डेली न्यूज़ (18 nov, 2019)hmis क आ कड , क अन स र,...

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डेली यूज़ (18 Nov, 2019) drishtiias.com/hindi/current-affairs-news-analysis-editorials/news-analysis/18-11-2019/print एा अता ीलस ीलस केके लये लये : एडयािटक सागर, वार-भाटा, इटली भौगोलक !"थत मेस मेस केके लये लये : वार-भाटा िनमा&ण-ि(या चचा& चचा& म* म* +य, +य, ? हाल ही म* इटली म* एडयािटक सागर के तट पर !"थत वेिनस म* बाढ़ के कारण जलभराव सम"या उ3प4 हो गईयह घटना तट पर आए उ8 वार के कारण घिटत मानी जा रही है हालाँिक कु छ िव=ेषक एवं इटली के राजनीत@ इसक AयाBया जलवायु पCरवत&न के पCरणाम के Dप म* कर रहे हE मुख मुख Gबदु Gबदु "एा एा अता अता " (Acqua Alta) एडयािटक सागर म* असाधारण उ8 वार को िदया गया नाम है वेिनस उJर-पूव& इटली म* एडयािटक सागर के तट पर !"थत है वेिनस म* इस जलभराव का "तर 1.87 मीटर (6 फट से अधक) के करीब थावष& 1966 म* आई बाढ़ के दौरान जल "तर 1.91 मीटर थाअतः वत&मान बाढ़ िवभीिषका िपछले 50 वषM म* सबसे अधक मानी जा सकती है शहर के स*ट माक& "ायर म* जलभराव एक मीटर था जबिक िनकटवतO स*ट माक& बे■सलका म* िपछले 1,200 वषM म* छठी बार और िपछले 20 वषM म* चौथी बार इतनी तीS बाढ़ आई थीशरद ऋतु के उJराU& म* तथा शीत ऋतु म* इस VेW म* उ8 वार या ■जसको अधक तीSता के कारण एा अता भी कहा जाता है , के घिटत होने दशाएँ उ3प4 होती हE िपछले वष& अXू बर के अंत म* उ8 वार के कारण वेिनस नहर, के जल "तर म* वृU हुई, इससे शहर का लगभग 75 तशत भाग जलमZ हो गया था1/20

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  • डेली यूज़ (18 Nov, 2019)drishtiias.com/hindi/current-affairs-news-analysis-editorials/news-analysis/18-11-2019/print

    ए ा अ ता

    ी ल सी ल स केके लयेलये:एडयािटक सागर, वार-भाटा, इटली क भौगो लक थत

    मे समे स केके लयेलये:वार-भाटा क िनमाण- ि या

    चचाचचा मम यय ?हाल ही म इटली म एडयािटक सागर के तट पर थत वेिनस म बाढ़ के कारण जलभराव क सम या उ प हो गई।

    यह घटना तट पर आए उ वार के कारण घिटत मानी जा रही ह।ै हालाँिक कुछ िव ेषक एवं इटली के राजनीतइसक या या जलवाय ुप रवतन के प रणाम के प म कर रहे ह।

    मुखमुख बदुबदु"ए ाए ा अ ताअ ता" (Acqua Alta) एडयािटक सागर म असाधारण उ वार को िदया गया नाम ह।ैवेिनस उ र-पूव इटली म एडयािटक सागर के तट पर थत ह।ैवेिनस म इस जलभराव का तर 1.87 मीटर (6 फ ट से अधक) के करीब था। वष 1966 म आई बाढ़ के दौरान जलतर 1.91 मीटर था। अतः वतमान बाढ़ क िवभीिषका िपछले 50 वष म सबसे अधक मानी जा सकती ह।ै

    शहर के सट माक ायर म जलभराव एक मीटर था जबिक िनकटवत सट माक बे■स लका म िपछले 1,200 वष मछठी बार और िपछले 20 वष म चौथी बार इतनी ती बाढ़ आई थी।शरद ऋतु के उ रा म तथा शीत ऋतु म इस े म उ वार या ■जसको अधक ती ता के कारण ए ा अ ता भीकहा जाता ह,ै के घिटत होने क दशाएँ उ प होती ह।िपछले वष अ ू बर के अंत म उ वार के कारण वेिनस क नहर के जल तर म वृ हुई, इससे शहर का लगभग 75

    तशत भाग जलम हो गया था।

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    https://www.drishtiias.com/hindi/current-affairs-news-analysis-editorials/news-analysis/18-11-2019/print

  • वेिनसवेिनसवेिनस उ र-पूव इटली का एक शहर और वेनेटोवेनेटो देशदेश क राजधानी ह।ैयह 118 छोटे ीप का समूह ह,ै जो नहर ारा अलग िकये गए ह और 400 से अधक पुल से आब ह।ये ीप िवनीशयन लगैून म थत ह, जो एक संल खाड़ी ह ैतथा पो और िपयावे निदय के मुहाने के म य थत ह।ैलगैून और शहर के एक िह से को यूने को क िव िवरासत थल के प म सूचीब िकया गया ह।ैवेिनस को ‘ला डोिमनट’, ‘ला सेरिेनसीमा’, ‘एडयािटक क रानी’, ‘पानी का शहर’, ‘पुल का शहर’, ‘तरैता हुआ शहर’और ‘नहर का शहर’ के प म जाना जाता ह।ै

    MOSE प रयोजनाप रयोजना: बाढ़बाढ़ अवरोधकअवरोधक णालीणालीवष 1991 के बाद से वेिनस को अ यधक महँगे और आव यक बाढ़ अवरोधक णाली क ज़ रत ह,ै ■जसे MOSE( ायोिगक इले टोमकेैिनकल मॉ ूल के लये सं नाम) कहा जाता ह,ै जो 2003 से िनमाणाधीन ह ै कतु यह अबतक पूण नह हो सका ह।ैMOSE प रयोजना को वष 2014 म पूण िकया जाना था बाद म इस अवध को बढ़ाकर वष 2016 कर िदया गया।कतु इस प रयोजना के वष 2021 से पूव पूण होने क संभावना नह ह।ै लोग का मानना ह ैिक यिद यह णाली पूणप से स ीय होती तो इस कार क बाढ़ से बचा जा सकता था।

    वष 2003 के बाद से इस बाढ़ अवरोधक णाली के िनमाण म लगभग 5.5 िब लयन यूरो खच िकया जा चुका ह।ै इसप रयोजना म अ यधक खच एवं देरी का कारण इसके अकुशल शासन एवं ाचार को माना जा रहा ह,ै ■जसकोलेकर ायः इसक आलोचना होती रही ह।ैइस प रयोजना क शु आती लागत 1.6 िब लयन यूरो थी, इसक अ यधक बढ़ी हुई लागत इसके महँगा होने क ओरइशारा करती ह ैवह दसूरी ओर MOSE प रयोजना इस े म थत लगैून के लये पयावरणीय संकट को ज म दे रहीह।ै इसके अत र इस प रयोजना का िनमाणाधीन िह सा भी खराब गुणव ा को लेकर चचा म बना हुआ ह।ै

    वा तव म, पा र थतक तं और वै क जलवाय ुप रवतन के कारण उ और िनरतंर शि शाली वार क थत देखी जारही ह,ै ■जसके लये MOSE जसैी प रयोजना उपयोगी ■स हो सकती ह।ै हालाँिक इस बात का यान रखना आव यक ह ैिकहम जलवाय ुप रवतन से िनपटने के लये ■जस साधन का उपयोग कर रहे ह वह अपने आप म इस े के लगैून पा र थतकतं के लये गभंीर खतरा ह।ै

