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E-Newsletter January-2018 1 BALLIA SANDESH -पिका 01-01-2018 To 31-01-2018 Volume-25

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  • E-Newsletter January-2018 1

    BALLIA SANDESH

    ई-पत्रिका

    01-01-2018 To 31-01-2018

    Volume-25

  • E-Newsletter January-2018 2

    श्री संतोष कुमार ममश्रा श्री अजय कुमार (अधिशाषी अधिकारी) (अध्यक्ष)

    नगर पालिका पररषद, बलिया के नगरवालियों को जनवरी 2018 के ई-पत्रिका बलिया िंदेश में स्वागत है | जनवरी माह में हुये ववकाि कायो को ई-पत्रिका बलिया िंदेश के द्वारा आपिब को बताना चाहता ह ूँ | बलिया नगर पालिका प्रत्येक माह ई-पत्रिका बलिया िंदेश के द्वारा नगर पालिका में हुये ववकाि कायो को आपिब के िामने िाने का प्रयाि करता ह ूँ , जजििे बलिया नगर पालिका पररषद के ववकाि और नई योजनाओं िे िाभाजववत हो िके | नगर पालिका पररषद बलिया का एक माि उद्दशे्य नगर पालिका का ववकाि है | जजिमे त्रबना ककिी भेद-भाव, िभी िमदुायों के िोगो को एकिाथ िेकर आगे बढने का उदे्दश्य है | जजिके लिए नगर पालिका पररषद बलिया के ननवालियों को इिमें िहयोग महत्वप र्ण है, और नगर पालिका इिका उम्मीद करता है | नगरवालियों िे अपीि है की नगर को स्वच्छ और िवुदर बनाने में नगर पालिका की मदद करे | अपने आि-पाि िाफ-िथुरा रखे| क ड़ा-कचरा डस्टत्रबन में रखे , गवदगी न फैिाये | आने वािा कि अच्छा हो इिके लिये आज बेहतर बनायें |

    बमिया संदेश

  • E-Newsletter January-2018 3

    श्री संतोष कुमार ममश्रा (अधिशाषी अधिकारी)

    I am happy to present the January 2018 issue to all of you. A number of pro-

    jects have been commissioned in the month of January. The former will help

    smoothen the flow of traffic, reduce the travel time of citizens, ease the con-

    gestion and reduce pollution on Nagar Palika Parishad Ballia’s road. There

    have been a lot of lessons to learned and these insights will certainly stand

    in good stead with us in our endeavors in future. The one thing that stands

    out is the most active participation of citizens. We, the residence of the Na-

    gar Palika Parishad Ballia respective of ages, castes, creeds, religions, local-

    ities have untidily participated in creation of Ballia’s Swachh Nagar Palika

    Parishad proposal. As I look into the future with great expectation, it is this

    one aspect of the municipality which gives me the greatest hope. We in the

    Nagar Palika Parishad Ballia, would be very happy to receive your feed-

    backs on all matters that you feel are important..

    बमिया संदेश

  • E-Newsletter January-2018 4

    Nagar Palika Parishad Ballia

    I am delighted to present the tasks and issue of Ballia Nagar Palika by e-

    Patrika Ballia Sandesh in January 2018. Nagar Palika Parishad Ballia is

    grateful to the citizens who displayed tremendous enthusiasm and whole

    heartedly participated in numerous activities throughout this period. All of

    us should bear in mind that this is not end but a beginning of the exercise

    pertaining to development and Swachh Bharat Mission program. The com-

    ing times will surely be very hectic and eventful. Ballia promises to leave no

    room for complacency and will work even harder to achieve the targets. We

    solicit active participation from the citizens in our endeavor. We sincerely

    believe that decisions taken by Nagar Palika Parishad Ballia should benefit

    Nagar Palika Parishad Ballia and the citizens in the ultimate analysis. Many

    projects process in work in Nagar Palika Parishad Ballia for development

    our Nagar Palika and citizens. Thanks to all citizens of Nagar Palika Pari-

    shad Ballia for supporting to develop Ballia.

