sardar bhagat s1ngh

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ससससस ससस S1NGH सससससस सससससस ससससससस सस 1931 [सससस. सससससस ससस Sanayal सससस ससस सससस सस ससससससस सस सस सस सस ससससस ससससससससस ससस (1930) ससस सससस ससस सससस सस सससस ससससस सस ससस ससस सस ससससस सस सस . ससससस सस ससससस सस सससससस ससस सस. सससस सस ससससस सससस सससस ससससस ससससससस सससस सस ससस सस 7 ससससससस, 1930 सस सससस सससस ससस सस. सस ससस सस सस सससस ससस सससस सस ससससस सस सस 1 सस ससस सससससससस सससस सस, 1931 ससससस. सस सससस सससस ससस सस सस ससससससस सस सस ससससस सस सससससससस सससस सस ससस सससससस सससस ससस सस. सस सससससस सस ससससस सस सस सस सस ससस सससस सस ससस सस सससस ससससस सससससस सस सससससस सस. सससससस ससससससससस सससससस सससस ससस सस ससस. सस सस सससससससस ससससस सस ससस ससस सससससस सस ससस सससससससस सससस सस ससस सस. सससससस 14 ससससससस सस ससससससससस सससस ससससस सस सस ] ( 0981401836 भभभभ भभभभ भभभभभभ भभभभ भभभभ भभभभ भभभ भभभभ भभभ भभभभभ भभभभभभ भभभभभभभ.) ससससससससससस Chapter1 सससससस सस ससससस सससससस सससससससससस ससससससससस सससससससस 2 सससससस सस ससससससस सस सससससस 3 सससस सससससस 4 ससससस सससससस ससससससससससस सससससस ससस सससससस 5 सससससससससस सससससससस ससससससससस सससससससस सससससस 6 Saunders ससससस सस सससससस 7 ससस सस सससससससससस 8 सससससससस सस Outrage सससससस सससससस 9 सससससससस सस Outrage (Contd.) 10 ससस सससससस सससससस सससससस 11 ससससस सससससससस ससससस

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Sardar Bhagat S1NGH Short Biography

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सरदार भगत S1NGHद्वारा

जतितंदर सान्याल 

मई 1931[श्री.  जतितंदर नाथ Sanayal शहीद भगत सिसंह के साथिथयों के एक है जो लाहौर षड़यन्त्र केस (1930) में शहीद

भगत सिसंह और अन्य लोगों के साथ साथ की कोशिशश की थी.  इसथिलए वह शाहिहद के अंतरंग समझ थी.  जैसा हिक पुथिलस सबूत उसके खि3लाफ उत्पादन नहीं कर सके वह 7 अक्टूबर, 1930 को जारी हिकया गया था.  वह 3ुद पर ले

थिलया भगत सिसंह की जीवनी है जो 1 मई में प्रकाशिशत हिकया था, 1931 थिल3ने.  यह जब्त हिकया गया था और परीक्षण भी इस हिकताब को प्रकाशिशत करने के थिलए आयोजिजत हिकया गया था.

    इस पुस्तक का महत्व यह है हिक यह भगत सिसंह के साथ एक बहुत करीबी संपकA का उत्पाद है.  अंतरंग व्यथिCगत मामलों अपार हिहत के हैं.  यह एक ऐहितहाथिसक हिकताब के रूप में पाठकों के थिलए प्रस्तुत हिकया जा रहा है. अध्याय

14   संस्मरण और प्रहिततिबंब  महान मूल्य का है ]                    ( 0981401836 भीड़ प्रो जगमोहन सि�ंह �चि�व शहीद भगत सि�ंह शोध �मिमतित द्वारा �ंपादिदत.) अनुक्रमशिणका Chapter1                                       परिरवार और लड़के  

अध्याय तिहंदुस्तान रिरपब्लिब्लकन एसोथिसएशन 2  

अध्ययन और एहहितयात के अध्याय 3 अवथिN  

अध्याय 4 शीघ्र प्रयास क्रांहितकारी पाटP में  

अध्याय 5 तिहंदुस्तान सोशथिलस्ट रिरपब्लिब्लकन एसोथिसएशन  

अध्याय 6 Saunders हत्या के  

अध्याय 7 आगे की गहितहिवथिNयों  8 हिवNानसभा बम Outrage अध्याय  

अध्याय 9 हिवNानसभा बम Outrage (Contd.)  10 भ3ू हड़ताल अध्याय  

अध्याय 11                             लाहौर षड्यंत्र मामले  12 अध्याय                           प्रलय और बाद में  

अध्याय 13                           सज़ाएँ  

अध्याय 14                             संस्मरण और प्रहिततिबंब  

परिरशिशष्ट - हिवNानसभा के मामले में वCव्य

अध्याय 1

THF  परिरवार और लड़के

    �रदार भगत सि�ंह एक अच्छी तरह �े ज्ञात Lyallpur के जिजले �े चि�ख परिरवार का आता है. अपने पूव+जों खाल�ा �रदारों, जो महाराजा रणजीत सि�ंह के तहत, पश्चि/म और पूव+ में खतरनाक अंगे्रजी पर अशांत पठानों के खिखलाफ चि�ख

�ाम्राज्य के प्र�ार में मदद की थी. जीवन और रक्त के �ाथ चि�ख शा�कों की मदद करने के चिलए, इ� परिरवार को काफी भूमिम के �ाथ पुरस्कृत तिकया गया था.

     भगत सि�ंह के दादा, �रदार.  अजु+न सि�ंह एक बड़ा मकान माचिलक था.  हालांतिक अमिधक �े अमिधक 80 �ाल पुराना है, वह अभी भी मजबूत और लाहौर षड्यंत्र के� की काय+वाही में गहरी रुचि� लेने के चिलए प्रयोग तिकया जाता है.  वह राष्ट्रवादी भावना

�े भरा है.  उनके भाई (पुत्र  �ुरजन सि�ंह के बेटे एड) , �रदार बहादुर दिदलबाग सि�ंह और दू�रों को, �रकार को उनकी �ेवाओं के माध्यम �े, अमीर हो गए हैं और अब �मृद्ध कर रहे हैं और रैंक और शीष+क के पुरुषों के.  लेतिकन �रदार अजु+न सि�ंह एक

और रास्ता ह ै जो अतिनवाय+ रूप �े गरीबी और अंधकार की ओर जाता ह ै �ुना है.  �रदार भगत सि�ंह, ए�एम दादी. , Jaikaur, हिहंदू परिरवार का एक तिवचिशष्ट बूढ़ी औरत है.  ऐ�ा नहीं है वह जो उ�के बेटे और पोते लाया गया है.  वह एक बहुत

बहादुर मतिहला है, तिफर भी वह �ूफी अंबा प्र�ाद, एक भारत के अग्रणी राष्ट्रवादिदयों, जो उन्हें यात्रा करने के चिलए इस्तेमाल तिकया की बात  एक बार पुचिल� �ूफी �ातिहब को तिगरफ्तार करने के चिलए आया था, जबतिक वह �रदार अजु+न सि�ंह के घर में

था  लेतिकन बहादुर मतिहला उ�े एक �तुर �ाल �े ब�ाया.   

�रदार अजु+न सि�ंह के तीन बेटे, �रदार तिकशन सि�ंह, �रदार अजीत सि�ंह और �रदार स्वण+ सि�ंह था.  �भी तीन भाइयों में पंजाब भर में अपने देश का �च्चा प्यार के चिलए जाना जाता है.  उनकी देशभचिक्त कारावा�, तिनवा+�न, और गरीबी की कड़ी

क�ौटी पर खरी उतरी है.

�रदार अजीत सि�ंह ने लाला लाजपत राय ने मातृभूमिम के चिलए राजनीतितक �ेवा के क्षेत्र के चिलए तैयार है प्रतितमि_त है.  हालांतिक काफी �मृद्ध है, �रदार अजीत सि�ंह एक घर जीवन के आराम forsook और राजनीतितक मुचिक्त के चिलए पंजाब

का आयोजन शुरू.  इ� �मय, यानी,1904 और 1905 के बारे में बंगाल के तिवभाजन के रूप में आया Godsend. लॉड+ कज+न के इ� कृत्य पर बंगाल में हिहं�क और तिनरंतर आंदोलन दूर पंजाब म ें reverberations जहां लाला लाजपत राय, �रदार अजीत सि�ंह और �ूफी अंबा प्र�ाद अजीत के एक महान दोस्त सि�ंह की �ुवक्ता भाषण �े देश जगाना शुरू तिकया

था.  इ� आंदोलन में �रदार तिकशन सि�ंह, भाइयों के ज्ये_ और �रदार भगत सि�ंह के तिपता, और �ब�े कम उम्र के स्वण+ सि�ंह, एक वैध तिहस्�ा चिलया.  हालांतिक �रदार तिकशन सि�ंह ने बखूबी मं� पर नहीं था, देश के उत्थान के चिलए अपनी �ेवाओं

को और अमिधक ठो� थे.  दोनों के तिपता और दादा की स्वैच्छिच्छक �हमतित के �ाथ भगत सि�ंह के मामा, राष्ट्रीय तिनमिध के चिलए उदारता �े योगदान दिदया.

  वष+ 1907 आधुतिनक भारत 1818 की मनमानी तिवतिनयमन III, जो तब भारत में तिdदिटश �रकार के चिलए इतना �ेवा

प्रदान के आवेदन के इतितहा� में पहली बार के चिलए देखा था. बंगाल और पंजाब दोनों इ� कठोर कदम के आवेदन के दृश्य थे, और �रदार अजीत सि�ंह और लाला लाजपत राय ने इ� �म्मान के प्राप्तकता+ओं थे.  परीक्षण तिबना दूर और अस्वस्थ बमा+

के बारे में एक वष+ के चिलए कारावा� की पीतिड़त होने के बाद, �रदार अजीत सि�ंह पंजाब के चिलए वाप� आ गया.  यह वही �मय है तिक भगत सि�ंह के तिपता और �ा�ा, �रदारों तिकशन सि�ंह और स्वण+ सि�ंह, तिगरफ्तार तिकया गया और तिवद्रोहात्मक

भाषणों के चिलए कैद के बारे में था, और इ� तरह लाइन में अग्रणी थे. • �ा�ा, स्वण+ सि�ंह, जो तब 28 शायद ही जल्द ही जेल में मृत्यु हो गई ( 1910 : ईडी).  और यह अनुकूल �मय है जब �रदार भगत सि�ंह, परिरवार के दू�रे पुत्र पैदा हुआ था, एक शतिनवार को तिकया गया था , 28 वें चि�तम्बर , १९०७ में अक्टूबर (  गलत तरीके �े प्रवेश तिकया एड ) { क्योंतिक तारीख knownin परिरवार तो

13 था Asuj एड), , �ुबह के शुरुआती घंटों में.  यह महज �ंयोग है या भगवान का हाथ था!   .

अपने लड़कपन की ज्यादा नहीं है चि�वाय इ�के तिक वह क्ला� रूम की तुलना में बहुत बेहतर के्षत्र प्यार में जाना जाता है.  उन्होंने कहा, उनके बड़े भाई, जगत सि�ंह, बंगा में प्राथमिमक स्कूल में शामिमल हो गए, जिजले Lyallpur { chack No.105 आरबी} , जो अपने जन्म स्थान था.

जगत सि�ंह 11 �ाल की उम्र में तिनधन हो गया है, एक नुक�ान है जो उत्�ुकता लड़का भगत सि�ंह द्वारा मह�ू� तिकया गया.  �रदार तिकशन सि�ंह के बाद लाहौर जहां वह कुछ भूमिम थी तिनकट Nawankot स्थानांतरिरत कर दिदया.  भगत सि�ंह अब

कुछ हाई स्कूल में भतq कराया जाएगा.  हालांतिक यह प्रथागत था के चिलए चि�खों को खाल�ा हाई स्कूल में शामिमल होने के चिलए, �रदार तिकशन सि�ंह स्कूल अपने अमिधकारिरयों के वफादार प्रवृश्चिrयों के कारण नहीं प�ंद था. तो भगत सि�ंह डीएवी

स्कूल, लाहौर में शामिमल हो गए हालांतिक घटना इतना आ�ान है, अभी तक यह महत्वपूण+ है तिक एक पतिवत्र चि�ख हालांतिक, भगत सि�ंह के तिपता अपन े बेट े को एक चि�ख �ंस्था � े वाप� ल े चिलया ह ै और एक आय+ Samajist स्कूल को

प्राथमिमकता.  इ� स्कूल �े उन्होंने  मैदिsक परीक्षा उrीण+ की और नेशनल कॉलेज जो dेडलॉफ हॉल के तिनमा+ण में अब शामिमल हो गए.  जब वह 9 वीं कक्षा में था वह Cawnpore कांग्रे� में भाग लेन े के चिलए �ला गया .  दरअ�ल उ�के तिपता उ� े ले चिलया Balgaum 1924 म ें आयोजिजत कांगे्र�, महात्मा गांधी की अध्यक्षता में: एड}   जबतिक कॉलेज म ें वह �ाथ बहुत अंतरंग था �ुखदेव और यशपाल   ( जब मुश्किश्कल � े 12 वष+ पुराने वह �ला गया अमृत�र  के बाद जचिलयांवाला बाग  जनरल डायर द्वारा हत्याओं

और रक्त socked मिमट्टी लाया: ईडी)             जब �ौदह, नहीं अभी तक देश की �ेवा के चिलए भगत सि�ंह उत्�ाह उ�े पंजाब में कुछ क्रांतितकारी �ंगठन के �ाथ

�ंपक+ में लाया. 1921 में अ�हयोग आंदोलन की तिवफलता के बाद, कई अधीर युवा पुरुषों उनके आदश+ की प्राप्तिप्त के चिलए महात्मा गांधी द्वारा की वकालत लोगों के अलावा अन्य तरीकों का �हारा की मांग की.  पंजाब में एक �ंप्रदाय ( उठी

था  उत्पन्न हो? ) के रूप में जाना जाता है बब्बर अकाचिलयों   वे देश की मुचिक्त के चिलए हिहं�क तरीके का उपयोग की वकालतकी.  हालांतिक वे का मतलब है जो कई द्वारा अनुमोदिदत नहीं हो �कता है के चिलए �हारा, बब्बर अकाचिलयों  उनमें �े कुछ �ही

मायने में महान वण+ तिनतिहत.  इ�के अलावा, 1914 और 1915 के लाहौर षड्यंत्र मामले में चि�खों की वीर बचिलदान अवमिध के कल्पनाशील युवाओं पर काफी प्रभाव था.  तिक वे �रदार भगत सि�ंह के भावुक प्रकृतित पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ा है बहुत

अच्छी तरह �े अपने लेखन के बाद �े �ातिबत कर दिदया है.  यह भी याद रखना �ातिहए तिकभगत के  तिपता �रदार तिकशन सि�ंह, �तिक्रय रूप �े 1914-15 के क्रांतितकारी �ंगठनों की मदद कर रहा था.  पुस्तक में, " �र माइकल ने भारत के रूप में मैं यह जानता था तिक" O'Dwyer , वहाँ यह करने के चिलए तिनश्चि/त उल्लेख कर रहे हैं, इतना तो है तिक यह तिनश्चि/त रूप �े कहा गया

है तिक �रदार तिकशन सि�ंह क्रांतितकारी नेता के चिलए रुपए की हजारों उन्नत.  यह तिक �रदार तिकशन सि�ंह ने भारत की रक्षा अमिधतिनयम के तहत था interned इन कचिथत अपराधों के चिलए है.  तिपता की तरह, बेटे की तरह, और यह कोई आ/य+ नहीं है

तिक युवा भगत सि�ंह के हिहं�क क्रांतितकारी माग+ की ओर �ली गई बब्बर अकाचिलयों . 

जै�ा तिक आमतौर पर गुप्त �ंगठनों के �ाथ होता है, पुचिल� ने इ� पाट| की गतिततिवमिधयों का �ुराग मिमल गया है और अपने �दस्यों को तिगरफ्तार तिकया गया था.  यह आंचिशक रूप �े तिकया गया था पुचिल� �ंवीक्षा �े ब�ने के चिलए, आंचिशक रूप

�े गतिततिवमिध के एक नए क्षेत्र खोजने के चिलए है तिक भगत सि�ंह ने पंजाब को छोड़ दिदया और चिलए Cawnpore में तिनवा� करने के चिलए �ला गया.  वह यहाँ के �ाथ �ंपक+ में आया Sj गणेश शंकर तिवद्याथq , और दो एक जीवन भर दोस्ती का गठन तिकया है.  यह उ�के जीवन में एक महत्वपूण+ मोड़ था, तब �े वह और एक तरह का आयोजन भारत में क्रांतितकारी पाट| का अश्चिभन्न अंग बन गया है.  इ�के बाद अपने जीवन भारत में क्रांतितकारी आंदोलन की एक कहानी का तिहस्�ा था, और यह अब

हमें इ� क्रांतितकारी �ंगठन है जो भगत सि�ंह उ�के दिदल और आत्मा �मर्पिपंत कुछ खाते देने के चिलए behooves. 

  �ू�कांक के चिलए वाप� करने के 

हिद्वतीय अध्याय HINDUSTIIAN रिरपब्लिब्लकन एसोथिसएशन       यहाँ भारत में क्रांतितकारी आंदोलन के इतितहा� का पता लगाने की मुराद नहीं है. 1914 तक वहाँ गुप्त �ंगठनों तिबखरे

हुए थे, ज्यादातर बंगाल के प्रांत में है, लेतिकन यह बाहर भी कुछ. तिवश्व युद्ध के फैलने पर, तिवश्चिभन्न �ंगठनों के भारत भर में तिवद्रोह का स्तर बढ़ान े क े चिलए एक मौका देखा.  इ� उदे्दश्य के �ाथ, जल्दबाज के रूप म ें प्रख्यात

क्रांतितकारिरयों तिबहारी बो�,जतितन मुखजq , �चि�न �ान्याल , VG Pingley , �रदार करतार सि�ंह, ठाकुर Prithwi सि�ंह, बाबा �ोहन  सि�ंह और दू�रों के �ाथ शामिमल हो गए और कुछ चि�ख और के �ाथ �ंयोजन के रूप में तिवस्तृत योजना की राजपूत  रेजिजमेंटों के चिलए लाने के चिलए भारत में �शस्त्र क्रांतित के बारे में.  लेतिकन के रूप में भाग्य यह ठहराया, भीतरी

द्रऋह के माध्यम �े पूरी योजना के अलावा सि�ंगापुर में एक बढ़ती दुज�य है जो जापानी युद्धपोतों और जापानी mariners के माध्यम �े दब गया था, पंूछ.  के रूप में जल्द ही के रूप में अमिधकारिरयों क्रांतितकारिरयों की योजना की खुशबू है, तिव�ार

risings �ांठ में �ंदिदग्ध रेजिजमेंटों तिनरस्त्र तिकया गया और को भंग कर दिदया, और �शस्त्र यूरोपीय pickets उन्हें �ारों ओर तैनात थे.  इन �ैतिनकों को तो गंभीर फ्रां� में लड़ाई के्षत्र पर भेजा गया.  भारत की रक्षा अमिधतिनयम पर एक बार घोषणा की,

और पंजाब, उrर प्रदेश और बंगाल म ें 7000 �े अमिधक व्यचिक्तयों को तिगरफ्तार तिकया गया था.    1916 के क्रांतितकारी �ंगठनों झुल� रहे थे, हालांतिक वास्तव में नहीं मारे गए.

  इ� �मय तक व्यचिक्त में महात्मा गांधी की एक और भारतीय राजनीतित के क्षेत्र में प्रभाव दिदखाई दिदया था. उनका

आदश+वाद और उनके बचिलदान की अपील  बहुत �े,  के मन युवकों, जिजनमें �े कई अपने अ�हयोग आंदोलन में शामिमल होने के चिलए शुरू तिकया है.  लेतिकन "बारडोली रिरsीट, " के रूप में यह क्रांतितकारिरयों द्वारा करार दिदया गया था, और बाद अ�हयोग

आंदोलन में �ेट वाप� तिफर �े क्रांतितकारी आंदोलन के चिलए प्रोत्�ाहन दिदया ह ै 1924 तक हम तिफर �े गुप्त क्रांतितकारी �ंगठनों के springing. में बंगाल, �ामान्य रूप �े, पुराने क्रांतितकारिरयों तिफर को व्यवच्छिस्थत करने के चिलए शुरू तिकया है,

लेतिकन उन्हें एक भारी झटका 1925 के बंगाल अध्यादेश के द्वारा करने के चिलए पेश तिकया गया था.    उrर प्रदेश और पंजाब में, तिवश्चिभन्न पार्टिटंयों द्वारा आयोजिजत Sachindra नाथ �ान्याल , Jogesh �न्द्र �टजq , पंतिडत  राम प्र�ाद तिबश्किस्मल आदिद �ंयुक्त, और एक पाट| का गठन पर एक बैठक में इलाहाबाद , एक �ंतिवधान अपनाया गया था और पाट| का नाम बन गया " हिहंदुस्तान रिरपच्छिब्लकन ए�ोचि�एशन." यह इ� �ंगठन ह ै तिक भगत सि�ंह म ें शामिमल हो गए, जब वह Cawnpore में

स्थानांतरिरत कर दिदया गया था. उनकी पाट| का नाम तो बन गया " बलवंत , " जो नाम के तहत वह लेख पतित्रकाओं के चिलए कभी कभी योगदान Cawnpore का मुख्यालय था Jogesh �न्द्र �टजq , या श्री रॉय के रूप में उनकी पाट| के नाम था, पाट| के मुख्य आयोजक था और यह था के तहत Jogesh �टजq  तिक भगत सि�ंह के चिलए काम करना शुरू तिकया. 