    ोतोत: इंडयनइंडयन ए स ेसए स ेस

    अंतरा ीय जनसं या और िवकास स मेलन

    ी ल सी ल स केके लयेलये-ICPD, UNFPA

    मे समे स केके लयेलये-जनसं या वृ क सम या से िनपटने के उपाय

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  • चचाचचा मम यय ?नरैोबी म आयो■जत िव जनसं या स मेलन म वै क मचं पर भारत ने जनसं या को िनयिं त करने के लये देश म जारीदडंा मक कायवाई क बहस के बीच, गभिनरोधन के वै छक और सूचत िवक प क बात दोहराई।

    मुखमुख बदुबद-ु

    इस स मेलन का आयोजन अंतरा ीय जनसं या और िवकास स मेलन (International Conference onPopulation and Development) क 25व वषगाँठ पर के या क राजधानी नरैोबी म िकया गया।यह स मेलन के या और डेनमाक क सरकार ारा संयु रा जनसं या कोष (United Nations PopulationFund -UNFPA) के साथ संयोजन म आयो■जत िकया गया।ICPD25 पर नरैोबी शखर स मेलन क शु आत िन न ल खत 3 शोध के मु के साथ हुई-

    शू य मातृ मृ युशू य प रवार िनयोजन क आव यकताशू य लिगक हसा

    ऑ टया, कनाडा, डेनमाक, िफनलड, ाँस, जमनी, आइसलड, इटली, नीदरलड, नॉव, वीडन और यूनाइटेडकगडम क सरकार ने यूरोपीय आयोग के साथ िमलकर लगभग 1 िब लयन डॉलर का योगदान िदया।

    िनजी े के च डेन इ वे टमट फंड (Children Investment Fund), फोड फाउंडेशन, जॉनसन एंड जॉनसन,िफ ल स, व ड िवज़न और कई अ य संगठन ने कुल 8 िब लयन डॉलर के योगदान क घोषणा क ।

    भारतभारत केके संदभसंदभ मम-

    वष 1994 म कािहरा म मिहलाओं के सम िवकास और जनसं या िनयं ण को सम पत अंतरा ीय जनसं या औरिवकास स मेलन म भारत 179 देश म शािमल था।भारत म लबें समय से जनसं या िनयं ण के लये दडंा मक कारवाई अपनाने क बात क जा रही ह।ै लेिकन भारतसरकार ने इस स मेलन म गभिनरोधन के वै छक िवक प क तब ता दोहरायी। भारत ने यह भी कहा िक वह गभिनरोधक दवाओं और प रवार िनयोजन सेवाओं क गुणव ा म सुधार करगेा।इससे पूव हाल ही म असम सरकार ने वष 2021 से ऐसे यि य को ■जनके 2 से अधक ब े ह गे, उ ह सरकारीनौक रय से तबंधत करने का िनणय लया ह।ैअसम से पूव 12 अ य रा य ने भी अलग अलग तरीक से 2 ब क नीत लागू करने क कोशश क ।एक रपोट के अनुसार, 2 ब के मानदडं के कारण अयो यता का सामना करने वालो म मिहलाओं क सं या (41%)और द लत क सं या (50%) अपे ाकृत अधक थी।भारत म ऐ छक जनन दर 1.8 ह,ै ■जसका अथ ह ैमिहलाओं क एक बड़ी सं या 2 से अधक ब े नह पदैा करनाचाहत ।

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    https://www.drishtiias.com/hindi/images/uploads/1574065098_UNFPA.jpg

  • एक अनुमान के अनुसार, 15-49 के आय ुवग म 30 िम लयन मिहलाएं और 15 से 24 वष के आय ुवग म 10 िम लयनमिहलाएं गभधारण करना न चाहते हुए भी गभ िनरोधक उपाय क पहँुच और जानकारी के अभाव म उनका योग नहकर पात ।

    अतंराष्अतंराष्टीयटीय जनसंख्जनसंख्याया एवंएवं िवकासिवकास सम्सम्मेलनमेलनवष 1994 म ICPD का पहला स मलेन कािहरा म हुआ। ■जसम िव क 179 सरकार ने मिहलाओं के जनन वा य औरअधकार से संबंधत काय म को रा ीय और वै क िवकास यास म अपनाने क तब ता िदखाई।

    संयुसंयु रारा जनसं याजनसं या कोषकोष

    (United Nations Population Fund)

    संयु रा जनसं या कोष क थापना वष 1969 म क गई। UNFPA संयु रा क यौन और जनन वा य एजसी ह।ैUNFPA वै क तर पर यौन और जनन वा य सेवाओं के िव तृत िवषय पर काय करता ह,ै ■जसम वै छक प रवारिनयोजन, मातृ वा य देखभाल और यापक यौन श ा शािमल ह।ै

    ोतोत-डाउनडाउन टूटू अथअथ

    ‘साँस’ अभयान

    ी ल सी ल स केके लयेलयेसाँस (SAANS) अभयान या ह?ै

    मे समे स केके लयेलयेभारत म िनमोिनया के िनयं ण के लये िकये जाने वाले यास।

    चचाचचा मम यय ?हाल ही म वा य एवं प रवार क याण मं ालय ने साँस (SAANS) अभयान क शु आत क ।

    मु यमु य बदुबद:ुसाँस (Social Awareness and Action to Neutralise Pneumonia Successfully-SAANS)अभयान का उ े य नवजात शशुओं म िनमोिनया से होने वाली मौत को कम करना ह।ैभारत म पाँच वष से कम आय ुके ब क कुल मौत म 15 तशत क मौत िनमोिनया क वजह से होती ह।ैवा य बधंन सूचना णाली (Health Management Information System-HMIS) ारा काशत

    आँकड़ के अनुसार, भारत म पाँच वष से कम आय ुके त 1000 जीिवत ब म 37 क मौत हो जाती ह ै■जसम 5.3मौत ■सफ िनमोिनया क वजह से होती ह।

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  • HMIS के आँकड़ के अनुसार, वष 2018-19 म ब म िनमोिनया से होने वाली मौत के सवाधक मामले म य देशम दज िकये गए, जबिक गुजरात दसूर े थान पर रहा।सरकार ने ब म िनमोिनया से होने वाली मौत के िनयं ण हेतु वष 2025 तक त 1000 जीिवत ब पर होने वालीमौत को 3 से कम करने का ल य रखा ह।ैइस अभयान ारा ब म होने वाले िनमोिनया पर िनयं ण के लये सरकार श त वा य क मय तथा अ यिहतधारक के मा यम से उपचार मुहयैा कराएगी।इसके अलावा िनमोिनया से ■सत ब को आशा (Accredited Social Health Activist-ASHA) कायकता

    ारा अमो सीसीलीन (Amoxicillin) नामक एंटीबायोिटक क खरुाक दी जाएगी।ाथिमक वा य क पर प स-ऑ सीमीटर (Pulse-Oximeter) ारा ब के र म ऑ सीजन क मा ा का

    पता लगाया जाएगा तथा आव यकता पड़ने पर ऑ सीजन ■सलडर के योग से उसका उपचार िकया जाएगा।

    प सप स-ऑ सीमीटरऑ सीमीटर (Pulse-Oximeter) - यह एक यं ह ै■जसके मा यम से मानव शरीर म ऑ सीजन क मा ा का पतालगाया जाता ह।ै

    इसके तहत ब म िनमोिनया के उ मूलन हेतु तनपान तथा आय ुके अनुसार पूरक आहार पर बल देने के लये चारएवं जाग कता अभयान चलाया जाएगा।

    ोतोत : दद हदूहद ूएवंएवं पी.पी. आई.आई. बी.बी.

