डेली न्यूज़ (14 sep, 2020)मज बत करन क लय कई...

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डेली डेली यूज़ यूज़ (14 Sep, 2020) drishtiias.com /hindi/current-affairs-news-analysis-editorials/news-analysis/14-09-2020/print तालबान तालबान को को लेकर लेकर भारत भारत बदलती बदलती रणनीत रणनीत िलस िलस केके लये लये ज़रीन-डेलारम राजमाग , अफगािनतान-भारत मै"ी बांध मेस मेस केके लये लये अफगािनतान को लेकर भारत रणनीत म% बदलाव चचा चचा म% म% (य) (य) ? हाल ही भारत ने अफगािनतान सरकार और तािलबान के बीच कतर (दोहा) होने वाली अंतर-अफगान वाता (Intra-Afghan Talks) के शु आती समारोह भाग ले कर तािलबान पर अपनी बदलती रणनीित का संके त ि दया है मुख मुख ,बदु ,बदु : अंतर-अफगान शांित वाता" भारत की उपिथित यह इंिगत करती है ि भारत ने अफगािनतान ज़मीनी हकीकत एवं बदलते स(ा ढाँचे को दे खते अपनी रणनीित बदल दी है गौरतलब है ि अफगािनतान से अमेिरका की वापसी ने पािकतान को अफगािनतान -.य/ या अ-.य/ 0प से अपनी ि नकटता के कारण एक अहम बढ़त ि दलाई है हालाँिक कु छ िवशेष67 के अनु सार, भारत ने एक प/ के 0प अफगान सरकार की उपिथित के कारण इस समारोह भाग िलयाजबिक भारत अभी भी तािलबान को मा9यता नहीं दे ता है भारत भारत का का मत मत: 1/18

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  • डेलीडेली यूज़यूज़ (14 Sep, 2020)drishtiias.com/hindi/current-affairs-news-analysis-editorials/news-analysis/14-09-2020/print

    ता लबानता लबान कोको लेकरलेकर भारतभारत कक बदलतीबदलती रणनीतरणनीत

    ि ल सि ल स केके लयेलयेज़रीन-डेलारम राजमाग, अफगािन तान-भारत मै ी बांध

    मे समे स केके लयेलयेअफगािन तान को लेकर भारत क रणनीत म बदलाव

    चचाचचा मम यय ?हाल ही म भारत ने अफगािन तान सरकार और तािलबान के बीच कतर (दोहा) म होने वाली अंतर-अफगान वाता(Intra-Afghan Talks) के शु आती समारोह म भाग लेकर तािलबान पर अपनी बदलती रणनीित का संकेतिदया है।

    मुखमुख बदुबद:ुअंतर-अफगान शांित वाता म भारत की उपि थित यह इंिगत करती है िक भारत ने अफगािन तान मज़मीनी हकीकत एवं बदलते स ा ढाँचे को देखते हुए अपनी रणनीित बदल दी है।

    गौरतलब है िक अफगािन तान से अमेिरका की वापसी ने पािक तान को अफगािन तान म य याअ य प से अपनी िनकटता के कारण एक अहम बढ़त िदलाई है।

    हालाँिक कुछ िवशेष के अनुसार, भारत ने एक प के प म अफगान सरकार की उपि थित के कारणइस समारोह म भाग िलया। जबिक भारत अभी भी तािलबान को मा यता नही ंदेता है।

    भारतभारत काका मतमत:

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    https://www.drishtiias.com/hindi/current-affairs-news-analysis-editorials/news-analysis/14-09-2020/print

  • भारत का मानना है िक कोई भी शांित ि या अफगान सरकार के नेतृ व वाली, अफगान सरकार केवािम व वाली और अफगान सरकार ारा िनयंि त होनी चािहये। अथात ्

    इसम अफगािन तान की रा टीय सं भुता एवं े ीय अखंडता का स मान होना चािहये और मानवअिधकार एवं लोकतं को बढ़ावा िदये जाने का यास िकया जाना चािहये।इस शांित वाता म अफगािन तान म एक लोकतांि क इ लामी गणरा य की थापना म हुई गितको संरि त करने की भी आव यकता है।

    अ पसं यक , मिहलाओं एवं समाज के कमज़ोर वगो ंके िहत को संरि त िकया जाना चािहये औरअफगािन तान एवं उसके पड़ोस म िहंसा के मु े को भावी ढंग से संबोिधत िकया जाना चािहये।भारतीय िहत िजसम अफगािन तान म भारतीय दतूावास एवं भारतीय कंपिनयाँ व िमक शािमल ह, कोभी संरि त िकया जाना चािहये।भारत एक ‘ वतं एवं सं भु’ अफगािन तान का समथन करता है। ‘ वतं एवं सं भु’ श द का उपयोगयह प ट करता है िक पािक तान एवं आईएसआई ारा अफगािन तान को िनयंि त नही ंिकया जानाचािहये।

    पृ भूिमपृ भूिम:उ लेखनीय है िक संयु त रा य अमेिरका ने तािलबान के साथ एक समझौते पर ह ता र िकया िजसनेअफगािन तान से अमेिरकी सैिनक की पणू वापसी का माग श त िकया और अफगािन तान म 18 वष केयु को समा त करने की िदशा म एक माग श त िकया।इस शांित समझौते से दो ि याओं के शु होने की उ मीद बनी थी:

    1. अमेिरकी सैिनक की चरणब वापसी 2. अंतर-अफगान वाता

    यह समझौता अफगािन तान की शांित ि या के िलये यापक और थायी यु िवराम तथा भिव य केिलये एक राजनीितक रोडमैप देने का एक बुिनयादी कदम था।

    अफगािन तानअफगािन तान मम भारतभारत केके िहतिहत:

    अफगािन तान म ि थरता बनाए रखने म भारत की बड़ी िह सेदारी है। भारत ारा अफगािन तान केिवकास म काफी संसाधन लगाए गए ह। जैसे-अफगान संसद (Afghan Parliament), ज़रीन-डेलारमराजमाग (Zaranj-Delaram Highway), अफगािन तान-भारत मै ी बांध (सलमा बांध)Afghanistan-India Friendship Dam (Salma Dam) इ यािद का िनमाण अफगािन तान म भारतके सहयोग से िकया गया है।

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    https://www.drishtiias.com/hindi/loksabha-rajyasabha-discussions/india-role-in-afghanistanhttps://www.drishtiias.com/hindi/images/uploads/1600088245_Helping-Hand.jpghttps://www.drishtiias.com/hindi/daily-updates/daily-news-analysis/loya-jirga-grand-assembly-of-afghanistan

  • उ लेखनीय है िक अफगािन तान म य एिशया का वेश ार है।

    उभरतेउभरते मु ेमु े:भारत, तािलबान के पािक तान की आईएसआई के साथ संबंध और अफगािन तान म भारत के िहत कोलि त करने वाले ह कानी नेटवक के यास से िचंितत है।

    पािक तान, अफगािन तान म भारत की िकसी भी सुर ा भिूमका का िवरोध करता है और भारत कीमौजदूगी को अपने िहत के िलये हािनकारक मानता है।