    1926 में ( अगस्त 1925 की तारीख है: ईडी)   अच्छी तरह �े ज्ञात हुई काकोरी sेन डकैती , जिज�में ए�आरए के �दस्यों पर एक �ल sेन आयोजिजत काकोरी  के पा� लखनऊ , और �रकार के नकदी लूट चिलया है तिक sेन में तिकया जा रहा था. इ�

�क्कर म ें जोरदार पुचिल� जां� एक व्यापक प्र�ार क्रांतितकारी �ंगठन के अ�र के चिलए नेतृत्व तिकया, और बाद में  काकोरीषड़यन्त्र उनके रहस्य के कई प्रकरण का पता �ला.  यह इ� �मय था तिक भगत सि�ंह लाहौर में वाप� �ला गया.

  �ू�कांक के चिलए वाप� करने के  

अध्याय III 

अध्ययन और एहहितयात की अवथिN 

दिदल्ली तिवधान�भा बम मामले में यादगार बयान में �रदार भगत सि�ंह की घोषणा की था, " हम तिवनम्रतापूव+क इतितहा� के गंभीर छात्रों के होने का दावा है," और उ� बयान के पाठ्यक्रम में अपने व्यापक अध्ययन और �ंस्कृतित के

�ौंकाने �बूत का पता �ला.  यह �ाल 1925 और 1926 के दौरान तिकया गया था तिक भगत सि�ंह ने एक बौजिद्धक जलाशय है जो उ�े अपने जीवन के बाकी के चिलए �ामग्री की आपूर्पितं का तिनमा+ण.  वह नेशनल कॉलेज की स्थापना की थी और लाला

लाजपत राय द्वारा �लाए में शामिमल हो गए, और खुद को �मर्पिपंत इतितहा�, राजनीतित और अथ+शास्त्र के अध्ययन के चिलए पूरे मन �े.  यहाँ वह उ�के �ाथ दो अन्य �मर्पिपंत अनुयामिययों, अथा+त् था Sukhdeva और भगवती �रण , और एक या दो

Tchaikovsky और तरह रू�ी क्रांतितकारिरयों के मॉडल पर एक अध्ययन �क+ ल बनाया दू�रों के �ाथ तीन Kropotkin .  लोगों को �माज के नौकर उन्हें उदारता के चिलए indenting मददद्वारका दा�  लाइdेरी के रूप में ऐ�ी

�भी पुस्तकें के चिलए इन उत्�ाही क्रांतितकारी छात्रों द्वारा पूछा गया. ( पुस्तकों के अध्ययन की �ू�ी इ� �ाइट में दौरा तिकया जा �कता है, एड)

     हम प्रोफे�र के रूप में इ� तरह के प्रख्यात पुरुषों की गवाही है Chabil दा�  नेशनल कॉलेज और श्री राजा राम के लाइdेरिरयन द्वारका दा�  लाइdेरी उत्�ुकता के �ाथ जो भगत सि�ंह पुस्तकें तिनगल के रूप में.  नेशनल कॉलेज लाइdेरी में,

�रदार भगत सि�ंह के माग+दश+न के तहत, एक अतिद्वतीय �ंग्रह पले.  जहाँ तक हम जानते हैं, हम नहीं है, जहां उपयुक्त �ातिहत्य के इ� तरह के एक �ंग्रह को देखा.  अमिधकांश इटली, रू� और आयरलैंड में क्रांतितकारी अवमिध के इतितहा� पर

करने की तारीख के प्रकाशनों की खरीद की गई और  रू� में क्रांतितकारी आंदोलन के प्रारंश्चिभक इतितहा� पर कई दुल+भ तिकताब ें एकत्र तिकए गए.  दुभा+ग्य �े, दोहराया खोजों और पुस्तकों की बरामदगी के खात े पर, अब नेशनल कॉलेज में

पुस्तकालय में एक छोटे �े घट गई�ंग्रह,  लेतिकन अभी भी क्या अब रहता है और �रदार भगत सि�ंह की प्रतितभा और दृढ़ता के चिलए एक अच्छा गवाही जो वास्ततिवक माग+दश+न तिकया गया है इ� �ंग्रह में भावना.     हालांतिक राजनीतित के एक उत्�ाही और �मर्पिपंत छात्र, भगत सि�ंह के पूण+ पुस्तकों की मात्र अध्ययन में डूब गया था. वह

अक्�र तिवश्चिभन्न स्थानों के चिलए बाहर भागा, क्रांतितकारी दलों के गुप्त बैठकों में भाग चिलया है, गुप्त �ंगठनों के �दस्यों के �ाथ

व्यचिक्तगत �ंपक+ में आया उrर प्रदेश और बंगाल, और ध्यान भारत में क्रांतितकारी पाट| की प्रगतित को देखा.  में परीक्षण के दौरान काकोरी  षड़यन्त्र प्रकरण, वह कई बार लखनऊ आया  और जिजला जेल में कैद के तहत परीक्षण के �ाथ गुप्त �ं�ार स्थातिपत.  एक �ुझाव उनके द्वारा बाहर फें क दिदया गया था तिक कुछ करने के चिलए उन्हें जेल �े ब�ाव के चिलए तिकया जाना �ातिहए, और भगत सि�ंह ने खुद को पूरे दिदल �े इ� उदे्दश्य के चिलए एक योजना तिवकचि�त करने के चिलए व्रत.  इ� काम में वह

बाल बाल दो बार तिगरफ्तार तिकया जा रहा भाग तिनकले.  अंततः जब योजना तिवफल, वह तिफर �े Cawnpore स्थानांतरिरत कर दिदया है, जहां वह कुछ �मय के चिलए रहते.

  यह इ� �मय अपन े Cawnpore पर तिक भगत सि�ंह एक आयोजक के रूप में उनकी प्रतितभा के लक्षण दिदखाई वष+

1926 की शुरुआत में अपन े प्रवा� के दौरान तिकया गया था.काकोरी  षड़यन्त्र प्रकरण    का एक परिरणाम के रूप में , तिहन्दुस्तान रिरपच्छिब्लकन ए�ोचि�एशन बेतरतीब तिकया गया था.  �भी नेताओं को जेल में थे, और कुछ अनुभवहीन हाथ बाहर

शेष कुछ नहीं कर �का.  क े �ाथ �ंयोजन क े रूप म ें भगत सि�ंह, तिबजोय कुमार चि�न्हा Cawnpore और�ुखदेव के लाहौर,  उrर प्रदेश और पंजाब में पाट| के अवशेष को व्यवच्छिस्थत करने के चिलए शुरू तिकया.

  �ू�कांक के चिलए वाप� करने के 

चतुथA अध्याय 

क्रांहितकारी पाटP में जल्दी प्रयास     वष+ 1926, 1927 और 1928 के एक भटक और युवा भगत सि�ंह की बे�ैन आत्मा चि�त्रण के रूप में माना जा �कता है.  भावनात्मक युवाओं के दिदल में एक आग  में �ार युवकों की फां�ीकाकोरी  षड़यन्त्र प्रकरण और कई दू�रों पर भारी वाक्य

�ेट था, और अपनी पहली आवेग अपने तिप्रय �ाचिथयों की मौत का बदला लेने के चिलए गया था    वह वष+ 1927 में तिनद�चिशत इ� उदे्दश्य की दिदशा में अपनी ऊजा+ है, लेतिकन ज्यादातर अ�फल रहे थे .

     आदेश में बेहतर परिरणाम हाचि�ल करने के चिलए पाट| के महत्वपूण+ �दस्यों में �े एक बैठक Cawnpore आयोजिजत

तिकया गया था वष+ 1927 में कुछ �मय है, और यह वहाँ का फै�ला तिकया गया था तिक  पाट| का पहला काम पाट| को �ंगदिठत करने और मजबूत होगा.  दौर े पंजाब, उrर प्रदेश और तिबहार  में देखने भगत सि�ंह और इ� उदे्दश्य के

�ाथ तिवजयकुमार चि�न्हा  को �लाया और तिबखरे हुए युवाओं के �ाथ कनेक्शन स्थातिपत.     लेतिकन शायद वह �ही बयाना में इ� लाइन पर काम शुरू तिकया है जब एक अजीब  घटना हुई है, जो कुछ �मय के चिलए

उ�की गतिततिवमिधयों की जाँ�. अक्टूबर, 1926 में एक बम लाहौर में एक घने भीड़ जो के अव�र पर जमा तिकया था पर फें का गया था राम लीला जुलू�.  पंजाब पुचिल�, एक �रल तक+ द्वारा खुद को आश्वस्त तिकया है तिक यह क्रांतितकारी पाट| के काम था. यह झट �े जो उ� तारीख पर लाहौर में था एक महत्वपूण+ क्रांतितकारी के चिलए देखने के चिलए शुरू तिकया.  भगत सि�ंह के रूप में �राहनीय अपने उदे्दश्य के अनुकूल है, वे उ�े तिगरफ्तार कर चिलया और दज+ कराई उ�े बोस्ट+ल जेल  में है . वह कई दिदनों के चिलए   एक एकान्त कोठरी में एक मजिजस्sेट के �ामने या एक मौका मिमल रहा है पता नहीं क्यों उ�े तिगरफ्तार

तिकया गया उत्पादन तिकया जा रहा है तिबना बंद कर दिदया.  तिफर भी, वह एक के चिलए जहां अपने �ाचिथयों, दो �ाल और एक आधा बाद, बहादुरी राजनीतितक कैदिदयों की बहुत की बेहतरी के चिलए यादगार भूख हड़ताल में उ�के �ाथ �ाथ लडे़ तिक बहुत जेल के अंदर देखने का अव�र मिमला है.

     जब शुल्क उ�े पता �ला रहे थे वह बहुत हैरान तिकया गया था. hauled क्रांतितकारी षड्यंत्र तिव�ार है जो वह खुद ब�पन �े आदी था एक बात थी के चिलए तिक�ी भी क्षण.  लेतिकन पर तिनद�ष पुरुषों और मतिहलाओं की हत्या करने का जघन्य अपराध के �ाथ आरोप लगाया जामेला  की तरह दिदन द� �ीरा,  अपने �पनों �े परे एक बात थी.  मामले में एक लंबी अवमिध के चिलए पर घ�ीटा और �ीखा मजिजस्sेट ने उ� �े पूछा नहीं की तुलना में कम �मय के चिलए एक �ुरक्षा प्रस्तुत रुपये . 60,000 �े पहले वह  जमानत पर रिरहा तिकया जा �कता है.  पाठ्यक्रम की थी, तिक भगत सि�ंह के रूप में इ� तरह के एक परिरवार के

चिलए भारी �ुरक्षा की खरीद में अमिधक कदिठनाई नहीं है.  एक लंबे �मय तक मुकदमेबाजी के बाद, बंधन अंत में उच्च न्यायालय के आदेश �े रद्द कर दिदया गया था.  पूरे प्रकरण जो इ� प्रकार एक अपराध है जिज�के �ाथ वह भी एक की छाया

नहीं था के चिलए माफी के �ाथ भगत सि�ंह परेशान पुचिल� के तरीकों पर एक स्पष्ट कमेंटरी �ंबंध है . 

अवमिध के दौरान जब वह एक �ुरक्षा को बढ़ा दिदया गया है रुपये . 60,000 भगत सि�ंह स्वाभातिवक रूप �े क्रांतितकारी गतिततिवमिधयों में तिहस्�ा नहीं ले �कता है.  लेतिकन वे इ� अवमिध के �ाव+जतिनक गतिततिवमिधयों में वह तेजी �े आगे के चिलए आया

था में भाग लेने के द्वारा उपयोग तिकया.  भगत सि�ंह द्वारा इ� अवमिध में तिकए गए दो महत्वपूण+ बातें प्रचि�द्ध थे �ंगठन  नौजवान भारत �भा  और �ाव+जतिनक प्रदश+नों �ंबंध  के �ाथ  फां�ी  में क्रांतितकारिरयों के  काकोरीषड़यन्त्र प्रकरण.  पहली बार

पंजाब के युवाओं की �ब�े बड़ी राष्ट्रीय �ंगठन के रूप में तिवकचि�त की है, और काफी कांग्रे� की गतिततिवमिधयों को प्रभातिवततिकया. 2 " के परिरणामस्वरूपकाकोरी  दिदव� " �मारोह है जो दिदन जब �ार युवा पुरुषों एक �ाल पहले फां�ी पर लटका दिदया

गया था पर जगह ले ली. 

     जबतिक " के आयोजन में लगे हुए काकोरी  दिदव� "�मारोह, भगत सि�ंह के मन में एक तिव�ार आया भारतीय युवाओं को जो 1915 और 1916 के लाहौर षड्यंत्र मामले में वह काम करने के चिलए �ेट में उनके जीवन रखी थी के जीवन पर

�ाव+जतिनक व्याख्यान देन े और अस्पष्ट स्थानों �े फोटो एकत्र और लालटेन उनमें � े बनाई गई स्लाइड्� मिमला.  वह इन लालटेन स्लाइड के �ाथ �ंगत में उrरी भारत भर में एक व्याख्यान के दौरे पर जाने की एक तिव�ार था.    हालांतिक वह

अपनी योजना के रूप में दूर के रूप में उrरी भारत ले �कता है    सि�ंतितत है , वह लाहौर में बहुत �फल व्याख्यान का आयोजन तिकया.  लालटेन dेडलॉफ हॉल में व्याख्यान के पहले दिदन पूरे हॉल घुटन के चिलए पैक तिकया गया था और व्याख्यानों

मगन ध्यान के �ाथ �ुना गया.  यह ध्यान दिदया जाना �ातिहए तथातिप, तिक भगत सि�ंह के चिलए भारी �ुरक्षा के कारण खुद को व्याख्यान देने �े रोका गया था.  लेतिकन वह अपने लेच्छिफ्टनेंट, का तिनद�श दिदया भगवती�रण , उ�े पूण+ �ामग्री दे दी और उ�े व्याख्यान नोटों के �ाथ प्रदान की.  इन लालटेन व्याख्यान के हड़ताली �फलता के खाते पर, वे जल्द ही पंजाब �रकार द्वारा

तिनतिषद्ध तिकया गया.  यहा ं यह उल्लेख तिकया जा �कता है तिक यह वही था भगवती �रण  जिज�का नाम हाल ही में लाहौर षड़यन्त्र प्रकरण है जो 26 पर शुरू में तो प्रमुखता �े आता है. जनवरी, 1931, जिजनमें �े यह कहा गया है तिक वह मर गया जबतिक पर बम की तैयारी में एक प्रयोग पर ले जाने केखाते में  एक भयानक तिवस्फोट.  वह तिक लाहौर षड्यंत्र जो मामले में

भगत सि�ंह और एक फरार था दr लगा.         आयोजन में भगत सि�ंह के तिव�ार  नौ जवान भरत  �भा में  एक अलग रूप  �े है,  और कुछ मामलों में कांग्रे� के चिलए

एक प्रतितदं्वद्वी �ंगठन �ावधानी �े अध्ययन तिकया जाना �ातिहए. उनका दुतिनया की गरीबी �वाल के अध्ययन उ�े तिवश्वा� है तिक भारत की मुचिक्त  रखीराजनीतितक स्वतंत्रता में है, लेतिकन आम जनता की आर्थिथंक स्वतंत्रता में न केवल.  इ�चिलए एनबी की गतिततिवमिधयों �भा  तिवशुद्ध रूप �े �ाम्यवादी लाइनों पर योजना बनाई गई.  वास्तव में, यह तिवशुद्ध रूप �े एक मजदूर और

तिक�ानों के �ंगठन है, जो देश के युवाओं को �ेवा प्रदान करने के चिलए आवश्यक थे मतलब था. 

हम इ� प्रकार �रदार भगत सि�ंह के तिव�ार और दृमिष्टकोण में एक महान परिरवत+न देखते हैं. 1926-27 में, उन्होंने राय थी तिक  आतंकवाद एक क्रांतितकारी पाट| के हचिथयारों में �े एक होना �ातिहए. पद� काकोरी के�, तिवधायकों और पाष+दों की

एक रूपान्तरण के चिलए शचिक्तशाली अपील के बावजूद, उ�े एक आश्वस्त आतंकवादी बना दिदया.  लेतिकन भारत, जो उ�े करने के चिलए दुतिनया के उन लोगों के �ाथ �मान थे की �मस्याओं के अपने गहरे अध्ययन उ�े अपनी राय बदलने के चिलए नेतृत्व तिकया.  नेशनल कॉलेज, लाहौर में अपने अध्ययन के दौरान, वह धीर े - धीरे �माजवाद के चिलए परिरवर्पितंत कर दिदया

गया है, और वह रू� के चिलए राज्य में जो आया उ�के आदश+ पा� के रूप में देखना शुरू कर दिदया. 

     �ू�कांक के चिलए वाप� करने के अध्याय V

  तिहंदुस्तान सोशथिलस्ट रिरपब्लिब्लकन एसोथिसएशन

    के रूप में जल्द ही के रूप में भगत सि�ंह तिनरंकुश था  एक तिवशाल �ुरक्षा के बंधनों �े, वह क्रांतितकारी गतिततिवमिधयों में चि�र के बल तिगर गया.  एक कम �मय में वह मरणा�न्न �ंगठन है, जो Cawnpore के बावजूद जस्ती �ंकल्प,  क्षय के एक राज्य में तिकया गया था.

    इ� �मय पाट| कोई तिनश्चि/त या उनके काम की योजना �े पहले काय+क्रम के �ाथ तिवश्चिभन्न शहरों में �मूहों में तिबखर गया था.  इ� तरह के �मूहों लाहौर, में अश्किस्तत्व में थेदिदल्ली; Cawnpore, बनार� और इलाहाबाद  में उrर प्रदेश और तिबहार में

कुछ स्थानों पर   कभी कभी जुलाई में, 1928 एक प्रारंश्चिभक बैठक थी आयोजिजत  और यह तिनण+य चिलया गया था तिक    महत्वपूण+ प्रतिततिनमिध �दस्य थे �ाथ कहा जा करने के चिलए एक कें द्रीय �मिमतित के फाम+.

  इ� तिनण+य के अनु�ार, भगत सि�ंह और तिवजय कुमार चि�न्हा  देश के दौरे के बारे में शुरू तिकया, और चि�तम्बर 1928 में

एक महत्वपूण+ बैठक पुराण तिकला , दिदल्ली  म ें आयोजिजत तिकया गया . तिबहार, उrर प्रदेश, पंजाब और � े दो या तीन प्रतिततिनमिधयों राजपूताना  एक �ाथ बुलाया गया, और बैठक में दो दिदनों के चिलए जारी रखा.

     इस बैठक में भगत सिसंह एक समाजवादी कायAकताA के रूप में अपने रु3 ले थिलया है, और अपने सशC तकA के तहत कायAक्रम समाजवादी थिसद्धांतों पर तैयार हिकया गया था.  पुथिलस अथिNकारिरयों या अनुमोदकों के आज के बाद

हत्या, जो कारAवाई पाटP के कई सदस्यों को बहुत हिप्रय थे वापस जमीन में चला गया था.  अब से ही इस तरह के कायY के रूप में हिवचार हिकया गया  जन जागृहित और बडे़ पैमाने पर  करने के थिलए नेतृत्व . ( जोर जोड़ा: ईडी)

    भगत सि�ंह ने भी तिहन्दुस्तान रिरपच्छिब्लकन ए�ोचि�एशन �े तिहन्दुस्तान �ोशचिलस्ट रिरपच्छिब्लकन ए�ोचि�एशन के चिलए पाट| के नाम को बदलने के चिलए आग्रह तिकया.  प्रस्ताव 1 �बल उrर प्रदेश जो घोषणा की है तिक राम प्र�ाद के रूप में इ� तरह के

प्रचि�द्ध क्रांतितकारी नेताओं द्वारा अपनाया नाम � े प्रतिततिनमिधयों न े तिवरोध तिकया था तिबश्किस्मल , �चि�न �ान्यालऔर Jogesh �टजq  प्रतित_ा का एक अच्छा �ौदा हाचि�ल तिकया है, और इ�े बदल नहीं तिकया

जाना �ातिहए.  लेतिकन अंत में भगत सि�ंह के प्रस्ताव को स्वीकार कर चिलया गया. 

इ� बैठक में यह भी तय तिकया गया तिक �ंगठन को मोटे तौर पर दो �मूहों, �तिक्रय �मूह और �हानुभूतित रखने वालों में तिवभाजिजत तिकया जाना �ातिहए.  �तिक्रय �मूह हचिथयार और गोला - बारूद इकट्ठा करने में लगे हुए है, आतंकवाद की योजना

�े बाहर ले जाने में, और �मूह को तिवकचि�त करने की कोचिशश करेंगे कार+वाई  बड़े पैमाने पर कार+वाई में    इ� �मूह में हिहंदुस्तान �ोशचिलस्ट रिरपच्छिब्लकन आमq के रूप में जाना जाता है.  यह �हानुभूतित रखने के काम करने के चिलए व्यचिक्तगत

योगदान और �ाव+जतिनक �दस्यता �े पै�े इकट्ठा करने के चिलए आश्रय के चिलए व्यवस्था की   �तिक्रय �मूह के �दस्यों और प्र�ार पर ले. 

