हहन्दसव योजन...

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  • हहन्दीउसव-2017-आयोजन

    राष्ट्रीयनाट्यहवद्यालय(नशेनलस्कूलऑफ़ड्रामा),नईददल्लीनेहहदीददवसकेअवसरपरददनाांक14

    हसतम्बर2017कोअपनेसाांस्कृहतकधरोहरवालेपररसरबहावलपुरहाउसमें ‘हहन्दीउसव’काभव्य

    आयोजनअहभमांचसभागारमेंदकया।इसअवसरपरराष्ट्रीयनाट्यहवद्यालयकेहनदशेकहवश्वहवख्यात

    रांगकमीप्रो.वामनकेन्र,ेरहजस्रार,श्रीप्रदीपकुमारमोहांतीतथासांस्थाकेराष्ट्रीयअध्यक्षश्रीअजुुनदवे

    चारण उपहस्थत थे। इस हहदी ददवस के पावन पवु पर लब्धप्रहतष्ठ रेहडयो वाताुकारऔर साहहयकार

    श्रीमतीधीरावमाुमुख्यअहतहथथीं।उन्होंनेअपनेभाषणमेंहहन्दीकेहसद्धकहवयोंकीरचनाओंकी

    सांगीतामकप्रस्तुहतदतेेहुएहहन्दीभाषाकीभारतीयऔरवैहिकभूहमकास्पष्टकीऔरहहन्दीकीसमृद्ध

    साहहहयकपरम्पराकीचचाु करते हुएअवधी के तुलसीदास, ब्रज केसरूदास, राजस्थानकीमीराबाई,

    मैहथलीकेहवद्यापहततथाखड़ीबोलीकेअनेकसाहहयकारोंद्वाराहहन्दीकेयुगान्तरकारीयोगदानकीचचाु

    की। कायुक्रम का शुभारम्भ द्वीप प्रज्ज्वलन से हुआ । तदपुराांत सशु्री वन्दना कलसी ने सुमधुर सरस्वती

    वन्दनाप्रस्तुतकी।

    इस अवसर पर हवद्यालय के हनदशेक प्रोफेसर वामन कें रे ने हहन्दी के प्रचार प्रसार में राष्ट्रीय नाट्य

    हवद्यालयकीभूहमकास्पष्टकरतेहुएरेखाांदकतदकयादकहवद्यालयनेअपनेप्रारहम्भकवषोंसेहीदकतनी

    हीभारतीयभाषाओंकेऔरहवदशेीभाषओंकेप्रहसद्धनाटकोंकेहहदीअनुवादकरउनकेमांचनदकयेऔर

    यहभीबताया दकहवद्यालयमेंप्रहतवषु पूरेदशेसेअनेक हहदीतरभाषीप्रान्तोंके हवद्याथीआतेहैंऔर

    सभीइसपररसरमेंहहन्दीसीखकरहहन्दीरांगमांचसेजुड़जातेहैंऔरइसप्रकारसेइसहवद्यालयकापढ़ा

    हुआहरछात्रएकप्रकारसेहहन्दीकाअपनाप्रबलसमथुकबनजाताहैऔरकालान्तरमेंअपनेप्रदशेमें

    परोक्षरूपसेहहन्दीकाप्रचार-प्रसारकरताहै।

  • राष्ट्रीयनाट्यहवद्यालयकेराष्ट्रीयअध्यक्षप्रोफेसरअजुनुदवेचारणनेइसअवसरपरहवद्वत्तापूणु भाषणदतेे

    हुएहहदीकीबोहलयोंकीसमृहद्धकीचचाुकरतेहुएकहादकहहदीदकसीएकप्राांतकीभाषानहींवहसांपूणु

    दशेकीराष्ट्रभाषा,राजभाषा, सांपकुभाषाऔरहवश्वकेअनेकदशेोंमेंबोलीजानेके कारणऔरसांख्या

    बल केकारणवहहविभाषाभीहै ।इसभारतकीराष्ट्रभाषाकासम्मान दशेकासम्मानहैक्योंदक

    हविभरमेंहहदीभारतीयअहस्मताकीपहचानहै।सांस्थाके

    रहजस्रारश्रीप्रदीप कुमारमोहांतीनेअपनेओजपूणुवक्तव्य में हहन्दीकोसमस्तभारतीयभाषाओंको

    जोड़ने वालीकड़ीकहाऔरकहा दकयदद भारतीयभाषाएँ पुष्टहोंगीतो हहन्दीस्वयमेवपुष्ट होगी ।

    उसवमेंसशु्रीवन्दनाकलसीने अपनेसुमधुरसांगीतसे तथासशु्रीपुष्पाशमाुनेअपनीप्रभावशालीनृय

    प्रस्तुहतसेदशुकोंका मनमोहहलया। हवद्यालयके हहन्दीएकककीसहायकहनदशेक(राजभाषा)सुश्री

    चतेनावहशष्ठनेहवद्यालयकी

  • गृहपहत्रका‘राजभाषामांजषूा’केआगामीअांककोएकहवशेषाांककेरूपमें‘–भारतकेबाहरछोटे-छोटे

    भारत’केरूपमेंप्रकाहशतकरभारतकीहविव्यापकताकीएकछहवप्रस्तुतकरनेकीबातकही।सुश्री

    चेतनावहशष्ठनेहहदीउसवमेंहवद्यालयद्वाराअपनेसभीकमुचाररयोंकेहलएआयोहजतहहदीकीहवहवध

    प्रहतयोहगताओंकेहववरणप्रस्तुतदकयेऔरहहन्दीएकककीवररष्ठअनुवादकसुश्रीउपासनाशमाुनेइस

    अवसरपरसांस्कृहतमांत्रालयसेप्रातहहन्दीददवसकीअपीलपढ़ीतथासभीअहतहथयोंऔरश्रोताओंको

    धन्यवाद ददया।इसप्रकारजलपान केकायकु्रमसे रांगारांग हहन्दीउसव -2017एकगररमामयरूपमें

    सांपन्नहुआ।

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