मानसिक मंदता एवं इसके कारण
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इकाई 16
मानसिक मंदता एवं इिके कारण
(Mental Retardation and Its Causes)
Dr.Akhilesh Kumar
(A Unit Written for BA in Psychology Program of VMOU, Kota)
इकाई की रूपरेखा
16.1 उद्दशे् य
16.2 प्रस् तावना
16.3 मानसिक मदंता एव ंमानसिक रोग
16.4 मानसिक मदंता / बौसिक अक्षमता को पररभासित करने वाली अग्रणी िंस्थाए ं
16.4.1 DSM
16.4.2 AAIDD
16.4.3 ICD (WHO)
16.5 मानसिक मदंता की पररभािा
16.5.1 AAIDD 1983
16.5.2 AAIDD 1992
16.5.3 AAIDD 2002
16.5.4 AAIDD 2012
16.5.5 DSM V(2013) के अनिुार बौसिक अक्षमता (Intellectual Disabilities)
16.5.6 मानसिक मदंता की पररभािा का भारतीय िन्दभभ
16.6 मानसिक मदंता की पररभािा की प्रमखु मान्यताए ं ।
16.7 मानसिक मदंता के कारण
16.7.1 जन्म िे पवूभ के कारण
16.7.2 जन्म के िमय के कारण
16.7.3 जन्म के बाद के कारण
16.8 इकाई िारांश
16.9 महत्वपूणभ शब्द एव ंपद
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16.10 िन्दभभ ग्रन्थ / अन्य अध्ययन
16.11 अभ्याि प्रश्न
16.1 उदे्दश् य:
मानसिक मदंता को पररभासित करने में अग्रणी िंस्थाओ ंके बारे में बता िकें ग।े
मानसिक मदंता की पररभािा और उिके नैदासनक मानदण्डों की व्याख्या कर िकें ग।े
सवसभन्न िंस्थाओ ंद्वारा दी गयी मानसिक मदंता की पररभािा का तलुनात्मक/सवष्लेिण कर िकें ग।े
भारतीय पररपेे्रक्ष्य में मानसिक मदंता की पररभािा और नैदासनक मानदण्ड की व्याख्या कर िकें ग।े
मानसिक मदंता और मानसिक रूग्णता के अतंर को स्पष्ट कर िकें ग।े
मानसिक मदंता के बारे में प्रचसलत िामान्य अधंसवष्वाि और उनके िच की व्याख्या कर िकें ग।े
मानसिक मदंता यकु्त बालको के सवसभन्न वगीकरण की व्याख्या कर िकें ग।े
मानसिक मदं बालकों के सवसभन्न वगीकरण की तलुनात्मक रूपरेखा प्रस्ततु कर िकें ग।े
मानसिक मदं बालकों की सवसिष्ट शसैक्षक आवष्यकताओ ंको िमझ िकें ग।े
16.2 प्रस् तावना (Introduction)
आज भी भारत के ग्रामीण के्षत्रों में मानसिक मदं बच्चों को ‘पागल’ कहा जाना एव ंमाना जाना आम ह।ै इिके
अलावा भी, मानसिक मदंता के प्रसत सवसभन्न भ्ांसतयााँ व्याप्त ह ैजिेै मानसिक मदंता बरुी आत्माओ ंके प्रभाव की
वजह िे होता ह,ै मानसिक मदंता झाड़-फंूक िे ठीक हो िकती ह ैया शादी कर सदये जाने पर मानसिक मदंता ठीक
हो िकती ह।ै मानसिक मदंता एक छुआछूत का रोग ह ैजो िाथ, बैठने, िाथ खलेने आसद िे सकिी को भी हो
िकता ह।ै मानसिक मदंता मााँ-बाप के सपछले जन्म के कमों का फल ह ैआसद। आप िहमत होंग ेसक इि वजै्ञासनक
यगु में उपरोक्त मान्यताओ ंका कोई आधार नहीं ह ै । मानसिक मदंता न तो बरुी आत्माओ ंके प्रभाव िे होती ह ै
और न ही झाड़-फूाँ क िे उिे खत्म सकया जा िकता ह।ै मानसिक मदंता एक मानसिक अवस्था ह,ै कोई छुआछूत
का रोग नहीं सक मानसिक मंद व्यसक्त को छूने, िाथ खलेने या बैठने िे सकिी को हो जाये। मानसिक मदंता के
बहुत िारे िंभासवत कारणों का पता लगाया जा चकुा ह ै। बच्चों में मानसिक मदंता का मााँ-बाप के सपछले जन्म के
कमों िे कोई लेना-दनेा नहीं ह।ैइि इकाई में आप मानसिक मदंता / बौसिक अक्षमता िे पररसचत होंग ेऔर उिके
मखु्य कारणों को जानेंग े।
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16.3 मानसिक मंदता / बौसिक अक्षमता एवं मानसिक रोग
(Mental Retardation and Mental illness)
मानसिक मदंता मानसिक रूग्णता िे पणूभतया सभन्न ह।ै जिेै मानसिक मदंता एक अवस्था (a state) ह,ै अतः इिे
ठीक नहीं सकया जा िकता ह,ै हााँ सनयसमत प्रसशक्षण के द्वारा उनका िामान्य जीवन अनकूुलतम स्तर तक लाया जा
िकता ह।ै ‘मानसिक रोग’ बीमारी ह ै , सजिे पणूभतया ठीक सकया जा िकता ह ैऔर व्यसक्त एक िामान्य जीवन
यापन कर िकता ह।ै मानसिक मदंता में व्यसक्त की बसुि-लसब्ध (IQ) 70 िे कम होनी आवश्यक ह,ै परन्त ु
मानसिक रोग के सलये ऐिा कोई मापदण्ड नहीं ह।ै मानसिक रोग एक कम बसुि-लसब्ध वाले को भी हो िकता ह,ै
और एक उच्च बसुि-लसब्ध वाले व्यसक्त को भी। जिैा सक आपने सपछली इकाई में पढा, मानसिक मदं व्यसक्तयों में
अनकूुलनीय व्यवहार में भी कमी पायी जाती ह,ै परन्त ु मानसिक रूग्णता में व्यसक्त का अनकूुलनीय व्यवहार
पणूभतया िामान्य हो िकता ह।ै इिके असतररक्त िबिे सवसशष्ट बात यह ह ै सक मानसिक मदंता सवकािात्मक
अवस्था अथाभते् 18 विभ िे पूवभ ही हो िकती ह,ै जबसक मानसिक रूग्णता सकिी भी उम्र में हो िकती ह।ैआइये
जानें की वास्तव में मानसिक मंदता / बौसिक अक्षमता की िंकल्पना ह ैक्या ?
