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मममममममम ममममममम

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Page 1: · Web viewTESS-India (विद्यालय आधारित समर्थन के माध्यम से शिक्षक शिक्षा) का उद्देश्य

माधयमिमक विजञान

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विजञान की ककषा म भाषा – कोशि�काए

भारत म विदयालय आधारिरत समरथ�न क माधयम स शि�कषक शि�कषा

TESS-India (विदयालय आधारिरत समरथ�न क माधयम स शि�कषक शि�कषा) का उददशय ह विदयारथ&–क दरि)त, सहभावि*ता परण� काय� पररणाशिलयो क विकास म शि�कषको की सहायता क शिलए मकत �कषिकषक ससाधन (OERs) क पराधानो क माधयम स भारत म परारमभि4क और माधयमिमक शि�कषको की ककषा अभयासो म सधार करना ह। TESS-India OERs शि�कषको को सकल की पाठयपसतक क सारथ सहायक पमभिसतका परदान करत ह। शि�कषको क शिलए अपनी ककषाओ म अपन विदयारथिरथ@यो क सारथ परयो* करन क शिलए *वितविमिधया परदान करत ह, जिCनम यह द�ा�न ाल तत–अधययन भी �ामिमल रहत ह विक अनय शि�कषको दवारा उस विषय को कस पढाया *या, और उनम शि�कषको क शिलए अपनी पाठ योCनाए तयार करन क शिलए तरथा विषय सबधी जञान क विकास म सहायक ससाधन भी Cड रहत ह।

TESS-India OERs को भारतीय पाठयकरम और सदभM क अनकल भारतीय तरथा अतरा�षटरीय लखको क सहयो* स तयार विकया *या ह और य ऑनलाइन तरथा परिपर@ट उपयो* क शिलए उपलबध ह (http://www.tess-india.edu.in/)। OERs भा* लन ाल परतयक भारतीय राजय क शिलए उपयकत, कई ससकररणो म उपलबध ह और उपयो*कता�ओ को इनह अपनान तरथा अपनी सथानीय Cररतो ए सदभM की परतित@ क शिलए उनका अनकलन करन क शिलए और सथानीयकररण करन क शिलए आमवि[त विकया Cाता ह।

TESS-India की दरिद ओपन यविनरथिस@टी, वि^टन दवारा अ*ाई की Cाती ह तरथा इसका विततपोषरण यक सरकार क यकएड दवारा विकया Cाता ह।

वीडि�यो ससाधन

इस इकाई म कछ *वितविमिधयो क सारथ विनमनशिलखिखत आइकॉन दरिदया *या हः यह द�ा�ता ह विक आपको विशि�षट �कषकषिरणक रथीम क शिलए TESS-India क ीविडयो ससाधनो को दखन म इसस मदद मिमल*ी।

TESS-India क ीविडयो ससाधन भारत म विकषिभनन परकार की ककषाओ क सदभ� म परमख �कषकषिरणक तकनीको का सशिg[ रण�न करत ह। हम उममीद ह विक आपको इसी तरह क अभयासो क सारथ परयो* करन क शिलए पररिरत कर*। इनह पाठ–आधारिरत इकाइयो क माधयम स आपक काय� अनभ म इजाफा करन और बढान क शिलए रखा *या ह, लविकन अ*र आप उन तक पहg बनान म असमरथ� रहत ह तो बता द विक उनक सारथ एकीकत नही ह।

TESS-India क ीविडयो ससाधनो को TESS-India की बसाइट http://www.tess-india.edu.in/ पर ऑनलाइन दखा सकता ह या डाउनलोड विकया Cा सकता ह)। विकलप क तौर पर, आप इन ीविडयो तक सीडी या ममोरी काड� पर भी पहg बना सकत ह।

ससकररण 2.0 SS08v1

All India - Hindi

ततीय पकषो की सामविoयो और अनयरथा कशिरथत को छोडकर, यह सामoी विकरएदरिट कॉमनस एदरिpबय�न–�यरएलाइक लाइसस क अत*�त उपलबध कराई *ई हः http://creativecommons.org/licenses/by-sa/3.0/

TESS-India is led by The Open University UK and funded by UK aid from the UK government

यह इकाई विकस बार म ह

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इस इकाई दवारा आपको इस बात को समझन म मदद मिमल*ी विक विदयारथिरथ@यो की विजञान क परवित समझ का विकास करन म भाषाए मखय भमिमका विनभाती ह। इसम आपको अपनी ककषा म इसतमाल करन क शिलए कछ सरल काय�नीवितया परदान की *ई ह जिCनस आपक विदयारथिरथ@यो को अपनी विजञान सबधी साकषरता को बढान म मदद मिमल*ी।

विजञान क सीखन म एक नई भाषा – विजञान की भाषा को Cानना �ामिमल होता ह। लविकन विजञान को सीखन म अमिधका� विदयारथिरथ@यो क शिलए भाषा एक परमख बाधा हो सकती ह। विदयारथिरथ@यो क दवारा जञाविनक भाषा क इसतमाल म अनभ की Cान ाली समसयाए, विजञान को समझन और उसकी तारतिक@कता क सबध म एक परमख अरोध ह। अचछ अधयापको को उनक विदयारथिरथ@यो दवारा जञाविनक �बदो को समझ Cान की Cानकारी होती ह। अधयापको क पास विशि�षट �बदो क शिलए साझा समझ–बझ का विकास करन क शिलए काय�नीवितया होती ह।

यहा पर ‘Cीन की आधारभत इकाई’ (कोशि�काए) विषय क सदभ� म तकनीको को समझाया *या ह। तरथाविप, रणिरण@त तकनीको और सझाो को विजञान पाठयकरम स Cड अनक विषयो स सबध बनान म परयो* करन म लाया Cा सकता ह।

आप इस इकाई म कया सीख सकत ह

• विजञान म भाषा विकास क शिलए सपषट विनयोCन का महत।

• विजञान की भाषा सबधी कदरिठनाइयो क समाधान क शिलए कई तकनीक ।

• विजञान क बार म विदयारथिरथ@यो को शिलखन क शिलए परोतसाविहत करत हए उनक भाषा विकास म आपक दवारा सहायता करन क तरीक।