    तािलबान का जैश-ए-मुह मद (JeM) और ल कर-ए-तोइबा (LeT) से भी संबंध है जो भारत के िखलाफिविभ न आतंकवादी गितिविधय म संिल त ह।भारत ने अभी भी तािलबान को मा यता नही ंदी है। हालाँिक यिद भारत, तािलबान के साथ यबातचीत करने के िवक प पर िवचार करता है तो यह केवल मा यता ा त सरकार के साथ काय करने कीअपनी सुसंगत नीित से अलग कदम होगा।

    आगेआगे कक राहराह:भारत को अफगािन तान के भिव य के िलये किदत सभी शि तय से िनपटने के िलये अपने िनणय कापुनमू यांकन करने और अपने दृि टकोण म अिधक सव यापी होने की आव यकता है।बदलती राजनीितक एवं सुर ा ि थित के िलये भारत को अपने िहत को यान म रखते हुए तािलबान केसाथ बातचीत शु करने के िलये खुलेपन की नीित को अपनाना चािहये।

    ोतोत: इंडयनइंडयन ए स ेसए स ेस

    अमे रकाअमे रका-मालदीवमालदीव र ार ा सहयोगसहयोग समझौतासमझौता

    ि ल सि ल स केके लयेलये:‘बे ट एंड रोड इिनशएिटव, साक समूह, ाड (QUAD)

    मे समे स केके लयेलये: भारत-मालदीव ि प ीय संबधं, हद महासागर े म शांत और चीन क बढ़तीआ ामकता

    चचाचचा मम यय ?हाल ही म िहंद महासागर े म शांित और सुर ा सुिनि चत करने के उ े य से अमेिरका तथा मालदीव के बीचएक र ा सहयोग समझौते पर ह ता र िकये गए ह।

    मुखमुख बदुबद:ुअमेिरका और मालदीव के बीच 10 िसतंबर, 2020 को ‘अमेिरकी र ा िवभाग-मालदीव र ा मं ालय केर ा और सुर ा संबंध हेतु परेखा’ नामक समझौते पर ह ता र िकये गए।

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    https://www.drishtiias.com/hindi/daily-updates/daily-news-editorials/putting-the-sagar-vision-to-the-test

  • अमेिरकी र ा िवभाग के अनुसार, यह समझौता र ा साझेदारी की िदशा म एक मह वपणू कदम के साथिहंद महासागर े म शांित और सुर ा बनाए रखने के िलये दोन देश ारा सहयोग की ितब ता कोदशाता है।मालदीव के र ा मं ालय ने इस समझौते को ि प ीय सहयोग के साथ समुदी डकैती और आतंकवादजैसे बढ़ते खतर के बीच िहंद- शांत और िहंद महासागर े की शांित और सुर ा के िलये िहतकरबताया है।इस समझौते के तहत ‘विर ठ तर पर संवाद, समुदी े म जाग कता, ाकृितक आपदाओं औरमानवीय राहत अिभयान के साथ कई मह वपणू ि प ीय मु को शािमल िकया गया है।वतमान म वा तिवक िनयं ण रेखा पर भारत और चीन की सेनाओं म बढ़ते तनाव के बीच इस समझौतेको चीन के िलये एक मह वपणू संकेत के प म देखा जा रहा है।

    हदहद महासागरमहासागर ेे मम मालदीवमालदीव कक भूिमकाभूिमका:िहंद महासागर े म शांित और ि थरता तथा इस े म भारत के िहतो ंको देखते हुए मालदीव कीभिूमका बहुत ही मह वपणू है।िहंद महासागर म भ ूम य रेखा के 1 िडगी दि ण से 8 िडगी उ र तक लगभग 1000 से अिधक ीप केसाथ मालदीव भौगोिलक प से सबसे अिधक िबखरे हुए देश म से एक है।बहुत ही कम भौगोिलक े फल और जनसं या के बावज़दू भी यह ीपसमहू िहंद महासागर म लगभग90,000 वग िकमी. से अिधक े फल कवर करता है।मालदीव, िहंद महासागर म वयं को एक चौराहे के प म देखता है, जहाँ पवू और पि चम से आने-जानेवाले सभी जहाज़ को मालदीव के जल े से होकर गुज़रना पड़ता है।

    चीनचीन परपर भावभाव: अमेिरका के साथ मालदीव का यह समझौता र ा े म दोन देश के बीच उभरती दरूी को दशाता है।गौरतलब है िक वष 2015 से लेकर वष 2018 के बीच पवू रा टपित अ दु ला यामीन की सरकार के दौरानमालदीव और चीन के बीच कई मह वपणू समझौत पर ह ता र िकये गए थे।वष 2017 म मालदीव ने चीन के ‘ बे ट एंड रोड इिनिशएिटव पिरयोजना (Belt and Road initiative-BRI) समझौते पर ह ता र िकये थे।अमेिरका के साथ र ा समझौते के बाद भी यिद BRI के तहत मालदीव और चीन के बीच आिथक सहयोगजारी रहता है तो भी यह समझौता BRI के र ा पहलुओं को भािवत करेगा।

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    https://www.drishtiias.com/hindi/images/uploads/1600078013_Maldives.jpghttps://www.drishtiias.com/hindi/daily-updates/daily-news-editorials/belt-and-road-initiative-project-in-crisis

  • भारतभारत परपर भावभाव: िवशेष के अनुसार, कुछ वषो ंपहले भारत को इस कार के िकसी समझौते पर आपि हो सकती थीपरंतु हाल के िदन म िहंद महासागर े म उभरते नए र ा समीकरण के बीच इसे भारत के िहत म देखाजा रहा है, गौरतलब है िक इस े म चीन का बढ़ता भाव भारत के िलये एक बड़ी िचंता का िवषय है। यात य है िक वष 2013 म भारत ने अमेिरका और मालदीव के बीच र ा सहयोग समझौते [ टेटस ऑफफोसज़ एगीमट (Status of Forces Agreement- SOFA)] का िवरोध िकया था। अमेिरका के साथ हाल के वषो ंम भारत के संबंध म हुई गित के बीच अमेिरका और मालदीव के बीच यहसमझौता भारत के िलये एक बड़ी उपलि ध के प म देखा जा रहा है य िक मालदीव के सुर ा मामलम भारत के ह त ेप को शक की िनगाह से देखा जाता है कई मौक पर इस मामले म भारत को राजनीितकिवरोध का भी सामना करना पड़ा है। मालदीव साक (SAARC) समहू का एक सद य है और भारत ारा मालदीव के साथ अपनी साझेदारी कोमज़बतू करने के िलये कई मह वपणू कदम उठाए गए ह। वष 2018 म भारत ारा मालदीव के िलये 1.4 िबिलयन अमेिरकी डॉलर की आिथक सहायता की घोषणाके साथ हाल ही म गेटर माले कनेि टिवटी ोजे ट के िलये 500 िमिलयन अमेिरकी डॉलर के िव ीयपैकेज की घोषणा की गई थी।

    आगेआगे कक राहराह: िहंद-महासागर े म चीन की सि यता को िनयंि त करने हेतु भारत ारा े के अ य देश के साथसहयोग बढ़ाने के साथ ही इन देश पर चीन के बढ़ते भाव को रोकना बहुत ही आव यक है। हाल के वषो ंम वाड (QUAD) समहू के तहत भारत, अमेिरका, जापान और ऑ टेिलया की साझेदारी मवृि इस िदशा म मह वपणू उपलि ध है। भारत सरकार ारा दोनो ंदेशो ंके नागिरक संबंधो ंको मज़बतू करने पर िवशेष यान िदया जाना चािहये।