    सव यायालय ने खा रज क राफेल पर पुन वचार याचका

    ी ल सी ल स केके लयेलये:राफेल समझौता/डील

    मे समे स केके लयेलये:सव यायालय का फैसला तथा भारत के लये राफेल का मह व

    चचाचचा मम यय ?14 नवंबर, 2019 को सव यायालय ने राफेल सौदे पर िदसंबर, 2018 म िदये गए अपने फैसले के खलाफ दायर क गईसभी समी ा/पुन वचार याचकाओं को खा रज कर िदया ह।ै

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  • याया कहाकहा यायालययायालय नेने?मु य यायाधीश रजंन गोगोई क अगुवाई वाली पीठ ने इन सभी पुन वचार याचकाओं को खा रज िकया ह।ै इस पीठ मयायमूत एस. के. कौल और यायमूत के. एम. जोसेफ भी शािमल थे। सव यायालय के िनणय के अनुसार,

    पुन वचार याचकाएँ सुनवायी यो य नह थी।

    िकसनेिकसने दायरदायर कक थीथी पुन वचारपुन वचार याचकायाचका?राफेल मामले पर सव यायालय के िनणय के खलाफ पुन वचार याचका शांत भूषण, यशवंत ■स हा और अ णशौरी ने दायर क थी। सव यायालय ने 10 मई 2019 को इन याचकाओं पर अपना फैसला सुर त रख लया था।सव यायालय क पीठ ने 10 अ ैल, 2019 को द तावेज क जाँच के खलाफ क क ारंभक आप य कोखा रज कर िदया था। अटॉन जनरल के. के. वेणगुोपाल के अनुसार, द तावेज़ ाधकरण क मज़ंूरी के िबना ा िकयेगये थे अतः यह आधका रक गोपनीयता अधिनयम का उ ंघन था।

    सवसव यायालययायालय काका 14 िदसंबरिदसंबर काका िनणयिनणय14 िदसंबर, 2018 को सव यायालय ारा िदये गए िनणय के अनुसार, “36 राफेल लड़ाकू िवमान को खरीदने मिनणय िनधारण क ि या पर संदेह करने जसैी कोई बात नह ह”ै और इस तरह से से यायालय ने अपने िनणय मक सरकार को न चट दे दी थी।

    याया थाथा पुन वचारपुन वचार याचकायाचका मम?सव यायालय म दायर याचकाओं म राफेल सौदे म ाचार का आरोप लगाए गये थे। सव यायालय म िवमानक क मत के संदभ म भी याचका दायर क गई थी। याचकाओं म ‘लीक’ हुए द तावेज़ का हवाला देते हुए ये आरोपलगाए गये िक इस समझौते PMO ने र ा मं ालय को भी भरोसे म नह लया।

    राफेलराफेल समझौतासमझौता: मह वपूणमह वपूण त यत यभारत ने 36 राफेल क खरीद के लये च सरकार के साथ एक समझौते पर 23 ■सतबंर, 2016 को ह ता र िकये।राफेल च ि न-इजंन म टी-रोल फाइटर जेट ह ैजो ज़मीन और समु ी हमल , टोही, उ सटीक हमल और परमाणुहमले क रोकथाम सिहत लघु एवं लबंी दरूी के िमशन क एक िव तृत ृखंला को पूरा करने म स म ह।ैराफेल जेट को िव तर पर सबसे शि शाली मुकाबला करने म स म जेट माना जाता ह।ै

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    https://www.drishtiias.com/hindi/images/uploads/1574080843_Rafale with SC.jpg

  • ये िवमान ाँसीसी वायसेुना और नौसेना के लये िवक■सत िकये गए थे।राफेल को 2004 म च नौसेना और 2006 म च वायसेुना म शािमल िकया गया।यह ाँसीसी कंपनी डसॉ ट एिवएशन ारा िन मत ह।ैयह एक म टीरोल फाइटर ह ैजो ि न इजंन, टू सीटर, कैनड वग एयर ा ट ह,ै इसक अधकतम गत 2000िकमी/घटंा ह।ैयह च नेका (snecma) एम 88 टब फैन जेट इजंन ारा संचा लत ह।ैयह 9500 िकलो ाम तक वज़न के हथयार को उठाने म स म ह।ैइसे 400 मीटर से अधक रनवे क आव यकता नह होती।राफेल क 145 िकमी क कै नग रज ह।ैइसका रडार एक साथ दो से अधक ल य को साधने म स म ह।ैपहला ओमनी-रोल राफेल फाइटर जेट 2019 म भारत आएगा, जबिक सभी 36 फाइटर जेट भारत को अ ैल 2022तक स प िदये जाएंगे।भारत ने 2017 म 226 मीडयम-म टी रोल कॉ बटै एयर ा ट के खरीद क ि या शु क ।अ ैल 2015 म 36 राफेल एयर ा ट क खरीद से संबंधत इंडया- च संयु व य जारी िकया गया।

    ोतोत: इंडयनइंडयन ए स ेसए स ेस

    औरऔर पढ़...पढ़...प लक फोरम : राफेल का सच (Truth of Rafale)

    द िबग िप चर/िवशेष – राफेल पर फैसला

    यायालय क अवमानना

    ी ल सी ल स केके लयेलये:यायालय क अवमानना

    मे समे स केके लयेलये:यायालय क अवमानना से संबंधत िवभ संवधैािनक प

    चचाचचा मम यय ?हाल ही म भारत के सव यायालय ने रनैबै सी (Ranbaxy) के पूव मोटर को अपने आदेश के उ ंघन के लये अवमाननाका दोषी ठहराया ह।ै

    मु यमु य बदुबद:ु

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    https://www.drishtiias.com/hindi/loksabha-rajyasabha-discussions/truth-of-rafalehttps://www.drishtiias.com/hindi/loksabha-rajyasabha-discussions/the-rafale-verdict

  • जापानी दवा िनमाता कंपनी दाइची (Daiichi) ारा दायर याचका के अनुसार, रनैबै सी के पूव मोटर ने यायालयक रोक के बावजूद फो टस हे थकेयर (Fortis Healthcare) के शेयर क िब ी क ।दाइची कंपनी ारा 3,500 करोड़ पए के आ बटेशन (Arbitration) अवाड मामले म रनैबै सी कंपनी के पूव

    मोटर के खलाफ सव यायालय म अवमानना याचका दायर क गई थी।दाइची ने वष 2008 म रनैबै सी को खरीदा था। बाद म दाइची ने ↓सगापुर िट यूनल म शकायत करते हुए कहा िकरनेबे सी ‘यूएस फूड एंड डग एडिमिन टेशन’ (US Food and Drug Administration) ारा क जा रही जाँच केदायर ेम थी तथा कंपनी के मोटस ने दाइची के साथ हुए सौदे के दौरान इस जाँच के बार ेम नह बताया था।

    यायालययायालय कक अवमाननाअवमानना:यायालय का अवमानना अधिनयम, 1971 (Contempt of Court Act, 1971) के अनुसार, यायालय क

    अवमानना का अथ िकसी यायालय क ग रमा तथा उसके अधकार के त अनादर दशत करना ह।ैइस अधिनयम म अवमानना को ‘■सिवल’ और ‘आपराधक’ अवमानना म बाँटा गया ह।ै