यह दमिषटकोरण कयो महतपरण� ह

भाषा विकास और अधाररणा विकास एक दसर स *हराई स Cड ह– विgार क शिलए भाषा की Cररत होती ह और भाषा क शिलए विgार की Cररत होती ह। इसशिलए, Cब आप अपन विजञान क पाठो की योCना बनात ह, तो यह महतपरण� ह विक आप अपन विदयारथिरथ@यो क भाषा विकास पर भी विgार कर।

आपक अनक विदयारथ& बहभाषी हो सकत ह, इसशिलए ककषा की भाषा सभतः उस भाषा स अल* हो सकती ह जिCसका इसतमाल अपन पाठो क अवितरिरकत करत ह। इसस यह कही अमिधक महतपरण� हो Cाता ह विक आप अपन पाठो क बीg समय का अतराल रख जिCसस विदयारथ& नए �बदो को सीख सक और उनका अभयास कर सक ।

आप ऐसा उनह Cोडी म या समहो म बातgीत करक �बदो का इसतमाल करन का असर दकर कर सकत ह। नए �बद का अरथ� समझन क सारथ–सारथ कभी–कभी उसका उचचाररण भी कदरिठन हो सकता ह। शिलखिखत कायM म �बदो क इसतमाल स भी आपक विदयारथिरथ@यो को उशिgत जञाविनक अरथM को समझन का विकास करन म सहायता मिमल*ी। यदरिद विदयारथ& महतपरण� विजञान �बदो को नही समझत ह, तो जञाविनक अधाररणाओ को समझन की उनकी समझ सीमिमत हो*ी।

1 कदरिठन �बदो को समझना

विजञान की भाषा विशि�षट और तकनीकी भाषा होती ह, जिCसक काररण यह पाठयकरम का खास विषय होती ह। विदयारथिरथ@यो दवारा जञाविनक �बदाली को समझन म तीन मखय परकार की समसयाओ का सामना विकया Cाता ह।

1. अपरि�चि�त शबद: जञाविनक अकसर शिgर–परिरशिgत सतओ क शिलए जञाविनक �बदो का इसतमाल करत ह।

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उदाहररण क शिलए, विकसी जञाविनक दवारा ‘पानी’ क सथान पर ‘Cल (एकआ)’, ‘परका� (लाइट)’ क सथान पर ‘फोटो’ तरथा Cब ‘छोटा’ कहन का आ�य हो*ा तो ह ‘वयमिषट (माइकरो)’ का इसतमाल करता ह। तब इनम स अनक �बदो को Cदरिटल, सयकत �बदो को बनान क शिलए एक सारथ Cोड दरिदया Cाता ह, Cस फोटोशिसनथशिसस (परका�–सशलषरण) या माइकरोसकोप (सकषमद�&)।

2. डिवशषजञतापरण� अरथ�: विजञान म अनक �बदो क दविनक जिC@द*ी म अरथ� होत ह और सारथ ही उनक विशि�षट जञाविनक अरथ� भी होत ह, Cस उCा�, आgररण या कषमता आदरिद। परायः विदयारथिरथ@यो को *लतफहमिमया हो Cाता ह विक कौन स अरथ� का परयो* विकया Cाए तरथा उनह कषिभनन–कषिभनन सदभM म सीकाय� जञाविनक �बदो को पढान की आशयकता होती ह।

3. कठि न अवधा�रणाए: विजञान म अनक *र–तकनीकी �बदो का इसतमाल विकया Cाता ह, Cस ‘परका�न (इलमिमनट)’, ‘घटक (फकटर)’ या ‘शिसदधात (थयोरी)’। अकसर अधयापक यह मान लत ह विक उनक विदयारथ& ऐस �बदो क अरथ� समझत ह। ऐसा इसशिलए ह कयोविक उनह पढना आसान होता ह। लविकन अकसर इन �बदो का आ�य Cदरिटल कदरिठन जञाविनक अधाररणाओ स होता ह। विदयारथिरथ@यो को इस सार रप म परसतत अधाररणाओ की कल आशि�क या *लत समझ होती ह।

2 Cदरिटल सयकत �बदो को समझना

अoCी म अनक जञाविनक �बदो को oीक या लदरिटन �बदो क उदगम (सरोत) या स[ो क सयोCन स वयसथिसथत रप स तयार विकया *या ह। उदाहररण क शिलए, ‘कलोरोविफल ‘chlorophyll’ म दो विहसस ह: ‘कलोरो (chloro–)’ जिCसका अरथ� ह हरा, और ‘–विफल (–phyll)’ जिCसका अरथ� ह पतता। इसशिलए, �बद क अरथ� क सबध म बहतर अरथ� का आ�य हरी पकषिततयो स हो सकता ह।

�बदो क अरथ� को समझन म विदयारथिरथ@यो की मदद करन क शिलए परयो* की Cान ाली यह अचछी काय�नीवित ह। यदरिद विदयारथ& सय विकसी �बद का अरथ� समझ लत ह, तो इस बात की सभाना अमिधक ह विक भविषय म इस याद रख पाए*। इसस उनह समान �बदो को समझन म मदद मिमल*ी तरथा पाठयकरम क विकषिभनन विहससो क बीg म समबनध भी बना पाए*। उदाहररण क शिलए, ‘फोटो– (photo–)’ का सबध Cीविजञान म ‘फोटोसिस@रथशिसस (photosynthesis)’ स और भौवितकी म, ‘फोटोन (photon)’ या ‘फोटोडायोड (photodiode)’ स होता ह।

विgार क शिलए रक

• कया, कभी आपन इस तरह स �बदो क अरथ� समझन का परयास विकया ह?

• आपक विgार स इसस आपक विदयारथिरथ@यो को विकस परकार स सहायता मिमल सकती ह?

