(सूरह अन्नमल - 85) ज़ियाउल हक़1 ज य उल हक प...

106

Upload: others

Post on 29-Mar-2020

1 views

Category:

Documents


0 download

TRANSCRIPT

  • ِحْیُطْوا بَِہا ِعلًْما ُٰیِتْی َولَْم ت

    ٰبْتُْم بِا

    َّ اََکذ

    (सूरह अन्नमल - 85)

    ज़ियाउल हक़

    लेखकहज़रत ममज़्ज़ा ग़ुल्म अहमद क़्मदय्नी

    मसीह मौऊद व महदी म्हूद अलैमहससल्म

    I

  • न्म पुसतक : मज़य्उल हक़Name of book : Ziaul Haqलेखक : हज़रत ममज़्ज़ा ग़ुल्म अहमद क़्मदय्नी मसीह मौऊद अलैमहससल्मWriter : Hazrat Mirza Ghulam Ahmad Qadiani Masih Mau'ud Alaihissalam

    अनवु्दक : ड् अनस्र अहमद पी.एच.डी आनसज़ा इन अरमिकTranslator : Dr Ansar Ahmad, Ph.D, Hons in Arabic ट्इमपंग, सैमटंग : महवश न्ज़Typing Setting : Mahwash Naazसंसकरण तथ् वरज़ा : प्रथम संसकरण (महनदी) जुल्ई 2018 ई०Edition. Year : 1st Edition (Hindi) July 2018संखय्, Quantity : 1000प्रक्शक : नज़्रत नश्र-व-इश्अत, क़्मदय्न, 143516 मज़ल्-गुरद्सपुर (पंज्ि)Publisher : Nazarat Nashr-o-Isha'at, Qadian, 143516 Distt. Gurdaspur, (Punjab)मुद्रक : फ़ज़ले उमर मप्रंमटंग प्रेस, क़्मदय्न, 143516 मज़ल्-गुरद्सपुर, (पंज्ि)Printed at : Fazl-e-Umar Printing Press, Qadian, 143516 Distt. Gurdaspur (Punjab)

    II

  • 1

    ज़ियाउल हक़

    पुस्तक परिचयज़ियाउलहक़

    मिस्टर अब्दुल्लाह आथि ईसलाई िदुनलामिर से संबंमित िदुबलाहसः “जंग िदुक़द्दस” के सिलापन पर हिरत िसीह िौऊ् अलैमहससललाि ने यह भमिषयिलाणी की थी मक िह पन्द्रह िलाह के सिय िें हलामियः िें मगरलायला जलाएगला बशतते मक सच्लाई की ओर रुजू न करे। जब भमिषयिलाणी की िीआ् पन्द्रह िलाह गदुिर गई और आथि न िरला और अल्लाह तआलला ने भमिषयिलाणी के अनदुसलार सच की ओर लौ्टने (रुजू) के कलारण उसे िदुहलत प्र्लान की तो ईसलाइयों ने इस पर बड़ी खदुमशयलाँ िनलाईं और उसे ईसलाइयत की मिजय सिझ कर 6 म्समबर 1894 ई. को अिृतसर िें आथि कला जदुलूस भी मनकलालला। यह िदुकलाबलला िलासति िें इसललाि और ईसलाइयत कला थला जैसला मक सियं िसीही अखबलार नूर अफ़शलां ने भी मलखला-

    “मििलाज़ा सलामहब ने िसीमहयों के सलाथ िदुबलाहसः अपने िदुलहि और िसील-ए-िसीह होने के बलारे िें नहीं मकयला अमपतदु िदुहमिम्यत को सच्ला ििज़ा और क़ुआज़ान को अल्लाह की मकतलाब मसद्ध करने पर िसीमहयत कला खण्डन करने के मलए मकयला थला और िह भमिषयिलाणी िदुबलाहसः के सिलापन पर उन्होंने िदुहमिम्यत ही के ििज़ा सच्ला और ख़ु्ला की ओर होने के सबूत िें की थी।”

    (नूर अफ़शलां 20 म्समबर 1894 ई.)परन्तदु इसके बलािजू् कुछ मनलज़ाज्ज िदुल्लाओं और उनके

    अनदुयलामययों ने ईसलाइयों के सलाथ मिलकर कोललाहल और उपहलास िें

  • 2

    ज़ियाउल हक़

    बरलाबर कला भलाग मलयला और भमिषयिलाणी के पूरला न होने कला शोर िचलायला और उस पर ऐतरलाि मकए। गन््े और गलामलयों से भरे म्ल ्दुखलाने िलाले मिज्लापन मनकलाले और अतयमिक गलामलयों से कलाि मलयला। तब हिरत िसीह िौऊ् अलैमहससललाि ने इन कलामिर कहने िलाले िदुल्लाओं को जैसे कला तैसला उत्तर म्यला और उनकी इसललाि ्दुशिनी कला इन शब्ों िें िणज़ान मकयला-

    “कुछ नाम के मुसलमान ज़िनहें आधा ईसाई कहना चाज़हए इस बा्त पि बहु्त प्रसन्न हुए ज़क अब्ुल्ाह आथम पनद्रह माह ्तक नहीं मि सका औि ख़ुशी के मािे सब्र न कि सके। अन्त में ज़िज्ापन ज़नकाले औि अपनी आ््तानुसाि गं् बका औि उस वयक्तिग्त कृपण्ता के कािण िो मेिे साथ थी इसलाम पि भी आक्रमण ज़कया, कयोंज़क मेिे मुबाहसे इसलाम के समथ्थन में थे न ज़क मेिे मसीह मौऊ् होने की बहस में। अन्त्तः मैं उनके ज़िचाि में काज़िि था या शै्तान था या ्ज्ाल था पिन्तु बहस ्तो िनाब िसूलुल्ाह सल्ल्ाहु अलैज़ह िसल्म की सच्ाई औि पज़ित्र क़ुआ्थन के बािे में थी।”

    (रूहलानी ख़जलायन मजल्-9, पृष्ठ-24)अतः हिरत िसीह िौऊ् अलैमहससललाि ने पन्द्रह िलाह की

    िीआ् गदुिरते ही 5 मसतमबर 1894 ई. को अन्िलारुल इसललाि पदुसतक मलखी और िई 1895 ई. िें इसी मिषय पर पदुसतक मियलाउल हक़ मलखी मजनिें इस भमिषयिलाणी के पूरला होने कला मिसतलारपूिज़ाक िणज़ान मकयला और मलखला-

    “मक ख़ु्ला तआलला के इलहलाि ने िदुझे जतला म्यला मक म्डप्टी

  • 3

    ज़ियाउल हक़

    अब्दुल्लाह आथि ने इसललाि की श्ेष्ठतला और उसके रोब को सिीकलार करके सच की ओर रुजू करने कला कुछ भलाग ले मलयला मजस भलाग ने उसके िौत के िला्े और पूणज़ा तौर के हलामियः िें मिलमब ्डलाल म्यला और हलामियः िें तो मगरला परन्तदु उस बड़े हलामियः से थोड़े म्नों के मलए बच गयला मजसकला नलाि िृतयदु है।”

    (रूहलानी खिलायन मजल्-9 पृष्ठ-2)और आथि के रुजू से संबंमित जो इलहलाि हुए थे िे इस

    पदुसतक िें मलखे और शक्तिशलाली क़रीनों से आथि के सच की ओर रुजू को मसद्ध मकयला। मिर आप ने मनरन्तर चलार मिज्लापन प्रकलामशत मकए मजनिें आपने इस शतज़ा पर मक यम् आथि मनमनमलमखत शब्ों िें क़सि खला जलाए तो उसे एक हिलार रुपयला म्यला जलाएगला मिर ्ूसरे मिज्लापन िें इस इनलािी रक़ि को ्ो हिलार और तीसरे मिज्लापन िें तीन हिलार और चौथे मिज्लापन िें चलार हिलार रुपए कर म्यला और क़सि के शब् ये थे मक-

    “भज़िषयिाणी के ज़्नों में मैंने इसलाम की ओि क्ाज़प रुिू नहीं ज़कया औि इसलाम की श्ेष्ठ्ता मेिे ज़्ल पि क्ाज़प प्रभािी नहीं हुई औि यज़् मैं झूठ कह्ता हूं ्तो हे शक्तिमान ख़ु्ा एक िर्थ ्तक मुझे मौ्त ्ेकि मेिा झूठ लोगों पि प्रकट कि।”

    (रूहलानी ख़िलायन मजल्-9 पृष्ठ-312)और िरिलायला-"अब यम् आथि सलामहब क़सि खला लें तो एक िषज़ा कला िला्ला