16.4 मानसिक मंदता / बौसिक अक्षमता को पररभासित करने वाली अग्रणी िंस्थाए:ं
16.4.1 अमेररकन अिोसिएिन आफ इटेंलेक्चुअल एवं डेवलपमेंटल सडिेसबसलटीज (American
Association of Intellectual and Developmental Disabilities)
अमेररकन अिोसिएिन आफ इटेंलेक्चुअल एवं डेवलपमेंटल सडिेसबसलटीज , सवश्व का िबिे परुाना और
िबिे बड़ा व्याविासयक िंगठन ह ैजो मानसिक मदं बालकों के सलये कायभ करने में अग्रणी माना जाता ह।ै इिकी
स्थापना 1876 ई ंमें मानसिक मदंता के कल्याणाथभ की गयी थी। इिकी स्थापना 1876 में िेंगइुन ने की थी। िेंगइुन
ने अिोसिएिन आफ मसेडकल आसफििभ आफ अमरेरकन इसं्टीच्यिंूि फार इसडओसटक एण्ड फीबल माइडेंड
पिभनल (¼Association of Medical Officers of American Institution for Idiotic & Feeble
Minded Pessons-AMOAIIFMP½ की स्थापना की। बाद में यह िंस्था मानसिक मदंता में काम करने वाली
सवष्व की अग्रणी िंस्था बन गई और अमरेरकन एिोसिएिन आफ मेंटल डेसफसिएिंी (American
Association of Mental Deficiency-AAMD) अमरेरकन एिोसिएिन आफ मेंटल ररटाडेशन (American
Association of Mental Retardation-AAMR) जिेै पररवसतभत नामों का िफर तय करते हुए िने् 2007 में
एक मत िे मानसिक मदंता का नाम बदलकर ‘बौसिक अक्षमता’ कर सदया गया और तदनिुार अमरेरकन
अिोसिएशन आफ मेंटल ररटाडेशन का नाम बदल कर अमरेरकन अिोसिएिन आफ इटेंलेक्चअुल एण्ड
डेवलपममेंटल सडिेसबसलटीज (American Association of Intellectual & Developmental
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Disabilities-AAIDD) कर सदया गया ह।ै ए.ए.आई.डी.डी. ने मानसिक मदंता की पररभािा और उिे नैदासनक
मानदण्ड आसद के के्षत्र में िराहनीय कायभ सकया ह ै और मानसिक मदंता की िंकल्पना को िमयानकूुल,
िकारात्मक करने का प्रयाि करती रही ह।ै
16.4.2 डी.एि.एम. (DSM) डायनोसस्टक एडं स्टैसटसस्टकल मैनुअल (Diagnostic and Statistical
Manual): डी.एि.एम. का परूा नाम डायनोसस्टक एडं स्टैसटसस्टकल मनैअुल आफ मेंटल
सडिाडभर(Diagnostic and Statistical Manual of Mental Disorders) ह।ै यह अमरेरकन िाइसकयासिक
अिोसिएिन (American Psychiatric Association APA) के द्वारा प्रकासशत सकया जाता ह ै एव ं
मनोसवकारों के वगीकरण एवं सनदान के वसैश्वक मानक प्रस्ततु करता ह।ै अमरेरकन मनोसचसकत्िक िंगठन को
सवशेि रूप िे अमरेरका में प्रयोग सकए जाने हतेु, मानसिक सवकारों के लक्षण एव ंसनदान के मानक सनधाभररत करने
का कायभ िौंपा गया और उिके फलस्वरूप डायग्नोसस्टक एव ं स्टैसटसस्टकल मनैअुल का प्रथम अकं 1952 में
प्रकासशत सकया गया सजिमें 130 पषृ्ठों में 106 मानसिक सवकृसतयों के लक्षण एव ंसनदान प्रस्ततु सकया गया। बाद में
िमयानिुार आवसधक रूप में डी.एि.एम. को िंशोसधत सकया जाता रहा ह।ै वतभमान में डी.एि.एम. 5, डी.एि.एम.