    ■सिवल■सिवल अवमाननाअवमानना: यायालय के िकसी िनणय, ड ी, आदेश, रट, अथवा अ य िकसी ि या क जानबूझकर क गई अव ा या उ ंघन करना यायालय क ■सिवल■सिवल अवमाननाअवमानना कहलाता ह।ैआपराधकआपराधक अवमाननाअवमानना: यायालय क आपराधक अवमानना का अथ यायालय से जुड़ी िकसी ऐसी बात के

    काशन से ह,ै जो ल खत, मौ खक, चि त , चि त या िकसी अ य तरीके से यायालय क अवमानना करतीहो।

    हालाँिक िकसी मामले का िनद ष काशन, यायक कृ य क िन प और उचत आलोचना तथा यायालय केशासिनक प पर िट पणी करना यायालय क अवमानना के अंतगत नह आता ह।ै

    यायालययायालय कक अवमाननाअवमानना केके लयेलये दडंदडं काका ावधानावधान:सव यायालय तथा उ यायालय को अदालत क अवमानना के लये दंडत करने क शि ा ह।ै यह दडं छहमहीने का साधारण कारावास या 2000 पए तक का जुमाना या द न एक साथ हो सकता ह।ैवष 1991 म सव यायालय ने यह फैसला सुनाया िक उसके पास न केवल खदु क ब क पूर ेदेश म उयायालय , अधीन थ यायालय तथा यायाधकरण क अवमानना के मामले म भी दंडत करने क शि ह।ै

    उ यायालय को यायालय क अवमानना अधिनयम, 1971 क धारा 10 के अंतगत अधीन थ यायालय कअवमानना के लये दंडत करने का िवशेष अधकार दान िकया गया ह।ै

    अवमाननाअवमानना अधिनयमअधिनयम कक आव यकताआव यकता:यायालय का अवमानना अधिनयम, 1971 का उ े य यायालय क ग रमा और मह व को बनाए रखना ह।ै

    अवमानना से जुड़ी हुई शि याँ यायाधीश को भय, प पात और क भावना के िबना क य का िनवहन करने मसहायता करती ह।

    संवधैािनकसंवधैािनक पृ भूिमपृ भूिम:अनु छेदअनु छेद 129: सव यायालय को वंय क अवमानना के लये दंडत करने क शि देता ह।ैअनु छेदअनु छेद 142 (2): यह अनु छेद अवमानना के आरोप म िकसी भी यि क जाँच तथा उसे दंडत करने के लयेसव यायालय को स म बनाता ह।ैअनु छेदअनु छेद 215: उ यायालय को वंय क अवमानना के लये दंडत करने म स म बनाता ह।ै

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  • अवमाननाअवमानना सेसे जुड़ेजुड़े अ यअ य मु ेमु े :संिवधान का अनु छेद-19 भारत के येक नाग रक को अभ यि एवं भाषण क वतं ता दान करता ह ैपरतंुयायालय का अवमानना अधिनयम, 1971 ारा यायालय क काय णाली के खलाफ बात करने पर अंकुश लगा

    िदया ह।ैकानून बहुत यि परक ह,ै अतः अवमानना के दडं का उपयोग यायालय ारा अपनी आलोचना करने वाले यि कआवाज़ को दबाने के लये िकया जा सकता ह।ै

    यायालययायालय काका अवमाननाअवमानना अधिनयमअधिनयम, 1971

    (Contempt of Court Act, 1971):

    यह अधिनयम अवमानना के लये दंडत करने तथा यायालय क ि या को िनयिं त करने क शि को प रभािषतकरता ह।ैइस कानून म वष 2006 म धारा 13 के तहत ‘स य क र ा’ (Defence of Truth) को शािमल करने के लयेसंशोधत िकया गया था।

    ोतोत-दद हदूहदू

    िव अधिनयम, 2017

    ी ल सी ल स केके लयेलये-िव अधिनयम 2017

    मे समे स केके लयेलये-भारतीय संसद क काय णाली

    चचाचचा मम यय ?हाल ही म उ तम यायालय ने संशोधत िव अधिनयम 2017 (Finance Act 2017) म सरकार को यायाधकरण केसद य क िनयिु के संबधं म वणत िनयम को र कर, नए मानक तय करने का िनदश िदया।

    मुखमुख बदुबद-ुउ तम यायालय ने अपने िनणय म िव अधिनयम क धारा 184 क संवधैािनक वधैता बरकरार रखी जो कसरकार को यायाधकरण के सद य क िनयिु और सेवा शत से संबंधत िनयम को े म करने का अधकार देताह।ै

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  • यायालय ने यायाधकरण के सद य क िनयिु से संबंधत क सरकार ारा बनाई गई नीतय को र करते हुएनए िनयम बनाने का िनदश िदया ह।ैइसके अलावा यायालय ने िव अधिनयम, 2017 को धन िवधेयक के प म पा रत करने के मामले को उ पीठ केपास भेजने का आदेश िदया।

    िववादा पदिववादा पद बदुबद-ुइस िवधेयक म 40 से अधक अत मह वपूण संशोधन तुत िकये गए थे।इन संशोधन के लये दोन सदन म यापक और साथक बहस तथा सहमत आव यक थी।परतंु अंतम समय म सरकार ने इस िवधेयक को धन िवधेयक का दजा िदलवा कर िबना बहस के ही पा रत करवािदया।

    धनधन िवधेयकिवधेयक (Money Bill)-संिवधान के अनु छेद 110 म िकसी िवधेयक के धन िवधेयक होने क िन न ल खत शत ह-

    करारोपण, कर के उ मूलन, प रवतन और िविनयमन संबधंी ावधान।सरकार ारा ऋण लेने से संबंधत िविनयमन।भारत क संचत िनध, आक मक िनध से धन िनकालना या जमा करना।भारत क संचत िनध से धन का िविनयोग।भारत क संचत िनध या लोक लेखा म कोई धन ा करना।

    अनु छेद 117 के अनुसार धन िवधेयक रा पत क ■सफा रश से केवल लोकसभा म तुत िकया जा सकता ह।ै

    िविव िवधेयकिवधेयक (Finance Bill)-भारतीय संिवधान के अनु छेद 117(1) और 117(2) म िव िवधेयक का उ ेख िकया गया ह।ैऐसे सभी िवधेयक ■जनका संबधं िव ीय मामल से होता ह ैिव िवधेयक कहलाते ह।इस िवधेयक को रा पत क सहमत के बाद लोकसभा म पेश िकया जाता ह।ैइसम रा यसभा को भी पया शि ा होती ह।ै

    पृ भूिमपृ भूिमवष 2017 म सरकार ारा िव िवधेयक को लोकसभा म पेश िकया गया. सरकार ने इस िवधेयक म चुनावी बॅा ड के

    ावधान होने के कारण इसे धन िवधेयक के प म पा रत करने का अनुमोदन िकया।■जस पर िवप ने िवरोध जताया लेिकन क सरकार ने िव िवधेयक को धन िवधेयक के प म पेश करके पा रतकरवा लया।क सरकार ने उ तम यायालय म इस ि या को यायोचत ठहराते हुए कहा था िक यायाधकरण के अधका रयको भुगतान िकए जाने वाले वेतन और भ े भारत क संचत िनध से आते ह, अतः इसे धन िवधेयक क ेणी म रखसकते ह।लेिकन उ तम यायालय ने अपने िनणय म कहा िक रा क बहुलता और शि के संतुलन के लये रा य सभा कोदरिकनार नह िकया जा सकता।

