणमभ बगो दवसम धीभहह चधमो मो न परचोदमात ॐ आऩो जमोरतयसोभतॊ बरहभ बबिव सवयोभ भधम भधम ऩानीमभ सभऩिमालभ

अभताषऩधानभलस उततयाऩोशनभ सभऩिमालभ हसतौ परारमालभ ऩादौ परारमालभ ऩनयाचभनीमभ सभऩिमालभ

तामफरभ ऩगीपर सकऩिय नागवलरीदरमितॊ भकताचणि सभामकतॊ तामफरॊ पररतगहमताॊ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - तामफरभ सभऩिमालभ

नीयाजनभ चशरम कानताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरीवकटरनवासाम शरीरनवासाम भनगरभ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ नीयाजनभ दशिमालभ

ऩनयाचभनीमभ सभऩिमालभ

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भॊतरऩषऩभ

ॐ सहसतरशीषिभ दवॊ षवशवाॊ षवशवशॊबवॊ षवशवॊ नायामणनदवभ अयॊ ऩयभॊ ऩदॊ १

षवशवत ऩयभासननतमॊ षवशवॊ नायामणॊ हरयॊ षवशवभवदॊ ऩरषसतदषवशवॊ उऩजीवरत २

ऩरतॊ षवशवसमातभशवयॊ शाशवतॊ लशवभचमतॊ नायामणॊ भहाऻमॊ षवशवतभानॊ ऩयामणॊ ३

नायामण ऩयोजमोरत आतभा नायामण ऩय नायामण ऩयभ बरहभ ततवभ नायामण ऩय नायामण ऩयो धमाता धमानभ नायामण ऩय ४

मचच ककसनचत जगतसव दशमत शरमतषऩ वा अनतफिहहशचततसविभ वमापमा नायामण ससथत ५

अननतभ अवममभ कषवॊ सभिनतभ षवशवशमबवभ ऩदमकोश परतीकाशभ रदमभ चापमधोभखभ ६

अधोरनषमा षवतसतमानत नाभमाभऩरय रतषठरत जवाराभाराकरॊबारत षवशवसमामातनभ भहत ७

सनततॊ लशरालबसत रॊफतमाकोशससननबभ तसमानत सलशयभ सकषभभ तससभन सविभ पररतसषठतभ ८

तसमभधम भहान असगन षवशवायचचषविशवतो भख सोगरबसगवबजन रतषठाननाहाय भजय कषव

रतमिगधवाि भधशशामीयशभमा सतसम सनतता ९

सॊताऩमरत सवॊ दह भाऩादतरभसतक तसम भधम वसनह लशखा अणीमोधवाि वमवससथत १०

नीरथो मदभधमसता षवदमलरखव बासवया नीवायशकवततनवी ऩीताबा सवतमनऩभा ११

तसमा लशखामा भधम ऩयभातभा वमवससथत स बरहभ स लशव स हरय स इनि सोय ऩयभासवयात १२

ॐ तद बरहभ ॐ तद वाम ॐ तदातभा ॐ ततसतमभ ॐ ततसविभ ॐ ततऩयोनिभ अनतशचयरत बतष गहामाभ षवशवभरत िष तवभ मऻसतवभ वषकायसतवभ इनिसतवभ रिसतवभ

षवषणसतवभ बरहभतवभ परजाऩरत तवभ तदाऩ आऩो जमोरत यसोवतभ बरहभ बबिवससवयोभ १३

गदा ऩन शॊखयथानगकलऩक धवजायषवॊदाॊकश वजररासशचत ह शरीरनवास तवत चयणामफज दवमॊ भदीम भधािन भरज ॐ रनयॊजनाम षवदमह रनयाबासाम धीभहह तननो शरीरनवास परचोदमात शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हदवमभनतरऩषऩॊ सभऩिमालभ

परदकषण नभसकाय

शरोकॊ मारनकारन च ऩाऩारन जनभानतय कतारन च तारन तारन परणशमसनत परदकषण ऩद ऩद ऩाऩोहभ ऩाऩकभािहभ ऩाऩातभा ऩाऩसॊबव तराहहभाभ कऩभमा दव शयणगतवतसर अनमधा शयणॊ नाससत तवभव शयणॊ भभ तसभात कारणम बावन य य जनादिन

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - आतभपरदकषण नभसकायान सभऩिमालभ

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षवषवधोऩचाय ऩजा छतरॊ धायमालभ चाभयॊ वीजमालभ नतमॊ दशिमालभ गीतॊ शरावमालभ वादमॊ घोषमालभ आॊदोलरकान आयोहमालभ आशवानायोहमालभ गजानायोहमालभ सभसत यजोऩचाय शकतमऩचाय

मनतरोऩचाय दवोऩचाय सवोऩचाय ऩजाॊ सभऩिमालभ

भाऩवणभ भनतरहीनॊ ककरमाहीनॊ बसकतहीनॊ जनादिन मतऩसजतभ भमा दव ऩरयऩणिभ तदसतत

अनमा धमानावाहनाहद षोडशोऩचाय ऩजमा च बगवन सवाितभक शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरी वकटशवय सवरऩो बगवान सपरीत सपरसननो वयदो बवत शरी वकटशवय दव परसादॊ लशयसा गहणालभ

तीथवभ

अकार भतमहयणॊ सविवमाचध रनवायणभ सवि ऩाऩमकयॊ दव ऩादोदकॊ ऩावनॊ शबॊ

नवदमभ

ॐ बबिवससव ॐ ततसषवतवियणमभ बगो दवसम धीभहह चधमो मो न परचोदमात सतमॊ तवतन ऩरयषषॊचालभ अभतभसत अभतोऩसतयणभलस ॐ पराणाम सवा ॐ अऩानाम सवा ॐ वमानाम सवा ॐ उदानाम सवाह ॐ सभानाम सवा ॐ बरहभण सवा

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - भहानवदमभ सभऩिमालभ

अभताषऩधानभलस उततयाऩोशनभ सभऩिमालभ हसतौ परारमालभ ऩादौ परारमालभ शदध आचभनीमॊ सभऩिमालभ

तामफरॊ सभऩिमालभ सवणिभनतरऩषऩॊ सभऩिमालभ परदकषण नभसकायन सभऩिमालभ

अनमाधमानावाहनाहद षोडषोऩचाय ऩजमा बगवान सवाितभक शरी रकषभी ऩदमावती सभत वकटशवय सवाभी सपरीत सपरसननो वयदो बवत शरी रकषभी ऩदमावती सभत वकटशवय सवाभी परसादॊ लशयसा गहणालभ

उदवासनभ मऻन मऻभमजनत दवासतारन धभािरण परथभानमासन

तहनाकॊ भहहभानससचनत मतर ऩव साधमा ससनत दवा

गचछ गचछ सयशरषठ सवसथान शरी वकटशवय बकताबीषट सभधमथिभ ऩनयागभनाम च

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरी वकटशवय सवाभी मथासथानॊ उदवासमालभ

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परथभ अधमाम

शरी बगवान उवाच

कलरमग भ एक हदन शब भहति भ रतरभरा ऩहाड ऩय (सजस धयती का वकॊ ठ कहा जाता ह ) ldquoषवशवऩरत नाभक एक बकत ऩय शरी फाराजी की कऩा हई शरी षवषण क अवताय शरी फाराजी (वकटशवय) जो महाॉ शरीरनवास क रऩ भ ऩज जात ह उनहोन षवशवऩरत को ldquoशरी फाराजी वरत कथाrdquo नाभ स परलसधद इस गरॊथ की यचना कयन की आऻा दी औय कहा- ldquoह भय षपरम बकत षवशवऩरत भय षपरम होन क कायण इस वरत को षवसताय रऩ स तमह फाता हॉ सनो म

वरत भझ अरत षपरम ह आसान होन क कायण इस सबी रोग सॊऩनन कय सकत ह

कलरमग भ भानव अऩन ऩाऩ कभो का पर बोगता ह अनक कषट सहत हए जीवन रनवािह कयता ह कछ बकत

अऩन दख भझ फताकय उनह दय कयन क लरम कहत ह फहत स ऩस खचि कय वो भझ दखन क लरम रतरभरा की मातरा कयत ह भय बकतो स भझ परभ ह व भझऩय अऩना ऩया बाय डार दत ह भ उनह धभि क भागिऩय चराता हॉ

अबी भ जो मह वरत कथा तमह फतान जा यहा हॉ वो ldquoशरी फाराजी की कथाrdquo क नाभ स परलसदध होगा म भया वरत भझ अरतषपरम ह जो वमसकत इस बसकत औय रनषठा स कयगा वह तयॊत ऩाय ऩामगा कोई बी वमसकत कबी बी इस वरत को सॊऩनन कय सकता ह भखम रऩ स भागिशीषि भाघ कारत िक भहहनो भ ऩणिभासी ऩॊचभी सपतभी एकादशी रतचथमो ऩय मा शरवण सवारत नतरो ऩय इस कयना शरषठ होता ह

इस घोय कलरमग भ भय बकत जो कषट सह यह ह उनह भ जानता हॉ तमह जफ बी कोई कषट हो कोई सभसमा हो सवासम ठीक ना हो नौकयी वमाऩाय भ सभसमाएॉ हो भन अशाॊत हो तो इस वरत को सॊऩनन कयना चाहहम इसस

साय कषट दय हो जात ह घय भ शब कामि होन ऩय इस वरत को सॊऩनन कयन स बफना ककसी सभसमा क कामि ऩणि हो जाता ह इस वरत को सॊऩनन कयत ही सबी सख परापत होत ह औय अषट ऐशवमो की परासपत होती ह

सफय मा शाभ इस वरत को सॊऩनन कय सकत ह इस वरत भ ऩाॉच अधमाम ह इनका ऩठन बसकत क साथ कयना चाहहम अऩन घय भ मा रनवास सथान ऩय भॊहदय भ मा ककसी बी ऩषवतर सथान भ नदी तट ऩय सॊऩनन कय सकत ह

महद सॊबव हो तो अऩन फॊध लभतरो क साथ इस सॊऩनन कयन स जमादा शरषठ होता ह जो इस सॊऩनन कयत ह मा जो इस सनत ह वरत सॊऩणि होन क फाद परसाद को बसकत स सवीकाय कयत ह वो अषट ऐशवमो को परापत कयत ह इसस

ऩहर बी भय बकतो न कई भरनमो न इस वरत को सॊऩनन ककमा औय भया आशीवािद ऩामा बरोक भ यहनवार सबी को मह वरत आनॊद परदान कयगा औय शब पर बी परापत होगा शाॊत चचतत स भझ माद कयत हए इस वरत का ऩारन

कयो

सवि परथभ जहाॉ वरत कयना चाहत हो उस सथर को साप कयो भॊडऩ की वमवसथा कय भयी तसवीय सजसभ भयी षपरम

सरखमाॉ शरी दवी बदवी ह उस तसवीय को इस भॊडऩ ऩय सथाषऩत कयो भॊडऩ को दीवाय स रगाकय बी यख सकत हो अनम ककसी इचछक दवता की तसवीय बी सख सकत हो नवगरहो औय अषट हदकऩारको को मा तो भन भ नभसकाय

कयो मा उनका आवहान बी कय सकत हो

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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सफस ऩहर हलदी स फनी गणश की ऩजा कयनी चाहहम उसक फाद उस वरत क ऩाॉचो अधमामो का रनषठा स ऩठन

कयना चाहहम मही परथभ अधमाम ह अनम चाय अधमाम भय अतमॊत षपरम ऩातर षवशवालभतर वलशषठ बयदवाज अबतर

भरनशवयो क परवचना रऩ भ ह ऩाॉच अधमामोको ऩढन क फाद भय षपरम शरोक बी ऩढ सकत हो हय अधमाम क अॊत

भ गोषव ॊद गोषव ॊद गोषव ॊद तीन फाय सभयण कयना चाहहम

आभ रोगो क कषटो को भ जानता हॉ इसी लरम भयी एक फात सनो महद ककसी कायण इस वरत को षवसताय रऩ स

सॊऩनन कयन भ कोई सभसमा आ यही हो तो भय तसवीय को साभन यख कय ऩहर गणश जी की कपय नवगरह दवताओॊ औय अषटहदकऩारको को सभयण कय ऩाॉच कहरनमाॉ ऩढकय अऩन भन भ जो इचछा ह उस भझ फताओ भ उस

परसाद क रऩ भ परदान करॉगा इस परकाय कयन स बी कामि की लसषदध होती ह तमहाय कषट दय हो जामग औय शब

पर परापत होगा

जो वमसकत इस वरत को बसकत स सॊऩनन कयगा भ उसक घय ककसी ना ककसी रऩ भ आकय परसाद सवीकाय करॉगा भयी कऩा आऩ सबी को हभशा परापत होगी शरी फाराजी न रतमभयाज षवशवऩरत याभकषणभरत ि ldquoषवशवऩरतrdquo को इस वरत कथा को षवसताय स फतामा कलरमगवासी हभ सबी इस वरत को सॊऩनन कय शरी फाराजी की कऩा क ऩातर फन सकत ह इस वरत को सॊऩनन कय हभ अऩन सबी कषट दय कय सकत ह औय उचचत पर बी परापत कय

सकत ह

गोषवॊदगोषवॊदगोषवॊद

परथभोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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दषवतीम अधमाम

शरी षवशवालभतर उवाच

भहातऩ सॊऩनन साात शरी षवशवालभतर जी न हभ ऩय कऩा की औय परवचन कयत हए कहा- ldquoह कलरमग वालसमो शरीरनवास क बकतो ldquoशरीफाराजी वरत कथाrdquo सजस आऩ सॊऩनन कय यह हो वह फहत ही ऩषवतर ह भहहभा स ऩणि ह मह वरत कलरमग भ शरी नायामण जी की करणा औय दमा परापत कयन का अतमॊत सयर साधन ह पराचीन कार भ शरी फाराजी क षपरम बकतो न इस सॊऩनन कय अऩनी काभनाओॊ को ऩणि ककमा इस वरत कथा क फाय भ हभ फताकय शरी फाराजी न हभाय पररत जो दमा हदखाई ह उसक लरए हभ उनह परणाभ कयत ह

पराचीन कार भ भगध याजम भ षवषणचचतत नाभक एक बकत यहता था उसकी नौ कनमाएॉ थी षवदवान होन ऩय बी वह अतमॊत गयीफ था षवषणचचतत की ऩतनी तायाभरत हभशा नायामणजी की पराथिना कयती यहती थी षववाहाहद शबकामि सॊऩनन कय जो बी ऩस दकषणा क रऩ भ लभरत थ उसस व भसशकर स अऩना जीवन रनवािह कय

यह थ कनमाएॉ मौवनावसथा भ ऩदाऩिण कय चकी थी तायाभरत हभशा इसी चच ॊता भ यहती थी कक इन कनमाओॊ का षववाह ककस परकाय सॊऩनन होग वह फाराजी की पराथिना कयत हए सदा अऩना सभम गजायती थी

वह तो फाराजी की बकत थी औय फाराजी अऩन बकतो स अतमाचधक परभ कयत ह उस हदन भाघ ऩरणिभा थी सवय

एक वदध बराहभण न षवषणचचतत क दयवाज ऩय दसतक दी औय कहा - ldquoह सवाभी भ फॊग दश का वासी हॉ एक मऻ

क लसरलसर भ दसय दश जा यहा हॉ यासत भ महाॉ आमा हॉ भझऩय दमा कयो औय अऩन घय भ एक हदन क लरए

यहन दो कर सवयही भ महॉ स चरा जाऊॉ गाrdquo उन की फात सनकय षवषणचचततन कहा lsquoनाथ इसस फढकय खशी औय कमा हो सकती ह अरतचथ साात नायामण जी क सभान होत ह ऐस हभाय ऩयाणो भ कहा गमा ह आऩ बफना ककसी सॊकोच क हभाय घय भ यह सकत हlsquo ऐसा कह कय उसन उस बराहभण को घय क अॊदय फरामा औय उनका सतकाय ककमा

दोऩहय भ बोजन क फाद उस वदध न तायाभरत स ऩछा ndash ldquoभाता कमा फात ह तभ कछ चच ॊरततसी रगती हो बफना ककसी सॊकोच क फात फताओrdquo तायाभरत न कहा ndash ldquoसवाभी आऩ तो भहातऩसवी ह आऩ क भख का तज उस वकॊ ठवासी क सभान ह आऩ स कमा छऩाना भयी चचॊता भयी कनमाओॊ का षववाह हrdquo उस ऩय वदध न कहा- ldquoभाता तमहाया दख भ जानता हॉ तमहाय सबी कषट दय हो औय तमहायी कनमाओॊ की शादी हो इसक लरम भ एक अदभत वरत फताता हॉ सनो इस वरत को सॊऩनन कयन स तमहाय साय कषट दय हो जामग शरी फाराजी क वरतो भ स मह सफस सयर हrdquo कहत हए उनहोन उस दॊऩरत को ऩया वरत षवधान फतामा वरत षवधान

सनकय षवषणचचतत न कहा- ldquoसवाभी मह तो अतमॊत सॊतोष की फात ह इसस फढकय सौबागम औय कमा होगा

कहत ह ना- शबसम शीिॊ आज भाघ ऩरणिभा ह फहत ही शब हदन ह आऩक कथा अनसाय हभ आज ही इस वरत

को सॊऩनन कयगrdquo षवषणचचततन ऩतनी तायाभरत औय सबी कनमाओॊ क साथ लभरकय उस हदन शाभ भ ही अऩन

फॊध-लभतरो क साथ बसकत औय रनषठा स फाराजी वरत को सॊऩनन ककमा वहाॉ उऩससथत सबी रोगो न वरत ऩया होन क

फाद चयणाभत परसाद गरहण ककमा औय अऩन-अऩन घय परसथान ककमा तफ षवषणचचतत औय तायाभरत न बराहभण

क चयणो को नभसकाय ककमा औय आशीवािद परापत ककमा बराहभणोततभ न बी चयणाभत परसाद गरहण ककमा औय

कहा- ldquoआऩकी भनोकाभना ऩयी हो शरी रकषभी शरी फाराजी की कऩा होrdquo

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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अॊधया हो चरा था औय रनिा सभम आसनन था षवषणचचतत न उस बराहभण को एक पटी चादय दत हए आॉखो भ आस लरम कहा- सवाभी भ अतमॊत दरयिी हॉ इसस अचछी चादय भय ऩास नही ह भझ भा कय आज की यात इसी ऩय षवशराभ कय बराहभण भसकयात हए फोर- कोई फात नही भ फाहय फयाभद भ सो जाता हॉ कछ सभम फाद ही सबी रनिारोक भ षवचयण कयन रग आधी यात का सभम था बफजरी की गडगडाहट क साथ फारयश शर हई चायो ओय अॊधया था कहीॊ कछ नही हदखाई

द यहा था षवषणचचतत इस चच ॊता भ था कक वदध बराहभण फाहय कस सो यह होग उस सभम कछ सझ बी नही यहा था ककसी तयह उनहोन यात गजायी सवया हआ फारयश बी थभ चकी थी ऩरत-ऩतनी मही सोच यह थ कक बराहभण की कमा दशा हई होगी ककतना सहा होगा उनहोन मही सोचत हए वो फाहय आए उनह एक अदभत दशम हदखाई हदमा वहाॉ षवपरोततभ नही थ पहट हई चादय की जगह यशभ का षऩताॊफय यखा हआ था उस षऩताॊफय ऩय शरी फाराजी क

भतॉ ndash हदखाई दी व सफ कछ सभझ गम उनकी खषी का कोई हठकाना नही यहा उनक घय आम बराहभण औय

कोई नही साात शरी नायामणजी ही थ ह फाराजी कमा बागम ह हभाया ऩय हभ उनको ऩहचान नही ऩाम हभन उनको पटी हई चादय दी मह सोचत हए उनहोन शरी फाराजी की भतॉ को हाथ भ रकय आॉखो स रगामा औय

घय क अॊदय आम ऩया घय सोन स बया हआ था जहाॉ दखो वहाॉ धन याशी ह बगवान शरी फाराजी की वरत कथा की भहहभा स ही मह सफ सॊबव हो सका ऐसा कहत हए व बगवान की सतरत कयन रग आऩन दख साात शरी फाराजी ही उस बकत क घय आम थ वरत षवधान फतामा औय चयणाभत परसाद बी गरहण

ककमा शरी फाराजी फहत ही करणाभम ह जो बी इस वरत को बसकत औय रनषठा स कयगा उसक घय सवमॊ बगवान

ककसी ना ककसी रऩ भ आमग आऩ सबी इस वरत को सॊऩनन कय बगवान की कऩा परापत कय सकत ह शरी भहषषि षवशवालभतर जी न मह दषवतीम कथा इस तयह फताई

शरी रकषभी शरीरनवास कटाॊ लसषदधयसत

गोषवॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

दषवतीमोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ततीम अधमाम

शरी वलशषठ उवाच मह अधमाम भहातऩोरनषठ वरयषठ शरीवलशषठ भरन न शरीनायामणजी की कऩा स हभ षवसताय रऩ स फतामा ह ह कलरमग वालसमो शरीफाराजी क षपरम बकतो वकणठ भ रनवास कयनवार शरीनायामणजी आज क रतरभरा भ ससथत शरीफाराजी ही ह कलरमग वालसमो क कषट दय कयन क लरम बगवान आऩक फहत सभीऩ रतरभरा ऩहाड ऩय अवतारयत हए ह शरी फाराजी को खश कयन क लरए मह वरत उततभ ह औय सयर बी ह इस वरत को जो बसकत औय रनषठा स सॊऩनन कयता ह उस सबी सख परापत हो जात ह पराचीन सभम भ अवॊती दश भ बागमनगय नाभक एक नगय था नाभ क ही अनरऩ वहाॉ अनक धनवान (वमाऩायी) यहत थ ऩय व अऩनी सॊऩसतत को दख घभॊड कयत थ औय आभ रोगो को हीन दषटी स दखत थ धन-दौरत उनकी सवासजित ह ऐसा सोचकय घभॊड कयत थ बगवान की रनतम ऩजा-ऩाठ तो उनहोन ऩहर ही छोड दी थी कभ स कभ षवशष हदनो भ बी व ना भॊहदय जात ना ऩजा कयत ना ही दीऩ जरात एक हदन सबी धनवान अऩनी-अऩनी ऩतनीमो क साथ परीरत बोज भ वमसत थ उस नगय की ऩवि हदशा भ ही शरी रकषभी नायामण जी का भॊहदय था जहाॉ दीऩ जरानवारा कोई नही था उस हदन षवशष एकादशी थी सजस एक ऩवि हदन बी भाना जाता ह ऩय उस नगय क एक बी धनवान क भन भ भॊहदय भ ऩजा कयन का षवचाय नही आमा शाभ होत-होत आकाश भ घन फादर छा गम औय भसराधाय फारयश होन रगी वमाऩारयमो क घय ऩानी स बय गम चायो ओय अॊधकाय ह अॊधकाय था सवय होन तक ऩया नगय ऩानी भ डफ गमा वमाऩारयमो क घय टट-पट गम उनका साया ऐशवमि सभापत हो गमा ऐसा उऩिव कमो भचा मह पररम कस हो गमा ककसी को कछ बी सभझ भ नही आ यहा था इतन भ उनह एक षवचचतर दशम हदखाई हदमा नगय क फाहय जो झोऩडडमाॉ थी व तो वसी की वसी थी उनको आशचमि हआ इतनी फारयश भ बी म कस सही सराभत यही व ऐसा भन ही भन सोच यह थ कक इतन भ बफजरी कडकी औय आकाशवाणी हई ldquoए भखो तमहायी सॊऩसतत तमहायी अऩनी ह सवासजित ह ऐसा सोचत थ इसी लरम ऐसा हआ ह इस झोऩडी भ यहनवारा दव भया षपरम बकत ह आभ आदभी होन ऩय बी दव रनतम तमहाय नगय भ ससथत शरी रकषभी नायामण

भॊहदय भ दीऩ जराता था इतना ही नही हय एकादशी क हदन मथा सॊबव वह शरी फाराजी वरत कथा बी सॊऩनन कयता था इसी लरम इन झोऩडीमो भ यहनवार सबी रोग सयकषत यह आऩ सबी महद वरत सॊऩनन कयग तो अऩन-अऩन

ऐशवमि को ऩन परापत कय सकत होrdquo आकाशवाणी सनत ही तयॊत व सबी रोग उस भॊहदय भ गम औय जस

सॊबव हो सका वस सबी रोगोन एक-दसय क सहमोग स शरी फाराजी की वरत कथा सॊऩनन की ऐसा कयत ही सबी को उनक घय ऩवि रऩ भ ही परापत हो गम तफ स व सबी शरीफाराजी क बकत फन गम औय हय एकादशी को शरीफाराजी का वरत सॊऩनन कयत औय सख-शाॊरत परापत कय यहन रग अॊत भ उनहोन भसकत बी परापत की

शरीवलशषठजी न इस परकाय म कथा सनाई

गोषव ॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

ततीमोधमाम सभापतॊ |

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ

शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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चतथव अधमाम

शरी बयदवाज उवाच

शरीनायामण जी को ldquoशरीफाराजी वरत कथाrdquo अतमॊत षपरम ह चतथि अधमाम क रऩ भ हभाय साभन शरी बयदवाज

भरनदवाया फतामी नमी कहानी इस परकाय ह- ldquoह कलरमगवालसमो शरी नायामण क षपरम बकतो आऩ सजस वरत को सॊऩनन कय यह ह वह अदभत ह आऩकी भनोकाभनाओॊ को ऩणि कयन का साधन ह शरी फाराजी को परसनन कयन का मह अतमॊत सयर उऩाम ह आऩ सबी ऩय कऩा कयन क लरम ही वकॊ ठवासी बगवान शरीरनवास क रऩ भ रतरभरा ऩहाड ऩय अवतरयत हए ह अनक जनभो क ऩणमपर स ही रतरभरा ऩहाड ऩय ऩय यखन का सौबागम परापत होता ह औय बगवान क दशिन बी सॊबव होत ह इसी तयह इस ldquoवरतकथाrdquo को सॊऩनन कयन का सॊकलऩ बी ऩविजनभ क

ऩणमपर स ही सॊबव होता ह जो वमसकत इस वरत को सॊऩनन कय यह ह मा जो इस कथा को सन यह ह मा जो बगवान क परसाद को गरहण कयत ह उनह बगवान की कऩा परापत होती ह औय व सौबागम बी ऩात ह

पराचीन कार भ ldquoनगयीrdquo नाभक एक गराभ भ धनगपत नाभ का वमाऩायी यहता था वह फहत ही रारची था ऐशवमि परापत कयन ऩय बी उसका रारचीऩन कभ नही हआ मह सभसत ऐशवमि उसका ही कभामा हआ ह ऐसा सोचकय वह फहत घभॊड कयता था अहॊकाय भनषम का नाश कयता ह

धनगपत की ऩतनी काॊरतभती अतमॊत बसकत बावना यखती थी औय रनषठा स बगवान की ऩजा कयती थी उनकी तीन कनमाएॉ थी तीसयी कनमा ldquoकभायीrdquo भ बसकत बावना जमादा थी वह हभशा फाराजी का नाभ ही जऩती यहती थी षऩताजी को बफना फताम वह जफ-तफ शरी फाराजी क भॊहदय भ जाती थी औय बगवान क दशिन कयती थी घय आकय षऩताजी को छोड अनम सबी क साथ परसाद सवीकाय कयती थी ऩती क ऐस वमवहाय स

काॊरतभती थोडी चच ॊरतत होती थी

एक हदन ldquoकभायीrdquo की सहरी क घय ऩय ldquoशरी फाराजीrdquo का वरत सॊऩनन हो यहा था मह जानकय वो वहाॉ गई वरत ऩया होन तक दोऩहय हो चकी थी थोडासा परसाद उसन गरहण ककमा औय थोडा वह अऩन घयवारो क लरम एक

कागज की ऩडी भ रकय चरी फीच यासत भ उस पमास रगन रगी धऩ बी फहत तज थी उसन सोचा थोडी दय रक

कय पमास फझाकय कपय चरॉ तो ठीक यहगा तबी उस माद आमा कक उसक षऩता की दकान अगरी गरी भ ही तो ह वहाॉ जाकय उसन षऩताजी को ऩजा की फात बफना फताम षऩताजी स ऩानी भाॉगकय षऩमा औय षऩताजी गससा कयग

इस डय स उसन जलदी-जलदी ऩानी षऩमा इस घफयाहट भ परसाद की ऩडी वही दकान भ बरकय चरी गई

एकाएक फाजाय भ हडकॊ ऩ भच गमा रोग हाहाकाय भचात हए इधय-उधय बागन रग आगजनी क कायण उस गरी की सायी दकान जर कय याख होन रगी वस बी दोऩहय का सभम थाउस ऩय गभि हवाएॉ चर यही थीधनगपत का शयीय डय क भाय काॉऩन रगा ldquoकछ ही सभम भ उसकी दकान बी जर कय याख हो जाएगीrdquo इस षवचाय स उस क हाथ-ऩय काॉऩन रग सबी रोग अऩनी-अऩनी दकानो स फाहय आकय इधय-उधय बागन रग ऩय

धनगपत वही खडा यह गमा दकान छोडकय जान का भन नही कय यहा था महद वो दकान भ यहगा तो जरकय

याख हो जामगासोचत हए उसन घफयाहट भ उसक हाथ रगी ऩडी को उठामा औय बफना सोच सभझ जो हाथ आमा वो भॉह भ डार हदमा उस कछ भीठा-भीठा सा ऩदाथि रगा औय भन बी शाॊत होन रगा

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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तबी एक अदभत घटना घटीआग धनगपत की दकान तक आकय रक गमी आग की रऩत वहाॉ नही आ ऩामी मह कसी षवचचतर फात हम कसी भामा ह धनगपत क भॉहस एक बी फात नही रनकर ऩामी उधय आगजनी की खफय सनत ही ऩतनी काॊरतभती अऩन कनमाओॊ क साथ फाराजी का सभयण कयत हए दौडती हई वहाॉ आ गमी आग उनक दकान तक आकय कस रक गमी मह दखकय उस आशचमि हआ तबी कभायी को दकान भ बरी हई ऩडी की माद आई धनगपत को सभझन भ दय नही रगी कक उसन जो चीज भॉह भ डारी थी वो औय कछ नही तो बगवान का परसाद ही था औय उसकी भहहभा स ही व इस दघिटना स चक गम धनगपत न शरीफाराजी स भा भाॉगी गार फजाम शाभ भ ही नगयवालसमो को फराकय ldquoशरीफाराजी की वरत कथाrdquo सॊऩनन की तफ स वह बगवान की सवा भ रीन हो गमा औय अॊत भ भो बी परापत की आऩन दखा कक कवर परसाद गरहण कयन स ही वो ककतनी फडी दघिटना स चक गमा फाराजी की भहहभा अदभत ह आऩ सबी बी मथा सॊबव वरत को सॊऩनन कय क बगवान की कऩा परापत कय सकत हldquo

शरीबयदवाजजी न इस परकाय मह चतथि कथा सनामी

गोषवॊदगोषवॊदगोषवॊद

चतथोधमाम सभापतॊ |

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ऩॊचभ अधमाम

शरी अतरतर उवाच

रतरभरा-रतरऩती बरोक का वकणठ धाभ ह ऩयाणो भ फतामा गमा ह कक रतरभरा क सभान ऩषवतर सथर औय शरी फाराजी जस दवता न तो ऩहर कबी हए ह औय न कबी होग शरीरनवास क रऩ भ अवतरयत शरी नायामण अऩन

बकतो स फहत परभ कयत ह जो उन ऩय अऩना ऩया बाय डारकय उनह रनतम सभयण कयत ह जो सदाचाय स ऩणि जीवन बफतात ह वो उनकी या कयत ह ऐस शरीफाराजी को परसनन कयन का सफस सयर उऩाम ह ndash ldquoशरीफाराजी की वरत कथाrdquo

इस अदभत वरत कथा क फाय भ भहातऩसॊऩनन शरी अबतर भहषषि न कऩा कयत हए कहा ह- ldquo ह फाराजी क षपरम

बकतो कलरमग भ आऩक सौबागम क फाय भ कमा कहना कतमग तरतामग औय दवाऩायमग भ अतमॊत कठोय तऩ-

जऩ कयन ऩय बी परसनन न होन वार शरी नायामण इस मग भ कवर नाभसभयण स ही आऩ रोगो ऩय कऩा कय यह

ह षवशवास क साथ उनह फरान ऩय व तयॊत कऩा परदान कयत ह ऐस करणाभम ह शरीफाराजी ऩषवतर रतरभरा ऩय

तमहाया यखा हय कदभ अनक जनभो क ऩणमपर क सभान ह

पराचीन कार भ ldquoकौभायrdquo दश भ ldquoलभतरrdquo नाभक धोफी यहता था वो अऩन काभ क साथ-साथ धालभिक कामि कयता हआ जीवन रनवािह कय यहा था उसकी अऩॊगता ही उसकी चच ॊता थी इसी कायण धोए हए कऩडो की ऩोटरी फनाकय घय-घय घभकय उनह रोगो तक ऩहॉचाना उस धीय धीय भसशकर रगन रगा उसका ऩरयवाय फडा था बफना भहनत ककए उस बय ऩट खान को बी नही लभरता था हभशा वो शरी फाराजी की ऩजा कयता यहता था कबी ना कबी बगवान उस ऩय कऩा कयग इसी षवशवास स वो अऩना जीवन गजाय यहा था बकतो ऩय कऩा कयन वार फाराजी सफ कछ दखत यहत ह जो वमसकत अऩन कभो स भकती ऩाता ह उनक ऩास आकय फाराजी ककसी न ककसी रऩ भ आकय उनकी या कयत ह एक हदन शाभ क सभम हभशा की तयह लभतर कऩड धोकय कऩडो की ऩोटरी राद धीय-धीय चरता हआ आ

यहा था फीच यासत भ उस एक वदध बराहभण हदखाई हदम गौयव की बावना स फड होन क कायण लभतर न अऩन कॊ ध

ऩय रदी हई ऩोटरी को नीच उतायकय वदध बराहभण को नभसकाय ककमा तफ उस षवपरोततभ न कहा- ldquoतभ अऩन इस ऩय क कायण ककतना कषट सह यह हो तमहाया दख दखा नही जाताrdquo तफ लभतर न कहा-ldquoह नाथ आऩ फजगि ह बयाऩया ऩरयवाय होन क कायण भझ इस काभ स भकती नही लभर यही ह ककसी तयह भयी म अऩॊगता दय हो ऐसा कोई उऩाम फताइएrdquo

तफ बराहभण न कहा-ldquoसनो बाई भ जरय फताऊॉ गा धमान स सनो भ एक ऐस वरत क फाय भ फताता हॉ सजस सॊऩनन कयन स तमहायी अऩॊगता दय हो जाएगी तमह अषट ऐशवमो की परासपत होगी वरत सॊऩनन कयत ही तमह हजाय अशकपि माॉ लभरगी ऩय एक शति ह उसभ स आध तभ भझ दोगकर भ कपय इसी सभम महाॉ लभरॉगाrdquo तफ लभतर न कहा- ldquoसवाभी इसस फढकय सौबागम औय कमा हो सकता ह आज ही इस

वरत क फाय भ फताइए भ उस सॊऩनन करॉ गाrdquo लभतर क उतसाह को दख वदध न शरी फाराजी वरत कथा क फाय भ फतामा

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लभतर दगन उतसाह क साथ घय आमा ऩयी कहानी ऩतनी को फतामी औय अडोस-ऩडोस क साथ लभरकय शरी फाराजी वरत को सॊऩनन ककमा चयणाभत परसाद गरहण ककमा घय आए सबी रोगो को बी हदमा तबी घय क फाहय कछ

कोराहर सनाई हदमा लभतर का फटा फाहय स दौडता हआ आमा औय फोरा- ldquoषऩताजी षऩताजी याज-यक आऩक लरम आए ह याजा न आऩक लरम बट बी बजी हrdquo इतन भ यक बी वहाॉ आ गम उनहोन फतामा कक उसकी रनमसकत याज दयफाय भ धोफी क रऩ भ हो गमी ह याजा न हजाय अशकपि माॉ ऩयसकाय सवरऩ बजी ह ऐसा कहकय उनहोन लभतर क हाथ भ हजाय अशकपिमो की ऩोटरी यख दी एक हफत क अॊदय-अॊदय

उस आकय नौकयी भ बतॉ होन को बी कहा लभतर क आनॊद की सीभा नही थी एक हफता कमो कर ही कमो नही सोचकय उसन अऩनी ऩोटरी-वोटरी फाॉधी औय दसय हदन सवय ही वो जान को तमाय हो गमा इस जलदफाजी भ वह

उस वदध की फात बर गमा फीच यासत भ उस उसकी फात माद आ गमी ऩय ठीक हअगर भहहन लभर रता हॉ सोच

कय वह याज दयफाय भ अऩन काभ ऩय रग गमा हदनभहहन फीत बराहभण क वश भ आए बगवान को गससा आमा बगवान न सोचा भनषम की परवसतत ऐसी ही होती ह उस भझ अऩनी भहहभा फतानी होगी

दसय ही हदन याणीवास स आबषण चोयी हो गम चोयी का इलजाभ लभतर ऩय आमा लभतर को कायावास की सजा हई hellipयाज यकोन उस तयह-तयह की मातनाएॉ दी ऐसा कमो हआउस ऩय मह इलजाभ कमो रगा सोचत हए लभतर को यात को सऩन भ बगवान हदखाई हदम उनहोन फतामा कक ldquoवदध बराहभण क रऩ भ व ही आम थ वो अऩनी फात स भकय गमा इसलरम म सफ हआ हrdquo तफ लभतर न कहा-ldquoह नाथभ ऩाऩी हॉ भन फहत फडा ऩाऩ ककमा ह कऩमा भझ ऩय दमा कीसजम अफ भ हय भहहन आऩका वरत सॊऩनन करॉ गा भयी आम का आधा बाग जीवन बय आऩको सभषऩित करॉ गाrdquo गार फजाकय उसन बगवान की हय तयह स पराथिना की बकतो की ऩकाय सननवार बगवान न खशी-खशी लभतर ऩय कऩा कय दी बगवान की कऩा स याणी क आबषण दसयही हदन लभर गम याजान म बी जान लरमा कक लभतरन चोयी नही की थी लभतरको कायावास स रयहा कय हदमा गमा तफ स लभतर बगवान को हदम वचन अनसाय हय भहहन शरी फाराजी का वरत सॊऩनन कयन रगा औय अऩनी आम का आधा बाग बगवान को अषऩित कयता यहा सख ऩणि जीवन बफतात हए उसन अॊत भ भो बी परापत ककमाrdquo

शरी अबतरजी न ऐसा कहकय ऩाॉचव औय आखयी अधमाम को सभापत ककमा

गोषवॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

ऩॊचभोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

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ॐ लशवाम नभ ॐ लशवकतम नभ ॐ सतमाम नभ ॐ षवभराम नभ ॐ षवशवजननम नभ ॐ तषम नभ ॐ दारयदरमनालशनम नभ ॐ परीरत ऩषकरयणम नभ ॐ शानताम नभ ॐ शकरभालमामफयाम नभ ॐ बासकम नभ ॐ बफलव रनरमाम नभ ॐ वयायोहाम नभ ॐ मशससवनम नभ ॐ वसनधयाम नभ ॐ उदायॊगम नभ ॐ हरयणम नभ ॐ हभभालरनम नभ ॐ धन धानमकतम नभ ॐ लसदधम नभ ॐ सतरणम सौममाम नभ ॐ शबपरदाम नभ ॐ नऩवशभ गताननदाम नभ ॐ वयरकषमम नभ ॐ वसपरदाम नभ ॐ शबाम नभ ॐ हहयणम पराकायाम नभ ॐ सभि तनमाम नभ ॐ जमाम नभ ॐ भॊगराम नभ ॐ षवषणव सथरससथताम नभ ॐ षवषणऩतनम नभ ॐ परसननाकषम नभ

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ॐ नायामण सभाचशरताम नभ ॐ दारयदरम धवॊलसनम नभ ॐ दवरकषभ नभ ॐ सवोऩिव रनवारयणम नभ ॐ नवदगािम नभ ॐ भहाकालम नभ ॐ बरहभा-षवषण-लशवासतभकाम नभ ॐ बतरकारऻानसमऩननाम नभ ॐ बवनशवम नभ ॐ भहारकषभी अषटोततय शत नभ

इरत शरी रकषभी अषटोततय शतनाभावलर

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शरी ऩदमावती अषटोततय शतनाभावलर

ॐ ऩदमावततम नभ ॐ दवम नभ ॐ ऩदमोदभवाम नभ ॐ करणापरदारमनम नभ ॐ सरदमाम नभ ॐ तजसवरषऩणम नभ ॐ कभरभखम नभ ॐ ऩदमधयाम नभ ॐ शरीम नभ ॐ ऩदमनतरम नभ ॐ ऩदमकयाम नभ ॐ सगणाम नभ ॐ कभकभषपरमाम नभ ॐ हभवणािम नभ ॐ चनिवसनदताम नभ ॐ धगधगपरकाश शयीय-धारयणम नभ ॐ षवषणषपरमाम नभ ॐ रनतमकलमाणम नभ ॐ कोहटसमिपरकालशणम नभ ॐ भहासौनदमिरषऩणम नभ ॐ बकतवतसराम नभ ॐ बरहभानडवालसनम नभ ॐ सविवानचापरदारमनम नभ ॐ धभिसनकलऩाम नभ ॐ दाकषणमकटाकषणम नभ ॐ बसकतपरदारमनम नभ ॐ गणतरमाषववसजिताम नभ ॐ कराषोडशसॊमताम नभ ॐ सविरोकानानजननम नभ ॐ भसकतदारमनम नभ ॐ दमाभतामाम नभ ॐ परऻाम नभ

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ॐ भहाधभािम नभ ॐ धभिरषऩणम नभ ॐ अरनकाय षपरमाम नभ ॐ सविदारयदरमधवॊलसनम नभ ॐ शरीवकटशवसथरससथताम नभ ॐ रोकशोकषवनालशनम नभ ॐ वषणवम नभ ॐ रतरचानरऩयवालसनम नभ ॐ वदवदमषवशायदाम नभ ॐ षवषणऩादसषवताम नभ ॐ यतनपरकाशककयीटधारयणम नभ ॐ जगनभोहहनम नभ ॐ शसकतसवरषऩणम नभ ॐ परसननोदमाम नभ ॐ इनिाहददवत मककननय ककमऩरष ऩसजताम नभ ॐ सविरोकरनवालसनम नभ ॐ बजमाम नभ ॐ ऐशवमिपरदारमनम नभ ॐ शानताम नभ ॐ उननतसथानससथताम नभ ॐ भनदायकालभनम नभ ॐ कभराकयाम नभ ॐ वदानतऻानरषऩणम नभ ॐ सविसमऩसततरषऩणम नभ ॐ कोहटसमिसभपरबाम नभ ॐ ऩजापरदारमनम नभ ॐ कभरासनाहद सविदवताम नभ ॐ वकनठवालसनम नभ ॐ अबमदारमनम नभ ॐ िाापरऩामसषपरमाम नभ ॐ नतमगीतषपरमाम नभ ॐ ीयसागयोदभवाम नभ ॐ आकाशयाज ऩबतरकाम नभ

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ॐ सवणिहसतधारयणम नभ ॐ काभरषऩणम नभ ॐ करणाकटाधारयणम नभ ॐ अभतासजाम नभ ॐ बरोकसवगिसखदारमनम नभ ॐ अषटहदकऩारकाचधऩतम नभ ॐ भनभधदऩि सॊहारयणम नभ ॐ कभराथिबागाम नभ ॐ सवलऩऩयाध-भहाऩयाध-भाम नभ ॐ शतकोहटतीथिवालसताम नभ ॐ नायदाहद भरनशरषठ ऩसजताम नभ ॐ आहदशनकयऩसजताम नभ ॐ परीरतदारमनम नभ ॐ सौबागमपरदारमनम नभ ॐ भहाकीतॉ परदारमनम नभ ॐ कषणारतषपरमाम नभ ॐ गनधवि शाऩषवभोचकाम नभ ॐ कषणऩतनम नभ ॐ बतररोकऩसजताम नभ ॐ जगनभोहहनम नभ ॐ सरबाम नभ ॐ सशीराम नभ ॐ अॊजनासतानगरहपरदारमनम नभ ॐ बकतमातभरनवालसनम नभ ॐ सॊधमावसनदनम नभ ॐ सविरोकभातर नभ ॐ अलबभतदारमनम नभ ॐ रलरतावधतम नभ ॐ सभसतशासतर षवशायदाम नभ ॐ सवणािबयणधारयणम नभ ॐ इहऩयरोक सखपरदारमनम नभ ॐ कयवीयरनवालसनम नभ ॐ नागरोकभरणसह आकाशलसनध कभरशवय ऩरयतयधगभनाम नभ

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ॐ शरी शरीरनवासषपरमाम नभ ॐ चनिभनडरससथताम नभ ॐ अलरवर भनगाम नभ ॐ हदवमभनगर धारयणम नभ ॐ सकलमाणऩीठससथताम नभ ॐ काभकवनऩषऩषपरमाम नभ ॐ कोहट भनभधरषऩणम नभ ॐ बानभनडररषऩणम नभ ॐ ऩदमऩादाम नभ ॐ यभाम नभ ॐ सविरोकसबानतय धारयणम नभ ॐ सविभानसवालसनम नभ ॐ सवािम नभ ॐ षवशवरऩाम नभ ॐ हदवमऻानाम नभ ॐ सवभनगररषऩणम नभ ॐ सवािनगरहपरदारमनम नभ ॐ ॐकायसवरषऩणम नभ ॐ बरहभऻानसॊबताम नभ ॐ शरी ऩदमावतम नभ ॐ सदमोवदवतम नभ ॐ शरीभहारकषमम नभ

इरत शरी ऩदमावती अषटोततय शतनाभावलर

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धऩभ दशाॊगभ गगगरोऩतॊ गोघतन सभसनवतभ धऩॊ गहाण दवश सविरोक नभसकाया

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - धऩभािाऩमालभ

(सवाभीजी क भतॉ की अगयफतती औय धऩ स आयती कय)

दीऩभ

बतररोकश भहादव सविऻान परदामक दीऩॊ दासमालभ दवश यभाभ बकतवतसर

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - दीऩॊ दशिमालभ

(सवाभीजी क भतॉ की दीऩ स आयती कय )

नवदमभ

सविबशच बोजजशच यस षडलब सभसनवतॊ नवदमनत भमानीतभ गहाण ऩरषोततभ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - नवदमॊ सभऩिमालभ

(सवाभीजी को परसाद चढाम अगय करा ह तो ldquoकदरीपर रनवदमालभrdquo नारयमर ह तो ldquoनारयकर परॊ रनवदमालभrdquo ऐस कह अगय गड ह तो ldquoगडोऩहाय नवदमभ सभऩिमालभrdquo कह)

ॐ पराणाम सवाहा ॐ आऩानाम सवाहा ॐ वमानाम सवाहा ॐ उदनाम सवाहा ॐ सभानाम सवाहा ॐ ऩयबरहभण सवाहा ॐ बबिव सव ततसषवतय-वयणमभ बगो दवसम धीभहह चधमो मो न परचोदमात ॐ आऩो जमोरतयसोभतॊ बरहभ बबिव सवयोभ भधम भधम ऩानीमभ सभऩिमालभ

अभताषऩधानभलस उततयाऩोशनभ सभऩिमालभ हसतौ परारमालभ ऩादौ परारमालभ ऩनयाचभनीमभ सभऩिमालभ

तामफरभ ऩगीपर सकऩिय नागवलरीदरमितॊ भकताचणि सभामकतॊ तामफरॊ पररतगहमताॊ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - तामफरभ सभऩिमालभ

नीयाजनभ चशरम कानताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरीवकटरनवासाम शरीरनवासाम भनगरभ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ नीयाजनभ दशिमालभ

ऩनयाचभनीमभ सभऩिमालभ

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भॊतरऩषऩभ

ॐ सहसतरशीषिभ दवॊ षवशवाॊ षवशवशॊबवॊ षवशवॊ नायामणनदवभ अयॊ ऩयभॊ ऩदॊ १

षवशवत ऩयभासननतमॊ षवशवॊ नायामणॊ हरयॊ षवशवभवदॊ ऩरषसतदषवशवॊ उऩजीवरत २

ऩरतॊ षवशवसमातभशवयॊ शाशवतॊ लशवभचमतॊ नायामणॊ भहाऻमॊ षवशवतभानॊ ऩयामणॊ ३

नायामण ऩयोजमोरत आतभा नायामण ऩय नायामण ऩयभ बरहभ ततवभ नायामण ऩय नायामण ऩयो धमाता धमानभ नायामण ऩय ४

मचच ककसनचत जगतसव दशमत शरमतषऩ वा अनतफिहहशचततसविभ वमापमा नायामण ससथत ५

अननतभ अवममभ कषवॊ सभिनतभ षवशवशमबवभ ऩदमकोश परतीकाशभ रदमभ चापमधोभखभ ६

अधोरनषमा षवतसतमानत नाभमाभऩरय रतषठरत जवाराभाराकरॊबारत षवशवसमामातनभ भहत ७

सनततॊ लशरालबसत रॊफतमाकोशससननबभ तसमानत सलशयभ सकषभभ तससभन सविभ पररतसषठतभ ८

तसमभधम भहान असगन षवशवायचचषविशवतो भख सोगरबसगवबजन रतषठाननाहाय भजय कषव

रतमिगधवाि भधशशामीयशभमा सतसम सनतता ९

सॊताऩमरत सवॊ दह भाऩादतरभसतक तसम भधम वसनह लशखा अणीमोधवाि वमवससथत १०

नीरथो मदभधमसता षवदमलरखव बासवया नीवायशकवततनवी ऩीताबा सवतमनऩभा ११

तसमा लशखामा भधम ऩयभातभा वमवससथत स बरहभ स लशव स हरय स इनि सोय ऩयभासवयात १२

ॐ तद बरहभ ॐ तद वाम ॐ तदातभा ॐ ततसतमभ ॐ ततसविभ ॐ ततऩयोनिभ अनतशचयरत बतष गहामाभ षवशवभरत िष तवभ मऻसतवभ वषकायसतवभ इनिसतवभ रिसतवभ

षवषणसतवभ बरहभतवभ परजाऩरत तवभ तदाऩ आऩो जमोरत यसोवतभ बरहभ बबिवससवयोभ १३

गदा ऩन शॊखयथानगकलऩक धवजायषवॊदाॊकश वजररासशचत ह शरीरनवास तवत चयणामफज दवमॊ भदीम भधािन भरज ॐ रनयॊजनाम षवदमह रनयाबासाम धीभहह तननो शरीरनवास परचोदमात शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हदवमभनतरऩषऩॊ सभऩिमालभ

परदकषण नभसकाय

शरोकॊ मारनकारन च ऩाऩारन जनभानतय कतारन च तारन तारन परणशमसनत परदकषण ऩद ऩद ऩाऩोहभ ऩाऩकभािहभ ऩाऩातभा ऩाऩसॊबव तराहहभाभ कऩभमा दव शयणगतवतसर अनमधा शयणॊ नाससत तवभव शयणॊ भभ तसभात कारणम बावन य य जनादिन

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - आतभपरदकषण नभसकायान सभऩिमालभ

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षवषवधोऩचाय ऩजा छतरॊ धायमालभ चाभयॊ वीजमालभ नतमॊ दशिमालभ गीतॊ शरावमालभ वादमॊ घोषमालभ आॊदोलरकान आयोहमालभ आशवानायोहमालभ गजानायोहमालभ सभसत यजोऩचाय शकतमऩचाय

मनतरोऩचाय दवोऩचाय सवोऩचाय ऩजाॊ सभऩिमालभ

भाऩवणभ भनतरहीनॊ ककरमाहीनॊ बसकतहीनॊ जनादिन मतऩसजतभ भमा दव ऩरयऩणिभ तदसतत

अनमा धमानावाहनाहद षोडशोऩचाय ऩजमा च बगवन सवाितभक शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरी वकटशवय सवरऩो बगवान सपरीत सपरसननो वयदो बवत शरी वकटशवय दव परसादॊ लशयसा गहणालभ

तीथवभ

अकार भतमहयणॊ सविवमाचध रनवायणभ सवि ऩाऩमकयॊ दव ऩादोदकॊ ऩावनॊ शबॊ

नवदमभ

ॐ बबिवससव ॐ ततसषवतवियणमभ बगो दवसम धीभहह चधमो मो न परचोदमात सतमॊ तवतन ऩरयषषॊचालभ अभतभसत अभतोऩसतयणभलस ॐ पराणाम सवा ॐ अऩानाम सवा ॐ वमानाम सवा ॐ उदानाम सवाह ॐ सभानाम सवा ॐ बरहभण सवा

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - भहानवदमभ सभऩिमालभ

अभताषऩधानभलस उततयाऩोशनभ सभऩिमालभ हसतौ परारमालभ ऩादौ परारमालभ शदध आचभनीमॊ सभऩिमालभ

तामफरॊ सभऩिमालभ सवणिभनतरऩषऩॊ सभऩिमालभ परदकषण नभसकायन सभऩिमालभ

अनमाधमानावाहनाहद षोडषोऩचाय ऩजमा बगवान सवाितभक शरी रकषभी ऩदमावती सभत वकटशवय सवाभी सपरीत सपरसननो वयदो बवत शरी रकषभी ऩदमावती सभत वकटशवय सवाभी परसादॊ लशयसा गहणालभ

उदवासनभ मऻन मऻभमजनत दवासतारन धभािरण परथभानमासन

तहनाकॊ भहहभानससचनत मतर ऩव साधमा ससनत दवा

गचछ गचछ सयशरषठ सवसथान शरी वकटशवय बकताबीषट सभधमथिभ ऩनयागभनाम च

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरी वकटशवय सवाभी मथासथानॊ उदवासमालभ

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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परथभ अधमाम

शरी बगवान उवाच

कलरमग भ एक हदन शब भहति भ रतरभरा ऩहाड ऩय (सजस धयती का वकॊ ठ कहा जाता ह ) ldquoषवशवऩरत नाभक एक बकत ऩय शरी फाराजी की कऩा हई शरी षवषण क अवताय शरी फाराजी (वकटशवय) जो महाॉ शरीरनवास क रऩ भ ऩज जात ह उनहोन षवशवऩरत को ldquoशरी फाराजी वरत कथाrdquo नाभ स परलसधद इस गरॊथ की यचना कयन की आऻा दी औय कहा- ldquoह भय षपरम बकत षवशवऩरत भय षपरम होन क कायण इस वरत को षवसताय रऩ स तमह फाता हॉ सनो म

वरत भझ अरत षपरम ह आसान होन क कायण इस सबी रोग सॊऩनन कय सकत ह

कलरमग भ भानव अऩन ऩाऩ कभो का पर बोगता ह अनक कषट सहत हए जीवन रनवािह कयता ह कछ बकत

अऩन दख भझ फताकय उनह दय कयन क लरम कहत ह फहत स ऩस खचि कय वो भझ दखन क लरम रतरभरा की मातरा कयत ह भय बकतो स भझ परभ ह व भझऩय अऩना ऩया बाय डार दत ह भ उनह धभि क भागिऩय चराता हॉ

अबी भ जो मह वरत कथा तमह फतान जा यहा हॉ वो ldquoशरी फाराजी की कथाrdquo क नाभ स परलसदध होगा म भया वरत भझ अरतषपरम ह जो वमसकत इस बसकत औय रनषठा स कयगा वह तयॊत ऩाय ऩामगा कोई बी वमसकत कबी बी इस वरत को सॊऩनन कय सकता ह भखम रऩ स भागिशीषि भाघ कारत िक भहहनो भ ऩणिभासी ऩॊचभी सपतभी एकादशी रतचथमो ऩय मा शरवण सवारत नतरो ऩय इस कयना शरषठ होता ह

इस घोय कलरमग भ भय बकत जो कषट सह यह ह उनह भ जानता हॉ तमह जफ बी कोई कषट हो कोई सभसमा हो सवासम ठीक ना हो नौकयी वमाऩाय भ सभसमाएॉ हो भन अशाॊत हो तो इस वरत को सॊऩनन कयना चाहहम इसस

साय कषट दय हो जात ह घय भ शब कामि होन ऩय इस वरत को सॊऩनन कयन स बफना ककसी सभसमा क कामि ऩणि हो जाता ह इस वरत को सॊऩनन कयत ही सबी सख परापत होत ह औय अषट ऐशवमो की परासपत होती ह

सफय मा शाभ इस वरत को सॊऩनन कय सकत ह इस वरत भ ऩाॉच अधमाम ह इनका ऩठन बसकत क साथ कयना चाहहम अऩन घय भ मा रनवास सथान ऩय भॊहदय भ मा ककसी बी ऩषवतर सथान भ नदी तट ऩय सॊऩनन कय सकत ह

महद सॊबव हो तो अऩन फॊध लभतरो क साथ इस सॊऩनन कयन स जमादा शरषठ होता ह जो इस सॊऩनन कयत ह मा जो इस सनत ह वरत सॊऩणि होन क फाद परसाद को बसकत स सवीकाय कयत ह वो अषट ऐशवमो को परापत कयत ह इसस

ऩहर बी भय बकतो न कई भरनमो न इस वरत को सॊऩनन ककमा औय भया आशीवािद ऩामा बरोक भ यहनवार सबी को मह वरत आनॊद परदान कयगा औय शब पर बी परापत होगा शाॊत चचतत स भझ माद कयत हए इस वरत का ऩारन

कयो

सवि परथभ जहाॉ वरत कयना चाहत हो उस सथर को साप कयो भॊडऩ की वमवसथा कय भयी तसवीय सजसभ भयी षपरम

सरखमाॉ शरी दवी बदवी ह उस तसवीय को इस भॊडऩ ऩय सथाषऩत कयो भॊडऩ को दीवाय स रगाकय बी यख सकत हो अनम ककसी इचछक दवता की तसवीय बी सख सकत हो नवगरहो औय अषट हदकऩारको को मा तो भन भ नभसकाय

कयो मा उनका आवहान बी कय सकत हो

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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सफस ऩहर हलदी स फनी गणश की ऩजा कयनी चाहहम उसक फाद उस वरत क ऩाॉचो अधमामो का रनषठा स ऩठन

कयना चाहहम मही परथभ अधमाम ह अनम चाय अधमाम भय अतमॊत षपरम ऩातर षवशवालभतर वलशषठ बयदवाज अबतर

भरनशवयो क परवचना रऩ भ ह ऩाॉच अधमामोको ऩढन क फाद भय षपरम शरोक बी ऩढ सकत हो हय अधमाम क अॊत

भ गोषव ॊद गोषव ॊद गोषव ॊद तीन फाय सभयण कयना चाहहम

आभ रोगो क कषटो को भ जानता हॉ इसी लरम भयी एक फात सनो महद ककसी कायण इस वरत को षवसताय रऩ स

सॊऩनन कयन भ कोई सभसमा आ यही हो तो भय तसवीय को साभन यख कय ऩहर गणश जी की कपय नवगरह दवताओॊ औय अषटहदकऩारको को सभयण कय ऩाॉच कहरनमाॉ ऩढकय अऩन भन भ जो इचछा ह उस भझ फताओ भ उस

परसाद क रऩ भ परदान करॉगा इस परकाय कयन स बी कामि की लसषदध होती ह तमहाय कषट दय हो जामग औय शब

पर परापत होगा

जो वमसकत इस वरत को बसकत स सॊऩनन कयगा भ उसक घय ककसी ना ककसी रऩ भ आकय परसाद सवीकाय करॉगा भयी कऩा आऩ सबी को हभशा परापत होगी शरी फाराजी न रतमभयाज षवशवऩरत याभकषणभरत ि ldquoषवशवऩरतrdquo को इस वरत कथा को षवसताय स फतामा कलरमगवासी हभ सबी इस वरत को सॊऩनन कय शरी फाराजी की कऩा क ऩातर फन सकत ह इस वरत को सॊऩनन कय हभ अऩन सबी कषट दय कय सकत ह औय उचचत पर बी परापत कय

सकत ह

गोषवॊदगोषवॊदगोषवॊद

परथभोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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दषवतीम अधमाम

शरी षवशवालभतर उवाच

भहातऩ सॊऩनन साात शरी षवशवालभतर जी न हभ ऩय कऩा की औय परवचन कयत हए कहा- ldquoह कलरमग वालसमो शरीरनवास क बकतो ldquoशरीफाराजी वरत कथाrdquo सजस आऩ सॊऩनन कय यह हो वह फहत ही ऩषवतर ह भहहभा स ऩणि ह मह वरत कलरमग भ शरी नायामण जी की करणा औय दमा परापत कयन का अतमॊत सयर साधन ह पराचीन कार भ शरी फाराजी क षपरम बकतो न इस सॊऩनन कय अऩनी काभनाओॊ को ऩणि ककमा इस वरत कथा क फाय भ हभ फताकय शरी फाराजी न हभाय पररत जो दमा हदखाई ह उसक लरए हभ उनह परणाभ कयत ह

पराचीन कार भ भगध याजम भ षवषणचचतत नाभक एक बकत यहता था उसकी नौ कनमाएॉ थी षवदवान होन ऩय बी वह अतमॊत गयीफ था षवषणचचतत की ऩतनी तायाभरत हभशा नायामणजी की पराथिना कयती यहती थी षववाहाहद शबकामि सॊऩनन कय जो बी ऩस दकषणा क रऩ भ लभरत थ उसस व भसशकर स अऩना जीवन रनवािह कय

यह थ कनमाएॉ मौवनावसथा भ ऩदाऩिण कय चकी थी तायाभरत हभशा इसी चच ॊता भ यहती थी कक इन कनमाओॊ का षववाह ककस परकाय सॊऩनन होग वह फाराजी की पराथिना कयत हए सदा अऩना सभम गजायती थी

वह तो फाराजी की बकत थी औय फाराजी अऩन बकतो स अतमाचधक परभ कयत ह उस हदन भाघ ऩरणिभा थी सवय

एक वदध बराहभण न षवषणचचतत क दयवाज ऩय दसतक दी औय कहा - ldquoह सवाभी भ फॊग दश का वासी हॉ एक मऻ

क लसरलसर भ दसय दश जा यहा हॉ यासत भ महाॉ आमा हॉ भझऩय दमा कयो औय अऩन घय भ एक हदन क लरए

यहन दो कर सवयही भ महॉ स चरा जाऊॉ गाrdquo उन की फात सनकय षवषणचचततन कहा lsquoनाथ इसस फढकय खशी औय कमा हो सकती ह अरतचथ साात नायामण जी क सभान होत ह ऐस हभाय ऩयाणो भ कहा गमा ह आऩ बफना ककसी सॊकोच क हभाय घय भ यह सकत हlsquo ऐसा कह कय उसन उस बराहभण को घय क अॊदय फरामा औय उनका सतकाय ककमा

दोऩहय भ बोजन क फाद उस वदध न तायाभरत स ऩछा ndash ldquoभाता कमा फात ह तभ कछ चच ॊरततसी रगती हो बफना ककसी सॊकोच क फात फताओrdquo तायाभरत न कहा ndash ldquoसवाभी आऩ तो भहातऩसवी ह आऩ क भख का तज उस वकॊ ठवासी क सभान ह आऩ स कमा छऩाना भयी चचॊता भयी कनमाओॊ का षववाह हrdquo उस ऩय वदध न कहा- ldquoभाता तमहाया दख भ जानता हॉ तमहाय सबी कषट दय हो औय तमहायी कनमाओॊ की शादी हो इसक लरम भ एक अदभत वरत फताता हॉ सनो इस वरत को सॊऩनन कयन स तमहाय साय कषट दय हो जामग शरी फाराजी क वरतो भ स मह सफस सयर हrdquo कहत हए उनहोन उस दॊऩरत को ऩया वरत षवधान फतामा वरत षवधान

सनकय षवषणचचतत न कहा- ldquoसवाभी मह तो अतमॊत सॊतोष की फात ह इसस फढकय सौबागम औय कमा होगा

कहत ह ना- शबसम शीिॊ आज भाघ ऩरणिभा ह फहत ही शब हदन ह आऩक कथा अनसाय हभ आज ही इस वरत

को सॊऩनन कयगrdquo षवषणचचततन ऩतनी तायाभरत औय सबी कनमाओॊ क साथ लभरकय उस हदन शाभ भ ही अऩन

फॊध-लभतरो क साथ बसकत औय रनषठा स फाराजी वरत को सॊऩनन ककमा वहाॉ उऩससथत सबी रोगो न वरत ऩया होन क

फाद चयणाभत परसाद गरहण ककमा औय अऩन-अऩन घय परसथान ककमा तफ षवषणचचतत औय तायाभरत न बराहभण

क चयणो को नभसकाय ककमा औय आशीवािद परापत ककमा बराहभणोततभ न बी चयणाभत परसाद गरहण ककमा औय

कहा- ldquoआऩकी भनोकाभना ऩयी हो शरी रकषभी शरी फाराजी की कऩा होrdquo

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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अॊधया हो चरा था औय रनिा सभम आसनन था षवषणचचतत न उस बराहभण को एक पटी चादय दत हए आॉखो भ आस लरम कहा- सवाभी भ अतमॊत दरयिी हॉ इसस अचछी चादय भय ऩास नही ह भझ भा कय आज की यात इसी ऩय षवशराभ कय बराहभण भसकयात हए फोर- कोई फात नही भ फाहय फयाभद भ सो जाता हॉ कछ सभम फाद ही सबी रनिारोक भ षवचयण कयन रग आधी यात का सभम था बफजरी की गडगडाहट क साथ फारयश शर हई चायो ओय अॊधया था कहीॊ कछ नही हदखाई

द यहा था षवषणचचतत इस चच ॊता भ था कक वदध बराहभण फाहय कस सो यह होग उस सभम कछ सझ बी नही यहा था ककसी तयह उनहोन यात गजायी सवया हआ फारयश बी थभ चकी थी ऩरत-ऩतनी मही सोच यह थ कक बराहभण की कमा दशा हई होगी ककतना सहा होगा उनहोन मही सोचत हए वो फाहय आए उनह एक अदभत दशम हदखाई हदमा वहाॉ षवपरोततभ नही थ पहट हई चादय की जगह यशभ का षऩताॊफय यखा हआ था उस षऩताॊफय ऩय शरी फाराजी क

भतॉ ndash हदखाई दी व सफ कछ सभझ गम उनकी खषी का कोई हठकाना नही यहा उनक घय आम बराहभण औय

कोई नही साात शरी नायामणजी ही थ ह फाराजी कमा बागम ह हभाया ऩय हभ उनको ऩहचान नही ऩाम हभन उनको पटी हई चादय दी मह सोचत हए उनहोन शरी फाराजी की भतॉ को हाथ भ रकय आॉखो स रगामा औय

घय क अॊदय आम ऩया घय सोन स बया हआ था जहाॉ दखो वहाॉ धन याशी ह बगवान शरी फाराजी की वरत कथा की भहहभा स ही मह सफ सॊबव हो सका ऐसा कहत हए व बगवान की सतरत कयन रग आऩन दख साात शरी फाराजी ही उस बकत क घय आम थ वरत षवधान फतामा औय चयणाभत परसाद बी गरहण

ककमा शरी फाराजी फहत ही करणाभम ह जो बी इस वरत को बसकत औय रनषठा स कयगा उसक घय सवमॊ बगवान

ककसी ना ककसी रऩ भ आमग आऩ सबी इस वरत को सॊऩनन कय बगवान की कऩा परापत कय सकत ह शरी भहषषि षवशवालभतर जी न मह दषवतीम कथा इस तयह फताई

शरी रकषभी शरीरनवास कटाॊ लसषदधयसत

गोषवॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

दषवतीमोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ततीम अधमाम

शरी वलशषठ उवाच मह अधमाम भहातऩोरनषठ वरयषठ शरीवलशषठ भरन न शरीनायामणजी की कऩा स हभ षवसताय रऩ स फतामा ह ह कलरमग वालसमो शरीफाराजी क षपरम बकतो वकणठ भ रनवास कयनवार शरीनायामणजी आज क रतरभरा भ ससथत शरीफाराजी ही ह कलरमग वालसमो क कषट दय कयन क लरम बगवान आऩक फहत सभीऩ रतरभरा ऩहाड ऩय अवतारयत हए ह शरी फाराजी को खश कयन क लरए मह वरत उततभ ह औय सयर बी ह इस वरत को जो बसकत औय रनषठा स सॊऩनन कयता ह उस सबी सख परापत हो जात ह पराचीन सभम भ अवॊती दश भ बागमनगय नाभक एक नगय था नाभ क ही अनरऩ वहाॉ अनक धनवान (वमाऩायी) यहत थ ऩय व अऩनी सॊऩसतत को दख घभॊड कयत थ औय आभ रोगो को हीन दषटी स दखत थ धन-दौरत उनकी सवासजित ह ऐसा सोचकय घभॊड कयत थ बगवान की रनतम ऩजा-ऩाठ तो उनहोन ऩहर ही छोड दी थी कभ स कभ षवशष हदनो भ बी व ना भॊहदय जात ना ऩजा कयत ना ही दीऩ जरात एक हदन सबी धनवान अऩनी-अऩनी ऩतनीमो क साथ परीरत बोज भ वमसत थ उस नगय की ऩवि हदशा भ ही शरी रकषभी नायामण जी का भॊहदय था जहाॉ दीऩ जरानवारा कोई नही था उस हदन षवशष एकादशी थी सजस एक ऩवि हदन बी भाना जाता ह ऩय उस नगय क एक बी धनवान क भन भ भॊहदय भ ऩजा कयन का षवचाय नही आमा शाभ होत-होत आकाश भ घन फादर छा गम औय भसराधाय फारयश होन रगी वमाऩारयमो क घय ऩानी स बय गम चायो ओय अॊधकाय ह अॊधकाय था सवय होन तक ऩया नगय ऩानी भ डफ गमा वमाऩारयमो क घय टट-पट गम उनका साया ऐशवमि सभापत हो गमा ऐसा उऩिव कमो भचा मह पररम कस हो गमा ककसी को कछ बी सभझ भ नही आ यहा था इतन भ उनह एक षवचचतर दशम हदखाई हदमा नगय क फाहय जो झोऩडडमाॉ थी व तो वसी की वसी थी उनको आशचमि हआ इतनी फारयश भ बी म कस सही सराभत यही व ऐसा भन ही भन सोच यह थ कक इतन भ बफजरी कडकी औय आकाशवाणी हई ldquoए भखो तमहायी सॊऩसतत तमहायी अऩनी ह सवासजित ह ऐसा सोचत थ इसी लरम ऐसा हआ ह इस झोऩडी भ यहनवारा दव भया षपरम बकत ह आभ आदभी होन ऩय बी दव रनतम तमहाय नगय भ ससथत शरी रकषभी नायामण

भॊहदय भ दीऩ जराता था इतना ही नही हय एकादशी क हदन मथा सॊबव वह शरी फाराजी वरत कथा बी सॊऩनन कयता था इसी लरम इन झोऩडीमो भ यहनवार सबी रोग सयकषत यह आऩ सबी महद वरत सॊऩनन कयग तो अऩन-अऩन

ऐशवमि को ऩन परापत कय सकत होrdquo आकाशवाणी सनत ही तयॊत व सबी रोग उस भॊहदय भ गम औय जस

सॊबव हो सका वस सबी रोगोन एक-दसय क सहमोग स शरी फाराजी की वरत कथा सॊऩनन की ऐसा कयत ही सबी को उनक घय ऩवि रऩ भ ही परापत हो गम तफ स व सबी शरीफाराजी क बकत फन गम औय हय एकादशी को शरीफाराजी का वरत सॊऩनन कयत औय सख-शाॊरत परापत कय यहन रग अॊत भ उनहोन भसकत बी परापत की

शरीवलशषठजी न इस परकाय म कथा सनाई

गोषव ॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

ततीमोधमाम सभापतॊ |

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ

शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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चतथव अधमाम

शरी बयदवाज उवाच

शरीनायामण जी को ldquoशरीफाराजी वरत कथाrdquo अतमॊत षपरम ह चतथि अधमाम क रऩ भ हभाय साभन शरी बयदवाज

भरनदवाया फतामी नमी कहानी इस परकाय ह- ldquoह कलरमगवालसमो शरी नायामण क षपरम बकतो आऩ सजस वरत को सॊऩनन कय यह ह वह अदभत ह आऩकी भनोकाभनाओॊ को ऩणि कयन का साधन ह शरी फाराजी को परसनन कयन का मह अतमॊत सयर उऩाम ह आऩ सबी ऩय कऩा कयन क लरम ही वकॊ ठवासी बगवान शरीरनवास क रऩ भ रतरभरा ऩहाड ऩय अवतरयत हए ह अनक जनभो क ऩणमपर स ही रतरभरा ऩहाड ऩय ऩय यखन का सौबागम परापत होता ह औय बगवान क दशिन बी सॊबव होत ह इसी तयह इस ldquoवरतकथाrdquo को सॊऩनन कयन का सॊकलऩ बी ऩविजनभ क

ऩणमपर स ही सॊबव होता ह जो वमसकत इस वरत को सॊऩनन कय यह ह मा जो इस कथा को सन यह ह मा जो बगवान क परसाद को गरहण कयत ह उनह बगवान की कऩा परापत होती ह औय व सौबागम बी ऩात ह

पराचीन कार भ ldquoनगयीrdquo नाभक एक गराभ भ धनगपत नाभ का वमाऩायी यहता था वह फहत ही रारची था ऐशवमि परापत कयन ऩय बी उसका रारचीऩन कभ नही हआ मह सभसत ऐशवमि उसका ही कभामा हआ ह ऐसा सोचकय वह फहत घभॊड कयता था अहॊकाय भनषम का नाश कयता ह

धनगपत की ऩतनी काॊरतभती अतमॊत बसकत बावना यखती थी औय रनषठा स बगवान की ऩजा कयती थी उनकी तीन कनमाएॉ थी तीसयी कनमा ldquoकभायीrdquo भ बसकत बावना जमादा थी वह हभशा फाराजी का नाभ ही जऩती यहती थी षऩताजी को बफना फताम वह जफ-तफ शरी फाराजी क भॊहदय भ जाती थी औय बगवान क दशिन कयती थी घय आकय षऩताजी को छोड अनम सबी क साथ परसाद सवीकाय कयती थी ऩती क ऐस वमवहाय स

काॊरतभती थोडी चच ॊरतत होती थी

एक हदन ldquoकभायीrdquo की सहरी क घय ऩय ldquoशरी फाराजीrdquo का वरत सॊऩनन हो यहा था मह जानकय वो वहाॉ गई वरत ऩया होन तक दोऩहय हो चकी थी थोडासा परसाद उसन गरहण ककमा औय थोडा वह अऩन घयवारो क लरम एक

कागज की ऩडी भ रकय चरी फीच यासत भ उस पमास रगन रगी धऩ बी फहत तज थी उसन सोचा थोडी दय रक

कय पमास फझाकय कपय चरॉ तो ठीक यहगा तबी उस माद आमा कक उसक षऩता की दकान अगरी गरी भ ही तो ह वहाॉ जाकय उसन षऩताजी को ऩजा की फात बफना फताम षऩताजी स ऩानी भाॉगकय षऩमा औय षऩताजी गससा कयग

इस डय स उसन जलदी-जलदी ऩानी षऩमा इस घफयाहट भ परसाद की ऩडी वही दकान भ बरकय चरी गई

एकाएक फाजाय भ हडकॊ ऩ भच गमा रोग हाहाकाय भचात हए इधय-उधय बागन रग आगजनी क कायण उस गरी की सायी दकान जर कय याख होन रगी वस बी दोऩहय का सभम थाउस ऩय गभि हवाएॉ चर यही थीधनगपत का शयीय डय क भाय काॉऩन रगा ldquoकछ ही सभम भ उसकी दकान बी जर कय याख हो जाएगीrdquo इस षवचाय स उस क हाथ-ऩय काॉऩन रग सबी रोग अऩनी-अऩनी दकानो स फाहय आकय इधय-उधय बागन रग ऩय

धनगपत वही खडा यह गमा दकान छोडकय जान का भन नही कय यहा था महद वो दकान भ यहगा तो जरकय

याख हो जामगासोचत हए उसन घफयाहट भ उसक हाथ रगी ऩडी को उठामा औय बफना सोच सभझ जो हाथ आमा वो भॉह भ डार हदमा उस कछ भीठा-भीठा सा ऩदाथि रगा औय भन बी शाॊत होन रगा