    ोतोत: दद इंडयनइंडयन ए स ेसए स ेस

    ीलकंाीलकंा काका 20वाँवाँ संिवधानसंिवधान संशोधनसंशोधन: पृ भूिमपृ भूिम औरऔर आलोचनाआलोचना

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    https://www.drishtiias.com/hindi/daily-updates/daily-news-analysis/from-virtual-conferencing-to-real-leadershiphttps://www.drishtiias.com/hindi/daily-updates/daily-news-analysis/india-announces-aid-to-maladivehttps://www.drishtiias.com/hindi/daily-updates/daily-news-analysis/india-announces-500-mn-package-for-maldiveshttps://www.drishtiias.com/hindi/daily-updates/daily-news-analysis/third-meeting-of-the-quad-countries

  • ि ल सि ल स केके लयेलयेभारत- ीलकंा समझौता (1978), ीलकंा का 19वाँ और 13वाँ संिवधान संशोधन

    मे समे स केके लयेलयेीलकंा का 20वाँ संिवधान संशोधन और उसक आलोचना तथा भारत- ीलकंा संबधं पर इसकेभाव

    चचाचचा मम यय ?ीलंका सरकार ने देश के संिवधान म 20वाँ संशोधन तािवत िकया है, िजसे वयं स ा ढ़ दल के भीतर

    िवरोध का सामना करना पड़ रहा है।

    मुखमुख बदुबदुीलंका सरकार 20व संिवधान संशोधन के मा यम से वष 2015 के 19व संिवधान संशोधन को बदलता

    चाहती है, हालाँिक भारत के िलये सबसे बड़ी िचंता यह है िक यिद पिरि थितयाँ यही रहती ह तो ीलंकासरकार भिव य म 13व संिवधान संशोधन को भी समा त कर सकती है।

    20वव संिवधानसंिवधान संशोधनसंशोधन केके ावधानावधान2 िसतंबर, 2020 को ीलंका सरकार ने संिवधान संशोधन का एक मसौदा कािशत िकया था, िजसकेमा यम से रा टपित पद की शि तय पर अंकुश लगाने वाले 19व संिवधान संशोधन के कुछ ावधानको बदलने के िलये िवधायी ि या भी शु हो गई है।

    तकरीबन 42 वष पवू ीलंका के त कालीन धानमं ी जे.आर. जयवधने ारा लाग ूिकये गएीलंका के संिवधान म यह 20वाँ संशोधन होगा।

    तािवत संिवधान संशोधन म संवैधािनक पिरषद को संसदीय पिरषद के साथ बदलने का ावधान िकयागया है। मौजदूा िनयम के अनुसार, संवैधािनक पिरषद के िनणय रा टपित के िलये बा यकारी ह, िकंतुतािवत संसदीय पिरषद के िनणय को मानने के िलये रा टपित बा य नही ंहै।

    संिवधान संशोधन के मा यम से मंि मंडल और अ य मंि य की िनयुि त और बखा तगी के िलयेधानमं ी की सलाह की आव यकता को हटा िदया गया है, इस कार अब ीलंका म धानमं ी कीबखा तगी संसद के िव वास पर नही ंबि क रा टपित के िववेक पर िनभर है। तािवत संशोधन के तहत, रा टपित को कुछ सीिमत पिरि थितय के अलावा संसद की एक वष की

    अविध के बाद उसे भंग करने के संबंध म िनणय लेने की शि त दी गई है, िजसका अथ है िक संसद की एकवष की अविध की समाि त के बाद रा टपित उसे िकसी भी समय भंग कर सकता है।तािवत संशोधन म िकसी भी िवधेयक को संसद के सम तुत करने से पवू आम जनता के िलयेकािशत करने की अविध को 14 िदन से घटाकर 7 िदन कर िदया गया है।

    आलोचनाआलोचना20वाँ संिवधान संशोधन संवैधािनक पिरषद की बहुलवादी और िवचारशील ि या के मा यम से वतंसं थान के िलये मह वपणू िनयुि तय के संबंध म रा टपित की शि तय पर बा यकारी सीमाओं कोसमा त करने का ावधान करता है।

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  • ीलंका के कई काननू िवशेष ने सरकार पर आरोप लगाया है िक सरकार इस संशोधन के मा यम सेदेश की सं थाओं का राजनीितकरण करने का यास कर रही है, िज ह राजनीित के दायरे से वतं होकरआम नागिरक के क याण के िलये गिठत िकया गया था। सरकार ारा िकये जा रहे ये संिवधान संशोधन जनता के ित सरकार की जवाबदेही को भािवत करगेऔर ीलंका के संिवधान म िनिहत लोकतांि क मू य के सम चुनौती उ प न करगे।संवैधािनक िनयं ण और संतुलन के िस ांत की समाि त से सावजिनक धन के कुशल, भावी और पारदशीउपयोग पर भी ितकूल भाव पड़ेगा।

    कबकब पा रतपा रत होगाहोगा यहयह संशोधनसंशोधन?मौजदूा िनयम के अनुसार, ीलंका का संिवधान िकसी भी कार के िवधेयक को कम-से-कम दो स ताहअथवा 14 िदन तक आम जनता के िलये कािशत करने का ावधान करता है, िजसके बाद उस िवधेयकको ीलंका के सवो च यायालय म चुनौती दी जा सकती है।

    यात य है िक ीलंका के िवप ी दल ने पहले ही इस संशोधन के मसौदे को सवो च यायालयके सम चुनौती देने का इरादा ज़ािहर िकया है।

    संिवधान संशोधन के िवधेयक को सवो च यायालय के अवलोकन के प चात ्संसद म दो-ितहाई बहुमतसे पािरत िकया जा सकेगा। इस संशोधन के पािरत करने के िलये ीलंका के स ा ढ़ दल के पास पया तबहुमत है।

    20वव संिवधानसंिवधान संशोधनसंशोधन केके कारणकारण?गौरतलब है िक जब से गोतबाया राजप े स ा म आए ह, तभी से 19व संशोधन के मा यम से पेश िकयेगए संवैधािनक ावधान को िनर त करना उनके मुख उ े य म से एक रहा है। िदसंबर 2019 म रा टपित गोतबाया राजप े ने कहा था िक 19वाँ संिवधान देश के शासन के सम एकबड़ी बाधा है, िजसके कारण इसे समा त करना आव यक है। रा टपित गोतबाया राजप े के इस िवचार को पवू रा टपित मै ीपाला िसिरसेना और धानमं ी रािनलिव मिसंघे के बीच खराब संबंध के कारण और अिधक बल िमला था, और इस करण के कारण ीलंकाके सम एक बड़ा संवैधािनक और राजनीितक संकट उ प न हो गया था।

    ीलकंाीलकंा काका 19वाँवाँ संिवधानसंिवधान संशोधनसंशोधनवष 2015 म पवू रा टपित मै ीपाला िसिरसेना और धानमं ी रािनल िव मिसंघे के कायकाल (2015-19) के दौरान इसे पािरत िकया गया था। इस संशोधन के मा यम से वष 2010 म त कालीन रा टपितमिहंदा राजप े ारा तुत िकये गए 18व संशोधन को एक कार से िनर त करने का यास िकया गयाथा।

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    https://www.drishtiias.com/estore/study-material/state-pcs-study-materials-hindi/bpsc-pre-mains-hindi