  • E-Newsletter January-2018 5

    नव वषष की हार्दषक शुभकामनायें ! यूं तो पूरे ववश्व में नया साि अिग-अिग र्दन मनाया जाता है, और भारत के अिग-अिग क्षिेों में भी नए साि की शुरूआत अिग-अिग समय होती है। िेककन अगें्रजी कैिेंडर के अनुसार 1 जनवरी से नए साि की शुरूआत मानी जाती है। चूकंक 31 र्दसंबर को एक वषष का अतं होने के बाद 1 जनवरी से नए अगें्रजी कैिेंडर वषष की शुरूआत होती है। इसमिए इस र्दन को पूरी दनुनया में नया साि शुरू होने के उपिक्ष्य में पवष की तरह मनाया जाता है। चूकंक साि नया है, इसमिए नई उम्मीदें, नए सपने, नए िक्ष्य, नए आईडडयाज के साथ इसका स्वागत ककया जाता है। नया साि मनाने के पीछे मान्यता है कक साि का पहिा र्दन अगर उत्साह और खशुी के साथ मनाया जाए, तो साि भर इसी उत्साह और खमुशयों के साथ ही बीतेगा। हािांकक र्हन्द ूपंचांग के अनुसार के मुतात्रबक नया साि 1 जनवरी से शुरू नहीं होता। र्हन्द ूनववषष का आगाज गुडी पडवा से होता है। िेककन 1 जनवरी को नया साि मनाना सभी िमों में एकता कायम करन ेमें भी महत्वपूर्ष योगदान देता है, क्यों इसे सभी ममिकर मनाते हैं। 31 र्दसंबर की रात से ही कई स्थानों पर अिग-अिग समूहों में इकट्ठा होकर िोग नए साि का जश्न मनाना शुरू कर देते हैं और रात 12 बजते ही सभी एक दसूरे को नए साि की शुभकामनाएं देते हैं। नया साि एक नई शुरूआत को दशाषता है और हमेशा आगे बढ़ने की सीख देता है। पुरान ेसाि में हमन ेजो भी ककया, सीखा, सफि या असफि हुए उससे सीख िेकर, एक नई उम्मीद के साथ आगे बढ़ना चार्हए। जजस प्रकार हम पुराने साि के समाप्त होने पर दखुी नहीं होत ेबज क नए साि का स्वागत बड ेउत्साह और खशुी के साथ करते हैं, उसी तरह जीवन में भी बीते हुए समय को िेकर हमें दखुी नहीं होना चार्हए। जो बीत गया उसके बारे में सोचने की अपेक्षा आने वािे अवसरों का स्वागत करें और उनके जररए जीवन को बेहतर बनाने की कोमशश करें।

  • E-Newsletter January-2018 6

    स्वामी वववेकानंद स्वामी वववेकानंद का जवम नरेवरनाथ दत्ता (नरेंर, नरेन)् के नाम िे 12 जनवरी 1863 को मकर िंक्ांनत के िमय उनके पतैकृ घर किकत्ता के गौरमोहन मखुजी स्रीट में हुआ, जो त्रिटटश कािीन भारत की राजधानी थी। उनका पररवार एक पारंपररक कायस्थ पररवार था, वववेकानंद के 9 भाई-बहन थे। उनके वपता, ववश्वनाथ दत्ता, किकत्ता हाई कोटण के वकीि थे। दगुाणचरर् दत्ता जो नरेवर के दादा थे, वे िंस्कृत और पारिी के ववद्वान थे जजवहोंने 25 िाि की उम्र में अपना पररवार और घर छोड़कर एक िवयािी का जीवन स्वीकार कर लिया था। उनकी माता, भवुनेश्वरी देवी एक देवभक्त गटृहर्ी थी। स्वामीजी के माता और वपता के अच्छे िंस्कारो और अच्छी परवररश के कारर् स्वामीजी के जीवन को एक अच्छा आकार और एक उच्चकोटट की िोच लमिी। यवुा टदनों िे ही उनमे आध्याजत्मकता के के्षि में रूचच थी, वे हमेशा भगवान की तस्वीरों जैिे लशव, राम और िीता के िामने ध्यान िगाकर िाधना करते थे। िाधओु और िवयालियों की बाते उवहें हमेशा पे्रररत करती रही। नरेंर बचपन िे ही बहोत शरारती और कुशि बािक थे, उनके माता वपता को कई बार उवहें िूँभािने और िमझने में परेशानी होती थी। 1893 में अमेररका के लशकागो शहर में धमण की ववश्व पररषद थी। इि पररषद् को उपजस्थत रहकर स्वामी वववेकानंद ने टहदं धमण की िाईड बहोत प्रभाव िे रखी। अपने भाषर् की शरुुवात ‘वप्रय-भाई-बहन’ ऐिा करके उवहोंन ेअपनी बड़ी शिैी में टहदं धमण की शे्रष्ठता और महानता टदखाई।

    मानव के शरीर रूपी मंर्दर में ही भगवान का वास है, जजस र्दन इस सच्चाई को िोग मानने िगेंगे उसी र्दन हम दनुनया के हर दुुःख और हर बंिन से मुजक्त पा िेंगे ...................स्वामी वववेकानंद