    यूपी �े प्रत्येक के दो �दस्यों के �ाथ एक केन्द्रीय �मिमतित का गठन तिकया गया था, पंजाब और तिबहार और �े एक �दस्य राजपूताना .  भगत सि�ंह �मिमतित के एक �तिक्रय और महत्वपूण+ �दस्य बन गया है, और तिवजय कुमार  चि�न्हा को बनाए

रखने के आरोप में अंतर  प्रांतीय सिलंक. पाट| के मुख्यालय में स्थातिपत तिकया गया था झां�ी  के आरोप में Sj कंुदन लाल  जो का प्रतिततिनमिध था राजपूताना  कें द्रीय �मिमतित में. �ंद्रशेखर आजाद , आधा दज+न �तिहत राजनीतितक मामलों में

फरार काकोरी प्रकरण, और जो मर गया है  इतनी  बहादुरी अल्फे्रड पाक+ में, पुचिल� के �ाथ एक �गाई में  इलाहाबाद के 27 फरवरी, 1931 �तिक्रय �मूह के चि�र, तिक है, �ेना थी.  भगत सि�ंह �तिक्रय �मूह में नेताओं और एक जोरदार प्र�ारक भी की

जा रही है एक अतिद्वतीय च्छिस्थतित थी.

    उ�ी बैठक म ें यह भी तिनण+य चिलया गया था तिक HSR �ेना के �दस्यों को घर छोड़न े के चिलए और हटा देना �ातिहए कनेक्शं�  परिरवार के �ाथ है और पाट| के चिलए अपने काम के प्रतित पूरी ऊजा+ हटाने �ातिहए.  के रूप में धार्मिमंक

�ांप्रदामियकता भी tabooed तिकया गया था, भगत सि�ंह को खुद को चि�ख धम+, �भी जावक प्रतीकों में �े अपहरण तिकया था मैं . ई,  वह अपने बाल छोटे कट और दाढ़ी था.

शीघ्र ही, पाट| के मुख्यालय �े झां�ी  आगरा के चिलए  स्थानांतरिरत कर दिदया गया . यहां, दो मकान तिकराया, और कई युवा पुरुषों पर घर छोड़ने के बाद ले जाया गया,  और रिरश्तेदारों, वहाँ आया और एक �ाथ रहते थे.  युवा पुरुषों बोलना

गरीबी में रहते थे, पाट| के चिलए धन की जरूरत में हमेशा �े था.  एक �मय लगातार तीन दिदन और रातों के चिलए, वहाँ �ाय के एक कप को छोड़कर पूरी तरह �े खाने के चिलए कुछ भी नहीं था.  आगरा के भयानक �र्टिदंयों की रातों में, वे केवल दो या

तीन के बी� 8 या 9 पुरुषों व्यावहारिरक रूप �े कोई �ाथ �ाझा कंबल थाBEDING .. हालांतिक भगत    सि�ंह के  घर पर एक तिवलाचि�तापूण+ जीवन जीने का आदी था, तिफर भी वह दुखी एक पल के चिलए कभी नहीं मह�ू� तिकया इन परिरच्छिस्थतितयों

में की कोचिशश कर रहा है. 

     अपने अध्ययन के थिलए उत्साह के साथ बढ़ती, भगत सिसंह को आगरा में एक छोटा सा पुस्तकालय का हिनमाAण करने के थिलए शुरू हिकया.  इस उदे्दश्य के साथ वह बारे में घूमा करते थे, सहानुभूहित र3ने वालों से पुस्तकों के थिलए भी3 माँग.  एक कम समय में एक छोटा सा पुस्तकालय हालांहिक हिवशिशष्ट यहाँ बड़ा हुआ, और सबसे महत्वपूणA के

बीच अनुभाग  हिकताबें पाठ्यक्रम के थे, अथAशास्त्र ( जोर जोड़ा: एड)     भगत सि�ंह के अध्ययन और �माजवाद पर ��ा+ बेरोकटोक पर �ला गया.  पूरी पाट| में वह शायद और अध्ययन के

तिवस्तार और गहराई में कोई भी दू�रा था.  जबतिक �ामान्य �ातिहत्य का अध्ययन, वह अक्�र लाहौर षडं्यत्र मामले के दौरान दिदल हड़ताली और �ंुदर माग+ द्वारा, और जेल में लाने के चिलए इस्तेमाल तिकया वह अक्�र enlivened और स्मृतित �े �ंुदर माग+ reproducing द्वारा अपने �ाथी कामरेड �मकाया.

   �ू�कांक के चिलए वाप� करने के

अध्याय VI Saunders हत्या     अब हम एक ऐतितहाचि�क घटना है जो �रदार भगत सि�ंह के जीवन में इ� तरह के एक तिनणा+यक भूमिमका तिनभाई थी �ंबंमिधत.  हम यहाँ भारत में �ाव+भौमिमक तिवरोध, या उ�ी के बाद राष्ट्रव्यापी बतिहष्कार के दांत में �ाइमन कमीशन की तिनयुचिक्त

के इतितहा� पर ध्यान केजिन्द्रत करने की जरूरत नहीं है.  में प्रदश+नों के �ंबंध  �ाइमन कमीशन का बतिहष्कार के �ाथ बहुत लोकतिप्रय उत्�ाह जगाया.

     कई स्थानों का दौरा करने के बाद आयोग को 30 अक्टूबर 1928 को लाहौर में आने के चिलए था.  �ाइमन कमीशन का

बतिहष्कार करने के चिलए एक बहुत बड़ा जुलू� लाहौर में आयोजिजत तिकया गया था.  लेतिकन �रकार  अमिधकारिरयों Sec के आवेदन की घोषणा की थी. 144, और पुचिल� के चिलए तिक�ी भी प्रदश+न को रोकने के आदेश दिदए थे.  जुलू� -

ists और पुचिल�, और लाला लाजपत राय �तिहत कई कांग्रे� काय+कता+ओं के बी� एक �ंघष+ था, पुचिल� द्वारा पीटा गया.  कुछ �मय बाद, लाला लाजपत राय 17 नवंबर को तिनधन हो गया. लोगों का मानना है तिक लाला मौत

की धड़कन वह प्राप्त तिकया था की वजह �े था.   श्रीस्कॉट, लाहौर पुचिल� के वरिर_ अधीक्षक, पुचिल� मार और श्री Saunders, पुचिल� के एक �हायक अधीक्षक के रूप में लोकतिप्रय माना जाता है की धड़कन के �ाथ जुड़ा हुआ

है के चिलए जिजम्मेदार ठहराया गया था लाला . 17 दिद�ंबर की शाम को, 1928 श्री Saunders पुचिल� काया+लय के ब� �े पहले हत्या कर दी गई थी, Chanan सि�ंह, कांस्टेबल, जो हमलावरों का पीछा करना �ाहता था, हत्या कर दी गई थी जिज�के बाद अपरामिधयों भाग गया और नहीं पता लगाया जा �कता है.

      अगली �ुबह पुचिल� की खोज बोल्ड लाल में मुदिद्रत शीष+क के �ाथ शहर में तिवश्चिभन्न स्थानों पर कई पोस्टर

दीवारों पर चि�पकाया:.   " तिहन्दुस्तान �ोशचिलस्ट रिरपच्छिब्लकन आमq," जो नी� े मोटे अक्षरों म ें चिलखा गया था: "Saunders मर �ुका है, लाला  बदला चिलया, " और कार+वाई के औचि�त्य में कुछ अन्य तिवषय.     इ� तरह की घटना के नंगे रूपरेखा इतितहा� है.  जय की कथा गोपाल , लाहौर षड्यंत्र मामले में एक गवाह, हम

पूरी कहानी तिफर �े �ंगदिठत कर �कते हैं.     कभी दिदन लाला लाजपत  राय की  मौत के  बाद �े  पंजाब �मूह की मौत का बदला लेने की योजना पर तिव�ार

कर रहा था लाला  की हत्या �े पुचिल� अमिधकारिरयों ने के चिलए जिजम्मेदार थे लाला  की धड़कन है तिक उ�की मौत के चिलए अंततः का नेतृत्व वे इ� में दो गुना की वस्तु थी : लोकतिप्रय आंदोलन की ओर मोड़ दे 1 v iolence , और

दू�रे, तिक दुतिनया को दिदखाने के लाला  की धड़कन भारत द्वारा झूठ बोल नहीं चिलया गया था. कार+वाई �ंयोग �े भारत में एक क्रांतितकारी पाट| के अश्किस्तत्व को तिवज्ञातिपत करने के चिलए था.

    इ� प्रयोजन के चिलए यह तिनण+य चिलया गया तिक भगत सि�ंह और Shivaram  राजगुरुजीवन पर प्रया� करना �ातिहए. के श्री स्कॉट, ए�ए�पी रिरवाल्वर क े �ाथ. पंतिडत, �न्द्रशेखर आजाद  म ें फरार 1926 के काकोरी  षड़यन्त्र प्रकरण, पूरी कार+वाई प्रत्यक्ष और एक रिरयर गाड+ के रूप में काम करने के चिलए गया था.

    पूरी �ाजिजश �ावधानी �े तिव�ार तिकया गया था और पूरा व्यवस्था उ�ी के चिलए तिकए गए थे. मूलतः, यह इन तीन युवकों का इरादा करने के चिलए पुचिल� के �ाथ और यदिद �ंभव हो तो एक घमा�ान युद्ध लड़ने के चिलए,

उनके जीवन लड़ करना था.  इ� तिव�ार म ें व े की कहानी � े पे्ररिरत थे Jotindrer नाथ मुखजq  और उनके �हयोतिगयों, जो बजाय पुचिल� �े पहले उड़ान की और उनकी त्व�ा को ब�ाने �ाह�पूव+क  उन्हें �ामना करना

पड़ा है और एक रालदार रिरवाल्वर लड़ाई में तिनधा+रिरत उनके जीवन, 1916 में कुछ �मय  वे मानते हैं तिक इ� तरह �े वे युवाओं की कल्पना को जगाना करने में �क्षम हो �कता है और उन्हें क्रांतितकारिरयों के रैंक में लाना होगा .

      लेतिकन योजना के दो मामलों में तिवफल रहा है.  श्री स्कॉट के बजाय वे श्री Saunders की हत्या कर दी. तिफर, के रूप में पुचिल� उन्हें का पालन नहीं तिकया था, एक रालदार लड़ाई के चिलए अपनी इच्छा, नहीं  पूरा तिकया जाना है.  केवल एक पुचिल� अमिधकारी, अथा+त् श्री फन+, पुचिल� काया+लय के बाहर आया शॉट के बाद तिनकाल दिदया गया

था तिक श्री Saunders को मार डाला.  लेतिकन उ�के चि�र �े �क्करदार दो गोचिलयों भी मजबूत वाप� लौटने के चिलए एक तक+ को �ातिबत कर दिदया. केवल Chanan  सि�ंह उन का पालन करने के चिलए तिहम्मत की.  वह करने के चिलए पीछा देने entreated था, लेतिकन उ�के ऐ�ा करने �े मना करने पर, वह भी गोली शॉट्� के द्वारा मारा गया

था.     तीन तो डीएवी कॉलेज बोर्डिंडंग हाउ�, जो में था करने के चिलए �ला गया खो , पुचिल� के चिलए प्रदर्थिशंत करने के

चिलए इंतज़ार कर.  लेतिकन जब कोई नहीं आया, वे दो �ाइतिकल, जिजनमें �े एक एक �क्र डीलर �े एक मजबूर ऋण के रूप में चिलया गया था पर आश्रय के अपने स्थान को लौट गया.      ज�ैे ही भगत सि�ंह और उनकी पाट| के डीएवी कॉलेज बोर्डिंडंग हाउ� छोड़ दिदया है, पुचिल� ने पूरी ताकत में

दृश्य पर दिदखाई दिदया, बोर्डिंडंग घर को घेर चिलया, हर नुक्कड़ और कोने खोज करने के चिलए शुरू तिकया है, और �भी बाहर तिनकलता है और प्रवेश द्वार अवरुद्ध.  न केवल तिक.  �भी बाहर में और लाहौर के प्रमुख �ड़कों पर

�शक्त पुचिल� बल तैनात तिकया गया है, रेलवे स्टेशनों �ीआईडी पुरुषों �े भरा बन गया है, और �भी युवा पुरुषों छोड़ने लाहौर रहे थे  ध्यान �े  छानबीन की.  लेतिकन तीन युवकों को पुचिल� के �भी प्रया� तिनराश और �ुरश्चिक्षत रूप

�े लाहौर �े दूर हो गया.     कपट है तिक भगत सि�ंह को अपनाया के रूप में �ालाक था के रूप में यह बोल्ड था  .  वह एक युवा �रकारी

अमिधकारी के रूप में कपड़े पहने, एक बड़े अमिधकारी का नाम, उ�की �ड्डी और portmanteaux पर उ� नाम के लेबल डाल को अपनाया है, और एक खूब�ूरत औरत की कंपनी में, उन लोगों के �ेहरे में एक �ेंsल रेलवे

स्टेशन पर प्रथम श्रेणी के तिडब्ब े entrained बहुत �ी. मैं D.Officials  जो तिवशेष रूप �े श्री Saunders के हत्यार े की तिगरफ्तारी के चिलए भेजा गया है  वह एक पूरी तरह �े व्यवच्छिस्थत के व्यचिक्त में कपड़े पहने राजगुरु ,

अपरिरहाय+ �ाथ  उ�के हाथ में दिटतिफन वाहक, जातिहर है, �भी �भी के चिलए पूरी तरह �े लै� थ ेआपातकालीन .     �न्द्र शेखर आजाद  एक �रल तरीका अपनाया.  वह के चिलए एक तीथ+ पाट| मथुरा , पुराने देतिवयों और �ज्जनों

के �ाथ, और एक dाह्मण की क्षमता में  एक रूदिढ़वादी शैली में पंतिडत , उन्हें ले गए, और खुद को लाहौर के बाहर!  

  �ू�कांक के चिलए वाप� करने के

अध्याय V हिद्वतीय

  आगे की गहितहिवथिNयों

    भगत सि�ंह के रूप में एक व्यचिक्तत्व अवांचिछत  �ाथ  �ीआईडी पुचिल�, उनकी पहली परिरकल्पना एक �ंभातिवत अपराधी के रूप में उ�का नाम भी शामिमल हैं.  तो वे उ�के चिलए चिशकार करने के चिलए शुरू तिकया.  लेतिकन बाद �े

�ुरक्षा बांड उच्च न्यायालय द्वारा रद्द कर दिदया गया है, पुचिल� ने भगत सि�ंह के तिक�ी भी �ुराग नहीं मिमल �कता है. पुचिल� अमिधकारिरयों को गोपनीय परिरपत्रों में तिनद�शों के नी�े रखा गया था उ�े तिगरफ्तार करने के चिलए जब भी

वह पाया जा �कता है.  तिवशेष पुचिल� अमिधकारिरयों को उ�के दिठकाने का पता लगाने के चिलए भेजा गया. पुचिल� कांस्टेबल जो उ�े जानता था बडे़ जंक्शनों पर तैनात थे, और एक �ख्त नजर रेलवे पुचिल� द्वारा रखा गया था.

      ऐ�े अतितवादी उपायों के बावजूद, भगत सि�ंह के बारे में तिनडर घूमा करते थे.Saunders हत्या की �फलता पाट| के चिलए प्रतित_ा लाया था, और यह छात्रों के बी� काफी �न�नी पैदा कर दी.  इ�के बाद, पाट| की मौदिद्रक च्छिस्थतित में �ुधार करने के चिलए शुरू तिकया.  बहुत रात जब हत्या के चिलए प्रतितबद्ध था, कुछ युवकों ने लाहौर में एक तिकराए के मकान में रहते थे तो पै�े की कमी है तिक वे रात में प्रकाश के चिलए नहीं की व्यवस्था कर �कता है �मूह

�ला था.  लेतिकन कुछ ही दिदनों में वे �दस्यता जो हटाया उनके आर्थिथकं कुछ �मय के चिलए करना �ाहते प्राप्त करने के चिलए शुरू तिकया.

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रे� के कलकrा अमिधवेशन अब शुरू करने के बारे में था, और यह तिनण+य चिलया गया है तिक भगत सि�ंह और तिवजय कुमार चि�न्हा  वहाँ जाने के चिलए च्छिस्थतित का अध्ययन करना �ातिहए, और स्थातिपत करने के

चिलए  बंगाल रिरवोल्यूशनरी पाट| के �ाथ  �ंबंध है .  म ें उrर प्रदेश म ें तिगरफ्तारी के बाद �े   �ंबंध के �ाथ  काकोरीके� और बंगाल में बंगाल आपरामिधक कानून �ंशोधन अमिधतिनयम के कठोर आवेदन, उrर प्रदेश और

बंगाल के बी� �ंबंध  टूट गया था. देवघर  षड़यन्त्र प्रकरण श्रृंखला में अंतितम कड़ी तोड़ दिदया.    बंगाल में क्रांतितकारी �ंगठनों के इनर �क+ ल में प्रवेश पाने के चिलए भगत सि�ंह के चिलए बहुत मुश्किश्कल नहीं था.  वह बहुत आंदोलन के दिदग्गज नेताओं ने जेल में अपने जीवन के अमिधक �े अमिधक भाग तिबताया था को पूरा

करने के चिलए प्रभातिवत हुआ था.  लेतिकन उन्होंने पाया तिक वे भगत सि�ंह और उrर प्रदेश और पंजाब में उनकी पाट| द्वारा अपनाई गई तिवमिधयों में कोई तिवश्वा� नहीं था.  केवल एक बात में वे �ब �हमत थे, अथा+त् देश की स्वतंत्रता

के बारे में लाने के चिलए एक �शस्त्र क्रांतित की परम आवश्यकता है.  लेतिकन एक �माजवादी दृमिष्टकोण की जरूरत है, पाट| में आतंकवाद की जगह के रूप में इ� तरह के अन्य मामलों में  काय+क्रम , गोपनीयता, आदिद की जरूरत है, वे व्यापक रूप �े मतभेद था.

    उ� े करन े के चिलए कुछ पुरान े आतंकवादिदयों के �ाथ उनकी बात�ीत बाहर तिवतिनमा+ण बम की जरूरत खोला.  देखने में इ� उदे्दश्य के �ाथ वह एक प्रचिशश्चिक्षत तिवशेषज्ञ जो उनकी पाट| बम के तिनमा+ण में पूरी प्रतिक्रया को

चि�खा �कते हैं के चिलए बाहर देखने के चिलए शुरू तिकया.  कुछ कदिठनाई के �ाथ वह एक तिवशेषज्ञ की �ेवाओं को �ुरश्चिक्षत.  वह पहली बार में जिझझक, कह रही है तिक बंगाल की क्रांतितकारी पाट| के एक �दस्य के रूप में, उन्होंने

पाट| नेताओं को जो तिनमा+ण के अस्वीकृत या बम के उपयोग के अनुशा�न के तहत तिकया गया था.  लेतिकन भगत सि�ंह अंततः उ�े यकीन है तिक बंगाल के चिलए �� हो �कता है तिक उrर प्रदेश या पंजाब के चिलए �� नहीं था, और कहा तिक बम के तिनमा+ण का उपयोग उन प्रांतों के चिलए प्रतितबंमिधत तिकया जाएगा, जिज��े शांतित में बंगाल छोड़ने

के अपने काय+क्रम के चिलए बाहर काम.   बम के तिनमा+ण के चिलए व्यवस्था करने के अलावा, भगत सि�ंह HSR ए�ोचि�एशन की तिबहार शाखा के नये भतq के �दस्यों के �ाथ व्यचिक्तगत �ंपक+ में आने के चिलए �क्षम था.  एक नए कें द्र के आरोप में

कलकrा में स्थातिपत तिकया गया था तिबहारी�दस्य. एक assylum  भी यहाँ स्थातिपत तिकया गया था फरार को शरण दे. डीलरों की �हानुभूतित रवैया के कारण, बम के तिनमा+ण के चिलए आवश्यक �ामग्री और र�ायनों को आ�ानी रहे थे. की

खरीद में    यह तिनण+य चिलया गया तिक तैयारी आगरा, जहां एक नया घर इ� उदे्दश्य के चिलए तिकराए पर चिलया गया था पर तिकया जाना �ातिहए.    बम तिवशेषज्ञ पहंु�े तिनयत �मय पर, और एक �मूह का �यन करने के चिलए पूरी प्रतिक्रया चि�खाया.  अगले दो महीनों के चिलए, पाट| के तिनमा+ण में लगे रहे इन  घातक हचिथयारों.  आगरा के अलावा, लाहौर और �हारनपुर  भी बम तिवतिनमा+ण

कें द्र के रूप में इस्तेमाल तिकया गया.      दो बम है तिक आगरा में तिनर्मिमंत तिकया गया है के पहले बै�  के चिलए ले चिलया गया झां�ी  जहां वे उनके फोड़ क्षमता प्रयोग

करने के प्रयोजन के चिलए तिवस्फोट तिकया गया.  �दस्यों को काफी परिरणामों �े �ंतुष्ट तिकया गया है प्रतीत होता है.

    इ� �मय पाट| के �दस्यों की एक गंभीर रूप �े बीमार जो अंततः �े�क की एक तिवषमय प्रकार �ातिबत हुई तिगर गया.  भगत सि�ंह और उनके �ाचिथयों दिदन और रात उ�े पाले, खुद को शामिमल जोखिखम की परवाह तिकए तिबना.  यह मुख्य रूप

�े इन युवा पुरुषों तिक उ�की जान ब�ाई थी �ावधान नर्सिं�ंग के कारण था. लेतिकन, कहने के चिलए अजीब बात है, यह वही आदमी है जो बाहर उनकी तिगरफ्तारी के एक कम �मय के भीतर कोई अनुमोदक बदल गया है, और बहुत ही कामरेड जो

इतना अपने गंभीर बीमारी के दौरान अपने जीवन को ब�ाने के चिलए तिकया था फं�ा था.

