कक आप अपन पहल घर खरदन ज रह ह हह ? सल क महनत और आज व दन ह जब आप अपन सवय क घर खरन ज रहह हह। दल मह एक डर ह कक कय पत व घर आपक ममलग य नह , कय पत आपक सपन क घर जस कई घर ह भ य नह। अगर व घर नह ममल त कय हग ? कय ककस कक म ल लन चदहए? शय शम ज क पस जन चदहए, उनहन अभ एक जयप प र मह लकर फल खर ह , व क प छ समझ सकतह हह। इतन बड़ दन ह आज, ह भगवन! सब ठक ह जए। वस त सभ कम श प आत मह म प शशकल लगत ह परत प घर खरन वकई मह सरल नह ह। और अगर य आपक पहल घर ह त दल और दमग मह कलहल क ह नह रह हग। ‘कय कर कय न कर , य कस म प शशकल हय’ य पशकतय आपक पररशसतत पर एकम सह बठत ह। खर , आग ज कर आपक ककस अतयमशत सग स न ग प जरन पड़ , इसमलए हम आपक पहल घर खरन स पहल य ५ बत बतन चहतह हह। शय य आपक पहल स पत ह , शय य आपक घर खरन क कय क ड़ आसन बन । १. घर खरदन जर नहह शय बचपन स ह हमर सपन हत ह ; बड़ ह कर अचछ मशक, अचछ कम, बड़ स घर, गड और एक स प ख पररवर। ककरय क घर कभ भ व स प ख नह पत ज आरम अपन घर मह ममलत ह। व चन कक न उनह चर वर मह भतर आत ह। परत प य बत भ तथय ह कक हर समय घर खरन क मलए उपय प कत समय नह हत ह। घर खरन कक चहत ह , य सह तक नह ह। घर खरन कक जरत हन पर ह अपन घर क ओर कम बढ़य। एक समय ऐस आएग कक मकन ममलक क ककरय त ह प ए य एहसस हग कक य पस अगर अपन घर खरन मह लग त बहतर हग। यह सह वक़त ह अपन घर खरन क मलए तनकल पड़न क। २. अगर आप घर खरद रह ह हह त उस आग क सच कर खरद भरत मह कई लग ककरए क घर मह पदढ़य तनकल तह हह , शय व कभ अपन घर खरन क दहममत नह कर पत हह। अगर आप उनम स एक नह बनन चहत हह त आग क सच कर घर खऱ। य एक ववततय तनरय ह और सल तक यह आपक पत बनग। ड़ द रमशत अपनकर आज स कई सल आग क सचह। कई लग य सचतह हह कक क प छ सल मह जब मकन क कमत मह उछल आएग त इस बचकर नय खर लहग। यकन कशजय , शजतन आसन य बलन हह , हककत मह उतन आसन हत नह हह। महन लग जत हह एक सह खरर ढ द ढ़न मह , व भ आपक शत पर। घर क एक घकमलक तनवश क प मह खह।