का अद्यतन िंशोसधत रूप ह ैजो 18 मई 2013 को प्रकासशत सकया गया ह।ै डी.एि.एम. मनोसवकारों के वगीकरण
की िमिामसयक एव ंवहृत मानक प्रस्ततु करता ह ैऔर वसैश्वक स्तर पर स्वीकायभ ह।ै
16.4.3 व्यासियों का अंतरराष्ट्रीय वगीकरण (International Classification of Disease ICD)
आई.िी.डी. का परूा नाम ह ै व्यासधयों का अंतरराष्िीय वगीकरण (International Classification of
Disease) जो सक सवसभन्न बीमाररयों के सनदान का एक मानक प्रस्ततु करता ह ैइिका प्रमखु उद्दशे्य ह ैसवसभन्न
बीमाररयों के असभलक्षण, सनदान एव ंस्वास््य प्रबंधन के मानक तय करना। 1994 िे अब तक ICD-10 प्रयोग
सकया जा रहा ह ैऔर इिका अगला िंशोधन ICD-11, 2015 में प्रस्तासवत ह।ैिने् 1893 में फ्ांिीिी सचसकत्िक
जकैि बसटभलीन ने बसटलोन क्लासिसफकेिन आफ काजेज आफ डेथ (Bartillon Classification of Causes
of Death) अतंरराष्िीय िांसख्यकी िंस्थान, सशकागो में प्रस्ततु सकया सजिे कई राष्िों द्वारा स्वीकार सकया गया
बाद में अमरेरकन जन स्वास््य िंगठन ने प्रत्येक 10 विभ के अतंराल पर इिके िंशोधन की अनशुिंा और
तदनिुार एक कसमटी के द्वारा इिका िंशोधन सकया जाता रहा। इिके छठे िंिोधन िे पहले तक इिमें कुछ बड़ा
पररवतभन नहीं आया। 1948 िे, इिके 10 विों के अतंराल पर िंशोधन का कायभ सवश्व स्वास््य िंगठन को िौंप
सदया गया और इि प्रकार सवश्व स्वास््य िंगठन के द्वारा पहली बार ICD-6 1949 में प्रकासशत सकया गया। िमय
के िाथ यह महििू सकया गया सक िंशोधन हते ु10 विभ का अतंराल कम ह ैफलतः इि सनधाभररत िमयावसध को
‘आवश्यकतानिुार’ कर सदया गया। ICIDH (International Clarification of Impairment Disability
& Handicap) सवश्व स्वास््य िंगठन के सवसभन्न वगीकरणों में िे एक ह ैजो ICD का एक भाग ह।ै यह िवभप्रथम
डब्ल्य.ूएच.ओ. द्वारा 1980 में प्रकासशत सकया गया सजिका उद्दशे्य था सवसभन्न बीमाररयों के पररणामों की
व्याख्या एव ंअक्षमता िे िंबंसधत सवसभन्न लक्षणों की मानकीकृत व्याख्या करना। इिे ICD का परूक माना जा
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िकता ह।ै बाद में 2001 में इिे िंशोसधत सकया गया ह ै और इिका नाम ICFDH ¼International
Clarification of Functioning, Disability and Health½ रखा गया ह ैसजिका मखु्य उद्दशे्य ह ैस्वास््य
के सवसभन्न घटक और अक्षमता का एक मानकीकृत वगीकरण करना। यह सवश्व स्वास््य िंगठन के अतंरराष्िीय
वगीकरण पररवार का एक भाग ह ैजो सवसभन्न प्रकार की अक्षमताओ ंऔर स्वास््य िंबंधी वगीकरण का कायभ
करता ह।ै
उपरोक्त तीनों िंस्थाए ंिमानांतर स्वतंत्र रूप िे, मानसिक सवकारों, और मानसिक अक्षमताओ ंके मानक और कोड़
सनधाभररत करती हैं हालांसक उपरोक्त तीनों िंस्थाओ ंद्वारा सदए गए बौसिक अक्षमता की पररभािा का तुलनात्मक
अध्ययन सदलचस्प होगा परंत ुयह हमारे अध्ययन के्षत्र में नहीं ह।ै वतभमान िंदभभ में हम, मानसिक मदंता/बौसिक
अक्षमता की ए.ए.आई.डी.डी. नवीन पररभािाओ ं तक हम अपने अध्ययन को िीसमत रखेंगे।
16.5 मानसिक मंदता / बौसिक अक्षमता की पररभािाए ँऔर उनकी तुलना
मानसिक मदंता के के्षत्र में काम करने वाली अग्रणी िंस्था अमेररकन अिोसिएिन आफ इटेंलेक्चुअल एवं
डेवलपमेंटल सडिेसबसलटी (ए.ए.आई.डी.डी.) ने 1908 िे लेकर अब तक 11 बार मानसिक मदंता की
पररभािा, उिके नैदासनक मानदण्ड आसद को िंशोसधत सकया ह ैपर हम यहााँ पर 1980 के बाद की मानसिक मदंता
की पररभािा का अध्ययन करेंग े उि वक्त यह िंस्था अमरेरकन अिोसिएशन आफ मेंटल ररटाडेशन
(ए.ए.एम.आर.) के नाम िे जानी जाती थी ।
16.5.1 मानसिक मंदता की ग्रािमनै (1983) द्वारा दी गयी पररभािा
अमरेरकन अिोसिएशन आफ मेंटल ररटाडेशन (ए.ए.एम.आर.) की ओर िे ग्रािमैन (1983) ने मानसिक मदंता
की पररभािा दी ह ै सजिके अनिुार मानसिक मन्दता का तात्पयय ‘तासत्वक रूप िे औित िे कम ऐिी
बौसिक प्रसिया है सजिके पररणामस्वरूप अनुकूली व्यवहार में िंगामी अिामान्यता आ जाती है या
जो िंगामी अपिामान्यता िे जुडी होती है और जो सवकािात्मक अवसि के दौरान असभव्यक्त होती है’।
‘‘िामान्य बौसिक प्रसिया’’ इि प्रयोजन के सलए सवकसित और के्षत्र/दिे सवििे की पररसस्थसतयों के अनकूुल