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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तबी एक अदभत घटना घटीआग धनगपत की दकान तक आकय रक गमी आग की रऩत वहाॉ नही आ ऩामी मह कसी षवचचतर फात हम कसी भामा ह धनगपत क भॉहस एक बी फात नही रनकर ऩामी उधय आगजनी की खफय सनत ही ऩतनी काॊरतभती अऩन कनमाओॊ क साथ फाराजी का सभयण कयत हए दौडती हई वहाॉ आ गमी आग उनक दकान तक आकय कस रक गमी मह दखकय उस आशचमि हआ तबी कभायी को दकान भ बरी हई ऩडी की माद आई धनगपत को सभझन भ दय नही रगी कक उसन जो चीज भॉह भ डारी थी वो औय कछ नही तो बगवान का परसाद ही था औय उसकी भहहभा स ही व इस दघिटना स चक गम धनगपत न शरीफाराजी स भा भाॉगी गार फजाम शाभ भ ही नगयवालसमो को फराकय ldquoशरीफाराजी की वरत कथाrdquo सॊऩनन की तफ स वह बगवान की सवा भ रीन हो गमा औय अॊत भ भो बी परापत की आऩन दखा कक कवर परसाद गरहण कयन स ही वो ककतनी फडी दघिटना स चक गमा फाराजी की भहहभा अदभत ह आऩ सबी बी मथा सॊबव वरत को सॊऩनन कय क बगवान की कऩा परापत कय सकत हldquo

शरीबयदवाजजी न इस परकाय मह चतथि कथा सनामी

गोषवॊदगोषवॊदगोषवॊद

चतथोधमाम सभापतॊ |

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ऩॊचभ अधमाम

शरी अतरतर उवाच

रतरभरा-रतरऩती बरोक का वकणठ धाभ ह ऩयाणो भ फतामा गमा ह कक रतरभरा क सभान ऩषवतर सथर औय शरी फाराजी जस दवता न तो ऩहर कबी हए ह औय न कबी होग शरीरनवास क रऩ भ अवतरयत शरी नायामण अऩन

बकतो स फहत परभ कयत ह जो उन ऩय अऩना ऩया बाय डारकय उनह रनतम सभयण कयत ह जो सदाचाय स ऩणि जीवन बफतात ह वो उनकी या कयत ह ऐस शरीफाराजी को परसनन कयन का सफस सयर उऩाम ह ndash ldquoशरीफाराजी की वरत कथाrdquo

इस अदभत वरत कथा क फाय भ भहातऩसॊऩनन शरी अबतर भहषषि न कऩा कयत हए कहा ह- ldquo ह फाराजी क षपरम

बकतो कलरमग भ आऩक सौबागम क फाय भ कमा कहना कतमग तरतामग औय दवाऩायमग भ अतमॊत कठोय तऩ-

जऩ कयन ऩय बी परसनन न होन वार शरी नायामण इस मग भ कवर नाभसभयण स ही आऩ रोगो ऩय कऩा कय यह

ह षवशवास क साथ उनह फरान ऩय व तयॊत कऩा परदान कयत ह ऐस करणाभम ह शरीफाराजी ऩषवतर रतरभरा ऩय

तमहाया यखा हय कदभ अनक जनभो क ऩणमपर क सभान ह

पराचीन कार भ ldquoकौभायrdquo दश भ ldquoलभतरrdquo नाभक धोफी यहता था वो अऩन काभ क साथ-साथ धालभिक कामि कयता हआ जीवन रनवािह कय यहा था उसकी अऩॊगता ही उसकी चच ॊता थी इसी कायण धोए हए कऩडो की ऩोटरी फनाकय घय-घय घभकय उनह रोगो तक ऩहॉचाना उस धीय धीय भसशकर रगन रगा उसका ऩरयवाय फडा था बफना भहनत ककए उस बय ऩट खान को बी नही लभरता था हभशा वो शरी फाराजी की ऩजा कयता यहता था कबी ना कबी बगवान उस ऩय कऩा कयग इसी षवशवास स वो अऩना जीवन गजाय यहा था बकतो ऩय कऩा कयन वार फाराजी सफ कछ दखत यहत ह जो वमसकत अऩन कभो स भकती ऩाता ह उनक ऩास आकय फाराजी ककसी न ककसी रऩ भ आकय उनकी या कयत ह एक हदन शाभ क सभम हभशा की तयह लभतर कऩड धोकय कऩडो की ऩोटरी राद धीय-धीय चरता हआ आ

यहा था फीच यासत भ उस एक वदध बराहभण हदखाई हदम गौयव की बावना स फड होन क कायण लभतर न अऩन कॊ ध

ऩय रदी हई ऩोटरी को नीच उतायकय वदध बराहभण को नभसकाय ककमा तफ उस षवपरोततभ न कहा- ldquoतभ अऩन इस ऩय क कायण ककतना कषट सह यह हो तमहाया दख दखा नही जाताrdquo तफ लभतर न कहा-ldquoह नाथ आऩ फजगि ह बयाऩया ऩरयवाय होन क कायण भझ इस काभ स भकती नही लभर यही ह ककसी तयह भयी म अऩॊगता दय हो ऐसा कोई उऩाम फताइएrdquo

तफ बराहभण न कहा-ldquoसनो बाई भ जरय फताऊॉ गा धमान स सनो भ एक ऐस वरत क फाय भ फताता हॉ सजस सॊऩनन कयन स तमहायी अऩॊगता दय हो जाएगी तमह अषट ऐशवमो की परासपत होगी वरत सॊऩनन कयत ही तमह हजाय अशकपि माॉ लभरगी ऩय एक शति ह उसभ स आध तभ भझ दोगकर भ कपय इसी सभम महाॉ लभरॉगाrdquo तफ लभतर न कहा- ldquoसवाभी इसस फढकय सौबागम औय कमा हो सकता ह आज ही इस

वरत क फाय भ फताइए भ उस सॊऩनन करॉ गाrdquo लभतर क उतसाह को दख वदध न शरी फाराजी वरत कथा क फाय भ फतामा

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लभतर दगन उतसाह क साथ घय आमा ऩयी कहानी ऩतनी को फतामी औय अडोस-ऩडोस क साथ लभरकय शरी फाराजी वरत को सॊऩनन ककमा चयणाभत परसाद गरहण ककमा घय आए सबी रोगो को बी हदमा तबी घय क फाहय कछ

कोराहर सनाई हदमा लभतर का फटा फाहय स दौडता हआ आमा औय फोरा- ldquoषऩताजी षऩताजी याज-यक आऩक लरम आए ह याजा न आऩक लरम बट बी बजी हrdquo इतन भ यक बी वहाॉ आ गम उनहोन फतामा कक उसकी रनमसकत याज दयफाय भ धोफी क रऩ भ हो गमी ह याजा न हजाय अशकपि माॉ ऩयसकाय सवरऩ बजी ह ऐसा कहकय उनहोन लभतर क हाथ भ हजाय अशकपिमो की ऩोटरी यख दी एक हफत क अॊदय-अॊदय

उस आकय नौकयी भ बतॉ होन को बी कहा लभतर क आनॊद की सीभा नही थी एक हफता कमो कर ही कमो नही सोचकय उसन अऩनी ऩोटरी-वोटरी फाॉधी औय दसय हदन सवय ही वो जान को तमाय हो गमा इस जलदफाजी भ वह

उस वदध की फात बर गमा फीच यासत भ उस उसकी फात माद आ गमी ऩय ठीक हअगर भहहन लभर रता हॉ सोच

कय वह याज दयफाय भ अऩन काभ ऩय रग गमा हदनभहहन फीत बराहभण क वश भ आए बगवान को गससा आमा बगवान न सोचा भनषम की परवसतत ऐसी ही होती ह उस भझ अऩनी भहहभा फतानी होगी

दसय ही हदन याणीवास स आबषण चोयी हो गम चोयी का इलजाभ लभतर ऩय आमा लभतर को कायावास की सजा हई hellipयाज यकोन उस तयह-तयह की मातनाएॉ दी ऐसा कमो हआउस ऩय मह इलजाभ कमो रगा सोचत हए लभतर को यात को सऩन भ बगवान हदखाई हदम उनहोन फतामा कक ldquoवदध बराहभण क रऩ भ व ही आम थ वो अऩनी फात स भकय गमा इसलरम म सफ हआ हrdquo तफ लभतर न कहा-ldquoह नाथभ ऩाऩी हॉ भन फहत फडा ऩाऩ ककमा ह कऩमा भझ ऩय दमा कीसजम अफ भ हय भहहन आऩका वरत सॊऩनन करॉ गा भयी आम का आधा बाग जीवन बय आऩको सभषऩित करॉ गाrdquo गार फजाकय उसन बगवान की हय तयह स पराथिना की बकतो की ऩकाय सननवार बगवान न खशी-खशी लभतर ऩय कऩा कय दी बगवान की कऩा स याणी क आबषण दसयही हदन लभर गम याजान म बी जान लरमा कक लभतरन चोयी नही की थी लभतरको कायावास स रयहा कय हदमा गमा तफ स लभतर बगवान को हदम वचन अनसाय हय भहहन शरी फाराजी का वरत सॊऩनन कयन रगा औय अऩनी आम का आधा बाग बगवान को अषऩित कयता यहा सख ऩणि जीवन बफतात हए उसन अॊत भ भो बी परापत ककमाrdquo

शरी अबतरजी न ऐसा कहकय ऩाॉचव औय आखयी अधमाम को सभापत ककमा

गोषवॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

ऩॊचभोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

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ॐ नायामण सभाचशरताम नभ ॐ दारयदरम धवॊलसनम नभ ॐ दवरकषभ नभ ॐ सवोऩिव रनवारयणम नभ ॐ नवदगािम नभ ॐ भहाकालम नभ ॐ बरहभा-षवषण-लशवासतभकाम नभ ॐ बतरकारऻानसमऩननाम नभ ॐ बवनशवम नभ ॐ भहारकषभी अषटोततय शत नभ

इरत शरी रकषभी अषटोततय शतनाभावलर

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शरी ऩदमावती अषटोततय शतनाभावलर

ॐ ऩदमावततम नभ ॐ दवम नभ ॐ ऩदमोदभवाम नभ ॐ करणापरदारमनम नभ ॐ सरदमाम नभ ॐ तजसवरषऩणम नभ ॐ कभरभखम नभ ॐ ऩदमधयाम नभ ॐ शरीम नभ ॐ ऩदमनतरम नभ ॐ ऩदमकयाम नभ ॐ सगणाम नभ ॐ कभकभषपरमाम नभ ॐ हभवणािम नभ ॐ चनिवसनदताम नभ ॐ धगधगपरकाश शयीय-धारयणम नभ ॐ षवषणषपरमाम नभ ॐ रनतमकलमाणम नभ ॐ कोहटसमिपरकालशणम नभ ॐ भहासौनदमिरषऩणम नभ ॐ बकतवतसराम नभ ॐ बरहभानडवालसनम नभ ॐ सविवानचापरदारमनम नभ ॐ धभिसनकलऩाम नभ ॐ दाकषणमकटाकषणम नभ ॐ बसकतपरदारमनम नभ ॐ गणतरमाषववसजिताम नभ ॐ कराषोडशसॊमताम नभ ॐ सविरोकानानजननम नभ ॐ भसकतदारमनम नभ ॐ दमाभतामाम नभ ॐ परऻाम नभ

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ॐ भहाधभािम नभ ॐ धभिरषऩणम नभ ॐ अरनकाय षपरमाम नभ ॐ सविदारयदरमधवॊलसनम नभ ॐ शरीवकटशवसथरससथताम नभ ॐ रोकशोकषवनालशनम नभ ॐ वषणवम नभ ॐ रतरचानरऩयवालसनम नभ ॐ वदवदमषवशायदाम नभ ॐ षवषणऩादसषवताम नभ ॐ यतनपरकाशककयीटधारयणम नभ ॐ जगनभोहहनम नभ ॐ शसकतसवरषऩणम नभ ॐ परसननोदमाम नभ ॐ इनिाहददवत मककननय ककमऩरष ऩसजताम नभ ॐ सविरोकरनवालसनम नभ ॐ बजमाम नभ ॐ ऐशवमिपरदारमनम नभ ॐ शानताम नभ ॐ उननतसथानससथताम नभ ॐ भनदायकालभनम नभ ॐ कभराकयाम नभ ॐ वदानतऻानरषऩणम नभ ॐ सविसमऩसततरषऩणम नभ ॐ कोहटसमिसभपरबाम नभ ॐ ऩजापरदारमनम नभ ॐ कभरासनाहद सविदवताम नभ ॐ वकनठवालसनम नभ ॐ अबमदारमनम नभ ॐ िाापरऩामसषपरमाम नभ ॐ नतमगीतषपरमाम नभ ॐ ीयसागयोदभवाम नभ ॐ आकाशयाज ऩबतरकाम नभ

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ॐ सवणिहसतधारयणम नभ ॐ काभरषऩणम नभ ॐ करणाकटाधारयणम नभ ॐ अभतासजाम नभ ॐ बरोकसवगिसखदारमनम नभ ॐ अषटहदकऩारकाचधऩतम नभ ॐ भनभधदऩि सॊहारयणम नभ ॐ कभराथिबागाम नभ ॐ सवलऩऩयाध-भहाऩयाध-भाम नभ ॐ शतकोहटतीथिवालसताम नभ ॐ नायदाहद भरनशरषठ ऩसजताम नभ ॐ आहदशनकयऩसजताम नभ ॐ परीरतदारमनम नभ ॐ सौबागमपरदारमनम नभ ॐ भहाकीतॉ परदारमनम नभ ॐ कषणारतषपरमाम नभ ॐ गनधवि शाऩषवभोचकाम नभ ॐ कषणऩतनम नभ ॐ बतररोकऩसजताम नभ ॐ जगनभोहहनम नभ ॐ सरबाम नभ ॐ सशीराम नभ ॐ अॊजनासतानगरहपरदारमनम नभ ॐ बकतमातभरनवालसनम नभ ॐ सॊधमावसनदनम नभ ॐ सविरोकभातर नभ ॐ अलबभतदारमनम नभ ॐ रलरतावधतम नभ ॐ सभसतशासतर षवशायदाम नभ ॐ सवणािबयणधारयणम नभ ॐ इहऩयरोक सखपरदारमनम नभ ॐ कयवीयरनवालसनम नभ ॐ नागरोकभरणसह आकाशलसनध कभरशवय ऩरयतयधगभनाम नभ

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ॐ शरी शरीरनवासषपरमाम नभ ॐ चनिभनडरससथताम नभ ॐ अलरवर भनगाम नभ ॐ हदवमभनगर धारयणम नभ ॐ सकलमाणऩीठससथताम नभ ॐ काभकवनऩषऩषपरमाम नभ ॐ कोहट भनभधरषऩणम नभ ॐ बानभनडररषऩणम नभ ॐ ऩदमऩादाम नभ ॐ यभाम नभ ॐ सविरोकसबानतय धारयणम नभ ॐ सविभानसवालसनम नभ ॐ सवािम नभ ॐ षवशवरऩाम नभ ॐ हदवमऻानाम नभ ॐ सवभनगररषऩणम नभ ॐ सवािनगरहपरदारमनम नभ ॐ ॐकायसवरषऩणम नभ ॐ बरहभऻानसॊबताम नभ ॐ शरी ऩदमावतम नभ ॐ सदमोवदवतम नभ ॐ शरीभहारकषमम नभ

इरत शरी ऩदमावती अषटोततय शतनाभावलर

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धऩभ दशाॊगभ गगगरोऩतॊ गोघतन सभसनवतभ धऩॊ गहाण दवश सविरोक नभसकाया

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - धऩभािाऩमालभ

(सवाभीजी क भतॉ की अगयफतती औय धऩ स आयती कय)

दीऩभ

बतररोकश भहादव सविऻान परदामक दीऩॊ दासमालभ दवश यभाभ बकतवतसर

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - दीऩॊ दशिमालभ

(सवाभीजी क भतॉ की दीऩ स आयती कय )

नवदमभ

सविबशच बोजजशच यस षडलब सभसनवतॊ नवदमनत भमानीतभ गहाण ऩरषोततभ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - नवदमॊ सभऩिमालभ

(सवाभीजी को परसाद चढाम अगय करा ह तो ldquoकदरीपर रनवदमालभrdquo नारयमर ह तो ldquoनारयकर परॊ रनवदमालभrdquo ऐस कह अगय गड ह तो ldquoगडोऩहाय नवदमभ सभऩिमालभrdquo कह)

ॐ पराणाम सवाहा ॐ आऩानाम सवाहा ॐ वमानाम सवाहा ॐ उदनाम सवाहा ॐ सभानाम सवाहा ॐ ऩयबरहभण सवाहा ॐ बबिव सव ततसषवतय-वयणमभ बगो दवसम धीभहह चधमो मो न परचोदमात ॐ आऩो जमोरतयसोभतॊ बरहभ बबिव सवयोभ भधम भधम ऩानीमभ सभऩिमालभ

अभताषऩधानभलस उततयाऩोशनभ सभऩिमालभ हसतौ परारमालभ ऩादौ परारमालभ ऩनयाचभनीमभ सभऩिमालभ

तामफरभ ऩगीपर सकऩिय नागवलरीदरमितॊ भकताचणि सभामकतॊ तामफरॊ पररतगहमताॊ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - तामफरभ सभऩिमालभ

नीयाजनभ चशरम कानताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरीवकटरनवासाम शरीरनवासाम भनगरभ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ नीयाजनभ दशिमालभ

ऩनयाचभनीमभ सभऩिमालभ

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भॊतरऩषऩभ

ॐ सहसतरशीषिभ दवॊ षवशवाॊ षवशवशॊबवॊ षवशवॊ नायामणनदवभ अयॊ ऩयभॊ ऩदॊ १

षवशवत ऩयभासननतमॊ षवशवॊ नायामणॊ हरयॊ षवशवभवदॊ ऩरषसतदषवशवॊ उऩजीवरत २

ऩरतॊ षवशवसमातभशवयॊ शाशवतॊ लशवभचमतॊ नायामणॊ भहाऻमॊ षवशवतभानॊ ऩयामणॊ ३

नायामण ऩयोजमोरत आतभा नायामण ऩय नायामण ऩयभ बरहभ ततवभ नायामण ऩय नायामण ऩयो धमाता धमानभ नायामण ऩय ४

मचच ककसनचत जगतसव दशमत शरमतषऩ वा अनतफिहहशचततसविभ वमापमा नायामण ससथत ५

अननतभ अवममभ कषवॊ सभिनतभ षवशवशमबवभ ऩदमकोश परतीकाशभ रदमभ चापमधोभखभ ६

अधोरनषमा षवतसतमानत नाभमाभऩरय रतषठरत जवाराभाराकरॊबारत षवशवसमामातनभ भहत ७

सनततॊ लशरालबसत रॊफतमाकोशससननबभ तसमानत सलशयभ सकषभभ तससभन सविभ पररतसषठतभ ८

तसमभधम भहान असगन षवशवायचचषविशवतो भख सोगरबसगवबजन रतषठाननाहाय भजय कषव

रतमिगधवाि भधशशामीयशभमा सतसम सनतता ९

सॊताऩमरत सवॊ दह भाऩादतरभसतक तसम भधम वसनह लशखा अणीमोधवाि वमवससथत १०

नीरथो मदभधमसता षवदमलरखव बासवया नीवायशकवततनवी ऩीताबा सवतमनऩभा ११

तसमा लशखामा भधम ऩयभातभा वमवससथत स बरहभ स लशव स हरय स इनि सोय ऩयभासवयात १२

ॐ तद बरहभ ॐ तद वाम ॐ तदातभा ॐ ततसतमभ ॐ ततसविभ ॐ ततऩयोनिभ अनतशचयरत बतष गहामाभ षवशवभरत िष तवभ मऻसतवभ वषकायसतवभ इनिसतवभ रिसतवभ

षवषणसतवभ बरहभतवभ परजाऩरत तवभ तदाऩ आऩो जमोरत यसोवतभ बरहभ बबिवससवयोभ १३

गदा ऩन शॊखयथानगकलऩक धवजायषवॊदाॊकश वजररासशचत ह शरीरनवास तवत चयणामफज दवमॊ भदीम भधािन भरज ॐ रनयॊजनाम षवदमह रनयाबासाम धीभहह तननो शरीरनवास परचोदमात शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हदवमभनतरऩषऩॊ सभऩिमालभ

परदकषण नभसकाय

शरोकॊ मारनकारन च ऩाऩारन जनभानतय कतारन च तारन तारन परणशमसनत परदकषण ऩद ऩद ऩाऩोहभ ऩाऩकभािहभ ऩाऩातभा ऩाऩसॊबव तराहहभाभ कऩभमा दव शयणगतवतसर अनमधा शयणॊ नाससत तवभव शयणॊ भभ तसभात कारणम बावन य य जनादिन

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - आतभपरदकषण नभसकायान सभऩिमालभ

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षवषवधोऩचाय ऩजा छतरॊ धायमालभ चाभयॊ वीजमालभ नतमॊ दशिमालभ गीतॊ शरावमालभ वादमॊ घोषमालभ आॊदोलरकान आयोहमालभ आशवानायोहमालभ गजानायोहमालभ सभसत यजोऩचाय शकतमऩचाय

मनतरोऩचाय दवोऩचाय सवोऩचाय ऩजाॊ सभऩिमालभ

भाऩवणभ भनतरहीनॊ ककरमाहीनॊ बसकतहीनॊ जनादिन मतऩसजतभ भमा दव ऩरयऩणिभ तदसतत

अनमा धमानावाहनाहद षोडशोऩचाय ऩजमा च बगवन सवाितभक शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरी वकटशवय सवरऩो बगवान सपरीत सपरसननो वयदो बवत शरी वकटशवय दव परसादॊ लशयसा गहणालभ

तीथवभ

अकार भतमहयणॊ सविवमाचध रनवायणभ सवि ऩाऩमकयॊ दव ऩादोदकॊ ऩावनॊ शबॊ

नवदमभ

ॐ बबिवससव ॐ ततसषवतवियणमभ बगो दवसम धीभहह चधमो मो न परचोदमात सतमॊ तवतन ऩरयषषॊचालभ अभतभसत अभतोऩसतयणभलस ॐ पराणाम सवा ॐ अऩानाम सवा ॐ वमानाम सवा ॐ उदानाम सवाह ॐ सभानाम सवा ॐ बरहभण सवा

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - भहानवदमभ सभऩिमालभ

अभताषऩधानभलस उततयाऩोशनभ सभऩिमालभ हसतौ परारमालभ ऩादौ परारमालभ शदध आचभनीमॊ सभऩिमालभ

तामफरॊ सभऩिमालभ सवणिभनतरऩषऩॊ सभऩिमालभ परदकषण नभसकायन सभऩिमालभ

अनमाधमानावाहनाहद षोडषोऩचाय ऩजमा बगवान सवाितभक शरी रकषभी ऩदमावती सभत वकटशवय सवाभी सपरीत सपरसननो वयदो बवत शरी रकषभी ऩदमावती सभत वकटशवय सवाभी परसादॊ लशयसा गहणालभ

उदवासनभ मऻन मऻभमजनत दवासतारन धभािरण परथभानमासन

तहनाकॊ भहहभानससचनत मतर ऩव साधमा ससनत दवा

गचछ गचछ सयशरषठ सवसथान शरी वकटशवय बकताबीषट सभधमथिभ ऩनयागभनाम च

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरी वकटशवय सवाभी मथासथानॊ उदवासमालभ

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परथभ अधमाम

शरी बगवान उवाच

कलरमग भ एक हदन शब भहति भ रतरभरा ऩहाड ऩय (सजस धयती का वकॊ ठ कहा जाता ह ) ldquoषवशवऩरत नाभक एक बकत ऩय शरी फाराजी की कऩा हई शरी षवषण क अवताय शरी फाराजी (वकटशवय) जो महाॉ शरीरनवास क रऩ भ ऩज जात ह उनहोन षवशवऩरत को ldquoशरी फाराजी वरत कथाrdquo नाभ स परलसधद इस गरॊथ की यचना कयन की आऻा दी औय कहा- ldquoह भय षपरम बकत षवशवऩरत भय षपरम होन क कायण इस वरत को षवसताय रऩ स तमह फाता हॉ सनो म

वरत भझ अरत षपरम ह आसान होन क कायण इस सबी रोग सॊऩनन कय सकत ह

कलरमग भ भानव अऩन ऩाऩ कभो का पर बोगता ह अनक कषट सहत हए जीवन रनवािह कयता ह कछ बकत

अऩन दख भझ फताकय उनह दय कयन क लरम कहत ह फहत स ऩस खचि कय वो भझ दखन क लरम रतरभरा की मातरा कयत ह भय बकतो स भझ परभ ह व भझऩय अऩना ऩया बाय डार दत ह भ उनह धभि क भागिऩय चराता हॉ

अबी भ जो मह वरत कथा तमह फतान जा यहा हॉ वो ldquoशरी फाराजी की कथाrdquo क नाभ स परलसदध होगा म भया वरत भझ अरतषपरम ह जो वमसकत इस बसकत औय रनषठा स कयगा वह तयॊत ऩाय ऩामगा कोई बी वमसकत कबी बी इस वरत को सॊऩनन कय सकता ह भखम रऩ स भागिशीषि भाघ कारत िक भहहनो भ ऩणिभासी ऩॊचभी सपतभी एकादशी रतचथमो ऩय मा शरवण सवारत नतरो ऩय इस कयना शरषठ होता ह

इस घोय कलरमग भ भय बकत जो कषट सह यह ह उनह भ जानता हॉ तमह जफ बी कोई कषट हो कोई सभसमा हो सवासम ठीक ना हो नौकयी वमाऩाय भ सभसमाएॉ हो भन अशाॊत हो तो इस वरत को सॊऩनन कयना चाहहम इसस

साय कषट दय हो जात ह घय भ शब कामि होन ऩय इस वरत को सॊऩनन कयन स बफना ककसी सभसमा क कामि ऩणि हो जाता ह इस वरत को सॊऩनन कयत ही सबी सख परापत होत ह औय अषट ऐशवमो की परासपत होती ह

सफय मा शाभ इस वरत को सॊऩनन कय सकत ह इस वरत भ ऩाॉच अधमाम ह इनका ऩठन बसकत क साथ कयना चाहहम अऩन घय भ मा रनवास सथान ऩय भॊहदय भ मा ककसी बी ऩषवतर सथान भ नदी तट ऩय सॊऩनन कय सकत ह

महद सॊबव हो तो अऩन फॊध लभतरो क साथ इस सॊऩनन कयन स जमादा शरषठ होता ह जो इस सॊऩनन कयत ह मा जो इस सनत ह वरत सॊऩणि होन क फाद परसाद को बसकत स सवीकाय कयत ह वो अषट ऐशवमो को परापत कयत ह इसस

ऩहर बी भय बकतो न कई भरनमो न इस वरत को सॊऩनन ककमा औय भया आशीवािद ऩामा बरोक भ यहनवार सबी को मह वरत आनॊद परदान कयगा औय शब पर बी परापत होगा शाॊत चचतत स भझ माद कयत हए इस वरत का ऩारन

कयो

सवि परथभ जहाॉ वरत कयना चाहत हो उस सथर को साप कयो भॊडऩ की वमवसथा कय भयी तसवीय सजसभ भयी षपरम

सरखमाॉ शरी दवी बदवी ह उस तसवीय को इस भॊडऩ ऩय सथाषऩत कयो भॊडऩ को दीवाय स रगाकय बी यख सकत हो अनम ककसी इचछक दवता की तसवीय बी सख सकत हो नवगरहो औय अषट हदकऩारको को मा तो भन भ नभसकाय

कयो मा उनका आवहान बी कय सकत हो

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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सफस ऩहर हलदी स फनी गणश की ऩजा कयनी चाहहम उसक फाद उस वरत क ऩाॉचो अधमामो का रनषठा स ऩठन

कयना चाहहम मही परथभ अधमाम ह अनम चाय अधमाम भय अतमॊत षपरम ऩातर षवशवालभतर वलशषठ बयदवाज अबतर

भरनशवयो क परवचना रऩ भ ह ऩाॉच अधमामोको ऩढन क फाद भय षपरम शरोक बी ऩढ सकत हो हय अधमाम क अॊत

भ गोषव ॊद गोषव ॊद गोषव ॊद तीन फाय सभयण कयना चाहहम

आभ रोगो क कषटो को भ जानता हॉ इसी लरम भयी एक फात सनो महद ककसी कायण इस वरत को षवसताय रऩ स

सॊऩनन कयन भ कोई सभसमा आ यही हो तो भय तसवीय को साभन यख कय ऩहर गणश जी की कपय नवगरह दवताओॊ औय अषटहदकऩारको को सभयण कय ऩाॉच कहरनमाॉ ऩढकय अऩन भन भ जो इचछा ह उस भझ फताओ भ उस

परसाद क रऩ भ परदान करॉगा इस परकाय कयन स बी कामि की लसषदध होती ह तमहाय कषट दय हो जामग औय शब

पर परापत होगा

जो वमसकत इस वरत को बसकत स सॊऩनन कयगा भ उसक घय ककसी ना ककसी रऩ भ आकय परसाद सवीकाय करॉगा भयी कऩा आऩ सबी को हभशा परापत होगी शरी फाराजी न रतमभयाज षवशवऩरत याभकषणभरत ि ldquoषवशवऩरतrdquo को इस वरत कथा को षवसताय स फतामा कलरमगवासी हभ सबी इस वरत को सॊऩनन कय शरी फाराजी की कऩा क ऩातर फन सकत ह इस वरत को सॊऩनन कय हभ अऩन सबी कषट दय कय सकत ह औय उचचत पर बी परापत कय

सकत ह

गोषवॊदगोषवॊदगोषवॊद

परथभोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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दषवतीम अधमाम

शरी षवशवालभतर उवाच

भहातऩ सॊऩनन साात शरी षवशवालभतर जी न हभ ऩय कऩा की औय परवचन कयत हए कहा- ldquoह कलरमग वालसमो शरीरनवास क बकतो ldquoशरीफाराजी वरत कथाrdquo सजस आऩ सॊऩनन कय यह हो वह फहत ही ऩषवतर ह भहहभा स ऩणि ह मह वरत कलरमग भ शरी नायामण जी की करणा औय दमा परापत कयन का अतमॊत सयर साधन ह पराचीन कार भ शरी फाराजी क षपरम बकतो न इस सॊऩनन कय अऩनी काभनाओॊ को ऩणि ककमा इस वरत कथा क फाय भ हभ फताकय शरी फाराजी न हभाय पररत जो दमा हदखाई ह उसक लरए हभ उनह परणाभ कयत ह

पराचीन कार भ भगध याजम भ षवषणचचतत नाभक एक बकत यहता था उसकी नौ कनमाएॉ थी षवदवान होन ऩय बी वह अतमॊत गयीफ था षवषणचचतत की ऩतनी तायाभरत हभशा नायामणजी की पराथिना कयती यहती थी षववाहाहद शबकामि सॊऩनन कय जो बी ऩस दकषणा क रऩ भ लभरत थ उसस व भसशकर स अऩना जीवन रनवािह कय

यह थ कनमाएॉ मौवनावसथा भ ऩदाऩिण कय चकी थी तायाभरत हभशा इसी चच ॊता भ यहती थी कक इन कनमाओॊ का षववाह ककस परकाय सॊऩनन होग वह फाराजी की पराथिना कयत हए सदा अऩना सभम गजायती थी

वह तो फाराजी की बकत थी औय फाराजी अऩन बकतो स अतमाचधक परभ कयत ह उस हदन भाघ ऩरणिभा थी सवय

एक वदध बराहभण न षवषणचचतत क दयवाज ऩय दसतक दी औय कहा - ldquoह सवाभी भ फॊग दश का वासी हॉ एक मऻ

क लसरलसर भ दसय दश जा यहा हॉ यासत भ महाॉ आमा हॉ भझऩय दमा कयो औय अऩन घय भ एक हदन क लरए

यहन दो कर सवयही भ महॉ स चरा जाऊॉ गाrdquo उन की फात सनकय षवषणचचततन कहा lsquoनाथ इसस फढकय खशी औय कमा हो सकती ह अरतचथ साात नायामण जी क सभान होत ह ऐस हभाय ऩयाणो भ कहा गमा ह आऩ बफना ककसी सॊकोच क हभाय घय भ यह सकत हlsquo ऐसा कह कय उसन उस बराहभण को घय क अॊदय फरामा औय उनका सतकाय ककमा

दोऩहय भ बोजन क फाद उस वदध न तायाभरत स ऩछा ndash ldquoभाता कमा फात ह तभ कछ चच ॊरततसी रगती हो बफना ककसी सॊकोच क फात फताओrdquo तायाभरत न कहा ndash ldquoसवाभी आऩ तो भहातऩसवी ह आऩ क भख का तज उस वकॊ ठवासी क सभान ह आऩ स कमा छऩाना भयी चचॊता भयी कनमाओॊ का षववाह हrdquo उस ऩय वदध न कहा- ldquoभाता तमहाया दख भ जानता हॉ तमहाय सबी कषट दय हो औय तमहायी कनमाओॊ की शादी हो इसक लरम भ एक अदभत वरत फताता हॉ सनो इस वरत को सॊऩनन कयन स तमहाय साय कषट दय हो जामग शरी फाराजी क वरतो भ स मह सफस सयर हrdquo कहत हए उनहोन उस दॊऩरत को ऩया वरत षवधान फतामा वरत षवधान

सनकय षवषणचचतत न कहा- ldquoसवाभी मह तो अतमॊत सॊतोष की फात ह इसस फढकय सौबागम औय कमा होगा

कहत ह ना- शबसम शीिॊ आज भाघ ऩरणिभा ह फहत ही शब हदन ह आऩक कथा अनसाय हभ आज ही इस वरत

को सॊऩनन कयगrdquo षवषणचचततन ऩतनी तायाभरत औय सबी कनमाओॊ क साथ लभरकय उस हदन शाभ भ ही अऩन

फॊध-लभतरो क साथ बसकत औय रनषठा स फाराजी वरत को सॊऩनन ककमा वहाॉ उऩससथत सबी रोगो न वरत ऩया होन क

फाद चयणाभत परसाद गरहण ककमा औय अऩन-अऩन घय परसथान ककमा तफ षवषणचचतत औय तायाभरत न बराहभण

क चयणो को नभसकाय ककमा औय आशीवािद परापत ककमा बराहभणोततभ न बी चयणाभत परसाद गरहण ककमा औय

कहा- ldquoआऩकी भनोकाभना ऩयी हो शरी रकषभी शरी फाराजी की कऩा होrdquo

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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अॊधया हो चरा था औय रनिा सभम आसनन था षवषणचचतत न उस बराहभण को एक पटी चादय दत हए आॉखो भ आस लरम कहा- सवाभी भ अतमॊत दरयिी हॉ इसस अचछी चादय भय ऩास नही ह भझ भा कय आज की यात इसी ऩय षवशराभ कय बराहभण भसकयात हए फोर- कोई फात नही भ फाहय फयाभद भ सो जाता हॉ कछ सभम फाद ही सबी रनिारोक भ षवचयण कयन रग आधी यात का सभम था बफजरी की गडगडाहट क साथ फारयश शर हई चायो ओय अॊधया था कहीॊ कछ नही हदखाई

द यहा था षवषणचचतत इस चच ॊता भ था कक वदध बराहभण फाहय कस सो यह होग उस सभम कछ सझ बी नही यहा था ककसी तयह उनहोन यात गजायी सवया हआ फारयश बी थभ चकी थी ऩरत-ऩतनी मही सोच यह थ कक बराहभण की कमा दशा हई होगी ककतना सहा होगा उनहोन मही सोचत हए वो फाहय आए उनह एक अदभत दशम हदखाई हदमा वहाॉ षवपरोततभ नही थ पहट हई चादय की जगह यशभ का षऩताॊफय यखा हआ था उस षऩताॊफय ऩय शरी फाराजी क

भतॉ ndash हदखाई दी व सफ कछ सभझ गम उनकी खषी का कोई हठकाना नही यहा उनक घय आम बराहभण औय

कोई नही साात शरी नायामणजी ही थ ह फाराजी कमा बागम ह हभाया ऩय हभ उनको ऩहचान नही ऩाम हभन उनको पटी हई चादय दी मह सोचत हए उनहोन शरी फाराजी की भतॉ को हाथ भ रकय आॉखो स रगामा औय

घय क अॊदय आम ऩया घय सोन स बया हआ था जहाॉ दखो वहाॉ धन याशी ह बगवान शरी फाराजी की वरत कथा की भहहभा स ही मह सफ सॊबव हो सका ऐसा कहत हए व बगवान की सतरत कयन रग आऩन दख साात शरी फाराजी ही उस बकत क घय आम थ वरत षवधान फतामा औय चयणाभत परसाद बी गरहण

ककमा शरी फाराजी फहत ही करणाभम ह जो बी इस वरत को बसकत औय रनषठा स कयगा उसक घय सवमॊ बगवान

ककसी ना ककसी रऩ भ आमग आऩ सबी इस वरत को सॊऩनन कय बगवान की कऩा परापत कय सकत ह शरी भहषषि षवशवालभतर जी न मह दषवतीम कथा इस तयह फताई

शरी रकषभी शरीरनवास कटाॊ लसषदधयसत

गोषवॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

दषवतीमोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

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ततीम अधमाम

शरी वलशषठ उवाच मह अधमाम भहातऩोरनषठ वरयषठ शरीवलशषठ भरन न शरीनायामणजी की कऩा स हभ षवसताय रऩ स फतामा ह ह कलरमग वालसमो शरीफाराजी क षपरम बकतो वकणठ भ रनवास कयनवार शरीनायामणजी आज क रतरभरा भ ससथत शरीफाराजी ही ह कलरमग वालसमो क कषट दय कयन क लरम बगवान आऩक फहत सभीऩ रतरभरा ऩहाड ऩय अवतारयत हए ह शरी फाराजी को खश कयन क लरए मह वरत उततभ ह औय सयर बी ह इस वरत को जो बसकत औय रनषठा स सॊऩनन कयता ह उस सबी सख परापत हो जात ह पराचीन सभम भ अवॊती दश भ बागमनगय नाभक एक नगय था नाभ क ही अनरऩ वहाॉ अनक धनवान (वमाऩायी) यहत थ ऩय व अऩनी सॊऩसतत को दख घभॊड कयत थ औय आभ रोगो को हीन दषटी स दखत थ धन-दौरत उनकी सवासजित ह ऐसा सोचकय घभॊड कयत थ बगवान की रनतम ऩजा-ऩाठ तो उनहोन ऩहर ही छोड दी थी कभ स कभ षवशष हदनो भ बी व ना भॊहदय जात ना ऩजा कयत ना ही दीऩ जरात एक हदन सबी धनवान अऩनी-अऩनी ऩतनीमो क साथ परीरत बोज भ वमसत थ उस नगय की ऩवि हदशा भ ही शरी रकषभी नायामण जी का भॊहदय था जहाॉ दीऩ जरानवारा कोई नही था उस हदन षवशष एकादशी थी सजस एक ऩवि हदन बी भाना जाता ह ऩय उस नगय क एक बी धनवान क भन भ भॊहदय भ ऩजा कयन का षवचाय नही आमा शाभ होत-होत आकाश भ घन फादर छा गम औय भसराधाय फारयश होन रगी वमाऩारयमो क घय ऩानी स बय गम चायो ओय अॊधकाय ह अॊधकाय था सवय होन तक ऩया नगय ऩानी भ डफ गमा वमाऩारयमो क घय टट-पट गम उनका साया ऐशवमि सभापत हो गमा ऐसा उऩिव कमो भचा मह पररम कस हो गमा ककसी को कछ बी सभझ भ नही आ यहा था इतन भ उनह एक षवचचतर दशम हदखाई हदमा नगय क फाहय जो झोऩडडमाॉ थी व तो वसी की वसी थी उनको आशचमि हआ इतनी फारयश भ बी म कस सही सराभत यही व ऐसा भन ही भन सोच यह थ कक इतन भ बफजरी कडकी औय आकाशवाणी हई ldquoए भखो तमहायी सॊऩसतत तमहायी अऩनी ह सवासजित ह ऐसा सोचत थ इसी लरम ऐसा हआ ह इस झोऩडी भ यहनवारा दव भया षपरम बकत ह आभ आदभी होन ऩय बी दव रनतम तमहाय नगय भ ससथत शरी रकषभी नायामण

भॊहदय भ दीऩ जराता था इतना ही नही हय एकादशी क हदन मथा सॊबव वह शरी फाराजी वरत कथा बी सॊऩनन कयता था इसी लरम इन झोऩडीमो भ यहनवार सबी रोग सयकषत यह आऩ सबी महद वरत सॊऩनन कयग तो अऩन-अऩन

ऐशवमि को ऩन परापत कय सकत होrdquo आकाशवाणी सनत ही तयॊत व सबी रोग उस भॊहदय भ गम औय जस

सॊबव हो सका वस सबी रोगोन एक-दसय क सहमोग स शरी फाराजी की वरत कथा सॊऩनन की ऐसा कयत ही सबी को उनक घय ऩवि रऩ भ ही परापत हो गम तफ स व सबी शरीफाराजी क बकत फन गम औय हय एकादशी को शरीफाराजी का वरत सॊऩनन कयत औय सख-शाॊरत परापत कय यहन रग अॊत भ उनहोन भसकत बी परापत की

शरीवलशषठजी न इस परकाय म कथा सनाई

गोषव ॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

ततीमोधमाम सभापतॊ |

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ

शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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चतथव अधमाम

शरी बयदवाज उवाच

शरीनायामण जी को ldquoशरीफाराजी वरत कथाrdquo अतमॊत षपरम ह चतथि अधमाम क रऩ भ हभाय साभन शरी बयदवाज

भरनदवाया फतामी नमी कहानी इस परकाय ह- ldquoह कलरमगवालसमो शरी नायामण क षपरम बकतो आऩ सजस वरत को सॊऩनन कय यह ह वह अदभत ह आऩकी भनोकाभनाओॊ को ऩणि कयन का साधन ह शरी फाराजी को परसनन कयन का मह अतमॊत सयर उऩाम ह आऩ सबी ऩय कऩा कयन क लरम ही वकॊ ठवासी बगवान शरीरनवास क रऩ भ रतरभरा ऩहाड ऩय अवतरयत हए ह अनक जनभो क ऩणमपर स ही रतरभरा ऩहाड ऩय ऩय यखन का सौबागम परापत होता ह औय बगवान क दशिन बी सॊबव होत ह इसी तयह इस ldquoवरतकथाrdquo को सॊऩनन कयन का सॊकलऩ बी ऩविजनभ क

ऩणमपर स ही सॊबव होता ह जो वमसकत इस वरत को सॊऩनन कय यह ह मा जो इस कथा को सन यह ह मा जो बगवान क परसाद को गरहण कयत ह उनह बगवान की कऩा परापत होती ह औय व सौबागम बी ऩात ह

पराचीन कार भ ldquoनगयीrdquo नाभक एक गराभ भ धनगपत नाभ का वमाऩायी यहता था वह फहत ही रारची था ऐशवमि परापत कयन ऩय बी उसका रारचीऩन कभ नही हआ मह सभसत ऐशवमि उसका ही कभामा हआ ह ऐसा सोचकय वह फहत घभॊड कयता था अहॊकाय भनषम का नाश कयता ह

धनगपत की ऩतनी काॊरतभती अतमॊत बसकत बावना यखती थी औय रनषठा स बगवान की ऩजा कयती थी उनकी तीन कनमाएॉ थी तीसयी कनमा ldquoकभायीrdquo भ बसकत बावना जमादा थी वह हभशा फाराजी का नाभ ही जऩती यहती थी षऩताजी को बफना फताम वह जफ-तफ शरी फाराजी क भॊहदय भ जाती थी औय बगवान क दशिन कयती थी घय आकय षऩताजी को छोड अनम सबी क साथ परसाद सवीकाय कयती थी ऩती क ऐस वमवहाय स

काॊरतभती थोडी चच ॊरतत होती थी

एक हदन ldquoकभायीrdquo की सहरी क घय ऩय ldquoशरी फाराजीrdquo का वरत सॊऩनन हो यहा था मह जानकय वो वहाॉ गई वरत ऩया होन तक दोऩहय हो चकी थी थोडासा परसाद उसन गरहण ककमा औय थोडा वह अऩन घयवारो क लरम एक

कागज की ऩडी भ रकय चरी फीच यासत भ उस पमास रगन रगी धऩ बी फहत तज थी उसन सोचा थोडी दय रक

कय पमास फझाकय कपय चरॉ तो ठीक यहगा तबी उस माद आमा कक उसक षऩता की दकान अगरी गरी भ ही तो ह वहाॉ जाकय उसन षऩताजी को ऩजा की फात बफना फताम षऩताजी स ऩानी भाॉगकय षऩमा औय षऩताजी गससा कयग

इस डय स उसन जलदी-जलदी ऩानी षऩमा इस घफयाहट भ परसाद की ऩडी वही दकान भ बरकय चरी गई

एकाएक फाजाय भ हडकॊ ऩ भच गमा रोग हाहाकाय भचात हए इधय-उधय बागन रग आगजनी क कायण उस गरी की सायी दकान जर कय याख होन रगी वस बी दोऩहय का सभम थाउस ऩय गभि हवाएॉ चर यही थीधनगपत का शयीय डय क भाय काॉऩन रगा ldquoकछ ही सभम भ उसकी दकान बी जर कय याख हो जाएगीrdquo इस षवचाय स उस क हाथ-ऩय काॉऩन रग सबी रोग अऩनी-अऩनी दकानो स फाहय आकय इधय-उधय बागन रग ऩय

धनगपत वही खडा यह गमा दकान छोडकय जान का भन नही कय यहा था महद वो दकान भ यहगा तो जरकय

याख हो जामगासोचत हए उसन घफयाहट भ उसक हाथ रगी ऩडी को उठामा औय बफना सोच सभझ जो हाथ आमा वो भॉह भ डार हदमा उस कछ भीठा-भीठा सा ऩदाथि रगा औय भन बी शाॊत होन रगा

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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तबी एक अदभत घटना घटीआग धनगपत की दकान तक आकय रक गमी आग की रऩत वहाॉ नही आ ऩामी मह कसी षवचचतर फात हम कसी भामा ह धनगपत क भॉहस एक बी फात नही रनकर ऩामी उधय आगजनी की खफय सनत ही ऩतनी काॊरतभती अऩन कनमाओॊ क साथ फाराजी का सभयण कयत हए दौडती हई वहाॉ आ गमी आग उनक दकान तक आकय कस रक गमी मह दखकय उस आशचमि हआ तबी कभायी को दकान भ बरी हई ऩडी की माद आई धनगपत को सभझन भ दय नही रगी कक उसन जो चीज भॉह भ डारी थी वो औय कछ नही तो बगवान का परसाद ही था औय उसकी भहहभा स ही व इस दघिटना स चक गम धनगपत न शरीफाराजी स भा भाॉगी गार फजाम शाभ भ ही नगयवालसमो को फराकय ldquoशरीफाराजी की वरत कथाrdquo सॊऩनन की तफ स वह बगवान की सवा भ रीन हो गमा औय अॊत भ भो बी परापत की आऩन दखा कक कवर परसाद गरहण कयन स ही वो ककतनी फडी दघिटना स चक गमा फाराजी की भहहभा अदभत ह आऩ सबी बी मथा सॊबव वरत को सॊऩनन कय क बगवान की कऩा परापत कय सकत हldquo

शरीबयदवाजजी न इस परकाय मह चतथि कथा सनामी

गोषवॊदगोषवॊदगोषवॊद

चतथोधमाम सभापतॊ |

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ऩॊचभ अधमाम

शरी अतरतर उवाच

रतरभरा-रतरऩती बरोक का वकणठ धाभ ह ऩयाणो भ फतामा गमा ह कक रतरभरा क सभान ऩषवतर सथर औय शरी फाराजी जस दवता न तो ऩहर कबी हए ह औय न कबी होग शरीरनवास क रऩ भ अवतरयत शरी नायामण अऩन

बकतो स फहत परभ कयत ह जो उन ऩय अऩना ऩया बाय डारकय उनह रनतम सभयण कयत ह जो सदाचाय स ऩणि जीवन बफतात ह वो उनकी या कयत ह ऐस शरीफाराजी को परसनन कयन का सफस सयर उऩाम ह ndash ldquoशरीफाराजी की वरत कथाrdquo

इस अदभत वरत कथा क फाय भ भहातऩसॊऩनन शरी अबतर भहषषि न कऩा कयत हए कहा ह- ldquo ह फाराजी क षपरम

बकतो कलरमग भ आऩक सौबागम क फाय भ कमा कहना कतमग तरतामग औय दवाऩायमग भ अतमॊत कठोय तऩ-

जऩ कयन ऩय बी परसनन न होन वार शरी नायामण इस मग भ कवर नाभसभयण स ही आऩ रोगो ऩय कऩा कय यह

ह षवशवास क साथ उनह फरान ऩय व तयॊत कऩा परदान कयत ह ऐस करणाभम ह शरीफाराजी ऩषवतर रतरभरा ऩय

तमहाया यखा हय कदभ अनक जनभो क ऩणमपर क सभान ह

पराचीन कार भ ldquoकौभायrdquo दश भ ldquoलभतरrdquo नाभक धोफी यहता था वो अऩन काभ क साथ-साथ धालभिक कामि कयता हआ जीवन रनवािह कय यहा था उसकी अऩॊगता ही उसकी चच ॊता थी इसी कायण धोए हए कऩडो की ऩोटरी फनाकय घय-घय घभकय उनह रोगो तक ऩहॉचाना उस धीय धीय भसशकर रगन रगा उसका ऩरयवाय फडा था बफना भहनत ककए उस बय ऩट खान को बी नही लभरता था हभशा वो शरी फाराजी की ऩजा कयता यहता था कबी ना कबी बगवान उस ऩय कऩा कयग इसी षवशवास स वो अऩना जीवन गजाय यहा था बकतो ऩय कऩा कयन वार फाराजी सफ कछ दखत यहत ह जो वमसकत अऩन कभो स भकती ऩाता ह उनक ऩास आकय फाराजी ककसी न ककसी रऩ भ आकय उनकी या कयत ह एक हदन शाभ क सभम हभशा की तयह लभतर कऩड धोकय कऩडो की ऩोटरी राद धीय-धीय चरता हआ आ

यहा था फीच यासत भ उस एक वदध बराहभण हदखाई हदम गौयव की बावना स फड होन क कायण लभतर न अऩन कॊ ध

ऩय रदी हई ऩोटरी को नीच उतायकय वदध बराहभण को नभसकाय ककमा तफ उस षवपरोततभ न कहा- ldquoतभ अऩन इस ऩय क कायण ककतना कषट सह यह हो तमहाया दख दखा नही जाताrdquo तफ लभतर न कहा-ldquoह नाथ आऩ फजगि ह बयाऩया ऩरयवाय होन क कायण भझ इस काभ स भकती नही लभर यही ह ककसी तयह भयी म अऩॊगता दय हो ऐसा कोई उऩाम फताइएrdquo

तफ बराहभण न कहा-ldquoसनो बाई भ जरय फताऊॉ गा धमान स सनो भ एक ऐस वरत क फाय भ फताता हॉ सजस सॊऩनन कयन स तमहायी अऩॊगता दय हो जाएगी तमह अषट ऐशवमो की परासपत होगी वरत सॊऩनन कयत ही तमह हजाय अशकपि माॉ लभरगी ऩय एक शति ह उसभ स आध तभ भझ दोगकर भ कपय इसी सभम महाॉ लभरॉगाrdquo तफ लभतर न कहा- ldquoसवाभी इसस फढकय सौबागम औय कमा हो सकता ह आज ही इस

वरत क फाय भ फताइए भ उस सॊऩनन करॉ गाrdquo लभतर क उतसाह को दख वदध न शरी फाराजी वरत कथा क फाय भ फतामा

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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लभतर दगन उतसाह क साथ घय आमा ऩयी कहानी ऩतनी को फतामी औय अडोस-ऩडोस क साथ लभरकय शरी फाराजी वरत को सॊऩनन ककमा चयणाभत परसाद गरहण ककमा घय आए सबी रोगो को बी हदमा तबी घय क फाहय कछ

कोराहर सनाई हदमा लभतर का फटा फाहय स दौडता हआ आमा औय फोरा- ldquoषऩताजी षऩताजी याज-यक आऩक लरम आए ह याजा न आऩक लरम बट बी बजी हrdquo इतन भ यक बी वहाॉ आ गम उनहोन फतामा कक उसकी रनमसकत याज दयफाय भ धोफी क रऩ भ हो गमी ह याजा न हजाय अशकपि माॉ ऩयसकाय सवरऩ बजी ह ऐसा कहकय उनहोन लभतर क हाथ भ हजाय अशकपिमो की ऩोटरी यख दी एक हफत क अॊदय-अॊदय

उस आकय नौकयी भ बतॉ होन को बी कहा लभतर क आनॊद की सीभा नही थी एक हफता कमो कर ही कमो नही सोचकय उसन अऩनी ऩोटरी-वोटरी फाॉधी औय दसय हदन सवय ही वो जान को तमाय हो गमा इस जलदफाजी भ वह

उस वदध की फात बर गमा फीच यासत भ उस उसकी फात माद आ गमी ऩय ठीक हअगर भहहन लभर रता हॉ सोच

कय वह याज दयफाय भ अऩन काभ ऩय रग गमा हदनभहहन फीत बराहभण क वश भ आए बगवान को गससा आमा बगवान न सोचा भनषम की परवसतत ऐसी ही होती ह उस भझ अऩनी भहहभा फतानी होगी

दसय ही हदन याणीवास स आबषण चोयी हो गम चोयी का इलजाभ लभतर ऩय आमा लभतर को कायावास की सजा हई hellipयाज यकोन उस तयह-तयह की मातनाएॉ दी ऐसा कमो हआउस ऩय मह इलजाभ कमो रगा सोचत हए लभतर को यात को सऩन भ बगवान हदखाई हदम उनहोन फतामा कक ldquoवदध बराहभण क रऩ भ व ही आम थ वो अऩनी फात स भकय गमा इसलरम म सफ हआ हrdquo तफ लभतर न कहा-ldquoह नाथभ ऩाऩी हॉ भन फहत फडा ऩाऩ ककमा ह कऩमा भझ ऩय दमा कीसजम अफ भ हय भहहन आऩका वरत सॊऩनन करॉ गा भयी आम का आधा बाग जीवन बय आऩको सभषऩित करॉ गाrdquo गार फजाकय उसन बगवान की हय तयह स पराथिना की बकतो की ऩकाय सननवार बगवान न खशी-खशी लभतर ऩय कऩा कय दी बगवान की कऩा स याणी क आबषण दसयही हदन लभर गम याजान म बी जान लरमा कक लभतरन चोयी नही की थी लभतरको कायावास स रयहा कय हदमा गमा तफ स लभतर बगवान को हदम वचन अनसाय हय भहहन शरी फाराजी का वरत सॊऩनन कयन रगा औय अऩनी आम का आधा बाग बगवान को अषऩित कयता यहा सख ऩणि जीवन बफतात हए उसन अॊत भ भो बी परापत ककमाrdquo

शरी अबतरजी न ऐसा कहकय ऩाॉचव औय आखयी अधमाम को सभापत ककमा

गोषवॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

ऩॊचभोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

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faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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शरी ऩदमावती अषटोततय शतनाभावलर

ॐ ऩदमावततम नभ ॐ दवम नभ ॐ ऩदमोदभवाम नभ ॐ करणापरदारमनम नभ ॐ सरदमाम नभ ॐ तजसवरषऩणम नभ ॐ कभरभखम नभ ॐ ऩदमधयाम नभ ॐ शरीम नभ ॐ ऩदमनतरम नभ ॐ ऩदमकयाम नभ ॐ सगणाम नभ ॐ कभकभषपरमाम नभ ॐ हभवणािम नभ ॐ चनिवसनदताम नभ ॐ धगधगपरकाश शयीय-धारयणम नभ ॐ षवषणषपरमाम नभ ॐ रनतमकलमाणम नभ ॐ कोहटसमिपरकालशणम नभ ॐ भहासौनदमिरषऩणम नभ ॐ बकतवतसराम नभ ॐ बरहभानडवालसनम नभ ॐ सविवानचापरदारमनम नभ ॐ धभिसनकलऩाम नभ ॐ दाकषणमकटाकषणम नभ ॐ बसकतपरदारमनम नभ ॐ गणतरमाषववसजिताम नभ ॐ कराषोडशसॊमताम नभ ॐ सविरोकानानजननम नभ ॐ भसकतदारमनम नभ ॐ दमाभतामाम नभ ॐ परऻाम नभ

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ॐ भहाधभािम नभ ॐ धभिरषऩणम नभ ॐ अरनकाय षपरमाम नभ ॐ सविदारयदरमधवॊलसनम नभ ॐ शरीवकटशवसथरससथताम नभ ॐ रोकशोकषवनालशनम नभ ॐ वषणवम नभ ॐ रतरचानरऩयवालसनम नभ ॐ वदवदमषवशायदाम नभ ॐ षवषणऩादसषवताम नभ ॐ यतनपरकाशककयीटधारयणम नभ ॐ जगनभोहहनम नभ ॐ शसकतसवरषऩणम नभ ॐ परसननोदमाम नभ ॐ इनिाहददवत मककननय ककमऩरष ऩसजताम नभ ॐ सविरोकरनवालसनम नभ ॐ बजमाम नभ ॐ ऐशवमिपरदारमनम नभ ॐ शानताम नभ ॐ उननतसथानससथताम नभ ॐ भनदायकालभनम नभ ॐ कभराकयाम नभ ॐ वदानतऻानरषऩणम नभ ॐ सविसमऩसततरषऩणम नभ ॐ कोहटसमिसभपरबाम नभ ॐ ऩजापरदारमनम नभ ॐ कभरासनाहद सविदवताम नभ ॐ वकनठवालसनम नभ ॐ अबमदारमनम नभ ॐ िाापरऩामसषपरमाम नभ ॐ नतमगीतषपरमाम नभ ॐ ीयसागयोदभवाम नभ ॐ आकाशयाज ऩबतरकाम नभ

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ॐ सवणिहसतधारयणम नभ ॐ काभरषऩणम नभ ॐ करणाकटाधारयणम नभ ॐ अभतासजाम नभ ॐ बरोकसवगिसखदारमनम नभ ॐ अषटहदकऩारकाचधऩतम नभ ॐ भनभधदऩि सॊहारयणम नभ ॐ कभराथिबागाम नभ ॐ सवलऩऩयाध-भहाऩयाध-भाम नभ ॐ शतकोहटतीथिवालसताम नभ ॐ नायदाहद भरनशरषठ ऩसजताम नभ ॐ आहदशनकयऩसजताम नभ ॐ परीरतदारमनम नभ ॐ सौबागमपरदारमनम नभ ॐ भहाकीतॉ परदारमनम नभ ॐ कषणारतषपरमाम नभ ॐ गनधवि शाऩषवभोचकाम नभ ॐ कषणऩतनम नभ ॐ बतररोकऩसजताम नभ ॐ जगनभोहहनम नभ ॐ सरबाम नभ ॐ सशीराम नभ ॐ अॊजनासतानगरहपरदारमनम नभ ॐ बकतमातभरनवालसनम नभ ॐ सॊधमावसनदनम नभ ॐ सविरोकभातर नभ ॐ अलबभतदारमनम नभ ॐ रलरतावधतम नभ ॐ सभसतशासतर षवशायदाम नभ ॐ सवणािबयणधारयणम नभ ॐ इहऩयरोक सखपरदारमनम नभ ॐ कयवीयरनवालसनम नभ ॐ नागरोकभरणसह आकाशलसनध कभरशवय ऩरयतयधगभनाम नभ

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ॐ शरी शरीरनवासषपरमाम नभ ॐ चनिभनडरससथताम नभ ॐ अलरवर भनगाम नभ ॐ हदवमभनगर धारयणम नभ ॐ सकलमाणऩीठससथताम नभ ॐ काभकवनऩषऩषपरमाम नभ ॐ कोहट भनभधरषऩणम नभ ॐ बानभनडररषऩणम नभ ॐ ऩदमऩादाम नभ ॐ यभाम नभ ॐ सविरोकसबानतय धारयणम नभ ॐ सविभानसवालसनम नभ ॐ सवािम नभ ॐ षवशवरऩाम नभ ॐ हदवमऻानाम नभ ॐ सवभनगररषऩणम नभ ॐ सवािनगरहपरदारमनम नभ ॐ ॐकायसवरषऩणम नभ ॐ बरहभऻानसॊबताम नभ ॐ शरी ऩदमावतम नभ ॐ सदमोवदवतम नभ ॐ शरीभहारकषमम नभ

इरत शरी ऩदमावती अषटोततय शतनाभावलर

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धऩभ दशाॊगभ गगगरोऩतॊ गोघतन सभसनवतभ धऩॊ गहाण दवश सविरोक नभसकाया

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - धऩभािाऩमालभ

(सवाभीजी क भतॉ की अगयफतती औय धऩ स आयती कय)

दीऩभ

बतररोकश भहादव सविऻान परदामक दीऩॊ दासमालभ दवश यभाभ बकतवतसर

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - दीऩॊ दशिमालभ

(सवाभीजी क भतॉ की दीऩ स आयती कय )

नवदमभ

सविबशच बोजजशच यस षडलब सभसनवतॊ नवदमनत भमानीतभ गहाण ऩरषोततभ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - नवदमॊ सभऩिमालभ

(सवाभीजी को परसाद चढाम अगय करा ह तो ldquoकदरीपर रनवदमालभrdquo नारयमर ह तो ldquoनारयकर परॊ रनवदमालभrdquo ऐस कह अगय गड ह तो ldquoगडोऩहाय नवदमभ सभऩिमालभrdquo कह)

ॐ पराणाम सवाहा ॐ आऩानाम सवाहा ॐ वमानाम सवाहा ॐ उदनाम सवाहा ॐ सभानाम सवाहा ॐ ऩयबरहभण सवाहा ॐ बबिव सव ततसषवतय-वयणमभ बगो दवसम धीभहह चधमो मो न परचोदमात ॐ आऩो जमोरतयसोभतॊ बरहभ बबिव सवयोभ भधम भधम ऩानीमभ सभऩिमालभ

अभताषऩधानभलस उततयाऩोशनभ सभऩिमालभ हसतौ परारमालभ ऩादौ परारमालभ ऩनयाचभनीमभ सभऩिमालभ

तामफरभ ऩगीपर सकऩिय नागवलरीदरमितॊ भकताचणि सभामकतॊ तामफरॊ पररतगहमताॊ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - तामफरभ सभऩिमालभ

नीयाजनभ चशरम कानताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरीवकटरनवासाम शरीरनवासाम भनगरभ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ नीयाजनभ दशिमालभ

ऩनयाचभनीमभ सभऩिमालभ

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भॊतरऩषऩभ

ॐ सहसतरशीषिभ दवॊ षवशवाॊ षवशवशॊबवॊ षवशवॊ नायामणनदवभ अयॊ ऩयभॊ ऩदॊ १

षवशवत ऩयभासननतमॊ षवशवॊ नायामणॊ हरयॊ षवशवभवदॊ ऩरषसतदषवशवॊ उऩजीवरत २

ऩरतॊ षवशवसमातभशवयॊ शाशवतॊ लशवभचमतॊ नायामणॊ भहाऻमॊ षवशवतभानॊ ऩयामणॊ ३

नायामण ऩयोजमोरत आतभा नायामण ऩय नायामण ऩयभ बरहभ ततवभ नायामण ऩय नायामण ऩयो धमाता धमानभ नायामण ऩय ४

मचच ककसनचत जगतसव दशमत शरमतषऩ वा अनतफिहहशचततसविभ वमापमा नायामण ससथत ५

अननतभ अवममभ कषवॊ सभिनतभ षवशवशमबवभ ऩदमकोश परतीकाशभ रदमभ चापमधोभखभ ६

अधोरनषमा षवतसतमानत नाभमाभऩरय रतषठरत जवाराभाराकरॊबारत षवशवसमामातनभ भहत ७

सनततॊ लशरालबसत रॊफतमाकोशससननबभ तसमानत सलशयभ सकषभभ तससभन सविभ पररतसषठतभ ८

तसमभधम भहान असगन षवशवायचचषविशवतो भख सोगरबसगवबजन रतषठाननाहाय भजय कषव

रतमिगधवाि भधशशामीयशभमा सतसम सनतता ९

सॊताऩमरत सवॊ दह भाऩादतरभसतक तसम भधम वसनह लशखा अणीमोधवाि वमवससथत १०

नीरथो मदभधमसता षवदमलरखव बासवया नीवायशकवततनवी ऩीताबा सवतमनऩभा ११

तसमा लशखामा भधम ऩयभातभा वमवससथत स बरहभ स लशव स हरय स इनि सोय ऩयभासवयात १२

ॐ तद बरहभ ॐ तद वाम ॐ तदातभा ॐ ततसतमभ ॐ ततसविभ ॐ ततऩयोनिभ अनतशचयरत बतष गहामाभ षवशवभरत िष तवभ मऻसतवभ वषकायसतवभ इनिसतवभ रिसतवभ

षवषणसतवभ बरहभतवभ परजाऩरत तवभ तदाऩ आऩो जमोरत यसोवतभ बरहभ बबिवससवयोभ १३

गदा ऩन शॊखयथानगकलऩक धवजायषवॊदाॊकश वजररासशचत ह शरीरनवास तवत चयणामफज दवमॊ भदीम भधािन भरज ॐ रनयॊजनाम षवदमह रनयाबासाम धीभहह तननो शरीरनवास परचोदमात शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हदवमभनतरऩषऩॊ सभऩिमालभ

परदकषण नभसकाय

शरोकॊ मारनकारन च ऩाऩारन जनभानतय कतारन च तारन तारन परणशमसनत परदकषण ऩद ऩद ऩाऩोहभ ऩाऩकभािहभ ऩाऩातभा ऩाऩसॊबव तराहहभाभ कऩभमा दव शयणगतवतसर अनमधा शयणॊ नाससत तवभव शयणॊ भभ तसभात कारणम बावन य य जनादिन

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - आतभपरदकषण नभसकायान सभऩिमालभ

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षवषवधोऩचाय ऩजा छतरॊ धायमालभ चाभयॊ वीजमालभ नतमॊ दशिमालभ गीतॊ शरावमालभ वादमॊ घोषमालभ आॊदोलरकान आयोहमालभ आशवानायोहमालभ गजानायोहमालभ सभसत यजोऩचाय शकतमऩचाय

मनतरोऩचाय दवोऩचाय सवोऩचाय ऩजाॊ सभऩिमालभ

भाऩवणभ भनतरहीनॊ ककरमाहीनॊ बसकतहीनॊ जनादिन मतऩसजतभ भमा दव ऩरयऩणिभ तदसतत

अनमा धमानावाहनाहद षोडशोऩचाय ऩजमा च बगवन सवाितभक शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरी वकटशवय सवरऩो बगवान सपरीत सपरसननो वयदो बवत शरी वकटशवय दव परसादॊ लशयसा गहणालभ

तीथवभ

अकार भतमहयणॊ सविवमाचध रनवायणभ सवि ऩाऩमकयॊ दव ऩादोदकॊ ऩावनॊ शबॊ

नवदमभ

ॐ बबिवससव ॐ ततसषवतवियणमभ बगो दवसम धीभहह चधमो मो न परचोदमात सतमॊ तवतन ऩरयषषॊचालभ अभतभसत अभतोऩसतयणभलस ॐ पराणाम सवा ॐ अऩानाम सवा ॐ वमानाम सवा ॐ उदानाम सवाह ॐ सभानाम सवा ॐ बरहभण सवा

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - भहानवदमभ सभऩिमालभ

अभताषऩधानभलस उततयाऩोशनभ सभऩिमालभ हसतौ परारमालभ ऩादौ परारमालभ शदध आचभनीमॊ सभऩिमालभ

तामफरॊ सभऩिमालभ सवणिभनतरऩषऩॊ सभऩिमालभ परदकषण नभसकायन सभऩिमालभ

अनमाधमानावाहनाहद षोडषोऩचाय ऩजमा बगवान सवाितभक शरी रकषभी ऩदमावती सभत वकटशवय सवाभी सपरीत सपरसननो वयदो बवत शरी रकषभी ऩदमावती सभत वकटशवय सवाभी परसादॊ लशयसा गहणालभ

उदवासनभ मऻन मऻभमजनत दवासतारन धभािरण परथभानमासन

तहनाकॊ भहहभानससचनत मतर ऩव साधमा ससनत दवा

गचछ गचछ सयशरषठ सवसथान शरी वकटशवय बकताबीषट सभधमथिभ ऩनयागभनाम च

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरी वकटशवय सवाभी मथासथानॊ उदवासमालभ

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परथभ अधमाम

शरी बगवान उवाच

कलरमग भ एक हदन शब भहति भ रतरभरा ऩहाड ऩय (सजस धयती का वकॊ ठ कहा जाता ह ) ldquoषवशवऩरत नाभक एक बकत ऩय शरी फाराजी की कऩा हई शरी षवषण क अवताय शरी फाराजी (वकटशवय) जो महाॉ शरीरनवास क रऩ भ ऩज जात ह उनहोन षवशवऩरत को ldquoशरी फाराजी वरत कथाrdquo नाभ स परलसधद इस गरॊथ की यचना कयन की आऻा दी औय कहा- ldquoह भय षपरम बकत षवशवऩरत भय षपरम होन क कायण इस वरत को षवसताय रऩ स तमह फाता हॉ सनो म

वरत भझ अरत षपरम ह आसान होन क कायण इस सबी रोग सॊऩनन कय सकत ह

कलरमग भ भानव अऩन ऩाऩ कभो का पर बोगता ह अनक कषट सहत हए जीवन रनवािह कयता ह कछ बकत

अऩन दख भझ फताकय उनह दय कयन क लरम कहत ह फहत स ऩस खचि कय वो भझ दखन क लरम रतरभरा की मातरा कयत ह भय बकतो स भझ परभ ह व भझऩय अऩना ऩया बाय डार दत ह भ उनह धभि क भागिऩय चराता हॉ

अबी भ जो मह वरत कथा तमह फतान जा यहा हॉ वो ldquoशरी फाराजी की कथाrdquo क नाभ स परलसदध होगा म भया वरत भझ अरतषपरम ह जो वमसकत इस बसकत औय रनषठा स कयगा वह तयॊत ऩाय ऩामगा कोई बी वमसकत कबी बी इस वरत को सॊऩनन कय सकता ह भखम रऩ स भागिशीषि भाघ कारत िक भहहनो भ ऩणिभासी ऩॊचभी सपतभी एकादशी रतचथमो ऩय मा शरवण सवारत नतरो ऩय इस कयना शरषठ होता ह

इस घोय कलरमग भ भय बकत जो कषट सह यह ह उनह भ जानता हॉ तमह जफ बी कोई कषट हो कोई सभसमा हो सवासम ठीक ना हो नौकयी वमाऩाय भ सभसमाएॉ हो भन अशाॊत हो तो इस वरत को सॊऩनन कयना चाहहम इसस

साय कषट दय हो जात ह घय भ शब कामि होन ऩय इस वरत को सॊऩनन कयन स बफना ककसी सभसमा क कामि ऩणि हो जाता ह इस वरत को सॊऩनन कयत ही सबी सख परापत होत ह औय अषट ऐशवमो की परासपत होती ह

सफय मा शाभ इस वरत को सॊऩनन कय सकत ह इस वरत भ ऩाॉच अधमाम ह इनका ऩठन बसकत क साथ कयना चाहहम अऩन घय भ मा रनवास सथान ऩय भॊहदय भ मा ककसी बी ऩषवतर सथान भ नदी तट ऩय सॊऩनन कय सकत ह

महद सॊबव हो तो अऩन फॊध लभतरो क साथ इस सॊऩनन कयन स जमादा शरषठ होता ह जो इस सॊऩनन कयत ह मा जो इस सनत ह वरत सॊऩणि होन क फाद परसाद को बसकत स सवीकाय कयत ह वो अषट ऐशवमो को परापत कयत ह इसस

ऩहर बी भय बकतो न कई भरनमो न इस वरत को सॊऩनन ककमा औय भया आशीवािद ऩामा बरोक भ यहनवार सबी को मह वरत आनॊद परदान कयगा औय शब पर बी परापत होगा शाॊत चचतत स भझ माद कयत हए इस वरत का ऩारन

कयो

सवि परथभ जहाॉ वरत कयना चाहत हो उस सथर को साप कयो भॊडऩ की वमवसथा कय भयी तसवीय सजसभ भयी षपरम

सरखमाॉ शरी दवी बदवी ह उस तसवीय को इस भॊडऩ ऩय सथाषऩत कयो भॊडऩ को दीवाय स रगाकय बी यख सकत हो अनम ककसी इचछक दवता की तसवीय बी सख सकत हो नवगरहो औय अषट हदकऩारको को मा तो भन भ नभसकाय

कयो मा उनका आवहान बी कय सकत हो

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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सफस ऩहर हलदी स फनी गणश की ऩजा कयनी चाहहम उसक फाद उस वरत क ऩाॉचो अधमामो का रनषठा स ऩठन

कयना चाहहम मही परथभ अधमाम ह अनम चाय अधमाम भय अतमॊत षपरम ऩातर षवशवालभतर वलशषठ बयदवाज अबतर

भरनशवयो क परवचना रऩ भ ह ऩाॉच अधमामोको ऩढन क फाद भय षपरम शरोक बी ऩढ सकत हो हय अधमाम क अॊत

भ गोषव ॊद गोषव ॊद गोषव ॊद तीन फाय सभयण कयना चाहहम

आभ रोगो क कषटो को भ जानता हॉ इसी लरम भयी एक फात सनो महद ककसी कायण इस वरत को षवसताय रऩ स

सॊऩनन कयन भ कोई सभसमा आ यही हो तो भय तसवीय को साभन यख कय ऩहर गणश जी की कपय नवगरह दवताओॊ औय अषटहदकऩारको को सभयण कय ऩाॉच कहरनमाॉ ऩढकय अऩन भन भ जो इचछा ह उस भझ फताओ भ उस

परसाद क रऩ भ परदान करॉगा इस परकाय कयन स बी कामि की लसषदध होती ह तमहाय कषट दय हो जामग औय शब

पर परापत होगा

जो वमसकत इस वरत को बसकत स सॊऩनन कयगा भ उसक घय ककसी ना ककसी रऩ भ आकय परसाद सवीकाय करॉगा भयी कऩा आऩ सबी को हभशा परापत होगी शरी फाराजी न रतमभयाज षवशवऩरत याभकषणभरत ि ldquoषवशवऩरतrdquo को इस वरत कथा को षवसताय स फतामा कलरमगवासी हभ सबी इस वरत को सॊऩनन कय शरी फाराजी की कऩा क ऩातर फन सकत ह इस वरत को सॊऩनन कय हभ अऩन सबी कषट दय कय सकत ह औय उचचत पर बी परापत कय

सकत ह

गोषवॊदगोषवॊदगोषवॊद

परथभोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ

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दषवतीम अधमाम

शरी षवशवालभतर उवाच

भहातऩ सॊऩनन साात शरी षवशवालभतर जी न हभ ऩय कऩा की औय परवचन कयत हए कहा- ldquoह कलरमग वालसमो शरीरनवास क बकतो ldquoशरीफाराजी वरत कथाrdquo सजस आऩ सॊऩनन कय यह हो वह फहत ही ऩषवतर ह भहहभा स ऩणि ह मह वरत कलरमग भ शरी नायामण जी की करणा औय दमा परापत कयन का अतमॊत सयर साधन ह पराचीन कार भ शरी फाराजी क षपरम बकतो न इस सॊऩनन कय अऩनी काभनाओॊ को ऩणि ककमा इस वरत कथा क फाय भ हभ फताकय शरी फाराजी न हभाय पररत जो दमा हदखाई ह उसक लरए हभ उनह परणाभ कयत ह

पराचीन कार भ भगध याजम भ षवषणचचतत नाभक एक बकत यहता था उसकी नौ कनमाएॉ थी षवदवान होन ऩय बी वह अतमॊत गयीफ था षवषणचचतत की ऩतनी तायाभरत हभशा नायामणजी की पराथिना कयती यहती थी षववाहाहद शबकामि सॊऩनन कय जो बी ऩस दकषणा क रऩ भ लभरत थ उसस व भसशकर स अऩना जीवन रनवािह कय