जञाविनक �बदो क अरथ� को समझन स विदयारथिरथ@यो को उनकी त�नी को सीखन म भी मदद मिमल सकती ह। इसस उनह अरथ� क सबध म अनमान ल*ान या कम स कम �बद क अरथ� को समझन म मदद मिमल सकती ह, यदरिद �बद स अपरिरशिgत ह। ससाधन 1 म सामानयतः इसतमाल विकए Cान ाल लदरिटन और oीक �बद उदगम (सरोत) और स[ो की सgी दी *ई ह। ऐसी अनक बसाइट ह Cहा पर अमिधक विसतत सशिgया परदान की *ई ह।

अरथ� समझन क शिलए खास दरिटपस

Cब आप �बदो का अरथ� समझन की कोशि�� कर रह ह, तो सभ ह विक �बदो का करम हम�ा उपयकत ही हो,

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लविकन उसक बार म सिg@वितत न हो। सभ हो विक आप �बद क एक विहसस को ही खोC पाए, लविकन आपको उसस अरथ� क बार म एक अचछा सकत मिमल सकता ह। �बद क दो विहससो क बीg म ‘o’, ‘a’ या ‘i’ Cस अवितरिरकत अकषरो को नजरअदाज विकया Cा सकता ह।

*वितविमिध 1: अपरिरशिgत �बदो का अरथ� समझना

यह एक छोटी *वितविमिध ह जिCस आप पाठ क अत म कर सकत ह। उददशय यह ह विक अपन विदयारथिरथ@यो को यह समझन म मदद कर विक एकमा[ ऐस वयशिकत नही ह Cो विकसी खास �बद का अरथ� नही समझत ह। ऐसी काय�नीवितयो को विकशिसत करन क शिलए परोतसाविहत कर जिCसस इस बाद म अदाC ल*ा सक विक �बद का कया अरथ� हो सकता ह।

अपन विषय स सबमिधत कछ �बदो को बलकबोड� पर शिलख। आप �बदो को अपनी पाठयपसतक क अधयाय स gन सकत ह। उदाहररण क शिलए, आप gन सकत ह–

• फोटोpॉविपक

• फोटोसिस@रथशिसस

• रथमोकर�मिमक

• फोटोकरोमिमक

अपन विदयारथिरथ@यो को Cोडी म विनमनशिलखिखत स[ो स �बदो क अरथ� को बतान क शिलए कह–

• ‘photo’ – परका� (light)

• ‘chrom’ – र* (colour)

• ‘therm’ – ताप (heat)

• ‘synthesis’ – बनाना या सजिCत करना (make or build up)

• ‘tropic’ – टरनिन@* (turning)

यदरिद आपक पास अल* �बद ह, तो आपको अपन विदयारथिरथ@यो को कछ अमिधक ‘�बद स[’ दन हो*। अपनी मदद क शिलए ससाधन 1 का परयो* कर

3 दोहर अरथ� ाल जञाविनक �बद

परायः जञाविनक भाषा और �बदो का दविनक Cीन म दरिदए *ए अरथM क बीg म दवद होता ह। उदाहररण क शिलए, ‘काय�’ �बद को विनयोCन या फीलड म *वितविमिध स Cडा हआ मानत ह। यदयविप, उनह यह समझना gाविहए विक विजञान म, ‘काय� करना’ का अरथ� बहत ही विशि�षट अरथ� ह और इसम दरी क सदभ� म बल का परयो* होता ह। ऐस ही अनय �बदो म ‘ऊCा�’, ‘ऊतक’ और ‘बल’ �ामिमल ह। आप पाठयgया� म दसर �बदो पर विgार कर सकत ह।

अपन विदयारथिरथ@यो को �बदो क उदय*म क बार म समझाना उपयो*ी होता ह। ‘Cीन की आधारभत इकाई’ कोशि�काओ स सबमिधत ह, और ‘कोशि�काओ’ का जञाविनक �बद क रप म पहली बार इसतमाल रॉबट� हक दवारा विकया *या रथा Cब उनहोन 1665 म सकषमद�& क माधयम स कॉक� क एक टकड को दखा रथा।

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कोशि�काओ क अधययन स अनक नए �बद Cड ह तरथा आपको यह सविनशचत करन की आशयकता ह विक आपक विदयारथिरथ@यो क पास उनक इसतमाल क सबध म अभयास करन का असर ह। पढान की तयारी करन क शिलए *वितविमिध 2 आपक दवारा सय करन या विकसी सहकम& क सारथ करन क शिलए ह। *वितविमिध 3 को आपक विदयारथिरथ@यो क सारथ विकया Cाना gाविहए तरथा कस सटडी 1 यह दरिदखाता ह विक अधयापक पदम न विकस परकार स एक �बद दीार को तयार करक अपनी ककषा को जञाविनक �बदो की Cानकारी दी रथी।

*वितविमिध 2: कोशि�का विषय क आर4 म कदरिठन �बदो की पहgान करना।

‘Cीन की आधारभत इकाई’ को पढान की तयारी करन क शिलए *वितविमिध आपक दवारा सय करन या विकसी सहकम& क सारथ करन क शिलए ह। इस *वितविमिध का उददशय, इस विषय म जञाविनक �बदो को समझन की आपकी Cानकारी की Cाg करना और आपको उन कदरिठनाईयो क बार म सोgन म मदद करना ह जिCनका सामना आपक विदयारथिरथ@यो दवारा विकया Cाए*ा।

• जिCस अधयाय को आप पढा रह ह, उस अपनी पाठयपसतक म पढ , तरथा कोशि�काओ क बार म सीखन स सबमिधत सभी तकनीकी �बदो को शिलख।

• हाईलाइटर पन या पशिसल का परयो* करत हए, उन �बदो को हाईलाइट कर जिCनह विदयारथिरथ@यो दवारा पहल दखा *या हो सकता ह, ह परण�तया विकसी अल* सदभ� म हो।

• उन विशि�षट जञाविनक �बदो को रखाविकत कर Cो उनक शिलए नए हो सकत ह।

• अपन आप एक �बदाली तयार कर – परिरभाषा सविहत �बदो की सgी। परतयक परिरभाषा को जिCतना सरल हो सक, उतना सरल शिलखन की कोशि�� कर। यदरिद आप ऐसी विकनही सादशयताओ क बार म सोg सकत ह Cो सहायक हो सकती ह, तो उनह भी शिलख ल। उदाहररण क शिलए, कोशि�का जिझलली एक छलनी की तरह काम करती ह। शिछ)ो का आकार ऐसा होता ह विक जिCसम स कछ अरण *Cर सकत ह, और कछ नही *Cर सकत ह।

Cब आप नए �बदो या ऐस �बदो, जिCनक विशि�षट जञाविनक अरथ� ह, का इसतमाल करना �र करत ह, तो इस �बदाली को ककषा म इसतमाल करन क शिलए अपन पास रख। आप अपन विदयारथिरथ@यो को उनकी अपनी �बदाशिलयो का विकास करन क शिलए पररिरत कर सकत ह।