बनाए गए मानकी कृत िामान्य बौसिक परीक्षण सकये जान े पर प्राप्त होन े वाले पररणामों को िामान्य बौसिक
प्रसिया कहा जाता ह।ै
‘‘स्पष्ट रूप िे औित िे कम’’ िे असभप्राय ह ै बसुि के व्यसक्तगत रूप िे प्रिासित (दो मानक सवचलन कम)
मानकीकृत माप पर 70 या उििे कम बसुिलसब्ध।
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‘‘अनकूुली (अडेसटटव) व्यवहार’’ वह स्तर ह ै सजि पर कोई व्यसक्त सविेि आत्म-सनभभरता और िामासजक
उत्तरदासयत्व के उन मानकों को परूा करता ह ैसजिकी उि आय ुऔर िांस्कृसतक िमहू के व्यसक्तयों िे अपेक्षा की
जाती ह।ै
ग्रािमनै की इि पररभािा के अनिुार मानसिक मदंता का नैदासनक मानदण्ड सनमनांसकत था:
a. आई क्य ू70 या उििे कम।
b. अनकूुलनीय व्यवहार में महत्वपणूभ कमी।
c. 18 विभ की आय ुतक इिका आरंभ।
ग्रािमनै द्वारा दी गयी यह पररभािा काफी महत्वपूणभ और िमिामसयक ह।ै हालांसक इि पररभािा के बाद भी कई
िंशोधन हुए हैं परन्त ुउन िभी में उपरोक्त वसणभत पररभािा में वस्तसुनष्ठता और िकारात्मकता लाने का प्रयाि सकया
गया ह ैपर नैदासनक मानदण्ड मलूतः िमान रख ेगये हैं।
16.5.2 मानसिक मंदता की ल्यूकेिान द्वारा दी गयी पररभािा
मानसिक मंदता की 1992 में ल्यूकेिान ने उरोक्त पररभािा को िंशोसधत सकया और उिमें स्पष्टता और
वस्तसुनष्ठता लाने का प्रयाि सकया । ल्यकेूिान (1992) के द्वारा मानसिक मदंता की िंशोसधत पररभािा 1992 में
दी गई सजिके अनिुार-
‘ मानसिक मंदता का अथय व्यसक्त की वतयमान सियाशीलता में महत्वपूणय कमी िे है, सजिमें महत्वपूणय
रूप िे कम अिो-औित बौसिक सियाशीलता के िाथ सनम्नसलसखत के्षत्रों में िे दो या असिक के्षत्रों में
िंबि कमी पाई जाती है:स्व-िहायता, दैसनक कायय, िामासजक कौिल, िामुदासयक कौिल, स्व-सनदेश
स्वास््य एवं िुरक्षा, कायायत्मक सशक्षा/ज्ञान, मनोिंरचात्मक एवं कायय’।
मानसिक मदंता 18 विभ िे पवूभ प्रकट होती ह।ै
इि प्रकार हम दखेते हैं सक ल्यूकेिान ने 1992 में, ग्रािमनै (1983) द्वारा दी गई मानसिक मदंता/बौसिक अक्षमता
की पररभािा को वस्तसुनष्ठ (Objective) बनाने का प्रयाि सकया ह।ै ल्यकेूिान के इि प्रयाि को आग ेबढाते हुए
शे्ललाक ने 2002 में, और वस्तसुनष्ठता लाने का प्रयाि सकया ह।ै
अमरेरकन अिोसियेिन आफ मेंटल ररटाडेशन, 2002, शे्ललाक एव ंअन्य के अनिुार
मनसिक मदंता एक अक्षमता ह ै सजिमें व्यसक्त की बौसिक क्षमता और अनकूुलनीय व्यवहार में महत्वपणूभ कमी
पायी जाती ह ैऔर यह कमी उिके िांकल्पसनक, िामासजक और प्रायोसगक कौशलों में पररलसक्षत होती ह।ै इि
अक्षमता का आरंभ 18 विभ िे पवूभ होता ह।ै
16.5.3 मानसिक मंदता की शे्ललॉक एवं अन्य द्वारा दी गयी पररभािा
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अमेररकन अिोसिएिन आफ इटेंलेक्चुअल एण्ड डेवलपमेंटल सडिेसबसलटीज(AAIDD), 2012
शे्ललॉक एव ंअन्य के अनिुार ‘बौसिक अक्षमता’ एक अक्षमता है सजिमें व्यसक्त की बौसिक क्षमता और
अनुकूलनीय व्यवहार में महत्वपूणय कमी पायी जाती है और यह कमी उिके िांकल्पसनक, िामासजक
और प्रायोसगक कौिलों में पररलसक्षत होती है। इि अक्षमता का आरंभ 18 विय िे पूवय होता है’।
उपरोक्त पररभािा का सवशे्लिण करने पर आपको सनमनसलसखत सवशेितायें प्राप्त होंगी:
क. मानसिक मदंता एक अक्षमता ह।ै
ख. इि अक्षमता में व्यसक्त की बौसिक क्षमता और अनकूुलनीय व्यवहार में ‘महत्वपणूभ कमी’ पायी जाती ह।ै
ग. व्यसक्त की बौसिक क्षमता और अनकूुलनीय व्यवहार में कमी उिके िांकल्पसनक, िामासजक और प्रायोसगक
कौशलों में सदखायी दतेी हैं।
घ. इि अक्षमता की शरुुआत 18 विभ िे पवूभ होती ह।ै
अब जरा पररभािा के चारों उपभागों का थोड़ी गहराई िे सवष्लेिण करें।
क. मानसिक मंदता एक अक्षमता है।
िामान्य भािा में ‘अक्षमता’ का तात्पयभ ह ैसकिी व्यसक्त के शारीररक भाग/भागों में ऐिी सवचलन सजििे
उिकी दसैनक कायभ क्षमता िामान्य व्यसक्त के िापेक्ष कम हो जाती ह।ै उदाहरण के सलये यसद सकिी व्यसक्त
का दघुभटना में एक पैर कट जाये तो उिके पैर की कायभक्षमता एक िामान्य व्यसक्त की तलुना में कम हो
जाती ह।ै ठीक इिी प्रकार मानसिक मदंता एक अक्षमता ह ैक्येांसक इििे प्रभासवत व्यसक्त का मसस्तष्क
