saksham newsletter vol 3 issue 7

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गुलाबी गग क नींव रखी बांदा जले के अटरा गाँव क सपतदेवी पाल ने| सन 1958 म बांदा जले के छोटे गाँव म एक चरवाहे के यहाँ पैदा ह ई सपत क शाद नासमझ 13 साल क उ म कर द गई और महज 15 साल क उ म वे माँ भी बन गई| गाँव क एक अिशत महला जो कभी पित साथ चाय क दुकान चलाती थी, एक आदवासी महला उथान क सरकार परयोजना के साथ जुड़ गई| इस परयोजना म काम करते ह ए सपत को लगता क वे इन सब के िलए नहं बनी है| गुलाबी गग क शुवात कैसे ह ई के बारे म वे बताती ह क एक परवार ने अपनी बह को मारपीट कर घर से बहार धकेल दया| सपत पाल ने उह समझाया पर दहेज़ के लोभी कहाँ समझते? तब सपत के स का बांध टूट गया और अपनी पांच सात सहेिलय के साथ लाठ लेकर आ खड़ ह ई बह को हक दलाने| उनके हौसले के आगे उस परवार ने अपनी गलती मान कर बह को दोबारा बसा िलया| इसी तरह एक बार गुलाबी गग ने राशन के गेह से भरे तीन शैटर बाहर बकते ह ए पकड़ िलए और इस जुम के िलए राशन वबेता क जमकर पटाई क गई| सताई ह ई औरत के हक और याय के िलए लड़ना इस संगठन का मुय उेय है| जहाँ महलाओं पर अयाचार होता है, जहाँ गरब तबके क महलाओं क बात अनसुनी क जाती है, जहाँ सरकार मुलाजम रत मांगते पकडे जाते ह या पुिलस क यादती होती दखती है, वहां इस गुलाबी गग क महलाऐं लाठ, चपल और थपड़ से मुलाज़म क खूब खाितर करती ह| आज बांदा जले का सारा पुिलस वभाग और सरकार तंऽ गुलाबी गग के नाम से कांपता है| शासन से लड़ने का यह तरका िनत तौर पर गांधीजी के देश म पसंद नहं कया जायेगा लेकन इसके बावजूद आज इस गग के 20,000 से अिधक सदःय और समथक ह| गुलाबी गग आज तक कसी राजनीितक पाट या वचारधारा से जुड़ा नहं है, हालांक समाजवाद और बह जन समाज पाट दोन ने ह इस गग को अपने जुम के खलाफ महलाओं क गुलाबी सेना जुम के खलाफ महलाओं क गुलाबी सेना जुम के खलाफ महलाओं क गुलाबी सेना जुम के खलाफ महलाओं क गुलाबी सेना RNI Reg. No. HARBIL / 2009 / 28056 Postal Regd. No. P/ROHTAK25/2010-12 Volume–3, Issue–7 Fortnightly 1-July-2011 Per Copy 5/- Annual Subscription 120/- Page : 1 गुलाबी गग कोई डाकूओं का िगरोह नहं है गुलाबी गग कोई डाकूओं का िगरोह नहं है गुलाबी गग कोई डाकूओं का िगरोह नहं है गुलाबी गग कोई डाकूओं का िगरोह नहं है, , , , यह नाम है यह नाम है यह नाम है यह नाम है एक ऐसे नार संगठन का जो कसी भी तरह के एक ऐसे नार संगठन का जो कसी भी तरह के एक ऐसे नार संगठन का जो कसी भी तरह के एक ऐसे नार संगठन का जो कसी भी तरह के अयाचार और सरकार तंऽ के खलाफ आवाज़ उठाने अयाचार और सरकार तंऽ के खलाफ आवाज़ उठाने अयाचार और सरकार तंऽ के खलाफ आवाज़ उठाने अयाचार और सरकार तंऽ के खलाफ आवाज़ उठाने का हौसला रखता है का हौसला रखता है का हौसला रखता है का हौसला रखता है | | | | उर देश के एक बहुत ह पछड़े उर देश के एक बहुत ह पछड़े उर देश के एक बहुत ह पछड़े उर देश के एक बहुत ह पछड़े हुए जले बांदा म सन हुए जले बांदा म सन हुए जले बांदा म सन हुए जले बांदा म सन 2006 2006 2006 2006 म बने इस संगठन म म बने इस संगठन म म बने इस संगठन म म बने इस संगठन म महलाएं ह शािमल हो सकती ह महलाएं ह शािमल हो सकती ह महलाएं ह शािमल हो सकती ह महलाएं ह शािमल हो सकती ह| | | | इस संगठन का नाम इस संगठन का नाम इस संगठन का नाम इस संगठन का नाम गुलाबी गग इसिलए पड़ा यक इसक सभी सदःय गुलाबी गग इसिलए पड़ा यक इसक सभी सदःय गुलाबी गग इसिलए पड़ा यक इसक सभी सदःय गुलाबी गग इसिलए पड़ा यक इसक सभी सदःय गुलाबी साड पहनती ह गुलाबी साड पहनती ह गुलाबी साड पहनती ह गुलाबी साड पहनती ह | | | | शालीनता से सर ढके और हाथ शालीनता से सर ढके और हाथ शालीनता से सर ढके और हाथ शालीनता से सर ढके और हाथ म लाठ िलए यह महलाएं कसी भी जुम के खलाफ म लाठ िलए यह महलाएं कसी भी जुम के खलाफ म लाठ िलए यह महलाएं कसी भी जुम के खलाफ म लाठ िलए यह महलाएं कसी भी जुम के खलाफ डटकर डटकर डटकर डटकर खड़ खड़ खड़ खड़ हो जाती ह हो जाती ह हो जाती ह हो जाती ह| | | |

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  • 1. Page : 1RNI Reg. No. HARBIL / 2009 / 28056 Postal Regd. No. P/ROHTAK25/2010-12Volume3, Issue7Fortnightly1-July-2011 Per Copy 5/-Annual Subscription 120/- ,[ |] 1958| 2006 |13 |15|| , | | , , | , | , ?| ]| | | 20,000 [| [ , |

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