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  • ोतोत- दद िह दूिह दू

    जल गुणव ा रपोट

    ी ल सी ल स केके लयेलये:जल गुणव ा रपोट, भारतीय मानक ब्यूरो

    मे समे स केके लयेलये:जल संसाधन से संबंधत मु े

    चचाचचा मम यय ?16 नवंबर, 2019 को क ीय उपभो ा मामले, खा और सावजिनक िवतरण मं ालय (Ministry of ConsumerAffairs, Food & Public Distribution) ने िदल्ली और राज्य क राजधािनय म उपलब्ध जल क गुणवत्ता पररपोट जारी क ।

    मुखमुख बदुबदुयह रपोट हर घर म 2024 तक नल के ज रये लोग को पीने का साफ पानी उपलब्ध कराने एवं जल जीवन अभयानके अनु प जारी क गई ह।ैखा एवं उपभोक्ता मामल के मं ालय ने इसके लये भारतीय मानक ब्यूरो (Bureau of India Standards-BIS) के मा यम से िदल्ली तथा राज्य क राजधािनय म नल के ज रये आपूत िकये जाने वाले पीने के पानी कगुणवत्ता क जाँच कराई और जाँच के नतीज के आधार पर राज्य , स्माट शहर और िज़ल को रै कग दी गई।इस र कग के थम चरण म िद ी के िवभ थान से तथा दसूर ेचरण म 20 रा य क राजधािनय से नमूने एकि तिकये गए थे। इन नमून को भारतीय मानक 10500: 2012 (BIS ारा पेयजल हेतु िनधा रत िवश ता) के अनुसारपरी ण के लये भेजा गया।

    परी णपरी ण केके मापदडंमापदडं1. ऑगनोले टक और िफ■जकल टे ट (Organoleptic and Physical Tests)2. रसायिनक परी ण3. िवषा पदाथ क उप थत4. जीवाण/ुबै टी रया क उप थत5. कुल घु लत ठोस (Total Dissolve Solids- TDS) क मा ा6. गदंलापन (Turbidity)7. कुल कठोरता (Hardness)8. कुल ारीयता (Alkalinity)9. खिनज और धातु क उप थत

    10. कॉ लफॉम तथा ई कोलाई क उप थत11/20

  • एकि त नमून म से कई ऐसे थे जो मानक ब्यूरो ारा िनधा रत मापदडं को पूरा करने म िवफल रहे।िदल्ली के िवभन्न स्थान से एकि त िकये गए पानी के ग्यारह नमूने कई िनधा रत मानदडं पर खर ेनह उतर।ेलेिकन मुबंई से एक िकये गए 10 नमूने सभी मानदडं पर खर ेपाए गए।हदैराबाद, भुवनेश्वर,रांची,रायपुर,अमरावती और शमला से एकि त िकये गए पानी के एक या उससे अधक नमूनेमानदडं पर सही नह पाए गए।तेरह राज्य क राजधािनय जसेै- चंडीगढ़, त वनतंपुरम, पटना, भोपाल, गुवाहाटी, बगंलू , गांधीनगर, लखनऊ,जम्मू, जयपुर, देहरादनू, चेन्नई और कोलकाता से एकि त िकये गए पानी के नमून म से कोई भी िनधा रत मानक परसही नह पाया गया।

    चुनौतयाँचुनौतयाँिव ता रत पकेै ड पेयजल के कारण नल जल णा लय (Tap Water Systems) म पहल (Initiatives) ककमी।तेज़ी से बढ़ते शहरी समूह म पाइ ड पानी क यव था नह होने के कारण भूजल पर उ िनभरता।आधका रक एज■सय म जवाबदेही का अभाव।गुणव ा परी ण पर सावजिनक े म आँकड़ क कमी।

    आगेआगे काका राहराहमानक को ा करने और उपभो ाओं को सश बनाने के लये एज■सय पर बा यकारी कानून लागू होने चािहये।रा य सरकार को आवास, जल आपूत, व छता और अपश बधंन के े म एक कृत ि कोण अपनाना चािहये।जल बधंन के लये वै ािनक ि कोण अपनाया जाना चािहये।एक ही िनयिमत एजसी पर भरोसा करने के बजाय येक रा य म एक अलग एजसी को परी ण काय स पा जानाचािहये।जल पर डेटा को हवा क गुणव ा से संबंधत डेटा के समान ही सावजिनक िकया जाना चािहये ■जससे सरकार परकारवाई करने का अधक दबाव बनाया जा सके।

    ोतोत: PIB

    रा ीय कृिष रसायन स मेलन

    ी ल सी ल स केके लयेलये:रा ीय कृिष रसायन स मेलन, भारतीय कृिष अनुसंधान प रषद

    मे समे स केके लयेलये:कृिष उ पादकता वृ क संभावनाएँ तथा रसायन का मह व

    चचाचचा मम यय ?12/20

  • 13-16 नवंबर, 2019 के म य रा ीय राजधानी नई िद ी म थम रा ीय कृिष रसायन स मेलन (NationalAgrochemicals Congress) का आयोजन िकया गया।

    थीमथीम/िवषयिवषयकृिष रसायन के िवभ मोच पर देश क थत।

    मुखमुख ■सफा रश■सफा रशस मेलन म क टनाशक के संबधं म बहुत ही मह वपूण ■सफा रश पेश क गई,ं जो िक इस कार ह:

    क टनाशक को इ तेमाल करते हुए लेबलग का योग,जो खम आधा रत तफल को यान म रखते हुए क टनाशक पर तबधंा मक रोक लगाना,आयातत तकनीक क टनाशक के आँकड़ के संर ण के संबधं म नीत िनमाण करना,सुर त ननैो-सू ीकरण क शु आत, श ण और िव तार के लये िकसान को अधकार संप बनाना,आिद।

    अ यअ य मुखमुख बदुबदुयह पहला रा ीय कृिष रसायन स मेलन था अब इसे हर तीन वष पर आयो■जत िकया जाएगा।स मेलन का आयोजन क टनाशक बधंन म रसायिनक क टनाशक क भूिमका को यान म रखते हुए िकया गया है

    य िक समय-समय पर ल य आधा रत और पयावरण अनुकूल उ पाद शु िकये जा रहे ह। इसका आयोजन भारतीयकृिष अनुसंधान सं थान (Indian Agricultural Research Institute- IARI) नई िद ी के मु यालय मक टनाशक िव ान भारत (Society of Pesticide Science India) ारा िकया गया था।क टनाशक के उपयोग के लाभ उनके जो खम क तुलना म अधक ह।फसल , मानव वा य, संसाधन बधंन, ननैो ौ ोिगक , माट िन पण और संबंधत िव ान म नई अवधारणाओंसे कृिष उ पादकता बढ़ाने क संभावना ह।ैइस पृ भूिम के साथ, िवभ मोच पर कृिष रसायन को थायी प से िवक■सत करने के लये शोधक ाओं औरनीत िनमाताओं के लये वतमान थत का प रतुलन िकया गया ह।ै

    भारतीयभारतीय कृिषकृिष अनुसंधानअनुसंधान प रषदप रषद

    (Indian Council of Agricultural Research-ICAR)

    भारत सरकार के कृिष मं ालय के अंतगत कृिष अनुसंधान एवं श ा िवभाग हेतु भारतीय कृिष अनुसंधान प रषद एकवाय शासी सं था ह।ै

    इसका मु यालय नई िद ी म ह।ै बागवानी, मा यक और पशु िव ान सिहत कृिष के े म सम वयन, मागदशनऔर अनुसंधान बधंन एवं श ा के लये यह प रषद भारत का एक सव िनकाय ह।ै

    पृ भूिमपृ भूिमकृिष पर रॉयल कमीशन ारा तुत रपोट का अनुसरण करते हुए सोसाइटी र■ज टीकरण अधिनयम, 1860 केतहत इसका पंजीकरण िकया गया था जबिक 16 जुलाई, 1929 को इसक थापना क गई।

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  • पहले इसका नाम इपंी रयल काउं■सल ऑफ ए ीक चरल रसच (Imperial Council of AgriculturalResearch) था।

    ोतोत: पी.आई.बी.पी.आई.बी.