िामान्य की तलुना में कम काम करने की वजह िे उिकी दसैनक कायभक्षमता िीसमत हो जाती ह।ै
ख. इि अक्षमता में व्यसक्त की बौसिक क्षमता और अनुकूलनीय व्यवहार में ‘महत्वपूणय कमी’ पायी
जाती है।
मनसिक मदंता में व्यसक्त की बौसिक क्षमता और अनकूुलनीय व्यवहार दोनों में िामान्य अथों िे
महत्वपूणभ कमी पायी जाती ह।ै अनकूुलनीय व्यवहार िे हमारा तात्पयभ उन दसैनक सियाओ ंिे ह ैसजिके
द्वारा हम वातावरण को अपन ेअनकूुल बनाने के सलये करते हैं। उदाहरण के सलये हमें ठंड लगती ह ैतो हम
चादर आढते हैं या गमभ कपडे़ पहनते हैं।
ग. व्यसक्त की बौसिक क्षमता और अनुकूलनीय व्यवहार में कमी उिके िांकल्पसनक, िामासजक
और प्रायोसगक कौशलों में सदखायी देती हैं।
अविारणात्मक कौशल(Conceptual Skills)
भािा (असभव्यसक्त/ग्राहय)
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पढना, सलखना
धन िंबंधी िंकल्पना
स्व-सनदिे आसद
िमासजक कौशल (Social Skills) के उदाहरणः
सजममदेारी
अतंवयैसक्तक िंबंध
आत्म िममान
िरलता
सनयमों का पालन
उत्पीड़न में बचाव आसद
प्रायोसगक कौशल (Practical Skills) के उदाहरणः
दसैनक सियाए/ंस्व िहायता कौिल यथा: नहाना, कपडे़ पहनना, िजना
आसद।
दसैनक सनयसमत कायभ: घरेल ूकाम, दवाई, दवाई लेना, फोन का प्रयोग, रूपए
पैिे का सहिाब, आवागमन आसद।
स्वास््य िंबंधी सियाए।ं
व्याविासयक कौशल।
िरुसक्षत वातावरण िंबंधी कौशल।
िरुसक्षत वातावरण िंबंधी कौशल।
घ. इि अक्षमता की शुरुआत 18 विय िे पूवय होती है।
16.5.4 DSM V(2013) के अनुिार बौसिक अक्षमता (Intellectual Disabilities)
DSM V के अनिुार बौसिक अक्षमता को भी सनमनांसकत उपवगों में बााँट सदया गया ह:ै
a. बौिक अक्षमता
i. िौमय
ii. मध्यवती
iii. गभंीर
iv. असत गभंीर
b. वसैश्वक सवकािात्मक सवलमब
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c. आसनसदभष्ट बौसिक अक्षमता
DSM V के अनिुार बौसिक अक्षमता (बौसिक सवकािात्मक सवकृसत) एक सवकृसत ह ैजो सवकािात्मक अवस्था
के दौरान िामने आती ह ैसजिम ेिामासजक, िंकल्पसनक एवं प्रायोसगक के्षत्रों में बौसिक एवं अनकूुलनीय
कायाभत्मकता में कमी पाई जाती ह ै।
बौसिक अक्षमता के सनणभय के सलए सनमनांसकत तीन शते अवश्य परूी होनी चासहये:
बौसिक क्षमता में कमी यथा तकभ क्षमता, िमस्या िमाधान, योजना सनमाभण, अमतू्तभ सचंतन, सनणभय क्षमता, शसैक्षक
असधगम, आनुभसवक असधगम में कमी सजिे व्यसक्तगत, मानक बसुि परीक्षण एव ंसवसभन्न सचकत्िकीय परीक्षणों
द्वारा िसुनसित सकया जा िके ।
अनकूुलनीय कायाभत्मकता में कमी का पररणाम व्यसक्तगत स्वतंत्रता एव ंिामासजक सजममवेाररयों के सलए
आवश्यक सवकािात्मक एवम िामासजक िांस्कृसतक मानदडंों को परूा करने में अिफलता के रूप में पररलसक्षत
होता ह ै। अनकूुलनीय कायभत्मकता में कमी के कारण दसैनक जीवन के एक या असधक कायों यथा िमप्रेिण,
िामासजक भागीदारी, स्वावलंबन आसद में सवसभन्न वातावरणों ( सवद्यालय, घर एव ंिमदुाय ) में िापेक्ष कमी पाई
जाती ह ै।बौसिक एव ंअनकूुलनीय कौशलों में कमी सवकािात्मक अवस्था में प्रकट हो जाती ह ै।
वैसिक सवकािात्मक सवलम्ब (Global Developmental Delay): DSM V अनुिार बौसिक अक्षमता
का यह भाग ५ विभ िे कम आय ुके बच्चों के सलए सनधाभररत सकया गया ह ैसजिम ेआरंसभक बचपन में बौसिक
अक्षमता की गंभीरता का सवश्विनीय परीक्षण नहीं सकया जा िकता । इि नैदासनक मानदडं में ५ िाल िे कम के
उन बच्चों को रखा जाता ह ैजो आय ुके अनिुार बौसिक प्रकायाभत्मक सवकाि के सवभीन क्षेत्रों में अपेसक्षत
सवकािात्मक मानदडंों (मील के पत्थरों) को प्राप्त नहीं कर पाते । यह उन िभी बच्चों पर लाग ूहोता ह ैजो एक
व्यवसस्थत बसुि परीक्षण िे नहीं गजुरे हैं और जो बच्चे इतने छोटे हैं सक व ेसकिी मानक बसुि पररक्षण में शासमल
नहीं सकये जा िकते इि िंभाग के व्यसक्तयों को एक सनसित अवसध के बाद पनुपभरीक्षण की आवश्यकता होती ह ै।
आसनसदयष्ट बौसिक अक्षमता (Unspecified Intellectual Disorder) इि वगभ में उन व्यसक्तयों के रखा
गया ह ैजो पांच विभ िे ज्यादा आय ुके हैं परन्त ुउनकी बौसिक अक्षमता की गंभीरता िंवदेी या शारीररक
