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नाम शी पȯमचुद रा नाम धनपत राय जनम तथि ३१ लाई १८८० जनम सिली वाराणसी सȯ मील द लमही नामक गााव मे माता का नाम आननदी दȯवपता का नाम शी अजायबराय तय अकट बर १९३६ शी पȯमचुद पवशȯषाुक सुवाहहका खणड 2 अुक लाई २०१८ आय कत महȪदय उपाय कत महȪदय पाचाया

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  • नाम म ुंशी प्रमचुंद पूरा नाम धनपत राय जन्म ततथि ३१ ज लाई १८८० ई जन्म स्िली वाराणसी स ८ मील दरू

    लमही नामक गााँव में माता का नाम आनन्दी दवी पपता का नाम म ुंशी अजायबराय मतृ्य ८ अक्टूबर १९३६

    म ुंशी प्रमचुंद पवशषाुंक

    सुंवाहहका खण्ड 2 अुंक १ ज लाई २०१८

    आय क्त मह दय

    उपाय क्त मह दय

    प्राचायाा

  • प्रमचुंद कवी इफक गाुंधीधाम प स्तकालय में

    अथधग्रहण सुंख्या ७९५०

    अथधग्रहण सुंख्या

    ७९५१ अधिग्रहण सखं्या

    ७९५२

    अथधग्रहण सुंख्या ७९५३

    अथधग्रहण सुंख्या ७९५४

    अथधग्रहण सुंख्या ७९५५

    अथधग्रहण सुंख्या

    ७९५६

    अथधग्रहण सुंख्या

    ७९५७

    मान सर वर आठ खण्ड

  • प्रमचुंद कवी इफक गाुंधीधाम प स्तकालय में

    प्रमाश्रम तनमाला तनमाला

    ग दान गबन सवा सदन

    कमाभूमम रुंगभमूम

    घमुंडी आदमी प्रायः शक्की ह आ करता ह .—प्रमचुंद

  • प्रमचुंद कवी इफक प स्तकालय में

    दीवार क भी कान ह त हैं, इसका ध्यान रखना चाहहए.—प्रमचुंद

    सद्गतत ईश्वरीय न्याय महात्मा शेख सादी

    बड़ घर की बटी कफ़न कलम, तलवार और त्याग

    सवा सर गेंहू सत्याग्रह एवुं अन्य कहातनयााँ मुंत्र

  • प्रमचुंद कवी इफक गाुंधीधाम प स्तकालय में

    राजा हरद ल पूस की रात म ुंशी प्रमचुंद की उदूा

    कहातनयाुं

    शतरुंज क खखलाड़ी ... उदूा साहहत्य क प्रणता

    प्रमचुंद सद्गतत

    स जान भगत बूढी काकी... बमलदान

  • प्रमचुंद कवी इफक गाुंधीधाम प स्तकालय में

    लाटरी हदव्य सूक्क्तयाुं

    प्रमचुंद की प स्तकों स क ु्छ उद्धरण

    कला का रहस्य भ्राक्न्त ह , पर ऐसी भ्राक्न्त क्जस पर यिािा का आवरण पड़ा ह .—प्रमचुंद

    कला का सबस स न्दर प तछपाव ह, हदखावा नहीुं. प्रमचुंद

  • प्रमचुंद कवी इफक गाुंधीधाम प स्तकालय में प्रमचुंद की प स्तकों स क ु्छ उद्धरण

    क ल की प्रततष्ठा भी पवनम्रता और सदव्यवहार स ह ती ह, हकड़ी और आब हदखान स नहीुं। ~ म ुंशी प्रमचुंद

    क्जस साहहत्य स हमारी स थच न जाग, आध्याक्त्मक और मानमसक तकृ्तत न ममल, हममें गतत और शक्क्त न पदा ह , हमारा सौंदया प्रम न जागतृ ह , ज हममें सुंकल्प और कहठनाइयों पर पवजय प्रातत करन की सच्ची दृढ़ता न उत्पन्न कर, वह हमार मलए बकार ह वह साहहत्य कहलान का अथधकारी नहीुं ह। ~ म ुंशी प्रमचुंद

    मामसक वतन पूरनमासी का चााँद ह ज एक हदन हदखाई दता ह और घटत घटत ल तत ह जाता ह। ~

    म ुंशी प्रमचुंद

  • उपन्यास प्रमचुंद द्वारा मलख गए उपन्यासों की सूची सवासदन १९१८ प्रमाश्रम १९२२ रुंगभूमम १९२५ तनमाला १९२५ कायाकल्प १९२७ गबन १९२८ कमाभूमम १९३२ ग दान १९३६ मुंगलसूत्र अपूणा

  • Page 9

    नाटक सुंग्राम' 1923 कबाला 1924 प्रम की वदी 1933

    बाल-साहहत्य द गाादास रामचचाा

    जीवनी शख सादी

    पत्र पपता क पत्र प त्री क नाम

    कहानी सुंग्रह मानसर वर ८ खण्ड

  • १. प्रातः कालीन सभा में थचत्र पर माल्यापाण 2. प्रमचुंद का व्यक्क्तत्व एवुं कृततत्व—पवशष कायाक्रम ३. श्रीमती स धा महता प्रमशक्षित स्नातक मशक्षिका द्वारा प्रमचुंद की रचनाओुं पर प्रकाश

    2.

    पवद्यालय प स्तकालय में प्रमचुंद की प स्तकों की प्रदशानी आय क्जत

    ३. प्रेमचंद की रचनाओ

    ३. प्रमचुंद की रचनाओ स प स्तकालय प्रदशान पटल सजाना. ४. प्रमचुंद सम्बुंथधत प्रश्न त्तरी

    प्रमचुंद जयुंती पर कायाक्रम

    प्रस्त तत : कन्रीय पवद्यालय इफक गाुंधीधाम प स्तकालय