    मनक्चित और अ्टल है मजसके सलाथ कोई भी शतज़ा नहीं और अ्टल तक्ीर है और यम् क़सि न खलाएं तो मिर भी ख़ु्ला तआलला ऐसे

  • 4

    ज़ियाउल हक़

    अपरलािी को ्ण्ड के मबनला नहीं छोड़ेगला मजस ने सच को छुपला कर ्दुमनयला को िोखला ्ेनला चलाहला।”

    (रूहलानी ख़िलायन मजल्-9 पृष्ठ-114)इसके अमतररति आप ने यह भी मलखला-“यम् क़सि की मतमथ से एक िषज़ा तक जीमित बचला रहला तो

    िह रुपयला उसकला होगला और मिर इसके बला् ये सिसत क़ौिें िदुझे जो ्ण्ड ्ेनला चलाहें ्ें। यम् िदुझ को तलिलार से ्टुकड़े-्टुकड़े करें तो िैं बहलानला नहीं करूूंगला और यम् संसलार के ्ण्डों िें से िदुझे िह ्ण्ड ्ें जो कठोरति ्ण्ड है तो िैं इन्कलार नहीं करूूंगला और सियं िेरे मलए इससे अमिक कोई ब्नलािी नहीं होगी मक िैं उनकी क़सि के बला् मजस कला आिलार िेरे ही इलहलाि पर है झूठला मनकलूँ।”

    (रूहलानी ख़िलायन मजल्-9 पृष्ठ-317)यम् आथि ने क़सि खलाने से इन्कलार कला िलागज़ा ग्रहण मकयला और

    क़सि न खलाई मजससे उस कला झूठला होनला और अल्लाह तआलला के इलहलाि की सच्लाई मक आथि ने सच की ओर रुजू मकयला और इसी कलारण से िह िौत के हलामियः से बच गयला ्दुमनयला पर प्रक्ट हो गई। इस प्रकलार से आथि से संबंमित भमिषयिलाणी बड़ी चिक-्िक से पूरी हुई। इस भमिषयिलाणी को मिसतलारपूिज़ाक हि रूहलानी ख़िलायन की मजल्-11 की भूमिकला िें िणज़ान करेंगे। इन्शलाअल्लाह।

  • 5

    ज़ियाउल हक़

    ज़बक्समल्ाज़हि्रहमाज़नि्रहीम नहम्ुह ि नुसल्ीज़मननुि्रहमान पुस्तक का ज़िज्ापन

    यह एक अतयन्त अद्दुत पदुसतक है मजसकी ओर पमित्र क़ुआज़ान की कुछ महकित से भरपूर आयतों ने हिें धयलान म्ललायला। पमित्र क़ुआज़ान ने यह भी संसलार पर एक भलारी उपकलार मकयला है मक भलाषलाओं के ितभे् कला असल िलसिला िणज़ान कर म्यला और हिें इस सूक्ि महकित से अिगत मकयला मक िलानिीय भलाषलाएँ मकस सत्रोत और खलान से मनकली हैं और िे लोग कैसे िोखे िें रहे मजन्होंने इस बलात को सिीकलार न मकयला मक िलानि भलाषला की जड़ ख़ु्ा ्तआला की ज़शक्ा है। और सपष्ट हो मक इस पदुसतक िें भलाषलाओं के अन्िेषण की दृक्ष्ट से यह मसद्ध मकयला गयला है मक संसलार िें केिल पमित्र क़ुआज़ान एक ऐसी मकतलाब है जो इस इस भलाषला िें अितररत हुआ है जो उममुल अलज़सनः (सिसत भलाषलाओं की िलां) और इलहलािी तथला सिसत भलाषलाओं कला स्ोत और उद्गि है। यह बलात सपष्ट है मक ख़ु्लाई मकतलाब की सिलाांगपूणज़ा शोभला और श्ेष्ठतला इसी िें है जो ऐसी भलाषला िें हो जो ख़ु्ला तआलला के िदुंह से और अपनी ख़ूमबयों िें सिसत भलाषलाओं से बढ़ी हुई और अपनी वयिसथला िें पूणज़ा हो, और जब हि मकसी भलाषला िें िह ख़ूबी पलाएं मजसके पै्ला करने से िलानिीय शक्तियलां और इन्सलानी बनलाि्टें असिथज़ा हों तथला िे मिशेषतलाएं ्ेखें जो ्ूसरी भलाषलाएँ इनसे असिथज़ा और िंमचत हों और उन मिशेषतलाओं कला ्शज़ान करें जो ख़ु्ला तआलला के अनलाम् और सही ज्लान के अमतररति मकसी सृक्ष्ट कला िक्सतषक उन कला आमिषकलारक न हो सके तो हिें िलाननला पड़तला है मक िह

  • 6

    ज़ियाउल हक़

    भलाषला ख़ु्ला तआलला की ओर से है। अतः पूणज़ा और गहन अन्िेषणों के पचिलात ज्लात हुआ मक िह भारा अिबी है। यद्यमप बहुत से लोगों ने इन बलातों की छलान-बीन िें अपनी उिरें गदुिलार ्ी हैं और बहुत प्रयलास मकयला है मक इस बलात कला पतला लगलाएं मक उमिदुल अलमसनः कौन सी भलाषला है। परन्तदु चूंमक उनके प्रयलास सरल रेखला पर नहीं थे तथला ख़ु्ला तआलला से सलािरयज़ािलान न थे इसमलए िे सिल न हो सके और यह भी कलारण थला मक अरबी भलाषला की ओर उनकला पूणज़ा धयलान न थला अमपतदु एक कृपणतला थी इसमलए िे िलासतमिकतला पहचलानने से िंमचत रह गए अब हिें ख़ु्ला तआलला के िदुकद्दस और पमित्र कललाि पमित्र क़ुआज़ान से इस बलात कला िलागज़ा ्शज़ान हुआ मक िह इलहलािी भलाषला और उमिदुल अलमसनः मजस के मलए पलारमसयों ने अपनी जगह और इब्लानी िलालों ने अपनी जगह आयज़ा क़ौि ने अपनी जगह ्लािे मकए मक उन्हीं की िह भलाषला है िह अिबी मुबीन है और ्ूसरे सिसत ्लािे्लार ग़लती और भूल पर हैं। यद्यमप हिने इस रलाय को सरसरी तौर पर वयति नहीं मकयला अमपतदु अपनी जगह पर पूणज़ा अन्िेषण कर मलयला है और संसकृत इतयलाम् के हिलारों शब्ों की तदुलनला करके और प्रतयेक भलाषला के मिशेषज्ों की पदुसतकों को सदुन कर और खूब गहरी दृक्ष्ट ्डलाल कर इस पररणलाि तक पहुुँचे हैं मक अरबी भलाषला के सलािने संसकृत इतयलाम् भलाषलाओं िें कुछ भी ख़ूबी नहीं पलाई जलाती अमपतदु अरबी शब्ों की तदुलनला िें इन भलाषलाओं के शब् लंगड़ों, लूलों, अंिों, बहरों, बसज़ा िलालों, कोमियों के सिलान हैं जो सिलाभलामिक वयिसथला को पूणज़ातयला खो बैठे हैं और िदुिर्ों कला पयलाज़ाप्त भण्डलार जो पूणज़ा भलाषला के मलए आिशयक शतज़ा है अपने सलाथ नहीं रखते। परन्तदु हि यम् मकसी आयज़ा सज्जन यला मकसी

  • 7

    ज़ियाउल हक़

    पला्री सलामहब की रलाय िें ग़लती पर हैं और हिलारे ये अन्िेषण उनकी रलाय िें इस कलारण से सही नहीं हैं मक हि इन भलाषलाओं से अपररमचत हैं तो सिज़ाप्रथि हिलारी ओर से यह उत्तर है मक मजस िंग से हि ने इस बहस कला िैसलला मकयला है उसिें कुछ आिशयक न थला मक हि संसकृत इतयलाम् भलाषलाओं के सलामहतय की इबलारतों से भली भलांमत पररमचत हो जलाएं हिें केिल संसकृत इतयलाम् के िदुिर्ों की आिशयकतला थी। तो हिने पयलाज़ाप्त िदुिर्ों कला भण्डलार एकत्र कर मलयला और पंम्डत तथला यूरोप की भलाषलाओं के मिशेषज्ों की एक जिलाअत से इन िदुिर्ों के उन अथथों की यथलासंभि सिीक्ला कर ली और अंग्रेि अन्िेषकों की पदुसतकों को भी भली भलांमत धयलानपूिज़ाक सदुन मलयला है और उन बलातों को िदुबलाहसों िें ्डलालकर अचछी तरह सलाि कर मलयला और मिर संसकृत इतयलाम् भलाषलाओं से ्ोबलारला गिलाही ले ली मजससे मिश्लास हो गयला मक िलासति िें िैम्क संसकृत इतयलाम् भलाषलाएं उन ख़ूमबयों से ररति और िंमचत हैं जो अरबी भलाषला िें मसद्ध हुईं।