अक्षमता यथा अधंत्व, श्रवण बासधता या गभंीर िमस्यात्मक व्यवहार या बौसिक अक्षमता के िाथ िाथ कोई
अन्य मानसिक सवकृसत आसद के कारण स्थानीय स्तर पर उपलब्ध परीक्षणों द्वारा नहीं ज्ञात सकया जा िकता ह ै।
16.5.6 मानसिक मंदता की पररभािा का भारतीय पररपे्रक्ष्य
भारत में मानसिक मदंता/बौसिक अक्षमता को पररभासित करने का प्रयाि ज्यादा परुाना नहीं ह।े पहली बार
सवकलांग जन असधसनयम (Persons with Disabilities Act) 1995 में मानसिक मदंता को पररभासित सकया
गया ह,ै सजिके अनिुार ‘‘मानसिक मदंता का तात्पयभ मानव मसस्तष्क के अवरुि अथवा अपणूभ सवकाि िे ह ैजो
िामान्यतः अधोिामान्य (Sub normality) बौसिक क्षमता के रूप में पररलसक्षत होता ह।ै’’ भारतीय िंदभभ में दी
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गई मानसिक मदंता की यह पररभाि अत्यंत परुानी प्रतीत होती ह ैऔर अतंरराष्िीय पररभािाओ ंिे इिकी तलुना
करें तो अधरूी प्रतीत होती ह ैक्योंसक इिमें मानसिक मदंता/बौसिक अक्षमता के सनदान के सलए ‘अनकूुलनीय
व्यवहार का िीसमत होना’ िमासहत नहीं ह।ै इिमें ‘बौसिक क्षमता’ को मानसिक मदंता का नैदासनक मानदडं माना
गया ह ैजो अपयाभप्त ह।ै वतभमान में इि काननू में िंशोधन की बात चल रही ह ैऔर नया काननू सवकलांग जन
काननू 2012 भारतीय िंिद में सवचाराधीन ह ै।इि प्रकार हम दखेते हैं सक ल्यकेूिान ने 1992 में, ग्रािमनै (1983)
द्वारा दी गई मानसिक मदंता/बौसिक अक्षमता की पररभािा को वस्तसुनष्ठ (Objective) बनाने का प्रयाि सकया ह।ै
ल्यकेूिान के इि प्रयाि को आग ेबढाते हुए शे्ललाक ने 2002 में और वस्तसुनष्ठता लाने का प्रयाि सकया ह।ै
16.6 मानसिक मंदता / बौसिक अक्षमता की पररभािा को पररभासित करने की AAIDD की
आिारभूत मान्यताए:ं
मानसिक मदंता नवीन पररभािा का एक महत्वपणूभ पहल ू ह ै पररभािा के पीछे ली गयी मान्यतायें या
पवूाभनमुान। ए.ए.एम.आर. द्वारा दी गयी मानसिक मदंता की पररभािा पााँच मान्यताओ ंपर आधाररत हैं:
1. व्यसक्त की वतयमान सियाशीलता में कमी पर सवचार करते िमय व्यसक्त के हम उम्र
व्यसक्तयों एवं उिकी िंस्कृसत का ध्यान अवश्य रखना चासहए। कहने का तात्पयभ यह
ह ैजब भी हम मानसिक मदंता का मलू्यांकन कर रह ेहों, तब हमें िंदसभभत व्यसक्त के हम
उम्र और उिके िांस्कृसतक पहलओु ंको िदवै ध्यान में रखना होगा। उदाहरण के सलये:
एक गााँव का बच्चा प्रायः बड़ी उम्र तक भी हाथ िे खाना खाता ह ैचममच िे नहीं। अब
यसद हमने उिके वातावरण को ध्यान में रख े सबना, चूाँसक वह चममच का प्रयोग करके
खाना नही खाता, अतः हम उिे ‘मानसिक मदंता ग्रस्त’ घोसित करें, यह गलत ह।ै
2. वैि आकलन में िांस्कृसतक, भासिक, िंपे्रिण, िंवेदी, गामक एवं व्यवहाररक
वैयसक्तक सभन्नताओ ंपर अवष्ट्य सवचार सकया जाना चासहए।
3. एक व्यसक्त के अंदर कसमयों के िाथ-िाथ अच्छाइयाँ भी मौजूद होती हैं।
4. कसमयों की व्याख्या का उदे्दश्य व्यसक्त के सलये आवश्यक िहायता की पहचान
करना होना चासहए।अथाभते् यसद हम सकिी व्यसक्त की ‘मानसिक मदंता’ का आकलन
कर रह ेहैं तो हमारा उद्दशे्य उिके नमारात्मक पहलओु ंको उजागर करना नहीं, बसल्क उन
सवशेि आवश्यकताओ ंऔर उपयकु्त िहायता की तलाश होना चासहए जो उि व्यसक्त की
िामान्य जीवन जीने में मदद कर िकें ।
5. एक सनसित िमय तक उपयुक्त व्यसक्तगत िहायता उपलब्ि कराये जाने पर
मानसिक मंदता युक्त बालकों/व्यसक्तयों के जीवन स्तर में िुिार होगा।
16.7 मानसिक मंदता / बौसिक अक्षमता के कारण:
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16.7.1 जन्म िे पूवय के कारण (Prenatal Causes):
गुणिूत्र िंबंिी सवकार (Chromosomal Abnormalities): प्रत्येक मानव कोसशका में
23 यगु्म गणुितू्र होते ह।ै प्रत्येक व्यसक्त आधे गणुितू्र माता िे और आधे गणुितू्र सपता िे प्राप्त
करता ह।ै गणुितू्रों में त्रसुट िे सचसकत्िापरक िमस्याओ ं की सस्थसत उत्पन्न होती ह ै और इन
सस्थसतयों में िे असधकांश सस्थसतयां मानसिक मदंता का कारण होती ह।ै उदहारण के सलए 21वें
िंख्या पर एक असतररक्त गणुितू्र हो जाता ह ैतो इिके कारण डाउन सिन्रोम उत्पन्न होता ह।ै