यह थ कनमाएॉ मौवनावसथा भ ऩदाऩिण कय चकी थी तायाभरत हभशा इसी चच ॊता भ यहती थी कक इन कनमाओॊ का षववाह ककस परकाय सॊऩनन होग वह फाराजी की पराथिना कयत हए सदा अऩना सभम गजायती थी

वह तो फाराजी की बकत थी औय फाराजी अऩन बकतो स अतमाचधक परभ कयत ह उस हदन भाघ ऩरणिभा थी सवय

एक वदध बराहभण न षवषणचचतत क दयवाज ऩय दसतक दी औय कहा - ldquoह सवाभी भ फॊग दश का वासी हॉ एक मऻ

क लसरलसर भ दसय दश जा यहा हॉ यासत भ महाॉ आमा हॉ भझऩय दमा कयो औय अऩन घय भ एक हदन क लरए

यहन दो कर सवयही भ महॉ स चरा जाऊॉ गाrdquo उन की फात सनकय षवषणचचततन कहा lsquoनाथ इसस फढकय खशी औय कमा हो सकती ह अरतचथ साात नायामण जी क सभान होत ह ऐस हभाय ऩयाणो भ कहा गमा ह आऩ बफना ककसी सॊकोच क हभाय घय भ यह सकत हlsquo ऐसा कह कय उसन उस बराहभण को घय क अॊदय फरामा औय उनका सतकाय ककमा

दोऩहय भ बोजन क फाद उस वदध न तायाभरत स ऩछा ndash ldquoभाता कमा फात ह तभ कछ चच ॊरततसी रगती हो बफना ककसी सॊकोच क फात फताओrdquo तायाभरत न कहा ndash ldquoसवाभी आऩ तो भहातऩसवी ह आऩ क भख का तज उस वकॊ ठवासी क सभान ह आऩ स कमा छऩाना भयी चचॊता भयी कनमाओॊ का षववाह हrdquo उस ऩय वदध न कहा- ldquoभाता तमहाया दख भ जानता हॉ तमहाय सबी कषट दय हो औय तमहायी कनमाओॊ की शादी हो इसक लरम भ एक अदभत वरत फताता हॉ सनो इस वरत को सॊऩनन कयन स तमहाय साय कषट दय हो जामग शरी फाराजी क वरतो भ स मह सफस सयर हrdquo कहत हए उनहोन उस दॊऩरत को ऩया वरत षवधान फतामा वरत षवधान

सनकय षवषणचचतत न कहा- ldquoसवाभी मह तो अतमॊत सॊतोष की फात ह इसस फढकय सौबागम औय कमा होगा

कहत ह ना- शबसम शीिॊ आज भाघ ऩरणिभा ह फहत ही शब हदन ह आऩक कथा अनसाय हभ आज ही इस वरत

को सॊऩनन कयगrdquo षवषणचचततन ऩतनी तायाभरत औय सबी कनमाओॊ क साथ लभरकय उस हदन शाभ भ ही अऩन

फॊध-लभतरो क साथ बसकत औय रनषठा स फाराजी वरत को सॊऩनन ककमा वहाॉ उऩससथत सबी रोगो न वरत ऩया होन क

फाद चयणाभत परसाद गरहण ककमा औय अऩन-अऩन घय परसथान ककमा तफ षवषणचचतत औय तायाभरत न बराहभण

क चयणो को नभसकाय ककमा औय आशीवािद परापत ककमा बराहभणोततभ न बी चयणाभत परसाद गरहण ककमा औय

कहा- ldquoआऩकी भनोकाभना ऩयी हो शरी रकषभी शरी फाराजी की कऩा होrdquo

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अॊधया हो चरा था औय रनिा सभम आसनन था षवषणचचतत न उस बराहभण को एक पटी चादय दत हए आॉखो भ आस लरम कहा- सवाभी भ अतमॊत दरयिी हॉ इसस अचछी चादय भय ऩास नही ह भझ भा कय आज की यात इसी ऩय षवशराभ कय बराहभण भसकयात हए फोर- कोई फात नही भ फाहय फयाभद भ सो जाता हॉ कछ सभम फाद ही सबी रनिारोक भ षवचयण कयन रग आधी यात का सभम था बफजरी की गडगडाहट क साथ फारयश शर हई चायो ओय अॊधया था कहीॊ कछ नही हदखाई

द यहा था षवषणचचतत इस चच ॊता भ था कक वदध बराहभण फाहय कस सो यह होग उस सभम कछ सझ बी नही यहा था ककसी तयह उनहोन यात गजायी सवया हआ फारयश बी थभ चकी थी ऩरत-ऩतनी मही सोच यह थ कक बराहभण की कमा दशा हई होगी ककतना सहा होगा उनहोन मही सोचत हए वो फाहय आए उनह एक अदभत दशम हदखाई हदमा वहाॉ षवपरोततभ नही थ पहट हई चादय की जगह यशभ का षऩताॊफय यखा हआ था उस षऩताॊफय ऩय शरी फाराजी क

भतॉ ndash हदखाई दी व सफ कछ सभझ गम उनकी खषी का कोई हठकाना नही यहा उनक घय आम बराहभण औय

कोई नही साात शरी नायामणजी ही थ ह फाराजी कमा बागम ह हभाया ऩय हभ उनको ऩहचान नही ऩाम हभन उनको पटी हई चादय दी मह सोचत हए उनहोन शरी फाराजी की भतॉ को हाथ भ रकय आॉखो स रगामा औय

घय क अॊदय आम ऩया घय सोन स बया हआ था जहाॉ दखो वहाॉ धन याशी ह बगवान शरी फाराजी की वरत कथा की भहहभा स ही मह सफ सॊबव हो सका ऐसा कहत हए व बगवान की सतरत कयन रग आऩन दख साात शरी फाराजी ही उस बकत क घय आम थ वरत षवधान फतामा औय चयणाभत परसाद बी गरहण

ककमा शरी फाराजी फहत ही करणाभम ह जो बी इस वरत को बसकत औय रनषठा स कयगा उसक घय सवमॊ बगवान

ककसी ना ककसी रऩ भ आमग आऩ सबी इस वरत को सॊऩनन कय बगवान की कऩा परापत कय सकत ह शरी भहषषि षवशवालभतर जी न मह दषवतीम कथा इस तयह फताई

शरी रकषभी शरीरनवास कटाॊ लसषदधयसत

गोषवॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

दषवतीमोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

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ततीम अधमाम

शरी वलशषठ उवाच मह अधमाम भहातऩोरनषठ वरयषठ शरीवलशषठ भरन न शरीनायामणजी की कऩा स हभ षवसताय रऩ स फतामा ह ह कलरमग वालसमो शरीफाराजी क षपरम बकतो वकणठ भ रनवास कयनवार शरीनायामणजी आज क रतरभरा भ ससथत शरीफाराजी ही ह कलरमग वालसमो क कषट दय कयन क लरम बगवान आऩक फहत सभीऩ रतरभरा ऩहाड ऩय अवतारयत हए ह शरी फाराजी को खश कयन क लरए मह वरत उततभ ह औय सयर बी ह इस वरत को जो बसकत औय रनषठा स सॊऩनन कयता ह उस सबी सख परापत हो जात ह पराचीन सभम भ अवॊती दश भ बागमनगय नाभक एक नगय था नाभ क ही अनरऩ वहाॉ अनक धनवान (वमाऩायी) यहत थ ऩय व अऩनी सॊऩसतत को दख घभॊड कयत थ औय आभ रोगो को हीन दषटी स दखत थ धन-दौरत उनकी सवासजित ह ऐसा सोचकय घभॊड कयत थ बगवान की रनतम ऩजा-ऩाठ तो उनहोन ऩहर ही छोड दी थी कभ स कभ षवशष हदनो भ बी व ना भॊहदय जात ना ऩजा कयत ना ही दीऩ जरात एक हदन सबी धनवान अऩनी-अऩनी ऩतनीमो क साथ परीरत बोज भ वमसत थ उस नगय की ऩवि हदशा भ ही शरी रकषभी नायामण जी का भॊहदय था जहाॉ दीऩ जरानवारा कोई नही था उस हदन षवशष एकादशी थी सजस एक ऩवि हदन बी भाना जाता ह ऩय उस नगय क एक बी धनवान क भन भ भॊहदय भ ऩजा कयन का षवचाय नही आमा शाभ होत-होत आकाश भ घन फादर छा गम औय भसराधाय फारयश होन रगी वमाऩारयमो क घय ऩानी स बय गम चायो ओय अॊधकाय ह अॊधकाय था सवय होन तक ऩया नगय ऩानी भ डफ गमा वमाऩारयमो क घय टट-पट गम उनका साया ऐशवमि सभापत हो गमा ऐसा उऩिव कमो भचा मह पररम कस हो गमा ककसी को कछ बी सभझ भ नही आ यहा था इतन भ उनह एक षवचचतर दशम हदखाई हदमा नगय क फाहय जो झोऩडडमाॉ थी व तो वसी की वसी थी उनको आशचमि हआ इतनी फारयश भ बी म कस सही सराभत यही व ऐसा भन ही भन सोच यह थ कक इतन भ बफजरी कडकी औय आकाशवाणी हई ldquoए भखो तमहायी सॊऩसतत तमहायी अऩनी ह सवासजित ह ऐसा सोचत थ इसी लरम ऐसा हआ ह इस झोऩडी भ यहनवारा दव भया षपरम बकत ह आभ आदभी होन ऩय बी दव रनतम तमहाय नगय भ ससथत शरी रकषभी नायामण

भॊहदय भ दीऩ जराता था इतना ही नही हय एकादशी क हदन मथा सॊबव वह शरी फाराजी वरत कथा बी सॊऩनन कयता था इसी लरम इन झोऩडीमो भ यहनवार सबी रोग सयकषत यह आऩ सबी महद वरत सॊऩनन कयग तो अऩन-अऩन

ऐशवमि को ऩन परापत कय सकत होrdquo आकाशवाणी सनत ही तयॊत व सबी रोग उस भॊहदय भ गम औय जस

सॊबव हो सका वस सबी रोगोन एक-दसय क सहमोग स शरी फाराजी की वरत कथा सॊऩनन की ऐसा कयत ही सबी को उनक घय ऩवि रऩ भ ही परापत हो गम तफ स व सबी शरीफाराजी क बकत फन गम औय हय एकादशी को शरीफाराजी का वरत सॊऩनन कयत औय सख-शाॊरत परापत कय यहन रग अॊत भ उनहोन भसकत बी परापत की

शरीवलशषठजी न इस परकाय म कथा सनाई

गोषव ॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

ततीमोधमाम सभापतॊ |

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ

शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

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चतथव अधमाम

शरी बयदवाज उवाच

शरीनायामण जी को ldquoशरीफाराजी वरत कथाrdquo अतमॊत षपरम ह चतथि अधमाम क रऩ भ हभाय साभन शरी बयदवाज

भरनदवाया फतामी नमी कहानी इस परकाय ह- ldquoह कलरमगवालसमो शरी नायामण क षपरम बकतो आऩ सजस वरत को सॊऩनन कय यह ह वह अदभत ह आऩकी भनोकाभनाओॊ को ऩणि कयन का साधन ह शरी फाराजी को परसनन कयन का मह अतमॊत सयर उऩाम ह आऩ सबी ऩय कऩा कयन क लरम ही वकॊ ठवासी बगवान शरीरनवास क रऩ भ रतरभरा ऩहाड ऩय अवतरयत हए ह अनक जनभो क ऩणमपर स ही रतरभरा ऩहाड ऩय ऩय यखन का सौबागम परापत होता ह औय बगवान क दशिन बी सॊबव होत ह इसी तयह इस ldquoवरतकथाrdquo को सॊऩनन कयन का सॊकलऩ बी ऩविजनभ क

ऩणमपर स ही सॊबव होता ह जो वमसकत इस वरत को सॊऩनन कय यह ह मा जो इस कथा को सन यह ह मा जो बगवान क परसाद को गरहण कयत ह उनह बगवान की कऩा परापत होती ह औय व सौबागम बी ऩात ह

पराचीन कार भ ldquoनगयीrdquo नाभक एक गराभ भ धनगपत नाभ का वमाऩायी यहता था वह फहत ही रारची था ऐशवमि परापत कयन ऩय बी उसका रारचीऩन कभ नही हआ मह सभसत ऐशवमि उसका ही कभामा हआ ह ऐसा सोचकय वह फहत घभॊड कयता था अहॊकाय भनषम का नाश कयता ह

धनगपत की ऩतनी काॊरतभती अतमॊत बसकत बावना यखती थी औय रनषठा स बगवान की ऩजा कयती थी उनकी तीन कनमाएॉ थी तीसयी कनमा ldquoकभायीrdquo भ बसकत बावना जमादा थी वह हभशा फाराजी का नाभ ही जऩती यहती थी षऩताजी को बफना फताम वह जफ-तफ शरी फाराजी क भॊहदय भ जाती थी औय बगवान क दशिन कयती थी घय आकय षऩताजी को छोड अनम सबी क साथ परसाद सवीकाय कयती थी ऩती क ऐस वमवहाय स

काॊरतभती थोडी चच ॊरतत होती थी

एक हदन ldquoकभायीrdquo की सहरी क घय ऩय ldquoशरी फाराजीrdquo का वरत सॊऩनन हो यहा था मह जानकय वो वहाॉ गई वरत ऩया होन तक दोऩहय हो चकी थी थोडासा परसाद उसन गरहण ककमा औय थोडा वह अऩन घयवारो क लरम एक

कागज की ऩडी भ रकय चरी फीच यासत भ उस पमास रगन रगी धऩ बी फहत तज थी उसन सोचा थोडी दय रक

कय पमास फझाकय कपय चरॉ तो ठीक यहगा तबी उस माद आमा कक उसक षऩता की दकान अगरी गरी भ ही तो ह वहाॉ जाकय उसन षऩताजी को ऩजा की फात बफना फताम षऩताजी स ऩानी भाॉगकय षऩमा औय षऩताजी गससा कयग

इस डय स उसन जलदी-जलदी ऩानी षऩमा इस घफयाहट भ परसाद की ऩडी वही दकान भ बरकय चरी गई

एकाएक फाजाय भ हडकॊ ऩ भच गमा रोग हाहाकाय भचात हए इधय-उधय बागन रग आगजनी क कायण उस गरी की सायी दकान जर कय याख होन रगी वस बी दोऩहय का सभम थाउस ऩय गभि हवाएॉ चर यही थीधनगपत का शयीय डय क भाय काॉऩन रगा ldquoकछ ही सभम भ उसकी दकान बी जर कय याख हो जाएगीrdquo इस षवचाय स उस क हाथ-ऩय काॉऩन रग सबी रोग अऩनी-अऩनी दकानो स फाहय आकय इधय-उधय बागन रग ऩय

धनगपत वही खडा यह गमा दकान छोडकय जान का भन नही कय यहा था महद वो दकान भ यहगा तो जरकय

याख हो जामगासोचत हए उसन घफयाहट भ उसक हाथ रगी ऩडी को उठामा औय बफना सोच सभझ जो हाथ आमा वो भॉह भ डार हदमा उस कछ भीठा-भीठा सा ऩदाथि रगा औय भन बी शाॊत होन रगा

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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तबी एक अदभत घटना घटीआग धनगपत की दकान तक आकय रक गमी आग की रऩत वहाॉ नही आ ऩामी मह कसी षवचचतर फात हम कसी भामा ह धनगपत क भॉहस एक बी फात नही रनकर ऩामी उधय आगजनी की खफय सनत ही ऩतनी काॊरतभती अऩन कनमाओॊ क साथ फाराजी का सभयण कयत हए दौडती हई वहाॉ आ गमी आग उनक दकान तक आकय कस रक गमी मह दखकय उस आशचमि हआ तबी कभायी को दकान भ बरी हई ऩडी की माद आई धनगपत को सभझन भ दय नही रगी कक उसन जो चीज भॉह भ डारी थी वो औय कछ नही तो बगवान का परसाद ही था औय उसकी भहहभा स ही व इस दघिटना स चक गम धनगपत न शरीफाराजी स भा भाॉगी गार फजाम शाभ भ ही नगयवालसमो को फराकय ldquoशरीफाराजी की वरत कथाrdquo सॊऩनन की तफ स वह बगवान की सवा भ रीन हो गमा औय अॊत भ भो बी परापत की आऩन दखा कक कवर परसाद गरहण कयन स ही वो ककतनी फडी दघिटना स चक गमा फाराजी की भहहभा अदभत ह आऩ सबी बी मथा सॊबव वरत को सॊऩनन कय क बगवान की कऩा परापत कय सकत हldquo

शरीबयदवाजजी न इस परकाय मह चतथि कथा सनामी

गोषवॊदगोषवॊदगोषवॊद

चतथोधमाम सभापतॊ |

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ऩॊचभ अधमाम

शरी अतरतर उवाच

रतरभरा-रतरऩती बरोक का वकणठ धाभ ह ऩयाणो भ फतामा गमा ह कक रतरभरा क सभान ऩषवतर सथर औय शरी फाराजी जस दवता न तो ऩहर कबी हए ह औय न कबी होग शरीरनवास क रऩ भ अवतरयत शरी नायामण अऩन

बकतो स फहत परभ कयत ह जो उन ऩय अऩना ऩया बाय डारकय उनह रनतम सभयण कयत ह जो सदाचाय स ऩणि जीवन बफतात ह वो उनकी या कयत ह ऐस शरीफाराजी को परसनन कयन का सफस सयर उऩाम ह ndash ldquoशरीफाराजी की वरत कथाrdquo

इस अदभत वरत कथा क फाय भ भहातऩसॊऩनन शरी अबतर भहषषि न कऩा कयत हए कहा ह- ldquo ह फाराजी क षपरम

बकतो कलरमग भ आऩक सौबागम क फाय भ कमा कहना कतमग तरतामग औय दवाऩायमग भ अतमॊत कठोय तऩ-

जऩ कयन ऩय बी परसनन न होन वार शरी नायामण इस मग भ कवर नाभसभयण स ही आऩ रोगो ऩय कऩा कय यह

ह षवशवास क साथ उनह फरान ऩय व तयॊत कऩा परदान कयत ह ऐस करणाभम ह शरीफाराजी ऩषवतर रतरभरा ऩय

तमहाया यखा हय कदभ अनक जनभो क ऩणमपर क सभान ह

पराचीन कार भ ldquoकौभायrdquo दश भ ldquoलभतरrdquo नाभक धोफी यहता था वो अऩन काभ क साथ-साथ धालभिक कामि कयता हआ जीवन रनवािह कय यहा था उसकी अऩॊगता ही उसकी चच ॊता थी इसी कायण धोए हए कऩडो की ऩोटरी फनाकय घय-घय घभकय उनह रोगो तक ऩहॉचाना उस धीय धीय भसशकर रगन रगा उसका ऩरयवाय फडा था बफना भहनत ककए उस बय ऩट खान को बी नही लभरता था हभशा वो शरी फाराजी की ऩजा कयता यहता था कबी ना कबी बगवान उस ऩय कऩा कयग इसी षवशवास स वो अऩना जीवन गजाय यहा था बकतो ऩय कऩा कयन वार फाराजी सफ कछ दखत यहत ह जो वमसकत अऩन कभो स भकती ऩाता ह उनक ऩास आकय फाराजी ककसी न ककसी रऩ भ आकय उनकी या कयत ह एक हदन शाभ क सभम हभशा की तयह लभतर कऩड धोकय कऩडो की ऩोटरी राद धीय-धीय चरता हआ आ

यहा था फीच यासत भ उस एक वदध बराहभण हदखाई हदम गौयव की बावना स फड होन क कायण लभतर न अऩन कॊ ध

ऩय रदी हई ऩोटरी को नीच उतायकय वदध बराहभण को नभसकाय ककमा तफ उस षवपरोततभ न कहा- ldquoतभ अऩन इस ऩय क कायण ककतना कषट सह यह हो तमहाया दख दखा नही जाताrdquo तफ लभतर न कहा-ldquoह नाथ आऩ फजगि ह बयाऩया ऩरयवाय होन क कायण भझ इस काभ स भकती नही लभर यही ह ककसी तयह भयी म अऩॊगता दय हो ऐसा कोई उऩाम फताइएrdquo

तफ बराहभण न कहा-ldquoसनो बाई भ जरय फताऊॉ गा धमान स सनो भ एक ऐस वरत क फाय भ फताता हॉ सजस सॊऩनन कयन स तमहायी अऩॊगता दय हो जाएगी तमह अषट ऐशवमो की परासपत होगी वरत सॊऩनन कयत ही तमह हजाय अशकपि माॉ लभरगी ऩय एक शति ह उसभ स आध तभ भझ दोगकर भ कपय इसी सभम महाॉ लभरॉगाrdquo तफ लभतर न कहा- ldquoसवाभी इसस फढकय सौबागम औय कमा हो सकता ह आज ही इस

वरत क फाय भ फताइए भ उस सॊऩनन करॉ गाrdquo लभतर क उतसाह को दख वदध न शरी फाराजी वरत कथा क फाय भ फतामा

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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लभतर दगन उतसाह क साथ घय आमा ऩयी कहानी ऩतनी को फतामी औय अडोस-ऩडोस क साथ लभरकय शरी फाराजी वरत को सॊऩनन ककमा चयणाभत परसाद गरहण ककमा घय आए सबी रोगो को बी हदमा तबी घय क फाहय कछ

कोराहर सनाई हदमा लभतर का फटा फाहय स दौडता हआ आमा औय फोरा- ldquoषऩताजी षऩताजी याज-यक आऩक लरम आए ह याजा न आऩक लरम बट बी बजी हrdquo इतन भ यक बी वहाॉ आ गम उनहोन फतामा कक उसकी रनमसकत याज दयफाय भ धोफी क रऩ भ हो गमी ह याजा न हजाय अशकपि माॉ ऩयसकाय सवरऩ बजी ह ऐसा कहकय उनहोन लभतर क हाथ भ हजाय अशकपिमो की ऩोटरी यख दी एक हफत क अॊदय-अॊदय

उस आकय नौकयी भ बतॉ होन को बी कहा लभतर क आनॊद की सीभा नही थी एक हफता कमो कर ही कमो नही सोचकय उसन अऩनी ऩोटरी-वोटरी फाॉधी औय दसय हदन सवय ही वो जान को तमाय हो गमा इस जलदफाजी भ वह

उस वदध की फात बर गमा फीच यासत भ उस उसकी फात माद आ गमी ऩय ठीक हअगर भहहन लभर रता हॉ सोच

कय वह याज दयफाय भ अऩन काभ ऩय रग गमा हदनभहहन फीत बराहभण क वश भ आए बगवान को गससा आमा बगवान न सोचा भनषम की परवसतत ऐसी ही होती ह उस भझ अऩनी भहहभा फतानी होगी

दसय ही हदन याणीवास स आबषण चोयी हो गम चोयी का इलजाभ लभतर ऩय आमा लभतर को कायावास की सजा हई hellipयाज यकोन उस तयह-तयह की मातनाएॉ दी ऐसा कमो हआउस ऩय मह इलजाभ कमो रगा सोचत हए लभतर को यात को सऩन भ बगवान हदखाई हदम उनहोन फतामा कक ldquoवदध बराहभण क रऩ भ व ही आम थ वो अऩनी फात स भकय गमा इसलरम म सफ हआ हrdquo तफ लभतर न कहा-ldquoह नाथभ ऩाऩी हॉ भन फहत फडा ऩाऩ ककमा ह कऩमा भझ ऩय दमा कीसजम अफ भ हय भहहन आऩका वरत सॊऩनन करॉ गा भयी आम का आधा बाग जीवन बय आऩको सभषऩित करॉ गाrdquo गार फजाकय उसन बगवान की हय तयह स पराथिना की बकतो की ऩकाय सननवार बगवान न खशी-खशी लभतर ऩय कऩा कय दी बगवान की कऩा स याणी क आबषण दसयही हदन लभर गम याजान म बी जान लरमा कक लभतरन चोयी नही की थी लभतरको कायावास स रयहा कय हदमा गमा तफ स लभतर बगवान को हदम वचन अनसाय हय भहहन शरी फाराजी का वरत सॊऩनन कयन रगा औय अऩनी आम का आधा बाग बगवान को अषऩित कयता यहा सख ऩणि जीवन बफतात हए उसन अॊत भ भो बी परापत ककमाrdquo

शरी अबतरजी न ऐसा कहकय ऩाॉचव औय आखयी अधमाम को सभापत ककमा

गोषवॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

ऩॊचभोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

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faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ॐ भहाधभािम नभ ॐ धभिरषऩणम नभ ॐ अरनकाय षपरमाम नभ ॐ सविदारयदरमधवॊलसनम नभ ॐ शरीवकटशवसथरससथताम नभ ॐ रोकशोकषवनालशनम नभ ॐ वषणवम नभ ॐ रतरचानरऩयवालसनम नभ ॐ वदवदमषवशायदाम नभ ॐ षवषणऩादसषवताम नभ ॐ यतनपरकाशककयीटधारयणम नभ ॐ जगनभोहहनम नभ ॐ शसकतसवरषऩणम नभ ॐ परसननोदमाम नभ ॐ इनिाहददवत मककननय ककमऩरष ऩसजताम नभ ॐ सविरोकरनवालसनम नभ ॐ बजमाम नभ ॐ ऐशवमिपरदारमनम नभ ॐ शानताम नभ ॐ उननतसथानससथताम नभ ॐ भनदायकालभनम नभ ॐ कभराकयाम नभ ॐ वदानतऻानरषऩणम नभ ॐ सविसमऩसततरषऩणम नभ ॐ कोहटसमिसभपरबाम नभ ॐ ऩजापरदारमनम नभ ॐ कभरासनाहद सविदवताम नभ ॐ वकनठवालसनम नभ ॐ अबमदारमनम नभ ॐ िाापरऩामसषपरमाम नभ ॐ नतमगीतषपरमाम नभ ॐ ीयसागयोदभवाम नभ ॐ आकाशयाज ऩबतरकाम नभ

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ॐ सवणिहसतधारयणम नभ ॐ काभरषऩणम नभ ॐ करणाकटाधारयणम नभ ॐ अभतासजाम नभ ॐ बरोकसवगिसखदारमनम नभ ॐ अषटहदकऩारकाचधऩतम नभ ॐ भनभधदऩि सॊहारयणम नभ ॐ कभराथिबागाम नभ ॐ सवलऩऩयाध-भहाऩयाध-भाम नभ ॐ शतकोहटतीथिवालसताम नभ ॐ नायदाहद भरनशरषठ ऩसजताम नभ ॐ आहदशनकयऩसजताम नभ ॐ परीरतदारमनम नभ ॐ सौबागमपरदारमनम नभ ॐ भहाकीतॉ परदारमनम नभ ॐ कषणारतषपरमाम नभ ॐ गनधवि शाऩषवभोचकाम नभ ॐ कषणऩतनम नभ ॐ बतररोकऩसजताम नभ ॐ जगनभोहहनम नभ ॐ सरबाम नभ ॐ सशीराम नभ ॐ अॊजनासतानगरहपरदारमनम नभ ॐ बकतमातभरनवालसनम नभ ॐ सॊधमावसनदनम नभ ॐ सविरोकभातर नभ ॐ अलबभतदारमनम नभ ॐ रलरतावधतम नभ ॐ सभसतशासतर षवशायदाम नभ ॐ सवणािबयणधारयणम नभ ॐ इहऩयरोक सखपरदारमनम नभ ॐ कयवीयरनवालसनम नभ ॐ नागरोकभरणसह आकाशलसनध कभरशवय ऩरयतयधगभनाम नभ

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ॐ शरी शरीरनवासषपरमाम नभ ॐ चनिभनडरससथताम नभ ॐ अलरवर भनगाम नभ ॐ हदवमभनगर धारयणम नभ ॐ सकलमाणऩीठससथताम नभ ॐ काभकवनऩषऩषपरमाम नभ ॐ कोहट भनभधरषऩणम नभ ॐ बानभनडररषऩणम नभ ॐ ऩदमऩादाम नभ ॐ यभाम नभ ॐ सविरोकसबानतय धारयणम नभ ॐ सविभानसवालसनम नभ ॐ सवािम नभ ॐ षवशवरऩाम नभ ॐ हदवमऻानाम नभ ॐ सवभनगररषऩणम नभ ॐ सवािनगरहपरदारमनम नभ ॐ ॐकायसवरषऩणम नभ ॐ बरहभऻानसॊबताम नभ ॐ शरी ऩदमावतम नभ ॐ सदमोवदवतम नभ ॐ शरीभहारकषमम नभ

इरत शरी ऩदमावती अषटोततय शतनाभावलर

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धऩभ दशाॊगभ गगगरोऩतॊ गोघतन सभसनवतभ धऩॊ गहाण दवश सविरोक नभसकाया

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - धऩभािाऩमालभ

(सवाभीजी क भतॉ की अगयफतती औय धऩ स आयती कय)

दीऩभ

बतररोकश भहादव सविऻान परदामक दीऩॊ दासमालभ दवश यभाभ बकतवतसर

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - दीऩॊ दशिमालभ

(सवाभीजी क भतॉ की दीऩ स आयती कय )

नवदमभ

सविबशच बोजजशच यस षडलब सभसनवतॊ नवदमनत भमानीतभ गहाण ऩरषोततभ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - नवदमॊ सभऩिमालभ

(सवाभीजी को परसाद चढाम अगय करा ह तो ldquoकदरीपर रनवदमालभrdquo नारयमर ह तो ldquoनारयकर परॊ रनवदमालभrdquo ऐस कह अगय गड ह तो ldquoगडोऩहाय नवदमभ सभऩिमालभrdquo कह)

ॐ पराणाम सवाहा ॐ आऩानाम सवाहा ॐ वमानाम सवाहा ॐ उदनाम सवाहा ॐ सभानाम सवाहा ॐ ऩयबरहभण सवाहा ॐ बबिव सव ततसषवतय-वयणमभ बगो दवसम धीभहह चधमो मो न परचोदमात ॐ आऩो जमोरतयसोभतॊ बरहभ बबिव सवयोभ भधम भधम ऩानीमभ सभऩिमालभ

अभताषऩधानभलस उततयाऩोशनभ सभऩिमालभ हसतौ परारमालभ ऩादौ परारमालभ ऩनयाचभनीमभ सभऩिमालभ

तामफरभ ऩगीपर सकऩिय नागवलरीदरमितॊ भकताचणि सभामकतॊ तामफरॊ पररतगहमताॊ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - तामफरभ सभऩिमालभ

नीयाजनभ चशरम कानताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरीवकटरनवासाम शरीरनवासाम भनगरभ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ नीयाजनभ दशिमालभ

ऩनयाचभनीमभ सभऩिमालभ

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भॊतरऩषऩभ

ॐ सहसतरशीषिभ दवॊ षवशवाॊ षवशवशॊबवॊ षवशवॊ नायामणनदवभ अयॊ ऩयभॊ ऩदॊ १

षवशवत ऩयभासननतमॊ षवशवॊ नायामणॊ हरयॊ षवशवभवदॊ ऩरषसतदषवशवॊ उऩजीवरत २

ऩरतॊ षवशवसमातभशवयॊ शाशवतॊ लशवभचमतॊ नायामणॊ भहाऻमॊ षवशवतभानॊ ऩयामणॊ ३

नायामण ऩयोजमोरत आतभा नायामण ऩय नायामण ऩयभ बरहभ ततवभ नायामण ऩय नायामण ऩयो धमाता धमानभ नायामण ऩय ४

मचच ककसनचत जगतसव दशमत शरमतषऩ वा अनतफिहहशचततसविभ वमापमा नायामण ससथत ५

अननतभ अवममभ कषवॊ सभिनतभ षवशवशमबवभ ऩदमकोश परतीकाशभ रदमभ चापमधोभखभ ६

अधोरनषमा षवतसतमानत नाभमाभऩरय रतषठरत जवाराभाराकरॊबारत षवशवसमामातनभ भहत ७

सनततॊ लशरालबसत रॊफतमाकोशससननबभ तसमानत सलशयभ सकषभभ तससभन सविभ पररतसषठतभ ८

तसमभधम भहान असगन षवशवायचचषविशवतो भख सोगरबसगवबजन रतषठाननाहाय भजय कषव

रतमिगधवाि भधशशामीयशभमा सतसम सनतता ९

सॊताऩमरत सवॊ दह भाऩादतरभसतक तसम भधम वसनह लशखा अणीमोधवाि वमवससथत १०

नीरथो मदभधमसता षवदमलरखव बासवया नीवायशकवततनवी ऩीताबा सवतमनऩभा ११

तसमा लशखामा भधम ऩयभातभा वमवससथत स बरहभ स लशव स हरय स इनि सोय ऩयभासवयात १२

ॐ तद बरहभ ॐ तद वाम ॐ तदातभा ॐ ततसतमभ ॐ ततसविभ ॐ ततऩयोनिभ अनतशचयरत बतष गहामाभ षवशवभरत िष तवभ मऻसतवभ वषकायसतवभ इनिसतवभ रिसतवभ

षवषणसतवभ बरहभतवभ परजाऩरत तवभ तदाऩ आऩो जमोरत यसोवतभ बरहभ बबिवससवयोभ १३

गदा ऩन शॊखयथानगकलऩक धवजायषवॊदाॊकश वजररासशचत ह शरीरनवास तवत चयणामफज दवमॊ भदीम भधािन भरज ॐ रनयॊजनाम षवदमह रनयाबासाम धीभहह तननो शरीरनवास परचोदमात शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हदवमभनतरऩषऩॊ सभऩिमालभ

परदकषण नभसकाय

शरोकॊ मारनकारन च ऩाऩारन जनभानतय कतारन च तारन तारन परणशमसनत परदकषण ऩद ऩद ऩाऩोहभ ऩाऩकभािहभ ऩाऩातभा ऩाऩसॊबव तराहहभाभ कऩभमा दव शयणगतवतसर अनमधा शयणॊ नाससत तवभव शयणॊ भभ तसभात कारणम बावन य य जनादिन

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - आतभपरदकषण नभसकायान सभऩिमालभ

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षवषवधोऩचाय ऩजा छतरॊ धायमालभ चाभयॊ वीजमालभ नतमॊ दशिमालभ गीतॊ शरावमालभ वादमॊ घोषमालभ आॊदोलरकान आयोहमालभ आशवानायोहमालभ गजानायोहमालभ सभसत यजोऩचाय शकतमऩचाय

मनतरोऩचाय दवोऩचाय सवोऩचाय ऩजाॊ सभऩिमालभ

भाऩवणभ भनतरहीनॊ ककरमाहीनॊ बसकतहीनॊ जनादिन मतऩसजतभ भमा दव ऩरयऩणिभ तदसतत

अनमा धमानावाहनाहद षोडशोऩचाय ऩजमा च बगवन सवाितभक शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरी वकटशवय सवरऩो बगवान सपरीत सपरसननो वयदो बवत शरी वकटशवय दव परसादॊ लशयसा गहणालभ

तीथवभ

अकार भतमहयणॊ सविवमाचध रनवायणभ सवि ऩाऩमकयॊ दव ऩादोदकॊ ऩावनॊ शबॊ

नवदमभ

ॐ बबिवससव ॐ ततसषवतवियणमभ बगो दवसम धीभहह चधमो मो न परचोदमात सतमॊ तवतन ऩरयषषॊचालभ अभतभसत अभतोऩसतयणभलस ॐ पराणाम सवा ॐ अऩानाम सवा ॐ वमानाम सवा ॐ उदानाम सवाह ॐ सभानाम सवा ॐ बरहभण सवा

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - भहानवदमभ सभऩिमालभ

अभताषऩधानभलस उततयाऩोशनभ सभऩिमालभ हसतौ परारमालभ ऩादौ परारमालभ शदध आचभनीमॊ सभऩिमालभ

तामफरॊ सभऩिमालभ सवणिभनतरऩषऩॊ सभऩिमालभ परदकषण नभसकायन सभऩिमालभ

अनमाधमानावाहनाहद षोडषोऩचाय ऩजमा बगवान सवाितभक शरी रकषभी ऩदमावती सभत वकटशवय सवाभी सपरीत सपरसननो वयदो बवत शरी रकषभी ऩदमावती सभत वकटशवय सवाभी परसादॊ लशयसा गहणालभ

उदवासनभ मऻन मऻभमजनत दवासतारन धभािरण परथभानमासन

तहनाकॊ भहहभानससचनत मतर ऩव साधमा ससनत दवा

गचछ गचछ सयशरषठ सवसथान शरी वकटशवय बकताबीषट सभधमथिभ ऩनयागभनाम च

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरी वकटशवय सवाभी मथासथानॊ उदवासमालभ

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परथभ अधमाम

शरी बगवान उवाच

कलरमग भ एक हदन शब भहति भ रतरभरा ऩहाड ऩय (सजस धयती का वकॊ ठ कहा जाता ह ) ldquoषवशवऩरत नाभक एक बकत ऩय शरी फाराजी की कऩा हई शरी षवषण क अवताय शरी फाराजी (वकटशवय) जो महाॉ शरीरनवास क रऩ भ ऩज जात ह उनहोन षवशवऩरत को ldquoशरी फाराजी वरत कथाrdquo नाभ स परलसधद इस गरॊथ की यचना कयन की आऻा दी औय कहा- ldquoह भय षपरम बकत षवशवऩरत भय षपरम होन क कायण इस वरत को षवसताय रऩ स तमह फाता हॉ सनो म

वरत भझ अरत षपरम ह आसान होन क कायण इस सबी रोग सॊऩनन कय सकत ह

कलरमग भ भानव अऩन ऩाऩ कभो का पर बोगता ह अनक कषट सहत हए जीवन रनवािह कयता ह कछ बकत

अऩन दख भझ फताकय उनह दय कयन क लरम कहत ह फहत स ऩस खचि कय वो भझ दखन क लरम रतरभरा की मातरा कयत ह भय बकतो स भझ परभ ह व भझऩय अऩना ऩया बाय डार दत ह भ उनह धभि क भागिऩय चराता हॉ

अबी भ जो मह वरत कथा तमह फतान जा यहा हॉ वो ldquoशरी फाराजी की कथाrdquo क नाभ स परलसदध होगा म भया वरत भझ अरतषपरम ह जो वमसकत इस बसकत औय रनषठा स कयगा वह तयॊत ऩाय ऩामगा कोई बी वमसकत कबी बी इस वरत को सॊऩनन कय सकता ह भखम रऩ स भागिशीषि भाघ कारत िक भहहनो भ ऩणिभासी ऩॊचभी सपतभी एकादशी रतचथमो ऩय मा शरवण सवारत नतरो ऩय इस कयना शरषठ होता ह

इस घोय कलरमग भ भय बकत जो कषट सह यह ह उनह भ जानता हॉ तमह जफ बी कोई कषट हो कोई सभसमा हो सवासम ठीक ना हो नौकयी वमाऩाय भ सभसमाएॉ हो भन अशाॊत हो तो इस वरत को सॊऩनन कयना चाहहम इसस

साय कषट दय हो जात ह घय भ शब कामि होन ऩय इस वरत को सॊऩनन कयन स बफना ककसी सभसमा क कामि ऩणि हो जाता ह इस वरत को सॊऩनन कयत ही सबी सख परापत होत ह औय अषट ऐशवमो की परासपत होती ह

सफय मा शाभ इस वरत को सॊऩनन कय सकत ह इस वरत भ ऩाॉच अधमाम ह इनका ऩठन बसकत क साथ कयना चाहहम अऩन घय भ मा रनवास सथान ऩय भॊहदय भ मा ककसी बी ऩषवतर सथान भ नदी तट ऩय सॊऩनन कय सकत ह

महद सॊबव हो तो अऩन फॊध लभतरो क साथ इस सॊऩनन कयन स जमादा शरषठ होता ह जो इस सॊऩनन कयत ह मा जो इस सनत ह वरत सॊऩणि होन क फाद परसाद को बसकत स सवीकाय कयत ह वो अषट ऐशवमो को परापत कयत ह इसस

ऩहर बी भय बकतो न कई भरनमो न इस वरत को सॊऩनन ककमा औय भया आशीवािद ऩामा बरोक भ यहनवार सबी को मह वरत आनॊद परदान कयगा औय शब पर बी परापत होगा शाॊत चचतत स भझ माद कयत हए इस वरत का ऩारन

कयो

सवि परथभ जहाॉ वरत कयना चाहत हो उस सथर को साप कयो भॊडऩ की वमवसथा कय भयी तसवीय सजसभ भयी षपरम

सरखमाॉ शरी दवी बदवी ह उस तसवीय को इस भॊडऩ ऩय सथाषऩत कयो भॊडऩ को दीवाय स रगाकय बी यख सकत हो अनम ककसी इचछक दवता की तसवीय बी सख सकत हो नवगरहो औय अषट हदकऩारको को मा तो भन भ नभसकाय

कयो मा उनका आवहान बी कय सकत हो

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सफस ऩहर हलदी स फनी गणश की ऩजा कयनी चाहहम उसक फाद उस वरत क ऩाॉचो अधमामो का रनषठा स ऩठन

कयना चाहहम मही परथभ अधमाम ह अनम चाय अधमाम भय अतमॊत षपरम ऩातर षवशवालभतर वलशषठ बयदवाज अबतर

भरनशवयो क परवचना रऩ भ ह ऩाॉच अधमामोको ऩढन क फाद भय षपरम शरोक बी ऩढ सकत हो हय अधमाम क अॊत

भ गोषव ॊद गोषव ॊद गोषव ॊद तीन फाय सभयण कयना चाहहम

आभ रोगो क कषटो को भ जानता हॉ इसी लरम भयी एक फात सनो महद ककसी कायण इस वरत को षवसताय रऩ स

सॊऩनन कयन भ कोई सभसमा आ यही हो तो भय तसवीय को साभन यख कय ऩहर गणश जी की कपय नवगरह दवताओॊ औय अषटहदकऩारको को सभयण कय ऩाॉच कहरनमाॉ ऩढकय अऩन भन भ जो इचछा ह उस भझ फताओ भ उस

परसाद क रऩ भ परदान करॉगा इस परकाय कयन स बी कामि की लसषदध होती ह तमहाय कषट दय हो जामग औय शब

पर परापत होगा

जो वमसकत इस वरत को बसकत स सॊऩनन कयगा भ उसक घय ककसी ना ककसी रऩ भ आकय परसाद सवीकाय करॉगा भयी कऩा आऩ सबी को हभशा परापत होगी शरी फाराजी न रतमभयाज षवशवऩरत याभकषणभरत ि ldquoषवशवऩरतrdquo को इस वरत कथा को षवसताय स फतामा कलरमगवासी हभ सबी इस वरत को सॊऩनन कय शरी फाराजी की कऩा क ऩातर फन सकत ह इस वरत को सॊऩनन कय हभ अऩन सबी कषट दय कय सकत ह औय उचचत पर बी परापत कय

सकत ह

गोषवॊदगोषवॊदगोषवॊद

परथभोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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दषवतीम अधमाम

शरी षवशवालभतर उवाच

भहातऩ सॊऩनन साात शरी षवशवालभतर जी न हभ ऩय कऩा की औय परवचन कयत हए कहा- ldquoह कलरमग वालसमो शरीरनवास क बकतो ldquoशरीफाराजी वरत कथाrdquo सजस आऩ सॊऩनन कय यह हो वह फहत ही ऩषवतर ह भहहभा स ऩणि ह मह वरत कलरमग भ शरी नायामण जी की करणा औय दमा परापत कयन का अतमॊत सयर साधन ह पराचीन कार भ शरी फाराजी क षपरम बकतो न इस सॊऩनन कय अऩनी काभनाओॊ को ऩणि ककमा इस वरत कथा क फाय भ हभ फताकय शरी फाराजी न हभाय पररत जो दमा हदखाई ह उसक लरए हभ उनह परणाभ कयत ह

पराचीन कार भ भगध याजम भ षवषणचचतत नाभक एक बकत यहता था उसकी नौ कनमाएॉ थी षवदवान होन ऩय बी वह अतमॊत गयीफ था षवषणचचतत की ऩतनी तायाभरत हभशा नायामणजी की पराथिना कयती यहती थी षववाहाहद शबकामि सॊऩनन कय जो बी ऩस दकषणा क रऩ भ लभरत थ उसस व भसशकर स अऩना जीवन रनवािह कय

यह थ कनमाएॉ मौवनावसथा भ ऩदाऩिण कय चकी थी तायाभरत हभशा इसी चच ॊता भ यहती थी कक इन कनमाओॊ का षववाह ककस परकाय सॊऩनन होग वह फाराजी की पराथिना कयत हए सदा अऩना सभम गजायती थी

वह तो फाराजी की बकत थी औय फाराजी अऩन बकतो स अतमाचधक परभ कयत ह उस हदन भाघ ऩरणिभा थी सवय

एक वदध बराहभण न षवषणचचतत क दयवाज ऩय दसतक दी औय कहा - ldquoह सवाभी भ फॊग दश का वासी हॉ एक मऻ

क लसरलसर भ दसय दश जा यहा हॉ यासत भ महाॉ आमा हॉ भझऩय दमा कयो औय अऩन घय भ एक हदन क लरए

यहन दो कर सवयही भ महॉ स चरा जाऊॉ गाrdquo उन की फात सनकय षवषणचचततन कहा lsquoनाथ इसस फढकय खशी औय कमा हो सकती ह अरतचथ साात नायामण जी क सभान होत ह ऐस हभाय ऩयाणो भ कहा गमा ह आऩ बफना ककसी सॊकोच क हभाय घय भ यह सकत हlsquo ऐसा कह कय उसन उस बराहभण को घय क अॊदय फरामा औय उनका सतकाय ककमा

दोऩहय भ बोजन क फाद उस वदध न तायाभरत स ऩछा ndash ldquoभाता कमा फात ह तभ कछ चच ॊरततसी रगती हो बफना ककसी सॊकोच क फात फताओrdquo तायाभरत न कहा ndash ldquoसवाभी आऩ तो भहातऩसवी ह आऩ क भख का तज उस वकॊ ठवासी क सभान ह आऩ स कमा छऩाना भयी चचॊता भयी कनमाओॊ का षववाह हrdquo उस ऩय वदध न कहा- ldquoभाता तमहाया दख भ जानता हॉ तमहाय सबी कषट दय हो औय तमहायी कनमाओॊ की शादी हो इसक लरम भ एक अदभत वरत फताता हॉ सनो इस वरत को सॊऩनन कयन स तमहाय साय कषट दय हो जामग शरी फाराजी क वरतो भ स मह सफस सयर हrdquo कहत हए उनहोन उस दॊऩरत को ऩया वरत षवधान फतामा वरत षवधान

सनकय षवषणचचतत न कहा- ldquoसवाभी मह तो अतमॊत सॊतोष की फात ह इसस फढकय सौबागम औय कमा होगा

कहत ह ना- शबसम शीिॊ आज भाघ ऩरणिभा ह फहत ही शब हदन ह आऩक कथा अनसाय हभ आज ही इस वरत

को सॊऩनन कयगrdquo षवषणचचततन ऩतनी तायाभरत औय सबी कनमाओॊ क साथ लभरकय उस हदन शाभ भ ही अऩन

फॊध-लभतरो क साथ बसकत औय रनषठा स फाराजी वरत को सॊऩनन ककमा वहाॉ उऩससथत सबी रोगो न वरत ऩया होन क

फाद चयणाभत परसाद गरहण ककमा औय अऩन-अऩन घय परसथान ककमा तफ षवषणचचतत औय तायाभरत न बराहभण

क चयणो को नभसकाय ककमा औय आशीवािद परापत ककमा बराहभणोततभ न बी चयणाभत परसाद गरहण ककमा औय

कहा- ldquoआऩकी भनोकाभना ऩयी हो शरी रकषभी शरी फाराजी की कऩा होrdquo

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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अॊधया हो चरा था औय रनिा सभम आसनन था षवषणचचतत न उस बराहभण को एक पटी चादय दत हए आॉखो भ आस लरम कहा- सवाभी भ अतमॊत दरयिी हॉ इसस अचछी चादय भय ऩास नही ह भझ भा कय आज की यात इसी ऩय षवशराभ कय बराहभण भसकयात हए फोर- कोई फात नही भ फाहय फयाभद भ सो जाता हॉ कछ सभम फाद ही सबी रनिारोक भ षवचयण कयन रग आधी यात का सभम था बफजरी की गडगडाहट क साथ फारयश शर हई चायो ओय अॊधया था कहीॊ कछ नही हदखाई

द यहा था षवषणचचतत इस चच ॊता भ था कक वदध बराहभण फाहय कस सो यह होग उस सभम कछ सझ बी नही यहा था ककसी तयह उनहोन यात गजायी सवया हआ फारयश बी थभ चकी थी ऩरत-ऩतनी मही सोच यह थ कक बराहभण की कमा दशा हई होगी ककतना सहा होगा उनहोन मही सोचत हए वो फाहय आए उनह एक अदभत दशम हदखाई हदमा वहाॉ षवपरोततभ नही थ पहट हई चादय की जगह यशभ का षऩताॊफय यखा हआ था उस षऩताॊफय ऩय शरी फाराजी क

भतॉ ndash हदखाई दी व सफ कछ सभझ गम उनकी खषी का कोई हठकाना नही यहा उनक घय आम बराहभण औय

कोई नही साात शरी नायामणजी ही थ ह फाराजी कमा बागम ह हभाया ऩय हभ उनको ऩहचान नही ऩाम हभन उनको पटी हई चादय दी मह सोचत हए उनहोन शरी फाराजी की भतॉ को हाथ भ रकय आॉखो स रगामा औय

घय क अॊदय आम ऩया घय सोन स बया हआ था जहाॉ दखो वहाॉ धन याशी ह बगवान शरी फाराजी की वरत कथा की भहहभा स ही मह सफ सॊबव हो सका ऐसा कहत हए व बगवान की सतरत कयन रग आऩन दख साात शरी फाराजी ही उस बकत क घय आम थ वरत षवधान फतामा औय चयणाभत परसाद बी गरहण

ककमा शरी फाराजी फहत ही करणाभम ह जो बी इस वरत को बसकत औय रनषठा स कयगा उसक घय सवमॊ बगवान

ककसी ना ककसी रऩ भ आमग आऩ सबी इस वरत को सॊऩनन कय बगवान की कऩा परापत कय सकत ह शरी भहषषि षवशवालभतर जी न मह दषवतीम कथा इस तयह फताई

शरी रकषभी शरीरनवास कटाॊ लसषदधयसत

गोषवॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

दषवतीमोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ततीम अधमाम

शरी वलशषठ उवाच मह अधमाम भहातऩोरनषठ वरयषठ शरीवलशषठ भरन न शरीनायामणजी की कऩा स हभ षवसताय रऩ स फतामा ह ह कलरमग वालसमो शरीफाराजी क षपरम बकतो वकणठ भ रनवास कयनवार शरीनायामणजी आज क रतरभरा भ ससथत शरीफाराजी ही ह कलरमग वालसमो क कषट दय कयन क लरम बगवान आऩक फहत सभीऩ रतरभरा ऩहाड ऩय अवतारयत हए ह शरी फाराजी को खश कयन क लरए मह वरत उततभ ह औय सयर बी ह इस वरत को जो बसकत औय रनषठा स सॊऩनन कयता ह उस सबी सख परापत हो जात ह पराचीन सभम भ अवॊती दश भ बागमनगय नाभक एक नगय था नाभ क ही अनरऩ वहाॉ अनक धनवान (वमाऩायी) यहत थ ऩय व अऩनी सॊऩसतत को दख घभॊड कयत थ औय आभ रोगो को हीन दषटी स दखत थ धन-दौरत उनकी सवासजित ह ऐसा सोचकय घभॊड कयत थ बगवान की रनतम ऩजा-ऩाठ तो उनहोन ऩहर ही छोड दी थी कभ स कभ षवशष हदनो भ बी व ना भॊहदय जात ना ऩजा कयत ना ही दीऩ जरात एक हदन सबी धनवान अऩनी-अऩनी ऩतनीमो क साथ परीरत बोज भ वमसत थ उस नगय की ऩवि हदशा भ ही शरी रकषभी नायामण जी का भॊहदय था जहाॉ दीऩ जरानवारा कोई नही था उस हदन षवशष एकादशी थी सजस एक ऩवि हदन बी भाना जाता ह ऩय उस नगय क एक बी धनवान क भन भ भॊहदय भ ऩजा कयन का षवचाय नही आमा शाभ होत-होत आकाश भ घन फादर छा गम औय भसराधाय फारयश होन रगी वमाऩारयमो क घय ऩानी स बय गम चायो ओय अॊधकाय ह अॊधकाय था सवय होन तक ऩया नगय ऩानी भ डफ गमा वमाऩारयमो क घय टट-पट गम उनका साया ऐशवमि सभापत हो गमा ऐसा उऩिव कमो भचा मह पररम कस हो गमा ककसी को कछ बी सभझ भ नही आ यहा था इतन भ उनह एक षवचचतर दशम हदखाई हदमा नगय क फाहय जो झोऩडडमाॉ थी व तो वसी की वसी थी उनको आशचमि हआ इतनी फारयश भ बी म कस सही सराभत यही व ऐसा भन ही भन सोच यह थ कक इतन भ बफजरी कडकी औय आकाशवाणी हई ldquoए भखो तमहायी सॊऩसतत तमहायी अऩनी ह सवासजित ह ऐसा सोचत थ इसी लरम ऐसा हआ ह इस झोऩडी भ यहनवारा दव भया षपरम बकत ह आभ आदभी होन ऩय बी दव रनतम तमहाय नगय भ ससथत शरी रकषभी नायामण

भॊहदय भ दीऩ जराता था इतना ही नही हय एकादशी क हदन मथा सॊबव वह शरी फाराजी वरत कथा बी सॊऩनन कयता था इसी लरम इन झोऩडीमो भ यहनवार सबी रोग सयकषत यह आऩ सबी महद वरत सॊऩनन कयग तो अऩन-अऩन

ऐशवमि को ऩन परापत कय सकत होrdquo आकाशवाणी सनत ही तयॊत व सबी रोग उस भॊहदय भ गम औय जस

सॊबव हो सका वस सबी रोगोन एक-दसय क सहमोग स शरी फाराजी की वरत कथा सॊऩनन की ऐसा कयत ही सबी को उनक घय ऩवि रऩ भ ही परापत हो गम तफ स व सबी शरीफाराजी क बकत फन गम औय हय एकादशी को शरीफाराजी का वरत सॊऩनन कयत औय सख-शाॊरत परापत कय यहन रग अॊत भ उनहोन भसकत बी परापत की

शरीवलशषठजी न इस परकाय म कथा सनाई

गोषव ॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

ततीमोधमाम सभापतॊ |

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ

शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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चतथव अधमाम

शरी बयदवाज उवाच

शरीनायामण जी को ldquoशरीफाराजी वरत कथाrdquo अतमॊत षपरम ह चतथि अधमाम क रऩ भ हभाय साभन शरी बयदवाज

भरनदवाया फतामी नमी कहानी इस परकाय ह- ldquoह कलरमगवालसमो शरी नायामण क षपरम बकतो आऩ सजस वरत को सॊऩनन कय यह ह वह अदभत ह आऩकी भनोकाभनाओॊ को ऩणि कयन का साधन ह शरी फाराजी को परसनन कयन का मह अतमॊत सयर उऩाम ह आऩ सबी ऩय कऩा कयन क लरम ही वकॊ ठवासी बगवान शरीरनवास क रऩ भ रतरभरा ऩहाड ऩय अवतरयत हए ह अनक जनभो क ऩणमपर स ही रतरभरा ऩहाड ऩय ऩय यखन का सौबागम परापत होता ह औय बगवान क दशिन बी सॊबव होत ह इसी तयह इस ldquoवरतकथाrdquo को सॊऩनन कयन का सॊकलऩ बी ऩविजनभ क

ऩणमपर स ही सॊबव होता ह जो वमसकत इस वरत को सॊऩनन कय यह ह मा जो इस कथा को सन यह ह मा जो बगवान क परसाद को गरहण कयत ह उनह बगवान की कऩा परापत होती ह औय व सौबागम बी ऩात ह

पराचीन कार भ ldquoनगयीrdquo नाभक एक गराभ भ धनगपत नाभ का वमाऩायी यहता था वह फहत ही रारची था ऐशवमि परापत कयन ऩय बी उसका रारचीऩन कभ नही हआ मह सभसत ऐशवमि उसका ही कभामा हआ ह ऐसा सोचकय वह फहत घभॊड कयता था अहॊकाय भनषम का नाश कयता ह

धनगपत की ऩतनी काॊरतभती अतमॊत बसकत बावना यखती थी औय रनषठा स बगवान की ऩजा कयती थी उनकी तीन कनमाएॉ थी तीसयी कनमा ldquoकभायीrdquo भ बसकत बावना जमादा थी वह हभशा फाराजी का नाभ ही जऩती यहती थी षऩताजी को बफना फताम वह जफ-तफ शरी फाराजी क भॊहदय भ जाती थी औय बगवान क दशिन कयती थी घय आकय षऩताजी को छोड अनम सबी क साथ परसाद सवीकाय कयती थी ऩती क ऐस वमवहाय स

काॊरतभती थोडी चच ॊरतत होती थी

एक हदन ldquoकभायीrdquo की सहरी क घय ऩय ldquoशरी फाराजीrdquo का वरत सॊऩनन हो यहा था मह जानकय वो वहाॉ गई वरत ऩया होन तक दोऩहय हो चकी थी थोडासा परसाद उसन गरहण ककमा औय थोडा वह अऩन घयवारो क लरम एक

कागज की ऩडी भ रकय चरी फीच यासत भ उस पमास रगन रगी धऩ बी फहत तज थी उसन सोचा थोडी दय रक

कय पमास फझाकय कपय चरॉ तो ठीक यहगा तबी उस माद आमा कक उसक षऩता की दकान अगरी गरी भ ही तो ह वहाॉ जाकय उसन षऩताजी को ऩजा की फात बफना फताम षऩताजी स ऩानी भाॉगकय षऩमा औय षऩताजी गससा कयग

इस डय स उसन जलदी-जलदी ऩानी षऩमा इस घफयाहट भ परसाद की ऩडी वही दकान भ बरकय चरी गई

एकाएक फाजाय भ हडकॊ ऩ भच गमा रोग हाहाकाय भचात हए इधय-उधय बागन रग आगजनी क कायण उस गरी की सायी दकान जर कय याख होन रगी वस बी दोऩहय का सभम थाउस ऩय गभि हवाएॉ चर यही थीधनगपत का शयीय डय क भाय काॉऩन रगा ldquoकछ ही सभम भ उसकी दकान बी जर कय याख हो जाएगीrdquo इस षवचाय स उस क हाथ-ऩय काॉऩन रग सबी रोग अऩनी-अऩनी दकानो स फाहय आकय इधय-उधय बागन रग ऩय

धनगपत वही खडा यह गमा दकान छोडकय जान का भन नही कय यहा था महद वो दकान भ यहगा तो जरकय

याख हो जामगासोचत हए उसन घफयाहट भ उसक हाथ रगी ऩडी को उठामा औय बफना सोच सभझ जो हाथ आमा वो भॉह भ डार हदमा उस कछ भीठा-भीठा सा ऩदाथि रगा औय भन बी शाॊत होन रगा

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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तबी एक अदभत घटना घटीआग धनगपत की दकान तक आकय रक गमी आग की रऩत वहाॉ नही आ ऩामी मह कसी षवचचतर फात हम कसी भामा ह धनगपत क भॉहस एक बी फात नही रनकर ऩामी उधय आगजनी की खफय सनत ही ऩतनी काॊरतभती अऩन कनमाओॊ क साथ फाराजी का सभयण कयत हए दौडती हई वहाॉ आ गमी आग उनक दकान तक आकय कस रक गमी मह दखकय उस आशचमि हआ तबी कभायी को दकान भ बरी हई ऩडी की माद आई धनगपत को सभझन भ दय नही रगी कक उसन जो चीज भॉह भ डारी थी वो औय कछ नही तो बगवान का परसाद ही था औय उसकी भहहभा स ही व इस दघिटना स चक गम धनगपत न शरीफाराजी स भा भाॉगी गार फजाम शाभ भ ही नगयवालसमो को फराकय ldquoशरीफाराजी की वरत कथाrdquo सॊऩनन की तफ स वह बगवान की सवा भ रीन हो गमा औय अॊत भ भो बी परापत की आऩन दखा कक कवर परसाद गरहण कयन स ही वो ककतनी फडी दघिटना स चक गमा फाराजी की भहहभा अदभत ह आऩ सबी बी मथा सॊबव वरत को सॊऩनन कय क बगवान की कऩा परापत कय सकत हldquo

शरीबयदवाजजी न इस परकाय मह चतथि कथा सनामी

गोषवॊदगोषवॊदगोषवॊद

चतथोधमाम सभापतॊ |

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ऩॊचभ अधमाम

शरी अतरतर उवाच

रतरभरा-रतरऩती बरोक का वकणठ धाभ ह ऩयाणो भ फतामा गमा ह कक रतरभरा क सभान ऩषवतर सथर औय शरी फाराजी जस दवता न तो ऩहर कबी हए ह औय न कबी होग शरीरनवास क रऩ भ अवतरयत शरी नायामण अऩन

बकतो स फहत परभ कयत ह जो उन ऩय अऩना ऩया बाय डारकय उनह रनतम सभयण कयत ह जो सदाचाय स ऩणि जीवन बफतात ह वो उनकी या कयत ह ऐस शरीफाराजी को परसनन कयन का सफस सयर उऩाम ह ndash ldquoशरीफाराजी की वरत कथाrdquo

इस अदभत वरत कथा क फाय भ भहातऩसॊऩनन शरी अबतर भहषषि न कऩा कयत हए कहा ह- ldquo ह फाराजी क षपरम

बकतो कलरमग भ आऩक सौबागम क फाय भ कमा कहना कतमग तरतामग औय दवाऩायमग भ अतमॊत कठोय तऩ-

जऩ कयन ऩय बी परसनन न होन वार शरी नायामण इस मग भ कवर नाभसभयण स ही आऩ रोगो ऩय कऩा कय यह

ह षवशवास क साथ उनह फरान ऩय व तयॊत कऩा परदान कयत ह ऐस करणाभम ह शरीफाराजी ऩषवतर रतरभरा ऩय

तमहाया यखा हय कदभ अनक जनभो क ऩणमपर क सभान ह

पराचीन कार भ ldquoकौभायrdquo दश भ ldquoलभतरrdquo नाभक धोफी यहता था वो अऩन काभ क साथ-साथ धालभिक कामि कयता हआ जीवन रनवािह कय यहा था उसकी अऩॊगता ही उसकी चच ॊता थी इसी कायण धोए हए कऩडो की ऩोटरी फनाकय घय-घय घभकय उनह रोगो तक ऩहॉचाना उस धीय धीय भसशकर रगन रगा उसका ऩरयवाय फडा था बफना भहनत ककए उस बय ऩट खान को बी नही लभरता था हभशा वो शरी फाराजी की ऩजा कयता यहता था कबी ना कबी बगवान उस ऩय कऩा कयग इसी षवशवास स वो अऩना जीवन गजाय यहा था बकतो ऩय कऩा कयन वार फाराजी सफ कछ दखत यहत ह जो वमसकत अऩन कभो स भकती ऩाता ह उनक ऩास आकय फाराजी ककसी न ककसी रऩ भ आकय उनकी या कयत ह एक हदन शाभ क सभम हभशा की तयह लभतर कऩड धोकय कऩडो की ऩोटरी राद धीय-धीय चरता हआ आ

यहा था फीच यासत भ उस एक वदध बराहभण हदखाई हदम गौयव की बावना स फड होन क कायण लभतर न अऩन कॊ ध

ऩय रदी हई ऩोटरी को नीच उतायकय वदध बराहभण को नभसकाय ककमा तफ उस षवपरोततभ न कहा- ldquoतभ अऩन इस ऩय क कायण ककतना कषट सह यह हो तमहाया दख दखा नही जाताrdquo तफ लभतर न कहा-ldquoह नाथ आऩ फजगि ह बयाऩया ऩरयवाय होन क कायण भझ इस काभ स भकती नही लभर यही ह ककसी तयह भयी म अऩॊगता दय हो ऐसा कोई उऩाम फताइएrdquo

तफ बराहभण न कहा-ldquoसनो बाई भ जरय फताऊॉ गा धमान स सनो भ एक ऐस वरत क फाय भ फताता हॉ सजस सॊऩनन कयन स तमहायी अऩॊगता दय हो जाएगी तमह अषट ऐशवमो की परासपत होगी वरत सॊऩनन कयत ही तमह हजाय अशकपि माॉ लभरगी ऩय एक शति ह उसभ स आध तभ भझ दोगकर भ कपय इसी सभम महाॉ लभरॉगाrdquo तफ लभतर न कहा- ldquoसवाभी इसस फढकय सौबागम औय कमा हो सकता ह आज ही इस

वरत क फाय भ फताइए भ उस सॊऩनन करॉ गाrdquo लभतर क उतसाह को दख वदध न शरी फाराजी वरत कथा क फाय भ फतामा

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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लभतर दगन उतसाह क साथ घय आमा ऩयी कहानी ऩतनी को फतामी औय अडोस-ऩडोस क साथ लभरकय शरी फाराजी वरत को सॊऩनन ककमा चयणाभत परसाद गरहण ककमा घय आए सबी रोगो को बी हदमा तबी घय क फाहय कछ

कोराहर सनाई हदमा लभतर का फटा फाहय स दौडता हआ आमा औय फोरा- ldquoषऩताजी षऩताजी याज-यक आऩक लरम आए ह याजा न आऩक लरम बट बी बजी हrdquo इतन भ यक बी वहाॉ आ गम उनहोन फतामा कक उसकी रनमसकत याज दयफाय भ धोफी क रऩ भ हो गमी ह याजा न हजाय अशकपि माॉ ऩयसकाय सवरऩ बजी ह ऐसा कहकय उनहोन लभतर क हाथ भ हजाय अशकपिमो की ऩोटरी यख दी एक हफत क अॊदय-अॊदय

उस आकय नौकयी भ बतॉ होन को बी कहा लभतर क आनॊद की सीभा नही थी एक हफता कमो कर ही कमो नही सोचकय उसन अऩनी ऩोटरी-वोटरी फाॉधी औय दसय हदन सवय ही वो जान को तमाय हो गमा इस जलदफाजी भ वह

उस वदध की फात बर गमा फीच यासत भ उस उसकी फात माद आ गमी ऩय ठीक हअगर भहहन लभर रता हॉ सोच

कय वह याज दयफाय भ अऩन काभ ऩय रग गमा हदनभहहन फीत बराहभण क वश भ आए बगवान को गससा आमा बगवान न सोचा भनषम की परवसतत ऐसी ही होती ह उस भझ अऩनी भहहभा फतानी होगी

दसय ही हदन याणीवास स आबषण चोयी हो गम चोयी का इलजाभ लभतर ऩय आमा लभतर को कायावास की सजा हई hellipयाज यकोन उस तयह-तयह की मातनाएॉ दी ऐसा कमो हआउस ऩय मह इलजाभ कमो रगा सोचत हए लभतर को यात को सऩन भ बगवान हदखाई हदम उनहोन फतामा कक ldquoवदध बराहभण क रऩ भ व ही आम थ वो अऩनी फात स भकय गमा इसलरम म सफ हआ हrdquo तफ लभतर न कहा-ldquoह नाथभ ऩाऩी हॉ भन फहत फडा ऩाऩ ककमा ह कऩमा भझ ऩय दमा कीसजम अफ भ हय भहहन आऩका वरत सॊऩनन करॉ गा भयी आम का आधा बाग जीवन बय आऩको सभषऩित करॉ गाrdquo गार फजाकय उसन बगवान की हय तयह स पराथिना की बकतो की ऩकाय सननवार बगवान न खशी-खशी लभतर ऩय कऩा कय दी बगवान की कऩा स याणी क आबषण दसयही हदन लभर गम याजान म बी जान लरमा कक लभतरन चोयी नही की थी लभतरको कायावास स रयहा कय हदमा गमा तफ स लभतर बगवान को हदम वचन अनसाय हय भहहन शरी फाराजी का वरत सॊऩनन कयन रगा औय अऩनी आम का आधा बाग बगवान को अषऩित कयता यहा सख ऩणि जीवन बफतात हए उसन अॊत भ भो बी परापत ककमाrdquo

शरी अबतरजी न ऐसा कहकय ऩाॉचव औय आखयी अधमाम को सभापत ककमा

गोषवॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

ऩॊचभोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

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faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ॐ सवणिहसतधारयणम नभ ॐ काभरषऩणम नभ ॐ करणाकटाधारयणम नभ ॐ अभतासजाम नभ ॐ बरोकसवगिसखदारमनम नभ ॐ अषटहदकऩारकाचधऩतम नभ ॐ भनभधदऩि सॊहारयणम नभ ॐ कभराथिबागाम नभ ॐ सवलऩऩयाध-भहाऩयाध-भाम नभ ॐ शतकोहटतीथिवालसताम नभ ॐ नायदाहद भरनशरषठ ऩसजताम नभ ॐ आहदशनकयऩसजताम नभ ॐ परीरतदारमनम नभ ॐ सौबागमपरदारमनम नभ ॐ भहाकीतॉ परदारमनम नभ ॐ कषणारतषपरमाम नभ ॐ गनधवि शाऩषवभोचकाम नभ ॐ कषणऩतनम नभ ॐ बतररोकऩसजताम नभ ॐ जगनभोहहनम नभ ॐ सरबाम नभ ॐ सशीराम नभ ॐ अॊजनासतानगरहपरदारमनम नभ ॐ बकतमातभरनवालसनम नभ ॐ सॊधमावसनदनम नभ ॐ सविरोकभातर नभ ॐ अलबभतदारमनम नभ ॐ रलरतावधतम नभ ॐ सभसतशासतर षवशायदाम नभ ॐ सवणािबयणधारयणम नभ ॐ इहऩयरोक सखपरदारमनम नभ ॐ कयवीयरनवालसनम नभ ॐ नागरोकभरणसह आकाशलसनध कभरशवय ऩरयतयधगभनाम नभ

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ॐ शरी शरीरनवासषपरमाम नभ ॐ चनिभनडरससथताम नभ ॐ अलरवर भनगाम नभ ॐ हदवमभनगर धारयणम नभ ॐ सकलमाणऩीठससथताम नभ ॐ काभकवनऩषऩषपरमाम नभ ॐ कोहट भनभधरषऩणम नभ ॐ बानभनडररषऩणम नभ ॐ ऩदमऩादाम नभ ॐ यभाम नभ ॐ सविरोकसबानतय धारयणम नभ ॐ सविभानसवालसनम नभ ॐ सवािम नभ ॐ षवशवरऩाम नभ ॐ हदवमऻानाम नभ ॐ सवभनगररषऩणम नभ ॐ सवािनगरहपरदारमनम नभ ॐ ॐकायसवरषऩणम नभ ॐ बरहभऻानसॊबताम नभ ॐ शरी ऩदमावतम नभ ॐ सदमोवदवतम नभ ॐ शरीभहारकषमम नभ

इरत शरी ऩदमावती अषटोततय शतनाभावलर

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धऩभ दशाॊगभ गगगरोऩतॊ गोघतन सभसनवतभ धऩॊ गहाण दवश सविरोक नभसकाया

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - धऩभािाऩमालभ

(सवाभीजी क भतॉ की अगयफतती औय धऩ स आयती कय)

दीऩभ

बतररोकश भहादव सविऻान परदामक दीऩॊ दासमालभ दवश यभाभ बकतवतसर

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - दीऩॊ दशिमालभ

(सवाभीजी क भतॉ की दीऩ स आयती कय )

नवदमभ

सविबशच बोजजशच यस षडलब सभसनवतॊ नवदमनत भमानीतभ गहाण ऩरषोततभ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - नवदमॊ सभऩिमालभ

(सवाभीजी को परसाद चढाम अगय करा ह तो ldquoकदरीपर रनवदमालभrdquo नारयमर ह तो ldquoनारयकर परॊ रनवदमालभrdquo ऐस कह अगय गड ह तो ldquoगडोऩहाय नवदमभ सभऩिमालभrdquo कह)

ॐ पराणाम सवाहा ॐ आऩानाम सवाहा ॐ वमानाम सवाहा ॐ उदनाम सवाहा ॐ सभानाम सवाहा ॐ ऩयबरहभण सवाहा ॐ बबिव सव ततसषवतय-वयणमभ बगो दवसम धीभहह चधमो मो न परचोदमात ॐ आऩो जमोरतयसोभतॊ बरहभ बबिव सवयोभ भधम भधम ऩानीमभ सभऩिमालभ

अभताषऩधानभलस उततयाऩोशनभ सभऩिमालभ हसतौ परारमालभ ऩादौ परारमालभ ऩनयाचभनीमभ सभऩिमालभ

तामफरभ ऩगीपर सकऩिय नागवलरीदरमितॊ भकताचणि सभामकतॊ तामफरॊ पररतगहमताॊ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - तामफरभ सभऩिमालभ

नीयाजनभ चशरम कानताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरीवकटरनवासाम शरीरनवासाम भनगरभ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ नीयाजनभ दशिमालभ

ऩनयाचभनीमभ सभऩिमालभ

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भॊतरऩषऩभ

ॐ सहसतरशीषिभ दवॊ षवशवाॊ षवशवशॊबवॊ षवशवॊ नायामणनदवभ अयॊ ऩयभॊ ऩदॊ १

षवशवत ऩयभासननतमॊ षवशवॊ नायामणॊ हरयॊ षवशवभवदॊ ऩरषसतदषवशवॊ उऩजीवरत २

ऩरतॊ षवशवसमातभशवयॊ शाशवतॊ लशवभचमतॊ नायामणॊ भहाऻमॊ षवशवतभानॊ ऩयामणॊ ३

नायामण ऩयोजमोरत आतभा नायामण ऩय नायामण ऩयभ बरहभ ततवभ नायामण ऩय नायामण ऩयो धमाता धमानभ नायामण ऩय ४

मचच ककसनचत जगतसव दशमत शरमतषऩ वा अनतफिहहशचततसविभ वमापमा नायामण ससथत ५

अननतभ अवममभ कषवॊ सभिनतभ षवशवशमबवभ ऩदमकोश परतीकाशभ रदमभ चापमधोभखभ ६

अधोरनषमा षवतसतमानत नाभमाभऩरय रतषठरत जवाराभाराकरॊबारत षवशवसमामातनभ भहत ७

सनततॊ लशरालबसत रॊफतमाकोशससननबभ तसमानत सलशयभ सकषभभ तससभन सविभ पररतसषठतभ ८

तसमभधम भहान असगन षवशवायचचषविशवतो भख सोगरबसगवबजन रतषठाननाहाय भजय कषव

रतमिगधवाि भधशशामीयशभमा सतसम सनतता ९

सॊताऩमरत सवॊ दह भाऩादतरभसतक तसम भधम वसनह लशखा अणीमोधवाि वमवससथत १०

नीरथो मदभधमसता षवदमलरखव बासवया नीवायशकवततनवी ऩीताबा सवतमनऩभा ११

तसमा लशखामा भधम ऩयभातभा वमवससथत स बरहभ स लशव स हरय स इनि सोय ऩयभासवयात १२

ॐ तद बरहभ ॐ तद वाम ॐ तदातभा ॐ ततसतमभ ॐ ततसविभ ॐ ततऩयोनिभ अनतशचयरत बतष गहामाभ षवशवभरत िष तवभ मऻसतवभ वषकायसतवभ इनिसतवभ रिसतवभ

षवषणसतवभ बरहभतवभ परजाऩरत तवभ तदाऩ आऩो जमोरत यसोवतभ बरहभ बबिवससवयोभ १३

गदा ऩन शॊखयथानगकलऩक धवजायषवॊदाॊकश वजररासशचत ह शरीरनवास तवत चयणामफज दवमॊ भदीम भधािन भरज ॐ रनयॊजनाम षवदमह रनयाबासाम धीभहह तननो शरीरनवास परचोदमात शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हदवमभनतरऩषऩॊ सभऩिमालभ

परदकषण नभसकाय

शरोकॊ मारनकारन च ऩाऩारन जनभानतय कतारन च तारन तारन परणशमसनत परदकषण ऩद ऩद ऩाऩोहभ ऩाऩकभािहभ ऩाऩातभा ऩाऩसॊबव तराहहभाभ कऩभमा दव शयणगतवतसर अनमधा शयणॊ नाससत तवभव शयणॊ भभ तसभात कारणम बावन य य जनादिन