  �ू�कांक के चिलए वाप� करने के

  अध्याय आठवीं

हिवNानसभा बम Outrage

    अपै्रल, 1929 �े 8 पर, शाही, दिदल्ली शहर के �ब�े रंगीन �श्मा है तिक यह कभी भी देखने के चिलए तिकस्मत में है, जब एक तिहन्दुस्तान �ोशचिलस्ट रिरपच्छिब्लकन ए�ोचि�एशन के दो प्रतिततिनमिध तिक�ी का ध्यान नहीं तिवधान�भा �ैंबर में प्रवेश देखा और �ीटों की दिदशा में दो बम फें क दिदया �रकारी अमिधकारिरयों द्वारा कब्जा कर चिलया.  शोर गगनभेदी बम तिवस्फोट और घने धुएं के �ाथ कमरे में कवर तिकया.  बें� के पा� जो बम तिगर गया टुकड़े करने के चिलए टूट गए थे, और मंजिजल के एक तिहस्�े को भी hollowed. लेतिकन, कुछ मामूली खरों� के अलावा, कोई भी तिक�ी भी �ोट प्राप्त तिकया.

      तिवधान�भा द्वारा प्रस्तुत दृश्य तिवस्फोट श्चिभखारी वण+न के बाद तुरंत �ैंबर.  बगल के कमरे जहां वीर के �दस्यों को भाग गए के रूप में यदिद बहुत शैतान द्वारा अपनाई की दिदशा में एक भीड़ थी.  यह बताया गया तिक भी शौ�ालयों इन �ज्जनों जो

इमारत के हर नुक्कड़ और कोने में शरण मांगी है �े मुक्त नहीं थे.

    इन प्रकुल्ल दृश्यों क े बी� कुछ �दस्यों कांप रह े थे, अग्रणी जिज�े बी� पंतिडत मोती लालनेहरू, पंतिडत मदन मोहन मालवीय  और क े रूप म ें �त्य बात तिकया जाना �ातिहए, �र जेम्�Crerar .  आगंतुकों गैलरी भी एक �ुन�ान उपच्छिस्थतित प्रस्तुत तिकया.  लेतिकन लो!  इ� �रकारी पक्ष की ओर, कें द्रीय गेट

और गैलरी ' मतिहलाओं के बी� बी� में दो युवकों, तिनडर और शांत, अगर के रूप में गोता गहरी देखा जा �कता है , भतिवष्य की दृमिष्ट!  वे दो ऐतितहाचि�क आंकडे़, �रदार भगत सि�ंह और Sj . Batukeswar दr .

        तिवधान �भा हॉल के फश+ पर बम तिवस्फोट के चिलए अव�र भी बहुत महत्वपूण+ था.  के एक आतंकवादी प्रकार श्रम बंबई

में आंदोलन और आंदोलन में भाग लेने के �फलता  के कारण , �रकार ने यह �ो�ा था तिक तिवधान�भा के माध्यम �े जल्दी उचि�त एक  तिबल है जो एक के रूप में काम तिकया होता है श्रम आंदोलन  की जाँ� करें .     भगत सि�ंह और दr  परिरषद द्वार पर तैनात पुचिल� sergeants द्वारा अप्रत्यक्ष �ैंबर में प्रवेश कर �कता है पुचिल� के

चिलए एक रहस्य बनी हुई है.  उनके आ/य+ जब वे �ीखना होगा तिक वे न केवल तिक तिवशेष तितचिथ पर प्रवेश द्वार है अमिधक �े अमिधक हो जाएगा, लेतिकन है तिक वे तिपछले 3 या 4 दिदनों के चिलए तिकया गया था तिवधान�भा हॉल में जा रहा है, के रूप में

तथ्य था.  यह दो कारणों के चिलए �ंभव था, 1, क्योंतिक वे �ालाकी थे  कपडे़ पहने , और जै�े, �ंदेह नहीं जगाना, और दू�रा, क्योंतिक वे आगंतुकों गुजरता खरीद की थी    लगातार तीन दिदनों के चिलए, वे हॉल में एक जेब में एक पूरी तरह �े �ाज+ बम

और दू�रे में एक भरी हुई रिरवाल्वर के �ाथ �ला गया    उन्होंने पाया और �ब�े मनोवैज्ञातिनक क्षण के चिलए इंतजार कर रहे थे, और जब �मय आया, वे शांतित �े बाहर उनकी योजना तिकए रूप में अगर यह एक माचि�� प्रकाश की तुलना में और

अमिधक गंभीर कुछ भी नहीं था. 

हम यहाँ तथ्य यह है पर जोर देना �ाहते हैं, तिक उन दोनों के चिलए पया+प्त अव�र अच्छा उनके ब� कर रहा था, अगर वे ऐ�ा वांचिछत.  यह एक तिव�ार की योजना का तिहस्�ा था तिक वे शांतित �े पुचिल� को आत्म�मप+ण कर दिदया और इ� तरह

जानबूझकर और स्वेच्छा �े खुद की पेशकश की, जो तिक प्रकृतित के एक अमिधतिनयम के कमीशन के बाद अपरिरहाय+ था तिक भयानक दंड के चिलए.

     उनमें �े हर एक पूरी तरह �े भरी हुई रिरवाल्वर था, और अगर वे ऐ�ा कामना की है, वे इन का उपयोग हो �कता है के

चिलए कई �रकारी अमिधकारिरयों ने तिक�ी न �ल रहे थे मार  न तिक�ी तरह  अलग अलग दिदशाओं में.  लेतिकन वे ऐ�ा कुछ भी

नहीं तिकया.  वे बाहर ले उनके रिरवाल्वर, और पुचिल� sergeants जो घटनास्थल पर जल्दबाजी था की आँखों के �ामने, उन्हें आ�पा� के कुर्थि�ंयों पर नी�े डाल दिदया.  तब वे बाहर चि�ल्लाया, दोनों को एक �ाथ: " लांग क्रांतित जी," �ाम्राज्यवाद के �ाथ

नी�े रोता है जो भारत में पहली बार के चिलए उनके द्वारा बोला गया और जो जल्द ही भारत के युवाओं का �ाव+भौमिमक रोना बन गया ".  इ�के �ाथ ही इन �ीखती के �ाथ व े शीष+क के �ाथ एक लाल पुश्किस्तका के बंडल फें क,

"शुरू हिहंदुस्तान  �ोशचिलस्ट रिरपच्छिब्लकन आमq " और एक उत्�ाही लाल लेटर हेड पर टाइप अपील.  ये पत्र चि�र उ�ी के रूप में के अव�र पर इस्तेमाल तिकया गया Saunders मड+र के�. ", यह एक ज़ोर की आवाज़ लेता �ुनने के चिलए बहरा" अपील

शुरू तिकया, और फ्रें � अराजकतावादी, Valliant के उदाहरण उद्धतृ, वे उनके अश्चिभनय को उचि�त, और आग्रह तिकया: "लोगों के प्रतिततिनमिधयों को उनके लौटने तिनवा+�न के्षत्रों और आने वाले क्रांतित के चिलए जनता तैयार है. "

        इन पत्रक, दो पुचिल� sergeants और कांस्टेबल के एक नंबर �े बाहर फें कने के �ाथ तुरंत मौके पर पहंु�े और चिलया भगत सि�ंह और  दr ने  तिहरा�त में.  लेतिकन इ��े पहले तिक वे क्षेत्र �े गायब हो गया है, वे तिफर �े चि�ल्लाया, " लांग क्रांतित जी",

और " �ाम्राज्यवाद के �ाथ नी�े" जो हॉल के माध्यम �े reverberated और घबराए हुए दश+कों को �तिकत.         �ू�कांक के चिलए वाप� करने के 

 अध्याय 

हिवNानसभा बम Outrage (Contd.)

      तिवधान�भा बम नाराजगी के रूप में  �रदार भगत सि�ंह के जीवन म ें न केवल �ब� े महत्वपूण+ घटना है, लेतिकन क्रांतितकारी भारत के इतितहा� में भी है , यह करने के चिलए तिव�ार - तिवमश+ तिकया और फुलर तिवस्तार �े �मझाया की जरूरत

है.  क्या हम पूव+गामी अध्याय में तिवस्तार �े बताया है आम इतितहा� का एक मामला है.  लेतिकन यह जरूरी है तिक �ीजें हैं जो परदे के पीछे क्या हुआ इतना है तिक एक एक उचि�त ऐतितहाचि�क परिरपे्रक्ष्य में आ �कता है �े �ंबंमिधत है. 

तिहन्दुस्तान �ोशचिलस्ट रिरपच्छिब्लकन ए�ोचि�एशन की कें द्रीय �मिमतित के, जबतिक श्री स्कॉट की हत्या की योजना बना रहे हैं, न केवल �जा के बारे में �ो�ा है वे   व्यचिक्त जो लज्जाकर के चिलए जिजम्मेदार था पर थोपना लाठी  महान राष्ट्रीय नेता पर �ल

रही है, लेतिकन वे लड़ाई है तिक वे प्रत्याचिशत पर अमिधक जोर दिदया है.  वे अपनी कल्पना में भगत सि�ंह की एक तस्वीर, पुचिल� की गोचिलयों के �ाथ riddled, एक वीर लड़ाई के बाद कब्जा कर चिलया बनाया.  एक अपरिरहाय+ परिरणाम के रूप में इ�

तस्वीर के बार े में, व े की योजना बनाई थी तिक भगत सि�ंह एक �ाहचि�क बयान करने, क्रांतितकारी पाट| के चि�द्धांतों, क्रांतितकारी तिवश्वा� दोहराते enunciating, और फाँ�ी का तख़्ता में एक कदम के �ाथ आगे के युवाओं के चिलए एक अपील

भेजना होगा देश.  वे मानते हैं तिक इ� तरह के एक अपील क्रांतितकारी पाट| के कारण को आगे बढ़ाने में काफी अ�र होगा.    जब इन प्रत्याचिशत परिरणाम के बारे में नहीं आया था, वे कुछ और के बारे में �ो�ना शुरू कर दिदया.  इ� �मय बम्बई के श्रम  �ंघों लगे हुए थे में  मिमल माचिलकों के �ाथ एक ज़ोरदार �ंघष+. अ�ानक भारत �रकार �माजवादी काय+कता+ओं के

खिखलाफ एक अश्चिभयान शुरू तिकया है और उनमें �े एक नंबर में देश के तिवश्चिभन्न भागों में तिगरफ्तार तिकया गया था.  जल्द ही यह ज्ञात हो गया तिक अमिधकारिरयों को उन्हें क्या रूप में जाना जाता है पर मुकदमा �लाने के �ाहता थामेरठ  षड़यन्त्र प्रकरण.

     शायद ही म ें आंदोलन था �ंबंध  इन तिगरफ्तारिरयों के �ाथ थम गया जब �रकार sेडों तिववाद तिवधेयक में लाया. laborites  माना जाता है तिक इ� तिवधेयक अगर पारिरत sेड यूतिनयन आंदोलन पर तिवनाशकारी प्रभाव हो.     क्रांतितकारी पाट| इ� तरह के एक अव�र के चिलए उत्�ुक था.  आगरा में HSRA के मुख्यालय में ��ा+ हर दिदन था, और

भगत सि�ंह के पाट| �े आग्रह तिकया तिक इ� तरह की कार+वाई है जिज�के द्वारा वे �ाथ HSRA की एकजुटता दिदखा �कता लेन े के श्रम  और तिक�ान आंदोलनों.  बाद में, एक में  बैठक  दिदल्ली म ें आयोजिजत पाट| की, यह तिनण+य चिलया गया तिक

बीके दr  और एक अन्य व्यचिक्त के जाने के चिलए और बम के �ाथ तिवधान �भा में �रकारी पक्ष पर हमला करना �ातिहए.     हम नी�े के बयान �े भाग पुन: पेश हं�राज वोरा , लाहौर षड्यंत्र मामले में एक गवाह के रूप में 26 नवम्बर की 1929

में मजिजस्sेट की अदालत में काय+वाही में दज+ की गई. ये, स्पष्ट रूप �े पूरी बात �मझा जाएगा.  

        " तिवधान�भा बम नाराजगी के बाद दो या तीन दिदनों Sukhdeva  तिफर गवाह �े मुलाकात की ( हं�राज  नहर के पा�, अनुमोदक).  उ� �मय Sukhdeva  उ�े पता �ला तिक भगत सि�ंह और बीके तस्वीरें दr , और उ�े बताया तिक पाट| दिदल्ली

की बैठक में तिनण+य चिलया था, तिक भगत सि�ंह और दr  खुद को पुचिल� के हवाले तिकया गया इतना है तिक वे जिज��े व्याख्या करने में �क्षम हो �कता है क्रांतितकारी पंथ और दश+न  द्वारा  अदालत में एक बयान के माध्यम.  के अनु�ार Sukhdeva ,

तिवधान�भा में बम फें कने का उदे्दश्य था तिक वे sेडों तिववाद तिवधेयक और �ाव+जतिनक �ुरक्षा तिवधेयक के अनुचि�त प्रावधानों के खिखलाफ उनके 'तिवरोध' को दिदखाने के चिलए �क्षम हो �कता है.  लेतिकन वे तिक�ी की हत्या करने का कोई इरादा नहीं था. बम जानबूझ कर कमजोर रखा गया था, इ�चिलए है तिक भले ही उनके तिवस्फोट �रकार बें� कुछ नुक�ान तिकया है, कांग्रे� के

नेताओं को कोई नुक�ान नहीं आ �कता है. "         जै�ा तिक ऊपर कहा गया है, भगत सि�ंह.  बीके के �ाथ के चिलए �ुना व्यचिक्त  दrतिवधान�भा आक्रोश में  नहीं है . लेतिकन

भगत सि�ंह की एक बहुत बड़ी व्यचिक्तगत दोस्त उ�े आग्रह तिकया तिक ऐ�ा करने के चिलए कहा तिक भगत सि�ंह योग्यतम व्यचिक्त के चिलए यह करना होगा.  जवाब है तिक उन्होंने चिलखा है, इ� प्रस्ताव पर अपनी �हमतित दे रही है, उ�के �रिरत्र के एक नरम

पक्ष का पता �लता है.  जावक उपच्छिस्थतित भगत सि�ंह लग रहा था कुछ unemotional.  लेतिकन पत्र �े कहा तिक वह इ� आजीवन �ाथी करने के चिलए चिलखा था प्यार और भावनाओं का एक दुल+भ भावना �ाँ� लेता है.  यकीन है तिक एक स्थायी

तिबदाई की, भगत सि�ंह ने एक पत्र के गहना में अपने दिदल की अंतरतम भावनाओं डाला. के     रूप में है, जबतिक पत्र चिलख है, वह खुद को प्यार की भावना में डूब मह�ू� तिकया, वह काम का एक �पना देखा तिक �ामने रखना उ�े इ� प्रकार, और वह

अपने प्यार की भावना और कत+व्य की अपनी भावना के �ंघष+ मह�ू� तिकया है �ातिहए.  पत्र में उन्होंने और तिवषय �े उद्धरण उदाहरणों पर फैल जाती  ह ै Stepniak  एक नाइलीस्ट, एक अपन े कैरिरयर प�ंदीदा पुस्तकें .     पत्र म ें उन्होंन े अपन े दृढ़

तिवश्वा� है तिक प्यार एक क्रांतितकारी के जीवन के चिलए अ�ंगत है दोहराती है.    दुभा+ग्य �े, इ� बहुमूल्य पत्र द्वारा जब्त तिकया गया था पर पुचिल� Mozang  लाहौर में �भा बम फैक्टरी और अब उनके कब्जे में है. (  शातिहद �ुखदेव के चिलए यह पत्र इ� वेब �ाइट पर दस्तावेज़ �ंख्या 1 पर तिकया जा �कता है " पत्र और दस्तावेजों के तहत पढ़ें : ईडी)

    

      भगत सि�ंह की प्रतितभा �े, तिवधान�भा बम प्रकरण का परीक्षण पूरी तरह �े पाट| के कारण आगे का उपयोग तिकया गया था.  यह भगत सि�ंह और  दr न े जो पहली बार के चिलए की �ीखती उठाया " लांग लाइव क्रांतित," " दिदल्ली की खुली अदालत में

लंबे �मय तक रहना �व+हारा वग+ के चिलए उन दोनों को ' अदालत में हथकड़ी के रूप में लंबे �मय के रूप में परीक्षण �ली रखा गया था.  इ�के अलावा, वे खुद को क्रांतितकारी पाट| के �दस्य होने के चिलए, और �ाह�पूव+क अदालत में एक बयान �े उनके �ंदेश भेजा घोषणा की बोल्ड स्टैंड चिलया तिक भारतीयों खुद को �ंगठन के चिलए �मर्पिपंत होना �ातिहए  श्रम है  तिक एक अ�ली और तिक�ान दलों तो.  स्वराज केबारे में आम जनता के चिलए लाया जा �कता है. 

महत्वपूण+ �त्र न्यायालय में दिदए गए बयान बहुत ही �तुराई �े कामयाब रहा था.  इ��े पहले भी वे बना दिदया था तिक ऐतितहाचि�क बयान के टाइप प्रतितयां  यह  �भी महत्वपूण+ �मा�ार पत्रों के चिलए प्र�ारिरत तिकया गया है, और तारघर, जहां यह

तिकया गया है कटौती �ातिहए तिवकृत के माध्यम �े जा रहा तिबना, पूण+ बयान के �ाथ ही भारत के �भी प्रमुख �मा�ार पत्रों में प्रकाचिशत तिकया गया था. अस्वीकार, यह भारत �े बाहर भेजा गया था भी, और महत्वपूण+ अक+ आयरलैंड म ें कुछ

�मा�ार पत्रों में प्रकाचिशत तिकए गए थे, में ला , Humanite  पेरिर� और Pravda  रू� की.

    युवा और जनता पर इ� बयान के प्रभाव तिबजली था.  बहुत जनता के नेता हैं जो अब �े पहले आक्रोश हिनंदा की थी उनके बयान को �ंशोमिधत करने के चिलए शुरू तिकया.  कुछ कागजात और जनता के पुरुषों के चिलए जो शुरू नहीं थे  युवकों के

मक�द  की �राहना करते हैं .

    जल्द ही  नौ - जवान भारत �भा ,  भगत सि�ंह द्वारा खुद  की स्थापना की है , तिवधान�भा बम नाराजगी प्रकरण के चिलए प्र�ार के काम के कारण चिलया.     द्वारा दिदए गए बयान , भगत  सि�ंह   और दr  के परिरचि�त चि�त्रों के �ाथ हजारों की �ैकड़ों

में छपा था, दो युवकों, और पूरे भारत में तिवतरिरत तिकया जाता है.  उनकी तस्वीरें मुदिद्रत प्रतितयों के �ाथ लघु जीवनी कुछ प्रमुख �मा�ार पत्रों तिक ख़ुशी �े उन्हें प्र�ारिरत �लाया मुफ्त आपूर्पितं की गई.  �ंके्षप में, तिवधान�भा की कार+वाई पूरी तरह

अपरामिधयों और की कें द्रीय �मिमतित के इरादों को पूरा  हिहंदुस्तान�ोशचिलस्ट रिरपच्छिब्लकन ए�ोचि�एशन HSR ए के दो प्रतिततिनमिधयों की प्रतित_ा बनाई ,  पाट| प्रमुखता में आया, और पूरे मामले जगी युवाओं की कल्पना.

 

बयान के महत्व को ध्यान में रखते हुए हम परिरचिशष्ट में �े कुछ महत्वपूण+ अक+ दिदया है. हम भी वहाँ आधुतिनक �मीक्षा है जो बेतुका " के रूप म ें लंब े �मय तक रहना क्रांतित" के रोन े की आलो�ना करन े के चिलए द े दिदया ह ै भगत सि�ंह

पत्युrर. ( दस्तावेज़ �ंख्या 4 पर इ� वेब sitea में इ� पत्र को पढ़ें , एड) 

�ू�कांक के चिलए वाप� करने के अध्याय एक्स

  भ3ू हड़ताल 

     भगत सि�ंह की घोषणा, राजनीतितक कैदिदयों की बहुत उन्नतित, आने के रूप में यह जल्दी उrरामिधकार में तिवधान�भा बम प्रकरण में जीवन वाक्य तिकया भूख हड़ताल के कारणों के चिलए कहा है तिक  जनता पर अपन े प्रभाव के चिलए योगदान

दिदया.  भूख हड़ताल � े पहल े राजनीतितक कैदिदयों, जिजनम ें � े कुछ fatally �माप्त हो गया थे. लेतिकन, काकोरी षड़यन्त्र प्रकरण  में कैदिदयों के मामले में छोड़कर , इन भूख हड़ताल करने के चिलए तिवशेष रूप �े चिशकायतों का तिनवारण तिकए गए. यह

भगत सि�ंह की भूख हड़ताल जो 1 की जरूरत के चिलए जनता का ध्यान बँट गया था Amelio  राजनीतितक कैदिदयों की बहुत की राशन के रूप में,  एक वग+.

      इ��े पहले तिक वाक्य �त्र न्यायाधीश द्वारा पारिरत तिकया गया था, दोनों भगत सि�ंह और Batukeswar दr भूख हड़ताल पर फै�ला तिकया था क्रम में इतने में एक परिरवत+न के बारे में लाने के चिलए कठोरता  राजनीतितक कैदिदयों की जेल

जीवन.  वह प्रे� जो अपने तिनण+य �े �ंवाद करने में �क्षम था geniously  आगे आया था उन्हें मांग के पक्ष में आंदोलन पर ले जाने �े मदद.