व्यसक्तयों में दरू दरू सस्थसत सतरछी आखंें, दबा हुआ नािादण्ड, खलुा मुाँह, मोटी जीभ, नीचे की
तरफ झकेु छोटे कान, छोटे अंग, छोटी अगंसुलयााँ, सवसशष्ट करतल सिकुड़न, आसद जिैे शारीररक
लक्षण सदखाइभ दतेे हैं।
आनवुांसशक सवकार (Genetic Disorders): मााँ बाप िे िंचाररत जीन में न्यनूता के पररणाम-
स्वरूप िंतान में मानसिक मदंता वाली कसतपय सस्थसतयााँ हो िकती हैं। हो िकता ह ै सक
असभभावक में वह दोि न हो या सफर अगर हो भी तो िंभव ह ै सक, मानसिक मदंता की दशा
उनमें सदखाई न दें। इन आनवुांसशक सवकारों में िे कुछ में, चयापचयी अिामान्यता
(Metabolic Disorders) हो िकती ह ैऔर सवसशष्ट एन्जाइभम की अपयाभप्तता हो िकती ह।ै
इिके पररणामस्वरूप मसस्तष्क िसहत परेू शरीर में सवसशष्ट तत्व एकसत्रत हो जाते हैं सजििे
मसस्तष्क को क्षसत पहुाँचती ह।ै यह मानसिक मदंता का कारण ह।ै आनवुांसशक सवकारों के कुछ
उदाहरण सफनाईलकीटोन्यरूरया (Phenylketonuria), हाईपो ग्लैिेसमया (Hypoglycaemia)
आसद हैं।
माता में िंिमण, सवशेित: गभाभवस्था के पहले तीन महीनों के दौरान होने पर भ्णू के मसस्तष्क
के सवकाि को क्षसत पहुाँचा िकत ेहैं। कुछ िंिमण, सजनिे भ्णू प्रभासवत होता ह:ै रूबेला, जमभन
मीजल्ि, हपीज, टोक्िोप्लािमोसिि, सिफसलि और टयबूरक्लोसिि।
माता को मधमुहे और उच्च रक्तचाप, गदुें की सचरकासलक िमस्याएाँ, कुपोिण बढते हुए भ्णू को
क्षसत पहुाँचा िकती ह।ै
गभाभवस्था के प्रारंसभक महीने में एक्िरे करवाना, हासनकारक दवाइभयााँ लेना, माता को दौरे,
सजनका इलाज नहीं सकया जा िकता, सगरने िे दघुभटना सजििे पेट में चोट लगी हो आसद बढते
हुए भ्णू को क्षसत पहुाँचा िकते हैं और यह मानसिक मदंता का कारण हो िकती ह।ै
केन्रीय तंसत्रका तंत्र के जन्मजात दोि जिैे हाइभरोसिफैली, माइिोसिफैली और मसस्तष्क और
रीढ की हडे्डी में हुए अनेक दोि मानसिक मदंन िे िंबंि होते हैं।
16.7.2 जन्म के िमय के कारण (Natal Causes)
मानसिक मदंता के प्रिव कालीन कारण सनमनसलसखत हैं -
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सवसभन्न कारणों िे िमयपवूभ जन्म (Pre-Mature Delivery) (28 िप्ताह और 34 िप्ताह के
बीच जन्म के कारण)
कम वजन वाला सशश ु(Low Birth Weight) (2.5 सक.ग्रा. िे कम)
जन्म के तत्काल बाद िांि न लेना (Hypoxia) (यसद मसस्तष्क को 4 या 5 समनट के सलए
ऑक्िीजन नहीं दी जाती ह ैतो उिकी क्षसत हो िकती ह।ै)
भ्णू के सिर और जनन मागभ के बीच अिंसत या दीघभ प्रिव अथवा अनपुयकु्त उपकरणों के प्रयोग
द्वारा प्रिव के फलस्वरूप असतररक्त शीिाभनकूुलन जिैे कारणाें के कारण नवजात के सिर में चोट।
गभाभशय के भ्णू की अिामान्य सस्थसत
भ्णू के चारों ओर नासभनाल का सलपटा होना ।
नवजात सशश ुके सिर में सवसभन्न कारणों िे रक्तस्त्राव।
नवजात सशश ुको सवसभन्न कारणों िे तीव्र पीसलया ।
माता को दी गइभ दवाइभयााँ जिैे - बेहोशी की और पीड़ानाशक दवाइभयााँ
16.7.3 जन्म के बाद के कारण (Post Natal Causes)
बच्चे में कुपोिण (Malnutrition)
बच्चे में िंिमण जिैे मसैनन्जाइभसटि (Meningitis) या मसस्तष्क ज्वर (एन्िेफलाइभसटि)
मानसिक मदंता का कारण का कारण हो िकता ह।ै
बच्चे को बार बार दौरा पड़ने िे सदमाग क्षसतग्रस्त हो िकता ह ैऔर मानसिक मदंन का कारण हो
िकता ह।ै
दघुभटना या सगरने िे मसस्तष्क में कोइभ चोट लगना मानसिक मदंन का कारण हो िकता ह।ै
16.8 इकाई िारांश
मानसिक सवकारों/अक्षमता को वसैश्वक स्तर तीन मखु्य िंस्थाओ ंAAIDD, DSM एव ंWHO के द्वारा लगातार
पररभासित एव ंपररष्कृत सकया जाता रहा ह।ै सजनमें मानसिक मदंता (अब बौसिक अक्षमता) में AAIDD अग्रणी
ह।ैमानसिक मदंता एव ं बौसिक अक्षमता का तात्पयभ प्रायः िीसमत (70 िे कम) बसुि लसब्ध, एव ं िीसमत
अनकूुलनीय व्यवहार िे ह ैजो दसैनक सिया-कलापों में प्रदसशभत होती ह।ै इिका प्रादभुाभव प्रायः 18 विभ की आय ु
िे पवूभ होता ह।ै आपने यह भी पढा सक सकिी व्यसक्त को मानसिक मदंता ह ैया नहीं इिे िसुनसित करने के पीछे
हमारा उद्दशे्य उनकी कसमयााँ बताने की बजाय िहयोग तंत्र सवकसित करना होना चासहए और इि प्रसिया में
व्यसक्त की बौसिक क्षमता एवं अनकूुलनीय व्यवहार के िाथ ही उिकी िंस्कृसत, उिका वातावरण और उिकी