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - आतभपरदकषण नभसकायान सभऩिमालभ

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षवषवधोऩचाय ऩजा छतरॊ धायमालभ चाभयॊ वीजमालभ नतमॊ दशिमालभ गीतॊ शरावमालभ वादमॊ घोषमालभ आॊदोलरकान आयोहमालभ आशवानायोहमालभ गजानायोहमालभ सभसत यजोऩचाय शकतमऩचाय

मनतरोऩचाय दवोऩचाय सवोऩचाय ऩजाॊ सभऩिमालभ

भाऩवणभ भनतरहीनॊ ककरमाहीनॊ बसकतहीनॊ जनादिन मतऩसजतभ भमा दव ऩरयऩणिभ तदसतत

अनमा धमानावाहनाहद षोडशोऩचाय ऩजमा च बगवन सवाितभक शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरी वकटशवय सवरऩो बगवान सपरीत सपरसननो वयदो बवत शरी वकटशवय दव परसादॊ लशयसा गहणालभ

तीथवभ

अकार भतमहयणॊ सविवमाचध रनवायणभ सवि ऩाऩमकयॊ दव ऩादोदकॊ ऩावनॊ शबॊ

नवदमभ

ॐ बबिवससव ॐ ततसषवतवियणमभ बगो दवसम धीभहह चधमो मो न परचोदमात सतमॊ तवतन ऩरयषषॊचालभ अभतभसत अभतोऩसतयणभलस ॐ पराणाम सवा ॐ अऩानाम सवा ॐ वमानाम सवा ॐ उदानाम सवाह ॐ सभानाम सवा ॐ बरहभण सवा

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - भहानवदमभ सभऩिमालभ

अभताषऩधानभलस उततयाऩोशनभ सभऩिमालभ हसतौ परारमालभ ऩादौ परारमालभ शदध आचभनीमॊ सभऩिमालभ

तामफरॊ सभऩिमालभ सवणिभनतरऩषऩॊ सभऩिमालभ परदकषण नभसकायन सभऩिमालभ

अनमाधमानावाहनाहद षोडषोऩचाय ऩजमा बगवान सवाितभक शरी रकषभी ऩदमावती सभत वकटशवय सवाभी सपरीत सपरसननो वयदो बवत शरी रकषभी ऩदमावती सभत वकटशवय सवाभी परसादॊ लशयसा गहणालभ

उदवासनभ मऻन मऻभमजनत दवासतारन धभािरण परथभानमासन

तहनाकॊ भहहभानससचनत मतर ऩव साधमा ससनत दवा

गचछ गचछ सयशरषठ सवसथान शरी वकटशवय बकताबीषट सभधमथिभ ऩनयागभनाम च

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरी वकटशवय सवाभी मथासथानॊ उदवासमालभ

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परथभ अधमाम

शरी बगवान उवाच

कलरमग भ एक हदन शब भहति भ रतरभरा ऩहाड ऩय (सजस धयती का वकॊ ठ कहा जाता ह ) ldquoषवशवऩरत नाभक एक बकत ऩय शरी फाराजी की कऩा हई शरी षवषण क अवताय शरी फाराजी (वकटशवय) जो महाॉ शरीरनवास क रऩ भ ऩज जात ह उनहोन षवशवऩरत को ldquoशरी फाराजी वरत कथाrdquo नाभ स परलसधद इस गरॊथ की यचना कयन की आऻा दी औय कहा- ldquoह भय षपरम बकत षवशवऩरत भय षपरम होन क कायण इस वरत को षवसताय रऩ स तमह फाता हॉ सनो म

वरत भझ अरत षपरम ह आसान होन क कायण इस सबी रोग सॊऩनन कय सकत ह

कलरमग भ भानव अऩन ऩाऩ कभो का पर बोगता ह अनक कषट सहत हए जीवन रनवािह कयता ह कछ बकत

अऩन दख भझ फताकय उनह दय कयन क लरम कहत ह फहत स ऩस खचि कय वो भझ दखन क लरम रतरभरा की मातरा कयत ह भय बकतो स भझ परभ ह व भझऩय अऩना ऩया बाय डार दत ह भ उनह धभि क भागिऩय चराता हॉ

अबी भ जो मह वरत कथा तमह फतान जा यहा हॉ वो ldquoशरी फाराजी की कथाrdquo क नाभ स परलसदध होगा म भया वरत भझ अरतषपरम ह जो वमसकत इस बसकत औय रनषठा स कयगा वह तयॊत ऩाय ऩामगा कोई बी वमसकत कबी बी इस वरत को सॊऩनन कय सकता ह भखम रऩ स भागिशीषि भाघ कारत िक भहहनो भ ऩणिभासी ऩॊचभी सपतभी एकादशी रतचथमो ऩय मा शरवण सवारत नतरो ऩय इस कयना शरषठ होता ह

इस घोय कलरमग भ भय बकत जो कषट सह यह ह उनह भ जानता हॉ तमह जफ बी कोई कषट हो कोई सभसमा हो सवासम ठीक ना हो नौकयी वमाऩाय भ सभसमाएॉ हो भन अशाॊत हो तो इस वरत को सॊऩनन कयना चाहहम इसस

साय कषट दय हो जात ह घय भ शब कामि होन ऩय इस वरत को सॊऩनन कयन स बफना ककसी सभसमा क कामि ऩणि हो जाता ह इस वरत को सॊऩनन कयत ही सबी सख परापत होत ह औय अषट ऐशवमो की परासपत होती ह

सफय मा शाभ इस वरत को सॊऩनन कय सकत ह इस वरत भ ऩाॉच अधमाम ह इनका ऩठन बसकत क साथ कयना चाहहम अऩन घय भ मा रनवास सथान ऩय भॊहदय भ मा ककसी बी ऩषवतर सथान भ नदी तट ऩय सॊऩनन कय सकत ह

महद सॊबव हो तो अऩन फॊध लभतरो क साथ इस सॊऩनन कयन स जमादा शरषठ होता ह जो इस सॊऩनन कयत ह मा जो इस सनत ह वरत सॊऩणि होन क फाद परसाद को बसकत स सवीकाय कयत ह वो अषट ऐशवमो को परापत कयत ह इसस

ऩहर बी भय बकतो न कई भरनमो न इस वरत को सॊऩनन ककमा औय भया आशीवािद ऩामा बरोक भ यहनवार सबी को मह वरत आनॊद परदान कयगा औय शब पर बी परापत होगा शाॊत चचतत स भझ माद कयत हए इस वरत का ऩारन

कयो

सवि परथभ जहाॉ वरत कयना चाहत हो उस सथर को साप कयो भॊडऩ की वमवसथा कय भयी तसवीय सजसभ भयी षपरम

सरखमाॉ शरी दवी बदवी ह उस तसवीय को इस भॊडऩ ऩय सथाषऩत कयो भॊडऩ को दीवाय स रगाकय बी यख सकत हो अनम ककसी इचछक दवता की तसवीय बी सख सकत हो नवगरहो औय अषट हदकऩारको को मा तो भन भ नभसकाय

कयो मा उनका आवहान बी कय सकत हो

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सफस ऩहर हलदी स फनी गणश की ऩजा कयनी चाहहम उसक फाद उस वरत क ऩाॉचो अधमामो का रनषठा स ऩठन

कयना चाहहम मही परथभ अधमाम ह अनम चाय अधमाम भय अतमॊत षपरम ऩातर षवशवालभतर वलशषठ बयदवाज अबतर

भरनशवयो क परवचना रऩ भ ह ऩाॉच अधमामोको ऩढन क फाद भय षपरम शरोक बी ऩढ सकत हो हय अधमाम क अॊत

भ गोषव ॊद गोषव ॊद गोषव ॊद तीन फाय सभयण कयना चाहहम

आभ रोगो क कषटो को भ जानता हॉ इसी लरम भयी एक फात सनो महद ककसी कायण इस वरत को षवसताय रऩ स

सॊऩनन कयन भ कोई सभसमा आ यही हो तो भय तसवीय को साभन यख कय ऩहर गणश जी की कपय नवगरह दवताओॊ औय अषटहदकऩारको को सभयण कय ऩाॉच कहरनमाॉ ऩढकय अऩन भन भ जो इचछा ह उस भझ फताओ भ उस

परसाद क रऩ भ परदान करॉगा इस परकाय कयन स बी कामि की लसषदध होती ह तमहाय कषट दय हो जामग औय शब

पर परापत होगा

जो वमसकत इस वरत को बसकत स सॊऩनन कयगा भ उसक घय ककसी ना ककसी रऩ भ आकय परसाद सवीकाय करॉगा भयी कऩा आऩ सबी को हभशा परापत होगी शरी फाराजी न रतमभयाज षवशवऩरत याभकषणभरत ि ldquoषवशवऩरतrdquo को इस वरत कथा को षवसताय स फतामा कलरमगवासी हभ सबी इस वरत को सॊऩनन कय शरी फाराजी की कऩा क ऩातर फन सकत ह इस वरत को सॊऩनन कय हभ अऩन सबी कषट दय कय सकत ह औय उचचत पर बी परापत कय

सकत ह

गोषवॊदगोषवॊदगोषवॊद

परथभोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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दषवतीम अधमाम

शरी षवशवालभतर उवाच

भहातऩ सॊऩनन साात शरी षवशवालभतर जी न हभ ऩय कऩा की औय परवचन कयत हए कहा- ldquoह कलरमग वालसमो शरीरनवास क बकतो ldquoशरीफाराजी वरत कथाrdquo सजस आऩ सॊऩनन कय यह हो वह फहत ही ऩषवतर ह भहहभा स ऩणि ह मह वरत कलरमग भ शरी नायामण जी की करणा औय दमा परापत कयन का अतमॊत सयर साधन ह पराचीन कार भ शरी फाराजी क षपरम बकतो न इस सॊऩनन कय अऩनी काभनाओॊ को ऩणि ककमा इस वरत कथा क फाय भ हभ फताकय शरी फाराजी न हभाय पररत जो दमा हदखाई ह उसक लरए हभ उनह परणाभ कयत ह

पराचीन कार भ भगध याजम भ षवषणचचतत नाभक एक बकत यहता था उसकी नौ कनमाएॉ थी षवदवान होन ऩय बी वह अतमॊत गयीफ था षवषणचचतत की ऩतनी तायाभरत हभशा नायामणजी की पराथिना कयती यहती थी षववाहाहद शबकामि सॊऩनन कय जो बी ऩस दकषणा क रऩ भ लभरत थ उसस व भसशकर स अऩना जीवन रनवािह कय

यह थ कनमाएॉ मौवनावसथा भ ऩदाऩिण कय चकी थी तायाभरत हभशा इसी चच ॊता भ यहती थी कक इन कनमाओॊ का षववाह ककस परकाय सॊऩनन होग वह फाराजी की पराथिना कयत हए सदा अऩना सभम गजायती थी

वह तो फाराजी की बकत थी औय फाराजी अऩन बकतो स अतमाचधक परभ कयत ह उस हदन भाघ ऩरणिभा थी सवय

एक वदध बराहभण न षवषणचचतत क दयवाज ऩय दसतक दी औय कहा - ldquoह सवाभी भ फॊग दश का वासी हॉ एक मऻ

क लसरलसर भ दसय दश जा यहा हॉ यासत भ महाॉ आमा हॉ भझऩय दमा कयो औय अऩन घय भ एक हदन क लरए

यहन दो कर सवयही भ महॉ स चरा जाऊॉ गाrdquo उन की फात सनकय षवषणचचततन कहा lsquoनाथ इसस फढकय खशी औय कमा हो सकती ह अरतचथ साात नायामण जी क सभान होत ह ऐस हभाय ऩयाणो भ कहा गमा ह आऩ बफना ककसी सॊकोच क हभाय घय भ यह सकत हlsquo ऐसा कह कय उसन उस बराहभण को घय क अॊदय फरामा औय उनका सतकाय ककमा

दोऩहय भ बोजन क फाद उस वदध न तायाभरत स ऩछा ndash ldquoभाता कमा फात ह तभ कछ चच ॊरततसी रगती हो बफना ककसी सॊकोच क फात फताओrdquo तायाभरत न कहा ndash ldquoसवाभी आऩ तो भहातऩसवी ह आऩ क भख का तज उस वकॊ ठवासी क सभान ह आऩ स कमा छऩाना भयी चचॊता भयी कनमाओॊ का षववाह हrdquo उस ऩय वदध न कहा- ldquoभाता तमहाया दख भ जानता हॉ तमहाय सबी कषट दय हो औय तमहायी कनमाओॊ की शादी हो इसक लरम भ एक अदभत वरत फताता हॉ सनो इस वरत को सॊऩनन कयन स तमहाय साय कषट दय हो जामग शरी फाराजी क वरतो भ स मह सफस सयर हrdquo कहत हए उनहोन उस दॊऩरत को ऩया वरत षवधान फतामा वरत षवधान

सनकय षवषणचचतत न कहा- ldquoसवाभी मह तो अतमॊत सॊतोष की फात ह इसस फढकय सौबागम औय कमा होगा

कहत ह ना- शबसम शीिॊ आज भाघ ऩरणिभा ह फहत ही शब हदन ह आऩक कथा अनसाय हभ आज ही इस वरत

को सॊऩनन कयगrdquo षवषणचचततन ऩतनी तायाभरत औय सबी कनमाओॊ क साथ लभरकय उस हदन शाभ भ ही अऩन

फॊध-लभतरो क साथ बसकत औय रनषठा स फाराजी वरत को सॊऩनन ककमा वहाॉ उऩससथत सबी रोगो न वरत ऩया होन क

फाद चयणाभत परसाद गरहण ककमा औय अऩन-अऩन घय परसथान ककमा तफ षवषणचचतत औय तायाभरत न बराहभण

क चयणो को नभसकाय ककमा औय आशीवािद परापत ककमा बराहभणोततभ न बी चयणाभत परसाद गरहण ककमा औय

कहा- ldquoआऩकी भनोकाभना ऩयी हो शरी रकषभी शरी फाराजी की कऩा होrdquo

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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अॊधया हो चरा था औय रनिा सभम आसनन था षवषणचचतत न उस बराहभण को एक पटी चादय दत हए आॉखो भ आस लरम कहा- सवाभी भ अतमॊत दरयिी हॉ इसस अचछी चादय भय ऩास नही ह भझ भा कय आज की यात इसी ऩय षवशराभ कय बराहभण भसकयात हए फोर- कोई फात नही भ फाहय फयाभद भ सो जाता हॉ कछ सभम फाद ही सबी रनिारोक भ षवचयण कयन रग आधी यात का सभम था बफजरी की गडगडाहट क साथ फारयश शर हई चायो ओय अॊधया था कहीॊ कछ नही हदखाई

द यहा था षवषणचचतत इस चच ॊता भ था कक वदध बराहभण फाहय कस सो यह होग उस सभम कछ सझ बी नही यहा था ककसी तयह उनहोन यात गजायी सवया हआ फारयश बी थभ चकी थी ऩरत-ऩतनी मही सोच यह थ कक बराहभण की कमा दशा हई होगी ककतना सहा होगा उनहोन मही सोचत हए वो फाहय आए उनह एक अदभत दशम हदखाई हदमा वहाॉ षवपरोततभ नही थ पहट हई चादय की जगह यशभ का षऩताॊफय यखा हआ था उस षऩताॊफय ऩय शरी फाराजी क

भतॉ ndash हदखाई दी व सफ कछ सभझ गम उनकी खषी का कोई हठकाना नही यहा उनक घय आम बराहभण औय

कोई नही साात शरी नायामणजी ही थ ह फाराजी कमा बागम ह हभाया ऩय हभ उनको ऩहचान नही ऩाम हभन उनको पटी हई चादय दी मह सोचत हए उनहोन शरी फाराजी की भतॉ को हाथ भ रकय आॉखो स रगामा औय

घय क अॊदय आम ऩया घय सोन स बया हआ था जहाॉ दखो वहाॉ धन याशी ह बगवान शरी फाराजी की वरत कथा की भहहभा स ही मह सफ सॊबव हो सका ऐसा कहत हए व बगवान की सतरत कयन रग आऩन दख साात शरी फाराजी ही उस बकत क घय आम थ वरत षवधान फतामा औय चयणाभत परसाद बी गरहण

ककमा शरी फाराजी फहत ही करणाभम ह जो बी इस वरत को बसकत औय रनषठा स कयगा उसक घय सवमॊ बगवान

ककसी ना ककसी रऩ भ आमग आऩ सबी इस वरत को सॊऩनन कय बगवान की कऩा परापत कय सकत ह शरी भहषषि षवशवालभतर जी न मह दषवतीम कथा इस तयह फताई

शरी रकषभी शरीरनवास कटाॊ लसषदधयसत

गोषवॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

दषवतीमोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ततीम अधमाम

शरी वलशषठ उवाच मह अधमाम भहातऩोरनषठ वरयषठ शरीवलशषठ भरन न शरीनायामणजी की कऩा स हभ षवसताय रऩ स फतामा ह ह कलरमग वालसमो शरीफाराजी क षपरम बकतो वकणठ भ रनवास कयनवार शरीनायामणजी आज क रतरभरा भ ससथत शरीफाराजी ही ह कलरमग वालसमो क कषट दय कयन क लरम बगवान आऩक फहत सभीऩ रतरभरा ऩहाड ऩय अवतारयत हए ह शरी फाराजी को खश कयन क लरए मह वरत उततभ ह औय सयर बी ह इस वरत को जो बसकत औय रनषठा स सॊऩनन कयता ह उस सबी सख परापत हो जात ह पराचीन सभम भ अवॊती दश भ बागमनगय नाभक एक नगय था नाभ क ही अनरऩ वहाॉ अनक धनवान (वमाऩायी) यहत थ ऩय व अऩनी सॊऩसतत को दख घभॊड कयत थ औय आभ रोगो को हीन दषटी स दखत थ धन-दौरत उनकी सवासजित ह ऐसा सोचकय घभॊड कयत थ बगवान की रनतम ऩजा-ऩाठ तो उनहोन ऩहर ही छोड दी थी कभ स कभ षवशष हदनो भ बी व ना भॊहदय जात ना ऩजा कयत ना ही दीऩ जरात एक हदन सबी धनवान अऩनी-अऩनी ऩतनीमो क साथ परीरत बोज भ वमसत थ उस नगय की ऩवि हदशा भ ही शरी रकषभी नायामण जी का भॊहदय था जहाॉ दीऩ जरानवारा कोई नही था उस हदन षवशष एकादशी थी सजस एक ऩवि हदन बी भाना जाता ह ऩय उस नगय क एक बी धनवान क भन भ भॊहदय भ ऩजा कयन का षवचाय नही आमा शाभ होत-होत आकाश भ घन फादर छा गम औय भसराधाय फारयश होन रगी वमाऩारयमो क घय ऩानी स बय गम चायो ओय अॊधकाय ह अॊधकाय था सवय होन तक ऩया नगय ऩानी भ डफ गमा वमाऩारयमो क घय टट-पट गम उनका साया ऐशवमि सभापत हो गमा ऐसा उऩिव कमो भचा मह पररम कस हो गमा ककसी को कछ बी सभझ भ नही आ यहा था इतन भ उनह एक षवचचतर दशम हदखाई हदमा नगय क फाहय जो झोऩडडमाॉ थी व तो वसी की वसी थी उनको आशचमि हआ इतनी फारयश भ बी म कस सही सराभत यही व ऐसा भन ही भन सोच यह थ कक इतन भ बफजरी कडकी औय आकाशवाणी हई ldquoए भखो तमहायी सॊऩसतत तमहायी अऩनी ह सवासजित ह ऐसा सोचत थ इसी लरम ऐसा हआ ह इस झोऩडी भ यहनवारा दव भया षपरम बकत ह आभ आदभी होन ऩय बी दव रनतम तमहाय नगय भ ससथत शरी रकषभी नायामण

भॊहदय भ दीऩ जराता था इतना ही नही हय एकादशी क हदन मथा सॊबव वह शरी फाराजी वरत कथा बी सॊऩनन कयता था इसी लरम इन झोऩडीमो भ यहनवार सबी रोग सयकषत यह आऩ सबी महद वरत सॊऩनन कयग तो अऩन-अऩन

ऐशवमि को ऩन परापत कय सकत होrdquo आकाशवाणी सनत ही तयॊत व सबी रोग उस भॊहदय भ गम औय जस

सॊबव हो सका वस सबी रोगोन एक-दसय क सहमोग स शरी फाराजी की वरत कथा सॊऩनन की ऐसा कयत ही सबी को उनक घय ऩवि रऩ भ ही परापत हो गम तफ स व सबी शरीफाराजी क बकत फन गम औय हय एकादशी को शरीफाराजी का वरत सॊऩनन कयत औय सख-शाॊरत परापत कय यहन रग अॊत भ उनहोन भसकत बी परापत की

शरीवलशषठजी न इस परकाय म कथा सनाई

गोषव ॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

ततीमोधमाम सभापतॊ |

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ

शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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चतथव अधमाम

शरी बयदवाज उवाच

शरीनायामण जी को ldquoशरीफाराजी वरत कथाrdquo अतमॊत षपरम ह चतथि अधमाम क रऩ भ हभाय साभन शरी बयदवाज

भरनदवाया फतामी नमी कहानी इस परकाय ह- ldquoह कलरमगवालसमो शरी नायामण क षपरम बकतो आऩ सजस वरत को सॊऩनन कय यह ह वह अदभत ह आऩकी भनोकाभनाओॊ को ऩणि कयन का साधन ह शरी फाराजी को परसनन कयन का मह अतमॊत सयर उऩाम ह आऩ सबी ऩय कऩा कयन क लरम ही वकॊ ठवासी बगवान शरीरनवास क रऩ भ रतरभरा ऩहाड ऩय अवतरयत हए ह अनक जनभो क ऩणमपर स ही रतरभरा ऩहाड ऩय ऩय यखन का सौबागम परापत होता ह औय बगवान क दशिन बी सॊबव होत ह इसी तयह इस ldquoवरतकथाrdquo को सॊऩनन कयन का सॊकलऩ बी ऩविजनभ क

ऩणमपर स ही सॊबव होता ह जो वमसकत इस वरत को सॊऩनन कय यह ह मा जो इस कथा को सन यह ह मा जो बगवान क परसाद को गरहण कयत ह उनह बगवान की कऩा परापत होती ह औय व सौबागम बी ऩात ह

पराचीन कार भ ldquoनगयीrdquo नाभक एक गराभ भ धनगपत नाभ का वमाऩायी यहता था वह फहत ही रारची था ऐशवमि परापत कयन ऩय बी उसका रारचीऩन कभ नही हआ मह सभसत ऐशवमि उसका ही कभामा हआ ह ऐसा सोचकय वह फहत घभॊड कयता था अहॊकाय भनषम का नाश कयता ह

धनगपत की ऩतनी काॊरतभती अतमॊत बसकत बावना यखती थी औय रनषठा स बगवान की ऩजा कयती थी उनकी तीन कनमाएॉ थी तीसयी कनमा ldquoकभायीrdquo भ बसकत बावना जमादा थी वह हभशा फाराजी का नाभ ही जऩती यहती थी षऩताजी को बफना फताम वह जफ-तफ शरी फाराजी क भॊहदय भ जाती थी औय बगवान क दशिन कयती थी घय आकय षऩताजी को छोड अनम सबी क साथ परसाद सवीकाय कयती थी ऩती क ऐस वमवहाय स

काॊरतभती थोडी चच ॊरतत होती थी

एक हदन ldquoकभायीrdquo की सहरी क घय ऩय ldquoशरी फाराजीrdquo का वरत सॊऩनन हो यहा था मह जानकय वो वहाॉ गई वरत ऩया होन तक दोऩहय हो चकी थी थोडासा परसाद उसन गरहण ककमा औय थोडा वह अऩन घयवारो क लरम एक

कागज की ऩडी भ रकय चरी फीच यासत भ उस पमास रगन रगी धऩ बी फहत तज थी उसन सोचा थोडी दय रक

कय पमास फझाकय कपय चरॉ तो ठीक यहगा तबी उस माद आमा कक उसक षऩता की दकान अगरी गरी भ ही तो ह वहाॉ जाकय उसन षऩताजी को ऩजा की फात बफना फताम षऩताजी स ऩानी भाॉगकय षऩमा औय षऩताजी गससा कयग

इस डय स उसन जलदी-जलदी ऩानी षऩमा इस घफयाहट भ परसाद की ऩडी वही दकान भ बरकय चरी गई

एकाएक फाजाय भ हडकॊ ऩ भच गमा रोग हाहाकाय भचात हए इधय-उधय बागन रग आगजनी क कायण उस गरी की सायी दकान जर कय याख होन रगी वस बी दोऩहय का सभम थाउस ऩय गभि हवाएॉ चर यही थीधनगपत का शयीय डय क भाय काॉऩन रगा ldquoकछ ही सभम भ उसकी दकान बी जर कय याख हो जाएगीrdquo इस षवचाय स उस क हाथ-ऩय काॉऩन रग सबी रोग अऩनी-अऩनी दकानो स फाहय आकय इधय-उधय बागन रग ऩय

धनगपत वही खडा यह गमा दकान छोडकय जान का भन नही कय यहा था महद वो दकान भ यहगा तो जरकय

याख हो जामगासोचत हए उसन घफयाहट भ उसक हाथ रगी ऩडी को उठामा औय बफना सोच सभझ जो हाथ आमा वो भॉह भ डार हदमा उस कछ भीठा-भीठा सा ऩदाथि रगा औय भन बी शाॊत होन रगा

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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तबी एक अदभत घटना घटीआग धनगपत की दकान तक आकय रक गमी आग की रऩत वहाॉ नही आ ऩामी मह कसी षवचचतर फात हम कसी भामा ह धनगपत क भॉहस एक बी फात नही रनकर ऩामी उधय आगजनी की खफय सनत ही ऩतनी काॊरतभती अऩन कनमाओॊ क साथ फाराजी का सभयण कयत हए दौडती हई वहाॉ आ गमी आग उनक दकान तक आकय कस रक गमी मह दखकय उस आशचमि हआ तबी कभायी को दकान भ बरी हई ऩडी की माद आई धनगपत को सभझन भ दय नही रगी कक उसन जो चीज भॉह भ डारी थी वो औय कछ नही तो बगवान का परसाद ही था औय उसकी भहहभा स ही व इस दघिटना स चक गम धनगपत न शरीफाराजी स भा भाॉगी गार फजाम शाभ भ ही नगयवालसमो को फराकय ldquoशरीफाराजी की वरत कथाrdquo सॊऩनन की तफ स वह बगवान की सवा भ रीन हो गमा औय अॊत भ भो बी परापत की आऩन दखा कक कवर परसाद गरहण कयन स ही वो ककतनी फडी दघिटना स चक गमा फाराजी की भहहभा अदभत ह आऩ सबी बी मथा सॊबव वरत को सॊऩनन कय क बगवान की कऩा परापत कय सकत हldquo

शरीबयदवाजजी न इस परकाय मह चतथि कथा सनामी

गोषवॊदगोषवॊदगोषवॊद

चतथोधमाम सभापतॊ |

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ऩॊचभ अधमाम

शरी अतरतर उवाच

रतरभरा-रतरऩती बरोक का वकणठ धाभ ह ऩयाणो भ फतामा गमा ह कक रतरभरा क सभान ऩषवतर सथर औय शरी फाराजी जस दवता न तो ऩहर कबी हए ह औय न कबी होग शरीरनवास क रऩ भ अवतरयत शरी नायामण अऩन

बकतो स फहत परभ कयत ह जो उन ऩय अऩना ऩया बाय डारकय उनह रनतम सभयण कयत ह जो सदाचाय स ऩणि जीवन बफतात ह वो उनकी या कयत ह ऐस शरीफाराजी को परसनन कयन का सफस सयर उऩाम ह ndash ldquoशरीफाराजी की वरत कथाrdquo

इस अदभत वरत कथा क फाय भ भहातऩसॊऩनन शरी अबतर भहषषि न कऩा कयत हए कहा ह- ldquo ह फाराजी क षपरम

बकतो कलरमग भ आऩक सौबागम क फाय भ कमा कहना कतमग तरतामग औय दवाऩायमग भ अतमॊत कठोय तऩ-

जऩ कयन ऩय बी परसनन न होन वार शरी नायामण इस मग भ कवर नाभसभयण स ही आऩ रोगो ऩय कऩा कय यह

ह षवशवास क साथ उनह फरान ऩय व तयॊत कऩा परदान कयत ह ऐस करणाभम ह शरीफाराजी ऩषवतर रतरभरा ऩय

तमहाया यखा हय कदभ अनक जनभो क ऩणमपर क सभान ह

पराचीन कार भ ldquoकौभायrdquo दश भ ldquoलभतरrdquo नाभक धोफी यहता था वो अऩन काभ क साथ-साथ धालभिक कामि कयता हआ जीवन रनवािह कय यहा था उसकी अऩॊगता ही उसकी चच ॊता थी इसी कायण धोए हए कऩडो की ऩोटरी फनाकय घय-घय घभकय उनह रोगो तक ऩहॉचाना उस धीय धीय भसशकर रगन रगा उसका ऩरयवाय फडा था बफना भहनत ककए उस बय ऩट खान को बी नही लभरता था हभशा वो शरी फाराजी की ऩजा कयता यहता था कबी ना कबी बगवान उस ऩय कऩा कयग इसी षवशवास स वो अऩना जीवन गजाय यहा था बकतो ऩय कऩा कयन वार फाराजी सफ कछ दखत यहत ह जो वमसकत अऩन कभो स भकती ऩाता ह उनक ऩास आकय फाराजी ककसी न ककसी रऩ भ आकय उनकी या कयत ह एक हदन शाभ क सभम हभशा की तयह लभतर कऩड धोकय कऩडो की ऩोटरी राद धीय-धीय चरता हआ आ

यहा था फीच यासत भ उस एक वदध बराहभण हदखाई हदम गौयव की बावना स फड होन क कायण लभतर न अऩन कॊ ध

ऩय रदी हई ऩोटरी को नीच उतायकय वदध बराहभण को नभसकाय ककमा तफ उस षवपरोततभ न कहा- ldquoतभ अऩन इस ऩय क कायण ककतना कषट सह यह हो तमहाया दख दखा नही जाताrdquo तफ लभतर न कहा-ldquoह नाथ आऩ फजगि ह बयाऩया ऩरयवाय होन क कायण भझ इस काभ स भकती नही लभर यही ह ककसी तयह भयी म अऩॊगता दय हो ऐसा कोई उऩाम फताइएrdquo

तफ बराहभण न कहा-ldquoसनो बाई भ जरय फताऊॉ गा धमान स सनो भ एक ऐस वरत क फाय भ फताता हॉ सजस सॊऩनन कयन स तमहायी अऩॊगता दय हो जाएगी तमह अषट ऐशवमो की परासपत होगी वरत सॊऩनन कयत ही तमह हजाय अशकपि माॉ लभरगी ऩय एक शति ह उसभ स आध तभ भझ दोगकर भ कपय इसी सभम महाॉ लभरॉगाrdquo तफ लभतर न कहा- ldquoसवाभी इसस फढकय सौबागम औय कमा हो सकता ह आज ही इस

वरत क फाय भ फताइए भ उस सॊऩनन करॉ गाrdquo लभतर क उतसाह को दख वदध न शरी फाराजी वरत कथा क फाय भ फतामा

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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लभतर दगन उतसाह क साथ घय आमा ऩयी कहानी ऩतनी को फतामी औय अडोस-ऩडोस क साथ लभरकय शरी फाराजी वरत को सॊऩनन ककमा चयणाभत परसाद गरहण ककमा घय आए सबी रोगो को बी हदमा तबी घय क फाहय कछ

कोराहर सनाई हदमा लभतर का फटा फाहय स दौडता हआ आमा औय फोरा- ldquoषऩताजी षऩताजी याज-यक आऩक लरम आए ह याजा न आऩक लरम बट बी बजी हrdquo इतन भ यक बी वहाॉ आ गम उनहोन फतामा कक उसकी रनमसकत याज दयफाय भ धोफी क रऩ भ हो गमी ह याजा न हजाय अशकपि माॉ ऩयसकाय सवरऩ बजी ह ऐसा कहकय उनहोन लभतर क हाथ भ हजाय अशकपिमो की ऩोटरी यख दी एक हफत क अॊदय-अॊदय

उस आकय नौकयी भ बतॉ होन को बी कहा लभतर क आनॊद की सीभा नही थी एक हफता कमो कर ही कमो नही सोचकय उसन अऩनी ऩोटरी-वोटरी फाॉधी औय दसय हदन सवय ही वो जान को तमाय हो गमा इस जलदफाजी भ वह

उस वदध की फात बर गमा फीच यासत भ उस उसकी फात माद आ गमी ऩय ठीक हअगर भहहन लभर रता हॉ सोच

कय वह याज दयफाय भ अऩन काभ ऩय रग गमा हदनभहहन फीत बराहभण क वश भ आए बगवान को गससा आमा बगवान न सोचा भनषम की परवसतत ऐसी ही होती ह उस भझ अऩनी भहहभा फतानी होगी

दसय ही हदन याणीवास स आबषण चोयी हो गम चोयी का इलजाभ लभतर ऩय आमा लभतर को कायावास की सजा हई hellipयाज यकोन उस तयह-तयह की मातनाएॉ दी ऐसा कमो हआउस ऩय मह इलजाभ कमो रगा सोचत हए लभतर को यात को सऩन भ बगवान हदखाई हदम उनहोन फतामा कक ldquoवदध बराहभण क रऩ भ व ही आम थ वो अऩनी फात स भकय गमा इसलरम म सफ हआ हrdquo तफ लभतर न कहा-ldquoह नाथभ ऩाऩी हॉ भन फहत फडा ऩाऩ ककमा ह कऩमा भझ ऩय दमा कीसजम अफ भ हय भहहन आऩका वरत सॊऩनन करॉ गा भयी आम का आधा बाग जीवन बय आऩको सभषऩित करॉ गाrdquo गार फजाकय उसन बगवान की हय तयह स पराथिना की बकतो की ऩकाय सननवार बगवान न खशी-खशी लभतर ऩय कऩा कय दी बगवान की कऩा स याणी क आबषण दसयही हदन लभर गम याजान म बी जान लरमा कक लभतरन चोयी नही की थी लभतरको कायावास स रयहा कय हदमा गमा तफ स लभतर बगवान को हदम वचन अनसाय हय भहहन शरी फाराजी का वरत सॊऩनन कयन रगा औय अऩनी आम का आधा बाग बगवान को अषऩित कयता यहा सख ऩणि जीवन बफतात हए उसन अॊत भ भो बी परापत ककमाrdquo

शरी अबतरजी न ऐसा कहकय ऩाॉचव औय आखयी अधमाम को सभापत ककमा

गोषवॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

ऩॊचभोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

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faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ॐ शरी शरीरनवासषपरमाम नभ ॐ चनिभनडरससथताम नभ ॐ अलरवर भनगाम नभ ॐ हदवमभनगर धारयणम नभ ॐ सकलमाणऩीठससथताम नभ ॐ काभकवनऩषऩषपरमाम नभ ॐ कोहट भनभधरषऩणम नभ ॐ बानभनडररषऩणम नभ ॐ ऩदमऩादाम नभ ॐ यभाम नभ ॐ सविरोकसबानतय धारयणम नभ ॐ सविभानसवालसनम नभ ॐ सवािम नभ ॐ षवशवरऩाम नभ ॐ हदवमऻानाम नभ ॐ सवभनगररषऩणम नभ ॐ सवािनगरहपरदारमनम नभ ॐ ॐकायसवरषऩणम नभ ॐ बरहभऻानसॊबताम नभ ॐ शरी ऩदमावतम नभ ॐ सदमोवदवतम नभ ॐ शरीभहारकषमम नभ

इरत शरी ऩदमावती अषटोततय शतनाभावलर

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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धऩभ दशाॊगभ गगगरोऩतॊ गोघतन सभसनवतभ धऩॊ गहाण दवश सविरोक नभसकाया

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - धऩभािाऩमालभ

(सवाभीजी क भतॉ की अगयफतती औय धऩ स आयती कय)

दीऩभ

बतररोकश भहादव सविऻान परदामक दीऩॊ दासमालभ दवश यभाभ बकतवतसर

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - दीऩॊ दशिमालभ

(सवाभीजी क भतॉ की दीऩ स आयती कय )

नवदमभ

सविबशच बोजजशच यस षडलब सभसनवतॊ नवदमनत भमानीतभ गहाण ऩरषोततभ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - नवदमॊ सभऩिमालभ

(सवाभीजी को परसाद चढाम अगय करा ह तो ldquoकदरीपर रनवदमालभrdquo नारयमर ह तो ldquoनारयकर परॊ रनवदमालभrdquo ऐस कह अगय गड ह तो ldquoगडोऩहाय नवदमभ सभऩिमालभrdquo कह)

ॐ पराणाम सवाहा ॐ आऩानाम सवाहा ॐ वमानाम सवाहा ॐ उदनाम सवाहा ॐ सभानाम सवाहा ॐ ऩयबरहभण सवाहा ॐ बबिव सव ततसषवतय-वयणमभ बगो दवसम धीभहह चधमो मो न परचोदमात ॐ आऩो जमोरतयसोभतॊ बरहभ बबिव सवयोभ भधम भधम ऩानीमभ सभऩिमालभ

अभताषऩधानभलस उततयाऩोशनभ सभऩिमालभ हसतौ परारमालभ ऩादौ परारमालभ ऩनयाचभनीमभ सभऩिमालभ

तामफरभ ऩगीपर सकऩिय नागवलरीदरमितॊ भकताचणि सभामकतॊ तामफरॊ पररतगहमताॊ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - तामफरभ सभऩिमालभ

नीयाजनभ चशरम कानताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरीवकटरनवासाम शरीरनवासाम भनगरभ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ नीयाजनभ दशिमालभ

ऩनयाचभनीमभ सभऩिमालभ

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भॊतरऩषऩभ

ॐ सहसतरशीषिभ दवॊ षवशवाॊ षवशवशॊबवॊ षवशवॊ नायामणनदवभ अयॊ ऩयभॊ ऩदॊ १

षवशवत ऩयभासननतमॊ षवशवॊ नायामणॊ हरयॊ षवशवभवदॊ ऩरषसतदषवशवॊ उऩजीवरत २

ऩरतॊ षवशवसमातभशवयॊ शाशवतॊ लशवभचमतॊ नायामणॊ भहाऻमॊ षवशवतभानॊ ऩयामणॊ ३

नायामण ऩयोजमोरत आतभा नायामण ऩय नायामण ऩयभ बरहभ ततवभ नायामण ऩय नायामण ऩयो धमाता धमानभ नायामण ऩय ४

मचच ककसनचत जगतसव दशमत शरमतषऩ वा अनतफिहहशचततसविभ वमापमा नायामण ससथत ५

अननतभ अवममभ कषवॊ सभिनतभ षवशवशमबवभ ऩदमकोश परतीकाशभ रदमभ चापमधोभखभ ६

अधोरनषमा षवतसतमानत नाभमाभऩरय रतषठरत जवाराभाराकरॊबारत षवशवसमामातनभ भहत ७

सनततॊ लशरालबसत रॊफतमाकोशससननबभ तसमानत सलशयभ सकषभभ तससभन सविभ पररतसषठतभ ८

तसमभधम भहान असगन षवशवायचचषविशवतो भख सोगरबसगवबजन रतषठाननाहाय भजय कषव

रतमिगधवाि भधशशामीयशभमा सतसम सनतता ९

सॊताऩमरत सवॊ दह भाऩादतरभसतक तसम भधम वसनह लशखा अणीमोधवाि वमवससथत १०

नीरथो मदभधमसता षवदमलरखव बासवया नीवायशकवततनवी ऩीताबा सवतमनऩभा ११

तसमा लशखामा भधम ऩयभातभा वमवससथत स बरहभ स लशव स हरय स इनि सोय ऩयभासवयात १२

ॐ तद बरहभ ॐ तद वाम ॐ तदातभा ॐ ततसतमभ ॐ ततसविभ ॐ ततऩयोनिभ अनतशचयरत बतष गहामाभ षवशवभरत िष तवभ मऻसतवभ वषकायसतवभ इनिसतवभ रिसतवभ

षवषणसतवभ बरहभतवभ परजाऩरत तवभ तदाऩ आऩो जमोरत यसोवतभ बरहभ बबिवससवयोभ १३

गदा ऩन शॊखयथानगकलऩक धवजायषवॊदाॊकश वजररासशचत ह शरीरनवास तवत चयणामफज दवमॊ भदीम भधािन भरज ॐ रनयॊजनाम षवदमह रनयाबासाम धीभहह तननो शरीरनवास परचोदमात शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हदवमभनतरऩषऩॊ सभऩिमालभ

परदकषण नभसकाय

शरोकॊ मारनकारन च ऩाऩारन जनभानतय कतारन च तारन तारन परणशमसनत परदकषण ऩद ऩद ऩाऩोहभ ऩाऩकभािहभ ऩाऩातभा ऩाऩसॊबव तराहहभाभ कऩभमा दव शयणगतवतसर अनमधा शयणॊ नाससत तवभव शयणॊ भभ तसभात कारणम बावन य य जनादिन

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - आतभपरदकषण नभसकायान सभऩिमालभ

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षवषवधोऩचाय ऩजा छतरॊ धायमालभ चाभयॊ वीजमालभ नतमॊ दशिमालभ गीतॊ शरावमालभ वादमॊ घोषमालभ आॊदोलरकान आयोहमालभ आशवानायोहमालभ गजानायोहमालभ सभसत यजोऩचाय शकतमऩचाय

मनतरोऩचाय दवोऩचाय सवोऩचाय ऩजाॊ सभऩिमालभ

भाऩवणभ भनतरहीनॊ ककरमाहीनॊ बसकतहीनॊ जनादिन मतऩसजतभ भमा दव ऩरयऩणिभ तदसतत

अनमा धमानावाहनाहद षोडशोऩचाय ऩजमा च बगवन सवाितभक शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरी वकटशवय सवरऩो बगवान सपरीत सपरसननो वयदो बवत शरी वकटशवय दव परसादॊ लशयसा गहणालभ

तीथवभ

अकार भतमहयणॊ सविवमाचध रनवायणभ सवि ऩाऩमकयॊ दव ऩादोदकॊ ऩावनॊ शबॊ

नवदमभ

ॐ बबिवससव ॐ ततसषवतवियणमभ बगो दवसम धीभहह चधमो मो न परचोदमात सतमॊ तवतन ऩरयषषॊचालभ अभतभसत अभतोऩसतयणभलस ॐ पराणाम सवा ॐ अऩानाम सवा ॐ वमानाम सवा ॐ उदानाम सवाह ॐ सभानाम सवा ॐ बरहभण सवा

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - भहानवदमभ सभऩिमालभ

अभताषऩधानभलस उततयाऩोशनभ सभऩिमालभ हसतौ परारमालभ ऩादौ परारमालभ शदध आचभनीमॊ सभऩिमालभ

तामफरॊ सभऩिमालभ सवणिभनतरऩषऩॊ सभऩिमालभ परदकषण नभसकायन सभऩिमालभ

अनमाधमानावाहनाहद षोडषोऩचाय ऩजमा बगवान सवाितभक शरी रकषभी ऩदमावती सभत वकटशवय सवाभी सपरीत सपरसननो वयदो बवत शरी रकषभी ऩदमावती सभत वकटशवय सवाभी परसादॊ लशयसा गहणालभ

उदवासनभ मऻन मऻभमजनत दवासतारन धभािरण परथभानमासन

तहनाकॊ भहहभानससचनत मतर ऩव साधमा ससनत दवा

गचछ गचछ सयशरषठ सवसथान शरी वकटशवय बकताबीषट सभधमथिभ ऩनयागभनाम च

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरी वकटशवय सवाभी मथासथानॊ उदवासमालभ

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परथभ अधमाम

शरी बगवान उवाच

कलरमग भ एक हदन शब भहति भ रतरभरा ऩहाड ऩय (सजस धयती का वकॊ ठ कहा जाता ह ) ldquoषवशवऩरत नाभक एक बकत ऩय शरी फाराजी की कऩा हई शरी षवषण क अवताय शरी फाराजी (वकटशवय) जो महाॉ शरीरनवास क रऩ भ ऩज जात ह उनहोन षवशवऩरत को ldquoशरी फाराजी वरत कथाrdquo नाभ स परलसधद इस गरॊथ की यचना कयन की आऻा दी औय कहा- ldquoह भय षपरम बकत षवशवऩरत भय षपरम होन क कायण इस वरत को षवसताय रऩ स तमह फाता हॉ सनो म

वरत भझ अरत षपरम ह आसान होन क कायण इस सबी रोग सॊऩनन कय सकत ह

कलरमग भ भानव अऩन ऩाऩ कभो का पर बोगता ह अनक कषट सहत हए जीवन रनवािह कयता ह कछ बकत

अऩन दख भझ फताकय उनह दय कयन क लरम कहत ह फहत स ऩस खचि कय वो भझ दखन क लरम रतरभरा की मातरा कयत ह भय बकतो स भझ परभ ह व भझऩय अऩना ऩया बाय डार दत ह भ उनह धभि क भागिऩय चराता हॉ

अबी भ जो मह वरत कथा तमह फतान जा यहा हॉ वो ldquoशरी फाराजी की कथाrdquo क नाभ स परलसदध होगा म भया वरत भझ अरतषपरम ह जो वमसकत इस बसकत औय रनषठा स कयगा वह तयॊत ऩाय ऩामगा कोई बी वमसकत कबी बी इस वरत को सॊऩनन कय सकता ह भखम रऩ स भागिशीषि भाघ कारत िक भहहनो भ ऩणिभासी ऩॊचभी सपतभी एकादशी रतचथमो ऩय मा शरवण सवारत नतरो ऩय इस कयना शरषठ होता ह

इस घोय कलरमग भ भय बकत जो कषट सह यह ह उनह भ जानता हॉ तमह जफ बी कोई कषट हो कोई सभसमा हो सवासम ठीक ना हो नौकयी वमाऩाय भ सभसमाएॉ हो भन अशाॊत हो तो इस वरत को सॊऩनन कयना चाहहम इसस

साय कषट दय हो जात ह घय भ शब कामि होन ऩय इस वरत को सॊऩनन कयन स बफना ककसी सभसमा क कामि ऩणि हो जाता ह इस वरत को सॊऩनन कयत ही सबी सख परापत होत ह औय अषट ऐशवमो की परासपत होती ह

सफय मा शाभ इस वरत को सॊऩनन कय सकत ह इस वरत भ ऩाॉच अधमाम ह इनका ऩठन बसकत क साथ कयना चाहहम अऩन घय भ मा रनवास सथान ऩय भॊहदय भ मा ककसी बी ऩषवतर सथान भ नदी तट ऩय सॊऩनन कय सकत ह

महद सॊबव हो तो अऩन फॊध लभतरो क साथ इस सॊऩनन कयन स जमादा शरषठ होता ह जो इस सॊऩनन कयत ह मा जो इस सनत ह वरत सॊऩणि होन क फाद परसाद को बसकत स सवीकाय कयत ह वो अषट ऐशवमो को परापत कयत ह इसस

ऩहर बी भय बकतो न कई भरनमो न इस वरत को सॊऩनन ककमा औय भया आशीवािद ऩामा बरोक भ यहनवार सबी को मह वरत आनॊद परदान कयगा औय शब पर बी परापत होगा शाॊत चचतत स भझ माद कयत हए इस वरत का ऩारन

कयो

सवि परथभ जहाॉ वरत कयना चाहत हो उस सथर को साप कयो भॊडऩ की वमवसथा कय भयी तसवीय सजसभ भयी षपरम

सरखमाॉ शरी दवी बदवी ह उस तसवीय को इस भॊडऩ ऩय सथाषऩत कयो भॊडऩ को दीवाय स रगाकय बी यख सकत हो अनम ककसी इचछक दवता की तसवीय बी सख सकत हो नवगरहो औय अषट हदकऩारको को मा तो भन भ नभसकाय

कयो मा उनका आवहान बी कय सकत हो

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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सफस ऩहर हलदी स फनी गणश की ऩजा कयनी चाहहम उसक फाद उस वरत क ऩाॉचो अधमामो का रनषठा स ऩठन

कयना चाहहम मही परथभ अधमाम ह अनम चाय अधमाम भय अतमॊत षपरम ऩातर षवशवालभतर वलशषठ बयदवाज अबतर

भरनशवयो क परवचना रऩ भ ह ऩाॉच अधमामोको ऩढन क फाद भय षपरम शरोक बी ऩढ सकत हो हय अधमाम क अॊत

भ गोषव ॊद गोषव ॊद गोषव ॊद तीन फाय सभयण कयना चाहहम

आभ रोगो क कषटो को भ जानता हॉ इसी लरम भयी एक फात सनो महद ककसी कायण इस वरत को षवसताय रऩ स

सॊऩनन कयन भ कोई सभसमा आ यही हो तो भय तसवीय को साभन यख कय ऩहर गणश जी की कपय नवगरह दवताओॊ औय अषटहदकऩारको को सभयण कय ऩाॉच कहरनमाॉ ऩढकय अऩन भन भ जो इचछा ह उस भझ फताओ भ उस

परसाद क रऩ भ परदान करॉगा इस परकाय कयन स बी कामि की लसषदध होती ह तमहाय कषट दय हो जामग औय शब

पर परापत होगा

जो वमसकत इस वरत को बसकत स सॊऩनन कयगा भ उसक घय ककसी ना ककसी रऩ भ आकय परसाद सवीकाय करॉगा भयी कऩा आऩ सबी को हभशा परापत होगी शरी फाराजी न रतमभयाज षवशवऩरत याभकषणभरत ि ldquoषवशवऩरतrdquo को इस वरत कथा को षवसताय स फतामा कलरमगवासी हभ सबी इस वरत को सॊऩनन कय शरी फाराजी की कऩा क ऩातर फन सकत ह इस वरत को सॊऩनन कय हभ अऩन सबी कषट दय कय सकत ह औय उचचत पर बी परापत कय

सकत ह

गोषवॊदगोषवॊदगोषवॊद

परथभोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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दषवतीम अधमाम

शरी षवशवालभतर उवाच

भहातऩ सॊऩनन साात शरी षवशवालभतर जी न हभ ऩय कऩा की औय परवचन कयत हए कहा- ldquoह कलरमग वालसमो शरीरनवास क बकतो ldquoशरीफाराजी वरत कथाrdquo सजस आऩ सॊऩनन कय यह हो वह फहत ही ऩषवतर ह भहहभा स ऩणि ह मह वरत कलरमग भ शरी नायामण जी की करणा औय दमा परापत कयन का अतमॊत सयर साधन ह पराचीन कार भ शरी फाराजी क षपरम बकतो न इस सॊऩनन कय अऩनी काभनाओॊ को ऩणि ककमा इस वरत कथा क फाय भ हभ फताकय शरी फाराजी न हभाय पररत जो दमा हदखाई ह उसक लरए हभ उनह परणाभ कयत ह

पराचीन कार भ भगध याजम भ षवषणचचतत नाभक एक बकत यहता था उसकी नौ कनमाएॉ थी षवदवान होन ऩय बी वह अतमॊत गयीफ था षवषणचचतत की ऩतनी तायाभरत हभशा नायामणजी की पराथिना कयती यहती थी षववाहाहद शबकामि सॊऩनन कय जो बी ऩस दकषणा क रऩ भ लभरत थ उसस व भसशकर स अऩना जीवन रनवािह कय

यह थ कनमाएॉ मौवनावसथा भ ऩदाऩिण कय चकी थी तायाभरत हभशा इसी चच ॊता भ यहती थी कक इन कनमाओॊ का षववाह ककस परकाय सॊऩनन होग वह फाराजी की पराथिना कयत हए सदा अऩना सभम गजायती थी

वह तो फाराजी की बकत थी औय फाराजी अऩन बकतो स अतमाचधक परभ कयत ह उस हदन भाघ ऩरणिभा थी सवय

एक वदध बराहभण न षवषणचचतत क दयवाज ऩय दसतक दी औय कहा - ldquoह सवाभी भ फॊग दश का वासी हॉ एक मऻ

क लसरलसर भ दसय दश जा यहा हॉ यासत भ महाॉ आमा हॉ भझऩय दमा कयो औय अऩन घय भ एक हदन क लरए

यहन दो कर सवयही भ महॉ स चरा जाऊॉ गाrdquo उन की फात सनकय षवषणचचततन कहा lsquoनाथ इसस फढकय खशी औय कमा हो सकती ह अरतचथ साात नायामण जी क सभान होत ह ऐस हभाय ऩयाणो भ कहा गमा ह आऩ बफना ककसी सॊकोच क हभाय घय भ यह सकत हlsquo ऐसा कह कय उसन उस बराहभण को घय क अॊदय फरामा औय उनका सतकाय ककमा

दोऩहय भ बोजन क फाद उस वदध न तायाभरत स ऩछा ndash ldquoभाता कमा फात ह तभ कछ चच ॊरततसी रगती हो बफना ककसी सॊकोच क फात फताओrdquo तायाभरत न कहा ndash ldquoसवाभी आऩ तो भहातऩसवी ह आऩ क भख का तज उस वकॊ ठवासी क सभान ह आऩ स कमा छऩाना भयी चचॊता भयी कनमाओॊ का षववाह हrdquo उस ऩय वदध न कहा- ldquoभाता तमहाया दख भ जानता हॉ तमहाय सबी कषट दय हो औय तमहायी कनमाओॊ की शादी हो इसक लरम भ एक अदभत वरत फताता हॉ सनो इस वरत को सॊऩनन कयन स तमहाय साय कषट दय हो जामग शरी फाराजी क वरतो भ स मह सफस सयर हrdquo कहत हए उनहोन उस दॊऩरत को ऩया वरत षवधान फतामा वरत षवधान

सनकय षवषणचचतत न कहा- ldquoसवाभी मह तो अतमॊत सॊतोष की फात ह इसस फढकय सौबागम औय कमा होगा

कहत ह ना- शबसम शीिॊ आज भाघ ऩरणिभा ह फहत ही शब हदन ह आऩक कथा अनसाय हभ आज ही इस वरत

को सॊऩनन कयगrdquo षवषणचचततन ऩतनी तायाभरत औय सबी कनमाओॊ क साथ लभरकय उस हदन शाभ भ ही अऩन

फॊध-लभतरो क साथ बसकत औय रनषठा स फाराजी वरत को सॊऩनन ककमा वहाॉ उऩससथत सबी रोगो न वरत ऩया होन क

फाद चयणाभत परसाद गरहण ककमा औय अऩन-अऩन घय परसथान ककमा तफ षवषणचचतत औय तायाभरत न बराहभण

क चयणो को नभसकाय ककमा औय आशीवािद परापत ककमा बराहभणोततभ न बी चयणाभत परसाद गरहण ककमा औय

कहा- ldquoआऩकी भनोकाभना ऩयी हो शरी रकषभी शरी फाराजी की कऩा होrdquo

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अॊधया हो चरा था औय रनिा सभम आसनन था षवषणचचतत न उस बराहभण को एक पटी चादय दत हए आॉखो भ आस लरम कहा- सवाभी भ अतमॊत दरयिी हॉ इसस अचछी चादय भय ऩास नही ह भझ भा कय आज की यात इसी ऩय षवशराभ कय बराहभण भसकयात हए फोर- कोई फात नही भ फाहय फयाभद भ सो जाता हॉ कछ सभम फाद ही सबी रनिारोक भ षवचयण कयन रग आधी यात का सभम था बफजरी की गडगडाहट क साथ फारयश शर हई चायो ओय अॊधया था कहीॊ कछ नही हदखाई

द यहा था षवषणचचतत इस चच ॊता भ था कक वदध बराहभण फाहय कस सो यह होग उस सभम कछ सझ बी नही यहा था ककसी तयह उनहोन यात गजायी सवया हआ फारयश बी थभ चकी थी ऩरत-ऩतनी मही सोच यह थ कक बराहभण की कमा दशा हई होगी ककतना सहा होगा उनहोन मही सोचत हए वो फाहय आए उनह एक अदभत दशम हदखाई हदमा वहाॉ षवपरोततभ नही थ पहट हई चादय की जगह यशभ का षऩताॊफय यखा हआ था उस षऩताॊफय ऩय शरी फाराजी क

भतॉ ndash हदखाई दी व सफ कछ सभझ गम उनकी खषी का कोई हठकाना नही यहा उनक घय आम बराहभण औय

कोई नही साात शरी नायामणजी ही थ ह फाराजी कमा बागम ह हभाया ऩय हभ उनको ऩहचान नही ऩाम हभन उनको पटी हई चादय दी मह सोचत हए उनहोन शरी फाराजी की भतॉ को हाथ भ रकय आॉखो स रगामा औय

घय क अॊदय आम ऩया घय सोन स बया हआ था जहाॉ दखो वहाॉ धन याशी ह बगवान शरी फाराजी की वरत कथा की भहहभा स ही मह सफ सॊबव हो सका ऐसा कहत हए व बगवान की सतरत कयन रग आऩन दख साात शरी फाराजी ही उस बकत क घय आम थ वरत षवधान फतामा औय चयणाभत परसाद बी गरहण

ककमा शरी फाराजी फहत ही करणाभम ह जो बी इस वरत को बसकत औय रनषठा स कयगा उसक घय सवमॊ बगवान

ककसी ना ककसी रऩ भ आमग आऩ सबी इस वरत को सॊऩनन कय बगवान की कऩा परापत कय सकत ह शरी भहषषि षवशवालभतर जी न मह दषवतीम कथा इस तयह फताई

शरी रकषभी शरीरनवास कटाॊ लसषदधयसत

गोषवॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

दषवतीमोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

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ततीम अधमाम

शरी वलशषठ उवाच मह अधमाम भहातऩोरनषठ वरयषठ शरीवलशषठ भरन न शरीनायामणजी की कऩा स हभ षवसताय रऩ स फतामा ह ह कलरमग वालसमो शरीफाराजी क षपरम बकतो वकणठ भ रनवास कयनवार शरीनायामणजी आज क रतरभरा भ ससथत शरीफाराजी ही ह कलरमग वालसमो क कषट दय कयन क लरम बगवान आऩक फहत सभीऩ रतरभरा ऩहाड ऩय अवतारयत हए ह शरी फाराजी को खश कयन क लरए मह वरत उततभ ह औय सयर बी ह इस वरत को जो बसकत औय रनषठा स सॊऩनन कयता ह उस सबी सख परापत हो जात ह पराचीन सभम भ अवॊती दश भ बागमनगय नाभक एक नगय था नाभ क ही अनरऩ वहाॉ अनक धनवान (वमाऩायी) यहत थ ऩय व अऩनी सॊऩसतत को दख घभॊड कयत थ औय आभ रोगो को हीन दषटी स दखत थ धन-दौरत उनकी सवासजित ह ऐसा सोचकय घभॊड कयत थ बगवान की रनतम ऩजा-ऩाठ तो उनहोन ऩहर ही छोड दी थी कभ स कभ षवशष हदनो भ बी व ना भॊहदय जात ना ऩजा कयत ना ही दीऩ जरात एक हदन सबी धनवान अऩनी-अऩनी ऩतनीमो क साथ परीरत बोज भ वमसत थ उस नगय की ऩवि हदशा भ ही शरी रकषभी नायामण जी का भॊहदय था जहाॉ दीऩ जरानवारा कोई नही था उस हदन षवशष एकादशी थी सजस एक ऩवि हदन बी भाना जाता ह ऩय उस नगय क एक बी धनवान क भन भ भॊहदय भ ऩजा कयन का षवचाय नही आमा शाभ होत-होत आकाश भ घन फादर छा गम औय भसराधाय फारयश होन रगी वमाऩारयमो क घय ऩानी स बय गम चायो ओय अॊधकाय ह अॊधकाय था सवय होन तक ऩया नगय ऩानी भ डफ गमा वमाऩारयमो क घय टट-पट गम उनका साया ऐशवमि सभापत हो गमा ऐसा उऩिव कमो भचा मह पररम कस हो गमा ककसी को कछ बी सभझ भ नही आ यहा था इतन भ उनह एक षवचचतर दशम हदखाई हदमा नगय क फाहय जो झोऩडडमाॉ थी व तो वसी की वसी थी उनको आशचमि हआ इतनी फारयश भ बी म कस सही सराभत यही व ऐसा भन ही भन सोच यह थ कक इतन भ बफजरी कडकी औय आकाशवाणी हई ldquoए भखो तमहायी सॊऩसतत तमहायी अऩनी ह सवासजित ह ऐसा सोचत थ इसी लरम ऐसा हआ ह इस झोऩडी भ यहनवारा दव भया षपरम बकत ह आभ आदभी होन ऩय बी दव रनतम तमहाय नगय भ ससथत शरी रकषभी नायामण

भॊहदय भ दीऩ जराता था इतना ही नही हय एकादशी क हदन मथा सॊबव वह शरी फाराजी वरत कथा बी सॊऩनन कयता था इसी लरम इन झोऩडीमो भ यहनवार सबी रोग सयकषत यह आऩ सबी महद वरत सॊऩनन कयग तो अऩन-अऩन

ऐशवमि को ऩन परापत कय सकत होrdquo आकाशवाणी सनत ही तयॊत व सबी रोग उस भॊहदय भ गम औय जस

सॊबव हो सका वस सबी रोगोन एक-दसय क सहमोग स शरी फाराजी की वरत कथा सॊऩनन की ऐसा कयत ही सबी को उनक घय ऩवि रऩ भ ही परापत हो गम तफ स व सबी शरीफाराजी क बकत फन गम औय हय एकादशी को शरीफाराजी का वरत सॊऩनन कयत औय सख-शाॊरत परापत कय यहन रग अॊत भ उनहोन भसकत बी परापत की

शरीवलशषठजी न इस परकाय म कथा सनाई

गोषव ॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

ततीमोधमाम सभापतॊ |

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ

शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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चतथव अधमाम

शरी बयदवाज उवाच

शरीनायामण जी को ldquoशरीफाराजी वरत कथाrdquo अतमॊत षपरम ह चतथि अधमाम क रऩ भ हभाय साभन शरी बयदवाज

भरनदवाया फतामी नमी कहानी इस परकाय ह- ldquoह कलरमगवालसमो शरी नायामण क षपरम बकतो आऩ सजस वरत को सॊऩनन कय यह ह वह अदभत ह आऩकी भनोकाभनाओॊ को ऩणि कयन का साधन ह शरी फाराजी को परसनन कयन का मह अतमॊत सयर उऩाम ह आऩ सबी ऩय कऩा कयन क लरम ही वकॊ ठवासी बगवान शरीरनवास क रऩ भ रतरभरा ऩहाड ऩय अवतरयत हए ह अनक जनभो क ऩणमपर स ही रतरभरा ऩहाड ऩय ऩय यखन का सौबागम परापत होता ह औय बगवान क दशिन बी सॊबव होत ह इसी तयह इस ldquoवरतकथाrdquo को सॊऩनन कयन का सॊकलऩ बी ऩविजनभ क

ऩणमपर स ही सॊबव होता ह जो वमसकत इस वरत को सॊऩनन कय यह ह मा जो इस कथा को सन यह ह मा जो बगवान क परसाद को गरहण कयत ह उनह बगवान की कऩा परापत होती ह औय व सौबागम बी ऩात ह

पराचीन कार भ ldquoनगयीrdquo नाभक एक गराभ भ धनगपत नाभ का वमाऩायी यहता था वह फहत ही रारची था ऐशवमि परापत कयन ऩय बी उसका रारचीऩन कभ नही हआ मह सभसत ऐशवमि उसका ही कभामा हआ ह ऐसा सोचकय वह फहत घभॊड कयता था अहॊकाय भनषम का नाश कयता ह

धनगपत की ऩतनी काॊरतभती अतमॊत बसकत बावना यखती थी औय रनषठा स बगवान की ऩजा कयती थी उनकी तीन कनमाएॉ थी तीसयी कनमा ldquoकभायीrdquo भ बसकत बावना जमादा थी वह हभशा फाराजी का नाभ ही जऩती यहती थी षऩताजी को बफना फताम वह जफ-तफ शरी फाराजी क भॊहदय भ जाती थी औय बगवान क दशिन कयती थी घय आकय षऩताजी को छोड अनम सबी क साथ परसाद सवीकाय कयती थी ऩती क ऐस वमवहाय स

काॊरतभती थोडी चच ॊरतत होती थी

एक हदन ldquoकभायीrdquo की सहरी क घय ऩय ldquoशरी फाराजीrdquo का वरत सॊऩनन हो यहा था मह जानकय वो वहाॉ गई वरत ऩया होन तक दोऩहय हो चकी थी थोडासा परसाद उसन गरहण ककमा औय थोडा वह अऩन घयवारो क लरम एक

कागज की ऩडी भ रकय चरी फीच यासत भ उस पमास रगन रगी धऩ बी फहत तज थी उसन सोचा थोडी दय रक

कय पमास फझाकय कपय चरॉ तो ठीक यहगा तबी उस माद आमा कक उसक षऩता की दकान अगरी गरी भ ही तो ह वहाॉ जाकय उसन षऩताजी को ऩजा की फात बफना फताम षऩताजी स ऩानी भाॉगकय षऩमा औय षऩताजी गससा कयग

इस डय स उसन जलदी-जलदी ऩानी षऩमा इस घफयाहट भ परसाद की ऩडी वही दकान भ बरकय चरी गई

एकाएक फाजाय भ हडकॊ ऩ भच गमा रोग हाहाकाय भचात हए इधय-उधय बागन रग आगजनी क कायण उस गरी की सायी दकान जर कय याख होन रगी वस बी दोऩहय का सभम थाउस ऩय गभि हवाएॉ चर यही थीधनगपत का शयीय डय क भाय काॉऩन रगा ldquoकछ ही सभम भ उसकी दकान बी जर कय याख हो जाएगीrdquo इस षवचाय स उस क हाथ-ऩय काॉऩन रग सबी रोग अऩनी-अऩनी दकानो स फाहय आकय इधय-उधय बागन रग ऩय

धनगपत वही खडा यह गमा दकान छोडकय जान का भन नही कय यहा था महद वो दकान भ यहगा तो जरकय

याख हो जामगासोचत हए उसन घफयाहट भ उसक हाथ रगी ऩडी को उठामा औय बफना सोच सभझ जो हाथ आमा वो भॉह भ डार हदमा उस कछ भीठा-भीठा सा ऩदाथि रगा औय भन बी शाॊत होन रगा

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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तबी एक अदभत घटना घटीआग धनगपत की दकान तक आकय रक गमी आग की रऩत वहाॉ नही आ ऩामी मह कसी षवचचतर फात हम कसी भामा ह धनगपत क भॉहस एक बी फात नही रनकर ऩामी उधय आगजनी की खफय सनत ही ऩतनी काॊरतभती अऩन कनमाओॊ क साथ फाराजी का सभयण कयत हए दौडती हई वहाॉ आ गमी आग उनक दकान तक आकय कस रक गमी मह दखकय उस आशचमि हआ तबी कभायी को दकान भ बरी हई ऩडी की माद आई धनगपत को सभझन भ दय नही रगी कक उसन जो चीज भॉह भ डारी थी वो औय कछ नही तो बगवान का परसाद ही था औय उसकी भहहभा स ही व इस दघिटना स चक गम धनगपत न शरीफाराजी स भा भाॉगी गार फजाम शाभ भ ही नगयवालसमो को फराकय ldquoशरीफाराजी की वरत कथाrdquo सॊऩनन की तफ स वह बगवान की सवा भ रीन हो गमा औय अॊत भ भो बी परापत की आऩन दखा कक कवर परसाद गरहण कयन स ही वो ककतनी फडी दघिटना स चक गमा फाराजी की भहहभा अदभत ह आऩ सबी बी मथा सॊबव वरत को सॊऩनन कय क बगवान की कऩा परापत कय सकत हldquo

शरीबयदवाजजी न इस परकाय मह चतथि कथा सनामी

गोषवॊदगोषवॊदगोषवॊद

चतथोधमाम सभापतॊ |

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ऩॊचभ अधमाम

शरी अतरतर उवाच

रतरभरा-रतरऩती बरोक का वकणठ धाभ ह ऩयाणो भ फतामा गमा ह कक रतरभरा क सभान ऩषवतर सथर औय शरी फाराजी जस दवता न तो ऩहर कबी हए ह औय न कबी होग शरीरनवास क रऩ भ अवतरयत शरी नायामण अऩन

बकतो स फहत परभ कयत ह जो उन ऩय अऩना ऩया बाय डारकय उनह रनतम सभयण कयत ह जो सदाचाय स ऩणि जीवन बफतात ह वो उनकी या कयत ह ऐस शरीफाराजी को परसनन कयन का सफस सयर उऩाम ह ndash ldquoशरीफाराजी की वरत कथाrdquo

इस अदभत वरत कथा क फाय भ भहातऩसॊऩनन शरी अबतर भहषषि न कऩा कयत हए कहा ह- ldquo ह फाराजी क षपरम

बकतो कलरमग भ आऩक सौबागम क फाय भ कमा कहना कतमग तरतामग औय दवाऩायमग भ अतमॊत कठोय तऩ-

जऩ कयन ऩय बी परसनन न होन वार शरी नायामण इस मग भ कवर नाभसभयण स ही आऩ रोगो ऩय कऩा कय यह

ह षवशवास क साथ उनह फरान ऩय व तयॊत कऩा परदान कयत ह ऐस करणाभम ह शरीफाराजी ऩषवतर रतरभरा ऩय

तमहाया यखा हय कदभ अनक जनभो क ऩणमपर क सभान ह

पराचीन कार भ ldquoकौभायrdquo दश भ ldquoलभतरrdquo नाभक धोफी यहता था वो अऩन काभ क साथ-साथ धालभिक कामि कयता हआ जीवन रनवािह कय यहा था उसकी अऩॊगता ही उसकी चच ॊता थी इसी कायण धोए हए कऩडो की ऩोटरी फनाकय घय-घय घभकय उनह रोगो तक ऩहॉचाना उस धीय धीय भसशकर रगन रगा उसका ऩरयवाय फडा था बफना भहनत ककए उस बय ऩट खान को बी नही लभरता था हभशा वो शरी फाराजी की ऩजा कयता यहता था कबी ना कबी बगवान उस ऩय कऩा कयग इसी षवशवास स वो अऩना जीवन गजाय यहा था बकतो ऩय कऩा कयन वार फाराजी सफ कछ दखत यहत ह जो वमसकत अऩन कभो स भकती ऩाता ह उनक ऩास आकय फाराजी ककसी न ककसी रऩ भ आकय उनकी या कयत ह एक हदन शाभ क सभम हभशा की तयह लभतर कऩड धोकय कऩडो की ऩोटरी राद धीय-धीय चरता हआ आ

यहा था फीच यासत भ उस एक वदध बराहभण हदखाई हदम गौयव की बावना स फड होन क कायण लभतर न अऩन कॊ ध

ऩय रदी हई ऩोटरी को नीच उतायकय वदध बराहभण को नभसकाय ककमा तफ उस षवपरोततभ न कहा- ldquoतभ अऩन इस ऩय क कायण ककतना कषट सह यह हो तमहाया दख दखा नही जाताrdquo तफ लभतर न कहा-ldquoह नाथ आऩ फजगि ह बयाऩया ऩरयवाय होन क कायण भझ इस काभ स भकती नही लभर यही ह ककसी तयह भयी म अऩॊगता दय हो ऐसा कोई उऩाम फताइएrdquo

तफ बराहभण न कहा-ldquoसनो बाई भ जरय फताऊॉ गा धमान स सनो भ एक ऐस वरत क फाय भ फताता हॉ सजस सॊऩनन कयन स तमहायी अऩॊगता दय हो जाएगी तमह अषट ऐशवमो की परासपत होगी वरत सॊऩनन कयत ही तमह हजाय अशकपि माॉ लभरगी ऩय एक शति ह उसभ स आध तभ भझ दोगकर भ कपय इसी सभम महाॉ लभरॉगाrdquo तफ लभतर न कहा- ldquoसवाभी इसस फढकय सौबागम औय कमा हो सकता ह आज ही इस

वरत क फाय भ फताइए भ उस सॊऩनन करॉ गाrdquo लभतर क उतसाह को दख वदध न शरी फाराजी वरत कथा क फाय भ फतामा

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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लभतर दगन उतसाह क साथ घय आमा ऩयी कहानी ऩतनी को फतामी औय अडोस-ऩडोस क साथ लभरकय शरी फाराजी वरत को सॊऩनन ककमा चयणाभत परसाद गरहण ककमा घय आए सबी रोगो को बी हदमा तबी घय क फाहय कछ

कोराहर सनाई हदमा लभतर का फटा फाहय स दौडता हआ आमा औय फोरा- ldquoषऩताजी षऩताजी याज-यक आऩक लरम आए ह याजा न आऩक लरम बट बी बजी हrdquo इतन भ यक बी वहाॉ आ गम उनहोन फतामा कक उसकी रनमसकत याज दयफाय भ धोफी क रऩ भ हो गमी ह याजा न हजाय अशकपि माॉ ऩयसकाय सवरऩ बजी ह ऐसा कहकय उनहोन लभतर क हाथ भ हजाय अशकपिमो की ऩोटरी यख दी एक हफत क अॊदय-अॊदय

उस आकय नौकयी भ बतॉ होन को बी कहा लभतर क आनॊद की सीभा नही थी एक हफता कमो कर ही कमो नही सोचकय उसन अऩनी ऩोटरी-वोटरी फाॉधी औय दसय हदन सवय ही वो जान को तमाय हो गमा इस जलदफाजी भ वह

उस वदध की फात बर गमा फीच यासत भ उस उसकी फात माद आ गमी ऩय ठीक हअगर भहहन लभर रता हॉ सोच

कय वह याज दयफाय भ अऩन काभ ऩय रग गमा हदनभहहन फीत बराहभण क वश भ आए बगवान को गससा आमा बगवान न सोचा भनषम की परवसतत ऐसी ही होती ह उस भझ अऩनी भहहभा फतानी होगी

दसय ही हदन याणीवास स आबषण चोयी हो गम चोयी का इलजाभ लभतर ऩय आमा लभतर को कायावास की सजा हई hellipयाज यकोन उस तयह-तयह की मातनाएॉ दी ऐसा कमो हआउस ऩय मह इलजाभ कमो रगा सोचत हए लभतर को यात को सऩन भ बगवान हदखाई हदम उनहोन फतामा कक ldquoवदध बराहभण क रऩ भ व ही आम थ वो अऩनी फात स भकय गमा इसलरम म सफ हआ हrdquo तफ लभतर न कहा-ldquoह नाथभ ऩाऩी हॉ भन फहत फडा ऩाऩ ककमा ह कऩमा भझ ऩय दमा कीसजम अफ भ हय भहहन आऩका वरत सॊऩनन करॉ गा भयी आम का आधा बाग जीवन बय आऩको सभषऩित करॉ गाrdquo गार फजाकय उसन बगवान की हय तयह स पराथिना की बकतो की ऩकाय सननवार बगवान न खशी-खशी लभतर ऩय कऩा कय दी बगवान की कऩा स याणी क आबषण दसयही हदन लभर गम याजान म बी जान लरमा कक लभतरन चोयी नही की थी लभतरको कायावास स रयहा कय हदमा गमा तफ स लभतर बगवान को हदम वचन अनसाय हय भहहन शरी फाराजी का वरत सॊऩनन कयन रगा औय अऩनी आम का आधा बाग बगवान को अषऩित कयता यहा सख ऩणि जीवन बफतात हए उसन अॊत भ भो बी परापत ककमाrdquo

शरी अबतरजी न ऐसा कहकय ऩाॉचव औय आखयी अधमाम को सभापत ककमा

गोषवॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

ऩॊचभोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

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faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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धऩभ दशाॊगभ गगगरोऩतॊ गोघतन सभसनवतभ धऩॊ गहाण दवश सविरोक नभसकाया

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - धऩभािाऩमालभ

(सवाभीजी क भतॉ की अगयफतती औय धऩ स आयती कय)

दीऩभ

बतररोकश भहादव सविऻान परदामक दीऩॊ दासमालभ दवश यभाभ बकतवतसर

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - दीऩॊ दशिमालभ

(सवाभीजी क भतॉ की दीऩ स आयती कय )