    घरलेू उपभो ा यय सव ण

    ी ल सी ल स केके लयेलये:CES, NSO

    मे समे स केके लयेलये:CES से संबंधत मु े

    चचाचचा मम यय ?सरकार ारा इस वष डेटा गुणव ा पर रा ीय सां यक कायालय (National Statistical Office- NSO) के उपभो ायय सव ण को समा कर िदया गया ह।ै

    उपभो ाउपभो ा यययय सव णसव णउपभो ा यय सव ण (Consumer Expenditure Survey- CES) सामा यतः पाँच वष के अंतराल परआयो■जत िकया जाता ह ैऔर इसका अंतम 68व चरण का आयोजन जुलाई 2011 से जून 2012 के बीच िकया गयाथा।सां यक और काय म काया वयन मं ालय (Ministry of Statistics and ProgrammeImplementation- MoSPI) के तहत इसका संचालन NSO ारा िकया जाता ह।ैयह घरलेू तर पर मा■सक त यि उपभो ा यय (Monthly Per-capita Consumer Expenditure-MPCE) और MPCE वग से इतर घर और यि य (Household and Persons) के िवतरण का अनुमानलगाता ह।ैयह घर म व तुओं और सेवाओं (खा और गरै-खा ) क खपत पर खच के बार ेम जानकारी एक करने के लयेडज़ाइन िकया गया ह।ैइसका उपयोग सकल घरलेू उ पाद और अ य समि -आथक संकेतक (Macro-Economic Indicators) केरीबे↓सग (Rebasing) म िकया जाता ह।ै

    2018-19 सव णसव ण:उपभो ा खच म लगातार कमी हो रही ह ैऔर इसके तकूल िन कष (Adverse Findings) के कारण रपोट कोजारी करने पर रोक लगा दी गई ह।ै

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    https://www.drishtiias.com/hindi/daily-updates/daily-news-analysis/restructuring-of-indian-statistical-system

  • व तु और सेवाओं के वा तिवक उ पादन जसेै अ य शासिनक डेटा ोत से तुलना करने पर अ यधक िवचलन याभ ता देखी गई। यह भ ता केवल उपभोग पटैन के साथ-साथ प रवतन क िदशा (Direction Of the Change)म भी थी।

    सव णसव ण काशतकाशत यय नहनह िकयािकया?आँकड़ो क गुणव ा के कारण सां यक और काय म काया वयन मं ालय ने वष 2017-2018 के CES प रणामको जारी नह करने का िनणय लया ह।ैप रवार ारा वा य और श ा के े म खपत के लये सव ण क मता/संवेदनशीलता (Ability/Sensitivity)के बार ेम चता य क गई।रा ीय लेखा सां यक सलाहकार सिमत ने भी ■सफा रश क ह ैिक सकल घरलेू उ पाद (Gross DomesticProduct-GDP) ंखला के लये वष 2017-18 को नया आधार वष के प म उपयोग करने के लये उपयु वषनह ह।ैMoSPI अलग से वष 2020-2021 और वष 2021-22 म अगले CES के संचालन क यवहायता क जाँच कर रहाह ैतािक सव ण ि या म सभी गुणव ापूण डेटा शािमल हो।

    डेटाडेटा लीकलीक

    Data leaked

    सव ण के अनुसार, भारतीय ारा एक महीने म खच क गई औसत राश वष 2011-12 के 1,501 पए से 3.7%िगरकर वष 2017-18 म 1,446 पए हो गई।भारत के गाँव म उपभो ा खच वष 2017-18 म 8.8% घट गया, जबिक 6 वष के दौरान शहर म इसम 2% क वृहुई।

    ोतोत- PIB

    ‘सोना’ तीसरा सबसे लोकि य िनवेश का िवक प

    ी ल सी ल स केके लयेलये:िव वण प रषद, रटेल गो ड इनसाइ स-2019

    चचाचचा मम यय ?हाल ही म िव वण प रषद (World Gold Council-WGC) ारा जारी रटेल गो ड इनसाइ स-2019 (Retail GoldInsights-2019) रपोट के अनुसार, ‘सोना’ खदुरा िनवेशक के बीच िनवेश का तीसरा सबसे लोकि य िवक प ह।ै

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    https://www.drishtiias.com/hindi/daily-updates/daily-news-analysis/india-s-gdp-growth-rate-declines

  • सव णसव ण सेसे संबंधतसंबंधत त यत य:यह रपोट भारत, चीन, उ री अमे रका, ज़मनी और स म लगभग 18,000 लोग पर सव ण कर जारी क गई ह।ैरपोट के अनुसार, ‘सोना’ िनवेश का तीसरा सबसे लकि य िवक प ह।ै

    लगभग 46% वै क खदुरा िनवेशक ने बचत खाते (78%) और जीवन बीमा (54%) के बाद सोने के उ पादको चुना ह।ै

    सव ण म शािमल लगभग 67% लोग के अनुसार, वे लगातार सोने म िनवेश कर रहे ह तथा इससे पहले भी सोने मिनवेश कर चुके ह।

    इस आँकड़े म चीन को पीछे छोड़ते हुए भारत क लगभग 72% िह सेदारी ह।ैइसके अलावा भारत म फैशन एवं लाइफ़ टाइल (Fashion and Life Style) से जुड़े लगभग 37% उपभो ाओं

    ारा पहले कभी सोने म िनवेश नह िकया गया परतंु अब ये इसके लये इ छुक ह।यह आँकड़ा चीन म 30% और अमे रका म 40% आँका गया ह।ै

    महँगाईमहँगाई सेसे िनपटनेिनपटने मम स मस म:रपोट के अनुसार, भिव य म सोने का मू य कम नह होगा, इस लये यह महँगाई से िनपटने का एक अ छा उपाय ह।ै

    िविव वणवण प रषदप रषद

    (World Gold Council-WGC):

    िव वण प रषद, वण उ ोग बाज़ार के िवकास हेतु एक संगठन ह।ैइसका उ े य सोने क मांग को ो सािहत करना और वण उ ोग को वै क नेतृ व दान करना ह।ै

    कायकायनीतय का िवकास करना और वण उ ोग के मानक को थािपत करना,वण बाजार के बुिनयादी ढाँचे को मज़बूत करना।

    नए िनवेशक को वण उ ोग म आने के लये ो सािहत करना।क ीय बक को सलाह देना।वै क संवाद को बढ़ावा देना।

    ोतोत: दद हदूहदू16/20

    https://www.drishtiias.com/hindi/images/uploads/1574079203_World Gold Council.jpg

  • साइ ोफाइन एयर

    ी ल सी ल स केके लयेलयेसाइ ोफाइन, PM2.5, PM10 या ह?ै

    मे समे स केके लयेलयेवाय ु दषूण रोकने म तकनीक क भूिमका।

    चचाचचा मम यय ?हाल ही म आई.आई.टी. म ास के ■सिवल इजंीिनय रग िवभाग तथा ए वीटान (EnviTran) नामक आई.आई.टी. म ास के हीिव ाथय के एक टाटअप ारा एक एयर यूरीफायर का िनमाण िकया गया ह।ै इसका मु य काय वाय ुम मौजूद पा टकुलेटमटैर (PM2.5 तथा PM10) का िन कासन करना ह।ै