िामासजक भागीदारी पर भी वहृत ध्यान दनेे की आवश्यकता हैं ।आपने यह भी दखेा सक मानसिक मदंता,
मानसिक, रूग्णता िे कई मानदडंों यथा बसुि लसब्ध, दवाइयों की प्रभासवता, िामान्य होने की िंभावना, वगीकरण
आसद में पणूभतया सभन्न ह।ै मखु्यतः मानसिक मदंता एम ‘अवस्था’ ह ैसजि पर न तो दवाइयााँ प्रभावी है, और न
ठीक सकया जा िकता ह ैऔर यह अक्िर 18 विभ िे पवूभ प्रकट होता हैं जबसक मनोरोग बीमारी का प्रकार ह ै
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सजिका रोगी दवाइयों एव ंसचसकत्िा िे परूी तरह ठीक हो िकता ह ैिाथ ही मनोरोग सकिी को भी सकिी आय ुमें
हो िकता ह।ै मानसिक मदंता के कारण जन्म के पवूभ के हो िकते हैं , जन्म के िमय के हो िकते हैं या सफर जन्म
के बाद के भी हो िकते हैं।
16.9 महत्वपूणय शब्द एवं पद
‘मानसिक मदंता का तात्पयभ महत्वपणूभ रूप िे कम अधो औित िामान्य बसुिमत्ता िे ह ैसजिके
पररणामस्वरूप/सजिके िाथ-िाथ अनकूुलनीय व्यवहार में कमी पायी जाती ह ैऔर इिका प्रारंभ
सवकािात्मक अवस्था में होता ह।ै
‘‘िामान्य बौसिक प्रसिया’’ इि प्रयोजन के सलए सवकसित और क्षेत्र/दिे सविेि की पररसस्थसतयों के
अनकूुल बनाए गए मानकी कृत िामान्य बौसिक परीक्षण सकये जाने पर प्राप्त होने वाले पररणामों को
िामान्य बौसिक प्रसिया कहा जाता ह।ै
‘‘स्पष्ट रूप िे औित िे कम’’ िे असभप्राय ह ैबसुि के मानकीकृत माप पर 70 या उििे कम
बसुिलसब्ध। बसुिलसब्ध की असधकतम िीमा का अभ्याि सदिासनदिेन दनेा ह,ै इिे 75 या उििे असधक
भीि बढाया जा िकता ह।े यह वसृि प्रयकु्त बसुि परीक्षण की सवष्विनीयता के अनुिार की जा िकतीि
ह।ै
‘‘अनकूुली (अडेसटटव) व्यवहार’’ वह स्तर ह ैसजि पर कोई व्यसक्त सविेि आत्म-सनभभरता और
िामासजक उत्तरदासयत्व के उन मानकों को परूा करता ह ैसजिकी उि आय ुऔर िांस्कृसतक िमहू के
व्यसक्तयों िे अपेक्षा की जाती ह।ै अनकूुली व्यवहार की अपेक्षाएाँ कालानिुसमक आय ुिे सभन्न होती ह।ै
अनकूुली व्यवहार में होने वाली कमी सनमनसलसखत के्षत्रों में देखने को समलती ह।ै
बौसिक क्षमता सकिी व्यसक्त की उद्दषे्यपणूभ कायभ करने की, तकभ पणूभ सचंतन की, एव ंअपने वातावरण िे
प्रभावी िमायोजन की िंपूणभ/िावभभौम क्षमता ह।ै
‘अक्षमता’ का तात्पयभ ह ैसकिी व्यसक्त के शारीररक भाग/भागों में ऐिी सवचलन सजििे उिकी दसैनक
कायभ क्षमता िामान्य व्यसक्त के िापेक्ष कम हो जाती ह।ै
AAIDD: American Association of Intellectual and Developmental Disabilities
AAMD: American Association of Mental Deficiency
AAMR: American Association of Mental Retardation
APA: American Psychiatric Association
DSM: Diagnostic and Statistical Mannual (of Mental Disorders)
ICD: International Classification of Disease
ICFDH: International Classification of Functioning, Disability and Health
ICIDH: International Classification of Impairment Disability and Handicapped
MHA: Mental Health Act
WHO: World Health Organization
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16.10 िन्दभय ग्रन्थ / अन्य अध्ययन
AAIDD (2010) Mental Retardation: Definition, Diagnosis & System of Support, 11th
Mannual.
AAIDD (2002) Mental Retardation: Definition, Diagnosis & System of Support, 10th
Mannual.
AAIDD (1992) Mental Retardation: Definition, Diagnosis & System of Support, 9th
Mannual.
Berk,L. (2007) Child Development a Life Span Approach
DSM V (2013) American Psychiatric Association, USA
DSM IV (2013) American Psychiatric Association, USA
Hurlock, E.B. (2001) Child Development.
16.11 अभ्याि प्रश्न
मानसिक मदंता को पररभासित करनेवाली प्रमखु िंस्थाओ ंका िंसक्षप्त सववरण सदसजये।
मानसिक मदंता की AAIDD की पररभािाओ ंका तलुनात्मक सववरण प्रस्ततु करें।
मानसिक मदंता की AAIDD-11 एव ंDSM V द्वारा दी गयी पररभािाओ ंकी तुलना करे।
AAIDD द्वारा दी गयी मानसिक मदंता की नवीनतम पररभािा की सवस्ततृ चचाभ करें ।
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