    मिर ्ूसरला उत्तर यह है मक यम् मकसी आयज़ा सलामहब यला मकसी अन्य मिरोिी को हिलारे अन्िषेण सिीकलार नहीं तो उन्हें हि मिज्लापन द्लारला सचूनला ्ते ेहैं मक हिने अरबी भलाषला की श्षे्ठतला और किलाल तथला सिसत भलाषलाओं स ेऊपर होन ेके तक्क अपनी इस पदुसतक िें मिसतलारपिूज़ाक मलख म्ए हैं जो मनमनमलमखत मििरण समहत हैं-

    1-अरबी िदुिर्ों (िलातदुओं) की वयिसथला पूणज़ा है।2-अरबी उच् श्ेणी के नलािों के कलारणों पर आिलाररत है जो

    मिलक्ण हैं।3-अरबी कला मसलमसलला अतरला् सलािग्री तथला सिलाांगपूणज़ा है।

  • 8

    ज़ियाउल हक़

    4-अरबी की तरकीब िें शब् कि और अथज़ा अमिक हैं।5-अरबी भलाषला इन्सलानी अिसथलाओं कला पूणज़ा रूप से मचत्रण करने

    के मलए अपने अन््र पूरी-पूरी शक्ति रखती हो।अब प्रतयेक को अमिकलार है मक हिलारी पदुसतक के प्रकलामशत होने

    के बला् यम् संभि हो तो ये खूमबयलां संसकृत यला मकसी अन्य भलाषला िें मसद्ध करे यला इस मिज्लापन के पहुंचने के बला् हिें अपने आशय से सूचनला ्े मक िह कयोंकर और मकस प्रकलार से अपनी संतदुक्ष्ट करनला चलाहतला है यला यम् उसे इन श्ेष्ठतलाओं िें कुछ आपमत्त है यला संसकृत इतयलाम् की भी कोई वयक्तिगत खूमबयलां बतलानला चलाहतला है तो मनससन््ेह प्रसतदुत करे। हि धयलानपूिज़ाक उसकी बलातों को सदुनेंगे परन्तदु चूंमक प्रलायः भ्रिपूणज़ा सिभलाि प्रतयेक क़ौि िें इस प्रकलार के भी पलाए जलाते हैं मक उनके हृ्य िें यह शंकला शेष रह जलाती है मक शलाय् संसकृत इतयलाम् िें कोई ऐसी छुपी हुई खूमबयलां हों जो उन्हीं लोगों को िलालूि हों जो उन भलाषलाओं की पदुसतकों को पढ़ते-पढ़लाते हैं। इसमलए हिने इस पदुसतक के सलाथ पलांच हिलार रुपए कला इनलािी मिज्लापन प्रकलामशत कर म्यला है। और यह पलांच हिलार रुपयला केिल कहने की बलात नहीं अमपतदु मकसी आयज़ा सलामहब यला मकसी अन्य सलामहब कला मनिे्न आने पर पहले ही ऐसे सथलान पर जिला करला म्यला जलाएगला मजसिें िह आयज़ा सलामहब यला अन्य सलामहब भली भलांमत संतदुष्ट हों और सिझ लें मक मिजय की हलालत िें मबनला द्द्दज के िह रुपयला उनको प्रलाप्त हो जलाएगला। परन्तदु सिरण रहे मक रुपयला जिला करलाने कला मनिे्न उस सिय आनला चलामहए जब भलाषलाओं के अन्िेषण की पदुसतक प्रकलामशत हो जलाए और जिला करलाने िलाले को इस बलात के बलारे िें एक मलमखत इक़रलार ्ेनला होगला मक यम्

  • 9

    ज़ियाउल हक़

    िह पलांच हिलार रुपए जिला करलाने के बला् िदुकलाबले से इन्कलार कर जलाए यला अपनी ्डींगों को अंजलाि तक पहुुँचला न सके तो सिसत हलामन अ्ला करे जो एक वयलापलाररक रुपए के मलए मकसी सिय तक बं् रहने की अिसथला िें आिशयक होती है।

    والسالم علی من اتبع الھٰدی

  • 10

    ज़ियाउल हक़

    ज़बक्समल्ाज़हि्रहमाज़नि्रहीमاگر رکد دخاےئ آن رکش و دمح آاکشر ووجدے رہ ووجدش زک

    अनुिा्- उस पै्ला करने िलाले ख़ु्ला की प्रशंसला और िन्यिला् अमनिलायज़ा है मजसके अक्सतति से प्रतयेक िसतदु कला अक्सतति प्रक्ट हुआ।

    و ا روےئ ِر دا ِن

    یئ

    آ� اہجن ن ا�یو ا وسےئ د امن�ی رہ ذّرہ ذّرہ

    अनुिा्- यह जलान उसके चेहरे के मलए ्पज़ाण के सिलान है कण-कण उसी की ओर िलागज़ा-्शज़ान करतला है।

    امس و رض ا ِن

    یئ

    آ� در رکد امن ولجہ وخد لثم ےب رخ آن

    अनुिा्- उसने पृरिी और आकलाश के ्पज़ाण िें अपनला अमद्तीय चेहरला म्खला म्यला।

    و ا اگنبہ اعرِف اےہ گی رہ او راہ د امن�ی اشےخ رہ دتس

    अनिुा्- घलास कला हर पत्तला उसके कोन-ि-िकलान की िलाररित (पहचलान) रखतला है। और िकृ्ों की हर ्टहनी उसी कला रलासतला म्खलाती है।

    اوتس ونر ِن

    ی� ف� ز ہم و رہم ونر اوتس وشنمرِ اتعبِ وہظرے رہ

    अनुिा्- चलां् और सूयज़ा कला प्रकलाश उसी के प्रकलाश कला िर्लान है हर चीि कला प्रक्टन उसी के शलाही आ्ेश के अन्तगज़ात होतला है।

    اُو اگہ زولخت ، ّرسے رسے رہ اُو اجہ اب دِر ، د وج�ی دقم رہ

  • 11

    ज़ियाउल हक़

    अनुिा्- हर रहसय उसकी रहसयगलाह कला एक रहसय है और हर क़्ि उसी कला प्रमतक्ष्ठत ्रिलािला तललाश करतला है।

    وتس ا روےئ امجِل دل رہ بلطمِ وتس ا وکیئ رہب رگتسہ، رمگیہ

    अनुिा्- उसी के िदुंह कला सौन््यज़ा प्रतयेक हृ्य कला अभीष्ट है और कोई गदुिरलाह भी है तो िह भी उसी के कूचे की खोज िें है।

    د آرف�ی اخک و امجن و امہ و رہم د دپ�ی اہ تعنص ، رکد ن را زہا دص

    अनुिा्- उसने चलां्, सूयज़ा, मसतलारे और पृरिी को पै्ला मकयला और ललाखों उतपला् प्रक्ट कर म्ए।

    وتس ا اکر اتکِب ش

    ع�نُص� ہمہ ن �ی

    وتس ا ر ارسا ن �ی ادنر ، ت اہن�ی ےب

    अनुिा्- उसके ये सिसत उतपला् उसकी कलारीगरी कला ्फ़तर हैं और उनिें उसके असीमित रहसय हैं।

    اہند ام مشچ ش

    ی �پ اتکےب ن ا�یاد �ی ر�ی دا دہی راہ زو ا ات

    अनुिा्- यह नेचर की मकतलाब उसने हिलारे आँखों के सलािने रख ्ी तलामक उसके कलारण से हि मह्लायत कला िलागज़ा सिरण रखें।

    را اپک دخاےئ آن اتانشیس را اخک و ان اخکی امندن وک

    अनुिा्- तलामक तू उस पमित्र ख़ु्ला को पहचलाने जो ्दुमनयला िलालों तथला ्दुमनयला से कोई सिलानतला नहीं रखतला।

  • 12

    ज़ियाउल हक़

    دوتس ویح رہب ار عمی وشد ات زوتس آہچن ن را زہا ز ا انشیس ات

    अनुिा्- तलामक ख़ु्लाई िह्ी के मलए यह बतौर िलाप्ण्ड के होतला मक तू हिलारों कललािों िें से पहचलान ले मक कौन सला उस की ओर से है।

    ہ ا ر �پ ہ�ی � دن امن ا ر تن ا ی

    ن� ات

    اہ سی ز ا دی ین

    س رگدد دجا ات अनुिा्- तलामक बेईिलानी कला कोई िलागज़ा खदुलला न रहे और प्रकलाश

    अन्िकलार से ्ूर हो जलाए।وخاتس ر دا دا آن آہچن دش امہن سب اختس اتفگر اشدہ دشتس اکر