  • 18व संिवधान संशोधन की सबसे मु य बात यह थी िक इसम लगभग सभी मह वपणू शि तय कोरा टपित के पास कदीकृत कर िदया गया, जबिक 19व संिवधान संशोधन से रा टपित की शि तय कोसीिमत िकया गया और वतं सं थाओं के अि त व को मज़बतू िकया गया।साथ ही 19व संिवधान संशोधन म चुनाव आयोग, रा टीय पुिलस आयोग, मानवािधकार आयोग, िवआयोग और लोक सेवा आयोग समेत 9 आयोग म िनयुि तय की ि या को िवकदीकृत िकया गया।19व संिवधान संशोधन के मा यम से संवैधािनक पिरषद म नागिरक समाज का ितिनिध व भी सुिनि चतिकया गया था, जो िक इस संशोधन का सबसे गितशील ावधान था।इस कार ीलंका की वतमान सरकार ारा लाया गया 20वाँ संिवधान संशोधन 19व संिवधान संशोधनके ावधान को परूी तरह से बदलने का ावधान करता है।

    भारतभारत कक भूिमकाभूिमकाभारत ने ीलंका के 20व संिवधान संशोधन को लेकर अभी तक कोई भी आिधकािरक बयान जारी नहींिकया है और न ही भारत ारा बयान जारी करने का कोई अनुमान है, य िक यह संशोधन परूी तरह सेीलंका का आंतिरक मामला है।

    हालाँिक भारत सरकार िनि चत प से ीलंका के घटना म पर नज़र बनाए हुई है, य िक 20व संशोधनके ावधान प ट प से रा टवादी िसंहली भावनाओं को कट करते ह, ऐसे म यह घटना म भारत-ीलंका के दीघकािलक संबंध के िलये काफी मह वपणू है।

    हालाँिक भारत के दृि टकोण से 19व संिवधान संशोधन से यादा 13वाँ संिवधान संशोधन अिधकमह वपणू है। इसी वष फरवरी माह म जब ीलंका के वतमान धानमं ी मिहंदा राजप े भारत के दौरेपर आए थे, तब धानमं ी नरद मोदी ने दोहराया था िक ीलंका को 13व संशोधन के काया वयन परयान देने की आव यकता है।यात य है िक 13व संिवधान संशोधन के ावधान का हटना ीलंका के तिमल अ पसं यक के िलयेएक बड़ा खतरा उ प न कर सकता है।

    ीलकंाीलकंा काका 13वाँवाँ संिवधानसंिवधान संशोधनसंशोधनीलंका का 13वाँ संिवधान संशोधन वष 1987-1990 के बीच ीलंका म भारतीय ह त ेप का ही पिरणाम

    है।यह संिवधान संशोधन 29 जुलाई, 1987 को हुए भारत- ीलंका समझौते के ावधान के तहत लायागया था। इस समझौते का मु य उ े य त कालीन पवूो र ांत ( ीलंका का तिमल बहुल े ) मराजनीितक शि तय के ह तांतरण का एक नया माग खोजना था।इस समझौते के तहत ीलंका की संसद म 13वाँ संिवधान संशोधन तुत िकया गया, जो िक परेू ीलंकाम एक िनवािचत ांतीय पिरषद की णाली तुत करता है।इस कार न केवल ीलंका के पवूो र ांत को, बि क वहाँ के शेष सभी ांत को एक ांतीय पिरषदा त हुई।उ लेखनीय है िक अिधकांश िसंहली रा टवादी 13व संिवधान संशोधन को भारत ारा अिधरोिपत िकयेगए ावधान के प म देखते ह। िसंहली रा टवादी 13व संिवधान संशोधन के ावधान को तिमलअलगाववाद को ो सािहत करने वाला ावधान मानते ह।

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  • ोतोत: इंडयनइंडयन ए स ेसए स ेस

    हाइि डहाइि ड वारफेयरवारफेयर: अथअथ औरऔर उभरतीउभरती चुनौतीचुनौती

    ि ल सि ल स केके लयेलयेसूचना ौ ोिगक संबधंी भारतीय कानून

    मे समे स केके लयेलयेआधुिनक यु प त के प म हाइि ड वारफेयर का अथ और इससे संबंधतचुनौतयाँ

    चचाचचा मम यय ?इंिडयन ए स ेस अखबार ारा की गई वतं जाँच के अनुसार, चीन की एक टे नोलॉजी कंपनी ारा भारत के10,000 से अिधक लोग और संगठन पर सि य प से िनगरानी की जा रही है।

    मुखमुख बदुबदुजाँच के मुतािबक, चीन के शे झेन (Shenzen) म ि थत झेनहुआ डेटा इ फॉमशन टे नोलॉजी कंपनीिलिमटेड (Zhenhua Data Information Technology Co. Limited) ारा भारतीय रा टपित,धानमं ी, चीफ ऑफ िडफस टाफ और थल सेना, नौसेना तथा वायु सेना के अिधकािरय समेत कईअ य मुख लोग और सं थान पर िनगरानी रखी जा रही है, और इनके संबंध म सभी कार का डेटाएकि त िकया जा रहा है।

    एकि तएकि त डेटाडेटा काका व पव पचीन की कंपनी ारा राजनीित, सरकार, यवसाय, ौ ोिगकी, मीिडया और नागिरक समाज से संबंिधतिति ठत यि तय और सं थान को लि त िकया जा रहा है।

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  • चीन की झेनहुआ कंपनी िकसी एक यि त िविश ट के संबंध म सभी आव यक जानकारी एकि त करतीहै और उसे िमलकर एक ‘इनफामशन लाइबेरी’ तैयार करती है, िजसम न केवल समाचार प औरसावजिनक मंच पर उपल ध जानकारी होती है, बि क इसम मह वपणू कागज़ात, पेटट, बोलीद तावेज़ आिद से उपल ध जानकारी भी शािमल होती है।यह कंपनी एक कार से ‘िरलेशनल डेटाबेस’ बनाती है, जो यि तय , सं थान और सचूनाओं के बीचसंबंध को िरकॉड करता है।इस कार की डेटा माइिनंग को आधुिनक ‘हाइिबड वारफेयर’ (Hybrid Warfare) के एक िह से के प मदेखा जा सकता है।

    याया होतीहोती हैहै ‘हाइि डहाइि ड वारफेयरवारफेयर’?य िप ‘हाइिबड वारफेयर’ यु संघष म एक उभरती हुई अवधारणा है, िकंतु इसे अभी तक सही ढंग सेपिरभािषत नही ंिकया जा सका है। सरलतम प म ‘हाइिबड वारफेयर’ को अपने श ु पर गैर-सै य तरीकसे वच व कायम करने की आधुिनक प ित के प म पिरभािषत िकया जा सकता है।इस प ित का सामा य उ े य यु संघष म संल न हुए िबना िकसी ित ं ी के कायो ंको बािधत करनाअथवा उसे अ म करना होता है।वष 1999 की शु आत म चीन की पीपु स िलबरेशन आमी ारा एक काशन ‘अनिरि ट टेड वारफेयर’म ‘हाइिबड वारफेयर’ की परेखा तुत की गई थी, िजसम ‘हाइिबड वारफेयर’ को श ु पर जीत ा तकरने के िलये संघष को सै य े से हटाकर राजनीितक, आिथक और तकनीकी े तक ले जाने के प मपिरभािषत िकया गया था।