    शायद औ�त पाठक कदिठनाइयों का पता नहीं था तिक कैदिदयों को जेल के अधीन हैं.    एक तथ्य अकेले घर पीड़ा की गंभीरता लाने के चिलए पया+प्त है. बनार�  षड़यन्त्र (1916) ग्यारह दोषी व्यचिक्तयों के मामले में, जेल में तीन की मृत्यु हो गई

और एक पागल कर दिदया. लेखक, जो तिक मामले में दोषी पाया गया था एक को देखने का अव�र था तिवशेष कारागार महातिनरीक्षक ( बेशक यह गोपनीय था) उनके इलाज के �ंबंध में आदेश.  जहाँ तक के रूप में वह याद है, wordings थे

" करने के चिलए दिदन और रात के अलावा �भी अन्य कैदिदयों �े रखा जाना है."    तिनतिहताथ+ यह है  �रल है: के  रूप में एक जेल के कैदिदयों का तिनवा� है, एक राजनीतितक कैदी को अपने के पूर े के चिलए एकान्त कारावा� भुगतना पड़ता है कैद की अवमिध.  एक �ामाजिजक आदमी के चिलए, कोई अन्य �जा और अमिधक भयानक है. 

एक बंगाली हाल ही में प्रकाचिशत पुस्तक में नाम, " द� �ाल अंडमान , " लेखक  जो प्रचि�द्ध Barisal  षड़यन्त्र मामले में दोषी पाया गया था , कई भयावहता को जो राजनीतितक कैदिदयों में अधीन थे �ुनाई गया है अंडमान .  भगत सि�ंह इन तिववरण

के �ाथ अच्छी तरह �े परिरचि�त था. वह खुद के चिलए थोड़ी �ी भी आशंका नहीं थी.  भारतीय जो कुछ भी वह जेल स्थानांतरिरत तिकया जा �कता है, वह तिवशेष और प्राप्त यकीन था तिव�ारशील उप�ार.  इ�के अलावा, इ� �मय तक वह

आगे आ �ाजिजश मामले की ख़बर के में �ीखा था, और वह भी कुछ पह�ान परेड �े जानता था तिक अश्चिभयोजन पक्ष रखना �ाहता था Saunder  उ�के दरवाजे पर हत्या. इ�चिलए वह तिबल्कुल कोई व्यचिक्तगत लाभ के चिलए एक �फल भूख हड़ताल

�े उम्मीद थी. लेतिकन वह वास्तव में एक ही क्षेत्र में उन श्रमिमकों जो दूर pining थे तिdदिटश जेलों में अपने दिदन के चिलए बहुत बहुत मह�ू� तिकया. 

दो दिदनों के बाद अपने इ� तिवश्वा� के चिलए दr  और सि�ंह के �ाथ दिदल्ली की जेल में रखा गया था, जिज�के बाद पूव+ �ेंsल जेल लाहौर म ें स्थानांतरिरत तिकया गया था, जबतिक भगत सि�ंह पर �ुन�ान जेल म ें भेजा गया

था Meanawali .  जबतिक दिदल्ली में दोनों यूरोपीय वग+ उप�ार प्राप्त कर रहे थे.    इ��े पहले तिक वे दिदल्ली जेल परिरत्यक्त था, वे जो ध्यान आकर्पिषंत तिकया है तिक अन्य �ंघष+ में शुरू की  अगले �ार महीने के चिलए भारतीय जनता.

    राजनीतितक कैदिदयों को बेहतर इलाज के चिलए उनकी मांगों में, भगत सि�ंह जानबूझकर अपने तिप� कम रखा.  वह आगे रखा क्या उनकी पूर्पितं की �ंभावना के चिलए एक आँख के �ाथ न्यूनतम मांगों के रूप में माना जा �कता है.  �ंघष+ में प्रवेश करने में है, इ�चिलए, अपने उदे्दश्य एक व्यावहारिरक एक था, अथा+त्, दुभा+ग्यपूण+ राजनीतितक कैदिदयों के चिलए कुछ ठो�

हाचि�ल करने के चिलए और एक आदश+वादी कारण के चिलए एक आदश+वादी लड़ाई में दज+ नहीं है.  भगत सि�ंह ने मांग की है तिक �भी लोगों को, जो तिक राजनीतितक उदे्दश्यों के द्वारा actuated अपराधों के दोषी हैं, तिक�ी भी व्यचिक्तगत लाभ या वस्तु के चिलए नहीं है और राजनीतितक कैदिदयों को जो अनुमतित दी जानी �ातिहए के रूप में माना जाना �ातिहए अध्ययन, �मा�ार

पत्र, बेहतर आहार, और �भी के �हयोग के चिलए �ुतिवधाएं राजनीतितक कैदिदयों को एक दू�रे के �ाथ.  यह केवल बाद के बाद तिकया गया  अमर Jatindra नाथ  दा� न े के्षत्र में प्रवेश तिकया था तिक लड़ाई के बाद पहलू ग्रहण करने के चिलए शुरू तिकया

है, और इ�के परिर�र दुख और लंबे �मय तक पीड़ा के �ाथ भूख हड़ताल, अमिधक आदश+वाद लड़ाई में प्रवेश करने के चिलए शुरू तिकया.

अमिधकारिरयों के �ामान का कोई तिव�ार है तिक वे के �ाथ �ौदा तिकया था था.  उन्होंने �ो�ा तिक भूख के कष्ट के चिलए भगत सि�ंह ने इ�े बंद करने के चिलए पे्ररिरत करने के चिलए पया+प्त होगा.  लेतिकन भूख हड़ताल बेरोकटोक पर �ला गया. घोषणा

के बाद पूण+ एक महीने  भूख हड़ताल की, पंजाब �रकार इ� मामले में कदम शुरू    इ� �मय लाहौर षड्यंत्र के� में परीक्षण शुरू तिकया था और  परीक्षणों के तहत  भगत सि�ंह के �ाथ उनके वजन में फें क दिदया दr  एक �हानुभूतित भूख की घोषणा 13

जुलाई को हड़ताल, 1929.

    की भूख हड़ताल की कहानी  के तहत परीक्षण  लाहौर षड्यंत्र के� में  एक तिवषय है जिज� पर एक अलग मात्रा हो �कती है, और करने के चिलए चिलखा जाना �ातिहए. एक.  कम �मय पूरे देश का ध्यान लाहौर भूख स्sाइकर के वीर �ंघष+ करने के

चिलए तैयार तिकया गया था.  इ��े पहले तिक जनता की राय और वीर भूख हड़ताल के बलों, यहां तक तिक पंजाब �रकार को धीर े - धीरे उपज के चिलए शुरू तिकया. पर, जुलाई 14, बहुत दिदन है तिक �रदार भगत सि�ंह भारत �रकार के चिलए घर के

�दस्य को एक तिवशेष आवेदन भेजा है पर पंजाब �रकार के �ाथ उनकी पहली बाहर आया तिवज्ञप्तिप्त , अनुमतित देने के चिलए आहार में कुछ �ुतिवधाओं undertrials  लाहौर में चि�तिकत्�ा के आधार पर षड्यंत्र के�. बेशक, यह कुछ भी नहीं था. जल्द

ही होने के बाद , एक 2 �रकार तिवज्ञप्तिप्त  प्रकाचिशत तिकया गया था, .. को हटाने के  शब्दों को  अपने पहले �े चि�तिकत्�ा के आधार पर ' तिवज्ञप्तिप्त , और भगत सि�ंह और  दr के  चिलए �ुतिवधा का तिवस्तार . दोundertrials  दोषी पाया .

 

    28 जुलाई को, जब जतितन  दा� की  हालत गंभीर हो गई, भगत सि�ंह एक प्रमुख कांगे्र�ी है तिक के माध्यम �े एक तिवशेष �ंदेश भेजा  परीक्षणों क े तहत बोस्ट+ल जेल में  भूख हड़ताल स्थतिगत करता है, भगत सि�ंह और लड़ाई जा

�कता Batukeswar अकेले.  यह अपनी मानचि�कता आत्म त्याग �े पता �लता है.

जतितन दा�     की हालत  अभी भी बदतर हो गई थी.  वह भी एनीमा लेने के चिलए मना कर दिदया.  अपने पूरे चि�स्टम बन गया था जहर है, और वह खुली आँखों �कता है और नहीं भी. भूख स्sाइकर, प्रमुख कांग्रेचि�यों और लाहौर षड़यन्त्र प्रकरण रक्षा

�मिमतित के �दस्यों के शुभसि�ंतकों implored  और entreated, लेतिकन दा�  अपने उदे्दश्य के चिलए अड़े हुए बने रहे. 'पंजाब के राज्यपाल के चिलए एक �ंदेश भेजा गया था तिक अगर दा�  तिक�ी को भी, तिक भगत सि�ंह के शब्दों के चिलए तिकया गया था

और भगत सि�ंह के चिलए तिक�ी भी ध्यान भुगतान के �ाथ वकालत करने के चिलए राजी तिकया जा �कता है जतितन के चिलए अनुमतित  एनीमा दी जानी करने के चिलए. राज्यपाल atonce की  अनुमतित दी है तिक भगत सि�ंह  �ेंsल जेल �े खत्म हो के चिलए बोस्ट+ल जेल लाया  इतना ह ै तिक वह करन े क े चिलए मनान े की कोचिशश कर �कत े हैं दा�भगत सि�ंह. तिवशाल प्रभाव atonce  का प्रदश+न  तिकया गया था जब जतितन झुकें गे . पूव+ entreaties, और लेन े के चिलए �हमत एनीमा.  डॉक्टर की रिरपोट+ थी तिक इ� एनीमा लंबे �मय तक दा�,  कम �े कम एक पखवाडे़ �े जीवन.  जेल अमिधकारिरयों, जो

करन े के चिलए यह बहुत ही उदे्दश्य को हाचि�ल करन े के चिलए कोई क�र नहीं छोड़ दिदया था �तिकत थे.  के उप अधीक्षकबोस्ट+ल जेल, खान �ातिहब Khair दीन, के चिलए कहा जतितन  आ/य+ में क्यों वह इतनी आ�ानी �े भगत सि�ंह के

बहुत ही प्रस्ताव करन े के चिलए �हमतित के रूप में, जो वह एक बहरा कान बदल दिदया था जब यह जेल लोगों �े आया जतितन  गंभीरता - ने कहा " खान �ातिहब , आप  नहीं जानते, भगत सि�ंह एक बहादुर आदमी है, मैं अपने शब्दों के

अनादर नहीं कर �कते हैं. '           एक �मान अव�र पर, जब पंजाब जेल पूछताछ �मिमतित के परिरणामों की दृमिष्ट के भीतर थे, यह भगत सि�ंह जो को

मनाने के कर रहा था था दा�  दवा लेने के चिलए इतना है तिक वह अभी भी ताजा है जब तक वह पंजाब जेल पूछताछ के परिरणामों की जां� करने का अव�र था हो �कता है �मिमतित.  अ�ंबद्ध शब्द है जो शायद ही श्रव्य थे, वह ने कहा तिक �रदार

जी , " भगत सि�ंह, हालांतिक मुझे लगता है और मैं आश्वस्त हूँ तिक मैं मेरे व्रत �े भटकना नहीं �ातिहए, अभी तक मैं नहीं कर �कता, लेतिकन आपके अनुरोध को स्वीकार कुछ भी पूछ नहीं है. मेरे �े अमिधक  तिफर �े! " 

जब भूख स्sाइकर उनकी भूख हड़ताल को स्थतिगत करने के बारे में थे, भगत सि�ंह ने जोर देकर कहा तिक पहली शत+ के चिलए �रकार को जारी करने के चिलए होगा दा�  तिबना शत+.  जेल जां� �मिमतित के �भी �दस्यों ने एक स्वर �े इ� पर �हमत

हुए.  लेतिकन �रकार ने जारी नहीं तिकया दा�  और फलस्वरूप भगत सि�ंह, दr  और �ार अन्य लोगों को तिफर �े भूख हड़ताल पर �ला गया.  लेतिकन उनके लंबे �मय तक दुख कोई प्रभाव नहीं पड़ा और इ� बी� दा�  की मृत्यु हो गई.

    के रूप में भगत सि�ंह और अन्य लोगों ने �ो�ा तिक क्या पंजाब जेल पूछताछ �मिमतित द्वारा वादा तिकया गया था पहली लड़ाई के चिलए पया+प्त होगा, भूख हड़ताल �व+�म्मतित �े तिनलंतिबत कर दिदया गया था.

�ू�कांक के चिलए वाप� करने के

अध्याय XI

लाहौर षड्यंत्र मामले

     टीवह एक और लाहौर षड्यंत्र के� की काय+वाही की जाँ�, एक और भगत सि�ंह और उनके �ाचिथयों के �ूक्ष्म नीतित �े प्रभातिवत है.  लाहौर षड़यन्त्र प्रकरण �रकार ने बहुत नरमी �े लागत, क्योंतिक यह बहुत ही परीक्षण के माध्यम �े, भगत सि�ंह

और अन्य लोगों के एक बहुत बड़ी हद तक उन बहुत �ीजें हैं जो �रकार ने इतना खतरनाक हाचि�ल.

जै�े ही भूख हड़ताल खत्म हो गया था और उचि�त परीक्षण शुरू होने की उम्मीद थी, भगत सि�ंह ने तीन �दस्यों का एक छोटा �ा �मूह है, अथा+त् का गठन तिकया है, वह खुद, Sukhdevaऔर तिवजय कुमार चि�न्हा , है जो कै�े �ब�े अच्छा करने के चिलए के रूप में �ो�ना शुरू तिकयापता है  यह बहुत ही परीक्षण के उपयोग द्वारा उनकी पाट| का उदे्दश्य है. वे

तिनधा+रिरत तिकया है तिक पूरी काय+वाही तो �ब�े अच्छा उनके तिव�ारों, लक्ष्यों, वस्तुओं और तरीकों का प्र�ार करने के चिलए की �ेवा के रूप में आयोजिजत तिकया जाना �ातिहए.

    �ब� े पहले, व े के प्रारंश्चिभक अमिधकारों के चिलए लड़ने  के तहत परीक्षणों था .  अब तक, राजनीतितक  परीक्षणों के तहत  इलाज तिकया गया के रूप में यदिद वे कोई �ाधारण अपरामिधयों की तुलना में बेहतर थे. ' के लगातार प्रया�ों  के तहत परीक्षण है, जो अक्�र बड़ी कदिठनाइयों के �ाथ भाग चिलया, वे अमिधकारिरयों �े �टीक एक �म्माननीय इलाज करने में �क्षम थे. आरामदेह कुर्थि�ंयों, �मा�ार पत्र, टेबल, lunching टेंट धीर े - धीर े करन े के चिलए प्रदान तिकया गया है, और मान्यता वास्ततिवक  तथ्य यह है तिक वे देशभक्तों कम �े कम कुछ भी नहीं थे के चिलए दिदया गया था.       एक और लड़ाई के चिलए नाराजगी जताई  आगंतुकों का प्रवेश  तिकया गया था .  परीक्षण जगह ले ली (अंदर  लाहौर �ेंsल

जेल और इ� तरह के प्रतितबंध और बाधाओं डाल रहे थे में  आगंतुकों है तिक बहुत कुछ दाखिखला मिमल �कता है के प्रवेश के रास्ते.  इ� बारे में भगत सि�ंह और अन्य लोगों के बहुत उदे्दश्य है तिक काय+वाही �े जनता को प्रभातिवत हताश था.  तो एक या

दो महीने के �ंघष+ के बाद, जिज�में  परीक्षण के तहत  रणनीतित के �भी प्रकार इन बाधाओं में �े �ब�े हटा दिदया गया है, और कई आगंतुकों के चिलए �हारा, ज्यादातर youngmen . और  मतिहलाओं के चिलए कोट+ तिनयमिमत रूप �े भाग लेने के चिलए शुरू तिकया.  काय+वाही जो प्रभाव हर रोज शुरू के �ाथ नारे " लांग लाइव क्रांतित," लंबे �मय तक रहना �व+हारा वग+ "," नी�े /

�ाम्राज्यवाद'' एक राष्ट्रीय गीत में कोर� पर आगंतुकों को आ�ानी �े मह�ू� तिकया जा �कता है और �ाथ नी�े तथ्य यह है तिक आधा दज+न �े पंजाब में राजनीतितक �ाजिजश के मामलों में यह जो कम �े कम नहीं थे,  तिनश्चि/त रूप �े �ातिबत कर दिदया गया है तिक  युवा पुरुषों को  उन मामलों में जदिटल actuated थे और क्या वे पे्ररिरत �ुना  लाहौर षड्यंत्र मामले के अदालत में.

     काय+वाही के दौरान, महत्वपूण+ गवाहों, तिवशेष अनुमोदकों के पार परीक्षा द्वारा तिकए गएपरीक्षणों के तहत  खुद को तिकया

गया था .  इन परीक्षाओं के पार वस्तु करने के चिलए बाहर के बयान में तिव�ंगतितयों और झूठ लाने के प्रया� कभी नहीं था अनुमोदकों,  वे केवल रिरकॉड+ पर लाने के उदे्दश्य के �ाथ तिकए गए, और इ� तरह जनता के �ामने पाट| के उदे्दश्य और

वस्तुओं , तिवशेष रूप � े कार+वाई की है, उनके �ंघष+ के वीर ओर, और तरीकों व े अपनाया था तिववरण के भीतरी मक�द.  इ� प्रकार व े �ाहत े थ े तिक उनके मामल े म ें काय+वाही प्रचिशक्षण  के उदे्दश्य � े �ेवा करना �ातिहए , और युवकों पे्ररणादायक.     जब भी तिक�ी भी अव�र के प्रदश+न के चिलए पड़ी है,  परीक्षण तिकया  जाने यह कभी नहीं . प�q,  इ� प्रकार, वहाँ प्रदश+नों थे " पर खुली अदालत में काकोरी "दिदन," लेतिनन दिदन "," �ब�े पहले मई "," लाजपत राय दिदव� ", और इ� तरह की मौत

के रूप म ें तिवशेष अव�रों पर Shyamaji कृष्ण वमा+ , एक राजनीतितक कैदी की मौत की वजह � े भूख हड़ताल

हंगरी, और ऐ�े अन्य. • ऐ�े अव�रों पर वे हमेशा के चिलए एक �ंदेश देने में कामयाब रहे.  अश्चिभयोजन पक्ष के रिरकॉड+ पर इन �ंदेशों, क्योंतिक उन्हें लगा तिक  इन के तहत परीक्षणों खुद को फं�ाना होता है और अच्छा प्रस्तुत होगा उनके खिखलाफ �ाक्ष्यों के.  परीक्षण तिकया , जो  �ाक्ष्यों के या �बूत के बारे में थोड़ा परवाह है, ख़ुशी �े लाभ उठाया. खुद को इन अव�रों का. 

एक यादगार घटना मैं  मजिजस्sेट की अदालत में परीक्षण के दौरान n अदालत में कैदिदयों को हथकड़ी करने का प्रया� तिकया गया था.    यह अव�र था: जय गोपाल , रोबदार रवैया इ� मामल े म ें एक गवाह के �ाथ गोदी म ें प्रवेश

तिकया. वह मुड़  उ�की मूंछ और आरोप लगाया की ओर कुछ ताना मार दिटप्पणी को बाहर फें क दिदया.  जबतिक दू�रों को 'लज्जा' रोया 'लज्जा' ,पे्रम दr , अश्चिभयुक्तों के �ब�े कम उम्र के, अनुमोदक पर अपना जूता दराज. Atones काय+वाही

स्थतिगत कर दी थे, और एक स्थायी आदेश पारिरत तिकया गया था तिक आरोतिपयों को हथकड़ी रहना, जबतिक अदालत में. भगत सि�ंह, और दू�रों को एक बार में तिनधा+रिरत तिकया है तिक आते हैं, क्या, वे भाग लेंगे जब तक आदेश को रद्द कर दिदया गया था

कभी नहीं अदालत. 

अगले दिदन, बावजूद  पूण+ शारीरिरक बल है तिक पुचिल� को रोजगार मिमल रहा है, वे अदालत में लाने के चिलए एक एकल आरोप लगाया करने में तिवफल रहा है.  इन 16 व्यचिक्तयों में �े केवल पाँ� लॉरी में लाया जा �कता है  जेल गेट तक , लेतिकन

तिफर कुछ भी नहीं है और उन्हें लाने के बाहर लॉरी �कता.  अगले दिदन वे �मझ पर हथकड़ी के �ाथ अदालत में आने के चिलए �हमतित दे दी है तिक  इन हटा दिदया जाएगा.  लेतिकन जब ऐ�ा नहीं तिकया गया था तिक वे एक कपट का �हारा.   जब

दोपहर के भोजन के �मय आया वे लागू तिक हथकड़ी उन्हें दोपहर के भोजन में भाग लेने के चिलए �क्षम करने के चिलए हटाया जा �कता है.  दोपहर के भोजन के बाद खत्म हो गया था, पुचिल� अमिधकारिरयों हथकड़ी पर तिफर �े डाल आया.    वे �ाफ तो

तिकया जा इनकार कर दिदया है.  तिफर एक हाथापाई शुरू तिकया, और अदालत के एक तिवप्लव म ें परिरवर्पितंत तिकया गया था. तिवशेष पठान  बल की मांग तिकया गया था और एक बेरहम मार शुरू कर दिदया. 

इ� धड़कन में भगत सि�ंह ने तिवशेष रूप �े बाहर singled गया था.  आठ कू्रर पठान उ� पर तिगर गया और kicks और लाठी बहुतायत �े हटा दिदया गया है उ� पर बर�ाई थे. यह, आगंतुकों जो मतिहलाओं के एक उचि�त �ंख्या में शामिमल की आंखों के �ामने बहुत तिकया, एक जबरदस्त प्रभाव था, और उ�ी दिदन शाम को लाहौर में एक बड़ी बैठक आयोजिजत की गई

थी जिज�में की कार+वाई  पुचिल� जोरदार आलो�ना की थी.  एक ही लगभग �भी राष्ट्रवादी अखबारों की राय थी.