नवदमभ

सविबशच बोजजशच यस षडलब सभसनवतॊ नवदमनत भमानीतभ गहाण ऩरषोततभ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - नवदमॊ सभऩिमालभ

(सवाभीजी को परसाद चढाम अगय करा ह तो ldquoकदरीपर रनवदमालभrdquo नारयमर ह तो ldquoनारयकर परॊ रनवदमालभrdquo ऐस कह अगय गड ह तो ldquoगडोऩहाय नवदमभ सभऩिमालभrdquo कह)

ॐ पराणाम सवाहा ॐ आऩानाम सवाहा ॐ वमानाम सवाहा ॐ उदनाम सवाहा ॐ सभानाम सवाहा ॐ ऩयबरहभण सवाहा ॐ बबिव सव ततसषवतय-वयणमभ बगो दवसम धीभहह चधमो मो न परचोदमात ॐ आऩो जमोरतयसोभतॊ बरहभ बबिव सवयोभ भधम भधम ऩानीमभ सभऩिमालभ

अभताषऩधानभलस उततयाऩोशनभ सभऩिमालभ हसतौ परारमालभ ऩादौ परारमालभ ऩनयाचभनीमभ सभऩिमालभ

तामफरभ ऩगीपर सकऩिय नागवलरीदरमितॊ भकताचणि सभामकतॊ तामफरॊ पररतगहमताॊ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - तामफरभ सभऩिमालभ

नीयाजनभ चशरम कानताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरीवकटरनवासाम शरीरनवासाम भनगरभ

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ नीयाजनभ दशिमालभ

ऩनयाचभनीमभ सभऩिमालभ

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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भॊतरऩषऩभ

ॐ सहसतरशीषिभ दवॊ षवशवाॊ षवशवशॊबवॊ षवशवॊ नायामणनदवभ अयॊ ऩयभॊ ऩदॊ १

षवशवत ऩयभासननतमॊ षवशवॊ नायामणॊ हरयॊ षवशवभवदॊ ऩरषसतदषवशवॊ उऩजीवरत २

ऩरतॊ षवशवसमातभशवयॊ शाशवतॊ लशवभचमतॊ नायामणॊ भहाऻमॊ षवशवतभानॊ ऩयामणॊ ३

नायामण ऩयोजमोरत आतभा नायामण ऩय नायामण ऩयभ बरहभ ततवभ नायामण ऩय नायामण ऩयो धमाता धमानभ नायामण ऩय ४

मचच ककसनचत जगतसव दशमत शरमतषऩ वा अनतफिहहशचततसविभ वमापमा नायामण ससथत ५

अननतभ अवममभ कषवॊ सभिनतभ षवशवशमबवभ ऩदमकोश परतीकाशभ रदमभ चापमधोभखभ ६

अधोरनषमा षवतसतमानत नाभमाभऩरय रतषठरत जवाराभाराकरॊबारत षवशवसमामातनभ भहत ७

सनततॊ लशरालबसत रॊफतमाकोशससननबभ तसमानत सलशयभ सकषभभ तससभन सविभ पररतसषठतभ ८

तसमभधम भहान असगन षवशवायचचषविशवतो भख सोगरबसगवबजन रतषठाननाहाय भजय कषव

रतमिगधवाि भधशशामीयशभमा सतसम सनतता ९

सॊताऩमरत सवॊ दह भाऩादतरभसतक तसम भधम वसनह लशखा अणीमोधवाि वमवससथत १०

नीरथो मदभधमसता षवदमलरखव बासवया नीवायशकवततनवी ऩीताबा सवतमनऩभा ११

तसमा लशखामा भधम ऩयभातभा वमवससथत स बरहभ स लशव स हरय स इनि सोय ऩयभासवयात १२

ॐ तद बरहभ ॐ तद वाम ॐ तदातभा ॐ ततसतमभ ॐ ततसविभ ॐ ततऩयोनिभ अनतशचयरत बतष गहामाभ षवशवभरत िष तवभ मऻसतवभ वषकायसतवभ इनिसतवभ रिसतवभ

षवषणसतवभ बरहभतवभ परजाऩरत तवभ तदाऩ आऩो जमोरत यसोवतभ बरहभ बबिवससवयोभ १३

गदा ऩन शॊखयथानगकलऩक धवजायषवॊदाॊकश वजररासशचत ह शरीरनवास तवत चयणामफज दवमॊ भदीम भधािन भरज ॐ रनयॊजनाम षवदमह रनयाबासाम धीभहह तननो शरीरनवास परचोदमात शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हदवमभनतरऩषऩॊ सभऩिमालभ

परदकषण नभसकाय

शरोकॊ मारनकारन च ऩाऩारन जनभानतय कतारन च तारन तारन परणशमसनत परदकषण ऩद ऩद ऩाऩोहभ ऩाऩकभािहभ ऩाऩातभा ऩाऩसॊबव तराहहभाभ कऩभमा दव शयणगतवतसर अनमधा शयणॊ नाससत तवभव शयणॊ भभ तसभात कारणम बावन य य जनादिन

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - आतभपरदकषण नभसकायान सभऩिमालभ

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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षवषवधोऩचाय ऩजा छतरॊ धायमालभ चाभयॊ वीजमालभ नतमॊ दशिमालभ गीतॊ शरावमालभ वादमॊ घोषमालभ आॊदोलरकान आयोहमालभ आशवानायोहमालभ गजानायोहमालभ सभसत यजोऩचाय शकतमऩचाय

मनतरोऩचाय दवोऩचाय सवोऩचाय ऩजाॊ सभऩिमालभ

भाऩवणभ भनतरहीनॊ ककरमाहीनॊ बसकतहीनॊ जनादिन मतऩसजतभ भमा दव ऩरयऩणिभ तदसतत

अनमा धमानावाहनाहद षोडशोऩचाय ऩजमा च बगवन सवाितभक शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरी वकटशवय सवरऩो बगवान सपरीत सपरसननो वयदो बवत शरी वकटशवय दव परसादॊ लशयसा गहणालभ

तीथवभ

अकार भतमहयणॊ सविवमाचध रनवायणभ सवि ऩाऩमकयॊ दव ऩादोदकॊ ऩावनॊ शबॊ

नवदमभ

ॐ बबिवससव ॐ ततसषवतवियणमभ बगो दवसम धीभहह चधमो मो न परचोदमात सतमॊ तवतन ऩरयषषॊचालभ अभतभसत अभतोऩसतयणभलस ॐ पराणाम सवा ॐ अऩानाम सवा ॐ वमानाम सवा ॐ उदानाम सवाह ॐ सभानाम सवा ॐ बरहभण सवा

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - भहानवदमभ सभऩिमालभ

अभताषऩधानभलस उततयाऩोशनभ सभऩिमालभ हसतौ परारमालभ ऩादौ परारमालभ शदध आचभनीमॊ सभऩिमालभ

तामफरॊ सभऩिमालभ सवणिभनतरऩषऩॊ सभऩिमालभ परदकषण नभसकायन सभऩिमालभ

अनमाधमानावाहनाहद षोडषोऩचाय ऩजमा बगवान सवाितभक शरी रकषभी ऩदमावती सभत वकटशवय सवाभी सपरीत सपरसननो वयदो बवत शरी रकषभी ऩदमावती सभत वकटशवय सवाभी परसादॊ लशयसा गहणालभ

उदवासनभ मऻन मऻभमजनत दवासतारन धभािरण परथभानमासन

तहनाकॊ भहहभानससचनत मतर ऩव साधमा ससनत दवा

गचछ गचछ सयशरषठ सवसथान शरी वकटशवय बकताबीषट सभधमथिभ ऩनयागभनाम च

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरी वकटशवय सवाभी मथासथानॊ उदवासमालभ

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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परथभ अधमाम

शरी बगवान उवाच

कलरमग भ एक हदन शब भहति भ रतरभरा ऩहाड ऩय (सजस धयती का वकॊ ठ कहा जाता ह ) ldquoषवशवऩरत नाभक एक बकत ऩय शरी फाराजी की कऩा हई शरी षवषण क अवताय शरी फाराजी (वकटशवय) जो महाॉ शरीरनवास क रऩ भ ऩज जात ह उनहोन षवशवऩरत को ldquoशरी फाराजी वरत कथाrdquo नाभ स परलसधद इस गरॊथ की यचना कयन की आऻा दी औय कहा- ldquoह भय षपरम बकत षवशवऩरत भय षपरम होन क कायण इस वरत को षवसताय रऩ स तमह फाता हॉ सनो म

वरत भझ अरत षपरम ह आसान होन क कायण इस सबी रोग सॊऩनन कय सकत ह

कलरमग भ भानव अऩन ऩाऩ कभो का पर बोगता ह अनक कषट सहत हए जीवन रनवािह कयता ह कछ बकत

अऩन दख भझ फताकय उनह दय कयन क लरम कहत ह फहत स ऩस खचि कय वो भझ दखन क लरम रतरभरा की मातरा कयत ह भय बकतो स भझ परभ ह व भझऩय अऩना ऩया बाय डार दत ह भ उनह धभि क भागिऩय चराता हॉ

अबी भ जो मह वरत कथा तमह फतान जा यहा हॉ वो ldquoशरी फाराजी की कथाrdquo क नाभ स परलसदध होगा म भया वरत भझ अरतषपरम ह जो वमसकत इस बसकत औय रनषठा स कयगा वह तयॊत ऩाय ऩामगा कोई बी वमसकत कबी बी इस वरत को सॊऩनन कय सकता ह भखम रऩ स भागिशीषि भाघ कारत िक भहहनो भ ऩणिभासी ऩॊचभी सपतभी एकादशी रतचथमो ऩय मा शरवण सवारत नतरो ऩय इस कयना शरषठ होता ह

इस घोय कलरमग भ भय बकत जो कषट सह यह ह उनह भ जानता हॉ तमह जफ बी कोई कषट हो कोई सभसमा हो सवासम ठीक ना हो नौकयी वमाऩाय भ सभसमाएॉ हो भन अशाॊत हो तो इस वरत को सॊऩनन कयना चाहहम इसस

साय कषट दय हो जात ह घय भ शब कामि होन ऩय इस वरत को सॊऩनन कयन स बफना ककसी सभसमा क कामि ऩणि हो जाता ह इस वरत को सॊऩनन कयत ही सबी सख परापत होत ह औय अषट ऐशवमो की परासपत होती ह

सफय मा शाभ इस वरत को सॊऩनन कय सकत ह इस वरत भ ऩाॉच अधमाम ह इनका ऩठन बसकत क साथ कयना चाहहम अऩन घय भ मा रनवास सथान ऩय भॊहदय भ मा ककसी बी ऩषवतर सथान भ नदी तट ऩय सॊऩनन कय सकत ह

महद सॊबव हो तो अऩन फॊध लभतरो क साथ इस सॊऩनन कयन स जमादा शरषठ होता ह जो इस सॊऩनन कयत ह मा जो इस सनत ह वरत सॊऩणि होन क फाद परसाद को बसकत स सवीकाय कयत ह वो अषट ऐशवमो को परापत कयत ह इसस

ऩहर बी भय बकतो न कई भरनमो न इस वरत को सॊऩनन ककमा औय भया आशीवािद ऩामा बरोक भ यहनवार सबी को मह वरत आनॊद परदान कयगा औय शब पर बी परापत होगा शाॊत चचतत स भझ माद कयत हए इस वरत का ऩारन

कयो

सवि परथभ जहाॉ वरत कयना चाहत हो उस सथर को साप कयो भॊडऩ की वमवसथा कय भयी तसवीय सजसभ भयी षपरम

सरखमाॉ शरी दवी बदवी ह उस तसवीय को इस भॊडऩ ऩय सथाषऩत कयो भॊडऩ को दीवाय स रगाकय बी यख सकत हो अनम ककसी इचछक दवता की तसवीय बी सख सकत हो नवगरहो औय अषट हदकऩारको को मा तो भन भ नभसकाय

कयो मा उनका आवहान बी कय सकत हो

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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सफस ऩहर हलदी स फनी गणश की ऩजा कयनी चाहहम उसक फाद उस वरत क ऩाॉचो अधमामो का रनषठा स ऩठन

कयना चाहहम मही परथभ अधमाम ह अनम चाय अधमाम भय अतमॊत षपरम ऩातर षवशवालभतर वलशषठ बयदवाज अबतर

भरनशवयो क परवचना रऩ भ ह ऩाॉच अधमामोको ऩढन क फाद भय षपरम शरोक बी ऩढ सकत हो हय अधमाम क अॊत

भ गोषव ॊद गोषव ॊद गोषव ॊद तीन फाय सभयण कयना चाहहम

आभ रोगो क कषटो को भ जानता हॉ इसी लरम भयी एक फात सनो महद ककसी कायण इस वरत को षवसताय रऩ स

सॊऩनन कयन भ कोई सभसमा आ यही हो तो भय तसवीय को साभन यख कय ऩहर गणश जी की कपय नवगरह दवताओॊ औय अषटहदकऩारको को सभयण कय ऩाॉच कहरनमाॉ ऩढकय अऩन भन भ जो इचछा ह उस भझ फताओ भ उस

परसाद क रऩ भ परदान करॉगा इस परकाय कयन स बी कामि की लसषदध होती ह तमहाय कषट दय हो जामग औय शब

पर परापत होगा

जो वमसकत इस वरत को बसकत स सॊऩनन कयगा भ उसक घय ककसी ना ककसी रऩ भ आकय परसाद सवीकाय करॉगा भयी कऩा आऩ सबी को हभशा परापत होगी शरी फाराजी न रतमभयाज षवशवऩरत याभकषणभरत ि ldquoषवशवऩरतrdquo को इस वरत कथा को षवसताय स फतामा कलरमगवासी हभ सबी इस वरत को सॊऩनन कय शरी फाराजी की कऩा क ऩातर फन सकत ह इस वरत को सॊऩनन कय हभ अऩन सबी कषट दय कय सकत ह औय उचचत पर बी परापत कय

सकत ह

गोषवॊदगोषवॊदगोषवॊद

परथभोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ

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दषवतीम अधमाम

शरी षवशवालभतर उवाच

भहातऩ सॊऩनन साात शरी षवशवालभतर जी न हभ ऩय कऩा की औय परवचन कयत हए कहा- ldquoह कलरमग वालसमो शरीरनवास क बकतो ldquoशरीफाराजी वरत कथाrdquo सजस आऩ सॊऩनन कय यह हो वह फहत ही ऩषवतर ह भहहभा स ऩणि ह मह वरत कलरमग भ शरी नायामण जी की करणा औय दमा परापत कयन का अतमॊत सयर साधन ह पराचीन कार भ शरी फाराजी क षपरम बकतो न इस सॊऩनन कय अऩनी काभनाओॊ को ऩणि ककमा इस वरत कथा क फाय भ हभ फताकय शरी फाराजी न हभाय पररत जो दमा हदखाई ह उसक लरए हभ उनह परणाभ कयत ह

पराचीन कार भ भगध याजम भ षवषणचचतत नाभक एक बकत यहता था उसकी नौ कनमाएॉ थी षवदवान होन ऩय बी वह अतमॊत गयीफ था षवषणचचतत की ऩतनी तायाभरत हभशा नायामणजी की पराथिना कयती यहती थी षववाहाहद शबकामि सॊऩनन कय जो बी ऩस दकषणा क रऩ भ लभरत थ उसस व भसशकर स अऩना जीवन रनवािह कय

यह थ कनमाएॉ मौवनावसथा भ ऩदाऩिण कय चकी थी तायाभरत हभशा इसी चच ॊता भ यहती थी कक इन कनमाओॊ का षववाह ककस परकाय सॊऩनन होग वह फाराजी की पराथिना कयत हए सदा अऩना सभम गजायती थी

वह तो फाराजी की बकत थी औय फाराजी अऩन बकतो स अतमाचधक परभ कयत ह उस हदन भाघ ऩरणिभा थी सवय

एक वदध बराहभण न षवषणचचतत क दयवाज ऩय दसतक दी औय कहा - ldquoह सवाभी भ फॊग दश का वासी हॉ एक मऻ

क लसरलसर भ दसय दश जा यहा हॉ यासत भ महाॉ आमा हॉ भझऩय दमा कयो औय अऩन घय भ एक हदन क लरए

यहन दो कर सवयही भ महॉ स चरा जाऊॉ गाrdquo उन की फात सनकय षवषणचचततन कहा lsquoनाथ इसस फढकय खशी औय कमा हो सकती ह अरतचथ साात नायामण जी क सभान होत ह ऐस हभाय ऩयाणो भ कहा गमा ह आऩ बफना ककसी सॊकोच क हभाय घय भ यह सकत हlsquo ऐसा कह कय उसन उस बराहभण को घय क अॊदय फरामा औय उनका सतकाय ककमा

दोऩहय भ बोजन क फाद उस वदध न तायाभरत स ऩछा ndash ldquoभाता कमा फात ह तभ कछ चच ॊरततसी रगती हो बफना ककसी सॊकोच क फात फताओrdquo तायाभरत न कहा ndash ldquoसवाभी आऩ तो भहातऩसवी ह आऩ क भख का तज उस वकॊ ठवासी क सभान ह आऩ स कमा छऩाना भयी चचॊता भयी कनमाओॊ का षववाह हrdquo उस ऩय वदध न कहा- ldquoभाता तमहाया दख भ जानता हॉ तमहाय सबी कषट दय हो औय तमहायी कनमाओॊ की शादी हो इसक लरम भ एक अदभत वरत फताता हॉ सनो इस वरत को सॊऩनन कयन स तमहाय साय कषट दय हो जामग शरी फाराजी क वरतो भ स मह सफस सयर हrdquo कहत हए उनहोन उस दॊऩरत को ऩया वरत षवधान फतामा वरत षवधान

सनकय षवषणचचतत न कहा- ldquoसवाभी मह तो अतमॊत सॊतोष की फात ह इसस फढकय सौबागम औय कमा होगा

कहत ह ना- शबसम शीिॊ आज भाघ ऩरणिभा ह फहत ही शब हदन ह आऩक कथा अनसाय हभ आज ही इस वरत

को सॊऩनन कयगrdquo षवषणचचततन ऩतनी तायाभरत औय सबी कनमाओॊ क साथ लभरकय उस हदन शाभ भ ही अऩन

फॊध-लभतरो क साथ बसकत औय रनषठा स फाराजी वरत को सॊऩनन ककमा वहाॉ उऩससथत सबी रोगो न वरत ऩया होन क

फाद चयणाभत परसाद गरहण ककमा औय अऩन-अऩन घय परसथान ककमा तफ षवषणचचतत औय तायाभरत न बराहभण

क चयणो को नभसकाय ककमा औय आशीवािद परापत ककमा बराहभणोततभ न बी चयणाभत परसाद गरहण ककमा औय

कहा- ldquoआऩकी भनोकाभना ऩयी हो शरी रकषभी शरी फाराजी की कऩा होrdquo

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अॊधया हो चरा था औय रनिा सभम आसनन था षवषणचचतत न उस बराहभण को एक पटी चादय दत हए आॉखो भ आस लरम कहा- सवाभी भ अतमॊत दरयिी हॉ इसस अचछी चादय भय ऩास नही ह भझ भा कय आज की यात इसी ऩय षवशराभ कय बराहभण भसकयात हए फोर- कोई फात नही भ फाहय फयाभद भ सो जाता हॉ कछ सभम फाद ही सबी रनिारोक भ षवचयण कयन रग आधी यात का सभम था बफजरी की गडगडाहट क साथ फारयश शर हई चायो ओय अॊधया था कहीॊ कछ नही हदखाई

द यहा था षवषणचचतत इस चच ॊता भ था कक वदध बराहभण फाहय कस सो यह होग उस सभम कछ सझ बी नही यहा था ककसी तयह उनहोन यात गजायी सवया हआ फारयश बी थभ चकी थी ऩरत-ऩतनी मही सोच यह थ कक बराहभण की कमा दशा हई होगी ककतना सहा होगा उनहोन मही सोचत हए वो फाहय आए उनह एक अदभत दशम हदखाई हदमा वहाॉ षवपरोततभ नही थ पहट हई चादय की जगह यशभ का षऩताॊफय यखा हआ था उस षऩताॊफय ऩय शरी फाराजी क

भतॉ ndash हदखाई दी व सफ कछ सभझ गम उनकी खषी का कोई हठकाना नही यहा उनक घय आम बराहभण औय

कोई नही साात शरी नायामणजी ही थ ह फाराजी कमा बागम ह हभाया ऩय हभ उनको ऩहचान नही ऩाम हभन उनको पटी हई चादय दी मह सोचत हए उनहोन शरी फाराजी की भतॉ को हाथ भ रकय आॉखो स रगामा औय

घय क अॊदय आम ऩया घय सोन स बया हआ था जहाॉ दखो वहाॉ धन याशी ह बगवान शरी फाराजी की वरत कथा की भहहभा स ही मह सफ सॊबव हो सका ऐसा कहत हए व बगवान की सतरत कयन रग आऩन दख साात शरी फाराजी ही उस बकत क घय आम थ वरत षवधान फतामा औय चयणाभत परसाद बी गरहण

ककमा शरी फाराजी फहत ही करणाभम ह जो बी इस वरत को बसकत औय रनषठा स कयगा उसक घय सवमॊ बगवान

ककसी ना ककसी रऩ भ आमग आऩ सबी इस वरत को सॊऩनन कय बगवान की कऩा परापत कय सकत ह शरी भहषषि षवशवालभतर जी न मह दषवतीम कथा इस तयह फताई

शरी रकषभी शरीरनवास कटाॊ लसषदधयसत

गोषवॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

दषवतीमोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

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ततीम अधमाम

शरी वलशषठ उवाच मह अधमाम भहातऩोरनषठ वरयषठ शरीवलशषठ भरन न शरीनायामणजी की कऩा स हभ षवसताय रऩ स फतामा ह ह कलरमग वालसमो शरीफाराजी क षपरम बकतो वकणठ भ रनवास कयनवार शरीनायामणजी आज क रतरभरा भ ससथत शरीफाराजी ही ह कलरमग वालसमो क कषट दय कयन क लरम बगवान आऩक फहत सभीऩ रतरभरा ऩहाड ऩय अवतारयत हए ह शरी फाराजी को खश कयन क लरए मह वरत उततभ ह औय सयर बी ह इस वरत को जो बसकत औय रनषठा स सॊऩनन कयता ह उस सबी सख परापत हो जात ह पराचीन सभम भ अवॊती दश भ बागमनगय नाभक एक नगय था नाभ क ही अनरऩ वहाॉ अनक धनवान (वमाऩायी) यहत थ ऩय व अऩनी सॊऩसतत को दख घभॊड कयत थ औय आभ रोगो को हीन दषटी स दखत थ धन-दौरत उनकी सवासजित ह ऐसा सोचकय घभॊड कयत थ बगवान की रनतम ऩजा-ऩाठ तो उनहोन ऩहर ही छोड दी थी कभ स कभ षवशष हदनो भ बी व ना भॊहदय जात ना ऩजा कयत ना ही दीऩ जरात एक हदन सबी धनवान अऩनी-अऩनी ऩतनीमो क साथ परीरत बोज भ वमसत थ उस नगय की ऩवि हदशा भ ही शरी रकषभी नायामण जी का भॊहदय था जहाॉ दीऩ जरानवारा कोई नही था उस हदन षवशष एकादशी थी सजस एक ऩवि हदन बी भाना जाता ह ऩय उस नगय क एक बी धनवान क भन भ भॊहदय भ ऩजा कयन का षवचाय नही आमा शाभ होत-होत आकाश भ घन फादर छा गम औय भसराधाय फारयश होन रगी वमाऩारयमो क घय ऩानी स बय गम चायो ओय अॊधकाय ह अॊधकाय था सवय होन तक ऩया नगय ऩानी भ डफ गमा वमाऩारयमो क घय टट-पट गम उनका साया ऐशवमि सभापत हो गमा ऐसा उऩिव कमो भचा मह पररम कस हो गमा ककसी को कछ बी सभझ भ नही आ यहा था इतन भ उनह एक षवचचतर दशम हदखाई हदमा नगय क फाहय जो झोऩडडमाॉ थी व तो वसी की वसी थी उनको आशचमि हआ इतनी फारयश भ बी म कस सही सराभत यही व ऐसा भन ही भन सोच यह थ कक इतन भ बफजरी कडकी औय आकाशवाणी हई ldquoए भखो तमहायी सॊऩसतत तमहायी अऩनी ह सवासजित ह ऐसा सोचत थ इसी लरम ऐसा हआ ह इस झोऩडी भ यहनवारा दव भया षपरम बकत ह आभ आदभी होन ऩय बी दव रनतम तमहाय नगय भ ससथत शरी रकषभी नायामण

भॊहदय भ दीऩ जराता था इतना ही नही हय एकादशी क हदन मथा सॊबव वह शरी फाराजी वरत कथा बी सॊऩनन कयता था इसी लरम इन झोऩडीमो भ यहनवार सबी रोग सयकषत यह आऩ सबी महद वरत सॊऩनन कयग तो अऩन-अऩन

ऐशवमि को ऩन परापत कय सकत होrdquo आकाशवाणी सनत ही तयॊत व सबी रोग उस भॊहदय भ गम औय जस

सॊबव हो सका वस सबी रोगोन एक-दसय क सहमोग स शरी फाराजी की वरत कथा सॊऩनन की ऐसा कयत ही सबी को उनक घय ऩवि रऩ भ ही परापत हो गम तफ स व सबी शरीफाराजी क बकत फन गम औय हय एकादशी को शरीफाराजी का वरत सॊऩनन कयत औय सख-शाॊरत परापत कय यहन रग अॊत भ उनहोन भसकत बी परापत की

शरीवलशषठजी न इस परकाय म कथा सनाई

गोषव ॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

ततीमोधमाम सभापतॊ |

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ

शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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चतथव अधमाम

शरी बयदवाज उवाच

शरीनायामण जी को ldquoशरीफाराजी वरत कथाrdquo अतमॊत षपरम ह चतथि अधमाम क रऩ भ हभाय साभन शरी बयदवाज

भरनदवाया फतामी नमी कहानी इस परकाय ह- ldquoह कलरमगवालसमो शरी नायामण क षपरम बकतो आऩ सजस वरत को सॊऩनन कय यह ह वह अदभत ह आऩकी भनोकाभनाओॊ को ऩणि कयन का साधन ह शरी फाराजी को परसनन कयन का मह अतमॊत सयर उऩाम ह आऩ सबी ऩय कऩा कयन क लरम ही वकॊ ठवासी बगवान शरीरनवास क रऩ भ रतरभरा ऩहाड ऩय अवतरयत हए ह अनक जनभो क ऩणमपर स ही रतरभरा ऩहाड ऩय ऩय यखन का सौबागम परापत होता ह औय बगवान क दशिन बी सॊबव होत ह इसी तयह इस ldquoवरतकथाrdquo को सॊऩनन कयन का सॊकलऩ बी ऩविजनभ क

ऩणमपर स ही सॊबव होता ह जो वमसकत इस वरत को सॊऩनन कय यह ह मा जो इस कथा को सन यह ह मा जो बगवान क परसाद को गरहण कयत ह उनह बगवान की कऩा परापत होती ह औय व सौबागम बी ऩात ह

पराचीन कार भ ldquoनगयीrdquo नाभक एक गराभ भ धनगपत नाभ का वमाऩायी यहता था वह फहत ही रारची था ऐशवमि परापत कयन ऩय बी उसका रारचीऩन कभ नही हआ मह सभसत ऐशवमि उसका ही कभामा हआ ह ऐसा सोचकय वह फहत घभॊड कयता था अहॊकाय भनषम का नाश कयता ह

धनगपत की ऩतनी काॊरतभती अतमॊत बसकत बावना यखती थी औय रनषठा स बगवान की ऩजा कयती थी उनकी तीन कनमाएॉ थी तीसयी कनमा ldquoकभायीrdquo भ बसकत बावना जमादा थी वह हभशा फाराजी का नाभ ही जऩती यहती थी षऩताजी को बफना फताम वह जफ-तफ शरी फाराजी क भॊहदय भ जाती थी औय बगवान क दशिन कयती थी घय आकय षऩताजी को छोड अनम सबी क साथ परसाद सवीकाय कयती थी ऩती क ऐस वमवहाय स

काॊरतभती थोडी चच ॊरतत होती थी

एक हदन ldquoकभायीrdquo की सहरी क घय ऩय ldquoशरी फाराजीrdquo का वरत सॊऩनन हो यहा था मह जानकय वो वहाॉ गई वरत ऩया होन तक दोऩहय हो चकी थी थोडासा परसाद उसन गरहण ककमा औय थोडा वह अऩन घयवारो क लरम एक

कागज की ऩडी भ रकय चरी फीच यासत भ उस पमास रगन रगी धऩ बी फहत तज थी उसन सोचा थोडी दय रक

कय पमास फझाकय कपय चरॉ तो ठीक यहगा तबी उस माद आमा कक उसक षऩता की दकान अगरी गरी भ ही तो ह वहाॉ जाकय उसन षऩताजी को ऩजा की फात बफना फताम षऩताजी स ऩानी भाॉगकय षऩमा औय षऩताजी गससा कयग

इस डय स उसन जलदी-जलदी ऩानी षऩमा इस घफयाहट भ परसाद की ऩडी वही दकान भ बरकय चरी गई

एकाएक फाजाय भ हडकॊ ऩ भच गमा रोग हाहाकाय भचात हए इधय-उधय बागन रग आगजनी क कायण उस गरी की सायी दकान जर कय याख होन रगी वस बी दोऩहय का सभम थाउस ऩय गभि हवाएॉ चर यही थीधनगपत का शयीय डय क भाय काॉऩन रगा ldquoकछ ही सभम भ उसकी दकान बी जर कय याख हो जाएगीrdquo इस षवचाय स उस क हाथ-ऩय काॉऩन रग सबी रोग अऩनी-अऩनी दकानो स फाहय आकय इधय-उधय बागन रग ऩय

धनगपत वही खडा यह गमा दकान छोडकय जान का भन नही कय यहा था महद वो दकान भ यहगा तो जरकय

याख हो जामगासोचत हए उसन घफयाहट भ उसक हाथ रगी ऩडी को उठामा औय बफना सोच सभझ जो हाथ आमा वो भॉह भ डार हदमा उस कछ भीठा-भीठा सा ऩदाथि रगा औय भन बी शाॊत होन रगा

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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तबी एक अदभत घटना घटीआग धनगपत की दकान तक आकय रक गमी आग की रऩत वहाॉ नही आ ऩामी मह कसी षवचचतर फात हम कसी भामा ह धनगपत क भॉहस एक बी फात नही रनकर ऩामी उधय आगजनी की खफय सनत ही ऩतनी काॊरतभती अऩन कनमाओॊ क साथ फाराजी का सभयण कयत हए दौडती हई वहाॉ आ गमी आग उनक दकान तक आकय कस रक गमी मह दखकय उस आशचमि हआ तबी कभायी को दकान भ बरी हई ऩडी की माद आई धनगपत को सभझन भ दय नही रगी कक उसन जो चीज भॉह भ डारी थी वो औय कछ नही तो बगवान का परसाद ही था औय उसकी भहहभा स ही व इस दघिटना स चक गम धनगपत न शरीफाराजी स भा भाॉगी गार फजाम शाभ भ ही नगयवालसमो को फराकय ldquoशरीफाराजी की वरत कथाrdquo सॊऩनन की तफ स वह बगवान की सवा भ रीन हो गमा औय अॊत भ भो बी परापत की आऩन दखा कक कवर परसाद गरहण कयन स ही वो ककतनी फडी दघिटना स चक गमा फाराजी की भहहभा अदभत ह आऩ सबी बी मथा सॊबव वरत को सॊऩनन कय क बगवान की कऩा परापत कय सकत हldquo

शरीबयदवाजजी न इस परकाय मह चतथि कथा सनामी

गोषवॊदगोषवॊदगोषवॊद

चतथोधमाम सभापतॊ |

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ऩॊचभ अधमाम

शरी अतरतर उवाच

रतरभरा-रतरऩती बरोक का वकणठ धाभ ह ऩयाणो भ फतामा गमा ह कक रतरभरा क सभान ऩषवतर सथर औय शरी फाराजी जस दवता न तो ऩहर कबी हए ह औय न कबी होग शरीरनवास क रऩ भ अवतरयत शरी नायामण अऩन

बकतो स फहत परभ कयत ह जो उन ऩय अऩना ऩया बाय डारकय उनह रनतम सभयण कयत ह जो सदाचाय स ऩणि जीवन बफतात ह वो उनकी या कयत ह ऐस शरीफाराजी को परसनन कयन का सफस सयर उऩाम ह ndash ldquoशरीफाराजी की वरत कथाrdquo

इस अदभत वरत कथा क फाय भ भहातऩसॊऩनन शरी अबतर भहषषि न कऩा कयत हए कहा ह- ldquo ह फाराजी क षपरम

बकतो कलरमग भ आऩक सौबागम क फाय भ कमा कहना कतमग तरतामग औय दवाऩायमग भ अतमॊत कठोय तऩ-

जऩ कयन ऩय बी परसनन न होन वार शरी नायामण इस मग भ कवर नाभसभयण स ही आऩ रोगो ऩय कऩा कय यह

ह षवशवास क साथ उनह फरान ऩय व तयॊत कऩा परदान कयत ह ऐस करणाभम ह शरीफाराजी ऩषवतर रतरभरा ऩय

तमहाया यखा हय कदभ अनक जनभो क ऩणमपर क सभान ह

पराचीन कार भ ldquoकौभायrdquo दश भ ldquoलभतरrdquo नाभक धोफी यहता था वो अऩन काभ क साथ-साथ धालभिक कामि कयता हआ जीवन रनवािह कय यहा था उसकी अऩॊगता ही उसकी चच ॊता थी इसी कायण धोए हए कऩडो की ऩोटरी फनाकय घय-घय घभकय उनह रोगो तक ऩहॉचाना उस धीय धीय भसशकर रगन रगा उसका ऩरयवाय फडा था बफना भहनत ककए उस बय ऩट खान को बी नही लभरता था हभशा वो शरी फाराजी की ऩजा कयता यहता था कबी ना कबी बगवान उस ऩय कऩा कयग इसी षवशवास स वो अऩना जीवन गजाय यहा था बकतो ऩय कऩा कयन वार फाराजी सफ कछ दखत यहत ह जो वमसकत अऩन कभो स भकती ऩाता ह उनक ऩास आकय फाराजी ककसी न ककसी रऩ भ आकय उनकी या कयत ह एक हदन शाभ क सभम हभशा की तयह लभतर कऩड धोकय कऩडो की ऩोटरी राद धीय-धीय चरता हआ आ

यहा था फीच यासत भ उस एक वदध बराहभण हदखाई हदम गौयव की बावना स फड होन क कायण लभतर न अऩन कॊ ध

ऩय रदी हई ऩोटरी को नीच उतायकय वदध बराहभण को नभसकाय ककमा तफ उस षवपरोततभ न कहा- ldquoतभ अऩन इस ऩय क कायण ककतना कषट सह यह हो तमहाया दख दखा नही जाताrdquo तफ लभतर न कहा-ldquoह नाथ आऩ फजगि ह बयाऩया ऩरयवाय होन क कायण भझ इस काभ स भकती नही लभर यही ह ककसी तयह भयी म अऩॊगता दय हो ऐसा कोई उऩाम फताइएrdquo

तफ बराहभण न कहा-ldquoसनो बाई भ जरय फताऊॉ गा धमान स सनो भ एक ऐस वरत क फाय भ फताता हॉ सजस सॊऩनन कयन स तमहायी अऩॊगता दय हो जाएगी तमह अषट ऐशवमो की परासपत होगी वरत सॊऩनन कयत ही तमह हजाय अशकपि माॉ लभरगी ऩय एक शति ह उसभ स आध तभ भझ दोगकर भ कपय इसी सभम महाॉ लभरॉगाrdquo तफ लभतर न कहा- ldquoसवाभी इसस फढकय सौबागम औय कमा हो सकता ह आज ही इस

वरत क फाय भ फताइए भ उस सॊऩनन करॉ गाrdquo लभतर क उतसाह को दख वदध न शरी फाराजी वरत कथा क फाय भ फतामा

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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लभतर दगन उतसाह क साथ घय आमा ऩयी कहानी ऩतनी को फतामी औय अडोस-ऩडोस क साथ लभरकय शरी फाराजी वरत को सॊऩनन ककमा चयणाभत परसाद गरहण ककमा घय आए सबी रोगो को बी हदमा तबी घय क फाहय कछ

कोराहर सनाई हदमा लभतर का फटा फाहय स दौडता हआ आमा औय फोरा- ldquoषऩताजी षऩताजी याज-यक आऩक लरम आए ह याजा न आऩक लरम बट बी बजी हrdquo इतन भ यक बी वहाॉ आ गम उनहोन फतामा कक उसकी रनमसकत याज दयफाय भ धोफी क रऩ भ हो गमी ह याजा न हजाय अशकपि माॉ ऩयसकाय सवरऩ बजी ह ऐसा कहकय उनहोन लभतर क हाथ भ हजाय अशकपिमो की ऩोटरी यख दी एक हफत क अॊदय-अॊदय

उस आकय नौकयी भ बतॉ होन को बी कहा लभतर क आनॊद की सीभा नही थी एक हफता कमो कर ही कमो नही सोचकय उसन अऩनी ऩोटरी-वोटरी फाॉधी औय दसय हदन सवय ही वो जान को तमाय हो गमा इस जलदफाजी भ वह

उस वदध की फात बर गमा फीच यासत भ उस उसकी फात माद आ गमी ऩय ठीक हअगर भहहन लभर रता हॉ सोच

कय वह याज दयफाय भ अऩन काभ ऩय रग गमा हदनभहहन फीत बराहभण क वश भ आए बगवान को गससा आमा बगवान न सोचा भनषम की परवसतत ऐसी ही होती ह उस भझ अऩनी भहहभा फतानी होगी

दसय ही हदन याणीवास स आबषण चोयी हो गम चोयी का इलजाभ लभतर ऩय आमा लभतर को कायावास की सजा हई hellipयाज यकोन उस तयह-तयह की मातनाएॉ दी ऐसा कमो हआउस ऩय मह इलजाभ कमो रगा सोचत हए लभतर को यात को सऩन भ बगवान हदखाई हदम उनहोन फतामा कक ldquoवदध बराहभण क रऩ भ व ही आम थ वो अऩनी फात स भकय गमा इसलरम म सफ हआ हrdquo तफ लभतर न कहा-ldquoह नाथभ ऩाऩी हॉ भन फहत फडा ऩाऩ ककमा ह कऩमा भझ ऩय दमा कीसजम अफ भ हय भहहन आऩका वरत सॊऩनन करॉ गा भयी आम का आधा बाग जीवन बय आऩको सभषऩित करॉ गाrdquo गार फजाकय उसन बगवान की हय तयह स पराथिना की बकतो की ऩकाय सननवार बगवान न खशी-खशी लभतर ऩय कऩा कय दी बगवान की कऩा स याणी क आबषण दसयही हदन लभर गम याजान म बी जान लरमा कक लभतरन चोयी नही की थी लभतरको कायावास स रयहा कय हदमा गमा तफ स लभतर बगवान को हदम वचन अनसाय हय भहहन शरी फाराजी का वरत सॊऩनन कयन रगा औय अऩनी आम का आधा बाग बगवान को अषऩित कयता यहा सख ऩणि जीवन बफतात हए उसन अॊत भ भो बी परापत ककमाrdquo

शरी अबतरजी न ऐसा कहकय ऩाॉचव औय आखयी अधमाम को सभापत ककमा

गोषवॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

ऩॊचभोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

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faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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भॊतरऩषऩभ

ॐ सहसतरशीषिभ दवॊ षवशवाॊ षवशवशॊबवॊ षवशवॊ नायामणनदवभ अयॊ ऩयभॊ ऩदॊ १

षवशवत ऩयभासननतमॊ षवशवॊ नायामणॊ हरयॊ षवशवभवदॊ ऩरषसतदषवशवॊ उऩजीवरत २

ऩरतॊ षवशवसमातभशवयॊ शाशवतॊ लशवभचमतॊ नायामणॊ भहाऻमॊ षवशवतभानॊ ऩयामणॊ ३

नायामण ऩयोजमोरत आतभा नायामण ऩय नायामण ऩयभ बरहभ ततवभ नायामण ऩय नायामण ऩयो धमाता धमानभ नायामण ऩय ४

मचच ककसनचत जगतसव दशमत शरमतषऩ वा अनतफिहहशचततसविभ वमापमा नायामण ससथत ५

अननतभ अवममभ कषवॊ सभिनतभ षवशवशमबवभ ऩदमकोश परतीकाशभ रदमभ चापमधोभखभ ६

अधोरनषमा षवतसतमानत नाभमाभऩरय रतषठरत जवाराभाराकरॊबारत षवशवसमामातनभ भहत ७

सनततॊ लशरालबसत रॊफतमाकोशससननबभ तसमानत सलशयभ सकषभभ तससभन सविभ पररतसषठतभ ८

तसमभधम भहान असगन षवशवायचचषविशवतो भख सोगरबसगवबजन रतषठाननाहाय भजय कषव

रतमिगधवाि भधशशामीयशभमा सतसम सनतता ९

सॊताऩमरत सवॊ दह भाऩादतरभसतक तसम भधम वसनह लशखा अणीमोधवाि वमवससथत १०

नीरथो मदभधमसता षवदमलरखव बासवया नीवायशकवततनवी ऩीताबा सवतमनऩभा ११

तसमा लशखामा भधम ऩयभातभा वमवससथत स बरहभ स लशव स हरय स इनि सोय ऩयभासवयात १२

ॐ तद बरहभ ॐ तद वाम ॐ तदातभा ॐ ततसतमभ ॐ ततसविभ ॐ ततऩयोनिभ अनतशचयरत बतष गहामाभ षवशवभरत िष तवभ मऻसतवभ वषकायसतवभ इनिसतवभ रिसतवभ

षवषणसतवभ बरहभतवभ परजाऩरत तवभ तदाऩ आऩो जमोरत यसोवतभ बरहभ बबिवससवयोभ १३

गदा ऩन शॊखयथानगकलऩक धवजायषवॊदाॊकश वजररासशचत ह शरीरनवास तवत चयणामफज दवमॊ भदीम भधािन भरज ॐ रनयॊजनाम षवदमह रनयाबासाम धीभहह तननो शरीरनवास परचोदमात शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - हदवमभनतरऩषऩॊ सभऩिमालभ

परदकषण नभसकाय

शरोकॊ मारनकारन च ऩाऩारन जनभानतय कतारन च तारन तारन परणशमसनत परदकषण ऩद ऩद ऩाऩोहभ ऩाऩकभािहभ ऩाऩातभा ऩाऩसॊबव तराहहभाभ कऩभमा दव शयणगतवतसर अनमधा शयणॊ नाससत तवभव शयणॊ भभ तसभात कारणम बावन य य जनादिन

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - आतभपरदकषण नभसकायान सभऩिमालभ

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faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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षवषवधोऩचाय ऩजा छतरॊ धायमालभ चाभयॊ वीजमालभ नतमॊ दशिमालभ गीतॊ शरावमालभ वादमॊ घोषमालभ आॊदोलरकान आयोहमालभ आशवानायोहमालभ गजानायोहमालभ सभसत यजोऩचाय शकतमऩचाय

मनतरोऩचाय दवोऩचाय सवोऩचाय ऩजाॊ सभऩिमालभ

भाऩवणभ भनतरहीनॊ ककरमाहीनॊ बसकतहीनॊ जनादिन मतऩसजतभ भमा दव ऩरयऩणिभ तदसतत

अनमा धमानावाहनाहद षोडशोऩचाय ऩजमा च बगवन सवाितभक शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरी वकटशवय सवरऩो बगवान सपरीत सपरसननो वयदो बवत शरी वकटशवय दव परसादॊ लशयसा गहणालभ

तीथवभ

अकार भतमहयणॊ सविवमाचध रनवायणभ सवि ऩाऩमकयॊ दव ऩादोदकॊ ऩावनॊ शबॊ

नवदमभ

ॐ बबिवससव ॐ ततसषवतवियणमभ बगो दवसम धीभहह चधमो मो न परचोदमात सतमॊ तवतन ऩरयषषॊचालभ अभतभसत अभतोऩसतयणभलस ॐ पराणाम सवा ॐ अऩानाम सवा ॐ वमानाम सवा ॐ उदानाम सवाह ॐ सभानाम सवा ॐ बरहभण सवा

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - भहानवदमभ सभऩिमालभ

अभताषऩधानभलस उततयाऩोशनभ सभऩिमालभ हसतौ परारमालभ ऩादौ परारमालभ शदध आचभनीमॊ सभऩिमालभ

तामफरॊ सभऩिमालभ सवणिभनतरऩषऩॊ सभऩिमालभ परदकषण नभसकायन सभऩिमालभ

अनमाधमानावाहनाहद षोडषोऩचाय ऩजमा बगवान सवाितभक शरी रकषभी ऩदमावती सभत वकटशवय सवाभी सपरीत सपरसननो वयदो बवत शरी रकषभी ऩदमावती सभत वकटशवय सवाभी परसादॊ लशयसा गहणालभ

उदवासनभ मऻन मऻभमजनत दवासतारन धभािरण परथभानमासन

तहनाकॊ भहहभानससचनत मतर ऩव साधमा ससनत दवा

गचछ गचछ सयशरषठ सवसथान शरी वकटशवय बकताबीषट सभधमथिभ ऩनयागभनाम च

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरी वकटशवय सवाभी मथासथानॊ उदवासमालभ

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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परथभ अधमाम

शरी बगवान उवाच

कलरमग भ एक हदन शब भहति भ रतरभरा ऩहाड ऩय (सजस धयती का वकॊ ठ कहा जाता ह ) ldquoषवशवऩरत नाभक एक बकत ऩय शरी फाराजी की कऩा हई शरी षवषण क अवताय शरी फाराजी (वकटशवय) जो महाॉ शरीरनवास क रऩ भ ऩज जात ह उनहोन षवशवऩरत को ldquoशरी फाराजी वरत कथाrdquo नाभ स परलसधद इस गरॊथ की यचना कयन की आऻा दी औय कहा- ldquoह भय षपरम बकत षवशवऩरत भय षपरम होन क कायण इस वरत को षवसताय रऩ स तमह फाता हॉ सनो म

वरत भझ अरत षपरम ह आसान होन क कायण इस सबी रोग सॊऩनन कय सकत ह

कलरमग भ भानव अऩन ऩाऩ कभो का पर बोगता ह अनक कषट सहत हए जीवन रनवािह कयता ह कछ बकत

अऩन दख भझ फताकय उनह दय कयन क लरम कहत ह फहत स ऩस खचि कय वो भझ दखन क लरम रतरभरा की मातरा कयत ह भय बकतो स भझ परभ ह व भझऩय अऩना ऩया बाय डार दत ह भ उनह धभि क भागिऩय चराता हॉ

अबी भ जो मह वरत कथा तमह फतान जा यहा हॉ वो ldquoशरी फाराजी की कथाrdquo क नाभ स परलसदध होगा म भया वरत भझ अरतषपरम ह जो वमसकत इस बसकत औय रनषठा स कयगा वह तयॊत ऩाय ऩामगा कोई बी वमसकत कबी बी इस वरत को सॊऩनन कय सकता ह भखम रऩ स भागिशीषि भाघ कारत िक भहहनो भ ऩणिभासी ऩॊचभी सपतभी एकादशी रतचथमो ऩय मा शरवण सवारत नतरो ऩय इस कयना शरषठ होता ह

इस घोय कलरमग भ भय बकत जो कषट सह यह ह उनह भ जानता हॉ तमह जफ बी कोई कषट हो कोई सभसमा हो सवासम ठीक ना हो नौकयी वमाऩाय भ सभसमाएॉ हो भन अशाॊत हो तो इस वरत को सॊऩनन कयना चाहहम इसस

साय कषट दय हो जात ह घय भ शब कामि होन ऩय इस वरत को सॊऩनन कयन स बफना ककसी सभसमा क कामि ऩणि हो जाता ह इस वरत को सॊऩनन कयत ही सबी सख परापत होत ह औय अषट ऐशवमो की परासपत होती ह

सफय मा शाभ इस वरत को सॊऩनन कय सकत ह इस वरत भ ऩाॉच अधमाम ह इनका ऩठन बसकत क साथ कयना चाहहम अऩन घय भ मा रनवास सथान ऩय भॊहदय भ मा ककसी बी ऩषवतर सथान भ नदी तट ऩय सॊऩनन कय सकत ह

महद सॊबव हो तो अऩन फॊध लभतरो क साथ इस सॊऩनन कयन स जमादा शरषठ होता ह जो इस सॊऩनन कयत ह मा जो इस सनत ह वरत सॊऩणि होन क फाद परसाद को बसकत स सवीकाय कयत ह वो अषट ऐशवमो को परापत कयत ह इसस

ऩहर बी भय बकतो न कई भरनमो न इस वरत को सॊऩनन ककमा औय भया आशीवािद ऩामा बरोक भ यहनवार सबी को मह वरत आनॊद परदान कयगा औय शब पर बी परापत होगा शाॊत चचतत स भझ माद कयत हए इस वरत का ऩारन

कयो

सवि परथभ जहाॉ वरत कयना चाहत हो उस सथर को साप कयो भॊडऩ की वमवसथा कय भयी तसवीय सजसभ भयी षपरम

सरखमाॉ शरी दवी बदवी ह उस तसवीय को इस भॊडऩ ऩय सथाषऩत कयो भॊडऩ को दीवाय स रगाकय बी यख सकत हो अनम ककसी इचछक दवता की तसवीय बी सख सकत हो नवगरहो औय अषट हदकऩारको को मा तो भन भ नभसकाय

कयो मा उनका आवहान बी कय सकत हो

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सफस ऩहर हलदी स फनी गणश की ऩजा कयनी चाहहम उसक फाद उस वरत क ऩाॉचो अधमामो का रनषठा स ऩठन

कयना चाहहम मही परथभ अधमाम ह अनम चाय अधमाम भय अतमॊत षपरम ऩातर षवशवालभतर वलशषठ बयदवाज अबतर

भरनशवयो क परवचना रऩ भ ह ऩाॉच अधमामोको ऩढन क फाद भय षपरम शरोक बी ऩढ सकत हो हय अधमाम क अॊत

भ गोषव ॊद गोषव ॊद गोषव ॊद तीन फाय सभयण कयना चाहहम

आभ रोगो क कषटो को भ जानता हॉ इसी लरम भयी एक फात सनो महद ककसी कायण इस वरत को षवसताय रऩ स

सॊऩनन कयन भ कोई सभसमा आ यही हो तो भय तसवीय को साभन यख कय ऩहर गणश जी की कपय नवगरह दवताओॊ औय अषटहदकऩारको को सभयण कय ऩाॉच कहरनमाॉ ऩढकय अऩन भन भ जो इचछा ह उस भझ फताओ भ उस

परसाद क रऩ भ परदान करॉगा इस परकाय कयन स बी कामि की लसषदध होती ह तमहाय कषट दय हो जामग औय शब

पर परापत होगा

जो वमसकत इस वरत को बसकत स सॊऩनन कयगा भ उसक घय ककसी ना ककसी रऩ भ आकय परसाद सवीकाय करॉगा भयी कऩा आऩ सबी को हभशा परापत होगी शरी फाराजी न रतमभयाज षवशवऩरत याभकषणभरत ि ldquoषवशवऩरतrdquo को इस वरत कथा को षवसताय स फतामा कलरमगवासी हभ सबी इस वरत को सॊऩनन कय शरी फाराजी की कऩा क ऩातर फन सकत ह इस वरत को सॊऩनन कय हभ अऩन सबी कषट दय कय सकत ह औय उचचत पर बी परापत कय

सकत ह

गोषवॊदगोषवॊदगोषवॊद

परथभोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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दषवतीम अधमाम

शरी षवशवालभतर उवाच

भहातऩ सॊऩनन साात शरी षवशवालभतर जी न हभ ऩय कऩा की औय परवचन कयत हए कहा- ldquoह कलरमग वालसमो शरीरनवास क बकतो ldquoशरीफाराजी वरत कथाrdquo सजस आऩ सॊऩनन कय यह हो वह फहत ही ऩषवतर ह भहहभा स ऩणि ह मह वरत कलरमग भ शरी नायामण जी की करणा औय दमा परापत कयन का अतमॊत सयर साधन ह पराचीन कार भ शरी फाराजी क षपरम बकतो न इस सॊऩनन कय अऩनी काभनाओॊ को ऩणि ककमा इस वरत कथा क फाय भ हभ फताकय शरी फाराजी न हभाय पररत जो दमा हदखाई ह उसक लरए हभ उनह परणाभ कयत ह

पराचीन कार भ भगध याजम भ षवषणचचतत नाभक एक बकत यहता था उसकी नौ कनमाएॉ थी षवदवान होन ऩय बी वह अतमॊत गयीफ था षवषणचचतत की ऩतनी तायाभरत हभशा नायामणजी की पराथिना कयती यहती थी षववाहाहद शबकामि सॊऩनन कय जो बी ऩस दकषणा क रऩ भ लभरत थ उसस व भसशकर स अऩना जीवन रनवािह कय

यह थ कनमाएॉ मौवनावसथा भ ऩदाऩिण कय चकी थी तायाभरत हभशा इसी चच ॊता भ यहती थी कक इन कनमाओॊ का षववाह ककस परकाय सॊऩनन होग वह फाराजी की पराथिना कयत हए सदा अऩना सभम गजायती थी

वह तो फाराजी की बकत थी औय फाराजी अऩन बकतो स अतमाचधक परभ कयत ह उस हदन भाघ ऩरणिभा थी सवय

एक वदध बराहभण न षवषणचचतत क दयवाज ऩय दसतक दी औय कहा - ldquoह सवाभी भ फॊग दश का वासी हॉ एक मऻ

क लसरलसर भ दसय दश जा यहा हॉ यासत भ महाॉ आमा हॉ भझऩय दमा कयो औय अऩन घय भ एक हदन क लरए

यहन दो कर सवयही भ महॉ स चरा जाऊॉ गाrdquo उन की फात सनकय षवषणचचततन कहा lsquoनाथ इसस फढकय खशी औय कमा हो सकती ह अरतचथ साात नायामण जी क सभान होत ह ऐस हभाय ऩयाणो भ कहा गमा ह आऩ बफना ककसी सॊकोच क हभाय घय भ यह सकत हlsquo ऐसा कह कय उसन उस बराहभण को घय क अॊदय फरामा औय उनका सतकाय ककमा

दोऩहय भ बोजन क फाद उस वदध न तायाभरत स ऩछा ndash ldquoभाता कमा फात ह तभ कछ चच ॊरततसी रगती हो बफना ककसी सॊकोच क फात फताओrdquo तायाभरत न कहा ndash ldquoसवाभी आऩ तो भहातऩसवी ह आऩ क भख का तज उस वकॊ ठवासी क सभान ह आऩ स कमा छऩाना भयी चचॊता भयी कनमाओॊ का षववाह हrdquo उस ऩय वदध न कहा- ldquoभाता तमहाया दख भ जानता हॉ तमहाय सबी कषट दय हो औय तमहायी कनमाओॊ की शादी हो इसक लरम भ एक अदभत वरत फताता हॉ सनो इस वरत को सॊऩनन कयन स तमहाय साय कषट दय हो जामग शरी फाराजी क वरतो भ स मह सफस सयर हrdquo कहत हए उनहोन उस दॊऩरत को ऩया वरत षवधान फतामा वरत षवधान

सनकय षवषणचचतत न कहा- ldquoसवाभी मह तो अतमॊत सॊतोष की फात ह इसस फढकय सौबागम औय कमा होगा

कहत ह ना- शबसम शीिॊ आज भाघ ऩरणिभा ह फहत ही शब हदन ह आऩक कथा अनसाय हभ आज ही इस वरत

को सॊऩनन कयगrdquo षवषणचचततन ऩतनी तायाभरत औय सबी कनमाओॊ क साथ लभरकय उस हदन शाभ भ ही अऩन

फॊध-लभतरो क साथ बसकत औय रनषठा स फाराजी वरत को सॊऩनन ककमा वहाॉ उऩससथत सबी रोगो न वरत ऩया होन क

फाद चयणाभत परसाद गरहण ककमा औय अऩन-अऩन घय परसथान ककमा तफ षवषणचचतत औय तायाभरत न बराहभण

क चयणो को नभसकाय ककमा औय आशीवािद परापत ककमा बराहभणोततभ न बी चयणाभत परसाद गरहण ककमा औय

कहा- ldquoआऩकी भनोकाभना ऩयी हो शरी रकषभी शरी फाराजी की कऩा होrdquo

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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अॊधया हो चरा था औय रनिा सभम आसनन था षवषणचचतत न उस बराहभण को एक पटी चादय दत हए आॉखो भ आस लरम कहा- सवाभी भ अतमॊत दरयिी हॉ इसस अचछी चादय भय ऩास नही ह भझ भा कय आज की यात इसी ऩय षवशराभ कय बराहभण भसकयात हए फोर- कोई फात नही भ फाहय फयाभद भ सो जाता हॉ कछ सभम फाद ही सबी रनिारोक भ षवचयण कयन रग आधी यात का सभम था बफजरी की गडगडाहट क साथ फारयश शर हई चायो ओय अॊधया था कहीॊ कछ नही हदखाई

द यहा था षवषणचचतत इस चच ॊता भ था कक वदध बराहभण फाहय कस सो यह होग उस सभम कछ सझ बी नही यहा था ककसी तयह उनहोन यात गजायी सवया हआ फारयश बी थभ चकी थी ऩरत-ऩतनी मही सोच यह थ कक बराहभण की कमा दशा हई होगी ककतना सहा होगा उनहोन मही सोचत हए वो फाहय आए उनह एक अदभत दशम हदखाई हदमा वहाॉ षवपरोततभ नही थ पहट हई चादय की जगह यशभ का षऩताॊफय यखा हआ था उस षऩताॊफय ऩय शरी फाराजी क

भतॉ ndash हदखाई दी व सफ कछ सभझ गम उनकी खषी का कोई हठकाना नही यहा उनक घय आम बराहभण औय

कोई नही साात शरी नायामणजी ही थ ह फाराजी कमा बागम ह हभाया ऩय हभ उनको ऩहचान नही ऩाम हभन उनको पटी हई चादय दी मह सोचत हए उनहोन शरी फाराजी की भतॉ को हाथ भ रकय आॉखो स रगामा औय

घय क अॊदय आम ऩया घय सोन स बया हआ था जहाॉ दखो वहाॉ धन याशी ह बगवान शरी फाराजी की वरत कथा की भहहभा स ही मह सफ सॊबव हो सका ऐसा कहत हए व बगवान की सतरत कयन रग आऩन दख साात शरी फाराजी ही उस बकत क घय आम थ वरत षवधान फतामा औय चयणाभत परसाद बी गरहण

ककमा शरी फाराजी फहत ही करणाभम ह जो बी इस वरत को बसकत औय रनषठा स कयगा उसक घय सवमॊ बगवान

ककसी ना ककसी रऩ भ आमग आऩ सबी इस वरत को सॊऩनन कय बगवान की कऩा परापत कय सकत ह शरी भहषषि षवशवालभतर जी न मह दषवतीम कथा इस तयह फताई

शरी रकषभी शरीरनवास कटाॊ लसषदधयसत

गोषवॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

दषवतीमोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ततीम अधमाम

शरी वलशषठ उवाच मह अधमाम भहातऩोरनषठ वरयषठ शरीवलशषठ भरन न शरीनायामणजी की कऩा स हभ षवसताय रऩ स फतामा ह ह कलरमग वालसमो शरीफाराजी क षपरम बकतो वकणठ भ रनवास कयनवार शरीनायामणजी आज क रतरभरा भ ससथत शरीफाराजी ही ह कलरमग वालसमो क कषट दय कयन क लरम बगवान आऩक फहत सभीऩ रतरभरा ऩहाड ऩय अवतारयत हए ह शरी फाराजी को खश कयन क लरए मह वरत उततभ ह औय सयर बी ह इस वरत को जो बसकत औय रनषठा स सॊऩनन कयता ह उस सबी सख परापत हो जात ह पराचीन सभम भ अवॊती दश भ बागमनगय नाभक एक नगय था नाभ क ही अनरऩ वहाॉ अनक धनवान (वमाऩायी) यहत थ ऩय व अऩनी सॊऩसतत को दख घभॊड कयत थ औय आभ रोगो को हीन दषटी स दखत थ धन-दौरत उनकी सवासजित ह ऐसा सोचकय घभॊड कयत थ बगवान की रनतम ऩजा-ऩाठ तो उनहोन ऩहर ही छोड दी थी कभ स कभ षवशष हदनो भ बी व ना भॊहदय जात ना ऩजा कयत ना ही दीऩ जरात एक हदन सबी धनवान अऩनी-अऩनी ऩतनीमो क साथ परीरत बोज भ वमसत थ उस नगय की ऩवि हदशा भ ही शरी रकषभी नायामण जी का भॊहदय था जहाॉ दीऩ जरानवारा कोई नही था उस हदन षवशष एकादशी थी सजस एक ऩवि हदन बी भाना जाता ह ऩय उस नगय क एक बी धनवान क भन भ भॊहदय भ ऩजा कयन का षवचाय नही आमा शाभ होत-होत आकाश भ घन फादर छा गम औय भसराधाय फारयश होन रगी वमाऩारयमो क घय ऩानी स बय गम चायो ओय अॊधकाय ह अॊधकाय था सवय होन तक ऩया नगय ऩानी भ डफ गमा वमाऩारयमो क घय टट-पट गम उनका साया ऐशवमि सभापत हो गमा ऐसा उऩिव कमो भचा मह पररम कस हो गमा ककसी को कछ बी सभझ भ नही आ यहा था इतन भ उनह एक षवचचतर दशम हदखाई हदमा नगय क फाहय जो झोऩडडमाॉ थी व तो वसी की वसी थी उनको आशचमि हआ इतनी फारयश भ बी म कस सही सराभत यही व ऐसा भन ही भन सोच यह थ कक इतन भ बफजरी कडकी औय आकाशवाणी हई ldquoए भखो तमहायी सॊऩसतत तमहायी अऩनी ह सवासजित ह ऐसा सोचत थ इसी लरम ऐसा हआ ह इस झोऩडी भ यहनवारा दव भया षपरम बकत ह आभ आदभी होन ऩय बी दव रनतम तमहाय नगय भ ससथत शरी रकषभी नायामण

भॊहदय भ दीऩ जराता था इतना ही नही हय एकादशी क हदन मथा सॊबव वह शरी फाराजी वरत कथा बी सॊऩनन कयता था इसी लरम इन झोऩडीमो भ यहनवार सबी रोग सयकषत यह आऩ सबी महद वरत सॊऩनन कयग तो अऩन-अऩन

ऐशवमि को ऩन परापत कय सकत होrdquo आकाशवाणी सनत ही तयॊत व सबी रोग उस भॊहदय भ गम औय जस

सॊबव हो सका वस सबी रोगोन एक-दसय क सहमोग स शरी फाराजी की वरत कथा सॊऩनन की ऐसा कयत ही सबी को उनक घय ऩवि रऩ भ ही परापत हो गम तफ स व सबी शरीफाराजी क बकत फन गम औय हय एकादशी को शरीफाराजी का वरत सॊऩनन कयत औय सख-शाॊरत परापत कय यहन रग अॊत भ उनहोन भसकत बी परापत की

शरीवलशषठजी न इस परकाय म कथा सनाई

गोषव ॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

ततीमोधमाम सभापतॊ |

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ

शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

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चतथव अधमाम

शरी बयदवाज उवाच

शरीनायामण जी को ldquoशरीफाराजी वरत कथाrdquo अतमॊत षपरम ह चतथि अधमाम क रऩ भ हभाय साभन शरी बयदवाज

भरनदवाया फतामी नमी कहानी इस परकाय ह- ldquoह कलरमगवालसमो शरी नायामण क षपरम बकतो आऩ सजस वरत को सॊऩनन कय यह ह वह अदभत ह आऩकी भनोकाभनाओॊ को ऩणि कयन का साधन ह शरी फाराजी को परसनन कयन का मह अतमॊत सयर उऩाम ह आऩ सबी ऩय कऩा कयन क लरम ही वकॊ ठवासी बगवान शरीरनवास क रऩ भ रतरभरा ऩहाड ऩय अवतरयत हए ह अनक जनभो क ऩणमपर स ही रतरभरा ऩहाड ऩय ऩय यखन का सौबागम परापत होता ह औय बगवान क दशिन बी सॊबव होत ह इसी तयह इस ldquoवरतकथाrdquo को सॊऩनन कयन का सॊकलऩ बी ऩविजनभ क

ऩणमपर स ही सॊबव होता ह जो वमसकत इस वरत को सॊऩनन कय यह ह मा जो इस कथा को सन यह ह मा जो बगवान क परसाद को गरहण कयत ह उनह बगवान की कऩा परापत होती ह औय व सौबागम बी ऩात ह

पराचीन कार भ ldquoनगयीrdquo नाभक एक गराभ भ धनगपत नाभ का वमाऩायी यहता था वह फहत ही रारची था ऐशवमि परापत कयन ऩय बी उसका रारचीऩन कभ नही हआ मह सभसत ऐशवमि उसका ही कभामा हआ ह ऐसा सोचकय वह फहत घभॊड कयता था अहॊकाय भनषम का नाश कयता ह

धनगपत की ऩतनी काॊरतभती अतमॊत बसकत बावना यखती थी औय रनषठा स बगवान की ऩजा कयती थी उनकी तीन कनमाएॉ थी तीसयी कनमा ldquoकभायीrdquo भ बसकत बावना जमादा थी वह हभशा फाराजी का नाभ ही जऩती यहती थी षऩताजी को बफना फताम वह जफ-तफ शरी फाराजी क भॊहदय भ जाती थी औय बगवान क दशिन कयती थी घय आकय षऩताजी को छोड अनम सबी क साथ परसाद सवीकाय कयती थी ऩती क ऐस वमवहाय स

काॊरतभती थोडी चच ॊरतत होती थी

एक हदन ldquoकभायीrdquo की सहरी क घय ऩय ldquoशरी फाराजीrdquo का वरत सॊऩनन हो यहा था मह जानकय वो वहाॉ गई वरत ऩया होन तक दोऩहय हो चकी थी थोडासा परसाद उसन गरहण ककमा औय थोडा वह अऩन घयवारो क लरम एक

कागज की ऩडी भ रकय चरी फीच यासत भ उस पमास रगन रगी धऩ बी फहत तज थी उसन सोचा थोडी दय रक

कय पमास फझाकय कपय चरॉ तो ठीक यहगा तबी उस माद आमा कक उसक षऩता की दकान अगरी गरी भ ही तो ह वहाॉ जाकय उसन षऩताजी को ऩजा की फात बफना फताम षऩताजी स ऩानी भाॉगकय षऩमा औय षऩताजी गससा कयग

इस डय स उसन जलदी-जलदी ऩानी षऩमा इस घफयाहट भ परसाद की ऩडी वही दकान भ बरकय चरी गई

एकाएक फाजाय भ हडकॊ ऩ भच गमा रोग हाहाकाय भचात हए इधय-उधय बागन रग आगजनी क कायण उस गरी की सायी दकान जर कय याख होन रगी वस बी दोऩहय का सभम थाउस ऩय गभि हवाएॉ चर यही थीधनगपत का शयीय डय क भाय काॉऩन रगा ldquoकछ ही सभम भ उसकी दकान बी जर कय याख हो जाएगीrdquo इस षवचाय स उस क हाथ-ऩय काॉऩन रग सबी रोग अऩनी-अऩनी दकानो स फाहय आकय इधय-उधय बागन रग ऩय

धनगपत वही खडा यह गमा दकान छोडकय जान का भन नही कय यहा था महद वो दकान भ यहगा तो जरकय

याख हो जामगासोचत हए उसन घफयाहट भ उसक हाथ रगी ऩडी को उठामा औय बफना सोच सभझ जो हाथ आमा वो भॉह भ डार हदमा उस कछ भीठा-भीठा सा ऩदाथि रगा औय भन बी शाॊत होन रगा

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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तबी एक अदभत घटना घटीआग धनगपत की दकान तक आकय रक गमी आग की रऩत वहाॉ नही आ ऩामी मह कसी षवचचतर फात हम कसी भामा ह धनगपत क भॉहस एक बी फात नही रनकर ऩामी उधय आगजनी की खफय सनत ही ऩतनी काॊरतभती अऩन कनमाओॊ क साथ फाराजी का सभयण कयत हए दौडती हई वहाॉ आ गमी आग उनक दकान तक आकय कस रक गमी मह दखकय उस आशचमि हआ तबी कभायी को दकान भ बरी हई ऩडी की माद आई धनगपत को सभझन भ दय नही रगी कक उसन जो चीज भॉह भ डारी थी वो औय कछ नही तो बगवान का परसाद ही था औय उसकी भहहभा स ही व इस दघिटना स चक गम धनगपत न शरीफाराजी स भा भाॉगी गार फजाम शाभ भ ही नगयवालसमो को फराकय ldquoशरीफाराजी की वरत कथाrdquo सॊऩनन की तफ स वह बगवान की सवा भ रीन हो गमा औय अॊत भ भो बी परापत की आऩन दखा कक कवर परसाद गरहण कयन स ही वो ककतनी फडी दघिटना स चक गमा फाराजी की भहहभा अदभत ह आऩ सबी बी मथा सॊबव वरत को सॊऩनन कय क बगवान की कऩा परापत कय सकत हldquo

शरीबयदवाजजी न इस परकाय मह चतथि कथा सनामी

गोषवॊदगोषवॊदगोषवॊद

चतथोधमाम सभापतॊ |

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ऩॊचभ अधमाम

शरी अतरतर उवाच

रतरभरा-रतरऩती बरोक का वकणठ धाभ ह ऩयाणो भ फतामा गमा ह कक रतरभरा क सभान ऩषवतर सथर औय शरी फाराजी जस दवता न तो ऩहर कबी हए ह औय न कबी होग शरीरनवास क रऩ भ अवतरयत शरी नायामण अऩन

बकतो स फहत परभ कयत ह जो उन ऩय अऩना ऩया बाय डारकय उनह रनतम सभयण कयत ह जो सदाचाय स ऩणि जीवन बफतात ह वो उनकी या कयत ह ऐस शरीफाराजी को परसनन कयन का सफस सयर उऩाम ह ndash ldquoशरीफाराजी की वरत कथाrdquo

इस अदभत वरत कथा क फाय भ भहातऩसॊऩनन शरी अबतर भहषषि न कऩा कयत हए कहा ह- ldquo ह फाराजी क षपरम

बकतो कलरमग भ आऩक सौबागम क फाय भ कमा कहना कतमग तरतामग औय दवाऩायमग भ अतमॊत कठोय तऩ-

जऩ कयन ऩय बी परसनन न होन वार शरी नायामण इस मग भ कवर नाभसभयण स ही आऩ रोगो ऩय कऩा कय यह

ह षवशवास क साथ उनह फरान ऩय व तयॊत कऩा परदान कयत ह ऐस करणाभम ह शरीफाराजी ऩषवतर रतरभरा ऩय

तमहाया यखा हय कदभ अनक जनभो क ऩणमपर क सभान ह

पराचीन कार भ ldquoकौभायrdquo दश भ ldquoलभतरrdquo नाभक धोफी यहता था वो अऩन काभ क साथ-साथ धालभिक कामि कयता हआ जीवन रनवािह कय यहा था उसकी अऩॊगता ही उसकी चच ॊता थी इसी कायण धोए हए कऩडो की ऩोटरी फनाकय घय-घय घभकय उनह रोगो तक ऩहॉचाना उस धीय धीय भसशकर रगन रगा उसका ऩरयवाय फडा था बफना भहनत ककए उस बय ऩट खान को बी नही लभरता था हभशा वो शरी फाराजी की ऩजा कयता यहता था कबी ना कबी बगवान उस ऩय कऩा कयग इसी षवशवास स वो अऩना जीवन गजाय यहा था बकतो ऩय कऩा कयन वार फाराजी सफ कछ दखत यहत ह जो वमसकत अऩन कभो स भकती ऩाता ह उनक ऩास आकय फाराजी ककसी न ककसी रऩ भ आकय उनकी या कयत ह एक हदन शाभ क सभम हभशा की तयह लभतर कऩड धोकय कऩडो की ऩोटरी राद धीय-धीय चरता हआ आ

यहा था फीच यासत भ उस एक वदध बराहभण हदखाई हदम गौयव की बावना स फड होन क कायण लभतर न अऩन कॊ ध

ऩय रदी हई ऩोटरी को नीच उतायकय वदध बराहभण को नभसकाय ककमा तफ उस षवपरोततभ न कहा- ldquoतभ अऩन इस ऩय क कायण ककतना कषट सह यह हो तमहाया दख दखा नही जाताrdquo तफ लभतर न कहा-ldquoह नाथ आऩ फजगि ह बयाऩया ऩरयवाय होन क कायण भझ इस काभ स भकती नही लभर यही ह ककसी तयह भयी म अऩॊगता दय हो ऐसा कोई उऩाम फताइएrdquo

तफ बराहभण न कहा-ldquoसनो बाई भ जरय फताऊॉ गा धमान स सनो भ एक ऐस वरत क फाय भ फताता हॉ सजस सॊऩनन कयन स तमहायी अऩॊगता दय हो जाएगी तमह अषट ऐशवमो की परासपत होगी वरत सॊऩनन कयत ही तमह हजाय अशकपि माॉ लभरगी ऩय एक शति ह उसभ स आध तभ भझ दोगकर भ कपय इसी सभम महाॉ लभरॉगाrdquo तफ लभतर न कहा- ldquoसवाभी इसस फढकय सौबागम औय कमा हो सकता ह आज ही इस

वरत क फाय भ फताइए भ उस सॊऩनन करॉ गाrdquo लभतर क उतसाह को दख वदध न शरी फाराजी वरत कथा क फाय भ फतामा

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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लभतर दगन उतसाह क साथ घय आमा ऩयी कहानी ऩतनी को फतामी औय अडोस-ऩडोस क साथ लभरकय शरी फाराजी वरत को सॊऩनन ककमा चयणाभत परसाद गरहण ककमा घय आए सबी रोगो को बी हदमा तबी घय क फाहय कछ

कोराहर सनाई हदमा लभतर का फटा फाहय स दौडता हआ आमा औय फोरा- ldquoषऩताजी षऩताजी याज-यक आऩक लरम आए ह याजा न आऩक लरम बट बी बजी हrdquo इतन भ यक बी वहाॉ आ गम उनहोन फतामा कक उसकी रनमसकत याज दयफाय भ धोफी क रऩ भ हो गमी ह याजा न हजाय अशकपि माॉ ऩयसकाय सवरऩ बजी ह ऐसा कहकय उनहोन लभतर क हाथ भ हजाय अशकपिमो की ऩोटरी यख दी एक हफत क अॊदय-अॊदय

उस आकय नौकयी भ बतॉ होन को बी कहा लभतर क आनॊद की सीभा नही थी एक हफता कमो कर ही कमो नही सोचकय उसन अऩनी ऩोटरी-वोटरी फाॉधी औय दसय हदन सवय ही वो जान को तमाय हो गमा इस जलदफाजी भ वह

उस वदध की फात बर गमा फीच यासत भ उस उसकी फात माद आ गमी ऩय ठीक हअगर भहहन लभर रता हॉ सोच

कय वह याज दयफाय भ अऩन काभ ऩय रग गमा हदनभहहन फीत बराहभण क वश भ आए बगवान को गससा आमा बगवान न सोचा भनषम की परवसतत ऐसी ही होती ह उस भझ अऩनी भहहभा फतानी होगी

दसय ही हदन याणीवास स आबषण चोयी हो गम चोयी का इलजाभ लभतर ऩय आमा लभतर को कायावास की सजा हई hellipयाज यकोन उस तयह-तयह की मातनाएॉ दी ऐसा कमो हआउस ऩय मह इलजाभ कमो रगा सोचत हए लभतर को यात को सऩन भ बगवान हदखाई हदम उनहोन फतामा कक ldquoवदध बराहभण क रऩ भ व ही आम थ वो अऩनी फात स भकय गमा इसलरम म सफ हआ हrdquo तफ लभतर न कहा-ldquoह नाथभ ऩाऩी हॉ भन फहत फडा ऩाऩ ककमा ह कऩमा भझ ऩय दमा कीसजम अफ भ हय भहहन आऩका वरत सॊऩनन करॉ गा भयी आम का आधा बाग जीवन बय आऩको सभषऩित करॉ गाrdquo गार फजाकय उसन बगवान की हय तयह स पराथिना की बकतो की ऩकाय सननवार बगवान न खशी-खशी लभतर ऩय कऩा कय दी बगवान की कऩा स याणी क आबषण दसयही हदन लभर गम याजान म बी जान लरमा कक लभतरन चोयी नही की थी लभतरको कायावास स रयहा कय हदमा गमा तफ स लभतर बगवान को हदम वचन अनसाय हय भहहन शरी फाराजी का वरत सॊऩनन कयन रगा औय अऩनी आम का आधा बाग बगवान को अषऩित कयता यहा सख ऩणि जीवन बफतात हए उसन अॊत भ भो बी परापत ककमाrdquo