    ‘हाइि डहाइि ड वारफेयरवारफेयर’ केके उदाहरणउदाहरणलेबनान: हाइिबड यु का उपयोग वष 2006 म इज़राइल-लेबनान यु म िह बु लाह िशया समहूारा िकया गया था। इस दौरान उ होनें गुिर ला यु , ौ ोिगकी के अिभनव योग और भावी सचूनाअिभयानो ंजैसी िविभ न रणनीितक िविधयो ंका योग िकया था।स: वष 2014 म स ारा यू े न के िव ीिमया े के अिधगहण के िलये भी ‘हाइिबडवारफेयर’ प ित का योग िकया गया था। इसम दु चार, आिथक जोड़-तोड़, आंतिरक िवदोह औरराजनियक दबाव जैसी गितिविधया ँशािमल थी।ं

    चीनचीन कक िनगरानीिनगरानी औरऔर भारतभारत केके कानूनकानूनभारतीय सचूना ौ ोिगकी संबंधी िनयम म कोई भी ऐसी जानकारी अथवा सचूना िजससे य अथवाअ य प से िकसी यि त की पहचान की जा सके उसे ‘ यि तगत डेटा’ के प म पिरभािषत िकयागया है।

    हालाँिक, इसम सावजिनक प से उपल ध जानकारी को शािमल नही ंिकया गया है।

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  • वही ंइस कार के डेटा का योग य िवपणन (Direct Marketing) के िलये भी िकया जा सकता है,उदाहरण के िलये कई कंपिनय ारा लि त िव ापन के िलये जी-मेल अथवा फोन नंबर का योग िकयाजाता है।हालाँिक चीन की झेनहुआ डेटा कंपनी के संदभ म मामला काफी जिटल है, य िक उसके ारा जो डेटाएक िकया जा रहा है, उसम लोग और संगठन की सहमित शािमल नही ंहै। िवशेष के अनुसार, चीनकी कंपनी ारा िकसी भी सोशल मीिडया लेटफॉम से एक यि त िविश ट से संबंिधत सचूनाएँ जैसे वहिकस थान पर गया और िकन-िकन लोग से िमला आिद उसकी सहमित के िबना एक करना और उसेिकसी अ य देश को देना पणूतः अवैध है।िकंतु भारत के गोपनीयता संबंधी िनयम को िकसी िवदेश यायािधकार म लाग ूकरना लगभग असंभव है,य िक सभी देश के िनयम अलग-अलग होते ह।

    इसइस िनगरानीिनगरानी सेसे संबंधतसंबंधत चताएँचताएँवा तिवक िनयं ण रेखा (LAC) पर भारत चीन-संबंध म तनाव के बीच भारत ने देश की आंतिरक सुर ाका हवाला देते हुए चीन के 100 से अिधक ए स को ितबंिधत कर िदया है, हालाँिक भारत सरकार के इसकदम से यि तगत डेटा एक करने वाली चीन की झेनहुआ जैसी कंपिनय के संचालन पर कोई भावनही ंपड़ेगा। यात य है िक िरपोट के अनुसार, चीन की झेनहुआ डेटा कंपनी ारा केवल भारत का ही नही ंबि क िव वके कई अ य देश का डेटा भी एक िकया जा रहा है। ऐसे म इस कार का डेटा एक करना भारत समेतसंपणू िव व के देश की आंतिरक सुर ा के िलये एक बड़ा खतरा बन सकता है आर यह संपणू िव व को‘हाइिबड वारफेयर’ की ओर ले जा सकता है।

    ोतोत: इंडयनइंडयन ए स ेसए स ेस

    FCRA कानूनकानून एवंएवं िवदेशीिवदेशी अशंदानअशंदान परपर िनयं णिनयं ण

    ि ल सि ल स केके लयेलयेिवदेशी अशंदान (िविनयमन) अधिनयम (FCRA), 2010

    मे समे स केके लयेलयेिवदेशी अशंदान ा करने पर तबधं, िवदेशी अशंदान ा करने के अ यिवक प

    चचाचचा मम यय ?इस वष 13 गैर-सरकारी संगठन (NGOs) के लाइसस को िवदेशी अंशदान (िविनयमन) अिधिनयम (FCRA),2010 के तहत िनलंिबत कर िदया गया है। गृह मं ालय को आिदवासी े म FCRA के दायरे म आने वाले कईNGOS के कामकाज के बारे म ‘गंभीर ितकूल इनपुट’ ा त हुए थे। झारखंड म काम करने वाले कम से कम दोNGOs के लाइसस िनलंिबत कर िदये गए ह।

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  • मुखमुख बदुबद:ु

    याया हैहै FCRA?FCRA िवदेशी अंशदान को िनयंि त कर यह सुिनि चत करता है िक ऐसे अंशदान आंतिरक सुर ा परितकूल भाव न डाल।वष 1976 म FCRA को पहली बार अिधिनयिमत िकया गया था। वष 2010 म िवदेशी अंशदान कोिविनयिमत करने के िलये नए उपाय को अपनाने के प चात ्इसे संशोिधत िकया गया।FCRA िवदेशी अंशदान ा त करने वाले सभी संघ (Associations), समहू (Groups) और NGOsपर लाग ूहोता है। ऐसे सभी NGOs के िलये FCRA के तहत वयं को पंज़ीकृत करवाना अिनवाय है।ारंभ म पंज़ीकरण पाँच वष के िलये वैध होता है, लेिकन सभी मानदंड का पालन करने पर त प चात ्इसेनवीनीकृत िकया जा सकता है। पंज़ीकृत संघ/संगठन सामािजक, शैि क, धािमक, आिथक और सां कृितक उ े य के िलये िवदेशीयोगदान ा त कर सकते ह। वष 2015 म गृह मं ालय ारा अिधसिूचत िनयम के अनुसार, NGOs को एक शपथ-प तुत करने काावधान िकया गया, िजसम यह उ लेख िकया जाना आव यक है िक िवदेशी धन की वीकृित से भारत कीसं भुता और अखंडता, िकसी िवदेशी रा य के साथ मै ीपणू संबंध एवं सां दाियक सदभ्ाव को ितकूलप से भािवत करने की संभावना नही ंहै।

    िवदेशी अंशदान ा त करने वाले सभी NGOs को ऐसे रा टीयकृत या िनजी बक म खात का संचालनकरना होगा, िजनके पास वा तिवक समय के आधार पर सुर ा एजिसय तक पहँुच उपल ध कराने केिलये कोर बिकंग सुिवधाएँ ह ।

    िवदेशीिवदेशी अंशदानअंशदान ाा करनेकरने परपर तबधंतबधंिवधाियका और राजनीितक दल के सद य, सरकारी अिधकारी, यायाधीश और मीिडयाकमी आिद कोिकसी भी कार के िवदेशी अंशदान को ा त करने से ितबंिधत िकया गया है।हालाँिक वष 2017 म िव िवधेयक के मा यम से गृह मं ालय ने वष 1976 के FCRA काननू मसंशोधन िकया, िजससे राजनीितक दल को एक िवदेशी कंपनी की भारतीय सहायक कंपनी या 50% अथवाउससे अिधक भारतीय शेयर वाली िवदेशी कंपनी से धन ा त करने का माग श त हुआ।एसोिसएशन फॉर डेमो े िटक िरफॉ स (ADR), एक सावजिनक वकालत समहू, ने वष 2013 म िद लीउ च यायालय म एक जनिहत यािचका दायर की थी िजसम भारतीय जनता पाटी और कॉ गेस परिवदेशी धन वीकार करके FCRA मानदंड का उ लंघन करने का आरोप लगाया गया।दोन प ने वष 2014 म दान को अवैध करार देने वाले उ च यायालय के िनणय को सवो च यायालयम चुनौती दी। बाद म FCRA म भतूल ी संशोधन के प चात ्यािचका वापस ले ली गई।