*वितविमिध 3: महतपरण� �बद

महतपरण� �बद आपक विषय स सबमिधत सा�मिधक महतपरण� �बद होत ह जिCनह आपक विदयारथिरथ@यो को Cानन की आशयकता होती ह। महतपरण� �बदो म नाम, परविकरयाए या अधाररणाए �ामिमल हो सकती ह। महतपरण� �बदो म नाम समझन क सदभ� म सबस सरल �बद होत ह। विदयारथिरथ@यो क शिलए परविकरयाओ और अधाररणा स सबमिधत महतपरण� �बदो को समझना कदरिठन हो सकता ह। परतयक अधयाय म अनक नाम �ामिमल हो*। परतयक अधयाय म परविकरया स सबमिधत कम �बद होत ह और कल एक या दो अधाररणा �बद होत ह।

जिCस अधयाय पर आप काम कर रह ह, उस अधयाय स सबमिधत महतपरण� �बदो की सgी तयार कर। महतपरण� �बदो की एक अचछी सgी म, अनक कषिभनन–कषिभनन परकार क �बद होत ह। उदाहररण क शिलए, कोशि�का अधयाय क शिलए कछ महतपरण� �बदो म विनमनशिलखिखत �ामिमल हो सकत ह–

• नाम: ‘नयसथिकलयस’, ‘एणडोपलामभिसमक रदरिटकलम’, ‘पलासटिसटड’, ‘माईटोकोवि�या’, ‘कओल’ …

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• परडिकयाए: ‘परCनन’, ‘परासररण’, ‘मम^न बायोCनशिसस’ …

• अवधा�रणाए: ‘अनकलन’ …

परवित अधयाय ल*भ* 10–15 महतपरण� �बद आमतौर पर पया�पत रहत ह। कमCोर विदयारथिरथ@यो क शिलए कम कदरिठन लविकन इतनी बडी सखया म महतपरण� �बद नही होन gाविहए।

आपको अपन विदयारथिरथ@यो को परतयक अधयाय क आर4 म महतपरण� �बदो की सgी दनी gाविहए। ऐसा करन का एक तरीका यह हो सकता ह विक उनह पोसटर पर शिलख दरिदया Cाए और पोसटर को बलकबोड� क समीप रखा Cाए। आपक विदयारथ& परतयक पाठ क दौरान उनह दख पाए*। आपक सामानय शि�कषरण क एक भा* क रप म पर अधयाय क दौरान इन �बदो का इसतमाल और सदभ� विनयमिमत रप स विकया Cाना gाविहए।

यदरिद आपक दवारा महतपरण� �बदो का बहतर ढ* इसतमाल विकया Cाता ह, तो विषय क अत म आपक विदयारथ& उन �बदो स परिरशिgत हो Cाए*। दसरो क सारथ विषय क सबध म अपन विgारो का सपरषरण करन म उनका सटीक तौर पर दविनक Cीन म इसतमाल कर पाए*। आप अधयाय क सबध म उनक सपषटीकररणो और समझ म बहत सधार को दख पाए*।

Cब आप ऐसा कछ बार कर gक हो*, तो आपक विदयारथ& सय महतपरण� �बदो की अपनी सशिgया तयार करना �र करन म समरथ� हो Cाए*, तरथा इनको ककषा म साझा कर सकत ह और विषय को दोहरान म इनका इसतमाल कर पाए*।

कस सटडी 1: ‘Cीन की आधारभत इकाई’ अधयाय क शिलए महतपरण� �बदो की दीार तयार करना

अधयापक पदम दवारा इसी विषय को पढान ाल एक अनय सहकम& अधयापक क सारथ महतपरण� �बदो की एक दीार को तयार विकया *या।

ककषा IX म कछ विदयारथ& ऐस घरो स आत ह जिCन घरो म पसतक ह और उनक माता–विपता उनक सकल क काम क बार म उनस बातgीत करत ह। लविकन, कछ बचच विनध�न घरो स आत ह। कल सकल म ही पसतको को इसतमाल करत ह और घर पर सकल क बार म बातgीत करन का उनह असर नही मिमलता ह। उनकी उपसथिसथवित का सतर भी बहत अचछा नही होता ह कयोविक उनह अपन अपन परिरार क शिलए काम करन क शिलए घर पर ही रकना पडता ह।

मन यह महसस विकया विक हमार अ*ल विषय ‘Cीन की आधारभत इकाई’ म अनक नए और कदरिठन �बद ह। सहकम& क सारथ हमन महतपरण� �बदो क तौर पर अपन विषय म स 15 जञाविनक �बदो को gना। हमन परतयक �बद को सकg पन स एक का*C पर शिलखा। मन उस का*C को ककषा की एक दीार पर टा* दरिदया। परिरभाषाओ को Cोडन क शिलए मन �बदो क बीg म पया�पत C*ह छोड दी रथी। Cब ककषा IX क विदयारथ& ककषा म आए, तो दीार पर ट* का*C को दखकर काफी उतसक हए। इस परकार, मन उनस यह कहत हए अपनी बात �र विकया– ‘Cोविडयो म काम कर और तीन सशिgया तयार कर। �बद जिCनक आप अरथ� Cानत ह, �बद जिCनक बार म पहल आपन कभी नही सना ह तरथा �बद जिCनक बार म आपन सना ह, लविकन सविनकषिशचत नही ह विक उन �बदो क कया अरथ� ह? मन उनस कहा विक Cब हम कोशि�काओ क बार म पढ*, तब हम विफर स सgी को दख* तरथा विषय क अत तक लकषय यह रथा विक सभी �बदो को पहली सgी म रखा Cाए।

अधयाय की समासटिपत क समीप, मन अपन विदयारथिरथ@यो को उनकी सशिgया खोCन और यह Cाg करन क शिलए कहा विक विकतन �बदो को Cानत ह। ककषा म घमन क दौरान, म यह दख पान म सकषम हआ विक कौन–कौन स विदयारथिरथ@यो को कछ �बदो क सारथ अभी भी असविधा हो रही ह, ताविक म अपन अ*ल पाठ क सदभ� म उनकी सहायता क शिलए इन �बदो बार म कछ और *वितविमिधया कर सक।

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4 विजञान म बोलना और सनना

विकसी भी नई भाषा को सीखन ाल विदयारथिरथ@यो क शिलए इसको बोलन का अभयास करन का असर तरथा इस सनन का असर होना gाविहए। ऐसा तब भी सg होता ह विक Cब विदयारथ& विजञान की भाषा सीखत ह।