    मु यमु य बदुबद:ुइस एयर यूरीफायर का नाम साइ ोफाइन (Cyclofine) रखा गया ह ै■जसका मु य काय वाय ुम मौजूद दषूक तथापा टकुलेट मटैर (PM2.5 तथा PM10) का िन कासन करना ह।ैइस मशीन म चार चरण म हवा को िफ़ टर िकया जाता ह।ै इसके अलावा इसम एयर ा लटी मानीट रग ससर भीलगाया गया ह ैजो िकसी वा तिवक समय म वाय ुगुणव ा सूचकांक (Air Quality Index) को दशत करगेा।यह मशीन अपने आस-पास क वाय ुको 750 यूिबक मीटर त घटंा क दर से व छ करगेी।यह मशीन दषूक के अलावा, PM2.5 (वह पा टकुलेट मटैर ■जनका आकार 2.5 माइ ोन या उससे कम हो) को 80

    तशत तक तथा PM10 (वह पा टकुलेट मटैर ■जनका आकार 10 माइ ोन या उससे कम हो) को हवा से िनकालनेम स म ह।ै

    PM2.5- वे पा टकुलेट मटैर ■जनका आकार 2.5 माइ ोन या उससे कम हो।

    PM10- वे पा टकुलेट मटैर ■जनका आकार 10 माइ ोन या उससे कम हो।

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    https://www.drishtiias.com/hindi/images/uploads/1574080483_Air Quality.jpg

  • यह मशीन खलेु म या िकसी थान िवशेष पर लगाई जाएगी जहाँ दषूण क मा ा अधक हो। जसेै- िकसी औ ोिगके म जहाँ पा टकुलेट कण क सघनता अधक हो वहाँ इस मशीन को एक लबें टावर क तरह लगाया जा सकता है

    तथा टैिफक ■स ल पर भी इसे योग म लाया जा सकता ह।ैयह मशीन अभी ायोिगक तर पर ह ैतथा िवभ योग ारा यह देखा जा रहा ह ैिक यह िकतनी दरूी तक एवं िकतनीमा ा म दषूक को िफ़ टर करने म स म ह।ै

    ोतोत : दद हदूहदू

    RAPID FIRE करट अफेयस (18 नवंबर)

    यूयू इंडयाइंडया केके लयेलये वा यवा य णालीणाली परपर नीतनीत आयोगआयोग कक रपोटरपोटनीत आयोग ने ‘ यू इंडया के लये वास्थ णाली: िब डग लॉ स- सुधार के संभािवत तरीके’ पर 18 नवंबर,2019 को एक रपोट जारी क ।यह रपोट सावजिनक े के लये ACCES हे थ इटंरनेशनल ारा और िनजी े के लये PWC इंडया फोस ाराएकि त िकये गए डेटा पर आधा रत ह।ैइस रपोट म िपछले वष स्वास्थ्य णाली को लेकर राष्टीय स्तर पर िकये गए यास और िवचार-िवमश के िनष्कषको शािमल िकया गया ह।ैइस रपोट म स्वास्थ्य सेवाओं के लये भुगतान करने वाल और जो खम घटक तथा वा य सेवाओं एवं इसेसंचा लत करने वाले ड■जटल आधार के िवभन्न तर पर देश क वा य णाली के बार ेम बताया गया ह।ैरपोट म देश के सामने आने वाली चुनौतय से िनपटने के लये िबखरी हुई स्वास्थ्य णाली को मज़बूत करने के

    आवश्यक यास से जुड़े ि कोण को एक जगह लाने का यास िकया गया ह।ै

    स्वास्थ्य णाली पर बहस और चचा ‘िवकासिवकास संवादसंवाद ंखलांखला’ के एक िहस्से के प म शु क गई थी। आयोग ने 30 नवंबर,2018 को आई.टी.आई.टी. यूयू इंडयाइंडया: िब डगिब डग लॉ सलॉ स केके लयेलये वा यवा य णालीणाली नामक कायशाला के साथ इस ंखला क शु आतक थी। इसम देश क वा य णाली पर गहन और सकारात्मक चचा के लये अंतरा ीय एवं रा ीय िवशेष तथा मुखिहतधारक को साथ लाया गया।

    यह रपोट सभी िन कष को एक साथ लाने का एक यास ह।ै रपोट भारत के सम अपनी वा य णाली को बेहतर बनानेके लये िवशेष प से सरकार ारा शु क गई वा य णा लय के सुधार के संदभ म उपल ध रणनीतक िवक प ब्यौरा

    स्तुत करती ह।ै

    मेडकलमेडकल डवाइसडवाइस पाकपाकसरकार ने चार मेडकलमेडकल डवाइसडवाइस पाकपाक थािपत करने क योजना को मज़ंूरी दी ह।ै इन पाक क थापना से देश मिव तरीय मेडकल उपकरण का उ पादन िकया जा सकेगा। इ ह घरलेू बाज़ार म उचत क मत पर उपल ध करायाजाएगा।अनुमत हा■सल करने वाले पाक म आं देश, तेलगंाना, तिमलनाडु और केरल म थािपत होने वाला एक-एक पाकशािमल ह,ै जबिक उ राखंड और गुजरात ने भी इस तरह के पाक थािपत करने के लये क सरकार से संपक िकयाथा।

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  • एक अनुमान के मुतािबक इस समय देश के रटेल माकट म मेडकल डवाइस का कारोबार करीब 70 हजार करोड़पए का ह।ै

    इन उपकरण के मामले म भारत एशया का चौथा सबसे बड़ा बाज़ार ह।ै इसके बावजूद भारतीय मेडकल डवाइसइडं टी बहुत छोटी ह।ैइस े म भारत अपनी ज़ रत के लये आयात पर िनभर ह।ै मेडकल डवाइस पाक के िनमाण के बाद इस थतसुधार आएगा तथा इससे 'मेक इन इंडया' पहल को बढ़ावा िमलेगा।इन पाक म इलाज म काम आने वाले उपकरण बनाने के लये कंपिनय को सभी ढाँचागत सुिवधाएँ उपल ध कराईजाएंगी। इससे इन महगें उपकरण के आयात पर आने वाले खच म कमी आएगी, साथ ही उ पादन लागत घटने से येउपकरण कम दाम पर उपल ध ह गे।गौरतलब ह ैिक हाल ही म क सरकार ने आं देश के मेडटेक जोन म सुपरकंड टगसुपरकंड टग मै ेिटकमै ेिटक कॉयलकॉयल टे टगटे टग के लयेCFC क थापना को मज़ंूरी दी ह।ै

    गोटाबायागोटाबाया राजप ेराजप ेीलकंा के पूव र ामं ी एवं ीलकंा पीपु स ं ट के उ मीदवार गोटाबाया राजप े देश के अगले रा पत ह गे। ीलकंा

    म रा पत चुनाव के लये शिनवार को मतदान हुआ था।गोटाबाया राजप े ीलकंा के आठव रा पत चुने गए ह। वह मै ीपाल ■स रसेना का थान लगे। उनके साथ मुकाबलेम मु य त ं ी यूनाइटेड नेशनल पाट के स■जत ेमदासा थे।गोटाबाया को 52.25% तशत वोट िमले, जबिक ेमदासा 41.99% वोट के साथ दसूर े थान पर रहे ।गोटबाया क जीत का असर भारत पर भी पड़ सकता ह,ै य िक गोटबाया, राजप े प रवार से ह, ■जसका झुकाव चीनक ओर रहा ह।ै