    िवदेशीिवदेशी अंशदानअंशदान ाा करनेकरने केके अ यअ य िवक पिवक पिवदेशी योगदान ा त करने का दसूरा तरीका 'पवू अनुमित' के िलये आवेदन करना है। यह आवेदनिविश ट गितिविधय या पिरयोजनाओं को परूा करने के िलये एक िविश ट अंशदानकता से एक िविश टरािश की ाि त के िलये िदया जाता है। इसके िलये संघ/संगठन को सोसायटी पंज़ीकरण अिधिनयम, 1860, भारतीय ट ट अिधिनयम, 1882 याकंपनी अिधिनयम, 1956 की धारा-25 के तहत पंज़ीकृत होना चािहये। रािश और उ े य को िनिद ट करनेवाले िवदेशी अंशदानकता से ितब ता का एक माण-प भी आव यक है।

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  • वष 2017 म गृह मं ालय ने तंबाकू िनयं ण गितिविधय पर सांसद के साथ लॉबी करने के िलये 'िवदेशीिनिधय ' का उपयोग करने के आधार पर 'पि लक हे थ फाउंडेशन ऑफ इंिडया' (PHFI) को FCRA केतहत िनलंिबत कर िदया। PHFI ारा सरकार को कई अ यावेदन तुत करने के प चात ्इसे 'पवूअनुमित' ेणी म रखा गया था।

    पंजीकरणपंजीकरण काका िनलबंनिनलबंन/रर िकयािकया जानाजानागृह मं ालय ारा खात के िनरी ण के दौरान या एक संघ/संगठन के कामकाज के िखलाफ कोई ितकूलइनपुट ा त होने पर ारंभ म 180 िदन के िलये FCRA पंज़ीकरण को िनलंिबत िकया जा सकता है। जब तक कोई िनणय नही ंले िलया जाता, तब तक संघ/संगठन कोई भी नया अंशदान ा त नही ंकरसकता है। साथ ही वह गृह मं ालय की अनुमित के िबना नािमत बक खाते म उपल ध रािश के 25% सेअिधक का उपयोग नही ंकर सकता है। गृह मं ालय ऐसे संगठन के पंज़ीकरण को र कर सकता है। पंज़ीकरण र करने की तारीख से तीन वषतक पंज़ीकरण या 'पवू अनुमित’ देने के िलये पा नही ंहोगा।

    पूवपूव मम िनलबंनिनलबंनगृह मं ालय के आँकड़ के अनुसार, उ लंघन, जैसे- िवदेशी अंशदान का दु पयोग, अिनवाय वािषकिरटन न जमा करना और अ य उ े य के िलये िवदेशी फंड काआिद कारण से, वष 2011 के प चात ्से20,664 संघ का पंज़ीकरण र कर िदया गया। 11 िसतंबर, 2020 तक 49,843 FCRA-पंज़ीकृत संघ ह।

    अंतरा ीयअंतरा ीय अंशदानकताअंशदानकतासरकार ने िवदेशी अंशदान क ाओं, जैसे- अमेिरका ि थत क पैशन इंटरनेशनल, फोड फाउंडेशन, व डमवूमट फॉर डेमो े सी, ओपन सोसाइटी फाउंडेशन और नेशनल एंडोमट फॉर डेमो े सी पर भी िशकंज़ाकसा है। अंशदानकताओं को गृह मं ालय की मंज़रूी के िबना संघ /संगठन को धन भेजने से रोकने के िलये 'वॉचिल ट या ' पवू अनुमित’ ेणी म रखा गया है।

    ोतोत: दद हदूहदू

    उ रउ र देशदेश िवशेषिवशेष सुर ासुर ा बलबल

    ि ल सि ल स केके लयेलये: उ र देश िवशेष सुर ा बल, क ीय औ ोिगक सुर ा बल

    मे समे स केके लयेलये:सुर ा बल और आंत रक सुर ा, शासिनक शि याँ औरमानवाधकार

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  • चचाचचा मम यय ?हाल ही म उ र देश सरकार ारा रा य के पुिलस महािनदेशक को ‘उ र देश िवशेष सुर ा बल’ के गठन हेतुआव यक प रेखा तैयार करने का िनदश िदया गया है।

    मुखमुख बदुबद:ुगौरतलब है िक उ र देश सरकार ारा 26 जनू, 2020 को रा य म मह वपणू भवन और अ यअवसंरचनाओं की सुर ा के िलये उ र देश िवशेष सुर ा बल (Uttar Pradesh Special SecurityForce- UPSSF) के गठन का िनणय िलया गया था।उ र देश सरकार ारा UPSSF की थापना का यह िनणय इलाहाबाद उ च यायालय के िदसंबर 2019के एक आदेश के बाद आया है, िजसम उ च यायालय ने रा य म िसिवल यायालय की सुर ा के संदभम अपनी िचंता य त की थी।

    उ रउ र देशदेश िवशेषिवशेष सुर ासुर ा बलबल

    (Uttar Pradesh Special Security Force- UPSSF):

    UPSSF की थापना ‘उ र देश िवशेष सुर ा बल अिधिनयम, 2020’ [Uttar Pradesh SpecialSecurity Force (UPSSF) Act, 2020] के तहत की जाएगी।UPSSF का मु यालय लखनऊ (उ र देश) म होगा और इस बल का मुख एक ‘अितिर त पुिलसमहािनदेशक’ (Additional Director General of Police) तर का अिधकारी होगा।UPSSF म कल 9,919 सुर ा कमी ह गे।थम चरण म UPSSF के तहत पाँच बटािलयन का गठन तािवत िकया गया है।इन पाँच बटािलयन के गठन के िलये कुल अनुमािनत यय भार (िजसम वेतन भ े व अ य यव थाएँ भीसि मिलत ह) लगभग 1,747 करोड़ पए बताया गया है।UPSSF के अिधकािरय और अ य सद य की भती उ र देश पुिलस भती तथा ो नित बोड ारा कीजाएगी।पहले चरण के तहत UPSSF के गठन हेतु रा य सरकार ारा ‘ ांतीय सश कां टेबुलरी’ (ProvincialArmed Constabulary- PAC) का सहयोग िलया जाएगा।

    कायकाय ेे औरऔर शि याँशि याँ: कदीय औ ोिगक सुर ा बल (Central Industrial Security Force- CISF) की तरह ही UPSSFरा य के मह वपणू सरकारी और िनजी भवन , और औ ोिगक ित ठान की सुर ा के िलये िज़ मेदारहोगा।

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  • यह सुर ा बल देश म उ च यायालय, िज़ला यायालय , शासिनक कायालय एवं पिरसर व तीथथल, मेटो रेल, हवाई अड्डा, बक अ य िव ीय, शैि क सं थान, औ ोिगक सं थान आिद की सुर ायव था सुिनि चत करेगा।िनजी कंपिनयाँ भी एक िनि चत शु क चुका कर इस बल की सेवाएँ ले सकगी हालाँिक इसके िलये रा य केपुिलस महािनदेशक की वीकृित की आव यकता होगी।