    अनुिा्- अतः िही हुआ जो ख़ु्ला की इचछला थी और उसकला कलायज़ा उसके कललाि कला गिलाह ठहरला।

    دننک ےم وپزش اہچن و رشماکن دننک ےم دوزش ر ی

    ت� وگااہن ن ا�ی

    अनुिा्- िदुमश्क लोग जो बहलाने करते हैं ये गिलाह (ख़ु्ला कला कथन किज़ा) उन बहलानों को तीरों से छलनी कर ्ेते हैं।

    دخا رامحن را ر ین

    � وگبیئ رگ امس و رض ا ، وت روےئ رب زدن فت

    अनुिा्- यम् तू मकसी अन्य को रहिलान ख़ु्ला कर ्े तो तेरे िदुंह पर िरती और आकलाश थूकें।

    رسپ ، �ا تیک� � ں آ رہب ، یش ا رت ر د

    زرب و ر ز�ی تنعلِ ، ابرد وت رب

  • 13

    ज़ियाउल हक़

    अनुिा्- और यम् उस अमद्तीय के मलए तू कोई बे्टला बनलाए तो नीचे और ऊपर से तदुझ पर ललानतें बरसने लगें।

    اہجن ن ا�ی ، د وگ�ی احل زابِن اب ان �ی و وم ی

    ت� و اتس رفد ، دخا اکن

    अनुिा्- यह संसलार अपने वयलािहलाररक रूप से यह कह रहला है मक िह ख़ु्ला अमद्तीय, हिेशला क़लायि रहने िलालला और एक है।

    زن ہن و رفزدن ہن ، رد دا دپر ےن ہ�ن ُک� م ا �یّ ا ِز دش ل دبمّ ےن

    अनुिा्- न उसकला कोई बलाप है न बे्टला और न पतनी और न अनलाम् कलाल से उसिें कोई पररितज़ान आयला।

    وشد مک ش

    �ن

    ی� ف� رحش رگ دےم �ی وشد ربمہ اہجن و قلخ ہمہ ن ا�ی

    अनुिा्- यम् एक पल के मलए भी उसकी ्लान-िृक्ष्ट कि हो जलाए तो यह समपूणज़ा सृक्ष्ट और संसलार असत-वयसत हो जलाएँ।

    ن ی �ب ہب را دقرت اقونن ، رظن �ی ی�ن م�

    لاعل ا رّبُ ِن اش یس انش ات

    अनुिा्- प्रकृमत के मनयि पर एक दृक्ष्ट ्डलाल तलामक तू सिसत लोकों के प्रमतपलालक को पहचलाने।

    انب ایتس د د�ی ہچ را ا ین

    د� اکخ را دصق ری دا

    نم�یگ� آن ےئپ زک

    अनुिा्- ्दुमनयला के िहल की दृढ़तला ही कयला है? जो उसके मलए तू सच्लाई को छोड़तला है।

  • 14

    ज़ियाउल हक़

    اتس افین ش

    �ش

    ی� پ� � ہک ، ابدش اعدبآن اتس الاثین دش وگ�ی وک آن اعرف

    अनुिा्- इबला्त करने िलालला िह है जो ख़ु्ला के सलािने नश्र है। आररि िह है जो कहतला है मक िह अनदुपि है।

    اخم ذعر مہ ، انرایتس نک رتک م رحا دش وچں رایتس وسےئ یل م�

    अनुिा्- झूठ और बहलाने बनलानला छोड़ ्े, सच की ओर रुमच करनला तदुझे कयों अिैि हो गयला।

    دٔہ یش ادن�ی ی

    ن� را دب راہِ

    ی�دٔہ ہم� ف� دب ہچ اہلل دہاک ے اअनुिा्- तू ने ग़लत िलागज़ा को सही सिझ मलयला है ख़ु्ला तदुझे

    मह्लायत ्े कैसला ग़लत सिझ मलयला है।ان �ی آن د امن�ی ےم وخد ، وخد روےئ وکداکن وچں ، و ا ر وصت�ی یشک وت

    अनुिा्- िह एक ख़ु्ला अपनला चेहरला सियं म्खलातला है तू बच्ों की तरह उस कला मचत्र अपने म्ल से खींचतला है।

    تس ا ہ د ون �ب حق

    فعلن اک ےخ ر ن آ

    اتس وبدہ �ان ت

    روےئح ت ت ی

    تدرح

    अनुिा्- िह चेहरला मजसे ख़ु्ला के कलायज़ा ने प्रक्ट मकयला है िलासति िें िही ख़ु्ला कला चेहरला है।

    رباہ ری دا ےتب رکدی وخد واہچن اگپہ و اشم ینک اہ رپیتس تب

    अनुिा्- परन्तदु जो तूने सियं बनलायला है िह तेरे िलागज़ा िें एक

  • 15

    ज़ियाउल हक़

    िूमतज़ा है और तू सदुबह और सलायं िूमतज़ा पूजला करतला है-اُو ر اونا ز ا ہتسب ےمشچ دو ے او ا دراکر و ا روےئ

    نی �ب ہن وچن

    अनिुा् - हे िह मजसने उसके प्रकलाश अथलाज़ात् उसके कललाि स ेअपनी ो्नों आखंें बं् कर लीं तो उसके कलायज़ा िें उसकला चहेरला कयों नहीं ्खेतला।

    رپی؟ وچن ارتفااہ در ی�ن �ن

    � �پ ن ا�یرکنمی وچن ےب ذات ز ا رگم ا �ی

    अनुिा्- इस प्रकलार कयों बढ़-बढ़ कर झूठ गढ़तला है। शलाय् तू उस अमद्तीय अक्सतति से इन्कलारी है।

    دون اےئ ین

    د� در�ی دنبی رچا دل اجربون ز�ی دشن وخایہ اناہگن

    अनुिा्- इस नीच संसलार से कयों म्ल लगलातला है जहलां से तू एक्ि बलाहर चलला जलाएगला।

    دخا ز ا دن رب�ی ا ین

    د� ےئپ ز ای�ا ق�

    ش� ا ِن اشن دش اب ن ی

    ہ� سب

    अनुिा्- ्दुमनयला के मलए ख़ु्ला से संबंि तोड़नला यही अभलागों की मनशलानी है।

    ےسک رَب قح اشخبشئ وشد وچن ےسب اشئ ی

    ندب� امدن

    ن� دل

    अनुिा्- जब मकसी पर ख़ु्ला की िेहरबलानी होती है तो उसकला म्ल ्दुमनयला िें कुछ अमिक नहीं लगतला।

    وبد آاسن ےک سفن رتِک ، لی وبد ان �ی دشن وخد ز ا و رمدن

  • 16

    ज़ियाउल हक़

    अनुिा्- परन्तदु नफ़स को तयलागनला भी आसलान नहीं। िरनला और अहंकलार को तयलागनला बरलाबर है।ش وخ�ی اکر ز ا ومند را وخد دخا شآن وخ�ی اتفگِر اشدہ اقمئ رکد

    अनुिा्- उस ख़ु्ला ने सियं अपने कलायथों से प्रक्ट मकयला और उन्हें अपने कललाि कला गिलाह ठहरलायला।

    د زم�ی نسُح ز ا وبد را و ا رہہچ د ی

    شک ام مشچِ

    شی �پ ن آ یٔہ حل�

    अनुिा्- इस के अललािला जो और सौन््यज़ा उसके अक्सतति िें थला उसकला हुमलयला भी उसने (कललाि द्लारला) हिलारे सलािने खींच म्यला।

    اُو ر وصت�ی وخد ش

    ی �پ ز ا یشک وت وخ رہ ی

    ت� ے ا وشی ےم و ا اخقل

    अनुिा्- तू अपनी ओर से उसकला मचत्र खींचतला है और हे अन्तः िमलन सियं उसकला स्ष्टला बनतला है।

    اتس امن ولجہ وخد اکِر ز ا ، وخد آہکن امس دتس ز ا وخد آہکن ےن دخا آن

    अनुिा्- िह जो अपने कलायज़ा से अपनला जलिला म्खला रहला है। ख़ु्ला िह है न मक िह मजसे हिलारे हलाथों ने बनलायला है।

    امتس ومالےئ ہمہ ن ا�ی رگمتس ے ااتس اجب اج اُو امدِح رقآن آہکن

    अनुिा्- हे िलामलि! हिलारला िौलला िही है मजसकी प्रशंसला क़ुआज़ान िें जगह-जगह की है।