शरी अबतरजी न ऐसा कहकय ऩाॉचव औय आखयी अधमाम को सभापत ककमा

गोषवॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

ऩॊचभोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

Page 38: 55804144 Sree Balaji Kee Leelaye and Vrat Katha Hindi Book

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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षवषवधोऩचाय ऩजा छतरॊ धायमालभ चाभयॊ वीजमालभ नतमॊ दशिमालभ गीतॊ शरावमालभ वादमॊ घोषमालभ आॊदोलरकान आयोहमालभ आशवानायोहमालभ गजानायोहमालभ सभसत यजोऩचाय शकतमऩचाय

मनतरोऩचाय दवोऩचाय सवोऩचाय ऩजाॊ सभऩिमालभ

भाऩवणभ भनतरहीनॊ ककरमाहीनॊ बसकतहीनॊ जनादिन मतऩसजतभ भमा दव ऩरयऩणिभ तदसतत

अनमा धमानावाहनाहद षोडशोऩचाय ऩजमा च बगवन सवाितभक शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरी वकटशवय सवरऩो बगवान सपरीत सपरसननो वयदो बवत शरी वकटशवय दव परसादॊ लशयसा गहणालभ

तीथवभ

अकार भतमहयणॊ सविवमाचध रनवायणभ सवि ऩाऩमकयॊ दव ऩादोदकॊ ऩावनॊ शबॊ

नवदमभ

ॐ बबिवससव ॐ ततसषवतवियणमभ बगो दवसम धीभहह चधमो मो न परचोदमात सतमॊ तवतन ऩरयषषॊचालभ अभतभसत अभतोऩसतयणभलस ॐ पराणाम सवा ॐ अऩानाम सवा ॐ वमानाम सवा ॐ उदानाम सवाह ॐ सभानाम सवा ॐ बरहभण सवा

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - भहानवदमभ सभऩिमालभ

अभताषऩधानभलस उततयाऩोशनभ सभऩिमालभ हसतौ परारमालभ ऩादौ परारमालभ शदध आचभनीमॊ सभऩिमालभ

तामफरॊ सभऩिमालभ सवणिभनतरऩषऩॊ सभऩिमालभ परदकषण नभसकायन सभऩिमालभ

अनमाधमानावाहनाहद षोडषोऩचाय ऩजमा बगवान सवाितभक शरी रकषभी ऩदमावती सभत वकटशवय सवाभी सपरीत सपरसननो वयदो बवत शरी रकषभी ऩदमावती सभत वकटशवय सवाभी परसादॊ लशयसा गहणालभ

उदवासनभ मऻन मऻभमजनत दवासतारन धभािरण परथभानमासन

तहनाकॊ भहहभानससचनत मतर ऩव साधमा ससनत दवा

गचछ गचछ सयशरषठ सवसथान शरी वकटशवय बकताबीषट सभधमथिभ ऩनयागभनाम च

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरी वकटशवय सवाभी मथासथानॊ उदवासमालभ

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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परथभ अधमाम

शरी बगवान उवाच

कलरमग भ एक हदन शब भहति भ रतरभरा ऩहाड ऩय (सजस धयती का वकॊ ठ कहा जाता ह ) ldquoषवशवऩरत नाभक एक बकत ऩय शरी फाराजी की कऩा हई शरी षवषण क अवताय शरी फाराजी (वकटशवय) जो महाॉ शरीरनवास क रऩ भ ऩज जात ह उनहोन षवशवऩरत को ldquoशरी फाराजी वरत कथाrdquo नाभ स परलसधद इस गरॊथ की यचना कयन की आऻा दी औय कहा- ldquoह भय षपरम बकत षवशवऩरत भय षपरम होन क कायण इस वरत को षवसताय रऩ स तमह फाता हॉ सनो म

वरत भझ अरत षपरम ह आसान होन क कायण इस सबी रोग सॊऩनन कय सकत ह

कलरमग भ भानव अऩन ऩाऩ कभो का पर बोगता ह अनक कषट सहत हए जीवन रनवािह कयता ह कछ बकत

अऩन दख भझ फताकय उनह दय कयन क लरम कहत ह फहत स ऩस खचि कय वो भझ दखन क लरम रतरभरा की मातरा कयत ह भय बकतो स भझ परभ ह व भझऩय अऩना ऩया बाय डार दत ह भ उनह धभि क भागिऩय चराता हॉ

अबी भ जो मह वरत कथा तमह फतान जा यहा हॉ वो ldquoशरी फाराजी की कथाrdquo क नाभ स परलसदध होगा म भया वरत भझ अरतषपरम ह जो वमसकत इस बसकत औय रनषठा स कयगा वह तयॊत ऩाय ऩामगा कोई बी वमसकत कबी बी इस वरत को सॊऩनन कय सकता ह भखम रऩ स भागिशीषि भाघ कारत िक भहहनो भ ऩणिभासी ऩॊचभी सपतभी एकादशी रतचथमो ऩय मा शरवण सवारत नतरो ऩय इस कयना शरषठ होता ह

इस घोय कलरमग भ भय बकत जो कषट सह यह ह उनह भ जानता हॉ तमह जफ बी कोई कषट हो कोई सभसमा हो सवासम ठीक ना हो नौकयी वमाऩाय भ सभसमाएॉ हो भन अशाॊत हो तो इस वरत को सॊऩनन कयना चाहहम इसस

साय कषट दय हो जात ह घय भ शब कामि होन ऩय इस वरत को सॊऩनन कयन स बफना ककसी सभसमा क कामि ऩणि हो जाता ह इस वरत को सॊऩनन कयत ही सबी सख परापत होत ह औय अषट ऐशवमो की परासपत होती ह

सफय मा शाभ इस वरत को सॊऩनन कय सकत ह इस वरत भ ऩाॉच अधमाम ह इनका ऩठन बसकत क साथ कयना चाहहम अऩन घय भ मा रनवास सथान ऩय भॊहदय भ मा ककसी बी ऩषवतर सथान भ नदी तट ऩय सॊऩनन कय सकत ह

महद सॊबव हो तो अऩन फॊध लभतरो क साथ इस सॊऩनन कयन स जमादा शरषठ होता ह जो इस सॊऩनन कयत ह मा जो इस सनत ह वरत सॊऩणि होन क फाद परसाद को बसकत स सवीकाय कयत ह वो अषट ऐशवमो को परापत कयत ह इसस

ऩहर बी भय बकतो न कई भरनमो न इस वरत को सॊऩनन ककमा औय भया आशीवािद ऩामा बरोक भ यहनवार सबी को मह वरत आनॊद परदान कयगा औय शब पर बी परापत होगा शाॊत चचतत स भझ माद कयत हए इस वरत का ऩारन

कयो

सवि परथभ जहाॉ वरत कयना चाहत हो उस सथर को साप कयो भॊडऩ की वमवसथा कय भयी तसवीय सजसभ भयी षपरम

सरखमाॉ शरी दवी बदवी ह उस तसवीय को इस भॊडऩ ऩय सथाषऩत कयो भॊडऩ को दीवाय स रगाकय बी यख सकत हो अनम ककसी इचछक दवता की तसवीय बी सख सकत हो नवगरहो औय अषट हदकऩारको को मा तो भन भ नभसकाय

कयो मा उनका आवहान बी कय सकत हो

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सफस ऩहर हलदी स फनी गणश की ऩजा कयनी चाहहम उसक फाद उस वरत क ऩाॉचो अधमामो का रनषठा स ऩठन

कयना चाहहम मही परथभ अधमाम ह अनम चाय अधमाम भय अतमॊत षपरम ऩातर षवशवालभतर वलशषठ बयदवाज अबतर

भरनशवयो क परवचना रऩ भ ह ऩाॉच अधमामोको ऩढन क फाद भय षपरम शरोक बी ऩढ सकत हो हय अधमाम क अॊत

भ गोषव ॊद गोषव ॊद गोषव ॊद तीन फाय सभयण कयना चाहहम

आभ रोगो क कषटो को भ जानता हॉ इसी लरम भयी एक फात सनो महद ककसी कायण इस वरत को षवसताय रऩ स

सॊऩनन कयन भ कोई सभसमा आ यही हो तो भय तसवीय को साभन यख कय ऩहर गणश जी की कपय नवगरह दवताओॊ औय अषटहदकऩारको को सभयण कय ऩाॉच कहरनमाॉ ऩढकय अऩन भन भ जो इचछा ह उस भझ फताओ भ उस

परसाद क रऩ भ परदान करॉगा इस परकाय कयन स बी कामि की लसषदध होती ह तमहाय कषट दय हो जामग औय शब

पर परापत होगा

जो वमसकत इस वरत को बसकत स सॊऩनन कयगा भ उसक घय ककसी ना ककसी रऩ भ आकय परसाद सवीकाय करॉगा भयी कऩा आऩ सबी को हभशा परापत होगी शरी फाराजी न रतमभयाज षवशवऩरत याभकषणभरत ि ldquoषवशवऩरतrdquo को इस वरत कथा को षवसताय स फतामा कलरमगवासी हभ सबी इस वरत को सॊऩनन कय शरी फाराजी की कऩा क ऩातर फन सकत ह इस वरत को सॊऩनन कय हभ अऩन सबी कषट दय कय सकत ह औय उचचत पर बी परापत कय

सकत ह

गोषवॊदगोषवॊदगोषवॊद

परथभोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ

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दषवतीम अधमाम

शरी षवशवालभतर उवाच

भहातऩ सॊऩनन साात शरी षवशवालभतर जी न हभ ऩय कऩा की औय परवचन कयत हए कहा- ldquoह कलरमग वालसमो शरीरनवास क बकतो ldquoशरीफाराजी वरत कथाrdquo सजस आऩ सॊऩनन कय यह हो वह फहत ही ऩषवतर ह भहहभा स ऩणि ह मह वरत कलरमग भ शरी नायामण जी की करणा औय दमा परापत कयन का अतमॊत सयर साधन ह पराचीन कार भ शरी फाराजी क षपरम बकतो न इस सॊऩनन कय अऩनी काभनाओॊ को ऩणि ककमा इस वरत कथा क फाय भ हभ फताकय शरी फाराजी न हभाय पररत जो दमा हदखाई ह उसक लरए हभ उनह परणाभ कयत ह

पराचीन कार भ भगध याजम भ षवषणचचतत नाभक एक बकत यहता था उसकी नौ कनमाएॉ थी षवदवान होन ऩय बी वह अतमॊत गयीफ था षवषणचचतत की ऩतनी तायाभरत हभशा नायामणजी की पराथिना कयती यहती थी षववाहाहद शबकामि सॊऩनन कय जो बी ऩस दकषणा क रऩ भ लभरत थ उसस व भसशकर स अऩना जीवन रनवािह कय

यह थ कनमाएॉ मौवनावसथा भ ऩदाऩिण कय चकी थी तायाभरत हभशा इसी चच ॊता भ यहती थी कक इन कनमाओॊ का षववाह ककस परकाय सॊऩनन होग वह फाराजी की पराथिना कयत हए सदा अऩना सभम गजायती थी

वह तो फाराजी की बकत थी औय फाराजी अऩन बकतो स अतमाचधक परभ कयत ह उस हदन भाघ ऩरणिभा थी सवय

एक वदध बराहभण न षवषणचचतत क दयवाज ऩय दसतक दी औय कहा - ldquoह सवाभी भ फॊग दश का वासी हॉ एक मऻ

क लसरलसर भ दसय दश जा यहा हॉ यासत भ महाॉ आमा हॉ भझऩय दमा कयो औय अऩन घय भ एक हदन क लरए

यहन दो कर सवयही भ महॉ स चरा जाऊॉ गाrdquo उन की फात सनकय षवषणचचततन कहा lsquoनाथ इसस फढकय खशी औय कमा हो सकती ह अरतचथ साात नायामण जी क सभान होत ह ऐस हभाय ऩयाणो भ कहा गमा ह आऩ बफना ककसी सॊकोच क हभाय घय भ यह सकत हlsquo ऐसा कह कय उसन उस बराहभण को घय क अॊदय फरामा औय उनका सतकाय ककमा

दोऩहय भ बोजन क फाद उस वदध न तायाभरत स ऩछा ndash ldquoभाता कमा फात ह तभ कछ चच ॊरततसी रगती हो बफना ककसी सॊकोच क फात फताओrdquo तायाभरत न कहा ndash ldquoसवाभी आऩ तो भहातऩसवी ह आऩ क भख का तज उस वकॊ ठवासी क सभान ह आऩ स कमा छऩाना भयी चचॊता भयी कनमाओॊ का षववाह हrdquo उस ऩय वदध न कहा- ldquoभाता तमहाया दख भ जानता हॉ तमहाय सबी कषट दय हो औय तमहायी कनमाओॊ की शादी हो इसक लरम भ एक अदभत वरत फताता हॉ सनो इस वरत को सॊऩनन कयन स तमहाय साय कषट दय हो जामग शरी फाराजी क वरतो भ स मह सफस सयर हrdquo कहत हए उनहोन उस दॊऩरत को ऩया वरत षवधान फतामा वरत षवधान

सनकय षवषणचचतत न कहा- ldquoसवाभी मह तो अतमॊत सॊतोष की फात ह इसस फढकय सौबागम औय कमा होगा

कहत ह ना- शबसम शीिॊ आज भाघ ऩरणिभा ह फहत ही शब हदन ह आऩक कथा अनसाय हभ आज ही इस वरत

को सॊऩनन कयगrdquo षवषणचचततन ऩतनी तायाभरत औय सबी कनमाओॊ क साथ लभरकय उस हदन शाभ भ ही अऩन

फॊध-लभतरो क साथ बसकत औय रनषठा स फाराजी वरत को सॊऩनन ककमा वहाॉ उऩससथत सबी रोगो न वरत ऩया होन क

फाद चयणाभत परसाद गरहण ककमा औय अऩन-अऩन घय परसथान ककमा तफ षवषणचचतत औय तायाभरत न बराहभण

क चयणो को नभसकाय ककमा औय आशीवािद परापत ककमा बराहभणोततभ न बी चयणाभत परसाद गरहण ककमा औय

कहा- ldquoआऩकी भनोकाभना ऩयी हो शरी रकषभी शरी फाराजी की कऩा होrdquo

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अॊधया हो चरा था औय रनिा सभम आसनन था षवषणचचतत न उस बराहभण को एक पटी चादय दत हए आॉखो भ आस लरम कहा- सवाभी भ अतमॊत दरयिी हॉ इसस अचछी चादय भय ऩास नही ह भझ भा कय आज की यात इसी ऩय षवशराभ कय बराहभण भसकयात हए फोर- कोई फात नही भ फाहय फयाभद भ सो जाता हॉ कछ सभम फाद ही सबी रनिारोक भ षवचयण कयन रग आधी यात का सभम था बफजरी की गडगडाहट क साथ फारयश शर हई चायो ओय अॊधया था कहीॊ कछ नही हदखाई

द यहा था षवषणचचतत इस चच ॊता भ था कक वदध बराहभण फाहय कस सो यह होग उस सभम कछ सझ बी नही यहा था ककसी तयह उनहोन यात गजायी सवया हआ फारयश बी थभ चकी थी ऩरत-ऩतनी मही सोच यह थ कक बराहभण की कमा दशा हई होगी ककतना सहा होगा उनहोन मही सोचत हए वो फाहय आए उनह एक अदभत दशम हदखाई हदमा वहाॉ षवपरोततभ नही थ पहट हई चादय की जगह यशभ का षऩताॊफय यखा हआ था उस षऩताॊफय ऩय शरी फाराजी क

भतॉ ndash हदखाई दी व सफ कछ सभझ गम उनकी खषी का कोई हठकाना नही यहा उनक घय आम बराहभण औय

कोई नही साात शरी नायामणजी ही थ ह फाराजी कमा बागम ह हभाया ऩय हभ उनको ऩहचान नही ऩाम हभन उनको पटी हई चादय दी मह सोचत हए उनहोन शरी फाराजी की भतॉ को हाथ भ रकय आॉखो स रगामा औय

घय क अॊदय आम ऩया घय सोन स बया हआ था जहाॉ दखो वहाॉ धन याशी ह बगवान शरी फाराजी की वरत कथा की भहहभा स ही मह सफ सॊबव हो सका ऐसा कहत हए व बगवान की सतरत कयन रग आऩन दख साात शरी फाराजी ही उस बकत क घय आम थ वरत षवधान फतामा औय चयणाभत परसाद बी गरहण

ककमा शरी फाराजी फहत ही करणाभम ह जो बी इस वरत को बसकत औय रनषठा स कयगा उसक घय सवमॊ बगवान

ककसी ना ककसी रऩ भ आमग आऩ सबी इस वरत को सॊऩनन कय बगवान की कऩा परापत कय सकत ह शरी भहषषि षवशवालभतर जी न मह दषवतीम कथा इस तयह फताई

शरी रकषभी शरीरनवास कटाॊ लसषदधयसत

गोषवॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

दषवतीमोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

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ततीम अधमाम

शरी वलशषठ उवाच मह अधमाम भहातऩोरनषठ वरयषठ शरीवलशषठ भरन न शरीनायामणजी की कऩा स हभ षवसताय रऩ स फतामा ह ह कलरमग वालसमो शरीफाराजी क षपरम बकतो वकणठ भ रनवास कयनवार शरीनायामणजी आज क रतरभरा भ ससथत शरीफाराजी ही ह कलरमग वालसमो क कषट दय कयन क लरम बगवान आऩक फहत सभीऩ रतरभरा ऩहाड ऩय अवतारयत हए ह शरी फाराजी को खश कयन क लरए मह वरत उततभ ह औय सयर बी ह इस वरत को जो बसकत औय रनषठा स सॊऩनन कयता ह उस सबी सख परापत हो जात ह पराचीन सभम भ अवॊती दश भ बागमनगय नाभक एक नगय था नाभ क ही अनरऩ वहाॉ अनक धनवान (वमाऩायी) यहत थ ऩय व अऩनी सॊऩसतत को दख घभॊड कयत थ औय आभ रोगो को हीन दषटी स दखत थ धन-दौरत उनकी सवासजित ह ऐसा सोचकय घभॊड कयत थ बगवान की रनतम ऩजा-ऩाठ तो उनहोन ऩहर ही छोड दी थी कभ स कभ षवशष हदनो भ बी व ना भॊहदय जात ना ऩजा कयत ना ही दीऩ जरात एक हदन सबी धनवान अऩनी-अऩनी ऩतनीमो क साथ परीरत बोज भ वमसत थ उस नगय की ऩवि हदशा भ ही शरी रकषभी नायामण जी का भॊहदय था जहाॉ दीऩ जरानवारा कोई नही था उस हदन षवशष एकादशी थी सजस एक ऩवि हदन बी भाना जाता ह ऩय उस नगय क एक बी धनवान क भन भ भॊहदय भ ऩजा कयन का षवचाय नही आमा शाभ होत-होत आकाश भ घन फादर छा गम औय भसराधाय फारयश होन रगी वमाऩारयमो क घय ऩानी स बय गम चायो ओय अॊधकाय ह अॊधकाय था सवय होन तक ऩया नगय ऩानी भ डफ गमा वमाऩारयमो क घय टट-पट गम उनका साया ऐशवमि सभापत हो गमा ऐसा उऩिव कमो भचा मह पररम कस हो गमा ककसी को कछ बी सभझ भ नही आ यहा था इतन भ उनह एक षवचचतर दशम हदखाई हदमा नगय क फाहय जो झोऩडडमाॉ थी व तो वसी की वसी थी उनको आशचमि हआ इतनी फारयश भ बी म कस सही सराभत यही व ऐसा भन ही भन सोच यह थ कक इतन भ बफजरी कडकी औय आकाशवाणी हई ldquoए भखो तमहायी सॊऩसतत तमहायी अऩनी ह सवासजित ह ऐसा सोचत थ इसी लरम ऐसा हआ ह इस झोऩडी भ यहनवारा दव भया षपरम बकत ह आभ आदभी होन ऩय बी दव रनतम तमहाय नगय भ ससथत शरी रकषभी नायामण

भॊहदय भ दीऩ जराता था इतना ही नही हय एकादशी क हदन मथा सॊबव वह शरी फाराजी वरत कथा बी सॊऩनन कयता था इसी लरम इन झोऩडीमो भ यहनवार सबी रोग सयकषत यह आऩ सबी महद वरत सॊऩनन कयग तो अऩन-अऩन

ऐशवमि को ऩन परापत कय सकत होrdquo आकाशवाणी सनत ही तयॊत व सबी रोग उस भॊहदय भ गम औय जस

सॊबव हो सका वस सबी रोगोन एक-दसय क सहमोग स शरी फाराजी की वरत कथा सॊऩनन की ऐसा कयत ही सबी को उनक घय ऩवि रऩ भ ही परापत हो गम तफ स व सबी शरीफाराजी क बकत फन गम औय हय एकादशी को शरीफाराजी का वरत सॊऩनन कयत औय सख-शाॊरत परापत कय यहन रग अॊत भ उनहोन भसकत बी परापत की

शरीवलशषठजी न इस परकाय म कथा सनाई

गोषव ॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

ततीमोधमाम सभापतॊ |

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ

शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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चतथव अधमाम

शरी बयदवाज उवाच

शरीनायामण जी को ldquoशरीफाराजी वरत कथाrdquo अतमॊत षपरम ह चतथि अधमाम क रऩ भ हभाय साभन शरी बयदवाज

भरनदवाया फतामी नमी कहानी इस परकाय ह- ldquoह कलरमगवालसमो शरी नायामण क षपरम बकतो आऩ सजस वरत को सॊऩनन कय यह ह वह अदभत ह आऩकी भनोकाभनाओॊ को ऩणि कयन का साधन ह शरी फाराजी को परसनन कयन का मह अतमॊत सयर उऩाम ह आऩ सबी ऩय कऩा कयन क लरम ही वकॊ ठवासी बगवान शरीरनवास क रऩ भ रतरभरा ऩहाड ऩय अवतरयत हए ह अनक जनभो क ऩणमपर स ही रतरभरा ऩहाड ऩय ऩय यखन का सौबागम परापत होता ह औय बगवान क दशिन बी सॊबव होत ह इसी तयह इस ldquoवरतकथाrdquo को सॊऩनन कयन का सॊकलऩ बी ऩविजनभ क

ऩणमपर स ही सॊबव होता ह जो वमसकत इस वरत को सॊऩनन कय यह ह मा जो इस कथा को सन यह ह मा जो बगवान क परसाद को गरहण कयत ह उनह बगवान की कऩा परापत होती ह औय व सौबागम बी ऩात ह

पराचीन कार भ ldquoनगयीrdquo नाभक एक गराभ भ धनगपत नाभ का वमाऩायी यहता था वह फहत ही रारची था ऐशवमि परापत कयन ऩय बी उसका रारचीऩन कभ नही हआ मह सभसत ऐशवमि उसका ही कभामा हआ ह ऐसा सोचकय वह फहत घभॊड कयता था अहॊकाय भनषम का नाश कयता ह

धनगपत की ऩतनी काॊरतभती अतमॊत बसकत बावना यखती थी औय रनषठा स बगवान की ऩजा कयती थी उनकी तीन कनमाएॉ थी तीसयी कनमा ldquoकभायीrdquo भ बसकत बावना जमादा थी वह हभशा फाराजी का नाभ ही जऩती यहती थी षऩताजी को बफना फताम वह जफ-तफ शरी फाराजी क भॊहदय भ जाती थी औय बगवान क दशिन कयती थी घय आकय षऩताजी को छोड अनम सबी क साथ परसाद सवीकाय कयती थी ऩती क ऐस वमवहाय स

काॊरतभती थोडी चच ॊरतत होती थी

एक हदन ldquoकभायीrdquo की सहरी क घय ऩय ldquoशरी फाराजीrdquo का वरत सॊऩनन हो यहा था मह जानकय वो वहाॉ गई वरत ऩया होन तक दोऩहय हो चकी थी थोडासा परसाद उसन गरहण ककमा औय थोडा वह अऩन घयवारो क लरम एक

कागज की ऩडी भ रकय चरी फीच यासत भ उस पमास रगन रगी धऩ बी फहत तज थी उसन सोचा थोडी दय रक

कय पमास फझाकय कपय चरॉ तो ठीक यहगा तबी उस माद आमा कक उसक षऩता की दकान अगरी गरी भ ही तो ह वहाॉ जाकय उसन षऩताजी को ऩजा की फात बफना फताम षऩताजी स ऩानी भाॉगकय षऩमा औय षऩताजी गससा कयग

इस डय स उसन जलदी-जलदी ऩानी षऩमा इस घफयाहट भ परसाद की ऩडी वही दकान भ बरकय चरी गई

एकाएक फाजाय भ हडकॊ ऩ भच गमा रोग हाहाकाय भचात हए इधय-उधय बागन रग आगजनी क कायण उस गरी की सायी दकान जर कय याख होन रगी वस बी दोऩहय का सभम थाउस ऩय गभि हवाएॉ चर यही थीधनगपत का शयीय डय क भाय काॉऩन रगा ldquoकछ ही सभम भ उसकी दकान बी जर कय याख हो जाएगीrdquo इस षवचाय स उस क हाथ-ऩय काॉऩन रग सबी रोग अऩनी-अऩनी दकानो स फाहय आकय इधय-उधय बागन रग ऩय

धनगपत वही खडा यह गमा दकान छोडकय जान का भन नही कय यहा था महद वो दकान भ यहगा तो जरकय

याख हो जामगासोचत हए उसन घफयाहट भ उसक हाथ रगी ऩडी को उठामा औय बफना सोच सभझ जो हाथ आमा वो भॉह भ डार हदमा उस कछ भीठा-भीठा सा ऩदाथि रगा औय भन बी शाॊत होन रगा

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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तबी एक अदभत घटना घटीआग धनगपत की दकान तक आकय रक गमी आग की रऩत वहाॉ नही आ ऩामी मह कसी षवचचतर फात हम कसी भामा ह धनगपत क भॉहस एक बी फात नही रनकर ऩामी उधय आगजनी की खफय सनत ही ऩतनी काॊरतभती अऩन कनमाओॊ क साथ फाराजी का सभयण कयत हए दौडती हई वहाॉ आ गमी आग उनक दकान तक आकय कस रक गमी मह दखकय उस आशचमि हआ तबी कभायी को दकान भ बरी हई ऩडी की माद आई धनगपत को सभझन भ दय नही रगी कक उसन जो चीज भॉह भ डारी थी वो औय कछ नही तो बगवान का परसाद ही था औय उसकी भहहभा स ही व इस दघिटना स चक गम धनगपत न शरीफाराजी स भा भाॉगी गार फजाम शाभ भ ही नगयवालसमो को फराकय ldquoशरीफाराजी की वरत कथाrdquo सॊऩनन की तफ स वह बगवान की सवा भ रीन हो गमा औय अॊत भ भो बी परापत की आऩन दखा कक कवर परसाद गरहण कयन स ही वो ककतनी फडी दघिटना स चक गमा फाराजी की भहहभा अदभत ह आऩ सबी बी मथा सॊबव वरत को सॊऩनन कय क बगवान की कऩा परापत कय सकत हldquo

शरीबयदवाजजी न इस परकाय मह चतथि कथा सनामी

गोषवॊदगोषवॊदगोषवॊद

चतथोधमाम सभापतॊ |

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ऩॊचभ अधमाम

शरी अतरतर उवाच

रतरभरा-रतरऩती बरोक का वकणठ धाभ ह ऩयाणो भ फतामा गमा ह कक रतरभरा क सभान ऩषवतर सथर औय शरी फाराजी जस दवता न तो ऩहर कबी हए ह औय न कबी होग शरीरनवास क रऩ भ अवतरयत शरी नायामण अऩन

बकतो स फहत परभ कयत ह जो उन ऩय अऩना ऩया बाय डारकय उनह रनतम सभयण कयत ह जो सदाचाय स ऩणि जीवन बफतात ह वो उनकी या कयत ह ऐस शरीफाराजी को परसनन कयन का सफस सयर उऩाम ह ndash ldquoशरीफाराजी की वरत कथाrdquo

इस अदभत वरत कथा क फाय भ भहातऩसॊऩनन शरी अबतर भहषषि न कऩा कयत हए कहा ह- ldquo ह फाराजी क षपरम

बकतो कलरमग भ आऩक सौबागम क फाय भ कमा कहना कतमग तरतामग औय दवाऩायमग भ अतमॊत कठोय तऩ-

जऩ कयन ऩय बी परसनन न होन वार शरी नायामण इस मग भ कवर नाभसभयण स ही आऩ रोगो ऩय कऩा कय यह

ह षवशवास क साथ उनह फरान ऩय व तयॊत कऩा परदान कयत ह ऐस करणाभम ह शरीफाराजी ऩषवतर रतरभरा ऩय

तमहाया यखा हय कदभ अनक जनभो क ऩणमपर क सभान ह

पराचीन कार भ ldquoकौभायrdquo दश भ ldquoलभतरrdquo नाभक धोफी यहता था वो अऩन काभ क साथ-साथ धालभिक कामि कयता हआ जीवन रनवािह कय यहा था उसकी अऩॊगता ही उसकी चच ॊता थी इसी कायण धोए हए कऩडो की ऩोटरी फनाकय घय-घय घभकय उनह रोगो तक ऩहॉचाना उस धीय धीय भसशकर रगन रगा उसका ऩरयवाय फडा था बफना भहनत ककए उस बय ऩट खान को बी नही लभरता था हभशा वो शरी फाराजी की ऩजा कयता यहता था कबी ना कबी बगवान उस ऩय कऩा कयग इसी षवशवास स वो अऩना जीवन गजाय यहा था बकतो ऩय कऩा कयन वार फाराजी सफ कछ दखत यहत ह जो वमसकत अऩन कभो स भकती ऩाता ह उनक ऩास आकय फाराजी ककसी न ककसी रऩ भ आकय उनकी या कयत ह एक हदन शाभ क सभम हभशा की तयह लभतर कऩड धोकय कऩडो की ऩोटरी राद धीय-धीय चरता हआ आ

यहा था फीच यासत भ उस एक वदध बराहभण हदखाई हदम गौयव की बावना स फड होन क कायण लभतर न अऩन कॊ ध

ऩय रदी हई ऩोटरी को नीच उतायकय वदध बराहभण को नभसकाय ककमा तफ उस षवपरोततभ न कहा- ldquoतभ अऩन इस ऩय क कायण ककतना कषट सह यह हो तमहाया दख दखा नही जाताrdquo तफ लभतर न कहा-ldquoह नाथ आऩ फजगि ह बयाऩया ऩरयवाय होन क कायण भझ इस काभ स भकती नही लभर यही ह ककसी तयह भयी म अऩॊगता दय हो ऐसा कोई उऩाम फताइएrdquo

तफ बराहभण न कहा-ldquoसनो बाई भ जरय फताऊॉ गा धमान स सनो भ एक ऐस वरत क फाय भ फताता हॉ सजस सॊऩनन कयन स तमहायी अऩॊगता दय हो जाएगी तमह अषट ऐशवमो की परासपत होगी वरत सॊऩनन कयत ही तमह हजाय अशकपि माॉ लभरगी ऩय एक शति ह उसभ स आध तभ भझ दोगकर भ कपय इसी सभम महाॉ लभरॉगाrdquo तफ लभतर न कहा- ldquoसवाभी इसस फढकय सौबागम औय कमा हो सकता ह आज ही इस

वरत क फाय भ फताइए भ उस सॊऩनन करॉ गाrdquo लभतर क उतसाह को दख वदध न शरी फाराजी वरत कथा क फाय भ फतामा

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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लभतर दगन उतसाह क साथ घय आमा ऩयी कहानी ऩतनी को फतामी औय अडोस-ऩडोस क साथ लभरकय शरी फाराजी वरत को सॊऩनन ककमा चयणाभत परसाद गरहण ककमा घय आए सबी रोगो को बी हदमा तबी घय क फाहय कछ

कोराहर सनाई हदमा लभतर का फटा फाहय स दौडता हआ आमा औय फोरा- ldquoषऩताजी षऩताजी याज-यक आऩक लरम आए ह याजा न आऩक लरम बट बी बजी हrdquo इतन भ यक बी वहाॉ आ गम उनहोन फतामा कक उसकी रनमसकत याज दयफाय भ धोफी क रऩ भ हो गमी ह याजा न हजाय अशकपि माॉ ऩयसकाय सवरऩ बजी ह ऐसा कहकय उनहोन लभतर क हाथ भ हजाय अशकपिमो की ऩोटरी यख दी एक हफत क अॊदय-अॊदय

उस आकय नौकयी भ बतॉ होन को बी कहा लभतर क आनॊद की सीभा नही थी एक हफता कमो कर ही कमो नही सोचकय उसन अऩनी ऩोटरी-वोटरी फाॉधी औय दसय हदन सवय ही वो जान को तमाय हो गमा इस जलदफाजी भ वह

उस वदध की फात बर गमा फीच यासत भ उस उसकी फात माद आ गमी ऩय ठीक हअगर भहहन लभर रता हॉ सोच

कय वह याज दयफाय भ अऩन काभ ऩय रग गमा हदनभहहन फीत बराहभण क वश भ आए बगवान को गससा आमा बगवान न सोचा भनषम की परवसतत ऐसी ही होती ह उस भझ अऩनी भहहभा फतानी होगी

दसय ही हदन याणीवास स आबषण चोयी हो गम चोयी का इलजाभ लभतर ऩय आमा लभतर को कायावास की सजा हई hellipयाज यकोन उस तयह-तयह की मातनाएॉ दी ऐसा कमो हआउस ऩय मह इलजाभ कमो रगा सोचत हए लभतर को यात को सऩन भ बगवान हदखाई हदम उनहोन फतामा कक ldquoवदध बराहभण क रऩ भ व ही आम थ वो अऩनी फात स भकय गमा इसलरम म सफ हआ हrdquo तफ लभतर न कहा-ldquoह नाथभ ऩाऩी हॉ भन फहत फडा ऩाऩ ककमा ह कऩमा भझ ऩय दमा कीसजम अफ भ हय भहहन आऩका वरत सॊऩनन करॉ गा भयी आम का आधा बाग जीवन बय आऩको सभषऩित करॉ गाrdquo गार फजाकय उसन बगवान की हय तयह स पराथिना की बकतो की ऩकाय सननवार बगवान न खशी-खशी लभतर ऩय कऩा कय दी बगवान की कऩा स याणी क आबषण दसयही हदन लभर गम याजान म बी जान लरमा कक लभतरन चोयी नही की थी लभतरको कायावास स रयहा कय हदमा गमा तफ स लभतर बगवान को हदम वचन अनसाय हय भहहन शरी फाराजी का वरत सॊऩनन कयन रगा औय अऩनी आम का आधा बाग बगवान को अषऩित कयता यहा सख ऩणि जीवन बफतात हए उसन अॊत भ भो बी परापत ककमाrdquo

शरी अबतरजी न ऐसा कहकय ऩाॉचव औय आखयी अधमाम को सभापत ककमा

गोषवॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

ऩॊचभोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

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faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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षवषवधोऩचाय ऩजा छतरॊ धायमालभ चाभयॊ वीजमालभ नतमॊ दशिमालभ गीतॊ शरावमालभ वादमॊ घोषमालभ आॊदोलरकान आयोहमालभ आशवानायोहमालभ गजानायोहमालभ सभसत यजोऩचाय शकतमऩचाय

मनतरोऩचाय दवोऩचाय सवोऩचाय ऩजाॊ सभऩिमालभ

भाऩवणभ भनतरहीनॊ ककरमाहीनॊ बसकतहीनॊ जनादिन मतऩसजतभ भमा दव ऩरयऩणिभ तदसतत

अनमा धमानावाहनाहद षोडशोऩचाय ऩजमा च बगवन सवाितभक शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरी वकटशवय सवरऩो बगवान सपरीत सपरसननो वयदो बवत शरी वकटशवय दव परसादॊ लशयसा गहणालभ

तीथवभ

अकार भतमहयणॊ सविवमाचध रनवायणभ सवि ऩाऩमकयॊ दव ऩादोदकॊ ऩावनॊ शबॊ

नवदमभ

ॐ बबिवससव ॐ ततसषवतवियणमभ बगो दवसम धीभहह चधमो मो न परचोदमात सतमॊ तवतन ऩरयषषॊचालभ अभतभसत अभतोऩसतयणभलस ॐ पराणाम सवा ॐ अऩानाम सवा ॐ वमानाम सवा ॐ उदानाम सवाह ॐ सभानाम सवा ॐ बरहभण सवा

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरीवकटशवय सवालभन नभ - भहानवदमभ सभऩिमालभ

अभताषऩधानभलस उततयाऩोशनभ सभऩिमालभ हसतौ परारमालभ ऩादौ परारमालभ शदध आचभनीमॊ सभऩिमालभ

तामफरॊ सभऩिमालभ सवणिभनतरऩषऩॊ सभऩिमालभ परदकषण नभसकायन सभऩिमालभ

अनमाधमानावाहनाहद षोडषोऩचाय ऩजमा बगवान सवाितभक शरी रकषभी ऩदमावती सभत वकटशवय सवाभी सपरीत सपरसननो वयदो बवत शरी रकषभी ऩदमावती सभत वकटशवय सवाभी परसादॊ लशयसा गहणालभ

उदवासनभ मऻन मऻभमजनत दवासतारन धभािरण परथभानमासन

तहनाकॊ भहहभानससचनत मतर ऩव साधमा ससनत दवा

गचछ गचछ सयशरषठ सवसथान शरी वकटशवय बकताबीषट सभधमथिभ ऩनयागभनाम च

शरी रकषभी ऩदमावती सभत शरी वकटशवय सवाभी मथासथानॊ उदवासमालभ

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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परथभ अधमाम

शरी बगवान उवाच

कलरमग भ एक हदन शब भहति भ रतरभरा ऩहाड ऩय (सजस धयती का वकॊ ठ कहा जाता ह ) ldquoषवशवऩरत नाभक एक बकत ऩय शरी फाराजी की कऩा हई शरी षवषण क अवताय शरी फाराजी (वकटशवय) जो महाॉ शरीरनवास क रऩ भ ऩज जात ह उनहोन षवशवऩरत को ldquoशरी फाराजी वरत कथाrdquo नाभ स परलसधद इस गरॊथ की यचना कयन की आऻा दी औय कहा- ldquoह भय षपरम बकत षवशवऩरत भय षपरम होन क कायण इस वरत को षवसताय रऩ स तमह फाता हॉ सनो म

वरत भझ अरत षपरम ह आसान होन क कायण इस सबी रोग सॊऩनन कय सकत ह

कलरमग भ भानव अऩन ऩाऩ कभो का पर बोगता ह अनक कषट सहत हए जीवन रनवािह कयता ह कछ बकत

अऩन दख भझ फताकय उनह दय कयन क लरम कहत ह फहत स ऩस खचि कय वो भझ दखन क लरम रतरभरा की मातरा कयत ह भय बकतो स भझ परभ ह व भझऩय अऩना ऩया बाय डार दत ह भ उनह धभि क भागिऩय चराता हॉ

अबी भ जो मह वरत कथा तमह फतान जा यहा हॉ वो ldquoशरी फाराजी की कथाrdquo क नाभ स परलसदध होगा म भया वरत भझ अरतषपरम ह जो वमसकत इस बसकत औय रनषठा स कयगा वह तयॊत ऩाय ऩामगा कोई बी वमसकत कबी बी इस वरत को सॊऩनन कय सकता ह भखम रऩ स भागिशीषि भाघ कारत िक भहहनो भ ऩणिभासी ऩॊचभी सपतभी एकादशी रतचथमो ऩय मा शरवण सवारत नतरो ऩय इस कयना शरषठ होता ह

इस घोय कलरमग भ भय बकत जो कषट सह यह ह उनह भ जानता हॉ तमह जफ बी कोई कषट हो कोई सभसमा हो सवासम ठीक ना हो नौकयी वमाऩाय भ सभसमाएॉ हो भन अशाॊत हो तो इस वरत को सॊऩनन कयना चाहहम इसस

साय कषट दय हो जात ह घय भ शब कामि होन ऩय इस वरत को सॊऩनन कयन स बफना ककसी सभसमा क कामि ऩणि हो जाता ह इस वरत को सॊऩनन कयत ही सबी सख परापत होत ह औय अषट ऐशवमो की परासपत होती ह

सफय मा शाभ इस वरत को सॊऩनन कय सकत ह इस वरत भ ऩाॉच अधमाम ह इनका ऩठन बसकत क साथ कयना चाहहम अऩन घय भ मा रनवास सथान ऩय भॊहदय भ मा ककसी बी ऩषवतर सथान भ नदी तट ऩय सॊऩनन कय सकत ह

महद सॊबव हो तो अऩन फॊध लभतरो क साथ इस सॊऩनन कयन स जमादा शरषठ होता ह जो इस सॊऩनन कयत ह मा जो इस सनत ह वरत सॊऩणि होन क फाद परसाद को बसकत स सवीकाय कयत ह वो अषट ऐशवमो को परापत कयत ह इसस

ऩहर बी भय बकतो न कई भरनमो न इस वरत को सॊऩनन ककमा औय भया आशीवािद ऩामा बरोक भ यहनवार सबी को मह वरत आनॊद परदान कयगा औय शब पर बी परापत होगा शाॊत चचतत स भझ माद कयत हए इस वरत का ऩारन

कयो

सवि परथभ जहाॉ वरत कयना चाहत हो उस सथर को साप कयो भॊडऩ की वमवसथा कय भयी तसवीय सजसभ भयी षपरम

सरखमाॉ शरी दवी बदवी ह उस तसवीय को इस भॊडऩ ऩय सथाषऩत कयो भॊडऩ को दीवाय स रगाकय बी यख सकत हो अनम ककसी इचछक दवता की तसवीय बी सख सकत हो नवगरहो औय अषट हदकऩारको को मा तो भन भ नभसकाय

कयो मा उनका आवहान बी कय सकत हो

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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सफस ऩहर हलदी स फनी गणश की ऩजा कयनी चाहहम उसक फाद उस वरत क ऩाॉचो अधमामो का रनषठा स ऩठन

कयना चाहहम मही परथभ अधमाम ह अनम चाय अधमाम भय अतमॊत षपरम ऩातर षवशवालभतर वलशषठ बयदवाज अबतर

भरनशवयो क परवचना रऩ भ ह ऩाॉच अधमामोको ऩढन क फाद भय षपरम शरोक बी ऩढ सकत हो हय अधमाम क अॊत

भ गोषव ॊद गोषव ॊद गोषव ॊद तीन फाय सभयण कयना चाहहम

आभ रोगो क कषटो को भ जानता हॉ इसी लरम भयी एक फात सनो महद ककसी कायण इस वरत को षवसताय रऩ स

सॊऩनन कयन भ कोई सभसमा आ यही हो तो भय तसवीय को साभन यख कय ऩहर गणश जी की कपय नवगरह दवताओॊ औय अषटहदकऩारको को सभयण कय ऩाॉच कहरनमाॉ ऩढकय अऩन भन भ जो इचछा ह उस भझ फताओ भ उस

परसाद क रऩ भ परदान करॉगा इस परकाय कयन स बी कामि की लसषदध होती ह तमहाय कषट दय हो जामग औय शब

पर परापत होगा

जो वमसकत इस वरत को बसकत स सॊऩनन कयगा भ उसक घय ककसी ना ककसी रऩ भ आकय परसाद सवीकाय करॉगा भयी कऩा आऩ सबी को हभशा परापत होगी शरी फाराजी न रतमभयाज षवशवऩरत याभकषणभरत ि ldquoषवशवऩरतrdquo को इस वरत कथा को षवसताय स फतामा कलरमगवासी हभ सबी इस वरत को सॊऩनन कय शरी फाराजी की कऩा क ऩातर फन सकत ह इस वरत को सॊऩनन कय हभ अऩन सबी कषट दय कय सकत ह औय उचचत पर बी परापत कय

सकत ह

गोषवॊदगोषवॊदगोषवॊद

परथभोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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दषवतीम अधमाम

शरी षवशवालभतर उवाच

भहातऩ सॊऩनन साात शरी षवशवालभतर जी न हभ ऩय कऩा की औय परवचन कयत हए कहा- ldquoह कलरमग वालसमो शरीरनवास क बकतो ldquoशरीफाराजी वरत कथाrdquo सजस आऩ सॊऩनन कय यह हो वह फहत ही ऩषवतर ह भहहभा स ऩणि ह मह वरत कलरमग भ शरी नायामण जी की करणा औय दमा परापत कयन का अतमॊत सयर साधन ह पराचीन कार भ शरी फाराजी क षपरम बकतो न इस सॊऩनन कय अऩनी काभनाओॊ को ऩणि ककमा इस वरत कथा क फाय भ हभ फताकय शरी फाराजी न हभाय पररत जो दमा हदखाई ह उसक लरए हभ उनह परणाभ कयत ह

पराचीन कार भ भगध याजम भ षवषणचचतत नाभक एक बकत यहता था उसकी नौ कनमाएॉ थी षवदवान होन ऩय बी वह अतमॊत गयीफ था षवषणचचतत की ऩतनी तायाभरत हभशा नायामणजी की पराथिना कयती यहती थी षववाहाहद शबकामि सॊऩनन कय जो बी ऩस दकषणा क रऩ भ लभरत थ उसस व भसशकर स अऩना जीवन रनवािह कय

यह थ कनमाएॉ मौवनावसथा भ ऩदाऩिण कय चकी थी तायाभरत हभशा इसी चच ॊता भ यहती थी कक इन कनमाओॊ का षववाह ककस परकाय सॊऩनन होग वह फाराजी की पराथिना कयत हए सदा अऩना सभम गजायती थी

वह तो फाराजी की बकत थी औय फाराजी अऩन बकतो स अतमाचधक परभ कयत ह उस हदन भाघ ऩरणिभा थी सवय

एक वदध बराहभण न षवषणचचतत क दयवाज ऩय दसतक दी औय कहा - ldquoह सवाभी भ फॊग दश का वासी हॉ एक मऻ

क लसरलसर भ दसय दश जा यहा हॉ यासत भ महाॉ आमा हॉ भझऩय दमा कयो औय अऩन घय भ एक हदन क लरए

यहन दो कर सवयही भ महॉ स चरा जाऊॉ गाrdquo उन की फात सनकय षवषणचचततन कहा lsquoनाथ इसस फढकय खशी औय कमा हो सकती ह अरतचथ साात नायामण जी क सभान होत ह ऐस हभाय ऩयाणो भ कहा गमा ह आऩ बफना ककसी सॊकोच क हभाय घय भ यह सकत हlsquo ऐसा कह कय उसन उस बराहभण को घय क अॊदय फरामा औय उनका सतकाय ककमा

दोऩहय भ बोजन क फाद उस वदध न तायाभरत स ऩछा ndash ldquoभाता कमा फात ह तभ कछ चच ॊरततसी रगती हो बफना ककसी सॊकोच क फात फताओrdquo तायाभरत न कहा ndash ldquoसवाभी आऩ तो भहातऩसवी ह आऩ क भख का तज उस वकॊ ठवासी क सभान ह आऩ स कमा छऩाना भयी चचॊता भयी कनमाओॊ का षववाह हrdquo उस ऩय वदध न कहा- ldquoभाता तमहाया दख भ जानता हॉ तमहाय सबी कषट दय हो औय तमहायी कनमाओॊ की शादी हो इसक लरम भ एक अदभत वरत फताता हॉ सनो इस वरत को सॊऩनन कयन स तमहाय साय कषट दय हो जामग शरी फाराजी क वरतो भ स मह सफस सयर हrdquo कहत हए उनहोन उस दॊऩरत को ऩया वरत षवधान फतामा वरत षवधान

सनकय षवषणचचतत न कहा- ldquoसवाभी मह तो अतमॊत सॊतोष की फात ह इसस फढकय सौबागम औय कमा होगा

कहत ह ना- शबसम शीिॊ आज भाघ ऩरणिभा ह फहत ही शब हदन ह आऩक कथा अनसाय हभ आज ही इस वरत

को सॊऩनन कयगrdquo षवषणचचततन ऩतनी तायाभरत औय सबी कनमाओॊ क साथ लभरकय उस हदन शाभ भ ही अऩन

फॊध-लभतरो क साथ बसकत औय रनषठा स फाराजी वरत को सॊऩनन ककमा वहाॉ उऩससथत सबी रोगो न वरत ऩया होन क

फाद चयणाभत परसाद गरहण ककमा औय अऩन-अऩन घय परसथान ककमा तफ षवषणचचतत औय तायाभरत न बराहभण

क चयणो को नभसकाय ककमा औय आशीवािद परापत ककमा बराहभणोततभ न बी चयणाभत परसाद गरहण ककमा औय

कहा- ldquoआऩकी भनोकाभना ऩयी हो शरी रकषभी शरी फाराजी की कऩा होrdquo

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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अॊधया हो चरा था औय रनिा सभम आसनन था षवषणचचतत न उस बराहभण को एक पटी चादय दत हए आॉखो भ आस लरम कहा- सवाभी भ अतमॊत दरयिी हॉ इसस अचछी चादय भय ऩास नही ह भझ भा कय आज की यात इसी ऩय षवशराभ कय बराहभण भसकयात हए फोर- कोई फात नही भ फाहय फयाभद भ सो जाता हॉ कछ सभम फाद ही सबी रनिारोक भ षवचयण कयन रग आधी यात का सभम था बफजरी की गडगडाहट क साथ फारयश शर हई चायो ओय अॊधया था कहीॊ कछ नही हदखाई

द यहा था षवषणचचतत इस चच ॊता भ था कक वदध बराहभण फाहय कस सो यह होग उस सभम कछ सझ बी नही यहा था ककसी तयह उनहोन यात गजायी सवया हआ फारयश बी थभ चकी थी ऩरत-ऩतनी मही सोच यह थ कक बराहभण की कमा दशा हई होगी ककतना सहा होगा उनहोन मही सोचत हए वो फाहय आए उनह एक अदभत दशम हदखाई हदमा वहाॉ षवपरोततभ नही थ पहट हई चादय की जगह यशभ का षऩताॊफय यखा हआ था उस षऩताॊफय ऩय शरी फाराजी क

भतॉ ndash हदखाई दी व सफ कछ सभझ गम उनकी खषी का कोई हठकाना नही यहा उनक घय आम बराहभण औय

कोई नही साात शरी नायामणजी ही थ ह फाराजी कमा बागम ह हभाया ऩय हभ उनको ऩहचान नही ऩाम हभन उनको पटी हई चादय दी मह सोचत हए उनहोन शरी फाराजी की भतॉ को हाथ भ रकय आॉखो स रगामा औय

घय क अॊदय आम ऩया घय सोन स बया हआ था जहाॉ दखो वहाॉ धन याशी ह बगवान शरी फाराजी की वरत कथा की भहहभा स ही मह सफ सॊबव हो सका ऐसा कहत हए व बगवान की सतरत कयन रग आऩन दख साात शरी फाराजी ही उस बकत क घय आम थ वरत षवधान फतामा औय चयणाभत परसाद बी गरहण

ककमा शरी फाराजी फहत ही करणाभम ह जो बी इस वरत को बसकत औय रनषठा स कयगा उसक घय सवमॊ बगवान

ककसी ना ककसी रऩ भ आमग आऩ सबी इस वरत को सॊऩनन कय बगवान की कऩा परापत कय सकत ह शरी भहषषि षवशवालभतर जी न मह दषवतीम कथा इस तयह फताई

शरी रकषभी शरीरनवास कटाॊ लसषदधयसत

गोषवॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

दषवतीमोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ततीम अधमाम

शरी वलशषठ उवाच मह अधमाम भहातऩोरनषठ वरयषठ शरीवलशषठ भरन न शरीनायामणजी की कऩा स हभ षवसताय रऩ स फतामा ह ह कलरमग वालसमो शरीफाराजी क षपरम बकतो वकणठ भ रनवास कयनवार शरीनायामणजी आज क रतरभरा भ ससथत शरीफाराजी ही ह कलरमग वालसमो क कषट दय कयन क लरम बगवान आऩक फहत सभीऩ रतरभरा ऩहाड ऩय अवतारयत हए ह शरी फाराजी को खश कयन क लरए मह वरत उततभ ह औय सयर बी ह इस वरत को जो बसकत औय रनषठा स सॊऩनन कयता ह उस सबी सख परापत हो जात ह पराचीन सभम भ अवॊती दश भ बागमनगय नाभक एक नगय था नाभ क ही अनरऩ वहाॉ अनक धनवान (वमाऩायी) यहत थ ऩय व अऩनी सॊऩसतत को दख घभॊड कयत थ औय आभ रोगो को हीन दषटी स दखत थ धन-दौरत उनकी सवासजित ह ऐसा सोचकय घभॊड कयत थ बगवान की रनतम ऩजा-ऩाठ तो उनहोन ऩहर ही छोड दी थी कभ स कभ षवशष हदनो भ बी व ना भॊहदय जात ना ऩजा कयत ना ही दीऩ जरात एक हदन सबी धनवान अऩनी-अऩनी ऩतनीमो क साथ परीरत बोज भ वमसत थ उस नगय की ऩवि हदशा भ ही शरी रकषभी नायामण जी का भॊहदय था जहाॉ दीऩ जरानवारा कोई नही था उस हदन षवशष एकादशी थी सजस एक ऩवि हदन बी भाना जाता ह ऩय उस नगय क एक बी धनवान क भन भ भॊहदय भ ऩजा कयन का षवचाय नही आमा शाभ होत-होत आकाश भ घन फादर छा गम औय भसराधाय फारयश होन रगी वमाऩारयमो क घय ऩानी स बय गम चायो ओय अॊधकाय ह अॊधकाय था सवय होन तक ऩया नगय ऩानी भ डफ गमा वमाऩारयमो क घय टट-पट गम उनका साया ऐशवमि सभापत हो गमा ऐसा उऩिव कमो भचा मह पररम कस हो गमा ककसी को कछ बी सभझ भ नही आ यहा था इतन भ उनह एक षवचचतर दशम हदखाई हदमा नगय क फाहय जो झोऩडडमाॉ थी व तो वसी की वसी थी उनको आशचमि हआ इतनी फारयश भ बी म कस सही सराभत यही व ऐसा भन ही भन सोच यह थ कक इतन भ बफजरी कडकी औय आकाशवाणी हई ldquoए भखो तमहायी सॊऩसतत तमहायी अऩनी ह सवासजित ह ऐसा सोचत थ इसी लरम ऐसा हआ ह इस झोऩडी भ यहनवारा दव भया षपरम बकत ह आभ आदभी होन ऩय बी दव रनतम तमहाय नगय भ ससथत शरी रकषभी नायामण

भॊहदय भ दीऩ जराता था इतना ही नही हय एकादशी क हदन मथा सॊबव वह शरी फाराजी वरत कथा बी सॊऩनन कयता था इसी लरम इन झोऩडीमो भ यहनवार सबी रोग सयकषत यह आऩ सबी महद वरत सॊऩनन कयग तो अऩन-अऩन

ऐशवमि को ऩन परापत कय सकत होrdquo आकाशवाणी सनत ही तयॊत व सबी रोग उस भॊहदय भ गम औय जस

सॊबव हो सका वस सबी रोगोन एक-दसय क सहमोग स शरी फाराजी की वरत कथा सॊऩनन की ऐसा कयत ही सबी को उनक घय ऩवि रऩ भ ही परापत हो गम तफ स व सबी शरीफाराजी क बकत फन गम औय हय एकादशी को शरीफाराजी का वरत सॊऩनन कयत औय सख-शाॊरत परापत कय यहन रग अॊत भ उनहोन भसकत बी परापत की

शरीवलशषठजी न इस परकाय म कथा सनाई

गोषव ॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

ततीमोधमाम सभापतॊ |

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ

शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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चतथव अधमाम

शरी बयदवाज उवाच

शरीनायामण जी को ldquoशरीफाराजी वरत कथाrdquo अतमॊत षपरम ह चतथि अधमाम क रऩ भ हभाय साभन शरी बयदवाज

भरनदवाया फतामी नमी कहानी इस परकाय ह- ldquoह कलरमगवालसमो शरी नायामण क षपरम बकतो आऩ सजस वरत को सॊऩनन कय यह ह वह अदभत ह आऩकी भनोकाभनाओॊ को ऩणि कयन का साधन ह शरी फाराजी को परसनन कयन का मह अतमॊत सयर उऩाम ह आऩ सबी ऩय कऩा कयन क लरम ही वकॊ ठवासी बगवान शरीरनवास क रऩ भ रतरभरा ऩहाड ऩय अवतरयत हए ह अनक जनभो क ऩणमपर स ही रतरभरा ऩहाड ऩय ऩय यखन का सौबागम परापत होता ह औय बगवान क दशिन बी सॊबव होत ह इसी तयह इस ldquoवरतकथाrdquo को सॊऩनन कयन का सॊकलऩ बी ऩविजनभ क

ऩणमपर स ही सॊबव होता ह जो वमसकत इस वरत को सॊऩनन कय यह ह मा जो इस कथा को सन यह ह मा जो बगवान क परसाद को गरहण कयत ह उनह बगवान की कऩा परापत होती ह औय व सौबागम बी ऩात ह

पराचीन कार भ ldquoनगयीrdquo नाभक एक गराभ भ धनगपत नाभ का वमाऩायी यहता था वह फहत ही रारची था ऐशवमि परापत कयन ऩय बी उसका रारचीऩन कभ नही हआ मह सभसत ऐशवमि उसका ही कभामा हआ ह ऐसा सोचकय वह फहत घभॊड कयता था अहॊकाय भनषम का नाश कयता ह

धनगपत की ऩतनी काॊरतभती अतमॊत बसकत बावना यखती थी औय रनषठा स बगवान की ऩजा कयती थी उनकी तीन कनमाएॉ थी तीसयी कनमा ldquoकभायीrdquo भ बसकत बावना जमादा थी वह हभशा फाराजी का नाभ ही जऩती यहती थी षऩताजी को बफना फताम वह जफ-तफ शरी फाराजी क भॊहदय भ जाती थी औय बगवान क दशिन कयती थी घय आकय षऩताजी को छोड अनम सबी क साथ परसाद सवीकाय कयती थी ऩती क ऐस वमवहाय स

काॊरतभती थोडी चच ॊरतत होती थी

एक हदन ldquoकभायीrdquo की सहरी क घय ऩय ldquoशरी फाराजीrdquo का वरत सॊऩनन हो यहा था मह जानकय वो वहाॉ गई वरत ऩया होन तक दोऩहय हो चकी थी थोडासा परसाद उसन गरहण ककमा औय थोडा वह अऩन घयवारो क लरम एक

कागज की ऩडी भ रकय चरी फीच यासत भ उस पमास रगन रगी धऩ बी फहत तज थी उसन सोचा थोडी दय रक

कय पमास फझाकय कपय चरॉ तो ठीक यहगा तबी उस माद आमा कक उसक षऩता की दकान अगरी गरी भ ही तो ह वहाॉ जाकय उसन षऩताजी को ऩजा की फात बफना फताम षऩताजी स ऩानी भाॉगकय षऩमा औय षऩताजी गससा कयग

इस डय स उसन जलदी-जलदी ऩानी षऩमा इस घफयाहट भ परसाद की ऩडी वही दकान भ बरकय चरी गई

एकाएक फाजाय भ हडकॊ ऩ भच गमा रोग हाहाकाय भचात हए इधय-उधय बागन रग आगजनी क कायण उस गरी की सायी दकान जर कय याख होन रगी वस बी दोऩहय का सभम थाउस ऩय गभि हवाएॉ चर यही थीधनगपत का शयीय डय क भाय काॉऩन रगा ldquoकछ ही सभम भ उसकी दकान बी जर कय याख हो जाएगीrdquo इस षवचाय स उस क हाथ-ऩय काॉऩन रग सबी रोग अऩनी-अऩनी दकानो स फाहय आकय इधय-उधय बागन रग ऩय

धनगपत वही खडा यह गमा दकान छोडकय जान का भन नही कय यहा था महद वो दकान भ यहगा तो जरकय

याख हो जामगासोचत हए उसन घफयाहट भ उसक हाथ रगी ऩडी को उठामा औय बफना सोच सभझ जो हाथ आमा वो भॉह भ डार हदमा उस कछ भीठा-भीठा सा ऩदाथि रगा औय भन बी शाॊत होन रगा

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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तबी एक अदभत घटना घटीआग धनगपत की दकान तक आकय रक गमी आग की रऩत वहाॉ नही आ ऩामी मह कसी षवचचतर फात हम कसी भामा ह धनगपत क भॉहस एक बी फात नही रनकर ऩामी उधय आगजनी की खफय सनत ही ऩतनी काॊरतभती अऩन कनमाओॊ क साथ फाराजी का सभयण कयत हए दौडती हई वहाॉ आ गमी आग उनक दकान तक आकय कस रक गमी मह दखकय उस आशचमि हआ तबी कभायी को दकान भ बरी हई ऩडी की माद आई धनगपत को सभझन भ दय नही रगी कक उसन जो चीज भॉह भ डारी थी वो औय कछ नही तो बगवान का परसाद ही था औय उसकी भहहभा स ही व इस दघिटना स चक गम धनगपत न शरीफाराजी स भा भाॉगी गार फजाम शाभ भ ही नगयवालसमो को फराकय ldquoशरीफाराजी की वरत कथाrdquo सॊऩनन की तफ स वह बगवान की सवा भ रीन हो गमा औय अॊत भ भो बी परापत की आऩन दखा कक कवर परसाद गरहण कयन स ही वो ककतनी फडी दघिटना स चक गमा फाराजी की भहहभा अदभत ह आऩ सबी बी मथा सॊबव वरत को सॊऩनन कय क बगवान की कऩा परापत कय सकत हldquo

शरीबयदवाजजी न इस परकाय मह चतथि कथा सनामी

गोषवॊदगोषवॊदगोषवॊद

चतथोधमाम सभापतॊ |

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ऩॊचभ अधमाम

शरी अतरतर उवाच

रतरभरा-रतरऩती बरोक का वकणठ धाभ ह ऩयाणो भ फतामा गमा ह कक रतरभरा क सभान ऩषवतर सथर औय शरी फाराजी जस दवता न तो ऩहर कबी हए ह औय न कबी होग शरीरनवास क रऩ भ अवतरयत शरी नायामण अऩन

बकतो स फहत परभ कयत ह जो उन ऩय अऩना ऩया बाय डारकय उनह रनतम सभयण कयत ह जो सदाचाय स ऩणि जीवन बफतात ह वो उनकी या कयत ह ऐस शरीफाराजी को परसनन कयन का सफस सयर उऩाम ह ndash ldquoशरीफाराजी की वरत कथाrdquo

इस अदभत वरत कथा क फाय भ भहातऩसॊऩनन शरी अबतर भहषषि न कऩा कयत हए कहा ह- ldquo ह फाराजी क षपरम

बकतो कलरमग भ आऩक सौबागम क फाय भ कमा कहना कतमग तरतामग औय दवाऩायमग भ अतमॊत कठोय तऩ-

जऩ कयन ऩय बी परसनन न होन वार शरी नायामण इस मग भ कवर नाभसभयण स ही आऩ रोगो ऩय कऩा कय यह

ह षवशवास क साथ उनह फरान ऩय व तयॊत कऩा परदान कयत ह ऐस करणाभम ह शरीफाराजी ऩषवतर रतरभरा ऩय

तमहाया यखा हय कदभ अनक जनभो क ऩणमपर क सभान ह

पराचीन कार भ ldquoकौभायrdquo दश भ ldquoलभतरrdquo नाभक धोफी यहता था वो अऩन काभ क साथ-साथ धालभिक कामि कयता हआ जीवन रनवािह कय यहा था उसकी अऩॊगता ही उसकी चच ॊता थी इसी कायण धोए हए कऩडो की ऩोटरी फनाकय घय-घय घभकय उनह रोगो तक ऩहॉचाना उस धीय धीय भसशकर रगन रगा उसका ऩरयवाय फडा था बफना भहनत ककए उस बय ऩट खान को बी नही लभरता था हभशा वो शरी फाराजी की ऩजा कयता यहता था कबी ना कबी बगवान उस ऩय कऩा कयग इसी षवशवास स वो अऩना जीवन गजाय यहा था बकतो ऩय कऩा कयन वार फाराजी सफ कछ दखत यहत ह जो वमसकत अऩन कभो स भकती ऩाता ह उनक ऩास आकय फाराजी ककसी न ककसी रऩ भ आकय उनकी या कयत ह एक हदन शाभ क सभम हभशा की तयह लभतर कऩड धोकय कऩडो की ऩोटरी राद धीय-धीय चरता हआ आ

यहा था फीच यासत भ उस एक वदध बराहभण हदखाई हदम गौयव की बावना स फड होन क कायण लभतर न अऩन कॊ ध

ऩय रदी हई ऩोटरी को नीच उतायकय वदध बराहभण को नभसकाय ककमा तफ उस षवपरोततभ न कहा- ldquoतभ अऩन इस ऩय क कायण ककतना कषट सह यह हो तमहाया दख दखा नही जाताrdquo तफ लभतर न कहा-ldquoह नाथ आऩ फजगि ह बयाऩया ऩरयवाय होन क कायण भझ इस काभ स भकती नही लभर यही ह ककसी तयह भयी म अऩॊगता दय हो ऐसा कोई उऩाम फताइएrdquo

तफ बराहभण न कहा-ldquoसनो बाई भ जरय फताऊॉ गा धमान स सनो भ एक ऐस वरत क फाय भ फताता हॉ सजस सॊऩनन कयन स तमहायी अऩॊगता दय हो जाएगी तमह अषट ऐशवमो की परासपत होगी वरत सॊऩनन कयत ही तमह हजाय अशकपि माॉ लभरगी ऩय एक शति ह उसभ स आध तभ भझ दोगकर भ कपय इसी सभम महाॉ लभरॉगाrdquo तफ लभतर न कहा- ldquoसवाभी इसस फढकय सौबागम औय कमा हो सकता ह आज ही इस

वरत क फाय भ फताइए भ उस सॊऩनन करॉ गाrdquo लभतर क उतसाह को दख वदध न शरी फाराजी वरत कथा क फाय भ फतामा

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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लभतर दगन उतसाह क साथ घय आमा ऩयी कहानी ऩतनी को फतामी औय अडोस-ऩडोस क साथ लभरकय शरी फाराजी वरत को सॊऩनन ककमा चयणाभत परसाद गरहण ककमा घय आए सबी रोगो को बी हदमा तबी घय क फाहय कछ

कोराहर सनाई हदमा लभतर का फटा फाहय स दौडता हआ आमा औय फोरा- ldquoषऩताजी षऩताजी याज-यक आऩक लरम आए ह याजा न आऩक लरम बट बी बजी हrdquo इतन भ यक बी वहाॉ आ गम उनहोन फतामा कक उसकी रनमसकत याज दयफाय भ धोफी क रऩ भ हो गमी ह याजा न हजाय अशकपि माॉ ऩयसकाय सवरऩ बजी ह ऐसा कहकय उनहोन लभतर क हाथ भ हजाय अशकपिमो की ऩोटरी यख दी एक हफत क अॊदय-अॊदय

उस आकय नौकयी भ बतॉ होन को बी कहा लभतर क आनॊद की सीभा नही थी एक हफता कमो कर ही कमो नही सोचकय उसन अऩनी ऩोटरी-वोटरी फाॉधी औय दसय हदन सवय ही वो जान को तमाय हो गमा इस जलदफाजी भ वह

उस वदध की फात बर गमा फीच यासत भ उस उसकी फात माद आ गमी ऩय ठीक हअगर भहहन लभर रता हॉ सोच

कय वह याज दयफाय भ अऩन काभ ऩय रग गमा हदनभहहन फीत बराहभण क वश भ आए बगवान को गससा आमा बगवान न सोचा भनषम की परवसतत ऐसी ही होती ह उस भझ अऩनी भहहभा फतानी होगी

दसय ही हदन याणीवास स आबषण चोयी हो गम चोयी का इलजाभ लभतर ऩय आमा लभतर को कायावास की सजा हई hellipयाज यकोन उस तयह-तयह की मातनाएॉ दी ऐसा कमो हआउस ऩय मह इलजाभ कमो रगा सोचत हए लभतर को यात को सऩन भ बगवान हदखाई हदम उनहोन फतामा कक ldquoवदध बराहभण क रऩ भ व ही आम थ वो अऩनी फात स भकय गमा इसलरम म सफ हआ हrdquo तफ लभतर न कहा-ldquoह नाथभ ऩाऩी हॉ भन फहत फडा ऩाऩ ककमा ह कऩमा भझ ऩय दमा कीसजम अफ भ हय भहहन आऩका वरत सॊऩनन करॉ गा भयी आम का आधा बाग जीवन बय आऩको सभषऩित करॉ गाrdquo गार फजाकय उसन बगवान की हय तयह स पराथिना की बकतो की ऩकाय सननवार बगवान न खशी-खशी लभतर ऩय कऩा कय दी बगवान की कऩा स याणी क आबषण दसयही हदन लभर गम याजान म बी जान लरमा कक लभतरन चोयी नही की थी लभतरको कायावास स रयहा कय हदमा गमा तफ स लभतर बगवान को हदम वचन अनसाय हय भहहन शरी फाराजी का वरत सॊऩनन कयन रगा औय अऩनी आम का आधा बाग बगवान को अषऩित कयता यहा सख ऩणि जीवन बफतात हए उसन अॊत भ भो बी परापत ककमाrdquo

शरी अबतरजी न ऐसा कहकय ऩाॉचव औय आखयी अधमाम को सभापत ककमा

गोषवॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

ऩॊचभोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

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faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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परथभ अधमाम

शरी बगवान उवाच

कलरमग भ एक हदन शब भहति भ रतरभरा ऩहाड ऩय (सजस धयती का वकॊ ठ कहा जाता ह ) ldquoषवशवऩरत नाभक एक बकत ऩय शरी फाराजी की कऩा हई शरी षवषण क अवताय शरी फाराजी (वकटशवय) जो महाॉ शरीरनवास क रऩ भ ऩज जात ह उनहोन षवशवऩरत को ldquoशरी फाराजी वरत कथाrdquo नाभ स परलसधद इस गरॊथ की यचना कयन की आऻा दी औय कहा- ldquoह भय षपरम बकत षवशवऩरत भय षपरम होन क कायण इस वरत को षवसताय रऩ स तमह फाता हॉ सनो म

वरत भझ अरत षपरम ह आसान होन क कायण इस सबी रोग सॊऩनन कय सकत ह

कलरमग भ भानव अऩन ऩाऩ कभो का पर बोगता ह अनक कषट सहत हए जीवन रनवािह कयता ह कछ बकत

अऩन दख भझ फताकय उनह दय कयन क लरम कहत ह फहत स ऩस खचि कय वो भझ दखन क लरम रतरभरा की मातरा कयत ह भय बकतो स भझ परभ ह व भझऩय अऩना ऩया बाय डार दत ह भ उनह धभि क भागिऩय चराता हॉ

अबी भ जो मह वरत कथा तमह फतान जा यहा हॉ वो ldquoशरी फाराजी की कथाrdquo क नाभ स परलसदध होगा म भया वरत भझ अरतषपरम ह जो वमसकत इस बसकत औय रनषठा स कयगा वह तयॊत ऩाय ऩामगा कोई बी वमसकत कबी बी इस वरत को सॊऩनन कय सकता ह भखम रऩ स भागिशीषि भाघ कारत िक भहहनो भ ऩणिभासी ऩॊचभी सपतभी एकादशी रतचथमो ऩय मा शरवण सवारत नतरो ऩय इस कयना शरषठ होता ह

इस घोय कलरमग भ भय बकत जो कषट सह यह ह उनह भ जानता हॉ तमह जफ बी कोई कषट हो कोई सभसमा हो सवासम ठीक ना हो नौकयी वमाऩाय भ सभसमाएॉ हो भन अशाॊत हो तो इस वरत को सॊऩनन कयना चाहहम इसस

साय कषट दय हो जात ह घय भ शब कामि होन ऩय इस वरत को सॊऩनन कयन स बफना ककसी सभसमा क कामि ऩणि हो जाता ह इस वरत को सॊऩनन कयत ही सबी सख परापत होत ह औय अषट ऐशवमो की परासपत होती ह

सफय मा शाभ इस वरत को सॊऩनन कय सकत ह इस वरत भ ऩाॉच अधमाम ह इनका ऩठन बसकत क साथ कयना चाहहम अऩन घय भ मा रनवास सथान ऩय भॊहदय भ मा ककसी बी ऩषवतर सथान भ नदी तट ऩय सॊऩनन कय सकत ह

महद सॊबव हो तो अऩन फॊध लभतरो क साथ इस सॊऩनन कयन स जमादा शरषठ होता ह जो इस सॊऩनन कयत ह मा जो इस सनत ह वरत सॊऩणि होन क फाद परसाद को बसकत स सवीकाय कयत ह वो अषट ऐशवमो को परापत कयत ह इसस

ऩहर बी भय बकतो न कई भरनमो न इस वरत को सॊऩनन ककमा औय भया आशीवािद ऩामा बरोक भ यहनवार सबी को मह वरत आनॊद परदान कयगा औय शब पर बी परापत होगा शाॊत चचतत स भझ माद कयत हए इस वरत का ऩारन

कयो

सवि परथभ जहाॉ वरत कयना चाहत हो उस सथर को साप कयो भॊडऩ की वमवसथा कय भयी तसवीय सजसभ भयी षपरम

सरखमाॉ शरी दवी बदवी ह उस तसवीय को इस भॊडऩ ऩय सथाषऩत कयो भॊडऩ को दीवाय स रगाकय बी यख सकत हो अनम ककसी इचछक दवता की तसवीय बी सख सकत हो नवगरहो औय अषट हदकऩारको को मा तो भन भ नभसकाय

कयो मा उनका आवहान बी कय सकत हो

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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सफस ऩहर हलदी स फनी गणश की ऩजा कयनी चाहहम उसक फाद उस वरत क ऩाॉचो अधमामो का रनषठा स ऩठन

कयना चाहहम मही परथभ अधमाम ह अनम चाय अधमाम भय अतमॊत षपरम ऩातर षवशवालभतर वलशषठ बयदवाज अबतर

भरनशवयो क परवचना रऩ भ ह ऩाॉच अधमामोको ऩढन क फाद भय षपरम शरोक बी ऩढ सकत हो हय अधमाम क अॊत

भ गोषव ॊद गोषव ॊद गोषव ॊद तीन फाय सभयण कयना चाहहम

आभ रोगो क कषटो को भ जानता हॉ इसी लरम भयी एक फात सनो महद ककसी कायण इस वरत को षवसताय रऩ स

सॊऩनन कयन भ कोई सभसमा आ यही हो तो भय तसवीय को साभन यख कय ऩहर गणश जी की कपय नवगरह दवताओॊ औय अषटहदकऩारको को सभयण कय ऩाॉच कहरनमाॉ ऩढकय अऩन भन भ जो इचछा ह उस भझ फताओ भ उस

परसाद क रऩ भ परदान करॉगा इस परकाय कयन स बी कामि की लसषदध होती ह तमहाय कषट दय हो जामग औय शब

पर परापत होगा

जो वमसकत इस वरत को बसकत स सॊऩनन कयगा भ उसक घय ककसी ना ककसी रऩ भ आकय परसाद सवीकाय करॉगा भयी कऩा आऩ सबी को हभशा परापत होगी शरी फाराजी न रतमभयाज षवशवऩरत याभकषणभरत ि ldquoषवशवऩरतrdquo को इस वरत कथा को षवसताय स फतामा कलरमगवासी हभ सबी इस वरत को सॊऩनन कय शरी फाराजी की कऩा क ऩातर फन सकत ह इस वरत को सॊऩनन कय हभ अऩन सबी कषट दय कय सकत ह औय उचचत पर बी परापत कय