    पृ भूिमपृ भूिम:िदसंबर 2019 म उ र देश म यायालय पिरसरो ंम िहंसक घटनाओं म वृि को देखते हुए इलाहाबादउ च यायालय ने रा य सरकार को सभी िज़ला यायालयो ंम सुर ा यव था मज़बतू करने के िलयेकुछ आव यक िदशा-िनदश िदये थे।इसके तहत उ च यायलय ने रा य सरकार को 15 जनवरी, 2020 के पहले सभी िज़ला यायालय मिवशेष सुर ा बल की तैनाती के साथ सीसीटीवी कैमर की थापना और यायालय पिरसर के चार ओरचारदीवारी बनाने का िनदश िदया था।

    गौरतलब है िक िदसंबर 2019 म िबजनौर िज़ले के मु य याियक मिज टेट के यायालय म हुई गोलीबारीम 1 ह या आरोपी सिहत दो पुिलस किमय और एक यायालय कमचारी की ह या कर दी गई थी।

    आलोचना:

    उ र देश के अपर मु य सिचव के अनुसार, इस िवशेष सुर ा बल के पास िकसी मिज टेट के िकसीआदेश के या िकसी वारंट के िबना भी िकसी यि त की तलाशी लेने या उसे िगर तार करने का अिधकारहोगा।गौरतलब है िक ‘कदीय औ ोिगक सुर ा बल अिधिनयम, 1968’ की धारा-11 के अनुसार, CISF का कोईभी सद य िबना िकसी मिज टेट के आदेश या वारंट के ऐसे िकसी यि त को िगर तार कर सकता है, जोिकसी कमचारी (सावजिनक उ म या CISF की िनगरानी म िनजी उ म से संबंिधत) या CISF के िकसीसद य को वे छा से चोट पहँुचाता है, या वे छा से चोट पहंुचाने का यास करता है, या गलत तरीकेसे अपमान करने का यास करता है या उसके काय म बाधा डालता है आिद।साथ ही ‘कदीय औ ोिगक सुर ा बल अिधिनयम, 1968’ की धारा-12 के तहत कुछ मामल म CISF केसद य को िबना िकसी मिज टेट के आदेश या वारंट के िकसी यि त की तलाशी लेने की शि त भी ा तहै।इस सुर ा बल को िकसी मिज टेट के आदेश के बगैर िकसी यि त की तलाशी या िगर तारी की शि तदेने के संदभ म कई मानवािधकार कायक ाओं ने अपनी िचंता य त की है।

    क ीयक ीय औ ोिगकऔ ोिगक सुर ासुर ा बलबल

    (Central Industrial Security Force- CISF):

    CISF का गठन ‘कदीय औ ोिगक सुर ा बल अिधिनयम, 1968’ के तहत 10 माच, 1969 को िकया गयाथा।वतमान म CISF के तहत 12 िरज़व बटािलयन ह।

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  • CISF देशभर म ि थत औ ोिगक इकाइय , सरकारी अवसंरचना पिरयोजनाओं तथा अ य ित ठान कोसुर ा दान करने का काय करता है।

    इनम परमाणु ऊजा संयं , खदान, आयल फी ड और िरफाइनिरयाँ, हवाई अड्डे , समुदी बंदरगाह,िबजली संयं , िद ली मेटो, और सावजिनक े के उप म आिद शािमल ह।

    ोतोत: दद इंडयनइंडयन ए स ेसए स ेस

    COVID-19 वै सीनवै सीन केके चरणचरण-3 मम जिटलताजिटलता

    ि ल सि ल स केके लयेलये वै सीन/दवा के नदैािनक परी ण के िवभ चरण

    मे समे स केके लयेलये COVID-19 वै सीन के चरण-3 म िव मानजिटलता

    चचाचचा मम यय ?एक वयंसेवक के बीमार पड़ने के प चात ्8 िसतंबर को यनूाइटेड िकंगडम की बायोफामा कंपनी ए टाज़ेनेका नेऑ सफोड िव विव ालय के शोधकताओं के साथ िमलकर िवकिसत की जा रही COVID-19 वै सीन(AZD1222) के चरण-3 के वैि वक परी ण को िनलंिबत कर िदया था। 12 िसतंबर को ऑ सफोड यिूनविसटी औरए टाज़ेनेका ने अपनी ेस िव ि त मे कहा है िक वतं समी ा ि या समा त हो चुकी है और िनयामक कीवीकृित के प चात ्यनूाइटेड िकंगडम म परी ण पुनः आरंभ िकये जाएंगे।

    वै सीनवै सीन/दवादवा केके नदैािनकनदैािनक परी णपरी ण: चरणचरण-1 वव चरणचरण-2नई दवा और वै सीन के नैदािनक परी ण की ि या म समानताएँ और अंतर िव मान ह। यि तय परपरी ण के दौरान दोन 4 चरण की एक ि या का पालन करते ह।एक दवा/वै सीन के िविभ न जानवर , जैसे- चहूा, खरगोश, ह सटर और ाइमेट्स पर परी ण मसुरि त िस होने के प चात ्नैदािनक परी ण के चरण-1 को ारंभ िकया जाता है। चरण-1 म वयंसेवक के एक छोटे समहू को दवा की कम मा ा की खुराक देकर यह देखने के िलयेिनगरानी की जाती है िक या यह सुरि त है। इस चरण म औसतन 10-50 उ मीदवार चुने जाते ह।चरण-2 म सकड़ की सं या वाले वयंसेवक के एक समहू का चुनाव िकया जाता है। इस चरण मशोधकता यह िनधािरत करने की कोिशश करते ह िक भावी िति या अथवा वांिछत िति या कोउ प न करने के िलये िकतनी मा ा म खुराक की आव यकता होगी। COVID-19 वै सीन के मामले मयह वह चरण है जब िनधािरत िकया जाता है िक वै सीन ने एंटीबॉडी का वांिछत तर और T-कोिशकाओंको उ ेिजत करने के िलये पया त कोिशका िति या आरंभ की है जो मशः वायरस की वृि को रोकनेऔर वायरस को िन भावी करने के िलये मह वपणू ह। इस चरण म भी दु भाव और ितकूलिति याओं की िनगरानी और िरपोट की जाती है।