कस सटडी 2: �बदो पर बातgीत

शरीमती *पता न एक पाठ क बार म अपना अनभ बताया जिCसम उनक विदयारथिरथ@यो दवारा महतपरण� �बदो का इसतमाल करत हए बोलन और सनन क खल को खला *या रथा।

मरी ककषा म एक बहत �ात सथान ह। मझ इस पर *� ह। एक दरिदन बरामद की एक ककषा स काफी �ोर–�राबा सनाई द रहा रथा। म शि�कायत करन क शिलए अदर *ई कयोविक Cो कछ म बोल रही रथी, उस म खद भी नही सन पा रही रथी। Cो कछ मन दखा, ह बहत हरान*ी भरा रथा लविकन खराब म नही। अधयापक पदम न समझाया विक ह कया कर रह रथ? और कयो कर रह रथ? मन Cो कछ दखा, ह मझ इतना अचछा ल*ा विक मन भी इस विgार को Cलद ही अपन विदयारथिरथ@यो क सारथ दोहरान की योCना बना ली। उनहोन मझ यह बताया–

शरीमती *पता, मझ यह सविनकषिशचत करना ह विक मर सभी विदयारथिरथ@यो को ककषा म बातgीत क दौरान महतपरण� �बदो का इसतमाल करन का असर मिमल। मर विgार स इसस उनह जञाविनक विgारो को बहतर तरीक स समझन म मदद मिमल*ी।

मन, एक *म क बार म सोgा ह जिCस हम परतयक पाठ की समासटिपत पर पाg मिमनटो क शिलए खल सकत ह, जिCस आप अभी दख रही ह। मन महतपरण� �बद की परिरभाषा दी और विकसी सयसक स उसक शिलए �बद बतान क शिलए कहा। परतयक बार, Cो वयशिकत �बद का अनमान ल*ाता ह, उस दसर क शिलए एक परिरभाषा परदान करनी होती ह। इसक विपरीत भी *म को खलना अचछा पाया *या। एक विदयारथ& एक �बद gनता ह तरथा परिरभाषा दन क शिलए विकसी दसर विदयारथ& को नामिमत करत ह।

इसक मायन यह ह विक मर सभी विदयारथिरथ@यो को महतपरण� �बदो को सनन और उनका परयो* करन का असर मिमलता ह।

मर एक विदयारथ&, सCय न एक विकलप का सझा दरिदया, ह भी अचछा मCदार ह। सभी �बदो को एक अल* का*C पर शिलख ल तरथा उनह कटोर म रख। विकसी को कटोर म स एक �बद विनकालन क शिलए कह। दसर विदयारथिरथ@यो को उनस परशन पछन होत ह जिCसस यह कोशि�� कर सक और अनमान ल*ा सक विक उनहोन विकस �बद को gना ह, लविकन कल ‘हा’ अरथा ‘नही’ म उततर द सकत ह।

ऐस अनक �बद *म ह जिCनह आप अपन विदयारथिरथ@यो क सारथ खल सकत ह। ‘*म का इसतमाल करना’ इकाई म अमिधक विgार दरिदए *ए ह। विदयारथिरथ@यो क शिलए खल बहत परररणादायक हो सकत ह और उनह सीखन का असर भी मिमलता ह। अकसर उनह यह आभास ही नही होता विक सीख रह ह कयोविक यह सब कछ मौC मसती म होता ह। �बद *मो स विदयारथिरथ@यो को विजञान क बार म बातgीत करन का अचछा असर मिमलता ह। इसस उनक समझन म भी मदद परापत हो*ी। आप ससाधन 2 ‘शि�कषरण क शिलए बात कर’ म अमिधक Cानकारी परापत कर सकत ह।

ीविडयोः सीखन क शिलए बातgीत

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चि�तर 1 अपन विदयारथिरथ@यो को नए �बदो का अभयास करन का मौका दन और इस बात की Cाg करन क शिलए विक इस बात को समझत ह विक उनक कया अरथ� ह, विकसी Cदरिटल शिg[ पर लबल ल*ान क शिलए मिमलCल कर काम करना एक अचछा तरीका ह।

यदरिद आपक विदयारथिरथ@यो क शिलए जञाविनक �बदो का उचचाररण करना कदरिठन ल*ता ह, तो आप उनको मोबाइल फोन पर अभयास करन और अपनी आाC को रिरकाड� करन क शिलए हम�ा परोतसाविहत कर सकत ह। एक दसर की रिरकॉरनिड@* को सन सकत ह और फीडबक द सकत ह।

5 विजञान म लखन

इस बात की सभाना ह विक विदयारथिरथ@यो दवारा अमिधका� लखन काय� बलकबोड� या पाठयपसतको म स कॉपी करक या आपक दवारा दरिदए *ए नोटस को शिलख कर विकया Cाता ह। परशनो क उततर भी शिलख*। सपषट रप स यह महतपरण� ह कयोविक आप यह gाह* विक उनक पास उन सभी gीCो का रिरकॉड� हो जिCसका परीकषा क शिलए जिCनका जञान होना आशयक होता ह।

यदयविप, अपन विदयारथिरथ@यो को विजञान क बार म उनक सय क �बदो म शिलखन का असर दना, सारथ ही आपक शिलए बहत सहायक साविबत हो*ा। इसस उनह अपन शिलए विgारो को तयार करन का असर मिमल*ा और आपको उनकी समझ क सतर क बार म Cानन का असर परापत हो*ा।

यदरिद विदयारथ& सत[ रप स शिलखन क आदी नही ह तो राइटिट@* फरम स उनकी सोg की परविकरया म सहायता परापत हो सकती ह। खाली पC पर शिलखन स �रआत करक *वितविमिध को आर4 करना अमिधका� विशवास स भर विदयारथिरथ@यो क शिलए भी कदरिठन काय� हो सकता ह। राइटिट@* फरम एक सॉgा होता ह Cो आपक विदयारथिरथ@यो को विकसी खास *वितविमिध क शिलए सरgना परदान करता ह और उनका मा*�द��न करता ह। उनह तयार करना सरल होता ह, सारथ ही इस इकाई क अत म आप उसका उदाहररण दख सकत ह। यदरिद आपक पास ब उपलबध ह, तो इटरनट पर अनक उदाहररण उपलबध ह। कमCोर और तC विदयारथिरथ@यो की आशयकताओ क अनरप आप राइटिट@* फरमस को सरल या कदरिठन बना सकत ह।

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विgार क शिलए रक

• आपक विदयारथ& विकतना लखन काय� करत ह?