  • 17

    ज़ियाउल हक़امس د وگ�ی ےم تفگ رقآن ہچ رہ ا ی

    ن� ن ا�ی

    نی �ب ہب ات اشکب مشچ

    अनुिा्- जो कुछ क़ुआज़ान िें कहला िही आकलाश भी कहतला है आंख खोल तलामक तू उस प्रकलाश को ्ेखे।

    را االسم ، وُبد رخفے ی ہ

    � سب را اتم دخاےئ آن ، د امن�ی وک

    अनुिा्- इसललाि को यही गिज़ा तो प्रलाप्त है मक िह उस कलामिल ख़ु्ला को प्रसतदुत करतला है।

    ا عی ش

    ع�نُص� ز ا ہک ااسنن ز وگدئش

    ن را د�ی وچن وخدش ز ا ، رتادش ےن अनुिा्- िह इसी प्रकलार कहतला है जो उसकी कलारीगरी से

    प्रक्ट है। ्ूसरों की तरह अपने पलास से कोई ख़ु्ला नहीं बनलातला।رش ی �پ رتادش وخد ، ملسم ر ی

    ن�

    رسش و اپ و اقتم ، رتادش وخد अनुिा्- ग़ैर िदुक्सलि उसके अक्सतति को सियं बनलातला है िह

    सियं ही उस कला क़्, पैर और सर बनलातला है।دخا یگ�ردد م�

    ن�

    ، دہ یش

    رتا� وخد ارتفا و اتس ابزی ، الفطن وچمہ

    अनुिा्- यह सियं बनलायला हुआ अक्सतति ख़ु्ला नहीं हो सकतला िह तो बच्ों कला मखलौनला है और झूठ है।

    ابتہ دش اہجےن دن یش

    رتا� ن ز�یراہ دتس رب دخا وسےئ ، ےسک مک

    अनुिा्- इस ख़ु्ला गढ़ने के कलारण एक जलान बबलाज़ा् हो गई

  • 18

    ज़ियाउल हक़

    और मकसी को सच्े ख़ु्ला कला िलागज़ा नहीं मिलला।ا

    شُک ےمشچ ، ی

    تی�� �

    ن� وکرے وت وچن

    امس و رض ا دنک ےم اظرہ ہچ ، ن ی �بअनुिा्- जब तू अँिला नहीं है तो आंखें खोल और ्ेख मक

    िरती और आकलाश कयला प्रक्ट करते हैं।ر ادقل�ی دصاےئ ونشب رطف رہ ر ی

    نم ونرے ذوالعلٰی و ذواالجلل

    अनुिा्- हर ओर यही आिलाि आती है मक एक शक्तििलान ख़ु्ला है एक प्रतलापी, समिलाननीय और प्रकलाश ्लायक नूर िौजू् है।

    ی�ر مگ� د وخ ےئ ا دخ ےق ولخم �پ ہ�ی �

    ر دق�ی آن وچن ےکم رک �ی ، وشد کے अनुिा्- तू मकसी सृक्ष्ट को अपनला ख़ु्ला न बनला। एक कीड़ला

    उस शक्तििलान के सिलान कयोंकर हो सकतला है।آامسن و ن زمی رلزد و ا

    شی �پ

    دما ش

    ل�ش

    م� را اخک تشم وت سپ अनुिा्- उसके आगे िरती और आकलाश कलांपते हैं। इसमलए

    तू एक िदुट्ी िूल को उसके सिलान न सिझ।زبور را ع�یفے

    نص وگیئ دخا رگ

    وکر و ّذکایب ہک د وگ�ی وت اجن अनुिा्- यम् तू मकसी कििोर दृक्ष्ट को बललात ख़ु्ला कह भी

    ्े तो सियं तेरला म्ल बोल उठेगला मक तू झूठला और अँिला है।دخا آن زج دخا دادن

    ن� دل

    ادتبا ز رطفت ااتفد ی�ن �ن

    � �پ ن ا�ی

  • 19

    ज़ियाउल हक़

    अनुिा्- म्ल मसिलाए इस (असली) ख़ु्ला के मकसी और को ख़ु्ला सिीकलार नहीं करतला। आरमभ से िलानि-प्रकृमत इसी प्रकलार की बनी हुई है।

    وش دور بصعت و ن کی رہِ ز اوش ونر رُپ نک دصق ز ا رظن �ی

    अनुिा्- िैर और पक्पलात के िलागज़ा को तयलाग ्े। सच्लाई से मिचलार कर और प्रकलाशिलान हृ्य िलालला हो जला।

    دنک ن را و�ی را لقع اض ر�ی ن کیدنُک ن اندا و رمگاہ را اعالقن

    अनुिा्- िैर और पक्पलात बदुमद्ध के उद्यलान को उजलाड़ ्ेते हैं और बदुमद्धिलानों को गदुिरलाह तथला िूखज़ा बनला ्ेते हैं।

    ل ران

    ال�ی دخاےئ رگدد رشب ےک الضل ی�د ص� ے ا نک مک اہ وری دا

    अनुिा्- एक इन्सलान मकस प्रकलार अनश्र ख़ु्ला बन सकतला है। हे गदुिरलाही के मशकलार झगड़ला न कर।

    رن

    زع�ی ے ا تسہ ت

    َکف� ادنر وشر آِب ر

    ن یت

    � ری دا ارگ ، نک مک انزاہ अनुिा्- हे मप्रय! तेरे हलाथ िें केिल खलारला पलानी है। यम् तदुझ

    िें सभयतला है तो शेमखयलां न िलार।دخا آن وجنیئ رگ ، الہیک وت امس و رض ا را ُ

    ت� امنبدئ آہکن

    अनुिा्- तू िर जलाएगला यम् उस ख़ु्ला को तललाश नहीं करेगला मजसे पृरिी और आकलाश तदुझे म्खला रहे हैं।

  • 20

    ज़ियाउल हक़

    ر دق�ی آن امجل ، ن ی �ب رقبآن مہ ر دغ�ی �ی ُزالِل ، قح لعفِ و وقل

    अनुिा्- तू क़ुआज़ान से भी उस शक्तििलान ख़ु्ला कला सौन््यज़ा ्ेख ख़ु्ला कला कथन और ख़ु्ला कला किज़ा एक ही तलाललाब के सिचछ पलानी हैं।

    ّدماع ن ا�ی رسحِت ، ادنر رمُدم را ہمشچ ن ا�ی ، قلخ وخادنہ

    ن� وچن

    अनुिा्- िैं तो इस बलात के ग़ि से िर गयला मक जनतला इस झरने की कयों िलांग नहीं करती।

    امن رہ ن د�ی رہِ در ، رقآن تسہ روا احتج ، ن د�ی احاجِت ہمہ در

    अनुिा्- क़ुआज़ान ििज़ा के िलागज़ा कला पथ-प्र्शज़ाक है और ििज़ा की सिसत आिशयकतलाओं को पूणज़ा करने िलालला है।

    ادن افین وخد ز ا ہک ، قح ہِ رگو آن ادن رفاقین ہمشچٔ ز ا ، ونش آب

    अनुिा्- िे िली लोग जो नश्र हैं िे फ़ुक़लाज़ानी झरने से पलानी पीने िलाले हैं।

    اجہ و ّزع انم ِز ، ااتُفدہ افرغ ُکاہ ااتفدہ رفق ز ا و ، فک ز دل

    अनुिा्- िे नलाि, प्र्शज़ान, ्ौलत और समिलान की ओर से ललापरिलाह हैं उनके हलाथ से म्ल और सर से ्टोपी मगर गई है।

    ہت

    �ن

    یح م� آ ر ا ی �ب د وخ ز ا رت ر دوہ

    ت�

    نیح � ر ےئ و ر رہب ز ا ، و رب آ

  • 21

    ज़ियाउल हक़

    अनुिा्- अंहकलार से ्ूर और यलार से मिल गए हैं और उसके मलए अपने िलान-समिलान से पृथक हैं।

    ار �ی ِز رُپ دل ، ایبنج وچن ربون ز ارکداگر زج اشن ِز را دنادن سک

    अनुिा्- बलाह् तौर पर अजनबी म्खलाई ्ेते हैं परन्तदु म्ल यलार के प्रेि से भरला है ख़ु्ला के अमतररति उनकला भे् कोई नहीं जलानतला।

    دخا ز ا اد �ی ددہ می اشن دِن د�یا ربک�ی انجب در ن ورزا دصق

    अनुिा्- उनके ्ेखने से ख़ु्ला यला् आतला है। ख़ु्ला के मलए उन्होंने सच्लाई और ििला्लारी को ग्रहण मकयला है।