    अदालत में तिपटाई के �ाथ �ामग्री नहीं है, पुचिल� तिफर दोपहर में उनके खेल शुरू जब अदालत गुलाब.  वे जेल याड+ में �रदार भगत सि�ंह पर तिगर गई, और एक �ब�े कू्रर गाहना शुरू.हालांतिक, इन भयानक कष्टों वांचिछत प्रभाव नहीं पड़ा. पुचिल�

अमिधकारिरयों को एक रिरपोट+ पेश की, जो करने के चिलए जेल अमिधकारिरयों �हमतित जताई, तिक यह �ंभव है के चिलए उन्हें हरा करने के चिलए और यहां तक तिक उन्हें मार डालते हैं, लेतिकन यह �ंभव करने के चिलए उन्हें अदालत में लाने के चिलए नहीं

था.  एक परिरणाम के रूप में, मजिजस्sेट के अपने आदेश को रद्द कर देना पड़ा. 

लाहौर षड़यन्त्र मामल े म ें भारत भर म ें अभूतपूव+ प्र�ार प्राप्त की है, और यहा ं तक तिक भारत के बाहर �दस्यता? शुरू  करने के चिलए दुतिनया के �ुदूर तिहस्�ों में प्रवाह �े.  पोलैंड �े एक मतिहला एक अनुरोध है तिक तिवस्तृत के

�ाथ एक प्रेषण भेजा काय+वाही  करने के चिलए उ�े तिनयमिमत रूप �े भेजा जा �कता है.  दान जापान, कनाडा �े आया था, और भी दूर दश्चिक्षण अमेरिरका.  भगत सि�ंह दr  दिदनों देश के तिवश्चिभन्न भागों में मनाया गया, और उनके चि�त्रों कैलेंडर में व्यापक रूप �े इस्तेमाल तिकया गया है.

    मजिजस्sेट की अदालत में कई प्रतितमि_त �ाव+जतिनक नेताओं को दौरा तिकया  के तहत परीक्षणों , उन्हें जा रहा है के बी� उल्लेखनीय Sj , �ुभाष  �ंद्र बो�, बाबा गुरुदr सि�ंह, श्री KF नरीमन , राजा Kalakankar , श्री आरए तिकदवई , श्री मोहन लाल �क्�ेना , और अंत में, हमारे महान �म्मातिनत नेता, स्वगqय पंतिडत मोती लाल नेहरू मोती लालजी  उन्हें देखने के

चिलए गया था  दो बार,  दू�री बार वह अश्चिभयुक्तों के गोदी में प्रवेश तिकया और उनके �ाथ परदे के बारे में एक घंटे के चिलए बने रहे.

लेखक बहुत बहुत महत्वपूण+ है तिक बात�ीत के बी� ensued प्रकाचिशत प�ंद आया होगामोती लालजी  और �रदार भगत सि�ंह, परन्तु आवश्यकता  की मांग है .  उन्हें आशा है तिक �मय आ �कता है जब यह �ंभव हो �कता है यह करना

होगा.

    के रूप में �रकार को जबरदस्त प्रभाव लाहौर षड़यन्त्र प्रकरण परीक्षण देश के युवाओं पर कर रहा था अनुभव करने के चिलए शुरू तिकया, वे नव+� मह�ू� तिकया और इ�े �े बाहर एक तरह �े �ो�ना शुरू तिकया.  अंततः वे लाहौर षड़यन्त्र प्रकरण

अध्यादेश पर मारा.  पहली बार म ें भारत �रकार �ाव+जतिनक आंदोलन के डर के चिलए पंजाब �रकार द्वारा बनाई गई अमिधतिनयमन के चिलए प्रस्ताव को स्वीकार नहीं तिकया था.  लेतिकन जब कांग्रे� और �रकार के बी� लड़ाई शुरू हुई और बाद में

एक के बाद एक मनमाना अध्यादेश का �हारा करने के चिलए शुरू तिकया, लोकतिप्रय अ�ंतोष के �वाल तिगनती, नहीं तिकया था और इ� अ�ाधारण अध्यादेश 1930 के अध्यादेश �तुथ+ के रूप में लाग ू तिकया गया था. ( यह ध्यान दें तिक यह 1 मई,

अंतरराष्ट्रीय श्रम दिदन पर प्रख्यातिपत तिकया गया था के चिलए दिदल�स्प हो �कता है, एड.)       भगत सि�ंह और दू�रों atonce  माना जाता है तिक वे एक अच्छी बात प्राप्त की थी  द्वारातिdदिटश न्याय का खोखलापन उजागर.  वे पहले �े ही क्रांतितकारी पाट| की ओर �े प्र�ार के चिलए पया+प्त मात्रा में करने में �फल रहा था.  तिवधामियका की इ�

तिवलम्बिम्बत घंटे में इ� अ�ाधारण टुकड़ा promulgating, �रकार ने न केवल उनके हाथों में खेला.  तो के तहत परीक्षणों की एक बैठक म ें भगत सि�ंह का प्रस्ताव ह ै तिक  वे �े  अब लेन े � े मना करके �च्च े क्रांतितकारी दृमिष्टकोण अपनाना

�ातिहए �ंज्ञान  अदालत के.  एक गम+ ��ा+ ensued, और दो मुक़्तचिलफ़ नोट बैठक में �ुना रहे थे.  भगत सि�ंह का पालन �मूह के दृश्य,  एक और �मूह �े आग्रह तिकया है तिक वे काय+वाही में भाग लेने के चिलए इतना है तिक जब �मय आया वे क्या भगत सि�ंह की तरह तिवधान�भा के मामले में तिकए गए बोल्ड बयान कर �कता है �ातिहए.  भगत सि�ंह �े आग्रह तिकया है तिक फां�ी और जीवन के चिलए परिरवहन, के रूप म ें इ� तरह के भयानक वाक्य के �ेहर े म ें अगर व े � े पता

�ला बोलना  उदा�ीनता और एक होने �े इनकार कर दिदया.  क्या एक बल कहा जा करने के चिलए पाट| है, तो  ऐ�े रवैया के नतैितक प्रभाव युवा पीढ़ी पर बहुत महान होगा. दू�रों का तक+ है तिक क्रांतितकारी पाट| के रूप में अपनी खुद की कोई मं� था,

वे अदालत की काय+वाही का उपयोग करना �ातिहए  इ� उदे्दश्य की �ेवा.

    लेतिकन �वाल यह एक अजीब तरीके �े तिनपटारा तिकया गया.  तिन�ली अदालत के रूप में है, तो भी न्यायामिधकरण में, वे उनके क्रांतितकारी नारे अदालत में प्रवेश तिकया, और जब तक वे एक राष्ट्रीय गीत गाया था काय+वाही नहीं शुरू हो �कता

है.  यह बहुत न्यायामिधकरण की तीन न्यायाधीशों द्वारा तिवरोध तिकया गया था, और तीन या �ार दिदनों के बाद, वे पुचिल� को आदेश देने के चिलए हथकड़ी के रूप में जल्द ही के रूप में वे अपने गीत को �माप्त हो गया था आरोप लगाया द्वारा अपने

अमिधकार माँगे. दृश्य अमिधतिनयमिमत  तिन�ली अदालत में दोहराया गया था और अदालत की काय+वाही के चिलए उ� दिदन �माप्त तिकया जा �कता था.

        यह अपमानजनक उप�ार ख़फ़ा   अन्य �मूह भी और वे �व+�म्मतित �े करने के चिलए अदालत में जाने �े मना करने का फै�ला तिकया. * पुचिल� और जेल अमिधकारिरयों, उनके तिपछले अनुभव के �ाथ घोषणा की तिक यह �ंभव नहीं होने के चिलए अदालत में आरोप लगाया लाने के चिलए और काय+वाही करने के चिलए तिकया जा �कता था पूव+ parte   इ� प्रकार भगत सि�ंह की इच्छा  का एह�ा�  पूरी तरह �े रहे थे . �रकार, क्रम में न्याय के एक शो रखने के चिलए आरोपी को उत्पन्न करने के चिलए अदालत में भाग लेने की कोचिशश की, • वे भी इतनी दूर �ले गए राष्ट्रपतित के रूप में बदलने के चिलए " जिज�े आरोप

लगाया की धड़कन और अदालत में अपमान के चिलए जिजम्मेदार घोतिषत तिकया; लेतिकन कुछ भी नहीं �फल .

�ू�कांक के चिलए वाप� करने के

अध्याय बारहवीं

प्रलय और बाद में

    7 अक्टूबर, 1930 के �ुबह ,  एक तिवशेष दूत की जेलों के चिलए तिवशेष दिsब्यूनल की अदालत �े आया था.  रूप में आरोप लगाया अदालत में उपच्छिस्थत नहीं था .  अदालत के  आदेश वाक्य के बारे में के इ� तिवशेष दूत के माध्यम �े भेजा गया था. इन आदेशों म ें � े तीन काल े बॉड+र क े �ाथ चि�मि©त तिकया गया है, इन क े तिनष्पादन का वारंट

थे Sukhdeva , Shivaram  राजगुरुऔर �रदार भगत सि�ंह.

  फै�ले की घोषणा के दिदन एक मृत गुप्त रखा गया था.  तीन दिदन पहले वहाँ एक अंतितम तिकया गया था,  जेल में रात के

खाने में जो भी  जेल के कुछ अमिधकारिरयों  उपच्छिस्थत थे,    और तिवदाई पते दिदया गया था.  तीन दिदन तनाव और उrेजना के पारिरत दिदन    जेल के अंदर कैदिदयों को �ीखा ह ै तिक जेल के �ारों ओर तिवशेष �शस्त्र बलों म ें तिनयुक्त तिकया गया था,

आपातकालीन च्छिस्थतित के खिखलाफ एक एहतितयाती उपाय के रूप में शायद.  जै�े ही तिनण+य भगत सि�ंह और जंगली आग की तरह शहर में फैल दू�रों पर मौत की �जा की खबर �े स्पष्ट तिकया गया था. �ेक. 144 था atonce  घोतिषत तिकया गया है और तिक�ी भी �ू�ना या प्रया� के तिबना, एक बड़ी बैठक नगर के फाटक के बाहर नगर मैदान पर आयोजिजत तिकया गया था,

भाषण दिदए थे, पूव+ parte परीक्षण  की आलो�ना  और भारी वाक्य.  तिवशेष �ंस्करणप्रभावशाली  अखबारों प्रकाचिशत तिकया गया था, जो में लाहौर षड्यंत्र मामले में �भी कैदिदयों की तस्वीरें छपी थी.  इन तस्वीरों के प्रकाशन दोनों पुचिल� और जेल

अमिधकारिरयों को एक तिबट �ौंकाने था,  के रूप में  वे नहीं �मझ �कते हैं तिक कै�े इन तस्वीरों को प्राप्त तिकया जा �कता है.

    अगले दिदन, बुधवार, 8 अक्टूबर, भारत में लाहौर और अन्य बड़े शहरों के लोगों को  तिवशेष रूप �े  युवा पुरुषों और मतिहलाओं और छात्रों  के उत्�ाह , एक उच्च तिप� पर पहंु� गया.  लाहौर में नेतृत्व लाहौर छात्र �ंघ द्वारा चिलया गया था जो

एक पूण+ हड़ताल  और स्कूलों और कॉलेजों में ग़ैरहाजिज़री  की घोषणा की .  शैश्चिक्षक �ंस्थानों के अमिधकांश बंद थे, और कुछ है तिक बंद नहीं तिकया गया picketed थे    तथाकचिथत की एक बुज«ग+ मतिहला �तिहत �त्रह युवा मतिहलाओं,माताजी ,  और की एक अच्छी �ंख्या पुरुषों के छात्रों को इ� में तिगरफ्तार कर चिलया गया �ंबंध, एक प्रोफे�र और 80 छात्रों डीएवी कॉलेज,

लाहौर में एक हवलदार और के �ाथ कांस्टेबल के एक नंबर के द्वारा हमला रहे थे lathis कई लाठी  प्रभार छात्रों की भीड़ और आम जनता पर तिकए गए थे     इकटे्ठ  धरना प्रयोजनों के चिलए गवन+मेंट कॉलेज के पा�.

    शाम में एक बड़ा जुलू� का आयोजन तिकया गया है जो   अक्�र ' चि�ल्लाया " लंबे �मय तक रहना भगत सि�ंह", "लंबे �मय तक रहना Sukhdeva "," लंबे �मय तक रहना राजगुरु ". dेडलॉफ हॉल में एक तिवशाल बैठक का तिवशेष रूप �े छात्रों और  युवा पुरुषों  जगह ले ली, जिज�में �ंकल्प को बधाई देते भगत सि�ंह और उनके बहादुर बचिलदान के चिलए दू�रों को पारिरत तिकया गया था.  उ�ी शाम में और एक ही �मय में एक और बड़ा आयोजिजत बैठक, कांग्रे�ी बाहर के नगरपाचिलका मैदान म ें जगह ल े ली Morigate , जिज�म ें 12,000 लोगों को इकट्ठा तिकया था, जो खत्म हो की

अध्यक्षता श्रीमती पाव+ती देवी , देर �े लाला लाजपत राय की बेटी.

�हज hartals  पंजाब के कई जिजलों में जगह ले ली है, और पूरे भारत में अन्य बड़े शहरों. परअमृत�र , उत्�ाह के रूप म ें के रूप म ें उच्च था लाहौर.  एक पूण+ हड़ताल  मनाया गया था, और भी tongas  और अन्य वाहनों प्लाई नहीं तिकया. दिदल्ली, मुंबई, Cawnpore, इलाहाबाद ,बनार� , कलकrा और कई अन्य शहरों म ें �रदार भगत सि�ंह और

�ाव+जतिनक रूप �े का आयोजन तिकया बैठकों में दू�रों के चिलए उनके �म्मान दिदखाया.

    इ�के तुरंत बाद वाक्य तिवशेष दिsब्यूनल द्वारा घोतिषत तिकया गया है, रक्षा  �मिमतित पर तिप्रवी काउंचि�ल में अपील दायर करने के बारे में �ेट अल्sा अमिधकारातीत  अध्यादेश के एलान के चिलए बात  कुछ शब्दों के बारे में यहाँ आवश्यक रक्षा �मिमतित.

    जै�े ही यह पाया गया तिक पुचिल� को लाहौर में एक बड़ी �ाजिजश के मामले में, कई राष्ट्रवादी नेताओं शुरू करना �ाहता था . हिहंदू, Mohamedan  और चि�ख, अश्चिभयुक्त मामल े म ें उनकी रुचि� और उनकी �हानुभूतित दिदखान े के चिलए शुरू तिकया.  जून 1929 म ें कुछ �मय एक मजबूत " रक्षा लाहौर, जो करन े के चिलए शुरू म ें �मिमतित " का गठन तिकया गया था इकट्ठा  के चिलए पै�ेरक्षा  प्रयोजनों और अश्चिभयुक्तों के पीतिड़त परिरवारों को �हायता प्रस्तुत करना '.  यह अमिधक �मय नहीं

लेन े के चिलए एक �ाथ एक �भ्य कोष इकट्ठा तिकया.  यह महत्वपूण+ ह ै तिक तिनमिध लगभग तिवशेष रूप �े गरीब वग+ द्वारा योगदान तिकया गया था.  ज्यादातर मामलों में योगदान के रूप में काफी छोटा था, यह �ंभव है तिक कुछ बी� �े ती� हजार

लोगों को फंड की दिदशा में योगदान दिदया है �ातिहए.

रक्षा �मिमतित ही नहीं , कानूनी  रक्षा है , जो अपने कत+व्य के छोटी तिहस्�ा था वहा ँ के रूप में एक कानूनी डालने का कोई तिव�ार नहीं था रक्षा  की ओर देखा , यह भी करने के चिलए पुस्तकें आपूर्पितं की व्यवस्था undertrials  जो पेटू पाठकों थे, दज+ कराने मिमल और रिरश्तेदारों को, जो देश के �ुदूर तिहस्�ों �े कैदिदयों को �ाक्षात्कार के चिलए आया था के चिलए बोर्डिंडंग की

जरूरतों की आपूर्पितं  परीक्षण के तहत , और �ंभव है जब,   प्रस्तुत करना  अश्चिभयुक्तों के जरूरतमंद रिरश्तेदारों को आर्थिथंक मदद.

तिनण+य के बाद दिदया गया था, रक्षा  �मिमतित तिप्रवी कौंचि�ल के चिलए एक अपील दाखिखल करने के चिलए योजना शुरू कर दिदया.  यह पहले �े तिकया गया था भगत सि�ंह और अन्य लोगों द्वारा ब�े.  वहाँ के रूप में तिप्रवी काउंचि�ल में इ� अपील के बारे

में कुछ के मन में कुछ गलतफहमी हो �कता है, यह " आवश्यक है तिक इ�के बारे में भगत सि�ंह के तिव�ार होना �ातिहए स्पष्ट रूप �े कहा गया है.

    �ब�े महत्वपूण+ तिव�ार है, को�+ की थी, तिक यह तिवदेशी देशों म ें प्र�ार का उदे्दश्य पूरा होगा. वाइ�राय अध्यादेश के प्रस्तावना में, कई जो एलान जरूरी परीक्षण के दौरान अश्चिभयुक्तों के आ�रण �े �ंबंमिधत तथ्यों कहा  अध्यादेश के.  यह उन

तथ्यों को प्रतितवाद करना एक अव�र प्रदान तिकया.  तथ्यों के बी� म ें थे. जो करन े के चिलए लंब े �मय तक भूख हड़ताल  आरोप लगाया�हारा है, और जो परीक्षण की तिनरंतरता को रोका.  तिप्रवी कौंचि�ल भगत सि�ंह को एक अपील करने के

चिलए �भ्य दुतिनया inhumanities क्या भारत में राजनीतितक कैदिदयों के अधीन थे दिदखाना �ाहता था, और यह भी दुतिनया के �ामने तिन: स्वाथ+ बचिलदान बहादुर Jatindra नाथदा� पकड़ .

     एक और तिव�ार करने के चिलए भारत में एक �माजवादी क्रांतितकारी पाट| के अश्किस्तत्व के चिलए इंग्लैंड के दुश्मनों की ओर ध्यान आकर्पिषंत तिकया गया था.  वकील को अपने तिनद�शों में, भगत सि�ंह ने जोर दिदया है तिक यह दिदखाने के चिलए तिकया जा करने की कोचिशश कभी नहीं होना �ातिहए तिक   वे  भारत में नहीं क्रांतितकारिरयों थे, और न ही तिक�ी भी प्रया� को तिdदिटश बनाया कानूनों की मदद लेने के चिलए वाक्यों में एक कमी हो बनाया जाना �ातिहए.

3 तिव�ार कम पहले दो �े ज्यादा महत्वपूण+ है, लेतिकन देखने की एक राजनीतितक हिबंदु �े, बहुत अमिधक प्रतितभाशाली नहीं था.  यह कहा जाना �ातिहए तिक इ� तिव�ार में भगत  सि�ंह बहुत प्रभातिवत था तिबजोय कुमार चि�न्हा  जो एक गहरी राजनीतितक

भावना थी.  तिव�ार करन े के चिलए उ� �मय तक फां�ी स्थतिगत जब यह अमिधकतम प्रभाव होना �ातिहए था. उ� �मय, यानी,अक्टूबर, 1930, पूरे देश के बहुत कई पर उrेजिजत था लाठी शुल्क, prosecutions पूरे देश में और कैद. उ�

�मय पद� देश में ज्यादा प्रभाव नहीं उत्पादन होता है.  भगत सि�ंह और दू�रों को आशंका ह ै तिक कांग्रे� के �ाथ एक लज्जाजनक तिनपटान के चिलए आ �कता है  �रकार ने  तिकया था ,  तो वह �ाहती थी तिक �रकार ने ऐ�े �मय में उ�े और

उ�के �ाचिथयों को लटका जब पद� �रमपंचिथयों के हाथों को मजबूत करना �ातिहए और छोटी पाट| , और कांग्रे� की कमजोरी प्रकट होगा.

        23 मा�+, 1931 को पद� इतना splendidly आंतरिरक के �ाथ लगाया गया �ब�े  इच्छा है तिक हम लेतिकन रणनीतित नहीं प्रशं�ा कर �कते हैं जिज�के द्वारा वह �रकार पर उ�की मौत के मामले में भी स्कोर करने में �क्षम था.  बाद की

घटनाओं को भी पूरी तरह �े उत्�ुक के राजनीतितक तिनण+य उचि�त युवा क्रांतितकारिरयों.

�ू�कांक के चिलए वाप� करने के

अध्याय तेरहवीं

फांसी

     मंगलवार को �ुबह में जल्दी �े ,  मा�+ 24, भारत की लंबाई और �ौड़ाई भर में कई शहरों में लोगों के बी� काफी हंगामा होने में देखा गया था.    खबर जंगल की आग की तरह फैल गया है तिक �रदार भगत सि�ंह और उनके दो कामरेड मार डाला गया था.  �भी �ुबह �मा�ार पत्रों में स्पष्ट �ुर्खिखयंों में है, के �ाथ बाहर आया था कुछ   काले बॉड+र के �ाथ , लोगों को खबर

की घोषणा.  यह पता �ला था तिक �रदार भगत सि�ंह, Sj . Shivaram राजगुरु और Sj .Sukhdeva  लाहौर �ेंsल जेल में मौत के चिलए फां�ी पर लटका दिदया गया 7-33 बजे �ोमवार, 23 मा�+. " लंबे �मय तक रहना क्रांतित" के जोर �े चि�ल्लाना

�े �ुना रहे थे अंदर  जेल �े पहले और फां�ी के बाद.