• आपक विदयारथ& विकस विषय क बार म लखन काय� करत ह?

*वितविमिध 4: राइटिट@* फरम का इसतमाल करना

इस *वितविमिध को आपक दवारा अपनी ककषा क सारथ विकया Cाना gाविहए। इसस आपको तरथा आपक विदयारथिरथ@यो को सरल राइटिट@* फरम का इसतमाल करक अभयास करन का समय मिमलता ह। सदभ� ‘तलना और विषमता’ *वितविमिध ह Cो विक कोशि�का अधयाय स दो महतपरण� परकार की कोशि�काओ पर आधारिरत ह।

• अपन विदयारथिरथ@यो को बताए विक एक परोकरिरओदरिटक कोशि�का और यकरिरओदरिटक कोशि�का की तलना और विषमता करन Cा रह ह।

• ससाधन 2 म दरिदए *ए राइटिट@* फरम को बलकबोड� पर शिलख।

• परोकरिरओदरिटक कोशि�का और ईयकरिरओदरिटक कोशि�का क सबध म अपना सामानय तौर पर दरिदया Cान ाला सपषटीकररण द।

• अपन विदयारथिरथ@यो को तीन समहो म विभाजिCत कर। उनह बलकबोड� पर दरिदए *ए राइटिट@* फरम को खाली पपर पर शिलखन क शिलए कह।

• उनह बातgीत करन क शिलए पाg मिमनट का समय परदान कर और विफर उनस राइटिट@* फरम को परा करन क शिलए कह।

• पास–पास बठ समहो को एक दसर क सारथ राइटिट@* फरम की अदला–बदली करन क शिलए कह। एक–दसर क काम पर ggा� करन क शिलए पाg मिमनट का समय द।

• अत म इस सबध म कछ फीडबक परापत कर विक कया आपक विदयारथिरथ@यो दवारा इस दो परकार की कोशि�काओ क बार म सीखन क सबध म उपयो*ी पाया *या तरथा विफर उनक बार म शिलखन क शिलए कह। कया महतपरण� �बदो का परयो* विकया *या रथा?

इस *वितविमिध म एक सरल परिक@त परभाी राइटिट@* फरम का इसतमाल विकया *या रथा। अ*ल विषय क शिलए, अपना ही राइटिट@* फरम विकशिसत करन का परयास कर। आप अपन सकल या समहो म राइटिट@* फरम क बार म विgारो को अनय अधयापको क सारथ इस बाट सकत ह।

6 सारा�

भाषा शि�कषरण म बाधा पदा कर सकती ह तरथा यह महतपरण� ह विक आप अपन विदयारथिरथ@यो तक उन �बदो की पहg बनान म मदद कर जिCनह उनह Cानना gाविहए ताविक जञाविनक अधाररणाओ को समझन म समरथ� हो सक । ऐसा उन सभी विषयो स Cडा ह जिCनह आपको पढाना ह।

�बदो का विनरनतर परयो* और पनरावित सा�मिधक महतपरण� होत ह, इसशिलए बोलना, पढना और लखन *वितविमिधया

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सभी स आपक विदयारथिरथ@यो को महतपरण� �बदो को समझन म सहायता मिमल*ी।

उन दो तकनीको और काय�नीवितयो की पहgान कर जिCनह आपन इस इकाई म सीखा ह और जिCनका परयो* सभतः आप उस विषय क सदभ� म अपनी ककषा म कर* जिCस आप पढाए*।

ससाधन

ससाधन 1: विजञान म सामानय �बद उदय*मो और स[ो का परयो* विकया Cाता ह

Table R1.1 Common word roots and stems used in science

Prefix Meaning Prefix Meaning Prefix Meaning

ab– away from den– tooth mono– single

adipo– fat di– two, double multi– many

alb– white dia– through, across morph– form

amphi–/amp–

of both kinds

dis–/dif– apart from, deprive

neo– new

andr– male e–/ef–/ex– out, out of, from non– not

angio– vessel (blood)

echin– neur– nerve

ante– before ect– spiny oculo– eye

anthropo– humans en– outside odont– tooth

anti– against encephal– in olf– smell

aqua– water epi– brain omni– all

Prefix Meaning Prefix Meaning Prefix Meaning

arbor– tree extra– on, above opthal– eye

arthro– jointed gastro– outside, beyond oss–/ost– bone

aster– star gene– stomach phag– eat

audi– hear, sound geo– origin, birth photo– light

auto– self glottis– earth plasm– form

bi– two, twice gymno– mouth of windpipe

pneumo– lungs

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bio– life, living hepato– uncovered pre– before

bronch– windpipe (lungs)

hetero– liver prot–/proto–

first

card– heart hiber– different pseudo– fake, false

carn– meat homo– winter retro– backward, back

cell– storeroom hydro– same, alike rota– turn, wheel

cephalo– head hyper– water rupt– break, burst

chlor– green hypo– over, above sub– under, beneath

chrom– color inter– below, under, less super–/sur–

above, upon

chron– time intra– between tele– at a distance

coel– hollow ichty– within, during, inside fish

therm– temperature

com–/con–/co–

with, together

immunis– free trans– across, beyond

leuc– white tri– three

contra– against lith– stone trop– turning

cran– head luna– moon ventr– belly

cyt– cell macro– large uni– one

de– from, away meta– change zo– ani

deca– ten micro– small

derm– skin

Suffix Meaning

–able/–ible able to, capable of

–algia pain

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–ectomy cut out

–graph instrument for making records

–ism act of, condition

–itis inflammation (swelling) or disease

Suffix Meaning

–meter measure

–ology/–logy study of, science of

–phyll leaf

–pod/–ped foot, feet

–scope look, observe

–sect cut

–sperm seed

ससाधन 2: सीखन क शिलए बातgीत

सीखन क शिलए बातgीत कयो महतपरण� ह?