सकत ह

गोषवॊदगोषवॊदगोषवॊद

परथभोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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दषवतीम अधमाम

शरी षवशवालभतर उवाच

भहातऩ सॊऩनन साात शरी षवशवालभतर जी न हभ ऩय कऩा की औय परवचन कयत हए कहा- ldquoह कलरमग वालसमो शरीरनवास क बकतो ldquoशरीफाराजी वरत कथाrdquo सजस आऩ सॊऩनन कय यह हो वह फहत ही ऩषवतर ह भहहभा स ऩणि ह मह वरत कलरमग भ शरी नायामण जी की करणा औय दमा परापत कयन का अतमॊत सयर साधन ह पराचीन कार भ शरी फाराजी क षपरम बकतो न इस सॊऩनन कय अऩनी काभनाओॊ को ऩणि ककमा इस वरत कथा क फाय भ हभ फताकय शरी फाराजी न हभाय पररत जो दमा हदखाई ह उसक लरए हभ उनह परणाभ कयत ह

पराचीन कार भ भगध याजम भ षवषणचचतत नाभक एक बकत यहता था उसकी नौ कनमाएॉ थी षवदवान होन ऩय बी वह अतमॊत गयीफ था षवषणचचतत की ऩतनी तायाभरत हभशा नायामणजी की पराथिना कयती यहती थी षववाहाहद शबकामि सॊऩनन कय जो बी ऩस दकषणा क रऩ भ लभरत थ उसस व भसशकर स अऩना जीवन रनवािह कय

यह थ कनमाएॉ मौवनावसथा भ ऩदाऩिण कय चकी थी तायाभरत हभशा इसी चच ॊता भ यहती थी कक इन कनमाओॊ का षववाह ककस परकाय सॊऩनन होग वह फाराजी की पराथिना कयत हए सदा अऩना सभम गजायती थी

वह तो फाराजी की बकत थी औय फाराजी अऩन बकतो स अतमाचधक परभ कयत ह उस हदन भाघ ऩरणिभा थी सवय

एक वदध बराहभण न षवषणचचतत क दयवाज ऩय दसतक दी औय कहा - ldquoह सवाभी भ फॊग दश का वासी हॉ एक मऻ

क लसरलसर भ दसय दश जा यहा हॉ यासत भ महाॉ आमा हॉ भझऩय दमा कयो औय अऩन घय भ एक हदन क लरए

यहन दो कर सवयही भ महॉ स चरा जाऊॉ गाrdquo उन की फात सनकय षवषणचचततन कहा lsquoनाथ इसस फढकय खशी औय कमा हो सकती ह अरतचथ साात नायामण जी क सभान होत ह ऐस हभाय ऩयाणो भ कहा गमा ह आऩ बफना ककसी सॊकोच क हभाय घय भ यह सकत हlsquo ऐसा कह कय उसन उस बराहभण को घय क अॊदय फरामा औय उनका सतकाय ककमा

दोऩहय भ बोजन क फाद उस वदध न तायाभरत स ऩछा ndash ldquoभाता कमा फात ह तभ कछ चच ॊरततसी रगती हो बफना ककसी सॊकोच क फात फताओrdquo तायाभरत न कहा ndash ldquoसवाभी आऩ तो भहातऩसवी ह आऩ क भख का तज उस वकॊ ठवासी क सभान ह आऩ स कमा छऩाना भयी चचॊता भयी कनमाओॊ का षववाह हrdquo उस ऩय वदध न कहा- ldquoभाता तमहाया दख भ जानता हॉ तमहाय सबी कषट दय हो औय तमहायी कनमाओॊ की शादी हो इसक लरम भ एक अदभत वरत फताता हॉ सनो इस वरत को सॊऩनन कयन स तमहाय साय कषट दय हो जामग शरी फाराजी क वरतो भ स मह सफस सयर हrdquo कहत हए उनहोन उस दॊऩरत को ऩया वरत षवधान फतामा वरत षवधान

सनकय षवषणचचतत न कहा- ldquoसवाभी मह तो अतमॊत सॊतोष की फात ह इसस फढकय सौबागम औय कमा होगा

कहत ह ना- शबसम शीिॊ आज भाघ ऩरणिभा ह फहत ही शब हदन ह आऩक कथा अनसाय हभ आज ही इस वरत

को सॊऩनन कयगrdquo षवषणचचततन ऩतनी तायाभरत औय सबी कनमाओॊ क साथ लभरकय उस हदन शाभ भ ही अऩन

फॊध-लभतरो क साथ बसकत औय रनषठा स फाराजी वरत को सॊऩनन ककमा वहाॉ उऩससथत सबी रोगो न वरत ऩया होन क

फाद चयणाभत परसाद गरहण ककमा औय अऩन-अऩन घय परसथान ककमा तफ षवषणचचतत औय तायाभरत न बराहभण

क चयणो को नभसकाय ककमा औय आशीवािद परापत ककमा बराहभणोततभ न बी चयणाभत परसाद गरहण ककमा औय

कहा- ldquoआऩकी भनोकाभना ऩयी हो शरी रकषभी शरी फाराजी की कऩा होrdquo

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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अॊधया हो चरा था औय रनिा सभम आसनन था षवषणचचतत न उस बराहभण को एक पटी चादय दत हए आॉखो भ आस लरम कहा- सवाभी भ अतमॊत दरयिी हॉ इसस अचछी चादय भय ऩास नही ह भझ भा कय आज की यात इसी ऩय षवशराभ कय बराहभण भसकयात हए फोर- कोई फात नही भ फाहय फयाभद भ सो जाता हॉ कछ सभम फाद ही सबी रनिारोक भ षवचयण कयन रग आधी यात का सभम था बफजरी की गडगडाहट क साथ फारयश शर हई चायो ओय अॊधया था कहीॊ कछ नही हदखाई

द यहा था षवषणचचतत इस चच ॊता भ था कक वदध बराहभण फाहय कस सो यह होग उस सभम कछ सझ बी नही यहा था ककसी तयह उनहोन यात गजायी सवया हआ फारयश बी थभ चकी थी ऩरत-ऩतनी मही सोच यह थ कक बराहभण की कमा दशा हई होगी ककतना सहा होगा उनहोन मही सोचत हए वो फाहय आए उनह एक अदभत दशम हदखाई हदमा वहाॉ षवपरोततभ नही थ पहट हई चादय की जगह यशभ का षऩताॊफय यखा हआ था उस षऩताॊफय ऩय शरी फाराजी क

भतॉ ndash हदखाई दी व सफ कछ सभझ गम उनकी खषी का कोई हठकाना नही यहा उनक घय आम बराहभण औय

कोई नही साात शरी नायामणजी ही थ ह फाराजी कमा बागम ह हभाया ऩय हभ उनको ऩहचान नही ऩाम हभन उनको पटी हई चादय दी मह सोचत हए उनहोन शरी फाराजी की भतॉ को हाथ भ रकय आॉखो स रगामा औय

घय क अॊदय आम ऩया घय सोन स बया हआ था जहाॉ दखो वहाॉ धन याशी ह बगवान शरी फाराजी की वरत कथा की भहहभा स ही मह सफ सॊबव हो सका ऐसा कहत हए व बगवान की सतरत कयन रग आऩन दख साात शरी फाराजी ही उस बकत क घय आम थ वरत षवधान फतामा औय चयणाभत परसाद बी गरहण

ककमा शरी फाराजी फहत ही करणाभम ह जो बी इस वरत को बसकत औय रनषठा स कयगा उसक घय सवमॊ बगवान

ककसी ना ककसी रऩ भ आमग आऩ सबी इस वरत को सॊऩनन कय बगवान की कऩा परापत कय सकत ह शरी भहषषि षवशवालभतर जी न मह दषवतीम कथा इस तयह फताई

शरी रकषभी शरीरनवास कटाॊ लसषदधयसत

गोषवॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

दषवतीमोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ततीम अधमाम

शरी वलशषठ उवाच मह अधमाम भहातऩोरनषठ वरयषठ शरीवलशषठ भरन न शरीनायामणजी की कऩा स हभ षवसताय रऩ स फतामा ह ह कलरमग वालसमो शरीफाराजी क षपरम बकतो वकणठ भ रनवास कयनवार शरीनायामणजी आज क रतरभरा भ ससथत शरीफाराजी ही ह कलरमग वालसमो क कषट दय कयन क लरम बगवान आऩक फहत सभीऩ रतरभरा ऩहाड ऩय अवतारयत हए ह शरी फाराजी को खश कयन क लरए मह वरत उततभ ह औय सयर बी ह इस वरत को जो बसकत औय रनषठा स सॊऩनन कयता ह उस सबी सख परापत हो जात ह पराचीन सभम भ अवॊती दश भ बागमनगय नाभक एक नगय था नाभ क ही अनरऩ वहाॉ अनक धनवान (वमाऩायी) यहत थ ऩय व अऩनी सॊऩसतत को दख घभॊड कयत थ औय आभ रोगो को हीन दषटी स दखत थ धन-दौरत उनकी सवासजित ह ऐसा सोचकय घभॊड कयत थ बगवान की रनतम ऩजा-ऩाठ तो उनहोन ऩहर ही छोड दी थी कभ स कभ षवशष हदनो भ बी व ना भॊहदय जात ना ऩजा कयत ना ही दीऩ जरात एक हदन सबी धनवान अऩनी-अऩनी ऩतनीमो क साथ परीरत बोज भ वमसत थ उस नगय की ऩवि हदशा भ ही शरी रकषभी नायामण जी का भॊहदय था जहाॉ दीऩ जरानवारा कोई नही था उस हदन षवशष एकादशी थी सजस एक ऩवि हदन बी भाना जाता ह ऩय उस नगय क एक बी धनवान क भन भ भॊहदय भ ऩजा कयन का षवचाय नही आमा शाभ होत-होत आकाश भ घन फादर छा गम औय भसराधाय फारयश होन रगी वमाऩारयमो क घय ऩानी स बय गम चायो ओय अॊधकाय ह अॊधकाय था सवय होन तक ऩया नगय ऩानी भ डफ गमा वमाऩारयमो क घय टट-पट गम उनका साया ऐशवमि सभापत हो गमा ऐसा उऩिव कमो भचा मह पररम कस हो गमा ककसी को कछ बी सभझ भ नही आ यहा था इतन भ उनह एक षवचचतर दशम हदखाई हदमा नगय क फाहय जो झोऩडडमाॉ थी व तो वसी की वसी थी उनको आशचमि हआ इतनी फारयश भ बी म कस सही सराभत यही व ऐसा भन ही भन सोच यह थ कक इतन भ बफजरी कडकी औय आकाशवाणी हई ldquoए भखो तमहायी सॊऩसतत तमहायी अऩनी ह सवासजित ह ऐसा सोचत थ इसी लरम ऐसा हआ ह इस झोऩडी भ यहनवारा दव भया षपरम बकत ह आभ आदभी होन ऩय बी दव रनतम तमहाय नगय भ ससथत शरी रकषभी नायामण

भॊहदय भ दीऩ जराता था इतना ही नही हय एकादशी क हदन मथा सॊबव वह शरी फाराजी वरत कथा बी सॊऩनन कयता था इसी लरम इन झोऩडीमो भ यहनवार सबी रोग सयकषत यह आऩ सबी महद वरत सॊऩनन कयग तो अऩन-अऩन

ऐशवमि को ऩन परापत कय सकत होrdquo आकाशवाणी सनत ही तयॊत व सबी रोग उस भॊहदय भ गम औय जस

सॊबव हो सका वस सबी रोगोन एक-दसय क सहमोग स शरी फाराजी की वरत कथा सॊऩनन की ऐसा कयत ही सबी को उनक घय ऩवि रऩ भ ही परापत हो गम तफ स व सबी शरीफाराजी क बकत फन गम औय हय एकादशी को शरीफाराजी का वरत सॊऩनन कयत औय सख-शाॊरत परापत कय यहन रग अॊत भ उनहोन भसकत बी परापत की

शरीवलशषठजी न इस परकाय म कथा सनाई

गोषव ॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

ततीमोधमाम सभापतॊ |

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ

शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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चतथव अधमाम

शरी बयदवाज उवाच

शरीनायामण जी को ldquoशरीफाराजी वरत कथाrdquo अतमॊत षपरम ह चतथि अधमाम क रऩ भ हभाय साभन शरी बयदवाज

भरनदवाया फतामी नमी कहानी इस परकाय ह- ldquoह कलरमगवालसमो शरी नायामण क षपरम बकतो आऩ सजस वरत को सॊऩनन कय यह ह वह अदभत ह आऩकी भनोकाभनाओॊ को ऩणि कयन का साधन ह शरी फाराजी को परसनन कयन का मह अतमॊत सयर उऩाम ह आऩ सबी ऩय कऩा कयन क लरम ही वकॊ ठवासी बगवान शरीरनवास क रऩ भ रतरभरा ऩहाड ऩय अवतरयत हए ह अनक जनभो क ऩणमपर स ही रतरभरा ऩहाड ऩय ऩय यखन का सौबागम परापत होता ह औय बगवान क दशिन बी सॊबव होत ह इसी तयह इस ldquoवरतकथाrdquo को सॊऩनन कयन का सॊकलऩ बी ऩविजनभ क

ऩणमपर स ही सॊबव होता ह जो वमसकत इस वरत को सॊऩनन कय यह ह मा जो इस कथा को सन यह ह मा जो बगवान क परसाद को गरहण कयत ह उनह बगवान की कऩा परापत होती ह औय व सौबागम बी ऩात ह

पराचीन कार भ ldquoनगयीrdquo नाभक एक गराभ भ धनगपत नाभ का वमाऩायी यहता था वह फहत ही रारची था ऐशवमि परापत कयन ऩय बी उसका रारचीऩन कभ नही हआ मह सभसत ऐशवमि उसका ही कभामा हआ ह ऐसा सोचकय वह फहत घभॊड कयता था अहॊकाय भनषम का नाश कयता ह

धनगपत की ऩतनी काॊरतभती अतमॊत बसकत बावना यखती थी औय रनषठा स बगवान की ऩजा कयती थी उनकी तीन कनमाएॉ थी तीसयी कनमा ldquoकभायीrdquo भ बसकत बावना जमादा थी वह हभशा फाराजी का नाभ ही जऩती यहती थी षऩताजी को बफना फताम वह जफ-तफ शरी फाराजी क भॊहदय भ जाती थी औय बगवान क दशिन कयती थी घय आकय षऩताजी को छोड अनम सबी क साथ परसाद सवीकाय कयती थी ऩती क ऐस वमवहाय स

काॊरतभती थोडी चच ॊरतत होती थी

एक हदन ldquoकभायीrdquo की सहरी क घय ऩय ldquoशरी फाराजीrdquo का वरत सॊऩनन हो यहा था मह जानकय वो वहाॉ गई वरत ऩया होन तक दोऩहय हो चकी थी थोडासा परसाद उसन गरहण ककमा औय थोडा वह अऩन घयवारो क लरम एक

कागज की ऩडी भ रकय चरी फीच यासत भ उस पमास रगन रगी धऩ बी फहत तज थी उसन सोचा थोडी दय रक

कय पमास फझाकय कपय चरॉ तो ठीक यहगा तबी उस माद आमा कक उसक षऩता की दकान अगरी गरी भ ही तो ह वहाॉ जाकय उसन षऩताजी को ऩजा की फात बफना फताम षऩताजी स ऩानी भाॉगकय षऩमा औय षऩताजी गससा कयग

इस डय स उसन जलदी-जलदी ऩानी षऩमा इस घफयाहट भ परसाद की ऩडी वही दकान भ बरकय चरी गई

एकाएक फाजाय भ हडकॊ ऩ भच गमा रोग हाहाकाय भचात हए इधय-उधय बागन रग आगजनी क कायण उस गरी की सायी दकान जर कय याख होन रगी वस बी दोऩहय का सभम थाउस ऩय गभि हवाएॉ चर यही थीधनगपत का शयीय डय क भाय काॉऩन रगा ldquoकछ ही सभम भ उसकी दकान बी जर कय याख हो जाएगीrdquo इस षवचाय स उस क हाथ-ऩय काॉऩन रग सबी रोग अऩनी-अऩनी दकानो स फाहय आकय इधय-उधय बागन रग ऩय

धनगपत वही खडा यह गमा दकान छोडकय जान का भन नही कय यहा था महद वो दकान भ यहगा तो जरकय

याख हो जामगासोचत हए उसन घफयाहट भ उसक हाथ रगी ऩडी को उठामा औय बफना सोच सभझ जो हाथ आमा वो भॉह भ डार हदमा उस कछ भीठा-भीठा सा ऩदाथि रगा औय भन बी शाॊत होन रगा

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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तबी एक अदभत घटना घटीआग धनगपत की दकान तक आकय रक गमी आग की रऩत वहाॉ नही आ ऩामी मह कसी षवचचतर फात हम कसी भामा ह धनगपत क भॉहस एक बी फात नही रनकर ऩामी उधय आगजनी की खफय सनत ही ऩतनी काॊरतभती अऩन कनमाओॊ क साथ फाराजी का सभयण कयत हए दौडती हई वहाॉ आ गमी आग उनक दकान तक आकय कस रक गमी मह दखकय उस आशचमि हआ तबी कभायी को दकान भ बरी हई ऩडी की माद आई धनगपत को सभझन भ दय नही रगी कक उसन जो चीज भॉह भ डारी थी वो औय कछ नही तो बगवान का परसाद ही था औय उसकी भहहभा स ही व इस दघिटना स चक गम धनगपत न शरीफाराजी स भा भाॉगी गार फजाम शाभ भ ही नगयवालसमो को फराकय ldquoशरीफाराजी की वरत कथाrdquo सॊऩनन की तफ स वह बगवान की सवा भ रीन हो गमा औय अॊत भ भो बी परापत की आऩन दखा कक कवर परसाद गरहण कयन स ही वो ककतनी फडी दघिटना स चक गमा फाराजी की भहहभा अदभत ह आऩ सबी बी मथा सॊबव वरत को सॊऩनन कय क बगवान की कऩा परापत कय सकत हldquo

शरीबयदवाजजी न इस परकाय मह चतथि कथा सनामी

गोषवॊदगोषवॊदगोषवॊद

चतथोधमाम सभापतॊ |

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ऩॊचभ अधमाम

शरी अतरतर उवाच

रतरभरा-रतरऩती बरोक का वकणठ धाभ ह ऩयाणो भ फतामा गमा ह कक रतरभरा क सभान ऩषवतर सथर औय शरी फाराजी जस दवता न तो ऩहर कबी हए ह औय न कबी होग शरीरनवास क रऩ भ अवतरयत शरी नायामण अऩन

बकतो स फहत परभ कयत ह जो उन ऩय अऩना ऩया बाय डारकय उनह रनतम सभयण कयत ह जो सदाचाय स ऩणि जीवन बफतात ह वो उनकी या कयत ह ऐस शरीफाराजी को परसनन कयन का सफस सयर उऩाम ह ndash ldquoशरीफाराजी की वरत कथाrdquo

इस अदभत वरत कथा क फाय भ भहातऩसॊऩनन शरी अबतर भहषषि न कऩा कयत हए कहा ह- ldquo ह फाराजी क षपरम

बकतो कलरमग भ आऩक सौबागम क फाय भ कमा कहना कतमग तरतामग औय दवाऩायमग भ अतमॊत कठोय तऩ-

जऩ कयन ऩय बी परसनन न होन वार शरी नायामण इस मग भ कवर नाभसभयण स ही आऩ रोगो ऩय कऩा कय यह

ह षवशवास क साथ उनह फरान ऩय व तयॊत कऩा परदान कयत ह ऐस करणाभम ह शरीफाराजी ऩषवतर रतरभरा ऩय

तमहाया यखा हय कदभ अनक जनभो क ऩणमपर क सभान ह

पराचीन कार भ ldquoकौभायrdquo दश भ ldquoलभतरrdquo नाभक धोफी यहता था वो अऩन काभ क साथ-साथ धालभिक कामि कयता हआ जीवन रनवािह कय यहा था उसकी अऩॊगता ही उसकी चच ॊता थी इसी कायण धोए हए कऩडो की ऩोटरी फनाकय घय-घय घभकय उनह रोगो तक ऩहॉचाना उस धीय धीय भसशकर रगन रगा उसका ऩरयवाय फडा था बफना भहनत ककए उस बय ऩट खान को बी नही लभरता था हभशा वो शरी फाराजी की ऩजा कयता यहता था कबी ना कबी बगवान उस ऩय कऩा कयग इसी षवशवास स वो अऩना जीवन गजाय यहा था बकतो ऩय कऩा कयन वार फाराजी सफ कछ दखत यहत ह जो वमसकत अऩन कभो स भकती ऩाता ह उनक ऩास आकय फाराजी ककसी न ककसी रऩ भ आकय उनकी या कयत ह एक हदन शाभ क सभम हभशा की तयह लभतर कऩड धोकय कऩडो की ऩोटरी राद धीय-धीय चरता हआ आ

यहा था फीच यासत भ उस एक वदध बराहभण हदखाई हदम गौयव की बावना स फड होन क कायण लभतर न अऩन कॊ ध

ऩय रदी हई ऩोटरी को नीच उतायकय वदध बराहभण को नभसकाय ककमा तफ उस षवपरोततभ न कहा- ldquoतभ अऩन इस ऩय क कायण ककतना कषट सह यह हो तमहाया दख दखा नही जाताrdquo तफ लभतर न कहा-ldquoह नाथ आऩ फजगि ह बयाऩया ऩरयवाय होन क कायण भझ इस काभ स भकती नही लभर यही ह ककसी तयह भयी म अऩॊगता दय हो ऐसा कोई उऩाम फताइएrdquo

तफ बराहभण न कहा-ldquoसनो बाई भ जरय फताऊॉ गा धमान स सनो भ एक ऐस वरत क फाय भ फताता हॉ सजस सॊऩनन कयन स तमहायी अऩॊगता दय हो जाएगी तमह अषट ऐशवमो की परासपत होगी वरत सॊऩनन कयत ही तमह हजाय अशकपि माॉ लभरगी ऩय एक शति ह उसभ स आध तभ भझ दोगकर भ कपय इसी सभम महाॉ लभरॉगाrdquo तफ लभतर न कहा- ldquoसवाभी इसस फढकय सौबागम औय कमा हो सकता ह आज ही इस

वरत क फाय भ फताइए भ उस सॊऩनन करॉ गाrdquo लभतर क उतसाह को दख वदध न शरी फाराजी वरत कथा क फाय भ फतामा

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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लभतर दगन उतसाह क साथ घय आमा ऩयी कहानी ऩतनी को फतामी औय अडोस-ऩडोस क साथ लभरकय शरी फाराजी वरत को सॊऩनन ककमा चयणाभत परसाद गरहण ककमा घय आए सबी रोगो को बी हदमा तबी घय क फाहय कछ

कोराहर सनाई हदमा लभतर का फटा फाहय स दौडता हआ आमा औय फोरा- ldquoषऩताजी षऩताजी याज-यक आऩक लरम आए ह याजा न आऩक लरम बट बी बजी हrdquo इतन भ यक बी वहाॉ आ गम उनहोन फतामा कक उसकी रनमसकत याज दयफाय भ धोफी क रऩ भ हो गमी ह याजा न हजाय अशकपि माॉ ऩयसकाय सवरऩ बजी ह ऐसा कहकय उनहोन लभतर क हाथ भ हजाय अशकपिमो की ऩोटरी यख दी एक हफत क अॊदय-अॊदय

उस आकय नौकयी भ बतॉ होन को बी कहा लभतर क आनॊद की सीभा नही थी एक हफता कमो कर ही कमो नही सोचकय उसन अऩनी ऩोटरी-वोटरी फाॉधी औय दसय हदन सवय ही वो जान को तमाय हो गमा इस जलदफाजी भ वह

उस वदध की फात बर गमा फीच यासत भ उस उसकी फात माद आ गमी ऩय ठीक हअगर भहहन लभर रता हॉ सोच

कय वह याज दयफाय भ अऩन काभ ऩय रग गमा हदनभहहन फीत बराहभण क वश भ आए बगवान को गससा आमा बगवान न सोचा भनषम की परवसतत ऐसी ही होती ह उस भझ अऩनी भहहभा फतानी होगी

दसय ही हदन याणीवास स आबषण चोयी हो गम चोयी का इलजाभ लभतर ऩय आमा लभतर को कायावास की सजा हई hellipयाज यकोन उस तयह-तयह की मातनाएॉ दी ऐसा कमो हआउस ऩय मह इलजाभ कमो रगा सोचत हए लभतर को यात को सऩन भ बगवान हदखाई हदम उनहोन फतामा कक ldquoवदध बराहभण क रऩ भ व ही आम थ वो अऩनी फात स भकय गमा इसलरम म सफ हआ हrdquo तफ लभतर न कहा-ldquoह नाथभ ऩाऩी हॉ भन फहत फडा ऩाऩ ककमा ह कऩमा भझ ऩय दमा कीसजम अफ भ हय भहहन आऩका वरत सॊऩनन करॉ गा भयी आम का आधा बाग जीवन बय आऩको सभषऩित करॉ गाrdquo गार फजाकय उसन बगवान की हय तयह स पराथिना की बकतो की ऩकाय सननवार बगवान न खशी-खशी लभतर ऩय कऩा कय दी बगवान की कऩा स याणी क आबषण दसयही हदन लभर गम याजान म बी जान लरमा कक लभतरन चोयी नही की थी लभतरको कायावास स रयहा कय हदमा गमा तफ स लभतर बगवान को हदम वचन अनसाय हय भहहन शरी फाराजी का वरत सॊऩनन कयन रगा औय अऩनी आम का आधा बाग बगवान को अषऩित कयता यहा सख ऩणि जीवन बफतात हए उसन अॊत भ भो बी परापत ककमाrdquo

शरी अबतरजी न ऐसा कहकय ऩाॉचव औय आखयी अधमाम को सभापत ककमा

गोषवॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

ऩॊचभोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

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faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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सफस ऩहर हलदी स फनी गणश की ऩजा कयनी चाहहम उसक फाद उस वरत क ऩाॉचो अधमामो का रनषठा स ऩठन

कयना चाहहम मही परथभ अधमाम ह अनम चाय अधमाम भय अतमॊत षपरम ऩातर षवशवालभतर वलशषठ बयदवाज अबतर

भरनशवयो क परवचना रऩ भ ह ऩाॉच अधमामोको ऩढन क फाद भय षपरम शरोक बी ऩढ सकत हो हय अधमाम क अॊत

भ गोषव ॊद गोषव ॊद गोषव ॊद तीन फाय सभयण कयना चाहहम

आभ रोगो क कषटो को भ जानता हॉ इसी लरम भयी एक फात सनो महद ककसी कायण इस वरत को षवसताय रऩ स

सॊऩनन कयन भ कोई सभसमा आ यही हो तो भय तसवीय को साभन यख कय ऩहर गणश जी की कपय नवगरह दवताओॊ औय अषटहदकऩारको को सभयण कय ऩाॉच कहरनमाॉ ऩढकय अऩन भन भ जो इचछा ह उस भझ फताओ भ उस

परसाद क रऩ भ परदान करॉगा इस परकाय कयन स बी कामि की लसषदध होती ह तमहाय कषट दय हो जामग औय शब

पर परापत होगा

जो वमसकत इस वरत को बसकत स सॊऩनन कयगा भ उसक घय ककसी ना ककसी रऩ भ आकय परसाद सवीकाय करॉगा भयी कऩा आऩ सबी को हभशा परापत होगी शरी फाराजी न रतमभयाज षवशवऩरत याभकषणभरत ि ldquoषवशवऩरतrdquo को इस वरत कथा को षवसताय स फतामा कलरमगवासी हभ सबी इस वरत को सॊऩनन कय शरी फाराजी की कऩा क ऩातर फन सकत ह इस वरत को सॊऩनन कय हभ अऩन सबी कषट दय कय सकत ह औय उचचत पर बी परापत कय

सकत ह

गोषवॊदगोषवॊदगोषवॊद

परथभोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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दषवतीम अधमाम

शरी षवशवालभतर उवाच

भहातऩ सॊऩनन साात शरी षवशवालभतर जी न हभ ऩय कऩा की औय परवचन कयत हए कहा- ldquoह कलरमग वालसमो शरीरनवास क बकतो ldquoशरीफाराजी वरत कथाrdquo सजस आऩ सॊऩनन कय यह हो वह फहत ही ऩषवतर ह भहहभा स ऩणि ह मह वरत कलरमग भ शरी नायामण जी की करणा औय दमा परापत कयन का अतमॊत सयर साधन ह पराचीन कार भ शरी फाराजी क षपरम बकतो न इस सॊऩनन कय अऩनी काभनाओॊ को ऩणि ककमा इस वरत कथा क फाय भ हभ फताकय शरी फाराजी न हभाय पररत जो दमा हदखाई ह उसक लरए हभ उनह परणाभ कयत ह

पराचीन कार भ भगध याजम भ षवषणचचतत नाभक एक बकत यहता था उसकी नौ कनमाएॉ थी षवदवान होन ऩय बी वह अतमॊत गयीफ था षवषणचचतत की ऩतनी तायाभरत हभशा नायामणजी की पराथिना कयती यहती थी षववाहाहद शबकामि सॊऩनन कय जो बी ऩस दकषणा क रऩ भ लभरत थ उसस व भसशकर स अऩना जीवन रनवािह कय

यह थ कनमाएॉ मौवनावसथा भ ऩदाऩिण कय चकी थी तायाभरत हभशा इसी चच ॊता भ यहती थी कक इन कनमाओॊ का षववाह ककस परकाय सॊऩनन होग वह फाराजी की पराथिना कयत हए सदा अऩना सभम गजायती थी

वह तो फाराजी की बकत थी औय फाराजी अऩन बकतो स अतमाचधक परभ कयत ह उस हदन भाघ ऩरणिभा थी सवय

एक वदध बराहभण न षवषणचचतत क दयवाज ऩय दसतक दी औय कहा - ldquoह सवाभी भ फॊग दश का वासी हॉ एक मऻ

क लसरलसर भ दसय दश जा यहा हॉ यासत भ महाॉ आमा हॉ भझऩय दमा कयो औय अऩन घय भ एक हदन क लरए

यहन दो कर सवयही भ महॉ स चरा जाऊॉ गाrdquo उन की फात सनकय षवषणचचततन कहा lsquoनाथ इसस फढकय खशी औय कमा हो सकती ह अरतचथ साात नायामण जी क सभान होत ह ऐस हभाय ऩयाणो भ कहा गमा ह आऩ बफना ककसी सॊकोच क हभाय घय भ यह सकत हlsquo ऐसा कह कय उसन उस बराहभण को घय क अॊदय फरामा औय उनका सतकाय ककमा

दोऩहय भ बोजन क फाद उस वदध न तायाभरत स ऩछा ndash ldquoभाता कमा फात ह तभ कछ चच ॊरततसी रगती हो बफना ककसी सॊकोच क फात फताओrdquo तायाभरत न कहा ndash ldquoसवाभी आऩ तो भहातऩसवी ह आऩ क भख का तज उस वकॊ ठवासी क सभान ह आऩ स कमा छऩाना भयी चचॊता भयी कनमाओॊ का षववाह हrdquo उस ऩय वदध न कहा- ldquoभाता तमहाया दख भ जानता हॉ तमहाय सबी कषट दय हो औय तमहायी कनमाओॊ की शादी हो इसक लरम भ एक अदभत वरत फताता हॉ सनो इस वरत को सॊऩनन कयन स तमहाय साय कषट दय हो जामग शरी फाराजी क वरतो भ स मह सफस सयर हrdquo कहत हए उनहोन उस दॊऩरत को ऩया वरत षवधान फतामा वरत षवधान

सनकय षवषणचचतत न कहा- ldquoसवाभी मह तो अतमॊत सॊतोष की फात ह इसस फढकय सौबागम औय कमा होगा

कहत ह ना- शबसम शीिॊ आज भाघ ऩरणिभा ह फहत ही शब हदन ह आऩक कथा अनसाय हभ आज ही इस वरत

को सॊऩनन कयगrdquo षवषणचचततन ऩतनी तायाभरत औय सबी कनमाओॊ क साथ लभरकय उस हदन शाभ भ ही अऩन

फॊध-लभतरो क साथ बसकत औय रनषठा स फाराजी वरत को सॊऩनन ककमा वहाॉ उऩससथत सबी रोगो न वरत ऩया होन क

फाद चयणाभत परसाद गरहण ककमा औय अऩन-अऩन घय परसथान ककमा तफ षवषणचचतत औय तायाभरत न बराहभण

क चयणो को नभसकाय ककमा औय आशीवािद परापत ककमा बराहभणोततभ न बी चयणाभत परसाद गरहण ककमा औय

कहा- ldquoआऩकी भनोकाभना ऩयी हो शरी रकषभी शरी फाराजी की कऩा होrdquo

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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अॊधया हो चरा था औय रनिा सभम आसनन था षवषणचचतत न उस बराहभण को एक पटी चादय दत हए आॉखो भ आस लरम कहा- सवाभी भ अतमॊत दरयिी हॉ इसस अचछी चादय भय ऩास नही ह भझ भा कय आज की यात इसी ऩय षवशराभ कय बराहभण भसकयात हए फोर- कोई फात नही भ फाहय फयाभद भ सो जाता हॉ कछ सभम फाद ही सबी रनिारोक भ षवचयण कयन रग आधी यात का सभम था बफजरी की गडगडाहट क साथ फारयश शर हई चायो ओय अॊधया था कहीॊ कछ नही हदखाई

द यहा था षवषणचचतत इस चच ॊता भ था कक वदध बराहभण फाहय कस सो यह होग उस सभम कछ सझ बी नही यहा था ककसी तयह उनहोन यात गजायी सवया हआ फारयश बी थभ चकी थी ऩरत-ऩतनी मही सोच यह थ कक बराहभण की कमा दशा हई होगी ककतना सहा होगा उनहोन मही सोचत हए वो फाहय आए उनह एक अदभत दशम हदखाई हदमा वहाॉ षवपरोततभ नही थ पहट हई चादय की जगह यशभ का षऩताॊफय यखा हआ था उस षऩताॊफय ऩय शरी फाराजी क

भतॉ ndash हदखाई दी व सफ कछ सभझ गम उनकी खषी का कोई हठकाना नही यहा उनक घय आम बराहभण औय

कोई नही साात शरी नायामणजी ही थ ह फाराजी कमा बागम ह हभाया ऩय हभ उनको ऩहचान नही ऩाम हभन उनको पटी हई चादय दी मह सोचत हए उनहोन शरी फाराजी की भतॉ को हाथ भ रकय आॉखो स रगामा औय

घय क अॊदय आम ऩया घय सोन स बया हआ था जहाॉ दखो वहाॉ धन याशी ह बगवान शरी फाराजी की वरत कथा की भहहभा स ही मह सफ सॊबव हो सका ऐसा कहत हए व बगवान की सतरत कयन रग आऩन दख साात शरी फाराजी ही उस बकत क घय आम थ वरत षवधान फतामा औय चयणाभत परसाद बी गरहण

ककमा शरी फाराजी फहत ही करणाभम ह जो बी इस वरत को बसकत औय रनषठा स कयगा उसक घय सवमॊ बगवान

ककसी ना ककसी रऩ भ आमग आऩ सबी इस वरत को सॊऩनन कय बगवान की कऩा परापत कय सकत ह शरी भहषषि षवशवालभतर जी न मह दषवतीम कथा इस तयह फताई

शरी रकषभी शरीरनवास कटाॊ लसषदधयसत

गोषवॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

दषवतीमोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ततीम अधमाम

शरी वलशषठ उवाच मह अधमाम भहातऩोरनषठ वरयषठ शरीवलशषठ भरन न शरीनायामणजी की कऩा स हभ षवसताय रऩ स फतामा ह ह कलरमग वालसमो शरीफाराजी क षपरम बकतो वकणठ भ रनवास कयनवार शरीनायामणजी आज क रतरभरा भ ससथत शरीफाराजी ही ह कलरमग वालसमो क कषट दय कयन क लरम बगवान आऩक फहत सभीऩ रतरभरा ऩहाड ऩय अवतारयत हए ह शरी फाराजी को खश कयन क लरए मह वरत उततभ ह औय सयर बी ह इस वरत को जो बसकत औय रनषठा स सॊऩनन कयता ह उस सबी सख परापत हो जात ह पराचीन सभम भ अवॊती दश भ बागमनगय नाभक एक नगय था नाभ क ही अनरऩ वहाॉ अनक धनवान (वमाऩायी) यहत थ ऩय व अऩनी सॊऩसतत को दख घभॊड कयत थ औय आभ रोगो को हीन दषटी स दखत थ धन-दौरत उनकी सवासजित ह ऐसा सोचकय घभॊड कयत थ बगवान की रनतम ऩजा-ऩाठ तो उनहोन ऩहर ही छोड दी थी कभ स कभ षवशष हदनो भ बी व ना भॊहदय जात ना ऩजा कयत ना ही दीऩ जरात एक हदन सबी धनवान अऩनी-अऩनी ऩतनीमो क साथ परीरत बोज भ वमसत थ उस नगय की ऩवि हदशा भ ही शरी रकषभी नायामण जी का भॊहदय था जहाॉ दीऩ जरानवारा कोई नही था उस हदन षवशष एकादशी थी सजस एक ऩवि हदन बी भाना जाता ह ऩय उस नगय क एक बी धनवान क भन भ भॊहदय भ ऩजा कयन का षवचाय नही आमा शाभ होत-होत आकाश भ घन फादर छा गम औय भसराधाय फारयश होन रगी वमाऩारयमो क घय ऩानी स बय गम चायो ओय अॊधकाय ह अॊधकाय था सवय होन तक ऩया नगय ऩानी भ डफ गमा वमाऩारयमो क घय टट-पट गम उनका साया ऐशवमि सभापत हो गमा ऐसा उऩिव कमो भचा मह पररम कस हो गमा ककसी को कछ बी सभझ भ नही आ यहा था इतन भ उनह एक षवचचतर दशम हदखाई हदमा नगय क फाहय जो झोऩडडमाॉ थी व तो वसी की वसी थी उनको आशचमि हआ इतनी फारयश भ बी म कस सही सराभत यही व ऐसा भन ही भन सोच यह थ कक इतन भ बफजरी कडकी औय आकाशवाणी हई ldquoए भखो तमहायी सॊऩसतत तमहायी अऩनी ह सवासजित ह ऐसा सोचत थ इसी लरम ऐसा हआ ह इस झोऩडी भ यहनवारा दव भया षपरम बकत ह आभ आदभी होन ऩय बी दव रनतम तमहाय नगय भ ससथत शरी रकषभी नायामण

भॊहदय भ दीऩ जराता था इतना ही नही हय एकादशी क हदन मथा सॊबव वह शरी फाराजी वरत कथा बी सॊऩनन कयता था इसी लरम इन झोऩडीमो भ यहनवार सबी रोग सयकषत यह आऩ सबी महद वरत सॊऩनन कयग तो अऩन-अऩन

ऐशवमि को ऩन परापत कय सकत होrdquo आकाशवाणी सनत ही तयॊत व सबी रोग उस भॊहदय भ गम औय जस

सॊबव हो सका वस सबी रोगोन एक-दसय क सहमोग स शरी फाराजी की वरत कथा सॊऩनन की ऐसा कयत ही सबी को उनक घय ऩवि रऩ भ ही परापत हो गम तफ स व सबी शरीफाराजी क बकत फन गम औय हय एकादशी को शरीफाराजी का वरत सॊऩनन कयत औय सख-शाॊरत परापत कय यहन रग अॊत भ उनहोन भसकत बी परापत की

शरीवलशषठजी न इस परकाय म कथा सनाई

गोषव ॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

ततीमोधमाम सभापतॊ |

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ

शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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चतथव अधमाम

शरी बयदवाज उवाच

शरीनायामण जी को ldquoशरीफाराजी वरत कथाrdquo अतमॊत षपरम ह चतथि अधमाम क रऩ भ हभाय साभन शरी बयदवाज

भरनदवाया फतामी नमी कहानी इस परकाय ह- ldquoह कलरमगवालसमो शरी नायामण क षपरम बकतो आऩ सजस वरत को सॊऩनन कय यह ह वह अदभत ह आऩकी भनोकाभनाओॊ को ऩणि कयन का साधन ह शरी फाराजी को परसनन कयन का मह अतमॊत सयर उऩाम ह आऩ सबी ऩय कऩा कयन क लरम ही वकॊ ठवासी बगवान शरीरनवास क रऩ भ रतरभरा ऩहाड ऩय अवतरयत हए ह अनक जनभो क ऩणमपर स ही रतरभरा ऩहाड ऩय ऩय यखन का सौबागम परापत होता ह औय बगवान क दशिन बी सॊबव होत ह इसी तयह इस ldquoवरतकथाrdquo को सॊऩनन कयन का सॊकलऩ बी ऩविजनभ क

ऩणमपर स ही सॊबव होता ह जो वमसकत इस वरत को सॊऩनन कय यह ह मा जो इस कथा को सन यह ह मा जो बगवान क परसाद को गरहण कयत ह उनह बगवान की कऩा परापत होती ह औय व सौबागम बी ऩात ह

पराचीन कार भ ldquoनगयीrdquo नाभक एक गराभ भ धनगपत नाभ का वमाऩायी यहता था वह फहत ही रारची था ऐशवमि परापत कयन ऩय बी उसका रारचीऩन कभ नही हआ मह सभसत ऐशवमि उसका ही कभामा हआ ह ऐसा सोचकय वह फहत घभॊड कयता था अहॊकाय भनषम का नाश कयता ह

धनगपत की ऩतनी काॊरतभती अतमॊत बसकत बावना यखती थी औय रनषठा स बगवान की ऩजा कयती थी उनकी तीन कनमाएॉ थी तीसयी कनमा ldquoकभायीrdquo भ बसकत बावना जमादा थी वह हभशा फाराजी का नाभ ही जऩती यहती थी षऩताजी को बफना फताम वह जफ-तफ शरी फाराजी क भॊहदय भ जाती थी औय बगवान क दशिन कयती थी घय आकय षऩताजी को छोड अनम सबी क साथ परसाद सवीकाय कयती थी ऩती क ऐस वमवहाय स

काॊरतभती थोडी चच ॊरतत होती थी

एक हदन ldquoकभायीrdquo की सहरी क घय ऩय ldquoशरी फाराजीrdquo का वरत सॊऩनन हो यहा था मह जानकय वो वहाॉ गई वरत ऩया होन तक दोऩहय हो चकी थी थोडासा परसाद उसन गरहण ककमा औय थोडा वह अऩन घयवारो क लरम एक

कागज की ऩडी भ रकय चरी फीच यासत भ उस पमास रगन रगी धऩ बी फहत तज थी उसन सोचा थोडी दय रक

कय पमास फझाकय कपय चरॉ तो ठीक यहगा तबी उस माद आमा कक उसक षऩता की दकान अगरी गरी भ ही तो ह वहाॉ जाकय उसन षऩताजी को ऩजा की फात बफना फताम षऩताजी स ऩानी भाॉगकय षऩमा औय षऩताजी गससा कयग

इस डय स उसन जलदी-जलदी ऩानी षऩमा इस घफयाहट भ परसाद की ऩडी वही दकान भ बरकय चरी गई

एकाएक फाजाय भ हडकॊ ऩ भच गमा रोग हाहाकाय भचात हए इधय-उधय बागन रग आगजनी क कायण उस गरी की सायी दकान जर कय याख होन रगी वस बी दोऩहय का सभम थाउस ऩय गभि हवाएॉ चर यही थीधनगपत का शयीय डय क भाय काॉऩन रगा ldquoकछ ही सभम भ उसकी दकान बी जर कय याख हो जाएगीrdquo इस षवचाय स उस क हाथ-ऩय काॉऩन रग सबी रोग अऩनी-अऩनी दकानो स फाहय आकय इधय-उधय बागन रग ऩय

धनगपत वही खडा यह गमा दकान छोडकय जान का भन नही कय यहा था महद वो दकान भ यहगा तो जरकय

याख हो जामगासोचत हए उसन घफयाहट भ उसक हाथ रगी ऩडी को उठामा औय बफना सोच सभझ जो हाथ आमा वो भॉह भ डार हदमा उस कछ भीठा-भीठा सा ऩदाथि रगा औय भन बी शाॊत होन रगा

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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तबी एक अदभत घटना घटीआग धनगपत की दकान तक आकय रक गमी आग की रऩत वहाॉ नही आ ऩामी मह कसी षवचचतर फात हम कसी भामा ह धनगपत क भॉहस एक बी फात नही रनकर ऩामी उधय आगजनी की खफय सनत ही ऩतनी काॊरतभती अऩन कनमाओॊ क साथ फाराजी का सभयण कयत हए दौडती हई वहाॉ आ गमी आग उनक दकान तक आकय कस रक गमी मह दखकय उस आशचमि हआ तबी कभायी को दकान भ बरी हई ऩडी की माद आई धनगपत को सभझन भ दय नही रगी कक उसन जो चीज भॉह भ डारी थी वो औय कछ नही तो बगवान का परसाद ही था औय उसकी भहहभा स ही व इस दघिटना स चक गम धनगपत न शरीफाराजी स भा भाॉगी गार फजाम शाभ भ ही नगयवालसमो को फराकय ldquoशरीफाराजी की वरत कथाrdquo सॊऩनन की तफ स वह बगवान की सवा भ रीन हो गमा औय अॊत भ भो बी परापत की आऩन दखा कक कवर परसाद गरहण कयन स ही वो ककतनी फडी दघिटना स चक गमा फाराजी की भहहभा अदभत ह आऩ सबी बी मथा सॊबव वरत को सॊऩनन कय क बगवान की कऩा परापत कय सकत हldquo

शरीबयदवाजजी न इस परकाय मह चतथि कथा सनामी

गोषवॊदगोषवॊदगोषवॊद

चतथोधमाम सभापतॊ |

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ऩॊचभ अधमाम

शरी अतरतर उवाच

रतरभरा-रतरऩती बरोक का वकणठ धाभ ह ऩयाणो भ फतामा गमा ह कक रतरभरा क सभान ऩषवतर सथर औय शरी फाराजी जस दवता न तो ऩहर कबी हए ह औय न कबी होग शरीरनवास क रऩ भ अवतरयत शरी नायामण अऩन

बकतो स फहत परभ कयत ह जो उन ऩय अऩना ऩया बाय डारकय उनह रनतम सभयण कयत ह जो सदाचाय स ऩणि जीवन बफतात ह वो उनकी या कयत ह ऐस शरीफाराजी को परसनन कयन का सफस सयर उऩाम ह ndash ldquoशरीफाराजी की वरत कथाrdquo

इस अदभत वरत कथा क फाय भ भहातऩसॊऩनन शरी अबतर भहषषि न कऩा कयत हए कहा ह- ldquo ह फाराजी क षपरम

बकतो कलरमग भ आऩक सौबागम क फाय भ कमा कहना कतमग तरतामग औय दवाऩायमग भ अतमॊत कठोय तऩ-

जऩ कयन ऩय बी परसनन न होन वार शरी नायामण इस मग भ कवर नाभसभयण स ही आऩ रोगो ऩय कऩा कय यह

ह षवशवास क साथ उनह फरान ऩय व तयॊत कऩा परदान कयत ह ऐस करणाभम ह शरीफाराजी ऩषवतर रतरभरा ऩय

तमहाया यखा हय कदभ अनक जनभो क ऩणमपर क सभान ह

पराचीन कार भ ldquoकौभायrdquo दश भ ldquoलभतरrdquo नाभक धोफी यहता था वो अऩन काभ क साथ-साथ धालभिक कामि कयता हआ जीवन रनवािह कय यहा था उसकी अऩॊगता ही उसकी चच ॊता थी इसी कायण धोए हए कऩडो की ऩोटरी फनाकय घय-घय घभकय उनह रोगो तक ऩहॉचाना उस धीय धीय भसशकर रगन रगा उसका ऩरयवाय फडा था बफना भहनत ककए उस बय ऩट खान को बी नही लभरता था हभशा वो शरी फाराजी की ऩजा कयता यहता था कबी ना कबी बगवान उस ऩय कऩा कयग इसी षवशवास स वो अऩना जीवन गजाय यहा था बकतो ऩय कऩा कयन वार फाराजी सफ कछ दखत यहत ह जो वमसकत अऩन कभो स भकती ऩाता ह उनक ऩास आकय फाराजी ककसी न ककसी रऩ भ आकय उनकी या कयत ह एक हदन शाभ क सभम हभशा की तयह लभतर कऩड धोकय कऩडो की ऩोटरी राद धीय-धीय चरता हआ आ

यहा था फीच यासत भ उस एक वदध बराहभण हदखाई हदम गौयव की बावना स फड होन क कायण लभतर न अऩन कॊ ध

ऩय रदी हई ऩोटरी को नीच उतायकय वदध बराहभण को नभसकाय ककमा तफ उस षवपरोततभ न कहा- ldquoतभ अऩन इस ऩय क कायण ककतना कषट सह यह हो तमहाया दख दखा नही जाताrdquo तफ लभतर न कहा-ldquoह नाथ आऩ फजगि ह बयाऩया ऩरयवाय होन क कायण भझ इस काभ स भकती नही लभर यही ह ककसी तयह भयी म अऩॊगता दय हो ऐसा कोई उऩाम फताइएrdquo

तफ बराहभण न कहा-ldquoसनो बाई भ जरय फताऊॉ गा धमान स सनो भ एक ऐस वरत क फाय भ फताता हॉ सजस सॊऩनन कयन स तमहायी अऩॊगता दय हो जाएगी तमह अषट ऐशवमो की परासपत होगी वरत सॊऩनन कयत ही तमह हजाय अशकपि माॉ लभरगी ऩय एक शति ह उसभ स आध तभ भझ दोगकर भ कपय इसी सभम महाॉ लभरॉगाrdquo तफ लभतर न कहा- ldquoसवाभी इसस फढकय सौबागम औय कमा हो सकता ह आज ही इस

वरत क फाय भ फताइए भ उस सॊऩनन करॉ गाrdquo लभतर क उतसाह को दख वदध न शरी फाराजी वरत कथा क फाय भ फतामा

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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लभतर दगन उतसाह क साथ घय आमा ऩयी कहानी ऩतनी को फतामी औय अडोस-ऩडोस क साथ लभरकय शरी फाराजी वरत को सॊऩनन ककमा चयणाभत परसाद गरहण ककमा घय आए सबी रोगो को बी हदमा तबी घय क फाहय कछ

कोराहर सनाई हदमा लभतर का फटा फाहय स दौडता हआ आमा औय फोरा- ldquoषऩताजी षऩताजी याज-यक आऩक लरम आए ह याजा न आऩक लरम बट बी बजी हrdquo इतन भ यक बी वहाॉ आ गम उनहोन फतामा कक उसकी रनमसकत याज दयफाय भ धोफी क रऩ भ हो गमी ह याजा न हजाय अशकपि माॉ ऩयसकाय सवरऩ बजी ह ऐसा कहकय उनहोन लभतर क हाथ भ हजाय अशकपिमो की ऩोटरी यख दी एक हफत क अॊदय-अॊदय

उस आकय नौकयी भ बतॉ होन को बी कहा लभतर क आनॊद की सीभा नही थी एक हफता कमो कर ही कमो नही सोचकय उसन अऩनी ऩोटरी-वोटरी फाॉधी औय दसय हदन सवय ही वो जान को तमाय हो गमा इस जलदफाजी भ वह

उस वदध की फात बर गमा फीच यासत भ उस उसकी फात माद आ गमी ऩय ठीक हअगर भहहन लभर रता हॉ सोच

कय वह याज दयफाय भ अऩन काभ ऩय रग गमा हदनभहहन फीत बराहभण क वश भ आए बगवान को गससा आमा बगवान न सोचा भनषम की परवसतत ऐसी ही होती ह उस भझ अऩनी भहहभा फतानी होगी

दसय ही हदन याणीवास स आबषण चोयी हो गम चोयी का इलजाभ लभतर ऩय आमा लभतर को कायावास की सजा हई hellipयाज यकोन उस तयह-तयह की मातनाएॉ दी ऐसा कमो हआउस ऩय मह इलजाभ कमो रगा सोचत हए लभतर को यात को सऩन भ बगवान हदखाई हदम उनहोन फतामा कक ldquoवदध बराहभण क रऩ भ व ही आम थ वो अऩनी फात स भकय गमा इसलरम म सफ हआ हrdquo तफ लभतर न कहा-ldquoह नाथभ ऩाऩी हॉ भन फहत फडा ऩाऩ ककमा ह कऩमा भझ ऩय दमा कीसजम अफ भ हय भहहन आऩका वरत सॊऩनन करॉ गा भयी आम का आधा बाग जीवन बय आऩको सभषऩित करॉ गाrdquo गार फजाकय उसन बगवान की हय तयह स पराथिना की बकतो की ऩकाय सननवार बगवान न खशी-खशी लभतर ऩय कऩा कय दी बगवान की कऩा स याणी क आबषण दसयही हदन लभर गम याजान म बी जान लरमा कक लभतरन चोयी नही की थी लभतरको कायावास स रयहा कय हदमा गमा तफ स लभतर बगवान को हदम वचन अनसाय हय भहहन शरी फाराजी का वरत सॊऩनन कयन रगा औय अऩनी आम का आधा बाग बगवान को अषऩित कयता यहा सख ऩणि जीवन बफतात हए उसन अॊत भ भो बी परापत ककमाrdquo

शरी अबतरजी न ऐसा कहकय ऩाॉचव औय आखयी अधमाम को सभापत ककमा

गोषवॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

ऩॊचभोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

Page 42: 55804144 Sree Balaji Kee Leelaye and Vrat Katha Hindi Book

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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दषवतीम अधमाम

शरी षवशवालभतर उवाच

भहातऩ सॊऩनन साात शरी षवशवालभतर जी न हभ ऩय कऩा की औय परवचन कयत हए कहा- ldquoह कलरमग वालसमो शरीरनवास क बकतो ldquoशरीफाराजी वरत कथाrdquo सजस आऩ सॊऩनन कय यह हो वह फहत ही ऩषवतर ह भहहभा स ऩणि ह मह वरत कलरमग भ शरी नायामण जी की करणा औय दमा परापत कयन का अतमॊत सयर साधन ह पराचीन कार भ शरी फाराजी क षपरम बकतो न इस सॊऩनन कय अऩनी काभनाओॊ को ऩणि ककमा इस वरत कथा क फाय भ हभ फताकय शरी फाराजी न हभाय पररत जो दमा हदखाई ह उसक लरए हभ उनह परणाभ कयत ह

पराचीन कार भ भगध याजम भ षवषणचचतत नाभक एक बकत यहता था उसकी नौ कनमाएॉ थी षवदवान होन ऩय बी वह अतमॊत गयीफ था षवषणचचतत की ऩतनी तायाभरत हभशा नायामणजी की पराथिना कयती यहती थी षववाहाहद शबकामि सॊऩनन कय जो बी ऩस दकषणा क रऩ भ लभरत थ उसस व भसशकर स अऩना जीवन रनवािह कय

यह थ कनमाएॉ मौवनावसथा भ ऩदाऩिण कय चकी थी तायाभरत हभशा इसी चच ॊता भ यहती थी कक इन कनमाओॊ का षववाह ककस परकाय सॊऩनन होग वह फाराजी की पराथिना कयत हए सदा अऩना सभम गजायती थी

वह तो फाराजी की बकत थी औय फाराजी अऩन बकतो स अतमाचधक परभ कयत ह उस हदन भाघ ऩरणिभा थी सवय

एक वदध बराहभण न षवषणचचतत क दयवाज ऩय दसतक दी औय कहा - ldquoह सवाभी भ फॊग दश का वासी हॉ एक मऻ

क लसरलसर भ दसय दश जा यहा हॉ यासत भ महाॉ आमा हॉ भझऩय दमा कयो औय अऩन घय भ एक हदन क लरए

यहन दो कर सवयही भ महॉ स चरा जाऊॉ गाrdquo उन की फात सनकय षवषणचचततन कहा lsquoनाथ इसस फढकय खशी औय कमा हो सकती ह अरतचथ साात नायामण जी क सभान होत ह ऐस हभाय ऩयाणो भ कहा गमा ह आऩ बफना ककसी सॊकोच क हभाय घय भ यह सकत हlsquo ऐसा कह कय उसन उस बराहभण को घय क अॊदय फरामा औय उनका सतकाय ककमा

दोऩहय भ बोजन क फाद उस वदध न तायाभरत स ऩछा ndash ldquoभाता कमा फात ह तभ कछ चच ॊरततसी रगती हो बफना ककसी सॊकोच क फात फताओrdquo तायाभरत न कहा ndash ldquoसवाभी आऩ तो भहातऩसवी ह आऩ क भख का तज उस वकॊ ठवासी क सभान ह आऩ स कमा छऩाना भयी चचॊता भयी कनमाओॊ का षववाह हrdquo उस ऩय वदध न कहा- ldquoभाता तमहाया दख भ जानता हॉ तमहाय सबी कषट दय हो औय तमहायी कनमाओॊ की शादी हो इसक लरम भ एक अदभत वरत फताता हॉ सनो इस वरत को सॊऩनन कयन स तमहाय साय कषट दय हो जामग शरी फाराजी क वरतो भ स मह सफस सयर हrdquo कहत हए उनहोन उस दॊऩरत को ऩया वरत षवधान फतामा वरत षवधान

सनकय षवषणचचतत न कहा- ldquoसवाभी मह तो अतमॊत सॊतोष की फात ह इसस फढकय सौबागम औय कमा होगा

कहत ह ना- शबसम शीिॊ आज भाघ ऩरणिभा ह फहत ही शब हदन ह आऩक कथा अनसाय हभ आज ही इस वरत

को सॊऩनन कयगrdquo षवषणचचततन ऩतनी तायाभरत औय सबी कनमाओॊ क साथ लभरकय उस हदन शाभ भ ही अऩन

फॊध-लभतरो क साथ बसकत औय रनषठा स फाराजी वरत को सॊऩनन ककमा वहाॉ उऩससथत सबी रोगो न वरत ऩया होन क

फाद चयणाभत परसाद गरहण ककमा औय अऩन-अऩन घय परसथान ककमा तफ षवषणचचतत औय तायाभरत न बराहभण

क चयणो को नभसकाय ककमा औय आशीवािद परापत ककमा बराहभणोततभ न बी चयणाभत परसाद गरहण ककमा औय

कहा- ldquoआऩकी भनोकाभना ऩयी हो शरी रकषभी शरी फाराजी की कऩा होrdquo

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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अॊधया हो चरा था औय रनिा सभम आसनन था षवषणचचतत न उस बराहभण को एक पटी चादय दत हए आॉखो भ आस लरम कहा- सवाभी भ अतमॊत दरयिी हॉ इसस अचछी चादय भय ऩास नही ह भझ भा कय आज की यात इसी ऩय षवशराभ कय बराहभण भसकयात हए फोर- कोई फात नही भ फाहय फयाभद भ सो जाता हॉ कछ सभम फाद ही सबी रनिारोक भ षवचयण कयन रग आधी यात का सभम था बफजरी की गडगडाहट क साथ फारयश शर हई चायो ओय अॊधया था कहीॊ कछ नही हदखाई

द यहा था षवषणचचतत इस चच ॊता भ था कक वदध बराहभण फाहय कस सो यह होग उस सभम कछ सझ बी नही यहा था ककसी तयह उनहोन यात गजायी सवया हआ फारयश बी थभ चकी थी ऩरत-ऩतनी मही सोच यह थ कक बराहभण की कमा दशा हई होगी ककतना सहा होगा उनहोन मही सोचत हए वो फाहय आए उनह एक अदभत दशम हदखाई हदमा वहाॉ षवपरोततभ नही थ पहट हई चादय की जगह यशभ का षऩताॊफय यखा हआ था उस षऩताॊफय ऩय शरी फाराजी क

भतॉ ndash हदखाई दी व सफ कछ सभझ गम उनकी खषी का कोई हठकाना नही यहा उनक घय आम बराहभण औय

कोई नही साात शरी नायामणजी ही थ ह फाराजी कमा बागम ह हभाया ऩय हभ उनको ऩहचान नही ऩाम हभन उनको पटी हई चादय दी मह सोचत हए उनहोन शरी फाराजी की भतॉ को हाथ भ रकय आॉखो स रगामा औय

घय क अॊदय आम ऩया घय सोन स बया हआ था जहाॉ दखो वहाॉ धन याशी ह बगवान शरी फाराजी की वरत कथा की भहहभा स ही मह सफ सॊबव हो सका ऐसा कहत हए व बगवान की सतरत कयन रग आऩन दख साात शरी फाराजी ही उस बकत क घय आम थ वरत षवधान फतामा औय चयणाभत परसाद बी गरहण

ककमा शरी फाराजी फहत ही करणाभम ह जो बी इस वरत को बसकत औय रनषठा स कयगा उसक घय सवमॊ बगवान

ककसी ना ककसी रऩ भ आमग आऩ सबी इस वरत को सॊऩनन कय बगवान की कऩा परापत कय सकत ह शरी भहषषि षवशवालभतर जी न मह दषवतीम कथा इस तयह फताई

शरी रकषभी शरीरनवास कटाॊ लसषदधयसत

गोषवॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

दषवतीमोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ततीम अधमाम

शरी वलशषठ उवाच मह अधमाम भहातऩोरनषठ वरयषठ शरीवलशषठ भरन न शरीनायामणजी की कऩा स हभ षवसताय रऩ स फतामा ह ह कलरमग वालसमो शरीफाराजी क षपरम बकतो वकणठ भ रनवास कयनवार शरीनायामणजी आज क रतरभरा भ ससथत शरीफाराजी ही ह कलरमग वालसमो क कषट दय कयन क लरम बगवान आऩक फहत सभीऩ रतरभरा ऩहाड ऩय अवतारयत हए ह शरी फाराजी को खश कयन क लरए मह वरत उततभ ह औय सयर बी ह इस वरत को जो बसकत औय रनषठा स सॊऩनन कयता ह उस सबी सख परापत हो जात ह पराचीन सभम भ अवॊती दश भ बागमनगय नाभक एक नगय था नाभ क ही अनरऩ वहाॉ अनक धनवान (वमाऩायी) यहत थ ऩय व अऩनी सॊऩसतत को दख घभॊड कयत थ औय आभ रोगो को हीन दषटी स दखत थ धन-दौरत उनकी सवासजित ह ऐसा सोचकय घभॊड कयत थ बगवान की रनतम ऩजा-ऩाठ तो उनहोन ऩहर ही छोड दी थी कभ स कभ षवशष हदनो भ बी व ना भॊहदय जात ना ऩजा कयत ना ही दीऩ जरात एक हदन सबी धनवान अऩनी-अऩनी ऩतनीमो क साथ परीरत बोज भ वमसत थ उस नगय की ऩवि हदशा भ ही शरी रकषभी नायामण जी का भॊहदय था जहाॉ दीऩ जरानवारा कोई नही था उस हदन षवशष एकादशी थी सजस एक ऩवि हदन बी भाना जाता ह ऩय उस नगय क एक बी धनवान क भन भ भॊहदय भ ऩजा कयन का षवचाय नही आमा शाभ होत-होत आकाश भ घन फादर छा गम औय भसराधाय फारयश होन रगी वमाऩारयमो क घय ऩानी स बय गम चायो ओय अॊधकाय ह अॊधकाय था सवय होन तक ऩया नगय ऩानी भ डफ गमा वमाऩारयमो क घय टट-पट गम उनका साया ऐशवमि सभापत हो गमा ऐसा उऩिव कमो भचा मह पररम कस हो गमा ककसी को कछ बी सभझ भ नही आ यहा था इतन भ उनह एक षवचचतर दशम हदखाई हदमा नगय क फाहय जो झोऩडडमाॉ थी व तो वसी की वसी थी उनको आशचमि हआ इतनी फारयश भ बी म कस सही सराभत यही व ऐसा भन ही भन सोच यह थ कक इतन भ बफजरी कडकी औय आकाशवाणी हई ldquoए भखो तमहायी सॊऩसतत तमहायी अऩनी ह सवासजित ह ऐसा सोचत थ इसी लरम ऐसा हआ ह इस झोऩडी भ यहनवारा दव भया षपरम बकत ह आभ आदभी होन ऩय बी दव रनतम तमहाय नगय भ ससथत शरी रकषभी नायामण

भॊहदय भ दीऩ जराता था इतना ही नही हय एकादशी क हदन मथा सॊबव वह शरी फाराजी वरत कथा बी सॊऩनन कयता था इसी लरम इन झोऩडीमो भ यहनवार सबी रोग सयकषत यह आऩ सबी महद वरत सॊऩनन कयग तो अऩन-अऩन

ऐशवमि को ऩन परापत कय सकत होrdquo आकाशवाणी सनत ही तयॊत व सबी रोग उस भॊहदय भ गम औय जस

सॊबव हो सका वस सबी रोगोन एक-दसय क सहमोग स शरी फाराजी की वरत कथा सॊऩनन की ऐसा कयत ही सबी को उनक घय ऩवि रऩ भ ही परापत हो गम तफ स व सबी शरीफाराजी क बकत फन गम औय हय एकादशी को शरीफाराजी का वरत सॊऩनन कयत औय सख-शाॊरत परापत कय यहन रग अॊत भ उनहोन भसकत बी परापत की

शरीवलशषठजी न इस परकाय म कथा सनाई

गोषव ॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

ततीमोधमाम सभापतॊ |

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ

शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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चतथव अधमाम

शरी बयदवाज उवाच

शरीनायामण जी को ldquoशरीफाराजी वरत कथाrdquo अतमॊत षपरम ह चतथि अधमाम क रऩ भ हभाय साभन शरी बयदवाज

भरनदवाया फतामी नमी कहानी इस परकाय ह- ldquoह कलरमगवालसमो शरी नायामण क षपरम बकतो आऩ सजस वरत को सॊऩनन कय यह ह वह अदभत ह आऩकी भनोकाभनाओॊ को ऩणि कयन का साधन ह शरी फाराजी को परसनन कयन का मह अतमॊत सयर उऩाम ह आऩ सबी ऩय कऩा कयन क लरम ही वकॊ ठवासी बगवान शरीरनवास क रऩ भ रतरभरा ऩहाड ऩय अवतरयत हए ह अनक जनभो क ऩणमपर स ही रतरभरा ऩहाड ऩय ऩय यखन का सौबागम परापत होता ह औय बगवान क दशिन बी सॊबव होत ह इसी तयह इस ldquoवरतकथाrdquo को सॊऩनन कयन का सॊकलऩ बी ऩविजनभ क

ऩणमपर स ही सॊबव होता ह जो वमसकत इस वरत को सॊऩनन कय यह ह मा जो इस कथा को सन यह ह मा जो बगवान क परसाद को गरहण कयत ह उनह बगवान की कऩा परापत होती ह औय व सौबागम बी ऩात ह

पराचीन कार भ ldquoनगयीrdquo नाभक एक गराभ भ धनगपत नाभ का वमाऩायी यहता था वह फहत ही रारची था ऐशवमि परापत कयन ऩय बी उसका रारचीऩन कभ नही हआ मह सभसत ऐशवमि उसका ही कभामा हआ ह ऐसा सोचकय वह फहत घभॊड कयता था अहॊकाय भनषम का नाश कयता ह

धनगपत की ऩतनी काॊरतभती अतमॊत बसकत बावना यखती थी औय रनषठा स बगवान की ऩजा कयती थी उनकी तीन कनमाएॉ थी तीसयी कनमा ldquoकभायीrdquo भ बसकत बावना जमादा थी वह हभशा फाराजी का नाभ ही जऩती यहती थी षऩताजी को बफना फताम वह जफ-तफ शरी फाराजी क भॊहदय भ जाती थी औय बगवान क दशिन कयती थी घय आकय षऩताजी को छोड अनम सबी क साथ परसाद सवीकाय कयती थी ऩती क ऐस वमवहाय स

काॊरतभती थोडी चच ॊरतत होती थी

एक हदन ldquoकभायीrdquo की सहरी क घय ऩय ldquoशरी फाराजीrdquo का वरत सॊऩनन हो यहा था मह जानकय वो वहाॉ गई वरत ऩया होन तक दोऩहय हो चकी थी थोडासा परसाद उसन गरहण ककमा औय थोडा वह अऩन घयवारो क लरम एक

कागज की ऩडी भ रकय चरी फीच यासत भ उस पमास रगन रगी धऩ बी फहत तज थी उसन सोचा थोडी दय रक

कय पमास फझाकय कपय चरॉ तो ठीक यहगा तबी उस माद आमा कक उसक षऩता की दकान अगरी गरी भ ही तो ह वहाॉ जाकय उसन षऩताजी को ऩजा की फात बफना फताम षऩताजी स ऩानी भाॉगकय षऩमा औय षऩताजी गससा कयग

इस डय स उसन जलदी-जलदी ऩानी षऩमा इस घफयाहट भ परसाद की ऩडी वही दकान भ बरकय चरी गई

एकाएक फाजाय भ हडकॊ ऩ भच गमा रोग हाहाकाय भचात हए इधय-उधय बागन रग आगजनी क कायण उस गरी की सायी दकान जर कय याख होन रगी वस बी दोऩहय का सभम थाउस ऩय गभि हवाएॉ चर यही थीधनगपत का शयीय डय क भाय काॉऩन रगा ldquoकछ ही सभम भ उसकी दकान बी जर कय याख हो जाएगीrdquo इस षवचाय स उस क हाथ-ऩय काॉऩन रग सबी रोग अऩनी-अऩनी दकानो स फाहय आकय इधय-उधय बागन रग ऩय

धनगपत वही खडा यह गमा दकान छोडकय जान का भन नही कय यहा था महद वो दकान भ यहगा तो जरकय

याख हो जामगासोचत हए उसन घफयाहट भ उसक हाथ रगी ऩडी को उठामा औय बफना सोच सभझ जो हाथ आमा वो भॉह भ डार हदमा उस कछ भीठा-भीठा सा ऩदाथि रगा औय भन बी शाॊत होन रगा

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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तबी एक अदभत घटना घटीआग धनगपत की दकान तक आकय रक गमी आग की रऩत वहाॉ नही आ ऩामी मह कसी षवचचतर फात हम कसी भामा ह धनगपत क भॉहस एक बी फात नही रनकर ऩामी उधय आगजनी की खफय सनत ही ऩतनी काॊरतभती अऩन कनमाओॊ क साथ फाराजी का सभयण कयत हए दौडती हई वहाॉ आ गमी आग उनक दकान तक आकय कस रक गमी मह दखकय उस आशचमि हआ तबी कभायी को दकान भ बरी हई ऩडी की माद आई धनगपत को सभझन भ दय नही रगी कक उसन जो चीज भॉह भ डारी थी वो औय कछ नही तो बगवान का परसाद ही था औय उसकी भहहभा स ही व इस दघिटना स चक गम धनगपत न शरीफाराजी स भा भाॉगी गार फजाम शाभ भ ही नगयवालसमो को फराकय ldquoशरीफाराजी की वरत कथाrdquo सॊऩनन की तफ स वह बगवान की सवा भ रीन हो गमा औय अॊत भ भो बी परापत की आऩन दखा कक कवर परसाद गरहण कयन स ही वो ककतनी फडी दघिटना स चक गमा फाराजी की भहहभा अदभत ह आऩ सबी बी मथा सॊबव वरत को सॊऩनन कय क बगवान की कऩा परापत कय सकत हldquo

शरीबयदवाजजी न इस परकाय मह चतथि कथा सनामी

गोषवॊदगोषवॊदगोषवॊद

चतथोधमाम सभापतॊ |

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ऩॊचभ अधमाम

शरी अतरतर उवाच

रतरभरा-रतरऩती बरोक का वकणठ धाभ ह ऩयाणो भ फतामा गमा ह कक रतरभरा क सभान ऩषवतर सथर औय शरी फाराजी जस दवता न तो ऩहर कबी हए ह औय न कबी होग शरीरनवास क रऩ भ अवतरयत शरी नायामण अऩन

बकतो स फहत परभ कयत ह जो उन ऩय अऩना ऩया बाय डारकय उनह रनतम सभयण कयत ह जो सदाचाय स ऩणि जीवन बफतात ह वो उनकी या कयत ह ऐस शरीफाराजी को परसनन कयन का सफस सयर उऩाम ह ndash ldquoशरीफाराजी की वरत कथाrdquo

इस अदभत वरत कथा क फाय भ भहातऩसॊऩनन शरी अबतर भहषषि न कऩा कयत हए कहा ह- ldquo ह फाराजी क षपरम

बकतो कलरमग भ आऩक सौबागम क फाय भ कमा कहना कतमग तरतामग औय दवाऩायमग भ अतमॊत कठोय तऩ-

जऩ कयन ऩय बी परसनन न होन वार शरी नायामण इस मग भ कवर नाभसभयण स ही आऩ रोगो ऩय कऩा कय यह

ह षवशवास क साथ उनह फरान ऩय व तयॊत कऩा परदान कयत ह ऐस करणाभम ह शरीफाराजी ऩषवतर रतरभरा ऩय

तमहाया यखा हय कदभ अनक जनभो क ऩणमपर क सभान ह

पराचीन कार भ ldquoकौभायrdquo दश भ ldquoलभतरrdquo नाभक धोफी यहता था वो अऩन काभ क साथ-साथ धालभिक कामि कयता हआ जीवन रनवािह कय यहा था उसकी अऩॊगता ही उसकी चच ॊता थी इसी कायण धोए हए कऩडो की ऩोटरी फनाकय घय-घय घभकय उनह रोगो तक ऩहॉचाना उस धीय धीय भसशकर रगन रगा उसका ऩरयवाय फडा था बफना भहनत ककए उस बय ऩट खान को बी नही लभरता था हभशा वो शरी फाराजी की ऩजा कयता यहता था कबी ना कबी बगवान उस ऩय कऩा कयग इसी षवशवास स वो अऩना जीवन गजाय यहा था बकतो ऩय कऩा कयन वार फाराजी सफ कछ दखत यहत ह जो वमसकत अऩन कभो स भकती ऩाता ह उनक ऩास आकय फाराजी ककसी न ककसी रऩ भ आकय उनकी या कयत ह एक हदन शाभ क सभम हभशा की तयह लभतर कऩड धोकय कऩडो की ऩोटरी राद धीय-धीय चरता हआ आ

यहा था फीच यासत भ उस एक वदध बराहभण हदखाई हदम गौयव की बावना स फड होन क कायण लभतर न अऩन कॊ ध

ऩय रदी हई ऩोटरी को नीच उतायकय वदध बराहभण को नभसकाय ककमा तफ उस षवपरोततभ न कहा- ldquoतभ अऩन इस ऩय क कायण ककतना कषट सह यह हो तमहाया दख दखा नही जाताrdquo तफ लभतर न कहा-ldquoह नाथ आऩ फजगि ह बयाऩया ऩरयवाय होन क कायण भझ इस काभ स भकती नही लभर यही ह ककसी तयह भयी म अऩॊगता दय हो ऐसा कोई उऩाम फताइएrdquo

तफ बराहभण न कहा-ldquoसनो बाई भ जरय फताऊॉ गा धमान स सनो भ एक ऐस वरत क फाय भ फताता हॉ सजस सॊऩनन कयन स तमहायी अऩॊगता दय हो जाएगी तमह अषट ऐशवमो की परासपत होगी वरत सॊऩनन कयत ही तमह हजाय अशकपि माॉ लभरगी ऩय एक शति ह उसभ स आध तभ भझ दोगकर भ कपय इसी सभम महाॉ लभरॉगाrdquo तफ लभतर न कहा- ldquoसवाभी इसस फढकय सौबागम औय कमा हो सकता ह आज ही इस

वरत क फाय भ फताइए भ उस सॊऩनन करॉ गाrdquo लभतर क उतसाह को दख वदध न शरी फाराजी वरत कथा क फाय भ फतामा

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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लभतर दगन उतसाह क साथ घय आमा ऩयी कहानी ऩतनी को फतामी औय अडोस-ऩडोस क साथ लभरकय शरी फाराजी वरत को सॊऩनन ककमा चयणाभत परसाद गरहण ककमा घय आए सबी रोगो को बी हदमा तबी घय क फाहय कछ