  • E-Newsletter January-2018 7

    िोहडी की हार्दषक शुभकामनायें

    िोहड़ी भारत का एक प्रलिद्ध त्योहार है। यह मकर िंक्ाजवत के एक टदन पहिे मनाया जाता है। रात्रि में खुिे स्थान में पररवार और आि-पड़ोि के िोग लमिकर आग के ककनारे घेरा बना कर बैठत ेहैं। इि िमय रेवड़ी, म ंगफिी, आटद खाए जात ेहैं। रात में खुिे स्थान में पररवार और आि-पड़ोि के िोग लमिकर आग के ककनारे घेरा बना कर बैठत ेहैं और िोहड़ी के गाने गात ेहैं I यह मुख्यत: पजंाब, हररयार्ा व पड़ोिी राज्यों में बड़ी ध म-धाम िे 'िोहड़ी' का त्यौहार मनाया जाता हैI िोहड़ी िे िंबद्ध परंपराओं एवं रीनत-ररवाजों िे ज्ञात होता है कक इनतहालिक गाथाएूँ भी इििे जुडी हुई हैं। दक्ष प्रजापनत की पुिी िती के योगाजनन-दहन की याद में ही यह अजनन जिाई जाती है। उत्तर प्रदेश के प वाांचि में ‘खखचड़वार’ और दक्षक्षर् भारत के ‘पोंगि’ पर भी ‘िोहड़ी’ के िमीप ही मनाए जात ेहैं। िोहड़ी िे 10-12 टदन पहिे ही बच्चे ‘िोहड़ी’ के िोकगीत गाकर दाने, िकड़ी और उपिे इकटे्ठ करते हैं। इि िामग्री िे चौराहे या मुहल्िे के ककिी खुिे स्थान पर आग जिाई जाती है। रेवड़ी और म ंगफिी अजनन की भेंट ककए जात ेहैं तथा ये ही चीजें प्रिाद के रूप में िभी िोगों को बाूँटी जाती हैं। घर िौटत ेिमय ‘िोहड़ी’ में िे दो चार कोयिे प्रिाद के रूप में, घर पर िाने की प्रथा भी है।

  • E-Newsletter January-2018 8

    मकर सकं्ांनत कक हार्दषक शुभकामनायें !

    'मकर िंक्ाजवत' टहदंओंु का एक प्रलिद्द त्यौहार है। यह भारत के कई टहस्िों में और भी कुछ अवय भागों में मनाया जाता है। मकर िंक्ाजवत आम तौर पर हर िाि 14 जनवरी को मनाया जाता है। यह त्यौहार उन कुछ चनेु हुए भारतीय टहदं त्यौहारों में िे एक है जो ननजश्चत नतचथ को मनाये जात ेहैं। टहवद कैिेंडर के अनिुार पौष माि में जब ि यण मकर रालश पर आता है तभी इि त्यौहार को मनाया जाता है। इि त्यौहार के टदन ि यण धन ुरालश को छोड़ मकर रालश में प्रवेश करता है। मकर िंक्ाजवत के टदन िे ही ि यण की उत्तरायर् गनत भी प्रारम्भ होती है। इिलिये इि पवण को कहीं-कही ंउत्तरायर्ी भी कहत ेहैं। मकर िंक्ाजवत मखु्य रूप िे 'दान का पवण' है। माघ मेिे का पहिा स्नान मकर िंक्ाजवत िे शरुू होकर लशवरात्रि के आख़िरी स्नान तक चिता है। मकर िंक्ाजवत के टदन स्नान के बाद दान देन ेकी भी परम्परा है। भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में इि त्यौहार को खखचड़ी के नाम िे भी जाना जाता है। इि टदन खखचड़ी खाने एव ंखखचड़ी दान देन ेका अत्यचधक महत्व होता है।