बातgीत मान विकास का विहससा ह, Cो सोgन–विgारन, सीखन और विशव का जञान परापत करन म हमारी मदद करती ह। लो* भाषा का इसतमाल तारतिक@क कषमता, जञान और जञान को विकशिसत करन क शिलए औजार क रप म करत ह। अतः, विदयारथिरथ@यो को उनक शि�कषरण अनभो क भा* क रप म बात करन क शिलए परोतसाविहत करन का अरथ� हो*ा उनकी �कषकषिरणक पर*वित का बढना। सीख *ए विgारो क बार म बात करन का अरथ� होता हः

• उन विgारो को परखा *या ह

• तारतिक@क कषमता विकशिसत और सवयसथिसथत ह

• जिCसस विदयारथ& अमिधक सीखत ह।

विकसी ककषा म रटा–रटाया दोहरान स लकर उचच शररणी की ggा� तक विदयारथ& ाता�लाप क विकषिभनन तरीक होत ह।

पारपरिरक तौर पर, शि�कषक की बातgीत का दबदबा होता रथा और ह विदयारथिरथ@यो की बातgीत या विदयारथिरथ@यो क जञान क मकाबल अमिधक मलयान समझी Cाती रथी। यदयविप, पढाई क शिलए बातgीत म पाठो का विनयोCन �ामिमल होता ह ताविक विदयारथ& इस ढ* स अमिधक बात कर और अमिधक सीख विक शि�कषक विदयारथिरथ@यो क पहल क अनभ क सारथ सबध कायम कर। यह विकसी शि�कषक और उसक विदयारथिरथ@यो क बीg परशन और उततर स[ स कही अमिधक होता ह कयोविक इसम विदयारथ& की अपनी भाषा, विgारो और रशिgयो को जयादा समय दरिदया Cाता ह। हम म स अमिधका� कदरिठन मदद क बार म या विकसी बात का पता करन क शिलए विकसी स बात करना gाहत ह, और अधयापक बहद सविनयोजिCत *वितविमिधयो स इस सहC–परकषितत को बढा सकत ह।

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ककषा म शि�कषरण *वितविमिधयो क शिलए बातgीत की योCना बनाना

शि�कषरण की *वितविमिधयो क शिलए बातgीत की योCना बनाना महC साकषरता और �बदाली क शिलए नही ह, यह *कषिरणत ए विजञान क काम तरथा अनय विषयो क विनयोCन का विहससा भी ह। इस परी ककषा म, Cोडी काय� या सामविहक काय� म, आउटडोर *वितविमिधयो म, रोल–पल *वितविमिधयो म, लखन, ाgन, परायोवि*क खोC और रgनातमक काय� म योCनाबदध विकया Cा सकता ह।

यहा तक विक साकषरता और *रणना क सीमिमत कौ�लो ाल ननह विदयारथ& भी उचचतर शररणी क सिg@तन कौ�लो का परद��न कर सकत ह, विक उनह दरिदया Cान ाला काय� उनक पहल क अनभ पर आधारिरत और आनदपरद हो। उदाहररण क शिलए, विदयारथ& शिg[ो, रखा शिg[ो स विकसी कहानी, प� या आकवित क बार म पा�नमान ल*ा सकत ह। विदयारथ& रोल–पल क समय कठपतली या पा[ की समसयाओ क बार म सझाो और सभावित समाधानो को सgीबदध कर सकत ह।

Cो कछ आप विदयारथिरथ@यो को शिसखाना gाहत ह, उसक इद�वि*द� पाठ योCना बनाय और इस बार म सोg, और सारथ ही इस बार म भी विक आप विकस परकार की बातgीत को विदयारथिरथ@यो म विकशिसत होत दखना gाहत ह। कछ परकार की बातgीत अनषी होती ह, उदाहररण क शिलए– ’इसक बाद कया हो*ा?’, ’कया हमन इस पहल दखा ह?’, ’यह कया हो सकता ह?’ या ’आप ऐसा कयो सोgत ह विक ह यह ह?’ कछ अनय परकार की ाता�ए जयादा विशलषरणातमक होती ह, उदाहररण क शिलए विgारो, साकषय या सझाो का आकलन करना।

इस रोgक, मजदार और सभी विदयारथिरथ@यो क शिलए साद म भा* लन योगय बनान की कोशि�� कर। विदयारथिरथ@यो को हसी का पा[ बनन या *लत होन क भय क विबना दमिषटकोरणो को वयकत करन और विgारो का पता ल*ान म सहC होन और सरकषिकषत महसस करन की Cररत होती ह।

विदयारथिरथ@यो की ाता� को आ* बढाए

शि�कषरण क शिलए ाता� अधयापको को विनमन असर परदान करती ह–

• विदयारथ& Cो कहत ह उस सनना

• विदयारथिरथ@यो क विgारो की पर�सा करना और उस पर आ* काम करना

• इस आ* ल Cान क शिलए विदयारथिरथ@यो को परोतसाविहत करना।

सभी उततरो को शिलखना या उनका औपgारिरक आकलन नही करना होता ह, कयोविक ाता� क Cरिरय विgारो को विकशिसत करना शि�कषरण का महतपरण� विहससा ह। आपको उनक शि�कषरण को परासवि*क बनान क शिलए उनक अनभो और विgारो का यरथासभ परयो* करना gाविहए। स�शरषठ विदयारथ& ाता� अनषी होती ह, जिCसका अरथ� होता ह विक विदयारथ& एक दसर क विgारो की Cाg करत ह और gनौती प� करत ह जिCसस अपन उततरो को लकर विशवसत हो सक । एक सारथ बातgीत करन ाल समहो को विकसी क भी दवारा दरिदए *ए उततर को सीकार करन क शिलए परोतसाविहत नही विकया Cाना gाविहए। आप परी ककषा की सटिट@* म ‘कयो?’, ‘आपन उसका विनरण�य कयो विकया?’ या ‘कया आपको उस हल म कोई समसया नCर आती ह?’ Cस Cाg ाल परशनो क अपन परयो* क माधयम स gनौतीपरण� विgार�ीलता को तयार कर सकत ह। आप विदयारथिरथ@यो क समहो को सनत हए ककषा म घम सकत ह और ऐस परशन पछकर उनकी विgार�ीलता को बढा सकत ह।

अ*र विदयारथिरथ@यो की ाता�, विgारो और अनभो का सममान और सराहना की Cाती ह तो परोतसाविहत हो*। बातgीत करन क दौरान अपन वयहार, साधानी स सनन, एक दसर स परशन पछन, और बाधा न डालना सीखन क शिलए अपन विदयारथिरथ@यो की पर�सा कर। ककषा म कमCोर विदयारथिरथ@यो क बार म साधान रह और उनह भी �ामिमल

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विकया Cाना सविनकषिशचत करन क तरीको पर विgार कर। कामकाC क ऐस तरीको को सथाविपत करन म रथोडा समय ल* सकता ह, Cो सभी विदयारथिरथ@यो को परी तरह स भा* लन की सविधा परदान करत हो।