कोराहर सनाई हदमा लभतर का फटा फाहय स दौडता हआ आमा औय फोरा- ldquoषऩताजी षऩताजी याज-यक आऩक लरम आए ह याजा न आऩक लरम बट बी बजी हrdquo इतन भ यक बी वहाॉ आ गम उनहोन फतामा कक उसकी रनमसकत याज दयफाय भ धोफी क रऩ भ हो गमी ह याजा न हजाय अशकपि माॉ ऩयसकाय सवरऩ बजी ह ऐसा कहकय उनहोन लभतर क हाथ भ हजाय अशकपिमो की ऩोटरी यख दी एक हफत क अॊदय-अॊदय

उस आकय नौकयी भ बतॉ होन को बी कहा लभतर क आनॊद की सीभा नही थी एक हफता कमो कर ही कमो नही सोचकय उसन अऩनी ऩोटरी-वोटरी फाॉधी औय दसय हदन सवय ही वो जान को तमाय हो गमा इस जलदफाजी भ वह

उस वदध की फात बर गमा फीच यासत भ उस उसकी फात माद आ गमी ऩय ठीक हअगर भहहन लभर रता हॉ सोच

कय वह याज दयफाय भ अऩन काभ ऩय रग गमा हदनभहहन फीत बराहभण क वश भ आए बगवान को गससा आमा बगवान न सोचा भनषम की परवसतत ऐसी ही होती ह उस भझ अऩनी भहहभा फतानी होगी

दसय ही हदन याणीवास स आबषण चोयी हो गम चोयी का इलजाभ लभतर ऩय आमा लभतर को कायावास की सजा हई hellipयाज यकोन उस तयह-तयह की मातनाएॉ दी ऐसा कमो हआउस ऩय मह इलजाभ कमो रगा सोचत हए लभतर को यात को सऩन भ बगवान हदखाई हदम उनहोन फतामा कक ldquoवदध बराहभण क रऩ भ व ही आम थ वो अऩनी फात स भकय गमा इसलरम म सफ हआ हrdquo तफ लभतर न कहा-ldquoह नाथभ ऩाऩी हॉ भन फहत फडा ऩाऩ ककमा ह कऩमा भझ ऩय दमा कीसजम अफ भ हय भहहन आऩका वरत सॊऩनन करॉ गा भयी आम का आधा बाग जीवन बय आऩको सभषऩित करॉ गाrdquo गार फजाकय उसन बगवान की हय तयह स पराथिना की बकतो की ऩकाय सननवार बगवान न खशी-खशी लभतर ऩय कऩा कय दी बगवान की कऩा स याणी क आबषण दसयही हदन लभर गम याजान म बी जान लरमा कक लभतरन चोयी नही की थी लभतरको कायावास स रयहा कय हदमा गमा तफ स लभतर बगवान को हदम वचन अनसाय हय भहहन शरी फाराजी का वरत सॊऩनन कयन रगा औय अऩनी आम का आधा बाग बगवान को अषऩित कयता यहा सख ऩणि जीवन बफतात हए उसन अॊत भ भो बी परापत ककमाrdquo

शरी अबतरजी न ऐसा कहकय ऩाॉचव औय आखयी अधमाम को सभापत ककमा

गोषवॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

ऩॊचभोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

Page 43: 55804144 Sree Balaji Kee Leelaye and Vrat Katha Hindi Book

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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अॊधया हो चरा था औय रनिा सभम आसनन था षवषणचचतत न उस बराहभण को एक पटी चादय दत हए आॉखो भ आस लरम कहा- सवाभी भ अतमॊत दरयिी हॉ इसस अचछी चादय भय ऩास नही ह भझ भा कय आज की यात इसी ऩय षवशराभ कय बराहभण भसकयात हए फोर- कोई फात नही भ फाहय फयाभद भ सो जाता हॉ कछ सभम फाद ही सबी रनिारोक भ षवचयण कयन रग आधी यात का सभम था बफजरी की गडगडाहट क साथ फारयश शर हई चायो ओय अॊधया था कहीॊ कछ नही हदखाई

द यहा था षवषणचचतत इस चच ॊता भ था कक वदध बराहभण फाहय कस सो यह होग उस सभम कछ सझ बी नही यहा था ककसी तयह उनहोन यात गजायी सवया हआ फारयश बी थभ चकी थी ऩरत-ऩतनी मही सोच यह थ कक बराहभण की कमा दशा हई होगी ककतना सहा होगा उनहोन मही सोचत हए वो फाहय आए उनह एक अदभत दशम हदखाई हदमा वहाॉ षवपरोततभ नही थ पहट हई चादय की जगह यशभ का षऩताॊफय यखा हआ था उस षऩताॊफय ऩय शरी फाराजी क

भतॉ ndash हदखाई दी व सफ कछ सभझ गम उनकी खषी का कोई हठकाना नही यहा उनक घय आम बराहभण औय

कोई नही साात शरी नायामणजी ही थ ह फाराजी कमा बागम ह हभाया ऩय हभ उनको ऩहचान नही ऩाम हभन उनको पटी हई चादय दी मह सोचत हए उनहोन शरी फाराजी की भतॉ को हाथ भ रकय आॉखो स रगामा औय

घय क अॊदय आम ऩया घय सोन स बया हआ था जहाॉ दखो वहाॉ धन याशी ह बगवान शरी फाराजी की वरत कथा की भहहभा स ही मह सफ सॊबव हो सका ऐसा कहत हए व बगवान की सतरत कयन रग आऩन दख साात शरी फाराजी ही उस बकत क घय आम थ वरत षवधान फतामा औय चयणाभत परसाद बी गरहण

ककमा शरी फाराजी फहत ही करणाभम ह जो बी इस वरत को बसकत औय रनषठा स कयगा उसक घय सवमॊ बगवान

ककसी ना ककसी रऩ भ आमग आऩ सबी इस वरत को सॊऩनन कय बगवान की कऩा परापत कय सकत ह शरी भहषषि षवशवालभतर जी न मह दषवतीम कथा इस तयह फताई

शरी रकषभी शरीरनवास कटाॊ लसषदधयसत

गोषवॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

दषवतीमोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ततीम अधमाम

शरी वलशषठ उवाच मह अधमाम भहातऩोरनषठ वरयषठ शरीवलशषठ भरन न शरीनायामणजी की कऩा स हभ षवसताय रऩ स फतामा ह ह कलरमग वालसमो शरीफाराजी क षपरम बकतो वकणठ भ रनवास कयनवार शरीनायामणजी आज क रतरभरा भ ससथत शरीफाराजी ही ह कलरमग वालसमो क कषट दय कयन क लरम बगवान आऩक फहत सभीऩ रतरभरा ऩहाड ऩय अवतारयत हए ह शरी फाराजी को खश कयन क लरए मह वरत उततभ ह औय सयर बी ह इस वरत को जो बसकत औय रनषठा स सॊऩनन कयता ह उस सबी सख परापत हो जात ह पराचीन सभम भ अवॊती दश भ बागमनगय नाभक एक नगय था नाभ क ही अनरऩ वहाॉ अनक धनवान (वमाऩायी) यहत थ ऩय व अऩनी सॊऩसतत को दख घभॊड कयत थ औय आभ रोगो को हीन दषटी स दखत थ धन-दौरत उनकी सवासजित ह ऐसा सोचकय घभॊड कयत थ बगवान की रनतम ऩजा-ऩाठ तो उनहोन ऩहर ही छोड दी थी कभ स कभ षवशष हदनो भ बी व ना भॊहदय जात ना ऩजा कयत ना ही दीऩ जरात एक हदन सबी धनवान अऩनी-अऩनी ऩतनीमो क साथ परीरत बोज भ वमसत थ उस नगय की ऩवि हदशा भ ही शरी रकषभी नायामण जी का भॊहदय था जहाॉ दीऩ जरानवारा कोई नही था उस हदन षवशष एकादशी थी सजस एक ऩवि हदन बी भाना जाता ह ऩय उस नगय क एक बी धनवान क भन भ भॊहदय भ ऩजा कयन का षवचाय नही आमा शाभ होत-होत आकाश भ घन फादर छा गम औय भसराधाय फारयश होन रगी वमाऩारयमो क घय ऩानी स बय गम चायो ओय अॊधकाय ह अॊधकाय था सवय होन तक ऩया नगय ऩानी भ डफ गमा वमाऩारयमो क घय टट-पट गम उनका साया ऐशवमि सभापत हो गमा ऐसा उऩिव कमो भचा मह पररम कस हो गमा ककसी को कछ बी सभझ भ नही आ यहा था इतन भ उनह एक षवचचतर दशम हदखाई हदमा नगय क फाहय जो झोऩडडमाॉ थी व तो वसी की वसी थी उनको आशचमि हआ इतनी फारयश भ बी म कस सही सराभत यही व ऐसा भन ही भन सोच यह थ कक इतन भ बफजरी कडकी औय आकाशवाणी हई ldquoए भखो तमहायी सॊऩसतत तमहायी अऩनी ह सवासजित ह ऐसा सोचत थ इसी लरम ऐसा हआ ह इस झोऩडी भ यहनवारा दव भया षपरम बकत ह आभ आदभी होन ऩय बी दव रनतम तमहाय नगय भ ससथत शरी रकषभी नायामण

भॊहदय भ दीऩ जराता था इतना ही नही हय एकादशी क हदन मथा सॊबव वह शरी फाराजी वरत कथा बी सॊऩनन कयता था इसी लरम इन झोऩडीमो भ यहनवार सबी रोग सयकषत यह आऩ सबी महद वरत सॊऩनन कयग तो अऩन-अऩन

ऐशवमि को ऩन परापत कय सकत होrdquo आकाशवाणी सनत ही तयॊत व सबी रोग उस भॊहदय भ गम औय जस

सॊबव हो सका वस सबी रोगोन एक-दसय क सहमोग स शरी फाराजी की वरत कथा सॊऩनन की ऐसा कयत ही सबी को उनक घय ऩवि रऩ भ ही परापत हो गम तफ स व सबी शरीफाराजी क बकत फन गम औय हय एकादशी को शरीफाराजी का वरत सॊऩनन कयत औय सख-शाॊरत परापत कय यहन रग अॊत भ उनहोन भसकत बी परापत की

शरीवलशषठजी न इस परकाय म कथा सनाई

गोषव ॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

ततीमोधमाम सभापतॊ |

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ

शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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चतथव अधमाम

शरी बयदवाज उवाच

शरीनायामण जी को ldquoशरीफाराजी वरत कथाrdquo अतमॊत षपरम ह चतथि अधमाम क रऩ भ हभाय साभन शरी बयदवाज

भरनदवाया फतामी नमी कहानी इस परकाय ह- ldquoह कलरमगवालसमो शरी नायामण क षपरम बकतो आऩ सजस वरत को सॊऩनन कय यह ह वह अदभत ह आऩकी भनोकाभनाओॊ को ऩणि कयन का साधन ह शरी फाराजी को परसनन कयन का मह अतमॊत सयर उऩाम ह आऩ सबी ऩय कऩा कयन क लरम ही वकॊ ठवासी बगवान शरीरनवास क रऩ भ रतरभरा ऩहाड ऩय अवतरयत हए ह अनक जनभो क ऩणमपर स ही रतरभरा ऩहाड ऩय ऩय यखन का सौबागम परापत होता ह औय बगवान क दशिन बी सॊबव होत ह इसी तयह इस ldquoवरतकथाrdquo को सॊऩनन कयन का सॊकलऩ बी ऩविजनभ क

ऩणमपर स ही सॊबव होता ह जो वमसकत इस वरत को सॊऩनन कय यह ह मा जो इस कथा को सन यह ह मा जो बगवान क परसाद को गरहण कयत ह उनह बगवान की कऩा परापत होती ह औय व सौबागम बी ऩात ह

पराचीन कार भ ldquoनगयीrdquo नाभक एक गराभ भ धनगपत नाभ का वमाऩायी यहता था वह फहत ही रारची था ऐशवमि परापत कयन ऩय बी उसका रारचीऩन कभ नही हआ मह सभसत ऐशवमि उसका ही कभामा हआ ह ऐसा सोचकय वह फहत घभॊड कयता था अहॊकाय भनषम का नाश कयता ह

धनगपत की ऩतनी काॊरतभती अतमॊत बसकत बावना यखती थी औय रनषठा स बगवान की ऩजा कयती थी उनकी तीन कनमाएॉ थी तीसयी कनमा ldquoकभायीrdquo भ बसकत बावना जमादा थी वह हभशा फाराजी का नाभ ही जऩती यहती थी षऩताजी को बफना फताम वह जफ-तफ शरी फाराजी क भॊहदय भ जाती थी औय बगवान क दशिन कयती थी घय आकय षऩताजी को छोड अनम सबी क साथ परसाद सवीकाय कयती थी ऩती क ऐस वमवहाय स

काॊरतभती थोडी चच ॊरतत होती थी

एक हदन ldquoकभायीrdquo की सहरी क घय ऩय ldquoशरी फाराजीrdquo का वरत सॊऩनन हो यहा था मह जानकय वो वहाॉ गई वरत ऩया होन तक दोऩहय हो चकी थी थोडासा परसाद उसन गरहण ककमा औय थोडा वह अऩन घयवारो क लरम एक

कागज की ऩडी भ रकय चरी फीच यासत भ उस पमास रगन रगी धऩ बी फहत तज थी उसन सोचा थोडी दय रक

कय पमास फझाकय कपय चरॉ तो ठीक यहगा तबी उस माद आमा कक उसक षऩता की दकान अगरी गरी भ ही तो ह वहाॉ जाकय उसन षऩताजी को ऩजा की फात बफना फताम षऩताजी स ऩानी भाॉगकय षऩमा औय षऩताजी गससा कयग

इस डय स उसन जलदी-जलदी ऩानी षऩमा इस घफयाहट भ परसाद की ऩडी वही दकान भ बरकय चरी गई

एकाएक फाजाय भ हडकॊ ऩ भच गमा रोग हाहाकाय भचात हए इधय-उधय बागन रग आगजनी क कायण उस गरी की सायी दकान जर कय याख होन रगी वस बी दोऩहय का सभम थाउस ऩय गभि हवाएॉ चर यही थीधनगपत का शयीय डय क भाय काॉऩन रगा ldquoकछ ही सभम भ उसकी दकान बी जर कय याख हो जाएगीrdquo इस षवचाय स उस क हाथ-ऩय काॉऩन रग सबी रोग अऩनी-अऩनी दकानो स फाहय आकय इधय-उधय बागन रग ऩय

धनगपत वही खडा यह गमा दकान छोडकय जान का भन नही कय यहा था महद वो दकान भ यहगा तो जरकय

याख हो जामगासोचत हए उसन घफयाहट भ उसक हाथ रगी ऩडी को उठामा औय बफना सोच सभझ जो हाथ आमा वो भॉह भ डार हदमा उस कछ भीठा-भीठा सा ऩदाथि रगा औय भन बी शाॊत होन रगा

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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तबी एक अदभत घटना घटीआग धनगपत की दकान तक आकय रक गमी आग की रऩत वहाॉ नही आ ऩामी मह कसी षवचचतर फात हम कसी भामा ह धनगपत क भॉहस एक बी फात नही रनकर ऩामी उधय आगजनी की खफय सनत ही ऩतनी काॊरतभती अऩन कनमाओॊ क साथ फाराजी का सभयण कयत हए दौडती हई वहाॉ आ गमी आग उनक दकान तक आकय कस रक गमी मह दखकय उस आशचमि हआ तबी कभायी को दकान भ बरी हई ऩडी की माद आई धनगपत को सभझन भ दय नही रगी कक उसन जो चीज भॉह भ डारी थी वो औय कछ नही तो बगवान का परसाद ही था औय उसकी भहहभा स ही व इस दघिटना स चक गम धनगपत न शरीफाराजी स भा भाॉगी गार फजाम शाभ भ ही नगयवालसमो को फराकय ldquoशरीफाराजी की वरत कथाrdquo सॊऩनन की तफ स वह बगवान की सवा भ रीन हो गमा औय अॊत भ भो बी परापत की आऩन दखा कक कवर परसाद गरहण कयन स ही वो ककतनी फडी दघिटना स चक गमा फाराजी की भहहभा अदभत ह आऩ सबी बी मथा सॊबव वरत को सॊऩनन कय क बगवान की कऩा परापत कय सकत हldquo

शरीबयदवाजजी न इस परकाय मह चतथि कथा सनामी

गोषवॊदगोषवॊदगोषवॊद

चतथोधमाम सभापतॊ |

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ऩॊचभ अधमाम

शरी अतरतर उवाच

रतरभरा-रतरऩती बरोक का वकणठ धाभ ह ऩयाणो भ फतामा गमा ह कक रतरभरा क सभान ऩषवतर सथर औय शरी फाराजी जस दवता न तो ऩहर कबी हए ह औय न कबी होग शरीरनवास क रऩ भ अवतरयत शरी नायामण अऩन

बकतो स फहत परभ कयत ह जो उन ऩय अऩना ऩया बाय डारकय उनह रनतम सभयण कयत ह जो सदाचाय स ऩणि जीवन बफतात ह वो उनकी या कयत ह ऐस शरीफाराजी को परसनन कयन का सफस सयर उऩाम ह ndash ldquoशरीफाराजी की वरत कथाrdquo

इस अदभत वरत कथा क फाय भ भहातऩसॊऩनन शरी अबतर भहषषि न कऩा कयत हए कहा ह- ldquo ह फाराजी क षपरम

बकतो कलरमग भ आऩक सौबागम क फाय भ कमा कहना कतमग तरतामग औय दवाऩायमग भ अतमॊत कठोय तऩ-

जऩ कयन ऩय बी परसनन न होन वार शरी नायामण इस मग भ कवर नाभसभयण स ही आऩ रोगो ऩय कऩा कय यह

ह षवशवास क साथ उनह फरान ऩय व तयॊत कऩा परदान कयत ह ऐस करणाभम ह शरीफाराजी ऩषवतर रतरभरा ऩय

तमहाया यखा हय कदभ अनक जनभो क ऩणमपर क सभान ह

पराचीन कार भ ldquoकौभायrdquo दश भ ldquoलभतरrdquo नाभक धोफी यहता था वो अऩन काभ क साथ-साथ धालभिक कामि कयता हआ जीवन रनवािह कय यहा था उसकी अऩॊगता ही उसकी चच ॊता थी इसी कायण धोए हए कऩडो की ऩोटरी फनाकय घय-घय घभकय उनह रोगो तक ऩहॉचाना उस धीय धीय भसशकर रगन रगा उसका ऩरयवाय फडा था बफना भहनत ककए उस बय ऩट खान को बी नही लभरता था हभशा वो शरी फाराजी की ऩजा कयता यहता था कबी ना कबी बगवान उस ऩय कऩा कयग इसी षवशवास स वो अऩना जीवन गजाय यहा था बकतो ऩय कऩा कयन वार फाराजी सफ कछ दखत यहत ह जो वमसकत अऩन कभो स भकती ऩाता ह उनक ऩास आकय फाराजी ककसी न ककसी रऩ भ आकय उनकी या कयत ह एक हदन शाभ क सभम हभशा की तयह लभतर कऩड धोकय कऩडो की ऩोटरी राद धीय-धीय चरता हआ आ

यहा था फीच यासत भ उस एक वदध बराहभण हदखाई हदम गौयव की बावना स फड होन क कायण लभतर न अऩन कॊ ध

ऩय रदी हई ऩोटरी को नीच उतायकय वदध बराहभण को नभसकाय ककमा तफ उस षवपरोततभ न कहा- ldquoतभ अऩन इस ऩय क कायण ककतना कषट सह यह हो तमहाया दख दखा नही जाताrdquo तफ लभतर न कहा-ldquoह नाथ आऩ फजगि ह बयाऩया ऩरयवाय होन क कायण भझ इस काभ स भकती नही लभर यही ह ककसी तयह भयी म अऩॊगता दय हो ऐसा कोई उऩाम फताइएrdquo

तफ बराहभण न कहा-ldquoसनो बाई भ जरय फताऊॉ गा धमान स सनो भ एक ऐस वरत क फाय भ फताता हॉ सजस सॊऩनन कयन स तमहायी अऩॊगता दय हो जाएगी तमह अषट ऐशवमो की परासपत होगी वरत सॊऩनन कयत ही तमह हजाय अशकपि माॉ लभरगी ऩय एक शति ह उसभ स आध तभ भझ दोगकर भ कपय इसी सभम महाॉ लभरॉगाrdquo तफ लभतर न कहा- ldquoसवाभी इसस फढकय सौबागम औय कमा हो सकता ह आज ही इस

वरत क फाय भ फताइए भ उस सॊऩनन करॉ गाrdquo लभतर क उतसाह को दख वदध न शरी फाराजी वरत कथा क फाय भ फतामा

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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लभतर दगन उतसाह क साथ घय आमा ऩयी कहानी ऩतनी को फतामी औय अडोस-ऩडोस क साथ लभरकय शरी फाराजी वरत को सॊऩनन ककमा चयणाभत परसाद गरहण ककमा घय आए सबी रोगो को बी हदमा तबी घय क फाहय कछ

कोराहर सनाई हदमा लभतर का फटा फाहय स दौडता हआ आमा औय फोरा- ldquoषऩताजी षऩताजी याज-यक आऩक लरम आए ह याजा न आऩक लरम बट बी बजी हrdquo इतन भ यक बी वहाॉ आ गम उनहोन फतामा कक उसकी रनमसकत याज दयफाय भ धोफी क रऩ भ हो गमी ह याजा न हजाय अशकपि माॉ ऩयसकाय सवरऩ बजी ह ऐसा कहकय उनहोन लभतर क हाथ भ हजाय अशकपिमो की ऩोटरी यख दी एक हफत क अॊदय-अॊदय

उस आकय नौकयी भ बतॉ होन को बी कहा लभतर क आनॊद की सीभा नही थी एक हफता कमो कर ही कमो नही सोचकय उसन अऩनी ऩोटरी-वोटरी फाॉधी औय दसय हदन सवय ही वो जान को तमाय हो गमा इस जलदफाजी भ वह

उस वदध की फात बर गमा फीच यासत भ उस उसकी फात माद आ गमी ऩय ठीक हअगर भहहन लभर रता हॉ सोच

कय वह याज दयफाय भ अऩन काभ ऩय रग गमा हदनभहहन फीत बराहभण क वश भ आए बगवान को गससा आमा बगवान न सोचा भनषम की परवसतत ऐसी ही होती ह उस भझ अऩनी भहहभा फतानी होगी

दसय ही हदन याणीवास स आबषण चोयी हो गम चोयी का इलजाभ लभतर ऩय आमा लभतर को कायावास की सजा हई hellipयाज यकोन उस तयह-तयह की मातनाएॉ दी ऐसा कमो हआउस ऩय मह इलजाभ कमो रगा सोचत हए लभतर को यात को सऩन भ बगवान हदखाई हदम उनहोन फतामा कक ldquoवदध बराहभण क रऩ भ व ही आम थ वो अऩनी फात स भकय गमा इसलरम म सफ हआ हrdquo तफ लभतर न कहा-ldquoह नाथभ ऩाऩी हॉ भन फहत फडा ऩाऩ ककमा ह कऩमा भझ ऩय दमा कीसजम अफ भ हय भहहन आऩका वरत सॊऩनन करॉ गा भयी आम का आधा बाग जीवन बय आऩको सभषऩित करॉ गाrdquo गार फजाकय उसन बगवान की हय तयह स पराथिना की बकतो की ऩकाय सननवार बगवान न खशी-खशी लभतर ऩय कऩा कय दी बगवान की कऩा स याणी क आबषण दसयही हदन लभर गम याजान म बी जान लरमा कक लभतरन चोयी नही की थी लभतरको कायावास स रयहा कय हदमा गमा तफ स लभतर बगवान को हदम वचन अनसाय हय भहहन शरी फाराजी का वरत सॊऩनन कयन रगा औय अऩनी आम का आधा बाग बगवान को अषऩित कयता यहा सख ऩणि जीवन बफतात हए उसन अॊत भ भो बी परापत ककमाrdquo

शरी अबतरजी न ऐसा कहकय ऩाॉचव औय आखयी अधमाम को सभापत ककमा

गोषवॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

ऩॊचभोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

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faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ततीम अधमाम

शरी वलशषठ उवाच मह अधमाम भहातऩोरनषठ वरयषठ शरीवलशषठ भरन न शरीनायामणजी की कऩा स हभ षवसताय रऩ स फतामा ह ह कलरमग वालसमो शरीफाराजी क षपरम बकतो वकणठ भ रनवास कयनवार शरीनायामणजी आज क रतरभरा भ ससथत शरीफाराजी ही ह कलरमग वालसमो क कषट दय कयन क लरम बगवान आऩक फहत सभीऩ रतरभरा ऩहाड ऩय अवतारयत हए ह शरी फाराजी को खश कयन क लरए मह वरत उततभ ह औय सयर बी ह इस वरत को जो बसकत औय रनषठा स सॊऩनन कयता ह उस सबी सख परापत हो जात ह पराचीन सभम भ अवॊती दश भ बागमनगय नाभक एक नगय था नाभ क ही अनरऩ वहाॉ अनक धनवान (वमाऩायी) यहत थ ऩय व अऩनी सॊऩसतत को दख घभॊड कयत थ औय आभ रोगो को हीन दषटी स दखत थ धन-दौरत उनकी सवासजित ह ऐसा सोचकय घभॊड कयत थ बगवान की रनतम ऩजा-ऩाठ तो उनहोन ऩहर ही छोड दी थी कभ स कभ षवशष हदनो भ बी व ना भॊहदय जात ना ऩजा कयत ना ही दीऩ जरात एक हदन सबी धनवान अऩनी-अऩनी ऩतनीमो क साथ परीरत बोज भ वमसत थ उस नगय की ऩवि हदशा भ ही शरी रकषभी नायामण जी का भॊहदय था जहाॉ दीऩ जरानवारा कोई नही था उस हदन षवशष एकादशी थी सजस एक ऩवि हदन बी भाना जाता ह ऩय उस नगय क एक बी धनवान क भन भ भॊहदय भ ऩजा कयन का षवचाय नही आमा शाभ होत-होत आकाश भ घन फादर छा गम औय भसराधाय फारयश होन रगी वमाऩारयमो क घय ऩानी स बय गम चायो ओय अॊधकाय ह अॊधकाय था सवय होन तक ऩया नगय ऩानी भ डफ गमा वमाऩारयमो क घय टट-पट गम उनका साया ऐशवमि सभापत हो गमा ऐसा उऩिव कमो भचा मह पररम कस हो गमा ककसी को कछ बी सभझ भ नही आ यहा था इतन भ उनह एक षवचचतर दशम हदखाई हदमा नगय क फाहय जो झोऩडडमाॉ थी व तो वसी की वसी थी उनको आशचमि हआ इतनी फारयश भ बी म कस सही सराभत यही व ऐसा भन ही भन सोच यह थ कक इतन भ बफजरी कडकी औय आकाशवाणी हई ldquoए भखो तमहायी सॊऩसतत तमहायी अऩनी ह सवासजित ह ऐसा सोचत थ इसी लरम ऐसा हआ ह इस झोऩडी भ यहनवारा दव भया षपरम बकत ह आभ आदभी होन ऩय बी दव रनतम तमहाय नगय भ ससथत शरी रकषभी नायामण

भॊहदय भ दीऩ जराता था इतना ही नही हय एकादशी क हदन मथा सॊबव वह शरी फाराजी वरत कथा बी सॊऩनन कयता था इसी लरम इन झोऩडीमो भ यहनवार सबी रोग सयकषत यह आऩ सबी महद वरत सॊऩनन कयग तो अऩन-अऩन

ऐशवमि को ऩन परापत कय सकत होrdquo आकाशवाणी सनत ही तयॊत व सबी रोग उस भॊहदय भ गम औय जस

सॊबव हो सका वस सबी रोगोन एक-दसय क सहमोग स शरी फाराजी की वरत कथा सॊऩनन की ऐसा कयत ही सबी को उनक घय ऩवि रऩ भ ही परापत हो गम तफ स व सबी शरीफाराजी क बकत फन गम औय हय एकादशी को शरीफाराजी का वरत सॊऩनन कयत औय सख-शाॊरत परापत कय यहन रग अॊत भ उनहोन भसकत बी परापत की

शरीवलशषठजी न इस परकाय म कथा सनाई

गोषव ॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

ततीमोधमाम सभापतॊ |

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ

शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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चतथव अधमाम

शरी बयदवाज उवाच

शरीनायामण जी को ldquoशरीफाराजी वरत कथाrdquo अतमॊत षपरम ह चतथि अधमाम क रऩ भ हभाय साभन शरी बयदवाज

भरनदवाया फतामी नमी कहानी इस परकाय ह- ldquoह कलरमगवालसमो शरी नायामण क षपरम बकतो आऩ सजस वरत को सॊऩनन कय यह ह वह अदभत ह आऩकी भनोकाभनाओॊ को ऩणि कयन का साधन ह शरी फाराजी को परसनन कयन का मह अतमॊत सयर उऩाम ह आऩ सबी ऩय कऩा कयन क लरम ही वकॊ ठवासी बगवान शरीरनवास क रऩ भ रतरभरा ऩहाड ऩय अवतरयत हए ह अनक जनभो क ऩणमपर स ही रतरभरा ऩहाड ऩय ऩय यखन का सौबागम परापत होता ह औय बगवान क दशिन बी सॊबव होत ह इसी तयह इस ldquoवरतकथाrdquo को सॊऩनन कयन का सॊकलऩ बी ऩविजनभ क

ऩणमपर स ही सॊबव होता ह जो वमसकत इस वरत को सॊऩनन कय यह ह मा जो इस कथा को सन यह ह मा जो बगवान क परसाद को गरहण कयत ह उनह बगवान की कऩा परापत होती ह औय व सौबागम बी ऩात ह

पराचीन कार भ ldquoनगयीrdquo नाभक एक गराभ भ धनगपत नाभ का वमाऩायी यहता था वह फहत ही रारची था ऐशवमि परापत कयन ऩय बी उसका रारचीऩन कभ नही हआ मह सभसत ऐशवमि उसका ही कभामा हआ ह ऐसा सोचकय वह फहत घभॊड कयता था अहॊकाय भनषम का नाश कयता ह

धनगपत की ऩतनी काॊरतभती अतमॊत बसकत बावना यखती थी औय रनषठा स बगवान की ऩजा कयती थी उनकी तीन कनमाएॉ थी तीसयी कनमा ldquoकभायीrdquo भ बसकत बावना जमादा थी वह हभशा फाराजी का नाभ ही जऩती यहती थी षऩताजी को बफना फताम वह जफ-तफ शरी फाराजी क भॊहदय भ जाती थी औय बगवान क दशिन कयती थी घय आकय षऩताजी को छोड अनम सबी क साथ परसाद सवीकाय कयती थी ऩती क ऐस वमवहाय स

काॊरतभती थोडी चच ॊरतत होती थी

एक हदन ldquoकभायीrdquo की सहरी क घय ऩय ldquoशरी फाराजीrdquo का वरत सॊऩनन हो यहा था मह जानकय वो वहाॉ गई वरत ऩया होन तक दोऩहय हो चकी थी थोडासा परसाद उसन गरहण ककमा औय थोडा वह अऩन घयवारो क लरम एक

कागज की ऩडी भ रकय चरी फीच यासत भ उस पमास रगन रगी धऩ बी फहत तज थी उसन सोचा थोडी दय रक

कय पमास फझाकय कपय चरॉ तो ठीक यहगा तबी उस माद आमा कक उसक षऩता की दकान अगरी गरी भ ही तो ह वहाॉ जाकय उसन षऩताजी को ऩजा की फात बफना फताम षऩताजी स ऩानी भाॉगकय षऩमा औय षऩताजी गससा कयग

इस डय स उसन जलदी-जलदी ऩानी षऩमा इस घफयाहट भ परसाद की ऩडी वही दकान भ बरकय चरी गई

एकाएक फाजाय भ हडकॊ ऩ भच गमा रोग हाहाकाय भचात हए इधय-उधय बागन रग आगजनी क कायण उस गरी की सायी दकान जर कय याख होन रगी वस बी दोऩहय का सभम थाउस ऩय गभि हवाएॉ चर यही थीधनगपत का शयीय डय क भाय काॉऩन रगा ldquoकछ ही सभम भ उसकी दकान बी जर कय याख हो जाएगीrdquo इस षवचाय स उस क हाथ-ऩय काॉऩन रग सबी रोग अऩनी-अऩनी दकानो स फाहय आकय इधय-उधय बागन रग ऩय

धनगपत वही खडा यह गमा दकान छोडकय जान का भन नही कय यहा था महद वो दकान भ यहगा तो जरकय

याख हो जामगासोचत हए उसन घफयाहट भ उसक हाथ रगी ऩडी को उठामा औय बफना सोच सभझ जो हाथ आमा वो भॉह भ डार हदमा उस कछ भीठा-भीठा सा ऩदाथि रगा औय भन बी शाॊत होन रगा

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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तबी एक अदभत घटना घटीआग धनगपत की दकान तक आकय रक गमी आग की रऩत वहाॉ नही आ ऩामी मह कसी षवचचतर फात हम कसी भामा ह धनगपत क भॉहस एक बी फात नही रनकर ऩामी उधय आगजनी की खफय सनत ही ऩतनी काॊरतभती अऩन कनमाओॊ क साथ फाराजी का सभयण कयत हए दौडती हई वहाॉ आ गमी आग उनक दकान तक आकय कस रक गमी मह दखकय उस आशचमि हआ तबी कभायी को दकान भ बरी हई ऩडी की माद आई धनगपत को सभझन भ दय नही रगी कक उसन जो चीज भॉह भ डारी थी वो औय कछ नही तो बगवान का परसाद ही था औय उसकी भहहभा स ही व इस दघिटना स चक गम धनगपत न शरीफाराजी स भा भाॉगी गार फजाम शाभ भ ही नगयवालसमो को फराकय ldquoशरीफाराजी की वरत कथाrdquo सॊऩनन की तफ स वह बगवान की सवा भ रीन हो गमा औय अॊत भ भो बी परापत की आऩन दखा कक कवर परसाद गरहण कयन स ही वो ककतनी फडी दघिटना स चक गमा फाराजी की भहहभा अदभत ह आऩ सबी बी मथा सॊबव वरत को सॊऩनन कय क बगवान की कऩा परापत कय सकत हldquo

शरीबयदवाजजी न इस परकाय मह चतथि कथा सनामी

गोषवॊदगोषवॊदगोषवॊद

चतथोधमाम सभापतॊ |

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ऩॊचभ अधमाम

शरी अतरतर उवाच

रतरभरा-रतरऩती बरोक का वकणठ धाभ ह ऩयाणो भ फतामा गमा ह कक रतरभरा क सभान ऩषवतर सथर औय शरी फाराजी जस दवता न तो ऩहर कबी हए ह औय न कबी होग शरीरनवास क रऩ भ अवतरयत शरी नायामण अऩन

बकतो स फहत परभ कयत ह जो उन ऩय अऩना ऩया बाय डारकय उनह रनतम सभयण कयत ह जो सदाचाय स ऩणि जीवन बफतात ह वो उनकी या कयत ह ऐस शरीफाराजी को परसनन कयन का सफस सयर उऩाम ह ndash ldquoशरीफाराजी की वरत कथाrdquo

इस अदभत वरत कथा क फाय भ भहातऩसॊऩनन शरी अबतर भहषषि न कऩा कयत हए कहा ह- ldquo ह फाराजी क षपरम

बकतो कलरमग भ आऩक सौबागम क फाय भ कमा कहना कतमग तरतामग औय दवाऩायमग भ अतमॊत कठोय तऩ-

जऩ कयन ऩय बी परसनन न होन वार शरी नायामण इस मग भ कवर नाभसभयण स ही आऩ रोगो ऩय कऩा कय यह

ह षवशवास क साथ उनह फरान ऩय व तयॊत कऩा परदान कयत ह ऐस करणाभम ह शरीफाराजी ऩषवतर रतरभरा ऩय

तमहाया यखा हय कदभ अनक जनभो क ऩणमपर क सभान ह

पराचीन कार भ ldquoकौभायrdquo दश भ ldquoलभतरrdquo नाभक धोफी यहता था वो अऩन काभ क साथ-साथ धालभिक कामि कयता हआ जीवन रनवािह कय यहा था उसकी अऩॊगता ही उसकी चच ॊता थी इसी कायण धोए हए कऩडो की ऩोटरी फनाकय घय-घय घभकय उनह रोगो तक ऩहॉचाना उस धीय धीय भसशकर रगन रगा उसका ऩरयवाय फडा था बफना भहनत ककए उस बय ऩट खान को बी नही लभरता था हभशा वो शरी फाराजी की ऩजा कयता यहता था कबी ना कबी बगवान उस ऩय कऩा कयग इसी षवशवास स वो अऩना जीवन गजाय यहा था बकतो ऩय कऩा कयन वार फाराजी सफ कछ दखत यहत ह जो वमसकत अऩन कभो स भकती ऩाता ह उनक ऩास आकय फाराजी ककसी न ककसी रऩ भ आकय उनकी या कयत ह एक हदन शाभ क सभम हभशा की तयह लभतर कऩड धोकय कऩडो की ऩोटरी राद धीय-धीय चरता हआ आ

यहा था फीच यासत भ उस एक वदध बराहभण हदखाई हदम गौयव की बावना स फड होन क कायण लभतर न अऩन कॊ ध

ऩय रदी हई ऩोटरी को नीच उतायकय वदध बराहभण को नभसकाय ककमा तफ उस षवपरोततभ न कहा- ldquoतभ अऩन इस ऩय क कायण ककतना कषट सह यह हो तमहाया दख दखा नही जाताrdquo तफ लभतर न कहा-ldquoह नाथ आऩ फजगि ह बयाऩया ऩरयवाय होन क कायण भझ इस काभ स भकती नही लभर यही ह ककसी तयह भयी म अऩॊगता दय हो ऐसा कोई उऩाम फताइएrdquo

तफ बराहभण न कहा-ldquoसनो बाई भ जरय फताऊॉ गा धमान स सनो भ एक ऐस वरत क फाय भ फताता हॉ सजस सॊऩनन कयन स तमहायी अऩॊगता दय हो जाएगी तमह अषट ऐशवमो की परासपत होगी वरत सॊऩनन कयत ही तमह हजाय अशकपि माॉ लभरगी ऩय एक शति ह उसभ स आध तभ भझ दोगकर भ कपय इसी सभम महाॉ लभरॉगाrdquo तफ लभतर न कहा- ldquoसवाभी इसस फढकय सौबागम औय कमा हो सकता ह आज ही इस

वरत क फाय भ फताइए भ उस सॊऩनन करॉ गाrdquo लभतर क उतसाह को दख वदध न शरी फाराजी वरत कथा क फाय भ फतामा

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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लभतर दगन उतसाह क साथ घय आमा ऩयी कहानी ऩतनी को फतामी औय अडोस-ऩडोस क साथ लभरकय शरी फाराजी वरत को सॊऩनन ककमा चयणाभत परसाद गरहण ककमा घय आए सबी रोगो को बी हदमा तबी घय क फाहय कछ

कोराहर सनाई हदमा लभतर का फटा फाहय स दौडता हआ आमा औय फोरा- ldquoषऩताजी षऩताजी याज-यक आऩक लरम आए ह याजा न आऩक लरम बट बी बजी हrdquo इतन भ यक बी वहाॉ आ गम उनहोन फतामा कक उसकी रनमसकत याज दयफाय भ धोफी क रऩ भ हो गमी ह याजा न हजाय अशकपि माॉ ऩयसकाय सवरऩ बजी ह ऐसा कहकय उनहोन लभतर क हाथ भ हजाय अशकपिमो की ऩोटरी यख दी एक हफत क अॊदय-अॊदय

उस आकय नौकयी भ बतॉ होन को बी कहा लभतर क आनॊद की सीभा नही थी एक हफता कमो कर ही कमो नही सोचकय उसन अऩनी ऩोटरी-वोटरी फाॉधी औय दसय हदन सवय ही वो जान को तमाय हो गमा इस जलदफाजी भ वह

उस वदध की फात बर गमा फीच यासत भ उस उसकी फात माद आ गमी ऩय ठीक हअगर भहहन लभर रता हॉ सोच

कय वह याज दयफाय भ अऩन काभ ऩय रग गमा हदनभहहन फीत बराहभण क वश भ आए बगवान को गससा आमा बगवान न सोचा भनषम की परवसतत ऐसी ही होती ह उस भझ अऩनी भहहभा फतानी होगी

दसय ही हदन याणीवास स आबषण चोयी हो गम चोयी का इलजाभ लभतर ऩय आमा लभतर को कायावास की सजा हई hellipयाज यकोन उस तयह-तयह की मातनाएॉ दी ऐसा कमो हआउस ऩय मह इलजाभ कमो रगा सोचत हए लभतर को यात को सऩन भ बगवान हदखाई हदम उनहोन फतामा कक ldquoवदध बराहभण क रऩ भ व ही आम थ वो अऩनी फात स भकय गमा इसलरम म सफ हआ हrdquo तफ लभतर न कहा-ldquoह नाथभ ऩाऩी हॉ भन फहत फडा ऩाऩ ककमा ह कऩमा भझ ऩय दमा कीसजम अफ भ हय भहहन आऩका वरत सॊऩनन करॉ गा भयी आम का आधा बाग जीवन बय आऩको सभषऩित करॉ गाrdquo गार फजाकय उसन बगवान की हय तयह स पराथिना की बकतो की ऩकाय सननवार बगवान न खशी-खशी लभतर ऩय कऩा कय दी बगवान की कऩा स याणी क आबषण दसयही हदन लभर गम याजान म बी जान लरमा कक लभतरन चोयी नही की थी लभतरको कायावास स रयहा कय हदमा गमा तफ स लभतर बगवान को हदम वचन अनसाय हय भहहन शरी फाराजी का वरत सॊऩनन कयन रगा औय अऩनी आम का आधा बाग बगवान को अषऩित कयता यहा सख ऩणि जीवन बफतात हए उसन अॊत भ भो बी परापत ककमाrdquo

शरी अबतरजी न ऐसा कहकय ऩाॉचव औय आखयी अधमाम को सभापत ककमा

गोषवॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

ऩॊचभोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

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faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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चतथव अधमाम

शरी बयदवाज उवाच

शरीनायामण जी को ldquoशरीफाराजी वरत कथाrdquo अतमॊत षपरम ह चतथि अधमाम क रऩ भ हभाय साभन शरी बयदवाज

भरनदवाया फतामी नमी कहानी इस परकाय ह- ldquoह कलरमगवालसमो शरी नायामण क षपरम बकतो आऩ सजस वरत को सॊऩनन कय यह ह वह अदभत ह आऩकी भनोकाभनाओॊ को ऩणि कयन का साधन ह शरी फाराजी को परसनन कयन का मह अतमॊत सयर उऩाम ह आऩ सबी ऩय कऩा कयन क लरम ही वकॊ ठवासी बगवान शरीरनवास क रऩ भ रतरभरा ऩहाड ऩय अवतरयत हए ह अनक जनभो क ऩणमपर स ही रतरभरा ऩहाड ऩय ऩय यखन का सौबागम परापत होता ह औय बगवान क दशिन बी सॊबव होत ह इसी तयह इस ldquoवरतकथाrdquo को सॊऩनन कयन का सॊकलऩ बी ऩविजनभ क

ऩणमपर स ही सॊबव होता ह जो वमसकत इस वरत को सॊऩनन कय यह ह मा जो इस कथा को सन यह ह मा जो बगवान क परसाद को गरहण कयत ह उनह बगवान की कऩा परापत होती ह औय व सौबागम बी ऩात ह

पराचीन कार भ ldquoनगयीrdquo नाभक एक गराभ भ धनगपत नाभ का वमाऩायी यहता था वह फहत ही रारची था ऐशवमि परापत कयन ऩय बी उसका रारचीऩन कभ नही हआ मह सभसत ऐशवमि उसका ही कभामा हआ ह ऐसा सोचकय वह फहत घभॊड कयता था अहॊकाय भनषम का नाश कयता ह

धनगपत की ऩतनी काॊरतभती अतमॊत बसकत बावना यखती थी औय रनषठा स बगवान की ऩजा कयती थी उनकी तीन कनमाएॉ थी तीसयी कनमा ldquoकभायीrdquo भ बसकत बावना जमादा थी वह हभशा फाराजी का नाभ ही जऩती यहती थी षऩताजी को बफना फताम वह जफ-तफ शरी फाराजी क भॊहदय भ जाती थी औय बगवान क दशिन कयती थी घय आकय षऩताजी को छोड अनम सबी क साथ परसाद सवीकाय कयती थी ऩती क ऐस वमवहाय स

काॊरतभती थोडी चच ॊरतत होती थी

एक हदन ldquoकभायीrdquo की सहरी क घय ऩय ldquoशरी फाराजीrdquo का वरत सॊऩनन हो यहा था मह जानकय वो वहाॉ गई वरत ऩया होन तक दोऩहय हो चकी थी थोडासा परसाद उसन गरहण ककमा औय थोडा वह अऩन घयवारो क लरम एक

कागज की ऩडी भ रकय चरी फीच यासत भ उस पमास रगन रगी धऩ बी फहत तज थी उसन सोचा थोडी दय रक

कय पमास फझाकय कपय चरॉ तो ठीक यहगा तबी उस माद आमा कक उसक षऩता की दकान अगरी गरी भ ही तो ह वहाॉ जाकय उसन षऩताजी को ऩजा की फात बफना फताम षऩताजी स ऩानी भाॉगकय षऩमा औय षऩताजी गससा कयग

इस डय स उसन जलदी-जलदी ऩानी षऩमा इस घफयाहट भ परसाद की ऩडी वही दकान भ बरकय चरी गई

एकाएक फाजाय भ हडकॊ ऩ भच गमा रोग हाहाकाय भचात हए इधय-उधय बागन रग आगजनी क कायण उस गरी की सायी दकान जर कय याख होन रगी वस बी दोऩहय का सभम थाउस ऩय गभि हवाएॉ चर यही थीधनगपत का शयीय डय क भाय काॉऩन रगा ldquoकछ ही सभम भ उसकी दकान बी जर कय याख हो जाएगीrdquo इस षवचाय स उस क हाथ-ऩय काॉऩन रग सबी रोग अऩनी-अऩनी दकानो स फाहय आकय इधय-उधय बागन रग ऩय

धनगपत वही खडा यह गमा दकान छोडकय जान का भन नही कय यहा था महद वो दकान भ यहगा तो जरकय

याख हो जामगासोचत हए उसन घफयाहट भ उसक हाथ रगी ऩडी को उठामा औय बफना सोच सभझ जो हाथ आमा वो भॉह भ डार हदमा उस कछ भीठा-भीठा सा ऩदाथि रगा औय भन बी शाॊत होन रगा

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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तबी एक अदभत घटना घटीआग धनगपत की दकान तक आकय रक गमी आग की रऩत वहाॉ नही आ ऩामी मह कसी षवचचतर फात हम कसी भामा ह धनगपत क भॉहस एक बी फात नही रनकर ऩामी उधय आगजनी की खफय सनत ही ऩतनी काॊरतभती अऩन कनमाओॊ क साथ फाराजी का सभयण कयत हए दौडती हई वहाॉ आ गमी आग उनक दकान तक आकय कस रक गमी मह दखकय उस आशचमि हआ तबी कभायी को दकान भ बरी हई ऩडी की माद आई धनगपत को सभझन भ दय नही रगी कक उसन जो चीज भॉह भ डारी थी वो औय कछ नही तो बगवान का परसाद ही था औय उसकी भहहभा स ही व इस दघिटना स चक गम धनगपत न शरीफाराजी स भा भाॉगी गार फजाम शाभ भ ही नगयवालसमो को फराकय ldquoशरीफाराजी की वरत कथाrdquo सॊऩनन की तफ स वह बगवान की सवा भ रीन हो गमा औय अॊत भ भो बी परापत की आऩन दखा कक कवर परसाद गरहण कयन स ही वो ककतनी फडी दघिटना स चक गमा फाराजी की भहहभा अदभत ह आऩ सबी बी मथा सॊबव वरत को सॊऩनन कय क बगवान की कऩा परापत कय सकत हldquo

शरीबयदवाजजी न इस परकाय मह चतथि कथा सनामी

गोषवॊदगोषवॊदगोषवॊद

चतथोधमाम सभापतॊ |

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ऩॊचभ अधमाम

शरी अतरतर उवाच

रतरभरा-रतरऩती बरोक का वकणठ धाभ ह ऩयाणो भ फतामा गमा ह कक रतरभरा क सभान ऩषवतर सथर औय शरी फाराजी जस दवता न तो ऩहर कबी हए ह औय न कबी होग शरीरनवास क रऩ भ अवतरयत शरी नायामण अऩन

बकतो स फहत परभ कयत ह जो उन ऩय अऩना ऩया बाय डारकय उनह रनतम सभयण कयत ह जो सदाचाय स ऩणि जीवन बफतात ह वो उनकी या कयत ह ऐस शरीफाराजी को परसनन कयन का सफस सयर उऩाम ह ndash ldquoशरीफाराजी की वरत कथाrdquo

इस अदभत वरत कथा क फाय भ भहातऩसॊऩनन शरी अबतर भहषषि न कऩा कयत हए कहा ह- ldquo ह फाराजी क षपरम

बकतो कलरमग भ आऩक सौबागम क फाय भ कमा कहना कतमग तरतामग औय दवाऩायमग भ अतमॊत कठोय तऩ-

जऩ कयन ऩय बी परसनन न होन वार शरी नायामण इस मग भ कवर नाभसभयण स ही आऩ रोगो ऩय कऩा कय यह

ह षवशवास क साथ उनह फरान ऩय व तयॊत कऩा परदान कयत ह ऐस करणाभम ह शरीफाराजी ऩषवतर रतरभरा ऩय

तमहाया यखा हय कदभ अनक जनभो क ऩणमपर क सभान ह

पराचीन कार भ ldquoकौभायrdquo दश भ ldquoलभतरrdquo नाभक धोफी यहता था वो अऩन काभ क साथ-साथ धालभिक कामि कयता हआ जीवन रनवािह कय यहा था उसकी अऩॊगता ही उसकी चच ॊता थी इसी कायण धोए हए कऩडो की ऩोटरी फनाकय घय-घय घभकय उनह रोगो तक ऩहॉचाना उस धीय धीय भसशकर रगन रगा उसका ऩरयवाय फडा था बफना भहनत ककए उस बय ऩट खान को बी नही लभरता था हभशा वो शरी फाराजी की ऩजा कयता यहता था कबी ना कबी बगवान उस ऩय कऩा कयग इसी षवशवास स वो अऩना जीवन गजाय यहा था बकतो ऩय कऩा कयन वार फाराजी सफ कछ दखत यहत ह जो वमसकत अऩन कभो स भकती ऩाता ह उनक ऩास आकय फाराजी ककसी न ककसी रऩ भ आकय उनकी या कयत ह एक हदन शाभ क सभम हभशा की तयह लभतर कऩड धोकय कऩडो की ऩोटरी राद धीय-धीय चरता हआ आ

यहा था फीच यासत भ उस एक वदध बराहभण हदखाई हदम गौयव की बावना स फड होन क कायण लभतर न अऩन कॊ ध

ऩय रदी हई ऩोटरी को नीच उतायकय वदध बराहभण को नभसकाय ककमा तफ उस षवपरोततभ न कहा- ldquoतभ अऩन इस ऩय क कायण ककतना कषट सह यह हो तमहाया दख दखा नही जाताrdquo तफ लभतर न कहा-ldquoह नाथ आऩ फजगि ह बयाऩया ऩरयवाय होन क कायण भझ इस काभ स भकती नही लभर यही ह ककसी तयह भयी म अऩॊगता दय हो ऐसा कोई उऩाम फताइएrdquo

तफ बराहभण न कहा-ldquoसनो बाई भ जरय फताऊॉ गा धमान स सनो भ एक ऐस वरत क फाय भ फताता हॉ सजस सॊऩनन कयन स तमहायी अऩॊगता दय हो जाएगी तमह अषट ऐशवमो की परासपत होगी वरत सॊऩनन कयत ही तमह हजाय अशकपि माॉ लभरगी ऩय एक शति ह उसभ स आध तभ भझ दोगकर भ कपय इसी सभम महाॉ लभरॉगाrdquo तफ लभतर न कहा- ldquoसवाभी इसस फढकय सौबागम औय कमा हो सकता ह आज ही इस

वरत क फाय भ फताइए भ उस सॊऩनन करॉ गाrdquo लभतर क उतसाह को दख वदध न शरी फाराजी वरत कथा क फाय भ फतामा

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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लभतर दगन उतसाह क साथ घय आमा ऩयी कहानी ऩतनी को फतामी औय अडोस-ऩडोस क साथ लभरकय शरी फाराजी वरत को सॊऩनन ककमा चयणाभत परसाद गरहण ककमा घय आए सबी रोगो को बी हदमा तबी घय क फाहय कछ

कोराहर सनाई हदमा लभतर का फटा फाहय स दौडता हआ आमा औय फोरा- ldquoषऩताजी षऩताजी याज-यक आऩक लरम आए ह याजा न आऩक लरम बट बी बजी हrdquo इतन भ यक बी वहाॉ आ गम उनहोन फतामा कक उसकी रनमसकत याज दयफाय भ धोफी क रऩ भ हो गमी ह याजा न हजाय अशकपि माॉ ऩयसकाय सवरऩ बजी ह ऐसा कहकय उनहोन लभतर क हाथ भ हजाय अशकपिमो की ऩोटरी यख दी एक हफत क अॊदय-अॊदय

उस आकय नौकयी भ बतॉ होन को बी कहा लभतर क आनॊद की सीभा नही थी एक हफता कमो कर ही कमो नही सोचकय उसन अऩनी ऩोटरी-वोटरी फाॉधी औय दसय हदन सवय ही वो जान को तमाय हो गमा इस जलदफाजी भ वह

उस वदध की फात बर गमा फीच यासत भ उस उसकी फात माद आ गमी ऩय ठीक हअगर भहहन लभर रता हॉ सोच

कय वह याज दयफाय भ अऩन काभ ऩय रग गमा हदनभहहन फीत बराहभण क वश भ आए बगवान को गससा आमा बगवान न सोचा भनषम की परवसतत ऐसी ही होती ह उस भझ अऩनी भहहभा फतानी होगी

दसय ही हदन याणीवास स आबषण चोयी हो गम चोयी का इलजाभ लभतर ऩय आमा लभतर को कायावास की सजा हई hellipयाज यकोन उस तयह-तयह की मातनाएॉ दी ऐसा कमो हआउस ऩय मह इलजाभ कमो रगा सोचत हए लभतर को यात को सऩन भ बगवान हदखाई हदम उनहोन फतामा कक ldquoवदध बराहभण क रऩ भ व ही आम थ वो अऩनी फात स भकय गमा इसलरम म सफ हआ हrdquo तफ लभतर न कहा-ldquoह नाथभ ऩाऩी हॉ भन फहत फडा ऩाऩ ककमा ह कऩमा भझ ऩय दमा कीसजम अफ भ हय भहहन आऩका वरत सॊऩनन करॉ गा भयी आम का आधा बाग जीवन बय आऩको सभषऩित करॉ गाrdquo गार फजाकय उसन बगवान की हय तयह स पराथिना की बकतो की ऩकाय सननवार बगवान न खशी-खशी लभतर ऩय कऩा कय दी बगवान की कऩा स याणी क आबषण दसयही हदन लभर गम याजान म बी जान लरमा कक लभतरन चोयी नही की थी लभतरको कायावास स रयहा कय हदमा गमा तफ स लभतर बगवान को हदम वचन अनसाय हय भहहन शरी फाराजी का वरत सॊऩनन कयन रगा औय अऩनी आम का आधा बाग बगवान को अषऩित कयता यहा सख ऩणि जीवन बफतात हए उसन अॊत भ भो बी परापत ककमाrdquo

शरी अबतरजी न ऐसा कहकय ऩाॉचव औय आखयी अधमाम को सभापत ककमा

गोषवॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

ऩॊचभोधमाम सभापतॊ

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faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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तबी एक अदभत घटना घटीआग धनगपत की दकान तक आकय रक गमी आग की रऩत वहाॉ नही आ ऩामी मह कसी षवचचतर फात हम कसी भामा ह धनगपत क भॉहस एक बी फात नही रनकर ऩामी उधय आगजनी की खफय सनत ही ऩतनी काॊरतभती अऩन कनमाओॊ क साथ फाराजी का सभयण कयत हए दौडती हई वहाॉ आ गमी आग उनक दकान तक आकय कस रक गमी मह दखकय उस आशचमि हआ तबी कभायी को दकान भ बरी हई ऩडी की माद आई धनगपत को सभझन भ दय नही रगी कक उसन जो चीज भॉह भ डारी थी वो औय कछ नही तो बगवान का परसाद ही था औय उसकी भहहभा स ही व इस दघिटना स चक गम धनगपत न शरीफाराजी स भा भाॉगी गार फजाम शाभ भ ही नगयवालसमो को फराकय ldquoशरीफाराजी की वरत कथाrdquo सॊऩनन की तफ स वह बगवान की सवा भ रीन हो गमा औय अॊत भ भो बी परापत की आऩन दखा कक कवर परसाद गरहण कयन स ही वो ककतनी फडी दघिटना स चक गमा फाराजी की भहहभा अदभत ह आऩ सबी बी मथा सॊबव वरत को सॊऩनन कय क बगवान की कऩा परापत कय सकत हldquo

शरीबयदवाजजी न इस परकाय मह चतथि कथा सनामी

गोषवॊदगोषवॊदगोषवॊद

चतथोधमाम सभापतॊ |

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ऩॊचभ अधमाम

शरी अतरतर उवाच

रतरभरा-रतरऩती बरोक का वकणठ धाभ ह ऩयाणो भ फतामा गमा ह कक रतरभरा क सभान ऩषवतर सथर औय शरी फाराजी जस दवता न तो ऩहर कबी हए ह औय न कबी होग शरीरनवास क रऩ भ अवतरयत शरी नायामण अऩन

बकतो स फहत परभ कयत ह जो उन ऩय अऩना ऩया बाय डारकय उनह रनतम सभयण कयत ह जो सदाचाय स ऩणि जीवन बफतात ह वो उनकी या कयत ह ऐस शरीफाराजी को परसनन कयन का सफस सयर उऩाम ह ndash ldquoशरीफाराजी की वरत कथाrdquo

इस अदभत वरत कथा क फाय भ भहातऩसॊऩनन शरी अबतर भहषषि न कऩा कयत हए कहा ह- ldquo ह फाराजी क षपरम

बकतो कलरमग भ आऩक सौबागम क फाय भ कमा कहना कतमग तरतामग औय दवाऩायमग भ अतमॊत कठोय तऩ-

जऩ कयन ऩय बी परसनन न होन वार शरी नायामण इस मग भ कवर नाभसभयण स ही आऩ रोगो ऩय कऩा कय यह

ह षवशवास क साथ उनह फरान ऩय व तयॊत कऩा परदान कयत ह ऐस करणाभम ह शरीफाराजी ऩषवतर रतरभरा ऩय

तमहाया यखा हय कदभ अनक जनभो क ऩणमपर क सभान ह

पराचीन कार भ ldquoकौभायrdquo दश भ ldquoलभतरrdquo नाभक धोफी यहता था वो अऩन काभ क साथ-साथ धालभिक कामि कयता हआ जीवन रनवािह कय यहा था उसकी अऩॊगता ही उसकी चच ॊता थी इसी कायण धोए हए कऩडो की ऩोटरी फनाकय घय-घय घभकय उनह रोगो तक ऩहॉचाना उस धीय धीय भसशकर रगन रगा उसका ऩरयवाय फडा था बफना भहनत ककए उस बय ऩट खान को बी नही लभरता था हभशा वो शरी फाराजी की ऩजा कयता यहता था कबी ना कबी बगवान उस ऩय कऩा कयग इसी षवशवास स वो अऩना जीवन गजाय यहा था बकतो ऩय कऩा कयन वार फाराजी सफ कछ दखत यहत ह जो वमसकत अऩन कभो स भकती ऩाता ह उनक ऩास आकय फाराजी ककसी न ककसी रऩ भ आकय उनकी या कयत ह एक हदन शाभ क सभम हभशा की तयह लभतर कऩड धोकय कऩडो की ऩोटरी राद धीय-धीय चरता हआ आ

यहा था फीच यासत भ उस एक वदध बराहभण हदखाई हदम गौयव की बावना स फड होन क कायण लभतर न अऩन कॊ ध

ऩय रदी हई ऩोटरी को नीच उतायकय वदध बराहभण को नभसकाय ककमा तफ उस षवपरोततभ न कहा- ldquoतभ अऩन इस ऩय क कायण ककतना कषट सह यह हो तमहाया दख दखा नही जाताrdquo तफ लभतर न कहा-ldquoह नाथ आऩ फजगि ह बयाऩया ऩरयवाय होन क कायण भझ इस काभ स भकती नही लभर यही ह ककसी तयह भयी म अऩॊगता दय हो ऐसा कोई उऩाम फताइएrdquo

तफ बराहभण न कहा-ldquoसनो बाई भ जरय फताऊॉ गा धमान स सनो भ एक ऐस वरत क फाय भ फताता हॉ सजस सॊऩनन कयन स तमहायी अऩॊगता दय हो जाएगी तमह अषट ऐशवमो की परासपत होगी वरत सॊऩनन कयत ही तमह हजाय अशकपि माॉ लभरगी ऩय एक शति ह उसभ स आध तभ भझ दोगकर भ कपय इसी सभम महाॉ लभरॉगाrdquo तफ लभतर न कहा- ldquoसवाभी इसस फढकय सौबागम औय कमा हो सकता ह आज ही इस

वरत क फाय भ फताइए भ उस सॊऩनन करॉ गाrdquo लभतर क उतसाह को दख वदध न शरी फाराजी वरत कथा क फाय भ फतामा

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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लभतर दगन उतसाह क साथ घय आमा ऩयी कहानी ऩतनी को फतामी औय अडोस-ऩडोस क साथ लभरकय शरी फाराजी वरत को सॊऩनन ककमा चयणाभत परसाद गरहण ककमा घय आए सबी रोगो को बी हदमा तबी घय क फाहय कछ

कोराहर सनाई हदमा लभतर का फटा फाहय स दौडता हआ आमा औय फोरा- ldquoषऩताजी षऩताजी याज-यक आऩक लरम आए ह याजा न आऩक लरम बट बी बजी हrdquo इतन भ यक बी वहाॉ आ गम उनहोन फतामा कक उसकी रनमसकत याज दयफाय भ धोफी क रऩ भ हो गमी ह याजा न हजाय अशकपि माॉ ऩयसकाय सवरऩ बजी ह ऐसा कहकय उनहोन लभतर क हाथ भ हजाय अशकपिमो की ऩोटरी यख दी एक हफत क अॊदय-अॊदय

उस आकय नौकयी भ बतॉ होन को बी कहा लभतर क आनॊद की सीभा नही थी एक हफता कमो कर ही कमो नही सोचकय उसन अऩनी ऩोटरी-वोटरी फाॉधी औय दसय हदन सवय ही वो जान को तमाय हो गमा इस जलदफाजी भ वह

उस वदध की फात बर गमा फीच यासत भ उस उसकी फात माद आ गमी ऩय ठीक हअगर भहहन लभर रता हॉ सोच

कय वह याज दयफाय भ अऩन काभ ऩय रग गमा हदनभहहन फीत बराहभण क वश भ आए बगवान को गससा आमा बगवान न सोचा भनषम की परवसतत ऐसी ही होती ह उस भझ अऩनी भहहभा फतानी होगी

दसय ही हदन याणीवास स आबषण चोयी हो गम चोयी का इलजाभ लभतर ऩय आमा लभतर को कायावास की सजा हई hellipयाज यकोन उस तयह-तयह की मातनाएॉ दी ऐसा कमो हआउस ऩय मह इलजाभ कमो रगा सोचत हए लभतर को यात को सऩन भ बगवान हदखाई हदम उनहोन फतामा कक ldquoवदध बराहभण क रऩ भ व ही आम थ वो अऩनी फात स भकय गमा इसलरम म सफ हआ हrdquo तफ लभतर न कहा-ldquoह नाथभ ऩाऩी हॉ भन फहत फडा ऩाऩ ककमा ह कऩमा भझ ऩय दमा कीसजम अफ भ हय भहहन आऩका वरत सॊऩनन करॉ गा भयी आम का आधा बाग जीवन बय आऩको सभषऩित करॉ गाrdquo गार फजाकय उसन बगवान की हय तयह स पराथिना की बकतो की ऩकाय सननवार बगवान न खशी-खशी लभतर ऩय कऩा कय दी बगवान की कऩा स याणी क आबषण दसयही हदन लभर गम याजान म बी जान लरमा कक लभतरन चोयी नही की थी लभतरको कायावास स रयहा कय हदमा गमा तफ स लभतर बगवान को हदम वचन अनसाय हय भहहन शरी फाराजी का वरत सॊऩनन कयन रगा औय अऩनी आम का आधा बाग बगवान को अषऩित कयता यहा सख ऩणि जीवन बफतात हए उसन अॊत भ भो बी परापत ककमाrdquo

शरी अबतरजी न ऐसा कहकय ऩाॉचव औय आखयी अधमाम को सभापत ककमा

गोषवॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

ऩॊचभोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

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faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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ऩॊचभ अधमाम

शरी अतरतर उवाच

रतरभरा-रतरऩती बरोक का वकणठ धाभ ह ऩयाणो भ फतामा गमा ह कक रतरभरा क सभान ऩषवतर सथर औय शरी फाराजी जस दवता न तो ऩहर कबी हए ह औय न कबी होग शरीरनवास क रऩ भ अवतरयत शरी नायामण अऩन

बकतो स फहत परभ कयत ह जो उन ऩय अऩना ऩया बाय डारकय उनह रनतम सभयण कयत ह जो सदाचाय स ऩणि जीवन बफतात ह वो उनकी या कयत ह ऐस शरीफाराजी को परसनन कयन का सफस सयर उऩाम ह ndash ldquoशरीफाराजी की वरत कथाrdquo

इस अदभत वरत कथा क फाय भ भहातऩसॊऩनन शरी अबतर भहषषि न कऩा कयत हए कहा ह- ldquo ह फाराजी क षपरम

बकतो कलरमग भ आऩक सौबागम क फाय भ कमा कहना कतमग तरतामग औय दवाऩायमग भ अतमॊत कठोय तऩ-

जऩ कयन ऩय बी परसनन न होन वार शरी नायामण इस मग भ कवर नाभसभयण स ही आऩ रोगो ऩय कऩा कय यह

ह षवशवास क साथ उनह फरान ऩय व तयॊत कऩा परदान कयत ह ऐस करणाभम ह शरीफाराजी ऩषवतर रतरभरा ऩय

तमहाया यखा हय कदभ अनक जनभो क ऩणमपर क सभान ह

पराचीन कार भ ldquoकौभायrdquo दश भ ldquoलभतरrdquo नाभक धोफी यहता था वो अऩन काभ क साथ-साथ धालभिक कामि कयता हआ जीवन रनवािह कय यहा था उसकी अऩॊगता ही उसकी चच ॊता थी इसी कायण धोए हए कऩडो की ऩोटरी फनाकय घय-घय घभकय उनह रोगो तक ऩहॉचाना उस धीय धीय भसशकर रगन रगा उसका ऩरयवाय फडा था बफना भहनत ककए उस बय ऩट खान को बी नही लभरता था हभशा वो शरी फाराजी की ऩजा कयता यहता था कबी ना कबी बगवान उस ऩय कऩा कयग इसी षवशवास स वो अऩना जीवन गजाय यहा था बकतो ऩय कऩा कयन वार फाराजी सफ कछ दखत यहत ह जो वमसकत अऩन कभो स भकती ऩाता ह उनक ऩास आकय फाराजी ककसी न ककसी रऩ भ आकय उनकी या कयत ह एक हदन शाभ क सभम हभशा की तयह लभतर कऩड धोकय कऩडो की ऩोटरी राद धीय-धीय चरता हआ आ

यहा था फीच यासत भ उस एक वदध बराहभण हदखाई हदम गौयव की बावना स फड होन क कायण लभतर न अऩन कॊ ध

ऩय रदी हई ऩोटरी को नीच उतायकय वदध बराहभण को नभसकाय ककमा तफ उस षवपरोततभ न कहा- ldquoतभ अऩन इस ऩय क कायण ककतना कषट सह यह हो तमहाया दख दखा नही जाताrdquo तफ लभतर न कहा-ldquoह नाथ आऩ फजगि ह बयाऩया ऩरयवाय होन क कायण भझ इस काभ स भकती नही लभर यही ह ककसी तयह भयी म अऩॊगता दय हो ऐसा कोई उऩाम फताइएrdquo

तफ बराहभण न कहा-ldquoसनो बाई भ जरय फताऊॉ गा धमान स सनो भ एक ऐस वरत क फाय भ फताता हॉ सजस सॊऩनन कयन स तमहायी अऩॊगता दय हो जाएगी तमह अषट ऐशवमो की परासपत होगी वरत सॊऩनन कयत ही तमह हजाय अशकपि माॉ लभरगी ऩय एक शति ह उसभ स आध तभ भझ दोगकर भ कपय इसी सभम महाॉ लभरॉगाrdquo तफ लभतर न कहा- ldquoसवाभी इसस फढकय सौबागम औय कमा हो सकता ह आज ही इस

वरत क फाय भ फताइए भ उस सॊऩनन करॉ गाrdquo लभतर क उतसाह को दख वदध न शरी फाराजी वरत कथा क फाय भ फतामा

faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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लभतर दगन उतसाह क साथ घय आमा ऩयी कहानी ऩतनी को फतामी औय अडोस-ऩडोस क साथ लभरकय शरी फाराजी वरत को सॊऩनन ककमा चयणाभत परसाद गरहण ककमा घय आए सबी रोगो को बी हदमा तबी घय क फाहय कछ

कोराहर सनाई हदमा लभतर का फटा फाहय स दौडता हआ आमा औय फोरा- ldquoषऩताजी षऩताजी याज-यक आऩक लरम आए ह याजा न आऩक लरम बट बी बजी हrdquo इतन भ यक बी वहाॉ आ गम उनहोन फतामा कक उसकी रनमसकत याज दयफाय भ धोफी क रऩ भ हो गमी ह याजा न हजाय अशकपि माॉ ऩयसकाय सवरऩ बजी ह ऐसा कहकय उनहोन लभतर क हाथ भ हजाय अशकपिमो की ऩोटरी यख दी एक हफत क अॊदय-अॊदय

उस आकय नौकयी भ बतॉ होन को बी कहा लभतर क आनॊद की सीभा नही थी एक हफता कमो कर ही कमो नही सोचकय उसन अऩनी ऩोटरी-वोटरी फाॉधी औय दसय हदन सवय ही वो जान को तमाय हो गमा इस जलदफाजी भ वह

उस वदध की फात बर गमा फीच यासत भ उस उसकी फात माद आ गमी ऩय ठीक हअगर भहहन लभर रता हॉ सोच

कय वह याज दयफाय भ अऩन काभ ऩय रग गमा हदनभहहन फीत बराहभण क वश भ आए बगवान को गससा आमा बगवान न सोचा भनषम की परवसतत ऐसी ही होती ह उस भझ अऩनी भहहभा फतानी होगी

दसय ही हदन याणीवास स आबषण चोयी हो गम चोयी का इलजाभ लभतर ऩय आमा लभतर को कायावास की सजा हई hellipयाज यकोन उस तयह-तयह की मातनाएॉ दी ऐसा कमो हआउस ऩय मह इलजाभ कमो रगा सोचत हए लभतर को यात को सऩन भ बगवान हदखाई हदम उनहोन फतामा कक ldquoवदध बराहभण क रऩ भ व ही आम थ वो अऩनी फात स भकय गमा इसलरम म सफ हआ हrdquo तफ लभतर न कहा-ldquoह नाथभ ऩाऩी हॉ भन फहत फडा ऩाऩ ककमा ह कऩमा भझ ऩय दमा कीसजम अफ भ हय भहहन आऩका वरत सॊऩनन करॉ गा भयी आम का आधा बाग जीवन बय आऩको सभषऩित करॉ गाrdquo गार फजाकय उसन बगवान की हय तयह स पराथिना की बकतो की ऩकाय सननवार बगवान न खशी-खशी लभतर ऩय कऩा कय दी बगवान की कऩा स याणी क आबषण दसयही हदन लभर गम याजान म बी जान लरमा कक लभतरन चोयी नही की थी लभतरको कायावास स रयहा कय हदमा गमा तफ स लभतर बगवान को हदम वचन अनसाय हय भहहन शरी फाराजी का वरत सॊऩनन कयन रगा औय अऩनी आम का आधा बाग बगवान को अषऩित कयता यहा सख ऩणि जीवन बफतात हए उसन अॊत भ भो बी परापत ककमाrdquo

शरी अबतरजी न ऐसा कहकय ऩाॉचव औय आखयी अधमाम को सभापत ककमा

गोषवॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

ऩॊचभोधमाम सभापतॊ

चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

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faशरी फाराजी की रीराएॉ औय शरी वकटशवय वरत कथा

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लभतर दगन उतसाह क साथ घय आमा ऩयी कहानी ऩतनी को फतामी औय अडोस-ऩडोस क साथ लभरकय शरी फाराजी वरत को सॊऩनन ककमा चयणाभत परसाद गरहण ककमा घय आए सबी रोगो को बी हदमा तबी घय क फाहय कछ

कोराहर सनाई हदमा लभतर का फटा फाहय स दौडता हआ आमा औय फोरा- ldquoषऩताजी षऩताजी याज-यक आऩक लरम आए ह याजा न आऩक लरम बट बी बजी हrdquo इतन भ यक बी वहाॉ आ गम उनहोन फतामा कक उसकी रनमसकत याज दयफाय भ धोफी क रऩ भ हो गमी ह याजा न हजाय अशकपि माॉ ऩयसकाय सवरऩ बजी ह ऐसा कहकय उनहोन लभतर क हाथ भ हजाय अशकपिमो की ऩोटरी यख दी एक हफत क अॊदय-अॊदय

उस आकय नौकयी भ बतॉ होन को बी कहा लभतर क आनॊद की सीभा नही थी एक हफता कमो कर ही कमो नही सोचकय उसन अऩनी ऩोटरी-वोटरी फाॉधी औय दसय हदन सवय ही वो जान को तमाय हो गमा इस जलदफाजी भ वह

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कय वह याज दयफाय भ अऩन काभ ऩय रग गमा हदनभहहन फीत बराहभण क वश भ आए बगवान को गससा आमा बगवान न सोचा भनषम की परवसतत ऐसी ही होती ह उस भझ अऩनी भहहभा फतानी होगी

दसय ही हदन याणीवास स आबषण चोयी हो गम चोयी का इलजाभ लभतर ऩय आमा लभतर को कायावास की सजा हई hellipयाज यकोन उस तयह-तयह की मातनाएॉ दी ऐसा कमो हआउस ऩय मह इलजाभ कमो रगा सोचत हए लभतर को यात को सऩन भ बगवान हदखाई हदम उनहोन फतामा कक ldquoवदध बराहभण क रऩ भ व ही आम थ वो अऩनी फात स भकय गमा इसलरम म सफ हआ हrdquo तफ लभतर न कहा-ldquoह नाथभ ऩाऩी हॉ भन फहत फडा ऩाऩ ककमा ह कऩमा भझ ऩय दमा कीसजम अफ भ हय भहहन आऩका वरत सॊऩनन करॉ गा भयी आम का आधा बाग जीवन बय आऩको सभषऩित करॉ गाrdquo गार फजाकय उसन बगवान की हय तयह स पराथिना की बकतो की ऩकाय सननवार बगवान न खशी-खशी लभतर ऩय कऩा कय दी बगवान की कऩा स याणी क आबषण दसयही हदन लभर गम याजान म बी जान लरमा कक लभतरन चोयी नही की थी लभतरको कायावास स रयहा कय हदमा गमा तफ स लभतर बगवान को हदम वचन अनसाय हय भहहन शरी फाराजी का वरत सॊऩनन कयन रगा औय अऩनी आम का आधा बाग बगवान को अषऩित कयता यहा सख ऩणि जीवन बफतात हए उसन अॊत भ भो बी परापत ककमाrdquo

शरी अबतरजी न ऐसा कहकय ऩाॉचव औय आखयी अधमाम को सभापत ककमा

गोषवॊदगोषव ॊदगोषव ॊद

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चशरम काॊताम कलमाण रनधम रनधमचधिनाभ शरी वकटरनवासाम शरीरनवासाम भॊगरभ ||

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