    ربے رہ رفاقن ، وبد را ہمہ آن درے وچمہن دردشہ ن زا �ی رہ

    अनुिा्- उन सब लोगों कला पथ-प्र्शज़ाक क़ुआज़ान ही थला और उसी ्रिलािे की बरकत से उनिें से प्रतयेक िोती के सिलान हो गयला।

    ادنتف �ی اجن دربلے ن زا ہمہ آن ادنتف �ی اجانن روےئ ابدش ہچ اجن

    अनुिा्- उन सब ने उसी मप्रयति से जीिन प्रलाप्त मकयला, जीिन कयला सियं उस मप्रयति को पला मलयला।

    اسفد و رشک ز ا اپک دش اشن مشچ اابعلد رّب زنمل ، اشن دل دش

    अनुिा्- उसकी निर मशक्क और िसला् से पमित्र हो गई और उनकला हृ्य रबबदुलआलिीन कला घर बन गयला है।

  • 22

    ज़ियाउल हक़

    اتس م�طفٰے انشم آہکن ، اشن د �یّاتس افص و دصق زرمٔہ رہ رربہِ

    अनुिा्- इन लोगों कला सर्लार िह है मजसकला नलाि िदुसतिला है। सिसत सतयमनष्ठों और नेक लोगों कला िही पथ-प्र्शज़ाक है।

    و ا روےئ در قح روےئ �د ش

    �ن

    در� ےم و ا وکےئ و ابم ز د آ�ی قح وبےئ

    अनुिा्- उसके चेहरे िें ख़ु्ला कला चेहरला चिकतला म्खलाई ्ेतला है। उसके ्र और ्ीिलार से ख़ु्ला की ख़ुशबू आती है।

    امتم ے و رب رربہی امکل رہ اامم را ان رو�ی اپک و روی اپک

    अनुिा्- िलागज़ा-्शज़ान की सिसत खूमबयलां उस पर सिलाप्त हैं, सियं भी िदुक़द्दस है और सब िदुक़द्दसों कला इिलाि है।

    ام ر آزا اچرٔہ ے ا ، دخا ے اام اکر در و ا اہےئ افشتع نک

    अनुिा्- हे ख़ु्ला! हे हिलारे कष्टों की ्िला, हिलारे िलािले िें उसकी शिलाअत हिें प्र्लान कर।

    دتف اجشن و دل در رہمش رہہک دتف اشن ا�ی در اجےن اناہگن

    अनुिा्- मजस के जलान-ि-म्ल िें उसकला प्रेि ्लामखल हो जलातला है तो उसके ईिलान िें एक्ि एक जलान पड़ जलाती है।

    رغاب آن د آ�ی رب اتر�ی ز ےک وصاب و دصق رشمِق وکردمز�ی

    अनुिा्- िह कौआ अँिेरे से कब मनकल सकतला है जो इस

  • 23

    ज़ियाउल हक़

    सच्लाई और सही के उ्य-सथल से भलागतला है।ہ ا رب د ر گی ے

    تلم�

    ظ� را و ا ہکن آ

    امہ رہمو ادمح روےئ وچن ش

    �تی�� �

    ن�

    अनुिा्- िह वयक्ति मजसे अन्िकलार घेर ले उसके मलए अहि् के चेहरे की तरह अन्य कोई चन्द्र और सूयज़ा नहीं है।

    د وش ےم ین اعم رحبِ ش

    بع� � اتوشد ےم آامسین

    نزمی ز ا

    अनुिा्- उस कला अनदुयलायी िलाररित कला एक सिदुद्र बन जलातला है और ििीनी से आसिलानी हो जलातला है।

    دقم زد دمحمؐ راہ در ہک رہ رتحمم آن یل �

    شم� دش را اء ی ب

    ن�

    अनुिा्- मजस ने िदुहमि् के तरीक़े पर क़्ि िलारला िह समिलाननीय वयक्ति नमबयों कला सिरूप बन जलातला है।

    اقمم ن ا�ی وفِز ز ری دا بجع وت اشم و حبص ہتشگ سفن دنب اپےئ

    अनुिा्- तो इस श्ेणी की सिलतला पर आचियज़ा करतला है कयोंमक तू हर सिय अपने नफ़स कला ्लास है।

    رتاتس یسٰی ع� رب انز و رخف ہک ے اتس دخا و ُ

    ت� مشچبِ اعزج دنبٔہ

    अनुिा्- हे िह वयक्ति मक तदुझे ईसला पर गिज़ा और नलाि है और ख़ु्ला कला एक असहलाय बन््ला तेरी निर िें ख़ु्ला है।

    ودود ودنے دخا رفاومتش دش د ب�و ُسح در دی اتف و ا یسٰی ع�

    شی �پ

  • 24

    ज़ियाउल हक़

    अनुिा्- तदुझे िेहरबलान ख़ु्ला को भूल गयला और तू ईसला के आगे सज्े िें मगर गयला।

    ذاک و تس لقع ہچ ن ا�ی دنامن نم م�ا لّسَ ا ّبُ ر نتخ اس ا ر ٔہ دنب

    अनुिा्- िैं नहीं सिझ सकतला मक यह कैसी बदुमद्ध और िलानमसकतला है मक एक बन््े को ख़ु्ला बनलायला जलाए।

    ب�ا ُک� و ا اب ےتبسن ا ر ن ا ین

    � افاقب و اتس امکل و ا افصِت ز ا

    अनुिा्- नश्र िनदुषयों को ख़ु्ला से कयला संबंि उसकी मिशेषतला तो पूणज़ा होनला और अनश्रतला है।

    دخا اقدر دنباگن اسِز اچرہ انف ے و رب ادب ات د ان�ی آہکن

    अनुिा्- िह बन््ों कला चलारलागर और शक्तििलान ख़ु्ला है मजस पर कभी भी िनला (नश्रतला) नहीं आ सकती।

    رک�ی و د وجّا و اتسر و احظف رحی و ارورامحن �ی را یک��ان ب� �

    अनुिा्- सदुरक्ला करने िलालला ्ोषों पर प्लाज़ा ्डलालने िलालला, ्लानी और कृपलालदु है अनलाथों कला मित्र, असीि ्यलािलान और िेहरबलान।

    را اپک دخاےئ آن داین ہچ وت را اخک دی دا و ُ

    ت� ، و الجل آن

    अनुिा्- तू उस पमित्र ख़ु्ला कला प्रतलाप कयला जलान सकतला है िह समिलान कला िदुक़लाि तो तूने एक पलामथज़ाि िनदुषय को ्े रखला है।

  • 25

    ज़ियाउल हक़ین ز رہ اّفک ِز دم رہ ےم د ن اہزین ز ا رتمک ہک ایتس رمد ہن سپ

    अनुिा्- तू हर ्ि कफ़िलारः की शेमखयलां ही बघलारतला रहतला है। तो तू ि्ज़ा नहीं अमपतदु और से भी गयला गदुिरला है।

    زسا ادب �ی رگ اتس لہس ہخسنٔ راہ

    شفعل� ن زا رکب رگدد و ، د ز�ی

    अनुिा्- यह तो बड़ला आसलान नदुसख़ला है मक ्ण्ड मिले िै् को और बक्र अपने गदुनलाह से पमित्र हो जलाए।

    اشنن ایب �ی ن

    � ہ ن

    ُس�ن

    � ن ز�ی لی آامسن و ن زمی اہےئ ورق در

    अनुिा्- मकन्तदु तदुझे इस नदुसखे कला नलािोमनशलान भी नहीं मिलेगला पृरिी और आकलाश की पदुसतक के पृष्ठों िें।

    اہند اعمل ن ا�ی اد ین

    �ب دخا ات اسفد ن ز�ی رد دا گنن مہ اظےمل

    अनुिा्- जब से ख़ु्ला ने इस ्दुमनयला की बदुमनयला् रखी है उस सिय से अतयलाचलाररयों को भी ऐसी शरलारत से शिज़ा आती है।

    دنسپ را آن �قے اف رد دنا وچں دنلب و اپک رضحِت دنسپد وچن

    अनुिा्- जब एक पलापी भी इस बलात को पसन्् नहीं करतला तो ख़ु्ला तआलला जो पमित्र है िह उसे मकस प्रकलार पसन्् कर सकतला है।

    مہ ر ن

    ین

    � انالن اگر�ی امہنگ مہ ر

    نی

    ن� رامحن تسہ ورے ی

    ن� و

  • 26

    ज़ियाउल हक़

    अनुिा्- हि पलापी भी हैं और क्िला के मलए रोते भी हैं (इसी प्रकलार) िह सिलामभिलानी भी है और ्यलािलान भी।