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  • नदैािनकनदैािनक परी णपरी ण काका चरणचरण-3 अलगअलग कैसेकैसे?चरण-1 और चरण-2 म रोिगय को भती करने और समय के िविभ न अंतराल पर दवा/वै सीन केभाव का अवलोकन करने के कारण कई महीन का समय लग जाता है। दोन चरण के आँकड़ केिव लेषण से संतु ट होने के प चात ्िनयामक ारा चरण-3 के िलये वीकृित दी जाती ह।इस चरण म हज़ार वयंसेवक या रोिगय पर कई थान पर दवा या वै सीन का परी ण िकया जाताहै। दवा के मामले म, एक नई दवा की देखभाल के मौजदूा मानक से तुलना कर यह िस करना होता है िकयह दवा या तो अिधक भावी है या समान प से भावी है, लेिकन अिधक सुरि त है।दवा के िवपरीत, जब एक नई बीमारी के िलये वै सीन का परी ण िकया जाता है, तो आमतौर पर तुलनाकरने के िलये कुछ भी नही ंहोता है, इसिलये चरण-3 चरण-2 परी ण का एक बड़ा सं करण बन जाता है।जनसं या म जनसांि यकीय पिरवतनशीलता को समझने के िलये कई थान पर चरण-3 का परी णिकया जाता है। यह डबल- लाइंड (Double Blind) और यादृि छक (Random) होता है। इस चरण मकुछ लोग को लेसबो, कुछ को कम मा ा की खुराक और कुछ को उ च मा ा की खुराक दी जाती है।एक आदश परी ण म न तो डॉ टर और न ही ा तकता को पता होता है िक िकसे दवा दी जा रही है औरिकसे लेसबो।परी ण के पैमाने और दायरे के बढ़ने के साथ ही जनसं या के एक बड़े समहू ारा नवीन दवा/वै सीन केसंपक म आने से 'गंभीर ितकूल िति या' का सामना करना पड़ता है। जब गंभीर िति याएँ कटहोती ह, तो िचिक सा शोधकताओं को यह िनधािरत करना होता है िक या िति या दवा के कारण थी।यिद यह दवा/वै सीन के कारण होता है तो दवा/वै सीन के नैदािनक परी ण को रोक िदया जाता है। कई थान पर परी ण और रोिगय की अिधक सं या म आव यकता के कारण यह नैदािनक परी ण कासबसे महँगा चरण भी है। कभी-कभी दवा/वै सीन की ता कािलक आव यकता के कारण िविभ न चरणके परी ण एक साथ भी िकये जाते ह।

    ए टाज़ेनेकाए टाज़ेनेका केके मामलेमामले मम याया हुआहुआ?ए टाज़ेनेका ारा ऑ सफोड िव विव ालय के शोधकताओं के साथ िमलकर िवकिसत की जा रहीCOVID-19 वै सीन, AZD1222 के िलये कंपनी ने यनूाइटेड िकंगडम म चरण-3 के नैदािनक परी ण केिलये 30,000 वयंसेवक की भती ारंभ की थी।पुणे ि थत 'सीरम इं टीट ूट ऑफ इंिडया' (भारत सिहत 92 देश के िलये 100 िमिलयन खुराक बनाने केिलये अनुबंिधत) ने भारत म 1,600 वयंसेवक के तािवत समहू पर वै सीन का परी ण करना शुकर िदया था। यनूाइटेड िकंगडम म परी ण के दौरान एक यि त म िति या के व प मे दंड की सजून के कारणए टाजज़ेनेका ने अपना परी ण रोक िदया। सीरम इं टीट ूट ऑफ इंिडया ने शु म कहा िक वह भारत म परी ण नही ंरोकेगा य िक यहाँ कोईितकूल िति या नही ंदेखी गई थी। हालांिक 'ड स कंटोलर जनरल ऑफ इंिडया' से एक कारण बताओनोिटस के प चात ्कंपनी ने कहा िक यह वयंसेवक की भती को ए टाज़ेनेका ारा सुर ा डेटा कामू यांकन परूा नही ंकरने तक िनलंिबत करेगी।

    वतंवतं मू यांकनमू यांकन मम याया कहाकहा गयागया?ऑ सफोड यिूनविसटी की एक िव ि त के अनुसार, वतं समी ा ि या के प चात ् वतं सुर ासमी ा सिमित और य.ूके. िनयामक MHRA (Medicine and Healthcare Products RegulatoryAgency) की िसफािरश का पालन करते हुए, य.ूके. म परी ण की पुनः शु आत होगी।

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  • िव ि त के अनुसार, कंपनी का कहना है िक हम ितभािगय की सुर ा और अ ययन म आचरण केउ चतम मानक को अपनाने के िलये ितब ह।

    नदैािनकनदैािनक परी णपरी ण काका चरणचरण-4एक दवा या वै सीन कंपनी, जो चरण-3 को सफलतापवूक परूा करती है, को अनुमोदन और लाइससा त होता है। इसके प चात ्कंपनी का परूा आधारभतू ढाँचा दवा/वै सीन के तीव उ पादन के िलये समिपत होता है।इसके अलावा दवा/वै सीन को सुरि त रखने के िलये लॉिजि ट स की यव था की जाती है। वै सीन के उ पादन तथा िवतरण के प चात ्पो ट-माकिटंग िनगरानी की जाती है, जहाँ उ पाद कीिवफलता और ितकूल िति याओं के सभी उदाहरण दज िकये जाते ह। कंपिनय से दवा िनयामक कोआविधक डेटा तुत करने की उ मीद होती है।

    ोतोत: दद हदूहदू

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    डेली न्यूज़ (14 Sep, 2020)तालिबान को लेकर भारत की बदलती रणनीतिप्रिलिम्स के लियेमेन्स के लियेचर्चा में क्यों?प्रमुख बिंदु:भारत का मत:पृष्ठभूमि:अफगानिस्तान में भारत के हित:उभरते मुद्दे:आगे की राह:स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

    अमेरिका-मालदीव रक्षा सहयोग समझौताप्रिलिम्स के लिये:मेन्स के लिये:चर्चा में क्यों?प्रमुख बिंदु:हिंद महासागर क्षेत्र में मालदीव की भूमिका:चीन पर प्रभाव:भारत पर प्रभाव:आगे की राह:स्रोत: द इंडियन एक्सप्रेस

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    हाइब्रिड वारफेयर: अर्थ और उभरती चुनौतीप्रिलिम्स के लियेमेन्स के लियेचर्चा में क्यों?प्रमुख बिंदुएकत्रित डेटा का स्वरूपक्या होती है ‘हाइब्रिड वारफेयर’?‘हाइब्रिड वारफेयर’ के उदाहरणचीन की निगरानी और भारत के कानूनइस निगरानी से संबंधित चिंताएँस्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

    FCRA कानून एवं विदेशी अंशदान पर नियंत्रणप्रिलिम्स के लियेमेन्स के लियेचर्चा में क्यों?प्रमुख बिंदु:क्या है FCRA?विदेशी अंशदान प्राप्त करने पर प्रतिबंधविदेशी अंशदान प्राप्त करने के अन्य विकल्पपंजीकरण का निलंबन/रद्द किया जानापूर्व में निलंबनअंतर्राष्ट्रीय अंशदानकर्तास्रोत: द हिंदू

    उत्तर प्रदेश विशेष सुरक्षा बलप्रिलिम्स के लिये:मेन्स के लिये:चर्चा में क्यों?प्रमुख बिंदु:उत्तर प्रदेश विशेष सुरक्षा बल(Uttar Pradesh Special Security Force- UPSSF):कार्य क्षेत्र और शक्तियाँ:पृष्ठभूमि:केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल(Central Industrial Security Force- CISF):स्रोत: द इंडियन एक्सप्रेस

    COVID-19 वैक्सीन के चरण-3 में जटिलताप्रिलिम्स के लियेमेन्स के लियेचर्चा में क्यों?वैक्सीन/दवा के नैदानिक परीक्षण: चरण-1 व चरण-2नैदानिक  परीक्षण का चरण-3 अलग कैसे?एस्ट्राज़ेनेका के मामले में क्या हुआ?स्वतंत्र मूल्यांकन में क्या कहा गया?नैदानिक परीक्षण का चरण-4स्रोत: द हिंदू