विदयारथिरथ@यो को सय स परशन पछन क शिलए परोतसाविहत कर

अपनी ककषा म ऐसा ाताररण तयार कर Cहा अचछ gनौतीपरण� परशन पछ Cात ह और Cहा विदयारथिरथ@यो क विgारो को सममान दरिदया Cाता ह और उनकी पर�सा की Cाती ह। विदयारथ& परशन नही पछ* अ*र उनह उनक सारथ विकए Cान ाल वयहार को लकर भय हो*ा या अ*र उनह ल**ा विक उनक विgारो का मान नही विकया Cाए*ा। विदयारथिरथ@यो को परशन पछन क शिलए आमवि[त करना उनको जिCजञासा द�ा�न क शिलए परोतसाविहत करता ह, उनस अपन शि�कषरण क बार म अल* ढ* स विgार करन क शिलए कहता ह और उनक दमिषटकोरण को समझन म आपकी सहायता करता ह।

आप कछ विनयमिमत समह या Cोड म काय� करन, या �ायद ‘विदयारथिरथ@यो क परशन पछन का समय’ Cसी कोई योCना बना सकत ह जिCसस विदयारथ& परशन पछ सक या सपषटीकररण मा* सक । आप–

• अपन पाठ क एक भा* को ‘अ*र आपका परशन ह तो हारथ उठाए’ नाम रख सकत ह।

• विकसी विदयारथ& को हॉट–सीट पर बठा सकत ह और दसर विदयारथिरथ@यो को उस विदयारथ& स परशन पछन क शिलए परोतसाविहत कर सकत ह Cस विक पा[ हो, उदाहररणतः पाइरथा*ोरस या मीराबाई

• Cोडो म या छोट समहो म ‘मझ और अमिधक बताए’ खल को खल सकत ह

• मल पछताछ का अभयास करन क शिलए विदयारथिरथ@यो को कौन/कया/कहा/कब/कयो ाल परशन विoड द सकत ह

• विदयारथिरथ@यो को कछ आकड (Cस विक विशव डटा बक स उपलबध डटा, उदाहररणतः परण�काशिलक शि�कषा म बचचो की परवित�तता या कषिभनन द�ो म सतनपान की वि�ष दर) द सकत ह, और उनस उन परशनो क बार म सोgन क शिलए कह सकत ह Cो आप इस आकड क बार म पछ सकत ह

• विदयारथिरथ@यो क सपताह भर क परशनो को सgीबदध करत हए परशन दीार विडजाइन कर सकत ह।

Cब विदयारथ& परशन पछन और उनह मिमलन ाल परशनो क उततर दन क शिलए मकत होत ह तो उस समय आपको रशिg और विgार�ीलता क सतर को दखकर हरानी हो*ी। Cब विदयारथ& अमिधक सपषटता और सटीक साद करना सीख Cात ह, तो नही कल अपनी मौखिखक और शिलखिखत �बदाशिलया बढात ह, अविपत उनम नया जञान और कौ�ल भी विकशिसत होता ह।

ससाधन 3: *वितविमिध 3 क शिलए राइटिट@* फरम

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चि�तर R3.1 *वितविमिध 3 क शिलए राइटिट@* फरम।

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अवितरिरकत ससाधन

• A searchable online science dictionary that has various other useful science resources, including an online science magazine for students: http://worldofscience.in/dictonary.aspx (accessed 20 May 2014)

• Resources on diffusion and osmosis (including ribosomes, eukaryotes and prokaryotes): https://www.khanacademy.org/science/biology (accessed 20 May 2014)

• An OpenLearn unit, A tour of the cell: http://www.open.edu/openlearn/science-mathstechnology/science/tour-the-cell/content-section-0 (accessed 20 May 2014)

• Multiple podcasts and video animations of various aspects of the cell. Some resources require a subscription, but the animations and podcasts are free: http://www.neok12.com/ (accessed 20 May 2014)

• A complete set of resources for the practical teaching of osmosis including annotated student work: http://resources.edb.gov.hk/gifted/tr/200707-05034-S1S2/P.2.html (accessed 20 May 2014)

• Building a model of a cell: http://www.raftbayarea.org/ideas/Animal%20Cells.pdf (accessed 20 May 2014)

सदभ�/सदभ�oरथ सgी

Henderson, J. and Wellington, J. (1998) ‘Lowering the language barrier in learning and teaching science’, School Science Review, vol. 79, no. 288, pp. 35–46.

Sutton, C. (1980) ‘Science, language and meaning’, School Science Review, vol. 218, no. 62, pp. 47–56.

Vygotsky, L. (1978) Thought and Language. Cambridge, MA: MIT Press.

Wellington, J. and Osborne, J. (2001) Language and Literacy in Science Education. Buckingham, UK: Open University Press.

अकषिभसीकवितया

ततीय पकषो की सामविoयो और अनयरथा उसथिललखिखत विकए *ए क अलाा, यह विषय सामoी विकरएदरिट कॉमनस एदरिpबय�न–�यरएलाइक लाइससः http://creativecommons.org/licenses/by-sa/3.0/. क अत*�त उपलबध कराई *ई ह। नीg दी *ई सामoी माशिलकाना हक की ह तरथा लाइसस क अत*�त ही उपयो* की *ई ह, तरथा इसका विकरएदरिट कॉममस लाइसस स कोई ासता नही ह। इसका अरथ� यह ह विक इस सामoी का उपयो* बाद क OER ससकररण म अमिधकार धारको की विबना अनमवित क पनः इसतमाल नही विकया Cा सकता। इसम TESS-India, OU और UKAID लो*ो का उपयो* �ामिमल ह।

इस इकाई म सामoी को पनः परसतत करन की अनमवित क शिलए विनमन सरोतो का कतजञतारपी आभार विकया Cाता हः

ससाधन 1: ‘विजञान की भाषा’ स अनकशिलत (http://teachers.sduhsd.k12.ca.us/wslijk/documents/LanguageofScience.doc). (Resource 1:

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adapted from 'Language of science' (http://teachers.sduhsd.k12.ca.us/wslijk/documents/LanguageofScience.doc)).

कॉपीराइट क सामिमयो स सपक� करन का परतयक परयास विकया *या ह। यदरिद अनCान म विकसी की अनदखी हई हो तो परका�क को पहला असर मिमलत ही आशयक वयसथाए करन म ख�ी हो*ी।