    �رت

    �ت

    مُ�� ام در ، اتس اق رت�ی و زرہ درگ اجن ددہ ےم ن ا�ی دشک آن

    अनुिा्- हि िें मिष और मिषनलाशक ्ोनों छुपे हुए ह ैं। िह क़तल करतला ह ै और यह ्ूसरला जीिन प्र्लान करतला ह ै।

    اش اچرہ دی د�ی ہن ، دی د�ی را زرہ اش َکفّ�ارہ زل ا ز ا وبدہ آہکن

    अनुिा्- तू ने िहर (मिष) को तो ्ेख मलयला परन्तदु उसकला इललाज न ्ेखला जो हिेशला से उसकला कफ़िलारः है।

    ربخ ےب ے ا ، ادن دادہ تمشچ دو وچں رظن وتقِ �ی وپیش رچا سپ

    अनुिा्- हे बे खबर! जब तदुझे ्ो आंखें ्ी गई हैं तो ्ेखते सिय तू एक को कयों िक लेतला है।

    دون اےئ ین

    د� ن ا�ی وسےئ ن ی �ب رظن �ی رسوگنن آن ےئپ ز ا رگبدی وچن

    अनुिा्- तमनक इस अिि ्दुमनयला पर दृक्ष्ट ्डलाल मक तू मकस प्रकलार उसके पीछे भ्टकतला मिर रहला है।

    زنمتل و اتمع ز ا ، ری دا آہچن احتلص ہ

    ت�

    شگ�

    ن� اہ تقشم ےب

    अनुिा्- जो कुछ भी सलािलान और समिलान तेरे पलास है िह तदुझे मबनला पररश्ि के प्रलाप्त नहीं हुए।

  • 27

    ज़ियाउल हक़ز درا دہجے دمےت ات دت اب�یز رفا انےن وخد

    ت شِک ز ا وخری ات

    अनुिा्- एक लमबे सिय की कोमशश चलामहए तलामक तू अपनी खेती से रो्टी खलाए।

    واتفد ا دقرت اقونن ن یہ

    � وچؔن اعمد تشکِ در آر اد �ی ی

    ہ� سب

    अनुिा्- जब प्रकृमत कला मनयि ऐसला ही है तो आमख़रत की खेती के मलए भी यही बलात सिरण रख।

    اولرٰی رّب اقدر آن تفگ وخب

    َماَسٰعی ّلَ ِا َساِن ْن ِ

    ْلِل لَیَْس

    अनुिा्- सिसत लोकों के प्रमतपलालक ख़ु्ला ने कयला ख़ूब िरिलायला है मक इन्सलान को अपनी कोमशश कला ब्लला अिशय मिलतला है।

    ونشبی وت رگ تس ینعم ن در�ی مہ ونثمی در ومولی اداگر �ی

    अनुिा्- यम् तू सदुने तो इसी ितलब कला मनबंि िह भी है जो िस्निी िें िौलिी िसनिी की यला्गलार िह भी है।

    وج ِز وج د ربو�ی دنگم ز ا دنگم وشم اغلف لمع اکمافِت ز ا

    अनुिा्- मक गेहुँ से गेहुँ पै्ला होतला है और जौ से जौ। अतः तू अिल के ब्ले से ललापरिलाह ित हो।

    اہند اخرط اہ اّفکرہ رب آہکن د دبا یکس�ر � وخد دتس از ن د�ی و لقع

  • 28

    ज़ियाउल हक़

    अनुिा्- मजसने कफ़िलारः पर म्ल जिला मलयला उसने बदुमद्ध एिं ििज़ा ्ोनों को बरलाबर कर म्यला।

    التش مہ وخادہ دہج ا ین

    د� و ن د�یابمش ن اندا نک دہج رباشہ رو

    अनुिा्- ििज़ा और संसलार िेहनत और तललाश को चलाहते हैं तू भी उसके िलागज़ा िें प्रयलास कर और नला सिझ न बन।

  • 29

    ज़ियाउल हक़

    ततपचिलात सपष्ट हो मक इस पदुसतक के मलखने कला कलारण यह है मक हि ने इस से पूिज़ा मिज्लापन के चलार भलाग आथि सलामहब के बलारे िें प्रकलामशत मकए थे मजन िें पला्री सज्जनों को भली भलांमत सिझलायला गयला थला मक िलासति िें िह भमिषयिलाणी पूरी हो चदुकी है जो हिने मिस्टर अब्दुल्लाह आथि के बलारे िें की थी। परन्तदु अिसोस मक पला्री सज्जनों ने हिलारे उन मिज्लापनों को धयलानपूिज़ाक नहीं पढ़ला और अब तक गलाली-गलौज, असंतदुलन और अपशब्ों के इसतेिलाल करने से नहीं रुकते। और इस बेह्ला बलात पर बलार-बलार बल ्ेते हैं मक भमिषयिलाणी पूरी नहीं हुई। परन्तदु हिने जो हिलारला कतज़ावय थला अ्ला कर म्यला। अथलाज़ात् यह मक यम् आथि सलामहब ने सच की ओर रुजू (लौ्टनला) नहीं मकयला जो भमिषयिलाणी की आिशयक और अ्टल शतज़ा थी मक िह सलािलान्य जलसे िें क़सि खला कर चलार हिलार रुपए हि से बतौर जदुिलाज़ानला ले लें। मकन्तदु आथि सलामहब ने क़सि खलाने से इन्कलार कर म्यला। और हि चलार हिलार के मिज्लापन िें मसद्ध कर चदुके हैं मक उनकला यह बहलानला मक क़सि उनके ििज़ा िें िनला है सिज़ाथला अललाभकलारी झूठ है। ओर उनके बदुज़ुगज़ा हिेशला क़सि खलाते रहे हैं। मकन्तदु आथि सलामहब ने इन सबूतों कला कुछ उत्तर न म्यला। हलाँ ्डलाक्टर िलाम्टटिन क्लाक्क ने अिृतसर से एक गन््ला मिज्लापन जो उनके ्दुगज़ान्ियदुति सिभलाि कला एक निूनला थला जलारी मकयला। मजस कला सलारलांश यही थला मक हिलारे ििज़ा िें क़सि खलानला ऐसला ही िनला है जैसला मक िदुसलिलानों िें सदुअर कला िलाँस खलानला। परन्तदु अिसोस मक उनको यह ख़यलाल न आयला मक यम् क़सि खलानला सदुअर के िलाँस के बरलाबर है तो यह सदुअर क़सि खलाने कला पोलूस सलामहब अपने समपूणज़ा जीिन िें खलाते रहे। पतरस ने भी

  • 30

    ज़ियाउल हक़

    खलायला। तो मिर आथि सलामहब पर कयों अिैि हो गयला। इस बलात को कौन नहीं जलानतला मक क़सि खलानला ईसलाइयों िें केिल िैि ही नहीं अमपतदु कुछ अिसरों पर अमनिलायज़ा बलातों िें से है। अंग्रेिी अ्लालतें जो मकसी वयक्ति को ििज़ा के मिरुद्ध मििश नहीं करती उन्होंने भी ईसलाई ििज़ा को क़सि खलाने से बलाहर नहीं रखला और सियं आथि सलामहब कला अ्लालतों िें क़सि खलानला मसद्ध है। इसमलए चलामहए थला मक हिरलात पला्री सलामहबलान यला तो आथि सलामहब को क़सि खलाने पर मििश करते यला उन से नलामलश करिलाते तलामक उसी के सन््भज़ा िें उन्हें क़सि खलानी पड़ती और यला सलािलान्य मिज्लापन ्ेते मक िलासति िें आथि सलामहब ही झूठे हैं परन्तदु उन्होंने इसकी बजलाए सिज़ाथला हठििमी से गलामलयलां ्ेनी आरमभ कर ्ीं और यह नीच बहलानला प्रसतदुत मकयला मक आथि खदुले-खदुले कब इसललाि ललायला परन्तदु एक शलांत सिभलाि इन्सलान सिझ सकतला है मक िह शतज़ा जो भमिषयिलाणी िें ्जज़ा है उस शतज़ा के ये शब् नहीं हैं मक यम् आथि खदुले-खदुले तौर पर इसललाि ले आएगला तो िृतयदु से बचेगला अन्यथला नहीं। अमपतदु भमिषयिलाणी िें केिल रुजू की शतज़ा है और रुजू कला शब् गदुप्त तौर पर सच सिीकलार करने पर भी िलागज़ा ्शज़ान करतला है। तो इस क्सथमत िें खदुले-खदुले तौर पर इसललाि की िलांग सिज़ाथला िूखज़ातला है।