  • E-Newsletter January-2018 9

    गर्तंि र्दवस कक हार्दषक शुभकामनाएँ ! गर्तंि टदवि भारत का राष्रीय पवण है । यह टदवि भारत के गर्तंि बनने की खशुी में मनाया जाता है । 26 जनवरी, 1950 के टदन भारत को एक गर्तांत्रिक राष्र घोवषत ककया गया था । इिी टदन स्वतंि भारत का नया िंववधान अपनाकर नए युग का ि िपात ककया गया था । यह भारतीय जनता के लिए स्वालभमान का टदन था । िंववधान के अनुिार डॉ. राजेवर प्रिाद स्वतंि भारत के प्रथम राष्रपनत बने । जनता ने देश भर में खलुशयाूँ मनाई । तब िे 26 जनवरी को हर वषण गर्तिं टदवि के रूप में मनाया जाता रहा है । 26 जनवरी का टदन भारत के लिए गौरवमय टदन है । इि टदन देश भर में ववशषे कायणक्म होते हैं । ववद् याियों, कायाणियों तथा िभी प्रमुख स्थानों में राष्रीय झंडा नतरंगा फहराने का कायणक्म होता है । बच्च ेइनमें उत्िाह िे भाग िेते हैं । िोग एक-द िरे को बधाई देते हैं । स्क िी बच्च ेजजिा मुख्याियों, प्रांतों की राजधाननयों तथा देश की राजधानी के परेड में भाग िेते हैं । ववलभवन स्थानों में िांस्कृनतक गनतववचधयाूँ होती हैं । िोकनतृ्य, िोकगीत, राष्रीय गीत तथा ववलभवन प्रकार के कायणक्म होते हैं । देशवािी देश की प्रगनत का म ल्यांकन करते हैं । गर्तंि टदवि के अविर पर मुख्य कायणक्म राजधानी टदल्िी में होता है । ववजय चौक पर मंच बना होता है तथा दशणक दीघाण होती है । राष्रपनत अपने अगंरक्षकों के िाथ यहाूँ पधारते हैं और राष्रध्वज फहराते हैं । उवहें 21 तोपों की ििामी दी जाती है । िेना के बैंड राष्रगान की धनु गाते हैं । राष्रपनत परेड का ननरीक्षर् करते हैं । परेड में ववलभवन ववद् याियों के बच्च,े एन.िी.िी. के कैडटे ि पुलिि अद्धणिैननक और िेना के जवान भाग िेते हैं । परेड को देखने नेतागर्, राजद त और आम जनता बड़ी िंख्या में आती है । इि अविर पर ककिी राष्राध्यक्ष को मुख्य अनतचथ के रूप में आमंत्रित ककया जाता है । गर्तंि टदवि पर राष्र अपने महानायकों को स्मरर् करता है । हजारों-िाखों िोगों की कुबाणननयों के बाद देश को आजादी लमिी अगें कफर राष्र गर्तंि बना । स्वतंिता हमें भीख में नहीं लमिी । कइयों ने इिके लिए अपनी जान गूँवायी । महात्मा गाूँधी, जवाहरिाि नेहरू, िािा िाजपतराय, बाि गंगाधर नतिक, भगत लिहं, िुभाष चरं बोि जैिे नेताओं ने जान की बाजी िगा दी । इवहोंन ेदेशवालियों क िामने जीवन-म ल्य रखे । हमारा गर्तंि इवहीं जीवन-म ल्यों पर आधाररत है । अत: इनकी रक्षा की जानी चाटहए । िमय, व्यजक्त की गररमा, ववश्व बंधतु्व, िवणधमण-िमभाव, िवणधमण-िमभाव, धमणननरपेक्षता गर्तंि के म ितत्व हैं । अपने गर्तंि को फिता-फ िता देखने के लिए हमें इवहें हृदय में धारर् करना होगा ।

  • E-Newsletter January-2018 10

    स्वच्छ भारत ममशन के अन्तगषत खुिे मे शौच से मुजक्त के सम्बन्ि में जागरूकता हेतु एक माममषक अपीि

    जागो युवा जागो स्वच्छ भारत है तुम्हारा अधिकार िेककन पहिे उठाओं पहिे कतषव्य का भार मैं नहीं तू , तू नहीं मैं सदा करत ेहै तू तू मैं मैं करो कोई भी अच्छा काम

    बढ़ाये जो भारत देश का नाम देश की िरोहर पर है सबका अधिकार कफर क्यू ँहै इसकी सफाई से इनकार

    नहीं है कोई बहुत बडा उपकार बस करना है जीवन में बदिाव शहर को मानकर घर अपना

    ननमषि स्वच्छ है उसे भी रखना कूड ेदान में फें को कूडा हर जगह न फें को पुडा

    थूकने को नहीं है िरती मैया बदिो अपनी आदत भैया

    न करो ककसी पडोसी का इंतजार देश है सबका बढ़ाओ स्वच्छता अमभयान

    स्वच्छ भारत ममशन

    श्री संतोष कुमार ममश्र श्री अजय कुमार ( अधिशाषी अधिकारी ) ( अध्यक्ष )

  • E-Newsletter January-2018 11

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    Tel/Fax : 01204349756

    Ballia Sandesh