    मौत के तरीके �े भरा था  तिक बहादुरी  और शांतित है जो अपने ब�पन के बाद भगत सि�ंह ही थे.  जबतिक उ�के दो कामरेड जो के रूप में भगत सि�ंह के रूप में खुद को बेतिफक्र थे �ाथ पाड़ बढ़ते,  �रदार जी  यूरोपीय उपायुक्त जो �ज़ाए ँ गवाह

उपच्छिस्थत थे �ंबोमिधत ,  और उ�के �ेहरे " खैर श्री मजिजस्sेट पर एक मुस्कान के �ाथ कहा, आप भाग्यशाली हैं दिदन देखने के चिलए कै�े भारतीय क्रांतितकारिरयों ने अपने �व�च्च आदश+ " की खातितर के चिलए खुशी के �ाथ मौत को गले लगा �कते हैं करने में �क्षम हो.

   महात्मा गांधी     के रूप में जल्द ही के रूप में तिप्रवी कौंचि�ल में तिवफल रहा था, एक शचिक्तशाली और अच्छी तरह �े �ंगदिठत आंदोलन में रूपान्तरिरत वाक्य प्राप्त करने के चिलए शुरू कर दिदया गया था.  हालांतिक जनता इ�के बारे में पता नहीं हो

�कता है, उन्हें ब�ाने के चिलए एक ईमानदार प्रया� तिकया �े .  युवा पुरुषों  और मतिहलाओं!  आयोजन प्रदश+नों में एक प्रमुख तिहस्�ा चिलया  करने के चिलए �रकार पर दबाव है तिक पद� भारत के लोगों पर बहुत बुरा अ�र होगा.  कभी वहाँ था तिdदिटश

भारत के इतितहा� में इ� तरह के एक व्यापक और वास्ततिवक मांग की गई वाक्यों का रूपान्तरण के चिलए  इंग्लैंड में भी आंदोलन जमीन प्राप्त कर रहा था.  यह कहा गया था तिक वाय�राय भी प्रभाव मह�ू� तिकया था ; 

इ� मामले में जनता की राय    यह तिबल्कुल के रूप में भगत सि�ंह वांचिछत था. 

तिफर �ंघष+ तिवराम है, जो युवा पाट| द्वारा आत्म�मप+ण के रूप में माना गया था, लेतिकन कुछ भी नहीं आया , कांग्रे� नेताओं ने अ�ानक जन - आंदोलन को तिनलंतिबत कर दिदया है, �रकार ने राहत की �ां� ली है, और तो शांतित �े मौत की

�जा तिकया. हाँ, यह तिबल्कुल के रूप में भगत सि�ंह वांचिछत है.    प्रोतिवडें� भी तिकया गया था, अपने प्रया�ों में भगत सि�ंह के �ाथ �ाइहिडंग  अपने तिवरोमिधयों पर तिपछले शानदार हिबंदु स्कोर करने के चिलए?

    जै�ा तिक हमन े कहा है, पद� और बाद की घटनाओं को पूरी तरह � े �रदार भगत सि�ंह और दू�रों की उम्मीदों उचि�त    �रदार भगत सि�ंह की फां�ी की �जा दी भगत सि�ंह जिजंदा तुलना में छोटी पाट| के चिलए अमिधक उपयोगी �ातिबत कर

दिदया है.  पंतिडत के रूप में जवाहर  लालइतनी खूब�ूरती � े व्यक्त " ......... लेतिकन वहा ँ भी हो जाएगा गौरव  उ� में जो अमिधक नहीं है. और जब इंग्लैंड हमें और तिनपटान की वाता+ के चिलए बोलती है, वहाँ हम दोनों के बी� भगत सि�ंह की लाश हो �कता है, ऐ�ा न हो तिक हम भूल जाते हैं, ऐ�ा न हो तिक हम  भूल जाते हैं! "

  अपने छोटे भाई के चिलए एक अंतितम पत्र में Kultar सि�ंह, जिज�े वह लाड़ प्यार, उन्होंने चिलखा था " �ुबह के प्रकाश में,

जो �ामना कर �कते हैं भाग्य  क्या को नुक�ान पहुँ�ा है यहां तक तिक अगर पूरी दुतिनया के खिखलाफ खड़ा है हमें? ... तिप्रय मिमत्रों, दिदन मेरे जीवन का?  एक को �माप्त करने के चिलए मोमबrी की लौ की तरह. �ुबह, मैं �ुबह के प्रकाश �े पहले

गायब हो जात े हैं.  हमारा तिवश्वा� और हमार े तिव�ारों को तिबजली की एक सि�ंगारी की तरह पूरी दुतिनया म ें हल�ल होगा.  नुक�ान क्या, अगर धूल के इ� मुट्ठी  नष्ट कर दिदया! "

  �ू�कांक के चिलए वाप� करने के

  अध्याय XIV

  संस्मरण और प्रहिततिबंब

    �रदार भगत सि�ंह एक खूब�ूरत नौजवान, लंबा-5 फीट 10 इं� था, और अच्छी तरह �े बनाया है.  वह एक �ंगीत आवाज थी और भावना के �ाथ गा �कता है.  एक दिदन, ब� के बाद तिवधान�भा बम प्रकरण में वाक्यों को स्पष्ट तिकया गया

था, उनके वकील, श्री आ�फ Alt अपनी पत्नी के �ाथ, उ�े �ाक्षात्कार के चिलए �ला गया.  भगत सि�ंह एक �ेल में बंद कर दिदया गया था, और बेड़ी में था.  जबतिक वे �ेल आ रहे थे, वे एक नरम एक जगमगाहट धातु ध्वतिन की �ंगत में मीठी आवाज गायन �ुना.  धीरे वे �ंपक+ तिकया, और लो!  वे भगत सि�ंह एक बच्चे की तरह अराजकतावादी गायन पाया और  गीत के �ाथ

धुन में अपने बेड़ी बज रहा.

    वह एक दिदल, भावनाओं और �हानुभूतित �े भरा था.  यहां तक तिक एक उपन्या� के पात्रों में वह अ�ाधारण रुचि� लेने के चिलए प्रयोग तिकया जाता है, और पीतिड़त हैं और उनके �ाथ आनंद के चिलए प्रयोग तिकया जाता है.  तिवशेष मजिजस्sेट की

अदालत में, वह हमार े चिलए जोर �ुंदर उपन्या�, " �ात तिक फां�ी पर लटका दिदया गया" � े पढ़ना शुरू तिकया Leonoid Andrieve . इ�में एक �रिरत्र है जो तिनष्पादन के तिव�ार पर shuddered है.  वह शब्दों को बोलना था, 'मैं

नहीं फां�ी की �जा दी, और इ� पर तिवश्वा� करने के चिलए शुरू तिकया जब �रदार भगत सि�ंह इ� कमजोर आदमी की हिनंदा की, जो शब्द बोले था जीवन में अंतितम दृश्य बाहर पढ़ रहा था. करेगा, " मैं " नहीं फां�ी पर लटका दिदया जाएगा, भले ही पाड़

नेतृत्व तिकया जा रहा है, जबतिक वह मुस्कुराया और आँ�ू �े भरा था हम श्रोताओं एक की �हानुभूतित आँ�ू, जो पर तिवजय था �े प्रभातिवत तिकया जा रहा है मदद नहीं कर �कता. "  मौत के तिव�ार , जो एक के चिलए यह पहले �ामने झुकने तिकया गया था.

    भगत सि�ंह एक बहुत अच्छी तरह पढ़ने आदमी था और अपने अध्ययन के तिवशेष के्षत्र �माजवाद था. बै� youngmen है  • तिक लाहौर षड़यन्त्र प्रकरण अतिनवाय+ रूप �े एक बौजिद्धक एक में लगा.  लेतिकन इ� �मूह में भी भगत सि�ंह ने अपने

बौजिद्धक प्रभुत्व के चिलए predominated.  हालांतिक �माजवाद अपने तिवशेष तिवषय था, वह गहरा रू�ी अक्टूबर क्रांतित 19

वीं �दी की शुरुआत में अपनी शुरुआत �े क्रांतितकारी आंदोलन के इतितहा� का अध्ययन तिकया था 1917 का.  यह आम तौर पर माना जाता ह ै तिक भारत में बहुत कुछ इ� तिवशेष तिवषय के ज्ञान में उ�े करने के चिलए तुलना में तिकया जा �कता है.  बोल्शेतिवक शा�न के तहत रू� में आर्थिथंक प्रयोग भी उन्हें बहुत दिदल�स्पी है.

उन्होंने कथा को पढ़ने के चिलए भी ब्याज के �ाथ.  लेतिकन कल्पना के अपने प�ंदीदा काम करता है. के थे  राजनीतितक - आर्थिथंक प्रकृतित.  वह उच्च �माज जीवन के उपन्या�ों में कोई दिदल�स्पी नहीं थी, या उन केवल प्यार या अन्य मानव जुनून �ीमिमत  जेल में वह काम करता है पढ़ने शुरू कर दिदया था की  �ाल्�+ तिडकें � जो वह बहुत प�ंद आया.  कथा के अपने

प�ंदीदा काम करता है की कुछ थे "बोस्टन," "जंगल", "तेल", " न्याय के चिलए रो" Upton सि�ंक्लेयर द्वारा नहीं है (उपन्या�), " हॉल द्वारा अनन्त शहर केन , जो की.  द्वारा भाषणों का कई भाग Romily  वह दिदल �े था, रीड " द� दिदन है तिक दुतिनया को

तिहलाकर रख दिदया",  ह ै Ropshin" क्या हुआ कभी नहीं", मैच्छिक्�म गोक¯ "माँ", द्वारा " एक नाइलीस्ट कैरिरयर" Stepniak " रू�ी लोकतंत्र का जन्म जिज�का " वह जल्दी रू�ी क्रांतितकारी इतितहा� का �ब�े अच्छा के रूप में

माना जाता है, ऑस्कर वाइल्ड" वेरा या Nihilists " और इतना आगे.

जब स े वह साम्यवादी साहिहत्य पढ़ना शुरू हिकया, भगत सिसंह करन े की कोशिशश कीअनुकूलन साम्यवादी थिसद्धांतों के थिलए अपन े जीवन ( जोर जोड़ा: ईडी) Kropotkin "�ंस्मरण" म ें महान प्रभाव  उ� पर था , लेतिकन

यह Michail Bakunin  जो वास्तव में अपने जीवन को बदल दिदया था .  के रूप में भगवान के �भी तिव�ारों को �ाम्यवादी चि�द्धांतों के तिवरोधी रहे हैं, वह करने के चिलए अपने मन �े भगवान के अश्किस्तत्व में कोई तिवश्वा� तिनवा+चि�त करने की कोचिशश

की.  बाहरी घोतिषत वह हमेशा  खुद को  एक नाश्किस्तक होने के चिलए    �ाहे वह वास्तव में तिकया गया था तातिक उ�के दिदल के नी�े �े एक �वाल है तिक तिनश्चि/त रूप �े अब �ुलझा �कते हैं.    शायद वह परमेश्वर के तिव�ार पर तिवजय पाने में �फल रहा

था    जब वह में तिगरफ्तार तिकया गया था. �ंबंध  के �ाथ 1926 में दशहरा  बम नाराजगी, और दिदन और रात बंद कर दिदया गया था एक छोटी �ी कोठरी में, और परिरष्कृत यातना के �भी प्रकार के अधीन है, में अपने तिवश्वा� नाश्किस्तकता  एक गंभीर

परीक्षण के चिलए रखा गया था.  अगले तीन वष± के चिलए आगे के अध्ययन, केवल परमेश्वर की गैर मौजूदगी के बारे में उनके तिव�ारों की पुमिष्ट की. (  पढ़ें भगत सि�ंह " मैं नाश्किस्तक क्यों हँू?"  पत्रों और दस्तावेजों में इ� वेब �ाइट पर: ईडी)

     में सज़ाए ँ के खि3लाफ एक प्रहितहिक्रया के रूप में एक छोटी अवथिN के थिलए छोड़कर  काकोरीषड़यन्त्र प्रकरण, भगत सिसंह ने कभी नहीं था एक. आतंकवादी.  अपने पूरे हिवश्वास में बड़े पैमाने पर कारAवाई की है, आम जनता के

थिलए कारAवाई में और जनता द्वारा.  उनका मानना था हिक 'कांगे्रस, शामिमल के रूप में यह जमींदारों, पंूजीपहितयों और अमीर वकीलों का था, जो आम जनता के थिलए आर्थिथंक स्वतंत्रता को पूरा करने के थिलए नेतृत्व करेंगे हिक कारAवाई

शुरू नहीं कर सकता. " गांNीजी , एक परोपकारी दयालु है, " उन्होंने कहते हैं," और यह जरूरत है हिक परोपकार नहीं है, लेहिकन एक गहितशील वैज्ञाहिनक सामाजिजक ताकत है. "  उनके अनुसार हिकया गया था सबसे अथिNक जरूरत क्या हिनस्वाथA एक बैंड था  युवा पुरुषों  जो संगठिठत और है हिक सामाजिजक क्रांहित के थिलए काम करेगा. ( जोर जोड़ा: ईडी)

उन्होंने आगे माना है तिक क्रम में आरंभ करने के चिलए  युवा पुरुषों के  इ� मिमशन के �ु�मा�ार में एक अपील बल केवल जब यह बेनी �े दिदया गया था करना होगा  फाम+ का , और वह खुद के चिलए तिक अपील तिवतरिरत तिकया.  तिवधान�भा बम

प्रकरण में उनका बयान ही था तिकअपील की है,  और यह के हजारों के दिदलों के चिलए �ीधे �ला गया  युवा पुरुषों , मतिहलाओं और भी. 

जबतिक जेल में और काल - कोठरी में, भगत सि�ंह, तिकताबें और चिलखने पढ़ने में अपने �मय के पारिरत कर दिदया.   वह उन लोगों के चिलए एक व्यापक पं�ांग तैयार जो  फाँ�ी का तख़्ता में उनके जीवन �माप्त हो गया था, �भी व्यचिक्तयों की एक

छोटी खाते देने के चिलए उपयुक्त ध्येय के �ाथ, �भी.  ध्येय स्मृतित �े चिलखा गया था, और दिदखाने के चिलए तिकतनी अच्छी तरह भगत सि�ंह न े पढ़ा था, व े भी स्मृतित �ातिहत्य के �भी महान और पे्ररणादायक टुकड़े करन े की अपनी आदत के चिलए

गवाही.  वह दिदल द्वारा अपने "क्रांतितकारी" इ� मामले की बारीकी �े मुदिद्रत �ार पूण+ पृ_, चिलखिखत के पहले मात्रा के पहले नंबर के पूर े था, मुदिद्रत और द्वारा प्रकाचिशत तिहन्दुस्तान  रिरपच्छिब्लकन ए�ोचि�एशन और फरवरी म ें भारत और बमा+ भर में

तिवतरिरत, 1925.

    एक और बड़ा और श्रम�ाध्य तिकताब है तिक वह शुरू तिकया और जेल में �माप्त भारत में क्रांतितकारी आंदोलन का एक तिवस्तृत इतितहा� था.  यह अद्भतु है तिक वह जेल के अंदर भी वर्जिजंत और दुल+भ �ातिहत्य की खरीद.  यह एक बड़ी तिकताब थी,

और अगर इ�े प्रकाचिशत तिकया है, यह दिदखाना होगा तिक वह इ� के्षत्र में तिकतना गहरा अध्ययन था.  इ� प्रयोजन के चिलए वह बंगाली �ीखा था और वह अपनी पुस्तक पूरी हद तक बंगाली में क्रांतितकारी �ातिहत्य के चिलए उपयोग तिकया.

      यहां तक तिक उ�की हिनंदा की कोचिशका �े वह 1929 में एक महत्वपूण+ �ंदेश भेजने के लाहौर �त्र में युवा Leaguers

करने में �क्षम था.  उन्होंने यह भी क्रांतितकारी प�� में �े कुछ के चिलए बाहर ड्राफ्ट भेजने में �क्षम था, तिवशेष रूप �े ' बम का दश+न केवल  एक कम �मय  इ�� े पहल े तिक  उ�के तिनष्पादन, वह म�ौदा तैयार तिकया और बाहर " युवा राजनीतितक काय+कता+ओं," जो अपने अंतितम होगा और राष्ट्र को व�ीयतनामा के रूप में माना जा �कता है के चिलए एक बयान भेजा.

    एक �माजवादी के रूप में, भगत सि�ंह एक �च्चे अंतरराष्ट्रीय दृमिष्टकोण था.  वहाँ उ� में �ंकीण+ता का कोई रंग था यह एक तथ्य है तिक �भी क्रांतितकारिरयों के चिलए आम है.  लेतिकन वह तिक छोड़ दिदया और राष्ट्रवाद �े परे �ला गया था भी पीछे के रूप में अपने रुख में एक आदमी, भूगोल और भाषा के बंधनों �े मुक्त है.  भारतीय क्रांतितकारिरयों के चिलए, राष्ट्रवाद और

देशभचिक्त की अपील एक �व�च्च आकष+ण है, और यह राष्ट्रवाद के दायरे �े बाहर आ गए एक अंतरा+ष्ट्रवादी के रूप में अपने स्टैंड लेने के भगत सि�ंह के चिलए कोई छोटी �ी बात थी.

         तक उ�की तिगरफ्तारी के �मय �े टीडब्लूआइ 23 मा�+, जब भगत सि�ंह को अपने �ेल �े बाहर कदम रखा की शाम

पर प्रकाश अपनी मतिहमा को शुरू करने के चिलए और अतंितम  यात्रा अपने जीवन में एक पल नहीं था जब तिक�ी भी उदा� �ो�ा था तिक कभी अपने मन में प्रवेश तिकया.  जब उ�के रिरश्तेदारों द्वारा और �रकारी अमिधकारी भी दया के चिलए एक

याचि�का प्रस्तुत दबाया, भगत सि�ंह ने न केवल ऐ�ा कुछ भी करने �े इनकार कर दिदया, लेतिकन स्थानीय �रकार के चिलए एक �म्मानजनक पत्र में बनाए रखा है, तिक वह एक क्रांतितकारी अपने की मुचिक्त के चिलए लड़ �ैतिनक था देश, " यदिद �रकार ने

�ो�ा था तिक एक ही है और भारत के लोगों के बी� �ंघष+ तिवराम प्रभातिवत तिकया गया था," उन्होंने चिलखा था - " तो यह वैध है तिक स्वतंत्रता के �ैतिनकों के चिलए स्वतंत्र �ेट तिकया जाना �ातिहए है, लेतिकन अगर यह �ो�ा था तिक युद्ध की च्छिस्थतित जारी , तो

वे आ�ानी �े हमें मार �कता है. "  अपने ही अनुरोध तिकया गया था तिक वे �ैतिनकों के एक दस्ते ने गोली मारकर हत्या कर �कता है, बजाय फां�ी की �जा दी है, के रूप में युद्ध के ही करारा �ैतिनकों था.

    के रूप में वास्तव में तिकया गया है " लोग में कहा : - " भगत सि�ंह एक न केवल अमिधक शहीद है, के चिलए दिदन के हजारों लोगों के चिलए वह शहीद है.    और उ� श्रद्धांजचिल लायक है, भी लेतिकन कुछ शहादत गले लगा �कते हैं. हष+पूव+क  जो कर �कते हैं. एक रखने के चिलए �प्ताह के बाद अपने शीष+ पायदान �प्ताह में भावना, �भी प्रकार के उलटफेर के �ाथ दो वष+

की एक लंबी अवमिध के चिलए महीने के बाद महीने, शहीदों के बी� भी दुल+भ हैं. मेरे आवेग या युवा उत्�ाह, या एक क्षश्चिणक आदश+वादी तिवजय नहीं ले �कता इ� परीक्षा के माध्यम �े भगत सि�ंह के रूप में कानूनी अपील करने के चिलए और उन लोगों

के चिलए एक राहत के चिलए उदा�ीन बने रहे के रूप में वह ही परीक्षण के चिलए बने यह जीवन का एक कदिठन दश+न का एक अच्छा �ौदा के �ाथ एक शहीद की दिदलेरी की जरूरत है. भगत सि�ंह में इन दोनों का था बहुतायत.

     " हाल की स्मृतित में कुछ भी इतना लोकतिप्रय कल्पना पर कब्जा कर चिलया है के रूप में तिकयारोमां�  भगत सि�ंह के. वह

पहले �े ही एक हिकंवदंती बन गया और महान ' हीरो की एक छोटी. भारतीय युवाओं को उचि�त रूप में उ� पर गव+ मह�ू� होता है.  अपने अतिद्वतीय �ाह�, अपने बुलंद आदश+वाद, उ�की तिनडर भावना होगा. प्रकाश गाइड करने के चिलए कई घर

रहने .. भटकआत्मा. 

उ�के द्वारा लंबे �मय तक रहना क्रांतित भगत सि�ंह अभय और बचिलदान एक �मय �ुस्ती में राजनीतितक माहौल का तिवद्युतीकरण अंदर रोना �ेट था, "" लोकतिप्रय था. वह इ�े कानून की एक तिdदिटश अदालत में उठाया, और प्रतितध्वतिनयों दिदन

हर दिदन �ुना रहे हैं हालांतिक हर भारतीय गली में भगत सि�ंह मर �ुका है, ' लंबे �मय तक रहना भगत सि�ंह' कभी ', लंबे �मय तक रहना क्रांतित' जब लोग या रोना �ुन अन्य रोना उ�में तिनतिहत है. " 

     �ू�कांक के चिलए वाप� करने के

 परिरशिशष्ट एक 

थिल3ा भगत सिसंह और बीके द्वारा दजA बयान की प्रहितथिलहिप दत्त  सत्र न्यायाNीश, ठिदल्ली की कोटA में हिवNानसभा बम प्रकरण में, 6 जून, 1929

" हम गंभीर अपराधों के �ाथ आरोप लगाया खड़ा है और इ� स्तर पर हम हमारे आ�रण की व्याख्या. तिनम्न �वाल उठता है.