    ीलकंा का े फल 65 हज़ार वग िकलोमीटर और आबादी लगभग 2.2 करोड़ ह।ै सबसे अधक लगभग 70% आबादी↓सहली बौ क ह,ै 12.6% लोग तिमल हद ूह, 10% ईसाई और 8% आबादी मुसलमान क ह।ै

    देशदेश काका पहलापहला ा टका टक पाकपाकओडशा सरकार ने दावा िकया ह ैिक देश म पहला पूरी तरह से प रचालन के लये तयैार ा टक पाक लगभग तयैारहो गया ह,ै लेिकन िनवेशक को इसम अपनी इकाइयाँ थािपत करने म किठनाइय का सामना करना पड़ रहा ह।ैउ िमय म जाग कता क कमी (Lack of Entrepreneur Awareness) रा य सरकार क इस धारणा कोगलत सािबत कर रही ह ैिक िविनमाण को बढ़ावा देने के लये गरै-िव ीय ो साहन संभािवत िनवेशक के लये अधकफायदेमदं ह,ै बजाय कर छूट िव ीय ो साहन देने के।ओडशा सरकार से िमली जानकारी के अनुसार, भारत का घरलेू उ पादन ा टक क मांग का केवल 50 तशत ह,ैजो िनमाण और बुिनयादी ढाँचे के उ ोग के साथ बढ़ रहा ह।ैओडशा के इस ा टक पाक के लये रसायन और उवरक मं ालय ने अवसंरचना िवकास के लये 40 करोड़ पएआवंिटत िकये ह।इंडयन ऑयल और रा य सरकार के िनयं ण वाली कंपनी ओडशा इं ा ट चर डेवलपमट काप रशेन (IIDCO) नेसंयु उप म के प म इस ा टक पाक को िवक■सत िकया ह।ैहालाँिक इस पाक म अब तक 80 इकाइय क तुलना म केवल 9 इकाइय को भूखंड आवंिटत िकये गए ह, जो बुने हुएबोर , ा टक पाइप और इजें शन बनाने वाले उपकरण , िफ म , पाउच और उपभो ा ा टक उ पाद का िनमाणकर सकते ह। आठ इकाइय के पास लीज़ पर उपल ध भूिम का केवल 30 तशत ह।ै

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  • ओडशा के इस ा टक पाक म शासिनक लॉक, परी ण योगशाला, कौशल िवकास क , बक के लये जगह,िनक, पानी और िबजली के साथ-साथ सभी वधैािनक अनुमोदन, जसेै- पयावरणीय मज़ंूरी और थापना के लये

    सहमत के अलावा िमक के रहने के लये थान (Dormitory), व र अधका रय के लये आवास, भडंारणसुिवधाएँ आिद उपल ध कराई गई ह।

    वतमान समय म भारत म लगभग 12 िम लयन टन त वष क ा टक क खपत ह,ै ■जसम से लगभग 6 िम लयन टन काउ पादन घरलेू तर पर िकया जाता ह ैऔर शेष का आयात िकया जाता ह।ै ा टक आयात को कम करने के लये रसायनऔर उवरक िवभाग ने असम के तनसुिकया, म य देश के रायसेन, ओडशा के जगत↓सहपुर और तिमलनाडु के त व रू मचार ा टक पाक थािपत करने क योजना बनाई थी। इन पाक म ा टक े क इकाइयाँ थािपत होने से य रोज़गारके साथ छोटे उ ोग को भी बढ़ावा िमलेगा।

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    डेली न्यूज़ (18 Nov, 2019)एक्वा अल्ताप्रीलिम्स के लिये:मेन्स के लिये:चर्चा में क्यों?प्रमुख बिंदुवेनिसMOSE परियोजना: बाढ़ अवरोधक प्रणालीस्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

    अंतर्राष्ट्रीय जनसंख्या और विकास सम्मेलनप्रीलिम्स के लिये-मेन्स के लिये-चर्चा में क्यों?प्रमुख बिंदु-अंतर्राष्ट्रीय जनसंख्या एवं विकास सम्मेलनसंयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष(United Nations Population Fund)स्रोत-डाउन टू अर्थ

    ‘साँस’ अभियानप्रीलिम्स के लियेमेन्स के लियेचर्चा में क्यों?मुख्य बिंदु:स्रोत : द हिंदू एवं पी. आई. बी.

    सर्वोच्च न्यायालय ने खारिज की राफेल पर पुनर्विचार याचिकाप्रीलिम्स के लिये:मेन्स के लिये:चर्चा में क्यों?क्या कहा न्यायालय ने?किसने दायर की थी पुनर्विचार याचिका?सर्वोच्च न्यायालय का 14 दिसंबर का निर्णयक्या था पुनर्विचार याचिका में?राफेल समझौता: महत्त्वपूर्ण तथ्यस्रोत: इंडियन एक्सप्रेसऔर पढ़ें...

    न्यायालय की अवमाननाप्रीलिम्स के लिये:मेन्स के लिये:चर्चा में क्यों?मुख्य बिंदु:न्यायालय की अवमानना:न्यायालय की अवमानना के लिये दंड का प्रावधान:अवमानना अधिनियम की आवश्यकता:संवैधानिक पृष्ठभूमि:अवमानना से जुड़े अन्य मुद्दे :न्यायालय का अवमानना अधिनियम, 1971(Contempt of Court Act, 1971):स्रोत-द हिंदू

    वित्त अधिनियम, 2017प्रीलिम्स के लिये-मेन्स के लिये-चर्चा में क्यों?प्रमुख बिंदु-विवादास्पद बिंदु-धन विधेयक (Money Bill)-वित्त विधेयक (Finance Bill)-पृष्ठभूमिस्रोत- द हिन्दू

    जल गुणवत्ता रिपोर्टप्रीलिम्स के लिये:मेन्स के लिये:चर्चा में क्यों?प्रमुख बिंदुपरीक्षण के मापदंडचुनौतियाँआगे का राहस्रोत: PIB

    राष्ट्रीय कृषि रसायन सम्मेलनप्रीलिम्स के लिये:मेन्स के लिये:चर्चा में क्यों?थीम/विषयप्रमुख सिफारिशेंअन्य प्रमुख बिंदुभारतीय कृषि अनुसंधान परिषद(Indian Council of Agricultural Research-ICAR)पृष्ठभूमिस्रोत: पी.आई.बी.

    घरेलू उपभोक्ता व्यय सर्वेक्षणप्रीलिम्स के लिये:मेन्स के लिये:चर्चा में क्यों?उपभोक्ता व्यय सर्वेक्षण2018-19 सर्वेक्षण:सर्वेक्षण प्रकाशित क्यों नहीं किया?डेटा लीकData leakedस्रोत- PIB

    ‘सोना’ तीसरा सबसे लोकप्रिय निवेश का विकल्पप्रीलिम्स के लिये:चर्चा में क्यों?सर्वेक्षण से संबंधित तथ्य:महँगाई से निपटने में सक्षम:विश्व स्वर्ण परिषद(World Gold Council-WGC):कार्यस्रोत: द हिंदू

    साइक्लोफाइन एयरप्रीलिम्स के लियेमेन्स के लियेचर्चा में क्यों?मुख्य बिंदु:स्रोत : द हिंदू

    RAPID FIRE करेंट अफेयर्स (18 नवंबर)न्यू इंडिया के लिये स्वास्थ्य प्रणाली पर नीति आयोग की रिपोर्टमेडिकल डिवाइस पार्कगोटाबाया राजपक्षेदेश का पहला प्लास्टिक पार्क