    सोचनला चलामहए मक ख़ु्ला तआलला कला अपने इलहलाि िें इन शब्ों कला छोड़नला मक आथि खदुले-खदुले तौर पर इसललाि ले आएगला और उसके िदुकलाबले पर रुजू कला शब् प्रयोग करनला जो सच की ओर रुजू की एक तदुचछ हलालत पर भी चररतलाथज़ा हो सकतला है। िणज़ान शैली सपष्ट तौर पर बतला रही थी मक खदुलला-खदुलला इसललाि ललानला भमिषयिलाणी कला

  • 31

    ज़ियाउल हक़

    आिशयक उद्देशय✴ नहीं यम् यही आिशयक होतला तो असल शब् मजन से यह ितलब सपष्ट तौर पर अ्ला होतला है कयों छोड़ म्ए जलाते। यह एक ऐसी बलात है जो प्रतयेक इन्सलाि करने िलाले के मलए मिचलार करने कला सथलान है। और िैं मिश्लास नहीं करतला मक कोई पमित्र हृ्य वयक्ति एक पल भी इस पर मिचलार करके मिर सन््ेहों एिं शंकलाओं की कमठनलाइयों िें पड़े। मिरोमियों कला सिसत िलाति तो इस बलात पर है मक आथि ने अपनी जीभ से सलािलान्य लोगों िें इसललाि कला इकरलार कयों न मकयला। परन्तदु प्रशन यह है मक कयला ऐसे खदुले-खदुले इसललाि ललाने की शतज़ा भमिषयिलाणी िें थी? कयला उस प्रलेख िें मजस पर ्ोनों पक्ों के हसतलाक्र िदुबलाहसः के म्न हो गए थे यह मलखला थला मक अिलाब न आने की यह शतज़ा है मक आथि खदुले-खदुले तौर पर इसललाि से समिलामनत हो जलाए। अमपतदु खदुले-खदुले तो कयला उस प्रलेख िें तो इसललाि की भी कुछ चचलाज़ा नहीं थी केिल सच की ओर रुजू की शतज़ा है। और सपष्ट है मक रुजू कला शब् जैसला मक कभी खदुले-खदुले इसललाि ललाने पर बोलला जला सकतला है ऐसला ही कभी म्ल िें सिीकलार करने पर भी चररतलाथज़ा होतला है। इस से तो यही मसद्ध हुआ मक आथि के खदुले-खदुले इसललाि ललाने पर कोई मनक्चित शतज़ा न थी। अन्ततः यह ्ो संभलािनलाओं िें से यह भी एक संभलािनला थी। मिर इसी पर बल ्ेनला कयला ईिलान्लारी कला कलाि थला, जबमक एक संभलािनला की दृक्ष्ट से सियं आथि ने अपनी पृथकतला और भयभीत हलालत म्खलाकर भमिषयिलाणी की सच्लाई प्रक्ट कर ्ी

    ✴नो्ट- सिज़ाज् और ्ूर्शमी ख़ु्ला कला भमिषयिलाणी की शतज़ा िें खदुले-खदुले इसललाि की चचलाज़ा न करनला सियं इस बलात की ओर संकेत है मक गदुप्त तौर पर रुजू करेगला। इसी से।

  • 32

    ज़ियाउल हक़

    तो कयला यह एक नीचतला नहीं जो इस पररणलाि को गदुप्त रखला जलाए जो उसकी सियं अपनी पृथकतला और भयपूणज़ा हलालत से भमिषयिलाणी के बलारे िें सथलामपत हो गयला। हि ने कब और मकस सिय आथि के खदुले-खदुले इसललाि ललाने की शतज़ा मलखी थी। मिर मजन्होंने खदुलला-खदुलला इसललाि ललानला आिशयक सिझला उन्होंने सिज़ाथला बेईिलानी से सच को नहीं छुपलायला? कयला उन्होंने हिलारे शब्ों की उपेक्ला करके आपरलामिक बेईिलानी नहीं की? कयला यह सच नहीं है मक यह कहनला मक बशतते मक लोगों के सलािने खदुलला-खदुलला इसललाि ले आए और यह कहनला मक सच की ओर रुजू कर ले। ये ्ोनों िलाकय एक ही भलार की हलालत नहीं रखते। और यह कहनला मक िै् जो एक ईसलाई है उसने सच की ओर रुजू मकयला है अपने बतलाने िें इस ्ूसरे कथन के सिलान नहीं मक िै् खदुले-खदुले तौर पर इसललाि से समिलामनत हो गयला अमपतदु सच की ओर रुजू होने की ख़बर िें इस बलात की संभलािनला शेष है मक कुछ शक्तिशलाली सन््भथों िें इसललाि ललाने कला पररणलाि मनकलालला गयला हो और अभी खदुले-खदुले तौर पर िै् इसललाि से समिलामनत न हुआ हो। इसी कलारण से ऐसी ख़बर कला सदुनने िलालला प्रलायः प्रशन भी करतला है मक कयला िह खदुले-खदुले तौर पर इसललाि से समिलामनत हुआ यला अभी गदुप्त है। और प्रलायः यह उत्तर पलातला है मक नहीं खदुले-खदुले तौर पर नहीं अमपतदु कुछ प्रसंगों से उसकला रुजू िलालूि हुआ है। तो इस से मसद्ध हुआ मक रुजू कला शब् खदुले-खदुले इसललाि ललाने पर मनक्चित तक्क नहीं अमपतदु जैसला मक हि िणज़ान कर चदुके हैं ्ोनों संभलािनलाओं पर आिलाररत है और एक भलाग िें उसे सीमित करनला ऐसी बेईिलानी है मजसे एक बहुत बड़े पलापी के अमतररति अन्य कोई सभय पदुरुष इसतेिलाल नहीं

  • 33

    ज़ियाउल हक़

    कर सकतला। हलाँ ऐसे अिसर पर मिरोिी यह अमिकलार रखतला है मक शक्तिशलाली प्रसंगों की िलांग करे मजनके कलारण से कह सकते हों मक उसने गदुप्त तौर पर अिशय सच की ओर रुजू मकयला, यद्यमप जीभ से उस कला क़लाइल नहीं। तो यहलां यह प्रशन अिशय प्रसतदुत हो सकतला है मक आथि ने अपने सच की ओर रुजू करने के कौन से प्रसंग प्रक्ट मकए मजन से भमिषयिलाणी कला पूणज़ा होनला मसद्ध हो। तो इस कला उत्तर यह है मक ईसलाइयों के कठोर आग्रह के बलािजू् आथि कला नलामलश न करनला मजस के बलारे िें उसे हिलारी िलांग पर क़सि भी खलानला पड़ती उसके सच की ओर रुजू कला प्रथि प्रसंग है। मिर इसके बला् उसके भयभीत रहने कला अपनी जीभ से रो-रो कर इकरलार करनला यह ्ूसरला प्रसंग है और मिर एक भयलािह हलालत बनलाकर और ब्हिलास हलालत बनला कर उसकला एक शहर से ्ूसरे शहर भलागते मिरनला यह तीसरला प्रसंग है। मिर यह कहनला मक ख़ूनी िररशतों ने तीन सथलानों पर िदुझ पर तीन आक्रिण मकए यह चौथला प्रसंग है और मिर चलार हिलार रुपए प्रसतदुत करने के बलािजू् क़सि न खलानला यह पलांचिलां प्रसंग है, और इनकला मििरण मनमनमलमखत है-

    1-प्रथि यह मक आथि ने अपनी इस भयभीत होने की हलालत से मजसकला उसे सियं इकरलार भी है जो ‘नूर अफ़शलां’ िें प्रकलामशत हो चदुकला है बड़ी सिलाई से यह सबूत ्े म्यला है मक िह उन म्नों िें अिशय भमिषयिलाणी की श्ेष्ठतला से ्डरतला रहला। अथलाज़ात् उसने अपनी वयलाकुलतलापूणज़ा गमतमिमियों तथला कलायथों से मसद्ध कर म्यला मक एक बड़े ग़ि ने उसको घेर मलयला है और एक जलानलेिला आशंकला हर सिय और हर ्ि उसको लगी हुई है, मजसके ्डरलाने िलाले मिचलारों ने अन्ततः

  • 34

    ज़ियाउल हक़

    उसे अिृतसर से मनकलाल म्यला।सपष्ट हो मक यह िनदुषय की एक सिलाभलामिक मिशेषतला है मक

    जब कोई बड़ला भय और घबरलाह्ट उसके हृ्य पर छला जलाए और चरि श्ेणी की बेचैनी और वयलाकुलतला तक नौबत पहुुँच जलाए तो उस भय के भयंकर दृशय मभन्न-मभन्न प्रकलार के मिचलारों के रूप िें उस पर आने आरमभ हो जलाते हैं और अन्त िें िे भयभीत करने िलाले दृशय वयलाकुलतलापूणज़ा गमतमिमियों तथला भलागने की ओर म