(1)  �ैंबर में बम फें क दिदया गया तो, अगर, क्यों?(2 ) के प्रभार के रूप में कम �ही है या अन्यथा अदालत द्वारा तैयार तिकए?

" पहला �वाल की पहली छमाही के चिलए हमार े उrर �कारात्मक है, लेतिकन कुछ तथाकचिथत आंख गवाहों के खुद perjured • है और जब �े हम नहीं कर रहे हैं हद तक हमारे दामियत्व को नकार और के रूप में  इ� तरह के  रूप में यह

हमारे बयान के बारे में उन्हें  क्या इ�के लायक है के चिलए न्याय.  उदाहरण के वै�े, हम बात कर �कते हैं तिक.  �ाज¶ट टेरी के �बूत �े हम में �े एक तिपस्तौल की जब्ती के बारे में एक तिव�ार झूठ है के चिलए न तो हम �मय हम खुद को छोड़ दिदया पर

एक तिपस्तौल थी. •

" अन्य गवाहों जो करने के चिलए होने देखा हमारे द्वारा फें का बम, उपदस्थ करना करने के चिलए झूठ, उनके �ेहरे पर पेटेंट बता नहीं scrupled है यह इ�के चिलए खुद नैतितक है  जो उन लोगों केउदे्दश्य  न्यामियक शुद्धता और Fairplay . हम एक ही �मय में लोक अश्चिभयोजक की तिनष्पक्षता और अदालत के न्यामियक रवैया अब तक स्वीकार करते हैं.

" हमारा पहला �वाल के अगले आधे उrर में, हम जाने के चिलए तिववश कर रहे हैं. में  कुछ तिववरण हमारे मक�द और पूण+ और फ्रैं क स्पष्टीकरण की पेशकश circums tances अग्रणीतक  क्या अब एक ऐतितहाचि�क घटना बन गया है जब हम कुछ लोगों द्वारा बताया गया पुचिल� अमिधकारिरयों, जो हमें जेल में दौरा तिकया है तिक भगवान ने अपने �म्बोधन में प्रश्न में घटना के बाद दोनों �दनों के �ंयुक्त �त्र को इरतिवन, यह एक हमले के रूप में कोई व्यचिक्त के खिखलाफ तिनद�चिशत है, लेतिकन

• एक �ंतिवधान के खिखलाफ ही वर्णिणंत, हम आ�ानी �े मान्यता प्राप्त है तिक घटना के �ही महत्व को �ही ढंग �े �राहना की थी.

" हम मानवता के चिलए हमारे प्यार में कोई भी बगल में हैं और अब तक तिक�ी भी व्यचिक्त के खिखलाफ कोई दे्वष होने �े , हम मानव परे पतिवत्र जीवन पकड़ शब्द,  हम नृशं� outrages की न तो अपराधी होते हैं और इ�चिलए छद्म �माजवादी के रूप में देश के चिलए एक कलंकदीवान �मन लाल  के चिलए हमें वर्णिणंत है की �ू�ना दी है, न ही हम दिsब्यून लाहौर ' और कुछ अन्य लोगों के यह माना जाता है के रूप में पागल हैं. "

इहितहास के गंभीर छात्रों" हम तिवनम्रतापूव+क और हमारे देश के इतितहा� की च्छिस्थतित के गंभीर छात्रों और मानव आकांक्षाओं �े अमिधक नहीं होने

का दावा करते हैं और हम पाखंड तितरस्कार तिकया.

" हमारा व्यावहारिरक �ंस्था है जो अपने जन्म के बाद खा�े न केवल अपने, worthlessness, लेतिकन शरारत के चिलए अपनी शचिक्त का दूरगामी प्रदर्थिशंत तिकया गया है के खिखलाफ तिवरोध प्रदश+न �े अमिधक हम �ो�ा है, और अमिधक गहराई �े हमें

आश्वस्त तिकया गया है तिक यह केवल प्रदर्थिशंत करने के चिलए मौजूद था. भारतीय अपमान और ला�ारी की दुतिनया में है और यह एक गैर जिजम्मेदार और तिनरंकुश शा�न �े अमिधक �वारी प्रभुत्व का प्रतीक है.

" और तिफर �मय राष्ट्रीय मांग लोगों के प्रतिततिनमिधयों द्वारा दबाया गया है, केवल खोजने के चिलए अपने अंतितम गंतव्य के रूप में बेकार कागज टोकरी पतिवत्र �भा द्वारा पारिरत प्रस्तावोंतितरस्कारपूव+क तथाकचिथत भारतीय �ं�द के फश+ पर पैर के नी�े कु�ल गया.  �ंकल्पों दमनकारी और मनमाना उपायों के तिनर�न के बारे में तिकया गया है उदाr अवमानना और �रकारी

उपायों और प्रस्तावों, तिनवा+चि�त �दस्यों द्वारा अस्वीकाय+ रूप में खारिरज कर दिदया है के �ाथ इलाज तिकया गया है एक �े बहाल storke  कलम की.       

" �ंके्षप में, बयाना प्रया� के बावजूद, हम पूरी तरह �े तिवफल रहे हैं  तिक�ी भी  एक �ंस्था है जो �भी धूमधाम और भव्यता के बावजूद भारत का प�ीना लाखों की मेहनत के पै�े के �ाथ आयोजिजत केवल एक खोखला शो के अश्किस्तत्व के चिलए

औचि�त्य और एक शरारती तिवश्वा�.

" और एक जै�े हम जनता के नेता हैं जो तो प्रकट भारत अ�हाय अधीनता के एक मं� �े प्रबंमिधत प्रदश+नी पर �ाव+जतिनक �मय और पै�ा गंवाना मदद की मानचि�कता �मझ में तिवफल रहा है. '

हम �ब इ� पर जुगाली तिकया गया है, के रूप में भी पर श्रम आंदोलन  के नेताओं की तिगरफ्तारी थोक  व्यापार तिववाद तिवधेयक के परिर�य जब हमें तिवधान�भा में लाया इ�की प्रगतित देखने और बह� के दौरान केवल हमारे तिवश्वा� की पुमिष्ट की

�ेवा श्रमिमक  भारत के लाखों लोगों के चिलए एक �ंस्था है तिक शोषकों की गला �rा में एक menacing स्मारक और अ�हाय के दा�त्व के रूप में खड़ा था �े उम्मीद करने के चिलए कुछ भी नहीं था तिक मजदूर .

 " अंत में एक अपमान है जो हम अमानवीय और बब+र माना जाता है, पूरे देश के प्रतिततिनमिधयों के प्रतित �मर्पिपंत चि�र और

भूख �े मर और �ंघष+ लाखों उनके प्राथमिमक अमिधकारों और उनके आर्थिथंक कल्याण का एकमात्र �ाधन �े वंचि�त तिकया गया पर फें का गया.

" कोई नहीं है जो हमार े जै�े मजदूरों के गूंगा �ं�ाचिलत drudges के चिलए मह�ू� तिकया गया है�ंभवतः  धैय+ कोई नहीं, जिजनके दिदल bleeds जो लोग उनके जीवन में खून दिदया है के चिलए शोषकों जिजनमें �े �रकार देश में �ब�े बड़ी होने के आर्थिथंक ढां�े का तिनमा+ण करने के चिलए, मौन के �ाथ गवाह इ� तमाशे को दबाने �कता आत्मा का रोना agonizing पीड़ा

जो इतनी बेरहमी �े हमार े दिदल के बाहर wrung.  नतीजतन हमार े मन में अ�र देर श्री ए�आर दा� , एक बार गवन+र जनरल के काय+कारी परिरषद के �दस्य कानून  के शब्दों  में छपी है जो  प्रचि�द्ध पत्र वह प्रभाव तिक बम उ�के �पनों �े इंग्लैंड

जगाने के चिलए आवश्यक था के चिलए अपने बेटे के चिलए �ंबोमिधत तिकया था, हम तिवधान�भा �ैंबर के फश+ पर बम तिगरा दिदया जो जो कोई अन्य मतलब था की ओर �े हमारे तिवरोध दज+ करने के चिलए दे उनके दिदल प्रतितपादन पीड़ा अश्चिभव्यचिक्त.    था

हमारा एकमात्र उदे्दश्य 'बहरा  �ुना है  और अ�ावधान �मय पर �ेतावनी दे.

" दू�रों के रूप में गौर तिकया है के रूप में हम तिकया है और भारतीय मानवता के �मुद्र के मुख �े बीमारी के नी�े �े एक �त्य तूफान के बारे में बाहर तोड़ने के लगा तिक हम एक ' खतरा �ंकेत' के चिलए जो लोग �ाथ तिबना तेजी �े कर रहे हैं

�ेतावनी दी है फहराया है. heedings  कd आगे खतरों हम केवल यूटोतिपयन (8 जून, 1929) जिज�का तिनरथ+कता बढ़ती पीढ़ी की छाया �े बाहर आश्वस्त तिकया गया है अहिहं�ा के एक युग के अंत के रूप में चि�मि©त तिकया है.  �ंदेह नहीं है,हमारे

sincerest अच्छा करेगा �े बाहर और मानवता के चिलए प्यार हम इ� अपनाया हैअनकही कष्टों जो हम के लाखों लोगों की तरह रोकने के चिलए �ेतावनी की तिवमिध .  दू�रों कोस्पष्ट रूप �े उम्मीद है.

अतिहंसा यूटोहिपयन 

 " हम अश्चिभव्यचिक्त 'यूटोतिपयन. इस्तेमाल तिकया है  पूव+गामी में अहिहं�ा ', पैरा जो  कुछ स्पष्टीकरण की आवश्यकता है. �ेना जब  आक्रामक तरीके �े लागू '/ हिहं�ा है और, इ�चिलए, नतैितक रूप �े अनुचि�त है.  लेतिकन जब यह एक वैध कारण के

आगे बढ़ाने में प्रयोग तिकया जाता है यह अपनी नैतितक औचि�त्य है.  बल के उन्मूलन पर  लागत यूटोतिपयन है और नए आंदोलन ह ै जो देश म ें उत्पन्न हो गई ह ै और जिजनमें � े हम एक �ेतावनी दी ह ै कम± � े पे्ररिरत ह ै जो तिनद�चिशत गुरु गोहिवंद सि�ंह और चिशवाजी , कमल पाशा, और Riza खान, वासिशंगटन और GariBaldi , Lafa yette  और लेतिनन.  के रूप म ें दोनों

तिवदेशी �रकार और भारतीय जनता नेताओं के चिलए उनकी आंखों को बंद कर दिदया है दिदखाई दिदया और अश्किस्तत्व और इ� मक�द के आवाज के खिखलाफ अपने कान बंद कर दिदया है, हम यह हमारा कत+व्य मह�ू� तिकया है के चिलए �ेतावनी है जहां

यह अन�ुना नहीं जा �कता है ध्वतिन. " 

हमारे इरादे" हम अभी तक घटना के पीछे मक�द के �ाथ �वाल में तिनपटा  अब  हम हमारे इरादों की हद तक परिरभातिषत करना होगा. 

" यह है  तिक हम तिक�ी भी जो जो मामूली �ोटें आई के एक के खिखलाफ कोई व्यचिक्तगत अ�न्तोष या दे्वष बोर नहीं तिकया जा gainsaid कर �कते हैं 'या  तिवधान�भा में तिक�ी भी अन्य व्यचिक्त के खिखलाफ हम इ�के तिवपरीत रिरपोट+ है तिक " हम मानव

जीवन पतिवत्र शब्दों � े पर े पकड़ और जल्दी रखना  हमार े नी� े " अपन े जीवन मानवता की �ेवा म ें � े तिक�ी भी एक घायल.  वाश्चिणज्य के तिवपरीत आम  �ाम्राज्यवादी �ेनाओं, जो तिवमुख कर रहे हैं के �ैतिनकोंमलाल तिबना मार, हम �म्मान करते हैं, और अब तक के रूप में यह हमारे में तिनतिहत है, हम मानव जीवन को ब�ाने के चिलए प्रया�.  और अभी भी हम कर

जानबूझकर " तिवधान�भा �ैंबर म ें बम फें का तथ्य  स्वीकार करत े हैं , लेतिकन  बोलत े हैं  खुद को  और इरादा काल्पतिनक परिरच्छिस्थतितयों और पर ड्राइंग के तिबना कार+वाई के परिरणाम �े न्याय तिकया जाना �ातिहएपूवा+नुमानों ..  �रकार तिवशेषज्ञ, बम है

तिक �बूत होने के बावजूद तिवधान�भा �ैंबर में फें क दिदया गया एक खाली बें� और कम �े कम आधा दज+न मामलों में कुछ मामूली abrasions मामूली नुक�ान में हुई है जबतिक �रकार के वैज्ञातिनक एक �मत्कार हम इ� परिरणाम को जिजम्मेदार

माना है.  देखते हैं  कुछ भी नहीं है, लेतिकन यह �ब ठीक वैज्ञातिनक प्रतिक्रया है. 1 डेस्क और बें� के लकड़ी बाधाओं के भीतर खाली रिरक्त स्थान में दो बम तिवस्फोट दू�रे और वे भी जो उदाहरण के चिलए श्री राऊ के चिलए तिवस्फोट के भी दो फीट के भीतर थे, श्री शंकर राव  और �र जॉज+ शूस्टर या तो �ोट लगी केवल थोड़ा खरों� या नहीं थे. पोटेचिशयम क्लोरट और

�ंवेदनशील के एक प्रभावी प्रभारी के �ाथ भरा हुआ Picrate  बम तिवस्फोट के कुछ गज की दूरी के भीतर रखी कई कम बाधाओं तोड़ी होता है तिफर वे कुछ अन्य उच्च तिवस्फोटक के �ाथ लोड तिकया गया, des के प्रभारी के �ाथ. tructive छर±

या डाट्+� वे, * होगा /  तिवधान �भा के �दस्यों में �े एक बहुमत मिमटा पया+प्त तिफर भी तिफर हम उन्हें नोट के लोगों के �ाथ आमिधकारिरक chockfull बॉक्� में दराज �कता है. और अंत में हम हो �कता है embushed �र जॉन �ाइमन, अभागा

जिज�का आयोग था नफरत �भी लोगों को उचि�त और कौन �े �मय में राष्ट्रपतित पद की गैलरी में बैठे यह �ब . , तथातिप , हमारे इरादे �े परे था और बम की तुलना में वे क्या करने के चिलए तिडजाइन तिकए गए थे और �मत्कार एक जानबूझकर नहीं

की तुलना में अमिधक थे और अमिधक नहीं कर तिकया  उदे्दश्य है  जो उन्हें �ुरश्चिक्षत स्थानों में उतरा.    हम तो खुद को जान - बूझकर की पेशकश;  हम क्या तिकया था के चिलए दंड �हन और �ाम्राज्यवादी शोषकों पता है तिक

व्यचिक्तयों को कु�ल द्वारा वे तिव�ारों को नहीं मार �कते. कु�ल दो इकाइयों को तुच्छ राष्ट्र कु�ल नहीं तिकया जा �कता. हम पर जोर देना �ाहता थाऐतितहाचि�क  �बक है तिक डे पत्र Catchet  और Bastilles फ्रां� में क्रांतितकारी आंदोलन को कु�लने के चिलए नहीं कर �कता.  फां�ी और �ाइबेरिरयाई खानों रू�ी क्रांतित नहीं बुझान े �कता है.  तिनयम और �ुरक्षा तिबल में

स्वतंत्रता की लपट ें बाहर ना� कर �कत े हैं भारत   षड़यन्त्र मामलों trumpeted या खोज की और �भी के कै़द youngmen  जो अमिधक �े अमिधक आदश+ की दृमिष्ट �ंजोना क्रांतित के मा�+ जाँ� नहीं कर �कते     लेतिकन �मय पर

�ेतावनी अ�ावधान नहीं तो, करने के चिलए मदद कर �कते हैं जीवन और �ामान्य दुख के नुक�ान को रोकने के चिलए. हम खुद पर लगे इ� �ेतावनी प्रदान और हमारे कत+व्य तिकया है.

  क्या है क्रांहित?

भगत सि�ंह ने तिन�ली अदालत में वह क्रांतित �े क्या मतलब के रूप में पूछा गया था.  उ� प्रश्न के जवाब में, हम कह �कते हैं तिक क्रांतित जरूरी अश्चिभशप्त शामिमल नहीं करता है �ंघष+  और न ही  व्यचिक्तगत प्रतितशोध के चिलए यह तिक�ी भी जगह है.   यह बम और तिपस्तौल की पंथ नहीं है."क्रांतित" हम मतलब है तिक �ीजों की वत+मान आदेश है, जो प्रकट अन्याय पर आधारिरत है

परिरवत+क तिनमा+ताओं या मजदूर  �माज के �ब�े आवश्यक तत्व होने के बावजूद , उनके फल के अपने शोषकों द्वारा लूट रहे हैं श्रम  और वंचि�त उनके प्राथमिमक �ही.  एक तरफ, तिक�ानों, जो �भी के चिलए मकई बढ़न े उनके परिरवारों के �ाथ भूखा.  बुनकर जो कपड़ा वस्त्रों के �ाथ दुतिनया के बाजारों की आपूर्पितं करने के चिलए अपने स्वयं को कवर करने के चिलए और

अपने बच्चों के शरीर के चिलए पया+प्त नहीं मिमल �कता है.  राजमिमस्त्री कारीगरों और बढ़ई, रिरयर भव्य महलों, जो रहते हैं, और में नाश  मचिलन बश्किस्तयों,  दू�रे हाथ पर पूंजीपतितयों, शोषकों, �माज के परजीवी, उनकी �नक पर लाखों गंवाना. में

.equalities भयानक है, और मजबूर मौके का अ�मानता अराजकता की ओर बढ़ रहे हैं.  का यह राज्य  तिपछले नहीं कर �कते हैं और यह स्पष्ट है तिक, �माज की वत+मान व्यवस्था में एक ज्वालामुखी के कगार पर �हलपहल है, और शोषकों के मा�ूम बच्चों को एक खतरनाक करारा के तिकनार े पर शोषण �ल रहे हैं के लाखों लोगों की तुलना में कम नहीं है . इ� �भ्यता के पूरे भवन, उखड़ जाती हैं, अगर �मय में ब�ाया नहीं जाएगा. कट्टरपंथी  परिरवत+न है,  इ�चिलए आवश्यक है और

यह जो लोग इ� एक - �माजवादी आधार पर �माज के पुनर्पिनंमा+ण करने का एह�ा� का कत+व्य है     जब तक यह तिकया है और आदमी द्वारा आदमी और देश के राष्ट्र है जो �ाम्राज्यवाद के रूप में मुखौटा धारण कर चिलया जाता है , शोषण करने के चिलए लाया जाता है. एक अंत, पीड़ा और नर�ंहार के �ाथ जो मानवता आज धमकी दी है, जा रोका नहीं कर �कते हैं और युद्ध के �माप्त होने के �भी बात करते हैं, और तिवश्व शांतित के एक युग में कायम स्पष्टभाषी पाखंड है.    क्रांतित करके, हम परम स्थापना मतलब है तिक  �माज के एक आदेश की .  जो नहीं हो �कता  की धमकी दी हैऔर जिज� में �व+हारा वग+ की

�ंप्रभुता को मान्यता दी जानी �ातिहए और जिज�के परिरणामस्वरूप तिवश्व महा�ंघ पंूजीवाद और दुख और युद्ध के जोखिखम के बंधन �े मानवता के एवज �ातिहए के रूप में इ� तरह के dेक के.

फेयर और जोर से पयाAप्त चेतावनी

यह हमारा आदश+ है ,  हम एक तिनष्पक्ष और ज़ोर �े पया+प्त �ेतावनी दी है हमारी पे्ररणा के चिलए इ� तिव�ारधारा के �ाथ. यदिद तिफर भी, यह ध्यान नहीं दिदया जाता है और �रकार की वत+मान प्रणाली के प्राकृतितक बलों है तिक �ूजन के रास्ते में एक बाधा

हो रहा है, एक गंभीर �ंघष+ को शामिमल करने के चिलए �भी बाधाओं और �व+हारा वग+ की तानाशाही की स्थापना के अपदस्थ प्रशस्त पीछा करना �ातिहए क्रांतित के आदश+ की �माप्तिप्त के चिलए तरीका है.  क्रांतित मानव जातित के अतिवचे्छद्य �ही

है.  स्वतंत्रता है  जिज�े चि�र भोगामिधकार न माना जा �कें   जन्म  �भी के �ही. मजदूर  �माज की वास्ततिवक तिनवा+हक है.

    लोगों की �ंप्रभुता श्रमिमकों की अंतितम तिनयतित है.  इन आदश± के चिलए और इ� तिवश्वा� के चिलए हम तिक�ी भी पीड़ा है जो हम हिनंदा की तिकया जा �कता है का स्वागत करेगा.  इ� क्रांतित की वेदी हम धूप के रूप में हमारे युवाओं लाया है कोई

बचिलदान के चिलए, इतना शानदार एक कारण के चिलए भी महान है.  हम �ामग्री के चिलए क्रांतित के आगमन के लंबे �मय तक रहना क्रांतित का इंतजार कर रहे हैं.